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मोबाइल दुकान में चोरी, फुटेज से पकड़ने गई पुलिस तो आधा किमी दौड़ाया तब पकड़ में आया

जूनी इंदौर क्षेत्र की सिंधी कॉलोनी में गली नंबर 5 में स्थित एक मोबाइल एक्सेसरीज की दुकान में देर रात चोर घुसा। वह मोबाइल एसेसरीज और गल्ले से नकदी बोरे में भरकर ले गया। चोरी की घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई। गुरुवार सुबह लोगों ने दुकान के ताले व शटर खुला देख मालिक सूरज शर्मा को सूचना दी तो वह मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। फुटेज के आधार पर हरिजन कॉलोनी निवासी 20 वर्षीय टैया के रूप में पहचान हुई। इस पर जूनी इंदौर पुलिस की टीम उसकी तलाश में पहुंची तो वह दो-तीन साथियों मिला। लेकिन पुलिस को देख भागने लगा। आधा किलोमीटर पीछा करने के बाद उसे पकड़ लिया। उसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी है।



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शहर में साइकिल दिख रही थी अब बैलगाड़ी भी नजर आई

कलेक्टर ने धारा 144 में आदेश जारी कर शहर में कार और बाइक पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके चलते शहर में अधिकतर लोग पैदल व साइकल पर नजर आ रहे हैं। बैल गाड़ियों पर भी प्रतिबंध नहीं है। गुरुवार को दोपहर 12 बजे रसूलपुर चौराहे के चेक पॉइंट पर एक बैलगाड़ी नजर आई। बैलगाड़ी देवास से इंदौर की ओर जा रही थी। टीआई शैलजा भदोरिया ने बैलगाड़ी रोककर पूछताछ की। पूछा कहां जा रहे हो एक साथ इतने लोग। बैलगाड़ी वाले ने अपना नाम किशन बताया और बोला मेरी पत्नी उषाबाई और दो बच्चे हैं। हम शिप्रा रहते हैं। देवास बैंक में खाता है। मेरा पिछले साल एक बच्चा मर गया था। उसके पैसा जमा हैं। वह निकालने गया था। आज छुट्टी है। हमारे पास बैलगाड़ी है। इसी से चलते हैं। पूरा परिवार सहित जाते हैं। पुलिस ने सभी को मास्क दिए और जाने दिया।



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Bicycle cart was also seen in the city.




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बैंक नाेट प्रेस में नोट छपाई चालू करने की हो रही तैयारी, मेंटेनेंस का काम शुरू

लाॅकडाउन के पहले दिन से देवास की बैंक नाेट प्रेस में नाेट छपाई का काम बंद पड़ा है, जिससे अाने वाले दिनाें में नाेटाें की किल्लत सामने आ सकती है। इस मामले काे दैनिक भास्कर ने 5 मई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। दूसरे दिन से नाेट प्रेस में मेंटनेंस का काम शुरू करते हुए गुरुवार काे मुख्य गेट से लेकर अंदर मशीनाें तक सैनिटाइजेशन किया गया। कर्मचारियाें के अंदर प्रवेश करने से पहले हाथ धाेने के लिए लिक्विड हैंडवाॅश रखे गए हैं, जिससे सभी हाथ धाेकर ही अंदर प्रवेश कर सकें। नाेट प्रेस के पीआरओसंजय भावसार ने बताया, मुद्रणालय में मेंटेनेंस शुरू किया गया है। 17 मई तक लाॅकडाउन हाेने पर अभी नाेटाें की छपाई शुरू नहीं होगी, उससे पहले सभी मशीनाें काे तैयार किया जा रहा है।


भावसार के अनुसार कोरोना महामारी से बचाव की गृह मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइंस का अनुपालन करते हुए जिला प्रशासन के साथ मिलकर बीएनपी प्रबंधन द्वारा मुद्रणालय में कार्य प्रारंभ कर दिया है। मुख्य महाप्रबंधक के निदेशन में महामारी से बचाव के अनुरूप फिजिकल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के साथ बीएनपी में चरण बद्ध तरीके से कार्य प्रारंभ कर दिया है। सबसे पहले बीएनपी कैम्पस को सील कर बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रोक दिया है। रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं जैसे किराना सामान, दूध, फल, सब्जियों की पर्याप्त व्यवस्था बीएनपी कॉलोनी में ही करवा दी है। रहवासियों को जागरूक कर उन्हें घर से आते-जाते सैनिटाइजर, मास्क, हैंड ग्लोब्स आदि का उपयाेग करने का कहा जा रहा है।


बीएनपी शॉपिंग सेंटर के साथ अन्य आवाजाही के मुख्य स्थलों को भी पूर्ण सैनिटाइजर स्प्रे किया जा रहा है। बीएनपी अस्पताल में डॉक्टरों के परामर्श और दवाइयों की व्यवस्था भी कर दी गई है। फैक्ट्री में भी अंदर-बाहर सैनिटाइजर स्प्रे किया जाकर आवश्यक प्रोटेक्शन के साथ कार्य चरणबद्ध तरीके से स्थापित किया है। इसके लिए एक पूर्ण प्रक्रिया एसओपी बना दी, जिसका प्रत्येक कर्मचारी पालन कर सुरक्षित रहेगा। उज्जैन, इंदौर और भोपाल में कोरोना के कहर को देखते हुए संविदा कामगारों के निवास और भोजन की व्यवस्था भी पृथक से कैंपस में ही करवाई गई है।



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Preparations are being made to start printing of notes in Bank Nate Press, maintenance work started




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वन कर्मचारी और श्रमिकाें काे तेंदूपत्ता संग्रहण के दाैरान दें पूर्ण सुरक्षा कवच, संघ ने अपर सचिव काे लिखा पत्र

मई के दूसरे सप्ताह में जिले की वनाेपज तेंदूपत्ता संग्रहण शुरू हाेने वाला है, किंतु इस बार कुछ व्यापारियाें ने काेराेना वायरस संक्रमण के डर से पत्ता खरीदी से इनकार कर दिया है। व्यापारियाें के इनकार करने के बाद वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विभाग के सामने अब नई परेशानी आ रही है। मप्र वन कर्मचारी संघ ने तेंदूपत्ता तुड़ाई कार्य में लगने वाले कर्मचारी और श्रमिकाें की पूर्ण सुरक्षा काे लेकर अपर मुख्य सचिव काे पत्र लिखा है।


पत्र प्रांताध्यक्ष निर्मल तिवारी ने सीएम तक भेजा है, जिसमें उल्लेख किया कि तेंदूपत्ता तुड़ाई कार्य में देवास जिले में 29 वनाेपज समितियाें में लाखाें श्रमिक परिवार के साथ जुटेंगे। अगर एक भी श्रमिक संक्रमित शामिल हाे गया ताे कई लाेगाें काे चपेट में ले लेगा। वन कर्मचारी भी इससे बच नहीं पाएंगे, इसलिए वन कर्मचारियाें के साथ ही श्रमिकाें की सुरक्षा के लिए सुरक्षा किट, 50 लाख तक का बीमा शासन काे करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हाेता है ताे कर्मचारी पत्ता तुड़ाई में शामिल नहीं हाेंगे। जारी किए पत्र में वन कर्मचारी संघ ने दैनिक भास्कर की 18 अप्रैल काे छपी खबर का भी उल्लेख करते हुए लिखा कि इंदाैर के व्यापारी आकश सचदेव ने पत्ता तुड़ाई कार्य से इनकार कर दिया है। उन्हाेंने कहा, मैं अपने 1400 कर्मचारियाें काे माैत के मुंह में नहीं धकेल सकता, इस बार पत्ता खरीदी का काम नहीं करूंगा। पत्र के अंतिम पैरे में लिखा यदि वन कर्मियाें की समस्याओं काे नहीं माना गया ताे लघु वनाेपज संघ अपने कर्मचारियाें से संग्रहण कार्य कराए। वन विभाग का कर्मचारी लघु वनाेपज संघ का कर्मचारी नहीं है।

10 व्यापारियाें ने अपने कर्मचारियाें काे पास बनवा लिए, कर रहे तैयारी
वन डीएफओ पीएन मिश्रा का कहना, करीब 10 व्यापारियाें ने पास बनाने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली, वहीं दूसरे जिले व प्रांत से आने वाले व्यापारी भी पास बनवा रहे हैं। संभवत: जिले में 15 मई से पत्ता तुड़ाई कार्य शुरू हाे जाएगा। वन कर्मचारियाें के 30 लाख तक की बीमा पाॅलिसी के लिए राष्ट्रीकृत बैंकाें में बात हाे चुकी है। अब कर्मचारियाें की सहमति हाेने पर उनके खाते संबंधित बैंक में खुलवाने के बाद सेलरी खाते में आते ही उनका नि:शुल्क 30 लाख का बीमा हाे जाएगा। काम के दाैरान कुछ हाेगा ताे परिवार काे पाॅलिसी का लाभ मिलेगा। यह लाभ जब तक खाते में सेलरी अाएगी उस समय तक मिलेगा। शासन स्तर पर भी 50 लाख तक की सहायता दिए जाने पर चर्चा चल रही है।



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Forest workers and laborers give full security cover during tendu leaf collection, Union letter written to Additional Secretary




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संस्था ने कोरोना योद्धाओं के साथ ही सदस्याें का भी किया सम्मान

कोरोना की इस लड़ाई में हमारी सुरक्षा और सेवा कर रही डीएसपी लक्ष्मी सेतिया, एसआई लीला सोलंकी, अमलतास हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. अश्विन सोनगरा, सतीश पांडे, आरक्षक मानसिंह बोड़ाने, प्रधानारक्षक नूरजहां खान, स्वाति बघेल का सम्मान और स्वागत संस्था मातृशक्ति युवा संगठन संयोजक दीपक बैरागी के द्वारा किया गया। साथ ही 200 से अधिक परिवारों को आटा, तेल, हरि सब्जी, चावल पुलिस अधिकारी और डॉक्टरों के द्वारा वितरण करवाया गया।


लॉकडाउन में संस्था द्वारा अभी तक 1000 से अधिक परिवारों को आटा, दाल, शक्कर, चावल वितरण किया गया है। इस अवसर पर संस्था के विजय गहलोत, रामचन्द्र चौकीकर, दिनेश पोरवाल, रश्मि श्रीवास्तव, राहुल कश्यप, हेमन्त राठौर, छगनलाल राठौर, अनिल कुशवाहा, विवेक विश्वकर्मा, विश्वराज बैरागी, गोलू सिलोदिया, शुभम सेनिया का भी स्वागत और सम्मान किया। जानकारी भाजयुमो नगर उपाध्यक्ष दुर्गेश चिलोरिया ने दी।



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The organization honored the members along with the Corona warriors.




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उदयनगर को इंदौर से सीधे जोड़ने वाले चंपालाल देवड़ा नहीं रहे

पूर्व विधायक चंपालाल देवड़ा ने बागली विधानसभा क्षेत्र के लाेगाें के लिए वैसे ताे कई साैगातें दिलवाईं। इनमें प्रमुख और सबसे बड़ी साैगात क्षेत्रवासियाें के लिए यह थी कि मुहाड़ा घाट की साढ़े 10 कराेड़ की सड़क बनवाकर उदयनगर काे सीधे इंदाैर से जुड़वा दिया। किशनगढ़ में 150 कराेड़ की लागत से 132 केवी सब स्टेशन की साैगात दी। उदयनगर काे तहसील का दर्जा भी दिलवाया।


पूर्व विधायक देवड़ा द्वारा क्षेत्र काे दी गई साैगाताें में उदयनगर से पेड़मी 17 किलाेमीटर की सड़क बनवाकर एक बड़ी साैगात है। क्याेंकि मुहाड़ा घाट का यह क्षेत्र वन विभाग का हाेने की वजह से मार्ग बंद था। इसके चलते लाेगाें काे नाचनबाेर घाट से 55 किमी की दूरी तय कर इंदाैर जाना पड़ता था। उसमें भी नाचनबाेर वाले मार्ग से जान के लिए सिर्फ सुबह ही बस मिलती थी। इसके बाद काेई बस नहीं मिलती थी। इसके चलते लाेग बागली-चापड़ा 100 किमी की दूरी तय कर इंदाैर जाते थे। इसमें भी इंदाैर-बैतूल हाईवे की हालत खराब हाेने से लाेगाें काे समय अाैर धन दाेनाें बर्बाद हाे रहा था। साथ ही कई परेशानियाें का भी सामना करना पड़ता था। पूर्व विधायक देवड़ा ने क्षेत्र के लाेगाें की इन्हीं परेशानियाें काे देखते हुए उदयनगर-पेड़मी की सड़क बनवाई।

ये प्रमुख काम करवाए
पूर्व विधायक देवड़ा ने विधानसभा क्षेत्र काे जाे प्रमुख साैगातें दी है उनमें प्रमुख नाचनबाेर से कांटाफाेड़ तक एमपीआरडीसी के तहत 110 कराेड़ की लागत से बनी सड़क, किशनगढ़ में 150 कराेड़ की लागत से 132 केवी का सबस्टेशन, उदयनगर को तहसील का दर्जा, अधिकांश गांवाें को प्रधानमंत्री सड़क से जोड़ना, खेती की बिजली के लिए 3000 से ज्यादा ट्रांसफाॅर्मर लगवाए। इसी तरह सबलगढ़ से कनाड़ सड़क, उदयनगर सहित कई क्षेत्रों में मैट्रिक, प्री-मैट्रिक छात्रावास की साैगातें दी।

जीवन परिचय : 26 साल की उम्र से की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत, लगातार तीन बार रहे सरपंच, दाे बार विधायक

घाट नीचे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की उदयनगर तहसील के गांव इमलीपुरा में नादानसिंह देवड़ा के घर 7 सितंबर 1969 काे जन्मे चंपालाल देवड़ा ने मिडिल तक शिक्षा ग्रहण की थी। देवड़ा ने वर्ष 1995 में 26 साल की उम्र में राजनीतिक सफर की शुरुआत की और सिवनपानी पंचायत से पहली बार सरपंच बने। इमलीपुरा पंचायत बनने के बाद 2000 में वहां से चुनाव लड़कर दूसरी बार भी सरपंच बने। इस तरह लगातार तीन बार सरपंच रहे। 2008 में बागली सीट से भाजपा ने चंपालाल देवड़ा काे विधायक का टिकट दे दिया। कांग्रेस प्रत्याशी कमल वास्केल काे हराकर पहली बार में ही विधायक बने। 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी तेरसिंह देवड़ा काे हराकर दूसरी बार विधायक बने। देवड़ा भाेपाल के सिल्वर लाइन अस्पताल में भर्ती थे, गुरुवार सुबह 8.10 बजे उन्हाेंने अंतिम सांस ली। भाेपाल से एंबुलेंस से उनका शव दाेपहर करीब 3 बजे गृहगांव इमलीपुरा लाया गया, जहां नदी किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़े बेटे कान्हा देवड़ा ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री दीपक जोशी, खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, बागली विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे, तहसीलदार गौरव पोरवाल, टीआई नीता देअरवाल, सुनील पुरोहित आदि माैजूद थे।




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Champa Lal Deora connecting Udayanagar to Indore no longer




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निगम कर्मचारी सैनिटाइजर स्प्रे के साथ नालाें की भी कर रहे सफाई

काेराेना वायरस से शहरवासियों के बचाव काे देखते हुए प्रतिदिन नगर निगम के द्वारा सैनिटाइजर स्प्रे किया जा रहा है। बड़े, छोटे फायर वाहन, आधुनिक ट्रैक्टर मशीन (स्प्रिंकलर) के साथ ही निगमकर्मियों के द्वारा पंप से स्प्रे कर रहे हैं। कंटेनमेंट एरिया को भी सतत सैनिटाइज किया जा रहा है। स्वीपींग मशीन से सफाई किए जाने के साथ ही नाला, नालियों, चैंबराें की सफाई करवाई जाकर गाजर घास कटवाई जाने का कार्य भी निगम द्वारा शुरू कर दिया है।



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Corporation employees are also cleaning drains with sanitizer spray




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बस के ड्राइवर-कंडक्टर और हाेटल वाला बेच रहा फल, चाय की गुमटी वाले ने लगाया सब्जी का ठेला

काेराेना महामारी का हर वर्ग के लाेगाें पर बुरा असर पड़ा है। लाॅकडाउन की वजह से कई लाेगाें ने ताे अपना पारंपरिक व्यवसाय ही बदल लिया है। पहले ड्राइवर और कंडक्टर साथ मिलकर बस चलाते थे, लेकिन अब गांव-गांव जाकर तरबूज बेचने काे मजबूर हैं। हाेटल वाला फल बेच रहा है। जबकि जाे व्यक्ति पहले चाय की गुमटी लगाता था वह अब सब्जी का ठेला लेकर गली-माेहल्लाें में घूम रहा है। एेसी ही मजबूरीवश व्यवसाय बदलने की कुछ तस्वीरें हम आपकाे दिखा रहे हैं।

केस-1 : बस बंद होने से परिवार चलाने में आने लगी थी दिक्कत
बस ड्राइवर सुभाष वर्मा व साथी कंडक्टर राजू नागर बताते हैं कि लाॅकडाउन की वजह से बस बंद हाे गई। इसके चलते परिवार चलाने में दिक्कत आने लगी ताे हम दाेनाें ने तरबूज बेचने का फैसला लिया। ताकि जाे कमाई हाे उससे अपना और परिवार का पेट भर सकें। अब कुछ समय के लिए यही व्यवसाय करना पड़ेगा।

केस-2 : हाेटल से अच्छी कमाई हाे जाती थी, फल सड़ने से नुकसान
जितेंद्र टांक की पुंजापुरा में मुख्य चाैराहे पर हाेटल है। जितेंद्र ने बताया लाॅकडाउन की वजह से हाेटल बंद है। इसके चलते घर की आर्थिक स्थिति खराब हाे गई है। मजबूरी में अब मुझे फल-फ्रूट बेचना पड़ रहे हैं। जितेंद्र का कहना है कि हाेटल से उनकी अच्छी कमाई हाे जाती थी। इस फल के व्यवसाय में इनके सड़ने-गलने का नुकसान भी हाे रहा है।

केस-3 : अब कड़ी धूम में ठेला लेकर घूमना पड़ रहा है
बाेरखाल्या में बस स्टैंड पर चाय की गुमटी लगाने वाले रायसिंह टाेटा बताते हैं लॉकडाउन के कारण रोजगार सब बंद हो गया है। इसके चलते सब्जी बेचना पड़ रही है। पहले गुमटी पर छांव में बैठते थे, लेकिन अब सब्जी बेचने के लिए दिनभर कड़ी धूम में ठेला लेकर घूमना पड़ रहा है। इसके बाद कहीं जाकर घर का खर्च निकल पाता है।



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Bus driver-conductor and hotel seller selling fruit, tea-hander set up vegetable shop




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बिना मास्क पहने जा रहा था, पुलिस ने राेका ताे टीशर्ट चेहरे पर चढ़ाई

रसूलपुर फाटे पर गुरुवार सुबह 10.30 बजे एक निजी बैंक का कर्मचारी अपने एक साथी काे स्कूटी पर बैठा कर शिप्रा की ओर जा रहा था। युवक के मुंह परमास्क नहीं था। पुलिस ने राेका और 20 मिनट तक धूप में खड़ा रखा। युवक ने टी-शर्ट और बरमुडा पहन रखा था।


टीआई शैलजा भदाैरिया ने नाम पूछा ताे बाेला मनोज योगी विकास नगर में रहता हूं। एचडीएफसी बैंक में हूं। यह मेरा साथी है विजय राजपूत। हम लोग शिप्रा जा रहे थे।


टीआई भदाैरिया चिल्लाते हुए बाेलीं- तुम्हारी हालत देखी क्या पहना है। और शिप्रा क्यों जा रहे हो। समझ रही हूं। कोरोना वायरस तुम्हारा रिश्तेदार हैं जो बिना मास्क के घूम रहे हो। इतना कहते ही उसने टी शर्ट मुंह तक चढ़ा ली। स्कूटी पर दो लोग बैंक में हो तो शासन के नियम नहीं मानोगे। दोनों युवकों को 20 मिनट धूप में खड़ा रखा। फिर मनोज योगी से कहा तुम रुकाे। दूसरे युवक को गाड़ी से भेजा। फिर मनोज को पैदल रवाना किया।



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Without wearing a mask, the police climbed up the face




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अवैध किराया वसूली मामले में बस मालिक गिरफ्तार, परमिट निरस्त

पीथमपुर से रीवा के लिए बिना अनुमति बस चलाकर यात्रियाें से 2500 रुपए तक किराया वसूलने के मामले में आराेपी बस मालिक, चालक और कंडक्टर काे गिर‌फ्तार कर लिया गया है। बस का वीडियाे वायरल हाेने के बाद मंगलवार रात काे जिला परिवहन अधिकारी जया वसावा ने एफआईआर करवाई थी। कोतवाली टीआई एमएस परमार ने बताया बस मालिक अनिल ठाकुर नि. पिगडंबर महू, चालक नितिन कर्मा निवासी दवाना बड़वानी और कंडक्टर संजू निवासी निथूरिया देवास को गिरफ्तार किया है। बालाजी के नाम संचालित बस भी जब्त कर ली है। परिवहन अधिकारी ने बस का परमिट भी निरस्त कर दिया है।



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पिछले साल अब तक सूख गई थी कालीसिंध, इस बार अभी भी दाे फीट से ज्यादा पानी

नगर की जीवनदायिनी कालीसिंध नदी में इस साल मई में भी दाे फीट से ज्यादा पानी भरा है। जबकि पिछले साल इस समय तक नदी पूरी तरह सूख चुकी थी, जिसके कारण लाेगाें काे दाे माह जलसंकट का सामना करना पड़ा था। इस बार नदी में पर्याप्त पानी हाेने से नगरवासियों को जलसंकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। नदी में अब तक पानी रहने के वैसे ताे कई कारण हैं, लेकिन अच्छी बारिश के साथ ही नदी गहरीकरण और स्टाॅपडेम की ऊंचार्ई बढ़ाना प्रमुख है। कोरोना के कारण मार्च से लेकर मई तक शादियों में होने वाले बड़े कार्यक्रमों को भी नहीं किया गया।



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Last year, so far the blacksmith had dried up, this time still more than two feet of water




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20 दिन में काेराेना के सिर्फ 14 मरीज, वृद्धि दर 0.7% प्रतिदिन, पिछले 17 दिन में काेई माैत नहीं

काेराेना संक्रमण काे लेकर जिले में शुरुआती चिंता अब कम हाेने लगी है। यह लाेगाें के व्यवहार में भी नजर आने लगी है। आंकड़े भी यही बताते हैं कि प्रदेश के अन्य जिलाें में जिस तरह से हालात अचानक बिगड़े हैं, वैसा देवास में फिलहाल नहीं है। एक समय प्रदेश में सर्वाधिक 30% मृत्यु दर देवास की थी, जाे अब घट कर 22% रह गई है।


सबसे अच्छी बात यह है कि हमारा रिकवरी रेट 40.6% है, जाे कि इंदाैर, उज्जैन, जबलपुर, धार, रायसेन, मंदसाैर आदि से बेहतर है। भाेपाल, खरगाेन, खंडवा और हाेशंगाबाद का रिकवरी रेट हमसे बेहतर है। एक और अच्छी बात यह है कि पिछले 20 दिनाें में काेराेना के केवल 14 नए मरीज जिले में सामने आए हैं। पिछले 20 दिनाें में काेराेना के मरीजाें की वृद्धि दर 0.7% ही है। 20 दिन पहले जिन जिलाें में ज्यादा मरीज हाे गए थे, उनमें सबसे कम वृद्धि दर हाेशंगाबाद के बाद देवास की ही है।

डाॅ. श्रीकांत पांडेय, कलेक्टर ने कहा-कंटेनमेंट एरिया भीघट कर 9 रह गए
जिले में 15 लाख लोगों का सर्वे व स्क्रीनिंग कार्य किया जा चुका है। कंटेनमेंट एरिया भी घट कर 9 रह गए है। जिन मरीजों की शुरुआत में मृत्यु हुई है वह कोमोर्बिलिटी के कारण हुई है अर्थात उन्हें कैन्सर, हायपर बीपी या डायबिटीज जैसी बीमारी या 75 वर्ष से अधिक की उम्र आदि कारण रहे हैं।

कृष्णावेणी देसावतु, एसपी ने कहा-शासन की एडवायजरी का पालन करें
कोरोना संक्रमण को गंभीरता से लेना है, इसके लिए यह जरूरी है लोग घर पर रहे और सुरक्षित रहे अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकले। शासन की एडवायजरी का पालन करेंगे, तब ही हम जीत सकेंगे।

रिकवरी रेट बढ़ने के ये हैं कारण

  • अमलतास हाॅस्पिटल में चेस्ट राेग विशेषज्ञ हाेने से मरीजाें का बेहतर इलाज हाे रहा हैं। जिला अस्पताल में अब बेवजह संदिग्ध मरीज काे नहीं रखा जा रहा, शंका हाेने पर सीधे अमलतास भेज रहे।
  • शुरुआत में अधिकतर काेराेना पाॅजिटिव मरीज 50 साल से ज्यादा के आए थे। अब अधिकतर काेराेना पाॅजिटिव 50 उम्र से कम के आ रहे हैं, जाे रिकवर हाे रहे हैं।
  • इलाज में लगी टीम बेहतर काउंसलिंग कर काेराेना के मरीज काे डरने के बजाय लड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं, ताकि मरीज मानसिक रूप से मजबूत रहे।
  • कर्फ्यू में काेई ढील नहीं दी। वाहन प्रतिबंधित हाेने से बाजार में लगने वाली भीड़ खत्म, साेशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से।
  • इंदाैर से आने-जाने वाले पहले चाेरी छिपे आसानी से आजा रहे हैं। अब देवास में आने वाले रास्ताें पर चाैकसी कड़ी है।
  • सैंपल लेने के बाद मरीजाें काे हाेम क्वारेंटाइन में रखने के बजाय इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन किया जा रहा, जिससे मरीज इकट्ठे नहीं मिल रहे।


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56, सराफा जैसे मार्केट और टॉयलेट में लगेंगे वाॅश बेसिन, उधर कंटेनमेंट एरिया में 300 सीसीटीवी कैमरों से नजर

इंदौर से कोरोना संकट पूरी तरह खत्म होने में पूरा साल लग सकता है। इसके लिए प्रशासन बहुत सख्त गाइडलाइन बना रहा है। इसे तब लागू किया जाएगा, जब शहर धीरे-धीरे खुलने लगेगा। यानी इंदौरवासी कोरोना के साथ कैसे जिएं, इस पर काम चल रहा है। कुल मिलाकर पोस्‍ट लॉकडाउन इन्फ्रास्‍ट्रक्‍चर की तैयारी की जा रही है। इसके तहत शहर के 56 दुकान, सराफा जैसे सभी मार्केट, सार्वजनिक शौचालय, धार्मिक स्थलों पर वाॅश बेसिन लगेंगे। सैनिटाइजर की व्यवस्था भी अनिवार्य होगी। अनेक स्थानों पर बिना केमिकल वाली सैनिटाइजेशन टनल बनाई जाएंगी, ताकि शहरवासी काम करते हुए भी कोरोना संक्रमण से बच सकें। संभावना है छह माह तक बस, वैन, मैजिक, आई-बस जैसे सभी लोक परिवहन वाहनों में सवारियों की संख्या 50% तक कम की जाएगी। सांसद शंकर लालवानी का कहना है पोस्ट लॉकडाउन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम हो रहा है। सख्त गाइडलाइन बनाई जाएगी, जिसका पालन हम सबको लंबे समय तक करना पड़ेगा।
गाइडलाइन में और क्या
जब दफ्तर खुलेंगे, बिना मास्क काम नहीं कर सकेंगे। सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य होगी।
घर से ऑफिस या कहीं जाने वाले हर शख्स को मास्क पहनना होगा।
लंबे समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
बिना अनुमति के कोई रैली, बैठक भी नहीं हो सकेगी।
रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड पर सैनिटाइजर की टनल लगेंगी।

कंटेनमेंट एरिया में 300 सीसीटीवी कैमरों से नजर
शहर में कोविड मरीजों को लेकर चिह्नित 25 हॉट स्पॉट एरिया में लोगों से लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस, प्रशासन ने इन एरिया की गलियों में 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। इनके जरिए कंट्रोल रूम से हर गली में नजर रखी जा रही है। इन कैमरों को लगाने व मेंटेनेंस के लिए काम कर रहे सुखमनी कंपनी के संचालक जसदीप सिंह ने कहा कि कैमरों और इससे लाइव फीडिंग में कोई समस्या नहीं आए, इसके लिए पूरी टीम लगातार पीपीई किट पहनकर काम कर रही है। कंट्रोल रूम से फोन आते ही टीम के सदस्य मौके पर पहुंचकर तकनीकी काम करती है। रानीपुरा, खजराना, आजादनगर, टाटपट्टी बाखल सभी जगह यह कैमरे संक्रमण के खतरे के दौरान भी लगाए गए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि तीन दिन में ही यह कैमरे टीम द्वारा लगाए गए। अभी और जगह चिह्नित कर 200 कैमरे और लगवाए जा रहे हैं।



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प्रशासन ने इन एरिया की गलियों में 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं।




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मुश्किल समय में पड़ोसियों, दोस्तों, रिश्तेदारों ने बहुत सहायता की; इंदौर ने पूछे प्रशासन से प्रश्न, कलेक्टर ने दिए जवाब

मनीष बाग निवासी 39 वर्षीय कॉलोनाइजर अजय सिंघल स्वस्थ होकर घर लौट आए। वे बताते हैं मार्च में पिता और मां वैष्णो देवी गए थे। 23 मार्च को जांच कराई तो पॉजिटिव निकले। उनकी सेवा करने से मैं और मां भी संक्रमित हो गए। 26 मार्च को मुझे बुखार आ गया। 27 को बॉम्बे अस्पताल में दिखाया। 1 अप्रैल को मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। इसके बाद अरबिंदो शिफ्ट कर दिया। यहां डॉक्टरों ने दिन-रात इलाज किया। पूरे स्टाफ को सैल्यूट और आभार है। 24 अप्रैल को घर लौट आया। ये खुशी थी कि घर के 5 बच्चों और 2 महिलाओं को कुछ नहीं हुआ। पड़ोसियों, दोस्तों और रिश्तेदारों ने घरवालों को किसी चीज की कमी नहीं आने दी। ये सहायता मैं और मेरा परिवार कभी नहीं भूलेंगे।

इधर इंदौर ने प्रशासन से प्रश्न पूछे, तोजांच, इलाज, कंटेनमेंट एरिया की व्यवस्था, सामान की आपूर्ति पर कलेक्टर मनीष सिंह ने दिए जवाब

सवाल : मेरे भाई की शादी 26 अप्रैल को तय हुई थी, अब 28 जून को करने का विचार है। कितने लोगों की अनुमति मिल सकती है। - शुभम जोशी
जवाब : 17 मई के बाद रेड जोन एरिया के संबंध में गाइडलाइन जारी होगी। इसके तहत अधिकतम50 लोगों की मंजूरी का प्रावधान है। इंदौर से रेड जोन हटने के बाद ही बता सकेंगे।
सवाल : मैं इंदौर की रहने वाली हूं। मालेगांव जिला नासिक (महाराष्ट्र) में फंसी हूं। मुझे इंदौर आना है। मेरा पूरा परिवार इंदौर में है। - किरण मेहता
जवाब : आप mapit.gov.incovid-19 पर आवेदन कीजिए। जिस वाहन से आना है, उसका नंबर, आईडी डालिए। 48 घंटे में मंजूरी मिलेगी।
सवाल : मैं मुंबई निवासी हूं। मां से मिलने इंदौर आया था। मेरे पास स्वयं का वाहन नहीं है। क्यामुझ जैसे लोगों के लिए सरकार बस की व्यवस्था कर सकती है। -केएम उपाध्याय
जवाब : अभी इस पर विचार नहीं हो रहा है, लेकिन आप ऑनलाइन आवेदन कर मंजूरी ले सकते हैं और निजी टैक्सी कर सकते हैं।
सवाल : मेरी बच्ची दो माह की है। वैक्सीनेशनबचा हुआ है। वैक्सीनेशन के लिए कुछ हो सकता है क्या। - पूनम बाहेती
जवाब : क्लिनिक बंद है। ग्रीन अस्पताल की ओपीडी चालू है, वहां आप वैक्सीनेशन करा सकती हैं। डॉक्टर से टेलीफोन पर सलाह ले सकती हैं। यदि थोड़ी देर हो जाए तो इससे समस्या नहीं आती।
सवाल : मैं 12वीं की छात्रा हूंl मैं पूछना चाहतीहूं कि रेड जोन में स्टेशनरी शॉप खोलने कीपरमिशन है क्या? मैं ऑनलाइन बुक्स बुला सकता हूं क्या? - अनुषा रायकवार
जवाब : नहीं। अभी इंदौर में कोई मंजूरी नहीं है।
सवाल : जो छात्र इंदौर में रूम या होस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, लॉकडाउन के कारण उनके परिवार की आय नहीं हो पा रही। वे किराया देने में असमर्थ हैं। अगर किराएदार उनसे किराया मांगे तो छात्र क्या करें? - अजीत समुंदर
जवाब :
प्रशासन ने किराए के लिए दबाव नहीं बनाने के लिए प्रतिबंधात्मक धारा 144 लागू की है। इस तरह का दबाव बनाना अवैधानिक है। इसकी शिकायत आप कलेक्टर हेल्पलाइन पर कर सकते हैं।
सवाल : मैं डोर टू डोर दूध सप्लाय करता हूं। गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के लिए क्या मुझे भी पास लगेगा? - संजय गोयल
जवाब :
नहीं। दूध सुबह 8 से 10 बजे तक बांटें।
सवाल : मेरी पत्नी और दो बच्चे लॉकडाउन की वजह से दमोह में फंसे हैं। क्या मैं अपनी कार से उन्हें लेकर आ सकता हूं। - आलोक भंडारी
जवाब :
नहीं, दमोह प्रशासन को आवेदन कर लें। वह मंजूरी जारी करते हैं तो वह वहां से आ सकते हैं।



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39 वर्षीय कॉलोनाइजर अजय सिंघल स्वस्थ होकर घर लौट आ




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फैक्टरी चालू तो 8 लाख का बिल, अब बंद तो भी 5 लाख; मालवा चैंबर ने सीएम से कहा- गुजरात फॉर्मूला अपनाएं

सांवेर रोड स्थित एक फैक्टरी को लगातार काम करने और हजारों यूनिट खर्च करने के बाद आठ से नौ लाख का बिजली का बिल आता था।लॉकडाउन में फैक्टरी बंद होने के बाद भी बिजली का बिल पांच लाख रुपए का आया है, जबकि सौ यूनिट भी नहीं चली है। इसी तरह के बिल सभी इंडस्ट्री को आए हैं। मामले में मालवा चैंबर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन बिलों पर आपत्ति ली है। संस्था के अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग ने पत्र में कहा है कि एक यूनिट 50 रुपए की पड़ रही है, जबकि विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय नीति के अनुसार यह अधिकतम 8 रुपए 78 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित है। संस्था के अध्यक्ष नारंग और सचिव सुरेश हरियानी ने सीएम से मांग की है कि मार्च से स्थितियां सामान्य होने तक उद्योगपतियों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए बिलिंग फॉर्मूला बदला जाए, जिस तरह से गुजरात सरकार ने किया है। इस अवधि में बिलिंग सिर्फ वास्तविक खपत पर प्रति यूनिट दर की गणना कर की जाए। शासन के कहने पर ही उद्योग बंद हुए हैं, इसलिए शासन के न्यूनतम बिजली खर्च, स्थाई प्रभार की देयता, लो पॉवर फैक्टर इत्यादि से भी मुक्त किया जाना चाहिए।



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8 lakh bill, factory closed, 5 lakh even now; Malwa Chamber told CM- Adopt Gujarat Formula




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एक में लॉकडाउन से हक मारा तो दूसरे में प्रतियोगी परीक्षा का शेड्यूल बिगाड़ा

पूरे प्रदेश के कॉलेजों के एससी-एसटी छात्रों की स्काॅलरशिप शासन ने रोक दी है। परंपरागत और प्रोफेशनल कोर्स के इन छात्रों की महज 13%राशि जारी की जा रही है। बाकी कब जारी होगी, यह तय नहीं है। इस निर्णय से छात्र चिंतित हैं कि वे फीस कैसे जमा कर पाएंगे। वहीं कॉलेजों का कहना है स्कॉलरशिप रुकने से फैकल्टी और अन्य स्टाफ का वेतन जारी करना मुश्किल हो जाएगा। कॉलेज एसोसिएशन के सचिव अवधेश दवे, संयोजक गिरधर नागर का कहना है शासन के समक्ष मुद्दा उठाएंगे, ताकि एससी-एसटी के छात्रों की स्कालरशिप आ सके। छात्र नेता अभिजीत पांडेय का कहना है शासन को पूरी स्कॉलरशिप जारी करना चाहिए। अन्यथा हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।इन कोर्स के छात्रों पर पड़ेगा असर-बीकॉम, बीएससी, बीए, बीएड, एमबीए और करीब 25 अन्य विषय शामिल।
इंदौर में 72 हजार छात्र हैं पात्र- जानकारी के अनुसार इंदौर के करीब 72 हजार छात्रों को यह स्कॉलरशिप जारी होती है, लेकिन सत्र 2019-20 की राशि अगर 13% ही मिली तो इन छात्रों के सामने परेशानी आ जाएगी।

पीएससी राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट अटका, मुख्य परीक्षा होगी लेट

एमपी पीएससी की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट लंबे समय के लिए अटक गया है। इसके चलते सब यह सवाल उठ रहा है कि इस साल मुख्य परीक्षा हो भी पाएगी या नहीं। हालांकि सबसे बड़ा संकट एमपी पीएससी राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 पर है। पुराने शेड्यूल के मुताबिक मई में यह परीक्षा होना थी, लेकिन अब कब होगी? तय नहीं है।
राज्य सेवा प्री परीक्षा 2019 इस साल 12 जनवरी को हुई थी। शेड्यूल के मुताबिक 31 जनवरी को रिजल्ट आना था। ओबीसी आरक्षण पर कानूनी विवाद के चलते आयोग ने
रिजल्ट रोक दिया। अब जब तक ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के मामले में हाई कोर्ट का फैसला नहीं हो जाता, रिजल्ट जारी होने के आसार नहीं हैं। कोरोना संकट के चलते इसमें और देरी होने की संभावना है।

15 जनवरी को आई थी मॉडल आंसरशीट
15 जनवरी को परीक्षा की मॉडल आंसरशीट जारी की थी। इस पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 23 जनवरी तक का समय दिया गया था। आपत्तियों के निराकरण के बाद पीएससी को फाइनल आंसरशीट जारी करना थी, लेकिन ओबीसी विवाद के चलते फाइनल आंसरशीट जारी ही नहीं की गई।
असर कैसे पड़ रहा

पीएससी राज्य सेवा प्री परीक्षा 2019 पिछले साल फरवरी में होना थी, लेकिन एक साल देरी से हुई। इस साल मई-जून में इसी की मुख्य परीक्षा भी होना थी, लेकिन अटक गई। अब सितंबर से पहले संभव नहीं। राज्य सेवा प्री परीक्षा 2020 मई में होना थी, लेकिन अक्टूबर के बाद ही संभव।



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सैंपल फोटो




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लोहा-स्टील, सीमेंट का हो सकेगा परिवहन, आईटी कंपनियों में 30% स्टाफ के साथ काम की मंजूरी

मप्र की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में आर्थिक गतिविधियां और फिर से कारोबार शुरू करने के लिए गुरुवार को रेसीडेंसी कोठी में लोहा, सीमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील कारोबारियों की बैठक हुई। इसमें कारोबारियों ने बताया कि पूरे प्रदेश में यहां से माल सप्लाय होता है। कई कारोबार एेेसे हैं जिनके लिए अभी माल की जरूरत है, बारिश आने के बाद समस्या आ जाएगी, इसलिए गोदामों से माल का परिवहन करने की मंजूरी दी जाना चाहिए। सीमेंट की ही 50 हजार से अधिक बोरियां रखी हैं। लोहे का भी करोड़ोंका माल रखा है। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स आयटम रखे हैं। इसके बाद प्रशासन ने सीमेंट, लोहा, स्टील देशभर में ग्रीन एवं ऑरेंज जोन वाले शहरों में भेजे जाने की अनुमति दी। सीमेंट कारोबारी शहर की सीमा से माल निकालकर बाहर के गोदामों में रख सकेंगे और वहां से बाहर भिजवा पाएंगे।
आईटी कंपनियां भी 30% कर्मचारियों के साथ काम शुरू कर सकेंगी। लोहा और स्टील जैसे क्षेत्रों में भी काम शुरू करने की इजाजत दी है। आगे अन्य कारोबारियों को भी राहत दी जाएगी। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र,एमपीआईडीसी के रीजनल डायरेक्टर कुमार पुरुषोत्तम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने प्रशासन ने दी बैंकिंग की मंजूरी लॉकडाउन के दौरान बैंकों मेेंआमजन के लेनदेन पर रोक है। वहीं धीरे-धीरे व्यावसायिक गतिविधियां तेज करने के लिए प्रशासन लगातार व्यावसायिक संस्थानों को मंजूरी दे रहा है। रसोई गैस, पेट्रोल पंप, दवा व्यवसायियों, किराना व्यापारियों व अन्य संस्थानों के बाद प्रशासन ने 31 अन्य व्यावसायिक प्रतिनिधियों को बैंकिंग की मंजूरी जारी की है। एडीएम बीबीएस तोमर ने बताया वे सुबह 11 से शाम पांच बजे तक लेनदेन कर सकते हैं।

लोहा व्यापारियों को गोदामों से माल भेजने के लिए मिलेंगे छह दिन
बैठक में मौजूद डॉ निशांत खरे ने कहा कि आज बिना टेक्नोलॉजी के अस्पताल नहीं चलाया जा सकता है और कोरोना के कठिन समय में तो तकनीक की भूमिका और बड़ी हो गई है। इसलिए इंदौर में आईटी कंपनियों को काम करने दिया जाना चाहिए। इसके बाद 30 फीसदी कर्मचारियों के साथ अनुमति मिली। लोहा व्यापारी एसोसिएशन की मांग के बाद लोहा व्यापारियों के गोदामों में रखे हुए माल को बाहर भेजने के िलए छह दिन की मंजूरी मिल गई है। बैठक में इल्वा अध्यक्ष आमीर इंजीनियरवाला के साथ उपाध्यक्ष प्रभात मिश्रा, सचिव नंदकिशोर पंचोली, ट्रस्टी अमरजीत सिंह छाबड़ा आदि थे।

माल परिवहन में ये जरूरी

  • सभी के लिए हमेशा मास्क और दस्ताने पहनना पूर्ण रूप से अनिवार्य होगा।
  • समय-समय पर संस्थान का सैनिटाइजेशन करना होगा।
  • काम करने वाले प्रत्येक कर्मचारी को सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन करना होगा।
  • किसी भी कर्मचारी या सामान लाने ले जाने वाले व्यक्ति में कोरोना के मामूली लक्षणदिखने पर तत्काल प्रशासन को सूचित करना होगा।

मिठाई-नमकीन निर्माता कलेक्टर से बोले- अनुमति मिले तो दुकान खोले बिना कर सकते होम डिलीवरी

शहर में लॉकडाउन को लगभग डेढ़ महीना हो गया है। ऐसे में जहां कुछ खाद्य सामग्रियों को लेकर होम डिलीवरी की अनुमति प्रशासन की ओर से दी गई है तो मिठाई और नमकीन को लेकर भी व्यापारी एसोसिएशन ने कलेक्टर से चर्चा की है। इसमें उन्होंने मांग रखी है कि कुछ व्यापारियों को होम डिलीवरी को लेकर अनुमति प्रदान की जाए। इसे लेकर प्रशासन के अफसरों ने विचार करने की बात कही है।
इंदौर नमकीन मिठाई व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास जैन ने बताया पिछले दिनों एसोसिएशन के पदाधिकारियाें ने दुकान न खोलते हुए होम डिलीवरी शुरू किए जाने को लेकर चर्चा की थी। इसके बाद पदाधिकारी कलेक्टर मनीष सिंह से मिलने भी पहुंचे थे। वहां पदाधिकारियों ने चर्चा में मांग रखी थी कि प्रशासन अगर हमें होम डिलीवरी की अनुमति देता है तो हम काम शुरू कर सकते हैं।
वहीं जिन क्षेत्रों में संक्रमण है, उन क्षेत्राें से एक किलोमीटर की परिधि में दुकान नहीं खोली जाएगी। उसके बाद के क्षेत्र में दुकान तो खुलेगी, लेकिन वहां से काउंटर सेल प्रतिबंधित रहेगी। ऐसे में शहरवासियों को कुछ राहत मिल सकती है। इस पर प्रशासनिक अफसरों ने विचार करने की बात कही है। वहीं जिन नमकीन और मिठाई निर्माताओं के कारखाने शहरी सीमा से बाहर हैं, उन्हें भी सशर्त अनुमति दिए जाने की बात कही जा रही है।



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Transportation of iron and steel, cement will be possible, work approval with 30% staff in IT companies




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7 दिन में 585 किमी पैदल चले, 1100 किमी अभी और चलना बाकी; तब पहुंचेंगे घर की दहलीज पर

दीपेश शर्मा. बायपास पर पिछले कुछ दिनों से पलायन की दर्दनाक तस्वीर नजर आ रही है। सुबह 6 से रात 12 बजे तक तीन हजार से ज्यादा लोग पैदल, साइकिल, ऑटो, लोडिंग वाहनों से महाराष्ट्र और गुजरात से यूपी की तरफ जाते नजर आ जाएंगे। कोई दस दिन से पैदल चल रहा है तो कोई ऑटो या लोडिंग वाहन से पूरे परिवार को लेकर जा रहा है। किसी ट्रक में 50 से ज्यादा लोग गाय-भैंस की तरह ठूंसकर बैठाए गए हैं तो कोई ट्रक वाला 10 किमी के 100 रुपए वसूल रहा है। जिनके पास पैसा खत्म वे पैदल। खाना तो मिल रहा है लेकिन साधन नहीं। इन लोगों को भोजन, पानी, जूते-चप्पल के लिए बायपास पर 10 से ज्यादा संस्थाओं ने टेंट लगवाए हैं लेकिन साधन का कोई इंतजाम नहीं।

1. लिफ्ट दे रहे, पर 10 किमी के सौ रु. वसूल रहे

मेरा पूरा परिवार भोपाल के आगे बेगमगंज में है। नासिक में एक फैक्टरी में नौकरी करता था। डेढ़ महीने से बेरोजगार बैठा था। अब घर लौट रहा हूं। कभी-कभी ट्रक वाले लिफ्ट दे देते हैं लेकिन 10 किलोमीटर के 100 रुपए वसूल रहे हैं।

2. कुछ नहीं मिला तो रिक्शा में ही चल दिए

चाचा संतराम, रिश्तेदार पवन, पूनम और बच्चे सनी को लेकर ऑटो रिक्शा से निकल पड़े। सब कुछ छोड़कर लौट रहे हैं। नौकरी छूटने के बाद वहां मकान का किराया भरने के लिए भी पैसे नहीं बचे। गाड़ी में सीएनजी भी नहीं भरवा पा रहे हैं।

3. सेठ ने रवाना कर दिया, अब कोई काम नहीं


हम 20 साथियों के लिए रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है। गांव से काम की तलाश में हम लोग शहर गए थे, लेकिन अब बेरोजगार हैं। सेठ ने गाड़ी कर गांव भेजने का इंतजाम कर दिया लेकिन अब हमारे पास कोई रोजगार नहीं।

4. कोई मदद नहीं, 7 दिन से पैदल ही चल रहे

मैं बंसीलाल और मेरे साथी पैदल चलते-चलते इंदौर पहुंचे हैं। हमारा गांव बलरामपुर 1100 किमी दूर है। रास्ते में खाना तो मिल रहा है लेकिन साधन नहीं। सरकार ने कोई मदद नहीं की। दस लोगों को कोई लिफ्ट भी नहीं दे रहा।

5. 27 अप्रैल से चल रहे, आप ही मदद कर दो

27 अप्रैल से पैदल चलते-चलते गुरुवार को इंदौर पहुंचे। न पुलिस ने और न किसी गाड़ी वाले ने हमारी मदद की। हमें बनारस जाना है, किसी गाड़ी में बैठा दीजिए। अब चलने की हिम्मत नहीं। पैसे भी नहीं बचे हैं। आप ही मदद कर दो।

6. कुछ पैसे बचाए थे, वो भी किराए में झोंक दिए

सात साथियों और परिवार के साथ बलरामपुर लौट रहे हैं। वहां हम्माली करते थे। लॉकडाउन के बाद से रहना मुश्किल हो गया। गांव के लोगों को जमा किया और पैसे इकट्‌ठे कर गांव तक पहुंचाने के लिए लोडिंग रिक्शा किया। सारी पूंजी भाड़े में जाएगी।



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सुबह 6 से रात 12 बजे तक तीन हजार से ज्यादा लोग पैदल, साइकिल, ऑटो, लोडिंग वाहनों से महाराष्ट्र और गुजरात से यूपी की तरफ जाते नजर आ जाएंगे। कोई दस दिन से पैदल चल रहा है तो कोई ऑटो या लोडिंग वाहन से पूरे परिवार को लेकर जा रहा है।




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गोकुलदास में डेढ़ घंटे में तीन संदिग्ध की मौत, आरोप- कोरोना अस्पताल की श्रेणी से हटने की ‘जल्दी’ में थे

कोरोना संदिग्धों के इलाज के लिए चिह्नित यलो श्रेणी के गोकुलदास अस्पताल में गुरुवार को एक घंटे में तीन मरीजों की मौत के बाद हंगामा हो गया। सिर्फ चार-पांच घंटे में ही यहां 4 मरीजों ने दम तोड़ दिया। मृतकों के परिजन ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि यलो कैटेगरी से ग्रीन में आने की जल्दी में लापरवाही बरती जा रही है। एक युवती ने इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। सांसद शंकर लालवानी ने मामले में कलेक्टर मनीष सिंह से बात की। यहां के मरीजों को मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में शिफ्ट करेंगे। कलेक्टर ने कहाजांच में प्रबंधन दोषी मिला तो लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त कर अस्पताल सील कर देंगे। भास्कर ने अस्पताल का पक्ष जानने के लिए अस्पताल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. संजय गोकुलदास को कई बार फोन लगाए, लेकिन उन्होंने अटैंड नहीं किया। जांच के लिए पहुंचे सीएमएचओ के फोन भी नहीं उठाए।


28 नए पॉजिटिव, तीन की मौत; एमजीएम में शुरू हुई प्लाज्मा थैरेपी
इस हंगामे के बीच 372 सैंपल में से 28 नए पॉजिटिव मिले हैं। 3 मरीजों की मौत भी हुई है। इधर, अरबिंदो अस्पताल के बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज को भी प्लाज्मा थैरेपी के ट्रायल की अनुमति मिली है। गुरुवार को डॉक्टरों की टीम ने ट्रायल शुरू भी कर दिया। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की निगरानी में एमजीएम के तहत आने वाले टीबी अस्पताल के मरीजों पर ट्रायल किया जा रहा है। इसी बीच, महू में पदस्थ आईपीएस आदित्य मिश्रा प्लाज्मा थैरेपी के लिए ब्लडदेने पहुंचे। इन डोनर का ब्लड ग्रुप ए-पॉजिटिव है, इसलिए इस ब्लड ग्रुप वाले मरीजों की पहचान की जा रही है। प्रशासन ने सैंपलिंग के काम में तेजी लाते हुए गुरुवार को अब तक के सर्वाधिक 1300 सैंपल लिए। मंगलवार को ये 734 तो बुधवार को 1174 थे। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के मुताबिक, जांच पेंडिंग न हो, इसके लिए इन्हें निजी लैब को भी भेज रहे हैं। अब सैंपल के लिए नए निर्देश मिले हैं, जिसके तहत मोबाइल एप पर सभी जानकारी अपलोड करना होगी। रिपोर्ट आते ही संबंधित मरीज को भी मिल जाएगी।


10 लोग स्वस्थ होकर लौटे
गुरुवार को अरबिंदो अस्पताल से 6 और चोइथराम अस्पताल से 4 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। ये सभी कोरोना से पूरी तरह ठीक हाे चुके हैं। अरबिंदो से जीनत बानो, मो. सोहेब, नौशाद, मो.कामरान, सरस्वती जोशी व विनय पाहूजा अाैर चोइथराम से राहुल भदौरिया, संजय भदौरिया, जितेंद्र शर्मा और नारायण भदौरिया घर लौटे। शुक्रवार को इंडेक्स से 25 से ज्यादा लोग डिस्चार्ज होंगे।

वीडियो आने के 6 घंटे में उच्च स्तरीय टीम पहुंची अस्पताल

देर रात एमवाय अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर, सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिया, डॉ. सलिल भार्गव की टीम जांच करने अस्पताल पहुंची। उधर, राऊ की नम्रता पांडे की शिकायत पर तुकोगंज पुलिस ने भी अस्पताल को नोटिस जारी किया है। सीएमएचओ का कहना है कि अस्पताल में मरीजों के एडमिशन पर प्रतिबंध लगाकर रिकॉर्ड जब्त कर लिया है।शुक्रवार को विस्तृत जांच की जाएगी। पौने दो घंटे में तीन मौत हुई थी। दिनभर में चार डेथ हुई थी। इनमें से तीन की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

वीडियो में परिजन बोले- हमें बाहर कर सैनिटाइजेशन करना चाहते हैं

युवती : यह देखिए अस्पताल की कंडीशन। एक के बाद एक सबकी डेथ होती जा रही है।
युवक : दस मिनट पहले अम्मी से बात की। उन्होंने कहा कि अच्छी हूं और दस मिनट बाद स्टॉफ बोलता है कि अम्मी की डेथ हो गई।
एक व्यक्ति: दो दिन पहले बोला था कि यह ग्रीन अस्पताल होने जा रहा है। सैनिटाइज करेंगे।
युवती:
आधे घंटे में तीन की मौत हो गई। वो बाजी रोती हुई आ रही हैं। इनका मरीज 24 दिन से भर्ती था। मेरे भी पापा की डेथ हो गई है।
गोविंद प्रजापत : चार बजे तक पापा ठीक थे, कुछ देर बाद स्टॉफ बोलता है, नहीं रहे।

एक अन्य व्यक्ति: इनको अस्पताल खाली करना था तो हमें कहीं और शिफ्ट कर देते। ऐसा भी नहीं है कि हम पैसा नहीं दे रहे थे।

जिन 4 की मौत, उनमें 3 की रिपोर्ट निगेटिव, एक की आना बाकी है

1. परसराम वर्मा (54) निमोनिया से दोनों लंग्स खराब हो गए थे। सुबह 11.30 बजे मौत हुई। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
2. आबिदा बी (74) इन्हें भी निमोनिया व लंग्स में समस्या थी। दोपहर करीब 3.30 बजे मौत। कोरोना की रिपोर्ट आना बाकी।
3. भंवरलाल प्रजापत (78)हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ह्रदय रोग। शाम करीब 4.45 बजे मौत। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई।
4. सलमा बी (55) हाइपरटेंशन, लंग्स, डायबिटीज की समस्या थी। शाम करीब पांच बजे मौत। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव।


(सुबह सरकार द्वारा नियुक्त डॉ. बलराज जावड़े ने दौरा किया था। सभी की स्थिति क्रिटिकल बताई)



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गोकुलदास अस्पताल में गुरुवार को एक घंटे में तीन मरीजों की मौत के बाद हंगामा हो गया।




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देवास में एक डॉक्टर सहित दो लोग कोरोना संक्रमित, आंकड़ा बढ़कर 34 हुआ, अब तक 7 की गई जान

देवास में शुक्रवार को कोरोना के दो मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। वहीं, इस वायरस से अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है। अच्छी बात यह है कि 34 में से 13 मरीज काेरोना को हराकर अपने घर लौट चुके हैं। सुबह जो मामले सामने आए उनमें एक सिविल लाइन निवासी डॉक्टर है। जबकि दूसरी संक्रमित महिला वासुदेव पूरा की रहले वाली है।

20 दिन में काेराेना के सिर्फ 14 मरीज, वृद्धि दर 0.7% प्रतिदिन, पिछले 17 दिन में काेई माैत नहीं
प्रदेश के अन्य जिलाें में जिस तरह से हालात अचानक बिगड़े हैं, वैसा देवास में फिलहाल नहीं है। एक समय प्रदेश में सर्वाधिक 30% मृत्यु दर देवास की थी, जाे अब घट कर 22% रह गई है। सबसे अच्छी बात यह है कि हमारा रिकवरी रेट 40.6% है, जाे कि इंदाैर, उज्जैन, जबलपुर, धार, रायसेन, मंदसाैर आदि से बेहतर है। भाेपाल, खरगाेन, खंडवा और हाेशंगाबाद का रिकवरी रेट हमसे बेहतर है। एक और अच्छी बात यह है कि पिछले 20 दिनाें मेंकाेराेना के केवल 14 नए मरीज जिले में सामने आए। पिछले 20 दिनाें में काेराेना के मरीजाें की वृद्धि दर 0.7% ही है। 20 दिन पहले जिन जिलाें में ज्यादा मरीज हाे गए थे, उनमें सबसे कम वृद्धि दर हाेशंगाबाद के बाद देवास की ही है।

कंटेनमेंट एरिया भी घट कर 9 रह गए
कलेकटर डाॅ. श्रीकांत पांडेय के अनुसार जिले में 15 लाख लोगों का सर्वे व स्क्रीनिंग कार्य किया जा चुका है। कंटेनमेंट एरिया भी घट कर 9 रह गए है। जिन मरीजों की शुरुआत में मृत्यु हुई है वह कोमोर्बिलिटी के कारण हुई है अर्थात उन्हें कैन्सर, हायपर बीपी या डायबिटीज जैसी बीमारी या 75 वर्ष से अधिक की उम्र आदि कारण रहे हैं।
शासन की एडवायजरी का पालन करें
एसपी कृष्णावेणी देसावतुने कहा - कोरोना संक्रमण को गंभीरता से लेना है, इसके लिए यह जरूरी है लोग घर पर रहे और सुरक्षित रहे अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकले। शासन की एडवायजरी का पालन करेंगे, तब ही हम जीत सकेंगे।
प्रशासन ने ऐसे की वायरस को दूर भगाने की कोशिश

  • इलाज में लगी टीम बेहतर काउंसलिंग कर काेराेना के मरीज काे डरने के बजाय लड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं, ताकि मरीज मानसिक रूप से मजबूत रहे।
  • शुरुआत में अधिकतर काेराेना पाॅजिटिव मरीज 50 साल से ज्यादा के आए थे। अब अधिकतर काेराेना पाॅजिटिव 50 उम्र से कम के आरहे हैं, जाे रिकवर हाे रहे हैं।
  • सैंपल लेने के बाद मरीजाें काे हाेम क्वारैंटाइन में रखने के बजाय इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन किया जा रहा, जिससे मरीज इकट्ठे नहीं मिल रहे।
  • इंदाैर से आने-जाने वाले पहले चाेरी छिपे आसानी से आजा रहे हैं। अब देवास में आने वाले रास्ताें पर चाैकसी कड़ी है।
  • कर्फ्यू में काेई ढील नहीं दी। वाहन प्रतिबंधित हाेने से बाजार में लगने वाली भीड़ खत्म, साेशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से।
  • अमलतास हाॅस्पिटल में चेस्ट राेग विशेषज्ञ हाेने से मरीजाें का बेहतर इलाज हाे रहा है। जिला अस्पताल में अब बेवजह संदिग्ध मरीज काे नहीं रखा जा रहा, शंका हाेने पर सीधे अमलतास भेज रहे।


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रसूलपुर फाटे पर तैनात टीआई बाेलीं- कोरोना वायरस तुम्हारा रिश्तेदार है, जो बिना मास्क के घूम रहे हो। इतना कहते ही युवक ने टी शर्ट मुंह तक चढ़ा ली।




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पढ़ाई करते सो गई छात्रा, गेट खुला देख मोबाइल, एलसीडी, जेवर और नकदी ले गए चोर

एसआर कंपाउंड में पढ़ाई करते हुए एक छात्रा की रात 2 बजे नींद लग गई। सुबह देखा तो उसका मोबाइल और जेवर नहीं थे। पीड़ितने घटना के बाद पुलिस को आवेदन दिया, लेकिन एक महीने बाद उसका केस दर्ज हुआ।

लसूड़िया पुलिस ने एसआर कंपाउंड लसूड़िया मोरी निवासी 24 वर्षीय रीना अहिरवार की रिपोर्ट पर चोरी का केस दर्ज किया है। रीना ने बताया कि घटना 10 अप्रैल की रात की है। उसके पिताजी एसआर कंपाउंड में नौकरी करते हैं। इसलिए रात को वह भी अपने भाई गौतम और मां के साथ पिताजी के कमरे पर चली गई। रातभर पढ़ाई करती रही और भाई-मां सो गए। रात 2 बजे रीना की भी नींद लग गई। उसके रजिस्टर के पास ही मोबाइल रखा हुआ था। सुबह उठकर देखा तो घर में चोरी हो चुकी थी। चोर घर के खुले दरवाजे से मोबाइल, एलसीडी, जेवरात और 5 हजार रुपए चुराकर ले गए।



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लसूड़िया पुलिस ने केस दर्ज कर मामले को जांच में लिया।




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प्रतिबंध के बाद भी बिना कारण घर से निकले पंडितजी, पुलिस ने बीच सड़क पर पीटी और एक्सरसाइज करवाई

टोटल लॉकडाउन के बाद भी लोग घरों से निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं। शहर में सबसे ज्यादा सख्ती एरोड्रम क्षेत्र में सुबह की जा रही है। इसी के चलते शुक्रवार सुबह कई लोगों को पकड़ा। पुलिस की सख्ती मेंपंडित भी फंस गए। टीआई अशोक पाटीदार के अनुसार जब पुलिस ने रोका तो बोले कि वे तो किसी काम से जा रहे हैं। फिर एक ने कहा कि वे सब्जी लेने जा रहे थे। दूसरे ने कहा कि वे किसी गांव में काम से जा रहे थे।

पुलिस का कहना था कि जब सारे धर्मस्थल बंद हैं। स्थानीय व्यक्ति को वहां के पूजन का जिम्मा है तो फिर क्यों बाहर निकल रहे हो। उन्होंने भी स्वीकारा कि कोई खास महत्वपूर्ण काम नहीं होने के बाद भी वे घर से निकले और यह उनकी गलती है। हालांकि पुलिस ने उन्हें भी पीटी और एक्सरसाइज करवाई और फिर छोड़ दिया। पुलिसकर्मियो का कहना है कि हर कोई बिना वजह किसी न किसी बहाने से घर से निकल जाता है। अभी पूरी तरह से किसी का भी घर से निकलना प्रतिबंधित है, फिर भी लोग निकल रहे हैं। इसको लेकर ही रोजाना सख्ती की जा रही है

पकड़ में आए लोगों से तपती सड़क पर बिठाकर कसरत करवाया।

फ्लैग मार्च देख लोग भागे
उधर, शुक्रवार सुबह सदर बाजार पुलिस ने भी फ्लैग मार्च निकाला। पुलिस यह मार्च रोजाना सुबह निकाला रही है। जैसे ही पुलिस क्षेत्र में जाती है तो लोग उन्हें देखकर घरों मे घुस जाते हैं। अफसरों का कहना है कि जो लोग सड़कों पर हैं वे अधिकांश मेडिकल इमरजेंसी का बोलते हैं। कई बार देखने में आता है कि लोग दवाई लेने का बोलकर घूमते हैं। पकड़ाने पर माफी मांगते हैं।



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पंडित जी ने स्वीकारा कि कोई महत्वपूर्ण काम नहीं होने के बाद भी वे घर से निकले और यह उनकी गलती है।




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चंदननगर में पुलिसकर्मी पर हमला करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ केस, पहले दिन पुलिस छिपाती रही मामला

चंदननगर केरानी बाग में एक बार फिर पुलिसकर्मी पर हमला हुआ है। इस बार पुलिस ने पहले दिन मामला छिपाया और अगले दिन पांच अरोपियों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया। इसके पहले भी चंदन नगर की 10वीं गली में पुलिस पर पत्थरबाजी हुई थी, जिसमें पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

चंदन नगर पुलिस ने 34वीं बटालियन में पदस्थ आरक्षक विशाल भिलावेकर की रिपोर्ट पर गीता नगर में रहने वाले शानू, अरकान उर्फ गांव वाला, मोईन खान, लल्ला, जावेद हाजी का जीजा और अन्य के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा और बलवे सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। विवाद बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे का है। सिपाही ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि घटना के वक्त रानी पैलेस जमील किराना स्टोर के सामने एक सफेद रंग की स्कूटी से तीन लड़के आए। सिपाहियों ने स्कूटी रोककर घूमने का कारण और कर्फ्यू पास मांगा। इस पर तीनों लड़के वहां से भाग गए। कुछ देर बाद वे अपने अन्य साथियों को लेकर फिर तिराहे पर पहुंचे।

आरोपियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन भी किया

आरोपीपुलिसकर्मियों को गालियां देने लगे। इस पर सिवाही गोविंद और प्रवीण ने विरोध किया। इस पर आरोपियों ने गोविंद और प्रवीण के साथ मारपीट की। कर्फ्यू का उल्लंघन किया। धमकाया कि इधर अब ड्यूटी करने मत आ जाना। इसकी जानकारी थाने पहुंची और पुलिसकर्मी वहां पहुंचे, लेकिन आरोपी भाग चुके थे। अफसर भी मौके पर पहुंचे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बताया जा रहा है कि अफसरों ने ही सिपाहियों को मामले को तूल देने सें मना कर दिया था। अगले दिन सिपाहियों ने विरोध किया तो गुरुवार रात को केस दर्ज कर दिया गया।



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चंदन नगर थाना क्षेत्र में पहले भी पुलिस पर पथराव हो चुका है। मामले में आरोपी अभी जेल में बंद हैं।




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बादशाह काॅम्प्लेक्स की 40 दुकानों में चोरी के मामले में फुटेज के आधार पर तीन संदेही हिरासत में, पूछताछ जारी

जवाहर मार्ग प्रेमसुख टॉकीज के पास स्थित तीन मंजिला बादशाह काॅम्पलेक्स में बुधवार को हुई चोरी की वारदात में पुलिस को कुछ संदेही बदमाशों की जानकारी लगी है। देर रात पुलिस ने साउथ तोड़ा इलाके के तीन संदेही को पूछताछ के लिए उठाया है। पुलिस घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार अन्य बदमाशों कीभी पहचान कर रही है।


सीएसपी सेंट्रल कोतवाली बीपीएस परिहार ने बताया कि बादशाह काॅम्प्लेक्स में चोरों ने एक साथ पूरे काॅम्प्लेक्स की 40 दुकानों के ताले, दरवाजे तोड़कर चोरी की वारदात की थी। इस घटना की जानकारी बुधवार रात को पुलिस को मिली तो कुछ दुकान व ऑफिसके सीसीटीवी फुटेज चेक करवाए।फुटेजके आधार पर साउध तोड़ा के बदमाशों पर संदेह था। इस लिए एक टीम को सर्चिंग के लिए लगाया था। फुटेज के आधार पर तीन बदमाशों को पूछताछ के लिए लाए हैं। चोरी में सभी दुकानों व ऑफिससे लाखों का माल चोरी हुआ है। इस माल की भी तलाश की जा रही है।



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पुलिस घटना स्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार अन्य बदमाशों से भी पहचान कर रही। (प्रतीकात्मक फोटो)




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शहर में वायरस के फैलाव का कारण ढूंढ रहा है आईबी, कांटेक्ट ट्रेसिंग के जरिए मरीजों की हिस्ट्री की तलाश

कोरोनावायरस का हॉट-स्पॉट बने इंदौर में इस संक्रमण के फैलने के कारणों की तलाश इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा की जा रही है। आईबी अधिकारियों का दल कोरोना पॉजिटिव मरीजों के कांटेक्ट को ट्रेस कर उसकी हिस्ट्री तलाश रहे है। इसके लिए आईबी की टीम ने एसजीआईटीएस स्थित कंट्रोल रूम पहुंचकर दस्तावेज लिए। उधर गुरुवार रात आई रिपोर्ट में 28 मरीजों में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई जिससे शहर में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 1727 हो गई है।

इंदौर में कोरोनावायरस के साइलेंट कैरियर बने मरीजों की तलाश आईबी द्वारा की जा रही है। इस बीमारी के मरीजों की कांटेक्ट हिस्ट्री की ट्रेसिंग कर साइलेंट कैरियर तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। इंदौर में 24 मार्च को पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद वर्तमान में इनकी संख्या बढ़कर 1727 हो गई है। इस बीमारी से प्रभावित लोगों में लगभग 70 फीसदी लोग एक विशेष क्षेत्र के हैं। आईबी की टीम द्वारा एसजीआईटीएस स्थित कंट्रोल रूम पहुंचकर दस्तावेज लिए। टीम द्वारा विदेशों जैसे अमरीका, फ्रांस, सऊदी अरब व चीन से इंदौर आए लोगों की जानकारी लेने के साथ ही, दिल्ली-मुंबई से आए लोगों की जानकारी भी ली गई।

11337 सैंपलों की जांच

इंदौर में अब तक 11337 सैंपलों की कोरोनावायरस जांच हो चुकी है जिसमें से 1727 सैंपल पॉजिटिव पाए गए है। 86 मरीजों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। वहीं अब तक इस बीमारी से 663 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके है। वर्तमान में 978 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार शहर के अस्पतालों में किया जा राह है। वहीं 1854 लोगों को संस्थागत क्वारेंटाइन से स्वस्थ होने के बाद घर भेजा जा चुका है।



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वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए शहर में कर्फ्यू लागू है जिसका पालन सख्ती से करवाया जा रहा है।




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कोरोना ने दिया नमकीन उद्योग को 400 करोड़ का झटका, निर्माता बोले- अनुमति मिले तो दुकान खोले बिना कर सकते होम डिलीवरी

देश के साथ ही विदेशों तक में प्रसिद्ध इंदौर के नमकीन पर कोरोनावायरस का बुरा असर पड़ा है। लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते शहर के नमकीन उद्योग को 400 करोड़ रुपए से अधिक का झटका लगा है। परेशान मीठाई और नमकीन निर्माताआें ने प्रशासन से कहा है कि यदि अनुमति मिले तो वे दुकान खोले बगैर होम डिलीवरी की सेवा प्रारंभ कर सकते है।

कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले लगभग 44 दिनों से लागू लॉकडाउन ने इंदौर के नमकीन उद्योग को जोरदार चपत लगाई है। अब तक इस उद्योग को लगभग 400 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। शहर और आसपास नमकील उत्पादन के 2000 छोटे-बड़े कारखाने है जहां 125 टन प्रतिदिन का उत्पादन किया जाता है। नमकीन के प्रत्यक्ष उत्पादन से 20 हजार लोग जुड़े है। वहीं अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक लाख परिवार जुड़ेे हैं। ये सिर्फ नमकीन व्यापारी नहीं, बल्कि कारीगर, मजदूर, सेल्समैन, मार्केटिंग स्टाफ, लोडिंग,परिवहन, फुटकर विक्रेता,ग्रामीण खेरची दुकानदार, दाल, बेसन, तेल, मसाले वाले, पैकिंग इंडस्ट्री वाले,चक्की वाले जैसी लंबी श्रृखंला है।

नमकीन के लिए हो राहत पैकेज की घोषणा

मप्र नमकीन मिठाई एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि तालाबंदी देश के लिए अनिवार्य थी, इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन सरकार को एकाध हफ्ते बाद कम से कम खाद्य उद्योग के बारे में कुछ ऐसी व्यवस्था करना थी, जिससे तैयार माल की खपत कर दी जाती। अब नमकीन जैसे उद्योग को उबारने के लिए किसी पैकेज की घोषणा की जाना चाहिये। साथ ही नमकीन के सीमित कारोबार की अनुमति तो दी ही जाना चाहिए।

प्रशासन ने कहा-होम डिलीवरी पर करेंगे विचार

राशन के साथ ही सब्जियों की होम डिलीवरी प्रशासन द्वारा की जा रही है। इसे देखते हुए मिठाई और नमकीन को व्यापारी एसोसिएशन ने कलेक्टर से चर्चा की है। इसमें उन्होंने मांग रखी है कि कुछ व्यापारियों को होम डिलीवरी को लेकर अनुमति प्रदान की जाए। इसे लेकर प्रशासन के अफसरों ने विचार करने की बात कही है। इंदौर नमकीन मिठाई व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास जैन ने बताया पिछले दिनों एसोसिएशन के पदाधिकारियाें ने दुकान न खोलते हुए होम डिलीवरी शुरू किए जाने को लेकर चर्चा की थी। इसके बाद पदाधिकारियों ने कलेक्टर से चर्चा कर मांग रखी कि प्रशासन अगर हमें होम डिलीवरी की अनुमति देता है तो हम काम शुरू कर सकते हैं। वहीं जिन नमकीन और मिठाई निर्माताओं के कारखाने शहरी सीमा से बाहर हैं, उन्हें भी सशर्त अनुमति दिए जाने की बात कही जा रही है।

  • जिस मालवा की पहचान कभी डग-डग रोटी, पग-पग नीर हुआ करता था, वह अब नमकीन से पहचाना जाता है। इंदौर के साथ रतलाम और उज्जैन भी नमकीन के लिये प्रतिष्ठा प्राप्त हैं।
  • एमएसएमई की एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में रोजाना लगभग 100 से 125 टन नमकीन बनता है। इसमें से प्रतिदिन करीब 25 टन माल की खपत इंदौर में होती है, शेष देश भर के बाजार में पहुंचता है। इंदौरी नमकीन औसत डेढ़ सौ रुपए किलो होता है।
  • इंदौर से मुख्य रूप से लंदन, अमेरीका, श्रीलंका, बांग्लादेश, दुबई, कतर, पाकिस्तान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य अरब देशों में नमकीन का निर्यात किया जाता है।
  • इंदौर से बाहर कोई भी घूमने या रिश्तेदारी में जाने वाला नमकीन जरूर साथ ले जाता है तो इंदौर आने पर मेहमान को नमकीन जरूर भेंट किया जाता है। जो इंदौरी विदेश में बसे हैं , वे यहां आने पर साल,छह महीने का नमकीन साथ ले जाते हैं।
  • तालाबंदी लागू होने से औसत सात दिन का स्टॉक दुकानों, कारखानों पर ही रखा रह गया। ताजा स्थिति के अनुसार यदि 17-18 मई को भी तालाबंदी खुल जाए तब भी तेल, दालें, बेसन,मसाले आदि दो माह तक पड़े रहने के कारण कम ही काम आ पाएंगे।
  • शासन-प्रशासन ने तैयार नमकीन की बिक्री के लिये सवा महीना बित जाने के बावजूद कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए, जिससे रखा माल तो खराब ही होना है।
  • प्रशासन को चाहिये कि किराना, सब्जी, ,दूध वितरण के साथ नमकीन वितरण भी प्रारंभ करे। सीधे नमकीन कारोबारियों को व्यापार की छूट भले न दें, लेकिन किराना चेन से इसे जोड़ सकते हैं। इससे थोड़ा बहुत तैयार नमकीन भी खप जाएगा, जिसकी मियाद दो माह की होती है और कच्चे माल का उपयोग भी हो सकेगा। इसे प्रारंभ करने से थोड़ा बहुत रोजगार भी चालू हो सकेगा और कारोबारी को अपना अस्तित्व बनाए रखने में मदद मिलेगी।


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इंदौर में नमकीन उत्पादन के 2000 छोटे-बड़े कारखाने हैं, इस उद्योग ने सरकार से राहत पैकेज की मांग की है।




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19 और कोरोना पॉजिटिव मिले, इनमें उज्जैन के 11 और बड़नगर के 8 संक्रमित शामिल

उज्जैन में कोराेना मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआहै। शुक्रवार काे जारी मेडिकल रिपोर्ट में 19 मरीजों में संक्रमण पाया गया है। संक्रमितों में उज्जैन के 11 और बड़नगर के 8 मरीज शामिल हैं। इसके साथ ही जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 220 हो गई है। वहीं, इस वायरस से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच एक राहतभरी खबर यह है कि 62 मरीज कोरोना को हराकर अपने घर लौट चुके हैं। उधर, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में जांच सैंपल की क्षमता पूरी हो गई तो बचे सैंपल गुजरात की निजी लैब में भेजने की व्यवस्था भी शुरू हो गई है।

सीएम बोले- उज्जैन की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें, विशेषज्ञों को लगाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना रोकथाम की उज्जैन की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा। उज्जैन में विशेषज्ञ चिकित्सक लगाए जाने के निर्देश भी दिए। बोले कि हमें पूरा प्रयास करना होगा कि वहां एक भी संक्रमित की कोरोना से मृत्यु ना हो। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के अलावा उज्जैन में ट्रॉमा सेंटर भी शीघ्र कोविड अस्पताल के रूप में शुरू किया जाएं। इसके अलावा इंदौर के अस्पताल में भी 100 बेड उज्जैन के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी दी कि उज्जैन में जहां एक और गहन सर्वे कार्य किए जाकर कोरोना टेस्ट की संख्या को बढ़ाया है, वहीं अस्पताल में मरीजों के स्वास्थ पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कार्य में समाज के सभी वर्गों का सहयोग लिया जाएं।


उज्जैन में 10 मरीज और ठीक हुए, डिस्चार्ज किया
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से सात तथा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से तीन मरीज स्वस्थ होकर गुरुवार को घर लौट गए। उन्होंने कहा- हमने बीमारी नहीं छुपाई तो स्वस्थ हो गए हैं। शहर में कोई व्यक्ति बीमार है तो वह अपनी बीमारी नहीं छुपाए और हॉस्पिटल जाकर जांच करवाए। अपर कलेक्टर सुजान सिंह रावत ने बताया 10 मरीजों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आने पर डिस्चार्ज किया है। जिनमें कमाल हुसैन उम्र 36 साल, हसमलउद्दीन दिन उम्र 60 साल, गुलफशा उम्र 21 साल, निजामुद्दीन उम्र 42 साल, इशाद, अनवर हुसैन उम्र 45 साल, शाहीन उम्र 42 साल तथा सुनील परमार उम्र 30 साल शकील हुसैन उम्र 22 साल अतिका उम्र 38 साल स्वस्थ होकर घर लौटे हैं।



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कलेक्टर द्वारा सभी तरह के पास निरस्त करने के बाद शहर में रोज की तुलना में कम लोग सड़कों पर निकले। जो निकले, उन्हें पुलिस ने सख्ती से घर भेज दिया। इसीलिए दोपहर में शहर की सड़कें पूरी तरह खाली दिखाई दीं।




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चोरी-छिपे सब्जियां बेचने वालों से फैल सकता है संक्रमण, सामग्री जब्त करें : निगमायुक्त

निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने शुक्रवार सुबह नेहरू स्टेडियम में स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। उन्होंने कहा कि शहर में चोरी-छिपे सब्जियां बेचने वालों से काेराेना के संक्रमण का खतरा है। इसलिए अमला सब्जियां जब्त कर कार्रवाईकरे। निगम अल्ट्रावायलेट किरणों का इस्तेमाल कर सब्जियाें काे सभी तरह के वायरस से मुक्त कर घर-घर पहुंचा रहा है। लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की भी जरूरत है।


निगमायुक्त ने बताया सब्जी केंद्रों के दौरे के बाद पता चला कि लोडिंग वाहनों में पैकेट एक के ऊपर एक रखने से टमाटर और अन्य सब्जियां खराब हो रही हैं। इसके लिए सभी वाहनों में रैक लगवाने का कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कंटेनमेंट एरिया से सफाई का कार्य जारी रखें प्रतिदिन कचरा संग्रहण गाड़ी जाती रहे वहां से कचरा प्रतिदिन संग्रहण होता रहे। कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखें उन के पास पूरी किट हो, मास्क हो, दस्ताने हो पूरी किट रहे उन्हें किसी प्रकार की तकलीफ हो, बुखार या कोई लक्षण दिखाई दे तो तत्काल उनकी सहायता करें।



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निगमायुक्त ने संगम नगर कचरा ट्रांसफर स्टेशन का निरीक्षण किया और पूरी प्रोसेस को समझा।




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इंदौर के गोकुलदास अस्पताल का लाइसेंस अस्थाई ताैर पर निरस्त, कमिश्नर और कलेक्टर ने जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई

कोरोना संदिग्धों के इलाज के लिए चिह्नित येलो श्रेणी के गोकुलदास अस्पताल में गुरुवार को एक घंटे में तीन मरीजों की मौत के बाद हंगामा हो गया। सिर्फ चार-पांच घंटे में ही यहां 4 मरीजों ने दम तोड़ दिया। परिजन ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि येलो कैटेगरी से ग्रीन में आने की जल्दी में लापरवाही बरती जा रही है। एक युवती ने इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सांसद शंकर लालवानी ने मामले में कलेक्टर मनीष सिंह से बात की। इस पर संभागायुक्त (कमिश्नर)आकाश त्रिपाठी और कलेक्टर ने 3 सदस्यीय जांच कमेटी बैठा दी। कलेक्टर के मुताबिक, अस्पताल का लाइसेंस अस्थाईतौर पर निरस्त कर दिया है। यहां के मरीजों को मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में शिफ्ट करेंगे। जांच में प्रबंधन दोषी मिला तो लाइसेंस स्थाईरूप से निरस्त कर अस्पताल सील कर देंगे। भास्कर ने अस्पताल का पक्ष जानने के लिए अस्पताल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. संजय गोकुलदास को कई बार फोन लगाए, लेकिन उन्होंने अटैंड नहीं किया। जांच के लिए पहुंचे सीएमएचओ के फोन भी नहीं उठाए। उधर, मामला सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी सरकार पर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ेकिए।

कमलनाथ का ट्वीट-

सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि वीडियाे वायरल हाेने के बाद रात में ही मैं अपने दाे सहयाेगियाें के साथ अस्पताल पहुंचा और जांच की। दस्तावेज चेक करने पर पता चला कि गुरुवार काे वहां छह घंटे में छह माैतें हुईं। पहली मौत सुबह साढ़े 11 बजे के करीब हुई थी। इसके बाद शाम को 3.40 से लेकर साढ़े 5 बजे के बीच तीन मौतें हो गईं। अभी अस्पताल का अस्थाई रूप से लायसेंस निरस्त कर दिया गया है। अब अस्पताल नए मरीजों को भर्ती नहीं कर पाएगा। अभी वहां 13 मरीज भर्ती हैं। इनमें से एक आईसीयू में, जबकि 12 मरीज जनरल वार्ड में भर्ती हैं। इन सभी को अन्य अस्पतालाें में शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है। मरीजों को शिफ्ट करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। डॉ. जड़िया के अनुसार अस्पताल प्रबंधन को सूचना देने के बावजूद उनकी ओर से कोई संपर्क नहीं किया गया है।

जिन 4 की मौत, उनमें 3 की रिपोर्ट निगेटिव, एक की आना बाकी है
1. परसराम वर्मा (54) निमोनिया से दोनों लंग्स खराब हो गए थे। सुबह 11.30 बजे मौत हुई। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
2. आबिदा बी (74) इन्हें भी निमोनिया व लंग्स में समस्या थी। दोपहर करीब 3.30 बजे मौत। कोरोना की रिपोर्ट आना बाकी।
3. भंवरलाल प्रजापत (78)हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ह्रदय रोग। शाम करीब 4.45 बजे मौत। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई।
4. सलमा बी (55) हाइपरटेंशन, लंग्स, डायबिटीज की समस्या थी। शाम करीब पांच बजे मौत। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव।

वीडियो में परिजन बोले- हमें बाहर कर सैनिटाइजेशन करना चाहते हैं

  • युवती : यह देखिए अस्पताल की कंडीशन। एक के बाद एक सबकी डेथ होती जा रही है।
  • युवक : दस मिनट पहले अम्मी से बात की। उन्होंने कहा कि अच्छी हूं और दस मिनट बाद स्टॉफ बोलता है कि अम्मी की डेथ हो गई।
  • एक व्यक्ति: दो दिन पहले बोला था कि यह ग्रीन अस्पताल होने जा रहा है। सैनिटाइज करेंगे।
  • युवती: आधे घंटे में तीन की मौत हो गई। वो बाजी रोती हुई आ रही हैं। इनका मरीज 24 दिन से भर्ती था। मेरे भी पापा की डेथ हो गई है।
  • गोविंद प्रजापत : चार बजे तक पापा ठीक थे, कुछ देर बाद स्टॉफ बोलता है, नहीं रहे।

जांच दल ने रिकॉर्ड जब्त किया

देर रात एमवाय अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर, सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिया, डॉ. सलिल भार्गव की टीम जांच करने अस्पताल पहुंची। उधर, राऊ की नम्रता पांडे की शिकायत पर तुकोगंज पुलिस ने भी अस्पताल को नोटिस जारी किया है। सीएमएचओ का कहना है कि अस्पताल में मरीजों के एडमिशन पर प्रतिबंध लगाकर रिकॉर्ड जब्त कर लिया है।



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युवती ने वीडियो बनाकर जारी किया, इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और रात में ही जांच करने अस्पताल पहुंचा।




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सोशल डिस्टेंस से प्रशासक के कैबिन में पास हुआ 75 करोड़ के घाटे का बजट, कोरोना से बचाव के लिए 25 करोड़ का फंड

काेरोना संक्रमण के बीच शुक्रवार कोनगर निगम का बजट प्रशासक तथा संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने स्वीकृत कर दिया। बजट में 4842 करोड़ की प्रस्तावित आय और 4763 करोड़ का खर्च बताते हुए 75 करोड़ के घाटे का बजट स्वीकृत किया गया। पहली बार एक कैबिन में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ निगमायुक्त प्रतिभा पाल औरअन्य अधिकारियों की मौजूदगी मेंबजट पास हो गया। बजट में कोरोना को लेकर 25 करोड़ के खर्च का प्रावधान भी रखा गया है। कोई नया कर भी नहीं लगाया गया और न संपत्ति या जलकर में कोई वृद्धि की गई।
कोरोना के कारण अब तक खर्च हुए 4.5 करोड़, 25 करोड़ स्वीकृत
संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने भास्कर को बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों में निगम अब तक 4.5 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। इसमें जरूरतमंदों को पहुंचाया जा रहा सूखा राशन भी शामिल है। इसके अलावा सैनिटाइजेशन, मास्क, ग्लव्ज, पीपी सूट सहित सभी तरह के खर्च निगम द्वारा वहन किए जा रहे हैं। इसके लिए शासन को तो प्रस्ताव भेजा गया है, इसके साथ ही शहरी जिम्मेदारी को समझते हुए 25 करोड़ का प्रावधान बजट में रखा गया है। इसके साथ ही राशन और किराना सामग्री वितरण के लिए सात करोड़ की राशि सहित कुल अब तक 12 करोड़ के खर्च की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
एमआर रोड, नदी सफाई और पेयजल पर सबसे ज्यादा फोकस
संभागायुक्त ने बताया इस बजट में सबसे ज्यादा फोकस एमआर रोड, कान्ह, सरस्वती नदी की सफाई पर रखा है। अमृत योजना से मिलने वाले फंड के अलावा अलग से 100 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसमें 5 एसटीपी प्लांट का निर्माण तथा वहां तक के लिए ड्रैनेज लाइन डालने और नाला टेपिंग का कार्य हो सकेगा। इन पांच एसटीपी के अलावा एक एसटीपी का निर्माण स्मार्ट सिटी तथा एक अन्य का निर्माण निगम से किया जाएगा। पेयजल वितरण लाइन, पेयजल टंकी निर्माण एवं आवश्यक सुविधाओं के निर्माण के लिए भी 100 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा ड्रेनेज लाइन, एसटीपी के मेंटेनेंस, तालाबों के विकास के लिए 242 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। नर्मदा जल प्रदाय में बिजली का बिल कम करने के लिए 500 करोड़ के ग्रीन मसाला बांड जारी कर उससे 100 मेगावाॅट का सोलर प्लांट जलूद और यशवंत सागर में लगाने की राशि स्वीकृत की गई।



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बजट में सबसे ज्यादा फोकस एमआर रोड, कान्ह, सरस्वती नदी की सफाई पर रहा।




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इंडेक्स हॉस्पिटल से 41 और चोइथराम अस्पताल से 2 लोग स्वस्थ होकर घर लौटे, डॉक्टर्स को धन्यवाद दिया

शहर के कोविड-19 अस्पतालों से मरीजों के स्वस्थ होकर घर लौटने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को दो अस्पतालों से 43 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। स्टाफ ने तालीबजाकर उन्हें विदाई दी। सभी ने अपनोंजैसी सेवा करने के लिए डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को धन्यवाद कहा।
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से 41 और चोइथराम अस्पताल से 2 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। खजराना निवासी महजबी बेग बताती हैं कि उनका ट्रीटमेंट बहुत अच्छे से किया गया। अस्पताल के समस्त स्टाफ को धन्यवाद दिया। जनता से अपील की कि यदि कोई भी बीमारी के लक्षण आते हैं तो उन्हें छुपाए नहीं तुरंत जांच कराएं। अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी है। मिर्जा मुजफ्फर, दानिश अहमद, नविश मिर्ज़ा ने भी सरकार, प्रशासन एवं अस्पताल के समस्त स्टाफ का शुक्रिया अदा किया। वहीं, चोइथराम अस्पताल से मेघा पटेल और मुन्ना कुमार यादव को डिस्चार्ज किया।

अब तक 706 लोग ठीक होकर घर लौटे

6 मईको एक दिन में सबसे ज्यादा 140 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे थे। इसमें अरबिंदो से 100, इंडेक्स से 21, एमटीएच से 6, चोइथराम से 13 मरीज डिस्चार्ज हुए। सात दिन की बच्ची भी अपनी मां इरम (20) के साथ घर लौटी। इरम पॉजिटिव निकलने के बाद से अरबिंदो अस्पताल में भर्ती थी। 30 अप्रैल को उसने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके साथ ही अब तक अलग-अलग अस्पतालों से 706 लोग अपने घर लौट चुके हैं।



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इंडेक्स मेडिकल कॉलेज से ठीक होकर अपने घर लौटते लोग।




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खेत से घर लौट रहे चेचेरे भाइयों को लहराती आई कार ने मारी टक्कर, एक की मौके पर मौत, दूसरे ने अस्पताल में दम तोड़ा

खेत से घर लौट रहे बाइक सवार दो चचेरे भाइयों की शुक्रवार दोपहरसामने से लहराती हुई आई कार से जोरदारटक्कर हो गई। मौके पर ही एक भाई की मौत हो गई। घटनास्थल पर पहुंचे लोगों नेएक भाई की सांसें चलती देख तत्काल पुलिस को कॉल कर उसेअस्पताल पहुंचवाया। जहां उसकी मौत हो गई।
खुड़ैल पुलिस के अनुसार सड़क हादसा शुक्रवार दोपहरदूधिया के आगेएक ढाबेके पास हुआ। पुलिस को जानकारी मिली है कि खुड़ैल की तरफ से पालदा में रहने वाले 50 वर्षीय ओंकार पिता रामचंदर सिसौदिया और उसके चचेरे भाई राजेश पिता मोहन सिंह सिसौदिया दोनों एक ही बाइक से आ रहे थे। इनका खुड़ैल के पास खेत है, इसलिए खेती का काम निपटाकर घर लौट रहे थे। तभी सामने से असरावद में रहने वाला 35 वर्षीय अमन मीणा काफी तेज गति से अपनी कार लेकरजा रहा था।

घायल की सांसे चलती देख लोगों ने तत्काल अस्पताल भिजवाया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

बताया जा रहा है कि अमन लहराते हुए कार चला रहा था। उसने सामने से आई बाइक को अनदेखा करते हुएटक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी किदोनों को काफी दूर तक कार के साथरगड़ते चले गए। हादसे में ओंकार की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि घायल राजेश को लोगों ने तत्काल एमवायएच पहुंचाया गया। उधर, घटना स्थल पर लोगों ने अमन को भी कार से निकाला औऱ आक्रोशितों ने उसे जमकर पीटा। वह भी खुड़ैल का ही रहने वाला है। खेती और प्रापर्टी का काम करता है। बताया जा रहा है कि रास्ते में ले जाते वक्त राजेश की भी मौत हो गई है।



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हादसे में बाइक और कार दोनों के परखच्चे उड़ गए।




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रात में थाने से ड्यूटी कर घर गए, सुबह हेड कांस्टेबल की हार्ट अटैक से मौत

कोरोना संक्रमण में लगातार ड्यूटियां करने से शहर के कई पुलिसकर्मियों का स्वास्थ्य गड़बड़ा रहा है। कई पुरानी बीमारियां उभर आने के जान तक गंवा रहे हैं। शुक्रवार को संयोगितागंज थाने के हेड कांस्टेबल की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
टीआई राजीव त्रिपाठी ने बताया हेड कांस्टेबल हरनाम सिंह यादव (61) की हार्ट अटैक आने से शुक्रवार सुबह मौत हुई है। ये वर्ष 2015 से संयोगितागंज थाने पर पदस्थ थे। जून माह के अंत में इनका रिटायरमेंट होने वाला था। परिवार में एक बेटा रवि है जो जिला विशेष शाखा में पदस्थ है। वहीं दूसरा मनोज है जो पुश्तैनी गांव चकर नगर(इटावा) के पास रहता है। गुरुवार रात तक हरनाम सिंह ने ड्यूटी की थी। रात 10 बजे की शिफ्ट खत्म करने के बाद वे घर चले गए थे। सुबह उनकी 8 बजे से ड्यूटी थी। लेकिन सुबह-सुबह तबीयत खराब होने की जानकारी उन्होंने फोन पर दी। बेटा व परिवार वाले उन्हें ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल ले जाते तब तक रास्ते में ही अटैक आने से उन्होंने दम तोड़ दिया। वे काफी इमानदार और मेहनत लगन से ड्यूटी करने वाले हेड कांस्टेबल थे। पूरे विभाग में शोक की लहर छाई है।



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सुबह उनकी 8 बजे से ड्यूटी थी, लेकिन सुबह-सुबह तबीयत खराब होने की जानकारी उन्होंने फोन पर दी। (प्रतीकात्मक फोटो)




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सीनियर सिटीजन से मिलने पहुंचे एसपी कुरैशी, बोले - पुलिस हर सुख-दुख में आपके साथ खड़ी, कोई समस्या हो तो हमें बताएं

कोरोना महामारी काे लेकर शहरभर में सख्ती जारी है। इस महामारी में भी पुलिस पूरी मुस्तैदी से मैदान में माेर्चा संभाले हुए है। आमजन काे भाेजन करवाने से लेकर उनके लिए जूते-चप्पल तक की व्यवस्था कर रही है। एेसे में शुक्रवार काे एसपी पूर्व मोहम्मद युसूफ कुरैशी सीनियर सिटीजन पंचायत इंदौर के विभिन्न सदस्यों से मिलने पहुंचे। हीरानगर क्षेत्र के सुखलिया में एसपी ने सीनियर सिटीजन से पहले हाल-चाल पूछा फिर संक्रमण से बचाव के उपायों के बारे में उन्हें विस्तार से समझाइश दी। साथ ही यहां मौजूद सीनियर सिटीजन को यह विश्वास दिलाया कि पुलिस उनके सुख-दुख के अलावा अन्य किसी भी प्रकार की समस्या में उनके साथ खड़ी है।

एसपी ने वर्तमान परिस्थितियों में सीनियर सिटीजन को होने वाली परेशानियों को महसूस करते हुए सभी जरूरतमंद सीनियर सिटीजन को आवश्यक राशन सामग्री भी भेंट की। इस दौरान नगर पुलिस अधीक्षक परदेशीपुरा निहित उपाध्याय, थाना प्रभारी राजीव भदौरिया, नगर सुरक्षा समिति के पदाधिकारी और सीनियर सिटीजन पंचायत इंदौर के प्रमुख पदाधिकारी गण उपस्थित थे। सीनियर सिटीजन ने भी इस दौरान पुलिस द्वारा उनकी सुध लेने पर धन्यवाद कहा।



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एसपी कुरैशी ने सीनियर सिटीजन से उनकी समस्याओं को जाना।




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घर जाने के लिए धूप में बदहवास दौड़ रहे गरीबों को खाने के साथ नए जूते-चप्पल भी पहना रही पुलिस

कोरोना संकट के बीच लाॅकडाउन में काम-धंधे छूट जाने के बादअन्य जिलों में आने वालेबेहालगरीब मजदूरों के लिए इंदौरपुलिस पालनहार बनी हुई है। रोजाना पुलिस के द्वारा इंदौर में 4000 लोगों को खाना और सैकड़ों लोगों को नए जूते-चप्पल की व्यवस्था करवाई जा रही है। राऊ टीआईदिनेश वर्मा ने बताया कि हमारी टीम द्वारा बाइपास पर गरीबों की भोजन के साथ उनके नए जूते-चप्पल की व्यवस्था भी करवाई गई है। सैकड़ों गरीबखाने और जीने की चाह में अपने कमाई के ठिकानों को छोड़कर घर जाने के लिए भूखे पेट और नंगे पैर ही निकल पड़े। ऐसे लोगों को तकलीफ ना हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।

राऊ टीआईदिनेश वर्मा ने मासूम को जूता पहनाकर घर भिजवाने का आश्वासन भी दिया।

विभिन्न क्षेत्रों में भोजन, दवाई एवं राशन की लगातार सेवा

ब्राह्मणसेवा संगठन और उसकी सहयोगी इकाइयों द्वारा कोरोना त्रासदी से मुकाबले के लिए भोजन, दवाइयां औरराशन सामग्री बांटने का सिलसिला लगातार जारी है। संगठन के अध्यक्ष पं. सत्येंद्र शर्मा औरमीडिया प्रभारी पं. नीलाभ सुगंधी ने बताया कि संगठन की ओर से प्रथम चरण में सैनिटाइजर बांटने के बाद11 अप्रैल से समाजजनोंके सहयोग से रोजाना 500 से 700 पैकेट्स भोजन बनाकर जरूरतमंदोंको दिया जा रहा है।इसी तरह अन्य के सहयोग से 10 हजार से अधिक लोगोंको निशुल्क आयुर्वेद औषधि का वितरण किया गया। परशुराम जयंती के दिन से भोजन के स्थान पर कच्ची सामग्री का कांबो पैक बनाकर टीम द्वारा जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं।

अन्य शहरों से लौट रहे 10 हज़ार मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्थाकी

प्रदेश के अन्य शहरों समेत देशभर के विभिन्न राज्यों से आ रहे मजदूरों के खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी। बाइपास से गुज़र रहे जरूरतमंदों और मजदूरों के लिए यह व्यवस्था की गई है। क्रेडाई की यूथ विंग द्वारा प्रतिदिन करीब 10हजार लोगों के लिएभोजन पैकेट बांटे जा रहे हैं। इसमें बिस्किट, सेव परमल, पोहे, खरबूज, तरबूजऔरपानी की व्यवस्था की जा रही है। विंग के 10 सदस्यों ने इसके लिए बीड़ा उठाया है। न्यूयार्क सिटी बाइपास औरमृदंग गार्डन से यह व्यवस्था की जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है। खासबात यह है कि अलग से भोजन पैकेट भी बांटे जा रहे हैं। साथ ही जिनके पैरों में चप्पल नहीं है, उन्हें जूते-चप्पल भी दिए जा रहे हैं।



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मां के साथ यूपी जा रही मासूम को महिला पुलिस अधिकारी ने चप्पल पहनाई।




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फैक्ट्रियाें में अप्रैल का वेतन नहीं दिया पर नाैकरी जाने के डर से लिखित शिकायत देने से परहेज

1000 से अधिक कर्मचारियाें वाले उद्याेगाें में वेतन भुगतान करने की अंतिम 7 तारीख बीत चुकी है। अब तक शहर के कई उद्याेगाें ने अपने कर्मचारियाें काे अप्रैल के वेतन का भुगतान नहीं किया है। औद्याेगिक इकाइयां उत्पादन नहीं हाेने का तर्क दे रही हैं। जबकि सरकार और श्रम विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि कर्मचारियाें का लाॅकडाउन अवधि का वेतन नहीं काटा जाए।

श्रम विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि शिकायत आने पर संबंधित नियाेक्ता पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी लेकिन समस्या यह है कि एक महीने की सैलेरी के लिए वैश्विक संकट के दाैर में नियाेक्ता की शिकायत कर काेई भी अपनी नाैकरी नहीं गंवाना चाहता है। यही कारण है कि लिखित शिकायत नहीं आई है। दूसरी ओर श्रम कानूनाें से जुड़े जानकाराें की मानें ताे श्रमिकाें का हित बता कर औद्याेगिक इकाइयां सरकार से राहत प्राप्त कर रही हैं लेकिन जिन श्रमिकाें काे इसका सीधा फायदा मिला चाहिए, उन्हें मिल ही नहीं रहा है। इसके लिए एक सुझाव भी सामने आया है कि सभी नियाेक्ता के लिए यह अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए कि कर्मचारियाें काे दिए गए वेतन का विवरण उन्हें श्रम कार्यालय में जमा करना हाेगा।


छाेटी कंपनियाें में उठने लगी आवाज, बड़ी के कर्मचारी बच रहे
उज्जैन राेड पर एक इंडस्ट्री ने अपने लगभग 40 कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन नहीं दिया है। जब कर्मचारियों ने अप्रैल का वेतन मांगा ताे लाॅकडाउन हाेने से कंपनी की काेई आमदनी नहीं हाेने की बात कह दी। इंटक के नेता लाखनसिंह ठाकुर ने बताया कई कंपनियां वेतन देने से मना कर रही हैं। हम सूची बनाकर शासन को देंगे। गारनेट के प्रबंधक अंकुर बांठिया का कहना है अभी हमारे पास ही कहीं से पेमेंट नहीं आया है तो हम कहां से देंगे। हमारे कर्मचारी हैं। उनसे बात हो रही है।

नए आदेश में काम पर ना जाने वाले काे नाे वर्क नाे पे6 मई काे श्रम आयुक्त ने एक नया आदेश निकाला है। इसमें कहा गया है कि जिन फैक्ट्री में आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन हाेता है, उनमें शासन ने अनुमति दे रखी है। यहां पर यदि फैक्ट्री प्रबंधन कर्मचारी काे काम पर बुलाता है और कर्मचारी नहीं जाता है ताे उसे नाे वर्क नाे पे की श्रेणी में माना जाएगा। देवास में इस श्रेणी में आने वाली कई फैक्ट्री हैं। लाॅकडाउन में कई कर्मचारी कंटेनमेंट एरिया में रहने की वजह से जा नहीं सकते। यह आदेश फैक्ट्री प्रबंधन के लिए कर्मचारियाें के विरुद्ध ढाल का काम करेगा।


हिमांशु श्रीवास्तव, श्रम मामलाें के एडवाेकेट ने कहा -नौकरी के डर से श्रमिक शिकायत नहीं करेंगे
नाैकरी जाने के डर से श्रमिक लिखित शिकायत नहीं करेंगे। यदि आदेश निकाल दिया जाए कि कंपनी प्रबंधन काे वेतन का विवरण श्रम कार्यालय में जमा कराना अनिवार्य हाेगा ताे श्रमिकाें काे वेतन मिल सकता है। अन्यथा नाे वर्क नाे पे का नया आदेश कर्मचारियाें के खिलाफ ही प्रबंधन इस्तेमाल करेंगे।

दशरथ सूर्यवंशी, जिला श्रम पदाधिकारी ने कहा-शिकायत आई तो संबंधित पर कार्रवाई करेंगे
सरकार के आदेश हैं कि किसी भी कर्मचारी का लाॅकडाउन अवधि का वेतन ना काटा जाए। वेतन नहीं मिलने की शिकायत अाने पर संबंधित पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। नाे वर्क नाे पे का आदेश केवल आवश्यक वस्तु का उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियाें के लिए हैं, जिन्हें शासन ने लाॅकडाउन अवधि में संचालन की अनुमति दे रखी है।



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डीएवीवी परीक्षा शेड्यूल एक माह बढ़ाएगा, निर्णय 15 के बाद होगा

कोरोना के चलते डीएवीवी परीक्षा, रिजल्ट की तारीखों को एक माह बढ़ा सकता है। इस पर अंतिम निर्णय 15 मई के बाद होगा। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी का कहना है कि लॉकडाउन मई के अंतिम सप्ताह तक भी खत्म होता है तो हम परीक्षाएं 16 जून से कर लेंगे। अगर नहीं खुलता है तो यह एक माह आगे बढ़ाना पड़ेगा।

  • अभी यह शेडयूल - बीकॉम, बीए और बीएससी फाइनल ईयर की बची हुई परीक्षा 16 जून से शुरू होंगी। 31 जुलाई को पहला रिजल्ट आएगा।
  • एमकॉम, एमए, एमएससी फाइनल ईयर की परीक्षा 1 जुलाई से शुरू होगी। 10 अगस्त को रिजल्ट आएगा।
  • बीबीए, बीसीए, एमबीए, बीएड, एमएड की चौथे और लॉ में
  • चौथे- छठे सेमेस्टर की परीक्षा 16 जून से ही शुरू होगी। 20 अगस्त को रिजल्ट जारी होगा।
  • बीकॉम, बीए, बीएससी प्रथम और दूसरे वर्ष की परीक्षा 11 जुलाईसे शुरू होंगी। 10 अक्टूबर को रिजल्ट आएगा।
  • एमकॉम, एमए, एमएससी दूसरे वर्ष की परीक्षा 11 जुलाई से शुरू होगी। 25 अगस्त को रिजल्ट आएगा।
  • बीबीए, बीसीए, एमबीए, लॉ, बीएड, एमएड दूसरे और चौथे सेमेस्टर की परीक्षा भी 11 जुलाई से शुरू होगी। 10 सितंबर को रिजल्ट जारी होगा।


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सुपर स्पेशलिटी सेंटर में बाधक तीन मंजिला निर्माण ढहा दिया

एमवाय अस्पताल के पीछे बन रहे सुपर स्पेशलिटी सेंटर की रोड में बाधक निर्माण नगर निगम ने शुक्रवार को तोड़ दिए।जोनल अधिकारी नागेंद्रसिंह भदौरिया रिमूवल टीम के साथ सुबह मौके पर पहुंचे। यहां सुपर स्पेशलिटी के मार्ग पर एक मंजिला बाधक निर्माण था। इसे हटाने के लिए अस्पताल बना रहे ठेकेदार ने मदद मांगी। इस पर निगम ने जेसीबी से बाधक निर्माण ढहा दिया। इस परिसर को पहले ही एमवाय अस्पताल प्रबंधन खाली करवा चुका था।

सुपर स्पेशलिटी का रुका काम 30 दिन में पूरा होगा

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का रुका हुआ काम फिर से शुरू कराया जा रहा है। यह 400 से अधिक बैड क्षमता का है। इसके लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने अपर कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला को नोडल अधिकारी बनाया है। शुक्ला ने बताया 30 दिन में इसका मूलभूत काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इससे आने वाले समय में कोरोना मरीजों के लिए एक बेहतर अस्पताल तैयार हो जाएगा। यहां 50 आईसीयू बैड भी रहेंगे। साइट पर काम शुरू करने के लिए प्रशासन ने विशेष मंजूरी दी है, ताकि लगातार काम कर इसे शुरू किया जा सके।



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एमवाय अस्पताल परिसर में बाधक निर्माण को निगम ने तोड़ दिया।




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बाइक सवार चचेरे भाइयों को कार ने टक्कर मारी, मौत

खेत से घर जा रहे बाइक सवार दो चचेरे भाइयों को शुक्रवार दोपहर तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। एक की मौके पर और दूसरे की अस्पताल में मौत हो गई। हादसा दूधिया के आगे हाईवे ढाबा के पास हुआ।
खुड़ैल पुलिस के अनुसार, पालदा रोड नया आरटीओ के पास रहने वाले 50 वर्षीय ओंकार सिसौदिया, चचेरे भाई राजेश सिसौदिया के साथ खुड़ैल के पास खेत गए थे। वहां का काम निपटाकर घर लौट रहे थे, तभी सामने से लहराती आई कार ने उन्हें टक्कर मार दी। कार सवार का नाम अमन मीणा (35) है। वह वह आठ मील का रहने वाला है।
आठ फीट उछलकर कार पर गिरा था बाइक चला रहा युवक- ढाबा संचालक सुरेश धाकड़ के अनुसार टक्कर लगते ही बाइक चलाने वाला युवक आठ फीट उछलकर कार के ऊपर गिरा, जबकि दूसरा कार और बाइक के बीच फंस गया। इस दौरान कार के एयरबैग खुल गए, जिससे कार सवार को ज्यादा चोट नहीं आई। भीड़ का फायदा उठाकर वह भाग गया। मौके पर पहुंचे नारायण सिंह जाट ने बताया कि अमन ने शराब पी रखी थी। उसकी पत्नी अस्पताल में भर्ती है। वह वहां से लौट रहा था। उसने पीछे दो जगह पर वाहनों को टक्कर मारी। फिर तेज रफ्तार में कार दौड़ाते जा रहा था।



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ओमकार सिसौदिया-राजेश सिसौदिया




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आधी रात को बाहर से चोरी-छिपे ला रहे थे सब्जियां, निगम ने चार ट्रक जब्त की

नगर निगम के 60 अधिकारी-कर्मचारियों की टीम ने गुरुवार रात दो बजे से शुक्रवार सुबह आठ बजे तक चेकिंग अभियान चलाकर बाहर से चोरी-छिपे लाई गई चार ट्रक सब्जियां जब्त कीं। लॉकडाउन के बावजूद शहर में चोरी-छिपे सब्जियां लाई जा रही हैं। यह सारा काम रात में 11 से तीन बजे के बीच पुलिस की सेटिंग से किया जा रहा है। भास्कर ने इसका स्टिंग ऑपरेशन कर 28 अप्रैल के अंक में खुलासा किया था। इसी के आधार पर यह कार्रवाई हुई।
निगम के अपर आयुक्त श्रृंगार श्रीवास्तव ने ये टीमें बनाकर शहर के बाहर से आने वाली गाड़ियों की चेकिंग करवाई। भास्कर ने स्टिंग में खुलासा किया था कि सब्जियां पिकअप वाहनों और मिनी ट्रक में लाई जाती हैं। इन्हें तिरपाल में छिपाया जाता है। ऐसे में टीम ने मुख्य रूप से ऐसे ही वाहनों पर फोकस किया। दो बजे पहली गाड़ी बायपास पर पकड़ी गई। इसमें तरबूज और सब्जियां थीं।

व्यापारी को लाइव लोकेशन दे रहा था ड्राइवर

ट्रक ड्राइवर ने बताया कि वह महाराष्ट्र से तरबूज ला रहा था। वह सब्जी व्यापारी से लगातार संपर्क में था और उसे शहर में एक तय स्थान पर बुलाया था। वह व्यापारी को अपनी लाइव लोकेशन बता रहा था। व्यापारी का नाम ड्राइवर को नहीं पता था। इस पर तरबूज जब्त कर लिए। आईटी पार्क चौराहा, एमआर-10, लवकुश चौराहा और नखराली ढाणी के पास से चार पीकअप वाहन पकड़े गए। इनमें भी सब्जियां और तरबूज थे। निगम की टीमों ने चार ट्रक माल जब्त कर चिड़ियाघर भेजा। प्रभारी रिमूवल अधिकारी वीरेंद्र उपाध्याय, सुपरवाइजर मुकेश खरे, आशीष पाठक, मनोज लश्करी की टीमें रात दो बजे से वाहनों की चेकिंग करती रहीं।

चोरी-छिपे सब्जियां बेचने वालों से फैल सकता है संक्रमण : निगमायुक्त

निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने शुक्रवार सुबह नेहरू स्टेडियम में स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। उन्होंने कहा कि शहर में चोरी-छिपे सब्जियां बेचने वालों से काेराेना के संक्रमण का खतरा है। इसलिए अमला सब्जियां जब्त कर कार्रवाई करे। निगम अल्ट्रावायलेट किरणों का इस्तेमाल कर सब्जियाें काे सभी तरह के वायरस से मुक्त कर घर-घर पहुंचा रहा है। लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की भी जरूरत है। निगमायुक्त ने बताया सब्जी केंद्रों के दौरे के बाद पता चला कि लोडिंग वाहनों में पैकेट एक के ऊपर एक रखने से टमाटर और अन्य सब्जियां खराब हो रही हैं। ऐसे में सभी वाहनों में रैक लगवाने का कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कंटेनमेंट एरिया से सफाई का कार्य जारी रखें। निगमायुक्त ने संगम नगर कचरा ट्रांसफर स्टेशन का निरीक्षण किया और पूरी प्रक्रिया समझी।



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ट्रक में तिरपाल ढंककर सब्जियां लाई जा रही थीं।




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कांस्टेबल कोरोना पॉजिटिव, हेड कांस्टेबल की हार्ट अटैक से मौत

परदेशीपुरा के एक कांस्टेबल भी कोरोना पॉजिटिव निकला है। कांस्टेबल पिछले कुछ दिनों से बाणगंगा थाने के एक कांस्टेबल के साथ रह रहा था। दोनों की कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ी जब उनके टेस्ट कराए गए तो वह पॉजिटिव निकले हैं।
परदेशीपुरा थाना प्रभारी राहुल शर्मा ने बताया थाने के 27 जवानों की थर्मल चेकिंग करवाई गई और चार लोगों के टेस्ट सैंपल के लिए जांच हेतु भेजे हैं। उधर संयोगितागंज थाने के हेड कांस्टेबल की हार्ट अटैक से मौत हो गई। टीआई राजीव त्रिपाठी ने बताया हेड कांस्टेबल हरनाम सिंह यादव (61) की हार्ट अटैक आने से शुक्रवार सुबह मौत हुई है। ये वर्ष 2015 से संयोगितागंज थाने पर पदस्थ थे। जून माह के अंत में इनका रिटायरमेंट होने वाला था। गुरुवार रात तक हरनाम सिंह ने ड्यूटी की थी।

परिवार में एक बेटा रवि है जो जिला विशेष शाखा में पदस्थ है। वहीं दूसरा मनोज है जो पुश्तैनी गांव चकर नगर(इटावा) के पास रहता है। गुरुवार रात तक हरनाम सिंह ने ड्यूटी की थी। रात 10 बजे की शिफ्ट खत्म करने के बाद वे घर चले गए थे। सुबह उनकी 8 बजे से ड्यूटी थी। लेकिन सुबह-सुबह तबीयत खराब होने की जानकारी उन्होंने फोन पर दी। बेटा व परिवार वाले उन्हें ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल ले जाते तब तक रास्ते में ही अटैक आने से उन्होंने दम तोड़ दिया। वे काफी इमानदार और मेहनत लगन से ड्यूटी करने वाले हेड कांस्टेबल थे। पूरे विभाग में शोक की लहर छाई है।
इसके पूर्व 30 अप्रैल को संयोगितागंज थाने की ही एक एएसआई कुंवर सिंह खरते की भी उपचार के दौरान मौत हुई थी उन्हें भी हार्ट और फेफड़ों में प्रॉब्लम थी। इसके पूर्व कोरोना संक्रमण की ड्यूटी करने के दौरान संक्रमण का शिकार होकर जूनी इंदौर टीआई देवेंद्र सिंह चंद्रवंशी भी विभाग की तरफ से शहीद हो चुके हैं वही उज्जैन के टीआई यशवंत पाल की भी कोरोनावायरस के चलते मौत हुई है इसके अलावा करीब 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी को रोना संक्रमण का शिकार भी होकर भर्ती हुए हैं



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Constable Corona positive, head constable dies of heart attack




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एमटीएच में मरीज ने डॉक्टर को दी गालियां, काट लेने की धमकी दी; चंदन नगर में पुलिस पर फिर हमला

डॉक्टरों पर हमले की घटना के बाद अब कोविड अस्पताल एमटीएच में मरीजों द्वारा बदसलूकी करने का मामला सामने आया है। डॉक्टर्स के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती मरीज नौशाद (43) से सभी परेशान हैं। वह मास्क नहीं पहनता और अव्यवस्थाओं का कहकर आए दिन अभद्रता करता है। हाल ही में उसने जूनियर डॉक्टर व स्टाफ के साथ अपशब्दों का उपयोग किया और उन्हें काटने व थूकने की धमकी दी। इसकी शिकायत डॉक्टर्स ने अधीक्षक डॉ. वीपी पांडे को की है। बताते हैं कि इससे पहले अस्पताल में कुछ मरीजों ने खाने को लेकर विवाद किया। यह घटना सीसीटीवी में कैद है। अधीक्षक डॉ. पांडे ने बताया कि मरीज अच्छा बर्ताव नहीं कर रहे।

शिकायतकर्ता डॉक्टर व स्टाफ के मुताबिक, दोपहर तीन बजे मरीज भर्ती हुआ और खाना मांगने लगा। आमतौर पर डेढ़ बजे तक लंच-पैक देते हैं। इस पर वह उत्पात मचाने लगा कि मैं क्या खाऊंगा। गाली बकने लगा। इसके बाद बोला कि मुझमें कोरोना निकलने की गुंजाइश है, तुमको काट लूंगा। इस पर हम दूर हट गए। वह मास्क तक पहनने को तैयार नहीं था।

चंदन नगर में पुलिस पर फिर हमला, पहले दिन अफसर दबाते रहे मामला

दूसरे दिन उपद्रवियों के खिलाफ दर्ज किया केस, तीन हिरासत में

लॉकडाउन के दौरान चंदन नगर में पुलिस पर दूसरी बार हमले का मामला सामने आया है। वहीं पहले दिन अधिकारी मामला छिपाते रहे, लेकिन जब सिपाहियों ने इसका विरोध किया तो अगले दिन उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज किया। इसमें तीन लोगों को हिरासत में लिया। विवाद एक स्कूटी पर जा रहे तीन लोगों को रोकने को लेकर हुआ था।
घटना बुधवार की है। चंदन नगर पुलिस ने धार की 34वीं बटालियन में पदस्थ आरक्षक विशाल भिलावेकर की रिपोर्ट पर गीता नगर के शानू, अरकान उर्फ गांववाला, मोईन खान, लल्ला, जावेद हाजी के जीजा और अन्य के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, बलवा करने व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। इसके पहले चंदन नगर की दसवीं गली में पुलिस पर पत्थरबाजी हुई थी, जिसमें पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

एक बाइक पर तीन लोग जा रहे थे, रोकने पर विवाद
विवाद रानी पैलेस जमील किराना स्टोर के सामने का है। सिपाही ने बताया कि उसने एक स्कूटी रोकी, जिस पर तीन लड़के थे। उनसे घूमने का कारण पूछा तो तीनों भाग गए। कुछ देर बाद वे अपने साथियों को लेकर आ गए और गालियां देने लगे। सिपाही गोविंद और प्रवीण ने विरोध किया तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया। सिपाही को चांटे मारे। घटना के बाद थाने के सिपाही पहुंचे, लेकिन आरोपी भाग चुके थे। अफसर भी आए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अगले दिन सिपाहियों ने विरोध किया तो गुरुवार रात को केस दर्ज किया गया।

सबूत जुटाने के बाद तीन लोगों को पकड़ा

योगेश सिंह तोमर, टीआईचंदन नगर के मुताबिक,विवाद की सूचना पर पुलिस मौके पर पहंुची थी। जानकारी ली कि विवाद क्या था। घटना के साक्ष्य जुटाने के बाद आरोपियों के नाम पता किए। फिर उनके खिलाफ केस दर्ज किया। तीन लोगों को हिरासत में लिया है।



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अस्पताल में भर्ती मरीज नौशाद (43) से सभी परेशान हैं। वह मास्क नहीं पहनता और अव्यवस्थाओं का कहकर आए दिन अभद्रता करता है।




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पहली बार जांचे 1407 सैंपल, 1354 निगेटिव 53 नए मरीज मिले यानी 3.76% ही पॉजिटिव

शहर में पहली बार कोरोना संदिग्धों के 1407 सैंपल एक साथ जांचे गए। राहत की बात यह रही कि इनमें 1354 निगेटिव रहे। केवल 53 यानी 3.76 प्रतिशत ही पॉजिटिव आए। एक मरीज की मौत भी हुई।
इधर गोकुलदास अस्पताल में गुरुवार को कुछ घंटे के अंतराल में हुई चार मरीजों की मौत के मामले में तीन सदस्यीय समिति ने जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार को यहां भर्ती 12 मरीजों को शहर के अन्य अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया है। अस्पताल के लाइसेंस को निरस्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी नोटिस जारी कर दिया है।
जांच में पता चला कि 1 अप्रैल से अब तक 38 दिन में यहां 348 मरीज भर्ती हुए, करीब 200 मरीज डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। 40 कोरोना पॉजिटिव मिले, लेकिन 108 मरीज कहां गायब हो गए, इसकी जानकारी न तो स्वास्थ्य विभाग के पास है और न ही गोकुलदास अस्पताल प्रबंधन के पास है। गुरुवार रात यहां से सीएमएचओ ने जो रिकॉर्ड जब्त किया था, वह एमवायएच अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर की अध्यक्षता में बनी जांच समिति को सौंप दिया। जिन मरीजों के परिजन ने वीडियो जारी कर आरोप लगाए थे, उन्हें भी बयान के लिए बुला सकते हैं। यह भी जांच का विषय है कि 120 बेड वाले अस्पताल में सिर्फ 12 मरीज ही क्यों भर्ती थे। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मौतों का ऑडिट करवा रहे हैं। समिति ने जांच शुरू कर दी है। कुछ रिकॉर्ड जब्त हो चुका है, कुछ अन्य दस्तावेज के लिए भी जानकारी निकलवा रहे हैं।

मंदसौर जिले से मो. उस्मान पिता गुलाब गोकुलदास अस्पताल आए थे। परिजन ने आरोप लगाया कि इलाज नहीं मिला। मामला स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई तक पहुंचा तो उन्होंने सीएमएचओ को गोकुलदास अस्पताल पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। विशेष अस्पताल और ईएसआईसी अस्पताल को भी अलग-अलग मामलों में कारण बताओ नोटिस देने को कहा था, पर स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।

‘ग्रीन’ होने की दौड़, खर्च ज्यादा, स्टाफ की परेशानी अलग

  • प्रशासन के कोरोना मरीजों के लिए रेड व यलो श्रेणी तय करने के बाद गोकुलदास सहित कई अस्पताल इससे मुक्त होने की कोशिश में हैं। पड़ताल में इसकी ये वजहें सामने आईं।
  • कोविड-19 के मरीजों के इलाज में ड्यूटी कर रहा स्टॉफ दोगुना वेतन मांगता है, क्योंकि वे जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।
  • काम आम दिनों की तुलना में आधा करते हैं, वजह, कर्मचारी को 14 दिन का क्वारेंटाइन देना अनिवार्य है। कई बार स्टाफ कोविड मरीज का सुनने के बाद काम करने ही नहीं पहुंचता।
  • पीपीई किट, मास्क सहित सुरक्षा उपकरण का खर्च भी अस्पतालों को उठाना पड़ता है।
  • जनरल वार्ड में मरीज भर्ती हो तो खर्च भी कम रहता है, इसलिए बिल कम बनता है।
  • जिन मरीजों की राशि सरकार से मिलना है, वह भी समय पर नहीं मिलती।

आरोप गलत, मरीज डिस्चार्ज का निर्णय प्रशासन की कमेटी करती है
-डॉ. संजय गोकुलदास, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, गोकुलदास अस्पताल के मुताबिक, सारे आरोप गलत हैं। मरीज के डिस्चार्ज का फैसला प्रशासन की टीम के डॉ. सुभाष बारोड़, डॉ. अशोक ठाकुर, डॉ. चेतन एरन और डॉ. बलराज झड़बड़े ही करते हैं। न ही हम अस्पताल को ग्रीन जोन में लाने की जल्दी के कारण किसी को डिस्चार्ज करते हैं। सैनिटाइज करना भी एक सामान्य प्रक्रिया है। जिन मरीजों की मौत हुई, वे सभी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। इन पर अस्पताल का 50 हजार से तीन लाख का बकाया है। रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से हम 175 मरीजों का नि:शुल्क इलाज कर चुके हैं। 14 अप्रैल के बाद हमने शुल्क लेना शुरू किया, उसके बाद ऐसी घटनाएं होने लगी।



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शुक्रवार को गोकुलदास अस्पताल में भर्ती 12 मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया गया।




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औरंगाबाद में रेल पटरी पर बड़ा हादसा, इधर इंदौर में ऐसा दृश्य

इंदौर। एक तरफ औरंगाबाद में रेल पटरी पर सोए 16 मजदूरों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई तो इधर इंदौर में लोग पटरी पर इस तरह चहलकदमी करते हैं। तस्वीर जूनी इंदौर स्थित देवश्री सिनेमा के पीछे की है। फील्ड में ड्यूटी के दौरान जब यहां नजर पड़ी तो मैं दंग रह गया। यहां शाम होते ही रहवासी पटरी पर आकर ऐसे बैठ जाते हैं, जैसे वे पिकनिक मनाने घरों से बाहर निकले हों। पटरियों के बीच चहलकदमी करते युवक से जब मैंने पूछा लॉकडाउन और कर्फ्यू के बाद भी आप लोग ऐसे कैसे बाहर आ सकते हो तो कहने लगा काहे का कोरोना-वोरोना। एक तो खाने के लाले पड़े हैं, ऊपर से कामकाज भी बंद हो गया है। दिन-रात घर में कैद रहें भी तो कब तक। जो होगा वो देखेंगे भाई। यहां अब तक तो किसी को कोरोना हुआ नहीं। बिना मतलब क्यों टेंशन देते हो? फोटो | संदीप जैन



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A big accident on the rail track in Aurangabad, here such a scene in Indore




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राज्य की आय में सात हजार करोड़ की कमी, सिर्फ एक तिहाई रह गई

(संजय गुप्ता).लॉकडाउन ने सभी राज्यों के साथ मप्र की आय का भारी नुकसान हुआ है। राज्य की औसतन हर माह आय 6331 करोड़ रुपए होती है, लॉकडाउन के कारण यह आय एक तिहाई रह गई है। मार्च, अप्रैल माह के कारोबार, शराब बिक्री, पंजीयन व अन्य माध्यम से सरकार को 12662 करोड़ की आय होना थी लेकिन सरकार को चार हजार करोड भी नहीं मिले हैं। हालत इससे समझ सकते हैं कि जीएसटी से हर माह दो हजार करोड़ रुपए मिलते हैं, मई में सरकार को केवल 200 करोड़ रुपए मिले हैं। वहीं सरकार को हर माह 3500 करोड़ रुपए का स्थाई खर्च वेतन व पेंशन के तौर पर करना ही होता है। जीएसटी लागू होने के बाद सरकार के बाद पेट्रोल-डीजल व शराब पर टैक्स बढाने के साथ ही स्टाम्प व पंजीयन शुल्क बढाने का ही विकल्प है, अन्य आय के संसाधन नहीं बचे हैं। दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्थान, नागालैंड व अन्य राज्यों ने टैक्स बढा भी दिया है।

इस तरह हुआ सरकार को नुकसान-जीएसटी में 2900 करोड़ का नुकसान
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अप्रैल 2019 में राज्य को जीएसटी से करीब 1900 करोड़ मिले थे, जो इस बार केवल 900 करोड़ मिले, इसी तरह मई माह में 2100 करोड़ मिलने थे लेकिन मात्र 200 करोड़ मिले। यानि सीधे 2900 करोड़ का नुकसान
पेट्रोल-डीजल में 600 करोड़ नुकसान
- अप्रैल-मई में सरकार को करीब 1200 करोड़ मिलते हैं, लेकिन इस बार मात्र 600 करोड़़ मिले।
आबकारी में 1800 करोड़ का नुकसान
-शराब की बिक्री ठेके व वैट से से शासन को मार्च व अप्रैल में कुल 3263 करोड़ मिलने थे, लेकिन मिले केवल 1463 करोड़, 1800 करोड़ का नुकसान
स्टाम्प, परिवहन, बिजली शुल्क व अन्य आय से 800 करोड़ का नुकसान
पंजीयन विभाग से हर माह औसतन 541 करोड़ की, परिवहन से 333 करोड़ की, बिजली शुल्क से 250 करोड रुपए मिलते हैं। इससे 150 करोड़ भी नहीं मिले हैं। यानि 800 करोड़ से ज्यादा का नुकसान।
खनिज, वन, सिंचाई की करेत्तर आय में भी नुकसान
हर माह खनिज, वन व सिंचाई से औसतन एक हजार करोड़ की कमाई होती है, जो लगभग ठप हो गई है।

इस तरह होती है सरकार की कमाई
(बजट में बताए गए स्त्रोत के अनुसार शासन को हर साल राज्य के करों, शुल्कों (कर के अतिरिक्त आय) के तौर पर करीब 78 हजार करोड़ की आय होती है। यानि हर माह औसतन 6331 करोड़ रुपए। )

- जीएसटी, विलासित कर आदि से- 36 हजार करोड़ (हर माह 3000 करोड़ रुपए)
- आबकारी - 13000 करोड़ ( 1083 करोड़ हर माह)
- स्टाम्प पंजीयन- 6500 करोड़ ( 541 करोड़ हर माह)
- परिवहन आरटीओ से - 4000 करोड़ (333 करोड़ हर माह)
- भू राजस्व से - 500 करोड़ ( 41.66 करोड़ हर माह)
- बिजली शुल्कों से- तीन हजार करोड करीब (250 करोड़ हर माह)
- खनिज, वन व सिंचाई से करेत्तर राजस्व- करीब 13 हजार करोड़ ( 1083 करोड़ हर माह)
औसतन हर माह - 6331 करोड की आय होती है

सरकार के राजस्व का गणित
बजट के अनुसार मप्र शासन की कुल आय 2.14 लाख करोड़ (राजस्व करीब 1.79 और पूंजीगत 35 हजार करोड करीब) है। इसमें राज्य के कर व करेत्तर राजस्व में 78 हजार करोड़, कर्ज 28 हजार करोड़, केंद्रीय करों में हिस्सा 63 हजार करोड़, सहायता अनुदान केंद्र से 36 हजार करोड़ व अन्य चार हजार करोड़ आय होती है।
संकट मई माह में और बढ़ेगा
इससे बड़ा संकट मई माह में आने वाला है, कारण है कि मार्च में कुछ दिन कारोबार के चलते अप्रैल में सरकार को फिर भी राजस्व आया पर अप्रैल में पूरी तरह कारोबार का असर सीधा जीएसटी पर दिख रहा है। पेट्रोल-डीजल से भी आय 30 फीसदी रहने की आशंका है।



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लॉकडाउन ने सभी राज्यों के साथ मप्र की आय का भारी नुकसान हुआ है।




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समाजसेवी संस्थाओं ने उपलब्ध करवाए 5991 भोजन पैकेट

शहर की आसरा सामाजिक लोक कल्याण समिति ने 1400, कृषि उपज मंडी ने 1170, देवास सेवा समिति ने 1100, वीई आयसर कमर्शिलय प्रालि ने 1000, संस्था कृपालु परिवार ने 590, शिवशक्ति सेवा मंडल ने 211, गुरुद्वारा सेवा समिति ने 200, गायत्री शक्तिपीठ ने 100, संस्था सिद्धि विनायक (रवि जैन) ने 100, अभिभाषक संघ परिवार ने 70, हेल्पिंग हैंड ने 50 इस तरह से कुल 5991 भोजन के पैकेट अाैर रामाश्रय पैराडाइज ने 500 सब्जी के पैकेट निगम को दिए। निगम के दल ने शहर के विभिन्न वार्डाें की काॅलाेनियाें में जरूरतमंदाें तक यह सामग्री पहुंचाई। इसी कड़ी में सामाजिक संस्था मां भगवती ने 500 रोटी, संस्था साथी हाथ बढ़ाना ने 1000 टोस निगम की टीम के समन्वय से मूक पशुओं को खिलाए।



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एमआर-3, 5 और 9 के लिए 100 करोड़, नदी सफाई, पानी पर खर्चेंगे 200 करोड़

नगर निगम का बजट शुक्रवार को पेश किया गया। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने बताया बजट में मास्टर प्लान के तहत बनाई जाने वाली सड़कें एमआर-3, 5, 9 और आरई-2 के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। हालांकि यह रोड बेटरमेंट टैक्स प्राप्त कर बनाई जाना हैं, बावजूद सड़कों के लिए निगम बैंक से लोन लेगा। इसका प्रस्ताव पूर्व में ही एमआईसी, निगम परिषद की बैठक में स्वीकृत होकर शासन के पास लंबित है। बजट में सबसे ज्यादा फोकस एमआर रोड, कान्ह, सरस्वती नदी की सफाई पर रखा है।
संभागायुक्त के मुताबिक अमृत योजना से मिलने वाले फंड के अलावा अलग से 100 करोड़ का प्रावधान रखा है। इसमें 5 एसटीपी प्लांट का निर्माण तथा वहां तक के लिए ड्रेनेज लाइन डालने और नाला टेपिंग का कार्य हो सकेगा। इन पांच एसटीपी के अलावा एक एसटीपी का निर्माण स्मार्ट सिटी तथा एक अन्य का निर्माण निगम से किया जाएगा। पेयजल वितरण लाइन, पेयजल टंकी निर्माण एवं आवश्यक सुविधाओं के निर्माण के लिए भी 100 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। ड्रेनेज लाइन, एसटीपी के मेंटेनेंस, तालाबों के विकास के लिए 242 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। नर्मदा जल प्रदाय में बिजली का बिल कम करने के लिए 500 करोड़ के ग्रीन मसाला बांड जारी कर उससे 100 मेगावाॅट का सोलर प्लांट जलूद और यशवंत सागर में लगाने की राशि स्वीकृत की गई।

अफसरों की बजट बैठक में सोशल डिस्टेंस

संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने नर्मदा जल प्रदाय में बिजली का बिल कम करने के लिए 500 करोड़ के ग्रीन मसाला बांड जारी करने पर भी स्वीकृति दी। सफाई के लिए आवश्यक उपकरण व संसाधन के लिए 48 करोड़ रुपए का प्रावधान किया।

पीएम आवास योजना... 600 करोड़ में गरीबों के आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 600 करोड़ रुपए की राशि प्रस्तावित की गई है। इसमें गरीबों के लिए आवास निर्माण के साथ पेयजल, सीवरेज लाइन, स्ट्रीट लाइन, विद्युतीकरण, उद्यान, पौधारोपण, पहुंच मार्ग और निर्माण स्थल पर आंतरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रावधान किया है।
ये भी फैसले लिए... ट्रैफिक सुधार के लिए 21 करोड़

  • शहरी परिवहन के लिए 20.60 करोड़, स्टॉर्म वाटर लाइन के लिए 5 करोड़, उद्यानों के विकास, निर्माण व संधारण के लिए 93 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई।
  • स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शहर में सफाई व्यवस्था और आवश्यक उपकरण व संसाधन के लिए राशि 48 करोड़ की स्वीकृत की गई।
  • ट्रैफिक संबंधित सुधार कार्य और रोड डिवाइडर के लिए 21 करोड़ स्वीकृत किए गए। प्रमुख सड़कों और फुटपाथ के लिए 152 करोड़, पुल व ब्रिज बनाने के लिए 51 करोड़ के साथ ही जनकार्य विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्य सड़क, स्कूल भवन, श्मशान घाट, कब्रिस्तान निर्माण और मेंटेमेंस के लिए 440 करोड़ स्वीकृत किए गए।
  • सफाई कामगारों के वेतन, पेंशन और संसाधनों के लिए 200 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। उद्यानों में, खेल मैदान में स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस और निर्माण के लिए 98 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई।
  • कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के मेंटेनेंस और नए निर्माण के लिए 12 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई।


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संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने नर्मदा जल प्रदाय में बिजली का बिल कम करने के लिए 500 करोड़ के ग्रीन मसाला बांड जारी करने पर भी स्वीकृति दी। सफाई के लिए आवश्यक उपकरण व संसाधन के लिए 48 करोड़ रुपए का प्रावधान किया।




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शराब दुकान खुलते ही लगाई भीड़, डीएसपी ने खदेड़ा ताे गिराए शटर

शहर की शराब दुकानें नहींखुली हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में आने वाली लाेहार पिपलिया की शराब दुकान शुक्रवार से शुरू हाे गई। शुरुआत हाेते ही देवास शहर से बड़ी संख्या में लाेग चेक पाइंट पर खड़ी पुलिस की नजराें से बचते-बचाते शराब खरीदने के लिए बाइक, कार से पहुंच गए। भीड़ लग गई।


साेशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने लगी, जिसकी सूचना पुलिस तक पहुंची ताे शाम काे डीएसपी व औद्याेगिक क्षेत्र थाने की प्रभारी प्रतीक्षा राठाैर बल के साथ पहुंच गए। शराब लेने के चक्कर में साेशल डिस्टेंसिंग ताेड़ रहे लाेगाें काे खदेड़ना शुरू किया ताे ठेकेदार ने दुकान के शटर गिरा लिए। डीएसपी राठौर ने प्रतिबंध के बावजूद वाहन लेकर आने वाले लाेगाें के चालान बनाए। डीएसपी राठाैर ने बताया शनिवार से धारा 188 में प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।
कलेक्टर के आदेश अनुसार वाहन चलाने और घर से निकलने पर पाबंदी है, जाे लाेग शहर से बाहर की ओर शराब के चक्कर में जाते पकड़े गए, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुबह भी सोनू मालवीय और संजय जाटव काे बाइक पर कच्ची शराब ले जाते पकड़ कर आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।



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Crowd crowded as liquor shop opens, DSP chases shutter




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साइलाे केंद्र पर किसानाें की भीड़ इतनी कि 2 किमी तक लगी वाहनों की लाइन

साइलाे स्टील केंद्र पर पिछले दाे दिनाें से किसानाें की भीड़ बढ़ती जा रही है, जाे शुक्रवार काे बढ़ते हुए 2 किमी लंबी लाइन लग गई। हालांकि केंद्र में दिन-रात किसानाें की उपज ताैलने का काम जारी है, जिससे की किसान ज्यादा समय तक लाइन में खड़ा नहीं रहे। केंद्र पर 22 समितियाें के किसानाें के गेहूं तुलाई का काम चल रहा है, बल्क में मैसेज भेजने पर किसान वाहन में उपज लेकर पहुंचने लगे हैं।

इस बार पैदावर अच्छी हाेने से एक किसान 2-3 वाहनाें में गेहूं बेचने के लिए आ रहा है। शुक्रवार काे वाहनाें की लाइन केंद्र से लेकर सियापुरा गांव, मुख्य रास्ते से एबी राेड पर बिस्किट फैक्ट्री के सामने तक लग गई। वाहनाें की लंबी कतार देख पुलिस भी पहुंची, लेकिन साेशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसान अपने-अपने वाहन पर ही बैठे थे। साइलाे केंद्र में एक वाहन के साथ एक किसान काे अंदर लिया जा रहा है, जिससे संक्रमण फैले नहीं।

उपज ताैलने के लिए दिन-रात केंद्र चालू रखा है
साइलाे स्टील केंद्र के मैनेजर मनीष शुक्ला ने बताया, किसानाें की सहुलियत काे देखते हुए हमने दिन-रात किसानाें की उपज ताैलने के लिए केंद्र चालू रखा है। दाे दिन से किसानाें की भीड़ बड़ने के बाद भी हम रात 10 बजे तक पूरी खरीद कर लेते हैं। एक दिन पहले किसानाें के पास एसएमएस आने पर वह रात में ही अपनी उपज तुलाने के लिए आ जाते, जिनकी तुलाई का कार्य शुरू कर दिया जाता है। सुबह 8 बजे तक किसान बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। साइलाे केंद्र पर एक साड़े बारह हजार मैट्रिक टन का जार फूल हाेकर दूसरा भी आधा भर गया है। अगर इसी तरह से आवक रही ताे केंद्र के चाराे 50 हजार मैट्रिक टन के जार फूल हाे जाएंगे। शुक्रवार काे कंटेनमेंट क्षेत्र की साेसायटियाें के किसानाें काे भी शासन की तरफ से खरीदी के एसएमएस छाेड़े गए हैं। इससे भी भीड़ बढ़ने लगी है।



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The crowd of the farmers at the Silai center so that the line of vehicles up to 2 km




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गर्मी में हर साल पानी के लिए दर-दर भटकते थे, इस बार स्वयं के खर्च पर खेत से पाइप लाइन बिछाकर गांव में ले आए पानी

ग्राम पंचायत नयापुरा के अंतर्गत अाने वाले भेरूपुरा (घाटी) में अधिकांश आदिवासी बाहुल्य एवं मजदूर वर्ग निवास करते हैं। उनके दिन की शुरुआत ही पीने के पानी की भागदौड़ से होती थी। जैसे-जैसे गर्मी के दिन बढ़ते थे वैसे-वैसे पानी की किल्लत शुरू हाे जाती थी। इस बार ग्रामीणों ने स्वयं ही दो से तीन किमी दूर खेत से पाइप लाइन बिछाकर पानी गांव में ही ले आए।
करीब 800 लोगों की आबादी के इस गांव में गर्मी शुरु हाेते ही कुएं, बावड़ी और हैंडपंप सूख जाते हैं। ग्रामीणों का आधा समय तो पानी की जुगाड़ करने में ही लग जाता था। ग्रामीण पानी के लिए एक खेत से दूसरे खेत तक भटकते रहते थे। समस्या को देखते हुए ग्रामीण खुद ही जलदूत बन गए।

खेत मालिक ने दिया सुझाव, महिलाओं ने इकट्‌ठा किया चंदा और लाइन डलते ही दूर हो गई पानी की किल्लत
ग्रामीणों ने बताया कि पानी की किल्लत को देखते हुए अमन अरविंदसिंह त्रेहन ने अपने खेत से पाइप लगाकर पानी लाने का सुझाव दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने आपस में मिलकर बातचीत की और सभी की सहमति से निर्णय लिया और त्रेहन के सुझाव पर अमल किया और पानी की समस्या से छुटकारा मिल गया। पाइप लाइन के लिए शासकीय विद्यालय की प्रधानाध्यापक ललिता जोशी एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सीमा पाटीदार ने गांव की महिलाओं के साथ चंदा इकट्ठा किया। इस कार्य में वासुदेव त्रेहन, सोहन राठौर, शिक्षक रामौतार कुमरे, पालकराम काकोड़िया, रामचंदर, जगदीश इवने, अकिरम, राजेश सुनारिया, राहुल, केदार काकोड़िया, संजूबाई, भगवतीबाई, रुक्मणिबाई, अनूपाबाई, फूलवतीबाई सहित वनविभाग के अधिकारियों का भी सहयोग रहा।



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Every year in the summer, we used to wander from water to water, this time, at our own expense, by laying a pipeline from the field and bringing water to the village