india news

अब माेबाइल एप के माध्यम से होगा काेराेना संदिग्धाें का ऑनलाइन सर्वे

अब काेविड-19 के संदिग्धाें व संक्रमिताें का सर्वे मोबाइल एप के माध्यम से शुरू हाे जाएगा। इसके तहत सर्वे कार्य में लगे कार्यकर्ताअाें काे प्रशिक्षण दिया गया। क्षेत्र में 100 से अधिक कार्यकर्ता नगर व अासपास के क्षेत्र में स्क्रीनिंग कर माेबाइल एप के माध्यम से सर्वें करेंगे।
एसडीएम प्रतुल सिन्हा के निर्देशानुसार मंगलवार काे गौतमपुरा के रूणजी स्थित पाटीदार धर्मशाला में क्षेत्र की 100 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ कार्यकर्ता एएनएम व आशा कार्यकर्ताअाें को माेबाइल एप के माध्यम से सर्वे का प्रशिक्षण दिया गया। सभी कार्यकर्ताओं को सरकारी प्रायमरी हेल्थ सेंटर में पदस्थ फार्मासिस्ट मनोज मेहता द्वारा मास्क, हैंड सैनिटाइजर, हैंड ग्लव्ज का वितरण किया गया। एसडीएम सिन्हा ने सबसे पहले 100 कार्यकर्ताअाें के लिए बैठने की व्यवस्था साेशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से करवाने वाले नायब तहसीलदार जितेंद्र वर्मा व नगर परिषद सीएमअाे नागेंद्रराय कानूनगो की ताली बजाकर तारीफ की। कार्यकर्ताओं को सर्वे पर जाने व सुरक्षित रहकर सर्वे करने की समझाईश दी व सर्वे के लिए प्रशिक्षित कर इंदाैर कोविड-19 सर्वे मोबाइल एप संबंधी विस्तृत जानकारी दी। देपालपुर स्वास्थ्य विभाग के दिनेश पटीदार, बाबूलाल देपाले, पीसी शर्मा द्वारा इंदाैर कोविड-19 सर्वे मोबाइल एप इंस्टाॅल कर उसका उपयाेग व सर्वे में लोगों से ली जाने वाली जानकारियों के बारे में बताया। प्रशिक्षण के पहले नगर परिषद के कर्मचारी व विनोद त्रिवेदी, सोहन असावरा द्वारा प्रशिक्षण स्थल को सैनिटाइज किया गया। इस माैके पर नगर परिषद के एमडी बैरागी, अमित विजयवर्गीय, अनिल राठाैर, ईश्वर शर्मा, शैलू भट्ट, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर पुष्पलता यादव, पूजा हारोड आदि उपस्थित थे। एसडीएम सिन्हा ने बताया कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए आॅनलाइन सर्वे के लिए आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की ड्यूटी लगाई गई है। एक-दो दिन में यह सर्वे मोबाइल एप के माध्यम से शुरू होगा। इसमें यदि कोई व्यक्ति बीमार पाया गया, तो उसे दवाई-गोली दी जाएगी, साथ ही जिस व्यक्ति को ज्यादा परेशानी हाे, उसे अन्य उपचार कर अस्पताल में रेफर किया जाएगा। यदि कहीं पर काेराेना संक्रमण संबंधी लक्षण नजर अाए, तो उस घर को चिन्हित कर वहां रहने वालाें काे उपचार के लिए इंदाैर पहुंचाया जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Now online survey of Karena suspects will be done through the mobile app




india news

विधायक ने शुरू कराई समर्थन मूल्य पर खरीदी

आष्टा सीहोर रोड पर लसुडिया जोड़ पर स्थित विशाल वेयरहाउस पर कोठरी, गवाखेड़ा व निपनिया कला सोसायटी के पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की फिर से शुरुअात कर दी गई है।
यहां दो दिन पहले वेयर हाउस के मालिक व हम्मालों के बीच विवाद हुआ था। इस वजह से हम्मालों ने खरीदी केंद्र को बंद रखा हुआ था। इसके चलते मंगलवार काे विधायक रघुनाथसिंह मालवीय व धारासिंह पटेल विशाल वेयर हाउस पहंुचे। उन्हाेंने हम्मालों व किसानों की समस्या सुनी। इसके बाद ताैल कांटों का निरीक्षण कर सुचारू रूप से खरीदी केंद्र को चलाने के निर्देश दिए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
MLA started buying on support price




india news

दाे दिन में काेराेना संदिग्ध महिला नर्स की रिपोर्ट आ जाएगी : सांसद लालवानी

इंदाैर के सांसद शंकर लालवानी एक दिनी दाैरे पर यहां अाए। उन्हाेंने यहां विभिन्न स्थानाें का निरीक्षण किया व काेराेना वाॅरियर्स के सम्मान में तालियां बजाकर जरूरतमंद लाेगाें काे राशन किट वितरित किए। उन्हाेंने चर्चा के दाैरान बताया यहां पदस्थ नर्स के काेराेना संदिग्ध पाए जाने के बाद क्वारेंटाइड नर्स की रिपाेर्ट एक-दाे दिनाें में मिल जाएगी।
लालवानी ने बताया इंदौर में लेबोरेटरी कम होने के कारण सैंपल इंदौर से बाहर भेजे जा रहे हैं। यहां तक कि सीएम के चार्टर प्लेन से इंदौर में मॉडिफाई कर सैंपल अन्य राज्यों में भेजकर जांच कराई जा रही है। अभी इंदौर नगर में 24 घंटों में 300 से अधिक सैंपल की जांच की जा रही है। संख्या ज्यादा हाेने के कारण रिपाेर्ट अाने में देरी हाे रही है। देपालपुर की नर्स की सैंपल रिपाेर्ट दाे दिनाें के अंदर अाने की संभावना है। इसके पहले सांसद लालवानी ने देपालपुर ग्रिड का दौरा किया। यहां झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालाें काे बिस्कुट वितरण कर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आने वाले भवनों की जानकारी ली। इसके बाद श्री साईं कॉम्प्लेक्स में नि:शक्तजनों, मध्यमवर्गीय परिवार व आवश्यक कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को भोजन सामग्री का वितरण किया।
इस माैके पर गोपाल कटेसरिया, अजय आहूजा, मुकेश जैन, गणेश राठौर, रवि चौरसिया, महेश पुरी, श्याम गोयल, भरत यादव आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे। सांसद लालवानी ने कोरोना वाॅरियर्स व सफाई कर्मचारियों का ताली बजाकर सम्मान किया व उनकी हाैंसला अफजाई की।

संस्था से चावल वितरण किया शुरू, उपभोक्ताओं के हाथ धुलवाए, साेशल डिस्टेंसिंग का भी रखा ध्यान

यहां प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत हरेक बीपीएल परिवार को एक महीने का हर सदस्य को पांच किलो प्रतिमाह के हिसाब से दो माह का 10 किलो चावल सेवा सहकारी संस्था बनेड़िया सेल्समैन श्याम चौधरी द्वारा वितरित किया जा रहा है।
सोमवार को 135 व मंगलवार को 165 परिवाराें को चावल वितरण किया गया है। इसमें भुरसिंग पिता गटिया निवासी मुंडला कलमा के परिवार के 11 सदस्यों का दाे महीनाें का 110 किलो चावल व तस्लीम बी नजीर खां को 14 सदस्यों का दाे महीनाें का 140 किलो चावल दिया गया। वितरण नोडल अधिकारी जनपद पंचायत इंस्पेक्टर देपालपुर नर्मदाप्रसाद पाटले, सचिव सुरेश भादविया, सहायक सचिव चंदरसिंग बिसुरिया, कोटवार मनोज कामली, देवकरण पटेल, हरिराम, कोटवार अर्जुनसिंग की निगरानी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया गया। साथ ही संस्था कार्यालय प्रांगण में धूप से बचाव के लिए टेंट भी लगाया गया है व सभी को साबुन से हाथ धुलवाकर ही दुकान में प्रवेश कराया गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Report of suspected female nurse will come in the next day: MP Lalwani




india news

नपाध्यक्ष ने किया कार्यालय का निरीक्षण, अनुपस्थित मिले कर्मियों का एक दिन का वेतन काटने के आदेश

कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के बीच नगरपालिका अध्यक्ष सेना महेश पटेल ने मंगलवार को नपा कार्यालय और फिल्टर प्लांट का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें कार्यालय में कई लापरवाही देखने की मिली। साथ ही कुछ कर्मचारी अपनी टेबलों से नदारद पाए गए। इसे लेकर उन्होंने नपा सीएमओ को कार्यालय में अनुपस्थित पाए जाने वाले कर्मचारियों के एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए।
पटेल मंगलवार को ऑफिस समय में जब नपा कार्यालय पहुंची तो उन्हें कई प्रकार की लापरवाही दिखी। निरीक्षण के दौरान उन्हें कुछ कर्मचारी अपनी टेबलों पर नहीं दिखे। तो तत्काल नपा सीएमओ संतोष चौहान को बुलाकर अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी करने के निर्देश दिए। उक्त मामले को लेकर नपाध्यक्ष पटेल ने कलेक्टर सुरभि गुप्ता को भी अवगत करा दिया है।
पटेल ने कहा कि कुछ कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं तो कुछ कर्मचारी अच्छा कार्य भी कर रहे हैं। इसके पूर्व पटेल ने नपा सीएमओ चौहान और कांग्रेसी नेता ओमप्रकाश राठौर के साथ स्थानीय फिल्टर प्लांट का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ने फिल्टर प्लांट के पानी की शुद्धता ओर साफ-सफाई को लेकर कर्मचारियों को उचित दिशा निर्देश दिए। उन्होंने आगामी गर्मी को देखते हुए नगर की जलप्रदाय फाटा डेम परियोजना की भी जानकारी ली। पटेल ने बताया कि गर्मियों में भी नगरवासियों को फाटा डेम से सुचारु रूप से जलप्रदाय किया जाएगा। नगर में पानी की कोई कमी नही आने दी जाएगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Inspector of the office inspected the office, orders for one day's salary deducted for absentee workers




india news

देवास में फंसी थी दो रिश्तेदार छात्राएं, बिना अनुमति के बाइक पर आंबुआ ले आए पंढरीनाथ थाने के एएसआई, क्वारेंटाइन किया

लॉकडाउन के चलते देवास में फंसी दो रिश्तेदार छात्राओं को इंदौर थाने का एएसआई बिना अनुमति के बाइक पर बैठाकर आंबुआ ले आया। जिले में प्रवेश की सूचना पर नायब तहसीलदार शशांक दुबे ने तत्काल एक्शन लिया। स्वास्थ विभाग की टीम को लेकर आंबुआ पहुंचे। यहां दोनों छात्राओं की जांच कराई। एहतियात के तौर पर उन्हें आलीराजपुर बालिका छात्रावास में क्वारेंटाइन कर दिया गया है। वहीं पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भी लिखा है।
दुबे ने बताया मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे सूचना मिली कि बाग-टांडा रोड से कोई पुलिसकर्मी दो छात्राओं को लेकर जिले में प्रवेश करने वाला है। इसपर हमने तत्काल कार्रवाई की। थाने पर कहकर उन्हें आंबुआ में राेका। मैं पहुंचा तब तक पुलिसकर्मी वहां से जा चुका था। छात्राओं ने बताया हम देवास में पढ़ाई करते हैं। लॉकडाउन में काफी परेशानी हो रही थी। पुलिसकर्मी का नाम एएसआई पीएस निंगवाल बताया जा रहा है। जो कि इंदौर जिले के पंडरीनाथ में पदस्थ है। दोनों छात्राओं के रिश्तेदार है। एक छात्रा आंबुआ और दूसरी वालपुर की है। दुबे ने बताया एएसआई पर कार्रवाई के लिए ने हमने इंदौर के वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को सूचित कर दिया है।

इधर, फंसे मजदूरों को लाने बसें देगा बस ऑपरेटर एसोसिएशन

दूसरे राज्यों व जिलों में फंसे मजदूर परिवारों को लाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए शासन बसें अधिगृहीत कर रहा है। मंगलवार को एसडीएम राजस्व विजय कुमार मंडलोई की अध्यक्षता में बस ऑपरेटर एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई। बैठक में राज्य शासन के निर्देशानुसार अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों को उनके गृह जिले में पहुंचाने की व्यवस्था के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। एसोसिएशन ने प्रशासन का पूर्ण रूप से सहयोग करने की बात कही बैठक में प्रशासन की ओर से आरटीओ राजेश गुप्ता, नायब तहसीलदार शशांक दुबे, परिवहन उप निरीक्षक कुलदीप चौहान, एसोसिएशन अध्यक्ष पर्वतसिंह राठौर, उपाध्यक्ष रितेश डावर आदि उपस्थित थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Two relatives girls trapped in Dewas, quarantined ASI of Pandharinath police station, brought to Ambua on bike without permission




india news

8 दिन छूट दी तो दुकानें खोली, भीड़ लगाई, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं किया पालन, इसलिए जिले में 3 मई तक फिर लगा कर्फ्यू

जिले में पहला पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कलेक्टर सुरभि गुप्ता ने 20 अप्रैल तक कर्फ्यू लगाया था। इसके बाद कर्फ्यू समाप्त कर जरूरी सामान और आवश्यक वस्तुओं के लिए छूट दे दी। लेकिन लोगों ने इस छूट का गलत फायदा उठाया।
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के बाजार में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ रही थी। किराना दुकान वालों ने दुकानें खोलना शुरू कर दी। दुकानों पर गोल घेरे नहीं होने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था। सब्जीवाले जारी किए गए पास के अनुसार वार्ड में सब्जियां बांटने की जगह सड़क पर दुकानें लगाकर बैठने लगे। प्रशासन लगातार कार्रवाई भी कर रहा था। लेकिन इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा था। भास्कर ने इस संबंध में लगातार खबरें प्रकाशित की। इस पर प्रशासन ने संज्ञान लिया और कर्फ्यू के आदेश 3 मई तक के लिए जारी किए।

ये हैं आदेश : जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा में लागू रहेगा कर्फ्यू
लॉकडाउन के चलते निर्धारित शर्तों के अंतर्गत छूट दी गई थी। लेकिन आमजन ने सोशल डिस्टेंसिंग व निर्देशों का उल्लंघन किया। जिले की सीमाओं व क्षेत्रों से लगे जिला धार के कुक्षी, गुजरात राज्य के जिला दाहोद, जिला छोटा उदयपुर व तहसील कंवाट में कोविड-19 की संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में आलीराजपुर जिले की राजस्व सीमा अंतर्गत समस्त क्षेत्र में इसकी रोकथाम के लिए यह आवश्यक हो गया है कि सीमाओं को सील किया जाए।

अब यह नहीं कर सकेंगे - कलेक्टर गुप्ता ने कोरोना संक्रमण से स्वास्थ्य एवं जीवन की सुरक्षा से उत्पन्न खतरे को देखते हुए लोक शांति बनाए रखने एवं सोशल डिस्टेसिंग के उद्देश्य से जिले में कर्फ्यू के आदेश का सख्ती से पालन कराए जाने के आदेश दिए हैं। आदेश के तहत किसी भी व्यक्ति के जिले की राजस्व सीमाओं में स्थित सड़कों पर, सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक मार्गों या अन्य किसी भी स्थल पर एकत्रित होने, खड़े होने, वाहन, यातायात का कोई भी साधन का उपयोग करने पर तत्काल प्रभाव से पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। जिलेवासी अपने-अपने घरों में ही रहे, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित हो सके।

यहां लागू नहीं है आदेश - प्रतिबंधात्मक आदेश के दौरान शासकीय, निजी अस्पताल, संस्था व उनके कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों एवं अन्य अमला, पुलिसबल, नगर पालिका, कार्यालिक मजिस्ट्रेट, विद्युत मंडल, इंटरनेट, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर, किसी भी तरह की एंबुलेंस सेवा, शासकीय कार्य संपादित करने के लिए नियुक्त अधिकारी, कर्मचारी, आवश्यक वस्तुओं की घर पहुंच सेवा, होम डिलेवरी में लगे कर्मचारियों, रसोई गैस सिलेंडर वितरण व्यवस्था, मीडियाजन, दवा दुकानें, सभी प्रकार के ईंधन, परिवहन के साधन व भंडारण डिपो, खाद्यान्न, दाल, खाद्य तेल अन्य कोई भी खाद्य सामग्री की निर्माण इकाईयां, दवा, सैनिटाईजर, मास्क एवं चिकित्सीय उपकरण, समर्थन मूल्य पर मंडियों में अनाज की खरीदी, गैस सिलेंडर की आपूर्ति पर छूट का प्रावधान रहेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Shops were opened for 8 days, crowds opened, social distancing was not followed, so curfew was imposed again till May 3 in the district.




india news

रात में गुजरात से लौटे चार लोग, सुबह पहुंचा प्रशासनिक अमला, अब क्वारेंटाइन सेंटर में रहेंगे

राणापुर में सोमवार रात गुजरात से 4 लोग आए। इसकी जानकारी जैसे ही अधिकारियों को लगी वे उनके घर पहुंचे और परीक्षण किया। मंगलवार सुबह तहसीलदार रवींद्रसिंह चौहान,
बीएमओ जीएस चौहान उनके निवास पर पहुंचे और सभी को बालिका छात्रावास में लाकर क्वारेंटाइन किया गया।
बीएमओ डॉ. जीएस चौहान ने बताया राणापुर के वार्ड 2 में दाे लोगों और पेट्रोल पम्प के पास एक परिवार के 2 लोगों के ( कुल 4 लोग) सोमवार रात को गुजरात से राणापुर आने की जानकारी मिली थी। इस पर सुरक्षा की दृष्टि से इन दोनों परिवारों के 4 सदस्यों को क्वारंेंटाइन किया गया है। फिलहाल ये स्वस्थ हैं।
7 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है : डॉ. चौहान ने बताया पिछले सप्ताह से जांच के लिए भेजे गए सैंपल में से सोमवार को 1 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शेष 7 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है, जिसमें एसबीआई के मैनेजर रामसिंह डामोर भी शामिल है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Four people returned from Gujarat at night, administrative staff arrived in the morning, will now stay in Quarantine Center




india news

जिला जेल में कैदियों को दी कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी

जिला आयुष अधिकारी डॉ. मीना भायल के निर्देशानुसार नोडल अधिकारी (आयुष) डॉ. नवीन वर्मा, डॉ. धर्मसिंह सोलंकी, डॉ. नीलम चौहान, रवि शर्मा द्वारा जिला जेल में 301 कैदियों को कोरोना से बचाव की जानकारी दी गई। डॉ. वर्मा ने कैदियों व स्टाफ को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मुंह पर मास्क बांधने व बार-बार हाथ धोने की सलाह दी। सभी को आयुर्वेदिक चूर्ण का वितरण किया गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Inmates of District Jail given information about prevention of corona infection




india news

दाहोद के क्वारेंटाइन सेंटरों से 230 लोग लौटे, राजस्थान-उत्तर प्रदेश वाले भी जाएंगे

गुजरात से मजदूरों को लाने के लिए बॉर्डर चार दिन पहले खोली गई, लेकिन अभी तक इसका कुछ खास फायदा नजर नहीं आ रहा। सैकड़ों गाड़ियां लोगों को अपने जिले में छोड़ने के लिए बुलवाई गई, लेकिन गुजरात की तरफ से लोग आ नहीं रहे। अब प्रदेश सरकार और गुजरात सरकार की बात चल रही है। गुजरात से आसपास के जिलों के मजदूर बसों से छुड़वा दिए गए, लेकिन दूर के जिलों के नहीं। अब ये चर्चा की जा रही है कि या तो गुजरात सरकार मजदूरों को लाकर यहां छोड़ दे या प्रदेश की बसों को वहां तक जाने की अनुमति दे दी जाए। अभी राजस्थान और उत्तर प्रदेश से भी इसे लेकर बात चल रही है।

अब तक इतने आए

  • 3575 मजदूर
  • 74गाड़ियों से भेजे

उप्र और राजस्थान के लोग वहां ज्यादा संख्या में हैं
मजदूरों के अलावा दाहोद के 42 क्वारेंटाइन सेंटरों में लॉकडाउन के समय से रह रहे प्रदेश के 230 लोग यहां आ चुके हैं। प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग वहां ज्यादा संख्या में हैं। दाहोद कलेक्टर विजय खराड़ी ने बताया, जैसे ही कोई निर्णय होता है और निर्देश आते हैं, वैसा किया जाएगा।
छांव के लिए टेंट लगाए
गुजरात की ओर से आने वालों की स्क्रीनिंग की जगह पर टेंट नहीं होने से 40 डिग्री तापमान के बीच लोगों को धूप में कतार में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ रहा था। इनमें बच्चे भी शामिल थे। दैनिक भास्कर में खबर के बाद स्क्रीनिंग वाली जगह पर टेंट व्यवस्था की गई।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
230 people returned from quarantine centers of Dahod, Rajasthan-Uttar Pradesh people will also go




india news

जागरूकता लाने भीली भाषा में लिखा गीत ‘थोड़ो रोकय जा रे मारा भाई’

यह अच्छी खबर है कि अंचल अब तक कोरोना वायरस से अछूता है। हालांकि कई ग्रामीण जागरूकता के अभाव में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे। बैंक और कियोस्क सेंटरों के बाहर इस तरह के नजारे देखे जा सकते हैं, जहां ग्रामीण एक दूसरे से चिपककर बैठ रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे हैं जो धूप से बचने के लिए घेरों में अपनी चप्पल रखकर खुद छांव में समूह बनाकर बैठे नजर आ रहे हैं।
ऐसे ही ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए थांदला के युवा रचनाकार संजय कलसिंह भाबर द्वारा स्थानीय भीली भाषा में एक जन जागरण गीत की रचना की है। इस गीत का शीर्षक उन्होंने ‘थोड़ो रोकय जा रे मारा भाई’ दिया है। इसके माध्यम से उन्होंने लोगों को घरों में रहने की प्रेरणा दी है। संजय द्वारा रचित भीली गीत की कुछ पंक्तियां...
थोड़ो रोकय जा रे मारा भाई, नाना-नानी ने बापो आई।
सबने मारी एही राई, थोड़ो रोकय जा रे मारा भाई।।
देह मा ऐवे संदेश आयो, जाणे कुण यो कोरोना लायो।
जाणे केवी है रे ये लाई, थोड़ो रोकय जा रे मारा भाई।।
तारा-मारा नी फिकर सबने, सावधानी पण राखो हमणे।
मत उतावलो थाजे मारा भाई, थोड़ो रोकय जा रहे मारा भाई।।
(कविता का हिंदी रूपांतरण यह है कि कोरोना जैसी महामारी में व्यक्ति लॉकडाउन में भी भागमभाग करता है उससे आग्रह किया गया है कि थोड़ा ठहर जाओ मेरे भाई, छोटे बच्चो से मां-बाप से सभी से एक ही बात कही गई है कि थोड़ा सा सब्र कर लो थोड़ा रुक जाओ)

इधर…सोशल डिस्टेंसिंग में के गोले में चप्पल, ग्रामीण छांव में बैठे

खातों से राशि निकालने के लिए ग्रामीण अब भी शहर में आ रहे हैं। शहर के कियोस्क सेंटर पर ग्रामीण दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार को मनकामेश्वर महादेव मंदिर के समीप स्थित कियोस्क सेंटर के बाहर ग्रामीण दिखाई दिए। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाए हैं। लेकिन ग्रामीणों ने धूप से बचने के लिए गोलों में चप्पल रख दी और खुद छाव में जाकर बैठ गए। कुछ तो बिल्कुल चिपककर बैठे थे। जबकि कुछ दूर-दूर दिखाई दिए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
A song written in Bhili language to bring awareness 'Thodo Rokay Ja Re Mara Bhai'




india news

ई-पास समय पर नहीं बन रहे, सर्वर धीमा और काम भी ज्यादा, मरीजों के इलाज में सबसे ज्यादा दिक्कत

सरकार ने दो दिन से गुजरात और दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस अपने घर लाने के लिए ई-पास जारी करना शुरू कर दिया। ऐसे में सर्वर पर लोड बहुत ज्यादा हो गया। वो भी तब, जब पहले से ही सर्वर धीमा चल रहा था। 27 तारीख के पहले से इमरजेंसी में इलाज करवाने जाने के लिए पास बनने में 3 से 4 दिन लग रहे थे। अब समस्या और बढ़ गई। यहां सबसे ज्यादा लोग गुजरात इलाज कराने जाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। अब दूसरा पेंच ये भी फंस गया कि गुजरात में फंसे लोगों को अपने वाहन से लाने के लिए प्रदेश सरकार तो ई-पास जारी करने का दावा कर रही है, लेकिन गुजरात में इन्हें नहीं माना जा रहा। पुलिस वाले खाली हाथ लौटा रहे हैं। हालांकि इसे लेकर उच्च स्तर पर चर्चा चल रही है।
तकनीकी दिक्कत है
डिप्टी कलेक्टर ई-पास प्रभारी ज्योति परस्ते ने बताया मेन्युअल पास बनना बंद हो गए और सारे ई-पास बन रहे हैं। सर्वर पर लोड ज्यादा है। इस वजह से कुछ दिक्कत आ रही है। इसे लेकर भोपाल में काम किया जा रहा है। आवेदन बढ़ रहे हैं। जैसे ही सर्वर काम कर रहा है, हम अनुमति को लेकर निर्णय ले रहे हैं। ज्यादातर मेडिकल इमरजेंसी के ही आवेदन हैं।

उदाहरण 1 : सुबह 11 बजे अप्लाई किया शाम तक नहीं मिला पास
सोमवार को राणापुर के श्वेतांबर जैन समाज की सुशीला सेठ को चेहरे पर लकवे का असर दिखा। परिजन उन्हें स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। डॉक्टर ने बाहर दिखाने की सलाह दी। अर्बन बैंक हॉस्पिटल दाहोद में एमडी डॉ. अमित शुक्ला से बात की गई। उन्होंने मंगलवार सुबह 11 बजे से पहले दाहोद आने को कहा। सुशीलाबेन के पोते बाबू सेठ ने ई-पास के लिए अप्लाय किया। दोपहर 2 बजे से रिक्वेस्ट पेंडिंग में ही दिखती रही। उन्होंने इंतजार किया कि शाम तक ई-पास जनरेट हो जाएगा लेकिन रात साढ़े 8 बजे तक भी नहीं हुआ। बाद में सुशीलादेवी के पोते ने ई गवर्नेंस दफ्तर से संपर्क किया। तब कहीं जाकर मंगलवार सुबह करीब 9 बजे पास जनरेट हुआ।
अब तक का स्टेटस

950 के करीब ई-पास के आवेदन
220 लगभग पास जारी हुए
550 आवेदन निरस्त
150 से ज्यादापेंडिंग आवेदन

उदाहरण 2 : गुजरात में 15 मार्च से रिश्तेदार के यहां है
कुछ दिन पहले उनके पति का निधन हुआ तो रस्मे पूरी करना थी। इसके चलते शहर के भगतसिंह मार्ग की रहने वाली 60 साल की सुभद्रा सोलंकी 15 मार्च को गुजरात रिश्तेदार के यहां गई थी। वहीं थी और लॉकडाउन हो गया। तबसे वहीं फंसी हैं। यहां बच्चों के पास रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं कि गांव वाले धमका रहे हैं कि बाहर की महिला को यहां रखा तो तुम्हारे घर ताला लगा देंगे। बेटों ने ऑनलाइन आवेदन भरने की कोशिश की। आधार की कॉपी डाल दी, राशन और दूसरे डॉक्यूमेंट की कॉपी भी, लेकिन फिर भी आवेदन स्वीकार नहीं कर रहा।
उदाहरण 3 : ई-पास दूसरेके नाम का बना दिया
राणापुर के लक्ष्मीबाई मार्ग निवासी बंशीलाल राठौड़ की किडनी खराब है। डायलिसिस के लिए गोधरा जाना पड़ता है। 27 अप्रैल का सिविल हॉस्पिटल गोधरा का अपाइंटमेंट मिला। राठौड़ ने ई-पास के लिए आवेदन किया। ई-पास बना भी। 26 अप्रैल को जब डाउनलोड किया तो किसी विजय चौहान झाबुआ का पास था। यह देखकर राठौड़ घबरा गए। कलेक्टर से बात की, कोई हल नहीं निकला। ई गवर्नेंस मैनेजर से बात की। उन्हें आश्वस्त किया गया कि 27 अप्रैल को उनके निकलने के पहले सही वाला ई-पास मिल जाएगा। 27 तारीख की सुबह 8 बजे निकलना था, पौने 8 बजे पास मिला। तब 11 बजे गोधरा पहुंच पाए।

उदाहरण 4 : डेढ़ महीने से वीडियो कॉल पर हो रही बात
शहर के व्यापारी मनीष यादव के दोनों बच्चे डेढ़ महीने से शाजापुर जिले के बेरछा में एक रिश्तेदार के यहां हैं। पूरा परिवार उनकी चिंता में परेशान है। मनीष ने बताया, बेटा प्रतीक जयपुर में पढ़ता है। 14 मार्च को रिजर्वेशन कराया, लेकिन नहीं मिला। 22 का मिल गया। छोटी बहन खुशी और वो रिश्तेदार के यहां चले गए। अचानक लॉकडाउन हो गया। तबसे अभी तक बच्चों से दूर हैं। ऑनलाइन अभी तक इस तरह का पास बनाने का ऑप्शन ही नहीं दिख रहा। रिश्तेदार के यहां है, इसलिए सुरक्षा का डर नहीं। लेकिन फिर भी चिंता तो होती है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
E-passes are not being made on time, servers slow down and work is over, most problem in treating patients




india news

जब से पेट्रोल की कीमत रोज तय होने लगी तब से पहली बार 45 दिन से एक ही भाव

देश में जून 2017 से डायनेमिक फ्यूल प्राइस मेथड शुरू हुई थी। इसमें तेल कंपनियों को यह अनुमति दी गई थी कि वह पेट्रोल, डीजल की कीमत हर दिन तय कर सकते हैं। यह व्यवस्था लागू होने के लगभग 3 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि लगातार 45 दिनों तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के कारण ऐसा हुआ। अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत काफी कम है, लेकिन इसका आयात बंद है। दूसरा बिक्री भी लगभग ठप पड़ी है। ऐसे में कम दाम का कोई फायदा न तो लोगों को मिल पा रहा है, न डीलरों को और न पंप वालों को।

  • पेट्रोल78.36
  • डीजल69.20

90 रुपए से ऊपर जा चुका भाव : जब से यह डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम चालू हुआ है, तबसे पेट्रोल के भाव बहुत ज्यादा तो कभी केम भी हो चुके हैं। इन तीन साल में अक्टूबर 2018 में पेट्रोल की कीमत है 90.58 रुपए तक जा चुकी है। सबसे कम भाव 72.50 रुपए रहा है। जब कीमतें 90 रुपए को पार हुई थी तब टैक्स में कमी करके 5 रुपए की कमी एक दिन में कम की गई थी।

चुनाव में उतार-चढ़ाव कम हुए
पेट्रोल, डीजल की कीमतों में इसके पहले उतार-चढ़ाव या तो लोकसभा चुनाव या फिर विधानसभा चुनाव के दौरान काफी कम हुए थे। विधानसभा चुनाव के दौरान अक्टूबर 2018 में 15 से 21 तारीख तक पेट्रोल की कीमत 82.25 रुपए रही।

आगे क्या होगा
पेट्रोल पंप संचालक मुर्तुजा पिटोलवाला का कहना है पेट्रोल की बिक्री अभी ना के बराबर है। पेट्रोल और डीजल दोनों की जितनी बिक्री हर दिन होती थी, उससे 10% बची है। जो स्टॉक है वही चल रहा है। ऐसे में हमें फायदा नहीं है। बिक्री कम होने का नुकसान ही है। लॉकडाउन खुलता है और बाहर से तेल आयात भी होता है तो इस बात की उम्मीद कम है कि फायदा लोगों को या हमें मिलेगा। कीमतें लगभग इतनी ही रह सकती है।

बैठक में बोले संचालक किसका आदेश मानें
मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में हुई जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में नूरुद्दीन पिटोलवाला ने कलेक्टर के सामने सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, पेट्रोल पंप संचालकों के सामने समस्या यह आ रही है कि वह आखिर किस का आदेश माने। तहसीलदार का अलग आदेश, एसडीएम का अलग आदेश और कलेक्टर का अलग आदेश होता है। कोई 1 बजे बंद करने का कहता है, कोई पेट्रोल पंप पूरी तरीके से बंद रखने को कहता है। कलेक्टर ने कहा एक ही आदेश जारी किया जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Ever since the price of petrol was fixed daily, for the first time the same price since 45 days




india news

काेराेना संदिग्ध की माैत और अंतिम संस्कार के मामले में मोड़, परिजन बाेले- हमें सूचना नहीं दी

साेमवार काे जिला अस्पताल के आइसाेलेशन वार्ड में भर्ती संदिग्ध की माैत हाे गई थी। उसे काेराेना संदिग्ध मानते हुए प्रशासन ने अंतिम संस्कार पुलिस अभिरक्षा में नगर पालिका के माध्यम से करवाया था। मामले में मोड़ उस समय अा गया जब नालछा ब्लाॅक के बावड़ीपुरा के एक व्यक्ति ने आराेप लगाया कि मृतक उसका जीजा था। उसका नाम और आयु प्रशासन ने गलत बताई है और उसकी मृत्यु और अंतिम संस्कार की सूचना भी हमें नहीं दी। मृत व्यक्ति नालछा का नहीं धामनोद थाना अंतर्गत भारूडपुरा के पास भैंसाखो का रहने वाला था और उसका नाम भी मगन पिता छोगालाल उम्र 35 वर्ष है।
इधर मंगलवार सुबह 11.30 बजे धामनाेद बीएमओ टीम के साथ भारूडपुरा के पास भैंसाखो पहुंचे अाैर मृत व्यक्ति के बारे में पूछताछ की। उन्हें मगन पिता बाला नाम 50 साल आयु के किसी व्यक्ति की जानकारी नहीं मिली। ग्रामीणाें के समक्ष उन्हाेंने पंचनामा भी बनाया। बीएमओने बताया गांव का रहने वाला मगन पिता छोगालाल (35) पत्नी गीताबाई का स्वास्थ्य खराब होने से ससुराल ग्राम कुराडिया नालछा 6 अप्रैल से गया हुआ था।

उधर मृतक मगन के साले बावड़ीपुरा कुराड़िया नालछा निवासी बांटिया पिता बाला ने बताया कि 6 अप्रर्ैल को बहन गीता बाई की तबीयत खराब होने से दाेनाें गांव आए थे। 17 को मेरी बहन काे नालछा के सरकारी अस्पताल में दिखाया। 20 काे धार के लिए रैफर कर दिया। लॉकडाउन होने से हम नहीं जा पाए। रविवार को जीजा से मोबाइल पर बात हुई थी। वह कह रहे थे कि हमको यहां से छुट्टी करा कर ले जाओ। उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ। मंगलवार सुबह समाचार पत्रों से जानकारी मिली। मेरे जीजा का नाम मगन पिता छोगालाल (35) है जो कि भारुडपुरा के पास ग्रापं कोठिदा के तहत भैसाखो मजरे के वसुनियापुरा के निवासी हैं। जिला प्रशासन ने हमें किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी है। मृतक के भाई ग्राम भैंसाखो निवासी कैलाश एवं देवीसिंह ने बताया कि भाई का बिना सूचना के अंतिम संस्कार कर दिया गया।

बीएमओकाे सूचना दी थी
20 अप्रैल काे हमारे पास आया था। उसे डाॅ. ठाकुर ने धार रैफर किया था। पत्नी का स्वास्थ्य खराब था। वह ठीक था। उसकी आयु 35-40 साल हाे सकती है। वह कहां का रहने वाला यह पता नहीं था। बाद में पता चला ताे धामनाेद बीएमओकाे सूचना दी थी।डाॅ. चमनदीप अराेरा, बीएमओ नालछा

काेराेना संदिग्ध माना था
बीमार की आयु पता नहीं चल पाती है। उसकाे काेराेना का संदिग्ध माना गया था। उसकी माैत और अंतिम संस्कार के बारे में उसकी पत्नी जाे कि जिला अस्पताल में भर्ती है उसे सूचना दे दी थी।
डाॅ. अनिल वर्मा, सिविल सर्जन, धार



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Kairana suspect's death and diversion in funeral case, family friend - did not inform us




india news

हमने यहां लोगों को तड़पते देखा, घर में रहने वाले ही सुरक्षित

कोरोना वायरस का सबसे ज्‍यादा कहर अमेरिका पर टूटा है। अमेरिका के न्यूयार्क व टेक्सास में नौकरी कर रहे धार के युवक अपने देश के लाेगाें काे जागरूक कर रहे हैं।युवकों का कहना है साेशल डिस्टेंसिंग ही काेराेना से बचने का एकमात्र विकल्प है। भारत में लाॅकडाउन के चलते स्थिति नियंत्रण में है। अमेरिका में मंगलवार तक 9 लाख 88 हजार 469 लाेग संक्रमित हुए। अकेले न्यूयार्क में 2 लाख 91 हजार 996 लाेग संक्रमित हाेकर 22 हजार 668 की माैत हाे चुकी, जबकि टेक्सास में 25 हजार 321 संक्रमित हाेकर 666 की माैत हाे चुकी है।

स्थिति बिगड़ने के बाद भी सरकार नहीं उठा पाई कदम
धार के मेहुल गंगवाल टेक्सास की बैंक में मैनेजर हैं। मेहुल ने बताया कि नाजुक स्थिति के बावजूद सरकार लाॅकडाउन जैसा कदम नहीं उठा पाई। भारत में प्रधानमंत्री मोदीजी ने जो निर्णय लिया वह बेहद जरूरी था। मैं धार के लाेगाें से यहीं कहूंगा कि वे शासन-प्रशासन की गाइडलाइन का पालन जरूर करें क्योंकि कोरोना से निपटने का यही एकमात्र इलाज है। डॉक्टर, पुलिस, मीडिया व प्रशासन के लोग पूरी तरह से जी जान से लगे हैं। परिजनाें से चर्चा कर घर में ही रहने की सलाह देता हूं।

संक्रमित स्वयं इलाज कराने अस्पताल जा रहे हैं
धार के ही प्रबल नवीन गाेधा न्यूयार्क में हैं। गाेधा वहां कंट्रक्शन कंपनी में कार्यरत हैं। गोधा ने बताया हम पांच भारतीय दोस्त एक साथ रह रहे हैं। घर बैठ कर ही आॅफिस का कार्य कर रहे हैं। भोजन सामग्री यहां आराम से मिल जाती है। कोई भी दो सदस्य बाजार जाकर आठ-दस दिन की सामग्री ले आते हैं। यहां भारत की तरह लाॅकडाउन तो नहीं है परंतु सोशल डिंस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से होता है। यहां एक अच्छी बात यह है संक्रमित व्यक्ति स्वयं अपना इलाज हॉस्पिटल जा रहा है। जबकि भारत में उल्टा हो रहा है। क्षेत्रवासी बीमारी को छिपाए नहीं। सेन फ्रांसिस्काे में धार के ही प्रणय व सलाेनी गाेधा दंपती भी फंसे हुए हैं, जाे स्वस्थ हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
We saw people here suffering, safe to stay at home




india news

कुक्षी के काेराेना पाॅजिटिव का राजगढ़ में हुआ था इलाज, 19 लाेग संपर्क में आए थे

कुक्षी के जिस युवक काे काेराेना पाॅजिटिव पाया गया है। उसका आठदिन पहले राजगढ़ में इलाज कराया गया था। इस दाैरान तीन परिवार के 19 लाेग संपर्क में आए थे। साथ ही राजगढ़ और सरदारपुर के डाॅक्टराें ने इलाज किया था। इसी के चलते प्रशासन ने कुक्षी सहित राजगढ़ और सरदारपुर में भी साेमवार देर रात से कर्फ्यू लगा दिया है। इधर धार में 18 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव आईहै। जबकि काेई नया केस सामने नहीं अाया है। धार के 54 और राजगढ़ के 6 लाेगाें के सैंपल लिए गए हैं।
धार में 3 दिन में 98 निगेटिव रिपाेर्ट : जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी के अनुसार धार में मंगलवार काने 18 लगें की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है। इस प्रकार गत तीन दिन में पहले 30 फिर 50 अकार अब 18 मिलाकर 98 लगें की रिपोर्ट निगेटिव आचुकी है। मंगलवार काने काई नया केस सामने नहीं आया।

13 अप्रैल से खराब थी पिता की तबीयत, 17 काे हाे गई थी माैत, इसके बाद बेटे की तबीयत बिगड़ी

पॉजिटिव आए युवक के पिता की मौत 17 अप्रैल को हुई थी। मौत के 1 दिन पहले उन्हें बड़वानी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया था, उनके साथ बेटा भी गया था, जाे वर्तमान में पॉजिटिव है। जानकारी में सामने अाया है कि पॉजिटिव युवक के पिता की 13 अप्रैल से ही तबीयत खराब चल रही थी। जब उसके पिता की मौत हुई उसके बाद 19 अप्रैल काे बेटे को धार बुलाकर सैंपल लिया गया। लेकिन उसे वापस भेज दिया, जबकि उसे धार में ही क्वारेंटाइन करना था। अगर स्वास्थ विभाग उसे वहीं रोक लेता है ताे सरदारपुर, राजगढ़ और कुक्षी में यह स्थिति नहीं होती। क्याेंकि 20 अप्रैल से बेटे की तबीयत भी बिगड़ने लगी थी। बताया जा रहा है कि पाॅजिटिव युवक को धार से आने के बाद फिर तबियत बिगड़ी तो इंदौर ले जा रहे थे, राजगढ़ के परिवार द्वारा निवेदन करने पर 21 अप्रैल काे सरदारपुर के डॉक्टर ने उनकी जांच की अाैर राजगढ़ मानव सेवा हॉस्पिटल में बाटल चढ़ाई थी। इस बीच युवक के राजगढ़ के ससुराल पक्ष के लोग भी इससे मिलने पहुंचे थे।
कुक्षी के 11 हाईरिस्क और 17 लाे रिस्क पर : मंगलवार को कुक्षी में धार से आई टीम ने पॉजिटिव युवक के परिजन को हाईरिस्क पर 11 अकार 17 लोगों को लो रिस्क पर रखा गया है। परिवार के शेष 9 अन्य लोगों सैंपल लिए हैं। इन्हें कुक्षी के समीप तालनपुर में स्थित क्वारिन्टाइन सेंटर में रखा गया है। राजगढ़ के दाने डाॅक्टर, पाजीटिव युवक के साले अकार अस्पताल की स्टाफ नर्स अकार अटेंडर के सैंपल लिए गए हैं।

आज से देंगे कर्फ्यू में ढील
बुधवार को कर्फ्यू में सशर्त ढील रहेगी लेकिन जो संदिग्ध क्षेत्र हैं उस में कर्फ्यू लगा रहेगा। शेष यथावत जो चल रहा था वही चलेगा। दूध वालों को घर पर ही दूध देना है। सब्जी वालों को डोर टू डोर जाना है। किराना वाले को घर-घर सामान भेजना है। कुक्षी के पाजीटिव युवक के परिजन जो राजगढ़ में हैं उनको होम क्वारिन्टाइन में रहना है।विजय राय, एसडीएम सरदारपुर

भक्तामर और माेहनखेड़ा तीर्थ ने अपने यहां लोगों को रखने से मना किया
मंगलवार काे देवी राेड स्थित भक्तामर तीर्थ पर स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस पहुंची थी। इसमें भाजीबाजार में पाॅजिटिव पाए गए व्यक्ति के वृद्ध माता पिता के अलावा अन्य लाेग थे। यहां टीम के लाेगाें काे कह दिया गया कि वे उनके यहां पर किसी काे भी नहीं रख सकते क्याेंकि ट्रस्ट से अभी काेई आदेश नहीं मिले हैं। यह कहकर टीम काे लाैटा दिया गया। इसी प्रकार राजगढ़ के माेहनखेड़ा तीर्थ से भी प्रशासन काे उनके यहां लाेगाें काे क्वारेंटाइन करने से मना कर दिया गया। भक्तामर तीर्थ से मना हाेने के बाद टीम अलग-अलग एंबुलेंस में करीब 16 लाेगाें काे लेकर इधर घूमती रही। अंतत: उत्कृष्ट बालक छात्रावास, अाईटीअाई काॅलेज के पीछे कन्या छात्रावास अाैर श्रद्धा गार्डन में इन लाेगाें काे क्वारेंटाइन किया गया। एसडीएम एसएन दर्राे, डीएमअाे जैन अाैर जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी ने व्यवस्था कराई। जानकारी के अनुसार लाॅकडाउन के पहले इन तीर्थ ने उनके यहां लाेगाें काे ठहराने की स्वीकृति दी थी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Kukshi's Karenna positive was treated in Rajgarh, 19 people came in contact




india news

पति ने इतना पीटा कि आंख सूज गई, महिला राेते हुए पहुंची काेतवाली, पूछा-साहब यह लाॅकडाउन कब खुलेगा, राेज पिट रही हूं

लाॅकडाउन में घरेलू विवाद बढ़ गए हैं। मंगलवार काे भी एक महिला काे उसके पति ने इतना पीटा कि आंख सूज गई। वह मंगलवार काे राेते हुए काेतवाली पहुंची। महिला ने अपना नाम पूनम बताया। वह मल्हार रोड टाेड़ी की रहने वाली है। पति धीरज धारीवाल ने पीट-पीट कर उसका मुंह सूजा दिया। आंख के आसपास खून का थक्का जम गया। अपने बड़े भाई के साथ कोतवाली पहुंची। बोली साहब लॉकडाउन कब खुलेगा। मेरा पति कई दिनों से पीट रहा है। मैं टीवी देखने बैठ जाती हूं तो मारता है। काेई काम में देरी हाेती है ताे मारता है।
महिला ने कहा कि पति बार-बार पैसे मांगता है। मैं एक माह में भाई से लेकर पांच हजार रुपए दे चुकी हूं। अब मैं कहां से लाऊं। मेरे भाई भी मजदूरी करते हैं। पिता की 6 महीने पहले मौत हो गई। महिला ने पुलिस को बताया कि मेरी डेढ़ साल की बच्ची है। उसको भी हम खाना नहीं खिला पा रहे हैं। महिला के हाथ में रिपोर्ट थी जो कुछ दिन पहले औद्याेगिक थाने में की थी।
कोतवाली पुलिस को महिला के भाई रवि ने बताया कि हम मुक्ति मार्ग पर रहते हैं और आज हमारा बहनोई घर पर आकर पीट रहा था। लाॅकडाउन में वह कैसे आ गया। पुलिस ने आवेदन लेकर कहा कि पहले से एफआईआर है। हम औद्याेगिक थाने भेज देंगे। महिला बोली थाना कोई भी हो, आप लोग उस पर कार्रवाई करो और रोने लगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Husband beat so much that the eye was swollen, the woman arrived at the road and asked, "When will this lockdown open, I'm beating the rage"




india news

खल में जादू-टाेने की शंका में कर दी व्यक्ति की हत्या, 5 आराेपी गिरफ्तार

खातेगांव थानाक्षेत्र के गांव खल में जादू-टाेने की शंका के चलते एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। पुलिस ने पांच अाराेपियाें काे गिरफ्तार कर लिया है। नगर के शासकीय अस्पताल से रविवार देर रात पुलिस काे सूचना मिली कि मोहनलाल पिता अमरसिंह कोरकू उम्र 48 साल निवासी गांव खल के सिर में गंभीर चोट होने से उन्हें देवास रैफर किया गया है। पुलिस घटनास्थल खल पहुंची।
मोहन के बेटे जितेंद्र ने पुलिस काे बताया कि मेरे पड़ाेसी लखनलाल के बेटे राहुल की करीब तीन साल पहले व उसकी बेटी सुनीता की करीब दस दिन पहले किसी बीमारी से मौत हो गई थी। लेकिन मेरे पड़ाेसी लखनलाल एवं उसका बेटा गणेश, उसके रिश्तेदार हरिप्रसाद, हरिप्रसाद के लड़के आनंद, गोविंद व राजेश ऊर्फ राजू सभी मेरे पिता पर शंका करते थे कि इसने इन दोनों के ऊपर जादू-टोना कर दिया था, इसलिए दोनों की अकाल मौत हो गई है। इसी बात पर इन सभी लोगों ने मेरे पिता को जान से मारने की नियत से डंडे एवं लाठियों से हमला कर सिर में गंभीर चोटे पहुंचाई। पुलिस ने जितेंद्र की रिपोर्ट पर अाराेपियाें के विरूद्ध हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराअाें में प्रकरण दर्ज किया। इलाज के दाैरान माेहन की माैत हाेने से पुलिस ने हत्या की धारा बढ़ाई। पुलिस ने अाराेपी हरिप्रसाद, लखनलाल, आनंद, गोविंद एवं गणेश को गिरफ्तार किया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
5 people arrested for killing a person in suspicion of witchcraft




india news

काेराेना की कैद से मुक्त हुआ बचपन; 3 साल का काेराेना पाॅजिटिव हुआ ठीक, घर पहुंचते ही लगा दी दाैड़

जिले का सबसे छाेटा काेराेना पाॅजिटिव 3 साल का मुमताज ठीक हाे गया है। रिपाेर्ट निगेटिव अाने के बाद मंगलवार काे उसे जिला अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 20 दिन की अाइसाेलेशन सेंटर अाैर जिला अस्पताल की कैद से वह जैसे ही पानीगांव में अपने घर पहुंचा, गाेद से उतरकर दाैड़ लगा दी अाैर खेलने लगा।
3 साल के मुमताज की रिपाेर्ट 16 मार्च काे पाॅजिटिव आई थी। उसे आठ दिन क्वारेंटाइन सेंटर में और फिर 12 दिन जिला अस्पताल के आइसाेलेशन वार्ड में रहना पड़ा। वह अपनी मां के साथ था, जिनकी रिपाेर्ट निगेटिव आई थी। मंगलवार काे बच्चे अाैर मां दाेनाें की रिपाेर्ट निगेटिव आने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई। मासूम बच्चे की देखभाल अस्पताल स्टाफ नहीं कर पाता, इसलिए मुमताज पिता सरताज नबी मंसूरी के साथ उसकी मां सायबा काे भी रखा गया था। अस्पताल के एक वार्ड में 12 दिन तक बच्चे काे संभालना मां के लिए भी कठिन था, क्याेंकि बच्चा बार-बार घर जाने की जिद कर रहा था। पानीगांव से 8 लाेगाें को 8 मार्च की रात में लाए थे, जिन्हें अस्पताल के पीछे नर्सिंग काॅलेज में रखा था, इनकी जांच के लिए सैंपल लिए और 16 मार्च काे 2 की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आने पर एक काे अमलतास और बच्चे काे जिला अस्पताल में रखा गया था।
सुतार बाखल के 15 लाेगाें काे क्वारेंटाइन सेंटर भेजा
साेमवार काे सुतारबाखल में एक महिला की पाॅजिटिव रिपाेर्ट आने के बाद से उस घर काे स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया था। मंगलवार काे टीम ने घर के सदस्य और सभी किरायेदार 13 लाेगाें काे क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया है। दाेपहर में इंदाैर से मरीज के पास से लाैटे बेटे-बहू सहित कुल 15 लाेगाें काे क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है।

राेजाना घर जाने की जिद करता था : मां
मां सायबा ने बताया, बच्चे को संक्रमण हाेने की रिपाेर्ट आने पर हम सहम गए थे, पता नहीं मेरे फूल जैसे बच्चे का क्या हाेगा। अल्लाह से बहुत दुआएं की और अस्पताल के डाॅक्टर अतुल पवनीकर औरउनके स्टाफ नर्स ने बहुत अच्छा इलाज किया। वह बच्चे का चेकअप भी करते थे। मुमताज मुझसे कहता था, मम्मी घर चलाे, घर चलाे, मैं उसे माेबाइल पर वीडियाे काॅलिंग कर उसके पापा, दादा और बुआजी से बात करवा देती थी। राेजाना घर जाने की जिद करता था, ताे मैं कहती थी, बेटा जल्दी घर चलेंगे और उसे दूसरी बात में लगा देती थी। हम घर आए, वैसे ही वह मेरी गाेद से उतरा अाैर घर के चाराें तरफ घूमने के बाद खेलने लगा। मैं भी बच्चे के साथ अस्पताल में 12 दिनाें तक रही, जहां डाॅक्टर मुझे बहुत अच्छे से समझाते थे, नर्स भी मदद करती थी। बच्चे से भी अच्छे से बात कर उसे भी समझाते थे कि जल्द तुम्हे घर छाेड़ देंगे। हम जैसे ही गांव पहुंचे ताे लाेगाें ने स्वागत किया, यह माहाैल देख मेरा दिल खुश हाे गया। डाॅक्टराें ने हमें 14 दिन तक घर से बाहर नहीं जाने का कहा है।

क्वारेंटाइन सेंटर से 11 लाेगाें काे हाथ में फूल देकर छाेड़ा घर : नाेडल अधिकारी डाॅ. एसएस मालवीय ने बताया, अानंद नगर, रघुनाथपुरा और रेवाबाग में पाॅजिटिव मरीजाें के सामने आने के बाद उनके परिवार के 11 लाेगाें काे बालगढ़ राेड स्थित छात्रावास में क्वारेंटाइन सेंटर में लाया गया था। इन लाेगाें के सैंपल जांच के लिए इंदाैर भेजे थे, जहां से रिपाेर्ट निगेटिव आने पर मंगलवार काे पुष्प देकर घर छाेड़ दिया है। आनंद नगर के 6, रेवाबाग के 4 व रघुनाथपुरा के 1 युवक काे घर छाेड़ दिया गया। इसके साथ ही जिला अस्पताल के आइसाेलेशन वार्ड में ड्यूटी करने वाली 3 नर्साें के भी सैंपल जांच के लिए भेजे थे, इनकी रिपाेर्ट भी निगेटिव आई है। नर्साें की ड्यूटी अब आइसाेलेशन वार्ड के बजाय दूसरे वार्ड में लगाई गई है। नगर निगम कर्मचारी इकबाल भी अमलतास में भर्ती हैं, जिनकी रिपाेर्ट निगेटिव अाई है।

16 मार्च काे जयप्रकाश मार्ग की जिस 85 साल की महिला की माैत हुई, वह काेराेना पाॅजिटिव
देवास में काेराेना से मरने वालाें की संख्या 7 हुई, कुल मरीज 25
शहर के जयप्रकाश मार्ग के हवा पहलवान की गली में रहने वाली 85 साल की बुजुर्ग महिला शेर बानाे की 16 मार्च काे माैत हाे गई थी। उनकी रिपाेर्ट 12 दिन बाद पाॅजिटिव आई है। इससे अब देवास जिले में काेराेना से मरने वालाें की संख्या 7 हाे गई है। कुल मरीज 25 हाे गए हैं।
मृतक के संदिग्ध हाेने पर डाॅक्टराें की टीम ने उनके सैंपल लिए थे, रिपाेर्ट मंगलवार काे अाई। डाॅक्टराें ने उस क्षेत्र काे 20 मार्च काे सील कर दिया था। महिला की रिपाेर्ट अाने के बाद से माेहल्ले वाले भी सतर्क हाे गए हैं। माेहल्ले वालाें ने बताया, महिला के परिवार में 45 छाेटे-बड़े सदस्य रहते हैं। उनके पांच बेटों का भरा-पूरा परिवार है, जाे माेहल्ले वालाें से ज्यादा बात नहीं करता है। घर वालाें की आदत है कि यह घर में रहते ज्यादा किसी से लेना-देना नहीं है। मृतका के दाे लड़के वेल्डिंग का काम, एक लड़का ड्रायवर, एक लड़का ठेकेदारी, एक घर पर रहता और एक लड़के की साइकिल की दुकान है।
जिस माेहल्ले में पाॅजिटिव मृतक महिला का मकान है, उस माेहल्ले में जाने का एकमात्र रास्ता हाेकर तीनाें तरफ से रास्तें बंद है। इसलिए इस क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग काे भी ज्यादा मशक्कत नहीं करना पड़ी। परिवार में किसी भी सदस्य के बीमार हाेने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैंपल भी नहीं लिए हैं। अब रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाने के बाद महिला के परिवार के सदस्याें की स्क्रीनिंग कर सैंपल लेने की प्रक्रिया की जाएगी। इनकी गली के अलावा पत्ती बाजार वाले रास्ते सहित अन्य रास्ते भी बंद कर दिए गए हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Childhood freed from Caraina's captivity; 3-year-old Carena became positive, hit her when she got home




india news

लाॅकडाउन में परिवहन नहीं हुआ, लाेगाें काे बांटे रहे गाजर

कोरोना महामारी में लोग समाज की मदद के लिए नित नए तरीकों से आगे आ रहे हैं। नगर के किसान सुरेश नाहर ने अपने वेयरहाऊस के पीछे डेढ़ बीघा में गाजर लगाई थी। 6 रुपए किलो में गाजर का सौदा करने के ठीक बाद लाॅकडाउन लगने से इसका परिवहन नहीं हो सका।
ऐसे में परिचितों ने गाजर सोनकच्छ मंडी में भेजने के साथ स्थानीय सब्जी विक्रेताओं को बेचने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान सुरेश नाहर और उनके पुत्र अजय व अरविंद ने सभी गाजर बेचने की बजाय जरूरतमंदों में बांटना तय किया। जैसे-जैसे लोगों को सूचना लगी सभी अपनी आवश्यकतानुसार
गाजर ले जाने लगे। इस बीच वेयरहाऊस पर गेहूं खरीदी केंद्र बनने से बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसानों की आवाजाही
होने लगी। वेयरहाऊस पर दूर तक खाने-पीने की व्यवस्था नहीं होने से फसल बेचने आए किसानों को खाने के साथ-साथ घर ले जाने के लिए भी गाजर उपलब्ध करवाई।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No transportation in lockdown, will bring carrots distributed




india news

नए निगमायुक्त के आते ही मुख्य गेट बंद बाहर भाेजन पैकेट के लिए खड़ी रही महिलाएं

नगर निगम के नए आयुक्त विशालसिंह चाैहान ने मंगलवार काे पदभार ग्रहण कर लिया। वे डेढ़ साल पहले भी निगम के आयुक्त रहे हैं। मंगलवार काे पदभार ग्रहण करते ही निगम के नए भवन के दाेनाें गेटाें काे बंद करवा दिया गया। भाेजन के पैकेट लेने के लिए आई महिलाएं गेट के बाहर धूप में खड़े हाेकर इंतजार करने लगीं, जाे पहले अंदर छाया में बैठ जाती थीं। इससे पहले निगमायुक्त चाैहान ने माता टेकरी पहुंच कर दर्शन किए।
कलेक्टर कार्यालय में एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी से निगमायुक्त का पदभार ग्रहण किया। इसके बाद निगम कार्यालय में अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण से शहरवासियों के बचाव के लिए निगम द्वारा किए जा रहे कार्याें की समीक्षा कर तत्काल बचाव के लिए उपकरणों और सैनिटाइजर के लिए उपयुक्त मात्रा में निगम में उपलब्धता के लिए निगम उपायुक्त तनूजा मालवीय व प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी जितेंद्र सिसाैदिया को तत्काल निर्देश दिए। शहर की सामाजिक संस्थाओं, दानदाताओं के द्वारा गरीब बस्ती और जरूरतमंदों को किए जा रहे भोजन के पैकेट निगम में प्राप्त एवं वितरण के संबंध में जानकारी ली गई। आयुक्त ने उपायुक्त मालवीय एवं निगम स्वास्थ्य अधिकारी सिसोदिया को कोरोना के संक्रमण से बचाव में लगे निगम स्वास्थ्य कर्मचारियों को अपने बचाव के लिए पीपीई किट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
सैनिटाइजर करने का तरीका बदलेंगे : निगमायुक्त
निगमायुक्त विशाल सिंह चौहान ने कहा कि सबसे पहले हमें शहर को साफ करना है। सैनिटाइजर करने का तरीका बदलेंगे। बाहर से मशीन बुलाएंगे। जिस वार्ड में हो रहा वहां के लोगों को काम दिखना चाहिए। साथ बंद पड़े कार्यों को चालू किया जाएगा। सफाईकर्मियों को हम सुरक्षित तरीके से काम कराएगें। शहर को स्वच्छ बनाने में कोई कमी नहीं छोडूंगा। जनहित के कार्यों को पहले प्राथमिकता रहेगी। बारिश पूर्व शहर के सभी नाले साफ किए जाएंगे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
As soon as the new corporator arrived, the women stood for the packet packet outside the main gate.




india news

इलाज के अभाव में हुई महिला की माैत का जिम्मेदार काैन: कांग्रेस

शहर कांग्रेस ने सोमवार को इलाज के अभाव में हुई महिला की मौत के मामले में आवाज उठाई है। कांग्रेस का कहना है हमारे द्वारा लगातार यह बात उठाई जाती रही है कि शहर के प्रायवेट हॉस्पिटल मरीजों को देख नहीं रहे हैं। जिला अस्पताल के हाॅल भी इतने बेहाल हैं कि डॉक्टर मरीजों को हाथ तक नहीं लगा रहे हैं, ऐसी एक नहीं अनेक शिकायत पिछले एक माह से कोरोना महामारी के चलते आई है।
कुछ दिन पूर्व सीएम ने भी निर्देश दिए, प्रायवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर आवश्यक रूप से मरीजों को देखें अगर वे मरीजों को नहीं देखते हैं तो उनके हॉस्पिटल सील की जाए एवं लाइसेंस निरस्त किया जाए। कलेक्टर ने भी डॉक्टरों की बैठक लेकर यह निश्चित किया था कि सुबह-शाम डॉक्टर सामान्य मरीजों को अपने यहां देखेंगे बावजूद आज तक यह व्यवस्था लागू नहीं हुई। कांग्रेस निंदा करती है। वही 3 दिन तक डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती रसूलपुर की गुलशेरा पति इरफान ने डिलीवरी के बाद पेट दर्द की शिकायत की जिसका जिला अस्पताल में उपचार नहीं हुआ, वहीं परिजन जब देवास के निजी चिकित्सालय में ले गए तो वहां से भी उन्हें मना कर दिया। इस दौरान इन्दौर ले जाते हुए रास्ते में उसकी मौत हो गई।
जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी, प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने कहा, आज सीएम के निर्देशों के बावजूद अस्पतालों में प्रारंभिक बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। इसके चलते लगातार माैते हो रही हैं। इतनी बड़ी घटना घटने के बाद आज कोई भी सरकार का जनप्रतिनिधि बोलने को तैयार नहीं है। पीड़ित महिला को प्रदेश सरकार उसके परिवार को मुआवजा दे और यह निर्देशित करें कि डॉ अनिवार्य रूप से प्रारंभिक बीमारियों का इलाज करेंगे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Cane responsible for woman's death due to lack of treatment: Congress




india news

इंदौर में प्रस्तावित ड्रैगन बोट रेस वर्ल्डकप में संकट के बादल

कोरोनावायरस के चलते प्रदेश में होने वाली पहली वर्ल्ड ड्रैगन बोट चैंपियनशिप में भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। नवंबर में 12 से 15 तारीख के बीच इंदौर में प्रस्तावित इस चैंपियनशिप के होने में असमंजस्य की स्थिति बरकरार है। इसमें 35 देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले हैं। आयोजन समिति के अध्यक्ष और भारतीय कयाकिंग केनोइंग महासंघ के सचिव प्रशांत कुशवाहा ने कहा है कि लॉकडाउन का असर हमारी तैयारियों में पड़ा है। आयोजन के लिए बिलावली तालाब में इंदौर नगर निगम को करीब 15 करोड़ की लागत से नवीनीकरण का काम करना था लेकिन यह तय योजना से काफी पीछे चल रहा है।
इंदौर में कोरोना से स्थितियां खराब हैं और सारे काम रुके हुए हैं। ऐसे में यह चैंपियनशिप नवंबर माह में आयोजित करना मुश्किल लग रहा है। अभी की स्थितियों को देखते हुए मान लेते हैं कि इंडिया इस बीमारी से उबर जाएगा लेकिन जो देश यहां हिस्सा लेने आने वाले हैं। उनकी भी हालत खराब है खासकर- इटली, हंगरी, स्पेन, चीन और अमेरिका। ऐसे में बाहरी खिलाड़ी आएंगे या नहीं कुछ कह नहीं सकते। कुशवाहा ने कहा कि चैंपियनशिप के लिए एंट्री भेजने की अंतिम तारीख 30 जून तय की गई है। ऐसे में हम एक जुलाई तक इंतजार करेंगे। उसके बाद एक जुलाई को आयोजन समिति अंतरराष्ट्रीय महासंघ से वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा करेगी। उसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Proposed Dragon Boat Race World Cup in Indore




india news

प्रहरी, निगमकर्मी बिना सैनिटाइज हुए आए, इससे संक्रमण

(राघवेंद्र बाबा )सेंट्रल जेल में अब तक 27 कैदी और प्रहरी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जेल में कोरोना का संक्रमण कैसे फैला, भास्कर ने इसकी पड़ताल की। पता चला यहां 160 से ज्यादा प्रहरी रोज शहर के अलग-अलग हिस्सों से ड्यूटी करने आते हैं। वे सिर्फ मास्क लगाते हैं। सफाई के लिए निगमकर्मी भी सैनिटाइज हुए बिना आ रहे थे। मेडिकल टीम भी आ रही है। रोज गाड़ियों से सब्जी आ रही है, जिन्हें पहले सैनिटाइज किए बिना अंदर लाया जा रहा था। आशंका है इन्हीं कारणों से जेल में संक्रमण फैला हैं। लॉक डाउन के बाद से ही जेल में टेलीफोन पर कैदियों की बात होती थी। संभव है कि एक कैदी के संक्रमित होने से टेलीफोन के मार्फत रिसीवर से दूसरे कैदी भी संक्रमित हुए। नतीजतन 13 अप्रैल को जेल में कैदी हुकुमसिंह की अचानक तबीयत बिगड़ी, जहां चार दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद प्रबंधन ने ताबड़तोड़ 80 से ज्यादा कैदियों की स्क्रीनिंग करवाई। सोमवार को उसी की बैरक के 10 कैदी पॉजिटिव मिले।बताया जा रहा है कि अभी 50 से ज्यादा कैदियों में कोरोना जैसे लक्षण लग रहे हैं, जिनके सैंपल भेजे गए हैं।
कुछ की रिपोर्ट आना बाकी : सेंट्रल जेल में कोरोना फैलने का दूसरा कारण चंदन नगर का नासिर है, जो जबलपुर भेजे गए संक्रमित कैदी जावेद का पिता है। नासिर भी संक्रमित था। उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा, पर वहां
मौजूद 15 कैदी भी संक्रमित हो गए। कुछ
की रिपोर्ट आना है।
सद्दाम बना कोरोना का वाहक : उधर, जिला जेल का कैदी सद्दाम भी पॉजिटिव निकला है। वह भी चंदन नगर की पत्थरबाजी में गिरफ्तार हुआ था। वह एक रात थाने की हवालात में कैदी जावेद के साथ बंद रहा था। जावेद के संक्रमण से सद्दाम भी चपेट में आ गया। आशंका है कि सद्दाम के कारण जिला जेल के कैदियों में भी संक्रमण फैलेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Sentinel, corporation workers come without sanitization, infection from it




india news

मरीज के संपर्क में आने वालों की सॉफ्टवेयर से मॉनिटरिंग, जीएसआईटीएस में कंट्रोल रूम

(दीपेश शर्मा )कोरोना मरीजों की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री की लाइव मॉनिटरिंग अब सॉफ्टवेयर के जरिए होगी। इसके लिए एसजीएसआईटीएस में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां शहर को 11 एसडीएम के सब डिविजन के हिसाब से बांटा गया है। हर सब डिविजन के लिए एक कम्प्यूटर और टीम बैक एंड पर काम कर रही है। जबकि फील्ड में निगम और अन्य विभागों की सर्वे टीम घर-घर जाकर फोटो और जानकारी जुटा रही है। कोरोना पेशेंट की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है। इसे अगर ट्रेस कर लिया तो कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है। अगर एक भी व्यक्ति रिकॉर्ड पर नहीं आया तो वह सैकड़ों को संक्रमित कर सकता है। 22 मार्च से अब तक प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कोरोना पॉजिटिव पेशेंट की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री कागजों पर ली जा रही थी। इसके लिए अब कॉन्टैक्ट सर्वे के नाम से एक सॉफ्टवेयर दो दिन पहले तैयार किया जा चुका है और उससे काम भी शुरू हो गया है। इस कंट्रोल रूम का इंचार्ज अपर आयुक्त एस. कृष्ण चैतन्य को बनाया है।
पहला चरण : प्राइमरी और सेकंडरी कॉन्टैक्ट का पता लगाया जाता है
फील्ड में 11 एसडीएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑर्गेनाइजर की टीम रहती है। उनका काम कोरोना के लक्षण वाले लाेगों के प्राइमरी और सेकंडरी कॉन्टैक्ट की जानकारी लेना। इसके लिए पेशेंट दो दिन पहले से जिस-जिस के संपर्क में आया, उसकी जानकारी ली जाती है। प्राइमरी कॉन्टैक्ट जैसे पति, पत्नी, बच्चे, मां-पिता और परिवार के लोग होते हैं जो हाई रिस्क पर होते हैं। सेकंडरी कॉन्टैक्ट में ऐसे लोग जो पेशेंट द्वारा इस्तेमाल किए गए कमरे, स्थान, वाहन में बाद में गए लेकिन सीधे तौर पर संपर्क में नहीं आए।

दूसरा चरण : क्वारेंटाइन में रोज घर जाकर फोटो लेकर अपलोड करते हैं
हाई और लो रिस्क वालों की पहचान होने के बाद उन्हें 14 दिन के लिए घर या किसी सेंटर में क्वारेंटाइन किया जाता है। निगम की सर्वे टीम की यहां से बड़ी जिम्मेदारी शुरू होती है। टीम को प्रतिदिन क्वारेंटाइन किए गए व्यक्ति के घर जाकर उसकी फोटो लेकर सॉफ्टवेयर में लगातार डालना होगी ताकि मॉनिटरिंग हो सके कि वह व्यक्ति घर में ही रहा और कहीं नहीं निकला। उसमें कोई लक्षण तो नजर नहीं आ रहा, यह भी रोज देखकर साॅफ्टवेयर में एंट्री करना होगी।

तीसरा चरण : क्रॉस चेक करते हैं, जानकारी लेते हैं
कंट्रोल रूम में हर जोन का अलग कम्प्यूटर है। यहां होने वाली हर एंट्री को कंट्रोल रूम से ही कॉल लगाकर क्रॉस चेक किया जाएगा। इसमें फिर व्यक्ति से पूछा जाएगा कि वह कितने लोगों के संपर्क में आया। इसके साथ ही प्रतिदिन की सेहत की जानकारी भी ली जाएगी।
उम्मीद : अब नया पॉजिटिव मरीज बाहर से नहीं आना चाहिए, तभी सिस्टम सफल
निगमायुक्त आशीष सिंह ने बताया साॅफ्टवेयर से बहुत फायदा होगा। इससे पहले की सारी एंट्री कागजों में थी, जिससे क्रॉस चेक नहीं हो पाता था। सॉफ्टवेयर से यह फायदा होगा कि हम संभावित कोरोना पॉजिटिव को शुरुआती दौर में ही अलग कर लेंगे। इसके साथ ही हमें पहले से पता चल जाएगा कि कौन पॉजिटिव आ सकता है। इस सिस्टम से सभी पॉजिटिव पेशेंट हमारी निगरानी में आ जाएंगे। शहर में कोई बाहरी व्यक्ति पॉजिटिव नहीं निकलता है तो हमारा सिस्टम सफल साबित होगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Software monitoring of patient contact, control room in GSITS




india news

दो सदस्य खोने के बाद सराफा परिवार 14 दिन घर में रहा क्वारेंटाइन, दवाइयां लीं, पॉजिटिव आए पर लक्षण नहीं मिले

कोरोना के कारण अपने दो वरिष्ठ सदस्यों को खो चुके सराफा व्यापारी परिवार ने गजब का साहस दिखाया और कुछ सदस्यों के पॉजिटिव आने के बाद भी एक तरह से कोरोना को मात दे दी। दरअसल, परिजन की मौत के बाद सभी 16 सदस्यों ने खुद को 14 दिन तक घर में बंद रखा। अपनी इम्युनिटी बढ़ाई। एकजुटता का असर ये हुआ कि नौ लोग पॉजिटिव जरूर निकले लेकिन किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिले।
मंगलवार को प्रशासन की टीम ने पॉजिटिव आए लोगों के साथ घर के सभी 16 सदस्यों को होम क्वारेंटाइन किया। सभी सदस्य अब 10 मई तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने भी बगैर लक्षण वाले लोगों को घर में क्वारेंटाइन किए जाने की इजाजत दी है।
परिवार के एक सदस्य ने बताया- हम अपने परिवार के दो सबसे वरिष्ठ सदस्यों को खो चुके थे। इसके बाद किसी को भी खोना नहीं चाहते थे। घर में सबसे उम्रदराज दादी के अलावा सवा साल के बच्चे भी थे। चूंकि घर काफी बड़ा है, इसलिए क्वारेंटाइन नियम का पालन करना आसान था। दादी को अलग रखा और सिर्फ एक ही सदस्य उन्हें दवाई और खाना देने के साथ देखभाल करता था। ऐसे ही बच्चों की परवरिश का इंतजाम भी अलग किया गया। एचसीक्यूएस के साथ ही कई घरेलू इलाज भी नियमित करते रहे। 14 दिन तक क्वारेंटाइन का भी पूरी तरह पालन किया। शायद इन्हीं सब वजहों से घर में किसी की भी तबीयत नहीं बिगड़ी न ही किसी में कोरोना के लक्षण मिले।
प्रशासन की टीम भी संतुष्ट, इसलिए घर में ही रखा
मंगलवार दोपहर प्रशासन की टीम व्यापारी भाइयों के घर पहुंची और सभी सदस्यों की जांच की। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद उन्होंने सभी को घर में ही क्वारेंटाइन करने का फैसला किया। परिजन के अनुसार सभी लोग 10 मई तक घर में ही रहेंगे।

पॉजिटिव हैं, लक्षण नहीं तो घर रहेंगे

ऐसे पॉजिटिव मरीज, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, उन्हें अस्पताल नहीं भेजा जाएगा। ऐसे मरीजों को भर्ती करने की बजाय घरों में ही रखा जाएगा। यानी होम क्वारेंटाइन किया जाएगा। भारत सरकार ने इस आशय की गाइडलाइन भी जारी कर दी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब से बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। दरअसल परिवार या आस-पड़ोस में किसी व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर परिवार के अन्य सदस्यों के सैंपल लिए जाते हैं। ऐसे में ज्यादातर परिवार के सदस्य पॉजिटिव आ रहे हैं जबकि उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई। गाइडलाइन में बदलाव करते हुए अब ऐसे पॉजिटिव मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन करने का निर्णय लिया है। बशर्ते घर इतना बड़ा हो, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आसानी से किया जा सके।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
After losing two members, the bullion family stayed in the house for 14 days, took quarantine, medicines, came positive but did not get symptoms.




india news

सड़क किनारे सोते वक्त मजदूरों को ट्रक ने रौंदा, तीन की मौत; जैसलमेर से गांव लौट रहे थे 12 लोग

कोरोनावायरस के प्रकोप से बचकर राजस्थान के जैसलमेर से लौटे तीन मजदूरों की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई। हादसा बुधवार तड़के भैरवगढ़ स्थित साडू माता मंदिर सड़क के मोड़ पर हुआ। हादसे के वक्तमजदूर सड़क के किनारे सो रहे थे।

जानकारी के अनुसार उज्जैन के मोहनपुरा गांव के 12 मजदूर राजस्थान के जैसलमेर में मजदूरी करने गए थे। कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन होने से वे जैसलमेर में ही फंस गए। मध्य प्रदेशसरकार द्वारा बस भेजकर राजस्थान सेमजदूरों को यहां लाया गया था। इसमें यह सभी12 मजदूर भी शामिल थे।

राजस्थान से आए इन मजदूरों ने जब अपने गांव में प्रवेश करना चाहा तो गांववालों ने आपत्ति जताईऔर कोरोना जांच कराने को कहा। इसके बाद यह मजदूर गांव से पैदल चलकर उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज जांच के लिए पहुंचे। संभवत: वहां से लौटते समय भैरवगढ़ स्थित साडू माता मंदिर के पास सड़क किनारे सो गए थे।

तड़के लगभग 4 बजे इंदौर से मैदा लेकर उज्जैन से गुजर रहा एक ट्रक इन मजदूरों पर चढ़ गया। हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद ड्राइवर ट्रक छोड़कर भाग गया। पुलिस के अनुसार मृतकों में दो पुरुष व एक महिला शामिल है। जिनकी शिनाख्त विक्रम, बद्री और भोली बाई निवासी ग्राम मोहनपुरा, भैरवगढ़ थाना क्षेत्र के रूप में की गई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
हादसा बुधवार तड़के भैरवगढ़ स्थित साडू माता मंदिर सड़क के मोड़ पर हुआ। हादसे के समय मजदूर सड़क के किनारे सो रहे थे।




india news

इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के परिजन की रिपोर्ट निगेटिव, शहर में रिकवरी रेट बढ़ा और मृत्यु दर घटी

शहर मेंमंगलवार रात 643 सैंपलों जांच रिपोर्ट आई, इसमें 549 सैंपल निगेटिव आए। 94 पॉजिटिव पाए गए।शहर मेंकोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़कर 1466 हो गई है।उधर,कोरोना पॉजिटिव मरीजों के कई परिजनों की रिपोर्ट भी निगेटिव आईहै। इससे पहले सोमवार को आई रिपोर्ट में भी 655 लोग निगेटिव थे। अच्छी खबर ये है कि शहर में मरीजों का रिकवरी रेट बढ़ा है और मृत्यु दर घटी है।


मंगलवार को आई रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव कई मरीजों के परिजनों की जांच रिपोर्ट भी शामिल थी। मधुबन कॉलोनी में रहने वाले एक ही परिवार के 13 लोग निगेटिव रहे। वहीं, 24 मून पैलेस के पते पर रहने वाले एक परिवार के 12 सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके अलावा मुस्लिम बहुल इलाकेहिना पैलेस, आजाद नगर, खजराना और मदीना नगर के कई परिवारों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिवआने से राहत की सांस ली गई है।

शहर में मरीजों का रिकवरी रेट बढ़ा है और मृत्यु दर घटी है। इसका असर यह हुआ कि अस्पतालों में 90 फीसदी वेंटिलेटर खाली पड़े हैं। क्वारेंटाइन केंद्र के प्रभारी औरआईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि पीक समय हमारे 46 क्वारेंटाइन केंद्रों में 2471 तक लोग पहुंच गए थे, लेकिन इसमें से 1401 घर चले गए हैं। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के चलते 402 अस्पताल शिफ्ट हुए। अब केंद्रों मेंकेवल 668 लोग ही हैं। पिछले दो दिनों मेंनए सैंपल में पॉजिटिव आने की दर 10 से 11 फीसदी है, वहीं पुराने सैंपल जो 12 से 22 अप्रैल के बीच लिए गए इसमें 20 से 24 फीसदी तक पॉजिटिव आए हैं। 14 अप्रैल को मृत्यु दर 6.3% (586 में से 39 की मौत) थी जो 28 अप्रैल को घटकर 4.59% (1372 में से 63 की मौत) पर पहुंच गई।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
नगर निगम द्वारा संपूर्ण शहर में लगातार सैनिटाइजेशन किया जा रहा है।




india news

सेंट्रल जेल के एक और कैदी व प्रधान आरक्षक की रिपोर्ट पॉजिटिव, अब तक 30 को हुआ संक्रमण

जेल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार रात आई रिपोर्ट में 19 कैदियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी वहीं मंगलवार रात आई रिपोर्ट में एक कैदी और एक प्रधान आरक्षक को कोरोना से पीड़ित बताया गया है। इस प्रकार जेल से जुड़े 30 लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके है।

जेल अधिकारियों के अनुसार चंदननगर क्षेत्र में पत्थरबाजी करने वाले आरोपियों को सेंट्रल जेल में भेजने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ना शुरू हो गई थी। सोमवार को आई रिपोर्ट में असरावद खुर्द में बनी अस्थाई जेल में कैद 10 और सेंट्रल जेल में बंद 9 कैदियों में कोरोना की पुष्टि हुई थी। वहीं मंगलवार रात आई रिपोर्ट में एक और कैदी फिरोेज खाना कोरोना पॉजिटिव पाया गया। वहीं जेल के प्रधान आरक्षक राजेन्द्र पंवार भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। इसे मिलाकर अब तक सेंट्रल जेल से जुड़े 29 लोगों को कोरोना हो चुका है। वहीं जिला जेल में बंद एक कैदी सद्दाम की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।

160 से ज्यादा प्रहरी रोज शहर के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं ड्यूटी करने

  • भास्कर की पड़ताल में पता चला कि सेंट्रल जेल में 160 से ज्यादा प्रहरी रोज शहर के अलग-अलग हिस्सों से ड्यूटी करने आते हैं। वे सिर्फ मास्क लगाते हैं। सफाई के लिए निगमकर्मी भी सैनिटाइज हुए बिना आ रहे थे। मेडिकल टीम भी आ रही है। रोज गाड़ियों से सब्जी आ रही है, जिन्हें पहले सैनिटाइज किए बिना अंदर लाया जा रहा था।
  • आशंका है इन्हीं कारणों से जेल में संक्रमण फैला हैं। लॉक डाउन के बाद से ही जेल में टेलीफोन पर कैदियों की बात होती थी। संभव है कि एक कैदी के संक्रमित होने से टेलीफोन के मार्फत रिसीवर से दूसरे कैदी भी संक्रमित हुए।
  • नतीजतन 13 अप्रैल को जेल में कैदी हुकुमसिंह की अचानक तबीयत बिगड़ी, जहां चार दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद प्रबंधन ने ताबड़तोड़ 80 से ज्यादा कैदियों की स्क्रीनिंग करवाई। सोमवार को उसी की बैरक के 10 कैदी पॉजिटिव मिले।बताया जा रहा है कि अभी 50 से ज्यादा कैदियों में कोरोना जैसे लक्षण लग रहे हैं, जिनके सैंपल भेजे गए हैं।
  • सेंट्रल जेल में कोरोना फैलने का दूसरा कारण चंदन नगर का नासिर है, जो जबलपुर भेजे गए संक्रमित कैदी जावेद का पिता है। नासिर भी संक्रमित था। उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा, पर वहां मौजूद 15 कैदी भी संक्रमित हो गए। कुछ की रिपोर्ट आना है।

सद्दाम बना कोरोना का वाहक : उधर, जिला जेल का कैदी सद्दाम भी पॉजिटिव निकला है। वह भी चंदन नगर की पत्थरबाजी में गिरफ्तार हुआ था। वह एक रात थाने की हवालात में कैदी जावेद के साथ बंद रहा था। जावेद के संक्रमण से सद्दाम भी चपेट में आ गया। आशंका है कि सद्दाम के कारण जिला जेल के कैदियों में भी संक्रमण फैलेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
लॉक डाउन के बाद से ही जेल में टेलीफोन पर कैदियों की बात होती थी। संभव है कि एक कैदी के संक्रमित होने से टेलीफोन के मार्फत रिसीवर से दूसरे कैदी भी संक्रमित हुए।




india news

कोरोना महामारी और संतों पर अत्याचार के खिलाफ कंप्यूटर बाबा का अनशन; तख्ती पर लिखा- योगीजी आपका राम राज्य है या रावण राज्य

कोरोना के कहर औरलॉकडाउन के बीचगुरुवार को कंप्यूटर बाबा अनशन पर बैठ गए। वे इंदौर के गोमटगिरी स्थित अपने आश्रम पर एक शिष्य के साथ अनशन पर बैठे हैं। बताया गया कि बाबा केअनशन का उद्देश्य कोरोना महामारी और संतों पर हो रहे अत्याचार का विरोध जताना है।

गुरुवार सुबह 9 बजे धूप में जलते कंडोंके बीचबैठकर शुरूहुआ यह अनशन शाम 4 बजे तक चला।बाबा का कहना है कि महाराष्ट्र के पालघर और उत्तर प्रदेशके बुलंदशहर में संतों के साथ हिंसा के विरोध में यह अनशन किया जा रहा है। इसके साथ ही देश में कोरोना महामारी का प्रकोप कम हो और यह बीमारी समाप्त हो जाए इसके लिए भी यह अनशन है। इस दौरान बाबा ने अपने पीछे नारे लिखी तख्ती लगा रखी है। जिस पर लिखा है- योगीजी आपका राम राज्य है या रावण राज्य।

महाराष्ट्र के पालघर में बीते हफ्ते पहले दो साधुओं और उनके ड्राइवरकी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि मंगलवार कोउत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में भी दो साधुओं की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। दाेनों घटनाओं से संत समाज में रोष व्याप्त है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अनशन के दौरान बाबा ने अपने पीछे नारे लिखी तख्ती लगा रखी है। जिस पर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को लेकर सवाल पूछा गया है।




india news

इंदौर में प्लाज्मा थैरेपी के बेहतर परिणाम, तीन में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव

शहर में प्लाज्मा थैरेपी के बेहतर परिणाम आने की उम्मीदों को बल मिला है। रविवार को कोरोना पॉजिटिव तीन मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी का ट्रायल किया गया था। मंगलवार को दो मरीजों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमित पर प्लाज्मा थैरेपी के अंतिम परिणाम आने में अभी समय लगेगा।

केन्द्र सरकार की अनुमति के बाद इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज में रविवार से प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार शुरूकिया गया था। दिल्ली और चंडीगढ़ के बाद इंदौर देश का तीसरा शहर था जहां इस पद्धति से उपचारकिया गया। कोरोना से स्वस्थ हुए तीन डॉक्टर इकबाल कुरैशी, इजहार मुंशी और आकाश तिवारी के ब्लड से प्लाज्मा लिया गया था। कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ब्लडग्रुप से मिलान के बाद इस प्लाज्मा को तीन मरीजों इंदौर विकास प्राधिकरण के अधिकारी कपिल भल्ला, प्रियल जैन और अनीश जैन को चढ़ाया गया। मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी यानहीं, यह जानने के लिए मंगलवार को जांच की गई। कोरोना पॉजिटिव तीन मरीजों में से दो की रिपोर्ट निगेटिव आई।

टीबी अस्पताल में भी होगा प्लाज्मा से इलाज
एमआर टीबी अस्पताल में भी कोरोना के गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी के परीक्षण की तैयारी की जा रही है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद इसकी अनुमति दे चुका है। संभवतः इसी सप्ताह इसे शुरू किया जाएगा। एमवायएच ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक यादव ने बताया कि हम इसी हफ्ते टीबी अस्पताल में मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर देंगे। पहले ठीक होने वाले मरीजों का एंटीबॉडी टेस्ट करवाएंगे। इससे पता चल पाएगा कि उसमेंं कितने प्रतिशत एंटीबॉडी विकसित हुई है। शुरुआत में गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। दो डॉक्टर और ब्लड बैंक के एक टेक्नीशियन ने प्लाज्मा देने की इच्छा जताई है। तीनों कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

प्लाज्मा थैरेपी- वह सब जो आप जानना चाहते हैं

  • क्या होता है प्लाज्मा :खून में मुख्यतचार चीजें होती हैं। रेड ब्लड सेल, व्हाइट ब्लड सेल, प्लेटलेट्स व प्लाज्मा। यह प्लाज्मा खून का तरल हिस्सा होता है, जिसके जरिए एंटीबॉडी शरीर में भ्रमण करते हैं। यह एंटीबॉडी संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति के खून में मिलकर रोग से लड़ने में मदद करती है। हालांकि इस थैरेपी से कोरोना के मरीज ठीक होने के पुख्ता प्रमाण नहीं है, लेकिन स्वाइन फ्लू जैसे संक्रमण मेंइसका सफल प्रयोग हो चुका है।
  • क्या है यह थैरिपी :कोरोना से पूरी तरह ठीक हुए लोगों के खून में एंटीबॉडीज बन जाती हैं, जो उसे संक्रमण को मात देने में मदद करती हैं। प्लाज्मा थैरेपी में यही एंटीबॉडीज, प्लाज्मा डोनर यानी संक्रमण को मात दे चुके व्यक्ति के खून से निकालकर संक्रमित व्यक्ति के शरीर में डाला जाता है। डोनर और संक्रमित का ब्लड ग्रुप एक होना चाहिए। प्लाज्मा चढ़ाने का काम विशेषज्ञों की निगरानी में किया जाता है।
  • कैसे निकालते हैं प्लाज्मा :कोरोना संक्रमण से ठीक हुआ व्यक्ति भी क्वारैंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद प्लाज्मा डोनर बन सकता है। एक डोनर के खून से निकाले गए प्लाज्मा से दो व्यक्तियों का इलाज किया जा सकता है। एक बार में 200 मिलीग्राम प्लाज्मा चढ़ाते हैं। किसी डोनर से प्लाज्मा लेने के बाद माइनस 60 डिग्री पर, 1 साल तक स्टोर किया जा सकता है। दिल्ली में इसी थेरेपी से एक 49 वर्षीय संक्रमित तुलनात्मक रूप से जल्दी ठीक हो गया।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
एक डोनर के ब्लड से निकाले गए प्लाज्मा से दो व्यक्तियों का इलाज किया जा सकता है।




india news

लाॅकडाउन में मेंटेनेंस, गर्मी के बीच घरों में तीन घंटे नहीं रहेगी बिजली

लाॅकडाउन, कर्फ्यू के बीच शहर के कुछ हिस्सों में बिजली लाइन को दुरुस्त करने का काम किया जाएगा। सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सप्लाय नहीं होगी। नर्मदा पानी आपूर्ति के दिन भी बिजली बंद रखने का शेड्यूल बनाया है। लोगों को गर्मी में तीन घंटे बिजली नहीं मिलने से परेशानी होगी। कई इलाके ऐसे भी हैं जहां पर संक्रमित मरीज मिले हैं। इन्हें कंटेनमेंट एरिया बनाया गया है।

ये है शेड्यूल : जानिए आपके इलाके में किस दिन नहीं रहेगी बिजली

30 अप्रैल : मधबुन कॉलोनी, इंद्रलोक कॉलोनी, घनश्याम दास नगर, आरटीओ रोड, इंदिरा गांधी, नगर, केसर बाग रोड।
1 मई : द्रविड़ नगर, नाकोड़ा चौक, स्वस्तिक नगर, उषा नगर का कुछ हिस्सा, रणजीत हनुमान रोड, स्कीम-71 का कुछ हिस्सा।
2 मई : गमले वाली पुलिया, शिव मंदिर, हुकमाखेड़ी।
3 मई : गुमाश्ता नगर, स्कीम 71, फूटी कोठी चौराहा और अन्य।
4 मई : वैशाली नगर, अहिल्या नगर, सिल्वर आॅक्स, ब्रज विहार, सिद्धिपुरम, विज्ञान नगर, प्रभु नगर, सरस्वती नगर, सुदर्शन नगर।
5 मई : समाजवाद इंदिरा नगर, एमओजी लाइंस, महू नाका।
6 मई : सुदामा नगर ई सेेक्टर, सत्यदेव नगर, सूर्यदेव नगर, रिंग रोड का कुछ हिस्सा, रेती मंडी।
7 मई : रेवेन्यू नगर, महावर नगर, आरटीओ रोड, सच्चिदा नंद नगर, गुरुनानक कॉलोनी, राजा बाग।
9 मई : धन्वंतरि नगर, राजेंद्र नगर, तक्षशिला परिसर।
11 मई : प्रिकांकाे कॉलोनी, सुदामा नगर डी व ई सेक्टर, परस्पर नगर, गोपुर कॉलोनी, सहजीवन नगर।
12 मई : कैलाश मार्ग, अंतिम चौराहा, मल्हारगंज, कुमार मोहल्ला, नॉर्थ राज मोहल्ला, तेली बाखल, बड़ा गणपति, जनता कॉलोनी।
13 मई : लोकमान्य नगर, नेमी नगर, केलामाता मंदिर अौर सारनाथ कॉलोनी।

2 सेकंड में मोबाइल पर खुलेगा बिल, 15 सेकंड में जमा होगा

बिजली कंपनी ने खुद के बनाए नेक्स्ट जनरेशन बिलिंग सॉफ्टवेयर पर डाटा शिफ्टिंग शुरू कर दी है। एमडी के मुताबिक, नए सॉफ्टवेयर से 2 सेकंड में मोबाइल पर बिल खुल जाएगा और 10 से 15 सेकंड में लोग इसे ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। मई से ये सॉफ्टवेयर काम करना शुरू कर देगा। इसमें इंदौर शहर को छोड़कर शेष 14 सर्कल के करीब 47 लाख उपभोक्ताओं का डाटा माइग्रेट हो चुका है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Maintenance in lockdown, electricity will not be available for three hours in the middle of summer




india news

पानी बांटने को लेकर नैनोद मल्टी में चले पत्थर, लाठी और लात-घंूसे, 8 गिरफ्तार

गांधी नगर की नैनोद मल्टी में बुधवार सुबह दो पक्षों में पानी बांटने को लेकर विवाद हुआ। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके, लाठी मारी और लात-घूंसों से पिटाई कर दी। आधा घंटे तक लोग एक-दूसरे को मारने के लिए मल्टी के आसपास दौड़ते रहे। पुलिस ने आठ को गिरफ्तार किया है।
गांधी नगर टीआई संजय सिंह बैस के अनुसार एक पक्ष में विक्का उर्फ विकास, गणेश, ईश्वर, रामदास, प्रेम, दीपक और अन्य लोग थे। दूसरे पक्ष की तरफ से गोलू, संदीप, बिठ्ठल, मनसुख और अन्य युवक थे। यहां प्लास्टिक की दो टंकियां हैं, जिनकी सप्लाय ईश्वर करता है। रात को पानी बांटने को लेकर विवाद शुरू हुआ। लोगों का आरोप है कि ईश्वर ने एक तरफ ठीक से पानी नहीं दिया। इसे लेकर सोमवार रात को विवाद हुआ, लेकिन कुछ लोगों के समझाने पर मामला शांत हो गया। सुबह फिर दोनों पक्ष लड़ पड़े।
गौरतलब है कि मल्टी में रहने वाले सभी लोग मजदूरी करते हैं और शहर के कई हिस्सों से तोड़ी गई बस्तियों से शिफ्ट होकर यहां आए हैं। मारपीट के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
गांधी नगर की नैनोद मल्टी में बुधवार सुबह दो पक्षों में पानी बांटने को लेकर विवाद हुआ




india news

थाने पहुंची पार्षद की शिकायत, फेसबुक पोस्ट को लेकर संगठनों ने कार्रवाई की मांग की

कांग्रेस प्रवक्ता और वार्ड 4 के पार्षद साबिर फिटवेल द्वारा आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में अंडा विक्रय करने की मांग के बाद सोशल मीडिया पर चली बहस में लिखे गए एक मैसेज से बवाल हो गया।
कुछ सामाजिक संगठनों के लोगों ने थाने पहुंचकर आवेदन दिया और साबिर फिटवेल पर कार्रवाई की मांग की है। साबिर ने बहस के दौरान लिखा था कि अंडों से बना कोई न कोई उत्पाद 100 प्रतिशत लोग खाते हैं।
दो दिन पहले बैठक हुई। बैठक में साबिर की मांग का समर्थन जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर निर्मल मेहता के खिलाफ और समर्थन में मैसेज चलने लगे। ये बताया गया कि उन्होंने अंडा खाने का समर्थन किया है।
मेहता के बचाव में आए साबिर ने लिखा, निर्मल मेहता ने किसी तरह से अंडा खाने का समर्थन नहीं किया। साथ ही ये भी लिखा कि अंडे से बने उत्पाद हर कोई खाता है। इसके खिलाफ शाकाहारी मोर्चा बनाकर थाने में शिकायत की गई।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today




india news

3 क्वारेंटाइन सेंटरों में रखे गए 170 लोगों में से 134 हुए डिस्चार्ज

पेटलावद में बनाए गए तीन क्वारेंटाइन सेंटरों में कुल 170 लोगों को रखा गया था, इसमें से अब तक 134 को अब तक डिस्चार्ज कर दिया गया है। यहां कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर व अंग्रेजी माध्यम स्कूल को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया था। जहां प्रशासन बाहर से आए लोगों व मजदूरों को क्वारेंटाइन कर रही है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय पर 101 लोगों को लाया गया था। इनमें से 51 को डिस्चार्ज कर दिया, 50 लोग अब भी यहां रखे गए हैं। साथ ही कन्या शिक्षा परिसर में 36 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया था, जिसमें से 21 को डिस्चार्ज कर दिया है।
वर्तमान में यहां 24 लोग रखे गए हैं। इसी तरह अंग्रेजी माध्यम में 33 लोगों को रखा गया था, जिनमें से 11 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्तमान में 22 लोग यहां और हैं। बीएमओ डॉ. एमएल चोपड़ा ने बताया कुल 170 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया था। तीनों सेंटरों में से अब तक 134 को घर भेज दिया है। इसके अलावा उन्हें होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी है। नोडल अधिकारी ओएस मेड़ा ने बताया केंद्र पर विशेष साफ-सफाई की जा रही है। प्रतिदिन सैनिटाइजर भी किया जा रहा है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
134 out of 170 people kept in 3 quarantine centers




india news

उत्तर प्रदेश सरकार अपने लोगों को नहीं अाने दे रही, 2 दिन में 600 लोगों को पिटोल से वापस गुजरात भेजा

गुजरात में फंसे लोगों को घर तक पहुंचाने के मामले में यहां के प्रशासन और पुलिस का काम बढ़ गया है। 25 से 27 तारीख तक सभी प्रदेशों के लोग आ रहे थे, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के लोगों को नहीं आने दिया जा रहा। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने यहां की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी हैं। ऐसे में गुजरात से प्रदेश में आ गए वहां के लोगों को वापस गुजरात भेजा जा रहा है। 2 दिन में लगभग 600 लोग लौटा दिए गए हैं। कई लोग मोटरसाइकिलों, ऑटो रिक्शा, साइकिल और साइकिल रिक्शा से पिटोल बॉर्डर पर पहुंचे। इन सब की गाड़ियां जब्त कर बसों में बिठाकर गुजरात के गोधरा भेज दिया गया।
गुजरात से जो लोग आ रहे हैं उनमें बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के लोग भी हैं। इन लोगों को उम्मीद थी कि सीमावर्ती जिलों तक पहुंचकर यह उत्तर प्रदेश की सीमा में चले जाएंगे और वहां से अपने गांव या घर। लेकिन उनकी यह उम्मीद गलत निकली। 25, 26 और 27 तारीख को जो लोग प्रदेश के लोगों के साथ उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पहुंचे, उन्हें यूपी पुलिस ने अंदर नहीं आने दिया।

गुजरात के भरूच में साइकिल रिक्शा से सामान यहां से वहां ढोने का काम करने वाले लाला और अरविंद अपने परिवारों को इन्हीं साइकिल रिक्शा में बिठाकर 8 दिन पहले भरूच से निकले। बुधवार दोपहर पिटोल बॉर्डर पहुंचे तो यहां पुलिस वालों ने रोक लिया। लाला बताते हैं वह कानपुर के पास भोगिनीपुरा के रहने वाले हैं। भरूच में खाना-पीना मिलना बंद हो गया था। राशन भी नहीं था, इसलिए बीवी, बच्चों को लेकर निकल पड़े। अरविंद की भी यही कहानी है। वह कानपुर के पास अकबरपुर जा रहे हैं। बोले अब समझ नहीं आ रहा क्या होगा। यहां फंसे पड़े हैं। पुलिस वाले कह रहे साइकिल अभी वापस नहीं देंगे।

अहमदाबाद से ऑटो से ले आए परिवार को : ऋषि अहमदाबाद में ऑटो चलाते हैं। उन्हें जब खबर मिली कि यहां से लोग जा रहे हैं तो अपने घर के लिए निकल पड़े। उन्हें जाना मुरैना जिले में है। ऋषि ने बताया मंगलवार को निकले थे लेकिन इसके पहले कई दिन तक किसी बस या दूसरे वाहन का इंतजार करते रहे। नहीं आया तो ऑटो से ही निकल आए। यहां पता चला कि बस से आगे भेज देंगे, लेकिन हम ऑटो कहां छोड़े। अब वापस भी नहीं जाने दे रहे। हमारी रोजी-रोटी ऑटो से चलती है। इसे यहां छोड़कर नहीं जा सकते। पुलिस वालों से हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं कि अगर आगे नहीं जाने दे रहे तो कम से कम वापस अहमदाबाद ही जाने दो।
बाइक रखवा ली, वापस भेज रहे हैं
अरविंद और रामराज उत्तर प्रदेश के बस्ती के रहने वाले हैं। सूरत से मंगलवार को 20 और लोगों के साथ बाइक से निकल आए। अरविंद ने बताया यहां आकर बाइक जब्त कर ली और बसों में बिठाकर वापस भेज रहे हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करें। हमें बताया कि उत्तरप्रदेश में अंदर नहीं आने दे रहे इसलिए वापस भेज रहे हैं। सूरत में काम नहीं है, खाने को भी नहीं ऐसे में वहां से निकल आना हमारी मजबूरी थी। यूपी सरकार से विनती है हमें अपने घर जाने दे।
ये करेंगे गाड़ियों का : उत्तरप्रदेश सरकार के इनकार के बाद अब यहां पुलिस वाले गुजरात से आ रहे यूपी के नागरिकों के वाहन जब्त कर पिटोल चौकी पर रखेंगे। लॉकडाउन खत्म होने के बाद इनके मालिकों को लौटा दिया जाएगा। उन्हें यहां आकर गाड़ियां वापस लेना पड़ेंगी।

वापस आए लोगों को गोधरा भेजा है
वापस आए इन लोगों को प्रदेश के ही क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा गया या फिर वापस गुजरात भेज दिया गया। अब 2 दिन से पिटोल में ही उत्तर प्रदेश के लोगों को रोका जा रहा है। उन्हें गुजरात के लिए तैयार खड़ी बसों में बिठाकर रवाना किया जा रहा है। फिलहाल गोधरा भेजा जा रहा है। वहां गुजरात प्रशासन तय करेगा कि इनके घर भेजना है या वहां किसी सेंटर में ही रखना है।
प्रदेश के 3 हजार लोग ही लौटे
5 दिनों में गुजरात से लौटने वाले प्रदेश के नागरिकों की संख्या 3 से सवा 3 हजार है। इन्हें बसों से इनके घर के लिए रवाना कर दिया गया। अभी भी डेढ़ सौ से ज्यादा बसें और जीप पिटोल बॉर्डर पर खड़ी हैं लेकिन इतनी संख्या में लोग यहां पहुंच नहीं रहे हैं। दोनों राज्यों के बीच बड़े स्तर पर चल रही बातचीत के बाद यह संख्या बढ़ सकती है। खबर है कि कई लोग गुजरात से आने की तैयारी करके बैठे हैं, लेकिन उन्हें वहां साधन नहीं मिल रहे। चर्चा इस बात पर हो रही है कि या तो गुजरात सरकार बसों से पिटोल भेज दे या वहां तक यहां से बसों को जाने की इजाजत दे दी जाए।




Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Uttar Pradesh government is not allowing its people, in 2 days 600 people were sent back from Gujarat from Pitol




india news

कनाडा से लौटी तो खुद को क्वारेंटाइन किया, आधी एग्जाम यहीं से ऑनलाइन दी, टॉप किया

शहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रमोद भंडारी की बेटी सिमरन कनाडा के सेनेका कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन एचआर कर रही हैं। पिछले महीने वो कनाडा में थी। तब एग्जाम चल रही थी। आधी एक्जाम हुई और कोरोना बढ़ने लगा। लॉकडाउन हाेने लगा तो कनाडा से भारत लौट आई। यहां आकर खुद को घर में क्वारेंटाइन किया। आधी एक्जाम ऑनलाइन दी। मंगलवार को रिजल्ट आया तो पता चला, अपने सब्जेक्ट में कॉलेज में टॉप किया है। सिमरन को कॉलेज प्रशासन की ओर से प्रेसिडेंट अवार्ड के लिए भी चुना गया।
सिमरन झाबुआ आई तो उनका नाम विदेश से लौटने वालों की लिस्ट में था। प्रशासन की टीम ने क्वारेंटाइन में रहने को कहा, लेकिन इसके पहले ही सिमरन ने खुद को घर के एक रूम में क्वारेंटाइन कर रखा था। इस दौरान उन्होंने अपने सिलेबस की पढ़ाई की। कॉलेज ने दुनियाभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण आगे की एग्जाम ऑनलाइन ली। क्वारेंटाइन रहते सिमरन ने पढ़ाई काफी अच्छे से की थी। इसके पहले कॉलेज में हुई एग्जाम भी अच्छी रही थी। जब रिजल्ट आया तो पता चला कि टॉप किया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Quarantined myself when I returned from Canada, gave half the exam online from here, topped




india news

धार के भंवरकुंड में बने डेम से सुनार नदी में छोड़ेंगे पानी

जल्द ही क्षेत्र की सूखी पड़ी सुनार नदी में पानी आने वाला है।सांसद गुमानसिंह डामोर ने इसके लिए पहल की है। उन्होंने धार जिले के भंवरकुंड में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित डेम से क्षेत्र की सुनार नदी में पानी छुड़ाने के प्रयास शुरू किए हैं। पानी आते ही रामा तहसील के 13 ग्रामों में जल समस्या का कुछ हद तक निराकरण हो जाएगा।
दरअसल, गर्मी के दिनों में रामा तहसील के 13 ग्राम माछलिया, नवापाड़ा, भूराडाबर, झिरनिया, राछवा भंवरपिपलिया, सेमलखेड़ी, रामा, खेडली, कालीदेवी, छापरी, हत्यादेली, रूपारेल पानी की समस्या से जूझते हैं।
खास बात यह है कि यह सभी गांव सुनार नदी के किनारे बसे हैं, लेकिन नदी सूखी होने के कारण पानी नहीं मिल पाता। ग्रामीणों को मवेशियों के लिए पीने का पानी भी नहीं मिलता। वर्तमान में भी यही समस्या बनी हुई है। इसे लेकर सांसद प्रतिनिधि व छापरी सरपंच दिनेश अमलियार ने क्षेत्र की जल समस्या को लेकर सांसद गुमानसिंह से डेम से पानी छुड़वाने की मांग रखी थी।

समस्या को देखते हुए तत्काल डेम से पानी छोड़ने के निर्देश दिए
सांसद ने धार जिले के जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री अजय वर्मा व अधीक्षण यंत्री जोशी से चर्चा की। उन्होंने जन समस्या को देखते हुए तत्काल डेम से पानी छोड़ने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने जल्द डेम से पानी छोड़ने व समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है। अगर डेम से पानी छोड़ा जाता है तो क्षेत्र की सुनार नदी पुन: जीवंत होने के आसार है। समस्या बताते समय भाजपा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, सदावा सरपंच किशन भूरिया, रामा सरपंच विवेक पाल आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today




india news

कोई बीड़ी लेने निकला, तो किसी को गुटखेे की तड़प थी, 19 लोगों को उठाया, अस्थाई जेल में किया बंद, दोपहर बाद मुचलके पर छोड़ा

जिले में छूट मिली थी लोगों ने इसका गलत फायदा उठाया। अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। कलेक्टर सुरभि गुप्ता ने मंगलवार दोपहर जिले में कर्फ्यू के आदेश जारी कर दिए। आदेश का पुलिस, राजस्व विभाग के अधिकारी और मैदानी अमले ने सख्ती से पालन कराया।
रात में एसडीएम विजय कुमार मंडलोई, एसडीओपी धीरज बब्बर के मार्गदर्शन में वाहनों का काफिला पूरे नगर में निकला। विभिन्न मार्गों और चौराहों पर दुपहिया वाहनों से निकलने वालों पर सख्ती बरतते हुए घरों में ही रहने की चेतावनी दी। सुबह 4 बजे फिर पुलिस प्रशासन जगह-जगह तैनात हो गया। इस दौरान बेवजह घूमते मिले लोगों पर सख्ती की गई। बहानेबाजी करने वालों की पिटाई भी की।
हाट, गली, एमजी रोड, रणछोड़ राय मार्ग, बस स्टैंड, रामदेव मंदिर चौराहा, सिनेमा चौराहा आदि स्थानों से करीब 19 लोगों को पुलिस ने अपने वाहन में बैठा लिया। लोगों ने कई बहाने बनाए- कोई बोला हम तो बीड़ी लेने निकले थे, किसी ने कहा कि गुटखे की तड़प लगी थी तो कोई रनिंग कर के लौट रहा था। सभी को अस्थाई जेल में बंद किया गया। नायब तहसीलदार शंशाक दुबे ने कहा कि एडमिशन चालू है प्रवेश लेना है तो बेवजह घरों से निकलें। दोपहर बाद सभी को 20 हजार के मुचलके पर छा़ेड़ दिया गया।

सुनसान नजर आई सड़कें, दिनभर रही चर्चा, कभी नहीं देखी ऐसी सख्ती
मंगलवार को जो सड़कें लोगों की भीड़ से पटी थीं बुधवार को प्रशासन की सख्ती के बाद सुनसान नजर आईं। दिनभर पुलिस के वाहन साइरन बजाते हुए भ्रमण करते रहे। ओटलों पर बैठे लोग भी पुलिस को देखकर चुपचाप अंदर चले गए। पुलिस की सख्ती की चर्चा दिनभर शहर में रही। लोगों ने कहा कि आलीराजपुर के इतिहास में ऐसी सख्ती पहले कभी नहीं देखी।

पुलिस, प्रशासन ने लोगों पर की गई कार्रवाई के वीडियो भी बनाए। जिसमें कुछ लोग गिड़गिड़ाते नजर आए। लेकिन किसी की एक न चली। लोगों ने इन वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया। इस कार्रवाई के बाद लोगों में पुलिस का खौफ भी बना। शहर में दिनभर शांति का माहौल रहा। लोगों ने यह भी चर्चा की पहले लगे कर्फ्यू के दौरान ही पुलिस सख्ती करती तो दूसरी बार कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।

और... नानपुर, जोबटमें भी नजर आया खौफ
आलीराजपुर की ही तरह नानपुर और जोबट में भी लोगों में पुलिस का खौफ नजर आया। दिनभर पुलिस के वाहन घूमते रहे। हांलाकि यहां किसी को अस्थाई जेल में नहीं डाला गया। सख्ती से समझाइश देकर घरों में रहने काे कहा गया। लोगों ने भी समर्थन किया और दिनभर सड़कें सुनसान रहीं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
When someone came out to take bidi, someone had a craving for gutkha, picked up 19 people, kept them in temporary jail, and left them in the afternoon




india news

शहर में नहीं बंटे अखबार, हॉकरों को भगाया, एसडीओपी बोले-जवानों को पता नहीं था

कर्फ्यू का पालन कराने शहर में पुलिस ने इतनी सख्ती की आदेश क्या हैं ये भी भूल गए। बुधवार सुबह अखबार बांटने वाले हॉकरों को जवानों ने भगा दिया। डर से हॉकर भी वहां से निकल गए। जिसके चलते शहर में अखबार नहीं बंट सके।
पाठक सुबह अखबार आने का इंतजार करते रहे। अखबार नहीं मिलने पर लोगों में चर्चा शुरू हो गई। जिले में ऐसी क्या हुआ जिसे प्रशासन छुपाने का प्रयास कर रहा है। मामले की सूचना एसपी विपुल श्रीवास्तव को मिलते ही उन्होंने तत्काल वायरलेस पर पुलिसकर्मियों को सूचित किया कि वे किसी भी अखबार बांटने वाले हॉकर को न रोकें। शहर में अखबार बंटने दिए जाए। लेकिन तब तक हॉकर अखबार छोड़कर जा चुके थे। शहर के कुछ ही इलाकों में बाद में अखबार बंट सके।
किसी भी हॉकर को अखबार बांटने से नहीं रोका जाएगा
मामले में एसडीओपी धीरज बब्बर ने कहा कि मैं स्वयं प्वाइंट पर सुबह 6 बजे पहुंच गया था। कुछ जवानों को जानकारी नहीं होगी। इसलिए ऐसी हुआ होगा। किसी भी हॉकर को अखबार बांटने से नहीं रोका जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today




india news

व्यापारियों ने मंडी में खरीदी से किया इंकार बाेले- कुक्षी सीमा से जुड़े गांवों के किसान आ रहे, संक्रमण का खतरा

मंडी में बड़ी संख्या में किसान गेहूं बेचने आ रहे हैं। यहां समर्थन मूल्य के अलावा नीलामी भी की जा रही है। जिसमें व्यापारी भी किसान से उपज खरीदी कर रहे हैं। व्यापारी संघ के अध्यक्ष शांति लाल वााणी ने कहा कि जोबट क्षेत्र कुक्षी नगर सीमा से जुड़ा हुआ होने के कारण वहां के गांव डाबड़ी, सालखेड़ा के किसान मंडी में अनाज बेचने आते हैं। मंडी में भीड़ लग रही है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा ही रहा तो हमारे क्षेत्र में भी कोराेना संक्रमण फैलेगा। अनाज व्यापारी संघ ने 3 मई तक किसी भी प्रकार की अनाज नहीं खरीदने का आवेदन मंडी सेक्रेटरी को दिया है।
मामले में एसडीएम किरण आंजना ने कहा कि मंडी में सभी प्रकार की व्यवस्था की गई है। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पर्याप्त गोल घेरे बनाए गए हैं। नियमों का पालन कराया जा रहा है। व्यापारी यदि मंडी में खरीदी नहीं करेंगे तो खेतों से खरीदने के लिए भी उन्हें अनुमति लेनी होगी। जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि वो किसान से किस रेट पर उपज खरीदेंगे।
और... ये है कलेक्टर के जारी किए आदेश, खेतसे खरीदें व्यापारी
कलेक्टर सुरभि गुप्ता ने 3 मई तक कर्फ्यू के संबंध में आदेश जारी किए। जिसमें समर्थन मूल्य पर खरीदी पर छूट दी गई है। आदेश कंडिका में संशोधन करते हुए समर्थन मूल्य पर विक्रय केंद्रों में अनाज की खरीदी यथावत रहेगी। साथ ही मंडियों में एवं किसानों के खेत पर थोक व्यापारियों द्वारा क्रय-विक्रय की प्रक्रिया यथावत जारी रहेगी। साथ ही खाद-बीज विक्रय केंद्रों पर भंडारण की भी छूट रहेगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Merchants refuse to buy in the market




india news

फोर्स दोगुना किया, 90 कॉलोनी में बनी टीमें, सेहरी-इफ्तारी में पेट्रोलिंग बढ़ाई

(गौरव शर्मा)कोरोना को लेकर इंदौर देश के हॉट स्पॉट में से है। यहां 1466 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें सबसे ज्यादा खजराना में110 से ज्यादा हैं। यहां चार मौतें भी हो चुकी हैं। मरीजों के मामले में इसके बाद टाटपट्टी बाखल (37) औरअहिल्या पल्टन (35 केस) हैं। खजराना भी क्वारेंटाइन इलाका घोषित है। चारों तरफ से सील। खजराना क्षेत्र में संक्रमण के खतरनाक संकेत उसी दिन मिल गए, जब यहां एक ही परिवार के नौ लोग पॉजिटिव निकले थे। इतनी स्थिति बिगड़ने के बाद खजराना में अब चल क्या रहा है? बचाव के लिए रहवासी कितने जागरूक हुए? लॉकडाउन में लोग घर से नहीं निकले,
इसके लिए पुलिस-प्रशासन ने क्या किया, यही देखने भास्कर इस हॉट स्पॉट में पहुंचा।
हर चौराहे पर कर रहे अनाउंसमेंट
रमजान में लोग घर से निकलकर सड़क पर नहीं आएं, यह सबसे बड़ी चुनौती है। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने सेहरी के दौरान रात ढाई से सुबह पांच और इफ्तारी के दौरान शाम पांच से सात बजे तक पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। एएसपी राजेश रघुवंशी ने बताया क्षेत्र में पहले 85 जवानों का पुलिस बल था, जिसे अब 190 का कर दिया। नगर सुरक्षा समिति के सदस्य भी हर चौराहे पर खड़े रहते हैं। थाने के अनाउंसमेंट सिस्टम को बढ़ाया, ताकि ज्यादा से ज्यादा घरों तक जानकारी पहुंचे। थाने के पुलिसकर्मियों का ड्यूटी समय भी बढ़ाया है। कई मौकों पर 12-12 घंटे ड्यूटी भी की।
48 लोग क्वारेंटाइन होकर घर लौटे
कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि क्षेत्र के लोग पूरी तरह से पुलिस, प्रशासन और मेडिकल टीम का सपोर्ट कर रहे हैं। यहां के जिन लोगों की क्वारेंटाइन अवधि पूरी हो गई, उनमें से 48 लोग सेंटर से अब घर भी लौट चुके हैं।

पुलिस ने रहवासियों की मदद की, समझाया भी
रहवासी अन्नू पटेल का कहना है कि क्षेत्र की सभी 65 मस्जिदों से ऐलान किया जा रहा है कि लोग घरों में ही रहें। पुलिस-प्रशासन ने जो एक्शन प्लान पर काम किया, उससे फायदा हुआ। सभी 90 कॉलोनियों में लोगों की टीम बनाई, जिन्होंने घर-घर जाकर समझाइश दी। रहवासी शफी शेख कहते हैं कि यहां पुलिस की भूमिका सबसे अहम है। यहां सख्ती की गई लेकिन इसके साथ ही लोगों को समझाइश भी दी गई। जिन परिवारों को परेशानी थी या उन्हें कोई जरूरत थी तो वहां पुलिस ने रहवासियों की मदद की।

टाटपट्‌टी बाखल... 22 मरीज मिले, तीन से ज्यादा टीमें कर रही जांच, 500 से ज्यादा सैंपल लिए

इंदौर की अदब की गली। 450 से ज्यादा परिवारों के इस इलाके में काेराेना के 22 मरीज मिले थे। संक्रमण से एक मौत भी, पर अब कई लोग अस्पतालाें से ठीक होकर घर लौट रहे हैं। तीन से ज्यादा टीमें यहां जांच में लगी हैं। अब तक 500 से ज्यादा लाेगाें के सैंपल लिए जा चुके हैं। डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से ठीक होकर घर आए वसीम खान कहते हैं कि हमारी गली अदब की गली के नाम से देशभर में पहचानी जाती थी। डॉक्टरों को पत्थर मारे जाने की घटना ने न सिर्फ हमारे क्षेत्र, बल्कि इंदौर का नाम खराब किया। हमें इसका अफसोस है। मेडिकल टीमें 24 घंटे रहवासियों के लिए जान की बाजी लगाकर जुटी हुई हैं। सही समय पर हमें और अन्य लोगों को इलाज के लिए भेजा। इससे क्षेत्र में संक्रमण नहीं फैला। क्वारेंटाइन सेंटर भेजी गईं फिरोज बी कहती हैं कि पुरानी बातें भूलकर हम अपने क्षेत्र और मेडिकल टीम की बेहतरी के लिए जो कर सकते हैं, वो कर रहे हैं। आगे भी करेंगे। मेडिकल टीम के साथ पहले दिन से साथ रहे तहसीलदार चरणजीतसिंह हुड्डा कहते हैं कि रहवासियों को अहसास है कि कुछ लोगों की वजह से क्षेत्र का नाम खराब हुआ। अब अब यहां के लोग हमें, मेडिकल टीम को परिवार की तरह मानने लगे हैं। रहवासियों को हमने मास्क से लेकर फूड, राशन पैकेट उपलब्ध करवाए। शहर काजी डॉ. मो. इशरत अली कहते हैं कि विश्वास बढ़ने और सकारात्मक रवैये से यह संभव हुआ।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
एक तरफ हजारों रहवासी, पुलिस, प्रशासन संक्रमण रोकने की कोशिश कर रहे हैं, इधर चंद लोग इस तरह की नादानी कर रहे हैं।




india news

बेटी के जन्मदिन पर पत्नी का चेहरा झुलसा, ड्यूटी के चलते कांस्टेबल पति मिल न सके

कोरोना की ड्यूटी में लगे पुलिस जवान परिवार से इतने दूर हो गए हैं कि अपनों के दुख-दर्द में चाह कर भी मदद नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा ही एक वाकया लसूड़िया थाने में देखने को मिला। कांस्टेबल धीरेंद्र सिंह के परिवार में 25 तारीख को बेटी का बर्थ डे था। बेटी के जन्मदिन पर वे पहुंच नहीं सके, क्योंकि उन्हें परिवार से अलग धर्मशाला में रहना पड़ रहा है। धीरेंद्र रोज ड्यूटी के अलावा गरीबों को खाना और फोर्स के लिए भी खाने की व्यवस्था करते हैं।
ऐसे हुआ था हादसा : कांस्टेबल ने बताया कि जन्मदिन पर बेटी ने मां से दाल-बाटी खाने की जिद की। मां ने दाल-बाटी की तैयारी की, लेकिन अचानक खाना बनाने के दौरान गैस भभक गई और धीरेंद्र की पत्नी का चेहरा झुलस गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पुलिस जवान परिवार से इतने दूर हो गए हैं कि अपनों के दुख-दर्द में चाह कर भी मदद नहीं कर पा रहे हैं




india news

पिछले साल अप्रैल में 400 से ज्यादा तापमान 23 दिन रहा, इस साल 9 दिन ही

लॉकडाउन के कारण प्रदूषण कम हुआ तो गर्मी भी कम पड़ रही है। अप्रैल में भी लू के थपेड़े अब जाकर महसूस हो रहे हैं। जबकि हर साल मार्च के आखिर में मौसम ऐसा हो जाता है। पिछले साल मार्च के आखिरी तीन दिन जितना तापमान था, वो इस साल अप्रैल के आखिरी में हुआ। ो
साल 2019 में अप्रैल महीने में 23 दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा। इस बार ऐसा 9 दिन हुआ। गुरुवार को महीने का आखिरी दिन है। आज भी पारा 40 डिग्री रहा तो कुल 10 दिन होंगे।
ज्यादा तापमान और लू के थपेड़ों के बीच दोपहर बाद आसमान में बादल भी छाए। लेकिन इनके कारण गर्मी कम नहीं हुई। फिलहाल लोग घरों में हैं तो गर्मी से राहत मिली हुई है। मई में अगर लॉकडाउन खुलता है तो गर्मी सहन कर पाना मुश्किल होगा। मौसम विभाग के अनुसार अब तापमान ज्यादा बना रह सकता है। मौसम विभाग से मिले पूर्वानुमान के अनुसार फिलहाल 3 मई तक तो पारा 40 डिग्री से ज्यादा ही रहेगा। अच्छे मानसून के लिए ये जरूरी भी है।

अधिकतम तापमान1 डिग्री कम
साल 2019 की 27 अप्रैल को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस था। इस बार सबसे ज्यादा तापमान 15 अप्रैल काे 42 डिग्री सेल्सियस रहा। मार्च काे देखा जाए तो 2019 के मार्च की 29, 30 और 31 तारीख को तापमान 40 डिग्री से ज्यादा था। इस बार मार्च भी ठंडा था। 13 मार्च को तापमान 28 डिग्री से ऊपर नहीं गया। इस दिन न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Last year in April, more than 400 temperatures were 23 days, this year only 9 days.




india news

पॉजिटिव आने की रफ्तार गिरी, स्वस्थ होने वालों की तादाद बढ़ी; तीन अस्पतालों से घर लौटे 44 मरीज, अब तक 221 स्वस्थ

कोरोना से गंभीर पीड़ित मकमुद्दीन आखिर 25 दिन चले इलाज के बाद स्वस्थ होकर बुधवार को घर लौट गए। अधिक उम्र और फेफड़ों में इंफेक्शन जैसी कई परेशानियों से जूझ रहे मकमुद्दीन का इलाज करना एमआर टीबी अस्पताल के डॉक्टर्स के लिए भी चुनौतीपूर्ण था। चेस्ट फिजिशियन डॉ. सलिल भार्गव ने बताया कि 4 अप्रैल को मकमुद्दीन को जब आईसीयू में लाए, तब हालत काफी गंभीर थी और सांस लेने में परेशानी आ रही थी। तेज बुखार के साथ खांसी भी बहुत ज्यादा चल रही थी। उस समय उनका ऑक्सीजन लेवल 76% रह गया था। उन्हें तुरंत ऑक्सीजन के साथ नॉन इनवेंसिव वेंटिलेटर पर रखा। साथ ही एंटीबायोटिक, हाइड्राॅक्सी क्लोरोक्विन टैबलेट, एजीथ्रोमायसिन, स्ट्रोइड, विटामिन सी के साथ सपोर्टिव ट्रीटमेंट दिया।

जब इनके ब्लड से स्पेशल जांच एबीजी कराई तो उसमें वे मॉडरेट एआरडीएस की कैटेगरी में मिले। इनका एक्स-रे भी बहुत खराब आया। दोनों फेफड़ों में निमोनिया और ग्राउंड ग्लास ऑपेसिटी थी। इस तरह के मरीजों को सारी (सीवियर एक्यूटरे स्पिरेट्री इंफेक्शन) में रखा जाता है। करीब 10 से 12 दिनों तक नॉन-इनवेंसिव वेंटीलेटर पर रखने के बाद उन्हें बाहर निकालने में सफल रहे। उसके बाद 10 दिन तक ऑक्सीजन पर रखा। ऑक्सीजन हटाने के बाद भी स्थिति ठीक रही। उनका ऑक्सीजन स्तर 94% है और एक्स-रे भी सामान्य हो गया है। इसके बाद हमने 24 घंटे के अंतराल में दो टेस्ट करवाए, जो निगेटिव निकले। अब वे स्वस्थ हैं। - डॉ. सलिल भार्गव, सीनियर चेस्ट फिजिशियन


ये थे टीम में शामिल
एमआरटीबी हॉस्पिटल की इलाज करने वाली टीम में डॉ. संजय अवर्सिया, डॉ. दीपक बंसल, डॉ. मिलिंद बल्दी, डॉ. सुनील मुकाती, डॉ. दिलीप चावड़ा, डॉ. विजय अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र जैन, डॉ. तपन, डॉ. सुदर्शन शामिल थे।आप इंदौर में अटके हैं या अन्य जिलों में तो indore.nic.in पर अपलोड करें जानकारी।

2 मई से सैनिटाइज की सब्जी घर-घर मिलेगी, एक पैक में 8 सब्जियां, रेट 150 रुपए

नगर निगम की घर-घर सब्जी पहुंचाने की योजना 2 मई से शुरू होगी। लोगों को इसका ऑर्डर किराना वालों को देना होगा, उसी दिन से डिलीवरी मिलेगी। 4 किलो के पैक में 8 तरह की सब्जियां होंगी, जिसका रेट 150 रुपए रहेगा। खंडवा रोड पर 7 स्थानों पर इनकी पैकिंग के बाद अल्ट्रावॉयलेट किरणाें से सैनिटाइजेशन होगा। कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त आशीष सिंह ने सभी 85 वार्ड के प्रभारियों के साथ बैठक कर योजना को फाइनल किया। ये पैकेट 10 रुपए डिलीवरी चार्ज जोड़कर 150 रुपए में लोगों को मिलेगा। एक व्यक्ति का एक ही ऑर्डर लेंगे।। यह होगा पैक में- मिर्ची-200 ग्राम, अदरक-100 ग्राम, धनिया-200 ग्राम, नींबू-2, लौकी/गिलकी-1 किलो, भिंडी-500 ग्राम, टमाटर-1 किलो, सीजनल सब्जी 1 किलो (बैंगन, पालक, ककड़ी, गाजर, गोभी)



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
फाइल फोटो




india news

खुद काेरोना की चपेट में आए भास्कर संवाददाता की रिपोर्ट; 15 दिन रिपोर्ट नहीं आती, मरीजों के साथ रहकर पॉजिटिव हो रहे लोग

(देवी कुंडल)सरकार 15-15 दिन के लिए लॉकडाउन बढ़ा रही है, ताकि कोरोना की चेन टूट सके। लेकिन इस बीमारी से प्रभावित व्यक्ति 15-15 दिन तक रिपोर्ट की प्रतीक्षा को विवश है। कई सैंपल का स्टेटस पता नहीं चल रहा। 17 अप्रैल को इंडेक्स में मेरा सेकंड सैंपल लिया गया। अब तक कोई जिम्मेदार यह बताने की स्थिति में नहीं है कि आखिर उसका क्या हुआ? ऐसा कई लोगों के साथ हुआ है। 12 लोगों को 14 अप्रैल को होटल रिजेंटा में क्वारेंटाइन किया गया था। इन्हें 14वें दिन जब डिस्चार्ज कर रहे थे तो 11 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। यदि समय पर रिपोर्ट आ जाती तो अब तक नए टेस्ट हो चुके होते। इनके साथ की एक महिला को रिपोर्ट आने के एक दिन पहले छुट्टी दे दी। अगले दिन उन्हें वापस घर से लाकर कोविड केयर सेंटर में रखा गया।

वाटर लिली कोविड सेंटर में दर्जनभर ऐसे लोग हैं, जो करीब 40 दिन बाद भी अटके हुए हैं। उन्होंने बताया कि वे पहले 15 दिन अरबिंदो में भर्ती रहे, उनकी 2 रिपोर्ट निगेटिव आई। डिस्चार्ज करने के बजाय उन्हें होटल प्रेसीडेंट में रखा गया। फिर वाटर लिली शिफ्ट कर दिया। अब उनके सब्र का बांध टूट गया। हंगामा किया तो पुलिस बुला ली गई। जल्द डिस्चार्ज के आश्वासन पर मामला
शांत हुआ।
ऐसे ही इंडेक्स में भी करीब 7 लोग हैं, जिनकी 2 रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, लेकिन डिस्चार्ज के नाम पर रोज आश्वासन ही मिल रहा है। लोकमान्य नागौरी ने बताया कि मरीजों की रिपोर्ट में देरी तो हो ही रही है साथ ही डिस्चार्ज में भी लेटलतीफी हो रही है। कमोबेश अन्य अस्पतालों से भी ऐसी ही शिकायतें मिली हैं।
स्वस्थ्य हो रहे पॉजिटिव
65 साल के गजल गायक बून्दु खान के बेटे शादाब खान के मुताबिक उनके अब्बू को 6 अप्रैल को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 6 अप्रैल को उनका सैंपल लिया, जिसकी 9 अप्रैल को रिपोर्ट िनगेटिव आई, लेकिन स्वस्थ होने पर भी छुट्टी नहीं दी। वे मरीजों के बीच रखे गए। 12 अप्रैल को उनका दूसरी बार सैंपल लिया गया। उन्हें 23 अप्रैल को बताया गया कि दूसरा टेस्ट भी निगेटिव आया है। 17 दिन उपचार के बाद उन्हें 23 तारीख को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अचानक दो दिन बाद उन्हें फोन पर बताया गया कि उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस बीच उपचार पात 2 लाख रूपये भुगतान किया जा चुका। अब उनका इलाज एमआरटीबी में जारी है। ये तो एक उदहारण है, ऐसे अनेक केस हैं जिनमें मरीजों को निजी अस्पतालों ने “लूटा” है।
निगेटिव को बेवजह अटका रखा
शहर के कुछ निजी अस्पतालों ने मानो कोरोना को इवेंट बना लिया है। एक साथ बल्क में मरीज डिस्चार्ज करने की झांकीबाजी के चक्कर में मरीजों को समय पर डिस्चार्ज नहीं कर रहे हैं। यानी हर दिन 2, 4, 6 की संख्या में मरीजों की 2-2 रिपोर्ट नगेटिव आ रही है। लेकिन एकमुश्त रिहाई के दिखावे के चलते उन्हें रोका जा रहा है। जबकि स्वस्थ्य होने पर मरीज की “रिहाई” न सिर्फ उसका अधिकार है बल्कि अनिवार्य भी है। केवल झांकी जमाने के चक्कर में स्वस्थ्य मरीज को पॉजिटिव के बीच रखना अत्यचार है, अमानवीय है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Report of Bhaskar correspondent caught by Karona himself; 15 days report not coming, people staying positive with patients




india news

पिछले साल की अपेक्षा पांच दिन पहले 22 जून को आएगा मानसून

इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले साल के मुकाबले पांच दिन पहले इंदौर में दस्तक देगा। इंदौर सेे पहले खंडवा, खरगोन में यह प्रवेश करेगा। मध्यप्रदेश के किस जिले में कब मानसून सक्रिय होगा, इसकी तारीख मौसम विभागने जारी कर दी। इंदौर जिले में मानसून 22 जून तक आएगा और 22 सितंबर तक विदा हो जाएगा।
पिछले साल 27 जून को आमद हुई थी। वैसे मानसून दस्तक देने की तारीख 15 जून मानी जाती है, लेकिन पिछले दो-तीन साल मानसून देरी से आया। पिछले साल 27 जून को आया था और 30 सितंबर को विदा होने के बाद भी अक्टूबर मध्य तक जोरदार बारिश होती रही। इस बार भी प्रदेश में सामान्य बारिश होने के आसार हैं। वहीं देश में 96 से 104 फीसदी तक बारिश होने का अनुमान है। कहीं-कहीं औसत से भी ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया मध्यप्रदेश में 1 जून से 30
सितंबर तक की अवधि बारिश की मानी जाती है, लेकिन हर जिले में मानसून अलग-अलग तारीखों पर पहुंचता है। 30 मई तक केरल पहुंचने के बाद यह मध्यप्रदेश का रुख करता है। इंदौर से पहले खंडवा में 19 से 20 जून तक मानसून पहुंचेगा। खंडवा और इंदौर से मानसून विदाई की तारीख समान है।
इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले साल के मुकाबले पांच दिन पहले इंदौर में दस्तक देगा। इंदौर सेे पहले खंडवा, खरगोन में यह प्रवेश करेगा। मध्यप्रदेश के किस जिले में कब मानसून सक्रिय होगा, इसकी तारीख मौसम विभाग
ने जारी कर दी। इंदौर जिले में मानसून 22 जून तक आएगा और 22 सितंबर तक विदा हो जाएगा।
पिछले साल 27 जून को आमद हुई थी। वैसे मानसून दस्तक देने की तारीख 15 जून मानी जाती है, लेकिन पिछले दो-तीन साल मानसून देरी से आया। पिछले साल 27 जून को आया था और 30 सितंबर को विदा होने के बाद भी अक्टूबर मध्य तक जोरदार बारिश होती रही। इस बार भी प्रदेश में सामान्य बारिश होने के आसार हैं। वहीं देश में 96 से 104 फीसदी तक बारिश होने का अनुमान है। कहीं-कहीं औसत से भी ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया मध्यप्रदेश में 1 जून से 30
सितंबर तक की अवधि बारिश की मानी जाती है, लेकिन हर जिले में मानसून अलग-अलग तारीखों पर पहुंचता है। 30 मई तक केरल पहुंचने के बाद यह मध्यप्रदेश का रुख करता है। इंदौर से पहले खंडवा में 19 से 20 जून तक मानसून पहुंचेगा। खंडवा और इंदौर से मानसून विदाई की तारीख समान है।
राहत : तालाबों में मानसून आने तक उपलब्ध रहेगा पानी
इस बार इंदौर के सभी प्रमुख तालाबों में भरपूर पानी हैै। मानसून आने तक इनमें काफी मात्रा में पानी उपलब्ध रहेगा। एेसे में इंदौर मेें औसत बारिश भी होती है
तो सालभर सप्लाय लायक पानी उपलब्ध रहेगा। इसका फायदा 2021 तक मिलता रहेगा। 2015 में भी पानी की एेसी ही चेन बनी थी। तब 56
इंच बारिश हुई थी। इसका फायदा ये हुआ था कि 2016 में सामान्य बारिश होने पर भी तालाब लबालब थे।
इस बार इंदौर के सभी प्रमुख तालाबों में भरपूर पानी हैै। मानसून आने तक इनमें काफी मात्रा में पानी उपलब्ध रहेगा। एेसे में इंदौर मेें औसत बारिश भी होती है
तो सालभर सप्लाय लायक पानी उपलब्ध रहेगा। इसका फायदा 2021 तक मिलता रहेगा। 2015 में भी पानी की एेसी ही चेन बनी थी। तब 56
इंच बारिश हुई थी। इसका फायदा ये हुआ था कि 2016 में सामान्य बारिश होने पर भी तालाब लबालब थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Monsoon will come five days earlier than last year on June 22




india news

कोरोना के आंकड़ों में 29 जून तक होगा सुधार, 31 जुलाई बाद 90% कम होगी मृतकों की संख्या : ऋषभचंद्र

सन् 1720 में महामारी प्लेग थी, 1820 में कालरा थी, 1920 में स्पेनिश फ्लू था और अब 2020 में कोविड-19 है। हर 100 वर्ष में कोई न कोई प्रकृति जन्य रोग होते हैं। कोरोना के आंकड़ों में 29 जून तक राहत के आंकड़े सुधरेंगे। 31 जुलाई के बाद इस रोग से मरने वालों की संख्या में 90% गिरावट आएगी। भूंकप जैसी विपदाएं भी अनेक देश देखेंगे। आचार्य विजय ऋषभचंद्र सूरि ने ज्योतिष के मुताबिक यह बताया। सोशल मीडिया के माध्यम से जारी पत्र में उन्होंने बताया ज्योतिष विज्ञान के रचयिता आचार्य भद्रबाहु स्वामी की रचना भद्रबाहु संहिता में कहा गया है कि शुक्र सूर्य के साथ असमय उदय हो तो महामारी फैलती है। 25 मार्च भारतीय संवत्सर से 31 जुलाई तक शुक्र
वृषभ राशि में उदय-अस्त-वक्री मार्गी 125 दिन एक राशि
में आगे-पीछे रहेगा, जो सामान्य रूप से 27 से 30 दिन ही किसी भी राशि में गोचर रहता है।
आंधी-तूफान, ओलावृष्टि होगी तो खत्म होने की ओर बढ़ेगी महामारी : ऋषभचंद्रजी के अनुसार मेरा ज्योतिष अनुमान है कि 30 अप्रैल से 15 मई तक आंधी-तूफान, ओलावृष्टि और बरसात होती है तो यह रोग समाप्ति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा और जनमानस आंकड़ों में राहत महसूस करेगा। 29 जून तक राहत के आंकड़े सुधरेंगे। 31 जुलाई के बाद इस रोग से मरने वालों की संख्या में 90 प्रतिशत गिरावट आएगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ऋषभचंद्




india news

मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों का आरोप प्रोफेसर ने दी करियर बर्बाद करने की धमकी

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने सीनियर प्रोफेसर पर करियर बर्बाद करने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए आला अधिकारियों को शिकायत की है। जेडीए अध्यक्ष डॉ. शशांक सिंह बघेल का आरोप है कि जूनियर डॉक्टर्स की कोविड जांच रिपोर्ट नहीं मिलने की खबर छपने से मामला शुरू हुआ। खबर को लेकर लैब इंचार्ज ने माफी मांगने के लिए कहा। माफी नहीं मांगी तो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद घनगोरिया ने कोविड वार्ड में ड्यूटी नहीं करने का आरोप लगाया। डॉ. घनगोरिया का कहना है कि दोनों की ड्यूटी कोविड-19 के तहत एमटीएच अस्पताल में थी। 15 दिन से यह नहीं आ रहे थे। मैंने 25 अप्रैल को ही इसकी सूचना डीन को लिखित रूप में दे दी थी। वहीं डॉ. बघेल का कहना है कि मेरा या डॉ. पवन का रोस्टर में नाम ही नहीं था। हमारी ड्यूटी डीन ऑफिस में लगी थी। बिना वजह अनुपस्थिति लगाकर रोज अनिश्चितकाल के लिए ड्यूटी लगाने का कहा गया। अभद्र तरीके से बात कर फेल करने की धमकी दी। जेडीए ने इसकी शिकायत संभागायुक्त, डीन और एमवायएच अधीक्षक से की है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जेडीए अध्यक्ष डॉ. शशांक सिंह बघेल का आरोप है कि जूनियर डॉक्टर्स की कोविड जांच रिपोर्ट नहीं मिलने की खबर छपने से मामला शुरू हुआ।




india news

वैक्सीन के लिए 16 तरह के प्रोटीन की स्टडी कर रहा इंदौर IIT

आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर कोरोना की दवा खोजने के लिए सीवियर अक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) को फैलाने वाले सार्स कोव-2 वायरस का अध्ययन कर रहे हैं। संस्थान के बायोसाइंस और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर इस काम में जुटे हैं। आईआईटी अमेरिका, नॉर्वे, स्वीडन, फ्रांस, डेनमार्क के रिसर्च ग्रुप के साथ मिलकर स्टॉप कोविड-19 पैंडेमिक प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है। नॉर्वेजियन रिसर्च काउंसिल इस प्रोजेक्ट को फंड कर रही है। देश के कई संस्थानों के इस इंडियन रिसर्च ग्रुप के प्रमुख आईआईटी इंदौर के डॉ. अविनाश सोनवाने होंगे। आईआईटी के डॉ. अमित कुमार ने बताया- हम सार्स कोव-2 वायरस के 16 तरह के प्रोटींस पर अध्ययन कर रहे हैं। इसके जरिए एक साल में कोरोना की असरकारक वैक्सीन तैयार की जाएगी।
थ्रीडी प्रिंटिंग से बना रहे दोबारा उपयोग किए जा सकने वाले मास्क
पुलिस और मेडिकल स्टाफ के पर्स, मोबाइल और चाबियों को संक्रमण रहित करने के लिए आईआईटी, आईजी विवेक शर्मा के सुझाव पर स्टरलाइजेशन चैंबर भी बना रही है। इसमें 254 एनएम की यूवी किरणों से सामान को डिसइंफेक्ट किया जा सकेगा। संस्थान के डॉ. आईए पलानी और डॉ. इंद्रसेन सिंह थ्रीडी प्रिंटिंग मशीन के जरिए कपड़े के मास्क तैयार कर रहे हैं। डॉ. विपुल सिंह और डॉ. पलानी ने ऑप्टिकल टेंपरेचर सेंसर तैयार किया है। मरीज के कपड़ों पर लगाने से शरीर के तापमान पर लगातार नजर रखी जा सकेगी।
विशेष ईंटों से बने कमरों में ट्रकों का संक्रमण भी होगा दूर
बड़े सामान, मशीन और हर बड़े आकार की चीजों को संक्रमण रहित करने के लिए आईआईटी ने विशेष प्रकार की ईंटें और मोर्टार बनाए हैं। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के संदीप चौधरी और राजेश कुमार ने बताया, ईंट और कोटिंग वाले मोर्टार से बनी टनल में सामान को यूवी लाइट से संक्रमण मुक्त करेंगे। इसमें सामान से परावर्तित किरणों को विशेष ईंट सोख लेंगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Indore IIT studying 16 types of proteins for vaccine




india news

55% सैंपल पॉजिटिव आ रहे थे, अब 6%; 286 सैंपल में से 19 पॉजिटिव, 3 की मौत

(नीता सिसौदिया) मध्य प्रदेश मेंकोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर के लिए बुधवार को राहतभरी खबर आई। शहर में 286 सैंपल में 19 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। 267 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यानी पॉजिटिव रेट 6.64% रह गया। इसके साथ ही कुल मरीजों की संख्या 1485 हो गई है। हालांकि, इसी दौरान तीन और लोगों की मौत भी हुई है। तीनों मृतक पुरुष हैं। इनकी उम्र 40 से 69 वर्ष के बीच है। लॉकडाउन के जिस दूसरे चरण ने इंदौर की चिंता बढ़ाई थी, उसी के अंतिम दौर में मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

44 मरीज डिस्चार्ज

दूसरे चरण की शुरुआत में कुल सैंपल में पॉजिटिव की संख्या 55.59 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। वो अब घटने लगी है। इसी बीच, बुधवार को तीन अस्पतालों से 44 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। अरबिंदो अस्पताल से 38, चोइथराम से 5 और एमआर टीबी अस्पताल से एक मरीज घर रवाना हुआ। सुदामा नगर निवासी श्रद्धा शर्मा ने बताया कि वो 16 अप्रैल को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती हुई थीं। डॉक्टर्स, नर्स और स्टाॅफ की सेवा से स्वस्थ हुईं। कैलाश लहरी, सुरभि समाधिया, प्रवीण पोद्दार, संजू शर्मा औरजय रांका भी डिस्चार्ज हुए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
इंदौर में पॉजिटिव मामलों की रफ्तार गिरी है। इसी दौरान स्वस्थ होने वालों की तादाद बढ़ी है।