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जिले के अधिकतर हिस्से में बारिश, ओले भी गिरे

चक्रीय चक्रवाती घेरे के साथ बने द्रोणिका के असर से जिले के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार और बुधवार को बारिश हुई। साथ ही कई इलाकों में ओले भी गिरे। मौसम में बदलाव के कारण मंगलवार की रात बसना विकासखंड के कई गांव तेज बारिश हुई। वहीं देर रात करीब 2 बजे महासमुंद शहर में तेज बारिश के साथ ओले गिरे।
इसी तरह बुधवार को भी जिले के एक दो स्थानों में बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को भी राज्य के एक दो स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक चक्रीय चक्रवाती घेरा 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर स्थित है। इसी तरह दूसरा चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी विदर्भ और उसके आसपास स्थित है। इसके साथ ही एक द्रोणिका 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु तक स्थित है। इसी के असर से गुरुवार को बारिश की संभावना है।
तापमान में लगातार वृद्धि
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। उत्तर छत्तीसगढ़ में अधिकतम तापमान में अगले 24 घंटे के बाद वृद्धि संभावित है। इसी तरह शेष भागों में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। तापमान का ट्रेंड वृद्धि की ओर अभी लगातार रहने की संभावना उन्होंने जताई है।



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Rain, hail also fell in most parts of the district




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दुकान खोली, कार्रवाई करने गए तहसीलदार से दुर्व्यवहार

जूता-चप्पल दुकानदार ने पहले तो तय दिन के बाद भी अपनी दुकान खोलकर प्रशासन के शर्तों का उल्लंघन किया। तहसीलदार जब दुकान खोलने की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंचे तो दुकानदार टीम को देखकर आनन फानन में शटर बंद कर भाग गए। इसके बाद टीम पर महिला को दुकान के अंदर बंद करने का आरोप लगाते हुए तहसीलदार के साथ ही अभद्र व्यवहार करने लगा। मामला शहर के गोल बाजार का है। तहसीलदार ने तय दिन के बावजूद दुकान खोलने वाले चार दुकानदारों पर चालानी कार्रवाई की।
तहसीलदार मूलचंद चोपड़ा ने बताया कि सुबह सूचना मिली कि तय दिन में जो दुकानें खुलनी चाहिए थी वह भी खुल रही है। जुता-चप्पल की दुकानें खुली हुई है। सूचना मिलते ही टीम कार्रवाई करने के लिए बाजार के अंदर पहुंचा तो, जुता-चप्पल के दुकानदार टीम को देखकर आनन फानन में शटर बंद कर भाग गए। उन्होंने बताया कि एक महिला दुकान का संचालित कर रही थी। उसका कर्मचारी नरेश नायक उसे दुकान के अंदर बंद कर भाग गया। बाद में वह उल्टा प्रशासन की टीम पर झूठा आरोप लगाते हुए टीम पर महिला को दुकान के अंदर बंद करने का अफवाह भी फैलाया।

दुकान खोलने का शेड्यूल तोड़ा तो होगी कार्रवाई
आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने तीन जोन में जिले को विभाजित किया है। महासमुंद जिला ग्रीन जोन में है। 4 मई से सभी दुकानें खुलना शुरू हो गई। कलेक्टर ने आवश्यक दुकानों को छोड़कर अन्य दुकानों को खोलने के लिए निर्धारित दिन तय कर दिए है। इस लिए सभी दुकानें पूर्ण रूप से खुली रहेंगी। तहसीलदार का कहना है कि तय दिन के बाद यदि ये दुकानें खुली पाई जाएगी, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।



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नहीं मिल रहे मजदूर, एनएच चौड़ा करने और स्वीमिंग पूल बनाने सहित कई काम अटके

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण शहर में विकास कार्य की रफ्तार धीमी हो गई है। मजदूर नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य थम गया है, क्योंकि निर्माण कार्य में लगे मजदूर अपने-अपने घर चले गए हैं। अब ये मजदूर लॉकडाउन खुलने के बाद ही वापस लौटेंगे। यही कारण है कि एनएच चौड़ीकरण-डामरीकरण, स्वीमिंग पूल, इंडाेर स्टेडियम, पाइपलाइन सहित अन्य विकास कार्य अटके पड़े हैं। इन निर्माण कार्यों की समयावधि भी समाप्त हो गई है। कार्य मार्च व अप्रैल महीने में पूरा किया जाना था, लेकिन अब कोरोना वायरस के चलते निर्माण कार्य पूरा होने में और समय लगेगा। इन कामों में देर होेने से लागत तो बढ़ेगी ही, काम पूरा होने तक लोग भी इन सुविधाओं से वंचित रहेंगे। दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एनएच का जल्द चौड़ा किया जाना जरूरी है। शहर में करीब 40.66 कराेड़ रुपए के निर्माण कार्य होने हैं। 80 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है और 20 फीसदी ही शेष हैं। ऐसे में निर्माण एजेंसियों का दावा है कि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर काम पूरा कर लिया जाएगा।
कोरोनाबंदी के कारण कौन-कौन से निर्माण कार्यों की रफ्तार थम गई है...

1. स्वीमिंग पूल

  • निर्माण लागत -2.45करोड़
  • कार्य प्रारंभ -जनवरी 2019
  • कार्य पूरा -फरवरी2020

ताजा स्थिति - वन विभाग के खेल परिसर में छग गृह निर्माण मंडल की ओर से स्वीमिंग पूल का निर्माण कराया जा रहा है। इंजीनियर अजय नायडू ने बताया कि निर्माण में काफी देरी हो रही है। कोरोना वायरस के कारण काम बंद हो गया है। अभी स्ट्रक्चर लेबल तक का काम पूरा हो गया है। टाइल्स व फिनिसिंग का कार्य शेष रह गया है। मजदूर अन्य प्रदेशों के है, आने के बाद ही काम शुरू होगा। लगभग 40 प्रतिशत कार्य बाकी है।
2. एनएच 353 चाैड़ीकरण

  • निर्माण लागत -37करोड़
  • कार्य प्रारंभ - अप्रैल 2019
  • कार्य पूरा -अप्रैल2020

ताजा स्थिति - शहर के बीच से गुजरे एनएच 353 को चौड़ा किया जा रहा है। फिलहाल 80 फीसदी काम हो चुका है। एनएच के इंजीनियर एसके द्विवेदी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण रायपुर रोड में दो पुल का निर्माण किया जाना शेष है। मजदूर नहीं मिलने के कारण काम रूका है। इसके बाद सौंदर्यीकरण कार्य शुरू किया जाएगा। सौंदर्यीकरण के लिए सड़क के दोनों किनारों पर पेवर ब्लॉक लगाकर पाथवे का निर्माण किया जाएगा।
3. इंडोर स्टेडियम

  • निर्माण लागत 1.21करोड़
  • कार्य प्रारंभ 2018
  • कार्य पूरा 2019

ताजा स्थिति - नगर पालिका की अाेर से बागबाहरा रोड में संजय कानन के पास इंडाेर स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब फिनिशिंग कार्य शेष है। पालिका के इंजीनियर अमन चंद्राकर ने बताया कि फिनिसिंग बाकी है। राशि के अभाव के चलते काम पूरा नहीं हो पाया है। शासन से राशि मांगी गई है। राशि मिलते ही काम दोबारा शुरू कराया जाएगा।



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Unable to find many jobs including laborers, widening NHs and building swimming pools




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9.20 लाख से ठाकुर तालाब का होगा गहरीकरण, 2.13 लाख से घाट निर्माण

ग्राम पंचायत सेमरा के आश्रित ग्राम भाटखार में 9.20 लाख की लागत से ठाकुर देव तालाब गहरीकरण और निर्मला घाट निर्माण शुरू हो गया है। तालाब के गहरीकरण पर 7.7 लाख और निर्मला घाट बनाने पर 2.13 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। तालाब गहरीकरण रोजगार गारंटी कार्य जारी हैं। ग्राम पंचायत सेमरा में नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य मीना बंजारे सोमवार को सेमरा भाटखार ठाकुर देव तालाब गहरीकरण कार्य देखने गए। मजदूरों से मिले। उन्होंने सभी मजदूरों का हाल चाल जाना एवं सोशल डिस्टेंस बनाकर कार्य करने को कहा।
मजदूरों ने बताया कि ठाकुर देव तालाब में कार्य करने के लिए रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य करने के लिए मांग पत्र में अपना नाम एवं जाब कार्ड नंबर दर्ज कराया जा रहा हैं।इससे प्रति जाब कार्ड के प्रत्येक सदस्य को काम दिया जा रहा है। लॉकडाउन होने से लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई हैं। मजदूरों को रोजी रोटी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम पंचायत सेमरा में लगभग 1600 मजदूरों का 700 जाब कार्ड बना है। सेमरा ग्राम पंचायत बड़ा ग्राम पंचायत होने के कारण मजदूरों की संख्या अधिक है, जिससे मजदूरों को बारी-बारी से काम कराया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए हर दिन लगभग 150 से 200 मजदूर काम कर रहे हैं। सेमरा सरपंच श्रवण कुमार ध्रुव, कुशल राम साहू वार्ड पंच, उपसरपंच घनश्याम साहू ने सभी लोगों ने मजदूरों से सोशल डिस्टेंस बनाकर काम करने कहा।



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Thakur pond will be deepened from 9.20 lakhs, ghat construction from 2.13 lakhs




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प्रदेश के 56.48 लाख परिवार को बांटा 3 महीने का राशन, शराबबंदी पर जिलाध्यक्ष ने साधी चुप्पी

जिला कांग्रेस कमेटी ने बुधवार को फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में पत्रकारों को सरकार के काम गिनाए। इस दौरान शराब बंदी पर पूछे गए सवालों पर चुप्पी साध गए।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरद लोहाना ने लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार के किए काम बताए। शराब बंदी के सम्बंध में उन्होंने कहा की 50 शराब दुकानें बंद हो गई है। धीरे-धीरे अन्य शराब दुकान भी बंद होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर के 56.48 लाख परिवार को अप्रैल, मई, जून के 3 महीने का राशन निशुल्क दिया। अन्य राज्यों में संकट का सामना कर रहे 16 हजार 886 श्रमिकों को करीब 66 लाख रुपए की राशि दी गई।
कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के 2252 छात्र-छात्राओं को 97 बसों से वापस राज्य लाया गया। 1.45 करोड़ रुपए खर्च किए गए। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत लॉकडाउन की अवधि में अब तक 900 करोड़ रुपए की राशि उनके खातों में दी गई। इस मौके पर महापौर विजय देवांगन, पंकज महावर, मोहन लालवानी, नीशु चंद्राकर, आलोक जाधव मौजूद थे।
सरकार की अर्थव्यवस्था शराब पर टिकीः अजय
पूर्व मंत्री व कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिले के पत्रकारों से भाजपा कार्यालय में चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्व इस समय जिस परिस्थिति से गुजर रहा है, ऐसे समय में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार शराब बेचना शुरू किया है। सरकार की अर्थव्यवस्था शराब पर टिकी है। सत्ता में आने से पहले प्रदेश में शराब बंदी की बात कही थी। अब होम डिलीवरी की सुविधा दे रही हैं।



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56.48 lakh families distributed 3-month ration in the state




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ओले से 80% धान को नुकसान, कुरूद व धमतरी में 1535 हेक्टेयर की फसल खराब

रबी फसल 2019-20 में धमतरी जिले में 27 हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली गई। 20 अप्रैल को जिले में हुई ओलावृष्टि और बारिश ने धान की फसल खराब कर दी है। कृषि व राजस्व विभाग ने नुकसान का आकलन जारी किया है। इसमें धमतरी और कुरूद ब्लॉक में 35 से 80 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है। आकलन में बालियों से दाने ज्यादा गिरे हैं।
ओलावृष्टि से फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। धमतरी ब्लॉक के 17 गांवों में फसल को 35 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। कुरूद ब्लॉक के 13 गांव में भी सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। दोनों ब्लॉक में 1535.250 हेक्टेयर की फसल बर्बाद हुई। मगरलोड और नगरी ब्लॉक में विभाग अब तक फसल क्षति का आकलन नहीं कर पाया है। 20 अप्रैल के बाद फिर चले आंधी तूफान व बारिश होने का कृषि व राजस्व विभाग द्वारा अंतिम आकलन किया जा रहा है।
दलहन-तिलहन में 769 हेक्टेयर फसल में नुकसान हुआ
फरवरी माह में हुई बारिश से दलहन-तिलहन फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। धमतरी ब्लॉक में 968 हेक्टेयर में चने की फसल ली गई थी, इसमें से 735 हेक्टेयर चने की फसल बर्बाद हुई। धमतरी ब्लॉक में गेंहूं की 9 हेक्टेयर की पूरी फसल बारिश से खराब हो गई। सब्जी फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। विभाग के अनुसार सब्जी की फसल 1.800 हेक्टेयर में जिले में ली गई थी, धमतरी ब्लॉक में 4 हेक्टेयर की फसल को नुकसान हुआ है।

5.7 करोड़ रुपए का कराया गया बीमा

कृषि विभाग अनुसार जिले में दलहन-तिलहन व रबी धान के लिए 2121 किसानों ने 1928.89 हेक्टेयर का फसल बीमा कराया है। इन किसानों ने 5 करोड़ 78 लाख 33 हजार रुपए का बीमा कराया है। इसमें कृषक अंश राशि 86 हजार 8 लाख67 हजार 501 रुपए शामिलहै। फसल नुकसान होने केबाद किसान जिला प्रशासनको आवेदन सौंपकर जल्द मुआवजा राशि दिलाने की मांग करने लगे हैं।



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80% paddy loss due to hail, 1535 hectare crop in Kurud and Dhamtari damaged




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टिकटॉक बनाने पर विवाद 2 भाइयों को पीटा, 5 पर केस

टिकटॉक बनाने पर सांकरा में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। पिता-पुत्र सहित 5 लोगों ने घर में घुसकर 2 भाइयों पर प्राणघातक हमला किया। हमले में एक युवक को गंभीर चोट आई है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया है। पुलिस ने दोनों पक्षों पर केस दर्ज किया है। मामले की जांच कर रही है।
अर्जुनी पुलिस के अनुसार घटना बुधवार सुबह करीब 10 बजे की है। बीते रविवार को शिव गंगेले और गुलशन साहू के बीच टिकटॉक पर वीडियो बनाने पर विवाद हुआ था। धक्का-मुक्की में गुलशन को चोट आई थी। बुधवार को इलाज के लिए पैसा मांगने गुलशन, शिव गंगेले के घर गया तो दोनों के बीच कहासुनी हो गई। बात अपशब्दों तक पहुंच गई। इसके बाद गुलशन घर लौट गया। कुछ समय बाद शिव गंगेले, उसका भाई रमन, छन्नू, पिता मघन गंगेले व चाचा हेमंत गंगेले सभी गुलशन के घर में घुसे। लाठी-डंडे से मारपीट की। बीच बचाव में ओमन को गंभीर चोट आई। परिजन ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाकर भर्ती किया। अर्जुनी थाना के एसआई लालासिंह राजपूत ने बताया कि सांकरा मारपीट मामले में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराया है।



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पहली बार तापमान 41 डिग्री पार, शाम 4 बजे चली धूल भरी आंधी

इस साल जिले में अब तक का सबसे गर्म दिन बुधवार रहा। तापमान दोपहर3बजे41 डिग्री तक गया। राजस्थान से आने वाली गर्म और सूखी हवा के कारण तापमान में बढ़ोतरी हुई। यहीं कारण है कि सुबह11बजे तक ही तापमान36डिग्री हो गया था। इसके बाद बढ़ता गया।
तीन बजे तक 41 डिग्री तक गया इसके बाद नीचे आना शुरू हुआ। शाम4बजे धूल भरी तेज आंधी चली। मौसम विभाग ने अगले24घंटे में बारिश,आंधी और बिजली गिरने की आशंका जताई है। जिला में लॉकडाउन हैं। जिला प्रशासन ने दुकानों को खोलने की छूट सुबह8से4बजे तक दी है,लेकिन अंचल में बुधवार को धूप तेज रही। दोपहर1बजे ही सड़कों पर सन्नाटा रहा।
गली-मोहल्लों में भी दोपहर के3से4घंटे अधिकांश घरों के दरवाजे बंद रहे। लोगों ने भीषण गर्मी में घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं की। दोपहर1.30से3बजे के बीच तापमान41 डिग्री के आसपास बना रहा। सुबह9बजे से शाम3बजे के बीच8किमी/घंटे की गति से गर्म हवा चलती रही।
अगले 24 घंटे में बारिश के आसार

एक चक्रवात 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर, दूसरा चक्रवात पूर्वी विदर्भ और उसके आसपास तथा एक द्रोणिका 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु तक है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटे में बारिश, आंधी चलने, गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने व बिजली गिरने की आशंका जताई जा रही है।

तापमान43डिग्री सेऊपर नहीं जाएगा
मौसम विभाग के मुताबिक एक सप्ताह के अंदर सुबह से दोपहर तक गर्मी बढ़ेगीलेकिन तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी। अधिकतम तापमान42से43डिग्री के आसपास ही रहेगा। इसका बड़ा कारण दूसरे राज्यों में चक्रवात व द्रोणिका सिस्टम का सक्रिय होना है। इसके असर से बादल बनेंगे। आने वाले एक सप्ताह में कभी भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है।



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For the first time, the temperature crossed 41 degrees, dust storm occurred at 4 pm




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बिना बताए कर रहे थे नाबालिग की शादी, रोकी गई

कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए तय नियमों में शादी करने कराने की अनुमति एसडीएम से लेना है। सूचना देनी है लेकिन नाबालिगों की शादी कराने वाले नियमों को नहीं मान रहे हैं। कुरूद ब्लॉक के एक गांव में बिना सूचना के शादी कराई जा रही थी। सूचना मिलने पर प्रसाशन ने जानकारी जुटाई व जांच की तो लड़की नाबालिग निकली। शादी रुकवा दी गई है। 5 महीने बाद बालिग होने पर शादी करने का शपथपत्र भराया है।
जानकारी के मुताबिक 6 मई को गांव में बारात आने वाली थी। शादी की सूचना जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक व टीम को एक दिन पहले ही मिल गई थी। उन्होंने कुरूद थाने के टीआई को सूचना दी। पुलिस टीम को लेकर गांव गए। यहां परिवार वालों को समझाइश दी। इसी दाैरान महिला एवं बाल विकास विभाग व चाइल्ड लाइन की टीम ने गांव जाकर शादी को रुकवा दिया। संबंधित परिवार वालों से शादी नहीं कराने का शपथ पत्र भरवाया गया। वर्ष 2020 में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने अब तक तीन नाबालिगों की शादी रोकी है। लॉकडाउन के पहले 2 और लॉकडाउन में एक शादी रोकी गई। धमतरी ब्लॉक के ग्राम भटगांव के देवार बस्ती में नाबालिग लड़की शादी रोकी गई। मगरलोड ब्लॉक के में नाबालिग की शादी रोकी गई।



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Marriage of a minor was done without informing, stopped




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गर्भवती पत्नी के साथ हैदराबाद से 8 सौ किमी चलकर आया, अस्पताल जाकर जांच कराई

शहर का एक युवक 4 महीने की गर्भवती पत्नी के साथ करीब 800 किमी पैदल चलकर मंगलवार देर-रात को धमतरी लौटा। अस्पताल जाकर खुद ही जांच कराई। इन्हें 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया है। यह 4 महीने पहले मजदूरी करने हैदराबाद के चेरकुपल्ली क्षेत्र में गए थे। लॉकडाउन में काम बंद हो गया। गाड़ियां नहीं चल रही थी। घर लौटने का मन बनाया। पैसे नहीं थे। उसके साथ अन्य जिले के 6 और मजदूर थे। 1 मई को हैदराबाद से पैदल निकले। नागपुर में स्वास्थ्य जांच हुई। 2 मई को यहां से फिर पैदल चलकर 4 मई को रायपुर आए। इसके बाद रॉयपुर से पैदल चलकर मंगलवार देर-रात युवक अपनी पत्नी के साथ धमतरी जिला अस्पताल आया। जांच के बाद दोनों को स्वास्थ्य विभाग ने 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया।



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Came 8000 km from Hyderabad with pregnant wife, went to hospital and got examined




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पंचायत भवनों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी, गांवों में बढ़ेगा खतरा

लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को वापस लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब तक दूसरे राज्यों में फंसे जिले के 700 मजदूरों की सूचना जिला प्रशासन को मिली हैं, इनमें से करीब 380 ऐसे जगह फंसे हैं, जहां कोरोना संक्रमण खूब है। यह स्थान हॉट स्पॉट घोषित हैं। इन मजदूरों को उनको लाकर पंचायत भवनों में 14 दिन क्वारेंटाइन करने की तैयारियां हैं। यदि ऐसा हुआ तो गांव-गांव में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। जिले से अब तक 700 मजदूर हैं जो अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं।
जिले के मजदूर महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कनार्टक, ओडिशा, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल सहित 15 राज्यों में फंसे हैं। इन मजदूरों को सरकार वापस लाने की तैयारी कर रही है। जिले से बाहर फंसे श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। राज्य सरकार और प्रशासन ने जिला श्रम विभाग को इन मजदूरों को घर जाने से पहले क्वारेटाइन में रखने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए पंचायत भवनों, सामाजिक भवनों को क्वारेंटाइन भवन बनाने की तैयारी है। भवन चिह्नित किए जा रहे हैं। प्रशासन गांव के पंचायत भवनों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाता है तो संक्रमण का खतरा गांव-गांव में और ज्यादा बढ़ जाएगा।

10 मजदूर पैदल भखारा होते ओडिशा निकले
बुधवार को रायपुर से करीब 10 मजदूर ओडिशा घर जाने के लिए पैदल निकल गए। वे भखारा होते हुए गए हैं। इनके हाथों में सब्जी के अलावा खाने-पीने का सामान था। युवाओं ने बताया कि वे सभी मजदूर हैं और खाने के लिए पैसे नहीं। इसलिए पैदल करीब 600 किमी चलकर घर जाने का मन बनाया है। उन्होंने बताया कि रायपुर में स्वास्थ्य जांच कराई। इलाज का प्रमाण पत्र नहीं है।
सबसे ज्यादा जिले के 186 लोग महाराष्ट्र में फंसे
जिले के सबसे ज्यादा 186 मजदूर महाराष्ट्र में फंसे हैं। इनमें 155 लोग हॉट-स्पॉट क्षेत्र में हैं। केवल 31 लोग ही सेफ जोन में हैं। गुजरात में 110 लोग फंसे हैं। इनमें से 64 लोग हॉट-स्पॉट जिले में व 46 लोग सेफ जोन में हैं। मध्यप्रदेश में 78 लोग फंसे हैं। इनमें से 51 लोग हॉट-स्पाॅट व 31 लोग सेफ जोन में हैं। यदि सेफ जोन के अलावा हॉट-स्पॉट में फंसे मजदूरों को धमतरी लाया गया तो जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा।
148 लोगों को वापस भेजा गया : जिले में 181 लोग अन्य राज्यो के फंसे थे, जो अन्य प्रदेशों से आकर मजदूरी कर रहे थे। इन से 148 लोगों को सुरक्षित उनके जिलों में भेजा गया है। बचे 33 लोगों को कुरूद, भखारा और नगरी क्षेत्र में पंचायत भवन में रोका गया है। ये सभी ऐसे हैं, जो हॉट-स्पॉट एरिया के हैं।
इन जगहों में फंसे हैंजिले के मजदूर
राज्य हॉट स्पॉट

महाराष्ट्र 155
गुजरात 64
मध्यप्रदेश 51
तेलंगाना 26

तमिलनाडु 21

कर्नाटका 19
दिल्ली 13
हरियाणा 12
राजस्थान 10
आंध्रप्रदेश 04
पंजाब 01
उत्तराखंड 03
चंडीगढ़ 01

पश्चिम बंगाल 03



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Preparations for building quarantine center in panchayat buildings, danger will increase in villages




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अंता में लगाए शिविर में युवाओं ने किया 32 यूनिट रक्तदान

हाड़ौती ब्लड डोनर सोसायटी अंता की ओर से लगाए शिविर में युवाओं ने 32 यूनिट रक्तदान किया। सोसायटी अंता के को-ऑर्डिनेटर पवन मोहबिया ने बताया कि कोटा एमबीएस ब्लड बैंक में रक्त की कमी से थैलेसीमिया के बच्चों, डिलेवरी वाली महिलाओं व गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार काे सुबह 11 बजे से राधिका मैरिज गार्डन के पास एमबीएस कोटा की मोबाइल वैन में शिविर लगाया गया। गत दिनों कश्मीर के हंदवाड़ा में शहीद हुए जवानों को यह रक्तदान शिविर समर्पित किया गया। शिविर के दौरान भारतीय सैनिकों के चित्र के समक्ष पालिका अंता के अधिशासी अधिकारी मनीष गौड़ ने दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान पालिका के कनिष्ठ अभियंता हरिमोहन प्रजापति, विमला शर्मा, पवन अदलक्खा, ममता सुमन, कमलेश गुप्ता, राजकुमार नन्दवाना, रजनीकांत मालव, रामप्रसाद प्रजापति, माणकचंद राठौर, भूपेंद्र राठौर, दीपक गोयल, अरविन्द गालव भाया, अखलाक खान, उस्मान खान, अजय गुर्जर, भुवनेश गौतम, रवि सोना, अनूप अरविंद, अनुराग त्रिवेदी, अंकुर रावत, तरुण पंजाबी, अतुल गौतम, ध्रुव मोहबिया, गोविंद मंगल सहित कई युवाओं व रक्तदाताओं ने शहीदों को भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की। शिविर के दौरान दंपती रेखराज मीणा व सावित्री मीणा तथा देवेन्द्र, अरविंद व मंजू अरविंद एवं ममता गौड़ ने भी रक्तदान किया।
एमबीएस कोटा ब्लड बैंक टीम से आए डॉ. बृजबहादुर सुमन, मनीष सांवरिया, पल्लव चतुर्वेदी, शैलेन्द्र राय, अभिषेक पंवार, वैभव सिंह व गणेश बैरवा ने रक्त संग्रहित किया।



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Youth donated 32 units of blood in a camp in Anta




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कृषि विशेषज्ञ वाट्सएप ग्रुप बना किसानों को दे रहे हैं खेती-किसानी की जानकारी

चंबल फर्टिलाइजर्स की कृषि विकास प्रयोगशाला की ओर से क्षेत्र के कई गांवों के किसानों को महामारी व लॉकडाउन के चलते सैकड़ों किसानों को कृषि विकास प्रयोगशाला के कृषि विशेषज्ञ वाट्सएप ग्रुप बनाकर घर बैठे खेती की जानकारी दे रहे हैं।
कृषि विकास प्रयोगशाला के डॉ. जगमोहन सैनी ने किसानों को लहसुन भंडारण करने की जानकारी दी। क्योंकि महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में अभी मंडियों में किसान लहसुन ले कर नहीं आ रहे हैं। जिससे लहसुन के उचित भंडारण के अभाव में नुकसान होने की संभावना अधिक है। डॉ. सैनी ने बताया कि प्रदेश का 90 प्रतिशत लहसुन उत्पादन हाड़ौती क्षेत्र में होता है। इस फसल का कटाई के समय बाजार मूल्य कम और कमरे के तापमान पर लहसुन के भंडारण से 40-50 फीसदी तक नुकसान होता है। जिले में भंडारण के दौरान लहसुन का नुकसान 35 फीसदी पाया जाता है। इसलिए इस फसल का उचित तरीके से भंडारण करना जरूरी है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ‘लहसुन उत्कृष्टता केंद्र’ परियोजना के तहत कृषि विज्ञान केंद्र में केवल एक लाख रुपए की लागत वाली एक छप्पर वाली बांस की लहसुन भंडारण संरचना विकसित की गई है। जिसमें 10 टन लहसुन आसानी से रखा जा सकता है। जिससे लहसुन में सड़ांध कम होती है और लहसुन का वजन भी उपयुक्त बना रहता है। कम लागत की भंडारण संरचना की सुविधा किसानों को लंबे समय तक लहसुन भंडारित करने में मदद करेगी। डॉ. सैनी ने किसानों को बताया कि लहसुन भंडारण के समय लगने वाले फफूंदी रोगों की रोकथाम के लिए भंडारण से पहले लहसुन को अच्छी तरह सुखाकर साफ करें। भंडारण की जगह नमी रहित और हवादार होनी चाहिए। लहसुन को पत्तियों से गुच्छों में बांध कर रस्सियों पर लटका दें। समय-समय पर सड़ी-गली गांठों को निकालते रहें। लहसुन की फसल की खुदाई के 3 हफ्ते पहले करीब तीन हजार पीपीएम मैलिक हाइड्रोजाइड का छिड़काव कर दें। इससे लहसुन के सुरक्षित भंडारण की अवधि बढ़ जाती है। भंडारित लहसुन में मकड़ी को नियंत्रित करने के लिए मिथाइल ब्रोमाइड की धूनी 32 ग्राम/मीटर के अनुसार 2 घंटों के लिए 21 सेल्सियस तापमान पर करनी चाहिए।



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धार का रिकवरी रेट 34% है, यह हमारे लिए अच्छा संकेत, कमिश्नर और आईजी ने काेराेना संक्रमण की राेकथाम के कार्याें की समीक्षा की

इंदौर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी और आईजी विवेक शर्मा कोरोना संक्रमण रोकथाम के कार्याें की समीक्षा के लिए बुधवार काे धार आए। यहां पर दोनों अधिकारियों ने विभिन्न कंटेनमेंट एरिया का दौरा किया। पहले उन्हाेंने उटावद दरवाजा वाले क्षेत्र काे देखा, इसके बाद पाटीदार क्वारेंटाइन सेंटर और महाजन अस्पताल के आइसाेलेशन सेंटर का निरीक्षण किया। इसके बाद अधिकारियों ने जिला प्रशासन से बैठक की।


त्रिपाठी ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि हम कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कई प्रयोग कर रहे हैं उसमें सबसे प्रमुख यह है कि जिला मुख्यालय पर टेस्टिंग की संख्या बढ़ा रहे हैं ताकि मरीजों को हम जल्दी ढूंढ सके। इंदौर के मामले में आपने कहा कि वहां पर अब पाॅजिटिव सैंपल आने की दर काॅफी रिड्यूस हुई है। इस संभाग का खरगोन जिला ऐसा जहां पाॅजिटिव केस आने की दर बिलकुल खत्म हो जाएगी। धार में भी कोरोना के जो केस है उसका 34 प्रतिशत रिकवरी रेट है यह अच्छी बात है।


इस सबंध में इंदौर संभाग कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने बताया कि धार में जो केसेस है वह 76 केसेस में से 26 डिस्चार्ज हो चुके हैं और 34 प्रतिशत की रिकवरी रेट है। 12 सैंपल पहले निगेटिव हो चुके हैं और दूसरे निगेटिव होने के बाद उनको भी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। सब से अच्छी बात यह है कि इनके यहां के सभी मरीज जो है वो काफी हद तक कम लक्षए वाले हैं। केवल दो केसे ऐसे हैं आज की डेट मेंजो थोड़े माडरेट लक्षण है। यहां पर डिसीएससी लेवल की व्यवस्था इनके पास महाजन हाॅस्पिटल में रखी हुई है। कमिश्नर ने कहा अगर 12 लोग और जोड़ लें तो लगभग ये 45 परसेंट के आसपास ये रिकवरी रेट चला जाएगा।



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The recovery rate of Dhar is 34%, a good sign for us, the commissioner and IG reviewed the actions of Raketham of Karena infection.




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ताइक्वांडाे खेलने निंबाहेड़ा गया था अक्षत, लाैटने से पहले ही लग गया लाॅकडाउन

राजस्थान के निंबाहेड़ा ताइक्वांडाे टूर्नामेंट खेलने के लिए गया धार का 14 साल का बालक लाॅकडाउन के कारण वहीं पर फंस गया। दूसरी ओर निजी कंपनी में काम करने वाले व्यक्ति की पत्नी जिले के बाग में अटक गई है। पति महाराष्ट्र से धार लाैटते इसके पहले ही लाॅकडाउन हाे गया।


प्रशासन ने हालांकि अन्य राज्याें और जिलाें में 850 मजदूराें काे पहुंचाया गया है, जबकि 1800 काे धार भी लाया गया है। ताइक्वांडाे खिलाड़ी कलेक्टर की पहल पर धार लाैटेगा। उसके पिता उसे लेने के लिए निंबाहेड़ा के लिए रवाना हाे गए हैं। महाराष्ट्र की महिला काे उसके घर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने अभी तक काेई संज्ञान नहीं लिया है।

माता-पिता की याद ने किया अक्षत काे बेचैन

भाेपाल से अनुमति मिलने के बाद बुधवार दाेपहर पिता अपने बेटे काे लाने के लिए निंबाहेड़ा रवाना हुए। दरअसल गिरीश बर्वे का बेटा अक्षत (14) ताइक्वांडाें टूर्नामेंट खेलने निंबाहेड़ा राजस्थान गया था। लाॅकडाउन के कारण टूर्नामेंट निरस्त हाे गया अाैर अक्षत वहीं फंस गया। गिरीश की बहन दामिनी निंबाहेड़ा ही रहती है। भतीजे के निंबाहेड़ा में हाेने की खबर सुन बुअा दामिनी अक्षत काे अपने घर ले गई। अक्षत वहीं रह रहा है। परिजन ने साेचा कि लाॅकडाउन खुलते ही अक्षत काे वापस ले जाएंगे, लेकिन लाॅकडाउन की अवधि लगातार बढ़ती गई। माता-पिता की याद ने अक्षत काे बैचेन कर दिया। वह घर अाने की जिद करने लगा। तब पिता गिरीश ने अक्षत काे लाने की प्रक्रिया शुरू की। 25 अप्रैल काे अाॅनलाइन अावेदन किया, लेकिन कारण स्पष्ट नहीं हाेने से रिजेक्ट हाे गया। फिर उन्हांेने कलेक्टर श्रीकांत बनाेठ से इस बारे में चर्चा की।


कलेक्टर ने अक्षत काे लाने के लिए शासन स्तर पर चर्चा की। इसके बाद उनकी अनुमति जारी हुई। बुधवार दाेपहर 12 बजे गिरीश के पास फाेन गया कि उनकी अनुमति हाे गई है अगले एक घंटे में उन्हें निकलना है। दाेपहर 1 बजे गिरीश मित्र वैभव अग्रवाल के साथ बेटे काे लेने निंबाहेड़ा रवाना हुए।

4 साल की बच्ची बार-बार पूछती है पापा कब आएंगे

जिले के बाग में रह रही महाराष्ट्र के सतारा जिले के वडजन गांव की सीमा पति शशिकांत काटकर ने बताया कि पति शशिकांत एक कंपनी में काम करते हैं। जहां भी पाइप डालने का काम हाेता है वहां हम लाेग जाते हैं। अभी बाग के पास में कंपनी का काम चल रहा था। वह अाैर बच्ची अगस्त महीने में बाग अाई थी। लाॅकडाउन के पहले पति महाराष्ट्र में अपने घर गए थे। लेकिन लाैटने के पहले ही लाॅकडाउन की घाेषणा हाे गई। इससे वे वहां अाैर हम यहां अटक गए हैं। हमें जाने की अनुमति भी नहीं मिल रही है। हमने महाराष्ट्र में भी अनुमति मांगी है, लेकिन अभी नहीं मिली है। यदि बिना अनुमति के अाते हैं ताे परेशानी हाे सकती है। बच्ची बार-बार पूछती है कि पापा कब अाएंगे। हमें भी यहां काेई कुछ नहीं बता रहा है किस प्रकार से प्रक्रिया करनी है।

कटनी के 80 मजदूरों को घर पहुंचाया
लाॅकडाउन में फंसे लोगों को उनके घर पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा दिए गए बयान से पहले ही धार में बाहरी लोगों को उनके घर पहुंचाने का काम शुरू हो गया था। लॉकडाउन लगते ही कटनी के करीब 80 मजदूर यहां फंसे थे। प्रशासन को इसकी सूचना लगने पर सभी मजदूरों को कुछ दिन धार के ही एक हॉस्टल में ठहराया था। इसके बाद प्रशासन ने बस की व्यवस्था कर इन मजदूरों को उनके घर भिजवाया। प्रशासन ने सरदारपुर, मनावर में फंसे मजदूरों को भी उनके घर पहुंचाया है।


850 मजदूरों को पहुंचाया, 1800 धार लाए
जिला पंचायत सीईओ संतोष वर्मा ने बताया अब तक 2650 मजदूरों को लाया और ले जाया गया है। वर्मा ने बताया 500 मजदूरों को दूसरे राज्यों में पहुंचाया गया। इनमें सबसे ज्यादा गुजरात, महाराष्ट्र व राजस्थान पहुंचाएं है। जबकि 350 मजदूर दूसरे जिलों में पहुंचाए गए हैं। वहीं 1800 मजदूर धार लाए गए हैं।



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सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटका मिला डॉ. अरुण का शव, सुसाइड नोट बरामद

स्वास्थ्य कॉलोनी कवर्धा स्थित सरकारी क्वार्टर में बुधवार को डॉ. अरुण चौधरी की लाश फंदे से लटकी मिली। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। बताया जा रहा है कि पारिवारिक कारणों के चलते डॉक्टर ने आत्महत्या की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजन के सुपुर्द कर दिया है।
मृतक डॉ. अरुण चौधरी स्त्रीरोग विशेषज्ञ थे। जिला अस्पताल में वे जुलाई 2019 से सेवाएं दे रहे थे। रोज की तरह वे मंगलवार को भी ड्यूटी पर आए थे। ड्यूटी पूरी होने के बाद स्वास्थ्य कॉलोनी स्थित अपने क्वार्टर चले गए, जहां वे अपनी पत्नी के साथ रहते थे। बताया जा रहा है कि जिस फ्लैट में वे रहते थे, उसके नीचे एक अन्य फैमिली रहती है। मंगलवार रात को डॉक्टर अरुण की पत्नी उन्हीं फैमिली के यहां गई थी। जब वह वापस ऊपर अपने फ्लैट में पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने डॉ. चौधरी को आवाज लगाई, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं दिया। इस पर बिल्डिंग में रहने वाले अन्य परिवार भी वहां इकट्ठा हो गए। सूचना पर पुलिस की टीम पहुंची। टीआई मुकेश सोम ने बताया कि जब सीढ़ी लगाकर फ्लैट के अंदर झांसा तो पंखे से गमछे के सहारे डॉक्टर का शव लटका हुआ था।

अस्पताल में डॉक्टर दंपती की मौत का रहस्य अब तक बरकरार
मृतक डॉ. अरुण चौधरी के पहले जिला अस्पताल में डॉ. उषा सूर्यवंशी स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में सेवाएं दे रही थी। उनके पति डॉ. जीके सूर्यवंशी यहां रेडियोलॉजिस्ट थे। अप्रैल 2017 में डॉक्टर दंपती की लाश उनके मकान के पीछे आंगन में मिली थी। डॉ. उषा के सिर पर चोट के गहरे निशान थे। फर्श पर खून भी बहा था। इसके ठीक बाजू में डॉ. जीके सूर्यवंशी का शव पड़ा था। बेडरुम में रखी आलमारी के दरवाजे पर तुम्हें मेरी जरूरत नहीं, कभी भी मेरे से कुछ भी मत बोलना.. लिखा था। मौत के लगभग 3 दिन बाद दोनों के शव को उनके घर से बरामद किया गया। पुलिस उनके मौत की गुत्थी को अब तक सुलझा नहीं पाई है। दोनों की मौत का रहस्य आज भी बरकरार है।

वार्ड ब्वॉय के आत्महत्या की जांच भी अधूरी
जिला अस्पताल में पदस्थ वार्ड ब्वॉय सावन कुमार धुर्वे ने दिसंबर 2018 में सरकारी क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। उसकी लाश के पास से सुसाइडल नोट बरामद किया गया था, जिसमें उसने एक डॉक्टर पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। डॉक्टर दंपती की मौत की तरह ही इस मामले में भी पुलिस की जांच अधूरी ही रही।



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47 क्वारेंटाइन श्रमिकों के लिए खाना बना रहे सरपंच और रोजगार सहायक

रेंगाखार व समनापुर जंगल के क्वारेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था को लेकर भास्कर ने मुद्दा उठाया था। बताया था कि रसोइयों के न मिलने पर क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूर अपने लिए खुद ही खाना बनाते हैं। अव्यवस्था उजागर होने पर पंचायत प्रशासन हरकत में आ गई है। बुधवार को क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे श्रमिकों के भोजन के पैकेट पहुंचाए गए।
वहीं पंडरिया क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे 47 मजदूरों के लिए पंचायत सरपंच रामकुमारी, रोजगार सहायक जयलाल और एक रसोइयों ने मिलकर भोजन बनाया। सरपंच राजकुमार ने चावल चुनकर पकाया। रोजगार सहायक और रसोईए ने सब्जी काटी और बनाई। इसके बाद क्वारेंटाइन सेंटर में रोके गए मजदूरों तक भोजन पहुंचाया गया। बताया कि पंडरिया क्वारेंटाइन सेंटर में 47 श्रमिकों को ठहराया गया है। ये मजदूर महाराष्ट्र और तेलंगाना के हैदराबाद से आए हैं।
बाकी सेंटर में भी पहुंचाई गई राशन सामग्री: अव्यवस्था उजागर होने पर रेंगाखार, समनापुर जंगल समेत अन्य क्वारेंटाइन सेंटर में भी राशन सामग्री पहुंचाई गई।



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Sarpanch cooking and employment assistant for 47 quarantine workers




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संक्रमितों के संपर्क में आए 59 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव, 21 दिन रहेंगे क्वारेंटाइन

रेंगाखार और समनापुर जंगल में मिले 6 कोरोना संक्रमितों के सीधे संपर्क में आए 59 लोगों के सैंपल लिए गए थे । राहत की बात है कि सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। फिर भी संबंधितों को 21 दिन तक क्वारेंटाइन में ही रखेंगे। इस दौरान उनकी दोबारा सैंपल लेकर जांच कराई जा सकती है, लेकिन अभी कोरोना का लक्षण बाद में भी दिख सकता है।
संक्रमितों के मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने उनके सीधे संपर्क में आए परिजन, पड़ोसियों और क्वारेंटाइन में रह रहे 59 लोगों के सैंपल लिए थे। साथ ही सरपंच-सचिव, कोटवार, चौकीदार, तहसीलदार और एसडीएम समेत 26 अन्य लोगों के सैंपल लिए गए थे। सभी के सैंपल 4 मई को ही एम्स रायपुर भेजी गई थी, जिनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है । रिपोर्ट से स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन ने राहत की सांस ली है। अब भी शेष 26 लोगों की रिपोर्ट आना है। ट्रैवल हिस्ट्री जुटाने पर पता चला है कि संक्रमित मिले 6 में से 3 लोग नागपुर (महाराष्ट्र) से पैदल राजनांदगांव होते हुए रेंगाखार पहुंचे थे। वहीं 3 अन्य लोग हैदराबाद (तेलंगाना) से अपने गांव लौटे थे।
संक्रमण के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे

कोरोना संक्रमितों के मिलने पर ग्राम रेंगाखार कला, समनापुर जंगल, चमारी, सुतिया और तितरी (वन गांव) को पूरी तरह से सील कर दिया गया है । कंटेनमेंट जोन में शामिल इन गांवों में पिछले 3 दिन से सन्नाटा पसरा हुआ है । संक्रमण के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे । गांवों में पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है। गांव से बाहर जाने और बाहर से अंदर आने वालों पर नजर रखी जा रही है। साप्ताहिक बाजार लगना बंद है। सिर्फ राशन व जरुरी वस्तुओं की दुकानें निर्धारित समय में खोली जा रही है।
हैदराबाद से पहुंचे मजदूर, बॉर्डर से लगे मोहगांव में उतरे

छग- मध्यप्रदेश बॉर्डर पर स्थित रेंगाखार व समनापुर जंगल में उस वक्त और हड़कंप मच गया, जब बॉर्डर से लगे ग्राम मोहगांव, मलाजखंड (मध्यप्रदेश) में मंगलवार को दो ट्रकों में भरकर 150 से ज्यादा मजदूर हैदराबाद (तेलंगाना) से पहुंचे। ट्रकों से उतरने के बाद मजदूर अपने-अपने गांवों की तरफ जाने लगे। इनमें छग के भी मजदूर शामिल थे। स्थानीय प्रशासन को जब इसका पता चला, तो हड़बड़ी में मजदूरों को रोकवाया। इसके बावजूद बहुत से मजदूर वहां से जा चुके थे। गंभीर बात तो यह है कि मलाजखंड के मोहगांव में जहां ट्रकों से मजदूर उतरे, वह समनापुर जंगल बॉर्डर से महज 15 से 16 किमी दूरी पर है। इससे इलाके के गांवों में लोगों की फिक्र और बढ़ गई।

क्वारेंटाइन सेंटर में घुसा शराबी, बिस्तर पर सोया अब हवालात में
ग्राम पंचायत टाटीकसा के क्वारेंटाइन सेंटर में मंगलवार रात एक शराबी घुस आया। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों के बिस्तर पर लेटा और शराब भी गिरा दिया। मजदूरों के शोर मचाने पर शराबी वहां से चला तो गया, लेकिन गांव में इधर-उधर घूमने लगा, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। घटना की जानकारी तहसीलदार रेखा चंद्रा से हुई, तो उन्होंने बाजार चारभाठा चौकी में शिकायत की। हरकत में आई पुलिस ने बुधवार को शराबी व्यक्ति को गांव से गिरफ्तार कर लिया है। चौकी प्रभारी गीतांजलि सिन्हा ने बताया कि आरोपी गोमती प्रसाद त्रिपाठी ग्राम टाटीकसा का रहने वाला है।

500 से ज्यादा सैंपल लिए, 235 की रिपोर्ट आई निगेटिव
संक्रमण की रोकथाम के लिए विदेश यात्रा और दूसरे राज्यों व जिलों से आए 500 से ज्यादा लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। इनमें से 235 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अब भी 55 फीसदी लोगों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। कोरोना पॉजिटिव मिलने पर सैंपलिंग में तेजी आई है। पिछले दो दिन में ही कंटेनमेंट जोन में शामिल गांवों से 211 लोगों के सैंपल लिए गए हैं ।
घटना के बाद पूरे गांव को सैनिटाइज कराया

घटना के बाद से ग्रामीण डरे हुए हैं । आरोपी गोमती प्रसाद को गांव से बाहर दूसरे जगह क्वारेंटाइन करने मांग की जा रही है । ताकि वह गांव में दहशत न फैलाए । इधर, घटना के बाद सरपंच ने पूरे गांव को सैनिटाइज कराया।



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Report of 59 people exposed to infected is negative, quarantine will remain for 21 days




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पंडरिया नगर में 80 प्रतिशत दुकानें खुली रहीं

जिले में बीते दिनों 6 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। साथ ही ब्लाॅक मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर दूर ग्राम अमेरा निवासी वन कर्मचारी व उनके पूरे परिवार को सोमवार से क्वारेंटाइन किया गया। ये कर्मचारी सोमनापुर के एक मरीज के संपर्क में आया था। ब्लॉक में पहली बार कोरोना संक्रमित मजदूर के संपर्क में आने के बाद लोगों को सोशल डिस्टेंस समेत कोरोना संक्रमण की रोकथाम के नियम का पालन करना जरूरी है, लेकिन बुधवार को नगर के भीड़ को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था।
दरअसल लॉकडाउन को लेकर जिला प्रशासन ने कुछ छूट दी है। बुधवार को शहर के मार्केट में 80 प्रतिशत दुकानें खुली रहीं। इन दुकानों में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हुआ। कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में डर व जागरूकता की कमी देखी गई। इसके साथ ही शासन के निर्देश अनुसार ब्लॉक के सभी सरकारी दफ्तर खुल गए हैं। इसमें बीईओ कार्यालय, तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, महिला एवं बाल विकास, वन विभाग समेत अन्य ब्लॉक स्तर के कार्यालय शामिल हैं। यहां करीब 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति देखी गई।
दूसरे प्रदेशों से आने वाले लाेगों से संक्रमण का खतरा
पंडरिया क्षेत्र कोरोना के प्रकोप से सुरक्षित दिखाई पड़ रहा था। लेकिन क्षेत्र में लगातार अन्य प्रदेश महाराष्ट्र,उत्तरप्रदेश, तेलंगाना,जम्मू कश्मीर, दिल्ली, आंध्रप्रदेश, केरल से लोग पैदल आ रहे हैं। इनसे क्षेत्र में संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ रहा है। लोगों को स्वयं ही जागरूक होकर सुरक्षित रहना होगा। साथ ही ऐसे लोगों की सूचना प्रशासन को देनी होगी। वैसे ब्लॉक में करीब 50 से अधिक क्वारेंटाइन सेंटर भी बनाया गया है,जहां दूसरे प्रदेश से आने वाले मजदूर व दूसरे लोगों को 14 दिन तक रखा जाएगा।

लोगों को जागरुक होना जरूरी: सीएमओ बनर्जी
लॉकडाउन के बाद दुकान शुरू किए जाने नगर पंचायत सीएमओ डीआर बनर्जी ने बताया कि लगातर लोगों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर अपील की रही है। कई लोगों से नियम का पालन नहीं किए जाने पर कार्रवाई कर जुर्माना भी वसूला है। इसके बाद भी लोग नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके लिए सभी लोगों को जागरूक होना जरूरी है। वैसे भीड़ की स्थिति सुबह 6 से 11 बजे तक रहती है। इसके बाद पहले की तरह मार्केट में भीड़ नहीं रहता है।



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80 percent shops open in Pandaria Nagar




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एक एटीएम महीनों से है खराब दूसरे का भी यही हाल

लॉकडाउन के इस संकट की घड़ी में पखांजूर एसबीआई के दोनों एटीएम ने भी दम तोड़ दिया है। एक एटीएम तो विगत माह भर से खराब पड़ा है और एक चालू था। इससे लोगों को कुछ राहत मिल रही थी, लेकिन यह एटीएम भी विगत तीन दिनों से खराब पड़ा है।
एसबीआई के मुख्य प्रबंधक चेतन ठाकुर ने बताया एक एटीएम तो कई दिनों से खराब है। दूसरा भी खराब हो गया, जिससे लोगों की परेशानी बढा है। लॉकडाउन के चलते इंजीनियर नहीं आ पा रहा था। अब जल्द इंजीनियर को बुलाया गया है, ताकि एटीएम शुरू कर लोगों को परेशानी से बचाया जा सके। दो दिनों के भीतर एटीएम सुधार दिया जाएगा।
वर्तमान में सभी विभाग के कर्मचारियों का वेतन डाला गया है। ऐसे में बड़ी संख्या में कर्मचारी एटीएम पहुंच रहे हैं, लेकिन सभी को निराश ही लौटना पड़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान लोगों को नगदी की समस्या न हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है, लेकिन पखांजूर के खराब एटीएम ने सारे करे धरे पर पानी फेर दिया है। इसके चलते बैंक में पैसे निकालने वालों की भीड़ लगने लगी है। इसके चलते यहां सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराने के चक्कर में लोगों को बैंक के बाहर ही खड़ा करा दिया जा रहा है। लोग भरी गर्मी में बाहर खड़े होकर अपने नंबर का इंतजार करते रहते हंै।



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One ATM has been in bad shape for months




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काव्य पाठ में 30 कवियों ने दी प्रस्तुति

मानव कल्याण एवं सामाजिक विकास संगठन द्वारा संचलित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक उत्थान मंच द्वारा संस्था के व्हाट्सएप समूह में ऑनलाइन संसद काव्यपाठ का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि डॉ. अजय पाल सिंह, विशिष्ट अतिथि उमेश कुमार सहित 30 से भी अधिकर रचनाकारों ने घर बैठे ऑडियो क्लिप और टंकित रचनाओं के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी।
भानुप्रतापपुर के कवित्री नलिनीप्रभा बाजपेई बताया कवि अपनी रचना गोष्ठियों के माध्यम से लोगों के सामने लाते हंै। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन का असर कवियों पर भी पड़ा है, जिसके कारण सभी रचनाकारों से फोन पर समन्वय स्थापित कर व्हाट्सएप ग्रुप से माध्यम से सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम आशा पांडेय प्रदेश अध्यक्ष साहित्य मंच, उपाध्यक्ष पूनम दुबे, सचिव मंशा शुक्ला के संयोजक में की गई। ऑनलाइन काव्यपाठ का संचालन अर्चना पाठक और रश्मि विपिन अग्निहोत्री, सावित्री मिश्रा, पूनम दुबे, अर्चना पाठक, मंशा शुक्ला, दीपमाला पांडेय, एकता सिरीकर, अनुसुईया झा, अनिता झा, अनिता मंदलवार, रश्मि लता मिश्रा, सुनील दत्त मिश्रा, प्रो. प्यारेलाल अदिले, डीसी त्रिपाठी, शत्रुंजय तिवारी, गजेंद्र द्विवेदी, आर्या के द्वारा स्वरचित उल्लेखनीय व उत्कृष्ट रचनाओं के प्रस्तुत करने पर उन्हें अखंड भारत सम्मान से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि डॉक्टर अजय पाल सिंह व संयोजिका आशा पांडे द्वारा सभी रचनाकारों को सोशल मीडिया में माध्यम से अपने-अपने घर में एकाग्रचित होकर इस आयोजन में ऑनलाइन भाग लेकर उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत करने के लिए आभार जताया।



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अंकुरण आने वाले मक्के को खरीदेगी कंपनी, 89 किसानों को मिलेगी राहत

आलोर में खड़ी मक्के की फसल के दाने में अंकुरण हो जाने के मामले में किसानों को बुधवार बड़ी राहत मिली। जिन किसानों ने इस हाईटेक कंपनी का 5106 बीज लगाया था। उन किसानों की मक्के की फसल कंपनी वापस खरीदेगी। इससे किसानों को नुकसान न उठाना पड़े। कंपनी के इस फैसले से आलोर क्षेत्र के करीब 89 किसानों की सीधी राहत मिली है।
कापसी क्षेत्र के ग्राम आलोर क्षेत्र में जिन किसानों ने हाईटेक कंपनी का 5106 मक्का बीज लगाया था उन किसानों की फसल आने के बाद खड़ी फसल के दाने में ही अंकुरण आ गया। ऐसे में किसानों को अपने फसल को बेचने को ले चिंता बढ़ गई। कोरोना संकट के चलते पहले की क्षेत्र में मक्का का रेट गिरा हुआ है। ऐसे में खराब हो चुका मक्का कौन लेगा, इससे लेकिन किसान परेशान थे। जब इसकी खबर भास्कर को लगी तो भास्कर ने यह मुद्दा बड़ी प्रमुखता से उठाया गया। इसके बाद विभाग और कंपनी दोनों हरकत में आई। खबर लगने के बाद स्वयं उप संचालक कृषि ने आलोर पहुंच किसानों की समस्या देखी और इस खराबी को देखने कांकेर से कृषि वैज्ञानिक भी आए और फसल का सेम्पल ले गए, ताकि इसका कारण पता लगाया जा सके। बुधवार को हाईटेक कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक छत्तीसगढ़ सूरज यादव पहुंचे और किसानों के खेत में फसल देखी। उन्होंने पीड़ित किसानों से बात की।
किसानों ने कहा पहली बार कोई कंपनी नुकसान की भरपाई कर रही : क्षेत्र के किसानों ने बताया कई वर्षो से वे खराब बीज के कारण फसल खराब होने की बात सुनते रहे है, लेकिन पहली बार है कि किसी कंपनी ने किसानों के नुकसान की भरपाई कर रही हो। किसानों ने भास्कर के साथ बीज कंपनी का भी आभार माना है। इस निर्णय से आलोर क्षेत्र के 89 किसानों को राहत मिलेगी।



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Company to buy maize germination, 89 farmers will get relief




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रेत परिवहन के लिए दुर्ग-भिलाई से आ रहे हाईवा चालकों से संक्रमण का खतरा बढ़ा

कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लाकडाउन चल रहा है। वहीं रेत के सौदागरों ने धड़ल्ले से हाईवा वाहनों से रेत परिवहन चालू कर दिया है। इससे गांवों में कोरोना के फैलने का डर बना हुआ है। रेत परिवहन अधिकतर दुर्ग, भिलाई इलाके के लिए होता है, जहां इस दौरान कोरोना वायरस के मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में परिवहन होने से गांवों में संक्रमण पहुंचने का खतरा बढ़ गया है।
ग्राम पंचायत पिपरौद के आश्रित ग्राम बोदेली के पास महानदी से इन दिनों जोर-शोर से रेत परिवहन चालू है। सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के तहत रेत खनन के लिए प्रतिबंधित चैन माउंटेन मशीन द्वारा महानदी में रेत खनन किया जा रहा है। वहीं दुर्ग भिलाई से आने वाले भारी हाईवा गाडियों के ड्राइवरों द्वारा बिना मास्क लगाए बेखौफ वाहन चालन कर रहे हैं। इससे ग्रामीणों में कोरोना को लेकर खतरा भी बढा है। बाहरी जिले से आने जाने वाले लोगों को जहां एक ओर क्वारंटाइन में रखा जा रहा हैं, वहीं बाहरी जिले से आने वाले इन वाहन चालकों को खूली छूट मिली है। वाहनों के चलने से शांत गांव में कोलाहल एवं कोरोना वायरस के फैलने की आशंका लोगों ने जाहिर की है। ग्राम पंचायत पिपरौद के सरपंच परस तारम एवं ग्राम पटेल रामप्रसाद सिन्हा ने खनिज अधिकारी कांकेर, तहसीलदार चारामा एवं पुलिस थाना चारामा से रेत परिवहन बंद करने की मांग की है।



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The risk of infection from high-speed drivers coming from Durg-Bhilai for sand transport increased




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डीएफओ के नंबर से अश्लील वीडियो पोस्ट

कोरोना के संकट के दौरान बीतीरात पश्चिम वन मंडल भानुप्रतापपुर के डीएफओ की हरकत ने पूरे वन विभाग को शर्मसार कर रख दिया। डीएफओ ने परलकोट इलाके में संचालित एक वाट्सग्रुप में अश्लील वीडियो पोस्ट कर दिया। जब इसे लेकर डीएफओ को ट्रोल किया जाने लगा तो एडमिन ने डीएफओ को रिमूव कर दिया। लेकिन यह वीडियो इसके पूर्व डीएफओ से डिलिट नहीं कराया गया। जिससे यह वीडियो ग्रुप में अब भी मौजूद है।
डीएफओ ने जिस ग्रुप में अश्लील वीडियो पोस्ट किया है उसमें न सिर्फ पूर्व वन मंत्री व वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, क्षेत्र के विधायक अनूप नाग जैसे बड़े जनप्रतिनिधि हैं बल्कि कई महिला जनप्रतिनिधि व अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद हैं।
परलकोट इलाके में वाट्सग्रुप में पश्चिम वन मंडल भानुप्रतापपुर के डीएफओ रामचंद्र मेश्राम के मोबाइल नंबर 925525530 से मंगलवार रात 9.32 मिनट पर एक अश्लील वीडियो पोस्ट किया गया। जिसे देख एडमिन ने 9.44 मिनट पर डीएफओ को रिमूव कर दिया। फिर डीएफओ का मोबाइल बंद बताने लगा।
पोस्ट को लेकर फजीहत हो रही थी। भास्कर ने भी इस संबंध में जानकारी लेने डीएफओ के नंबर पर संपर्क किया तो उनका मोबाइल स्वीच ऑफ आया।

पुलिस से की जाएगी शिकायत
ग्रुप एडमिन देवाशीष विश्वास ने कहा अश्लील पोस्ट वाट्सअप ग्रुप में पोस्ट करते ही तत्काल डीएफओ को रिमूव कर दिया गया। ग्रुप में कई महिला सदस्य भी हैं। ग्रुप का एडमिन होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि मैं पुलिस में इसकी शिकायत करूं। कल इसे लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।



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रजिस्ट्री दफ्तर खुला, पहले ही दिन 6 मामले, ऑनलाइन लगाना होगा नंबर

कोरोना वायरस के कारण लाकडाउन होने से शासन को जमीन रजिस्ट्री का काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। जमीन की खरीदी बिक्री से ही शासन को काफी ज्यादा राजस्व मिलता है। बुधवार से अब पक्षकारों के लिए उप रजिस्टार कार्यालय खुला। यहां प्रति सप्ताह बुधवार व शुक्रवार को ही उप रजिस्टार कार्यालय में जमीन की खरीदी बिक्री को लेकर लोग आ सकेंगे। बुधवार को रजिस्ट्री को लेकर 6 दस्तावेज जमा हुए हैं।पहुंचने वाले सभी पक्षकारों को बारी-बारी से बुलाया गया है। कार्यालय में प्रवेश करने से पहले कर्मचारियों ने सभी को हाथ धुलाया गया। साथ ही सभी ने मास्क पहने थे और कर्मचारियो ने पूरे जगह सेनेटाराई भी किया और यहां तक कुर्सी को भी सैनिटाइज किया गया।
ऐसे तो जिला पंजीयक एवं उप रजिस्टार कार्यालय खुल गया है, लेकिन जमीन की खरीदी बिक्री करने वाले पक्षकारों के लिए दो दिन ही जिला पंजीयक एवं उप रजिस्टार खुलेंगे। बुधवार व शुक्रवार को ही उप रजिस्टार कार्यालय खुलेंगे। इसके लिए मंगलवार को उप रजिस्टार कार्यालय में तैयारियां की गई। इसमें उप पंजीयक कार्यालय के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोल घेरा बनाया गया है। वही साथ ही कार्यालय के बाहर परिसर में भी गोल घेरा बनाया गया है और साथ ही अधिकारियों, कर्मचारियों के रूम में सैनिटाइजर भी रखा गया है।

टोकन के आधार पर बुलाया जाएगा
उपपंजीयक कार्यालय में पहले लोग कभी भी आ सकते थे, लेकिन इसके लिए नियम बदले गए हैं। इसमें उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री कराने के लिए आनलाइन अपाइंमेंट लेना होगा। इसके बाद उन्हें कार्यालय में आकर टोकन मिलेगा। उनको टोकन के आधार पर बुलाया जाएगा। इस दौरान लोगों को सोशल व फिजिकल डिस्टेसिंग का ध्यान रखना होगा।

शासन को राजस्व का नुकसान
गत वर्ष 2019 में अप्रैल माह में उप पंजीयक कार्यालय में जमीन संबधित 81 दस्तावेज जमा हुआ था। इसमें 31 लाख 41 हजार का राजस्व शासन को मिला था। वही इस माह लाकडाउन में एक भी रजिस्ट्री जमीन की नहीं हो पाई है।गत वर्ष मार्च में 64 लाख 81 हजार रूपए के राजस्व मिला है। इस वर्ष मार्च में 57 लाख 43 हजार रजिस्ट्री मिली है।

दस्तावेज लेखक को घरसे ही करना होगा काम
कोरोना में भीड़ न बढ़े। इसलिए उन्हें घर से काम करने कहा गया है। दस्तावेज लेखक अर्जुन यादव ने कहा वे घर पर ही जमीन रजिस्ट्री का काम कर रहे हैं। इसमें कुछ लोग आ भी रहे हंै। पक्षकारों को बता दिया गया है कि उन्हें अपाइमेंट उप पंजीयक कार्यालय से लेना पड़ेगा।

दो साल में आय की स्थिति
सत्र 2018-19 में 1461 दस्तावेज जमा हुआ है। इसमें से 10 करोड़ 75 लाख राजस्व शासन को मिला है। वही सत्र 2019-20 में 1486 दस्तावेज जमा हुआ है। इसमें 5 करोड़ 96 लाख रूपए का राजस्व शासन को मिला है। अभी सत्र 2020- 2021 चल रहा है। सत्र के शुरूवाती माह में लाकडाऊन पड़ा है।



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Registry office open, first day 6 cases, number to be found online




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अंधड़ से गिरे बिजली खंभे, टावर बैरक पर गिरा शेड भी उड़े, पेड़ से फिसलकर ग्रामीण की मौत

मंगलवार की रात तेज आंधी-तूफान के बारिश हुई। आंधी-तूफान से जिले के कई जगहों पर बड़ी संख्या में पेड़ गिरे। वहीं कई जगहों पर घर के छप्पर उड गए। पेड़ बिजली तार पर गिरने से बड़ी संख्या में पोल टूट कर गिर गए हैं। इसके चलते रात से ही बिजली बंद रही। दूसरे दिन भी कई गांवों में बिजली बहाल नहीं हो पाई। तेज आंधी बारिश के चलते फसलों को भी नुकसान हुआ है। भानुप्रपातपुर के ग्राम पंचायत तरहुल सलिहापारा में खेत के महुआ पेड़ की बड़ी डंगाली बीते रात आई आंधी से टूटकर दूसरे पेड़ पर फंस गया था। बुधवार को खेत का मालिक जगन्नाथ तारम (60) पहुंचा और डंगाली को पेड़ से गिराने चढ़ा हुआ था। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गया। इसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसकी पत्नी बकरी चराते हुए खेत पहुंची तब घटना की जानकारी हुई। रात्रि में 2 बजे हुई आंधी-तूफान के चलते लोहत्तर थाना परिसर में लगा मोबाइल टॉवर गिर गया। टॉवर थाने में बने बैरक में गिरा, जिससे बैरक क्षतिग्रस्त पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। लेकिन कोई घायल नहीं हुआ क्योंकि उस वक्त बैरक में कोई नहीं था। अगले कुछ दिन ऐसे ही मौसम रहने का अनुमान लगाया गया है।
15 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद

कुछ दिनों से हो रही बेमौसम बारिश से फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। रविवार को हुई तेज बारिश के बाद मंगलवार को तेज हवाएं चलने के साथ बारिश हुई है। इससे मक्का के फसल के साथ धान के फसल को भी नुकसान हुआ है। कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार 15 प्रतिशत मक्का व धान के फसल को नुकसान हुआ है। ग्राम दसपुर के प्रकाश निषाद ने कहा 3 एकड़ में मक्का लगा है। इसमें एक एकड़ फसल को नुकसान हुआ है। गांव के राजहंस मटियारा ने कहा 6 एकड़ में धान लगाया है, जिसमें तीन एकड़ फसल गिर गई है। अभी फसल काटने का समय है। इसमें पानी की जरूरत नहीं है। ग्राम कोदाभाठ के किसान रतन मिस्त्री व चित मंडल के भी मक्के की फसल को नुकसान हुआ है।
आगामी 5 दिनों तक मौसम में परिवर्तन की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग तथा कृषि विज्ञान केंद्र कांकेर द्वारा जारी मध्यम अवधि के पूर्वानुमान के अनुसार हरियाणा से उत्तर पूर्व बांग्लादेश तक एक तथा मध्यप्रदेश से तमिलनाडु तक दुसरी द्रोणिका बनने के कारण पांच दिनों तक जिले के कुछ स्थानों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसके देखते हुए किसानों को सावधानी बरतने कहा गया है।

फसल को नुकसान होने की आशंका है: वैज्ञानिक साहू
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीरबल साहू ने कहा 15 प्रतिशत तक मक्का व धान फसल को कुछ दिनो में हुई तेज बारिश में नुकसान होने की संभावना है। इसका सर्वे रिपोर्ट नहीं आया है। कई जगह पर धान व मक्का के फसल गिरे हंै। आम व कुछ सब्जी फसल को नुकसान हुआ है। द्रोणिका बनने से 5दिन तक तेज हवाएं चलने व बारिश होने की संभावना है।



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Electricity poles fell from the ravine, the shed fell on the tower barrack also flew, the villager slipped from the tree




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बड़े कवाली पहुंचे विधायक नल योजना को शुरू कराया

कोरोना वायरस संक्रमण के बीच ग्रामीणों की समस्याओं को जानने और उसे दूर करने के लिए विधायक रेखचंद जैन मंगलवार को अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बड़े कवाली पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने गांव में सालों से लंबित पड़ी नल जल योजना शुरू करवाने की मांग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधायक ने तुरंत पीएचई और विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों को मौके पर बुलवाया और नलजल योजना को शुरू करवाया।
विधायक ने ग्रामीणों से कहा कि दो दिनों के बाद जिन लोगों के घर में नल कनेक्शन है उनके यहां पानी पहुंच जाएगा। ग्राम पंचायत बडेमुरमा को पूर्व में एक टैंकर दिया गया था, जिसे एक व्यक्ति द्वारा अपने निजी उपयोग में लाया जा रहा था। ग्रामीणों की शिकायत पर विधायक ने तत्काल मुख्य कार्यपालन अधिकारी को टेंकर अपने कब्जे में लेकर पंचायत के सुपुर्द करने कहा। इस दौरान विधायक के साथ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष एवं जनपद सदस्य नीलूराम बघेल ,सुनील दास, राधामोहन दास, सरपंच बड़े कवाली जुगधर नाग, बड़े मुरमा सरपंच मनधर शिवम, सचिव अरुण सेठीय मौजूद थे।



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MLA reached Bade Kavali started Nal scheme




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अगले साल आएगी सुगंधित धान की नई किस्म, जुटे 5 वैज्ञानिक

बस्तर जिले में सुगंधित धान की खेती को बढ़ावा देने की कोशिश अब तक कारगर साबित रही है। एक ओर जहां कृषि विभाग किसानों को समझाइश देने के साथ ही प्रोत्साहित कर रकबे को बढ़ाने में सफल रहा है। वहीं कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों की मेहनत अब रंग लाने वाली है।
जिले में सुगंधित धान की खेती में हो रहे फायदे को देखते हुए किसान अब सुगंधित धान की खेती करने के लिए आगे आ रहे हैं। सुगंधित धान की खेती के साथ ही अन्य वेरायटी के सुगंधित धान की खेती करें इसके लिए कृषि महाविद्यालय के पांच वैज्ञानिक धान की नई किस्म विकसित करने में लगे हुए हैं। कृषि वैज्ञानिकों की इस टीम में डॉ. सोनाली कर, डॉ. आरएस नेताम, एनसी मंडावी और डॉ. मनीष कुमार और डॉ. राजाराम पवार शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह शोध एक साल में पूरा कर लिया जाएगा और उम्मीद है तीसरे साल में किसानों को सुविधा मिलने लगेगी।
बता दें कि ये वही वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने 6 साल के अथक प्रयास के बाद बस्तर धान-1 नाम की धान की नई किस्म ईजाद करने में सफलता पाई थी। आने वाले कुछ महीने में धान की इस प्रजाति का बीज बस्तर के किसानों को मिलेगा। गौरतलब है कि इस समय जिले में सुगंधित धान की खेती सबसे अधिक 1000 हेक्टेयर में दरभा ब्लाक में की जा रही है। इसके बाद लोहांडीगुड़ा और अन्य ब्लाक हैं जहां कमाबेश 50-150 हेक्टेयर में इसकी खेती की जा रही है।
जिले में इस साल 1550 हेक्टेयर में होगी खेती
सुगंधित धान की खेती को लेकर इस साल मिले फायदे हो देखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों ने इस साल इसके रकबे में बढ़ोत्तरी की है। अधिकारियों ने बताया कि जहां पिछले साल इसकी खेती 1250 हेक्टेयर में की गई थी तो वहीं इस साल यह 1550 हेक्टेयर में की जाएगी। किसानों को इसकी खेती करने में कोई परेशानी न हो इसलिए इन बीजों का भंडारण शुरू कर दिया गया है । इन बीजों में छग सुगंधित धान के साथ ही एचएमटी और अन्य वेरायटी के बीज शामिल हैं।

दुबराज से ढाई गुना ज्यादा उत्पादन है सुगंधित धान का

कृषि वैज्ञानिक सोनाली कर ने कहा कि छग सुगंधित धान और आने वाली नई किस्म के सुगंधित धान खेती करने के बाद किसान इस धान के चावल को आसानी से 4000- 4500 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर बेचकर इसका फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक दुबराज, बादशाहभोग और जवा फूल का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 12-15 क्विंटल होता है, जबकि छत्तीसगढ़ सुगंधित धान का उत्पादन 25- 30 क्विंटल तक होता है।



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New variety of fragrant paddy will come next year, 5 scientists gathered




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उद्यान विभाग में चल रहा कमीशन का खेल, अफसर ने लगाए आरोप, सोशल मीडिया तक पहुंचा विवाद

दंतेवाड़ा उद्यान विभाग में इन दिनों मुचनार नर्सरी में पदस्थ वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी लक्ष्मण पॉल और कार्यालय के अफसर- कर्मचारियों के बीच जमकर खींचतान चल रही है। इसी खींचतान के बीच लक्ष्मण यहां चल रहे कमीशन के खेल की पोल खोल रहे हैं। बाकायदा इसकी शिकायत भी कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा को लिखित में की गई है। इसके बाद पिछले करीब हफ्तेभर से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
मुचनार की नर्सरी में पदस्थ इस अधिकारी का आरोप है कि कार्यालय में पदस्थ निम्न श्रेणी लिपिक कृष्ण कुमार साहू बिना कमीशन लिए काम नहीं करते हैं। 3 सालों से दंतेवाड़ा में मैं सेवाएं दे रहा हूँ। पौध उत्पादन कार्य, खरीदी बिक्री, अन्य निर्माण काम में बतौर कमीशन लाखों रुपए कैश व ऑनलाइन भुगतान कर चुका हूं।कमीशनखोरी से परेशान होकर मैंने भ्रष्टाचार विरुद्ध मुहिम की शुरुआत की। कलेक्टर से भी शिकायत की है। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि शिकायत पत्र मिला है। डिप्टी कलेक्टर को जांच के लिए कहा गया है। हफ्तेभर के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है, जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया में भी पोल खोलने की धमकी
इधर मामले को लेकर वाट्सएप पर भी बवाल हुआ। वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी लक्ष्मण पॉल ने विभाग के वाट्सएप ग्रुप पर भ्रष्टाचार पोल खोलने की धमकी दे डाली। लक्ष्मण का कहना है विभागीय अफ़सर और लिपिक ने दफ्तर बुलाया और कहा कि साल में 2-3 लाख रुपए अधिकारियों को , 4-5 लाख रुपए पत्रकारों को देने पड़ते हैं। इतने पैसे कहाँ से इंतजाम होंगे। इधर लक्ष्मण ने कर्मचारियों को कोर्ट में मिलने की धमकी दी व कलेक्टर से शिकायत की खबर मिली तो बिल व दस्तावेजों को फर्जी प्रमाणित करने अफसर खुद जांच के लिए पहुंच गए। नर्सरी में काम कर रहे मजदूरों से बात की। पंचनामा भी तैयार करवा लिया। दफ्तर में पदस्थ कर्मचारी भी लक्ष्मण के खिलाफ हो गए, इनका कहना है लक्ष्मण पॉल ने कई कर्मचारियों से उधार में पैसे लिए हैं।
अफसरों-अधिकारियों में चल रहा है आरोप-प्रत्यारोप

डिगलेश कुमार, सहायक संचालक
उद्यान विभाग दंतेवाड़ा

-वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी ने विभाग में चल रही कमीशनखोरी के आरोप लगाए हैं ?
- सारे आरोप गलत हैं।
-फिर ऐसा क्यों करना पड़ रहा?
- क्योंकि उन्होंने फर्जी बिल पेश किया था। जिसे पास करने का दबाव बना रहे थे। फर्जी बिल पास नहीं होने पर धमकी दी थी।
-क्या इसकी जांच हुई है? अगर फर्जी बिल की बात सत्य है तो कार्रवाई होगी?
- मैं स्वयं गया था। नर्सरी में मौजूद मजदूरों का बयान लिया है। फर्जी मस्टररोल भरा गया है। कुछ मजदूरों का एटीएम कार्ड भी लक्ष्मण अपने पास रखते हैं। जांच चल रही है, इसलिए अभी ज़्यादा कुछ नहीं कहूंगा।

डिगलेश कुमार, सहायक संचालक
उद्यान विभाग दंतेवाड़ा

-आप पर कमीशनखोरी के आरोप लगे हैं कि वेतन और बिजली को छोड़ सारे काम में 50 प्रतिशत कमीशन लेते हैं?
- सभी आरोप निराधार हैं। मैंने किसी से भी कमीशन नहीं लिया।
-आरोप ये भी है कि आपने कमीशन की राशि जमा करने पत्नी का अकाउंट नम्बर दिया था, अकाउंट में तो कभी कैश राशि आपको दी गई है?
- लक्ष्मण को मैं और मेरी पत्नी पिता तुल्य मानते हैं। उनका मेरे घर आना- जाना रहा है। पत्नी से पैसे उधार लिए थे, जिसे वे लौटा रहे हैं। हमें बदनाम करने की साजिश है। विभाग कराए न कराए लेकिन मैं और मेरी पत्नी उनके खिलाफ एफआईआर कराएंगे।

लक्ष्मण पाॅल, वरिष्ठ उद्यान
विकास अधिकारी

-कमीशनखोरी पर अधिकारी और लिपिक तो कह रहे कि ये गलत है?
- मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी है , ये फंस चुके हैं इसलिए ऐसा कहेंगे ही। मैंने प्रमाणों के आधार पर चुनौती दी है। गलत हूँ तो सस्पेंड होने को तैयार हूं।
-लिपिक का कहना है आपने उनकी पत्नी से पैसे उधार लिए थे, जो आपने लौटाए हैं?
- अगर ऐसा है तो प्रमाण दें । मैंने करीब 3 लाख रुपए ऑनलाइन भेजा। 3 लाख से ज़्यादा कैश दिया है।
-फर्जी बिल देने, फर्जी मस्टार रोल भरने का आरोप है?
- मैंने फर्जी नहीं किया। जबकि फर्जी काम कृष्ण कुमार कर रहे हैं। मस्टररोल इन लोगों ने बनाया है।

चार बार में 1.43 लाख रुपए ट्रांसफर करने का दावा

लक्ष्मण पॉल ने भास्कर को स्क्रीन शॉट उपलब्ध कराई है, दावा है ये कमीशन की राशि है जिसे कृष्णकुमार साहू की पत्नी लता साहू के खाते में ट्रांसफर की है। स्क्रीन शॉट में 13 जनवरी को ₹50000 व 21 जनवरी को 10,000 का चेक भी देने का दावा है। इतना ही नहीं ऑडिट टीम व सहायक संचालक के लिए 60,000 रुपए नगद लेने के भी आरोप कृष्ण कुमार पर लगाए गए हैं।



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साप्ताहिक बाजारों में दुकान खोलने की अनुमति मांगी

लॉकडाउन के दौरान छूट प्राप्त अति आ‌वश्यक की श्रेणी के बाहर की दुकानों को मंगलवार छोड़ सप्ताह के सभी दिन निर्धारित सयम पर खुलने की छूट प्राप्त हो चुकी है। इसके बाद से साप्ताहिक बाजारों मेें कपड़ा, मनिहारी आदि चीजों की दुकान लगाने वाले भी अब छूट की मांग करने लगे हैं। क्योंकि इनकी कोई स्थायी दुकान नहीं है। ये लोग साप्ताहिक बाजार में ही दुकान लगा अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। लॉकडाउन के बाद से इनका व्यवसाय पूरी तरह ठप हो चुका है।
जिला मुख्यालय समेत अन्य गांव के साप्ताहिक बाजारों में दुकान लगाने वाले कारोबारी अपनी मांग लेकर बुधवार को जिला कार्यालय पहुंचे। कारोबारियों ने बताया लॉकडाउन के बाद से उनके सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है। रोज कमाने रोज खाने वाले हैं। अब उनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो रही है। उनके व्यवसाय को लेकर शासन प्रशासन से भी कोई मदद नहीं मिल रही है। यही स्थिति बनी रही तो आगे चलकर वे अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पाएंगे। उनके पास मात्र एक ही व्यवसाय बचा हुआ है। यदि स्थिति नहीं सुधरी तो जीवन मुश्किल हो जाएगा।
करेंगे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

व्यापारियों ने मांग की है कि उन्हें भी सप्ताहिक बाजार में दुकान लगाने की अनुमति दी जाए। यदि अनुमति मिलती है तो वे सोशल डिस्टेंस व लॉकडाउन के पूरे नियमों का पालन करते व्यवसाय करेंगे। अनुमति मिलने से वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सकेंगे। मांग करने वालों में कांकेर के अलावा चारामा, लखनपुर, सरोना, नरहरपुर आदि के व्यापारी शामिल हैं। साप्ताहिक बाजार में दुकान खोलने की मांग लेकर जिला कार्यालय रामेश्वर वासनिक, ज्ञानेश्वर देवांगन, शंकर, चंद्रकांत देवांगन, धर्मेंद्र देवांगन आदि पहुंचे थे।



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Asked permission to open shop in weekly markets




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एटीएम में सैनिटाइजर नहीं बैंक प्रबंधकों को नोटिस

कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कलेक्टर ने सभी बैंक के प्रबंधकों को उनके एटीएम में हैंडवॉश और सैनिटाइजर की व्यवस्था करने के लिए कहा था। बार-बार निर्देश के बाद भी लापरवाही करने वाले बैकों के प्रबंधकों को कलेक्टर ने बुधवार को नोटिस जारी कर एटीएम में सैनिटाइजर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसमें एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, क्षेत्रीय कार्यालय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक के प्रबंधक शामिल हैं। कलेक्टर ने कहा कि एटीएम में सैनिटाइजर व हाथ धुलाने की व्यवस्था नहीं करने पर केस दर्ज होगा।
निरीक्षण में यहां के एटीएम में पाई गई कमी
जिन एटीएम में कमी पाई गई है उनमें एक्सिस बैंक धरमपुरा रोड, बैंक ऑफ बड़ौदा के पुराना बस स्टैंड और केरला होटल के पास चांदनी चौक, बैंक ऑफ इंडिया न्यू बसस्टैंड, आईडीबीआई बैंक महावीर ज्वेलर्स के पास, पंजाब बैंक संजय मार्केट और सर्किट हाउस रोड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सर्किट हाउस रोड, कोठारी मार्केट, धरमपुरा रोड, अनुपमा चौक, गीदम रोड, नया बसस्टैंड, प्रतापगंजपारा, पुलिस लाईन लालबाग और सोड़ी पेट्रोल पंप के एटीएम शामिल हैं।



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जिला प्रशासन का दावा- 80 बसें तैयार खुली पोल, तीन ट्रकों में पहुंचे 324 लोग

दंतेवाड़ा के 3000 से ज्यादा मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं। लॉकडाउन में ढील दी गई तो दूसरे प्रदेशों से मजदूरों के आने का सिलसिला अब वाहनों के ज़रिए भी शुरू हो गया है। सोमवार को कोंटा बार्डर पर दंतेवाड़ा के करीब 100 मजदूर रोके गए। उन्हें लेने दंतेवाड़ा से बसों को प्रशासन ने रवाना किया। अब बुधवार को 3 ट्रकों में भरकर आंधप्रदेश और तेलंगाना से करीब 324 मजदूरों की वापसी हुई है। इस वापसी ने इस बात को उजागर कर दिया है कि कोरोना और लॉकडाउन की चुनौती के बीच दूसरे राज्यों व स्थानीय प्रशासन के बीच आपस में समन्वय ही नहीं है।
इधर जिला प्रशासन का दावा है कि दंतेवाड़ा में मजदूरों को लाने प्रशासन ने 80 बसें तैयार कर रखी हैं। चूंकि मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसे हैं, ऐसे में उन्हें लाने के लिए प्रशासन सरकार के निर्देश का इंतजार कर रही है। बताया जा रहा है पड़ोसी प्रदेशों के प्रशासन ने छत्तीसगढ़ सरकार या स्थानीय जिला प्रशासन को सूचना दिए बिना ही मजदूरों को ट्रकों तो पिकअप में भरकर भेज दिया है।
बुधवार को भी दंतेवाड़ा के करीब 300 से ज्यादा मजदूर ट्रकों और पिकअप के जरिए दंतेवाड़ा के अलग-अलग इलाके में पहुंचे। चिलचिलाती धूप में भेड़ बकरियों की तरह ट्रकों में सवार होकर मजदूर घर वापसी को मजबूर हैं। सोशल डिस्टेंसिंग तक नहीं थी। ऐसे में अगर एक भी व्यक्ति संक्रमित होता है तो ग्रीन जोन दंतेवाड़ा को नुकसान झेलना पड़ सकता है। इस बात की जानकारी जब दंतेवाड़ा के अफसरों को पता चली तो हरकत में आ गए।
बसें भेजने के लिए शासन के आदेश का इंतजार
एसडीएम लिंगराज सिदार ने बताया कि ट्रकों में सवार होकर मजदूर को आंध्रप्रदेश से आए हैं। हमारे पास बसें तैयार हैं। सूचना मिलने पर हम कोंटा बॉर्डर भेज रहे हैं। लेकिन दूसरे राज्यों में बसें भेजने के लिए शासन स्तर से निर्देश मिलेंगे तभी होगा। मजदूरों को ट्रकों से भेजने की सूचना दंतेवाड़ा पहुंचने पर ही मिली। पहले पता होता तो बसें भेजते।
सभी को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा
तहसीलदार विजय कोठारी ने बताया कि जो मजदूर आए हैं उनमें से अधिकतर ग्रामीण डब्बा, गुडसे, पालनार और तेलम के है। ये सभी तेलंगाना के ग्रीन जोन से लौटे हैं। इन सभी ग्रामीणों को ग्रीन जोन धनिकरका, बेंगलूर में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। शिक्षक से लेकर सचिव की ड्यूटी लगाई गई है।

जनवरी में हुआ था सबसे अधिक पलायन
स्थानीय स्तर पर काम नहीं मिलने से कटेकल्याण और कुआकोंडा के ग्रामीण हर साल बड़ी संख्या में तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में काम करने के लिए पलायन करते हैं। तहसीलदार ने बताया कि पलायन को लेकर पिछले चार महीने की तुलना की जाए तो सबसे अधिक पलायन जनवरी में हुआ था। यही लोग दूसरे राज्यों में काम करने के लिए गए थे जो अब वापस आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर जो क्वारेंटाइन सेंटन बनाए गए हैं उनमें भी ग्रीन, आरेंज और रेड जोन वाले सेंटर बनाए गए हैं जो जिस जोन से आएगा उसे उसी जोन में रखा जाएगा।



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District administration claims - 80 buses ready open pole, 324 people arrived in three trucks




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ऑनलाइन सब्जी कोई नहीं ले रहा, शराब के लिए 2 दिन में 250 ऑर्डर

राज्य सरकार ने सब्जी-फल बाजारों में जुट रही भीड़ से कोरोना के संक्रमण का खतरा दूर करने के लिए पूरे प्रदेश में सब्जी-फल की अॉनलाइन बुकिंग व होम डिलीवरी की सुविधा शुरू की हुई है।
तमाम कवायद के बाद भी सिर्फ 45 लोगों ने यहां पंजीयन कराया है। इसमें भी औसतन हर रोज 10-12 लोग ही सब्जी के लिए ऑर्डर कर रहे हैं। गत 14 अप्रैल से शुरू हुई इस योजना में जहां अब तक सब्जी व फल बेचने के लिए केवल 9 व्यापारी ही आगे आए हैं तो वहीं दूसरी ओर इस वेबसाइट के माध्यम से खरीदी के लिए 313 लोगों ने ही पंजीयन कराया हुआ है लेकिन इनमें से भी सिर्फ 45 ही एक्टिव है।
उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक और इस योजना के नोडल अधिकारी अजय कुशवाहा ने कहा वेबपोर्टल के माध्यम से सब्जी बेचने के लिए व्यापारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को जागरूकता का परिचय देते हुए सब्जी खरीदने के लिए कहा जा रहा है।

डिलिवरी चार्ज है मुसीबत
होम डिलीवरी चार्ज भी लोगों को ऑनलाइन सब्जी बाजार से दूर कर रहा है। पोर्टल में पंजीकृत व्यवसायियों ने बकायदा शर्तों के साथ इसमें अपनी जानकारी डिस्प्ले कर रखी है और लोगों को ऑनलाइन डिलीवरी करने के लिए कुछ व्यापारी व संस्थाएं जहां मुफ्त में तो वहीं कुछ लोग 5 से 10 प्रतिशत तक होम डिलवरी चार्ज लेने की बात कह रहे हैं। जिसका असर भी इस योजना पर पड़ रहा है।

शराब की होम डिलीवरी के लिए ऑर्डर पर ऑर्डर
सरकार ने शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलिवरी के लिए सरकार ने वेबपोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर लोग शराब के लिए ऑर्डर कर सकते हैं। लोगों ने ऑनलाइन घर पर शराब पाने के लिए बड़ी संख्या में अपने ऑर्डर बुक किए हैं। 2 दिनों में ही सिर्फ बस्तर जिले के लिए 249 लोगों ने ऑनलाइन शराब की मांग करते हुए अपने ऑर्डर बुक किए मंगलवार को 79 लोगों ने और बुधवार को एक साथ 70 लोगों ने शराब पाने के लिए बुकिंग की। बुधवार को इनमें से सिर्फ 17 लोगों को ही शराब मुहैया कराई जा सकी है। विभागीय अफसरों के मुताबिक ऑनलाइन शराब के डिलीवरी का जिम्मा प्राइम वन प्लेसमेंट एजेंसी प्राइम वन को है 24 घंटे में शराब के डिलीवरी करनी है लेकिन 48 घंटे में भी यदि डिलीवरी नहीं हुई तो प्लेसमेंट एजेंसी को फाइन भरना होगा। इधर कई लोग फॉल्स बुकिंग भी कर रहे है।

सिर्फ 15 किलोमीटर तक ही होगी सप्लाई
ऑनलाइन डिमांड पर सिर्फ 15 किमी तक ही शराब पहुंचा कर देने का प्रावधान है। होम डिलीवरी के लिए शराब की कीमत के अलावा 120 रुपए सर्विस चार्ज लेते हैं। आबकारी अफसरों का कहना है कि अधिकतर लोगों ने जिस ब्रांड की मांग की थी वह यहां उपलब्ध नहीं है एक व्यक्ति ने तो 60 किमी दूर मारडुम गांव से शराब के लिए बुकिंग की थी जिसे पहुंचाना संभव नहीं है।



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सबसे बड़े स्टेडियम में सबसे छोटी सुविधाएं भी नहीं, धावकों के लिए सिंथेटिक ट्रैक तक नहीं बना, मिट्‌टी पर दौड़कर कैसे सुधारेंगे प्रदर्शन

यह विशाल मैदान बस्तर संभाग का सबसे बड़ा इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम है। इसे यह सोचकर बनाया गया था कि यहां से विभिन्न खेलों के खिलाड़ी निकलेंगे। मगर कैसे? यह नहीं सोचा गया। नाम के बड़े स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए छोटी सुविधाएं तक नहीं हैं। वर्ल्ड एथलेटिक्स डे पर धावकों की ही बात करें तो उन्हें सबसे अधिक जरूरत सिंथेटिक ट्रैक की होती है, लेकिन बरसों की मांग के बाद भी यहां ट्रैक नहीं बन सका है। खिलाड़ियों को स्पर्धा में प्रदर्शन उसी पर करना होता है जबकि वह प्रैक्टिस मिट्‌टी पर करते हैं। कुल मिलाकर प्रदर्शन पिछड़ता है।

खिलाड़ियों के पास यही विकल्प पर सुविधा नहीं
"एक एथलीट को जो सुविधाएं यहां मिलनी चाहिए, वे नहीं मिल रही हैं। युवाओं के पास दूसरा विकल्प भी नहीं है। यहां ट्रैक सही नहीं होने से अभ्यास भी सही तरीके से नहीं हो पाता।"
-पुष्पा मानवानी, वेटरन एथलीट
प्रशासन की ओर से प्रयास हुआ लेकिनकाम नहीं
"एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रैक बेहद जरूरी है। कई बार प्रशासन ऐसे ट्रैक के निर्माण का दावा कर चुका है, लेकिन अब तक इसका अता-पता नहीं है। उन्हें दूसरी सुविधाएं भी नहीं मिलतीं।
अनिता राज, वेटरन एथलीट
कोरोना पर फोकस, ट्रैक की जानकारी नहीं: एक्का
"सिंथेटिक ट्रैक बनाने को लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल सबका फोकस अभी लॉकडाउन पर है, ऐसे में कोरोना का संकटकाल खत्म होने के बाद ही इस पर कोई बात कर सकूंगा।"
-अरविंद एक्का,नगर निगम आयुक्त

फोटाे: सुनील पांडे



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Not even the smallest facilities in the biggest stadium, the synthetic track was not made for the runners, how will the performance improve by running on the soil




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प्रसव के बाद रैपिड किट से जांच में महिला पॉजिटिव

मेडिकल कॉलेज के गायनिक डिपार्टमेंट को मंगलवार-बुधवार की रात कोरोना संक्रमण के फैलने के डर के चलते सील कर दिया गया। यहां एक महिला की डिलीवरी के बाद जब डाॅक्टरों ने रैपिड किट से जांच की तो उसमें एंटीबाॅडी टेस्ट पॉजिटिव मिला। इसके बाद प्रशासनिक अफसरों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पूरे डिपार्टमेंट को सील कर दिया गया और महिला को जिस-जिस स्थान पर रखा गया था वहां से अंदर-बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। महिला का सैंपल पीसीआर टेस्ट के लिए लैब भेजा गया है।
मेडिकल कॉलेज में मंगलवार की रात लोहांडीगुड़ा से एक महिला को प्रसव पीड़ा के बाद भर्ती किया गया था। इस महिला का प्रसव मेकॉज में हुआ। इसी बीच महिला की रैपिड किट से जांच की गई। रैपिड किट में महिला पॉजिटिव आई। इसके बाद पूरे हॉस्पिटल में हड़कंप मचा गया। आनन-फानन में इसकी जानकारी अफसरों की दी गई। इसके बाद निर्णय लिया गया कि जहां गायनिक डिपार्टमेंट चलता है उस पूरे इलाके को सील किया जाए।

फायदेमंद साबित हो रही रैपिड किट, गांवों में कारगर
इधर बस्तर जिले में अभी 8 सौ से ज्यादा कोरिया से लाई गई रैपिड किट भेजी गई है। इस किट का उपयोग बॉर्डर और गांव-गांव में किया जा रहा है। अभी तक किट के जरिए दस से ज्यादा लोग पॉजिटिव मिले हैं हालांकि ये कोरोना पॉजिटिव नहीं थे लेकिन इनके शरीर में किसी वायरस ने अटैक किया था। चूंकि किट से जांच के बाद वायरस अटैक की पुष्टि होने के बाद इन्हें तत्काल इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया और बीमार होने से बचा लिया गया।

आधी रात को ही नमूने लिए गए और लैब भेजे
रैपिड टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद महिला के कोरोना पीसीआर जांच के लिए रात में ही नमूने लिए गए और इसे लैब भेजा गया। इस दौरान भी बेहद सावधानी बरती गई। अब महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट का इंतजार है। हालांकि डाॅक्टरों का कहना है कि महिला में कोरोना के कोई विशेष लक्षण नहीं देखे गए हैं। ऐसे में पीसीआर रिपोर्ट के निगेटिव आने की उम्मीद है।



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सालभर बाद भी नहीं लगे रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

लगातार गिर रहे जलस्तर को बचाने एक साल पहले सरकार के आदेश पर नगर निगम क्षेत्र में करीब डेढ़ हजार रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने कहा गया था। वहीं अब तक योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई है। शहर में करीब सौ मकान-दुकानों और दफ्तरों में ही रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा सका। इस साल मानसून आने में सिर्फ एक महीने का समय बचा है।
वहीं अब नगर निगम के जिम्मेदारों ने इसमें लॉकडाउन का हवाला देते हुए काम आगे न बढ़ पाने की बात कही है, लेकिन लॉकडाउन 22 मार्च के बाद घोषित किया गया, जबकि ये सिस्टम इससे काफी पहले लग जाने चाहिए थे। बावजूद इस पर नगर निगम की उदासीनता देखी गई है। इस साल फिर से जलसंकट गहराने के आसार नजर आने लगे हैं। इसके पीछे का कारण ये है कि सिस्टम नहीं लग पाने से बारिश का पानी इस मौसम में फिर नालों से होता हुआ बह जाएगा और भूजल स्तर में बढ़ोतरी संभव ही नहीं हो पाएगी।
सरकारी-गैर सरकारी भवनों में एक महीने में लगने थे सिस्टम: पिछले साल मई के महीने में राज्य सरकार ने शहर के सभी सरकारी और गैर सरकारी भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए थे। इसमें एक महीने का समय देकर हर जगह पर सिस्टम तैयार करने कहा गया था, लेकिन एक साल बाद भी काम पूरा नहीं हो सका है। लगातार बढ़ ही गर्मी और घटते जलस्तर को देखते हुए भू-जल स्तर को बनाए रखने के लिए सरकार ने निर्देश जारी किए।
1 करोड़ से ज्यादा का फंड, लेकिन नहीं लगवा पाए
बीते सालों में शहर में करीब 25 हजार मकान-दुकान के लिए भवन अनुज्ञा नगर निगम ने दी है। भवन अनुज्ञा के साथ ही मकान या दुकान में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए भी एफडीआर जमा कराई गई। इसमें 1100 वर्गफीट तक के क्षेत्र में होने वाले निर्माण में इसकी अनिवार्यता नहीं
है, लेकिन इससे ज्यादा जगह होने पर 55 रूपए प्रति वर्गमीटर के हिसाब से पूरे क्षेत्र की एफडीआर के रूप में रकमजमा कराई जाती है। ऐसे मेंनगर निगम में अब भी करीब1 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम जमा पड़ी हुई है।

लॉकडाउन खुलने के बाद लगाने कहा जाएगा

नगर निगम आयुक्त अरविंद एक्का ने बताया कि लगातार गिर रहे जलस्तर से निपटने प्रयास किए जा रहे हैं। शहर के सभी सरकारी-गैर सरकारी भवनों में जरूरी तौर पर सिस्टम लगाने कहा गया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम बंद करवा दिया गया है। लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से इस पर कार्रवाई की जाएगी। ये भी देखा जाएगा कि जिन जगहों पर सिस्टम नहीं लगे हैं, उन्हें मियाद देकर सिस्टम लगाने कहा जाएगा।



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20 हजार लोगों काे क्वारेंटाइन करने सेंटर तैयार

लॉकडाउन के चलते कबीरधाम जिले के लगभग 7 हजार श्रमिक दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। उन्हें वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वापसी होने पर उन्हें क्वारेंटाइन करने के लिए सेंटर तैयार किए गए हैं। प्रशासन का दावा है कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों की तुलना से ज्यादा 20 हजार लोगों को क्वारेंटाइन करने सेंटर बनाए जा चुके हैं ।
समाज कल्याण विभाग और जिले की प्रभारी मंत्री अनिला भेडि़या ने बुधवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए तैयारी की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि छग सरकार दूसरे राज्यांे में फंसे श्रमिकाें को वापस लाने प्रयास कर रही है। कबीरधाम जिले के श्रमिक जो लॉकडाउन से दूसरे राज्यों में फंसे हैं, उन सभी से संपर्क करते हुए उन्हें वापस लाना है। वापसी के दौरान उनका हेल्थ चेकअप करते हुए क्वारेंटाइन किया जाना है। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने बताया कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों की तुलना से ज्यादा 20 हजार श्रमिकों को क्वारेंटाइन करने सेंटर बना लिए हैं। क्वारेंटाइन सेंटर्स की निगरानी का जिम्मा एसडीएम, पुलिस, जनपद पंचायतों के सीईओ और नगरीय निकायों के अधिकारियों को दिया है। ग्राम स्तर पर भी विशेष निगरानी की जाएगी।
मनरेगा में 1.36 लाख मजदूरों को दिया रोजगार
कलेक्टर शरण ने बताया कि कंटेनमेंट जोन में शामिल गांवों को छोड़कर पूरे जिले में मनरेगा के तहत 1.36 लाख पंजीकृत श्रमिकों को गांव स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। कोविड- 19 से बचाव के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद है। डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अनौपचारिक शिक्षा गतिविधि संचालन की जा रही है । कुपोषण और एनीमिया मुक्त जिला बनाने का अभियान सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। चिन्हांकित मरीजों के घर जाकर सूखा राशन उपलब्ध करा रहे हैं।
तेंदूपत्ता संग्रहण जारी
जिले में 40,800 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य है। इसे 16.32 करोड़ रुपए में 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा की दर से खरीदेंगे। जिले के 19 समितियों के अंतर्गत 252 फड़ों पर फड़ मुंशी के माध्यम से खरीदी होगी।
15 लाख रुपए भुगतान
डीएफओ दिलराज प्रभाकर ने बताया कि वन विभाग ने 450 क्विंटल चरौटा, 40 क्विं. चिरायता, 6 क्विंटल वन तुलसा, 11 क्विं. वन जीरा, 8 क्विं. बहेड़ा व 32 क्विंटल शहद खरीदा है। 15.11 लाख रुपए भुगतान हुआ।



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Center ready to quarantine 20 thousand people




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सर... 12वीं पास होना जरूरी है नहीं तो घर वाले शादी करवा देंगे

शहर के आदर्श कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल को माशिमं ने मूल्यांकन केन्द्र बनाया है, लेकिन इस बार इस केन्द्र में उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हो रहा। कोरोना संक्रमण की रोकथाम व सोशल डिस्टेंस को देखते हुए करीब 200 से अधिक मूल्यांकनकर्ता शिक्षकों के घर में उत्तरपुस्तिका भेजी गई। शिक्षक घर पर ही कक्षा 10वीं व 12वीं के विभिन्न विषयों की जांच कर रहे हैं।
जांच के दौरान उत्तरपुस्तिका में बच्चों ने पास होने कई मानवीय अपील की है। इसमें एक ने लिखा कि सर... आपसे निवेदन है कि मुझे इस साल 12वीं पास होना जरूरी है। पास नहीं हुई तो घर वाले शादी करा देंगे। ये बातें हायर सेकंडरी स्कूल के स्टूडेंट् ने अपनी उत्तरपुस्तिका में लिखी है।
उत्तरपुस्तिका की जांच के दौरान पढ़ाई में कमजोर छात्र पास होने अपील कर रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर मूल्यांकनकर्ता शिक्षक ने बताया कि कई बच्चे घरेलू परेशानी लिखे हैं, जैसे परीक्षा के एक दिन पहले मामा, नानी, दादी समेत परिवार के सदस्य की मृत्यु हो गई, इस कारण पढ़ नहीं सका। पास कर दिया तो स्टूडेंट की दुआ मिलेगी, समेत कई प्रकार की बातें लिखी मिल रही है। माशिमं ने पहले चरण में कक्षा 10वीं व 12वीं के 72 हजार 139 कॉपी भेजी है, जिसका मूल्यांकन पूरा हो गया है।
बीते साल तो उत्तरपुस्तिका से नोट निकला था: बच्चे पास होने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। बीते साल तो उत्तरपुस्तिका से नोट भी निकला था। इस बार घर पर ही मूल्यांकन होने के कारण नोट मिलने संबंधित जानकारी नहीं मिल पा रही है। केन्द्र में उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के दौरान एक कमरे में करीब 20 से 25 शिक्षक होते हैं, ऐसे में उत्तरपुस्तिका से नोट मिलने की जानकारी उस कमरे के शिक्षकाें को मिल जाती थी। बीते वर्ष जांच में कई उत्तरपुस्तिकाओं से 100 से 500 रुपए तक का नोट मिला था। इसे संबंधित स्टूडेंट्स ने सेलाे टेप चिपकाया था, लेकिन इस तरह की मानवीय अपील व रुपए मिलने पर मूल्यांकनकर्ता शिक्षकों पर कोई असर नहीं हो रहा। शिक्षक ईमानदारीपूर्वक उत्तरपुस्तिका की जांच कर रहे हैं। स्टूडेंट्स ने अपनी उत्तरपुस्तिका में जो सही उत्तर लिखा है, उसी के अाधार पर शिक्षक जांच कर अंक दे रहे हैं।
सही उत्तर लिखने पर ही नंबर मिलते हैं: आरपी सिंह
बच्चों द्वारा मानवीय अपील के संबंध में मूल्यांकन केन्द्र प्रभारी आरपी सिंह ने बताया कि उत्तरपुस्तिका जांच के दौरान मानवीय अपील काम नहीं आती। परीक्षार्थी जिन प्रश्नों का सही उत्तर लिखता है, उसी के आधार पर नंबर दिए जाते हैं। पहले चरण अंतर्गत मूल्यांकन कार्य पूरा हो गया है। अब दूसरे चरण के तहत 26 हजार से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की जा रही है। इसे 12 मई से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
हताश न हों छात्र, पास होने के कई मौके हैं आपके पास
अगर कोई स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा में फेल हो जाता है तो उन्हें फिक्र करने या निराश होने की जरूरत नहीं है। बोर्ड परीक्षा पास करने ऐसे परीक्षार्थियों को तीन और अवसर मिलेंगे। शैक्षणिक सत्र-2015 से लागू सीजी बोर्ड की क्रेडिट योजना का लाभ उन्हें मिल सकेगा। शहर के करपात्री स्कूल के प्राचार्य डीएस जोशी ने बताया कि इस योजना के तहत मुख्य परीक्षा में अगर दसवीं के परीक्षार्थी एक से लेकर छह विषय या 12वीं के परीक्षार्थी एक, दो या सभी पांच विषय में असफल हो जाते हैं तो भी उन्हें फेल नहीं किया जाएगा। उन्हें सत्र 2020 की पूरक परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद भी जिन विषयों में वे फेल होंगे, उन्हें वर्ष 2021 की मुख्य परीक्षा व अंततः पूरक परीक्षा में पास होने का अंतिम अवसर प्रदान किया जाएगा।
अब दूसरे चरण अंतर्गत 26 हजार कॉपियां पहुंची
इस मूल्याकंन केन्द्र में दो चरणों में कक्षा 10वीं व 12वीं के उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन होना है। पहले चरण का मूल्यांकन कार्य पूर्ण हो चुका है। वहीं अब दूसरे चरण अंतर्गत मूल्यांकन कार्य होना है। दूसरे चरण में 26 हजार 547 उत्तरपुस्तिका माशिमं की अोर से भेजी गई है। इसे भी शिक्षकों के घर तक पहुंचा दी गई है। वैसे ज्यादातर शिक्षक कवर्धा शहर में रहते हैं। ऐसे में मूल्यांकन केन्द्र के अफसरों को शिक्षकों के घर तक उत्तरपुस्तिका देने परेशानी नहीं होती।



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Sir ... it is necessary to pass 12th, otherwise the family will get married




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18 कैडेट्स को दी गई कोविड-19 की बेसिक ट्रेनिंग, देंगे आपातकालीन सेवा

कोविड-19 की रोकथाम व बचाव के लिए एनसीसी कैडेट्स के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण 5 मई 2020 को सीएमएचओ आफिस कवर्धा में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण में कवर्धा के एनसीसी अधिकारियों व सीनियर कैडेट्स ने प्रशिक्षण लिया। इसमें शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कवर्धा के 13 कैडेट्स व शासकीय कृषि महाविद्यालय कवर्धा के 5 कैडेट्स सम्मिलित हुए।
एनएचएम श्वेता आडिल व जिला चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा डॉ. सुरेश तिवारी के संयोजन में आईपीएस राजेश अग्रवाल, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव व डॉ. अलका गुप्ता ने कोविड-19 से सुरक्षा, बचाव व रोकथाम पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया। कैडेट्स को इन विषम परिस्थितियों में राष्ट्र सेवा का एक अद्भुत अवसर मिलने की बात कही। कैडेट्स की शंकाओं का समाधान भी किया गया। प्रशिक्षण में एनसीसी अधिकारी, पीजी कॉलेज से डॉ. अनिल शर्मा, शा. कृषि महाविद्यालय से शंकर नाग, स्वामी करपात्रीजी विद्यालय से फर्स्ट ऑफिसर जेके सिंह, कन्या शाला से हर्षिता तम्बोली व स्काउट जिला संगठन आयुक्त अजय चन्द्रवंशी ने हिस्सा लिया। जिला कलेक्टर व कमांडिंग आफिसर के निर्देशानुसार अब इनकी सेवाएं ली जा सकेंगी।



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Kovid-19 basic training given to 18 cadets, will provide emergency service




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अब भी जिले के 47 खरीदी केंद्रों पड़ा है एक लाख क्विंटल धान

जिले के 47 धान खरीदी केंद्रों में परिवहन की समस्या अभी भी बनी हुई है। इसके चलते करीब 1 लाख क्विंटल धान खरीदी केन्द्रों में जाम पड़ा हुआ है। 31 मार्च तक हर हाल में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का परिवहन संग्रहण केंद्र तिल्दा-नेवरा, कौड़िया जेवरा सिरसा, बासीन में किया जाना था।
लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक संग्रहण केंद्रों में धान नहीं भेजा जा सका है। जिला प्रशासन कोरोना वायरस के प्रभाव से लोगों को बचाने में लगा हुआ है। इन दिनों मौसम साफ नहीं होने के कारण जिले के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश हो रही है। खरीदी केन्द्रों में रखे गए धान भीगने से शासन को नुकसान होगा। समितियों में रखे गए बारदाना में धान के वजन में कमी को लेकर समिति प्रबंधक और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारी परेशान हैं। इसके कारण समितियों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक नोडल अधिकारी द्वारा जिला विपणन अधिकारी को नियमित रूप से परिवहन जल्द ही परिवहन कराने के लिए कहा गया है। लेकिन परिवहन ठेकेदार के लापरवाही के कारण धान का परिवहन संग्रहण केंद्रों में नहीं हो पा रहा है।

तेज धूप के कारण धान के वजन में कमी आ रही

परिवहन में लेट होने के कारण खरीदी केन्द्रों में रखे बारदाना के धान के वजन में कमी आ रही है। प्रशासन ने अभी तक धान परिवहन को लेकर समीक्षा नहीं की है। संग्रहण केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में धान रखने के लिए दुर्ग जिले के तीन संग्रहण केंद्रों में 9 लाख क्विंटल से भी अधिक धान का परिवहन बेमेतरा जिले से किया जाना है। इसके लिए शासन ने दिशा निर्देश दिए हैं।

44 धान खरीदी केन्द्रों में परिवहन का कार्य हुआ पूरा: जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बेमेतरा के नोडल अधिकारी राजेंद्र वारे ने बताया कि 44 धान खरीदी केंद्रों से परिवहन का कार्य पूरा हो चुका है। धीमी गति से परिवहन किया जा रहा है। मौसम में बदलाव को देखते हुए खरीदी केन्द्रों में रखे धान को सुरक्षित रखा गया है। आने वाले दिनों में हर हाल में धान का परिवहन संग्रहण केंद्रों तक हो जाएगा।



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कलेक्टोरेट में किया सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव

कोरोना से बचाव के लिए नपा कर्मचारियों ने बुधवार को कलेक्टोरेट में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया। सीएमओ होरी सिंह ठाकुर ने तीसरे चरण में नपा कार्यालय के सामने सैनिटाइजर रख हाथ धोने की व्यवस्था शुरू की। पालिका कार्यालय नोडल अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी स्वच्छता निरीक्षक उप अभियंता मयंक राठौर के नगर पालिका कार्यालय भवन में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया गया। विधायक कार्यालय निवास, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, महिला एवं बाल विकास को सैनिटाइज किया गया। सीएमओ होरी सिंह ने बताया कि 21 वार्डों में सोडियम हाइपोक्लोराइट और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा चुका है। नपा अध्यक्ष शकुंतला मंगत साहू ने कहा कि संक्रमण न फैले इसको लेकर नगर की साफ सफाई के साथ सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कराया जा रहा है।



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Spraying of sodium hypochlorite in the collectorate




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मई में हर शनिवार-रविवार रहेगा लॉकडाउन, 5 दिन ही बिकेगी शराब, दुकान खोलने का समय 1 घंटे कम

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए भूपेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक मई में हर शनिवार व रविवार को पूरे प्रदेश में लॉकडाउन रहेगा। दरअसल गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने यह सुझाव दिया था, जिस पर सीएम भूपेश बघेल ने तत्काल फैसला लिया। अब शुक्रवार शाम से सोमवार को सुबह तक लॉकडाउन होगा। इस दौरान दूध, दवा, सब्जी व अस्पताल खुले रहेंगे। बाकी व्यापार बंद रहेगा। शराब दुकानें भी बंद रखी जाएंगी। इधर, सरकार ने शराब दुकान खुलने के समय में एक घंटे की और कटौती की है। अब तीन बजे तक ही शराब दुकानें खुलेंगी। मंगलवार को इसे 7 बजे से घटाकर चार बजे तक किया गया था।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के उद्देश्य से सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए हर शनिवार व रविवार को लॉकडाउन करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी जिलों के कलेक्टर व एसपी को पालन करने कहा गया है। यह व्यवस्था मई महीने के लिए की गई है। लॉकडाउन में जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी गतिविधियां बंद रहेंगी। इस तरह संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए 60 घंटे से ज्यादा का समयमिलेगा। बता दें कि राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देश पर कई कारोबार को शुरू करने की अनुमति दी है। इसके बाद से लोगों की आवाजाही में वृद्धि हुई है। इसी तरह शराब दुकानों की भीड़ को देखते हुए भी लगातार दूसरे दिन समय में कटौती का फैसला लिया गया है।

वापसी: गुजरात से ढाई हजार श्रमिक लेकर दो ट्रेनें कल और परसों आएंगी छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के 1156 मजदूरों को लेकर गुजरात के खेड़ा और नडियाड से पहली ट्रेन गुरुवार को शाम 6 बजे रवाना होगी और प्रदेश में कहीं भी रुके बिना शुक्रवार शाम को बिलासपुर स्टेशन पहुंचेगी। इसी के अगले दिन यानी शुक्रवार एक और ट्रेन 1200 मजदूरों को लेकर इन्हीं स्टेशनों से रवाना होगी और शनिवार को बिलासपुर आएगी। नडियाड कलेक्टर आईके पटेल ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को दोनों ट्रेनों की टाइमिंग और मजदूरों का ब्योरा भेज दिया है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से मजदूरों की वापसी शुक्रवार से शुरू हो रही है। गौरतलब है, 15 मई से पहले तक एक लाख से ज्यादा मजदूरों को अलग-अलग राज्यों से ट्रेन से छत्तीसगढ़ लाया जाएगा। नडियाड कलेक्टर की ओर से छत्तीसगढ़ भेजे गए पत्र की प्रति भास्कर को मिली है, जिसमें बताया गया है कि दो दिन में गुजरात से छत्तीसगढ़ के करीब सभी 2509 मजदूर यहां भेज दिए जाएंगे। बिलासपुर जिले के श्रमिक अधिक: गुजरात से शुक्रवार को आने वाली पहली ट्रेन में बिलासपुर जिले के 788 मजदूर हैं। शनिवार की शाम आने वालीट्रेन में भी बिलासपुर और आसपास के 1 हजार से ज्यादा श्रमिक हैं। इसीलिए दोनों ट्रेनें वहीं रोकी जाएंगी। इन मजदूरों को गुजरात के अलग-अलग हिस्सों से खेड़ा-नडियाड स्टेशन लाया जा रहा है। वहां से छूटी ट्रेन रास्ते में दो-तीन जगह कामर्शियल या खाने-पीने के सामान के लिए ही रुकेगी और 1279 किमी की दूरी 20 घंटे में तय कर लेगी।

तैयारी : अब हर हफ्ते तय होगा रेड, ग्रीन व ऑरेंज जोन के जिले
केंद्र सरकार अब हर हफ्ते देशभर के जिलों के रेड, ग्रीन या ऑरेंज जोन में होने की सूची जारी करेगी। नए केस मिलने और संक्रमितों के स्वस्थ होने के आधार पर यह निर्धारण किया जाएगा। इस तरह कोरोना संक्रमण में सुधार होने पर व्यापारिक व अन्य गतिविधियां शुरू करने या गंभीर स्थिति में सख्ती का निर्णय लिया जा सकेगा। इस संबंध में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जानकारी भेज दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। एसीएस सुब्रत साहू के मुताबिक रायपुर को रेड जोन से निकालने के संबंध में केंद्र से कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है।स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि सभी प्रभावित राज्यों और जिलों की सतत निगरानी रखी जा रही है।

खासकर संक्रमित लोगों की संख्या और उनके स्वास्थ्य में सुधार के मुताबिक ये जिले तय होंगे। राज्य सरकार ने रायपुर को रेड जोन में शामिल किए जाने पर नाराजगी जताई थी। इसे लेकर स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से चर्चा कर रायपुर को रेड जोन से बाहर निकालने कहा था।

कूलर मैकेनिक के माता-पिता और संपर्क वाले 16 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव
राजधानी रायपुर के लिए राहत की खबर ये है कि कुकुरबेड़ा के जिस कूलर मैकेनिक में कोरोना निकला है, उसके साथ रहनेवाले बुजुर्ग माता-पिता और लगातार संपर्क वाले दोस्तों और पड़ोसियों समेत 16 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आगई है, यानी युवक के किसी भी करीबी में कोरोना नहीं है। उसके संपर्क में आए 38 और लोगों का सैंपल लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट रात तक आएगी। गौर करनेवाली बात यह भी है कि राजधानी में इससे पहले छह मरीज और मिले थे, लेकिन उनके माता-पिता और भाई-बहन समेत सभी करीबियों में कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया था। सिर्फ रायपुर ही नहीं, राजनांदगांव, भिलाई, बिलासपुर व कोरबा में मिले मरीजों में भी यही देखा गया है। कूलर मैकेनिक 24 साल के युवक के परिजन और 16 करीबियों को निमोरा में क्वारेंटाइन किया गया है। बचे हुए 38 वे लोग हैं, जिनके यहां वह कूलर बनाने गया था। प्रशासन ने एहतियातन इनके सैंपल लिए हैं। इसके अलावा, प्रदेशभर में बुधवार शाम तक लिए गए कुल सैंपलों की संख्या 22188 हो चुकी है। इसमें 20873 सैंपलों की रिपोर्ट आई है, लेकिन बुधवार को पेंडेंसी बढ़कर 1256 हो गई है। मंगलवार को लंबित रिपोर्ट की संख्या 965 थी। एम्स से केवल 365 सैंपलों की रिपोर्ट आई।जबकि रायपुर, जगदलपुर मेडिकल कॉलेज व टीबी रिसर्च सेंटर से केवल 208 सैंपलों की जांच हुई।
हफ्तेभर से जांच हुई धीमी
स्वास्थ्य विभाग की रूटीन बैठक में कम रिपोर्ट आने पर चर्चा भी हुई। इस संबंध में एम्स, नेहरू मेडिकल कॉलेज व अन्य लैब से बात करने की बात कही गई। आखिर जांच धीमी होने की वजह क्या है, अधिकारियों को समझ में नहीं आ रहा है, जबकि उन लैब में जांच के लिए सैंपल पड़े हुए हैं। सप्ताहभर पहले तीन दिनों तक 1000 से ज्यादा सैंपलों की जांच प्रतिदिन की गई। ये जांच अब आधी रह गई है।
क्वारेंटाइन की संख्या बढ़ी
प्रदेश में होम व सरकारी क्वारेंटाइन में रहने वालों की संख्या बढ़ गई है। होम क्वारेंटाइन में 19136 है। जबकि सरकारी में 567 लोग क्वारेंटाइन है। इनमें प्रवासी मजदूर से लेकर वे लोग हैं, जो संदिग्ध है। आने वाले दिनों में सवा लाख मजदूरों के लौटने पर ये संख्या और बढ़ेगी।
"माइक्रोबायोलॉजी विभाग की सभी मशीनें ठीक चल रही हैं। हो सकता है की जांच रिपोर्ट की संख्या कम ज्यादा हो। बुधवार को कोई रिपोर्ट पॉजीटिव नहीं आई है।"
-डॉ. नितिन नागरकर, डायरेक्टर एम्स
"कुकुरबेड़ा के युवक के माता-पिता व करीबियों की रिपोर्ट नेगेटिव है। दो दिनों से जांच रिपोर्ट की संख्या कम हो गई है। इस संबंध में संबंधित लैब से जानकारी ली जाएगी।"
-डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी, कोरोना सेल



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ये तस्वीर दंतेवाड़ा जिले की है। यहां तीन ट्रकों में भरकर करीब 324 मजदूर लाए गए। सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नहीं। एक तरफ जिला प्रशासन को इनके आने की सूचना नहीं, तो दूसरी तरफ लोग कह रहे हैं कि आंध्र और तेलंगाना की सरकार ने उन्हें भेजा है। फोटो-प्रदीप गौतम




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कोरोना से निपटने आठ हजार बिस्तर की तैयारी

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अमेरिका के कॉन्सल जनरल डेविड जे राय को बताया कि कोराेना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य के विभिन्न अस्पतालाें और स्वास्थ्य संस्थानों में आठ हजार बिस्तरों की व्यवस्था कर रहे हैं। सिंहदेव ने कहा कि श्रमिकों की वापसी के बाद प्रदेश को ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। डेविड राय और दूतावास के राजनीतिक-आर्थिक विभाग के अधिकारी रॉबर्ट पॉलसन होजर ने बुधवार को सिंहदेव से चर्चा कर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और इसके नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें बताया कि छत्तीसगढ़ में जनवरी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी। प्रदेश में अभी कोरोना वायरस की आरटी-पीसीआर जांच चार लैब में हो रही है। शुरूआती दौर में केवल एम्स में ही इसकी सुविधा थी। अब तक 36 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। भारत सरकार से भी लगातार चर्चा और समन्वय कर प्रदेश के लिए संसाधन जुटाए जा रहे हैं। कॉन्सल जनरल द्वारा लॉक-डाउन में अर्थव्यस्था को गति देने किए जा रहे कार्यों के बारे में पूछने पर सिंहदेव ने बताया कि मनरेगा, आजीविका मिशन से लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। गांवों में लोगों की क्रयशक्ति बढ़ी है। ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत करने राज्य सरकार नरवा, गरवा, घुरवा, बारी जैसी महत्वाकांक्षी योजना संचालित कर रही है। इससे कृषि के लिए बेहतर जैविक संसाधन और गांवों में रोजगार के मौके बढ़ाने में सहायता मिल रही है। सिंहदेव ने अमेरिकी अधिकारियों को बताया कि राज्य सरकार द्वारा चावल से एथेनॉल बनाने की महत्वपूर्ण योजना पर काम चल रहा है।



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Preparation of eight thousand beds to deal with Corona




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श्रमिक और शराब से सियासी दांवपेंच

कांग्रेस सरकार द्वारा लाकडाउन के बावजूद शराब दुकाने खोले जाने के खिलाफ बीजेपी ने बुधवार को पूरे प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं की पत्रकार वार्ताएं कर विरोध जताया।राजधानी में पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल व सांसद सुनील सोनी ने कहा है कि शराब से कमाई के लिए कांग्रेस सरकार ने दुकानें खोल दी हैं। धारा 144 का उल्लंघन हो रहा। कोरोना संक्रमण का भी खतरा है। इसका विरोध करने पर महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। महिलाओं की यह लड़ाई भाजपा की लड़ाई है। बृजमोहन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि शराब दुकानें बंद नहीं की गई तो जरूरत पड़ने पर भाजपा सड़क पर उतरेगी। एकात्म परिसर में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार के पास शराबबंदी का यह अच्छा समय था। विशेषज्ञों का कहना है कि 45 से 60 दिन में कोई भी व्यक्ति नशा छोड़ता है। लॉकडाउन के 40 दिन हो चुके हैं। इनके नेता ने कहा था कि घोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं हुए तो दस दिन में सीएम बदल देंगे। शराबबंदी के बजाय होम डिलीवरी शुरू रहे।

केंद्र ने राज्य को दिए 2743 करोड़
सांसद सोनी ने सरकार पर पैसे खर्च नहीं करने का आरोप लगाया। सोनी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना भेदभाव के छत्तीसगढ़ को 2743 करोड़ रुपए दिए हैं। 85 हजार से ज्यादा एन-95 मास्क, 16950 पीपीई किट और 8 लाख एचसीक्यू टैबलेट दिए हैं। इसी तरह 98 हजार मीट्रिक टन चावल, 6 हजार मीट्रिक टन दाल और 11.92 लाख उज्जवला सिलेंडर दिए हैं। इसके विपरीत कांग्रेस सरकार श्रम कल्याण मंडल में जमा 350 करोड़ भी 18 लाख पंजीकृत मजदूरों में नहीं बांट रही।

भाजपा के विरोध पर नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव डहरिया ने कहा कि हमने मोदी सरकार के कहने पर ही शराब दुकान खोली है। भाजपा के नेता बेवजह राजनीति न करें। डहरिया ने कहा कि सांसद सुनील सोनी और विधायक बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश की जनता को भड़काने का काम न करें।
मंत्री डहरिया ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोरोना से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार केन्द्र सरकार के हर गाइडलाइन का अक्षरश: पालन कर रही है इसलिए शराब दुकान खोले जाने का निर्णय भी केन्द्र सरकार द्वारा ही किया गया है। डहरिया ने कहा कि भाजपा ने अपने 15 साल के कार्यकाल में पूर्ण शराबबंदी की बात कही थी लेकिन उनके द्वारा शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटी ने शराब की बिक्री बढ़ाने और शराब को बढ़ावा देने की रिपोर्ट दी थी। शराबबंदी के लिए एक कमेटी बनाई है लेकिन भाजपा का काेई भी विधायक इस कमेटी में अपनी बात नहीं रखता। डहरिया ने कहा कि विधायक अग्रवाल को बाहर हल्ला मचाने की बजाय समिति के बीच अपनी बात रखनी चाहिए।



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Political bets on labor and alcohol




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हर माह 30 हजार सैलरी पाने वाला जिम ट्रेनर लॉकडाउन में बेच रहा सब्जी, खुद को फिट रखना मुश्किल

तालाबंदी के चलते फिटनेस इंडस्ट्री की सेहत बिगड़ रही है। हालात ऐसे हैं कि इंटरनेशनल फ्रैंचाइजी जिम में काम करने वाला ट्रेनर भी सड़क पर सब्जी-भाजी बेचने को मजबूर है। वहीं बहुत से ट्रेनर खुद की फिटनेस को कायम रखने के लिए दूध, अंडे, प्रोटीन जैसी डाइट तक नहीं जुटा पा रहे हैं। पुराने शहर में छोटे बड़े मिलाकर 100 से भी ज्यादा जिम हैं। इनमें एक हजार से ज्यादा नौजवान बतौर फिटनेस ट्रेनर काम करते हैं। सामान्य तौर पर एक ट्रेनर महीने में 25 से 30 हजार या इससे भी ज्यादा रुपए कमा लेता है, लेकिन तालाबंदी की शुरूआत से ही जिम बंद पड़े हैं। रायपुर में कुछ नौजवान ट्रेनर ऐसे भी हैं जो अपने गांव शहर को छोड़कर यहां ट्रेनर का काम कर रहे हैं। कुछ जिम में सैलरी बेस पर काम करते हैं जबकि कुछ ट्रेनर घरों में जाकर भी पर्सनल ट्रेनिंग देते हैं। आम तौर पर छोटे या बड़े जिम में एक क्लाइंट से औसतन 2-5 हजार महीने तक फीस ली जाती है। शहर में चल रहे बड़े जिमों में एक अनुमान के मुताबिक पंद्रह हजार से ज्यादा क्लाइंट हैं। लॉकडाउन के कारण किसी भी ट्रेनर को बीते दो महीने से सैलरी नहीं मिली है। कुछ ऐसे भी हैं जिनके पास घर का किराया देने तक के पैसे नहीं है। उधर, जिम के सहारे अपनी सेहत बनाने वाले लोगों के सामने भी खुद को फिट रखने का संकट आ गया है।
सब्जी-भाजी की दुकान लगाई : पांच लोगों के बड़े परिवार को चलाने वाले ट्रेनर भूपेंद्र नायक के सामने रोटी-रोजी का संकट ऐसा आया कि उन्हें मजबूरी में कटोरा तालाब में सब्जी-भाजी की दुकान लगानी पड़ गई। उनके परिवार में तीन छोटे भाई, मां और मामा रहते हैं।

खुद काे फिट रखने के लिए कैसे खाएं खुराक
बिहार के रहने वाले आलोक सिंह बीते पांच साल से शहर में फिटनेस ट्रेनर का काम कर रहे हैं। आलोक के मुताबिक हेल्दी डाइट लेने के लिए एक ट्रेनर को औसतन पंद्रह हजार रुपए खुद पर खर्च करने पड़ते हैं। सैलरी नहीं मिल रही है, लिहाजा दूध अंडा प्रोटीन कुछ भी नहीं ले पा रहे हैं। अनहेल्दी खाना खाने और जिम नहीं जाने के कारण उनका वजन दस किलो से ज्यादा बढ़ गया है। राशन कार्ड भी नहीं है, मकान का किराया देने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा।



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Gym Trainer, who gets 30 thousand salary every month, is selling vegetables in lockdown, it is difficult to keep himself fit




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निजी स्कूलों में आरक्षित आरटीई सीटों के लिए आवेदन 30 मई तक, जून में लॉटरी

निजी स्कूलों में आरक्षित शिक्षा का अधिकार (आरटीई) की सीटों के लिए आवेदन 30 मई तक स्वीकार किए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया फिर शुरू हो चुकी है। रायपुर जिले के प्राइवेट स्कूलों में आरटीई की 8678 सीटें हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग को 8695 आवेदन मिले हैं। सीटों के आबंटन के लिए जून के पहले सप्ताह में लॉटरी होने की संभावना है।
आरटीई के दायरे में आने वाले राज्यभर के निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया मार्च से शुरू हुई। शुरुआत में आवेदन की संख्या अच्छी रही। लेकिन लॉकडाउन की वजह से धीरे-धीरे यह कम हो गई। राज्य के 6480 निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार से 81452 सीटें आरक्षित है। इनके लिए 60678 आवेदन मिले हैं। यानी जितनी सीटें हैं उतने भी आवेदन विभाग को नहीं मिले हैं। रायपुर व कुछ अन्य जिलों को छोड़ दिया जाए तो कई जगह सीटों की तुलना में आरटीई आवेदन कम मिले हैं। कुछ दिन पहले आवेदन की प्रक्रिया को शिक्षा विभाग ने स्थगित किया था। एक बार फिर फार्म स्वीकार किए जा रहे हैं। 30 मई तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बने नोडल सेंटर की मदद से भी आरटीई के लिए आवेदन भरे जाते थे। स्कूल अभी बंद है इसलिए आवेदन में पैरेंट्स को परेशानी हो रही है। इसके अलावा साइबर कैफे भी बंद है, इसकी वजह से भी आवेदन में कमी आई है। गौरतलब है कि ऑनलाइन पोर्टल eduportal.cg.nic.in/rte के माध्यम फार्म भरे जा सकते हैं। आवेदन के लिए जन्म प्रमाण पत्र, पहचान प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र, गरीबी रेखा से नीचे प्रमाण, सरकारी अस्पताल से प्रमाण पत्र, चाइल्ड वेलफेयर समिति की सूची में नाम जरूरी है।
रायपुर में सीट से ज्यादा आवेदन : रायपुर के निजी स्कूलों में आरटीई की 8678 सीटें हैं। इनकी तुलना में आवेदन की संख्या कुछ ज्यादा है। जबकि दूसरे अन्य जिलों में सीटों के आवेदन कम मिले हैं। जैसे बिलासपुर में 10578 सीट है। इसके लिए 5169 आवेदन मिले हैं। राजनांदगांव में 4558 सीटों के लिए 3611 आवेदन मिले हैं। जांजगीर चांपा में 6734 सीटों के लिए शिक्षा विभाग को 4796 फार्म मिले हैं। इसके अलावा कई अन्य जिले हैं जहां सीटों से आवेदन कम प्राप्त हुए हैं।

उम्र के अनुसार क्लास का होगा चयन

शिक्षा के अधिकार के तहत प्राइवेट स्कूलों में आरक्षित सीटों के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। उम्र के अनुसार क्लास का चयन होगा। उसके अनुसार ही सीटों का आबंटन होगा। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी-1 और कक्षा पहली में प्रवेश होगा। 3 से 4 वर्ष तक की उम्र के लिए नर्सरी। 4 से 5 साल के लिए केजी-1 और 5 से साढ़े छह साल तक की उम्र वाले के बच्चों का प्रवेश कक्षा पहली में होगा।



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Application for reserved RTE seats in private schools till May 30, lottery in June




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काम बंद है, चंदा कैसे दें... सिर्फ इसी बात पर 4 परिवाराें का बहिष्कार

कोरोना ने पूरी दुनिया में दहशत फैलाकर रखी है, लेकिन प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अभी भी कुप्रथाओं का खौफ इससे ज्यादा है। हाल ही में 4 परिवारों को सिर्फ इसलिए गांव से बहिष्कृत कर दिया गया क्याेंकि ज्योति कलश भवन बनाने के लिए वे चंदा नहीं दे पाए। पीड़ितों ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए यह भी कहा कि लॉकडाउन ने पहले ही उनकी रोजी-रोटी छीन ली है। अब चंदा देने के लिए पैसे कहां से लाएं? दलील नहीं चली और सभी का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया। अब ये परिवार 2 वक्त की रोटी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
दरअसल, मामला राजनांदगांव से सटे ग्राम दानीटोला का है। लॉकडाउन के बीच गांव के मुखिया ज्योति कलश बनाने के लिए चंदा वसूली कर रहे थे। गांव के ज्यादातर लोगों ने पैसे दिए भी, लेकिन बिसाहू राम, देवालु राम, गंगाधर और चंदन कुमार ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए पैसे नहीं दिए। यह बात मुखियाओं को पसंद नहीं आई और सभी ने मिलकर इनके परिवार को बहिष्कृत कर दिया। गांव के दुकानदारों से भी कह दिया गया है कि कोई इन्हें राशन न दे। न ही जरूरत की कोई दूसरी सामग्री दे। बहिष्कृतों की मदद की तो उन्हें भी बहिष्कृत कर दिया जाएगा। पीड़ितों ने मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में भी की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ितों की मांग है कि सरकार खुद इस मामले पर संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
प्रदेशभर में बहिष्कार के हजारों मामले हैं पर थानों मेें केस 0
इधर, प्रदेश में सामाजिक बहिष्कार के भी हजारों मामले हैं, लेकिन थानों में इसके खिलाफ एफआईआर निरंक (शून्य) है। वो इसलिए क्योंकि ऐसे मामलों को रोकने कोई कानून ही नहीं है। साढ़े 3 साल पहले सरकार ने सामाजिक बहिष्कार प्रतिषेध अधिनियम का मसौदा तैयार कर इस दिशा में पहल की भी, लेकिन लागू नहीं कर पाए। वो इसलिए क्योंकि समाजों की मनमर्जी के खिलाफ कानून पर सरकार ने समाजों से ही दावा-आपत्ति मांगी थी। ज्यादातर सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया। नतीजतन बहिष्कार कानून का मसौदा साढ़े तीन साल से गृह विभाग में अटका हुआ है। बता दें कि प्रदेश के बहुत से समाजों में आज भी बहिष्कार प्रथा है। ज्यादातर मामलों मेें बहिष्कार अंतरजातीय विवाह की वजह से किया जाता है। समाज में वापसी के लिए अर्थदंड की सजा दी जाती है। जो जुर्माना नहीं चुका पाते, उनका और पूरे परिवार का समाज-गांव से बहिष्कार कर दिया जाता है। धार्मिक, सामाजिक, यहां तक पारिवारिक कार्यक्रमों में भी आने-जाने पर प्रतिबंध होता है। ऐसे मामले भी सामने आए जहां लोगों को अपने रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में तक शामिल नहीं होने दिया गया।
जिनके कंधों पर गांव की देखरेख का जिम्मा वह भी आरोपियों में है शामिल
कोटवारों की जिम्मेदारी होती है कि वे गांव की देखरेख करें। कहीं कोई बुरी घटना हो तो मामले को स्थानीय पुलिस और प्रशासन के संज्ञान में लाए। पर यहां काेटवार भी आरोपी है। जिन दबंगों ने बहिष्कार किया है उन्होंने ही गांव के कोटवार को यह जिम्मेदारी भी दी है कि वह यह देखे कि कोई बहिष्कृतों की मदद न करे। कोई दुकानदार इन परिवारों को राशन न दे। अगर देता है तो वे इसकी सूचना ग्राम प्रमुखों को दे। इसके अलावा कोटवार ने ही मुनादी करके पूरे गांव को बहिष्कृतों की जानकारी दी। साथ ही किसी तरह का सहयोग न देने की बात भी कही।
बहिष्कार वो भी तब जब महामारी फैली हुई है ये बेहद गंभीर अपराध: डॉ. दिनेश मिश्र
इधर, अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने राज्य सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि बहिष्कार वैसे भी गंभीर श्रेणी का अपराध है। यह सीधे-सीधे मानवाधिकारों का उल्लंघन है। राजनांदगांव के 4 परिवारों का ऐसे वक्त में बहिष्कार किया गया है जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही है। ऐसा अपराध करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। स्थानीय पुलिस से इस मामले की शिकायत की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई न होना बेहद दुर्भाग्यजनक है।



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Work is closed, how to give money ... boycott of 4 families only on this matter




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ईओडब्लू ने निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता समेत दो के खिलाफ केस दर्ज किया

अवैध फोन टैपिंग और दुर्ग में जमीन घोटाले में फंसे निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ ईओडब्लू ने अब सरकारी पैसों के गलत उपयोग के आरोप में भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। निलंबित डीजी पर एमजीएम नेत्र अस्पताल को मिली 3 करोड़ की सरकारी मदद के गलत उपयोग का आरोप है। सरकार ने 3 करोड़ का बड़ा अनुदान गरीबों के फ्री इलाज के लिए दिया था, लेकिन अस्पताल के प्रधान ट्रस्टी निलंबित डीजी के पिता जयदेव गुप्ता और डायरेक्टर दीपशिखा अग्रवाल के साथ निलंबित डीजी ने उन पैसों से अस्पताल का बैंक का लोन अदा कर दिया। उनका अस्पताल कुर्क होने वाला था।
बैंक के रिकार्ड में निलंबित डीजी का नाम ट्रस्ट के मेन ड्राईविंग फोर्स एव ट्रस्ट संचालन के मुख्य कर्ता-धर्ता के रूप में उल्लेखित है। इस वजह से प्रधान ट्रस्टी व डायरेक्टर के साथ उन्हें भी आरोपी बनाया गया। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) ने मानिक मेहता की शिकायत पर अनुदान के गाेलमाल की जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि 2002 में मिकी मेमोरियल ट्रस्ट का पंजीयन कराया गया। करीब दो साल बाद 2004 में ट्रस्ट के माध्यम से एमजीएम आई इंस्टीट्यूट का संचालन शुरू कर दिया गया। उसके बाद उसी वर्ष एमजीएम अस्पताल को एसबीआई बैंक बैरन बाजार में बंधक रखकर 3 करोड़ का टर्म लोन और 10 लाख कैश क्रेडिट लोन लिया गया। सितंबर 2004 में लोन लेने के बाद अप्रैल 2005 में ही लोन अकाउंट गड़बड़ा गया और ट्रस्ट ने किस्त देना बंद कर दिया। बैंक की ओर से कुर्की का नोटिस भेजा गया।उस समय प्रभावशाली पद पर पदस्थ रहते हुए निलंबित डीजी अपने पद का उपयोग किया और बैंक अफसरों को आश्वस्त करते रहे कि लोन की किस्तें अदा कर दी जाएंगी। इसी बीच 2006-07 में अस्पताल को सरकार से 3 करोड़ का अनुदान दिया गया। ये पैसे गरीबों के मोतियाबिंद के फ्री इलाज के लिए दिए गए थे। इसके अलावा इन पैसों से आमलोगों और शासकीय कर्मियों की रियायती दरों पर सर्जरी करना था। अनुदान के इन पैसों से सरकारी मेडिकल स्टाफ को विशिष्ट चिकित्सा की ट्रेनिंग भी देना था। ये पैसे दो किस्तों में दिए गए। आरोप है कि एमजीएम के प्रधान ट्रस्टी, डायरेक्टर और निलंबित डीजी ने सरकारी योजना से मिले पैसों से बैंक का लोन चुकाया और अस्पताल को कुर्की से बचाया। एक ओर निलंबित डीजी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुदान के पैसों से बैंक का लोन अदा किया, वहीं दूसरी ओर अपने प्रभाव से ही अस्पताल की कुर्की रुकवाई।

जांच रिपोर्ट में ये भी

  • डा. मिकी मेहता की 2001 में संदिग्ध परिस्थितयों में मौत हुई।
  • उसके बाद ही डा. मिकी के नाम पर चेरीटेबल ट्रस्ट बनाया गया।
  • अस्पताल ट्रस्ट का प्रधान ट्रस्टी गुप्ता ने अपने पिता को बनवाया।
  • ट्रस्ट में ऐसी शर्तें रखीं कि पिता के बाद गुप्ता ही उसके प्रधान ट्रस्टी बनें।
  • शासन के विश्वास के साथ छल कर ट्रस्ट ने गरीबों का मोतियाबिंद का इलाज नहीं किया।


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EOW files case against two including suspended DG Mukesh Gupta




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व्यावसायिक बिजली पर 3 माह डिमांड चार्ज नहीं, फिर 6 माह की किस्त में 1% डिलेड पेमेंट सरचार्ज से करना होगा भुगतान

कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने गैर घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओंको बिजली बिल में राहत दी है। राज्य सरकार ने व्यावसायिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए 3 माह का डिमांड चार्ज स्थगित करने का फैसला किया है। इसके बाद उपभोक्ताओं को 6 किस्त में भुगतान करना होगा। हालांकि इस पर डिलेड पेमेंट सरचार्ज को 1.5 से घटाकर 1 फीसदी कर दिया है।


दरअसल, लॉकडाउन के दौरान व्यवसाय नहीं होने के कारण उद्योग लगातार बिजली के डिमांड चार्ज को माफ करने की मांग कर रहे थे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के घरेलू, व्यवसायिक, कृषि आधारित उद्योग समेत अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं के हित में गुरुवार को कई फैसले लिए हैं। इस पर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग भी सहमती जताई है।

औद्योगिक इकाईयों को ये सुविधाएं मिलेंगी

  • व्यावसायिक व अन्य औद्योगिक विद्युत कनेक्शन के अप्रैल, मई और जून के बिलों पर डिमांड चार्जेज भुगतान को स्थगित कर दिया गया है।
  • स्थगन अवधि (मॉरिटोरियम पीरियड) के बाद उक्त प्रभार की राशि को समान मासिक किश्तों में अगले 6 माह में बिजली बिल के साथ भुगतान करना होगा।
  • इस दौरान इन तीन महीनों के बिलों पर डिलेड पेमेंट सरचार्ज देना होगा। जाे कि 1.5 प्रतिशत से घटाकर अब एक फीसदी ही लिया जाएगा।
  • 23 मार्च से 30 जून 2020 के बीच क्रय की जाने वाली बिजली बिलों के भुगतान पर वर्तमान में लागू डिलेड पेमेंट सरचार्ज पर 50 फीसदी की कमी की गई है।

घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिल में राहत
प्रदेश भर के सभी नगद बिल संग्रहण केंद्रों को अस्थाई रूप से बंद किया गया था। इसे देखते हुए ऐसे सभी घरेलू बिजली उपभोक्ता जिन्हें 23 मार्च से 3 मई की अवधि में बिल का भुगतान करना था, वे अब 31 मई तक बिल जमा कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें कोई सरचार्ज का भुगतान नहीं करना होगा।



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छत्तीसगढ़ में उद्योगों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली के डिमांड चार्ज को तीन माह तक स्थगित कर दिया है। इसे किस्त में भुगतान करना होगा। इसके लिए डिलेड चार्ज भी 1 फीसदी कर दिया गया है।




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एम्स से नर्सिंग कर्मचारी सहित दो लोगों को मिली छुट्‌टी, अब एक्टिव केस 21; संक्रमित महिला के साथ बच्चे नहीं जा सकेंगे अस्पताल

छत्तीसगढ़ में कोराेना संक्रमित दो और मरीज गुरुवार कोपूरी तरह से ठीक हो गए हैं। उन्हेंडिस्चार्ज करने की तैयारी की जा रही है। इस बात की पुष्टि एम्स की ओर से की गई है। इनमें से एक सूरजपुर से आया हुआ था, जबकि दूसरा एम्स का ही नर्सिंग स्टाफ है।प्रदेश में ​एक्टिव मरीजों की संख्या अब 21 हो गई है। अभी तक38 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।

प्रदेश में काेरोना संक्रमण

  • छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के अब तक 59 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें क्वारैंटाइन सेंटर से भागे झारखंड के पॉजिटिव दो मजदूरों को जाेड़ दें तो यह संख्या 61 होती है।
  • संक्रमितों में अब तक सबसे ज्यादा कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 6, रायपुर 7, दुर्ग 9, कवर्धा 6, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।
  • प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 21है। अब सूरजपुर के 5, दुर्ग के 9, कवर्धा के 6 और रायपुर के एक मरीजका इलाज एम्स में चल रहा है।
  • कटघोरा में 16 अप्रैल के बाद कोई नया केस नहीं आया है। वहां के मरीज 4 अप्रैल से भर्ती होना शुरू हुए और सभी 27 की छुट्‌टी हो चुकी है।

हर हफ्ते तय होंगे रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के जिले

अब हफ्ते जिलों के रेड, ग्रीन या ऑरेंज जोन को लेकर सूची तैयार की जाएगी। नए केस मिलने और संक्रमितों के स्वस्थ होने के आधार पर निर्धारण किया जाएगा। इसी आधार पर व्यापारिक औरअन्य गतिविधियां शुरू करने या सख्ती का निर्णय लिया जा सकेगा। वहीं, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस) सुब्रत साहू ने बताया कि रायपुर को अभी रेड जोन से निकालने के संबंध में केंद्र सरकार से कोई निर्देश नहीं मिला है।

यह तस्वीर बिलासपुर की है। राजनांदगांव और आसपास के इलाकों से आए ये मजदूर एक ऑटो में भरकर अशोकनगर जा रहे थे। पुलिस ने इन्हें रोका। पुरूष मजदूरों को उतारा गया और सिर्फ महिलाओं और बच्चों को ऑटो से भेजा। बाद में ऑटो जब्त की गई।

बच्चा पॉजिटिव, तभी जा पाएगा संक्रमित मां के साथ अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग ने मां के कोरोना संक्रमित मिलने पर उनके साथ छोटे बच्चे को अस्पताल नहीं भेजने के निर्देश दिए। अगर जांच में बच्चे की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो ही उसे मां के साथ अस्पताल भेजा जाए। विभाग ने निर्देश दिया है-परिवार के अन्य सदस्य अगर बच्चे को नहीं रखना चाहते तो उसे सखी सेंटर या पालना घर क्वारैंटाइन के निर्देशों का पालन करते हुए भेजें औररखें। बच्चे की देखरेख के लिए प्रशिक्षित कार्यकर्ता या सहायिका की ड्यूटी लगाई जाए।

क्वारैंटाइन जोन में सेल्फी : ये तस्वीर दुर्ग जिले की है। यहांके 138 स्टूडेंट्स कोटा से लौटे। सभी बिलासपुर में ठहरे थे। बीआईटी दुर्ग में सभी को उनके पैरेंट्स ने रिसीव किया। इस दौरान छात्राओं ने वहां भी सेल्फी ली। अब ये अपने-अपने घरों में क्वारैंटाइन रहेंगे।

    गुजरात से 2500 श्रमिक लेकर दो ट्रेनें 8 और9 मई को आएंगी
    छत्तीसगढ़ के 1156 मजदूरों को लेकर गुजरात के खेड़ा और नडियाड से पहली ट्रेन गुरुवार शाम 6 बजे रवाना होगी और शुक्रवार शाम को बिलासपुर स्टेशन पहुंचेगी। इसी के अगले दिन यानी शुक्रवार एक और ट्रेन 1200 मजदूरों को लेकर इन्हीं स्टेशनों से रवाना होगी और शनिवार को बिलासपुर आएगी। छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यों से मजदूरों की वापसी शुक्रवार से शुरू हो रही है।


    अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर एम्स के काेराेना वार्ड में करेंगे ड्यूटी
    अंबेडकर अस्पताल के सभी विभागों के सीनियर और जूनियर डाक्टर अब एम्स के कोरोना वार्ड में ड्यूटी करेंगे। उनके अलावा नर्सिंग स्टाफ को भी गुरुवार से वहां ड्यूटी करनी होगी। इनकी चार बैच बनाई गई है। एक-एक बैच हफ्तेभर एम्स में ट्रीटमेंट का सिस्टम देखेगी। शेड्यूल खत्म होने के बाद उन्हें अगले ही दिन माना स्थित कोरोना अस्पताल में ड्यूटी करनी होगी, फिर 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया जाएगा।

    स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश

    • एचओडी, जूनियर डॉक्टर समेत 75 नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसमें सात विभागों के एचओडी व 18 प्रोफेसर व एसोसिएट प्राेफेसरों के नाम हैं।
    • इनके अलावा 25 जूडो व इतने ही नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। कोरोना वार्ड में ड्यूटी के लिए चार बैच बनाए गए हैं।
    • बैच ए में शामिल डाक्टर्स और स्टाफ 7 से 13 मई तक ड्यूटी करेंगे। इनमें तीन एचओडी, एक एसोसिएट प्रोफेसर, चार जूडो व चार नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं।
    • यही बैच 14 से 20 मई तक माना स्थित कोरोना अस्पताल में सेवाएं देगा। इसी तरह बैच बी में चार एचओडी समेत जूडो व नर्सिंग स्टाफ को 14 से 20 मई एम्स में ड्यूटी करनी होगी।
    • ड्यूटी का शेड्यूल खत्म होने के अगले ही दिन 21 से 27 मई तक सभी को माना के कोविड अस्पताल में ड्यूटी करनी होगी। हालांकि वहां अभी एक भी मरीज नहीं है।

    रायपुर : शहर के कुकुरबेड़ा के जिस कूलर मैकेनिक कोकोरोना पॉजिटिव पाया गया, उसके साथ रहने वाले बुजुर्ग माता-पिता और लगातार संपर्क वाले दोस्तों और पड़ोसियों समेत 16 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई। उसके संपर्क में आए 38 और लोगों का सैंपल लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट रात तक आएगी। कूलर मैकेनिक 24 साल के युवक के परिजन और 16 करीबियों को निमोरा में क्वारैंटाइन किया गया है।

    जगदलपुर : एटीएम में सैनिटाइजर नहीं होने के कारण जगदलपुर कलेक्टर ने बैंकों के प्रबंधकों को नोटिस जारी किया है। बैंक और एटीएम को प्रतिबंधात्मक से छूट इस शर्त पर दी गई थी कि वो अपने यहां सैनिटाइजर की व्यवस्था करें, लेकिन जगदलपुर शहर के आसपास के एटीएम का जिला प्रशासन के निरीक्षण में पाया गया कि एटीएम में सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं की गई है। अब ऐसा मिला तो कार्यवाही की जाएगी।

    भिलाई : फरीदनगर की जिस महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई, उसके साथ उसका पति भी महाराष्ट्र के धुलिया से लौटा था। दोनों साथ-साथ लौटे, लेकिन पति ने पूरी कहानी बदल दी। सिर्फ पत्नी को लेकर ही जानकारी दी। खुद की ट्रेवल हिस्ट्री छिपाकर वह दो दिनों तक फरीदनगर व आसपास इलाकों में घूमता रहा। पुलिस ने कोरोना पॉजिटिव महिला के पति नईम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

    लॉकडाउन की वजह से ट्रेनें बंद हैं। रेलवे ने सुपेला और ठगड़ाबांध उतई रोड स्थित रेलवे क्रासिंग के चार किमी लंबी ट्रैक पर बुधवार रात से मेंटेनेंस शुरू कर दिया है, जो गुरूवार सुबह 10 बजे तक चलेगा। इधर, सुपेला में भी रातभर मेंटेनेंस कार्य चला। सभी कर्मियों ने मास्क पहने रखा। ग्लब्स का भी उपयोग किया।

    बिलासपुर : खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत जिला प्रशासन ने बिना पंजीयन और लाइसेंस के भोज्य और तरल खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाईकरने केनिर्देश दिए हैं। दुकानों, ठेलों में भीड़ रोकने औरसोशल डिस्टेंसिंग के लिए कड़ाई से पालन करने कहा है। सहायक खाद्य औरऔषधि नियंत्रक ने बताया कि 12 लाख और उससे अधिक टर्नओवर वाले विक्रेताओं को लाइसेंस अनिवार्य है। कम वाले दुकानों को पंजीयन अनिवार्य है।


    रायगढ़ : जांजगीर-चांपा में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बिना अनुमति आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे में जिले के 8 प्रवेश मार्गाें पर नाकाबंदी की गई है। इनमें अकलतरा-बिलासपुर फोरलेन, बलोदा-कोरबा, कनकी बैरियर कोरबा बॉर्डर, शिवरीनारायण शबरी पुल, चंदली चौक चंद्रपुर रायगढ़ सीमा, कुटीघाट-बिलासपुर बॉर्डर, महानदी पुल मंदिर तिराहा और मसानिया कला सक्ती रायगढ़ बॉर्डर शामिल हैं।

    यह तस्वीर रायगढ़ के दानसरा की है। कोरोना संक्रमण के डर से ग्रामीण में बच्चों की खेलकूद की स्टाइल भी बदल गई है। गांव के खेत में गिरे एक पेड़ पर बुधवार को इस तरह झूला झूलते दिखे बच्चे, दूर-दूर बैठे, बारी आने पर ही करीब आए।


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    छत्तीसगढ़ के 1156 मजदूरों को लेकर गुजरात के खेड़ा और नडियाड से पहली ट्रेन शुक्रवार शाम को बिलासपुर स्टेशन पहुंचेगी। इसको लेकर तैयारियाें का जायजा लेने स्टेशन पर प्रशासनिक अधिकारी व रेलवे का अमला गुरुवार दोपहर को पहुंचा। हालांकि इस दौरान वे खुद ही सोशल डिस्टेंसिंग भूल गए।