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जिले में कोरोना के तीनों मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव, एक्टिव की संख्या हुई शून्य, फूल और तालियों से स्वागत कर स्वास्थ्यकर्मियों ने भेजा घर

कोरोना संकट से चिंतित जिले वासियों के लिए शनिवार को राहत भरी खबर सामने आई। जिले में दूसरे चरण में मिले तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की शुक्रवार देर रात आई तीसरी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव थी। जिसके बाद मरीजों व उनके परिजनों सहित अस्पताल कर्मियाें ने भी राहत की सांस ली। तीनों का स्वाब जांच के सैंपल का रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद तीनों को कोरोना पर जीत हासिल करने की खुशी में सदर अस्पताल में धूमधाम से विदाई दी गई। स्वास्थ्य कर्मियों ने ताली बजा कर एवं फूलों की बारिश कर तीनों को घर के लिए विदा किया। तीनों को ही अपने-अपने घरों में 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि 24 अप्रैल को मुंगेर की एक महिला की काेरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसके चेन की जांच करने पर उसका संपर्क लखीसराय से जुड़ा था। इसके आधार पर गुणसागर और खुटुकपार गांव के साथ ही लखीसराय एवं हलसी में जांच कराई गई थी। इस जांच रिपोर्ट में 26 अप्रैल को एक सात वर्षीय बच्ची और दो कंपाउंडर की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। तीन कोरोना पॉजिटिव मिलते ही जिले में हड़कंप मच गया था। इसके बाद इन तीनों के संपर्क में आए लोगों की भी जांच कराई गई, लेकिन जांच में किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं थी। तीनों को लखीसराय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज किया गया। इलाज के बाद दोनों सैंपल का रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शनिवार को सिविल सर्जन डाॅ. आत्मानंद कुमार, डीएस डाॅ. अशोक कुमार सिंह, डीपीएम खालिद हुसैन, अस्पताल प्रबंधक नंद किशोर भारती सहित अन्य डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों ने विदा किया।
कोरोना से डरना नहीं लड़ना है
काेरोना पर जीत दर्ज करने वाले मरीजों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से ही काेरोना के विरुद्ध लड़ा जा सकता है। इसी के तहत हमने कोरोना को हराया है। उन्होंने कहा कि घर जाकर वे 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। सभी काे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहेंगे। कहा कि कोरोना से डरना नहीं, लड़ना और उसे हराना है।

‘14 दिन तक सावधानी जरूरी’
सीएस डाॅ. आत्मानंद कुमार ने कहा कि तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ठीक होना जिले के लिए अच्छी खबर है। हालांकि इन्हें अस्पताल से तो छुट्टी दे दी गई है, लेकिन होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है। 14 दिनों में किसी प्रकार की परेशानी होने पर वे इलाज के लिए आ सकते हैं। कोरोना को हराने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए।



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डिस्चार्ज का पर्चा लेकर खड़े कोरोना पर विजयी प्राप्त करने वाले तीनों मरीज व स्वागत करते स्वास्थ्यकर्मी।




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बिजली करंट से मवेशी की मौत

प्रखंड अंतर्गत शिवपुरी पंचायत के वार्ड 8 में शनिवार को गुलाई मुखिया के एक भैंस की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। जानकारी अनुसार गुलाई मुखिया रोजाना की तरह सुबह करीब 10:30 बजे भैंस लेकर अपने घर के पिछवाड़े में चराने गया था। जहां बिजली खंभा पर लगा 11 हजार वोल्ट का हाई टेंशन तार नीचे लटका हुआ था। जिसके संपर्क में आने से भैंस की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना स्थल पर मौजूद उमेश मुखिया, गुलाब मुखिया, बिहारी मुखिया, शंकर मुखिया, गणेश मुखिया, ललन मुखिया, धरम मुखिया, मिथुन मुखिया, अनार देवी, पछिया देवी, सुनर देवी, खेंखी देवी ने बताया कि 11 हजार वोल्ट विद्युत प्रवाहित हाई टेंशन तार जमीन के काफी करीब लटका था। जब से खंभा लगाया गया, तब से बिजली का तार जमीन के करीब लटका है। करीब 15 दिन पहले यही जगह पर एक बारह वर्षीय बच्ची बिजली के चपेट में आ गई थी। जो बाल-बाल बची थी। लोगों ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को कई बार शिकायत करने के बद भी सुधार नही किया गया। जिसके चलते शनिवार को एक भैंस की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई।



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पांच घंटे तक नहीं मिली बस तो जालंधर से लौटे प्रवासियों ने टोल गेट जाम कर किया हंगामा

पंजाब के जालंधर सहित अन्य जगहाें से लौटे 5 दर्जन से अधिक प्रवासियों ने अव्यवस्था के खिलाफ शनिवार की सुबह 9:48 बजे कोसी महासेतु टॉल प्लाजा के गेट को जाम कर हंगामा किया। एनएच-57 स्थित मझारी चौक व कोसी महासेतु के मध्य में अवस्थित टोल प्लाजा के शुल्क लेन वाले एक रास्ते काे जाम कर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने भारी वाहन काे भी कुछ देर के लिए राेक दिया और प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति के खिलाफ आक्राेश जताया।
इस दाैरान टाेल प्लाजा के पास माैजूद त्रिवेणीगंज एसडीपीओगणपति ठाकुर, समाजसेवी निर्मल भगत अादि के द्वारा काफी देर तक समझाने पर प्रदर्शनकारियाें का गुस्सा शांत हुआ। इसके बाद भी प्रवासी मजदूर टाॅल प्लाजा के प्रवेश द्वार के पास ही धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियाें ने बताया कि पंजाब के जालंधर से ट्रेन से वे लाेग दरभंगा में ही उतर गए। वहां से ये लाेग बस से टाॅल प्लाजा तक सुबह लगभग 4 बजे पहुंचे। जहां प्रखंडवार पंजीकरण सह मेडिकल जांच केंद्र पर संबंधित प्रक्रिया सुबह 5 बजे ही पूरी कर ली गई। लेकिन कैंप के पास से लाेगाें काे प्रखंड क्षेत्र के क्वारेंटाइन तक पहुंचाने के लिए प्रवासियाें काे 10 मिनट के अंदर बस अाने की सूचना दी जा रही है। 10 मिनट के बदले वे 5 घंटे गुजर गए। लाेगाें काे कड़ी धूप में बैठना पड़ा है। एसडीपीओकी पहल पर सभी लाेग टाॅल प्लाजा के पास ही छाेटे-छाेटे पाैधें के पास बैठ गए। सभी काे प्रशासनिक स्तर पर वाहनाें से गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया।

प्रवासियाें काे टॉल प्लाजा के पास सामाजिक स्तर से कराया गया नाश्ता और भाेजन
प्रखंडवार पंजीकरण केंद्र सह मेडिकल जांच केंद्र के पास त्रिवेणीगंज एसडीपीओश्री ठाकुर के द्वारा सामाजिक स्तर पर प्रवासियाें काे नाश्ता और भाेजन भी करवाया गया। दरअसल त्रिवेणीगंज के गल्ला व्यवसायी निर्मल भगत, राेशन झा, उत्तम सिंह, राम कुमार के संयुक्त नेतृत्व में प्रवासियाें के लिए टाेल प्लाजा के पास लंगर का आयाेजन किया जा रहा है। जहां प्रवासियाें के साथ-साथ शिविर में प्रतिनियुक्त अधिकारी व कर्मियाें काे सुबह में नाश्ता, दाेपहर, शाम और रात में भाेजन करवाया जा रहा है। समाजसेवी श्री भगत ने बताया कि शुक्रवार की शाम से शनिवार की सुबह 11 बजे तक लगभग 4 हजार से अधिक लाेगाें काे गुणवत्तापूर्ण नाश्ता व भाेजन करवाया गया है। लंगर का आयाेजन प्रवासियाें के आगमण तक जारी रहेगा।

सूबे के बाहर से बसाें में ठूस-ठूस कर लाए जा रहे प्रवासी मजदूर, सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
काेसी महासेतु टाेल प्लाजा के पास शनिवार की सुबह लगभग 10 बजे दरभंगा की ओर से एक और बस पहुंची। लेकिन बस में प्रवासियाें की इतनी भीड़ थी कि साेशल डिस्टेंसिंग तक का अनुपालन नहीं दिखा। बस की छत पर भी आधा दर्जन से अधिक प्रवासी सवार थे। इस दाैरान प्रवासियाें ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर मजदूरों काे लाने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। निर्धारित से अधिक किराया देकर बसाें में प्रवासियाें काे ठूस-ठूस कर लाया जा रहा है। चलने वाली बसाें की संख्या भी काफी कम है। इस कारण ही जल्द गंतव्य तक पहुंचने की जिद में वे लाेग जान हथेली में रख कर यात्रा करने काे विवश थे। कुछ प्रवासियाें ने यह भी बताया कि यदि बसाें का परिचालन सुचारू हाे जाए ताे विभिन्न प्रदेश से लाैटने वाले लाेगाें काे राहत मिलेगी।
वाहनाें की कमी के कारण हुई परेशानी, हो रही व्यवस्था
दिल्ली, पंजाब सहित अन्य राज्याें से प्रवासी मजदूरों का आगमण जारी है। जिला प्रशासन के द्वारा काेसी महासेतु टाॅल प्लाजा के पास प्रखंडवार पंजीकरण सह मेडिकल जांच केंद्र व जिला पुलिस सहायता केंद्र भी संचालित है। काफी संख्या में लाेग लाैट रहे है। वाहनाें की कमी के कारण परेशानी हाे रही है। इसे लेकर विभागीय स्तर पर पहल की जा रही है। जल्द ही व्यवस्था में सुधार हाेगा।
-गणपति ठाकुर, एसडीपीओत्रिवेणीगंज



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कोसी महासेतु टोल प्लाजा के गेट को किया जाम, त्रिवेणीगंज एसडीपीअाे व समाजसेवी की पहल पर शांत हुए लाेग
हंगामा कर रहे प्रवासियाें काे समझाते त्रिवेणीगंज एसडीपीअाे व अन्य।




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संक्रमित मिलने के बाद प्रशासन गंभीर

महाराष्ट्र के नंदूरबार स्थित इस्लामियां मदरसा में पढ़ने वाले छात्रों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर के बाद जिला प्रशासन गंभीर हो गया है। शनिवार को जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों का प्रखंड कार्यालय में बार-बार कॉल आने से हलचल शुरू हो गई। साथ ही इस खबर से प्रखंड क्षेत्र में भी दहशत का माहौल है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिला से वैसे छात्रों की सूची मांगी जा रही है जो नंदुरबार के इस्लामिया मदरसा से आए थे। जिला प्रशासन सबंधित छात्रों की सूची मांगी गई है। जानकारी अनुसार पिपरा प्रखंड में नंदुरबार मदरसा में पढ़ने वाले कुल 44 छात्र आए हैं। जिन्हें प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत सरकार भवन क्वारेंटाइन सेंटर में 24 घंटे रखने और मेडिकल जांच के बाद होम क्वारेंटाइन करा दिया गया है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जेपी साह ने बताया कि मेडिकल जांच बाद दो छात्र को सदर अस्पताल सुपौल भेज दिया गया था। ज्ञात हो कि सहरसा में इन्हीं छात्रों में से एक के कोरोना पॉजिटिव केस मिलने की खबर ने प्रशासनिक सक्रियता बढ़ा दी है।



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क्वारेंटाइन सेंटर से एक ही जीप में जांच कराने के लिए 15 लाेग पहुंचे अस्पताल

बगहा| बगहा-एक प्रखंड के झरमहुई हाईस्कूल में क्वारेंटाइन किए गए नेपाल के 15 लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए एक ही जीप में बैठ अनुमंडलीय अस्पताल में जांच के लिए पहुंचे। और जांच के बाद फिर उसी जीप में एक साथ बैठ झरमहुई के लिए रवाना हो गए। भला इस तरह कैसे हम कोरोना पर पा सकेंगे काबू। झरमहूई पंचायत के मुखिया शमशाद अली ने बताया की ये लोग मार्च में हीं नेपाल से आए थे। लेकिन, लॉकडाउन के कारण यहीं फंस गए। जिन्हें हाई स्कूल में रखा गया था।



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किसानों को एक एकड़ के लिए 1 से 3 हजार में खरीदना पड़ रहा धान का बीज, अबतक नहीं मिला अनुदानित बीज

विभाग के तरफ से सस्ते दर पर उन्नत किस्म के बीज व उर्वरक समय पर उपलब्ध नहीं होने से किसान योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे है। 15 मई तक धान का बिचड़ा गिराने का सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। इसके लिए किसान खेतों को तैयार कर लिए हैं। समय पर सरकारी बीज व उर्वरक नहीं मिलने पर किसान बाजार से ऊंची दरों पर बीज की खरीदने के लिए मजबूर हैं। किसानों को एक एकड़ के लिए एक हजार से तीन हजार तक का बीज बजार से खरीदना पड़ रहा है। जबकी अनुदानित बीज की कीमत 19 सौ से लेकर तीन हजार तक है। जिसमें बीज के साथ कीटनाशक व खाद साथ में मिलता है। इसके बाद किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान मिलता है। जिससे किसानों को 9 सौ से लेकर 15 सौ तक कीटनाशक व खाद के साथ बीज मिल जाता है।

सरकार के भरोसे नहीं होगी खेती
किसान नेता भाई उत्कर्ष, छोटे श्रीवास्तव आदि ने बताया कि धान का बिचड़ा गिराने का काम शुरू हो गया है। अगर सरकार के भरोसे रहेंगे तो खेती नहीं कर सकेंगे। देर से बिचड़ा गिराने से धान में रोग लगने का डर रहता है।

पिछले वर्ष का अबतक नहीं मिला अनुदान

किसानो ने बताया कि एक वर्ष से पिछले वर्ष के अनुदान के लिए चक्कर काट रहे है। बताते चले कि पिछले वर्ष 242 किसानों ने अनुदान पर धान का बीज खरीदा था। लेकिन इन किसानों को 7, 68, 830 रु. अबतक नहीं मिला है। जिसमें किसानों ने तनाव रोधी योजना के तहत 50 किसानों ने 1 लाख 51 हजार रुपए की। श्री विधि योजना के तहत 75 किसानों ने 2 लाख 38 हजार 725 रुपए की। जीरो टीलेज के तहत 67 किसानों ने 2 लाख 8705 रुपए की। वहीं, पैडी ट्रांसप्लांटर योजना के तहत 50 किसानों ने 1 लाख 62 हजार 245 रुपए की खरीदारी किया था।

खरीफ महोत्सव के बाद ही बीज का वितरण किया जाता है। अबतक कोई भी जिला से मार्ग दर्शन नहीं आया है। इस वर्ष कबतक बीज आएगा कहा नहीं जा सकता। अभी मै पुराने अनुदान के पैसा के लिए परेशान हूं। -पृथ्वी चंद्र, बीएओ, बगहा



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ई-किसान भवन के बाहर खड़े किसान।




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क्वारेंटाइन केंद्र पर प्रवासी लोगों को गुणवत्तापूर्ण भोजन कराने की मांग

प्रखंड के उच्च विद्यालय, कन्हौली में प्रवासी लोगों को रखने के लिए बने क्वारेंटाइन केंद्र पर गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध नही होने की शिकायत बनियापुर प्रखंड के मानोपाली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मंगलदेव सिंह, सहजीतपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मुन्ना सिंह, धवरी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि एवं पैक्स अध्यक्ष दिलीप राय ने गंगा समग्र अभियान के प्रदेश संयोजक अजय यादव को इस बात की जानकारी फ़ोन पर दी। श्री यादव ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एवं सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन को बनियापुर के क्वारेंटाइन केंद्र पर प्रवासी लोगों को गुणवत्तापूर्ण भोजन, शौचालय, स्नानागार की प्रयाप्त व्यबस्था, पानी बिजली एवं साफ- सफाई , 24 घंटे चिकित्सीय व्यवस्था नहीं देने से संबंधित शिकायत से अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने तुरंत जांच करने का आदेश एडीएम भारत भूषण प्रसाद को दिया। केंद्र पर पहुंचने पर श्री प्रसाद ने शिकायत को सही पाया और अबिलम्ब केंद्र पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और मोबाइल पर अजय यादव को तुरंत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जानकारी दी। श्री यादव ने जिलाधिकार से बनियापुर के प्रखंड विकास अधिकारी एवं अंचलाधिकारी से स्थानीय मुखिया एवं जनप्रतिनिधियों से ठीक से व्यबहार नहीं करने की बात कही और कहां की जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर लोगों के बीच जागरूक अभियान चलायें।



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दो महीने में शुरू होगी व्यवस्था डाक से लोगों के घरों तक पहुंचेगा नक्शा

राज्य में अब सर्वे और चकबंदी के नक्शा की होम डिलीवरी होगी। जल्द ही डाक के जरिए लोगों को घरों तक नक्शा पहुंचने लगेगा। नक्शा लेने वाले को नक्शा की फीस के साथ-साथ डाक का खर्च भी देना होगा। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद नक्शा के लिए सर्वे आफिस का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन आवेदन और फीस जमाकर लोग घर बैठे नक्शा मंगा सकेंगे।

राजस्व भूमि सुधार विभाग नक्शा लेने में लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए नई व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह ने बताया कि इसके लिए वेंडर का चयन किया जाएगा और अगले दो महीने में लोगों को घर बैठे नक्शा मिलने लगेगा। उन्होंने बताया कि गुलजारबाग स्थित बिहार सर्वेक्षण कार्यालय से डाक द्वारा नक्शा की आपूर्ति की जाएगी।
विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने बताया कि अभी राज्य के 32 जिलों में प्लॉटर के जरिए नक्शा की आपूर्ति की जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य के बाहर मुंबई के बिहार फाउंडेशन और दिल्ली के बिहार भवन में प्लॉटर लगाया गया है, जिसके जरिए डिजिटाइज्ड मानचित्रों की आपूर्ति की जा रही है।

अभी मुफ्त डाउनलोड करने की है सुविधा
अभी भू-अभिलेख और परिमाप निदेशालय http://dlrs.bihar.gov.in/ वेबसाइट के जरिए ए फोर साइज में सर्वे और चकबंदी के नक्शाें को मुफ्त में उपलब्ध करा रहा था। लेकिन इसके व्यवसायिक इस्तेमाल की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद विभाग एनआईसी के माध्यम से इसके व्यू में बदलाव कर रहा है। ताकि इसपरप्रभावी तरीके से रोक लगाया जा सके।
ए फोर साइज की की कीमत ‌150 रुपए
जमीन की खरीद बिक्री, खेसरों की मापी और मौजों के निर्धारण के लिए नक्शा की जरूरत होती है। सर्वे कार्यालय से अभी रैयतों के इस्तेमाल के लिए ए फोर साइज का नक्शा 150 रुपए में मिलता है। लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था के तहत नक्शा मंगाने पर हर सीट के लिए 150 रुपए देना होगा, साथ ही रैयत को ही डाक खर्च वहन करना होगा। ये नक्शा कैडेस्टल सर्वे, रीजनल सर्वे और चकबंदी से संबंधित हैं।



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जमीन की खरीद बिक्री, खेसरों की मापी और मौजों के निर्धारण के लिए नक्शा की जरूरत होती है।




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वाहन पास के अब सिर्फ दाे ही विकल्प, बिहार सरकार ने निजी पास के आवेदन से अन्य कारण को हटाया

(ब्रजकिशोर दुबे) लॉकडाउन थ्री में राज्य के लाेगाें काे निजी काम के लिए सिर्फ दाे ही स्थितियाें में वाहन पास मिलेगा। पहला, इलाज कराने और दूसरा, पारिवारिक सदस्य की मृत्यु या श्राद्ध में शामिल हाेने के लिए ही पास जारी हाेगा। इसके अलावा अन्य किसी भी हालत में वाहन पास नहीं दिया जाएगा। हालांकि, यदि दूसरे राज्य का काेई व्यक्ति अगर बिहार में फंसा है ताे उसे अपने घर जाने के लिए पास मिल सकेगा। यह स्थिति राज्य सरकार द्वारा आवेदन फाॅर्म में बदलाव किए जाने से उत्पन्न हुई है।
अब तक इन दाे प्रमुख वजहाें के अलावा वाहन पास के लिए ऑनलाइन आवेदन फाॅर्म में अन्य कारण का भी काॅलम था जिसे अब हटा दिया गया है। अब यदि आपके बच्चे, पत्नी, मां-बाप दूसरे जिले और दूसरे राज्य में लॉकडाउन के दौरान फंसे हैं। आप उनको निजी वाहन से लाना चाहते हैं तो आप आवेदन नहीं कर सकते हैं। यानी आपको पास नहीं मिलेगा। लेकिन किसी ऑफिस के कर्मचारी काे प्रमाण पत्र पेश करने पर कार्यालय के काम के लिए पास मिल सकेगा।

राज्य के भीतर व बाहर से लाना-ले जाना मुश्किल

पटना जिला प्रशासन की बेवसाइट से ऑनलाइन आवेदन के कॉलम से अन्य कारण काे हटा देने से पास में महज तीन श्रेणियां बच गई हैं। ये हैं-व्यक्तिगत, अधिकारिक और व्यापार। व्यक्तिगत कारण में तीन ऑप्शन हैं-पारिवारिक सदस्य की मृत्यु या श्राद्ध, दूसरा,–निजी आकस्मिक चिकित्सा और पारिवारिक सदस्यों की आकस्मिक चिकित्सा होना, तीसरा,- बिहार में फंसे अन्य राज्यों के व्यक्ति हैं। इनमें से जो भी कारण आप देंगे उसका साक्ष्य अपलोड करना होगा। तभी आपको पटना जिला प्रशासन से पास मिलेगा। इन तीन कारणों को छोड़ चौथा कारण होने पर ऑनलाइन पास का आवेदन भरने पर ही रोक लगा दी गई है। वहीं आधिकारिक यात्रा का पास बनाने के लिए आवेदन देते हैं तो आपको कार्यालय कर्मचारी, आउट सोर्सिंग कर्मचारी या अन्य में से एक सलेक्ट करना है। इसका साक्ष्य अपलोड करना है। इसी तरह व्यापार के लिए पास का आवेदन देंगे तो आपको ई-कामर्स, थोक, खुदरा या निर्माण से संबंधित आवेदन भरना होगा।

सिर्फ तीन कैटेगरी में ही अब वाहन पास
बिहार सरकार ने तीन कारणों से व्यक्तिगत श्रेणी में पास जारी करने का निर्देश दिया है। इसमें पारिवारिक सदस्यों की मृत्यु होने, पारिवारिक सदस्य की आकस्मिक चिकित्सा और बिहार में फंसे दूसरे प्रदेश के लोग शामिल हैं। इसके अलावा किसी वजह से पास नहीं दिया जाएगा।-कुमार रवि, डीएम, पटना

नवादा के विधायक को मिला था कोटा का पास...मचा था बवाल

लॉकडाउन में आवाजाही पर लगी रोक के बीच वाहन पास जारी करने पर ही बवाल हुआ। यह पास नवादा के एसडीओ की ओर से हिसुआ के विधायक को जारी किया गया था। विधायक कोटा से बेटी को लाने गए। यह वह दौर था जब कोटा के छात्र वापसी की मांग कर रहे थे और सरकार केंद्रीय गाइडलाइन का हवाला दे रही थी। मामले में नवादा के एसडीओ, विधानसभा के ड्राइवर तक पर कार्रवाई हुई। ड्राइवर पर इसलिए कि विधायक भाजपा के सचेतक हैं और उन्हें विधानसभा से गाड़ी मिली है। ड्राइवर पर आरोप यह लगा कि राज्य से वाहन बाहर ले जाने के लिए सभा सचिवालय से अनुमति नहीं ली गई। एसडीओ निलंबन मुक्त हो चुके हैं।



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नवादा के एसडीओ की ओर से हिसुआ के विधायक को जारी किए गए पास के बाद हुआ था पास।




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सभी स्पैन तैयार, गांधी सेतु की एक लेन से 15 जून से दाैड़ेंगी गाड़ियां

लोहे के नवनिर्मित गांधी सेतु की पश्चिमी लेन पर 15 जून से ट्रक भी दौड़ेंगे। सभी तरह के मालवाहक वाहन और बड़ी बसें आसानी से पार होंगी। पथ निर्माण विभाग के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने शनिवार को कहा कि पश्चिमी लेन (दो लेन) के सभी 44 स्पैन तैयार हैं। अलकतरा बिछाने का काम तेजी से किया जा रहा है।

बिहार की इस लाइफलाइन को निर्माण एजेंसी एफ्कॉन्स और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय 15 जून से चालू करने का लक्ष्य तय कर काम कर रहे हैं। वर्ष 1982 में 5.5 किमी लंबे गांधी सेतु को बनाने पर 87 करोड़ खर्च हुए थे और अब सिर्फ सुपर स्ट्रक्चर को बदलने पर 1372 करोड़ खर्च हो रहे हैं। पश्चिमी लेन को चालू कर देने के बाद पूर्वी लेन को तोड़ने का काम शुरू होगा। वर्ष 2021 के अंत तक पूर्वी लेन पर गर्डर बिछाने और वर्ष 2022 चालू करने की योजना है।



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गांधी सेतु पर अलकतरा बिछाने का काम जारी।




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गोपालगंज में जदयू विधायक के करीबी ठेकेदार की गोली मार हत्या

गोपालगंज के उचकागांव थाना क्षेत्र के बरवां मठ के पास शनिवार की सुबह कटेया थाना क्षेत्र के बभनौली गांव निवासी जदयू विधायक अमरेंद्र पांडेय के करीबी ठेकेदार शंभू मिश्रा की हथियारबंद बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। ठेकेदार अपने निवास स्थान पर योगा कर रहे थे। इसी दौरान बाइक पर सवार दो बदमाश पहुंचे और फायरिंग शुरू कर दी। जान बचाने के लिए ठेकेदार बाहर की तरफ भागे। लेकिन बदमाशों ने उन्हें दौड़ा का गोलियों से भून डाला। इससे उनकी मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
हत्या का कारण पुरानी रंजिश काे माना जा रहा है। इस मामले में ठेकेदार के परिजनों ने भाजपा नेता कृष्णा शाही के भाई उमेश शाही समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई है। हत्या के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। ठेकेदार शम्भू मिश्रा के 11 वर्षीय बेटे की भी 15 साल पहले गला दबाकर हत्या कर दी गई थी।



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ठेकेदार शंभू मिश्रा बाइक सवार दो बदमाशों ने हमला कर दिया, गोली लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।




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32 नए मरीज मिले सभी प्रवासी मजदूर; रिकवरी में बिहार चौथे नंबर पर, 51 और स्वस्थ

राज्य में शनिवार काे 32 नए काेराेना मरीज मिले। ये सभी हाल ही में ट्रेन से दूसरे राज्यों से आए हैं। शुक्रवार को छोड़ पिछले चार दिनों से कम पॉजिटिव केस मिलने का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। राज्य में कुल कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 611 हो गई है। मुजफ्फरपुर में काेराेना संक्रमण फैलने के साथ राज्य के 38 में से 37 जिलाें में कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। अब केवल जमुई ही कोरोना से बचा हुअा है। शनिवार को मिले मरीजाें में बेगूसराय के 12, रोहतास के 5, मुजफ्फरपुर के 3, अरवल के 3, नालंदा व मुंगेर 2-2 व शेखपुरा, वैशाली, भोजपुर, खगड़िया और सीवान के एक-एक है। शनिवार को एक दिन में सबसे अधिक 11 जिलों से पॉजिटिव मरीज मिले हैं।
बाहर से आने वाले लोगों के साथ कोरोना वायरस भी आएगा, इसकी आशंका विशेषज्ञ पहले से ही जता रहे थे। शुक्रवार को भी जिन लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उनमें से अधिकांश तीन दिन पहले ही विशेष ट्रेन से बिहार आएं हैं। शुक्रवार को तीन नए जिले सहरसा, सुपौल और खगड़िया में संक्रमण पहुंचा था। यहां भी बाहर से आए श्रमिक चपेट में आए थे।

मरीजों के ठीक होने में केरल, तेलंगाना, राजस्थान हमसे आगे

बिहार के लिए खुशी की बात यह है कि कुल संक्रमित मरीजों में से लगभग 54 फीसदी इस वायरस को हराने में सफल रहे हैं। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है। राष्ट्रीय औसत 29 फीसदी है। शनिवार को राज्य के 51 लोगों ने कोरोना वको मात दी है। अभी तक कुल 318 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। शनिवार को गोपालगंज के 14, कैमूर-बक्सर के 9-9, रोहतास के 6, सारण के 3, प. चंपारण के 3, औरंगाबाद के 2, पटना, मुंगेर व सीवान के एक-एक संक्रमित स्वास्थ्य होकर घर गए। मरीजों के ठीक होने के मामले में बिहार का रिकार्ड शानदार है। 500 से अिधक मरीजों वाले राज्यों में बिहार चौथे स्थान पर है। सिर्फ केरल, तेलंगाना और राजस्थान हमसे आगे हैं।



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32 migrant workers found all new patients; Bihar is fourth in recovery, 51 more healthy




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कोरोना काल- वार्डों को सेनेटाइज करने में भी नगर निगम का घालमेल

पटना
एक ओर काेराेना के कारण राजधानी में कंटेनमेंट जाेन की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं प्रशासन के निर्देश पर चल रहे सेनेटाइजेशन अभियान में हर दिन गड़बड़ी हाे रही है। नगर निगम प्रशासन माेहल्लों के सेनेटाइजेशन के लिए राेजाना 700 लीटर सोडयम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव का दावा कर रहा है, वहीं हकीकत में इसकी खपत आधी भी नहीं हो रही है। अंचलों में काम करने वाली डिसइन्फेक्शन टीम का कहना है कि हर रोज 4-5 लीटर की ही खपत एक वार्ड में हो रही है। नगर निगम के कुल 75 वार्ड हैं। ऐसे में सभी वार्डाें को मिला दिया जाए, तो हर दिन 300 से 375 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का ही छिड़काव हो पा रहा है।
निगम के 75 वार्डों में सेनेटाइजेशन का अभियान अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू हुआ। 5 अप्रैल के बाद इसमें काफी तेजी आई। इस काम में 24 बड़ी जेटिंग मशीनें और फायर ब्रिगेड की 7 गाड़ियां लगाई गईं। इसके अलावा 375 पोर्टेबल स्प्रेयर से भी छिड़काव कराया जा रहा है। शुरुआती दिनों में ब्लीचिंग के घोल का छिड़काव कराया गया, लेकिन सोडियम हाइपोक्लोराइट की उपलब्धता के बाद से इसका प्रयोग हो रहा है। डीएम कुमार रवि के निर्देश के तहत एक लीटर पानी में 5-6 मिलीलीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का मिश्रण किया जाना है, ताकि किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो। छिड़काव कार्य में लगे निगम मुख्यालय के अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर निगम की प्रवक्ता हर्षिता ने बताया कि हर रोज करीब 700 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का प्रयोग छिड़काव में किया जा रहा है।

पोर्टेबल स्प्रेयर में 12 लीटर पानी रखने की क्षमता
वार्डों की गलियों और माेहल्लों में सेनेटाइजेशन के लिए पोर्टेबल स्प्रेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक स्प्रेयर की क्षमता करीब 15 लीटर की है। इसमें 12 लीटर पानी रखा जाता है, ताकि इसमें से रसायन किसी प्रकार से छिड़काव करने वाले कर्मचारी को प्रभावित न कर पाए। ऐसे में 375 स्प्रेयर से हर रोज छिड़काव हो तो एक बार में 4500 लीटर मिश्रण का छिड़काव हो सकता है। इसमें सोडियम हाइपोक्लोराइट की मात्रा एक लीटर में आठ मिलीलीटर के भी हिसाब से हो तो 36 लीटर का प्रयोग होगा। एक स्प्रेयर का उपयोग पांच बार भी किया जाए तो इसमें 180 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का प्रयोग होगा। इसी प्रकार जेटिंग मशीन व फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में हर रोज करीब 200 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल छिड़का जा रहा है।

1080 लीटर से हो जाएगा पूरे शहर में छिड़काव
राजधानी के करीब 4.5 लाख घरों को सेनेटाइज करने में करीब 1080 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का प्रयोग करना पड़ सकता है। वार्ड 28 के पार्षद विनय कुमार पप्पू कहते हैं कि हम हर रोज 240 से 300 घरों तक को सेनेटाइज करवाते हैं। इसके लिए दो कर्मियों को पूर्ण रूप से लगाया गया है। एक कर्मी एकबार में 30 घरों तक को सेनेटाइज करते हैं। मतलब, 12 लीटर में 30 घर। नगर निगम में सेनेटाइजेशन कार्य में लगे एक अधिकारी ने बताया कि हर रोज एक वार्ड में औसतन 4.5 लीटर तक सोडियम हाइपोक्लोराइट तक प्रयोग में लाया जाता है। ऐसे में दावे की हकीकत कुछ और ही इशारा कर रही है।

23 दिनों से अभियान जारी
राजधानी पटना में सेनिटाइजेशन अभियान करीब 23 दिनों से पूरी गति से जारी है। 15 अप्रैल से पूरी तरह से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव शुरू कराया गया। इस अभियान में नगर निगम के तमाम उपकरणों को लगाया गया है। निगम प्रशासन के दावे के अनुसार, हर दिन 700 लीटर सोडियम हाइपोक्लाराइट की खपत के हिसाब से अब तक करीब 16,100 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव शहर में कराया गया है।

जांच होनी चाहिए- उपमहापौर
नगर निगम क्षेत्र में छिड़काव के लिए जिस हिसाब से टीम बनाई गई है, इतनी मात्रा में सोडियम हापोक्लोराइट का छिड़काव संभव ही नहीं है। हमारे वार्ड में सप्ताह में एक या दो दिन ही बड़ी गाड़ी से छिड़काव हो रहा है। फिर ऐसा दावा कैसे किया जा रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।-विनय पप्पू, पूर्व उप महापौर

फायर ब्रिगेड से छिड़काव
हमारे वार्ड में जबसे कोरोना मरीज मिला है, फायर ब्रिगेड से छिड़काव कराया जा रहा है। मैं हर दिन अपने वार्ड में चार-पांच लीटर छिड़काव करवा पा रही हूं।-मीरा कुमारी, वार्ड नंबर 17



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Corona period - Municipal corporation's amalgamation in sanitizing wards




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बीएमपी कैंपस में न कोई जाएगा न बाहर आ सकेगा, डीजीपी ने बीएमपी 5, 10 और 14 का किया निरीक्षण

एयरपोर्ट से सटे बीएमपी 5, 10 व 14 कैंपस में अब बाहरी लोगों की इंट्री नहीं होगी। साथ ही जवान-अफसर या उनके परिजन भी अब बेवजह कैंपस से बाहर नहीं निकलेंगे। वहां रहने वाले सभी जवान अफसर व उनके परिवार के सदस्यों की स्क्रीनिंग-जांच होगी। बीएमपी-14 के 5 जवानों के कोरोना संक्रमित होने के बाद शनिवार को बीएमपी परिसर का निरीक्षण करने के दाैरान डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने यह आदेश दिया।

डीजीपी के मुताबिक बहुत जरूरी होने पर इजाजत मिलने के बाद ही बाहरी लोग कैंपस के अंदर जा सकेंगे। इस दाैरान इंट्री गेट पर ही उनके सेनेटाइजेशन की व्यवस्था रहेगी। इसी तरह आवश्यक होने पर ही बीएमपी के स्टाफ या उनके घर के लोग कैंपस के बाहर निकलेंगे। डीजीपी ने कैंपस में बैरक, मेस से लेकर अन्य जगहों का जायजा लिया। इस दाैरान उन्होंने जवान-अफसरों का मनोबल भी बढ़ाया। डीजीपी के साथ बीएमपी के एडीजी आरएस भट्ठी, डीआईजी गरिमा मलिक, डीएम कुमार रवि, एसएसपी उपेंद्र शर्मा व अन्य आला पुलिस व प्रशासनिक अफसर भी माैजूद थे।

गंभीर बीमारियों से पीड़ित जवान-अफसरों की होगी पहचान

डीएम के मुताबिक बीएमपी में उन जवान या अफसरों की पहचान की जा रही है, जो किडनी, कैंसर, हार्ट, डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं। ऐसे कर्मियों को फ्रंट ड्यूटी से हटा कर हल्के कामों में लगाया जाएगा, जिनमें बाहर निकलने की जरूरत नहीं हो। बीएमपी कैंपस को सेनेटाइज करने का काम शनिवार से शुरू हो गया। बीएमपी के 14 जवानों को फिल्ड ड्यूटी पर रोक लगा दी गई है। डीएम कुमार रवि ने कहा कि बीएमपी 14 के जवानों को जिला में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।

संक्रमित जवानों के संपर्क में आने वाले 78 का लिया गया सैंपल

बीएमपी के कोरोना जवानों के संपर्क में आनेवाले 78 लोगों का सैंपल शनिवार को लिया गया। ये सभी लोग बैरक में ही क्वारेंटाइन रहेंगे। बैरक में रहने वाले और करीब 300 लोगों की जांच कराई जाएगी। यह जानकारी सिविल सर्जन ने दी। उन्होंने बताया कि शनिवार को क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे 94 प्रवासी मजदूरों का भी सैंपल जांच के लिए लिया गया है। स्लम के 18 हजार 731 घरों की स्क्रीनिंग का काम पूरा कर लिया गया। इनमें अभी तक कोई कोरोना संदिग्ध नहीं मिला है।

सभी पुलिस लाइन व बटालियनोंका होगा सर्वे

कोरोना के खतरे को देखते हुए सभी जिलों की पुलिस लाइन से लेकर बटालियन तक का स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे कराएगी। अगर कोई संदिग्ध मिला तो उसे क्वारंेटाइन करने के साथ जांच की जाएगी। इसे लेकर पुलिस मुख्यालय ने दिशा-निर्देश दिया है। एसपी काे हर दूसरे दिन पुलिस लाइन का निरीक्षण करने के लिए कहा है।



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No one will go or come out on the BMP campus, DGP inspects BMP 5, 10 and 14




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वृद्ध मां काे दिया गिफ्ट, 6 साल पहले जिस बेटे को किडनी देकर बचाई थी जान वह कोरोना को मात देकर लौटा घर

मदर्स डे की पूर्व संध्या पर एम्स के डाॅक्टराें, नर्स व मेडिकल स्टाफ ने 62 साल की वृद्ध मां वीणा सिंह काे एक ऐसा गिफ्ट दिया है, जिसका वह 18 दिन से बेसब्री से इंतजार कर रही थीं। एम्स ने उनके 40 साल के काेराेना पाॅजिटिव बेटे सीएमएस कंपनी के एचआर मैनेजर राहुल सिंह काे स्वस्थ कर डिस्चार्ज कर दिया। छह साल पहले इसी वृद्ध मां ने राहुल काे किडनी देकर जान बचाई थी। राहुल काे खाजपुरा चेन से संक्रमित हाेने के बाद 21 अप्रैल काे एनएमसीएच में भर्ती किया गया था, लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट हाेने की वजह से उन्हें एम्स रेफर कर दिया गया।

वह पत्नी प्रेरणा व इकलाैते बेटे वैभव के साथ फुलवारीशरीफ से सटे धनाैत में रहते हैं। उनकी मां फिलहाल हाजीपुर के महुआके धवैत गांव में रह रही हैं। घर पहुंचने के बाद राहुल ने मां से बात की। वीणा ने बताया कि आज मेरे बेटे ने अपनी जिंदगी की दूसरी जंग जीती है। छह साल पहले जब कोलकाता में किडनी ट्रांसप्लांट हुआताे उसे नई जिंदगी मिली थे। मुझे जब यह पता चला था कि राहुल काेराेना पाॅजिटिव हाे गया है ताे काफी घबरा गई थी। 18 दिन से भगवान से उसके स्वस्थ हाेने की प्रार्थना कर रही थी। भगवान ने मेरी फरियाद सुन ली। लाॅकडाउन खत्म हाेने के बाद पटना जाऊंगी और उसे बहुत प्यार करूंगी। कहा-मदर्स डे की पूर्व संध्या पर एम्स के इस ताेहफे काे जिंदगीभर नहीं भूल सकती।

राहुल ने कहा- तीसरी बार जन्म लिया
राहुल ने बताया कि जब मैं पाॅजिटिव हुआताे मेरे मन में तरह-तरह के ख्याल आरहे थे। मेरी किडनी का ट्रांसप्लांट हुआथा। दाे-तीन दिन ताे बहुत घबराहट हुई, लेकिन इसे पत्नी और मां काे नहीं बताया। एम्स के डाॅक्टर औरनर्स ने हाैसला बढ़ाया ताे मैं भी पाॅजिटिव साेचने लगा। खुद काे इस बात के लिए तैयार कर लिया कि यह जंग भी जीतनी है। डाॅक्टर जाे दवा या सलाह देते, उसपर अमल करता था। शनिवार काे घर लाैटा ताे पत्नी व बेटे मुझे देखकर इतना खुश हुए जिसे मैं बयां नहीं कर सकता। राहुल ने कहा-मैंने तीन बार जन्म लिया। एकबार जब पैदा हुआ, दूसरी बार जब किडनी ट्रांसप्लांट हुआऔर अब काेराेना से जान बची। मेरा यही मैसेज है- काेराेना के मरीज घबराएं नहीं। पाॅजिटिव रहें।
एम्स से तीसरे मरीज ठीक, तीन का चल रहा इलाज
राहुल एम्स के तीसरे मरीज हैं जिन्हें वहां के डाॅकटर, नर्स ने ठीक कर घर भेजा। इससे पहले दीघा की अनिथा विनाेद काे एम्स ने 30 मार्च काे ठीक किया था जबकि बैंक ऑफ बड़ाैदा, डाकबंगला चाैराहा ब्रांच के सीनियर मैनेजर शैलेंद्र झा 6 मई काे डिस्चार्ज हुए। फिलहाल एम्स में तीन काेराेना पाॅजिटिव का इलाज चल रहा है।



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Gift given to old mother, 6 years ago, son who was saved by giving kidney, he returned home after beating Corona




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सामाजिक संक्रमण के खतरे के मद्देनजर शहर में कर्फ्यू है, ऐसे में अभी घर रहना जरूरी है, शनिवार को पहला दिन था, अब प्रशासन ने दावा किया है कि आज से जरूरत की चीजें आपको मोहल्लों में मिलेंगी

वडाला से प्रवासियाें काे लेकर 7 मई को एक बस घाणेराव चिकित्सालय पहुंची। जिसमें चालक व खलासी सहित 26 लोग सवार थे। इसमें काणा गांव के 14, घाणेराव गांव के 5, नारलाई, जाेबा, खैरवा और बाली से 1-1 व्यक्ति शामिल थे। अब कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वाले 120 लोगों की सूची तैयार की गई है। रविवार को जिला स्तरीय टीम इन सभी के सैंपल लेगी। काेराेना पाॅजिटिव मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन ने इस गांव के आसपास गांवों को बफर जोन में शामिल किया है। जिसमें सोनाणा, आना, छोड़ा, दुदापुरा व घाणेराव शामिल है।
मुंबई से पाॅजिटिव मरीज के साथ आए 26 प्रवासी
काणा गांव का युवक वडाला (मुम्बई) से 7 मई काे बस में गांव आया था। उसके साथ गांव के 14 लोग भी आए थे। जबकि बस में 26 लोग सवार थे। काणा पहुंचने पर सभी 14 प्रवासियाें को होम क्वारेंटाइन कर दिया था। 8 मई को प्रवासी लोगों की स्क्रीनिंग करने पहुंची चिकित्सा विभाग की टीम काे युवक में लक्षण दिखे ताे घाणेराव सीएचसी में सूचना देकर एंबुलेंस मंगवाई। काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई ताे युवक काे बाइक पर अस्पताल लेकर गए। जहां से उसे बांगड़ अस्पताल रेफर कर दिया। रिपाेर्ट पाॅजिटिव आने के बाद दाे लाेगाें काे भी हाेम क्वारेंटाइन किया है।



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कोरोना संदिग्धों की ट्रू-नेट से स्क्रीनिंग और सीबी-नेट से होगी कनफर्मेट्री जांच

कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच और पहचान अधिक संख्या में हो सके, इसके लिए टीबी की जांच करने वाली मशीन सीबी-नेट और ट्रू-नेट की मदद ली जाएगी। सीबी नेट से कनफर्मेट्री जांच होती है जबकि ट्रू-नेट से संदिग्ध की स्क्रीनिंग की जाती है। ट्रू- नेट मशीन से स्क्रीनिंग में यदि कोई पॉजिटिव मिलता है तो उसकी कनफर्मेट्री जांच कराई जाती है और यदि स्क्रीनिंग में रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसकी जांच कराने की जरूरत नहीं होती है। ट्रू-नेट की सुविधा 15 जिलों में उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए मशीन की व्यवस्था हो रही है।

मशीन एक से दो रोज में पटना पहुंच जाएगी। यह जानकारी राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी मेजर डॉ. केएन सहाय ने दी। उन्होंने बताया कि वैसे तो राज्य में सीबी-नेट मशीन की संख्या 72 है। पर कोरोना जांच में 15 सीबी-नेट मशीन की ही मदद ली जाएगी। डॉ. सहाय ने बताया कि सीबी-नेट मशीन से कोरोना की जांच आईजीआईएमएस और भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में शुरू कर दी गई है। बाकी जगहों पर भी सीबी-नेट की सुविधा मिलने लगेगी। सीबी-नेट मशीन की सुविधा आईजीआईएमएस में तीन मशीन, भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल मेंतीन मशीन, टीबीडीसी अगमकुआंमें छह मशीन, टीबीडीसी दरभंगा में तीन मशीन की सुविधा है।



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बख्तियारपुर में घर से लापता दो नाबालिग चचेरी बहनों की संदिग्ध परिस्थिति में माैत

सालिमपुर थाना क्षेत्र के हिदायतपुर गड़ेरिया टोला से लापता दो नाबालिग चचेरी बहनाें की संदिग्ध परिस्थिति में माैत हाे गई। गड़ेरिया टाेला निवासी श्लाेक पाल की 8 साल की पुत्री पूजा कुमारी व भुवनेश्वर पाल की 6 साल की बेटी अंशु कुमारी शुक्रवार काे दिन के 11 बजे से लापता थी। शनिवार की देर शाम जब ग्रामीण शाैच करने गए ताे दाेनाें की लाश गंगा किनारे देखी। फिर पुलिस माैके पर पहुंचकर लाशाें काे ले गई।

दाेनाें बहनाें के मुंह व नाक से ब्लड निकला हुआथा। दाेनाें की डूबने से माैत हुई या किसी ने घिनाैनी हरकत कर मार डाला, इसपर सस्पेंस बरकरार है। दाेनाें के पिता मजदूर हैं। ग्रामीण एसपी केके मिश्रा ने ब्लड निकलने की बात कही है। उन्हाेंने कहा कि पुलिस हर पहलू पर जांच करने में जुटी है। वैसे परिजनाेंं ने किसी से दुश्मनी की बात नहीं कही है।

परिजन का आरोप-पुलिस ने नहीं लिया सनहा
शुक्रवार काे जब पूजा व अंशु दाेपहर तक नहीं लाैटी ताे परिजन खोजबीन करने लगे। पर दाेनाें का कुछ पता नहीं चला। परिजनाें का कहना है कि शुक्रवार की शाम सालिमपुर थाना गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराने थाना गए लेकिन पुलिस ने यह कहकर वापस कर दिया कि अभी लाॅकडाउन में हम लाेग खुद परेशान हैं। दाेनाें कहीं गई हाेगी। आजाएगी।
गड्ढे में इतना पानी नहीं कि दोनों डूब जाएं
सबसे बड़ा सवाल है कि स्थानीय पुलिस कह रही है कि दाेनाें की जहां पर लाश मिली है वहां पर गड्डा है जिसमें पानी भरा हुआथा। उसी में डूबकर दाेनाें की माैत हुई हाेगी। ग्रामीणाें की मानें ताे उस गड्ढे में डूबने के लायक पानी नहीं है। दूसरी बात यह है कि अगर वह डूबी ताे दाेनाें की लाश उस गड्ढे से किसने निकालकर बाहर किया?



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लोग घरों में रहे, बाहर आने वालों पर रही सख्ती

शहरवासियों के लिए कर्फ्यू का पहला दिन काफी कड़वाहट वाला रहा। सुबह 10 बजे ही मैं जंगीवाड़ा, कोतवाली क्षेत्र, गजानंद मार्ग, सिंधी काेलोनी, रामदेव रोड, केरिया दरवाजा, धर्मपुरा क्षेत्र समेत आसपास की बस्तियों की टोह लेने निकल पड़ा। कर्फ्यू का असर तो साफ तौर नजर आ रहा था। इक्का-दुक्का लाेग सड़क पर घूम रहे थे। निसार अहमद को बिना मास्क देखा तो उससे पूछा कि बाहर क्यों घूम रहे हो। मास्क भी नहीं है तो बाेले कि दवाई लेनी है। अब कैसे लाऊं। मास्क तो जेब में है। यहीं पर बाहर बैठी मुन्नी देवी को बाहर बैठा देखने पर बिना पूछे ही वो बोल पड़ी। सुबह से ही दूध वाला नहीं आया। सब्जी भी नहीं हैं। इंतजार में बैठी हूं। वहां पुलिसकर्मी पहुंचकर अंदर जाने तो कहा तो बोली कि लाइटें नहीं है।
सोमनाथ मंदिर क्षेत्र : सब्जियां लेकर पहुंचा प्रशासन का टेम्पो
सोमनाथ मंदिर पर जाने पर वहां पर प्रशासन की तरफ से सब्जी का टेम्पो लेकर दो युवक पहुंचे थे। सब्जियां के दाम काफी बढ़े हुए थे। 4 दिन पहले ही टमाटर 8 से 10 रुपए में मिल रहा था। उसकी दर 15 रुपए तथा आलू की दर भी 15 रुपए किलोग्राम कर रखी थी। पार्षद राधेश्याम चौहान वहां पर मौजूद लोगों को सोशल डिस्टेसिंग से खड़ा करवाकर उसके सहयोग में जुटे हुए थे। चौहान का कहना है कि उनका वार्ड काफी लंबा है, एक ही टेम्पो आया है। उसमें भी सब्जियां काफी कम है।
गजानन मार्ग : पूरे क्षेत्र में दिनभर सन्नाटा, बाजार रहे बंद
गजानंद मार्ग में लगातार रोगियों के आने के बाद क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ था। यहां पर राकेश डाकलिया स्कूटर पर मिल गए। वे गाय व कुत्तों को रोटियां खिला रहे थे। रोकने पर बोले कि हम तो जैसे-तैसे ही यह दिन गुजार देंगे, मगर इनकी सार-संभाल तो करनी पड़ेगी। वे 22 मार्च के बाद से लगातार ऐसी सेवा में जुटे हुए हैं। गोल निंबड़ा, सर्राफा बाजार, उदयपुरिया बाजार पूरी तरह से बंद थे। यहां पर दिनेश जैन मिले। वे दवाइयों के लिए स्कूटर पर निकले थे। पुलिस ने उनको रोक रखा था।
पुलिस ने बहाने नहीं सुने, इसका असर- सड़कों पर आवाजाही नहीं दिखी, अधिकांश कॉलोनियों में सन्नाटा पसरा रहा
शहर में कर्फ्यू की पालना कराने के लिए पुलिस काफी सतर्क नजर आई। जो भी वाहन चालक घर से निकले। पुलिस के रोकने पर उन्होंने बहाने बनाने के प्रयास किए, मगर पुलिस ने किसी की नहीं सुनी। अधिकांश लोगों ने पुलिस पर मनोवैज्ञानिक तरीके से दवाई लेने के बहाने बनाए, लेकिन पुलिस ने उनको भी नहीं जाने दिया। यहीं प्रमुख वजह रही कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही नहीं रही। पुराना बस स्टैंड पर तैनात धनराज का कहना था कि लॉकडाउन में लोग अगर समझ जाते तो उनको कर्फ्यू के दिन नहीं देखने पड़ते।



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People stayed in homes, strictness was passed on those coming out




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घी, गुगुल, नीम और सरसों सहित आठ वस्तुओं के हवन से भागेगा काेराेना, बढ़ेगी राेग प्रतिराेधक क्षमता

(आलोक द्विवेदी) क्या हवन से हार जाएगा कोरोना? थम जाएगा इसका संक्रमण? राजकीय आयुर्वेदिक काॅलेज एवं अस्पताल और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के माइक्रो टेक्नोलॉजी विभाग की संयुक्त रिसर्च टीम इन दोनों सवालों का जवाब ‘हां” में देती है। रिसर्च के मुताबिकघी, गुगुल, नीम, शहद, सरसो, वचा, कुठ, सेंधा नमक के मिश्रण से तैयार रक्षोध्न अष्टक धूप के हवन से वायरस पर रोक लगाई जा सकती है।

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के नैनो टेक्नोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सिंह कहते हैं कि प्राचीन ग्रंथों में भी हवन से शरीर के सभी अंगों पर लेअर बनता है, जिससे हानिकारक तत्व का असर शरीर पर नहीं पड़ता है। आयुष मंत्रालय ने भी अष्टक धूप के क्लीनिकल ट्रायल को हरी झंडी दे दी है।

रक्षोध्न अष्टक धूप में देशी घी, गुगुल, नीम, सरसों, शहद, सेंधा नमक, वचा, कुठ का होगा मिश्रण

आइसोलेशन वार्ड में कोरोना मरीज को ठीक होने में 14 दिन का समय लगता है। लेकिन, रक्षोध्न अष्टक धूप से लगातार 10 दिनों तक हवन करने से कोरोना वायरस पर अंकुश लगाया जा सकता है। डॉ. सिंह के मुताबिक कोरोना वायरस की साइज 75 नैनो माइक्रोन है। जिसे लेंस द्वारा आसानी से देखा जा सकता है। हवन के दौरान निकलने वाले कण की साइज भी 40 से 75 माइक्रोन होती है। ये कण हमारे शरीर के प्रत्येक हिस्से पर रक्षा कवच बन जाएंगे। इसके साथ ही वातावरण के दूसरे सजीव और निर्जीव पदार्थों पर भी रक्षा कवच बनकर एक लेअर का काम करेंगे। ऐसे में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति किसी चीज को छुएगा, तो हवन से निकलने वाले रक्षा कवच की वजह से कोरोना वायरस का असर नहीं होगा। धीरे-धीरे वातावरण से कोरोना वायरस समाप्त हो जाएगा।

आयुष मंत्रालय की स्वीकृति मिली

रक्षोध्न अष्टक धूप से कोरोना वायरस को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। आयुष मंत्रालय की स्वीकृति मिल चुकी है। बिहार में इसके प्रयोग के लिए सरकार और एम्स को पत्र लिखा गया है। निर्देशन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।-प्रो. दिनेश्वर प्रसाद, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, पटना

हवन मे इस्तेमाल होने वाले सभी चीजों का वैज्ञानिक महत्व

हवन मे इस्तेमाल होने वाले सभी चीजों का वैज्ञानिक महत्व है। हवन से निकलने वाले कण कोरोना वायरस के साथ ही सभी सजीव और निर्जीव चीजों पर रक्षा कवच बना लेंगे। जिससे संक्रमण को रोका जा सकता है।
-डॉक्टर आरके सिंह, विभागाध्यक्ष, नैनो टेक्नोलॉजी विभाग आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय



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आयुष मंत्रालय ने भी अष्टक धूप के क्लीनिकल ट्रायल को हरी झंडी दे दी है। 




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लाॅकडाउन में दूध-दही की बिक्री 40 फीसदी तक घटी, मगर पेड़ा-रसगुल्ला की खपत में कमी नहीं

(माे. सिकन्दर) लाॅकडाउन व काेराेना संक्रमण का असर डेयरी के धंधे पर भी पड़ा है। पटना डेयरी की राेजाना बिक्री में 40 लाख रुपए तक की गिरावट आई है। दूध, दही, लस्सी समेत अन्य प्राेडक्ट की सप्लाई में राेजाना करीब 40 प्रतिशत की कमी आई है। सर्दी-खांसी हाेने के डर से लोगों ने आइसक्रीम का सेवन करना पूरी तरह बंद कर दिया है। इससे आइसक्रीम की बिक्री जीराे पर आगई है। दूध की बिक्री राेजाना 75 हजार लीटर कम हाे रही है।

अभी 2.25 लाख लीटर ही सप्लाई हाे रही है। दही की खपत राेजाना 8 टन पर आगईहै, जाे पहले 25 टन हुआकरती थी। गर्मी में हर साल डेढ़ लाख पाउच की राेजाना सप्लाई हाेती थी जो अभी मात्र 35 हजार हाे रही है। मट्ठा 5 हजार पाउच से गिरकर एक हजार पर आगया है। पनीर की राेजाना 5 टन सप्लाई हाेती थी, वह गिरकर 3 टन पर आगई है। राहत की बात यह है कि पेड़ा, रसगुल्ला की खपत में कमी नहीं हुई है।

दूध कम बिकने से बन रहा पाउडर
सहकारी समितियाें से पटना डेयरी में राेजाना करीब 3.50 लाख लीटर दूध आरहा है। डेयरी ने किसानाें से दूध लेना बंद नहीं किया है। दूध की सप्लाई 2.25 लाख लीटर है। करीब 40 हजार लीटर के मिल्क प्राेडक्ट बन रहे हैं। शेष बचे 85 लाख लीटर दूध का राेजाना पाउडर बनाया जा रहा है।

ये बोले अधिकारी

  • राेजाना 35 से 40 लाख के राजस्व में कमी आई है। किसान से दूध पहले की तरह ले रहे हैं। दूध का पाउडर बनाया जा रहा है।-एसएन ठाकुर, एमडी, पटना डेयरी
  • हम पहले राेजाना 20 हजार लीटर दूध सप्लाई कर रहे थे अब 30 हजार लीटर कर रहे हैं। दही की खपत लाॅकडाउन से पहले राेजाना 2.5 लाख टन थी अब 3.5 लाख टन हाे गई है। हाेम डिलिवरी बढ़ी है। -हेमंत कुमार, एमडी, नेचुरल डेयरी अमूल


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पनीर की राेजाना 5 टन सप्लाई हाेती थी, वह गिरकर 3 टन पर आ गई है। राहत की बात यह है कि पेड़ा, रसगुल्ला की खपत में कमी नहीं हुई है।




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चश्मा काे अावश्यक नहीं मानता प्रशासन? दुकान खाेलने की अनुमति नहीं मिलने से लोग परेशान

जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल नहीं किए जाने से 47 दिनों से चश्मे की दुकानें नहीं खुली हैं। इससे राजधानी के वैसे सैकड़ों लोगों को परेशानी हो रही है, जिनका चश्मा टूट गया है। लोगों का कहना है कि चश्मा कुछ दिन के अंतराल पर ढीला हो जाता है या टूट जाता है। इससे रोजमर्रा के काम में समस्या होने लगी है। इस संबंध में वरीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. सुनील कुमार सिंह कहते हैं- लॉकडाउन में चश्मा दुकान बंद रखने का कोई औचित्य ही नहीं है।

जिन लोगों को पावर का चश्मा लगा होता है, उन्हीं को इसका महत्व पता होता है। लॉकडाउन में लोग टीवी, लैपटॉप और मोबाइल से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा बहुत लोग किताबों की दुनिया में खोकर अपना समय बिता रहे हैं। बच्चों का ऑनलाइन क्लास शुरू हो गया है। ऐसे में यदि उनका चश्मा टूट गया होगा तो उनकी परेशानी को समझा जा सकता है। डीएम कुमार रवि ने कहा कि गृह विभाग से निर्देश आने के बाद ही समीक्षा कर दुकानों को खोलने का आदेश जारी किया जाएगा।



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पांच घंटे तक बस नहीं मिली तो सुपौल लौटे प्रवासियों का एनएच पर हंगामा

पंजाब के जालंधर सहित अन्य जगहाें से लौटे 60 से अधिक प्रवासियों ने कुव्यवस्था के खिलाफ शनिवार सुबह कोसी महासेतु टोल प्लाजा के गेट को जाम कर हंगामा किया। एनएच-57 स्थित मझारी चौक व कोसी महासेतु के मध्य में अवस्थित टोल प्लाजा के शुल्क लेन वाले एक रास्ते काे जाम कर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने भारी वाहन काे भी कुछ देर के लिए राेक दिया और प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति के खिलाफ आक्राेश जताया।

इस दाैरान टाॅल प्लाजा के पास माैजूद त्रिवेणीगंज एसडीपीओके काफी देर तक समझाने पर प्रदर्शनकारियाें का गुस्सा शांत हुआ। इसके बाद भी प्रवासी मजदूर धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियाें ने बताया कि जालंधर से ट्रेन से वे लाेग दरभंगा में ही उतर गए। वहां से बस से सुबह 4 बजे टोल प्लाजा पहुंचे लेकिन पांच घंटे बाद भी बस नहीं मिली। इसके बाद गुस्सा फूट पड़ा।



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आर्थिक तंगी से परेशान युवक ने की आत्महत्या, लॉकडाउन में 47 दिनों से बंद था धंधा

शहर के विष्णुपद थाना के नई सड़क उपरडीह मुहल्ले में शनिवार सुबह एक युवक ने आर्थिक तंगी के कारण फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। घटना की जानकारी के बाद मुहल्ले के लोग सन्न रह गए। सूचना के बाद विष्णुपद थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया।
बताया जा रहा कि 38 वर्षीय राजेश राउत का छोटा-मोटा पेड़ा का कारोबार विष्णुपद मंदिर के समीप चलता था। कोरोना संक्रमण के बाद लॉकडाउन के बीच उसका कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया था। पिछले 47 दिनों से उसका धंधा बंद था तो दूसरी ओर घर चलाने के लिए पैसे की कमी होने लगी थी। एक सप्ताह से तंगी बढ़ने लगी थी, जिससे परिवार के लोग परेशान थे। राजेश ने कई लोगों से मदद मांगी पर किसी ने पांच सौ की भी मदद नहीं की। पति की मौत के बाद पत्नी विभा का बुरा हाल था। वह दहाड़ें मारकर रोते हुए कहे जा रही थी, यदि किसी ने भी मेरे पति को सिर्फ 500 रुपए दे दिए होते तो मेरा पति सलामत होता।

किसी ने नहीं की मदद, बच्चों के दूध के पैसे जुगाड़ नहीं कर पाया तो दे दी जान

मदद नहीं मिलने से राजेश की हताशा बढ़ती ही जा रही थी। पत्नी और बच्चों की उदासी देखी नहीं जा रही थी। डेढ़ माह में जमा रुपए निकल गए थे। खाना तो दूर, बच्चों के लिए दूध तक के पैसे नहीं थे। राजेश ने राशन कार्ड नहीं होने की स्थिति में नाम जुड़वाने के लिए भी काफी हाथ-पांव मारा, तो उसमें भी सफल नहीं हो सका। आखिरकार पंखे से साड़ी को फंदा लगाकर शनिवार को खुदकुशी कर ली।



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Financially strapped youth commits suicide, business was closed for 47 days in lockdown




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सहरसा को चाहिए 50 डॉक्टर, 43 माह में स्वास्थ्य विभाग को भेजे गए 11 पत्र, तैनाती का है इंतजार

जिले के सरकारी अस्पतालों को 50 डॉक्टर चाहिए। इसके वास्ते जिले से स्वास्थ्य विभाग को पिछले 43 महीनों में 11 पत्र भेजे गए। तैनाती का इंतजार है। पहला पत्र 27 सितंबर 2016 को भेजा गया। सिविल सर्जन ने भेजा। डीएम ने 18 नवंबर 2016 को पत्र भेजा। सिविल सर्जन के हालिया पत्र के अनुसार सदर अस्पताल में अधीक्षक, उपाधीक्षक, अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा प्रभारी (गैर संचारी रोग) नहीं हैं। न्यूनतम जरूरत से भी कम डॉक्टर हैं। सेवा देने में कठिनाई है। आईसीयू को व्यवस्थित करने में दिक्कत है।

तत्काल 2 गाइनोकोलॉजिस्ट, एक रेडियोलॉजिस्ट, एक मूर्छक, एक पैथोलॉजिस्ट तथा 5 जनरल डॉक्टर तैनात किए जाएं।’ इधर, श्री उग्रतारा स्थान न्यास समिति के उपाध्यक्ष प्रमील कुमार मिश्र ने बताया कि उन्होंने भी स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है। बहरहाल, पत्र में सौरबाजार, पचगछिया पीएचसी में 4-4, नवहट्‌टा, सदर में 2-2, सोनवर्षा, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी, सलखुआ, बनमा इटहरी व पतरघट पीएचसी में 3-3, रेफरल अस्पताल (नवहट्‌टा) में 3 तथा अनुमंडलीय अस्पताल (सिमरी बख्तियारपुर) में भी पांच डॉक्टरों को देने की चर्चा है।



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भीड़-भाड़ वाली दुकानाें के पास अतिरिक्त बल की होगी तैनाती

लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ रियायत दी गई है। इस कारण बाजार में आवश्यक सेवाओं के साथ साथ कई अन्य दुकानें भी खुलने लगी हैं। दो दिनों से शहर की सड़कों पर आवाजाही भी बढ़ गई है। प्रमुख बाजारों में भीड़ लगने लगी है। ऐसे में शनिवार को एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने शहरी थानेदारों के साथ क्राइम मीटिंग की। संबंधित डीएसपी और थानेदारों के साथ स्थिति की समीक्षा की गई। एसएसपी ने सभी थानेदारों को निर्देश दिया कि वे अपने इलाके के बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएं।

निश्चित अंतराल पर पुलिस की गश्ती गाड़ी जाकर दुकानों की स्थिति भी देखे। जरूरत पड़ने पर ऐसी दुकानों के आसपास अतिरिक्त बलों की तैनाती कराने का भी निर्देश दिया। हाल के दिनों में कुछ थाना क्षेत्रों में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में एसएसपी ने थानेदारों को निर्देश दिया कि वे अपने अपने इलाके के जेल से छूटे अपराधियों का सूचि बनाएं और उसे हफ्ते में एक बार थाने में हाजिरी लगाने कहें। साथ ही जो अपराधी फरार चल रहे हैं उनकी गिरफ्तारी का भी निर्देश दिया। थानेदार को कहा गया कि वे अपने इलाके के स्नेचर, लुटेरे और चोरों का एलबम तैयार करें और उसे थाने में चस्पा करें।

291 गाड़ियों से वसूला गया 3.33 लाख रुपए
इधर शनिवार को शहर में सघन वाहन जांच जारी रहा। इस दौरान शहर के विभिन्न इलाकों से 291 गाड़ियों से 3.33 लाख रुपए जुर्माना वसूला गया। वहीं 63 गाड़ियों का 1.14 लाख का चलान काटा गया। इस दौरान 92 गाड़ियों को जब्त भी किया गया। ट्रैफिक के पुलिस कर्मियों और पदाधिकारियों को आदेश दिया गया कि वे लगातार सघन वाहन जांच का अभियान चलाएं और बेवजह निकलने वालों से अवश्य जुर्माना वसूलें।



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Additional forces will be deployed near crowded shops




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कोटा से लाैटे बच्चे बोले- मनमाना पैसे लेकर भी मेस में नहीं दे रहे थे अच्छा खाना

कोटा में खाने की समस्या बढ़ती जा रही थी। हरी सब्जी नहीं मिल रही थी। सिर्फ आलू की सब्जी खानी पड़ रही थी। अब दोबारा नहीं जाएंगे कोटा, यहीं पढ़ेंगे...। कोटा से लौटे कुम्हरार के कुम्हरार के मो. अनफ जमील ने कुछ इसी तरह अपना हाल बताया। वह मंगलवार को कोटा से दानापुर पहुंची ट्रेन से लौटा है। उसी दिन से 21 दिनों के लिए होम क्वारेंटाइन है। लॉकडाउन के कारण कोटा में फंसे छात्र बिहार लौट गए हैं। आने के बाद उन्हें होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है। हालांकि उनके घर पर होम क्वारेंटाइन का पोस्टर नहीं चिपकाया गया है।

जबकि पोस्टर चिपकाने से लेकर प्रशासन द्वारा मॉनिटरिंग की बात कही जा रही थी। हालांकि मोहल्ले वाले सजग हैं। जो छात्र बाहर से आए हैं, मोहल्ले वाले उनसे दूरी बनाए हुए हैं। कंकड़बाग की नीलम ने बताया कि हम लोग खुद घर से नहीं निकल रहे हैं। घर में भी डिस्टेंस मेंटेन करते हैं और मास्क लगाते हैं। कोटा की परेशानी बताते हुए कहा कि जैसे-जैसे लाॅकडाउन बढ़ता गया, समस्या बढ़ती गई। मेस में खाने की क्वालिटी खराब थी और पैसा भी मनमाना लेने लगे थे। पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे।

291 गाड़ियों से वसूला गया 3.33 लाख रुपए
न्यू जगनपुरा की कुमारी स्वाति ने कहा कि घर आकर अच्छा लग रहा है। कोटा में जिस हॉस्टल में रहती थी, वहां 10 छात्राएं ही थीं। कैंटीन वाले खाने के अधिक पैसे ले रहे थे। अनीसाबाद के शिवम ने भी कहा कि मेंस में खाना भी अच्छा नहीं मिल रहा था। लॉकडाउन के कारण बाहर निकलना नहीं हो पा रहा था। सभी दोस्त चले गए थे, इसलिए टेंशन हो रहा था। राजीवनगर रोड नंबर 21 के शुभम ने कहा कि यह इंजीनियरिंग का तीसरा साल था। अब दोबारा कोटा नहीं जाएंगे। होम क्वारेंटाइन में हूं।



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Latte children from Kota said - were not giving good food in the mess even with arbitrary money




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अवैध संबंध का विरोध किया तो पत्नी की पीटकर ली जान

अवैध संबंध का विरोध करने पर पति ने पत्नी को इतनी बेरहमी से पीटा कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामला अकिलपुर थाना इलाके के मनसा गांव का है। विवाहिता बेबी देवी की मौत शनिवार को पीएमसीएच में हो गई। बेबी की मां रूपझरी देवी ने पीएमसीएच टीओपी में पुलिस के समक्ष बयान दिया कि उनके दामाद विनय राय ने उनकी बेटी को बेरहमी से पीटा। इसी कारण उसकी मौत हुई। कहा कि उनके दामाद का किसी अन्य महिला से गलत संबंध था। इसी का उनकी बेटी विरोध करती थी।

इस कारण दामाद उनकी बेटी को हमेशा पीटता था। 7 मई को बेरहमी से बेबी की पिटाई की। इसके बाद ससुराल वालाें ने ही उसे पीएमसीएच में एडमिट करवाया। इधर बेबी की मौत के बाद से विनय फरार चल रहा है। टीओपी प्रभारी अमित कुमार ने कहा कि बेबी की मां का बयान लेकर अकिलपुर थाने को भेज दिया गया है। बेबी के फुफेरा भाई डब्लू ने कहा कि उसकी बहन की शादी विनय से साल 2014 में हुई थी। शादी के बाद से ही वह बेबी को प्रताड़ित करता था। अक्सर दहेज की मांग करता था। दहेज प्रताड़ना का एक केस भी बेबी ने किया था जिसमें बाद में दोनों पक्षों में सुलह हो गई थी।



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पाटलिपुत्र में बारिश का पानी जमा करने के लिए खोदा जाएगा कुआं

पाटलिपुत्र कॉलोनी इलाके में होने वाले जलजमाव की समस्या से निजात के लिए नगर निगम और बुडको ने मिलकर प्लान तैयार किया है। पीएनएम मॉल के सामने वाले मैदान में एक कुआं खाेदा जाएगा। पाटलिपुत्र मैदान और रिटायर्ड आईएएस अफजल अमानुल्लाह के घर के पास से एक कच्चा नाला काटकर इस कुएं से मिलाया जाएगा। माेहल्लों की सड़कों पर जमा होने वाला पानी इस कुएं में जाएगा। इस कुएं में मशीन लगाकर पाइप के जरिए पानी को पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र वाले नाला में डाला जाएगा। यहां से पानी कुर्जी नाला होते बाहर निकल जाएगा।

नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा और बुडको एमडी रमन कुमार ने शनिवार काे पाटलिपुत्र थाने के पास आनंदपुरी नाले की उड़ाही कार्य का जायजा लिया। इसी नाले से रूबन अस्पताल व नेहरू नगर इलाके का पानी निकलता है। पिछले साल यहां जलजमाव हुआ था, उसी को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है। इसके आलावा गोसाईं टोला पंप के जरिए पाटलिपुत्र मैदान व आसपास के सभी क्षेत्र का पानी निकलता है। नगर आयुक्त ने आनंदपुरी नाला व सभी मैनहोल की सफाई का निर्देश दिया। इसके लिए मशीन व मजदूरों को लगाकर कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया गया है।

राजीवनगर नाले पर बनेगा अस्थायी संप हाउस

उन्हाेंने राजीवनगर नाले पर बनाए जा रहे अस्थायी संप हाउस का भी निरीक्षण किया। दीघा-आशियाना पुल के पास मजदूर लगाकर तेजी से संप हाउस बनाने का कार्य किया जा रहा है। मानसून से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा। इस संप हाउस के बन जाने के बाद नेपाली नगर इलाके में होने वाले जलजमाव से मुक्ति मिल जाएगी। यहां का पानी राजीवनगर नाला होते हुए निकल जाएगा। नगर आयुक्त व बुडको एमडी ने ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों की सफाई का भी जायजा लिया।

नए नाले से निकलेगा दीघा ब्रिज के इलाके का पानी

दीघा ब्रिज के आसपास बसी कॉलोनियाें में बारिश के मौसम में जमने वाले पानी को निकालने के लिए नए नाला का निर्माण कराया जा रहा है। इस नाले के जरिए इन माेहल्लों के पानी को ब्रिज के पास मैनहोल तक लाया जाएगा। इसके बाद मोबाइल पंप लगाकर पानी को निकाला जाएगा। इससे दीघा ब्रिज व सेंट माइकल स्कूल वाली सड़क पर जलजमाव की समस्या नहीं होगी। निरीक्षण के दौरान बुडको व नगर निगम के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

संप हाउसाें में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

बरसात के दाैरान सभी संप हाउस चालू रहें,इसके लिए बुडको द्वारा ओवरवायलिंग का काम तेज किया गया है। साथ ही सभी संप हाउस पर सीसीटीवी कैमरे लगाया जाएगा। इससे पंपों के चालू होने और ऑपरेटरों की मौजूदगी की माॅनिटरिंग हाे सके। सीसीटीवी का कंट्रोल रूम बुडको मुख्यालय में होगा। वहां से इंजीनियर व अन्य अधिकारी शिफ्टवार 24 घंटे संप हाउस की स्थिति पर नजर रखेंगे। गड़बड़ी पाए जाने पर मुख्यालय से एक टीम भेजी जाएगी। साथ ही, पंप ऑपरेटरों व संप हाउस पर नियुक्त किए जाने वाले विशेष अधिकारियों के ठहरने के लिए कैंपस में ही रेस्ट हाउस का निर्माण कार्य शुरू कराया गया है। राजधानी के 39 संप हाउस पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए नगर विकास विभाग से राशि की स्वीकृति दे दी गई है। इस योजना पर 40 लाख 67 हजार 860 रुपए खर्च किए जाएंगे।



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The well will be dug to collect rain water in Pataliputra




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रेड जोन में शामिल सूरत से स्पेशल ट्रेन से गया पहुंचे बिहार के 1343 प्रवासी, दो संदिग्ध मिले

देश भर में कोरोना संक्रमण को लेकर रेड जोन में शामिल सूरत, जहां 855 संक्रमित वहां से श्रमिक स्पेशल ट्रेन 16:30 बजे ( शाम साढ़े चार) में गया जंक्शन पहुंची। ट्रेन से बिहार के विभिन्न जिलों के 1343 प्रवासी उतरे। इसमें गया जिला के 145 लोग शामिल थे। प्लेटफॉर्म एक पर रुकी ट्रेन से उतरे सभी प्रवासियों को कतारबद्ध कर थर्मल स्क्रीनिंग, हाथ पर क्वारेंटाइन मुहर व पंजीकरण के बाद प्लेटफॉर्म से बाहर निकाला गया। जांच के दौरान दो संदिग्ध मिले वहीं 25 लोगों का रैंडम सैंपलिंग ली गई।

जंक्शन परिसर में खड़ी बसों से बिहार के विभिन्न जिलों में उनके गंतव्य के लिए भेजा गया। लौटने वालों में काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे शामिल थे। वहीं जिला प्रशासन की ओर से प्लेटफॉर्म से बाहर निकलने पर श्रमिकों को फूड पैकेट व पानी उपलब्ध कराया गया। व्यवस्था के लिए बनाए गए वरीय स्टेशन प्रभारी सह नगर निगम आयुक्त सावन कुमार के अलावे स्टेशन डायरेक्टर जेपी भरती, स्टेशन प्रबंधक केके त्रिपाठी, आरपीएफ सहायक सुरक्षा आयुक्त मनोज सिंह चौहान, रेल पुलिस डीएसपी सुनील कुमार आदि शामिल थे।

145 यात्री गया जिले के थे, सभी को क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया

गुजरात के सूरत से शनिवार की शाम आई ट्रेन के यात्रियों का स्क्रीनिंग स्वास्थ्य टीम की ओर से की गई। इस टीम के नोडल पदाधिकारी डॉ. उदय मिश्रा ने बताया कि स्क्रीनिंग में दो यात्री संदिग्ध पाए गए। इन संदिग्धों को नमूना लेकर उसे जंक्शन परिसर में स्थित होटल अर्णव में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। इसके अलावा यात्रियों में 25 यात्रियों का रैंडम सैंपलिंग भी किया गया। सभी सैंपल को जांच के लिए पीएमसीएच पटना भेज दिया गया है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि ट्रेन से कुल 145 यात्री गया जिले के थे जिन्हें बोधगया स्थित क्वारेंटीन सेंटर में भेज दिया गया है।



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1343 migrants from Bihar arrived by special train from Surat in Red zone, two suspects found




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अंदरुनी इलाकाें में दूध, सब्जी की हाेमडिलीवरी, देरी व महंगे दाम की शिकायत

कर्फ्यू के बावजूद कई लाेग काे घराें में नहीं रुके, बाहर निकले और पुलिस के सामने अजीबाेगरीब बहाने बनाकर निकल गए। शहर का जायजा लेने की शुरुआत मैंने सुबह 9 बजे टैगाेर नगर, मरुधर, गायत्री नगर से की। यहां सन्नाटा पसरा था व दुकानें भी बंद थी। नया बस स्टैंड राेड पर लाेगाें व वाहनाें की आवाजाही थी, इसलिए आधे घंटे यहां लगे बेरिकेड्स पर खड़ी पुलिस के पास ही रुक गया। इस दाैरान हर एक मिनट में दुपहिया वाहन आए। किसी ने दवाई की पर्ची दिखाई ताे काेई अन्य बहाना बना रहा था। एक ने ताे एसपी के यहां दूध देने की बात कही। जाेश में फाेन भी लगाया लेकिन बात नहीं बनी ताे लाैट गया। कुछ बाइक सवार केेशव नगर की गली से घुसकर हाेटल शिवम की गली से निकलते हुए शहर में जाते दिखे। 10.15 बजे पुराना बस स्टैंड पर सन्नाटा था। यहां सब्जी मंडी राेड पर सब्जी की गाड़ी आई हुई थी। बिना डिस्टेंसिंग किए 12 लाेग खरीदारी कर रहे थे। पूछा ताे ओमप्रकाश भंडारी ने कहा कि सब्जी आई पर दूध वाला नहीं आया। गुलजार चाैक, चूड़ीगर माेहल्ला, नाडी माेहल्ला में शांति थी। सर्राफा बाजार के रास्ते पर कुछ घराें के बाहर लाेग थे, जिन्हें पुलिसकर्मी अंदर जाने की हिदायत दे रहा था। गैस सिलेंडर ले रहे दिनेश साेनी ने कहा कि समय-समय पर जरूरत की चीजें मिलती रहे ताे घराें में रहने में दिक्कत नहीं है। दूध की गाड़ी के साथ पहुंचे बीएलओ थानाराम गाेयल घर-घर जाकर आवाज देकर दूध लेने काे कह रहे थे।



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Complaint of milk, vegetable delivery, late and expensive prices in internal areas




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समनपुरा में बिजनसमैन के घर से 10 लाख की चोरी, लॉकडाउन में परिवार गया था गांव, चोरों ने खंगाल दिया घर

लॉकडाउन में चोरी की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। शातिर अब बंद घरों को निशाना बना रहे हैं। शातिर चोरों ने समनपुरा के दानिश अपार्टमेंट में रहने वाले एक बिजनस मैन के घर से करीब दस लाख की ज्वेलरी, कैश और अन्य कीमती सामान की चोरी कर ली। अपार्टमेंट के 301 फ्लैट में रहने वाले अमजद हुसैन दिल्ली में बिजनस मैन है। लॉकडाउन में वे अपने गांव गए थे और इधर शातिरों ने उनका घर खंगाल दिया। शातिरों ने उनके घर से 50 हजार नगद, लगभग बीस तोला सोने का जेवर, एक महंगा कैमरा और अन्य कीमती सामान की चोरी कर ली। अमजद के साले रेहान अहसन के लिखित बयान पर शास्त्रीनगर थाने में मामला दर्ज हुआ है। शास्त्रीनगर थानेदार बिमलेंदु ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है। छानबीन की जा रही है।

तीन कमरे और दो आलमीरा से सब सामान गायब किया
अमजद लॉकडाउन से पहले राजगीर अपने गांव आए थे। इसके बाद वहीं फंस गए। उनका साला रेहान भी इसी अपार्टमेंट में रहता है। रेहान ने कहा कि मैं जब अपने फ्लैट से नीचे उतर रहा था तब देखा कि 301 नंबर का ताला टूटा हुआ है। तीनों कमरों का ताला टूटा हुआ था। कमरों में दो आलमीरा था उसका ताला तोड़कर भी सबकुछ शातिरों ने निकाल लिया था। पूरा घर बिखरा हुआ था। रेहान ने कहा कि अपार्टमेंट का सीसीटीवी कैमरा खराब है और गार्ड छुट्टी पर गया हुआ था। इस कारण कौन आया गया इसकी जानकारी हमलोगों को नहीं है।



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मंडी में फल-सब्जियां एक-चाैथाई ही बिकी, खरबूजे वापस ले गए किसान

लाॅकडाउन कर्फ्यू में तब्दील हाेने के बाद मैं, फाेटाेजर्नलिस्ट गाैरव शर्मा के साथ शनिवार सुबह जल्दी ही शहर के हालात जानने निकला। काॅलेज राेड पूरी तरह से सूना था। नई सब्जी पहुंचे ताे देखा ताे हालात राेजाना के मुकाबले अलग थे। सब्जी मंडी में किसानोंके माल की बिक्री कम हुई। किसान यहां सब्जी फल लेकर आते हैं, और सब बेचकर चले जाते हैं, लेकिन शहर में कर्फ्यू हाेने की उन्हें जानकारी नहीं थी। किसान खींवसिंह, हेमसिंह, रामसिंह, सुरेश चाैकीदार, जगदीश कीर, पुखाराम बांकली ने बताया कि राेजाना खरबूजा 15 से 20 टन के बीच में मंडी आतेहैं, लेकिन शनिवार काे 5 से 6 टन ही खरबूजे बिके। बाकी सब किसान वापस ले गए। इसी तरह राेजाना 20 से 25 टन सब्जी राेजाना आती है।



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In the market, fruits and vegetables sold only one-fourth, farmers moved melons back




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समावेशी शिक्षा के तहत मॉडल स्कूल बनेगा गया के गेवाल बिगहा का उर्दू मध्य विद्यालय

समावेशी शिक्षा के अंतर्गत शहर के गेवाल बिगहा उर्दू मध्य विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। समग्र शिक्षा अभियान की यह नई सोंच है। राज्य मुख्यालय ने मॉडल स्कूल के लिए जिले से एक विद्यालय का नाम मांगा था। समावेशी शिक्षा संभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 अंतर्गत राज्य मुख्यालय को भेजे गए बजट प्रस्ताव में इसे शामिल किया गया है।

बजट में खेलकूद गतिविधियां, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, आईसीटी रिसोर्स, एनवायरमेंटल बिन्डिंग प्रोग्राम, छात्राओं के लिए स्टाइपेंड समेत 21 बिन्दुओं को शामिल किया गया है। मॉडल स्कूल में बच्चों के लिए सभी सहायक उपकरण, ब्रेल लिपि कक्षा समेत नि:शक्ततावार कई तरह के संवर्द्धन कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।
प्रारंभिक विद्यालयों में चिह्नित हुए हैं 6650 दिव्यांग बच्चे

इस बार हाउस होल्ड सर्वे में विभिन्न कोटि के 6812 दिव्यांग बच्चे चिन्हित किए गए हैं। इसमें कक्षा एक से आठवीं में 6650 और नौवीं से बारहवीं तक में 262 चिन्हित बच्चे हैं। इन बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा अंतर्गत कई कार्यक्रम व कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाती है। संभाग ने जिले में दिव्यांग बच्चों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों व अन्य आवश्यक गतिविधियों के लिए सवा दो करोड़ बजट का प्रस्ताव राज्य मुख्यालय को भेजा है।

बौद्धिक अक्षमता से सबसे अधिक बच्चे हैं पीड़ित

डोर-टू-डोर सर्वे में सबसे अधिक बौद्धिक अक्षमता वाले बच्चों को चिह्नित किया है। एपीओ सह संभाग प्रभारी मो. आसिफ ने बताया कि सर्वे में 18 कोटि की दिव्यांगता वाले बच्चों को चिन्हित किया गया जिसमें दस प्रमुख नि:शक्तता वाले बच्चे हैं। इसमें अस्थि नि:शक्त कोटि के 1562, अल्पदृष्टि बाधित 604, पूर्व दृष्टिबाधित 140, श्रवणबाधित 941 और स्पीच एंड लैंग्वेज डिसेबिलिटी 587 और बहुविकलांगता श्रेणी के बच्चे शामिल हैं।



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Under Inclusive Education, Model School Will Be Made Gaya Bigha's Urdu Middle School




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दीपक हत्याकांड के अभियुक्तों के खिलाफ वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी

मगध मेडिकल थाना के गुलनी में दीपक कुमार की हत्या में शामिल रहे अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में अब तक सिर्फ एक की गिरफ्तारी हुई है, वहीं मुख्य आरोपित गुडडु सिंह समेत आधा दर्जन से अधिक अभियुक्त अब भी फरार हैं।

इनके फरार होने की स्थिति में मगध मेडिकल थाना की पुलिस ने अरेस्ट वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। संभावना है, कि सोमवार को मेडिकल पुलिस को अरेस्ट वारंट के निर्देश कोर्ट से प्राप्त हो जाएगें। विदित हो, कि बीते 23 अप्रैल को दीपक कुमार की हत्या गोली मारकर कर दी गई थी। क्रिकेट के विवाद के बाद गुलनी और जैतिया के कुछ युवकों के बीच विवाद हुआ था।



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गया में कोरोना मरीज का रिकवरी रेट हुआ शत-प्रतिशत

गया का कोरोना रिकवरी रेट फिर से शत-प्रतिशत हो गया है। कोरोना काल में यह दूसरी बार हुआ है। पहली बार कोरोना के सभी पांच मरीज ठीक होकर अस्पताल से छूटे थे। हालांकि उसके बाद एक पॉजिटिव मरीज फिर मिल गया था और रिकवरी रेट शत-प्रतिशत बरकरार नहीं रहा। टिकारी प्रखंड के मरदुआ गांव निवासी सुरेन्द्र चौधरी छठा और आखिरी कोरोना पॉजिटिव मरीज था जिसके अस्पताल से छूटने के साथ ही फिर से रिकवरी रेट शत प्रतिशत हुआ। जिला का रिकवरी रेट प्रदेश के लगभग 55 फीसदी और राष्ट्रीय रेट 37 फीसदी से काफी बेहतर है।

हालांकि अभी भी कोरोना का संकट जिले के ऊपर से नहीं हटा है और आने वाले प्रवासी को लेकर स्वास्थ्य व जिला प्रशासन सजग है। वर्तमान में कोरोना डेडिकेटेड एएनएमएमसीएच में दो मरीज भर्ती हैं इनमें से एक नवादा और दूसरा रोहतास जिले का है। यहां यह भी बता दें कि आखिरी मरीज भी प्रवासी था जो दिल्ली से आया था। इसके अलावा भी शुरूआती दो चेन प्रवासियों से ही शुरू हुआ था और उस दो चेन से पांच लोग संक्रमित हुए थे।
इस सप्ताह बढ़ेगी प्रवासियों की भीड़
गया जिले में आने वाले दिनों में प्रवासियों की भीड़ बढ़ने वाली है। एक तरफ जहां ट्रेन से देश के विभिन्न राज्यों से प्रवासी जिले में आने वाले हैं, वहीं दूसरी तरफ विदेशों में रहने वाले बिहार प्रदेश के सारे प्रवासी गया एयरपोर्ट पर उतरने वाले हैं। विदेशी प्रवासियों को 21 दिनों तक गया जिले में ही क्वारेंटीन करने की योजना है। ऐसे में जिला व स्वास्थ्य प्रशासन की जिम्मेवारी काफी बढ़ने वाली है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोग इसे लेकर सशंकित हैं।



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गया कारा में नए बंदी को 28 दिन क्वारेंटाइन में रहना होगा

(रतनेश कुमार) गया कारा में आने वाले हर नए बंदी को अब 28 दिनों तक आब्जर्वेशन सेल (क्वॉरेंटाइन सेल) में रहना होगा। जेल प्रशासन के मुताबिक पहले यह 14 या 21 दिन का होता था। कोविड 19 के खतरे को देखते हुए सतर्कता बरतते हुए गया सेन्ट्रल जेल में दस ऑब्जर्वेशन सेल बनाए गए हैं। आने वाले हर नए बंदी का इसी सेल में प्रवेश करा, उसे क्वॉरेंटाइन किया जाता है।

बताया गया कि नए बंदी के आने के साथ ही जेल में प्रवेश से पहले उसकी सफाई पूरी तरह से निश्चित की जाती है। अंदर प्रवेश से पहले गेट के पास ही उसका स्नान कराया जाता है और नए वस्त्र दिए जाते हैं। इसके बाद अंदर में डॉक्टरों की टीम के द्वारा हर नए बंदी की स्वास्थ्य जांच की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसे पूरा करने के बाद उसे बनाए गए ऑब्जर्वेशन सेल में भेजा जाता है।
संदिग्धत दिखने वाले की आइसोलेशन वार्ड में भर्ती: कुछ संदिग्ध के लक्षण सामने आते हैं, तो उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया जाता है। यहां दो आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। इस साल के मार्च महीने से ही कोरोना को लेकर गया कारा में कदम उठाने शुरू कर दिए गए थे। थर्मल स्क्रीनिंग से जांच कर ही बंदियों को लाया-ले जाया जा रहा था। इसके बाद नए बंदी नए खंड में रखे जाने शुरू कर दिए गए। विदित हो कि गया कारा में पुराने दो पड़े भूखंडों का जीर्णोद्धार किया गया है। इन्हीं भूखंडों को मिलाकर दस आब्जर्वेशन सेल और दो आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं।

कारा के गेट पर कई नल डाले, लिखा-कोरोना धोएं
गया कारा के गेट पर कई नल डाले गए हैं। यहीं पर कोरोना से बचाव के हिदायत के तौर पर लिखा है-कोरोना धोएं। हैंड सैनिटाइजर का भी उपयोग किया जा रहा। साथ ही कई पर्चे भी साटे गए है, जिसमें कोरोना बचाव की कई बातें लिखी हैं। इसमें सामाजिक दूरी रखने, हाथों को साबुन से धोने के अलावे अन्य बातें लिखी हैं। वैसे बंदियों की नियमित जांच भी की जा रही। मुख्यालय से आने वाले निर्देशों के मुताबिक गया जेल प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं।
दो आइसोलेशन वार्ड भी बनकर हैं तैयार: जेल अधीक्षक
कोरोना को लेकर कई कदम उठाए गए हैं। विभागीय निर्देशों के मुताबिक अब हर नए बंदी को 28 दिनों तक आब्जर्वेशन सेल (क्वारेंटाइन सेल) में रहना होगा। वहीं संदिग्धों के लिए दो आइसोलेशन वार्ड भी बनाए गए हैं। मार्च के महीने से कई प्रक्रियाएं यहां बढ़ाई गई है। राजीव कुमार, जेल अधीक्षक, गया सेन्ट्रल जेल।



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New captives in Gaya Kara to stay in Quarantine for 28 days




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ब्रिटिश स्थापत्य कला के समन्वय का नमूना है क्लेक्ट्रेट भवन

(राजीव कुमार) केंद्र के हृदय योजना के तहत गया-बोधगया के 252 भवनों को हेरिटेज का दर्जा प्रदान किया गया है। उसमें से एक समाहरणालय भवन भी है। समाहरणालय भवन ठेठ ब्रिटिश व बैरक स्थापत्य कला का नमूना है। इसकी शुरूआत एक बैरक के रूप में हुई, लेकिन जिला मुख्यालय बनने के बाद प्रशासनिक भवन के रूप में इस्तेमाल हुआ।
1857 की क्रांति के दौरान बैरक के रूप में इसका उपयोग हुआ था। सामने का हिस्सा पहले बना, जरूरत पड़ने पर इसका विस्तार हुआ। समय-समय पर समाहरणालय भवन का जीर्णोद्धार हुआ है। यह लगभग ढ़ाई एकड़ में विस्तृत है। भवन पांच फीट उंचे प्लेटफार्म पर बना है, जिसके बीच में बैरक शिल्प शैली में मंडप जैसी उंचाई दी गई है। सामने में खंभे के साथ कंधा से कंधा मिलाए अर्ध गोलाकार मेहराब बनाए गए हैं। यह एक निरंतर वक्र में बनता है। आर्केड बनाने के लिए उन्हें श्रृंखला में कंधे से कंधा मिलाकर इस्तेमाल किया गया है। मेहराब संकुचित संरचनाएं हैं। गुरुत्वाकर्षण के बल द्वारा उसके भार को स्थिर किया जाता है। यह उन्हें बहुत स्थिर और कुशल बनाता है। यही कारण है पुराने पुलों में भी मेहराब का उपयोग होता था। यह क्षैतिज बीम की तुलना में अधिक भार का वहन करता है।
स्प्रिंगिंग पाॅइंट से आर्क बना रहा हार्स शू प्रोफाइल
घोड़े की नाल आर्क के उभार स्प्रिंगिंग पॉइंट से हॉर्स शू प्रोफाइल बनाने के लिए निकला हुआ प्रतीत हो रहा है। इसे शिल्प के रूप में किस्टोन भी कहा जाता है। उपर में जगह-जगह तीनपतिया डिजाइन है, जो तिकोना आभास देता है। भवन के बीच में जहां मंडप का आभास है, वहां पर बाहर में पोर्टिको बना है।

क्या है बैरक कला
बैरक आमतौर पर सैन्य कर्मियों के लिए बनाई गई लंबी इमारतों का एक समूह है। बैरक योजना में मंडप योजना डिजाइन की अवधारणा प्रभावशाली थी।
1805 में हुई थी पहल
जिला मुख्यालय के रूप में गया 1784 में रोहतास जिला का मुख्यालय बना। इसके बाद 1797 में बिहार(पटना, गया, बिहारशरीफ) जिला का मुख्यालय गया था। 1805 में तत्कालीन कलेक्टर रिकेट ने गया में प्रशासनिक भवन बनाने की स्वीकृति मांगी थी, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया था। 1825 में बिहार जिला से पटना को अलग करने के बाद बिहार जिला का मुख्यालय गया में बना। गया में कलेक्टर व असिस्टेंट कलेक्टर का पद सृजित हुआ। इसी समय अलग प्रशासनिक भवन निर्माण की अनुमति गवर्नर जेनरल से मिली। हालांकि गया को अलग जिला का दर्जा 03 अक्टूबर 1865 में मिला।
1930 में हुआ विद्युतिकरण
इस भवन का 1930 में पहली बार विद्युतिकरण किया गया। इससे पहले गया में बिजली की सुविधा नहीं थी। बाद में केबलिंग का नवीकरण भी हुआ।
1946 में डूबा था समाहरणालय
1946 में गया में इतना पानी हुआ था कि जल प्रलय का नजारा दिखने लगा था। समाहरणालय डूब गया था व कमरों में पानी घुस गया था। 17 सितंबर 1946 को फल्गु ने अपने किनारा को तोड़ते हुए शहर में घुस गया था। कमरों में पानी घुसने के बाद समाहरणालय के ट्रेजरी व रेकार्ड रूम को कड़ी मेहनत के बाद बचाया जा सका था।



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The collectorate building is a sample of the coordination of British architecture




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बिहार आने वाले यात्रियों के लिए कोषांग का गठन

कोविड-19 वैश्विक महामारी कोरोना से सुरक्षा व बचाव को लेकर किए गए लॉकडाउन में विदेशों में फंसे बिहार वासियों को वंदे भारत मिशन के अंतर्गत राज्य में लाने की तैयारी चल रही है। गया एयरपोर्ट का चयन लैंडिंग प्वाईंट के रूप में किया गया है। यह संपूर्ण मगध प्रमंडल के कमिश्नर असंगबा चुबा आओ की देखरेख में संपन्न होगा। इस अभियान की मुकम्मल तैयारी के लिए कमिश्नर ने विभिन्न कोषांगाें का गठन किया है।

शनिवार को आयुक्त की अध्यक्षता में वरीय पदाधिकारियों की बैठक हुई। कमिश्नर श्री आओ ने बताया कि विदेशों में रहने वाले बिहार आने को इच्छुक लोगों को गया एयरपोर्ट पर ही लाया जाएगा और उन्हें 21 दिनों तक क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के विभिन्न एजेंसियों से समन्वय स्थापित, सुरक्षा व्यवस्था, मेडिकल ग्राउंड के साथ आवासन स्थलों पर निगरानी रखनी होगी।
मो. नौशाद आलम बने स्वागत व निबंधन कोषांग के वरीय पदाधिकारी: उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मगध प्रमंडल मो. नौशाद आलम को स्वागत व निबंधन कोषांग का वरीय पदाधिकारी बनाया गया है। उनके सहयोग के लिए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी मो. सलीम अंसारी की प्रतिनियुक्त हुई है। आयुक्त ने उन्हें निर्देश दिया कि विदेश से आने वाले सभी लोगों के द्वारा आधारभूत औपचारिकता कोविड-19 के लिए जैसे सभी व्यक्तियों को मास्क व ग्लब्स पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णतः पालन करना इस पर विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि गया हवाई अड्डा पर कार्यरत जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आवासन कोषांग के पदाधिकारी व एयरपोर्ट अथॉरिटी से समन्वय स्थापित रखेंगे।



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लॉकडाउन के उल्लंघन से जुड़े सभी केसों का करें निष्पादन

एसएसपी राजीव मिश्रा ने शनिवार को जिले के पुलिस पदाधिकारियों के साथ क्राइम मीटिंग की। इसमें कई निर्देश थानाध्यक्षों को दिए गए। लॉक डाउन की अवधि में जिले के तीन थाना का काम बेहतर नहीं पाया गया, जिसमें वजीरगंज, खिजरसराय, मुफ्फसिल शामिल हैं। वहीं कोतवाली थाना का काम सबसे अच्छा पाया गया। मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई में कोतवाली पुलिस का रिकार्ड बेहतर रहा।
एसएसपी ने थानाध्यक्षों को निर्देश दिया कि लॉक डाउन के दौरान जितने भी केस हुए हैं, उसका निष्पादन किया जाए। लॉक डाउन के उल्लंघन से जुड़े केस में अधिकांशत: मामलों का निष्पादन कर लिया गया है, शेष बचे मामले भी इसी हफ्ते निष्पादित करने की कार्रवाई की जाए। वहीं हालिया महीने में अपराध की वारदातों में कमी आई है, किन्तु कुछ बड़ी घटनाएं भी हुई हैं, जिसके अभियुक्तों की हर हाल में गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। क्राइम मीटिंग में जिले के सभी डीएसपी और थानाध्यक्ष मौजूद थे।
फरार अपराधियों को गिरफ्तार करें: एसएसपी
^शनिवार को हुई क्राइम मीटिंग में थानाध्यक्षों को कई निर्देश दिए गए हैं। लॉक डाउन से जुड़े सभी केसों का निष्पादन करने को कहा गया है। वहीं फरार अभियुक्तों और हालिया दिनों में हुई बड़ी घटनाओं के आरोपितों की गिरफ्तारी करने को कहा गया है। एक महीने के दौरान लॉक डाउन उल्लंघन के करीब 130 केस दर्ज किए गए हैं। -राजीव मिश्रा, एसएसपी गया।



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नाश्ता-खाना नहीं मिलने से भूख से होते रहे परेशान प्रवासी, खीरा-तरबूज से मिटाई भूख

(गप्पु शाही)बिहार-यूपी बार्डर के बलथरी चेकपोस्ट पर 30 अप्रैल से सैकड़ों की तादाद में प्रवासी मजदूर पहुंच रहे हैं। 1 मई से 8 मई तक उन्हें बसों द्वारा उनके गूह जिला छोड़ा जा रहा था। शुक्रवार से उन्हें ट्रांजिट पोस्ट पर पहुंचाया जा रहा है। शुक्रवार की बदौलत शनिवार बार्डर पर आने वाले प्रवासियों की संख्या काफी कम रही। रात से लेकर सुबह तक 1300 मजदूर विभिन्न प्रदेशों से चल कर आए। इनमें ज्यादातर पैदल पहुंचे हैं। रात में ठहरने के लिए चेकपोस्ट पर टेंट लगाया गया है। सुबह 6 बजे से रजिस्ट्रेशन और स्क्रीनिंग शुरू हो रही है।

दोपहर के समय इन्हें खाना खिलाकर बसों से रवाना किया जाता था। लेकिन शनिवार को खाना और नाश्ता का प्रबंध नहीं रहने से इन्हें भूखे पेट जाना पड़ा। भूख-प्यास से व्याकुल कई मजदूर खीरा और तरबूज खाकर पेट को शांत करते रहे। मजदूरों ने कहा कि यहां से उन्हें बस पर भेजा जा रहा है, यहीं उनके लिए ज्यादा है। बार्डर पर सुबह से अफरा-तफरी का माहौल रहा। दोपहर 2 बजे तक 1310 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कर 30 बसों से रवाना किया गया।
अलौली प्रखंड के दो और चौथम प्रखंड के 2 मजदूर पैदल आए
खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के दो और चौथम प्रखंड के 2 मजदूर पैदल चलकर दिल्ली व राजस्थान से बिहार बार्डर पहुंचे थे। 30 अप्रैल को चारों की स्क्रीनिंग कर खगड़िया जा रहे एक ट्रक में बैठाकर भेज दिया गया था। उन दिनों चेकपोस्ट से बसें नहीं चल रही थी। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि चारों मजदूरों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

पटना की जगह अब जहानाबाद बन गया ट्रांजिट कैंप
पहले ट्रांजिट कैंप खगड़िया, समस्तीपुर और पटना में बनाया गया था। संक्रमण की स्थिति को देखते हुए पटना का ट्रांजिट कैंप जहानाबाद स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं पटना के आसपास के जिलों को उनके नजदीकी ट्रांजिट कैंप से टैग कर दिया गया है।
1- खगड़िया : बेगुसराय, खगड़िया, अररिया, पुर्णिया, कटिहार, किशनगंज
2- समस्तीपुर : सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फपुर
3- जहानाबाद : पटना, भोजपुर, नालंदा, रोहतास, गया, मुंगेर

ट्रांजिट कैंप से जाएंगे गृह जिले
पहले प्रवासियों को उनके गृह जिले के लिए बलथरी चेक पोस्ट से बसें खोली जाती थी। इससे प्रशासन और प्रवासी मजदूरों को भी परेशानी उठानी पड़ती थी। संबंधित जिले की मजदूरों की संख्या कम होने पर उन्हें बस भरने तक रूकना पड़ता था। अब उन्हें ट्रांजिट कैंप तक ही छोड़ना है। वहां से प्रशासन की जिम्मेदारी है उनके गृह जिलों तक पहुंचाना।



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Due to not getting breakfast and food, the migrant continues to suffer from hunger, eradicated hunger from cucumber and watermelon




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गया डाकघर को मिला टॉप डिविजन का खिताब एक दिन में 67 लाख रुपए का हुआ है ट्रांजेक्शन

लॉकडाउन में डाक विभाग ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। डोर-टू-डोर सर्विस के साथ-साथ राशन सामग्री को भी जरूरतमंदों तक पहुंचाया हैं। जरूरी दवाओं की पार्सल से बुकिंग कर समय से पूर्व डिलिवरी कराई। डाक विभाग के कार्यो की खूब सराहना हो रही हैं। इसी कड़ी में छह मई को गया डाक विभाग ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

गया डिविजन ने एक दिन में लगभग 67 लाख रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन 11 हजार लोगों के बीच किया, जो भारतीय डाक सेवा में सबसे ज्यादा लेन-देन हैं। इसके लिए गया डिविजन को टॉप शाखा के खिताब से नवाजा गया। गया डिविजन को मिले इस उपलब्धि पर डाक अधिकारियों ने भी हर्ष व्यक्त किया है। डीएम अभिषेक सिंह ने बेहतर डाक सेवा का खिताब गया डाकघर को मिलने पर सभी पदाधिकारी और कर्मियों को बधाई दी। डीएम ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि में डाक विभाग ने जरूरतमंदों को घर-घर सेवा पहुंचायी हैं।
संत जयदीप आजाद को मिला टॉप एंड यूजर का खिताब
प्रत्येक राशन कार्डधारियों को सरकार द्वारा एक-एक हजार रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराया गया हैं। भारतीय डाकघर एवं ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा घर-घर जाकर राशि का भुगतान किया हैं। इसके लिए गया डिविजन के संत जयदीप आजाद को टॉप एंड यूजर का खिताब मिला। एक दिन में इन्होंने लगभग 309 लाभुकों के बीच 1.64 लाख रुपए का लेन-देन किया हैं।
सेवाभाव के साथ कर्मियों ने किया काम : रंजय
वरीय डाक अधीक्षक रंजय कुमार सिंह ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर पूरा देश लॉकडाउन हैं। लॉकडाउन की अवधि में डाक विभाग के कर्मचारी ने सेवा भाव के साथ काम किया हैं। आज सभी की मेहनत के बदौलत गया डाकघर को यह खिताब मिला हैं। डोर-टू-डोर सर्विस देकर बैंक के ग्राहकों को भी डाकघर ने सुविधा प्रदान की हैं।



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Gaya Post Office gets top division title for Rs 67 lakh in one day




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35 दिनों से कर रहे हैं काम,अब तक 366 लाेगों का लिया सैंपल

ये हैं विजय कुमार। सदर अस्पताल में लैब टेक्नीशियन हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में बढ़ते संक्रमण के बीच चिकित्सक से लेकर सफाई कर्मी तक सभी जी-जान से जूटे हुए हैं। खतरे के बीच ये सभी अपनी जिम्मेवारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन, कोरोना की इस लड़ाई में सबसे कठिन कार्य कर रहे हैं लैब टेक्नीशियन।

सभी लैब टेक्नीशियन खतरे के बीच भी कोरोना संक्रमित या इसके संदिग्ध मरीजों का सैंपल एकत्रित कर रहे हैं। इनमें लैब टेक्नीशियन विजय कुमार एक कर्मवीर योद्वा हैं। ये बिना रेस्ट लिए 35 दिनों से लगातार सैंपल कलेक्शन कर रहे हैं। अब तक 366 से अधिक लोगों के सैंपल ले चुके हैं। बता दें कि कोरोना मरीज की पहचान से लेकर इलाज तक की प्रक्रिया में लैब तकनीशियन का काम अत्यधिक जोखिम भरा होता है। क्योंकि, सैंपल लेने के मरीज और तकनीशियन के बीच दूरी न के बराबर रहती है।

कोरोना के साथ स्वयं से भी लड़ते हैं प्रतिदिन
कोरोना संदिग्धों का स्वाब लेते समय भी मरीज को कई बार खांसी आ जाती है और तो और कई बार उल्टी भी हो जाती है, जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा हर समय बना रहता है। हालांकि, ये पीपीई किट पहनकर इस कार्य को अंजाम देते हैं लेकिन, यह कहना गलत नहीं कि इस परिस्थिति में सैंपल लेने से लेकर जांच कार्य तक लैब तकनीशियन को कोरोना के साथ स्वयं से भी लड़ना होता है।

पहले लगता था डर, अब नहीं
विजय कुमार ने बताया कि पहली बार जब सैंपल कलेक्शन कर रहे थे तो, उनके मन मे एक डर था। लेकिन अब तो हर रोज के कार्यंो में सैंपल कलेक्शन करना शुमार हो गया है। उनके पिता स्वस्थ्य विभाग से रिटायर्ड हैं। परिवार के अधिकतर लोग स्वास्थ्य सेवा जुड़े है। इसलिए उनके घर में डर का कोई माहौल नहीं है। परिवार के सभी लोगों के हौसला बढ़ाने की वजह से कोरोना मरीजों की जांच में पूरे उत्साह से दिन रात लगे रहते हैं। मन में कोरोना संक्रमण का भय भी बना रहता है। लेकिन एक विचार एक मिनट के लिए मन में आते ही अपने काम में तल्लीन हो जाते है। तुरंत ही नकारात्मक विचार मन से गायब हो जाते हैं।

कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं
लैब टेक्नीशियन अपने मानसिक द्वन्द्व पर विजय प्राप्त कर अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। विजय कुमार कहते हैं, जब पूरे विश्व पर कोरोना का संकट छाया हुआ है तो वे लोग इससे कैसे मुंह मोड़ सकते हैं।

केयर इंडिया कर रही है सहयोग
सभी लैब टेक्निशियन के साथ केयर इंडिया की टीम भी सहयोग कर रही है। केयर इंडिया के तरफ डॉ दिनेश कुमार मौर्य सैंपल कलेक्शन कार्य मे अपनी सेवा दे रहे है।



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Are working for 35 days, so far samples of 366 people have been taken




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फुलवरिया के दो क्वारेंटाइन सेंटर में 125 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की दी हिदायत

लकड़ी बनवीर के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय व माडीपुर गांव स्थित संचालित प्राथमिक विद्यालय को प्रखंड प्रशासन क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया है। जिसमें अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी लोगों को रखा जा रहा है। शनिवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी कृष्णा राम व प्रभारी चिकित्सा डॉ राजीव रंजन दोनों क्वारेंटिंन सेंटर पहुंचकर प्रवासी लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु जागरुक किया। इस दौरान बीडीओ श्री कृष्ण राम ने बताया की लकड़ी बनवीर क्वॉरेंटाइन सेंटर सैंतीस प्रवासी लोगों को रखा गया है तो वही माडीपुर क्वारेंटाइन सेंटर में अट्ठासी प्रवासी लोगों को रखा गया है।

जिनके बीच पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए अपील किया गया। इस दौरान बीडीओ ने दोनों क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर पहुंचकर सख्त हिदायत दिया कि यदि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा गया तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। उधर फुलवरिया थानाध्यक्ष मनोज कुमार प्रखंड के मुख्य बाजार बथुआ के मुख्य मार्गो पर बेवजह बाइकों से मटरगश्ती करने वाले से लोगों पर लाठियां चटकाई साथ ही राशन की दुकानों पर भीड़ देखकर लोगों को फटकार लगाई तथा सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने की अपील की। वही श्रीपुर ओपी अध्यक्ष मुकेश कुमार सशस्त्र बल के जवानों के साथ भोरे मीरगंज मुख्य पथ के मिश्र बतरहां बाजार में वाहन जांच चलाई।



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125 people were instructed to maintain social distancing in two quarantine centers of Phulwaria




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फ्रंटलाइनर कोरोना वॉरियर्स आशा,एएनएम और सेविका को ताली-थाली बजाकर किया सम्मानित

कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किये बिना समाज को सुरक्षित रखने के लिए दिन रात कार्य कर रहे कोरोना योद्धाओं को सम्मान देने के लिए बिहार राज्य में एक मुहिम ‘थैंक यू कोरोना वारियर्स’ की शुरुआत राष्ट्रीय स्तर की संस्था सेंटर फॉर कैटेलाईजिंग चेंज द्वारा महिला शिशु कल्याण संस्था , गोपालगन्ज के सहयोग से किया गया है।

इस अभियान के माध्यम से गोपालगज जिला में चैम्पियन परियोजना से जुडी पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा अपने अपने वार्ड एवं पंचायत की स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, पुलिस, सफाई कर्मी, जरुरत सामग्री को पहुंचाने वाले, सरकारी कर्मी इत्यादि को ग्राम स्तर पर सम्मान देने के कार्य किया जा रहा है। अभियान के माध्यम से आशा एवं एएनएम को घर घर स्क्रीनिंग कार्य को करने में सहायता भी प्रदान की जा रही है।

हथुआ में महिला वॉरियर्स को किया गया सम्मानित
हथुआ प्रखंड के एकडेंगा पंचायत की वार्ड 11 की महिला वार्ड सदस्य बबिता देवी, खैरटिया पंचायत की वार्ड नंबर 4 की महिला वार्ड सदस्य शैल देवी,बलेसरा पंचायत की वार्ड 4 की महिला वार्ड सदस्य गुलाची देवी, त्रिलोकपुर पंचायत की वार्ड 10 की महिला वार्ड मीना देवी ने अपने - अपने पंचायतों में फ्रंटलाइनर कोरोना वॉरियर्स आशा, एएनएम एवं सेविका को थाली, ताली एवं पुष्पवर्षा कर उनका अभिवादन किया।



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Frontliner Corona Warriors Asha, ANM and Sevika honored by clapping




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बैकुंठपुर में दहेज के लिए विवाहिता की हत्या का आरोप,सास हिरासत में

स्थानीय थाने के रेवतीथ गढ़ गांव में दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर एक नवविवाहिता की हत्या कर दी गई । मृतिका नीपू देवी 25 वर्ष की थी। उसकी शादी रौशन कुमार सिंह के साथ हुई थी। घटना के संबंध में इसी थाने के दिघवा कचहरी टोला निवासी व मृतका के पिता संजय कुमार सिंह ने अपनी बेटी के ससुराल वालों पर दहेज के लिए प्रताड़ित कर हत्या करने का आरोप लगाया है। पुलिस को दिए आवेदन में पिता ने कहा है कि उनकी बेटी नीपू की शादी नवंबर 2019 में हुई थी। शादी के बाद दहेज की मांग को लेकर नीपू को ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया जाता था।

शनिवार की सुबह उसकी हत्या कर दी गई । बैकुंठपुर सीएचसी में अचेतावस्था में नीपू को इलाज के लिए उसकी सास लेकर आई थी। इसी बीच डॉक्टरों ने नीपू को मृत घोषित कर दिया । सूचना पाकर मायके वाले भी अस्पताल पहुंच गए और पुलिस को जानकारी दी। थानाध्यक्ष अमितेश ने पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया तथा पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गोपालगंज भेज दिया । थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतका की सास को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है । वैसे प्राप्त आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र राय ने हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच व दोषी लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है ।



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लोदीपुर के बाद शेखोपुरसराय के बहिकट्टा में मिला कोरोना का दूसरा पॉजिटिव मरीज

जिला प्रशासन के द्वारा प्रवासी मजदूरों का सुध नहीं लिए जाने के कारण आए दिन निजी वाहनों प्रवासी मजदूर जिले में बेरोक-टोक प्रवेश कर रहे हैं। जिसके कारण जिले में सदर प्रखंड के लोदीपुर गांव के बाद अब शेखोपुरसराय प्रखंड के बहिकट्टा गांव में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला है। जिससे जिले में कोरोनावायरस पॉजिटिव की संख्या बढ़कर दो हो गई। युवक की संक्रमित रिपोर्ट आने के बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंचकर संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले कुल 38 व्यक्तियों को क्वारान्टीन सेंटर में आइसोलेट किया गया है।

जिसके तत्पश्चात सभी लोगों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया है। इस दोनों मामले में जिला प्रशासन की लापरवाही खुलकर सामने आई है और कई बार दैनिक भास्कर ने सीमा पर बेरोक-टोक आवागमन जारी की खबर छापकर आगाह भी किया था लेकिन इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा उदासीनता रवैया रहने पर उसका नतीजा है शुक्रवार की देर रात शेखोपुरसराय प्रखंड में बहिकट्टा गांव के 18 वर्षीय युवक कोरोना पॉजिटिव निकला। शायद जिला प्रशासन दैनिक भास्कर की आगाह पर गंभीरता दिखाती, तो शायद शेखपुरा जिला कोरोना जैसे महामारी की चपेट में नहीं आता।
निजी वाहन से पहुंचे थे शेखपुरा
जिले में पाया गया दूसरा कोरोना पॉजिटिव मरीज 5 मई को बोलेरो से शेखपुरा अपने घर पहुंचा था। जिसमें कुल 8 प्रवासी नालंदा, लखीसराय, मोकामा का था। उक्त दोनों युवक अपने गांवशेखोपुरसराय प्रखंड के बहिकट्टा उतरा और रात घर में ही बिताया। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा सूचना देने पर 6 मई को उक्त दोनों को मेडिकल टीम ने घर से लाकर शेखोपुरसराय प्रखंड स्थित क्वारान्टीन सेंटर में आइसोलेट किया और 7 मई को दोनों की सैम्पल लेकर जांच के लिए पटना भेजा। 8 मई की देर रात एक युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे शहर के जखराज स्थान में क्वारान्टीन किया।

संक्रमित के सम्पर्क में आये 29 लोगों को किया गया क्वारान्टीन

युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद आनन-फानन में अधिकारीयों एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसके सम्पर्क में आये महिला-पुरुष व बच्चें सहित 29 लोगों को पकड़कर जखराज स्थान स्थित क्वारान्टीन सेंटर में आइसोलेट किया गया। वहीं, कोरोना पॉजिटिव मरीज को एक बिल्डिंग में अकेले रखा गया है जबकि अन्य संदिग्ध को दूसरे बिल्डिंग में रखा गया है। साथ ही सभी संदिग्धों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा जा चुका है। सीमाओं पर बेरोकटोक लोगों का आवागमन जारी वैश्विक बीमारी कोरोना के खिलाफ जंग अब चरम सीमा पर पहुंच चुका है ऐसे में एक भी चूक नतीजे बदल सकती है। दरअसल, जिले के साथ-साथ आसपास जिले जमुई छोड़कर नवादा, लखीसराय, नालंदा में भी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से स्थिति गंभीर बनी हुई है। बावजूद जिले के सीमाओं पर बेरोकटोक आवागमन अभी भी जारी है। जिसके कारण कोरोना के संक्रमण फैलने की खतरा अधिक बढ़ गया है। ऐसे में सीमाओं पर आवागमन पर रोक नहीं रहने के कारण प्रवासी मजदूर निजी वाहन से आ रहे हैं।

शहर में लोग दिखा रहे हैं लापरवाही, बाजार में उमड़ रही है भीड़: शहर के चांदनी चौक, कटरा चौक, गिरिहिंडा चौक, दल्लू चौक, कटरा बाजार, बुधौली चौक सहित अन्य जगह पर लॉक डाउन की धज्जियां उड़ते नजर आ रही है। लोग बेवजह सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। जैसे लोगों को विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस भय नहीं दिख रहा है, जो हमारे जिलावासियों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि बिहार सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन के द्वारा जिले में विशेष निर्देश के साथ कुछ छूट प्रदान किया गया है जिसके कारण सड़कों पर चहल-पहल और अधिक बढ़ गई है। लेकिन इस दौरान लोगों के द्वारा सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। कोरोनावायरस से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेंस ही एक महत्वपूर्ण हथियार है। जिसको लेकर सभी को सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखना चाहिए और इसे सख्ती से पालन करना चाहिए। तभी हम लोग कोरोना जैसे विश्वव्यापी महामारी पर विजय पा सकते हैं।



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Corona's second positive patient found in Shekhopursarai's Bahikatta after Lodipur




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दिल्ली से लौटे मजदूर खुद पहुंचे क्वारान्टीन सेंटर, शाम तक नहीं मिला खाना

कोरोनावायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन जारी है। जिसके कारण प्रतिदिन मजदूरी कर जीवन-यापन करने वाले मजदूरों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई थी। जिसको लेकर बिहार सरकार के पहल से सभी मजदूरों को अपने-अपने जिले वापस लाया जा रहा है। वहीं, कुछ प्रवासी मजदूर को सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण पैदल व अन्य दूसरे साधन से जिला पहुंच रहे हैं। जिले में पहुंचने वाले प्रवासी को क्वारान्टीन सेंटर में 21 दिन के लिए रखा जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए को क्वारान्टीन सेंटर मे उचित सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, शनिवार की सुबह दिल्ली से 35 प्रवासी मजदूर पैदल व अन्य साधन के सहारे लगभग 5 दिनों के बाद शेखपुरा पहुंचे। जिसमें सभी प्रवासी मजदूर सदर प्रखंड के गगरी पंचायत के बताए जा रहे हैं। जिसके बाद सभी मजदूर स्वतः सदर अस्पताल पहुंचकर अपना मेडिकल जांच कराया। जिसके पश्चात जिला पुलिस प्रशासन के द्वारा सभी प्रवासी को अभ्यास मध्य विद्यालय स्थित क्वारान्टीन सेंटर में रखा गया। लेकिन सभी प्रवासी को सुबह से किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके कारण मजदूरों का भूख व थके होने के कारण बुरा हाल हैं।

इस बाबत क्वारान्टीन किए गए गगरी पंचायत निवासी रणजीत सिंह, संतोष कुमार, उत्तम सिंह, सतपाल कुमार, नागो राम, सुमन राम, पिंकू मांझी आदि ने फोन पर दैनिक भास्कर को बताया कि हम लोग दिल्ली से अपने परिवार के साथ निजी वाहन से शेखपुरा आया था जिसमें दो गर्भवती महिला एवं मासूम बच्चें भी है। सुबह 6:00 बजे क्वारान्टीन सेंटर पहुँचने के बाद लगभग 5 बजे तक न तो चाय या फिर भोजन के लिए पूछा गया है।

बेलछी के क्वारान्टीन में व्यवस्था नहीं रहने से भागे प्रवासी, गांव वालों ने भगाया
वहीं, शनिवार को अरियरी प्रखंड अंतर्गत बेलछी गांव में बने क्वारान्टीन सेंटर में उचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण प्रवासी मजदूर सीधे गांव चले गए। हालांकि ग्रामीणों ने उसे गांव में प्रवेश नहीं करने दिया। दरअसल, शुक्रवार को दो बस से गुजरात के राजकोट से प्रवासी मजदूर को लेकर शेखपुरा पहुंचे थे। जिसे शनिवार की सुबह बेलछी गांव के क्वॉरेंटाइन केंद्र पर आइसोलेट किया गया। जहां किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं होने सभी प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांव चले आए। हालांकि गांव वालों ने प्रवेश नहीं दिया।

नहीं किया गया है कमरा व बेड को सैनिटाइज
वहीं, प्रवासी मजदूरों ने बताया कि क्वारान्टीन सेंटर में काफी गंदगी फैली हुई है और बेड का चादर भी काफी गंदा है। वहीँ, शिकायत करने के बावजूद भी ना तो बेड बदला गया ना ही सैनिटाइज किया गया है। आलम यह है कि उक्त लोगों को चादर हटाकर हटाकर बेड पर ही सोना पड़ रहा है। वहीं, गंदगी पसरे रहने के कारण क्वारान्टीन सेंटर पर संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव को लेकर हमलोग अपने गांव नहीं जाकर सीधे क्वारान्टीन सेंटर आ गए थे, लेकिन क्वारान्टीन सेंटर में व्यवस्था नहीं होने के कारण संक्रमण का भय है।



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The workers returned from Delhi themselves to the Quarantine Center, did not get food till evening




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दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों को किया गया क्वारान्टीन

घाटकुसुम्भा प्रखंड के डीहकुसुम्भा गांव में शनिवार की सुबह चेन्नई से पांच मजदूर अपने भाइयों के साथ गांव लौटकर आने की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जिसके पश्चात सभी लोगों को प्रखंड में बने क्वारान्टीन सेंटर में आइसोलेट किया गया।

इस बाबत आरओ सौम्या ने बताया कि अभी घाटकुसुम्भा प्रखंड के मॉडल क्वारान्टीन सेंटर में 44 , गगौर में 17 और डीहकुसुम्भा मे 4 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं। जबकि मुजफ्फरपुर से आये पांच मजदूरों को होम क्वारान्टीन किया गया है और इन सभी को 21 दिनों तक गांव में किसी से मिलने की मनाही के साथ बाहर घूमने पर पाबंदी सहित लॉकडाउन का नियमों के पालन करने का निर्देश दियागया है।



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The workers returned from other states were quarantined




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आरएसएस ने स्वास्थ्यकर्मियों पर की फूल की वर्षा

कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से बचाव को लेकर सभी लोग हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं, जिले में सभी स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस कर्मी व सफाईकर्मी सब अपनी चिंता छोड़कर कोरोना वारियर्स के रूप में दिन-रात लोगों के सुरक्षा में तत्पर हैं। जिसे आज पूरी दुनिया कोरोना वारियर्स के कार्यों की प्रशंसा करते उनकी सुरक्षा के लिए दिन-रात दुआ कर रहे हैं। इसी के तहत शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों द्वारा सदर अस्पताल के चिकित्सकों, सेवारत नर्सों, पैथोलॉजी विभाग कर्मी, चालक, सुरक्षा कर्मियों को कोरोना योद्धा कर्मवीर हेडगेवार सम्मान के साथ पुष्प की वर्षा कर सम्मानित किया।

इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे एसीजेएम सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में घर के लोग आपस में दूरी बनाकर रहते हैं। लेकिन कोरोना वारियर्स अपने जीवन को संकट में डाल कर लोगों की सुरक्षा व सेवा प्रदान कर रहे है। इस अवसर पर कोरोना वारियर्स डॉ.कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह, डॉ.प्रियरंजन, डॉ.मनमेन्द्र, डॉ.संगीता कुमारी, रौशन कुमार, रणवीर कुमार, प्रबंधक धीरज कुमार, केयर इंडिया के ब्लॉक प्रबंधक मिनाक्षी गौतम, राजीव कुमार सहित शहर दल्लु चौक, कटरा चौक, चांदनी चौक पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी सम्मानित किया गया।

इसके साथ ही मधुसुदन यादव, नारायण उपाध्याय, जयप्रकाश उपाध्याय, पप्पू कुमार, अमन कुमार के साथ-साथ चिकित्सा विभाग के सभी कर्मियों को सम्मानित किया गया। वहीं डॉ.शरदचन्द्र ने स्वास्थ्य कर्मियों के कार्य को गौरवपूर्ण बताया है। इस दौरान जिला संघचालक प्रो.शिवभगवान गुप्ता, सह संघचालक राधेश्याम वर्णवाल, जिला कार्यवाह अनिल कुमार, सह जिला कार्यवाह अभय कुमार, सुभाष बरबीगहिया, विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष उपेन्द्र प्रेमी, अरुण भगत, भाजपा नेता संजय कुमार उर्फ कारु सिंह, बलराम आनंद सहित दर्जनों स्वयंसेवकों ने पुष्प की बारिश कर सम्मानित किया।



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