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शिक्षक के कांटेक्ट के 8 लाेगाें काे क्वारेंटाइन सेंटर से दी छुट्टी, बुधवार काे रिपाेर्ट निगेटिव आने पर उन्हें छाेड़ दिया गया

मालीपुरा में रहने वाले शासकीय शिक्षक के काेराेना पाॅजिटिव आने पर उनके कांटेक्ट के लाेगाें काे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पिछले दिनाें क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया था। इन लाेगाें के सैंपल लेकर भाेपाल प्रयाेगशाला भेजे थे, जहां से बुधवार काे रिपाेर्ट निगेटिव आने पर उन्हें छाेड़ दिया गया है।


नाेडल अधिकारी डाॅ. एसएस मालवीय ने बताया 8 लाेगाें काे क्वारेंटाइन सेंटर से पुष्पगुच्छे देकर रवाना किया गया। घर जाते समय सभी लाेगाें के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। इधर रैपिड रिस्पांस टीम ने शाम काे एक पाॅजिटिव मरीज के कांटेक्ट वाले लाेगाें काे क्वारेंटाइन सेंटर भेजा है।



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Teachers' contact will bring 8 leave from quarantine center




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कमिश्नर ने डाॅ. पांडेय से कहा-इस समय आप देवास कलेक्टर नहीं, प्रदेश के अधिकारी, मजदूर कहीं का भी हाे, मदद कराे

उज्जैन कमिश्नर आनंद शर्मा और आईजी राकेश गुप्ता बुधवार दाेपहर देवास पहुंचे। जिले की बाॅर्डर शिप्रा के बैरियर पर निरीक्षण करने गए। उनके साथ कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय, डीआईजी मनीष कपूरिया, एसपी कृष्णावेणी देसावतु, जिला पंचायत सीईओशीतला पटले, एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी, एडीशनल एसपी जगदीश डाबर, एसडीएम अरविंद चौहान, सीएसपी अनिल सिंह राठौर सहित अधिकारी साथ चल रहे थे।


कमिश्नर व आईजी ने मजदूरों से बात की। पूछा कि भोजन, पानी में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। कलेक्टर डाॅ. पांडेय से कमिश्नर शर्मा ने कहा इस समय आप आज देवास के कलेक्टर नहीं मध्यप्रदेश के अधिकारी हो, मजदूर कहीं का हो और वह अपने घर जाने आपसे मदद मांग रहा है। हमें उसे छुड़वाना ही है।



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Commissioner Told Pandey - At this time, you are not the Collector of Dewas, the officers of the state, laborers should be from anywhere, help.




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समर्थन मूल्य पर गेहूं की रिकाॅर्ड खरीदी, पिछले सीजन में 75 हजार मैट्रिक टन खरीदा, अब तक 1.25 लाख के पार

इस साल जिले में गेहूं का रकबा बढ़ने के साथ ही उत्पादन भी बंपर हाे रहा, जिसका असर जिले में शुरू हुई समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में देखने काे मिल रहा है। गत वर्ष पूरे सीजन में जिले में गेहूं की समर्थन मूल्य पर कुल खरीदी 75 हजार मैट्रिक टन हुई थी, जाे इस बार एक माह भी पूरा नहीं हाेने पर गेहूं की खरीदी का जिले भर का आंकड़ा 1.25 लाख मैट्रिक टन से अधिक हाे गया है।


अगर इसी तरह से 31 मई तक जिले के सभी केंद्राें पर खरीदी चलती रही ताे इस साल सबसे ज्यादा खरीदी का रिकाॅर्ड बन जाएगा। जिले में 123 खरीदी केंद्र पर खरीदी हाेना थी, किंतु कंटेनमेंट क्षेत्र हाेने से 109 केंद्राें पर खरीदी की जा रही। कंटेनमेंट क्षेत्र के 14 खरीदी केंद्राें पर गेहूं तुलाई का कार्य शुरू हाेगा ताे बंपर गेहूं पैदावार का रिकाॅर्ड बन जाएगा। इसके अलावा साैदा पर्ची पर मंडी के व्यापारियाें के द्वारा भी खरीदी की जा रही है। प्रतिदिन मंडी से मिली जानकारी के अनुसार 5 से 8 हजार क्विंटल गेहूं व्यापारियाें के द्वारा खरीदा जा रहा है।


साइलाें केंद्र के मैनेजर मनीष शुक्ला ने बताया इस बार गेहूं की आवक अधिक हाेने से केंद्र में स्थित 4 जार में से 12.50 हजार मैट्रिक टन का जार फूल हाे गया और दूसरे में भंडारण का काम शुरू कर दिया है। किसानाें के खेताें में गेहूं की पैदावार इतनी हाे रही है कि एक किसान 2-3 वाहनाें में गेहूं लेकर आ रहा है। सहायक खाद्य अधिकारी राजेंद्र माथुर के अनुसार जिले में पूरे सीजन में 75 हजार मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी, जाे इस बार 1.25 लाख मैट्रिक टन के पार हाे चुकी है। अभी ताे कई किसानाें का माल केंद्राें पर तुलना बाकी है।



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Purchased record of wheat on support price, purchased 75 thousand metric tons last season, so far beyond 1.25 lakhs




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महिलाएं बना रहीं मास्क, खरीद रही नगर निगम, अब तक निगम में 2500 मास्क महिलाओं द्वारा जमा

नगर-निगम के द्वारा जीवन शक्ति योजना के तहत स्व. सहायता समूह की महिलाओं को मास्क बनाने का कार्य दिया है। योजना के तहत जिले की 142 शहरी महिलाओं का इस योजना में पंजीयन किया। प्रत्येक महिला को 200 मास्क बनाने का आदेश दिया गया।


अब तक निगम में 2500 मास्क महिलाओं के द्वारा जमा किए गए। पूरे प्रदेश में 10000 महिलाओं का पंजीयन किया गया। शासन द्वारा यह मास्क महिलाअाें से 11 रुपए प्रति नग में खरीदा जाएगा। इसकी राशि उनके बैंक खाते में ऑनलाइन 2 -3 दिन में डाली जाएगी।



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Women are making masks, municipal corporation is buying, so far 2500 masks deposited by women in corporation




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गरीबी रेखा के ऊपर वालाें के लिए कलेक्टाेरेट के गेट बंद, लॉकडाउन के 45 दिन बाद अब मध्यमवर्गीय भी आर्थिक रूप से हैं परेशान

गरीबी रेखा के ऊपर यानी एपीएल राशनकार्ड धारियाें के लिए बुधवार काे कलेक्टाेरेट के गेट बंद कर दिए गए। इन राशनकार्डधारियाें के लिए शासन ने राशन की व्यवस्था नहीं की है। लाॅकडाउन के कारण इनके यहां भी राशन की दिक्कत शुरू हाे गई है और पिछले कई दिनाें से अपना नाम दर्ज करवाने के लिए ये लाेग कलेक्टाेरेट में कतार लगा रहे हैं। उन्हें रजिस्टर में नाम लिख कर लाैटाया जा रहा था। बुधवार काे इन लाेगाें काे कलेक्टाेरेट से भगा दिया गया।


पुलिस वालों ने भारी भीड़ को देखते हुए कलेक्टाेरेट के सभी जगह गेट बंद करवा दिए। पूरे दिन गेट बंद रहे। जब भी कोई अधिकारी आते थे, उस समय पुलिसकर्मी गेट खोलते थे और फिर बंद कर ताला लगा देते थे। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया अभी हम लोग लाॅकडाउन में और लोगों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। शासन खुद सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील कर रहा है। जांच कराएंगे जिसने भी लोगों को भ्रमित कर भीड़ भेजी है। मैसेज भेजने वाले पर कड़ी कार्रवाई कर जेल भेजेंगे।


बुधवार काे भी महिलाओं की भीड़ काे देखते हुए एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने पुलिस बल बुलाकर सभी काे परिसर से बाहर सड़क पर खड़ा कर दिया। गेट पर ताले लगाने के बाद भी महिलाएं घर नहीं जा रही थी, जिनके हाथ जाेड़कर एडीएम सूर्यवंशी ने निवेदन किया तब जाकर महिलाएं रवाना हुई। महिलाओं का कहना था कि हमारे घर में राशन खत्म हाे गया, गुलाबी राशनकार्ड पर इंट्री इाेने के बाद घर तक राशन पहुंच रहा है। हमें भी सूखा राशन उपलब्ध करवाया जाए।

एडीएम ने लाेगाें से कहा- आप लाेगाें के लिए सुविधा नहीं है, इसलिए घर जाइए। इस मामले में एडीएम ने का कहना था, हमने माता-बहनाें से निवेदन किया ताे वह चली गर्ई हैं। शासन और सामाजिक संगठनाें की मदद से इन लाेगाें की मदद पूर्व में की है इस बार भी करेंगे।


एपीएल कार्डधारियों की उचित मूल्य दुकानों पर इंट्री कर दें राशन

लॉकडाउन के 45 दिन बाद अब मध्यमवर्गीय भी आर्थिक रूप से परेशान हैं, कालाबाजारी पर जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। अनिलसिंह ठाकुर ने बताया लॉकडाउन के डेढ़ माह बीतने पर माध्यमवर्गीय परिवारों के आगे संकट उत्पन्न हो गया, घरों में रखा राशन भी जवाब दे चुका है। एपीएल राशन कार्डधारियों को कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काटने बाद भी कोई जवाबदार अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। जिला प्रशासन को चाहिए उचित मूल्य दुकानों पर ही इन उपभोक्ताओं कोइंट्री कर राशन दिया जाए। इधर श्रमिक परिवारों के सामने भूखे मरने की नौबत आ चुकी है।



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Collectorate gates closed for poverty line, 45 days after lockdown, middle class are financially troubled




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साेनकच्छ में 20 मिनट बारिश, कुछ स्थानाें पर गिरे ओले, मंडी में खुले में पड़ा गेहूं भीगा

क्षेत्र के कई हिस्सों में बुधवार काे बेमौसम बारिश होने से पारा 3 डिग्री तक गिर गया। सुबह 10 से दाेपहर 1 बजे तक तापमान 42 डिग्री तक पहुंच गया था,लेकिन 1.15 बजे अचानक मौसम बदला और बूंदाबांदी शुरू हाे गई। दाेपहर करीब 1.30 बजेसे तेज बारिश हाेने लगी, जाे 20 मिनट तक हुई। इस दाैरान कुछ स्थानाें पर चने के अाकार के ओले भी गिरे।


इधर बारिश से मौसम में ठंडक घुल गई। मौसम जरूर ठंडा हुआ, लेकिन बारिश ने व्यापारी व किसानों की मुसीबत बढ़ा दी। अनाज मंडी में खुले में पड़ा गेहूं भीग गया। किसानों के लिए राहत की बात यह रही कि कई किसानों ने अपनी ट्रॉलियां नीलामी शेड के नीचे लगा रखी थीं इसके कारण उनका अनाज ज्यादा गीला नहीं हो सका। जबकि व्यापारियों का अनाज बड़ी मात्रा में भीग गया, जिसे व्यापारी के यहां कार्य कर रहे लोगों ने नालियों की ओर बहाया।
मंडी में नहीं है पानी निकासी की उचित व्यवस्था :मंडी में कहीं से भी पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। जहां नालियों का निर्माण किया है वहां व्यापारी अनाज में से निकली धूल व कचरा डाल देते हैं। साथ ही नाली के ऊपर एक व्यापारी ने अतिक्रमण कर दुकान बना ली है। नाली जाम होने पर उसे साफ करने की व्यवस्था भी नहीं है। इसके अलावा एक नाली होने से पानी की निकासी नहीं हाे पाती है। इसके चलते मंडी परिसर में पानी भर जाता है।

बूंदाबांदी से बढ़ी परेशानी, खुले में रखे आलू-प्याज भीगे

नगर में बुधवार शाम 7 बजे हुई बूंदाबांदी ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी। खुले में रखेआलू-प्याज भीग गए। वहीं दुकानें बंद होने से फसल को पानी से बचाने के लिए बरसाती के लिए किसान भटकता रहा। खरीदी केंद्र पर गेहूं से भरी ट्रॉलियों को किसानों ने जैसे-तैसे पानी से बचाया।



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20 minutes of rain in Saenkutch, hailstorms fell in some places, wheat lying in the open in the mandi




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4 नए मरीज, चाराें नए इलाके के मिले, काेई भी किसी काेराेना पाॅजिटिव के संपर्क में नहीं अाया

काेराेना के 4 नए मरीज देवास में मिले हैं। 3 देवास शहर के हैं, एक टाेंककलां का है। चिंताजनक बात यह है कि चाराें नए इलाके के हैं, जहां पहले काेई मरीज नहीं था। इनमें से काेई भी मरीज किसी काेराेना पाॅजिटिव के संपर्क में नहीं आया है। वायरस किसके जरिए इनके तक पहुंचा है, इसकी काेई स्पष्ट जानकारी नहीं है।


राहत की बात यह है कि मंगलवार रात 55 सैंपल की रिपाेर्ट आई, जिनमें से 51 रिपाेर्ट निगेटिव आई हैं। इस्लामपुरा की 50 साल की महिला ठीक हाे गई हैं। उनके दूसरे रिपीट सैंपल की रिपाेर्ट भी निगेटिव आई, जिसके चलते बुधवार काे उन्हें अमलतास हाॅस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। उन्हें मिलाकर अब तक जिले के 13 काेराेना पाॅजिटिव मरीज ठीक हाे गए हैं। अच्छी खबर यह भी है कि काेराेना पाॅजिटिव सुतार बाखल के युवक और रघुनाथपुरा की महिला के पहले रिपीट सैंपल की रिपाेर्ट निगेटिव आ गई है। उनका दूसरा रिपीट सैंपल भी बुधवार काे भेज दिया है। दाे और पाॅजिटिव मरीजाें का पहला रिपीट सैंपल भी बुधवार काे भेजा गया है। उनमें भी लक्षण चले गए हैं। यानी चार मरीज के और ठीक हाेने की तैयारी है। जिले में अब तक कुल 32 पाॅजिटिव मरीज पाए गए हैं। इनमें 7 की माैत हाे चुकी है। 13 ठीक हाेकर घर जा चुके हैं। 12 का इलाज चल रहा है।

एक मरीज 34 साल का युवक है। अवंतिका मेगा फूड में काम करता है। पता संजय नगर लिखा था, जिसके चलते सुबह टीम ने वहां तलाशा लेकिन वहां नहीं मिला। पता लगा कि वह बिंजाना में रहता है और ड्यूटी पर गया है। टीम ने युवक काे अवंतिका मेगाफूड के गेट के बाहर से सैनिटाइज कर अस्पताल में भर्ती करवाया। युवक ने टीम काे बताया, कंपनी में इलेक्ट्रिक का काम करता हूं और मेरे साथ 5 अन्य साथी भी हैं। एक सप्ताह पहले बच्चे की तबीयत खराब हाेने पर जिला अस्पताल में दिखाने गया था। पता नहीं कहां से वायरस लग गया है। तबीयत खराब हाेने पर साेमवार काे जिला अस्पताल में चेकअप करवाया था, जहां सैंपल लिया था। घर में पत्नी, एक पांच साल व दूसरा डेढ़ साल का बच्चा है। टीम ने जानकारी लेने के बाद युवक काे अमलतास अस्पताल में भर्ती करवाया। उनकी पत्नी, दाेनाें बच्चे और साथ में काम करने वाले 5 साथी कर्मचारियाें काे क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया।

सब्जी बेचने वाले काे काेराेना, तबीयत बिगड़ने के बाद भी गली-गली बेची
घनी बस्ती भवानी सागर में रहने वाले 45 साल के सब्जी विक्रेता की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई है। दाे दिन पहले खांसी और बुखार आने पर वह जिला अस्पताल गया था, जहां सैंपल लेने के बाद बुधवार काे पाॅजिटिव रिपाेर्ट आई। लाॅकडाउन से पहले युवक मुख्य बस स्टैंड पर फल का ठेला लगाता था। बंद हाेने पर उसने सब्जी बेचना शुरू कर दी थी। एक माह से वह भवानी सागर सहित अासपास के माेहल्लाें में सब्जी बेच रहा था। युवक की पाॅजिटिव रिपाेर्ट आने पर भेरूगढ़ में रहने वाले एक व्यक्ति ने रैपिड रिस्पांस टीम काे फाेन लगाकर कहा, मेरे यहां भी सब्जी के सिलसिले में प्रतिदिन आता था। टीम युवक के घर पहुंची और उसे अमलतास रैफर किया गया। जिन-जिन लाेगाें काे सब्जी बेची है, उनमें हड़कंप मच गया है। युवक तबीयत खराब हाेने के बाद भी सब्जी बेच रहा था, अस्पताल में दिखाने पर सैंपल लेने के बाद बेचना बंद की थी। घर में पत्नी और चार बच्चे हैं।



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4 new patients, fodder found from new area, none of them came in contact with any Karena positive




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गैस एजेंसी के कर्मचारी की कोरोना संक्रमण से मौत, कई घरों में कर चुका था सिलेंडर की डिलीवरी

तिलकपथ पर रहने वाले 36 साल के युवक हरीश की मंगलवार शाम कोराेना संक्रमण से मौत हो गई। विडंबना देखिए कि पत्नी, बच्चे और भाई, पिता, माता सब साथ मिलकर रो भी नहीं पाए। हरीश को न तो हाथ लगा सके, न ही बच्चे मुखाग्नि दे पाए। नगर निगम का अमला हरीश के शव को अस्पताल से सीधे मुक्तिधाम ले गया और दाह संस्कार कर दिया। परिवार के लोग अंतिम समय की रस्में भी नहीं कर पाए। आधा परिवार तिलकपथ पर गमगीन था तो बाकी परिवार हेमू नगर में विलाप कर रहा था। मोबाइल पर ही हरीश के चले जाने का वियोग मनाते रहे। हरीश गैस सिलेंडर बांटने का काम करता था। कब संक्रमित हुआ यह तो परिवार को भी पता नहीं चला। उसकी तबीयत खराब थी, लेकिन उसने स्वास्थ्य विभाग को खबर नहीं की। खुद ही मेडिकल से दवाई लेकर इलाज कर रहा था। हालत ज्यादा खराब हुई तो 2 मई को वह अस्पताल में भर्ती हो गया। शेष|पेज 5 पर

3 मई को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 5 मई को उसका देहांत हो गया। बेटे का दुख भी साथ बैठकर नहीं मना पा रहा परिवार हरीश के निधन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे परिवार को क्वारेंटाइन कर दिया है। परिवार दुख में था और विभाग ने सभी को घर में अलग-अलग रहने के लिए कह दिया। पत्नी, बच्चे रो रहे थे, आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। उधर, स्वास्थ्य विभाग का अमला उसी हालत में सैंपल जुटा रहा था। परिवार की जिम्मेदारी हरीश पर ही थी।
सिलेंडर वाले भी सकते में
बीमारी की हालत में भी हरीश ने कई घरों में सिलेंडर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग अब इनकी भी जानकारी जुटा रहा है कि किन लोगों ने सिलेंडर लिए। लोगों को घर में ही क्वारेंटाइन रहने और सेहत पर नजर रखने के लिए कहा है।



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इंदौर में अब अल्ट्रावायलेट ओवन में वायरस से मुक्त हाे रही हैं सब्जियां

नगर निगम द्वारा घर-घर सब्जियां पहुंचाने की व्यवस्था से संक्रमण की आशंका से परहेज करने वालाें के लिए राहत की खबर। निगम अल्ट्रावायलेट किरणों से सब्जियों को बैक्टीरिया, वायरस से मुक्त करने के लिए केंद्राें पर ओवन लगा रहा है। इससे एक बार में एक क्विंटल सब्जी 30 सेकंड में वायरस फ्री हो जाती है।



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Vegetables are now free of viruses in ultraviolet ovens in Indore




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कोरोना को हराने के लिए समूहों की महिलाएं बना रहीं साबुन, मंगलवार से शुरू हुआ काम, एक दिन में बना दिए हजार साबुन

स्थानीय जनपद सभागृह में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने साबुन बनाना शुरू किया है। लेमन व एलोवेरा फ्लेवर में बनाए जा रहे ये साबुन समूह अपने स्तर पर बेचेगा। दूसरी ओर जनपद पंचायत सीईओ जोशुआ पीटर ने ग्राम पंचायतों में सैनिटाइजर के रूप में इन साबुनों की खरीदी की बात कही है।


विकासखंड के ग्राम ओबेराव व पाडलवा के सावन माता महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा ये साबुन बनाये जा रहे हैं। मंगलवार से काम शुरू हुआ। 6 हजार साबुन बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। दो दिन में करीब एक हजार साबुन बनकर उनकी पैकिंग भी कर दी गई है। साबुन बनाने के दौरान महिलाओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। पूरे समय मुंह पर मास्क भी बांधे रखा। महिलाओं के आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने का यह सशक्त उदाहरण है। इन महिलाओं ने साबुन बनाने की सामग्री खरीदने के लिए किसी से आर्थिक मदद नहीं ली।

बचत राशि से मंगवाया रॉ मटेरियल

समूह की अध्यक्ष कविता नीलेश व जंगलीबाई ने बताया समूह की महिलाओं द्वारा की गई बचत की राशि से राॅ मटेरियल मंगवाया गया था। आजीविका कार्यालय पर उन्हें साबुन बनाने का प्रशिक्षण लिया था। कविता ने बताया कि एक साबुन बनाने की लागत 16 रुपए आएगी। थोक में इसे वे 18 रुपए में बेचेंगे। जबकि खुदरा विक्रय 20 रुपए प्रति साबुन के मान से किया जाएगा। साबुनों में से आधे यानी 3 हजार साबुन थोक में व इतने ही खुदरा विक्रय का लक्ष्य रखा है। इससे समूह को करीब 18 हजार रुपए का मुनाफा हो सकता है। आजीविका परियोजना के जिला अधिकारी विशाल राय, ब्लॉक समन्वयक संजय सोलंकी, जनपद पंचायत सीईओ जोशुआ पीटर व सहायक दिलीप चंदेल निरीक्षण पर पहुंचे। उन्होंने महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। सोलंकी ने बताया कि गुरुवार से मास्क बनाने का काम शुरू किया जाएगा। जनपद सीईओ ने 10 सिलाई मशीन डोनेट करवाने की बात कही है।



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Women of groups are making soap to defeat Corona, work started from Tuesday, thousand soap made in a day




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ग्रामीणाें काे जागरूक करने एसडीएम ने रथ को रवाना किया, कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अलर्ट हैं सभी विभाग

जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी विभाग अलर्ट हैं। इस वैश्विक आपदा की घड़ी में सभी विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं। संस्था एक्शन अगेंस्ट हंगर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के सहयोग से गंधवानी ब्लॉक के ग्रामीण स्तर पर जनसमुदाय को जागरूक करने व बीमारी से कैसे बचाव किया जा सकता है यह बताने के लिए रथ शुरू किया है। मनावर एसडीएम दिव्या पटेल ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ काे रवाना किया। संस्था के प्रतिनिधि संदीप देवल ने बताया जन समुदाय को कोरोना वायरस के बारे में पोस्टर व ऑडियो संदेश के माध्यम से जागरूक किया जाएगा।




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SDM dispatches chariot to make villagers aware, all departments are alert to prevent corona infection




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गैल के अफसर बड़ौदा से आ-जा रहे, खबर मिली तो टीम पहुंची जांच करने, होम क्वारेंटाइन करने की जा रही है तैयारी

गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कंप्रेसर के अफसर गैल कॉलोनी से बड़ौदा आना-जाना कर रहे हैं। खबर कोरोना कंट्रोल रूम को मिली तो मंगलवार रात एसडीएम सहित अफसरों की टीम जांच के लिए पहुंच गई। टीम ने जब पूछताछ की तो पता चला कुछ अफसर बड़ौदा से लौट चुके हैं और कुछ वहां गए हैं। एक-दो दिन में वापस आएंगे। अब इन्हें होम क्वारेंटाइन करने की तैयारी की जा रही है।


टीम में एसडीएम के अलावा टीआई सुरेंद्रसिंह बघेल, स्वास्थ्य विभाग के अफसर, कंट्रोल रूम से उपायुक्त सहकारिता अंबरीष वैद्य, तहसीलदार आदि थे। यहां पूछताछ में पता चला, सीनियर मैनेजर मेकेनिकल येडु कंडालु रविवार शाम को खुद की कार से बड़ौदा से झाबुआ लौटे। सीनियर मैनेजर एचआर प्रेम रोहरा शनिवार को बड़ौदा गए। वो 11 मई को लौटेंगे।


सीएंडपी गैस के चीफ मैनेजर एसपी तड़वी के साथ भी ऐसा ही है। पाइपलाइन गैस के चीफ मैनेजर पीके वर्मा और तड़वी एक ही कार से 2 तारीख को बड़ौदा गए। दोनों के एक-दो दिन में लौटने की संभावना है। कंट्रोल रूम प्रभारी ने बताया, इस बारे में कलेक्टर को जानकारी दी है।



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The officers of Gail are coming to and from Baroda, when the news is received, the team arrived to investigate




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पुष्य योग गुरुवार को, मिलेंगे सकारात्मक परिणाम, 27 नक्षत्रों में आठवां श्रेष्ठ गुरुपुष्य नक्षत्र

इस माह पुष्य योग गुरुवार को होने का बहुत ही विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण योग बन रहा है। ज्योतिष विज्ञान में इस योग की बहुत महत्ता बताई गई है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस योग के समय किए गए कार्यों में सफलता एवं शुभता में वृद्धि होगी। साथ ही व्यक्ति को सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है।


पंडित हिमांशु शुक्ल के अनुसार इस तरह का संयोग बहुत कम ही बनता है। इस बार यह संयोग 27 मई की सुबह 7:26 बजे से 28 मई (गुरुवार) की सुबह 7:26 बजे तक रहेगा। यह पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के साथ गुरुवार का दिन होना इसका महत्व और बढ़ाता है। माना जाता है कि इस नक्षत्र में जो भी कार्य किए जाते हैं, उसका परिणाम बेहतर ही होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति उदार, सहनशील और परोपकारी होते हैं। धर्म-कर्म में इनकी गहरी आस्था होती है, लेकिन बचपन में इन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता है। हालांकि इसमें विवाह संबंध नहीं किए जाते हैं।

गुरु को मंत्री का स्थान प्राप्त
पं. शुक्ल ने बताया पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में श्रेष्ठ माना जाता है, जो स्थायी होता है। अर्थात इस नक्षत्र में किए गए कार्यों में स्थायित्व का भाव मौजूद होता है। यदि आपको कुछ ऐसे काम करने हैं, जिनमें आप जल्द से बदलाव की इच्छा न रखते हैं और उसकी स्थिरता चाहते हों तो इस नक्षत्र में कार्य करना बेहतर होगा। साथ ही गुरु (बृहस्पति) को ग्रहों में मंत्री का स्थान प्राप्त है और गुरु की दृष्टि को गंगाजल के समान पवित्र भी माना गया है।

राहत देने वाला होगा: गुरुपुष्य और गुरु और शनि
का वक्री होना देश दुनिया के लिए कुछ राहत देने वाला हो सकता है। कई अटकी योजनाएं और कार्य मई में बनेंगे। चिकित्सा के क्षेत्र में भी कुछ सुखद परिणाम प्राप्त होंगे। लोगों में क्षमताओं को बढ़ाने का जोश और उत्साह बढ़ेगा।

गुरुपुष्य में किए जाने वाले कार्य

यात्रा का आरंभ करना, विद्या ग्रहण करना, नए शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेना हो या फिर गुरु से मंत्र शिक्षा पाना, आध्यात्मिक उन्नति, धार्मिक अनुष्ठान, राजकीय कार्यों में सफलता दिलाने के साथ ही यह नक्षत्र नेतृत्व की संभावना को बढ़ाता है। इस योग को अपनाने से पूर्व चंद्रमा कमजोर नहीं होना चाहिए। साथ ही गुरु शुक्र ग्रहों का अस्त होना, ग्रहण काल, श्राद्ध पक्ष इत्यादि पर भी ध्यान देने के बाद ही इस योग को ग्रहण करना लाभदायक होता है।



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जिला अब ऑरेंज जोन में, कोरोना का पहला केस मिला, दाहोद के संक्रमित परिवार के साथ बस से आई थी

जिले में कोरोना का पहला केस पेटलावद से 5 किलोमीटर दूर नाहरपुरा गांव में मिला है। राजस्थान के जैसलमेर में मजदूरी करने वाली महिला 29 तारीख की रात अपने गांव आई थी। वो जिस बस से लौटी, उसमें दाहोद के एक परिवार के 11 सदस्य थे, जिनमें से 7 को कोरोना निकला था। इसके बाद बस से आए 19 लोगों को पेटलावद और 5 को थांदला में आइसाेलेट कर सैंपल लिए गए थे।


बुधवार को 23 सैंपल की रिपोर्ट आई। 22 निगेटिव निकले और नाहरपुरा की 21 साल की महिला पॉजिटिव मिली। एक की रिपोर्ट आना बाकी है। अब तक जिला ग्रीन जोन में था। पहला केस निकलने के बाद ऑरेंज जोन में आ गया। महिला, उसके पति और 4 साल के बेटे को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। साथ में आइसोलेशन में रह रहे 16 लोगों के फिर से सैंपल लिए गए। महिला के गांव के 1 किलोमीटर क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया है। वह 1 मई को पास के गांव केसरपुरा गई थी। वो जहां गई थी, वहां भी एक किलोमीटर के एरिया को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। जिस हाॅस्टल में इन्हें आइसोलेट किया था, वहां के स्टाफ को भी क्वारेंटाइन कर सैंपल लिए गए।


ग्रीन जोन में हाेने के कारण जिले में व्यापार की छूट 4 मई से दी गई थी। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक सैलून, सिनेमा, पार्लर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कुछ अन्य को छोड़ बाकी व्यापार की छूट दी गई थी। अब ये छूट वापस ली जा सकती है। कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने कहा- जरूरत पड़ी तो कर्फ्यू भी लगा सकते हैं।


नगर में पहुंच रहे संदिग्ध लोग, प्रशासन को दें सूचना: थाना प्रभारी संजय रावत तथा बीएमओ डाॅ. एमएल चौपड़ा ने कहा कि जनता को जिम्मेदारी निभाना होगी। उनके क्षेत्र में कोई भी नया व्यक्ति आता है तो वह उसकी सूचना हमें दें। नाम गोपनीय रखा जाएगा।

नाहरपुरा की महिला की रिपोर्ट पाॅजिटिव आते ही प्रशासन अलर्ट हो गया। कलेक्टर प्रबल सिपाहा सहित दूसरे अफसर पहुंचे। नाहरपुरा और केसरपुरा गांव में कंटेनमेंट जोन बना दिए। गांव में लोगों की आवाजाही रोक दी गई। सीएमएचओ बीएस बारिया, जिला कार्यक्रम समन्वयक एनएचएम राजाराम खन्ना, डीएचओ एनके पठान, एसडीएम एमएल मालवीय, एसडीओपी बबीता बामनिया, थाना प्रभारी संजय रावत व पेटलावद बीएमओ डाॅ. एमएल चौपड़ा, नायब तहसीलदार जितेंद्र अलावा, भूपेंद्र भिंडे, सीईओ, राजस्व निरिक्षक रामसिंह मचार, पटवारी संदीप निगवाल पहुंचे। पीड़ित महिला के परिवार वालों को क्वारेंटाइन किया। केसपुरा के 10 लोगों को आइसोलेशन में भेजा। महिला घर से केसरपुरा गांव भी गई थी।



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The district now found its first case of Corona, in the Orange Zone, had arrived by bus with an infected family of Dahod




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राजस्थान-गुजरात में फंसे लोगों ने कहा जो कमाया वो लॉकडाउन में खत्म हो गया, अब वापस आने के नहीं बचे पैसे, सरकारी मदद से भी दूर

केंद्र सरकार विदेश में फंसे लोगों को लाने के लिए हवाई जहाज भेज रही है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उज्जैन में फंसे तीर्थ यात्रियों को हम उनके घर पहुंचवाएंगे। लेकिन अपने ही प्रदेश के कई लोग अन्य शहरों में डेढ़ महीने से फंसे हुए हैं और उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है। झाबुआ जिले के कई लोग राजस्थान और गुजरात में फंसे हुए हैं। वो तो काम कर रुपए कमाने गए थे, लेकिन कुछ ही दिन बाद लॉकडाउन हो गया। ऐसे में जो कमाया था वह सब खत्म हो गया। अब लोगोंकी मदद से गुजारा चल रहा है। वापस अपने गांव पहुंचने की उम्मीद तो है लेकिन सरकारी मदद नजर नहीं आ रही।


लोगोंका कहना है कंट्रोल रूम से फोन तो आता है, लेकिन मदद नहीं। घर पहुंचने के लिए कुछ मजदूरों ने तो सांसद से भी बात की, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ। दैनिक भास्कर ने राजस्थान और गुजरात में फंसे लोगों से मोबाइल पर चर्चा कर उनकी स्थिति पता की, सभी ने बताया वे कैसे वापस अपने गांव आने के लिए क्या जतन कर रहे हैं।


व्यवस्था कर रहे हैं

कंट्रोल रूम के प्रभारी जीएस त्रिवेदी ने बताया लगातार हमारे पास सूचनाएं आ रही हैं। लोग जहां हैं वहां के प्रशासन से बात करके उनके खाने और रहने की तत्काल व्यवस्था कर रहे हैं। बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए प्रशासन से चर्चा कर व्यवस्था कर रहे हैं। अभी तक कई लोग कंट्रोल रूम के माध्यम से आ चुके हैं।

पांच गर्भवती महिलाओं के साथ पैदल हीहरियाणा से सीकर तक आ गए 61 मजदूर

पेटलावद तहसील के ग्राम मठमठ से 61 मजदूर 3 मार्च को मजदूरी करने के लिए महेंद्रगढ़ (हरियाणा) गए थे। कुछ ही दिन बाद लॉकडाउन हो गया और काम भी ठप। तभी से वहीं फंसे हुए थे। सरकार ने आने की इजाजत तो दी लेकिन वाहन की व्यवस्था नहीं की। ऐसे में सभी मजदूर तीन दिन पहले पैदल ही हरियाणा चल पड़े। इनके साथ पांच गर्भवती महिलाएं भी हैं। वे जैसे-तैसे तीन दिन में बुधवार को राजस्थान के सीकर जिले के नीमथाना पहुंचे। यहां सभी ने पैसे जुटाए और एक बस की व्यवस्था की। मठमठ के दिनेश निनामा ने बताया हम सभी ने एक बस की है। बस वाले ने 60 हजार रुपए मांगे हैं। यह हमें राजस्थान-मध्यप्रदेश की बाॅर्डर पर निम्बाहेड़ा छोड़ेगी। दिनेश ने बताया सुबह झाबुआ कंट्रोल रूप से फोन आया था, कहा था शाम तक जवाब देंगे। लेकिन शाम 6 बजे तक कोई फोन नहीं आया। कहीं से भी मदद नहीं मिली। रात खेत में रेल की पटरी के किनारे गुजारी।

6 दिन काम किया फिर हो गया लॉकडाउन, वापस आने के पैसे भी नहीं बचे
ग्राम हड़मतिया से मजदूरी करने पुणे गए 16 मजदूरों के पास वापस आने के पैसे नहीं बचे। 8 पुरुष और 8 महिलाएं हैं। भुवान भूरिया निवासी हड़मतिया और भूरा भूरिया निवासी रोटला ने बताया वे 16 मार्च को पुणे के ग्राम भगोली की एक कंपनी मंे काम करने गए थे। सात दिन काम किया और फिर लॉकडाउन हो गया। मजदूरी कर जो पैसे कमाए थे वो कब से खत्म हो गए। गांव के ही लोग व कंपनी के कछ अन्य मजदूर उनके भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। वापस आने के लिए पैसे नहीं हैं। भूरा ने बताया सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं िमल रही। वापस भेजने के लिए डाॅक्टरी जांच हुई थी। भगोली के डॉक्टर ने मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए 200-200 रुपए लिए। वापस जा सके इसलिए सभी ने रुपए का इंतजाम किया। गांव के सरपंच ने वॉट्सएप पर एक कागज भेजा था जिसे भरकर भगोली पंचायत में दे दिया है, लेकिन अब तक वापस नहीं जा पाए।



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People stranded in Rajasthan-Gujarat said what they earned ended up in lockdown, now no money left to come back, even away from government help




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आबकारी ने तीन जगह दबिश देकर पकड़ी 20 लीटर अवैध कच्ची शराब, लबरावदा फाटा, किला मैदान व पीपलखेड़ा

लॉकडाउन मैं अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। इसी के चलते मंगलवार रात आबकारी ने तीन जगह दबिश दी है। आबकारी टीम ने करीब 20 लीटर आवेदन कच्ची शराब पकड़ी है। हालांकि पुलिस शराब बनाने वालों को पकड़ने में नाकाम रही।


सूचना मिली थी की लबरावदा फाटा, किला मैदान व पीपलखेड़ा में अवैध कच्ची शराब बनाने का कारोबार चल रहा है। कलेक्टर श्रीकांत बनोठ के निर्देशन व आबकारी आयुक्त नागेश्वर सोनकेसरी के मार्गदर्शन में आबकारी टीम ने तीनों जगह दबिश दी। टीम के पहुंचते ही शराब बनाने वाले भाग गए, टीम को यहां से 20 लीटर कच्ची शराब मिली। आबकारी आयुक्त सोनकेसरी ने बताया मप्र आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1)(क) के अंतर्गत 05 प्रकरण कायम किए गए। पकड़ी गई शराब की कीमत करीब 4000 रुपए है।


अगले दिन भी नहीं खुली शराब दुकान
बुधवार को भी शराब दुकान बंद रही। इससे स्पष्ट है की शराब ठेकेदारों में कोरोना का डर है। क्योंकि धार जिला रेड जोन में है ऐसी स्थिति में अगर शराब दुकान खुलती है तो कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ेगा।



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Excise arrested 20 liter illegal raw liquor at three places, Labravada Phata, Fort Ground and Pipalkheda




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जिन किसानाें के पंजीयन नहीं हुए उन्हें उपज बेचने में आ रही है समस्या, शीघ्र खरीदी शुरू की जाए

लाॅकडाउन में किसानों को उपज बेचने में आ रही समस्या को लेकर बुधवार काे विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने विश्राम गृह पर अधिकारियों की बैठक ली। इसमें मनावर, सिंघाना, उमरबन, बाकानेर के किसानों को गेहूं, चना, मक्का, सौंफ, लाल मिर्ची की उपज बेचने में आ रही समस्या को लेकर मंडी सचिव लक्ष्मणसिंह जमरा को बुलाकर शीघ्र ही मंडी में खरीदी शुरू करने के लिए कहा। डाॅ. अलावा ने कहा जिन किसानों के गेहूं का पंजीयन हुअा है उन्हीं का माल बिक रहा है। लेकिन जिन किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है वे अपना माल मंडी बंद होने से नहीं बेच पा रहे है। जून में बारिश शुरू हाेने से कई किसानों का का अगर माल नहीं बिका तो वह खराब हो जाएगा। जिससे आर्थिक संकट खड़ा हाे जाएगा।


विधायक ने मनावर एवं क्षेत्र की उप मंडियों में शीघ्र ही सौंफ खरीदी भी शुरू करने के लिए कलेक्टर श्रीकांत बनोठ, मनावर एसडीएम दिव्या पटेल से भी चर्चा कर किसानों की इस महत्वपूर्ण समस्या का निराकरण करने की मांग की। विधायक ने खाद्य आपूर्ति अधिकारी अनुराग वर्मा ने विधायक को बताया कि मनावर नगर में 812 तथा ग्रामीण क्षेत्र के 804 नागरिकों काे खाद्य सामग्री बांटी जा चुकी है। जो विभिन्न संस्थाओं से सहयोग से प्राप्त हुई थी। साम्रगी ग्राम पंचायत एवं नपा से प्राप्त सूची के आधार पर बांटी जा रही है।


मंडी व्यापारी संघ अध्यक्ष राकेश जैन ने बताया सरकार के नियमों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनावर मंडी में खरीदी शुरू कर दी है। जिसमें किसान की दो ट्राॅली मक्का बोली लगाकर खरीदी है। बैठक में विधायक प्रतिनिधि देवेंद्रसिंह मंडलोई, प्रेम पटेल, सुनील इस्के, विधायक के निजी सहायक सुनील खरे माैजूद थे।



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The problem of selling the produce to those who have not been registered, is the problem, purchase should be started soon




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नालछा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर और तहसीलदार के साथ जिला अस्पताल का वाहन पहुंचा गांव

नालछा ब्लॉक के भैसाखो गांव में विगत दिवस दंपती की माैत हाे गई थी। इनकी काेराेना रिपाेर्ट आना बाकी है। प्रशासन ने इन्हें संदिग्ध मानकर अंतिम संस्कार किया था। इनके संपर्क में रहे कुराड़िया और बावड़ीपुरा के 9 लोगों के भी सैंपल लेकर हाेम क्वारेंटाइन किया था। सैंपल रिजेक्ट हाेने के बाद बुधवार काे टीम गांव पहुंची। सभी की जांच कर फिर से सैंपल के लिए जिला अस्पताल रैफर किया।


नालछा तहसीलदार जितेंद्र सिंह तोमर, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर चमनदीप अरोरा, थाना प्रभारी बीएस वसुनिया सहित टीम मौके पर पहुंची थी। तहसीलदार तोमर ने लाेगाें से कहा आप की सुरक्षा को लेकर यह जांच कराई जा रही है। इसमें घबराने की बात नहीं है। डॉ. अरोरा ने सभी लोगों की जांच की। जिला अस्पताल से आए वाहन में बैठाकर सभी काे रवाना किया। तहसीलदार तोमर ने बताया इन लाेगाें की रिपाेर्ट रिजेक्ट हो गई थी। उसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आगामी कार्रवाई की।


बैंक के बाहर व ज्ञानदूत सेंटर पर भी लग रही भीड़
राजगढ़| बैंकों में ग्राहकों से निश्चित दूरी का पालन नहीं हाे रहा है। स्टेट बैंक आॅफ इंडिया में धूप में घंटों इंतजार करने वाले ग्राहकों के लिए मंगलवार को टेंट लगा कर कुछ कुर्सियां भी रखवाई। पीने के पानी की भी व्यवस्था की लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से आए खाताधारकों द्वारा नियमाें का पालन नहीं किया। एसबीआई के साथ ही बीओआई में सुबह से ही भीड़ लग रही है। जनधन खातों से राशि निकालने के लिए ग्रामीण उमड़ रहे हैं। सरकार ने पिछले माह एवं इस माह 500-500 रु. जनधन खाताधारकों (महिलाओं) के खातांे में जमा कराए है। बड़ी संख्या में पुरुष खाताधारक भी आकर भीड़ कर रहे। एटीएम में भी कतार लग रही। धार से राशि की व्यवस्था नहीं हाेने से प्रबंधकाें काे अन्य व्यवस्थाओं से काम चलाया जा रहा है। कियोस्क एवं ज्ञानदूत सेंटर पर भी भीड़ लग रही। महिलाएं एक साथ समूह के रूप में पास-पास बैठी थी।




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The vehicle reached the district hospital's vehicle with the doctor and tehsildar of Nalachha Primary Health Center




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क्वारेंटाइन किए गए लोग कर रहे योगा, अधिकारियाें ने कर्फ्यू का लिया जायजा

कुक्षी में लगातार कर्फ्यू जारी है। एसडीएम बीएस कलेश, तहसीलदार सुनील कुमार डावर ने पुलिस के साथ नगर भ्रमण किया। इसके बाद अलग-अलग क्षेत्र में अधिकारी और पुलिसकर्मी बंट गए। शासकीय उत्कृष्ट उमावि में क्वारेंटाइन किए गए लोगों ने योगाभ्यास कर मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत रहने का संकल्प लिया व संदेश दिया। एसडीएम ने क्वारेंटाइन सेंटर पर भोजन व अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न दलों का गठन किया है। इधर डेहरी व कुक्षी के जो 15 संक्रमित धार भेजे गए हैं वे स्वस्थ हैं। वहीं हाइरिस्क श्रेणी के डेहरी व कुक्षी के कुल 26 लोगों के साथ क्वारेंटाइन किए गए 42 नए लोगों की रिपोर्ट आना बाकी है।


इधर डही में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के प्रभारी सतीशचंद्र पाटीदार (बीईओ डही) और मनोज दुबे (बीआरसी डही) ने एसडीएम कलेश, तहसीलदार डावर, जीएस डावर, जनपद सीईओ ब्रतेश जैन के निर्देशन में क्राइसिस प्लान को लेकर उचित व्यवस्था की। डही में जो जवान बाहर से आए हुए हैं उनके रहने और खाने पीने के लिए कन्या शिक्षा परिसर में इंतजाम किए। डॉक्टर व उनकी टीम के रहने और खाने पीने के लिए बालक छात्रावास में इंतजाम किए है। इधर कर्फ्यू व लॉकडाउन के बीच ही मुस्लिम व बोहरा समाज का सबसे प्रमुख पर्व रमजान भी चल रहा है। दोनों समाज में अब तक पहला अशरा यानी 10 रोजे पूर्ण हो चुके है और दूसरे अशरे की शुरुआत हो चुकी है।



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Quarantined people are doing yoga, officials take stock of curfew




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11 मई से राजगढ़ मंडी में शुरू हाेगी नीलामी, भीड़ नहीं हाे इसके लिए राेजाना 50 किसानाें काे मैसेज कर बुलाएंगे

करीब 40 दिनों से मंडी बंद है। कोरोना संकट के कारण कामकाज ठप होकर किसानों को उपज मजबूरी में घरों में ही रखना पड़ रही हैं। गत दिनों मंडी में सौदा पत्रक बनाकर व्यापार करने की अनुमति देने के बाद व्यापारियों एवं किसानों का मंडी में कामकाज शुरू हुआ था। अब मंडी में नीलामी शुरू की जाएगी। इसके लिए गत दो दिनों में मंडी व्यापारियों व किसानों की बैठक मंडी प्रशासन ने ली। सब कुछ ठीक रहा तो 11 मई से नीलामी शुरू हाे जाएगी। डेढ़ माह से मंडी बंद हाेने से किसानों काे उपज घर व गाेडाउन में भंडार कर रखी है। गेहूं का बंपर उत्पादन होने से मंडी में इसकी भरपूर आवक होने की संभावना है। अभी सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है।


मंडी में फिलहाल कामकाज बंद हाेकर केवल सौदा पत्रक बनाने के लिए व्यापारी एवं किसान आ रहे हैं। किसानों द्वारा नमूने के आधार पर सौदा कर व्यापारी काे उपज बेची जा रही। लाॅकडाउन के पहले तक प्रतिदिन 8 से 10 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो रही थी। बड़ी संख्या में ग्रामीण अंचलों से किसान गेहूं लेकर मंडी पहुंच रहे थे। ऐसे में बंपर आवक व किसानों की संख्या बढ़ने से नियमाें का पालन कराने में समस्या अा सकती है। एसडीएम विजय राय ने बताया प्रतिदिन 50 किसानों को मैसेज के माध्यम से सूचना दी जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा। मंडी प्रांगण काफी बड़ा हाेने से दिक्कत नहीं अाएगी।


माेबाइल नंबर जारी करेंगे
मंडी सचिव रेशम मंडलोई ने बताया मंडी में गेहूं की उपज एवं अन्य उपज की नीलामी की प्रक्रिया 11 मई से शुरू करने के लिए याेजना बना ली है। एक दिन में 50 किसानाें काे ही बुलाया जाएगा। किसानाें काे पंजीयन कराने के लिए दो नए मोबाइल नंबर जारी किए जाएंगे। नियमाें का पालन भी कड़ाई से कराया जाएगा।



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Auction to start in Rajgarh Mandi from May 11




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राजस्थान से बेटे को पारा लाए, परिवार को किया होम क्वारेंटाइन, घर के बाहर कर दिया होम क्वारेंटाइन का बोर्ड चस्पा

नगर के एक परिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने होम क्वारेंटाइन किया है। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिली कि उमेश भटेवरा अपने पुत्र मनांश को राजस्थान से लेकर यहां लाए हैं। लोगों में जब यह बात फैली तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। इस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉ केएस डोडवा व पुलिस जवान मौके पर पहुंचे। उन्होंने मनांश की जांच की और परिवार को होम क्वारेंटाइन किया। परिवार के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बताया कि वे बेटे को राजस्थान नहीं मेघनगर से लेकर आए हैं। इसके बाद टीम ने उनके घर के बाहर होम क्वारेंटाइन का बोर्ड चस्पा कर दिया। इसी तरह एक परिवार जिले में बाजार खुलने की सूचना पाने के बाद गुजरात के दाहोद से पारा आ गया। सदर बाजार निवासी बुरहानुद्दीन पिता फखरूद्दीन, शब्बीर पिता फखरूद्दीन व एक अन्य सदस्य की जांच के बाद उन्हें होम क्वारेंटाइन किया गया।



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Bringing mercury to son from Rajasthan, home quarantine to family, banning home quarantine board




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बाहरी प्रत्याशी को टिकट नहीं देने के लिए कमलनाथ के नाम जिलाध्यक्ष काे दिया ज्ञापन

पूर्व विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए है। इसके कारण विधायक पद रिक्त है। आगामी समय में बदनावर विधानसभा में उपचुनाव होना है। उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सक्रिय हाे गए है। 14 प्रत्याशी दावेदारी जता रहे हैं। सभी उम्मीदवारों की विधानसभा चुनाव को लेकर मीटिंग हुई है। इसमें सभी ने एक स्वर में कहा है कि स्थानीय उम्मीदवारों में किसी को भी टिकट मिलने पर सब सहयोग कर जीत दिलाएंगे। परंतु बाहरी व्यक्ति को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलाध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम को मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नाम हस्ताक्षर कर ज्ञापन भी दिया। इसमें बताया विधानसभा क्षेत्र के 84000 मतदाताओं के विश्वास को तोड़ने का काम दत्तीगांव ने किया है। आगामी चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार को ही प्रत्याशी बनाने की मांग की। क्योंकि सन 1952 से अब तक एकमात्र भूतपूर्व विधायक रघुनाथ माथुर को ही स्थानीय उम्मीदवार के रूप में अवसर मिला था। हर चुनाव में बाहर के व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाया गया। जिससे स्थानीय कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ती जा रही है। पूर्व जिला प्रवक्ता डॉ. अभिषेक सिंह टिंकू बना, नपं अध्यक्ष अभिषेक मोदी, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष कमल पटेल, पूर्व जिला महामंत्री जीपी सिंह राठौर, मप्र युवा कांग्रेस के महासचिव मनीष बोकड़िया, मप्र कांग्रेस के सचिव सुनील सांखला, ईश्वर सिंह धान्याखेड़ी, दिनेश रघुवंशी, आशीष भाकर, हरिनारायण सिंह पंवार, ओमप्रकाश पांडे, भंवर सिंह सिसाैदिया आदि माैजूद थे।


राहत कोष में 1 लाख 1 हजार 100 ट्रांसफर किए
बदनावर | कोरोना संक्रमण में बुधवार को राजस्व विभाग ने अपने एक दिन का वेतन सीएम राहत काेष में दिया। तहसीलदार योगेंद्र सिंह मौर्य, नायब तहसीलदार मनीष जैन, रवि शर्मा, समस्त पटवारी, लिपिक वर्ग, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर ने 1 दिन की वेतन राशि 1 लाख 1 हजार 100 रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में ऑनलाइन ट्रांसफर किए। जानकारी पूर्व अध्यक्ष अशोक खेनवार ने दी।



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साेशल डिस्टेंसिंग का नहीं हुआ पालन, धूप में खड़े रहकर करना पड़ा इंतजार

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के बाहर उपभाेक्ता साेशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे है। भीड़ जमा होकर कई लोगों को तेज धूप में खड़े रह कर बारी का इंतजार करना पड़ा। उपभाेक्ता राधेश्याम पाटीदार खेड़ा ने कैश काउंटर बढाने की मांग की। क्योंकि इसी बैंक में कई उपार्जन केंद्र पर गेहूं तौलने वाले किसानों को भी भुगतान किया जा रहा है। इन दिनों उपार्जन केंद्र पर खरीदी होने से बड़ी संख्या में किसान राशि निकालने पहुंच रहे है। किंतु एक ही काउंटर होने से घंटों धूप में इंतजार के बाद बारी आती है। जिससे काफी परेशानी होती है।



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There was no adherence to the scientific distancing, waiting to stand in the sun




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लॉकडाउन में छूट मिली तो लगा जाम, पुलिस ने नगर में प्रवेश से पहले ही खड़े कराए वाहन

लॉकडाउन में सुबह 8 से दाेपहर 2 बजे तक खरीदी के लिए छूट दी गई है। इसके चलते रोजाना बाजार में भीड़ आ रही है। पुलिस को इन्हें काबू करने मेंमशक्कत करना पड़ रही है। दो पहिया वाहनों के कारण कई जगह जाम की स्थिति बन रही थी। इसलिए पुलिस ने बुधवार से नई व्यवस्था की। आसपास के गांवों से आने वाले लोगों के दोपहिया वाहन नगर की बाहरी सीमा पर ही खड़े करवा लिए। लोगोंकाे पैदल खरीदी करने जाना पड़ा।

करीब 43 दिन के बाद मिली छूट के कारण लोग खरीदी करने आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या ग्रामीणों की है। आसपास से आने वाले ग्रामीण रोजाना दो पहिया वाहन से आ रहे थे। इस कारण नगर में जगह-जगह जाम की स्थिति बन रही थी। सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा था। तीन दिन से पुलिस इन्हें समझाइश दे रही थी लेकिन फिर भी सभी मनमानी कर रहे थे। इसी के चलते पुलिस ने बुधवार से सख्ती बरती। दो पहिया वाहनों को पुरानी नगर पालिका चौराहे पर रोक दिया गया। यहीं से ग्रामीण पैदल खरीदी करने गए। इसके बाद भी अगर कोई बाजार में वाहन के साथ नजर आया तो उन पर सख्ती दिखाई।


ये की नई व्यवस्था
बुधवार को नगर में आने वाले रास्तों पर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए। साथ ही यहां पुलिस जवानों को तैनात किया गया। एएसआई कुंवरसिंह रावत और आरक्षक महेंद्र नायक ने बताया मेघनगर की ओर से आने वाले वाहनों को पुरानी नगर पालिका पर रोका गया। खवासा और कुशलगढ़ की ओर से आने वालों को लाखियाखाली चौराहे पर रोका। पेटलावद रोड से लगे गांवों से आने वाले लोगों के वाहनों को सुतरेटी चौराहे पर रोक रहे हैं।


जगह-जगह लगा था जाम
मंगलवार को खरीदी करने आए ग्रामीणों ने किसी की नहीं सुनी। जगह-जगह भीड़ लगी दिखाई दी थी। पुलिस की समझाइश के बाद भी नहीं मान रहे थे। वाहनों के कारण आजाद चौक, गणपति मंदिर गली, एमजी रोड पर एसबीआई के समीप, कुम्हार बाजार में सुबह 8 से 2 बजे के बीच कई बार जाम के हालात बने थे। इससे लोगों को भी परेशानी हो रही थी।



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There was a blockade in the lockdown, the police made vehicles stand before entering the city




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दूल्हा-दुल्हन ने मास्क-दस्ताने पहन कर लिए सात फेरे, परिजन ने वीडियाे काॅलिंग कर दिया आशीर्वाद

बिना बैंड-बाजा व बाराती के इंदाैर का दूल्हा बुधवार काे दुल्हन के घर नालछा पहुंचा। वर और वधू पक्ष के चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में विवाह की रस्म हुई। दूल्हा-दुल्हन ने मास्क और दस्ताने पहन कर सात फेरे लिए। सभी के सैनिटाइजर से हाथ धुलवाए गए।


सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए परिवार के लोग बैठे। दूल्हा सुबह 10 बजे आया और दाेपहर 1 बजे दुल्हन को लेकर रवाना हो गया।


यह नजारा नालछा में अरविंद यादव की पुत्री पल्लवी की शादी में देखने को मिला। पल्लवी की शादी इंदौर के पाटनीपुरा के अमित गुप्ता से तय हुई थी। शादी 20 अप्रैल को होनी थी। दाेनाें परिवार ने शादी की तैयारियां भी पूरी कर ली थी। इस बीच लाॅकडाउन लगने से दोनों परिवार ने सादगी से दुल्हन काे ले जाने का निर्णय लिया।


दूल्हा अमित अपने काका उद्धव राव, भाई पीयूष, ताऊ संतोष यादव और चाचा सुभाष यादव के साथ अाकर रस्म की। दाेनाें पक्ष के रिश्तेदारों ने वीडियो कॉलिंग से शादी देख नवदंपती काे अाशीर्वाद दिया। यादव ने इकलाैती बेटी की शादी के लिए इंदौर में गार्डन बुक कर लिया था। पत्रिका रिश्तेदारों में बंट चुकी थी। बेटी का घर बस गया इसबात की खुशी है। नवदंपती ने बताया पुराने लोग सच कहते थे कि बिना आडंबर के सादगी से शादी हाेती है। यह पल हमें जिंदगी भर याद रहेगा।



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The bride and groom put on mask-gloves and made seven rounds, the family blessing by calling the video




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लोगों को बस से रीवा ले जा रहे थे, बस मालिक व चालक पर लाॅकडाउन उल्लंघन केस

गंधवानी थाना क्षेत्र के ग्राम कटारपुरा में बुधवार सुबह 6 बजे 100 से अधिक हथियाराें से लैस बदमाश गांव में घुसे। ग्रामीणाें काे इसकी रात से सूचना मिल गई थी। इसके चलते उन्हाेंने रातभर गश्त कर नाकाबंदी की। पुलिस काे भी सूचना दे दी थी। पुलिस के पहुंचने पर बदमाशाें ने फायरिंग कर दी। एक घंटे तक फायरिंग हुई। भगदड़ में एक महिला की माैत हाे गई जबकि घायल हाेने से एक बदमाश काे भी पुलिस के गिरफ्तार किया है।


कटारपुरा के नवलसिंग ने बताया कुछ दिन पहले कुछ लाेग ग्राम बोड़दा-चिकली से बाइक चुरा कर कटारपुरा होते हुए जामदा भूतिया की ओर जा रहे थे। सूचना मिलने पर ग्रामीणाें ने इन्हें गांव में राेक लिया था। आगे चल कर दोनों गांवों के बीच रंजिश हाे गई थी। इसी को लेकर बीती रात कटारपुरा के लोगों को सूचना मिली थी कि हथियाराें से लैस 100 से अधिक बदमाश पहाड़ी के रास्ते से हमला करने के लिए गांव आ रहे हैं। ग्रामीणों ने रातभर नाकाबंदी करते हुए गश्त की। देर रात गंधवानी पुलिस को सूचना दी थी।


मामले को लेकर एसपी आदित्यप्रताप सिंह ने सजगता दिखाते हुए मनावर, गंधवानी, टांडा, बाग, कुक्षी, डही, अमझेरा व सरदारपुर से पुलिस बल भेजा था। जाे सुबह 6 बजे ग्राम कटारपुरा पहुंचे ही थे। बदमाशों ने कटारपुरा के पटेलपुरा में हमला बोलते हुए मवेशी व अन्य सामग्री लूटने की कोशिश की थी। पुलिस के आने से बदमाशों ने फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इस बीच भगदड़ में सैकडी पति नाहरसिंह (60) की मौत हो गई। पुलिस की फायरिंग से बदमाश पहाड़ी रास्ते से भाग गए। पुलिस ने ग्रामीणाें के मवेशी व सामग्री सुरक्षित बचा ली। हालांकि इस दौरान एक बदमाश घायल अवस्था में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
घटना के बाद कई ग्रामीण रिश्तेदार के यहां चले गए


बदमाशों द्वारा रात में हमला करने की अाशंका काे लेकर कई ग्रामीण जरूरी सामान लेकर अपने रिश्तेदारों के घर चले गए। ग्रामीणाें के पास सुरक्षा की दृष्टि से किसी प्रकार का कोई हथियार नहीं है। थाना प्रभारी एमटी बेग ने बताया घटना को देखते हुए गांव में लोगों की सुरक्षा के लिए हमने 18वीं वाहिनी विश्वल कॉम्पेक्ट ग्रुप शिवपुरी के 20 जवान तैनात किए हैं। गंधवानी, जीराबाद का बल भी तैनात है।


चार बदमाशाें के खिलाफ केस दर्ज किया
बापू पिता मदन निवासी कटारपुरा-भाबरपुरा की शिकायत पर पुलिस ने चार बदमाशाें के खिलाफ केस दर्ज किया है। अाराेपी वेरसिंह पिता इंदरसिंह, विक्रम पिता गोबरसिंह, रमेश पिता केशरसिंह सभी निवासी भूतिया अाैर बीरसिंह पिता नानका निवासी चुन्पिया डेलघाटा थाना टांडा है। पुलिस के अनुसार अाराेपियाें ने बुधवार सुबह 6 बजे फरियादी के घर में बंधे 2 बकरे, 7 बकरियां लूटकर ले जा रहे थे। गांव वालों के साथ सामना करने पर बदमाश बकरा-बकरियां छोड़कर भाग गए।


आदित्य प्रतापसिंह, एसपी धार ने कहाकई लाेगाें काे चिह्नित किया है, शीघ्र पकड़ेंगे
घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही आसपास के थानों का बल भेजा था। एक बदमाश को पकड़ा है। हमने कई लोगों को चिह्नित भी किया है। जिन्हें जल्द ही पकड़ेंगे।



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People were taking the bus from Rewa, a lockdown violation case on bus owner and driver




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प्रशासन ने 850 मजदूरों को अन्य राज्याें और जिले में पहुंचाया, 1800 काे धार लाए

धरमपुरी के व्यक्ति सहित धार की एक बालिका की रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव आई है। हालांकि बालिका पहले से क्वारेंटाइन थी और व्यक्ति इंदाैर में भर्ती है। दाे और संक्रमित मरीज मिलने से धार में पाॅजिटिव की कुल संख्या 78 हाे गई है, जबकि 26 लाेग डिस्चार्ज हाेकर घर जा चुके हैं।


इधर पट्ठा चाैपाटी क्षेत्र के 11 संदिग्ध लाेगाें काे भी क्वारेंटाइन किया गया है। धार, पीथमपुर, कुक्षी अाैर रिपीट सैंपल मिलाकर कुल 103 सैंपल बुधवार काे जांच के लिए भेजे गए हैं। इधर धार के दाैरे पर अाए कमिश्नर अाकाश त्रिपाठी ने कहा कि धार का रिकवरी रेट 34 है यदि 12 अाैर निगेटिव अा जाते हैं ताे यह 45 हाे जाएगा। यह हमारे लिए अच्छा संकेत है।


103 सैंपल लिए
डाॅ. भंडारी के अनुसार पट्ठा चाैपाटी पर अासपास के 11 लाेगाें काे धरावरा अाैर पाटीदार क्वारेंटाइन किया है। इसी प्रकार जिले के पीथमपुर से 11, धार में रिपीट सैंपल 23, कुक्षी से 37 सैंपल अाैर धार के 32 सैंपल अाैर भेजे हैं। बुधवार काे कुल 103 सैंपल लिए गए।

इंदाैर में भर्ती है धरमपुरी का व्यक्ति, लेकिन सैंपल धार में लिया था

धरमपुरी के 42 साल के व्यक्ति काे इंदाैर में भर्ती कराया गया है। उसका 4 मई काे सैंपल लिया गया था, जबकि 6 मई काे उसकी रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाई है। जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी के अनुसार चूंकि उसका सैंपल धार में लिया गया था, इसलिए उसे धार में गिना जाएगा। इसी प्रकार पट्ठा चाैपाटी के जिस परिवार के पांच लाेग संक्रमित पाए गए थे, उसी परिवार की 13 साल की बालिका काे भी पाॅजिटिव पाया गया है। यह बालिका भी पहले से क्वारेंटाइन में थी। इसे महाजन अस्पताल में बनाए गए अाइसाेलेशन सेंटर में शिफ्ट किया गया है।

डेहरी के संक्रमित परिवार के पड़ाेसी और माेहल्ले वालाें काे क्वारेंटाइन किया
कुक्षी बीएमओ डाॅ. पवैया के अनुसार बुधवार काे उन्हाेंने डेहरी का निरीक्षण किया। उनके साथ एसडीएम बीएस कलेश, तहसीलदार सुनील डावर कुक्षी, टीआई कमल सिंह पंवार भी पहुंचे। यहां संक्रमित पाए गए परिवार के पड़ाेसी, अासपास के लाेग अाैर सामने वाले लाेगाें काे भी क्वारेंटाइन कर दिया गया है। इस क्षेत्र काे सील कर दिया है। हालांकि डेहरी के इसी परिवार के 7 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव भी अाई है। कुक्षी में गुजरात से अाने वाले मजदूराें का सिलसिला भी जारी है। अभी तक तलवाड़ा में पांच, लाेहाड़ा में 35 अाैर कुक्षी में एक मजदूर अाया है। अभी तक कुक्षी में 12 लाेग पाॅजिटिव पाए गए हैं।

दामाद काे भी क्वारेंटाइन किया

पट्ठा चाैपाटी की जिस वृद्ध महिला काे पाॅजिटिव पाया गया है, उनकी दाेनाें बेटियाें काे पहले ही क्वारेंटाइन किया गया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अब महिला के दामाद काे भी क्वारेंटाइन कर दिया है। उसका सैंपल भी लिया गया है। दामाद सरस्वती नगर में रहता है, जाे कि पट्ठा चाैपाटी से करीब डेढ़ किमी दूर है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि हम किसी तरह की चेन काे बढ़ने नहीं देना चाहते हैं। यदि रिपाेर्ट निगेटिव अाती है ताे ठीक है, लेकिन दामाद भी कहीं न कहीं इनके संपर्क में अाया हाेगा। इससे संक्रमण बढ़ने की अाशंका है।


कुक्षी के संक्रमित व्यक्ति ने नहीं बताई कांटेक्ट हिस्ट्री
कुक्षी में संक्रमित पाए गए सुभाष मार्ग के व्यक्ति ने अभी तक स्वास्थ्य विभाग काे सही जानकारी नहीं दी है कि वह कहां-कहां गया था। बीएमअाे डाॅ. नरेंद्र पवैया के अनुसार इस व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है, लेकिन वह सही जानकारी नहीं दे रहा है। इससे अभी पता नहीं चल पाया है कि वह कहां से संक्रमित हुअा है। इधर कुक्षी के ही एक अन्य पाॅजिटिव युवक की मां काे सांस लेने में तकलीफ हाेने पर मंगलवार काे इंदाैर रैफर कर दिया गया है।



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The administration moved 850 laborers to other states and districts, bringing in 1800




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40 डिग्री टेम्परेचर में पीपीई किट पहनना तपती भट्‌टी के पास घंटों गुजारने जैसा है, 10 मिनट में शरीर पसीना-पसीना हो जाता है

7 डॉक्टर, 10 नर्स इलाज करते वक्त कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। बचाव का एक ही तरीका-पीपीई किट,लेकिन 40 से 42 डिग्री तापमान में इसे पहनना किसी तपती भट्‌टी के पास घंटों गुजारने जैसा है। इस किट को पहनकर संक्रमण से लड़ाई लड़ना कितना चुनौतीपूर्ण होता है, यह जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने किट को पहनकरदफ्तर में चार घंटे काम किया। उनका अनुभव बताता है कि कोरोना वॉरियर्स मानवता की सेवा के लिए किन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।

1. जैसे सिर से पैर तक बांध दिया हो

भास्कर रिपोर्टर नीता सिसौदिया ने पीपीई किट पहनकर 4 घंटे तक दफ्तर में काम किया।

भास्कर रिपोर्टर ने बताया-दोपहर के 12 बज रहे थे और तापमान 40 डिग्री के आसपास था। मैंने पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट पहनी। इसके बाद ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझे बांध दिया हो। चश्मे-मास्क का दबाव चेहरे पर महसूस हो रहा था। किट पहनकर चलते नहीं बन रहा था। ग्लव्स के कारण मोबाइल पर पकड़ नहीं बन पा रही थी।

2. दस मिनट में ही पसीने से तरबतर

एन-95 मास्क पहनने के बाद लगा कि नाक पर कोई बोझ रख दिया गया हो और मजबूरी ऐसी कि आप चाहकर भी इसे हटा नहीं सकते। 10-15 मिनट में ही सिर पसीने से भर गया और इसकी बूंदें चेहरे की सतह से लुढ़कते हुए मास्क के भीतर जमा होने लगीं। पीपीई किट के अंदर भारी गर्मी का अहसास हो रहा था।

3. बेचैनी, गला सूख गया, असहनीय स्थिति

गला सूख रहा था।कई बार ऐसा लगा कि मास्क निकालकर पानी पी लूं लेकिन नहीं निकाल सकती थी। एक घंटा ही बीता था कि बेचैनी महसूस होने लगी। मास्क के बेल्ट चुभने लगे थे। कानों पर अलग तरह का प्रेशर लग रहा था।

4. चार घंटे में ये हाल, डॉक्टर पूरा दिन पहनते हैं

4 घंटे पीपीी किट पहनने के बाद रिपोर्टर का पसीने से यह हाल हो गया।

पसीने और उमस के अहसास ने परेशान कर दिया। उस पर चिलचिलाती गर्मी। चार घंटे के बाद जब पीपीई किट उतारी तो महसूस हुआ कि कोरोना वॉरियर्स के लिए यह ‘रक्षा कवच’ धारण करना कितना मुश्किल है।

  • 250 डॉक्टररोज पीपीई किट पहनते हैं। दो हजार से ज्यादा नर्स और कर्मचारी भी।
  • छह से आठ घंटेड्यूटी डॉक्टर इसे पहन काम कर रहे हैं। मैदानी टीम यानी सैंपल लेने वालों को दिनभर में कई बार किट बदलना पड़ता है।
  • 35 से 40 डिग्रीतापमान रहता है आईसीयू में। वहां एसी चलता है लेकिन 25 डिग्री से ज्यादा तापमान मेंटेन करना होता है।
  • वार्ड बाॅय, नर्स हो गए थे बेसुधहाल ही में एमवायएच में एक वार्य बॉय और एक नर्स पीपीई किट पहनने के बाद बेसुध हो गए।

परेशानी छोटी, मरीज बड़ा

अरबिंदो अस्पताल के डॉ. प्रकाश जोशी कहते हैं कि वार्ड में डबल लेयर का किट पहनकर जाते हैं। पसीना बहुत आता है। घबराहट होती है। लेकिन मरीजों की जान के आगे यह सब सेकंडरी है।

हार्ट रेट बढ़ा देती है किट

चाेइथराम में पल्मोनोलोजिस्ट डॉ. गौरव गुप्ता कहते हैं इमपरमिबल किट पहनने से मेरी हार्ट रेट एक बार 150 तक पहुंच गई थी। इसे पहन काम करना बेहद तकलीफदायक है।

किट आदत में आ चुकी है

एमटीएच में ड्यूटी कर रहे डॉ. अभिमन्यु निगम बताते हैं कि पहले दिन किट पहनी तो बहुत घुटन महसूस हुई। गर्मी के कारण ऐसा लगा मानो किट निकाल दूं। अब आदत हो गई है।

जयपुर के बाद रिकवरी में इंदौर दूसरे नंबर पर

शहर पॉजिटिव ठीक हुए दर
जयपुर 1074 446 41.52%
इंदौर 1681 628 37.35%
दिल्ली 5104 1468 28.76%
पुणे 2062 528 25.60%
ठाणे 1404 298 21.22%
मुंबई 9945 1605 16.13%
अहमदाबाद 4716 704 14.92%
चेन्नई 2331 319 13.68%
देश में 52247 14781 28.29%


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Wearing PPE kit in 40 degree temperature is like spending hours near the scorching furnace, the body becomes sweaty in 10 minutes.




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पुलिस कर रही आपके आने का इंतजार; योग, पीटी और एक्सरसाइज के साथ उठक-बैठक लगाना हो तो निकलो घर के बाहर

यदि आपको योग, पीटी और एक्सरसाइज के साथ कान पकड़कर उठक-बैठक करनाहै तो घरों से बाहर निकलो। लगातार पुलिस ऐसी सजा दे रही है, लेकिन लोग फिर भी नहीं मान रहे हैं।

पंडितजी को भी अन्य लोगों के साथ मिली बाहर निकलने की सजा।

एरोड्रम टीआई अशोक पाटीदार के अनुसार, एरोड्रम क्षेत्र में नियमानुसार सुबह 6.30 बजे से पुलिसकर्मी मैदान में आ जाते हैं। इस दौरान कई लोग किसी न किसी बहाने से बाहर निकलते हैं। इसके लिए पुलिस रोजाना उन्हें नए-नए टास्क देकर सजा दे रही है। गुरुवार सुबह जब लोग 60 फीट रोड, कालानी नगर और एयरपोर्ट रोड पर निकले तो उन्हें एक्सरसाइज के रूप में सजा दी। अधेड़ उम्र के लोगों को योग औरपीटी करवाई। जवानों से कठिन एक्सरसाइज और उठक-बैठक लगवाई। लगातार उन्हें समझाया जा रहा है, लेकिन वे फिर भी नहीं मान रहे हैं। रोजाना लोगों को सबक सिखाए जा रहे हैं।

दूध लेने निकले थे, पुलिस को देखकर दौड़ लगाई।पुलिस ने पकड़कर सजादी।

बच्चों ने हाथ में पोस्टर लेकर किया स्वागत
उधर, बुधवार रात को राऊ पुलिस ने भी क्षेत्र में पैदल मार्च निकाला। इस दौरान लोगों ने छतों से खड़े होकर तालियां बजाई। वहीं, बच्चों ने अपने गेट के बाहर खड़े होकर पुलिस का स्वागत किया। उनके हाथों में पोस्टर थे, जिसमें लिखा था थैंक्यू, आप स्वस्थ रहें..और भी कई मैसेज वाले पोस्टर उनके हाथों में थे। वहीं गुरुवार सुबह सदर बाजार और चंदननगर पुलिस ने भी सड़कों पर पैदल मार्च निकाला।



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बिना कारण घर से बाहर आते ही पुलिस से सामना हो गया। सुबह-सुबह सड़क पर ही कसरत करनी पड़ी।




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इंदौर में अब तक 83 लोगों की मौत, पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 1699 पहुंचा, कलेक्टर बोले- 7 से 10 दिन और संयम रखें

बुधवार देर रात कोरोना के 18 नए मरीज मिले। दो मरीजों की मौत भी हुई। इसके साथ ही कुल मरीजों का आंकड़ा 1699 हो गया। हालांकि राहत की बात ये है कि 556 सैंपल में 538 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई। पॉजिटिव रेट भी घटकर 3.23 हो गया है। कोरोना से शहर में अब तक 83 लोग जान गंवा चुके हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर काफी हद तक ठीक हो गया। लॉकडाउन की वजह से ही इंदौर में इतना सुधार हुआ है। अभी अस्पताल 75 फीसदी खाली हो गए हैं। 500 के करीब मरीज ठीक होकर जा चुके हैं। क्वारैंटाइन में करीब 2200 लोग थे। अब करीब दो से ढाई सौ लोग बचे हैं। अधिग्रहित मैरिज गार्डन और कुछ कोविड अस्पतालों को भी हम रिलीज करने का सोचरहे हैं। 7 से 10 दिन में यहां काफी सुधार दिखेगा। बस, लोगों को घरों में रहने की आवश्यकता है।

सांवेर रोड स्थित पारले-जी की फैक्ट्री को बंद करने को लेकर कहा कि हमने इसे इसलिए बंद की, क्योंकि वहीं पर कर्मचारियों को रखकर काम करना था। वहां करीब ढाई से तीन सौ कर्मचारियों को ऐसे क्षेत्रों से बुलाया जा रहा था, जो कि वहां से नहीं बुलाया जाना था। लापरवाही के कारण हमने फैक्ट्री को बंद करवाया है। हमने काफी हद तक सफलता पा ली है, ऐसे में छोटी-सी भी लापरवाही नहीं करनी है। घर में रहना बहुत कठिन काम है, यह एक तपस्या जैसा है।लेकिन, यदि थोड़ा सा संयम रख लेते हैं तो हम इससे जीत जाएंगे। कलेक्टर ने संबंधित एजेंसी को हर दिन एक हजार से अधिक सैंपलिंग किट भेजने को कहा है। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने कहा कि इंदौर के सैंपल निजी लैब को दे रहे हैं, ताकि रिपोर्ट जल्दी मिले।

रिकवरी दर 6.50 फीसदी से बढ़कर 37.35 फीसदी हुआ
लॉकडाउन वन में इंदौर में मरीजों के ठीक होने की रिकवरी दर केवल 6.50 फीसदी थी, जो बढ़कर 37.35 फीसदी हो गई है। एक हजार से अधिक कोविड मरीजों वाले शहरों में रिकवरी रेट में जयपुर (41.52 फीसदी) के बाद इंदौर दूसरे स्थान पर आ गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 28.29 फीसदी है। सैंपलिंग के लिए प्रशासन ने 25 टीमें बनाकर तेजी ला दी है। पहले 450 के आसपास सैंपल लिए जा रहे थे, जो मंगलवार को 723 और बुधवार को 1174 हो गए।

अब रेड जोन शहरों के लिए भी ई पास
प्रदेश से अन्य राज्यों में जाने और वहां से इंदौर आने के लिए mapit.gov.incovid-19 पोर्टल पर आवेदन करने पर मंजूरी मिल रही है। इसके साथ ही अब शासन ने निर्देश जारी कर रेड जोन में आए इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन, खंडवा व धार जिलों से भी अन्य जिलों में जाने के लिए ई पास मंजूर करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इन जिलों से अभी तक केवल मेडिकल इमरजेंसी व मृत्यु की स्थिति में ही जारी हो रहे थे।


सैंपल के लिए अब आधार नंबर जरूरी
जिला प्रशासन ने सैंपल लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए एक मोबाइल एप लॉन्च किया गया है, जिसमें सैंपल लेने से पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। दरअसल, इस हफ्ते जितने पॉजिटिव केस सामने आए, उनमें से 11 मरीज ऐसे थे जिनके मोबाइल नंबर गलत थे। जब रैपिड रिस्पांस टीम ने उन्हें फोन लगाया तो पता लगा कि नंबर्स गलत है। पता भी सही नहीं था। ऐसी परेशानियों से निपटने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया है।


3700 लोगों को आने और जाने की मंजूरी
लॉकडाउन के कारण शहर में फंसे अन्य राज्यों के लोगों को ऑनलाइन मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 24 घंटे में 3700 लोगों को ई-पास जारी किए हैं। नोडल अफसर व आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक, सिर्फ उन्हीं लोगों के आवेदन रिजेक्ट हुए, जिन्होंने आईडी नहीं लगाया। वे फिर से आईडी, सदस्य संख्या, वाहन नंबर के साथ आवेदन करें, मंजूरी दी जाएगी।



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बुधवार को 140 लोग कोरोना से स्वस्थ होकर घर लौटे। अरबिंदो 100, इंडेक्स 21, एमटीएच 6, चोइथराम से 13 मरीज डिस्चार्ज हुए। 7 दिन की बच्ची भी मां इरम (20) के साथ घर लौटी। इरम पॉजिटिव निकलने के बाद से अरबिंदो अस्पताल में भर्ती थी। 30 अप्रैल को उसने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव आई।




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राजनगर इलाके में सड़क पर पड़ा दिखा 200 रुपए का नोट, दहशत में आए लोगों ने पुलिस को दी सूचना

कोरोना वायरस के बीच शहर में कई जगह अब तक नोट मिलने से दहशत का माहौल बन चुका है। गुरुवार को इसी तरह चंदननगर थाना क्षेत्र के राजनगर में भी सड़क पर नोट मिले तो लोग दहशत में आ गए। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस नेयहां पड़े नोट कोसुरक्षित ढंग से उठाकर पॉलिथीन की थैली में रख लिया। नोट कोजांच के लिए भेजा जाएगा।

घटना को लेकर चंदन नगर टीआई योगेश सिंह तोमर ने बताया कि क्षेत्र में वीणा वादिनी स्कूल के सामने नोट पड़े होने की सूचना मिली थी। इस पर तत्काल टीम को वहां भेज कर वहां से सड़क पर पड़े 200 के नोट को उठाया और जांच के लिए सुरक्षित ढंग से भेजा है। गौरतलब है कि इस तरह सड़कों पर नोट मिलने से दहशत का माहौल है। सुबह जब से नोट देखे गए हैं, तब से इलाके के लोगों ने कई बार पुलिस कंट्रोल रूम को शिकायत की, लेकिन आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर आई और नोट उठाए। अब पुलिस पता लगा रही है कि यह नोट कोईफेंककर गया है या फिर किसी का गिर गया है।



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सड़क किनारे ईंट के नीचे दबा हुआ था 200 का नोट।




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350 ई-पास और जारी, अब तक 4050 लोगों को इंदौर से बाहर जाने और आने के लिए अनुमति दी गई

लॉकडाउन के कारण शहर में फंसे अन्य राज्यों के लोगों को इंदौर से बाहर जाने और अन्य स्थानों से इंदौर में आने के लिए ऑनलाइन मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बुधवार तक 3700 लोगों को ई-पास जारी किए गए थे। वहीं, गुरुवार सुबह 350 लोगों को और ई-पास जारी किए गए। इस प्रकार अब तक 4050 लोगों को इंदौर आने एवं इंदौर से जाने के लिए अनुमति प्रदान की गई है।

प्रदेश से अन्य राज्यों में जाने और वहां से इंदौर आने के लिए mapit.gov.incovid-19 पोर्टल पर आवेदन करने पर मंजूरी मिल रही है। इसके साथ ही अब शासन ने निर्देश जारी कर रेड जोन में आए इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन, खंडवा व धार जिलों से भी अन्य जिलों में जाने के लिए ई पास मंजूर करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इन जिलों से अभी तक केवल मेडिकल इमरजेंसी व मृत्यु की स्थिति में ही जारी हो रहे थे।

नोडल अफसर व आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक, सिर्फ उन्हीं लोगों के आवेदन रिजेक्ट हुए, जिन्होंने आईडी नहीं लगाया। वे फिर से आईडी, सदस्य संख्या, वाहन नंबर के साथ आवेदन करें, मंजूरी दी जाएगी। ई-पास के लिएकलेक्ट्रेट या कहीं और भटकने की आवश्यकता नहीं है, अपने मोबाइल या कंप्यूटर से रेजिस्ट्रशन कर घर बैठे ही मोबाइल पर ही पास डाउनलोड कर सकते हैं।

आवेदन में इन बातों का ध्यान रखें

  • आवेदनhttps://mapit.gov.in/covid-19/पर किया जाए
  • अपना आईडी प्रूफ़ अवश्य अपलोड करें
  • वाहन क्रमांकएवं यात्रियों का विवरण अवश्य लिखें
  • आपका ई-पास आपको आपके मोबाइल पे ही भेजा जाएगा


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लॉकडाउन के चलते शहर में फंसे लोग इस तरह से कलेक्टर कार्यालय पर पहुंचकर अनुमति प्राप्त करने का प्रयास कर रहे थे।




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व्यक्ति के जेब में फटा मोबाइल, शर्ट में लगी आग को लोगों ने पानी डालकर बुझाया

शाजापुर जिले के ग्राम लोहारी में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच एक खबर से सनसनी फैल गई। यहां एक व्यक्ति का माेबाइल अचानक ब्लास्ट हो गया। मोबाइल जेब में फटने की वजह से शर्ट में आग लग गई। मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल आग को बुझा दिया।

मिली जानकारी अनुसार घटना ग्राम लाहोरी की है, जो कि जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां रहने वाले किसान रमेशचंद्र मंडलोई किसी काम से गांव में निकले थे। उन्होंने अपने मोबाइल को शर्ट की जेब पर रखा हुआथा। रमेश घर से कुछ देरी पर ही निकले थे कि मोबाइल गर्म होकर फट गया। अचानक ब्लास्ट के बाद रमेश की जेब में आग लग गई। वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पानी से बुझाया और बड़ा हादसा होते-होते टल गया। ब्लास्ट तेज नहीं होने से रमेश को ज्यादा चोट नहीं आई।



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अपना जला हुआ मोबाइल दिखाते हुए रमेश ने कहा- जेब से एक आवाज आई और शर्ट में आग लग गई।




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प्लाज्मा थैरेपी से प्रदेश में पहली बार दो मरीज ठीक हुए, आईडीए अफसर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर स्वस्थ होकर घर लौटे

आईडीए के असिस्टेंट इंजीनियर कपिल भल्ला और एक अन्य मरीज प्रियल जैन प्लाज्मा थैरेपी के जरिये कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक होकर बुधवार को घर लौट गए। ये दोनों उन मरीजों में शामिल थे, जिन्हें अरबिंदो अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी दी गई थी। दोनों ने भास्कर से साझा किए अपने अनुभव...

‘‘मेरी ड्यूटी क्वारेंटाइन सेंटर पर थी। 10 अप्रैल को बुखार आने के बाद जांच की। 16 को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जब अस्पताल में भर्ती किया, तब मेरा ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था। रिकवरी धीमी देख मुझे डॉक्टरों ने बताया कि आपके लिए प्लाज्मा थैरेपी प्लान कर रहे हैं। मैंने सहमति दी तो 26 अप्रैल को मुझे व दो अन्य को ये थैरेपी दी गई। उस दिन तक मेरी स्थिति में कोई सुधार नहीं था, लेकिन थैरेपी के बाद 29 अप्रैल को चमत्कारिक बदलाव नजर आया। डॉक्टर्स ने मेरी ऑक्सीजन हटा दी। इसके बाद कई तरह की जांच करवाई, सब नॉर्मल आई। आज मुझे व पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया। मैंने भी प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जताई है। डॉक्टर्स इसके लिए 14 दिन बाद संपर्क करेंगे।’’ -कपिल भल्ला (प्लाज्मा थैरेपी से ठीक होने वाले)

डॉक्टर बोले थे- यह प्रामाणिक इलाज नहीं

‘‘एक्स रे में पता लगा कि मेरे लंग्स 60% तक डैमेज हो चुके हैं तो प्लाज्मा थैरेपी प्लान हुई। डॉक्टरों ने बता दिया था कि यह प्रामाणिक इलाज नहीं है, लेकिन इसे कई शहरों में ट्राय किया जा रहा है। पिताजी और पारिवारिक डॉक्टर से सलाह लेकर तय किया कि मैं इस थैरेपी को आजमाऊंगी। अब पूरी तरह ठीक हूं।’’ -प्रियल जैन, सॉफ्टवेयर इंजी. (प्लाज्मा थैरेपी से ठीक हुई)

जो गंभीर थे वह घर जा रहे

‘‘जो कभी बहुत गंभीर थे, वह घर जा रहे हैं, इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है। ऐसे कई लोग मुझसे प्लाज्मा देने की बात कहते हैं।’’-डॉ. इजहार मुंशी, प्लाज्मा डोनर

आईसीएमआर ने भी दी प्लाज्मा की अनुमति
इसी बीच, आईसीएमआर से एमजीएम को प्लाज्मा थैरेपी की मंजूरी मिल गई है, पर एंटी बॉडी उन्हीं से लेना है, जिन्हें ठीक हुए 14 दिन हो गए हैं।



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Two patients recovering for the first time in the state due to plasma therapy, IDA officer and software engineer returned home healthy




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पति ने टीआई को फोन किया- पत्नी 9 माह से गर्भवती है, आज उसका बर्थडे कैसे मनाऊं; पुलिस केक, सैनिटाइजर और नैपकिन लेकर पहुंची

एक अनजान नंबर से युवक ने फोन लगाकर टीआई को बोला कि आज उसकी पत्नी का जन्मदिन है। उसे 9 माह का गर्भ है, लेकिन कहीं नहीं जा सकते। क्या करना चाहिए। कुछ देर बाद पुलिस केक, सैनिटाइजर और नैपकिन लेकर पहुंच गई। यह देख दंपति चौंक गए।

राऊ टीआई दिनेश वर्मा को बुधवार काे रंजीत सिंह का नामक युवक का फोन आया। बोला कि मैं आपके थाना क्षेत्र के पास का हूं। एक विनती करना चाहता हूं, शादी को एक साल हुए हैं, लेकिन पत्नी अरुणा का यह बर्थडे लॉकडाउन में नहीं मन पा रहा है। कहीं भी केक का इंतजाम नहीं हुआ है। वह किशनगंज थाना क्षेत्र के आयुष्मान अपार्टमेंट में रहता है। पुलिस कुछ मदद कर सकती है क्या। इस पर टीआई एसआई, अनिला पाराशर के साथकेक लेकर पहुंच गए। कॉलोनी के गेट पर महिला को बुलाकर उसका बर्थडे मनाया। यह देख दंपत्ति चौंक गए। बोले कि सच में पुलिस ग्रेट है।



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कॉलोनी के गेट पर पुलिस ने गर्भवती महिला का बर्थडे मनाया। कॉलोनी के लोगों ने पुलिसवालों के सम्मान में ताली बजाई और शुक्रिया कहा।




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हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी को जिंदा पकड़ने वाले शाजापुर के जवान संजय के पिता बोले- बेटा शेर है, दुश्मनों से नहीं डरता

(नितिन राजावत).हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करने वाले मोस्ट वांटेड आतंकी तनवीर अहमद को भारतीय सेना ने मंगलवार को जिंदा पकड़ लिया। उत्तरी कश्मीर में कार्रवाई करने वाली भारती सेना के दल में शाजापुर के संजय गुर्जर भी शामिल थे। संजय ने कक्षा 9 से ही फौज ज्वाॅइन करने की ठान ली थी। इसके लिए उसने पढ़ाई के दौरान कबड्डी और एथलेटिक्स को आधार बनाकर सेना में भर्ती होने का रास्ता बना लिया। मंगलवार को जैसे ही उसके साहस की कहानी सामने आई तो पहले फौज में जाने से मना करने वाले पिता भी कह उठे कि मेरा बैठा शेर है, दुश्मनों को नानी याद दिला देगा।


आतंकी के पकड़े जाने की खबर के साथ संजय के वीरता की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। संजय शाजापुर जिले के लोडाखेड़ी गांव का रहने वाला है। शाजापुर के उत्कृष्ट स्कूल से 2017 में कक्षा 12 पासआउट कर फौज में भर्ती हो गया। स्कूल के शिक्षक बीएस कराड़ा बताते हैं कि संजय शुरू से ही अनुशासित रहा। किसी भी काम को करने की ठान ले तो उसे करके ही दम लेता था।

रात मेंसंजय से फोन पर बात करते माता-पिता।

हकीकत जानने लोड़ाखेड़ी पहुंचा भास्कर

भारती सेना की कार्रवाई में शामिल संजय की आतंकी को घुटनों पर टिकाए एक फोटो सोशल मीडिया पर मंगलवार देर शाम से वायरल होना शुरू हो गई। इस पोस्ट में संजय शाजापुर जिले का बताया जा रहा था। इसकी हकीकत जानने के लिए भास्कर ने पड़ताल शुरू कर दी। कोतवाली टीआई अजीत तिवारी की मदद से भास्कर संवाददाता संजय के घर शहर से 14 किमी दूर ग्राम लोड़ाखेड़ी पहुंचे।


खबर सुनते ही सहम गई मां, बोली- कल्लू तो ठीक है...
संजय के पिता बाबूलाल गुर्जर और उसकी मां ही घर में अकेली थी। पिता से तो संजय ने फोन पर बात कर ली थी, पर उसने कार्रवाई की कोई भी बात नहीं बताई। भास्कर से अपने बेटे का कारनामा सुनने के बाद मां गीता बाई सहम गईं। उनके पैर भी नहीं हिल पाए और वहीं जमीन पर ही बैठ गईं। उनके मुंह से बस यह आवाज निकली की संजय (कल्लू) के तो नी लागी। इधर, फौज में जाने से मना करने वाले पिता कह उठे कि मेरा बेटा शेर है, दुश्मनों को नानी याद दिला देगा। संजय के चचेरे भाई नारायणसिंह ने बताया कि छुट्टियों में गांव लौटने के बाद भी वह घर पर भी चैन से नहीं रहता। गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करने के साथ फिजिकल ट्रेनिंग भी देता रहता है। नारायणसिंह ने बताया कि गांव में गुर्जर समाज के एक अन्य युवा राकेश गुर्जर भी फौज में शामिल है।



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आतंकी अतीक अहमद को घुटनों पर टिकाते हुए संजय गुर्जर।




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काम नहीं तो वेतन नहीं…के आधार पर मालिक काट सकेंगे कर्मचारियों की तनख्वाह, श्रम विभाग ने आदेश जारी किया

करोनावायरस के चलते जारी लंबे लॉकडाउन ने आम आदमी की आर्थिक स्थिति पहले ही खराब कर दी है और अब मप्र श्रम विभाग के एक आदेश से श्रमिकों और कर्मचारियों की परेशानी और अधिक बढ़ने वाली है। श्रम विभाग ने एक आदेश जारी कर अनुमति प्राप्त उद्योगों और कारखानों के मालिकों से यह कहा है कि यदि उनके बुलाने के बावजूद कोई कर्मचारी प्रारंभ हुए कारखाने में नहीं आता है तो उसका वेतन काटा जा सकता है। गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च 2020 को जारी आदेश में लॉकडाउन के दौरान किसी भी कर्मचारी व श्रमिकों के वेतन में कोई भी कटौती नहीं किए जाने के आदेश दिए थे।

इंदौर स्थित मप्र श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मप्र के सभी जिलों में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। मप्र श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा 23 मार्च 2020 को जारी परिपत्र में यह निर्देशित किया गया था कि लॉकडाउन के दौरान बंद रहने वाले कारखानों, दुकानों एवं वाणिज्यिक संस्थानों के कर्मकारों, कर्मचारियों के वेतन और अन्य वैधानिक आय में किसी तरह की कटौती नहीं की जाए। इसके बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी 29 मार्च 2020 को आदेश जारी कर लॉकडाउन के दौरान किसी भी कर्मचारी व श्रमिकों के वेतन में कोई भी कटौती नहीं किए जाने के आदेश दिए थे।

श्रमायुक्त द्वारा जारी ताजे आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में कई कारखानों, दुकानों और वाणिज्यिक संस्थानों को सुरक्षा उपायों के साथ चालू किया गया है। कई औद्योगित एवं व्यापारिक संगठनों द्वारा श्रमायुक्त को शिकायत की गई है कि शासन के निर्देश से प्रारंभ किए गए कारखानों एवं अन्य संस्थाओं में कार्य करने वाले कर्मचारी प्रबंधन के बुलाने के बावजूद काम पर नहीं आ रहे है। आदेश में श्रमायुक्त द्वारा श्रम संगठनों एवं श्रमिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने कार्य पर लौटे अन्यथा प्रबंधन उनके वेतन में कटौती करने के लिए स्वतंत्र रहेगा।

कारखानों में सुरक्षा के उपाय नहीं-श्रम संगठन

इंदौर श्रम संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि मप्र में प्रारंभ हुए कई कारखानों के पास श्रमिकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में श्रमिक अपनी जान जोखिम में डालकर काम पर कैसे जा सकता है। श्रम संगठनों ने श्रमायुक्त के इस आदेश का विरोध किया है।



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मप्र के श्रमायुक्त आशुतोष अवस्थी द्वारा यह आदेश जारी किया गया है।




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आईजी ने माइक थामा- किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार... किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार... गाकर लोगों का हौसला बढ़ाया

कोरोना संक्रमण के चलते उज्जैन में लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में बंद हैं। वहीं, सड़कों पर पुलिस व्यवस्थाओं को जुटाने के साथ लोगों के मनोबल बढ़ाने का काम कर रही है। ऐसे कोरोना योद्धाओं का हौसला बढ़ाने के लिए गुरुवार को उज्जैन आईजी राकेश गुप्ता मैदान में पहुंचे और गाना गाया।

आईजी और एसपी लगातार मैदान में उतरकर पुलिस जवानों का हौसला बढ़ा रहे हैं।

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार... किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार... किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार... जीना इसी का नाम है, गीत जैसे ही आईजी ने गाया, सभी उनके साथ गुनगुनाने लगे। कोरोना संक्रमण में चल रहे लॉकडाउन के बीच पुलिस दिन रात ड्यूटी कर रही है। इस दौरान जवानों का हौसला बढ़ाने पहुंचे आईजी ने माइक थामराज कपूर पर फिल्माया गया गीत गाया। बता दें कि पिछले 40 दिन से लोग अपने घरों पर रहकर लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। आईजी ने अन्य अधिकारियों के साथ गीत गाकरइस बढ़ते हुए लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की मुश्किल घड़ी में लोगों की हिम्मत को बढ़ाने का काम किया।



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आईजी राकेश गुप्ता के साथ अन्य जवानों ने भी गीत गुनगुनाया।




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मां नहीं हैं, पिता एक्सीडेंट के कारण चल नहीं पाते, 3 बच्चे तपती धूप में 5 किमी नंगे पैर पैदल चलकर राशन लेने जाते हैं

कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन जरूरी है, लेकिन इसके कारण कई लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानियांश्रमिक परिवार झेल रहे हैं। किसी के सामने खाने-पीने के लाले पड़े हैं, काेई अपने परिवार से जुदा हाेकर रह रहा है। उनकी व्यथा सुनने वाला काेई नहीं मिल रहा है। ऐसे ही तीनकहानियां हैं... जो बता रही हैं लॉकडाउन में श्रमिक परिवारोंका दर्द।

समाजसेवी द्वारा नई चप्पल दिलवाने के बाद बच्चों के चेहरे खिल उठे।

1) नंगे पांव को चप्पल मिली तो बच्चे बोले- जीवन में पहली बार एक नहीं, दो जोड़ चप्पल पहनेंगे
नंगे पैर तपती धूप में चलने वाले ये तीन बच्चे देपालपुर के हैं। इन्हें राशन लेने के लिए तपती धूप में नंगे पैर 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। बच्चे यहांयुवा नेता चिंटू वर्मा के पेट्रोल पंप पर राशन लेने आए थे। वर्मा ने उन्हें देखा और अपनी कार से राशन समेत घर तक पहुंचवाया। पता चला कि इनकी मां की मौत हो चुकी है। एक्सीडेंट के कारण पिता चल नहीं पाते, ऐसे में बच्चे ही घर का जिम्मा संभाले हुए हैं। लाॅकडाउन में रुकी हुई रफ्तार को यही बच्चे गति देने में लगे हुए हैं। घर में राशन खत्म हुआ तो ये तपती धूप में ही राशन लेने निकल पड़े। इसकी जानकारी समाजसेवी राजेंद्र चौधरी को लगी तो उन्होंने एक दुकान खुलवाकर मासूमों के लिए 10 जोड़ी चप्पल भिजवा दी। बच्चों का कहना है कि वे जीवन में पहली बार एक नहीं, 2-2 जोड़ चप्पल पहनेंगे। उनकी छोटी-सी उम्र मे मिली बड़ी जिम्मेदारी ने तपती धूप को भी मात दे दी है।बच्चों का वीडियो और फोटो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बाइपास पर कुछ लोगों ने रोककर महिला को पानी पिलाया और थोड़ा आराम करने को कहा।

2)तपती धूप में मां का सफर, एक हाथ में मासूम और दूसरे हाथ में बैग
लॉकडाउन के दर्द की तीसरी तस्वीर भी झकझोर देने वालीहै। काम-धंधा बंद होने पर एक मां अपने बच्चे को लेकर पैदल ही तपती धूप में अपने गंतव्य की ओर निकल पड़ी। बाइपास से गुजर रही एक मजबूर मां ने बताया कि सूरत में फैक्ट्रियां बंद होने से काम धंधा बंद हो गया। ऐसे में खाने-पीने की समस्या सामने खड़ी हो गई। वहां भूखे मरने से अच्छा परिवार ने तय किया कि पैदल ही अपने गांव जाएंगे। इसके बाद परिवार के 14 सदस्यों के साथ सूरत से इलाहाबाद के लिए पैदल ही निकल आए। तपती धूप में अपने मासूम बच्चे को गोद में लिए यह मां तेजी से घर के लिए कदम आगे बढ़ारही है। एक हाथ से उसने मासूम को संभाल रखा था, जबकि दूसरे हाथ से बैग को खींचरही थी। वीडियो सामने आने के बाद नगर निगम कर्मचारियों ने इन्हें खोजा और भोजन के पैकेट दिए। इतना ही नहीं, उन्हें भोपाल की ओर जा रहे ट्रक में भी बिठाया।

3)आधा परिवार गुजरात में, आधा परिवार इंदौर में फंसा, मां का रोकर बुरा हाल
क्षेत्र के रलायता गांव के इस श्रमिक परिवार मेंसात सदस्य हैं। पिता अंबाराम मालवीय, माता सुमित्रा बाई, बेटी ज्याेत्सना (17), दुर्गा (15), मोनिका (13), मेघा (12) औरसबसे छोटा बेटा चंदन (10 साल) 2साल पहले मजदूरी के लिए गुजरात के अमरेली जिले के साजियावदर गांव में गएथे। लॉकडाउन के पहले परिवार के सबसे छोटा सदस्य चंदन बीमार हो गया। उसके इलाज के लिए माता-पिता औरसबसे छोटी बेटी मेघा इंदौर के एमवाय अस्पताल इलाज कराने आए। यहां उपचार के दाैरान चंदन काे कुछ दिन भर्ती रखा गया। इसी बीच लॉकडाउन लग गया। ऐसे मेंमाता-पिता और दोनों बच्चेवापस गुजरात नहीं पहुंच पा रहे हैं।वहां तीन नाबालिग बेटियां हैं।वे एक-दूसरे से मिलने को तरस रहे हैं। माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता यह है कि उनकी तीनों बेटियांदूर दिन-रात आंसू बहा रही हैं।तीनों बेटियों को गुजरात से लाने के लिए सभी अधिकारी को अवगत कराया गया है। अन्य प्रयास भीकिए जा रहे हैं ताकि परिवार के सभी सदस्य एक स्थान पर मिल जाएं।

गुजरात में फंसी बेटियां अपने माता-पिता के आने का इंतजार कर रहे हैं।


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राशन लेकर नंगे पैर ही तपती दोपहरी में घर की ओर चल पड़े तीनों मासूम।




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आईपीएस अधिकारी ने एमवाय अस्पताल में डोनेट किया प्लाज्मा, ड्यटी के दौरान हुए थे संक्रमित

इंदौर में भी प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना संक्रमितों का इलाजहोगा। इसकेट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुवार को एक आईपीएस अधिकारी नेथैरेपी के लिए अपना प्लाज्माडोनेट किया। अधिकारीमहू और मानपुर में ड्यूटीके दौरान संक्रमण का शिकार हो गए थे। कोरोना को हराकर वे 14 दिन पहले वापस लौटे थे। दोपहर में वेअस्पताल पहुंचे। इस प्लाज्मा कापरीक्षण औरएंटी बॉडी के लेबल का अध्ययन करने के बाद ही पीड़ितमरीजों का उपचार किया जाएगा। इस थैरेपी के लिए अभीप्रदेश में एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर और गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल को ही परमिशन मिली है।
प्लाज्मा थैरेपी से प्रदेश में पहली बार ठीक हुए दो मरीज
आईडीए के असिस्टेंट इंजीनियर कपिल भल्ला और एक अन्य मरीज प्रियल जैन प्लाज्मा थैरेपी के जरिये कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक होकर बुधवार को घर लौट गए। ये दोनों उन मरीजों में शामिल थे, जिन्हें अरबिंदो अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी दी गई थी।

प्लाज्मा थैरेपी से ठीक होने वालेकपिल भल्ला अपने परिवार के साथ।

प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जताई
प्लाज्मा थैरेपी से ठीक होने वालेकपिल भल्ला ने बताया किमेरी ड्यूटी क्वारैंटाइन सेंटर पर थी। 10 अप्रैल को बुखार आने के बाद जांच की। 16 को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जब अस्पताल में भर्ती किया, तब मेरा ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था। रिकवरी धीमी देख मुझे डॉक्टरों ने बताया कि आपके लिए प्लाज्मा थैरेपी प्लान कर रहे हैं। मैंने सहमति दी तो 26 अप्रैल को मुझे व दो अन्य को ये थैरेपी दी गई। उस दिन तक मेरी स्थिति में कोई सुधार नहीं था, लेकिन थैरेपी के बाद 29 अप्रैल को चमत्कारिक बदलाव नजर आया। डॉक्टर्स ने मेरी ऑक्सीजन हटा दी। इसके बाद कई तरह की जांच करवाई, सब नॉर्मल आई। आज मुझे व पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया। मैंने भी प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जताई है। डॉक्टर्स इसके लिए 14 दिन बाद संपर्क करेंगे।

डॉक्टर बोले थे- यह प्रामाणिक इलाज नहीं

प्लाज्मा थैरेपी से ठीक हुईसॉफ्टवेयर इंजीनियरप्रियल जैन ने बताया कि एक्स रे में पता लगा कि मेरे लंग्स 60% तक डैमेज हो चुके हैं तो प्लाज्मा थैरेपी प्लान हुई। डॉक्टरों ने बता दिया था कि यह प्रामाणिक इलाज नहीं है, लेकिन इसे कई शहरों में ट्राय किया जा रहा है। पिताजी और पारिवारिक डॉक्टर से सलाह लेकर तय किया कि मैं इस थैरेपी को आजमाऊंगी। अब पूरी तरह ठीक हूं।



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ठीक होने के 14 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट करने अस्पताल पहुंचे आईपीएस अधिकारी।




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पीथमपुर में गद्दा बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगी, 2 कंपनियों तक पहुंची, 4 घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया

धार जिले की औद्योगिक नगरी पीथमपुर में सेक्टर-3 स्थित केटी पॉलीमरगद्दा बनाने कीफैक्ट्री में गुरुवार को भीषण आग लग गई।अज्ञात कारण से लगी आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया। कुछ ही देर में आग ने पास स्थित दो अन्य फैक्ट्रियों को भी चपेट में ले लिया।इसमें कुरकुरे और चिप्स की पैकिंग का रैपर बनाने वाली सतीश प्रिंट पैक कंपनी में लगी आग से यहां रखा लाखोंकामाल जलगया। वहीं, एनबीआर कुलिंग में भी आग से नुकसान हुआ।

आग की सूचना के बाद इंदौर, पीथमपुर और कुछ प्रायवेट कंपनियों कीकरीब 13 दमकल कीगाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फायर ब्रिगेड के अनुसार आग से कितने की नुकसानी हुई है। इसका सही आंकलन अभी नहीं हो पाया है। प्रारंभिक जानकारी में लाखों रुपए की नुकसानी का अनुमान है।आग को बढ़ता देख आसपास मौजूद फैक्ट्री संचालकों को भी आगाह कर दिया गया था। लॉकडाउन के कारणफैक्ट्री में मजदूरों की संख्या काफी कम बताई जा रही है।

सबसे पहले केटी पॉलीमर कंपनी में आग लगी।

11 केवी लाइन की चपेट में आया युवक
गुरुवार काे राजाेद निवासी गाेपाल पिता रामचंद्र नायमा समीप ग्राम रामखेड़ा (रावलपाडा) में गेहूं भरने के लिए मिनी ट्रक लेकर जा रहा था। 11 केवी बिजली लाइन के तार नीचे झूल रहे थे। तार नीचे हाेने से मिनी ट्रक से टकरा गए। करंट फैलने से युवक की माैके पर ही माैत हाे गई। मिनी ट्रक के आगे का केबिन व ड्राइवर साइड का टायर भी जल गया। ग्रामीणों ने बताया 11 केवी लाइन को ऊंचा करने के लिए कई बार बिजली कार्यालय में आवेदन दिया,लेकिन काेई सुनवाई नहीं हुई।



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आग का धुआं कई किलोमीटर दूर से नजर आ रहा था। आग बुझाने 13 दमकल की गाड़ियां पहुंचीं।




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माफिया अभियान में फंसे बॉबी के बाद गुंडे युवराज उस्ताद की रासुका भी निरस्त की गई

भूमाफिया बॉबी छाबड़ा के बाद गुंडे युवराज उस्ताद की रासुका भी निरस्त कर दी गई है। माफियाओं के खिलाफ अभियान के दौरान गुंडे युवराज उस्ताद पर जिला प्रशासन ने रासुका लगाकर उसे जिले से बाहर की जेल भिजवा दिया था। उसने रासुका निरस्त कराने के लिए प्रतिवेदन पेश किया था। गृह मंत्रालय की एडवाइजरी कमेटी ने रासुका निरस्ती का आदेश ई-मेल से भेजा, लेकिन जेल विभाग तक यह नहीं पहुंचा। इस पर उस्ताद की ओर से सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर, सीमा शर्मा ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि रासुका के खिलाफ दिया प्रतिवेदन स्वीकार होने के बाद भी याचिकाकर्ता को रिहा नहीं किया जा रहा है। सिरपुरकर के मुताबिक हाई कोर्ट ने ई-मेल मिलते ही रिहा करने के आदेेश दिए। बुधवार शाम को उसे रिहा कर दिया गया।



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गृह मंत्रालय की एडवाइजरी कमेटी ने रासुका निरस्ती का आदेश ई-मेल से भेजा, लेकिन जेल विभाग तक यह नहीं पहुंचा।




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लॉकडाउन में शहर के 300 सोनोग्राफी सेंटर बंद, खतरे में गर्भवती

(सुनील सिंह बघेल).लॉकडाउन का एक और घातक असर दिखने लगा है। शहर के लगभग 300 में से ज्यादातर सोनोग्राफी केंद्र बंद पड़े हैं। जिन बड़े निजी अस्पतालों में सुविधा है तो वे सिर्फ अपने यहां भर्ती मरीजों की ही जांच कर रहे हैं। इस सबके चलते गर्भ में पल रहे सैकड़ों बच्चों और उनकी मांओं का जीवन खतरे में पड़ गया है। सोनोग्राफी नहीं होने से गर्भाशय में पानी कम होने, गले में नाल लिपट जाने जैसी कई जटिलताओं का पता ही नहीं चल पाता। ऐसे में डॉक्टर, जच्चा-बच्चा की जान खतरे में डालकर डिलीवरी करवाने को मजबूर हैं। इंदौर जिले के 150 सरकारी और निजी अस्पतालों में हर साल 70 हजार से ज्यादा प्रसव होते हैं। इसमें से आधे यानी करीब 35 हजार निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में होते हैं। गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार बार सोनोग्राफी की जरूरत होती है। सिजेरियन डिलीवरी के मामले में तो अंदरूनी हालत जानने के लिए सोनोग्राफी रिपोर्ट और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इंदौर शहर में लगभग 340 डायग्नोस्टिक सेंटर में 408 सोनोग्राफी मशीनें रजिस्टर्ड हैं। अस्पतालों और नर्सिंग होम को छोड़कर 270 से ज्यादा मशीनें छोटे डायग्नोस्टिक सेंटर के पास हैं। लॉकडाउन के चलते जिला प्रशासन ने इन सबकी अनुमति निरस्त कर रखी है। 40 हजार से लेकर एक लाख के पैकेज वाले जिन बड़े अस्पतालों में यह सुविधा है भी, वह गर्भवती को अपने यहां भर्ती करने की शर्त रख रहे हैं। ऐसे में कई परिवार ऐसे छोटे नर्सिंग होम का सहारा लेते हैं, जहां सोनोग्राफी की सुविधा नहीं है। कुछ अस्पताल रेड और यलो कैटेगरी में आ गए हैं। गर्भवती महिला को एक से दूसरे अस्पताल में भटकना पड़ रहा है। यह संक्रमण की दृष्टि से भी पेट में पल रहे बच्चे और मां दोनों के लिए बहुत खतरनाक है। फिलहाल सिर्फ एक ही निजी सोडानी डायग्नोस्टिक सेंटर को ही अनुमति है। रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन के डॉ. राजेश गुप्ता कहते हैं जो डायग्नोस्टिक सेंटर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कर सकते हैं, उन्हें तत्काल अनुमति देना चाहिए।

इतनी जरूरी है... गर्भावस्था में होती है चार सोनोग्राफी
गर्भावस्था के दौरान सामान्य तौर पर चार बार सोनोग्राफी होती है। इसमें जुड़वां, शारीरिक विसंगति, बच्चे व मस्तिष्क का विकास, हृदय की धड़कन आदि का पता लगाया जाता है। गायनेकोलॉजिस्ट पायल तिवारी कहती हैं डायबिटीज, ब्लड प्रेशर आदि से पीड़ित गर्भवती, सिजेरियन डिलीवरी के मामले में तो यह बहुत ही जरूरी हो जाती है। जान जाने का भी खतरा होता है।

जानलेवा गड़बड़ी... बच्चा पेट में और बता दिया मिस अबॉर्शन
कुछ छोटे अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट के बजाय गायनेकोलॉजिस्ट ही सोनोग्राफी तो कर रहे हैं, लेकिन वर्क लोड के चलते रिपोर्ट में घातक गलतियां भी हो रही हैं। ऐसे ही एक मामले में एमवायएच के सामने एक निजी नर्सिंग होम के डॉक्टर ने ‘मिस्ड अबॉर्शन’ की रिपोर्ट दे दी। यानी महिला का गर्भ खत्म हो चुका है। महिला ने जब रिपोर्ट अपनी डॉक्टर को दिखाई तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ, कुछ शंका हुई। डॉक्टर ने पुरानी रिपोर्ट अपने पास रखकर, दो-तीन दिन बाद फिर उसी नर्सिंग होम में भेजा। नई रिपोर्ट में महिला को 7 हफ्ते से ज्यादा का स्वस्थ गर्भ बताया गया।



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शहर के लगभग 300 में से ज्यादातर सोनोग्राफी केंद्र बंद पड़े हैं। (फाइल फोटो)




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एमवायएच में भर्ती मरीज, जेल का कैदी पॉजिटिव

एमवायएच की पांचवीं मंजिल पर वार्ड 28-29 में भर्ती मरीज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया। मरीज को तत्काल एमटीएच अस्पताल शिफ्ट किया गया। बताते हैं कि डायबिटीज के इलाज के लिए भर्ती इस मरीज को कुछ दिन पहले सर्दी हुई तो जांच करवाई गई थी। वह कुछ दिन मेडिसिन आईसीयू में भी भर्ती रहा। अब पूरे वार्ड को सैनेटाइज करवाया है। गुरुवार को ही सेंट्रल जेल का 24 वर्षिय एक कैदी भी पॉजिटिव निकला है। संक्रमण के लक्षण दिखने पर उसका 4 मई को सैंपल लिया था। इसी बीच जेल में निकला पहला पॉजिटिव कैदी 71 वर्षीय हुकुम की दोनों रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे जेल भेज दिया गया।



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डायबिटीज के इलाज के लिए भर्ती इस मरीज को कुछ दिन पहले सर्दी हुई तो जांच करवाई गई थी




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गोदामों में पड़े 100 करोड़ के एसी, कूलर, फ्रिज; शुरू हो होम डिलीवरी

तेज गर्मी में आमजन को एसी, कूलर, पंखे, फ्रिज आदि की जरूरत है। इसके लिए वे कारोबारियों, शोरूम संचालकों को फोन कर रहे हैं, लेकिन लाॅकडाउन होने से वे वस्तुएं नहीं भेज पा रहे हैं। गोदामों में 1500 से ज्यादा कारोबारियों का सौ करोड़ का माल पड़ा है। इस संबंध में इंदौर इलेक्ट्रिकल मर्चेंट एसोसिएशन, महारानी रोड व्यापारी महासंघ ने कलेक्टर मनीष सिंह को पत्र लिख गोदामों से माल निकालकर बाहर भेजने की मंजूरी मांगी है। यह भी कहा है कि कारोबारियों को ग्राहकों से फोन पर आॅर्डर लेकर उनके घर तक डिलीवरी करने की सुविधा दी जाए ताकि आर्थिक गतिविधि भी धीरे-धीरे शुरू हो सके। इससे सरकार को टैक्स मिलेगा और लोगों को भी काम मिलेगा। एसोसिएशन अध्यक्ष जितेंद्र रामनानी ने कहा यदि मई में इन वस्तुओं का कारोबार नहीं हुआ तो कई व्यापारी डिफाल्टर हो जाएंगे। इस पर कलेक्टर ने कहा- हम चरणबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। इस मामले में भी विचार करेंगे। लोगों को इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर की भी जरूरत है। प्रशासन विचार कर रहा है कि लोगों से आवेदन लेकर नंबर जारी किए जाएं। जिसे इनकी जरूरत होगी, वे भुगतान कर इनकी सेवा ले सकेंगे।

ये फैसले भी हुए

  • 30% कर्मचारियों के साथ आईटी कंपनियों को काम शुरू करने की इजाजत।
  • लोहा और स्टील व्यापारी गोदामों में रखा माल बाहर भिजवा सकते हैं।
  • सीमेंट, ईंट, गिट्‌टी आदि भी बाहर से बुलाने और भेजने की अनुमति। पेज 3 भी पढ़ें


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फाइल फोटो




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कोरोना को हराकर घर लौटे 2 माह के स्वराज की यह स्माइल

(प्रणय चौहान).दो माह के स्वराज ने कोरोना को हरा दिया। बुधवार को मां के जन्मदिन पर वह डिस्चार्ज होकर घर लौटा तो परिवार की खुशियां दोगुना हो गई। मधुबन कॉलोनी निवासी स्वराज के पिता सौरभ तिवारी बताते हैं कि पिछले महीने 57 वर्षीय पड़ोसी की मौत हो गई थी। कुछ दिन बाद उनकी 70 वर्षीय मां ने भी दम तोड़ दिया। इसी दौरान कॉलोनी के 9 लोग पॉजिटिव हो गए। फिर हमने पूरे परिवार का सैंपल दिया। पिता व बहन पॉजिटिव निकले। 29 को स्वराज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 1 मई को बेटे व पत्नी को चोइथराम में भर्ती कर दिया। इसी दिन उसका दूसरा सैंपल निगेटिव आया। 4 मई को तीसरा सैंपल निगेटिव आने के बाद 6 को स्वराज घर लौट आया।



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29 को स्वराज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 1 मई को बेटे व पत्नी को चोइथराम में भर्ती कर दिया। इसी दिन उसका दूसरा सैंपल निगेटिव आया। 4 मई को तीसरा सैंपल निगेटिव आने के बाद 6 को स्वराज घर लौट आया।




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जिनके पास खाने के पैसे नहीं थे, वे शराब के कहां से लाए

आचार्य विद्यासागरजी महाराज ने गुरुवार को देश के नाम संदेश दिया। उन्होंने कहा- जिन लोगों के पास कुछ दिन पहले भोजन के लिए रुपए नहीं थे, उनके पास शराब खरीदने के लिए पैसे कहां से आ गए। शराब और मांस ही तो कोरोना के दोस्त हैं। ये दोनों जहां रहेंगे, वहां पर कोरोना बरकरार रहेगा। लगभग दो महीने से शराब की बिक्री बंद थी, इससे लोगों ने संयम रखा था। अब फिर से शराब की बिक्री शुरू हो गई है। ऐसे में हालात सुधारना मुश्किल हो जाएगा। संघस्थ ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि सांवेर रोड स्थित तीर्थोदय तीर्थ में ठहरे आचार्यश्री ने गुरुवार को 46 दिन बाद संबोधित किया। उन्होंने कहा- सरकार कह रही है कि इससे अर्थव्यवस्था सुधरेगी। सही दिशा में काम करने से भी देश की अर्थव्यवस्था का संचालन किया जा सकता है। इसके लिए इस समय शराब की दुकान खोलने की जरूरत नहीं है। इससे तो और अधिक लोगों का दिमाग खराब होगा, तबीयत खराब होगी। एक ओर तो आप लोग दिन-रात चिकित्सक और पुलिस को लगाकर जनता को बचाने में जुटे हो, वहीं दूसरी ओर शराब पिलाकर मारने का काम कर रहे हो।



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आचार्य विद्यासागरजी महाराज ने गुरुवार को देश के नाम संदेश दिया। उन्होंने कहा- जिन लोगों के पास कुछ दिन पहले भोजन के लिए रुपए नहीं थे, उनके पास शराब खरीदने के लिए पैसे कहां से आ गए।




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लॉकडाउन के दौरान जीएसटी रिटर्न की तारीखों में बदलाव

लॉकडाउन के दौरान जीएसटी रिटर्न की तारीखों में बदलाव हो गया है। डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारी को जीएसटीआर 3 बी रिटर्न बिना विलंब शुल्क व ब्याज के भरने की तारीख फरवरी के लिए 30 जून, मार्च के लिए 3 जुलाई, अप्रैल के लिए 6 जुलाई और मई माह के लिए 12 जुलाई हो गई है। डेढ़ से पांच करोड़ तक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए यह तारीख फरवरी व मार्च माह के कारोबार के लिए 29 जून, अप्रैल के लिए 30 जून और मई माह के लिए 12 जुलाई की गई है। वरिष्ठ कर सलाहकार आरएस गोयल ने कहा कि पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायियों के फरवरी-मार्च एवं अप्रैल के जीएसटीआर 3b बिना किसी विलंब शुल्क के प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 24 जून हो गई है।

लेकिन जिन्हें टैक्स भरना है उन्हें फरवरी के कारोबार के लिए 4 अप्रैल तक, मार्च के लिए 5 मई तक, अप्रैल के लिए 4 जून तक और मई के लिए 27 जून तक रिटर्न जमा करना होगा। एेसा नहीं करने पर 0.75 फीसदी मासिक दर से ब्याज लगेगा। वित्तीय वर्ष 2018- के सालाना रिटर्न तथा जीएसटी ऑडिट की डेट 30 जून से बढ़ाकर कर 30 सितंबर 2020 कर दी गई है



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Changes in GST return dates during lockdown




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कनाेजिया परिवार पर काेराेना का कहर, हाेटल व्यवसायी की माैत के 36 घंटे के भीतर पिता भी जंग हारे, 2 सदस्य अब भी अस्पताल में

हाेटल व्यवसायी की माैत के 36 घंटे के भीतर ही शहर में गुरुवार काे इंदाैर में उपचाररत उनके पिता की भी माैत हाे गई है। काेराेना संक्रमित मरीजाें की माैत की संख्या 12 पर पहुंच गई है। इसके अलावा सुबह आई आठ रिपाेर्टों में काेराेना के दाे नए मरीज भी सामने आए हैं। इनमें एक पत्ती बाजार व दूसरा यादव माेहल्ला का है। प्रशासन ने दाेनाें ही इलाकाें में कंटेनमेंट एरिया बनाकर पूरे क्षेत्र काे सील भी कर दिया है। काेराेना संक्रमित की संख्या भी 79 हो गई है। इधर संक्रमितों के मिलने के चलते शहर में कर्फ्यू भी जारी है। प्रशासन द्वारा दूध, किराना और सब्जी आदि मुहैया कराई जा रही है।


शहर में गुरुवार सुबह मेडिकल बुलेटिन में कुल आठ लाेगाें की रिपाेर्ट आई है। इनमें छह लाेगाें की निगेटिव व दाे की पाॅजिटिव रिपाेर्ट मिली है। पाॅजिटिव रिपाेर्ट वाले दाेनाें मरीज नए इलाके के हाेने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। प्रशासन सुबह से ही यादव माेहल्ला व पत्ती बाजार एरिया में सील करने की कार्रवाई के साथ ही उनके परिजन काे क्वारेंटाइन करने की प्रक्रिया में दिनभर लगा रहा। इसी बीच बुधवार काे हाेटल व्यवसायी शशि कनाेजिया की माैत की घटना के 36 घंटे के भीतर ही गुरुवार दाेपहर 3 बजे करीब उनके पिता खूबचंद कनाेजिया की माैत भी इंदाैर में उपचार के दाैरान हाे गई। इस माैत की खबर के बाद कनाेजिया परिवार में अब तक दाे लाेगाें की माैत काेराेना से हाे गई है। वहीं परिवार के दाे सदस्य अब भी काेराेना संक्रमित हाेने के चलते इंदाैर में उपचाररत हैं।

आवाजाही बंद

बंडा बस्ती से भगाेरा जाने वाले मार्ग पर महू-सनावद मीटर गेज सेक्शन ट्रेन की आवाजाही के लिए लगाया रेलवे फाटक भी दिनभर बंद रहता है। इसके चलते यहां गांव से आने वाले दूध वाहनाें काे भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणाें ने बताया दूध वाहन काे लेकर उन्हें 5 किमी का लंबा चक्कर लगाकर महू आना पड़ रहा है। इसमें समय भी लग रहा है। इससे दूध वितरण प्रक्रिया शुरू करने में भी देरी हाे रही है।



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Karenna's havoc on Kangeya family, father lost battle within 36 hours of the death of a hotelier, 2 members still in hospital




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गाैतमपुरा मंडी में गेहूं खरीदी की शुरुआत, 13 ट्राॅली गेहूं बिका

जिला प्रशासन के आदेशानुसार स्थानीय कृषि उपज मंडी में सभी सुरक्षा मापदंडों व सोशल डिस्टेसिंग के साथ गेहूं नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई।


यहां आसपास के किसानों द्वारा 13 ट्रॉली गेहूं नीलामी के लिए लाया गया। जाे किस्म के अनुसार 1750 से लेकर 1930 रु. क्विंटल तक बिके। मंडी सचिव मदनसिंग अखाड़े के अनुसार किसान अपनी उपज मंडी में लाने के एक दिन पहले मंडी में एक बार संपर्क कर लें। उन्हाेंने किसानों, मंडी कर्मचारियों, व्यपारियों व हम्मालों को सभी सुरक्षा मापदंडों व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सुचारू रूप से नीलामी करवाने का आश्वासन दिया।



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Wheat procurement begins in Gaitampura mandi, 13 trolley wheat sold