मां, बहन, भानजी क्वारेंटाइन में, बेटे को आखिरी बार नहीं देख सके
व्यासफला के रहने वाला दुबे परिवार। कोरोना के आशंका के चलते देवेश की मृत्यु हो गई। निधन से कुछ दिन पहले ही बहन पूना से आई थी। मृत्यु के बाद प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग ने मां, बहन, पांच साल की भानजी सहित अन्य को एक गार्डन में क्वारेंटाइन कर दिया। इधर, देवेश के शव को सीधे मुक्तिधाम ले जाया गया। बेटे के चले जाने से बदहवास मां, बहन उसे आखिरी बार ठीक से देख भी नहीं पाई। संक्रमण के डर से कोई मिलने गार्डन जा नहीं सकता। अलग-थलग रहकर परिवार में किसी से मिल भी नहीं पाई। तीसरा, दसवां परिजन की गैरमौजूदगी में हुआ। कोरोना काल में हो रही मौतों की घटना में परिजनों को अपनों से बिछड़ने का दुख तो सहना ही पड़ रहा है, उनका क्रियाकर्म ठीक से नहीं करने की वेदना भी हो रही है।
जीवनभर साथ रहे, अंत समय में कुनबा देख ही नहीं पाए दादी को
छत्रीपुरा के गुप्ता परिवार की वट वृक्ष थीं सावित्री देवी। हमेशा नाती, पोते, बहू, बेटी, बेटों से घिरी रहती थीं। संक्रमण फैला, लाॅक डाउन हुआ। इसी बीच सावित्री देवी को भी लकवा हो गया। तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो देहांत हो गया। विडंबना देखिए कि इंदौर में भरापूरा परिवार होते हुए भी अंतिम यात्रा के वक्त शामिल नहीं हो पाए। कोई तिलक नगर तो कई अग्रवाल नगर में परिवार का व्यक्ति घर में बैठा रोता रहा। मात्र 20 लोग ही इकट्ठा होने के नियम ने दादी की अंतिम विदाई को और गमगीन बना दिया। दादी के जाने से ज्यादा दुख तो उन्हेें आखिरी बार नहीं देख पाने का परिवार को रहा।
महाराष्ट्र से परमिशन लेकर आखिरी बार बेटे का चेहरा देखने पहुंच गए माता-पिता
लॉकडाउन के बाद मकान की किस्त न भर पाने के तनाव में फांसी लगाकर जान देने वाले युवक के माता-पिता और भाई आखिरकार महाराष्ट्र से परमिशन लेकर शुक्रवार को इंदौर पहुंच गए। उन्होंने ही बेटे का अंतिम संस्कार किया और फिर शाम को रवाना हो गए। एरोड्रम पुलिस के अनुसार भोलेनाथ कॉलोनी के युवक हेमंत पाटिल का शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम करवाया गया। ससुर प्रदीप सोनेने ने बताया गुरुवार को हेमंत की फांसी की जानकारी के बाद उसके घर वालों को जलगांव में सूचना दे दी थी, लेकिन उन्हें परमिशन नहीं मिल रही थी। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उन्हें वहां के स्थानीय प्रशासन ने इंदौर आने-जाने की परमिशन दे दी। इसके बाद हेमंत के पिता जयराम पाटिल पत्नी व बड़े बेटे के साथ शुक्रवार को इंदौर पहुंचे। उसका अंतिम संस्कार करवाया। फिलहाल पुलिस को मृतक के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
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