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महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

सौतेले पिता द्वारा दस साल की बेटी से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। लाॅकडाउन के दौरान बच्ची की मां घरों में काम करने जाती थी। पिता घर में ही रहता था जिसका उसने फायदा उठाते हुए बच्ची के साथ गलत काम करना शुरू कर दिया। आरोपी दो महीने से ज्यादती कर रहा था।
बुधवार को बच्ची ने मां को इस बारे मं बताया। इसके बाद महिला बेटी को लेकर कोहेफिजा थाने पहुंची और दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। कोहेफिजा थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया के मुताबिक 28 वर्षीय महिला मूलत: गढाकोटा, सागर की रहने वाली है। दस साल पहले उसने अपने पति को छोड़ दिया था। उसकी दस साल की बेटी कक्षा चौथी में पढ़ती है। वह कोहेफिजा इलाके में रहकर घरों में साफ-सफाई का काम करती है। एक साल पहले उसने ग्राम टीलाखेड़ी, सागर निवासी 35 वर्षीय हल्ले चौधरी से शादी कर ली थी। तब से ही महिला और उसकी बेटी उसेके साथ ही रह रहे हैं। हल्ले एयरपोर्ट रोड स्थित एक होटल में काम करता है। लाॅकडाउन के चलते वह घर पर ही रहता है।

बेटी ने मां से की थी पिता की शिकायत
महिला ने पुलिस को बताया कि वह घरों में काम करने जाती है। इस बीच हल्ले और बेटी घर पर रहते थे। बुधवार को बेटी ने बताया कि उसके जाने के बाद पिता गलत काम करते हैं। इसके बाद महिला थाने पहुंची और शिकायत की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।



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(सैंपल फोटो)




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गणेशपुरा क्षेत्र में लगाया कर्फ्यू

गुरुवार काे 5 पॉजिटिव केस सामने आने के बाद ब्यावर क्षेत्र से संबंधित मामलों में गंभीरता बरतते हुए उपखंड प्रशासन की ओर से गणेशपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है।

उपखंड अधिकारी जसमीत सिंह संधू ने बताया कि सिटी थाना क्षेत्र में गुरुवार को एक व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित पाया गया। इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मानव जीवन एवं स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के खतरे को मद्देनजर रखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया है।
यहां रहेगा कर्फ्यू: ग्राम पंचायत गणेशपुरा के ग्राम गणेशपुरा में तगारी फैक्ट्री तिराहे से कैलाश सिंह पुत्र देवीसिंह के मकान बाईपास तक, तगारी फैक्ट्री तिराहे से शिवनाथ पुरा चौराहा बाईपास तक, कैलाश सिंह पुत्र देवीसिंह के मकान से शिवनाथ चौराहे से (उदयपुर जोधपुर लिंक रोड़ को छोड़ते हुए) इसके भीतर का मुख्य ग्राम गणेशपुरा एवं इनसे लगते हुए उत्तर पश्चिमी दिशा में शांतिनगर, विनायक नगर, झूलेलाल कॉलोनी, प्रधानजी वाली बस्ती, जयनगर कॉलोनी नगर परिषद की सीमा तक तथा दक्षिण पूर्वी दिशा में नोसर माता मंदिर वाला क्षेत्र एवं राजकीय आईटीआई गणेशपुरा की सीमा तक का क्षेत्र में कर्फ्यू लागू रहेगा।



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Curfew imposed in Ganeshpura area




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शटरडाउन की तैयारी, चीन से निकल रहीं कंपनियों के लिए बिछेगा रेड कारपेट

गुरुदत्त तिवारी.कोराेना संकट के बाद चीन से शटरडाउन करके बाहर निकल रहीं जापानीज, यूरोपीयन और अमेरिकन कंपनियों के लिए मध्यप्रदेश में भी रेड कारपेट बिछाने की तैयारी चल रही है। इस कड़ी में राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए देश के दिग्गज उद्यमियों की एक समिति का गठन किया है। इसके सदस्य सरकार के लिए सिफारिश तैयार कर रहे हैं सिफारिशों का मुख्य फोकस यही रखा है कि चीन से शटरडाउन करके भारत आने वाली कंपनियों को कैसे मप्र लाया जा सकता है। राज्य सरकार हर जिले में उपलब्ध उद्योग विभाग की जमीन की भी जानकारी जुटा रही है। समिति में शामिल उद्यमियों जैसे आईटी से जुड़े उद्यमियों से कहा है कि वे आईटी व दूसरी टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों को मप्र लाने के लिए क्या सुविधाएं देना पड़ेगी, उनकी सूची बनाएं। ऑटो मोबाइल सेक्टर से जुड़े उद्यमियों से नई ऑटोमोबाइल कंपनियों को आकृष्ट करने के लिए जरूरी सुविधाओं की सिफारिश देने को कहा है। ऑटो मोबाइल, टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ऑटोपार्ट्सर जैसी कंपनियों पर फोकस है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने चीन से निकलने वाली कंपनियों के लिए गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक में यूरोपीयन देश लेक्जेमबर्ग के क्षेत्रफल से भी दोगुनी जमीनें आरक्षित की गई हैं।

पहले जापानी कंपनियां निकलेंगी
पहले चरण में जापानी कंपनियां चीन छोड़ सकती हैं। जापानी सरकार चीन से निकलने वाली कंपनियों के लिए 2.5 अरब डॉलर का पैकेज देने की घोषणा कर चुकी है। उसके बाद कोरियन कंपनी बाहर निकल सकती है। यूरोप, अमेरिका, जापान व कोरिया की करीब 1,000 कंपनियां गंभीरता से चीन से बाहर निकलने पर विचार कर रहीं हैं। नए औद्योगिक माहौल में कंपनियां सप्लाई पर चीन की निर्भरता को पूरी तरह से खत्म करना चाहती हैं।

ये दिग्गज करेंगे कंपनियों को भारत लाने में मदद...

  • रवि झुनझुनवाला- एचईजी के एमडी, देश में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले प्रमोटर्स की सूची में शामिल हैं।
  • रजिंदर गुप्ता- देश की अग्रणी टैक्सटाइल कंपनियों में से एक ट्राइडेंट के एमडी।
  • मार्क जोराल्ट- जर्मन कंपनी लैप इंडिया के प्रमुख। उनसे जर्मन कंपनियों से बात करने को कहा जा सकता है।

राज्य सरकार से साझा करेंगे जरूरी उपाय

  • अपूर्वा सिंह, अर्नेस्ट एंड यंग (नॉलेज पार्टनर मप्र सरकार) के मुताबिक,दूसरे राज्यों की तरह मप्र सरकार भी इस दिशा में तेजी से विचार कर रही है। हमसे जो सिफारिशें मांगी गईं थी, वे राज्य सरकार को सौंप दी हैं।
  • अनुराग श्रीवास्तव, सीईओ, नेटलिंक लिमिटेड के मुताबिक, मप्र में निवेश की अच्छी संभावनाएं हैं। विदेशी कंपनियों को आकृष्ट करने के लिए जो भी जरूरी उपाय हैं, वह हम राज्य सरकार से साझा करेंगे।


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चीन से शटरडाउन करके बाहर निकल रहीं जापानीज, यूरोपीयन और अमेरिकन कंपनियों के लिए मध्यप्रदेश में भी रेड कारपेट बिछाने की तैयारी चल रही है।




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बेटियों ने फोन कर पापा के लिए मंगाया बर्थडे केक

लॉकडाउन के दौरान पुलिस द्वारा देशभर में लोगों की भावनाओं का भी ध्यान रखे जाने के कई उदाहरण मिले हैं। एक उदाहरण हाल में ब्यावर में देखने को मिला।

छावनी क्षेत्र निवासी कुछ बालिकाओं ने अपने पिता के जन्मदिन के अवसर पर पुलिसकर्मियों को फोन कर इसकी सूचना दी। जिसके बाद कुछ पुलिसकर्मी बालिका के बताए गए पते पर पहुंचे और उन्हें अपने पिताजी के जन्मदिन के अवसर पर केक दिया।

पुलिस कर्मियों की ओर से दिए गए केक के बाद बालिकाओं के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई और उन्होंने पुलिसकर्मियों का धन्यवाद दिया। इस दौरान पुलिस के सिपाही महेंद्र, अजीत, जितेंद्र व पुलिस मित्र जय भाटी, कमलेश कुमार सिंगारिया, रवि जोशी सहित अन्य मौजूद रहे।



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Daughters call the police and get birthday cake for father




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नाईंकला के गांवों में भामाशाह ने किया 2500 किलो प्याज का वितरण

निकटवर्ती ग्राम पंचायत नाईंकला के विभिन्न गावों के जरूरतमंद ग्रामीणों को भामाशाह ने लगभग 2500 किलो प्याज का वितरण किया गया। ग्राम पंचायत नाईंकला के ग्राम कुंडाल निवासी जसवंत सिंह ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करने वाले जरूरतमंद ग्रामीणों को गुरुवार को प्याज का वितरण किया।

भामाशाह की ओर से इससे पूर्व भी ग्रामीणों को लॉकडाउन के दौरान राशन सामग्री व फल-सब्जियों का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने ग्राम कुंडाल, नीमड़ीखेड़ा, शिवजी का बाड़िया, पुवाड़िया, बरल, मालातों का बाड़िया, कमालियों का बाड़िया, दर्रा, कला खेड़ी ग्राम में ग्रामीणों को सहायता के तौर पर प्याज वितरण किया गया।



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Bhamashah distributes 2500 kg of onion in Naikla villages




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ताजिकिस्तान में फंसे हैं ब्यावर के 23 विद्यार्थी

ब्यावर शहर से 23 छात्र छात्राएं ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में फंस गए हैं। ये वहां डॉक्टर बनने के लिए एक मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस ने विद्यार्थियों के साथ साथ अभिभावकों काे भी चिंता में डाल रखा है। तजाकिस्तान में भी लॉकडाउन है। विदेश यात्रा पर रोक है, शिक्षण व्यवस्था भी बंद कर दी गयी है। जिस कारण विद्यार्थी वहीं फंस गए हैं। जिनको वापस लाने के लिए अभिभावक प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के समक्ष बच्चों काे अपने देश लाने की गुहार कर रहे हैं।
ब्यावर के 23 विद्यार्थी

तजाकिस्तान में ब्यावर के 23 विद्यार्थी फंसे हुए हैं। ये हैं प्रशांत प्रजापति, रोशनी प्रजापति, पूनमचंद प्रजापति, दीपांशु कटारिया, शिप्रा कुमावत, रजत राहोरिया, दीक्षिता सोलंकी, सुनील साहू, सुरभि मूलचंदानी, वर्षा हंसराजानी, अमीशा बड़ाेला, सोनाली बडोला, मुदिता गौड़, दिव्या गौड़, इशिका, लोकेंद्र सिंह, राजीव गुरुवा, रोनक मेवाड़ा, वत्सला, कविता, हरीश सिंह, राकेश गुर्जर, हेमेन्द्र सोलंकी व नवीन प्रकाश सीरवी। बताया जाता है कि प्रदेशभर के करीब 850 छात्र छात्राएं तजाकिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए हुए हैं।
रोजाना वीडियो कॉल कर लेते हैं जानकारी

ज्यादातर अभिभावक रोजाना वीडियो कॉल कर बच्चों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। मूलचंद नगर निवासी लक्ष्मण कुमावत ने बताया कि उनकी बेटी शिप्रा कुमावत फाइनल ईयर व बेटा रजत राहोरिया सेकंड ईयर में पढ़ रहे हैं। दोनों बच्चे अलग अलग कमरा किराये पर लेकर रह रहे हैं। कक्षाएं बंद हैं। तजाकिस्तान सरकार ने इन छात्रों को भारत जाने के लिए कह दिया गया है। इससे बच्चे चिंतित हैं। सोमानी नगर निवासी रवि गौड़ ने बताया कि उनकी मुदिता गौड़ फाइनल ईयर व दिव्या गौड़ सैकंड ईयर मे पढ़ रही हैं। 1 मई से कोरोना मरीजों में बढ़ोतरी होने से सब बंद कर दिया है। भारत की तरह वहां ना तो बेहतर चिकित्सा व्यवस्था है और ना ही खाने की सामग्री घर पहुंचाने के इंतजाम किए जा रहे हैं। स्थिति बिगड़ती जा रही है।
विधायक से लगाई गुहार

इस संबंध में अभिभावकों ने विधायक शंकर सिंह रावत से बच्चों को देश लाने के लिए गुहार लगाई है। अभिभावकों द्वारा प्रार्थना पत्र देकर मांग की गई कि वे विदेश विभाग को अनुशंसा करें। विधायक ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को अनुशंसा पत्र लिख छात्र छात्राओं को सुरक्षित रूप से घर वापस लाने का प्रयास करने की बात कही है।



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23 students of Beawar are stranded in Tajikistan




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दुर्घटना में पिता, पुत्र और चालक घायल

सदर थाना क्षेत्र के जवाजा रोड नेशनल हाइवे पर गुरुवार को हुई एक दुर्घटना में तीन जने गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए राजकीय अमृतकौर अस्पताल पहुंचाया गया।

जानकारी के अनुसार चुरु के आथूना मोहल्ला क्षेत्र निवासी 20 वर्षीय सोहेल अपने किसी परिचित के साथ मार्च में उदयपुर आया था। लॉकडाउन के कारण वह उदयपुर में ही फंस गया और होटल भी बंद हो गई। थोड़ी छूट मिलने पर उसके पिता 42 वर्षीय शमशेर उसे लेने एक कार किराए पर कर उदयपुर पहुंचे और वहां से वापस चुरु जा रहे थे। इसी दौरान ब्यावर बाइपास रोड पर उनकी कार असंतुलित होकर डिवाइडर पर चढ़ गई। जिस कारण कार चालक आथूना मोहल्ला चुरु निवासी 28 वर्षीय आसिफ के साथ दोनों पिता पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी।



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शिवराज सूची दें, मजदूरों को हम देंगे किराया: कमलनाथ

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बाहरी राज्यों और प्रदेश के कई शहरों में बेरोजगार हुए मजदूरों से घर जाने का रेल और बस ऑपरेटर्स द्वारा मनमाना किराया वसूला जा रहा है। नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार मजदूरों को घर पहुंचाने का समुचित प्रबंध करे और यदि वह असमर्थ है तो सूची हमे प्रदान करे। हम उनका समुचित प्रबंध करेंगे।
नाथ ने कहा कि चूंकि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी पहले स्पष्ट कर चुकी है कि भारतवासी कोई भी मजदूर जो मुसीबत में फंसा है उसका किराया राज्यों की कांग्रेस इकाई वहन करेंगी। इसी के चलते यदि सरकार मजदूरों का किराया नहीं दे पा रही है तो सूची कांग्रेस को उपलब्ध कराए, ताकि पार्टी उन्हें घरों तक पहुंचाने का प्रबंध कर सके। नाथ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि मप्र का कोई भी व्यक्ति जो प्रदेश में आना चाहता है अथवा अन्य प्रदेशों का मध्यप्रदेश में रुका व्यक्ति अपने घर तक पहुंचना चाहता है। ऐसे व्यक्तियों की शासन द्वारा एकत्रित की गई सूची उपलब्ध कराने का कष्ट करें।



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फाइल फोटो




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आज शहर के इन इलाकों में रहेगी बिजली आपूर्ति बंद

विद्युत लाइनों की आवश्यक रखरखाव व मरम्मत के चलते बुधवार को शहरी व ग्रामीण इलाकों के क्षेत्रों की बिजली बंद रहेगी।
रीको सब-डिवीजन-33 केवी देलवाड़ा जीएसएस से जारी 11 केवी मांडावास फीडर की विद्युत व्यवस्था सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक बाधित रहेगी। इस दौरान मांडावास, पाखरियावास, लसाड़िया, बाड़ियाभाऊ, खिरनीखेड़ा, लसानी सहित अन्य क्षेत्रों की बिजली बंद रहेगी। इसके साथ ही 11 केवी सरमालिया फीडर की बिजली सुबह 8 से 11 बजे तक बाधित रहेगी। इस दौरान नयासागर, पिलानी, पीपलीनाडी की बिजली बंद रहेगी।
सीएसडी प्रथम-11 केवी पांच बत्ती फीडर की विद्युत व्यवस्था सुबह 8 से 11 बजे तक बाधित रहेगी। इस दौरान चांग गेट अंदर, नारायण जी की चक्की, हरिजन बस्ती, हेड़ा चौराहा, सब्जी मंडी, उड़ान चौक, प्लास्टिक डेला, राठी गार्डन, राठी चौराहा, गोविंदम कॉम्लेक्स, पिपलिया बाजार, छीपा माेहल्ला, नला मोहल्ला सहित अन्य की बिजली बंद रहेगी। सीएसडी सैकंड-11 केवी हाउसिंग बोर्ड फीडर की विद्युत सप्लाई सुबह 8 से 11 बजे तक बाधित रहेगी। इस दौरान संत टेऊंराम कॉलोनी, सर्वसिद्धी विनायक नगर, भगीरथ कॉलोनी, प्रधानवाली गली सहित अन्य क्षेत्रों की बिजली बंद रहेगी।



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लॉकडाउन में 15 लाख लाेगाें काे उनके घराें तक पहुंचाएगी कांग्रेस

कोरोना महामारी के बाद देश में लॉकडाउन के कारण हजारों राजस्थान प्रवासी कामगार व श्रमिक देश के अन्य राज्यों में अटके हैं। पिछले कई दिनों से कांग्रेस यातायात के साधनों की कमी और आर्थिक तंगी के कारण फंसे राजस्थानी कामगारों की मदद के लिए प्रयासरत है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के निर्देशन पर कांग्रेस की पहल के कारण देश में कहीं भी रहने वाला राजस्थान प्रवासी कामगार अब सुरक्षित है। देश के किसी राज्य रहने वाले कामगारों की सूचना मिलते ही उन्हें अपने घर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए कांग्रेस एक टीम के रूप में जुट गई हैं। प्रवासियों की सूचनाओं के संकलन के लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया, जहां पर सूचना आने के तुरंत बाद से संबंधी प्रवासी को ट्रैक करके तुरंत राजस्थान बुलाकर उसके गांव या शहर तक सुरक्षित पहुंचाया जा रहा हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के निर्देश पर कोविड 19 के तहत प्रवासी श्रमिकों के आवागमन में सहायता एवं समन्वय के लिए जिला स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया है जिसमें संभाग प्रभारी व प्रदेश कांग्रेस सचिव राजेश चौधरी व देहात जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ ने अजमेर जिला देहात क्षेत्र के लिए जिला प्रवक्ता अजय शर्मा को जिम्मेदारी दी हैं। वहीं अजमेर शहरी क्षेत्र के लिए मुजफ्फर भारती को प्रभारी नियुक्त किया। राजस्थान के सभी 33 जिलों में दो-दो प्रभारी नियुक्त किए गए।

9 लाक लोगों का हो चुका रजिस्ट्रेशन
प्रवक्ता अजय शर्मा ने बताया कि अब तक राजस्थान में आने वाले देशभर के अलग-अलग राज्यों से 9 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया, वहीं यहां से जाने के लिए 6 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया। राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में प्रदेश स्तरीय कमेटी तथा संभाग स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया हैं।



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बिना कैबिनेट की मंजूरी लिए अधिवक्ताओं को कैसे हटाया

प्रदेश में सरकार बदलते ही महाधिवक्ता कार्यालय की टीम को बदलने की प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। भाजपा सरकार आने के बाद कांग्रेस सरकार के दौरान नियुक्त कुछ अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि कम से कम उन्हें कार्यकाल पूरा करने तक नहीं हटाया जाए। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने इस मामले में सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले पर अगली सुनवाई 11 मई को होगी।
कांग्रेस सरकार बनने के बाद दिसंबर 2018 में महाधिवक्ता कार्यालय में शासकीय अधिवक्तओं की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद 13 मार्च को इनका कार्यकाल एक वर्ष बढ़ा दिया गया। कुछ समय बाद राज्य में सरकार बदल गई और नई सरकार ने 9 अप्रैल को अधिवक्ताओं को पद से हटा दिया। अधिवक्ता अभिनव दुबे, अमिताभ गुप्ता सहित एक दर्जन ने याचिका दायर कर दलील दी कि जब उन्हें हटाया गया तब प्रदेश में केवल मुख्यमंत्री ही थे। कैबिनेट की मंजूरी बिना और कोई कारण बताए बिना उन्हें हटाना अवैधानिक है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया कि कोई भी आदेश मनमानार्पूण नहीं होना चाहिए।

आरक्षण देने की मांग
ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन एवं ओबीसी-एससीएसटी एकता मंच ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर मांग की है कि आगामी अधिवक्ताओं की नियुक्तियों में आरक्षण के नियमों को लागू किया जाए। सभी वर्ग के अधिवक्ताओं को नियुक्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाए।



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प्रदेश में सरकार बदलते ही महाधिवक्ता कार्यालय की टीम को बदलने की प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है




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मजदूरों की झोली में सफर के किस्सों के अलावा कुछ नहीं

परिवार को साथ लेकर पैदल ही धरती नापने निकल पड़े इन मजदूरों की झोली में सफर के अनगिनत किस्सों के अलावा कुछ नहीं है। रात 11:00 बजे चौपाल सागर चौराहे पर बायपास रोड से होते हुए कुछ लोग भोपाल की तरफ आ रहे हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि 1 हफ्ते पहले गोरेगांव मुंबई से चले थे! रास्ते में कहीं ट्रक, कहीं टैंपो कहीं सब्जी के वाहन से लिफ्ट मिली तो कुछ सफर तय करने में आसानी मिली, लेकिन उसके बाद फिर पैदल सफर कर रहे हैं।
इनमें शामिल पप्पू गौतम कहते हैं, उन्हें इलाहाबाद जाना है। सफर के दौरान 3 दिन पहले उनके सामने उस समय संकट खड़ा हुआ जब वे चारों भूखे सोए और खाने को कुछ भी नहीं था। आसपास कोई बस्ती भी नहीं थी, जहां वह मांग कर खा सकते। किसी तरह रात गुजरी और सुबह हुई तो फिर से पैदल चलने का क्रम शुरू करना था,लेकिन पेट खाली था इसलिए हिम्मत नहीं पड़ रही थी। उसी समय वहां से गुजर रहे राम लखन नाम के एक व्यक्ति से उनकी मुलाकात हुई। उससे उन्होंने अपनी समस्या बताई। राम लखन अपने घर से उनके लिए खाने का कुछ सामान लाया, उसके बाद थोड़ा खाया और फिर सफर पर निकल पड़े।

भूखे मरने से बेहतर है पैदल चलते हुए मर जाएं

विदिशा रोड पर सुबह के 7 बजे हैं और सूरज की तपिश बढ़ने का अहसास हो रहा है। ऐसे में मजदूरों के कदमों की रफतार और तेज हो गई है। इतनी दूर पैदल कैसे चलोगे? सवाल सुनकर जवाब मिलता है कि भूखे मरने से बेहतर है कि चलते हुए मर जाएं। सामान के नाम पर सिर पर झोला है और उसमें कुछ मोटी रोटियां और अचार। जहां दोपहर हो जाती है, वहां फिर दूसरे दिन का इंतजाम करते हैं। कभी सड़कों पर मदद मिलती है कभी नहीं।

उत्तर प्रदेश के अमेठी केलिए निकले 60 मजदूर

इंदौर से 60 मजदूरों का एक समूह यूपी के अमेठी के लिए पैदल निकला है। इनमें से एक रामेश्वर ने बताया कि दिसबंर 2018 में इंदौर पहुंचे थे। 1 हजार ईंट बनाने का 500 रुपए मिलते थे। रामेश्वर के साथी सूखी सेवनिया बायपास चौराहे पर थककर बैठे हुए थे। यहां से विदिशा जा रहे एक खाली ट्रक में इन्हें पनाह मिली। बाद में पैदल ही सफर करना है।

मुंबई से इलाहाबाद के लिए निकले, रास्ता पता नहीं

फतेहपुर इलाहाबाद के रमेश सिंह मुंबई की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में मिस्त्री थे। कार्य बंद होने से ठेकेदार ने भुगतान नहीं किया। बचत दो महीने में खर्च हो गई। एक बस जो मुंबई से भोपाल आकर रीवा जाती है, उस बस ऑपरेटर ने प्रति सीट 6 हजार मांगे। रास्ते का पता नहीं था लेकिन पत्नी और दोस्ताें संग इलाहाबाद का पैदल सफर शुरू कर दिया है।

साइकिल से जा रहे सूरत से नेपाल

सूरत से 2 मई को 17 मजदूर 3800, 3800 रुपए में साइकिल खरीदकर नेपाल के लिए निकले। इनमें से 2 लोग रास्ते में दूसरे वाहन से नेपाल निकल गए।



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विदिशा रोड पर सुबह के 7 बजे हैं और सूरज की तपिश बढ़ने का अहसास हो रहा है। ऐसे में मजदूरों के कदमों की रफतार और तेज हो गई है।




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लॉकडाउन के 44 दिन बाद भी शहर के छह वार्डों में नहीं थम रहा नए मरीज मिलने का सिलसिला

लॉकडाउन शुरू हुए 44 दिन पूरे हो गए हैं। बावजूद इसके कोरोना की चेन ब्रेक नहीं हो रही है। स्थिति यह है कि पिछले 10 दिन में शहर के छह वार्ड (8,9,20,32,34,42) में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 205 पर पहुंच गई है। इन वाडोँंं में आने वाले अधिकतर इलाके पुराने शहर के हैं। यहां संक्रमण बढ़ने की तीन मुख्य वजह सामने आई हैं। एक तो लॉकडाउन की सख्ती के बावजूद लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। दूसरी- घरों के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है। तीसरा- कोरोना के लक्षण दिखाई देने के बाद भी उसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान इन इलाकों में लोगों की छोटी-छोटी गलतियों के चलते पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वार्ड नंबर 8 में शाहजहांनाबाद स्थित पुलिस कॉलोनी, शहीद नगर, गांधी मेडिकल कॉलेज में अब 20 पॉजिटिव मरीज मिले चुके हैं।

एक्सपर्ट व्यू-घर में भी दो फीट तक की दूरी रखें

डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ के मुताबिक,ज्यादातर में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। लक्षण दिखाई देने के बाद भी वे परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में बने रहे। लोगों से अपील है कि घरों में भी एक से दो फीट तक की दूरी बनाकर काम करें।


यहां अब तक 20 पॉजिटिव
वार्ड 9 - ज्यादातर मरीज कबीटपुरा और उससे सटे इलाके में रहने वाले हैं। कुम्हारपुरा का कुछ हिस्सा भी इसी वार्ड में है। यहां घर बहुत पास-पास और एक ही समाज के हैं। लोगों का एक-दूसरे के घरों में आना-जाना लगा रहा और संक्रमण तेजी से फैला।

43 पहुंची मरीजों की संख्या
वार्ड 34- यहां पहला मरीज 11 अप्रैल को मिला। वार्ड में मंगलवारा, आजाद नगर, कुम्हारपुरा व छावनी का इलाका है। यहां एक ही गली में 31 पॉजिटिव मिल चुके हैं। संक्रमण की मुख्य वजह लॉकडाउन में भी लाेग घूमते रहे। एक व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद संक्रमण बढ़ा।

यहां संक्रमितों की संख्या 67
वार्ड 20- यहां पहला मरीज 5 अप्रैल को मिला। जहांगीराबाद का मुख्य हिस्सा इसी वार्ड में है। यहां एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल हुए ज्यादातर लोग संक्रमित हो गए। आसपास रहने वाले लोग भी संक्रमित मिले थे। इसके बाद से लगातार संक्रमण बढ़ता जा रहा है।

अब तक 29 संक्रमित
वार्ड 42- ये इलाका जिंसी से रंभा टॉकीज की तरफ जाने वाली सड़क का है। संक्रमितों में ज्यादातर वे थे, जिनको सर्दी-खांसी, जुकाम की शिकायत थी। लेकिन इलाज में देरी के बाद जब जांच की गई तो कोराेना पॉजिटिव निकले। यहां भी पहला कोरोना मरीज 5 अप्रैल को मिला था।

वार्ड 32- पुलिस परिसर के 10 समेत अब तक 26 पॉजिटिव

ये इलाका जवाहर चौक, टीटी नगर से लगा है। यहां पुलिस आवासीय परिसर में 10 से ज्यादा लोग संक्रमित हुए थे। पहले जवान ड्यूटी के बाद सीधे घर जाते थे। इसलिए परिजन भी संक्रमित होते चले गए। वार्ड में पहला पॉजिटिव मरीज 3 अप्रैल को मिला था।



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रॉयल मार्केट में गुरुवार को एक बाइक पर तीन लोग सवार होकर निकले तो पुलिसकर्मियों ने कुछ अंदाज में इन्हें हाथ जोड़ते हुए गांधीगीरी के जरिए समझाईश देने की कोशिश की। फोटो|भास्कर




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संवेदनशील एरिया में सड़क से लेकर हर घर के दरवाजे-खिड़की तक कर रहे सैनिटाइज

कोरोना संक्रमण के मामले में राजधानी के संवेदनशील कंटेनमेंट एरिया में व्यापक सैनिटाइजेशन अभियान चल रहा है। इसमें मिस्क ब्लोअर स्प्रे मशीन बड़ी फोर स्ट्रोक मशीन, हैंड ऑपरेटेड स्प्रे मशीन और फाॅगिंग मशीनों से गलियों और सड़कों के साथ हर घर के खिड़की, दरवाजे , दुकानों के शटर, पटिए आदि को सैनिटाइज किया जा रहा है। साथ ही सड़कों की धुलाई के लिए पानी के टैंकर भी लगाए जा रहे हैं। खास तौर से रात के समय सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। नगर निगम अपर आयुक्त राजेश राठौड़ ने कहा कि सैनिटाइजेशन का यह अभियान जारी रहेगा।

ताजुल मसाजिद रोड...

गुरुवार को नगर निगम द्वारा यहां सैनिटाइजेशन किया जा रहा था। टैंकर के पीछे-पीछे वाहनों की कतार थी। जो यह बताती है कि लोग लॉकडाउन का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं।



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नगर निगम अपर आयुक्त राजेश राठौड़ ने कहा कि सैनिटाइजेशन का यह अभियान जारी रहेगा।




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मप्र में 76 लाख सरप्लस अनाज, एक साल तक गरीबों को खिला सकेंगे : एफसीआई

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास मप्र में सेंट्रल पूल में 76 लाख 26 हजार टन खाद्यान्न मौजूद है, जिससे एक साल तक गरीबों को अनाज की कमी नहीं रहेगी। इतना ही नहीं, दूसरे राज्यों को भी अनाज भेजा जा सकेगा। निगम के उप महाप्रबंधक ने मीडिया को यह जानकारी दी। एफसीआई ने बताया कि गुरुवार तक मप्र में 52 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। अंत तक 50 लाख टन और खरीदी हो सकती है।
कोविड-19 के संक्रमण काल के दौरान लाॅक डाउन में 24 मार्च से लेकर 6 मई तक मप्र से दूसरे राज्यों के लिए 132 रैक में 3 लाख 51 टन अनाज और सड़क से 60 हजार टन खाद्यान्न दूसरे राज्यों में भेजा गया है। पीडीएस के जरिये यह अनाज गरीबों को वितरित किया गया। उप महाप्रबंधक ने बताया कि किसानों से खरीदे गए गेहूं को खुले बाजार में भी बेचा जा रहा है। इससे एनजीओ तथा फ्लोर मिल को खाद्यान्न मिल गया। अब तक 13 हजार 660 टन अनाज खुले बाजार में बेचा गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भी तेजी से अनाज का उठाव जारी है।

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पहुंचे किसान, चार किमी लंबी कतार लगी
समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को 24 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक इंतजार करना पड़ रहा है। बुधवार-गुरुवार को मानपुर सायलो केंद्र से देवास रोड पर अभिलाषा कॉलोनी तक ट्रैक्टर-ट्राॅली की चार किमी लंबी कतार लग गई। किसानों का कहना है कि उन्हेंे जिस दिन बेचने के एसएमएस भेजे गए हैं वे उसी दिन केंद्र पर पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें 24 घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण मंडियां बंद हैं।



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समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पहुंचे किसान, चार किमी लंबी कतार लगी।




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4 दिन से रोज आंधी के साथ हो रही बारिश

क्षेत्र में पिछले चार दिनों से मौसम खराब है। दिन में तेज धूप निकलती है तो कभी आंधी के साथ हल्की बारिश होती है। इसके कुछ घंटे बाद ही मौसम साफ भी हाे जाता है। इससे तापमान में भी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। जिले का न्यूनतम तापमान बुधवार रात काे 24.5 डिग्री अाैर गुरुवार का अधिकतम तापमान 41.0 डिग्री रहा।
क्षेत्र में कई स्थानांें पर हुई बारिश के बाद चली ठंडी हवा से मौसम पूरी तरह बदल गया। पिछले चार दिनों से क्षेत्र में रोजाना आंधी व हवा चल रही है। इससे दिन व रात के तापमान में अंतर आ रहा है। इस दौरान आसमान में कभी बादल मंडराने लगते हैं तो कभी मौसम साफ हो जाता है। इससे किसानों को फसल की थ्रेसिंग के साथ ही उपज बेचने में परेशानी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन और इसी तरह का मौसम रहेगा। गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना 11 मई तक रहेगी।
इसलिए आंधी तूफान के साथ हो रही बारिश: उत्तरी भारत व हरियाणा के ऊपर बना चक्रवात अब राजस्थान की ओर शिफ्ट हो गया है। पूर्वी मप्र के ऊपर एक चक्रवाती घेरा बना है। एक ट्रफ लाइन भी दक्षिण भारत तक जा रही है। इससे मौसम बदल रहा है।



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दुकानदार महंगी बेच रहे दाल, खाद्य तेल व अन्य राशन

जिले में 23 मार्च से लागू लॉकडाउन काे अब 45 दिन पूरे हो चुके हैं। लाॅकडाउन में लोगों को रोजगार और जरूरत की चीजों के लिए परेशान होना पड़ा है। साथ ही महंगाई की मार भी पड़ रही है। तेल और दालों के भाव फिर से 100 रुपए प्रति किलाे के पार पहुंच गए है। तेल के भाव में 15 रुपए तो दालों में 10-40 रुपए की तेजी आई है।
लॉकडाउन में किराना सामग्री की आवक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि इनका परिवहन लगातार जारी है। इसके बाद भी शहर में दाल व खाद्य तेल के भाव बढ़ते जा रहे हैं। 95 रुपए प्रति किलो तक मिलने वाला रिफाइंड तेल अब 110- 115 तक पहुंच गया है। सरसों तेल जो कि 90 रुपए प्रति किलो था, उसके दाम 105 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं। इसी तरह 80 व 85 रुपए प्रति किलो में मिलने वाली अरहर दाल (तुअर) के भाव अब 115 से 120 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। अन्य दालों में भी तेजी आई है जिससे आम आदमी के साथ उन गरीबों पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है जो रोजगार न होने से आर्थिक मंदी का शिकार हैं।
करीब सवा महीने तक सुबह के समय 8 से 11 बजे के बीच ही किराने की दुकानें खुलना भी मंहगाई का बड़ा कारण रहा है। सामग्री की कमी बताकर दुकानदारों ने फायदा उठाया। ग्राहकों को महंगी दरों पर मजबूरी में राशन लेना पड़ रहा है।
जानिए.... क्यों बढ़ रहे दाल व खाद्य तेल के दाम
सरकार ने राशन सामग्री ढाेने वाले मालवाहक वाहनों को छूट दे रखी है, ऐसे में यहां दाल- खाद्य तेल के साथ अन्य राशन सामग्री की आवक पर कोई असर नहीं पड़ा है। नाम छिपाने की शर्त पर एक खेरची दुकानदार ने बताया कि थोक व्यापारी लॉक डाउन का फायदा उठाकर खेरची यानि छोटे दुकानदारों को दाल व खाद्य तेल महंगे दामों पर बेच रहे हैं। नतीजा इसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। यहां लगातार दाल व खाद्य तेल के भावों में तेजी आती जा रही है, ऐसे में आर्थिक मंदी से लॉकडाउन की बंदिशों से जूझ रहे परिवारों पर संकट खड़ा हो रहा है।
प्रशासन की सख्ती से रुकेगी महंगाई
प्रशासन ने किराना व थोक व्यापारियों की दुकानों पर दर सूची चस्पा करने के आदेश दिए थे, लेकिन न किसी खेरची दुकानदार ने दर सूची चस्पा की न थोक व्यापारियों ने। नतीजा दालों व राशन सामग्री में तेजी आ गई है। प्रशासन के जांच दलों ने भी इस काम में रुचि नहीं दिखाई।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी महंगाई के कारण लोग परेशान
बात अकेले शहरों की नहीं है। गांवों और कस्बों में भी राशन सामग्री पर महंगाई का असर साफ दिखाई दे रहा है। इससे लोग परेशान हैं। किसान इस समय अपनी उपज बेचने के बाद बारिश के समय तक का राशन लेकर रखते हैं। उन्हें भी महंगे दामों पर राशन खरीदना पड़ रहा है।
कागजों में कर रहे किराना सामग्री की दरों की जांच
प्रशासन की ओर से गठित किए गए दलों ने लॉकडाउन की शुरुआत में तो भावों को लेकर बाजार में निरीक्षण किया। तहसीलदारों ने एक-दो दुकानाें पर भाव से अधिक दर वसूलने पर संबंधित को हिदायत देकर भी छोड़ा था। इसके बाद कुछ दिन में दालों के भाव भी गिरे लेकिन कार्रवाई बंद होने से फिर दालों व खाद्य तेल के दामाें में उछाल आ गया है। प्रशासन जांच करना सिर्फ कागजों में बता रहा है और कार्रवाई करने के लिए शिकायत का इंतजार कर रहा है। जबकि हर दुकानदार को दालाेंं सहित सभी प्रमुख वस्तुअाें के स्टॉक अाैर दैनिक भाव की जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य है। लॉकडाउन की शुरुआत में प्रशासन ने सख्ती दिखाकर इस सूची काे दुकानाेंं में लगवाया भी था, लेकिन ज्यादातर दुकानदारों ने दुकानों से चस्पा रेट लिस्ट हटा ली है।
टीम से जांच कराएंगे

संदीप अष्ठाना, एसडीएम ब्यावरा के मुताबिक, शहर में थोक भाव से किस भाव में दालें आ रही हैं और बाजार में किस भाव बेची जा रही हैं, इसकी जांच कराएंगे। टीम से शहर की दुकानों पर जांच कराएंगे, इसमें दुकानदारों के बिल चेक करने के लिए फूड व अन्य दल को कहा जाएगा।
आगर में तीन क्षेत्र अब कंटेनमेंट श्रेणी से मुक्त
आगर मालवा। जिले में घोषित तीन कंटेनमेंट एरिया को स्थिति में सुधार हाेने पर कलेक्टर संजय कुमार ने कंटेनमेंट मुक्त कर दिया है। कंटेनमेंट मुक्त क्षेत्र में ग्राम पायली, तहसील सुसनेर का वार्ड नंबर एक एवं चार, नलखेड़ा तथा मुल्तानी मोहल्ला हाटपुरा आगर शामिल हैं। कलेक्टर ने सीएमएचओ के प्रतिवेदन पर इन क्षेत्रों काे मुक्त कर दिया है।



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Shopkeepers selling expensive pulses, edible oil and other rations




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जिला अस्पताल की मेटरनिटी विंग 18 अप्रैल से बंद थी, शुरू करते ही रेफर भी करने लगे

जिला अस्पताल में 18 अप्रैल को एक प्रसूता की काेराेना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से मेटरनिटी विंग बंद थी। हालांकि महिला की दूसरी, तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आई, इसके बाद भी मेटरनिटी को शुरू नहीं कराया जा सका। अब 6 दिन पहले मेटरनिटी में प्रसव शुरू कराने आदेश हुए हैं फिर भी महिलाओं की डिलेवरी कराने की बजाय उन्हें जटिल केस बताकर रेफर किया जा रहा है। पिछले 6 दिन में 16 महिलाओं को जटिलऑपरेशन के बहाने भोपाल रेफर किया है।
मेटरनिटी वार्ड में 4 डाक्टर हैं। इनमें से डॉ मनीषा मित्तल 5 मार्च से ड्यूटी पर नहीं आई है। वे खुद को अवकाश पर बता रही हैं जबकि सिविल सर्जन स्तूपनिक यदू को अवकाश स्वीकृति की जानकारी नहीं है। वहीं डॉ आकांशा सीजर करने के साथ ही ऑनकॉल और डे ड्यूटी पर हैं। ऐसे में डॉ पूजा तिवारी और अंजली माथुर मॉर्निंग और नाइट ड्यूटी कर रही है। पिछले 18 अप्रैल से तो यह तीनों डाक्टर भी क्वारेंटाइन में भी क्योंकि वार्ड में भर्ती रही महिला को कोरोना संक्रमण जांच में आया था।
एनेस्थिया के बहाने 6 दिन में 16 रेफर
जिला अस्पताल में दो एनेस्थीसिया डाक्टर हैं। इसमें से डॉ ब्रजेश वर्मा उक्त पॉजिटिव रिपोर्ट वाली महिला के सीजर केे दाैरान अाेटी में हाेने के कारण 18 अप्रैल के बाद अस्पताल नहीं पहुंचे, वह क्वारेंटाइन में भी रहे हैं। दूसरे एनेस्थीसिया डॉक्टर एस कुरैशी प्रसूता को बीपी बढ़ा होने या अन्य कोई कारण बताकर रेफर कर रहे हैं। पिछले चार दिन में 16 महिला को जटिल प्रसव बताकर भोपाल रेफर किया गया। यही कारण है कि 30 अप्रैल से मेटरनिटी शुरू हाेने के बाद भी काेई सीजरनहीं किया गया।

पहले 30 तक मेटरनिटी बंद रखी, अब रेफर करने से हो रहे हैं विवाद
18 अप्रैल काे एक महिला की जांच काेराेना पाॅजिटिव अाने के बाद मेटरनिटी वार्ड सील कर दिया गया था। हालांकि महिला व उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद भी 30 अप्रैल तक मेटरनिटी को शुरू नहीं किया गया। इस दौरान अस्पताल आने वाली महिलाओं काे ब्यावरा व भोपाल रेफर किया। सोमवार को एक प्रसूता दीपिका के रेफर को लेकर अस्पताल में हंगामा भी हुआ। आरती दांगी को एक दिन पहले भर्ती किया, जिसे सोमवार को ब्लड चढ़ने से एलर्जी हो गई, लेकिन महिला को देखने कोई डाक्टर भी नहीं पहुंचा।

जल्द ही जिला अस्पताल में ओटी शुरू की जाएगी
-स्तूपनिक यदू, सिविल सर्जन के मुताबिक, चार दिन पहले मेटरनिटी विंग शुरू कर दी है, सीजन में थोड़ी परेशानी आ रही थी, उसे भी दूर कर दी है। एक एनेस्थीसिया विशेषज्ञ नहीं थे उन्हें बुलाया है। जल्द ओटी भी शुरू की जाएगी।



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सिर पर रखे थैले और कांधों पर ऊंघते बच्चे ही जिंदगी की उम्मीद, भूखे पेट हजार किमी का पैदल सफर इसी आस में कि कैसे भी घर पहुंच जाएं

माफ कीजिएगा.. सरकारे चाहें जितनी बातें करें, लेकिन सच यह है कि इन हालातों में मजदूरों को शहरों में जिंदा रहने का भरोसा नहीं रह गया है। 600 किमी पैदल चलने के बाद विदिशा रोड से गुजरते हुए शमीम का यह जवाब प्रवासी श्रमिकोण्ं के शहर से लौटने की पीड़ा बयां करता है। ग्यारह मील से ओबेदुल्लागंज, सीहोर से भोपाल, भाेपाल से विदिशा और रायसेन रोड से गुजर रहे ये मजदूर महीने भर पहले तक किसी कपड़ा फैक्ट्री में कॉन्टैक्ट श्रमिक थे या बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे थे। लाॅकडाउन के चलते इन्हें इस महीने की पगार भी नहीं मिली है। कब मिलेगी.. इसका भी कोई जवाब नहीं है। इसलिए निकल पड़े हैं और अपनी धुन में चले जा रहे हैं। सिर पर रखे थैले और कांधों पर ऊंघते बच्चे ही इनकी बची-खुची उम्मीदें हैं।

गनीमत है परिवार को पहले भेज दिया था

  • अहमदाबाद से भोपाल के 4 हजार मांगे थे, इसलिए पैदल चल पड़ा दिव्यांग
    नेमावर के 50 वर्षीय इंदर सिंह बाएं पैर से दिव्यांग है। वे अहमदाबाद की श्री बालाजी इंडस्ट्रियल सर्विस में 9 हजार रुपए महीने पर काम करते हैं। 1 मई को कॉन्ट्रैक्टर ने कारखाना लंबे समय तक बंद करने की खबर दी। 2 मई की रात 10 बजे अहमदाबाद से पैदल चल दिए। तब से एक भी रात सोए नहीं हैं। बीच में एक बस कंडक्टर ने अहमदाबाद से भोपाल का किराया 4 हजार रुपए मांगा, उतने पैसे नहीं थे। ये अच्छा है कि पत्नी-बच्चों को लॉकडाउन से पहले ही घर भेज दिया था।

कानपुर का वादा कर गलत ट्रक में बैठाया

  • मुंबई से पांच दिन में पैदल ललितपुर पहुंचे पुलिस ने ट्रक से उल्टा भोपाल भेज दिया
    लखीमपुर के मोहम्मद सलीम 10 दोस्तों के साथ मुंबई से 2-3 मई की रात करीब 1 बजे निकले थे। 5 दिन तक पैदल चलने के बाद बुधवार रात 10 बजे ललितपुर तक पहुंच भी गए। यहां चैक पोस्ट पर पुलिस ने एक घंटे पूछताछ की और ट्रक में बैठाकर कानपुर भेजने का भरोेसा दिलाया। पुलिस ने झांसी से होकर कानपुर जाने वाले ट्रक में बैठाने के बजाय भोपाल जा रहे ट्रक में बैठा दिया। पता तब चला जब भोपाल विदिशा बायपास पर पहुंच गए। अब दोबारा लखीमपुर जाने के लिए भोपाल से सफर शुरू किया है। सलीम मुंबई में मजदूरी करते हैं।


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सरकारे चाहें जितनी बातें करें, लेकिन सच यह है कि इन हालातों में मजदूरों को शहरों में जिंदा रहने का भरोसा नहीं रह गया है




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एम्स में नई दवा ने दिखाया असर, वेंटिलेटर सपोर्ट की स्थिति वाले मरीज आईसीयू से आए बाहर; खतरा टला

कोरोना से जंग के बीच एम्स से उम्मीद बढ़ाने वाली खबर आई है। आईसीएमआर व अमेरिका के फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की अनुमति से देश की सबसे बड़ी रिसर्च एजेंसी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की देखरेख में चल रहे क्लिनिक ट्रायल के शुरुआती परिणाम आशाजनक मिले हैं। जिन दो गंभीर मरीजों वेंटिलेटर की जरूरत थी उन पर इम्युनिटी मॉड्यूलेटर दवा माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू (एम-डब्ल्यू) का प्रयोग किया गया। उन्हें एक सप्ताह में दवाई के तीन डोज दिए गए। दोनों मरीज आईसीयू से बाहर आ गए है। पूरी तरह खतरे से बाहर हैं। अन्य मरीजों पर अर्ली ऑक्सीजन थैरेपी असर दिखा रही है। इससे भोपाल का रिकवरी रेट 57 फीसदी हो गया है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने बताया कि दवा ने दोनों मरीजों के ठीक होने में कितना योगदान दिया है, इसका मूल्यांकन 58 दिन बाद ही हो सकेगा।

देश की सबसे बड़ी रिसर्च एजेंसी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की देखरेख में एक सप्ताह पहले ही क्लिनिक ट्रायल शुरू किया गया था। दो गंभीर मरीज जिन्हें वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता महसूस हो रही थी, उन्हें दवाई के तीन डोज दिए गए। खुशी की बात ये है कि दोनों ही मरीजों की तबियत में तेजी से सुधार के बाद उन्हें आईसीयू से बाहर निकालकर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। जहां दोनों मरीजों की हालत क्लीनिकली स्थिर हो गई है। किसी भी मरीज पर दवा का कोई भी साइड इफैक्ट भी सामने नहीं आया है।

अर्ली ऑक्सीजन थैरेपी भी दिखा रही असर, 57% हुआ भोपाल का रिकवरी रेट

  1. अब हेल्थ वर्कर और असिम्टमैटिक मरीजों पर भी शुरू होगा ट्रायल
  • कोरोना के गंभीर मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल के बाद अब एम्स के डॉक्टरों ने असिम्टैमिक युवा मरीजों और कोरोना के इलाज में जुटे हेल्थ वर्कर्स पर भी ट्रॉयल की तैयारी शुरू कर दी है। एक-दो दिन में इन दोनों कैटेगरी के मरीजों को भी एम-डब्ल्यू का पहला डोज दिया जाएगा। गौरतलब है कि इंजेक्शन के रूप में एक निश्चित समय अंतराल पर तीन डोज मरीज को दिए जाते हैं। सीएसआईआर ने ही अहमदाबाद की कैडिला फॉर्मास्युटिकल के साथ मिलकर दवा बनाई है।
  1. 19 और मरीज ठीक होकर घर लौटे 679 में से 399 ने कोरोना को हराया
  • इधर शहर में गुरुवार को 19 और मरीज ठीक होकर घर लौटे। इनमें 9 महीने का मासूम शुभांकर और 70 वर्षीय फूलवती बाई शामिल है। शहर में 679 लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। इनमें से 399 ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इन मरीजों पर अर्ली ऑक्सीजन थैरेपी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें मरीजों के गले और लंग्स में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाई जाती है। चिरायु के डायरेक्टर अजय गोयनका के अनुसार इससे भोपाल का रिकवरी रेट 57 फीसदी तक पहुंच गया है।

24 नए मरीज, 1 मौत: जहांगीराबाद के 12 संक्रमित इनमें एक ही परिवार के चार

भोपाल में गुरुवार को कोरोना के 24 नए केस मिले हैं। नए मरीजों में 12 जहांगीराबाद इलाके के हैं, जिनमें से चार चर्च रोड के एक ही परिवार के हैं। हमीदिया अस्पताल की दो नर्स में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। यहां सागर के व्यक्ति की मौत हो गई। जहांगीराबाद इलाके में पाॅजिटिव मरीजों की संख्या 127 से बढ़कर 139 हो गई है। मंगलवारा क्षेत्र में तीन नए मरीज मिले हैं। यहां भी मरीजों की संख्या 45 हो गई है।



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अपनी मां के साथ अस्पताल से घर लौटता 9 माह का शुभांकर।




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40 दिन बाद खुली दुकानें, दो दिन में दोगुने भाव में बेची डेढ़ करोड़ की शराब, स्टाक खत्म

लाॅकडाउन के चलते 26 मार्च से प्रशासन ने शराब की दुकानों पर ताले लगा दिए थे। प्रदेश सरकार ने परिस्थिति को देखते हुए बुधवार को दुकानें खोलने के आदेश दिए। इसी के बाद बुधवार दाेपहर बाद दुकानें खाेली गईं जाे गुरूवार को खुली रही।
इस दाैरान इन दो दिन में सवा करोड़ से अधिक की शराब बिक्री हुई है। इन दुकानों पर अभी तक पुराना स्टॉक दोगुना दाम पर बेचा जा रहा था, अब आज से नए मॉल का स्टॉक उठाया जाएगा।
40 दिन बाद क्षेत्र में शराब दुकाने खुलीं ताे लोगों की भीड़़ लग गई। बुधवार को दुकानें खोलने से पहले आबकारी विभाग ने पहले पुराना स्टॉक चेक किया। इसके बाद दोपहर 12 बजे के बाद दुकानें खोलने की अनुमति जारी की। जिला आबकारी अधिकारी वीरेंद्र धाकड़ ने बताया कि महंगे दाम को लेकर किसी की शिकायत नहीं आई है।



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ओवरब्रिज पर 90 डिग्री के मोड़ के कारण वाहन हो जाते हैं अनियंत्रित, 8 दिन में दूसरा ट्रक पलटा

शहर से होकर गुजरे नेशनल हाईवे पर भोपाल बायपास स्थित ओवरब्रिज के बने 90 डिग्री के टर्न पर अनियंत्रित होकर हरी मिर्च से लदा ट्रक पलट गया। हालांकि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन ब्रिज के ऊपर 90 डिग्री का टर्न होने से यहां हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।
बीते सप्ताहभर में ये दूसरी बड़ी घटना है। देहात थाने के एएसआई बब्बन ठाकुर ने बताया कि गुना की तरफ से हरी मिर्च से लदा उत्तरप्रदेश का ट्रक नंबर इंदौर की ओर जा रहा था, तभी भोपाल बायपास स्थित फोरलेन हाईवे के ओवरब्रिज पर अंधे मोड़ पर संतुलन बिगड़ने से ट्रक अनियंत्रित होकर पटल गया। ट्रक में लदी हरी मिर्च की बोरियां सड़क पर बिखर गई। गनीमत ये रही कि हादसे में ट्रक स्टाफ का सिर्फ मामूली चोटें आई। सूचना पर पहुंची डायल 100 के स्टाफ ने ट्रक चालक व सहायक को अस्पताल पहुंचाया।

90 डिग्री के टर्न से 80 अप्रैल को हुए हादसे में हुई थी क्लीनर की मौत
देहात थाना प्रभारी आदित्य सोनी ने बताया कि ब्रिज के ऊपर दिए गए 90 डिग्री के टर्न की वजह से इसके ऊपर बीती 30 अप्रैल को भी हरी मिर्च से लदा एक ट्रक अनियंत्रित होकर ब्रिज से टकरा गया था। हादसे में चलते ट्रक में मिर्च के बोरों को संभालने ऊपर चढ़ा क्लीनर मिर्च के 25 बोरियों सहित ब्रिज से नीचे गिर गया था, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।



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Vehicles turn uncontrolled due to 90 degree bend on overbridge, second truck overturns in 8 days




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मंडी चालू होते ही बढ़ी आवक, पर किसानों को नहीं मिल रहा भोजन

किसानों की परेशानियों को देखते हुए लॉकडाउन के बावजूद कृषि उपज मंडी खुल गई है, लेकिन यहां किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। मंडी में किसानों को भोजन भी सही ढंग से नसीब नहीं हो रहा है। सुबह से अपने नंबर की बारी के लिए इंतजार करना पड़ता है।
लॉक डाउन के बाद से ही मंडिया बंद थी। मंडी चालू होते ही किसानों उपज लेकर पहुंचने लगे हैं। इसके चलते काफी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॅाली मंडी के बाहर कतार लगाकर खड़े हैं। होटल, रेस्टारेंट या खानपान की दुकानें भी बंद होने से किसानों को बाजार से भी भोजन नहीं मिल पा रहा है। मंडी परिसर में काफी भीड़ होने से तपती धूप में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।



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Arrival of mandi increased, but farmers are not getting food




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राजस्थान सीमा पर 40 दिन से ड्यूटी कर रहे योद्धाओं का सम्मान

जिले से लगी राजस्थान सीमा पर बनी जांच चाैकियों पर तैनात पुलिसकर्मी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं। इनकी इस कर्तव्य भावना काे देख ग्रामीणों ने सम्मान किया। ये अधिकारी-कर्मचारी पिछले 40 दिनों से सीमा पर चौकसी कर रहे हैं। इस दौरान आने-जाने वाले 10 हजार से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कर चुके हैं। इसी के चलते कालीपीठ गांव के लोगों ने इन काेराेना योद्धाओं के पर फूल बरसाए और हाथ जोड़ कर उनका अभिवादन किया। पुलिस सहित स्वास्थ्य अमले काे गांव के अंदर से होते हुए रावड़ी वाले हनुमान मंदिर ले जाया गया। मंदिर में सभी ने जिले की समृद्धि और खुशहाली सहित कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए प्रार्थना की।
राजगढ़ की सीमा राजस्थान से लगी होने के कारण बड़ी संख्या में क्षेत्र के मजदूर रोजी-रोटी के लिए जिले से पलायन कर राजस्थान जाते हैं। मार्च 2020 में जैसे ही लॉकडाउन की सूचना के बाद इन मजदूरों को लगी वैसे ही बड़ी संख्या में इन्होंने अपने गांवों की और लौटना शुरू कर दिया। प्रशासन द्वारा ब्लाक के पिपलोदी, पाटरी जोड़ और जलालपुरा जोड़ पर चैक पोस्ट बनाया गया। जहां पुलिस के साथ-साथ राजस्व अमला और स्वास्थ्य अमला परीक्षण के लिए तैनात किया गया। इन कर्मचारियों ने दिन-रात मुस्तैदी के साथ बाहरी लोगों को चिन्हित किया और उनका परीक्षण कर उन्हें होम क्वारेंटाइन कराया।
चौकी पर तैनात इन काेराेना याेद्धाओं का किया सम्मान
चाैकी पर तैनात कोविड योद्धाओं डाॅ राजेंद्र कठेरिया, बीएमओ डाॅ राजीव हरिओद्य, मनोज बंशीवाल, घनश्याम भिलाला, नीरज पलेरिया, उषा शर्मा, किरण पिपलोटिया, कृष्णा राजपूत, कालूराम, रामबाबू और आशा कार्यकर्ता शकुंतला दांगी, शारदा दांगी, शाशि, संतोष का स्वागत कालीपीठ अस्पताल में गांव के मुकेश गुप्ता, कमलेश गुप्ता, बंटी बैरागी, विमल शर्मा, कन्हैयालाल सेन, देवराज सेन, रामेश्वरी दांगी आदि ने किया।

चैकपोस्ट पर ड्यूटी करने में काफी परेशानी आई, पर सबकी सुरक्षा जरूरी
नोडल अधिकारी डॉ राजेंद्र कटारिया ने बताया कि चैक पोस्ट पर ड्यूटी करने वालों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई बार तेज आंधी-हवाओं में टेंट-तंबू उड़ गए तो भी ड्यूटी कर रहे लोगों ने खुले आसमान और तेज गर्मी में भी लोगों को सूचीबद्ध कर उनका परीक्षण किया। हमारी मेहनत व पुलिस की निगरानी के चलते यह सुरक्षा चौकी संचालित हो रही, इसी के चलते ग्रामीणों ने सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को बुलाकर स्वागत किया है। वहीं ईश्वर से प्रार्थना भी की, ताकि महामारी से छुटकारा मिल सके।



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Honors of warriors doing duty on Rajasthan border for 40 days




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जिसे जो साधन मिल रहा, उससे ही सफर

नेशनल हाईवे से मजदूर वर्ग के लोग राेजाना दक्षिण भारत के राज्याें से उत्तर भारत की ओर जा रहे हैं। पैदल, साइकिल, बाइक या फिर जहां तक के लिए जाे भी साधन मिल रहा है लाेग उसी से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे ही एक ट्रक में रखे एक बड़े पाइप में बैठे कुछ लाेग इलाहबाद जा रहे थे। भास्कर ने उनसे पाइप में बैठकर जाने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि घर तो जाना ही पड़ेगा। चाहे जैसे भी जाना पड़े। मजदूरों ने कहा वहां रहते तो भूख से मर जाते। गांव में कम से कम दो वक्त का भोजन तो मिल ही जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ साइकिल से 1507 किमी दूर मुंबई से सुल्तानपुर यूपी का सफर कर रहे मजदूर भी दिखाई दिए। उन्हें मुंबई से यहां तक पहुंचने में 7 दिन लग गए। अभी 8 से 10 दिन और चलना है। इसी तरह सैकड़ो लोग हाईवे से अपने शहर एवं घरों की ओर जा रहे हैं जिन्हें जगह-जगह पुलिस कार्रवाई से गुजरना पड़ रहा है।



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Whoever gets the means, only the journey




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अधिकांश व्यापारी सुबह 7 से शाम 4 बजे तक बाजार खाेलने नहीं राजी, प्रशासन ने नहीं सुनी तो खुद शेड्यूल तय करने लगे

लाॅकडाउन-3 में मिली छूट में बाजार के अधिकांश व्यवसायी बाजार खाेलने के लिए बढ़ाए गए समय के पक्ष में नहीं हैं। पिछले 3 दिनाें से वे प्रशासन से पहले की तरह बाजार खाेलने का समय घटाकर सुबह 9 से दाेपहर 12 बजे तक करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन समय काे घटाने काे तैयार नहीं है। इसके बाद गुरुवार से कई व्यापारियाें ने अपनी दुकानें दाेपहर 12 बजे के बाद खुद ही बंद कर दीं। व्यापारियाें का कहना है कि राजगढ़ जिला भले ही ग्रीन जाेन में है, लेकिन पड़ाेसी जिलाें भाेपाल, शाजापुर अादि की हालत अच्छी नहीं है। इन जगहाें से लगातार लाेग शहर में अा भी रहे हैं। इसलिए प्रशासन काे लाॅकडाउन में अतिरिक्त ढील नहीं देनी चाहिए। इससे संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। इसके अलावा शाम तक बाजार खुला रहने से बड़ी संख्या में लाेग बेवजह भी बाजार में घूमते हैं। इन सभी बाताें काे ध्यान में रखकर व्यवसायी बाजार का समय पहले की तरह घटाकर 3 घंटे करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन इसके पक्ष में नहीं है। इसलिए अब व्यापारियाें ने खुद ही साेशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए दाेपहर के बाद बाजार से हट जाने का फैसला लिया है।
पार्षद ने हेयर सैलून संचालकाें के नाम अपील जारी की: वार्ड 3 के पार्षद कैलाश सेन ने गुरुवार काे सर्व सेन समाज के नाम एक लिखित अपील साेशल मीडिया में जारी की। साथ ही सभी हेयर सैलून संचालकाें के पास इसकी काॅपियां भी पहुंचाईं। उन्हाेंने सभी से काेराेना से बचाव के लिए दुकानाें पर अनावश्यक भीड़ न लगाएं। ग्राहकाें की शेविंग, कटिंग बिना बात किए समय पर करें, ताकि वे दुकान से जल्दी निकल सकें। मास्क लगाएं और अपने औजाराें काे बार-बार सैनिटाइज करें।
घर-घर पाेषण आहार पहुंचा रहीं अांगनबाड़ी कार्यकर्ता: पचाेर| महिेला बाल विकास विभाग ने लाॅकडाउन के दाैरान आंगनबाड़ियाें काे बंद किया है। लेकिन इसकी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी घर-घर पाेषण अाहार पहुंचाने अाैर लाेगाें काे काेराेना के खतराें के प्रति जागरूक करने के लिए लगा दी है। वार्ड 15 की कार्यकर्ता अस्मां सैफी ने बताया कि वे अाैर अन्य कार्यकर्ता घर-घर 3-6 वर्ष तक के बच्चाें के लिए सत्तू के पैकेट पहुंचा रही हैं और लाेगोंकाे साेशल डिस्टेंसिंग रखने, मास्क का उपयाेग करने, सैनिटाइजर अाैर साबुन से हाथ धाेने की सलाह दे रही हैं।

सब्जी व्यापारियाें की मांग: शाम काे हमें मुख्य बाजार में जगह दाे
उधर मेले वाला बाग में सब्जी की दुकानें लगाने वाले व्यापारियाें का कहना है कि प्रशासन काे उनपर ध्यान देना चाहिए। शहर में घूम-घूमकर हाथठेलाें से सब्जी बेचने वालाें की वजह से मेले वाले बाग में सब्जी खरीदने ग्राहक पर्याप्त संख्या में पहुंच ही नहीं रहे हैं। इस वजह से उन्हें घाटा हाे रहा है। उनका कहना है कि या ताे प्रशासन हाथठेलाें से सब्जी बेचने पर राेक लगाए अाैर सभी सब्जी व्यापारियाें काे मेले वाला बाग में शिफ्ट करवाए। या फिर उन्हें शाम 4 बजे के बाद बाजार में बैठने की अनुमति दी जाए। शहर का पूरा सब्जी बाजार शाम 4 बजे के बाद ही शुरू करवाया जाए। सब्जी व्यापारियाें की इस मांग के पीछे एक वजह यह भी है कि इनमें कई बुजुर्ग महिला सब्जी व्यवसायी भी हैं जाे हाथठेले से सब्जी नहीं बेच सकतीं। सबसे ज्यादा दिक्कतें उन्हें ही अा रही हैं।



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Most of the traders did not agree to open the market from 7 am to 4 pm, if the administration did not listen, then they decided to schedule themselves.




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बूंदाबांदी से रात का पारा 1.5 डिग्री गिरा दिन का तापमान फिर 41 डिग्री पहुंचा

पश्चिमी विक्षोभ के असर और अरब सागर के साथ बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण गुरुवार को भी बादलों की लुकाछिपी जारी रही। लेकिन दिन में तेज धूप के कारण अधिकतम तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी हुई। वहीं एक दिन पहले बुधवार शाम के समय हुई हल्की बारिश से रात के तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले अधिकतम तापमान 40.5 और न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आरएके कॉलेज स्थित ग्रामीण मौसम सेवा केंद्र के डॉ. सत्येंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के ऊपर चक्रवाती घेरा बना हुआ है। जिससे अगले 24 घंटे के दौरान क्षेत्र में तेज हवा के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो 9 मई की रात से फिर से सिस्टम सक्रिय होगा, जिसके चलते 11 मई की सुबह तक अंचल में बूंदाबांदी और आंधी का दौर आएगा।
चक्रवाती घेरे के साथ ट्रफ लाइन गुजर रही, जिससे बूंदाबांदी की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार हिमालय क्षेत्र में जमीन से 5.8 किमी की ऊंचाई पर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसके साथ ही पश्चिमी राजस्थान के ऊपर चक्रवाती घेरा बना हुआ है। दूसरा चक्रवाती घेरा हरियाणा और पश्चिमी उप्र के ऊपर सक्रिय है। जबकि तीसरा उत्तर प्रदेश पर है।



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दूल्हा बिना बैंड बाजे के वधु के घर पहुंचा

बुदनी के वार्ड 12 गुरुआ बाबा मंदिर रोड पर लॉकडाउन में विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें खास बात यह रही कि वर पक्ष के परिजन दूल्हे को लेकर वधु पक्ष के घर पहुंचे। इस दौरान न तो बैंड बाजे थे और ना ही बाराती। वार्ड पार्षद ने भी इनका स्वागत करते हुए उपहार में मास्क और सैनिटाइजर दिया। यह शादी वधु पक्ष ने अपने घर में करवाई। पंडित ने मंत्र पढ़े। चेहरे पर मास्क लगाए वर अर्जुन व वधु वसुंधरा ने एक-दूसरे को माला पहनाईं। इस अवसर पर वार्ड पार्षद रजनी आजाद ने वर वधु को आशीर्वाद के साथ उपहार में मास्क व सैनिटाइजर दिया।
6 मई को होना था विवाह : दुल्हन के पिता अशोक कहार ने बताया कि बेटी वसुंधरा के विवाह की तारीख 6 मई पहले से तय थी। छह माह से शादी की तैयारी कर रहे थे। मार्च में लॉक डाउन लग गया। पहले यह सोचा कि मई में लॉक डाउन खुल जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शादी की अगली तारीख नहीं निकल रही थी। लॉक डाउन में शादी करवाने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं था। दोनों पक्षों ने प्रशासन से सशर्त अनुमति ली। घर के अंदर दोपहर साढ़े चार बजे फेरे हो गए और शाम को विदाई हुई।



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The groom reached the bride's house without a band




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घर में सफाई करते समय युवती चिमनी गिरने से झुलसी, बचाने में मां के हाथ में झुलसे

क्षेत्र के बिसौनिया गांव में बिजली गुल होने के दौरान बाखर के अंदर के कमरे में चमनी जलाकर सफाई कर रही युवती के ऊपर चिमनी गिरने से झुलने का मामला सामने आया है। आग की लपटों में घिरी युवती को बचाने व आग बुझाने के प्रयास में उसकी मां के भी हाथ झुलस गए। घटना गुरुवार सुबह 8 बजे की बताई जा रही है।
सिविल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बिसौनिया गांव में बुधवार रात को चली आंधी के बाद गुरुवार सुबह 20 वर्षीय युवती कालीबाई पुत्री हरिसिंह अपने घर की बाखर के अंदर के कमरे में सुबह करीब 8 बजे बिजली गुल होने के दौरान अंदर चिमनी जलाकर सफाई कर रही थी, तभी अचानक से चमनी युवती के ऊपर गिर गई जिससे वह बुरी तरह से झुलस गई। युवती की चीख पुकार सुनकर पहुंची उसकी 40 वर्षीय मां रुकमाबाई ने किसी ने आग बुझाने का प्रयास किया तो उसके भी हाथ झुलस गए। सूचना पर 108 संजीवनी एम्बुलैंस लेकर पहुंचे डॉ. एके वर्मा दोनों को सिविल अस्पताल लेकर आए, यहां से प्राथमिक उपचार के बाद युवती को गंभीर हालत में राजगढ़ रैफर किया है।



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बगैर मास्क के घूम रहे वाहन चालकों के चालान बनाए, सुरक्षा की समझाइश दी

नगर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन हर तरह के प्रयास कर रहा है। अभी छूट के दौरान बाइक, जीप, ट्रैक्टर आदि वाहनों को रोककर उन्होंने मास्क नहीं लगाने पर चालानी कार्रवाई की जा रही है। लोग पैदल घूमने वालों को भी समझाया जा रहा है। बस स्टैंड परिसर पर अस्थाई पुलिस चौकी पर सीएमओ आरसी वर्मा, थाना प्रभारी उमाशंकर मुकाती, नायब तहसीलदार मोहित सिनम स्वयं मास्क दे रहे हैं। नप द्वारा जीवन शक्ति योजना के तहत पंजीकृत महिलाओं द्वारा 100,100 मास्क तैयार करवाकर 11-11 रुपए के हिसाब से महिलाओं के खाते में राशि डाली जाएगी। अभी 250 मास्क खरीद कर नप 10-10 रुपए में दे रही है। इससे लोगों में जागरूकता देखने को मिल रही है। फिर भी कुछ लोग बिना मास्क के ही घूम रहे हैं।



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Made invoices of drivers who roam without masks, explained safety




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लॉकडाउन के बाद प्रशासन ने दी बाजार खोलने की अनुमति तो लगी लोगों की भीड़

बुधवार से जिले में बाजार खुलने के लेकर प्रशासन ने व्यापारियों को कुछ दुकानों को छोड़कर बाजार खोलने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद गुरुवार को बाजार में लोगों की काफी भीड़ दिखाई दी और बाजार में धनतेरस जैसा नजारा देखने को मिला। इस दौरान मुख्य जेपी मार्केट में ऐसा लग रहा था जैसे किसी त्यौहार की खरीदी करने के लिए जनता की भीड़ उमड़ पड़ी हो। डेढ़ माह बाद नगर का पूरा बाजार खुला हुआ नजर आया।
इस दौरान व्यापारियों के द्वारा नियत समय सुबह 8 से 12 बजे तक व्यापार किया गया। उसके बाद बाजार पहले की तरह सुनसान हो गया। जिसकी उम्मीद नजर आ रही थी। वैसा ही नजारा बाजार में देखने को मिला। गुरुवार की स्थिति को देखकर ऐसा लगा कि व्यापारी और ग्राहक दोनों बाजार खुलने को लेकर आतुर नजर आ रहे थे। इस दौरान शारीरिक दूरी के जो निर्देश प्रशासन ने दिए थे वह ध्वस्त नजर आए और मास्क की और भी ग्राहक व व्यापारियों के द्वारा ध्यान नही दिया गया। हालांकि प्रशासन का अमला बाजार में घूमता रहा लेकिन लॉकडाउन अवधि के दौरान दी गई छूट के बाद जो नियम दिए गए थे उन नियमों की और किसी ने ध्यान नहीं दिया। वहीं बाजार खुलने से विवाह करने वाले परिवारों की परेशानी थोड़ी कम हो जाएगी।

दुकानें बंद करवाने पुलिस को करना पड़ रही है मशक्कत
शुजालपुर| पिछले कुछ दिन से नगर में लॉकडाउन महज औपचारिकता बना हुआ है। इसको लेकर अब लोग गंभीर नहीं दिखाई दे रहे है। प्रमुख चौराहे से लेकर बाजारों में अब जमकर भीड़ देखी जा रही है। दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग दिखाई नहीं दे रहा है। जिला प्रशासन ने दुकानें खोलने के समय में बदलवा के कारण गुरुवार को पुलिस के जवानों को जिन लोगों ने अपनी दुकान खोल ली थी उनको बंद करवाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी। बार-बार जिला प्रशासन समय बदलने के कारण दुकानदार से लेकर आम आदमी पूरी तरह से स्पष्ट स्थिति को नहीं समझ पा रहे हैं। इस बारे में मंडी थाना प्रभारी दीपेश व्यास का कहना है कि एक बार फिर दुकानों के खोलने के समय और दिन में बदलाव के कारण जिन लोगों ने अपने प्रतिष्ठान खोल लिए थे उनको बंद करवाए गए। कुछ लोगों ने एक दिन पहले के आदेश दिखाते हुए कहा कि उनके प्रतिष्ठान खाेलने के आदेश जिला प्रशासन ने दिया है। इसके बाद निवेदन करते हुए बताया कि आदेश में बदलाव कर दिया है।

गांवों के बाजारों में भी दिखाई दी भीड़
दोराहा| गुरुवार को बाजार में काफी भीड़ दिखाई दी। लोग खरीददारी करने के लिए बिना मास्क लगाए ही बाजार में पहुंच गए थे। चार घंटे का समय होने से आसपास के गांवों से ग्रामीण आवश्यक वस्तु लेने के लिए पहुंचे। क्योंकि यह गांव क्षेत्र के बड़े गांवों में आते हैं। यहां पर अन्य गांवों की अपेक्षा दुकानें अधिक हैं। इस दौरान अहमदपुर में खरीदी करने के लिए भोपाल, बैरसिया व नरसिंहगढ़ के क्षेत्र के गांव के लोग भी खरीदी के लिए आ रहे हैं।
होटल व्यवसायियों ने दुकान खोलने की अनुमति मांगी:
बुधवार को होटल व्यवसायियों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर सुबह 8 से 12 बजे तक दुकान खोले जाने की अनुमति दिए जाने की मांग की। होटल व्यवसायियों ने बताया कि शासन के नियमों का ध्यान रखते हुए वह अपनी दुकानों पर किसी को भी नाश्ता नहीं करने देंगे। केवल पार्सल पैक करके ही देंगे।



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After the lockdown, the administration gave permission to open the market.




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घरेलू विवाद में एक ने खाई जहर की गोलियां तो दूसरे ने पीया कीटनाशक

पारिवारिक विवाद में दो अलग- अलग घटनाओं में 2 युवकों ने जहरीला पदार्थ खा लिया, तबीयत बिगड़ने पर दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया है। पहली घटना चांचौड़ा के नेशकला गांव की है, यहां युवक ने कीटनाशक पी लिया। वहीं दूसरी वारदात कलालपुरा गांव की है, यहां एक युवक ने नशे की हालत में सल्फास की 8 गोलियां खा ली। शहर थाना पुलिस ने बताया कि चांचौड़ा के नेशकला गांव का रहने वाला 22 वर्षीय युवक चैतराम पुत्र लाखनसिंह गुर्जर पिछले 3 दिन से सामान खरीदने ब्यावरा आने की जिद कर रहा था, परिजनों ने मना किया तो युवक ने पहले तो झगड़ा किया फिर घर में रखा कीटनाशक पी लिया। वहीं कलालपुरा गांव के रहने वाले 18 वर्षीय बंटी पुत्र हरिसंह तंवर ने परिवारिक विवाद से तंग आकर बीती रात अपने घर में पहले तो जमकर शराब पीकर नशा किया। इसके बाद 8 सल्फास की गोलियां खा ली।



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चार साल पूर्व क्षतिग्रस्त हुई डैम की रिटर्निंग वाल का निर्माण कार्य प्रारंभ

नगर की जीवनदायिनी कालीसिंध नदी में काली मस्जिद के पास बने पुराने डेम का जयनगर साइड वाला हिस्सा 4 वर्ष पूर्व बाढ़ के तेज बहाव से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद हर साल नपा द्वारा रिपेयरिंग कराने के बाद बारिश के दौरान फिर से क्षतिग्रस्त होने की समस्या आ रही थी। पिछले मानसून सीजन में बारिश के दौरान तो पुल से आवाजाही बंद करना पड़ी थी। अब नपा ने क्षतिग्रस्त स्टाफ डेम का निर्माण शुरू कर दिया है।
क्षतिग्रस्त स्टाप डेम को बनावाने व रिपेयरिंग की मांग जनप्रतिनिधियों के माध्यम से लगातार शासन से की जा रही थी। इस पर कलेक्टर एवं केंद्रीय अध्ययन ने स्थल निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे।
इस पर नपा ने डेम के निर्माण का टेंडर पिछले साल बारिश के पूर्व ही दे दिया था, लेकिन बारिश के कारण काम शुरू नहीं हाे सका। इसके बाद बारिश में मिट्टी का कटाव होने से पुल से आवागमन रोक दिया गया था। इससे पुल के दूसरी तरफ जाने के लिए लोगों को 9 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ रही थी। इसे अस्थाई रूप से नगरपालिका एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा बोल्डर एवं मुरम डालकर भरा गया था, लेकिन डैम व नदी में पानी होने की वजह से डैम की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो सका था। अभी गर्मी के चलते डैम का पानी सूख चुका है। इसी को देखते हुए डैम की मरम्मत का कार्य शुरू किया जा चुका है।
69 लाख की लागत से होगा डेम रिटर्निंग वाल का निर्माण

डेम का क्षतिग्रस्त का निर्माण किया जा रहा है। डेम से पुल तक रिटर्निंग वाल का निर्माण कार्य प्रारंभ किया है। करीब 69 लाख 25 हजार रुपए की लागत से पारीक कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण किया जा रहा है। नपा सीएमओ महेश कुमार सक्सेना ने बताया निर्माण कार्य 6 माह में पूर्ण किया जाना है। प्रोजेक्ट की मानिटरिंग वाटर रिसोर्स एंड डेवलपमेंट विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाएगी।



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Construction of dam's returning wall started four years ago




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लॉकडाउन के 47 दिन बाद सीहोर में पहला कोरोना पॉजिटिव मिला, इंदिरा नगर 28 दिन के लिए सील, बायपास पर पैदल निकलने में रोक

तमाम प्रयासों के बाद भी लॉक डाउन के 47वें दिन आखिरकार एक कोरोना पॉजिटिव महिला मरीज के मिलने के बाद प्रशासन सकते में आ गया है। महिला को एक दिन पहले बुधवार को जिला अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद हमीदिया अस्पताल भोपाल रेफर किया गया था जहां पर उसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला। इस सूचना के बाद पीड़िता के घर के बाहर सिविल सर्जन, सीएमएचओ सबसे पहले पहुंचे। इसके बाद अस्पताल की पूरी टीम मौके पर पहुंची और संबंधित घर में जाकर पीड़िता के पति, दो बेटों के सैंपल लिए। इसी तरह जिला अस्पताल में जिस डॉक्टर और स्टाफ ने मरीज को देखा था उन 12 लोगों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके अलावा एक प्राइवेट डॉक्टर और उनके स्टाफ के चार सैंपल लिए गए हैं। इंदिरा नगर को हाई रिस्क एरिया क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। ये क्षेत्र फोरलेन बायपास से लगा है इसलिए यहां से पैदल निकलने पर रोक रहेगी। पैदल जाने वालों के लिए प्रशासन ने बस का इंतजाम किया है।
अभी तक जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला था लेकिन इंदिरा कालोनी में रहने वाली एक महिला की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी। वे ब्लड प्रेशर के अलावा किडनी की बीमारी से भी पीड़ित है। शहर के एक प्राइवेट डॉक्टर के पास उनका इलाज चल रहा था। बाद में बुधवार को उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां पर मौजूद डॉक्टर ने उसे चेकअप किया और भोपाल के हमीदिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। वहां पर उसका कोरोना टेस्ट किया गया तो उसकी जांच रिपोर्ट में वह पॉजिटिव पाई गई। अभी भी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

प्रशासन के सामने ये हैं चुनौतियां
इस महिला को कैसे ये संक्रमण हुआ, इसकी जांच की जा रही है। महिला गृहणी है और बीमार रहती है, जो बाहर भी नहीं गई है। ऐसे में यह सबसे बड़ी चुनौती है कि इस महामारी ने कहां से दस्तक दी।
महिला के तीन बेटे हैं। एक क्रेन आपरेटर है। दो मजदूरी करते हैं। इसके पति भी मजदूरी ही करते हैं। तीनों घर पर हैं। ऐसे में यह किस तरह संक्रमित हुई, यह जांच का विषय है।
घर से लगा फोरलेन बायपास है। यहां से हर रोज सैकड़ों श्रमिक पैदल गुजर रहे हैं। इसलिए इनसे भी खतरा बना हुआ है। यह लोग फालतू सामान को सड़क किनारे भी फेंक जाते हैं।
महिला को एक प्राइवेट डॉक्टर ने दो दिन पहले देखा था। इसके बाद उस डॉक्टर ने ऐसे कितने लोगों का इलाज किया है, उसकी भी सूची तैयार कराई जा रही है।

घबराएं नहीं... इंदिरा नगर में घर पर ही उपलब्ध कराई जाएगी जरूरी सामगी
कोई भी व्यक्ति इस प्रतिबंधित क्षेत्र में नहीं जा सकेगा। इंदिरा नगर के लोगों को प्रशासन घर पर ही सब्जी, फल, दूध, दवा, अनाज आदि उपलब्ध कराएगी। नगर पालिका अपने वाहन से कुछ जरूरी सामान भेजेगी जिससे लोग जरूरत का सामान खरीद सकेंगे। जानकारी देते हुए नपा सीएमओ संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह 9 बजे इंदिरा नगर के लोगों की सुविधा के लिए वाहन से दूध भेजा जाएगा। दोपहर 12 बजे आलू और प्याज भेजा जाएगा। बाद में सब्जी भेजने की व्यवस्था भी की जाएगी। शाम 5 बजे फिर से दूध का वाहन जाएगा।
राहगीरों को बस से टोल तक छोड़़ेंगे
फोरलेन बायपास पर सबसे बड़ी समस्या इस समय दिन-रात पैदल निकल रहे लोगों से हो रही है। ये मजदूर और अन्य लोग कई राज्यों से पैदल चलते हुए यहां से निकल रहे हैं। इंदिरा नगर इस बायपास से लगा हुआ है। इसलिए प्रशासन ने यह तय किया है कि यहां से कोई भी व्यक्ति पैदल नहीं जा सकेगा। जो लोग पैदल जा रहे हैं तो इनके लिए चौपाल सागर के पास बस खड़ी रहेगी। इस बस से इन मजदूरों को बैठाकर ले जाया जाएगा और इन्हें टोल नाके पर छोड़ दिया जाएगा। इस तरह करीब 15 किमी का यह सफर बस से कराया जाएगा ताकि इस क्षेत्र में किसी तरह की कोई लापरवाही ना हो।

17 सैंपल लिए गए, कुछ और लेना बाकी
पीड़िता के घर पर उसका पति और दो बेटे थे। सभी के सैंपल लिए गए। इसके अलावा जिस डॉक्टर ने अस्पताल में इसे देखा था उनके अलावा जो भी स्टाफ था उन सभी को होम क्वारेंटाइन किया गया और इनके सैंपल लिए गए। इसी तरह जिस प्राइवेट डॉक्टर का इलाज चल रहा था उन्होंने भी इसे 5 मई को देखा था। इसलिए उनका और उनके स्टाफ को भी होम क्वारेंटाइन कर यहां से 4 सैंपल लिए गए हैं। इस तरह कुल 17 सैंपल लिए गए हैं। कुछ सैंपल और होना बाकी हैं। जिला अस्पताल में करीब 12 कर्मचारियों को होम क्वारेंटाइन किया गया है।
चार क्षेत्र पूरी तरह से सील
इंदिरा नगर को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी समीर यादव ने बताया कि जहांगीरपुरा जोड़ पर आवागमन को रोका है। इसी तरह इंदिरा नगर जोड़, हरि भंवल लाल के घर के पास से भी क्षेत्र को सील कर दिया गया है। मरीह माता मंदिर के आगे और पिछले हिस्से को पूरी तरह से सील किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी इन क्षेत्रों पर को पूरी तरह से सील करेगी।
28 दिन तक ना कोई अंदर जाएगा और ना ही बाहर आएगा, 30 सिपाही करेंगे निगरानी
इंदिरा नगर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। शासन की गाइड लाइन के मुताबिक शहर का अन्य हिस्सा सील नहीं किया जाएगा। इंदिरा नगर का कोई भी व्यक्ति अब बाहर नहीं आ सकेगा। चारों तरफ पुलिस बल तैनात रहेगा। श्री यादव ने बताया कि इसके लिए तीन शिफ्ट में बल तैनात किया गया है। इसके प्रभारी कोतवाली टीआई मनोज मिश्रा रहेंगे। एक शिफ्ट में 30 पुलिस कर्मचारी तैनात रहेंगे। ये इंदिरा नगर के चारों तरफ रहेंगे ताकि कोई भी व्यक्ति ना तो अंदर जा सके और ना ही बाहर आ सके। इसके अलावा एक मोबाइल वाहन रहेगा जो लगातार इस क्षेत्र में भ्रमण करेगा।



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First corona positive found in Sehore, 47 days after lockdown, Indira Nagar sealed for 28 days, stop to walk on bypass




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जरूरतमंदों को भोजन खिलाकर आयोजन की बजाय घरों के बाहर जलाए दीप

बहुजन उत्सव समिति ने गुरुवार को बुद्ध जयंती कार्यक्रम आयोजित किया। समिति के आव्हान पर बहु जनों ने घर पर रहकर बुद्ध वंदना की और जरूरतमंदों के लिए भोजन बनाकर वितरित किया। सामाजिक लोगों ने घर पर दिन भर अलग-अलग कार्यक्रम किए। इसके बाद शाम के समय घर पर दीप प्रज्वलित किए और बुद्ध वंदना कर जयंती मनाई। राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के भोपाल संभाग अध्यक्ष कमलेश दोहरे संघप्रिय, मार्गदर्शक आरके बांगरे सहित बहुजनों ने अपने अपने घरों में सुबह 9:00 बजे अपने परिवार वालों के साथ बुद्ध वंदना की। शाम के समय अपने घरों पर दीप प्रज्वलित कर जयंती मनाई। इसके अलावा बहुजन समाज के लोगों ने जरूरतमंदों के लिए कई तरह के व्यंजन बनाए और उनका शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर वितरित किया।
अंबेडकर पार्क पहुंचकर की कार्यक्रम की शुरुआत

समाज के कुछ लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए अंबेडकर पार्क पहुंचे। यहां डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद बुद्ध जयंती कार्यक्रम की शुरुआत की। समिति ने जरूरतमंद लोगों के घर-घर जाकर भाेजन पहुंचाया।



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गर्मी की छुटि्टयों में ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी, शिक्षकों को देंगे ट्रेनिंग

माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आगामी सत्र और प्रदेश के डिजिटल शिक्षा सत्र की गतिविधियां जानने के लिए ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। ऑनलाइन बैठक में सभी जिले के शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सहायक परियोजना समन्वयक के साथ-साथ बीआरसी, बीईओ और सीएससी शामिल हुए। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने सभी शिक्षा अधिकारियों से शैक्षणिक गतिविधियों व इसमें आ रही परेशानियों पर चर्चा की।
प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा कि प्रदेश के हायर सेकंडरी और हाईस्कूलों में गर्मी के अवकाश में भी ऑनलाइन स्टडी मटेरियल छात्रों के लिए भेजा आएगा और शिक्षक उनकी जिज्ञासाएं भी वाट्सएप ग्रुप पर जानकारी देकर दूर करेंगे। इसके अलावा शिक्षकों की ट्रेनिंग भी ऑनलाइन कराई जाएगी। इसके लिए शेड्यूल जारी किया जाएगा। शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल को सीएम राइज के नाम से लांच किया जाएगा। पीएम राइस पोर्टल पर शिक्षकों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर उनको आईडी मिल जाएगी। इससे उनको सामग्री भेजी जाएगी और एक मेंटर पोर्टल से जुड़ा रहेगा जो उनको फोन पर ही सभी प्रकार की मदद करेगा।
दूरदर्शन के प्रसारण से भी स्टडी मटेरियल भेजेंगे

बैठक में बोर्ड की परीक्षाओं का ऐसा कोई भी निर्णय नहीं हो पाया जिससे पता चल सके कि उनकी परीक्षा कब होगी। बैठक में कुल मिलाकर यही निर्णय हुआ कि लॉकडाउन जारी रहने तक ऑनलाइन सामग्री से कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई, डाइट, हाई तथा हायर सेकंडरी के बच्चों को जूम एप से शिक्षा प्रदान की जा रही है, वह प्रारूप निरंतर ऐसा ही चलता रहेगा। इसके अलावा अब शिक्षकों को भी ऑनलाइन पोर्टल पर प्रशिक्षण मिलेगा। जिन छात्रों के परिजनों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं उनके लिए दूरदर्शन के प्रसारण के जरिए स्टडी मटेरियल भेजा जाएगा।

जारी रहेगी ऑनलाइन पढ़ाई
डीपीसी अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि अवकाश 1 मई से 15 जून तक रहेगा। 16 जून से आगामी सत्र से शुरू हो जाएगा। सभी माध्यमिक प्राथमिक विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन पहले ही दिया जा चुका है। इन्हें अगली कक्षा में भेज दिया गया है। उनकी अभी वर्तमान में शिक्षा मोबाइल पर यू-ट्यूब चैनल तथा रेडियो चैनल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। इसे यथावत रखा गया है। लॉकडाउन तक इसी प्रकार पढ़ाई भी चलती रहेगी। 1 मई से 7 जून तक शिक्षकों का भी अवकाश रहेगा, लेकिन सभी शिक्षक घर से ही विद्यार्थियों को सामग्री देंगे।



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जरूरतमंदों को फल वितरित कर बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई

बढ़िया खेड़ी में जिला संस्कार मंच ने भगवान बुद्ध की पूर्णिमा पर कार्यक्रम आयोजित किया। कोरोना वायरस के चलते सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए। कार्यक्रम में जरूरतमंदों को फल सहित अन्य सामग्री बांटी।
कार्यक्रम के दौरान जिला संस्कार मंच के ब्लाक अध्यक्ष हीरु बेलानी ने कहा कि बुद्ध के बताए मार्ग पर ही चलकर समाज, राष्ट्र व विश्व में शांति और भाईचारे का माहौल पैदा किया जा सकता है। समाज में जाति, वर्ग आदि का भेद नहीं है। इस मौके पर जिला संस्कार मंच के छावनी ब्लाक अध्यक्ष नरेंद्र डाबी और संतोष सोनी ने बताया कि भगवान बुद्ध ने शांति का मार्ग बताया है। बौद्ध धर्म दुनिया के चार बड़े धर्मों में से एक है। आज पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण के कारण विचलित है और संक्रमण का असर क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है। इस मौके पर यहां पर उपस्थितजनों ने भगवान बुद्ध से कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की।



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Buddha Purnima was celebrated by distributing fruits to the needy.




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50 दिन की हो चुकी फसल पर बढ़ रहा इल्ली का प्रकोप, मौसम में बार-बार बदलाव से बढ़ी समस्या

इस समय किसानों की फसल 40 से 50 दिनों की हो चुकी है। बार-बार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण किसानों की मूंग फसल पर इल्लियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे किसान परेशान हैं और दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं। इससे किसानों पर दवाइयों का अलग से खर्च बढ़ रहा है।किसानों ने खेतों में अधिकतर 60 से 65 दिन की फसल की बोवनी की है। खेतों खड़ी जायद फसलों में इस समय फूल और फल आ रहे हैं। फसलों के फूल और फल में इल्ली का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए अतिरिक्त दवाई का छिड़काव कर रहे हैं। पिछले 40 से 50 दिनों में किसानों ने आठ से 10 बार दवाई का छिड़काव कर दिया है इससे किसानों का खर्च जो पहले प्रति एकड़ 5000 रुपए पढ़ता था। अभी है खर्च बढ़कर 10000 रुपए से 15000 रुपए तक बढ़ गया है। इसके बाद भी फसलों में इल्ली का प्रकोप कम नहीं हो पा रहा है। यदि फसलों में इल्ली का प्रकोप कम नहीं हुआ तो इसका असर फसल के उत्पादन पर भी पड़ सकता है।
कुएं में नीचे जाने लगा पानी
इस साल अच्छी बारिश के कारण नसरुल्लागंज तहसील सहित जिले की आष्टा इछावर और सीहोर में किसानों ने बड़ी संख्या में अपने खेतों में मूंग फसल की बोवनी की थी। जल स्रोतों में पर्याप्त पानी होने के कारण कृषि विभाग ने भी जायद फसल का रकबा बढ़ाया था जिले में पिछले साल 24000 हेक्टेयर में बोवनी की थी। यह रखवा बढ़कर 38000 हेक्टेयर हो गया है इसमें सबसे ज्यादा नसरुल्लागंज तहसील में किसानों ने मूंग फसल की बोवनी की है। इसके अलावा आष्टा सीहोर इछावर में भी उन किसानों ने बोवनी की है, जिनके पास जायद फसलों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है। लेकिन इछावर तहसील आष्टा तहसील के कुछ हिस्सों में पानी के जल स्रोत सूखने लगे हैं इनमें पानी लगातार नीचे जाने लगा है इससे भी किसानों की समस्या सिंचाई को लेकर होने लगी है। जल स्रोतों से मोटर पंप करीब 4 से 6 घंटे ही चल पा रहे हैं इससे किसान 24 घंटे में दो बार ही फसल में पानी दे पा रहे हैं। इससे समय पर सिंचाई नहीं हो पा रही है इसका असर दाने की चमक और उसके उत्पादन पर भी पड़ सकता है।
1 सप्ताह बाद नसरुल्लागंज में शुरू हो जाएगी कटाई
इस समय किसानों के खेतों में जो फैसले पककर तैयार हो गई है। ऐसी मूंग फसलों की कटाई का काम 1 सप्ताह बाद शुरू हो जाएगा। इसके अलावा आष्टा सीहोर और इछावर में भी कटाई का काम शुरू हो जाएगा। फसलों की कटाई के लिए अब किसानों ने बार-बार हो रहे हैं मौसम में बदलाव के कारण सिंचाई करना कुछ समय बंद कर दिया है इससे फसल सूखने लगी है। ताकि बारिश आने से पहले किसान इसकी कटाई कर निकाल सके और बारिश से बचा सके।

पकने लगी फसल, कटाई की तैयारी में किसान
इस समय जिन किसानों ने अपने खेतों में 60 से 65 दिन वाली मूंग फसल की बोवनी की थी वह पकना शुरू गई है। वहीं जिन किसानों ने लेट बोवनी की थी । ऐसी मूंग फसलों में इस समय फूल आ रहे हैं फूलों पर दिल्ली के प्रकोप से फसल के बांझ रहने का खतरा बना हुआ है इससे किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है किसान कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर अपने खेतों में दवाई का छिड़काव कर रहे हैं इसके बाद भी दिल्ली का असर बार-बार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण कम नहीं हो रहा है।

किसानों को दी जा रही सलाह
कृषि विभाग के उपसंचालक एस एस राजपूत का कहना है कि इस समय जिन किसानों ने 60 से 65 दिनों की मूंग फसल बोई थी उसकी कटाई शुरू होने वाली है जिन किसानों ने लेट बोनी की थी उन फसलों में फूल और फल आ रहे हैं। फसलों में इल्ली के प्रकोप को कम करने के लिए किसान अलग-अलग तरह की दवाइयां कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर दे सकते हैं इसके लिए ब्लॉक स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को समय-समय पर सलाह देते हैं ताकि फिर किसानों की फसलों का अच्छा उत्पादन हो सके। इसी तरह जिला स्तर से भी कृषि विभाग के अधिकारी व मैदानी अमला किसानों को सलाह दे रहा है।



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Worm growing on 50 days old crop, problem increased due to frequent change in weather




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रेड जोन अमरावती से सलकनपुर आए 16 लोगों का किया परीक्षण, बाहर न निकलने की हिदायत दी

गुरुवार को महाराष्ट्र अमरावती जिले से आए 16 लोहा पीटू ने डॉक्टरों के होश उड़ा दिए। क्योंकि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के अधिक संक्रमण फैल रहा है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस सभी का स्वास्थ्य का परीक्षण किया। डॉक्टरों ने बताया कि इनमें कोरोना संक्रमण के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। गुरुवार को सीहोर में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद डॉक्टर ने इस मामले को अति गंभीरता से लिया है।
गुरुवार को जैसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम को इन लोहा पीटू लोगों की जानकारी मिली वैसे ही टीम सलकनपुर पहुंच गई। जिसमें प्रमुख रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेहटी के डॉक्टर मेहरबान सिंह भी अपनी टीम के साथ पहुंचे और सभी 16 लोहा पीटू की एक-एक करके गंभीरता से जांच की। साथ ही हिदायत भी दी कि 14 दिनों में यदि सर्दी और खांसी हो तो इसकी तुरंत जांच कराएं।
महाराष्ट्र से होशंगाबाद तक आए ट्रेन से इसके बाद पैदल पहुंचे सलकनुपर
इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. मेहरबान सिंह ने बताया कि यह सभी 16 लोहा पीटू पहले सलकनपुर रोड के मकोड़िया मार्ग पर प्रशासन द्वारा दी गई जमीन पर रहते थे। यह पहले महाराष्ट्र चले गए थे उसके बाद यह मध्यप्रदेश शासन की योजना के तहत जो लोग बाहर फंसे हैं उसमें ट्रेन द्वारा किसी तरह होशंगाबाद तक आए। उसके बाद होशंगाबाद से वह सलकनपुर तक पैदल आकर सलकनपुर पहुंचे। महाराष्ट्र से आए लोहा पी टू की जांच करना अति आवश्यक था।

14 दिनों में खांसी हो तो तुरंत दिखाए
डॉक्टर सिंह, डॉ. इमरान खान, संजय जैन, स्टाफ नर्स के सलकनपुर पहुंचे। सभी की जांच उपरांत अभी फिलहाल में सभी ठीक बताए जाते हैं। डॉ. सिंह ने इन सभी को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि यदि आप में से किसी को भी 14 दिनों के अंदर सर्दी खांसी, सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत अस्पताल में आकर अपनी जांच कराए। इसमें आप किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करें।
नियमों का करें पालन
डॉ. सिंह ने क्षेत्र के 102 गांव के ग्रामीण से अपील की है कि सभी अपने घर में रहे। जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकलें। इस दौरान मास्क का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि गुरुवार को सीहोर में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला है। इसलिए हमें सुरक्षित रहने के लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य है।



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16 people from Red Zone Amravati who came to Salkanpur tested, instructed not to leave




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नाले और नालियों की सफाई के लिए नपा की बैठक

नगर पालिका परिषद में बारिश से पहले की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई| बैठक में निर्णय लिया गया कि शहर के बीचोंबीच से निकलने वाले नाले वोट नालियों की सफाई करना जरूरी है। पिछले साल शहर में कई हिस्सों में नालियों के चौक हो जाने के कारण पानी की निकासी |नहीं हो सकी इससे कोतवाली चौराहा क्षेत्र में काफी परेशानी हुई। इसके समाधान के लिए बारिश से पहले सभी क्षेत्र में नालियों और नाले की सफाई करने के नपाध्यक्ष अमिता जसपाल अरोरा ने बैठक में निर्देश दिए।
बैठक में बारिश से पहले शहर के नाले व नालियों की सफाई कराने निर्देश दिए गए। कोतवाली चौराहा, पान चौराहा, बड़ियाखेड़ी, ब्रह्मपुरी कॉलोनी के समीप आदि क्षेत्रों में पिछले साल ज्यादा बारिश के कारण पानी की निकासी नहीं हो सकी थी। पर्याप्त निकासी न होने के कारण नागरिकों को काफी परेशानी व नुकसान हुआ था। अब शीघ्र नाले व नालियों का सफाई कार्य शीघ्र कराया जाए। इसी के साथ प्रभारी सहायक यंत्री मनोज झंवर को निर्देश दिए गए कि शहर के प्रमुख मार्गों के डामरीकरण व आवश्यकतानुसार पुलिया, नाली के संबंध में पूर्व में भी निर्देश दिया गया है। बैठक में नपा सीएमओ संदीप श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे|



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मंडी बोर्ड के अध्यादेश को वापस लेने मंडी कर्मचारियों ने सीएम के नाम दिया ज्ञापन

मंडी बोर्ड ने निजी मंडी परिसर को मूल मंडी/उपमंडी परिसर के साथ रखकर निजी कंपनी, एसोसिएशन को लाइसेंस जारी कर एक निश्चित क्षेत्र में व्यापार करने के लिए अध्यादेश जारी किया है।
प्रदेश में पूंजीवादी प्रथा को बढ़ावा देने के विरोध में एवं मप्र की मंडियों में कार्यरत आर्थिक रूप से कमजोर हम्माल, तुलावटियों के पास अपनी आजीविका का और कोई साधन नहीं है, वह बेरोजगार हो जाएंगे। इस अध्यादेश के विराेध में मंडी कर्मचारियों ने तहसील परिसर में बुधवार को 6 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम प्रथम कौशिक को दिया। मंडी बोर्ड कर्मचारी संघ के प्रांतीय सचिव राजेश खरे के साथ कर्मचारियों ने ज्ञापन में मंडी कर्मचारियों ने संशोधित अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि यह अध्यादेश वापस नहीं लिया गया, तो मजबूरन हड़ताल एवं आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री राहत कोष में 15 हजार 490 रुपए का चेक एसडीएम प्रथम कौशिक को सौंपा गया। इस अवसर पर मंडी समिति सचिव बीएस राजपूत, महेंद्रसिंह बैस लेखापाल, हरिसिंह टांक मौजूद रहे।



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सागर रोड के वाहन चालक ओलपंस स्कूल के सामने से गुना- अशोकनगर रोड पर निकलेंगे, 10 किमी का चक्कर बचेगा

नवनिर्मित रिंग रोड पर अमाछार गांव के पास बेतवा के नए पुल का निर्माण कार्य चालू हो गया है। 150 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण कार्य 12 करोड़ की लागत से पूरा होगा। पुल निर्माण के लिए मिट्‌टी टेस्टिंग का काम चालू कर दिया गया है। पिलर बनाने के लिए जेसीबी मशीन से 40 फीट गहरे गड्ढे किए जा रहे हैं। बेतवा पर पुल नहीं होने से पिछले 1 साल से रिंग रोड से आवागमन ठप पड़ा हुआ है ।
लोक निर्माण विभाग ने 23 करोड़ की लागत से 2 साल पहले 10 किमी लंबे रिंग रोड का निर्माण शुरू किया था। रिंग रोड बन जाने के बाद भी बेतवा पर पुल नहीं होने से वाहन चालक ढोलखेड़ी चौराहा तक नहीं पहुंच पा रहे है। इस मामले में कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने मौके का निरीक्षण कर सेतु निगम के अधिकारियों से पुल का निर्माण कार्य तुरंत चालू करने को कहा था । इसके बाद 3 दिन पहले ही पुल बनाने के लिए मिट्टी परीक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया । पिलर भी खोदे जा रहे हैं। पुल बन जाने से जल्द ही लोगों को आवागमन की सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा उदयगिरि के पास बेस नदी पर भी नए पुल का निर्माण पूरा हो चुका है । इस पर एप्रोच रोड बनाई जा रही है।

12 करोड़ रुपए आएगी नए पुल की लागत
इस संबंध में सेतु निगम भोपाल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जेके तिवारी ने बताया कि रिंग रोड पर बन रहे इस नए पुल की लागत 12 करोड़ रुपए आएगी। पुल निर्माण के लिए मिट्टी का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। इसके बाद ड्राइंग डिजाइन तैयार की जाएगी । नए ब्रिज का निर्माण ग्राम सौराई की ओर से शुरू किया गया है।
150 मीटर होगी पुल की लंबाई
बेतवा के नए पुल की लंबाई 150 मीटर होगी तथा उसकी चौड़ाई 10 मीटर रहेगी। पुल के दोनों ओर 200- 200 मीटर की एप्रोच रोड बनाई जाएगी।

जमीन अधिग्रहण का मामला सुलझा
मध्य प्रदेश सेतु निगम भोपाल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जेके तिवारी ने बताया कि बेतवा के नए पुल के निर्माण में जमीन अधिग्रहण का मामला उलझा हुआ था। शासन के नियमों के मुताबिक पुल के निर्माण में 5 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। सभी किसानों को नियमानुसार मुआवजा राशि का वितरण भी कर दिया गया है। इससे अब नए पुल के निर्माण में कोई बाधा नहीं रहेगी। दोनों ओर एप्रोच रोड का निर्माण भी किया जाएगा। जिसके बन जाने से आने-जाने वालों को सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।

12 से अधिक गांवों को मिलेगी आवागमन की सुविधा
रिंग रोड पर बेतवा नदी का नया पुल बन जाने के बाद विदिशा में सागर रोड से अशोकनगर और गुना की ओर जाने वाले वाहनों को 10 किमी का लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा । वाहन चालक ओलंपस स्कूल के सामने से ग्राम सौराई और ढोलखेड़ी होते हुए सीधे अशोक नगर रोड पर पहुंच सकेंगे। इससे 10 किमी का चक्कर बच जाएगा। आसपास के 12 से अधिक गांवों के लोगों को विदिशा आवागमन में सुविधा मिल जाएगी।

विदिशा में भी रंगई के पुल की मिलेगी सौगात
बेतवा नदी पर रंगई के पास नए पुल का निर्माण कार्य 50 फीसदी से ज्यादा हो चुका है । इस साल यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा। इस पुल के चालू हो जाने से विदिशा और भोपाल के बीच आवागमन की समस्या नहीं रहेगी। यहां बेतवा का 150 साल पुराना पुल जर्जर हो चुका है। इस वजह से यहां कभी भी आवागमन प्रभावित हो सकता है। नया पुल बन जाने से राहत मिलेगी।

लॉकडाउन से निर्माण कार्य में लेबर की समस्या
मध्य प्रदेश सेतु निगम के ईई जेके तिवारी ने बताया कि लॉक डाउन के कारण नए पुल के निर्माण में लेबर की समस्या आ रही है। स्थानीय स्तर पर तथा बाहर से भी लेबर काइंतजाम करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है।
बेस नदी का पुल तैयार बारिश से पहले चालू करेंगे ट्रैफिक
विदिशा के पास उदयगिरी और ढोल खेड़ी चौराहे के बीच करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से बेस नदी का नया पुल तैयार हो गया है। बारिश से पहले आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। यहां भी किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। सभी 6 किसानोंको मुआवजा राशि का वितरणशासन के नियमों के मुताबिक कर दिया गया है।



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The driver of Sagar Road will leave Guna-Ashoknagar Road in front of Olpons School, a 10 km round will be left.




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दिल्ली से गल्ला मंडी में आए ट्रक पर चलने वाला क्लीनर निकला था कोरोना पॉजिटिव

दिल्ली से गल्ला मंडी इछावर आए ट्रक ड्राइवर को रात में ही प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस ने पूछताछ के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्वारेंटाइन कर दिया है। वहीं सैंपल जांच के लिए भेज दिया है।
दिल्ली से गल्ला मंडी के व्यापारी का अनाज भरने के लिए आए ट्रक कंडक्टर को ग्वालियर में जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उसे छोड़कर ड्राइवर इछावर आ गया। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए। इसके बाद मंडी व्यापारी और ट्रक ड्राइवर को क्वारेंटाइन कर दिया है। वहीं मंडी परिसर सहित ट्रक को सैनिटाइज किया गया। मंगलवार की रात्रि में एक ट्रक दिल्ली से इछावर आया था। रात को ड्राइवर मंडी में ट्रक कर खड़ा करके सो गया। इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना मिली एक ट्रक जो कि दिल्ली से चला है। वह इछावर मंडी पहुंचा है। इसका क्लीनर कोरोना पॉजिटिव निकला था। इसके बाद एसडीएम प्रगति वर्मा, तहसीलदार राजेंद्र जैन, थाना प्रभारी मनीष राज रात में ही मंडी पहुंचे और ट्रक में सो रहे ड्राइवर से पूछताछ की व उसे जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के क्वारेंटाइन वार्ड में भर्ती किया गया है। वहीं इसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।
जिस व्यापारी के यहां पर ट्रक ड्राइवर माल भरने के लिए आया था उनको भी क्वारेंटाइन कर दिया गया है। वहीं पूरे मंडी प्रांगण व्यापारी के ऑफिस सैनिटाइज किया गया। इस संबंध में एसडीएम प्रगति वर्मा ने बताया कि एहतियात के तौर पर दिल्ली से आए ट्रक ड्राइवर को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। वही मंडी में
सैनिटाइज किया गया है।



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The cleaner running on a truck coming from Delhi to Galla Mandi was found to be Corona positive




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लॉकडाउन में महिलाओं को मिल रहा घर बैठे काम: एसडीएम

देश में कोरोना वायरस के दौरान हुए लॉकडाउन के चलते सब कुछ बंद पड़ा है। ऐसे में महिलाओं को रोजगार देने और देश को कोरोना वायरस से बचाने के लिए जीवन शक्ति योजना की शुरूआत की गई है।
योजना जानकारी देते हुए नगरपालिका में प्रशासक के रूप में प्रभारी एसडीएम अंजू अरुण कुमार ने कहा की योजना से जो शहरी महिलाएं काम न होने की वजह से घर पर खाली बैठी थी वह अब इस दौरान अच्छी आय अर्जित कर पाएंगी। साथ ही इसके जरिए वह कोरोना वायरस से चल रही लड़ाई में भी अपनी भागीदारी दे पाएंगी। योजना में सरकार महिलाओं को मास्क बनाने का काम सौंप रही है। इसके बाद सरकार महिलाओं से 11 रुपए प्रति मास्क खरीद कर जनता तक पहुंचाने का काम करेगी।
सीएमओ नीरज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि आवेदन करने के लिए पात्रता एवं दिशा निर्देश आवेदन करने वाली महिलाएं शहरी क्षेत्र की होनी जरूरी है। आधार कार्ड पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। आवेदक एक महीन में कितने मास्क बनाने की क्षमता रखती है, यह बताना जरूरी होगा। एक बार में कम से कम 200 मास्क के आर्डर को पूरा करना होगा। मास्क बनाने के लिए महिलाओं को सूती कपड़े का इस्तेमाल करना होगा। सरकार तक मास्क पहुंचने के बाद ही रुपए महिला उद्यमियों के खातों में भेजा जाएगा। एक मास्क के लिए सरकार महिला उद्यमियों को 11 रुपए देगी। मध्य प्रदेश जीवन शक्ति योजना के लिए लगने वाले दस्तावेज आवेदक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है। मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी। स्थानीय निवासी होने का प्रमाण पत्र बैंक खाते की पूरी जानकारी देना होगी।
कॉल सेंटर में रजिस्ट्रेशन कराना होगा: इस पूरी योजना को संचालित कर रहे नोडल अधिकारी आदित्य तिलंकर ने बताया कि मास्क बनाने की इच्छुक महिलाओं को उनके टेलीफोन अथवा मोबाइल फोन के माध्यम से कॉल सेंटर नंबर 0755-2700800 पर कॉल कर अपना पंजीयन कराना होगा। पंजीयन के बाद उन्हें मोबाइल पर ही मास्क बनाने का ऑर्डर मिल जाएगा। एक बार में उन्हें कम से कम 200 मास्क बनाने
का आर्डर मिलेगा।



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Women getting home from work in lockdown: SDM




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दानदाताओं और जरूरतमंदों के बीच माध्यम बनी अन्न सेवा समिति

नगर में इन दिनों गरीब परिवारों, जरूरतमंदों के लिए अन्न सेवा समिति गुरुद्वारे पर देवदूत का कार्य कर रही है। नर सेवा ही नारायण सेवा है। इस बात को सर्वोपरि मानकर समिति 70 परिवारों को प्रतिदिन सुबह और शाम भोजन पहुंचा रही है।
वहीं शाम 6 बजे गुरुद्वारे पर अन्न सेवा समिति गुरु नानक देव जी तथा गुरु गोविंद सिंह जी के बैनर तले सदस्यों द्वारा आटा, चावल, दाल, शकर, बिस्किट, नमक, चाय पत्ती के पैकेट वितरण किए जा रहे हैं। जरूरतमंदों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसलिए अन्न सेवा समिति के सदस्यों द्वारा परिवारों के सदस्यों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। आपात स्थिति और जरूरतमंद गरीब असहाय लोग इनको भोजन नहीं मिल रहा है उनके घर जाकर भी अन्न सेवा समिति के सदस्य ताजा और गरम भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे उन्हें मिलने वाली वस्तुएं को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो। दूसरी ओर प्रशासन भी जरूरतमंद लोगों के यहां अन्न सेवा समिति के साथ मदद कर रहा है। नगर से पैदल गुजरने वाले लोगों को भी भोजन का इंतजाम किया जा रहा है।
नगर वासियों का मिल रहा सहयोग अन्न सेवा समिति के सदस्य दिनेश शर्मा और सनी गुरुदत्ता ने बताया कि हमारी समिति 22 मार्च से सेवा कार्य कर रही है। जिसको रविवार को 40 दिन से अधिक हो चुके हैं। नगरवासियों द्वारा और सेवा करने वाले लोगों द्वारा विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है। गुरुद्वारे के ग्रंथी दर्शन सिंह ने बताया कि हमारे धर्म में सेवा कार्य का मार्ग दिखाया गया है। उसी मार्ग पर चलकर हम सेवा कार्य को अंजाम दे रहे हैं। गोविंद सिंह गुरुदत्ता, तेज प्रकाश नेमा, प्रशांत परमार, कमलेश महेश्वरी ने बताया कि देश में इस समय कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है जिसके चलते मानव जाति संकट के दौर से गुजर रही है। संकट की घड़ी में कई लोगों को रोजी रोटी का संकट भी आ गया है। ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमारी अन्न सेवा समिति कर रही है।



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The food service committee became a medium between donors and the needy




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जरूरत पड़ी तो न ठेकेदार काम आया न ही सरकार, अब अजमेर नहीं जाएंगे

अजमेर से ही पैदल चलते हुए आ रहे हैं। रास्ते कई जगह पुलिस वाले मिले और उन्होंने खाना भी खिलाया, लेकिन किसी ने भी वाहन की व्यवस्था नहीं की।साहब कोई व्यवस्था आप ही करवा दो। अजमेर से पैदल ही 450 किमी का सफर तय करते हुए लटेरी रोड पर स्थित मदनखेड़ी चौराहे पर अपने 6 साथियों के साथ पहुंचे मजदूर नरेश ने अपनी पीड़ा बताई। उसके साथ चल रहे सागर सहपुरा गांव में रहने वाले दीपक, करोड़ी, नारायण, महेश, वर्षा और विनिता की भी यही व्यथा थी।
भास्कर ने बताई मजदूरों की व्यथा तो ग्रामीणों ने की लोडिंग की व्यवस्था: मदनखेड़ी चौराहे से 3 किमी और पैदल चलते हुए जब से मजदूर मुरवास गांव में पहुंचे तो यहां ग्रामीणों ने उन्हें चाय और नास्ता करवाया। दैनिक भास्कर ने मजदूरों की व्यवस्था उन्हें सुनाई तो ग्रामीण असगर खान ने उन्हें 20 किमी दूर स्थित सिरोंज तक पहुंचाने के लिए लोडिंग का प्रबंध कर दिया। सिरोंज में मां दुर्गा ब्रह्मचारिणी सेवा समिति ने उन्हें भोजन करवाया।

अपनी 6 साल की बेटी वाणी को गोद में लेकर चल रहे नरेश ने बताया कि हम सब अजमेर में प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन लगा तो वहीं फंस कर रहे गए। फैक्ट्री मालिक ने भी साथ नहीं दिया। डेढ़ महीने से वहीं अपने कमरे में रूके हुए थे। जब रुपए खत्म हो गए और भूखे रहने की नौबत आई तो वहां से वापस निकलने में ही भलाई समझी। 3 मई को अजमेर से 700 किमी दूर सागर के लिए ही पैदल ही निकल गए। रास्ते में कई जगह पुलिस वाले मिले और खाना खिलाया, लेकिन गाड़ी की व्यवस्था किसी ने नहीं की। वर्षा ने बताया कि हमें अजमेर में 9000 रुपए महीना पगार मिलती थी, लेकिन जब जरूरत पड़ी तो वहां पर न ठेकेदार काम आया और न ही सरकार। सागर में अपने घर पहुंच जाएं तो वहीं रह कर मजदूरी करेंगे। अब वापस अजमेर लौट कर नहीं जाएंगे।



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If the need arises neither the contractor nor the government will not go to Ajmer now




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किराया नहीं देने पर घर खाली करने का दबाव बढ़ा तो छोड़ी मुंबई साइकिल से 664 किमी चले, लखनऊ पहुंचने में इतनी ही दूरी बची

लॉकडाउन में काम धंधा बंद हो गया था। किराए के पैसे नहीं होने से मकान मालिक रोजाना घर से खाली करने का दबाव बना रहे थे। खाने पीने की परेशानी के चलते मुंबई छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। ऐसे हालात पुष्पेंद्र सिंह के है, जो मुंबई से अपने घर लखनऊ के लिए साइकिल से 8 अन्य सदस्यों के साथ सफर कर रहा है। पुष्पेंद्र ने बताया कि वे लोग 24 अप्रैल को हम नो लोग मुंबई से रवाना हो गए थे। नासिक तक करीब पौने 200 किलोमीटर पैदल ही सफ़र किया। इसके बाद नासिक से साइकिल खरीद कर भूख-प्यास और रात गुजारने जैसी तकलीफ के बीच यहां तक 664 किलोमीटर लंबा सफर करके पहुंचे हैं। लॉक डाउन के दौरान बड़ा पाव खाकर दिन गुजारे हैं। महाराष्ट्र से इंदौर तक के सफर में कई बार भूखे ही सफर करना पड़ा। कैसे भी करके अपने घर लखनऊ पहुंच जाएं। कितने दिन घर पहुंचने में लगेंगे कह नहीं सकते। हम लोग पिछले कई सालों से मुंबई में रह कर एलमुनियम गलाने का काम करते आ रहे हैं। अभी तक वे जितनी दूरी तक करके आए हैं। अभी उप्र तक उन्हें पहुंचने में उतनी ही दूरी तक करनी पड़ेगी।

कन्नोज तक का सफर पैदल ही तय कर रहे
महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के कन्नौज के लिए रवाना हो रहे मजदूर इस लंबे सफर में करीब 200 किलोमीटर तक जहां इनको पैदल चलना पड़ा, वहीं रास्ते में कहीं ट्रक तो कहीं लोडिंग वाहन की मदद से सफर कर यह लोग विदिशा तक पहुंचे। राहुल कुशवाह ने बताया कि अन्य साथियों को आर्थिक तंगी की वजह से खाने की समस्या से परेशान होना पड़ा।



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If the pressure to vacate the house increased due to non-payment of rent, then left Mumbai for 664 km by bicycle, remaining the same distance to reach Lucknow.




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आपस में हुआ विवाद तो बेटा मालगाड़ी के सामने आया, उसे रोकने दौड़ा पिता, टकराने से दोनों की मौत

एक तरफ जहां कोराेना जिंदगियां छीन रहा है तो वहीं उससे बचने के लिए लगाया गया लॉकडाउन ने भी लोगों को बेराजगार कर दिया है। ट्रेन में चने बेचकर गुजारा करने वाला मंगल राजपूत बेराेजगारी में दिन काट रहा था। घर में इतने रुपए भी नहीं बचे थे कि सरकारी राशन खरीद सके। ऐसे में गुरुवार की सुबह आर्थिक संकट झेल रहे पिता-पुत्र के बीच विवाद हुआ। इसके बाद बेटे को रेलवे लाइन पर आती मालगाड़ी के सामने दौड़ गया। जब पिता ने उसे बचाने का प्रयास किया तो दोनों मालगाड़ी से टकरा गए। बेटे की मौके पर मौत हो गई। जबकि पिता ने शासकीय अस्पताल में दम तोड़ दिया।
जीआरपी चौकी प्रभारी पीजी दंडौतिया ने बताया घटना सुबह दस बजे मालगोदाम के सामने उस समय हुई। जब डाउन ट्रैक पर भोपाल की ओर से मालगाड़ी आ रही थी। तभी 20 वर्षीय राजा ठाकुर उर्फ छोटू दौड़ता हुआ आया। मालगोदाम का प्लेटफार्म पर कराता डाउन ट्रेक पर आ रही मालगाड़ी के आगे दौड़ने लगा। पीछे दौड़ता आ रहा। 50 वर्षीय पिता मंगल राजपूत बेटे का पकड़ने की कोशिश में दौड़ा। इससे उसे बचाया जा सके। लेकिन दोनों मालगाड़ी की चपेट में आ गए। इससे बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। पिता गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे पुलिस लोगों की सहायता से उठाकर तत्काल शासकीय जन चिकित्सालय ले गई। उसने वहां दम तोड़ दिया।



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Dispute among themselves, son came in front of goods train, father ran to stop him, both died due to collision




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नलजल योजना, संपवेल कुआं और पानी की दो टंकियां होने के बाद भी आधा गांव प्यासा

जिले का सबसे बड़ा गांव आनंदपुर इस भीषण गर्मी में जलसंकट की समस्या से जूझ रहा है। यहां पर लोगों को दाे-दाे किलोमीटर दूर से सिर पर पानी ढोना पड़ रहा है। कोई साइकिल से तो कोई मोटरसाइकिल से पानी की व्यवस्था करते हुए नजर आ रहे हैं। लोगों को यहां पर रात्रि जागरण भी करना पड़ रहा है। पानी के लिए दो-दो तीन-तीन बजे रात तक शिव मंदिर के पास लोगों की लाइन लगी रहती है। ग्रामीणों में बहुत ही आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। यहां के लोगों को तो कभी शाहपुर अाैर बिरला मंदिर के हैंडपंप से पानी लाने को मजबूर हैं। महिलाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चों को पानी ढाेना पड़ रहा है। बच्चे तक अपने घरवालों की मदद करते नजर आ रहे हैं। और छोटे-छोटे ड्रम अपनी साइकिलों पर टांगकर पानी भरने के लिए मजबूर हैं।
20 वार्ड, 2 टंकी, 16-18 लाइन
ग्राम पंचायत आनंदपुर में 20 वार्ड हैं, जिनमें लगभग 5000 के आसपास आबादी है। ग्राम पंचायत के अनुसार 16 पाइपलाइन डल चुकी हैं। पानी के लिए दो टंकियां बनी हैं, जिसमें एक 25-30 साल पुरानी है, वह भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो रही है, पानी का रिसाव होता है। नई टंकी जो 3 वर्ष पहले बनकर तैयार हुई है, उसकी पहले ही टेस्टिंग में फेल हो चुकी है। लेकिन जिम्मेदार इस भीषण समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सबसे ज्यादा विधायक मोहल्ला और इंदिरा आवास कॉलोनी प्रभावित
सबसे अधिक पानी की किल्लत विधायक मोहल्ला और इंदिरा आवास कॉलोनी वार्ड नंबर 1 में है। यह वह मोहल्ले हैं जहां पर सबसे अधिक दलित अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं। इंदिरा कॉलोनी में 5-6 दिन के बीच एक बार नल आते हैं। विधायक मोहल्ला में भी यही स्थिति है। वार्ड नंबर 8 में तो 10-15 घर ऐसे हैं जहां पाइपलाइन तक नहीं डाली गई। इस मोहल्ले की निवासी राधाबाई विश्वकर्मा ने बताया कि सरपंच पति से बार-बार बोलते हैं लेकिन वे आजकल की कहकर टाल देते हैं। 5 साल के अपने सरपंची कार्यकाल में अभी तक हमारे मोहल्ले में पानी नहीं पहुंचा। हम इधर उधर दूसरों के नल से पानी भरते हैं। कभी-कभी तो रात को 10-11 बजे दूसरों के आश्रित पानी के लिए खड़े रहना पड़ता है। यहां के निवासियों को भीषण गर्मी में कुएं से पानी लाना भी पड़ रहा है। स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है अब कुआं भी जवाब दे रहे हैं और पानी नीचे जा चुका है, दूषित हाेने के कारण पानी पीकर उल्टी-दस्त हाेने की आशंका रहती है।

ग्रामीणाें द्वारा खाेदने के बावजूद पाइपलाइन काे सही नहीं करा सके जिम्मेदार
इंदिरा आवास कॉलोनी के निवासियों ने बताया की 2 मई को हम ने आवेदन दिया था। जिस पर सरपंच पति द्वारा बोला गया कि आप अपनी लाइन खोद लें तो मैं पाइपलाइन को सही करवा दूंगा। लेकिन 5 दिन बीत जाने के पश्चात भी अभी तक हमारी पाइपलाइन सही नहीं की गई। जो पाइपलाइन कहीं-कहीं माेहल्ला वासियाें ने खोदी है, उसमें हमारे बच्चे गिर जाते हैं। आवेदन में ग्रामीणजनों ने पानी की पाइप लाइन को जल्द से जल्द ठीक करने को कहा था, लेकिन अभी तक पाईप लाइन को ठीक नहीं किया गया। माेहल्ला के भारत सिंह रघुवंशी ने बताया कि अब हम सभी माेहल्लावासी पानी की भीषण समस्या से कलेक्टर को अवगत कराने के साथ ही चक्काजाम व हड़ताल करने को मजबूर हो जाएंगे।



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Half of the village thirsted even after having the tap water scheme, Sampvel well and two water tanks




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अब तक 80 हजार मजदूर मध्य प्रदेश लाए गए, शिवराज की अपील- श्रमिक भाई-बहन पैदल चलकर घर के लिए न निकलें

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के बाहर फंसे श्रमिकों से अपील करते हुए गुरुवार को कहा कि वह पैदल चलकर अपने घर के लिए नहीं निकलें,उनको वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।प्रदेश के हर मजदूर को वापस लाया जाएगा। सीएम ने यह बात ट्रेन हादसे के बाद कही है। औरंगाबाद में रेल की पटरी पर सो रहे मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की शुक्रवार तड़के मालगाड़ी सेकटने से मौत हो गई है।


सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा- श्रमिकों को लानेकीप्रक्रिया लगातार चल रही है। इसमें थोड़ी देर लग सकती है, लेकिन हम सब को वापस लाएंगे।

औरंगाबाद रेल हादसे में मरने वाले मजदूर शहडोल और उमरिया के
औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की मौत हो गई है। इसमें ज्यादातर मजदूर शहडोल और उमरिया जिले के निवासी हैं।

शहडोल जिले के निवासी : धनसिंग गोंड, निरवेश सिंग गोंड, बुद्धराज सिंग गोंड, रविन्द्र सिंग गोंड, सुरेश सिंग कौल, राजबोहरम पारस सिंग, दिपक सिंग, श्रीदयाल सिंग और धर्मेंद्रसिंग गोंड शामिल हैं।
उमरिया जिले के निवासी : अच्छेलाल सिंग, बिगेंद्र सिंग, प्रदीप सिंग गोंड, संतोष नापित, मुनीम सिंग, ब्रिजेश और नेमशाह सिंग शामिल हैं।

मध्य प्रदेश के 80 हजार मजदूरों को वापस लाया जा चुका
मुख्यमंत्री ने कहा-धैर्य रखें और मुझ पर भरोसा रखें। मैं हमेशा आपके साथ था, हूं और रहूंगा। आप जहां हो, वहीं रहें।कृपया, पैदल चल कर न आएं और हमसे जल्द से जल्द संपर्क करें। देश के पंजीकृत श्रमिकों को एसएमएस के द्वारा भी संदेश भेजे जा रहे हैं। अब तक हम करीब80 हजारमजदूरों को वापस ला चुके हैं। हम देश के हर राज्य के अखबारों में विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं।सोशल मीडिया द्वारा उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।प्रदेश के सभी विधायक लगातार उनके सम्पर्क में लगे हुए हैं। चौहान ने कहा कि उनके लिए प्रदेश में एक कॉल सेंटर लगा कर टोल फ्रीनम्बर 0755-2411180 भी जारी किया है।

गुरुवार और आज सुबह ट्रेनों से लाए जा चुके करीब 4600 मजदूर
मध्य प्रदेश सरकार ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-नोएडा के साथ ही शुक्रवार को सुबह औरंगाबाद से 1200 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मजदूरों को बसों से उनके जिलों के लिए रवाना किया जा रहा है। इसके पहले गुरुवार को हैदराबाद से कटनी 997 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन आई, भोपाल में मुंबई के पनवेल से करीब 1200 श्रमिक और दिल्ली से करीब 1200 मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन छतरपुर रात को 8 बजे आई थी।



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औरंगाबाद से 1200 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन रायसेन के ओबेदुल्लागंज स्टेशन पर पहुंचीं। उन्हें यहां से बसों से रवाना किया जा रहा है।