india news मालगांव में अब तक नहीं शुरू हो पाया मनरेगा का काम, लोग नाराज By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT ग्राम मालगांव में मनरेगा का कोई काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है। वहीं महिला सरपंच को अभी तक पुराने सरपंच ने कार्यभार नहीं सौंपा है। निवर्तमान महिला सरपंच की शिकायत है कि उनको पुराने सरपंच ने अभी तक अपने पांच साल के कार्यकाल का हिसाब किताब नहीं दिया है। गांव-गांव में रोजगार गारंटी योजना का काम चल रहा है, लेकिन ग्राम मालागांव में रोजगार गारंटी का काम नहीं चल रहा है। इससे ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है। ग्रामीणों ने रोजगार सहायक से मनरेगा में काम दिलाए जाने की मांग की, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने कांकेर जनपद अध्यक्ष रामचरण कोर्राम से शिकायत की। इसके बाद जनपद अध्यक्ष रामचरण कोर्राम मौके पर पहुंचे। उनके साथ कांकेर भाजपा ग्रामीण मंडल उपाध्यक्ष विजय साहू भी पहुंचे। जनपद अध्यक्ष रामचरण ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का निराकरण किया जाएगा। ग्रामीणों की मनरेगा के साथ अन्य काफी सारी शिकायत थीं। इसको लेकर शिकायत किया।ग्रामीणों ने बताया कि गांव-गांव में मनरेगा का काम चल रहा है, लेकिन उनके गांव में मनरेगा का काम बंद है। अभी लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है और लोग गांव में ही काम चाहते हैं, लेकिन काम नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने यह भी शिकायत की है कि गांव का विकास बेहतर ढंग से नहीं हो पा रहा है। गांव के कृष्णा साहू, तुसम साहू, खिलेश्वर साहू, बुधराम कोमरा, कुजुराम साहू, गोविंदराम साहू, भरत साहू, यशवंत मंडावी, तनुजा मंडावी, भरत साहू, धनमत, उत्तरा मंडावी ने कहा गांव में मनरेगा का काम चल ही नहीं रहा है। मनरेगा का काम बंद है, जबकि सभी गांव में मनरेगा का काम चल रहा है। अब लॉकडाउन के बाद लोगों को काम की जरूरत है।नये सरपंच ने फरवरी में लिया था शपथ, कार्यभार अबतक नहीं मिला : नवनिर्वतमान सरपंच को अभी तक कार्यभार नहीं मिल पाया है। इससे काम की शुरूवात नहीं हो पाई है। महिला सरपंच भी मौके पर जनपद अध्यक्ष से शिकायत करने के लिए पहुंची। सरपंच सुमित्रा कोमरा ने जीत के बाद फरवरी माह में शपथ लिया था।इसमें सरपंच सुमित्रा कोमरा और ग्रामीणों की शिकायत है कि उसे अभी तक कार्यभार नहीं सौंपा गया है। पूर्व सरपंच व सचिव ने पुराने पांच साल का हिसाब किताब नहीं दिया। इससे सरपंच सुमित्रा कोमरा अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाई है। सरपंच सुमित्रा कोमरा ने कहा उसे अभी तक कार्यभार नहीं मिल पाया है। इससे वह गांव के विकास के लिए कोई काम नहीं कर पा रही है और न ही गांव वालों को मनरेगा में कोई काम दिलवा पा रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today MNREGA work not started in Malgaon yet, people angry Full Article
india news नक्सलियों के लिए जूते खरीदने वाला गिरफ्तार By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT जिले की पुलिस को नक्सलियों के एक और शहरी मददगार को पकड़ने में कामयाबी मिली। राजनांदगांव से पकड़े गए पूर्व में ठेकेदारों का यह साथी नक्सलियों ने लिए जूता खरीद उसे सप्लाई करता था। कांकेर पुलिस एक-एक कर नक्सलियों के शहरी मददगारों को एक-एक कर पकड़ते जा रही है जिसमें अब तक कुल 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस का दावा है अभी और भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस ने सिकसोड़ थानांतर्गत 24 मार्च को सड़क निर्माण कंपनी के ठेकेदार तापस पालिक को नक्सलियों के लिए सामान पहुंचाते पकड़ा था। इससे हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने मामले की जांच व नक्सलियों की सप्लाई गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए एसआईटी गठित की थी। यह लगातार इस मामले में काम करते हुए नक्सली मददगारों को गिरफ्तार कर रही है। इसी कड़ी में मंगलवार 5 मई को राजनांदगांव के रिद्धि सिद्धि निवासी टोनी उर्फ शीलेंद्र भदौरिया को उसके निवास से गिरफ्तार किया। पूछताछ में टोनी ने स्वीकार किया कि वह नक्सलियों के लिए जूते आदि की खरीदी कर उसे अपने साथियों को सप्लाई करता था। जांच पड़ताल में यह बात सामने आई कि 24 मार्च को ठेकेदार तापस पालिक से जब्त 50 जोड़े जूते टोनी भदोरिया ने ही राजनांदगांव के कलारपारा की दुकान कृष्णा फूटवियर से खरीदा था। विदित हो इसके पूर्व पुलिस ने इसी कड़ी से जुड़े राजनांदगांव के दो ठेकेदार अजय जैन तथा कोमल प्रसाद वर्मा 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। इनसे हुई पूछताछ में ही टोनी भदौरिया का नाम सामने आया।अब तक आठ गिरफ्तार कमांडर समेत चार फरारनक्सलियों के लिए सामान व रकम पहुंचाने के मामले में अब तक कुल 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें ठेकेदार तापस पालिक को 24 मार्च, मुंशी दया शंकर मिश्रा को 29 मार्च को, अजय जैन, कोमल प्रसाद वर्मा राजनांदगांव, रोहित नाग कोयलीबेड़ा, सुशील शर्मा उत्तर प्रदेश तथा सुरेश शरणागत मध्यप्रदेश को 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया जा चुका है। मंगलवार 5 मई को टोनी उर्फ शीलेंद्र भदौरिया को गिरफ्तार किया गया। जिन लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज है उसमें एलजीएस एलओसीएस मिलेट्री प्लाटून नक्सली कमांडर राजू सलाम, एरिया कमेटी के सप्लाई टीम के सदस्य मुकेश सलाम, राजेंद्र सलाम व राम कुमार जोगा का नाम शामिल है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news आज से रोज खुलेंगी सभी दुकानें पर शर्तों के साथ By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT जिला प्रशासन ने उन सभी दुकानों को अब रोज सशर्त खोलने का आदेश जारी किया है, जिन्हें सप्ताह में कुछ दिन खुलने की छूट थी। आवश्यक सेवाओं वाली दुकान व प्रतिष्ठान को छोड़ बाकी दुकानें सप्ताह में एक दिन मंगलवार को बंद रखी जाएगी। दुकान खोलने का समय सुबह 10 से शाम 4 बजे तक ही होगा। गुपचुप, चाट, नाश्ता ठेला, फास्ट फूड, आईसक्रीम आदि सार्वजनिक जगहों पर लगाया नहीं जा सकेगा। इसके विक्रेताओं को भी सुबह 10 से शाम 4 बजे तक घूम घूम कर बेचना होगा। सार्वजनिक जगहों पर इनके ठेले नहीं लगाए जा सकेंगे।कलेक्टर कांकेर के एल चौहान ने मंगलवार को जारी सप्ताह में अलग-अलग दिन दुकान खोलने के आदेश को बदला है। रोज खुलने वाले दुकानों में वहीं दुकानें शामिल होंगी जिनका स्थापना अधिनियम के तहत दुकान रजिस्टर्ड होगी। कलेक्टर ने कहा नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।दिन में मालवाहक शहर में नहीं करेंगे प्रवेश : प्रशासन से एक और आदेश जारी किया गया है। जिसमें मालवाहकों को शहर में रात 9.30 बजे से सुबह 6बजे के मध्य ही प्रवेश दिया जाएगा। दिन में माल वाहन शहर में प्रवेश नहीं करेंगे। रोजमर्रा के जरूरी समान जैसे दूध, अंडे, सब्जी, आदि को लाने वाले स्थानीय छोटे माल वाहन को प्रवेश की छूट होगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news आदेश में छेड़छाड़ का आरोप आरएचओ को थमाया नोटिस By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT जिला चिकित्सा अधिकारी का पत्र ब्लॉक के स्वास्थ्य व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना परतापुर में पदस्थ एक कर्मचारी को महंगा पड़ गया। मामला परतापुर में पदस्थ आरएचओ सुमन शर्मा का है। उन्होंने कोयलीबेड़ा ब्लॉक के एक व्हाट्सएप ग्रुप में आदेश फारवर्ड किया। इसमें जिला चिकित्सा अधिकारी ने उप स्वास्थ्य केंद्रों में सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। जिला चिकित्सा अधिकारी ने यह आदेश कांकेर ब्लॉक के लिए जारी किया था। आरोप है कि इसमें छेड़छाड़ कर सभी ब्लॉक जोड़कर उसे भेजा गया है। इसके चलते कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ भी उस कर्मचारी के समर्थन में उतर आया है।जिलाध्यक्ष जेठूराम नेताम ने कहा संघ के माध्यम से सभी विकासखंड के उप स्वास्थ्य केंद्रों में मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराने को लेकर ज्ञापन दिया था। ऐसे में एक ब्लॉक के लिए आदेश दिया गया, लेकिन जब अधिकारी से फोन पर चर्चा हुई तो आदेश को सभी ब्लॉक कराया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news तेंदूपत्ता की तोड़ाई बनी चुनौती By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT तेंदूपत्ता तोड़ाई शुरू होने के पहले वन विभाग का अमला और उसके अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। इस साल विषम परिस्थिति में पत्ता तोड़ाई कराना वन विभाग के लिए एक चुनौती बना हुआ है। नक्सल समस्या वाले क्षेत्र में पत्ता तोड़ाई और उसका परिवहन पहले ही काफी कठिन था। अब कोरोना का संकट इस समस्या को और बढ़ा दिया है। सीसीएफ ने गांवों में पहुंचकर संग्राहकों से बात की। उन्होंने संग्राहकों को तेंदूपत्ता तोडऩे के दौरान आपस में दूरी बनाकर रखने, मास्क पहने रहने सहित अन्य सावधानियों का पालन करने कहा।मंगलवार को सीसीएफ कांकेर जेआर नायक ने वन परिक्षेत्र कापसी के अंदरूनी क्षेत्र के गांवों का दौरा कर पत्ते कि स्थिति देखी। उन्होंने वन विभाग के लघु वनोपज खरीदी केंद्र का भी दौरा किया। कापसी परिक्षेत्र द्वारा विभिन्न नवधन समितियों की ओर से अब तक 25 लाख से अधिक राशि का लघु वनोपज की खरीदी की जा चुकी है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Tendu leaf plucking became a challenge Full Article
india news ढहने को है कच्चा मकान, पट्टा नहीं इसलिए आवास योजना से भी हैं दूर By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT शहर के कई वार्डों में रहने वाले कई लोग सालों से आबादी पट्टा देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है। कुछ दिनों पूर्व जनकपुर के लोग कलेक्टर के अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आवास के लिए पट्टा की मांग कर चुके हैं, लेकिन मांग पूरी नहीं हो पाई है। जनकपुर वार्डवासी पट्टा नहीं मिलने से प्रधानमंत्री आवास योजना का फायदा नहीं ले पा रहे हैं। कई लोगों के कच्चे मकान की स्थिति भी कंडम हो चुकी है।जनकपुर वार्ड में ऐसे 50 लोग है, जिनका घर के जमीन का पट्टा नहीं है। पट्टा को लेकर कई बार अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों से मांग कर चुके हैं, लेकिन वार्डवासियों की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। पिछले साल जब जनकपुर वार्ड में पट्टे को लेकर सर्वे कर नापजोख की गई। तब उम्मीद बंधी थी कि पट्टा मिलेगा, लेकिन पट्टा अभी तक किसी को नहीं मिल पाया। पट्टे की दर बाजार की दर से 152 प्रतिशत पटाए जाने को लेकर नोटिस दिया जा रहा है। इसको लेकर वार्डवासियों में सशंय की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि इसमें लाखों रुपए का भुगतान करना होगा। इस साल 18 मार्च को वार्ड के लोगों ने जिला कार्यालय जाकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर पट्टा देन की मांग की थी, लेकिन अभी तक पट्टा नहीं दिया गया है। वार्डवासियों ने कहा कि वे गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते है।हमें गरीबी रेखा राशन कार्ड शासन द्वारा प्रदान किया गया है। मजदूरी करके पूरा परिवार का जीविका चलाते हंै। हमें शासन द्वारा मिलने वाली आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हम सभी परिवार को कलेक्टोरेट भवन निर्माण स्थल से साल 2002 से विस्थापित किया गया है। इस कारण शासन द्वारा मिलने वाले राजीव गांधी आश्रय योजनांतर्गत अधिकार पत्र प्रदान किया जाना चाहिए। वार्डवासियों ने गत वर्ष 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री से भी पट्टा दिए जाने को लेकर आवेदन दिया था।गरीब वर्ग के लिए शुल्क में राहत : तहसीलदारकांकेर तहसीलदार मनोज मरकाम ने कहा जिनके पास बीपीएल कार्ड हैं और भूमिहीन हैं, ऐसे लोगों को पट्टा वितरण में राहत दी जाएगी। इसमें सिर्फ एक वर्गफीट में 10 रुपया ही देना है। अन्य को नोटिस के अनुसार पूरा पैसा भुगतान करना पड़ेगा। लोगों में भ्रम की स्थिति है। इस कारण पट्टा वितरण को समझने में दिक्कत आ रही है।बारिश में रिसता है पानीवार्ड में कई कच्चे मकान की स्थिति अच्छी नहीं है। कुछ मकान में दरार भी आ गई है। बांस बल्ली कमजोर हो गए है, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण मकान को बना नहीं पा रहे हंै। पट्टा नहीं होने से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। बारिश के दौरान पानी रिसता है। कच्चे मकान में पॉलीथिन लगाकर रहते हैं। वार्ड के उत्तरा बाई यादव, सुशीला नाग, इंदु नाग, उषा मसीह, प्रकाश सारथी, सीमा ठाकुर, सुमित्रा सेन, माया सारथी ने कहा कि कच्चा मकान की स्थिति अच्छी नहीं है।भंडारीपारा में भी कई लोगों के पास पट्टा नहींभंडारीपारा वार्ड में भी कई गरीब लोगों के पास मकान का पट्टा नहीं बन पाया है। पिछले साल यहां पर पट्टा को लेकर सर्वे कर नापजोख की गई है। सर्वे के बाद अभी कई लोगों को नोटिस भेजा गया है। इसमें भूखंड के बाजार मूल्य का 152 प्रतिशत भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है। इसमें कुछ गरीब लोगों को लाखों रूपए का नोटिस पटाए जाने के लिए दिया जा रहा है। इसमें हाटल में काम करने वाले हलवाई अनिल यादव के पास 8 लाख 94 हजार 42 रुपए का नोटिस भेजा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Kachcha houses to collapse, not lease, so far away from housing scheme Full Article
india news जपं उपाध्यक्ष का कर्मचारियों को गालियां देते वीडियो वायरल, एफआईआर की मांग By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT अब तक कर्मचारियों पर सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने पद की धौंस देने की खबरें आती रही हैं लेकिन अब कर्मचारियों को अपशब्द कह उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी देते हुए धक्कामुक्की भी की जा रही है। ऐसा ही वीडियो अब अंतागढ़ जनपद पंचायत के कांग्रेस समर्थित उपाध्यक्ष भवन लाल जैन का सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो क्लिप के साथ पीडि़त कर्मचारियों ने पुलिस में शिकायत करते उपाध्यक्ष के खिलाफ एसटी एससी एक्ट के तहत एफआईआर करने की मांग की है।हालांकि घटना दो माह पूर्व 3 मार्च की है। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद मई माह में शिकायत की गई है। शिकायत लेकर मंगलवार 5 मई को अजजा थाना कांकेर पहुंचे आमाबेड़ा लैंपस विकासखंड अंतागढ़ के कर्मचारियों ने बताया कि अंतागढ़ जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष भवन लाल जैन अपने साथियों के साथ 3 मार्च को धान खरीदी केंद्र पहुंचे थे। यहां उन्होंने पद की धौंस देते हुए लैंपस के कर्मचारियों पर ऊंची अवाज में चिल्लाते हुए आरोप लगाने लगे कि धान खरीदीने के लिए किसानों का पर्ची काटने के नाम पर एक-एक हजार रूपए रिश्वत ले रहे हो। सभी को सस्पेंड कर जेल भेज दूंगा।उपाध्यक्ष द्वारा हल्ला मचाने पर कर्मचारियों ने उन्हें शांति के साथ बात करने कहा। इस पर उपाध्यक्ष और भड़क गए। शांत रहने के लिए समझाइश दे रहे लैंपस के लेखापाल त्रिलोकसिंह बघेल को ही अपशब्द कहने लगे। इसे देख कर्मचारी बंशी लाल दर्रो ने उपाध्यक्ष को समझाने की कोशिश की तो वे उस पर भड़कते हुए जातिगत अपशब्द कहने लगे। विवाद बढ़ता देख कर्मचारी देवलाल पटेल व दीपक कोसरे भी समझाने लगे।उपाध्यक्ष ने उन्हें अपशब्द कहते हुए उनसे धक्का मुक्की शुरू कर दी। लैंपस के सभी कर्मचारी वायरल वीडियो को लेकर कांकेर अजजा थाना पहुंच शिकायत सौंपते हुए अंतागढ़ जनपद उपाध्यक्ष भवन लाल जैन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।चुनाव में दिए रुपए वापस लेने उपाध्यक्ष की हरकतकर्मचारियों के अनुसार भवन लाल जैन बड़ेतेवड़ा इलाके से जनपद चुनाव के दौरान आमाबेड़ा लैंपस पहुंचे थे। लैंपस में काम कर रहे हमालों को अपने पक्ष में मतदान करने के एवज में रुपए दिया। इसे देख कर्मचारियों ने ऐसा करने से मना किया। भवन लाल नाराज हो गए और वहां एक हजार रूपए फेंककर कहा कि तुम लोग भी खा पी लेना। उन्हें पैसे उठा लेने कहा गया तो वे नहीं उठाए। वह चुनाव जीत उपाध्यक्ष बने तो एक हजार रूपए वापस लेने पहुंचे। कर्मचारियों ने कहा कि रुपए तुमने फेंक दिए थे, हमने नहीं लिए। बाद से उपाध्यक्ष अपने एक हजार रूपए वापस पाने इस तरह हरकत करने लगे।किसी किसान से नहीं लिया गया पैसा: कश्यपलैंपस अध्यक्ष मोहन कश्यप ने बताया कि घटना के बाद कर्मचारी शांत हो गए थे। जनपद उपाध्यक्ष द्वारा कर्मचारियों पर किसानों से पैसा लेने का आरोप लगा प्रताड़ित किया जाता रहा। जबकि किसी भी किसान से पैसा नहीं लिया गया है।धमकी से डरे थे कर्मचारी इसलिए बाद में शिकायतघटना के दो माह बाद शिकायत करने का कारण बताते कर्मचारियों ने कहा कि उपाध्यक्ष से मिली धमकी से भी कर्मचारी दहशत में थे।वे विवाद नहीं बढ़ाना चाहते थे। इसलिए कहीं शिकायत नहीं किए। लेकिन बाद में उपाध्यक्ष फिर से यहां वहां शिकायत कर अनावश्यक रूप से आमाबेड़ा लैंपस के कर्मचारियों को प्रताडि़त करने लगे। जब उपाध्यक्ष की ज्याददती बढ़ गई और वायरल वीडियो कर्मचारियों के हाथ लगा तो 24 अप्रैल को संचालक मंडल की बैठक की गई। जिसमें उपाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। 5 मई को इसकी शिकायत की गई।गड़बड़ी छुपाने बेबुनियाद आरोप लगा रहे: उपाध्यक्षजनपद पंचायत उपाध्यक्ष भवन लाल ने कहा मैं वहां कर्मचारियों द्वारा खरीदी में की जा रही गड़बड़ी की जांच करने गया था। मैंने किसी को अपशब्द नहीं कहे। कर्मचारी अपनी गड़बड़ी छुुपाने मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Video of JP vice president abusing employees viral, FIR demands Full Article
india news शादियां हो सकेंगी, लेकिन सिर्फ 50 लोग होंगे शामिल By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से सभी कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लग गए थे। ग्रीन जोन होने के कारण मिली रियायतों में अब वैवाहिक कार्यक्रम को भी शामिल कर दिया गया है। मंगलवार की देर शाम कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने आदेश जारी किया।इसके मुताबिक वैवाहिक कार्यक्रम को सशर्त छूट मिली है। यानी अब शादियां हो सकेंगी, लेकिन शर्त यह है कि घराती- बाराती की संख्या सिर्फ 50 या इससे कम होना है। इसके लिए पहले अनुमति क्षेत्र के तहसीलदार से लेनी पड़ेगी। अंतिम संस्कार कार्यक्रम में 20 लोगों के ही शामिल होने की अनुमति है। नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।अप्रैल में खास मुहूर्त था, 50 से ज्यादा शादियां हुईं रद्द: शादियों के लिए अप्रैल में खास मुहूर्त था। अक्षय तृतीया के दिन सबसे ज्यादा शादियां होती हैं। इस बार शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में शादियों की तैयारियां थीं। भास्कर पड़ताल में पता चला है कि करीब 50 से ज्यादा शादियां लॉकडाउन के चलते अप्रैल में रद्द हुई हैं। अब मई में 8 मुहूर्त हैं। रियायतों के बाद माना जा रहा है अब रद्द हुई शादियां इस महीने हो सकती हैं।इन नियमों का पालन जरूरी सोशल डिस्टेंस का पालन अनिवार्य होगा। किसी भी तरह का सार्वजनिक आयोजन, मार्ग पर बारात निकालने व सार्वजनिक भवनों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। विवाह सिर्फ अपने निवास के प्रांगण में ही करने की अनुमति होगी। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग की अनुमति नहीं होगी। सामूहिक भोज पर प्रतिबंध रहेगा। कार्यक्रम स्थल पर मास्क व हाथ धोने की व्यवस्था जरूरी। यह अनुमति दंतेवाड़ा जिले के लिए ही प्रवृत्त होगी, जिले के बाहर जाने की अनुमति का अधिकार जिला स्तर पर सुरक्षित रखा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news अब किसान चाहेंगे तभी होगा उनकी फसलों का बीमा By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT केंद्र की मोदी सरकार ने प्रदेश के साथ ही बस्तर संभाग के लाखों किसानों को लॉकडाउन के बीच अच्छी खबर दी है। केंद्र सरकार ने फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया है। इसके बाद किसान अपनी मर्जी से फसलों को बीमा करा सकेंगे। यह उनकी इच्छा पर निर्भर होगा कि वह अपनी फसलों का बीमा कराना चाहते हैं या नहीं। सरकार के इस फैसले से किसान क्रेडिट कार्डधारक किसानों से खुद ही फसल बीमा का प्रीमियम नहीं काटेगा। किसानों को दी जाने वाली राहत का लाभ बस्तर जिले के किसानों को बड़े पैमाने पर मिलने की बात कही जा रही है ।बता दें कि प्राकृतिक आपदा में फसल को नुकसान होने पर बीमा कंपनी अन्नदाता को क्षतिपूर्ति देकर उन्हें राहत देने केंद्र सरकार ने 13 जनवरी 2016 को केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी। हालांकि सरकार की इस योजना से बीमा कंपनियां तो मालामाल हो गई। वहीं किसान परेशान ही रहे।योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को खरीफ फसल के लिए बीमा राशि का 2 फीसदी और रबी की फसल के 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर ऋण लेने वाले किसानों की फसलों का बीमा अपने आप हो जाता है। किसान जितना लोन लेते हैं उसी आधार पर इंश्योरेंस कंपनी बीमा करती है। सरकार की इस योजना के पीछे उद्देश्य है कि दैवीय आपदा (तेज बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि, सूखा आदि) से फसल का नुकसान होता है तो बीमा कंपनी, खराब हुई फसल के एवज में मुआवजा देगी। उपसंचालक कृषि विकास मिश्रा ने कहा कि इस योजना को अब किसानों की मर्जी से संचालित होगी इसकी जानकारी उन्हें दी जा रही है ।उम्मीद के मुताबिक कारगर नहीं रही योजनाकिसानों को प्राकृतिक आपदा से वाले नुकसान से बचाने के लिए जिले में लागू पीएम फसल बीमा योजना लागू की गई। लेकिन किसानों के फायदे के लिए लागू हुई यह योजना बस्तर जिले में अब तक उम्मीद के मुताबिक सफल नहीं हो पाई है। साल 2016-17 के खरीफ सीजन में, जहां 23410 किसानों ने 37077 हेक्टेयर में तो वहीं 2017-18 में 19 हजार 314 किसानों ने 32 हजार 335 हेक्टेयर और फसल का बीमा करवाया। इसके अलावा 2018- 19 में 30 हजार 164 किसानों ने 43559 तो वहीं 2019-20 के खरीफ सीजन में 25 हजार किसानों ने करीब 30 हजार हेक्टेयर में लगी फसलों का बीमा करवाया था। इसमें से इस साल करीब 5 हजार किसानों को ही इस योजना का फायदा मिला है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news 2 की जगह सिर्फ एक किलो मिला चना, जून का चावल नहीं दिया गया By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना संक्रमण के बीच गरीब परिवार को राहत देने के लिए लगातार राज्य और जिला प्रशासन कोशिश कर रही है, लेकिन इसका फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है। जून का चावल और चना मई में देने की खाद्य विभाग की कोशिश सफल नहीं हो पा रही है। तीन दिन पहले सर्वर ठप रहने से जहां लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया तो वहीं सोमवार को 2 की जगह केवल एक किलो चना मिला। वहीं चावल नहीं मिलने से लोग नाराज थे।शहर के अंबेडकर और अन्य वार्ड में संचालित राशन दुकानों में सरकारी राशन लेने पहुंचे लोगों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीब परिवारों को तीन महीने का चावल मुफ्त में देने की बात कही थी, लेकिन इसका लाभ प्राथमिकता और अंत्योदय राशन कार्डधारियों को मिल रहा है। इसमें भी जिस परिवार में चार या उससे अधिक सदस्य हैं उन्हें ही इसका लाभ मिल रहा है। बाकी लोगों को केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। नाराज लाेगों ने कहा कि सरकार ने गरीब परिवारों को हर महीने चना देने की बात कही है, लेकिन यह चना भी नहीं मिल रहा है। उन्हें इस समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। सहायक खाद्य अधिकारी दिव्या रानी ने कहा कि शासन से जारी निर्देश के तहत ही राशन गरीब परिवारों को दिया जा रहा है। इसमें कोई मनमानी राशन दुकानदारों द्वारा नहीं की जा रही है। निशक्तजन, एकल निराश्रित और अन्नपूर्णा राशन कार्ड परिवारों को अतिरिक्त राशन नहीं मिलेगा।प्राथमिकता में सदस्यों के आधार पर मिलेगा चावलप्राथमिकता राशनकार्ड परिवारों को मई में तीन माह का अतिरिक्त आवंटन 9 किलो प्रति सदस्य होगा। एक सदस्य वाले राशनकार्ड को 10 किलो, दो सदस्य वाले राशनकार्ड को 20 किलो, 3 सदस्य वाले को 35 किलो, 4 सदस्य वाले राशन कार्ड को 35 किलाे और अतिरिक्त 15 किलो, 5 सदस्य वाले परिवार को 35 किलो, अतिरिक्त 45 किलो, 6 सदस्य वाले राशन कार्ड को 42 किलो, अतिरिक्त 54 किलो जून का राशन मुफ्त में मिलेगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Found only one kilo of gram instead of 2, June rice was not given Full Article
india news कोंडागांव के 2 सहित तीनों संदिग्धों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT अहमदाबाद से लौटे युवक और कोंडागांव के दोनों मजूदरों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। सोमवार की देर शाम इन तीनों की रैपिड किट में एंटीबॉडी जांच पॉजिटिव आई थी। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था। इसी बीच इन सभी संदिग्धों की कोरोना पीसीआर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। यहां सभी के नमूने लिए गए और नमूनों को जांच के लिए मेकॉज के लैब भेजा गया था। मंगलवार देर शाम को सभी की कोराेना रिपोर्ट आ गई है और सभी की रिपोर्ट निगेटिव है।जनरेटर की रोशनी में रातभर स्वास्थ्य अमले ने किया 80 ग्रामीणों का रैपिड टेस्टकोंडागांव | कोंडागांव जिला ग्रीन जोन में है। सोमवार रात जिले के अंतिम छोर पर स्थित कोरमेल गांव की एक महिला को रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव आने से प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। हालांकि जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में आरटी पीसीआर टेस्ट में दोनों ही कोरोना से संक्रमित नहीं पाए गए हैं। कोंडागांव जिले के अंतिम छोर पर स्थित मर्दापाल के पास कोरमेल गांव में एक पुरुष में सर्दी-खांसी के लक्षण के बाद रैपिड टेस्ट में उसे संदिग्ध पाते हुए मेडिकल कॉलेज भेजा गया। जिसके बाद उस व्यक्ति के गांव कोरमेल में अन्य ग्रामीणों की जांच की गई। स्वास्थ्य अमला द्वारा अपने साथ लाए जनरेटर की रोशनी में ग्रामीणों का परीक्षण शुरू किया गया। कोरमेल में देर रात तक 80 लोगों की जांच की गई है। कोरोना की आशंका में पूरे गांव को सील कर दिया गया था।गुरमेल में गत 8 मार्च को बिहार से आया एक व्यक्ति क्वारेंटाइन में था। वह सर्दी-खांसी की शिकायत के बाद वह तीरथा हॉस्पिटल पहुंचा। उसे भानपुरी चिकित्सालय भेज दिया गया। रैपिड टेस्ट में उससे कोरोना का संदिग्ध माना गया जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया। कोरमेल में जिस महिला को रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया, वह बिहार से आए व्यक्ति की भाभी है। पूरे परिवार का टेस्ट किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Corona report of three suspects including 2 of Kondagaon negative Full Article
india news दूसरे जिलों व राज्यों में फंसे हैं दंतेवाड़ा के 180 छात्र, अब इन्हें भी लाने की तैयारी By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT मजदूरों के अलावा दूसरे राज्यों व जिलों में फंसे छात्रों को भी घर वापस लाने की तैयारी की जा रही है। दंतेवाड़ा के 180 छात्र दूसरे जिले व राज्यों में फंसे हुए हैं। अब इनकी भी सूची प्रशासन बना रहा है कि ये बच्चे उन राज्यों के किस जोन वाले जिले में हैं। इधर बच्चों की घर वापसी का परिजन भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लगातार अफसरों से संपर्क भी कर रहे हैं।अभी प्रशासन के पास जिन बच्चों के नामों की सूची बनी है उनमें 12 राज्यों में बच्चों के फंसे होने की जानकारी है, जो वापस अपने घर आना चाहते हैं। इनमें तेलंगाना व आंध्रप्रदेश में दंतेवाड़ा के सबसे ज्यादा बच्चे हैं। ये बच्चे पढ़ाई या कोचिंग के सिलसिले में दूसरे प्रदेशों में रह रहे हैं। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि दूसरे जिले व राज्यों में फंसे बच्चों को भी लाने की तैयारी है। राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप काम हो रहा है। नोडल अधिकारी आस्था राजपूत ने बताया बच्चों की सूची बनाई जा रही है। हर दिन संख्या बढ़ रही है। गाड़ियां तैयार हैं। राज्य स्तर से निर्देश मिलने के बाद गाड़ियां भेज दी जाएंगी।दंतेवाड़ा में फंसे ओडिशा के लोगों को भेजा गया घर: दंतेवाड़ा के लोगों को बाहर से लाने की तैयारी तो है, लेकिन दंतेवाड़ा में फंसे बाहर के लोगों को भी घर भेजा जा रहा है। दूसरे जिले के करीब 100 मजदूरों को उनके घर भेज दिया गया है। इतना ही नहीं दंतेवाड़ा में फंसे ओडिशा के लोगों को भी प्रशासन ने घर भेज दिया है, लेकिन अब भी दूसरे राज्यों के 200 से ज्यादा लोग यहां फंसे हुए हैं।क्वारेंटाइन पूरा करने के बाद ही जा सकेंगे घरजो भी बच्चे दूसरे जिलों व राज्यों से लौटेंगे उन्हें क्वारेंटाइन मे रहना होगा। इसके बाद ही वे अपने घर जा सकेंगे। इधर हैदराबाद में बालिका शिक्षा योजना के तहत नर्सिंग की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को भी वापस लाने पर अभी असमंजस की स्थिति है, क्योंकि हैदराबाद रेड जोन में है। कोटा से लौटे दंतेवाड़ा के 13 बच्चे भी क्वारेंटाइन में हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news चार नोटिस देने के बाद भी कंपनी ने नहीं शुरू किया अमृत मिशन का काम By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT शहर के 24 हजार 132 परिवारों को 24 घंटे पानी मुहैया कराने बनाई गई अमृत योजना अधर में लटक गई है। तीन महीने पहले बिना किसी को जानकारी दिए ठेका कंपनी के कर्मचारी काम छोड़कर भाग चुके हैं। आलम यह है कि जिस कंपनी को काम शुरू करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने चार बार नोटिस भेजा था। जिसमें काम शुरू नहीं करने पर कार्रवाई के साथ ही काम वापस लेने की बात कही थी। अब निगम के अफसर उसी कंपनी द्वारा काम किए जाने की बात कह रहे हैं। अफसरों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते कंपनी काम नहीं कर पा रही है, अब इसे जल्द शुरू करवाने की बात कही जा रही है। लेकिन कंपनी के कर्मचारी लॉकडाउन के पहले ही काम छोड़कर भाग गए थे।नोडल अधिकारी एस बी शर्मा ने कहा कि कंपनी काम छोड़कर अचानक क्यों चली गई। इसकी जानकारी भी कंपनी की ओर से अब तक नहीं आई है। काम शुरू करने कंपनी को चार बार नोटिस भेजा गया है। उन्होंने बताया कि कंपनी के कर्मचारी इस काम को लेकर रायपुर में सूडा के अधिकारियों से संपर्क में है। लॉकडाउन के चलते वे यहां नहीं आ पा रहे हैं। 103 करोड़ रुपए की लागत वाले इस कार्य को महाराष्ट्र की गोंडवाना कंपनी कर रही है।300 किमी में से 85 किमी की पाइपलाइन ही बिछीअमृत योजना में 20 टंकियों से पानी सप्लाई किए जाने की योजना है। इसके अंतर्गत पुरानी टंकियों के अलावा 6 और टंकियों का निर्माण होना है। लेकिन अभी तक चार टंकी का काम पूरा हो पाया है। अमृत योजना में शहर में दूरदर्शन कॉलोनी धरमपुरा, कंगोली, सांई कालोनी, वर्धमान कॉलोनी और लालबाग के पास पानी की टंकियां बन रही है। 300 किमी डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन में से केवल 85 किमी की पाइपलाइन बिछाई गई है। इसके अलावा नयामुंडा में बनाया जाने वाला प्लांट आधा भी नहीं बना है।दो महीने में खत्म होगी काम पूरा करने की मियादअमृत मिशन का काम दिसंबर 2019 तक पूरा होना था, लेकिन कार्य पूरा नहीं होने पर जून 2020 तक पूर्ण करने अल्टीमेटम दिया था। समय पर काम पूरा करने के लिए करीब तीन साल पहले महाराष्ट्र की गोंडावाना कंपनी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। कंपनी ने इस काम को लेकर शुरुआती दौर में तो तेजी दिखाई लेकिन बाद में प्राइवेट और सरकारी विभाग की अड़चन और समय पर पैसे नहीं मिलने के चलते कंपनी ने काम छोड़ दिया। इधर निगम की कवायद है कि जनवरी 2021 घर-घर तक पानी पहुंचे जाए।शहर की नई सरकार अमृत मिशन को लेकर गंभीर नहींनगर में नई सरकार के बनने के बाद इस काम में तेजी आने की बात कही गई थी लेकिन शहर की नई सरकार के बनने के बाद जिम्मेदार लोगों की अनदेखी के चलते कंपनी ने अपना काम समेट लिया है। कंपनी के भाग जाने की खबर प्रकाशित होने के बाद महापौर सफीरा साहू को लगी उन्होंने आनन-फानन में इस योजना से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली और इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा था फिर कोई पहल नहीं की। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Even after giving four notices, the company did not start the work of Amrit Mission Full Article
india news झारखंड के 80 मजदूर आज पहुंचेंगे बासागुड़ा By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT तेंलगाना के कोत्तागुड़ेम जिले के भैयारम्म में झारखंड के मजदूर एक उद्योग में कार्य करने गए थे। लेकिन पूरे देश में लॉकडाउन है वहां काम नहीं मिलने के कारण काफी दिनों से परेशानी झेलनी पड़ रही थी। मंगलवार को झारखंड के 80 मजदूर तेलंगाना के भैयारम्म गांव से पैदल छत्तीसगढ़ सीमा तक पहुंचे। सीमा से लगे जंगली रास्ते से एक ट्रैक्टर आ रहा था इसी दरमियान मजदूरों को एक साथ पैदल चलते देख ट्रैक्टर चालक ने उनसे पूछताछ की, पूछताछ करने पर उन्होंने झारखंड के मजदूर होना बताया। जानकारी के अनुसार मजदूर ट्रैक्टर से पुसगुफा के रास्ते से होते हुए छत्तीसगढ़ के उसूर ब्लॉक के कोण्डापल्ली मार्ग से बुधवार को ग्राम बासागुड़ा पहुंचेंगे। उसूर तहसीलदार सीताराम कंवर ने बताया यदि मजदूर पहुंचे तो सबसे पहले इनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। फिर कलेक्टर और एसडीएम के आदेशानुसार आगे की व्यवस्था होगी।पहले से ही पोटाकेबिन में 40 मजदूर रह रहे हैंउसूर के जिस पोटाकेबिन में इन मजदूरों को रखने की संभावना जताई जा रही है। उनमें पहले से ही झारखंड और एमपी के 40 मजदूर रखे गए हैं। इन सबकी थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई है। किसी भी मजदूर में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं। सभी को कोरोना से बचने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इन सब मजदूरों के खाने पीने की व्यवस्था उसूर पंचायत कर रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news झारखंड जाने नगरनार से पैदल निकले 25 मजदूर, पुलिस ने रोका, वापस प्लांट भेजा By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT नगरनार इस्पात संयंत्र में झारखंड के करीब 25 मजदूरों ने इकट्ठा होकर वापसी की फिराक में मुहिम चलाने की कोशिश की। इसके पीछे का कारण ये बताया जाता है कि कुछ मजदूरों को झारखंड से जगदलपुर लाया गया, जिसके बाद झारखंड के मजदूरों ने वापसी के लिए एकजुट होकर जाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि झारखंड से बसाें के अाने के बाद वे वापस जाने की फिराक में थे। लेकिन कोई इंतजाम न दिखा तो मंगलवार सुबह झारखंड के पलामू जिले के करीब 25 मजदूर इकट्ठा हुए और पैदल वापसी करने की तैयारी कर ली। इसके बाद उन्होंने जैसे ही वापसी के लिए पैदल चलना शुरू किया, गोरियाबहार नाले के पास उन्हें रोक लिया गया और नगरनार पुलिस उन्हें लेकर वापस चली गई।मजदूराें ने ठेकेदारों पर वेतन नहीं दिए जाने का अाराेप लगाया। लेकिन इन मजदूरों को 22 मार्च तक का वेतन कंपनियों ने दे दिया था। इसके बाद लॉकडाउन के उन्हें पैसे नहीं दिए गए। मजदूर पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान को आधार बना रहे थे जिसमें उन्होंने मालिकों से किसी का भी पैसा न काटने की अपील की थी, लेकिन इस संबंध में सरकार द्वारा काेई आदेश जारी नहीं होने से कंपनियों ने इस पर कोई पहल नहीं की। एसडीएम जीअार मरकाम ने कहा कि वेतन अाैर एडवांस की रकम ठेकेदारों द्वारा काट लिए जाने पर मजदूराें काे आपत्ति थी, लेकिन इसका हल निकाल लिया गया है। मजदूर लाॅकडाउन की समयावधि का वेतन मांग रहे हैं जिस पर न ताे एनएमडीसी ने अाैर न ही कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने काेई निर्णय लिया है।मजदूर बोले- वापसी के लिए कोई प्रयास नहीं हुएमजदूर जोगेंद्र यादव, संजय, प्रमोद, विनय सहित अन्य ने बताया कि उन्हें एक महीने का वेतन भी नहीं दिया है। दरअसल उन्हें 22 मार्च तक का वेतन दिया गया था। कई मजदूरों ने एडवांस भी ले रखा था। ऐसे में ठेकेदार ने एडवांस की रकम भी काटी। ऐसे में पैदल ही निकल पड़े। मजदूरों ने बताया कि वापसी के लिए अपने प्रदेश के जिम्मेदारों तक बात पहुंचाने की कोशिश की पर कोई मदद नहीं मिली।इधर मारकेल में रुके 12 मजदूरों पर खाने का संकटइधर मारकेल में बने हटमेंट में भी कुछ लेबर रुके हुए हैं। ये 12 मजदूर सब स्टेशन में इलेक्ट्रीशियन का काम कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद भी कोई काम नहीं होने के कारण अब उन पर संकट खड़ा हो गया है। इन हालातों में जहां उन्हें खाना नहीं मिल पा रहा है और न ही जरूरत का सामान ही उन्हें मुहैया हो पा रहा है। ये मजदूर वापस जाना चाहते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 25 laborers on foot from Nagarnar to go to Jharkhand, police stopped, sent back to plant Full Article
india news शराब के लालच में दुर्ग से आया मजदूर पकड़ाया, जिला अस्पताल में क्वारेंटाइन By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT बीती रात सुभाष वार्ड मेंं एक व्यक्ति को वार्ड के ही एक युवक के साथ शराब पीते वार्डवासियों ने पकड़ा। वार्डवासी उसे लेकर सीधे थाना पहुंचे। वार्डवासियों का कहना था कि उक्त व्यक्ति दुर्ग में रहता है और आज ही वहां से आया है। इससे उसे कोरोना को लेकर शंका है। पुलिस ने रात में उसे जांच के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां उसे आइसोलशन वार्ड में क्वारंेटाइन कर दिया गया है। विदित हो दुर्ग में कोरोना के नए केस आने के बाद जब वहां से उक्त व्यक्ति कांकेर आया तो लोग डर गए। उक्त व्यक्ति पूर्व में कांकेर में रह कर मजदूरी करता था। लेकिन पिछले कुछ साल से वह दुर्ग के केलाबाड़ी इलाके में रहता है। व्यक्ति शराब का आदी है। लॉकडाउन के चलते अब तक शराब की दुकानें बंद थीं। बताया जा रहा है 4 मई को दुर्ग में शराब की दुकान बंद रहने के कारण वह कांकेर में शराब दुकान खुलने की खबर पाकर इसकी लालच में सामान लेकर आने वाले ट्रकों में छिप कर सोमवार को कांकेर पहुंचा। पहुंचते ही सीधे शराब लेने दुकान चला गया। लौटकर वह सुभाष वार्ड निवासी अपने साथी के साथ शराब पीने लगा। मोहल्ले वालों ने उसे देख लिया और पहचान लिया। वे जानते थे कि वह दुर्ग का रहने वाला है। वार्ड में यह बात फैल गई। लोगों दोनों को पकड़कर थाने ले गए। बिना किसी अपराध के पुलिस उन्हें थाने में नहीं रख सकती थी। इसलिए उसने स्वास्थ्य विभाग सूचित किया। पुलिस भी पूरी एहतियात बरतते हुए उसे पहले पैदल जिला अस्पताल रवाना किया और उससे दूरी बना पीछे पीछे स्वयं गई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The laborer who came from the fort was caught in the greed for alcohol, quarantine in the district hospital Full Article
india news फायर ब्रिगेड ने क्वारेंटाइन सेंटर्स को किया सैनिटाइज By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:09:00 GMT रेंगाखार और समनापुर जंगल में 6 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन हरकत में आ गई है। संक्रमितों को एम्स रायपुर शिफ्ट कराने के बाद यहां के क्वारेंटाइन सेंटर्स को सैनिटाइज किया जा रहा है। कवर्धा जिला नगर सेनानी से दो फायर ब्रिगेड वाहन भेजी गई थी। दोनों वाहनों ने दो दिन में कंटेनमेंट जोन के इन क्वारेंटाइन सेंटर्स को सैनिटाइज किया।इसके साथ ही यहां के सभी शासकीय व निजी भवनों और थाने को सैनिटाइज किया। नगर सेनानी के दमकल कर्मियों ने बालक आश्रम रेंगाखार, कन्या पोस्ट मैट्रिक रेंगाखार, कन्या प्री- मैट्रिक आश्रम, हाईस्कूल, मिडिल स्कूल समेत सभी क्वारेंटाइन सेंटर को सैनिटाइज किया है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अब कबीरधाम जिले के रेड जोन में शामिल गांवों के लोगों का एंटी बॉडी रैपिड टेस्ट होगा। गांवों में सर्विलेंस टीम पहुंच गई है। पूरी तरह से एहतियात बरतने के साथ ही जागरूक भी कर रहे हैं।कलेक्टर से अनुमति जरुरीरेंगाखार क्वारेटाइन सेंटर में ही हुई घटना के बाद से प्रशासन अलर्ट हो गया है। क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराए गए मजदूरों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रहना अनिवार्य है। क्वारेंटाइन के 14 दिन पूरा होने के बाद श्रमिकों को उनके घर भेजने से पहले कलेक्टर से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। ट्रैवल हिस्ट्री भी रखने कहा है।चेकपोस्ट में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के निर्देशकबीरधाम जिले के सभी सीमा क्षेत्रों में बनाए गए चेकपोस्ट में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी सीमा के चेकपोस्ट में 24 घंटे जांच के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगवाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सभी चेकपोस्ट में टेस्ट किट व टीम तैयार रखें।दल को अलग-अलग रखेंकलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों से उनके क्षेत्र में अन्य जिलों और राज्यों से आने वाले मजदूरों की जानकारी ली। उन्होंने सभी एसडीएम, जनपदों के सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपने क्षेत्र में ग्राम पंचायतवार, अन्य राज्यों में गए श्रमिकों के आकलन के अनुसार व्यवस्था करें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The fire brigade sanitized the quarantine centers Full Article
india news डॉक्टर घर के बाहर खा रहे खाना, ड्यूटी पूरी कर हो रहे क्वारेंटाइन By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:12:00 GMT रेंगाखार और समनापुर जंगल में एक साथ 6 पॉजिटिव केस मिलने के बाद कबीरधाम रेड जोन में आ गया है। वायरस के बढ़ते खतरे के सामने हमारे डॉक्टर्स और लैब टेक्नीशियन समेत सभी स्वास्थ्यकर्मी योद्धा की तरह लड़ रहे हैं। छुट्टी की सोचना तो दूर, कितने घंटे काम करना पड़ रहा, इसका भी हिसाब नहीं है।ड्यूटी के अलावा और कैसे मोर्चे पर जूझना पड़ रहा है, यह इससे समझ लीजिए कि कई डॉक्टर्स घर जाते हैं तो एहतियात के तौर पर भोजन घर के बाहर ही बैठकर खा रहे हैं। ड्यूटी खत्म होने पर घर जाकर रूम में सेल्फ क्वारेंटाइन हो रहे हैं। घर में रहकर भी माता-पिता, पत्नी और बच्चों से अलग रहना पड़ रहा है। कुछ डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ तो ऐसे भी हैं, जो 3 दिन से अपने घर ही नहीं गए।क्वारेंटाइन सेंटर में रहकर ड्यूटी निभा रहे हैं। इसके अलावा हेल्थ टीम मैदानी स्तर पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी लोगों को सचेत कर रही है। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने अपने टि्वटर पर घर के बाहर खाते डॉ. शिवगोपाल की फोटो शेयर कर कोरोना योद्धाओं को मनोबल बढ़ाया।संक्रमण का डर सभी को पर घबराना इसका इलाज नहींडॉ. गौरव परिहार का कहना है कि जिले में कोरोना पॉजिटिव मिलने पर लोग डरे हुए हैं, लेकिन घबराना इसका इलाज नहीं है। हमें मौका मिला है कि जो डरे हुए हैं, उनकी सेवा करें। सभी डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन अपने परिवार से नहीं मिल पा रहे हैं, उनसे दूरी बनाकर रखे हैं। वायरस को लेकर पूरी तरह से एहतियात बरतना जरुरी है।बच्चों से दूर से ही मिलते हैंशहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. शिवगोपाल ठाकुर संक्रमण की रोकथाम को लेकर फ्रंट लाइन में काम कर रहे हैं। वे बताते हैं कि ड्यूटी के बाद जब घर जाते हैं तो बरामदे में जूते उतार देते हैं। सीधे बाथरुम में जाते हैं। पहने कपड़ों को गर्म पानी में भिगोकर खुद ही धोते हैं। फिर नहाकर निकलने के बाद बच्चों को दूर से ही मिलते हैं। परिवार वालों से अलग खाना खाते हैं और रुम में सेल्फ क्वारेंटाइन हो जाते हैं। यही स्थिति बाकी लोगों की भी है।संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का सैंपल ले रहेजिले के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में पदस्थ लैब टेक्नीशियन कुबेर सेन, उज्जैन साहू, राजकुमार चंद्रवंशी, अजय कुर्रे, बीरेन्द्र चंद्राकर, तरुनेन्द्र तिवारी, अनिल देशलहरा, विनोद चंद्रवंशी, अनिल देशलहरे और वेदप्रकाश संक्रमण की रोकथाम के लेकर फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं। संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का सैंपल ले रहे हैं। एमपीडब्ल्यू, एएनएम, मितानिनें भी हैं,जो अपने क्षेत्र में संक्रमण की रोकथाम में योगदान दे रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The doctors are eating food outside the house, quarantine is doing duty Full Article
india news क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे 22 लोग, सोने को सिर्फ दरी मिली, बिस्तर व साबुन घर से मंगवाना पड़ रहा By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:14:00 GMT रेंगाखार और समनापुर जंगल के जिस क्वारेंटाइन सेंटर में 6 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, वहां दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को भी लाकर रखा गया है। लेकिन वहां न पर्याप्त खाने की सुविधा है और न ही सोने की। कोरोना से सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं है। भास्कर ने जब इन क्वारेंटाइन सेंटर की पड़ताल की तो हालात बदतर मिले।बालक पूर्व माध्यमिक शाला रेंगाखार कला को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां लगभग 22 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। सुविधा के नाम पर सिर्फ दरी पट्टी दी गई है, वह भी उसी स्कूल का है। क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों ने सोने के लिए अपने-अपने घरों से बिस्तर मंगाए हैं। नहाने व कपड़े धुलाई के लिए साबुन भी घर से मंगा रहे हैं। भोजन की व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं है। क्वारेंटाइन में रह रहे मजदूरों ने बताया कि शुरुआत के दो दिन के लिए चावल-दाल मिला था, जो खत्म हो गया। एक-दो दिन तक घर से ही टिफिन में खाना मंगाए। फिर सूखा चावल-दाल लाकर छोड़ दिया गया। स्थिति एेसी है कि खाना बनाने वाला भी कोई नहीं है।अपने-अपने लिए खुद ही भोजन पकाते हैं और बर्तन साफ करते हैं।रेंगाखार सेंटर में सर्वाधिक 80 लोग हैंसेंटर क्वारेंटाइन लोगरेंगाखार कला स्कूल व आश्रम 80हाईस्कूल उसरवाही 65प्राथमिक स्कूल भिंभौरी 50प्राथमिक स्कूल पंडरिया 44प्राथमिक स्कूल भेलवाटोला 42प्राथमिक स्कूल खारा 34प्राथमिक स्कूल सरईपतेरा 17प्राथमिक स्कूल नेवासपुर 11प्राथमिक स्कूल खम्हरिया 09प्राथमिक स्कूल पंडरीपानी 08आदिवासी बालक आश्रम समनापुर 06प्राथमिक शाला बरेंडा 06प्राथमिक स्कूल रोल 05घानीखुंटा स्कूल 03कोयलारझोरी स्कूल 03प्राथमिक स्कूल तितरी 02बोदा 47 स्कूल 01बम्हनी स्कूल 01तहसीलदार बोले- यहां पर खाना बनाने के लिए रसोइए तैयार नहीं, इसलिए समस्यारेंगाखार के तहसीलदार राधेश्याम वर्मा का कहना है कि क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराए गए लोगों के लिए चावल-दाल की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सेंटर में भोजन पकाने के लिए रसोइए तैयार नहीं हो रहे हैं। इसलिए क्वारेंटाइन में रह रहे लोग ही अपना भोजन पकाते हैं। कुछ लोग अपने घर से टिफिन में खाना मंगवाए थे । पटवारी ने टिफिन में खाना देते 2 लोगों को पकड़ा था उन्हें पुलिस के हवाले किया गया है। यहां रह रहे लोगों की पूरी निगरानी की जा रही है।सुविधा नहीं मिली तो हम लोग घर चले जाएंगे...क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे ग्राम सुतिया के दो लोगों को राशन नहीं मिला है। बताया कि उन्हें 3 मई की शाम को यहां लाया गया था। पूरी रात व अगले दिनभर भूखे थे तो घर से टिफिन में खाना मंगाकर खाए। वहीं ग्राम चमारी के 11 लोगों भी यहीं क्वारेंटाइन में हैं। इनमें महिला-पुरुष और बच्चे शामिल हैं। इनका कहना है कि अगर सुविधा नहीं मिली तो वे अपने घर चले जाएंगे।तहसीलदार, एसडीएम समेत संक्रमितों के संपर्क में आए 85 लोगों के सैंपल लिएरेंगाखार कला व समनापुर जंगल में 6 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनके संपर्क में आने वाले 85 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। सोमवार को पूरे दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम सैंपल लेने में जुटी रही। यही नहीं, रात लगभग 9 बजे सैंपलिंग का काम पूरा किया गया। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि एहतियात के तौर पर रेंगाखार पंचायत के सरपंच-सचिव, कोटवार, चौकीदार, तहसीलदार और एसडीएम का भी सैंपल लिया गया है। सभी सैंपल को जांच के लिए एम्स रायपुर भेजा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 22 people living in quarantine center, sleeping only got carpets, having to get bed and soap from home Full Article
india news पोर्टल में शिक्षकों के गलत मोबाइल नंबर का हो गया पंजीयन, अब सुधारने में जुटे By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:20:00 GMT जिले के स्कूली बच्चों ने घर पर ही 7 अप्रैल से पोर्टल पढ़ई तुंहर दुआर के जरिए बिना किसी शुल्क के ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है। लाॅकडाउन के कारण स्कूल लंबे समय से बंद हैं। इस कारण यह आवश्यक हो गया था कि घर पर रहकर ही बच्चों को पढ़ने-लिखने और सीखने का अवसर प्रदान किया जाए, लेकिन कबीरधाम जिले में इस पोर्टल के जरिए पढ़ाई किए जाने की स्थिति ठीक नहीं है।जिले के ग्रामीण व वनांचल में पहले से ही नेटवर्क की समस्या है, तो दूसरी ओर पोर्टल में एक और समस्या आ गई है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शुरू में पंजीकरण के समय मोबाइल नंबरों के सत्यापन की व्यवस्था न होने के कारण कुछ लोगों ने गलत मोबाइल नंबर से पंजीकरण कर लिया था। यह जानकारी मिलने पर पंजीकरण के समय ओटीपी द्वारा मोबाइल नंबर का सत्यापन अनिवार्य किया गया है। चेक करने पर पता चला कि पूरे राज्य में 21,26,791 पंजीकृत विद्यार्थियों में से केवल 24,411 के मोबाइल नंबर सही नहीं है।संघ ने नए सिरे से क्लास शुरू करने की मांग कीकुल 1,88,900 पंजीकृत शिक्षकों में से केवल 312 के मोबाइल नंबर सही नहीं है। इन मोबाइल नंबरों से पंजीकृत विद्यार्थियों एवं शिक्षकों से संपर्क करके उनके मोबाइल नंबर ठीक कराने की कार्रवाई की जा रही है। कबीरधाम जिले में अब तक 66272 बच्चे व 5807 शिक्षकों का पंजीयन किया गया है। स्कूलों में 1 मई से ग्रीष्म अवकाश शुरू हो चुका है। लेकिन इस लॉकडाउन अवधि में ऑनलाइन क्लास चल रही है। गर्मी की छुट्टी में ऑनलाइन क्लास का शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने विरोध किया है। संघ ने ऑनलाइन क्लास को अभी स्थगित कर आवश्यकतानुसार नए सत्र में नए सिरे से शुरुआत करने मांग शिक्षा विभाग से की है।इस कारण वर्चुअल क्लास का किया जा रहा विरोधशालेय शिक्षाकर्मी संघ के मोहन राजपूत, संजय जायसवाल व राकेश जोशी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार मोबाइल स्क्रीन के सामने रहने से नौनिहालों की आंखों और मनोमस्तिष्क पर हानिकारक असर भी होने का अंदेशा है। बच्चों को मोबाइल के ज्यादा उपयोग से रेडिएशन व अन्य कारणों से स्वास्थ्यगत समस्याओं से बचाना भी हम सबका फर्ज है। अतः इन्हें अभी इस ग्रीष्मावकाश में वर्चुअल क्लास से मुक्त रखना उचित होगा। शासकीय विद्यालयों में अधिकतर बच्चे गरीब और मजदूर परिवार के बच्चे होते हैं, वर्चुअल क्लास के लिए स्मार्ट फोन और इंटरनेट डाटा पैक की जरूरत होती है।1376 स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू होने का दावासंघ की मानें तो वर्तमान में बच्चों को उन्नत कक्षा के पुस्तक नहीं दिए गए हैं। ऐसे में उपयुक्त यही होगा कि अभी चल रहे इस वर्चुअल क्लास की बाध्यता को स्थगित किया जाए। क्योंकि इस वर्चुअल क्लास का लाभ सभी विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। जिले में पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल के माध्यम से पढ़ाई होने का शिक्षा विभाग दावा कर रहा है। अफसरों की मानें तो इस पोर्टल में जिले के 66272 बच्चों समेत 5807 शिक्षकों का पंजीयन व 1376 स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू होने का दावा भी किया है। वर्चुअल कक्षा संचालन बाद विद्यार्थियों को एसाइनमेन्ट, गृहकार्य दिया जा रहा है।शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगाजिला शिक्षा अधिकारी केएल महिलांगे ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को सीधे राज्य स्तर पर ही देखरेख किया जा रहा है। ऑनलाइन क्लास बंद करने का निर्णय राज्य स्तर पर लिया जाएगा। वर्तमान में जिले के 66272 बच्चों समेत 5807 शिक्षकों का पंजीयन व 1376 स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू की जा चुकी है। ऑनलाइन कक्षा में कम बच्चे जुड़ पा रहे हैं ,इसे देखते हुए सोमवार को आदेश जारी कर सभी शिक्षकों को पोर्टल में अपना व बच्चों को पंजीयन कराने निर्देश दिए हैं।ग्रीष्मावकाश में प्रयोग किया जाना अव्यवहारिकशालेय शिक्षाकर्मी संघ के जिलाध्यक्ष शिवेंद्र चंद्रवंशी व प्रदेश प्रवक्ता गजराज सिंह राजपूत ने जारी विज्ञप्ति में इस विषय पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि शासन की यह महत्वाकांक्षी योजना दूरदर्शी है और प्रासंगिक भी है, इसका ग्रीष्मावकाश में प्रयोग किया जाना अव्यवहारिक है। वैसे भी कोर्स पूरा करने जैसा कुछ भी नहीं है। क्योंकि ये शिक्षा सत्र समाप्त हो चुका है। सबका जनरल प्रमोशन किया जा चुका है। बोर्ड परीक्षाएं एकाध विषय को छोड़कर सभी सम्पन्न हो चुकी है और शिक्षक मूल्यांकन कार्य में संलग्न हैं। संघ का कहना है कि बिना उचित व्यवस्था किए वर्चुअल क्लास का संचालन उचित नहीं है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news संग्राहकों को 2018 के लाभांश के 750 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:26:18 GMT अंचल में हरा सोना अर्थात तेंदूपत्ता की तुड़ाई एवं खरीदी की शुरूआत मंगलवार से हो गई। बागबाहरा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत लघु वनोपज सहकारी समिति सुखरीडबरी में इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर के साथ सांसद प्रतिनिधि एवं लघु वनोपज संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष हितेश चंद्राकर ने विधिवत पूजा-अर्चना कर खरीदी प्रक्रिया का शुभारंभ किया। वहीं दूसरी तरफ संग्राहकों को 2018 के लाभांश का 750 करोड़ रुपए तक नहीं मिला है। दीवाली के पूर्व ही संग्राहकों के खाता में पहुंच जाना था। जबकि यह राशि राज्य लघु वनोपज संघ में जमा है। संग्राहक-मजदूर दो साल से अपना हक लेने के लिए भटक रहे हैं।तेंदूपत्ता संग्राहक भरी दोपहरी में परिवार सहित मिलकर तोड़े गए तेंदूपत्ता की गड्डी बनाकर शाम 4 बजे इसे फड़ में पहुंचाते हैं। इसके तहत उन्हें मिलने वाला संग्रहण दर की राशि नहीं मिल रहा है। जिले का लगभग 20 करोड़ सहित प्रदेशभर का लाभांश 750 करोड़ रुपए आज तक वितरण की बजाय अनावश्यक रूप से रोक कर रखा गया है। यह सरकार की मनमानी है। इस मौके पर सुखरीडबरी समिति के देवनारायण महोबिया, खेदु चक्रधारी, गोपाल ध्रुव, केशव ध्रुव आदि मौजूद रहे।पूर्व मे संचालित योजनाओं को भी फिर से शुरू करेंसांसद प्रतिनिधि हितेश चंद्राकर ने कहा कि राज्य शासन द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनकी वाजिब हक की लाभांश राशि का तत्काल भुगतान किया जाए। ताकि इस आपदा के समय उन्हें राहत मिल सके। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए जारी अनेक योजनाओं को बंद कर उनके साथ कुठाराघात किया गया है। प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को मिलने वाली प्रोत्साहन (छात्रवृत्ति) को भी बंद कर दिया गया है। तेंदूपत्ता मजदूरों को उनके कमाई मे से दिये जाने वाले लाभांश राशि सहित पूर्व मे संचालित योजनाओं को पुनः लागू किये जाने की मांग की गई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Here collectors have not received ~ 750 crores of 2018 dividend Full Article
india news मजदूरों की वापसी के लिए 8 स्टेशन तय, शराब दुकानें खोलने का समय घटा By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:00:28 GMT रायपुर।रायपुर में एक मरीज मिलने के दूसरे दिन मंगलवार को भिलाई में एक महिला कोरोना पॉजिटिव मिली। उसको मिलाकर प्रदेश में अब कुल 23 एक्टिव केस हैं, जबकि मरीजों की कुल संख्या 61 हो गई है। इधर, दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गाइडलाइन जारी की है। साथ ही 8 रेलवे स्टेशन तय किए हैं, जहां मजदूरों को उतारा जाएगा।प्रदेश में शराब दुकानें खोलने के बाद मची अफरातफरी के बाद भूपेश सरकार ने फैसला किया है कि अब सभी शराब दुकानें शाम चार बजे बंद होगी। दो दिन सुबह 8 से शाम 7 बजे तक खुली थी। लॉकडाउन के बाद शराब दुकान खुलने के बाद शराब दुकानों में काफी भीड़ हो गई थी, जिसके बाद सीएम भूपेश ने बैठक कर निर्णय लिया कि समय कम किया जाए। अब कलेक्टर चाहें, तो समय घटा सकते हैं, लेकिन बढ़ा नहीं सकते।सीएम के निर्देश पर मजदूरों की वापसी तय हो गई है। डीआरएम को 8 स्टेशनों में व्यवस्था करने के लिए पत्र लिखा गया है। परिवहन सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने रायपुर डीआरएम को पत्र लिखकर रेल मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, भाठापारा, बिलासपुर, चांपा, बिश्रामपुर और जगदलपुर स्टेशनों में सभी व्यवस्थाओं का आंकलन करने कहा है। छत्तीसगढ़ आने वाले श्रमिकों को रेलवे स्टेशनों पर रिसीव कर रेल मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार होल्डिंग एरिया में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। गंतव्य स्थल पर पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था की जाएगी। उन्हें क्वारेंटाइन में रखने की व्यवस्था भी की जाएगी। वहीं राज्य सरकार ने रेल मंडल से 28 ट्रेनों की मांग करते हुए इनका किराया भी देने सहमति जता दी है।डॉ कमलप्रीत सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ आने वाले श्रमिकों को चिन्हित रेलवे स्टेशनों पर रिसीव कर रेल मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार होल्डिंग एरिया में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और उनके गंतव्य स्थल पर पहुंचाने की बस के माध्यम से व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही साथ उन्हें क्वारैंटाइन में रखने की व्यवस्था भी की जाएगी। माना जा रहा है कि इस हफ्ते मजदूरों के वापसी का सिलसिला शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार को इसके लिए मुख्यमंत्री ने पत्र भी लिखा था। इस पत्र में बाहर फंसे राज्य के श्रमिकों का संख्या 1.17 लाख बताई गई है। जो कि लगभग हर राज्यों में हैं।इसलिए कम किया शराब दुकानों को खोलने का समयसरकार ने देखा कि शराब दुकान खुलते ही लोगों की भीड़ शराब लेने दुकानों में लग गई। इसके अलावा इसकी आड़ में शाम तक लोग सड़कों पर घूमते पाए गए। इसलिए दोपहर तक बिक्री की इजाजत दी गई। राज्य का आबकारी निगम 653 दुकानों के साथ प्रदेश में शराब का कारोबार करता है। 45 दिनों के लॉकडाउन के बाद सोमवार को पहले दिन निगम ने करीब 35 करोड़ की शराब बेची थी।मजदूर गांव के बाहर ही 14 दिन क्वारेंटाइन होंगेसीएम भूपेश बघेल ने सभी ग्राम पंचायतों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। दूसरे राज्य से आने वाले मजदूरों व अन्य लोगों को यहां 14 दिन तक रखा जाएगा। क्वारेंटाइन सेंटर से कोई बाहर न जाए, इसलिए बेरिकेडिंग की जाएगी। स्कूल में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने पर दो खंड रखने कहा गया है, जिससे कोई पॉजिटिव मिलने पर तत्काल दूसरे हिस्से में शिफ्ट किया जा सके। ग्राम पंचायत के सचिव व कोटवार को निगरानी की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से कम्यूनिटी सर्विलांस और शिक्षक कॉन्टैक्ट ट्रेस करेंगे। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह ने सीएम के निर्देश के बाद सभी जिलों के कलेक्टर व सीएमएचओ को गाइडलाइन जारी की है। पंचायत विभाग के साथ समन्वय कर मजदूरों के आने से पहले क्वारेंटाइन सेंटर को रेडी रखने कहा है। यह ध्यान रखने कहा गया है कि क्वारेंटाइन सेंटर गांव के बाहर हों। कोई बाहर का व्यक्ति वहां न जा सके, इसलिए चारों ओर बेरिकेडिंग कराई जाएगी। क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाले गांव के तालाब का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। उनके लिए सेंटर में ही भोजन, नहाने और शौचालय की व्यवस्था करने कहा गया है। बाहर से आए लोगों को दोने-पत्तल में खाना दिया जाएगा, जिसे सेंटर के पीछे ही गड्ढा खोदकर डिस्पोज करना होगा। सावधानी से भोजन परोसने कहा गया है। क्वारेंटाइन सेंटर बनाने की जिम्मेदारी पंचायतों की होगी, लेकिन पूरी व्यवस्था के लिए राजस्व अधिकारी को जिम्मेदार बनाया गया है।कोटा के छात्रों का क्वारेंटाइन 7 दिन में ही खत्म, घर भेजेराजस्थान कोटा से लाए 23 सौ से अधिक छात्रों का क्वारेंटाइन 7 दिन में ही खत्म कर दिया गया है। छात्रों को अब होम क्वारेंटाइन में रहना होगा। शपथपत्र लेने के बाद ही शर्त के साथ उन्हें घर भेजा जा रहा है। देर शाम होते तक सभी जिलों के क्वारेंटाइन सेंटरों से बच्चों की रवानगी शुरू हो गई थी। अफसरों के अनुसार बुधवार तक सभी बच्चे अपने घर पहुंचा दिए जाएंगे। कोटा के सभी छात्रों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, इस वजह से भी उन्हें घर भेजा जा रहा है।रात 9.30 से सुबह 6 बजे तक ही लोडिंग-अनलोडिंगशहरी क्षेत्रों में रात 9.30 से सुबह 6 बजे तक ही सामान लोड या अनलोड किए जा सकेंगे। इस संबंध में परिवहन सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कलेक्टर, एसपी व आरटीओ को निर्देश जारी किए हैं। दूसरे राज्यों से माल वाहनों के साथ आए ड्राइवर-क्लीनर के लिए शहरी क्षेत्र के बाहर चिह्नित ट्रांसपोर्ट नगर, गोदाम, अनलोडिंग पॉइंट, फैक्ट्री के पास ही रुकने की व्यवस्था की जाएगी। उन्हें शहरी क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि सब्जी, दूध, अंडे आदि डेली नीड्स की वस्तुओं के लिए छूट दी जाएगी।जिस समय दुकानें खुली रहेंगी, उस समय सामान लोड-अनलोड करने से मना किया गया है। इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस व आरटीओ की होगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तस्वीर रायपुर रेलवे स्टेशन की है। यहां भी जिले के आसपास के हिस्सों के मजदूरों को ट्रेन से लाया जाएगा। Full Article
india news जमीन-मकानों की रजिस्ट्री होगी आसान, रजिस्ट्री में दो फीसदी की छूट बनी रहेगी By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:03:51 GMT मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भूमि और मकानों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को और सहज बनाने कहा है। उन्होंने आवासीय मकानों के रजिस्ट्री शुल्क में राज्य सरकार द्वारा दी जा रही दो प्रतिशत की रियायत को यथावत जारी रखने की भी घोषणा की है। बता दें कि सरकार ने कोरोना के चलते वर्तमान गाइडलाइन दरों को 30 जून लागू रखने का पहले ही फैसला किया है। सीएम नेराजस्व अधिकारियों से कहा है कि रजिस्ट्री के लिए लोगों को दिन-दिन भर इंतजार न करना पड़े और यह काम मात्र घंटे आधे घंटे पूरा हो सके ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने सभी पंजीयन कार्यालयों में लोगों की सुविधा के लिए बैठक, छाया और पेयजल की व्यवस्था भी हो।मुख्यमंत्री मंगलवार को वाणिज्यिक कर (पंजीयन) राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री डाॅ. शिव कुमार डहरिया सहित अफसर मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने पंजीयन विभाग के अधिकारियों को दस्तावेजों के पंजीयन में आने वाली समस्याओं को तत्परता से दूर करने के निर्देश दिए। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि बीतेवित्तीय वर्ष में विभाग ने 1640 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है, जो लक्ष्य से 5 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से बीते एक माह में लगभग 155 करोड़ की आय प्रभावित हुई है।सचिव पी संगीता ने बताया कि छोटे भू-खंडों के पंजीयन से रोक हटने से बीते वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में लॉकडाउन के बावजूद भी 2 लाख 19 हजार 758 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ जो पिछले वित्तीय वर्ष से 9.19 प्रतिशत अधिक है।संगीता ने प्री रजिस्ट्रेशन प्रणाली, दस्तावेजों की स्क्रिनिंग ऑनलाइन भुगतान, एनजीडीआरएस योजना के तहत तैयार साफ्टवेयर को लागू किए जाने की प्रस्तावित कार्ययोजना के बारे में भी पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Registry of land-houses will be easy, two percent exemption will remain in easy registry Full Article
india news 60% डॉक्टर ड्यूटी से गायब, अब आते-जाते समय हस्ताक्षर By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:04:45 GMT लाॅकडाउन में पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के नॉन व पैरा क्लीनिकल के 60 फीसदी डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। नॉन क्लीनिकल होने के कारण इन पर मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी नहीं रहती। इसी का फायदा उठाकर डाक्टर ड्यूटी नहीं आ रहे हैं। लंबे समय से शिकायत मिलने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने सख्ती शुरू कर दी है।अब आते-जाते समय रजिस्टर में हस्ताक्षर करना अनिवार्य कर दिया है। इस सिस्टम से पता चल जाएगा कि कौन ड्यूटी पर आ रहे हैं और कौन नहीं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से हस्ताक्षर के संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज में इस नई व्यवस्था का विरोध शुरू हो गया है। इनमें कई ऐसे डॉक्टर हैं, जिनकी ड्यूटी माना स्थित नए कोविड अस्पताल लगायी गई है। वे वहां भी नहीं जा रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल में क्लीनिकल डॉक्टरों को सही समय पर आने की जिम्मेदारी की मानीटरिंग करने का जिम्मा अधीक्षक को दिया गया है। देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन है। उसी समय से मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की क्लास लगना बंद है। उस समय नॉन व पैरा क्लीनिकल के आठ विभागों के ज्यादातर डॉक्टर ड्यूटी नहीं आ रहे थे।नियमित ड्यूटी आने वाले डॉक्टरों ने इसकी शिकायत कॉलेज प्रबंधन की। डाक्टरों का कहना था कि जोखिम सबके लिए बराबर है। वे जब इस संकट के समय में ड्यूटी पर आ रहे हैं तो बाकी क्यों नहीं? उसके बाद ही कॉलेज प्रबंधन ने मेनगेट पर एक रजिस्टर के अलावा दीवार घड़ी व सेनेटाइजर रखवा दिया गया है। अब डॉक्टरों को आते व जाते समय हस्ताक्षर करना होगा। आने और जाने का टाइम भी लिखने को कहा गया है। डॉक्टरों के लिए आने का समय साढ़े 10 व जाने का समय शाम साढ़े 5 बजे रखा गया है। दूसरा विकल्प सुबह 9 से शाम 4 बजे तक का है।इस निर्देश का कई डाॅक्टर दोपहर 2 बजे के बाद घर जाने लगे हैं। उनका तर्क है कि हमारा काम 2 बजे के बाद नहीं रहता ऐसे में कॉलेज में क्यों रूके? कॉलेज से गायब रहने वाले डॉक्टरों में रोजाना अप-डाउन करने के अलावा स्थानीय डॉक्टर शामिल हैं। वे हफ्ते में एक बार आकर हस्ताक्षर करते रहे हैं। इसकी शिकायत डीन कार्यालय तक पहुंची है। इसके बाद डीन ने एचओडी की राय लेने के बाद नई व्यवस्था लागू की है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 60% missing from doctor duty, now signatures on arrival Full Article
india news प्रदेश में लौटेंगे सवा लाख मजदूर, क्वारेंटाइन क्षमता सिर्फ 2720 की, 4 लैब में ही जांच होने से वेटिंग लाइन में 956 सैंपल By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:06:45 GMT राजधानी और आसपास कोरोना के नए मरीज फिर आने लगे हैं। रायपुर एम्स में मंगलवार को आधी रात तक 23 मरीज भर्ती हैं। कटघोरा संकट में एक साथ इतने मरीज भर्ती नहीं हुए। माना जा रहा है कि कोरोना जांच, मरीजों और संपर्क में आए लोगों की निगरानी (क्वारेंटाइन) और इलाज की अग्निपरीक्षा अब होगी। इन मुद्दों की पड़ताल करती भास्कर टीम की यह रिपोर्टकोरोना जांच छह में से केवल चार लैब में इसलिए वेटिंग की लाइन में 965 सैंपलप्रदेश में कोरोना टेस्टिंग के लिए छह लैब है, लेकिन केवल चार में जांच होने से वेटिंग बढ़ रही है। सोमवार को 935 सैंपल की रिपोर्ट आई थी, पिछले एक हफ्ते से यह आंकड़ा रोजाना औसतन 900 रिपोर्ट के आसपास है, लेकिन मंगलवार को केवल 517 सैंपलों की रिपोर्ट आई। यही वजह है कि बुधवार के लिए लंबित सैंपलों की संख्या 965 हो गई। इनमें से एम्स में 366, नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में 42 व जगदलपुर में 518 व रायगढ़ में 39 सैंपलों की रिपोर्ट पेंडिंग है।प्रदेश में पहले से एम्स, नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर व सरकारी मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में कोरोना की जांच हो रही है। हाल ही में मेडिकल कॉलेज रायगढ़, टीबी रिसर्च सेंटर लालपुर को जांच के लिए अनुमति मिली है। एक निजी लैब एसआरएल को माहभर पहले ही अनुमति मिल गई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण वहां जांच ही शुरू नहीं हो पाई है। मेडिकल बुलेटिन के अनुसार टीबी रिसर्च सेंटर लालपुर में एक भी जांच नहीं हुई है। रायगढ़ में ट्रायल के बाद सोमवार को जांच शुरू हुई। मंगलवार को जांच की संख्या में अचानक कमी क्यों आ गई, इस पर प्रबंधन कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार जांच की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। ताकि रिपोर्ट जल्दी आ सके और मरीजों की पहचान हो सके। एम्स में अब तक 13594, नेहरू मेडिकल कॉलेज में 4287 व जगदलपुर में 3312 व रायगढ़ में 130 सैंपलों की जांच हो चुकी है। प्रदेश में अब तक 21323 सैंपलों में 20300 की रिपोर्ट नेगेटिव रही है।अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है। सबसे ज्यादा मरीज कोरबा जिले में 28, दुर्ग में नौ, रायपुर में सात, कवर्धा में छह, सूरजपुर में छह, काेरिया में दो, बिलासपुर व राजनांदगांव में एक-एक मरीज मिला है। इनमें 36 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 17896 लोग होम क्वारेंटाइन में है। जबकि सरकारी क्वारेंटाइन में 566 लोगों को रखा गया है। ये दूसरे राज्यों से आए मजदूर हैं या जो कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं, वो लोग हैं।सवा लाख श्रमिक लौटेंगे, प्रदेश मेंसिर्फ 2720 क्वारेंटाइन क्षमताप्रदेश के करीब सवा लाख मजदूरों की वापसी इसी हफ्ते शुरू होने लगेगी और 15 मई तक पूरी हो जाएगी। इनमें रायपुर जिले के ही 1557 श्रमिक हैं। रायपुर में आधा दर्जन क्वारेंटाइन सेंटर में पूरी क्षमता के साथ बमुश्किल 500 लोगों को ही रखा जा सकता है। जबकि राजधानी और प्रदेश में मिलाकर अब तक क्वारेंटाइन की जो क्षमता विकसित की गई है, वह केवल 2720 लोगों की ही है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक हफ्ते में करीब सवा लाख लोगों के क्वारेंटाइन के पुख्ता इंतजाम मुश्किल हैं। यही नहीं, उतनी ही संख्या में टेस्ट किट की जरूरत भी पड़ने वाली है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अभी प्रदेशभर में लैब वाली केवल 15 हजार किट ही हैं, जिनसे कोरोना की पुष्टि हो रही है। रैपिड टेस्ट किट 70 हजार हैं, लेकिन कोरोना पाजिटिव निकला तो लैब वाली किट (आरटीपीसीआर) से जांच करनी ही होगी।भास्कर को विशेषज्ञों ने बताया कि राजधानी समेत प्रदेश में श्रमिकों के जत्थों को जहां भी ले जाया जाएगा, क्वारेंटाइन करने से पहले सभीके स्वाब की जांच कराई जाएगी। सभी मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखना इसलिए जरूरी है, क्योंकि वे संक्रमित राज्यों से लौटेंगे। रायपुर के मरीजों काे कहां रखा जाएगा, यह तय नहीं है। क्वारेंटाइन सेंटर में पुलिस जवानों के साथ दूसरे स्टाफ की भी निगरानी के लिए जरूरत पड़ेगी। यह व्यवस्था भी आसान नहीं है। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक ने मजदूरों के लिए गांवाें के बाहर क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाने की बात कही है।उन्होंने जरूरी व्यवस्था के लिए पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों की जांच, आवास, भोजन, स्नान, शौचालय, साफ-सफाई, बेरिकेडिंग की व्यवस्था की जानी है। सूत्रों के मुताबिक यह बड़ा अभियान है, जिसके लिए बड़े सिस्टम को अभी से ऑन करने की जरूरत है, वर्ना ऐन वक्त पर समस्याएं आसकती हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में जम्मू-कश्मीर से 24090 श्रमिक, महाराष्ट्र 18704, उत्तरप्रदेश 13172, तेलंगाना 12730, गुजरात 8071, कर्नाटक 3279, तमिलनाडु 2963, मध्यप्रदेश 2840, आंध्रप्रदेश 2392, हरियाणा 2008, दिल्ली 1967 और हिमाचल से 1665 श्रमिक 15 मई से पहले यहां पहुंचने की संभावना है।जांच की क्षमता बढ़ानी होगी : नागरकर"हम अभी रोज 500 सैंपल जांच रहे हैं, लेकिन श्रमिकों के आने के बाद 1000 सैंपल जांचने होंगे। मशीनें बढ़ानी होंगी।"-डॉ. नितिन एम नागकर, डायरेक्टर एम्सकई विभाग तैयारी में लगे हैं : त्रिपाठी"मजदूरों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर व खाने की व्यवस्था पंचायत व राजस्व विभाग करेगा। हेल्थ विभाग इलाज की तैयारी में है।"-डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी कोरोना सेल Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today राजधानी की हर सड़क-गली में नियमों की ऐसी धज्जियां Full Article
india news झारखंड जाने नगरनार से पैदल निकले 25 मजदूर, पुलिस ने वापस प्लांट भेजा By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:09:00 GMT नगरनार इस्पात संयंत्र में झारखंड के करीब 25 मजदूरों ने इकट्ठा होकर वापसी की फिराक में मुहिम चलाने की कोशिश की। इसके पीछे का कारण ये बताया जाता है कि कुछ मजदूरों को झारखंड से जगदलपुर लाया गया, जिसके बाद झारखंड के मजदूरों ने वापसी के लिए एकजुट होकर जाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि झारखंड से बसाें के आने के बाद वे वापस जाने की फिराक में थे। लेकिन कोई इंतजाम न दिखा तो मंगलवार सुबह झारखंड के करीब 25 मजदूर इकट्ठा हुए और पैदल वापसी की तैयारी कर ली। इसके बाद उन्होंने जैसे ही चलना शुरू किया, गोरियाबहार नाले के पास उन्हें रोक लिया गया और नगरनार पुलिस उन्हें लेकर वापस चली गई। मजदूराें ने ठेकेदारों पर वेतन नहीं दिए जाने का अाराेप लगाया। लेकिन इन मजदूरों को 22 मार्च तक का वेतन कंपनियों ने दे दिया था।मजदूरों को लेकर ट्रेन धनबाद रवाना हुईबिलासपुर|मजदूराें को लेकर दो स्पेशल ट्रेन एक के पीछे एक दोपहर बाद बिलासपुर रेलवे स्टेशन से होकर गंतव्य के लिए रवाना हुईं। इनमें से एक ट्रेन में भोजन व पानी की बोतल बिलासपुर रेलवे स्टेशन से चढ़ाया गया। दोनों ही ट्रेन में 12-12 सौ यात्री थे। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किए गए लॉकडाउन में देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे झारखंड और बिहार के मजदूरों, छात्रों और पर्यटक को उनके राज्य वापस ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है। इसके तहत मंगलवार को दो स्पेशल ट्रेनें झारखंड और बिहार के लिए बिलासपुर होकर गुजरीं। दोनों ही ट्रेनें 15 से 20 मिनट के अंतराल में बिलासपुर से होकर गईं। पहली ट्रेन सिकंदराबाद से खगड़िया बिहार को गई।झारखंड के 80 मजदूर आज पहुंचेंगे बासागुड़ाबीजापुर | तेंलगाना के कोत्तागुड़ेम जिले के भैयारम्म में झारखंड के मजदूर एक उद्योग में कार्य करने गए थे। काम नहीं मिलने के कारण 80 मजदूर तेलंगाना के भैयारम्म गांव से पैदल छत्तीसगढ़ सीमा तक पहुंचे। इस दौरान मजदूरों को एक साथ पैदल चलते देख ट्रैक्टर चालक ने उनसे पूछताछ की। पूछताछ करने पर उन्होंने झारखंड के मजदूर होना बताया। जानकारी के अनुसार मजदूर ट्रैक्टर से पुसगुफा के रास्ते से होते हुए छत्तीसगढ़ के उसूर ब्लॉक के कोण्डापल्ली मार्ग से बुधवार को ग्राम बासागुड़ा पहुंचेंगे। उसूर तहसीलदार सीताराम कंवर ने बताया यदि मजदूर पहुंचे तो सबसे पहले इनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। फिर कलेक्टर और एसडीएम के आदेशानुसार आगे की व्यवस्था होगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 25 laborers on foot from Nagarnar to go to Jharkhand, police sent back plant Full Article
india news लॉकडाउन 3 खुलने के बाद पटरी पर कैसे लाया जाए शहरी जीवन, स्मार्ट सिटी ने आमलोगों से मांगे सुझाव By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:32:20 GMT लॉकडाउन तीन खत्म होने के बाद शहरी जीवन को पटरी पर कैसे लाया जाए? इसके बारे में राष्ट्रीय स्मार्ट सिटी मिशन ने आम लोगों से सुझाव मांगे हैं। केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि उनके पास शहरी जीवन को पटरी पर लाने के लिए जो भी आइडियाज हैं, वो उसे smartnet@niua.org पर भेज सकते हैं। दरअसल, लॉकडाउन तीन खत्म होने के बाद या कोरोना की आशंका के बीच शहरी जीवन का स्वरूप कैसे होगा, इसको लेकर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लगातार रणनीतियां बनाई जा रही है।हाल ही में भास्कर से बातचीत में मिशन डायरेक्टर कुणाल कुमार ने भी नए परिवेश में शहरी जीवन के लिए स्मार्ट तरीके और एआई तकनीक अपनाने पर जोर दिया था। आम लोगों की रायशुमारी के जरिए स्मार्ट सिटी न केवल स्मार्ट शहरों बल्कि देश के हर छोटे बड़े शहर के लिए एक प्लान बनाएगा। इसमें शहरी प्रशासन, नागरिक सुविधाओं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, हेल्थ सेवाओं और कोरोना की ट्रेकिंग मॉनिटरिंग जैसे बिंदुओं पर नएइनोवेटिव आइडियाज शामिल किए जाएंगे। कोरोना जैसे खतरों के बीच शहर में सुरक्षित तरीकों से ए टू जेड आर्थिक गतिविधियां कैसे संचालित की जा सकती हैं, इस पर सुझाव भी मांगे हैं।शहरी जीवन को पहले जैसा बनाने की कवायद स्मार्ट सिटी ने लोगों से स्ट्रीट वेंडर्स से लेकर पार्क, मॉल जैसी सार्वजनिक जगहों पर शहरी जीवन को पहले जैसा बनाने के राय मांगी है। आम लोगों के साथ अर्बन प्लानिंग से जुड़े एक्सपर्ट, संस्थानों से भी विचार मांगे हैं। शहरी प्रशासन के जरिए लोगों तक नागरिक सुविधाएं बदले हुए माहौल में कैसे पहुंचा सकते हैं। ऐसे बिंदु भी शामिल किए गए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today How to bring urban life back on track after Lockdown 3 opens, Smart city asks for suggestions from people Full Article
india news शहर में कई पीलिया जोन, जहां हर साल संक्रमण, फिर भी शुद्ध पानी में राजधानी देश में पांचवीं By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:33:52 GMT राजधानी के मोवा, सड्ढू, दलदल सिवनी, कुशालपुर, आमापारा, चंगोराभाठा, अमलीडीह, हीरापुर सहित कई इलाके पीलिया जोन माने जा रहे हैं। हर साल गर्मी में यहां मरीज मिलते हैं। शहर के बीच और पॉश इलाकों को छोड़ दिया जाए तो इन हिस्सों में न सिर्फ पीलिया के मरीज मिल रहे हैं बल्कि हर साल जानें भी जा रही हैं। इन इलाकों में पाइपलाइन बदलने सहित पीलिया की रोकथाम के लिए काम किए गए, लेकिन फिर से उन्हीं इलाकों से मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। पिछले लगभग एक दशक से शहर में यही स्थिति है। मोवा इलाके में पिछले साल पीलिया से करीब आधा दर्जन मौतें हुईं थीं और 200 से ज्यादा लोग पॉजिटिव मिले थे। दिलचस्प है कि इसी साल रायपुर निगम के पानी को देशभर में पांचवां सबसे शुद्ध घोषित किया गया था।गर्मी के दिनों में हर साल पीलिया के मामले सामने आते हैं। जानकारों के अनुसार पंप से पानी खींचने पर लीकेज से होकर नाले का गंदा पानी घरों तक पहुंचता है और इसी वजह से लोग बीमार पड़ते हैं। दूसरी वजह बाहर में चाट-गुपचुप, आईस गोले और अन्य चीजें खाने के कारण पीलिया संक्रमण फैलता है। इस साल लॉकडाउन के कारण सब बंद है, फिर भी शहर के इन इलाकों से मरीज मिल रहे हैं। इसलिए पानी की शुद्धता को लेकर ही सवाल उठे हैं। निगम प्रबंधन भी फिल्टर प्लांट में सभी 24 बेड बदल रहा है। प्लांट में क्लोरीनेशन सिस्टम को दुरुस्त किया गया है। पाइपलाइनों को बदलने का काम भी किया जा चुका है। फेरुल के पास लीकेज की आशंका को लेकर 10 हजार से ज्यादा नलों में चेंज आफ कनेक्शन भी किया जा चुका है। लोगों को 70 हजार क्लोरीन गोलियां और ओआरएस के 13 हजार पैकेट बांटे गए हैं। अफसरों को उम्मीद है कि इससे मरीजों में कमी आएगी।मंगलवार को पीलिया के तीन ही नए मामले सामने आए हैं। पिछले करीब 30 दिनों में यह पहली बार है जब एक दिन में महज तीन मरीज मिले हैं। अब तक रोज औसतन 20 से 25 मरीज मिले हैं। हालांकि कुछ सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाकी है।शुद्ध पानी के लिए लगाए वाटर एटीएम, कई जगह खराबनगर निगम ने शुद्ध पानी के लिए शहर में करीब 30 जगहों पर वाटर एटीएम लगाए हैं। इनमें से ज्यादा एटीएम खराब रहते हैं। लोगों को न तो ठंडा शुद्ध पानी मिल पाता है। इन्हें लगाने का उद्देश्य पीलिया इत्यादि से बचने के लिए लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराना है। रामनगर बस्ती, अमलीडीह बीएसयूपी कालोनी, मोतीबाग के पास, पुलिस लाइन के पास, पंडरी, इनडोर स्टेडियम के पास वाटर एटीएम खराब हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने मंगलवार को कुछ एटीएम का निरीक्षण किया तो वे बंद मिले। ये मशीनें बार-बार खराब हो रही हैं। सुधारने के कुछ दिनों बाद फिर बिगड़ रही हैं। दरअसल, निगम ने जितनी जगहों पर मशीनें लगाई है वहां उनकी सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं है। शरारती लोग लोहे के छल्ले इत्यादि डाल देते हैं, जो मशीन में फंस जाते हैं।हुई थी 21 शहरों के पानी की टेस्टिंगरायपुर के पानी को पिछले साल देशभर में हुए सर्वे में पांचवां सबसे शुद्ध माना गया। रायपुर से पहले मुंबई, हैदराबाद, भुवनेश्वर और रांची का पानी ही सबसे शुद्ध मिला था। 21 शहरों की रैंकिंग में दिल्ली सबसे आखिरी पायदान पर था। केंद्रीय उपभोक्ता और खाद्य विभाग ने 2019 में देशभर के 21 शहरों के पानी की टेस्टिंग कराई थी। पानी की जांच टर्बिडिटी, टीडीएस, बायोलॉजिकल टेस्ट इत्यादि के आधार पर किया गया था। इसके दूसरे ही साल राजधानी में भीषण पीलिया फैल गया है। रायपुर में मरीजों की संख्या 722 तक पहुंच गई है, जबकि दो लोगों की जान जा चुकी है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today रायपुर नगर निगम प्रबंधन पानी की शुद्धता के लिए फिल्टर प्लांट में सभी 24 बेड बदल रहा है। Full Article
india news बारहवीं में थर्ड डिवीजन, संबंधित विषय में पीजी नहीं इसलिए एपी भर्ती के लिए अपात्र, लिस्ट जारी By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:48:58 GMT इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से जुड़े सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर (एपी) की भर्ती होगी। मंगलवार को विश्वविद्यालय ने पात्र व अपात्र उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। बारहवीं में थर्ड डिवीजन, संबंधित विषय में पीजी का नहीं होना, प्रतिष्ठित रिसर्च पेपर में पब्लिकेशन के अभाव में कई आवेदक अपात्र किए गए हैं। 20 मई तक वे इस लिस्ट के अनुसार दावा-आपत्ति कर सकते हैं।विश्वविद्यालय से जुड़े छह सरकारी कॉलेज जैसे गरियाबंद, महासमुंद, कुरुद, कोरबा, जशपुर और छुईखदान के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती होगी। इन कॉलेजों में 66 पदों भरे जाएंगे। इसके लिए कुछ महीने पहले आवेदन मंगाए गए थे। इसके लिए विश्वविद्यालय को करीब साढ़े नौ सौ आवेदन मिले। आवेदन पत्रों की जांच के बाद विश्वविद्यालय ने पात्र और अपात्रों की लिस्ट जारी कर दी है। अफसरों का कहना है कि भर्ती के आवेदन में ही नियम व शर्तें दी गईं थी। इसके अनुसार जिनके आवेदन नहीं मिले हैं वे अपात्र किए गए हैं।असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए गुड एकेडमिक रिकार्ड भी मांगा गया। इसके अनुसार ग्रेजुएशन एवं पीजी में कम से कम 55 प्रतिशत नंबर जरूरी है। बारहवीं में भी अच्छे नंबर होने चाहिए। इसके बिना अन्य सर्टिफिकेट रहने पर भी असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र नहीं होंगे। आवेदन की जांच के बाद यह देखा गया कि कई आवेदक को बारहवीं में थर्ड डिवीजन मिला है। इसलिए उन्हें अपात्र किया गया है।दावा-आपत्ति के आवेदन 20 तकअसिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए जारी की गई पात्र व अपात्र आवेदकों की सूची पर दावा-आपत्ति 20 मई की शाम 5 बजे तक की जा सकती है। उम्मीदवार सिर्फ उन्हीं दस्तावेज के लिए दावा आपत्ति कर सकेंगे जिसके लिए अपात्र सूची में उस अभ्यर्थी के नाम के समक्ष उल्लेख किया गया है। दावा आपत्ति Registrar, IGKV, Raipur के ईमेल आई.डी. regigkv@gmail.com अथवा registrar-igkv.cg@nic.in के माध्यम से की जा सकती है। वेबसाइट www.igau.edu.in पर लिस्ट जारी की गई है।कृषि विवि से जारी पात्र व अपात्र की आवेदन संख्या विषय पात्र अपात्र एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स 56 20 एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन 67 19 एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स 39 13 एग्रोनॉमी 97 29 एनटोमोलॉजी 106 25 फार्म मशीनरी 42 19 जेनेटिक एंड प्लांट ब्रीडिंग 98 33 फ्रूट साइंस 50 14 लाइवस्टॉक प्रोडक्शन 31 17 प्लांट पैथोलॉजी 50 24 सायल साइंस 74 36 Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Third division in twelfth, not PG in related subject hence ineligible for AP recruitment, list released Full Article
india news सजा काट रहे कैदी की जेल में मौत, बुजुर्ग माता-पिता नहीं आ सकते थे, पुलिस कांस्टेबल ने अंतिम संस्कार किया By Published On :: Wed, 06 May 2020 07:40:06 GMT छत्तीसगढ़ में रायपुर पुलिस का एक बार फिर मानवीय चेहरा सामने आया है। रायपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदी की माैत पर बुधवार का एक पुलिस कांस्टेबल ने उसका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान कांस्टेबल ने ही मुखाग्नि भी दी। लॉकडाउन के चलते कैदी के बुजुर्ग माता-पिता ने आने में असमर्थता जताई थी। कैदी की अस्पताल में उपचार के दौरान मंगलवार को मौत हुई थी।सरगुजा के बतौली गांव निवासी 31 वर्षीय सहेत्तर राम हत्या के एक मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। कई दिनों से बीमार होने के कारण उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान मंगलवार को मौत हो गई। इसकी सूचना सरगुजा जेल प्रशासन के माध्यम से गांव में उसके परिवार काे दी गई। गरीब और बुजुर्ग माता-पिता ने लॉकडाउन के माहौल में आने से असमर्थता जता दी।देवेंद्र नगर मुक्तिधाम में अंतिम संस्कारइसके बाद शहर के गंज थाने में पदस्थ सिपाही मनमोहन तांदुलाने आगे आए। उन्होंने जेल प्रहरियों के साथ मिलकर मानवीय कर्तव्यों का निर्वहन किया। शव को देवेंद्र नगर मुक्तिधाम ले जाया गया। यहां पर पूरे विधि-विधान से सिपाही मनमोहन ने सहेत्तर का अंतिम संस्कार किया। सिपाही ने ही इस दाैरान मृत्यु के सभी संस्कार पूरे किए। अब उसकी अस्थियों को परिवार को सौंपा जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today रायपुर सेंट्रल जेल में हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी की मौत होने पर एक सिपाही ने उसका अंतिम संस्कार किया। Full Article
india news रायपुर की सड़काें पर फिर नोट बिखरे मिले, पुलिस ने सैनिटाइज कर जब्त किया By Published On :: Wed, 06 May 2020 08:34:31 GMT छत्तीसगढ़ में लगातार सड़क पर नोट बिखरे हाेने और उनके मिलने का सिलसिला जारी है। एक बार फिर रायपुर में बुधवार सुबह सड़क पर 50-50 रुपए के नोट बिखरे मिले हैं। पुलिस ने इस नोटों को सैनिटाइज कराकर जब्त कर लिया है। मामला खम्हारडीह क्षेत्र का है। इससे पहले रायपुर के अनुपम नगर 100-50 रुपए के नोट मिले थे। वहीं कवर्धा में भी सड़क पर से नोट बरामद हो चुके हैं।जानकारी के मुताबिक, शंकर नगर स्थित हरिशंकर स्कूल के पास बुधवार सुबह करीब 10 बजे 50-50 रुपए के नोट थोड़ी-थोड़ी दूर पर बिखरे हुए थे। स्थानीय लोगों ने देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने रुपयों को सैनिटाइज कराने के बाद जब्त कर लिया। बरामद कुल 1950 रुपए हैं। थाना प्रभारी ममता शर्मा ने बताया कि आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।कवर्धा में एक दिन पहले कार से उड़ाए गए नोटकवर्धा में एक दिन पहले ही सफेद रंग की गाड़ी से नोट हवा में उड़ाए गए थे। वहां से भी ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने बरामद किए।कवर्धा के नगर पंचायत पंडातरई में मंगलवार को हवा में नोट उड़ रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सफेद रंग की कार से नोट हवा में उड़ाए थे रहे थे। कार की रफ्तार तेज थी, इसलिए नंबर नहीं पता चल सका। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी तो उन्होंने 100, 200, 500 के नोट बरामद किए। कुछ दिन पहले पंडरिया क्षेत्र में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। कोरोना को देखते हुए लोग सतर्क हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today छत्तीसगढ़ के रायपुर में पुलिस ने शंकर नगर इलाके से सड़क पर बिखरे 50-50 रुपए के नोटों के बंडल बरामद किए हैं। Full Article
india news रायपुर में तेज हवाओं के साथ बारिश, कुछ ही देर बाद तेज धूप भी खिली By Published On :: Wed, 06 May 2020 10:13:06 GMT शहर में बुधवार की दोपहर तेज बारिश हुई। लगभग 20 मिनट तक लगातार आसमान से गिरती बूंदे शहर को भिगाती रहीं। तेज हवाएं भी बारिश के साथ आई। कुछ प्रमुख चौक-चौराहों पर लगे बड़े फ्लैक्स हवा का सामना नहीं कर पाए और फट गए। रायुपरा, डीडी नगर इलाके में बिजली की सप्लाईभी कुछ देर तक बाधित रही। विद्युत विभाग की टीमें सुधार कार्य के लिए रवाना की गईं। बारिश के बाद आसमान में तेज धूप भी नजर आई।आधे शहर पर धूप और आधे पर घटाएंतस्वीर रायुपर के रजबंधा तालाब इलाके की एक इमारत से ली गई।मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिकतम तापमान रायपुर में 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री सेल्सियस अंबिकापुर में दर्ज किया गया। पूर्वानुमान के मुताबिक प्रदेश में कुछ जगहों पर हल्की बारिश आगामी दो दिनों में होगी। हालांकि रायपुर में बुधवार को बारिश होने की संभावना नहीं थी। मौसम विभाग के मुताबिक 8, 9 और 10 मई को रायपुर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। दोपहर तक बिलासपुर, कवर्धा, जगदलपुर और रायगढ़ में मौसम साफ ही रहा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर रायपुर शहर पंडरी इलाके की है, हवा इतनी तेज थी कि पेड़ भी डगमगाता दिखा। Full Article
india news कांग्रेस नेता ने शराब दुकान खुलने का विरोध किया, प्रदर्शन करने महिलाएं पहुंची, प्रशासन को ज्ञापन सौंपा By Published On :: Wed, 06 May 2020 11:11:43 GMT शहर की शराब दुकानों का हर दिन विरोध हो रहा है। बुधवार की सुबह भाठागांव इलाके में महिलाओं का दल पहुंचा। शराब दुकान ना खोली जाएं, इस मांग के साथ महिलाएं दुकान के बाहर लाइन लगाकर खड़ीं हो गईं। खास बात यह रही कि इलाके के कांग्रेस के नेता सतनाम पनाग इनका साथ देने पहुंचे। राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने ही शराब दुकानें खोलने का आदेश दिया है। सतनाम ने कहा कि मैं इसके खिलाफ हूं। जनता की आवाज बड़े नेताओं तक पहुंचाउंगा।हंगामा बढ़ता देख जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सतनाम सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में कई स्कूल और कॉलेज हैं। यहां दो दिन पहले एक महिला का शव बरामद किया गया है।एक युवती छेड़खानी की शिकार भी हुई। इससबके बावजूद यहां शराब दुकान को खोला जाना ठीक नहीं है। हमने ज्ञापन के जरिए अपनी बात रखी है। पहले भी शिकायत की है। मांग नहीं मानी जाएगी तो आगे भी हमारा विरोध जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों की बढ़ी तादाद की वजह से मौके पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। शहर के मां कर्मा धाम कृष्णा नगर में साहू समाज की महिलाओं ने भी शराब की बिक्री का विरोध किया और हस्ताक्षर अभियान चलाया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today रायपुर के भाटागांव इलाके में प्रदर्शन करते लोग। अधिकारियों से कांग्रेस नेता ने दुकान बंद करने की अपील की। अधिकतर दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन नहीं हो रहा। Full Article
india news दो पुलिसकर्मी कर रहे थे गांजे की तस्करी, रंगेहाथ हुए गिरफ्तार, भेजे गए जेल By Published On :: Wed, 06 May 2020 13:21:00 GMT पुलिस ने गांजा तस्करी के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। छुरा थाना पुलिस को केडीआमा गांव में गांजा रखे जाने की सूचना मुखबिर से मिली। थाना प्रभारी राजेश जगत मौके पर पहुंचे। गांजा बरामद कर दो तस्करों को भी पकड़ा गया। इन तस्करों ने खुलासा किया कि इनके साथ पुलिस के लोग भी इस धंधे में शामिल हैं। इसी आधार पर एक आरक्षक और एक नगर सैनिक को गिरफ्तार किया गया। यह पुलिसकर्मी अक्सर गांजे की बड़ी खेप को ले जाया करते थे।एसडीओपी संजय ध्रुव ने बताया कि इस मामले में पकड़े गए आरक्षक का नाम लीलाधर देवंशी और नगर सैनिक का नाम हेमंत ध्रुव है। दोनों पुलिसकर्मी फिलहाल थाना छुरा में पदस्थ हैं। इस मामले में उनसे पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और इसके बाद इन्हें जेल में भेज दिया गया। इस पूरी कार्रवाई की वजह से जिले की पुलिस की सभी जगह चर्चा हो रही है। लॉकडाउन का भी जिले में पालन पुलिस द्वारा करवाया जा रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तस्वीर छुरा थाने में तब ली गई जब आरोपी पकड़ में आए। Full Article
india news सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटका मिला डॉक्टर का शव, पारिवारिक कारणों से खुदकुशी की आशंका By Published On :: Wed, 06 May 2020 13:29:09 GMT जिले के एक सरकारी डॉक्टर का शव बरामद किया गया। सरकारी क्वार्टर में लाश फंदे से लटकी मिली। मृत डॉक्टर का नाम अरुण चौधरी है। पुलिस ने क्वार्टर से एक सुसाइड नोट बरामद किया है । इसमें पारिवारिक परेशानी के चलते जान देने की बात का जिक्र है।डॉ. अरुण चौधरी स्त्रीरोग विशेषज्ञ थे। जिला अस्पताल में वे जुलाई 2019 से सेवाएं दे रहे थे।रोज की तरह वे मंगलवार को भी ड्यूटी पर आए थे । ड्यूटी पूरी होने के बाद स्वास्थ्य कॉलोनी स्थित अपने क्वार्टर चले गए, जहां वे अपनी पत्नी के साथ रहते थे। बताया जा रहा है कि जिस फ्लैट में वे रहते थे, उसके नीचे एक अन्य फैमिली रहती है। मंगलवार रात को डॉ. अरुण की पत्नी उसी फैमिली से मिलने गई थी। जब वह वापस ऊपर अपने फ्लैट में पहुंची, तो दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने डॉ. चौधरी को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फिर पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी मुकेश सोम ने बताया कि जब सीढ़ी लगाकर टीम ऊपर चढ़ी और फ्लैट के अंदर झांका, तो पंखे से गमछे के सहारे डॉक्टर का शव लटका था । Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today डॉक्टर अरुण।- फाइल फोटो Full Article
india news आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली रेल लाइन पर लैंडस्लाइड, एक रेल कर्मी की मौत, मालगाड़ियां प्रभावित By Published On :: Wed, 06 May 2020 14:30:00 GMT छत्तीसगढ़ को देश के दक्षिण में स्थित राज्यों से जोड़ने वाली केके रेल लाइन पर हादसा हो गया। आंध्र प्रदेश के चिमणी पल्ली रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर चट्टाने आ गिरीं। आवागमन पूरी तरह से प्रभावित होने की वजह से लौह अयस्क लेकर बैलाडीला से निकली चार माल गाड़ियां रास्ते में ही फंस गई हैं। वॉल्टेयर की ओर से आ रही खाली माल गाड़ियों को भी रोका गया है। फिल्हाल घटना स्थल से चट्टानों को हटाने काम किया जा रहा है।इस लैंडस्लाइड की घटना के वक्त कुछ रेल कर्मी पटरियों पर मौजूद थे। वो मेंटनेंस का काम करने गए हुए थे। तभी अचानक ऊंचाई से बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे। कर्मचारी खुद को बचाने के लिए भागने लगे, लेकिन तभी एक चट्टान एक कर्मचारी पर आ गिरी। 6 लोग इस हादसे में घायल हुए। सभी घायलों को अरकू के हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के बाद विशाखापट्टनम रेफर किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तस्वीर घटना स्थल की है। Full Article
india news स्कूलों में बच्चों का एडमिशन, कपड़ा दुकानों और रेस्तरां से आ रहे फोन By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के बाद अब हर सुविधा की होम डिलीवरी की तैयारी तेज हो गई है। कपड़े के शो रूम्स से लोगों को काॅल करके उनकी जरूरतें पूछी जा रही हैं। शहर के कई बड़े रेस्टोरेंट व पिज्जा शॉप मैसेज भेजकर फ्री होम-डिलीवरी करने की बात कही जा रही है। इसके लिए लिंक भी भेजे जा रहे हैं, ताकि लोगों को सहूलियत हो। यही नहीं, स्कूलों ने भी दाखिले की गतिविधियां फोन पर शुरू कर दी हैं और पैरेंट्स को दाखिले के मैसेज भेजे जाने लगे हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शहर के कई सुपर बाजार में भी होम डिलीवरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। सुपर बाजार व मार्ट संचालकों ने वाट्सअप नंबर जारी करके लोगों को इसमें सामान की सूची और एड्रेस भेजने कह रहे हैं। उनको शॉप तक आने से मना कर रहे हैं। पूरा सामान लोगों के घर तक पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह शहर के कई कॉलोनियों में सब्जी भी होम-डिलीवरी की जा रही है।कॉलोनियों के मुख्य गेट तक आकर सब्जी वाले लोगों को सामान देकर जा रहे हैं।केस-1समता कॉलोनी व टाटीबंध के एक स्कूल से कोटा कॉलोनी निवासी रिद्धी प्रकाश के पास फोन अाए। दोनों ने ही कहा कि आपके दो बच्चे हैं, अगर एडमिशन चाहिए तो दस्तावेज वाट्सअप पर भेज सकते हैं।केस-2मालवीय रोड के शो-रूम से न्यू राजेंद्र नगर के मधुकर सिंह के यहां फोन गया कि अापके यहां जून में शादी है पर लाॅकडाउन में हम कपड़े उपलब्ध करवा देंगे। उन्हें ब्राइडल कलेक्शन के कैटलाॅग वाट्सएप पर भेजे।केस-3मैग्नेटो मॉल के एक बड़े फूड चेन से कई लोगों को मैसेज आए हैं जिसमें एक लिंक भेजा है और कहा गया है किअगर होम डिलीवरी चाहते हैं तो इसे क्लिक करें। जो डिश चाहेंगे, डिलीवरी हो जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news अंबेडकर अस्पताल के सीनियर और जूनियर डॉक्टर अब एम्स काेराेना वार्ड में करेंगे ड्यूटी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT अंबेडकर अस्पताल के सभी विभागों के सीनियर और जूनियर डाक्टर अब एम्स के कोरोना वार्ड में ड्यूटी करेंगे। उनके अलावा नर्सिंग स्टाफ को भी गुरुवार से एम्स स्थित कोरोना वार्ड में ड्यूटी करनी होगी। डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की चार बैच बनायी गई है। एक-एक बैच हफ्तेभर एम्स में कोविड मरीजों के ट्रीटमेंट का सिस्टम देखेगी। एम्स का शेड्यूल खत्म होने के बाद उन्हें अगले ही दिन उन्हें माना स्थित कोरोना अस्पताल ड्यूटी करनी होगी। उसके बाद उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया जाएगा।स्वास्थ्य विभाग से बुधवार को एचओडी, जूनियर डॉक्टर समेत 75 नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी संबंधी आदेश जारी किया गया। आदेश में सात विभागों के एचओडी व 18 प्रोफेसर व एसोसिएट प्राेफेसरों के नाम हैं। इनके अलावा 25 जूडो व इतने ही नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। कोरोना वार्ड में ड्यूटी के लिए चार बैच बनाए गए हैं। बैच ए में शामिल डाक्टर्स और स्टाफ 7 से 13 मई तक ड्यूटी करेंगे। इनमें तीन एचओडी, एक एसोसिएट प्रोफेसर, चार जूडो व चार नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं। यही बैच 14 से 20 मई तक माना स्थित कोरोना अस्पताल में सेवाएं देगा। इसी तरह बैच बी में चार एचओडी समेत जूडो व नर्सिंग स्टाफ को 14 से 20 मई एम्स में ड्यूटी करनी होगी। ड्यूटी का शेड्यूल खत्म होने के अगले ही दिन 21 से 27 मई तक सभी को माना के कोविड अस्पताल में ड्यूटी करनी होगी।माना के अस्पताल में एक भी मरीज नहीं : स्वास्थ्य विभाग ने माना में 100 बिस्तरों वाला कोविड अस्पताल तैयार कर लिया है। अब तक यहां एक भी मरीज भर्ती नहीं किया गया है। अफसरों ने संकेत दिए हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के ट्रीटमेंट का सिस्टम देखने के बाद डाक्टरों की टीम कोविड अस्पताल में 7 दिन ड्यूटी कर यहां के मैनेजमेंट का सिस्टम देखेगी।"अंबेडकर अस्पताल के सीनियर व जूनियर डाक्टरों के अलावा नर्सिंग स्टाफ एक हफ्ते एम्स में मरीजों के इलाज का सिस्टम देखेगा। 14 दिन का शेड्यूल पूरा करने के बाद उन्हें क्वारेंटाइन किया जाएगा।"-डा.एसएल आदिले, संचालक चिकित्सा शिक्षा Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news दोपहर में अंधड़ के साथ गरजे बादल, तेज बारिश कहीं-कहीं छोटे ओले भी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT राजधानी में दोपहर करीब 2 बजे तक अच्छी गर्मी पड़ने के बाद आधा घंटे के भीतर अचानक बादल घिरे। करीब ढाई बजे अंधड़ चला और तेज गर्जना के साथ बारिश शुरू हो गई। करीब 10 मिनट तक अच्छी बारिश हुई। इस दौरान शहर के कुछ हिस्से में छोटे-छोटे ओले भी गिरे। लालपुर मौसम केंद्र के अनुसार 10 मिनट में करीब डेढ़ सेमी (15.2 मिमी) बरसने के बाद आसमान बिलकुल साफ हो गया।मौसम वैज्ञानिक हरिप्रसाद चंद्रा ने बताया कि राजधानी समेत राज्य में कहीं-कहीं गुरुवार यानी 7 मई को भी इसी तरह कुछ देर के लिए अंधड़-बारिश की संभावना है। वजह ये है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर एक चक्रवात तथा पूर्वी विदर्भ के ऊपर दूसरा चक्रवात सक्रिय है। इसके अलावा करीब 1 किमी ऊंचाई पर विदर्भ से तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बन गई है, इसलिए छत्तीसगढ़ में नमी आरही है। गुरुवार को जहां भी दोपहर में ज्यादा गर्मी होगी, वहां शाम तक बौछारें पड़ सकती हैं।राजधानी के आउटर जोरा, लांभांडी, पचपेड़ी नाका के आसपास की कालोनियों, टिकरापारा, राजेंद्र नगर सहित कई इलाकों में दोपहर को चले अंधड़ के कारण बुधवार को देर शाम तक बिजली गुल रही। आंधी से जगह-जगह पेड़ों की डालियां सड़कों पर गिरीं। शहर में व्यवस्था संभालने के लिए लगाए गए पुलिस के कई पंडाल भी उखड़ गए।देवेंद्रनगर सेक्टर-1 में सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक शटडाउन था। बिजली सप्लाई शुरू हुई और दो घंटे बाद अंधड़ के कारण फिर बिजली गुल हो गई। यह एक घंटे बाद आई। लेकिन अमलीडीही, राजेंद्रनगर समेत आउटर की कई कालोनियों में दोपहर ढाई बजे बिजली गुल हुई तो रात 8 बजे तक नहीं आई। लाइनों में पेड़ गिरने और तार हिलने से ऐसा हुआ। इसे देर रात तक सुधारा जाता रहा। अफसरों ने बताया कि टिकरापारा मुख्य सड़क के अंदर की गली में हाई टेंशन लाइन पर पेड़ गिर गया।ऐसे में अंधड़ वगैरह के कारण बिजली गुल से लोग परेशान हो रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Thunderstorms in the afternoon, thunderstorms, heavy rain and small hail Full Article
india news टाइम चार बजे का, लेकिन 2 बजे ही सब बंद लोगों ने सिस्टम बदला तो दुकानों में भी ताले By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT करीब 47 दिन का लाॅकडाउन (19 मार्च से) अब धीरे से राजधानी की तस्वीर बदल रहा है। पहली बार रायपुर के लोग यह देख रहे हैं कि सारा कारोबार और खरीदारी 2 बजे से पहले ही लोग पूरी कर रहे हैं। पुलिस की गाड़ियां ढाई से 3 बजे के बीच सायरन बजाती हुई निकलती हैं, उससे पहले ही अधिकांश दुकानें और बाजार बंद हो जाते हैं और लोग भी घरों को लौट जाते हैं। शाम 4 बजे के बाद पुलिस की गैरमौजूदगी में भी सड़कों पर सन्नाटा रहने लगा है। हालात ये हैं कि जिन दुकानों को शाम 4 बजे तक की इजाजत है, ग्राहक नहीं होने से वह भी 2 बजे बंद की जा रही हैं। दिलचस्प मामला पेट्रोल पंपों का है, िजन्हें रात 8 बजे तक खोलने की इजाजत है। लेकिन कोई पेट्रोल-डीजल लेने वाला नहीं रहता इसलिए अधिकांश पंप 3 से 4 बजे के बीच ही बंद होने लगे हैं।राजधानी के कारोबारी माल की डिलीवरी से लेकर बिक्री तक इस हिसाब से कर रहे हैं कि घड़ी का कांटा दोपहर 2 बजे के पार नहीं होता। भास्कर टीम ने बुधवार को शहर का जायजा लिया, कारोबारियों और लोगों से बातचीत भी की। पता चला कि लोगों ने भी ऐसा सिस्टम बना लिया है कि दोपहर 2 बजे तक वे पूरा काम समेट रहे हैं। इस नई आदत का असर शहर में दोपहर 3 बजे से दिखने लगता है, सन्नाटे के रूप में। प्रशासन का कहना है कि इसी वजह से अब पुलिस को पहले की तरह सख्ती भी नहीं करनी पड़ रही है, क्योंकि जो लोग भी बाहर निकल रहे हैं, उनके पास कोई न कोई पुख्ता और वाजिब कारण है।बाजारों का सिस्टम बदलाराजधानी में कलेक्टर ने कुछ दुकानें दोपहर 2 बजे तक और कुछ शाम 4 बजे तक खोलने की अनुमति दी है। लेकिन बाजार बिना किसी दबाव के दोपहर से खुद ही बंद होने लगे हैं। अनाज, राशन सहित अति आवश्यक सेवा के कारोबारियों के शटर दोपहर 1.30 बजे से ही गिरने शुरू हो रहे हैं। पेट्रोल पंपों के सामने दोपहर 3 बजे से ही रस्सियां बंध रही हैं। कैट के प्रदेशाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि लॉकडाउन में लोगों को समय में काम करने की आदत हो गई है। व्यापारी भी इसमें ढल गए हैं। ऐसे में अब सभी तरह के कारोबार को अनुमति मिलनी चाहिए। भले ही इसका समय तय कर दिया जाए।लोडिंग-अनलोडिंग में दिक्कतेंसबसे बड़े कारोबारी संगठन छत्तीसगढ़ चैंबर के अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा और कार्यकारी अध्यक्ष ललित जैसिंघ ने बताया कि शासन के लोडिंग-अनलोडिंग के नए आदेश ने समस्या खड़ी कर दी है। लोडिंग-अनलोडिंग का समय रात 9 से सुबह 6 बजे तक किया गया है। व्यापारी अपनी दुकानें दोपहर को बंद करके जाता है और रात में 9 बजे फिर से वापस आ तो रहा है, लेकिन रात में हमाल और लेबर नहीं मिल रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू को चिट्ठी लिखी गई है। चैंबर ने अाग्रह किया है कि लोडिंग-अनलोडिंग या तो सुबह 6 से 10 बजे तक या शाम 4 से 8 बजे तक करवाई जाए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news मजदूरों की वापसी के लिए कांग्रेस में बांटी गई जिम्मेदारी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के लगभग एक लाख 15 हजार मजदूर देश के अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं। इनकी सकुशल वापसी के लिए पीसीसी मुख्यालय राजीव भवन में हेल्प डेस्क बनाने के साथ ही लोकसभा आैर जिलावार पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है।कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि स्पेशल ट्रेन के जरिए प्रदेश के मजदूरों की घर वापसी होगी। इनकी यात्रा का पूरा खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी। पीसीसी द्वारा बनाए गए हेल्प डेस्क में बिलासपुर-पद्मा मनहर,चुन्नीलाल साहू, पेण्ड्रागौरेल्ला-मरवाही- अटल श्रीवास्तव, मुंगेली- सीमा वर्मा, राजनांदगांव-पंकज शर्मा, अरूण सिसोदिया, कवर्धा डॉ. थानेश्वर पटिला, दुर्ग -गिरीश देवांगन, भिलाई-लालजी चंद्रवंशी, बेमेतरा- जितेन्द्र साहू, रायपुर-प्रतिमा चंद्राकर,राजेन्द्र साहू, बलौदाबाजार-प्रेमचंद जायसी, महासमुंद- कन्हैया अग्रवाल, धमतरी- द्वारिकाधीश यादव, गरियाबंद- रंजीत कोसरिया, बस्तर- रजनू नेताम,जगदलपुर- डॉ. प्रीति नेताम, नारायणपुर- कैलाश पोयाम, बीजापुर- रूकमणी कर्मा, सुकमा- कवासी को दी गई है।मजदूरों को विमानों से भेजें उनके गृहराज्य : जोगीपूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पीएम नरेेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि श्रमिकों को उनके गृहराज्यों में वापसी के लिए विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय स्वागतेय है लेकिन यदि विमानाें का उपयोग भी किया जाए तो अच्छी पहल होगी। इससे विमान कंपनियों का आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। गांव से शहरों में आजीविका कमाने आये प्रवासी गरीब मजदूरों को अनिश्चितता अराजकता पैदा होने से बिना किसी सुविधा के पलायन करना पड़ रहा है।मजदूरों की वापसी के लिए जल्दी चलाएं ट्रेनें: त्रिवेदीकांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मांग की है कि मजदूरों की घर वापसी के लिए ट्रेनों की तिथियों की घोषणा रेल मंत्रालय द्वारा जल्दी की जाये। राज्य सरकार दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए अपनी ओर से किराया जमा करने की सहमति का पत्र रेलवे को दे भी दिया है। केंद्र सरकार ने विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा तो कर दी लेकिन अभी तक स्पेशल ट्रेनें चलने की तिथियों की जानकारी नहीं दी गयी है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news गिर्रा में डेढ़ साल से महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं प्रसव कराने 9 किलोमीटर दूर पलारी जाना पड़ रहा By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT पलारी ब्लॉक के ग्राम गिर्रा उप-स्वास्थ केंद्र में पिछले डेह साल से प्रसव बंद हो गया है जिससे आसपास के ग्रामों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर 9 किमी दूर पलारी अस्पताल जाना पड़ रहा है क्योंकि यहां पर पदस्थ महिला स्वास्थ कार्यकर्ता हेमलता ठाकुर को 5 सितंबर 2018 से कसडोल ब्लाक के अस्पताल में संलग्न कर दिया गया है। तब से गिर्रा में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का पद खाली पड़ा है जिसके कारण उप-स्वास्थ केंद्र में प्रसव बंद हो गए हैं।ग्रामीणों ने कई बार महिला कार्यकर्ता को वापस लाने की गुहार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से लगाई लेकिन किसी ने सुना नहीं। इसकी जानकारी जब जनपद पंचायत पलारी के सभापति हेमा रोहित साहू सहकारिता विभाग, पूर्णिमा वीरेंद्र महेश्वरी सभापति महिला बाल विकास को हुई तो उन्होंने बीएमओ डॉ. एफआर निराला से मिलकर तत्काल गिर्रा उप-स्वास्थ केंद्र में महिला स्वस्थ कार्यकर्ता को वापस लाने का आवेदन किया। बीएमओ को सौंपे ज्ञापन में दोनों सभापतियों ने कहा कि गिर्रा की महिला स्वास्थ कार्यकर्ता को वापस किया जाए, उनके नही होने से महिलाओं को काफी दिक्कत हो रही है। खासकर गर्भवती महिलाओं को समय बे समय प्रसव पीड़ा होने पर 9 से 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है जो जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जोखिम भरा होता है। इस संबंध में बीएमओ ने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उनका पत्र वे उच्च कार्यालय को अग्रिम कार्रवाई के लिए तत्काल भेज देंगे।डा. निराला ने बताया कि गिर्रा में महिला स्वास्थ कार्यकर्ता का पद रिक्त नहीं है वहां पर पदस्थ कार्यकर्ता को कसडोल संलग्न कर देने से वहां महिला कार्यकर्तानहीं है जिसे वापस करने विभाग को पहले ही कई बार पत्र लिखा जा चुका है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today In Girra, women health workers have not to go to Palari 9 km to deliver for one and a half years Full Article
india news पंजीयन एक लाख से अधिक का, ऑनलाइन 932 छात्र ही पढ़ रहे By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई में छात्र रूचि नहीं ले रहे हैं। सरकार द्वारा पहली से 12वीं के छात्रों के लिए शुरू की गई इस योजना में बलौदाबाजार जिला पीछे हो रहा है। इस योजना के तहत जिले के 2 लाख 58 हजार छात्रों में सिर्फ आधे छात्रों ने यानी सिर्फ 1 लाख 28 हजार छात्रों ने ही पंजीयन कराया है। मगर सिर्फ 932 विद्यार्थी की ऑऩलाइन पढ़ाई में रूचि ले रहे है।बीआरसी के शिक्षक एमएल साहू से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 9019 शिक्षकों में से 95 प्रतिशत शिक्षकों का पंजीयन हो चुका है। जिले में 1 लाख 28 हजार छात्रों ने पंजीयन जरूर कराया है लेकिन महज 932 छात्र ही इस एप के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र यहां के अधिकांश बच्चे पढ़ाई छोड़ क्रिकेट, गुल्ली, डंडा सहित अन्य खेलों में मस्त हैं। उल्लेखनीय है कि लाॅकडाउन की वजह से जिले के 1192 प्राइमरी, 643 मिडिल, 102 हाईस्कूल व 133 हायर सेंकंडरी, पांच अनुदान प्राप्त स्कूल, चार डीएव्ही, कस्तूरबा गांधी स्कूलों को मिलाकर कुल दो हजार 83 स्कूल बंद हैं। ऐसे में जिले में पहली से 12वीं तक के 2 लाख 58 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा ‘पढ़ाई तुहर द्वार‘ योजना के तहत् पढ़ाई कराई जा रही है। विद्यार्थियों द्वारा पंजीयन कराने के मामले में बलौदाबाजार जिले की स्थिति भले ही थोड़ी बेहतर है मगर इस योजना के तहत पढ़ाई में नेटवर्क तथा एंड्राइड मोबाइल की उपलब्धता तथा छात्रों के रूचि नहीं होने के कारण यह योजना वास्तविक उद्देश्यों से कोषों दूर दिखाई दे रही है।बच्चे योजना समझ ही नहीं पाए, शिक्षकों में भी रुचि कमयहां तो स्थिति ऐसी है कि बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल ही नहीं है, ऐसे में बच्चे पढ़ाई कैसे करेंगें। सूत्रों की मानें तो आज भी हजारों बच्चे इस योजना को समझ नहीं पाए हैं, योेजना के प्रति शिक्षकों का उत्साह भी कम दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों मेें बच्चे घूमते, खेलते नजर आ रहे हैं। लाॅकडाउन की वजह से लोग घरों में हैं, ऐसे में मोबाइल डाटा का उपयोग भी ज्यादा हो रहा है। वही वनांचल क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या ज्यादा है यही कारण है कि यहां एंड्राइड मोबाइल फोन व नेटवर्क की समस्या ज्यादा होने लगी है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Registration of more than one lakh, online only 932 students are studying Full Article
india news गर्मी के कारण चारा-पानी नहीं मिला तो 4 दिन में ही जंगल लौटे हाथी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT बुधवार की सुबह 17 हाथियों का झुंड धमनी जंगल से महानदी पार कर अर्जुनी मुढ़ीपार होते हुए बारनवापारा के जंगल में वापस चला गया। 2 मई की सुबह पहुंचे हाथा इस बार चारा-पानी न मिलने से 4 दिन में ही वापस हो गए जबकि पिछली बार अक्टूबर से दिसम्बर तक तीन माह पलारी अंचलके रोहांसी जंगल में रुके थे।उस दौरान सैकड़ों एकड़ खेत की फसल चर गए थे तथा रौंदकर नुकसान भी पहुंचाया था।हाथियों के आते ही डीएफओ आलोक तिवारी और रेंजर राकेश चौबे ने स्पष्ट कह दिया था कि चारा-पानी न मिलने पर इस बार हाथी जल्दी लौट जाएंगे।4 माह बाद जब दोबारा पलारी इलाके में हाथी वापस जरूर आए पर गर्मी में चारा-पानी न मिलने के कारण जल्दी ही बारनवापारा के जंगल में वापस घुस गए। इस बार रोहांसी के बांस के ही जंगल में अपना अड्डा बनाकर पुनः तीन दिनों तक रुके, बताना जरूरी है कि पिछली बार भी रोहांसी की बांस की नर्सरी को ही ठिकाना बनाया था। हाथी इस बार चारा पानी की तालाश में मैदानी इलाकों के उन्हीं गांवों में एक बार घूमे मगर इस बार उन्हें खाली खेत और सूखे नालों के सिवाय कुछ नहीं मिला जिससे 4 दिनों में ही वापस हो गए। इस बार हाथी गिर्रा, कौड़िया, सिसदेवरी, पठारीढीह, साहड़ा, वटगन, ओडान, सेमरिया, खैरी, धमनी, जोराबरी, रोहांसी, अमेठी, खेरवारडीह, टेमरी, दरतेंगी जैसे गांवों में चारा-पानी की तलाश में घूमते रहे पर मिला कुछ नहीं।अमले ने लगातार रखी हाथियों पर नजर2 मई को जब हाथियों ने पलारी अंचल में प्रवेश किया तभी से सभी विभाग के अधिकारियों ने उन पर नजर बनाए रखी थी। डीएफओ आलोक तिवारी, रेंजर राकेश चौबे, डिप्टी रेंजर केशरी जायसवाल सहित पूरा अमला हाथियों के आगे पीछे भागता रहा तो वहीं एसपी प्रशांत ठाकुर, डीएसपी सिध्दार्थ बघेल, टीआई प्रमोद सिंह, सीईओ जिला पंचायत आशुतोष पांडेय, नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय द्वारा भी बराबर सहयोग करते रहे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Elephants returned to the forest in 4 days if fodder and water were not available due to heat Full Article
india news हेल्पलाइन नंबर किसी काम के नहीं, 43 मजदूर गोंदिया से बेरोकटोक पलारी आ गए By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन में फंसे मजदूर परिवारों की घर वापसी लगातार जारी है। सरकार इनकी सुरक्षित वापसी का दावा तो कर रही है मगर जिस तरह हेल्पलाइन नंबर देकर लोगों को परीक्षण के बाद ही प्रवेश करने की हिदायत दी जा रही है, उन निर्देशों का पालन खुद अधिकारी ही नहीं कर रहे हैं। इससे बिना परीक्षण के ही मजदूर गांवों तक पहुंच जा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा है।गोंदिया से ऐसे ही 43 मजदूर पलारी पहुंच गए पर राजधानी रायपुर में उन्हें किसी ने रोका तक नहीं, और तो और वे शहर में गाड़ी तलाशते घूमते भी रहे। छेरकाडीह, साराडीह, टेमरी के 43 मजदूरों को जब मदद के लिए राज्य हेल्पलाइन नंबर 0771-2443809 पर लगातार 4 दिनों तक किसी ने फोन नहीं उठाया जबकि बलौदाबाजार जिला हेल्पलाइन 07727-223697 पर बात हुई लेकिन किसी ने मदद नहीं की क्योंकि महाराष्ट्र ज्यादा इंफेक्टेड है। जब खाने पीने की तकलीफ बढ़ने लगी तो सभी मंगलवार को भूखे प्यासे गोंदिया के एक गांव से मंगलवार दोपहर दो बजे पैदल ही चलकर रोड तक आ गए। इतनी बड़ी संख्या में मजदूर परिवारों को पैदल आते देवरी के कुछ सरदारों और समाजसेवी लोगों ने रोककर पूछा तो उन्होंने बताया कि वे सभी लोहारा बस्ती जिला गोंदिया (महाराष्ट्र) से आ रहे हैं। इन समाजसेवियों ने पहले उन्हें खाना खिलाया और उसके बाद उन लोगों को उनके छतीसगढ़ जा रहे ट्रक को रोककर सभी मजदूरों को उसमें बैठाकर मंगलवार की शाम 4 बजे रायपुर भेजा। बुधवार सुबह 11 बजे पलारी पहुंचते ही नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय ने इनकी मेडिकल जांच करवाकर छेरकाडीह के सरपंच मोहर नीलकंठ बंजारे और साराडीह के सरपंच राजू बंजारे से मजदूरों को गांव के बाहर स्कूल में 14 दिनों तक क्वरेंटाइन करने को कहा। इन मजदूरों को पलारी अस्पताल से उनके गांवों तक गाड़ियों से रवाना किया गया।अफसरों ने दिया ये जवाबराज्य हेल्पलाइन नंबर 0771-2443809 पर बुधवार रात भास्कर प्रतिनिधि ने 9.21 बजे फोन लगाया तो लेबर इस्पेक्टर आरआर पाॅल ने बताया कि रोज लाखों की संख्या में फोन आ रहा हैं और हम मदद भी कर रहे हैं। हो सकता है मजदूरों को फोन इंगेज मिला हो। इसी तरह जिला हेल्पलाइन 07727-223697 पर 9.35 बजे फोन लगाने पर जिला श्रम अधिकारी तेजस चंद्राकर ने बताया कि महाराष्ट्र चूंकि ज्यादा इंफेक्टेट है इसलिए वहां से किसी को आने की अनुमति नहीं है। यदि मजदूर किसी तरह ट्रक से पहुंचे हैं तो यह लगत है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The helpline number is of no use, 43 laborers have come from Gondia to unopposed Palari Full Article
india news ब्लॉक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएम रिलीफ फंड में दिए 1.17 लाख रुपए By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT मुख्यमंत्री राहत कोष में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पिथौरा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मदद राशि दी है। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने फंड में 1,17,012 रुपए दिए हैं। इस मदद में गौरव ग्राम पंचायत बुंदेली 37601 रुपए, द्वारिकाधीश यादव विधायक खल्लारी विधायक मद के अतिरिक्त 10000, अनन्त सिंह वर्मा 2100, दिनेश नामदेव 2100, बुधेश्वर डड़सेना 1000,देवराज ठाकुर सरपंच 1000, गेंद राम ध्रुव उप सरपंच खेडीगाव 1000 रुपए दान किए।वहीं प्रेम सिन्हा उपाध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस 500, संजय सिन्हा 500, कांशी राम शर्मा 500, डलेश्वर पटेल 500, सुमित सिंघल 500, अरविंदर सिंह छाबड़ा 500, कार्तिक राम ठाकुर जनपद सदस्य 500 ,दीपक सिन्हा पिथौरा 200, अजय नंद सदस्य जिला खनिज न्यास 1100, कुलेश्वर नायक सरपंच राजासेवैय्या खुर्द 5511, सुरेश पटेल 2000, पुनीत राम पटेल1100, तारा चंद बरिहा 500, प्रेम वल्लभ सूर्यवंशी 500, सन्तु बरिहा 500, मुन्नू बरिहा 500, श्याम कुमार नेताम 500, नगर पंचायत पिथौरा अध्यक्ष आत्मा राम यादव एक माह का मानदेय 4400, उपाध्यक्ष दिलप्रीत खनूजा 1100, पार्षदगण पद्मावती पटेल 500, रीना साहू 500, लोकेश ध्रुव 500, प्रेम राजन रौतिया 500, अनामिका शर्मा 500, तरून पांडे 500, खीर सागर निषाद 500, संतोष डड़सेना 500, राजू सिन्हा 500, देव सिंह निषाद पूर्व अध्यक्ष 2000, गायत्री घरड़े 500, ख़िरौद्र पटेल 500, हरदीप कौर डाली हरजिंदर सिंह सलूजा 500, कुलवंत खनूजा विधायक प्रतिनिधि 2100 दिया।इसी तरह आशीष शर्मा सांसद प्रतिनिधि 1100, दीपक सिन्हा प्रदेश सचिव पिछड़ा वर्ग कांग्रेस झगरेन्डीह, अमर प्रीत छाबड़ा 1100, राजा बग्गा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (पिथौरा) 1100, नारद भोई 500, कल्याण सिंह राजपूत 500, खेम राज यादव मोहदा 500, कमलेश बारीक सरपंच किशनपुर 1000, सुरेश मलिक आदिवासी कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष 500, घासीराम नायक 200, ग्राम पंचायत कोदोपाली सरपंच सोम प्रकाश साहू, मोती राम पटेल, उपसरपंच एवं समस्त पंचगण 6000 रुपये, ग्राम पंचायत कोदोपाली के झाडूराम साहू, चोवा लाल ठाकुर, कोम सिंग ठाकुर, रुपचंद चक्रधारी, लाकेश कुमार बलिहार के द्वारा 15000 रुपये ब्लाक कांग्रेस पिथौरा में जमा किए। जिसे ब्लाक कांग्रेस पिथौरा द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Block Congress workers gave Rs 1.17 lakh in CM Relief Fund Full Article
india news 20 लाख मजदूरों को दिया काम, 56 लाख को राशन By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के संक्रमण को रोकने के लिये पूर्वानुमान लगाकर बेहतर तैयारी और कार्ययोजना के साथ इसका सामना किया इसके कारण अन्य राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में संक्रमण को नियंत्रण में रखने में सफलता मिली। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने राहत भरे फैसले कर संकट में फंसे प्रदेशवासियों की हर संभव मदद की।उक्त बातें विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर व जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रश्मि चंद्राकर ने कही है। उन्होंने जारी संयुक्त बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की जनता के नाम जारी अपने पहले ही संदेश में कह दिया था कि हम अपने राज्य में किसी को भूखा सोने नहीं देंगे और इस डेढ़ महीने से अधिक के लाॅकडाउन के दौरान धरातल पर उन्होंने ऐसा किया भी है। राज्य के 56.48 लाख गरीब परिवारों को अप्रैल, मई और जून 3 माह का राशन निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया गया।3 लाख मजदूरों की समस्याओं का निराकरण : उन्होंने कहा कि बिना राशनकार्ड वाले व्यक्तियों को भी प्रति व्यक्ति 5 किलो चांवल देने का निर्णय लिया गया। लाॅकडाउन में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अभी पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। देशभर में मनरेगा कार्यों में लगे कुल मजदूरों में से करीब 24 फीसदी अकेले छत्तीसगढ़ से हैं।यह संख्या देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की 9883 ग्राम पंचायतों में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में अभी लगभग 20 लाख मजदूर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान राज्य एवं राज्य के बाहर के लगभग 3 लाख श्रमिकों की समस्याओं का सीधे तौर पर निराकरण किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य में श्रमिकों, मजदूरों और अन्य व्यक्तियों को आश्रय, भोजन और अन्य सुविधायें उपलब्ध कराई गई। अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए वहां के मुख्यमंत्रियों, अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें भोजन, आश्रय इत्यादि उपलब्ध कराया गया। छत्तीसगढ़ के कुल एक लाख 24 हजार 205 श्रमिकों, देश के 21 राज्यों और 4 केंद्रशासित प्रदेशों में लाॅकडाउन के कारण फंसे थे, अन्य राज्यों में संकट का सामना कर रहे 16,885 श्रमिकों को लगभग 66 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई। शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों और औद्योगिक क्षेत्रों में 81,669 श्रमिकों को पुनः रोजगार मिला। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news उज्ज्वला में धांधली, कनेक्शन मिले नहीं पर खाते में रिफिलिंग के पैसे आने लगे By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन नहीं मिले पर लॉकडाउन में नवापारा की महिलाओं के खाते मे रिफिलिंग के पैसे जरूर पहुंच गए। घपला पकडा़ने के बाद हितग्राही महिलाओं ने अब कनेक्शन देने की मांग की है। उनकी समझ में आ गया है कि उनके नाम के गैस कनेक्शन आवंटित हो चुके हैं तथा कोई और उन्हें इस्तेमाल भी कर रहा है। मैनपुर ब्लॉक के नयापारा में ऐसा ही मामला सामने आया है। ब्लाक के करीब 25 गांवों में 8 से 9 हजार हितग्राहियों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की गई है। कलेक्टर श्याम धावड़े ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी मिला उस पर क़ड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले में जिला खाद्य अधिकारी एचएल डड़सेना ने कहा कि किन कारणों से ऐसा हो रहा है, इसकी जांच की जाएगी। जांच के आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन की अवधि में तीन माह तक उज्ज्वला गैस कनेक्शन के हितग्राहियों के खाते में गैस रिफिलिंग के लिए केंद्र सरकार ने पिछले माह से पैसे डालने शुरू कर दिए हैं। wखाते में रिफिलिंग के पैसे आने पर उन हितग्राही महिलाओं को खुशी कम हैरानी ज्यादा हुई जिन्हें अब तक कनेक्शन ही नहीं मिले हैं। नयापारा पंचायत में करीब 200 महिलाओं के नाम उज्ज्वला योजना के हितग्राहियों की सूची में तो हैे पर उन्हें गैस कनेक्शन नहीं मिला है।सूची में नाम होने के कारण ही इन महिलाओं के खाते में केंद्र सरकार द्वारा रिफिलिंग के लिए डाले जा रहे रुपए इनके बैंक खाते में आ रहे हैं।चार बार फॉर्म भरा,अब तक नहीं मिला कनेक्शननवापारा की सुनीता पटेल ने बताया कि पंचायत में कई कंपनियों के एजेंट उज्ज्वला के फार्म भरने आए थे। अलग-अलग लोगों को 4 बार दस्तावेज दिए लेकिन कनेक्शन नहीं मिला जबकि मेरे खाते में गैस रिफिलिंग के लिए रुपए आ गए हैं। उन्होंने बताया कि गांव में कुछ ही लोगों को गैस कनेक्शन मिले हैं जबकि बहुतों को मिलना बाकी है।फॉर्म पड़े के पड़े रह गए, फिर रिफिलिंग के पैसे कैसे आ रहेनयापारा की प्रमिला बाई ने बताया कि उनके वार्ड की 15 महिलाओं ने सभी दस्तावेज तैयार करके रखे हैं पर आज तक कोई उन्हें लेने नहीं आया। इस मोहल्ले की एक भी महिला को कनेक्शन नहीं मिला है पर सभी के खातों में रिफिलिंग के पैसे आ रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब हमने दस्तावेज जमा ही नहीं किए, न कनेक्शन दिया गया तो योजना के रिफिलिंग के पैसे हमारे खाते में कैसे आ रहे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Rigged in Ujjwala, no connection was found, but refilling money started coming into the account. Full Article
india news कोटा से घर पहुंचे छात्र, परिजन के साथ रहेंगे क्वारेंटाइन, नहीं तो होगी कार्रवाई By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT राजस्थान के कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने गए महासमुंद के बच्चों की घर वापसी हो गई है। मंगलवार की रात कवर्धा से 46 छात्र-छात्राएं महासमुंद पहुंचे। इसी तरह बुधवार को कुल 55 बच्चों की वापसी बेमेतरा स्थित क्वारेंटाइन सेंटर से हुई। वापसी के बाद सभी बच्चों का बिरकोनी स्थित हायर सेकंडरी स्कूल में स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। साथ ही कुछ बच्चों का रैंडम सैंपल लेकर रैपिड किट से जांच की गई। राहत की बात यह है कि सभी सैंपल निगेटिव रहे। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ डाॅ रवि मित्तल, सीएस डाॅ आरके परदल और कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के जिला नोडल अधिकारी डाॅ अनिरूद्ध कसार मौके पर उपस्थित थे।8 दिन पहले ही सरकार की ओर से बस भेजकर इन बच्चाें काे कोटा से वापस छत्तीसगढ़ लाया गया था। महासमुंद जिले के 101 बच्चों को कवर्धा और बेमेतरा जिले के अलग-अलग सेंटर में क्वारेंटाइन किया था। शासन के निर्देशानुसार मंगलवार और बुधवार को इन बच्चों को अपने-अपने जिले में भेज दिया गया। अब यह बच्चे अपने घर पर ही होम क्वारेंटाइन की अवधि पूरी करेंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Students arriving home from Kota, quarantine will stay with family, otherwise action will be taken Full Article
india news विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल ने शराब दुकान खोलने का किया विरोध By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन होने के बाद भी शासकीय शराब दुकानों को खोलना आने वाले दिनों में बड़े नुकसान की आशंका को दर्शा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के उक्त फैसले का विरोध बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने किया। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए किसान बीमा मद से केंद्र सरकार से आए 634 करोड़ रुपए एवं धान खरीदी के अंतर राशि को शराब के रास्ते राज्य सरकार पुनः वापस लेना चाहती है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री शंकर अग्रवाल के निवास पर हुए कॉन्फ्रेंस में धरमलाल कौशिक ने कहा कि पूरा देश कोरोना वायरस की चपेट में है और देशभर में करीब 45 दिनों का लॉकडाउन पूर्ण हो चुका है। ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित शराब दुकानों को खोल कर 45 दिनों के मेहनत पर पानी फेरा जा रहा है। शराब दुकानों के शुरू होते ही पहले ही दिन में, जिस तरीके से शराब खरीदने वालों की भीड़ उमड़ रही है और देशभर में लगे धारा 144 एवं लॉकडाउन का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में इसका गंभीर परिणाम निकल कर सामने आ सकता है क्योंकि ना तो किसी तरह से धारा 144 का पालन किया जा रहा है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है जिसके चलते कोरोना वायरस संक्रमण की प्रबल आशंका बन रही है।शराब दुकान खोलने के फैसले को वापस सरकारछत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार शराब को लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए डिलीवरी ब्वॉय तक की नियुक्ति कर रही है। सरकार को शराब दुकानों के खुलने के इस निर्णय को वापस लेना चाहिए क्योंकि जैसे ही शराब दुकानों का खुलना शुरू हुआ वैसे ही अपराध बढ़ने लगे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Leader of Opposition in the Assembly Dharamlal opposed to open liquor shop Full Article