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जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड पाइप इंडस्ट्री भी हुई शुरू, प्राेडक्शन अभी केवल 25 प्रतिशत ही इन पर निर्भर जिले की 50 छाेटी-बड़ी इंडस्ट्री काे भी राहत

देश विदेश में विख्यात स्टील इंडस्ट्री जिंदल स्टेलनेस सहित जिंदल ग्रुप की हिसार में तीन इंडस्ट्री में डेढ़ माह बाद एक बार फिर से प्राेडक्शन शुरू हाे गया है। यानी इस पर निर्भर लाेगाें की जिंदगी पटरी पर लाैटने लगी है। सीआरडी अाैर एसअारडी प्लांट तथा पाइप इंडस्ट्री में से लगे 6900 कर्मचारियों में से करीब 3400 कर्मचारियों काे शिफ्टाें में काम मिल गया है। इन तीन बड़ी इंडस्ट्री के शुरू हाे जाने से इन पर निर्भर जिला व इसके आसपास की 50 से अधिक इंडस्ट्री में भी प्राेडक्शन की उम्मीद जग गई है। जिंदल इंडस्ट्री से जुड़े मैनेजमेंट के अधिकारियाें का कहना है कि फिलहाल प्राेडक्शन 25 प्रतिशत ही किया जा रहा है क्याेंकि मार्केट में अभी डिमांड नहीं है।



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मेयर-पार्षदों के डिमांड पर शहर के विकास का 3 कराेड़ और रिवाइज होगा बजट, 79.66 करोड़ का बजट पास

नगर निगम के सालाना बजट की बैठक शुक्रवार को एप के जरिये ऑनलाइन मीटिंग हुई। बैठक में मेयर व पार्षदों की डिमांड पर शहर के डिवलेपमेंट काे लेकर 3 कराेड़ रुपये का बजट और रिवाइज हाेगा। पार्षदों व मेयर ने कहा कि दस-दस लाख रुपये प्रति वार्ड व 1 कराेड़ रुपये मेयर के नाम पर मिसलेनियस में रखे जाने थे ताे बजट में नहीं रखे गए। अकाउंट ब्रांच ने इस बात पर सहमति जताई। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियाें ने बजट काे रिवाइज करने की बात कही। शहर काे इससे यह फायदा हाेगा कि पहले निगम ने 5 कराेड़ 21 लाख रुपये का बजट रखा था जाे अब 8 कराेड़ रुपये से ज्यादा हाे गया है। यानी इस 8 कराेड़ रुपये से शहर के सड़क, पार्काें व स्ट्रीट लाइट लगाने व शहर के विकास कार्य पर खर्च किया जा सकता है। फिलहाल नगर निगम व हाउस के मीटिंग में माैजूद सदस्याें ने सर्वसम्मति से 79 करोड़ 66 लाख 55 हजार रुपए का बजट पास कर दिया। निगम ने पहली बार 15 लाख रुपये का बजट लाइब्रेरी काे अपग्रेड करने के लिए रखा है।
बैठक की अध्यक्षता मेयर गौतम सरदाना ने की। सुबह 11 बजे शुरू हुई मीटिंग में राज्यसभा सदस्य डाॅ. डीपी वत्स एप के माध्यम से शामिल हुए। निगम आयुक्त अशोक गर्ग, संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल ने बजट की जानकारी दी। एप के माध्यम से 15 पार्षदों ने बैठक में हिस्सा लिया। अधिकारियाें ने बजट में एलटीसी का 10 लाख का खर्च अलग से रखा। इस पर पार्षद टीनू जैन, पार्षद अमित ग्राेवर व पार्षद जगमाेहन मित्तल ने आवाज उठाई कि एलटीसी काे लेकर ताे सरकार ने साफ मना किया है कि नहीं दी जाएगी। फिर बजट में ये मद रखने का क्या औचित्य है। अधिकारियाें ने कहा कि इसमें से 5 लाख रुपये लाइब्रेरी काे अपग्रेड करने में जाेड़ा जाएगा। पहले लाइब्रेरी के लिए 10 लाख का बजट रखा गया था।

ग्राेवर ने कहा-कब तक बेचते रहाेगे जमीनें, इनकम साेर्स बढ़ाओ

पार्षद अमित ग्राेवर ने कहा कि कब तक ऐसे ही जमीन बेचकर काम चलाते रहेगा। स्थायी इनकम साेर्स बनाओ। उन्हाेंने कहा निगम ने बजट में रखा है कि जमीन बेचने से इस साल निगम काे करीब 6 कराेड़ रुपये की आय हाेगी। उन्हाेंने इस पर आपत्ति जताई। इस पर पार्षदों ने कहा कि अाप इनकम साेर्स बढ़ाने पर मंथन क्याें नहीं करते। कमिश्नर अशाेक गर्ग ने कहा कि जल्द ही इस विषय पर मीटिंग करेंगे। जिसमें इनकम साेर्स पर विशेष चर्चा हाेगी। पार्षदों ने बेसहारा पशुओं के लिए गाेअभयारण्य का अधिक बजट बढ़ाने की मांग भी रखी।

बीएलओके राशन टाेकन सर्वे पर उठाए सवाल

संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल ने कहा कि एप के माध्यम से बजट की बैठक हुई है। इसमें बजट पास किया गया है। वहीं पार्षदों ने टेंपरेरी राशन टोकन सिस्टम के बारे में वार्ड अनुरूप जानकारी मांगी थी। सभी वार्ड में बीएलओ के माध्यम से सर्व का कार्य जारी है। कुछ वार्डों का सर्व हो चुका है, वार्ड सात और आठ में सर्वे का कार्य दो तीन में पूरा हो जाएगा। अधिकारियाें ने कहा कि बीएलअाे की ड्यूटी मंडियाें में लगाई है। एेसे मेंं दाे दिन के अंदर सर्वे सुचारू हाेता है ताे ठीक है वरना फिर काेई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।



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अवैध पिस्तौल सहित युवक गिरफ्तार अदालत ने दो दिन के रिमांड पर भेजा

सीआईए की टीम ने अवैध पिस्तौल सहित एक युवक लखन उर्फ भीम को गिरफ्तार किया है। वह जगदीश कॉलोनी का रहने वाला है। पुलिस ने उसे कुंदनापुर रोड से गिरफ्तार किया। सीआईए को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति कुंदनपुर पर अवैध पिस्तौल के साथ मौजूद है। सीआईए ने कार्रवाई करते हुए उस व्यक्ति की तलाशी ली। उसके कब्जे से एक पिस्तौल 315 बोर बरामद हुई। उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसने दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। रिमांड के दौरान पुलिस यह जानने की कोशिश करेगी कि वह अवैध असला कहां से लेकर आया था और कहां लेकर जाना था।



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सुलखनी में शराब की चलती भट्ठी पकड़ी, दो गिरफ्तार

पुलिस ने गांव सुलखनी से शराब की चलती भट्ठी सहित दो लोगों को काबू किया है। आरोपियों से पुलिस को करीबन 10 लीटर लाहन बरामद हुआ है। पकड़े गए आरोपी सुरजीत पुत्र मुंशी राम व सुरजीत पुत्र बिशंबर दास गांव सुलखनी के रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 61, 1, 14 के तहत मामला दर्ज कर शुक्रवार को दोनों युवकों को अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया है। लॉकडाउन के मद्देनजर पुलिस की टीम गांव बुगाना के पास गश्त पर थी।
इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि गांव सुलखनी में दो युवक भट्ठी चलाकर देसी शराब निकाल रहे हैं। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को बताए गए स्थान पर शराब की भट्ठी चलती मिली। पुलिस शराब निकालने के सामान सहित दोनों युवकों को पुलिस थाने ले आई।



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बीयर 3 सौ रुपए में, 120 वाला पौव्वा 280 में, जो ब्रांड पहले कभी नहीं बिके वो भी खाली हो गए दुकानों से

कोरोना संक्रमण में जहाँ कुछ दिलदार लोग घर बेचकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं, वहीं ना-नुकुर कर ग्रामीण क्षेत्रों की शराब दुकान खोलने वाले ठेकेदारों ने लूट की इंतेहा कर दी है। किसी भी ब्रांड की बीयर 3 सौ रुपए से कम में नहीं बिक रही है। पीने वालों की नजर में घटिया से घटिया ब्रांड की शराब जो आम दिनों में नहीं बिकती थी, वो भी ऊँचे दामों में बेच दी गई। जानकारों के मुताबिक 120 रुपए में जिस पौव्वे को कोई पूछता नहीं था, वो भी 280 रुपए का बिक गया। ग्रामीण क्षेत्रों की 73 देशी-विदेशी दुकानें हैं जिसमें मझौली पौंड़ी की दुकान कंटेनमेंट क्षेत्र के कारण बंद है। बाकी की 72 दुकानों में पिछले साल का बचा हुआ माल पूरा बिक गया, अब ठेकेदार नया माल शुक्रवार से खरीदेंगे। लॉकडाउन पीरियड में पूरे जिले में सोशल मीडिया पर प्रचार करके शराब बेचने वालों को मुनाफाखोरी में ठेकेदारों ने पीछे छोड़ दिया। प्रशासन कोरोना संक्रमण से जिले को बचाने में जुटा है, पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने में व्यस्त है, जिसका फायदा शराब ठेकेदारों ने पहले दिन से उठाया। दुकान खोलने के लिए जो ठेकेदार तैयार नहीं थे, वही ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों में सक्रिय दिखे और स्टाफ को मैक्सिमम प्राइज से भी ज्यादा में शराब बेचने की छूट दे दी। ग्रामीण क्षेत्रों की शहर से लगी कुछ दुकानों पर तो मारामारी के दृश्य से थे। खरीदने वालों ने भी दुकान की खिड़की तक पहुँचने में जोर लगाया और जो ब्रांड मिला, वो खरीद लिया।

एक दिन में ही सरकार के खजाने में आए 1.68 करोड़
46 दिन बाद शराब दुकानें क्या खुलीं लोगों की भीड़ लग गई। हालाँकि ये दुकानें ग्रामीण क्षेत्र की हैं और इसमें भी विदेशी शराब की बिक्री से ही सरकार के खजाने में 80 लाख रुपये की कमाई जबलपुर से हो गई है। अभी इसमें सरकार को जो शराब बिकी है उससे भी राशि मिलेगी जिससे एक दिन में ही कमाई का आँकड़ा 1 करोड़ के पार पहुँच जायेगा। इस तरह एक दिन में लगभग 3 हजार पेटी शराब बिक चुकी है और शुक्रवार के लिये बड़ी मात्रा में शराब खरीदी के लिये डिमांड भेजी गई है। वहीं देशी शराब की बिक्री भी लगभग 48 सौ पेटी के आसपास हुई है जिससे सरकार को लगभग 88 लाख रुपये की ड्यूटी मिली है।

लाइन में लगकर खरीदी शराब, जाँच में पकड़ी गईशहर की शराब दुकानें नहीं खुलीं तो लोग गाँव पहुँच गये। सालीवाड़ा क्षेत्र में तो सुबह से शराब लेने वालों की भीड़ लग गई। पुलिस और आबकारी वालों को यहाँ मोर्चा सँभालना पड़ा। यही हाल पनागर और बरेला क्षेत्र की दुकानों में भी रहा। पुलिस ने सालीवाड़ा की दुकान में लाइन लगवाई और आधार कार्ड के अनुसार ही गाँव वालों को पहले शराब बेची गई। बाद में शहर से जो लाेग पहुँचे थे उन्हें भी शराब की बोतलें मिल गईं। शाम को लौटते समय जब गोरा बाजार थाने के पास चैकिंग हुई तो ऐसे कई लोगों से शराब की बोतलें लेकर जब्त कर ली गईं।

सड़कों पर पी गए शराबलॉकडाउन की वजह से शराब से वंचित लोगों ने अपनी तलब मिटाने दुकान से निकलते ही शराब पीना प्रारंभ कर दिया। कई जगह बीयर की बोतलें पीते-लहराते हुए लोग दिखे। ये शिकायतें कंट्रोल रूम तक पहुँचीं, उसके बाद प्रशासन हरकत में आया। हालाँकि तब तक दुकानें खाली हो गईं थीं।

इन दुकानों में सबसे ज्यादा बिक्रीग्रामीण क्षेत्र की पनागर, सिहोरा, पाटन, मीरगंज की दुकानों से 5-5 लाख से ज्यादा की बिक्री, जबकि बेलखाड़ू व खितौला की दुकानों से 4 लाख से ज्यादा की व कटंगी, मझौली और सालीवाड़ा की दुकानों से लगभग 9 लाख की शराब बिकी। बाकी की दुकानों में भी कहीं से ढाई लाख तो कहीं दो लाख की बिक्री हुई। ज्यादातर दुकानों से 1 लाख रुपए से ज्यादा की शराब की बिक्री हुई है।





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Beer was sold for 3 hundred rupees, 120 in Pauva 280, brands that were never sold before were also emptied from shops




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24 में से 21 सेंटर सूने, फिर भी बाहर से आए लोगों को कर रहे होम क्वारेंटाइन, वजह- प्रशासन पर खर्च नहीं

कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जिले में भले ही 24 क्वारेंटाइन सेंटर के अलावा कोविड केयर सेंटर और कोविड हेल्थ सेंटर बना दिए गए हैं। लेकिन इनमें लोगों को ठहराने में कंजूसी बरती जा रही है। वजह यह है कि प्रशासन अब इन क्वारेंटाइन सेंटर का खर्चा नहीं उठा पा रहा है। स्थिति यह है कि पिछले 24 घंटे में दूसरे शहरों से जिले में 2700 लोगों ने प्रवेश किया। लेकिन प्रशासन ने इनमें से 1314 को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया। जबकि जिले में 24 में से 21 क्वारेंटाइन सेंटर सूने पड़े हैं। हालांकि शुक्र है कि ग्वालियर में कोरोना संक्रमित मिले व्यक्ति के साथ आए 19 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है।
देश के विभिन्न राज्यों से भिंड जिले में लोगों के आने का दौर जारी है। अब तक जिले में 67 हजार से ज्यादा लोग आ चुके हैं। वहीं आजमगढ़ और इलाहबाद से आए 27 लोगों के साथ ग्वालियर उतरे एक युवक के कोरोना संक्रमित निकलने के बाद लोगों की धड़कनें बढ़ गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इनमें से 19 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। हालांकि उनके सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। बावजूद इसके गुरुवार को दूसरे शहरों से आए लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती न कर प्रशासन अभी भी होम क्वारेंटाइन पर जोर दे रहा है। यह स्थिति तब है जब प्रशासन के सामने बाहर से कोरोना संक्रमण के आने का खतरा सामने आ चुका है। यह लापरवाही जिलेवासियों पर भारी पड़ सकती है।

यह जांच है या कोरोना फैलाने की तैयारी... स्क्रीनिंग में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं
भिंड शहर में बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग रोडवेज बस स्टैंड पर की जा रही है लेकिन यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। गुरुवार की दोपहर जब दैनिक भास्कर टीम यहां पहुंची तो बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले लोगों की काफी भीड़ थी। महिलाएं और बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग भूलकर आपस में काफी सटकर खड़े और बैठे हुए थे, जबकि जिम्मेदार अफसर इस ओर ध्यान ही नहीं देख रहे।

खाने में दे रहे पतली दाल और कच्ची रोटी
शहर आईटीआई क्षेत्र में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में बुधवार को 85 लोग भर्ती थे। वे पिछले दो दिनों से खाने पीने को लेकर हंगामा कर रहे थे। गुरुवार को उन्हें घर भेज दिया गया। भर्ती लोगों का कहना था कि उन्हें पतली दाल और कच्ची रोटियां परोसी जा रही हैं। यही स्थिति फूप के दो क्वारेंटाइन सेंटर की थी, जहां एक में 47 और दूसरे में 10 लोग बुधवार को भर्ती थे लेकिन गुरुवार को यह भी खाली करा दिए गए। जिले में वर्तमान में क्वारेंटाइन सेंटर में मात्र 100 लोग और हेल्थ सेंटर में 14 व केयर सेंटर में 39 लोग भर्ती हैं जबकि क्वारेंटाइन सेंटर में कुल क्षमता 1450 पलंग की है।

21 सैंपल और भेजे... नीमच में संक्रमित मिले हम्माल के चार साथियों के भिंड में लिए सैंपल

गुरुवार को नीमच में एक हम्माल कोरोना संक्रमित निकला है। उसके साथ के चार लोग भिंड एक ट्रक से आए थे। यह सूचना जैसे ही नीमच कलेक्टर द्वारा भिंड कलेक्टर को दी गई तो आनन फानन में इन लोगों को ट्रैक कर उनके सैंपल लिए गए। उन्हें जिला अस्पताल में आईसोलेट किया गया। इसके अलावा हॉट स्पॉट क्षेत्र से आए या कोरोना काल में ड्यूटी कर रहे 11 पुलिस जवानों के भी रेंडम सैंपल लिए गए। इस प्रकार से गुरुवार को कुल 21 लोगों के सैंपल लिए गए हैं।



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21 out of 24 centers listened, yet home quarantine is done to people from outside, reason - no expenditure on administration




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कपड़ा व्यापारी संघ ने किया कोरोना वारियर्स पुलिस जवानों का सम्मान

कोरोना के दौरान लोगों को नगर में जागरूक करने और लॉकडाउन का पालन कराने के लिए प्रतिदिन मेहनत करने वाले पुलिस के जवानों का मंडी स्थित टेंपो चौराहे पर कपड़ा व्यापारी संघ ने सम्मान किया।
इस दौरान कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष हीरालाल चावड़ा, नानक राम खत्री, संतोष जैन, विजेश राका, संदीप बड़ोने ने पुलिस के जवानों व अधिकारियों का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। वहीं दूसरी ओर व्यापारी के परिवार की महिलाओं ने महिला पुलिसकर्मियों को पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान मंडी चौकी प्रभारी दीपेश व्यास ने लोगों को सोशल डिस्टेंस व लॉकडाउन के दौरान तय समय पर ही दुकानें खोलने के बारे में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कोरोना बीमार के बढ़ने के कारणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश में लगातार कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कारण हमारे द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाना है। हमें बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए। संचालन संघ के पदाधिकारी सीमित जैन ने किया।



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Textile Dealers Association honors Corona Warriors Police jawans




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कोरोना फाइटर्स ने गांव में मरीज को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने का अभ्यास किया

नगरीय क्षेत्र के बाद अब प्रशासन ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना फाइटरों की टीम बना रही है। टीम को गांव में कोराेना संक्रमण फैलने पर कैसे रोका जाए और इस दौरान क्या इंतजाम करना है इसके बारे में बताया।
अरन्याकलां गांव में बनाई गई कोरोना फाइटर ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉक्टरों ने किसी भी व्यक्ति को कोरोना होने की स्थिति में कैसे स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया जाएगा। इसके बारे में मॉकड्रिल किया। मॉकड्रिल के चलते गांव के गणेश मंदिर के पीछे एक मकान को चिंहित कर कोरोना मरीज का निवास स्थान बनाया गया उसके बाद पुलिस बल व डॉक्टरों ने उक्त व्यक्ति को एंबुलेंस से पोचानेर रोड़ पर स्थित स्वास्थ्य केंद्र परले जाया गया।
मॉकड्रिल का निरीक्षण करने के लिए एसडीएम विवेक कुमार सिंह भी पहुंचे। इस दौरान सरपंच दुर्गा प्रसाद सोनानिया व डॉ. यशवंत परमार ने कोरोना से निपटने के लिए जो तैयारी की गई है इसके बारे में जानकारी ली। एसडीएम ने कोरोना फाइटर व स्वास्थ्य विभाग की टीम की एक बैठक भी ग्राम पंचायत में ली। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हमें लोगों को सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन कराना है। लॉकडाउन का उल्लंघन न हो। इस अवसर पर नोडल अधिकारी शशि चौधरी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।



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Corona Fighters practiced taking patients to health center in village




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बारिश में धंसका मिट्‌टी का टीला, दबने से बुजुर्ग की मौत

मुसावली गांव के हार में भैंस चराने के लिए गए एक बुजुर्ग किसान की मिट्टी में दबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार की शाम 6 बजे का है। वे बारिश से बचने के लिए टीले की ओट लेकर खड़े थे, तभी बारिश के कारण गीली मिट्‌टी धंसक गई।
मृतक के बड़े भाई अमरजूलाल भास्कर ने बताया कि उनके छोटे भाई रामबाबू (55) पुत्र पचौरेलाल दौहरे सुबह भैंस चराने के लिए हार में गए थे। शाम छह बजे अचानक बारिश शुरू हो गई। पानी में भीगने से बचने के लिए रामबाबू रोड किनारे एक मिट्टी के टीले के नीचे खड़े हो गए। बारिश में मिट्टी गीली होने से टीला भरभराकर बुजुर्ग के ऊपर गिर गया। रामबाबू को मिट्‌टी में दबा हुआ देखकर आसपास के खेतों में मवेशी चरा रहे किसान दौड़कर आए। पुलिस की मदद से रामबाबू को आधे घंटे बाद बाहर निकाल लिया गया, तब उनकी सांसें चल रही थीं। रामबाबू को गंभीर हालत में इलाज के लिए लहार के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चार घंटे इलाज के बाद रात 10 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।



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नमकीन की पेटी में छिपाकर लाए बीड़ी के पैकेट, पकड़े

अमायन पुलिस ने बुधवार की रात 10.30 बजे खंडा रोड से एक लोडिंग गाड़ी में 150 बीड़ी के पैकेट पकड़े हैं। खास बात यह है कि यह पैकेट हल्दीराम कंपनी की नमकीन के पैकेट में छिपाकर लाए जा रहे थे।
अमायन थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सूचना मिली थी कि अमायन में बाहर से एक लोडिंग गाड़ी बीड़ी के बंडल लाए जा रहे हैं। ऐसे में बुधवार की रात 10 बजे खंडा रोड पर चैकिंग प्वाइंट लगाया। करीब 10.30 बजे एक लोडिंग गाड़ी एमपी 30 जी 838 आती हुई दिखाई दी, जिसे रोककर जब चैकिंग की गई तो उसके अंदर हल्दीराम नमकीन की पेटियों में बीड़ी के बंडल रखे हुए मिले । पुलिस ने तत्काल गाड़ी में सवार अमायन निवासी आलोक जैन को पकड़ लिया। साथ ही जब बीड़ी पैकेटों की गिनती कराई गई तो उनकी संख्या 150 निकली । पुलिस ने आरोपी आलोक जैन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।



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ई-संजीवनी ओपीडी से घर बैठे मिल सकेगा इलाज

काेराेना संक्रमण के चलते सामान्य बीमारी के मरीजों काे स्वास्थ्य सेवाएं लेने में कई परेशानियां आ रही है। साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से लोग अस्पताल जाने में भी झिझक रहे हैं। हालांकि व्यावहारिक रूप से अभी अस्पतालों में भीड़ लगाना उचित भी नहीं है। एेसे में ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से परामर्श लेकर लाेग घर बैठे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मध्यप्रदेश द्वारा टेलीमेडिसिन के माध्यम से होम क्वारेंटाइन लोगों को चिकित्सीय सलाह एवं परामर्श के लिए 51 जिलों में टेलीमेडिसिन सुविधाएं शुरू की थीं। इसी क्रम में अन्य बीमारियों के लिए जिला चिकित्सालय में विश फाउंडेशन के तकनीकी सहयोग से ई-संजीवनी ओपीडी शुरू की जा रही है। लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं चिकित्सीय परामर्श एवं उपचार ई-संजीवनी मे माध्यम से उपलब्ध होंगी। जैसा कि ई-संजीवनी नाम से स्पष्ट है, यह स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाइन होंगी और इसके लिए मरीज को टैबलेट, लैपटॉप या डेस्कटॉप जिसमें वेब कैमरा, स्पीकर, माइक एवं इंटरनेट हो की आवश्यकता होगी, ताकि वह चिकित्सक से सीधा ऑडियो-विजुअल संवाद स्थापित कर सके। ई-संजीवनी का ओपीडी समय सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक रहेगा। डॉक्टर से संवाद के बाद आवश्यकतानुसार दवा की पर्ची का ई-प्रिस्क्रिप्शन मिलेगा। इस आधार पर मरीज दवाई खरीद सकते हैं। आवश्यकता के आधार पर डॉक्टर मरीजों को अस्पताल हेतु रेफर करने की सलाह भी दे सकते हैं।

कतार से मिलेगी मुक्ति... मोबाइल नंबर की मदद से रजिस्ट्रेशन होगा, मिलेगा ओटीपी

इन उपकरणों की सहायता से मरीज को सबसे पहले www.esanjeevaniopd.in पर ‘पेशेंट रजिस्टर’ पर अपने मोबाइल नंबर की सहायता से पंजीकृत कर ओटीपी प्राप्त करना होगा। ओटीपी इंटर करने के बाद ‘पेशेंट रजिस्ट्रेशन एवं टोकन जनरेशन’ में नाम, पता, आयु संबंधी जानकारी दर्ज करना होगी। यदि कोई रिपोर्ट, एक्स-रे आदि डाक्टर को बताना चाहते हैं तो उसे भी अपलोड करना होगा। यहां ओके करने के बाद आपको पंजीकृत मोबाइल नंबर पर टोकन प्राप्त होगा, जो कि मरीज की वेटिंग लिस्ट को दर्शाता है। एसएमएस के आधार पर प्राप्त टोकन नंबर के माध्यम से लाग-इन कर कतार में अपनी बारी का इंतजार करें, अपनी बारी आने पर कॉल नाउ विकल्प को चुने एवं चिकित्सक से संवाद प्रारंभ करें।



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पिता ने डांटा तो बेटे ने रस्सी खरीदी और लगा ली फांसी

मेहगांव के सरस्वती स्कूल क्रमांक दो के कक्ष में एक 14 साल के किशोर ने पिता की डांट के बाद फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। इसके लिए उसने बाजार से रस्सी भी खरीदी थी। घटना बुधवार की शाम 6 बजे की है। देर शाम जब परिजन ने किशोर की तलाश की तो स्कूल के कमरे में उसका शव फांसी पर झूलता मिला।
जानकारी के अनुसार जवाहर कॉलोनी वार्ड 4 में रहने वाले किशन(14) को उसके पिता राजेंद्र प्रसाद जोशी ने किसी बात पर डांटा था। पिता से नाराज होकर किशोर घर से 250 रुपए लेकर सदर बाजार पहुंचा जहां से उसने एक रस्सी खरीदी। रस्सी लेकर किशन सीधे सरस्वती स्कूल पहुंचा और कमरे में रस्सी का फंदा बनाकर छत के कुंडे से झूल गया। देर शाम तक जब किशोर घर नहीं लौटा तो परिजन ने तलाश शुरू की तभी स्कूल के कक्ष में किशन फांसी पर लटका मिला। पुलिस ने शव का पीएम कराकर मर्ग कायम किया है।



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फसल काटने आए मजदूरों का पैसा खत्म, पेट भरने को घर-घर जाकर मांग रहे रोटी

जिले के ग्रामीण इलाकों में अभी भी हजारों दिहाड़ी मजदूर फंसे हैं जो घर जाना चाहते हैं लेकिन प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण वे लौट नहीं पा रहे हैं। लंबे समय से अपने परिवारों से दूर हुए मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही है। दबोह के छान पंचायत में आदिवासी समुदाय के 37 लोग फंसे हैं। इनमें कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो गर्भवती हैं। छोटे बच्चे हैं, वे दूध के लिए बिलखते हैं। मजदूरों ने खेतों में फसल काटकर थोड़ा बहुत जो पैसा कमाया था, वह लॉकडाउन के दौरान खर्च हो गया। अब यह परिवार पेट भरने के लिए गांवों में घर-घर जाकर रोटी मांग रहे हैं। घर-घर जाने के बाद इन्हें किसी प्रकार एक वक्त का भोजन मिल पाता है।
दस दिन पहले आदिवासी परिवार में महिला सुमन पत्नी राम सिंह आदिवासी की डिलीवरी होनी थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने भी इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी। इसके चलते पंचायत भवन में ही सुमन ने बच्चे को जन्म दिया। हालांकि जच्चा व बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन मां को पोषण आहार नहीं दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपनी जिम्मेदारी से मुकर रही है। गांव के लोगों की मदद से ही मजदूरों को जब कभी भोजन मिल जाता है। ग्राम पंचायत या प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इन मजदूरों की मदद के लिए प्रयास नहीं किए गए हैं।

घर-घर रोटी मांगकर पेड़ों के नीचे काटते हैं समय
सभी लोग यूपी के मऊरानीपुर के रहने वाले हैं जो गांव के पंचायत भवन में ठहरे हैं। लेकिन यहां बिजली-पानी की सुविधा नहीं है। दिन में भीषण गर्मी सहन नहीं होती तो हार में पेड़ों के नीचे समय काटने चले जाते हैं। लेकिन रात में बिना कूलर-पंखा के बच्चों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। पंचायत के पूर्व सरपंच राजपाल सिंह गुर्जर ने गांव में फसे मजदूरों को स्वदेश पहुंचाने के लिए प्रयास भी किए थे मगर प्रशासन से अनुमति नहीं मिली। ऐसे में इन परिवारों को कितने दिन इसी तरह गांव में काटने होंगे इसका अनुमान यह खुद नहीं लगा सकते हैं।

इस कारण नहीं दी अनुमति
लॉकडाउन में ग्रामीण इलाकों से बाहर के फंसे हजारों मजदूरों को प्रशासन व समाजसेवियों की मदद से निकाला गया, लेकिन यूपी के जिलों से मजदूरी करने आए लोगों को प्रशासन ने रोक दिया है। इस संबंध में कलेक्टर छोटे सिंह का कहना है- हमने सभी की सूची तैयार कर भिजवाने की व्यवस्था की थी, पर यूपी सरकार बाहर के लोगों को आने नहीं दे रही है। इस वजह से उस राज्य के मजदूरों को मजबूरी में रोकना पड़ रहा है। खैर घर वापसी न होने की सूरत में प्रशासन का यह भी कर्तव्य बनता है कि गरीब परिवारों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराएं लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।

ऊमरी में 200 लोगों सहित कई गांवों में फंसे मजदूरों पर भी संकट

ऊमरी क्षेत्र में भी करीब 200 लोग बाहर से मजदूरी करने आए थे जो लॉकडाउन में फंस गए हैं। फसल काटकर जो मेहनताना मिला था, वह खाने पीने में खर्च हो गया है। समाजसेवियों ने कुछ दिनों तक मदद की, पर अब इन लोगों के सामने भूखा मरने की स्थिति पैदा हो रही है। ओझा गांव में 23 लोग फंसे हैं। यह सभी टीकमगढ़ जिले के हैं। इसी तरह ककाहरा में 25 और टेहनगुर में 16 लोग घर जाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं लेकिन अनुमति न मिलने की वजह से यह लोग अपने परिवार से दूर हैं। जिम्मेदार इन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।



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The money of the laborers who came to reap the crop is over, asking for bread from house to house




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बैंक में 3 फीट दूरी पर रखीं कुर्सियां, मास्क भी अनिवार्य

आलमपुर की भारतीय स्टेट बैंक में जन धन खाता से दूसरी किस्त और पेंशन की राशि निकालने के लिए हर रोज सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं। इस बार बैंक मैनेजर राजेश सोनकर ने सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए इंतजाम किए हैं। कुर्सियों पर तीन फीट की दूरी पर लोगों को बिठाकर लाइन में लगाया जा रहा है। इसके साथ ही जो लोग मास्क लगाकर नहीं पहुंच रहे, उन्हें बैंक के बाहर से ही लौटाया जा रहा है।
मालूम हो कि बैंक में 60 हजार से अधिक खाता धारक हैं। इसलिए बैंक से दूसरी किस्त निकालने के लिए महिला उपभोक्ता बड़ी संख्या में पहुंच रही हैं। मैनेजर सोनकर ने बताया कि कोरोना महामारी के वायरस से बचने के लिए बैंक के बाहर और अंदर हर तरह से इंतजाम किए गए हैं। बिना मास्क वालों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। साथ ही सभी के लिए बैंक के अंदर जाने से पहले डिस्टेंस बनाकर साबुन से अच्छी तरह हाथ धोना आवश्यक होगा।



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Chairs, masks placed at a distance of 3 feet in the bank are also mandatory




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43 दिन बाद बाजार खुला, कम आए ग्राहक

गोरमी का बाजार गुरुवार को खोल दिया गया है। दुकानें खुलते ही बाजार में रौनक फिर से लौट आई। पुलिस प्रशासन द्वारा सोशल डिस्टेंस न बिगड़े, इसके लिए व्यापारियों को सख्त हिदायत दी गई। बाजार में चाय, गुटखा, पान मसाला, पानी पूड़ी, नाश्ता, हेयर सैलून और कोल्डड्रिंक की दुकान को छोड़कर बाकी सभी प्रतिष्ठानों को खोला गया। लॉकडाउन के कारण डेढ़ महीने बाद खुले बाद खुले बाजार में पहले दिन कम ही लोग नजर आए। ग्रामीण इलाकों से भी इक्का दुक्का खरीदार पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने भी बाजार में लगातार गश्त लगाकर स्थिति का जायजा लिया।
बैठक में बताए गए निर्देशों के अनुसार व्यापारियों ने दुकानों के सामने गोल घेरे बनाकर डिस्टेंस का पालन किया। साथ ही प्रत्येक दुकान को बाहर हाथ धोने के प्रबंध भी करने हैं। नायब तहसीलदार शिवदत्त कटारे का कहना है कि बाजार में दुकानों को खोला गया है लेकिन व्यापारी डिस्टेंस का उल्लंघन करते हैं तो कार्रवाई कर दुकानें बंद करा दी जाएंगी। इसके साथ ही पुलिस भी लगातार गश्त करते हुए बाजार में जायजा लेगी। कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।



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Market opened after 43 days, less customers came




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गुजरात-राजस्थान में फंसे अड़ोखर गांव के 29 लोग, बुलाने की लगा रहे गुहार

अड़ोखर गांव के 29 लोग गुजरात और राजस्थान के अलग-अलग शहरों में फसे हैं। सभी लोग अपने घर पहुंचना चाहते हैं। इसके लिए ग्रामीणों ने पंचायत सचिव को ऑनलाइन परमिशन के लिए कागज दिए हैं, लेकिन सचिव ने ऑनलाइन एप्लाई नहीं किया है। ग्रामीणों से पहले सचिव ने कागजात ले लिए थे, जिसके बाद वह गांव नहीं पहुंचा है। ग्राम वासियों की शिकायत है कि सचिव द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
गांव के मुन्ना प्रजापति के परिवार के 7 सदस्य गुजरात के राजकोट में फसे हैं। रघुराज कुशवाह के परिवार के 4 सदस्य राजस्थान और 5 सदस्य गुजरात में हैं। वहीं अमर सिंह कुशवाह के परिवार के 4 लोग कोटा और 2 भीलवाड़ा में फंसे हैं। विमलेश श्रीवास के परिवार का एक सदस्य अहमदाबाद और 8 दिल्ली में हैं। बाहर फंसे लोगों ने गांव में अपने परिजन को फोन करके पंचायत द्वारा ऑनलाइन पास बनवाने के लिए कहा है लेकिन पंचायत द्वारा कोई काम नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव गांव में नहीं आते हैं आैर किसी का फोन भी रिसीव नहीं कर रहे। गांव में जो लोग बाहर से आए हैं, उन्हें पंचायत ने क्वारेंटाइन भी नहीं कराया है।



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29 people of Adokhar village stranded in Gujarat-Rajasthan, pleading for calling




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कोरोना को हराकर घर पहुंचा वजीर, 14 दिन घर में ही रहना होगा सलामती के लिए बच्चे और पत्नी ने रखे रोजे, बोले- दुआ कुबूल हुई

रमजान के महीने के दूसरेे जुमा से एक दिन पहले गुरुवार को कोरोना को हराकर पिछोर कस्बे के वार्ड क्रमांक दस में रहने वाले वजीर खान अपने घर पहुंच गए। 18दिनों बाद परिजनों से मिलकर न केवल उनकी आंखें छलक उठीं, बल्कि परिजन भी खुशी के मारे रो पड़े।
पति की सलामती के लिए पत्नी फरजाना, के साथ बेटा अल्ताफ व पुत्री फिजा ने रोजे भी रखे। वजीर के सही सलामत घर पहुंचने पर परिजनों का कहना था उनकी दुआ कुबूल हो गई। अब शुक्रवार को जुमा के दिन अल्लाताला की इबादत कर शुक्रिया अदा करेंगे। पिछोर कस्बे के वार्ड दस में रहने वाले ट्रक ड्राइवर वजीर खान पुत्र वशीर खान 4 अप्रैल को जबलपुर से पानीपत ट्रक लेकर गया और 12 अप्रैल को लौटकर अपने गांव लखनपुरा आया। इसके बाद 16 अप्रैल को पिछोर में आया। सूचना मिलने पर प्रशासन ने उसकी जांच कराई है और 17 को ग्वालियर में क्वारेंटाइन में रखा। 20 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। साथ ही वजीर के गांव और िपछोर कस्बे को पूरी तरह सील कर गहन जांच पड़ताल की गई।
वजीर के घर पहुंचने से पहले गली की सेनेटाइज
25 मई को दूसरी व 5 मई को तीसरी जांच निगेटिव आने के बाद गुरुवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। देर शाम 108एंबूलेंस से वह घर आया। छोटी मस्जिद से उतरकर वह सीधे घर पहुंचा। इस दौरान नायब तहसीलदार आनंद गोस्वामी व थाना प्रभारी सुरेंद्र कुशवाह भी मौजूद थे। इस दौरान पूरी गली को सेनेटाइज किया गया। वजीर को हिदायत दी गई कि वह 14दिन तक घर में ही रहे और परिजनों से दूर रहे। अस्पताल से जो निर्देश दिए गए हैं उसका पालन करे।
अस्पताल में रहकर हमेेशा बच्चों की याद सताती थी
वजीर ने बताया ट्रक में सवारी बैठाने पर अच्छा किराया मिलता था, लेकिन यह पता नहीं था कि कोरोना हो जाएगा। कोरोना का पता चला तो काफी घबराहट थी और एक ही बात दिमाग में आ रही थी बच्चों का क्या होगा। अस्पताल में भी पहुंचा तो बच्चों व घरवालों की याद आती रहती थी। वीडियो कॉलिंग के जरिए उनसे बात करता रहता था और बच्चे भी दिलासा देते रहते थे कुछ नहीं होगा। उन्हीं की दुआएं काम आईं। अस्पताल में भी सभी ने पूरा ख्याल रखा।



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Wazir reached home after defeating Corona, 14 days will have to stay at home, child and wife fasts for protection;




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दो पॉजिटिव मिलने के बाद बाहर से आए लाेगों को ढूंढेंगे भितरवार में कंटेनर में भरकर पहुंचे 20 मजदूर घूमते मिले

बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के चलते प्रशासन ने अब उनकी ढूंढ़कर स्क्रीनिंग करने का सिलसिला बढ़ा दिया है। गुरुवार को डेढ़ सौ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई। यहां तक की शुक्रवार से बाहर से आने वालों की खोज के लिए सर्वे भी शुरु किया जा रहा है। वहीं भितरवार में कंटेनर में भरकर आए बीस से अधिक मजदूरों के बाजार में घूमने से पूरे शहर में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर प्रशासन मौके पर पहुंचा और सभी मजदूरों को कंटेनर में से शिवपुरी जिले की सीमा में भिजवाया गया। इसके अलावा भितरवार में दो और क्षेत्र में कुल 15 लोगों के सैंपल लिए गए।
पिछोर कस्बे में विगत 4 मई को भोपाल से लौटकर आए अरविंद कुशवाह और पवन कुशवाह की बुधवार को रिपोर्ट पॉजिटिव निकलने के बाद पूरे ब्लॉक में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं एक साथ दो लोगों के पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। क्योंकि शहर व ग्रामीण अंचल में अभी भी काफी संख्या में मजदूरों के आने का सिलसिला बना हुआ है। ऐसे में गुरुवार से ही प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों को खोजकर उनकी स्क्रीनिंग कराए जाने की प्रक्रिया बढ़ा दी गई है। गुरुवार को कम्युनिटी हॉल में बाहर से आने वाले लोगों की जांच किए जाने के चलते और दिनों की अपेक्षा काफी भीड़ रही। करीब डेढ़ सौ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई। साथ ही सभी को घर में ही रहने के लिए कहा गया। इसके अलावा गुरुवार को 15 संदिग्धों की सैंपलिंग कराई गई, जिसमें दो लोग भितरवार से आए थे।

सर्वे में मिलने वाले संदिग्ध लोगों की होगी सैंपलिंग

बाहर से आने वाले लोगों की प्रशासन तक सही सूचना नहीं पहुंच पा रही हैं। क्योंकि कई लोग चोरी छिपे भी बाहर से अपने घरों तक पहुंच रहे हैं। वहीं आसपास के लोग भी इसकी जानकारी नहीं दे रहे हैं। क्योंकि बाहर से आने वाले और संदिग्धों की जानकारी देने पर लड़ाई-झगड़े की नौबत बन जानती है। इस वजह से वह लोग जानकारी देने के चक्कर में न पड़कर चुप रहते हैं। इस वजह से अब प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए शुक्रवार 8 मई से सर्वे कार्य शुरु कराया जा रहा है। शुक्रवार से एएनएम, एमपीडब्लयू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व बीएलओ द्वारा बाहर से आने वाले लोगों व खांसी जुखाम से पीड़िताें का सर्वे कराया जाएगा। जिससे संदिग्धों व बाहर से आने वालों की जांच कराई जा सके और जरुरत पड़ने पर सैंपलिंग भी कराई जा सके और समय रहते कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके।

भितरवार पहुंचा मजदूरों से भरा कंटेनर, ड्राइवर बोला- महाराष्ट्र पुलिस ने मजदूरों को दिल्ली में उतारने का कहकर चढ़ाया था

भितरवार कस्बे में उस तक हड़कंप मच गया जब महाराष्ट्र से लगभग 20 से 22 लोग कंटेनर क्रमांक आरजे 11-जीबी- 4150 में बैठकर भितरवार पहुंचे और खाने पीने का सामान लेने के लिए बाजार में घूम रहे थे। कंटेनर में बैठे मजदूर वर्ग के लोगों की भीड़ को देखकर लोगों को शंका हुई और उन्होंने प्रशासन को सूचित किया। सूचना मिलने पर तहसीलदार कुलदीपक दुबे, एसडीओपी शैलेंद्र सिंह जादौन व थाना प्रभारी केडी सिंह कंटेनर के पास पहुंचे। पूछताछ में कंटेनर चालक मोहम्मद साबिर पुत्र हमीन खान निवासी पलवल हरियाणा ने बताया कि वह नागपुर महाराष्ट्र से आ रहा था। तभी रास्ते में दिल्ली, उत्तरप्रदेश तथा हरियाणा के लिए लगभग 20-22 मजदूर पैदल चले आ रहे थे। इन सभी मजदूरों को महाराष्ट्र पुलिस ने कंटेनर में चढ़ा दिया और कहा कि इन्हें दिल्ली जाकर उतार देना।

दोबारा लौटकर न आने की दी हिदायत

कंटेनर के अंदर बैठे मजदूरों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि सभी लोग अलग-अलग जगह के रहने वाले हैं। कोई मुजफ्फरनगर जा रहा है तो कोई हरियाणा तो कोई दिल्ली मजदूरी के लिए जा रहा है। मजदूरों ने बताया कि काम धंधे की तलाश में वह घरों से निकले हैं, ताकि उनके परिवारों का भरण पोषण हो सके। वहीं ट्रक चालक का कहना है कि इन मजदूरों को डबरा उतारना था, लेकिन वह भितरवार क्यों पहुंचा यह बात शंका का कारण बनी हुई है। ट्रक चालक की बात सुनकर तहसीलदार ने सभी मजदूरों को वापस कंटेनर में बैठाकर कैरूआ बॉर्डर से शिवपुरी जिले की सीमा के अंदर भेज दिया। साथ ही चालक को हिदायत दी वह दोबारा लौटकर न आए।



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After getting two positives, you will find the people who came from outside, 20 workers arrived in Bhitarwar filled with containers and found wandering




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एक साल से नहीं भरा किराया तो नपा ने कांग्रेस नगर अध्यक्ष की दुकान सील की

नगर पालिका द्वारा कांग्रेस नगर अध्यक्ष की दुकान को सील करने की कार्रवाई की गई है।नगर अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा ने नगर पालिका से किराए पर ली गई दुकान का किराया पिछले एक वर्ष से जमा नहीं किया गया था, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई। दरअसल नगर अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा ने नगर पालिका से तहसील रोड स्थित दुकान को नीलामी में किराए से लिया था। जिसका का किराया नगर पालिका को 767 रुपए प्रतिमाह जमा किया जाना था। नगर पालिका सीएमओ प्रदीप कुमार भदौरिया के अनुसार नगर अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा ने दुकान का किराया मई 2019 से जमा नहीं किया था, जिसके चलते कुल किराया राशि 10 हजार रुपए हो गई थी। इसके चलते बुधवार को उनकी दुकान को सील करने की कार्रवाई की गई। दुकान सील करने के बाद नगर पालिका द्वारा नगर अध्यक्ष को कार्रवाई का जबाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।



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If the rent has not been paid for one year, NAP sealed the shop of Congress city president




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मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, बोले- दिवालिया होने से बचा लो

लॉक डाउन के 45 दिन बीत चुके हैं। अब प्रशासन द्वारा किराना, टायर पंचर एवं अन्य दुकानों को ढील दी जा रही है। लेकिन कपड़ा, ज्वैलर्स, जूते चप्पल एवं अन्य व्यापारियों काे छूट नहीं दी जा हर है। जिससे अब यह कारोबारी विरोध जताने लगे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि लॉक डाउन में कारोबार बंद रहने से वे दिवालिया होने की कगार पहुंच गए हैं। जिस तरह किराना एवं अन्य दुकानों को छूट दी जा रही है, उसी प्रकार उनकी दुकानों को खोले जाने की अनुमति दी जाए। गौरतलब है कि लॉक डाउन के दौरान कपड़ा ज्वैलर्स, फोटो स्टूडियो, जूता, चप्पल जनरल स्टोर और अन्य दुकानों को खोले जाने के लिए एक भी दिन की ढील नहीं दी गई है। जबकि अन्य दुकानों काे खोले जाने के लिए ढील दी जा रही है। जिससे अब कपड़ा, जनरल स्टोर, ज्वैलर्स एवं अन्य दुकानदारों ने विरोध जताना शुरु कर दिया है।
सड़ने लगा है कपड़ा, चूहे भी पहुंचा रहे नुकसान

रेडीमेड गारमेंट्स कारोबारी जगदीश सिंह का कहना कि 45 दिन से उनकी दुकान नहीं खुली है। जबकि उन्हें दुकान का किराया, कर्मचारियों की तनख्वाह देना पड़ रही है। इसके साथ ही उनकी दुकानों में रखा कपड़ा सड़ने लगा है और चूहे भी कपड़े को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं सराफा कारोबारी मुकेश सोनी का कहना है कि उनकी ज्वैलर्स दुकानों को भी खोलने की अनुमति मिलना चाहिए।
जेवरात बनाने वाले कारीगर आए मुश्किल में
दुकानें बंद रहने से जेवरात बनाने वाले कारीगरों के सामने भी भुखमरी का संकट आ गया है। इसके साथ ही जनरल स्टोर, जूता चप्पल एवं चूडियां व अन्य दुकानदारों का भी कहना है कि दुकानें बंद रहने से उन्हें बैठे-बैठे किराया देना पड़ रहा है, साथ ही घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है।
डेढ़ हजार दुकानदार और उनके कर्मचारी संकट में
शहर में ज्वैलर्स की दुकानें 90 की संख्या में है। जबकि कपड़ा दुकानें 300 के करीब हैं। इसके अलावा जनरल स्टोर दुकानों की संख्या 150 है। वहीं चूता चप्पल दुकानें 70 की संख्या में हैं। जबकि चूडियों की दुकानें 200 एवं अन्य छोटे कारोबारी जिन्हें अभी तक लॉक डाउन में ढील नहीं दी गई है उनकी करीब 1 हजार संख्या हैं। इन दुकानों से कई लोगों के घर भी चलते हैं।



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होलीपुरा पर कट्‌टा लेकर टेरर जमाने घूम रहा था युवक, पुलिस ने पकड़ा

लाॅकडाउन में भी बदमाश अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। गुरुवार को दोपहर में कोतवाली पुलिस ने होलीपुरा मोहल्ले में रिंगरोड पर कट्‌टा लगाकर घूम रहे बदमाश को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से 315 बोर का लोडेड कट्‌टा व राउंड जब्त कर प्रकरण दर्ज किया है। वहीं भांडेर पुलिस ने सरसई रोड पर घूम रहे दो बदमाशों को गिरफ्तार कर चार देशी कट्‌टा व 10 जिंदा राउंड जब्त कर प्रकरण दर्ज किया है।
कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि गुरुवार को दोपहर में पुलिस पार्टियां मुख्य मार्गों, गली मोहल्लों में लॉकडाउन को लेकर भ्रमण कर रही थीं। तभी दोपहर के समय होलीपुरा मोहल्ले में एक युवक संदिग्ध हालत में घूमता पाया गया। पुलिस के वाहन को देखकर युवक भागा तो शंका और ज्यादा बढ़ गई। इसके बाद पुलिस ने उसे घेरकर पकड़ा। आरोपी की पहचान अमित पुत्र गद्दू यादव निवासी होलीपुरा के रूप में हुई। तलाशी में आरोपी की कमर में लोडेड 315 बोर का कट्‌टा मिला। आरोपी मोहल्ले में फायर करने के उद्देश्य से घूम रहा था।
वहीं भांडेर पुलिस ने बुधवार देर शाम सरसई रोड पर गश्त के दौरान विक्रम छीपा और अरविंद कुशवाहा निवासी उनाव को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों के कब्जे से 315 बोर के तीन कट्‌टा व एक 12 बोर का कट्‌टा और 10 राउंड जब्त कर आर्म्स एक्ट का प्रकरण दर्ज किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दोनों उक्त हथियार भांडेर में बेचने के लिए जा रहे थे। उनके साथ एक अन्य आरोपी भी था जो कि कहीं छिप गया। पुलिस ने उसकी भी तलाश शुरू कर दी है।



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काेराेना संदिग्ध मिलने के बाद पहली बार बाजार में कम नजर आई भीड़, आज आ सकती है चाराें की रिपाेर्ट

अशाेकनगर जिले से एक ही जीप में सवार हाेकर आए सात लाेगाें में से ग्वालियर के दो युवक कोरोना संक्रमित निकले तो दतिया जिले में भी दहशत फैल गई। ऐसा इसलिए क्योंकि दतिया शहर का भी एक युवक उस जीप में सवार होकर आया था। बुधवार की रात दतिया के गाड़ी खाने के पास रहने वाले युवक और उसके परिवार के तीन सदस्यों के सैंपल कराए गए। इसके बाद इन चाराें काे जिला अस्पताल में अाइसाेलेट कर दिया गया। इनकी रिपाेर्ट शुक्रवार की शाम तक आने की संभावना है। गुरुवार को कोरोना मरीज मिलने की अफवाह के बाद बाजार खुले होने के बाद भी लोग बहुत कम संख्या में पहुंचे। जो लोग बाजार आए भी वे सोशल डिस्टेंस का पालन करते देखे गए।
गाड़ी खाना सिंधी मंदिर के पीछे रहना वाला 18 वर्षीय प्रदीप विश्वकर्मा पुत्र विष्णु विश्वकर्मा भोपाल के दशमिस नगर में किसी फैक्ट्री में काम करता था। लॉक डाउन होने से वह भोपाल में फंस गया। 15 दिन पहले वह सात लोगों के साथ भोपाल से पैदल की दतिया के लिए चल दिया। गंजबासोदा तक वह पैदल आया। गंजबासौदा से ट्रक में बैठ कर ग्वालियर की ओर आ रहा था कि अशोकनगर जिले के मुंगवली कस्बे में सभी सात लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इन्हें अशोकनगर के किसी होस्टल नें 8 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया। प्रदीप के अनुसार क्वारेंटाइन समय में सभी सात लोग एक ही कमरे में साथ रहे। 4 मई को सभी ने मिल कर किराए से चार पहिया वाहन किया और ग्वालियर की ओर निकल पड़े। डीएचओ डॉ. हेमंत मंडेलिया के अनुसार प्रदीप व उसके परिवार की जांच रिपोर्ट शुक्रवार की शाम तक आने की संभावना है। प्रदीप या उसके परिवार के सदस्यों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं है। लेकिन वह पॉजिटिव के साथ रहा है। इसलिए सैंपल जांच कराई है।

ग्वालियर से मामा के साथ आया दतिया, मामा फरार
चार पहिया वाहन ने प्रदीप को ग्वालियर में छोड़ा। इसके बाद प्रदीप अपने एक रिश्ते के मामा के साथ ग्वालियर से दतिया दो पहिया वाहन से आया। प्रदीप सोमवार की रात 9.30 बजे दतिया अपने घर पहुंचा। प्रदीप अपने मामा का नाम नहीं बता पा रहा। मामा का मोबाइल बंद जा रहा है। पुलिस के साथ स्वास्थ्य विभाग को उसके मामा की तलाश है। लेकिन मामा गायब है।


रिपोर्ट आई तब पता चला प्रदीप संक्रमित लोगों के साथ था

प्रदीप के साथ ग्वालियर जिले के पिछोर के अरविन्द कुशवाह व पवन कुशवाह भी थे। जब इन दोनों का कोरोना टेस्ट किया गया तो दोनों लोग पॉजिटिव निकले। इन दोनों के पॉजिटिव निकलने के बाद पिछोर क्षेत्र के इंसीडेंट कमांडर आनंद गोस्वामी ने रिपोर्ट जारी की। इसमें दतिया के प्रदीप का भी दोनों पॉजिटिव लोगों के साथ रहना बताया गया।

आप ऐसा क्यों पूछ रहे हो, हमें कुछ हो गओ का...
प्रदीप के साथ उसकी माता, पिता व बहन को बुधवार रात में ही स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम ने जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया था। गुरुवार को उसके परिचित उसे फोन लगा कर उसकी तबीयत के बार में पूछ रहे थे। प्रदीप डरा हुअा था अाैर सभी से एक ही बात पूछ रहा था कि आप ऐसा क्यों पूछ रहे हाे। हमें कुछ हो गओ का। भास्कर रिपोर्टर ने जब प्रदीप से फोन पर बात की तो यही प्रश्न उसका भास्कर रिपोर्टर से भी था।



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For the first time, after finding Karena suspect, there was less crowd in the market, today may report fodder




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रोजगार सहायक रहते युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने गुर्जर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले- हमारे पास इनकी कोई लिखित सूचना ही नहीं

प्रदेश में सत्ता पलट के साथ ही जिले में कांग्रेसियों पर दर्ज हो रहे मामले इन दिनों चर्चा का विषय बन हुए हैं। भांडेर उपचुनाव की आहट के बीच अब कांग्रेसी ही एक दूसरे पर आपराधिक मामले दर्ज करा रहे हैं। इनमें सबसे अधिक चर्चित मामला है युवा कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह उर्फ रामू गुर्जर का है।
रामू कांग्रेस पदाधिकारी होने के साथ-साथ ग्राम पंचायत धनौटी में रोजगार सहायक भी हैं। वर्तमान में इन पर ग्राम पंचायत के सचिव का प्रभार भी है। रामू के खिलाफ पूर्व मंत्री व लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह के नजदीकी माने जाने वाले पार्टी के जिला उपाध्यक्ष संतोष लश्करी की शिकायत पर हुई जांच के बाद पंडोखर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया था। हैरानी इस बात की है कि सरकारी नौकरी में रहते हुए रामू दो साल से कांग्रेस पदाधिकारी भी भूमिका में हैं। लेकिन आज तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नाहर सिंह यादव कहते हैं कि सरकारी कर्मचारी पार्टी का पदाधिकारी नहीं हो सकता। रामू के मामले पर वह कहते हैं कि उनके पास उनके जिलाध्यक्ष होने की कोई लिखित सूचना या जानकारी पार्टी स्तर से नहीं है।

यह है पूरा मामला... कांग्रेस नेता ने रोजगार सहायक बनने के लिए लगाए फर्जी दस्तावेज
रामू गुर्जर वर्ष 2012 में ग्राम पंचायत धनौती के रोजगार सहायक बने। कांग्रेस नेता संतोष लश्करी को सूचना मिली कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाए हैं। उन्होंने प्रशासन से शिकायत की। शिकायत पर जब कार्रवाई नहीं हुई तो लश्करी ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने पुलिस के मामले की जांच करने के निर्देश दिए। पुलिस ने जब जांच की तो सामने आया कि रामू ने रोजगार सहायक की नौकरी के लिए हिमाचल प्रदेश की मानव भारती यूनिवर्सिटी का डीसीए का प्रमाण पत्र, असम यूनिवर्सिटी, सिलचर का मेट का प्रमाण पत्र व आईटीआई भांडेर के प्रमाण पत्र लगाया था। पुलिस ने जब इन संस्थानों से जांच की तो तीनों प्रमाण पत्र फर्जी थे। तीनों से आरटीआई में तीनों संस्थाओं ने लिख कर दिया। रामू गुर्जर कभी उनकी संस्था के छात्र नहीं रहे और न ही उन्होंने प्रमाण पत्र जारी किए।

जिलाध्यक्ष बोले- हमारे पास लिखित सूचना नहीं
बुधवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेसियों पर दर्ज हो रहे केस को लेकर बैठक हुई। बैठक में पूर्व मंत्री व लहार विधायक गोविंद सिंह मौजूद थे। बैठक में रामू का मामला सबसे अधिक गर्म रहा। कारण जिलाध्यक्ष नाहर सिंह रामू के मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक से मिले थे। जिस पर सभी कांग्रेसियों ने आक्रोश व्यक्त किया था। दैनिक भास्कर ने जब सरकारी नौकरी में रहते हुए रामू के पदाधिकारी होने की बात जिलाध्यक्ष यादव से कही तो उन्होंने कहा ऐसा नहीं हो सकता। यादव बोले पहले रामू की पत्नी प्रियंका पहले भांडेर ब्लाक की अध्यक्ष थी। बाद में रामू कब अध्यक्ष बन गए उन्हें नहीं पता। रामू के युवक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने की लिखित सूचना उन्हें प्रदेश संगठन से नहीं मिली।



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Gurjar became the president of Youth Congress while being an employment assistant, Congress district president said - we do not have any written information about them




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रात में तेज आंधी से मौसम ठंडा, दिन का तापमान तीन डिग्री गिरकर 38.4 डिग्री पर

बुधवार को रात 8 बजे से 12 बजे तक तेज आंधी ने काफी तबाही मचाई। रात में तापमान भी तीन डिग्री गिर गया और रात के मौसम का असर दिन में भी दिखा। गुरुवार को सुबह धूप तो निकली लेकिन धूप में नरमी थी और उमस भी गरमी का अहसास करा रही थी। जिससे अधिकतम तापमान दो डिग्री गिरकर 38.4 डिग्री रिकार्ड किया गया। हालांकि शुक्रवार से तापमान बढ़ने की उम्मीद है। तापमान चार डिग्री तक उछल सकता है।

रात का तापमान 21.8 डिग्री दर्ज किया गया

चार मई से लगातार प्रतिदिन मौसम बिगड़ रहा है। पूरे दिन धूप निकलती है और शाम होते ही मौसम बिगड़ना शुरू हो जाता है। बादलों में आकाशीय बिजली चमकती है, बादल गरजते हैं और बारिश के साथ तेज आंधी चलती है। तेज आंधी के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। बिजली गुल हो जाती है और रात-रात भर बिन बिजली के रहना पड़ता है। बुधवार को भी शाम के समय कुछ यही हाल रहा। भांडेर और बसई क्षेत्र के अलावा जिगना व आसपास गांव में जोरदार बारिश हुई। जबकि शहरी क्षेत्र में केवल बूंदाबांदी होकर रह गई। हालांकि मौसम ठंडा हो गया। बुधवार को अधिकतम तापमान 40.2 आैर न्यूनतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया था। गुरुवार को अधिकतम तापमान दो डिग्री गिरकर 38.4 और न्यूनतम तापमान 21.8 डिग्री दर्ज किया गया। आगामी दिनों में भी मौसम का रुख स्पष्ट नहीं है। तापमान बढ़ने के साथ ही रात के समय पुन: आंधी और बारिश की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि इस बार मई माह के शुरुआती दिनों में इस तरह का मौसम देख लोग आश्चर्यचकित हैं कि मौसम किस तरफ जा रहा है। इन दिनों में तेज गर्मी पड़ती है वर्तमान में तापमान काफी नीचे चल रहा है। अब केवल नौ तपा के दिनों में ही ज्यादा गर्मी पड़ सकती है।



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पांच साथी नहीं मिल रहे इसलिए नोएडा में फंसे जीतू को दतिया आने के लिए नहीं मिल पा रहा ई पास

केन्द्र विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए विशेष प्लेन भेज रहा है। तो प्रदेश की सरकारें भी मजदूर वर्ग के लोगों को लाने ले जाने के लिए बसों का इंतजाम कर रहीं। ऐसे में वह लोग परेशान है जो अकेले फंसे हैं। ई पास के लिए आवेदन करते है तो कोई न कोई शर्त रोड़ा बन जाती है। ऐसा ही मामला है ग्राम दुरसड़ा के जीतू प्रजापति का। जीतू नोएडा की किसी फैक्ट्री में काम करता है। लॉक डाउन के कारण फैक्ट्री बंद है। अब वह अपने गांव नहीं आ पा रहा।
दैनिक भास्कर से फोन पर चर्चा करते हुए जीतू ने बताया कि उसने ई पास के लिए ऑन लाइन आवेदन किया। लिंक ने 5 लोगों का समूह मांगा। वह अकेला है। इसलिए उसे न तो ई पास मिला और न ही घर आने का कोई रास्ता उसे सूझ रहा। नोयडा में वह परेशान हैं। हमीरपुर के किशोरी प्रजापति मुंबई बोरवली में फंसे है। उन्हें भी दतिया आने की अनुमति तो मिल ही नहीं रही है। वह स्वयं के खर्चे पर आने का सोच रहे। लेकिन साधन भी नहीं मिल रहे है। किशोरी कहते है कि यहां स्थिति खराब है। मरीज बढ़ रहे है। ऐसे में घर की याद आती है।

पति गाजियाबाद में पत्नी मायके दतिया में
गाजियाबाद की गीता 19 मार्च को अपने मायके मुढ़ियन का कुआं पर आई थी। अपने दोनों बच्चों के साथ गीता तभी से दतिया में फंसी है। गीता के पति गाजियाबाद में अकेले है। यहां पर गीता अपने बच्चों के साथ अकेली। चूंकि दिल्ली रेड जोन में है। गाजियाबाद दिल्ली के पास ऐसे में वहां जाने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। स्थानीय प्रशासनिक या शासन स्तर पर ऐसे फंसे हुए लोगों को उनके मुकाम तक पहुंचाने की भी कोई व्यवस्था न होने से गीता परेशान हैं।

भाषा बन रही परेशानी कर्नाटक में फंसे 15 लोग
जिले के ग्राम भलका के 15 लोग कर्नाटक के ग्राम ईकोटा में लॉक डाउन से ही फंसे है। वहां वह दतिया आने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे। वहां के अधिकारी हिंदी नहीं समझते इसलिए वह न तो ई पास के लिए आवेदन कर पा रहे और न ही इतनी दूर आने की हिम्मत। सभी लोग एक फैक्ट्री में काम करते थे। हालांकि फैक्ट्री मालिक खाने पीने का इंतजाम कर रहा है। सभी मजदूरों के एडवोकेट शिवराज सिंह जाट फोटो आदि मंगा कर प्रदेश सरकार में आवेदन कर रहे है। लेकिन वह कब तक वापस आएंगे, सरकार क्या इंतजाम करेगी। यह अब तक तय नहीं है। एडवोकेट जाट के अनुसार किसी के पास आधार कार्ड नहीं है किसी के पास अन्य कोई दस्तावेज। इसलिए अधिक परेशानी आ रही है।



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जंगल में बकरियां चराने गई नाबालिग से गैंगरैप, विरोध करने पर पीड़िता को घसीटते हुए ले गए आरोपी

अमझेरा थाना क्षेत्र के मुवाड़ गांव कीनाबालिग से गैंगरैप का मामला सामने आया है। घटना 5 अप्रैल की है। पीड़ितने बुधवार शाम काे परिजन के साथ थाने पहुंच कर रिपाेर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मदन पिता बनसिंह, भुवान पिता करमसिंह औरमुकेश पिता परमसिंह सभी निवासी ग्राम मुवाड़ के खिलाफ केस दर्ज किया है।

पुलिस के अनुसार,पीड़ितघटना के दिन मैस्कोडेम के पास जंगल में बकरियां चराने गई थी। यहां आराेपी मदन, भुवान औरमुकेश ने लड़की के साथछेड़छाड़ की। पीड़ितनेविरोध किया तो आरोपी मदन औरभुवान उसको घसीटते हुए खोदरी (खाल) में ले गए और दोनों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। मुकेश ने सहयाेग किया। बाद में जान से मारने की धमकीदेकर तीनों जंगल की ओर भाग गए। टीआई आरएल मीणा ने बताया कि पीड़िता की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ धारा 376 (घ), 376 (3), 506, पॉस्को एक्ट के तहतकेस दर्ज किया गया।



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गैेंगरेप के बाद जान से मारने की धमकी देकर आरोपी जंगल की ओर भागे थे।




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देशगांव में अवैध गैस सिलेंडर रिफिलिंग के वक्त हुआ ब्लास्ट, तीन दुकानें जलीं, आग बुझा रहे पुलिसकर्मियों से मारपीट

इंदौर-इच्छापुर हाईवे स्थित देशगांव में शुक्रवार दोपहर अवैध गैस सिलेंडर रिफिलिंग के दौरान ब्लास्ट हो गया। इससे कईदुकानें जल गईं। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आगजनी के वक्त लोगों की भीड़ लग गई। देशगांव पुलिस के जवान भीड़ को खदेड़कर सड़क किनारे कर रहे थे। तभी कुछ युवकों ने पुलिसकर्मियों व फायर ब्रिगेड टीम पर हमला कर दिया। मारपीट, अफरातफरी के बीच पुलिस जवान पर एक युवक का गैस सिलेंडर फेंकते हुए वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद पुलिस ने गांव के ही सुमित और उसके साथी को हिरासत में लिया है। आगजनी का कारण सिलेंडर फटना बताया जा रहा है।

लोगों की मदद से फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया।

लॉकडाउन के दौरान देशगांव में शुभम राठौर नाम का युवक हाईवे से निकल रहे वाहन चालकों को बड़े सिलेंडर से गैस निकालकर छोटे सिलेंडर में भरकर देता था। शुक्रवार दोपहर 12 बजे से शुभम यही काम कर रहा था। सिलेंडर में लीकेज होने से वह भाग गया। तभी अचानक आग लग गई। लॉकडाउन होने से क्षेत्र की सभी दुकानें बंद थीं। दोपहर 12.30 बजे शुभम की दुकान से धुआं निकलते देख गांव में अफरातफरी मच गई। इस बीच आग की लपटों में से सिलेंडर फटने की आवाज आई। करीब चार-पांच बार बम फटने जैसी आवाजें आईं। यह सुन लोग घरों से बाहर निकल आए। आग की लपटें भयावह होते देख खंडवा फायर फाइटर के अलावा खरगोन, भीकनगांव, सनावद, बड़वाह व पंधाना, ओंकारेश्वर के फायर फाइटर भी आग बुझाने पहुंचे।

पीड़ितों को 20-20 हजार रुपए की मदद की
मारपीट के दौरान देशगांव पुलिस चौकी के जवान सुरेश के गाल पर सिलेंडर लगा है। भीड़ में शामिल लोग भी घायल हुए है। जो पुलिस कार्रवाई के डर से मौके से भाग गए। मारपीट का वीडियो देखने के बाद पुलिस ने दो लोगों को नामजद किया है। जानकारी मिलते ही एसपी डाॅ. शिवदयाल सिंह व राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पंधाना विधायक राम दांगोरे ने घटनास्थल पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास किया। विधायक मद से पीड़ित व्यवसायियों को 20-20 हजार रुपए देकर तात्कालिक मदद की है। दुकानदारों ने करीब दो करोड़ रुपए का सामान जलने की बात कही है।

सिलेंडर रिफिलिंग के दौरान ब्लास्ट होना बताया जा रहा है
एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह के अनुसार देशगांव में आगजनी के दौरान आग पर काबू करने में लगे पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम को कुछ युवकों ने गैस सिलेंडर फेंककर मारा। आरक्षक को गाल पर लगा है। घटना का वीडियो देखकर आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर रहे हैं। नुकसान का पंचनामा बनाया है। ग्रामीणों के मुताबिक सिलेंडर रिफिलिंग के दौरान ब्लास्ट होने से हादसा होना बताया जा रहा है। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



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आग इतनी भीषण थी कि लोगों के पानी डालने के बाद बुझने की जगह उसने और विकराल रूप धारण कर लिया।




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16 मजदूरों के शव मध्य प्रदेश लाए जाएंगे, शनिवार को जबलपुर पहुंचेगी ट्रेन

औरंगाबाद में ट्रेन हादसे का शिकार हुए 16 मजदूरों के शव मध्य प्रदेश लाए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात करके ट्रेन की व्यवस्था करवाई है। शवों को ट्रेन से जबलपुर लाया जाएगा। यहां सेमजदूरों के शव उनके गृह जिलेभेजे जाएंगे। ट्रेन औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से 8 मई को शाम 7 बजे रवाना हो गई। मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद पहुंचे राज्य सरकार के दल से फोन पर चर्चा की औरट्रेन दुर्घटना में घायल हुए श्रमिकों के संबंध में जानकारी ली।

उन्होंने घायल व्यक्तियों की सहायता के लिए एक-एक लाख रुपए और मृतक श्रमिकों के परिजनको 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश पहले ही दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस दु:खद घड़ी में शोकाकुल परिवार स्वयं को अकेला नहीं समझें।मैं और मेरी पूरी सरकार आपके साथ खड़ी है। औरंगाबाद में रेल हादसे में 16 प्रवासी मजदूर मारे गए हैं। ये सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। इनमें 10 शहडोल और 5 उमरिया के रहने वाले हैं।

उमरिया जिले के हैं पांच मजदूर
औरंगाबाद ट्रेन हादसे में उमरिया जिले के 5 मजदूरों की मौत हुई है।उमारिया जिले के पाली जनपद अंतर्गत ग्राम नेउसा के 3 युवक और ग्राम ममान के 1 युवक शामिल है।ग्राम ममान में पहुंची पुलिस टीम और जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानवती सिंह ने परिजनसे मिलकर उन्हें सूचना दी और ढांढस बंधाया। एसडीओ पाली अरविंद तिवारी बताया कि जिले के कुल 5 मजदूरों कीहादसे में मौत हुई है।

औरंगाबाद रेल हादसे के मृतकों में 10 शहडोल के
1) धन सिंह गोंड (शहडोल)
2) निर्वेश सिंह गोंड (शहडोल)
3) बुद्धराज सिंह गोंड (शहडोल)
4) अच्छेलाल सिंह (उमरिया)
5) रबेंन्द्र सिंह गोंड (शहडोल)
6) सुरेश सिंह कौल (शहडोल)
7) राजबोहरम पारस सिंह (शहडोल)
8) धर्मेंद्र सिंह गोंड (शहडोल)
9) बिगेंद्र सिंह चैनसिंग (उमरिया)
10) प्रदीप सिंह गोंड (उमरिया)
11) संतोष नापित
12) बृजेश भैयादीन (शहडोल)
13) मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, (उमरिया)
14) श्रीदयाल सिंह (शहडोल)
15) नेमशाह सिंह (उमरिया)
16) दीपक सिंह गौड़ (शहडोल)
जख्मी: सज्जन सिंह माखन सिंह धुर्वे (खजेरी)



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औरंगाबाद में तड़के हुए दर्दनाक रेल हादसे में 16 मजदूरों की मौत हो गई है। अब इन मजदूरों के शव ट्रेन से जबलपुर लाए जाएंगे।




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वाहन से ताजी सब्जियां गांव से शहर में घर-घर पहुंचाएंगी स्वसहायता समूह की महिलाएं, राशन की हाेम डिलेवरी भी करेंगी

गांव के स्वसहायता समूह की महिलाओं ने खेत से घर तक हरी सब्जियां पहुंचाने का काम शुरू किया है। मप्र ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम बोरगांव खुर्द की 10 महिलाओं के स्वसहायता समूह ने अपने खेतों से सब्जी बेचने के लिए वाहन की व्यवस्था भी की है। वाहन के माध्यम से ये महिलाएं कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर शहर के विभिन्न मोहल्लों में जाकर सब्जी बेचेगी। इसके बाद वे राशन की घर पहुंच सेवा भी शुरू करेंगी।

लॉकडाउन के दौरान ग्राम बोरगांव खुर्द की रिद्धी सिद्धी महिला स्वसहायता समूह ने एक सराहनीय पहल करते हुए खेत से ताजी सब्जी व आवश्यक राशन सामग्री की घर पहुंच सेवा प्रारंभ की है। इसका शुभारंभ शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय परिसर में कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल व सीईओ राेशन सिंह ने सब्जियां खरीदकर किया। दाेनाें अधिकारियाें ने वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कलेक्टर व सीईओ ने समूह की महिलाओं को इस नए व्यवसाय के लिए शुभकामनाएं देकर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी समझाइश दी। कलेक्टर ने समूह की महिलाओं से कहा कि सब्जी वाहन पर माइक लगाकर एनाउंसमेंट कराने की व्यवस्था भी की जाए, जिससे ग्राहकों को सब्जी बेचने वाले इस वाहन के आने की सूचना मिल जाए और वे सब्जी खरीद सकें। सीईओ ने महिलाओं को वाहन पर सब्जी व किराना विक्रय दर की सूची प्रदर्शित करने की सलाह दी। इस दौरान जनपद खण्डवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी महेन्द्र घनघोरिया, ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक शकुंतला डिंडोरे, जिला प्रबंधक नीलिमा सिंह, रीना गुप्ता, प्रीति ठाकुर भी उपस्थित थी।
10 महिलाओं के समूह की अनाेखी पहल
समूह की सदस्य कोकिला तिरोले ने बताया शीघ्र ही उनका समूह सब्जी के साथ किराना सामग्री की चलित दुकान भी शुरू करेगा ताकि लॉकडाउन के दौरान लाेगाें को सब्जी व किराना खरीदने में परेशानी न हो। समूह की कविता ने बताया कि खेत से सीधे शहर तक सब्जी लाने से शहरवासियाें को उचित मूल्य पर सब्जी मिल सकेगी।



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खेत से सीधे शहर तक सब्जी लाने से शहरवासियाें को उचित मूल्य पर सब्जी मिल सकेगी। (प्रतीकात्मक फोटो)




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ग्वालियर में पांच और काेरोना पॉजिटिव मरीज मिले इनमें जूनियर डॉक्टर व एसएएफ का सिपाही भी शामिल

एक दिन के अंतराल से ही ग्वालियर में काेरोना संक्रमण के एक साथ पांच और मरीज मिले हैं। शुक्रवार को आई सैंपलों की जांच रिपोर्ट में काेरोना संक्रमितों की देखभाल करने वाला जेएएच का एक जूनियर डॉक्टर भी पॉजिटिव पाया गया है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से ये डॉक्टर मेडिसिन के आईसीयू में काम कर रहा था। इनके आलावा एक एसएएफ का सिपाही, शेष तीन अहमदाबाद से लौटे मजदूर हैंै। इसमें से एक हजीरा और दो बेहट के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि संक्रमण की शुरुआत के बाद 38 दिनों में जिले में सिर्फ 9 मरीज थे, जबकि पिछले चार दिन में 12 मरीज मिल चुके हैं। कुल 21 मरीजों में से 7 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। याद रहे बुधवार को ही एक साथ पांच मरीज पाए गए थे।
अब तक कोरोना से अछूते रहे भिंड में भी शुक्रवार को एक मरीज निकल आया। यह मरीज दिल्ली में मजदूरी करने वाला मौ निवासी रवि कुमार (33) पुत्र कैलाश है जो गुरुवार को भिंड आया था। यहां आते ही उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया। शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट आई, जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया।

दूसरे राज्यों से लोगों को आने की छूट देने के बाद कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। हालांकि संक्रमित पाए जाने वाले मरीज वे ही हैं जो कारोबार के सिलसिले में बाहर गए थे और हाल ही में वापस लौटे हैं। ग्वालियर में जहां संक्रमण बढ़ रहा है वहीं अंचल में हालात सामान्य नजर आ रहे हैं।

डॉ.आकाश कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने से हुए संक्रमित

डॉ. आकाश गढ़वाल (29 )
जूनियर डॉक्टर आकाश ने 1 से 15 अप्रैल तक काेरोना संक्रमितों के लिए सुपर स्पेशलिटी में बनाए गए वार्ड में ड्यूटी की। उसके बाद वे 14 दिन तक क्वारेंटाइन रहे। वापस लौटने के बाद उनकी ड्यूटी मेडिसिन विभाग के आईसीयू में लगाई गई। पिछले तीन-चार दिनों से कोरोना के लक्षण दिखाई देने के कारण वे छुट्‌टी पर थे, इस कारण उनका सैंपल कराया गया।
धर्मवीर (34), हजीरा
पुताई और पुट्‌टी का काम करने वाला धर्मवीर पिछले लंबे समय से अहमदाबाद में काम कर रहा है। 4 मई को अपने दोस्त अवधेश राठौर (पुर जिला भिंड) के साथ मोटर साइकिल से ग्वालियर लिए रवाना हुआ था। 6 मई को सुबह आठ बजे करीब ग्वालियर पहुंचे और तीन बजे जिला अस्पताल में सैंपल दिए। धर्मवीर को खांसी थी, उसकी दवा देकर उसे घर रवाना कर दिया गया।

भूरीदेवी (35), बेहट
भूरीदेवी निवासी घुसगंवा बेहट परिवार के साथ अहमदाबाद में रहती है। इनका पति सुरेश चाट का ठेला लगाता है। लॉकडाउन के बाद अहमदाबाद में फंसे परिवार के कुल 13 सदस्यों के साथ भूरीदेवी 4 मई को बस से झाबुआ पहुंचीं। यहां से दूसरी बस से ग्वालियर के लिए रवाना हुईं और 6 मई को जेएएच में सैंपल दिए।
देवेंद्र कुशवाह (36), बेहट
अहमदाबाद में चाट का काम करने वाला बेहट निवासी देवेंद्र कुशवाह परिवार के 13 लोगों के साथ सड़क मार्ग से 4 मई को झाबुआ पहुंचा। वहां से बस बदलकर मालनपुर होते हुए ग्वालियर पहुंचा। जिले के बोर्डर पर पूरे परिवार की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें रवाना कर दिया। बेहट पहुंचने पर ग्राम सहायक ने सैंपल कराने की सलाह दी। 6 मई को जेएएच में सैंपल कराया
राजेंद्र कुमार मांझी, एसएएफ (45)

14 वीं बटालियन एसएसएफ के सिपाही राजेंद्र मांझी पिछले एक माह से भोपाल में तैनात थे। 6 मई को सुबह वे सरकारी वाहन से ग्वालियर आए। चूंकि इनका स्वास्थ्य खराब था और ये रेड जोन क्षेत्र भोपाल से आए थे। इसलिए इनको एनजीओ क्लब में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया। 7 मई को इनका सैंपल लिया गया।

12 दिन और रहेगा रेड जोन में ग्वालियर
पिछले चार दिन में 12 मरीज मिलने के बाद अब ग्वालियर का रेड जोन से निकलना मुश्किल है। केंद्र सरकार की नई गाइड लाइन के अनुसार अभी कम से कम 12 दिन रेड जोन की बंदिशों का ही सामना करना पड़ेगा। बशर्ते इस दौरान कोई नया पॉजिटिव केस न मिले। ग्वालियर नई और पुरानी दोनों ही गाइड लाइन के मुताबिक इस समय रेड जोन में है। यहां काेरोना संक्रमण से पीड़ित 14 मरीज सुपर स्पेशलिटी में अपना इलाज करा रहे हैं। जिला प्रशासन के अनुसार संक्रमण का खतरा बरकरार रहने तक जिले में रेड जोन की गाइड लाइन ही लागू रहेगी।

45 दिन में सिर्फ 35 डॉक्टरों के हुए सैंपल, जबकि 500 डॉक्टर और कर्मचारी जुटे हैं इलाज में
पिछले 45 दिनों में संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लगभग 35 डॉक्टरों के सैंपल की जांच कराई गई है। उनमें से डॉ.आकाश गढ़वाल का केस पॉजिटिव आया है। गौरतलब है कि जेएएच और स्वास्थ्य विभाग के करीब 500 डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमित मरीजों की तीमारदारी में लगे हुए हैं। इनमें से अब तक सिर्फ 35 डॉक्टरों के ही सैंपल कराए गए हैं।



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Five more Karona positive patients were found in Gwalior, among them junior doctors and SAF soldiers




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अकाेला से स्पेशल ट्रेन से आएंगे जिले के 322 मजदूर

लॉकडाउन में महाराष्ट्र के अकाेला में फंसे 322 मजदूर शनिवार तड़के स्पेशल ट्रेन से खंडवा पहुंचेंगे। इसके बाद मजदूरों काे खाने-पीने की व्यवस्था के साथ बसाें के माध्यम से उनके गृह जिले तक पहुंचाया जाएगा।
शुक्रवार काे अकोला से प्रदेश के विभिन्न जिलों के कुल 1347 मजदूरों को लेकर रवाना हुई विशेष ट्रेन खंडवा स्टेशन पर शनिवार सुबह लगभग 5 बजे पहुंचेगी। कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल व पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह ने शुक्रवार शाम को रेल्वे स्टेशन पहुंचकर ट्रेन से आने वाले मजदूरों के लिए बसों की व्यवस्था के साथ उनके लिए मास्क व खाने के पैकेट सहित विभिन्न व्यवस्थाओं के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। स्पेशल ट्रेन में खंडवा जिले के 322 मजदूर भी शामिल हैं, जो महाराष्ट्र के अकोला, अमरावती, बुलढाना, वाशिम एवं यवतमाल में कार्यरत थे। इसके अलावा ट्रेन से बड़वानी जिले के 48, बुरहानपुर के 430, धार के 7, इंदौर के 12 व खरगोन के 152 मजदूर भी आ रहे है। इन सभी मजदूरों को विशेष वाहनों से उनके जिले तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा ट्रेन में बैतूल के 198, दतिया के 37, शिवपुरी, भिंड के 18, मुरैना के 75, दमोह के 13, सागर, भोपाल के 10 मजदूर सहित रायसेन, विदिशा, शाजापुर, मन्दसौर, होशंगाबाद, हरदा, छतरपुर, जिलों के कुल 376 मजदूर भी आएंगे।

बच्चों को कंधे पर लादकर पहुंच गए घर

लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों के घर लौटने का सिलसिला एक माह से जारी है। गुरुवार को भी करीब 15 लोग पैदल ही मूंदी पहुंचे। इनके साथ महिलाएं व बच्चे भी थे। यह लोग बच्चों के कंधे पर लेकर पैदल ही यहां पहंुचे। इन्होंने रात्रि विश्राम बस स्टैंड के श्रीराम चबूतरे पर किया। सुबह अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर पैदल ही निकल पड़े। मजदूर गोविंद नायक ने बताया हम लोग सिंगाजी (छालपी) के रहने वाले हैं। जलगांव की टाइल्स फैक्ट्री में लोडिंग का काम करते थे। कुछ दिन से फैक्ट्री में ग्राहकों की भीड़ ज्यादा बढ़ गई। हो सकता है भीड़ में कोई कोरोना मरीज भी आ जाए। इसलिए हम परिवार के साथ पैदल ही सिंगाजी के निकल पड़े। 8 दिन में यहां पहुंचे हैं। सिंगाजी महाराज की कृपा से दो-तीन घंटे में घर पहुंच ही जाएंगे।



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322 workers of the district will come from Akela by special train




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मांधाता विधायक ने उचित मूल्य दुकान का निरीक्षण किया, चावल का सैंपल भी देखा

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के दो माह का चावल नि:शुल्क प्रदान किया जा रहा है। यह वितरण विधानसभा के दो नगरीय क्षेत्र मूंदी एवं ओंकारेश्वर में शुरू किया गया। शुक्रवार को ओंकारेश्वर व मूंदी की 6 उचित मूल्य दुकानों से यह चावल वितरण शुरू किया गया। दोपहर में मांधाता विधायक नारायण पटेल ने दुकान क्रमांक 2 पहुंचकर चावल का सैंपल चेक किया। विधायक पटेल ने सेल्समैन दिलीप दलाल को उपभोक्ताओं के लिए छांव की व्यवस्था तथा सोशल डिस्टेंस पालन के निर्देश दिए। सहायक खाद्य अधिकारी सुनील नागराज ने शुक्रवार को नगर की तीनों उचित मूल्य दुकानों पर खड़े रहकर कुल 851 क्विंटल चावल का वितरण कराया। उन्होंने बताया नगर में 1968 उपभोक्ता परिवार के 8512 सदस्य हैं। प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल का वितरण हो रहा है। ओंकारेश्वर की तीनों दुकानों पर 709 क्विंटल चावल वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत 25 श्रेणी वाले उपभोक्ता जिन्हें पात्रता पर्ची जारी की गई है उन्हें भी लाभ मिलेगा।



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Mandhata MLA inspected fair price shop, also saw rice sample




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किसानाें काे समय पर मदद पहुंचाने पर भाकिसं ने कलेक्टर काे कहा धन्यवाद, काम की सराहना की

समय पर खाद-बीज दुकानें खुलवाने, उपार्जन केंद्राें पर गेहूं, चने की खरीदी कराने, बीमा व राहत राशि का भुगतान कराने पर भारतीय किसान संघ ने जिले के किसानाें की ओर से कलेक्टर काे धन्यवाद देकर उनके कार्याें की सराहना की।
भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि शुक्रवार को कलेक्टाेरेट पहुंचे और कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल को धन्यवाद ज्ञापन सौंपा। किसान संघ की ओर से जिला प्रवक्ता जय पटेल, जिला महामंत्री नरेन्द्र तिरोले, रवीन्द्र पाटीदार व नगर अध्यक्ष शशी मिश्रा ने ज्ञापन सौंपकर किसानों को समय पर खाद-बीज की व्यवस्था उपलब्ध कराने, किसानों को राहत राशि व बीमा की राशि का भुगतान दिलाने तथा लॉकडाउन के दौरान गेहूं उपार्जन व चना खरीदी का कार्य समय पर प्रारंभ करने तथा अनाज मंडी में गेहूं विक्रय की व्यवस्था कराने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की और जिला प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया। किसान संघ के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर कहा कि कलेक्टर के नेतृत्व में जिला प्रशासन के इन कार्यों से किसानों को आर्थिक रूप से संबल मिला है।



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On providing timely help to the farmers, the Collector said thank you, appreciated the work




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गृहस्थी का सामान रख बैलों की तरह 200 किमी खींच लाए गाड़ी

लॉकडाउन में फंसे मजदूर किस तरह घर जाने को बेताब हैं, इसके नजारे रोज ही विभिन्न मार्गों पर दिखाई देते हैं। कई मजदूर घर पहुंचने की जल्दी में जान भी गंवा चुके हैं। गुरुवार शाम को चार मजदूर अपने ही अंदाज में पीथमपुर से लौट रहे थे। यह मजदूर कंस्ट्रक्शन ठेकेदार के यहां काम करते थे। काम एक माह से बंद है फिर भी यह लोग निकल नहीं पा रहे थे। वे उत्तरप्रदेश या बिहार के मजदूरों की तरह डेढ़-दो हजार किमी नहीं चलना पड़ा। यह चारों पीथमपुर से बीड़ के पास ग्राम सुरगांव बंजारी जा रहे थे जो करीब 200 किमी है। एक मजदूर ने बड़े निराश अंदाज में बताया अब भी पीथमपुर व महू में सैकड़ों मजदूर फंसे हुए हैं जो निकल नहीं पा रहे हैं। हम तो बिना किसी को बताए निकल आए। घर से जो सामान ले गए थे वही वापस लाए हैं।

ऐसे बनाई गाड़ी... बैलगाड़ी की तरह बांधी जूड़ी
तीसरे लॉकडाउन में कुछ ढील मिलते ही इन्होंने कांक्रीट ढोलने वाली दो पहिए वाली ट्रॉली को गाड़ी का रूप दिया। ट्रॉली पर पटिये बांधे और आगे बैलगाड़ी की तरह जूड़ी बांध ली। गाड़ी पर बिस्तर और भोजन बनाने का सामान लादा और निकल पड़े घर के लिए। मजदूरों ने बताया लॉकडाउन की वजह से वे फंस गए थे, घर परिवार से दूर रहकर ठीक नहीं लग रहा था तो उन्होंने ऐसी जुगाड़कर गाड़ी बना दी।



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Carriage of household goods like carts pulled 200 km




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संतुलन बिगड़ने से पलटा वाहन

नगर के संत बुखारदास बाबा मार्ग पर गुरुवार दोपहर एक चार पहिया वाहन अचानक संतुलन बिगड़ने से सड़क से नीचे उतर कर पलट गया। दुर्घटना में वाहन चालक परसराम त्रिवेदी बाल-बाल बच गए। उन्हें मामूली खरोंच आई है। यह वाहन खंडवा से डामर के ड्रम लेकर माकड़कच्छ जा रहा था। वाहन में चालक के अलावा और कोई नहीं होने से जनहानि नहीं हुई।



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Vehicle reversed due to deterioration




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मलबा निकाला पर धर्मशाला के पास चोक है अंग्रेजों के जमाने का नाला, अब पाइप लगाकर बनाएगा निगम

स्टेशन रोड पर अंग्रेजों के जमाने में बने नाले से मलबा निकालने का काम दो दिन से किया जा रहा है। यह नाला पार्वती बाई धर्मशाला के सामने वाले हिस्से में चोक है। इस पर तीन फीट ऊपर तक कांक्रीट और मलबा है। इसलिए ओवरफ्लो होकर पानी सड़क पर आ जाता है। समस्या का निराकरण करने के लिए शुक्रवार सुबह आयुक्त हिमांशु सिंह ने मौके का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अफसरों से कहा कि सीमेंट के पाइप लगाकर नाला बनाया जाए तो खर्च कम आएगा। इसके लिए तैयारी की जाए। हालांकि स्टीमेट बनाने, टेंडर करने और काम करने में समय लगेगा। जून में बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। ऐसे में नाले सफाई पिछले सालों की तरह कर किसी तरह पानी निकासी के प्रयास किए जाएंगे। निरीक्षण के दौरान प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी शाहीन खान, प्रभारी कार्यपालन यंत्री जीके जायसवाल, सहायक यंत्री एचआर पांडे, संजय शुक्ला सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
मटरूमल पार्क के पास बनाई जाएगी नाले की दीवार - निरीक्षण के दौरान आयुक्त जवाहरगंज भी पहुंचे। यहां पिछली बारिश में मटरूमल पार्क के पास नाले की दीवार टूटकर बह गई थी। आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को दीवार की मरम्मत कराने की बात कही।
स्वास्थ्य अधिकारी बोले- खतरनाक है पुलिया
बड़ाबम क्षेत्र में मटरूमल पार्क के पास क्षतिग्रस्त पुलिया भी स्वास्थ्य अधिकारी ने आयुक्त को बताई। उन्होंने कहा कि यह पुलिया बहुत खतरनाक है। नीचे नर्मदा योजना की पाइप लाइन है। इस कारण बारिश में यहां कचरा फंस जाता है। कर्मचारी को सफाई के लिए नीचे उतरना पड़ता है इसलिए इसे व्यवस्थित किया जाना चाहिए।
बारिश में होती है समस्या
स्टेशन रोड पर कितनी भी सफाई करा दे, लेकिन तेज बारिश में समस्या होती है। पुराने नाले की जगह पाइप लगा दिए जाए तो समस्या का निराकरण हो सकता है। फिलहाल फंड की कमी है। स्टीमेट बनाकर टेंडर करने और काम शुरू करने में भी समय लगेगा।
हिमांशु कुमार सिंह, आयुक्त, ननि



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Removed debris, but near Dharamshala, there is a choke




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निगम मद खाली इसलिए बारिश से पहले सड़कों का पैचवर्क अब तक शुरू नहीं हुआ

लॉकडाउन के कारण बकाया राजस्व वसूली और शुल्क निगम कोष में जमा नहीं हो रहे हैं। इससे निगम मद खाली हो गया है। ऐसे में शहर में निर्माण एवं विकास कार्य कार्य कराना बड़ी चुनौती है। संभवत: इसी कारण अभी तक सड़कों के गड्‌ढे भरने के लिए पैचवर्क का काम शुरू नहीं हो पाया है। जून में बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा। 42 दिन में गड्‌ढे नहीं भरे तो पिछले साल की तरह ही फिर से जलेबी चौक, शेर तिराहा सहित शहर के अन्य स्थानों पर लोगों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
जलेबी चौक और इंदिरा चौक पर अधिक समस्या
जलेबी चौक पर सबसे अधिक समस्या पिछली बारिश में हुई थी। गड्ढें के कारण यहां बारिश होने पर जाम लग रहा था। वर्तमान में भी अधिक समस्या इसी चौराहे पर हो है। यहां पुलिस चौकी के सामने चौराहे पर सड़क उखड़ी हुई है। इसमें बारिश का पानी एकत्र होने पर गड्‌ढे गहरे हो जाएंगे। दुर्घटना का अंदेशा बढ़ जाएगा। इसी तरह इंदिरा चौक पर एसएन कॉलेज के पिछले हिस्से में भी सड़क पर जगह-जगह गड्‌ढे दिखाई दे रहे हैं।

गड्‌ढे भरने के लिए पैचवर्क का काम शुरू नहीं हो पाया

जिला अस्पताल में पाइप लाइन के लिए खोद दी सड़क
जिला अस्पताल में 24 घंटे पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है। इसके लिए अस्पताल से पुराना अग्रवाल नर्सिंग तक सड़क को बीच में खोद दिया है। पाइप लाइन बिछाने के बाद सड़क की मरम्मत नहीं की गई है। बारिश तक ऐसी स्थिति रहने पर इस क्षेत्र में दिक्कतें बढ़ सकती हैं। क्योंकि यहां व्यापारियों के गोदामों के साथ ही ट्रांसपोर्ट सर्विस होने के कारण दिनभर भारी वाहनों की आवाजाही होती है।

जिम्मेदार बोले

टेस्टिंग के बाद सुधारेंगे सड़क
जिला अस्पताल की पाइप लाइन का काम चल रहा है। लाइन की टेस्टिंग के बाद सड़क को भी सुधारेंगे।
अंतरसिंह तंवर, प्रभारी कार्यपालन यंत्री
जहां जरुरी है वहां कराएंगे पैचवर्क
निगम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन शहर के जिन स्थानों पर जरुरी है, वहां बारिश से पहले पैचवर्क कराएंगे।
हिमांशु कुमार सिंह, आयुक्त, नगर निगम



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Corporation item empty so the patchwork of roads has not started before the rain




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बैंकों में भीड़, ऑटो पार्ट्स पर सोशल डिस्टेंस व प्रतिबंधित दुकानों पर लॉकडाउन ध्वस्त

लॉकडाउन पार्ट-3 की अवधि पूरी होने में अभी 9 दिन शेष हैं। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा व रोकथाम के लिए प्रशासन की चेतावनी व अपील का कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। शुक्रवार को तीन छाया चित्रों की जुबानी सोशल डिस्टेंस के उल्लंघन की कहानी नगर की स्थिति बयां कर रही है। इस संबंध में नप छनेरा सीएमओ मिलन पटेल का कहना है किराना, सब्जी व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद प्रशासन अब अन्य दुकानदारों पर लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंस के पालन के लिए आवश्यक कदम उठाया जाएगा।

जन-धन की दूसरी किश्त ने बढ़ाई भीड़

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत महिला के खातों में दूसरे माह की किश्त का समय आ गया है। बाजार में आवश्यक सेवा की दुकानें खुलने का समय 6 से 12 बजे तक है। ऐसे में बैंकों के बाहर खड़े खाताधारकों की पूर्ति नहीं हो पा रही है।
भास्कर सुझाव : बैंकिंग कार्यावधि को प्रात: 9 से 3 बजे तक किया जाना चाहिए ताकि जन का धन प्रारंभिक डेढ़ घंटे में आहरित हो सके। इससे बाजार में खरीदी के लिए लोगों को दो घंटे का समय मिल सकेगा। 11 बजे से बैंक का सामान्य कामकाज हो सकेगा।

ऑटो पार्ट्स पर अनुमति के बाद भी वही ढर्रा

प्रशासन ने ऑटो पार्ट्स को आवश्यक सेवा में शामिल किया है। अनुमति के साथ ही गैरेज भी खुलने लगे हैं। तीसरे दिन भी ऑटो पार्ट्स दुकानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन तो दूर एक-एक मीटर दूर सफेद गोल घेरे भी नहीं बनाए गए। लापरवाही से संक्रमण फैलने का अंदेशा है।
भास्कर सुझाव : ऑटो पार्ट्स विक्रेता अनुमति का दुरुपयोग ना करें। सोशल डिस्टेंस को गंभीरता से लें। ऑटो गैरेज संचालक सर्विसिंग व अन्य कार्य घर से भी कर सकते हैं। बाजार में भीड़ बढ़ने पर प्रशासन अनुमति को प्रतिबंध में तब्दील कर सकता है।

प्रतिबंधित पर व्यापारी कर रहे मनमानी

आवश्यक सेवा में किराना, मेडिकल, सब्जी, ऑटो पार्ट्स के अलावा बिल्डिंग मटेरियल, हार्डवेयर में होम डिलेवरी की अनुमित दोपहर में डेढ़ घंटे दी गई है। पिछले एक सप्ताह से प्रतिबंधित दुकानों के व्यापारियों द्वारा बेखौफ आधी शटल खोलकर व्यापार किया जा रहा है।
भास्कर सुझाव : विवाह व मांगलिक कार्य पहले ही सीमित संसाधनों में हो रहे हैं। लॉकडाउन में इन कार्यों के लिए कपड़े व सोना-चांदी की जरूरतें पूरी हो रही हैं। ऐसे में प्रशासन सख्ती से अन्य दुकानदारों पर रोक लगाए। इससे बाजार में भीड़ विभक्त होगी।




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Bank congestion, social distance on auto parts and lockdown on banned shops dismantled




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लॉकडाउन के बाद शुरू होगी छैगांव कृषि मंडी

छैगांव माखन में दो साल बंद पड़ी कृषि उपज मंडी को शुरू कराने के लिए विधायक राम दांगोरे ने कृषि मंत्री कमल पटेल से भोपाल में मुलाकात की। विधायक ने छैगांव मंडी के अलावा सिंगोट, बोरगांव बुजुर्ग व कुमठी में उपमंडी खोलने का प्रस्ताव भी रखा। कृषि मंत्री पटेल ने कहा लॉकडाउन के बाद छैगांव कृषि मंडी को शुरू कराया जाएगा। साथ ही दो करोड़ रुपए की लागत से पंधाना विधानसभा में किसान कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी कराया जाएगा। विधायक ने मंत्री पटेल का आभार जताया।



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Chaigaon Agricultural Market will start after lockdown




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अब वाहन से ताजी सब्जियां गांव से शहर के घराें तक पहुंचाएंगी स्वसहायता समूह की महिलाएं, राशन की हाेम डिलीवरी भी करेंगी

गांव के स्वसहायता समूह की महिलाओं ने खेत से घर तक हरी सब्जियां पहुंचाने का काम शुरू किया है। मप्र ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम बोरगांव खुर्द की 10 महिलाओं के स्वसहायता समूह ने अपने खेतों से सब्जी बेचने के लिए वाहन की व्यवस्था भी की है। वाहन के माध्यम से ये महिलाएं कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर शहर के विभिन्न मोहल्लों में जाकर सब्जियां बेचेंगी। इसके बाद वे राशन की घर पहुंच सेवा भी शुरू करेंगी।
लॉकडाउन के दौरान ग्राम बोरगांव खुर्द की रिद्धि-सिद्धि महिला स्वसहायता समूह ने एक सराहनीय पहल करते हुए खेत से ताजी सब्जी व आवश्यक राशन सामग्री की घर पहुंच सेवा प्रारंभ की है। इसका शुभारंभ शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय परिसर में कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल व सीईओ राेशन सिंह ने सब्जियां खरीदकर की। दाेनाें अधिकारियाें ने वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कलेक्टर व सीईओ ने समूह की महिलाओं को इस नए व्यवसाय के लिए शुभकामनाएं देकर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी समझाइश दी। कलेक्टर ने समूह की महिलाओं से कहा कि सब्जी वाहन पर माइक लगाकर एनाउंसमेंट कराने की व्यवस्था भी की जाए, जिससे ग्राहकों को सब्जी बेचने वाले इस वाहन के आने की सूचना मिल जाए और वे सब्जी खरीद सकें। सीईओ ने महिलाओं को वाहन पर सब्जी व किराना विक्रय दर की सूची प्रदर्शित करने की सलाह दी। इस दौरान जनपद खंडवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी महेन्द्र घनघोरिया, ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक शकुंतला डिंडोरे, जिला प्रबंधक नीलिमा सिंह, रीना गुप्ता, प्रीति ठाकुर भी उपस्थित थी।
10 महिलाओं के समूह की अनाेखी पहल
समूह की सदस्य कोकिला तिरोले ने बताया शीघ्र ही उनका समूह सब्जी के साथ किराना सामग्री की चलित दुकान भी शुरू करेगा ताकि लॉकडाउन के दौरान लाेगाें को सब्जी व किराना खरीदने में परेशानी न हो। समूह की कविता ने बताया कि खेत से सीधे शहर तक सब्जी लाने से शहरवासियाें को उचित मूल्य पर सब्जी मिल सकेगी।



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Now, the women of self-help groups will transport fresh vegetables from the village to the city house, they will also make hay delivery of ration.




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लुम्बनी बुद्ध विहार में मोमबत्ती जलाकर मनाई बुद्ध जयंती

लुम्बनी बुद्ध विहार में भगवान बुद्ध के शरण में मोमबत्ती जलाकर, त्रिशरण, पंचशील ग्रहण कर जयंती मनाई। बुद्धिस्ट सोसायटी नगर शाखा ने कोरोना वैश्विक बीमारी के कारण सभी उपासकों को अपने-अपने घरों में मोमबत्ती जलाकर जयंती मनाने की अपील थी। इस कारण सभी लोगों ने अपने-अपने घरों में ही जयंती मनाई। इस अवसर पर भगवान बुद्ध के मार्ग प्रज्ञा, शील और करूणा पर चलकर धम्म को जानने का संकल्प लिया। इस अवसर पर अशोक दाभाड़े, गनपत निकम, विश्वास वानखेड़े, राजेन्द्र सोनवणे, रमेश निकम, मुरली सोनवणे, अशोक प्रजापति, सागर ब्राह्मणे, आकाश तायड़े, बाबी लांडगे,गौतम महाले,अनमोल सहित समस्त महिला मंडल के सदस्य मौजूद थे।



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Candlelight celebrated Buddha Jayanti at Lumbani Buddha Vihar




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छह महीने तक खेल से दूर हाे जाएंगे खिलाड़ी, ग्रीष्मकालीन शिविर नहीं लगने से क्लबाें काे हर माह हाे रहा 1 लाख रु. तक का नुकसान

काेराेना संक्रमण के खाैफ ने खिलाड़ियाें काे भी मैदान से दूर कर दिया। जाे खिलाड़ी खेल की बारीकियां सीखना चाहते थे, उन्हें छह महीने और इंतजार करना हाेगा और जाे खिलाड़ी मेहनत कर आगे बढ़ना चाहते थे उनका करियर एक साल पीछे चला गया। वे जिला, संभाग, प्रदेश स्तरीय व राष्ट्रीय स्पर्धाओं का हिस्सा नहीं बन पाए। अगर कुछ दिनाें में लाॅकडाउन खत्म भी हाे जाए, लेकिन खिलाड़ियाें काे करीब छह महीने तक मैदान से दूरी बनाकर रखनी हाेगी।
शहर के जिन मैदानाें पर हर साल अप्रैल व मई महीने में खेल और खिलाड़ियों का मेला लगता था अब वहां सन्नाटे के अलावा कुछ नहीं है। खिलाड़ी चाहकर भी खेल की प्रैक्टिस व प्रशिक्षण नहीं ले पा रहे हैं। कारण एक ही है, लाॅकडाउन में सामाजिक दूरी काे बनाए रखना। खेल एवं युवक कल्याण विभाग सहित शहर के क्रिकेट, कबड्डी, कराते, ताईक्वांडाे, टेबल टेनिस, लाॅन टेनिस, वालीबाॅल, खाे-खाे, फुटबाॅल क्लबाें द्वारा हर साल ग्रीष्मकाल में शिविर लगाकर करीब 3 हजार खिलाड़ियाें काे प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन इस साल मैदानाें पर खिलाड़ी एक भी खेल में प्रशिक्षण नहीं ले पाए, जिससे उनका खेल करियर रुक गया, वहीं प्रशिक्षण देने वाले क्लबाें काे 50 हजार रुपए महीने तक का नुकसान हुआ। खेल मैदान का रखरखाव, प्रशिक्षक, कर्मचारी, खेल किट, चाैकीदार, अंपायर आदि का खर्च प्रशिक्षण लेने आए खिलाड़ियाें की फीस पर ही निर्भर रहता है।

क्लबाें काे 5 लाख रु. तक का नुकसान; नए व पुराने बच्चों की पंजीयन फीस से खरीदते हैं सामग्री

जिमखाना क्रिकेट क्लब के सदस्य व प्रशिक्षक डीएस ताेमर ने बताया अप्रैल व मई में हर साल 100 से 150 नए बच्चे प्रशिक्षण लेने आते थे। स्कूल खत्म हाेने के बाद 100 बच्चे प्रशिक्षण लेने आने वाले थे, लेकिन नहीं आ पाए। नए व पुराने बच्चाें से रजिस्ट्रेशन फीस लेकर हर साल उनके लिए सामग्री क्रय करते हैं। बाकि अन्य पर खर्च हाे जाता है। 40 हजार रुपए प्रतिमाह नुकसान क्लब काे हुआ है। महाराणा प्रताप अकादमी के प्रशिक्षक लक्ष्मणसिंह चाैहान ने बताया उनके पास करीब एक दर्जन लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं, जिनमें आधी ग्रामीण क्षेत्राें की है। क्लब काे ज्यादा नुकसान ताे नहीं हुआ, लेकिन खिलाड़ियाें का नुकसान जरूर हुआ है। किकेट अलावा अन्य खेल भी हैं जिनका प्रशिक्षण दाे महीने तक क्लब संचालकाें द्वारा दिया जाता है। जिले में करीब 3 हजार खिलाड़ी विभिन्न खेलाें का प्रशिक्षण हर साल लेते हैं, जिनके रजिस्ट्रेशन, प्रशिक्षण शुल्क सहित करीब 5 लाख रुपए का नुकसान क्लबाें काे हुआ है।

खेल, खिलाड़ी और क्लबाें काे यह हुआ नुकसान
क्लबाें काे आर्थिक व खिलाड़ियाें काे खेल का नुकसान हुआ, खिलाड़ी एक साल पीछे चले गए।
जाे बच्चे पहली बार कैंप में आते हैं ताे मानसिक रूप से सुदृढ़ हाेते हैं, खेल से शारीरिक और मानसिक विकास दाेनाें हाेता है।
खिलाड़ी खेल के साथ मैदान पर याेगा, एक्सरसाइज, खेल की बारीकियां काे समझ लेता था।
क्लब इस साल अंडर-15, अंडर-16 स्पर्धाएं नहीं करा पाए, इंटर क्लब मैच भी नहीं हुए।
समूह खेल हाेने से खिलाड़ियाें काे सामाजिक दूरी बनाकर रखनी हाेगी, बहुत दिनाें तक खेल की इजाजत नहीं मिलेगी।



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Players will be away from the game for six months, due to lack of summer camp, the clubs have been losing 1 lakh every month. Loss up to




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राशन लेने की होड़ में भूले सामाजिक दूरी

उचित मूल्य दुकान पर राशन के लिए भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन की चेतावनी व समझाइश के बावजूद लोग सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। प्रशासन को अपनी 40 दिन मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। दुकान सेल्समैन ने उपभोक्ताओं को सोशल डिस्टेंस का पालन कराने गोले भी नहीं बनाए हैं। यह समस्या केवल राशन दुकान ही नहीं किराना दुकानों पर भी बनी हुई है। बाजार की भीड़ देख लगता ही नहीं कि यहां लॉकडाउन चल रहा है।



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Social distance forgotten in the race to get ration




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गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा की जमीन पर बदमाशों का कब्जा, निजी स्कूल किया जा रहा संचालित

गायत्री परिवार पूरे भारत में स्वस्थ शरीर, स्वच्छ मन एवं सभ्य समाज की अभिनव रचना का लक्ष्य पूरा करने के लिए धर्मार्थ एवं परमार्थ का काम करती रही है। गायत्री परिवार की शाखा ग्राम दिगौड़ा में 1959 से काम कर रही है। गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा जिले का एक प्रमुख स्थान है। जहां से सामाजिक गतिविधियों का संचालन होता है।


गायत्री परिवार ट्रस्ट दिगौड़ा का गठन गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा आचार्य के सान्निध में 29 जुलाई 1980 में हुआ। ग्राम पंचायत दिगौड़ा ने 1959 में 114*62 फुट जमीन का पट्टा दिया था। जिसमें गायत्री परिवार ट्रस्ट दिगौड़ा के द्वारा मंदिर, यज्ञशाला के आलावा सामाजिक गतिविधियां चलने के लिए 6 कमरों का निर्माण किया था। लगभग 15 साल पहले यहां विधायक निधि से समुदायायिक भवन का निर्माण कराया गया। जिस पर पिछले दो वर्ष से गांव के अजय चौबे, मयंक चौबे एवं विजय चौबे के द्वारा गायत्री शक्तिपीठ पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए अजय के बेटे मयंक चौबे गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा के दो कमरे एवं विधायक निधि से निर्मित समुदायायिक भवन पर जबरन ज्ञानवर्धन एजुकेशन पब्लिक स्कूल संचालित कर रहें है। गायत्री मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों एवं शान्तिकुंज हरिद्वार से नियुक्त शक्तिपीठ परिव्राजक को मंदिर पर यज्ञ, पूजा करने में व्यवधान डालते है।


जिसकी लिखित सूचना 5 दिसंबर 2019 को थाना प्रभारी दिगौड़ा को दी गई थी, तब विजय चौबे ने थाना प्रभारी दिगौड़ा को फर्जी किरायानामा दिखाते हुए कहा कि गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक के साथ मेरा किराए का अनुबंध है। जिसके खिलाफ तत्कालीन गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक चिंतामन चौबे एवं अनुज चिन्पुरिया के द्वारा शपथ पत्र दिया गया, कि किराए का अनुबंध नहीं किया। 16 दिसंबर 2019 को एसडीएम जतारा के समक्ष आवेदन दिया गया। गायत्री परिवार ट्रस्ट के सदस्यों ने 22 एवं 28 जनवरी को कलेक्टर टीकमगढ़ के समक्ष प्रस्तुत होकर गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा को अवैध कब्जा से मुक्त कराने के लिए आवेदन किया। 18 फरवरी को गायत्री परिवार के सदस्यों ने कलेक्टर से गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा को अवैध कब्जा से मुक्त कराने की बात कही थी। जिसके बाद कलेक्टर ने अधीनस्थ कर्मचारियों ने जांच करवाकर कार्रवाई करने के बात कही थी, लेकिन अब तक मामले में कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।


सौरभ सोनवणे, एसडीएम जताराने कहा-कोर्ट खुलते ही होगी कार्रवाई
इस मामले में जांच रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन होने से कोर्ट अभी बंद है। जैसे ही लॉकडाउन खुलता है और कोर्ट खुलेगी, तो इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।



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Occupation of miscreants on Gayatri Shaktipeeth Digoda land, private school being operated




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कोलाज बनाकर कोरोना योद्धाओं का जताया आभार, लोगों से कहा- घरों में रहें

जनमंच के सदस्यों ने कोलाज बनाकर कोरोना संक्रमण के बीच अपनी सेवाएं देने वाले कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार जताया है। मंच के चंद्रकुमार सांड ने बताया इस भीषण गर्मी में कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना योद्धा अपने फर्ज बखूबी निभा रहे हैं। हमें घरों में रहकर उनका सहयोग करना चाहिए। संदेश देने वालों में चंद्रकुमार सांड, प्रमोद जैन, अनुराग बंसल, डॉ. जगदीश चंद्र चौरे, देवेंद्र जैन, निर्मल मंगवानी आदि शामिल हैं।



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Expresses gratitude to Corona warriors by making collages, told people - stay in homes




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सर्दी, खांसी, जुकाम का सर्वे करने निकली टीम के सदस्यों को पीपीई किट में हुई घबराहट

शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार से शहर के सभी वार्डों में सर्वे शुरू किया है। इस दौरान पीपीई किट पहने कुछ कर्मचारियों को घबराहट हुई और वह छांव में बैठ गए। शुक्रवार को तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ऐसे में कर्मचारियों का टारगेट भी पूरा नहीं हुआ। 92 टीमों के 300 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को 25 हजार लोगों का सर्वे करना था। तेज धूप के कारण स्वास्थ्य विभाग की टीमें 2279 घरों तक पहुंची। इस दौरान 11051 लोगों का सर्वे हुआ। जिनमें सर्दी, खांसी, जुकाम के 348 मरीज मिले। जबकि 10 वार्डों में 40 गर्भवती महिलाएं मिली। सर्दी खांसी के मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच कराने के लिए कहा। सर्वे के दौरान ज्यादातर लोगों ने टीम को देखते ही कहा कि हमारे वार्ड में अब तक एक भी मरीज कोरोना पॉजिटिव नहीं है। अगर किसी में भी बीमारी के लक्षण आएंगे तो हम खुद उसे जांच के लिए अस्पताल ले जाएंगे।
73 कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई
शुक्रवार शाम को इंदौर से 73 कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई। जिला महामारी विशेषज्ञ योगेश शर्मा ने बताया अब तक 566 रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। शुक्रवार को 328 सेंपल जांच के लिए भेज गए।



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गांवों में गहराने लगा जल संकट, कर्मचारियों के अभाव में नहीं हो पा रहा हैंडपंपों में सुधार कार्य

कोरोना संकट के बीच अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पीने के पानी का संकट गहराने लगा है। बढ़ते तापमान और घटते जलस्तर से अप्रैल महीना के खत्म होते अब मई में लोगों को पीने के पानी की जद्दोजहद करना पड़ रही है। हैंडपंप से आसानी से पानी नहीं निकल पा रहा है क्योंकि जल स्तर काफी नीचे चला गया है। ऐसे में हैंडपंप मैकेनिकों की देरी से होने वाली पदस्थापना के कारण इस तरह के हालात बन रहे हैं।


जतारा सब डिवीजन अंतर्गत दो ब्लॉकों में 36 सौ से भी अधिक हैंडपंप लगे हुए हैं। जिनके सुधार के लिए 21 हैंडपंप मैकेनिक के पद स्वीकृत हैं, जबकि 12 हैंडपंप मैकेनिक काम कर रहे हैं। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। पर्याप्त मैकेनिक न होने से क्षेत्र में हैंडंपपों के सुधार कार्य में देरी हो रही है। वर्तमान समय में पारा 42 डिग्री पार जा चुका है। विभाग के जानकारों ने बताया कि अप्रैल माह के खत्म होते होते जलस्तर करीब 10 फीट नीचे चला गया है। मार्च के महीने तक 55 फीट पर पानी मिल जाता था, लेकिन अब जतारा विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्रामों में 10 फीट पानी और नीचे खिसक गया है। हैंडपंपों के सुधार के लिए विभागीय जानकारी के अनुसार एक मैकेनिक पर 100 हैंडपंप सुधार का जिम्मा होता है, जबकि एक हैंडपंप मैकेनिक के औसत सुधार में 200 से अधिक हैंडपंप आ रहे हैं।


विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जतारा विकासखंड में 2277 हैंडपंप लगे हुए हैं। जिसमें 2155 चालू है, लेकिन जमीनी हकीकत देखी जाए तो, 93 ग्राम पंचायतों में विभाग के आंकड़ों से मेल नहीं खाते। इसी तरह पलेरा विकासखंड में 1351 हैंडपंप है। जिसमें 1201 चालू बताया जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। जनपद पंचायत जतारा की ग्राम बिलगांव के टिंकू जैन ने बताया कि ग्राम में 12 हैंडपंप लगे हैं। जिसमें से चार खराब है। जैन ने बताया कि घटिया मोहल्ला एवं जैन मंदिर के पास रहने वाले लोग आधा किमी दूर से कुएं से पानी ला रहे हैं। क्योंकि वार्ड में लगे हैंडपंप में पर्याप्त पानी नहीं है। इनमें पाइप डालकर इन्हें सुधारा जा सकता है, लेकिन जिम्मेदार इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। ग्राम जनपद पंचायत जतारा के ग्राम पंचायत कदुवा में 15 हैंडपंप लगे हुए हैं। जिसमें से तीन हैंडपंप खराब हैं। पप्पू पाल ने बताया कि इस समय पीने का पानी खेतों से लाना पड़ रहा है।


हैंडपंप खराब की सूचना पर तत्काल सुधार होगा
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनु विभागीय अधिकारी अनीस खरे का कहना है कि हैंडपंप खराब की सूचना पर तत्काल उनमें सुधार कार्य किया जा रहा है। गांंव में हैंडपंप सुधार के लिए कर्मचारी प्रतिदिन तत्परता से काम कर रहे हैं। उपयंत्री एवं हैंडपंप मैकेनिकों की कमी के संबंध में जानकारी बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुका हूं। इसके अलावा ग्राम पंचायत बिलगांव और कदुवा में क्या समस्या है। इसे दिखवाता हूं। जिससे ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।



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Water crisis intensifies in villages; Hand pumps are not working due to lack of staff




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15 साल पुराने पेड़ को 750 मीटर दूर री-प्लांट किया

कोविड-19 व लॉकडाउन के तनाव के बीच नगर में शुक्रवार को एक अच्छी खबर सामने आई। हरसूद प्रशासन व नगर परिषद द्वारा मुख्य बाजार स्थित 15 साल पुराने पेड़ को 750 मीटर दूर पुन: रोपित कर कटने से बचा लिया गया। पर्यावरण संरक्षण के इस कार्य में एसडीएम डॉ. परीक्षित झाड़े की अहम भूमिका रही। उनके सुझाव पर ही नप ने नगर में पहली बार रि-प्लांटेशन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।
अब इंतजार इस पेड़ के पुन: हरे-भरे होने का है। हरसूद विस्थापन के 10 माह बाद 24 अप्रैल 2005 को सराफा व्यापारी रामचंद्र सोनी ने पिता दगड़ूलाल सोनी की स्मृति में घर के सामने बकान (छोटा नीम) का पौधा रोपा था। मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत पुलिया चौड़ीकरण में यह पेड़ बाधा बन रहा था। निर्माण कार्य के साथ इसे काटने की अनुमति मार्च अंत में नप द्वारा ले ली गई थी। लॉकडाउन में निर्माण कार्य रुक गया। लॉकडाउन पार्ट-3 में निर्माण कार्य शुरू करने पर पेड़ को काटने का तैयारी कर ली गई। पेड़ को काटने की अनुमति प्रदान करने वाले एसडीएम झाड़े ने ही नप सीएमओ मिलन पटेल व उपयंत्री आरएस मौर्य को इसे पुन: रोपण का सुझाव दिया।
8 घंटे 12 मजदूर व जेसीबी की मदद : यह कार्य उपयंत्री आरएस मौर्य की देखरेख में 8 घंटे में 12 मजदूरों व जेसीबी की मदद से पूरा किया गया। पेड़ को सुरक्षित जड़ सहित निकालकर पुराने राज्य मार्ग स्थित पेट्रोल पंप के पास रि-प्लांट किया गया।

इस तरह सुरक्षित उखाड़ा
पेड़ की टहनियों को काटकर पहले उसका वजन हल्का किया गया। मिग फर्टिलाइजर केमिकल व पावडर के घोल से जड़ों को सींचा गया। मोटी-मोटी जड़ों के मुख्य भाग पर गीली मिट्‌टी व कपड़ा बांधा गया। अंत में पूरी सावधानी के साथ जेसीबी से बांधकर सुरक्षित उखाड़ा गया। हरसूद-छनेरा में यह पहला प्रयोग देख लोगों ने प्रशासन की सराहना की।
पेड़ हरा हो जाए तो संतुष्टि मिलेगी
पुराने पेड़ को री-प्लांट किया गया है। पर्यावरण की दृष्टि से यह निर्णय लिया। अब इसकी देखभाल नगर के लोगों की जिम्मेदारी है। पेड़ पुन: हरा-भरा हो जाए तो संतुष्टि होगी।
-डॉ. परीक्षित झाड़े, एसडीएम, हरसूद



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Re-planted 15 year old tree 750 meters away




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ब्लास्ट से 5 मिनट पहले पुलिस ने दुकान बंद करने को कहा पर नहीं माना युवक

इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर देशगांव पुलिस चौकी के 50 मीटर दूरी पर अवैध गैस रिफिलिंग के दौरान हुए ब्लास्ट से तीन दुकानें जलकर पूरी तरह राख हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ब्लास्ट से 5 मिनट पहले देशगांव पुलिस चौकी का एक आरक्षक क्षेत्र की दुकानें बंद कराते हुए गैस रिफिलिंग कर रहे शुभम राठौर के पास पहुंचा। उसने दुकान बंद करने का कहते हुए आगे निकल गया। अवैध काम होते देख आरक्षक द्वारा रिफिलिंग मशीन व गैस सिलेंडर जब्त कर लिए जाते ताे यह हादसा टल सकता था। लोगों के विरोध के बावजूद शुभम करीब दो साल से अवैध काम कर रहा था।
आगजनी में धमेंद्र राठौर की किराना दुकान राख हुई है। उसका दावा है कि इसमें करीब एक करोड़ का सामान भरा हुआ था। दुकान से देशगांव और आसपास के 50 गांव के लोग किराना खरीदते हैं। कोरोना महामारी में लोगों को आसानी से सामान उपलब्ध कराने के लिए धमेंद्र राठौर ने जरूरत का हर सामान दुकान में भरा था। धमेंद्र के ही पड़ोस में लोकेंद्र राठौर की मोबाइल, होजयरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, जनरल स्टोर, फोटोकॉपी, मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान भी राख हो गई। पीड़ितों के मुताबिक दोनों दुकानों में करीब डेढ़ करोड़ का सामान था। अग्नि पीड़ित धमेंद्र व लोकेंद्र ने कहा कि हमारा सब कुछ राख हो गया है। सामान के अलावा दुकान का फर्नीचर, खिड़की दरवाजे सभी जल गए। इतना कहते हुए धमेंद्र और लोकेंद्र रो दिए।
सफाई लीकेज के कारण हुआ हादसा : गैस रिफिलिंग का अवैध कारोबार कर रहे शुभम व उसके परिजन ने पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि घर के किचन में रखे गैस सिलेंडर में लीकेज होने से आग लगी है, जबकि ब्लास्ट व आग की लपटें शुभम की दुकान से उठी हैं।

अवैध काम का बुरा नजीता : देशगांव में मुख्य मार्ग पर दो साल से चल रहा गैस रिफिलिंग का काम, ट्रक चालकों को रिफिलिंग कर देता था युवक, मोबाइल, होजयरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकान भी राख

लीकेज के बाद : सिलेंडर छोड़ भागा शुभम, फिर हुआ ब्लास्ट
गैस रिफिलिंग के दौरान सिलेंडर में लीकेज होते ही शुभम दूर भाग और फिर अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। सिलेंडर फटने की आवाज बम की तरह आई। लोग डेढ़-दो सौ फीट दूरी से देख रहे थे। आसपास के घर खाली हो गए।

लालच : बाजार बंद होने के बाद भी जारी रहा अवैध कारोबार
लॉकडाउन के दौरान हाईवे पर परिवहन शुरू होने के बाद से शुभम का अवैध कारोबार अच्छा चल रहा था। रुपए भी पहले से डबल मिल रहे थे। शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक लॉकडाउन में मिली छूट के बाद सभी की दुकानें बंद हो गई। फिर भी शुभम का अवैध काम जारी रहा।

छोटा गैस सिलेंडर शुभम के यहां से ही भरवाते थे ड्राइवर

मोबाइल दुकान संचालक लोकेंद्र ने बताया शुभम राठौर की हठधर्मी के कारण आग लगी है। उसे हमने कई बार मना भी किया पर शुभम ने किसी की बात नहीं मानी। हाईवे पर आने-जाने वाले ट्रकों के ड्राइवर छोटा गैस सिलेंडर शुभम के यहां से ही भरवाते थे।
लोग बोल रहे हैं कि शुभम राठौर गैस सिलेंडर की रिफिलिंग कर रहा था। हम उसके खिलाफ साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। जांच में दोषी पाए जाने पर धारा 426 का प्रकरण दर्ज करेंगे। देशगांव चौकी प्रभारी रमेश गवले मामले की जांच कर रहे हैं।
-एमपी ओझा, टीआई, छैगांवमाखन थाना

गैस सिलेंडर की अवैध रिफिलिंग होती है इस कारण आगजनी हुई है। पीड़ितों को 20-20 हजार रुपए की तत्काल सहायता राशि पहुंचा रहा हूं। एक व्यक्ति काे ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है। उसे ऋण या अन्य सुविधा उपलब्ध करवाएंगे।
-राम दांगोरे, पंधाना विधायक



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Police asked to close shop 5 minutes before the blast but the young man did not agree




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लॉकडाउन में विवाह की खरीदारी, शहनाई के बिना होंगे फेरे

कोरोना संक्रमण बीमारी के चलते लॉकडाउन 3.0 शुरू हो गया है। जिला ओरेंज जोन में होने पर प्रशासन ने सुबह 7 से 2 बजे तक बाजार खोलने की अनुमति दी है। वैवाहिक सीजन होने पर लोग शादी विवाह की खरीददारी करने की भीड़ बड़ रही है। कही दूल्हे के सजने संवरने की सामग्री तो रेडीमेड की दुकानों पर कपड़ों की खरीदी हो रही है।


कोराेना वायरस महामारी के बीच लोग खुशियों में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस समय महामारी के कारण पूरा देश परेशान है, लेकिन वे पारिवारिक खुशियों को भी साथ में लेकर चल रहे हैं। विवाह बंधन में बंधने वाले लोग सिर्फ परिवार की मौजूदगी में ही प्रशासन से अनुमति लेकर विवाह कर रहे हैं। जिससे परिवार की खुशियां बराबर बनी रहे। शुक्रवार को बाजार में सबसे ज्यादा खरीदारी हुई। युवा वर्ग ने विवाह के लिए साफा व पगड़ी की खरीदी की। वहीं ग्रामीण बुजुर्गों ने दुल्हन की विवाह सामग्री को खरीदा। दोपहर तक खरीदारी का यह सिलसिला चलता रहा। कालू सिंधी ने बताया कि पहले आम तौर पर दूल्हे के सजने की सामग्री सबसे खरीदी जाती थी, लेकिन इस बार लॉक डाउन होने के चलते 20 प्रतिशत ही खरीदारी की जा रही है।


ज्वेलरी दुकानों पर बड़ी खरीदारी
विवाह सीजन होने पर बाजार में ज्वेलरी की दुकानों पर भीड़ रही। विवाह के लिए ग्राहकों ने मंगलसूत्र से लेकर कई सोने चांदी के जेवरात खरीदे। यह खरीद दोपहर 2 बजे तक चलती रही। लॉकडाउन के चलते भी लोग अपनी जरूरतों को पूरी करने में जुटे हुए है। इन दिनों सुबह 7 बजे पूरा मार्केट खुल रहा है। दूरदराज से आने वाले लोग सुबह से ही बाजार में खरीदारी करने निकल पड़ते है।

वैवाहिक सीजन के चलती बाजार में बड़ी भीड़
वैवाहिक सीजन शुरू होने पर लाॅकडाउन में खुलने वाले बाजार में भीड़ बड़ने लगी है। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोग खरीदारी कर रहे है। रेडीमेड कपड़ों के साथ इलेक्ट्रानिक सामान की भी खरीदी की जा रही है, लेकिन विवाह में बजने वाली शहनाई फीकी रहेगी। लॉक डाउन के चलते बेरोजगारी का खासा असर उन पर जबरदस्त दिखाई दे रहा है। लोगों को बिना शहनाई के ही विवाह रचाना पड़ रहा है।



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Marriage purchase in lockdown, there will be rounds without shehnai