india news अब फल, सब्जी की दुकानें 6 दिन, बाकी बाजार खुलेगा सिर्फ 5 दिन; दूध-डेयरी व मेडिकल स्टोर इससे बाहर By Published On :: Thu, 07 May 2020 13:23:00 GMT राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दुकानों, बाजारों और अन्य सेवाओं को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अब फल, सब्जी की दुकानें सप्ताह में 6 दिन खुलेंगी। जबकि बाकी बाजार सिर्फ 5 दिन खुल सकेंगे। हालांकि दूध डेयरी और मेडिकल स्टोर को इससे बाहर रखा गया है। वे सातों दिन खुलेंगे। वहीं आकस्मिक और जरूरी सेवाओं के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। यह निर्देश कंटेंटमेंट जोन पर लागू नहीं होगा। वहां पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।रेस्टाेरेंट से होम डिलीवरी 5 दिन, रात 9 बजे तकराज्य सरकार ने हॉस्पिटैलिटी सेवाएं, होटल, रेस्टोरेंट को खोलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है। सिर्फ वे रेस्टोरेंट जो होम डिलीवरी करते हैं, सप्ताह में 5 दिन सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे तक खुल सकेंगे।इन पर पूरी तरह प्रतिबंध नाई की दुकानें, स्पा, सैलून बंद सार्वजनिक परिवहन : बस टैक्सी, औटो, रिक्शा, कैब िसनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, खेलकूद कॉप्लेक्स, स्वीमिंग पूल, पार्क, थियेटर, बार, सभागार नगरीय सीमा में लगने वाला चौपाटी, बाजार, अन्य चाट-ठेले, फास्ट फूड, अन्य खाद्य पदार्थसप्ताह में 6 दिन (सोमवार से शनिवार) फल, सब्जी की दुकानें, मंडी - सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तकसप्ताह में 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार) नगरीय क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन वाली वे दुकानें जिनपर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सुबह 9 से शाम 4 बजे तकसप्ताह में प्रतिदिन खुलेंगी दूध, डेयरी, मिल्क पार्लर- सुबह 7 से शाम 7 बजे तक बैकिंग, इनश्योरेंस सेवाएं, गैस एजेंसी, एनबीएफसी - सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तकइनके लिए कोई समय सीमा नहीं मेडिकल सेवाएं, चश्मे की दुकानें, पेट्रोल पंप, एटीएम, मीडिया संस्थान, टेलीफोन एवं इंटरनेट सेवाएं, फायर ब्रिगेड, गुड्स एवं कैरियर सेवाएं, पेयजल सुविधा, सफाई-स्वच्छता से जुड़ी सेवएं, विद्युत सेवाएं, स्थानीय निकाय की ओर से संचालित आकस्मिक सेवाएं।ये खास दिशा-निर्देश, जो अनिवार्य रूप से लागू यह निर्देश कंटेंटमेंट जोन पर लागू नहीं होंगे। नगरीय क्षेत्रों में जहां सोशल डिस्टेंसिंग लागू करने के लिए पर्याप्त जगह न हों, उसे नगरीय निकाय प्रतिबंधित कर सकेगा। पान ठेलों पर बिकने वाली सामाग्री के सिर्फ बेचने की अनुमति होगी। सार्वजनिक स्थान पर उपभोग प्रतिबंधित। सभी प्रकार के आयोजन प्रतिबंधित। धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। अंत्येष्टि और अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोग शामिल होंगे। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना, बिना मुंह ढंके निकलने पर अर्थदंड लगाया जाएगा। सार्वजनिक स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य दो पहिया वाहन पर एक और चार पहिया वाहन में दो लोग ही आ-जा सकेंगे। विशेष परिस्थितयों में कार में ड्राइवर सहित दो लोग और बैठ सकेंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today ये तस्वीर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की है। चिंगराजपारा चांटीडीह में राशन लेने के लिए सरकारी दुकान के बाहर लोगों की लाइन लगी थी। धूप ज्यादा होने के कारण लोग अपने थैले सड़क पर रखकर खुद छांव में चले गए। Full Article
india news प्रदेश में अब प्रत्येक शनिवार और रविवार संपूर्ण लॉकडाउन; जनसंपर्क विभाग के कर्मचारी का बेटा संक्रमित युवक का दोस्त, यहां अब काम बंद By Published On :: Thu, 07 May 2020 13:23:00 GMT छत्तीसगढ़ में अब मई माह में प्रत्येक शनिवार और रविवार संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान कोई ऑफिस, दुकानें और बाजार नहीं खुलेंगे। हालांकि पहले की तरह सिर्फसब्जी, दूध, चिकित्सा सहित अन्य अत्यावश्यक सेवाओं की ही अनुमति होगी। इसे लेकरगृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सुझाव दिया था। इस पर सहमति देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार कोइस पर आदेश जारी कर दिए हैं।राज्य सरकार ने बाइक पर एक और कार में दो लोगों के बैठने की अनुमति दी है। इसके बावजूद रायपुर, बिलासपुर समेत अन्य जिलों में नियमों को रोज तोड़ा जा रहा है। प्रदेश में लापरवाही घातक साबित हो सकती।इससे पहले जनसंपर्क संचालनालय के सुबह खुलते ही कामकाज बंद कर दिया गया। यहांअफवाह फैल गई कि कोई कर्मचारी संक्रमित है। हालांकि, बाद में पता चला कि एक कर्मचारी का बेटा पिछले दिनों रायपुर में पॉजिटिव मिले युवक का दोस्तहै। इसके बाद कर्मचारी के दफ्तर आने पर रोक लगा दी गई और बेटे का सैंपल टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए।यह तस्वीर बिलासपुर के गोल चौक की है। लॉकडाउन खुलने के बाद हर रोज इस तरह की भीड़ होना आम बात है। ऐसा ही नजारा रोज रायपुर में भी दिखाई देता है।सीमाएं सील होने का दावा हवाई, लोगों का चोरी-छिपे आना जारीछत्तीसगढ़ में जिलों औरराज्य की सीमाएं सील करने के तमाम दावे हवाई साबित हो रहे हैं। बाहर से बिना ई-पास और चोरी-छिपे आने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। एक ओर जहां मजदूरों नदी-नाले, जंगल पार कर राज्य की सीमाओं में प्रवेश कर रहे हैं, वहीं बिना ई-पास आने-जाने का खेल जारी है। भिलाई में मंगलवार देर शाम पॉजिटिव मिली महिला भी कई वाहनों में लिफ्ट लेकर महाराष्ट्र से लौटी थी।कई वाहनों को बदल-बदल कर पहुंची थी भिलाई पॉजीटिव मिली 26 वर्षीय महिला महाराष्ट्र में हुई शादी से सोमवार को बिना ई-पास भिलाई लौटी थी। जिला अस्पताल की फीवर क्लीनिक में डेढ़ साल की बेटी सहित जांच कराने पहुंची तो उसे ट्रेस किया जा सका। रेड जोन की ट्रेवलिंग हिस्ट्री के साथ कोरोना का सिमटम मिलने के कारण आइसोलेशन सेंटर भेजा गया। इससे पहले दुर्ग औरभिलाई आए ज्यादातर श्रमिक चोरी-छिपे ही जिले में पहुंचे हैं। यही हालात बस्तर सहित अन्य जिलों में भी है। पिछले दिनों सूरजपुर के क्वारैंटाइन सेंटर में दो मजदूर संक्रमित मिले थे, लेकिन दोनों झारखंड भाग निकले।सूरजपुर के जजावल में तीन दिन सब बंदसूरजपुर जिले के जजावल से कोरोना संक्रमण के 6 पाॅजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने जजावल समेत उससे सटेइलाके में तीन दिन का पूर्ण लाॅकडाउन घोषित कर दिया है। इसमें प्रतापपुर और जरही नगर पंचायत भी शामिल है। कलेक्टर ने बताया किजजावल के एक्टिव केस के मरीज डायरेक्ट तीन पंचायत से कनेक्ट हुए थे। इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।प्रदेश में काेरोना संक्रमण छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के अब तक 59 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें क्वारैंटाइन सेंटर से भागे झारखंड के पॉजिटिव दो मजदूरों को जाेड़ दें तो यह संख्या 61 होती है। संक्रमितों में अब तक सबसे ज्यादा कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 6, रायपुर 7, दुर्ग 9, कवर्धा 6, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 23 है। अब सूरजपुर के 6, दुर्ग के 9, कवर्धा के 6 और रायपुर के दो मरीजों का इलाज एम्स में चल रहा है। कटघोरा में 16 अप्रैल के बाद कोई नया केस नहीं आया है। वहां के मरीज 4 अप्रैल से भर्ती होना शुरू हुए और सभी 27 की छुट्टी हो चुकी है। बस्तर के कोंडागांव के कोरमेल में रैपिड टेस्ट में संक्रमित मिले सभी श्रमिकों की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है।रायपुर : कंटेंटनमेंट जोन घोषित होने के बाद भी कॉलेज खोलने पर कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्राचार्य को जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। रायपुर में युवक के पॉजिटिवमिलने पर 6 इलाकों को प्रशासन ने कंटेंटमेंट जोन घोषित किया था। इसके बाद भी शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य ने कॉलेज खोला और सभी स्टाफ को ड्यूटी पर आने के लिए निर्देशित किया।रायपुर में कंटेंटमेंट जोन में हाेने के बावजूदशासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य ने कॉलेज खोला और सभी स्टाफ को ड्यूटी पर बुलाया।बिलासपुर : जिला प्रशासन के अफसरों ने बिलासपुर में 17 मई तक होने वाली 70 शादियों को सशर्त अनुमति दी है। इन शादियों में उपयोग होने वाले खाने-पीने के सामान की जांच खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से करवाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही वर-वधु, पंडित समेत दोनों पक्षों के 50 व्यक्ति ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शामिल हों सकेंगे। बारात निकालने पर प्रतिबंध, ध्वनि विस्तारक यंत्र, आतिशबाजी पर रोक रहेगी।बिलासपुर में लाॅकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस ने शहर में फ्लैग मार्च किया। पुलिस मैदान से सत्यम चौक, अग्रसेन चौक, पुराना बस स्टैंड चौक, बुधवारी बाजार और तोरवा चौक पहुंचे। फिर यहां से मंगला चौक के बाद पुलिस ग्राउंड तक मार्च निकाला गया।रायगढ़ : जांजगीर के पुटपुरा गांव में शराब के नशे में एक व्यक्ति ने डंडे से पत्नी की पिटाई कर दी। पति के मार से घबरा कर महिला अपने बच्चों को लेकर भाग गई तो आरोपी ने अपनी वृद्ध मां को डंडे से इतना मारा कि उसकी मौत हो गई। आरोपी अमृत गढ़ेवाल शराब पीने का आदी है। दूसरी ओर अकलतरा के कापन में देसी शराब दुकान को दूसरे दिन भी महिलाओं ने खोलने नहीं दिया। नियत समय से पहले ही बड़ी संख्या में महिलाएं मौके पर पहुंचीं और दुकान के सामने ही टेंट लगाकर बैठ गईं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today ये तस्वीर दंतेवाड़ा जिले की है। इसमें तीन ट्रकों में भरकर करीब 324 मजदूर लाए गए। सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नहीं। एक तरफ जिला प्रशासन को इनके आने की सूचना नहीं, तो दूसरी तरफ लोग कह रहे हैं कि आंध्र और तेलंगाना की सरकार ने उन्हें भेजा है। ट्रकों में आए मजदूर जिले के कटेकल्याण और कुआकोंडा ब्लॉक के हैं, जिन्हें अब क्वारेंटाइन सेंटर में रखेंगे। एसडीएम लिंगराज सिदार ने बताया कि हमारे पास 80 बसें हैं। सूचना मिलने पर हम कोंटा बॉर्डर भेज रहे हैं। Full Article
india news तेज आंधी की वजह से लगभग 100 घरों के छप्पर उड़े, बिजली गिरने से 80 तोते की मौत By Published On :: Thu, 07 May 2020 13:37:00 GMT जिले में बुधवार की देर रात मौसम में आए बदलाव की वजह से बड़ा नुकसान हुआ। मध्यप्रदेश राज्य के बॉर्डर से लगे नेउर, महिडबरा और कुशियारी गांव में बीती रात आंधी ने जमकर तबाही मचाई। लगभग 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली, जिससे इलाके के गांवों में लगभग 100 घरों के छप्पर उड़ गए। 20 से अधिक विशालकाय पेड़ गिर गए। जोरदार आवाज के साथ आकाशीय बिजली के गिरने की वजह से पेड़ पर मौजूद तोतों का झुंड मारा गया। करीब 80 तोते इसकी चपेट में आए।करीब 1 घंटे चली आंधी के डर से ग्रामीण रातभर नहीं सो पाए। बरामदे में बैठकर रात बिताई। इलाके में 14 से ज्यादा बिजली के खंबे भी गिर गए हैं। तार टूटने की वजह से 13 से अधिक गांवों में बुधवार रात से बिजली की सप्लाय बंद है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम राजस्थान में ऊपरी हवाओं में चक्रवात बनने के साथ ही दक्षिण पूर्व मध्यप्रदेश में भी ऊपरी हवाओं में चक्रवात बना हुआ है। पंडरिया के तहसीलदार संजय विश्वकर्मा ने बताया कि महीडबरा में आंधी से घरों को क्षति पहुंचने की जानकारी मिली है,पटवारी को सर्वे के लिये भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर लोगों को मुआवजा दिया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मारे गए तोते का लोगों ने अंतिम संस्कार किया, ग्रामीणों के छप्पर टूटने की वजह से आज रात भी वो जागकर ही बिताने को मजबूर हैं। Full Article
india news तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 32 नग हीरे के साथ मैनपुर का पूर्व पंच गिरफ्तार By Published On :: Thu, 07 May 2020 15:13:00 GMT जिले के पुलिस ने हीरे की तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत ग्राम पंचायत मैनपुर के पूर्व पंच रूपेश कश्यप को पकड़ा गया है। आरोपी के पास से 32 नग हीरे मिले हैं। इनकी कीमत 4 लाख 50 हजार रूपये है। थाना प्रभारी भूषण चन्द्राकर की टीम गुरूवार को सूचना मिली थी कि नेशनल हाईवे पर मैनपुर से महज 2 किमी दूर ग्राम गौरघाट में हीरा बेचने की फिराक में पंच किसी का इंतजार कर रहा था। पुलिस मौके पर गई और रुपेश की तलाशी लेने हीरे मिले।इस इलाके में हीरे की खाने हैं, पिछले कुछ दिनों में रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते मिट्टी में नमी है। तस्करी से जुड़े लोग चोरी छिपे प्रतिबंधित इलाकों में जाकर खुदाई कर रहे हैं। पिछले महीने यहां से एक पूर्व सरकारी को भी पकड़ा गया था। यह युवक भी इसी तरह हीरे निकालने में कामयाब हो चुका था। यहां से हीरे को बेचा जाता है। आभूषणों के कारोबार से जुड़े लोग यहां इस तरह मिले हीरों को तराशकर उन्हें ऊंची कीमतों पर बेचते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तस्वीर मैनपुर थाने की है, आरोपी के खिलाफ मायनिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। Full Article
india news अरनपुर क्वारैंटाइन सेंटर से 20 ग्रामीण भागे, आंध्रप्रदेश से आए लोगों को नहाड़ी आश्रम में रखे जाने का विरोध भी By Published On :: Thu, 07 May 2020 15:35:33 GMT जिले में आंध्रप्रदेश की ओर से लौटने वाले मजदूर प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। नहाड़ी इलाके में बने क्वारैंटाइन सेंटर से 20 मजदूर भाग गए। भागे हुए मजदूरों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। क्षेत्र के आश्रमों में बने क्वारैंटाइन सेंटर का रहवासी विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर है कि ऐसे में वहां संक्रमण का जोखिम बढ़ेगा। मजदूरों को छोटे वाहनों में भरकर लाया जा रहा है। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा। जिन वाहनों की क्षमता 10 लोगों की है, उसमें 20 लोग आ रहे हैं।आंध्र प्रदेश के कुनावरम में मिर्च के खेतों में तुड़ाई का काम करने हर बार मजदूर जाते हैं। करीब 46 लोग वहीं से लौटे हैं। क्वारैंटाइन सेंटर का विरोध कर रहे ग्रामीणों को कुआकोंडा के सीईओ एसके टंडन ने समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। हंगामा बढ़ने की वजह से मजदूरों को पालनार आश्रम में ले जाया गया । भागे हुए 20 ग्रामीण 5 मई को कवारैंटाइन किया गया था। इन्हें तलाशने के लिए पंचायत सचिव सहित दूसरे कर्मचारियों को जिम्मा सौंपा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तस्वीर उस वक्त ली गई थी जब इन मजदूरों को क्वारैंटाइन किया जा रहा था दो दिन पहले, यही मजदूर भाग निकले। Full Article
india news जिले में आगामी चार दिनों में बारिश की संभावना, अलर्ट जारी किया गया By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT गर्मी का मौसम आते ही बढ़ते तापमान के बीच मौसम विभाग ने आगामी चार दिनों में बारिश की संभावना जताई है। इसे देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र ने जिले के किसानों को अलर्ट किया है।विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड डॉ. ईश्वर सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि बारिश से सब्जी फसलों में कीड़े आने की संभावना है, इसलिए खेतों की सतत निगरानी करते रहे, खेतों में कटी हुई फसलों, अनाज से भरे बोरों एवं पशुओं को एक सुरक्षित स्थान पर रखें। इसके साथ ही किसान, मजदूर भी खेतों के बजाय अपने घरों में ही रहे। मौसम विज्ञान विभाग तथा कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार जिले के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। इसका कारण उन्होंने वर्तमान में हरियाणा से उत्तर पूर्व बांग्लादेश तक तथा एमपी से तमिलनाडु तक बनी द्रोणिका को बताया है। इस दौरान अधिकतम तापमान 40-41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24-26 डिग्री सेल्सियस, सुबह हवा में नमी 38-43 फीसदी आर्द्रता और शाम की हवा में नमी 26-32 फीसदी आर्द्रता रहेगी। वहीं आने वाले दिनों में जिले में दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम दिशाओं से हवा चलने की संभावना है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news बारिश से धान तबाह, अंधड़ से पेड़ उखड़ेे, टिन-टप्पर उड़े By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT अंचल के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बारिश से एक ओर जहां रबी की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर तेज अंधड़ से पेड़-पौधे भी गिर गए हैं।किसानों ने खेतों में रबी की फसल लगाई, मगर बेमौसम बारिश ने उनकी सारे मेहनत पर पानी फेर दिया है। चूंकि अभी धान की बालियां भी निकलने लगी हैं और बारिश के साथ खूब ओले भी गिर रहे हैं, लिहाजा फसलों के बर्बाद होने की संभावना अधिक नजर आ रही है। इतना ही नहीं पिछले दो दिनों की बारिश ने इस तरहकहर बरपाया है कि जगह-जगह सैकड़ों पेड़ टूटकर गिर गए है, तो कहीं-कहीं जड़ सहित ही उखड़ गए हैं। कई क्षेत्रों में बिजली के तार भी टूट गए हैं तो कहीं-कहीं पोल भी उखड़ गए हैं, जिससे आपूर्ति ठप हो गई है। कई घरों के टिन छप्पर भी उखड़कर तहस-नहस हो गए हैं।किसानों का कहना है कि बारिश से फसलों में कीट-प्रकोप सहित और कई प्रकार की गंभीर बीमारी आने की संभावना बढ़ गई है तथा अंधड़ से फसलों के जमीन पर लेट जाने से इनके नष्ट होने का भी खतरा है। वहीं सब्जी की खेती पर भी इस बारिश ने प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिससे बाड़ियों और फार्मों में लगी सब्जियां चौपट होने की कगार पर पहुंच गई हैं। किसानों ने कहा कि हम लोग जिस आस से ऋण लेकर रबी की फसल लेते हैं, वह आस भी अब धूमिल होती नजर आ रही है। पैदावार कम होने से फसलों पर खर्च की गई राशियों की भी वसूलना अब असंभव सा लग रही है, जिससे कर्ज में और वृद्धि होती जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Paddy ravaged by rains, trees uprooted by rains, tin-tappers blown Full Article
india news बलांगीर से चोरी-छिपे 11 लोग पहुंचे खम्हारी पारा एफआईआर दर्ज, 14 दिन क्वारेंटाइन किया गया By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के कड़े नियमों और राज्य सरकार द्वारा सीमा सील करने के आदेश के बाद भी जिले में आसानी से बाहर से आनेवालों की घुसपैठ जारी है। आश्चर्य की बात है कि जब लोग सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर 40 से50 किमी दूरी तय कर घर पहुंच जाते हैं, तब तक प्रशासन को इसकीभनक नहीं लगती। लेकिन जैसी आसपास से इसकी सूचना मिलती है, तब तत्काल एफआईआर दर्ज करने प्रशासनिक अमलापहुंच जाता है।हाल में ही कुछ दिन पहले ओडिशा के बलांगीर से 11 लोग चोरी-छिपे रसेला, पिपरछेड़ी मार्ग से होते हुए अपने गांव खम्हारी पारा पहुंचे थे। प्रशासन कोइसकी सूचना तब मिली, जबये सीमा क्षेत्र पार कर अपने गांव तक पहुंच गए थे। इसके बाद प्रशासन ने इनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज किया। इसके बाद स्वास्थ्य अमला भी हरकत में आया और इन लोगों को गांव के ही एक स्कूल में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया। दूसरा मामला 5 मई का है, जहां 11 मजूदरों को प्रशासन ने जिला मुख्यालय में ही रोककरइंडोर स्टेडियम में क्वारेंटाइन किया है। ये सभी मजदूर देवभोग और मैनपुर ब्लॉक के हैं, जो मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से वापसचोरी-छिपे अपने गांव जा रहे थे। सभी मजूदरों के रहने-खाने की व्यवस्था फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है।लॉकडाउन खुलने और काम बंद होने से लौट रहेबाहर से आने वाले मजूदरों का कहना है कि कामकाज और रोजी रोटी की तलाश में वे बाहर गए हैं, परंतु कामकाज बंद होने और लॉकडाउन के बीच फिर से काम शुरू होने की समय सीमा ना देखते हुए वे वापस घर लौटरहे हैं। बाहर रहने के कारण एक ओर जहां भुखमरी की स्थिति बन रही है वहीं मकान किराना सहित अन्य खर्चो का वहन करने में असक्षम है। प्रशासन द्वाराभी कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिसके चलते विवश होकर उन्हें वापस घर लौटना पड़ रहा है। मजदूरों ने कहा कि बाहर रहकर बिना रोजी मजदूरी के परिवार का भरण पोषण मुश्किल है। कम से कम गांव वापस आ आए तो अपने परिवार, संगे संबंधियों की सहायता को मिल सकती है। इसलिए वापस घर आना ही उन्हें उचित लगता है। जिले से अब भी 3 हजार से अधिक बाहर फंसेप्रशासन के मुताबिक जिले के 3 हजार से अधिक मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं, जो वापस घर लौटने के लिए परेशान हैं। अन्य राज्यों में समुचित प्रशासनिक सहायता नहीं मिलने से एक से दो वक्त भूखा रहना पड़ रहा है। इसे देखते हुए मजदूर घर वापस आना चाहते हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसके प्रयास भी किए जा रहे हैं राज्य और केंद्र सरकार की भी कोशिश कर रही है, परंतु अब मजूदरों के पास इंतजार करने का वक्त नहीं बचा है। इसलिए नजदीक राज्यों में फंसे मजदूर धीरे-धीरे अपने संसाधन से वापसघर आने में जुटे हैं। इनके पास चोरी-छिपे आने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा है।आस-पड़ोस की शिकायत पर प्रशासन को मिल रही सूचनाबाहर से चोरी-छिपे आने वाले ये लोग दो से तीन सौ किमी दूरी तय कर रहे हैं। दूसरे राज्य से पहले छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे फिर जिले में। इतनी दूरी तय करने के दौरान कई थाना क्षेत्र पार कर रहे हैं, परंतु इस बीच ना कोई लॉकडाउन की पाबंदी काम आ रही है ना ही सीमा क्षेत्र पर की गई सीमाबंदी। आसानी से लोग सीमा क्षेत्र पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं। प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लग रही है। ये लोग जिले के सीमा में प्रवेश करने के बाद पैदल, दुपहिया या लिफ्ट मांग कर अपने घर पहुंच रहे हैं। घर पहुंचने के बाद भी एक-दो दिन बाद अास-पड़ोस की शिकायत पर ही इसकी सूचना प्रशासन को मिल रही है। इससे स्पष्ट है कि सीमाक्षेत्र में की गई पाबंदी का लाभ प्रशासन को नहीं मिल रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 11 people arrived secretly from Balangir, Khamhari Para FIR lodged, 14 days quarantined Full Article
india news छत्तीसगढ़ से नहीं मिली सहमति, इसलिए श्रमिकों की ट्रेन गुजरात में ही रोकनी पड़ी By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT छत्तीसगढ़ के 1156 मजदूरों को लेकर गुजरात के नडियाड से गुरुवार को शाम 6 बजे निकलने वाली ट्रेन रोक दी गई है। दरअसल छत्तीसगढ़ ने फिलहाल ट्रेन चलाने की सहमति नहीं दी है, इसलिए नडियाड कलेक्टर ने ट्रेन रोकी क्योंकि जब तक प्रदेश से सहमति नहीं मिलेगी, वहां से ट्रेन रवाना नहीं हो सकती। गुरुवार को साथ-साथ शुक्रवार को 1200 मजदूरों को लेकर निकलने वाली ट्रेन का सफर भी एक-दो दिन के लिए टल गया है। गुजरात में प्रदेश के श्रमिकों के बारे में पूरी जानकारी राज्य सरकार को दो दिन पहले ही मिल गई थी। नडियाड से गुरुवार को रवाना होने वाली पहली ट्रेन में 11 जिले के मजदूरों को रवाना किया जा रहा था। इनकी नाम-पतों के साथ नडियाड कलेक्टर ने जिलावार सूची भेज दी थी। नडियाड कलेक्टर के पत्र में बताया गया था कि गुरुवार की पहली ट्रेन में 1156 और शुक्रवार की ट्रेन में 1200 मजदूर भेजे जा रहे हैं। रेलवे ने भी ट्रेनों के संचालन की तैयारी कर ली थी। लेकिन यह सारी तैयारी प्रदेश की सहमति के बगैर ही कर ली गई थी। सहमति नहीं दी गई, इसलिए ट्रेन ऐन वक्त पर रोकनी पड़ी। रायपुर रेल मंडल के डीआरएम श्यामसुंदर गुप्ता इसके नोडल अफसर हैं। रेल अफसरों ने बताया कि ट्रेन तभी चलेगी, जब छत्तीसगढ़ की ओर से गुजरात सरकार को ट्रेन रवाना करने के लिए कहा जाएगा। इस सूचना के आधार पर गुजरात सरकार की ओर से अहमदाबाद रेल मंडल ट्रेन का किराया दिया जाएगा। इसके बाद ही रेलवे दोनों ट्रेनों का शिड्यूल जारी कर सकता है।कई राज्यों से श्रमिक लाने की तैयारी इसके बाद सहमति : एसीएस साहूएसीएस गृह सुब्रत साहू ने बताया कि अभी प्रदेश सरकार सभी राज्यों से मजदूरों को लाने की तैयारी में जुटी है। नडियाड कलेक्टर के प्रस्ताव पर हमने अभी सहमति नहीं दी है। जैसे ही तैयारी पूरी होगी, हम उन्हें सूचित कर देंगे।सहमति मिलने के बाद ही ट्रेनों की रवानगी : नडियाड कलेक्टरखेड़ा-नडियाड कलेक्टर आईके पटेल ने भास्कर को बताया कि छत्तीसगढ़ से सहमति नहीं मिली, इसलिए ट्रेन रोकी। प्रदेश की ओर से सहमति मिलने के कम से कम 8 घंटे बाद ही ट्रेनों को रवाना किया जा सकता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news केंद्र ने 3 माह का राशन दिया, छग समेत 14 राज्यों ने सिर्फ एक माह का कोटा ही उठाया By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT राशन का उठाव करने में फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया राज्यों को हर तरह की मदद कर रहा है। छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र द्वारापीएम गरीब कल्याण योजना के तहत आवंटित राशन में से केवल एक माह के राशन का ही उठाव किया है। इनमें असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, नगालैंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।केवल पांच राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों ने ही तीन माह के कोटे के राशन का उठाव किया है। छत्तीसगढ़ को केंद्र की तरफ से 3 लाख 1155 मीट्रिक टन चावल का आवंटन अप्रैल- मई और जून माह के लिए किया गया है। राज्य सरकार ने अभी तक केवल एक लाख 95 हजार 788 मीट्रिक टन चावल का उठाव किया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना प्रभावित आबादी के बीच देश भर में 120 लाख मीट्रिक चावल बांटने के लिए सभी राज्यों के लिए कोटा तय किया है। अभी तक राज्यों ने केवल 69 लाख मीट्रिक टन राशन का ही उठाव किया है। योजना के तहत प्राथमिकता वाले परिवारों को उनके कोटे से दूना राशन दिया जाना है। अंत्योदय परिवारों को हर माह मिलने वाले 35 किलो के अलावा 5 किलो राशन अतिरिक्त दिया जाना है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news गंदे पानी से ही फैला पीलिया, स्वास्थ्य विभाग ने हेपेटाइटिस ई और ए वालों को ही मरीज माना By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT राजधानी में गंदे पानी से ही पीलिया फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग हेपेटाइटिस ई और ए पाॅजिटिव वालों को ही मरीज मान रहा है। गंदे पानी से ही हेपेटाइटिस ई और ए पॉजिटिव आता है। इस तथ्य के सामने आने के बाद अफसरों का कहना है कि नलों से गंदा पानी सप्लाई हुआ और उसके उपयोग से पीलिया का प्रकोप फैला। विभाग अब तक बिलिरुबीन बढ़े मरीजों को भी पीलिया केस मान रहा था। इसकी वजह से शहर में पीलिया के मरीजों की संख्या 722 तक पहुंच गई थी। अब केवल हेपेटाइटिस ई और ए पॉजिटिव वालों को मरीज मानने से पीड़ितों की संख्या 417 हो गई है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि बिलिरुबीन तथा हैपेटाइटिस बी, सी, ए-ई के लिए पानी जिम्मेदार नहीं है।राजधानी में 3 अप्रैल से रायपुर में पीलिया फैलना शुरू हुआ। स्वास्थ्य विभाग अब तक 1.8 प्रतिशत से ज्यादा लिरुबीन लेवल को पीलिया के लिए जिम्मेदार मान रहा था। इन आंकड़ों को लेकर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के बीच टकराव की स्थिति बन गई। विवाद इतना बढ़ा कि संचालनालय स्तर तक पहुंच गया। बाद में नगरीय प्रशासन विभाग के आला अफसरों न हस्तक्षेप करते हुए स्वास्थ्य संचालनालय के अधिकारियों से चर्चा की। इसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग बैकफुट में आ गया। अफसरों ने कहा कि वास्तव में बिलिरुबीन का बढ़ा हुआ स्तर पीलिया का संकेत है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह हर स्तर पर खतरनाक हो। यही वजह है कि अब बिलिरुबीन के आंकड़े जारी नहीं किए जा रहे हैं।अब सिर्फ हैपेटाइटिस ई और ए के ही आंकड़े जारी किए जाएंगे। दोनों ही टेस्ट दूषित पानी के कारण पीलिया की पुष्टि करते हैं।5 मई के बाद नहीं बढ़े हैपेटाइटिस ए और ईस्वास्थ्य विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार मंगलवार 5 मई को पीलिया के लिए बढ़े हुए बिलिरुबीन पाॅजिटिव की संख्या 722 थी। हैपेटाइटिस ई 417 और ए पाॅजिटिव की संख्या 59 थी। दो दिन में कोई नया मरीज नहीं मिला। गुरुवार को जारी आंकड़ों में भी दोनों फिगर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं है। अब तक दो मरीजों की मौत पीलिया से हो चुकी है।पीलिया का असर चार सप्ताह : स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि पीलिया का प्रभाव चार सप्ताह तक रहता है। राजधानी में पीलिया शुरु हुए चार सप्ताह बीत चुके हैं। मंगलवार को सिर्फ तीन नए मरीज मिले थे। बुधवार और गुरुवार को नया कोई मरीज नहीं है। धीरे-धीरे अब स्थिति सामान्य हो रही है। जिला अस्पताल, अंबेडकर तथा आयुर्वेदिक हास्पिटल में पीलिया मरीजों का इलाज चल रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news हर जिले में ऐसे दो हॉस्टल बनेंगे जहां बच्चों को मिलेगा घर जैसा वातावरण By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हर जिले में दो-दो आश्रम और छात्रावासों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने तथा इन्हें उत्कृष्ट केन्द्रों के रूप में विकसित करने को कहा है। ट्राइबल डिपार्टमेंट ऐसे हास्टल बनाएगा कि वहां वातावरण ऐसा होगा कि बच्चों को घर जैसा लगेगा। वे वहां रहने के लिए लालायित होंगे। यहां मूलभूत सुविधाओं के साथ रंग-रोगन, फर्शिंग व खेल का मैदान तो होगा ही। छात्रावासों में टाइल्स लगाया जाएगा। आधुनिक किचन बनेंगे। लायब्रेरी और कम्प्यूटर कक्ष होंगे, जिनमें में 5 से 10 कम्प्यूटर होंगे। छात्रावासों में सामग्री रखने के लिए स्टोरेज बनेंगे। बिजली की व्यवस्था भी अच्छी होगी। हर जिले में मॉडल छात्रावास में सुरक्षा के लिए कैमरा लगाया जाएंगे।इसके लिए एक हफ्ते में ट्राइबल आयुक्तों से पालन मांगा गया है। छात्रावास और आश्रमों को आदर्श रूप में विकसित किया जाएगा। सभी जिलों में कम से कम ऐसे दो-दो छात्रावास होंगे जो मेन रोड पर होंगे। यह छात्रावास विधायक द्वारा जिले में गोद लिए गए छात्रावासों के अतिरिक्त होंगे। चयनित छात्रावासों का विधायक अवलोकन करेंगे। एससी-एसटी के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए बेहतर महौल उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। अजा-जजा विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और सचिव डीडी. सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलों के सहायक आयुक्तों से एक सप्ताह के भीतर प्लान मांगा है।विकास प्राधिकरण और जिला खनिज निधि से खर्चछात्रावास उन्नयन के लिए वित्तीय व्यवस्था विकास प्राधिकरण, विधायक निधि और जिला खनिज निधि से भी मदद लेंगे। छात्रावास और आश्रमों में वहां की दर्ज संख्या अनुसार 25 हजार से 40 हजार रूपए देंगे। छात्रावासों और आश्रमों में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के लिए एक साल में 100 करोड़ रूपए की आपूर्ति महिला समूहों से होगी। छात्रावास-आश्रमों में बच्चों के लिए गद्दों, चादर के साथ-साथ बाथरूम में पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था होगी। छात्रावास - आश्रमों में बाड़ियों में ताजी सब्जियां, साग-भाजी उगाएंगे। देवभोग उत्पादित दूध, आश्रमों के बच्चों को पावडर दूध दिए जाएंगे। शक्कर खाद्य विभाग या शक्कर कारखानों से लेंगे। इस वर्ष खुलने वाले नवीन एकलव्य विद्यालय की सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। इन विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए खसरा-नक्शा की आवश्यकता होगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Two such hostels will be built in every district where children will get home-like atmosphere Full Article
india news भारतीय बौद्ध महासभा के सदस्यों ने घरों में पाठ किया, जरूरतमंदों को बांटा राशन By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT बुद्ध पूर्णिमा गुरुवार को मनाई गई। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भारतीय बौद्ध महासभा के सदस्यों ने घरों पर ही बुद्ध ग्रंथों का पाठ कर धम्म पंथों का अध्ययन किया। इसके साथ ही महासभा के सभी सदस्यों से लोगों की सहायता करने की अपील की गई।भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश के महासचिव भोजराज गौरखेड़े ने बताया कि गुरुवार को विजय नगर, भनपुरी, कबीर नगर में एन स्टेप के सहयोग से बुद्ध जयंती मनाई गई। इस दौरान 50 जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सामग्री दी गई। इसमें योगदान देने वालों में एन स्टेप के अध्यक्ष प्रदीप मेश्राम, अजय कोल्हे, दीपक बोरकर, नोहर सिंह, धीरज रोशन, विनोद नागवंशी, विजय रुंदा, विजय विक्टर कुजुर, डी एस धुर्वे, बिंबिसार नागार्जुन, महासभा पूर्व जिला अध्यक्ष बेनिराम गायकवाड़ शामिल रहे। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस जागृत ने बताया कि भारतीय बौद्ध महासभा के संस्थापक डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर थे। संस्था की ट्रस्टी डॉ. पी जी ज्योतिकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबोधी पाटील, महासचिव सुभाष जाैंजाले, उपाध्यक्ष हरीश रावलिय, कानूनी सलाहकार बी के बर्वे आदि सदस्यों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 करोड़ रुपए जमा करने का निर्णय लिया है।मुख्यमंत्री बघेल ने दी लोगों को बधाईमुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 7 मई बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध धर्म के अनुयायियों सहित प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि महात्मा गौतम बुद्ध के विचार मूल्य एक बेहतर समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए हमेशा मार्गदर्शक रहेंगे। महात्मा बुद्ध ने लोगों को अहिंसा, समानता और बंधुत्व का संदेश दिया। उनकी शिक्षा को विदेशों में भी लोगों ने अपनाया और लाखों अनुयायी उनके दिखाए मार्ग पर चल कर देश-दुनिया को शांति का संदेश दे रहे हैं। गौतम बुद्ध के उपदेश हर परिस्थिति और काल में प्रासंगिक हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Members of the Indian Buddhist General Assembly read in homes, distributed ration to the needy Full Article
india news चौक-चौराहों पर महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माला नहीं चढ़ाई गई By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के 6 हफ्तों के दौरान महापुरुषों की प्रतिमाओं को माला नहीं पहनाई गई। आखिरी बार जनता कर्फ्यू के बाद 23 मार्च को शहर में महापुरुषों की करीब 50 प्रतिमाओं को माला पहनाई गई थी। पुराने शहर में हर हफ्ते सोमवार के दिन चौक चौराहों, पार्क और सरकारी संस्थानों में में प्रतिमाओं की साफ सफाई के बाद माला पहनाने का रिवाज रहा है। हर साल निगम इस पर लगभग 6 लाख खर्च कर रहा है।लॉकडाउन में हर हफ्ते प्रतिमाओं के आसपास साफ सफाई तो की जा रही है, लेकिन फूल माला की दुकान नहीं खुलने के कारण माल्यार्पण का काम नहीं हो पा रहा है। हर हफ्ते एक प्रतिमा की माला पर ढ़ाई सौ रुपए खर्च होते हैं। आकार में अलग-अलग होने के कारण हर माला के खर्च में मामूली अंतर पड़ता है। रायपुर में सबसे ज्यादा 13 प्रतिमाएं जोन क्रमांक 3 में है। इसके बाद जोन क्रमांक सात में ग्यारह प्रतिमाएं हैं।अंतिम बार 23 मार्च को पहनाई गई थी मूर्तियों को मालाएं, पुराने शहर में 50 प्रतिमाएंएक साथ ठेके पर देने वाला था निगमशहर में महापुरुषों की प्रतिमाओं के रखरखाव के लिए और हर हफ्ते माल्यापर्ण के काम के लिए निगम ने पिछले साल एक एजेंसी को नियुक्त करने का प्लान भी बनाया था। इस बीच पहले लोकसभा चुनाव और फिर नगरीय चुनाव के कारण ये प्रक्रिया नहीं हो पाई। प्रतिमाओं में कांच का आवरण लगाने जैसा प्लान भी बनाया गया।बापू की प्रतिमा में फूल नहीं, शास्त्री जी की मूर्ति पर सूखेकलेक्टोरेट परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर आखिरी बार चढ़ाई गई माला नहीं है। शास्त्री चौक में शास्त्री जी की प्रतिमा पर सूखे फूल वाली माला ही है। शहर में हर जगह इसी तरह की स्थिति है।किस जोन में कितनी प्रतिमाएंजोन प्रतिमाएं1 022 053 134 085 076 027 118 02 Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Statues of great men were not garlanded at the square Full Article
india news अब मौके पर परीक्षण के बाद ही जा सकेंगे गांव, क्वारेंटाइन रहना होगा By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT इधर जिला प्रशासन ने कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के हवाले से जारी बयान में कहा है कि ने जिले की सीमा में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूर अथवा अन्य व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है साथ ही सीमाओं पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैनात किया गया है। उनकी जांच के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।चेकपोस्ट से ट्रक या बस से उतरने के बाद परस्पर एक मीटर की दूरी बनाते हुए टीम कोविड के लक्षणों और थर्मल गन से तापमान की जांच करेगी। इस हेतु पृथक से स्क्रीनिंग एरिया चिह्नांकित किया गया है, जहां पर पीने का पानी तथा लू से बचने के समुचित उपाय उपलब्ध रहेंगा।ऐसे चिकित्सकीय टीम की तैनाती अथवा उपलब्धता स्थानीय बीएमओ द्वारा सुनिश्चित की जाएगी जिसमें चिकित्सा अधिकारी अथवा ग्रामीण चिकित्सा सहायक को शामिल किया जा सकेगा। टीम को थर्मल गन, बीपी नापने की मशीन, स्टेथोस्कोप, मास्क, सैनिटाइजर तथा लू से बचाव एवं प्राथमिक उपचार हेतु ओआरएस, पैरासिटामाल, डायरिया से उपचार की दवा ,सेटरीजीन आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाएंगे।मौके पर एंबुलेंस भी, 9926150535 पर करें संपर्कगंभीर मरीजों जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होने पर एंबुलेंस की व्यवस्था भी रहेगी। लक्षण वाले व्यक्ति को अन्य लोगों से पृथक करते हुए आइसोलेसन कर तथा बिना लक्षण वाले उस समूह के पूरे व्यक्तियों को कवारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा। शिफ्टिंग का काम स्वास्थ्य अमले की निगरानी में किया जाएगा। इस हेतु डॉ. राकेश प्रेमी, जिला सर्विलेंस अधिकारी (9926150535) से संपर्क किया जा सकता है। उन्हें गंतव्य स्थान के चिह्नित ग्राम स्तर कवारेंटाइन सेन्टर पर, सीईओ जिला अथवा जनपद पंचायत अथवा एसडीएम अथवा तहसीलदार से समन्वय करभेजा जाएगा।दूरी बनाकर कतार में होगा परीक्षण : स्वास्थ्य परीक्षण सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कतार में किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण कर लक्षण वाले व्यक्तियों को आइसोलेसन में तथा बिना लक्षणों वाले को कवारेंटाइन में रखा जाएगा। सभी की प्रपत्र अनुसार लाइन लिस्ट तैयार होगी। बायो मेडिकल कचरे का प्रबंधन एवं निपटान हेतु दिशा-निर्देशों का पालन भी किया जाएगा।गांव पहुंचने पर एएनएम फिर करेगा परीक्षणबिना कोरोना लक्षण वालों को जिस गांव में जाना है, उसी गांव के बाहर चिन्हित स्थान पर रखेंगे, जिनका स्वास्थ्य परीक्षण पुनः स्थानीय स्वास्थ्य अमले ( एएनएम पुरुष स्वास्थ्य संयोजक) द्वारा किया जाएगा। समूह का नियमित सर्विलेंस किया जाएगा । इस दौरान 14 दिन के भीतर यदि लक्षण आते हैं तो स्वास्थ्य टीम, जिसमें लैब टेक्नीशियन हों, द्वारा विटीएम सैंपल लिया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा आने वाले प्रवासी मजदूरों अथवा व्यक्ति की अद्यतन सूचना मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी तथा खंड चिकित्सा अधिकारी को भी उपलब्ध कराई जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news बारिश से धान तबाह, अंधड़ से पेड़ उखड़ेे, टिन-टप्पर उड़े By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT अंचल के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बारिश से एक ओर जहां रबी की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर तेज अंधड़ से पेड़-पौधे भी गिर गए हैं।किसानों ने खेतों में रबी की फसल लगाई, मगर बेमौसम बारिश ने उनकी सारे मेहनत पर पानी फेर दिया है। चूंकि अभी धान की बालियां भी निकलने लगी हैं और बारिश के साथ खूब ओले भी गिर रहे हैं, लिहाजा फसलों के बर्बाद होने की संभावना अधिक नजर आ रही है। इतना ही नहीं पिछले दो दिनों की बारिश ने इस तरहकहर बरपाया है कि जगह-जगह सैकड़ों पेड़ टूटकर गिर गए है, तो कहीं-कहीं जड़ सहित ही उखड़ गए हैं। कई क्षेत्रों में बिजली के तार भी टूट गए हैं तो कहीं-कहीं पोल भी उखड़ गए हैं, जिससे आपूर्ति ठप हो गई है। कई घरों के टिन छप्पर भी उखड़कर तहस-नहस हो गए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Paddy ravaged by rains, trees uprooted by rains, tin-tappers blown Full Article
india news खरतोरा नाके पर ही होगी जांच, बाहर से आने वालों को अब अस्पताल जाने की जरूरत नहीं By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT खरतोरा नाका को अंतरजिला चेक पोस्ट घोषित कर अन्य राज्यों से बस ट्रक से वापस घर लौट रहे मजदूरों का वही पर स्वास्थ्य परीक्षण कर सीधे गांव भेजा जा रहा है। अब इस नाके पर ही स्वास्थ्य की जांच होगी, इसके बाद अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी क्रम में बुधवार की रात सरकारी तौर पर हैदराबाद से दो बसों में भरकर आए 84 मजदूरों की गहन स्वास्थ जांच के बाद गुरुवार की सुबह मजदूरों को उनके गांव ले जाकर छोड़ा गया, जहां सभी को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया गया है।बुधवार रात से लेकर गुरुवार शाम तक खरतोरा चेकपोस्ट पर इन 84 लोगों को मिलाकर तेलंगाना, महाराष्ट्र से 250 लोग बाहर से आए जो पूरे जिले के विभिन्न गांवों से संबंधित हैं। इनका स्वास्थ्य परीक्षण खरतोरा नाके पर ही किया गया उसके बाद सभी को गांव भेजा गया। एडिशनल एसपी निवेदिता पॉल का कहना है कि बाहर से आए ऐसे लोगों को गांव के बाहर शासकीय भवनों में 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया जा रहा है। लॉकडाउन 3 को लेकर प्रशासन काफी गंभीर है क्योंकि लॉकडाउन 1 और 2 में लोग जहां थे वहीं रहे मगर जैसे ही लॉकडाउन 3 प्रांरभ हुआ तो अन्य राज्यों में फंसे मजदूर परिवारों को घर वापसी की छूट दे दी।इससे कारण ग्रीन जोन वाले गांवों और शहरों में भी अब कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। इन्हीं कारणों से कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने जिला बलौदाबाजार-भाटापारा की सीमा में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों अथवा अन्य व्यक्तियों का परीक्षण अनिवार्य कर दिया है। बुधवार रात से ही जिले के आला अधिकारी और स्वास्थ्य टीम रात भर चेकपोस्ट पर खड़े होकर बाहर से आ रहे मजदूरों को गाड़ियों से उतारकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं। नाका पर सीईओ जिला पंचायत आशुतोष पांडेय, एडिशनल एसपी निवेदिता पॉल, डीएसपी सिद्धार्थ बघेल, नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय, टीआई प्रमोद सिंह, बीएमओ डॉ. एफआर निराला, सीईओ सनत महादेवा, सीएमओ लवकेश्वर सिंह सहित सभी विभाग की टीमें तैनात थी।संदिग्ध 14 का रैपिड और दो का स्वाब टेस्ट किया गयाबीएमओ डॉ एफआर निराला ने बताया कि संदिग्ध 14 लोगों का रैपिड टेस्ट किया गया। 2 लोगों स्वाग टेस्ट किया गया जिसको जांच के लिए एम्स रायपुर भेजा गया है। अब तक ब्लाक में 105 रैपिड टेस्ट और 49 स्वाब टेस्ट किए जा चुके हैं। बाकी सभी लोगों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आने पर उनका सामान्य टेस्ट किया गया।तकलीफ होने पर अस्पताल आ सकते हैं: बीएमओबीएमओ डॉ. एफआर निराला का कहना है कि जो लोग अन्य राज्यों से लौटकर वापस आ रहे ऐसे मजदूर परिवार जिन्होंने खरतोरा नाका पर जांच करवा ली है, उन्हें दोबारा अस्पताल आने की जरूरत नहीं है। अलबत्ता जब तक उनको कोई तकलीफ हो तो अस्पताल आकर चेकअप करवा सकते हैं। नाके पर जांच के बाद वे सीधे गांव जाकर 14 दिनों तक क्वारेंटाइन रहेंगे, जिसकी व्यवस्था पंचायतों द्वारा की गई है।पलारी ब्लॉक में 350 लोग क्वारेंटाइन किए गएलॉकडाउन 3 में पलारी ब्लॉक में अन्य प्रदेशों से आने वाले 350 मजदूरों को गांव के शासकीय स्कूलों में 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया गया है जिनका नियमित निगरानी स्वास्थ अमला कर रहा है। इससे पहले पहुंचे लोगों की क्वारेंटाइन की सीमा 14 दिन खत्म हो गई है। प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि लगातार कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है जिसके कारण प्रभावित राज्यों से आने वालों की गम्भीरता से जांच की जा रही है । Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Investigation will be done at Khartora Naka only, those coming from outside do not need to go to hospital anymore Full Article
india news 10वीं व 12वीं की 92 हजार कॉपियां जांच कर बोर्ड भेजे By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT पहले चरण के मूल्यांकन के लिए आई 92 हजार उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पूरी होते ही माध्यमिक शिक्षा मंडल की टीम ने बुधवार को जमा कर बोर्ड ले गई। इधर, दूसरे चरण में मूल्यांकन के लिए आई उत्तरपुस्तिकाओं की जांच जारी है। शिक्षक अपने घरों में गोपनीयता बनाते हुए मूल्यांकन कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते हुए भी मूल्यांकन का काम बड़ी सावधानियां से पूरा हो रहा है।जिला समन्वयक केंद्र प्रभारी एस चंद्रसेन का कहना है कि पहले चरण में मूल्यांकन के लिए आए उत्तरपुस्तिकाओं का जांच पूरा हो गया है और से बोर्ड को सौंप कर दिया गया है। दूसरे चरण का मूल्यांकन कार्य भी सप्ताहभर के भीतर पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण मे 19 हजार 132 कॉपियां भेजी गई है। इनका मूल्यांकन आगामी एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसमें हाई स्कूल के 7954 व हायर सेकेंडरी के 11178 उत्तरपुस्तिका है। बता दें कि जिले में बोर्ड परीक्षा के उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए एक ही केंद्र जिला मुख्यालय स्थित आदर्श उच्चतर माध्यमिक शाला को बनाया गया है।बोर्ड की दोनों कक्षाओं की परीक्षा अभी बाकीजानकारी के अनुसार अभी भी बोर्ड कक्षाओं की परीक्षा बाकी है। पहले व दूसरे चरण की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद तीसरे चरण की भी उत्तरपुस्तिकाएं जांच के लिए केंद्र आएगी। अभी दसवीं व बारहवीं की परीक्षा बाकी है। लॉकडाउन के चलते परीक्षा संपन्न नहीं हो पा रही है। 4 मई से बोर्ड के शेष विषयों की परीक्षा होनी थी, लेकिन तीसरे चरण का लॉकडाउन बढ़ते ही परीक्षा को स्थगित करना पड़ा। अभी नया आदेश नहीं आया है। जिला शिक्षा अधिकारी राबट मिंज ने बताया कि अब लॉकडाउन के बाद ही परीक्षा संपन्न कराई जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news टीम ने डेढ़ लाख के सागौन जब्त किए By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT वन अमले ने ग्रामीण के घर से डेढ़ लाख रुपए का प्रतिबंधित चिरान लकड़ी जब्त करने का माला सामने आया है। टीम ने मुखबिर की सूचना पर छापामार कार्रवाई कर आरोपी के घर से प्रतिबंधित सागौन, साल, बीजा एवं अन्य प्रजाति के चिरान लकड़ियां जब्त की है। मामला पिथौरा वन परिक्षेत्र के ग्राम ठाकुरदिया खुर्द का है। विभाग ने आरोपी के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927, छग संरक्षित वन नियम 1960 छग चिरान (विनियमन), अधिनिमय 1984 तथा लोक संपत्ति की हानि के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।पिथौरा वन परिक्षेत्र अधिकारी यूआर बसंत से मिली जानकारी के अनुसार विभाग को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम ठाकुरदिया खुर्द निवासी नेतराम पटेल उर्फ मुनु पिता नान्हू के यहां विभिन्न प्रतिबंधित प्रजाति की चिरान लकड़ियां है। सूचना मिलते ही उप वनमंडलाधिकारी से सर्च वारंट जारी होते ही गांव में नेतराम के यहां छापामार कार्रवाई की गई। इस दौरान टीम को उसके घर व बाड़ी से 160 सागौन, साल, बीजा एवं अन्य प्रजाति के चिरान लकड़ियां जब्त की। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The team seized one and a half million teak Full Article
india news क्वारेंटाइन रहने के बजाय कोई गया मछली मारने तो कोई घूमने, ऐसे 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT जिले में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने बिना मास्क, तालाब में मछली मारने और क्वारेंटाइन के नियमों का पालन नहीं करने वाले 16 लोगों पर पुलिस ने धारा 188, 269, 270, 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया है। ये वे लोग है जो, अन्य प्रदेशों से अपने घर पहुंचे थे। इन सभी लोगों को स्कूलों में क्वारेंटाइन किया गया है। जब टीम इनके मेडिकल स्वास्थ्य चेकअप के लिए पहुंची तब उनके भागने का पता चला।जानकारी के अनुसार खल्लारी थाना क्षेत्र में के ग्राम आंवराडबरी में सरपंच ने हस्ताक्षरित सरपंच प्रतिनिधि द्वारा हैदराबाद से आए ग्राम बोइरगांव थाना खल्लारी निवासी महेश, सुखदेव, गोविंद एवं मनोज हैदराबाद काम करने गया था। 2 मई को आने के बाद उसे क्वारेंन्टाइन सेंटर आंवराडबरी(प्राथ.शा.भवन) में रखा गया था। जिसमें से दो व्यक्ति महेश पिता खोजु राम एवं सुखदेव पिता धन सिंग क्वारेंटाइन सेंटर से फरार हो गए। इस बात की जानकारी तब पता चली, जब उनके स्वास्थ्य चेकिंग के लिए आए रात में टीम आई थी। सरायपाली थाना क्षेत्र ग्राम भीखापाली में भी वहां के ग्रामीणों को अन्य प्रदेश से लाकर स्कूल में क्वारेंनटाइन किया था।मछली मारने गए पांच गिरफ्तारबसना पुलिस को धारा 144 का उल्लंघन करने वाले अमरकोटा निवासी देवानंद निषाद, गौरटेक निवासी जगदीश चौहान, बैशाखु बरिहा, दशरथ चौहान एवं सुन्दर साय निषाद के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। ये लोग एकजुट होकर फिजीकल डिस्टेंस रखने तथा मास्क लगाने की नियमों की अवमानना करते हुए मछली मारने के लिए तालाब में जाल बिछाने गए थे। इन लोगों से पुलिस ने जाल लंबाई करीबन 25 मीटर कीमती का जब्त कर गिरफ्तार किया है।अन्य प्रदेश के मजदूरों से करा रहा था कामपिथौरा में नगर पंचायत के कर्मचारी चंद्रशेख शुक्ला ने व्यापारी के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिस पर पुलिस ने व्यापारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार व्यवसायी राजेश अग्रवाल का अग्रसेन चौक के पास गोदाम व दुकान है। वह नियमों का उल्लंघन कर अन्य राज्यों से आए मजदूरों से रात में बिना मास्क लगाए कोरोना संक्रमण सोशल डिस्टेंस (फिजीकल दूरी) नहीं बनाकर काम करा रहे थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news पीजी कॉलेज में शुरू हुई ऑनलाइन क्लासेस, अब पढ़ाई की चिंता दूर By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इन दिनों देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। सरकार की ओर से व्यापार को छूट प्रदान की गई है, लेकिन शैक्षणिक संस्थान अब भी बंद हैं। ऐसे में शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वर्चुअल क्लासेस शुरू की गई है।हिदी विभाग ने ऑनलाइन माध्यम से एमए हिंदी की क्लासेस शुरू कर दी है। गुरुवार को एमए हिंदी के दूसरे और चौथे सेमेस्टर के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अनुसुइया अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में कोरोना के अटैक से बचते हुए शैक्षणिक गतिविधियों को बनाए रखना और आगे इसे प्रगति के मार्ग पर ले जाना एक बड़ी चुनौती है। हालांकि हर समस्या से कुछ नया सीखने को मिलता है। आज इसी का बढ़िया उदाहरण हिन्दी विभाग ने प्रस्तुत किया और आॅनलाइन क्लासेस शुरू की गई। उन्होेंने बताया कि गूगल के डुओ एवं हेंगआउट ऐप से बच्चों को जोड़कर ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर ली गई है। पहले दिन एमए की द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की क्लासेस हुई। डॉ अग्रवाल ने बताया कि उनके साथ सहायक प्राध्यापक सीमारानी प्रधान ने भी ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी है। इसके साथ ही छात्र छात्राओं की यह चिंता दूर होती दिख रही है कि इस साल पढ़ाई कैसे होगी।पहले दोस्तों से बात करने के लिए करते थे उपयोगइधर, एमए हिंदी द्वितीय सेमेस्ट के छात्र प्रकाश कुमार, योगेश वर्मा, रेखा साहू, अनुसुइया दीवान, लोकेश्वरी साहू ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस हमारे लिए एकदम नया अनुभव है। अभी तक हम वाट्सएप सहित अन्य ऑनलाइन एप का प्रयोग दोस्तों से बात करने के लिए करते थे, लेकिन अब इसका प्रयोग पढ़ाई के लिए किया जा रहा है। लाॅकडाउन के बावजूद हमारी कक्षाओं के सुचारू रूप से संचालित है। शुरुआत में लग रहा था कि इस साल कोर्स कैसे पूरा होगा और पढ़ाई कैसे होगी, पर ऑनलाइन माध्यम ने इसे आसान बना दिया है। ऑनलाइन कक्षा के दौरान हमें ऐसा महसूस हुआ मानांे हम हमारे काॅलेज में अपनी क्लासरूम में बैठे हों। इसी तरह एमए चतुर्थ सेमेस्टर के नोहर तिवारी, अंजू चक्रधारी, कीर्ति साहू, उषा बंजारे ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस के जरिए इन दिनों मीडिया लेखन एवं अनुवाद की पढ़ाई कराई जा रही है। शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन अब इसकी आदत सी हो गई है।ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही स्टडी मटेरियलडॉ अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बच्चे कॉलेज नहीं आ पा रहे हैं। साथ ही उन्हें पढ़ाई के लिए किताबें भी नहीं मिल रही है। ऐसे में हमने ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को स्टडी मटेरियल पहुंचाने की तैयारी की। यह कार्य कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ दुर्गावती भारती और जीवन चंद्राकर वाट्सएप के जरिए कर रहे हैं। यही नहीं ऑनलाइन क्लासेस में बच्चे लगातार सवाल-जवाब भी करते हैं और टीचर्स की उनकी जिज्ञासा दूर करते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Online classes started in PG college, now worrying about studying Full Article
india news शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन अब दुकानें खोलने के दिन भी बदले गए By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT कलेक्टर ने शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन का आदेश जारी किया है। शुक्रवार को जारी किए गए इस आदेश के बाद उन्होंनेे दुकान खुलने के दिनों में परिर्वतन कर दिया है। अब केटेगरीवाइज फिर से निर्धारित किए गए नए अलग-अलग दिनों में व्यवसायिक प्रतिष्ठानें खुलेंगी हालांकि पहले भी सप्ताह में दो दिन दुकानें खुल रही ंथीं। अब नए निर्देश में भी सप्ताह में दो दिन ही खुलेंगी, लेकिन दिन में परिर्वतन किया गया है। ये दुकानें पूर्व में दिए गए समय के अनुसार सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक ही खुली रहेंगी। नए आदेश के अनुसार हर सप्ताह शुक्रवार दोपहर 2 बज से सोमवार सुबह 9 बजे तक कुल लगभग 67 घंंटे दुकानें बंद रहेंगी।नए आदेश में सेलून संचालकों को राहत दी गई है। वे भी अब सप्ताह में दो दिन दुकान खोल सकेंगे। सभी दुकानदारों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा, सैनिटाइजर, हाथ धोने की व्यवस्था रखनी होगी। साथ ही मास्क पहनकर सामग्री देने के नियमों में छूट नहीं मिली है। यदि तय दिन से अलग दिन दुकानें खुली पाईं जाएंगी तो कार्रवाई की जाएगी।नए आदेश के अनुसार इन दुकानों को मिली राहतशनिवार-रविवार पूर्ण लॉकडाउन के बाद गुरुवार को कलेक्टर ने नए आदेश जारी किया गया है। जिसमें फुटवेयर की दुकानों को मंगलवार एवं शुक्रवार, लकड़ी-बांस टॉल एवं आरामील बुधवार व गुरुवार एवं सेलून, नाई की दुकान भी सोमवार व गुरुवार को खुले रहेंगी। सेलून के सभी कर्मी को मास्क एवं सैनिटाइजर का उपयोग आवश्यक होगा। एक समय में दुकान के अंदर केवल सेवा प्राप्त करने वाला व्यक्ति को ही रखेगा। साफ सुथरे कपड़े का उपयोग व सभी उपयोग की सामग्रियों को हर बार सैनिटाइज करेंगे। ग्राहक का नाम, मोबाइल नंबर, पता सहित अन्य ब्यौरा रखना अनिवार्य होगा। पालन नहीं करने पर कार्रवाई होगी।मास्क नहीं पहनने पर की जाएगी कार्रवाईतहसीदार मूलचंद चोपड़ा ने बताया कि ग्रीन जोन में कोरोना का संक्रमण न फैले इसके लिए एहतियात बरती जा रही है। बिना मास्क अनावश्यक घूमने वालों पर कार्रवाई की जा रही है, साथ ही दुकानदारों व ग्राहकों को समझाइश दी जा रही है कि मास्क पहनकर ही सामान बेचे व खरीदे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full lockdown on Saturdays and Sundays also changed to now open shops Full Article
india news बगैर राशन कार्ड वालों को भी दें चावल: लखमा By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT वीडियो कांफ्रेंस में प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जरूरतमंद परिवारों को राशन देने तथा बगैर राशनकार्ड वालों को भी सोसायटी से चावल उपलब्ध कराने की बात कही। प्रभारी मंत्री कवासी लखमा की वीडियो कांफ्रेंस में जनपद पंचायत कुरूद अध्यक्ष शारदा देवी साहू एवं उपाध्यक्ष जानसिंग यादव, सीईओ आरके वर्मा सहित जनपद सदस्य मौजूद रहे।मंत्री ने मनरेगा के तहत चल रहे निर्माण कार्याें में भी कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त रखने, सोशल डिस्टेंस का पालन करने के साथ मास्क का उपयोग कराने की बात कही। वीडियो कांफ्रेंस में महिला बाल विकास विभाग सभापति हेमेश्वरी बांधे, जनपद सदस्य गजेंद्र साहू, सरपंच लक्ष्मी नारायण साहू मड़ेली, सरपंच खेमराज चंद्राकर भाठागांव, लीलाराम साहू चटौद, त्रिवेणी साहू सिंधौरीखुर्द सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।निस्तारी तालाबों में पानी भरने की मांग: जनपद पंचायत कुरूद अध्यक्ष शारदा देवी साहू ने गर्मी के मौसम में गांव के निस्तारी तालाबों में नहरों से पानी भरने, नलजल योजना के तहत पानी की आपूर्ति नियमित रूप से करने, चट्टानी चर्रा, कोडेबोड़, भाठागांव में पानी की आपूर्ति के लिए बोर खनन करने का प्रस्ताव रखा। सरपंच खेमराज चंद्राकर ने भाठागांव में बनी पानी टंकी के लिए नये बोर खनन की मांग रखी। शराब दुकानों में हो रही भीड़ को नियंत्रित कराने का आग्रह किया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news संक्रमण का खतरा, कुरूद ब्लॉक के शिक्षकों ने सीख कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT विकासखंड कुरूद में जिला प्रशासन की पढ़ाई तुंहर द्वार योजना चलाने में सभी शिक्षक लगे हुए हैं। इसके बाद भी सीख कार्यक्रम चलाने पर जोर दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम 10-10 के समूह में स्कूली बच्चों को लेकर चौराहों, सामुदायिक भवन या घरों में करने का वाट्सएप आदेश निकालने पर शैक्षणिक कर्मचारी संघों ने इसे कोरोना संक्रमण को देखते हुए गलत ठहराया है एवं स्थगित करनेकी मांग रखी है।3 मई को संघों ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक कर प्रस्ताव भी लाया था। इसमें कोरोना महामारी को देखते हुए सार्वजनिक स्थान में कराई जाने वाली गतिविधि आधारित कार्यक्रम को न कराने, भवनों में सुविधा न होने जैसे बातों पर चर्चा की गई थी। फिर भी इस कार्य को लेकर उच्च कार्यालय को शायद अवगत नहीं कराया गया है इस कारण इस कार्यक्रम को कराकर संक्रमण को आमंत्रित करने या अन्य दुर्घटनाओं से बचने सभी शिक्षक कर्मचारी संघ ने सीख कार्यक्रम को स्थगित रखने कीमांग रखी है।मांग करने वालों में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ से संतराम साहू, केडी मानिकपुरी, केके बैस, योगेंद्र चंद्राकर, प्रकाशचंद सेन, जेके साहू, सहायक शिक्षक फेडरेशन हुलेश चंद्राकर, फलेश्वर तुर्रे, अभिषेक सिंह, संयुक्त शिक्षक संघ से हुमन चंद्राकर, मनोज देवांगन, महेंद्र सोरी, छ.ग. टीचर एसोसिएशन से रूखमणी रमन चंद्राकर, दिनेश साहू, प्रमोद सिन्हा, मूलचंद मारकंडे आदि शामिल हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Threat of infection, teachers of Kurud block demanded cancellation of learning program Full Article
india news बलांगीर से चोरी-छिपे 11 लोग पहुंचे खम्हारी पारा एफआईआर दर्ज, 14 दिन क्वारेंटाइन किया गया By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के कड़े नियमों और राज्य सरकार द्वारा सीमा सील करने के आदेश के बाद भी जिले में आसानी से बाहर से आनेवालों की घुसपैठ जारी है। आश्चर्य की बात है कि जब लोग सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर 40 से50 किमी दूरी तय कर घर पहुंच जाते हैं, तब तक प्रशासन को इसकीभनक नहीं लगती। लेकिन जैसी आसपास से इसकी सूचना मिलती है, तब तत्काल एफआईआर दर्ज करने प्रशासनिक अमलापहुंच जाता है।हाल में ही कुछ दिन पहले ओडिशा के बलांगीर से 11 लोग चोरी-छिपे रसेला, पिपरछेड़ी मार्ग से होते हुए अपने गांव खम्हारी पारा पहुंचे थे। प्रशासन कोइसकी सूचना तब मिली, जबये सीमा क्षेत्र पार कर अपने गांव तक पहुंच गए थे। इसके बाद प्रशासन ने इनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज किया। इसके बाद स्वास्थ्य अमला भी हरकत में आया और इन लोगों को गांव के ही एक स्कूल में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया। दूसरा मामला 5 मई का है, जहां 11 मजूदरों को प्रशासन ने जिला मुख्यालय में ही रोककरइंडोर स्टेडियम में क्वारेंटाइन किया है। ये सभी मजदूर देवभोग और मैनपुर ब्लॉक के हैं, जो मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से वापसचोरी-छिपे अपने गांव जा रहे थे। सभी मजूदरों के रहने-खाने की व्यवस्था फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है।लॉकडाउन खुलने और काम बंद होने से लौट रहेबाहर से आने वाले मजूदरों का कहना है कि कामकाज और रोजी रोटी की तलाश में वे बाहर गए हैं, परंतु कामकाज बंद होने और लॉकडाउन के बीच फिर से काम शुरू होने की समय सीमा ना देखते हुए वे वापस घर लौटरहे हैं। बाहर रहने के कारण एक ओर जहां भुखमरी की स्थिति बन रही है वहीं मकान किराना सहित अन्य खर्चो का वहन करने में असक्षम है। प्रशासन द्वाराभी कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिसके चलते विवश होकर उन्हें वापस घर लौटना पड़ रहा है। मजदूरों ने कहा कि बाहर रहकर बिना रोजी मजदूरी के परिवार का भरण पोषण मुश्किल है। कम से कम गांव वापस आ आए तो अपने परिवार, संगे संबंधियों की सहायता को मिल सकती है। इसलिए वापस घर आना ही उन्हें उचित लगता है। जिले से अब भी 3 हजार से अधिक बाहर फंसे हैंप्रशासन के मुताबिक जिले के 3 हजार से अधिक मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं, जो वापस घर लौटने के लिए परेशान हैं। अन्य राज्यों में समुचित प्रशासनिक सहायता नहीं मिलने से एक से दो वक्त भूखा रहना पड़ रहा है। इसे देखते हुए मजदूर घर वापस आना चाहते हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसके प्रयास भी किए जा रहे हैं राज्य और केंद्र सरकार की भी कोशिश कर रही है, परंतु अब मजूदरों के पास इंतजार करने का वक्त नहीं बचा है। इसलिए नजदीक राज्यों में फंसे मजदूर धीरे-धीरे अपने संसाधन से वापसघर आने में जुटे हैं। इनके पास चोरी-छिपे आने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा है।आस-पड़ोस की शिकायत पर प्रशासन को मिल रही सूचनाबाहर से चोरी-छिपे आने वाले ये लोग दो से तीन सौ किमी दूरी तय कर रहे हैं। दूसरे राज्य से पहले छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे फिर जिले में। इतनी दूरी तय करने के दौरान कई थाना क्षेत्र पार कर रहे हैं, परंतु इस बीच ना कोई लॉकडाउन की पाबंदी काम आ रही है ना ही सीमा क्षेत्र पर की गई सीमाबंदी। आसानी से लोग सीमा क्षेत्र पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं। प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लग रही है। ये लोग जिले के सीमा में प्रवेश करने के बाद पैदल, दुपहिया या लिफ्ट मांग कर अपने घर पहुंच रहे हैं। घर पहुंचने के बाद भी एक-दो दिन बाद अास-पड़ोस की शिकायत पर ही इसकी सूचना प्रशासन को मिल रही है। इससे स्पष्ट है कि सीमाक्षेत्र में की गई पाबंदी का लाभ प्रशासन को नहीं मिल रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 11 people arrived secretly from Balangir, Khamhari Para FIR lodged, 14 days quarantined Full Article
india news 12 मजदूर पहुंचे घर, 6 मई को धमतरी से हुए थे रवाना By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT पुलिस हाउसिंग बोर्ड रुद्री धमतरी में दूसरे जिले से मजदूर आए थे, लॉकडाउन में धमतरी में ही फंस गए। लॉकडाउन नहीं खुला, तब 4 मई को भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामू रोहरा के नेतृत्व में जिला प्रशासन से घर वापस जाने की अनुमति मांगने के बाद वाहन की व्यवस्था की गई। 6 मई शाम को जिला प्रशासन द्वारा वाहन की व्यवस्था कर सभी को उनके घर भेज दिया गया।बिलासपुर, मुंगेली, बलौदाबाजार से कार्य करने 12 मजदूर धमतरी जिले में आए थे। 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद उन्हें धमतरी में रुकना पड़ा। 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लाॅकडाउन खुलने का इंतजार करते रहे। काम से जो कुछ रुपए कमाए थे, वह राशन में खत्म हो रहे थे। 14 अप्रैल के बाद फिर 3 मई तक लॉकडाउन की तारीख बढ़ा दी गई। जब मजदूरों का राशन खत्म हो गया, तब उन्होंने पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामू रोहरा से मिलकर अपनी व्यथा बताई। रामू रोहरा ने जिला प्रशासन से मजदूरों काे घर वापस भिजवाने के लिए ज्ञापन दिया। घर जाने के पूर्व रामू रोहरा ने मजदूरों को कुछ रुपए भी दिए।इन्हें पहुंचाया घरमुंगेली, बिलासपुर, बलौदाबाजार के भोलाराम कैवर्त, वीरेंद्र यादव, देवचरण यादव, शोभाराम केंवट, दीपक पटेल, बलदेव कैंवट, भास्कर पटेल, संजय यादव, शोभित, जितेंद्र, परसनाथ, कार्तिकमती ठेकेदार के साथ रुद्री आए थे। सभी वापस अपने घर पहुंच गए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news 24 घंटे में 10 मिमी बारिश, 4 डिग्री गिरा तापमान By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT मई में भी बारिश का सिलसिला रुका नहीं है। बीती रात जिले में गरज चमक के साथ बारिश हुई। गुरुवार को इसका असर अधिकतम तापमान पर पड़ा। बुधवार का अधिकतम तापमान 41 डिग्री से गिरकर गुरुवार को 37 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। गुरुवार को भी सुबह6से8बजे के बीच हल्की बूंदाबांदी हुई। बीते24घंटे में10.7मिमी औसत बारिश जिले में हुई है। धमतरी,नगरी व कुरूद ब्लॉक में ही बारिश हुई। मगरलोड ब्लॉक सूखा रहा। बीते साल मई के अंतिम सप्ताह में बारिश हुई थी।गर्मी के इस सीजन में6मई को तापमान41.2डिग्री दर्ज हुआ था।3अलग-अलग चक्रवात के कारण दिनभर सूर्य तपने के कारण शाम4बजे तेज आंधी चली। हल्की बूंदाबांदी हुई। रात में ठंडी हवा के कारण तापमान गिरा और आधी रात के मौसम बदला तो बारिश हुई। गुरुवार तड़के 3से5बजे के बीच हुई तेज बारिश के बाद तापमान कम हो गया। सुबह8बजे फिर बारिश हुई।20अप्रैल को बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से धमतरी ब्लॉक के17गांवों व कुरूद के13गांव के1535.250हेक्टेयर फसल खराब हुई।आज बारिश की संभावनामौसम वैज्ञानिक डॉ.एचपी चंद्रा ने बताया कि एक द्रोणिका दक्षिण तमिलनाडु तक0.9किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से8मई को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश,गरज-चमक के साथ छींटे या फिर ओलावृष्टि की संभावना है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 10 mm of rain in 24 hours, 4 degrees dropped Full Article
india news प्रभारी मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से जाना हाल महापौर ने होटल, रेस्टोरेंट खोलने की मांग की By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT प्रदेश के वाणिज्यिक कर, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने गुरुवार सुबह 11 बजे से 1.30 बजे के बीच वीडियो कांफ्रेसिंग से जिले के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक ली। जिले में चल रही गतिविधियों की समीक्षा की। महापौर ने धमतरी में होटल, रेस्टोरेंट खोले जाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने सांसद, विधायक सहित जिला पंचायत, जनपद पंचायतों, नगरीय निकायों के अलावा जिला, अनुभाग और ब्लाॅक स्तर के अधिकारियों से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कर समीक्षा की। प्रभारी मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले में संभावित संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने मनरेगा मजदूरों की संख्या में वृद्धि करने और मास्क व हैंडवॉश की उपलब्धता कराने के निर्देश जिला पंचायत की सीईओ नम्रता गांधी को दिए। दोपहर में प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर रजत बंसल, एसपी राजभानू और डीएफओ अमिताभ बाजपेयी से कोरोना से निपटने के लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी ली।सतर्क रहने के लिए कहासुबह 11 बजे प्रभारी मंत्री ने नगरी विधायक डाॅ. लक्ष्मी विधायक, सांसद चुन्नीलाल साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष कांति सोनवानी, उपाध्यक्ष नीशु चंद्राकर, नगर निगम महापौर विजय देवांगन, सभापति अनुराग मसीह सहित जनपद स्तर के जनप्रतिनिधियों से चर्चा की। प्रभारी मंत्री ने अन्य राज्यों व जिलों से आने वाले मजदूरों, विद्यार्थियों को नियमानुसार क्वारेंटाइन कर रखने के निर्देश दिए। नगरी विधायक ने तेंदुआ के हमले से बच्चे व गाय के घायल होने, बिजली गिरने से हुई मृत्यु के संबंध में परिजन को तत्काल सहायता राशि देने की मांग की। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news 5 साल में 300 घायलों की बचाई जान, अब कोरोना से जंग में आगे By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT रेडक्रॉस का मतलब सेवा है। लोगों की जान बचाने, घायलों की सेवा करने से इसकी शुरुआत हुई। जिले में रेडक्रॉस वॉलंटियर्स यह उद्देश्य पूरा भी कर रहे हैं। 32 हजार युवा रेडक्रॉस में जुड़कर असहाय और पीड़ित मानवता की सहायता के लिए काम करते आ रहे हैं। 5 साल में जिले के 300 लोगों की जान सड़क दुर्घटना से बचाई है। वॉलंटियर्स शांति काल में देश के ज्वलंत मुद्दों पर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आपदा में निरंतर निस्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स्वच्छता, पर्यावरण में सबसे ज्यादा काम किया। वर्तमान में 465 वॉलंटियर्स लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने जागरूक कर रहे हैं। इन्हें पुरस्कार भी मिले हैं।केस 1: मौके पर दिया सीपीआर, धड़कनें चालू की8 अक्टूबर 2019 की रात नेशनल हाईवे पर पुट्टू ढाबे के पास अंधेरे सड़क में खड़े एक ट्रक से तेज रफ्तार बाइक टकरा गई। बाइक चालक दशरथ सिंह अचेत हो गया। सड़क से गुजर रहे रेडक्रॉस सोसायटी के जिला संगठक प्रदीप साहू ने रुककर राहगीरों की मदद से उसे बाहर निकाला। तुरंत सीपीआर देकर धड़कनें चालू कीं। जिला अस्पताल उपचार के लिए भेजा।केस 2: घायल को ऑटो चालक ने भर्ती करायाजून 19 में रात 10 बजे दुर्घटना हुई। इसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद ऑटो चालक दुर्घटना मित्र साहिल अहमद ने प्राथमिक इलाज दिया। घायलों अस्पताल में भर्ती कराया।केस 3: दुर्घटना मित्रों ने प्राथमिक इलाज दिया21 अक्टूबर 19 को 4 लोग रायपुर से लोग धमतरी की ओर आ रहे थे। मरौद के पास शाम करीब 7 बजे दुर्घटना हो गई। इन्हें मौके पर ही दुर्घटना मित्रों ने प्राथमिक इलाज दिया। भर्ती कराया।केस 4: डुबान क्षेत्र में भी मदद कर रहे वॉलंटियर्सडुबान क्षेत्र के बरपदर में बाइक सवार सुषेन पेड़ से जाकर टकरा गया। उसे फैक्चर हो गया। सिर में भी चोट आ गई। यहां दुर्घटना मित्र गोकरण यादव ने प्राथमिक इलाज दिया। अस्पताल भेजा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 300 injured lives saved in 5 years, now ahead of Corona in battle Full Article
india news रेड जोन में शादी पर पाबंदी लेकिन हम ग्रीन जोन में इसलिए 10 शर्तों के साथ 291 शादियों की अनुमति By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना संक्रमण के कारण रेड जोन में विवाह करने की भी अनुमति नहीं है। लेकिन हमारा जिला ग्रीन जोन में है इसलिए यहां शादी के लिए सशर्त अनुमति मिल रही है। मई में शादी के लिए अब तक जिले में 291 परिवारों को अनुमति मिली है। यह सभी विवाह संबंध ग्रीन जोन में हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन 1 और 2 की अवधि में इस साल रामनवमीं, अक्षय तृतीया और विवाह मुहूर्त में करीब 500 शादियां टल गईं। अब लॉकडाउन 3.0 में जिला प्रशासन ने शादी करने वालों को सशर्त अनुमति दी है। जिले के धमतरी, कुरूद और नगरी ब्लॉक के एसडीएम ने करीब 291 लोगों को शादी की सशर्त अनुमति अब तक दी हैं। 10 शर्तो में सामूहिक भोज, सड़क पर बारात निकालने, आतिशबाजी पर रोक लगाई है। शादी में मौजूद हर व्यक्ति सैनिटाइजर और मास्क का हर हाल में उपयोग करेगा। ऐसे में अब लोग बगैर तामझाम के शादी कर रहे हैं। रेड जोन से बारात आने वाले किसी भी को अनुमति नहीं दी है।बाइक से आया दूल्हा, सिर्फ 13 लोग शामिल हुएरावां में 13 लोगों की मौजूदगी मे बुधवार को 1 घंटे में शादी हो गई। भैसबोड़ निवासी युवराज पिता खेलन ढीमर अपने पिता और 3 और रिश्तेदार के साथ बाइक से रांवा बारात लेकर आया। पं. संतोष पाठक ने पुनारद ढीमर की बेटी पूर्णिमा की शादी युवराज के साथ कराई। विवाह की रस्म के दौरान सभी लोग मास्क पहने थे। सैनिटाइज का उपयोग किया। लॉकडाउन में बगैर तामझाम के करीब 15 हजार में शादी हो गई। दूल्हा-दुल्हन के पिता खेलन ढीमर, पुनारद ढीमर ने बताया कि उन्होंने शादी कार्ड भी नहीं छपवाए थे। लॉकडाउन में खर्च कम हुआ। शादी भी सादगी के साथ हुई।कार्ड भी नहीं छपवा रहे, फिजूलखर्च भी रुकाशादी के लगभग सभी मुहूर्त खत्म हो गए। ऐसे में अधिकतर लोगों ने शादियां टाल दी हैं। जो लोग शादी कर भी रहे हैं, उन्हें पहले प्रशासन से अनुमति लेकर मुश्किल से 15 लोग को बुलाना होगा। कई लोग शादी कार्ड भी नहीं छपवा रहे है। कार्ड का खर्च बच रहा है। डीजे, पॉर्टी, बैंड बाजा-धुमाल, सामूहिक भोज, बारात, माइक टेंट, कैमरे का भी खर्च बच रहा है।नियम के विरुद्ध शादी करने पर होगी एफआईआरकुरूद एसडीएम योगिता देवांगन, नगरी एसडीएम सुनील शर्मा ने बताया कि जिन लोगों ने आवेदन कर अपने विवाह की अनुमति मांगी है। उनमें ज्यादातर वे शादियां हैं, जो कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन 1 और लॉकडाउन 2 की अवधि में टाल दी गई थीं। विवाह के लिए महीनेभर में 291 आवेदन आए हैं। इनमें कुरूद में सबसे ज्यादा 225, नगरी में 16 और धमतरी में 50 आवेदन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध शादी की सूचना पर तुरंत एफआईआर की जाएगी।ये शर्तें... सामूहिक भोज भी नहीं होगा शादी समारोह में वर-वधु, पंडित सहित दोनों पक्षों के अधिकतम 15 व्यक्ति शामिल होंगे। शादी समारोह के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य हैं। सड़क पर बारात निकालने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति नहीं होगी। विवाह में सामूहिक भोज पर प्रतिबंध होने के साथ ही आतिशबाजी पर रोक है। चार पहिया वाहन में ड्राइवर सहित 3 या 4 लोगों से ज्यादा को बैठाने की अनुमति नहीं है। सैनिटाइजर और मास्क लगाना अनिवार्य है। विवाह में शामिल होने वाले व्यक्तियों की जानकारी थाना, ग्राम व नगरीय निकाय में देना जरूरी हैं। अस्वस्थ व्यक्ति को विवाह में शामिल नहीं किया जा सकता है। दूसरे जिलों से आने वाले लोगों को संबंधित जिला प्रशासन से अनुमति लेकर आना होगा। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन का पालन कराने की बात भी लिखी गई है।नवंबर- दिसंबर के बाद करना होगा 3 महीने इंतजारज्योतिषी पं. होमन शास्त्री के अनुसार 29 मई तक 5 और 30 जून तक 8 दिन मुहूर्त हैं। नवंबर में देवउठनी पर 26 व 27 को व दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 8, 9 व 11 को मुहूर्त हैं। जिनके विवाह इन तिथियों में नहीं हो पाएंगे, उन्हें 3 माह बाद 22 अप्रैल 2021 तक रुकना पड़ेगा। 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त के कारण विवाह हो सकते हैं।अगले साल तक शादी की तारीख टलीशहर में ज्यादातर लोगों ने अब नए साल में शादी करने इस साल शादी को रद्द कर दिया है। होटल संचालकों एवं मैरिज लॉन के मालिकों के अनुसार सारी बुकिंग कैंसिल होने के बाद लॉकडाउन के बीच सरकार की गाइडलाइन के बाद भी मई, जून में लोग शादी नहीं करना चाह रहे है। ज्यादातर लोगों धूमधाम से अगले साल शादी करेंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Ban on marriage in red zone but we allow 291 marriages in green zone with 10 conditions Full Article
india news क्लीन मशीन की चपेट में आने से किसान की मौत By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT क्षेत्र के बमूलियाकलां गांव में कृषि कार्य करते समय क्लीन मशीन की चपेट में आने से एक व्यक्ति घायल हो गया। जिसकी गुरुवार को कोटा अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।सीआई रूपसिंह ने बताया कि बमूलियाकलां निवासी राजेश कुमार सुमन (48) पुत्र छगनलाल खलिहान में क्लीन मशीन से चने की सफाई कर रहा था। अचानक सुमन के मुंह पर बंधी और गले में लटकी साफी मशीन में आ गई। इससे वह घायल हाे गया। जिस परिजन अस्पताल लेकर आए। जहां से उसे कोटा रैफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान गुरुवार को उसकी मृत्यु हो गई।लॉकडाउन के चलते कोटा में जाने की परमिशन नहीं मिलने पर कोटा पुलिस ने अंता पुलिस को सूचना देकर मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news ट्रस्ट के पदाधिकारियों के चयन पर ग्रामीणों को आपत्ति By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT ग्राम गिधवा के ग्रामीणों ने श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट गिधवा (दाढ़ी) में नियुक्त किए गए पदाधिकारियों को लेकर आपत्ति जताई है। मामले को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने कलेक्टर शिव अनंत तायल को ज्ञापन सौंपकर फिर से चुनाव कराकर मंदिर ट्रस्टमें पदाधिकारी नियुक्त किए जाने की मांग की है।इस मामले में बेमेतरा एसडीएम जगन्नाथ वर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट और एडीजे कोर्ट के निर्देश पर सर्वसम्मति से ट्रस्ट के पदाधिकारी बनाए गए हैं। सभी सदस्यों का चयन 2 माह पूर्व किया गया था। शिकायत के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।ग्राम गिधवा निवासी शिवलाल यादव ने बताया कि श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट में करीब 207 एकड़ कृषि भूमि है। जिसे हर साल नीलामी कर किसानों को रेग में दिया जाता है। जिससे ट्रस्ट को करीब 20 से 22 लाख रुपए आय मिल जाती है। उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव एक ही समाज के व्यक्तियों को बनाए जाने पर ग्राम गिधवा के ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है। ट्रस्ट में भाई, भतीजा, और साढू भाई को मुख्य पदाधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। ग्रामीणों ने फिर से चुनाव कराने की मांग की है।ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट में 22 फरवरी 2020 को निर्वाचन परिवारवाद, जातिवाद के आधार पर हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर प्रांगण में सर्वसम्मति से अध्यक्ष ग्राम गिधवा या नजदीक के गांव का बनाए जाने का निर्णय लिया गया था। जो ट्रस्ट के विकास में भागीदारी दे सके। बैठक में कोषाध्यक्ष और सचिव का नाम मनोनीत नहीं किया गया था। यह जातिवाद और परिवारवाद का चुनाव कर एक ही परिवार के लोगों को मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष और अन्य पद पर नियुक्त कर दिया गया है।एसडीएम की उपस्थिति में लिया गया था फैसलाशिवलाल यादव ने बताया कि एसडीएम की उपस्थिति में हिंदू धर्म मानने व ग्राम गिधवा से ही अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय लिया था। लेकिन मंदिर से 10 किलोमीटर दूर के व्यक्ति के अध्यक्ष बनने पर ग्रामीणों में नाराजगी है। उन्होंने बताया कि मंदिर प्रांगण में बैठक के दौरान शिक्षक जोहन लाल पुरैना ने श्रीराम जानकी मंदिर में गिधवा के अध्यक्ष व सदस्य बनाने कहा था। इस पर ग्रामीणों ने सहमति जताई थी।जिसे सदस्य बनाया उस नाम का गांव में कोई नहीं22 फरवरी 2020 को गिधवा में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं किया। न ही कुछ बताया गया। 2 मार्च 2020 को बेमेतरा एसडीएम ने सूचना पत्र के माध्यम से जानकारी दी कि 22 फरवरी को ग्राम गिधवा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की गई जो गलत है। श्री राम जानकी मंदिर ट्रस्ट में लगातार दो बार अध्यक्ष रह चुके टीकम यादव को वर्तमान समिति ने पूर्व सदस्य के तौर पर शामिल किया है। टीकम यादव के साथ हाईकोर्ट तक मुकदमा चला। टीकम यादव मंदिर के अध्यक्ष थे। मंदिर के पुजारी मनीष शर्मा और उनके बड़े पापा मूलचंद शर्मा को भी सदस्य में शामिल किया गया है। ग्राम गिधवा से सदस्य मंजू नामदेव और संतोष नामदेव के पति और पिता का नाम गलत लिखा गया। ग्रामीणों ने श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट का नाम श्रीराम जनकी लिखे जाने पर आपत्ति की है। इस अवसर पर राजेंद्र कुमार नामदेव, संजय चंद्राकर, मोहनदास, शिवलाल यादव, सुरेश नामदेव, रोशन शर्मा, गुलाब चंद्राकर, घनश्याम विश्वकर्मा आदि मौजूद थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news पश्चिम बंगाल में फंसे जेएनवी के 25 बच्चे कवर्धा लौटे By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) उडियाकला में कक्षा 9वीं के 25 बच्चों को तीसरी भाषा की पढ़ाई के लिए इस साल बीरभूम (पश्चिम बंगाल) भेजा गया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते एक महीने से बच्चे वहीं फंसे थे। गुरुवार को सभी बच्चे सकुशल लौट आए।बस के जरिए बच्चों को वापस कवर्धा लाया गया। जवाहर नवोदय स्कूल पहुंचने पर लोहारा की मेडिकल टीम ने बच्चों की स्क्रीनिंग की। सभी स्वस्थ पाए गए हैं। फिर भी एहतिहात के तौर पर सभी बच्चों को 14 दिन तक स्कूल में ही क्वारेंटाइन किया जाएगा। साथ ही शिक्षक व बस चालक भी क्वारेंटाइन में रहेंगे। बच्चों से उनके पालकों को मिलने की अनुमति नहीं है। आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी हो सकती है। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि बच्चों को बाहर रखने की बजाय कठिन प्रयास से स्कूल में ही रखने की अनुमति मिली है। पालकों से आग्रह किया है कि वे किसी भी स्थिति में अपने बच्चों के मिलने के लिए स्कूल न आएं।बंगाली भाषा के अध्ययन के लिए भेजे थे बच्चों कोदेशभर में प्रत्येक जिले से बच्चे तीसरी भाषा के अध्ययन के लिए शाला प्रबंधन व शासन की ओर से अन्य राज्यों में भेजे जाते हैं। इस साल जवाहर नवोदय विद्यालय उड़ियाकला के 25 बच्चे बंगाली भाषा के अध्ययन के लिए वीरभूम (पश्चिम बंगाल) भेजे गए थे। 18 मार्च को पेपर खत्म होने के बाद ये सभी वापस आने वाले थे, तभी लॉकडाउन होने से ये सभी 25 बच्चे वहीं फंस गए थे। इस बीच उनके परिजन बच्चों को वापस लाने मांग कर रहे थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 25 children of JNV stranded in West Bengal returned to Kawardha Full Article
india news खुद के खर्चे से मास्क बनवाकर गांवों में बांट रहे, कोरोना के संकट से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT आज अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस है। रेडक्रॉस अपने सेवा कार्य के लिए जाने जाते हैं। वर्तमान में हमारा देश वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है। संकट की इस घड़ी में रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यमराज बन सड़कों पर उतरकर संक्रमण से बचने लोगों को घरों में रहने सलाह दे रहे हैं। वहीं जरूरतमंद लोगों को भोजन भी करा रहे हैं।कोरोना संकट के बीच रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स शहरों और गांवों में जा रहे हैं। अपने क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम और बचाव के लिए लोगों के बीच जाकर 20 सेकंड तक हाथ धुलाई, सोशल डिस्टेंस 1 मीटर बनाए रखने प्रचार-प्रसार कर सेवा कार्य कर रहे हैं। रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स ने खुद के खर्चे से मास्क बनवाए हैं, जिसे गांवों में बांट रहे हैं। ग्रामीणों को हाथ धुलाई के तरीके सिखाने के साथ ही मेडिकेटेड साबुन भी बांट रहे हैं।बांटे खाने के पैकेट: लॉकडाउन से दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के पैदल आने का सिलसिला जारी है। रेडक्रॉस के जिला समन्वयक बालाराम साहू ने बताया कि सप्ताहभर पहले रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स दशरंगपुर में जागरुकता अभियान चला रहे थे। तभी दूसरे राज्यों से लगभग 15 मजदूर पैदल चलकर वहां पहुंचे। जानकारी मिलने पर रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स ने उन्हें बिस्किट व खाने के पैकेट बांटे। जिले में रेडक्रॉस के 100 से ज्यादा सदस्य हैं। सभी हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में छात्र सदस्य हैं।भीड़-भाड़ वाली जगह पर वॉलिंटियर्स की उपस्थितिलॉकडाउन के बाद से रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स लगातार सेवा कार्य कर रहे हैं। वे लगातार दुकानों, बैंकों, बाजार और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अपनी उपस्थिति बनाए हुए हैं। यमराज बनकर बाजार में घूम लोगों को संक्रमण से बचने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने जागरुक कर रहे हैं। गांव भ्रमण कर लोगों को घर में रहने और अनावश्यक बाहर न निकलने समझाइश दे रहे हैं। 30 वॉलिंटियर्स अपने क्षेत्रों में सेवा कार्य में लगे हैं।आपातकाल में पीडि़तों की मदद करना ही हमारा उद्देश्यसमन्वयक बालाराम साहू बताते हैं कि रेडक्रॉस के संस्थापक जीन हेनरी ड्यूनेंट हैं, उन्हीं के जन्मदिन को विश्व रेडक्रॉस दिवस के रुप में मनाते हैं। वर्ष 1901 में उन्हें इसके लिए शांति का सबसे पहला नोबेल पुरस्कार मिला था। हेनरी ने 1863 को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में 5 लोगों की कमेटी बनाकर इस संस्था की स्थापना की थी। उसी वर्ष जेनेवा में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिसमें रेडक्रॉस सोसायटी को कानूनी रूप दी गई। इसका उद्देश्य युद्ध,प्राकृतिक आपदा जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में पीड़ितों की मदद करना है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Making masks with own expenses and distributing them in the villages, making people aware to avoid the crisis of Corona Full Article
india news आंधी में 80 घरों के छप्पर उड़े, बिजली गिरने से 100 से ज्यादा तोतों की मौत By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT पंडरिया ब्लॉक के वनांचल गांवों में बुधवार दरमियानी रात आंधी से जमकर तबाही हुई। लगभग 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली, जिससे इलाके के गांवों में लगभग 80 घरों के छप्पर उड़ गए। सबसे ज्यादा नुकसान नेऊर से लगे ग्राम महिडबरा और कुशियारी में हुआ है। यहां 20 से अधिक विशालकाय पेड़ धराशायी हो गए हैं। वहीं गरज के साथ बिजली गिरने से 100 से अधिक तोते व अन्य पक्षियों की मौत हो गई है।करीब डेढ़ तक घंटे चली आंधी के डर से ग्रामीण रातभर नहीं सो पाए। घरों के बाहर आग सेंकते हुए ग्रामीणों ने रात बिताई। यही नहीं, आंधी चलने से 14 से अधिक बिजली खंभे भी गिर गए हैं। लाइन टूटने से कुई सब- स्टेशन अंतर्गत आने वाले 13 से अधिक गांवों में बुधवार रात से बिजली बंद है, जो गुरुवार दोपहर तक बहाल नहीं हो पाई थी। आंधी से क्षेत्र में ग्रामीणों को काफी नुकसान पहुंचा है। आंधी, बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ गिर गए हैं।सूचना पर गुरुवार सुबह राजस्व विभाग की टीम सर्वे के लिए ग्राम महिडबरा और कुशियारी पहुंची। पटवारियों ने आंधी से टूटे घरों का सर्वे कर नुकसान का आंकलन किया। पंडरिया तहसीलदार संजय विश्वकर्मा ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट आने पर शासन के नियमानुसार प्रभावितों को मुआवजा देंगे।मैनपुरा में बिजली गिरी, किसी को नुकसान नहींनगर से सटे मैनपुरा में बुधवारा रात करीब 11 बजे तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरी। बिजली बस्ती में गिरी, लेकिन रात होने की वजह से किसी को नुकसान नहीं हुई। बिजली गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि सुनकर लोगों भयभीत हो गए। पेड़ गिरने से घर का छप्पर ढह गया, राशन व सामान खराब हो गए, बढ़ी परेशानीग्राम महिडबरा में जागेश्वर धुर्वे व रमेश मरावी के घर पर पेड़ गिर गया। हगरु पन्द्राम के घर का छप्पर गिर गया और घर में रखे समान व राशन में पानी में भीग कर खराब हो गए। ग्रामीण काशीराम, झूल बाई, गुलाबा बाई, झमुराम, नंदराम, गुलाब, पुसाराम समेत कई लोगों के घर का छप्पर उड़ने से रतजगा करना पड़ा। इसी तरह ग्राम कुशियारी में महेश मरावी, सुखराम, मानसिंह बैगा, केवल बैगा और बुधराम समेत 10 घरों के छप्पर उड़ गए हैं।बोड़ला में 8 और पंडरिया में 4 मिमी बारिश दर्जरायपुर के मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि कबीरधाम जिले के बोड़ला तहसील में 8 मिमी और पंडरिया तहसील में 4 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक मौसम पर बदलाव उसकी गतिविधियों में प्रभाव डालने में खासकर 3 सिस्टम बन गए हैं। इनमें दक्षिण पश्चिम राजस्थान में ऊपरी हवाओं में चक्रवात बनने के साथ ही दक्षिण पूर्व मध्यप्रदेश में भी ऊपरी हवाओं में चक्रवात बना हुआ है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today More than 100 parrots died due to lightning in 80 homes Full Article
india news बिना जांच के राजनांदगांव से 3 बसों में भेज दिए 150 मजदूर, बढ़ी फिक्र By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना के मामले में कबीरधाम जिला रेड जोन में पहुंच गया है। इस बीच दूसरे राज्यों से प्रवासी श्रमिकों की वापसी का सिलसिला शुरु हो चुका है। इससे भी कहीं अधिक चिंता का विषय यह है कि मजदूरों की घर वापसी को लेकर अफसरों में तालमेल की कमी है। इसकी बानगी बुधवार की रात लगभग दो बजे देखने को मिली। बिना जांच के राजनांदगांव से 3 बसों में 150 मजदूरों को कवर्धा भेज दिए । स्थानीय प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं दी गई ।रात के अंधेरे में अचानक मजदूरों के पहुंचने की खबर से अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। कवर्धा एसडीएम विपुल गुप्ता ने बताया कि राजनांदगांव से आए मजदूरों को किसी तरह उनके घर जाने से रोका गया और भागूटोला राहत शिविर में ठहराए।राजनांदगांव से एक बस मजदूरों को भेजने की सूचना थी। लेकिन रात में ही अचानक 2 अन्य बसों में लगभग 100 मजदूर पहुंच गए। कवर्धा-राजनांदगांव बॉर्डर पर मजदूरों को उतारकर बस वापस राजनांदगांव चली गई। बस से उतरने पर कई मजदूर झोला-गठरी लेकर अपने गांवों की ओर चल पड़े। तभी प्रशासन को इसकी खबर मिली। आनन-फानन में मजदूरों को रोका गया और भागूटोला में बने राहत शिविर में लेकर आए।नागपुर और हैदराबाद से लौटे थे सभी मजदूर : बुधवार की रात राजनांदगांव से बसों में कवर्धा पहुंचे सभी मजदूर कमाने-खाने के लिए नागपुर (महाराष्ट्र) और हैदराबाद (तेलंगाना) गए थे। लॉकडाउन के चलते पिछले एक महीने से वहां फंसे थे। उसके बाद पैदल चलकर राजनांदगांव पहुंचे। वहां से इन्हें बसों में बैठाकर कवर्धा भेजा गया। इनमें से ज्यादातर मजदूर कबीरधाम जिले के पंडरिया और मुंगेली जिले के विभिन्न गांवों के रहने वाले थे। कवर्धा पहुंचने पर मुंगेली के मजदूरों को वहां के लिए रवाना कर दिए। वहीं पंडरिया के मजदूरों को संबंधित क्षेत्र में बने सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला जारी हो गया है। इस दौरान कहीं-कहीं पर अव्यवस्था भी हो रही है।बगैर सूचना के 2 अन्य बसों में भेज दिए मजदूरकवर्धा एसडीएम विपुल गुप्ता ने बताया कि महाराष्ट्र और हैदराबाद से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक राजनांदगांव पहुंचे हैं। वहां से श्रमिकों की लिस्टिंग कर उन्हें उनके जिलों में भेजा जा रहा है। बुधवार को राजनांदगांव से सूचना दी थी कि एक बस में लगभग 40 मजदूरों को भेज रहे हैं, जो पंडरिया और मुंगेली के रहने वाले हैं। उनके आने के बाद अचानक दो अन्य बसों में आए मजदूरों को बॉर्डर पर उतार दिए। उसकी सूचना राजनांदगांव से नहीं दी गई थी।आज 500 मजदूरों को भेजेंगे, बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाईराजनांदगांव में बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचे हुए हैं। कबीरधाम जिले के 500 मजदूरों को शुक्रवार को राजनांदगांव से रवाना किया जाएगा। इसे लेकर जिले के बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। ताकि बसों से उतरने के बाद मजदूर अपने घर न जा पाएं। एहतियात के लिए पहले उनकी स्क्रीनिंग कराई जाएगी। फिर 21 दिन के लिए अलग-अलग सेंटर में उन्हें क्वारेंटाइन करेंगे ।500 में से 337 लोगों की जांच रिपोर्ट आई निगेटिवरेंगाखार व समनापुर जंगल में एक साथ 6 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोविड- 19 की जांच के लिए सैंपल की संख्या बढ़ाई है। जिले में अब तक 500 से अधिक सैंपल भेजे जा चुके हैं। इनमें से 337 की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने से राहत है। अब भी 150 से अधिक सैंपल की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में शामिल रेंगाखार, समनापुर जंगल, चमारी, तितरी गांव में लोगों की रैपिड किट से जांच की जाएगी। जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनी है । Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 150 laborers sent in 3 buses from Rajnandgaon without investigation, worry increased Full Article
india news दूसरे राज्यों व जिलों में लॉकडाउन में फंसे 18 हजार मजदूर को लाने की तैयारी शुरू By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद जिले के मजदूरों को लाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम बनाया गया है। मजदूरों के संबंध में जानकारी एकत्र करने की जिम्मेदारी श्रम विभाग को सौंपी गई है। मजदूरों को लाने के लिए नोडल अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर अरुण सोनकर को बनाया गया है।आगामी दिनों में लगभग 18 हजार मजदूरों को लाया जाएगा। फिलहाल जिले के कवर्धा, बोड़ला, सहसपुर लोहारा व पंडरिया जनपद पंचायत कार्यालय से करीब 10 हजार मजदूरों की जानकारी मिल पाई है। इन मजदूरों के संबंध में जानकारी पटवारी व ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से एकत्र की जा रही है। जैसे-जैसे जानकारी मिल रही है, वैसे ही मजदूरों के नाम की एंट्री कर रहे हैं। पहुंचने वाले मजदूरों को उनके गांव में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। इन्हें 21 दिन तक रखा जाएगा। कलेक्टर की अनुमति के बाद इन्हें छुट्टी देंगे।07741-232609 में फोन पर दे सकते हैं जानकारीदेश के विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, व्यक्तियों, छात्रों, तीर्थयात्रियों आैर अन्य की सुविधा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक जारी किया गया है। श्रम विभाग द्वारा जारी लिंक http://cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx है। इस लिंक के माध्यम से वे सभी व्यक्ति स्वयं अथवा अपने परिचित जन अथवा किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से दिए गए लिंक का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। संबंधित आवेदन की जानकारी राज्य सरकार द्वारा जिले के श्रम विभाग में दी जाएगी। वहीं जिले के कोई भी मजदूर या व्यक्ति जो दूसरे प्रदेश, शहर में लॉकडाउन के कारण फंसा है, वे कलेक्टोरेट के कंट्रोल रूम नंबर 07741-232609 में फोन कर जानकारी दे सकते हैं। कलेक्टोरेट अधीक्षक राजू धुर्वे ने बताया कि कंट्रोल रूम में सभी तरह के फोन की जानकारी संबंधित विभाग के पास फारवर्ड किया जाता है।जिले में ई-पास के लिए नोडल अधिकारी नियुक्तइधर छग राज्य के भीतर किसी भी जिले या कबीरधाम जिले में फंसे लोग अपने घर जा सकते हैं। इसके लिए सरकार ने ई-पास की व्यवस्था की है। इस मोबाइल एप में आवेदन करना होगा। इस संबंध में जिला प्रशासन ने कलेक्टोरेट के डिप्टी कलेक्टर वेदनाथ चन्द्रवंशी को नोडल बनाया है। इनके मोबाइल नंबर 94255-24531 में आमजन संपर्क कर सकते हैं। वेदनाथ चन्द्रवंशी ने बताया कि ई-पास के लिए यूजर को अपना पंजीयन मोबाइल नंबर से ही करना होगा। इसके बाद अपनी जानकारी और जहां जाना है बताना होगा। इसके लिए व्यक्ति को आवेदन पूर्ण करने से पूर्व अपना स्वयं का फोटो खींचना होगा और अपनी किसी पहचान पत्र का फोटो खींचना होगा। इसके साथ ही गुमाश्ता लाइसेंस, यदि व्यक्ति सब्जी व्यापारी है, तब किसी प्रकार का प्रमाण-पत्र देना होगा। इसके लिए गाड़ी नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य है।कोरोना वारियर्स को ई-पास की कोई जरूरत नहींस्वास्थ्य कर्मचारी डाॅक्टर, नर्स, पैरामेडिकल कर्मचारी और ड्यूटी पर सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों को ई-पास के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। ड्यूटी पर सरकारी अधिकारी-कर्मचारी, राज्य सरकार द्वारा जारी प्रचलित आदेशों निर्देशों के अनुसार काम करेंगे। यह ई-पास केवल वाहनों की आवाजाही के लिए ही होगा। एक वाहन में दो से अधिक व्यक्ति को यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है।हेल्पलाइन नंबर जारीराज्य शासन की ओर से लोगों की सुविधा के लिए स्टेट हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसमें कोई भी व्यक्ति 24 घंटे फोन कर सकते है। फोन नंबर 0771-2443809, 9685850444, 9109849992, 9109283986, 7587821800, 7587822800, 8827773986 जारी किया है।राज्यवार मोबाइल नंबर मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश - 75878-21800, 9685850444 दिल्ली और हरियाणा - 74772-13986 बिहार - 88199-53807 पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्य - 83494-680069 से शाम 7 बजे तक फोन किया जा सकता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news लोगों को दिया रोजगार, जल संरक्षण भी हो रहा By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना के संकट काल में लोगों के रोजगार पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। लॉकडाउन के कारण गांव में ग्रामीणों के पास भी रोजगार के साधनों की कमी हो गई है। इस दौरान शासन द्वारा मनरेगा के तहत विभिन्न कार्यों की शुरुआत किए जाने से ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है। गांव में डबरी, सड़क, गोठान एवं अन्य कार्य शुरू किए गए हैं।जनपद पंचायत नरहरपुर में भी रोजगार गारंटी के तहत जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मनरेगा सेल, भारत रूरल लाइवलीहुड फाउंडेशन, एक्सिस बैंक फाउंडेशन एवं प्रदान संस्था के माध्यम से हाई इंपैक्ट मेगा वाटरशेड परियोजना का कार्य किया जा रहा है। परियोजना के तहत पंचायतवार योजना निर्माण का कार्य किया गया था एवं कार्य के लिए फाइल जमा किया गया था। यही आज लोगों को रोजगार प्राप्त करने में सहायक हो रहा है। निजी तालाब का निर्माण योजना अंतर्गत किया जा रहा है।सरकार की नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत भी नरवा जीर्णोद्धार के लिए डीपीआर का निर्माण किया गया था। इसके अंतर्गत नरहरपुर के विभिन्न नालों में योजना निर्माण का कार्य किया गया था जिसमें अब तकनीकी सहायक, प्रदान संस्था, मेट एवं रोजगार सहायक के माध्यम से विभिन्न जल संरक्षण के लिए संरचनाओं का ले-आउट कर कार्य थानाबोड़ी का नरवा नाला, रिसेवाडा में चनार नाला, झुरा नाला देवगांव एवं अन्य नालों में काम शुरू किया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Employment given to people, water conservation is also being done Full Article
india news दो दिनों की बारिश से कोटरी नदी का जल स्तर बढ़ा, बाढ़ की स्थिति बनी By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT अंचल में बीते दो दिनों से रात में हो रही भारी बारिश से क्षेत्र के कोड़ेकुर्से की कोटरी नदी में बाढ़ जैसी स्थिति हो गए है। बारिश के चलते नदी का जल स्तर बढ़ गया है। बीती रात अंचल में 25 मिमी बारिश रिकार्ड दर्ज की गई, जबकि मंगलवार की रात 14 मिमी बारिश हुई थी। आंधी-तूफान के कारण कई बड़ेे पेड़ बिजली तार पर गिर गए। इसके चलते क्षेत्र में बिजली गुल हो गई। इसके बड़ी मशक्कत के बाद दुरुस्त किया गया।कोड़ेकुर्से के ग्रामीणों ने कहा अचानक नदी में अत्यधिक पानी बहने लगा है। पुलिया निर्माण के देखरेख में लगे लोगों ने कहा अचानक आए बारिश की वजह काम प्रभावित हुआ है। कोटरी नदी का जल्द स्तर बढऩे से क्षेत्र के 40 गांवों के लोगों के लिए आवागमन में मुश्किलें बढ़ा दी है। वहीं बुधवार रात को तेज आंधी-तूफान और बारिश के साथ ओले भी गिरे थे। तेज हवा के चलते अंचल में कई जगहों पर पेड़ गिरे। गर्मी के मौसम में लगाया मक्का का फसल भी तेज हवा के चलते गिर गया। धान की फसल से बारिश व तेज हवा से नुकसान हुआ है। बारिश व ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान तेंदूपत्ता को होने का अंदेशा जताया जा रहा है। अंचल में तेज आंधी-तूफान एवं ओलावृष्टि के साथ रुक-रुक कर बारिश होती रही। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Water level of Kotri river rises due to two days of rain, flood situation created Full Article
india news नाबालिग ने खुद पर केरोसिन डालकर लगाई आग, मौत By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT नगर के कुम्हाररास में गुरुवार सुबह लगभग 7 बजे 16 वर्षीय पूजा मंडल ने घर के किचन में केरोसिन छिड़ककर खुद को आग के हवाले कर दिया। चीख-पुकार सुनकर परिजन जब तक मौके पर पहुंचे तो युवती पूरी तरह आग की लपटों में घिर चुकी थी।खुदकुशी से पहले युवती ने किचन का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था। परिजन ने जैसे-तैसे कर दरवाजा खोला। तब तक युवती पूरी तरह से जल चुकी थी। इससे पहले कि परिजन उसे अस्पताल ले जाते, युवती ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।टीआई एकेश्वर नाग ने बताया कि युवती के खुदकुशी करने की वजह की पड़ताल की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान युवती सिर्फ एक दिन ही घर से बाहर निकली थी। उसके पास खुद का मोबाइल भी नहीं था। मिली जानकारी के मुताबिक जिस वक्त युवती ने खुदकुशी की उस वक्त घर पर उसके पिता गोपी मंडल, मां प्रमिला मंडल व भाई के अलावा मौसी के बेटा-बेटी भी थे। सुबह सभी घर के अलग-अलग कामों में व्यस्त थे। पीएम के दोपहर साढ़े 12 बजे युवती का शव परिजनों को सौंप दिया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news पानी की किल्लत शुरू, घर के बाहर बर्तन लेकर टैंकर का इंतजार By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT शहर के कई वार्डों में गर्मी शुरू होने से साथ पानी की समस्या गहरा गई है। नल से सिर्फ 20 मिनट पानी मिलता है। इसमें भी कई वार्डों में दो-तीन दिन नल से पानी नहीं मिलता। गुरुवार को अघन नगर वार्ड में बोर पंप खराब होने से लोगों को पानी नही मिल पाया। नल में पानी आने का इंतजार करते रहे। पानी नहीं आने पर मोहल्लेवासियों ने पार्षद से टैंकर की मांग की। पार्षद ने नगर पालिका से वार्ड में टैंकर भेजने कहा। मोहल्लेवासी टैंकर का इंतजार करते बैठे रहे, लेकिन टैंकर नहीं पहुंचा। गनीमत कि शाम को टैंकर पहुंचा, तब जाकर लोगों को राहत मिली। लेकिन शांति नगर, जनकपुर वार्ड सहित कई वार्डों में आए दिन यही स्थिति रहती है।हैंडपंप से भी कम पानी आ रहावार्डवासियों की शिकायत है कि हर सप्ताह एक से दो दिन इसी तरह से नल में बिल्कुल भी पानी नहीं आता। वार्ड के ऊपरी भाग में काफी कम पानी आ रहा है। अघन नगर वार्ड के ऊपरी भाग में दो हैंडपंप हंै, दोनों हैंडपंप में काफी कम पानी आता है। एक हैंडपंप की स्थिति तो काफी खराब है और इसमें लौहयुक्त पानी आता है, जो पीने योग्य नहीं है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Water scarcity started, waiting for tanker outside the house with utensils Full Article
india news सरकारी दुकान के गुड़ से निकला मरा हुआ मेंढक By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT चारामा इलाके के गांव भैंसाकट्टा में सरकारी राशन दुकान से मिले सरकारी गुड़ में मरा हुआ सूखा मेंढक निकला। जिस महिला को यह गुड़ मिला उसे इसमें मेंढक होेने की खबर नहीं थी, वह इसी गुड़ से चाय बना रही थी।चारामा विकासखंड के ग्राम पंचायत बांडाटोला के आश्रित ग्राम भैंसाकट्टा निवासी महिला सुब्रोतिन निषाद मार्च में गांव के सरकारी उचित मूल्य दुकान से चांवल व दो किलो गुड़ लाई थी। उसे एक-एक किलो के गुड़ के दो धेले दो पैकेट में मिले थे । एक धेला खत्म होने पर तो उसने दूसरा धेला तोड़ा। उसमें से मेंढक की एक टांग निकली जिसे वह गन्ने का डंठल समझ रही थी। जब पूरा धेला तोड़ा तो मरा और सूखा हुआ मेंढक निकल आया। उसने इसकी जानकारी पंच व उपसरपंच को दी।ग्रामीणों को थमा रहे सड़ा गला खाद्य पदार्थगोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला अध्यक्ष व इलाके के रहवासी घनश्याम जुर्री ने बताया सरकार मुफ्त में देने के नाम से हितग्राही ग्रामीणों को सड़ा गला खाद्य पदार्थ थमा रही है। गुड़ में मेंढक निकलने के बाद से अब हितग्राही गुड़ लेने से इंकार कर रहे हैं। सरकार मुफ्त में सामान देेने के नाम पर गरीबों के सेहत से खिलवाड़ न करें। जिला प्रशासन से सहीं व गुणवत्ता वाला खाद्य पदार्थ देने की मांग की जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Dead frog left from jaggery of government shop Full Article
india news सभी जनपदों में बनाए जाएंगे 10 बिस्तर के क्वारेंटाइन होम By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT जिले के सभी जनपदों में 10-10 बिस्तर के क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाएंगे। संबंधित जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सेंटर की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को ब्लॉक स्तर के पंचायत के क्वारेंटाइन सेंटर में रहने होंगे।कलेक्टर केएल चौहान ने गुरुवार को नोवल कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाने संबंधी मॉडल कॉलेज कोविड-19 अस्पताल में चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर ने जिले के दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने एवं क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के लिए चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए।इससे पहले विधायक शिशुपाल शोरी और कलेक्टर केएल चौहान ने मॉडल कॉलेज में कोविड-19 अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में लगाई गई आईसीयू बिस्तरों को भी देखा। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कॉलेज के बीच में पौधारोपणऔर कारपेट घास लगाने सीएमओ को कहा।कलेक्टर ने सेंटर में मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाने, साबुन से हाथ धोने संबंधी जानकारी देने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने कहा गया है। कलेक्टर ने कहा ब्लॉकों में जनप्रतिनिधियों की बैठक लेकर व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने सेंटर के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर सूची जिला कार्यालय में उपलब्ध कराने का आदेश दिया। बैठक में सीएमएचओ डॉ. जेएल उईके, डिप्टी कलेक्टर डॉ. कल्पना धु्रव, सिविल सर्जन डॉ. आरसी ठाकुर, डॉ. डीके रामटेके, नगर पालिका सीएमओ सौरभ तिवारी, डीपीएम डॉ. निशा मौर्य व सभी बीएमओ उपस्थित थे। मजदूरोंको क्वारेंटाइन सेंटर में ही रहना होगा 14 दिनअन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों को 14 दिन क्वारेंटाइन सेंटर में ही रहना होगा। क्वारेंटाइन अवधि पूरा किए बिना उन्हें किसी भी कीमत पर घर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्वारेंटाइन सेंटर के आस-पास के क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित होगा। मजदूर कौन से राज्य के किस जोन के जिले से आ रहे हैं। इसकी सूची बनाकर अधिकारियों को दी जाएगी। जनपद स्तर पर वॉलेंटियर्स की व्यवस्था एनसीसी, एनएसएस और रेडक्रॉस के माध्यम से होगा। ब्लॉक स्तर पर सीईओ, बीईओ, बीआरसी एवं अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी होगी। जनपद स्तर पर आश्रम छात्रावासों, स्कूलों एवं पंचायत भवनों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर सफाई, पेयजल, बिजली, भोजन की व्यवस्था होगी।क्वारेंटाइन सेंटर में कर्मचारियों की लगाई गई ड्यूटीक्वारंटाइन सेंटर बालक छात्रावास एवं विशिष्ट कन्या छात्रावास ईमलीपारा में आदिवासी विकास विभाग के उपायुक्त विवेक दलेला ने कर्मचारियों की क्वारेंटाइन सेंटर आवश्यक व्यवस्था एवं सहयोग के लिए ड्यूटी लगाई है। बालक छात्रावास में प्रीतराम मेरिया, सुशील पटेल, आनंदराम, माखन सलाम, आदि की ड्यूटी लगाई । Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 10 bed Quarantine Homes to be built in all districts Full Article
india news नक्सलियों को सामान पहुंचाने व ठेकेदारों से मीटिंग कराने वाला जनपद सदस्य और सहयोगी गिरफ्तार By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT नक्सलियों को सामान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने कोयलीबेड़ा के जनपद सदस्य और नक्सलियों की एरिया कमेटी को सामान सप्लाई करने वाली टीम के मेंबर को भी गिरफ्तार किया है। इन दोनों के नाम मार्च में नक्सलियों को वर्दी व जूता आदि पहुंचाने निकले ठेकेदार के पकड़े जाने के बाद सामने आए थे। दोनों के खिलाफ नामजद एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसके बाद से पुलिस इनकी तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है कि ये दोनों ठेकेदार व नक्सलियों के बीच रकम मीटिंग कराने और लेनदेन का काम करने के साथ ही मैसेज व सामान पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते थे। पुलिस ने सिकसोड़ थानांतर्गत 24 मार्च को मरदा के जंगल में नक्सलियों तक सामान पहुंचाने निकले सड़क निर्माण कंपनी के ठेकेदार तापस पालिक को सामान समेत पकड़ा था। उससे हुई पूछताछ में ही कोयलीबेड़ा जनपद सदस्य राजेंद्र सलाम 28 वर्ष पिता सूबे सिंह निवासी मरदा तथा एरिया कमेटी के सप्लाई टीम के मेंबर मुकेश सलाम 30 वर्ष पिता रामचरण निवासी कंदाड़ी का नाम सामने आया था। बुधवार 6 मई को कांकेर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जनपद सदस्य ठेकेदार से सामान लेकर अपने घर व अन्य ठिकानों पर डंप करता था। जिसे बाद में वह सप्लाई टीम के सदस्यों के साथ मिलकर जंगल के अंदर नक्सलियों तक पहुंचाता था। इसके अलावा ठेकेदार व नक्सलियों के बीच मैसेज पहुंचाने तथा दोनों के बीच मीटिंग भी फिक्स कराता था। इसी तरह एरिया कमेटी के सप्लाई टीम का मेंबर मुकेश सलाम भी नक्सलियों से मिले आदेश व डिमांड को ठेकेदार तक पहुंचाता और बताए गए सामानों की खरीदी ठेकेदारों से कराता था। पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबुल किया है। इसके बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।सामान सप्लाई के मामले में अब तक 10 गिरफ्तारनक्सलियों के लिए सामान व रकम पहुंचाने के मामले में अब तक कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें ठेकेदार तापस पालिक को 24 मार्च, मुंशी दया शंकर मिश्रा को 29 मार्च को, अजय जैन, कोमल प्रसाद वर्मा राजनांदगांव, रोहित नाग कोयलीबेड़ा, सुशील शर्मा उत्तर प्रदेश तथा सुरेश शरणागत मध्यप्रदेश को 24 अप्रैल को गिरफ्तार कर चुकी है। मंगलवार 5 मई को टोनी उर्फ शीलेंद्र भदौरिया को गिरफ्तार किया गया। 6 मई को जनपद सदस्य राजेंद्र सलाम व एरिया कमेटी के सप्लाई टीम मेंबर मुकेश सलाम को गिरफ्तार किया गया। जिसमें सभी के खिलाफ धारा 10, 13, 17, 38 (1) (2) तथा 40 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।कमांडर समेत दो की तलाश जारी: मामले में जिन लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज हुई है उसमें एलजीएस एलओसीएस मिलेट्री प्लाटून नक्सली कमांडर राजू सलाम के साथ एरिया कमेटी के सप्लाई टीम का सदस्य राम कुमार जोगा का नाम भी शामिल है। पुलिस इनकी भी तलाश कर रही है।कुछ और लोगों के शामिल होने की आशंकापुलिस ने मामले की जांच व नक्सलियों की सप्लाई टीम व शहरी नेटवर्क के सदस्यों को पकड़ने के लिए एसआईटी गठित की थी जो लगातार नक्सलियों के मददगारों को लगातार गिरफ्तार कर रोज नए नए खुलासे कर रही है। सूत्रों के अनुसार अभी और भी खुलासे होने वाले हैं। जिसमें एक बड़े ठेकेदार तथा कुछ और का भी नाम सामने आ रहा है। जिसे लेकर पुलिस जांच कर रही है। वह नक्सलियों से जुड़े लोगों के घरों में लगातार दबिश दे रही है। और भी कई चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैंं।मीटिंग में कमांडर ने दी थी सामानों की पर्ची जनपद सदस्य राजेंद्र सलाम व एरिया कमेटी की सप्लाई टीम के मेंबर मुकेश सलाम ने 9 मार्च को ही ठेकेदार तापस पालिक की गट्टाकाल के जंगल में नक्सलियों से मीटिंग कराई थी। जहां ठेकेदार ने नक्सली कंमाडर राजू सलाम को ढाई लाख रूपए दिए थे।कमांडर ने ठेेकेदार को एक पर्ची देकर वर्दी, जूते आदि सामान की सप्लाई करने कहा। जिनकी सप्लाई करते हुए ठेकेदार पकड़ा गया था। ठेकेदार को पहली बार फरवरी 2018 में रामकुमार जोग ने नक्सलियों से मिलाया था।और भी बड़े होंगे खुलासेएएसपी कीर्तन राठौर ने कहा कि मामले में अब तक पकड़े गए आरोपियों से हुई पूछताछ में जो बातें व सबूत सामने आए हैं उसकी बारीकी से जांच की जा रही है। उम्मीद है इसे और भी बड़े खुलासे होंगे। और गिरफ्तारियां होगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today District member and associate arrested for delivering goods to Naxalites and meeting contractors Full Article
india news बीराभट्टी में खोदे जाएंगे 7 बोर ग्रामीणों को मिलेगा साफ पानी By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT भैरमगढ़ ब्लाॅक की उसकापटनम पंचायत के ग्राम बीराभट्टी में अब लोगों को इंद्रावती नदी और चुएं का पानी नहीं पीना पड़ेगा। चारों ओर से इंद्रावती के पानी से घिरे इस गांव में सात बोर खोदे जा रहे हैं।ग्राम बीराभट्टी चारों ओर से इंद्रावती नदी के पानी से सालभर घिरा रहता है। यह टापू में बसा गांव है और इसमें सात टोले हैं। 35 घरों वाले इस गांव की आबादी 175 है। इस गांव के लोगों ने कुछ दिनों पहले बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं विधायक विक्रम शाह मण्डावी से मुलाकात कर समस्याओं से अवगत कराया था। बुधवार को विधायक मंडावी पैदल नदी पार कर गांव पहुंचे। उनके साथ जनपद सीईओ योगेश यादव, एसडीओ एमआर नेताम, जिला पंचायत सदस्य सोमारू नाग, कांग्रेस प्रवक्ता ज्योति कुमार एवं अन्य जनप्रतिनिधि शामिल थे। प्रवास से पहले विधायक विक्रम मंडावी ने बोरवेल मशीन की व्यवस्था करा दी थी। यहां 6 सोलर नलकूप खनन का प्रस्ताव था, लेकिन एक और नलकूप खोदा जाएगा। विधायक ने गांव में आंगनबाड़ी और प्राथमिक शाला भवन बनवाने सीईओ योगेश यादव से कहा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 7 bore villagers will be dug in Birabhatti to get clean water Full Article
india news मंत्री टेकाम बोले- वनवासियों को जमीन का दें वाजिब हक By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला पंचायतों के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जंगल को बचाने का काम वनवासियों ने ही किया है। वनों का संरक्षण और वनवासियों को उनका अधिकार मिले, इसके लिए वनवासियों को उनकी जमीन का वाजिब हक मिलना चाहिए।नवनिर्वाचित व जिला स्तरीय समिति के सदस्य जिला पंचायत प्रतिनिधियों से अपने जिलों में लोगों को पात्रता अनुसार वनाधिकार मान्यता पत्र दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। वनाधिकार कानून का क्रियान्वयन संवैधानिक रूप से हो, इसका ध्यान रखें। मंत्री टेकाम ने कहा इस अधिनियम के अंतर्गत परंपरागत वनवासियों को वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया जाना है। जंगलों में जिस जमीन पर वे 13 दिसंबर 2005 से पूर्व काबिज हैं और वहां वास्तविक रूप से जीविकोपार्जन पर निर्भर है। वहां उनको अधिकार देना है। वहां व्यक्तिगत पात्र हितग्राहियों को अधिकतम 10 एकड़ तक काबिज भूमि पर दावा करने का अधिकार है। अधिनियम के तहत प्रत्येक गांव के लिए कम से कम एक ग्रामसभा का गठन होना चाहिए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Minister Tekam said - give proper rights to land to forest dwellers Full Article
india news मजदूरों को वापस लाने सरकार कर रही है देर, ट्रकों से आ रहे, रेड जोन से भी 8 पहुंचे By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT विभिन्न प्रदेशों से पहुंचने वाले मजदूरों को यहां अलग-अलग क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। जिले का पहला रेड जोन क्वारेंटाइन सेंटर गढ़मेरी में बनाया गया है, जिसमें आंध्रप्रदेश के रेड जोन से आए 8 मजदूरों को रखा गया है।दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए गाड़ियां भेजने सरकार देर करती जा रही है। इधर आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में मिर्ची तोड़ने गए सैकड़ों मजदूर अब ट्रकों में आ रहे हैं। तेलंगाना व आंध्रप्रदेश की सरकारें किसी को कोंटा बॉर्डर पर ही छोड़ रही तो कोई बाकायदा पास लेकर सीधे छत्तीसगढ़ में एंट्री कर रहा। 8 मजदूर आंधप्रदेश के रेड जोन जिले से भी पहुंचे तो हड़कंप मच गया, जिन्हें गढ़मिरी के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। बुधवार को देर रात तक मजदूरों के पहुंचने का सिलसिला चलता रहा। लॉकडाउन 2.0 खत्म होने के बाद 4 मई से लेकर अब तक 4 दिनों के अंदर 953 मजदूर तेलंगाना व आंधप्रदेश से लौट आए हैं। एकाएक बढ़ी इस संख्या से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। सबसे ज्यादा मजदूर कुआकोंडा व कटेकल्याण इलाके के हैं। 2000 से ज्यादा मजदूरों की जंगल के रास्ते वापसी हुई है।पहुंचने के बाद मनाना पड़ रहा: मजदूरों को दंतेवाड़ा लाने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में रखना भी सिर दर्द बन गया है। कुआकोंडा, अरनपुर व कटेकल्याण इलाके में पहुंचे मजदूर क्वारेंटाइन सेंटर में रुकने को तैयार नहीं हुए। काफी देर तक मान मनौवल करना पड़ा तब जाकर राजी हुए।लॉकडाउन 2 खत्म होने के बाद इतने मजदूर पहुंचेकुल मजदूर 953ग्रीन जोन 174ऑरेंज जोन 560रेड जोन 8मजदूरों को अपने खर्च पर ला रहे: कांग्रेसमजदूरों की घर वापसी पर भी सियासत हो रही है। दूसरे प्रदेशों से मजदूरों को वापस लाने सरकार देर कर रही है तो मजदूर कहीं पैदल निकलकर तो कहीं आंध्र व तेलंगाना से अवैध रूप से ट्रकों में सवार होकर कोरोना खतरे की चुनौती व पीड़ा के बीच दंतेवाड़ा आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह गौतम ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दूसरे राज्यों में फंसे 5 हजार मजदूरों को वापस अपने घर लाया जा रहा है। पहले चरण में 842 मजदूरों को कांग्रेस पार्टी अपने खर्च से घर वापस करा रही है। ये 842 मजदूर कहां के हैं और कब तक पहुंचेंगे, फिलहाल स्पष्ट जानकारी इनके पास भी नहीं है, लेकिन जिलाध्यक्ष कह रहे हैं कि रूट मैप तैयार कर रहे।सीधी बात-आस्था राजपूतडिप्टी कलेक्टर व नोडल अधिकारी, दंतेवाड़ा-किन राज्यों से मजदूर सबसे ज्यादा लौटे हैं?-तेलंगाना व आंधप्रदेश में फंसे मजदूर ज्यादा लौटे हैं।-क्या रेड जोन जिले से भी मजदूर दंतेवाड़ा पहुंचे हैं?-हां, 8 मजदूर रेड जोन जिले से आए हैं, जिन्हें अलग से रखा गया है।-दूसरे प्रदेशों से मजदूर ट्रकों में भरकर भेजे जा रहे हैं, क्या इसकी जानकारी आप लोगों को मिल रही है?-आंध्रप्रदेश व तेलंगाना से कोंटा बॉर्डर पर मजदूर छोड़े जा रहे हैं तो कोई सीधे पहुंचाए जा रहे हैं। कोंटा आने के बाद जानकारी मिल रही है। कोंटा तक बसें भेजी जा रही हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Government is delaying to bring back the laborers, coming from trucks, also reached 8 from the Red Zone Full Article
india news बस्तर में 60 से ज्यादा हैं मरीज, धुरवा और हल्बा समाज में सबसे अधिक By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT बस्तर जिले में थैलेसिमिया के मरीजों की संख्या 60 से ज्यादा है। कुछ साल पहले तक जहां बीटा थैलेसिमिया के रोगियों की संख्या काफी कम थी, वहीं अब ये बढ़कर करीब 60 से ज्यादा हो गए है। मुख्य रूप से ये बीमारी धुरवा और हल्बा समाज के लोगों के देखी जा रही है।थैलेसिमिया से पीड़ित मरीजों में 5 से 10 साल के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। 2017 में दरभा ब्लाॅक के नक्सल प्रभावित इलाके ककालगुर, पेदावाड़ा, मांझीपाल और कोटमसर में मानव विज्ञान सर्वेक्षण द्वारा धुरवा समाज के लोगों का ब्लड सैंपल लेकर जांच करवाया, जिसमें 225 में से 19 में सिकलसेल और 14 लोगों में बीटा थैलेसिमिया मिला।नियमित रूप से मेकॉज पहुंच रहे 25 मरीजों के लिए मुफ्त दिया जा रहा खून: थैलेसिमिया के 25 मरीज मेकॉज नियमित रूप से आ रहे हैं, जिन्हें मुफ्त में रक्त की व्यवस्था करवाई जा रही है। बताया जाता है कि बस्तर के मधोता में कुछ मामले पिछले महीनों देखने को मिले थे। वहीं दरभा इलाके में भी इसके मरीज खासी संख्या में हैं। जानकारी के मुताबिक मेकॉज पहुंचने वाले 25 मरीजों में पुरूषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। महारानी अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. बीएस बड़गे बताते हैं कि इन मरीजों को नियमित रूप से खून की जरूरत होती है।क्या है थैलेसिमियाखून में मौजूद प्रोटीन में ग्लोब्यूलिन बनने की प्रक्रिया में गड़बड़ी से थैलेसिमिया होता है। इसके कारण रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) तेजी से नष्ट होते हैं और खून की कमी होने लगती है। ब्लड की ज्यादा कमी होने पर रोगी को खून चढ़ाना पड़ता है। बार-बार ब्लड चढ़ाने के कारण शरीर में एक्स्ट्रा आयरन जमा होने लगता है। यह दिल, लीवर और फेफड़ों में पहुंचकर जानलेवा बन जाता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news रोबोट कार मरीजों के पास ले जाएगी दवा-खाना इसमें लगे मोबाइल से डॉक्टर करेंगे वीडियो कॉल By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को दो बैटरी चलित कारों का डेमोस्ट्रेशन बस्तर कलेक्टर अय्याज तंबोली के सामने किया गया। इन कारों के जरिए न सिर्फ मरीजों तक भोजन पहुंचाया जा सकता है बल्कि वीडियो कॉल से डाॅक्टर और स्टाफ को तकलीफ बताने के अलावा कार के जरिए ही मरीज के बीपी और पल्स की जांच भी की जा सकती है।मेकॉज के सर्जन डॉ. प्रदीप पांडे ने बताया कि उन्होंने कुछ सामाजिक संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक रोबोट बनाने का आइडिया दिया था। इसके बाद श्री ओसवाल जैन श्वेताबंर समाज और सामाजिक कार्यकर्ता बंधन दास ने खर्च करते हुए दो कारों में ऐसी व्यवस्था की है।रिमोट से चलती है, दो ट्रे लगाई, एक में भोजन, दूसरे में मोबाइलडॉ. प्रदीप पांडे बताया कि रिमोट से चलने वाली कार में दो ट्रे लगाई गई हैं। इनमें से एक ट्रे में भोजन तो दूसरी ट्रे में मोबाइल रखा गया है। कोविड वार्ड में इन कारों के जरिए मरीजों से दूरी बनाकर उनका इलाज किया जा सकता है। कार के ऊपरी हिस्से में इलेक्ट्रॉनिक पल्स अॉक्सीमीटर, थर्मामीटर रखा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Robot car will take medicines and food to patients, doctors will make video calls from mobiles Full Article
india news कोरोना से जंग में आगे आए रेडक्रॉस वॉलंटियर्स, 35 हजार मास्क, ढाई हजार लीटर सैनिटाइजर बांट चुके By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT रेडक्रॉस का नाम सुनते ही सेवा का भाव मन में आता है। रेडक्रॉस की स्थापना युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की मदद, इलाज करने और युद्ध के समय दुनियाभर के विभिन्न देशों की सरकार के बीच समन्वय का कार्य करने के लिए की गई थी, लेकिन बदलते परिवेश में रेडक्रॉस की जिम्मेदारियां भी बदल गई हैं।शुक्रवार को अंतराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस है। खास बात यह है कि भारत में इसकी स्थापना के सौ साल पूरे हो रहे हैं। भारत में स्थापना के सौ साल पूरे होने के बाद भी रेडक्रॉस अपने इतिहास के अनुरूप ही सेवा का काम रह रही है। पहले युद्ध क्ष्रेत्र में काम करने वाली रेडक्रॉस अब कोराना से चल रही जंग में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। कोरोना संक्रमण कॉल के दौरान रेडक्रॉस ने न सिर्फ लोगों को दवा बल्कि खाना-पीना, मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया। रेडक्रॉस ने अभी तक करीब ढाई हजार लीटर सैनिटाइजर, 35 हजार मास्क, हाईड्रॉसीक्लोरोक्वीन की 3-3 हजार टेबलेट मेकॉज और महारानी हॉस्पिटल को उपलब्ध करवाई। इसके अलावा होम क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों को जरूरत का सामान जैसे दवा, खाना मुफ्त में उपलब्ध करवा रही है। रेडक्रॉस के अध्यक्ष कलेक्टर अय्याज तंबोली और सचिव सीएमएचओ आरके चतुर्वेदी हैं।14.50 लाख खर्च, 12 लाख प्रोत्साहन राशि भी बांटेंगेरेडक्रास न सिर्फ सेवा का काम करती है और बल्कि वह लोगों से आर्थिक मदद लेकर जरूरतमंदों की मदद भी करती है। कोरोना संक्रमण कॉल में अब तक रेडक्रॉस को 20 लाख का दान मिल चुका है। इसमें से अलग-अलग कार्यों के लिए 14.50 लाख खर्च भी हो चुके हैं। उपाध्यक्ष अलेक्जेंडर चेरियन ने बताया कि रेडक्रॉस की सबसे बड़ी पहल यह रही कि उसने अपने स्तर पर कोरोना की जांच और सिस्टम से जुड़े अफसरों को प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय किया है। अभी प्रति मरीज की जांच के बदले रेडक्रॉस चार सौ डाॅक्टर और अन्य स्टाफ को देगी। अब तक करीब 12 लाख की प्रोत्साहन राशि बन चुकी है।अन्य राज्यों से मजदूरों को लाने में भी की मददइधर अभी दीगर राज्यों में फंसे छात्रों और मजूदरों को वापस घर लाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में भी रेडक्रॉस की महत्वपूर्ण भूमिका है। कोटा व अन्य स्थानों से छात्रों और मजदूरों को लाने के लिए जो प्रारंभिक खर्च हुआ है उसका भुगतान रेडक्रॉस कर रही है। हालांकि यह राशि सरकार वापस कर देगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Red Cross Volunteers came forward in battle with Corona, distributed 35 thousand masks, two and a half thousand liters sanitizer Full Article