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क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करते ही खाते से सवा लाख पार

प्राइवेट कंपनी के इंजीनियर से ठगों ने एक लाख 32 हजार की ऑनलाइन ठगी कर ली। इंजीनियर के खाते से पैसे सात किश्तों में निकाले गए। पैसे निकलने के तीन दिन बाद इंजीनियर के मोबाइल पर ट्रांजेक्शन का मैसेज आया। तब उन्हें ठगी का पता चला। उन्होंने तुरंत अपना खाता ब्लॉक करवाया और पुलिस में शिकायत की। साइबर सेल से रिपोर्ट मिलने के बाद खमतराई पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। बैंक से ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी गई है।
पुलिस अफसरों ने बताया कि आरवीएच कॉलोनी के जोहन पटेल गोदरेज कंपनी में इंजीनियर हैं। उन्हें कंपनी का कुछ पार्टस कोरियर करना था। उन्होंने इंटरनेट पर कोरियर कंपनी को सर्च किया, जो लॉकडाउन में भी अपनी सर्विस दे रही है। उन्हें फाफाडीह की तिरुपति कोरियर कंपनी का नंबर मिला। इंजीनियर ने उस नंबर पर कॉल किया। फोन किसी युवक ने रिसीव किया। उसने इंजीनियर को क्विक सपोर्ट एप मोबाइल पर डाउनलोड करने के लिए कहा। उन्होंने एप डाउनलोड किया और उसमें अपना नंबर रजिस्टर कर लिया। उसके बाद ही उनके खाते से 7 किश्त में 1.32 लाख दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए है। खाते से पैसे ट्रांजेक्शन होने के तीन दिन बाद उनके मोबाइल पर मैसेज आया। मैसेज देखने के बाद वे हड़बड़ा गए और खाते का स्टेटमेंट निकलवाया। उन्हें ठगी का पता चला। उन्होंने पहले एप को अनस्टॉल किया। उसके बाद खाता ब्लॉक कराया।

बैंक के लिए अलग फोननंबर का करें उपयोग
खमतराई टीआई रमाकांत साहू ने लोगों से अपील की है कि बैंकिंग से संबंधित सेवा लेने वाले दो मोबाइल नंबर का उपयोग करें। बैंक में जो मोबाइल नंबर लिंक या रजिस्टर है। उस नंबर से आम लोगों से बातचीत या किसी तरह का इंटरनेट सेवा से न जुड़े। इस तरह की सेवा के लिए अलग नंबर का उपयोग करें, क्योंकि बैंक में रजिस्टर मोबाइल नंबर से आसानी से पैसों का ट्रांजेक्शन किया जा सकता हैं। मोबाइल नंबर से खाते को हैक किया जा सकता हैं। मोबाइल पर कोई भी एप डाउनलोड करते समय पहले उसकी जानकारी प्राप्त कर लें। वह एप किस काम के लिए बनाया गया है। उसका फायदा, उपयोग क्या है।

ठगों ने नंबर किया है अपलोड
पुलिस ने बताया कि इंटरनेट में किसी भी कंपनी का नंबर या कस्टमर केयर नंबर ढूंढते समय सावधानी बरतें। क्योंकि ठगों ने बड़ी-बड़ी कंपनी के नाम से भी अपना नंबर इंटरनेट पर अपलोड किया है। उसमें कॉल करने वाले ठगों के जाल में फंसकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसलिए लोगों को सावधानी और सतर्क रहने की जरूरत हैं। कंपनी के होम पेज में ही जाकर नंबर निकाले। किसी भी नंबर पर कॉल न करें। अगर नंबर पर कॉल कर रहे हैं तो एक बार क्रॉस कर लें। अगर किसी तरह का मैसेज आता है या एप डाउनलोड करने को कहा जाता है तो समझ जाए की वह फर्जी है। ओटीपी का मैसेज आ रहा है तो बिल्कुल भी न बताएं। पुलिस के अनुसार ठग लगातार ठगी का तरीका बदल रहे हैं।नए-नए तरीके से लोगों को झांसे में ले रहे हैं। उनका तरीका इतना पेशेवर है कि पढ़े-लिखे लोग भी झांसे में आ रहे हैं।



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Quick Support app downloads a quarter of a million




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अन्य राज्यों के लोगों को ई-पास जरूरी, तभी छत्तीसगढ़ में प्रवेश

दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के लोग अपने ही राज्य की सीमा पर रोके जा रहे हैं। हर दिन लगभग दो- ढाई हजार लोग महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओड़िसा, झारखंड की सीमा पर पहुंच रहे हैं और अनुमति नहीं मिलने पर परेशान हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ये लोग बिना पास के ही यहां तक आए हैं। इन लोगों ने यात्रा शुरू करने से पहले अपने जिले के कलेक्टर से बकायदा अनुमति ली है लेकिन राज्य में उनको यह कहकर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है कि उनके पास राज्य सरकार द्वारा जारी ई- पास नहीं है। यानि उनको छत्तीसगढ़ के जिस जिले में जाना है वहां के कलेक्टर से भी ई-पास लेना होगा। राज्य के अफसरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ आने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी है। राज्य की सीमा पर फंसे लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले छत्तीसगढ़ के ई- पास के लिए आवेदन किया था लेकिन रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दिया गया। आवेदन क्यों रिजेक्ट किया गया। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने स्थानीय जिला कलेक्टर के पास आवेदन किया। अनुमति मिलने के बाद वे छत्तीसगढ़ के लिए निकल पड़े लेकिन अपने ही राज्य की सीमा पर रोक लिए गए। हालांकि, सूत्रों के अनुसार पड़ोसी राज्यों में संक्रमण की स्थिति देखते हुए राज्य सरकार ने कलेक्टरों को किसी भी हाल में दूसरे राज्यों से आने वालों को छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश नहीं करने का अघोषित आदेश दे रखा है। इसकी वजह से कलेक्टर दूसरे राज्यों से आने वाले आवेदनों को रिजेक्ट कर दे रहे हैं।
रेड जोन से आने वालों को परमिशन नहीं : अपर मुख्य सचिव सीएम सुब्रत साहू का कहना है कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अपने गंतव्य जिले के कलेक्टर से भी यात्रा की अनुमति लेनी होगी। दूसरे राज्य के जिला कलेक्टर की अनुमति से कोई भी केवल राज्य की सीमा तक आ सकता है। अंदर आने के लिए राज्य की परमिशन जरूरी है। साहू ने बताया कि रेड जोन वाले जिलों के लोगों को किसी भी तरह का पास जारी नहीं किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ से गृह राज्य में जाने वाले दे सकेंगे ’ऑनलाइन एप्लिकेशन’, सोमवार से रजिस्ट्रेशन

लाॅकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के ऐसे श्रमिक एवं व्यक्ति जो अपने गृह राज्य लौटने के इच्छुक हैं उनके पंजीयन के लिये ऑनलाईन एप्लीकेशन बनाया गया है, जिसका लिंक है - -http:cglabour.nic.in/Covid19_Loginpage.aspx। यह स्वयं के साधन से जाने वाले तथा पास के लिए आवेदन करने वालों को छोड़कर अन्य लोगों के लिए होगा। ऑनलाईन पंजीयन 11 मई से शुरु होगा। श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि प्रदेश के कलेक्टर कार्यालयों में 29 अप्रैल से छत्तीसगढ़ राज्य में फंसे ऐसे श्रमिकों एवं व्यक्तियों के आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं, जो अपने निवास के राज्यों में वापस जाने के इच्छुक हैं। कलेक्टर कार्यालय द्वारा स्वीकार तथा प्राप्त आवेदनों को विभाग के बनाये गए लिंक में अपलोड किया जाएगा। सभी जिला कलेक्टर को यूजर आई डी एवं पासवर्ड जारी किया गया है।
विदेश से आ रहे तो दिल्ली में प्रेरणा अग्रवाल और रायपुर में एडीजी गौतम से करें संपर्क : इधर विदेश में फंसे छत्तीसगढ़ के निवासियों की वापसी में आवश्यक मदद के लिए सुश्री प्रेरणा अग्रवाल, ए.एल.ओ. आवासीय कार्यालय नई दिल्ली को लायजन अधिकारी नियुक्त किया गया है। नई दिल्ली में क्वारेंटीन फैसलिटी , स्वयं के व्यय पर छत्तीसगढ़ आने के लिए टैक्सी, बस सेवा जैसी जानकारी के लिए सुश्री अग्रवाल से मोबाइल नम्बर 98216-65267 एवं छत्तीसगढ़ सदन का हेल्प लाईन नम्बर 011-46156000 पर संपर्क किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में विभिन्न विभागों एवं जिलों तथा प्रशासकीय ईकाइयों से आवश्यक समन्वय के लिए गृह सचिव अरूण देव गौतम से मोबाइल नम्बर 94791-90009 पर संपर्क किया जा सकेगा।

बयानबाजी की बजाय राहत पैकेज दिलाएं सोनी: तिवारी
भाजपा सांसद सुनील सोनी द्वारा राज्य सरकार की ई-पास योजना पर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि सोनी इस पूरे कोरोना काल में बयानों के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। ई-पास के माध्यम से सरकार ऐसे सभी लोगों को पास जारी कर रही है जिनका एक जगह से दूसरे जगह जाना जरूरी है। इसमें मेडिकल इमरजेंसी से जुड़े लोगों की संख्या अधिक है। तिवारी ने कहा कि सोनी बयान देने की बजाय पीएम मोदी को पत्र लिखकर राज्य सरकार को तत्काल राहत पैकेज दिलाने की मांग करें।
ई-पास के खराब सिस्टम से लोग परेशान : सोनी
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व सांसद सुनील सोनी ने छत्तीसगढ़ की ई-पास सुविधा पर सवाल उठाए हैं। सोनी ने कहा है कि लोगों को पास जारी करने की व्यवस्था खराब है, इसलिए लोग परेशान हो रहे हैं। सोनी ने कहा कि गुजरात-महाराष्ट्र में दो घंटे में पास मिल जाता है, लेकिन यहां दो-चार दिन लग रहे। जिन लोगों को पास दिया जा रहा, उसकी भी व्यवस्था सही नहीं है, इसलिए लोग परेशान हो रहे है। बड़ी संख्या में लोग बॉर्डर में फंसे हैं। सोनी ने कहा कि यहां जो प्रारूप बनाया गया है, उस प्रारूप में फॉर्म जमा करने के बाद कोई टोकन नहीं दिया जा रहा।



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People from other states need e-pass, then enter Chhattisgarh




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सख्त लॉकडाउन के पहले दिन सड़कें खाली पर कालोनियों मोहल्लों में खुली रहीं दुकानें

राजधानी में सख्त लॉकडाउन के पहले दिन शनिवार को सड़कों से भीड़ गायब रही। हालांकि सुबह कुछ सब्जी और फल के ठेले लग गए थे। पुलिस ने उन्हें बंद करवाया। दूध बिक्री की छूट होने का फायदा उठाकर कालोनियों और मोहल्लों के किराना कारोबारियों ने दुकानें खोल ली थीं। उसका फायदा उठाकर कारोबारी ने किराना सामान भी बेचा। अलबत्ता रामसागर पारा और एमजी रोड पूरी तरह से बंद रहा।
लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद रामसागरपारा, स्टेशन रोड और एमजी रोड की इलेक्ट्रानिक्स दुकानें खुल रहीं हैं। इन बाजारों में ज्यादातर कारोबारी दिन में माल ढुलाई कर रहे हैं। इस वजह से जाम लग रहा है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है। फल और सब्जी बाजारों में भी सुबह छूट के समय कई बार सोशल डिस्टेंसिंग फेल हो रही है। इसी को देखते हुए दो दिन के सख्त लॉकडाउन का फैसला किया गया था। लॉकडाउन के पहले दिन सुबह से पुलिस सड़क पर उतर गई थी। इसके बावजूद शास्त्रीबाजार के बाहर फल और सब्जियों के ठेले लग गए थे। मालवीय रोड और जीईरोड पर भी मौसमी फलों की बिक्री की जा रही थी। हालांकि कलेक्टर की अोर से आदेश जारी किया गया था कि दो दिनों तक केवल दवा, दूध, सब्जी, फल, गैस, पेट्रोल पंप जैसी जरूरी सुविधाअों वाली ही दुकानें खुलेंगी। इस वजह से जब फल और कुछ सब्जी वाले सड़क पर आ गए तब पुलिस सख्त हुई और उन्हें खदेड़ा गया। लॉकडाउन के दौरान मटन और चिकन के मार्केट पूरी तरह से बंद रहा। इतना ही नहीं प्रशासन ने कुछ कारोबारियों को अस्थायी दुकानें एक घंटे के लिए खोलने की अनुमति दी है। सख्त लॉकडाउन में उन्हें भी बंद रखा गया। प्रशासन के आदेश के अनुसार आज यानी रविवार को भी सख्त लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान केवल जरूरी सुविधाओंकी ही दुकानें खुली रहेंगी। शनिवार को जिस तरह से कई कारोबारियों ने दुकानें खोली इससे कलेक्टर अफसरों पर नाराज हुए। उन्होंने रविवार को जांच में तेजी लाने को कहा है। साथ ही नियम तोड़ने वालों पर सख्ती के निर्देश दिए हैं।
मास्क नहीं लगाने वाले 85 लोगोंसे निगम टीम ने वसूला जुर्माना
मास्क के बिना बाहर निकलने वाले 85 लोगों से निगम की टीम ने जुर्माना वसूल किया। शनिवार को पुलिस के साथ साथ निगम की टीम फील्ड में उतरी। इस दौरान बिना मास्क बाहर निकलने वालों को रोककर उनसे बाहर निकलने का कारण पूछने के बाद जुर्माना लिया गया। लॉकडाउन 3.0 शुरू होने के साथ प्रशासन ने कुछ मामलों में छूट दी है लेकिन घर के बाहर निकलने पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। इस आदेश की अवहेलना करने वालों पर निगम ने सख्ती शुरू कर दी। जयस्तंभ चौक के पास पुलिस के कैंप में निगम की स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने लोगों से जुर्माना वसूला। इस दौरान नगर निगम जोन-4 जोन कमिश्नर चंदन शर्मा के साथ उनकी टीम फील्ड पर रही।



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On the first day of strict lockdown, shops remained open in the colonies mohalla on the streets empty




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चाकू से पत्नी का गला काटकर छाेड़ गया, घाटाबिल्लौद से पकड़ाया

मानपुर पुलिस ने पत्नी की हत्या का प्रयास करने वाले पति काे 24 घंटे के भीतर की पकड़ लिया है। पति ने पारिवारिक विवाद के चलते अपनी पत्नी का फाेरलेन पर चाकू से गला काटा व उसे घायल अवस्था में ही छाेड़ गया था।
सूचना मिलते ही पुलिस माैके पर पहुंची व पहले घायल महिला का इलाज करवाया व उसके बाद कथन लेकर कार्रवाई शुरू की और 24 घंटे के भीतर ही आराेपी पति काे घाटाबिल्लौद से पकड़ लिया।
कमांडेंट छिंदवाड़ा धर्मराज मीणा, एएसपी अमित ताेलानी, एसडीअाेपी विनाेद शर्मा व प्रशिक्षु अाईपीएस अादित्य मिश्रा ने बताया मानपुर थाने की 100 डायल काे सूचना मिली कि लेबड़-मानपुर फाेरलेन पर महिला खून से लथपथ घायल अवस्था में है। इसके बाद पुलिस माैके पर पहुंची व महिला काे अपने ही वाहन से अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने महिला से पूछताछ की उसने अपने पति पंकज कुमार द्वारा चाकू से हमला करना बताया। पुलिस पहले महिला काे मानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंची, जहां पर उसका प्राथमिक उपचार करवाया व उसके बाद उसके कथन लेने के साथ ही उसे इंदाैर एमवाय अस्पताल रैफर किया गया। घायल उर्मिला कुमार ने अपने बयान में पति के माेबाइल नंबर भी बताए। इसके बाद पुलिस ने लाेकेशन ट्रेस व सीसीटीवी फुटेज खंगाले ताे अाराेपी पति के घाटाबिल्लौद में हाेने की जानकारी मिली। इस पर पुलिस दल घाटाबिल्लौद पहुंचा व अाराेपी पति काे गिरफ्तार किया। कार्रवाई में राजूसिंह चाैहान, एसअाई प्रवीण नागर, कमल उईके, यतेंद्र मिश्रा, छाेटेलाल द्विवेदी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

पुलिस ने दिखाई मानवीयता : ब्लड अरेंज किया, 24 घंटे महिला पुलिसकर्मी काे देखरेख के लिए लगाया
इस पूरी घटना में जहां पुलिस ने अपराधी काे पकड़ने में भी तत्परता दिखाई वहीं पुलिस ने महिला के उपचार की भी व्यवस्था करवाई। प्रशिक्षु अाईपीएस मिश्रा ने इंदाैर में महिला के अापरेशन के दाैरान महिला काे दाे यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ी ताे ब्लड का भी बंदाेबस्त किया। इसके अलावा महिला काे किसी तरह की अस्पताल में परेशानी ना हाे। इसके लिए महिला की देखरेख के लिए एक महिला पुलिसकर्मी काे भी तैनात किया।



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आंध्र से बच्चे को गोद में लिए पैदल आईं ताकि घर पहुंचे और सुरक्षित रहें

कोरोना की जंग में यूं तो डॉक्टर, पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी समेत कई योद्धा हैं लेकिन इन सबसे अलग वे माताएं भी इस जंग में अपने बच्चे अपने परिवार को सुरक्षित करने के लिए आगे आई हैं। अपने नौनिहालों को गोद में लिए ढाई-तीन सौ किमी का पैदल सफर करने के बाद ये महिलाएं कोंटा में आंध्र-छग बॉर्डर पर पहुंचीं और पिछले 4 दिनों से डेरा डाले हुए हैं। मुंगेली की प्रीति अपने डेढ़ साल के बच्चे को साथ लेकर पति के साथ मजदूरी करने हैदराबाद गई थी। बच्चे को कभी कंधे पर तो कभी गोद में लेकर यहां तक पहुंची है।

  • 250 किलोमीटर से ज्यादा पैदल गोद में बच्चों को लेकर आईं महिलाएं
  • 04 दिन से कोंटा में आंध्र-छग बॉर्डर पर डेरा डाले हैं ये माताएं

गोद में 7 महीने का मासूम
मुंगेली की ही विमल देवी अपने 4 बच्चों के साथ विजयवाड़ा से पैदल यहां पहुंची हैं। गोद में इनमें सबसे छोटा सालभर का बच्चा और दूसरे हाथ में सामान की गठरी है। इन सबसे अलग मुंगेली की ही कुंती बाई अपने 7 महीने के बच्चे को गोद में लेकर हैदराबाद से ढाई सौ किमी का पैदल सफर कर यहां तक चली आई। सिर्फ इसलिए कि उनका बच्चा उनका परिवार कोरोना से सुरक्षित रहे।



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From Andhra came the child on his lap to reach home and stay safe




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बेटी के लिए सरिता ने 9 दिन रखा व्रत, साजिदा ने बेटे को समझाया- हिम्मत रखो, सब ठीक होगा

मां रोज छह बार करती थी काॅल, मेरी खातिर लगातार नौ दिन रखा व्रत, घर पहुंची तो ढोल नगाड़े से किया स्वागत

मां - सरिता अग्रवाल
बेटी - निष्ठा अग्रवाल

बात 15 मार्च की है। मैं लंदन से रायपुर स्थित अपने घर समता काॅलाेनी पहुंची। नहीं चाहती थी कि मेरे कारण परिवार के किसी भी व्यक्ति को कोरोना का खतरा हो, लिहाजा दूसरे ही दिन टेस्ट कराने एम्स पहुंच गई। 18 मार्च को एम्स से मां को फोन आया। फोन उठाते ही उनके चेहरे का रंग बदल गया। ऐसा लगा मानो उन्हें कोई बड़ा झटका लगा है। इतने में रुंधे गले से मां सरिता बोलीं- वाे मेरी जिंदगी का सबसे बुरा पल था। फोन उठाते ही दूसरी तरफ से आवाज आई कि आपकी बेटी कोरोना संक्रमित है। अब तक जिस वायरस के बारे में सिर्फ सुना था वो मेरी बेटी के शरीर में था। जेहन में दस तरह के सवाल चल रहे थे। मेरी बेटी को ही क्यों हुआ, वो ठीक तो हो जाएगी न... और बहुत कुछ। हिम्मत करके ये बात मैंने निष्ठा को बताई। वो धक्क रह गई। उसमें कोरोना के कोई लक्षण नजर नहीं थे। सर्दी-बुखार तक नहीं था। थोड़ी देर में एम्स की टीम घर आ गई। मैं भी बेटी को छोड़ने हॉस्पिटल गई। जरूरत के सामान के साथ अदरक और लहसुन जैसे इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजें भी बैग में रख दीं। इतने में निष्ठा बोलीं- हाॅस्पिटल में अपने से ज्यादा चिंता मुझे परिवार की थी। पूरे राज्य में ये खबर आग की तरफ फैली कि समता कॉलोनी की निष्ठा को कोरोना हो गया है। लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। मेरे फोटो शेयर करने लगे। इन सबके बीच जब भी परिवार से बात करती, यही कहती कि स्वस्थ हूं। खाना और दवा सब अच्छे से मिल रहा है। सबसे ज्यादा परेशान मां थी, मैं उनसे कहती- आप ये साेचाे कि मैं अब भी लंदन में हूं। पढ़ाई कर रही हूं, पर मां कहां मानने वाली थी। मैंने खाना और दवा खाई या नहीं ये जानने मां राेज दिनभर में 5 से 6 बार कॉल करतीं थीं।
इतने में मां सरिता बाेलीं- क्या करती, चैन नहीं मिलता था। नवरात्रि पर मैंने 9 दिन व्रत भी रखा। हर पल मां दुर्गा से यही मांगा कि बेटी जल्द ठीक हो जाए। आखिरकार मां ने मेरी सुन ही ली। 3 अप्रैल को एम्स से सूचना मिली कि बेटी ठीक हो चुकी है। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। वो घर पहुंची तो हमने ढोल, नगाड़े और थाली बजाकर स्वागत किया। बेटी मेरी नजरों के सामने थी, लेकिन चाहकर भी उसे गले नहीं लगा पा रही थी। खुशी के इस मौके पर सबकी आंखों में आंसू थे।
इतना सब कहते हुए मां की आवाज भारी हुई तो निष्ठा ने बात काटते हुए कहा, उस रात मां ने मेरी फेवरेट पनीर की सब्जी बनाई थी। तब से अब तक रोज मेरी फेवरेट चीजें ही बन रही हैं। 17 अप्रैल तक घर में ही क्वारेंटाइन में थी। सारा दिन अपने कमरे में रहती थी। मम्मी रूम के गेट पर मेरे लिए खाना रख देती थी। अब पूरी तरह संक्रमण मुक्त हूं। रोज मां के साथ कोरोना के एक्सपीरियंस शेयर करती हूं। पहले लगता था कि लोग मुझे स्वीकारेंगे या नहीं, पर अब सब ठीक हो रहा है। लोगों का नजरिया पॉजिटिव है।

काेराेना हाेने की बात सुन अम्मी खूब रोईं, घर वापसी पर उन्होंने खीर से मेरा मुंह मीठा किया

मां - साजिदा बेगम

बेटा- इमरान अहमद

बात 25 मार्च की है। रात 12 बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम मेरे घर पहुंची। उन्हाेंने बताया कि आप काेराेना संक्रमित हैं। मैं 11 को सऊदी से लौटा था, तब कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। संक्रमण होने की बात सुनकर अम्मी फूट-फूटकर राेने लगी। सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि मुझे अपने साथ न दो जोड़ी कपड़े रखने का मौका मिला और न ही मोबाइल चार्जर। मैं एम्स पहुंचा, इसके कुछ घंटे बाद ही सुबह-सुबह मेरी अम्मी, अब्बू सहित परिवार के 7 सदस्याें को क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया गया। अम्मी से मोबाइल पर बात हुई, वो तब भी राे रहीं थीं। मोबाइल की बैटरी खत्म होने के कारण फैमिली से बात होनी बंद हो गई। एम्स में दिनभर यही सोचता रहता कि मेरे कारण घरवालों को कष्ट सहना पड़ रहा है। परिचित की मदद से चार्जर मिला। पहला कॉल अम्मी को किया। उन्होंने समझाया, खुद काे मत काेसाे, हिम्मत रखो, सब ठीक होगा। चार दिन बाद काेराेना की रिपाेर्ट निगेटिव आई। मुझे डिस्चार्ज कर दिया गया। घर पहुंचा तो वहां कोई नहीं था। पूरा परिवार क्वारेंटाइन सेंटर में था। तीन दिन खुद खाना बनाकर खाया। 2 अप्रैल की शाम अम्मी और बाकी फैमिली मेंबर्स क्वारेंटाइन सेंटर से घर पहुंचे। मुझे देखकर अम्मी की आंखाें में खुशी के आंसू थे। मैंने उनसे पूछा क्या खाओगी। उन्हाेंने तहरी खाने की इच्छा जताई। कई तरह की सब्जियों को मिलाकर तहरी बनाई जाती है। मैंने खुद अम्मी के लिए ये डिश बनाई। बेटे इमरान की बातें खत्म होने पर रुंधे गले से मां साजिदा बाेलीं- हर पल अल्लाह से बेटे की सलामती की दुआमांगती थी। वो ठीक हो गया तो शुक्राना नमाज भी पढ़ी। उसे खीर बहुत पसंद है। घर वापसी पर खीर खिलाकर लाडले का मुंह मीठा किया।

मम्मी के बर्थडे के दिन कोरोना से जंग जीतकर घर पहुंचा बेटा दक्ष, मां बोली- ये मेरी जिंदगी का बेस्ट गिफ्ट

नाम- दक्ष नथानी

मम्मी- लीना नथानी

मैं तीन साल से लंदन में रहकर बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा हूं। वहां कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने लगा तो मम्मी के कहने पर 18 मार्च को देवेंद्र नगर स्थित अपने घर आ गया। यहां आते ही 104 नंबर पर कॉल करके अपने विदेश से आने की जानकारी दी। मेडिकल टीम घर आई और कुछ टेस्ट लिए। टीम ने कहा, आप में कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं, लेकिन एहतियातन आप होम क्वारेंटाइन रहें। उनकी सलाह मानी और घर पर सावधानियां बरतने लगा। 27 मार्च को गवर्नमेंट के आदेश के अनुसार विदेश से आने वालों के सैंपल लिए गए। इसलिए मेरी दोबारा जांच हुई। 28 मार्च को जब कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मैं शॉक्ड था। मम्मी हक्काबक्का हो गईं। उनके चेहरे पर चिंता साफ दिखाई दे रही थी। वह बहुत नर्वस थीं। उन्हें विश्वास नहीं हाे रहा था। आंखें मूंद, हाथ जोड़कर भगवान से मेरे जल्द ठीक होने की प्रार्थना करने लगीं। उस वक्त मम्मी के आंखें नम थी, लेकिन सबकुछ ठीक हो जाएगा... कहकर मेरी हिम्मत बांधने लगी। इलाज के लिए एम्स हॉस्पिटल जाते वक्त मम्मी ने बैग में चिप्स, बिस्किट, चॉकलेट्स रख दी। जब एडमिट हुआ तब रोज फोन पर खाने में क्या भिजवाऊं?, क्या खाएगा? पूछती थी। दिनभर में कई बार बात होती थी। उन्होंने मन्नत मांगी कि मेरे ठीक होने के बाद गुरुद्वारे में 100 लोगों के लिए भोजन दान करूंगी। मेरी फेवरेट डिश दाल-चावल है इसलिए मम्मी बिना पूछे टिफिन में ये जरूर भेजती थी। 9 दिन बाद उनकी मन्नत पूरी हुई और मैं स्वस्थ होकर 5 अप्रैल को घर लौट आया। ये संयोग था कि जिस दिन मैं लौटा, उस दिन मम्मी का बर्थडे था। घर के मेन गेट पर मम्मी ने मेरी आरती उतारी। तब मम्मी की आंखों में खुशी की आंसू थे। बोलीं-ये बर्थडे का बेस्ट गिफ्ट है...। मैंने दूर से उन्हें बर्थडे विश किया और उनका आशीर्वाद लिया। घर में 14 दिन क्वारेंटाइन रहा। अपने रूम में रहता था। घरवाले खाने-पीने या जरूरत के सामान दूर से देते थे। मैं अपने रूम में खाना खाता था और मम्मी-पापा व छोटी बहन स्मेरा रूम के सामने टेबल लगाकर खाना खाते थे। स्मेरा नथानी सोनीपत से लॉ की पढ़ाई कर रही हैं और पापा महेश नथानी बिजनेसमैन हैं।
बेटे के ठीक होने के बाद उसे सीने से लगाकर दुलारना चाहती थी, लेकिन दूर से ही निहारकर तसल्ली की : लंदन में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा था। न्यूज चैनल देखकर घबराहट होने लगती थी। मन बेचैन होने लगता था। इसलिए इकलौते बेटे दक्ष को घर लौटने कहा। जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मन बैठ गया। एम्स की टीम जब दक्ष को लेने घर पहुंची तो अजीब-सा डर लग रहा था। मनोबल टूट रहा था, लेकिन बेटे के खातिर हिम्मत जुटाई और उसे मोटिवेट करती रही। मेरे बर्थडे के दिन दक्ष कोरोना से जंग जीतकर घर लौटना बर्थडे का बेस्ट गिफ्ट है। एंबुलेंस से उतरते वक्त जब उसे देखा तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उसे सीने से लगाकर दुलारने, सिर पर हाथ फेरकर प्यार करना चाहती थी लेकिन ये संभव नहीं था। इच्छाओं को दबाकर उसे तीन फीट दूर से निहारने लगी। आंसू नहीं थम रहे थे। फ्रेंड्स, फैमिली मेंबर्स और रिलेटिव्स ने हर कदम पर सपोर्ट किया। कोरोना का ये दौर जिंदगीभर याद रहेगा।



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Sarita fasted for 9 days for daughter, Sajida explained to her son - Have courage, everything will be fine




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नीट जुलाई में इसलिए दाे माह देरी से शुरू हाेगा मेडिकल-डेंटल काॅलेजों का नया सत्र

इस पर मेडिकल व डेंटल कॉलेजों का नया सत्र दो माह देरी से शुरू होगा। दरअसल 5 मई को होने वाली नीट अब 26 जुलाई को होगी। इस कारण रिजल्ट देरी से आएगा। काउंसिलिंग में भी दूरी होगी। एमसीआई की गाइडलाइन के अनुसार 2020 में नया सत्र 1 सितंबर से शुरू करना है, जो संभव नहीं है। नवंबर में नया सत्र शुरू होने की संभावना है।
नीट की तैयारी के लिए ढाई महीने का अतिरिक्त समय तो मिला है, लेकिन लॉकडाउन के कारण ज्यादातर छात्राें की तैयारी पूरी हो चुकी थी। जिन छात्रों की तैयारी नहीं थी, उनके लिए अच्छा है। लॉकडाउन कब खुलेगा, यह तय नहीं है। यही कारण है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 26 जुलाई की नई तारीख तय की है। नीट होने के बाद रिजल्ट आने में एक माह लग जाता है। इसके बाद सीडी आने में 15 से 20 दिन लगते हैं। फिर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा। इसमें नीट क्वालिफाइड करने वाले हिस्सा लेंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद प्रदेश की मेरिट सूची जारी होगी। मेरिट के अनुसार विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस सीटों का आवंटन होगा।
इस बार 31 हजार से ज्यादा छात्रों ने नीट का आवेदन भरा है। पिछले साल 25 हजार छात्रों ने नीट दी थी। नए सत्र से एडमिशन के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होने के आसार है। प्रदेश के छह सरकारी व तीन निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की 1220 सीटें हैं। पिछले साल जरूरी सुविधाओं व फैकल्टी की कमी के कारण 100 सीट वाली सरकारी अंबिकापुर कॉलेज व 150 सीट वाली चंदूलाल चंद्राकर कॉलेज दुर्ग में जीरो ईयर था।
हिंदी के अलावा दूसरी भाषाओं में परीक्षा : नीट देने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, बायो टेक्नोलॉजी, अंग्रेजी में कम कम 50 प्रतिशत अंक होना चाहिए। परीक्षा का माध्यम हिंदी के अलावा, अंग्रेजी, आसामी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, उड़िया, तमिल, तेलुगू व उर्दू भाषा होगा। स्टूडेंट पसंद की भाषा में परीक्षा दे पाएंगे। इस बार परीक्षा में नकल करने वाले स्टूडेंट तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिए जाएंगे। वे नीट की परीक्षा नहीं दे पाएंगे। यही नहीं परीक्षा हॉल में कोई भी अनुचित सामग्री नहीं ले जा सकते।
नए कॉलेजों की संभावना नहीं : नए सत्र में कोरबा, महासमुंद व कांकेर में नए मेडिकल कॉलेज खुलने की संभावना क्षीण हो गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन कॉलेजों के लिए 100-100 सीटों का प्रस्ताव भेजा है। तीनों कॉलेजों की बिल्डिंग के लिए जमीन का आवंटन हो गया है। डीएमई डॉ. एसएल आदिले पहले ही कह चुके हैं कि नए साल के लिए इस साल आवेदन किया जाएगा। नए कॉलेज अगले सत्र से शुरू होने की संभावना है। दरअसल एमसीआई के नियमानुसार नए कॉलेजों के लिए जुलाई तक आवेदन किया जा सकता है। यानी इस साल आवेदनदेने पर अगले साल एमसीआई निरीक्षण के लिए आएगी।

इस बार एम्स में भी नीट से एडमिशन
इस बार केवल सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज नहीं बल्कि एम्स में भी नीट से एडमिशन होगा। कार्डियक सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू व बोन मेरो ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार नेशनल टेस्ट एजेंसी नीट का आयोजन करेगा। नीट देने वालों छात्राें ने विभिन्न राज्यों का विकल्प भरा है। छत्तीसगढ़ की मेरिट सूची अलग बनेगी। इस सूची के हिसाब से प्रदेश के कॉलेजों में एडमिशन होगा। पिछले तीन साल से नेशनल इलिजबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट यानी नीट के माध्यम से सरकारी व निजी कॉलेजों में एडमिशन होता रहा है। प्रदेश में रायपुर समेत बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर व राजनांदगांव में सरकारी, रायपुर, भिलाई व दुर्ग में निजी मेडिकल कॉलेजों का संचालन हो रहा है। 2019 में 25 हजार स्टूडेंट ने नीट दिया था। इसमें 13 हजार स्टूडेंट क्वालिफाइड हुए थे।



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Neet in July, therefore, a new session of medical-dental colleges will start late




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अब 6 शहरों से 13200 मजदूरों को 11 ट्रेनों से लाने की तैयारी, साबरमती से 2 ट्रेनें आएगी, राज्य सरकार ने यहां का 506 रु./व्यक्ति किराया भी जमा किया

अब 11 ट्रेनों से 13200 और मजदूरों को देश के 6 अन्य शहरों से लाने का प्लान तैयार किया गया है। यह ट्रेनें लखनऊ, दिल्ली, मुजफ्फरपुर, साबरमती, पठानकोट और विजयवाड़ा से यहां पहुंचेंगी। रायपुर रेलवे मंडल को इसे लेकर पत्र मिल गया है। संभवत: पहली ट्रेन साबरमती से रविवार या सोमवार शाम को बिलासपुर के लिए रवाना होगी। इसके लिए 506रुपए टिकट तय किया गया है। दोनाें ट्रेनों के लिए राज्य सरकार ने 14.52 लाख रुपए किराया चुकाया है।

छत्तीसगढ़ में पैदल मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। महिलाएं और पुरुषों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी सफर को तय कर रहे हैं। बिलासपुर में इन बच्चों को निगम की ओर से मास्क दिए गए। फिर बसों से घर भेजा गया।

सात ट्रेनों का भी किराया देने की चल रही तैयारी

  • दिल्ली से बिलासपुर, मुजफ्फरपुर से रायपुर के लिए एक-एक, लखनऊ से रायपुर तक 3 और लखनऊ से भाटापारा तक 2 ट्रेनें चलेंगी
  • पठानकोट से चांपा और फिर विजयवाड़ा से बिलासपुर वाली ट्रेन आएगी। विजयवाड़ा से बिलासपुर के लिए प्रति व्यक्ति 505 रुपए है।
  • लखनऊ से रायपुर और लगे हुए जिलों के 3600 मजदूरों को तीन ट्रेनों से लाने की तैयारी है।
  • राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए ऑनलाइन लिंक http:cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx जारी किया है।
  • हेल्पलाइन नंबर 0771-2443809, 9109849992, 7587821800, 7587822800, 9685850444, 9109283986 व 8827773986 पर संपर्क किया जा सकता है।

अन्य राज्यों से आने के लिए ई-पास जरूरी
दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ में प्रवेश के लिए जिस जिले में जाना है, वहां के कलेक्टर से भी ई-पास लेना होगा। राज्य के अफसरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ आने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी है। राज्य की सीमा पर फंसे लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले छत्तीसगढ़ के ई- पास के लिए आवेदन किया था, लेकिन रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दिया गया। आवेदन क्यों रिजेक्ट किया गया। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई।

रेड जोन से आने वालों को परमिशन नहीं
अपर मुख्य सचिव सीएम सुब्रत साहू का कहना है कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अपने गंतव्य जिले के कलेक्टर से भी यात्रा की अनुमति लेनी होगी। दूसरे राज्य के जिला कलेक्टर की अनुमति से कोई भी केवल राज्य की सीमा तक आ सकता है। अंदर आने के लिए राज्य की परमिशन जरूरी है। साहू ने बताया कि रेड जोन वाले जिलों के लोगों को किसी भी तरह का पास जारी नहीं किया जा रहा है।

ये तस्वीर 9 दिन पहले लखनऊ से आए परिवार की है। साइकिल से पूरा परिवार बिलासपुर पहुंचा तो यहां कोतवाली थाने के सामने उनका स्वास्थ परीक्षण किया गया। इसके बाद इनके गंतव्य मल्हार के लिए रवाना किया गया।

विदेश से आने वालों के लिए नियुक्त किए गए अधिकारी
विदेश में फंसे छत्तीसगढ़ के निवासियों की वापसी में मदद के लिए प्रेरणा अग्रवाल, एएलओ आवासीय कार्यालय नई दिल्ली को लायजन अधिकारी नियुक्त किया गया है। नई दिल्ली में क्वारैंटीन फैसलिटी, स्वयं के व्यय पर छत्तीसगढ़ आने के लिए टैक्सी, बस सेवा जैसी जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9821665267 औरछत्तीसगढ़ सदन की हेल्पलाइन नंबर 011-46156000 पर संपर्क किया जा सकता है। समन्वय के लिए गृह सचिव अरूण देव गौतम से मोबाइल नंबर 94791-90009 पर संपर्क किया जा सकेगा।

छत्तीसगढ़ में कोरोना एक्टिव अब 16

छत्तीसगढ़ में कोराेना संक्रमित पांचऔर मरीज शनिवारकोपूरी तरह से ठीक हो चुकेहैं। स्वस्थ होने वालों में 2 महिलाएं, 2 पुरुष और एक बच्चा शामिल है। बच्चा कबीरधाम का है। जबकि एक व्यक्ति दुर्ग और दूसरा सूरजपुर का रहने वाला है। प्रदेश में अब 16 एक्टिव केस हैं। अब तक कुल 59 संक्रमित पाए गए। अभी तक43 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।

  • छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के अब तक 59 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें क्वारैंटाइन सेंटर से भागे झारखंड के पॉजिटिव दो मजदूरों को जाेड़ दें तो यह संख्या 61 होती है।
  • संक्रमितों में अब तक सबसे ज्यादा कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 6, रायपुर 7, दुर्ग 9, कवर्धा 6, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।
  • प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 16 है। अब सूरजपुर के 3, दुर्ग के 7, कवर्धा के 5 और रायपुर के एक मरीजका इलाज एम्स में चल रहा है।
  • कटघोरा में 16 अप्रैल के बाद कोई नया केस नहीं आया है। वहां के मरीज 4 अप्रैल से भर्ती होना शुरू हुए और सभी 27 की छुट्‌टी हो चुकी है।

ग्रामीण क्षेत्र के क्वारैंटाइन सेंटरों में गाड़ा जाएगा कचरा

प्रवासी मजदूरों के लिए जिले और ब्लॉक में बनाए जा रहे क्वारैंटाइन सेंटर में कोरोना संदिग्धों का कचरा जमीन में गाड़कर नष्ट किया जाएगा। संक्रमित कचरा नष्ट करने की यह तकनीकी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। अब तक केवल दो ही संभाग रायपुर और बिलासपुर में कोरोना मरीजों के कचरे को गाइडलाइंस के मुताबिक नष्ट करने के सेटअप हैं। जानकारों का कहना है कि वेस्ट को नष्ट करने के लिए गड्ढा इतना गहरा खोदना होगा, ताकि मवेशी या जानवर इसे खोदकर बाहर न निकाल सकें।

कोरोना वेस्ट कोहजार डिग्री में जलाना चाहिए

  • अब तक प्रदेश में करीब 90 हजार से ज्यादा लोग क्वारैंटाइन पीरियड पूरा कर चुके हैं। केवल शहरों में ही नहीं, गांवों में भी लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है।
  • कोरोना और क्वारैंटाइन वेस्ट को एक हजार डिग्री पर जलाकर नष्ट करने का प्रावधान है। जमीन में गड़ाए जाने पर खतरे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
  • कोरोना संक्रमण को खतरनाक मानते हुए केंद्र और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इसको डिस्पोज करने का प्रोटोकॉल तय किया गया है।
  • क्वारैंटाइन में रखे गए लोग भी कोरोना के संदिग्ध माने जाते हैं, लिहाजा उनके द्वारा इस्तेमाल होने वाले किसी भी प्रकार की सामग्री के कचरे से संक्रमण की आशंका बनी रहती है।

कोरोना अपडेट्स

रायपुर : कोरोना से अब तक 6मरीज ठीक हो चुके हैं। इनमें काेई भी मरीज दोबारा बीमार नहीं पड़ा। किसी को न सर्दी, खांसी हुई और न बुखार। मार्च से अब तक कोई मरीज अस्पताल भी नहीं गया। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद दोबारा बीमार नहीं पड़ना राहत वाली बात है। चेस्ट एक्सपर्ट औरकोरोना कोर कमेटी के सदस्य डॉ. आरके पंडा औरनेहरू मेडिकल कॉलेज में माइक्रो बायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अरविंद नेरल ने बताया कि स्वस्थ हुए मरीज दोबारा बीमार नहीं पड़े।

बिलासपुर : सिम्स के कोरोना वार्ड में 6 लोग भर्ती थे। अब यहां तीन लोग ही बचे है। बाकी तीन की रिपोर्ट निगेटिव मिलने के बाद उन्हें दूसरे वार्डों में शिफ्ट कर दिया गया है। मीडिया प्रभारी आरती पांडेय के अनुसार, जो भर्ती किए गए हैं, बाहर से आए लोग है और इनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं। कोरोना संक्रमण संदेह पर जिले से कुल 933 सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। इनमें707 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बाहर से आए व्यक्तियों में से 1704 लोगों ने 28 दिन का क्वारैंटाइन पूरा कर लिया है।

भिलाई : ट्रेन से आने वाले मजदूरों की स्टेशन पर रैपिड किट से रेंडमली जांच की जाएगी। इसके लिए 4 डॉक्टरों समेत 21 स्वास्थ्य कर्मियों की टीम बनाई गई है। मजदूरों को आने के बाद सबको दी गई जिम्मेदारियों के संदर्भ में ट्रेंड भी कर दिया गया। उन्होंने बताया कि ट्रेन से आने वाले मजदूरों की संख्या 1000 से ज्यादा है, इसलिए सबकी जांच करना संभव नहीं। ऐसे में उन्होंने हर कोच से कम से कम चार लोगों की सिमटोमेटिक जांच करने की प्लान तैयार किया है।

रायगढ़ : मजदूरों से भरी बस ओडिशा से डोंगरीपाली के ग्राम गिंडोला पहुंची। इससे उतरे 5 लोगों को पंचायत भवन में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया। ओडिशा में 200 लोग और फंसे हुए हैं। मजदूरों ने बताया कि 28 लोगों ने 1300-1300 रुपए जमा किए और किराए की बस लेकर वापस आए। वहीं, बिलासपुर औरचांपा से श्रमिकों को लाने के लिए बसों का अधिग्रहण भी किया जा रहा है। जिला पंचायत में हफ्तेभर पहले दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की संख्या 7200 बताई थी। अब यह संख्या 10200 हो चुकी है।



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ये तस्वीर बिलासपुर की है। तेलंगाना के सिकंदराबाद से पैदल चलकर ये मजदूर बोकारो स्टील सिटी (झारखंड) के लिए निकले हैं। शहर में भोजन की तलाश में बैठे इन मजदूरों को प्रशासन की कोई मदद नही मिली। जिसके बाद ये आगे बढ़ गए।




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पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जाेगी कोमा में, वेंटिलेटर पर रखा गया; मस्तिष्क की गतिविधियां न के बराबर

छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्षअजीत जोगी की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। वे काेमा में हैं और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।पूर्व सीएम जोगी को शनिवार को दिल का दौराआने के बाद रायपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने हालत में थोड़ा सुधार जरूर बताया था, लेकिन हालत गंभीर है।

यहां देवेंद्र नगर स्थित श्रीनारायणा अस्पताल में डॉ. पंकज ओमर के नेतृत्व में सुपर स्पेशलिस्ट 8 डॉक्टरों की टीमजोगी के इलाज में लगीहै। फिलहाल, उनकी हार्ट बीट सामान्य है। ब्लडप्रेशरभी दवाओं से नियंत्रित किया गया है। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को चिंताजनक बताते हुए रविवार सुबह मेडिकल बुलेटिन जारी किया। डॉक्टरों का कहना है कि 48 घंटे काफी अहम हैं।

मस्तिष्क में ऑक्सीजन नहीं गई

अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुनील खेमका ने बताया किरेस्पिरेटरी अरेस्ट होने के बाद कुछ देर तक उनके मस्तिष्क में ऑक्सीजन नहीं गई, इस वजह सेदिमाग को संभावित नुकसान पहुंचा है। मेडिकल टर्ममें इसे हाइपॉक्सिया कहा जाता है। अभी की स्थिति में जोगी की न्यूरोलॉजिकल (मष्तिष्क) की गतिविधियांलगभग नहीं के बराबर हैं। सरल शब्दों में कहेंतो जोगी कोमा में हैं। उन्हें वेंटिलेटर के जरिएसांस दी जा रही है।



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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जाेगी की हालत नाजुक बनी हुई है। वे काेमा में हैं। कार्डियक अरेस्ट होने पर उन्हें शनिवार को रायपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।




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पांच दिनों के भीतर हुई 7 लोगों की मौतें, 21 नए मामले सामने आने के बाद जिले में 230 पॉजिटिव हुए

मेरठ में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को फिर दो लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक मसाला कारोबारी और दूसरे शहर विधायक रफीक अंसारी के रिश्तेदार थे।अब जिले मेंमरीजों की संख्या 230 हो गई है। जबकि कानपुर में भर्ती मरीज को मिला दिया जाए तो संख्या 230 हो गई है। इनमें 65 लोगों की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है, जबकि 13 लोगों की मौत हो चुकी है। दो की मौत शनिवार को हुई है।पिछले 5 दिन में 7 लोग दम तोड़ चुके हैं।

सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि मसाला कारोबारी बुढ़ाना गेट निवासी थे। बुखार होने पर शुक्रवार को घर से ही उनका सैंपल लेकर निजी लैब में जांच कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट शनिवार शाम करीब 4:30 बजे आई जो कोरोना पॉजिटिव थी। जैसे ही उन्हें यह जानकारी हुई और पता चला कि स्वास्थ्य विभाग की टीम उन्हें लेने आ रही है तो उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मृत्यु हो गई।

स्वास्थ्य विभाग की टीम उन्हें भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस से लेने उनके घर जाती, इससे पहले ही उनकी मौत की सूचना आ गई। कारोबारी के परिवार के आठ लोगों को क्वारैंटाइन कर कोरोना की जांच कराई जाएगी।दूसरी तरफ शहर के इस्लामाबाद इलाके के 70 वर्षीय व्यक्ति की भी मौत हो गई। उन्हें शुक्रवार को कोरोना की पुष्टि हुई थी।



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मेरठ में शनिवार को कोरोना से दो लोगों की मौत हो गई। वहीं यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 230 तक पहुंच गई है।




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पिछले 24 घंटे में 37 संक्रमित मामले सामने आए, संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 743

आगरा में कोरोना वायरस का प्रकोप थमता नजर नहीं आ रहा है। शनिवार को फिर एक साथ 37 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने इसकी पुष्टि की है। जिले में अब तक 743 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं, इनमें 305 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। 417 सक्रिय मामले हैं। नए मरीज मिलने के साथ हॉटस्पॉट क्षेत्रों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है।

इस दौरान प्राशाशन के लिए खास बात यह है कि अब कोरेण्टाइन और आइसुलेशन सेंटर से परेशानी की बजाए भजन और जन्मदिन पार्टीयां मनाने के वीडियो सामने आने लगे हैं। कोरोना पीड़ित 11 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है और इनमें से दो सामान्य होकर घर जा चुकी हैं। हालांकि सामान्य चिकित्सा में लोगों के परेशान होने के मामले सामने आ रहे हैं और एक कोरोना पॉजिटिव महिला की डिलीवरी के बाद इलाज न मिलने की शिकायत का वीडियो वायरल हुआ है।

रविवार सुबह एसएसपी बबलू कुमार व जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने खुद जाकर फिरोजाबाद बॉर्डर पर जाकर प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्यों तक भेजने और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली और इस दौरान देहात क्षेत्रों में कोविड19 से सुरक्षा के मानकों और नियमों का पालन न करने वाले ठेके संचालकों को लताड़ भी लगाई गई और व्यवस्थाएं ठीक न करने तक दुकान बंद करवा दी गई।

वीडियो वायरल करने वाले एसजीआई क्वारैंटाइनसेंटर में पॉजिटिव मरीजों का आनन्द उठाने का वीडियो सामने आया है। सतेंद्र नामक मरीज के भजन को सोशल मीडिया में काफी सराहा गया। इसी के साथ यहां एलटी सेंटर में एक साल के बच्चे का पहला जन्मदिन होने पर पॉजिटिव मरीजों के बीच जन्मदिन की खुशी मनाने का वीडियो भी सामने आया है। एसएन मेडिकल के कोविड अस्पताल के स्टाफ ने वीडियो जारी कर जानकारी दी है कि 11 पॉजिटिव महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी हुई है और इनमें से 2 महिलाएं अब ठीक होकर घर भी चली गयी हैं। हमारा काम सभी को अच्छा इलालज देना है और हम लगातार प्रयास करते रहेंगे।

खंदारी की निजी लैब में जांच पर रोक
खंदारी स्थित निजी लैब में कोरोना की जांच पर सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स ने शनिवार को रोक लगा दी है।पश्चिमपुरी निवासी लैब के कर्मचारी ने बुखार आने पर अपने पूरे परिवार की जांच कराई। जांच रिपोर्ट में वह,उसकी पत्नी और बेटी संक्रमित पाए गए। मामले की जानकारी होने पर डीएम ने सैंपल की रैंडम जांच कराई। इसके बाद लैब में कोरोना जांच पर रोक के निर्देश दिए। लैब के अन्य कर्मचारियों के भी सैंपल लिए गए हैं।

देहात क्षेत्र में तीन और हॉटस्पॉट बढ़ाए

देहात क्षेत्र में तीन और हॉटस्पॉट बढ़ा दिए गए। इसके साथ ही जिले में अब 45 हॉटस्पॉट हो गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि बरौली अहीर में श्यामो और नाधौत गांव के अलावा शमसाबाद का गांव गढ़ी खंडेरा, ये तीन नए हॉटस्पॉट शनिवार को और बढ़ गए हैं।

शनिवार को कैदी की हुई थी मौत

उधर, शनिवार को कोरोना संक्रमित सजायाफ्ता कैदी की भी मौत हो गई थी। इसका इलाज एसएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। 60 वर्षीय कैदी झांसी का रहने वाला था। हत्या के मामले में केंद्रीय कारागार में उम्र कैद की सजा काट रहा था।डीआईजी जेल लव कुमार ने बताया कि संक्रमित कैदी को हाई ब्लड प्रेशर के कारण ही ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। उसके कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उसके 24 बंदियों और कर्मचारियों के सैंपल जांच को भेजे गए थे। इनमें 12 की रिपोर्ट आ गई है। ये सभी सभी निगेटिव हैं। तीन कर्मचारी और 12 बंदियों की रिपोर्ट आना बाकी है।



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आगरा में कोरोना के संक्रमण के 37 मामले सामने आए हैं। शनिवार को आगरा में एक कैदी की संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी।




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24 घंटे में 166 नए मामले सामने आए; अब तक 3376 पॉजिटिव,1499 मरीज ठीक होकर घर लौटे

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। यूपी में बीते घंटे में 166 नए मरीज सामने आने के बाद यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 3376 तक पहुंच गई है, जिसमें एक्टिव1802 शामिल हैं। अब तक यूपी में 1499 मरीज ठीक होकर घर लौट गए हैं जबकि अब तक मरने वालों की संख्या 79 तक पहुं गई है।

पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 743, कानपुर नगर में 294, लखनऊ में 247, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 226, सहारनपुर में 203, मेरठ में 220, फिरोजाबाद में 191, गाजियाबाद में 132, मुरादाबाद में 126, वाराणसी में 82, बुलंदशहर में 61, हापुड़ में 56, अलीगढ़ में 55, रायबरेली-मथुरा में 47-47, बस्ती में 37, अमरोहा में 34, बिजनौर में 42, जालौन, सन्तकबीरनगर में 30-30, शामली में 31, रामपुर में 28, संभल में 27, मुजफ्फरनगर में 26, बहराइच-सीतापुर में 22-22, बागपत में 21, झांसी में 20, सिद्धार्थनगर में 19, बाँदा व प्रयागराज में 18-18, बदायूं में 17, औरैय्या में 13, प्रतापगढ़ में 12 मरीज सामने आए हैं।

वहीं बरेली-गोण्डा-मैनपुरी में 11-11, जौनपुर-आजमगढ़- हाथरस-एटा-श्रावस्ती में 9-9, महराजगंज-कन्नौज-चित्रकूट-गाजीपुर में 7-7, अमेठी में 5, लखीमपुर खीरी-पीलीभीत-कासगंज-गोरखपुर-सुल्तानपुर-मिर्जापुर में 4-4, इटावा-उन्नाव-भदोहीं-कुशीनगर-कानपुर देहात-देवरिया में 3-3, हरदोई-बाराबंकी-कौशाम्बी-बलरामपुर- महोबा-फतेहपुर में 2-2, शाहजहांपुर-हमीरपुर-मऊ-अयोध्या में 1-1 पेशेंट की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
1387 कोरोना पेशेंट स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए: आगरा से 267, लखनऊ से 179, सहारनपुर से 127, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 121, फ़िरोज़ाबाद से 77, मुरादाबाद से 75, मेरठ से 65, गाजियाबाद से 56, कानपुर नगर से 51, बुलन्दशहर से 33, शामली से 27, अमरोहा से 26, बिजनौर व बस्ती से 24-24, वाराणसी, व हापुड़ से 21 मुजफ्फरनगर से 19, सीतापुर से 17, रामपुर व बागपत से 16-16, बदायूं से 13, औरैय्या से 12, अलीगढ़ से 10, आज़मगढ़, रायबरेली व बहराइच से 8-8, बरेली, गाजीपुर, प्रतापगढ़, संभल व महराजगंज से 6-6, जौनपुर व मथुरा से 5, लखीमपुर-खीरी, हाँथरस, कन्नौज व मैनपुरी से 4-4, बाँदा, कासगंज, एटा व श्रावस्ती से 3-3, पीलीभीत, हरदोई, मिर्जापुर, कौशाम्बी, इटावा, गोंडा व सन्तकबीरनगर से 2-2, शाहजहांपुर, बाराबंकी, प्रयागराज, भदोहीं, उन्नाव, मऊ व बलरामपुर से 1-1 कोरोना पेशेंट्स को पूर्णतया स्वस्थ करवाकर डिस्चार्ज किया गया है।



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यूपी में संक्रमित मरीजों की संख्या तीन हजार को पार कर गई है। अब तक 79 लोगों की मौत हो चुकी है।




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बिहार-झारखंड के कामगारों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद भेजा गया, दुकानें खुलने की नई व्यवस्था आज से होगी लागू

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के फैलते संक्रमण के बीच दूसरे राज्यों के कामगारों को उनके गृह राज्यों में भेजा जा रहा है। इस बीच रविवार सुबह शहर में डॉक्टर सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान से बिहार ,झारखण्ड तथा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के श्रमिकों,छात्रों,इत्यादि को जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य जांच और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद रवाना किया गया। इस बीच 10 मई से आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलने को लेकर नई व्यवस्था बनायी गई है।

नई व्यवस्था के अनुसार मार्केट और एकल दुकानें), जिनमें दवाई, राशन, अनाज, गल्ला, दूध, मिल्क प्रोडक्ट, सब्जी, रसोई गैस, सीएनजी, फल, अंडा, जनरल स्टोर, पशु चारा, पशु चिकित्सा, कृषि संबंधी सामान में बीज, रसायन, आटा चक्की, आटा मिल, बेकरी में बनने वाले सभी सामान, सूखी खाद्य सामग्री से जुड़ी दुकानें प्रतिदिन सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक खुलेंगी।


मोबाइलकम्पनियां भी सुबह सात बजे से दो बजे तक खुल सकेंगी
ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी दुकानें, मार्केट, कांप्लेक्स, कटरा, रोड साइड कतारबद्ध दुकानें और एकल दुकानों में सभी प्रकार की गतिविधियां सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक की जा सकेंगी। ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, कूरियर, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, फ़ूड प्रोसेसिंग इकाइयां, मोबाइल कंपनियां भी सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक खुली रह सकती हैं।

सभी प्रकार की दुकानें, मंडियां और प्रतिष्ठानों से जुड़े वाहन, कच्चे माल या वितरण के वाहनों का आवागमन भी मान्य होगा। शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में शराब की सभी दुकानें व मॉडल शॉप सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक खुलेंगी। फल, सब्जी और राशन सहित अन्य सामानों को शाम पांच बजे तक बेचा जा सकेगा। प्राइवेट अस्पताल, सरकारी अस्पताल, पैथालॉजी लैब 24 घंटे खुले रह सकते हैं। इनमें अंदर फार्मेसी व दवाइयों की दुकान भी 24 घंटे खुली रह सकती हैं।



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यह तस्वीर वाराणसी की है जहां संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में बिहार और झारखंड के मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद उन्हें बसों से रवाना किया गया।




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संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 3376; आगरा में सबसे 743 मरीज, बुंदेलखंड के सातों जिलों में पहुंचा कोरोना

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 3376 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्यविभाग के अनुसार शनिवार देर रात यूपी में 166 नए मामले सामने आए। आगरा में सबसे ज्यादा 743 लोग संक्रमित हैं। बुंदेलखंड के सभी सात जिले कोरोना प्रभावित हैं। सातों जिलों में 79 संक्रमित हैं, इनमें सबसे ज्यादा जालौन में 30 हैं।

मुरादाबाद; आरएएफ और पुलिस के जवानों एंव अधिकारियों ने एक अनोखी मिसाल का प्रदर्शन करते हुए अपनी जेबों से अपने वेतन से आपस में पैसे जमा करके कटघर क्षेत्र के दस सराय में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीब एंव जरूरत मंद लोगों के लिए राशन की 250 किटस तैयार कर वितरित की गई। जिनमें दस किलो ग्राम आटा,दस किलोग्राम चावल,दो किलो ग्राम चीनी,दो किलो ग्राम दालें,नमक और सरसों का तेल,आलू-प्याज शामिल है साथ ही साथ कोरोना से निपटने हेतु मास्क व साबुन भी लोगो को बांट गए।

यह तस्वीर वाराणसी की है जहां गेंदा के फूलों की खेती करने वाले किसान बेहद दुखी हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन की मार उनके बिजनेस पर भी पड़ी है। मंदिर बंद होने और शादियेां के ठप्प होने की वजह से फूलों की बिक्री पूरी तरह से बंद है।

लॉकडाउन की वजह से फूलों की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान

लॉकडाउन की वजह से मंदिर बंद हैं, शादियों के समारोह नहीं हो रहे हैं। इसका असरफूल की खेती पर पड़ रहा है। कहीं पर भी इनकी बिक्री नहीं हो रही है। किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। किसान गेंदा के फूल का बड़े पैमाने पर उत्पादन करते हैं। इसके अलावा गुलाब की खेती भी करते हैं। लेकिन, कोरोना वायरस के कारण गेंदा और गुलाब दोनों ही बेकार हो गए हैं।

आगरा: जिलेमें 37 नए मरीज मिलने के बाद यहां का आंकडा 743तक पहुंच गया है। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि जिले में शनिवार को 37 नए मरीजों में मिले हैं। दो हॉटस्पॉट बढ़ाकर 44 कर दिए गए हैं। अब तक 9196 सैम्पल लिए जा चुके हैं। कुल 305 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। मृतकों की संख्या 24 है। हालांकि, डीएम ने 21 की पुष्टि की है।

मेरठ: जिलेमें शनिवार को 21 कोरोना संक्रिमत मिले हैं। कोरोना से मरने वाले एक मरीजका इलाज करने वाले फिजिशियन भी कोरोना पॉजिटिव निकले। अब जनपद में मरीजों की संख्या 230 हो गई है। इनमें 65 लोगों की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है, जबकि 13 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं शामली में भी शनिवार को दो नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जनपद में अब तक 22 केस मिल चुके हैं। इनमें 18 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि चार मरीजों का इलाज चल रहा है।

ये तस्वीर लखनऊ की है। एक ट्रक पर चढ़कर अपने घर की ओर जाते मजदूर पैदल निकले थे। लेकिन ट्रक मिला तो सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बगैर उस पर सवार हो गए।

लखनऊ: लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का आवागमन जारी है।शनिवार रात शारजाह से 182 प्रवासियों को लेकर फ्लाइट लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी। इन्हें जांच के बाद क्वारैंटाइन किया गया। कुछ को उन्हीं के खर्चे पर प्राइवेट टैक्सी से उनके घर रवाना किया गया, जहां उन्हें 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया जाएगा।

झांसी: बुंदेलखंड में कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। यूपी में बुंदेलखंड के सात जिले आते हैं। यह सातों जिले कोरोना प्रभावित हैं। यहां कुल मरीज 79 हैं। इनमें जालौन में 30, बांदा और झांसी में 21-21, चित्रकूट में 3, महोबा में 2, ललितपुर और हमीरपुर में 1-1 मरीज है। इसके अलावा बुंदेलखंड के मध्यप्रदेश वाले जिलों में सागर में 5, टीकमगढ़ में 2 और पन्ना में 1 मरीज है।

मथुरा में सात और फिरोजाबाद में मिले चार कोरोना संक्रमित

मथुरा में देर शाम कोसी निवासी डॉक्टर दंपती की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। दोपहर में 5 लोगों की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। इस तरह शनिवार को कुल 7 लोगों की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। अब जिले में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या 47 हो गई है।फिरोजाबाद में शनिवार को कोरोनावायरस के चार और नए केस मिले। इनमें से एक आठ साल की बालिका भी शामिल है। जिले में अब तक 178 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं।

पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 743, कानपुर नगर में 294, लखनऊ में 247, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 226, मेरठ में 220, सहारनपुर में 203, फिरोजाबाद में 191, गाजियाबाद में 132, मुरादाबाद में 126, वाराणसी में 82, बुलंदशहर में 61, हापुड़ में 56, अलीगढ़ में 55, रायबरेली-मथुरा में 47-47, बस्ती में 37, अमरोहा में 34, बिजनौर में 42, जालौन, सन्तकबीरनगर में 30-30, शामली में 31, रामपुर में 28, संभल में 27, मुजफ्फरनगर में 26, बहराइच-सीतापुर में 22-22, बागपत में 21, झांसी में 20, सिद्धार्थनगर में 19, बांदा व प्रयागराज में 18-18, बदायूं में 17, औरैया में 13, प्रतापगढ़ में 12, बरेली-गोण्डा-मैनपुरी में 11-11, जौनपुर-आजमगढ़- हाथरस-एटा-श्रावस्ती में 9-9, महराजगंज-कन्नौज-चित्रकूट-गाजीपुर में 7-7, अमेठी में 5, लखीमपुर खीरी-पीलीभीत-कासगंज-गोरखपुर-सुल्तानपुर-मिर्जापुर में 4-4, इटावा-उन्नाव-भदोही-कुशीनगर-कानपुर देहात-देवरिया में 3-3, हरदोई-बाराबंकी-कौशाम्बी-बलरामपुर- महोबा-फतेहपुर में 2-2, ललितपुर-शाहजहांपुर-हमीरपुर-मऊ-अयोध्या में 1-1 पेशेंट की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।



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यह तस्वीर मुरादाबाद की है, जहां आरएएफ और पुलिस के जवानों ने अपने वेतन से राशन एकत्र कर गरीबों के बीच वितरति किया।




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बुजुर्ग की मौत के चौथे दिन पॉजिटिव आई रिपोर्ट; यहां संक्रमितों की संख्या 300 पार

कानपुर के हैलट कोविड-19 वार्ड में भर्ती फतेहपुर जिले के एक बुजुर्ग की मौत के 4 दिन बाद शनिवार शामकोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई। बुजुर्ग का जिला प्रशासन ने महामारी प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कराया था। फिलहाल अंतिम संस्कार में शामिल परिजनों व अन्य लोगों समेत 30 को क्वारैंटाइन किया गया है। कानपुर में अब तक छह लोगों की मौत हो गई। यहां अब तक 301 संक्रमित केस मिल चुके हैं।शनिवार को दो सिपाहियों समेत 7 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक 58 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।

225 सैंपल की रिपोर्ट में सात पॉजिटिव

शनिवार रात जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कोविड-19 लैब से आई 225 जांच रिपोर्ट में 7 लोग संक्रमित पाए गए। जिसमें दलेलपुरवा से चार लोग और कर्नलगंज, बाबूपुरवा और कैंट से एक-एक संक्रमित मिले। सभी पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री जुटाई जा रही है।शनिवार को पड़ोसीजनपद फतेहपुर के रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग की भीरिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

बुजुर्ग की पांच मई को हुई थी मौत

दरअसल फतेहपुर मेंचांदपुर थाना क्षेत्र के भगौनापुर गांव में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग को बुखार और सांस लेने में दिक्कत थी। परिजनों ने उसे कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान बीते 5 मई को मौत हो गई। शनिवार को मृतक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद फहतेपुर डीएम संजीवकांत ने इसे कानपुर का केस बताया।



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कानपुर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से अपने पांव पसार रहा है। कानपुर संक्रमण के मामले में यूपी का दूसरा सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है।




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किसी ने जमीन को सजदा कर चूमा तो कोई अब विदेश वापस जाना ही नहीं चाहता

वंदे भारत मिशन के तहत कोरोनावायरस महामारी के चलते विदेशमें फंसे भारतीयों को लाया जा रहा है।शनिवार की देर शाम लखनऊ एयरपोर्ट पर शारजाह से भारतीयों को लेकर एक विमान पहुंचा।एयरपोर्ट पर भारतीयउतरे तो अपनेवतन की मिट्टी की खुशबू दिल-ओ-दिमाग को सुकून दे रही थी। किसी ने एयरपोर्ट पर रेलिंग को छूकर हकीकत में बदले सपने को साकार होने का आभास किया तो कोई आंखों में नीरभरेझुककर देश की मिट्टी कोसजदा करने लगा। हर किसी के पास विदेशों में बिताए मुश्किल दौरकी अपनी कहानी थी। कोई किसी से उधार रुपए लेकर लौटा तो कोई अब अपना वतन छोड़कर दोबारा वापस जाना ही नहीं चाहता है। शारजाह से लौटे 5प्रवासी भारतीयों की कहानी, उनकी जुबानी...

अपने देश की मिट्टी को चूमा, कहा- मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व

पेशे से फैशन डिजाइनर मोहम्मद साजिद अयोध्या के रहने वाले हैं। वे कहते हैं,'मैं ढाई महीनेसे सऊदी अरब में फंसा था। कोरोना के कारण वहां बहुत सख्ती है। खाने पीने की दिक्कत नहीं थी। धीरे-धीरे राशन औरपैसे खत्म हो रहे थे।इस दौरान मन में कई तरह के ख्याल आते थे। लगता था कि अब शायद ही अपने देश लौट पाऊं। घरवालों से बात होती थी तो आंखों में आंसू आ जाते थे। यहां घर वाले तो वहां मैं बेबस था। 28 मार्च को आना था, लेकिन जिसफ्लाइट से आना था वहकैंसिल हो गई। मुझे टिकट के लिए पैसे दूसरे से लेना पड़ा। क्योंकि मैंने पहले ही भारत से हीरिटर्न टिकट करवा रखा था। जब से लॉकडाउन हुआ तब सेमैं लगातार इंडियनएम्बेसी के संपर्क में था।कभी कॉल तो कभी मेल करता था।जैसे ही मुझे पता चला कि स्पेशल फ्लाइट आने वाली है। उस वक्त मुझे कितनी खुशी मिली, मैंबयां नहीं कर सकता।' यह कहते हुए साजिदरोने लगे। उन्होंने एयरपोर्ट पर झुककर अपनी मिट्टी का सजदा किया। साजिद ने फिरकहा,'मैं अब शायद ही विदेशी वापस जाऊं, मुझे भारत में रहकर अपना काम करना है। मैं भारत लौटने पर बहुत ही प्राउड फील कर रहा हूं। मुझे अपने भारत पर गर्व है।'

साजिद ने एयरपोर्ट पर झुककर अपनी मिट्टी को नमन किया।

'भले ही एक रोटी कम खाएं, पर वह अपने देश की हो'

शंकर यादव, प्रयागराज के रहने वाले हैं। वहकहते हैं, 'अपने वतन में काम नहीं मिला तो मैं किसी के जरिएएक कंपनी में सुपरवाइजर बनकर 2 साल पहले सऊदी चला गया था। महीने का अच्छा खासा कमा लेता था। उसी से घर भी चल रहा था। परिवार प्रयागराज में ही रहता है। जब लॉकडाउन हुआ तो वहां के सख्त नियमों के कारण निकलना ही बन्द हो गया। शुरुआत में तो ठीक था लेकिन धीरे धीरे पैसे खत्म होने लगे। नौबत यह आ गईकि एक वक्त का खाना खाकर गुजारा करना पड़ा।कंपनी में ही रुकना पड़ा। हमारे साथकुछ और भी लोगथे। सब लोग बहुत डरे हुए थे। दिमाग में यही चल रहा था कि क्या अब अपने परिवार का मुंह देख सकूंगा या नहीं। क्या यहींमरना होगा। भारत आने के लिए मैं ऐप के जरिएएम्बेसी के संपर्क में था। जैसे ही पता चला मैंने अपना टिकट करवाया और चला आया। इस महामारी ने यह बात समझा दी है कि भले ही एक रोटी कम खाने को मिले, लेकिन अब काम यही करेंगे। अब दोबारा हम विदेश नही जाएंगे।

शंकर यादव, प्रयागराज के रहने वाले हैं।

'बेटियों की शादी के लिए कमाने गया, उधार लेकर लौटा हूं'

कुशीनगर के रहने वाले प्रमोद यादव पांच महीने पहले रोजी रोटी के लिए दुबई गए थे,लेकिनकोरोना ने रोजी रोटी छीन ली। अपने वतन लौटने की खुशी प्रमोद के चेहरे पर साफ झलक रही थी। लेकिन मन में कहीं न कहीं एक मायूसी भी थी। वह कहतेहैं, 'घर में दो बेटियां हैं, उनकीशादी करनी हैं।रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे उधार लेकर दुबई गया था। सोचा था कि कर्ज भी चुका दूंगा और बेटियों की शादी भी कर दूंगा। लेकिन सब उल्टा हो गया। थोड़े बहुत जो पैसे थे, वह लॉकडाउन में खर्च हो गए। कंपनी ने हमें बताया कि स्पेशल फ्लाइट भारत जा रही है, जाना हो तो टिकट करा लो। वहां मेरे पास टिकट के भी पैसे नही थे। दोस्तों से उधार लिए तब टिकट कराकर वापस आ पाया हूं। अब सोच रहा हूंकि आगे की जिंदगी कैसे चलेगी? '

प्रमोद।

पैसों की किल्लत के चलतेपति ने पत्नी को लखनऊभेजा, खुद दुबई में

लखनऊ के रहने वाली शकुंतला 2 महीने पहले अपने पति के पास दुबई गईथीं। शकुंतला कहतीहैं, 'मेरेपति वहां पर काम करते हैं। कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन हुआ और सभी लोग वहां फंस गए। इस दौरान फाइनेंशियल प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। वहां पर कोई भी मदद करने वाला नहीं था। ट्विटर से पता चला कि भारत सरकार दुबई में फंसे लोगों को भारत वापस लाएगी तब उन्होंने मेरा 15 हजार रुपएमें टिकट कराकर वापस भेज दिया। फाइनेंशियलदिक्कत होने की वजह से मेरे पति वापस नहीं लौटे हैं। मुझे उनकी चिंता है।'

लखनऊ के रहने वाली शकुंतला 2 महीने पहले अपने पति के पास दुबई गईथीं।

'एक माह से एक वक्तखाना खाकर किया गुजारा'

कुशीनगर के रहने वाले अरविंद सिंह कहतेहैं, 'कोरोना की वजह से दोमहीने से फंसे हुए थे। शुरू में तो कंपनी ने ख्याल रखा, लेकिन 20 दिन बीतने के बाद कंपनी वालों ने दो टाइम की जगह एक टाइम खाना देना शुरू कर दिया। बीते एकमहीने से एक टाइम में खाना खा रहा हूं। मैं लगातार कंपनी के लोगों से भारत लौटने के बारे में पूछता रहता था। उन्होंने आश्वस्त किया था कि जैसे ही कोई फ्लाइट चलेगी बताएंगे। इसी बीच मुझे न्यूज के जरिए जानकारी मिली किभारत सरकार दुबई में फंसे लोगों को भारत वापस लाने के लिए फ्लाइट भेजेंगी। मैंने तत्काल भारतीय राजदूत कार्यालय में संपर्क किया औरटिकट बुक करा लिया। मैं भारत लौट आया हूं। मैं बहुत खुश हूं। लेकिन मेरे कई साथी वहां पर फंसे हुए हैं। सऊदी अरब में कोरोनाकी वजह से बहुतज्यादा दिक्कतें हैं,जिनका सामना करना सबकेबस की बात नहीं है।'



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यह तस्वीर हाजी मोहम्मद साजिद की है। स्पेशल फ्लाइट से शनिवार को शारजाह से लखनऊ पहुंचे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते वक्त झुककर अपने वतन की मिट्‌टी का सजदा किया।




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दौड़ लगाने के निकले तीन दोस्तों को लोडर ने कुचला, मौत, हादसे में दो घायल

कन्नौज हाईवे पर बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में रविवार सुबह तेज रफ्तार भूसा लोडेड वाहन ने तीन युवकों को कुचल दिया। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, हादसे के बाद वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। इससे दो अन्य घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

बिलग्राम कोतवाली इलाके के जफरपुर गांव निवासी कुछ युवक फोर्स की तैयारी करने के लिएसुबह सड़क किनारे दौड़ लगाने जाते थे। रविवार सुबह ये युवक गांव के बाहर सड़क किनारे बैठे थे। तभी एक तेज रफ्तार लोडर ने तीन युवकों को कुचलते हुए आगे जाकर पलट गया। इस हादसे में सूरज, आकाश, शाहरुख, नसीम व अतुल घायल हो गए। हादसे के बाद आसपास के लोग दौड़ पड़े। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को बिलग्राम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।

लेकिन डॉक्टरों नेसूरज, आकाश व शाहरूख को मृत घोषित कर दिया। ये तीनोंजफरपुर के रहने वाले थे। जबकि घायलनसीम व अतुल को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। हादसे के बाद मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया है। पुलिस ने लोडर को जब्त किया है। जबकि, हादसे के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया।



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ये तस्वीर रविवार हरदोई जिले में हुए हादसे के बाद ही है। रोते-बिलखते मृतकों के परिजन।




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चार नए केस मिले; सभी परिवहन विभाग के ड्राइवर के परिजन; यहां संक्रमितों की संख्या 25 पहुंची

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में कोरोनावायरस का संक्रमण अपने पांव तेजी से पसार रहा है। रविवार को चार नए मामले सामने आए। इसके बाद यहां संक्रमितों की संख्या 25पहुंच चुकी हैं। इनमें से दो की मौत हुई है। राहत की बात है कि, अब तक 7 मरीज ठीक होकर मेडिकल कॉलेज सेडिस्चार्ज किए जा चुके हैं।

महारानी लक्ष्मी बाई झांसी मेडिकल कॉलेज में शनिवार को 35 सैंपल की जांच की गई। जिसकी रविवार को आई रिपोर्ट में 4 मरीज संक्रमित पाए गए।संक्रमित मरीजों में दो यूपी परिवहन के ड्राइवर के परिजन हैं।ड्राइवर पहले ही संक्रमित हो चुका है। उसका इलाज आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है।नए मरीजों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है और हॉट स्पॉट एरिया को सील कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। जिले में अभी 16 एक्टिव मरीजों का इलाज चल रहा है।

इनकी हुई अब तक मौत-

  • 05 अप्रैल: बीते मंगलवार को शहर कोतवाली क्षेत्र में एक 63 वर्षीय शख्स की मौत हुई थी। उसी दिन मृतक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मृतक पहले से ही डायबिटीज और अन्य बीमारियों से ग्रस्त था।
  • 07 अप्रैल: बीते गुरुवार देर रात बिसातखाना निवासी 37 वर्षीय युवक की मौत हुई थी। युवक को गंभीर हालात में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। युवक लंबे समय से टीबी की बीमारी से ग्रसित था।


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ये तस्वीर झांसी मेडिकल कॉलेज की है। शनिवार की रात यहां एक महिला को डिस्चार्ज किया गया।




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एक मां के संघर्ष की कहानी; एक साल तक कोमा में रहे पति, अपने हौसले के दम पर बच्चों को पढ़ाया, बेटा बना वर्ल्ड नम्बर 2 स्ट्रीट फोटोग्राफर

आज मदर्स डे है।यूं तो हर मां अपनी संतान के लिए ईश्वर का ही दूसरा रूप होती हैऔर मां शब्द में हीदुनियां का हर सुख छिपा होता है। लेकिन एक मां के भीतरहमेशा अपने बच्चों और परिवार के लिए सारी खुशियों को समर्पित कर परेशानियों से लड़ने का जज्बा भी होता है। कुछ ऐसी ही कहानी विश्व के दूसरे नम्बर के स्ट्रीट फोटोग्राफर मनीष खत्री की 70 वर्षीया मां शीला खत्री की है। यह कहानी एक मां के उस दृढ़ संकल्प की है, जिसकेपति एक साल तक कोमा में रहे और फिरठीक होने के बाद 6 सालों तक व्हील चेयर पर ही रहे। दुख की इस घड़ी में मां ने अपने बच्चोंको अच्छी तालीम दी। जिसकी वजहसे उनका बेटा दुनिया के दूसरे नम्बर का स्ट्रीट फोटाग्रॉफर बन पाया।

शादी के 4 साल बाद ही शुरू हो गया संघर्ष

शीला कीशादी के महज 4 वर्षों बाद ही उनके संघर्ष की कहानी शुरू हो गई थी। उनके बेटे मनीष खत्री और बहू अंकिता खत्री ने दैनिक भास्कर ऍप से रीयल स्टोरी को साझा किया, जो एक नारी शक्ति की एक मिसाल है। एलआईसी में कर्मचारी मोहन लाल खत्री काशी या यूपी के ही नहीं बल्कि इंडिया के बड़े नामचीन बॉडी बिल्डर थे। दर्जनों खिताब इनके नाम रहे। मई 1972 में इनकी शादी मुंबई की रहने वाली शीला खत्री से हुई। फरवरी 1773 में बड़े बेटे मनीष खत्री का जन्म हुआ। ठीक एक साल बाद छोटे बेटे मुकेश खत्री का जन्म हो गया।

8 दिसम्बर 1974 को आया शीला के जीवन में वह मनहूस दिन

यह तस्वीर शीला खत्री की है। इनके जीवन में 8 दिसम्बर 1974 को वह मनहूस दिन आया जिसमें उनके पति कोमा में चले गए।ति

मोहन लाल खत्री कानपुर से बस द्वारा काशी आ रहे थे। राजघाट पुल (काशी) में बस कोहरे की वजह से ट्रेन की पटरी पर गिर गयी। दर्जनों लोगों की मौत हो गयी। शीला खत्री को जैसे ही पता चला वो अस्पताल भागी, तब तक उनको किसी ने बताया कि लाल निशान लगाकर उनके पति को भी रखा गया है। पास जाकर देखा तो सांस चल रही थी। पति को लेकर वो तुरंत कबीरचौरा अस्पताल से बीएचयू लेकर चली गयीं।यहां कुछ दिनों तक इलाज के बाद बीएचयू के जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।

एक साल तक मोहन लाल खत्री कोमा में रहे। दांत टूट जाने और चोट की वजह से नली से लिक्विड ही खाते रहे। पूरे साल दोनों छोटे बच्चों को पालते हुए वो रामघाट से सरसुंदर लाल अस्पताल आती रहीं। उसके बाद जब होश आया तो कमर के नीचे का हिस्सा पेरेलाईस हो गया। वो व्हील चेयर पर आ गए। शीला खत्री ने दोनों छोटे बच्चों के साथ पति का भी पूरा ख्याल रखा। परिजनों ने कोमा की बात सुनते ही साथ छोड़ दिया था। पिता मोहन लाल के शागिर्दों ने बुरे वक्त में कुछ मदद किया।

कठिन दिनों में भी बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए शीला ने किया संघर्ष

इस तस्वीर में शीला खत्री अपने बेटे मुकेश खत्री और बेटी अंकिता खत्री के साथ मौजूद हैं।

अंकिता ने बताया कि माँ इंटर पास थी। पति की हालत देख कर उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू कर दी थी। जनवरी 1981 में पिता जी की मौत हो गयी और माँ का कुछ दिनों बाद ही थर्ड ईयर का पेपर था। हिम्मत रखकर वो पेपर देने गयी। उस समय दोनों बच्चे 8 और 7 साल के थे। कुछ दिनों बाद उन्हें पति की जगह एलआईसी में नौकरी मिल गयी। गोपी राधा इंटर कालेज में दोनों बच्चों को स्पेशल क्लास केवल प्रात: 7 से 10 अटेंड कराकर अपने आवास कबीर नगर लेकर चली जाती थीं। फिर दोनों छोटे बच्चों को घर में ताला बंद कर नौकरी करने जाती थी। समाज के तमाम तानों के बीच उन्होंने दोनों बच्चों की परवरिश की।

दोनों बच्चे धीरे-धीरे पढ़ाई में आगे बढ़ने लगे। मनीष ने बीएचयू से एमएफए की पढ़ाई के दौरान गोल्ड मेडल भी पाया। जिस प्रकार मांने अपने पति द्वारा बनाए मकान को अंतिम निशानी मान कर बनारस नहीं छोड़ा, उसी प्रकार उनके पुत्र मनीष ने नौकरी के कई बड़े ऑफ़र मिलने बावजूद माँ का साथ नहीं छोड़ा और बनारस को ही अपनी कर्मभूमि बनाया।आज वो दुनियां के नम्बर दो वर्ल्ड स्ट्रीट फोटोग्राफर है।

मनीष के पास 9 लाख से ज्यादा फोटोग्रॉफ का संग्रह

मनीष भारत के पहले शख्स है. जिनके पास बनारस शहर की 9 लाख से ज्यादा फोटोग्राफ का संग्रह है। आज वो काशी की कला और संस्कृति के संवर्धन के लिए समर्पित हैं और इस पुरातन नगर और इसके इतिहास पर आधारित इनकी 11 से ज्यादा पुस्तकों प्रकाशित हो चुकी हैं। छोटे भाई मुकेश खत्री एजेंसी और प्रेस का काम भाई के साथ ही करते है।

शीला खत्री के पति मोहन लाल खत्रीइंटनेशनल लेबल के बॉडी बिल्डर थे। उन्होंने 1968-69 में मिस्टर यूपी, मसलमैन ऑफ यूपी का खिताब1968-69 में, मिस्टर इंडिया 1968-69 में थर्ड प्लेस, मसलमैन ऑफ इंडिया 1969 में पाँचवां स्थान फिर सिंगापुर इंटरनेशल फिजिक्यु कांटेस्ट सेलेक्ट हुए 1969 में, लेकिन पैसे के अभाव में जा नहीं पाए थे।



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यह तस्वीर शीला खत्री और उनके पति मोहनलाल खत्री के शादी के दौरान की है। शादी के चार साल बाद ही एक एक्सीडेंट में शीला के पति कोमा में चले गए जिसके बाद उनके संघषोँ का दौर शुरू हुआ। पति के कोमा में जाने के बाद भी उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और दोनों बच्चाें को अच्छे से देखभाल की।




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भोपाल स्टेशन पर गैस वैगन में लीकेज से आग

भोपाल स्टेशन पर शनिवार सुबह 10:20 बजे प्लेटफॉर्म -दो और तीन के बीच की लाइन पर खड़ी कोंकण रेलवे की एलपीजी गैस वैगन के डोम कवर (जहां से गैस निकाली जाती है) में लीकेज से आग लग गई। रेल प्रशासन ने ओएचई लाइन को बंद करवाया व दमकलकर्मियों को सूचना दी। डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग को बुझाया गया। इसके बाद लीकेज को बंद किया गया। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। वैगन को दोपहर 2 बजे भौंरी बकानिया स्थित तेल डिपो रवाना कर दिया गया।

खंडवा में नहीं दिया ध्यान

खंडवा के पहले से ही गैस वैगन में से गैस लीक हो रही थी। इसकी सूचना खंडवा के डिप्टी स्टेशन सुप्रिंटेंडेंट एसके शर्मा व एसके मंडल को दी गई थी। इसके बाद वहां पर सुधार कार्य किया गया लेकिन फिर भी वैगन में गैस लीक हाेती रही।

गार्ड को मिला इनाम
गैस लीक होने की सूचना रेल मंडल के गार्ड पीके सिंह ने दी थी। इसके बाद डीआरएम उदय बोरवणकर ने प्रशासन से लेकर तेल डिपो के अधिकारियों को सूचना दी। गार्ड की इस तत्परता के लिए उन्हें दो हजार का पुरस्कार देने की घोषणा की है।



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Fire from leakage in gas wagon at Bhopal station




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कोरोना की चेन ब्रेक करने हॉट स्पॉट इलाकों में अब हर व्यक्ति का सैंपल

शहर में संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए प्रशासन अब हॉट स्पॉट वाले इलाकों में टोटल स्कैनिंग की रणनीति अपनाने जा रहा है। इसके तहत इन सभी इलाकों में हर व्यक्ति के सैंपल लेने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए करीब 40 टीमें मैदान में उतारी जा रही हैं।इंदौर की तुलना मेँ भोपाल में ढाई गुना कम मरीज मिले हैं, इसके बावजूद भोपाल में कोरोना की चेन ब्रेक करने के लिए अब तक प्रदेश में सबसे ज्यादा 23 हजार सैंपल लिए जा चुके हैं। इंदौर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1780 है, जबकि हमारे यहां पर ये संख्या 750 है। संक्रमण और न फैले इसके लिए जिला प्रशासन ने राजधानी के हॉट स्पॉट वाले इलाकों में 100 फीसदी सैंपलिंग का टारगेट तय किया है।
अब तक हुई सैंपलिंग में 20 हजार 745 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि 2255 की रिपोर्ट आना बाकी है। भोपाल में 435 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। यानी यहां 58 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जो समय पर जांच कराने आैर इलाज मिलने से ठीक हो गए हैं। पिछले एक सप्ताह में औसतन 10 से ज्यादा मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि हर दिन भोपाल में 800 से 1500 के बीच सैपलिंग कराई जा रही है। शहर के जहांगीराबाद, ऐशबाग, अशोका गार्डन, मंगलवारा, कोहेफिजा, तलैया इलाके ज्यादा संक्रमित होने के कारण यहां सबसे ज्यादा सैंपल लेने का काम चल रहा है।

राहत की बात... 21 दिन से कोई मरीज नहीं,16 इलाके कंटेनमेंट सूची से हटाए

शहर के ऋषि नगर, साकेत नगर, बागसेवनियां, अलकापुरी, अयोध्या नगर, ड्रीम सिटी शाहपुरा, अवधपुरी थाने के पास, निशातपुरा थाना सहित 16 कंटेनमेंट क्षेत्रों को सूची से हटा दिया है। यहां पिछले 21 दिन में कोई भी नया पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। लॉकडाउन 3 में इसकी समयसीमा को 28 दिन से घटाकर 21 दिन कर दिया गया है। हालांकि यहां लॉकडाउन के नियम लागू रहेंगे। जिला प्रशासन के अफसरों ने बताया कि जिन इलाकों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उन इलाकों को कंट्रोल करने के लिए अलग से टीमें लगाकर सैनिटाइज कराया जा रहा है।

सैंपलिंग बढ़ाने के लिए लगाई हैं 40 टीमें
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर के मुताबिक,हॉट स्पॉट वाले इलाकों में 100% सैंपलिंग करा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की 40 टीमें इसी में लगाई हैं। हर दिन नए इलाकों में जाकर टीमें सैंपल लेने काम कर रही हैं। हमारा प्रयास है कि कोरोना के लक्षण पता लगते ही उसका समय पर इलाज किया जा सके।



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Now everyone is sampled in Corona's chain break hot spot areas




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एयरपोर्ट पर कुर्सियों से लेकर चैकइन काउंटर तक ‘दूरी’ का पूरा ख्याल

अनुराग शर्मा.राजाभोज एयरपोर्ट से भले ही अभी फ्लाइट आ-जा नहीं रही हैं। लेकिन शनिवार से यहां तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यात्रियों को संक्रमण से बचाने के लिए एयरपोर्ट के हर हिस्से में पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। एयरपोर्ट डायरेक्टर अनिल विक्रम के मुताबिक यहां कुर्सियों से लेकर चैकइन काउंटर तक हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।यात्रियों के बीच दूरी बनी रहे इसके लिए कुछ कुर्सिंयों में टैप और रिबन लगा दिए गए हैं। वहीं सीआईएसएफ के जवान जहां पर यात्रियों को चैक करते हैं, वहां पर एक स्क्रीन लगाया जा रहा है। इससे यात्रियों के बोर्डिंग पास को बिना टच किए हुए देखा जा सकेगा।चैकइन काउंटर के अलावा लाउंज में 1.6 मीटर की दूरी के अंतर से पटि्टयां बना दी गई हैं, ताकि यात्री एक-दूसरे से दूरी बनाकर रहें।



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Take care of the 'distance' from chairs to checkin counters at the airport




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सुमित पचौरी को सौंपी भोपाल की कमान

भाजपा ने एक साल पहले बने जिलाध्यक्ष विकास वीरानी को हटाकर सुमित पचौरी को भोपाल शहर भाजपा की कमान दे दी है। भाजपा ने 24 जिलाध्यक्षों की घोषणा की है, इसमें 22 को बदल दिया गया है। सिर्फ सतना में नरेंद्र त्रिपाठी और नरसिंहपुर में अभिलाष मिश्रा को रिपीट किया गया है। इस सूची में युवा मोर्चा में रहे नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। इसमें गौरव रणदिवे, दिलीप पांडे, राजू यादव, गौरव सिरोठिया समेत कुछ नेता शामिल हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इन नियुक्तियों में युवाओं को मौका दिया है। ज्यादातर लोगों की उम्र 40 से 50 के बीच है। भाेपाल में थोड़ी खींचतान थी। दो दिन पहले जिले के पदाधिकारी अनिल अग्रवाल, राम बंसल, जगदीश यादव और केवल मिश्रा आदि ने प्रदेश अध्यक्ष शर्मा से मुलाकात करके कहा था कि वीरानी को बदला जा रहा है तो नया जिलाध्यक्ष जिले की बाॅडी में से ही होना चाहिए। पार्टी स्तर पर रवींद्र यति के नाम की भी चर्चा हुई, लेकिन पचौरी के नाम पर सहमति बनी।
सूची इस प्रकार है

ग्वालियर शहर में कमल माखीजानी व ग्रामीण में कौशल शर्मा, सागर में गौरव सिरोठिया, टीकमगढ़ में अमित नूना, दमोह में प्रीतम लोधी, रीवा में डाॅ. अजय सिंह पटेल, सतना में नरेंद्र त्रिपाठी, शहडोल में कमल प्रताप सिंह, उमरिया मेें दिलीप पांडे, सिवनी में आलोक दुबे, नरसिंहपुर में अभिलाष मिश्रा, भोपाल नगर में सुमित पचौरी, होशंगाबाद में माधव अग्रवाल, बैतूल में आदित्य शुक्ला, रायसेन में जयप्रकाश किरार, इंदौर नगर में गौरव रणदिवे व ग्रामीण में राजेश सोनकर, बुरहानपुर में मनोज लदवे, झाबुआ में लक्ष्मण नायक, धार में राजू यादव, आगर में गोविंद सिंह बरखेड़ी, देवास में राजीव खंडेलवाल, मंदसौर में नानालाल अठौलिया और नीमच में पवन पाटीदार को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।



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Command of Bhopal handed over to Sumit Pachauri




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भोपाल में सीजन में सबसे ज्यादा 42.9 डिग्री पर पहुंचा तापमान

राजधानी में शनिवार काे माैसम ने दाे रंग दिखाए। दिनभर शहर खूब तपा। दिन का तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक 42.9 डिग्री दर्ज किया गया। यह सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। शाम 4:15 बजे के बाद माैसम बदल गया। घने बादल छा गए और 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। इसके बाद बारिश शुरू हो गई। करीब दो घंटे में तापमान 7.7 डिग्री लुढ़क गया। माैसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि दाेपहर 3:30 बजे पारा 42.9 डिग्री पर था, जाे शाम 5:30 बजे 35.2 डिग्री पर पहुंच गया। भाेपाल के अलावा शनिवार काे राजगढ़, जबलपुर सहित कई शहराें में भी बारिश हुई।

इसलिए बदला मौसम ...

वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश के मध्य भाग से तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्से तक ट्रफ लाइन बनी है। राजस्थान के उत्तरी हिस्से में ऊपरी हवा का चक्रवात बना है। भाेपाल में दिन भर तपिश के बाद शहर में क्यूंबलाे निंबस क्लाउड यानी गरज-चमक वाले बादल भी बन गए थे। इनके कारण बारिश हुई।



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शाम 4:15 बजे के बाद माैसम बदल गया। घने बादल छा गए और 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। इसके बाद बारिश शुरू हो गई। करीब दो घंटे में तापमान 7.7 डिग्री लुढ़क गया।




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कांग्रेस व पूर्व ननि आयुक्त ने किया विरोध, रीवा में विस्थापिताें काे हटाने पर विवाद

रीवा जिले के रतहरा तालाब में बसे विस्थापितों की झुग्गियां शनिवार सुबह नगर निगम और राजस्व अमले ने ढहा दी। इनके लिए रतहरा में बने प्रधानमंत्री आवास के पार्किंग में व्यवस्था की गई है। अतिक्रमण हटाए जाने का विरोध भी लोगों ने किया। कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी एवं महिला कांग्रेेस की प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कविता पाण्डेय ने कहा कि जब देश संकट काल में है तो ऐसी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। हालांकि जब लोगों को यह बताया गया कि पहले से ही आप लोगों को घर दिया जा चुका है, तब वह शांत हुए। शुक्ला ने किया ट्वीटइस मामले में पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने ट्वीट कर कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कांग्रेस नेताओं की पुरानी आदत है।

वे अतिक्रमणकारी नहीं, विस्थापित हैं : यादव

रीवा नगर निगम के पूर्व कमिश्नर सभाजीत यादव ने कहा कि रतहरा तालाब क्षेत्र में रहने वाले अतिक्रमणकारी नहीं बल्कि विस्थापित हैं। विधायक राजेंद्र शुक्ला ने इन्हें मुफ्त में आवास देेने की बात कही थी। कुछ वहां शिफ्ट भी हुए थे। शुक्ला को नोटिस जारी कर कहा भी गया था कि वे करीब पांच करोड़ रुपए जमा करें। उन्होंने हामी भरी थी और बाद में वे मुकर गए थे। खास बात यह है कि रतहरा तालाब क्षेत्र में रहने वालों को चूनाभट्‌टी और रानी का तालाब से हटाकर यहां विस्थापित किया गया था और मुआवजा भी नहीं दिया गया था।



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ई-पास के लिए लोग परेशान पोर्टल में आ रही दिक्कत

सरकार ने प्रदेश के बाहर या प्रदेश में ही दूसरे जिलों में फंसे लोगों के लिए ई-पास सुविधा शुरू की है। साथ ही एक-एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को अन्य प्रदेशों की जिम्मेदारी दी गई है। उनके नंबर भी दिए गए, लेकिन अधिकतर नंबरों पर कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा। काफी समय से मुंबई में फंसे पवन सलूजा लगातार ई-पास के लिए ऑनलाइन प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिन से ई-पास के लिए कोशिश कर रहा हूं, लेकिन प्रोसेस पूरी नहीं हो पाती। उन्होंने बताया कि फोन नंबरों पर भी बात करने की कोशिश की, लेकिन नहीं लगे। सोनीपत में काम करने वाले कुशाग्र ने बताया कि पोर्टल से ई-पास के लिए कोशिश की थी, लेकिन फायदा नहीं हुआ। कहीं न कहीं जाकर उसकी प्रक्रिया अधूरी रह जाती है। इस संबंध में स्टेट कंट्रोल रूम प्रभारी आईसीपी केशरी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। मैप-आईटी के सीईओ नंद कुमारम ने बताया कि पिछले दिनों में पोर्टल पर लोड बहुत ज्यादा बढ़ गया है। हमने अपने सर्वर की कैपेसिटी चार गुना बढ़ाई है, लेकिन पिछले तीन-चार दिन में पहले के मुकाबले 10 गुना से ज्यादा आवेदन आ रहे हैं। इसी कारण लोगों को प्रोसेस में परेशानी हो सकती है। इसे दूर करने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं।



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फाइल फोटो




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कांग्रेसी विधायक व समाजसेवी मजदूरों की मदद करें : कमलनाथ

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेसी विधायकों, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे बेबस मजदूरों की हर संभव मदद करें। नाथ ने कहा कि प्रदेश की सीमाओं व मार्गों पर गरीब बेबस मजदूर भाइयों की घर वापसी के लिए भीड़ लगी हुई है। सरकार ने उनके लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं। इस स्थिति में कोई पैदल, कोई साइकिल या अन्य साधन से मजदूर अपने घर के लिए निकल पड़ा है। इनमें कई भूख-प्यास से दम तोड़ रहे हैं तो कई लू का शिकार हो रहे हैं। इन मजदूर भाइयों का सभी कांग्रेसी जन खाने पीने और राशन का इंतजाम करें। नाथ ने कहा कि वर्तमान स्थिति में मुख्यमंत्री से लेकर सारे मंत्री सिर्फ बैठक और बयान देने में लगे हैं।



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फाइल फोटो




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भेल 2 हजार एकड़ में से 600 एकड़ जमीन राज्य सरकार काे लौटाएगी

बीएचईएल (भेल) अपनी खाली पड़ी सवा दो हजार एकड़ जमीन में से 600 एकड़ राज्य सरकार को लौटाएगी। इसमें आईटी पार्क के साथ सूचना प्रौद्योगिकी की अन्य संभावनाओं को तलाशा जाएगा। औद्योगिक भूमि व नीतियों के संबंध में शनिवार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक की।
इसमें उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों में व्यापक संशोधन व सरलीकरण करने के साथ ही उद्योगों को कई प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अब प्रदेश में उद्योग आमंत्रित करने में देरी नहीं करनी चाहिए। यह स्वर्णिम अवसर है। सभी औद्योगिक संगठनों व घरानों से चर्चा की जाए, ताकि निवेश हो। सीएम रविवार को निवेश बढ़ाने के लिए बनी समिति के साथ दोपहर 3 से 5 बजे तक चर्चा करेंगे। समिति में ट्राइडेंट के राजिंदर गुप्ता, एचईजी रवि झुनझुनवाला, वॉल्वो आयशर के विनोद अग्रवाल, ब्रिज स्टोन के मीचीहीरो सुजुकी, ल्युपिन के नीलेश गुप्ता, नेट-लिंक के अनुराग श्रीवास्तव, लेप इंडिया मार्क जोराल्ट, प्रकाश पैकेजिंग के अरुण गौर, हलाइड कैमिकल्स की अर्चना भटनागर, कोचर ग्लास के संदीप कोचर, मीनाक्षी कैमिकल्स के जितेंद्र गुप्ता व आर्यवर्त इंजीनियरिंग के राजेश मिश्रा हैं। समिति के संयोजक व उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि रविवार को होने वाली बैठक में निवेश के मसलों पर बात होगी। प्रदेश में लैंड पुलिंग नीति के चलते पर्याप्त भूमि उद्योगों के लिए उपलब्ध है।

उद्योग को 4 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली

उद्योगों को बिजली अब अलग कंपनी बनाकर उपलब्ध कराई जाएगी। इस कंपनी का संचालन उद्योग विभाग के जिम्मे होगा। यह कंपनी उद्योगों को 7.50 रुपए यूनिट के स्थान पर 4 रुपए प्रति यूनिट बिजली देगी।



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सीएम रविवार को निवेश बढ़ाने के लिए बनी समिति के साथ दोपहर 3 से 5 बजे तक चर्चा करेंगे।




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बिजली की एचटी लाइन पर गिरा पेड़, हाेर्डिंग उड़कर ताराें से टकराया

शनिवार शाम तेज हवा व गरज-चमक के साथ हुई बारिश के दाैरान अमराई इलाके में बिजली सब स्टेशन के पास एक पेड़ बिजली की एचटी लाइन पर गिर गया। इसके कारण एक घंटे तक आसपास के इलाकाें में बिजली गुल रही। हमीदिया राेड के पास एक बड़ा हाेर्डिंग हवा में उड़कर बिजली के ताराें से टकरा गया।

यहां भी नुकसान

  • गोविंदपुरा स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में शेड बिजली लाइनाें पर गिर गए।
  • प्राेफेसर कॉलाेनी में पेड़ गिरने से लाइनाें के जंपर खराब हाे गए।
  • अशाेका गार्डन, इंद्रपुरी, कराेंद, तलैया, टीटी नगर आदि इलाकाें में बिजली गुल।

वाेल्टेज कम-ज्यादा हाेने से परेशानी

साकेत नगर सेक्टर 9 ए में शाम 7 से रात 8 बजे तक वाेल्टेज कम-ज्यादा हाेता रहा। काेटरा के गंगानगर एरिया में 2 घंटे बिजली गुल रही।



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A tree fell on the HT line of electricity, hurried flying and crashed into the stars




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मकान मालिक के कुत्ते ने 5 साल की बच्ची पर किया हमला,12 घाव हुए

मकान मालिक के राेटवीलर प्रजाति के खूंखार कुत्ते ने किराएदार की 5 साल की बच्ची पर हमला कर दिया। पिता, मां समेत 7 लाेग बच्ची काे बचाने दाैड़े, बावजूद इसके कुत्ते ने बच्ची के शरीर पर 12 घाव कर दिए। घटना काेलार की राजहर्ष काॅलाेनी स्थित जैमिनी अपार्टमेंट की है। बच्ची के पिता की शिकायत पर काेलार पुलिस ने मकान मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया है।
दरअसल, ओला टैक्सी चलाने वाले भाग्येश शर्मा जैमिनी अपार्टमेंट में अपने परिवार सहित किराए से रहते हैं। गुरुवार शाम साढ़े छह बजे वे दूध लेने गए थे। लाैटकर आए ताे उन्हें देखकर उनकी बेटी शिवन्या नीचे आ गई। तभी मकान मालिक अंकेश जैमिनी के पाेर्च में बंधे कुत्ते ने झटके से चैन ताेड़ी और शिवन्या पर हमला कर दिया। भाग्येश ने शाेर मचाया और बेटी काे बचाने दाैड़े। उनकी आवाज सुनकर दूसरे किराएदार, पत्नी और दाे राहगीर भी आ गए। उन्हाेंने बमुश्किल शिवन्या काे कुत्ते से छुड़ाया। इलाज के लिए जेके अस्पताल लेकर गए। शिवन्या काे बाएं पैर की जांघ आ पेट पर 12 गहरे घाव हुए हैं।

डेढ़ महीने पहले मां को दिए थे जख्म

भाग्येश ने बताया कि यह कुत्ता बेहद खूंखार है। 28 मार्च काे मेरी मां 72 वर्षीय सरला बालकनी में बैठी थीं, तब इसी कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया था। मां काे जांघ और कूल्हे में 10 जगह दांत लगे थे, उनका अभी तक इलाज चल रहा है। तब अंकेश ने कुत्ते काे कहीं भेज दिया था, लेकिन 15 दिन बाद फिर ले आए। कुत्ते के हमले में घायल शिवन्या। (इनसेट) कुत्ते द्वारा काटे जाने पर बने गहरे घाव। कुछ घाव ताे इतने गहरेे हैं कि मांस बाहर निकल आया।

राेटवीलर प्रजाति...खूंखार नस्ल का है कुत्ता

कुत्ताें की तमाम नस्लाें में राेटवीलर सबसे खूंखार माने जाते हैं। यही वजह है कि यूराेप व अमेरिका के कई शहराें में इस नस्ल के कुत्ताें काे रहवासी इलाकाें में पालने की अनुमति नहीं है। 2017 में राेटवीलर नस्ल के कुत्ते ने पानीपत हरियाणा के कलहेड़ी में अपने मालिक काे मारकर खा लिया था। पेट लवर सुनीता जाेशी का कहना है कि हमारे देश में इस नस्ल के कुत्ते के पालने पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन यह अग्रेसिव हाेता है, इसलिए इसे पालने के लिए अतिरिक्त सावधानी रखने की जरूरत हाेती है।



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Landlord's dog attacked 5-year-old girl, 12 wounds




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कलेक्टोरेट ब्रांच से किसान निकाल सकेंगे अपनी राशि

महामाया चौक स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायसेन की शाखा कंटेनमेंट एरिया में आने के कारण 26 अप्रैल से बंद है। अब इस शाखा के खातेदार किसान अपनी राशि बैंक की कलेक्ट्रेट शाखा से निकाल सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए बैंक के ब्रांच मैनेजर बलदेव सिंह चंदेल ने बताया कि जिन किसानों की केवाइसी अपडेट है और उनकी राशि खाते में आ गई है और उन्हें राशि की सख्त जरुरत है, वे
किसान कलेक्ट्रेट शाखा में पहुंच कर अपनी राशि का भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। श्री चंदेल ने बताया कि महामाया चौक स्थित बैंक की शाखा के बंद होने से किसानों को रही परेशानी को देखते हुए यह नई व्यवस्था की जा रही है। कलेक्ट्रेट शाखा में किसान अनावश्यक रुप से भीड़ न लगाएं, जिनको बहुत ही ज्यादा जरुरत है, वे ही किसान वहां पर राशि निकालने के लिए पहुंच सकते हैं।



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मानसिक विकलांग दो बेटों को शासन की सुविधाएं दिलाने 17 साल से संघर्ष कर रही एक मां, तो दूसरी ने बेटे को पढ़ाकर बनाया काबिल

सुनील यादव.मेरी तकदीर में एक भी गम नहीं होता, अगर तकदीर लिखने का हक मेरी मां को होता। मां जिसके लबों पर कहीं बद्‌दुआ नहीं होती। मां जो कभी खफा नहीं होती। मां शब्द छोटा है पर इसमें ब्रह्मांड समाया है। हर बच्चे की पूरी दुनिया उसकी मां के इर्द-गिर्द होती है। वही उसकी ताकत और ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत है।
मां कहीं गुरु बनकर कामयाबी दिला रही है तो कहीं मां अपनी खुशियों को त्याग कर संतान का भविष्य गढ़ रही है। मां के त्याग और संघर्ष जिंदगी बदल रहे हैं। आज रविवार को मदर्स डे के मौके पर ऐसी ही दो मां के संघर्ष की कहानी आपसे साझा कर रहे हैं।
मां की विवशता : जिगर के टुकड़ों को रखती है जंजीरों से बांधकर
मां के ऊपर कितनी भी मुसीबतें आएं, वह कभी अपने बच्चों पर तकलीफ नहीं आने देती। जीवन संघर्ष से भरा होगा तो भी अपने बच्चों के लिए उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान होगी, लेकिन नगर में एक ऐसी भी मां है, जो अपने जिगर के टुकड़े को जंजीरों से जकड़ कर रखती है। शायद आप इसे सौतेली मां समझेंगे। नहीं ये सगी मां ही है, वह ऐसा गुस्से या शौक से नहीं करती। अभागिन मां अपनी औलाद के खातिर ही ऐसा करने को मजबूर है। दरअसल इस मां के दो बेटे मानसिक रुप से बहुविकलांग हैं। उनकी सुरक्षा के खातिर इस मां को ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। कहानी नगर के वार्ड 17 सतलापुर निवासी सुशीला देवी प्रजापति (60 वर्षीय) की है। तीन बेटे और एक बेटी है। बेटी की शादी कर विदा कर दिया है तो बड़े बेटे अंबिका शरण को पढ़ा- लिखाकर इंजीनियर बना दिया है। दो बेटे भगवती शरण और अजय प्रकाश मानसिक रोगी हैं। जिन्हें खुला रखना या अकेला छोड़ना उनके लिए खतरे से खाली नहीं है।

बचपन में पिता की मौत तो मां ने अंगुली पकड़कर दिखाई राह
नगर के लिटिल स्कॉलर हायर सेकेंडरी स्कूल के संचालक नितिन लोहानी का बचपन कड़े संघर्ष में बीता है। वे बताते है कि बचपन में ही पिता का निधन होने के बाद मां पुष्पा लोहानी के ऊपर ही हम दोनों भाई-बहन की परवरिश का जिम्मा आ गया था, लेकिन मां घबराई नहीं। पुष्पा लोहानी बताती है कि पति के जाने के बाद मेरे ऊपर बच्चों का लालन-पालन, अच्छी शिक्षा दिलाने के साथ ही स्कूल को आगे बढ़ाने की दोहरी चुनौती थी, लेकिन में इस से घबराई नहीं। वहीं नितिन बताते है कि मां ने कभी पापा की कमी नहीं खलने दी। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मेरी मां ने मुझे मातृत्व के बहुत से पहलुओं से परिचित कराया है। बीटेक करने के बाद जब मैं हौंडा में प्रोडक्शन इंजीनियर था, तब मम्मी, उनके और पापा द्वारा स्थापित मिडिल स्कूल का संचालन कर रहीं थीं। एक अच्छी कॉरपोरेट नौकरी में मेरी अरुचि वो समझ गई थीं और एक दिन मेरे बोलने से पहले उन्होंने मुझे नौकरी छोड़ने के लिए कह दिया।



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One mother struggling for 17 years to provide facilities for governance to two mentally challenged sons, and the other made a son capable of teaching




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तेज हवा के साथ शाम को हुई बारिश

शहर में शाम को तेज हवा के साथ बूंदाबांदी हुई। हालांकि दिन में तेज धूप निकली हुई थी। इसके चलते दिन का पारा 42 डिग्री पर पहुंच गया। हालांकि यह शुक्रवार की तुलना में 0.6 डिग्री कम हो गया। हालांकि रात के तापमान में कोई बदलाव न होकर 28.2 डिग्री ही दर्ज हुआ है।
मौसम विभाग के एसएस तोमर के मुताबिक आगामी 13 मई तक बादल युक्त मौसम रहेगा। जिले के बेगमगंज में तेज हवा के साथ शाम को बूंदाबांदी शुरू हो गई। वहीं देवरी में तेज हवा चलती रही और बादल छाए रहे। इस तरह गैरतगंज में भी आसमान पर बादल छाए रहे। अप्रैल और 9 मई तक दिन का तापमान 42.8 डिग्री से अधिक नहीं हुआ है। हर एक से दो दिन में तापमान में एक से दो डिग्री के बीच उतार चढ़ाव आ रहा है।



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Rain in the evening with strong wind




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बाहर से आए 7 हजार मजदूरों के स्वास्थ्य परीक्षण आैर संक्रमण रोकने की चुनौती

जिले में बाहर से आने वाले मजदूरों का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले लॉकडाउन में करीब 21 हजार मजदूर जिले में बाहर से आए थे। उन्हें प्रशासन ने होम क्वारेंटाइन कराकर हर दो दिन में उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली, जिनको कोई तकलीफ हुई उनका उपचार कराया। इस तरह से इन मजदूरों ने अपना होम क्वारेंटाइन और संस्थागत क्वारेंटाइन रहने का समय पूरा कर लिया। इसके बाद वे पूरी तरह से स्वास्थ्य मान लिए गए। अब फिर देश के कई प्रदेशों से बड़ी संख्या में मजदूर आ रहे है।
उनमें से सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हेें घरों तक पहुंचाने में प्रशासन जुटा हुआ है। इस तरह से दूसरे प्रदेशों में जिले में करीब 7 हजार मजदूर भी आ चुके हैं। इनमें महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से आए लोग शामिल हैं। इनका स्वास्थ्य परीक्षण कर जरुरत होने पर उनका क्वारेंटाइन करना और क्वारेंटाइन अवधि के दौरान शर्तों का पालन कराने पर जोर दिया जा रहा है। शनिवार को फिर गुजरात से फिर 60 मजदूर रायसेन की दरगाह के पास पहुंचे। प्रशासन ने उन्हें दरगाह पर राेक कर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। उसके बाद नरापुरा, रतनपुर और उदयपुरा भिजवाया गया। इतना ही नहीं जिले भर की सड़कों पर मजदूरों को लंबी-लंबी दूरी तय करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। कोई पैदल तो कोई साइकिल से सैंकड़ों किमी की दूरी तय करके अपने घरों की और निकले हुए हैं।

वाहन के किराए पर खर्च करना पड़े 34 हजार रुपए
जिले के रतनपुर में रहने वाले 34 मजदूर भी शनिवार को गुजरात से रायसेन की दरगाह से निकल रहे थे। वहां रोककर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। उसके बाद उन्हें उनके गांव रतनपुर जाने दिया गया। मजदूर दीनू ने बताया कि वे गुजरात से गुरुवार की शाम को चले थे। यहां आने के लिए उन्होंने एक पिकअप वाहन 34 हजार रुपए किराए से लिया। वाहन चालक ने प्रत्येक सवारी के मान से 1 हजार रुपए का किराया तय किया था। इसके बाद वे यहां तक पहुंच पाए। इस दौरान उनका स्वास्थ्य परीक्षण गुजरात की मप्र की सीमा पर भी किया गया। दीनू का कहना है कि 45 दिनों से पूरी तरह से काम बंद है। इसलिए वहां रुकना मुश्किल हो गया।

17 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव
शनिवार को 17 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जिसमें टिफिन संचालक के परिजनों के 6 सदस्य भी इसमें शामिल है। इसके अलावा अल्ली गांव के 7, शहर के वार्ड क्रमांक तीन के तीन लोग और वार्ड क्रमांक 17 के एक व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस तरह 17 लोगों की रिपोर्ट आने से उनकी एक-दो दिन में छुटटी हो जाएगी।
दो दिन बाद हट सकता है कर्फ्यू: कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के मुताबिक संक्रमण को रोकने के लिए बहुत अधिक सतर्कता बरती जा रही है। लोगों को परेशानियों को भी ध्यान रखा जा रहा हैं। लेकिन आगामी दो दिनों में स्थिति बेहतर रहती है तो कर्फ्यू हटा लिया जाएगा।

अल्ली गांव के वार्ड नं. 2, 5, 6 का होगा सर्वे
जिले में कुल 64 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, इनमें से सबसे अधिक रायसेन शहर और अल्ली गांव के ही हैं। इसके चलते इन्हीं स्थानों पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का अधिक फोकस है। अल्ली गांव में अब एक बार और सर्वे कराने की तैयारी की जा रही है। इससे वहां आगे किसी भी तरह से कोेरोना वायरस के संक्रमण की संभावना न रहे। इसी तरह शहर के वार्ड नंबर 2, 5 और 6 भी प्रशासन के विशेष निगरानी में है। यहां भी कोरोना संक्रमित सबसे अधिक मरीज मिल चुके हैं।

अच्छी खबर: टिफिन सेंटर संचालक के संपर्क में आए 19 लोग डिस्चार्ज
शहर टिफिन सेंटर संचालक के दो बेटों की कोरोना से मौत हो चुकी हैं, तो वहीं तीनों बहुएं, छोटा बेटा, दादा और दादी तक कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया था। इस परिवार के टिफिन सेंटर पर भोजन बनाने का काम करने वाले मजदूरों और उनके परिवार के 19 सदस्यों को राहुल नगर के एक छात्रावास में क्वारेंटाइन कराया गया था। इनके सैंपल की रिपोर्ट पहले निगेटिव आ चुकी थी। शनिवार को क्वारेंटाइन रखे जाने की अवधि 14 दिन पूरे हो जाने के बाद इन्हें भी स्वास्थ्य परीक्षण के बाद डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया है।

सोमवार को 7 से 2 बजे तक कर्फ्यू में मिलेगी ढील

सोमवार 11 मई को रायसेन में लागू कर्फ्यू में सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक ढील दी जाएगी। ढील के दौरान दूध, फल, सब्जी और किराने की दुकानें खुलेंगी। ढील कंटेनमेंट एरिया के लिए नहीं होगी।



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Health test of 7 thousand workers from outside and challenge to prevent infection




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भाजपा के जिलाध्यक्ष बने डॉ. जयप्रकाश

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत ने भाजपा नेता डॉ. जयप्रकाश किरार को रायसेन का भाजपा जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। नव नियुक्त भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश किरार ने भास्कर से चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें संगठन द्वारा जो जबावदारी सौंपी गई है, वह उसे पूरी निष्ठा के साथ पूर्ण करने का प्रयास करेंगे। सभी को साथ लेकर संगठन को ओर अधिक मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इसके अलावा सरकार की योजनाओं को धरातल पहुंच कर लोगों को उसका लाभ भी दिलाने का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डॉ. जयप्रकाश किरार लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है, उनकी पत्नी अनीता किरार वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष है। उन्हें पूर्व वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार से जुड़े होने का भी फायदा मिला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी उनके अच्छे संबंध हैं।



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Dr. Jayaprakash became District President of BJP




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पति-पत्नी में हुई अनबन, पति ने कुएं में कूदकर दे दी जान

सलामतपुर के संग्रामपुर गांव में पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई, जिससे गुस्से में आकर पति ने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी। जानकारी अनुसार संग्रामपुर गांव में रहने वाले बलराम यादव पुत्र भीकम सिंह यादव 27 वर्ष का किसी बात पर अपनी पत्नी से कहासुनी हो गई। जिससे गुस्से में आकर बलराम यादव ने घर के पास ही स्थिति कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी।
बलराम यादव की संग्रामपुर गांव में ही ज़मीन है। जिस पर वह किसानी का कार्य करते थे। उन्होंने खेत में ही अपना घर बनवा रखा है। मामला शुक्रवार देर रात का है। जब रात में पति बलराम यादव घर नहीं पहुंचा तो सुबह पत्नी ने अपने जेठ संतोष यादव को बताया। परिजनों ने शनिवार सुबह काफी खोजबीन के बाद बलराम का शव घर के पास ही स्थिति कुएं में देखा गया। तब पुलिस को मृतक बलराम के बड़े भाई संतोष यादव ने इसकी सूचना दी। सूचना उपरांत किसान का शव कुएं से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा
सत्येंद्र दुबे, चौकी प्रभारी दीवानगंज के मुताबिक, शुक्रवार देर रात संग्रामपुर गांव में किसान बलराम यादव ने कुएं में कूदकर खुदकुशी कर ली है। शनिवार सुबह सूचना मिलने पर मृतक का शव कुएं से निकालकर पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। मामले को जांच में लिया है।



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200 रु. के लिए मामा की हत्या, अस्पताल आ रहे भांजे की दुर्घटना में मौत

आदिवासी बाहुल्य बस्ती इंदिरा कॉलोनी में शुक्रवार देर रात 200 रुपए के लेनदेन पर तीन युवकों ने एक युवक की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। पिता को बचाने के लिए आए पुत्र के साथ भी मारपीट की गई, जिससे वह भी घायल हो गया। वहीं घायल मामा को देखने के लिए विदिशा जा रहे भांजे की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। एक ही घर में दो मौत होने से बस्ती में मातम छा गया, वहीं दोनों की दो अर्थियां एक साथ घर से उठीं।
पुलिस के अनुसार जगमोहन अहिरवार पुत्र रघुनाथ अहिरवार 47 वर्ष निवासी इंदिरा कालोनी सलामतपुर ने मोहल्ले में ही रहने वाले बेलदार समाज के वकील, लालू खान और चांद खान से 200 रुपए की मछली खरीदी थी। इस रुपयों को लेकर शुक्रवार रात दस बजे विवाद हो गया। इस विवाद के बाद बेलदार समाज के वकील, लालू और चांद ने एक साथ मिलकर घर के बाहर बैठे जगमोहन के सिर पर कुल्हाड़ी से प्रहार कर दिया। जिससे जगमोहन वहीं ढेर हो गया। मारपीट के दौरान चिल्ला चोट को सुनकर जगमोहन का बड़ा पुत्र संतोष भी मौके पर पिता को बचाने पहुंचा, तो तीनों ने उसके साथ भी मारपीट करके घायल कर दिया। इसके बाद तीनों मौके से फरार हो गए। सूचना मिलते ही सलामतपुर थाना प्रभारी रमेश रघुवंशी पुलिस अमले के साथ पहुंचे। गंभीर घायल जगमोहन को सांची स्वास्थ्य केंद्र भेजा। जहां से उसे विदिशा रेफर कर दिया गया। इलाज दौरान विदिशा में जगमोहन की मौत हो गई। वहीं जगमोहन पर हमले की सूचना पर विदिशा अस्पताल देखने जा रहे उसके भांजे देवी सिंह अहिरवार 26 वर्ष निवासी गुलाबगंज हाल निवास इंदिरा कॉलोनी सलामतपुर और बड़े भाई श्याम बाबा के साथ अपनी बाइक से जा रहे थे। ोरास्ते में सांची के पास दुर्घटना में दोनों गंभीर घायल हो गए थे। जिसमें जगमोहन के भांजे देवी सिंह की मौके पर ही मौत हो गई व उनके बड़े भाई श्याम बाबा गंभीर रूप से घायल हो गए।

200 रुपए के लिए मेरे पिता को मार डाला
संतोष अहिरवार, मृतक का बड़ा पुत्रके मुताबिक, मेरे पिता की 200 रुपए के लेनदेन के चलते मोहल्ले के ही बेलदार समाज के तीन लोगों ने कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। कबाड़े का काम करते थे।
आरोपियों की तलाश
रमेश रघुवंशी, टीआई सलामतपुर के मुताबिक, इंदिरा कालोनी में रुपयों के लेनदेन में जगमोहन की तीन लोगों ने कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी है। तीनों आरोपियों पर पहले धारा 307 का केस दर्ज किया था। आरोपियों की तलाश की जा रही है।

जगमोहन कबाड़े का काम करके चलाता था परिवार
जगमोहन के परिवार में उसकी पत्नी, 4 लड़के और 4 लड़कियां हैं। यह गांव-गांव जाकर कबाड़े की पुरानी टूटी फूटी सामग्री खरीद कर बेचता था। जिससे उसके परिवार का भरण पोषण होता था। जगमोहन लगभग 20 वर्षों से इंदिरा कालोनी में रह रहा था। इससे पूर्व यह भोपाल में रहता था। इसका बड़ा लड़का संतोष स्थानीय रेक पॉइंट पर हम्माली का कार्य भी करता था।
परिवार में मातम, जब एक साथ उठी दो अर्थियां
शनिवार को मृतक जगमोहन और उसके भांजे देवी सिंह के शव पोस्टमार्टम के बाद जब एक साथ इंदिरा कालोनी पहंुचे, तो परिवार में मातम छा गया। सभी का रो-रो कर बुरा हाल था। श्मशान घाट पर मामा और भांजे का अंतिम संस्कार किया गया।



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200 rupees Mama killed, nephew coming to hospital dies in accident




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ग्रामीणों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विधायक को बताई सड़क और खरीदी न होने की समस्या

ग्राम पंचायत तेलीगांव में हुई बैठक में विधायक लक्ष्मण सिंह ने बैठक में हिस्सा लिया। कोरोना के लॉक डाउन के कारण इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। जिसमें ग्रामीणों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विधायक से चर्चा की। जिसमें प्रमुख समस्या मंडी का चालू न होना एवं एक सड़क निर्माण की बताई गई। विधायक श्री सिंह ने व्यापारियों को गांवों में जाकर खरीदी करने की अनुमति देने के संदर्भ में अवगत कराया तथा जल्द ही मंडी भी शुरू होने का भरोसा दिया। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि इस संकट की घड़ी में प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करना हम सब की जवाबदारी है अतः प्रशासन को सहयोग करें। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भोजराज लोधी ने बिजली पानी और राशन से संबंधित जानकारी प्रदान की तथा पंचायत द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी विधायक को दी। इस दौरान सरपंच, सचिव एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।



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Villagers told MLA about the problem of road and non-purchase through video conferencing




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दूध डेयरियां सुबह 10 बजे तक खुलीं

दो दिन पहले तक शहर ग्रीन जोन में होने के कारण लोगों को खाने-पीने के सामान की कोई चिंता नहीं थी। गुरूवार शाम को जिले में पहले संदिग्ध युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण हुए टोटल लॉक डाउन से शहर में दूसरे दिन भी सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
सुबह सात बजे से दस बजे तक दूध डेयरियां खुलने से लोगों को थोड़ी राहत रही,अचानक से बंद के कारण कई लोग सुबह अपनी आदत अनुसार थैले लेकर सब्जी वालों को ढूंढ़ते हुए दिखे जो निराशा के साथ वापस गए।वही पुलिस की सघन चैकिंग के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसर दिखाई दिया।
जगह-जगह लगे बेरिकेड्स पर खड़े पुलिसकर्मी हर आने-जाने वाले से बाजार में आने का कारण पूछते नजर आए साथ ही बिना कारण आए लोगों को मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर पर ही रहने की समझाइश देकर वापस भेजा।



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ग्रामीणों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विधायक को बताई सड़क और खरीदी न होने की समस्या

ग्राम पंचायत तेलीगांव में हुई बैठक में विधायक लक्ष्मण सिंह ने बैठक में हिस्सा लिया। कोरोना के लॉक डाउन के कारण इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। जिसमें ग्रामीणों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विधायक से चर्चा की। जिसमें प्रमुख समस्या मंडी का चालू न होना एवं एक सड़क निर्माण की बताई गई। विधायक श्री सिंह ने व्यापारियों को गांवों में जाकर खरीदी करने की अनुमति देने के संदर्भ में अवगत कराया तथा जल्द ही मंडी भी शुरू होने का भरोसा दिया। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि इस संकट की घड़ी में प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करना हम सब की जवाबदारी है अतः प्रशासन को सहयोग करें। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भोजराज लोधी ने बिजली पानी और राशन से संबंधित जानकारी प्रदान की तथा पंचायत द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी विधायक को दी। इस दौरान सरपंच, सचिव एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।



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Villagers told MLA about the problem of road and non-purchase through video conferencing




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महाराणा प्रताप की जयंती पर आरएसएस ने लगाया शिविर, 75 यूनिट किया रक्तदान

शनिवार को वीर महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में एवं हमारे देश में चल रही कोरोना संक्रमण महामारी से निजात पाने एवं सैनिकों की मदद के लिए सेवाभारती गुना के मार्गदर्शन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
इस संकट की घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभिन्न प्रकार के सेवा कार्य कर रहा है पूरे देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं अलग-अलग प्रकार के सहयोगी संगठनों के माध्यम से सेवा कार्यों में संलग्न है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरोन के स्वयंसेवकों द्वारा विगत 45 दिनों से भोजन वितरण मास्क वितरण एवं राशन सामग्री के पैकेट किया जा रहा है।
इसी क्रम में जिले में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। गुना नगर, बमोरी तहसील के बाद आरोन तहसील में भी शनिवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस रक्तदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी स्वयंसेवक एवं विभिन्न संगठनों के स्वयंसेवकों द्वारा भाग लिया गया।
आरोन खंड के 12 मंडल में से सभी मंडलों के प्रतिनिधियों ने रक्तदान किया। इस रक्तदान शिविर में लगभग 75 रक्तदाताओं रक्तदान किया।

बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी किया रक्तदान
रक्तदान में महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। ममता रघुवंशी, जानकी बुनकर, शिवाली रघुवंशी ने भी रक्तदान कर अपना सहयोग दिया। महामारी से पीड़ित समाज के लोगों के सहयोग के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरोन के स्वयंसेवक एवं भाजपा मंडल आरोन के कार्यकर्ताओं ने आज के रक्तदान करने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शिविर में अनुविभागीय अधिकारी केएल यादव, बीएमओ सुनील यादव, सेवाभारती के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह संधू एवं सचिव मनोज रघुवंशी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रामस्वरूप शर्मा, धर्मेंद्र रघुवंशी, भगवान लाल शर्मा, विष्णु रघुवंशी, मनोहर लाल शर्मा एवं सागर सिंह रघुवंशी उपस्थित रहे।



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RSS set up camp on Maharana Pratap's birth anniversary, donated 75 units of blood




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बारदाना खत्म हाेने से खरीदी बंद, गर्मी में तीन दिन से गेहूं बिकने के इंतजार में बैठे हैं किसान

पिछले तीन दिन से खरीदी केंद्रों पर बारदाना न होने के कारण किसानों की तुलाई पर रोक लगी है। किसान तीन दिन से खरीदी केंद्रों पर डेरा डालकर खरीदी प्रारंभ होने का इंतजार कर रहे हैं। रामनगर सोसायटी पर बारदाना खत्म होने के कारण किसान बेहद परेशान है।
किसानों ने बताया कि उपज तुलाई के लिए वह यहां पर तीन दिनों से पड़े हुए हैं। अभी तक बारदाना उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। किसानों ने कहा कि धूप गर्मी में परेशान हैं और कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। किसान शिवराज सिंह यादव नोहर गांव के आस-पास के गांव से दर्जनों किसान या तीन-तीन दिनों से भूखे प्यासे पड़े हैं। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, बारदाना खत्म होने के कारण तुलाई बंद पड़ी है सभी कांटे बंद पड़े हैं। ऐसे में किसान परेशान हो रहे हैं ऊपर से मौसम की परेशानी कहीं तेज आंधी तो कहीं बारिश हो रही है। जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। वहीं खरीदी केंद्रों पर फसल को बारिश से बचाने के इंतजाम भी नहीं दिखाई दिए। किसानों की ट्रालियों को जरूर किसानों ने अपने द्वारा लाए गए तिरपाल से ढंक रखा था।
शिवराज सिंह, मनमोहन सिंह, चंद्रभान सिंह, पर्वत सिंह, शैतान सिंह, लाखन सिंह, लक्ष्मीनारायण, बीरन सिंह यादव, सुनील, मुकेश, मेहरबान सिंह, जयनारायण धाकड़ आदि किसान तीन-तीन दिन से अपनी तुलाई का इंतजार कर रहे हैं लेकिन आज तक तुलाई नहीं हो पाई है। ऐसे में अगर बारिश हो जाती है तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। किसानों ने सरकार और वरिष्ठजनों से अपील की है कि हमारी समस्या को हल किया जाए और जल्द से जल्द बारदाना बेचकर रामनगर सोसायटी पर तुलाई चालू करवाई जाए। गर्मी में किसान अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए तीन दिन से खुले आसमान के नीचे इंतजार कर रहा है।
दोपहर के समय किसान छांव के लिए ट्रॉली के नीचे बैठ रहा है तो रात ट्रॉली के ऊपर लेटकर काट रहा है। यह स्थिति जिले के ज्यादातर खरीदी केंद्रों की है। इस संबंध में शिवनारायण सेन समिति प्रबंधक से बात की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।



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The gunny bags are closed because the farmers are waiting to sell wheat for three days in the summer




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रेडक्रास दिवस पर लोगों ने नशा न करने और स्वच्छता बनाए रखने की ली शपथ

विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राघौगढ़ में एसडीएम बृजेश शर्मा के नेतृत्व में मद्य पदार्थ जर्दा बीड़ी पान गुटखा मदिरापान आदि के उपयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध तथा कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्वच्छता बनाए रखने सामाजिक दूरी बनाए रखने की शपथ ली गई। साथ ही उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा अपने हस्ताक्षर भी किए गए। इस अवसर पर संस्था प्रभारी डॉ. लक्ष्मी कुमार के साथ बीपीएम अनिल कुमार शुक्ला बीईई रघुवीर सिंह, लेखापाल मनोज कुमार लोधी, सीएचओ कल्पना परमार, रानी सैनी, मनोज कुमार ओझा, कमलेश वर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर, महिपाल सिंह चौहान, जेपी खलखो, अर्चना त्रिपाठी, ऑपरेटर राधेश्याम बुनकर, संजय सोनी, राजकुमार राय, देवेंद्र राय आदि उपस्थित रहे।



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On Red Cross Day, people take an oath of intoxication and cleanliness




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वन भूमि पर हरे पेड़ों को काटकर तैयार किए जा रहे खेत, जगह-जगह कटे पड़े हुए हैं पेड़

एक ओर जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन का फायदा उठाकर भू माफिया वन भूमि से जंगलों की कटाई कर वन भूमि पर अतिक्रमण करने में लगा है।इससे क्षेत्र के जंगलों में हरे पेड़ों को काटकर मैदानी क्षेत्र बनाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन परिक्षेत्र में जहां-तहां कटे पेड़ों के ठूंठ दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही वनभूमि पर कब्जे के लिए भू माफिया पत्थर डालकर चारदीवारी कर कब्जा करने में लगा है। इस और वन विभाग का ध्यान नहीं है। बड़ी मात्रा में इन पेड़ों को काटा जा रहा है। कार्रवाई न होंने से इससे मािफया का हौंसला बुलंद हैं।

इस तरह किया जा रहा है वन भूमि पर कब्जा

वन परिक्षेत्र बमोरी के ग्रामीणों ने बताया कि जगह-जगह जंगलों की कटाई कर खेती के लिए भूमि तैयार की जा रही है। पहले भूमि साफ कर दूसरों काे बेच दी जाती है। इस पर खरीदार खेती की तैयारी करते हैं। अधिकतर क्षेत्र में भूमाफिया का कब्जा रहता है। क्षेत्र के अकोदा प्लांटेशन क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा पेड़ों को काटकर सफाई की जा रही है। वहीं हांसिल, खैरोदा, प्रयागपुर क्षेत्र में भी लॉकडाउन का फायदा उठाकर सैकड़ों बीघा वन भूमि पर भू माफिया कब्जा करने में लगे हुए हैं। इसकी शिकायत कई बार वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से की गर्इ है। इसके बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसके चलते जंगलों का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है और भूमाफिया वन विभाग के अधिकारियों से बेखौफ होकर वन भूमि पर कब्जा करने में लगा है। हाल ही में क्षेत्र के बमोरी एवं फतेहगढ़ क्षेत्र के तहत आने वाली वन भूमि पर भू माफिया कब्जा कर जुताई के लिए तैयार किए जाने का मामला प्रकाश में आया था।

अकोदा में कटाई करने वालों पर कर रहे कार्रवाई
एके त्रिपाठी, वन परिक्षेत्र अधिकारी, बमोरी के मुताबिक, वन विभाग में तैनात अधिकतर वन रक्षकों की ड्यूटी कोरोना संक्रमण में पुलिस के साथ लगाई गई है। इस वजह से ये लोग जंगलों में गश्त नहीं कर पा रहे। अकोदा प्लांटेशन में जिन लोगों ने कटाई की है, उन पर क्यू आर कार्रवाई की जा रही है। हांसिल और अन्य पाइंटों को दिखवाते हैं।



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Fields being prepared by cutting down green trees on forest land, trees are cut down




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9 वाहन चालकों के बनाए चालान, 2500 रुपए शुल्क वसूला

पुलिस ने नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की है। इसके तहत जिले के तीन थानों में पुलिस ने 9 वाहन चालकों के चालान बनाकर 2500 रुपए का समन शुल्क वसूला है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी अनुसार कोतवाली पुलिस ने 1 प्रकरण बनाकर 250, मुंगावली थाना पुलिस ने 7 प्रकरण बनाकर 1750 रुपए और बहादुरपुर थाना पुलिस ने 1 प्रकरण में 500 रुपए शुल्क जमा किया है। पुलिस ने सभी वाहन चालकों को नियमों का पालन करने के हिदायत दी है। इसके बाद भी वाहन चालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।



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आधी शटर खोलकर कर बेच रहे नमकीन व अन्य खाद्य सामग्री

कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने होटलों पर खाद्य सामगी पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान घरों से संचालित करना शुरू कर दी है। ऐसा ही एक दुकान नगर के वार्ड 10 में चल रही है। जहां पर कुछ अपने घर से सेव, नमकीन, जलेबी सहित अन्य मिठाई अपने घर से बेच रहा है। पहले तो यह चोरी छुपे बेचता थे लेकिन अब तो वह दिन में सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक अपने यहां भीड़ लगाकर बेच रहा है। पुलिस के आते ही शटर गिरा देता है। ऐसे में अन्य दुकानदार तो लॉकडाउन का पालन कर रहें है लेकिन कुछ अपने फायदे के लिए प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।



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एनएमओपीएस संगठन के गुना ब्लाक अध्यक्ष बने भूरेलाल लोधा

शनिवार को दूरभाष के माध्यम से एनएमओपीएस जिला गुना की ऑनलाइन मीटिंग की गई। जिसमें तीन ब्लाक के पदाधिकारियों का चयन किया गया।इसमें गुना ब्लॉक अध्यक्ष पद के लिए प्रांतीय उपाध्यक्ष नरेंद्र भार्गव द्वारा भूरे लाल लोधा पंचायत सचिव व बमोरी ब्लॉक के लिए कार्यकारी जिलाध्यक्ष बृजमोहन किरार द्वारा परमाल सिंह यादव सचिव परवाह की अनुशंसा और ब्लॉक अध्यक्ष आरोन से प्रांतीय कोर कमेटी सदस्य ब्रह्मदास सूर्यवंशी द्वारा विपिन कुमार भार्गव बीएसी बीआरसी कार्यालय गुना आरोन की अनुशंसा की गई।
इन तीनों नामों की एनएमओपीएस संगठन के सभी पदाधिकारी जिला संयोजक प्रमोद रघुवंशी द्वारा संरक्षक संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष आलोक नायक की सहमति से जिले के सभी पदाधिकारियों की सहमति के अनुसार तीनों ब्लॉकों के लिए ब्लॉक अध्यक्षों का जिलाध्यक्ष रमेश अहिरवार द्वारा चयन किया गया। गुना ब्लॉक अध्यक्ष पद पर भूरेलाल लोधा ग्राम पंचायत सचिव ग्राम पंचायत सिंगाडी, बमोरी ब्लॉक अध्यक्ष पद पर परमाल सिंह यादव सचिव परवाह, आरोन ब्लॉक अध्यक्ष पद पर विपिन कुमार भार्गव को सर्वसम्मति से ब्लॉक अध्यक्ष पद पर चयनित किया गया।
इस दौरान कार्यकारी अध्यक्ष बृजमोहन किरार, उपाध्यक्ष चंद्रलेस श्रीवास्तव, नरेंद्र भारद्वाज, कोषाध्यक्ष राजकुमार बौद्ध, प्रवक्ता दामोदर धाकड़, सचिव दिनेश जाटव, केपी त्यागी, ब्रज रघुवंशी, संगठन सचिव अवधेश बौद्ध, रघुवीर सिंह सूर्यवंशी, संतोष मेहर, राजेश बिरथरे, लखनसिंह पंथ, अजय शर्मा, नरेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।



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गुजरात से लौटे 13 मजदूरों की स्क्रीनिंग कर छात्रावास में किया क्वारेंटाइन

ग्राम चक हरिपुर में गुजरात से एक दर्जन से ज्यादा मजदूर निजी बस से लौटकर अपने घर वापस पहुंचे, उन्हें चक हरिपुर के स्कूल भवन के सामने ही एक खुले मैदान में छायादार पेड़ों के नीचे बैठाकर स्क्रीनिंग की गई।
एक महिला 3 बच्चे सहित 13 लोगों के स्वास्थ्य की जांच सेक्टर मेडिकल अधिकारी बजरंगगढ़ डॉ. अनुराधा नैयर ने की। इस दौरान ग्रामीणों की सर्दी जुकाम खांसी सहित अन्य बीमारियों की हिस्ट्री भी ली गई। उनकी ट्रेवल हिस्ट्री के बाद 13 सदस्यों को एकलव्य छात्रावास में क्वॉरेंटाइन किया गया।
मौके पर सेक्टर मेडिकल अधिकारी डॉ. अनुराधा नैयर के साथ सुपरवाइजर रामबाबू नामदेव, फार्मासिस्ट प्रमोद शर्मा, सीएचओ पूरापोसर रंजना नलवाया, एएनएम रामवती शर्मा सहित उनकी टीम ने 13 आदिवासी एवं पटेलिया परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद ग्राम चक सकततपुर में भी एक व्यक्ति रीवा से आया था उसकी भी जांच की गई उसको भी उसके घर पर ही 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन कर उसको हिदायतें मौके पर दी गई। साथ ही संबंधित स्वास्थ्य केंद्र की टीम को निगरानी की जांच के लिए कहा गया है।
जिले भर में लगातार मजदूरों का आना जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले डेढ़ माह से लॉक डाउन के कारण देश के कई हिस्सों से गुना जिले में मजदूरों का आना जारी है। शहर के अलग-अलग प्वाइंटों पर पुलिस ने सख्त पहरा बिठा रखा है कि कोई व्यक्ति सीधे घर जाकर न छिपे। जो व्यक्ति बाहर से शहर में आते ही किसी भी व्यक्ति को सर्व प्रथम उसकी कोविड 19 कोरोना जांच कराना आवश्यक है। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी है। उसकी कोरोना वायरस जांच के बाद ही उसे होम क्वॉरेंटाइन या अस्पताल में आइसोलेट किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति चोरी छुपे घर चला जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। यह बाहर से आने वाले कोई भी व्यक्तियों ने सबसे पहले अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव या फिर स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क कर अपने स्वास्थ्य की जांच करवा उनकी सलाह माने। तभी हमारा जिला कोरोना मुक्त हो सकेगा।



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13 workers who returned from Gujarat were screened and quarantined in hostels




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11 को जो जहां है वहीं से 15 मिनट करेगा विरोध प्रदर्शन

श्रम कानूनों में किए गए सुधारों के खिलाफ 10 संगठनों व केंद्रीय यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। लॉकडाउन को देखते हुए इस आंदोलन में जो जहां है वहीं से विरोध प्रदर्शन करेगा। 11 मई को सुबह 10 से 11 बजे के बीच 10-15 मिनट विरोध जताया जाएगा। इन संगठनों का आरोप है कि मप्र सरकार द्वारा लागू किए गए कथित श्रम सुधारों से अब हर मजदूर बंधुआ की श्रेणी में पहुंचा दिया गया है। यह एक तरह गुलामी प्रथा की वापसी है। इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा व आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ के अलावा सभी यूनियनें शामिल हैं। इनमें इंटक, एटक, सीटू, हिंद मजदूर सभा, एआईयूटीयूसी और बीमा, बीएसएनएल एवं बैंक से जुड़ी यूनियनें शामिल हैं।
8 की जगह 12 घंटे की शिफ्ट मतलब बेरोजगारी : सीटू के विष्णु शर्मा, एटक के लक्ष्मीनारायण नामदेव, एआईयूटीयूसी के लोकेश शर्मा आदि ने बताया कि सरकार दावा कर रही है कि 12 घंटे की शिफ्ट से रोजगार बढ़ेगा। जबकि हकीकत यह है कि पहले 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में ज्यादा लोग काम कर सकते थे। अब एक शिफ्ट खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि 8 घंटे काम का हक मजदूरों ने अपना खून बहाकर हासिल किया था।



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ईद की नमाज के लिए नया लिबास जरूरी नहीं गैरजरूरी खरीदारी बिल्कुल न करें: शहर काजी

ईद के मौके पर बाजारों में गैर जरूरी खरीदारी से बचें और भीड़ ना लगाएं। मेकअप का सामान, नए कपड़े, जूते, होजरी, ज्वेलरी आदि की खरीदी ना करें। कोरोना के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है, तो कई लोग अपने घरों से दूर हैं, भूखे हैं, परेशान हैं। हाल ही में जम्मू कश्मीर के दन्तेवाड़ा में आतंकी हमले में हमारे जवान शहीद हो गए हैं। यह बात रमजान के दूसरे अशरे पर शहर काजी नूर उल्लाह यूसुफ जई ने कहीं। उन्होंने यह संदेश हर मुस्लिम तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और अपने बयानों को वायरल किया। क्योंकि मस्जिदों में सामूहिक इबादत बंद है।शहर काजी ने जवानों को याद किया और उन्हें खिराजे अकीदत (श्रद्धा)पेश की। घटना पर दुख जताते हुए उन्होंने इस तरह के हमलों की कड़ी निंदा की।

हर व्यक्ति है प्रभावित
शहर काजी ने कहा कि कोरोना वायरस जैसी महामारी से आज हर खास और आम परेशान है। आम लोगों के लिए मस्जिदों में इबादत बंद है। शासन प्रशासन की मेहनत और अवाम का सब्र यकीनन काबिले तारीफ है। ऐसे में हमारा भी फर्ज है कि हम ज्यादा से ज्यादा घरों में रहें। केवल बहुत जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए ही बाजार जाएं। अब तक सब्र किया है तो कुछ दिन और सब्र करें और बाजारों में कम निकलें। अभी संपर्क लॉक डाउन है, इसलिए घर से बाहर न निकले।
यह की गुजारिश

  • ईद के मौक़े पर गैर जरूरी खरीददारी हरगिज ना करें, ईद की नमाज के लिए नया लिबास जरूरी नहीं, पुराना पाक-साफ कपड़ा भी काफी है।
  • सख्त जरूरत के अलावा घरों से बाहर ना निकलें, बाजारों में भीड़ इकठ्ठी ना करें।
  • मुश्किल वक्त के लिए कुछ पैसे बचाकर रखें, ताकि यह आगे काम आ सकें, कुछ पैसों से अपने आस-पास के जरूरतमंदों की मदद करें।
  • बाजार और लोक डाउन का खुलना माहमारी का समापन नही है


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