india news आज संक्रमण से 34 की मौत, मरीजों की संख्या 16 हजार के पार; दो दिन की भीड़ देखने के बाद शराब की दुकानें फिर बंद By Published On :: Wed, 06 May 2020 15:35:28 GMT महाराष्ट्र में संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है।बुधवार को संक्रमण से राज्य में34 लोगों की जान गई। इनमें मुंबई में 26, पुणे और अकोला में 3-3 की मौत हुई। इसके अलावा, जलगांव और सोलापुर में एक-एक मरीज की जान गई। मृतकों में 21 पुरुष और 13 महिलाएं हैं। इनमें 18 की उम्र 60 साल से अधिक, 13 की उम्र 40 से 60 साल के बीच और 6 की उम्र 40 साल से कम है। 34 मृतकों में से 27 में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और किडनी जैसी बीमारियां थी। इसे मिलाकर राज्य में संक्रमण से मौत का आंकड़ा 651 तक पहुंच गया।1233 नए मामले आएवहीं, महाराष्ट्र में बुधवार को संक्रमण के 1233 नए मरीज सामने आए। इसे मिलाकर राज्य में कुल मरीजों की संख्या 16,758 तक पहुंच गई है। राज्य में बुधवार शाम तक कुल 1,90,879लोगों की कोरोनाजांच हुई है। इसमें से 1,73,838 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 16,758 पॉजिटिव आई है। वहीं,अब तक कुल 2,819 लोग कोरोना मुक्त हो चुके हैं।बुधवार को मुंबई के गोरेगांव में बॉम्बे एग्जीबिशन सेंटर में ऐसे संक्रमित मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं। उनके लिए एक हॉस्पिटल तैयार किया गया।मुंबई में शराब दुकानें बंद होंगीमुंबई में लगातार दो दिनशराब की दुकानों पर उमड़ी भीड़ को देखते हुए बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने मंगलवार रात बड़ा फैसला लिया। उन्होंंने सभी प्रकार के गैर-जरूरी सामान और शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है। हालांकि, किराना और मेडिकल स्टोर जैसे जरूरी सामान की दुकानेंखोलने की पहले की तरह छूट जारी रहेगी। इससे पहले, दुकानें खोलने को लेकर दो दिन तक भ्रम का माहौल बना रहा।सोमवार को 4 लाख लीटर शराब बिक्री हुईमुंबई के आसपास ठाणे, कल्याण और उल्हासनगर समेत अन्य शहरों में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। मुंबई में कई जगहों पर भीड़ बढ़ने पर पुलिस की मदद लेनी पड़ी। सोमवार को महाराष्ट्र में 4 लाख लीटर शराब बिकी। आम दिनों में करीब 24 लाख लीटर बिक्री होती है।मुंबई में शराब लेने के लिए पहुंचे एक शख्स को पुलिसवाले ने समझाइश दी। यहां दुकानों पर भीड़ की वजह से कई जगह पर पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा है।शराबदुकानदारों ने फैसले का विरोधकियाबीएमसी के शराब दुकान बंद करने के फैसले पर फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरेको पत्र लिखा। इसमें उन्होंनेकहा-हम मुख्यमंत्रीद्वारा गैर जरूरी उत्पादों पर दी गई राहत के बाद अब बीएमसी के ऑर्डर को देखकर हैरान हैं। हमारे एसोसिएशन और सदस्यों ने कभी किसी राहत के लिए नहीं कहा, लेकिन जब सरकार ने इस बात की घोषणा की तो हमने यह सोचकर इसे स्वीकार किया कि इससे इकोनॉमी सुधरेगी। वाइन शॉप को शुरू करने का सरकार का फैसला अच्छा विकल्प था, क्योंकि इससे सरकार को राजस्व मिलता।पी डिमेलो मस्जिद से कल्याण के लिए बस का इंतजार करते कुछ प्रवासी मजदूर। सरकार ने रजिस्ट्रेशन के बाद इन्हें वापस अपने राज्यों तक जाने की मंजूरी दी है।राज्य में पहले यह आदेशथा महाराष्ट्र में अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लाने के लिए गैर-जरूरी सामानों की बिक्री करने वाली पांच दुकानें हर रोड पर खोलने का आदेश दिया गया था। मुंबई में इस संबंधमें फैसलालेने का पूरा अधिकार कमिश्नर के पास है। कई दुकानदार तो गैर-जरूरी सामान बेचने की तैयारी कर रहे थे, इस बीच इन दुकानों को पूरी तरह से बंद करने का फैसला कर दिया गया।धारावी की गंगा बिल्डिंग के लोगों की जांच करने के लिए बीएमसी की स्क्रीनिंग टीम पहुंची। यहां अब तक संक्रमण के600 से ज्यादा मामले सामने आए।हिंगोली में 36 एसआरपीएफ जवान संक्रमितमहाराष्ट्र में राज्य पुलिस बल (एसआरपीएफ) के 36 जवानों के अलावा एक नर्स भी कोरोना से संक्रमित पाई गई। 1 मई के बाद कोरोनासे एक दिन में सर्वाधिक जवान संक्रमित हुए हैं।सोमवार रात 22 जवानों और एक नर्स की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।मुंबई के धारावी इलाके में एक संस्था द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए खाना बांटा गया। इस दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर-दूर बैठकर खाना खाते नजर आए।कोरोना अपडेटमुंबई:धारावी में बुधवार को 68 नए मामले सामने आए हैं। यहां एक मरीज की मौत भीहुई है। इसके बाद इलाके में कुल 773 केस सामने आ चुके हैं और अब तक 21 लोगों की जान जा चुकी है।मीरा भायंदर: महानगरपालिका के उपमहापौर हसमुख गहलोत ने कहा है कि कोरोना के मद्देनजर संपत्ति और जल कर में कटौती पर विचार किया जा रहा है। इस संबंधमें जल्द ही आयुक्त से चर्चा कर विशेष बैठक बुलाने की इजाजत मांगी जाएगी। गहलोत भाजपा के नगरसेवक हैं और महासभा में भाजपा का बहुमत है।भिवंडी: एक सर्वेक्षण में अभी तक 1700 से अधिक हाई रिस्कवाले व्यक्तियों की पहचान की गई है। भिवंडी मनपा इलाके में अभी तक कुल 19 कोरोना संक्रमित मरीज पाए, इनमें दो मरीज ठीक होकर घर भी आ गए हैं। इसके अलावा 293 लोगों को भिवंडी-कल्याण बाईपास पर रांजनोली गांव के टाटा आमंत्रण स्थित सरकारी क्वारैंटाइन में रखा गया है और 55 लोग होम क्वारैंटाइन में हैं।पुणे:11 साल के बच्चे समेत पांच और मरीजों ने कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया। सिर्फ मंगलवार को यहां 79 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2,201 तक पहुंच गया। वारजे-मालवाड़ी इलाके के रहने वाले 11 वर्षीय बच्चे को 3 मई को पॉजिटिव पाए जाने के बाद भर्ती करवाया गया था। कोरोना से मृत होने वाला यह संभवतः सबसे कम उम्र का मरीज है। मुंबई के सीएसटी रेलवे स्टेशन के बाहर सेल्फी लेता राजस्थान का रहने वाला एक प्रवासी मजदूर। यहां आम दिनों में भारी भीड़ रहती है।लॉकडाउनमें मिली छूट के बाद मुंबई के वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे पर भारी भीड़ नजर आई। लॉकडाउन फेज-3 में सरकार ने कई छूट दी हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सोमवार और मंगलवार को मुंबई की ज्यादातर दुकानों पर इसी तरह की भीड़ शराब खरीदने पहुंची थी, जिसके बाद कई जगह लाठीचार्ज भी करना पड़ा। Full Article
india news कुर्ला पुलिस स्टेशन में दो और पुलिस कांस्टेबल कोरोना से संक्रमित By Published On :: Wed, 06 May 2020 15:49:00 GMT पूर्वी मुंबई के कुर्ला में दो पुलिस कांस्टेबल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को कुर्ला पुलिस थाने के इन कांस्टेबलों की जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई और उन दोनों को पृथक-वास में रखा गया है।उन्होंने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों की उम्र 40-50 वर्ष के करीब है और उनमें से एक ऐरोली में रहता है, जबकि दूसरा नेहरू नगर की पुलिस कॉलोनी में रहता है। पुलिस विभाग में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए एक कांस्टेबल ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'हम अपने परिवारों के बारे में चिंतित हैं। कौन जानता है कि कितने लोग संक्रमित पुलिसकर्मियों के संपर्क में आए थे? कई कर्मियों की उम्र 50 से ऊपर हैं और वे अभी भी काम कर रहे हैं।'इस बीच कुर्ला पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक दत्तात्रय शिंदे ने कहा, 'यह सच है कि 50 साल से अधिक उम्र के पुलिसकर्मी अभी भी काम कर रहे हैं, लेकिन हमने 55 साल से अधिक की उम्र वाले पुलिसकर्मियों को छुट्टी दे दी है।' उन्होंने कहा कि बीएमसी कुर्ला पुलिस थाने में अन्य कर्मचारियों की जांच करने का फैसला करेगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today बीएमसी कुर्ला पुलिस थाने में अन्य कर्मचारियों की जांच करने का फैसला करेगी। Full Article
india news ट्रेनों और बसों के शुरू होने के बावजूद नहीं रुका मजदूरों का पलायन, मजदूरों ने कहा-घर नहीं गए तो जिंदा नहीं रह पाएंगे By Published On :: Thu, 07 May 2020 11:13:32 GMT सरकार द्वारा स्पेशल ट्रेनों और बसों के शुरू होने के बावजूद प्रवासी मजदूरों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 43 दिनों के इस लॉकडाउन में इनके रोजगार छिन चुके हैं। सारी जमा-पूंजी खत्म हो गई है और शहर में कमाई के सभी अवसर खत्म हो चुके हैं। मजदूरों में ज्यादातर का कहना है कि अगर वे अपने घर नहीं जाएंगे तो वे यहां जीवित नहीं रह पाएंगे। जिसके चलते मुंबई और आस-पास के सैकड़ों प्रवासी मजदूर अपने पैतृक गांवों की ओर सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर पैदल और साइकिल से ही निकल पड़े हैं।अपने 11 महीने के बेटे को साथ ले जाते हुए प्रीति ने पूछने पर कहा, "हमारे पास क्या विकल्प है? हमारे पास खाना खरीदने के लिए कोई पैसा नहीं है। इस लॉकडाउन के दौरान हम कैसे बचेंगे? मैं अपने 11 महीने के बच्चे को क्या खिलाऊंगी?" हमारे पास अपने मूल स्थानों पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जहां हम अपने परिवारों के साथ रह सकते हैं और कुछ समय के लिए जीवित रह सकते हैं।अपने 11 महीने के बेटे को साथ ले जाती हुई प्रीति मुंबई से उत्तर प्रदेश जाने के लिए निकली हैं।कई प्रयास के बावजूद नहीं मिली कोई भी ट्रेनमुंबई-नासिक राजमार्ग पर ज्यादातर मजदूर पैदल थे तो कुछ साइकिल पर। मुंबई में टैक्सी चलाने वाले एक प्रवासी मजदूर ने कहा कि वह टैक्सी में रहता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद से उसके पास न तो कोई आदमनी का साधन है और न ही रहने के लिए कोई जगह। उसने कहा कि मेरे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। अगर मैं अपने मूल स्थान पर नहीं जाता हूं। मैं यहां भूखा रहूंगा। हमने ट्रेन की यात्रा के लिए अपने मूल स्थान पर आवेदन करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस का कहना है कि कोई ट्रेन नहीं है। इसलिए 20 दिन की पैदल यात्रा करने का फैसला किया।हर दिन काम करके रहते हैं जिंदाबढ़ई का काम करने वाले एक अन्य प्रवासी मजदूर ने कहा,"हम हर दिन काम करके जीवित रहते हैं। हमें बिना पैसे या भोजन के छोड़ दिया गया है। शहर में जीवित रहने के लिए कठिन हो रहा है। मेरे पिता और मैं अपने गांव जा रहे हैं, जहां मेरी मां हमारी प्रतीक्षा कर रही है।" प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वे चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए शाम, रात और सुबह के समय चलते हैं और दिन के दौरान शरण लेते हैं। कुछ एनजीओ इन प्रवासियों की मदद कर रहे हैं।कुछ एनजीओ कर रही हैं मददडॉक्टरों की एक ऐसी टीम को उन्हें भोजन, दवाइयां आदि की मदद करते हुए देखा गया है। डॉप्रशांत पिंगले ने कहा,"1 मई से, हम यहां इस पलायन को देख रहे हैं। मुंबई, कल्याण और ठाणे शहरों के हजारों प्रवासी अपने मूल स्थानों पर जा रहे हैं। हम एक छोटी सी टीम हैं और हम जितना हो सके, उतनी मदद कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रवासी मजदूर लंबे समय तक भूखे प्यासे चलने के कारण मांसपेशियों में दर्द से पीड़ित होते हैं, जिसके लिए वे उन्हें ओआरएस, दर्द निवारक और कुछ भोजन प्रदान करते हैं। पिछले चार से पांच दिनों में, हमने महिलाओं को अपने छोटे बच्चों और पुरुषों को अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते देखा है। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की है कि वे इन स्थितियों में अपने मूल स्थानों में न जाएं। लेकिन उनका कहना है कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today गुरुवार को मुंबई-नासिक हाईवे पर सैंकड़ों मजदूर अपने पैदल अपने घरों के लिए आगे बढ़ते हुए नजर आए। Full Article
india news 90 साल पुरानी बीसीजी की दवा के कोविड मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी, पुणे में किया जाएगा परीक्षण By Published On :: Thu, 07 May 2020 12:00:08 GMT देश में कोरोना संकट के बीच एक राहत की उम्मीद नजर आई है। कोरोना के इलाज के लिए 90 साल पुरानी बीसीजी की दवा के क्लीनिकल ट्रायल को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह ट्रायल महाराष्ट्र में पुणे के ससून हॉस्पिटल में किया जाएगा। मुंबई के परेल स्थित हाफकिन इंस्टीट्यूट में इस दवाई पर रिसर्च की जा रही है।फ्रैंच बैक्टीरियालॉजिस्ट अल्बर्ट काल्मेट और कैमिल गुरीन को इस वैक्सीन को बनाने में 1908 से 1921 के बीच 13 साल का वक्त लगा था। अब तक इसका इस्तेमाल टीबी के मरीजों के लिए किया जाता है। नतीजे बेहतर रहे तो कोविड-19 के खिलाफ भी ये वैक्सीन बड़ा हथियार बन सकती है।पुणे के ससून हॉस्पिटल के अलावा बीजे मेडिकल कॉलेज में भी इस दवा का ट्रायल किया जाएगा। हालांकि, डब्लूएचओ ने कहा है कि अभी तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि बीसीजी का टीका कोविड-19 के लिए कारगार है या नहीं। बीजे मेडिकल कॉलेज और ससून जनरल हॉस्पिटल्स के डीन डॉ. मुरलीधर ताम्बे ने कहा, 'वैक्सीन का अगले सप्ताह से कोविड -19 रोगियों परक्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जाएगा।'मध्यम संक्रमित मरीजों पर किया जाएगा ट्रॉयलडॉ. ताम्बे ने आगे बताया कि इसका परीक्षण केवल मध्यम असर वाले रोगियों पर किया जाएगा। गंभीर या हल्के संक्रमण वाले रोगियों को इससे बाहर रखा गया है।ऐसे रोगियों में खांसी, बुखार और जुकाम जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। मध्यम रोगियों पर इसकेक्लिनिकल ट्रायल के पीछे का मकसद यह है कि हम बीमारी की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती होने की अवधि और इलाज के परिणामों की बारीकी से निगरानी कर सकें।हाफकीन के विशेषज्ञों के साथ एक मीटिंग और होगीडॉ. मुरलीधर ताम्बे ने आगे बताया, 'ट्रायल की अनुमति ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने हाफकीन इंस्टिट्यूट को दी थी। इसके बाद हाफकीन के अधिकारियों ने रविवार को बीजे मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और दो मीटिंग के बाद यहां पर इसके ट्रायल को मंजूरी दी गई है। गुरुवार यानी आज हम हाफकीन विशेषज्ञों के साथ एक और चर्चा करेंगे ताकि रोगियों की वास्तविक संख्या तय की जा सके जो परीक्षण में शामिल होंगे।'1899 में स्थापित हुए था हाफकीन इंस्टीट्यूटहाफकीन इंस्टीट्यूट देश के सबसे पुराने बायोमेडिकल रिसर्च संस्थानों में से एक है। यह 1899 में स्थापित किया गया था और इसका नाम वैज्ञानिक (डॉ. वाल्डेमर मोर्दकै हफकाइन) के नाम पर रखा गया था जिन्होंने प्लेग के टीके का आविष्कार किया था। तब से, हाफकीन संस्थान संक्रामक रोगों के विभिन्न पहलुओं के प्रशिक्षण, अनुसंधान और परीक्षण में लगे एक बहु-आयामी संस्थान के रूप में उभरा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today पुणे के दो हॉस्पिटल्स में शुरुआती दौर में इस दवाई का ट्रायल किया जाएगा। अगर असर सकारात्मक रहे तो इसका इस्तेमाल अन्य हॉस्पिटल्स में भी किया जाएगा-फाइल फोटो। Full Article
india news शिवसेना ने कहा-शराब कोरोना संक्रमण को खत्म करने का टीका नहीं है, एक दिन में 43 करोड़ 75 लाख की शराब बिकी By Published On :: Thu, 07 May 2020 12:50:03 GMT शिवसेना ने मुंबई की शराब की दुकानों के बाहर इस हफ्ते भारी भीड़ लगने पर बृहस्पतिवार को नाखुशी जताई और कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि शराब कोरोना वायरस का टीका नहीं है। शिवसेना ने पार्टी के "मुखपत्र" सामना में छपे एक संपादकीय में कहा गया है कि शराब बिक्री के माध्यम से 65 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने के लिए "65,000 कोरोना वायरस संक्रमण मामलों को खरीदना" उचित नहीं है।नियम नहीं पालन करने के कारण बंद कर दी गई दुकानेंसंपादकीय में कहा गया है कि लोगों ने शराब की दुकानों पर जमा होने के दौरान एक दूसरे से दूरी बनाने के नियम का पालन नहीं किया। महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को ऐलान किया था कि कोरोना वायरस के गैर निषिद्ध जोनो में शराब की दुकानों से गली-मोहल्लों की दुकानें खुलेंगी। मगर सोमवार और मंगलवार को शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। मुंबई के नगर निकाय के आयुक्त ने मंगलवार रात एक आदेश जारी करके शहर में शराब की दुकानों समेत सभी गैर जरूरी सामान की दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया।सिर्फ 24 घंटे में दिखा शराब की दुकान खोलने का दुष्प्रभावशिवसेना ने कहा, "शराब की दुकानों के खुलने पर उनकी (लोगों की) खुशी अल्पकालिक थी। प्रशासन को शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश देना पड़ा। अकेले मुंबई में, दो दिनों में शराब बिक्री के माध्यम से 65 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। लेकिन मंगलवार को शहर में कोविड-19 के एक दिन में सबसे ज्यादा 635 मामले आए और करीब 30 लोगों की मौत हुई। "उसने कहा कि शराब की दुकान खोलने के दुष्प्रभाव 24 घंटे में दिख गए।भीड़ बढ़ती देख पुलिस को मुंबई और पुणे में कई जगह लाठीचार्ज भी करना पड़ा था।शराब कोविड-19 का टीका नहीं हैशिवसेना ने आगे कहा, "65 करोड़ रुपये के राजस्व के लिए हम कोरोना वायरस संक्रमण के 65,000 मामले खरीदना वहन नहीं कर सकते हैं... लोगों को समझना चाहिए कि शराब कोविड-19 का टीका नहीं है।" संपादकीय में कहा गया है कि शराब की दुकाने खोलने की वजह से प्रशासन और पुलिस पर अतिरिक्त दबाव आ गया, जहां एक-दूसरे से दूरी बनाने के नियम का पालन नहीं किया गया।महाराष्ट्र में एक दिन में 43 करोड़ 75 लाख की शराब बिकीमहाराष्ट्र में बुधवार को एक दिन में 43 करोड़ 75 लाख रुपए की शराब बिक्री हुई है। आबकारी मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बताया कि मुंबई, उस्मानाबाद और लातूर जिले में शराब बिक्री पर कोविड-19 की वजह से फिलहाल रोक लगी हुई है, परंतु राज्य के अन्य 18 जिलों की 2,967 शराब की दुकानों से पिछले एक दिन में कुल 12.50 लाख लीटर विभिन्न प्रकार की शराब की बिक्री हुई है।गौरतलब है कि महाराष्ट्र में देशी शराब की 4,159, वाईन शॉप की 1,685, बीयर शॉप की 4,947 और सिर्फ वाइन शॉप की 31 लाइसेंसी दुकानें हैं। इन 10, 822 शराब की दुकानों में से 2,967 की दुकानों में सशर्त शराब बिक्री की अनुमति दी गई है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने 3 मई को शराब बिक्री करने संबंधित गाइड लाइन जारी की थी। तब से मंगलवार तक राज्य में 16.10 लाख लीटर यानी करीब 62.55 करोड़ रुपए की शराब बिकी थी। होती है। इस तरह से महाराष्ट्र में पिछले चार दिनों में कुल 106.3 करोड़ रुपए की शराब बिकी है।आम दिनों में राज्य में औसतन रोजाना 24 लाख लीटर है शराब की खपतमहाराष्ट्र के आबकारी विभाग के अनुसार राज्य में रोजना करीब 24 लाख लीटर और सालाना लगभग 86.7 करोड़ लीटर शराब की खपत होती है। इसमें 35 करोड़ लीटर देसी शराब, 20 करोड़ लीटर विदेशी शराब, 31 करोड़ लीटर बीयर और 70 लाख लीटर वाइन का समावेश है।इनपुट: विनोद यादव-- Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मुंबई और पुणे समेत राज्य के कई हिस्सों में शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतार देखने को मिली। Full Article
india news मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ के 55 वर्षीय हेड कांस्टेबल की कोरोनावायरस मौत, राज्य में अब तक 487 पुलिसकर्मी हुए संक्रमित By Published On :: Thu, 07 May 2020 13:19:42 GMT गुरुवार को मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात एक 55 वर्षीय सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई है। कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्हें बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सीमा सुरक्षा बल में दो और केंद्रीय रिजर्व पुलिस में एक अर्धसैनिक बलों के बीच यह चौथी मौत है।राज्य में487 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमितइससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बृहस्पतिवार को कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से राज्य में 487 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था और इसे 17 मई तक बढ़ा दिया गया है।देशमुख ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, "लॉकडाउन के बाद से अब तक 487 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 पर कोविड-19 से संबंधित कॉल्स की संख्या बढ़ी है। मंत्री ने बताया कि इस नंबर पर अब तक 85,309 कॉल्स आई हैं।2.24 लाख लोगों कोक्वारैंटाइन किया गयागृह मंत्री ने यह भी कहा कि आवश्यक सेवा प्रदाताओं और आपात स्थिति में फंसे लोगों को अब तक 3,10,694 से पास जारी किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि राज्य में 2,24,219 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है और 649 लोग क्वारैंटाइन नियम का उल्लंघन करते हुए पाए गए।उन्होंने ट्वीट किया, "राज्य सरकार 4,738 राहत शिविर चला रही है जहां 4,35,030 प्रवासी मजदूरों को भोजन के साथ शरण मुहैया कराई गई। अवैध परिवहन के 1,281 मामले दर्ज किए गए हैं।"उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत 96,231 मामले दर्ज किए हैं जिससे 18,858 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 53,330 वाहनों को जब्त किया गया।देशमुख ने कहा, "कुल मिलाकर उल्लंघनकर्ताओं से 3,56,81,994 रुपये का जुर्माना वसूला गया। पुलिसकर्मियों पर हमले की 189 घटनाएं दर्ज की गई।"महाराष्ट्र में अब तक हुई5 पुलिसवालों की मौतमहाराष्ट्र के सोलापुर जिले में 58 वर्षीय एक सहायक उप निरीक्षक की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हो गई। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि इसके साथ ही राज्य में अब तक पांच पुलिसकर्मियों की मौत इस खतरनाक संक्रमण से हो चुकी है। सहायक उप निरीक्षक सोलापुर के एमआईडीसी पुलिस थाने में तैनात थे और कोरोना वायरस संक्रमित होने की वजह से उन्हें मंगलवार को सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया। अधिकारी ने बताया कि बुधवार को इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई।राज्य पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ पुलिस महानिदेशक समेत महाराष्ट्र पुलिस के सभी रैंक के अधिकारियों ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।’’ पिछले महीने मुंबई पुलिस के तीन कर्मी और पुणे पुलिस के एक कर्मी की मौत कोविड-19 की वजह से हो गई थी। राज्य में अब तक 42 अधिकारियों समेत 456 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।## Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तकरीबन 300 संक्रमित पुलिसकर्मी सिर्फ मुंबई में हैं। सभी का राज्य के अलग-अलग हॉस्पिटल्स में इलाज जारी है। Full Article
india news अपनी ही सरकार पर छगन भुजबल ने उठाया सवाल, कहा-विरोधाभाषी आदेश भ्रम और अफरातफरी पैदा कर रहे By Published On :: Thu, 07 May 2020 14:26:27 GMT राज्य में जारी कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र से मजदूरों के पलायन की तस्वीरें राज्य सरकार के लिए अशोभनीय हैं। यह सब देखकर मन बेचैन है। भुजबल ने स्वीकार किया कि लॉकडाउन के संबंध में प्रशासन के विरोधाभाषी आदेशों के कारण भ्रम पैदा होने के साथ ही राज्य में अफरातफरी का माहौल बन रहा है। भुजबल ने यह बातें एक मराठी चैनल से बातचीत के दौरान कहीं हैं।आपदा प्रबंधन कानून नेछीनीमंत्रियों से शक्तियांछगन भुजबल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण फंसे लोग घर वापस जाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई स्पष्ट आदेश नहीं है। राज्य सरकार की ओर से बार-बार जारी हो रहे विरोधाभाषी आदेशों के चलते भ्रम पैदा होने के साथ ही लोगों में अफरातफरी के हालात पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून के लागू होने के कारण अधिकतर शक्तियां मंत्रियों के बजाय प्रशासनिक अधिकारियों के पास है।सीएमउद्धव ठाकरे ने की सर्वदलीय बैठकदूसरी ओर, शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर एक सर्वदलीय बैठक की। ठाकरे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। उन्होंने राज्य में कोरोना की रोकथाम को लेकर किए जा रहे उपायों पर चर्चा की। सर्वदलीय बैठक में डेप्युटी सीएम और एनसीपी नेता अजीत पवार, पूर्व सीएम देवेंद्र फड़णवीस, कांग्रेस के अशोक चव्हाण, राज ठाकरे और अन्य नेता भी मौजूद थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल एक मराठी चैनल से बात कर रहे थे। Full Article
india news प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के नियम बदले, अब पहले मेडिकल सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं By Published On :: Thu, 07 May 2020 15:33:28 GMT महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने परप्रांतीय मजदूरों का गांव जाने का मार्ग थोड़ा आसान कर दिया है। सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अब पहले से ही मेडिकल सर्टिफिकेट लेने के अपने निर्णय में संशोधन किया है। इसके अनुसार जिन मजदूरों को उनके मूल गांव जाने की अनुमति मिलेगी। उनकी रवानगी से कुछ घंटे पहले अधिकृत सरकारी डॉक्टर से उनकी स्क्रीनिंग होगी।महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजोय मेहता द्वारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि परप्रांतीय मजदूरों को उनके मूल गांव रवाना किया जाना होगा उससे कुछ घंटे पहले डिजिटल थर्मामीटर से स्क्रीनिंग होगी और संबंधित व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं या नहीं इसकी कड़ाई से जांच होगी। यह परीक्षण सरकारी या महानगरपालिका के मेडिकल ऑफिसर या फिर रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के जरिए की जाएगी।मजदूरों को मेडिकल रिपोर्ट के लिए देने पड़ रहे हैं 100 रुपएगौरतलब है कि इससे पहले राज्य सरकार ने रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से कोरोना स्क्रीनिंग सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य किया था। जिसकी वजह से मुंबई, ठाणे, पालघर सहित महाराष्ट्र के अन्य जिलों में फंसे परप्रांतीय मजदूरों को डॉक्टरों के क्लिनिक के बाहर घंटों लंबी लाइन लगानी पड़ रही थी। अधिकांश मजदूरों का लॉकडाउन की वजह से आमदनी का मार्ग बंद हो चुका है। इसके बावजूद उन्हें डॉक्टर का सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए कम से कम 100 रुपए चुकाने पड़ रहे थे।पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह ने दिया था सरकार को सुझावइस बात की जानकारी होने पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार को सुझाव दिया कि परप्रांतीय मजदूरों को उनके मूल गांव रवाना करने से कुछ घंटे पहले मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए। क्योंकि डॉक्टरों मजदूरों को जो सर्टिफिकेट दे रहे हैं। उसकी समय मर्यादा दिन तीन है और यदि तीन दिन के भीतर मजदूर अपने मूल गांव नहीं जाता है, तो इस मेडिकल सर्टिफिकेट की वैधता भी समाप्त हो जाती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मुंबई के धारावी जैसे इलाकों में हर दिन मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लोगों को लगना पड़ रहा है। Full Article
india news कोरोना से जान गंवाने वालों का शव मरीजों के साथ रखा, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री बोले- रिश्तेदार बॉडी ले जाने से हिचकिचाते हैं By Published On :: Thu, 07 May 2020 15:33:51 GMT यहां के सायन अस्पताल में कोरोना केमरीजों के मामले मेंएक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां के इमरजेंसी वॉर्ड में मरीजों के पास संक्रमण मारे गए लोगों के शव भी रखे जा रहे थे। मरीज और उनके परिजन ने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत भी की, लेकिन इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब वीडियो वायरल हो गया। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने राजेश टोपे नेकहा- मृतकों के परिजन 30 मिनट के भीतर बॉडी ले जाते हैं। लेकिन, कई बार वे हिचकिचाते हैं। इसके बाद शव मॉर्चुरी में भेज दिया जाता है। सभी प्रोसीजर पूरे करने में वक्त मिलता है।राजेश टोपे ने कहा कि अब हमने आदेश दिया है कि बॉडी को 30 मिनट के भीतर हटा दिया जाए। इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। प्रोटोकॉल के तहत बॉडी को काली पॉलिथिन में लपेटा जाता है ताकि संक्रमण ना फैले।वॉर्ड में 10 शव रखे थेवायरल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के वॉर्ड में कई मरीज बेड पर लेटे हैं। मरीजों के बीच में काले प्लास्टिक के बैगोंमें कोरोना से जान गंवाने वाले लोगोंकेशव भी बेडपर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ कोकंबल से ढका गया है। बताया जा रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीचऐसे 19 शव रखे गए थे।हॉस्पिटल ने दी सफाईअस्पताल के डीन डॉ. प्रमोद इंगले ने वायरल वीडियो की पुष्टि की है। डॉक्टर इंगले के मुताबिक, अस्पताल में स्टाफ की कमी है। उधर, रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसलिए इन्हें वार्ड में रखा गया। मॉर्चुरी में जो 15 शेल्फ हैं, उनमें से 11 भरे हुए हैं।मुंबई का सायन हॉस्पिटल। धारावी के मरीजों की कोरोना जांच यहीं होती है।रिपोर्ट आने तक पड़े रहते हैं शव एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच सायन अस्पताल में ही होती है। धारावी के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ताजाआंकड़ों के मुताबिक, धारावी मेंकोरोना के मरीजों की संख्या 700 के पार जा चुकी है। धारावी के लिए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्सऔर साईं अस्पताल को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। सायन अस्पताल मेंटेस्ट होने के लगभग 15-20 घंटे में रिपोर्ट आती है। यहां के इमरजेंसी वॉर्ड में 20 बेड हैं। जहां कोविड और नॉन कोविड दोनों तरह के मरीज रखे गए हैं। ऐसे में अगर इमरजेंसी वार्डमें किसी मरीज की मौत हो जाए तो उसकी लाश कोविड टेस्ट की रिपोर्ट आने तक वहीं पड़ी रहती है। उसके आसपास के पलंग पर मरीजों को लेटने को कहा जाता है।नीतेश राणे का ट्वीटभाजपानेता नीतेशराणे ने भी वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘सायन अस्पताल में शवों के बीच मरीज भी सो रहे हैं। यहशर्मनाक है।'##कम्युनिटी वर्कर मतिउर्रहमान बताते हैं कि जिस रोजवे अपने अंकल तालिब शेख को सायन अस्पताल लेकर गए थे तो एक शव रात से वॉर्ड में रखा हुआ था। दूसरी मौत सुबह 10 बजे हुई थी। वह शव भी शाम 5 बजे तक वहीं रखा हुआ था। आसपास दूसरे मरीज थे। लेकिन जिसकी मौत होती है, उसकी कोविड की रिपोर्ट आए बिना कोई शव को हाथ भी नहीं लगाता है। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तोऐसे ही उसकी बॉडी परिवार वालों को दे दी जाती है। लेकिन रिपोर्ट आने तक शव वहीं रखा रहता है।पूर्व सीएम ने की कड़ी कार्रवाई की मांगइस घटना पर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा,'सायन हॉस्पिटल में हुई यह घटना बेहद गंभीर है। शव के बगल में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज जारी रखना एक गंभीर बात है।सवाल यह है कि क्या मुंबईकरों का कोई रखवाला नहीं बचा?सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो।'सायन अस्पताल में केवल कोरोना की जांच होती है। जांच में अगर कोई पॉजिटिवपाया जाता है तो उसे इलाज के लिए कस्तूरबा अस्पताल भेज दिया जाता है। लेकिन जिस तरह से धारावी में मामले बढ़ रहे हैं अस्पताल के लिए उन्हें संभालना बेहद मुश्किल हो रहा है। धारावी में सोशल वर्क से जुड़े फहाद अहमद बताते हैं कि जो आंकड़ा धारावी का बताया जा रहा है वह सिर्फ दस फीसदी है। वहां ऐसे कई लोग हैं जो कोरोना केमरीज हैं लेकिन अस्पताल नहीं जा रहे हैं। टेस्ट नहीं करवा रहे हैं।वहीं, धारावी के नगर पार्षदबाबू खान का कहना है कि कोरोना के मरीजों की लाशें जिंदा लोगों के साथ रखी गई हैं। शुरू में तो ऐसे ही बिना कपड़े के बॉडी पड़ी रहती थी, लोग डर के मारे दुबके अपने-अपने बेड पर पड़े रहते थे, अब बस इतना हुआ है कि उसे लपेट दिया जाता है। खबर चाहे अब आ रही हो लेकिन यहां ऐसा शुरू से ही हो रहा है।इनपुट-अशीष राय Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर मुंबई के सायन अस्पताल की है। यहां वॉर्ड में शवों को काले रंग के प्लास्टिक से रैप कर चादरों से ढंक दिया गया है। इसी का वीडियो वायरल हुआ है। Full Article
india news जिस जेल में बंद था आतंकी कसाब, उस जेल के 72 कैदियों और 7 जेल स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि हुई By Published On :: Thu, 07 May 2020 16:09:26 GMT देश के सबसे सुरक्षित माने जाने ऑर्थर रोड जेल में बंद 72 कैदियों और 7 जेल स्टाफ में कोरोना की पुष्टि हुई है। इन सभी को मुंबई के जी.टी हॉस्पिटल और सेंट जार्ज हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। राज्य का यह पहला मामला है जब किसी जेल में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। आर्थर रोड जेल की सुरक्षा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके अंडा सेल में 26/11 आतंकी हमले में पकड़ा गया अजमल कसाब को भी रखा गया था। जानाकारी के मुताबिक, संक्रमण की पुष्टि सबसे पहले 50 साल के एक विचाराधीन कैदी में हुई। जिसके बाद उसके कांटेक्ट में आए अन्य कैदियों की कोरोना जांच करवाई गई और गुरुवार दोपहर तक 72 कैदियों में इसकी पुष्टि हुई है।150 लोगों का हुआ कोरोना टेस्टबॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले दिनों ही महाराष्ट्र सरकार से यह पूछा था कि क्या जेल के अंदर कोई ऐसा कैदी है जो कोरोना वायरस से संक्रमित है। ऐसे में जेल में कोरोना से संक्रमित कैदी के मिलने के बाद जेल प्रशासन सतर्क हो गया है. एहतियात के तौर पर जेल प्रशासन ने 150 से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट करवाया, जिसमें कैदी और जेल के अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं।अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई चर्चित चेहरे इस जेल में हैं बंद800 लोगों की क्षमता वाली जेल में इस समय 2000 से ज्यादा कैदी रह रहे हैं। ऑर्थर रोड जेल में कोरोना का मरीज मिलना इसीलिए भी चिंताजनक ही क्योंकि इस जेल में आम कैदियों के साथ अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई अपराधी भी रहते हैं। इनमें 26/11 आतंकी हमले के सिलसिले में गिरफ्तार अबू जिंदाल, हाई प्रोफाइल हेमा उपाध्याय मर्डर केस का आरोपी चिंतन उपाध्याय, छोटा राजन का शार्प शूटर सतीश कालिया भी इस जेल में बंद हैं।महाराष्ट्र की पांच जेलों में भी है लॉकडाउनइससे पहले 9 अप्रैल को कैदियों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मुंबई, पुणे और ठाणे जिलों के पांच केंद्रीय कारागारों को लॉकडाउन करने का आदेश जारी किया गया था। आदेश के मुताबिक किसी नए कैदी को यहां नहीं लाया जाएगा और किसी को बाहर भी नहीं जाने दिया जाएगा। यहां तक कि जेल के कर्मी भी यहां से बाहर नहीं जाएंगे। यह आदेश मुंबई की आर्थर रोड जेल तथा भायखला जेल, ठाणे और कल्याण की जेल और पुणे की यरवडा जेल के लिए था।ऐसी है मुंबई की आर्थर रोड जेल आर्थर रोड जेल का निमार्ण सन् 1926 में किया गया था। यह शहर की सबसे पुरानी और बड़े जेल है। 1994 में इसे अपग्रेड कर केंद्रीय जेल बनाया गया। हालांकि आज भी इसे आर्थर रोड जेल के नाम से ही जाना जाता है। यह करीब 2 एकड़ जमीन में फैली है। शुरुआत में इस जेल को 800 कैदियों के हिसाब से बनाया गया था। बाद में इसकी क्षमता बढ़ी। इसमें भी बैरक नंबर-12 दोनों ही तरफ से बहुत सुरक्षित है और इसे स्टील स्ट्रक्चर लगाकर और अभेद बनायागया है। ग्राउंड लेवल से बीस फीट ऊंचाई पर स्थापित इस जेल में तीन तरफ से हवा और रोशनी आती है और हर तरह से सुरक्षा व्यवस्था चौकस है। इसे जेल के महज 3 से 4 किमी के दायरे में 6 बड़े अस्पताल हैं।जेल की सबसे सुरक्षित है अंडा सेल छगन भुजबल जब गृहमंत्री थे, तब उन्होंने आर्थर रोड जेल में अंडा सेल बनवाया था। उसी अंडा सेल में गिरफ्तारी के बाद उन्हें भी रखा गया। आर्थर रोड जेल में अंडा सेल को सबसे सुरक्षित माना जाता है। इस सेल का आकार अंडे की तरह है, इसलिए इसे अंडा सेल कहा जाता है। कसाब को इसी सेल में रखा गया था। अंडा सेल पूरी तरह से बॉम्बप्रूफ है। इसमें एक बुलेटप्रूफ सुरंग भी है जो सीधे स्पेशल कोर्ट तक जाती है। इसके अंदर 9 कमरे हैं। सभी आकार में छोटे हैं। खास बात ये है कि यहां बिजली नहीं दी जाती। कैदी को अंधेरे में ही रखा जाता है। अंडा सेल के चारों तरफ इलेक्ट्रिक फेंसिंग है। इसमें अंदर चौबीसों घंटे गार्ड तैनात रहते हैं। अंडा सेल में गैंगस्टर डीके राव, सतीश कालिया, अबू सावंत, अबू जिंदाल को भी रखा जा चुका है।हाईप्रोफाइल कैदियों को रखा जाता है यहां हाईप्रोफाइल कैदियों को या तो पुणे की यरवडा जेल या फिर मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा जाता है। 26/11 को अंजाम देने वाले आतंकी अजमल कसाब को भी आर्थर रोड जेल में रखा गया था। इसकी सेल बॉम्बप्रूफ और बुलेटप्रूफ थी। कसाब के बाद इस सेल में अभी 26/11 में ही केस का सामान कर रहे कथित आतंकी जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल को रखा गया है। दाऊद इब्राहिम का भाई इकबाल कासकर, मुस्तफा दोसा, यासीन भटकल, शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी और इंद्राणी मुखर्जी के पति पीटर मुखर्जी, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम रहे छगन भुजबल, उनका भतीजा समीर भुजबल और अभिनेतासंजय दत्त भी रह चुके हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today आर्थर रोड जेल में अबू जिंदाल समेत कई बड़े अपराधी बंद हैं। जेल में कोरोना के मरीज मिलना जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय हैं। Full Article
india news राज्य में संक्रमितों की संख्या 18 हजार पार, 24 घंटे में 43 की मौत; मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में 77 कैदी कोरोना पॉजिटिव मिले By Published On :: Fri, 08 May 2020 05:49:43 GMT महाराष्ट्र में आज कोरोना संक्रमितों की संख्या 18 हजार के पार पहुंच गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि गुरुवार को 1,362 नए मामले आए हैं। अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 18 हजार 120 हो गई है। राज्य में अब तक 651 लोगों की जान कोरोना के चलते गई है। वहीं, मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में 77 कैदी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। जेल के 26 कर्मचारी भी संक्रमित हैं। कुल 144 लोगों का टेस्ट किया गया था।इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने शाम को सर्वदलीय बैठक की। इसमें राज्य में कोरोना से लड़ने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई और उपायों पर चर्चा भी की गई।मुंबई में 24 घंटे में 680 नए संक्रमित, 25 की मौतमुंबई में 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव 680 नए केस मिले, जबकि 25 मरीजों की मौत हुई। मुंबई में अब तक कुल संक्रमित 11394 और 437 मौत हो चुकी हैं। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 1216 पॉजिटिव केस मिले। पिछले 24 घंटे में 43 मरीजों की मौत हुई। महाराष्ट्र में अब तक कुल कोरोना मरीज 17974 और 694 मरीजों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 24 पुरुष और 19 महिलाएं शामिल हैं। 29 मरीजों में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और किडनी की परेशानी थी।मजदूरों की घर वापसी पर मंत्री ने उठाए सवालस्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों पर लौटना चाहते हैं, उन्हें अब मेडिकल सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। उनकी सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के क्लीनिक के बाहर बड़ी कतार से बचने के लिए यह फैसला लिया गया है।राज्य कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है। भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र से मजदूरों के पलायन की तस्वीरें राज्य सरकार के लिए अशोभनीय हैं। लॉकडाउन के संबंध में प्रशासन के विरोधाभासी आदेशों के कारण अफरा-तफरी का माहौल है।दादर के स्लम इलाके में सरकार की तरफ से जरूरी सामान बांटा गया।पश्चिम रेलवे को 716 करोड़ रुपए का नुकसानलॉकडाउन में ट्रेनेंबंद होने से पश्चिम रेलवे को अब तक लगभग 716 करोड़ रुपए का नुकसानहुआ है। इसमें लंबी दूरी और मुंबई लोकल दोनों के नुकसान का आंकड़ा शामिल है।पश्चिम रेलवे को करीब 237 करोड़ रुपए रिफंड करने हैं। अकेले मुंबई डिवीजन से115 करोड़ रुपए का रिफंड किया जाएगा। पश्चिम रेलवे में अब तक 37.18 लाख यात्रियों के टिकट रद्द हुए हैं।धारावी में लॉकडाउन के बीच बुधवार को यहां के बाजार में भीड़ नजर आई। यहां अब तक 700 से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं।धारावी में 700 से ज्यादा कोरोना संक्रमित, अब तक 21 की मौत एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में बुधवार को कोरोना मरीजों का आंकड़ा 700 को पार कर गया। 6 मई को धारावी में कोरोना के 68 नए केस पाए गए। इस तरह यहां कोरोना मरीजों की संख्या 733 तक पहुंच गई। जबकि एक व्यक्ति की मौत होने सेयहां कोरोना से मरने वालोंकी संख्या 21 हो गई।बीएमसीके स्वास्थ्यकर्मी गुरुवार को नायक नगर इलाके मेंजांच के लिए पहुंचे। यहां छह दिनों से लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही।कल्याण-डोंबिवली, अंबरनाथ से मुंबई जा सकेंगे लोगकल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर महानगरपालिका ने रोजानामुंबई जाकर काम करने वाले लोगों केशाम कोवापस आने पर रोक लगाने का फैसला रद्द कर दिया है। यह आदेश 8 मई से लागू होनाथा। फैसले पर विवाद खड़ा होने परमनपा अधिकारियों ने कहा है कि मुंबई में काम करने वाले लोगों के रहने की वहां अभीव्यवस्था नहीं हो पाई है। इस कारण से आदेश कोफिलहाल वापस लिया जाता है।मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के सेवरी मडफ्लैट्स पर फ्लेमिंगो पक्षी बड़ी संख्या में देखे जा रहे हैं। आमतौर पर इन दिनों मेंं इनकी संख्या यहां कम ही नजर आती है।ऑनलाइन देख सकेंगे चिड़ियाघरमुंबई में लॉकडाउन के बीच भायखला स्थित वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान (रानीबाग) ने एक बड़ी पहल की है। अब आप यहां रहने वाले जानवरों, पक्षियों और प्रकृति का घर बैठे आनंद ले सकते हैं। इसके लिए प्राणी उद्यान प्रशासन अपना यूट्यूब चैनल और ट्विटर लिंक जारी करेगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मुंबई के धारावी में एक क्लीनिक के बाहर प्रवासी मजदूरों की भीड़। ये सभी फिटनेस सर्टिफिकेट लेने यहां आए थे। Full Article
india news शराब तस्करी रोकने के लिए अन्य राज्यों से लगी महाराष्ट्र की सभी सीमाएं सील, अब तक पकड़ी गई 12.63 करोड़ की शराब By Published On :: Fri, 08 May 2020 07:38:36 GMT लॉकडाउन के दौरान पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी रोकने की कवायद में महाराष्ट्र ने उनके साथ अपनी सीमाओं को सील कर दिया है और 12 जांच चौकियों परकर्मियों को तैनात किया है। आबकारी विभाग ने यह कदम कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाई पाबंदियों में ढील के बाद उठाया है, जिसमें शराब की दुकानों को फिर से खोलना शामिल है।एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि महाराष्ट्र में शराब की मांग बढ़ने पर राज्यों में संगठित गिरोहों द्वारा शराब की तस्करी की आशंका है। उन्होंने कहा,इस देखते हुए आबकारी विभाग ने पड़ोसी राज्यों के साथ लगती सीमाओं पर स्थित जिलों में उड़न दस्तों और सतर्कता टीमों को तैनात किया है।12 चौकियों पर बढ़ाई गई चौकसीउन्होंने कहा, "इस अवधि के दौरान तस्करी से बचने के लिए हमने 12 जांच चौकियों पर चौकसी बढ़ा दी है और आसपास के राज्यों के साथ सीमाओं को सील कर दिया है।" अधिकारी ने बताया कि इससे शराब की तस्करी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक शराब की अवैध आपूर्ति के कम से कम 4,829 मामले दर्ज किए गए और 438 वाहनों को जब्त किया गया। इसके अलावा ऐसे मामलों में कम से कम 2,104 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।बंद के बाद से अब तक 12.63 करोड़ की शराब जब्तबंद के बाद से 12.63 करोड़ रुपएकी शराब तथा अन्य सामग्री जब्त की गई है। अधिकारी ने बताया कि आबकारी विभाग ने एक नियंत्रण कक्ष बनाया है, जहां लोग शराब के अवैध निर्माण या बिक्री के संबंध में सूचना मुहैया करा सकते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र से दूसरे राज्यों तक जाने के लिए 12 जांच चौकियां बनाई गई हैं। इन सभी को सील कर दिया गया है। Full Article
india news मध्य प्रदेश लौटने के लिए निकले 16 मजदूरों की औरंगाबाद के पास मालगाड़ी से कटकर मौत, 40 किमी पैदल चलने के बाद थककर पटरी पर सो गए थे By Published On :: Fri, 08 May 2020 10:04:27 GMT महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पासरेलवे ट्रैक पर 16प्रवासी मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई।सभी मजदूरमध्य प्रदेश जा रहे थे। हादसा औरंगाबाद में करमाड स्टेशन के पास हुआ। घटना उस वक्त हुई, जब मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। 4 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। मध्य प्रदेशऔर महाराष्ट्र सरकार नेमृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. की सहायता देने का ऐलान किया है।मजदूरों को पता भी नहीं चला और उनकी जिंदगी खत्म हो गई।हादसे के बाद स्थानीय लोग मदद के लिए आ गए।रेल मंत्रालय ने बताया कि घटना बदनापुर और करनाड स्टेशन के बीच की है। यह इलाका रेलवे के परभणी-मनमाड़ सेक्शन में आता है।शुक्रवार तड़के मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। मालगाड़ी के ड्राइवर ने उन्हें देख लिया था, बचाने की कोशिश भी की, पर हादसा हो गया। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।ट्रेन पकड़ने की आस में निकले थे मजदूरमजदूर जालना की एसआरजे स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। औरंगाबाद से गुरुवार को मध्य प्रदेश के कुछ जिलों के लिए ट्रेन रवाना हुई थी। इसी वजह से जालना से ये मजदूर औरंगाबाद के लिए रवाना हुए। रेलवे ट्रैक के बगल में 40 किमी चलने के बाद वे करमाड के करीब थककर पटरी पर ही सो गए। औरंगाबाद ग्रामीण एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया,‘‘हादसे में 14 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में 2 और ने दम तोड़ दिया। एक की हालत गंभीर है। बचे 4 अन्य लोगों से बातचीत की जा रही है।’’ मृतक मध्य प्रदेश के शहडोल और उमरिया के हैं।रेलवे ट्रैक पर तफ्तीश करती पुलिस।मजदूरों का सब बिखर गयासफर लंबा था, मजदूरों ने भूख मिटाने के लिए रोटियां रख लीं, लेकिन शायद खाना नसीब में नहीं लिखा था।रेलवे ट्रैक के पास बिखरा पड़ा मजदूरों का सामान।ट्रैक बिखरी मजदूरों की रोटियां, कपड़े, चप्पलों को इकट्ठा किया गया।मजदूरों का सामान इकट्ठा करता एक पुलिसकर्मी।मोदी ने दुख जतायाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। लिखा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। हरसंभव सहायतामुहैया कराई जाएगी।####शिवराज सिंह का ट्वीट##मृतकों में 10 शहडाेल के1) धन सिंह गोंड (शहडोल)2) निर्वेश सिंह गोंड (शहडोल)3) बुद्धराज सिंह गोंड (शहडोल)4) अच्छेलाल सिंह (उमरिया)5) रबेंन्द्र सिंह गोंड (शहडोल)6) सुरेश सिंह कौल (शहडोल)7) राजबोहरम पारस सिंह (शहडोल)8) धर्मेंद्र सिंह गोंड (शहडोल)9) बिगेंद्र सिंह चैनसिंग (उमरिया)10) प्रदीप सिंह गोंड (उमरिया)11) संतोष नापित12) बृजेश भैयादीन (शहडोल)13) मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, (उमरिया)14) श्रीदयाल सिंह (शहडोल)15) नेमशाह सिंह (उमरिया)16) दीपक सिंह गौड़ (शहडोल)जख्मी: सज्जन सिंह माखन सिंह धुर्वे (खजेरी) Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today हादसा बदनापुर और करमाड के बीच हुआ। मजदूर ट्रेन पकड़ने के लिए औरंगाबाद जा रहे थे। Full Article
india news दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए 10 इंडोनेशियाई नागरिकों को मिली जमानत By Published On :: Fri, 08 May 2020 13:19:00 GMT दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की बात छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 10 इंडोनेशियाई नागरिकों को यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को जमानत दे दी। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मुख्यालय कोरोना वायरस का एक ‘हॉटस्पॉट’ बनकर उभरा था।जमानत पाने वाले लोगों में छह महिलाएं भी शामिल हैं। ये सभी तबलीगी जमात के सदस्य हैं और मार्च में निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। बाद में, यह ग्रुप मुंबई पहुंचा, लेकिन अधिकारियों को यह नहीं बताया कि वे कार्यक्रम में शामिल हुए थे।मुंबई पुलिस ने बाद में इन लोगों का पता लगा लिया और फिर क्वारैंटाइन सेंटर में भेज दिया था, जिसकी अवधि पूरी होने के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उपनगर बांद्रा स्थित अदालत से जमानत न मिलने पर इन लोगों ने सत्र अदालत में जमानत याचिका दायर की। कोरोना वायरस संबंधी जांच में ये सभी लोग संक्रमणमुक्त पाए गए। याचिका के तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।22 दिनों तक छिपते रहे ये लोगये विदेशी नागरिक सात मार्च को मुंबई पहुंचे और 29 मार्च को अपार्टमेंट में रहने लगे। इसका मतलब यह हुआ कि वह 22 दिन तक घूमते रहे। उन्होंने बताया, 'चिकित्सीय जांच में 12 में से दो लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद दस अन्य को 20 दिन के क्वारैंटाइन कक्ष में भेज दिया गया।' उन्हें 23 अप्रैल को अदालत में पेश कर बांद्रा पुलिस ने रिमांड में लिया था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today दिल्ली से वापस लौटने के बाद ये बांद्रा पश्चिम में एक अपार्टमेंट में रह रहे थे-फाइल फोटो Full Article
india news मराठी एक्टर के साथ हुई अरुण गवली की बेटी की शादी, पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन भी मास्क लगाकर आशीर्वाद देने पहुंचा By Published On :: Fri, 08 May 2020 13:21:46 GMT लॉकडाउन के बीच पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली उर्फ 'डैडी'की बेटी योगिता की शादी शुक्रवार को मराठी एक्टरअक्षय वाघमारे के साथ हुई। मुंबई की दगड़ीचॉल मेंसादगी से हुईइस शादी में अरुण गवली के अलावा दोनों परिवार के पांच-पांच लोग शामिलहुए। कोरोना संकट को देखते हुए दूल्हा-दुल्हन के साथगवली ने भी मास्क पहना हुआ था। पहले 29 मार्च को यह शादी मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में होने वाली थी।परिवार को पुणे से मुंबई जाने की अनुमति मिली थीमराठी फिल्मों के अभिनेता दादा कोंणके के परिवार से आने वाले अक्षय और गवली की बेटी योगिता की सगाई दिसंबर में हुई थी। अक्षय का परिवार पुणे में रहता है। पुणे पुलिस ने परिवार को मुंबई जाने की अनुमति दी थी। गवली परिवार ने पुलिस को शादी के बारे में सूचित किया था। पुलिस नेदोनों परिवारों की ओर से केवल पांच-पांच मेहमानों केशामिल होने की मंजूरी दी थी।इससे पहले अक्षय नेबतायाथा, 'हमने शादी के लिएपुलिस से अनुमति मांगी थी। वह ईमेल के जरिए मुझे मंगलवार रात को मिली। इसलिए जल्दी ही हमने शादी की तारीख 8 मई ही तय कर ली।' अक्षय के मुताबिक, लॉकडाउन खत्म होने के बाद रिसेप्शन देंगे। अक्षय ने कहा, 'मैं योगिता को पिछले पांच साल से जानता हूं। हमारे घरवालों ने भी कहा किहमें शादी कर लेनी चाहिए। हम दोनों काफी खुश हैं।'शादी में शामिल होने के लिए दोनों परिवारों के 5-5 सदस्यों को ही मंजूरी मिली थी।अरुण गवली की सबसे छोटी बेटी है योगितापेशे से वकील योगिताअरुण गवली की सबसे छोटी बेटी है। वे एक एनजीओ भी संचालित करती हैं। योगिता की बड़ी बहन गीता गवली राजनीतिमें हैं। वहीं भाई महेश गवली कारियल स्टेट का बिजनेस है।मुंबई मेंशिवसेना के पार्षद कमलाकर जामशांडेकर की हत्या में 2012 से सजा काट रहे अरुण गवली इसी साल 27 फरवरी को पैरोल पर बाहर आए थे। शादी की तारीख आगे बढ़ने पर उनकी तरफ सेबॉम्बे हाई कोर्ट में पैरोल की अवधि बढ़ाने की अर्जी दी गई।अरुण गवली 27 फरवरी से पैरोल पर बाहर हैं। इस शादी में उनका पूरा परिवार मास्क लगाए हुए नजर आया।अरुण गवली की जिंदगी परबनी हैं कई फिल्मेंदूध बेचने के कारोबार से जुड़े रहे अरुण गवली कभी अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहिमके लिए भी काम करते थे। हालांकि, भाई की हत्या के बाद गवली ने खुद का एक गैंग बनाया। 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद दाऊद कोदेश छोड़ना पड़ा था। इसके बादमुंबई में काफी समय तक अंडरवर्ल्ड मेंगवली का नाम चला। बताया जाता है कि गवली अपना धंधा मुंबई की दगड़ी चाल से चलाता था। उसकी लाइफ पर हिन्दी और मराठी भाषा में कईफिल्में भी बनी हैं। साल 2017 में आईअर्जुन रामपाल की फिल्म 'डैडी' गवली के जीवन पर आधारित थी।इसके अलावा कुछ मराठी फिल्में भी उन पर बनी हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today बेटी को आशीर्वाद देते हुए अरुण गवली और उनकी पत्नी। यह शादी पहले नवरात्रों के बीच 29 मार्च को होने वाली थी। Full Article
india news यस बैंक घोटाला में गिरफ्तार वधावन भाइयों की सीबीआई हिरासत को 10 मई तक बढ़ाया गया By Published On :: Fri, 08 May 2020 13:55:20 GMT यस बैंक घोटाले के आरोप में गिरफ्तार दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रमोटर्स, वधावन भाइयों की सीबीआई हिरासत को 10 मई तक बढ़ा दिया गया है। सीबीआई ने उन्हें पिछले महीने महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से गिरफ्तार किया था।शुक्रवार को दोनों भाइयों को मुंबई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया हया था। सीबीआई की ओर से अदालत में दलील दी गई कि साजिश का खुलासा करने के लिए और कपूर के साथ उनके संबंधों का पता लगाने के लिए आगे भी छानबीन करने की जरूरत है। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।यह है दोनों भाइयों पर आरोपअधिकारियों ने बताया कि वधावन बंधुओं को कपूर और अन्य द्वारा की गई बैंकिंग धोखाधड़ी के सिलसिले में सीबीआई की प्राथमिकी में नामजद किया गया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर (62) ने खुद को और अपने परिवार को उनके मालिकाना हक वाली कंपनियों के मार्फत अनुचित फायदा पहुंचाने के एवज में यस बैंक के जरिये डीएचएफएल को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई थी। सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्प अवधि के ऋणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किये थे। इसके एवज में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को ऋण के रूप में 600 करोड़ रुपये की कथित तौर पर रिश्वत दी थी। सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी यस बैंक घोटाले के सिलसिले में दोनों भाइयों की भूमिका की जांच कर रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today अदालत में पेशी के लिए जाते हुए धीरज और कपिल बधावन। इन्हें महाबलेश्वर से सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। Full Article
india news 150 रोटियां और चटनी लेकर चले थे 20 मजदूर, 16 के लिए आखिरी सफर बन गया; आंख खुली तो करीब रोटी और दूर लाशें दिखीं By Published On :: Fri, 08 May 2020 14:26:17 GMT जालना की एक सरिया फैक्ट्री। 45 दिन पहले लॉकडाउन के चलते यह बंद हो गई। रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए। ज्यादातर यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश के थे। नाम की जमापूंजी थी। किसी तरह महीनाभर काम चलाया। फिर सामाजिक संगठनों और सरकार के भरोसे। पेट भरने की ये मदद दो या तीन दिन में एक बार ही नसीब हो रही थी। इस बीच एक खबर आई। पता लगा कि सरकार दूसरे राज्यों के मजदूरों को घर भेजने के लिए औरंगाबाद या भुसावल से कोई ट्रेन चलाने वाली है।जालना से औरंगाबाद की दूरी 50 किमी है। मध्य प्रदेश के 20 मजदूर रेलवे ट्रैक से सफर पर निकल पड़े। पास कुछ था तो बस, 150 रोटियां और एक टिफिन चटनी। 16 के लिए यहयात्रा, अंतिम यात्रा साबित हुई।सफर का सहारा : 150 रोटियां और एक टिफिन चटनीमजदूरों ने सोचा, घर पहुंच जाएंगे। गुरुवार शाम मिलकर 150 रोटियां बनाईं। एक टिफिन में चटनी भी थी। ताकि, सूखी रोटी मुंहसे पेट तक का सफर आसानी से कर सके। कुछ देर बाद सब भुसावल के लिए निकल पड़े। सभी की उम्र 21 से 45 साल के बीच थी। कुछ शहडोल के थे तो कुछ कटनी के। औरंगाबाद जिले के करमाड तक पहुंचे तो रात गहरी हो चली थी। सोचा, खाना खाकर कुछआराम कर लिया जाए।फिर सभी की नींद लग गई, कुछ की कभी नहीं खुलेगीसज्जन सिंह इसी जत्थे में शामिल थे। वो बच गए। कहते हैं, “भूख लगी थी साहब। ट्रैक पर ही बैठकर खाना खाने लगे। हमें वो साफ और सुरक्षित लगा। खाना खत्म हुआ। कुछ चाहते थे कि सफर फिर शुरू किया जाए। कुछ का दिल कर रहा था कि थोड़ा सुस्ता लिया जाए। सहमति आराम करने पर बनी। भूखे पेट को रोटी मिली थी। इसलिए, पटरी का सिरहाना और गिट्टियां भी नहीं अखरीं। सो गए। नींद खुली तो भयानक मंजर था। मेरे करीब इंटरलाल सो रहा था। उसने मुझे खींच लिया। मैं जिंदा हूं।”हादसा कितना भयावह था। ये तस्वीरें बयान करती हैं।इसलिए हुई गलतीसज्जन आगे कहते हैं, “आंख खुली तो होश आया। देखा मेरा बैग ट्रेन में उलझकर जा रहा है। हमने सोचा था कि ट्रेनें तो बंद हैं। इसलिए, ट्रैक पर कोई गाड़ी नहीं आएगी। आसपास झाड़ियां थीं। लिहाजा, ट्रैक पर ही झपकी का ख्याल आया। ट्रेन जब रुकी तब तक तो सब खत्म हो चुका था। 16 साथियों के क्षत विक्षत शव ट्रैक पर पड़े थे। किसी को पहचान पाना मुश्किल था।”लोगों से मदद मांगीसज्जनके मुुताबिक, “ पहले तो लगा कि कोई बुरा सपना देखा है। पल भर में हकीकत पर यकीन हो गया। 20 में से चार जिंदा बचे। डर को थोड़ा दूर किया।ट्रैक से कुछ दूर बने एक घर पहुंचे। मदद मांगी। उन्होंने पानी पिलाया। फिर पुलिस को जानकारी दी।”अपनों का सामना कैसे करूंगा मैंआधे घंटे बाद पुलिस पहुंची। उसने अपना काम शुरू किया। रुंधे गले को संभालकर और भीगी आंखों को पोंछकर वीरेंद्र शांत आसमान की तरफ देखते हैं। फिर कहते हैं, “जिन लोगों के साथ कुछ घंटे पहले बैठकर रोटी खाई थी। अब उनकी लाशें मेरे सामने हैं। कुछ तो मेरे बहुत करीबी दोस्त थे। अब, क्या कहूंगा उनके घरवालों से? कैसे सामना करूंगा उनका? मेरा फोन, बैग सब गायब हैं। पीठ में चोट है। ये जख्म भर जाएगा। लेकिन, दिल में जो नासूर पैदा हो गया है, वो तो लाईलाज रहेगा। ताउम्र।” Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे के बाद ट्रैक पर बिखरी मजदूरों की ये रोटियां बहुत कुछ कहती हैं। Full Article
india news बीएमसी कमिश्नर परदेसी का तबादला, इकबाल चहल होंगे नए कमिश्नर By Published On :: Fri, 08 May 2020 14:44:02 GMT आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के चलते बिगड़ रहे हालत के बीच उद्धव सरकार नेबड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। बृहन्नमुंबई महापालिक (बीएमसी) के चीफ कमिश्नर प्रवीण परदेसी का तबादला कर दिया गया। परदेसी की जगहशहरी विकास विभागमें प्रिंसिपल सेक्रेटरी इकबाल चहल को बीएमसी का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वहीं, परदेसी को अब शहरी विकास विभाग में एडिशनल चीफ सेक्रेट्री के पद पर कम करेंगे।1985 बैच के आईएएस अधिकारी परदेसीइससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त सचिव रहे हैं।इसके अलावा ठाणे नगर निगम के कमिश्नर संजीव जायसवाल को बीएमसी का नया एडिशनल कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वहीं इस पद पर अभी तक तैनात आबासाहेब जरहाद को रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन विभाग मेंसचिव बनाया गया है।क्यों हुआपरदेसीका तबादला?प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, प्रवीण परदेसी द्वारा मुंबई मेंकोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लिए गए फैसलों से सरकार में कई मंत्री नाखुश चल रहे थे। छगन भुजबल ने तो बिना किसी का नाम लिए अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया था। वहीं, गुरुवार को सायन हॉस्पिटल का वीडियो वायरल होने के बाद से ही मुख्यमंत्री उद्धव पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा था। इस वीडियो मेंकोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही इस बीमारी सेमृतहुए लोगों के शव वार्ड में रखे गए थे।वहीं,धारावी में कोरोना के बढ़ते मामले भी परदेसी के लिए मुसीबत बन गए। यहां करीब800 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं और 21 से ज्यादा की मौत हुई है। इसके अलावा मुंबई में 11 हजार के करीब केस पहुंचना भी परदेसी के काम पर सवालिया निशान लगा रहाथा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 1985 बैच के आईएएस अधिकारी प्रवीण परदेसी अब एडिशनल चीफ सेक्रेट्री के पद पर कम करेंगे। Full Article
india news अपने साथियों को खोने वाले मजदूर ने बताया- न पैसे मिल रहे थे, न पास बन पा रहा था, इसलिए पैदल ही निकल पड़े By Published On :: Fri, 08 May 2020 14:48:19 GMT लॉकडाउन के 45 दिन से ज्यादाबीत चुके थे। मजदूरी का काम भी बंद था। पैसा खत्म हो रहा था। ऐसे में महाराष्ट्र के जालना में रहने वाले 20 मजदूर पिछले कुछ दिन से घर जाना चाहते थे। इन्हें पता चला कि भुसावल या औरंगाबाद से मध्यप्रदेश के भोपाल के लिए ट्रेन मिल जाएगी। फिर क्या था सभी ने निकलने का फैसला लिया। सोचा था कि ट्रेन मिली तो ठीक नहीं तो पैदल ही घर तक का सफर किया जाएगा। सड़क पर पुलिस का पहरा था। इसलिए, ट्रेन की पटरियों का रास्ता चुना। यही, रास्ता उन्हें मौत तक ले गया। पैदल चलते-चलते औरंगाबाद में करमाड स्टेशन के पास पहुंच गए। इतना थक गए कि पटरियों पर ही लेट गए। सुबह मालगाड़ी की चपेट में आकर इनमें से 16 की मौत हो गई। इस हादसे में दोमजदूरवीरेंद्र सिंह औरसज्जन सिंह ने बतायाकी नींद टूटी तो उनके सामने उसके 16 साथियों की लाशें बिखरी हुई थीं।'ठेकेदार पैसे देने की स्थिति में नहीं था, 7 मई को भी तनख्वाह नहीं मिली'अपने साथी को खोने वाले मजदूर वीरेंद्र सिंह ने दिव्य मराठी को बताया, ‘‘ठेकेदार हमें पैसे दे पाने की स्थिति में नहीं था। वादा किया कि 7 मई को पैसे मिलेंगे। लेकिन 7 तारीख को भी पगार नहीं मिला। मध्यप्रदेश में हमारे परिवार को भी हमारी जरूरत थी। घर के लोग परेशान हो रहे थे। इसलिए हम एक हफ्ते से पास बनवाने की कोशिश में थे। दो-तीन बार कोशिश कर चुके थे, लेकिन मदद नहीं मिल पा रही थी।’’'मालगाड़ी के ड्राइवर ने हॉर्न बजाया, लेकिन उसकी रफ्तार काफी तेज थी'वीरेंद्र सिंह ने बताया,‘‘जब कोई रास्ता नहीं बचा तो हमने तय किया कि पटरियों के रास्ते हम सफर तय करते हैं। पहले औरंगाबाद पहुंचेंगे और वहां से आगे का रास्ता तय करेंगे। हम जालना से गुरुवार शाम 7 बजे रवाना हुए। कई किलोमीटर का रास्ता तय कर लिया। देर रात जब थक गए तो कुछ-कुछ दूरी पर हमारे साथी पटरियों पर बैठने लगे। मैंने कई साथियों से कहा कि पटरियों से दूर रहो। लेकिन जो साथी आगे निकल गए थे, वे पटरी पर लेट गए। उनकी नींद लग गई। हम पटरी से थोड़ा दूर थे, इसलिए बच गए। हमने मालगाड़ी को आते देखा। मालगाड़ी के ड्राइवर ने हॉर्न भी बजाया, लेकिन उसकी रफ्तार तेज थी। हमने आवाज दी, लेकिन तब तक सबकुछ खत्म हो चुका था। हम दौड़कर नजदीक पहुंचते तब तक मालगाड़ी गुजर चुकी थी।’’हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने स्थानीय लोगों की सहायता से शव के टुकड़ों को बटोरा।'हम बैग लादे ही लेट गए थे, ट्रेन आई और बैग खींच ले गई'इस हादसे में बाल-बाल बचे और हॉस्पिटल में भर्ती सज्जन सिंह ने बताया कि हमारी आंख लग गई थी। हम इतना थक गए थे कि मालगाड़ी की आवाज ही नहीं आई। हम लोग पटरी से थोड़ा दूर थे। हमने बैग पीठ पर लाद रखा था। बैग लादे ही हम उसके सहारे टिककर सो गए। जब मालगाड़ी गुजरी तो बैग खींचते हुए ले गई। जान तो बच गई, लेकिन चोटें आईं। जो साथी बैग सहित पटरी के बीच में थे, वे नहीं बच सके। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर मजदूर वीरेंद्र की है। वह 20 लोगों के साथ मध्यप्रदेश के लिए निकला था। वीरेंद्र पटरी से दूर था। इसलिए हादसे में बच गया। Full Article
india news सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा- राज्य के हालात कंट्रोल में हैं, सेना बुलाने की कोई जरूरत नहीं है By Published On :: Fri, 08 May 2020 15:36:24 GMT महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने सोशल मीडिया के माध्यम से महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा, 'पिछले 2-3 दिनों से अफवाह है कि मुंबई में सेना तैनात की जाएगी। यहां सेना की तैनाती की कोई आवश्यकता नहीं है। मैंने आज तक जो भी किया है वह नागरिकों को सूचित करके किया है। आप सभी को अनुशासित रहना चाहिए और यही पर्याप्त होगा। यहां सेना बुलाने की जरूरत नहीं।''औरंगाबाद की घटना ने मुझेदुखी किया'उद्वव ने प्रवासी मजदूरों से अपील करते हुए कहा,'आप संयम बनाये रखे, आपका संयम इस वक्त बहुत जरूरी है। किसी भी अफवाह का शिकार न हों। संभाजीनगर से ट्रेन छूटेगी ऐसी खबर सुनकर भुसावल जाने वाले 20 मजदूरों का एक दल संभाजीनगर रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहा था और थकान से ट्रैक पर ही सो गए और मालगाड़ी से दुर्घटना का शिकार हो गया। ये घटना मुझे अंदर से काफी द्रवित कर रही है।'लॉकडाउन बढ़ाना है या नहीं, यह आपके कदम पर निर्भर'सीएम ने आगे कहा,'लॉकडाउन का यह चरण काफी महत्वपूर्ण है। इसे आगे बढ़ाना है या नहीं यह सिर्फ आप लोगों पर निर्भर करता है। अगर आप नियम पालन करेंगे तो हम आगे छूट पर विचार करेंगे।' सीएम ने आगे कहा, 'इस काल में कई संक्रमित महिलाओं ने ऐसे बच्चों को जन्म दिया जो पूरी तरह से कोरोना नेगेटिव थे। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।''हम कम नहीं करने जा रहे परीक्षण'उद्धव ने कहा- मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हम परीक्षण कम नहीं कर रहे हैं। जहां भी आवश्यक होगा हम परीक्षण करेंगे। उस पर कोई समझौता नहीं होगा। लेकिन हमने देखा है कि कुछ मामलों में लोग अंतिम समय पर आ रहे हैं। दुर्भाग्य से उन्हें बचाना संभव नहीं है।' Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सीएम उद्धव ठाकरे सोशल मीडिया में महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया। Full Article
india news बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेसी का तबादला, मरीजों के साथ संक्रमितों के शव रखे जाने का वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई By Published On :: Fri, 08 May 2020 16:22:43 GMT महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। बृहन्नमुंबई महापालिक (बीएमसी) के चीफ कमिश्नर प्रवीण परदेसी का तबादला कर दिया गया है। परदेसी की जगहशहरी विकास विभागमें प्रिंसिपल सेक्रेटरी इकबाल चहल को बीएमसी का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है।सूत्रों के मुताबिक, सरकार परदेसी के कई फैसलों से नाराज चल रही थी। राज्य के मंत्री ही परदेसी पर मनमानी का आरोप लगा रहे थे। इसके अलावा गुरुवार को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कोरोना संंक्रमण से मारे गए लोगों के शव सायन अस्पताल में मरीजों के साथ रखे थे और उद्धव सरकार पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था।राज्य में अब19हजार 063 संक्रमित हैं और 731 की जान जा चुकी हैइस बीच, राज्यमें शुक्रवार को कोरोनावायरस के 1089 नए मामले सामने आए जबकि 37 लोगों की मौत हुई।राज्य में अब19हजार 063 संक्रमित हैं और 731 की जान जा चुकी है।राज्य में आज मुंबई में 25, पुणे में 10, जलगांव और अमरावती में एक-एक की मौत हुई। मृतक 19 पुरुष और 18 महिलाएं हैं। मृतकों में 17 की उम्र 60 साल से अधिक, 16 की उम्र 40 से 60 के बीच और 4 की उम्र 40 साल से कम है। इनमें से 27 मरीजों में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लडप्रेशर और ह्रदय रोग की समस्या थी।फाइनल ईयर छोड़ यूनिवर्सिटी के बाकी छात्र अगली क्लास में प्रमोट होंगेउद्धव सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन के चलतेफाइनल ईयर को छोड़कर यूनिवर्सिटी केबाकी छात्र बिना परीक्षा दिए अगली क्लास में प्रमोट होंगे। फाइनल ईयर के एग्जाम जुलाई में होंगे। वहीं,अलग-अलग देशों में फंसे भारतीयों की घर वापसी शुरू हो गई है।विदेशों में फंसे 1900 भारतीय मुंबईआएंगे‘वंदे भारत मिशन’ के तहत लगभग 15 हजार भारतीयों को विशेष विमानों से यहांलाया जा रहाहै। मुंबई के भी1900 यात्री लौटेंगे। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इन लोगों को क्वारैंटाइन करने के लिए शहर के 88 होटलों में 3343 कमरों का इंतजाम किया है। 7 मई से 64 स्पेशल फ्लाइट्स के जरिए देश के 14 हजार 800 लोगों को दुनियाभर के अलग-अलग देशों से वापस लाया जाएगा।प्रवासी मजदूरों को मेडिकल सर्टिफिकेटनहीं लेना होगा लॉकडाउन की वजह से राज्य में फंसे मजदूरों को अपने गांव जाने के लिए रेल यात्रा से पहले मेडिकल सर्टिफिकेट देने की शर्त सरकार ने वापस ले ली है। इस बारे में गुरुवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए गए। सरकार ने यह साफ किया है कि अब ट्रेन में चढ़ने से पहले ही मजदूरों की फ्री मेडिकल जांच की जाएगी। यह जांच सरकारी डॉक्टर करेंगे। इस जांच के बाद एक ट्रेन से जाने वाले सभी प्रवासी यात्रियों का एक ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनेगा।उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के लिए मुंबई से निकली भीड़ को नेशनल हाईवे नंबर 8 से वापस लौटाया गया।शराब तस्करी रोकने के लिए अन्य राज्यों की सीमाएं सीललॉकडाउन के दौरान पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी रोकने की कवायद में महाराष्ट्र नेअपनी सीमाओं को सील कर दिया है। 12 जांच चौकियों पर पर्याप्त कर्मियों को तैनात किया गया है। प्रदेशमें मुंबई को छोड़कर अन्य जगहों परशराब की दुकानों को फिर से खोल गयाहै।औरंगाबाद में मालगाड़ी की चपेट में आकर 16 मजदूरों की मौतमहाराष्ट्र मेंशुक्रवार तड़के मालगाड़ी की चपेट में आकर 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। हादसा औरंगाबाद के पास बदनापुर और करनाड स्टेशन के बीच हुआ। सभी मजदूर मध्य प्रदेश के थे और पैदल जा रहे थे। रात को आराम करने के लिए ये लोग पटरी पर ही सो गए थे। लोको पायलट नेनजर पड़ते ही इमरजेंसी ब्रेक भी लगाए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है।धारावी के शाहू नगर पुलिस स्टेशन के बाहर कतार में लगे प्रवासी मजदूर। इन्हें अपने राज्यों तक जाने का पास पुलिस विभाग दे रहा है।77 कैदीऔर 26 जेल कर्मचारी भी कोरोना संक्रमितआर्थर रोड जेल में 77 कैदी और26 जेल कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। शुक्रवार सुबह इन्हेंजीटी हॉस्पिटल और सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल में भर्ती किया जाएगा।संक्रमित कैदी एक ही बैरक के हैं। उधर, मुंबई के जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में कोरोना के 26 पेशेंट मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुताबिक, राज्य के करीब 500 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में हैं। गुरुवार को सोलापुर में एक पुलिसकर्मी की कोरोना से मौत हो गई।गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने धारावी का दौरा किया। यहां अब तक कोरोना संक्रमण के 700 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं।सिडको एग्जिबिशन सेंटर में फंसे 200 लोगमुंबई और नवी मुंबई से उत्तर प्रदेश औरकर्नाटक के लिए निकले 200 लोग वाशी के सिडको एग्जिबिशन सेंटर में फंस गए। पिछले दिनों कर्नाटक से इन्हें लेने के लिए बस भी आई थी, लेकिन कर्नाटक सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण वह बस खाली ही लौट गई। इनके खाने की व्यवस्था स्थानीय समाजसेवी कर रहे हैं।महाराष्ट्र के पनवेल से ट्रेन से रवाना हुआ प्रवासी मजदूरों का जत्था गुरुवार शाम भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचा। स्क्रीनिंग के बाद उन्हें उनके गृह जिलों में भेजा गया।प्रवासी मजदूरों को लाने की यूपी सरकार ने मंजूरी नहीं दी: कैबिनेट मंत्रीकैबिनेट मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि पहले यूपी सरकार प्रवासियों की कोविड-19 की जांच रिपोर्ट मांग रही थी। बाद में कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के तहत वापसी को लेकर तैयार है। महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पास लिस्ट भेजी जा रही है, लेकिन वहां से कोई मंजूरी नहीं मिल रही है। लिस्ट पर अनुमति नहीं मिलने से प्रवासियों की वापसी में दिक्कत आ रही है। मलिक ने कहा कि कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के प्रवासियों को भेजने में भी अड़चन आ रही है। वहां की राज्य सरकारों को निर्णय लेना चाहिए।मुंबई के माटुंगा लेबर कैंप में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करते लोग। इन सभी को राज्य सरकार की ओर से खाना दिया जा रहा है।कोरोना मरीजों को दी जा रही तोसलिजुमाब दवामुंबई केनायर अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों को तोसलिजुमाबदवा दी जा रही है। यह एक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर की दवा है। अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर मोहन जोशी ने बताया कि अब तक 19 मरीजों कोयह दवा दी है, इनमें से 16 मरीजों में 24 घंटे के अंदर सकारात्मक बदलाव नजर आए हैं।छह जिमखानों को क्वारैंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी में जुटा बीएमसीबीएमसी ने दक्षिण मुंबई स्थित 6 जिमखानों को क्वारैंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, इसमें पुलिस जिमखाना, कैथोलिक, ग्रांड मेडिकल, पीजी हिंदू जिमखाना, इस्लामिक और पारसी जिमखाना शामिल हैं। इन जिमखानों में ज्यादातर क्रिकेट एक्टिविटीज होती हैं। लॉकडाउन के बाद से ये खाली पड़े हैं।महालक्ष्मी रेसकोर्स पर 200 बेड का आइसोलेशन सेंटर तैयार किया जा रहा है। बीएमसी यहां दिन-रात काम कर रही है।एसआरपी की तैनाती होनी चाहिए: राज ठाकरेमनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार को सुझाव दिया कि कंटेनमेंट जोन में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई जाए। पुलिस कर्मचारी थक चुके हैं, इसलिए अब उनकी जगह पर एसआरपी को तैनात किया जाए। कई जगहों पर छोटे दवाखाने बंद हैं, इससे मरीजों की तकलीफ बढ़ती जा रही हैं। उन्हें तत्काल खोला जाए। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां-वहां अटके विद्यार्थियों को उनके घर भेजने की व्यवस्था तत्काल की जाए।हॉस्पिटल की व्यवस्था ठीक करनी पड़ेगी: देवेंद्र फडणवीसविधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मुंबई और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। गंभीर मरीजों कोतत्काल इलाज मिलना चाहिए। जो स्वास्थ्यकर्मी बीमार पड़ रहे हैं, उनके इलाज की भी व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने सरकार से कहा कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज के लिए कहां-कहां क्या-क्या व्यवस्था है, किस अस्पताल में कितने बिस्तर उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी देने के लिए एक डैशबोर्ड बनाना चाहिए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर मुंबई के सायन अस्पताल की है। यहां वॉर्ड में शवों को काले रंग के प्लास्टिक से रैप कर चादरों से ढंक दिया गया था। इसी का वीडियो वायरल हुआ। Full Article
india news जयपुर भेजा तीन दवा का कॉम्बिनेशन, आरएनटी ने सिर्फ एक काम में ले दंपती को कोरोना निगेटिव किया By Published On :: Sun, 29 Mar 2020 04:53:00 GMT (गिरीश शर्मा) उदयपुर। एमबी अस्पताल के कोरोना वायरस वार्ड में गत 21 मार्च से भर्ती प्रतापगढ़ का कोरोना पीड़ित काबिल और उनकी पत्नी की रिपोर्ट आठ दिन इलाज के बाद शनिवार को निगेटिव आई है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि काबिल को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइड लाइन के अनुसार मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के 400-400 एमजी की दो डोज और एंटीबायोटिक एजीथ्रोमाइसिन की तीन टेबलेट खिलाई गईं।पत्नी को संपर्क में आने की वजह से कोरोना हुआ था, इसलिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के 400-400 एमजी की दो डोज दिए गए। रविवार को वापस दोनों की जांच होगी। दंपती को अब सुपर स्पेशियलिटी विंग के अलग वार्ड में भर्ती किया है।कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए जयपुर से आरएनटी के लिए लोपिनाविर 200 एमजी/रिटोनाविर 50 एमजी, स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली ओस्लेटामिविर और मलेरिया में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा का कॉम्बिनेशन भेजा गया था।इसमें से सिर्फ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन का ही उपयोग किया। फिर भी मरीज को स्वस्थ कर दिया गया है। डॉ. पोसवाल का कहना है कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बावजूद दंपती ने हिम्मत नहीं हारी, इसलिए इस रोग को हरा सके हैं। कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सा स्टाफ ने इस दंपती को बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख वार्ड में राउंउ द क्लॉक इलाज दिया है।पती का हर सामान डिस्पोज होगा, वार्ड में देर रात डूंगरपुर के पिता-पुत्र भर्तीदंपती के उपयोग में आने वाले चद्दर, इनके कपड़े, भोजन करने वाले पात्र सभी को पीली थैली में पैककर जलवाया जाएगा। अब एमबी में डिस्पोजेबल चद्दर मंगवाए गए हैं। इस वार्ड को भी डिसइन्फेक्टेड कराया गया है, क्योंकि यहां डूंगरपुर के कोरोना पॉजिटिव पिता-पुत्र को भर्ती किया गया है। इन्हें देर रात एंबुलेंस से लाया गया।डूंगरपुर 6, प्रतापगढ़-चित्तौड़ के 8, बांसवाड़ा-भीलवाड़ा के 1-1 संदिग्ध भी निगेटिव मिलेउदयपुर के 17 सहित संभाग के सभी 40 कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। भीलवाड़ा का संदिग्ध पुरुष भी निगेटिव है। उदयपुर के 17 में 5 संदिग्ध एमबी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं अन्य संदिग्ध अन्य अस्पतालों में आइसोलेट हैं। डूंगरपुर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए पिता-पुत्र के संपर्क में आने वाले सभी 6 लोगों की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। प्रतापगढ़ के 4, चित्तौडग़ढ़ के 4, बांसवाड़ा और भीलवाड़ा के 1-1 संदिग्ध की भी रिपोर्ट निगेटिव आई है। प्रशासन और विभाग का कहना है कि हालात काबू में हैं।कोरोना को हराने वाले प्रतापगढ़ के काबिल बोले-आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एमबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती कोरोना पॉजिटिव प्रतापगढ़ के दंपती की आठ दिन बाद शनिवार को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट आई है। कोरोना वार्ड में भर्ती प्रतापगढ़ के सदर बाजार निवासी मरीज काबिल ने दैनिक भास्कर को बताया कि जिंदगी देने और लेने वाला अल्लाह है। फिर कोरोना वायरस से क्या डरना? मैं 55 साल की उम्र में अभी-भी एक मिनट से ज्यादा समय तक श्वांस रोक सकता हूं।हम कोरोना वायरस को हराकर ही वापस जाएंगे इसी सोच के साथ इस कोरोना वार्ड में आराम से भर्ती हैं। हमें एक भी दिन यह फील नहीं हुआ कि हम बहुत ज्यादा बीमार हैं। यहां तैनात डॉक्टर-नर्सेज से भी यही बोलते आ रहे हैं कि आप चिंता मत करो- हम ठीक होकर ही घर जाएंगे। बुखार-सर्दी-जुकाम हुआ है, ठीक हो जाएगा। मुझे और मेरी 45 वर्षीय पत्नी फरीदा को आज भी यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि हम कोरोना संक्रमित हैं या रह चुके हैं। हमने यह अनुभव किया है कि हिम्मत इस वायरस को हराने में बेहद कारगर है।घरों में की गई इबादत बखूबी कबूल करता है अल्लाहमैं स्वस्थ था इसीलिए 13 मार्च को बावड़ी मस्जिद, प्रतापगढ़ में नमाज अदा करने गया था। यह वायरस एक स्वस्थ्य व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है, इसलिए जब तक इसका साया मंडरा रहा है, तब तक लोग घरों में ही रहें।अल्लाह घरों में की गई इबादत और दुआएं भी बखूबी कबूल करता है। काबिल-फरीदा ने आरएनटी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा स्टाफ का अच्छे व्यवहार के लिए आभार जताया है। काबिल का कहना है कि अस्पताल से घर जाने के बाद लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करेंगे ताकि लोग बिल्कुल भी नहीं घबराएं। सबसे अहम बात यह है कि हम इस उम्र में भी तंदुरुस्त हो गए हैं। लोगों को अपनी सेहत का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। यही सबसे बड़ी पूंजी है।दूसरे राज्यों से आए 37 हजार लोग, रहना होगा क्वारेंटाइनदूसरे राज्यों-जिलों से आने वाले लोगों की संख्या 37 हजार से पार पहुंच गई है। इन्हें अनिवार्य रूप से होम क्वारेंटाइन रहना होगा। पंचायत स्तर पर बने निगरानी दलों को इसकी सख्ती से पालना के निर्देश दिए हैं। जिला परिषद सीईओ कमर चौधरी ने बताया कि इसकी मॉनिटरिंग सभी एसडीएम और बीडीओ भी करेंगे।अगर निगरानी टीम को कोई रोगग्रस्त मिलता है, तो तुरंत नियंत्रण कक्ष को सूचित करे। बीडीओ या पटवारी मेडिकल टीम के नहीं आने पर भी होम क्वारेंटाइन वाले घर के बाहर नोटिस चस्पा कर सकेंगे। इधर कलेक्टर आनंदी ने जिले के समस्त पेट्रोल पम्प, गैस एजेन्सी डीलरशिप और उनके कार्मिकों, खाद्य निगम के डिपो से गेहूं के उठाव में लगे हुए कर्मचारियों, संबंधित वाहनों व उचित मूल्य दुकानदारों को लॉकडाउन से मुक्त रखा है।बाहर इतने लोग आए ब्लॉक केस निगरानी मुक्त गोगुंदा 7170 7170 00 सलूंबर 5559 5549 46 सराड़ा 4938 4891 47 मावली 4223 4151 72 गिर्व 3319 3223 96 भींडर 2952 2900 52 बड़गांव 2320 2273 47 ऋषभदेव 2032 1959 73 झाड़ोल 1750 1738 12 लसाड़िया 1487 1486 01 खेरवाड़ा 952 911 41 कोटड़ा 607 607 00 ग्रामीण 440 395 45 Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह है वह एक्सपर्ट टीम, जिसकी बदाैलत अब एमबी में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं। Full Article
india news बांगड़ अस्पताल में हार्ट की एंजियोप्लास्टी कराने वाली महिला की पॉजिटिव; कुल आंकड़ा 25 पर पहुंचा By Published On :: Sun, 29 Mar 2020 05:08:00 GMT भीलवाड़ा. रविवार सुबह शहर में एक और कॉरोना पॉजिटिव केस सामने आया। जो भीलवाड़ा की 53 साल की महिला है। जिस महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है वो भी बांगड़ अस्पताल में भर्ती थी। जिनका बांगड़ अस्पताल की आईपीडी में डॉक्टर द्वारा इलाज किया जा रहा था। इनके हार्ट की एंजियोप्लास्टी की गई थी। वहीं इससे पहले शनिवार को यहां कॉरोना पॉजिटिव तीन नए केस सामने आए थे। ये तीनों बांगड़ अस्पताल के कर्मचारी हैं। इनमें एक 21 साल की युवती, 22 और 27 साल के युवक हैं। भीलवाड़ा में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 25 पहुंच गई है। भीलवाड़ा में अब कम्यूनिटी इंफेक्शन यानी स्थानीय लोगों को एक-दूसरे से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण तीसरी स्टेज में पहुंच गया है। भीलवाड़ा में गुरुवार को संक्रमित बुजुर्गों की मौत हो चुकी है।7 की रिपोर्ट आ चुकी नेगेटिववहीं भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड से अच्छी खबर आई है। शनिवार को दो और पॉजिटिव मरीजों की दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसी तरह जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती एक डॉक्टर व एक नर्सिंगकर्मी की दूसरी रिपोर्ट भी शनिवार को निगेटिव हो गई है। अब तक भीलवाड़ा 25 में सात मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है। इनमें पांच भीलवाड़ा व दो जयपुर में भर्ती हैं।शहर छोड़कर दूसरे जिलों में भाग गए लोगभीलवाड़ा में संक्रमण का पहला केस बांगड़ अस्पताल के एक डॉक्टर में आया था। डॉक्टर अपने सऊदी से आए दोस्तों से मुलाकात के दौरान संक्रमित हुआ था। डॉक्टर को संक्रमण का पता नहीं था और वह लगातार हॉस्पिटल में आकर मरीजों को देखता और इलाज करता रहा। यहां संक्रमण के जो 24 केस आए हैं, वह सभी हॉस्पिटल से जुड़े हुए हैं यानी हॉस्पिटल के कर्मचारी हैं या फिर मरीज और उनके परिजन संक्रमित मिले हैं। संक्रमण का मामला सामने आने के बाद सरकार ने भीलवाड़ा की सीमाएं सील कर दी। इसके बावजूद कोरोना के खौफ के कारण बड़ी संख्या में यहां के लोग भागकर दूसरे जिलों में जा चुके हैं, उनसे भी कम्यूनिटी इंफेक्शन का खतरा है। कोरोना के डर के कारण रात को सो भी नहीं पा रहे लोगभीलवाड़ा कोरोना संक्रमण के लिहाज से देश का सबसे संवेदनशील जिला हो गया है। यहां जिन दो बुजुर्गों की मौत हुई है उस इलाके के लोग डरे हुए हैं। वह रात को सो नहीं पा रहे हैं। कारण यह है कि जब बुजुर्ग बीमार थे, तब उनका हाल-चाल लेने के लिए आसपास के लोग उनके घर गए थे। बाद में उनके कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। अब दोनों मृतकों के दो-दो परिजनों की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इलाके के लोग अपने बच्चों को लेकर बहुत सहमे हुए हैं। उनको कोरोना संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। इसलिए पुलिस ने दोनों एरिया को पूरी तरह सील कर दिया है।1950 लोगों की टीम ग्रामीण और 332 की टीम शहरी क्षेत्रों में कर रही स्क्रीनिंगचिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि भीलवाड़ा में 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग का काम वहां चिकित्सा विभाग की टीम कर रही है। 1950 लोगों की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में और 332 लोगों की टीम शहरी क्षेत्रों में काम कर रही है। शहर में तो 20 लोग ऐसे हैं, जिनकी दो-दो बार स्क्रीनिंग हुई है। कह सकते हैं कि हालात काबू में है। भीलवाड़ा की सीमाएं सील की हुई है।सिटी के 77 हजार घरों का तीसरी बार सर्वे करना पड़ रहा, 133 विदेश से आए लोग हाई रिस्क परभीलवाड़ा में 11 हजार लोग संदिग्ध हैं, जिनमें से 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया है। उन पर अब पहरा बैठाया गया है। इस पूरे जिले के कम्यूनिटी इंफेक्शन की जड़ भीलवाड़ा का बांगड़ हॉस्पिटल है। यहां का संक्रमित डॉक्टर करीब सात हजार लोगों के संपर्क में आया। यह कुल 86 बेड का अस्पताल है। संक्रमित डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर, कर्मचारी, मरीज और परिजनों तक संक्रमण का फैलता गया। हालात ऐसे बन गए कि शहर के 77 हजार घरों का तीसरी बार सर्वे करना पड़ रहा है। 650 को आइसोलेशन में लेकर सैंपलिंग की जा रही। 149 मरीज हाई रिस्क पर है। इसमें से 133 विदेश से लौटे हैं।पूरे शहरी क्षेत्र को किया जा रहा सैनिटाइजभीलवाड़ा नगर परिषद की ओर से सोडियम हाईपोक्लोराइड का छिड़काव शहर में किया जा रहा है। इसके साथ कोरोना पॉजीटिव की मौत होने को लेकर एमजी अस्पताल, उसके मकान और आसपास क्षेत्र को फिर से सैनिटाइज करने के लिए छिड़काव किया गया। सभापति मंजू चेचाणी ने बताया कि शहर में जहां भी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं उन कॉलोनियों में सुबह-शाम स्प्रे किया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भीलवाड़ा के आइसोलेशन में मरीजों की सेवा करते कर्मी। Full Article
india news यहां पुलिस के हाथ में डंडा नहीं खाने के पैकेट और सैनेटाइजर, मदद के लिए घर में लगाई रोटी बनाने की मशीन By Published On :: Mon, 30 Mar 2020 04:16:32 GMT उदयपुर. किसी इलाके में अगर पुलिस की गाड़ी आए तो लोग सोचने लग जाते है कि आज मौहल्ले में कुछ अनहोनी हुई है और यही सोचकर लोग दूर हो जाते है। लेकिन आजकल एक पुलिस की गाड़ी उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में एंट्री करती है तो लोग उस गाड़ी को देखकर कतारबंध होकर खड़े हो जाते है। ये लोग कोई अपराधी नही बल्कि जरूरतमंद और तीमारदार है और ये पुलिस की गाड़ी जरूरतमंदों को मदद पहुचाने आई है।गाड़ीसे एक पुलिसवालाउतरता है लेकिन इनके हाथ में लट्ठ की जगह सैनेटाइजर की बोतल है। नाम है हनुवंत सिंह। हिरण मगरी थाने में एसएचओं। गाडी में पीछे अपराधी की जगह खाने के पैकेट्स और दुसरे साथियों के हाथ में कपड़े के मास्क। कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन करना पड़ा। ज्यादा असर गरीब तबके के लोगों पर पड़ा। देशभर से कई तस्वीरें आई जिसमें खाना नहीं मिलने पर लोग रोने लग गए। लेकिन उदयपुर में हिरण मगरी थाना और पिंक पर्ल सोसायटी ने मिलकर निश्चय किया ही यहां कोई भूखा नही सोएगा। इसके लिए सोसायटी ने रोटी बनाने के मशीन मंगवा ली और शुरू हो गया जरूरतमंदो तक भोजन पहूचाने का काम।जरुरतमंदों तक पहुंचा रहे खाना।रोजाना 2500 के करीब खाने के पैकेटहिरण मगरी थाने के एसएचओ हनुवंत सिंह बताते है कि अभी देश के हालात बहुत ही नाजुक है। जितनी जिससे हो सके जरूरतमंदों की मदद करें लेकिन तरीके से। हिरण मगरी थाना और पिंक पर्ल सोसायटी दोनों मिलकर जनता कर्फ्यू से ही जरूरतमंदो के लिए रोजाना 2500 पैकेट खाने बन रहे। इसके लिए सोसायटी के नीचे ही रसोई बनाई गई है जिसमें रोटी बनाने के लिए मशीन खरीदी गई जिससे खाना जल्दी बन सके और लोगों तक पहूंच सके। बांटे जा रहे खाने के पैकेट।बच्चें से लेकर सोसायटी की महिलाएं बना रही है खानाहुनवंत सिंह का पूरा परिवार इस काम में लगा है। उनकी पत्नी डॉ लता सिंह बताती है कि इस रसोई में सारा खाना खुद सोसायटी के लोग ही बनाते है बाहर से किसी हलवाई को नही बुलाया गया है। साथ ही बच्चें भी मदद करते है। रोटी बनाने वाली मशीन पर युवराज , प्रखर , तन्मय , हर्षित और हर्षवर्धन मदद करते है ये सभी बच्चे 10 से 15 साल के है। साथ ही सोसायटी की महिलाएं श्रीमति वंदना, मंजू , हिना पूरोहित ,भावना सुथार,शिल्पी डेविड , नूपूर आदि मदद कर रहे है।रोटी बनाने के मशीन मंगवा ली।व्हाट्सएप ग्रुप पर आ रही है मदद की गुहारहनुवमत सिंह बताते है कि उन्होने बहुत सारे व्हाट्सप ग्रुप बना रखे है जिस पर भी मदद की जा रही है। एक ग्रुप बना रखा है जिसमें 60 साल के लोग जो अकेले रहते है उनकों जोड़ रखा है। उन्हें दवाई, खाना और जो भी जरूरत होती है उन तक पहुचाई जा रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जरुरतमंदों की मदद कर रही पुलिस। Full Article
india news बच्चे पापा सिर्फ दो मिनट मिलना है, पत्नी बच्चे रेाते हैं, क्वारेंटाइन डौटरों का जवाब हम भी भावनाओं में बह गए तो कैसे टूटेगी संक्रमण की चेन By Published On :: Mon, 30 Mar 2020 05:16:00 GMT (गिरीश शर्मा) उदयपुर। घर में बच्चे बिलख रहे हैं- पापा, दो मिनट मिलना है। 10 दिन से आपको नहीं देखा। पत्नियां मन मसोस रही हैं कि बच्चे आपको याद करके रो पड़ते हैं, कैसे समझाएं इन्हें। दूर से ही सही, एक झलक देख तो लें। शहर में रहकर भी परिवार को फोन पर जवाब मिलता है - ऐसी ही भावनाओं में बहकर देश-दुनिया के लाखों लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चेन नहीं तोड़ पा रहे हैं।हम सब यहां खुद को संभाले हुए हैं, आप घर में अपना और सबका ध्यान रखिए। यह कहानी उदयपुर के उन 7 चिकित्सकों समेत 10 सदस्यों वाली मेडिकल रेपिड रिस्पोंस टीम की है, जो राजस्थान में कोरोना जोन बने भीलवाड़ा में 9 दिन की ड्यूटी देकर शनिवार रात ही लौटे हैं।इस टीम ने भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव, संदिग्धों सहित इनके संपर्क में आने वाले 200 से ज्यादा लोगों की पर्सनल, ट्रैवल समेत हर तरह की हिस्ट्री जुटाई। काम का एक चरण पूरा होने पर जब ये अपने शहर उदयपुर लौटे तो गाइड लाइन के अनुसार इन्हें सज्जनगढ़ के पास एक रिसोर्ट में क्वारेंटाइन किया गया है। यहां इन्हें 14 दिन रहना है। फिर जांच के बाद तय होगा कि ये परिवार में लौट सकेंगे या नहीं।नौ दिन बांगड़ अस्पताल के स्टाफ सहित 200 क्लोज कॉन्टैक्ट वालों की हिस्ट्री खंगाली, नहीं मिल रहा संक्रमण का केंद्रआरएनटी के इन सात चिकित्सकों सहित 10 लोगों का स्टाफ गत 19 मार्च को भीलवाड़ा के ब्रजेश बांगड़ अस्पताल डॉक्टरों के कोरोना संदिग्ध पाए जाने के बाद हिस्ट्री पता करने पहुंचा था। दल के डॉ. मेघवाल बताते हैं कि टीम ने ब्रजेश बांगड़ अस्पताल के चिकित्सा स्टाफ सहित 200 से ज्यादा क्लोज कॉन्टैक्ट वाले लोगों की हिस्ट्री खंगाली। किसने कब, कहां चाय पी, नाश्ता, भोजन किया, किसने कराया, कौन कहां सोया, कौन कहां-कहां गया। इसके बाद भी यह हिस्ट्री नहीं मिली है कि कोरोना वायरस का यह संक्रमण आया कहां से।क्वारेंटाइन में यह कर रहे : अच्छी डाइट, सुबह-शाम एक्सरसाइज, चेहरे पर न शिकन, न थकानइस टीम में शामिल आरएनटी मेडिकल कॉलेज के शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल मेघवाल, पीएसएम के डॉ. चंदन, मेडिसिन के डॉ. गौतम बुनकर, डॉ. महेश, डॉ. सत्यनारायण, डॉ. शिवकुमार, डॉ. राजकुमार, मेल नर्स शिखर,एंबुलेंस चालक भंवरलाल और प्रवीण सिंह पूरी तरह स्वस्थ हैं।इस टीम के सभी सदस्यों ने रविवार को तीनों टाइम की पर्याप्त डाइट ली। रेस्ट करने के साथ फोन पर परिवार के अलावा बाहर के साथी चिकित्सकों से भी बातचीत की। डॉ. मेघवाल के मोबाइल पर बेटे नक्षत्र और बेटी तितिक्षा ने कहा- पापा आपसे एक बार सिर्फ दो मिनट के लिए मिलना चाहते हैं।आपको 10 दिन से नहीं देखा। डॉ. मेघवाल ने जवाब दिया कि कि कोरोना वायरस एक स्वस्थ दिखने वाले संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति में तेजी से फैलता है। इसलिए इस जानलेवा वायरस की चेन को तोड़ने के लिए क्वारेंटाइन के नियम की पालना करना सबका जिम्मा है।डॉ. महेश को उनकी पत्नी अभिलाषा बोल रही थीं कि बच्चे मिलने के लिए रो रहे हैं। डॉ. महेश समझा रहे थे कि मैं एक अच्छा पिता होने का कर्तव्य तभी अदा कर सकता हूं, जब यहां 14 दिन रहकर यह साबित कर सकूं कि मैं कोरोना ग्रसित बिल्कुल नहीं हूं।सबसे मिलने के लिए बहुत मन कर रहा है, देश-दुनिया के लोग भावनाओं में बहकर ही इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की चेन को नहीं तोड़ पा रहे हैं। बाद में दोनों की पत्नियां और बच्चे भी इनकी बात मान गए। हालांकि इन चिकित्सकों के चेहरे पर परिवार से नहीं मिलने की उदासी दिखाई दे रही थी। जबकि ये चिकित्सक कोरोना वायरस से बचने के लिए एहतियात के तौर पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की दवा का डोज भी ले चुके हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सज्जनगढ़ के पास एक रिसोर्ट में क्वारेंटाइन किया गया है मेडिकल रेपिड रिस्पोंस टीम को Full Article
india news डूंगरपुर के पॉजिटिव पिता-पुत्र की तबीयत नियंत्रण में, दुबई से लौटी युवती सहित 12 संदिग्ध भर्ती By Published On :: Mon, 30 Mar 2020 05:33:14 GMT उदयपुर। एमबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती डूंगरपुर के कोरोना पॉजिटिव पिता-पुत्र की तबीयत नियंत्रण में है। एमबी अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि इन दाेनाें को अभी तक श्वांस लेने में कोई परेशानी नहीं है। कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव में बदला प्रतापगढ़ का दंपती भी सुपर स्पेशियलिटी के अलग वार्ड में भर्ती है।इनकी दूसरी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। इन्हेंसोमवार को डिस्चार्ज कर सकते हैं। यहघर जाकर 14 दिन तक क्वारेंटाइन रहेंगे। इसके बाद भर्ती होने की तारीख से 28 दिन तक जिला-पुलिस-चिकित्सा विभाग की निगरानी में रहेंगे। रविवार को सुपर स्पेशियलिटी विंग में उदयपुर के चार कोरोना संदिग्धों को भर्ती किया गया है।इसमें दुबई भ्रमण से लौटी शक्तिनगर निवासी 21 वर्षीय युवती, मुंबई से आए 21 वर्षीय युवक, नागपुर से लौटे 38 वर्षीय युवक सहित शहर का एक अन्य युवक शामिल हैं। इन चारों संदिग्धों की रिपोर्ट सोमवार को आएगी। फिलहाल सुपर स्पेशियलिटी विंग में 12 कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती हैं।इनमें से 8 संदिग्ध पहली रिपोर्ट में कोरोना निगेटिव निकले हैं। अस्पताल से छुट्टी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मिलेगी। इन्हें बुखार-खांसी-जुकाम जैसे लक्षणों और बाहर से आने के चलते भर्ती किया गया है। इस दिन उदयपुर के 4, डूंगरपुर के 18, प्रतापगढ़ के 3, सिरोही के 4 और जोधपुर के 3 सहित 33 कोरोना संदिग्धों की जांच की गई और सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।चित्रकूट नगर में 100 करोड़ की लागत से बना 100 बैड्स का ईएसआईसी अस्पताल भी अधिगृहीत किया जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण अध्यक्ष और कलेक्टर आनंदी ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए अब चित्रकूट नगर स्थित करीब 100 करोड़ की लागत से नवनिर्मित 100 बैड्स के ईएसआईसी अस्पताल को अधिगृहीत करने के आदेश जारी किए हैं।इसमें तैनात सभी चिकित्सा स्टाफ को मय संसाधनों के अधिगृहीत कर लिया है। जो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उदयपुर के निर्देशानुसार कार्य करेंगे। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि अगर उदयपुर में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा हुई तो यह ईएसआईसी अस्पताल कारगर साबित होगा। संभागीय आयुक्त विकास एस भाले ने इसे अधिगृहीत करने का सुझाव दिया है।आदेश-सभी 37 हजार लोग होम क्वारेंटाइन रखें खुद को, वरना अब होगी सख्त कार्रवाईकलेक्टर आनंदी ने फिर सभी एएसडीआो को आदेश दिए हैं कि होम क्वारेंटाइन के निर्देशों की पालना नहीं करने वालों को संस्थागत क्वारेंटाइन किया जाएगा। जिलेभर में विदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, झुंझुनूं, भीलवाड़ा व अन्य संक्रमित शहरों से आने वाले 37 हजार से ज्यादा संदिग्धों पर पुलिस भी नजर रख रही है।आदेश की पालना नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई अलग से की जाएगी। कलेक्टर आनंदी काे कहना है कि होम क्वारेंटाइन किए गए लोग भले ही स्वस्थ हैं, लेकिन घरों में भी 14 दिन तक अपने परिजनों से भी सोशल डिस्टेंस बनाए रखें, क्योंकि कोरोना वायरस के लक्षण 14 दिन के अंदर उभरते हैं तब तक वायरस एक स्वस्थ दिखने वाले संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में चला जाता है।अब आरएनटी में संभागभर के पीड़ितों का इलाज होगाचिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग निदेशालय ने आदेश जारी किए हैं कि अब प्रदेशभर के सभी कोरोना पीड़िताें का इलाज संभाग मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज स्तर के बड़े अस्पतालों में किया जाएगा। अब आरएनटी मेडिकल कॉलेज में उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और चित्तौडग़ढ़ के कोरोना संक्रमितों का इलाज करना होगा। अब पाली, सिरोही, जालौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर के रोगियों का इलाज डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में किया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Udaipur Coronavirus Outbreak Live | Corona Virus Cases in Rajasthan Jaipur Jodhpur Kota Udaipur Ajmer Alwar Sikar (COVID-19) Cases Death Toll Latest News and Updates Full Article
india news 3 अप्रैल से 10 दिन तक कोई घर से बाहर न निकले, मीडिया के कर्फ्यू पास भी होंगे कैंसिल; कुल आंकड़ा 26 पहंचा By Published On :: Mon, 30 Mar 2020 11:41:01 GMT भीलवाड़ा. सोमवार को भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 26पहुंच गई। यहां आज 40 साल के एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिन्होंने बांगड़ अस्पताल के ओपीडी में भर्ती थे।इससे पहले रविवार सुबह भी कॉरोना पॉजिटिव केस सामने आया था। जो भीलवाड़ा की 53 साल की महिला है। जिस महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है वो भी बांगड़ अस्पताल में भर्ती थी। जिनका बांगड़ अस्पताल की आईपीडी में डॉक्टर द्वारा इलाज किया जा रहा था। इनके हार्ट की एंजियोप्लास्टी की गई थी। वहीं कोरोनावायरस की दहशत के बीच राजस्थान के भीलवाड़ा ने इच्छाशक्ति के दम पर बड़े स्तर पर संदिग्धों की स्क्रीनिंग का नया माॉडल देश के सामने पेश किया है। उसने महज 9 दिन में 6 हजार टीमें लगाकर जिले के 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर दी है।भीलवाड़ा में 3 से 13 अप्रैल तक लगेगा महा कर्फ्य़ू, मीडिया पर भी बाहर निकलने पर रोकभीलवाड़ा में कोरोना के खिलाफ जिला प्रशासन का बड़ा कदम उठाने जा रही है। जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने जानकारी दी की भीलवाड़ा शहर में 3 अप्रैल से 13 अप्रैल की रात 12:00 बजे तक रहेगा महा कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान मीडिया विभिन्न संगठनों को जारी कर्फ्यू पास भी मान्य नहीं होंगे। भट्ट ने सभी से अपील की है कि इस अवधि में सभी घर में रहे और एक कदम भी बाहर ना रखें अन्यथा फिर पुलिस अपना काम करेगी। एक टाइम टेबल जारी किया जाएगा। जिसमें लिखा होगा की आपके एरिया में सब्जी और जरूरत के सामान की वेन कब आएगी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए सामान लें। घर से बिल्कुल बाहर नहीं निकलें।यह कवायद 19 मार्च को उस समय शुरू की गई थी, जब एक साथ छह लोग पॉजिटिव मिले। तब हालात नियंत्रित करना प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती था। तब कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ऊपर से आदेश का इंतजार किए बिना स्थिति को काबू करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया। दूसरे ही दिन जिले की सीमाएं सील करते हुए 14 एंट्री पॉइंट्स पर चेक पोस्ट बनाई, ताकि कोई भी शहर से न बाहर जा सके और न अंदर आ सके। फिर जिले में एक-एक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की तैयारी की। इस पर अमल के लिए 6 हजार टीमें बनाईं और पूरे जिले में स्क्रीनिंग शुरू कर दी। तब से महज 9 दिन यानी रविवार तक इन टीमों ने जी-जान लगाकर 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर ली। यह देश के किसी भी शहर में की गई अब तक की सबसे बड़ी स्क्रीनिंग है। स्क्रीनिंग के दौरान करीब 18 हजार लोगों में सर्दी-जुकाम के लक्षण पाए गए। इनकी जांच के लिए दूसरा चरण सोमवार को शुरू किया जाएगा। वैसे शहर में अब तक 25 मामले सामने आए हैं। इनमें से 7 लोग स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि दो लोगों की मौत हुई।ऐप से निगरानी, बाहर निकलते ही पुलिस को जा रहा है अलर्टक्वारेंटाइन के लिए संदिग्धों को थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। घर में क्वारेंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की जा रही है। सभी लोगों के मोबाइल में एप है। इस पर संबंधित व्यक्ति रोज दोपहर 12 बजे तक अपनी स्थिति अपडेट करता है। क्वारेंटाइन शख्स या घर का कोई भी सदस्य बाहर निकलता है तो तुरंत कंट्रोल रूम में अलर्ट जाता है। हालात बिगड़ने की आशंका से 13,100 बेड और तैयार करवाए जा रहे हैं।शहर छोड़कर दूसरे जिलों में भाग गए लोगभीलवाड़ा में संक्रमण का पहला केस बांगड़ अस्पताल के एक डॉक्टर में आया था। डॉक्टर अपने सऊदी से आए दोस्तों से मुलाकात के दौरान संक्रमित हुआ था। डॉक्टर को संक्रमण का पता नहीं था और वह लगातार हॉस्पिटल में आकर मरीजों को देखता और इलाज करता रहा। यहां संक्रमण के जो 24 केस आए हैं, वह सभी हॉस्पिटल से जुड़े हुए हैं यानी हॉस्पिटल के कर्मचारी हैं या फिर मरीज और उनके परिजन संक्रमित मिले हैं। संक्रमण का मामला सामने आने के बाद सरकार ने भीलवाड़ा की सीमाएं सील कर दी। इसके बावजूद कोरोना के खौफ के कारण बड़ी संख्या में यहां के लोग भागकर दूसरे जिलों में जा चुके हैं, उनसे भी कम्यूनिटी इंफेक्शन का खतरा है। कोरोना के डर के कारण रात को सो भी नहीं पा रहे लोगभीलवाड़ा कोरोना संक्रमण के लिहाज से देश का सबसे संवेदनशील जिला हो गया है। यहां जिन दो बुजुर्गों की मौत हुई है उस इलाके के लोग डरे हुए हैं। वह रात को सो नहीं पा रहे हैं। कारण यह है कि जब बुजुर्ग बीमार थे, तब उनका हाल-चाल लेने के लिए आसपास के लोग उनके घर गए थे। बाद में उनके कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। अब दोनों मृतकों के दो-दो परिजनों की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इलाके के लोग अपने बच्चों को लेकर बहुत सहमे हुए हैं। उनको कोरोना संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। इसलिए पुलिस ने दोनों एरिया को पूरी तरह सील कर दिया है।पूरे शहरी क्षेत्र को किया जा रहा सैनिटाइजभीलवाड़ा नगर परिषद की ओर से सोडियम हाईपोक्लोराइड का छिड़काव शहर में किया जा रहा है। इसके साथ कोरोना पॉजीटिव की मौत होने को लेकर एमजी अस्पताल, उसके मकान और आसपास क्षेत्र को फिर से सैनिटाइज करने के लिए छिड़काव किया गया। सभापति मंजू चेचाणी ने बताया कि शहर में जहां भी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं उन कॉलोनियों में सुबह-शाम स्प्रे किया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भीलवाड़ा तैनात चिकित्साकर्मी। Full Article
india news एक ही परिवार का तीसरा भी पॉजिटिव, पिता-पुत्र के बाद अब दादा भी निकला संक्रमित By Published On :: Tue, 31 Mar 2020 08:11:00 GMT (दीपक शर्मा) डूंगरपुर। डूंगरपुर के आसपुर में बुधवार को और कोरोना पॉजिटिव सामने आया। जो पॉजिटिव आया है उसका बेटा और पोता पहले ही पॉजिटिव आ चुके हैं। इनका इंदौर में व्यवसाय है और ये लोग हाल ही डूंगरपुर में अपने घर लौटे हैं। एक ही परिवार के तीन लोग पॉजिटिव आने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। इलाके को पहले ही सीज किया जा चुका है।पारडा सोलंकी निवासी पिता-पुत्र के बाद अब 65 वर्षीय दादा की रिपोर्ट कोरोना पोजेटिव आई है। इसके साथ ही जिले में कुल पॉजिटटिव केस की संख्या तीन हो गई है। आसपुर ब्लॉक के पारड़ा सोलंकी गांव में पिता-पुत्र की 27 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।घर के सभी सदस्यों के स्वाब जांच के लिए उदयपुर आरएनटी मेडिकल कॉलेज भेजे गए थे। आसपुर क्षेत्र का 38 वर्षीय युवक इंदौर की एक सोड़ा वैन में काम करता था। 25 मार्च की सुबह इंदौर से निकलकर अपने 8 साल के बेटे के साथ बाइक से शाम को गांव पहुंचा था।पूरी रात परिवार के साथ रहा। सुबह तबीयत खराब होने पर बेटे के साथ आसपुर सीएचसी पहुंचा। यहां हालत संदिग्ध दिखी तो डूंगरपुर की जिला अस्पताल की धर्मशाला में बनाए विशेष आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया।दादा एक दिन बाद घर लौटापिता-पुत्र के आसपुर आने के एक दिन बाद 26 को दादा इंदौर से कार के जरिये यहां पहुंचा था। यहा पहुंचने पर उसे भी क्यारंटाइन किया गया और बीती देर रात उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। इस परिवार की इंदौर में दुकान है। इनकी दुकान पर रोज बड़ी संख्या में ग्राहक आते हैं। संभव है किसी ग्राहक के संपर्क में आने से ही इनमें से कोई एक संक्रमित हुआ और उससे दोनों। स्वास्थ विभाग जांच में जुटा है।फोटो : सिद्धार्थ शाह Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today डूंगरपुर के आसपुर में बना आइसोलेंशन सेंटर। Full Article
india news महा कर्फ्यू की तैयारियां, बैरिकेडिंग कर बंद की जा रही सड़कें और गलियां By Published On :: Tue, 31 Mar 2020 11:28:36 GMT भीलवाड़ा.राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बन गया है। यहां अब तक संक्रमण के 26 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, दो संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है। भीलवाड़ा में संक्रमण का पहला केस यहां के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर में मिला था। बाकी यहां जितने भी संक्रमित मिले हैं वह डॉक्टर या हॉस्पिटल से जुड़े हुए हैं। हालांकि, अब यहां पर कम्यूनिट में संक्रमण फैलने की आशंका है। संक्रमण की इस चेन को रोकने के लिए प्रशासन ने तीन से13 अप्रैल तक यहां महा कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। मंगलवार से भीलवाड़ा में महाकर्फ्यू की तैयारी शुरू हो गईं। यहां हर कॉलोनी की सभीसीमाएं सील की जा रही हैं। हर बस्ती के बाहर बेरिकैडिंग की जा रही है। इसके लिए प्रशासन ने टेंट का सामान किराए पर लिया है।रेलवे स्टेशन चौराहे और बाजार के चारों तरफ रोड पर बल्ली लगाकर बंद कर दिया गया है।गली-मुहल्लों के रास्तों को बल्ली लगाकर सील किया जा रहा है।भीलवाड़ा मेंसाेमवार काे जिस व्यक्ति की पाॅजिटिव रिपाेर्ट आई वहयहां के बांगड़ अस्पताल में डाॅक्टर काे चेकअप कराने गया था। जिस डाॅक्टर काे चेकअप कराने गया था वह और उसकी पत्नी भीकाेराेना पाॅजिटिव है और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती है।अच्छी खबर:अब तक 11 पॉजिटिव रोगियों की रिपोर्ट आ चुकी नेगेटिवभीलवाड़ा में डर और दशहत के बीच एक राहत भरी खबर है।यहां हॉस्पिटल के आइसोलेश वार्ड में भर्ती चार और मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन चार को मिलाकर अब तक 11 पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव हो चुकी हैं। इन 11 मरीजों में 9 मरीज भीलवाड़ा के आइसोलेशन वार्ड में और दो जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इन सभी मरीजों को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। एमजी हॉस्पिटल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि इनकी एक और जांच नेगेटिव आने के बाद इनको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा और होम आइसोलेशन में रखकर इनकी निगरानी की जाएगी।रिसर्च - भीलवाड़ा में काेराेना के नए केस मिलने की रफ्तार 333% राजस्थान में 233, झुंझुनूं में 133काेराेनाेजाेन भीलवाड़ा और राजस्थान में काेराेना संक्रमिताें की तेजी से बढ़ती संख्या ने सरकार काे चिंता में डाल दिया है। काेराेना वायरस से प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित भीलवाड़ा में पिछले 10 दिनाें में 333 फीसदी की रफ्तार से संक्रमण फैला। वहीं झुंझुनंमें संक्रमण फैलने की रफ्तार 133 फीसदी रही। पूरे राजस्थान में संक्रमण फैलने की रफ्तार 233 फीसदी है जाे कि भीलवाड़ा से काफी कम है। जिस गति से भीलवाड़ा, झुुंझुनूं में पाॅजिटिव मरीज बढ़ रहे हैंउससे कहा जा सकता है कि यदि लाेग कुछ दिनाें तक और घराें में नहीं रहे ताे अभी और मुश्किलें आने वाली हैं, क्याेंकि भीलवाड़ा में काेराेना वायरस तीसरी स्टेज में चल रहा है और अब यह कम्यूनिटी स्टेज में पहुंच सकता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भीलवाड़ा का हर गली-मोहल्ला किया जाएगा सील। Full Article
india news खेत में काम कर रहे चार किसानों पर पैंथर ने हमला किया, एक गंभीर; ड्रोन से की जा रही पैंथर की तलाश By Published On :: Tue, 31 Mar 2020 13:21:29 GMT उदयपुर (अभिषेक श्रीमाली).उदयपुर जिले के कानोड़ थाना क्षेत्र के गुलाबपुरा गाव में मंगलवार को अलसी के खेत में काम कर रहे ग्रामीणों पर पैंथर नेहमला कर दिया। हो हल्ला मचने पर पैंथर ने ग्रामीणों को छोड़ दिया और वहीं छिप गया। पुलिस औरवन विभाग की टीम सुबह से मौके पर डेरा डाले हुए है,लेकिन पैंथर का शाम तक कुछ पता नहीं चला।जानकारी के अनुसार ग्रामीण खेत में आराम से गेहूंकटाई का काम कर रहे थे। उन्हें जरा भी भान नहीं था कि कोई खतरनाक जानवर उन पर नजरे गढ़ाए हुए है। अचानक पैंथर ने एक ग्रामीण पर हमला किया। उसके चिल्लाने पर पास में मौजूद ग्रामीणों ने हल्ला मचाया तो पैंथर ने उन पर भी हमला भी कर दिया।यह सब बिजली की तेजी से हुआ और किसी को कुछ समझने-संभलने का मौका ही नहीं मिला। सैकंडोमें ही पैंथर खेत में ओझल हो गया। हल्ला मचने पर ग्रामीण एकत्र हो गए और पुलिस व वन विभाग को सूचना दी।पुलिसने चार घायल किसानों को कानोड़ अस्पताल पहुंचाया। पैंथर ने एक ग्रामीण के शरीर में कई जगहों पर दांत व पंजों से नोचा है। हालत नाजुक होने पर उसे उदयपुर रैफर कर दिया गया।गुलाबपुरा निवासी भैरु लाल पिता नारायण लाल गायरी, भंवर लाल पिता रामा गायरी, रामेश्वर पिता कैला गायरी, प्रथा पिता गमेरा गायरी पैंथर के हमले में घायल हुए हैं। भीण्डर से सहायक वन अधिकारी सोमेश्वर त्रिवेदी, वन विभाग की टीम और कानोड़ थानाधिकारी श्रवण जोशी मय जाब्ता गुलाबपुरा पहुंचे तथा खेतों में पैथर की तलाश शुरू की।पटाखे फोड़े लेकिन पैंथर बाहर नहीं आयाग्रामीणों ने खेतों के पास पटाखे छोड़े, हल्ला मचाया, लेकिन पैंथर नहीं निकला। पुलिस ने खेतों पर ड्रोन भी उड़ाया लेकिन पैंथर नजर नहीं आया। वन विभाग का मानना है कि पैंथर रात को आराम करने से पहले शाम को पानी पीने निकलता है। लेकिन वह शाम को भी नहीं निकला। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today खेतों पर ड्रोन उड़ाकर पैंथर को खोजा गया। खेत में पैंथर को तलाशती पुलिस और वन विभाग की टीम। Full Article
india news हिरणमगरी थाने के खानसामे ने तोड़ा दम, 5 दिन पहले साल्वेंट ड्रम में विस्फोट से झुलस गया था By Published On :: Tue, 31 Mar 2020 13:22:03 GMT (विपिन सोलंकी) उदयपुर. हिरणमगरी थाने में 26 मार्च को 45 लीटर सॉल्वेंट से भरे ड्रम में ब्लास्ट होने से झुलसे लांगरी (खानसामे) सराड़ा के नठारापाल निवासी भूपेन्द्र पुत्र हकरा मीणा की सोमवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। ब्लास्ट से भूपेन्द्र करीब 50 प्रतिशत तक झुलस गया था।थानाधिकारी हनवंत सिंह ने बताया कि झुलसे लांगरी का एमबी हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में उपचार चल रहा था। वह अस्थाई रूप से नौकरी पर लगा हुए था। उसकी जगह उसके छोटे भाई को नौकरी पर लगाने की अनुशंसा हुई है, साथ ही थाने के स्टाफ ने अार्थिक सहायता दी है।बता दें कि लांगरी भूपेन्द्र पिछले तीन साल से थाने में नियुक्त था। वह मेस में खाना बनाने का काम कर रहा था। मेस के कुछ ही दूर 45 लीटर सॉल्वेंट से भरा ड्रम रखा था जिसमें ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट होने से निकले लपटों की चपेट में भूपेंद्र आ गया।2017 में जब्त किया था, कोर्ट में डिस्पोजल की अर्जी लगा रखी हैसॉल्वेंट के ड्रम को वर्ष 2017 में जब्त किया गया था। तभी से थाने में अलग रखा हुआ था। कोर्ट के आदेश पर छह प्रकार के माल का कुछ दिनों पहले ही डिस्पोजल किया गया और सॉल्वेंट के डिस्पोजल के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई हुई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today थाने में रखे ड्रम के अवशेष। इसी ड्रम में विस्फोट से भूपेन्द्र झुलसा था। Full Article
india news प्रिंट रेट से ज्यादा राशि वसूलने पर 2 व्यापारियों पर 25-25 हजार रुपए जुर्माना, एक की दुकान सीज By Published On :: Tue, 31 Mar 2020 13:29:00 GMT (विपिन सोलंकी) उदयपुर. खाद्य सामग्री पर प्रिंट रेट से अधिक राशि वसूलने को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर डीएसओ ने दो दुकानदारों पर 25-25 हजार रुपए जुर्माना लगाया और एक की दुकान सीज की है। थानाधिकारी हनवंत सिंह ने बताया कि कृषि मंडी स्थित भंवरलाल रंगलाल आइल्स प्राइवेट लिमीटेड के अरविन्द पुत्र जयंतीलाल जैन और आरबी ट्रेडिंग कंपनी के रविन्द्र पुत्र ब्रजलाल मोटवानी पर 25-25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है।साथ ही सेक्टर 3 विवेक नगर स्थित जय झामेश्वर दूध डेयरी और जनरल स्टोर को सीज किया जिसका मालिक विनोद पुत्र केवा पटेल है। उन्होंने बताया कि शहर में खाद्य सामग्री पर प्रिंट रेट से ज्यादा राशि वसूलने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद एएसपी सिटी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने जिला स्पेशल टीम और थाने के जाप्ते की टीम बनाई।मिल रहीं थीं शिकायतेंकृषि मंडी में ज्यादा राशि लेने की शिकायत प्राप्त हुई तो मौके पर पहुंचे। वहां पर व्यापारी भंवरलाल रंगलाल आइल्स प्राइवेट लिमीटेड के अरविन्द और आरबी ट्रेडिंग कंपनी के रविन्द्र द्वारा सामग्री पर ज्यादा राशि वसूलने और बिल नहीं देना पाया गया।मौके पर डीएसओ जयमल सिंह राठौड़ और एसीटीओ श्यामप्रताप सिंह को बुलाया जिन्होंने कार्रवाई करते हुए 25000-25000 का जुर्माना लगाया। इसी प्रकार सेक्टर 3 विवेक नगर स्थित जय झामेश्वर दूध डेयरी और जनरल स्टोर को सीज किया।जांच में पाया कि मालिक विनोद पटेल अपनी दुकान से किराने के सामान पर अधिक राशि वसूल रहा था। एडिशनल डीएसओ जयमल सिंह राठौड और एसीटीओ श्याम प्रताप सिंह ने दुकान को सीज करने की कार्रवाई की। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today प्रिंट रेट से ज्यादा राशि वसूलने पर डेयरी को सीज किया गया। Full Article
india news दुकान खोलकर पुलिस से बोला, मैं किसी सरकार का आदेश नहीं मानता, पुलिस ने केस दर्ज कर दुकानदार को किया अरेस्ट By Published On :: Tue, 31 Mar 2020 13:43:00 GMT (विपिन सोलंकी) उदयपुर. लॉकडाउन में हरवेनजी का खुर्रा स्थित इलेक्ट्रॉनिक की दुकान खोलकर व्यापार करने वाले व्यापारी के खिलाफ घंटाघर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। थानाधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि सरकार के आदेशों की पालना नहीं करने पर व्यापारी प्रकाश पुत्र भैरूलाल लौहार के खिलाफ मुकदमा दर्जकर उसे अरेस्ट कर लिया है।उन्होंने बताया कि थाने का जाब्ता हरवेनजी का खुर्रा से हाथीपोल गेट तक सुबह गश्त कर रहा था। इसी दौरान सुबह 10.30 बजे नाकोड़ा इलेक्ट्रॉनिक नामक दुकान खुली मिली। वहां दो-तीन लोग और खड़े थे जो पुलिस को देख भाग गए।पुलिसकर्मी दुकान पहुंचे और मालिक को लॉकडाउन में सरकारी आादेश के तहत दुकान बंद रखने के लिएकहा। दुकानदार ने कहा,तुम कौन होते हो मना करने वाले, मैं दुकान खोलकर सामान बेचूंगा। मैं भारत और राज्य सरकार का आदेश नहीं मानूंगा। फिर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today उदयपुर का देहली गेटा चौराहा। लॉकडाउन के कारण बाजार बंद हैं। Full Article
india news गजेंद्र बोले - मैं बेटे को लेकर इंदौर से गांव आया गया था, हमसे पिताजी भ्री पॉजिटिव हो गए ... मैंने गलती की आप मत करिए By Published On :: Wed, 01 Apr 2020 03:42:00 GMT (गिरीश शर्मा) एमबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में डूंगरपुर के 38 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव गजेंद्र (परिवर्तित नाम) और उसका 14 वर्षीय बेटा भर्ती है। दोनों के साथ मंगलवार को गजेंद्र के पिता की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। गजेंद्र ने भास्कर को अपनी आपबीती बताकर दूसरे लोगों को उनसे सबक लेने की गुजारिश की है।गजेंद्र ने बताया कि एक-दूसरी जगह मूव करने पर हम कैसे बेवजह खुद ही नहीं, दूसरों को भी परेशानी में डाल देते हैं। मैं 25 मार्च को मेरे 14 साल के बेटे को बाइक पर इंदौर से डूंगरपुर की आसपुर तहसील स्थित अपने गांव पारड़ा सोलंकी पहुंचा। मैंने मेरे माता-पिता और बेटे ने दादा-दादी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।हम बाप-बेटे पूरी तरह स्वस्थ थे, लेकिन रात में बेटे की तबीयत खराब हो गई। उसे बुखार-खांसी के साथ सांस लेने में परेशानी होने लगी तो मेरे 65 वर्षीय पिता उसे छाती से चिपका कर बैठ गए। बेटे के सबसे नजदीक उसके दादाजी रहे।तब वे बिल्कुल स्वस्थ थे। देर रात मेडिकल रिस्पोंस टीम को सूचना दी। जो डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन सेंटर ले गई, जहां उपचार किया गया। मेरी और बेटे की इंदौर की हिस्ट्री पूछकर हम दोनों को वहीं आइसोलेट कर दिया गया।दूसरे दिन जांच रिपोर्ट में हम दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसकी हमें सपने में भी कल्पना नहीं थी। हमें पता ही नहीं है कि हम इंदौर में किस कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुए। इसके बाद वही हुआ जिसका हमें डर था - मेरे पिताजी भी कोरोना संक्रमित हो गए। अब हम तीनों एमबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती हैं। इंदौर में मेरा बड़ा बेटा और भाई व उसकी पत्नी को कोरोना संदिग्ध मानकर वहां एमवाय अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। उम्मीद है सब कुछ ठीक होगा।गजेंद्र ने यह अपील कीमेरी सभी से यही गुजारिश है कि इस महामारी के तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए जो जहां है, वहीं रुक जाए। अगर हम इंदौर में रुक जाते तो पिताजी संक्रमित नहीं होते। सभी लोग कमरों में बंद रहकर कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने में जुट जाएं। गनीमत है कि हम तीनों स्वस्थ हैं। तीनों में से किसी को भी न सांस लेने में तकलीफ है, न ही किसी भी तरह की घबराहट। हम तीनों ने ठान ली है कि हिम्मत और आरएनटी के चिकित्सकों के उपचार से इस कोरोना को हराकर ही जल्द घर लौटेंगे। कुछ लोग यह झूठ भी फैला रहे हैं कि मैं कोरोना वायरस का इलाज कराने एक भोपा के पास गया था। यह बिलकुल गलत है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Udaipur Coronavirus Positive Patient On COVID-19 Social Distancing; Coronovirus Rajasthan Latest News Updates Full Article
india news सर्दी, जुकाम और बुखार की शिकायत वाले 18 हजार लोगों का घर जाकर किया जाएगा इलाज By Published On :: Wed, 01 Apr 2020 07:59:50 GMT राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बन गया है। जिसे कोरोनाजोन भी कहा जा रहा है। यहां अब तक सबसे ज्यादा 26 मामले सामने आए हैं। जो सभी यहां केबांगड़ अस्पताल से जुड़े हैं। भीलवाड़ा में सबसे पहला संक्रमित बांगड़ हॉस्पिटल का डॉक्टर मिला था।अब संक्रमण की चेन को तोड़ने क लिए यहां तीन से 13 अप्रैल तकमहा कर्फ्यू लगाया जाएगा। मंगलवार से इसकी तैयारी शुरू हो गई है।हर कॉलोनी की सभी सीमाएं सील की जा रही हैं। हर बस्ती के बाहर बेरिकैडिंग की जा रही है। रेलवे स्टेशन चौराहे और बाजार के चारों तरफ रोड पर बल्ली लगाकर बंद कर दिया गया है। मंगलवार को प्रदेश के डीजीपी भी यहां पहुंचे थे।इस बीच भीलवाड़ा मेंघर-घर का सर्वे भी जारी है। सर्वे का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। इस बार का सर्वे पिछले से अलग होगा। इस बार उन 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही इलाज किया जाएगा, जो पिछले सर्वे में सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित मिले थे। इन्हें वापस सर्वे में शामिल करेंगे। इस बार सर्वे में पूछने के साथ ही इलाज के लिए नजदीकी डिस्पेंसरी या फिर पीएचसी ले जाया जाएगा। इससे सामान्य सर्दी, जुकाम और बुखार को ठीक करने के साथ ही किसी तरह के संदिग्ध होने पर पहचान भी आसान हो सकेगी। पिछले सर्वे में 6 हजार टीमें 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में हुई थी। इस दौरान पूरे जिले के लोगों में घर घर जाकर लोगों से जानकारी जुटाई गई थी। ताकि कोरोना प्रभावित, संदिग्धों और सामान्य बीमारों की पहचान हो सके। पहले सर्वे हिट रहा और प्रदेश भर में जिले के प्रशासन और चिकित्सा विभाग की सराहना की गई।अच्छी खबर: अब तक 11 पॉजिटिव रोगियों की रिपोर्ट आ चुकी नेगेटिवभीलवाड़ा में डर और दशहत के बीच एक राहत भरी खबर है। यहां हॉस्पिटल के आइसोलेश वार्ड में भर्ती चार और मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन चार को मिलाकर अब तक 11 पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव हो चुकी हैं। इन 11 मरीजों में 9 मरीज भीलवाड़ा के आइसोलेशन वार्ड में और दो जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इन सभी मरीजों को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। एमजी हॉस्पिटल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि इनकी एक और जांच नेगेटिव आने के बाद इनको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा और होम आइसोलेशन में रखकर इनकी निगरानी की जाएगी।रिसर्च - भीलवाड़ा में काेराेना के नए केस मिलने की रफ्तार 333% राजस्थान में 233, झुंझुनूं में 133काेराेनाेजाेन भीलवाड़ा और राजस्थान में काेराेना संक्रमिताें की तेजी से बढ़ती संख्या ने सरकार काे चिंता में डाल दिया है। काेराेना वायरस से प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित भीलवाड़ा में पिछले 10 दिनाें में 333 फीसदी की रफ्तार से संक्रमण फैला। वहीं झुंझुनं में संक्रमण फैलने की रफ्तार 133 फीसदी रही। पूरे राजस्थान में संक्रमण फैलने की रफ्तार 233 फीसदी है जाे कि भीलवाड़ा से काफी कम है। जिस गति से भीलवाड़ा, झुुंझुनूं में पाॅजिटिव मरीज बढ़ रहे हैं उससे कहा जा सकता है कि यदि लाेग कुछ दिनाें तक और घराें में नहीं रहे ताे अभी और मुश्किलें आने वाली हैं, क्याेंकि भीलवाड़ा में काेराेना वायरस तीसरी स्टेज में चल रहा है और अब यह कम्यूनिटी स्टेज में पहुंच सकता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भीलवाड़ा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे लोग। Full Article
india news संक्रमण के 76 रोगियों में से 48 आपस में रिश्तेदार हैं या सहकर्मी, कहीं-कहीं पूरा परिवार संक्रमित By Published On :: Wed, 01 Apr 2020 08:12:20 GMT (डूंगरसिंह राजपुरोहित).प्रदेश में 29 दिन में 93 मरीज सामने आचुके हैं। इनमें 76 प्रदेश के हैं, जबकि 17 ईरान से लाए गए भारतीयाें में पाॅजिटिव मिले हैं। प्रदेश के 76 राेगियाें में से 48 या तो एक ही परिवार के सदस्य हैं, आपसी रिश्तेदार हैं या एक ही संस्थान के सहकर्मी हैं। सात शहरों में तो इतना आपसी संक्रमण फैल गया कि कई परिवार ताे ऐसे हैं, जिनमें शायद ही काेई व्यक्ति इस राेगी से पीड़ित बचा हाे। इस हिसाब से प्रदेश में फैमिली संक्रमण वालों का आंकड़ा 63.15 प्रतिशत हो गया है, जो खतरे का संकेत है। इस बीच, प्रदेश में कुल 20 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी। काेराेनाजाेन बने भीलवाड़ा के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 26 में से 13 मरीजों की रिपोर्ट पाॅजिटिव से निगेटिव आई है। यहां दो मौतें हो चुकी हैं। झुंझुनूं में भी कुल 8 में 3, जयपुर में भी 21 मरीजों में से 4 की रिपोर्ट पाॅजिटिव से निगेटिव आई है। जोधपुर में दो की रिपोर्ट पहले पाॅजिटिव और अब निगेटिव आई।जयपुर : दो रोगियों से 12 पॉजिटिव2 मार्च को इटली का यात्री रोगी मिला। 48 घंटे बाद उनकी पत्नी भी पाॅजटिव मिली। ओमान से आए मरीज के दोस्त को संक्रमण हुआ। फिर उसके परिवार में माता व बेटा भी पाॅजिटिव मिले। दो परिवारों के 12 लोग पाॅजिटिव हुए।जोधपुर: 3 रिश्तेदारों को रोगी बनायाएक व्यक्ति विदेश से आया व पाॅजिटिव मिला। कुछ दिन घर पर रहने से उसके 3 रिश्तेदार भी संक्रमित हो गए। इसी तरह लंदन से दो दोस्त आए। जोधपुर में टेस्टिंग की तो पहले दिन एक और दूसरे दिन दूसरा साथी पाॅजिटिव निकला।डूंगरपुर : 3 पीढ़ियां संक्रमित हो गईंइंदौर से पिता-पुत्र लौटे। दोनों टेस्ट में पाॅजिटिव मिले। मंगलवार को 40 वर्षीय इस व्यक्ति के 65 वर्षीय पिता भी पाॅजिटिव निकले। इस तरह इनकी तीन पीढ़ी संक्रमित हो गई।अलवर : साथी से मिला रोगफिलिपींस से आए युवक को 30 मार्च को पाॅजीटिव घोषित किया। बताया जा रहा है कि अपनी बहन सहित कई लोगों से मिला। वह झुंझुनूं के कोरोना रोगी से संक्रमित हुआ था।भीलवाड़ा : एक डॉक्टर की लापरवाही से अब तक 26 संक्रमितबांगड़ अस्पताल के ही 6 डाॅक्टर-नर्स पहले दिन 20 मार्च को कोरोना पाॅजिटिव मिले। इसके बाद से अब तक 18 से अधिक इसी अस्पताल के सहकर्मी पाॅजीटिव मिल चुके हैं। इनमें टाइपिस्ट, लैब असिस्टेंट, अटेंडर आदि शामिल हैं। इसी अस्पताल में इलाज के दाैरान संक्रमित हुए 60 वर्षीय व्यक्ति की माैत हाे गई। इसके 12 घंटे बाद ही बेटा और पाेती भी पाॅजिटिव मिले। सुखद खबर यह है कि मंगलवार को यहां कोई नया रोगी नहीं मिला।अजमेर : परिवार के पांचों सदस्यों को कोरोना ने घेराअजमेर में एक युवक में कोरोना की पुष्टि हुई। तीन दिन पहले उसके 57 वर्षीय पिता, 40 वर्षीय मां व 20 वर्षीय भाई भी पीड़ित मिले। मंगलवार को 17 वर्षीय बहन भी पाॅजीटिव हो गई। इस परिवार के पांचों सदस्यों को कोरोना हो गया।झुंझुनूं : दुबई से लौटे युवक के कारण 6 घरवाले क्वारेंटाइनदुबई से आया युवक क्वारेंटाइन में रखा गया। जांच रिपोर्ट आती तब तक भागकर घर पहुंच गया। घर वालों से मिला। मंगलवार काे उसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। अब घर के छह लोग क्वारेंटाइन में रखे गए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today बीकानेर में झुग्गियों में जाकर मास्क पहनाते वालंटियर। Full Article
india news कोरोना बचाव के लिए गांव के बाहर लिखा- बाहरी लोगो का प्रवेश मना, कहीं बेजुबानों की मदद में लगा युवा By Published On :: Wed, 01 Apr 2020 15:03:20 GMT (ताराचंद गवारिया).राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए 21 दिन का लॉकडाउन जारी है। वहीं उदयपुरजिले के कोल्यारी गांव ने एक अच्छी पहल करते हुए, यहां बाहर से आने वाले लोगों पर रोक लगा दी है।उदयपुर से करीब 70 किमी दूर कोल्यारी गांव के युवाओं ने गांव के मुख्य प्रवेश पर सड़क पेंट से लिख दिया कि कोरोना की वजह से बाहरी लोगो का गांव में प्रवेश मना है।इसके साथ में गांव में आने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए है।गांव में किसी भी व्यक्ति को ना हो परेशानी इस ध्यान रखागांव के पूर्व सरंपच मोहन लाल ने बताया कि सभी रास्तों को बंद करने के साथ यह भी ध्यान रखा गया है कि गांव में किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी ना हो। इसके अलावा जरूरतंमदों तक राशन साम्रगी भी व्यवस्थाकी गई है। कोल्यारी गांव की तस्वीर बताती है किअपने गांव से कोरोना जैसी गंभीर बीमारी सेदूर रखने के लिए लोग मेहनत से जुटे हुएहैं।उदयपुर में बेजुबानों की मदद में जुटे लोगवहीं उदयपुर के कुछ युवाओं की टीम शहरभर बेजुबान जानवरों के भोजन की व्यवस्था में लगी है। बेजुबानों की मदद कर रहीं शौर्या जैन का कहना है कि इंसान अगर भूख लगी तो खाना मांग कर खा लेगा। मगर ये बेजुबान जानवर किसे कहे। इसलिए हमनेतय किया कि शहर की गलियों और टूरिस्ट पॉइंट पर जानवरों तक खाना पहुंचाया जाएगा। इसमेंहम गाय केलिए चारा, मछली के लिए आटा, कबूतर के लिए दाना, स्ट्रीट डॉग्सके लिए दूध बिस्किट और बंदरो के लिएकेले और रोटी का इंतजाम कर रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today उदयपुर के पास कोल्यारी गांव में युवाओं की अनोखी पहल। Full Article
india news आरएसबीसीएल बना रही सेनेटाइजर, 180 एमएल की बोटल 37.50 रुपए की By Published On :: Thu, 02 Apr 2020 08:54:26 GMT (विपिन सोलंकी)कोरोना वायरस के आने के बाद से बाजारों में सेनेटाइजर की कमी है। बड़े ब्रांड्स के सेनेटाइजर भी बाजार में बमुश्किल मिल रहे हैं। साथ ही घटिया क्वालिटी के सेनेटाइजर और महंगे दामों में बेचे जाने की शिकायतों के बीच राहत भरी खबर है। उदयपुर स्थिबत सरकारी कंपनी राजस्थान स्टेट बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) और निजी कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट लिमेटेड ने सेनेटाइज का उत्पादन शुरू किया है। दोनों की ब्रीकी गुरुवार से शुरू हुई।आबकारी डीओ हेंमेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों कंपनियों के उदयपुर के मादड़ी स्थित प्लांट में सेनेटाइजर का प्रोडक्शन चालू है। आरएसबीसीएल 400 पेटी सेनेटाइइजर डेली बनारहीहै।आरएसबीसीएलमेडिकल कॉलेज और अस्पताल को डेली 25 पेटी सेनेटाइजर उपलब्ध करा रहीहै। वहीं मेडिकल स्टोर्स को पांच पेटी, पंजीकृत संस्थाओं को 25 पेटी, गैर पंजीकृत संस्थाओं को पांच पेटी सेनेटाइजर उपलब्ध करा रहा है। हर पेटी में 180 एमएल की 48 बोटल हैं। इनकी कीमत है 37.50 रुपए प्रति सेनेटाइजर है। वहीं बाजार में इसकी कीमत 50 रुपए प्रति बोटल है।आरएसबीसीएल द्वारा बनाया गया सेनेटाइजर। इसके अलावा यूनाइटेड स्प्रिट लिमिटेड यूएसएल भी सेनेटाइजर बना रही है। यहां अभी तक 35 हजार लीटर सेनेटाइजर का प्रोडक्शन किया गया है। यहां कोर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत प्रोडक्शन किया गया है, यानी यह सेनेटाइजर निशुल्क दिया जा रहा है।सीएसआर के तहत उदयपुर, जयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर और जोधपुर स्थित सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज और उदयपुर स्थित सेना की छावनी में पांच-पांच हजार लीटर सेनेटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं सिरोही, जालौर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापनगर मेडिकल कॉलेज में एक-एक हजार लीटर सेनेटाइजर इस फंड के तहत दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार दोनों ही कंपनियों के सेनेटाइज अच्छी क्वालिटी के हैं।यूनाइटेड स्प्रिट लिमिटेड यूएसएल दुवारा बनाया गया सेनेटाइजर फ्री उपलब्ध कराया जा रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Udaipur Coronavirus Outbreak Live | Rajasthan Udaipur Coronavirus Lockdown Latest Today News, Coronavirus COVID-19 Cases In Rajasthan Udaipur Live Updates Full Article
india news चार एक्सपर्ट, चार स्पेशलिस्ट, 11 लैब टेक्नीशियन की टीम सुबह 8 से रात 2 बजे तक लैब में कर रही है सैंपल्स की जांच By Published On :: Thu, 02 Apr 2020 09:13:00 GMT (गिरीश शर्मा)जहां लोग कोरोना केनाम से डर रहे हैं वहीं आरएनटी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के चार वैज्ञानिक, चार विशेषज्ञ चिकित्सक, 11 लैब तकनीशियन सहित 19 लोगों की टीम लैब में कोरोना के सैंपलों की जांच में जुटी है। यह टीम रोज सुबह आठ से रात दोबजे तक इस काम में बड़ी शिद्दत से जुटी रहती है।टीम अब तक उदयपुर के 117 सहित प्रदेश के 13 जिले के साथ-साथ महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 522 कोरोना संदिग्ध मरीजों के नमूनों की जांच कर चुकी है। इनमें से प्रतापगढ़ के दंपती, डूंगरपुर के दादा-पिता-पुत्र सहित पांच रोगियों में कोरोना वायरस की पुष्टि कर चुकी है।कोरोना के खतरनाक संक्रमण से बचने के लिए टीम पीपीई किट पहनकर निगेटिव चैंबर में कोरोना वायरस के आरएनए की जांच करती है। टीम का कहना है कि जब सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो हमें बहुत खुशी होती है। हम सभी दिल से चाहते हैं कि कोई भी इस खतरनाक वायरस का शिकार ना हो।जैसे कुछ लोगों के नमूने पॉजिटिव आए हमें बड़ी निराशा हुई, लेकिन रिपीट टेस्ट में निगेटिव होने पर सुकून मिला। टीम ने बताया कि हमारे परिवार वाले भी हमारे जॉब को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन उन्हें भी हमारे जॉब पर गर्व है। परिवार को लेकर हम घर पर भी काफी एहतियात बरतते हैं। परिवार की हिम्मत ही हमारी असली ताकत है।जोखिम इतना कि नमूनों की जांच में कदम-कदम पर बरतना होता है एहतियातविभागाध्यक्ष डॉ. अंशु शर्मा और इंचार्ज डॉ. सुशील कुमार साहू बताते हैं कि सबसे पहले चिकित्सक कोरोना संदिग्ध मरीजों के थ्रोट स्वाब के नमूने लेकर जांच कराने लैब में भेजते हैं। इन नमूनों की आर्टीथीसिया तकनीकी के आधार पर कोरोना वायरस के आरएनए की जांच करते हैं।सबसे पहले निगेटिव चैंबर में सैंपल के वायरस को कैमिकल्स से उसके विभिन्न अवयवों में विभाजित करते हैं। इसके बाद वायरस के आरएनए को बाहर निकालते हैं। मास्टर मिक्स के साथ आरएनए को मिलाकर रियल टाइम पीसीआर मशीन में उसका कई गुणा एम्लिफिकेशन यानी बहुगुणित करने का काम करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में चार से साढे चार घंटे का समय लगता है। निगेटिव प्रेशर रूम वहीं व्यक्ति प्रवेश कर सकता है जो सैंपल की उस समय जांच करता है। ना मोबाइल, ना ही किसी अन्य सामान को ले जाने की अनुमति है।यह टीम कर रही इस वायरस की जांचआरएनटी की लैब में कोरोना वायरस की जांच करने वालों में विभागाध्यक्ष डॉ. अंशु शर्मा, इंचार्ज डॉ. सुशील कुमार साहू, असिस्टेंट इंचार्ज डॉ. किरण मीणा, डॉ. संध्या मिश्रा, साइंटिस्ट डॉ. संगीता, डॉ. सुभांगी, डॉ. नीतेश चौहान, डॉ. शैलेश और लैब तकनीशियन जमना लौहार, रामकृष्ण टेलर, महेश लौहार, मनोज्ञ जोशी, जगदीश, श्रवण, राधाकृष्णा, नीतेश, विशाल पाटीदार, अजय प्रजापत, इंद्रजीत यादव शामिल हैं।सर्वाधिक उदयपुर के 117, राजसमंद के 83, प्रतापगढ़ के 50 नमूने जांचेयह टीम उदयपुर के 117, राजसमंद के 83, प्रतापगढ़ के 50, डूंगरपुर के 105, चित्तौडग़ढ़ के 68, सिरोही के 53, भीलवाड़ा के 16, बांसवाड़ा के 17, जोधपुर के 3, चुरु के 1, टोंक के 1, महाराष्ट्र के 3 मध्यप्रदेश के 3 सहित 522 मरीजों के जांच नमूने जांच चुकी है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह टीम कर रही इस जानलेवा वायरस की जांच। Full Article
india news तीन दिन से एक भी पॉजिटिव केस नहीं आया, यहां 26 संक्रमितों में से अब 13 की रिपोर्ट निगेटिव आई By Published On :: Thu, 02 Apr 2020 10:38:45 GMT राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ था। दो दिन पहले यानी सोमवार तक राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा 26 मामले यहीं पर थे। लेकिन, सरकार की सख्ती के चलते अब यहां के हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। तीन दिनों से यहां संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, अभी खतरा कम नहीं हुआ है, जिसके चलते प्रशासन ने यहां 3 से 13 अप्रैल तक महा कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। इसके लिए शहर की सभी गलियों और कालोनियों की बैरिकेडिंग की जा रही है। स्थिति यह रहेगी कि लोग एक गली से दूसरी गली में भी नहीं जा सकेंगे।पहलेदोअच्छी खबर:1847 में से 1515 की रिपोर्ट निगेटिव:भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1847 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 1515 की रिपोर्ट की निगेटिव आई है। जबकि 306 की रिपोर्ट आना बाकी है।26 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनकेपरिजन हैं।26 संक्रमितों में से 13 की रिपोर्ट निगेटिव: शहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। इनमें से इलाज के बाद 13 की कोरोनारिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी कोआइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। वहीं दो की मौत हो चुकी है। अब 11 पॉजिटिव बचे हैं।इनमें सात भीलवाड़ा और चार जयपुर में भर्ती हैं। बाकी का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों को उम्मीद है कि जल्द रिकवर कर लेंगे।कैसे किया नियंत्रण:निजी वाहनों को बंद किया गया: भीलवाड़ा में 20 मार्च को संकमण का पहला केस डॉक्टर मेंमिला था। अगले दिन उसी अस्पताल के तीन डॉक्टर और स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पूरे शहर मेंकर्फ्यू लगा दिया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया। इसमें रोडवेज बस से लेकर ऑटो-रिक्शा, टैक्सी सभी शामिल थी।छह हजार से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन में रखा गया: डॉक्टर से संक्रमण फैलने का पता चलते ही हॉस्पिटल का स्टॉफ, उनके परिवार वाले, जो मरीज हॉस्पिटल में आए थे, उनके परिजन सभी की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से शहर में करीब 11 हजार लोग संदिग्ध मिले। करीब 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया।77 हजार घरों का तीन बार सर्वे: शहर में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 77 हजार घरों का तीन बार सर्वे किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की। इसमें पहले चरण में छह हजार टीमों ने 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में पूरी की। इसके दूसरे चरण में 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही सर्दी, जुखाम का इलाज किया गया।थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में किया क्वारैंटाइन: कोरोना संदिग्धों को भीलवाड़ा के थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। वहीं, घर में क्वारैंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की गई।अब आगे क्या:भीलवाड़ा में महा कर्फ्यू के लिए शहर की गलियों तक का सील किया जा रहा है।3 से 13 अप्रैल तक महा कर्फ्यू: शहर में तीन से 13 अप्रैल तकमहा कर्फ्यू लगाया जा रहा है।इसमें सिर्फ बेहद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों एवं वाहनों को ही निकलने की अनुमति होगी। इसके लिए पहले से बने उनके पास मान्य होंगे। बाकी कर्फ्यू के दौरान जारी किए गए सभी पास को कैंसिल कर दिया गया। यहां तक मीडिया को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है।घर-घर सब्जी-दूध पहुंचाने की तैयारी: शहर में सरस डेयरी के 324 बूथों के माध्यम से घर-घर दूध पहुंचाने की व्यवस्था की गई हैं। सभी बूथों पर आलू-प्याज भी मिलेंगे। सब्जियों के लिए वाहन लगाए गए हैं, जो निर्धारित टाइम टेबल के मुताबिक कालोनियों में पहुंचेंगे। वहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग खरीद सकेंगे। राशन भी इसी तरह से लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भीलवाड़ा में बंद किए गए रास्ते। Full Article
india news उदयपुर-धौलपुर में भी घुसा कोरोना; अब प्रदेश के 33 में से 14 जिलों तक पहुंचा By Published On :: Thu, 02 Apr 2020 18:04:00 GMT कोरोनावायरस प्रदेश में तेजी से पैर पसार रहा है। गुरुवार को भी 13 नए रोगी मिले। इनमें उदयपुर और धौलपुर का भी एक-एक पॉजिटिव शामिल हैं। इन दोनों जिलों में कोरोना रोगी मिलने के साथ ही प्रदेश के कुल 33 जिलों में से 14 में कोरोना एंट्री कर चुका है। नए रोगियों में जयपुर के रामगंज के 7 लोग, 3 तब्लीगी (झुंझुनूं, भरतपुर और धौलपुर से 1-1), जाेधपुर के दो और उदयपुर का एक नाबालिग शामिल है। अब प्रदेश में कुल 133 राेगी और तीसरी माैत हाे गई। डराने वाली बात यह है कि जयपुर में कुल 39 राेगी हैं। इनमें से 33 रामगंज में ही मिले हैं।वहीं, अलवर के काेरोना पॉजिटव 85 वर्षीय बुजुर्ग ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। जयपुर के एसएमएस के बर्न वार्ड में एक दिन पहले ही उन्हें भर्ती कराया गया था। गांव को हाई रिस्क जोन घोषित कर मृतक के संपर्क में आए 3 परिजन, 4 डाॅक्टरों सहित कुल 11 लोगों को अलवर में क्वारेंटाइन किया गया है। बुजुर्ग ने कोई विदेश यात्रा नहीं की थी और न हीं वह किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आए थे।ऐसे में लोकल ट्रांसमिशन की आशंका ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश में अब तक कोरोना से तीन लोगों को मौत हो चुकी है।दो लोग भीलवाड़ा के थे। हालांकि, इसके अलावा इटली के एक नागरिक की भी मौत हो चुकी है, लेकिन वे कोरोना मुक्त हो चुके थे। दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई थी। वहीं, प्रदेश में तब्लीगी जमात के अब तक 5 शहराें में कुल 14 राेगी मिल चुके हैं।बुधवार काे टाेंक में 4 तथा चूरू में 7 तब्लीगी कोरोना पॉजिटिव मिले थे। एसीएस हाेम ने प्रदेश में तब्लीगी जमात के 538 लाेगाें के आने की पुष्टि की थी। प्रदेश के 13 शहरों में पुलिस धरपकड़ अभियान चल रहा है।रैपिड किट से पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों का फिर कराएंगे रैंडम सर्वे : चिकित्सा मंत्रीचिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया-अब तक प्रदेश में ओपीडी में 38 लाख लाेगाें की स्क्रीनिंग हुई है। इनमें 27 हजार लोगों की टीमों द्वारा घर-घर सर्वे के दाैरान की गई 4.23 लाख लोगों की स्क्रीनिंग भी शामिल है। तब्लीगी लोगों द्वारा नए स्तर पर संक्रमण को देखते हुए अब अलग से रैंडम सर्वे शुरू किया जा रहा है। रेपिड किट द्वारा धार्मिक स्थलों, पर्यटक स्थलों का रैंडम सर्वे कराएंगे। 12.43 लाख लाेगाें को काढ़ा भी पिला चुके हैं।उदयपुर : नाबालिग रोगी मिलने के बाद 2 डॉक्टर समेत 33 लोगों को करेंगे क्वारेंटाइनउदयपुर का पहला पॉजिटिव रजा कॉलोनी, मल्लातलाई निवासी 16 साल का किशाेर है। कॉलोनी सीज कर दी गई है। एक किमी की परिधि में घर-घर स्क्रीनिंग शुरू हो गई है। यह किशाेर 20 मार्च को इंदौर से उदयपुर आया था। एमबी अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड में फीमेल नर्स इस किशाेर की मौसी हैं, जो एक ही घर में रहते हैं। नर्स के अलावा दो डाॅक्टराें और18 नर्सिंग स्टाफ औरअन्य कर्मियों काे 14 दिन क्वारेंटाइन करने की तैयारी है।भरतपुर : तब्लीगी जमात में गया था, पॉजिटिव मिला, कर्फ्यू लगाभरतपुर के कामां तहसील के जुरहरी गांव में तब्लीगी जमात से जुड़ा 70 वर्षीय वृद्ध पाॅजिटिव मिला। इसके परिवार में माता-पिता समेत 8 सदस्य हैं। संक्रमण रोकने के लिए जुरहरी गांव में कर्फ्यू लागू कर दिया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जयपुर कमिश्नरेट की महिला पुलिस गश्त दल (निर्भया स्क्वाड) ने सुबह 9 से 11 बजे तक परकोटे के कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र में फ्लेग मार्च किया। Full Article
india news एमबी अस्पताल की चिकित्साकर्मी पॉजिटिव मिली, परिवार के 2 और संक्रमित, मेडिकल स्टाफ के लिए सैंपल By Published On :: Fri, 03 Apr 2020 09:23:02 GMT शुक्रवार को उदयपुर में कोरोना पॉजिटिव के तीन नए मामले सामने आए। जो शहर के मल्लातलाई क्षेत्र में पहले संक्रमित मिले 16 साल के किशोर के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। वहीं संक्रमित मिले परिवार के लोगों में एक महिला चिकित्साकर्मी बताई जा रही है। जिसके बाद कुल आंकड़ा 4 पर पहुंच गया है। साथ ही प्रशासन ने हाथीपोल, घंटाघर और अंबामाता थाना क्षेत्र के 16 कॉलोनियों में कर्फ्यू लगा दिया है। जो 16 अप्रैल तक रहेगा।जानकारी अनुसार, आज पॉजिटिव मिले तीन लोगों में से एक महिला पहले संक्रमित मिले 16 साल के किशोर की मौसी है। जो उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एमबी अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड में इंचार्ज है। भीलवाड़ा के बाद उदयपुर राजस्थान में पहली ऐसी जगह है जहां किसी चिकित्साकर्मी में कोरोना पॉजिटिव मिला है। जिसके बाद महिला से संपर्क में आए 24 मेडिकल स्टाफ के भी सैंपल लिए गए हैं।किशोर इंदौर से ट्रेन से आया था उदयपुर, बोगी में साथ बैठे लोगों की तलाश शुरूसीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव किशोर इंदौर से ट्रेन से उदयपुर आया था, जो 21 मार्च को सुबह यहां पहुंचा था। यह ट्रेन के टिकिट से पता चला है। अब ट्रेन की उस बोगी में बैठे लोगों को तलाशा जा रहा है। किशोर के क्लोज कॉन्टेक्ट में परिवार के 12 लोगों के अलावा 5 अन्य लोग भी हैं। इनमें से 16 लोगों के सैंपल ले लिए गए हैं। 60 टीमों में क्षेत्र के 1888 घरों का सर्वे कर 9664 लोगों की स्क्रीनिंग की। इनमें से 6 लोग सर्दी-जुकाम से पीड़ित पाए गए हैं, जिनका उपचार किया गया है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों की रेपिड रिस्पोंस टीम ने किशोर के घर तथा नगर निगम की टीम ने रजा कॉलोनी क्षेत्र में डिसइन्फेक्शन किया है।एमबी अस्पताल की नर्स बोलीं : जब ये उदयपुर आया था तब ठीक था, हो सकता है संक्रमण मुझसे लग गया होगुरुवार को एमबी अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड की इंजार्च फीमेल नर्स ने बताया था कि कोरोना पीड़ित किशोर उनकी बहिन का बेटा है। जो इंदौर में पढ़ता है। 20 मार्च को उदयपुर आया था। तब स्वस्थ था। हम सब एक ही घर में रहते हैं। हालांकि अलग-अलग कमरों में रहते हैं। हो सकता है कि किशोर को संक्रमण मेरे कपड़ों व अन्य माध्यम से लग गया होगा। मैं कोरोना वायरस वार्ड के नीचे ही स्वाइन फ्लू वार्ड में नौकरी करती आ रह हूं। मेरी बहिन का बेटा कोरोना पॉजिटिव निकल जाएगा इसकी कल्पना नहीं की थी। पिछले दो सप्ताह से एहतियात के तौर पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा के डोज भी लिए हैं।कंटेंट- गिरीश शर्मा Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today उदयपुर में सड़कों पर तैनात की गई पुलिस। साथ में मेडिकल की टीम में जांच में जुटी। Full Article
india news 24 संक्रमितों में अब तक 17 की रिपोर्ट निगेटिव आई, महा कर्फ्यू का उल्लंघन न हो इसके लिए तीन हजार जवान तैनात By Published On :: Fri, 03 Apr 2020 14:50:28 GMT राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ था। तीन दिन पहले यानी सोमवार तक राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा 26 मामले यहीं पर थे। लेकिन, लोगों के अनुशासन, संयम और सरकार की सख्ती के चलते अब यहां के हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। चार दिनों से यहां संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, अभी खतरा कम नहीं हुआ है, जिसके चलते प्रशासन ने यहां तीन से 13 अप्रैल यानी आज से महा कर्फ्यू लगा दिया है। लोग महा कर्फ्यू का उल्लंघन न करें इसके लिए सड़कों पर तीन हजार जवान तैनात किए गए हैं। शहर की सभी गलियों और कालोनियों की बैरिकेडिंग की जा रही है। स्थिति यह रहेगी कि लोग एक गली से दूसरी गली में भी नहीं जा सकते हैं।पहले राहत की बात:1933 में से 1893 की रिपोर्ट निगेटिव: भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1933 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 1893 की रिपोर्ट की निगेटिव आई है। जबकि 14 की रिपोर्ट आना बाकी है। 26 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनके परिजन हैं।26 संक्रमितों में से 17की रिपोर्ट निगेटिव: शहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। इनमें से इलाज के बाद 17की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। वहीं दो की मौत हो चुकी है। अब 7पॉजिटिव बचे हैं यह सभी भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जयपुर में भर्ती डॉक्टर संपत्ति की रिपोर्ट भी गुरुवार को निगेटिव आने के बाद अब जयपुर में भर्ती भीलवाड़ा के चारों पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है।अब सख्ती की बात:भीलवाड़ा में शुक्रवार से 10 दिन के लिएमहा कर्फ्यू लगा दिया है। लोगों को बाहर निकलने की सख्त मनाही है।घर से बाहर निकलने की सख्त मनाही: महा कर्फ्यू के दौरान तीन हजार जवानों को शहर में तैनात किया गया है। इसमें 50 से ज्यादा बाइक सवार भी हैं। यह शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर मार्च निकालेंगे। प्रशासन ने पहले ही साफ तौर पर कह दिया है कि महा कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।केवल बेहद जरूरी सेवाएं ही: बेहद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों एवं वाहनों को ही निकलने की अनुमति होगी। इसके लिए पहले से बने उनके पास मान्य होंगे। बाकी कर्फ्यू के दौरान जारी किए गए सभी पास को कैंसिल कर दिया गया। यहां तक मीडिया को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है।घर-घर सब्जी-दूध पहुंचाई जाएगी: शहर में सरस डेयरी के 324 बूथों के माध्यम से घर-घर दूध पहुंचाने की व्यवस्था की गई हैं। सभी बूथों पर आलू-प्याज भी मिलेंगे। सब्जियों के लिए वाहन लगाए गए हैं, जो निर्धारित टाइम टेबल के मुताबिक कालोनियों में पहुंचेंगे। वहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग खरीद सकेंगे। राशन भी इसी तरह से लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया जाएगा।कैसे किया नियंत्रण:निजी वाहनों को बंद किया गया: भीलवाड़ा में 20 मार्च को संकमण का पहला केस डॉक्टर में मिला था। अगले दिन उसी अस्पताल के तीन डॉक्टर और स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया। इसमें रोडवेज बस से लेकर ऑटो-रिक्शा, टैक्सी सभी शामिल थी।छह हजार से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन में रखा गया: डॉक्टर से संक्रमण फैलने का पता चलते ही हॉस्पिटल का स्टॉफ, उनके परिवार वाले, जो मरीज हॉस्पिटल में आए थे, उनके परिजन सभी की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से शहर में करीब 11 हजार लोग संदिग्ध मिले। करीब 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया।77 हजार घरों का तीन बार सर्वे: शहर में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 77 हजार घरों का तीन बार सर्वे किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की। इसमें पहले चरण में छह हजार टीमों ने 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में पूरी की। इसके दूसरे चरण में 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही सर्दी, जुखाम का इलाज किया गया।थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में किया क्वारैंटाइन: कोरोना संदिग्धों को भीलवाड़ा के थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। वहीं, घर में क्वारैंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की गई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए भीलवाड़ा में शुक्रवार से 10 दिनों का महा कर्फ्यू लगाया गया है। प्रशासन ने यहां की गलियों तक में बैरिकेडिंग लगवा दी है। सिर्फ आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी। Full Article
india news कोरोना पॉजिटिव आ चुके 9 लोग पूरी तरह संक्रमण फ्री, गुलाब देकर अस्पताल से किया डिस्चार्ज By Published On :: Fri, 03 Apr 2020 15:08:23 GMT कोरोनाजोन बने भीलवाड़ा में राहत की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। जहां 26 पॉजिटिव लोगों मे से 17 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। वहीं इसमें से शुक्रवार शाम 9 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यहां भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट खुद मौजूद रहे। जिन्होंने गुलाब का फूल देकर सभी सही हुए लोगों को डिस्चार्ज किया। बता दें की भीलवाड़ा में अब तक पॉजिटिव मिले सभी लोग एक निजी अस्पताल से संबंधित हैं। वहीं दो की मौत हो चुकी है।सही हो चुके लोगों के डिस्चार्ज करते वक्त भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने बताया कि 26 में से 17 पेशेंट्स निगेटिव आ चुके हैं। जिसमें से 9 को डिस्चार्ज किया जा रहा है। जो पूरी तरह वायरस फ्री हो चुके हैं। इनके तीन टेस्ट लगातार निगेटिव आए हैं।भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1933 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 1893 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 14 की रिपोर्ट आना बाकी है। वहीं 26 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनके परिजन हैं।कलेक्टरराजेंद्र भट्ट ने गुलाब देकर किया डिस्चार्ज।अब सिर्फ 7 पॉजिटिव बचेशहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। इनमें से इलाज के बाद 17 की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जिसमे से 9 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब 7 पॉजिटिव बचे हैं यह सभी भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जयपुर में भर्ती डॉक्टर संपत्ति की रिपोर्ट भी गुरुवार को निगेटिव आने के बाद अब जयपुर में भर्ती भीलवाड़ा के चारों पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है। वहीं दो की मौत हो चुकी है।कैसे किया नियंत्रण:निजी वाहनों को बंद किया गया: भीलवाड़ा में 20 मार्च को संकमण का पहला केस डॉक्टर में मिला था। अगले दिन उसी अस्पताल के तीन डॉक्टर और स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया। इसमें रोडवेज बस से लेकर ऑटो-रिक्शा, टैक्सी सभी शामिल थी।छह हजार से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन में रखा गया: डॉक्टर से संक्रमण फैलने का पता चलते ही हॉस्पिटल का स्टॉफ, उनके परिवार वाले, जो मरीज हॉस्पिटल में आए थे, उनके परिजन सभी की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से शहर में करीब 11 हजार लोग संदिग्ध मिले। करीब 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया।77 हजार घरों का तीन बार सर्वे: शहर में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 77 हजार घरों का तीन बार सर्वे किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की। इसमें पहले चरण में छह हजार टीमों ने 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में पूरी की। इसके दूसरे चरण में 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही सर्दी, जुखाम का इलाज किया गया।थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में किया क्वारैंटाइन: कोरोना संदिग्धों को भीलवाड़ा के थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। वहीं, घर में क्वारैंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की गई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट की मौजूदगी में 9 लोगों को गुलाब देकर डिस्चार्ज किया गया। सभी एमजी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड मे भर्ती थे। Full Article
india news यहां चार दिन बाद आया एक नया केस, कुल आंकड़ा 27 पहुंचा; इसमें 17 की रिपोर्ट आ चुकी निगेटिव By Published On :: Sat, 04 Apr 2020 06:04:36 GMT भीलवाड़ा. कोरोनाजोन बन चुके भीलवाड़ा में पांच दिन बाद नया कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आया। जो बांगड़ अस्पातल की ओपीडी में अपनी इलाज करा चुका था। इससे पहले संक्रमित मिले लोग भी इसी अस्पताल से संबंधित थे। भीलवाड़ा में अब तक कुल 27 लोग संक्रमित आ चुके हैं। जिसमें से 17 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी हैं। इनमें से 9 को शुक्रवार को डिस्चार्ज भी कर दिया गया। वहीं दो की मौत हो चुकी है।9 लोगों को डिस्चार्ज करते वक्त भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट खुद मौजूद रहे। जिन्होंने गुलाब का फूल देकर सभी सही हुए लोगों को डिस्चार्ज किया। राजेंद्र भट्ट ने बताया कि 26 में से 17 पेशेंट्स निगेटिव आ चुके हैं। जिसमें से 9 को डिस्चार्ज किया जा रहा है। जो पूरी तरह वायरस फ्री हो चुके हैं। इनके तीन टेस्ट लगातार निगेटिव आए हैं।भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1933 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 1893 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 14 की रिपोर्ट आना बाकी है। वहीं 26 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनके परिजन हैं।अब सिर्फ 8 पॉजिटिव बचेशहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। जिसमें दो की मौत हो गई। वहीं इलाज के बाद 17 की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जिसमे से 9 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब 7 पॉजिटिव बचे थे। अब नया केस सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 8 हो गई है। यह सभी भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जयपुर में भर्ती डॉक्टर संपत्ति की रिपोर्ट भी गुरुवार को निगेटिव आने के बाद अब जयपुर में भर्ती भीलवाड़ा के चारों पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है।क्वारंटाइन में रखे मरकज के 33 में से तीन भागे, पकड़ाभीलवाड़ा के मंगरोप रोड स्थित रिसोर्ट में क्वारंटाइन किए नई दिल्ली निजामुद्दीन मरकज से आए 33 लोगों में से तीन शुक्रवार को भाग गए। इससे प्रशासनिक, पुलिस व मेडिकल विभाग के अधिकारी सकते में आ गए। सूचना मिलते ही पुलिस और चिकित्सा विभाग की टीम तलाशने निकली। कुछ देर बाद तीनों भदाली खेड़ा के एक मकान में मिल गए। वहां से तीनों को एंबुलेंस से वापस रिसोर्ट में लाया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भीलवाड़ा में 13 अप्रैल तक महा कर्फ्यू लागू है। जिसके चलते पुलिस सड़कों पर लगातार गश्त पर है। वहीं मेडिकल की टीमें भी तैनात की गई है। Full Article
india news पिता-पुत्र के संक्रमित मिलने के बाद पूरे कस्बे की स्क्रीनिंग, मां की एक दिन पहले हुई मौत, लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी By Published On :: Sat, 04 Apr 2020 10:57:21 GMT जिले में कोरोना संक्रमण का शनिवार को पहला मामला आया है। यहां एक साथकुशलगढ़ क्षेत्र में रहने वाले56 साल के बुजुर्ग और उसके 16 साल का बेटा पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। पिता-पुत्र को सर्दी-खांसी और हल्के बुखार की शिकायत थी। शुक्रवार को दोनों के सैंपल उदयपुर भेजे गए थे। अब स्वास्थ्य विभाग की टीम यह पता करने की कोशिश कर रही है कि बासवांड़ा में संक्रमण का सोर्स क्या है। यहां संक्रमण कैसे पहुंचा। इसके लिए दोनों कीट्रैवल हिस्ट्री की जांच की जा रही है।यह किन-किन लोगों के संपर्क में आए हैं वह भी पता लगाया जा रहा है।आसपास क्षेत्र के एक किमी में सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।बांसवाड़ा में अब तक कुल 27 सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें 20 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। पांच की रिपोर्ट आनी बाकी है। दो दिन पूर्व कुशलगढ़ की एक वृद्धा को सर्दी-जुकाम के कारण यहां केएमजी अस्पताल में भर्ती किया था। वह टीबी से भी पीड़ित थी। इनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। शुक्रवार रात वृद्धा की मौत हो गई थी, लेकिन वृद्धा काअंतिम संस्कार कोरोना संदिग्ध मानते हुए किया गया। इसके बाद कुशलगढ़ से चार लोगों के एहतियात के तौर परसैंपल लिए गए। इसमें वृद्धा के पति, बेटे और बेटी के अलावा डॉक्टर शामिल थे। शनिवार को वृद्धा के पति और बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कस्बे के सभी लोगों को होम आइसोलेशनकिया गया था।पूरे कस्बे की स्क्रीनिंगअब चिकित्साकर्मियों में सभी की ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने में लगे हैं। वृद्धा में कोरोना के लक्षण तो दिखे थे लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं उनके पति और बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद संक्रमण कहां से फैला इसका पता लगाया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि वृद्धा के पति और बेटे को किसी दूसरे के संपर्क में आने से संक्रमण हुआ है। सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार सहित मेडिकल टीम पहुंच गई है और स्क्रीनिंग शुरू कर दी है।कुशलगढ़ क्षेत्र में सड़कों पर सन्नाटा पसरा।बांसवाड़ा: अब घर-घर पहुंचाया जाएगा राशनबांसवाड़ा मेंराशन के लिए गरीबों को अब घरों से बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीलर खुद उन्हें घर-घर जाकर राशन पहुंचाएंगे। दुकानों पर भीड़ उमड़ने से बढ़ते कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए नई व्यवस्था लागू की है। शहरभर में वार्डवार राशन उपभोक्ताओं तक वितरण के लिए डीलरों को 20 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा संकरी गलियों में बड़े वाहनों के नहीं पहुंच पाने की स्थिति में ऑटो से राशन ले जाया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today कुशलगढ़ क्षेत्र का जायजा लेने पहुंची पुलिस और मेडिकल की टीमें। यहां आस-पास के सभी लोगों की जांच की जा रही है। Full Article
india news क्वारैंटाइन में फंदे से लटका मिला युवक, बेडशीट से फंदा बनाकर लटका By Published On :: Sun, 05 Apr 2020 06:34:00 GMT (विपिन सोलंकी)यहां डबोक थाना क्षेत्र में क्वारैंटाइन में रखे गए एक युवक रविवार सुबह फांसी के फंदे पर लटका मिला। जिसके बाद पुलिस महकमे में अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि युवक 31 मार्च से अपने दो दोस्तों के साथ क्वारैंटाइन में था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। जिसके बाद शव को एमबी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है।जानकारी अनुसार, उदयपुर और गुजरात बॉर्डर पर मजदूर लगातार पलायन कर रहे हैं। जिन्हे उदयपुर के गीतांजली कॉलेज में क्वारैंटाइन के लिए रखा जा रहा है। इसमे से ही यूपी हाथरस के विष्णु (19) को अपने दो दोस्तों के साथ यहां क्वारैंटाइन किया गया था। जो सूरत में वेटर का काम करते थे। तेज सिंह अलग कमरे में था। वहीं उसके दोस्त अलग कमरे में रखे गए थे। शनिवार सुबह जब दोस्त उसके कमरे में गए तो युवक फंदे से लटका मिला। जो पलंग पर बिछाई गई बेडशीट से लटका मिला।डबोक थाना इंचार्ज आईपीएस प्रोबेशनर राजर्षि ने बताया कि विष्णु 31 तारीख को गुजरात से पलायन होकर आया था। इसके साथ में दो अन्य युवक थे जो मथुरा के रहने वाले हैं। 160 लोगों के साथ इन तीनों को भी गीतांजलि कॉलेज में क्वॉरेंटाइन किया गया था। कल रात को करीब 11:00 बजे तक वह साथ में ही थे। उसने किसी भी बात की परेशानी का जिक्र नहीं किया। रात को सब सो गए। सुबह आत्महत्या के बारे में जानकारी मिली। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today उदयपुर के डबोक में गीतांजली कॉलेज में 160 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है। Full Article
india news पांच दिन से लापता 22 साल के युवक का सड़ा-गला शव नहर के पास मिला, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप By Published On :: Mon, 06 Apr 2020 09:23:00 GMT (गौतम सिंह राठौड़)। बांसवाड़ा जिले मेंनवागांव कस्बे के बायीं मुख्य नहर के पास सोमवार को युवक का सड़ा-गला शव मिलने पर क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सड़ने के कारण शव में कीड़े पड़ गए थे तथा एक टांग की केवल हड्डी ही बची थी। पैर का एक पंजा भी शरीर से गायब था।मृतक पिछले पांच दिन से लापता था। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए शव उठाने से इनकार कर दिया। पुलिस के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन शव लेने को तैयार हुए। जानकारी के अनुसार कुछ लोगों ने बायीं मुख्य नहर के पास एक शव देखा। सूचना पर बांसवाड़ा डिप्टी अनिल, सदर थाना पुलिस के अलावा आंबापुरा थाना जाप्ता, कलिजरा थाना जाप्ता, एमबीसी व रिजर्व पुलिस लाइन का जाप्ता मौके पर पहुंचा। शव भापोर के वडलीपाड़ा निवासी 22 साल का संतोष है। मृतक की पहचान उसके पिता छगनलाल दायमा ने की। वह पिछले पांच दिन से लापता था तथा परिजनों ने इस संबंध में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।शव में पड़े कीड़े, एक टांग का मांस गायबशव की हालात बड़ी ही गंभीर थी, पूरे शरीर मे कीड़े लग चुके थे। शव के 50 फिट से भी अधिक दूरी तक दुर्गंध आने से उसके पास जाना तक दूभर था। मृतक के एक पैर की हड्डी ही दिखाई दे रही थी। एक पैर का पंजा पूरा गायब था। परिजनों ने युवक की हत्या का आरोप भी लगाया तथा शव लेने से इनकार कर दिया। मामले की गंभीरता को देख डिप्टी ने स्वयं जांच कर आरोपापियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इस पर परिजन शव उठाने को तैयार हुए।हालत खराब होने के कारण फिनाइल का छिड़काव कर शव गाड़ी में रखकर बासवाड़ा मोर्चरी भिजवाया गया। मृतक के पिता ने उसके लड़के को अगुवा कर हत्या करने, व साक्ष्य छुपाने के मामले में सदर थाना में मुकदमा दर्ज करवाया। वही इस मामले में सदर थानाधिकारी बाबूलाल मुरारिया ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला हत्या का लग रहा है। शव पूरी तरह सड़-गल गया है। शव की हालत देखकर लगता है कि युवक को पांच से छह दिन पहले मारा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today बायीं मुख्य नहर के पास मिला पांच दिन से लापता युवक का शव। मौके पर कार्रवाई करती पुलिस। Full Article
india news एमबी हॉस्पिटल की सुपर स्पेशिएलिटी विंग के बाहर भी सैनिटाइजर शॉवर शुरू, इसी विंग में है काेराेना पाॅजिटिव वार्ड भी, भास्कर ने बताई थी जरूरत By Published On :: Mon, 06 Apr 2020 23:59:00 GMT नगर निगम ने सोमवार को एमबी हॉस्पिटल परिसर में सुपर स्पेशियलिटी विंग बिल्डिंग के बाहर भी सैनेटाइजर शॉवर लगा दिया। इसी बिल्डिंग में कोरोना पॉजीटिव वार्ड है। निगम ने यह व्यवस्था भास्कर के सुझाव पर की है। दाे दिन पहले निगम ने मल्लातलाई के रजा नगर में काेराेना पाॅजिटिव केस सामने आनेके बाद महाकाल मंदिर तिराहे पर सैनिटाइजर शावर लगाया था।भास्कर ने बताया था कि ऐसी व्यवस्था आरएनटी मेडिकल काॅलेज परिसर में भी जरूरी है, जहां बाल-एमबी, जनाना अस्पताल हैं। इनमें चिकित्सकाें सहित मरीजाें और सैकड़ाें तीमारदाराें की आवाजाही रहती है। निगम की गैराज समिति अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि एमबी परिसर में भी एक टैंकर में 4000 लीटर पानी में 40 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल किया है। मिश्रण के बाद यहां सौनिटाइजर शॉवर शुरू कर दिया गया।सैनिटाइजेशन : 70 में से 45 वार्डाें में काम पूरा, शेष में दो दिन में पूरा होगानगर निगम ने शहर के 70 में से 45 वार्डो में प्रत्येक गली-मोहल्ले में सेनेटाइजर छिड़काव का काम पूरा कर लिया है। डिप्टी मेयर और स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि आने वाले 2 दिन में शेष सभी वार्डों में यह काम करवाने का लक्ष्य है। वेणीराम सालवी ने बताया कि 7 वाहन इस काम में लगे हुए हैं। नगर में प्रतिदिन 2 घंटे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के वाहन, सभी थानों के वाहन का भी सैनटाइजर किया जा रहा है, उसके बाद ही वाहन फील्ड में जा रहे हैं।वार्ड में जाने वाला हर व्यक्ति होगा सैनिटाइज : निगम हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर ही इसे लगा रहा था, लेकिन प्रिंसिपल डाॅ. लाखन पोसवाल ने इसे सुपर स्पेशिएलिटी विंग के यहां लगाने को कहा, क्योंकि अभी सबसे संवेदनशील क्षेत्र यही है। वार्ड में आने-जाने वाला प्रत्येक व्यक्ति को सैनिटाइज किया जा सकेगा। इस सिस्टम को तैयार करने में गैराज शाखा के प्रभारी बाबूलाल चौहान और विद्युत शाखा के एईएन हरक लाल माली का अहम रोल रहा है जिन्होने अपने स्तर पर इसको बनाया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today निगम की गैराज समिति अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि एमबी परिसर में भी एक टैंकर में 4000 लीटर पानी में 40 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल किया है। मिश्रण के बाद यहां सैनिटाइजर शॉवर शुरू कर दिया गया। Full Article
india news तब्लीगी जमात से जुड़ा डूंगरपुर का कोरोना पॉजिटिव युवक उदयपुर में भर्ती, बोला- गोधरा में 60-70 लोग एक साथ करते थे नमाज By Published On :: Tue, 07 Apr 2020 03:21:12 GMT डूंगरपुर के सीमलवाड़ा निवासी कोरोना पॉजिटिव 22 वर्षीय युवक औकआसपुरा तहसील के पारड़ा साेलंकी गांव के 11 वर्षीय किशाेर काे सोमवार को आरएनटी की सुपर स्पेशियलिटी विंग के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में भर्ती किया है। 22 वर्षीय युवक ने बताया कि वह तब्लीगी जमात से जुड़ा है। इसी के सिलसिले में 23 फरवरी से 26 मार्च तक गुजरात के गोधरा स्थित हल्का नंबर-5 में रहा था।60-70 लाेग साथ ही नमाज अदा करते थेयुवक ने बताया कि वहां करीब 60-70 लाेग साथ ही नमाज अदा करते थे। 27 को सीमलवाड़ा आए तो अस्पताल में जांच कराई। इसके बाद चार दिन घर के एक कमरे में क्वारेंटाइन रहा। घर में माता-पिता, भाई-भाभी, बहन और ढाई साल की बच्ची है। इसके बाद उसे गांव के पास एक हॉस्टल में क्वारैंटाइन किया गया। उस हॉस्टल में 17 अन्य साथी भी रहते थे, जिनकी रिपोर्ट अभी निगेटिव आई है। युवक ने बताया कि वह चार माह के चिल्ले पूरे करने के बाद दिल्ली स्थित मरकज में एक दिन के लिए जाना चाहता है।डूंगरपुर जिला प्रशासन और गुजरात सरकार युवक के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की तलाश और संक्रमण के केंद्र को ढूंढने में जुट गए हैं। यह युवक तब्लीगी जमात से संबंध रखता है या नहीं, और कितने लोग इसके संपर्क में रहे हैं, यह हकीकत पुलिस जांच के बाद सामने आएगी। वहीं संभाग का अब तक का सबसे छोटा 11 साल का कोरोना पॉजिटिव किशोर, हालही में पॉजिटिव से निगेटिव हुए पिता-पुत्र-दादा के ही परिवार से है।उदयपुर के लाेगाें की सुधर रही सेहत : बांसवाड़ा के पिता-पुत्र के संपर्क में आए 100 घरों के 500 लोगों को तलाश रही है मेडिकल टीमसुपर स्पेशियलिटी के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में भर्ती रजा कॉलोनी, मल्लातलाई के भाई-बहन, नर्स ताई-ताऊ की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। वहीं कुशलगढ़ बांसवाड़ा के पिता-पुत्र को भी फिलहाल ताे काेई परेशानी नहीं हुई है लेकिन डाॅक्टर फिर भी पूरी एहतियात बरतरहे हैं। बांसवाड़ा में पिता-पुत्र की हिस्ट्री खंगाल रही आरएनटी की रेपिड रिस्पोंस टीम को पता लगा है कि वहां विभिन्न कार्यक्रम और नमाज के दौरान करीब 100 घरों के 500 लोग इनके संपर्क में आए, जिनकी लिस्टिंग और टेस्टिंग का काम चल रहा है। यह किशोर 3 मार्च को उदयपुर में क्रिकेट खेलने अपने साथियों के साथ आया था।किशोर बोला : कोरोना वायरस बहुत बुरा है, भाई के पास सोने से मुझे भी चिपक गया, सर्दी-बुखार-खांसी कर दी11 साल के किशोर उमेश (परिवर्तित नाम) ने बताया कि यहां भर्ती गजेंद्र (परिवर्तित नाम) उसके ताऊ हैं। वह अपने माता-पिता के साथ इंदौर में रहता है। वह 25 मार्च को बाइक से इंदौर से गांव आया था। किशोर ने बताया कि वह उस रात कोरोना पॉजिटिव रहे गजेंद्र के बेटे के पास ही सो गया था। जिसे 11 दिन बाद बुखार-खांसी-सर्दी की शिकायत हुई तो डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आरएनटी रैफर कर दिया गया। 11 साल के किशोर ने बताया कि यह वायरस बहुत खराब है, जो ताऊ के बेटे के पास सोने से ही उससे चिपक गया और उसने बहुत तेज बुखार-खांसी-सर्दी कर दी। किशोर का कहना है कि यह कोरोना वायरस उसके पूरे परिवार के लिए अभिशाप बनकर आया है, परिवार के 6 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today उदयपुर. आरएनटी की सुपर स्पेशियलिटी विंग का हाईटेक आईसीयू। सुपर स्पेशियलिटी के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में भर्ती रजा कॉलोनी, मल्लातलाई के भाई-बहन, नर्स ताई-ताऊ की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। वहीं कुशलगढ़ बांसवाड़ा के पिता-पुत्र को भी फिलहाल ताे काेई परेशानी नहीं हुई है लेकिन डाॅक्टर फिर भी पूरी एहतियात बरत रहे हैं। Full Article