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मनरेगा के 29 मजदूरों पर मधुमक्खियों का हमला, 8 बेहोश, कांटे निकाले, स्वस्थ हुए

भूमि सुधार काम में लगे मनरेगा मजदूरों पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। घटना के बाद करीब 21 लोग जान बचाकर मौके से भाग गए। 8 महिला, पुरुष बेहोश होकर खेत में गिर गए। संजीवनी एंबुलेंस की टीम ने सभी घायल मजदूरों को जिला अस्पताल लाया गया। इलाज के बाद सभी को छुट्टी दी गई।
रोजगार सहायक अरुण ध्रुव, तकनीकी सहायक मनीषा निषाद ने बताया कि भटगांव के मजदूर रोज तुमराबाहर के आश्रित गांव विश्रामपुर में मनरेगा काम करने जाते हैं। गांव में भूमि सुधार का काम चल रहा है। शनिवार को इसका अंतिम दिन था। इसलिए सभी मजदूर सुबह 5.30 बजे काम पर पहुंच गए थे। करीब 8.30 बजे काम रोककर खाना खाने एक पेड़ के पास लौट रहे थे। अचानक हवा चली और पेड़ के छत्ते में से मधुमक्खियों के झुंड ने मजदूरों पर हमला कर दिया। मौके पर 29 मजदूर थे, हमला होने पर 21 लोग जान बचाकर इधर-उधर भाग गए। 8 मजदूरों को मधुमक्खियों ने ज्यादा काटा, इस कारण वे बेहोश होकर गिर गए। घटना की सूचना 108 संजीवनी एंबुलेंस को दी गई। घायलों को इलाज के लिए सुबह 10 बजे जिला अस्पताल लाया गया। भटगांव निवासी अगेश्वरी ध्रुव (33), उदयराम सिन्हा (54), अनिता यादव (40), सोनीबाई ध्रुव (40), उषा बाई सिन्हा (48), अनसुईया ध्रुव (45), अनिता ध्रुव (40) व रुक्मणी साहू (49) को मधुमक्खियों ने ज्यादा काटा। ये सभी को बेहोश हो गए थे। इन्हें जिला अस्पताल इलाज के लिए लाया गया। यहां डॉक्टरों ने मधुमक्खियों के कांटे शरीर से निकालकर सभी का इलाज किया गया।



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आज इतवारी बाजार में केवल सब्जी ही बिकेगी

लॉकडाउन 3 के तहत दुकानों को खोलने की छूट 4 मई से मिली। इसके साथ यातायात का दबाव बढ़ा। कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में राज्य सरकार ने 31 मई तक हर शनिवार व रविवार को प्रदेश में पूरी तरह से लॉक डाउन रखने का निर्णय लिया है।
इसी निर्णय के तहत शनिवार को जिले के व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। केवल सब्जी, किराना, दवा की दुकानें ही खुलीं रही। इमरजेंसी सेवा से जुड़े लोग आते-जाते नजर आए। दोपहर 3 बजे के बाद सड़क में सन्नाटा पसर गया।

सब्जी पसरा ही लगेगाः कमिश्नर

निगम कमिश्नर आशीष टिकरिहा ने बताया कि आदेश अनुसार शनिवार व रविवार को जरूरी सेवाओं को छोड़ अन्य सभी दुकानें सोमवार सुबह 6 बजे तक बंद रहेंगी। रविवार को इतवारी बाजार में साप्ताहिक बाहर लगता है। लॉकडाउन है, इसलिए बाजार नहीं लगेगा। केवल सब्जी बेचने वाले ही बैठेंगे।

डीजीपी के आदेश के बाद जांच पूरी तरह बंद
डीजीपी डीएम अवस्थी ने प्रदेशभर के पुलिस अधीक्षकों को जांच में छूट देने का आदेश दिया। इसके बाद से अफसर सड़क पर कम ही नजर आते हैं। चौराहों में ही यातायात के जवान मिलते है। वार्डों में अभी भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का नियम तोड़ रहे। पेट्रोलिंग नहीं होने से लोग चौराहों में समूह पर बैठे रहते हैं। कई लोग सुबह-शाम बेवजह बगैर मास्क के घूम रहे। नाकेबंदी पाइंट से ड्यूटी कर्मचारी नदारद रहते है।
सिर्फ यह सेवा 24 घंटे रहेंगी चालू
कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी, अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, लाइसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक, दवा दुकान, पेट्रोल, डीजल एवं एलपीजी, सीएनजी गैस के परिवहन एवं भंडारण की गतिविधियां, प्रिंट एंड इलेक्ट्रानिक मीडिया, नगर निगम सेवाएं, एटीएम, टेलीकॉम, इंटरनेट, आईटी आधारित सेवाएं, मोबाइल रिचार्ज, सर्विसेस दुकानें, जिले के सभी औद्योगिक संस्थान, इकाइयों एवं माइनिंग को छूट दी गई है।



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Today only vegetables will be sold in Etawari market




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बांटने के लिए निकाली गई क्लोरीन टैबलेट थी खराब, 423 डिब्बे जब्त, स्टोर रूम भी सील

नगर निगम धमतरी को शहर की गोविंद मेडिकल एजेंसी ने 423 डिब्बे क्लोरीन टेबलेट सप्लाई की थी यह पूरी तरह खराब निकली है। इसका खुलासा पीएचई की जांच रिपोर्ट से हुआ है। उपायुक्त ने सभी टेबलेट जब्त कर स्टोर रूम सील किया है। बताया गया कि कुछ डिब्बों पर नाॅट फाॅर सेल (सरकारी सप्लाई)लिखा है। मतलब सरकार द्वारा भेजी गई क्लोरीन टेबलेट थी। इसे निगम को बेच दिया गया। कमिश्नर ने मेडिकल एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की बात कही है। इस मामले में निगम विभागीय अफसरों की मिलीभगत की सूचना है। इसलिए जांच टीम बनाई हैं, जो 3 दिन में रिपोर्ट कमिश्नर को देगी। इसके बाद विभागीय अफसरों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक पीलिया सहित अन्य जलजनित बीमारियों से लोगों को बचाने के।लिए शहर के 40 वार्डों में घर-घर क्लोरीन टेबलेट बांटने की योजना नगर निगम ने बनाई है ताकि लोग घर में भी पानी को साफ कर सकें। लोगों को बांटने के लिए निगम के पास स्टॉक नहीं था। 19 अप्रैल 2020 को शहर के गोविंद मेडिकल एजेंसी से 423 डिब्बे क्लोरीन टेबलेट खरीदी की गई। बताया गया कि यह सप्लाई ठेकेदार के जरिए हुई है।

रिपोर्ट में खराब मिली टैबलेटः कमिश्नर
निगम कमिश्नर आशीष टिकरिहा ने बताया कि 19 अप्रैल को गोविंद मेडिकल एजेंसी से 423 डिब्बे क्लोरीन टेबलेट आई थी। शिकायत मिली की यह गुणवत्ताहीन है। पीएचई विभाग से जांच कराई। रिपोर्ट आ गई है।टैबलेट गुणवत्ताहीन है। गोविंद मेडिकल एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। आगे कार्रवाई भी होगी।
कुछ अफसरों के मिलीभगत का शक

उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया कि गुणवत्ताहीन क्लोरीन टेबलेट मामले में जल विभाग के अफसरों की भी मिलीभगत का संदेह है। जांच रिपोर्ट में मिलीभगत की पुष्टि हुई तो दोषी अफसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। मेडिकल एजेंसी को भुगतान भी रोका जाएगा।

दोषी मिले तो हो एफआईआर

नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा ने कहा कि नगर निगम में भ्रष्टाचार शुरू हो गया है। नाॅट फाॅर सेल लिखी गुणवत्ताहीन क्लोरीन टेबलेट का सप्लाई होना अफसरों की मिलीभगत की और इशारा करता है। कमिश्नर को मामले की गंभीरता से जांच करानी चाहिए। दोषी मिलने पर एजेंसी, सप्लायर व संबंधित अफसर पर एफआईआर कराई जानी चाहिए।

स्टोर रूम सील कर जब्त किए टेबलेट
उपायुक्त पंकज शर्मा शनिवार को सुबह निगम के स्टोर रूम गए। यहां से 423 डिब्बे क्लोरीन टेबलेट के जब्त किए। स्टोर रूम सील किया। कमिश्नर के आदेश पर उन्होंने क्लोरीन टेबलेट जांच के लिए पीएचई विभाग को दी गई। देर-शाम रिपोर्ट भी आ गई। इसमें टेबलेट खराब होने की।पुष्टि हो गई है।
...तो बच सकते हैं अफसर
क्लोरीन टेबलेट सप्लाई में जल विभाग के कुछ अफसरों की मिलीभगत की खबर है। मामला पूरी तरह भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इसलिए कमिश्नर आशीष टिकरिहा ने मामले की जांच एई एसआर सिन्हा को जिम्मेदारी देकर 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है। अब जांच रिपोर्ट आने पर दोषी अफसरों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा
रायपुर में पीलिया तेजी से फैल रही है। धमतरी शहर में यह ना हो, इसलिए शहर के 40 वार्डों में घर-घर क्लोरीन टेबलेट बांटी जा रही हैं। शुक्रवार को कुछ वार्ड की मितानिनों को बुलाकर स्टोर रूम से क्लोरीन टेबलेट का डिब्बा वार्डों में बांटने दिए गए। मितानिन ने डिब्बे खोलकर देखे तो टेबलेट पिघलकर पानी बन गया था। इसकी जानकारी उन्होंने सीधे निगम कमिश्नर आशीष टिकरिहा को दी। कमिश्नर टिकरिहा ने तुरंत ही डिब्बे जब्त करने और जांच के लिए उपायुक्त पंकज शर्मा को स्टोर रूम भेजा।



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Chlorine tablets removed for distribution were defective, 423 boxes seized, store room also sealed




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मजदूरी कर खेल के सामान खरीदे, बेटियों को बनाया राष्ट्रीय खिलाड़ी

परखंदा की दो महिलाओं ने अकेले अपने दम पर बेटियों को संघर्ष कर जीतना सिखाया है। ये माताएं आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद बेटियों को नेशनल खिलाड़ी बना चुकी हैं। घर के खर्चे काटकर बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए स्पोर्ट्स के महंगे सामान खरीदे। मजदूरी करके जरूरतें पूरी की हैं। बड़ी बात यह कि दोनों महिलाओं का खेल से कोई वास्ता नहीं हैं। इसके बाद भी वे बेटियों को खेल में आगे बढ़ा रहीं हैं। बाल बैडमिंटन की नेशनल खिलाड़ी टिकेश्वरी व भूमिका के पिता नहीं है। यह दोनों मां के सहयोग से पढ़ाई और खेल में लगातार आगे बढ़ रहीं हैं। रोज मजदूरी कर घर का खर्च चलाने के साथ ही अपनी बेटियों को बेहतर दिशा दे रहीं हैं। परखंदा निवासी प्रमिला साहू ने बताया कि टिकेश्वरी जब 7 महीने की थी, तब उनके पिता कृष्ण कुमार साहू का स्वर्गवास हो गया। घर में खेतीहर जमीन भी नहीं है। मजदूरी कर घर का खर्चा चला रहे है। बेटियाें को पिता की कमी न लगे ऐसेी परवरिश दे रही हैं। बेटी टिकेश्वरी साहू बाल बैडमिंटन की स्टेट और नेशनल स्पर्धा में मेडल जीतकर ला रही।
घर चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ी
परखंदा निवासी भेनवती साहू को उनके पति स्व. संतोष कुमार कभी बाहर काम करने नहीं दिया। पति बिजली विभाग में ठेकेदार थे। उनके पति का स्वर्गवास 2007 में हुआ। इसके बाद घर का बंटवारा होने के बाद स्थिति ऐसी बन गई कि घर चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ी। पति की मृत्यु के बाद उन्होंने सिलाई कार्य करना शुरू कर दिया। वर्ष 2011 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनीं। घर के खर्चें कम कर बेटी के लिए स्पोर्ट्स के सामान खरीदे। भूमिका साहू भी नेशनल खिलाड़ी हैं।
स्वच्छता दूत महिलाएं बच्चों को घर पर छोड़कर संक्रमण की आशंका के बीच कर रहीं काम
कोरोना संक्रमण ने सबके जीने का अंदाज बदल दिया है। ऐसे में स्वच्छता समूह में काम कर रहीं ऐसी महिलाएं जिनके बच्चे छोटे हैं उनके लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे ही स्वच्छता दूत दामिनी भारती व भारती यादव हैं। इनके 9-10 महीने के बच्चे हैं। यह दोनों ही सुबह से दोपहर तक घर-घर कचरा एकत्रित करने का काम करती हैँ। कोरोना संक्रमण की आशंका में यह काम कर रहीं हैं। दोपहर बाद करीब 1 बजे घर वापस पहुंचती हैं तब तक बच्चे बगैर मां के परेशान होते रहते हैं। इसके बाद भी यह नहाने व सैनेटाइज होने के बाद ही बच्चे को गोदी में उठाती हैं।

जूते-ड्रेस, बैग के लिए पड़ती थी ज्यादा जरूरत
प्रमिला साहू व भेनवती साहू ने बताया बेटियों के स्पोर्ट्स सामान बार-बार खरीदने पड़ते हैं। घर व अपनी जरूरतों में कटौती कर पैसे बचाकर स्पोर्ट्स के सामान खरीदे। जब भी स्टेट व नेशनल खेलने जाती, जूते-ड्रेस, बैग व कुछ खर्चे के लिए कुछ रुपए की जरूरत होती है। इन सभी की जरूरतों को पूरा करने घर की जरूरतों को कम किया।



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Wages purchased sports goods, daughters made national players




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भूमिहीन गरीब आदिवासी परिवारों का बना नया राशनकार्ड

ग्राम पंचायत हसौद के वार्ड क्रमांक 20 के भूमिहीन गरीब आदिवासी परिवारों को पिछले दस सालों से राशनकार्ड से वंचित रहना पड़ा था। उनके इस परेशानियों को देखते हुए वार्ड क्रमांक 20 के पंच भागवत प्रसाद धिरहे के प्रयास से निराबाई धनवार , श्याम बाई धनवार , संतोषी बाई धनवार , मोंगरा बाई धनवार, धनाई बाई साहू , वृंदा बाई रात्रे, मालती धिरहे, गौरीबाई धनवार, मंगली बाई धनवार, फिरतीन बाई धनवार के प्रचलित राशनकार्ड में छूटे हुए सदस्यों का नाम जोड़ा गया और उनका राशनकार्ड वितरण किया गया । इस दौरान पूर्व सरपंच नोनीबाई धनवार, गयाराम साहू, किरितराम सोनवानी एवं ग्रामीण उपस्थित थे ।



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New ration card made of landless poor tribal families




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बेलटुकरी में चल रहा लकड़ियों का अवैध करोबार, 6 लोग पकड़ाए

ब्लाक के ग्राम बेलटुकरी के चार ग्रामीणों के घर वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित लकड़ी बरामद की। वन विभाग को बहुत पहले से बेलटुकरी बेल्ट जंगल में वनोपज लकड़ियों की अवैध कटाई की सूचना मिल रही थी। क्षेत्र के जंगल में लकड़ी तस्करों द्वारा लकड़ियों को काटकर परिवहन किया जा रहा है।
कुछ दिनों पूर्व ही बेलटुकरी से 6 नग सरई लकड़ी के गोले का अवैध परिवहन करते पाया गया ।उस समय आरोपी भाग गए जिनकी पहचान नहीं हो सकी थी। इसके दो दिन बाद ही वहीं के एक तालाब से फिर से 6 नग सरई लकड़ी के गोले बरामद किया गया। यह किसने छिपाया था इसका भी पता नहीं लगा। लगातार जंगल से लॉकडाउन का फायदा उठा कर वहां के ग्रामीण वनों की अंधाधुंध कटाई कर लकड़ी की तस्करी कर रहे थे। मुखबिर की सूचना पर शनिवार की सुबह अशोक कुमार मिश्रा की उड़नदस्ता टीम ने बेलटुकरी के मनबोध राम, हेमनारायण, बुंदराम यादव, गोपाल बिंझवार, जयराम बिंझवार और दाऊ राम के यहां दबिश दी। जहां से भारी मात्रा में सागौन, साल, बीजा सहित अन्य इमारती लकड़ियों की कड़ी, मयार और चिरान जब्त किया गया। इन सभी के ऊपर 1927 वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। कार्रवाई में में रेस्क्यू टीम प्रभारी अशोक कुमार मिश्रा, टेकराज सिंह, मोहनलाल पाटले, और एक महिला आरक्षक मौजूद थी।

बलौदा वन परिक्षेत्र काफी बड़ा, 4 सर्किलों में 29 बीट, कटरा और पंतोरा वनक्षेत्र ही बचे

बलौदा जिले का बहुत बड़ा वन परिक्षेत्र है जो चार सर्किलों में 29 बीटों में बंटा हुआ है। जिसमें कटरा और पंतोरा वनक्षेत्र में ही जंगल बचे हैं। उसे भी आसपास के ग्रामीणों और अधिकारियों के संरक्षण से लकड़ियों की अवैध कटाई कर बिक्री कर रहे हैं। किसी प्रकार से कोई कार्रवाई नहीं होने से पूरा जंगल साफ होता जा रहा है और लकड़ी माफियाओं के हौसले भी बुलन्द है। सभी जगहों पर बीटगार्ड और वन क्षेत्रपाल की ड्यूटी के बावजूद लकड़ी की कटाई नही रुक रही है।



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Illegal business of running wood in Beltukari, 6 people arrested




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श्रमिक, छात्र, संकटग्रस्त और मरीज को मिलेगी ट्रेन की सुविधा, एप में करें एप्लाई

प्रदेश के बाहर अन्य प्रांतों में फंसे मजदूरों के अलावा ऐसे लोग जो वहां पढ़ाई करने गए हैं या संकट में फंसे है अथवा जिन्हें इलाज की आवश्यकता है और वे वापस छग अपने गांव लौटना चाहते हैं, ऐसे लोगों को वापस लाने की पहल राज्य सरकार कर रही है। उनके लिए चार ट्रेन चलाई जाएंगी। जारी लिंक http:cglabour.nic.in /
ovid 19 Migrant Registration Service.aspx पर एप्लाई करना होगा। एप में एप्लाई करने के बाद उन्हें उनकी यात्रा की ं जानकारी मिल पाएगी और ऐसे लोग इन ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आ सकेंगे। सीएम भूपेश बघेल ने लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े लोगों अथवा चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार ने 4 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कन्फर्म किया है। इन ट्रेनों में आने के लिए एप में एप्लाई करना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने एप का लिंक जारी किया है। 24 घंटे संचालित हेल्पलाइन नम्बर 0771-2443809, 9109849992,7587821800,7587822800,9685850444,9109283986 व 8827773986 पर संपर्क किया जा सकता है।

इन ट्रेनों में होगी वापसी
छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 4 ट्रेनों को कन्फर्म किया है उनमें पहली ट्रेन पठानकोट पंजाब से निकलेगी जो चांपा में रूकेगी। दूसरी ट्रेन साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर तक चलेगी, तीसरी ट्रेन साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर तक तथा चौथी ट्रेन विजयावाड़ा आन्ध्रप्रदेश से बिलासपुर तक चलेगी।



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दुकान बंद फिर भी छठवें दिन आंदोलन में बैठीं रहीं महिलाएं

कापन में देसी शराब दुकान को बंद कराने के लिए गांव की महिलाएं 4 मई से शराब दुकान के सामने धरना प्रदर्शन कर रही हैं। शासन ने प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को लॉकडाउन की घोषणा करने के साथ-साथ देशी एवं अंग्रेजी शराब दुकान को भी बंद रखने का आदेश जारी किया है। शनिवार को जिले भर में शराब दुकान बंद रही, लेकिन कापन में शराब दुकान के सामने महिलाओं का धरना प्रदर्शन छठवें दिन भी जारी रहा। महिलाएं बच्चों के सामने दिनभर विरोध जताने के लिए डटी रहीं। उनका कहना है कि अब वे दुकान खोलने नहीं देंगी।

बोलीं...विरोध जारी रहेगा भले ही भेज दें हमें जेल

क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने सरपंच शंकरलाल गौतम को महिलाओं का आंदोलन बंद कराने के लिए कहा था। सरपंच ने गांव की महिलाओं से कलेक्टर की पहल पर धरना प्रदर्शन बंद करने की अपील की, लेकिन महिलाओं ने स्पष्ट कर दिया कि शराब दुकान बंद करने का आदेश नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा, चाहे इसके लिए गांव की महिलाओं को जेल भी क्यों न जाना पड़े।



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जिन्हें दी थी क्वारेंटाइन सेंटर की जिम्मेदारी वही ड्यूटी से गायब

मजदूरों को रखने के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है, वहीं जिम्मेदार लोगों की ड्यूटी भी लगाई जा रही है, ताकि श्रमवीरों को सुरक्षित रखा जा सके, पर सरवानी के क्वारेंटाइन सेंटर में जिनकी ड्यूटी लगाई गई है वे सभी अनुपस्थित रहे। चांपा के नायब तहसीलदार गरिमा मनहर ने प्रभारी प्राचार्य सहित सभी छह को नोटिस दिया और रविवार तक उनसे जवाब मांगा है। बम्हनीडीह ब्लाक के सरवानी में कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण के लिए बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में एसडीएम चांपा बजरंग दुबे ने पटवारी विकास लहमोर, पंचायत सचिव राम गोपाल राठौर, सचिव मोहर सूर्यवंशी, कोटवार नरोत्तम दास, प्रभारी प्राचार्य भंगऊराम रत्नाकर और सहायक शिक्षक परमानंद चंद्रा की ड्यूटी लगाई है। शनिवार को बम्हनीडीह तहसीलदार ने सरवानी क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पटवारी विकास लहमोर, सचिव राम गोपाल राठौर, सचिव मोहर सूर्यवंशी, कोटवार नरोत्तम दास, प्रभारी प्राचार्य भगऊराम रत्नाकर और सहायक शिक्षक परमानंद चंद्रा अनुपस्थित थे। इस कृत्य को कर्तव्य के प्रति उदासीनता और आदेश का उल्लंघन मानते हुए नायब तहसीलदार ने सभी कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।



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हे मां...तुम धन्य हो और मैं खुशकिस्मत, सामाजिक बुराई के खिलाफ इस लड़ाई में भी तुमने मुझे अपने साथ रखा

सौरभ जैन | कापन में मातृ शक्ति ने यह बता दिया है कि यदि उनके विरोध में पुरुषों का हस्तक्षेप न हो तो वे सरकार व प्रशासन को हिलाकर रखने का माद्दा रखती हैं। ये मां अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर पिछले छह दिनों से आंदोलन कर रहीं हैं। सामाजिक बुराई शराब के खिलाफ इस लड़ाई में उनकी गोद में मासूम बच्चे भी सात घंटे दुकान बंद होने के समय तक रहते हैं। मासूम बच्चे यह जरूर सोचते होंगे कि हे मां तुम धन्य हो और मैं खुशकिस्मत, सामाजिक बुराई की इस लड़ाई में तुमने मुझे अपने साथ रखा।
जब घर में रहना जरूरी तब भी आंदोलन करने आ रहीं पुष्पा
पुष्पा वर्मा को 8 महीने का गर्भ है। मई में जब तापमान भी 35 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है और परिस्थितियां प्रतिकूल हो गई है। ऐसे समय में उन्हें घर में रहकर अपने और गर्भ में पहल रहे बच्चे के स्वास्थ्य की रखवाली करनी चाहिए लेकिन वह भी प्रतिदिन आकर सामाजिक बुराई के खिलाफ इस आंदोलन को अपना समर्थन दे रही है। पुष्पा वर्मा का कहना है कि वे गांव की महिलाओं के साथ है। जब तक शराब दुकान बंद नहीं हो जाती, तब तब वे धरना स्थल पर आती रहेंगी। शराब दुकान दुबारा खुलने नहीं दी जाएगी। वो कहती हैं वर्तमान में समय घर में आराम करने का नहीं, गांव को नशा मुक्त करने के साथ-साथ गांव को अशांत माहौल से बचाने का है। इस बार अगर हम ढीले पड़े तो शराब के कारण हमारे बच्चों को भविष्य को सुरक्षित रखना कठिन हो जाएगा।
दो साल का बेटा महसूस करे शराब है गलत इसलिए साथ लाई: जमुना

जमुना कश्यप ने बताया कि उसका बेटा दो साल का है। अभी वह इतना समझदार नहीं है कि सही व गलत क्या है बता सके, पर उसे भी वह साथ लेकर आती हैं, क्योंकि बेटे को यह महसूस हो सके कि शराब गलत है, जब बड़ा होगा तो उसे एहसास रहेगा कि उसकी मां ने शराब के विरोध में आंदोलन किया था। बच्चे को भूख लगने पर वहीं पर खाना खिला देती है। प्रतिमा गौतम ने बताया कि डेढ़ वर्ष की अपनी बेटी को लेकर धरना प्रदर्शन स्थल में आ रही है। सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक सात घंटे तक आंदोलन को अपना समर्थन दे रही है और जब तक आंदोलन जारी रहेगा वे प्रतिदिन आकर अपना समर्थन देंगी। चित्रलेखा कश्यप ने बताया कि वे अपने 2 साल की बेटी को लेकर आती है। गोद में बैठाकर आंदोलन स्थल में सुबह से लेकर शाम तक उपस्थित रहती है। गांव की रुपाली देवी महिलांगे अपने 2 साल के बेटे, लता पोछारी भी अपने 2 साल के बेटे के साथ पिछने 6 दिनों से आंदोलन में शामिल होकर समर्थन दे रही हैं।



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Oh mother ... You are blessed and I am lucky, you have kept me with you even in this fight against social evil




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सीनियर कैडे्टस के बाद मास्क नहीं थे, इसलिए जूनियर ने आंखों की सुरक्षा के लिए आई शील्ड, हर्बल सैनिटाइजर व मास्क बनाए

शहर के शाउमा विद्यालय क्र 1 के जूनियर कैडेट्स ने कपड़े का मास्क, आई शील्ड एवं हर्बल सैनिटाइजर बनाए और सीनियर को उनके ड्यूटी स्थल पर भेंट की गई। इसे बनाने में अजय देवांगन, अजय पटेल, राहुल विजय, श्रीनाथ गिरोलकर, दुर्गेश सूर्यवंशी, सौरभ गढ़वाल, राजेश विजय ने अपना योगदान दिया।
कोविड-19 के लिए मैदान पर एनसीसी के सीनियर कैडेट्स ड्यूटी कर रहे हैं। उनके द्वारा डिस्पोजेबल मास्क का प्रयोग किया जा रहा है। साथ ही कई नये कैडेट्स के पास आई शील्ड एवं सैनिटाइजर नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जूनियर कैडेट्स अजय देवांगन, अजय पटेल, राहुल विजय, श्रीनाथ गिरोलकर, दुर्गेश सूर्यवंशी, सौरभ गढ़वाल, राजेश विजय ने कपड़े का मास्क, आंखों की सुरक्षा के लिए आई शील्ड एवं हर्बल सैनिटाइजर का निर्माण किया गया है। मास्क, आई शील्ड एवं सैनिटाइजर को जूनियर कैडेट्स द्वारा सीनियर को उनके ड्यूटी स्थल पर भेंट दी गई। इन दौरान 7 सीजी बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल रजनीश मेहता, एडम ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल भरत क्षत्रीय, एनसीसी अधिकारी मनीराम बंजारे, दिनेश चतुर्वेदी, सूबेदार रतन सिंह, रवि यादव, अश्वनी कुमार उपस्थित थे।
मल्टीयूजर कपड़े का मास्क
मास्क बनाने वाले कैडेट अजय देवांगन ने बताया कि सूती कपड़ा व सिल्क को मिलाकर मास्क तैयार किया है। सूती कपड़े के साथ शिफॉन मिलाकर बनाया गया मास्क भी हवा में ड्रॉप लेट्स यानी तरल कणों को भी रोकता है।

आयुर्वेदिक पत्तियों से बनाया हर्बल सैनिटाइजर
कैडेट राहुल विजय ने बताया कि हर्बल सैनिटाइजर को तैयार करने की प्रक्रिया बेहद आसान है। आसपास उपलब्ध वनस्पति एवं गोमूत्र का इसमें उपयोग किया गया है।। इसमें मुख्य रूप से नीम, अमरूद, तुलसी, एलोविरा के पत्ते, अदरक, कपूर, फिटकरी का प्रयोग किया गया है। 10 लीटर हर्बल सैनिटाइजर तैयार करने में 2 किलो नीम की पत्ती, 250-300 ग्राम तुलसी का पत्ता, अमरूद की पत्तियां 500-500 ग्राम, 100 ग्राम फिटकरी, कपूर के साथ-साथ करीब सवा लीटर गोमूत्र का उपयोग किया गया है। इसके बाद इसे एक बर्तन में पानी के साथ मिलाकर 48 घंटे लिए छोड़ दिया गया था। एक लीटर पानी में करीब 100 ग्राम अर्क मिलाकर सैनिटाइजर बनाया गया।
प्लास्टिक एवं इलास्टिक का आई शील्ड
कैडेट श्रीनाथ गिरोलकर को एनसीसी अधिकारी दिनेश चतुर्वेदी ने आई शील्ड निर्माण की जिम्मेदारी दी थी। गत्ते, प्लास्टिक एवं इलास्टिक का प्रयोग कर आंख एवं चेहरे की सुरक्षा के लिए आई शील्ड बनाया है।



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After the senior cadets there were no masks, so Junior made eye shields, herbal sanitizers and masks for eye protection.




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ऐसे ही लॉकडाउन से हारेगा कोरोना, आज व उसके बाद भी घर से अनावश्यक बाहर ना निकले आप

सरकार व प्रशासन लोगों को आग्रह करके हार चुका कि अनावश्यक न निकलें घरों से, लेकिन उनकी अपील का असर पिछले डेढ़ माह में जांजगीर-चांपा जिले में कहीं नहीं दिखा, लोगों को डर ही नहीं था कोरोना का। लेकिन लोगों को भी अब लगने लगा है कि कोरोना को रोकना मुश्किल है इसलिए जब मजदूरों के आने की सूचना मिली है तो लोग दो दिनों की लॉकडाउन की सूचना पर घरों में दुबक गए। जिले में शनिवार को पहली बार महसूस हुआ कि लॉकडाउन है और लोगों को घरों से नहीं निकलना है। शनिवार की तरह हर रोज इसे आदत में शामिल कर लें और बेवजह घरों से न निकलें तो ही कोरोना को कम्यूनिटी संक्रमण से रोका जा सकेगा, अन्यथा लापरवाही भारी पड़ सकती है।
प्रदेश में वैसे तो लॉकडाउन 24 मार्च से जारी है किंतु इस अवधि को लोगों ने मनोरंजन के रूप में लिया है, अनावश्यक होने पर भी सब्जी-भाजी, मेडिसीन, राशन सामान, दूध आदि की आवश्यकता बताकर लोग लेने निकलते रहे हैं, जिसके कारण न केवल जांजगीर बल्कि जिले भर में लॉकडाउन व धारा 144 के उल्लंघन होने की घटना आम हो गई थी, लेकिन अब लोग डर गए हैं, क्योंकि देश भर के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में मजदूरों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। बहुत से मजदूर रेड जोन से भी आ रहे है, इसलिए अब प्रत्येक व्यक्ति चिंतित है और स्वयं ही अब बाहर नहीं निकलना चाह रहा है।

सब्जी मार्केट में भी नहीं पहुंचे खरीदार
सब्जी, दूध, दवाई,फल के अलावा चिकन, मटन, मछली को भी छूट द थी, पर इन दुकानों में भी खरीदार नहीं पहुंचे। लोगों ने खुद को घरों में बंद कर लिया। इससे जांजगीर के सब्जी बाजार में सुबह 9 बजे से लेकर नियत समय के बाद तक सब्जी व्यापारी बैठे रहे पर सुबह से शाम तक खरीदारों की संख्या 5प्रतिशत भी नहीं रही। इक्का दुक्के लोग ही खरीदी करने के लिए पहुंचे। लोग घरों से ही नहीं निकले इसलिए जिले की सड़कों में सन्नाटा पसरा रहा।



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Corona will lose due to such lockdown, today and after that you should not come out of the house unnecessary




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इस बार से ऋणी किसान भी स्वेच्छा से कराएंगे फसल बीमा

इस बार ऋणी किसान भी स्वेच्छा से फसल बीमा करा पाएंगे। इससे पहले तक कर्ज लेने वाले किसानों के बैंक एकाउंट से ही बीमा प्रीमियम की राशि काटकर जमा कर दी जाती थी, एक तरह से कर्ज लेने वाले किसानों के लिए बीमा कराना अनिवार्य था, लेकिन इस वर्ष शासन नियमों में बदलाव कर दिया है।
इसी तरह खरीफ फसल बीमा के लिए 15 जुलाई तक मोहलत दी गई थी, वहीं रबी फसल के लिए 15 दिसंबर तक मोहलत दी जाएगी। इससे पहले तक खरीफ फसल ज्यादा मोहलत दी जाती थी। गौरतलब है कि एक अप्रैल से ही खरीफ फसल को लेकर किसान तैयारी शुरू कर देते है। इसी तारीख से ही फसल बीमा की शुरुआत कर दी जाती है, लेकिन इस बार अभी तक फसल बीमा शुरू नहीं हो पाया है। अधिकारियों की माने तो जल्द ही फसल बीमा शुरू होगा। नए प्रावधान अनुसार फसल बीमा में शामिल नहीं होने वाले ऋणी किसानों को बीमा की अंतिम तारीख के सात दिवस के पहले निर्धारित असहमति प्रपत्र में केसीसी प्रदायकर्ता बैंक को सूचना देनी होगी।
पिछले बार 202 करोड़ का क्लेम भुगतान हुआ
प्रभारी डीडीए टीकम ठाकुर ने बताया कि खरीफ 2019 में एक लाख, 68 हजार 197 ऋणी किसान और 43 हजार 311 अऋणी किसानों को मिलाकर कुल 2 लाख 11 हजार 508 किसानों ने 21 करोड़ 69 लाख रुपए प्रीमियम जमा किया था। इसके बदले एक लाख 9 हजार 599 किसानों को 202 करोड़ 59 लाख 75 हजार रुपए क्षतिपूर्ति दिया गया। इस वर्ष बीमा के संबंध में अधिक जानकारी के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है।



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ब्यूटी पार्लर की संचालिकाओं ने प्रशासन को बताई समस्याएं

कोरोना महामारी के संकट काल में जिले के समस्त फीमेल ब्यूटी पार्लर आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं। भवन का किराया एवं कर्मचारियों का वेतन भी देना मुश्किल हो गया है। इस परिस्थिति से अवगत कराने एवं सैलून के संचालन की अनुमति के लिए जिला ब्यूटी पार्लर के प्रतिनिधि शुक्रवार सुबह कलेक्टर कार्यालय आवेदन देने पहुंचे।
राजनांदगांव के ग्रीन जोन में आ जाने से सभी ब्यूटी पार्लर की उम्मीदें बन गई थी कि अब केंद्र सरकार के हरी झंडी देने के पश्चात जिले में भी सलोन का संचालन प्रारंभ हो पाएगा। इसके बाद भी जिले भर के सैलून में पाबंदी है। ज्ञात हो कि प्रदेश के कई जिलों में ब्यूटी पार्लर के संचालन को गाइडलाइन के साथ अनुमति दे दी गई है। इसी मद में आवेदन देने समस्त ब्यूटी पार्लर के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। अंकिता ब्यूटी सलोन की निदेशक रेखा साहू ने बताया के सलोन के क्षेत्र में अधिकतर महिलाएं ही होती है एवं इस क्षेत्र में अधिकतर ऐसी महिलाएं हैं जिन पर अपने घर के खर्चे का भार पूर्णतः होता है एवं वह पूरी तरह से इसी व्यवसाय पर ही निर्भर हैं। जिस वजह से उन्हें अपना परिवार चलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अलीशा ब्यूटी पार्लर की निदेशक अलीशा ने बताया कि इस व्यवसाय से अधिकतर महिला कर्मचारी ही जुड़े हैं एवं गरीब वर्ग से होते हैं, जो अपने परिवार के खर्च में योगदान करते है।
आवेदन देने के दौरान परिसर में क्यूट ब्यूटी पार्लर, मोनालिसा ब्यूटी पार्लर, मुस्कान ब्यूटी पार्लर, टच एंड ग्लो, सोफिया ब्यूटी पार्लर, वैष्णवी ब्यूटी पार्लर एवं दुर्गा ब्यूटी पार्लर के प्रतिनिधि मौजूद थे।



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Beauty parlor operators told problems to the administration




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24 गांवों में अब भी पानी का संकट

ड्राई जोन घोषित राजनांदगांव ब्लॉक के 24 गांवों में शिवनाथ नदी का पानी पहुंचाने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने समूह जल प्रदाय योजना के तहत 28.77 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अफसरों की लापरवाही की वजह से चिन्हांकित गांवों में नियमित पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। सही जगह पर इंटकवेल निर्माण नहीं होने की वजह से हर गर्मी में यहां पानी का संकट रहता है। एनीकट में पानी का स्टोरेज ही नहीं होता।
ग्रामीणों ने बताया कि योजना स्वीकृति के बाद तय हुआ था कि धीरी एनीकेट में इंटक वेल निर्माण होना है जो कि क्षतिग्रस्त है जिसका निरीक्षण मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने किया। बताया कि एनीकेट जब से बना है तब से इसमें पानी नहीं रुकता। धीरी एनीकट के स्थान पर तिरगा झाेला एनीकेट में इंटकवेल निर्माण के लिए कार्यपालन अभियंता ने मुख्य अभियंता को स्थल निरीक्षण कराया।असहमति जताई गई थी: तिरगा एनीकट में इंटकवेल बनाने के लिए जो स्थल कार्यपालन अभियंता ने बताया था उसमें मुख्य अभियंता ने अपनी असहमति जताई। कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किया कि जो स्थल दिखाया गया है वह इंटकवेल से काफी दूर है। ग्रामीणों ने बताया कि कार्यपालन अभियंता ने इतनी बड़ी योजना के लिए पानी की उपलब्धता को अनदेखा करते हुए संबंधित निर्माण एजेंसी को फायदा पहुंचाने के लिए बिना सोचे उसी स्थान पर निर्माण कराया जहां पर निर्माण एजेंसी चाह रही थी।
पानी देने से इंकार: जो इंकटवेल बना है उसमें जल उपलब्धता के लिए सिंचाई विभाग से सहमति पत्र भी प्राप्त नहीं किया गया। जिसके कारण सिंचाई विभाग ने पानी नहीं देने से स्पष्ट मना किया, जिसका खामियाजा बीते वर्ष इस योजना से प्रभावी 24 ग्रामों को ग्रीष्म ऋतु में पेयजल उपलब्धता नहीं हो पा रहा है। इस गर्मी भी लोगों को राहत नहीं मिली। भविष्य में भी उक्त समस्या यथावत रहेगी।



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Water crisis still in 24 villages




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क्वारेंटाइन किए मजदूर कर रहे टीवी की मांग

क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों की डिमांड ने ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों को मुश्किलों में डाल दिया है। पंचायत के सरपंच एवं सचिव लाॅकडाउन में गांव लौटे मजूदरों की मांगों से खासे परेशान हैं। पंचायत के पदाधिकारियों ने बताया कि गांव के स्कूलों में क्वारेंटाइन किए गए मजदूर इस तरह की मांग करते है कि वे वापस घर नहीं लौटे है बल्कि वे उनके गांवों में बाराती बनकर आए हैं।
बताया जाता है कि क्वारेंटाइन सेंटर में कोई शराब तो कोई टीवी एवं कूलर की डिमांड कर रहा है। लोगों को सोसायटी का चावल भी खाने में पसंद नहीं आ रहा है तो किसी को सब्जी अच्छी नहीं लग रही है। महिलाएं तो गुड़ाखु एवं नस मंजन की मांग कर रही है। क्वारेंटाइन किए गए मजदूर खाने में पतला चावल दूध, दही, हरी सब्जियां और कही-कही तो मिठाई की मांग भी हो रही है। जनपद पंचायत क्षेत्र में वर्तमान में 1453 लोग क्वारेंटाइन में हैं। लॉकडाउन में बाहरी राज्यों से विशेषकर महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु से लौटे इन मजदूरों को गांव के स्कूलों एवं सामुदायिक भवनों में क्वारेंटाइन किया गया है। जनपद पंचायत के सीईओ बीएल देहारी ने बताया कि जनपद क्षेत्र में वर्तमान में लगभग डेढ़ हजार लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। इन मजदूरों को शासन की ओर से खाने के लिए सोसायटी का चावल दिया जा रहा है। इसके अलावा गांवों में इनके खाने पीने की व्यवस्था ग्रामवासियों एवं मजदूरों के परिवारों द्वारा किया जा रहा है।
इस संबंध में सीईओ ने बताया कि क्वारेंटाइन किए गए मजदूर गांवों में सरपंच सचिवों से तरह-तरह के खाने-पीने एवं नशा से जुड़ी सामग्री की मांग करते हैं। इन्हें समझाइश दी जा रही है।



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Quarantined laborers are demanding TV




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क्वारेंटाइन सेंटर में लटका ताला, बाहर से आए मजदूरों को सीधे घर भेज रहे

स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना पॉजीटिव के संपर्क में आए और प्रवासी मजदूरों के लिए सोमनी में क्वारेंटाइन सेंटर खोला गया है। इस सेंटर में अब ताला लटक गया है। एक भी प्रवासी मजदूर यहां नहीं रखे जा रहे हैं। वहीं बाहर से आए लोगों को सीधे घर भेज दिया जा रहा है जो कि क्वारेंटाइन अवधि पूरा किए बगैर ही बाहर घूम रहे हैं।
ग्रामीणों की ओर से शिकायत किए जाने के बाद भी इस पर कोई रोकटोक नहीं हो रही। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में प्रवासी मजदूरों को यहां रखा गया था। इनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन अब यहां एक भी प्रवासी मजदूर नहीं रखे गए हैं। जबकि रोज हाईवे से बड़ी संख्या में मजदूर पैदल जा रहे हैं या फिर ट्रकों में लिफ्ट लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इनकी जांच नहीं हो रही है।



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Hanging lock in quarantine center, sending workers from outside directly to home




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नक्सली घटना व मौसम की मार से तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य लड़खड़ाया

दो दिन पहले ही वन विभाग की ओर से तेंदूपत्ता की तोड़ाई और संग्रहण का कार्य शुरू किया गया था पर एक तरफ मानपुर में नक्सली वारदात तो दूसरी ओर मौसम ने पूरी तैयारी पर पानी फेर दिया। नक्सल दहशत के चलते ठेकेदार और उनके कर्मचारी भीतर जाने से कतराएंगे। ग्रामीण तोड़ाई करने घर से नहीं निकल पाएंगे तो वहीं बारिश में पत्तों की क्वालिटी प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। वहीं कोरोना के चलते भी पहले की तरह तोड़ाई और संग्रहण में तेजी नहीं आ पा रही। इसके चलते अब टारगेट को लेकर अफसरों की चिंता बढ़ गई है। इस चक्कर में संग्राहकों को भी आर्थिक नुकसान होगा।
वन विभाग की ओर से वर्तमान में 84 हजार 400 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। इतने पत्ते की तोड़ाई के लिए शासन की ओर से संग्राहकों को 33 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा पर वर्तमान स्थिति को देखते हुए तोड़ाई का टारगेट पिछड़ने का डर सताने लगा है। तोड़ाई कम होगी तो फिर संग्राहकों को पारिश्रमिक का भुगतान भी कम होगा। इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के चलते सामाजिक दूरी का पालन करना पड़ रहा है। बाहर से आए ठेकेदारों को क्वारेंटाइन में रहना पड़ गया है। इनके कर्मचारी भी क्वारेंटाइन के नियमों का पालन कर रहे हैं।

वारदात के कारण तोड़ाई का काम बंद
यहां शुक्रवार की रात को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एसआई शहीद हो गया तो वहीं चार नक्सली मारे गए हैं। इसके बाद से वनांचल के लोग सहमे हुए हैं। इसका सीधा असर तेंदूपत्ता की तोड़ाई और संग्रहण पर भी पड़ रहा है। बताया गया कि शनिवार को इस क्षेत्र के ग्रामीण तोड़ाई करने सामने नहीं आए। वनोपज शाखा के उप प्रबंधक एएस अग्रवाल ने बताया कि मौसम की वजह से कुछ फड़ों में तोड़ाई बंद करा दी गई है। क्वालिटी को लेकर चिंता बनी हुई है। उम्मीद है कि टारगेट के करीब पहंुचेंगे।



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श्रमिकों की छग वापसी के लिए 4 ट्रेनें की कन्फर्म

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्र और मेडिकल इमरजेंसी वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी का रास्ता साफ हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 4 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कन्फर्म कर दिया है। इन ट्रेनों में आने के लिए लोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी एप में एप्लाई करना होगा। इन ट्रेनों में वे ही लोग आ सकेंगे जिसमें अन्य राज्यों में काम के लिए गए श्रमिक, छात्र-छात्राओं और मेडिकल इमरजेंसी वाले व्यक्तियों के अलावा ऐसे लोग आ सकेंगे जो किसी काम से दूसरे राज्य गए थे और वहां लाॅकडाउन के कारण फंसे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 4 ट्रेनों को कन्फर्म किया है उनमें पहली ट्रेन पठानकोट पंजाब से चांपा, दूसरी ट्रेन साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर, तीसरी ट्रेन साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर तथा चौथी ट्रेन विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश से बिलासपुर शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया है ये लिंक
राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए एप का लिंक :http://rebrand.ly/z9k75qp जारी किया है। इस एप में एप्लाई कर लोग इन ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आ सकेंगे।



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प्रवासी मजदूरों को वाहनों में ले जा रहे ओवरक्राउड

देश-विदेश में कोरोना का कहर बरपा हुआ है। इसको लेकर प्रदेश की सरकार भी काफी गंभीर बनी हुई है। वहीं प्रवासी मजदूरों को घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार बस व अन्य वाहनों की सुविधा मुहैया कराने की मुहिम चला रही है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही दिखाई दे रही है।
इन प्रवासी मजदूरों को अभी भी हाईवे पर पैदल जाते देखा जा सकता है। कुछ प्रवासी मजदूर हाईवे से गुजरने वाले ट्रकों में बैठकर गंतव्य स्थान तक पहुंचने की कवायद में लगे हुए हैं। कई वाहनों में तो भारी संख्या में प्रवासी मजदूर बैठे दिखाई दे रहे हैं। इससे मजदूरों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं हो रही है और ना ही​ कोरोना को लेकर जागरूक नजर आ रहे हैं।
इसके चलते मजदूरों में कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है। इस मामले में प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर जागरूक कर रहे हैं। इसके बावजूद जागरुकता नहीं दिखाई दे रही है।



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Overcrowd carrying migrant laborers in vehicles




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दो थानों के प्रभार बदले, सभी थानों के स्टाफ में भी किए बदलाव

लॉकडाउन के बीच एसपी जितेंद्र शुक्ला ने थानों में बड़ा बदलाव किया है। लालबाग और सोमनी थाना का प्रभार बदला गया है। वहीं जिले के लगभग सभी थानों के स्टाफ भी बदल दिए गए हैं।
शुक्रवार देर शाम एसपी शुक्ला ने आदेश जारी किया। इसमें लालबाग थाने का प्रभार प्रशिक्षु डीएसपी मयंक रण सिंह और सोमनी का प्रभारी डीएसपी रुचि वर्मा को बनाया गया है। लालबाग टीआई आशीर्वाद राहटगांवकर और सोमनी टीआई सुषमा सिंह को फिलहाल लाइन भेजा गया है। इसी तरह एसपी ने आरक्षकों की भी सूची जारी की है। इसमें लालबाग, डोंगरगढ़, सोमनी, खैरागढ़, गंडई, कोतवाली, बसंतपुर सहित जिले के सभी थानों में तैनात जवानों को इधर-उधर कर दिया गया है। इसमें लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थानों में पदस्थ जवानों को राहत मिली हैं, वहीं शहरी थानों में जमे जवानों को इन हिस्सों के थानों में भेजा गया है। एसपी शुक्ला ने चार्ज संभालते ही प्रशासनिक दृष्टिकोण से कई अहम बदलाव किए हैं।



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कोरोना से हमें बचाने अपने बच्चों से दूर हैं माताएं

कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जारी अभियान में हर वर्ग के लोग सेवा दे रहे हैं। इनमें उन नर्सों की भी अहम भूमिका हैं जो कि अपने दुधमुंहे बच्चों को परिवार के सहारे छोड़कर 28 दिनों तक कोरोना के संदिग्ध मरीजों के बीच ड्यूटी कर फर्ज निभा रहीं हैं। इन माताओं का कहना है कि इस संकट की घड़ी में पहला फर्ज सेवा करना है। इसलिए सीने पर पत्थर रखकर कोरोना से मजबूती से संघर्ष कर रही हैं। इनका कहना है कि 14 दिन आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी और इसके बाद 14 दिन के क्वारेंटाइन के बीच परिजन से फोन पर ही बात कर पाते हैं।
बच्चों की याद आती है पर यह सोचकर खुद को संभाल लेती हैं कि ईश्वर ने हमें दूसरों के स्वास्थ्य की चिंता करने के लिए भेजा है। पेंड्री स्थिति कोविड-19 यूनिट में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के नर्सों की बारी-बारी से ड्यूटी लग रही है। इनमें से कुछ नर्सेस के दुधमुंहे बच्चे भी हैं। कुछ के बच्चे अभी तीन से चार साल के हैं, जिनकी देखरेखइनकी जिम्मेदारी हैं पर आईसोलेशन वार्ड में ड्यृटी के चलते ये घर नहीं जा पातीं।
बहाना बनाकर आती हूं
स्टाफ नर्स चांदनी चौरे अपनी तीन साल की बेटी को मां के सहारे छोड़कर ड्यूटी कर रही हैं। बताया कि कोरोना के संदिग्ध मरीज अस्पताल में भर्ती किए जा रहे हैं। इनकी देखरेख करने की वजह से घर नहीं जाती। बताया कि बेटी की याद करती हैं। उससे फोन पर ही बात कर उसे समझाती हूंकि मैं जल्दी आ रही हूं। एक मां का फर्ज निभाने के साथ-साथ लोगों की सेवा को प्राथमिकता देनी पड़ रही है।
ईश्वर ने सेवा के लिए चुना

नर्स हिमानी देवांगन की भी आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी है। ये भी अपने बच्चे से दूर मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं। इनका कहना है कि आपातकालीन स्थिति में ईश्वर ने हमें दूसरों की सेवा के लिए चुना है। सेवा से ही सुकून मिलता है। बच्चे की देखरेख परिवार के सदस्य करते हैं। याद आती हैं तो फोन पर ही बात करते हैं। संदिग्ध मरीजों के बीच रहती हैं। इसलिए 14 दिन की ड़्यूटी बाद 14 दिन के क्वारेंटाइन मेंजाना पड़ता है।



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शराब के नशे में छोटे भाई ने की बड़े की हत्या

ग्राम कन्हारगांव में छोटे भाई ने अपने बड़े भाई की हत्या कर दी। मामले का खुलासा मौत के दो दिन बाद हुआ जब पुलिस ने जांच शुरू की। हत्या करने के बाद आरोपी ने बड़े भाई की मौत को सामान्य बताकर दूसरे दिन अंतिम संस्कार भी कर दिया। लेकिन पुलिस की जांच में हत्या सामने आने के बाद जमीन में गड़ाए गए शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया। घटना कन्हारगांव की है।
गुरुवार की शाम लगभग 7 बजे बड़ा भाई गैंदसिंह पटेल (36 वर्ष) शराब के नशे में घर पहुंचा और परिवार वालों के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। इसी बात को लेकर छोटे भाई सीताराम पटेल के साथ दोनों का विवाद हुआ। सीताराम ने पास में रखी लकड़ी से गैंदसिंह के सिर से वार कर दिया। जिससे गैंदसिंह जमीन पर गिर पड़ा। दोनों के बीच विवाद के बाद घर के सभी सदस्य अपने कमरे में सोने चले गए। शुक्रवार सुबह सीताराम व बाकी सदस्य सोकर उठे तो गैंदसिंह की मौत हो चुकी थी। इधर घटना से घबराए छोटे भाई सीताराम ने गांव वालों को हत्या की भनक नहीं लगने दी। उसने सामान्य मौत बताकर गांव के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया। गांव वालों को मौत सामान्य लगे इसलिए अधिक शराब पीने की वजह से मौत होना बताया गया। मृतक आदतन शराबी था इसलिए गांव वालों ने भी नजरअंदाज कर दिया।
जांच में सामने आया हत्या का मामला: टीआई अलेक्जेंडर किरो ने बताया कि जांच में मृतक का छोटा भाई सीताराम ही आरोपी निकला। दोनों के बीच विवाद के दौरान छोटे ने मृतक के सिर पर लकड़ी से वार कर दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। दफन लाश को निकलवार पीएम कराया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।

दोस्तों ने जताई आपत्ति, तब पुलिस ने शुरू की जांच

गैंदसिंह के दोस्तों ने उसकी मौत को संदेहास्पद बताया। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पूछताछ में मृतक के छोटे भाई सीताराम ने हत्या करना कबूल किया। शनिवार को सुबह मजिस्ट्रेट से अनुमति लेकर तहसीलदार अविनाश ठाकुर, टीआई अलेक्जेंडर किरो, मोहारा चौकी प्रभारी योगेश अग्रवाल व ग्रामीणों की मौजूदगी में मुक्तिधाम में दफनाए गए गैंदसिंह के शव को बाहर निकाला गया। मौके पर ही पीएम कराया गया। मामले की जांच की जा रही है।



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Younger brother murdered his elder due to alcohol




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गोलीबारी के बीच आगे ही बढ़ते रहे एसआई शर्मा, दो नक्सलियों को खुद मार गिराया था

परधोनी में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलते ही सर्चिंग टीम तैयार की गई। मदनवाड़ा थाना प्रभारी एसआई श्याम किशोर शर्मा के नेतृत्व में कोहका थाने के जवानों के साथ मिलकर 3 सर्चिंग टीम बनी। इसमें कुल 28 सदस्य थे। अलग-अलग रुट से टीमें परधोनी जंगल के लिए शाम 7 बजे निकली।
मानपुर और मदनवाड़ा के बीच मौजूद परधोनी जंगल में करीब 9.30 बजे टीम पहुंची। पुलिस टीम के आने की सूचना पहले ही नक्सलियों को मिल गई थी, इसी के चलते जवानों के पहुंचते ही नक्सलियों की ओर से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी गई। पैदल चलकर थक चुके जवानों ने इसके बावजूद मोर्चा संभाला। एसआई शर्मा खुद जवानों की कतार में सबसे आगे थे। वे गोलीबारी के बीच नक्सलियों की दिशा में बढ़ते रहे। एसआई शर्मा के सामने अचानक डीवीसी मेंबर अशोक उर्फ रैनू और कृष्णा नरेटी आ गए। इन्हें शर्मा ने ही जवाबी कार्रवाई में मार गिराया। डीवीसी मेंबर के मारे जाने के बाद अंधेरे में छिपे नक्सलियों ने गोलीबारी और तेज कर दी। इसी बीच एक गोली सबसे आगे मौजूद एसआई शर्मा के पेट में जा घुसी और वे जमीन पर गिर पड़े। टीम लीडर को गोली लगने की जानकारी लगते ही अंधेरे में छिपे नक्सलियों पर तगड़ा प्रहार किया। इसमें दो महिला नक्सली सविता सलामे और परमिला भी ढेर हो गए। एक अन्य नक्सली को भी गोली लगने का दावा किया है, अंधेरे का फायदा उठाते हुए वह जंगल की ओर भाग निकला।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक संवेदना जताई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को शहीद एएसआई श्याम किशोर शर्मा के पिता बृज मोहन शर्मा से फोन पर बात कर शोक संवेदना व्यक्त की। श्री बघेल ने कहा कि आपके बेटे ने अदम्य साहस का परिचय दिया और वीरगति को प्राप्त हुए। उनके बलिदान और साहस को हमेशा याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुःख की घड़ी में सरकार आपके परिवार के साथ है। सरकार के द्वारा आपके परिवार का पूरा ख्याल रखा जाएगा। श्री बघेल ने कहा कि शहीद परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।

गोली लगने के कुछ देर बाद शहीद हो गए एसआई शर्मा : एसआई शर्मा को गोली लगने के बाद भी दोनों ओर से फायरिंग जारी रही। करीब 20 मिनट तक दोनों तरफ से गोली चली। एसआई शर्मा तब घायल थे, लेकिन एनकाउंटर खत्म होने के कुछ देर बाद ही वे शहीद हो गए। टीम के जवानों ने तत्काल आसपास के हिस्से में तलाशी की। जहां से चारों नक्सलियों के शव बरामद किए गए, वहीं घायल नक्सली को भी ढूंढने का प्रयास अभी भी जारी है।

उत्तर बस्तर के करीब 10 नक्सली मौजूद थे: परधोनी जंगल में करीब 10 नक्सली कैंप लगाकर ठहरे हुए थे। इनमें से ज्यादातर नक्सली उत्तर बस्तर कांकेर इलाके के ही हैं। सभी वर्दीधारी नक्सली इलाके में तेंदूपत्ता से लेवी वसूली के लिए जुटे हुए थे। इसकी सूचना दो दिन से पुलिस को मिल रही थी, शुक्रवार शाम नक्सलियों के रुके होने की पुख्ता सूचना मिली। इसी के बाद सर्चिंग टीम को रवाना किया गया।
देर रात मौके पर पहुंचे एसपी, रात में ही शव रवाना किया गया : मुठभेड़ में एसआई शर्मा के शहीद होने की सूचना मिलते ही एसपी जितेंद्र शुक्ला और एएसपी जीएन बघेल रात करीब 11 बजे मदनवाड़ा के लिए रवाना हुआ। रात में ही उन्होंने मौकेे पर पहुंच पूरी जानकारी जुटाई। जवानों की हौसला अफजाई की। तड़के शहीद शर्मा और मारे गए नक्सलियों के शव को जिला मुख्यालय के लिए रवाना किया गया। जहां सरेंडर नक्सली पहाड़ सिंह ने मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त की।

गृहमंत्री और डीजीपी ने दी श्रद्धांजलि, पार्थिव शरीर गृह ग्राम भेजा गया

एसआई के शहीद होने की सूचना के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, डीजीपी डीएम अवस्थी, एडीजी नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा, आईजी विवेकानंद सिन्हा, आईटीबीपी के डीआईजी संजय कोठारी राजनांदगांव पहुंचे। पुलिस लाइन में विधायक इंद्रशाह मंडावी, भुनेश्वर बघेल, छन्नी साहू, मेयर हेमा देशमुख, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य, एसपी जितेंद्र शुक्ल सहित जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

2013 में बने आरक्षक
सरगुजा के ग्राम खाला के रहने वाले एसआई श्याम किशोर शर्मा 2013 में पुलिस का हिस्सा बने। बतौर आरक्षक उनकी ज्वाइनिंग हुई। नक्सल क्षेत्र में बेहतर कार्य को देखते हुए उन्हें प्रमोशन मिला। वे बीते दो साल से जिले में पदस्थ रहने के दौरान से ही वे सक्रिय रहे।



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हेलीकॉप्टर से शहीद शर्मा के पार्थिव शरीर को अंबिकापुर के गृहग्राम खाला भेजा गया।




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महाराष्ट्र, हैदराबाद से पैदल पहुंचे सात मजदूरों को किया क्वारेंटाइन

नगर पंचायत द्वारा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवकर को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए 7 मजदूर शनिवार सुबह देवकर पहुंचे। ये सभी मजदूर महाराष्ट्र, हैदराबाद में मजदूरी करने गए हुए थे। सभी लोगों को देवकर के बालक हाईस्कूल में क्वारेंटाइन पर रखा गया।
इनमें वार्ड 9 और वार्ड 6 के मजदूर शामिल हैं, जिसमें मंगल निषाद, यशोदा निषाद, सुरेन्द्र निषाद, धनेश्वरी निषाद, श्याम कन्हैया निषाद, रूखमनी निषाद, शंकर लाल को क्वारेंटाइन पर रखा गया है। देवकर सहित आसपास के गांव से बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए हुए हैं, जो लॉकडाउन के कारण काम बंद होने पर अपने गांव पैदल लौट रहे हैं। शासन द्वारा संक्रमण से बचने व मजदूरों के ठहरने के लिए गांव के स्कूल, सामुदायिक भवन में व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सभी मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की गई। डॉ. राजीव तिवारी ने बताया की 7 लोगों को देवकर स्कूल में क्वारेंटाइन किया गया है। सभी की स्वास्थ्य जांच की गई। जिसमें बुखार, सर्दी, खांसी के लक्षण नहीं मिले। विश्वनाथ ठाकुर, सब इंजीनियर आबिद कुरैशी, पूर्व पार्षद राधे डीमर, विधायक प्रतिनिधि विनोद कुंजाम मौजूद थे।



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Quarantine seven workers on foot from Maharashtra, Hyderabad




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बस-ट्रक ऑपरेटरों का बकाया टैक्स माफ

परिवहन विभाग ने देश भर में लागू लॉकडाउन और भविष्य की व्यावसायिक स्थिति को देखेते हुए 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स, पेनल्टी और ब्याज को पूरी तरह से माफ करने का निर्णय लिया है। इससे बस और ट्रक आॅपरेटरों को लगभग 221 करोड़ रुपए का फायदा होगा। इसके लिए राज्य शासन की एकमुश्त योजना के तहत बस-ट्रक ऑपरेटरों को वर्ष 2013 से 2018 तक शासन को देय राशि में से 110 करोड़ रुपए की पेनल्टी को माफ किया जा रहा है।
इस तरह परिवहन विभाग वाहन मालिकों को कुल 331 करोड़ रुपए माफ कर रहा है। इसमें कबीरधाम जिले के बस-ट्रक ऑपरेटर के करीब 5 से 7 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। जिला परिवहन अधिकारी सीएल देवांगन ने बताया कि राज्य सरकार के आदेशानुसार बकाया टैक्स, ब्याज व पेनल्टी माफ किया जाएगा। इसका लाभ जिले के ट्रक-बस ऑपरेटरों को होगा। लॉकडाउन के कारण बस-ट्रक ऑपरेटर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
इस तरह होगा फायदा
परिवहन अधिकारी देवांगन ने बताया कि 1 अप्रैल 2013 से 31 दिसंबर 2018 के दौरान बस और ट्रक ऑपरेटरों को बकाया टैक्स एवं उस पर लगने वाले ब्याज की राशि का भी भुगतान 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक करके वन टाइम सेटलमेंट योजना का लाभ लिया जा सकता है। इसमें वाहन मालिक द्वारा टैक्स और ब्याज के भुगतान करने पर ही पेनल्टी पर छूट प्राप्त की जा सकती है। यदि बकायादार वाहन मालिक योजना अवधि तक शासन को देय राशि का भुगतान नहीं करता है तो योजना समाप्ति के बाद टैक्स, पेनल्टी व ब्याज सहित सम्पूर्ण बकाया राशि की वसूली की कार्रवाई परिवहन विभाग करेगा। इसके मद्देनजर सभी बकायादार वाहन मालिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में वन टाइम सेटलमेंट योजना का लाभ उठाएं।
20 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होता है
परिवहन विभाग 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स, पेनल्टी और ब्याज माफ करने की पहल कर रहा है। ट्रक ऑपरेटरों को त्रैमासिक और बस ऑपरेटरों को मासिक टैक्स अदा करना होता है। टैक्स पर लगने वाली पेनल्टी एक साल की अवधि में टैक्स की राशि के बराबर ही हो जाती है। उस पर छह माह बाद 20 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होता है। परिवहन विभाग ने 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स पेनल्टी और ब्याज को पूरी तरह से माफ करने का फैसला लिया है।

लाइसेंस नवीनीकरण अब 30 जून तक
इधर लॉकडाउन को देखते हुए परिवहन विभाग ने परमिट, फिटनेस, लाइसेंस नवीनीकरण को 30 जून तक बढ़ा दिया है। आरटीओ सीएल देवांगन ने बताया कि जिन लोगों का लाइसेंस, परमिट, फिटनेस की अवधि खत्म हो चुकी है उन्हें 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन में छूट के बाद कई सरकारी दफ्तर शुरू किए गए हैं, लेकिन इसमें आरटीओ शामिल नहीं है। दूसरे काम जैसे मजदूरों के लिए वाहन व्यवस्था, जिला प्रशासन के परिवहन संबंधित काम किए जा रहे।



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साइकिलों को अब कमरे में रख रहे जुलाई के बाद वितरण की तैयारी

सरस्वती साइकिल योजना अंतर्गत कक्षा 9वीं में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए 2161 साइकिल रखी गई है। इसे पंडरिया के सरकारी स्कूल के मैदान में रखा गया। लेकिन बारिश व धूप के कारण यह खराब हो रही थी। 2161 साइकिल धूप व बारिश में खराब होने काे लेकर भास्कर ने 30 अप्रैल के अंक में प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया।
अब खबर प्रकाशन के बाद विभाग द्वारा इसे स्कूल के कमरे में रखा जा रहा, ताकि धूप व बारिश से खराब न हो। इन साइकिल को ब्लॉक के 37 हाई व हायर सेकंडरी स्कूल के छात्राओं को नि:शुल्क दिया जाएगा। नियम अनुसार इसे अब तक वितरण कर दिया जाना था। लेकिन लॉकडाउन के कारण वितरण नहीं किया जा सका। ऐसे में आने वाले समय में छात्राओं को जुलाई या उसके बाद इंतजार करना होगा। वर्तमान में गर्मी की छ़ुट्टी के कारण स्कूल बंद है। स्कूल जुलाई में शुरू होता है तो वितरण करने की तैयारी की जाएगी। ब्लाॅक की साइकिल एक जगह होने के कारण अधिक संख्या में है, जिसे सुरक्षित रख पाना मुश्किल हो रहा है।
साइकिल मैकेनिकों को दूसरे शहर जाने नहीं मिली अनुमति
पंजाब के लुधियाना से साइकिल पार्ट्स व इसे तैयार करने ब्लाॅक में 9 मैकेनिक आए हैं। साइकिल तैयार करने के बाद ये मिस्त्री करीब 25 दिन से खाली बैठे हैं। इनको साइकिल तैयार करने रतनपुर व बिल्हा जाना है। लॉकडाउन के कारण इन्होंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी व एसडीएम कार्यालय में आवेदन देकर रतनपुर व बिल्हा जाने की अनुमति मांगी है। लेकिन अभी तक इन्हें अनुमति नहीं मिली हैं। अब ये मजदूर भी अन्य मजदूरों की तरह साइकिल से अपने घर उत्तरप्रदेश लौटने की तैयारी में हैं।

वितरण से पहले ज्यादातर साइकिल के पहियों से हवा निकल गई
2161 साइकिल को तैयार करने के बाद से ही नगर के स्कूल में रखा गया था। बदलते मौसम के कारण नए साइकिल को नुकसान हो रहा था। स्थिति ऐसी है कि ज्यादातर साइकिल के पहियों की हवा निकल गई है। इसके साथ धूप के कारण रंग भी निकल गए है। वहीं बारिश के कारण साइकिल के पार्ट्स में जंग लगना शुरू हो गया। इन सभी स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल के कमरे में भीतर शनिवार से रखने का काम शुरू हो गया है। इस स्कूल में कमरे भी कम हैं, ऐसे में पूरे साइकिल काे कमरे में रखने के लिए परेशानी हो रही है।

दूसरे जिले में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए वितरण किया गया
इन साइकिल को वितरण किए जाने शुरू से ध्यान नहीं दिया। इस कारण 2161 साइकिल अभी भी पंडरिया में रखी हुई है। दूसरे जिलों में तो हाल में ही वितरण किया जा चुका है। तब वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया। लेकिन यहां वितरण को लेकर ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में तो पंडरिया ब्लॉक के ज्यादातर स्कूलों को दूसरे प्रदेश से आने वाले मजदूरों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। इस हिसाब से अब वितरण किए जाने की संभावना न के बराबर है। ऐसे में 2161 छात्राओं को साइकिल के लिए काफी लंबा समय का इंतजार करना पड़ सकता है।

आदेश के बाद 37 स्कूलों में भेजी जाएगी
पंडरिया बीईओ जीपी बैनर्जी ने बताया कि धूप व बरसात में साइकिल खराब होने की संभावना को देखते हुए डीईओ कार्यालय को अवगत कराया गया। उन्हीं के निर्देश के बाद अब साइकिल को कमरों में सुरक्षित रखा जा रहा है। डीईओ कार्यालय द्वारा जैसे ही वितरण किए जाने आदेश दिया जाएगा तो ब्लॉक के 37 स्कूलों में साइकिल भेजी जाएगी।



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Preparation for delivery after July, keeping the bicycles in the room now




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तीसरे दिन भी बारिश हुई, ओले भी बरसे, फसल को नुकसान

जिले में तीसरे दिन शुक्रवार को भी बारिश हुई। ओले भी बरसे। आेलावृष्टि ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा हुई है। ग्राम महली, कुंडा, बघर्रा, जंगल तरेगांव, बैजलपुर समेत कुकदूर क्षेत्र में ओलावृष्टि होने से सब्जी की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
महली क्षेत्र के सूरजपुरा, कुबा, नानापुरी, कोड़ापुरी में बिजली सप्लाई बंद हो गई। मौसम ठीक होने पर फिर से सप्लाई शुरू हुई। तेज हवा व ओलावृष्टि के कारण खेत में लगी टमाटर, बैंगन, आलू, भिंडी समेत अन्य उद्यानिकी फसल को नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञान केन्द्र रायपुर के वैज्ञानिक डॉ. एचपी चन्द्रा ने बताया कि एक द्रोणिका उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश से दक्षिणी कर्नाटक तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। छत्तीसगढ़ में बंगाल की खाड़ी से बहुत अधिक मात्रा में नमी आ रही है। इसके कारण बारिश व ओलावृष्टि हुई है। आने वाले एक-दो दिन में मौसम में सुधार की संभावना है। इधर कवर्धा शहर में शाम 6 बजे हल्की बारिश हुई। इस कारण तापमान कम हो गया। दोपहर दो बजे तक तापमान 40 डिग्री व मौसम में बदलाव के कारण शाम को शहर का तापमान 34 से 35 के बीच पहुंच गया। विभाग के अनुसार अाने वाले दिनों में भी मौसम में उतार-चढ़ाव होगा।

जिले में नुकसान का किया जाएगा सर्वे
बीते एक हफ्ते से लगातार बारिश व ओलावृष्टि होने से सबसे ज्यादा नुकसान उद्यानिकी फसल को हो रही है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक आरएन पांडेय ने बताया कि शनिवार को ओले गिरने के कारण उद्यानिकी फसल को नुकसान हुआ है। इन फसलों में लगे फल ओला पड़ने के कारण गिर जाते हैं। बागवानी फसलों सहित अन्य फसलों, मकान, पशुहानि व जनहानि का आंकलन कर प्रभावितों को आरबीसी 6-4 के तहत आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

फसल बीमा का अब तक ~86 लाख जारी
दूसरी फसल की तुलना में उद्यानिकी विभाग ने अपने किसानों का सबसे ज्यादा फसल बीमा कराया है। सहायक संचालक आरएन पांडेय ने बताया कि बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसल का नुकसान होना तय है। लेकिन जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है उन्हें उसका लाभ मिलता है। बीते सीजन में इसका लाभ किसानों को मिला है। अब तक 86 लाख रुपए बीमा राशि जारी भी कर दिया है। वर्तमान में हुए नुकसान का आकलन बीमा कंपनी द्वारा कराया जाएगा।

प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों को राहत
राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के सभी जिलों में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को तत्परता अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से 104 करोड़ 70 लाख रुपए आवंटित की है। इस राशि को आपदा पीड़ितों को त्वरित सहायता पहुंचाने कलेक्टर को निर्देश जारी किए गए है। इसमें कबीरधाम व बेमेतरा जिला शामिल है। कबीरधाम जिले के लिए 3 करोड़ 4 लाख 92 हजार रुपए व बेमेतरा जिले के 3 करोड़ 8 लाख 70 हजार रुपए जारी किया है।



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Rain also fell on the third day, hail also rained, crop damage




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45 दिन से बस स्टैंड में खड़ी बसों की बैटरी हुई डिस्चार्ज, बढ़ी परेशानी

लॉकडाउन के कारण 22 मार्च से बसों के पहिए थमे हुए हैं। बीते डेढ़ महीने से बसें स्टैंड में खड़ी हुई हैं। नगर के नया बस स्टैंड में जहां लोगों की भीड़ लगी रहती थी। वहां अब सन्नाटा है।
अब बस मालिकों को निर्धारित रुट में बस सेवा शुरू करने के लिए हजारों रुपए खर्च करना पड़ेगा। तभी बस सेवा फिर बहाल हो पाएगी। इधर शासन ने मई महीने के प्रत्येक शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन का असर नगर में शनिवार को दिखाई दिया। दूध डेयरी, मेडिकल स्टोर्स सहित आवश्यक दुकानें ही खुली रहीं। लोग आवश्यक सामग्री की खरीददारी करते दिखाई दिए। लॉकडाउन को लेकर शहर के व्यापारियों ने भी समर्थन दिया है। साथ ही दुकानें बंद रखी। इसके चलते शनिवार को सुबह से ही नगर में वीरानी छाई रही। हालांकि, कुछ निजी डिस्पेंसरी खुले रहे।
लोगों के साथ बस मालिकों को भी समस्या: लगातार 45 दिनों से अलग-अलग रुट में चलने वाली बसों के खड़े रहने से अब बस मालिकों की परेशानी बढ़ने लगी है। बस सेवा शुरू करने के लिए बस मालिकों को हजारों रुपए खर्च करने पड़ेंगे। जयश्री बस सर्विस के संचालक संतोष साहू ने बताया कि लंबे समय से बसों के एक ही जगह में खड़े रहने के कारण सभी वाहनों की बैटरी पूरी तरह से डिस्चार्ज हो चुकी है। मेंटेंनेंस कराना ही होगा।



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30 आश्रम-छात्रावास को बनाएंगे क्वारेंटाइन सेंटर

पंडरिया ब्लॉक में संचालित 30 आश्रम-छात्रावास भवनों को क्वारेंटाइन सेंटर सह राहत शिविर बनाया गया है। इन सेंटरों में दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को 14 अथवा 21 दिन क्वारेंटाइन किया जाएगा। क्वारेंटाइन सेंटर में श्रमिकों के परिजन या बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इसे लेकर शनिवार को कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने सभी आश्रम-छात्रावास अधीक्षकों की मीटिंग ली।
कलेक्टर शरण ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपाय के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। यहां प्रवासी श्रमिकों को क्वारेंटाइन किया जाएगा। यहां आने वाले हर श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी। सेंटर में श्रमिकों के लिए भोजन व्यवस्था से जुड़े लोग, व्यवस्था प्रभारी और स्वास्थ्य अमलों के अधिकृत अधिकारी-कर्मचारियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। अगर कोई अन्य व्यक्ति अनाधिकृत रूप से बाहर और अंदर आने-जाने के लिए परेशान करेंगे तो इसकी सूचना तत्काल संबंधित एसडीएम को देंगे।
कलेक्टर ने सभी आश्रम-छात्रावासों को विशेष साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्रमिकों को ठहराने की विशेष व्यवस्था करने हिदायत दी गई है।



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30 Ashram-Hostels will be made quarantine centers




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30557 मजदूरों में से 850 साइकिल से व पैदल लौटे

दूसरे राज्यों में काम करने गए जिले के 30557 मजदूर 21 राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं। इनमें से अभी तक 850 मजदूर पैदल और साइकिल से गांव में पहुंच चुके हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना जैसे संक्रमित क्षेत्र से बेमेतरा जिले के फंसे मजदूरों की जिले में वापसी होगी। जिला प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर मजदूरों को ठहराने के लिए गांवों के पंचायत भवन को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। दूसरे राज्यों में लॉकडाउन के दौरान फंसे मजदूरों की जानकारी जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को भेज दी गई है। लेकिन अभी तक मजदूरों की वापसी होने की सूचना जिला प्रशासन को नहीं मिल पाई है।
राज्य सरकार को भेजी दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की सूची: जिला पंचायत सीईओ रीता यादव ने बताया कि दूसरे राज्यों में 30357 मजदूर फंसे हुए हैं। इसकी जानकारी राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है। लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे करीब 850 मजदूर पैदल और साइकिल से गांव में पहुंच गए हैं। स्वास्थ्य जांच कर इन्हें पंचायत भवन में क्वारेंटाइन पर रखा गया है। इसकी देखभाल की जिम्मेदारी सचिव, कोटवार, पंचायत पदाधिकारी और स्वास्थ विभाग की टीम को सौंपी गई है। लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे जिले के मजदूरों की जानकारी राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है। लेकिन अभी तक मजदूरों की घर वापसी को लेकर राज्य सरकार द्वारा किसी तरह की जानकारी स्थानीय प्रशासन को नहीं मिल पाई है। हाल ही में लखनऊ में नवागढ़ जनपद के ग्राम रनबोड़ के निवासी मजदूर के सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
गांव लौट रहे मजदूरों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं: देश के बड़े शहरों में लॉकडाउन में फंसे मजदूर पैदल व साइकिल के माध्यम से गांव में लौट रहे हैं। इसकी सूचना स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों के अलावा और क्वारेंटाइन सेंटर में ड्यूटी पर लगाए गए कोटवार, पंचायत सचिव द्वारा नियमित रूप से प्रशासन को दी जा रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अमले को इस संबंध में किसी तरह की जानकारी नहीं मिल पा रही है। संक्रमित क्षेत्र से पहुंचने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य जांच की कार्रवाई ग्रामीण क्षेत्र में बराबर नहीं हो पा रही है।

महाराष्ट्र के पुणे में फंसे जिले के 15179 मजदूर

बेमेतरा जिले में दूसरे राज्यों में काम करने गए मजदूरों में सबसे ज्यादा मजदूर संक्रमित क्षेत्र महाराष्ट्र के पुणे में हैं। इनकी संख्या 15179 है। इसी तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 7185, हैदराबाद में 673 मजदूर फंसे हैं। जिनकी वापसी बेमेतरा होनी है। इसके अलावा मुंबई, दिल्ली, जयपुर, इलाहाबाद, रायबरेली, मेरठ, इटावा, विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, मुंबई, बेंगलुरु, हिसार, गुलबर्ग, भुनेश्वर, देहरादून, चेन्नई, पेरंबदूर, हैदराबाद, कानपुर, सूरत, खंडवा, दतिया, मंदसौर आगरा में बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं। वापसी पर सभी लोगों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन पर रखा जाएगा। ऐसे लोगों की स्वास्थ्य टीम द्वारा स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन ने कर ली है।

सबसे ज्यादा इन राज्यों में फंसे हैं

बेमेतरा जिले के मजदूर महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फंसे हुए हैं। इनमें लखनऊ में 7185, आगरा में 233, इलाहाबाद में 216, कानपुर में 1325, बनारस में 497, सूरत में 599, हैदराबाद में 853, पुरानी दिल्ली में 446, नागपुर में 1082, पुणे में 15179, नई दिल्ली में 446, भोपाल में 305, चंद्रपुर महाराष्ट्र में 124, अहमदनगर में 155, मुंबई में 357, सतारा में 129 लोग फंसे हुए हैं।



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केबल सुधारने गए कर्मियों पर जानलेवा हमला, एक के पेट को पेचकस से गोदा

शहर के रेवाबंद तालाब शिव मंदिर के पास शुक्रवार रात करीब 8 बजे केबल सुधारने गए कर्मियों पर जानलेवा हमला हो गया। एक के पेट में पेचकस से गोदा गया, तो दूसरे के सिर पर हथौड़े से वार किया गया। घायल कर्मियों को डॉयल 112 की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां दोनों का इलाज हुआ।
जानकारी के मुताबिक पीड़ित मासूम पिता ओमप्रकाश जायसवाल (21) निवासी ग्राम मड़मड़ा और सनत पिता धनीराम सूर्यवंशी (26) कोरबा के रहने वाले हैं। ये दोनों कवर्धा में रहकर टीवी केबल सर्विस का काम करते हैं। शुक्रवार को शहर के रेवाबंद तालाब शिव मंदिर के पास खंभे में आग लग गई, जिससे केबल जल गया था। शिकायत पर केबल सुधारने के लिए दोनों मौके पर गए थे। तभी आरोपी इलियास खान और नीरज परिहार दोनों से विवाद करने लगे। जब कर्मियों ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने पेचकस और हथौड़े से दोनों पर जानलेवा हमला कर दिया। उनके मोबाइल और पर्स को भी छीन लिया। सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे डॉयल 112 के पुलिसकर्मियों ने घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर्स ने मासूम के पेट पर पट्टी लगाई। वहीं सनत के सिर पर 8 टांके लगे हैं। इलाज के बाद दोनों को छुट्टी दे दी गई। दोनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई।

घटना के बाद से दोनों आरोपी हो गए फरार
वारदात के बाद आरोपी इलियास खान और नीरज परिहार फरार बताए जा रहे हैं। दोनों के खिलाफ थाने में धारा 294, 323, 506, 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है। जांच में जुटी पुलिस दोनों आरोपी की तलाश कर रही है।



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Deadly attack on personnel who went to rectify cable, screws one's stomach with screws




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कोरोना पॉजिटिव 6 में से 3 मरीज हुए ठीक, लक्षण नहीं होने से जल्द स्वस्थ

रेंगाखार और समनापुर जंगल के क्वारेंटाइन सेंटर में 4 मई को एक साथ 6 कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इनमें 3 पुरुष, दो महिला और एक बच्चा शामिल था। सभी को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था। 6 दिन चले इलाज के बाद शनिवार शाम को दोनों महिला और बच्चे को छुट्टी दे दी गई।
राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि ये तीनों पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। पॉजिटिव पाए गए तीनों लोगों में कोविड-19 के लक्षण जैसे सर्दी, खांसी व सांस लेने में तकलीफ नहीं थी। रैंडम जांच में पॉजिटिव मिलने पर इन्हें एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उनका जरूरी इलाज किया गया, जिससे अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। डॉ. त्रिपाठी का कहना है कि जिन लोगों में कोविड-19 का लक्षण नहीं रहता, उनमें वायरस का लोड कम रहने की संभावना रहती है और वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। इन तीनों में भी संक्रमण का लोड कम था। इसलिए महज 6 दिन में ही स्वस्थ हो गए।
संक्रमितों के संपर्क में आए लैब टेक्नीशियन

रेंगाखार व समनापुर जंगल में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे। एक लैब टेक्नीशियन उनके सीधे संपर्क में आ गया था, जिसे क्वारेंटाइन किया गया है, जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। संक्रमितों को एम्स रायपुर छोड़ने गए दो एंबुलेंस कर्मी भी क्वारेंटाइन पर रखे हैं। जिले से अब तक 500 से अधिक सैंपल भेजे हैं, 464 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई।

जरूरी सेवाओं को छोड़ सभी दुकानें बंद

कबीरधाम जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुक्रवार रात 11 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक टोटल लॉकडाउन घोषित है। पहले दिन शनिवार को टोटल लॉकडाउन का असर देखने को मिला। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। कोई भी घरों से नहीं निकले। मेडिकल शॉप, पेट्रोल पंप व जरूरी सेवाओं को छोड़ सभी दुकानें पूरी तरह से बंद रही।

सुरक्षित रहने आगे भी एहतियात बरतना जरूरी

चुनौती: बैरियर से बचकर सीधे गांव पहुंच रहे मजदूर
इधर, लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। ये मजदूर पैदल व साइकिल से यहां पहुंच रहे हैं। ये बॉर्डर पर लगाए गए बैरियर से बचते हुए अपने गांवों में घुस रहे हैं, जो प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि, सरपंच-सचिव, कोटवार और मितानिनें इन पर नजर रख रहे हैं।

ये कमी: जांच के लिए बचे 600 रैपिड किट, डिमांड भेजी
दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त रैपिड किट उपलब्ध नहीं है। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी बताते हैं कि वर्तमान में लगभग 600 रैपिड किट मौजूद हैं। आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या को देखते हुए किट की डिमांड की गई है। वीटीएम की उपलब्धता भी कम है।



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Corona positive 3 out of 6 patients recover, not feeling well soon




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अप्रैल में 426, मई के 8 दिन में 387 लोगों के सैंपल लिए

कोरोना जांच के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से रायपुर के एम्स व मेडिकल कॉलेज के कोविड लैब में जिले से 813 सैंपल भेजे जा चुके हैं। जिसमें 794 लोगों की रिपोर्ट मिल चुकी है। सभी निगेटिव है। 19 सैंपल का रिपोर्ट आना बाकी है। जो जिलेवासियों के लिए राहतभरी खबर है। सीएमएचअाे डाॅ. बीएल रात्रे ने बताया कि जितने लोगों की सैंपल रिपोर्ट मिली है, वह निगेटिव है। शुक्रवार को 31 सैम्पल भेजे गए हैं। रोजाना 30 से ज्यादा सैंपल लेकर भेज रहे है। जबकि पहले सैंपल लेने की रफ्तार कम थी।
दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दूसरे राज्यों से मजदूरों के जिले में आने का सिलसिला जारी है। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैंपल लेने की रफ्तार भी बढ़ गई है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि मई के 8 दिन में 387 सैंपल भेजे जा चुके हैं। जबकि मार्च में महज 10 ही सैंपल भेजे गए थे। अप्रैल में कुल 416 सैंपल भेजे गए थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 9 मई तक 813 सैंपल भेजे जा चुके हैं। रोजाना सैंपल भेजने के बाद देर शाम या रात रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन व राज्य शासन को भेजी जा रही है।दूसरे राज्यों से लोग पहुंच रहे है। कुछ दिन पहले दुर्ग में जो 8 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं।

स्वास्थ्य परीक्षण पर ही दिया जा रहा जोर

अप्रैल में रोजाना औसत 13 लोगों का सैंपल भेजा जा रहा था। जो अब बढ़कर 30 से ज्यादा हो गया है। मार्च में कोरोना जांच के लिए जरूरी वीटीएम किट व अन्य सामानों की कमी थी। इसलिए कम सैंपल भेजा गया। स्वास्थ्य परीक्षण पर ही जोर दिया जा रहा था। इसलिए तेज बुखार, सर्दी, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द की शिकायत पर सैंपल ले रहे थे लेकिन अब जो स्वस्थ हैं, उनका भी सैंपल लेकर भेज रहे हैं।



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बेमौसम अंधड़ व बारिश से तबाह हुई फसल

मई के महीने में लगातार हो रही बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान के चलते लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है इसमें खासतौर से किसान वर्ग प्रभावित हैं जो इस रबी सीजन में धान व सब्जी की खेती प्रमुख रूप से करते हैं। एन कटाई के वक्त में मौसम बिगड़ने से किसानों की हालत भी पस्त होने लगी है। शुक्रवार शनिवार की दरम्यानी रात को जिले के कई इलाकों में हुई गरज चमक की बारिश से भी रबी फसल कई जगह तबाह हुए हैं।
फागुनदाह के किसान गुलाम साहू, चतुर सिंह नेताम, अंगद साहू ने कहा कि एक दिन पहले ही धान की कटाई करवाकर गांव के खलिहान में सुखाने के लिए रखे थे लेकिन रात को हुई बारिश ने फसल को भिगोकर रख दिया। अचानक बारिश हुई तो धान को बचा नहीं पाए। देखते-देखते खलिहान में ही पानी भर गया और उपज भीग गई। अब मौसम खुलने का इंतजार है फिर से धान को सुखाना पड़ेगा लेकिन इससे धान की क्वालिटी पर भी असर पड़ेगा। जिससे इसे मंडी में दाम भी कम मिलेगा। जगन्नाथपुर के सब्जी उत्पादक किसान संतोष कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के कारण सब्जियों की बाहर सप्लाई बंद है।

मनरेगा के चलते मजदूर नहीं मिल रहे

बड़े व मध्यम किसानों के सामने फसल की कटाई की भी चुनौती है। मौसम लगातार खराब हो रहा है और फसल तैयार है। मनरेगा के चलते ज्यादा मजदूरी के कारण खेती किसानी के लिए मजदूर तैयार नहीं हो रहे हैं। शासन गांव में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम दे रही है। ऐसे में बड़े व मध्यम किसानों के सामने धान की कटाई मिंजाई करवाने का विकल्प नहीं है। हार्वेस्टर भी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से आते हैं। जिनके ड्राइवरों को अभी कोरोना के खतरे के कारण जिले में प्रवेश पर पाबंदी है। इधर लगातार बिगड़ते मौसम से खेती-किसानी प्रभावित है। किसान आने वाले खरीफ सीजन की तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं।
सर्वे जारी, फसल बीमा का मिलेगा लाभ
कृषि उपसंचालक नागेश्वर लाल पांडे का कहना है कि जिन किसानों ने बीमा करवाया है उन्हें योजना का लाभ मिलेगा। पिछले सीजन के बीमित किसानों को राशि भी जारी कर दी गई है। वहीं जहां भी बेमौसम बारिश, ओले व अंधड़ से नुकसान हुआ है उनकी सर्वे भी करवा रहे हैं।



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Crop destroyed by unseasonal rains and rain




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लॉकडाउन में सब्जी बेचने व खरीदने लगी रही भीड़

शनिवार को किसानों व सब्जी विक्रेताओं में असंमजस की स्थिति बनी रही। क्षेत्र के आसपास के सैकड़ों गरीब किसान काफी मात्रा में सब्जी लेकर दल्लीराजहरा स्थित बाजार पहुंच गए। जबकि शुक्रवार शाम को नगर पालिका ने साप्ताहिक बाजार बंद होने की जानकारी दी थी। नगर में पूर्ण लाॅकडाउन का खुलेआम उल्लंघन किया।
शनिवार को सुबह से आसपास क्षेत्र 20 किलोमीटर दायरे के किसान पैदल, अपनी साइकिल व बाइक समेत अन्य साधन से बीएसपी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 खेल मैदान के सामने पहुंचे। जिससे सैकड़ों की संख्या में भीड़ जमा हो गई। लगभग 2 घंटे बाद स्कूल मैदान का गेट खुला। जिस पर सब्जी बाजार सजने लगा था। तहसीलदार और पुलिस की टीम ने लाॅकडाउन का हवाला देते हुए सब्जी बाजार को बंद कराया। इस दौरान सब्जी विक्रेताओं व अधिकारियों के साथ वाद-विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। क्योंिक किसान सब्जी बाजार एक दिन पूर्व बंद होने के कारण ज्यादा सब्जी तोड़ कर ले आए थे। ऐसे में ग्राहक खरीदी नहीं करेगा तो उनकी सारी सब्जी दो दिनों में खराब हो जाएगी।

एसडीएम से शिकायत
पूर्व एल्डरमैन मोनू चौधरी ने एसडीएम से शिकायत करते कहा कि गरीब किसानों के साथ धोखा करना अन्याय है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि जो सरकार किसानों की हितैषी बनती थी। वे अब किसानों की परवाह नहीं कर रही है। वे केवल बातों की ही सरकार बन कर रह गई है। इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर ने बताया कि मुझे थोक व्यापारी ने फोन के माध्यम से बंद रहने की जानकारी दी पर ग्रामीण अंचल के किसानों में खबर नहीं होने के कारण सब्जी लेकर मंडी पहुंच गए थे।



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Crowd started selling and buying vegetables in lockdown




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खुद के साधन से दूसरे राज्यों से पहुंच रहे हैं मजदूर, इधर गांव में सर्वे ही करा रहे प्रभारी

कुछ दिन पहले कांग्रेस की ओर से यह ऐलान हुआ था कि हम दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूरों को लाएंगे और ट्रेन का किराया भी देंगे। इस ऐलान के बाद सभी जिले में अलग-अलग नेताओं को इस काम के लिए प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया गया है। बालोद में भी बीरेश ठाकुर को प्रभारी बनाया गया है लेकिन अब तक कांग्रेस की ओर से इस दिशा में पहल नहीं हुई। पदाधिकारी गांव में अब तक सर्वे ही करवा रहे हैं और इधर उन्हीं गांवों में रोज 300 से ज्यादा मजदूर दूसरे राज्यों से पैदल तो खुद के साधन से अपने गांव पहुंच रहे हैं।
इसमें कई मजदूर तो पुलिस व प्रशासन को चकमा देकर सीमा पर बिना जांच के ही अपने गांव तक पहुंच रहे हैं। ऐसे लोगों पर निगरानी में भी प्रशासन का पसीना छूट रहा है। शनिवार को भी यवतमाल महाराष्ट्र से पैदल भरदा के मजदूर बालोद तक पहुंच गए। जानकारी मिलने पर शहर के गंज पारा स्थित दुर्गा मंदिर समिति के सदस्यों ने उनके लिए नाश्ते का प्रबंध किया।

क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन की सुविधा नहीं

पुलिस प्रशासन की ओर से भले ही सीमाओं पर निगरानी की जा रही है लेकिन पैदल आने वाले कई मजदूर अंदरूनी इलाकों से भी जिले में दाखिल हो रहे हैं। कहीं जांच हो रही है तो कहीं पर बिना जांच के ही मजदूर अपने गांव पहुंच रहे हैं। ऐसे में जिले में संक्रमण का खतरा भी मंडरा रहा है। जो प्रशासन के लिए भी चुनौती बनी हुई है। हालांकि वैकल्पिक इंतजाम के रूप में गांव के स्कूल व सामुदायिक भवन को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है लेकिन लगातार मजदूरों की वापसी से उन सेंटरों में बढ़ती भीड़ से व्यवस्था भी बिगड़ती जा रही है। शुक्रवार को ग्राम कमरौद के क्वारेंटाइन सेंटर में लौटे हुए दूसरे राज्य के मजदूर भवन में जगह कम होने की बात पर विवाद पर भी उतर आए थे। प्रभावित मजदूर घर से खाना मंगवा रहे हैं लेकिन जिन मजदूरों के सभी सदस्य क्वारेंटाइन में है, उनके सामने खाना बनाने की दिक्कत है।
भोजन की व्यवस्था करने के दिए निर्देश
सीएम ने सभी कलेक्टर को आदेश जारी करके कहा है कि प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन, चाय, नाश्ते का इंतजाम किया जाए। जिस जिले में ऐसे मजदूर प्रवेश कर रहे हैं उन्हें अपने जिले की अगली सीमा तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाए। शनिवार को सिकंदराबाद से झारखंड जा रहे मजदूर गुंडरदेही बस स्टैंड तक पहुंचे तो उन्हें प्रशासन ने उनके लिए नाश्ते की व्यवस्था की।

ब्लॉक अध्यक्षों को मिली सर्वे की जिम्मेदारी

श्रम विभाग के पास जिले से दूसरे राज्यों में रहने वाले 1700 से ज्यादा मजदूरों का आंकड़ा है। लेकिन कांग्रेस द्वारा अपने हिसाब से नए सिरे से सर्वे करवाया जा रहा है। जिले के प्रभारी बीरेश ठाकुर का कहना है कि हमने सभी ब्लॉक अध्यक्षों को इसकी जिम्मेदारी दी है कि वे हर गांव में अपने कार्यकर्ताओं के जरिए यह पता करें कि कौन मजदूर या व्यक्ति किस राज्य में फंसा हुआ है। सभी से सूची मंगा कर एक फाइनल सूची तैयार की जा रही है। इसी को रायपुर कार्यालय भेजा जाएगा।

बालोद जिले की सीमाओं पर ऐसी है स्थिति
नांदगांव व बालोद के बॉर्डर रानीतराई रोड पर भी रोज 100 से ज्यादा मजदूर हैदराबाद, महाराष्ट्र से पहुंच रहे हैं। पुलिस व स्वास्थ्य विभाग का अमला डटा हुआ है। यही स्थिति दुर्ग, धमतरी, कांकेर बॉर्डर पर भी है।



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Workers are coming from other states by their own means, in-charge survey is conducted in the village




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सेन समाज ने कहा- शराब दुकानें खुल गई, सैलून कब खोलने देंगे

अब तक कई दुकानों को खोलने की छूट मिलने के बाद सेन समाज में नाराजगी है। समाज के पदाधिकारियों ने कलेक्टर रानू साहू को ज्ञापन सौंपकर समाज के लोगों के लिए आर्थिक राहत पैकेज दिलाने या फिर सैलून शुरू करवाने की अनुमति देने की मांग की है। ऐसा ना हो पाने की स्थिति में पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठने की भी चेतावनी दी है।
छत्तीसगढ़ प्रांत सेन समाज के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष कौशिक ने कहा कि जब सरकार ने शराब दुकानों को खोल दी है तो सैलून खोलने पर क्या आपत्ति है। हम लगातार धैर्य का परिचय दे रहे हैं, लेकिन हमारे सामने भूखमरी की स्थिति आ रही है। शासन-प्रशासन से पहल का इंतजार है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में हमारा व्यवसाय पूरी तरह से बंद है। इससे समाज के लोगों के सामने आर्थिक समस्या हो रही है। नगर इकाई के अध्यक्ष विक्की भारद्वाज ने कहा कि यही स्थिति रही तो भूखमरी की नौबत आ जाएगी। अब तक समाज को किसी भी तरह से आर्थिक मदद नहीं मिली है।
शराबबंदी की भी मांग: भाजपा शहर मंडल की ओर से जिले व राज्य में शराबबंदी की भी मांग की गई। इस संबंध में मंडल अध्यक्ष सुरेश निर्मलकर, भाजयुमो नेता अमित चोपड़ा सहित अन्य लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। भाजपाइयों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लगातार शराब दुकानें बंद रही। कुछ दिन पहले इसे दोबारा खोल दी गई है जबकि यह शराबबंदी के लिए अच्छा अवसर भी है। भाजपाइयों ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि 4 मई से शराब दुकानें खोलकर सरकार लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। इससे कोरोना के नियंत्रण को लेकर किए गए अब तक के उपायों पर पानी फिर सकता है। अध्यक्ष सुरेश निर्मलकर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पूर्व के घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था। हाथ में गंगाजल उठाकर पूर्ण शराबबंदी करने का वचन दिया था, लेकिन अपने वादे को सरकार भूल गई है। राजकोष बढ़ाने के लिए कोरोना संकट के बीच शराब बेच रही है।



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Sen society said - liquor shops opened, when will the salons open




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2 नई पंचायतों की संपत्ति का बंटवारा

ब्लॉक में गठित 2 नई पंचायत कोपेडेरा और खम्हारटोला की संपत्तियाें का विधिवत बंटवारा शुक्रवार को पंचायत मुख्यालय में किया गया। खम्हारटोला को 1 लाख 54 हजार 700 रुपए और कोपेडेरा को 50 हजार रुपए नकद राशि के रूप में मिला। इसके साथ ही अन्य सामानों को सहमति से बांटे गए। जनपद पंचायत डौंडी के पंचायत निरीक्षक केआर चिन्दा ने बताया की छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश पर पंचायत आम चुनाव के पहले ग्राम पंचायत कोपेडेरा और ग्राम पंचायत खम्हार टोला नवीन पंचायत के रूप में गठन हुआ है।
पहले कोपेडेरा नलकसा पंचायत में था तथा खम्हारटोला पथराटोला पंचायत का आश्रित ग्राम था। शासन के निर्देशानुसार प्राधिकृत अधिकारी के रूप में उनको बनाकर ग्राम पंचायत नलकसा भेजा गया था। ग्राम पंचायत पथराटोला के लिए करारोपण अधिकारी कुलेश भारद्वाज को पथरा टोला के लिए प्राधिकृत अधिकारी बनाया गया था। उन्होंने बताया कि दोनों पंचायत में पंचों की उपस्थिति में आपसी सहमति के साथ बंटवारा अचल और चल संपत्ति का हुआ।
ग्राम पंचायत कोपेडेरा और नलकसा को पंचायत के संपत्ति लोहा, प्लास्टिक कुर्सी, टेबल कंप्यूटर डाइनिंग, आलमारी आदि सामान को बराबर भागों में बांटा गया। ग्राम पंचायत पथराटोला और खम्हारटोला में भी आम सहमति से गांव के अचल संपत्ति तालाब, हैंडपंप, प्राथमिक शाला भवन, आंगनबाड़ी भवन, नल जल योजना, यात्री प्रतीक्षालय डायनिंग टेबल, कुर्सी, एसी, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर फोटोकॉपी, मशीन प्रिंटर प्लास्टिक तथा लोहे की कुर्सी का बंटवारा किया गया। इसके अलावा पिछला खर्च काटकर दोनों पंचायत के हिस्से में राशि बांटा गया। मौके पर नलकसा सरपंच महरीन टेकाम, सचिव संतराम भुआर्य, कोपेडेरा सरपंच लोकेश्वरी उसेंडी, लीलदास, पथराटोला सरपंच विमल, कोमा सरपंच माहरा राम उर्वसा, सचिव अनिल कुमार उइके सहित गांव के लोग मौजूद थे।



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2 new Panchayat property distribution




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जिले में पुलिस ने फ्लैग मार्च कर किया लोगों को घर पर रहने प्रेरित

पूर्ण लॉकडाउन के पहले दिन शनिवार को शहर में जनता कर्फ्यू जैसा सन्नाटा रहा। जिस सदर बाजार में ग्रीन जोन के कारण लगातार चहल-पहल रहती थी, वहां दोपहर 2 बजे कोई नहीं दिखा। इसके पहले इक्का-दुक्का लोग ही इस रास्ते से चलते रहे। इधर पुलिस और प्रशासन लोगों को घर पर रहने के लिए प्रेरित करने वाहनों से फ्लैग मार्ग पर निकली हुई थी। कलेक्टर रानू साहू, एसपी जितेंद्र सिंह मीणा सहित अन्य अधिकारी जिले के सभी शहरी क्षेत्र में फ्लैग मार्च करते रहे ताकि कहीं लॉकडाउन का उल्लंघन ना हो।
दूध की आड़ में मिठाई बेचने की शिकायत: शहर में सुबह संजारी गार्डन के पास संचालित एक दूध फैक्ट्री में दूध की आड़ में मिठाई बेचने की शिकायत सामने आई।
जांच के बाद काउंटर बंद कराया: टीआई गैंदसिंह ठाकुर का कहना था कि दूध के साथ मिठाई बेचने की शिकायत मिली थी, लेकिन जब हम मौके पर पहुंचे तो मिठाई वाली बात सामने नहीं आई। कुछ कर्मचारी दूध की डिलीवरी करवा रहे थे। शिकायत के कारण काउंटर बंद करवाया गया।



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Police motivated people to stay at home by flag march




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लोहारा में कर्फ्यू जैसी स्थिति, सब्जी लेकर पहुंचे व्यापारियों को भेजा घर

शनिवार को नगर में जनता कर्फ्यू जैसी स्थिति रही। सुबह से ही मेडिकल स्वास्थ्य आदि आवश्यक सेवा को छोड़कर सभी दुकानें बंद रही। लोग लॉकडाउन का पालन करते दिखे। आवश्यक कार्य के लिए ही लोगों की आवाजाही दिखी। अधिकतर लोग घर पर ही रहे। 10 बजे के बाद नगर के मुख्य मार्ग सहित गली, मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहा। ग्रीन जोन में मिली छूट के तहत नगर में कुछ दिन पहले अधिकतर दुकानों को खोलने की अनुमति जिला प्रशासन से मिली है। जिसके कारण नगर में दोपहर तक चहल-पहल रहती थी।
लोगों में चर्चा रही कि लॉकडॉउन ऐसा ही होना चाहिए। जिसमें घर से बाहर कोई न निकले। सिर्फ़ आवश्यक सेवा ही चलती रहे। जानकारी न होने पर नगर सहित आसपास के गांवों के सब्जी विक्रेता सुबह नगर के लाल रघुवीर सिंह स्टेडियम पहुंच रहे थे। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस के जवानों ने समझाइश देकर सभी को वापस घर भेजा। शनिवार-रविवार के टोटल लॉकडॉउन को समझाया गया। एसपी के नेतृत्व में नगर में दोपहर 12 बजे फ्लैग मार्च निकाला गया, जो नगर के मुख्य मार्ग, नए बस स्टैंड, बाजार चौक से विवेकानंद चौक होते हुए ग्राम संबलपुर तक पहुंचा। वहां से वापस कानून व शांति व्यवस्था की जायजा लेते हुए जिला मुख्यालय की ओर रवाना हुए।



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Curfew-like situation in Lohara, traders sent vegetables sent home




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झाड़ी में नवजात को कुत्ते नोंचने वाले थे, दंपती ने लिया गोद, अब हैदराबाद में कर रही जॉब

आज मातृ दिवस पर हम ममता की दो ऐसी अनोखी कहानी बता रहे हैं जो आज के दौर में असलियत में भी बहुत कम देखने को मिलती है। पहली कहानी है डौंडी ब्लॉक के किल्लेकोड़ा गांव के कोसमा दंपती की जिन्होंने एक बेटी को गोद लिया है। यह वह बेटी है जिसे किसी ने पैदा होते ही झाड़ियों में कचरे के ढेर में फेंक दिया था। 10 नवंबर 1998 को सूरज कोसमा को राह चलते यह नवजात मिली थी। जिसे सूरज व उनकी पत्नी समुंद ने गोद लेकर नई जिंदगी दे दी। आज यह बेटी अपने पैरों में खड़ी हो गई है और हैदराबाद की एक कंपनी में जॉब भी करती है। जिस समय सूरज व उनकी पत्नी समुंद बाई ने कृतिका को गोद लिया वे निसंतान थे। शादी को 10 साल हो चुके थे लेकिन उनका कोई बच्चा नहीं था। इस वजह से भी अफसरों ने भी इस बच्ची को उन्हीं को सौंप दिया। बच्ची को गोद लेने के 5 साल बाद समुंद की गोद भी भर गई और उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। आज भी कृतिका और उनकी बहन शुभम में सगी बहनों वाला प्यार है।
एक महीने तक डॉक्टर की निगरानी में रही

सूरज ने बताया कि वह पहले आदिवासी विकास विभाग के छात्रावास मंगचुआ में चपरासी था। अभी लूरकाझर में पदस्थ हूं। 10 नवंबर 1998 की बात है उस समय उनकी चुनाव ड्यूटी लगी थी। नाहंदा जा रहा था कि रास्ते में मुझे झाड़ियों के बीच यह बच्ची नजर आई। आसपास कुछ कुत्ते भी उसकी ओर दौड़ रहे थे। मुझे समझने में ज्यादा देर नही लगी। तुरंत झाड़ी के पास पहुंचा कुत्तों को भगाया और इस बच्ची को उठाया। बच्ची की सांसें चल रही थी बचने की आस में मैं उसे डौंडीलोहारा अस्पताल ले आया। जहां लगभग एक महीने तक बच्ची डॉक्टरों की निगरानी में रही। उस वक्त मैं निसंतान था पर इस बच्ची के मिलने से मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं भी एक पिता बन गया हूं। शासन के नियमों के मुताबिक हमने अस्पताल से छुट्टी होने के बाद बच्ची को संबंधित विभाग को सौंपा। लेकिन तत्कालीन कलेक्टर (नाम याद नहीं आ रहा) ने आदेश जारी करके बच्ची को देखरेख के लिए हमें सौंप दिया और तब से बच्ची हमारी हो गई।

इधर भरदाकला के दृष्टिहीन छात्र को मां बनकर उज्ज्वल भविष्य की रोशनी दिखा रही प्राचार्य
गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम भरदाकला के कॉलेज के छात्र फकीर राम उर्फ राजा निषाद दृष्टिहीन हैं। बचपन से ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई है। लेकिन उनकी मां बनकर उनके कचांदुर हायर सेकेंडरी स्कूल की प्राचार्य प्रीति बाला मुले उनकी परवरिश करती हैं। इस बात को फकीर भी फक्र के साथ कहता है कि कक्षा 9वी से जब से वह कचांदुर स्कूल में पढ़ता रहा, तब से उनका प्राचार्य के साथ प्राचार्य स्टूडेंट का नहीं बल्कि एक मां-बेटे जैसा रिश्ता जुड़ गया और हर परिस्थिति में प्राचार्य ने उनका हौसला बढ़ाया। दूसरे बच्चों के लिए प्राचार्य मैडम है लेकिन फकीर उन्हें हमेशा मां कहकर पुकारता है। पिछले साल फकीर ने 12वीं की परीक्षा भी पास कर ली है। अब वह प्राइवेट बीए फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा है तो डीएलएड का कोर्स भी कर रहा है। इस काम में प्राचार्य भी उनकी मदद कर रही हैं। फकीर बहुत ही गरीब परिवार से है। जिसके कारण समय रहते बचपन में उनकी आंखों का इलाज भी नहीं हो पाया पर उसने हौसला नहीं हारा। स्कूल में ब्रेल लिपि से पढ़ाई नहीं हो पाती तो वह सिर्फ सुनकर पढ़ाई करता रहा। घर में भी उनकी बहन पुस्तक पढ़कर उन्हें सुनाती है। जब परीक्षा का वक्त आता है तो एक लिखने वाला सहयोगी लेकर वह परीक्षा दिलाता है। ब्लाइंड जूडो का वह नेशनल प्लेयर भी रह चुका है। प्राचार्य प्रीति बाला का कहना है कि फकीर को एक बेहतर मुकाम पर देखना चाहती हूं। यह मेरा एक सपना है। उसे अपने बेटे की तरह ही मानती हूं। दृष्टिहीन होने के बाद भी फकीर में दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन है। जिसकी बदौलत वह हर हालात का सामना कर आगे बढ़ रहा है।

मेरे लिए तो धरती के भगवान हैं दोनों
कृतिका कहती है मैं खुशनसीब हूं, जिसे इस दुनिया में ऐसे मां-बाप मिले। मेरी असली मां कौन रही होगी उससे मुझे कोई मतलब नहीं है। मेरे लिए तो जिन्होंने मुझे गोद लिया वे इस धरती पर भगवान के रूप में हैं। शादी के 15 साल बाद खुद की बेटी होने के बाद भी सूरज व समुंद ने कभी कृतिका को पराई होने का एहसास नहीं होने दिया ना ही कृतिका को कभी इसका दुख होता है कि उसे किसी ने कचरे में फेंक दिया था।



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मयूरचूंदी में वनरक्षक पर हमला, वन भूमि पर कब्जा रोकने गए थे, 2 जेसीबी व 1 ट्रैक्टर जब्त

वन भूमि में अवैध तरीके से जेसीबी चलाकर भूमि को समतल कर रहे लोगों ने वनकर्मी की पिटाई कर दी है। पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर रही है, वहीं वन विभाग ने भी भूमि समतलीकरण के कार्य में लगे जेसीबी और ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है। मामला जिले के करडेगा चौकी क्षेत्र के मयूरचूंदी की है। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को करडेगा पुलिस चौकी क्षेत्र के मयूरचूंदी के वन भूमि में कुछ लोगों द्वारा झारखंड से जेसीबी लगाकर अवैध तरीके से भूमि समतलीकरण कर काम किया जा रहा है। इसकी जानकारी वन विभाग के कर्मचारियों को मिलने पर काम रुकवाने के लिए मौके पर पर पहुंचे थे। वनरक्षक ने जब अवैध काम को बंद करने के लिए कहा तो वहां मौजूद ईश्वर यादव वनरक्षक करनी शुरू कर दी। मारपीट करने पर वनरक्षक जब मौके से भागने लगा तो ईश्वर यादव ने वनरक्षक को अपने हाथ में पकड़े हुए हेलमेट चलाकर उसे मारा और पकड़ कर उसकी वर्दी भी फाड़ दी। सूचना करडेगा पुलिस को मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंच कर वनकर्मी के ऊपर हमला करने वाले दो लोगांे को पकड़ लिया है।
वन भूमि में अवैध तरीके से झारखंड से दो जेसीबी और एक ट्रैक्टर लगा कर भूमि समतलीकरण किया जा रहा था। जो यह काम कर रहा था, उसके पास वन भूमि का पट्‌टा भी नहीं है। अवैध काम को रोकने गए वन रक्षक के साथ मारपीट के बाद मौके पर पहुंची पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, वहीं वन विभाग ने भी अवैध कार्य में लगे दो जेसीबी और एक ट्रैक्टर को वन अधिनियम के तहत जब्त कर लिया।



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वन कर्मी को पीटा, 5 दिन बाद 5 पर जुर्म दर्ज

हाथियों को आग के गोले दागने और गुलेल चलाकर भगा रहे ग्रामीणों को मना करने पर वनकर्मियों पर हमला कर वर्दी फाड़ने के मामले में 5 दिन बाद कोतबा पुलिस ने 5 ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पीड़ित राजेश मिर्रे सहयोगी वनरक्षक मनमोहन रात्रे, संजय कुमार पैंकरा, लखेस पैकरा ने बताया कि 4 मई की रात 10 बजे ग्राम पंचायत मधुबन में जंगली हाथी के आने और ग्रामीणों के फसलों को नुकसान पहुंचाने की जानकारी पत्थलगांव परिक्षेत्र अधिकारी ने दी थी। उनके निर्देश पर वाहन क्रमांक सीजी 02 एफ 0023 में चारों वनरक्षक ग्राम पंचायत मधुबन पहुंचे। वनरक्षकों के मुताबिक ग्रामीणों की संख्या 300 तीन सौ से अधिक थी। उसमें से कुछ लोग शराब पीकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे। हाथियों को खदेड़ने के लिए ग्रामीणों ने मशाल में आग जलाकर और गुलेल से वार कर रहे थे। उसी दौरान हाथी उग्र होकर ग्रामीणों को दौड़ाने लगे। सुरक्षा की दृष्टि से ग्रामीणों ने वनकर्मियों को खूब समझाने का प्रयास किया लेकिन वे हाथी के निकट जाकर उस पर प्रहार करने से नहीं चूक रहे थे। वनकर्मी ग्रामीणों को समझाइश देने पर ग्रामीण मान नहीं रहे थे और गुस्साए ग्रामीणों ने उल्टे समझाइश दे रहे वनकर्मियों को ही अपना शिकार बनाते हुए उन्हें दौड़ा दौड़ा कर मारपीट करते हुए उनसे दुर्व्यवहार करते हुए वर्दी तक फाड़ डाली, जिससे राजेश कुमार मिर्रे को चोटें आई। बताया जा रहा है कि घटना स्थल से जान बचाकर भागे तीन वनकर्मी सूचना कोतबा पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पंहुची पुलिस ने भीड़ पर काबू पाया और एक वनकर्मी की जान बचाई गई। मामला घटित होने के दिन ही वनकर्मियों ने चौकी में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की, लेकिन दूसरे दिन उनके नहीं पहुंचने पर कार्रवाई नहीं होने की बात पुलिस द्वारा कहीं जा रही थीं, जबकि पत्थलगांव रेंजर ने घटना की पुष्टि करते हुए उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन पर ही कार्रवाई करने की बात कही।



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Forest worker beaten, after 5 days, crime was registered at 5




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गर्मी में भी बारिश इसलिए रानीदाह जलप्रपात में दूध सी जलधारा

लॉकडाउन के कारण बीते डेढ़ महीने से लोग अपने-अपने घरों में हैं। ऐसे में जिले के पर्यटन स्थल अपने आप स्वच्छ हो रहे हैं। साफ होने के साथ पर्यटन स्थलों की सुंदरता भी निखर रही है। शहर के सबसे नजदीकी रानीदाह जलप्रपात में इन दिनों पर्याप्त पानी है। झरने की दोनों धार में दूध जैसा सफेद पानी बह रहा है। हर महीने बारिश हो रही है और बीते एक पखवाड़े से बारिश का दौर चल रहा है। आसमान में काले बादलों का डेरा बना हुआ है।
दस साल में पहली बार गर्मी में इतना पानी
यह जलप्रपात गिरमा नदी पर स्थित है। बीते कई सालाें से यह जलप्रपात सिर्फ बरसात और ठंड के सीजन में ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र हुआ करता था। बीते दस साल में पहली बार गर्मी के दिनों में जलप्रपात में पर्याप्त पानी है।

पिछले साल पूरी तरह से सूख गया था झरना
शहर से 17 किलोमीटर दूर स्थित रानीदाह जलप्रपात बीते साल मई के महीने में पूरी तरह से सूख गया था। गर्मी के दिनों में हरी-भरी वादियों के बीच झरने की खूबसूरती देखने बाहरी पर्यटक पहुंच रहे थे पर झरने में सिर्फ पानी की पतली सी धार बह रही थी। इस वर्ष पर्यटक नहीं है और झरने की खूबसूरती देखते ही बन रही है।



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Rainfall even in summer, hence milk stream in Ranidah Falls




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2 घंटे बेकरी व दूध की दुकानें खुलीं,सड़कों पर दिनभर सन्नाटा

सप्ताह के आखरी दो दिन होने वाले संपूर्ण लॉकडाउन का पहला दिन शहर सहित जिले भर में सफल रहा। शहर में सुबह से एक भी दुकानें बंद रहीं। शनिवार को शहर में सिर्फ दवा दुकानें खुलीं थी। सुबह दो घंटे के लिए बेकरी और दूध की दुकानें खुलीं थी। नागरिकों ने भी इस लॉकडाउन का गंभीरता से पालन किया। लोग अपने-अपने घरों में रहे, जिससे दिनभर शहर की सड़कों परवीरानी छाई रही।
शनिवार और रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को ही निर्देश जारी करते हुए सभी को आगाह किया था। पुलिस प्रशासन ने साफ तौर पर चेतावनी दी थी कि यदि इस दो दिन के लॉकडाउन में कोई बेवजह घर से निकला हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस चेतावनी का असर ही रहा कि लोग सुबह से ही अपने घरों में रहे। लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस के जवान सुबह 6 बजे से ही ड्यूटी पर तैनात हो गए। कोतवाली के सामने, महाराजा चौक, बस स्टैंड, बिरसामुंडा चौक, सन्ना रोड शिव मंदिर चौक, कॉलेज रोड सहित अन्य स्थानों पर पुलिस के जवानों की तैनाती थी। इस वजह से सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए भी कोई सड़क पर नहीं निकला। सुबह से ही पुलिस की गाड़ी सायरन बजाते हुए शहर में विभिन्न इलाकों में घूम रही थी, जिससे लोग घर बैठे लोगों को अंदाजा हो गया कि लॉकडाउन कैसा है। दुकानों के साथ सभी शासकीय व निजी कार्यालय भी शनिवार को बंद रहे। मेडिकल एमरजेंसी की छूट थी। मेडिकल सेवा में सिर्फ सरकारी अस्पताल शनिवार को खुले थे।
शराब की होम डिलीवरी सिर्फ 20- लॉकडाउन में शराब की दुकानें बंद थीं पर इसकी होम डिलीवरी सुविधा चालू थी। पर घर बैठे शराब पीने वालों की संख्या में जिले में बेहद कमी है। शनिवार को जिले के सभी मदिरा दुकानों से सिर्फ 20 लोगों ही ऑनलाइन ऑर्डर किए । होम डिलीवरी के जरिए शराब पहुंचाई गई है।

घरों के प्रवेश द्वार पर दिनभर लटकता रहा ताला

जिस तरह पहले दिन के लॉकडाउन का लोगों ने गंभीरता से पालन किया था, ठीक वैसे ही वीकएंड लॉकडाउन का भी लोग पालन करते हुए देखे गए। शनिवार को शहर के कई मकानों में मेन गेट का ताला खुला ही नहीं। दिनभर मेन गेट पर ताला ना खोलकर लाेगों ने यह संदेश दिया कि वायरस के संक्रमण से बचने का सबसे सुरक्षित स्थान उनका मकान है और कुछ नहीं। शाम के वक्त घरों से बाहर निकलकर मोहल्ले की सड़क पर टहलने वाले भी शनिवार को नजर नहीं आए। क्योंकि पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी में शाम के वक्त फिर से मोहल्लों में पेट्रोलिंग शुरू कर दी थी।
सब्जी दुकानें बंद, फेरीवाले भी नहीं पहुंचे

संपूर्ण लॉकडाउन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शनिवार को सब्जी की दुकानें भी पूरी तरह बंद रही। सामान्य दिनों में ठेले में या फिर अपने सिर पर टोकरियां रखकर जो फेरी वाले मोहल्लों में घूम-घूमकर सब्जियां बेचते थे वे भी शनिवार को अपने घरों से नहीं निकले। प्रशासन ने हाट बाजार पर भी प्रतिबंध लगाया था। बाहर निकलने पर कहीं कार्रवाई का शिकार ना होना पड़े इस डर से सब्जी वालों ने भी घूम-घूमकर सब्जियां नहीं बेची।
आज भी ऐसे ही करना होगा पालन
रविवार को भी जिले में संपूर्ण लॉकडाउन होगा। इसलिए आज भी दिनभर लॉकडाउन का पालन कराने के लिए विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। बिना काम से बाहर निकलने वालों पर कार्रवाई हो सकती है। दवाओं के लिए यदि कोई घर से बाहर निकलता है तो उसे दवा की पर्ची साथ लेकर निकलना होगा। दूध व अखबार के वितरण का समय सुबह 6:30 से 9:30 निर्धारित है।



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Bakery and milk shops open for 2 hours, silence on the streets throughout the day




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आज आसमान रहेगा साफ, कल बारिश की संभावना

लगातार हो रही बारिश से शनिवार को लोगों को राहत मिली। शनिवार को सुबह से धूप खिली और दिनभर मौसम खुला रहा। शाम को काले बादलों ने आसमान में फिर से ढंक लिया था लेकिन बारिश नहीं हुई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार रविवार को दिनभर मौसम साफ रहेगा और सोमवार को फिर बारिश की संभावना है।
मौसम साफ होने से इस वर्ष मई में पहली बार दिन में लोगों को गर्मी का एहसास हुआ। दिन में अधिकतम तापमान 33 डिग्री था। हालांकि बीते साल के मुकाबले यह तापमान 8 डिग्री कम है। दोपहर में गर्मी का एहसास होने से लोगों को पंखे व एसी चलाने पड़े। पंखे की रफ्तार बढ़ी पर शाम को बादल छाने से लोगों को राहत का एहसास हुआ। नमी अभी भी 58 प्रतिशत बनी हुई है, इसलिए तापमान अचानक से बढ़ने की संभावना नहीं है। बीते एक पखवाड़े से क्षेत्र में रोजाना कहीं ना कहीं बारिश हो रही थी। गुरुवार को दिन में दो बार बारिश हुई थी। शनिवार को शाम को जिले के कई इलाकों में बूंदाबांदी हुई और दुलदुला क्षेत्र में एक घंटे तेज बारिश हुई थी।

यह मौसम कर रहा बीमार, बरतें सावधानी
बादल व बारिश के कारण तापमान में उतार चढ़ाव लगा हुआ है। ना तो ढ़ंग से गर्मी पड़ रही है और ना ही ज्यादा ठंड है। मौसम अचानक गर्म और ठंडा हो रहा है। जिससे लोग वायरल फीवर व सर्दी-खांसी से ग्रसित हो रहे हैे। कोरोना संक्रमण के इस समय में बीमार पड़ना भी बेहद खतरनाक है। डॉक्टरों ने इस मौसम में लगातार संयमित आहार लेने की बात कही है। फल व सब्जियों का सेवन लगातार करने और गर्म पानी के सेवन की सहाल दे रहे हैं। फिर भी यदि बुखार होता है या खांसी जल्दी ठीक नहीं होती है तो अस्पताल जाने की जरूरत है।



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Today the sky will be clear, the possibility of rain tomorrow




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सफाई कर्मियों का सम्मान, पार्षद ने कहा सैनिक की तरह डटे हैं कोरोना वॉरियर्स


भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष एवं सुभाष वार्ड की पार्षद दीप्ति पांडे ने शनिवार को नगर निगम के सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया। दंतेश्वरी मंदिर के सामने उन्होंने सभी का आरती उतारकर, माला पहनाकर एवं पुष्प वर्षा कर सम्मान किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के समय जब शहरवासी अपने घरों-घरों में है तो ठीक उसी समय ये सफाई कर्मचारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मैदान में डटे हुए हैं। इस विषम परिस्थिति में भी रोजाना मास्क पहनकर व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शहर के सभी वार्डों में सफाई का काम बखूबी निभा रहे हैं।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि सफाई दरोगा व वार्ड प्रभारी के नेतृत्व में सभी प्लेसमेंट सफाई कर्मचारी पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से अपना दायित्व निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए हमें अपने आपको स्वस्थ रखना होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह भी आवश्यक है कि हम अपने आसपास की सफाई स्वयं करें, जिससे कि स्वच्छ वातावरण बना रहे। कोरोना वायरस से बचने के लिए सभी संभावित उपाय अमल में लाया जाए। घर पर परिवार के साथ ज्यादा समय व्यतीत करें। बेवजह घर से बाहर न निकलें। आवश्यक होने पर ही मास्क पहनकर घर से बाहर निकलें। इस अवसर पर पार्षद ने सफाई दरोगा दामोदर कुमार, वार्ड प्रभारी रवीश श्रीवास्तव, प्यागो, गौरी, प्रिया, बबिता, निम्मी, सुजाता, प्रभु, समीर सोनी, शुभम, सूरज का सम्मान किया।



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Respect for sanitation workers, councilor said Corona Warriors are like soldiers




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शहीद की मां के लिए आज भी जिंदा है उसका बेटा, नक्सली मां को बेटे का इंतजार

मां तो मां होती हैं। बच्चा दूर रहे या दुनिया छोड़ दे लेकिन ममता कभी खत्म नहीं होती। वो तो मां हैं और उसकी ममता हमेशा रहती है। आज मदर्स डे है। इस दिन हम दंतेवाड़ा की ऐसी दो मां की कहानी बता रहे हैं, जिनके मन में बेटों के लिए अपार प्रेम और ममता भरी है। सीने में दर्द है, तड़प है और बूढ़ी आंखों में आंसू भी हैं, क्योंकि उनका बेटा आज से उनसे बेहद दूर है। ये मां क्या सोचती हैं, बेटों के बगैर कैसे जीवन गुजार रहीं, उन्हीं के अनुभवों को जानने भास्कर टीम शहीद जवान राजेन्द्र गायकवाड़ और 5 लाख रुपए के इनामी नक्सली बुधरा सोढ़ी की मां से मिलने पहुंचीं।
लाश नहीं देखना चाहती, सुरक्षित ही घर आ जा, बहुत बीमार हूँ

नक्सली बुधरा सोढ़ी की मां आज भी अपने बेटे को याद कर फफक कर रो पड़ती है। बेटा 10 साल पहले नक्सल संगठन में कब शामिल हो गया था। इसका पता चला तो पैरों तले जमीन खिसक गई। टीम जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर बुधरा के गांव पखनाचुआ पहुंची। दुले इन दिनों गम्भीर बीमारी से जूझ रही हैं। यह हालत तब से हुई जब से बेटा ने अचानक घर छोड़ा। आज भी बूढ़ी आंखे बेटे का इंतजार कर रही हैं। बुधरा का नाम लेते ही मां पहले तो रो पड़ीं फिर बोल पड़ी कि बेटे की लाश नहीं देखना चाहती। हर दिन इस बात का भय रहता है, बेटा मारा न जाए। 10 साल पहले मासूम बच्चों, पत्नी व पूरे परिवार को वह अचानक रात को घर से भाग गया था। महीने भर बाद पता चला कि वह नक्सली बन चुका है। इसके बाद वह आज तक घर ही नहीं लौटा। हैं बहुत बीमार हूँ। तुम मुझे सुन रहे हो या किसी माध्यम से तुम्हें मेरी जानकारी मिल रही है, तो घर लौट आओ। बीमार हूँ, जिन्दगी के आखरी वक्त मैं तुम्हारे साथ गुजारना चाहती हूं।
इकलौता बेटा था, देश के लिए कुर्बान हुआ लेकिन गर्व होता है

भास्कर टीम शहीद जवान राजेन्द्र गायकवाड़ के घर भी पहुंचीं। उनकी मां पाकली बाई से मुलाकात की। शहीद बेटे का नाम लेते ही पाकली बिलख पड़ीं। बेटे की शहादत को 6 साल हो गए। बेटे की मौत का जख्म आज भी बरकरार है। पाकली कहती हैं इकलौता बेटा था। 18 साल की उम्र में ही नौकरी लग गई थी। जब मैं भयभीत होती तब वो मेरा मनोबल बढ़ाता कि मां मैं तुम्हारा बेटा हूँ। देश सेवा में सीने पर गोली खाकर ही मरूंगा। हुआ भी यही, नक्सलियों से लोहा लेते वक्त सीने पर ही गोली लगी थी। बेटे की मौत का गम है, मां हूँ, कभी नहीं भूला पाउंगी। याद आते ही दिल भर आता है। उसके बगैर तड़पती हूँ। लेकिन गर्व इस बात का है बेटा देश के लिए शहीद हुआ व तिरंगे में लिपटा मिला। शहीद की मां हूँ। जहां भी रहे मदर्स डे पर मुझे जरूर फोन करता था। उसे याद कर दर्द होता है। उसके नाम से पहचान मिली और जब सम्मान होता है तब लगता है आज भी मेरा लाल राजू जिंदा है, मेरे साथ है।



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टुल्लू पंप लगाने वालों को ढूंढ रहा निगम अमला, पकड़ाए तो होंगे जब्त

गर्मी के सीजन में नगर निगम के जलप्रदाय शाखा के कर्मचारियों ने सबको बराबर पानी मिले इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में अवैध कनेक्शन और टुल्लू पंप के खिलाफ निगम ने अभियान छेड़ दिया है। लॉकडाउन तीन के खत्म होने के बाद इस काम को एक टीम बनाकर शुरू किया जाएगा। शहर के एक दर्जन से अधिक वार्डों में पानी की किल्लत है। इस समस्या से बचने के लिए टुल्लू पंप का उपयोग करते हैं। कुछ दिनों पहले लॉकडाउन में मिली छूट में लोगों ने टुल्लू पंप की खरीदारी बड़े पैमाने पर की थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद नगर निगम ने इसे जब्त करने की तैयारी में है। एेसे लोगों का टुल्लू पंप जब्त करने के बाद जुर्माना भी लगेगा।
जल सप्लाई शाखा के नोडल और निगम के सब इंजीनियर व्हीके वानखेड़े ने कहा कि यह बात सही है कि शहर में टुल्लू पंप का उपयोग अब भी लोगों के द्वारा किया जा रहा है इसकी जानकारी मिली है। शहर के ड्राई जोन से लेकर अन्य वार्ड में रहने वाले लोगों को इसके चलते पानी की किल्लत न हो इसलिए पुलिस के साथ मिलकर एक टीम बनाई जाएगी और जांच कर पंप की जब्ती की जाएगी। पिछले साल मिली शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए 5 दर्जन से अधिक पंप की जब्ती कर उसे राजसात कर दिया गया था। इस साल भी यही काम फिर से किया जाएगा।

सबसे ज्यादा टुल्लू पंप शांति नगर वार्ड में चल रहे

शहर के 48 वार्डों में 14 वार्ड ड्राई जोन वार्ड में आते हैं। सालों से इन वार्डों में नगर निगम को पानी की किल्लत को दूर करने में सफलता नहीं मिली है। नतीजतन यहां के लोग 12 महीने टुल्लू पंप का उपयोग करते हैं। टुल्लू पंप का उपयोग सबसे अधिक इस समय शांति नगर वार्ड में किया जा रहा है। यह वार्ड ड्राई जोन वार्ड में आता है वार्ड के ऊंचाई पर होने और अन्य कारणवश यहां पानी की किल्ल्त है। इससे वार्ड के लोग टुल्लू पंप का उपयोग कर रहे हैं। निगम के कर्मचारियों ने बताया कि इन दिनों टुल्लू पंप का उपयोग शांतिनगर वार्ड के अलावा महात्मा गांधी वार्ड, अंबेडकर वार्ड, संजय गांधी, महात्मा गांधी वार्ड में ज्यादा किया जा रहा है।

मांगे 72 लाख रुपए, नहीं मिलने से काम रुका

गर्मी में मेंटेनेंस के लिए निगम ने 72 लाख रुपए नगरीय प्रशासन से मांगे थे। करीब एक महीने गुजरने को है लेकिन नगर निगम को यह राशि नहीं मिली है। पैसे नहीं मिलने से नगर निगम के अधिकारी परेशानी के बीच पानी की किल्लत को दूर करने में लगे हुए हैं।



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