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जिला सहकारी बैंक के पेंशनधारियों ने सरकारी सहायता की मांग की

केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने लाॅकडाउन में किसानों, गरीब मजदूरों, निराश्रित एवं जनधन खातों में आर्थिक सहयोग कर संबंधित के खाते में राशि भेजी जा रही है। नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण भी किया जा रहा है। परंतु जिला सहकारी बैंक के पेंशनधारी कर्मचारियों को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला है। सहकारी बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारी जवाहरलाल गेंदालाल जैन ने बताया पेंशनधारियों को मिलने वाली मासिक पेंशन 1000 से 2500 मिल रही है। मैंने 33 वर्ष तक सहकारी बैंक में सेवा दी है। 8 वर्ष रिटायरमेंट को पूरे हो गए है। 1800 रु. मुझे पेंशन मिलती है। जिससे गुजर-बसर कर पाना बहुत ही मुश्किल है। सरकार से सहकारी बैंक के पेंशनधारी को भी आर्थिक सहायता देने की मांग की है।



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दुकान खोलकर सामान बेच रहा था, 2 हजार का लगाया जुर्माना

कर्फ्यू के दौरान दुकानदार दुकानें खोलकर लोगों को सामान सप्लाय कर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। रविवार को किराना व्यवसाय करते पाए जाने पर जोबट के किराना व्यापारी रमेश चंद्र चैन को राजस्व नगर पंचायत अमले ने 2000 का चालान काटकर दंंडित किया। तहसीलदार कैलाश सस्तीया ने बताया कि उक्त व्यापारी को पूर्व में भी राजस्व अमले ने तीन-चार बार चेतावनी दी थी। लेकिन उसके बाद भी व्यापारी द्वारा लाॅकडाउन का पालन नहीं करते हुए दुकान खोलकर सामान विक्रय करते हुए पाया गया, इसके बाद अमले ने जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की।



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Opening shop, selling goods, fined 2 thousand




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संक्रमण के दौर में भी लोकप्रियता भुनाने में लगे हैं सीएम : विधायक

संक्रमण के दौर में प्रदेश का हर व्यक्ति परेशानियों से जूझने के बावजूद भी लाॅकडाउन के दौरान शासन प्रशासन के हर दिशा निर्देश का पालन कर रहा है। जिससे प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिली है। वहीं कोरोना के खिलाफ योद्वा के रूप में डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी रात दिन जुटे हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कोरोना वायरस संक्रमण के इस मुश्किल दौर में भी अपना प्रचार व लोकप्रियता को भुनाने में लगे हैं। जबकि ऐसे समय में गरीब और असहाय लोगों की मदद की सख्त दरकार है।


ये बातें विधायक मुकेश पटेल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने बताया कि गत कुछ दिनों से आयुष विभाग मध्यप्रदेश द्वारा त्रिकुट चूर्ण काढ़ा के पैकेट का वितरण किया जा रहा है।इसमें घटक, उपयोग, उपयोग विधि सहित मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का चित्र अंकित है। वहीं कई पैकेट में बैच क्रमांक, निर्माण व अवसान तिथि भी अंकितनहीं है।



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पेट्रोल पंप पर न सोशल डिस्टेंसिंग और न ही मास्क पहनकर आ रहे लोग

थांदला-मेघनगर मुख्य मार्ग पर ग्राम नाैगांवा स्थित जैन ऑटोमोबाइल पेट्रोल पंप पर कलेक्टर के आदेश की अवहेलना कर लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा।कोरोना वायरस के चलते शासन-प्रशासन के निर्देश हैं कि पेट्रोल भरवाने आने पर मास्क पहनना व सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी है, लेकिन यहां इन दोनों ही निर्देशों का पालन नहीं हो रहा। इतना ही नहीं पेट्रोल भरने वाले कर्मचारी भी मास्क नहीं पहन रहे और ना ही पेट्रोल लेने आने वालों को समझाइश दे रहे हैं।


रविवार को थांदला रोड निवासी जितेंद्र पाल ने पेट्रोल पंप पहुंचकर कर्मचारी को मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करवाने का कहा तो कर्मचारी उनसे ही उलझ गया। हालांकि पाल समझाइश देकर चले गए। पेट्रोल की मिली छूट के दौरान अगर पंप के कर्मचारी ही नियमों का पालन नहीं करेंगे तो पेट्रोल लेने आने वालों से कैसे पालन कराएंगे।



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किसान के साथ हुई मारपीट के विरोध में युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अनशन पर बैठे

युवाकांग्रेस के प्रदेश सचिव परितोष सिंह राठौड़ पिछले 8 वर्ष से श्योपुर में रह रहे हैं। पिछले महीने अपने गृह गांव काछीबड़ौदा आए थे। लाॅकडाउन में यहीं फंसने से गेहूं खरीदी केंद्र पर किसान के साथ तहसीलदार द्वारा मारपीट करने के विराेध में काछीबड़ौदा में शनिवार सुबह 9 बजे से अनशन पर बैठ गए हैं। किसान से मारपीट करने वाले तहसीलदार को सस्पेंड करने की मांग कर रहे है। परितोष सिंह राठौर ने बताया पिछले दिनों गेहूं उपार्जन केंद्र सलमान्या साइलो पर उपज लेकर गए किसान रमेश माली को प्रबंधक ने क्वालिटी अच्छी नहीं होना बताकर गेहूं का नमूना फेल कर दिया था। किसान को अपनी उपज वापस घर पर ले जाने के लिए कहा था। जिस पर कई किसानों ने केंद्र पर हंगामा किया था। हंगामे की सूचना तहसीलदार शिवराज मीणा को दी थी। तहसीलदार ने मंडला के किसान रमेश माली के साथ मारपीट की है। जिसके कारण उसके हाथ में चोट आई थी। घटना को लेकर किसानों में आक्रोश बढ़ने पर कलेक्टर ने तहसीलदार को तुरंत वहां से हटा दिया। राठौड़ इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। जहां तक तहसीलदार को सस्पेंड नहीं किया जाता वहां तक अनशन पर बैठे रहने की बात कही।



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State Secretary of Youth Congress sat on hunger strike in protest against the fight with farmer




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मंदिर में हुई शादी, आधे घंटे में रस्म पूरी कर पीठाधीश्वर व महंताें ने किया कन्यादान

मांडू थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक की बेटी की शादी रविवार काे चतुर्भुज श्रीराम मंदिर में हुई। लॉकडाउन के चलते बिना बैंड-बाजे और घोड़ी के आधे घंटे में रस्म पूरी कर दुल्हन काे विदाई दी गई। पीठाधीश्वर और महंताें ने कन्यादान किया। दूल्हे के साथ चंद बाराती ही पहुंचे थे। दूल्हा-दुल्हन दोनों के साथ सभी ने मास्क लगा रखे थे। आधे घंटे में शादी हुई और दूल्हा अपनी दुल्हन को लेकर घर रवाना हो गया।


धार निवासी व मांडू में पदस्थ प्रआ सखाराम आवासिया ने बेटी दीपिका की शादी मनावर तहसील के बड़गांव के रवींद्र पिता रेवाशंकर सोलंकी से तय की थी। दोनों परिवार की रजामंदी से 3 मई 2020 को शादी की तारीख तय हुई थी। पत्रिकाएं बंट गई थी। शासन के नियमों के तहत परमिशन लेकर मंदिर में विवाह किया। थाना प्रभारी करणसिंह परमार, सीएमओसंजय कानूनगो आशीर्वाद देने पहुंचे। दुल्हन के पिता सखाराम और दूल्हे के पिता रेवाशंकर ने बताया खुशी है कि विपरीत परिस्थितियों में भी उनका घर बस गया। नर्स की ट्रेनिंग कर रही दुल्हन दीपिका ने बताया सोचा भी नहीं था कि मंदिर में हमारी शादी हाेगी। पीठाधीश्वर डाॅ. नरसिंहदासजी, महंत त्रिलोकीदासजी ने बताया ऐसा अनोखा विवाह मंदिर में पहली बार हुआ है। केवल परंपरा निभाई गई।



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The wedding took place in the temple, the ritual was completed in half an hour and the Pithaadhishwar and Mahanta performed Kanyadaan




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बोरियां रखने की जगह नहीं, ताैल करने में भी आ रही है समस्या

आदिम जाति सेवा समिति मर्यादित अमझेरा में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी जारी है। प्रतिदिन आसपास के करीब 12 गांव के किसान ट्रैक्टर-ट्राॅली में गेहूं भरकर सोसायटी ला रहे हैं। दो हजार बोरी गेहूं की रोजाना आवक हो रही है। परिवहन मात्र 400 बोरी का हो रहा है।प्रभारी राजेंद्र सिंह राठौर ने बताया गेहूं की आवक बढ़ने से सोसायटी परिसर भर चुका है। अब बोरियां रखने की जगह नहीं हाेने से अनाज खुले में पड़ा है।


बे मौसम बरसात होती है तो गेहूं खराब होने का अंदेशा बना रहता है। कई किसानों के ट्रैक्टर-ट्राॅली मार्ग के आजू-बाजू तथा पानी की टंकी के पास कतार में खड़े हैं। गेहूं नहीं उठने से ताैल करने में भी समस्या आ रही है। राठौर ने प्रशासन से परिवहन की गति बढ़ाने की मांग की है। ताकि आने वाले किसानाें का गेहूं का समय पर ताैल हाे सके।



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Not having a place to store the sacks, but also having a problem




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स्वर्णकार समाज ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

कोरोना से मुक्ति के लिए मध्यप्रदेश स्वर्णकार समाज ने 2 मई की शाम भोपाल में मारवाड़ी रोड स्थित बांके बिहारी मंदिर पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान स्थानीय समाजजन ने भी अपने-अपने घर में इसी समय हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ किए। समाजजन ने ईष्ट देव हनुमानजी के चित्र को रखकर पाठ किए। इस दौरान सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। समाज के प्रदेश अध्यक्ष राजेश वर्मा सोनी के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में करीब 51 हजार सदस्यों ने एक साथ पाठ कर कोरोनासे मुक्ति के लिए प्रार्थना की।



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Swarnakar Samaj recited Hanuman Chalisa




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नगर परिषद करवा रही राणासागर तालाब की सफाई

लॉकडाउन में नगर परिषद ने राणासागर तालाब से कचरा निकालना शुरू किया है। नप अध्यक्ष सुनीता गोविंद अजनार और सीएमओ विनोद कुमार बारचे के निर्देश पर सफाई दरोगा पहाड़िया भूरिया, शांतिलाल शर्मा और सईद मकरानी की निगरानी में नगर परिषद के पूरे सफाई अमले को राणासागर तालाब की सफाई में लगाकर तालाब से अपशिष्ठ पदार्थ निकलवाए जा रहे हैं। इन्हें निकालकर ट्रैक्टर ट्राॅली में भरवाकर ट्रेंचिंग ग्राउंड में डलवाया गया। सीएमओ बारचे ने बताया स्वच्छता को लेकर नगर परिषद कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। अभियान सतत जारी रहेगा।



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The city council is cleaning the Ranasagar pond




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बसों का किराया नहीं मिला तो मजदूरों को उतारा

गुजरात से मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। शनिवार के मुकाबले इनकी संख्या कम जरूर हुई, लेकिन परेशानियां नहीं। लगभग 200 मजदूरों को सीधी जिले में ले जाने के लिए 5-6 बसों में बिठाया गया। लेकिन बस वालों ने उन्हें उतार दिया। पता चला, बसों के किराए के भुगतान का चैक नहीं मिलने से संचालकों ने बस ले जाने से इंकार कर दिया, ये लोग बसों से उतरकर कई घंटे तक इंतजार करते रहे। शाम को उनके जाने की व्यवस्था हो सकी। एसडीएम अभयसिंह खराड़ी ने बताया, सतना से आई बसों में बिठाकर रवाना किया गया। एसडीएम ने इंकार करने वाली कुछ बसों को पिटोल चौकी में खड़ा करवा दिया।


सारी गफलत अफसरों के बीच तालमेल नहीं होने से के कारण हुई। एसडीएम यहां से डीजल की पर्चियां दे रहे थे। इन बसों को भी मिली। लेकिन बस वालों का कहना था, 200 से 300 लीटर डीजल की पर्ची मिलती है। सीधी तक या किसी दूसरी जगह तक जाकर आने में काफी पैसा लगता है। ये डीजल एक तरफ ही पूरा हो जाता है। लौटने के लिए पैसा नहीं है। ड्रायवर और दूसरे स्टाफ के लिए भी पैसा नहीं है। ऐसे में कम से कम किराया भुगतान तो समय पर हो जाए। लेकिन बस संचालकों के इंकार के कारण कई लोग परेशान होते रहे। एसडीएम ने आरोप लगाया कि यहां बस वाले काफी गड़बड़ कर रहे हैं। अगर कोई बस सतना से आई है तो उसे खाली जाने की देने की बजाय, उसमें सवारियां बिठाकर रवाना किया जाए। लेकिन बस वाले बैठने नहीं दे रहे। ये भी पता चला है कि बसों में कम सवारियां बिठाकर आगे जाकर ज्यादा बसों की सवारी एक में बिठाकर पैसा बचा रहे हैं।


यूपी वालों का हल नहीं, गुजरात लौटाना शुरू
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से आए मजदूरों को रविवार को भी प्रवेश नहीं दिया गया। सैकड़ों लोग पहाड़ों और जंगलों के रास्ते पैदल यहां तक पहुंच गए। लेकिन उन्हें आगे जाने का साधन नहीं मिल रहा। कई लोगों को शनिवार रात से गुजरात के कतवारा और खंगेला चैकपोस्ट से वापस गुजरात के उनके शहरों में लौटा दिया गया।


कोई व्यवस्था नहीं हैं
दो दिनों से बॉर्डर पर फंसे रामलखन ने कहा, जैसे ही हम बताते हैं, उत्तर प्रदेश से हैं तो सब बोलते हैं, यूपी वालों के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं। हम 7 लोग 2 दिन से परेशान हो रहे हैं। लग रहा है, जिस जगह राम-कृष्ण पैदा हुए, उस प्रदेश में हमने पैदा होकर गलती कर दी क्या।



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If the fare of the buses is not received then the laborers are off




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झाड़ू लगाने का बाेला ताे घर में घुसकर पीटा

मनावर थाने के गांव लुन्हेरा में शनिवार रात दाे भाइयों ने एक व्यक्ति काे पीट दिया। पुलिस ने बताया फरियादी गलसिंह ने आराेपी सीताराम काे घर के सामने गेट पर झाड़ू लगाने का बाेला था। इससे गुस्साए सीताराम ने अपने भाई गंगाराम के साथ मिलकर गलसिंह काे उसके घर में घुसकर पीट दिया। पुलिस ने दाेनाें भाइयों पर केस दर्ज किया है।



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टेम्पो से उप्र जा रहा था परिवार, खाने की नहीं थी व्यवस्था, समाजसेवी ने खिलाया

लॉकडाउन में मजदूरों को अन्य राज्यों से अपने राज्यों की ओर जाना लगातार जारी है। ऐसा ही एक परिवार टेम्पो में सवार होकर जा रहा था। करड़ावद में कुछ देर रुका तो उनकी स्थिति देख एक समाजसेवी ने उनके लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की। दरअसल, मुंबई से एक टेम्पो में एक परिवार इटावा (उत्तरप्रदेश) जा रहा था। जिले की सीमा से जैसे-तैसे वे लोग आगे बढ़े। पूरा परिवार भूख के कारण परेशान था। शाम को करड़ावद स्थित नयानगर में समाजसेवी भगवतीप्रसाद जायसवाल ने उनसे चर्चा की। इस पर रामवीर यादव ने बताया मेरा 10 वर्षीय बच्चा लकवाग्रस्त है। छोटे भाई की पत्नी गर्भवती है। काम बंद हुए तो इन्हें लेकर अपने गांव जा रहा हूं। टेम्पो में गर्भवती को बैठते नहीं बन रहा, लेकिन मजबूरी है इसलिए निकलना पड़ा। उन्होंने रास्ते में आई सभी परेशानी बताई। इसके बाद भगवतीप्रसाद ने पूरे परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था की। इसके बाद उन्हें रास्ते के लिए भी भोजन पैक करके दिया।



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The family was going through the tempo, there was no arrangement for food, the social worker fed




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बैंक मित्र के माध्यम से गांव जाकर बंटवा सकते हैं राशि

मांडू के उंडा खाे के कालीघाटी निवासी दाे बुजुर्ग जनधन के खाताें में जमा 500 रु. निकालने के लिए नंगे पैर पहाड़ चढ़कर कियाेस्क सेंटर पहुंचे थे। 6 घंटे में 1500 फीट ऊंचा पहाड़ चढ़ने वाले बुजुर्गाें काे लेकर जिला आयोग मित्र जयेश राजपुरोहित ने मप्र मानवाधिकार आयोग भोपाल को अवगत कराया है। इसमें बताया कि ऐसे दुर्गम इलाकों में कोरोना संकट के दौरान बैंक मित्र के माध्यम से जनधन की राशि निकाल कर दी जा सकती है। मामले में कार्रवाई की मांग की।



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रविवार को बंद रखना थी फिर भी व्यापारियों ने खोली दुकानें, थाना प्रभारी ने कराई बंद

नए आदेश में कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 8 से 2 बजे तक चिह्नित सामग्री की दुकानें खोलने के आदेश दिए थे। जबकि रविवार को पूर्ण अवकाश रखने का आदेश था। बावजूद इसके यहां रविवार सुबह आम दिनों की तरह दुकानें खुल गई। दुकानदार लोगों को सामान दे रहे थे। थाना प्रभारी अशफाक खान को जब इसकी सूचना लगी तो उन्होंने बाजार में सख्ती से दुकानें बंद करवाई और लोगों को अपने घरों की ओर जाने का कहा। इसके बाद भी इक्का-दुक्का दुकानदार अपनी दुकानें खोलकर सामान दे रहे थे।

तहसीलदार ओहरिया ने सात दुकानों को किया सील
रामा विकासखंड के ग्राम खरड़ू में तहसीलदार ने सात दुकानों काे सील किया। रविवार को दुकानें बंद रखने के आदेश के बाद भी दुकानदार सामग्री दे रहे थे। इसके चलते तहसीलदार प्रवीण ओहरिया ने सात दुकानों को सील किया। ओहरिया ने बताया कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन कर खरड़ू में सात किराना व्यापारी दुकान का संचालन कर रहे थे।



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Shops were closed on Sunday, traders opened shops, station in-charge closed




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रतलाम की सीमा पर 24 घंटे निगरानी, स्क्रीनिंग के बाद जिले में मिल रहा प्रवेश

झाबुआ जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम भाबरापाड़ा में रतलाम जिले की सीमा पर 24 घंटे निगरानी की जा रही है। यहां पर हर आने-जाने वाले लोगोंपर नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पुलिस जवान व कोटवार यहां ड्यूटी दे रहे हैं। रतलाम जिले से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। साथ ही अनुमति देखकर ही उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम स्क्रीनिंग के बाद स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र दे रही है। टीम के सदस्यों ने बताया रोजाना 300 लोग आ रहे हैं।



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24-hour surveillance on the border of Ratlam, getting admission in the district after screening




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काेराेना महामारी के बीच घर बैठे युवा और बच्चे बना रहे हैं संदेशात्मक पेटिंग

काेराेना महामारी के बीच घर बैठे युवा और बच्चे संदेशात्मक पेटिंग बना रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार काे दाे छात्राें ने पेटिंग बनाकर संदेश दिया है। सिल्वर हिल काॅलाेनी निवासी कक्षा 12वीं के छात्र शिवम जाेशी ने पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी व चिकित्सकाें काे काेराेना वाॅरियर्स बताया। साथ ही आराेग्य सेतु की अनिवार्यता भी बताई। इसी तरह ओंकार नगर निवासी अर्थव राठाैर ने अपनी पेटिंग के माध्यम से फिजिकल डिस्टेंसिंग और स्टे हाेम काे ही काेराेना से बचाव का उपाय बताया है।



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Youth and children are making messaging petting while sitting at home amid the Caraina epidemic.
Youth and children are making messaging petting while sitting at home amid the Caraina epidemic.




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गर्मी शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ गई है पानी की किल्लत, हैंडपंप ने भी साथ छोड़ा

गर्मी बढ़ने के साथ ही ग्रामीण अंचल में पानी की समस्या बढ़ने लगी है। गांवों में लोगों को पीने के पानी के लिए मशक्कत करना पड़ रही है। आलम यह है कि गहरे कुएं में उतरकर पानी भरने को मजबूर है। अंचल के कई गांव ऐसे हैं जहां पर पेयजल के लिए परेशानी शुरू हो गई है। जो हैंडपंप थे वो साथ छोड़ चुके हैं। गांव के बीच स्थित कुओं में भी पानी खत्म हो गया है। नल-जल योजना तो पहले ही साथ छोड़ चुकी है। ऐसे में अब ग्रामीण दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर है। जब से गर्मी बढ़ी है तब से पेयजल संकट और बढ़ गया है। कोई मोटरसाइकिल पर पानी ला रहा है तो कोई पैदल। ग्रामीण अंचल में इस तरह के नजारे आम है।

थांदला विकासखंड की ग्राम पंचायत भामल के रूपारेल फलिए में भी पानी की किल्लत बढ़ गई है। इस गांव में हैंडपंप साथ छोड़ चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है पानी के लिए हमें दिक्कत हो रही है। रहवासी गोकुल डांगी, संगीता पिता कमल डामर, करणसिंग वडखिया, सीता तोलसिंग डामर का कहना है फलिये में एक ही हैंडपंप हे जो पिछले साल से बंद पड़ा है। पंचायत को कई बार अवगत कराया, लेकिन ध्यान नहीं दिया। गर्मी फिर आ गई है, ऐसे में अब पानी के लिए मशक्कत करना पड़ रही है। ग्रामीण फलिये से दूर एक कुएं से पानी भर रहे हैं। पानी भरने के लिए इसकी मेड़ पर खड़े रहना पड़ता है। चार से पांच ग्रामीण कुएं के अंदर उतरकर एक दूसरे को पानी देते हैं तब जाकर कुएं से पानी निकल पाता है। रोजाना ग्रामीण जान जोखिम में डाल रहे हैं। पीएचई विभाग भी समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा।

20 लाख में डाली पाइप लाइन, लेकिन शुरू नहीं हुआ सप्लाय
ग्राम रूपारेल फलिये में पानी उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2018 में 20 लाख की लागत से पीएचई विभाग ने नल-जल योजना के तहत पाइप लाइन डाली थी। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी पानी नहीं मिला। ग्रामीण रमेश भाभर, दलसिंग भाभर ने बताया पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हो पाई है। यह पाइप लाइन अब 8 लेन एक्सप्रेस वे में भी जा रही है जिससे विभागीय अधिकारियों ने इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया है।


जीएस रावत, एसडीओ, पीएचईनेकहा-पानी का स्त्रोत रूपारेल में कम है। हमने ट्यूबवेल भी लगाए, लेकिन पानी नहीं निकला। पाइप लाइन 8 लेन एक्सप्रेस वे में जा रही है, इसलिए थोड़ी व्यवस्था गड़बड़ा गई है। बहुत जल्द ही पानी दिया जाएगा।



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As soon as the summer starts, there is a scarcity of water in rural areas, hand pumps also left with




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तेरापंथी परिवार के सदस्य 14 घंटे कर रहे जप, 6 मई को दीक्षा दिवस मनाएंगे

आचार्यश्री महाश्रमणजी के आशीर्वाद से अखिल भारतीय तेरापंथी महिला मंडल के निर्देश पर तेरापंथ महिला मंडल पेटलावद द्वारा कोरोना को हराना है, हर घर में जप-तप कराना है का कार्य चल रहा है। जप का महायज्ञ 1 अप्रैल से लगातार चल रहा है। इसमें सुबह 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक समस्त तेरापंथी परिवार 14 घंटे के जप कर रहे हैं। समाजजन ने बताया 15 अप्रैल से एकासन की लड़ी शुरू हुई है जो अब भी चल रही है। इसके अलावा 25 अप्रैल को तेरापंथ महिला मंडल मंत्री हेमलता जैन एवं सभी वर्षीतप आराधकों के अनुमोदनार्थ ऑनलाइन चौबीसी का आयोजन किया गया था। इसमें महिला मंडल अध्यक्ष मनीषा पटवा सहित सभी बहनों ने ऑडियो एवं वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से चौबीसी की प्रस्तुति दी थी।इसी के चलते 2 मई को आचार्यश्री महाश्रमणजी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनके जीवन प्रसंगों पर आधारित धार्मिक आयोजन किया गया। समाजजनों ने अपने-अपने घरों में रहते हुए सामायिक पचरंगी किए। 3 मई पाटोत्सव पर मौन पचरंगी मनाया। आगामी 6 मई आचार्य प्रवर के दीक्षा दिवस पर द्रव्य सीमा यानी खाद्य पदार्थों की सीमा के माध्यम से अपने गुरु का अभिवादन किया जाएगा।



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जमीन विवाद में दाे पक्षाें में लट्ठ चले, सात पर केस दर्ज

बदनावर थाने के गांव दाैत्र्या में शनिवार रात दाे पक्षाें में जमीन को लेकर विवाद हाे गया। मामला इतना बढ़ा कि दोनों पक्ष आपस में भिड़ लिए और जमकर लठ चले। पुलिस ने क्राॅस कायमी कर दाेनोंपक्षों के सात लाेगाें पर केस दर्ज किया है।पुलिस ने बताया हुकुमचंद पिता बाबूलाल ने अपनी रिपाेर्ट में लिखवाया है कि सरकारी जमीन पर ट्रैक्टर चलाने की बात पर शंकरलाल पाटीदार, मुकेश पाटीदार, केदार पाटीदार, राकेश पाटीदार ने मारपीट की। दूसरे पक्ष के शंकरलाल का आराेप है कि उसके व हुकुमचंद के खेत के बीच नाला है। आराेपी हुकुमचंद उसके खेत की तरफ से मिट्टी खाेद रहा था। शंकरलाल ने ऐसा करने से मना किया ताे हुकुमचंद ने विनाेद, जीतू के साथ मिलकर शंकरलाल काे पीट दिया। विवाद में दाेनाें तरफ से लट्ठ चले। बीच बचाव में पहले पक्ष के विनाेद, राकेश व दूसरे पक्ष के कैलाश काे चाेट आई।पुलिस ने हुकुमचंद की शिकायत पर शंकरलाल, मुकेश, केदार व राकेश पर केस दर्ज किया। वहीं शंकरलाल की शिकायत पर हुकुमचंद, विनोद व जीतू पर केस दर्ज किया।



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आजीविका मिशन की महिलाओं ने तिरला ब्लाॅक के 5 गांवाें में बनाई किट, आगे 3 ब्लॉक में शुरू करेंगी

कोराेना वाॅरियर्स काे 90 जीएसएम नानवुवल फेबरिक से बनी पीपीई किट पहनने काे मिलेगी। इसकी माेटाई अधिक है। इससे काेराेना के कीटाणु याेद्धाओं के शरीर काे छू नहीं सकेंगे। काेराेना के हमारे याेद्धा सुरक्षित रहें इसलिए मप्र ग्रामीण आजीविका मिशन ने पीपीई किट बनाना शुरू की है।


फिलहाल प्रयाेगिक ताैर पर केवल तिरला ब्लाॅक के पांच गांवाें में किट बनाने का काम किया जा रहा है। आगे निसरपुर, बदनावर, नालछा आदि ब्लाॅक में काम शुरू करने कीयाेजना है।किट की क्वालिटी काे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि 80 से अधिक जीएसएम नानवुवल फेबरिक क्वालिटी की पीपीई किट बेहतर रहती है। एनआरएलएम की प्रबंधक साैम्या जैन ने बताया फिलहाल 100 किट तैयार कर धार मंगवाई गई है। जिसे न्यूनतम कीमत में बेची जाएगी। रविवार काे यह किट पुलिसकर्मियाें के लिए डीआरपी लाइन में दी गई। मांग अनुसार किट बनवाई जा रही है।

महिलाओंने बड़वानी जिले से मंगवाया राॅ मटेरियल

तिरला समूह के विकासखंड प्रबंधक राकेशसिंह ताेमर ने बताया महिलाओं ने पीपीई किट का राॅ मटेरियल बड़वानी जिले से मंगवाया है। इसमें किट का ऊपरी कपड़ा, प्लास्टिक, जूते बनाने का सामान, ट्रांसपेरेंट शीट, धागा, इलास्टिक है। महिलाओंद्वारा बनाई जा रही किट में ग्लब्ज, सफेद कलर का सूट इसमें पीछे टाेपा भी अटैच है। एक हेड भी बनाया है। जिसमें सामने की ओर सफेद चश्मानुमा प्लास्टिक है। इससे किट पहनने वाले काे अलग से चश्मा पहनने की जरूरत नहीं पड़ेगी।



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Women of Aajeevika Mission will launch kits in 5 villages of Tirla block, will start in 3 blocks ahead




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धार में पले-बढ़े पद्मश्री डाॅ. विष्णु वाकणकरजी की जयंती आज

अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा अपने संस्थापक महामंत्री पद्मश्री डाॅ. विष्णु श्रीधर वाकणकर जी का जन्म शताब्दी वर्ष 2019-20 देशभर में मनाया जा रहा है।वाकणकरजी का जन्म 4 मई 2019 को मप्र के नीमच में हुआ था। इनका लालन-पालन धार में हुआ था। अपनी शिक्षा के बाद इन्होंने अपना कर्मक्षेत्र उज्जैन और आसपास रहा।


डाॅ. वाकणकरजी ने अपने पूरे जीवन में विभिन्न पुरातन महत्व की ऐतिहासिक धरोहरों का शाेध किया था। जिसमें भोपाल के समीप भीम बेटका में मौजूद भित्तीचित्रों की खोज कर उसमें कार्बन डेटिंग के आधार पर यह बताया कि भारतीय संस्कृति लाखों वर्ष पुरानी है। जो कि विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता है। इसी खोज के लिए भारत सरकार ने डाॅ. विष्णु श्रीधर वाकणकरजी को पद्मश्री से अलंकृत किया। संस्कार भारती धार इकाई के अध्यक्ष अतुल कालभवर ने बताया कि 4 मई 2020 को अपने संस्थापक महामंत्री पद्मश्री डाॅ. विष्णु श्रीधर वाकणकर जी का जन्म शताब्दी वर्षमनाने जा रही है। आपने विलुप्त सरस्वती नदी की खोज भी की। डाॅ. वाकणकर जी शाेधकर्ता के साथ साथ एक कुशल चित्रकार, साहित्यकार, सहित अनेक कलाओं में पारंगत थे।

लोग अपने घरों पर दीपक लगाएं
महामंत्री पराग भोंसले ने धार नगर के सभी सुधीजनों से निवेदन किया कि लाॅकडाउन का पालन करते हुए सभी लोग अपने घरों पर दीपक लगाएं एवं सभी कलाकार अपनी-अपनी कलाओं के माध्यम से घर पर रहकर ही सोशल मीडिया के माध्यम से #padamshreewakankar पर अपनी पोस्ट शेयर कर इस राष्ट्र ऋषि को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित करें।



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खेत पर पिलर गाड़ने की बात पर दाे पक्ष भिड़े, चार पर केस दर्ज

सागाैर थाने के गांव कुंवरसी में खेत पर पिलर गाड़ने की बात पर दाे पक्षाें में विवाद हाे गया। दाेनाें तरफ से टामी, लट्ठ चले। पुलिस ने बताया पहले पक्ष के नीलेश चाैधरी ने बताया कि आराेपी गणेश प्रजापत, दीपक प्रजापत ने उसके खेत में पिलर गाड़ दिए थे। नीलेश ने आराेपियाें से ऐसा करने से मना किया ताे उन्हाेंने नीलेश पर पर टामी और लट्ठ से हमला कर दिया। जिससे नीलेश के सिर में चाेट आई। वहीं दूसरे पक्ष के दीपक प्रजापत ने बताया इसी बात पर गंगाराम, रंजीत व नीलेश ने लट्ठ व टामी से मारपीट की। पुलिस ने दाेनाें पक्षाें के चार लाेगाें पर केस दर्ज किया है।



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घर के बाहर साे रहे व्यक्ति पर तीर व कामटी से हमला

अमझेरा थाने के गांव गढ़ में शनिवार रात चार लाेगाें ने एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर दिया। आराेपियाें ने तीर व कामटी से मारा। जिससे फरियादी के सीने में चाेट आई। पुलिस ने चार लाेगाें पर जानलेवा हमले का केस दर्ज किया है।


पुलिस ने बताया फरियादी भमरसिंह अपनी पत्नी भुरीबाई व बच्चाें के साथ खाना खाने के बाद घर के बाहर साे रहा था। आराेपी सेवसिंह पिता मलसिंह, नरसिंह पिता मलसिंह, गंगाराम पिता वेलसिंह व भियासिंह पिता वेलसिंह शनिवार रात 12.30 बजे भमरसिंह के यहां पहुंचकर गाली-गलाैज की। आराेपियाें ने फरियादी से कहा कि उसके काका का लड़का प्रताप उनकी लड़की काे भगा ले गया। इसके बाद आराेपियों ने भमरसिंह पर हमला कर दिया। आराेपियाें ने भमरसिंह के सीने में तीर मार दिया। इलाज के बाद रविवार अलसुबह 4.56 बजे थाने पहुंचकर फरियादी ने सेवसिंह, नरसिंह, गंगाराम व भियासिंह पर नामजद रिपाेर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आराेपियाें पर धारा 307, 294 506, 34 में केस दर्ज किया है।



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बेटी काे गाली देने से मना किया ताे मां काे पीटा

सरदारपुर थाने के गांव नरसिंह देवला में एक महिला से मारपीट हुई है। पुलिस के मुताबिक आराेपी राकेश 40 वर्षीय महिला की बेटी से गाली गलाैच कर रहा था। बेटी काे गाली देने से मना किया ताे राकेश ने मां काे पीट दिया। आराेपी ने महिला काे पत्थर से मारा। जिससे उसके सिर में चाेट आई है। पुलिस ने केस दर्ज किया है।



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वायरल वीडियाे प्रसारित नहीं करने पर धमकाया, तीन पर केस दर्ज

कुक्षी थाना क्षेत्र के गांव देशवालिया में शनिवार रात पुलिस ने तीन लाेगाें पर लाॅकडाउन उल्लंघन व धमकाने का केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया फरियादी साेमेश्वर पाटीदार समाचार ग्रुप संचालक है। उसे आराेपी माेहित राठाैर, दर्शन गुप्ता, जय भावेल ने वाट्सएप पर वायरल एक वीडियाे समाचार ग्रुप पर प्रसारित करने का दबाव बनाया। साेमेश्वर ने ऐसा नहीं किया ताे तीनाें ने उसके घर जाकर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने साेमेश्वर की शिकायत पर माेहित, दर्शन व जय पर धारा 188 व 506 में केस दर्ज किया है।



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पुलिस थाने पर अटैच वाहन को शरारती तत्व ने आग लगाई

लाकडाउन के दौरान पुलिस विभाग का कार्य अधिक बढ़ गया है। लाकडाउन का पालन करवाने के लिए नगर में पुलिस को दिनभर गस्त लगाना पड़ रहा है। वाहनों की कमी होने के कारण एसडीएम नेहा साहू ने वाहन अधिग्रहण कर पुलिस थाने को कोरोना लड़ाई में गश्त लगाने के लिए एमपी 11 सी 1087 अटैच किया था।


बताया जा रहा है इस वाहन में बैठकर पुलिस के जवान नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों पर कड़ी कार्यवाही करते थे। इस बात से कुछ शरारती लोगों को शंका थी कि वाहन चालक हेमंत सोलंकी बार-बार हमें परेशान करने के लिए पुलिस को लेकर आता है। शनिवार की रात मौका पाकर मंडी बायपास के पास खड़े वाहन को किसी शरारती तत्व ने टायर में पेट्रोल डालकर आग लगा दी। टायर के अंदर हवा की जगह नाइट्रोजन गैस भरी हुई थी। टायर जलते ही नाइट्रोजन गैस निकली और आग बुझ गई। वाहन चालक ने पुलिस थाने पर आवेदन देकर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की हैं।



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Naughty element set the attached vehicle on fire at the police station




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कुक्षी में चार और मरीज सामने आए, पाॅजिटिव मरीज की मां, पत्नी, बेटी और काकी भी संक्रमित


शनिवार देर रात आई रिपाेर्ट में कुक्षी के महात्मा गांधी मार्ग निवासी चार लाेग भी पाॅजिटिव पाए गए हैं। इनमें कुक्षी के पाॅजिटिव पाए गए युवक की मां, पत्नी, बेटी और काकी भी शामिल है।
हालांकि सभी क्वारेंटाइन सेंटर में हैं। इन लाेगाें काे भी धार शिफ्ट किया जाएगा। इसी के साथ धार में पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या अब 55 हाे गई है। कुक्षी में अब पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या नाै हाे गई है। गाैरतलब है कि यहीं के एक युवक की इंदाैर के अरविंदाे अस्पताल में काेराेना से माैत हाे चुकी है, जबकि उसके पिता ठीक हाेकर घर पहुंच चुके हैं। एक दिन पहले ही यहीं के पति-पत्नी काे भी पाॅजिटिव पाया गया था।

वीडियाे काॅलिंग पर मां ने पूछा बेटा कैसा है तू...हम जल्दी घर जाएंगे
नाै साल का नन्हा राज काेराेना काे मात देकर डिस्चार्ज हाे चुका है। चूंकि उसके मां और दाे बहनें धार और पिता और दादा-दादी मनावर में क्वारेंटाइन सेंटर में हैं इसलिए उसे प्रशासन ने अपनी अभिरक्षा में रखा है। स्वास्थ्य विभाग उसकी सतत देखभाल में लगा है। शनिवार काे सुबह राज की उसकी माता से वीडियाे काॅलिंग के जरिये बात करवाई गई। माेबाइल पर अपने बेटे काे देखते ही मां ने पूछा बेटा कैसा है तू...राेना मत, बस एक-दाे दिन में ही हम भी जल्द ठीक हाेकर तेरे पास आ जाएंगे। फिर अपने घर चलेंगे। तुझे भी गिफ्ट देंगे। बहनाें ने भी भाई से वीडियाे पर बात की। कुछ देर पहले वह अपने पिता से माेबाइल पर बात कर राे रहा था। इतने दिनाें के बाद मां काे माेबाइल पर देखकर मासूम की आंखाें में चमक आ गई।

27 अप्रैल काे लिए थे सैंपल
जिस युवक काे पाॅजिटिव पाया गया था, उसके परिवार के 11 हाईरिस्क और 17 लाेगाें काे लाे रिस्क पर रखा गया है। परिवार के नाै अन्य लाेगाें के सैंपल भी 27 अप्रैल काे लिए गए थे। उन्हें कुक्षी के तालनपुर स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इनमें से चार लाेगाें की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई है।




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Four more patients appeared in Kukshi, positive patient's mother, wife, daughter and aunt are also infected




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बगैर टीपी, हाई कोर्ट स्थगन के बाद भी कारखानों में भेजी जा रही लकड़ी

वन विभाग से परिवहन अनुमति, (टीपी) नहीं होने और सवा साल से लकड़ी परिवहन स्थगन के बावजूद सांवेर, देपालपुर, हातोद तथा ग्रामीण क्षेत्रों के कारखानों में गुरुनानक टिंबर मार्केट से लकड़ी पहुंचाई जा रही हैै। लाॅकडाउन के बीच प्रशासन ने 40 दिन से बंद कारखानों को फिर से शुरू करने के आदेश दिए हैं। व्यापारी इसी आदेश का फायदा उठाकर लकड़ी खपा रहे हैं। अब इन पर केस दर्ज करने और गोदाम सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने ट्रकों की आवाजाही पर छूट दी तो अवैध लकड़ी परिवहन भी शुरू हो गया। टिंबर मार्केट में लकड़ी आई भी। जो पहले स्टाॅक में थी, उसे भी इसी बहाने कारखानों तक पहुंचाने का काम शुरू हो गया। चिप्स, चॉकलेट, ब्रेड, बिस्किट व अन्य उत्पादों के निर्माण में जलाऊ लकड़ी का उपयोग होता हैै। कारखाने कहने को तो शुरू हो गए, लेकिन लकड़ी नहीं होने से उत्पादन चालू नहीं हुआ है। प्रशासन से अनुमति मिलने का व्यापारी इंतजार भी कर रहे हैं, लेकिन कुछ व्यापारियों ने चोरी-छिपे काम चालू भी कर दिया।



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लाॅकडाउन के बीच प्रशासन ने 40 दिन से बंद कारखानों को फिर से शुरू करने के आदेश दिए हैं।




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लॉकडाउन-2 में संभला इंदौर, अब 3.0 में उबर सके इसलिए सख्ती जरूरी

तीसरे लॉकडाउन की शुरुआत सोमवार से हो रही है। पिछले दो लॉकडाउन की तुलना करें तो सैंपलिंग दोगुना हो गई है। लेकिन रिकवरी दर में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है और वहीं मृत्यु दर काफी कम हुई है। एेसे में संकेत हैं कि अब तीसरे लॉकडाउन के दौरान इंदौर में तेजी से सुधार होगा, क्योंकि टेस्ट पॉजिटिव रेट भी 10% के नीचे सैटल होते नजर आ रहा है। बीते चार दिनों से यह चार से दस फीसदी के बीच चल रहा है।

पीपीई किट पहनने के बाद स्टाफ की तबीयत बिगड़ी, ताबड़तोड़ किट बदलवाए

कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्सकीय स्टाफ किन मुश्किलों से काम कर रहा है, इसका ताजा मामला एमवाय में सामने आया। फ्लू-ओपीडी में शनिवार सुबह स्टाफ के 2 कर्मचारी पीपीई पहनने के कुछ देर बाद घबरा गए। पसीना-पसीना हो गए। उन्हें तुरंत कैजुअल्टी ले जाया गया, जहां उनकी जांच की गई। इसी तरह की समस्या एमटीएच अस्पताल में भी एक कर्मचारी ने दर्ज करवाई।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यही किट स्टाफ के अन्य सदस्यों ने भी पहनी थी। सिर्फ दो लोगों को बेचैनी महसूस हुई। तत्काल उन्हें बदलकर दूसरी किट दे दी गई थी। जानकारी के अनुसार ओपीडी में शनिवार को एक वार्ड बॉय और शासकीय नर्सिंग कॉलेज की छात्रा को पीपीई किट पहनने के कुछ देर बाद ही घबराहट और बेचैनी महसूस होने लगी। चंद मिनटों में ही वह पसीना-पसीना हो गई और घबराहट के मारे गिरने की स्थिति में आ गई। अन्य स्टाफ दौड़ते हुए पहुंचा और उसे पंखे के नीचे लेटाया। इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को मिली। ताबड़तोड़ किट बदलकर दूसरी किट उपलब्ध करवाई गई। स्टाफ का कहना है कि किट की क्वालिटी अच्छी नहीं थी। इससे गर्मी बढ़ गई। यह प्लास्टिक के मटेरियल के बने थे। अंदर भी लेमिनेटेड लेयर थी। गर्मी बढ़ने से पसीना-पसीना हो गए और घबराहट होने लगी। वैसे भी इन दिनों तापमान 40 डिग्री के आसपास चल रहा है। ऐसे में पीपीई पहनकर काम करना दुरूह कार्य है।


अधीक्षक डॉक्टर पीएस ठाकुर ने बताया कि किट की क्वालिटी में कोई खराबी नहीं है क्योंकि उस दिन सभी को यह किट उपलब्ध करवाई गई थी। अन्य स्टाफ ने भी यही किट पहनी थी। किसी को परेशानी नहीं हुई। दो लोगों को डिहाइड्रेशन की शिकायत हो गई थी। किट पहनने के बाद उन्हें गर्मी ज्यादा लगी। उन्हें बदलकर दूसरी किट दे दी गई थी।



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तीसरे लॉकडाउन की शुरुआत सोमवार से हो रही है। पिछले दो लॉकडाउन की तुलना करें तो सैंपलिंग दोगुना हो गई है।




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धार के मेडिकल पर दवाई लेने गया युवक, रक्तदान कर लाैटा

केसूर का युवक धार की मेडिकल दुकान पर दवाई लेने के लिए गया था। जहां एक युवक भी दवाइयां लेकर ब्लड के लिए परेशान हाे रहा था। बार-बार किसी को फोन कर रहा था जो लग नहीं रहा था। उसे परेशान होता देक केसूर के राहुल अग्रवाल ने पूछा कि क्या हो गया इतने चिंतित क्यों हो। तब युवक ने बताया मैं यहां अस्पताल में अपनी बहन को लेकर आया हूं। डिलीवरी हाेने से ब्लड की जरूरत है। कोरोना वायरस के चलते वह व्यवस्था नहीं कर पा रहा हूं। अग्रवाल ने कहा मैं पहले भी ब्लड दे चुका हूं। आपके साथ चलता हूं। धार के निजी अस्पताल में जाकर रक्तदान किया।


अग्रवाल ने बताया मैं उस व्यक्ति को नहीं जानता था। मैं और मेरे मित्र पहले भी जरूरत पड़ने पर रक्तदान कर चुके हैं। खून देने से किसी की जान बच जाती है तो इससे बड़ी खुशी की बात क्या होगी। वे लोग खुटपल्ला की ओर से एक महिला को डिलीवरी के लिए लाए थे। जिन्हें ऑपरेशन में करीब तीन यूनिट ए पाॅजिटिव खून की जरूरत थी। एक यूनिट स्वयं व एक यूनिट कुम्हार गड्ढा निवासी दाेस्त रवि वर्मा काे बुलाकर उपलब्ध कराया। उनका मानना है कि रक्तदान करना सबसे बड़ी सेवा है। जो स्वस्थ व्यक्ति ब्लड दे सकते हैं तो उन्हें रक्तदान अवश्य करना चाहिए।



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The young man went to seek medicine on Dhar's medical, Lata donated blood




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समर्पण जागरण मंच दाे साल से चला रहा अभियान, लक्ष्य 300 सकाेरे बांटने का

गर्मी में बढ़ते तापमान से निजात दिलाने का सबसे सरल साधन पानी है। यह इंसान और पशु-पक्षियों के लिए जरूरी है। इंसान तो आसानी से इसकी व्यवस्था कर लेता है। लेकिन पशु पक्षियों को काफी दिक्कत होती है। इसको देखते हुए सामाजिक संगठन और समाजसेवी जुट गए हैं। बेजुबान पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए सकोरे की व्यवस्था कर लाेगाें काे नि:शुल्क बांट रहे हैं ताकि वे पानी भरकर छत व पेड़-पाैधाें के पास रख सकें। समर्पण जागरण मंच बगड़ी ने लाॅकडाउन में कुम्हार परिवार काे राेजगार उपलब्ध कराने के लिए मिट्टी के सकाेरे बनवाए। सकाेरे बनने के बाद नगर में घूम कर बेजुबान पशु, पक्षियों की प्यास बुझाने के 100 सकाेरे बांटे। जिस घर परिवार में यह सकाेरे दिए उन्हें राेजाना इसमें पानी भरकर घर की छत, बालकनी व पेड़-पाैधे के आसपास भरकर रखने का निवेदन किया। लाेगाें ने भी सहयाेग का भराेसा दिलाया।

संस्था के कपिल चाैधरी ने बताया 2 वर्षों से सकाेरे बांट रहे हैं। अब तक 500 से अधिक सकोरों का नि:शुल्क वितरण कर चुके हैं। इस साल 300 सकोरे बांटने का लक्ष्य है। बगड़ी के अलावा आसपास के गांवों में भी सकाेरे बांट कर नियमित पानी और दाना डालने के लिए प्रेरित किया जाएगा। धीरज कामदार, निर्मल मंडलोई, हेमंत कोटवाल, अक्षय पटेल, अभिषेक सोनवानिया, अंकित राठौर, शुभम शर्मा सहयाेग कर रहे।

घर की छत पर अनाज औरपानी से भरा सकोरा रखा

इस भीषण गर्मी में प्यासे पक्षियों के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आह्वान पर एसएफडी द्वारा सेल्फी विथ सकाेरा अभियान चलाया जा रहा है। अभाविप की जिला विभाग छात्रा प्रमुख सृष्टि बिल्लोरे सहित पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा अभियान में हिस्सा लेकर घर की बालकनी, छत पर पानी का सकोरा व अनाज रख सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही। इस अभियान में अभाविप के कार्यकर्ताओं सहित नागरिकों, समाजसेवियों, संघ के स्वयं सेवकों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। भाजयुमो खेल समिति इंदौर संभाग संयोजक एवं धार जिला क्रिकेट एसोसिएशन उपाध्यक्ष निखिल ग्वाल ने भी छत पर सकोरे व अनाज रखा।



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Dedication Jagran Manch campaign for the last two years, the goal of sharing 300




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काेराेना वारियर्स बाेले... अब हम दाेगुने उत्साह से करेंगे काम

कोरोना को हराने व संक्रमितों को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए लगातार जुटे रहने वाले एम्स के डाॅक्टर से लेकर नर्सिंग स्टाफ, सिक्यूरिटी गार्ड समेत तमाम काेराेना वारियर्स पर रविवार को हेलिकाॅप्टर से फूल बरसाए गए । पुष्पवर्षा से अभिभूत एम्स और नगर निगम के कर्मचारियाें का कहना था कि अब तक सिर्फ दूसराें पर पुष्पवर्षा हाेते देखी थी। कभी हमारे ऊपर भी फूल बरसाए जाएंगे यह नहीं साेचा था। हम समाज की सेवा करते हैं, यह हमेशा से सुनते अाए हैं, लेकिन हमारे इस प्रोफेशन काे इतना सम्मान मिलेगा साेचा नहीं था। एम्स नर्सिंग अधीक्षक मुदिता शर्मा, नर्सिंग ऑफिसर ललित नागर बोले - हम सभी अब दोगुने उत्साह से काम करेंगे।

तीनों सेनाओं ने फूल बरसाए

कोरोना को हराने के लिए फ्रंटलाइन पर डटे डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों पर रविवार को तीनों सेनाओं ने फूल बरसाए। सीमा पर माेर्चा लेने वाले योद्धाओं ने देश के 20 से ज्यादा अस्पतालों पर पुष्पवर्षा की। आसमान में लड़ाकू विमानों के फ्लाइपास्ट, समुद्र मंे युद्धपोतों की जगमगाहट और जमीन पर सेनाओं के बैंड ने मधुर धुनों के जरिए कोरोनावीरों को सलाम पेश किया गया। देश ने हौसला बढ़ाने वाला ऐसा दृश्य पहली बार देखा है। चित्र ग्वालियर के फूलबाग चौराहे का है।



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कोरोना को हराने व संक्रमितों को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए लगातार जुटे रहने वाले एम्स के डाॅक्टर से लेकर नर्सिंग स्टाफ, सिक्यूरिटी गार्ड समेत तमाम काेराेना वारियर्स पर रविवार को हेलिकाॅप्टर से फूल बरसाए गए ।




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सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक किराना, कपड़ा व जनरल स्टोर्स खुलेंगे, पान की दुकानें, होटल, सैलून बंद रहेंगे, बसें भी अभी नहीं चलेंगी


लॉकडाउन-3 का असर जिले में नहीं होगा। सोमवार से जिले में कुछ व्यापार को छोड़कर बाकी सारी दुकानें खोलने की अनुमति दे दी गई है। 43 दिन से शहर का बाजार नहीं खुला। बीच-बीच में थोड़ी-बहुत छूट दी गई, लेकिन 80 प्रतिशत बाजार अब भी बंद था। ग्रीन जोन में होने का फायदा जिले को मिला और लॉकडाउन में छूट मिल गई। बाजार सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक खुल पाएगा। दोपहर 2 बजे से सुबह 8 बजे तक बेवजह घूमने की छूट नहीं रहेगी। बसों और परिवहन साधनों का संचालन अभी बंद रहेगा। हालांकि रविवार को सभी जगह बाजार बंद रखना होंगे। व्यापार में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। दुकानदारों को दुकानों के बाहर ऑइल पेंट से एक-एक मीटर की दूरी पर गोले लगाना पड़ेंगे, जिनसे ग्राहकों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके। सैनिटाइजर रखना होगा और ग्राहकों को उपयोग कराना होगा। यानी दुकान से सामान खरीदने के पहले हाथों को सैनिटाइज करना जरूरी है।

जिले में सभी दुकानें खुल सकेंगी। थोक सब्जी मंडी पाॅलिटेक्निक कॉलेज ग्राउंड में रहेगी। बाकी जगह एसडीएम स्कूलों या खेल मैदानों में सब्जी मंडी बनाएंगे। यहां निश्चित दूरी पर गोले बनाकर दुकानें लगाई जाएंगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता है तो कार्रवाई होगी।


इन्हें अभी छूट नहीं

  • पान, गुटखा, तंबाकू दुकानें, होटल, रेस्टोरेंट, हलवाई, चाय दुकानें, कैंटीन नहीं खुलेंगे।
  • सैलून, पार्लर, ब्यूटी पार्लर अभी नहीं खुलेंगे।
  • सिनेमा घर, चाट-मसाला दुकानें खुलना प्रतिबंधित रहेगा।
  • सभी धार्मिक व सार्वजनिक गतिविधियां पहले की तरह प्रतिबंधित रहेंगी।
  • निर्देश की वजह से शराब दुकानें 17 मई तक बंद रहेंगी।
  • बसें, ऑटो, टैक्सी, टेम्पो को चलाने की इजाजत अभी नहीं दी गई है।

बदलाव क्या हुआ
ग्रामीण क्षेत्रों में किराना दुकानें खोलने की अनुमति 4 दिन पहले दे दी गई थी। अब शहरों में भी खुलेंगी। लॉकडाउन की शुरुआत से ही किराना, फल, सब्जी की होम डिलीवरी की इजाजत थी। पहला फेज खत्म होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक, स्टेशनरी को भी इसमें शामिल कर दिया गया था।

अब जिम्मेदारी हमारी कि जिला ग्रीन जोन में बना रहे

जिले में लॉकडाउन खत्म हो गया। ये इसलिए हो सका, क्योंकि जिला ग्रीन जोन में है। अभी तक कोई पॉजिटिव नहीं मिला। इसके पीछे बड़ा कारण लॉकडाउन ही है, लेकिन अब जिम्मेदारी हम नागरिकों की है। हमें इस खतरे से खुद को, अपने परिवार को, अपने मोहल्ले-शहर को और जिले को बचाकर रखना है। इसलिए जरूरी है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। बहुत जरूरी होने पर ही बाजार जाएं या घर से बाहर निकलें। कहीं भीड़ न लगाएं और एक-दूसरे से कम से कम 1 मीटर की दूरी रखें। मास्क जरूर लगाएं, ये नियम है।

22 मार्च से बंद है बाजार
22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन से जिले में बाजार बंद है। 23 मार्च से कलेक्टर ने लॉकडाउन की घोषणा 3 दिन के लिए कर दी थी, लेकिन 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन हो गया। 3 मई को 43 दिन पूरे हो गए।

आपको ये करना है

  • जब तक घर से बाहर हैं, मास्क नहीं उतारें। घर आकर भी पहले अच्छे से हाथ धोकर ही मास्क उतारें। इसे हर दिन अच्छे से धोकर धूप में सुखाएं।
  • बाहर से सामान लाएं तो कोशिश ये करें कि अगर खराब होने जैसा सामान नहीं है तो कम से कम एक दिन इसे घर में एक जगह लाकर रख दें। सामान सैनिटाइज होने जैसा है तो कर लें।
  • बाजार में भी सामान चुनते वक्त कम से कम चीजों को हाथ लगाएं। दुकान से निकलते समय भी हाथों को सैनिटाइज कर लें।
  • बेवजह का सामान लेने बाजार न जाएं तो अच्छा है। किसी भी हाल में सैलून या पार्लर न जाएं, न इन्हें घर बुलाकर काम कराएं।
  • सोशल डिस्टेंसिंग से अलग कोई भी काम करने से पहले ये जरूर सोचें कि अगर जिले में कोरोना पॉजिटिव आ गया तो लॉकडाउन फिर लागू हो सकता है।


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Grocery, textile and general stores will open from 8 am to 2 pm, paan shops, hotels, salons will remain closed, buses will also not run




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हाथीपावा के रास्ते आ गए शहर, पुलिस साथ ले गई

गुजरात-मध्यप्रदेश बॉर्डर क्रॉस करने के लिए अब बाहरी राज्यों के मजदूर गांवों के रास्ते प्रदेश की सीमा में आ रहे हैं। ऐसे ही कुछ मजदूर रविवार को झाबुआ आ गए। ये मजदूर सूरत (गुजरात) से चले थे। बॉर्डर पर चौकसी होने की वजह से उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र का रास्ता इस्तेमाल किया। वे हाथीपावा के रास्ते झाबुआ आ गए। हुसैनी चौक पहुंचे तब तक पुलिस भी यहां आ गई। सभी को पुलिस जवान अपने साथ ले गए।



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City came through Hathipawa, police took it along




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नीमच से झाबुआ होकर दाहोद गए दो भाई कोरोना पॉजिटिव, साथ आए जिले के 34 लोगों की तलाश

ग्रीन जोन में चल रहे झाबुआ के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया। 29 अप्रैल को राजस्थान सीमा के नयागांव से मजदूरों के लिए चली बस में बैठकर दाहोद के एक परिवार के 11 लोग पिटोल पहुंचे। परिवार 20 मार्च को नीमच शादी में गया था। लॉकडाउन के कारण वहीं फंसा था। बस आने की खबर मिली तो सब नयागांव बॉर्डर पहुंच गए। वहां से पिटोल बॉर्डर बस से आए और यहां से दाहोद से आई प्राइवेट गाड़ी से रवाना हो गए। बॉर्डर पर स्क्रीनिंग में दो भाईयों में लक्षण दिखे तो उनके सैंपल 30 तारीख को लिए। शनिवार को आई रिपोर्ट में एक भाई पॉजिटिव आया और रविवार को दूसरे भाई की भी पॉजिटिव रिपोर्ट आ गई।

इस खबर के बाद यहां हड़कंप मच गया। बस में उनके साथ जिले के 34 लोग थे। अब इनकी तलाश की जा रही है। अभी तक सभी लोगों के बारे में पता नहीं चला है। बस में ड्राइवर और कंडक्टर के अलावा कुल 45 लोग आए थे। लिस्ट में जो नाम लिखे उनमें पता नहीं लिखा गया। न किसी का मोबाइल नंबर है। ऐसे में उनकी जानकारी निकालना मुश्किल हो रहा है। दाहोद से खबर है कि दोनों भाइयों के परिवार के लोगों को सरकारी सेंटर में क्वारेंटाइन कर दिया गया। उनके सैंपल भी लिए गए हैं।

झाबुआ में उतरना बताया
पिटोल में उतारे गए इस परिवार को इस लिस्ट में झाबुआ में उतारना बताया गया। अब चिंता इस बात की हो रही है कि अगर बस में आए दाहोद के पॉजिटिव व्यक्ति की रिपोर्ट शनिवार देर रात आई। इसके बाद यहां अफरा-तफरी मच गई। स्वास्थ्य विभाग वाले सुबह से शहर में तलाश करने लगे। लगभग 11 बजे खबर मिली कि जिस व्यक्ति का नाम है, वो परिवार सहित दाहोद में है। उसका और परिवार के सदस्यों का नाम लिस्ट से मैच भी हो गया। दोपहर में दूसरे भाई की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। इधर, बस में साथ आए ज्यादातर लोगों का पता नहीं लग पाया है।

40 दिन से एक जगह पर थे, अगर रास्ते में संक्रमण आया तो ये बड़ा खतरा

जिन दोनों भाइयाें में संक्रमण मिला, वो दोनों परिवार सहित नीमच में 20 मार्च से थे। 29 मार्च को वो वहां से निकले। ऐसे में ये संभावना कम मानी जा सकती है कि घर रहते संक्रमण नहीं हुआ होगा। अगर ये सही है तो संक्रमण की संभावना या तो राजस्थान बॉर्डर से आने वालों के कारण है या बस से। बस में सवार कोई अन्य व्यक्ति संक्रमित हुआ तो जिले के लिए ये बड़ा खतरा है। अभी तक नीमच भी ग्रीन जोन में है और झाबुआ भी।



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Two brothers, Corona positive who went to Dahod from Jembua from Neemuch, came together to search for 34 people of the district




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40 लेबर सैनिटाइज होकर साबुन से धोते हैं हाथ, मास्क लगा करते हैं सब्जियां पैक

दीपेश शर्मा.सब्जी सप्लाय की डोर टू डोर व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में आशंका थी कि सब्जियों के साथ कहीं कोरोना वायरस तो घर-घर नहीं पहुंच रहा है। इसकी पड़ताल के लिए रविवार को भास्कर सीधे उस स्थान पर पहुंचा जहां से सब्जियां पैक होकर आपके घरों तक पहुंच रही हैं। यहां नगर निगम की टीम दिन में चार बार पड़ताल के लिए आ रही है कि सब्जियों को पैक करने में लापरवाही तो नहीं बरती जा रही। सब्जियों को सप्लाय करने से पहले पूरी तरह सैनिटाइज किया जा रहा है। खंडवा रोड स्थित चौखी ढाणी से शनिवार को दो हजार पैकेट सब्जी के सप्लाय हुए और रविवार को चार हजार पैकेट भेजे गए। यहां 40 लेबर दिन-रात सब्जियों के पैकेट बनाने में जुटे हैं। लेबर शुभम ने बताया हमारे आने के बाद ट्रैक्टर से मशीन चलाकर केमिकल से पूरा छिड़काव करवाया जाता है। इसके बाद साबुन से अच्छे से हाथ धुलवाने के बाद फिर सब्जियों की पैकिंग में लगाया जाता है। हम सभी को मास्क या रूमाल बांधने के लिए कहा जाता है। अगर कोई मास्क उतार दे तो डांट पड़ती है। सब्जी व्यापारी अशोक चौधरी ने बताया सब्जियां सीधे खेत से आती हैं। लेबर को एक-दूसरे से 2 से 3 फीट दूर बैठाकर पैकिंग करवाई जाती है। सारे पैकेट पर सीकर मशीन से सैनिटाइजेशन किया जाता है। यहां से उन्हें लोडिंग वाहनों से संबंधित किराना दुकानदार तक पहुंचाया जाता है। खराब सब्जियों को अलग कर देते हैं।

व्यापारी ने कहा किसान लाया था खराब माल
अपर आयुक्त ने बताया शहनाई गार्डन में व्यापारी शक्ति विरहे का माल था जबकि शक्ति विरहे ने कहा यह माल नवीन भिलवारे का था। शक्ति विरहे ने कहा खराब माल हमने पहले ही अपर आयुक्त को बताकर अलग करने का कहा था जबकि नवीन भिलवारे ने कहा किसान खराब माल लाया था।

हजार किलो खराब सब्जियां फिंकवाई
जोन 13 में शनिवार को खराब सब्जियों की सबसे ज्यादा शिकायतें आई थीं। अपर आयुक्त एमपीएस अरोरा मौके पर पहुंचे तो एक हजार किलो भिंडी और बैंगन खराब मिले, जिन्हें पैकेट में भरा जा रहा था। अपर आयुक्त ने खराब सब्जियां फिंकवा दी।

श्री नगर एक्सटेंशन निवासी भूपेश शर्मा ने शिकायत की कि खराब सब्जियां आईं। वजन भी कम निकला। भिंडी 500 ग्राम आना थी, वह 400 ग्राम ही आई। हरा धनिया 200 ग्राम के बजाय 78 ग्राम निकला। वह भी खराब था। सीजनल सब्जी भी 1 किलो के बजाय 400 ग्राम आई। बैंगन एक किलो के बजाय 680 ग्राम आए। उधर, जोन 13 में रविवार को भी खराब पत्ता गोभी लोगों के घरों तक पहुंची।



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सब्जी सप्लाय की डोर टू डोर व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में आशंका थी कि सब्जियों के साथ कहीं कोरोना वायरस तो घर-घर नहीं पहुंच रहा है।




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पिटोल बॉर्डर से यूपी के 91 लोगों को राणापुर भेजा

गुजरात से प्रदेश में पिटोल बॉर्डर से आ गए उत्तर प्रदेश के 91 लोगों को राणापुर भेजा गया। यूपी सरकार द्वारा इन्हें वहां आने की अनुमति नहीं दिए जाने से ये लोग बार्डर पर अटके हुए थे। 31 लोगों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय छात्रावास में रखा गया। 60 लोगों की व्यवस्था बालक छात्रावास में की गई। इन 60 लोगों की मेडिकल टीम द्वारा स्क्रीनिंग की गई। उसके बाद इन लोगों ने होस्टल में अंदर जाने से इंकार कर दिया। सब बाहर ही खड़े हो गए।
उनका कहना था कि वे लोग पैदल ही यूपी जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें झूठ बोलकर गाड़ी में बिठाया कि वे उन्हें यूपी छोड़ देंगे। पुलिस धोखे से उन्हें यहां ले आई। इन लोगों को डर था कि उन्हें यहां 14 दिन रहना पड़ेगा। उनका कहना था कि 14 दिन बाद जब यहां से यूपी जाएंगे तो वहां फिर से 14 दिन के लिए उन्हें क्वारेंटीन किया जाएगा। ये लोग यहां से भाग निकलने का प्रयास कर रहे थे। स्थिति देखते हुए अधीक्षक ने पुलिस को बुलवा लिया। पुलिस द्वारा समझाइश के बाद ये लोग छात्रावास में दाखिल हुए।



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91 people from UP sent to Ranapur from Pitol border




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40 दिन से घर नहीं गए डॉक्टर भार्गव, रोज कर रहे 100 से ज्यादा मरीजों का इलाज

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उमरकोट में पदस्थ डॉक्टर व यहां का स्टाफ ग्रामीणों को कोराेना संक्रमण के प्रति जागरूक कर रहा है। सबसे अहम बात यह है कि यहां पदस्थ डॉ. जितिन भार्गव करीब 40 दिनों से अपने घर नहीं गए हैं। वे लगातार यहां मरीजों का उपचार कर रहे हैं। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहले करीब 50 मरीज इलाज के लिए आते थे। लेकिन इन दिनों इनकी संख्या 100 से ऊपरपहुंच गई है। क्योंकि लॉकडाउन में आसपास के क्षेत्र में निजीप्रेक्टिस करने वालों ने भी मरीजों को देखना बंद कर दिया है, जो लोग सरदारपुर जाते थे वे भी कोराेना संक्रमण के डर सेवहां नहीं जा रहे। ऐसे में इस स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों का दबाव बढ़ गया है।


डॉ. भार्गव कहते हैं ग्रामीण डर के मारे सरदारपुर (धार) नहीं जा रहे हैं, क्योंकि संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा अस्पताल में ही रहता है। ऐसे में क्षेत्र के मरीज उमरकोट में ही आ रहे हैं, जिन्हें उपचार दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें संक्रमण से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि डॉ. भार्गव इंदौर के रहने वाले हैं, कोरोना के चलते वे भी 40 दिनों से लगातार यहीं पर ड्यूटी दे रहे हैं।

छोटी-मोटी बीमारी में ना आएं अस्पताल
डॉ. भार्गव ने बताया छोटी-मोटी बीमारी में भी लोग खतरा उठाकर स्वास्थ्य केंद्र आ रहे थे। ऐसे में उन्हें समझाइश दी कि वे ऐसी छोटी-मोटी परेशानी के लिए अस्पताल ना आएं। फोन पर ही मुझसे संपर्क करें। अगर कोई इमरजेंसी हो तो ही अस्पताल आएं। डॉ. भार्गव मोबाइल पर भी मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। वे कहते हैं क्षेत्र में बाहर से आए लोगांे के घर जाकर उनकी स्क्रीनिंग की गई। जरूरत पड़ने पर उन्हें होम क्वारेंटाइन भी किया गया। ग्रामीणों को भी घर में रहने की समझाइश दी जा रही है।



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Doctor Bhargava did not go home for 40 days, treating more than 100 patients daily




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30 क्वारेंटाइन सेंटर से 1300 लोग घर पहुंचे, 450 और बचे

शहर में कोरोना संकट के बीच एक अच्छी खबर। कोरोना के संक्रमित व संदिग्ध मरीज और उनके परिजन के लिए 46 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए। इनमें से 30 सेंटरों के सभी 1300 से ज्यादा लोग क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर घर जा चुके हैं। ये पूरी तरह ठीक हैं। अब 16 सेंटर में 450 लोग क्वारेंटाइन में हैं। इनमें से भी ज्यादातर लोगों को एक हफ्ते या उससे ज्यादा का समय पूरा हो चुका है। शहर में जो लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे, उनके परिजन (प्राथमिक संपर्क में आने वाले) को क्वारेंटाइन किया था। धीरे-धीरे यह आंकड़ा बढ़ता गया। स्थिति को देखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर की संख्या भी बढ़ाई। हालांकि अब जिन सेंटर से लोग घर जा चुके, उन्हें खाली करवाकर सैनिटाइजेशन करवा दिया है। क्वारेंटाइन सेंटर प्रभारी विवेक श्रोत्रिय के अनुसार, अब सिर्फ 450 लोग क्वारेंटाइन सेंटर में हैं। इनकी संख्या भी कम हो रही है। अब जो लोग पॉजिटिव आ रहे हैं, उनके प्राथमिक संपर्क में आने वाले लोग सक्षम हैं तो उन्हें होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है। बाकी को क्वारेंटाइन सेंटर लाया जा रहा है।

आठ सेंटरों पर 25 से ज्यादा
16 सेंटर में से चार पर 15-15 से ज्यादा लोग हैं। 25 से ज्यादा लोगों वाले आठ सेंटर हैं। सबसे ज्यादा 102 लोग निर्वाणा रिजॉर्ट में हैं। बाकी कुछ सेंटर पर दो, पांच और सात लोग भी हैं।
आठ सेंटरों पर 25 से ज्यादा
16 सेंटर में से चार पर 15-15 से ज्यादा लोग हैं। 25 से ज्यादा लोगों वाले आठ सेंटर हैं। सबसे ज्यादा 102 लोग निर्वाणा रिजॉर्ट में हैं। बाकी कुछ सेंटर पर दो, पांच और सात लोग भी हैं।
पांच सेंटर को कोविड केयर सेंटर में बदला
क्वारेंटाइन सेंटर में से ही 5 सेंटर को कोविड केयर सेंटर में बदल दिया है। यहां उन लोगों को रखा है, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है पर उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण नहीं हैं। डॉक्टर इनकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दोनों तरह के सेंटर में रहने वाले लोगों को रोज काढ़ा, च्यवनप्राश, चाय-दूध, नाश्ता, खाना दिया जा रहा है। क्वारेंटाइन सेंटर में देखभाल के लिए 250 लोगों की टीम है।
क्वारेंटाइन सेंटर में से ही 5 सेंटर को कोविड केयर सेंटर में बदल दिया है। यहां उन लोगों को रखा है, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है पर उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण नहीं हैं। डॉक्टर इनकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दोनों तरह के सेंटर में रहने वाले लोगों को रोज काढ़ा, च्यवनप्राश, चाय-दूध, नाश्ता, खाना दिया जा रहा है। क्वारेंटाइन सेंटर में देखभाल के लिए 250 लोगों की टीम है।



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तस्वीर शुभकारज मैरिज गार्डन की है। यहां 73 लोग थे। सभी अब घर चले गए। इन लोगों ने रोज योग किया। फोटो | ओपी सोनी




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लॉकडाउन में खजराना गणेश में कैसे हो रही पूजा-पाठ, जानने के लिए सीधे मंदिर परिसर से लाइव

गौरव शर्मा.खजराना गणेश मंदिर में पुजारी परिवार के एक सदस्य के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अब और ज्यादा एहतियात बरती जा रही है। मंदिर में जिन परिवार के सदस्य को कोरोना पॉजिटिव आया, उनके 14 सदस्य होम क्वारेंटाइन में हैं। सभी पूरी तरह स्वस्थ हैं। अब अन्य पुजारी परिवार के सिर्फ एक सदस्य जाकर मंदिर में आरती कर रहे हैं। गर्भगृह में भी सिर्फ एक ही व्यक्ति की एंट्री होती है। दोनों समय भोग भी पुजारी परिवार घर से ही बनाकर ला रहे हैं। पुजारी का कहना है यह भोग भक्तों की ओर से लगाया जा रहा है, क्योंकि भगवान को रोज भक्तों की तरफ से ही भोग लगाया जाता था। भोग की थाली में गुड़, लड्डू या घर में बनाई मिठाई रखी जा रही है। पुजारी पं. सतपाल भट्ट कहते हैं अन्नक्षेत्र के साथ ही हम घर से भी भगवान को भोग लगा रहे। वहीं, मंदिर के पुजारी पं. पुनीत भट्ट बताते हैं हमेशा की तरह तय समय पर सुबह 6 बजे भगवान का अभिषेक, शृंगार, दोनों समय (सुबह-शाम) आरती तय समय पर हो रही है। हम (पुजारी) परिवार से एक व्यक्ति ही आकर आरती करने जा रहे हैं। हम भी सिर्फ अभिषेक-पूजन अौर आरती के लिए ही बाहर आ रहे हैं। लॉकडाउन का पूरा पालन कर रहे।

चार-चार घंटे के क्रम में पुजारी कर रहे पाठ
मंदिर में 20 साल से ज्यादा समय से चल रहे गणपति अथर्वशीर्ष के अखंड पाठ (24 घंटे) का क्रम कोरोना में भी जारी है। पहले जहां आठ-दस पंडित कतार में बैठकर ये पाठ करते थे, अब सोशल डिस्टेंसिंग के कारण सिर्फ एक व्यक्ति। चार-चार घंटे की ड्यूटी में ये पाठ हो रहे हैं। इस पाठ को करने वाले पंडित मंदिर के पीछे ही रहते हैं। मंदिर पूरी तरह से सील है। बाहर बैरिकेडिंग है। गेट पर भी ताले हैं। अन्नक्षेत्र से 1200 पैकेट रोज जरूरतमंदों को पुलिस-प्रशासन के माध्यम से बंटवाए जा रहे हैं।
पुजारी उमेश भट्ट की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव
पुजारी परिवार से उमेश भट्ट (नानू गुरु) की दूसरी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। पुजारी परिवार के लोगों ने कहा लॉकडाउन के बाद से हम सभी लोग घर में ही हैं। परिवार के एक सदस्य ने कहा एक बार एक व्यक्ति गैस सिलेंडर देने अौर एक व्यक्ति उन्हें खेत से सब्जी देने घर आया था।



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पुजारी मास्क लगाकर रोज गणेशजी की आरती करते हैं।




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जिले में 90% हुआ मूल्यांकन, ओएमआर शीट भरने का काम हुआ 20%

वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण के चलते माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा कक्षा 10वीं-12वीं की वार्षिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का गृह मूल्यांकन कराया जा रहा है। कॉपिया जांचने की लिए 10 दिन की समयसीमा दी गई थी, हालांकि पूरा मूल्यांकन होने में अभी करीब एक सप्ताह और लग सकता है।जिले में 90 प्रतिशत कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है। चूंकि लॉकडाउन 17 मई तक आगे बढ़ा दिया गया है। लिहाजा जिस तरह शिक्षकों के घर-घर कॉपियां मूल्यांकन के लिए भेजी गई हैं, वैसे ही जमा भी कराई जाएंगी। सहायक समन्वयक एमके खुराना ने बताया प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता शिक्षक से लगातार संपर्क हैं। रोजाना चैक होने वाली कॉपियों की गणना कर प्रतिदिन की अपडेट रिपोर्ट ली जा रही है। कॉपियां जांचने के लिए झाबुआ सहित राणापुर, पेटलावद, रामा, मेघनगर व थांदला विकासखंड के शिक्षकों को दी गई है। पूरी कॉपी जंचने में करीब एक सप्ताह और लग सकते हैं। इसके बाद इन्हें जमा करने का सिलसिला शुरू होगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन 17 मई तक आगे बढ़ा दिया गया है। इस दौरान सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। इस कारण जिस तरह शिक्षकों के घरों में कॉपियां भेजी गई थी, उसी तरह जमा भी कराई जाएंगी।

शुरू हुआ ओएमआर शीट भरने का काम
झाबुआ विकासखंड में किए जा रहे मूल्यांकन कार्य के बाद ओएमआर शीट भरने का काम भी शुरू कर दिया गया है। शीट भरने का काम सभी विकासखंड के शिक्षकों को समन्वयक संस्था उत्कृष्ट विद्यालय झाबुआ आकर ही करना होगा। इसे प्रारंभिक अंक सूची भी कह सकते हैं। इसमें शिक्षकों को अंक भरना होंगे। ओएमआर शीट भरने का काम 20 प्रतिशत हो चुका है। खुराना ने बताया जांच गई कॉपी में से 10 प्रतिशत का मूल्यांकन डिप्टी हेड करेंगे। इसके अलावा शून्य अंक और 90 अंक व अधिक वाली कॉपियों का भी डिप्टी हेड को पुन: परीक्षण करना होगा।



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जिले में 90% हुआ मूल्यांकन, ओएमआर शीट भरने का काम हुआ 20%

वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण के चलते माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा कक्षा 10वीं-12वीं की वार्षिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का गृह मूल्यांकन कराया जा रहा है। कॉपिया जांचने की लिए 10 दिन की समयसीमा दी गई थी, हालांकि पूरा मूल्यांकन होने में अभी करीब एक सप्ताह और लग सकता है।जिले में 90 प्रतिशत कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है। चूंकि लॉकडाउन 17 मई तक आगे बढ़ा दिया गया है। लिहाजा जिस तरह शिक्षकों के घर-घर कॉपियां मूल्यांकन के लिए भेजी गई हैं, वैसे ही जमा भी कराई जाएंगी। सहायक समन्वयक एमके खुराना ने बताया प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता शिक्षक से लगातार संपर्क हैं। रोजाना चैक होने वाली कॉपियों की गणना कर प्रतिदिन की अपडेट रिपोर्ट ली जा रही है। कॉपियां जांचने के लिए झाबुआ सहित राणापुर, पेटलावद, रामा, मेघनगर व थांदला विकासखंड के शिक्षकों को दी गई है। पूरी कॉपी जंचने में करीब एक सप्ताह और लग सकते हैं। इसके बाद इन्हें जमा करने का सिलसिला शुरू होगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन 17 मई तक आगे बढ़ा दिया गया है। इस दौरान सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। इस कारण जिस तरह शिक्षकों के घरों में कॉपियां भेजी गई थी, उसी तरह जमा भी कराई जाएंगी।

शुरू हुआ ओएमआर शीट भरने का काम
झाबुआ विकासखंड में किए जा रहे मूल्यांकन कार्य के बाद ओएमआर शीट भरने का काम भी शुरू कर दिया गया है। शीट भरने का काम सभी विकासखंड के शिक्षकों को समन्वयक संस्था उत्कृष्ट विद्यालय झाबुआ आकर ही करना होगा। इसे प्रारंभिक अंक सूची भी कह सकते हैं। इसमें शिक्षकों को अंक भरना होंगे। ओएमआर शीट भरने का काम 20 प्रतिशत हो चुका है। खुराना ने बताया जांच गई कॉपी में से 10 प्रतिशत का मूल्यांकन डिप्टी हेड करेंगे। इसके अलावा शून्य अंक और 90 अंक व अधिक वाली कॉपियों का भी डिप्टी हेड को पुन: परीक्षण करना होगा।



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जिले में 90% हुआ मूल्यांकन, ओएमआर शीट भरने का काम हुआ 20%

वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण के चलते माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा कक्षा 10वीं-12वीं की वार्षिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का गृह मूल्यांकन कराया जा रहा है। कॉपिया जांचने की लिए 10 दिन की समयसीमा दी गई थी, हालांकि पूरा मूल्यांकन होने में अभी करीब एक सप्ताह और लग सकता है।जिले में 90 प्रतिशत कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है। चूंकि लॉकडाउन 17 मई तक आगे बढ़ा दिया गया है। लिहाजा जिस तरह शिक्षकों के घर-घर कॉपियां मूल्यांकन के लिए भेजी गई हैं, वैसे ही जमा भी कराई जाएंगी। सहायक समन्वयक एमके खुराना ने बताया प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता शिक्षक से लगातार संपर्क हैं। रोजाना चैक होने वाली कॉपियों की गणना कर प्रतिदिन की अपडेट रिपोर्ट ली जा रही है। कॉपियां जांचने के लिए झाबुआ सहित राणापुर, पेटलावद, रामा, मेघनगर व थांदला विकासखंड के शिक्षकों को दी गई है। पूरी कॉपी जंचने में करीब एक सप्ताह और लग सकते हैं। इसके बाद इन्हें जमा करने का सिलसिला शुरू होगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन 17 मई तक आगे बढ़ा दिया गया है। इस दौरान सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। इस कारण जिस तरह शिक्षकों के घरों में कॉपियां भेजी गई थी, उसी तरह जमा भी कराई जाएंगी।

शुरू हुआ ओएमआर शीट भरने का काम
झाबुआ विकासखंड में किए जा रहे मूल्यांकन कार्य के बाद ओएमआर शीट भरने का काम भी शुरू कर दिया गया है। शीट भरने का काम सभी विकासखंड के शिक्षकों को समन्वयक संस्था उत्कृष्ट विद्यालय झाबुआ आकर ही करना होगा। इसे प्रारंभिक अंक सूची भी कह सकते हैं। इसमें शिक्षकों को अंक भरना होंगे। ओएमआर शीट भरने का काम 20 प्रतिशत हो चुका है। खुराना ने बताया जांच गई कॉपी में से 10 प्रतिशत का मूल्यांकन डिप्टी हेड करेंगे। इसके अलावा शून्य अंक और 90 अंक व अधिक वाली कॉपियों का भी डिप्टी हेड को पुन: परीक्षण करना होगा।



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बसों का किराया नहीं मिला तो मजदूरों को उतार दिया, बस चौकी में खड़ी कराई

गुजरात से मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। शनिवार के मुकाबले इनकी संख्या कम जरूर हुई, लेकिन परेशानियां नहीं। लगभग 200 मजदूरों को सीधी जिले में ले जाने के लिए 5-6 बसों में बिठाया गया। लेकिन बस वालों ने उन्हें उतार दिया। पता चला, बसों के किराए के भुगतान का चैक नहीं मिलने से संचालकों ने बस ले जाने से इंकार कर दिया, ये लोग बसों से उतरकर कई घंटे तक इंतजार करते रहे। शाम को उनके जाने की व्यवस्था हो सकी। एसडीएम अभयसिंह खराड़ी ने बताया, सतना से आई बसों में बिठाकर रवाना किया गया। एसडीएम ने इंकार करने वाली कुछ बसों को पिटोल चौकी में खड़ा करवा दिया।


सारी गफलत अफसरों के बीच तालमेल नहीं होने से के कारण हुई। एसडीएम यहां से डीजल की पर्चियां दे रहे थे। इन बसों को भी मिली। लेकिन बस वालों का कहना था, 200 से 300 लीटर डीजल की पर्ची मिलती है। सीधी तक या किसी दूसरी जगह तक जाकर आने में काफी पैसा लगता है। ये डीजल एक तरफ ही पूरा हो जाता है। लौटने के लिए पैसा नहीं है। ड्रायवर और दूसरे स्टाफ के लिए भी पैसा नहीं है। ऐसे में कम से कम किराया भुगतान तो समय पर हो जाए। लेकिन बस संचालकों के इंकार के कारण कई लोग परेशान होते रहे। एसडीएम ने आरोप लगाया कि यहां बस वाले काफी गड़बड़ कर रहे हैं। अगर कोई बस सतना से आई है तो उसे खाली जाने की देने की बजाय, उसमें सवारियां बिठाकर रवाना किया जाए। लेकिन बस वाले बैठने नहीं दे रहे। ये भी पता चला है कि बसों में कम सवारियां बिठाकर आगे जाकर ज्यादा बसों की सवारी एक में बिठाकर पैसा बचा रहे हैं।


यूपी वालों का हल नहीं, गुजरात लौटाना शुरू
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से आए मजदूरों को रविवार को भी प्रवेश नहीं दिया गया। सैकड़ों लोग पहाड़ों और जंगलों के रास्ते पैदल यहां तक पहुंच गए। लेकिन उन्हें आगे जाने का साधन नहीं मिल रहा। कई लोगों को शनिवार रात से गुजरात के कतवारा और खंगेला चैकपोस्ट से वापस गुजरात के उनके शहरों में लौटा दिया गया।


कोई व्यवस्था नहीं हैं

दो दिनों से बॉर्डर पर फंसे रामलखन ने कहा, जैसे ही हम बताते हैं, उत्तर प्रदेश से हैं तो सब बोलते हैं, यूपी वालों के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं। हम 7 लोग 2 दिन से परेशान हो रहे हैं। लग रहा है, जिस जगह राम-कृष्ण पैदा हुए, उस प्रदेश में हमने पैदा होकर गलती कर दी क्या।



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If the fare of the buses was not received, then the workers were removed, the bus parked in the post




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ग्रीन जोन होने के कारण जिले में लॉकडाउन हुआ खत्म, ट्रेनों का नहीं

जिला ग्रीन जोन में है, लिहाजा आज से कई छूट और मिलने वाली है। लेकिन ट्रेनें अब भी नहीं चलेगी। क्योंकि देशव्यापी लॉकडाउन अब भी जारी है। 43 दिनों से मेघनगर का रेलवे स्टेशन सूना पड़ा है। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन-2 को 3 मई तक बढ़ाया था। अगर यह रविवार को खत्म हो जाता तो सूने पड़े जिले के इस प्रमुख रेलवे स्टेशन में भी फिर से रौनक लौट आती। लेकिन लॉकडाउन-3 को 17 मई तक बढ़ा दिया है। ऐसे में तब तक रेलवे स्टेशन बिना यात्रियों के ही रहेगा।



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Lockdown ended in the district due to green zone, no trains




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उत्तरप्रदेश के मजदूरों को भेजने के लिए वहां की सरकार से नहीं मिल रही है अनुमति इसलिए प्रशासन इन्हें जिले में रखने से कतरा रहा

लॉकडाउन के दौरान फंसे मजदूरों का बुरा हाल हो गया। उनके पास रहने-खाने की व्यवस्था नहीं है। फैक्ट्रियों के मालिकों ने बिना मजदूरी दिए काम से निकाल दिया है। मजदूर किसी तरह अपने घर लौटना चाहते हैं। इसलिए कोई साइकिल से तो कोई पैदल ही घर की ओर निकल पड़ा है। रविवार को 40 लोग जोबट पहुंचे। सूचना मिलने पर तहसीलदार कैलाश सस्तीया व शुभम मित्र मंडल ने उनकी भोजन की व्यवस्था की। लेकिन मजदूरों को यहां ठहराने की बात पर प्रशासन कतराता नजर आया। तहसीलदार ने कहा कि उप्र भेजने के लिए परेशानी आ रही है। इसलिए इन्हें यहां रोक नहीं सकते हैं। दूसरे जिले धार की सीमा टांडा तक वाहन से इन्हें छुड़वाने की व्यवस्था की जा रही है।


मजदूरों ने बताया लॉकडाउन ने काम छिन लिया। भगवान भरोसे भूखे प्यासे अपने आशियाने की ओर चल पड़े हैं। सूरत की साड़ी निर्माण की फैक्ट्री में काम करते थे। 700 किमी का सफर तय कर यहां तक पहुंचे हैं। हमें फैक्ट्री मालिक ने ना तो मजदूरी दी और ना खाने की व्यवस्था की। जब हमारा धैर्य टूटने लगा तो सरकारी तंत्र व सरकार के भरोसे के बजाय हम लोगों ने पैदल चलकर ही अपने गांव जाने की ठानी।

सूरत से नंगे पैर 700 किमी पैदल चल आलीराजपुर पहुंचे, कई के पैरों में पड़ गए छाले

मजदूर शंकर राव ने बताया कि नंगे पैर चलकर लगभग सूरत से 700 किमी का सफर तय किया है। हमारे पैरों में छाले पड़ गए हैं। अभी हमें 1 हजार किमी और चलना है। साइकिल से निकले अमर लाल ने बताया कि शासन स्तर पर मजदूरों को कोई सुविधा नहीं मिल रही। केवल आश्वासन मिला कि मजदूरों को घर भेजे जा रहे हैं। हमें निराशा हाथ लगी। हमने साइकिल खरीद कर घर जाने के लिए निकले हैं।

प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए रेल शुरू करें : विधायक

विधायक मुकेश पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पटेल ने बताया 38 दिन से हमारे जिले के गरीब मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं। वे 38 दिनों से खाने पीने, रहने की समस्या से जूझ रहे हैं। विकट परिस्थिति के चलते जिले के एक मजदूर की गुजरात में ही मृत्यु हो गई थी। जिस कारण सभी मजदूरों में काफी रोष है। जिले के करीब 15 से 20 हजार मजदूर हैं जो गुजरात व अन्य राज्य में फंसे हुए हैं। उन्होंने मांग की कि प्रतापनगर वडोदरा से छोटा उदयपुर होकर आलीराजपुर के लिए संचालित रेल चालू करने के लिए रेलमंत्री को निर्देश दें ताकि यहां के मजदूर अपने घर आ सकें।



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The government of Uttar Pradesh is not getting permission to send the workers there, so the administration is reluctant to keep them in the district




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चिरूला बॉर्डर पर झांसी पुलिस ने वाहनों को रोका, पूरी रात फंसे रहे

झांसी बॉर्डर पर अभी तक मजदूरों को ही निकलने से रोका जा रहा था लेकिन अब ट्रांसपोर्ट का सामान ले जाने वाले ट्रक, मिनी ट्रक को भी बेवजह रोककर परेशान किया जा रहा है। शिवपुरी-झांसी हाइवे पर जैसे तैसे मजदूरों से भरे वाहनों, ट्रांसपोर्ट वाहनों और यात्री बसों को निकलवाया गया तो शनिवार को रात में ग्वालियर-झांसी हाइवे पर चिरूला के पास स्थित झांसी बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने दतिया की तरफ से आने वाले वाहनों की आवाजाही बंद कर दी। शनिवार शाम 7 बजे से वाहन पूरी रात फंसे रहे। बॉर्डर से केंद्रीय विद्यालय तक सात किमी लंबी वाहनों की लाइन लग गईं। रविवार को सुबह वाहनों को निकाला गया। तब सड़क खाली हुई। झांसी पुलिस दतिया जिले के आसपास के गांव को खतरे में डाल रही है।
जब से लाॅकडाउन की शुरुआत हुई तब से लगातार झांसी बॉर्डर पर वाहनों को झांसी की तरफ जाने से रोका जा रहा है। 8-10 घंटे वाहन और मजदूर बॉर्डर पर फंसे रहते हैं। इसके बाद जब दतिया जिला प्रशासन हस्तक्षेप करता है तब कहीं जाकर वाहनों को पास किया जाता है। पिछले पांच दिन से शिवपुरी-झांसी हाइवे पर जौहरिया के पास दतिया सीमा में हजारों मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शुक्रवार रात से फंसे वाहन शनिवार को शाम के समय निकाले जा सके और शिवपुरी-झांसी हाइवे पर वाहनों का आवागमन शुरू हो गया तो शाम को चिरूला बॉर्डर पर ग्वालियर, दतिया की तरफ से निकलने वाले वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। जिससे हजारों छोटे बड़े वाहन झांसी बॉर्डर पर फंस गए।



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Jhansi police stopped vehicles at Chirula border, stranded all night




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काेरोना से मुक्ति के लिए माता के दरबार में पहुंचे कलेक्टर, 1000 साल पुराने मंदिर में प्रार्थना की

कलेक्टर शशांक मिश्र ने रविवार सुबह महाकाल वन के प्राचीन द्वार चौबीस खंभा के दोनों तरफ विराजित देवी महामाया और महालया का पूजन किया। कोरोना के संक्रमण के कारण रेड जोन में रखे गए उज्जैन जिले को इस आपदा से बचाने के लिए यह प्रतीकात्मक पूजन की गई। माना जाता है कि सम्राट विक्रमादित्य ने उज्जैन नगरी को आपदाओं से बचाने और नकारात्मक वातावरण को समाप्त करने के लिए भी यह पूजा की थी। इसके बाद हर साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर यह परंपरा निभाई जाती है। अभी वर्तमान में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद धर्मशास्त्रों के विद्वान पं. आनंद शंकर व्यास से सांसद अनिल फिरोजिया ने परामर्श किया। इसके बाद कलेक्टर को नगर पूजा का सुझाव दिया। शहर के कई विद्वान नगर पूजा का सुझाव दे चुके हैं। कलेक्टर ने महामाया और महालया का पूजन करने के साथ महाकालेश्वर मंदिर में भी पूजा की।

यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना है। यहां पर आपदा-विपदा से लोग बचे रहे इसलिए नगर पूजा की जाती है।

ऐसे करते हैं पूजन की शुरुआत
यह मंदिर विश्व का संभवत: एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां महाअष्टमी के दिन माता को मदिरा चढ़ाई जाती है। सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में ढोल-ढमाकों के साथ गुदरी स्थित चौबीस खंभा माता मंदिर से नगर पूजा की शुरुआत की जाती है। कलेक्टर मदिरा की धार चढ़ाकर पूजा शुरू करते हैं। यह पूजा माता, भैरव व हनुमान मंदिर मिलाकर कुल 40 मंदिरों में होती है। 26 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद संपन्न होने वाली इस पूजा में 5 किलो सिंदूर, दो डिब्बे तेल, 25 बोतल मदिरा सहित 39 प्रकार की विशेष पूजन सामग्री रखी जाती है। हालांकि इस वर्ष काेरोना संकट के कारण यह पूजा नहीं हो सकी थी।

मदिरा का भोग लगाने की है परंपरा
महाकाल वन के मुख्य प्रवेश द्वार पर विराजित माता महामाया औरमाता महालाया चौबीस खंभा माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां पर मंदिर के भीतर 24 काले पत्थरों के खंभे हैं, इसीलिए इसे 24 खंभा माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह उज्जैन नगर में प्रवेश करने का प्राचीन द्वार हुआ करता था। पहले इसके आसपास परकोटा हुआ करता था। तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध उज्जैन या प्राचीन अवंतिका के चारों द्वार पर भैरव तथा देवी विराजित हैं, जो आपदा-विपदा से नगर की रक्षा करते हैं। चौबीस खंभा माता भी उनमें से एक हैं। यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना है। नगर की सीमाओं पर स्थित इन देवी मंदिरों में राजा विक्रमादित्य के समय से नगर की सुरक्षा के लिए पूजन और मदिरा चढ़ाए जाने की परंपरा चली आ रही है।



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कलेक्टर शशांक मिश्र ने माता से जिले और देश को कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।




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इंदौर: ग्रामीण क्षेत्र में रियायत, सुबह-सुबह खुल गया मांगलिया का पूरा बाजार, लोग सोशल डिस्टेंसिंग भूले

लॉकडाउन 3.0के साथ ही इंदौर में भी ग्रामीण क्षेत्राें में थोड़ी रियायत मिल गई है।मांगलिया क्षेत्र मेंथोक व्यापारियों को दुकान खोलने की अनुमति की खबर क्या पता चली,इलाके में सभी ने अपनी-अपनी दुकानों के शटर ऊपर कर दिए। दुकान खुली देख लोग भी बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल आए। देखते ही देखते दुकानों के सामने भीड़ लग गई।बेखौफ घूम रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग भी भूल गए।


सोमवार सुबह भास्कर की टीम मौके पर पहुंची तो मांगलिया चौराहे से टोल नाके तक अधिकांश थोक व्यापारियों की दुकानें खुली मिलीं। लोग सड़कों पर तफरी करते नजर आए।दुकानों के बाहर भीड़ लगी थी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन नजर नहीं आया। यहां पुलिस का डर भी लोगों के मन में नहीं था। पूरे इलाके में कोई बाइक दौड़ा रहा था ताे कोई पैदल ही यहां से वहां घूम रहा था। बाजार घुलने की जानकारी के साथ हीपूरे इलाके में कोरोना संक्रमण के माहौल को हीलोगों ने भुला दिया।



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यह मांगलिया का मुख्य बाजार है जो कि पुलिस चौकी से महज 200 मीटर की दूरी पर है। सुबह यहां दुकानें खुलीं और लोग सड़कों पर नजर आए।




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इंदौर के आउटर इलाके में बनी चेक पोस्ट पर डटे जवानों को डीआईजी ने पांच-पांच सौ रुपए का इनाम दिया

कोरोना संक्रमण को लेकर शहर के अन्य जिलों से आने वाले वाहन और उसमें सवार लोगों को रोकने के लिए शहर के 28 एंट्री पॉइंट पर चेकिंग व्यवस्था लगाई गई है। रविवार रात डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने इन चेक पोस्ट पर लगे जवानों की ड्यूटी का निरीक्षण किया। डीआईजी तेजाजी नगर थाने से होते हुए राजेंद्र नगर पहुंचे फिर यहां से राऊ गए।

डीआईजी मिश्र ने बताया कि तीनों थाना क्षेत्रों के चेकिंग पॉइंट पर जवान मुस्तैदी से बाहरी वाहनों की चेकिंग करते मिले। जवानों की लगन और सक्रियता को देखते हुए उन्होंने ड्यूटी कर रहे जवानों को 500-500 रुपएका इनाम दिया। थाना प्रभारी औरसीएसपी रैंक के अधिकारियों को धूप में ड्यूटी करने वाले जवानों को गमछे वह छाता उपलब्ध कराने की भी बात कही।

डीआईजी नेमौके पर ही दो जवानों को इनाम दिया

थाना राऊ के एक पॉइंट पर सुरक्षा उपकरण जैसे पीपीई किट आदि से लैस होकरमुस्तैदी के साथ चेकिंग कर रहे प्रधान आरक्षक रोशन एवं आरक्षक मांगीलाल भंडारी को गाड़ी से उतरकर, पूरी संवेदनशीलता एवं सर्तकता के साथ अच्छी तरह से ड्यूटी करने के लिए डीआईजी नेशाबासी दी।उन्हें500-500 रुपएका नकद इनाम भी दिया। भ्रमण के दौरान उन्होंने थाना राऊ के थाना प्रभारी द्वारा अपने साथ रक्षा समिति सदस्यों को साथ में लेकर लाउडस्पीकर के द्वारा लोगों को जागरूक करते हुए पैदल मार्च करने की भी प्रशंसा की।



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डीआईजी ने थाना प्रभारी व सीएसपी रैंक के अधिकारियों को धूप में ड्यूटी करने वाले जवानों को गमछे वह छाता उपलब्ध कराने की भी बात कही।