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लेबर की कमी के कारण कृषि विभाग किसानों को नरमे की काश्त के लिए कर रहा प्रोत्साहित

काॅटन निगम ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने फिर से मानसा जिले की मंडी में सीधे ताैर पर किसानों से नरमे की फसल खरीदने की शुरुआत की है। जिला मंडी अाैर कृषि अधिकारी इस सीजन के दौरान जिले में कपास के क्षेत्रफल में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। जिला मंडी अफसर के प्राप्त आंकड़ों से अनुसार विगत सीजन में नरमे की आमद करीब 907023 क्विंटल था, जो इस सीजन में बढ़कर 1057997 क्विंटल हो गई है, जिसके साथ इस आमद में करीबन 17 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

जिला मंडी अफसर-कम प्रदेश कपास कोआर्डिनेटर रजनीश गोयल ने बताया कि जिला प्रशासन मानसा अाैर पंजाब मंडी बोर्ड के ठोस प्रयत्न से काटन निगम आॅफ इंडिया (सीसीआई) ने किसानों से नरमे की सीधी खरीद फिर शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि मंडियों में सीसीआई के आने से किसानों को सरकार द्वारा तय किया गया कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) करीब 5450 रुपए प्रति क्विंटल मिलना शुरू हुआ है, जबकि पहले वह अपनी पैदावार 5100 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक नहीं बेच रहे थे।

गोयल ने बताया कि नरमे का दाम उत्पाद की गुणवत्ता पर निर्भर करता है अाैर बहुत से किसानों को उनकी उपज के लिए कम से कम प्रति क्विंटल 5400 रुपए तो मिले ही हैं। जानकारी मुताबिक सीसीआई ने इस सीजन में मानसा जिले से 449164 क्विंटल नरमे की खरीद की है, जबकि 608828 क्विंटल फसल प्राइवेट व्यापारियों द्वारा खरीदी गई है। कृषि अधिकारी जो इस सीजन में नरमे की काश्त में वृद्धि की उम्मीद जता रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह कोरोना वायरस (कोविड -19) के मद्देनजर लेबर की कमी होने के कारण वह किसानों को नरमे की काश्त में वृद्धि का चयन करने में किसानों को उत्साहित कर रहे हैं।

मुख्य कृषि अफसर डाॅ. राम सरुप ने बताया कि विगत सीजन में नरमे की फसल निचला क्षेत्रफल 72000 हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले 54000 हेक्टेयर था, जबकि इस सीजन में नरमे की काश्त नीचे एक लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का लक्ष्य निश्चित किया गया है।बता दें कि सीसीआई ने करीब पांच साल से नरमे की सीधे तौर पर खरीद नहीं की थी।
इधर, नरमे के डैमो प्लाट की बिजाई की
मुख्य खेतीबाड़ी अफसर बठिंडा के दिशा निर्देशों पर डाॅ. डूंगर सिंह बराड़ ब्लाॅक खेतीबाड़ी अफसर तलवंडी साबो के नेतृत्व में गांव भागीवांदर में नरमे की फसल के 1 एकड़ प्रदर्शनी प्लाट की बिजाई खेतीबाड़ी विकास अफसर डाॅ. अमनदीप सिंह और टेक्नोलॉजी मैनेजर जगतार सिंह की देख रेख में किसान घुक्कर सिंह के खेत में करवाई गई। डाॅ. अमनदीप ने बताया कि खेती विभाग की तरफ से खेती विभिन्नता मिशन अधीन मता लेकर किसानों को अधिक से अधिक क्षेत्रफल धान की फसल नीचे से निकालकर नरमे की फसल नीचे लाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी और खेतीबाड़ी विभाग की तरफ से नरमे की काश्त के लिए जारी सिफारिशाें को समय पर कुश्लता से अपनाकर किसान नरमे का अच्छा झाड़ ले सकते हैं और क्वालिटी भी बढ़िया पैदा कर सकते हैं। धान की सीधी बिजाई के विकल्प बारे किए सवाल पर उन्होंने किसानों से अपील की कि सीधी बिजाई उन्होंने खेतों में ही की जाए जहां मिट्टी की बनावट भारी हो और कम समय लेने वाली पीआर किस्म ही बीजी जाएं, जिनको बीजने से 2 दिन के अंदर-अंदर 30 ताकत वाली 1 लीटर पैंडीमैथालिन नदीन नाशक दवा 200 लीटर पानी में घोलकर जरूर छिड़की जाए।

उन्होंने बताया कि किसानों को सावन की फसल के लिए उच्च गुणवत्ता के बीज, खाद और पौध सुरक्षा दवाएं मुहैया करवाने के लिए क्वालिटी कंट्रोल अधीन विभाग द्वारा खेती इनपुट डीलरों की चेकिंग जारी है और फिलहाल बीजाें के नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं।



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48 दिन से बंद पड़ी दुकानें खोलने की प्लानिंग में जुटे अधिकारी

कैप्टन सरकार के निर्देश पर कई जिलों में जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील देते हुए गांवों और शहरों में एसेंशियल दुकानों के अलावा अन्य दुकानाें को भी खोलने की छूट का आदेश दिया है। वहीं अमृतसर में कर्फ्यू के 48 दिन बाद भी सिर्फ एसेंशियल गुड्स जैसे दूध-राशन, फल-सब्जियां और दवा की दुकानें ही खोलने की छूट है। इसके अलावा यदि अन्य दुकानें खोलनी हों तो एसडीएम से परमिशन लेना होगी।
कर्फ्यू में छूट के आदेश के बाद एसडीएम दफ्तर में दुकानदारों के आवेदन भी पहुंचने लगे हैं। तहसील अमृतसर-2 में रेस्टोरेंट होम डिलीवरी के लिए, पंखे की दुकानें, कूलर, इलेक्ट्रिक व अन्य दुकानों को खोलने के लिए 40 से 50 आवेदन पहुंचे हैं।, एसडीएम ने आ रहे आवेदनों पर योजना बनानी शुरू कर दी है। एसडीएम शिवराज सिंह बल ने बताया कि अभी दुकानों को खोलने के लिए किसी तरह का आदेश नहीं दिया है और न ही कोई रोस्टर डे वाइज तैयार किया है। परमिशन के लिए आए आवेदनों पर विचार किया जा रहा है कि दुकान खुलना कितना जरूरी है, इससे कितने लोगों को फायदा होगा।

इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही परमिशन दी जाएगी। उन्होंने बताया कि लोगों को अभी परेशान होने की जरूरत नहीं है, छूट मिलने के बाद ही अन्य जरूरी दुकानें भी खुलेंगी और लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी। मौसम के हिसाब से कौन से सामान की उपयोगिता अधिक होगी और लोगों के लिए आवश्यक होगी इन सब बातों पर भी गौर किया जा रहा है। दो से चार दिन में सारी चीजें तय कर ली जाएंगी इसके बाद परमिशन भी दी जाएंगी। जबकि दुकानें खुलने का समय सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक का ही रहेगा।
दुकानों पर न जुटे भीड़, हो रहा मंथन
एसडीएम ने बताया कि शहरी इलाकों में दुकानों की संख्या अधिक होती है। ऐसे में यह देखना होगा कि कहीं एक ही इलाके में अधिक दुकानें न खुल जाएं कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग बिगड़ने लगे। यह भी देखना होगा कि जहां दुकान है, वह इलाका बहुत अधिक भीड़ भाड़ वाला तो नहीं है। हालांकि, यह दुकान मालिकों और लोगों की जिम्मेदारी भी होगी कि वह नियमों का पालन करें। एक ही इलाके में कई दुकानें एक साथ न खुलें इसके लिए यह तय किया जाएगा कि कौन सी दुकान को किस दिन खोला जाएगा। रोस्टर बनाकर दिनों के हिसाब दुकानें खोली जाएंगी।



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देह व्यापार का पर्दाफाश संचालिका समेत 5 काबू

डीएसपी भुच्चो गाेपाल चंद ने नहियांवाला में स्थित एक घर में चल रहे देह व्यापार के अड्‌डे का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने देह व्यापार का धंधा चला रही संचालिका समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी के खिलाफ नहियांवाला थाना में केस दर्ज कर लिया है।आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। डीएसपी गोपाल चंद भंडारी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली था कि गांव नहियांवाला निवासी सर्बजीत कौर नामक महिला अपने घर में लंबे समय से देह व्यापार का अड्डा चला रही है।

उक्त महिला दूसरे जिलों से महिलाओं व पुरुषों को बुलाकर अपने घर में गलत काम चलाती है। सूचना के अाधार पर उन्होंने पुलिस टीम के साथ मौके पर छापामारी कर संचालिका सर्बजीत कौर निवासी गांव नेहियांवाला, सुखबीर सिंह निवासी गांव गुरुहरसहाय जिला फिरोजपुर, हर्षदीप सिंह निवासी गांव हररायपुर जिला बठिंडा, रीना रानी निवासी गोनियाना मंडी व अमृतपाल कौर निवासी गांव नहियांवाला को मौके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने मौके पर एक मोटरसाइकिल व एक पिकअप गाड़ी बरामद की गई है। नहियांवाला पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर लिया है।



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प्रवासी लोगों की बिहार सीएम से गुहार, हमें यहां से निकालो सरकार

प्रवासी भाईचारे की ओर से सैकड़ों लोगों ने अमृतसर के फोकल प्वाइंट में प्रवासी नेता उमाशंकर सिंह के नेतृत्व में प्रवासी भाईचारे को पंजाब से बाहर निकलवाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है। प्रवासी भाईचारे के लोगों ने कहा कि उनके साथ पंजाब में राशन के नाम पर राजनीति की जा रही है। जबकि फैक्ट्री मालिक उन्हें लॉकडाउन से पहले 21 दिन की सैलरी भी नहीं दे रहे हैं। ऊपर से अखबार में खबरें छपवाकर उन्हें पंजाब में ही रोकने की कोशिश की जा रही है। ऐसा प्रवासी लोग हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे। फोकल प्वाइंट क्षेत्र में 5000 लोग रहते हैं।

पिछले दिनों डीसी दफ्तर की तरफ से आए अधिकारियों की ओर से 120 लोगों को राशन वितरण करने के बाद 250 लोगों को राशन दिया गया, ऐसी खबर अखबार में प्रकाशित करवाई गई। मजदूर वर्ग, श्रमिक और प्रवासी भाइयों के साथ पंजाब में धोखा किया जा रहा है। अगर उन्हें जल्द ही पंजाब से नहीं निकाला गया तो वह लोग प्रशासन के खिलाफ और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। इस मौके पर रमेश मास्टर, रोहित कुमार, रतन यादव, पप्पू यादव तथा प्रवासी भाईचारे की महिलाएं भी मौजूद थीं।



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कोरोना महामारी के चलते वकीलों के लिए राहत फंड जारी करने की मांग

पंजाब हरियाणा बार कौंसिल की ओर से लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद वकीलों की आर्थिक सहायता करने की योजना सफेद हाथी बनकर रह गई है,क्योंकि सख्त शर्तों के चलते कोई भी जरूरतमंद वकील इसका लाभ नहीं ले सका है।

बार एसोसिएशन बुढलाडा की ओर पंजाब हरियाणा बर कौंसिल और पंजाब सरकार को पत्र लिखकर कोरोना के दौरान वकीलों के लिए राहत फंड जारी करने की मांग की है। बुढलाडा बार एसोसिएशन के प्रधान सुखदर्शन सिंह चौहान की ओर से मुख्यमंत्री समेत बार कौंसिल के चेयरमैन को लिखे पत्र में मांग की गई कि करीब दो महीने से कोर्ट का काम बंद होने के चलते वकील भाईचारा बुरे आर्थिक हालातों में से गुजर रहा है, अधिकतर वकीलों के पास आमदन का कोई और स्रोत न होने के चलते जहां उनकी आमदन बंद हो चुकी है वहीं समाज में इज्जतदार रुतबा होने के चलते वकील किसी के आगे हाथ फैलाने से भी असमर्थ हैं।

उन्होंने कहा कि बार कौंसिल की ओर से जो निवेदन मांगे गए हैं उसमें शर्तें हास्यास्पद होने है कि कोई भी वकील जरूरतमंद वकीलों के दायरे में नहीं आता है। जिसके चलते अधिकतर वकील बुरे आर्थिक हालातों में से गुजर रहे है।
सुखदर्शन सिंह की ओर से मांग की गई कि वकीलों का मान सत्कार बचाने के लिए बार कौंसिल को आगे आना चाहिए और वित्तीय मदद लेने के लिए रखी शर्तें को नरम करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक वकील इसका फायदा ले सकें। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि वकील भाईचारा ज्युडिशियल सिस्टम और समाज का अहम अंग है। इस लिए पंजाब सरकार वकीलों की आर्थिक मदद के लिए फंड जारी करे। उन्होंने मांग की कि बार कौंसिल जहाँ अपनी शर्तें नरम कर अधिक से अधिक वकीलों को आर्थिक मदद दे वहीं वह आगे होकर पंजाब सरकार से भी फंड जारी करवाने के लिए दबाव बनाए।



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उधम सिंह नगर को सील करने के बाद खानपान की सप्लाई को लेकर हंगामा

शहर के उधम सिंह नगर गली नंबर 16 में कोरोना पॉजिटिव महिला मरीज मिलने से पूरे मोहल्ले को सेहत विभाग ने पुलिस के सहयोग से वीरवार देर रात्रि सील कर दिया था। इसके बाद शुक्रवार और शनिवार को लोगों को खानपान का सामान न मिलने पर गुस्सा फूट गया। रात्रि के समय एक परिवार भोजन बना रहा था, अचानक सिलेंडर खत्म हो गया। काफी देर तक प्रयास किया लेकिन सिलेंडर का प्रबंध नहीं हुआ। जिस कारण परिवार ने भूखा सोकर रात गुजारी।

लोगों ने कहा कि पूरे मोहल्ले में मात्र एक महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, पीड़ित महिला के साथ-साथ परिवार का कोई भी सदस्य घर में नहीं है तो इसकी सजा पूरे मोहल्ले को क्यों दी जा रही है। जबकि उसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। मोहल्ला वासियों ने कहा कि शुक्रवार को दोपहर सेहत विभाग व नगर निगम अधिकारी मौके पर आए थे और हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया था, सुविधा के नाम पर सिर्फ एक पानी का टैंकर गली के बाहर खड़ा कर दिया।

लोगों के विरोध के बाद शनिवार को दोपहर नगर निगम अधिकारी कुछ नेताओं को साथ लेकर राशन बांटने पहुंच गए। वहीं, लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें राशन वितरित करने में पक्षपात किया जा रहा है। अगर कोई कांग्रेसी राशन लेकर आता है तो वह अपने जान पहचान व समर्थकों को देकर चला जाता है। वहीं दूसरी पार्टी के लोग भी इसी तरह का व्यवहार कर रहे हैं। लोग घरों से बाहर निकलकर न तो राशन लेने जा सकते हैं और न ही उन्हें पीने वाला पानी लाने की अनुमति है। गली में करीब 20 घरों में 120 लोग रहते हैं। इसमें कई परिवार तो ऐसे हैं जिन्होंने घरों में राशन व अन्य जरूरी सामान नहीं रखा है। क्योंकि इलाके को सील करने का फैसला एकाएक लिया गया।
दूसरी तरफ बठिंडा में वीरवार व शुक्रवार रात मिले सैंपलों में दो मरीजों को पोजिटिव होने के बाद शनिवार को भी सेहत विभाग द्वारा प्रभावित लोगों के संपर्क में आए लोगों की स्कैनिंग कर उन्हें एकांतवास में भेजने का काम जारी रहा। सेहत विभाग की ओर से शनिवार को सिर्फ 5 सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजा गया है।



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Uproar over catering supplies after sealing Udham Singh Nagar




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खुद तकलीफ झेलकर बच्चों को पढ़ाया-लिखाया,अब जिंदगी के आखिरी पल वृद्धाश्रम में बिताना भी अपनी किस्मत बता रही ‘मां’

सृष्टि का निर्माण भगवान ने किया लेकिन उसने सबसे पहले मां बनाई, मां का अस्तित्व न कभी कम था और न कभी होगा। हर हालात में खुद तकलीफ झेलकर भी मां अपने बच्चे को सुख ही चाहती है। बच्चों से सुख लेने का समय आने पर मां को दुत्कार भी मिले तो उसके मुंह पर कभी बददुआ नहीं होती, बस एक मां है जो कभी खफा नहीं होती। मां के ऐसे ही समर्पण व त्याग की दास्तां वृद्धाश्रम में रहने वाली महिलाओं ने सुनाई, जो अब यहां की जिंदगी को सुकून भरा बताती हैं लेकिन बच्चों को कोसने की बजाए अपनी किस्मत का लिखा बताती हैं।
ममता में सींचने की बदौलत ही मिला मां का दर्जा
अकेले जन्म देने वाली ही मां नहीं होती, बच्चे को अपने प्यार से सींचने वाली मां का दर्जा ज्यादा बड़ा होता है। परमात्मा से मां बनने का सुख नहीं मिला तो अपनी भांजी को गोद लिया और यशोदा बनकर उसे बीएड तक उच्च शिक्षा दिलाई, संस्कारवान बनाया। हालांकि पति की मृत्यु तो बेटी के दसवीं में पढ़ते हुए हो गई और बेटी की शादी के बाद अकेली पड़ने पर लगभग 10 साल पहले पटियाला छोड़कर अपने मायका शहर बठिंडा में आ गई लेकिन किसी पर बोझ बनने की बजाए किराए पर रही।

बुढ़ापा शरीर पर हावी होने की वजह से 3 साल पहले वृद्धाश्रम में आ गई लेकिन यहां भी अपना खाना खुद ही पकाती हूं। बेटी भी मुझे ही मां का दर्जा देती है और मेरे हर दुख-पीड़ा में विचलित हो जाती है, इसलिए बेटी अपने साथ रहने को बुला रही है लेकिन मैं नहीं जाना चाहती।
संघर्ष करके बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा किया
मैंने जिंदगी में हर पल संघर्ष करके बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा किया लेकिन सुख की उम्मीद अभी तक दिखाई नहीं दी और आज हालात देखिए फिरोजपुर में अपना घर छोड़कर बठिंडा के वृद्धाश्रम में जिंदगी के आखिरी दिन बिताने की विवशता है। पति आरएमपी डॉक्टर का काम-धंधा कोई ज्यादा अच्छा नहीं था, इसलिए साड़ी फाल लगाना, कढ़ाई का काम करना तथा आटे की थैलियों तक की सिलाई करके बेटा व बेटी काे पढ़ाया।

ऐसा भी वक्त आया भूखी रही जबकि बच्चों को पेट भरकर खिलाया। सन 1984 के दंगों में तो घर के हालात बेहद खराब हो गए। जब बेटी 1 साल की थी तो मेरा सिविल अस्पताल में ऑपरेशन हुआ, आज भी वो घड़ी याद है जब खाने तक के लिए पैसे नहीं तो पानी पिला-पिलाकर रात काटी।



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लॉकडाउन में योद्धा की भूमिका निभा रहे बिजली कर्मचारी

कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर इन दिनों लॉकडाउन चल रहा है, जिसके कारण हर कोई अपने घर में कैद होकर रह गया है। गर्मी ने भी तेवर दिखाना शुरू कर दिया। ऐसे में यदि एक घंटे भी बिजली नहीं आए तो लोगों का हाल बेहाल हो जाता है। इस संकट की घड़ी में लॉकडाउन के दौरान परेशान नहीं हो इसके लिए मौड़मंडी के पावरकॉम के अधिकारी दिन-रात जुटे हुए हैं। लॉकडाउन में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में संविदा बिजली कर्मी योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं।

बिजली कार्यालयों और बिजलीघरों में काफी संख्या में बिजली कर्मी काम कर रहे हैं। इनमें लाइनमैन से लेकर ऑपरेटर तक शामिल हैं। आपूर्ति को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए काॅलोनी, बस्तियों एवं गांवों में नागरिकों के बीच फाल्ट ठीक करने वाले बिजली कर्मचारी भी कोरोना योद्धा बने हैं।लॉकडाउन के दौरान ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा जिसके चलते अनावश्यक रूप से बिजली गुल रही हो और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा हो। बिजली विभाग के एसडीओ नवनीत कुमार ने बताया कि सप्लाई संबंधी कोई परेशानी न हो इसके लिए सही समय पर सही जगह शिकायत करना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि बिजली संबंधी शिकायत के लिए तहसील के समीप बिजली आफिस में कंट्रोल रूम बना रखा है, यदि किसी उपभोक्ता को परेशानी है तो उसे घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं है, घर बैठे हमारे कंट्रोल रूम के फोन नंबर 1912, 9646696449 या 9646115209 माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। एसडीओ नवनीत ने बताया कि हमारा पूरा ध्यान इस बात पर है कि लॉकडाउन में बिजली को लेकर कोई उपभोक्ता घर से बाहर नहीं जाए। तुरंत बिजली सुचारू करने के लिए हमने पावरकॉम कर्मचारी जनक राज, बलविंदर सिंह, हरबंस सिंह सीएचडी, चमकौर सिंह की टीम बना रखी है। जैसे ही कंट्रोल रूम पर हमें उपभोक्ता की शिकायत मिलती है हमारी टीम लॉकडाउन में लोगों की बिजली समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।
इधर, बिजली कटों से परेशान भुच्चाे मंडीवासी
बिजली के अघोषित कटों से भुच्चाे मंडी निवासी बेहद परेशान हैं। पिछले लगभग एक हफ्ते से रोजाना सात से आठ घंटों के कट लग रहे हैं। जेई चमकौर सिंह ने बताया कि शहर में आईपीडीएस स्कीम के तहत बठिंडा के एपीडीआरपी सैल द्वारा लगभग 3 करोड़ की लागत के साथ ट्रांसफार्मरों को अपलोड करने, जैंपर और कंडक्टर बदलने का काम किया जा रहा है। इसलिए समस्या आ रही है।



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ढील मिली तो मास्क और साेशल डिस्टेंसिंग भूले लोग

तरनतारन में कोरोना पॉजीटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, जो अब 166 तक पहुंच चुका है। कर्फ्यू के 45 दिन बाद जिला प्रशासन की ओर से सुबह 7 से 3 बजे तक शर्तों के मुताबिक जरूरी वस्तुओं की दुकानें खोलने के हुक्म जारी किए हैं, लेकिन लोग और दुकानदार कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शनिवार को तरनतारन के तंग बाजारों में कछ दुकानदार और ग्राहक बिना मास्क के घूमते दिखाई दिए, जो महामारी को न्यौता है। बोहड़ी चौक, गार्द बाजार, लंगर बाजार लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली, वहां पर कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखाई दी।

वहीं दुकानदार और रेडीमेड कपड़ों की सेल की दुकानों में काम करने वाले लड़के बिना मास्क के ग्राहकों को सामान बेच रहे हैं, जबकि कोई भी व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का रूल नहीं अपना रहा है। अगर बाजारों का ऐसा ही हाल रहा तो जिला प्रशासन को कर्फ्यू में दी गई ढील वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। डीसी प्रदीप सभ्रवाल ने कहा कि जो दुकानदार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालना किए बगैर ग्राहकों को सामान बेच रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



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Mask and Special Distancing Forgotten People If Eased




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कर्फ्यू के 47 दिन बाद भी राशन न मिलने पर लोगों ने प्रशासन को कोसा

हलका पूर्वी में पड़ते वार्ड-31 के एरिया संगत नगर में 150 से ज्यादा परिवारों को कर्फ्यू के 47 दिन बाद भी राशन नहीं मिला है। लोगों का आरोप है कि सत्ताधारी नेताओं की ओर से अपने चहेतों को राशन बांटा जाता है। शनिवार को संगत नगर के लोगों ने राशन मिलने पर जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
इस दौरान कल्याण साबका मेंबर टेलीफोन सलाहकार कमेटी के प्रधान गुरदयाल सिंह की अगुवाई में जसवीर कौर, सुखबीर कौर, मनजीत कौर, सर्बजीत कौर, चरणजीत कौर, हरजीत कौर, रमनदीप कौर, पूजा, आरती, कश्मीर सिंह, दर्शन सिंह, अजमेर सिंह, मास्टर कुलवंत सिंह और जसबीर सिंह ने कहा के लॉकडाउन लगने से अभी तक 150 से अधिक परिवारों को सरकारी राशन नहीं मिल पाया है। प्रशासन और हलका विधायक की ओर से जो सरकारी राशन भेजा जाता है उसको आधा करके दिया जाता है। 10 किलो आटे को दो जगह 5-5 किलो करके दो लोगों को बांटा जाता है। वह इतने राशन में क्या कर पाएंगे।

वैसे भी सत्ताधारी पार्टी के नेता अपने चहेते लोगों को राशन देते हैं और दूसरों को नजदीक भी नहीं आने देते हैं। प्रधान गुरदयाल सिंह ने कहा कि वार्ड-31 स्लम एरिया है, जहां पर ज्यादातर लोग गरीब वर्ग के दिहाड़ीदार मजदूर हैं। ये लोग रोजाना पैसे कमा कर घर का गुजारा चलाते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण इनके पास न तो कोई काम-धंधा रह गया है और न ही कोई पैसा है। ऐसे में ये लोग राशन लेने के लिए विवश हुए पड़े हैं और सरकार की तरफ मुंह उठाकर देख रहे हैं कि कब वह राशन आए और वह अपने बच्चों को खिला सकें।

ऐसे में जब सरकारी राशन देने में सियासतबाजी हो रही है वह ही मंदभागी है। सरकार को चाहिए कि हर जरूरतमंद लोगों को उनके घरों में सरकारी अधिकारी के जरिए राशन पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राशन भेजा जा रहा है, वह स्लम एरिया की बजाय पॉश इलाकों में ज्यादा बांटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द इलाके में राशन नहीं बांटा गया तो वह सड़कों पर उतरकर सरकारी प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।



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People cursed administration for not getting ration even after 47 days of curfew




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लिस्ट से नाम काटने और रिकॉर्ड से छेड़छाड़ पर लोगों का प्रदर्शन

जंडियाला के पास गांव गहरी मंडी में लोगों ने पूर्व सरपंच मनजिंदर सिंह भीरी की अध्यक्षता में फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। लाेगों ने फूड सप्लाई विभाग पर गरीबों काे सरकारी गेहूंन बांटने के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने बताया कि सितम्बर 2019 से 31 मार्च, 2020 तक गेहूंगरीबों में बांटा जाना था, जिसमें भी घपलेबाजी की गई है। कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा है, वहीं लोगों से विभाग की ओर से बदसलूकी की जा रही है। उन्होंने कहा कि गहरी मंडी, बंडाला, छापा रामसिंह, ठट्ठियां, तलवंडी डोगरां, जंडियाला गांवों के लोगों की गेहूंका गबन किया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ मुलाजिम कम्प्यूटर के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करके राशन गबन करते हैं।

जांच के बगैर लाभपात्री का नाम लिस्ट से काट देते हैं। फूड सप्लाई विभाग ने खानापूर्ति करके गांव छापा रामसिंह में रणजीत कौर डिपो होल्डर मीमो नंबर डी/2020(1707) और (1706) को बंद कर दिया है। एएफएसओ अर्शदीप सिंह और इंस्पेक्टर जसदेव सिंह ने बताया कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं, उनके पास पूरा रिकॉर्ड है। इस दौरान गुरमेज सिंह, गुरविंदर कौर, बलविंदर कौर, दियाल मौजूद थे।



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राशन के लिए खतरे में जिंदगी : डिपो पर आए लोग भूले सोशल डिस्टेंसिंग

परस राम नगर के निरंजन सिंह के डिपो पर गरीब कल्याण योजना के तहत आए अनाज को लेने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया। कोरोना से जंग जीतने के लिए सामाजिक दूर का ध्यान जरूर रखें



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Life in danger for ration: People on depot forgot social distancing




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पानी कनेक्शन के लिए सड़क पर खाेदा गड्ढा नहीं भरने पर आक्रोश

लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित गांव बुर्ज महिमा के निवासी दर्शन सिंह ने कुछ लोगों पर लॉकडाउन के आदेशों का उल्लंघन करके स्कूल को जाती सड़क में गहरा गड्ढा करने पर रोष जताया है। दर्शन सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने सड़क की खुदाई करके बिना मंजूरी वाटर वर्क्स का कनेक्शन जोड़ा है, हालांकि उनके घर में पहले ही वाटर वर्क्स का कनेक्शन है जोकि आंगनबाड़ी की तरफ से आ रहा है। अपने घर के आगे की सड़क को तोड़कर नाजायज तौर पर वाटर वर्क्स का कनेक्शन कर लिया।

इसके बारे में सरपंच को भी अवगत कराया गया लेकिन कार्यवाही कुछ भी नहीं हुई। दर्शन कुमार का कहना है कि इस सड़क में खुला छोड़े गए गहरे गड्ढे की वजह से इस सड़क से स्कूल जाना बच्चों के लिए जोखिम साबित होगा। उन्होंने सड़क का गड्ढा भरने व अवैध कनेक्शन लेने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई है।



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Outrage over not filling pit in the road for water connection




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वार्ड में 35 मरीज रखने और बदलियों से स्टाफ परेशान

तालमेल कमेटी पैरा मेडिकल और सेहत कर्मचारी यूनियन ने नरिंदर सिंह की अध्यक्षता में जीएनडीएच में बैठक की। इस दौरान में तालमेल कमेटी के चेयरमैन इंद्रजीत सिंह विरदी खास तौर पर पहुंचे, जिन्होंने मुलाजिमों की समस्याएं सुनीं।
इस दौरान पैरा मेडिकल के मुलाजिमों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। चेयरमैन इंद्रजीत सिंह ने जीएनडीएच के मुलाजिमों के संघर्ष का समर्थन किया और उन्होंने घटिया किस्म की खरीदी पीपीई किट की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। इस मौके पर पंजाब नर्सिंग यूनियन के प्रधान नरिंदर बुट्‌टर ने भी चेयरमैन विरदी को समस्याएं बताईं। उन्होंने कहा कि 1 वार्ड में 35 से अधिक कोरोना पॉजीटिव मरीज रखे हैं, जो डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर गाइडलाइन का उल्लंघन है।

वार्ड में सुबह 4 और दोपहर 2 और रात को 2 स्टाफ नर्सों से ड्यूटी करवाई जा रही है, जो सरासर धक्केशाही है। उन्होंने बताया कि इसी तरह दर्जा चार कर्मचारी वार्डों में कम हैं और उन्हीं की बदली भी हर हफ्ते की जा रही है, जिससे अस्पतालों में साफ-सफाई का सारा काम प्रभावित हो रहा है। इस दौरान वीना कुमारी, लखविंदर कौर, गुरिंदर कौर, दिलराज कौर, पल्लवी, सविंदर सिंह, प्रेमचंद, नरिंदर सिंह, जतिन आदि पैरा मेडिकल स्टाफ के मुलाजिम मौजूद थे।



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11 दिन रोज चलेंगी स्पेशल श्रमिक ट्रेनें, आज 2 गाड़ियां

प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम जारी है। इसके लिए रविवार को दो ट्रेनें रेलवे स्टेशन से रवाना होंगी। रेलवे ने 20 मई तक ट्रेनें चलाए जाने का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। दूसरी ओर प्रशासन की ने इन लोगों का मेडिकल करवाने का बंदोबस्त भी कर दिया है। जीटी रोड पर बनाए गए कैंप में इनका मेडिकल होगा और वहीं से इन्हें स्टेशन भेज दिया जाएगा। रविवार को दोपहर 12 बजे बरौनी के लिए और दूसरी ट्रेन शाम छह बजे उन्नाव को जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने इसके लिए सारा बंदोबस्त कर लिया है।
जिला प्रशासन की ओर से जारी सूची के बाद रेलवे ने शेड्यूल जारी किया है। 11 मई को बहराईच (गौंडा रेलवे स्टेशन), 12 मई को आजमगढ़, 13 मई को अंबेडकर नगर (अकबरपुर रेलवे स्टेशन), 14 मई को गौरखपुर, 15 मई को अमेठी, 16 मई को सिद्धार्थ नगर, 17 मई को महाराजगंज, 18 मई को रायबरेली, 19 मई को जौनपुर और 20 मई को सुल्तानपुर के लिए ट्रेन रवाना होगी।

प्रशासन ने 24 घंटे पहले फोन, 12 घंटे पहले भेजा मैसेज, हर सेंटर पर 350 लोगों का मेडिकल

जिला प्रशासन की ओर से प्रवासियों को घर भेजने के लिए दो शिफ्ट में जाने वाली ट्रेनों को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। सुबह और शाम के लिए अलग-अलग मेडिकल सेंटर जांच के लिए तैयार किए हैं। बिहार के प्रवासियों को गत शुक्रवार को ही कॉल करके सूचित कर दिया गया था और ट्रेन छूटने के 12 घंटे पहले एसएमएस कर किया था।

नोडल अधिकारी रजत ओबरॉय ने बताया कि बिहार के बरौनी जाने वाली ट्रेन के लिए जिन लोगों को मोबाइल पर मैसेज भेजा है उनका मेडिकल सुबह 6 बजे से शुरू हो जाएगा। वहीं, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जाने वाली ट्रेन की सूचना मिलने के बाद प्रवासियों को दोपहर से ही फोन पर जानकारी दे दी गई और 12 घंटे पहले मोबाइल पर एसएमएस भेज दिया गया है। इसमें यात्रियों को मेडिकल सेंटर और ट्रेन की डिटेल दी गई है।

मेडिकल सेंटरों से ही स्वास्थ्य परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र और टिकट दिए जाएंगे। लोगों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, सेंटर से ही बस रेलवे स्टेशन तक पहुंचाएगी। इस बार जो सेंटर तैयार किए गए हैं, वहां 300 से 350 लोगों का मेडिकल टेस्ट कराने की व्यवस्था की गई है। मेडिकल सेंटर उसी जगह पर बनाए गए हैं, जहां स्पेस अधिक है और सोशल डिस्टेंस का पालन हो सके। सभी सेंटरों पर मेडिकल और पुलिस की टीम तैनात रहेगी।

प्रवासियों को भेजने की तैयारी पूरी: ओबराय
नोडल अधिकारी रजत ओबराय ने बताया कि दो ट्रेनें भेजी जा रही है। प्रवासियों को उनका मैडिकल कराने के लिए कॉल एक दिन पहले ही करा दिया गया था। 12 घंटे पहले मोबाइल पर मैसेज के जरिए मेडिकल टेस्ट कराने व ट्रेन संबंधित अन्य जरूरी डिटेल भेज दी गई है। इस बार जो भी मैडिकल सेंटर बनाए गए हैं, वह एक दूसरे के नजदीक ही हैं। लोगों को पहुंचने में परेशानी नहीं हो इसका भी ध्यान रखा गया है।



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मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों ने किया रोष प्रदर्शन

रेगुलर करने व सेहत सुरक्षा निश्चित करने की मांग उठाई
कोरोना महामारी में पहली कतार पर खड़े होकर काम कर रहे मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों ने प्रदर्शन कर सरकार से ठेके पर काम कर रहे मेल व फिमेल कर्मचारियों को रेगुलर करने की मांग रखी है। मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर यूनियन के प्रधान हरजिंदर कौर, वाइस प्रधान गुरप्रीत कौर फाजिल्का ने कहा कि डीएचएस सेहत विभाग के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों की लंबे समय से मांग है कि पंजाब सरकार इश्तिहार जारी कर पारदर्शी तरीके से भर्ती की गई 35 मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर व सात मेल वर्करों की नियुक्ति व वेतन देने के नाम पर आर्थिक तौर पर शोषण किया जा रहा है।

साल 2011 में भर्ती किए वर्करों को अभी तक रेगुलर नहीं किया गया है। वहीं कोरोना वायरस फैलने के बाद पैदा हुई स्थिति में जहां सभी मिलकर जंग लड़ रहे हैं वही प्रशासन व सरकार उन्हें मानसिक तौर पर परेशान करने में लगा है। उन पर काम का बोझ डाला जा रहा है जबकि कुछ विभागों के चेहते कर्मचारियों आपातकाल स्थिति में भी बहाने बनाकर छुट्टी हासिल कर रहे हैं व अपनी ड्यूटी बदलवा रहे हैं। उन्होंने सरकार की तरफ से किसी तरह की सुविधा व भत्ता नहीं दिया जा रहा है।

हालत यह है कि सिविल अस्पताल में अगर वह इलाज के लिए अपनी पर्ची बनवाते है तो भी उनसे फीस की वसूली की जाती है। कोरोना में ड्यूटी करते वह संक्रमित व संदिग्ध लोगों के संपर्क में आते हैं लेकिन उनकी सेहत व परिवार सुरक्षा को लेकर सरकार की तरफ से किसी तरह का पुख्ता कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सेहत विभाग व सरकार ने उनकी जायज मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।



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Multipurpose health workers demonstrated fury




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फार्मासिस्टों की कल इमरजेंसी सेवाएं बंद, 12 को फैसला न लिया तो मुकम्मल हड़ताल

पंजाबभर में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग जिला परिषद के अधीन आती 1186 सेहत डिस्पेंसरियों में 14 साल से ठेके पर काम कर रहे ग्रामीण सेहत फार्मेसी अफसरों ने अपनी सेवाएं रेगुलर करने संबंधी सरकार की टालमटोल की नीति से तंग आकर 11 मई को राज्यभर में एक दिन इमरजेंसी सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है।
एसोसिएशन के जिला प्रधान गुरदीप सिंह कलेर, वाइस चेयरमैन कमलजीत चौहान, उप-प्रधान नवजोत कौर ने कहा कि पंजाब में कोरोना महामारी में 1 महीने से समूह फार्मासिस्ट दिन-रात अमृतसर, एयरपोर्ट, दुर्ग्याणा मंदिर, दरबार साहिब, राजस्थान, पंजाब बाॅर्डर चैक पोस्ट, मोहाली एयरपोर्ट, जिला अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों, रेपिड रिस्पांस टीम, डोर टू डोर होम विजिट आदि इमरजेंसी पब्लिक प्लेस पर ड्यूटियां निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सर्विस कांट्रैक्ट आधारित है और सिर्फ 10 हजार रुपए वेतन मिलता है। इसके अलावा कोई भी मेडिकल सुरक्षा बीमा, डेथ ग्रेच्युटी लाभ नहीं मिलता है।

14 साल से कांट्रैक्ट आधारित असुरक्षित नौकरी कर रहे हैं। ऐसे हालातों में कोरोना जैसी भयानक बीमारी से फ्रंट लाइन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी सेवाएं रेगुलर करने संबंधी कोई फैसला नहीं लिया है। समूह फार्मासिस्ट के ड्यूटी के बाद परिवार बच्चों के संपर्क में आने से 24 घंटे इंफेक्शन होने का खतरा बना हुआ है। फार्मासिस्ट जिनकी कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं है, जो सिर्फ 10 हजार रुपए महीने वेतन पर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी दाव पर लगाकर ड्यूटियां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 1186 मुलाजिमों को पक्का करने में ही सरकार आनाकानी कर रही है, जबकि रेगुलर होने के लिए अपनी योग्यता भी पूरी करते हैं। उन्होंने चेतावनी देकर कहा कि मंगलवार को उच्च स्तरीय विभागीय मीटिंग में रेगुलर करने संबंधी फैसला न लिया गया तो मुकम्मल तौर पर हड़ताल की जाएगी।



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कोरोना ड्यूटी दे रहे शिक्षकों काे मिलेगा 50 लाख का बीमा

कैप्टन सरकार ने काेराेना संक्रमण के दाैरान फील्ड में फ्रंट लाइन पर ड्यूटी दे रहे अध्यापकों और एजुकेशन विभाग के तहत आते नाॅन टीचिंग स्टाफ काे ‘काेरोना वॉरियर्स’ का दर्जा देकर 50 लाख रुपए के एक्सग्रेशिया (सेहत बीमा) देने का ऐलान किया है। सरकार के वित्त मंत्रालय ने पत्र भी जारी कर दिया है। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की मांग पर सरकार ने यह फैसला किया है।
डीटीएफ के प्रदेशाध्यक्ष दविंदर सिंह पूनिया, महासचिव जसविंदर सिंह और जिलाध्यक्ष अश्विनी अवस्थी ने बताया कि अध्यापक और नाॅन टीचिंग स्टाफ कर्फ्यू के बीच पहले दिन से फील्ड में अपनी जान की परवाह न करते हुए काेराेना ड्यूटी निभा रहा है। सरकार ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के काेराेना वाॅरियर्स के लिए ताे 50 लाख रुपए के एक्सग्रेशिया का ऐलान किया था, पर इसमें एजुकेशन विभाग काे शामिल नहीं किया गया था।

8 मई को पंजाब के 18 जिला मुख्यालयों पर डीटीएफ ने डीसी की मार्फत पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीईओ के माध्यम से शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिंगला काे शिक्षकाें और मुलाजिमों की मुश्किलों के बारे में मांग पत्र भेजे थे। मांग पत्रों के एक दिन बाद पंजाब सरकार ने फील्ड में फ्रंट लाइन पर ड्यूटी दे रहे सभी अध्यापकों और एजुकेशन विभाग के तहत आते नाॅन टीचिंग स्टाफ काे ‘काेरोना वॉरियर्स’ का दर्जा देकर 50 लाख रुपए के एक्सग्रेशिया (सेहत बीमा) देने का ऐलान कर दिया है। डीटीएफ ने कहा कि सरकार के उक्त फैसले से अध्यापकों और नाॅन टीचिंग स्टाफ का हाैसला बढ़ा है।



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न्यू अमृतसर में डाक विभाग की गाड़ी और वैन में टक्कर, दोनों ड्राइवर जख्मी

न्यू अमृतसर स्थित फ्लाईओवर पर शनिवार को डाक विभाग की गाड़ी और वैन में टक्कर हो गई, जिसमें दोनों गाड़ियों के चालक घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही डायल 108 की गाड़ी ने पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जानकारी के मुताबिक डाक तार विभाग की गाड़ी फिरोजपुर से शाम को डाक लेकर अमृतसर आ रही थी। वहीं दूसरी ओर एक प्राइवेट वैन अमृतसर से बटाला की ओर जा रही थी।
प्राइवेट वैन रांग साइड पर थी और दोनों गाड़ियों में टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों गाड़ियां पलट गईं और प्राइवेट वैन फ्लाईओवर की दीवार से टकरा गई और क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि उसका ड्राइवर गंभीर रूप से घायल है। घटना की जानकारी मिलते ही स्टेशन सुपरिंटेंडेंट (जीपीओ) हरिमोहन सिंह ने मौके पर पड़ताल की और बताया कि उनके चालक को हल्की चोटें लगी हैं। फिर भी मेडिकल चेकअप करवाया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद प्राइवेट वैन मालिक को बुला लिया गया और उसने माना कि यह उसके ड्राइवर की गलती है।



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सीकेडी नर्सिंग काॅलेज में बनाया क्वारंटाइन सेंटर

काेराेना महामारी के चलते लाेगाें काे क्वारंटाइन करने के लिए प्रशासन की ओर से अलग-अलग जगहों पर सेंटर बनाए गए हैं। चीफ खालसा दीवान की ओर से सीकेडी इंटरनेशनल नर्सिंग काॅलेज में सेंटर बनाने की पेशकश की गई थी। प्रशासन ने सीकेडी नर्सिंग काॅलेज में केंद्र बनाने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू के निर्देश पर निगम की ओर से कॉलेज में सेनिटाइजेशन का कार्य पूरा किया गया। एकांतवास किए लाेगाें काे रखने वाली जगह का डीसी शिवदुलार सिंह ढिल्लाें और मेयर रिंटू ने दाैरा किया और प्रबंधों का जायजा लिया।

दीवान के प्रधान निर्मल सिंह ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटराें में रखे जाने वाले लाेगाें काे दिए जाने वाली सुविधाओं के बारे में प्रशासन काे बता दिया गया है। हर जरूरत का ख्याल दीवान के प्रबंधकों की ओर से रखा जाएगा, जबकि लाेगाें के खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। खाना तैयार करने के लिए हलवाई का प्रबंध कर दिया गया है। 24 घंटे बिजली सप्लाई, मेडिकल सुविधा और दवा उपलब्ध करवाई जाएंगी। काॅलेज की प्रिंसिपल दर्शन काैर साेही ने बताया कि कॉलेज में क्वारंटाइन लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।



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सेवक मशीनों में लोगों ने जमा करवाए बिजली बिल

कोरोनावायरस के दौरान पावरकॉम मैनेजमेंट और सरकार ने अपना रेवन्यू बढ़ाने के लिए यहां शुक्रवार को अपने कैश काउंटर और ऑफिस खोले थे। वहीं शनिवार की सरकारी छुट्टी के चलते बाकी ऑफिस को छोड़कर बिल सेवक मशीनें खोली और कई लोगों ने पैदल पहुंचकर अपने बिजली के बिल जमा करवाए। हालांकि यह बिल सेवक मशीनों का समय बदलकर मात्र 4 घंटे के लिए खोली गई। परंतु फिर भी लोग अपने-अपने बिजली के बिल जमा करवाने के लिए आए।

पावरकॉम की तरफ से शहर में खोली करीब 10 बिल सेवक मशीनों में काम करने वाले कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभाने समय पर ही पहुंच गए। परंतु अधिकारियों ने कोरोना वायरस और शनिवार होने के कारण चार घंटे के लिए बिल सेवक मशीनें खोलने के आदेश दिए। वहीं बिल जमा करवाने आए लोगों ने भी सोशल डिस्टेंस को खूद ही बनाए रखे। गौरतलब है कि लॉकडाउन से पहले इन बिल सेवक मशीनों के खुलने का समय करीब 10 घंटे था। सुबह 8 से शाम तक यह मशीनें में बैठे कर्मचारी लोगों के बिजली बिल जमा करते थे।
उपभोक्ता यहां जमा करवाएं अपने बिल

कोरोनावायरस के चलते पावरकॉम द्वारा हाल गेट, खंडवाला, माल मंडी, वेरका, बटाला रोड, टुंडा तालाब, बेरी गेट, सुल्तानविंड रोड समेत अन्य इलाकों में बिल सेवक मशीनें खोली है। जिसमें पैदल जाकर लोग अपना बिजली का बिल जमा करवा सकते है। वहीं सोमवार को कैश काउंटर भी खुलें रहेंगे।



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खेत से गेहूं चोरी करने के आरोप में 4 व्यक्तियों के खिलाफ केस

थाना कंबो की पुलिस ने जमीन पर लगाई गई गेहूंको चोरी कर ले जाने के आरोप में जरनैल सिंह, मलकीत सिंह, मनजीत कौर और बिक्रमजीत सिंह निवासी रूपोवाली के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस को दी शिकायत में कृष्ण कुमार निवासी मजीठा रोड ने बताया कि पंडौरी वड़ैच गांव में 9 कनाल 2 मरले जमीन पर गेहूंबीजी हुई थी। लॉकडाउन के कारण वह वहां पर चक्कर नहीं लगा सका।
वह किसी तरह 5 मई को करीब 11 बजे वहां गया तो देखा कि उसकी जमीन पर गेहूंही नहीं थी। उसने बताया कि उक्त आरोपियों ने पूरी प्लानिंग के साथ कंबाइन से उसकी सारी गेहूंचोरी कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज करके अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।



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लॉकडाउन के चलते 18 कश्मीरी, 12 सिखों समेत 200 भारतीय पाक में फंसे

कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण 200 भारतीय अभी भी पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। इनमें 18 कश्मीरी बताए जा रहे हैं, जबकि 12 सिख हैं। इनके अलावा देश के दूसरे हिस्सों के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग पड़ोसी मुल्क में घर लौटने की राह देख रहे हैं।
हालांकि इनको लाने के लिए दोनों ही सरकारों की तरफ से कोशिश जारी है। मगर महामारी की भयावहता को देखते हुए अभी किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है। गौर हो कि इसमें शामिल कश्मीरी स्टूडेंट पढ़ाई करने को गए थे तो दूसरे मुस्लिम, सिख और हिंदू अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे और इसी दौरान लॉकडाउन हो गया। हालांकि पिछले दिनों कुछ कश्मीरी युवकों समेत दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को लाया गया था। कश्मीरी युवकों को अमृतसर स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था और इसके बाद जम्मू-कश्मीर भेज दिया गया।

कश्मीरी युवकों ने मांग की है कि उन लोगों को वतन लाया जाए, लेकिन उनको अमृतसर में क्वारंटाइन करने की बजाय उनके अपने गृह जिले में रखा जाए। ऐसे ही पाक में फंसे एक स्टूडेंट की मां अंजुम अफशान ने बताया कि पिछली बार 16 स्टूडेंट आए थे और उनको अमृतसर में ही क्वारंटाइन किया गया था। उनकी मांग है कि उनके बच्चों को जल्द वतन लाया जाए और उनको उनके घरों के आसपास क्वारंटाइन किया जाए।

वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सतवंत सिंह ने बताया कि लॉकडाउन में फंसे सिख पेशावर, लाहौर और ननकाना साहिब में फंसे हैं। इसी तरह से दूसरे हिंदू और मुस्लिम भी कई जगहों पर घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिखों की लिस्ट भारतीय दूतावास को सौंप दी गई है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर अमल होगा।



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मदर्स-डे आज, वो आंखों से दुआ देती है, मैंने जन्नत नहीं देखी पर मां देखी है

कोरोनावायरस का डर हर किसी को है। कोई नहीं चाहता कि वायरस उन्हें या उनके जरिये परिवार के किसी शख्स को चपेट में ले ले। इसी कारण कुछ ऐसी सुपर मॉम हैं, जो हमें सुरक्षित रखने के लिए खुद कोरोना से जंग लड़ रही हैं। डॉक्टर, पुलिस, सफाई सेवक ऐसी कैटेगरी है, जो हमारे लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। मेडिकल टीम में करीब 140 महिला मुलाजिम, पुलिस में करीब 100 महिला मुलाजिम हैं, जिनमें से कई तो हमारे लिए अपने घर नहीं गईं और ड्यूटी पर तैनात हैं। रूरल पुलिस में 63 और कमिश्नरेट पुलिस में 50 महिला मुलाजिम ऐसी हैं, जिनके बच्चों की उम्र पांच साल से कम है और वे खुद कोरोना वॉरियर्स के रूप में जिम्मेदारी निभा रही हैं। आज मदर्स डे पर हम ऐसी सुपर मॉम को सैल्यूट करते हैं क्योंकि ये हमारे कारण ही अपने छोेटे-छोटे बच्चों से दूर रहकर हमें वायरस से बचाने का प्रयास कर रही हैं।


बेटी जिद कर रही थी मैंने कहा, मुझे कोरोना है बेटी बोली-मुझे भी कोरोना है, आपके साथ सोना है
2013 बैच की आईपीएस अधिकारी डी. सुडरविजी को शहर का हर शख्स जानता है। ट्रेनिंग के दौरान बतौर एसएचओ-5 रहकर सब को चौंका दिया था। ऐसे-ऐसे क्रिमनल पकड़े, जिनके तार सीधे राजनीति से जुड़े थे। वह सिटी में लेडी सिंघम के नाम से मशहूर हो गई। उन्हें सरकार ने एडीसीपी सिटी-1 की जिम्मेदारी सौंपी है। कोरोना को लेकर चल रहे कर्फ्यू में रुटीन में वे 14-14 घंटे ड्यूटी दे रही हैं। सुबह मंडी पहुंच जाती हैं ताकि लॉ एंड ऑर्डर न बिगडे। कहती हैं- कोरोना के दौरान 6 साल की बेटी का किस्सा वह जिंदगी भर नहीं भूल सकतीं। मंडी से ड्यूटी कर घर लौटी तो कई लोगों के संपर्क में आने के चलते बेटी से दूर बनाए हुए थी।

बेटी गोद में आना चाहती थी। मैंने कह दिया मुझे कोरोना है। सुनकर बेटी चुप रही। मैं नहाकर बाहर आई तो बेटी ने पूछा कोरोना का कैसे पता चलता है। मैंने बताया फीवर से। थोड़ी देर बाद वह दौड़ लगाकर आई और बोली, मुझे फीवर है और कोरोना हो गया है। क्या अब मैं आपके साथ लेट जाऊं? अब वह समझने लगी है कि माॅम नहाने के बाद ही मिलेंगी। ड्यूटी से लौटते ही वह मुस्कुरा देती है। मैं उसे पूरा वक्त नहीं दे पाती लेकिन जो जिम्मेदारी शहर की है, उससे पीठ नहीं दिखाई जा सकती। मेरे जूनियर्स भी मेरी फैमिली हैं और उनका साथ देना मेरा पहला कर्तव्य। मेरी पब्लिक से अपील है कि हम लोगों को सुरक्षित रखने के लिए ही फील्ड में उतर रही हैं। इसलिए लोग अपनी जिम्मेदारी समझें और घरों में ही रहें।

बेटा कहता है- मां आप जानबूझकर नहीं आतीं, क्या करूं- सबको बचाना है

मुकेरियां की रहने वाली जालंधर में बतौर एएमएन तैनात मनप्रीत कौर के पास रस्ता मोहल्ला और बस्ती दानिशमंदां का एरिया है। यहां कोरोना पाॅजिटिव मरीज भी मिल चुके हैं। ऐसे एरिया में जाना और डेटा क्लेक्ट करने में डर भी रहता है। मनप्रीत कहती हैं। वे सीधे तौर पर कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के संपर्क में भी आते हैं। इसलिए अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनसे दूर रह रही हैं। बेटा अभी छोटा है लेकिन उसे संक्रमण जैसा कोई खतरा न हो, इसलिए दो महीने से उसके पास नहीं गई। कई बार वो कहता है, ‘मां आप जानबूझ कर ऐसा कर रही हैं।’ यह सुनकर मन तो बहुत करता है लेकिन समाज के साथ-साथ उसे भी संक्रमण से बचाना मेरी जिम्मेदारी है।



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12 नए पॉजिटिव, ट्रांसपोर्ट नगर तक पहुंचा वायरस जिन दो लोगों की मौत हो चुकी, उनकी चेन बढ़ रही

(प्रभमीत सिंह)12 नए मरीजों की पुष्टि होने से जिले में कोरोनावायरस मरीजों की गिनती 167 तक पहुंच गई है। इनमें 8 मरीज श्री हजूर साहिब से लौटे हैं, जिनकी पहचान मोहन नगर के रहने वाले 56 साल के व्यक्ति, फिल्लौर के गांव के रहने वाले 70 साल के व्यक्ति और 64 साल की महिला, नकोदर के रहने वाले 39 और 45 साल के दो व्यक्तियों और 37 की महिला के रूप में हुई है।
वहीं एक-एक मरीज करतारपुर के गांव घोना चक्क के रहने वाली 48 साल की महिला और गांव अठोला की रहने वाली 24 साल की महिला भी संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा 4 अन्य मरीजों में दो मरीजों की पहचान बस्ती दानिशमंदां के मोहल्ला श्री गुरु रविदास नगर की 68 साल की महिला और न्यू रसीला नगर के रहने वाले 49 साल के व्यक्ति और बाकी दो न्यू गोबिंद नगर की 60 साल की महिला और बसंत नगर के रहने वाले 30 साल के पुरुष के रूप में हुई है।
सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक श्री हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालुओं के अलावा जिन 4 मरीजों की पुष्टि हुई है। वह पहले से संक्रमित पाए गए लोगों के संपर्क में थे। बता दें शनिवार को 480 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

थोड़ी राहत, पहली बार 480 निगेटिव, किसी की हालत गंभीर नहीं

सेहत विभाग की तरफ से जारी जिन संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है। उनमें से ज्यादातर मरीज उन मरीजों के संपर्क के सामने आ रहे हैं, जिनकी पिछले दिनों मौत हो चुकी है। मृतक मरीज काजी मोहल्ला और बस्ती गुजां के रहने वाले थे। वहीं सेहत विभाग की टीम का कहना है कि इन दोनों मरीजों के संपर्क में आने वाले 60 फीसदी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है लेकिन जो मरीज सामने आ रहे हैं, वे मृतकों के क्लोज कांटेक्ट में हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। इसी के चलते सेहत विभाग की टीम ने काजी मोहल्ले के साथ सटे रस्ता मोहल्ला और ढन्न मोहल्ला के एरिया से कई संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए हैं।

सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को शहर के जिन संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। वे बस्तियात क्षेत्र के रहने वाले हैं। वहीं संक्रमित मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम के सदस्यों का कहना है कि पिछले दिनों में काजी मोहल्ला को छोड़कर बाकी सेंट्रल एरिया जैसे पुरानी सब्जी मंडी, लावां मोहल्ला, नीला महल, राजा गार्डन, पक्का बाद से संक्रमित मरीज निकलने कम हो गए हैं। बता दें कि इन एरिया से करीब 30 से अधिक संक्रमित आ चुके हैं।

बड़ी चिंता : ट्रांसपोर्ट नगर एरिया से मिला संक्रमित मरीज, गुज्जा पीर एरिया में भी की जाएगी स्क्रीनिंग
संक्रमित मरीजों के आगे संपर्क में आने वाले लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रही टीम के डॉक्टरों का कहना है कि शनिवार को न्यू गोबिंद नगर के रहने वाली 50 साल महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टरों का कहना है कि शहर के घनी आबादी के एरिया के बाद पहले बार शहर के बाहरी एरिया यानी ट्रांसपोर्ट नगर के क्षेत्र से सटे न्यू गोबिंद नगर से मरीज सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है क्योंकि पहले से किसी भी संक्रमित मरीज के संपर्क में नहीं थी और वह सिविल अस्पताल आने से पहले शहर के दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए गई थी लेकिन दोनों अस्पतालों में महिला का इलाज नहीं हुआ। अब रविवार को गुज्जा पीर और ट्रांसपोर्ट नगर के एरिया में स्क्रीनिंग शुरू की जाएगी।

कुल संक्रमित 167 हुए
सिविल के सीनियर एनेस्थेटिक डॉ. परमजीत सिंह का कहना है कि अस्पताल में 167 मरीजों में से कोई भी मरीज शनिवार तक वेंटिलेटर पर नहीं है। दाखिल 95 फीसदी मरीजों मेंे कोई लक्षण नहीं है। वहीं शनिवार को कुल 408 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिले में अब तक 4967 संदिग्ध मरीजों में से 3906 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
तैयारी : रविवार को बाहरी राज्यों से लौटेंगे 325 यात्री, इनमें से 17 शहरवासी, सभी के होंगे टेस्ट
पंजाब सरकार के आदेश पर रविवार को दूसरे राज्यों से 325 लोगों को रोडवेज बसों में लाया जा रहा है। इनमें 17 जालंधर के निवासी हैं। इन सभी को सरकारी क्वारेंटाइन सेंटरों में ही क्वारेंटाइन किया जाएगा।



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कर्फ्यू उल्लंघन के 14895 चालान, भुगतेंगे कैसे- कोई प्लानिंग नहीं

कर्फ्यू लगने के बाद नियमों के उल्लंघन के तहत शहर में 14895 से अधिक चालान काटे गए हैं लेकिन कर्फ्यू के दौरान हुए चालान की फीस रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कैसे जमा करेगा, इसकी अभी तक विभाग ने कोई रूप-रेखा नहीं तैयार की है। फिलहाल आरटीए इन्हें ऑनलाइन जमा कराने की तैयारी में है ताकि कार्यालय में भीड़ भी न लगे और पेनल्टी भी जमा हो जाए। इन चालान में वे लोग शामिल हैं, जो बेवजह घरों से बाहर निकले और उनके चालान कटे हैं।

बताया जा रहा है कि विभाग की अगली तैयारी उन दुकानदारों पर कार्रवाई करने की है, जो दुकानें खोलकर बैठे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे। इन्हें जुर्माना भी लगाया जाएगा।इस बारे आरटीए बरजिंदर सिंह का कहना है कि अभी चालान जमा करने को लेकर कोई निर्देश नहीं आया है। विभाग की तरफ से आदेश मिलते ही चालान जमा करने का काम शुरू किया जाएगा।


लोगों के इस तरह कटे चालान
कोविड-19 के कर्फ्यू मानदंडों का उल्लंघन करने वाले लोगों को 14895 चालान जारी किए हैं। पुलिस द्वारा 1280 वाहनों का चालान काटा गया है। इसमें बिना मास्क वाले लोगों के खिलाफ 206 सहित 657 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसमें कर्फ्यू मानदंडों को पूरा न करने पर 827 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 10 लोग बिना मास्क वाले हैं और 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आने वाले दिनों में पुलिस और सख्ती की तैयारी में है।


किस चालान का कितना वसूला जाएगा जुर्माना, यह भी अभी क्लियर नहीं
अभी आरटीए में सबसे बड़ी समस्या यह है कि चालान जमा कैसे किए जाएं? कर्फ्यू के दौरान कटे चालान किस आधार पर जमा होंगे और उनका रेट क्या होगा, इसकी जानकारी परिवहन विभाग को भी नहीं है। इसको लेकर आरटीए कर्मचारी भी परेशान हैं क्योंकि उन्हें दफ्तर आने का फरमान जारी हो चुका है और दफ्तर आते ही चालान जमा करने और लाइसेंस बनाने का काम शुरू करने की तैयारी हो रही है। उधर, राजनगर के रहने वाले गौरव वर्मा का कहना है कि उनकी स्कूटी का चालान अप्रैल के पहले सप्ताह में हो गया था, तब से उनकी स्कूली थाने में जमा है। चालान जल्दी क्लियर हो तो वह अपना वाहन ले सके। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सरकार के रेवेन्यू लॉस के लिए कहीं उन्हें मोटे जुर्माने न लगा दिए जाएं।



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कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन में मंदिरों में पुजारी ही कर रहे हैं पूजा

कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन चल रहा है, ताकि इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके। इस लॉकडाउन के चलते मंदिरों में चढ़ावे में भी डाउनफॉल आ गया है। जालंधर शहर में करीब हजारों की तादाद में धार्मिक स्थान हैं। लॉकडाउन के चलते मंदिरों में केवल पुजारी ही देवी देवताओं की पूजा कर रहे हैं, भक्तों की एंट्री बंद है। करीब 50 दिन बीत गए हैं, मंदिरों की भी आर्थिक व्यवस्था बिगड़ गई है।

महीने में श्री देवी तालाब मंदिर में 18 लाख रुपए दान देते हैं भक्त

श्री देवी तालाब मंदिर के महासचिव राजेश विज ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। मां के आशीर्वाद से मंदिरों में रौणक लगी रहती थी, लेकिन आज के समय में लोग एक दूसरे से ही डरने लगे हैं। करीब 50 दिन बीत चुके हैं। मंदिर में एक माह 17 से 18 लाख चढ़ावा हुआ करता था,जो शून्य ही रहा। मंदिर में मार्च और अप्रैल महीने में मंदिर में बहुत से धार्मिक कार्यक्रम होते थे, सभी को स्थगित कर दिया गया। मंदिर में 28 पुजारी, सुरक्षा कर्मचारी, साफ-सफाई कर्मचारी व अन्य लोग हैं।

8 बजे दूध का भोग लगाकर रात 9 बजे बंद कर दिए जाते हैं मंदिर के कपाट

श्री देवी तालाब मंदिर के पं. अनूप शास्त्री ने बताया कि इस समय आर्थिक तंगी तो है ही, उसके बावजूद मंदिर में विराजमान देवी-देवताओं के लिए भोग में कमी नहीं होने दी गई है, सुबह 4.30 बजे मंदिर के कपाट खोले जाते हैं, फिर 5 देवी-देवताओं को स्नान, शृंगार और तिलक लगाकर मिश्री और ड्राई फ्रूट का भोग लगता है। शाम को 6.30 हनुमान चालीसा, संकट मोचन हनुमान अष्टक, दुर्गा स्तुति का पाठ कर श्रद्धापूर्वक आरती की जाती है। और रात को 8 बजे दूध का भोग लगाकर रात 9 बजे कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

दिक्कतें तो आईं, लेकिन कमेटी ने मिलकर हल की

श्री सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर कमेटी किशनपुरा के राकेश भास्कर ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं का आना मना है, मंदिर में करीब 4 पुजारी है जोकि सुबह से लेकर शाम तक विधि-विधान से देवी-देवताओं की पूजा कर रहे हैं, लेकिन प्रति माह श्रद्धालुओं द्वारा करीब 25 से 30 हजार होने वाला चढ़ावा कर्फ्यू की वजह से जीरो हो गया। दिक्कतें तो काफी आई, लेकिन मंदिर कमेटी के सदस्यों ने मंदिर की दिक्कतों को मिलकर हल किया।



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Priests are worshiping in temples in lockdown due to coronavirus




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यूथ सर्विस क्लब ने हैंडमेड मास्क बांटे

कोरोना वायरस से बचाव के लिए नेहरू युवा केंद्र और युवक सेवाएं विभाग के मार्गदर्शन में यूथ सर्विस क्लब मास्टर तारा सिंह नगर द्वारा घर पर मास्क बनाकर लोगों को बांटे गए। क्लब के वालंटियर सिमरन और टीम के साथ एक हफ्ते में करीब 500 मास्क घर में किए थे, जिन्हें जरूरतमंदों में बांटा गया।

क्लब अध्यक्ष विशाल और वंदना ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंस और कर्फ्यू की पालन एकमात्र उपाय है। सरकार के बताए नियमों का पालन किए बिना घर से बाहर न निकले। हाथों को अच्छी तरह से धोए, भीड़ में न जाए, लोगों से हाथ न मिलाए तभी कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है।



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55 हजार का बिल आने पर चैलेंज किया मीटर,इस साल फिर वही भेजा

पावरकॉम ने लॉकडाउन के बीच किसी भी उपभोक्ता के मीटर की रीडिंग नहीं ली। उपभोक्ताओं को एन कोड लगे बिजली के बिल जारी कर दिए गए। कई उपभोक्ताओं के बिल इतने अधिक आए कि उनके होश उड़ गए। इनमें सबसे ज्यादा परेशानी उन उपभोक्ताओं को हो रही है, जिनके बिल 1 लाख या 55 हजार के करीब आए। ये वे बिल हैं जिसको उपभोक्ताओं ने चैलेंज कर ठीक करवा लिया था, लेकिन दोबारा से एवरेज बिल 1 लाख या 55 हजार भेज दिया गया। इन उपभोक्ताओं ने कहा कि बिल और मीटर चैलेंज करने के 6 महीने बाद बिल ठीक हुए तो लॉकडाउन हो गया। इसके बाद रीडर मीटर की रीडिंग ही नहीं लेने गए और एन कोड लगा पुराने बिल के हिसाब से बिल भेज दिया गया।

डिस्प्यूट कमेटी में लगाया था अधिक बिल आने का केस
सौरव ने बताया कि 1 महीने से अपने गांव हिमाचल रह रहे हैं। 55 हजार बिल आया तो होश उड़ गए। पावरकॉम ने वही पुराना बिल भेज दिया, जिसे 6 महीने दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी ठीक न होने पर डिस्प्यूट कमेट में लगाया था। मीटर की रिपोर्ट सही आने के बाद बिल ठीक कर दिया गया था, लेकिन अब दोबारा एवरेज बिल भेज दिया गया।

1 लाख रुपए बिल भेजा ठीक करवाने में लगे 8 महीने

संजय गांधी नगर निवासी मोहित शर्मा ने कहा कि 1 लाख रुपए बिल भेजा गया। जिसे ठीक करवाने के लिए कम से कम 8 महीने लग गए। लुधियाना तक वे कमेटी में बिल ठीक करवाने गए। अब दोबारा लॉकडाउन के कारण वही बिल भेज दिया गया है, जबकि इतना बिल आ ही नहीं सकता है।

बिल ठीक करवाने गया तो कहा- बाद में आना

गुज्जापीर निवासी शाम लाल ने बताया कि हर महीने बिजली का बिल 3 हजार के करीब आता था। मीटर जंप कर गया तो बिल 40 हजार आ गया। बिजली का बिल चैलेंज करवा कर ठीक करवा लिया। मगर लॉकडाउन हुआ तो एन कोड से बिल भेज दिया। जितना बिल 8 महीने पहले मीटर जंप के दौरान भेजा गया था, उतना ही बिल इस हफ्ते मैसेज कर भेज दिया गया है। वह पठानकोट चौक बिजली घर गए तो कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। किसी कर्मचारी से पूछा तो उसने कहा कि बाद में आना अभी कुछ नहीं हो सकता है।



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फड़ अलॉट न होने पर आढ़तियों में हुई बहस मार्केट कमेटी ने सुलझाया मामला

प्रतापपुरा मंडी में दिन ब दिन ग्राहकों की संख्या में बढ़ौतरी होनी शुरू हो गई है। फड़ें अलॉट न होने के कारण शनिवार सुबह आढ़तियों के बीच जगह को लेकर काफी बहसबाजी हुई। जिला मार्केट कमेटी के सुपरवाइजर परमजीत सिंह बाजवा ने मामला सुलझाया और जगह अलॉट करने की बात कही। वहीं जिला मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि रविवार को प्रतापपुरा मंडी बंद नहीं होगी। इसको आबाद करने के लिए ही ये कदम उठाए जा रहे हैं। इस बात को लेकर मकसूदां मंडी के आढ़तियों मे रोष है कि उनकी मंडी में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं और प्रतापपुरा मंडी में ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा।

मकसूदां मंडी में हो रही राजनीति

सब्जी आढ़ती एसोसिएशन के मोहिंदरजीत सिंह बत्रा ने कहा कि मकसूदां मंडी में राजनीति चरम पर है और आढ़ती इसका शिकार हो रहे हैं। प्रतापपुरा मंडी रविवार को खोली जा रही है और मकसूदां मडी बंद रहती है। शंटी ने बताया कि जिला मार्केट कमेटी के अधिकारी ये बताएं कि क्या वे फीस नहीं देते हैं या प्रतापपुरा मंडी वाले डबल फीस दे रहे हैं। मकसूदां मंडी में कर्फ्यू पास पर एंट्री है और प्रतापपुरा में नहीं। मकसूदां मंडी को चलाने के लिए समय निर्धारित किया गया है और रिटेलर भी माल नहीं बेच सकते हैं। लेकिन प्रतापपुरा मंडी में रिटेल का कारोबार जोरों पर चल रहा है।

आढ़तियों को जगह अलॉट
जगह को लेकर तीखी बहस के बाद जिला मार्केट कमेटी ने फैसला किया कि जो नए आढ़ती हैं, उन्हें आज ही जगह अलॉट कर दी जाएगी। जैसे ही मंडी से कारोबार खत्म कर आढ़ती चले गए तो चेयरमैन एचएस समरा और सुपरवाइजर परमजीत सिंह बाजवा द्वारा मार्किंग का काम शुरू करवा दिया गया। रविवार को अलॉट की गई जगहों पर ही आढ़ती सामान बेच सकेंगे।
चेयरमैन समरा ने कहा कि किसी को भी परेशानी नहीं आने दी जाएगी। बाहर से परचून माल लाने वाले को मंडी में एंट्री नहीं दी जाएगी। अगर किसी ने परचून माल बेचना है तो वे प्रतापपुरा मंडी से ही खरीदकर बेचे।



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Debate among the stockists, market committee resolved the matter in the absence of fad allotment




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ई-साइन रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को पीएफ विभाग ने किया आसान

कोरोना वायरस के बीच जारी लॉक डाउन में पीएफ विभाग की तरफ से ईपीएफओ पोर्टल पर अपने डिजिटल हस्ताक्षर या आधार आधारित ई-साइन का उपयोग करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए नियमों में बदलाव करते हुए फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है, जिससे एम्पलाई और एंप्लायर दोनों को फायदा होगा।
पीएफ रीजनल कमिश्नर सुनील कुमार यादव ने बताया कि लॉकडाउन में प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए, ईपीएफओ ने ईमेल के माध्यम से भी रिक्वेस्ट को स्वीकार करने का निर्णय लिया है। एंप्लायर पीएफ ऑफिस की ईमेल sro.jalandhar@epfindia.gov.in के माध्यम से हस्ताक्षरित रिक्वेस्ट पत्र की स्कैन की हुई कापी भेज सकते हैं। इसके अलावा ऐसे प्रतिष्ठान जिनके अधिकृत अधिकारियों को डिजिटल हस्ताक्षरों की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन वह लॉकडाउन के कारण डीएससी प्रयोग करने में सक्षम नहीं हैं, वह पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं और पहले से रजिस्टर अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के पंजीकरण के लिए दिए गए लिंक के माध्यम से अपना ई-साइन रजिस्टर्ड कर सकते हैं। अन्य अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता अपने ई-साइन को पंजीकृत कर सकते हैं तथा एम्प्लॉयर्स द्वारा अप्रूव रिक्वेस्ट लैटर भेज सकते हैं और संबंधित ईपीएफओ कार्यालयों की मंजूरी ले सकते हैं। यह सुविधा महामारी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित नियोक्ताओं और ईपीएफ सदस्यों को और राहत प्रदान करेगी।



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अकाली दल ने पंजाब सरकार पर लगाया राशन पर राजनीति का आरोप

महामारी के बीच अकाली दल ने पंजाब सरकार, कांग्रेसी विधायकों पर अपने चहेतों को राशन देने का आरोप लगाया है। विधायकों ने कहा कि जहां पर अकाली दल के विधायक हैं वहां पर राशन नहीं बांटा जा रहा और अगर सामान भेजा भी जा रहा है तो वहां पर भी सिर्फ कांग्रेसी परिवारों को ही मिल रहा है। शनिवार को अकाली दल देहाती प्रधान विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने आदमपुर से विधायक पवन कुमार टीनू विधायक, फिल्लौर से विधायक बलदेव खैहरा के साथ डिप्टी कमिश्नर के नाम मांग पत्र हरदीप सिंह को सौंपा।

विधायक टीनू ने कहा कि सरकार की तरफ से बड़ी संख्या में नीले कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। उनके हल्के में करीब 5000 से ज्यादा परिवारों के यह कार्ड रद्द हुए हैं। विधायक गुरप्रताप वडाला ने कहा कि राशन देने में राजनीति कर रही है। इसके अलावा कमर्शियल वाहन को परमिट फीस और टैक्स में 3 महीने की राहत देने की मांग की। उन्होंने पंजाब सरकार से सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करने की मांग की। यहां गुरप्रीत सिंह खालसा भी मौजूद रहे।



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Akali Dal accuses Punjab government of politics over rationing




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धार्मिक भावनाएं भड़काने और गलत टिप्पणी करने के मामले में केस दर्ज करने की मांग

अकाली दल अमृतसर ने शिवसेना नेता के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने व धर्म विशेष के खिलाफ गलत टिप्पणी करने के आरोप में नूरमहल थाने में शिकायत दर्ज करवाई। जानकारी देते हुए जत्थेदार सुरजीत सिंह ने बताया अशोक संधू द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दो धर्मों के लोगों को आपस में लड़ाने की साजिश की। थाना मुखी जितेंद्र कुमार को कार्रवाई करने को कहा गया । इस मौके पर इंदरजीत सिंह, जोगा सिंह, सर्किल प्रधान सुरजीत सिंह, बलवीर सिंह और एडवोकेट बूटा सिंह मौजूद थे। जब अशोक संधू से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी धर्म विशेष के खिलाफ कोई भी टिप्पणी नहीं की।
वही आदमपुर में भी प्रधान सुखजीत सिंह डरौली कलां व सचिव जसकरण सिंह ने पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर को ई-मेल से भेजी शिकायत में शिवसेना के प्रधान अशांत शर्मा के विरुद्ध केस दर्ज करने की मांग की जिसमें उन्होंने गायक रंजीत बावा व लेखक वीर सिंह के मामले में झूठी शिकायत दर्ज करवाने का हवाला दिया। वही डेमोक्रेटिक भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र गिल और गुरमुख सिंह खोसला ने गायक रंजीत बावा पर की गई एफआईआर को गैर संवैधानिक बताया और इसे रद्द करने की मांग की



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लेदर कांप्लेक्स में 1.53 करोड़ रुपए से सीईटीपी अपग्रेडेशन का काम कल से किया जाएगा शुरू

सिटी की लेदर इंडस्ट्री पर हाईकोर्ट की लगी रोक अब हट सकेगी। 11 मई से लेदर कांप्लेक्स का गंदा पानी साफ करने वाला ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेड करने का काम शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन के कारण कंस्ट्रक्शन नहीं हो पा रही थी। लेदर इंडस्ट्री में डीसी वरिंदर कुमार शर्मा के सामने मामला रखा था। इसके बाद उन्होंने प्लांट चलाने वाली पेट्स सोसायटी के नाम कंस्ट्रक्शन करने के बारे में लेटर जारी कर दिया है।

अमृतसर की कंपनी 42 दिन में कंस्ट्रक्शन पूरी करेगी। इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में रखी जाएगी। इसके आधार पर इंडस्ट्री दोबारा चमड़ा रंगने का काम शुरू कर पाएगी। डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने लेटर जारी कर कंस्ट्रक्शन करने वालों को कर्फ्यू पास जारी करने की क्लियरेंस दे दी है। यहां पहले से जाे ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है, उसके साथ एक अलग से चेंबर बनेगा। इस चेंबर में सीवरेज का पानी और चमड़ा रंगने वाली यूनिट से आया केमिकल युक्त पानी मिक्स होगा।
सीवरेज और केमिकल का पानी मिक्स होने से टीडीएस का लेवल सुधर जाता है। इससे वातावरण पर केमिकल के पानी का बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है। इस चेंबर को बनाने पर 1.53 करोड़ रुपए खर्च आएगा। सारा खर्च पंजाब सरकार ने दिया है।

अक्टूबर में हाईकोर्ट ने वातावरण संबंधी मानक पूरे होने तक लेदर इंडस्ट्री बंद करने के दिए थे आदेश

पंजाब लेदर फेडरेशन के प्रेसिडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि पंजाब सरकार से लेदर इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है। 6 जनवरी को हाईकोर्ट में केस की आखिरी सुनवाई थी। इसके बाद लेदर इंडस्ट्री ने सीईटीपी का नया मिक्सिंग टैंक तैयार करना था। इसकी लागत का सारा पैसा पंजाब सरकार ने जल्दी जारी किया। सरकार ने 10 मई को उक्त ग्रांट जारी की। इसके बाद अमृतसर की कंपनी के नाम टेंडर हुए। कंस्ट्रक्शन का काम लॉकडाउन चलते बंद हो गया था। डीसी वीके शर्मा ने इंडस्ट्री की जरूरत को देखते हुए काम शुरू करने के लिए आदेश दिए। प्रवीण कुमार ने कहा कि सीईटीपी का चेंबर 42 दिन में तैयार होना है। अगर कोविड-19 न फैलता तो अब तक चेंबर तैयार हो गया होता। अब सोमवार से काम शुरू कर इसे जुलाई तक पूरा कर लेंगे। हाई कोर्ट से क्लीयरेंस लेकर लेदर टैनिंग का संचालन दोबारा शुरू हो पाएगा।

करीब 1000 करोड़ रुपए का टर्नओवर

1934 में ब्रिटिश शासन में जालंधर में चमड़ा रंगने का काम शुरू हुआ था। कभी पारंपरिक तरीके से रंगा जाने वाला चमड़ा आज आधुनिक इंडस्ट्री बन चुका है। कपूरथला रोड पर लेदर कांप्लेक्स में 60 के करीब चमड़ा रंगाई यूनिट हैं। यहां का बना चमड़ा देश ही नहीं विदेश में भी जाता है। इस इंडस्ट्री को सीधे और असीधे तौर पर करीब 5000 रोजगार पैदा करने के लिए जाना जाता है। करीब 1000 करोड़ रुपए से अधिक का टर्नओवर है। अक्टूबर में वातावरण के मानक पूरे न होने पर अगले आदेशों तक हाईकोर्ट से चमड़ा रंगने का काम बंद करने के आदेश दिए थे।



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साहब, हमें गांव भेज दें, यहां काेराेना वायरस से बच भी गए ताे भूख से तड़पकर मर जाएंगे

लंबे लाॅकडाउन और कर्फ्यू के कारण दाने-दाने काे माेहताज हाे गए श्रमिकाें की गांव वापसी जारी है। शनिवार काे तीन ट्रेनाें में 3600 श्रमिक कटिहार, आजमगढ़ और मुजफ्फर नगर भेजे गए। इससे पहले स्क्रीनिंग के लिए श्रमिकाें काे सारा दिन तीखी धूप में बैठना पड़ा। श्रमिक कभी खुद काे धूप से बचाते ताे कभी छाेटे बच्चाें काे। किसी भी तरह गांव पहुंचने काे बेचैन श्रमिकाें ने कहा, साहब हमें अपने घर पहुंचा दाे। यहां पर जाे हालात हैं, उसमें अगर काेराेना से बच भी गए ताे भूख से मर जाएंगे। अफसराें के फाेन आने के बावजूद कई लाेगाें काे यह कहकर वापस भेज दिया गया कि ट्रेन में जगह नहीं बची। अगली बार आना।

पठानकोट चौक के नीचे ट्रेन छूटने वाले मजदूरों काे यह भी नहीं बताया गया कि अब अपने गांव कब और कैसे जा सकेंगे? अफसराें के जवाब का इंतजार करने के लिए रुके श्रमिकाें काे पुलिस ने डंडे दिखाकर भगा दिया। पुलिस के डर से भागे श्रमिकाें ने घर पहुंचकर फोन किया कि सर, आप हमारी बात प्रशासन तक पहुंचा दाे। हमें भी हमारे गांव जल्द से जल्द भेजा जाए। यहां हम भूखे मर जाएंगे। अब मकान मालिक भी कमरा नहीं दे रहा है। शनिवार सुबह 12वीं श्रमिक ट्रेन 1200 श्रमिकों को लेकर कटिहार रवाना हुई। इसका 7.86 लाख रुपए किराया प्रशासन द्वारा रेलवे को अदा किया गया। 50 के करीब श्रमिक कटिहार नहीं जा पाए।

गांव नहीं जा पाए मजदूरों के जहन में सवाल-अब दाेबारा मैसेज आएगा या नहीं, कुछ पता नहीं

  • पठानकोट चौक फ्लाईओवर के नीचे बैठे श्रमिकों ने कहा- लॉकडाउन के बाद कामकाज के लाले पड़ गए। जैसे तैसे दिन निकाले आखिर में जब भूख बर्दाश्त नहीं कर पाए ताे सड़कों पर उतर आ गए। पंजाबी भाइयों ने चौगिट्टी व गुरु नानकपुरा में दो टाइम की रोटी मुहैया करवाई। इसके बाद रजिस्ट्रेशन करवाई। मौके पर पहुंचे तो
  • बनारस की ट्रेन दो दिन पहले सिटी स्टेशन से रवाना की गई थी लेकिन काफी श्रमिक नहीं जा पाए थे। नहीं जा पाए श्रमिक बाेले, पता नहीं अब अपने परिवार का मुंह कब देख पाएंगे। श्रमिक मिन्नतें कर रहे हैं कि उन्हें किसी तरह से गांव भिजवा दिया जाए। कोई किसी के लिए ज्यादा दिन तक मदद नहीं कर सकता। प्रशासन की तरफ से अगर राशन मिल भी रहा है तो 1 हफ्ता ही चलता है। पठानकोट चौक के नीचे बैठे श्रमिकों ने बताया कि रात के समय उन्हें कुछ पंजाबी खाना खिलाने के लिए आए थे। पंजाबियों का दिल बड़ा है। सरकार से ज्यादा आम पंजाब मदद कर रहे हैं।
  • ट्रेन छूटने के बाद सैकड़ाें श्रमिकाें के जहन में सवाल है कि क्या अब उन्हें दोबारा से मैसेज आएगा उन्हें फिर से रजिस्ट्रेशन करवानी होगी। प्रशासनिक अधिकारी स्पष्ट नहीं कर रहे कि उनकी वापसी अब कैसे हाेगी। यही कारण है कि हर राेज श्रमिक घराें से बाहर निकलकर स्टेशन की तरफ कूच कर रहे हैं ताकि ट्रेन के बारे में कुछ पता चल सके।


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Sir, send us to the village, even those who survived the Kareena virus will die of hunger.




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सांसद चौधरी से इंडस्ट्री ने कहा- श्रमिकों को रोकें, हम रोजगार देने के लिए हैं तैयार

सिटी के इंडस्ट्री संचालक अपने श्रमिकों को कई बार समझाने के बावजूद फैक्ट्रियों में काम पर रोक नहीं पा रहे हैं। सांसद संतोख सिंह चौधरी के पास पहुंचे सिटी के प्रमुख इंडस्ट्री संचालकों ने कहा कि जो श्रमिक अपने घर विशेष हालात में जाना चाहते हैं उन्हें रोकना गलत है लेकिन जिन श्रमिकों के पास काम उपलब्ध है, उनके लिए पंजाब सरकार ने जो फ्री रेलगाड़ियां चलाई हैं, इस कारण ज्यादा गिनती में श्रमिक अपने राज्यों को वापस जा रहे हैं।

साथ ही सांसद से इंडस्ट्री संचालकों ने कहा कि लॉकडाउन से चंद रोज पहले होली पर पंजाब से जो श्रमिक अपने गांव गए थे, उन्हें वापस पंजाब लाने की व्यवस्था ना होने के कारण इंडस्ट्री श्रमिकों की कमी से दोहरी मार झेल रही है। कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज ने एक मांग पत्र सांसद चौधरी को सौंपा है, जिसमें उनसे श्रमिकों का पलायन रोकने की मांग की है। इंडस्ट्री संचालकों का प्रतिनिधिमंडल सांसद से मिलने उनके निवास स्थान पर पहुंचा।

प्रतिनिधिमंडल में सीआईआई के जालंधर काउंसिल के चेयरमैन वरिंदर सिंह कलसी, ऑल इंडिया हैंड टूल पैनल के कन्वीनर अजय गोस्वामी,जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नरेंद्र सिंह सग्गू सहित तमाम प्रमुख इंडस्ट्री संचालक शामिल थे। उन्होंने सांसद से कहा कि केंद्र सरकार ने केवल फंसे हुए लोगों को एक से दूसरी जगह भेजने के लिए एडवाइजरी जारी की थी। पंजाब में बहुत तेजी के साथ श्रमिक अपने राज्यों को वापस जा रहे हैं क्योंकि सरकार ने तेजी से फ्री ट्रेनें संचालित की हैं।

जालंधर में दो हजार इंडस्ट्री शुरू हो चुकी हैं। इनका काम तभी लाइन पर आएगा अगर श्रमिक उपलब्ध होंगे। इंडस्ट्री ने जो श्रमिक वापस पंजाब आना चाहते हैं उन का प्रबंध करने के लिए भी कहा है ताकि वह यहां आकर इंडस्ट्री में काम शुरू करें। सांसद चौधरी ने इंडस्ट्री के समस्या सरकार के सामने रखने की बात कही है। इस प्रतिनिधिमंडल में राजीव गुप्ता, मनीष अरोड़ा, शरद अग्रवाल सहित बाकी मेंबर्स भी शामिल रहे।


सिटी के इंडस्ट्री संचालकों का मानना है कि हर साल होली पर छुट्टी काटने अपने गांव जाने वाले मजदूरों की संख्या करीब एक लाख है। लॉकडाउन के कारण जो रेलगाड़ियां दूसरे राज्यों को जा रही हैं, वह खाली वापस आएंगे। सारा रेलवे नेटवर्क आम यात्रियों के लिए बंद है। अगर दूसरे राज्यों से ट्रेन ने पंजाब की ओर भी चलाई जाएं तो बड़ी राहत मिल सकती है। दूसरे राज्यों में बैठे मजदूर वापस आने के लिए इंडस्ट्री मालिकों को फोन कर रहे हैं।



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लॉकडाउन के बाद खुलने वाली जिले की सभी फैक्ट्रियाें का होगा सेफ्टी ऑडिट

लॉकडाउन के कारण डेढ़ महीने तक बंद रही फैक्ट्रियां चालू करने वाले फैक्ट्री संचालकों को केमिकल हजार्ड सेफ्टी ऑडिट करवाना होगा‌। फैक्ट्रियों में केमिकल, गैस सिलेंडर, ट्रीटमेंट प्लांट इत्यादि होते हैं। इनका सेफ्टी ऑडिट करना होगा। अगर किसी की लापरवाही से हादसा हुआ तो सख्त कार्रवाई होगी। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सभी स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को आदेशों का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

अब फैक्ट्री चालू करने से पहले केमिकल के गोदाम, गैस सिलेंडर और बाकी जिस भी सिस्टम में केमिकल इत्यादि जमा है, उसके सुरक्षा का ऑडिट करना होगा। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सभी राज्यों को आदेश विशाखापट्टनम में बंद प्लांट को चालू करने के बाद हुए गैस लीक हादसे के मद्देनजर दिए हैं।



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प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के बिल की कमाई भी ठप

नए वित्तीय साल का बजट पास नहीं होने से सरकार ने 31 मई तक वेतन और जरूरी खर्च की मंजूरी दे रखी है। तो दूसरी ओर प्रॉपर्टी टैक्स, पानी-सीवरेज के बिल,तहबाजारी शुल्क, नक्शा, चेंज ऑफ लैंड यूज से होने वाली आय पूरी तरह से ठप है। निगम को करीब 8 से 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कारण कलेक्शन बंद है। कर्फ्यू खत्म होने के बाद भी निगम को बकाया वसूलने में मशक्कत करनी होगी। राजनीतिक कारणों से डिफाल्टरों पर सख्ती करना भी संभव नहीं होगा। मेयर का कहना है कि कर्फ्यू खत्म होने पर निकाय मंत्री से बात करेंगे कि लोगों पर पेनल्टी का कोई बोझ न डाला जाए।

31 मई तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की अवधि

निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा ने बताया कि कर्फ़्यू के कारण सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने की अवधि बढ़ाकर 31 मई तक कर दी थ। जबकि पानी-सीवरेज के बिल जमा कराने की अवधि 30 अप्रैल की गई थी। लेकिन अब कर्फ्यू खत्म होने के बाद इसको लेकर लोगों को राहत देने के लिए नया निर्देश जारी किया जाएगा।

ऑनलाइन नक्शों पर फैसला 15 मई के बाद

सरकार ने ऑनलाइन नक्शा के सर्वर में खामियों के कारण 31 मार्च तक मैन्युअल नक्शा पास कराने की भी छूट दे रखी थी। लेकिन 23 मार्च के बाद से दोनों ढंग से नक्शा पास कराने का काम ठप है। इस चक्कर में करीब 120 आवेदन अब भी लंबित चल रहे हैं। वैसे फिलहाल कर्फ्यू के कारण निर्माण करने की भी इजाजत नहीं है। निगम के एमटीपी परमपाल सिंह ने बताया कि नए आवेदन के साथ ही पुराने लंबित चल रहे नक्शे को पास करने और नए आवेदन को लेकर अब 15 मई के बाद ही कोई फैसला आएगा। इसके लिए चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय से निर्देश अनुसार आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।



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सरकार ने नगर निगम के लंबित, नए टेंडरों के प्रोसेस पर 30 मई तक लगाई रोक

एक बार फिर कर्फ्यू बढ़ने के आसार हैं, कारण पंजाब सरकार ने एक बार फिर निकाय विभाग में सभी प्रकार के टेंडरों पर 30 मई तक रोक लगा दी है। पहले इस तरह के टेंडरों पर 15 तक की रोक लगाई गई थी, लेकिन गत दिवस निकाय विभाग के डायरेक्टर ने रोक 30 मई तक बढ़ा दी है। इससे सभी नगर निगम, समूह नगर कौंसिल और पीएमआईडीसी के टेंडरों पर असर होगा।
सरकार द्वारा टेंडर पर लगाई गई रोक के कारण किसी नए काम के टेंडर नहीं लगाए जाएंगे साथ ही 22 मार्च तक प्रोसेस में चल रहे टेंडरों को भी नहीं खोला जा सकेगा। स्मार्ट सिटी के तहत नए प्रोजेक्ट के टेंडर का काम भी प्रभवित होगा। निगम के ओ एंड एम ब्रांच के एसई सतिंदर कुमार ने बताया कि सरकार के नए आदेश के कारण फोल्ड़ीवाल में 50 एमएलडी क्षमता का नया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के साथ ही पुराने 100 एमएलडी क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने के लिए चल रहे टेंडर के प्रोसेस में देरी होगी।

दोनों प्रोजेक्ट की लागत करीब 70 करोड़ है, जिसका टेंडर जारी करने के बाद फाइनल नहीं होने से प्रोजेक्ट शुरू करने में देरी होगी। एसई ने बताया कि सरकार ने अपने आदेश में वाटर सप्लाई, सीवरेज और स्ट्रीट लाइट के ऑपरेशन एंड मेंटनेंस के जरूरी काम के लिए निगम स्तर पर फैसला लेने की छूट दे रखी है।

निगम की 4 ब्रांच का 35 फीसदी स्टाफ करेगा काम

सोमवार से निगम के चार ब्रांच के स्टाफ काम करेंगे, लेकिन 35% स्टाफ ही दफ्तर आएगा। इसमें एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच, अकाउंट ब्रांच तथा बर्थ एंड डेथ ब्रांच के काम शामिल हैं। बायो मेट्रिक हाजिरी नहीं लगेगी, बल्कि ब्रांच इंचार्ज उनकी रोजाना की हाजिरी की तस्दीक करेंगे। कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा का कहना है कि 17 मई तक फील्ड स्टाफ या रेवेन्यू कलेक्शन वाले स्टाफ को दफ्तर नहीं बुलाया जाएगा। वैसे भी कई ब्रांच के करीब 100 स्टाफ जिला प्रशासन की ओर से राशन वितरण के काम में लगे हैं।



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नक्सलियाें से जुड़े हैं अफीम तस्कराें के तार, डिलीवरी लेने आया किसान और उसका ममेरा भाई गिरफ्तार

विधिपुर के पास गुड़ के ट्रक से बरामद 18 किलो अफीम के मामले में पुलिस ने रांची से अफीम मंगवाने वाले दो आरोपी पकड़े हैं। इनकी पहचान तरनतारन के गांव चौटाला के किसान पवनजीत सिंह और उसके ममेरा भाई गांव रसूलपुर के बलविंदर सिंह के रूप में हुई है। इनसे दो कारें बरामद हुई हैं। दाेनाें से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि रांची में सक्रिय नक्सली अफीम की खेती कर अन्य राज्याें में सप्लाई करते हैं। नक्सलियाें के तार रांची में पंजाब ढाबा चलाने वाले इनके रिश्तेदार मनजिंदर सिंह से जुड़े हैं।

आरोपी मानते हैं कि बरामद 18 किलो अफीम में से 12 किलो अफीम वह लेने आए थे। 12 लाख की पेमेंट वह पहले ही मनजिंदर को कर चुके हैं। मनजिंदर ने पवन को बताया था कि ढाबे में नक्सली अफीम भेजते हैं। वह अफीम बेच कर अपनी कमीशन काट कर पेमेंट कर देता है। अफीम की कमाई से नक्सली हथियार और खाने-पीने का सामान खरीदते हैं।
एसएसपी नवजोत सिंह माहल ने बताया कि वीरवार शाम शामली से गुड़ लेकर अमृतसर जा रहे ट्रक को पुलिस ने विधिपुर फाटक के पास पकड़ा था। पुलिस ने यूपी के पीलीभीत के गांव डगरिया के रहने वाले 30 साल के अंग्रेज सिंह और गुरदासपुर के गांव आदी के रहने वाले 37 साल के लखबीर सिंह को अरेस्ट कर 18 किलो अफीम बरामद की थी। 12 किलो अफीम स्टेपनी में छुपाकर रखी थी। उन्हें अदालत में पेश कर 7 दिन के रिमांड पर लिया गया था।

अंग्रेज ने माना था कि 12 किलो अफीम उसके रिश्तेदार पवनजीत और बलविंदर ने मंगवाई है। पुलिस ने दोनों को कॉल कर करतारपुर एरिया में बिजली घर के पास शुक्रवार रात बुला लिया। पवन और बलविंदर अलग-अलग कार करतारपुर पहुंच गए। यहां पर पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। पवनजीत और बलविंदर ने माना कि वे तरनतारन में परचून में अफीम बेचते हैं। पता लगाया जा रहा है कि दोनों और किससे अफीम लेते थे।

चाराें आरोपियों का सिविल अस्पताल में कराया कोरोना टेस्ट

पुलिस ने अफीम तस्करी में पकड़े गए अंग्रेज सिंह, लखबीर सिंह, पवनजीत और बलविंदर सिंह का सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाया। चारों का कोरोना टेस्ट भी करवाया गया है। लखबीर और अंग्रेज रांची से ट्रक में जालंधर पहुंचे थे। चारों के सैंपल की रिपोर्ट सोमवार शाम तक आएगी।



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नॉन कंस्ट्रक्शन फीस न मिलने से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का खजाना भी खाली, अप्रैल का भुगतान किया पर अब वेतन देने को लेकर भी बढ़ेगी परेशानी

पहले से आर्थिक संकट झेल रहे इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के सामने फंड की कमी की परेशानी बढ़ गई है। कोर्ट केस के लंबित होने से ट्रस्ट को किसानों के इनहांसमेंट से लेकर कंज्यूमर फोरम में केस जीत चुके अलॉटी को भुगतान में कुछ राहत मिली है पर अलग-अगल स्कीमों में बेची गई प्राॅपर्टी की किस्त और ब्याज के साथ नॉन कंस्ट्रक्शन फीस (एनसीएफ) न मिलने से खजाना खाली है। ट्रस्ट ने अप्रैल के वेतन का भुगतान अपने मुलाजिमों को कर दिया है, लेकिन आय बंद होने से आने वाले समय में वेतन पर भी संकट छाएगा।

ऊपर से कर्फ्यू खत्म होने के बाद एक बार फिर से ट्रस्ट प्रशासन पर कोर्ट केस जीत चुके अलॉटी को भुगतान करने का दबाव बढ़ेगा। बीबी भानी कांप्लेक्स फ्लैट अलॉटी एसोसिएशन के प्रधान दर्शन सिंह आहूजा ने बताया कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट द्वारा करार के अनुरूप प्राॅपर्टी का कब्जा न देने को लेकर करीब 100 केस अलग-अलग कोर्ट में लंबित हैं। कर्फ्यू के कारण इन केसों की सुनवाई नहीं हो रही। अब कोर्ट खुलने के बाद इनकी नई तारीख पड़ने पर सुनवाई शुरू होगी।

ब्याज, पेनल्टी में राहत पर सरकार लेगी फैसला

कर्फ्यू के कारण निर्धारित शेड्यूल के अनुसार किस्त जमा नहीं कराने वाले अलॉटी से नियम अनुसार ब्याज और कुछेक मामले में पेनल्टी वसूलने का प्रावधान है। ऐसे में अब कर्फ्यू के बाद सरकार इस बारे में फैसला लेगी। इसके बाद अलॉटी को उनकी बकाया किस्त पर ब्याज और पेनल्टी में राहत दी जाएगी।



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श्री हजूर साहिब से लौटे पहले श्रद्धालु की मौत, 36 नए केस अब तक 1794 लोग संक्रमित

लुधियाना में श्री हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालु की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 11 दिन बाद शनिवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। यह सूबे में किसी श्रद्धालु की पहली मौत है। इसके अलावा लुधियाना में ही एक अन्य ने और होशियारपुर में भी एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। शनिवार को 3 मौते हुईं और 36 नए केस आए। मौतों का आंकड़ा अब 34 अौर संक्रमित मरीजों की संख्या 1794 हो गई है। जालंधर में 12, लुधियाना में 7, गुरदासपुर और फतेहगढ़ साहिब में 5-5, रोपड़ में 4, मोगा, मानसा और होशियारपुर में 1-1 केस आया। लुधियाना में जिस श्रद्धालु की मौत हुई वह 29 अप्रैल को हजूर साहिब से लौटा था।

कोरोना के अलावा कोई बीमारी नहीं थी

जगराओं के गांव मानूके निवासी गुरजंट सिंह (56) की 30 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से वह भर्ती थे। उन्हें कोरोना के अलावा कोई बीमारी नहीं थी। वहीं, डीएमसी लुधियाना में जम्मू निवासी व्यक्ति की भी मौत हो गई। उधर, होशियारपुर के तलवाड़ा में ओंकार सिंह (62) जिनकी 7 मई को चंडीगढ़ में मौत हुई थी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। लुधियाना में जिन 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उनमें 1 लड़की (17) है। वह टीबी की मरीज है। 2 रेलवे पुलिस फोर्स के कर्मी हैं व 4 अन्य है। जालंधर में 8 श्रद्धालुओं समेत 12 संक्रमित पाए गए। फतेहगढ़ में 3 मजदूरों समेत 5, गुरदासपुर में 5 श्रद्धालु व मानसा में 1 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रोपड़ में 4 संक्रमित पाए गए।

मृतक श्रद्धालु की पत्नी बोली आज घर का खाना मंगाया था

मृतक गुरजंट के परिवार वालों ने बताया कि उन्होंने वीरवार को फोन पर उनसे बात की थी। तब उन्होंने तबीयत ठीक बताई थी और घर ले जाने की बात की थी। शुक्रवार को उनकी बेटी भी मिलने आई थी लेकिन दरवाजे से ही देखकर वापस लौट गई थी। पत्नी मनजीत कौर ने बताया कि पति मजदूरी करते थे। शुक्रवार रात फोन पर बात हुई थी। तब पति ने कहा कि था कि सुबह हॉस्पिटल आओगे तो दाल बना कर लाना। लेकिन आने से पहले उनकी मौत हो गई।
2 और मरीजों की हालत गंभीर
राज्य में अब तक 39462 संदिग्धों के सैंपल लिए गए हैं। इनमें 33639 की रिपोर्ट निगेटिव और4061 की पेंडिंग है। 161 मरीज काेरोना को मात दे चुके हैं। अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया है। एक अन्य ऑक्सीजन सपोर्ट पर है।

पिछला एक हफ्ता,644 केस आए, 39 लोगों ने दी काेरोना को मात, 14 की मौत
सूबे में पिछले एक हफ्ते यानी 3 मई से 9 मई तक 644 पॉजिटिव मरीज आ चुके हैं। वहीं, इस दौरान 14 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि राहत की बात है कि इन 7 दिनों में 39 लोग भी कोरोना को मात दे चुके हैं।



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Death of first devotee returned from Shri Hazur Sahib, 36 new cases so far 1794 people infected




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लुधियाना से उत्तरप्रदेश के प्रवासी मजदूरों के लिए चलेंगी 25 नई ट्रेनें

प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक भेजने के लिए राज्य सरकार की ओर से 25 नई ट्रेनें चलाई जा रही हैं। ये सभी ट्रेनें लुधियाना से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए 12 मई से 16 मई के बीच चलेगी। राज्य के सभी जिलों से यूपी जाने वाले श्रमिकों को बसों के माध्यम से लुधियाना तक लाया जाएगा। यहां से उन्हें ट्रेन में बैठाकर उनके घर भेजा जाएगा।

कहां के लिए कब चलेगी ट्रेन

हरदोई : 12, 13, 15 व 16 मई
रायबरेली: 12 और 16 मई
प्रतापगढ़ :12, 14 और 15 मई
उन्नाव: 12 और 13 मई
अमेठी: 12 मई
फतेहपुर : 13 और 15 मई
गोरखपुर: 13 मई
गोंडा : 13 14,15 और 16 मई
आजमगढ़: 14 मई
सुल्तानपुर: 14 और 16 मई
जौनपुर: 14 और 15 मई
अयोध्या: 16 मई



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सौतेले बेटे को 25 लाख बीमे का नॉमिनी बनाया तो मार डाला

पटियाला के 8 साल के गुरनूर की हत्या 5 दिन पहले उसकी सौतेली मां ने उसे 25 लाख के बीमा का नाॅमिनी बनाये जाने की वजह से की थी। खुलासा शुक्रवार को तब हुआ जब पुलिस ने सौतेली मां कुलविंदर कौर से दोबारा पूछताछ की। उसने माना कि उसके बेटे को नॉमिनी न बनाकर विनोद ने गुरनूर को नॉमिनी बनाया। इसी कारण उस ने गुरनूर को गांव के छप्पड़ में धक्का दे दिया। बाद में उसकी डूबने से मौत हो गई।

कुलविंदर को पुलिस ने शनिवार को उसका तीन दिन का रिमांड लिया है। गुरनूर गांव घड़ाम निवासी कंबाइन आपरेटर विनोद कुमार का पहली पत्नी से हुआ बेटा था। पहली पत्नी से ही उसकी 11 वर्षीय बेटी भी है। तीन साल पहले उसी ने विनोद की शादी राजपुरा की रहने वाली कुलविंदर कौर से करवाई जिसके पहले से ही दो बच्चे थे। विनोद अपनी जिम्मेदारी पर पहली पत्नी से भी दोनों बच्चों को अपने ही साथ ले आया था।

पुलिस की दोबारा सख्ती के बाद खुद ही माना अपराध

विनोद ने जब पुलिस पर दोबारा जांच के लिए दबाव बनवाया तो शुक्रवार को उनके घर पहुंची महिला पुलिस ने पहले बच्चों से पूछताछ की जिसके बाद कुलविंदर कौर से अकेले में सख्ती से पूछताछ की, उसने खुद ही मान लिया कि उसी ने बच्चे को छप्पड़ में फेंक कर मारा है।



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Killed step-son, made 25 lakh insurance nominee
Killed step-son, made 25 lakh insurance nominee




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घर वापसी के लिए मजदूरों ने ई-दिशा पर कराया पंजीकरण

अभी भी मेवात जिले में एक हजार के करीब मजदूर विभिन्न निर्माणाधीन स्थानों पर फंसे हुए हैं। उन्हें सकुशल उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ई-दिशा पर लगातार पंजीकरण किया जा रहा है। उम्मीद है कि ईद के त्यौहार से पहले सभी मजदूर अपने घरों पर पहुंच जाएंगे। लॉकडाउन हटाने की कोई समय सीमा नहीं है। हमारा कर्तव्य है कि कोई जिले में भूख से न मरे इसीलिए मेवात आरटीआई मंच मजदूरों और झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले गरीबों के लिए दो वक्त का भोजन उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है।

यह बातें मेवात आरटीआई मंच के राष्ट्रीय संयोजक राजूद्दीन ने कही। उन्होंने शनिवार को कहा कि फिरोजपुर झिरका, नगीना, पिनगवां और बड़कली आसपास के क्षेत्रों व गांवों में फंसे मजदूरों तक लगातार मदद पहुंचाने का काम किया जा रहा है। अब तक 315 मजदूरों का पंजीकरण ई-दिशा पर किया जा चुका है जो मजदूर बगैर पंजीकरण के बचे हैं उनका पंजीकरण भी एक-दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा।



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महामारी को लेकर फ्रंट पर लाइन पर 24 घंटे लड़ रहीं इन 2 महिला काेरोना योद्धाओं काे सलाम

कोरोना महामारी के डर के बीच कुछ ऐसी भी माताएं हैं जो घर की जिम्मेदारी के साथ-साथ देश के लिए भी अपना फर्ज फ्रंट लाइन पर निभा रही हैं। दैनिक भास्कर इस मदर्स-डे पर पंजाब में दो महिला अफसरों के बारे में बता रहा है जो ड्यूटी के साथ घर की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। यह हैं रोपड़ की डीसी सोनाली गिरी और नवांशहर की एसएसपी अलका मीणा। सोनाली गिरी के पति विपुल उज्जवल भी आईएएस हैं। इस समय वह जॉइंट डवलपमेंट कमिशनर चंडीगढ़ में तैनात हैं। एसएसपी अलका मीणा के पति कुमार अमित पटियाला के डीसी हैं। दाेनाें अधिकारी 24 घंटे काम कर रही हैं पढ़िए दोनों की कहानी.....

जिम्मेदारी बड़ी है, 15 घंटे बाहर रहती हूं,11 माह के बेटे को फीडिंग भी नहीं करा पा रही

मेरा 11 माह का एक बेटा और एक 8 साल की बेटी है। दोनों बच्चों को महिला मेट ही संभालती हैं। इन दिनों इतनी व्यस्त हूं कि 11 माह के बेटे को अपना दूध भी नहीं पिला सकती। रोज सुबह 9 बजे घर से निकल जाती हूंलेकिन अगर कोई एमरजेंसी हो तो जल्दी जाना पड़ता है। घर लौटने का कोई समय नहीं है। कभी-कभी लंच के लिए 4 बजे घर आती हूं। जिस दिन गांव चतामली में संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई थी तब रात को 2:30 बजे घर लौटी थी। नॉर्मल जब से कर्फ्यू लगा है, रात को 9 बजे के करीब घर आ जाती हूं। तब तब बेटा तो सो जाता है। लेकिन बेटी इंतजार करती है। फिर फ्रेश होकर ही बेटी से मिलती हूं। बेटी पूछती है मां इतनी देर तक क्या काम करती रहती हो तब उसे बताती हूं कि तेरे जैसे बच्चों को घर भेज रही हूं।सोनाली गिरी, डीसी रोपड़ ने जैसासंदीप वशिष्ट को बताया

घर आती हूंतो 25 मीटर पहले गाड़ी से उतरती हूं,ताकि बेटा गले न लगे

पंजाब में सबसे पहले कोरोना महामारी से हमारा जिला नवांशहर ही प्रभावित हुआ था। पंजाब में पहला हॉट स्पॉट बनने के बाद हमारे ऊपर काफी जिम्मेदारियां बढ़ गई थीं। रोज सैकड़ों लोगों के संपर्क में आती हूंलेकिन इसके बावजूद घर में एक मां का फर्ज भी निभा रही हूं। मेरा 5 साल का बेटा है। मैं पहले जब भी काम खत्म कर घर पहुंचती थी तो बेटा गाड़ी की आवाज सुन दौड़े चला आता था। तब उससे नहीं मिलती थी। अब जब घर लौटती हूं तो बेटा सीधे मेरे पास न आ जाए, इसलिए गाड़ी कोठी में ले जाने से 25 मीटर पहले रुकवा देती हूं। बेटे से मिलने से पहले वर्दी बदलती हूं, फिर जूते उतारती हूं. बाद में फ्रेश होने के बाद उसके पास जाती हूं।अलका मीणा, एसएसपी नवांशहर ने जैसा अमित शर्मा को बताया



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Salute to these 2 women Corona warriors who fought for 24 hours on the front line regarding the epidemic




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20 घंटे की ड्यूटी, घर पहुंचने पर बेटी मेरी ओर दौड़ती है; संक्रमित न हो इसलिए दूर से हेलो बोलती हूं, मुझे देखकर नानी की गोद में सो जाती है

कोरोना संकट की घड़ी में पुलिस, हेल्थ और जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी घर-परिवार छोड़कर समाज सेवा में लगे हैं। ऐसी ही एक आईएएस महिला अधिकारी शीना अग्रवाल हैं। शीना जालंधर स्मार्टसिटी की सीईओ हैं और जिला प्रशासन ने उन्हें 2000 क्वारेंटाइन बेड और हेल्थ से संबंधित कई कमेटियों का नोडल ऑफिसर बनाया गया हैं। उनकी बेटी श्रव्या एक साल की है, ऐसे में उन्हाेंने मां की ममता के बजाय सामाज सेवा का फर्ज ऊपर रखा। हर दिन वह सेंटरों का निरीक्षण और मरीजों से मिलती हैं। 18 से 20 घंटे बाद घर जाती हूं तो बेटी संक्रमित न हो इसलिए दूर से हैलो बोलती हूं। मुझे देखने के बाद बेटी नानी की गोद में सो जाती है।

बेटी से मिलने से खुद को रोकना मुश्किल होता है, लेकिन फंसे लोग भी हमारा परिवार हैं

शीना जालंधर स्मार्टसिटी की सीईओ भी हैं। शीना बताती हैं कि कभी-कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि देर रात तक मीटिंग के बाद जब मैं घर वापस आती हूं तो बेटी के पास जाकर सोचती हूं कि बात करूं, लेकिन उसी समय कोई जरूरी फोन आ जाता है और जब तक बात करके फ्री होती हूं, बेटी देखते ही देखते सो जाती है। ऐसे समय मेें खुद को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है। सुबह फिर जल्दी उठकर काम में लगना, बीते 45 दिन से ऐसे ही पूरी दिनचर्या चल रही है।
मां को यमुनानगर से बुलाया ताकि ड्यूटी निभा सकूं

अपने फर्ज को निभाने के लिए शीना ने बेटी की देखरेख के लिए हरियाणा के यमुनानगर से मां को बुला लिया। अब श्रव्या की नानी ही उसकी देखरेख करती हैं। इस समय मेरी मां मेरी बेटी की भी मां गई हैं। शीना 2012 की पंजाब कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। बेटी छोटी है, उन्हें अंदाजा नहीं था कि कोरोना के चलते स्थितियां इतनी गंभीर हो जाएंगी। लेकिन उन्होंने अपने मातृत्व के साथ ही फर्ज को भी अहमियत दी।

जालंधर से कोरोना को भगाने के बाद बेटी से मिलूंगी

शीना अधिकारी के रूप में अत्यंत्र सहज हैं और एक मां के रूप में बहुत संवेदनशील हैं। उनका कहना है जालंधर से कोरोना को भगाने के बाद ही बेटी से मिलूंगी। जब हमारे डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा लोगों की सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं तो वह अपना योगदान क्यों नहीं दे सकतीं। उनके फर्ज को निभाने में उनके आईएएस पति संयम अग्रवाल का रोल अहम है। वह भी इस समय लुधियाना जिले में स्मार्टसिटी के सीईओ हैं।



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20 hours duty, daughter rushes towards me when I get home; Do not get infected so I say hello from a distance, I fall asleep on my grandmother's lap




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पंचकूला डीसी ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए माता मनसा देवी मंदिर में हवन-यज्ञ किया

कोरोना संक्रमण से प्रभावित मरीजों की संख्या अब शहर में तेजी से बढ़ने लगी है। शहर में कोरोना टेस्टों की गति काफी कम होने से अब ज्यादा प्रभावित लोग सामने आ रहे है। प्रशासन की ओर से संक्रमण को रोकने के लिए जाे दावा किया जा रहा हो लेकिन पिछले 10 दिनों में एकाएक मरीजों की संख्या ज्यादा हो गई है।

टेस्ट हुए

अधिकारिक डाटा के अनुसार शहर में अभी तक 2055 लोगों के टेस्ट किए गए है जिनमें से 170 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। शहर में 12 लाख से ज्यादा की जनसंख्या है। शहर इस समय रेड जोन में है। फिर भी टेस्टों की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा है।

पंचकूला डीसी ने जिले के लिए किया हवन-यज्ञ

जिले को कोरोना वायरस फ्री रखने के लिए पंचकूला के डीसी मुकेश कुमार आहुजा ने माता मनसा देवी मंदिर में हवन-यज्ञ किया। डीसी ने कहा प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बेहतर प्रयास का नतीजा है कि जिले में 18 केस थे और उसमें से 17 कोरोना पॉजिटिव ठीक होकर घर वापिस चले गए। शुक्रवार को राजीव कॉलोनी में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उस एरिये को पूरी तरह सील कर दिया गया है और वहां के लोगों की मूवमेंट पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। वहां के लोगों के लगातार सैंपल लिए जा रहे हैं। ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें।

बापूधाम के युवक सेक्टर-29 में रह रहे थे,पुलिस ने पकड़ा

शहर की बापूधाम कॉलोनी से सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए है। ऐसे में इस कॉलोनी में रहने वाले 7 युवक सेक्टर-29 में रहने आ गए। सेक्टर के लोगों ने जब इन युवकों को देखा तो पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने पहुंच कर युवकों को पकड़ा। इस समय बापूधाम कॉलोनी एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया। इस एरिया से निकल कर सेक्टर-29 में युवक कैसे पहुंच गए। पुलिस और सीआरपीएफ ने कॉलोनी को चारों तरफ से घेरा हुआ है लेकिन फिर भी यहां से निकल कर लोग अन्य स्थानों पर जा रहे है। ऐसे में काेरोना संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है।

पंचकूला की राजीव कॉलोनी में संक्रमण

राजीव कॉलोनी में एक कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आ चुके हैं। शुक्रवार की देर रात ही राजीव कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी और बुढ़नपुर एरिया के लोगों की मूवमेंट को ब्लॉक कर दिया गया। कॉलोनी के सामने की चंडीगढ़-जीरकपुर की सड़क को पुलिस ने पूरी तरह से सील कर दिया है। इसके अलावा जिस जगह से कोरोना पॉजिटिव केस आया है वहां के आसपास के करीब 150 घरों को कंटोनमेंट जोन डिक्लेयर कर पूरी तरह से सील कर दिया है।



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पंचकूला में लोगों की जांच करती मेडिकल टीम, इस समय राजीव कॉलोनी में एक पॉजिटिव केस आया है।




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सीबीएसई 10वीं और 12वीं की कॉपियों का मूल्यांकन आज से घर से ही करेंगे टीचर, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

सीबीएसई 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं की तिथि घोषित करने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आयोजित हो चुके पेपरों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन आज से शुरू हो रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को कहा कि देश भर के 3000 सीबीएसई स्कूलों को 10वीं और12वीं बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन केंद्र के तौर पर चिह्नित किया गया है।

जिन विषयों की बोर्ड परीक्षापहले हो चुकी है, उनकी 1.5 करोड़ उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के घर पर भेजी जाएंगी।मूल्यांकन का काम शिक्षक अपने-अपने घरों में करेंगे। सभी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 50 दिन के भीतर पूरा होगा। 3000 मूल्याकंन केंद्रों से उत्तर पुस्तिकाएं शिक्षकों के घर रविवार से भेजी जाएंगी। इसके बाद अध्यापक इनका मूल्यांकन करेंगे और 50 दिन के अंदर ही करेंगे।

3000 मूल्याकंन केंद्रों से आज से भेजी जाएंगी उत्तर पुस्तिकाएं

गृह मंत्रालय से मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी मिलने के बाद रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा- माननीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए आप सभी को यह सूचित कर रहा हूं कि आज स्टूडेंट्स के हित में, गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार देश के 3000 सीबीएसई स्कूलों को मूल्यांकन केंद्र के रूप में चिह्नित किया गया है।

मुझे विश्वास है कि हम 173 विषयों की 1.5 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जल्दी करेंगे और जैसे ही 29 विषयों की परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच में संपन्न होगी, उनके मूल्याकंन के बाद शीघ्र ही परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। बतां दे कि आमतौर पर शिक्षकों को कॉपियां चेक करने के लिए मूल्यांकन केंद्र बुलाया जाता है लेकिन इस बार कॉपियां मूल्यांकन केंद्रों से उनके घर भिजवाईं जाएंगी।

सीबीएसई 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाएं 1 जुलाई से होंगी
इससे पहले शुक्रवार को एचआरडी मंत्रालय ने सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा कर दी थी। सीबीएसई 10वीं 12वीं की शेष परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित होंगी। सीबीएसई ने नई परीक्षा तिथियां जेईई मेन और नीट एग्जाम के शेड्यूल को ध्यान में रखकर तय की हैं। जेईई मेन परीक्षा 18 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई तक होगी। वहीं, नीट यूजी 2020 का आयोजन 26 जुलाई 2020 को किया जाएगा इससे परीक्षाओं को लेकर चल रहा छात्रों में असमंजस खत्म हो गया।



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CBSE 10th and 12th copies will evaluate teachers from home from tomorrow, home ministry gives approval




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सोनालिका ट्रैक्टर्स और हीरो साइकिल के बाद अब एवन साइकिल जैसी कई बड़ी इंडस्ट्रीज में काम शुरू

कोरोना महामारी के चलते पिछले करीब डेढ़ महीने से देशभर के लॉकडाउन के साथ पंजाब भी कर्फ्यू में लगा है। हालांकि, सूबे में बीते कुछ दिनों में इंडस्ट्री में काम शुरू हो गया। इसके चलते दो जून की रोटी के जुगाड़ की चिंता में बैठे हजारों प्रवासी कामगारों की चिंता खत्म हो गई है। दूसरी ओर राज्य में अब तक 1779 लोग संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 31 की जान भी चली गई है। नांदेड़ से लाए गए श्रद्धालुओं में पहली मौत का मामला शनिवार को लुधियाना से सामने आया है।

पूरी क्षमता से नहीं हो पा रहा है उत्पादन
कर्फ्यू की पाबंदियों के बीच पंजाब में उद्योगों का पहिया घूमने लग गया है, जिसके चलते काफी श्रमिकों को काम मिल गया। होशियारपुर की सोनालिका टैक्‍टर्स और लुधियाना में हीरो साइकिलके बाद शनिवार को भले ही पूरी क्षमता से न सही, पर एवन साइकल लिमिडेट में भी काम शुरू हो गया है। यहां 1400 में से 800 कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। इसी तरह पटियाला के नाभा में प्रीत एग्रो इंडस्ट्रीज में भी उत्‍पादन शुरू हो गया है, वहीं जालंधर में करीब दो हजार इंडस्ट्रीज में काम शुरू हो गया है।

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जाने के लिए पटियाला रेलवे स्टेशन पर पहुंचे प्रवासी मजदूर। इन्हें बसों में यहां छोड़ा गया था।

पटियाला से तीसरी विशेष ट्रेन में 1400 यात्री यूपी के सुल्तानपुर रवाना, आज अंबेडकर नगर जाएगी ट्रेन
पटियाला से अपने घरों को वापस जाने के उत्तर प्रदेश के 1400 बाशिंदों को शनिवार रात तीसरी विशेष रेलगाड़ी के जरिये सुल्तानपुर भेजा गया। डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित ने बताया कि पटियाला रेलवे स्टेशन से करीब 1400 यात्री लेकर रवाना हुई यह रेलगाड़ी सुल्तानपुर जाएगी। इन्हें पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और आसपास से बसों में स्टेशन तक पहुंचाया गया था।10 मई को एक विशेष रेलगाड़ी अंबेडकर नगर के लिए भेजी जाएगी और शाम को उत्तराखंड के निवासियों को 19 बसों से रवाना किया जाएगा।
बठिंडा से प्रवासियों को गृहराज्य पहुंचाने के लिए आज चलेंगी दो स्पेशन ट्रेन
राज्यभर में अपने घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके 10 लाख श्रमिकों में बठिंडा से भी काफी लोग शामिल हैं। रविवार सुबह 11 बजे बिहार के 1500 श्रमिकों को लेकर रवाना हो चुकी है, वहीं शाम 5 बजे दूसरी ट्रेन झारखंड के 1500 लोगों को लेकर जाएगी। स्टेशन अधीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि एक ट्रेन में 24 बोगियां होंगी और दोनों ट्रेनों को मिलाकर 48 बोगियां है। वहीं एसडीएम अमरिदर सिंह टिवाणा ने बताया कि मजदूरों को घर भेजने में आना वाला खर्च बठिंडा प्रशासन की तरफ से किया जाएगा।

जालंधर में अब किताबों की होगी होम डिलीवरी, ऑनलाइन करना होगा ऑर्डर
जालंधरने अब किताबों और स्टेशनरी की भी होम डिलीवरी की मंजूरी दे दी है। जालंधर के जिला मजिस्ट्रेट वरिंदर कुमार शर्मा ने शनिवार देर रात आदेश जारी करते हुए कहा कि दुकानदारों को इनके ऑर्डर ऑनलाइन ही लेने होंगे। होम डिलीवरी करने वाले व्यक्ति को सैनिटाइजर, मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करना होगा। दुकानदारों को किताबें और स्टेशनरी को सैनिटाइज करने के बाद ही होम डिलीवरी के लिए भेजना होगा। अभिभावक भी सैनिटाइज करने के 24 घंटे बाद ही बच्चों को दें।
फेसबुक पर लाइव हुए लुधियाना के पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल, बताया-कौन-कौन सी दुकानें खोली जाएं
लुधियाना शहर में जरूरी चीजों के साथ-साथ अब अन्य दुकानें भी खुल गई। हालांकि इसके चलते शहर की सड़कों पर एकाएक भीड़ भी बढ़ गई। लुधियाना के पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल का कहना है कि जिन दुकानों को खोलने की मंजूरी नहीं दी गई है, वह खोली नहीं जा सकती। लोगों को जरूरी सामान मिलता रहे इसके लिए मेडिकल स्टोर, किराना, बेकरी और दूध की दुकानें खोलने की मंजूरी दी गई है। पंखे-कूलर, खिलौने, क्रॉकरी, आटो पा‌र्ट्स की दुकानें नहीं खोली जा सकती। अभी होटल और रेस्टोरेंट से केवल होम डिलीवरी की ही मंजूरी दी गई है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जैसे-जैसे हालात सामान्य होंगे, प्रशासन दुकानें खोलने के लिए खुद राहत प्रदान करेगा, लेकिन बिना अनुमति के दुकान खोलने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी।



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लुधियाना की एवन साइकिल लिमिटेड की एक इकाई में काम करते कर्मचारी। इससे पहले हीरो साइकिल समेत राज्य में कई औद्योगिक इकाइयां में श्रमिक काम पर लौट चुके हैं।