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चोरी के मामले में पंचायत समिति सदस्य गिरफ्तार

बुहाना पंचायत समिति के वार्ड चार से सदस्य सरजीत डूडी उर्फ रिंकू को पुलिस ने चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है। वह बुहाना के हीरवा-सिलारपुरी क्षेत्र से पंचायत समिति सदस्य है। उसके साथी ठिंचौली निवासी रोहिताश्व को भी पकड़ा गया।

दोनों के कब्जे से पानी की तीन मोटरें व एक बिना नंबरी बोलेरो जीप जब्त की है। पानी की ये मोटरें शहर की चौधरी कॉलोनी के घरों से शुक्रवार देर रात तीन बजे ही चुराई गई थी। चिड़ावा की चौधरी कॉलोनी स्थित धर्मकांटे वाली गली में अमित ढाका, कपिल जांगिड़ और विजयपाल चौधरी के घर से शुक्रवार रात चुराई थी। चौकी प्रभारी बलबीर चावला की अगुवाई में कांस्टेबल संदीप गांधी, अमित, महावीर और महेंद्र की टीम ने इन्हें गिरफ्तार किया।



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बिहारीलाल ने सीएचसी के लिए दिए 500 मास्क

वार्ड पांच निवासी बिहारीलाल स्वामी ने सीएचसी के लिए 500 मास्क चिकित्सा प्रभारी डॉ. धर्मवीर स्वामी को प्रदान किए। स्वामी ने बताया कि कोरोना महामारी तक सीएचसी में कोरोना की जांच करवाने आने वाले सभी संदिग्ध लोगों के साथ ही टीबी रोगियों को भी वे निशुल्क मास्क उपलब्ध करवाएंगे।



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Bihari Lal gave 500 masks for CHC




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सूरजगढ़ में अब सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक दुकानें खोलने पर सहमति

कस्बे के अनाज मंडी व्यापार संघ व प्रशासन की शनिवार को हुई बैठक में दुकानों को खोलने का समय निर्धारित किया गया।

उपखंड अधिकारी कार्यालय में एसडीएम अभिलाषा पूनिया, तहसीलदार बंशीधर योगी, डीएसपी आरपी शर्मा, व्यापार संघ के अध्यक्ष सीताराम उरीकावाला, बृजलाल गाडोदिया, सीताराम जिंदल, बृजमोहन बुहानावाला आदि की उपस्थिति में हुई बैठक में लॉकडाउन के दौरान कस्बे में खाद्य, किराणा व सरकारी गाइड लाइन के अनुसार खुलने वाली दुकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक खोलने का निर्णय लिया गया।



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चूरू में कोरोना से पहली मौत : फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित था 33 वर्षीय युवक, सुबह मौत, शाम को आई पॉजिटिव की रिपोर्ट

जिले में कोरोना से पहली मौत से हड़कंप मच गया है। 33 वर्षीय युवक सालासर उप तहसील के गांव अणखोल्या का था, जिसकी जयपुर में उपचार के दौरान शनिवार तड़के मौत हो गई। शाम को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। सीएमएचओ डॉ. भंवरलाल सर्वा ने बताया कि युवक को सर्दी-जुकाम से निमोनिया हो गया था, जिससे फेफड़े संक्रमित हो गए। अब जिले में संक्रमितों की संख्या 17 तक पहुंच गई है, इनमें उक्त युवक की मृत्यु भी शामिल है। हालांकि इनमें से 14 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। मृतक युवके के परिजनों का कहना था कि युवक के फेफड़ों में संक्रमण था।

परिजनों व डॉक्टराें का कहना है कि युवक ने एक मई को कुंड का काम शुरू किया, इस दौरान पसीने में पानी पीने से उसकी तबीयत बिगड़ गई। 2 मई को डूंगरास में चैकअप कराया और दवा ली। इसकी बाद में 3 मई को बड़ाबर पीएचसी में दिखाया। 7 मई को खुड़ी निजी वाहन से दिखाने गए। 8 मई को निजी वाहन से सीकर गए। वहां एसके अस्पताल से सांवली रखा गया और यहां रात को 11.30 बजे जयपुर रैफर कर दिया, जहां से उसे जयपुर ले गए। उसके साथ निजी वाहन ड्राइवर, चचेरा लड़का व साला थे।



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First death from corona in Churu: 33-year-old man suffering from lung disease, morning death, evening positive report




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इस साल 63 में से 36 दिन भी नहीं बजेगी शहनाई

कोरोनावायरस की चेन तोड़ने के लिए लगाए गए लॉक डाउन ने अप्रैल माह के सारे विवाह मुहूर्त तो व्यर्थ कर ही दिए हैं। लेकिन मई-जून में जो मुहूर्त है उसे भी संक्रमण को देखते हुए टाल दिए गए हैं।
एक जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। यानी 25 नवंबर को एकादशी के मौके पर ही शहनाई बजेगी। नवंबर माह में 2 दिन और दिसंबर माह में 7 दिन मुहूर्त रहेगा। इस साल 63 में से 36 दिन भी शहनाई नहीं बज पाएगी। इसके बाद अगले साल अप्रैल 2021 तक विवाह मुहूर्त के लिए इंतजार करना होगा। ज्योतिषाचाचार्य अमित शास्त्री ने बताया कि अगले साल जनवरी से मार्च तक गुरु व शुक्र ग्रह अस्त रहने पर कोई मुहूर्त नहीं रहेंगे। लॉक डाउन बढ़ने से मई व जून माह में कोई भी विवाह होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। हालांकि अनुमति मिलने पर कुछ विवाह चंद रिश्तेदारों की मौजूदगी में हो सकते हैं।
नवंबर व दिसंबर के बाद तीन माह का इंतजार
पंडित पाशास्त्री के अनुसार 29 मई तक 5, 30 जून तक 8 विवाह मुहूर्त है। इसके बाद नवंबर माह देवउठनी एकादशी पर 26 व 27 नवंबर को विवाह मुहूर्त है। जबकि दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 8, 9 व 11 तारीखों को विवाह के मुहूर्त रहेंगे। इस तरह नवंबर दिसंबर में देवउठनी एकादशी को शामिल किया जाए तो विवाह मुहूर्त कुल 10 रहेंगे। पंडितों के अनुसार जिन तिथियों को विवाह नहीं हो पाएंगे, उन्हें अप्रैल 2021 तक इंतजार करना पड़ेगा।पंडितों के अनुसार 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी मुहूर्त वाला दिन होने के कारण विवाह हो सकते हैं। पंडितों के अनुसार अगले साल 22 अप्रैल 2021 से दिसंबर 2021 तक करीब 46 विवाह मुहूर्त रहेंगेl



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This year, out of 63, shehnai will not be played for 36 days




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दूसरे प्रदेशाें से लाैटे प्रवासियाें की पहचान के लिए कल से सर्वे

काेराेना संक्रमण काे लेकर जिले में लाैटने वाले प्रवासियाें की पहचान के लिए चिकित्सा विभाग की 1474 टीमें घर-घर जाकर इनकी पहचान करेंगी। इसके लिए 11 मई से सर्वे का काम शुरू हाेगा।

इस काम में जिले की करीब 4500 एएनएम, आशा, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका काे लगाया गया है। जिले में तीसरी बार हाे रहा है। सीएमएचओ डाॅ. छाेटेलाल गुर्जर ने बताया कि जिले में दूसरे प्रदेशाें से अा रहे प्रवासियाें की 41 चैक पाेस्ट बनाकर स्क्रीनिंग और पंजीकरण का काम हाे रहा है। लेकिन कई कस्बाें में प्रवासियाें के छिपकर आने की जानकारी मिल रही है।

इसकाे लेकर कलेक्टर यूडी खान ने इनकी पहचान करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए साेमवार से जिले में तीसरे दाैर का सर्वे शुरू हाेगा।



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लॉकडाउन में वेतन नहीं देने और नौकरी से हटाने की मांगी जानकारी

श्रम प्रवर्तन अधिकारी केंद्रीय भीलवाड़ा ने अणुशक्ति श्रमिक संघ महामंत्री कालूराम गर्ग से कंपनियों की सूची, दस्तावेज के संबंध में जानकारी मांगी है। जिसमें ऐसे श्रमिकों को लॉकडाउन के दौरान वेतन भुगतान नहीं किया गया है। नहीं भेजकर केवल कंपनियों के नाम के साथ श्रमिकों की संख्या लिख दी गई है। उन्होंने कंपनियों का नाम, पता, एनपीसीआईएल की इकाई सहित ऐसे श्रमिकों की सूची, जिसमें उसका नाम, पता, पद, बकाया मजदूरी आदि तथ्य समाहित हो, जिनको लॉकडाउन अवधि की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। लॉकडाउन अवधि में नौकरी से निकाल दिया गया है, इसकी सूची भेजने के लिए कहा है। इसके लिए किसी श्रमिक ने कोरोना से उत्पन्न लॉकडाउन अवधि में वेतन भुगतान नहीं करने, नौकरी से निकाले जाने की लिखित में शिकायत की हो तो उसकी प्रति संलग्न कर प्रेषित की जाए। जिससे शिकायत पर अग्रिम कार्यवाही जा सके।



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शिमला में देशी कट्टा लेकर घूमते पकड़ा

पुलिस ने शुक्रवार देर शाम को देशी कट्टा लेकर घूम रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। सीआई शीशराम मीणा ने बताया कि मेहाड़ा चौकी प्रभारी राजवीर सिंह पुलिस दल के साथ शाम को हरियाणा सीमा पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि खानका जोहड़ शिमला में हनुमान मंदिर के पास एक व्यक्ति देशी कट्टा लेकर घूम रहा है।

सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो आरोपी टीम को देखकर भागने लगा। पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी शिमला निवासी भूपसिंह को पकड़कर तलाशी ली तो उसके पास देशी कट्टा पाया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर देशी कट्टे को जब्त कर लिया। पुलिस पता लगा रही है कि कट्‌टा कहां से लाया।



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कंटेनमेंट जोन में सभी प्रकार की दुकानें व आवागमन रहेगा बंद

दो संक्रमित पाए जाने के बाद वार्ड 7, 8, नौ, 10, 11, 12, 16, 17, 18 व 26 के सभी लोग अब घरों में ही रहेंगे। बिना किसी जरूरी काम के बाहर नहीं घूमंेगे। इन वार्डों को कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाने के बाद वार्डों की सभी गलियों को पुलिस के जवानों की उपस्थिति में लकड़ी बल्लियां लगाकर गलियों को बंद किया गया। चिकित्साकर्मी, पुलिसकर्मी, एंबुलेंस इन क्षेत्रों में जाने के लिए स्वीकृत है।
राशन : इन वार्डों में सभी दुकानें बंद रहेगी। यहां होलसेल भंडार की वैन के जरिए राशन का सामान उपलब्ध कराया जाएगा। फोन कर के भी वैन के जरिए सामान मंगवा सकेंगे।
सब्जी : ठेलों के जरिए इन वार्डों में सब्जी की उपलब्धता करवाई जाएगी। वार्डों में सब्जी के ठेलों को जाने की अनुमति होगी। ठेले पर5 से ज्यादा लोग खड़े नहीं हो सकेंगे।
दूध : दूध की सप्लाई भी घर-घर होगी। साइकिल, बाइक से आने वाले दूधवाले इन वार्डों में घर-घर दूध की सप्लाई दे सकेंगे।



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आज अलग-अलग समय पर खुलेंगे मार्केट, व्यापारी निकाल सकेंगे सामान

लॉकडाउन, कर्फ्यू एरिया के प्रमुख बाजार बंद होने से दुकानों में सामान खराब होने की आशंका के चलते जनरल मर्चेंट एसोसिएशन ने स्पीकर ओम बिरला को व्यापारियों की समस्या से अवगत कराया।
बिरला ने कर्फ्यू एरिया की दुकानों से माल निकालने की अनुमति दिलवाकर व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। साथ ही जीएमए अध्यक्ष राकेश जैन ने कलेक्टर ओम कसेरा से वार्ता कर महाकर्फ्यू एरिया को छोड़कर कर्फ्यू इलाकों से पुनः माल निकालने की अनुमति प्राप्त की है। जीएमए अध्यक्ष राकेश जैन ने बताया कि इन 29 एरिया में अधिकतर होलसेल खाद्य सामग्री व आवश्यक वस्तुओं की दुकानें हैं। जहां के व्यापारी पुनः लॉक डाउन से अपने माल के खराब होने से चिंतित थे। इसके लिए राकेश जैन व महामंत्री रमेश आहूजा कलेक्टर से मिले। कलेक्टर के आदेश पर डीएसपी रामकल्याण मीणा से आज-अलग अलग समय में माल निकालने की सहमति की। सुबह 9 से 11 तक जीएमए प्लाज़ा, जवाहर मार्केट, राजानी मार्केट, जेपी मार्केट, साइमन प्लाजा, इलेक्ट्रिक मार्केट, कैनाल रोड से सामान निकाला जा सकेगा।



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कैंटीन में भीड़ से बचने के लिए एक दिन पहले ही फाेन पर कराएं पंजीयन

काेराेना से बचाव व साेशल डिस्टेंस के लिए अब हर काेई जागरूक हाेने लगा है। सैनिक परिवाराें के लिए संचालित सीएसडी कैंटीन में भीड़भाड़ से लाेगाें काे बचाने के लिए फाेन पर ही एक दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराकर टाेकन लिया जा सकता है। दरअसल झुंझुनूं सैनिकाें का जिला है।

यहां भीड़ की संभावना अधिक रहती है। काेराेना काे मात देने के लिए साेशल डिस्टेंस जरूरी है। इसकाे मद्देनजर रखते हुए सीएसडी कैंटीन में अब सैनिक परिवार फाेन पर एक दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराकर अपना टाेकन नंबर ले सकते है। अगले दिन आते ही वह व्यक्ति अपना टाेकन लेकर सामान खरीदकर जा सकता है।

यहां कराएं रजिस्ट्रेशन

सीएसडी कैंटीन प्रभारी कैप्टन महेंद्र झाझड़िया ने बताया कि कैंटीन के नंबर 01592 236814 व माेबाइल 8696073088 पर सुबह नाै से 11 बजे तक फाेन करके रजिस्ट्रेशन कराकर टाेकन नंबर लिए जा सकते है।

समय की बचत व संक्रमण की संभावना कम रहेगी

कैंटीन प्रभारी कैप्टन महेंद्र सिंह झाझड़िया ने बताया कि सैनिक परिवाराें की सुविधा काे देखते हुए यह व्यवस्था की गई है। उन्हाेंने बताया कि फाेन करने वाले काे उसी समय टाेकन नंबर बता दिए जाएंगे। उन्हाेंने बताया कि काेराेना के संक्रमण काे राेकने के लिए कैंटीन में रेड कलर के दाे - दाे मीटर की दूरी पर गाेले बनाए गए। उनमें खड़े रहकर साेशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा सके। कैंटीन आने वाले का मैनगेट के बाहर की साबुन से हाथ धुलवाने, सेनिटाइजर का उपयाेग करने काे कहा जाता है।



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इंटक ने की दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की तनख्वाह-भत्तों के भुगतान की मांग

राजस्थान अणुशक्ति परियोजना कर्मचारी संघ इंटक ने राजस्थान परमाणु बिजलीघर के स्थल निदेशक को इकाई 1 से 8 में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का लॉकडाउन अवधि का वेतन, भत्तों का भुगतान करने की मांग की है।
पत्र में बताया कि श्रमिकों को नौकरी से नहीं हटाया जाए। इस अवधि के वेतन, भत्तों का भुगतान करने के आदेश दिए गए है। इसके लिए भारत सरकार, राजस्थान सरकार ने एडवाइजरी ने निर्देश दिए थे। इस अवधि में रहने, खाने की व्यवस्था के भी निर्देश दिए थे। लेकिन परमाणु बिजलीघर इकाई 1 से 8 में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को वेतन और भत्तों का भुगतान नहीं किया गया। श्रम मंत्रालय सचिव, मुख्य श्रमआयुक्त नई दिल्ली के पत्रों को प्रसंज्ञान में लाते हुए किसी भी श्रमिक का वेतन, अवकाश की कटौती नहीं की जाएगी। इसके लिए बैठक हुई। जिसमें इंटक प्रदेश महांमत्री नरोत्तम जोशी, इंटक अध्यक्ष नवल वर्मा, महासचिव डीएस राठौड, आरके भाटी, एसएस नागर, रामराज मीणा, गणपत मेघवाल, आशीष पारेता, दीपक आंजना, संजय शर्मा, पुष्का सेन, एसके आमेठा, एलएस चुंडावत, भैरू बारेशा, जयसिंह, सलीम शेख, पवन जैन, दीपचंद डांगी मौजूद थे।



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थोक सब्जीमंडी कल से साबू क्रीड़ांगन में लगेगी

शहर की सब्जीमंडी में भीड़ बढ़ने से सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पा रही थी। ऐसे में प्रशासन ने लॉकडाउन की पालना करवाने के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब सोमवार से थोक सब्जीमंडी साबू क्रीड़ागन में लगाई जाएगी। प्रशासन के आदेशों के बाद नगरपालिका ईओ पंकज मंगल ने पूरी प्लानिंग को शनिवार को ही अंतिम रूप दे दिया। थोक मंडी में सुबह 7 से साढ़े 9 बजे तक ही खरीददारी हो सकेगी। वहीं, मुख्य सब्जीमंडी की व्यवस्था यथावत रहेगी। ये सब्जीमंडी रोजाना की तरह दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक खुली रहेगी।
प्रशासन का मानना है कि ऐसा करने से दोनों जगहों पर भीड़ में कमी आएगी। थोक मंडी को शिफ्ट करने के लिए पालिकाध्यक्ष हेमलता शर्मा ने प्रशासन को ये सुझाव दिया था। प्रशासन ने इस सुझाव को बेहतर माना और इसे लागू करने के आदेश जारी किए दिए। पालिका प्रशासन ने भी प्रशासन के आदेश मिलने के बाद इस योजना पर काम शुरू कर अंतिम रूप भी दे दिया। पालिकाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि हम अच्छे काम के लिए प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे।
अब सब्जीमंडी में भी आने से कतरा रहे लोग
भास्कर पड़ताल में सामने आया कि प्रशासन द्वारा वाहनों पर पाबंदी लगाने के बाद आमजन सब्जीमंडी में पहले की तरह आने से कतरा रहे हैं। पैदल ही मंडी आने के कारण लोग अब घरों पर पहुंच रहे ठेलों से सब्जियां खरीदना ज्यादा ठीक समझ रहे हैं। प्रशासन का वाहनों को बंद करने का निर्णय अब पूरी तरह से कामयाब होते दिख रहा है। इस निर्णय से बाजारों में लोगों का आवागमन बंद हो गया है, लेकिन जरूरी काम से ही लोग बाजार आ रहे हैं। भास्कर ने प्रशासन के इस निर्णय के बारे में लोगों से बात की तो उनका कहना था कि कोरोना से जंग जीतने के लिए सख्ती जरूरी है, हम इस प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करेंगे।
अब दो सब्जीमंडी लगाने का निर्णय लिया है। मुख्य सब्जीमंडी अपनी जगह पर दोपहर 12 से 4 बजे तक लगेगी। वहीं, थोक सब्जीमंडी सोमवार से साबू क्रीड़ांगन में सुबह 7 बजे से लगाई जाएगी। यहां ढाई घंटे तक खरीद-फरोख्त हो सकेगी। प्रशासन की आमजन से अपील है कि लॉकडाउन के नियमों पालन करें, ताकि हम कोरोना की जंग जीत सकें। - सीएल मीणा, एसडीएम

पुलिस का पहरा जारी, लापरवाही पर चालान
भास्कर रिपोर्टर ने शहर का दौरा किया तो हर चौराहे और बाजार में पुलिसकर्मी तैनात दिखे। तीसरे दिन भी कुछ लापरवाह वाहन चालक बाजार में पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन पुलिस का पहरा देखकर वे वापस घरों को लौट गए। इस दौरान पुलिस ने जरूरी कार्य से जाने वालों को कागजात देखकर और पुष्टि करने के बाद जाने दिया। वहीं, गांवों से खेती-किसानी के लिए उपकरण खरीदने आए किसानों को भी पुलिस ने रियायत दी। शनिवार को तीन जगहों पर महिलाएं वाहन लेकर बाजारों में घूमती दिखीं। इस पर पुलिस ने उनको रोक लिया, महिलाओं ने अपनी गलती मानी तो उनको जाने दिया। कई वाहन चालकों के चालान भी बनाए।



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ओवरटेक को लेकर विवाद, 6 लोग गिरफ्तार, पाबंद किए

थाना क्षेत्र के गांव दुर्जनपुरा में ओवरलोड को लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को पाबंद किया है। सातलखेड़ी निवासी ट्रैक्टर लेकर जा रहा था, दुर्जनपुरा का एक युवक पीछे से बाइक लेकर आ रहा था। ओवरटेक को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि दुर्जनपुरा के अन्य लोग भी वहां एकत्रित हो गए। वे आपस मे झगड़ पड़े, जिसमें बीच बचाव में दुर्जनपुरा के वृद्ध को चोट आई। अन्य लोगों को भी मामूली चोट आई। पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें सातलखेड़ी का ट्रैक्टर चालक व 1 अन्य व दुर्जनपुरा के 4 लोग शामिल हैं। इनको पाबंद करने के लिए कोर्ट में पेश किया।



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दो पॉजिटिव मिलने के बाद 10 वार्डों के 25 हजार लोग कंटेनमेंट जोन में, अब बाहर से आने वालों को पहले करेंगे क्वारैंटाइन, फिर सैंपलिंग

चूरू शहर को दो कोरोना संक्रमित मिलने का खामियाजा 10 वार्डों के 25 हजार लोगों को भुगतना पड़ेगा। इन वार्डों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर सील कर दिया गया है। दोनों संक्रमित वार्ड 9 व 17 ( पुराने वार्ड 7 व 12) के हैं। अब प्रशासन ने 7, 8, 9, 10, 11, 12, 16, 17, 18 एवं 26 को कंटेनमेंट जोन में शामिल किया है। इस बीच चूरू में 25 दिन बाद शुक्रवार को दो नए संक्रमित मिलने के बाद प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग की आंखें खुल गई है। अब ये तय किया गया है कि दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को बस से उतरते ही पहले क्वारेंटाइन किया जाएगा, इसके बाद उनकी सैंपलिंग होगी। सैंपल निगेटिव होने पर ही उन्हें होम आइसोलेट किया।

खतरा टला नहीं, दो संदिग्धों पर नजर
बीसीएमओ डॉ. अहसान गौरी ने बताया कि दो बस से आए संक्रमितों से खतरा टला नहीं है। एक व्यक्ति संक्रमित के साथ स्लीपर बस में साथ सोते हुए आया, जबकि वार्ड 16 के एक व्यक्ति ने 53 वर्षीय संक्रमित के साथ चूरू आने के बाद घर में साथ भोजन किया। दोनों के सैंपल लिए गए हैं। ये दोनों संदिग्ध हैं।



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After getting two positive, 25 thousand people of 10 wards in the container zone, now they will quarantine those coming from outside, then sampling




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महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई तो रावतभाटा को मिली राहत

चित्तौडगढ़ मार्ग स्थित श्रीपुरा गांव की 45 वर्षीय एक महिला की तबीयत खराब होने पर कोटा रैफर किया था। जिसकी कोरोना की जांच कराई गई तो पहली रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद रावतभाटा में राहत की सांस ली गई। प्रशासन, मेडिकल स्टाफ सभी इसको लेकर चिंतित थे।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को कोटा रैफर करने से पहले रावतभाटा रैफरल अस्पताल में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ ने जांच की थी। महिला को गुरुवार को कोटा रैफर किया गया था। शुक्रवार सुबह महिला के कोरोना जांच के लिए कोटा में सेंपल लिए थे। जांच के बाद कोटा क्वारेंटाइन वार्ड में भर्ती कर दिया था। इसकी रिपोर्ट का दो दिन से इंतजार था। इसका बड़ा कारण यह था कि इस महिला के संपर्क में मेडिकल स्टाफ और कुछ लोग आ गए थे। यहां तक कि मेडिकल स्टाफ को क्वारेंटाइन कर दिया गया था। लेकिन राहत की खबर आई तो सेवा के लिए फिर स्टाफ अस्पताल पहुंच गया।
शनिवार शाम को फिरलिया सैंपल, कोटा है भर्ती
जानकारी के अनुसार महिला की पहली रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद शनिवार को दुबारा दूसरी जांच के लिए सैंपल लिया गया। इसकी रिपोर्ट रविवार तक आएगी। फिलहाल महिला कोटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती है।
आरएपीपी कॉलोनी की महिला की रिपोर्ट भी नेगेटिव
परमाणु बिजलीघर कॉलोनी अणुप्रताप की एक महिला का कोरोना टेस्ट कराया गया था। जिसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। महिला को कोटा जांच के लिए भेजा गया, तब तक कॉलोनी के अणुप्रताप कॉलोनी के उस ब्लॉक में सभी को प्रतिबंधित कर दिया गया था।



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कछुए की खरीद फरोख्त करते दो युवक गिरफ्तार

पुलिस ने छापर बस स्टैंड पर शुक्रवार शाम वन्य जीव कछुए की खरीद फरोख्त करते दो जनों को गिरफ्तार कर शनिवार को कोर्ट के आदेश पर रिमांड पर लिया। एसएचओ राजीव रॉयल ने बताया कि गश्त के दौरान छापर बस स्टैंड पर 26 वर्षीय तारू पुत्र देवाराम बनबावरी निवासी रूपगढ़, दांतारामगढ़, सीकर व 47 वर्षीय राजूराम पुत्र पुनाराम मेघवाल निवासी वार्ड 20, छापर वन्य जीव इंडियन टर्टल (कछुआ) की खरीद फरोख्त कर रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनके पास से एक जिंदा कछुआ बरामद किया। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन के रिमांड पर भेजने के आदेश दिए गए। पुलिस ने बरामद किए गए जिंदा कछुए को वन विभाग को सौंप दिया।



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उन माताओं की कहानी, जिन्होंने देश की बेटी और मां का फर्ज साथ-साथ निभाया

लड़ाई कोरोना के खिलाफ थी, मां को एक बड़ी भूमिका निभानी थी और ममता कितनी ही कोमल क्यों ना हो, पर इस लड़ाई में कठोर हो गई। कोरोना की आंधियों के सामने खुद सुनामी बन खड़ी हो गई। वह हर रुप में थी, कहीं योद्धा बनाकर बेटाें को भेज दिया तो कहीं खुद योद्धा बन गई। आज मदर्स डे पर मां की कहानियों के कुछ ऐसे ही रुप...जिनसे हमने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और अधिक मजबूत बनाया।

कोरोना में ड्यूटी आई तो 6 साल की बेटी को अलग किया

बगड़ निवासी अनिता सैनी एसएमएस जयपुरर के ट्रोमा सेंटर में कोरोना यूनिट में नियुक्त हैं। छह साल की बेटी है। मां के बिना नहीं रह पाती। कोरोना की शुरुआत के साथ ही ट्रोमा सेंटर में ड्यूटी लग गई। संकट यह था कि ड्यूटी के बाद भी घर नहीं जा सकते थे। जाते भी तो बेटी को गले लगाना तो दूर पास भी नहीं जा सकते थे। एक तरफ मासूम बेटी थी तो दूसरी ओर ड्यूटी। मां की ममता को कठोर होना पड़ा। वह जानती थी उनकी ड्यूटी में सेवा ही परम धर्म है। इसलिए बेटी स्वास्तिका को सास के पास छोड़ा। अनिता बताती हैं कि यह पहला मौका है जब बेटी से मिले तीन महीने हो गए, लेकिन आज मेरी जरुरत कोरोना यूनिट को है। इसलिए मैं यहां हूं।

खुद भी लड़ती रही कोरोना से और ढाई साल की बेटी को भी बचाया

कोरोना के खिलाफ इस कहानी के ये किरदार सबसे बड़े हैं। बस इनके नाम नहीं दे रहे। एक मां है और दूसरी उसकी ढाई साल की बेटी। 18 मार्च को इन दोनों के साथ ही मासूम के पिता भी कोरोना पॉजिटिव मिले।

आगे की कहानी खुद मां के शब्दों में पढ़िए….

मेरे लिए वह वक्त बेहद भावुक था जब मासूम बेटी का सैंपल लिया गया। मैं अपनी और मेरे पति की पीड़ा भूल गई। बेटी के कंधे पर एक फोड़ा भी था। मैं जानती हूं उसने कैसे वह दर्द सहन किया।

पहली बार मैने खुद को बेबस पाया। हम लोग एक ही वार्ड में थे। वहां और भी कई पॉजिटिव थे। उन सबके बीच यह अकेली मासूम। मैं दिनरात उसके पास बैठी रहती।

कई बार उसे देखकर रो पड़ती, लेकिन फिर हिम्मत जुटाई। बेटी की पीड़ा देखकर मेरी ममता अब कोरोना के खिलाफ कठोर हो चुकी थी। इसके बाद हम हिम्मत के साथ लड़े। 18 दिन के संघर्ष के बाद आखिर हमारी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई और आज हम तीनों घर पर हैं।

आठ माह की बेटी की परवरिश के लिए छुट्टी ली थी, बीच में ही छोड़ ड्यूटी की

एक कहानी है बिसाऊ थानाप्रभारी रिया चाैधरी की। उनके आठ माह की बेटी है। देखभाल के लिए दो साल का मातृत्व अवकाश ले रखा था। देश के सामने कोरोना संकट आया। आठ माह की मासूम बेटी को मां की ज्यादा जरुरत थी और मां की ममता भी यही कहती थी, लेकिन ममता का यह शब्द देखने में ही कोमल लगता है। वक्त पड़ने पर खुद ब खुद कठोर हो जाता है। रिया चौधरी ने ऐसा ही निर्णय लिया। छुटि्टयां रद्द करवा वे ड्यूटी पर लौट आई। अब मासूम बेटी घर पर है। देखभाल के लिए उन्होंने फतेहपुर से अपनी मां रेशमा देवी को बुला लिया है। रिया चौधरी बताती हैं कि आज देश को मेरी जरुरत है। इसलिए सब कुछ भुलाकर मैं ड्यूटी पर हूं।

मां ने ही डॉक्टर बनाया, कोरोना आया तो कहा-ड्यूटी से मत हटना

झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीडी बाजिया। बचपन गांवों में बीता। उस वक्त गांवों में डॉक्टर नहीं होते थे। सो मां सोनी देवी बाजिया ने इनसे एक ही बात कही। तुम्हे डॉक्टर बनना है। आज सोनी देवी 85 साल की हैं। डॉ बाजिया का नियम है कि वे रोज मां के पास बैठकर घंटों बातें करते हैं। दो महीने पहले ही कोरोना की दस्तक हुई। बातों ही बातों में मां ने कहा, यह बहुत बड़ी महामारी है। तुम्हे इसका इलाज करने का मौका मिले तो पीछे मत हटना। डॉ. बाजिया बताते हैं मां के इन शब्दों ने जैसे मुझे नई शक्ति दी। आज कोरोना यूनिट की टीम में हूं। 15 अप्रेल से घर नहीं गया, लेकिन इस बात की खुशी है कि यहां लाए गए सभी आठ मरीजों को हमने सही करके भेजा। ऐसा प्रदेश में किसी जिला अस्पताल में नहीं हुआ।



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She herself kept fighting with Corona and saved her two and a half year old daughter




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आरएपीपी प्रोजेक्ट का काम शुरू, मजदूर कम होने से आ रही समस्या

कोरोना महामारी संकट के चलते पिछले 45 दिनों से बंद प्रोजेक्ट को शुरू होने की अनुमति मिलने के बावजूद रावतभाटा क्षेत्र के सबसे बड़े प्रोजेक्ट राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना की 7वीं8वीं इकाई का काम शुरू तो हुआ, लेकिन गति धीमी है। यहीं हाल दूसरे बड़े प्रोजेक्ट न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्पलेक्स का है। दोनों निर्माण प्रोजेक्ट को पिछले मंगलवार को प्रशासन ने सीमित श्रमिकों के साथ काम करने की मंजूरी दी थी।
दोनों प्रोजेक्टों में सेनेटाइज भी किया गया, लेकिन परियोजना की विभिन्न ठेका कंपनियों में कार्यरत कई मजदूर काम करने के बजाए घर जाने की जिद पर अड़े हैं। मजदूर श्रमिकों का कहना है कि हमें हमारा भुगतान दिया जाए। हमें हमारे घर जाने की अनुमति भी दी जाए। ऐसे में प्रोजेक्ट शुरू करने पर संकट मंडरा रहा है। उधर, ठेका कंपनियां और परमाणु बिजलीघर के अधिकारी इस कोशिश में हैं कि काम शुरू हो जाए तो मजदूरों को काम मिल जाएगा और प्रोजेक्ट को भी गति मिलेगी, लेकिन अधिकांश मजदूरों के घरों से आ रहे फोन के कारण लोग घर जाना चाहते हैं। परमाणु बिजलीघर के अधिकारी भी समझा रहे हैं कि अभी काम शुरू हो गया है, रोजगार नहीं छोड़ें, भुगतान की समस्या नहीं आने देंगे।

कंधों पर सामान लादकर पैदल ही चल दिए कई मजदूर
कई मजदूरों को अनुमति नहीं मिली तो कंधों पर सामान लादकर पैदल ही चल दिए। कुछ मजदूरों को अनुमति मिली, लेकिन साधन नहीं मिले, तो पैदल ही चल दिए। कई मजदूर शनिवार को सुबह कोटा रोड पर जाते हुए दिखे। इन मजदूरों ने बताया कि वह अपने घर जाना चाहते है, यह मजदूर एलएण्डटी, सीएसपी के थे। यह उत्तरप्रदेश के लखनऊ के लिए रवाना हुए।
हालात: जो मजदूर गए, वह भी बॉर्डर पर ही अटक गए
मजदूरों की स्थिति विचित्र हो गई हैं, जो मजदूर यहां से गए हैं, वह भी अंतरराज्यीय सीमा में अटके हैं, यूपी हो या बिहार कोई भी राज्य अपने मजदूरों को लेने के लिए भी तैयार नहीं हो रहा है। ऐसे में रोजगार भी जा रहा है और घर भी नहीं मिल रहा। विचित्र स्थिति में मजदूर खड़ा है। स्थिति मध्यप्रदेश जैसी हो रही है, जहां मजदूर अपनी जान जोखिम में डालकर भटक रहा है।
3 में से 1 हजार श्रमिक ही बचे

राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना में 3 हजार श्रमिक कार्यरत हैं। फिलहाल तमलाव कैंप में 1 हजार से भी कम मजदूर बचे हैं, एनएफसी के ठेका मजदूर अधिकांश जा चुके हैं। प्रशासन ने 400 मजदूरों को घर जाने की अनुमति दे दी थी, उसके बाद यह घर जा चुके हैं।
वेतन नहीं काटने के निर्देश
श्रम विभाग, भारत सरकार, राजस्थान सरकार ने आदेश जारी किया था कि लॉकडाउन में किसी भी श्रमिक का वेतन नहीं काटा जाए। उन्हें नौकरी से भी नहीं हटाया जाए। उनके रहने, खाने की व्यवस्था संबंधित कंपनी को करनी है, इसके बावजूद भी मजदूर रुकना नहीं चाहते।
एलएंडटी, एचसीसी कंपनी के मजदूर काम पर आए हैं। राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना की 7वीं8वीं इकाई का काम शुरू हुआ है। लगभग 1 हजार मजदूर काम पर आ गए हैं। परियोजना को गति देेने का काम शुरू कर दिया गया है। जल्दी ही प्रोजेक्ट गति पकड़ लेगा।
-विवेक जैन, स्थल निदेशक, राजस्थान परमाणु बिजलीघर, रावतभाटा



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RAPP project work started, problem facing labor shortage




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भास्कर में समाचार प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने सुधारी व्यवस्थाएं

कस्बे में काेराेना पाॅजिटिव मिलने और कर्फ्यू लगा हाेने के बावजूद एक किमी के दायरे में रात काे पुलिसकर्मी नहीं रहने की भास्कर में खबर प्रकाशित हाेने के बाद शनिवार काे पुलिस चाकचाेबंद रही।
एसडीएम मोहनलाल परिहार ने कस्बे में कोरोना पॉजिटिव महिला के घर को केंद्र बिंदु मानते हुए 100 मीटर की परिधि में चारों दिशाओं में बेरिकेट्स लगाकर जीरो मोबिलिटी घोषित कर 8 मई सुबह 6 बजे से 15 मई सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाने का आदेश गुरुवार काे जारी किया था। इसके बावजूद पुलिस ने गुरुवार रात्रि को ही 1 किमी की परिधि में पूर्व आदेशानुसार लगे बेरिकेट्स से पुलिस जवानों को हटाकर 100 मीटर की परिधि में 3 आरएससी जवान तैनात किए। गुरुवार मध्यरात काे भास्कर संवाददाता ने जायजा लिया ताे बेरिकेट्स प्वाइंट पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं मिला। इसकाे लेकर शनिवार काे भास्कर में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया ताे पुलिस हरकत में आई। शनिवार को खुले बाजार में सुबह 9 से 12 के बीच पुलिस की व्यवस्थाएं चाक चौबंद रही। बाजार में सामग्री लेने आने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई। इसके लिए हल्का बल प्रयोग करते पुलिस जवान नजर आए। वहीं समय पर बाजार बंद करवाया गया।



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After the news was published in Bhaskar, the police improved the systems




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घानाहेड़ा में 78 और काल्याखेड़ी में 55 लोगों का स्वास्थ्य जांचा

बीसीएमओ डाॅ. प्रभाकर व्यास ने क्षेत्र में लगाए जा रहे माेबाइल ओपीडी यूनिट कैंप का निरीक्षण कर ग्रामीणाें काे उचित चिकित्सा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने घर-घर समुचित चिकित्सा सुविधा के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से रूपरेखा बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए।
डॉ. व्यास ने बताया कि वैश्विक आपदा कोविड-19 और लॉकडाउन को देखते हुए चिकित्सा विभाग मोबाइल ओपीडी यूनिट से गांवाें चिकित्सा सुविधा मुहैया करवा रहा है। जो मरीज अपनी अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं और अस्पताल आकर चिकित्सक परामर्श नहीं ले पा रहे हैं, उन्हें नियत दिवस पर ग्राम स्तर पर कैम्प लगवा कर उपचार दिया जा रहा है। बीपीएम बृजमोहन कुलश्रेष्ठ ने बताया कि शनिवार को घानाहेड़ा में ओपीडी कैम्प लगाया गया। इसमें 78 व्यक्तियों का उपचार किया गया। डॉ. व्यास ने कैम्प का निरीक्षण किया।
टीम ने घर-घर जाकर जाने हालात
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए गठित समिति की टीम ने शनिवार को घर-घर जाकर ग्रामीणों से पूछताछ की और बाहर सेआने वाले व्यक्तियों की भी जानकारी ली। साथ में जिस परिवार के घर में सर्दी-जुकाम, खांसी, बीपी, शुगर आदि की बीमारी के बारे में भी जानकारी लेकर रजिस्टर में दर्ज करके गणेशगंज उप स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम को दी। इस बारे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंदिरा राठौर, सुमित्रा सिंघल, मीना शर्मा, आशा सहयोगिनी गुड्डी मीणा, विनीता मीणा, मनीषा पारेता टीम में शामिल रहे।

मोबाइल ओपीडी शिविर में विशेषज्ञों ने जांचा स्वास्थ्य

चिकित्सा विभाग की ओर से काल्याखेड़ी में शनिवार काे माेबाइल ओपीडी यूनिट कैंप लगाया गया। सरपंच बजरंगीबाई मीणा ने बताया कि शिविर में नायब तहसीलदार राजेश शर्मा, चिकित्सा प्रभारी डॉ. कमल भार्गव, डॉ. विजयश्री शर्मा, ग्राम विकास अधिकारी किशोरकुमार कलवार, जीएनएम अनुपमा, एएनएम राधा यादव सहित अन्य शामिल रहे। डॉ. भार्गव ने बताया कि सोमवार को कोलाना, मंगलवार को रांवठा गांव, बुधवार को हनोतिया, गुरुवार को सोहनपुरा नयागांव में सुबह 10 से 12 बजे तक कैंप लगाया जाएगा।



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Health check-up of 78 in Ghanahera and 55 in Kaliakheri




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स्पीकर ओम बिरला ने नाथ सम्प्रदाय के लोगों से वीसी की

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गोरखनाथ अक्षय जयंती पर नई दिल्ली से वीसी के माध्यम से नाथ संप्रदाय के अनुयायियों से संवाद किया। इसमें राजस्थान समेत बीस राज्यों के नाथ समाज के 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बिरला ने कहा कि यह संप्रदाय भारतीय समाज का मजबूत स्तम्भ रहा है। कार्यक्रम संयोजक डॉ विपिन योगी ने बताया कि समाज के पदाधिकारियाें द्वारा गुरु गोरक्षनाथ बोर्ड की स्थापना, नाथ संप्रदाय को जैन, बौद्ध धर्म की तरह अल्पसंख्यक दर्जे की मांग करना, गोरक्ष विवि की स्थापना गोरखनाथ और उनके द्वारा दी गई योग विद्याओं का अध्ययन व शोध करवाने सभी ने विचार रखे।
भाेजन पैकेट बांटे: स्पीकर ओम बिरला की पहल पर शनिवार को 3200 भाेजन पैकेट जरूरतमंदों को बांटे गए। स्टेशन क्षेत्र में लव शर्मा के नेतृत्व में अशोक गुर्जर, रविन्द्र भोले, ओम महावर, ललित, दीपक त्यागी ने 500 भोजन पैकेट स्टेशन क्षेत्र में जरूरतमंदाें काे बांटे। वल्लभबाड़ी, कोटड़ी में पूर्व पार्षद जगदीश जादौन, विकास मेवाड़ा, प्रदीप बोहरा, मयंक सेठी ने, हेमराज सिंह हाड़ा ने बंसत विहार, दादाबाड़ी में मजदूरों को फूड पैकेट बांटे। केशवपुरा में उमेश मेवाड़ा, अजय राठाैर ने, कुन्हाड़ी में सत्यप्रकाश शर्मा, महावीर सुवालका, रामबाबू सुवालका ने, हनुमान बस्ती में कैैलाश गौतम, दीपक तिवारी, नाथूलाल ओझा ने राशन किट बांटे।



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लोग बांट रहे भोजन व राशन

शहर में लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद का सिलसिला जारी है। राधाकृष्ण व चौथ माता मंदिर श्रीनाथ पुरम सेक्टर सी के राधाकृष्ण नवयुवक मंडल के धर्मेंद्र पांचाल ने बताया कि नंदकिशोर महाराज, देवीलाल, निर्मल दीदी, धर्मेंद्र पांचाल, मोनू सेन, महेन्द्र नायक, तुलसी ने खाने के पैकेट बांटे।. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन द्वारा रेलकर्मचारियों के परिवारजनों द्वारा खाने के पैकेट वितरण जारी है। मानव कल्याण समिति ने राशन किट बांटे। जेकेलोन अस्पताल में प्रसूताओं के लिए दूध, आहार बांटा।

विधायक कल्पना देवी ने बोरखेड़ा में बंटवाए राशन किट

कोटा | लाडपुरा विधायक कल्पना देवी के विधायक कोष से वार्ड 9 में 75, वार्ड 29 में 70, वार्ड 31 में 125, वार्ड 32 में 76, वार्ड 33 में 200, वार्ड 61 में 80, वार्ड 62 में 74, वार्ड 63 में 100 राशन के किट वितरित किए। इस तरह कुल 800 राशन किट का वितरण किया गया। इस दौरान पूर्व पार्षद दौलतराम मेघवाल, कृष्ण मुरारी सामरिया, गिरिराज महावर, भगवान स्वरूप गौतम, राजसिंह, अमित शर्मा, भूपेंद्र, मदन प्रजापति, अनुराग जैन, पंकज प्रजापति, राधेश्याम मित्तल, रविंद्र, रामनिवास, आशीष आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

राखी आज पुजारियों को बांटेगी राशन सामग्री

कांग्रेस उपाध्यक्ष राखी गाैतम द्वारा रविवार काे दाेपहर 12 बजे महर्षि गालव भवन, आरकेपुरम-ए में पुजारियों, कर्मकांड करने वाले पंडिताें काे आर्थिक मदद व राशन सामग्री बांटेगी। गौतम ने शनिवार को अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से नए कोटा क्षेत्र में जरूरतमंदों को 550 भोजन पैकेट, 200 राशन किट, 300 मास्क बांटे।



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स्कूल का ताला तोड़कर की चोरी

कामां उपखंड के गांव दांदेडा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अज्ञात चोरों ने विद्यालय का ताला तोड़कर सामान चोरी कर लिया। संस्था प्रधान अशोक कुमार मौके पर पहुंचे और जुरहरा थाना में मामला दर्ज कराया। संस्था प्रधान ने बताया कि चोरों ने विद्यालय के कमरों का ताला तोड़कर एक छत का पंखा, दो क्विंटल गेहूं, एक क्विंटल चावल सहित अन्य सामान चोरी कर लिया।



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वाहनों की नाकाबंदी, फिर भी पैदल निकल रहे लोग

कोरोना हाटस्पाट बने आगरा से लोगों की आवाजाही रोकने के लिए ऊंचा नगला यूपी बॉर्डर पर सख्त नाकाबंदी का गई है। केवल वैध पासधारकों व वाहनों को ही कड़ी जांच के बाद ही भरतपुर की सीमा में प्रवेश दिया जा रहा है।

शनिवार को भास्कर रिपोर्टर ऊंचा नगला यूपी बॉर्डर के हालात जानने पहुंचा। जहां तीन घंटे बॉर्डर पर रहकर सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक हालातों का जायजा लिया। शनिवार को आरपीएस बच्चन सिंह स्वयं नाकाबंदी पर तैनात देखे गए। भरतपुर में प्रवेश देने से पूर्व एक-एक व्यक्ति के पास आदि की वैधता जांचने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया।

यूपी की ओर पैदल जाने वाले प्रवासियों का सिलसिला जारी

एक ओर जहां वाहनों को लेकर सख्ती है वहीं, पैदल लोग अभी भी बॉर्डर पार कर रहे हैं। प्रत्येक मिनट में औसतन दो लोग पैदल निकल जाते हैं। यूपी पुलिस ने बॉर्डर से करीब दो किमी आगे पुलिस चौकी पर अपनी नाकाबंदी कर रखी है। लेकिन लोग खेतों एवं कच्चे रास्तों के जरिए आगरा की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।



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Blockade of vehicles, people still walking




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लॉकडाउन में मजदूर पिता की जमा पूंजी खत्म हुई, कोटा के युवाओं ने उठाया बेटी के इलाज का बीड़ा

लॉकडाउन के दौर में यूं तो हर कोई परेशान है, लेकिन सर्वाधिक तकलीफें मजदूर वर्ग झेल रहा है। ऐसे ही एक मजदूर की बेटी की तबीयत बिगड़ी तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया। पिता की जमा पूंजी तो कुछ ही दिन में खत्म हो गई। लेकिन जैसे ही यह सूचना कोटा के युवाओं को मिली तो उन्होंने बच्ची के इलाज का बीड़ा उठा लिया और चंद घंटों में उसके इलाज के लिए रुपयों का इंतजाम करके अस्पताल प्रबंधन को चेक सौंप दिया। असल में मूलत: अटरू व हाल विनोबा भावे नगर में किराए से रहने वाले नवीन की 4 साल की बेटी निकिता की हेपेटिक एनसिपेलोपैथी की वजह से तबीयत बिगड़ गई। पिता ने उसे तलवंडी स्थित मैत्री हॉस्पिटल में एडमिट कराया, लेकिन कुछ ही दिन में उनके पास पैसे खत्म हो गए। नवीन मजदूर है और पुताई करके परिवार पालता है। यह बात कोटा के युवा आशीष गोयल को पता लगी तो उन्होंने अग्रवाल समाज के युवा अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल से बात करके बच्ची के इलाज लिए 50 हजार एकत्र करने की योजना बनाई। सुरेंद्र ने अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक शारदा से बात करके कुल खर्च की जानकारी ली और पैसा एकत्र करने के लिए काम शुरू कर दिया। डॉ. शारदा ने यह भी आश्वस्त किया कि बच्ची के इलाज में अस्पताल के स्तर पर हरसंभव मदद की जाएगी। सुरेंद्र अग्रवाल ने इस मुहिम के लिए वाट्सएप पर एक ग्रुप क्रिएट किया, जिसमें स्टूडेंट हेल्प सोसाइटी राजस्थान, रक्तवीर युवा टीम, रक्तदान महादान परिवार टीमों ने सहयोग किया। कुछ ही घंटों में सुरेंद्र अग्रवाल, अंकित प्रजापति, सीपी मीणा, आशीष गोयल, रोहित सिंह भाणावत, श्याम नागर, गगन मिश्रा, सागर योगी, रोहित प्रजापति, गौरव शर्मा आदि ने सहयोग करके 50 हजार रुपए जुटा लिए। सुरेंद्र ने बताया कि 40 हजार रुपए का चेक अस्पताल के नाम निकिता के पिता को भेंट कर दिया है तथा तय किया है कि निकिता के इलाज व परिवार को आगे भी मदद की जाएगी।

राह भटके बुजुर्ग को संभाला, परिजन तलाश घर पहुंचाया

घर से दवा लेने निकले एक 72 वर्षीय बुजुर्ग शुक्रवार शाम काे राह भटक कर संतोषी नगर पहुंच गए। कोटा सिख वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने न सिर्फ संभाला बल्कि करीब 16 घंटे की मशक्कत के बाद उनके परिजनों को तलाश घर भी पहुंचाया दिया। कोटा सिख वेलफेयर सोसायटी के उपाध्यक्ष सरदार मनिन्दर सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 8 बजे संतोषी नगर से कुछ लोगों ने सूचना दी कि एक बुजुर्ग भटक रहे हैं। इस पर वे त्रिलोक सिंह और परमवीर सिंह को लेकर तुरंत मौके पर पहुंचे। बुजुर्ग घबराए हुए थे और अपना नाम भी नहीं बता पा रहे थे।



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10 से ज्यादा मार्केट के व्यापारी बाेले, काेराेना राेगी नहीं ताे बाजार खाेलने में क्या दिक्कत

अग्रसेन बाजार, गांधी चाैक, आर्य समाज राेड, दवा मार्केट, जीएमए, क्लाॅथ मार्केट, शिवाजी मार्केट, भैरू गली और माेरी के हनुमान मंदिर के व्यापारी काफी परेशान हैं। इनका कहना है कि जब से लाॅकडाउन हुआ है और राेगी सामने आया है तब से वे कर्फ्यू मेंजी रहे हैं। उनका काराेबार पूरी तरह से ठप पड़ा है। दुकानाें मेंसामान खराब हाेने लगा है। यह सब किसी ने किसी चीज के हाेलसेल मार्केट हैं, इनकी वजह से शहर की दुकानाें पर भी काफी सारा सामान खत्म हाे गया है। इन मार्केट वालाें के सामने अब आर्थिक संकट भी पैदा हाेने लगा है। ऐसे में इनका कहना है कि जहां ये मार्केट हैं, उन इलाकाें मेंकाेई राेगी सामने नहीं आया है। ऐसे मेंयहां के मार्केट लाॅकडाउन के नियम के तहत खाेलने दें ताे उनके परिवाराें के साथ यहां काम करने वाले 3 हजार से अधिक श्रमिकाें काे राेजगार मिलेगा साथ ही शहर में हाे रही चीजोंकी परेशानियां भी नहीं हाेगी। काेटा व्यापार महासंघ इस बारे में कई बार प्रशासन से इसकी मांग कर चुका है। जीएम प्लाजा के पदाधिकारी भी इसके लिए प्रशासन से बात कर चुके हैं और आश्वासन दे चुके हैं कि वे मार्केट खाेलेंगे ताे पूरी सुरक्षा भी रखेंगे। लेकिन अभी तक इस समस्या पर किसी ने काेई ध्यान नहीं दिया। व्यापारी परेशान हाे चुके हैं और उन्हें समझ मेंनहीं आ रहा है कि आखिर करें भी ताे क्या करें।
करीब 5 हजार के राेजगार का सवाल है, प्रशासन गंभीरता से विचार करे
यहां करीब दस बड़े मार्केट ऐसे हैं, जहां पर काेई राेगी सामने नहीं आया है। केवल वे उन इलाकोंके नजदीक हाेने का खामियाजा भुगत रह हैं, जबकि कुछ ताे काफी दूर हैं, लेकिन थाना क्षेत्र मेंआते हैं, इसलिए शुरुआत से ही कर्फ्यू लगाया हुआ है। ऐसे मेंकरीब 1000 दुकानदार और सीधे रूप से 4 हजार कर्मचारी राेजगार से दूर हैं। इसमेंदवा, किराना,जनरल मार्केट शामिल हैं। इन मार्केट मेंसशर्त खाेलना चाहिए। इससे व्यापारी और शहर काे बड़ी राहत मिलेगी। इसके लिए हम कई बार बात कर चुके हैं, लेकिन काेई नहीं सुन रहा है। - क्रांति जैन, अध्यक्ष व्यापार महासंघ
जीएमए और आसपास के बाजार ताे बेवजह ही बंद कर दिए

हमने इसके लिए कई बार प्रशासन से बात की और बताया कि यहां के मार्केट के आसपास काेई रियाइशी इलाका नहीं है। यहां करीब चार बड़े मार्केट हैं। ऐसे में यहां 500 से अधिक दुकानें प्रभावित हाे रही हैं। इनकाे खाेलने से हाड़ाैती भर में जनरल आइटम और आवश्यक चीजें आसानी से मिलने लगेंगी, लेकिन अभी तक काेई निर्णय नहीं हाे पाया है। जबकि हम सुरक्षा के हर कदम उठाने के लिए भी तैयार है। सेनेटाइज करवाएंगे और बिना मास्क के सामान नहीं देंगे। हर आदमी काे सेनेटाइज करवाया जाएगा। लेकिन अब समय रहते मार्केट खाेलने चाहिए, नहीं ताे व्यापारी और कर्मचारियाें काे हालात खराब हाेगी।- राकेश जैन, अध्यक्ष जीएमए प्लाजा

दुकानाें मेंसामान खराब हाेने लगा है, कितना नुकसान उठाएगा एक व्यापारी
जहां राेगी आ रहे हैं, वहां से गांधी चाैक का मार्केट काफी दूर है। यहां के बाजार काे बेवजह ही बंद किया हुआ है। यहां अभी तक एक राेगी भी नहीं आया है। उसके बाद भी ऐसा क्याें किया जा रहा है । यहां कर्फ्यू हटाकर केवल लाॅक डाउन ही रखना चाहिए। क्याेंकि अब ज्यादा समय हाे गया है। दुकानाें मेंसामान खराब हाेने की स्थिति मेंआ जाएगा। एक व्यापारी कितना नुकसान सहन करपाएगा। इससे आने वाले समय मेंआर्थिक स्थिति बदतर हाे जाएगी। इसलिए प्रशासन सही निर्णय लेकर जाे बाजार दूर हाे, उन्हें नियमाें से खुलने की अनुमति दे।-ज्ञानचंद जैन, अध्यक्ष गांधी चाैक व्यापार संघ



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ट्रेन की चपेट में आने से छात्र की मौत

रारह रेल्वे स्टेशन के समीप ट्रेन की चपेट में आने से शनिवार को एक छात्र की मौत हो गई। वह मोबाइल से गाना सुनने के लिए कान में लीड लगाकर शौच करने के लिए रेल्वे ट्रेक पार कर दूसरी तरफ जा रहा था।

अचानक वह ट्रेन की चपेट में आ गया मृतक के चाचा मुरारी ने बताया कि उसका भतीजा शुभम पुत्र करतार शौच करने के लिए रेलवे ट्रेक के उस पार जा रहा था।

मोबाइल से गाना सुनने के लिए उसने कान में लीड़ लगा रखी थी। ट्रेक पार करते समय उसने ट्रेन की आवाज नहीं सुनी और उसकी चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। शुभम 11 वी कक्षा का छात्र था। वह चार बहिनों में अकेला भाई था।



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आकाशीय बिजली गिरी, महिला की मौत

गांव वोसौली में पशुओं को चराने जंगल गई एक महिला की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। सूचना पर रुदावल थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली।

रुदावल थाने के एएसआई लक्ष्मण सिंह ने बताया कि गांव वोसोली निवासी बतकादेवी (46) पत्नी उदयभान गुर्जर शनिवार को पशुओं को चराने के लिए जंगल गई थी।

शाम को अचानक बारिश के दौरान महिला के ऊपर आकाशीय बिजली गिर गई जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। शाम को पशु वापस घर पहुंच गए, लेकिन महिला के घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने तलाश किया तो महिला जंगल में मृत अवस्था में पड़ी हुई मिली। जिसका शरीर झुलसा हुआ था।



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यूपी के 150 यात्रियों को लेकर आईं 3 बसों को रारह बॉर्डर से लौटाया

यूपी के रारह बॉर्डर पर पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों के हंगामा करने के बाद यूपी पुलिस ने सीमाएं सील कर दी है। इसके चलते जयपुर से यूपी के 150 प्रवासी मजदूरों को लेकर बॉर्डर पहुंची राजस्थान रोडवेज की तीन बसों को पुलिसकर्मियों ने वापस लौटा दिया।

बस चालक ने यात्रियों को लोहागढ़ स्टेडियम में उतार दिया। इन प्रवासी मजदूरों को जयपुर के बस्सी क्षेत्र से लाया गया था और ये मजदूर यूपी के पीलीभीत, कानपुर, मुरादाबाद आदि जिलों के निवासी हैं। वहीं, प्रवासी मजदूरों के राजस्थान से यूपी और यूपी से राजस्थान आने का सिलसिला तीसरे दिन धीमा नजर आया।

शनिवार को राजस्थान रोडवेज की 25बसें यूपी के श्रमिकों को लेकर रारह बॉर्डर पहुंची, जबकि लोहागढ़ स्टेडियम से मात्र एक बस ही यात्रियों को लेकर जालौर के लिए रवाना हुई। वहीं लोहागढ़ स्टेडियम में भोजन नहीं मिलने पर बाहर से आए चालक-परिचालकों ने हंगामा किया। बाद में जिला प्रशासन ने पैकेट उपलब्ध कराए।

लोहागढ़ आगार के कार्यवाहक मुख्य प्रबंधक महेश गुप्ता ने बताया कि शनिवार को राजस्थान रोडवेज की एक बस से 22 प्रवासी मजदूरों को जालौर के लिए भेजा गया। जबकि 25 बसों से यूपी के श्रमिकों को रारह बॉर्डर तक छोड़ा गया। अब तक यूपी के कुल 8632 श्रमिकों को 228 बसों से यूपी की सीमा तक लाया गया।

दूसरी ओर दोपहर तक जिला प्रशासन की ओर से भोजन के पैकेट नहीं भेजने जाने से बाहर से आए चालक-परिचालकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान करीब एक घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। प्रबंधक प्रशासन राजेंद्र शर्मा ने बताया कि रोडवेजकर्मियों ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया। बाद में प्रशासन की ओर से खाने की व्यवस्था किए जाने के बाद हंगामा शांत हुआ।

चैक पोस्ट पर ही रोकनी पड़ी बसें

गुजरात और राजस्थान के विभिन्न जिलों से पैदल आ रहे यूपी, बिहार और अन्य राज्यों के श्रमिकों को रारह बॉर्डर हंगामा करने के चलते प्रवासी मजदूरों को छोड़ने जा रही राजस्थान रोडवेज की बसों को रास्ते में ही कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। चैकपोस्ट पर तैनात रोडवेज कर्मी दलवीर सिंह ने बताया सुरक्षा की दृष्टि से चालक-परिचालकों ने बसों को सड़क के किनारे खड़ा कर लिया था। बाद में स्थिति सामान्य होने पर संचालन शुरू हो गया।



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गर्मी की शुरुआत में ही सूखे हैंडपंप, नल-जल का पानी भी बना सपना

नोखा प्रखण्ड के नोखा पश्चिमी के कई गांवों का पानी का लेयर नीचे जाने की वजह से कई गांवों का चापाकल पानी देना बंद कर दिया है। एक तरफ कोरोना वायरस को लेकर सभी लोग जूझ रहे हैं किसी को अपना भोजन की सामग्री जुटाने में परेशानी हो रही हैं किसी तरह वह अपनी जीविकापार्जन कर रहे हैं। अब सबसे बड़ी आफत पानी को लेकर हो गई है।

कई गांवों का चापाकल सुख जाने की वजह से लोगों को अब पानी भी नसीब नहीं हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में पीपरमेंट की खेती सबसे अधिक होती है और पीपरमेंट काफी पानी सोखता है। जिसके वजह से हमलोगों को यह परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीण रामजी पासवान ने कहा कि गांव के एक या दो चापाकल ही चल पा रहे हैं। जिस पर लम्बी लाइन पानी के लग जा रही है। घरों में स्नान करना और बाथरूम जाने पर भी आफत आ जा रही है।
अभी पीएचईडी विभाग ने नहीं ली गई सुधी
गहरा रहे जलसंकट से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सहकारिता के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि लगातार चापाकल का लेयर नीचे चले जाने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। अभी तक पीएचईडी विभाग द्वारा कोई सुधि भी नहीं ली गई। जिससे आम गरीब जनता को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। एक दो चापाकल को छोड़ कर अत्यधिक चापाकल बन्द होने लगे हैं।

वर्षों से जारी नलजल योजना का कार्य अधूरा

नोखा प्रखंड में वर्षों से नलजल योजना का कार्य चल रहा है। सरकार द्वारा कई बार इसकी तिथि का निर्धारण किया गया। लेकिन संवेदक द्वारा आज तक नल जल योजना का कार्य पूरा नही किया जा सका। अब तो सत्ता पक्ष के प्रतिनिधि भी इस पर उंगली उठानी शुरू कर दी है। पूर्व एमएलसी कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि उनके गांव तिलई सहित आस पास के गांवों में पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने से चापाकल सुख गए हैं। उन्होंने बताया कि पीपरमेंट की खेती होने से पानी का लेयर नीचे चला जाता है। जिससे लोगों को पानी की विकट समस्या से गुजरना पड़ता है। मुख्यमंत्री की कल्याणकारी योजना नलजल योजना कार्य अभी तक संवेदक द्वारा अधूरा रखा गया है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

आखिर कब तक नलजल योजना का कार्य होगा पूरा
मुख्यमंत्री की कल्याणकारी योजना नल जल योजना पर ग्रहण सा लगता दिखाई पड़ रहा है। अगर कुछ पंचायतों में नल जल योजना का कार्य होने की बात को छोड़ दिया जाए तो बाकी पंचायत का हाल जस का तस बना हुआ है। अभी भी सभी के घरों में नल जल योजना की पानी नही पहुंच पाया है। जिससे इस कल्याणकारी योजना पर ग्रहण सा लग गया है। जिला पार्षद रवि शकर सिंह ने कहा कि मेरे क्षेत्र में लगभग 112 वार्ड है, लेकिन इन वार्डों में कही भी नल जल योजना का कार्य पूरा नहीं किया गया है। सभी जगह पर कार्य अधूरा है। जिससे अब लोगों को पानी की भी किल्लत झेलनी पड़ रही है। कोरोना की वैश्विक महामारी में हमेशा पानी का उपयोग है। लेकिन अब पानी नहीं रहने के कारण लोगों को परेशनी भी झेल रहे हैं।



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Dry hand pumps, tap water also became a dream in the beginning of summer




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जेष्ठ लगते ही गर्मी दिखाने लगी तेवर

जेष्ठ माह अपना रंग दिखाने लगा है। शनिवार को पारा 42 पार कर गया, लेकिन नमी 80 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। इससे पारा अभी ज्यादा नहीं चढ़़ेगा। शनिवार को मौसम में नमी 83.7 प्रतिशत थी, जो सामान्य से ज्यादा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि चक्रवात पलटवार कर सकता है। शनिवार को अधिकतम नमी 83.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड की गई। वहीं रात का तापमान 2.8 डिग्री की बढ़त के साथ 27 डिग्री पहुंच गया। हवा की गति में भी तेजी आई है। शनिवार को हवा की गति 7.9 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। तेज हवा तीखी धूप के संपर्क में आकर लू का काम कर रही थी।

मौसम विशेषज्ञ आरके सिंह का कहना है कि समुद्रीय नमी से मौसम में आर्द्रता बढ़ी है। अगर नमी कायम रही तो फिर से बादल-बारिश का माहौल बन सकता है।



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दुकानें खोलने की समय सीमा बढ़े, जीएसटी और बिजली-पानी के बिल में भी छूट दे सरकार

लॉकडाउन से जहां हर आदमी प्रभावित हुआ है, वहीं इसने अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। व्यापार तो मानो गर्त में ही चला गया है।

दुकानें और फैक्ट्री बंद होेने से आम आदमी को दैनिक जरुरत का सामान नहीं मिल पा रहा वहीं, व्यापारी और उनके प्रतिष्ठानों से जुड़े लाखों लोग भी बेरोजगार हो गए हैं। ऐेसे में अब व्यापार संगठनों के साथ आम आदमी की ओर से भी लॉकडाउन का पालन करते हुए दुकानें खोले जाने की इजाजत देने की मांग उठने लगी है।

शनिवार को शहर के साथ-साथ कस्बों के व्यापारिक संगठनों ने बैठक करके प्रशासन ने व्यापारियों को राहत देने की बात कही। दरअसल, पिछले तीन दिनों में कोरोना संक्रमित नए मरीज सामने नहीं आए हैं। हॉट स्पाट बने बयाना में अब संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं।

रूपवास मेें भी पुलिसकर्मियों और कोर्ट कर्मचारियों की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। सरकार ने शराब की दुकानों तक को खोलने की इजाजत दे दी है। एेसे में व्यापारिक संगठनों की ओर से भी उन्हें छूट दिए जाने की मांग उठाई जा रही हैं। इधर, सूत्र बता रहे हैं कि प्रशासन भी आज ताजा हालात को रिव्यू करके प्रशासन दुकानों को खोलने की इजाजत दे सकता है जिससे रेडिमेड और सराफा सहित दूसरी दुकानों को खोलने की इजाजत मिल सकती है।

शहर व्यापार महासंघ की बैठक अध्यक्ष भगवानदास बंसल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई जिसमें जिला प्रवक्ता विपुल शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन से व्यापारी वर्ग को भी बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है, इसलिए उसे तत्काल राहत दिए जाने की जरूरत है।

जिला मंत्री बंटू भाई ने बताया कि जैसे-जैसे लॉकडाउन का समय बढ़ता जा रहा है व्यापारी डिप्रेशन में आता जा रहा है। मध्यमवर्गीय व्यापारी के पास सीमित जमा पूंजी होती है और वह उसे अब राशन बिजली के बिल आदि में खर्च कर चुका है। बंसल ने प्रशासन व सरकार से मांग रखी कि जिन शहरी क्षेत्र वह तहसीलों में एक भी कोरोना का मरीज नहीं है तुरंत प्रभाव से पूरे बाजार को सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खोलने की अनुमति दी जाए। मध्यमवर्गीय व्यापारी का जीएसटी माफ किया जाए।

कफ्र्यू वाले इलाके को छोटा किया जाए एवं दैनिक जरूरत का राशन व अन्य सामग्री मुहैया कराई जाए। इधर, जिला रेडीमेड गारमेंट एंड हौजरी एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवानदास बंसल एवं महामंत्री बंटू भाई ने कहा है कि कुछ दुकानदार बिना प्रशासनिक अनुमति के दुकान खोल रहे हैं, जो कि गलत है। ऐसे व्यापारियों के खिलाफ एसोसिएशन जुर्माना लगाएगी। ऐसे लोगों के फोटो लिए जा रहे हैं। इन्हें कार्यकारिणी से भी निष्कासित किया जाएगा।
बयाना के लगभग सभी काेराेना संक्रमिताें की रिपाेर्ट नेगेटिव आने के बाद अब व्यापारिक संगठनाें ने भी प्रशासन से पूरे बाजार काे खाेलने की मांग तेज कर दी है। पिछले दिनाें से लगातार बढ़ रहे तापमान को देखते हुए तथा लाेगाें की जरुरताें काे हवाला देते हुए व्यापार संगठनाें ने क्रमबद्ध तरीके से सभी तरह की दुकानोंकाे खाेलने की मांग की है।

शनिवार काे व्यापार संघ के अध्यक्ष कमल आर्य व महामंत्री डाॅ. शैलेन्द्र, व्यापार महासंघ संरक्षक रविकांत गाेयल, रिटेल कपड़ा संघ के घनश्याम मित्तल, महामंत्री अाेमप्रकाश लहचाेरा, खेमचंद, मुकेश, फर्नीचर एसाेसिएशन के अनिल शर्मा, इलेक्ट्रिकल एसाेसिएशन के भूषण शर्मा अादि ने प्रशासनिक अधिकारियाें काे अलग-अलग ज्ञापन देकर बाजार खाेलने की मांग की।

रेडीमेड गारमेंट्स एवं फुटवियर व्यापार संघ ने मांगी अनुमति

वैर में रेडीमेड गारमेंट्स एवं फुटवियर व्यापार संघ वैर ने एसडीएम को ज्ञापन देकर दुकानों को खुलवाने की मांग की है। अध्यक्ष चिंटू अग्रवाल ने बताया कि लाॅक डाउन के अंतर्गत रेडीमेड गारमेंट्स एवं फुटवियर संघ की दुकानें पूर्ण रूप से बंद है। लगातार दुकानें बंद रहने से दुकानदारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उनकी अधिकतर दुकानें किराये पर चल रही है। जिसकी वजह से दुकानों के किराये के साथ साथ गृहस्थ के खर्चो को चलाना मुश्किल हो रहा है। ज्ञापन में मांग की है कि आवश्यक वस्तुओं के दुकानें सुबह 9 बजे से 12 बजे के दौरान ही खुलती है। उसी प्रकार रेडीमेड गारमेंट व फुटवीयर की दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी जाए।



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Deadline to open shops extended, GST and electricity-water bills should also be exempted




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कोटा में 23 करोड़ से बनेंगे तीन इंडोर स्टेडियम

कोटा में इंडोर गेम्स के लिए 3 इंडोर स्टेडियम तैयार किए जा रहे हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार किए जाएगा। इस पर करीब 23 कराेड़ रुपए खर्च हाेंगे। इसे स्मार्ट सिटी की तकनीकी समिति ने मंजूरी दे दी है, अब निविदा जारी हाेगी। इसे 18 माह में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
शहर में इंडाेर गेम्स के लिए अभी काेई स्टेडियम नहीं है, इसलिए इसके लिए तीन स्टेडियम का प्रावधान किया गया है। नयापुरा में जेके पैवेलियन के पास खाली पड़ी 30 हजार स्क्वायर मीटर जमीन पर इसका निर्माण किया जाएगा। इसके बनने के बाद इस क्षेत्र काे स्पाेर्ट्स काॅम्पलेक्स का नाम दिया जाएगा। इसी क्षेत्र में पहले ही दाे बड़े स्टेडियम माैजूद हैं। यहां पर 600 चार पहिया व दुपहिया वाहनाें के लिए 19 हजार स्क्वायर मीटर जमीन पर पार्किंग भी तैयार की जाएगी। स्मार्ट सिटी तकनीकी विभाग की हुई बैठक में इसके बनी डीपीअार पर चर्चा करके इसका अनुमाेदन किया गया। इसमें तीन इंडाेर स्टेडियम बनेंगे। इसमें हैंडबाल, वाॅलीबाॅल, बैडमिंटन काेर्ट, वुशू, वेटलिफ्टिंग, कबड्डी, बाॅक्सिंग, टेबल टेनिस सहित अन्य गेम्स की सुविधाएं हाेंगी। यह सुविधाएं नेशनल व इंटरनेशनल स्तर की रहेंगी। इसमें खिलाड़ियाें के लिए कमराें के साथ ही सीसीटीवी कैमरे, फायर फाइटिंग सिस्टम, एलईडी डिस्पले बाेर्ड सहित अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। यहां पर दिन के साथ ही रात काे भी खेलने की व्यवस्था रहेगी।
अगले साल दिसंबर तक पूरा करने की है याेजना

विभाग के अनुसार इसकी 22 कराेड़ 98 लाख की डीपीआर काे मंजूरी दे दी गई है, अब इसकी निविदाएं जारी की जाएंगी, इसके लिए कार्यकारी एजेंसी यूआईटी काे बनाया गया है। बताया गया कि शीघ्र ही निविदाएं जारी करके कार्यादेश देकर काम चालू करवाया जाएगा, ताकि यह स्टेडियम भी अन्य चल रहे कामाें के साथ ही पूरे हाे जाएं। इसे दिसंबर-21 तक पूरा करने की याेजना है। इसी काे ध्यान में रखते हुए निविदाएं जारी की जा रही हैं।



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आरटीई के तहत एडमिशन में अभिभावकों की इनकम का दायरा 1 से 2.50 लाख बढ़ाया

राज्य सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों में 25 फ़ीसदी आरटीई के तहत एडमिशन के लिए इनकम का दायरा बढ़ाने से स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा के साथ एडमिशन के लिए कंपटीशन बढ़ेगा। शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत ने पिछली सरकार के समय एक लाख रुपए सालाना इनकम को आरटीई में बढ़ाकर ढाई लाख रुपए तक कर दिया है। इससेे आरटीई एडमिशन लेने वाले बच्चों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है, जबकि शुरुआत में वर्ष 2011 में सेंट्रल गवर्नमेंट ने इसकी सीमा ढाई लाख रुपए ही रखी थी।
पिछली सरकार द्वारा एक लाख रुपए की राशि से बढ़ाकर अब राज्य सरकार ने सीमा बढ़ा दी है। शिक्षा विभाग की ओर से प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत एडमिशन की प्रोसेस का टाइम फ्रेम जल्द जारी होने की उम्मीद है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के महामंत्री संजय शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने आरटीई के तहत सालाना इनकम में बढ़ोतरी की है यह एक सराहनीय कदम है।
^सरकार की ओर से आरटीई के तहत सालाना इनकम ढाई लाख रुपए कर दी है। विभागीय गाइडलाइन के अनुसार एडमिशन संबंधी प्रोसेस की जाएगी। जिन स्कूलों का आरटीई का बकाया भुगतान है। इस संबंध में प्रोसेस चल रहा है। - द्रौपदी मेहर, डीईओ प्रारंभिक मुख्यालय



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विद्युत उत्पादन निगम में कामों में गड़बड़, एसीबी में शिकायत

राजस्थान उत्पादन निगम के छबड़ा, कालीसिंध झालावाड़ व सूरतगढ़ में मेंटीनेंस के कामाें में हुई अनियमितता काे लेकर एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई गई है। विभाग ने शिकायत लेकर इसे स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दिया है।
शिकायतकर्ता कुंजबिहारी सिंघल ने बताया कि सभी थर्मल पावर प्लांट के ऑपरेशन व मेंटेनेंस के कार्य अनुभवी ठेकेदारों से ठेका आइटम दरों पर बीएसआर के अनुकूल जितना कार्य उतना भुगतान के आधार पर संपन्न करवाए जाते रहे हैं। लेकिन मैनेजमेंट ने तीन-चार वर्षों में अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए आइटम रेट बदलकर फिक्स ठेका प्रणाली की योजना बनाकर एक फर्म काे काम देने के लिए उसके अनुसार शर्ताें काे तैयार कर दिया। छबड़ा में वर्ष 2017 में काेल हैण्डलिंग प्लांट के काम जाे 7 से 8 कराेड़ में हाे रहे थे, उन्हें अधिकारियाें ने अपने लाभ के लिए 20 कराेड़ में दे दिया। इसके बारे में जब उन्हाेंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी ताे देने से इनकार कर दिया। इसी प्रकार कालीसिंध झालावाड़ में 4 से 5 कराेड़ में हाेने वाला काम चीफ इंजीनियर ने एक फर्म काे 8 से 9 कराेड़ में देने की तैयारी कर ली। सूरतगढ पावर प्लांट में भी 11 कराेड़ के बीएसअार टेण्डर काे 15.54 कराेड़ में एक ही फर्म काे दे दिया।
^कुंजबिहारी सिंघल ने इस प्रकार की शिकायत विभाग में दी है। इसकी सत्यता जानने व प्रकरण दर्ज करने के लिए मुख्यालय भेजा है, वहां प्रकरण दर्ज हाेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- ठाकुर चंद्रशील, एएसपी एसीबी काेटा



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एक मां यह भी, अपने बच्चों को बचाने के लिए जान भी दांव पर लगाई

शहर के हाइवे से होकर रोजाना हजारों लोगों के जत्थे अपने गंतव्य के लिए निकल रहे हैं। प्रशासन ने भी इन्हें सुरक्षित अपने घरों तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया हुआ है।

हाईवे पर संवाददाता ने जब जाकर देखा तो वहां नजारे कुछ चौंकाने वाले नजर आए। सैंकड़ों किमी का सफर तय कर अपने घरों तक पहुंचने की जिद मन में लिए ये लोग पैदल ही निकल पड़े हैं। इनमें महिलाएं व छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

आज मदर्स डे के मायने इनके लिए क्या हैं यह इनकी मजबूरी से ज्यादा नहीं है। जानिए ऐसे लोगों की कहानी...

दो बच्चों को गोद में लेकर चली 700 किमी सफर

इस मां के दर्द को समझिए। बिहार के सिगवार निवासी राजवंती उम्र 30 साल एनिमिक (खून की कमी) है। डाक्टर ने वजन उठाने के लिए मना किया है। लेकिन, कोरोना के दर्द ने इस मां को गाय से सिंहनी बना दिया। अपने 4 साल के बेटे करन और 2 साल की बेटी खुशी को गोद और कंधे पर लेकर वह जोधपुर से पिछले 12 दिन से पैदल चली आ रही है। राजवंती अपने पति किशन के साथ जोधपुर में मजदूरी करती थी। दो लॉकडाउन झेलने के बाद घर लौटने की बेचैनी बढ़ी। कोई साधन नहीं मिला तो इस परिवार ने पैदल ही चलना तय किया। पहले जयपुर आए और अब भरतपुर को क्रॉस कर यूपी की ओर जा रहे हैं। पति किशन सामान ढोता है जबकि दोनों बच्चों की जिम्मेदारी मां राजवंती ने संभाली हुई है।

दुख, दर्द और थकान से चूर राजवंती के लिए एक-एक कदम एक-एक किलोमीटर चलने के समान है। पांव की चप्पल घिस गईं और पैरों में छालें हैं, लेकिन इसके बाद भी वह उफ नहीं करती। दोनों बच्चों को गोद और कंधे में लेकर चल रही है। बकौल राजवंती-ये ही मेरा संसार हैं। मैं मां हूं। मैं ही बच्चों का दर्द समझ सकती हूं। मेरी कोशिश है कि कैसे भी ये सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें।

संक्रमित बेटे के साथ4 बच्चों का हौंसला बढ़ाया

रीना खान के लिए यह महीना चिंता, दुख और दर्द से भरा रहा। लेकिन, कोरोना संक्रमित होने के बावजूद उसने हौंसला नहीं खोया। खुद दृढ़ता के साथ खड़ी रहीं और 8 साल के बेटे जीशान का भी हौंसला बढ़ाती रही। अब दोनों के दो टेस्ट नेगेटिव आ गए हैं। इससे ज्यादा फिक्र उसे अपने चार और बच्चों की भी रही। जो नेगेटिव थे, लेकिन बयाना के क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे थे।

रीना बताती है कि हमारे लिए कोरोना अज़ाब बनकर आया। मेरी, पति राजा और 8 साल के बेटे जीशान की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। जबकि 4 अन्य बच्चे नेगेटिव थे। उनकी चिंता में दो दिन रोते-रोते गुजारे। फिर सोचा अगर मैं ही कमजोर हो जाऊंगी तो बच्चों को कौन दिलासा देगा। मन को मजबूत किया। फिर बच्चों को समझाया कि यह तो बुखार है, जल्दी ठीक हो जाएंगे। बच्चों से लगातार फोन पर बात कर उनका हौंसला बढ़ाया। रीना खान कहती हैं कि अगर मैं हार जाती तो बच्चों को कैसे संभालती। यही तो मेरी दुनिया है। और इसे मां से बढ़कर कौन समझ सकता है। अब हम सब स्वस्थ हैं। डाक्टर कहते हैं, क्वारेंटाइन सेंटर से हमें जल्द डिस्चार्ज कर देंगे। और हम अपने घर वापस जा सकेंगे।



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A mother also, life is at stake to save her children




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पाक से आई शुष्क हवाओं का असर : प्रदेश में चूरू के बाद कोटा सबसे गर्म

पाकिस्तान (पश्चिम की हवाएं) से आई शुष्क हवाओं के असर से शनिवार को शहर में दिनभर गर्म हवाओं के थपेड़े चले। प्रदेश में चूरू (45.4 डिग्री) के बाद कोटा सबसे गर्म रहा। अधिकतम तापमान 45 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो कि इस सीजन का सबसे अधिक है। देर शाम तक गर्म हवाएं चलने शहरवासी परेशान रहे। जबकि शुक्रवार का अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वही न्यूनतम तापमान शनिवार को 29 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जबकि शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 26. 3 डिग्री का मौसम विभाग के अनुसार सुबह 8:30 बजे की आर्द्रता 22 प्रतिशत रही। जो शाम 5:30 बजे घटकर 14 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई।
यूं बढ़ा अधिकतम पारा : जयपुर मौसम विभाग के डायरेक्टर शिव गणेश ने बताया कि अधिकतम तापमान बढ़ने का असर पाकिस्तान की ओर से यानी पश्चिमी हवाओं के असर से तापमान में बढ़ोतरी हुई है। इस क्षेत्र से यानी रेगिस्तानी एरिया से आने वाली हवाओं में नमी नहीं रहती है इस कारण शुष्क हवाओं के असर से तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है।
आगे क्या : जयपुर मौसम
विभाग के अनुसार रविवार से तापमान में गिरावट की संभावना है। साथ ही ओलावृष्टि के साथ तेज हवाओं यानी 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने का अलर्ट जारी किया गया है।



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Effect of dry winds from Pak: Kota is hottest after Churu in the state




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बिहार के स्टूडेंट्स के लिए आज फिर से चलेगी ट्रेन

बिहार के काेचिंग स्टूडेंट्स काे उनके घराें तक पहुंचाने के लिए रविवार काे फिर से ट्रेन रवाना हाेगी। पहले तकनीकी कारणाें से दाे दिनाें तक ट्रेनाें का जाना बंद हाे गया था। अब अगले दाे दिन तक केवल शाम के समय एक-एक ट्रेन काेटा से रवाना हाेगी। रविवार काे जाे ट्रेन काेटा से बिहार के सिवान जाएगी।
कलेक्टर ओम कसेरा ने बताया कि दाे दिन तक ट्रेनाें काे नहीं भेजा जा सका, अब रविवार से फिर से ट्रेनें चलेंगी। पहले दाे ट्रेनाें से राेजाना छात्राें काे भेजा जा रहा था, अब केवल एक दिन में एक ही ट्रेन रवाना हाेगी, जाे शाम काे जाएगी। अगले दाे दिनाें के लिए दाे ट्रेनाें की व्यवस्था हाे गई है। उसके बाद में फिर से बचे हुए छात्राें की समीक्षा की जाएगी, जितने छात्र बचेंगे उनके अनुसार ही उनकाे भेजने की व्यवस्था हाेगी। काेटा से पिछले कई दिनाें से काेचिंग स्टूडेंट्स काे उनके घराें पर भेजने की प्रक्रिया चल रही है, अभी तक 23 राज्याें व 4 केन्द्र शासित प्रदेशाें के लिए 40 हजार से अधिक स्टूडेंट्स अपने घराें पर पहुंच चुके हैं। बिहार के स्टूडेंट्स काे भी 3 मई से उनके घराें पर भेजा जा रहा है। पांच िदनाें में 11 गाड़ियाें से 12 हजार से अधिक छात्राें काे उनके घराें पर भेजा जा चुका है। अभी भी करीब चार से पांच हजार बिहार के स्टूडेंट्स काेटा में हैं। अब उनकाे भी अपने घराें पर भेजने की प्रक्रिया चल रही है।



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कर्फ्यू इलाकों में छूट और आवश्यक सुविधाएं नहीं ताे अधिकारियों पर हाेगी कार्रवाई : खाचरियावास

शहर के परकाेटा क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे कर्फ्यू और वहां आवश्यक सेवाओं की कमी काे प्रभारी मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने गंभीरता से लिया है। उन्हाेंने कहा कि इलाके की समीक्षा कराे और जहां सुधार आ गया उसे छाेटा करके बाकी काे राहत दाे और लाेगाें तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाओ। इसमें खामी रही ताे इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार हाेंगे। उन्हाेंने शनिवार काे वीडियाे काॅफ्रेंस के माध्यम से काेटा के अधिकारियाें से बात की।
कर्फ्यू और बढ़ाने तथा आवश्यक सुविधाएं नहीं मिलने से परेशान लाेगाें काे कर्फ्यूग्रस्त इलाके में रात के समय बाहर निकलने काे गंभीरता से लेते हुए उन्हाेंने कहा कि लाॅकडाउन व जीराे माेबिलिटी की सख्ती से पालना हाेनी चाहिए, यदि इसे काेई ताेड़ता है ताे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएग। उसे सीधा अंदर कर दाे। साथ ही यह भी देखा जाए कि यह स्थिति क्याें पैदा हुई, वहां यदि खाने की सामग्री, दवाएं व अन्य सुविधाएं नहीं पहुंच रही हैं ताे इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। कर्फ्यू इलाके में काेई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए, हर व्यक्ति तक खाना व खाने की सामग्री पहुंचना चाहिए, यदि इसकी व्यवस्था बिगड़ती है। वहीं प्राचार्य मेडिकल काॅलेज डाॅ. विजय सरदाना ने प्रभारी मंत्री को बताया कि मेडिकल काॅलेज के आइसोलेशन सेन्टर में 250 पाॅजिटिव केस संभाग के हैं, जिनमें से 198 रिकवर हो चुके हैं तथा लगातार दो बार निगेटिव आने वालों को रिलीव कर दिया गया है।
काम कर रहे हाे ताे रिजल्ट क्याें नहीं दिख रहा

खाचरियावास ने कहा कि जब काेटा में सैंपलिंग की पर्याप्त व्यवस्था है ताे इसमें कमी क्याें हाे रही है। पूरी तरह से सैंपलिंग क्याें नहीं हाे रही है। संबंधित इलाके की सैंपलिंग करके उसे फ्री क्याें नहीं किया जा रहा, इस बारे में लापरवाही नहीं हाेनी चाहिए। जहां पाॅजिटिव केस मिल रहा है, उस इलाके में पूरी सैंपलिंग करवाओ, रैंडम सैंपल की संख्या बढ़ाओ। उन्हाेंने सख्ती से अधिकारियाें से कहा कि काम कर रहे हाे ताे उसका रिजल्ट आना चाहिए, जाे अभी तक दिखाई नहीं दे रहा। उन्होंने नरेगा में मजदूराें की व्यवस्था व पेयजल के बारे में भी बात की। वीडियाे कांफ्रेंस में कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारी माैजूद थे।

पीड़िताें की सुनें, पास के लिए काेई परेशान न हाे

उन्हाेंने कहा कि बाहर से आने वाले लाेगाें और पीड़िताें की सुनवाई की जाए। काेई दवा के लिए ताे काेई खाने के लिए परेशान हाे रहा है ताे उसकी सुनाे, उसे टालाे मत। यदि काेई बिहार या अन्य स्थानाें से काेटा आया है, वहां से वह पास ले आया ताे यहां से उसे जाने का पास जारी किया जाए। एक ओर ताे हम छात्राें व लाेगाें काे बसाें से भेज रहे हैं, दूसरी ओर बाहर से आने वाले काे पास देने में आनाकानी करना ठीक नहीं है। ऐसे लाेगाें काे लटकाया नहीं जाना चाहिए।

बिहार सरकार ने स्टूडेंट्स भेजने से किया था इंकार

काेटा से काेचिंग स्टूडेंट्स काे भेजने के बारे में उन्हाेंने कहा कि बिहार सरकार ने पांच हजार स्टूडेंट्स काे लेने से ही इंकार कर दिया था, उन्हें भेजने के लिए दुबारा से बात करके व्यवस्था करवाई है। लेकिन जिस प्रकार से काेचिंग छात्राें काे काेटा से भेजने के लिए राजस्थान सरकार ने प्रयास किए हैं, वैसा सहयाेग अन्य प्रदेशाें से नहीं मिला, इसमें खासकर बिहार सरकार का रवैया ताे नकारात्मक रहा है। वहां से बार-बार रुकावट पैदा हाे रही है। फिर भी हम प्रयास करके सभी काे भेज रहे हैं।
कलेक्टर और एसपी ने दी ये जानकारी

वीसी में कलेक्टर ओम कसेरा ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में जरूरतमंदों तक राशन सामग्री का वितरण कराया जा चुका है तथा नियमित जारी है। काेचिंग छात्राें को घर भेजे जाने की कार्य योजना तथा वर्तमान में श्रमिकों के रहवास सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गर्मियों काे देखते हुए कंटीन्जेसी प्लान के तहत जल परिवहन के लिए आवश्यक कार्यवाही कर ली गई है। एसपी सिटी गौरव यादव, ग्रामीण दुश्यंत राजन ने पुलिस तंत्र की व्यवस्था से अवगत कराया। उन्होंने पुलिस द्वारा फ्लैगमार्च के दौरान आमजन से मिल रहे सहयोगा तथा लाॅकडाउन के दौरान की गई कार्रवाई के बारे में बताया।

भास्कर ने मुद्दा उठाया तो धारीवाल ने अफसरों को दिए निर्देश, कहा-कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों के लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए

दैनिक भास्कर ने परकाेटे के कर्फ्यूग्रस्त इलाकाें में परेशानी झेल रहे लाेगाें की समस्या को प्रमुखता से उठाया तो यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने संज्ञान लिया। उनके निर्देश पर शहर के मकबरा, कैथूनीपोल व रामपुरा एरिया के कर्फ्यू ग्रस्त इलाके के लोगों की समस्या के लिए शनिवार को कोतवाली में एक बैठक हुई। बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों ने कर्फ्यू एरिया के आमजन की समस्याओं को सुना और उनके समाधान भी शुरू कर दिया है।
गाैरतलब है कि दैनिक भास्कर ने शनिवार के अंक में कर्फ्यूग्रस्त इलाकाें के लाेगाें को राशन नहीं मिलने, पैसे खत्म होने, दवा के लिए हो रही परेशानी को उजागर किया है। शनिवार काे आमजन की समस्याएं सुनने के लिए कर्फ्यू एरिया के नोडल अधिकारियों ने लोगों की समस्याओं को सुना और समस्याओं का समाधान किया। बैठक में राशन की दुकान दूसरे एरिया में हैं, जहां पर पुलिस जाने नहीं देती है। अधिकारियों ने कहा है कि पूरे एरिया के लोगों उनके क्षेत्र की राशन की दुकान पर ही राशन उपलब्ध होगा। इसके अलावा गाड़ी अभी रवाना कर दी गई है, जो घरों तक राशन सामग्री पहुंचाएगी निर्णय लिया। घरों तक फल-सब्जी भिजवाने, दवा की दुकान खोलने के लिए अनुमति देने का निर्णय लिया गया। बैठक में मंत्री शांति धारीवाल की तरफ से कर्फ्यू एरिया की जिम्मेदारी संभाले हुए हाड़ौती विकास मोर्चा के संभागीय अध्यक्ष राजेंद्र सांखला मौजूद रहे। इस दौरान व्यापार संघ अध्यक्ष क्रांति जैन, सोनू कुरैशी, संजीव जैन, खेमराज सिंह टीटू, दिनेश शर्मा व मंजू मेहरा भी उपस्थित रहे।
कांग्रेस ने 120 परिवाराें काे राशन वितरित किया

शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी ने बताया कि शनिवार काे कर्फ्यूग्रस्त इलाकाें मोखापाडा, गांडी खाना, श्रीपुरा में लगभग 120 परिवारों को राशन सामग्री वितरित की। उन्हाेंने बताया कि मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशानुसार लगातार 46वें दिन भी जिला कांग्रेस कमेटी के कंट्राेल रूम से लगभग 4500 पैकेट खाने के साथ-साथ राशन सामग्री भी वितरित की गई। बजाज खाना, मकबरा थाना क्षेत्र, कैथूनीपोल थाना, हजीरा बस्ती में पुलिस प्रशासन की मदद से लगभग 550 खाने के पैकेट वितरित किए।



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No relaxation and necessary facilities in curfew areas, action will be taken against the officials: Khachariwas




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कचाैरी को ही देखता, सुनता और कहता है काेटा, लाॅकडाउन ने छीन ली शादी समाराेहाें की राैनक

यह व्यंग्य, मेरे शहर कोटा को समर्पित है। जो केवल कचौरी को देखता है, कचौरी का संगीत सुनता है, और बस कचौरी की ही कहता है। आज लाॅकडाउन की वेला में, जब शराब के लिए लंबी लाइनों की चर्चा हो रही है। लोग लड़ाई-झगड़े कर रहे हैं। तो ऐसे में मुझे मेरे कोटा शहर की प्यारी कचौरी की बहुत याद आ रही है। सारे शहरवासी, कचौरी के बिना कैसे जी पा रहे हैं। यह मैं समझ नहीं पा रहा। मेरा कोटा शहर इस मामले में बिल्कुल अलग है। सारी दुनिया सुबह-सुबह जहां भगवान का नाम लेती है। वहां मेरे शहरवासी कचौरी-ध्यान से अपनी सुबह की शुरुआत करते हैं।
कभी आप सुबह कोटा शहर के भ्रमण पर निकलें। तो पाएंगे कि लोग जगह-जगह गोलाकार समूहों में खड़े होकर तप कर रहे हैं। आप उन्हें देखकर आश्चर्य न करें। वे सैकड़ों सेंटीग्रेट तापमान वाली भट्टी को घेरकर, कड़ाही के तैलीय स्वीमिंग-पूल में गोल-मटोल कचौरी को प्रेमपूर्वक निहारते पाए जाते हैं। पर वे केवल निहार भर रहे हैं, यह कहना गलत है। उनके आपसी प्रेम संवाद भी निरंतर चलते रहते हैं। कचौरी को अब पलटना चाहिए, सिंकाई ठीक नहीं हो रही है, अभी थोड़ी भूरी नजर आने लगी है, इधर से कच्ची है। कितना समय और लगेगा, आंच थोड़ी बढ़ानी होगी। कड़ाही से उठती हुई महक के कारण वहां नाना प्रकार की जंतु प्रजातियां, कुत्ता, गाय, सुअर आदि, बस गले लगने के मामूली डिस्टेंस पर ही खड़ी होती हैं। पर कचौरी तप में पड़े इस साधक की तपस्या इन अवरोधों से बिल्कुल भंग नहीं होती।
इसी कठोर तप के परिणामस्वरूप, साधक को कचौरी फल की प्राप्ति होती है। पर वर्षों से निरंतर खाने के कारण, शरीर का मूल स्वरूप तो बचता ही कहां है। बस कचौरी को खाते देख यही दिखाई देता है कि बड़ी कचौरी छोटी कचौरी को खा रही है। कचौरी, उसकी आत्मा में ऐसी बस जाती है कि वो खुद भी गोल-मटोल कचौरी की तरह नजर आने लगता है।
अब ऐसे में कोटा के मिर्चीले पिच पर बिचारा डाॅक्टर पेट को रोता ही रहे। पर यहीं, कोटा के किसी महान भोजन वैज्ञानिक ने नया वैज्ञानिक नियम प्रचलित कर दिया कि कोटा का पानी मिर्ची मांगता है। और इस वैज्ञानिक नियम को सारा शहर सर्वसम्मति से मानता है। अब यह प्रयोग, कौन सी वुहान की प्रयोगशाला में किया गया। यह आज तक कोई नहीं जान पाया।
प्रत्येक आदमी अपने नसीब में एक ससुराल लिए पैदा होता है और ससुराल से अच्छे संबंध रखना भारत-पाकिस्तान में भाईचारा रखने से कम नहीं है। लेकिन कोटावासियों के संबंध ससुराल से दूसरे भारतीय शहरों की तुलना में अच्छे हैं। उसके पीछे कचौरी का अमूल्य योगदान है। जब आदमी अपने परम्परागत शत्रु यानी साला-साली-सास-ससुर के सामने, कचौरी का बड़ा थैला रखता है, तो वो सारे गिले-शिकवे भूल जाते हैं। वो दुश्मन को भी गले लगा लेते हैं।
बस अब तो बहुत हो गया। अब तो सारा शहर, कचौरी के इंतजार में है। कब हम कचौरी की लाइन में लगेंगे। कब खट्टी और मीठी चटनी से कचौरी को पवित्र स्नान कर भोग लगाऐंगे। अब मुंह में पानी आ रहा है। अब अधिक देर नहीं है।

कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए किए गए लाॅकडाउन ने हमारे जीवन को कई तरह से प्रभावित किया है। समाज में ऐसे परिवर्तन भी देखने को मिल रहे हैं, जिनकी कुछ महीनों पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आमतौर पर हमारे यहां विवाह समारोह भव्य और खर्चीले होने लगे हैं, लेकिन इन दिनाें शादी में दूल्हा दुल्हन के अलावा उनके माता-पिता ही शामिल हाे रहे हैं। आमतौर पर सीमित मेहमानों की माैजूदगी में प्रेम विवाह ही होते हैं, लेकिन अब अरेंज मैरिज में भी ऐसा हाेने लगा है।
भारतीय मान्यताओं के अनुसार शादी एक संस्कार है, लेकिन बाजार की चकाचाैंध ने विवाह समारोहों को भी खास इवेंट बना दिया है। इसीलिए अब शादियों की ज्यादातर व्यवस्था किसी इवेंट एजेंसी के हवाले होती हैं। शादियों के सीजन में जेवरात वालों से लेकर हलवाइयों, दर्जियों और बैंडवालों काे अच्छे व्यवसाय की उम्मीदें जाग जाती हैं, लेकिन इस बार शादियाें का सीजन व्यावसायिक दृष्टि से बहुत सूना गुज़र रहा है। अधिकतर बुकिंग रद्द हो गईं। कोरोना ने केवल आदमी की सेहत की संभावनाओं को ही नहीं बहुत सारी चीज़ों को अपनी जकड़ में लिया है।
क्या किसी विवाह समारोह में भाग लेते हुए आपने कभी सोचा कि हमारी अधिकतर वैवाहिक रस्में किसी ऐतिहासिक युद्ध प्रसंग की याद क्यों याद दिलाती हैं? लड़के ने भले ही जीवन में कभी घुड़सवारी नहीं की हो, लेकिन वाे एक तलवार या कटार के साथ घोड़ी पर बैठकर लड़की वालों के दरवाज़े तक जाता है और वहां अपनी विजय के प्रतीक के तौर पर तोरण मारता है। अक्सर बारातियों का उत्साह किसी विजयी सेना के उन्माद से कम नहीं होता। दरअसल, विवाह एक आजीवन विश्वास के संस्कार का नाम है। यह विश्वास कोई औपचारिक बंधन नहीं देखता। लाॅकडाउन के दिनों में ही कानपुर में एक रोचक शादी हुई। लड़का घर से सब्जी और राशन लेने निकला, लेकिन लौटा तो उसके साथ उसकी नवब्याहता भी थी। लड़के की मां ने यह कहकर उन्हें घर में आने से रोक दिया कि उन्होंने लाॅकडाउन का नियम तोड़ा है। कोटा-झालावाड़ रास्ते में ऐतिहासिक भीम चैरी है। यह एक गुप्तकालीन शिवमंदिर का अवशेष माना जाता है। इसके साथ भी एक विवाह प्रसंग जुड़ा है। कहते हैं जंगल से गुज़रते हुए पाण्डुपुत्र भीम को एक यक्षिणी से प्रेम हो गया। यक्षिणी ने शर्त रखी कि वह सूर्योदय के पूर्व पत्थरों का एक सुंदर मण्डप तैयार कर दें तो वह भीम से विवाह कर लेगी। भीम ने बहुत कोशिश की, लेकिन वो मंडप पूरा नहीं कर सका। लोकमान्यताओं में कोटा का कंसुआ धाम भी एक पौराणिक गंधर्व विवाह से जुड़ा है। कहते हैं कि यहां पर महर्षि कण्व का आश्रम था और पुराण प्रसिद्ध दुष्यंत-शकुंतला का मिलन यहीं हुआ था। महान साहित्यकार जयशंकर प्रसाद ने अपने नाटक समुद्रगुप्त की भूमिका में यह बात लिखी है। जाने माने व्यंग्यकार शरद जोशी ने अपने एक व्यंग्य में लिखा था कि मनुष्य एक विवाहशील प्राणी है। लाॅकडाउन शादियों की धूमधाम पर प्रतिबंध लगा सकता है, लेकिन किसी संस्कार के साथ जीवन भर के लिए किसी का होने में जो सुख है- उस सुख के उल्लास पर कौन प्रतिबंध लगा सकता है?



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स्वयंसेवियों ने जरूरतमंदों तक पहुंचाया खाना

व्यापार सेवा संघ 22 मार्च से लेकर शनिवार तक गरीब निर्धन मजदूर लोगों की सहायता कर रहा है। समिति द्वारा शनिवार तक 750 राशन के किट वितरण कर चुका है। वहीं जैन सोशल ग्रुप, भारत विकास परिषद, प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन, द्वारकाधीश पुष्टि सत्संग समिति, का पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। इस दौरान व्यापार संघ अध्यक्ष विजय मेहता, सचिव चेतन नामदेव, कार्यकारिणी सदस्य राजेश शर्मा, अंशु गुप्ता, समाजसेवी गोविंद सोनी, मुकेश शारदा, यश भंडारी, अर्जुन कसारा, नितेश मूंदड़ा, प्रोपर्टी डीलर एसोसिएशन से तूफान गुर्जर, अजय गुर्जर, चंद्रप्रकाश राठौर,अमरीश सेठिया, द्वारकाधीश समिति से रविराज पाटीदार, रमेश माहेश्वरी, पदम गुप्ता, हरी गुप्ता राकेश चेलावत, सत्य प्रकाश माहेश्वरी आदि लोगों का नाश्ता वितरण किया। वहीं किसान ट्रेडिंग कंपनी के कार्यकर्त्ता द्वारा 500 पैकेट भोजन का वितरण किया गया। इस दौरान कृष्णमोहन गुर्जर, पार्षद अंबेश मीणा, प्रदीप यादव, बलराम गुर्जर, संजय चतुर्वेदी, हलवाई नंदा उस्ताद मौजूद रहे।



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कुम्हेर में प्रवासी पक्षी दिवस मनाया

राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड स्थानीय संघ ने विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया।

स्काउट सचिव प्रकाश चन्द सुमन ने बताया कि इस दिवस के मौके पर बेजुबान पक्षियों के लिए पीने के पानी के परिंडे बांधे गए. भरतपुर दरवाजा हनुमान मन्दिर की बगीची में मन्दिर महन्त पं. राधाचरन शर्मा के साथ हैड कांस्टेवल राजेश कुमार थाना कुम्हेर, उत्तम सिंह यातायात पुलिस,करन सिंह सेवानिवृत प्रधानाध्यापक,रमेश चन्द बंसल,श्याम सुन्दर, खुशी, परी, ववली आदि ने विभिन्न स्थानों पर परिंडे लगाए।

कार्यक्रम में मुंह पर मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। नियमित पानी भरने की जिम्मेदारी महन्त राधाचरन शर्मा ने सहर्ष स्वीकार की।



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प्रभारी मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जिले की समीक्षा

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री रमेश चन्द मीना ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण बेरोजगारी झेल रहे श्रमिकों, किसानों एवं मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य शुरू किए जाए। उन्होंने गर्मियों में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति नियमित रूप से करवाए जाने के निर्देश दिए।
प्रभारी मंत्री शनिवार को शासन सचिवालय से वीसी के माध्यम से अपने प्रभार वाले झालावाड़ जिले के अधिकारियों को समीक्षात्मक बैठक के दौरान आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राशन की दुकानें नियमित रूप से खोली जाएं। इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को निशुल्क गेहूं एवं दाल का वितरण किया जा सके। उन्होंने भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में नियमित रूप से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करने के निर्देश दिए। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। मंत्री ने कहा कि गेहूं, चना एवं सरसों के खरीद केन्द्रों पर कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाए। सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य स्वीकृत किया जाना सुनिश्चित करें। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि जो कार्य स्वीकृत किए गए हैं उनकी प्रभावी तरीके से मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने झालावाड़ जिले से मजदूरों के पलायन से उद्योगों पर पडने वाले प्रभाव एवं इसके समाधान पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की।
ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति नियमित रूप से करें
मंत्री ने क्वारेंटाइन केन्द्र, होम आइसोलेशन, पॉजीटिव मरीजों एवं अब तक जांच किए गए व्यक्तियों के बारे में मोबाइल वेन द्वारा किए जा रहे परीक्षण और सामान्य चिकित्सा व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आमजन के लिए चिकित्सा सेवाओं की पुख्ता व्यवस्था की जाए। उन्होंने हैडपम्प मरम्मत अभियान की प्रगति के साथ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से की जा रही पेयजल की आपूर्ति नियमित रूप से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलों में जो व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उसके आने-जाने सहित बेहतर तरीके से उपचार की व्यवस्था उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें। खाद्य मंत्री ने कहा कि कॉटन एवं खादी के मास्क तैयार करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जाए। जिले में जहां पर भी कर्फ्यू घोषित किया गया है वहां पर आमजन को आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए पास जारी किए जाएं। जिले में जल संसाधन के स्रोतों का जिओ टेगिंग एवं टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। उसका प्रभावी तरीके से पर्यवेक्षण करवाया जाना सुनिश्चित करें। जिले में लॉकडाउन की पालना सख्ती से करवाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने क्वारेंटाइन केन्द्रों पर की जा रही व्यवस्थाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी लेकर बेहतर व्यवस्था उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में सफाई कर्मचारी, फल-सब्जी एवं दूध विक्रेताओं की नियमित रूप से जांच करवाने के निर्देश दिए।



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कसाईपाड़ा के लोगों को प्रशासन ने उपलब्ध कराया आटा, दाल व सब्जी

कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटरों से अपने घरों को लौटे कसाईपाड़ा के लोगों के सामने व्याप्त राशन संकट को देखते हुए प्रशासन ने सहयोगात्मक कदम उठाया है। प्रशासन ने शनिवार को कसाईपाड़ा के परिवारों के लिए आटा, दाल सहित सब्जी की व्यवस्था की।

कस्बा पटवारी देवीसिंह गुर्जर ने बताया कि शनिवार दोपहर कसाईपाड़ा में तहसीलदार जीपी बंसल व नपा ईओ जितेन्द्र गर्ग के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित 44 परिवारों को गेंहूं के स्थान पर 24 क्विंटल आटा, 44 किलो दाल का वितरण राशन डीलर भगवानदास व सुभाष सिंघल के जरिए कराया।

शेष 30 अन्य परिवारों को 10-10 किलो आटे की किट तथा कृषि उपज मंडी सचिव की ओर से 100 किलो आलू व 100 किलो प्याज का निशुल्क वितरण किया गया।



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Administration made available flour, pulses and vegetables to the people of Kasipada




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दिहाड़ी, मजदूरों और जरूरतमंदों को राशन सामग्री किट, भोजन पैकेट वितरित किए

भाजपा की ओर से दिहाड़ी मजदूरों और जरूरतमंदों को राशन सामग्री किट, भोजन पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। भाजपा जिला महामंत्री संजय वर्मा ने बताया कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और सांसद दुष्यंत सिंह पूरे जिले में मंडल, बूथ कार्यकर्ताओं से संपर्क कर लॉकडाउन में जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था करवा रहे हैं। इसी के तहत शनिवार को भी 136 लोगों को राशन किट, 2433 लोगों को भोजन पैकेट मुहैया करवाए। विवेक दुबे ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष संजय जैन ताऊ ने राड़ी के बालाजी रोड, मदारी खां तालाब, बैरवा बस्ती, दुर्गपुरा रोड, नया तालाब, मामा भांजा चौराहा पर पैदल राहगीरों, झालरापाटन रोड, कॉलेज चौराहा, धनवाडा बस्ती सहित अन्य क्षेत्रों में भोजन के पैकेट वितरित किए। इस मौके पर दिलीप प्रजापति, यतन सिंह यादव, संजय शुक्ला, चंद्रमोहन धाभाई, मनोज गुर्जर मौजूद रहे।
वहीं, शहर के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में कार्यरत नगर परिषद के कर्मचारियों की कोरोना के संक्रमण को देखते हुए थर्मल स्क्रीनिंग और टेस्टिंग करवाए जाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है।
सभापित मनीष शुक्ला ने कोरोना को देखते हुए कर्फ्यू ग्रस्त में कार्यरत सफाई कर्मचारियो, फायर कर्मचारियों, घर-घर कचरा सग्रहण में कार्यरत कार्मिकों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग करवाने की कलेक्टर से मांग की है।
पनवाड़. कोरोना महामारी के चलते कोटा जिले की सीमा पर कालीसिंध नदी के किनारे समदखेडी चैक पोस्ट पर प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी की जा रही है। पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, व चिकित्सा विभाग के कर्मचारी 8-8 घंटे की डयूटी कर रहे है। दूसरी और सांगोद रोड, आकोदिया हनुमान मंदिर के सामने एवं दहीखेड़ा से सांगोद रोड़ पर बागडसी के चैक पोस्ट पर इस समय तेज गर्मी, आंधी व बारिश में भी पुलिस व शिक्षा विभाग के कर्मचारी तैनात है।



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Distributed ration material kits, food packets to daily wagers, laborers and the needy




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जनूथर से अपनाघर को भेजा 45 क्विंटल गेहूं

जनूथर की अपना घर सेवा समिति सदस्यों ने जनसहयोग से एकत्रित रसद सामग्री को अपनाघर आश्रम भरतपुर भेजा। रसद सामग्री से भरे तीन वाहनों को नायब तहसीलदार कैलाश मीणा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर सेवा समिति के ब्लॉक संयोजक चन्द्रभान शर्मा एवं समिति डीग अध्यक्ष मान सिंह यादव मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार रसद सामग्री के रूप में 45क्विंटल गेहूं, 13कट्टा चीनी, 14 कट्टा चावल, 2 कट्टा सूजी, 8 पीपा सरसों का तेल,चने की दाल व आटा सहित अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई है। चन्द्रभान शर्मा ने बताया कि इस मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी की गई।



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वेतन के मुद‌्दे पर लेबर कॉलोनी के श्रमिकों ने की पत्थरबाजी और गार्डरूम में तोड़फोड़

राजस्थान टैक्स टाइल्स मिल्स में पिछले कई दिनों से श्रमिक वेतन को लेकर मिल्स प्रबंधन व श्रमिकों के बीच चल रही गरमागरमी शनिवार शाम तक खुलकर सामने आ गई। अप्रैल माह में टैक्सटाइल मिल्स प्रबंधन द्वारा 40% से भी कम वेतन डालने के बाद स्थानीय मिल्स श्रमिकों के बाद बाहरी क्षेत्र के लेबर कॉलोनी में रहने वाले श्रमिकों का गुस्सा फूट पड़ा। 2,000 से अधिक संख्या में मौजूद श्रमिकों ने एकसाथ मिलकर पत्थरबाजी कर लेबर कॉलोनी गेट पर मौजूद गार्डरूम को तोड़फोड़ कर दिया। हालात यह रहे कि पुलिस प्रशासन को भी जान बचाकर भागना पड़ा।
पत्थरबाजी के बाद स्टाफ गेट में घुसे श्रमिक
श्रमिकों का गुस्सा फूटने के बाद पत्थरबाजी से शुरू हुआ मामला स्टाफ कॉलोनी के अंदर तक जा पहुंचा, जहां हजारों की तादाद में श्रमिक एक साथ दीवार कूदकर मिल्स प्रबंधक स्टाफ कॉलोनी में जा घुसे, जहां पर पुलिस को बल प्रयोग कर श्रमिकों को खदेड़ना पड़ा। स्थानीय पुलिस प्रशासन में जवानों की कमी के कारण मिश्रौली थाना पुलिस से जवानों को बुलाकर भवानीमंडी एवं मिश्रौली पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई कर मामले को संभाला गया।

यह है मजदूरों की मांग

स्थानीय मजदूरों ने बताया कि मिल्स प्रबंधन द्वारा लॉकडाउन के समय से ही मजदूरों का शोषण कर रही है। लेबर कॉलोनी से बाहर ना जाने देना-वेतन कटौती करना मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। मजदूरों ने बताया कि 8000 प्रति माह तक कमाने वाला व्यक्तियों को मिल प्रबंधन द्वारा 2200 से लेकर 2500 रुपए तक वेतन दिया जा रहा है, जिससे श्रमिकों को लॉकडाउन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।



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Labor colony workers stoned and vandalized guardroom on salary issue




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कोरोना जागरुकता के लिए एबीवीपी ने शुरू की ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जागरुकता और लॉकडाउन की पालना को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता शुरू की है।

प्रतियोगिता संयोजक प्रांत कार्यकारिणी सदस्य शुभम खत्री व सह संयोजक जतिन गर्ग ने बताया कि विद्यार्थी कोरोना से बचाव, जागरुकता व लॉकडाउन से संबंधित पेंटिंग्स बनाकर उन्हें वाट्सएप नंबरों 6377155011 (संजीव सिकन्दरा) व 9636363674 (शुभम खत्री) पर भेजनी होगी।

इन पेंटिंग्स को एबीवीपी जयपुर प्रांत के फेसबुक पेज पर अपलोड किया जाएगा। प्रतियोगिता की अंतिम तिथि 17 मई रखी गई है। खत्री ने बताया कि कई विद्यार्थियों ने अपनी बनाई हुई पेंटिंग्स भेजनी शुरु कर दी हैं। प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।



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बिना अनुमति के पीईईओ शिक्षक नदारद, एसडीएम ने किया तलब

कोरोना संक्रमण में आवश्यक ड्यूटी में लगे रामपुरिया पीईईओ व खेजड़िया का एक शिक्षक बिना बताए ड्यूटी स्थल ने नदारद हो गए। जिस पर एसडीएम श्रवण सिंह के सामने उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। लेकिन दोनों हो उपस्थित नहीं हुए। इनको अब नोटिस देकर तलब किया जाएगा।
ग्राम पंचायत रामपुरिया की कोरोना कोर कमेटी के अध्यक्ष पीईईओ सुदामा पाराशर आपदा प्रबंधन के तहत आवश्यक सेवाओ के लिए नियुक्त थे। जिनका कार्य ग्राम पंचायत स्तरीय कोरोना आपदा राहत व बचाव कार्यों के साथ साथ ग्रामीणों दी जाने वाली आवश्यक सेवाओं की मॉनिटरिंग करना है, लेकिन पीईईओ पराशर गत 6 मई को ही मुख्यालय से अपने निवास भरतपुर चले गए। जबकि कोरोना के तहत ड्यूटी दे रहे कार्मिको को बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़ने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बावजूद भी वह नदारद हो गए।
रामपुरिया के पीईईओ व खेजड़िया के शिक्षक को 9 मई को मेरे समक्ष उपस्थित होना था। लेकिन दोनों ने आदेशो की पालना नहीं की। इस पर आगे कार्यवाही करते हुए दोनों को नोटिस जारी किए जा रहे है।
श्रवणसिंह राजावत, एसडीएम पिड़ावा



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