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कोरोनावायरस से भाजपा महानगर अध्यक्ष के पीएसओ की सफदरजंग अस्पताल में मौत; पिता की पहले गई थी जान

जिले में कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार की सुबह भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल के पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) विभांशु वशिष्ठ की दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे पहले पीएसओ के पिता की भी कोरोना से इलाज के दौरान मेरठ में मौत हो चुकी है। मृतक की मां और भाई भी कोरोना पॉजिटिव हैं। वहीं, दोपहर बाद शहर के साकेत एरिया निवासी 45 वर्षीय शख्स की मौत हो गई। उन्हें लीवर व डायबिटीज की समस्या थी।

पीएसओ के पिता की भी हो चुकी मौत

भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल के पीएसओ विभांशु की उम्र 25 वर्ष थी। साबुन गोदाम एरिया में रहने वाले इस ​परिवार में सबसे पहले कोरोना संक्रमण का ​पता पिता के सैंपल पॉजिटिव आने के बाद चला था। परिवार की जांच कराने पर पीएसओ और उनका भाई भी कोरोना पॉजिटिव आया था। 22 अप्रैल को सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद दोनों को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 24 अप्रैल को पिता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पीएसओ के पॉजिटिव आने के बाद महानगर अध्यक्ष समेत विधायक, सांसद और अन्य भाजपा नेताओं ने खुदको होम क्वारैंटाइन कर लिया था। महानगर अध्यक्ष को उनके परिवार के साथ क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। दो दिन पहले वह क्वारैंटाइन पूरा कर वापस घर लौटे हैं।

हालत बिगड़ने पर दिल्ली भेजा गया था
महानगर अध्यक्ष के पीएसओ की मेडिकल अस्पताल में तबियत अधिक खराब होने पर दिल्ली हायर सेंटर के ​लिए रेफर किया गया था। दिल्ली में उसे सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि पीएसओ कोरोना पॉजिटिव था, इसके अलावा उसकी आंतों में भी बीमारी थी। पहले उसकी मां की रिपोर्ट निगेटिव आयी थी, लेकिन गुरूवार को पीएसओ की मां की दूसरी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी है, जबकि उसका एक भाई पहले से ही कोरोना संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती है। इस परिवार के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों की भी जांच करायी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी उनके पास अधिकारिक सूचना इस संबंध में नहीं मिली है।

आज दो नए केस, संक्रमितों की संख्या 186 पहुंची

सीएमओ डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि, 45 वर्षीय शख्स का निजी अस्पताल से इलाज चल रहा था। वह लीवर व डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित था। अस्पताल ने कोरोना की जांच कराई थी। लेकिन उससे पहले ही मरीज की मौत हो गई। मरने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।इसके अलावा आज कोरोना के दो नए केस सामने आए।इनमें एक मरीज माधवपुरम का रहने वाला है, जबकि दूसरा इस्लामाबाद क्षेत्र का रहने वाला है। इन दोनों मरीजों की प्राइवेट डॉक्टर के यहां ओपीडी के दौरान सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जो पॉजिटिव आए। मेरठ जिले में पिछले चार दिन में 70 से ज्यादा नए कोरोना संक्रमण के केस सामने आ चुके हैं। यहां अब तक 186 संक्रमित केस मिल चुके हैं। जबकि 11रोगियों की मौत हो चुकी है।



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ये तस्वीर भाजपा नेता विभांशु वशिष्ठ की है। इनकी दिल्ली के एक अस्पताल में कोरोनावायरस के संक्रमण से मौत हो गई।




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पिता की अस्थियां लेकर भिवानी से गढ़मुक्तेश्वर जा रहे बेटे की कार-कैंटर से टकराई, बेटे समेत तीन की मौत

उत्तर प्रदेश के हापुड़ में कुचेसर चौपले के पास शुक्रवार अलसुबह एनएच-9 पर एक कैंटर और कार की भीषण टक्कर हो गई। कार सवार तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई, जो हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारी जाटू के रहने वाले थे। मृतकों में शामिल एक व्यक्ति अपने पिता की अस्थियां विसर्जित करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर जा रहाथा। बीच रास्ते में यह हादसा हो गया। कैंटर चालक व क्लीनर गंभीर रूप से घायल हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया गया है। पुलिस मामले में कार्रवाई कर रही है।

कार की टक्कर इस कैंटर के साथ हुई थी, जिसके बाद दोनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

बाबूगढ़ थाना निरीक्षक उत्तम सिंह राठौर ने बताया कि मृतकों की पहचान सुंदर, संजय और कार चालक सुरेश उर्फ पप्पू के रूप में हुई है। सुंदर अपने पिता की अस्थियां विसर्जित करने के लिए अपने रिश्तेदार एवं कार चालक के साथ भिवानी के लोहारी जाटू से गढ़मुक्तेश्वर के लिए निकला था। हापुड़ के नजदीक कुचेसर चौपले से आगे एनएच-9 पर उनकी कार और एक कैंटर की जोरदार टक्कर हुई। इसमें कार सवार तीनों लोगों की मौत हो गई।

राठौर ने बताया कि कैंटर चालक रोहित और क्लीनर हरीश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रोहित की हालत नाजुक है। उन्होंने बताया कि हादसे में मारे गए तीनों लोगों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं। हादसे की सूचना मृतकों के परिजन को दे दी गई है।



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आमने-सामने की टक्कर में गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। गाड़ी में सवार तीनों लोगों की मौके पर मौत हो गई।




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चलती ट्रेन से कूदे पांच मजदूर, जीआरपी जवानों ने पकड़ क्वारैंटाइन कराया, अमृतसर से गोंडा जा रही थी श्रमिक एक्सप्रेस

देशव्यापीलॉकडाउन के फेज तीन में गैर राज्यों में फंसे मजदूरों को उत्तर प्रदेश विशेष श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों से लाने का सिलसिला जारी है। इस बीच शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक बड़ा हादसा टल गया। यहां अमृतसर से गोंडा जा रही श्रमिक एक्सप्रेसट्रेन से पांच मजदूर कूद गए। हालांकि, किसी को चोट नहीं आई है। जीआरपी ने पांचों मजदूरों को पकड़कर क्वारैंटाइन कर दिया है।

ये मामला थाना सदर बाजार के रोजा जंक्शन काहै। अमृतसर से मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन गोंडा जा रही थी। इसी ट्रेन में पांच मजदूर खुदागंज थाना क्षेत्र के रहने वाले सवार थे। सभी अमृतसर में रहकर मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट पाल रहे थे। लाॅक डाउन होने के कारण वह फंस गए थे।

राेजा जंक्शन पर विशेष ट्रेन शुक्रवार सुबह पांच बजे पहुंची थी।

जीआरपी सीओ केके शुक्ल ने बताया-अमृतसर से गोंडा जा रही सुपरफास्ट विशेष ट्रेन आज सुबह 5 बजे रोजा पहुंची।ट्रेन को सीतापुर होकर जाना था। जबट्रेन की रफ्तारकम हुई, तो शाहजहांपुर जिले में रहने वाले पांच मजदूर चलती ट्रेन से कूद गए।रोजा रेलवे पुलिस चौकी पर तैनात उप निरीक्षक विनोद तिवारी ने जब मजदूरों को ट्रेन से कूदते हुए देखा, तो उन्होंने पुलिस बल के साथ मिलकर उन्हें पकड़ लिया तथा हिरासत में ले लिया। मजदूरों को रोजा थाने के सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद उन्हेंतिलहर थाना क्षेत्र में बने क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया गया।



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ये तस्वीर रोजा जंक्शन की है। ये मजदूर शुक्रवार सुबह चलती ट्रेन से कूदे थे। इन्हें जीआरपी ने क्वारैंटाइन किया है।




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भूमाफिया के बीच गोलीबारी; एक प्रॉपर्टी डीलर की मौत, 7 घायल, चौकी इंचार्ज सस्पेंड, सभी पर लगेगा एनएसए

लॉकडाउन के बीच प्रतापगढ़ जिले में शुक्रवार को भूमाफिया के दो गुटों में ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। इस दौरानदोनों पक्षों से 8 लोग जख्मी हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां से सभीको प्रयागराज रेफर कर दिया गया,लेकिन उसकी मौत हो गई। तनाव को देखते हुए मौके पर फोर्स मुस्तैद है। एसपी अभिषेक सिंह ने लापरवाही के आरोप में सिविल लाइन चौकी इंचार्ज चंद्रशेखर यादव को निलंबित कर दिया है। सभी आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने का निर्देश दिया है।

नगर कोतवाली क्षेत्र के बराछा निवासी रामपांडेय प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था। सर्वेश तिवारी औरआनंद तिवारी भीकाम में हिस्सेदार थे। इन लोगों ने कोतवाली क्षेत्र केदहिलामऊ चांदमारी में मारुतनगर से प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त शुरू की थी। शुक्रवार की दोपहर ये सभी हिस्सेदार मारुतनगर में थे। तभी इनके बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद शुरू हो गया। विवाद इतना बढ़ा- दोनों गुट मारपीट करने लगे। इसी बीच राम पांडेय ने आनंद तिवारी को गोली मार दी। इसके बाददोनों गुटों ने पिस्टल निकालकर एक दूसरे पर फायर करना शुरू कर दिया। से राम पांडेय, उनका भाई लक्ष्मण पांडेय व सुभाष, सुरेंद्र और दूसरे पक्ष से सर्वेश, आनंद, राहुल व साहब गोली लगने से घायल हो गए।

फायरिंग की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां सभी को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन राम पांडेय की मौत हो गई। उसके सीने में गोली लगी थी।सूचना पर पुलिस के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। घटनास्थल पर तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।


पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कहा-रियल स्टेट का काम करने वाले दो गुटों मेंपैसे को लेकर विवाद हो गया था। जिसमें फायरिंग की गई। मौके से लाइसेंसी रिपीटर 12 बोर, लाइसेंसी पिस्टल 32 बोर बरामद की गई है। सिविल लाइन चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक चंद्रशेखर यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।इस मामले में आरोपियों परएनएसए की भी कार्रवाईकी जाएगी।



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ये तस्वीर गोलीबार में मृत प्रॉपर्टी डीलर राम पांडेय की है। इस कांड में मृतक के भाई समेत सात लोग घायल हुए हैं। सभी को प्रयागराज भेजा गया है।




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1200 श्रमिकों को लेकर सूरत से कानपुर पहुंची ट्रेन, यात्री बोले- टिकट के मूल्य पर वसूले गए 100 रुपए ज्यादा

लॉकडाउन के बीचसूरत में फंसे 1200 श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को कानपुर पहुंची। मजदूर अपने प्रदेश पहुंचे तो उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। लेकिन उनके दिल में बेरोजगारी के संकटकाल में तय मूल्य से ज्यादा टिकट के दाम की वसूली का दर्द भी था। मजदूरों ने कहा- हम टिकट देकर अपने घर लौटे हैं, इसमें कोई गम नहीं है। कभी भी आते तो रुपए तो खर्च करना ही पड़ता। लेकिन रेलवे 650 रुपए का टिकट 100 रुपए ज्यादा वसूलकर 750 रुपए में दिया है।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन है। इसके साथ ही यह अपील भी की गई थी कि जो जहां है वहीं रहकर लॉकडाउन का पालन करें। लेकिन गैर राज्यों में फंसे श्रमिकों की मांग पर उन्हें घर पहुंचाने की पहल भी शुरू हुई है। इसी क्रम में शुक्रवार कोसूरत से 1200 श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन कानपुर पहुंची।स्टेशन पर यात्रियों को लंच पैकेट और पानी दिया गया। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराते हुए यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। मेडिकल रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के बाद सभी यात्रियों को स्टेशन के बाहर खड़ी बसों में बैठाकर उनके जनपदों को भेजा गया। लेकिन इस दौरान मजदूरों का दर्द भी छलक पड़ा।

टिकट पर 650 रुपए अंकित है। आरोप है कि, इससे 100 रुपए ज्यादा लिए गए।

दर्द-ए-सफर की कहानी-मजदूरों की जुबानी...

  • श्रमिक राजा सिंह ने कहा- सूरत से आ रहे हैं। रास्ते में एक बार सभी को खाना दिया गया था। हमसे टिकट के 750 रुपए लिए गए हैं। जबकि टिकट पर 650 रुपए लिखा हुआ है।
  • संगीता ने कहा- मुझे फतेहपुर जाना है। टिकट का रेट 650 रुपए है, लेकिन हम लोगों से 100 अधिक लिए गए हैं। मुझे लगता है कि हम लोगों को जो खाना पानी दिया गया है, उसके 100 रुपए अधिक चार्ज लिया गया है।
ट्रेन की खिड़की से बाहर देखता बच्चा।

हमनें पानी दिया, प्रशासन ने लंच पैकेट

स्टेशन डॉयरेक्टर हिमांशु शेखर ने बताया कि, रेलवे ने यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था की है और उनके लंच पैकट की व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है। इसके साथ ही यहां गुजरने वाली ट्रेनों को हम खाना उपलब्ध करा रहे हैं। जिलाप्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई हैं। प्रवासी श्रमिकों का मेडिकल चेकअप कर रही हैं। थर्मल स्क्रीनिंग कर उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही हैं। इसके साथ ही सभी यात्रियों की डिटेल नोट की जा रही है।



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1200 श्रमिक सूरत से कानपुर पहुंचे तो उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए उन्हें घर भेजा गया।




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कोयम्बटूर में फंसे बाराबंकी के 20 श्रमिक एक कमरे में रहने को मजबूर; घरवापसी के लिए मांगी मदद, कहा- यहां हो रहा भेदभाव

लॉकडाउन के बीचतमिलनाडु के कोयम्बटूर में फंसे 20 मजदूरों ने घर वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है। ये सभी बाराबंकी जिले के टिकैतनगर कस्बे के रहने वाले हैं। मजदूरी के सिलसिले में वहां गए थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद से बेरोजगार हैं और उनके पास अब खाने का संकट है। श्रमिकों ने वीडियो संदेश जारी कर कहा-10 फुट लंबे व इतने ही चौड़ाई के एककमरे में 20 रहने को मजबूर हैं। ऐसे मेंसोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे करें? उनके पास पैसा, राशन सब खत्म है और उनके साथ भेदभाव भी किया जा रहा है। उनका समय मुश्किलों भरा है, उत्तर प्रदेश में सभी राज्यों के लोग वापस बुलाएजा रहे हैं, तो ऐसे में उन्हें घर वालों से दूर क्यों रखा जा रहा है?

किसी से मांगों पानी तो वह भगा देता है: मजदूरों का आरोप

मजदूरों ने कहा- वे मजदूरी के लिए तमिलनाडु के कोयम्बटूर गए हुए थे और लॉकडाउन में वहीं फंस गए हैं। तीन चरणों में बढ़ने वाले लॉकडाउन मेंयह आशा बंध जाती है कि इस बार का लॉक डाउन समाप्त होते ही वह घर जा सकेंगे, मगर एक चरण के खत्म होने के बाद लॉकडाउन अगले चरण के लिए शुरू हो जाता है।अब उनके पास कमाए गए पैसे भी खत्म हो चुके हैं और भूख सेमरने के दिन आ गए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि,हिन्दी भाषी होने के नाते उनके साथ कोयम्बटूर मेंभेदभाव किया जाता है। अगर वह किसी से पानी की भी मदद की मांग करते हैं तो वह अपने दरवाजे से भगा देता है।

नहीं हुई पहल तो पैदल घर आने के लिए होंगे विवश

श्रमिकों ने अपने क्षेत्रीय विधायक सतीश शर्मा से भी घरवापसी के लिए पहल करने की अपील की है। श्रमिकों नेस्थानीय उद्यमियों को भी अपने इस वीडियो से आश्वस्त किया कि, वे रोजीरोटी की तलाश में यहां आए हैं, घर जाने के बाद वह लोग फिर वापस आएंगे और फिर से काम करेंगे। केन्द्र और प्रदेश की सरकार ने अगर अतिशीघ्र उनके घर भेजने की व्यवस्था न की तो वह लोग तमिलनाडु से बाराबंकी पैदल यात्रा करने को विवश होंगे।



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ये तस्वीर तमिलनाडु के कोयम्बटूर में फंसे बाराबंकी के मजदूरों की है। ये सभी लॉकडाउन में बेरोजगार हो चुके हैं। सभी एक कमरे में रहते हैं।




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यूपी में फिर उठी मांस की बिक्री शुरू करने की मांग, फरंगी महली ने कहा- इससे सरकार को आर्थिक फायदा होगा, व्यापारियों की सेहत भी सुधरेगी

स्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में जरूरी सामान की खरीददारी की इजाजत का स्वागत किया है।इसके साथ ही महली ने प्रदेश सरकार से मांस के व्यापार पर लगी रोक हटाने की मांग की है।उनका कहना है कि राज्य में मांस को खरीदने और बेचने को लेकर लगाई गई पाबंदी को हटाया जाए।

महली का कहना है कि मांस के कारोबार से आर्थिक फायदा भी होगा।इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि मांस के कारोबार से रोज कमाने और खाने वाली बड़ी आबादी जुड़ी हुई है।उनका ये भी कहना है कि मांस के व्यापार पर लगी रोक की वजह से तमाम व्यापारी बेहद परेशान हैं।

सरकार ने मांस की बिक्री पर पाबंदी लगा रखी है

दरअसल योगी सरकार ने राज्य में मांस की बिक्री पर फिलहाल रोक लगा रखी है।ऐसा नहीं है कि राज्य में पहली बार ऐसी मांग उठी है।अभी कुछ दिन पहले ही मशहूर कवि मुनव्वर राणा ने भी मांस का कारोबार फिर से शुरू कराने की अपील की थी।मुनव्वर राणा ने इसे लेकर एक ट्वीट किया था।उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, "योगी जी शराब पीने वालों को शराब पिलवाइए लेकिन हम लोगों को भी गोश्त खाने दीजिए।"

इससे पहले प्रख्यात शायर मुनव्वर राणा ने एक शायरी भी ट्वीट की थी।उन्होंने लिखा था, "कम से कम इंसाफ़ का दामन ना छोड़ो हाथ से, मैं नहीं कहता कि तुम मेरी तरफदारी करो।"

कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने कई हिदायतें भी लागू की थीं।उनमें से ही एक मांस बिक्री को लेकर था।योगी सरकार ने 30 मई तक यूपी में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगा दी थी।लेकिन अब जब शराब की बिक्री शुरू करवा दी गई है तो लोग मांस की बिक्री को लेकर भी आवाज उठा रहे हैं।



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मुस्लिम धर्मगुरु राशिद फिरंगी महली ने यूपी सरकार से अपील की है कि राज्य में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध हटाया जाए। इससे सरकार को आर्थिक फायदा होगा लोगों को भी सहूलियत मिलेगी।




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 मठ- मंदिरों को खोलने की उठी आवाज: अखाड़ा परिषद ने योगी-मोदी को लिखा पत्र, कहा- तय गाइडलाइन के तहत देवालयों के ताले खुलवाए जांए

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है। यूपी में शराब की दुकानें खुलने के बाद से ही एक तरफ तहां मुस्लिम धर्मगुरु मांस की दुकानों को खोलने की अपील कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश में बंद देवालयों को भी खोलने की मांग उठने लगी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने लंबे इंतजार के बाद मंदिरों के ताले खुलवाने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और मांग की है कि निर्धारित गाइडलाइन के तहत देवालयों के ताले खुलवाए जाएं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और महामंत्री महंत हरी गिरी ने पीएम के साथ ही मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है, लिहाजा मठ और मंदिरों के भी ताले खुलवाए जाएं । साथ ही वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजेशन का प्रबंध मठ और मंदिर के प्रबंध तंत्र के जरिए कराया जाए।

अखाड़ा परिषद ने दिया डब्लूएचओ की गाइडलाइन फालो करने का भरोसा

महंत हरिगिरि से इस मुद्दे पर विचार विमर्श के बाद पत्र लिखा गया है। पत्र में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा-डेढ़ माह से देश भर में सभी छोटे बड़े मठ-मंदिरों के द्वार बंद हैं। हालांकि परिसर में भगवान का पूजन पुजारी नियमित कर रहे हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसपूर्ण निर्णय लिया है। इससे महामारी का संकट अब कम हो रहा है। उन्होंने भरोसा दिया है कि मठ और मंदिर कोरोना से बचाव के लिए केंद्र सरकार और डब्लूएचओ के निर्देशों का पूरी तरह से पालन भी करेंगे।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि कोरोना को लेकर पिछले डेढ़ माह से देश में लॉकडाउन है और लगभग दो माह से मंदिरों के कपाट बंद हैं। ऐसे में मंदिरों में पुजारियों और अन्य कर्मचारियों के वेतन देने में भी बहुत कठिनाई आ रही है। उन्होंने कहा है मंदिर खुलने से लोग यदि मंदिर में दर्शनों को जायेंगे तो अपने आराध्य से कोरोना को खत्म करने के लिए प्रार्थना भी करेंगे।



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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है सभी मठ और मंदिरों को खोलने की इजाजत दी जाए।




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तेलंगाना से 1253 कामगारों को लेकर वाराणसी पहुंची श्रमिक ट्रेन, शहर में अब तक 23 क्लस्टरों में 2595 घरों का सर्वे किया गया

वाराणसी में कोरोनावायरस का असर तेजी से बढ़ रहा है। इसको रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच डीएम के निर्देश के बाद कोविड-19 के पाजीटिव मरीज मिलने पर घोषित किये गये हॉट स्पाट क्षेत्रों में कार्यवाही करते हुये कान्टेक्ट ट्रेसिंग के अन्तर्गत पाजिटिव मरीज के घर के सदस्यों और उनके निकट सम्पर्क मे आने वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया जा रहा है।इस बीच शनिवार सुबह पांच बजेर तेलंगाना के लिंगा पल्ली से वाराणसी स्पेशल श्रमिक ट्रेन पहुंची।जिसमें कुल 1253 व्यक्ति थे जिनमेंपूर्वांचल के 19 जनपदों के लोग शामिल थे। वहीं इसट्रेन में 66 व्यक्ति वाराणसी के थे।

अब तक 8581 व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की गयी।2 टीमों द्वारा 23 क्लस्टरों में 2595 घरों का सर्वे किया गया है। क्षेत्रीय निवासियों का भी स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्कैनिंग किया जा रहा है। पाजिटिव मरीज के परिवार के सदस्यों तथा उनके निकट सम्पर्क मे आने वालों कोहोम क्वारेंटाइन के लिए निर्देशित किया गया है। क्लस्टर कन्टेनमेन्ट में स्वास्थ्य विभाग की 92 टीमों द्वारा 23 क्लस्टरों में 2595 घरों का सर्वे किया गया, ताकि बाहर से यात्रा कर के आये व्यक्तियों और कोरोना संक्रमण से मिलते जुलते लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान हो सके

जिलाधिकारी कौशल राज ने बताया कि वर्तमान के 23 हॉट स्पाट क्षेत्रों में कई दिनों से चिकित्सकीय दल द्वारा कान्टेक्ट ट्रेसिंग होमकोरोनटाइन के निर्देशन, स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्कैनिंग तथा नमूना जॉच संग्रह का कार्य किया जा रहा है। 23 हॉट स्पाट क्षेत्रों मे यह कार्य किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के 05 हॉट स्पाट क्षेत्र (सेवापुरी ब्लाक क्षेत्रान्तर्गत अर्जुनपुर और काशीविद्यापीठ ब्लाक क्षेत्रान्तर्गत मड़ौली, सीर गोवर्धन, शिवाजी नगर, सूजाबाद) हैं।बाकी शहरी इलाके है।

डॉक्टरों की अलग-अलग टीमें कर रही हैं स्कैनिंग

उन्होंने बताया कि रेवड़ी तालाब में डा मनीषा पाण्डेय के नेतृत्व में हॉट स्पाट क्षेत्र में चिकित्सकीय दल द्वारा 259 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्कैनिंग की गयी। अब तक 2852 व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की गयी। मदनपुरा में डा सुधा शुक्ला के नेतृत्व में हॉट स्पाट क्षेत्र में चिकित्सकीय दल द्वारा 972 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्कैनिंग की गयी।

वाराणसी में आने-जाने वालों पर प्रशासन की कड़ी नजर

कोरोना संक्रमण को रोकने की कवायद में वाराणसी जिला प्रशासन ने बनारस से बाहर जाने वाले प्रवासियों के लिए 27 कॉलम का प्रपत्र अनिवार्य किया है। यदि किसी भी व्यक्ति ने किसी अन्य जनपद से पास लिया भी हो तो उसे भी काशी इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मिर्जामुराद पहुॅचकर विवरण व मेडिकल परीक्षण कराना आवश्यक होगा।


जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जिले के सभी अधिकारियों को पत्र जारी कर वाराणसी में बाहर से आने वाले व्यक्ति, प्रवासी श्रमिक, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र एवं अन्य लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्देश दिया है। जिले की सीमा में आने वाले सभी बस, निजी वाहनों को सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस मिर्जामुरादा स्थित परीक्षण केंद्र पर पहुंचाएंगे।



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यह तस्वीर वाराणसी रेलवे स्टेशन की है जहां शनिवार सुबह तेलंगाना से एक श्रमिक ट्रेन मजदूरों को लेकर यहां पहुंची है। सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद उन्हें रवाना किया गया।




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20 घंटे तक सड़क के किनारे पड़ा रहा भिखारी का शव, कोरोना संक्रमण से मौत के डर से किसी ने नहीं लगाया हाथ

उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। कानपुर में एक अमानवीय घटना प्रकाश में आई है। एक अज्ञात शव 20 घंटे तक अंडरपास पर पड़ा रहा। संक्रमण से मौत की आशंकाहोने पर उसे किसी ने हाथ नहीं लगाया। पुलिस गई तो वो भी देखकर लौट आई। पुलिस ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना दे दी गई है। वो जांच करेगी और फिर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार करेगी। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग की टीम 20 घंटे बाद भी नहीं पहुंची। शव पूरी रात और शुक्रवार दोपहर तक उसी जगह पड़ा रहा है।

बर्रा थाना क्षेत्र केअंडरपास के पास लगभग40 वर्षीय शख्स भीखमांग कर अपना पेट भरता था। अंडरपास के नीचे रहता था।गुरुवार शाम लगभग 8 बजे उसकी मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने को लोगों ने बताया कि मृतक काफी दिनों से बीमार था। हो सकता है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इसकी मौत हुई हो।

पूरी रात अंडरपास के नीचे ही पड़ा रहा शव
रात से सुबह हो गई और सुबह से दोपहर मगर स्वास्थ्य विभाग टीम नहीं पहुंची। स्थानीय लोगों ने जब देखा कि 20 घंटे से ज्यादा समय बीत गया और शव उसी स्थान पर पड़ा है, तो उन्हे संक्रमण फैलने का खतरा सताने लगा। क्षेत्रीय लोगों ने इस घटना से आलाधिकारियों को अवगत कराया। दोपहर के वक्त दोबारा पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त के प्रयास किए। जब उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी तो पुलिस ने सीमित संसाधनों में किसी तरह से उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय के मुताबिक लोगों ने लोग उसे कोरोना संदिग्ध बता रहे थे,इसलिए स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई थी। शव के पास रात में दो सिपाही लगाए गए थे। सुबह तक स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं आई तो शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।



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यह तस्वीर कानपुर में बर्रा के अंडरपास की है। यहां भीख मांगकर गुजारा करने वाले एक शख्स की शुक्रवार को ही मौत हो गई थी लेकिन उसका शव 20 घंटे तक लापरवाही की वजह से यहीं पड़ा रहा।




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शारजाह से लखनऊ की पहली फ्लाइट आज अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेगी, सभी यात्रियों की होगी थर्मल स्क्रीनिंग

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेज से फैलता जा रहा है। इस बीच केंद्र सरकार की पहल के बाद दूसरे देशों से भी भारतीय नागरिकों की वतन वापसी हो रही है। इसी बीच शनिवार को शारजाह से लखनऊ की पहली फ्लाइट अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेगी। इसके यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग कर घर भेजा जाएगा। इसी बीच एयरपोर्ट पर लगे उपकरणों के जांच पूरी कर ली गई। केंद्र की ओर से विदेश में फंसे नागरिकों को भारत लाया जा रहा है। रात 8 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट उतरेगी और 9 बजे विमान यहां से दिल्ली जाएगी।

होम क्वारैंटाइन रहेंगे सभी आए श्रमिक: सीएम योगी ने शनिवार को टीम 11 की बैठक में सभी अधिकारियों विदेशों में फंसे प्रवासी कामगारों-श्रमिकों की पहली फ्लाइट लखनऊ आ रही हैं। आज शारजाह से लेकर लखनऊ पहुंचेगी इस जहाज में यूपी के विभिन्न क्षेत्रों के वे कामगार और श्रमिक मौजूद हैं जो रोजगार के लिए खाड़ी देश गए थे। सभी प्रवासी श्रमिकों - कामगारों को सरकारी क्वारंटीन सेंटरों में स्वास्थ्य जांच के पश्चात राशन पैकेट व भरण पोषण भत्ता देकर होम क्वारंटीन में रखने की सभी तैयारियों की समीक्षा की हैं।

सऊदी अरब से आएगी फ्लाइट: नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि प्रदेश के जो नागरिक सऊदी अरब में फंसे हैं, उन्हें लेकर शारजाह से एयर इंडिया की फ्लाइट नौ मई की रात 8.30 बजे लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेगी। इसमें करीब 200 यात्री प्रदेश वापस आ रहे हैं। आने वाले यात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने एवं समस्त यात्रियों की स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिए गए हैं।

नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि फ्लाइट से उतरते ही यात्रियों की प्राथमिक मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। प्राथमिक जांच में यदि कोरोना के लक्षण नहीं मिले तो लखनऊ के बाहर के यात्रियों को बस और टैक्सी द्वारा उनके संबंधित जिलों में भेजा जाएगा। इसका खर्च यात्री स्वयं उठाएंगे। जो यात्री लखनऊ के निवासी होंगे उनको तीन श्रेणियों के होटल में 14 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। होटल एक हजार, दो हजार व तीन हजार रुपये प्रतिदिन के भुगतान पर यात्रियों को मिलेंगे।

मंत्री ने बताया कि कोरोना लक्षण वाले संदिग्ध लोगों के टेस्ट सैंपल एकत्र किए जाएंगे। रिपोर्ट प्राप्त होने तक उन यात्रियों को सामान्य रूप से भुगतान के आधार पर होटल में आइसोलेट कर दिया जाएगा।एकत्र किए गए सैंपल में जो व्यक्ति पॉजिटिव पाए जाएंगे उन्हें कोविड अस्पताल में उपचार के लिए भेज दिया जाएगा।



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शारजाह से भारतीय यात्रियों को लेकर एक विमान आज लखनऊ पहुंचेगा। यहां आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी।




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मुम्बई से आए युवक में कोरोना की पुष्टि, शहर में संक्रमित मरीजों की संख्या 4 हुई

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। 23 साल के युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है। युवक बेलीपार के भरवल गांव का रहने वाला है। वह 5 मई को मुंबई से आया था।स्क्रीनिंग के बाद मुंबई से आने के कारण उसे डेंटल कॉलेज गीडा में क्वारैंटाइन किया गया था। जहां से उसका सैंपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आरएमआरसी में भेजा गया था। शनिवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

इसकी पुष्टि सीएमओ डॉक्टर श्रीकांत तिवारी ने की है।रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके घर गांव पहुंचकर पहले से क्वारैंटाइन कर उसके परिवार के पांच सदस्यों को 100 बेड के टीबी अस्पताल में 108 एम्बुलेंस की मदद क्वारैंटाइनकरदिया गया है।

वायरल वीडियो की जांच करने के दौरान गांव वालों ने किया पथराव

इससे पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जॉइंट मैजिस्ट्रेट और पुलिस की टीम पर गांव वालों ने पथराव कर दिया था। टीम जिले के सहजनवां के हड़हा सोनबरसा में क्वारैंटाइन सेंटर की बदहाली को लेकर वायरल विडियो की जांच करने पहुंची थी। पुलिस ने मामले से जुड़े एक युवक को हिरासत में लिया है। इस बीचजिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। 23 साल के युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है।

बताया गया कि हिरासत में लिए गए युवक ने ही क्वारैंटाइन सेंटर पर सुविधा के अभाव का वीडियो वायरल किया था। प्राथमिक विद्यालय में बने क्वारैंटाइन सेंटर में 15 लोग क्वारैंटाइन किए गए हैं। गांव के एक युवक ने सेंटर की बदइंतजामी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था। इस विडियो की सच्चाई जानने के लिए बुधवार की रात 10 बजे जॉइंट मैजिस्ट्रेट अनुज मलिक पुलिस के साथ पहुंचे।


पुलिस ने जैसे ही युवक को हिरासत में लिया तो गांव वाले भड़क गए। उन्होंने टीम पर पथराव शुरू कर दिया। गनीमत रही कि कोई घायल नहीं हुआ। पुलिस के वाहन क्षतिग्रस्त होने की खबर है। इसके बाद भारी पुलिस बल बुलाकर हालात पर काबू पाया गया और युवक को हिरासत में लिया गया। पत्थरबाजों पर केस दर्ज करने की तैयारी हो रही है।



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गोरखुपर में मुम्बई से आए एक युवक की कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके बाद उसके परिवार के लोगों को भी क्वारैंटाइन कर दिया गया है।




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अब तक 3215 पॉजिटिव, इनमें 1761 एक्टिव केस, वाराणसी में बाहर से आए लोगों की पहचान की कवायद शुरू

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3215 हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे मेंप्रदेश में कोरोना के 155 नए मामले सामने आए,66 मौतें हुई। इनमें से 1761 मरीजों का इलाज चल रहाहै। उधर, वाराणसी में क्लस्टर जोन बनाकर बाहर से आएलोगों की पहचान करथर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके लिए बड़े स्तरपर सर्वे का काम किया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग की 92 टीमों ने23 क्लस्टर जोनमें 2595 घरों का सर्वे किया है।

वाराणसी में हॉटस्पाट क्षेत्रों में संक्रमित के घर के सदस्यों और उनके संपर्क में आने वालोंको चिह्नितकिया जा रहा है। इन सबको होम क्वारैंटाइन के लिए कहा गया है।आसपास के लोगाेंकाभी स्वास्थ्य परीक्षण औरथर्मल स्क्रीनिंग की जा रही।

वाराणसी में खुली पान की दुकान

वाराणसी में पान की दुकानें खुलने लगी हैं।लहुराबीर और लंका में लोग पान का स्वाद लेते नजर आ रहे हैं।करीब डेढ़ महीने बादलॉकडाउन फेज 3 में इन दुकानों को खोलने की मंजूरी दी गई है। हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तंबाकू और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक जारी रखी है।

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लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद वाराणसी में पान की दुकानें खुलने लगी हैं। हालांकि, सरकार ने अभी तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा रखी है।

आगरा में निजी चिकित्सालयों के स्टाफ को दी जा रही ट्रेनिंग

कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए आगरा के प्राइवेट हॉस्पिटलके डॉक्टरोंको इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। सीएमओ की देखरेख में एक बार में 13 से 25 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अभी तक 250 से ज्यादा डॉक्टरोंकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। येसभी आईसोलेशन वार्ड में काम करने वाले डॉक्टरों की मदद करेंगे।

आगरा में प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों को भी कोरोना संक्रमण के मरीजों के इलाज की ट्रेनिंग दी जा रही है।इसकी निगरानी खुद सीएमओ कर रहे हैं।

नोएडा:सेक्टर 137 स्थित फ्लिक्स अस्पताल सील किया गया

नोएडा के जिला प्रशासन ने सेक्टर 137 स्थित फ्लिक्स अस्पताल को सील कर दिया है। 4 मई को गाजियाबाद केखोड़ा कॉलोनी का एक संक्रमित मरीज यहां भर्ती हुआ था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बाद में इस अस्पताल की एक नर्स भी संक्रमित पाई गई।

पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 706, कानपुर नगर में 294, लखनऊ में 247, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 211, सहारनपुर में 203, मेरठ में 196, फिरोजाबाद में 184, गाज़ियाबाद में 126, मुरादाबाद में 120, वाराणसी में 78, बुलंदशहर में 61, हापुड़ में 54, अलीगढ़ में 53, रायबरेली व मथुरा में 47-47, बस्ती में 35, अमरोहा में 34, बिजनौर में 33, सन्तकबीरनगर में 30, शामली में 29, रामपुर में 28, संभल में 27, मुज़फ़्फरनगर में 26, सीतापुर में 22, बागपत में 21, झांसी में 20, सिद्धार्थ नगर में 19 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं।

इनके अलावा, बांदा-प्रयागराज में 18-18, बहराइच-बदायूं में 17-17, औरैय्या में 13, प्रतापगढ़ में 12, बरेली-गोंडा- मैनपुरी में 11-11, जालौन में 10, जौनपुर-आजमगढ़-हाथरस-एटा-श्रावस्ती में 9-9, महराजगंज-कन्नौज में 7-7, गाजीपुर में 6, अमेठी में 5, लखीमपुर खीरी-पीलीभीत-कासगंज, सुल्तानपुर-मिर्जापुर में 4-4, गोरखपुर-चित्रकूट- इटावा-उन्नाव-देवरिया में 3-3, हरदोई-बाराबंकी-कौशाम्बी-भदोही-बलरामपुर-कानपुर देहात-महोबा-कुशीनगर- फतेहपुर में 2-2, शाहजहांपुर-मऊ-अयोध्या में 1-1 पेशेंट की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।



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यह तस्वीर वाराणसी की है। यहां क्लस्टर जोन बनाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी लोगों की जांच कर रही है। इसका मकसद बाहर से आए हुए ऐसे लोगों का पता लगाना है जो कोरोना से संक्रमित हैं।




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अमेठी में संदिग्ध परिस्थितियों में घर में लगी आग, मां के साथ उसके दो बच्चों की जलकर मौत

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में शनिवार तड़केशिवरतनगंज थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव में एक घर के अंदर अचानक आग गई, जिसमें घर में सो रहे मां और उसके दो बेटे ज़िंदा जलकर राख हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, जैसे-तैसे शव को बाहर निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही साथ पुलिस आग लगने के कारणों को पता लगाने में जुट गई है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव निवासी इसरार रोजी रोटी के चक्कर में गुजरात में रहकर मजदूरी करता है। पत्नी तब्बसुम उर्फ 'सीमा' (35) और दो बेटे नुरुल (10) व शोएब (6) गांव में बने घर पर रहते थे। रोज की तरह मां बेटों को साथ लेकर सो रही थी कि रात के किसी पहर एकाएक उसके घर में आग लग गई।

जब तक ग्रामीणों को इसकी खबर होती और लोगों आग की लपटों में फंसे मां-बेटों को बचाने का जतन करते तब तक आग ने तीनों को अपनी आगोश में ले लिया था। शहरी के समय जब ग्रामीणों में से किसी की आंख खुली और उसने इसरार के घर से आग की लपटों को उठता देखा तो उसने गुहार लगाई। तब लोगों आग बुझाने के लिए दौड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

उधर ग्रामीणों ने आग पर बड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया और तत्काल पुलिस को सूचना दिया। सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम सरोज, सीओ मुसाफिरखाना सन्तोष सिंह, एसओ शिवरतनगंज अजीत सिंह ने मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण किया। फिलहाल पुलिस ने तीनो शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए आग के कारणों का पता लगाना शुरू कर दिया है।



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अमेठी जिले के शिवरातनगंज थानाक्षेत्र के भवानीपुर गांव में अपने घर में सो रहे मां और उसके दो बेटे ज़िंदा जलकर राख हो गए।




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मायावती ने योगी सरकार पर साधा निशाना, कहा- आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम लेने की व्यवस्था दुर्भाग्यपूर्ण

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन के बाद खुले उद्योगों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के दौरान श्रमिकों से 12-12 घंटा काम कराने के प्रस्ताव के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बिगुल बजा दिया है। मायावती ने शनिवार को चार ट्वीट किया और कहा कि श्रमिकों का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा। बसपा प्रमुख ने कहा कि श्रमिकों का पहले ही बुरा हाल है। आठ के स्थान पर 12 घंटे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था पुन: देश में लागू करना अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण है।

मायावती ने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण देश में गरीब, मजदूर, कामगार तथा श्रमिकों की स्थिति बेहद खराब है। यूपी सरकार के श्रम कानून को निलंबित करने असर का श्रमिकों पर पड़ेगा। कोरोना प्रकोप में मजदूरों एवं श्रमिकों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है, फिर भी उनसे आठ के स्थान पर 12 घण्टे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था पुन: देश में लागू करना अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण है।

बाब साहब अम्बेडकर की वजह से ओवरटाइम की व्यवस्था में परिवर्तन आया

मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने श्रमिकों के लिए प्रतिदिन 12 नहीं बल्कि 8 घण्टे श्रम व उससे ज्यादा काम लेने पर ओवरटाइम देने की युगपरिवर्तनकारी काम तब किया था जब देश में श्रमिकों एवं मजदूरों का शोषण चरम पर था। इसे बदलकर देश को उसी शोषणकारी युग में ढकेलना क्या उचित है। देश में वर्तमान हालात के मद्देनजर श्रम कानून में ऐसा संशोधन करना चाहिये ताकि खासकर जिन फेक्ट्री एवं प्राइवेट संस्थानों में श्रमिक कार्य करते हैं वहीं उनके रूकने आदि की व्यवस्था हो।

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी स्थिति में वे भूखे ना मरे और ना ही उनन्हें पलायन की मजबूरी हो ऐसी कानूनी व्यवस्था होनी चाहिये। वैसे तो अभी काम का पता नहीं है, परन्तु सरकारें बेरोजगारी व भूख से तड़प रहे करोड़ों श्रमिकों/मजदूरोंके विरुद्ध शोषणकारी आदेश लगातार जारी करने पर तत्पर हैं। उन्होंने यह अति-दु:खद व सर्वथा अनुचित जबकि इस कोरोना के संकट में इन्हें ही सबसे ज्यादा सरकारी मदद व सहानुभूति की जरूरत है।

अखिलेश यादव भी कर चुके हैं आलोचना
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मजदूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम कानून के ज्यादातर प्रावधानों को तीन साल के लिए स्थगित किए जाने पर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को गरीबों की नहीं पूंजीपतियों के हितों की चिंता है। भाजपा ने महंगाई बढ़ाने का कुचक्र तो रचा ही है, साथ ही मजदूरों के शोषण के लिए भी रास्ते खोल दिए हैं। भाजपा सरकार के इन जनविरोधी निर्णयों से जनता में गहरा आक्रोश है।



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मायावती ने शनिवार को एक के बाद एक चार टि्वट कर योगी और मोदी सरकार पर निशाना साधा।




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उत्तरप्रदेश में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विद्युत नियामक आयोग करेगा याचिकाओं की सुनवाई

कोविड-19 के प्रकोप से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने की जरूरत पर बल देते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग नें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से याचिकाओं पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि आयोग ने इस सम्बन्ध में 6 मई को एक विस्तृत आदेश जारी किया है, जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस आदेश में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के संचालन के लिए समग्र प्रोटोकाल और विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का लिंक संबंधित पक्षों को उनके ई-मेल आईडी पर भी भेजा जाएगा

उन्होंने बताया कि आयोग सुनवाई के विषय में नोटिस संबंधित पक्षों को भेजेगा और इससे संबंधित सूची वेबसाइट पर भी अपलोड करेगा। इसके अतिरिक्त संबंधित सुनवाई के लिएवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का लिंक संबंधित पक्षों को उनके ई-मेल आईडी पर भी भेजा जाएगा। आयोग ने सभी पक्षों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की प्रक्रिया से परिचित होने की अपेक्षा की है, जिसमें दस्तावेज अपलोड करना, स्क्रीन साझा करना आदि शामिल है।

ताजा स्थिति के लिए वेबसाइट
सूत्रों ने बताया कि याचिकाओं की लिस्टिंग (सूचीकरण) की अद्यतन स्थिति जानने के लिये सभी पक्षकार नियमित रूप से आयोग की वेबसाइट देखते रहे, जिससे उन्हे अपनी याचिका की ताजा स्थिति पता चल सके।



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फाइल फोटो




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जिला अस्पताल के संविदाकर्मी की मौत; कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, 2 डॉक्टर समेत 26 कर्मचारी क्वारैंटाइन

उत्तर प्रदेश में कोरोना का असर तेजी से फैलता जा रहा है। अब तक यूपी में कोरोना से 60 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं। लॉकडाउन के बीच ललितपुर के जिला अस्पताल में आईसीटीसी डिपार्टमेंट में काउंसलर के पद पर कार्यरत युवक की 8 मई को झांसी मेडिकल कॉलेजमें मौत हो गई थी। शनिवार कोउसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रिपोर्ट आने के बाद जिला अस्पताल के दो डॉक्टर समेत 26 कर्मचारियों को क्वारैंटाइन किया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रताप सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में आईसीटीसी में काउंसलर को6 मई को सांस लेने में परेशानी होने के चलते उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसके संपर्क में आने वालों की सूची बनाई जा रही है।

शुक्रवार कोभेजा गया था सैंपल

सीएमओ नेबताया- 7 मई को हालत गम्भीर होने पर रात साढ़े दस बजे उपचार के लिए झांसी मेडिकल कालेज रेफर किया गया था। शुक्रवार को झांसी मेडिकल कालेज में मौत हो गई हैं। उसकी कोरोना जांच 7 मई को भेजी गई थी जो शनिवार कोपॉजिटिव आई है। युवक के मोहल्ले को सील कर सैनिटाइज किया जा रहा है।



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ललितपुर में कोरोना से पहली मौत हुई है। यहां के जिला अस्पताल में काम कर रहे चिकित्साकर्मी की मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। वह लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग का काम करता था।




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कोरोना संक्रमण से नोएडा में दूसरी मौत, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 200 के पार

उत्तर प्रदेश में कोरेाना का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। इसकेचलते गौतमबुद्धनगर जिले में रहने वाले 65 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गई। कोरोना से मौत का जिले का यह दूसरा मामला है। हालांकि इनके अलावा गाजियाबाद के एक अन्य संक्रमित व्यक्ति की मौत भी नोएडा में इलाज के दौरान हुई थी।

नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के निदेशक ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि नोएडा में सेक्टर 66 के मामूरा गांव में रहने वाला 65 वर्षीय व्यक्ति गलगोटिया यूनिवर्सिटी में क्वारैंटाइन में रह रहा था। उसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया, लेकिन जब उसकी जांच की गई तो वह मृत पाया गया।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि गौतमबुद्धनगर में रहने वाले कोविड-19 से संक्रमित यह दूसरे व्यक्ति की मौत है। उन्होंने बताया कि इससे पहले नोएडा के सेक्टर 22 में रहने वाले एक व्यक्ति की शुक्रवार सुबह संक्रमण के कारण मौत हो गई थी। इससे चार दिन पहले सेक्टर 137 स्थित फ्लिक्स अस्पताल में इलाज के दौरान गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी के रहने वाले 47 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी।

नोएडा में कोरोना के 214 मरीज
नोएडा में शुक्रवार शाम तक कोविड-19 की आई जांच रिपोर्ट में 12 और लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं। वहीं यहां के अलग-अलग अस्पतालों से इलाज के दौरान ठीक होने के बाद 10 मरीजों को घर भेज दिया गया है। यहां कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 214 हो गई है और दो व्यक्तियों की मौत भी हुई है।



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नोएडा में कोरोना के संक्रमण से शनिवार को दूसरी मौत हो गई। शहर में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 200 को पार कर गया है।




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श्रमिकों को रोजगार देने की कार्ययोजना बनाने में जुटी सरकार, योगी ने कहा- क्वारैंटाइन पूरा होते ही कामगारों को मिलेगा काम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार श्रमिकों को वापस लाने के साथ ही उनको रोजगार देने की कार्ययोजना बनाने में भी जुटी है। इसके लिए संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। योगी ने कहा है कि आने वाले दिनों में दूसरे प्रदेशों से लौटे श्रमिकों के बूते उत्तर प्रदेश रेडिमेड गारमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, गो आधारित उत्पाद, फूलों की खेती और फूलों से बनने वाले सह उत्पादों का हब बन सकता है। इस बाबत अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया जा चुका है।

लखनऊ में कोर टीम के साथ बैठक के दौरान योगी ने यह बाते कही। उन्होंने कहा कि हमारी कार्ययोजना क्वारैंटाइन पूरा करने वाले श्रमिकों को तुरंत काम देने की है। मनरेगा, ईंट भट्ठे, चीनी मिलें और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़ी इकाइयों में इनको समायोजित किया जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पैकिंग, ट्रांसपोर्टेशन और विपणन के क्षेत्र में भारी संभावनाएं हैं। इसी तरह हम यूपी को रेडिमेड गारमेंट का भी हब बना सकते हैं।

अपने श्रमिकों को ससम्मान सुरक्षित वापसी करने वाला पहला राज्य यूपी

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी देश का पहला राज्य है जिसने दूसरे प्रदेशों में रह रहे अपने श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी की शुरुआत की। मार्च के अंतिम हफ्ते से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से शुरू यह सिलसिला जारी है। अब तक विभिन्न राज्यों से ट्रेनों और बसों के जरिए करीब आठ लाख श्रमिक लाए जा चुके हैं। उम्मीद है कि कुल 20 लाख प्रवासी इस दौरान अपने घरों को लौटेंगे।

योगी ने कहा कि इन सबको स्थानीय स्तर पर उनके हुनर के अनुसार रोजगार देने को हम प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए दीर्घकालीन और अल्पकालीन दोनों तरह की योजनाएं सरकार के पास हैं। हर हालात में हम कोरोना जनित इस संकट को अवसर में बदलेंगे। इसके लिए हमने श्रम कानूनों में संसोधन भी किया है।

सीएम ने कहा कि पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनोंसे प्रवासी श्रमिक यूपी पहुंच चुके हैं। 35 ट्रेन रास्ते में हैं। अभी अगले कुछ दिनों तक रोज श्रमिकों को लेकर 35 से 40 ट्रेन यूपी में पहुंचेंगी। खाड़ी देशों से आज हवाई जहाज से आने वालों में भी सब अपने प्रदेश के श्रमिक एवं कामगार ही हैं।



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कोर टीम के साथ बैठक में योगी ने कहा कि अधिकारियों को विस्तृत पैमाने पर कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया गया है। यूपी आने वाले श्रमिकों को जल्द ही कई क्षेत्रों में काम दिया जाएगा।




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सरकार ने सप्लाई चेन टूटने नहीं दी, हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा दी; कोरोना फैलाने की साजिश रचने पर सजा का कानून बनाया

कोरोनावायरस से लड़ने के लिए भारत में इस समय लॉकडाउन का तीसरा फेज चल रहा है। जिस चीन से कोरोनावायरस पूरी दुनिया में फैला, वहां के कई शहर अब लॉकडाउन से मुक्त होकर सामान्य हो गए हैं। चीन के फूजियान प्रांत के जियामीन शहर में रहने वाले डॉ. सोहन सिंह यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के हैं। वेचीन की जियामीन यूनिवर्सिटी में सॉफ्टवेयर स्कूल में लेक्चरर हैं। जानिए जियामीन शहर में लॉकडाउन की कहानी, डॉ. सोहन सिंह की जुबानी...

ये फोटो जियामीन शहर केजियांयु रोड की है। आम दिनों में इस रोड से हर सेकंड हजारों वाहन निकलते हैं, लेकिन लॉकडाउन में यहां पूरी तरह सन्नाटा रहा।

डाॅ. सोहन बताते हैं- ‘‘चीन में लॉकडाउन 23 जनवरी को शुरू हुआ था। मैं उस समय इंडोनेशिया में था। 29 जनवरी को में जकार्ता से डायरेक्ट फ्लाइट लेकर जियामीन पहुंचा। वहां एयरपोर्ट पर पूरा फिल्मी सीन था। स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट पहनकर स्क्रीनिंग कर रहे थे। वहां से करीब तीन घंटे के बाद जब निकला तो जिस एरिया में रहता हूं, वहां के लोकल सिक्योरिटी ब्यूरो में रिपोर्ट करनीपड़ी। उन लोगों ने भी मोबाइल नंबर से मुझे ट्रैक कर बुलाया और दोबारा स्क्रीनिंग की।’’

यह जियामीन शहर का चेंग गोंग ब्रिज हैं। लॉकडाउन के दौरान पहला मौका था जब वाहनों का शोर यहां सुनाई नहीं दे रहा था।

‘‘जियामिन में 18 मार्च तक लॉकडाउन रहा। मैं 45 दिन में सिर्फ 6 बार घर से निकला। वह भी खाने-पीने की चीजें खरीदने। किसी को बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। जिन जियांयु रोड पर हर सेकंड हजारों वाहन निकलते थे, वहां सन्नाटा था। चेंग गोंग ब्रिज पर पहला मौका था, जब वहां रफ्तार का शोर नहींथा। मैज्जिओ बीच पर लोगों की चहल-पहल नहीं, सिर्फ लहरों का संगीत सुनाई दे रहा था। डेक्स्यू रोड से रौनक गायब थी, यहां लजीज व्यंजनों की महक की जगह सिर्फ सिक्योरिटी फोर्सका पहरा था।’’

सरकार ने कहा तो लोगों ने पालन भी किया

डॉ. सोहन के मुताबिक, ‘‘चीन सरकार ने ऐलान कर दिया था कि कोई बाहर नहीं जाएगा तो कोई भी बाहर निकला भी नहीं। कोई बाहर निकला तो सिक्योरिटी फोर्स उसे टोकाऔर वापस भेज दिया। बिल्डिंग से निकलने पर सिक्योरिटी गार्ड भी टोकता था। सोसाइटी में आने-जाने से पहले थर्मल स्कैनिंग होती थी।’’

‘‘भारत से ऐसी रिपोर्टें आई, जिसमें पता लगा कि लोग तफरी लेने निकल रहे हैं,लेकिनचीन में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया गया। कोई भी बिना काम के घर से नहीं निकला। मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स भी आई कि कुछ लोग जान-बूझकर लिफ्ट के बटनों में थूक लगा रहे हैं। इसके बाद सरकार ने कानून पास कर दिया था कि कोई भी जानबूझकर कोरोना फैलाएगा तोउसे जेल भेजा जाएगा। इसके बाद ऐसी घटना नहीं हुई।’’

जियामीन शहर के इस इलाके में रोज सैकड़ों लोग सैरसपाटे के लिए आते थे, लेकिन लॉकडाउन में यहां सिर्फ खामोशी थी।

चीन इस महामारी से इन 3 फैसलों के बल पर लड़ा

  • स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा: सभी स्वास्थ्य कर्मियों के पास पीपीई किट और मास्क आदि थे। मेडिकल शिफ्ट तय की थी। शिफ्ट खत्म होते ही दूसरी शिफ्ट तैयार होती थी। बैकअप भी तैयार था, ताकि अगर कोई डॉक्टर, नर्स या अन्य स्वास्थ्यकर्मी बीमार हो तो उनकी जगह दूसरा व्यक्ति काम संभाल ले।
  • फूड सप्लाई की चेन नहीं टूटने दी: फूड सप्लाई चेन सरकार ने संभाल ली थी। सरकार ने खुद सप्लाई की या अपनी देखरेख में प्राइवेट सप्लायर से कराई। सप्लाई बराबर हुई। सरकार ने सप्लाई चेन टूटने नहीं दी। दूध-फल-सब्जी-मीट सब मांग की अनुरूप सप्लाई हुआ। किसी को इसकी दिक्कत नहीं हुई।
  • सरल भाषा में बनाए नियम, सोशल मीडिया की निगरानी की: लोगों की सुरक्षा के लिए सरल भाषा में नियम बनाए। उन्हें बदला नहीं गया। जो बदलाव किए भी, वह लोगों को अच्छी तरीके से समझाए गए। सरकारी न्यूज एजेंसियां पूरी तरह एक्टिव रहीं। वॉलंटियर्स की फौज तैयार की,ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो। सोशल मीडिया पर पूरी निगरानी की, अफवाह फैलाने वाले को जेल भेजा गया। लोगों ने बात मानी और कोई निकला नहीं।

लोगों ने सरकार का साथ दिया, इसलिए राहत मिली

डॉ. सोहन सिंह बताते हैं कि लोगों ने सरकार के बनाए नियमों का बखूबी पालन किया। अब स्कूल-कॉलेज खुल गए हैं। मेट्रो भी चालू है। शॉपिंग मॉल खुलेहैं। मास्क पहनना अभी भी जरूरी है। हालांकि, ऐहतियातन अभी भी सरकार ने 1 से 5 तक के स्कूल, जिम, सिनेमाघर बंद ही रखे हैं।

शाकाहार-योग अपना रहे चीनी
चाइनीज कम्युनिटी अब शाकाहार की ओर बढ़ रहीहै। सरकार भी लोगों को योग और शाकाहार अपनाने के लिए कह रही है। लोगों को समझाया जा रहा है कि योग और शाकाहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।



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तस्वीर जियामीन शहर की मेट्रो रेल की है। इसमें मरून टी-शर्ट में मास्क लगाए डॉ. सोहन सिंह यादव हैं। जियामीन यूनिवर्सिटी के सॉफ्टवेयर स्कूल में लेक्चरर यादव ने बताया कि 45 दिन के सख्त लॉकडाउन के बाद अब जनजीवन सामान्य हो रहा है।




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उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने प्रवासी कामगारों की मदद के लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया

कई राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों की मदद के लिए कांग्रेस ने यहां शनिवार को एक वेब पोर्टल लॉन्च किया। कांग्रेस ने चैट पोर्टल tinyurl.com/UPmitra उत्तर प्रदेश के फंसे हुए कामगारों के लिए लॉन्च किया है। इस पोर्टल को वैल्यू फर्स्ट ने मुफ्त में तैयार किया है। उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रमुख अजय कुमार ने कहा, समस्याओं की सूची को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भी शेयर किया जाएगा।
17 जिलों में कम्युनिटी किचन चलाने का दावा
उन्होंने बताया, देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही प्रदेश के 17 जिलों में कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भोजन और राशन 47 लाख से ज्यादा लोगों को उपलब्ध कराया जा चुका है। शुक्रवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक लाख से ज्यादा मास्क लखनऊ भेजे हैं। पार्टी ने राज्य में चार लाख से ज्यादा प्रवासियों की मदद की है।



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फाइल फोटो




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एक साथ 19 पॉजिटिव पाए गए; संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 31, उरई के चिकित्सक की केजीएमयू में इलाज के दौरान हुई मौत

उत्तर प्रदेश में कोरोना का असर तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच राज्य के जालौन में शनिवार को झांसी मेडिकल कॉलेज से आई जांच रिपोर्ट में 19लोग संक्रमित पाए गए। इसके साथ ही जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 31तक पहुंच गई है। पॉजिटिव आए लोागें में जिले के एक अस्पताल में डायलिसिस कराने वाला हमीरपुर का युवक भी शामिल है। वहीं उरई के एक चिकित्सक की लखनऊ के केजीएमयू में इलाज के दौरान मौत हो गई। उनकी पत्नी भी पॉजिटिव पायी गई थीं लेकिन उनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद आज डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने 7 मई तक 665 लोगों के नमूने लेकर जांच के लिये भेज थे, जिसमें से 580 लोगों की रिपोर्ट शुक्रवार तक आ गई थी, जिसमें 19मरीज पॉजीटिव पाये गये थे, और 77 की रिपोर्ट आनी शेष थी। आज शेष रिपोर्ट में कुछ की रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास पहुंची, जिसमें से 19लोग पॉजिटिव पाए गये। जो लोग पॉजिटिव पाए गये है, उसमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। जबकि हॉटस्पॉट एरिया में 7 लोग कोरोना पोजिटिव पाए गये हैं। जिसमें 4 मरीज कृष्णा नगर, 2 मरीज तिलक नगर और 1 मरीज पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल है।

हॉटस्पॉट इलाके में 5 लोगों में कोरोना की पुष्टि
वहीं हॉटस्पॉट एरिया के बाहर कालपी नगर में 5 लोगों को कोरोना की पुष्टि हुई है। वही एक मरीज हमीरपुर जनपद के चिल्ली गांव का रहने वाला है जो उरई के कान्हा पैथोलॉजी में डायलिस कराने आया था। एक साथ 13 मरीजों की रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है साथ ही पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है साथ ही उनकी नमूने भी लिए जा रहे हैं जिससे उनकी रिपोर्ट झांसी मेडिकल कॉलेज भेजी जा सके वहीं जिला प्रशासन ने सभी मरीजों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज झांसी के लिए रेफर किया है।

जिलाधिकारी डाक्टर मन्नान अख्तर ने बताया कि आज जालौनी के 12 मरीज आये है, सबसे अच्छी बात है कि उनके बारे में उन्हें पहले ही पता था, और उनका इलाज किया जा रहा था। एक मरीज पुलिस लाइन का पॉजीटिव पाया गया जो आगरा से आआया था। उसके संपर्क में आये लोगों को ट्रेस किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जो 25 रिपोर्ट आई है उसमें एक मरीज हमीरपुर जनपद का उसका भी नमूना यही लिया गया था। वहीं उन्होंने बताया कि जिन जिन इलाकों में कोरोना पॉजिटिव निकले हैं, उन इलाकों को पूरी तरह से सैनिटाइज और सील किया जा रहा है, जिससे कि मरीजों की संख्या में इजाफा ना हो सके।

उरई के चिकित्सक की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत

केजीएमयू के पीआरओ ने बताया कि 58 वर्षीय उरई निवासी चिकित्सक यहां केकोरोना वार्ड में भर्ती थे। शनिवार कोउनकी मृत्यु हो गयी है। इनकी पत्नी भी संक्रमित पाई गई थी।ये पहले रोगी थे, जिनको प्लाज्मा थेरेपी दी गयी थी। थेरेपी देने के बाद फेंफड़ों में बहुत सुधार आया था। वेंटीलेटर की आवश्यकता भी कम हो गयी थी। दुर्भाग्यवश यूरिन मेंइन्फेक्शन हो गया। इसके लिए उनका पूर्ण उपचार किया गया। रोगी की डायलिसिस भी की गई। आज इनकी दोनों बार की कोरोना जांच निगेटिवआ गयी थी।पत्नी की भी दोनों जांचे नेगेटिव आ गयी हैं। उन्हें आज डिस्चाजकर दिया जाएगा।



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जिले में एक साथ 13 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जालौन में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 25 तक पहुंच गई है।




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गो तस्करों व पुलिस के बीच मुठभेड़ में दो इनामी गिरफ्तार, एसओ समेत तीन पुलिसकर्मी घायल

उत्तर प्रदेश में बहराइच के गंडारा के पास स्थित पैनाघाट के निकट वाहन चेकिंग के दौरान रोकने पर गौ तस्करों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी । जिसके जवाब में पुलिस ने मोर्चा सम्हालते हुए जवाबी फायरिंग की। पुलिस व गौ तस्करों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में एसओ समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने चारों तरफ घेराबंदी कर दो गौ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। पैर में गोली लगने के कारण दोनों तस्करों को भर्ती कराया गया है।

घटना की जानकारी मिलते ही एसपी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। कैसरगंज थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह अपने दलबल के साथ पैना घाट के निकट वाहन चेकिंग कर रहे थे। तभी दो व्यक्ति एक मोटरसाइकिल पर आते दिखाई दिए। बाइक पर नंबर प्लेट न होने पर पुलिस ने वाहन को रोका तो वाहन पर सवार लोगों ने फायर झोंक दिया और मोटरसाइकिल छोड़कर कच्चे रास्ते पर भागने लगे। पुलिस ने जब उन्हें दौड़ाया तो उन्होंने पुलिस पर ताबड़तोड़ कट्टे से फायरिंग कर दी।

जवाबी फारिंग में पुलिसकर्मी हुए घायल

इस फायरिंग में कोतवाल संजय कुमार सिंह, चौकी प्रभारी प्रकाश त्रिपाठी व मनीष यादव के हाथ में गोली लग लगी। जवाब में साथ मे मौजूद पुलिस कर्मियों ने गोली चलाई। जिसमें दुल्ला पुत्र पुत्तन व राजू पुत्र गोबरे के पैर में गोली लगी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को दबोच लिया व उन्हें घायल अवस्था में सीएचसी कैसरगंज में भर्ती कराया है।

पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया की पकड़े गये दोनों युवक शातिर इनामी अपराधी हैं। इनके ऊपर जनपद बहराइच , गोंडा में गो हत्या के 20से अधिक मामले समेत अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है। इनके पास से दो अवैध असलहे समेत काफी संख्या में कारतूस बरामद बरामद हुए है।



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मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगने से घायल हुए गो तस्कर। बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।




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संक्रमित मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 700 के पार, एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कैदी की कोरोना से मौत

आगरा में एक तरफ जहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 700 को पार कर गया है वहीं दूसरी ओर मृतकों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत पर इलाज के लिए लाए गए सेंट्रल जेल के कैदी धीरेंद्र की शनिवार को कोरोना संक्रमण के चलते मौतहो गई है।शहर में यह 24वीं मौतहै। देवेंद्र इलाज के बाद तीसरे दिन आई रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। घटना के बाद जेल प्रशासन ने जेल को सैनिटाइज करवाया था और उसे आइसोलेट करने के साथ 14 अन्य कैदियों को क्वारैंटाइन किया गया था।

जेल अधीक्षक वीपी सिंह ने मौत की पुष्टि की है। उनका कहना है कि अन्य कैदियों की अभी रिपोर्ट नहीं आई है। कैदी के मौत के बाद सेंट्रल जेल के कैदी और बंदी रक्षकों के अंदर दहशत फैली हुई है। जेल के अंदर कोरोना का संक्रमण होने के बाद से अब जेलों की व्यवस्था करना भी एक बड़ी चुनौती बन गया है।

चिकित्सकों को दी जा रही इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल की ट्रेनिंग

आगरा में अब निजी डॉक्टरों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। ये लोग आइसोलेशन वार्ड में काम कर रहे चिकित्सकों की मदद करेंगे।

इस बीच आगरा के निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों को इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल के लिए ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। इस दौरान एक बार में 13 से 25 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। डॉक्टरों को सीएमओ आगरा की देखरेख में ट्रेनिंग दी जा रही है। अभी तक 250 से ज्यादा निजी चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। वहीं आगरा में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 700 के पार चला गया।



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आगरा में संक्रमित मरीजों की संख्या 700 को पार कर गई है। इस दौरान शनिवार को केंद्रीय कारागार के एक बंदी की संक्रमण की वजह से मौत हो गई।




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1800 एक्टिव केस, इनमें 1399 लोग डिस्चार्ज हुए: अवनीश अवस्थी ने कहा- 20 लाख कामगारों को रोजगार देने के लिए तैयार हो रही कार्ययोजना

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शनिवार को कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाहरी राज्यों से आने वाले कामगारों और श्रमिकों के लिए 20 लाख रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से वृहद कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने बताया कि श्रम कानून में संशोधन करने का कैबिनेट ने फैसला किया है, जल्द ही आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। इस वृहद कार्ययोजना के तहत जो भी हमारे श्रमिक और कामगार बाहर से आ रहे हैं, उन्हें विभिन्न इकोनोमिक सेक्टर्स में रोजगार देने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

यह जानकारी शनिवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को दी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों में वेतन देने की कार्यवाही करते हुए 56,696 इकाइयों में 641 करोड़ रुपए वितरण किए गए हैं। अब तक 31 लाख 23 हज़ार कामगारों को 312 करोड़ की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है।

प्रदेश में 1800 एक्टिव केस, 1399 लोग उपचारित होकर लौटे अपने घर : अमित मोहन प्रसाद

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में इस समय 1800 एक्टिव केस हैं और 1399 लोग उपचारित होकर अपने घर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कल 4525 नमूनों की जांच की गई साथ में 334 पूल टेस्टिंग भी कि गई, जिसमें 25 पूल पॉजिटिव पाए गए। अब तक प्रदेश में कुल 1 लाख 24 हज़ार 791 नमूनों की जांच हो चुकी है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, साबुन-पानी से हाथ धोते रहें और मास्क से मुंह को ढककर रखें।

इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान अवनीश अवस्थी ने बताया कि अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि श्रमिकों को सुरक्षित लाया जाए और कोई किसी भी हाल में पैदल ना निकलें।

अगले दो दिनों में 98 ट्रेने कामगारों को लेकर आएंगी

अवनीश अवस्थी ने बताया किशाम तक कुल मिलाकर 114 ट्रेनों में लगभग 1 लाख 20 हज़ार से अधिक लोग उत्तर प्रदेश पहुंच जाएंगे। इसके अतिरिक्त 98 ट्रेनों की अनुमति आगामी 2 दिवसों के लिए जारी कर दी गई है, यानि एक दिन में 40 से अधिक ट्रेनों को चलाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 2 दिनों में हरियाणा से लगभग 5 हज़ार से अधिक लोग और राजस्थान से लगभग 10 हज़ार से अधिक लोगों को लाया गया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तृतीय चरण के पहले तक हम 1 लाख 66 हज़ार से अधिक लोगों को प्रदेश ला चुके हैं।

अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक 11 ट्रेनें लखनऊ और गोरखपुर में आई हैं जोकि एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के उतरते ही क्वारैंटाइन सेंटर में सभी का मेडिकल चेकअप किया जाता है और इसके बाद उन्हें अपने-अपने जनपद तक छोड़ दिया जाता है।

अवनीश अवस्थी ने बताया किआयुष कवच मोबाइल ऐप को लोग काफी संख्या में डाउनलोड कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड 19 कि जंग में महामारी से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकारी विभागों, निगमों और अन्य संस्थानों के कर्मियों के कार्य को लेकर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण में अब प्रदेश में 18 करोड़ लोगों के लिए राशन कि व्यवस्था कर दी गई है।

उप्र में मरीजों की रिकवरी दर 42 फीसदी

अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मरीजों के रिकवरी प्रतिशत को और मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का रिकवरी प्रतिशत 42 प्रतिशत है लेकिन अभी इसको और भी अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने 52 हज़ार कोविड अस्पतालों के एल 1, 2, 3 बेड के लक्ष्य को पूरा करने पर संतोष व्यक्ति किया है। उन्होंने इस व्यवस्था को और आगे ले जाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूल टेस्टिंग में भी हमारा प्रदेश प्रथम स्थान पर है लेकिन इस व्यवस्था को भी मजबूत करने की आवश्यकता है।

अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों में पीपीई किट और मास्क के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने जिलाधिकारी और सीएमओ को भी निर्देश दिया है कि आपातकालीन सेवा देने वाले अस्पतालों को व्यवस्थित रूप से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों में मजबूती से कार्य करने की आवश्यकता है।



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उप्र में संक्रमित मरीजों का आंकडा तीन हजार को पार कर गया है। इसमें सबसे अधिक आगरा में 700 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि सीएम ने 20 लाख मजूदरों को रोजगार देने की दृष्टि से कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है।




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नप उपाध्यक्ष ने बांटे 1000 मास्क और साबुन

लॉकडाउन में सभी लोगों का स्वास्थ्य बना रहे इसके लिए रामगढ़ नगर परिषद उपाध्यक्ष मनोज महतो इन दिनो रोजाना जरूरतमंदों के बीच मास्क, साबुन तथा अनाज का वितरण कर रहे है। रविवार को भी उन्होंने क्षेत्र के वार्ड नं0 एक एवं दो के सांडी, तिलैया, धनहारा में करीब 1000 मास्क एवम साबुन का वितरण किया। मौके पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों का स्वास्थ्य बना रहे इसके लिए उनको हर संभव मदद किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाकर रहने ,लॉकडाउन में घर से निकलने से पहले मास्क लगाने व खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने की लोगों से बात कही । मौके पर आजसू जिला मीडिया प्रभारी जयकिशोर महतो, तीर्थलाल बेदिया, भीम महतो, युगल महतो, रामप्रसाद बेदिया आदि मौजूद थे।



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अब तक 116 मरीज; अन्य राज्यों से 5 लाख लोग लौटकर आ सकते हैं, सरकार ने कहा- छूट दी तो संक्रमण फैल सकता है

झारखंड में अब तक 116 कोरोना संक्रमण के केस आ चुके हैं। रविवार की देर शाम मुख्य सचिव सुखदेव सिंह द्वारा लॉक डाउन थ्री में किसी प्रकार की छूट नहीं दिए जाने संबंधी आदेश जारी कर दिया। कोरोना प्रभावित दूसरे राज्यों से भारी संख्या में आ रहे श्रमिकों, छात्रों को देखते हुए झारखंड में एहतियातके तौर पर अभी कोई छूट नहीं दी जाएगी। 21 अप्रैल के बाद 3 मई को पहली बार कोई संक्रमित नहीं मिला था। अब तक4 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में रविवार को 5 और मरीजों ने कोरोना को मात दे दी।

राजधानी रांची के रातू रोड चौक पर सोमवार को सख्ती बरती गई। इस दौरान पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर चौराहे पर हर वाहन सवार को रोककर जांच पड़ताल की।

लॉकडाउन फेज-3 के पहले दिन सोमवार को राज्य के 11 संक्रमित जिलों विशेषकर रांची में सख्ती बरती जा रही है। वहीं अन्य जिलों में भी लॉकडाउन का पालन पुलिस-प्रशासन द्वारा सख्ती से कराया जा रहा है। सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाकर शहर के अंदर और जिले की सीमा पर वाहनों की जांच की जा रही है। पर्याप्त कागजात होने पर वाहनों का आगे जाने दिया जा रहा है। वहीं लॉकडाउन फेज-3 को लेकर राज्य में आवश्यक खाद्य सामग्रियों की दुकान, दूध, फल, सब्जी, मेडिकल व पंखा की दुकानें ही खुलीं हैं। अन्य किसी भी तरह की दुकानों को खोलने पर पाबंदी है। इस दौरान सोशल डिस्टेंस बनाकार ही समानों की खरीदारी करनी है।

केरल के कालीकट से मजदूरों को लेकर धनबाद जा रही ट्रेन बोकारो स्टील सिटी स्टेशन पर कुछ देर के लिए खड़ी हुई। ट्रेन में धनबाद और पाकुड़ सहित अन्य जिलों के मजदूर सवार हैं। कई मजदूरों ने ट्रेन में चढ़ने के लिए टिकट भी दिखाया। मजदूरों ने कहा- उन्होंने पैसे देकर टिकट खरीदे हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • रांची: राज्य के रेड जोन में शामिल जिले में 84 लोगों में कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 50 से ज्यादा हॉट स्पॉट हिंदपीढ़ी से हैं। हिंदपीढ़ी व सटे इलाकों की हेल्थ स्क्रीनिंग फिर से शुरू हुई है। मेडिकल टीम घर-घर जाकर स्क्रीनिंग कर रही है। डीसी राय महिमापत रे ने बताया कि 6 मई तक यहां स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है। उधर, ट्रैफिक पुलिस ने लॉकडाउन एक और लॉकडाउन दो के दौरान राजधानी में यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 3 करोड़ 76 लाख रुपए का चालान काटा है। रांची नगर निगम ने सैनिटाइजेशन के लिए 200 नई स्प्रे मशीनेंखरीदीहैं।
  • बोकारो: जिले में अब तक 10 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें एक की मौत हो चुकी है जबकि छह स्वस्थहोकर घर लौट चुके हैं। जिले में रविवार को कुल 32 सैंपल जांच के लिये भेजे गए। इसमें 10 साडम ओर 22 सैंपल तेलो से लिए गए हैं। लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे बोकारो के छात्र 187 छात्र स्पेशल ट्रेन से धनबाद पहुंचे। इनमें से तीन छात्रों को सदर अस्पताल स्थित क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया।
  • धनबाद: जिले में अब तक मिले दो संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। रविवार को पीएमसीएच में 210 संदिग्ध मरीज का कोरोना जांच के लिए स्वाब लिया गया। इसमें से सभी रिपोर्ट निगेटिव आई। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक 1200 से ज्यादा सैंपलों को जांच के लिए भेजा गया है। इसमें 1000 से ज्यादा सैंपलों की जांच की जा चुकी है। वहीं 200 से अधिक सैंपल की रिपोर्ट पेंडिंग है।
  • जमशेदपुर: राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन-3 में ढील नहीं दिए जाने के चलते टाटा स्टील समेत टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, टिमकेन आदि कंपनियों में चार मई से काम शुरू नहीं हो पाएगा।जिला प्रशासन की ओर से इन कंपनियों को सामान्य कामकाज शुरू नहीं करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद इन कंपनियों ने एक रोज पहले जारी अपने सर्कुलर में बदलाव करते हुए आवश्यक सेवा को छोड़ पहले जैसी ही व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश जारी कर दिया है।
  • हजारीबाग: जिले में अबतक तीन लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। तीनों स्वस्थ्य भी हो चुके हैं। जिले में कोरोनावायरस को लेकर किए जा रहे प्रारंभिक जांच स्क्रीनिंग का आंकड़ा रविवार तक 20,143 पर पहुंच गया। अब तक की जांच के बाद 55 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। 267 लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया था। जबकि 4,165 लोग होम क्वारेंटाइन में भेजे गए थे। रविवार तक वार्ड फैसिलिटी क्वारेंटाइन से 2,783 लोगों को मुक्त किया जा चुका है।जबकि 14 दिनों तक सर्विलांस के बाद होम क्वारेंटाइन से 12,561 लोग मुक्त किए गए हैं।
  • कोडरमा: डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर अस्पताल होली फैमिली में भर्ती गिरिडीह जिले के राजधनवार थाना अंतर्गत जहनाडीह निवासी युवक की दूसरी बार भेजी गई सैंपल निगेटिव आई है। इससे मरीज के ठीक होने की संभावना काफी बढ़ गई है। कोरोना महामारी को लेकर जिला स्तर पर बनाए गए क्वारैंटाइन वार्ड में रखे गए 125 लोगों को रविवार को छुट्‌टी दे दी गई। इन लोगों को अगले 14 दिनों तक घरों में भी क्वारैंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है।इधर, कोडरमा सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड से बीती रात एक कोरोना संदिग्ध मरीज भाग निकला। वो बिहार का रहने वाला था। मछरदानी के सहारे वो आइसोलेशन वार्ड से बाहर निकला और भाग गया।
  • गढ़वा: जिले में रविवार तक गढ़वा जिले के विभिन्न प्रखंडों से कुल 367 सैंपल लिए गए हैं। इनमें से कुल 358 सैंपल को जांच कराने हेतु रांची रिम्स भेजा गया है। जांच के क्रम में गढ़वा सदर प्रखंड से ही अभी तक कोविड-19 के 03 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 272 सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं एवं शेष 92 सैंपल का जांच लंबित है। जिले का पहला कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति दूसरी बार जांच में निगेटिव पाया गया है। अब एक निश्चित अंतराल पर दोबारा भी सैंपल लिया जाएगा। वहीं पहले संक्रमित मरीज से जुड़े दो अन्य पॉजिटिव मरीजों का दूसरा सैंपल भेजी गई है। जिसका रिपोर्ट आने का इंतजार है।
  • सिमडेगा: जिले में पॉजिटिव की संख्या दो है जिसमें से एक स्वस्थ्य होकर घर लौट चुका है। वहीं, रविवार तक जिले में कुल 270 सैंपल भेजे जा चुके हैं। इनमें 237 रिपोर्ट निगेटिव जबकि 26 रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं अलग-अलग क्वारैंटाइन सेंटर में अब तक 109 लोगों को जबकि 65 लोगों को होम क्वारैंटाइन किया गया है।
  • पलामू: जिले के लेस्लीगंज में अब तक तीन कोरोना संक्रमण के मरीज मिल चुके हैं। तीनों को इलाज के लिए कोविड-19 सेंटर में भर्ती किया गया है। कोरोना पॉजिटिव के परिवार, रिश्तेदारों और उसके साथ क्वारैंटाइन में रहने वाले सभी का सैंपल निगेटिव आया है। पलामू जिला से अब तक 1331 सैंपल जांच के लिए रिम्स भेजा गया है। इसमें 1038 निगेटिव, 3 पॉजिटिव और 290 का जांच रिपोर्ट पेंडिंग हैं। 568 लोग होम और 776 क्वारैंटाइन सेंटर में हैं। जिले में 44 चेकनाका बनाया गया है जहां पुलिस निरंतर आने जाने वालों पर नजर रखे हुए हैं।
  • गिरिडीह: जिले में अब तक दो कोरोना संक्रमण के केस मिल चुके हैं। दोनों का इलाज कोविड-19 सेंटर में चल रहा है। जिले के कोरोना पीड़ित महिला का स्वाब लेकर जांच के लिए पीएमसीएच धनबाद भेजा गया। जिले में अब तक 304 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं जिनमें से दो रिपोर्ट पॉजिटिव जबकि 253 रिपोर्ट निगेटिव आई है। 51 रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं, कुल 321 संदिग्धों को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है।
  • देवघर: जिले मेंकुल चार पॉजिटिव केस में से पहले के दो पॉजिटिव मरीजों के ठीक होने के बाद रविवार को उन्हें घर भेज दिया गया। अब तक जिले में 344 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं जिसमें 228 की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। 116 लोगों की रिपोर्ट भी जल्द ही आ जाएगी।
  • जामताड़ा: जिले में अब तक दो संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। दोनों का कोविड-19 सेंटर में इलाज चल रहा है। प्लस टू हाई स्कूल नाला क्वारैंटाइन सेंटर के पास 200 मीटर का एरिया सील किया गया है। साथ ही बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी है। रेड जोन चिह्नित इलाके की 30 दुकानों को भी बंद कराया गया है। साथ ही 35 लोगों के स्वाब का सैंपल जांच के लिए पीएमसीएच भेजा गया है। बंगाल सीमा स्थित गांवों के पास मुख्य सड़क को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। वहां पुलिस बल के साथ अधिकारी को भी तैनात किया गया है। इधर, बंगाल से आ रहे वैसे लोग को क्वारैंटाइन करने का प्रयास जारी है।
जमशेदपुर में सोमवार सुबह शहर की कई सड़कों पर सैनिटाइजेशन किया गया। इस दौरान निगम की टीम लोगों से घरों में रहने की अपील भी करती दिखी।

राज्य में कुल 116 संक्रमित: रांची के 84, बोकारो 10, पलामू 03, हजारीबाग 03, गढ़वा 03, धनबाद 02, गिरिडीह, 02, सिमडेगा 02, देवघर 04, जामताड़ा में 02 और गोड्डा में 01 मरीज में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

राज्य में अब तक 04 की मौत: रांची में तीन जबकि बोकारो के एक मरीज की मौत हो चुकी है।

राज्य में स्वस्थ्य हुए 27 मरीज: रांची में 10, बोकारो में छह, धनबाद में दो, हजारीबाग में दो, देवघर में दो, सिमडेगा में एक जबकि राज्य के अन्य जिलों से संक्रमित मरीजों में 04 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।



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जमशेदपुर के साकची गोल चक्कर के पास सोमवार को गाड़ियों की जांच की गई। शहर के अंदर और बाहर जाने वाली हर गाड़ियों और बाइक सवारों के कागजात देखे गए। जरुरी होने पर उन्हें छोड़ा गया।




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आइसोलेशन वार्ड से भागा कोरोना संदिग्ध मरीज, बिहार का है रहने वाला

सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड से रविवार की रात कोरोना संदिग्ध एक मरीज भाग निकला। वो मछरदानी के सहारे आइसोलेशल वार्ड के फर्स्ट फ्लोर से नीचे कूदा औरबाहर भाग निकला। मरीज पटना जिला के शेखपुरा का रहने वाला था। उसके भागने के संबंध में थाने को सूचना दे दी गई है।

35 वर्षीय मरीज में कोरोना के लक्षण दिखने परउसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। चिकित्सकों द्वारा उसे गत 29 अप्रैल को सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां उसका स्वाब कलेक्शन करने के बाद उसे उसी दिन डोमचांच स्थित आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था।

यहां से मरीज ने एक अप्रैल को भी भागने का प्रयास किया था। इसकी सूचना के बाद उसे सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लाया गया था। जहां से मरीज रविवार की रात वार्ड के पीछे मछरदानी के सहारे निकलकर भागने में सफल रहा। आइसोलेशन वार्ड में उसे एक अलग कमरे में रखा गया था। इस संबंध में डीएस रंजन ने बताया कि इस संबंध में थाने को सूचना दे दी गई है।



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इसी आइसोलेशन वार्ड से भाग निकला कोरोना संदिग्ध मरीज।




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लॉकडाउन में फंसी गर्भवती महिला की पुलिस ने की मदद, पहुंचाया अस्पताल

लॉकडाउन के दौरान दर्द से कराह रही एक महिला को सदर थाना की पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया। सोमवार को पुलिस को सूचना मिली की गुड़िया नाम की गर्भवती महिला एक बच्ची के साथ लातेहार स्टेशन के प्लेटफार्म में बैठी थी। वाहन नहीं चलने के कारण लोग उसकी सहायता नहीं कर पा रहे थे। करीब ढाई घंटे बाद जब इस बात की जानकारी थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता को मिली जिसके बाद वे तुरंत स्टेशन पहुंचे।

इसके बाद उन्होंने पुलिस की जीप में गर्भवती महिला, उसकी अबोध बच्ची व एक ग्रामीण महिला को अपने वाहन में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। गर्भवती महिला ने बताया कि उसकी दो और छोटी बच्ची है, जो सदर थाना क्षेत्र के बेरी पंचायत अंतर्गत बेरितांड गांव में एक किराए के मकान में अकेली है। घर में खाने पीने के लिए अनाज भी नहीं है। उसका पति तीन दिन से लापता है। थाना प्रभारी ने उक्त महिला को हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया। गर्भवती महिला अपने आप को बिहार के वैशाली जिला की रहने वाली बताती है।

थाना प्रभारी द्वारा मदद का भरोसा दिलाए जाने की बात सुन महिला रो पड़ी। महिला ने कहा कि इस संकट की घड़ी में मेरे लिए आप किसी भगवान से कम नहीं है। गौरतलब है कि लॉकडाउन थ्री में भी झारखंड सरकार ने ग्रीन जोन में रहने के बावजूद लातेहार जिले की जनता को राहत नहीं दी है। बाजार बंद है, वाहनों के पहिए थमे हुए हैं। सुबह में 2 घंटे की छूट दिए जाने के दौरान ही लोग जरूरत के सामान के लिए अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। सुबह 9:00 बजे के बाद लातेहार की सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है।



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थाना प्रभारी द्वारा मदद का भरोसा दिलाए जाने की बात सुन महिला रो पड़ी। महिला ने कहा कि इस संकट की घड़ी में मेरे लिए आप किसी भगवान से कम नहीं है।




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हरित ग्राम योजना के तहत गड्ढा खोदने और घेराव करने का कार्य 20 मई से पूर्व करें पूरा: डीडीसी

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत योजना का स्थल चयन, स्वीकृति कराकर अविलंब कार्य शुरू करें। 20 मई के पहले गड्ढा खुदाई तथा घेराव का कार्य को पूर्ण किया जाए। यह निर्देश सोमवार को डीडीसी अनन्य मित्तल ने समाहरणालय सभागार में मनरेगा योजना की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने मुख्यमंत्री जल समृद्धि योजना के तहत ट्रेंच सह बंड, फील्ड बंड, नाला की सफाई, लूज बोल्डर स्ट्रक्चर,सोक पिट (सार्वजनिक स्थान के लिए) योजना को स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराने का निर्देश सभी प्रखंडों को दिया गया।

अधिक से अधिक मजदूरों को कार्य में लगाने का निर्देश
सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को मनरेगा कार्य में तेजी लाने का निर्देशदिया गया। साथ ही अधिक मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराने का निर्देशदिया गया ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। मालूम हो कि राजधानी में चल रहे मनरेगा योजना के तहत 13 हजार से अधिक मजदूर कार्यरत है।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य
मजदूरों को सोशल डिस्टेंनसिंग, नाक-मुंह को गमछा से ढंककर एवं हाथ की दूरी के साथ कार्य कराने का निर्देश दिया गया। डीडीसी ने स्पष्ट कहा कि कोरोना को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य है ताकि संक्रमण का खतरा किसी भी स्तर पर ना रहे। बैठक में निदेशक, डीआरडीए, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, परियोजना पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जेएसएलपीएस उपस्थित थे। इसके अलावा
बैठक में जिला के सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी उपस्थित थे।



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डीडीसी अनन्य मित्तल ने समाहरणालय सभागार में मनरेगा योजना की समीक्षा की।




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दहकते अंगारों पर चल शिव भक्तों ने दिया आस्था का परिचय, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर की पूजा

हेमतपुर में मंडा पर्व सोमवार को संपन्न हुआ। अहले सुबह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पांच शिव भक्तों ने दहकते अंगारों पर चलकर शिव भक्ति का अटूट परिचय दिया। तीन दिवसीय इस मंडा पर्व में हुप्पु के पंडित सुरेश उपाध्याय ने भक्तों को विधि विधान से पूजा अर्चना करवाई। शिव भक्तों ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को जड़ से समाप्त करने की प्रार्थना की।

स्थानीय मुखिया बजरंग कुमार महथा ने बताया कि मंडा पर्व गांव में सदियों से मनाया जाता है। इसमें लोटन सेवा के अलावा संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता था। कोरोनावायरस कोविड 19 के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।

इसके तहत पांच लोगों को पूजा में शामिल होने की अनुमति गांव के लोगों ने दी। मौके पर राजेश कुमार महतो, अंजनी कुमार, जलेश्वर महतो, माना महथा, रोहन महथा, मंजीत कुमार, सुनील महथा, राज कुमार महथा, झरिया बेदिया, कामेश्वर महतो आदि लोग मौजूद थे।



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दहकते अंगारों पर चलते शिव भक्त।




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सड़क हादसे में कोरोना वॉरियर की मौत, हॉट स्पॉट हिंदपीढ़ी में थी ड्यूटी

राजधानी रांची में सोमवार सुबह सड़क हादसे में कोरोना वॉरियर की मौत हो गई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों की मदद से उसे रिम्स में भर्ती कराने के लिए ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना वॉरियर के सिर में चोट लगी थी। बताया जा रहा है कि मृतक रांची नगर निगम का सफाई कर्मी था। रांची के हॉट स्पॉट हिंदपीढ़ी स्थित वार्ड नंबर 23 में कूड़ा उठाने की ड्यूटी के लिए वो जा रहा था।

मृतक की पहचान नगर निगम कर्मी जीतेंद्र सुपन भगत के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक, 26 वर्षीय जीतेंद्र रोजाना की तरह सोमवार को सुबह कांके स्थित अपने घर से हरमू बायपास स्थित मिनी कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन आ रहा था। यहां से उसे हिंदपीढ़ी अपनी ड्यूटी के लिए जाना था। इसी क्रम में पोटपोटो नदी के पास विपरीत दिशा से जा रहे एक वाहन से बचने के क्रम में उसका बैलेंस बिगड़ गया और वह स्कूटी सहित रोड पर गिर पड़ा। इससे उसके सिर में गंभीर चोट आई। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में उसे रिम्स पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया ।

इधर, घटना के बाद नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दयानंद यादव ने बताया कि सरकार ने सफाई मित्रों का 50 लाख का बीमा कराने का वादा किया था। इसका लाभ मृतक के परिजन को दिलाने के लिए सभी कर्मचारी एकजुट हैं। ये लाभ मृतक के परिजनों को मिलना चाहिए।



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26 वर्षीय जीतेंद्र रोजाना की तरह सोमवार को सुबह कांके स्थित अपने घर से हरमू बायपास स्थित मिनी कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन आ रहा था।




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पुलिस की सख्ती और मौसम परिवर्तन ने लोगों को रोका घरों में, शहर को सैनिटाइज करने के लिए उतारे गए 20 वाहन

लॉकडाउन तीन की सोमवार से शुरुआत हो चुकी है। किसी भी क्षेत्र में कोई छूट नहीं दी गई है। रांची रेड जोन में है। ऐसे में यहां पुलिस की सख्ती बरकरार है। सोमवार की सुबह से माैसम परिवर्तन ने भी लोगों को घरों में रोके रहने में मददगार साबित हुआ। सुबह से हो रही बूंदाबांदी की वजह से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, शहर को सैनिटाइज करने के लिए 20 वाहनउतारे गए हैं।


राजधानी में चारों ओर कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने के बाद नगर निगम ने सैनिटाइजेशन का दायरा बढ़ा दिया है। निगम की ओर से अब गली मुहल्लों के अलावा झुग्गी झोपड़ियों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। सोमवार को निगम ने 20 वाहनों को सैनिटाइजेशन अभियान में लगाया। मंगलवार से 28 वाहन और 500 स्प्रे मशीन से शहर के सभी वार्डों को सैनिटाइज करने का अभियान शुरू किया जाएगा।

राजधानी रांची का मौसम सुबह से ही बदला, तेज हवा के साथ हुई बूंदाबांदी
रांची में सुबह तेज हवा के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई। ऐसे में सड़कों पर काफी कम वाहन दिखे । सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी ही अधिकतर सड़कों पर नजर आए, जो दफ्तर जा रहे थे। अपर बाजार खाद्य सामग्री की दुकान भी इक्का-दुक्का ही खुली हुई है। चौक चौराहों पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है, जो वाहन सवारों को रोककर पूछताछ करने में जुटी हुई है।

हिंदपीढ़ी में सीआरपीएफ को बाहर खड़ा किया, अंदर रांची पुलिस की खुली छूट

वहीं, सीआरपीएफ भी हिंदपीढ़ी में लॉकडाउन पूरी तरह पालन नहीं करा पा रही है। हिंदपीढ़ी को शहर से जोड़नेवाली हर सड़क पर बैरिकेडिंग करके वहां सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा यहां 37 सीसीटीवी कैमरे, 7 ड्रोन और एक हजार पुलिस जवान लगाए गए हैं। इसके बावजूद पूर्ण लॉकडाउन का पालन नहीं हो पा रहा है। सीआरपीएफ जवान तो मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन अंदर गलियों में तैनात जिला पुलिस सुस्त पड़ी हुई है। उसके सामने लोग भीड़ लगा रहे हैं, पर वह उन्हें रोकने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है।

हिंदपीढ़ी में स्क्रीनिंग की रफ्तार तेज हुई
इधर, जिला प्रशासन ने कोरोना हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी के लोगों की स्क्रीनिंग का काम तेज कर दिया है। लगातार तीसरे दिन रविवार को कंटेनमेंट जोन हिंदपीढ़ी में स्वास्थ्य विभाग की 35 टीमें पहुंचीं और डोर-टू-डोर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की। रविवार को हिंदपीढ़ी के ग्वालटोली, नूर नगर, मुजाहिद नगर, तीसरी गली, बांस पुल और निजाम नगर में स्क्रीनिंग का काम हुआ। इस दौरान मेडिकल टीम में शामिल डॉक्टर, एएनएम एवं सहिया ने घर-घर जा कर लोगों से कोरोना के लक्षणों के बारे में पूछताछ की। साथ ही, इंफ्रारेड थर्मल स्कैनर से बॉडी टेंपरेचर जांची गई।

निगम ने सैनिटाइजेशन के लिए 200 स्प्रे मशीन, 26 टैंकर मंगाए
राजधानी के 53 में से 10 वार्डों में कोरोना फैल चुका है। इससे पूरे शहर के लोगों में हड़कंप है। लोग रोज पूरे शहर को सैनिटाइज कराने की मांग कर रहे थे। इसे देखते हुए नगर निगम ने 4 मई से बड़े पैमाने पर सैनिटाइजेशन अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 200 नई स्प्रे मशीनों की खरीदारी की गई है। साथ ही, कुल 26 टैंकर और वाहनों को तैयार किया गया है।

नए राशन कार्ड का आवेदन दिए हैं तो 10 किलो चावल मिलेगा
वहीं, रांची जिले में नया राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन करने वालों को 10 किलो चावल मिलेगा। इसका लाभ लेने के लिए आवेदकों को राशन कार्ड के आवेदन के एक्नॉलेजमेंट नंबर की रसीद और आधार कार्ड संबंधित डीलर को दिखाना होगा। इसके बाद ₹ एक रुपए की दर से आवेदक को 10 किलो चावल दिया जाएगा। रांची जिले के 18 प्रखंड और चार अंचल क्षेत्र में चावल वितरण शुरू हो गया है। अभी तक करीब 617490 केजी चावल बंट गया है।



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शहर के विभिन्न हिस्सों को सैनिटाइज करने का काम जारी है।




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खेती और किसानों के लिए केंद्र से 3900 करोड़ रुपए का मांगा जाएगा सहयोग : बादल

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि लाकडाउन की स्थिति से उबरने के बाद कृषि विभाग किसानों को राहत देने के लिए लगातार विशेषज्ञों व कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क में है। राज्य सरकार की और से केंद्र से भी 3900 करोड़ रुपए का सहयोग राशि आपदा में इस स्थिति से किसानों को राहत पहुंचाने के लिए मदद करने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। किसानों का समय पर बीज उपलब्ध हो इसके लिए टेंडर निकाला गया था। सिंगल संवेदक के भागीदारी से दोबारा टेंडर करना पड़ रहा है। बादल सोमवार को प्रदेश कांग्रेस भवन में कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) समिति की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि लाकडाउन की वजह से गतिविधियों में शिथिलता आई है। इसके बावजूद राज्य और देश की अर्थव्यवस्था में हमेशा महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कृषकों की मुश्किल दूर करने में सरकार पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है।

प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) समिति की बैठक रांची स्थित प्रदेश कांग्रेस कंट्रोल रुम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में हुई। इसमें एआईसीसी के महासिव सह प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव से प्रवासी श्रमिकों की वापसी को लेकर विस्तृत कार्ययोजना पर फोन पर बातचीत की।



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प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) समिति की बैठक रांची स्थित प्रदेश कांग्रेस कंट्रोल रुम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में हुई।




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प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने का किराया खर्च वहन करेगी कांग्रेस: रामेश्वर उरांव

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर उरांव ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को वापस लौटने में कांग्रेस पार्टी मदद करेगी। मजदूरों के किराए की राशि पार्टी की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फंसे प्रवासी कामगारों की घर वापसी के लिए खर्च वहन किये जाने को लेकर लिये गये महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला लिया है और इसके लिए प्रदेश कांग्रेस को आवश्यक निर्देश दिया है। प्रदेश कांग्रेस ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर उरांव ने सोमवार को भास्कर को यह जानकारी दी।

डॉक्टर उरांव ने बताया कि मदद मांगने वाले सभी मजदूरों को उनके आने का किराया दिया जाएगा। यह राशि कैसे दी जाएगी। इसकी व्यवस्था की जा रही है। राज्य के सभी जिलों में कांग्रेस पार्टी का कंट्रोल रूम खोला गया है। अब हेल्प लाइन कार्यालय खोला जाएगा। संबंधित जिलों में मजदूरों के परिजन उक्त कार्यालय से संपर्क कर बाहर में फंसे अपने परिजन का नंबर लिखा सकते हैं। उसे दिल्ली के कांग्रेस कार्यालय मे भेजा जाएगा और वहीं से सभी प्रवासी मजदूरों को किराए की राशि संबंधित राज्य में भेज दी जाएगी।

कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा लगातार प्रवासी श्रमिकों को मदद मुहैय्या कराने की मांग केन्द्र सरकार से की जा रही थी, जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया और ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने चार घंटे के शॉर्ट नोटिस पर पूरे देश में पूर्णतः तालाबंदी का निर्णय लिया और 40 दिन से अधिक समय से लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों के समक्ष खाने-रहने को लेकर भी गंभीर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है, मजदूर मुश्किल में है, उनका पॉकेट खाली है, ऐसे में रेलवे द्वारा इन्हें घर पहुंचाने में भी किराया वसूली का निर्णय लिया है, जो केन्द्र सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। इसलिए झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को ससम्मान उनके घरों में पहुंचाने के लिए कांग्रेस पार्टी ट्रेन का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।

डॉक्टर उरांव ने यह भी कहा कि झारखंड में फंसे मजदूरों को भी उनके राज्य में भेजने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से झारखंड के विभिन्न जिलों में भी फंसे कामगारों को पड़ोसी राज्यों की सीमा तक निःशुल्क रूप से छोड़ने का काम किया जा रहा है। जबकि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए विभिन्न राज्यों से स्पेशल ट्रेन चलाने की व्यवस्था को लेकर भी बातचीत की जा रही है। विभिन्न जिला मुख्यालयों से भी प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए सैकड़ों यात्री बस पड़ोसी राज्यों के लिए रवाना हो चुकी है।



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डॉक्टर उरांव ने यह भी कहा कि झारखंड में फंसे मजदूरों को भी उनके राज्य में भेजने का प्रयास किया जा रहा है।




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झारखंड का रोजगार खेती से जुड़ा है, ईमानदारी और तत्परता जरूरी: हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की जा रही तीन योजनाओं के माध्यम से 25 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है। इससे करीब 20 हजार करोड़ रुपए लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होगा। यह संकट का समय है। ईमानदारी व तत्परता से काम करने का ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जा सके। हमें सीमित संसाधनों के बल पर स्वास्थ्य सुविधा, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना है। झारखंड का रोजगार खेतों से जुड़ा है। संक्रमण के दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी व बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न न हो इस निमित्त कार्य योजना तैयार कर ली गई है। शुरू की गई योजनाएं निर्णायक भूमिका निभाने वाली होंगी। मुख्यमंत्री सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित तीन योजनाओं के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के जरिये सरकार द्वारा सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाया जाएगा। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। उन्हें पौधा का पट्टा भी दिया जाएगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें। पौधारोपण के करीब तीन वर्ष बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है। सरकार ने पंचायत स्तर पर खेल का मैदान निर्माण करने की योजना शुरू की है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के माध्यम से जहां एक ओर सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के कार्य करेगी, वहीं, खेल के माध्यम से नौकरी में आरक्षण भी दिया जाएगा। इस योजना का नाम वीर शहीद पोटो हो करने का उद्देश्य वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी को वीर शहीद की वीरता से अवगत भी कराना है। वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। 1 जनवरी 1838 को सेरेंगसिया घाटी में वीर शहीद पोटो हो शहीद हो गए थे। इसलिए खूंटपानी में हर वर्ष पहली जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मनरेगा के तहत तेजी से रोजगार सृजन ही लक्ष्य: आलमगीर आलम
ग्रामीण विकास मंत्री श्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में विभाग द्वारा योजनाओं को लागू किया जा रहा है। किसानों को लाभ देने के लिए नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना लागू की गई है। सामाजिक दूरी बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास होगा।

राज्य को जो चाहिए उसे धरातल पर उतारा जा रहा है: मिथलेश ठाकुर
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की यह अनूठी पहल है। यह राज्य के लिए सुनहरा दिवस है। झारखंड की धरती को जो चाहिए उसे धरातल पर उतारा जा रहा है। योजनाओं से कृषि की उत्पादकता क्षमता में वृद्धि होगी। इन योजनाओं के माध्यम से पलायन का कलंक भी सरकार धो सकेगी।

प्रमुख योजनाएं एवं उसके मुख्य विशेषताएं
वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना

  • सभी पंचायतों में सहित राज्य भर में 5000 खेल के मैदान का निर्माण
  • युवक एवं युवतियों के लिए खेल सामग्री की व्यवस्था
  • प्रखंड एवं जिला स्तर पर सुसज्जित प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन
  • खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी में विशेष आरक्षण
  • मनरेगा के तहत एक करोड़ मानव दिवस का सृजन

नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना

  • जल संरक्षण की विभिन्न अवसंरचनाओं का निर्माण
  • खेत का पानी खेत में रोकने का लक्ष्य
  • राज्य की वार्षिक जल संरक्षण क्षमता पांच लाख करोड़ लीटर की वृद्धि
  • मनरेगा के तहत 10 करोड़ मानव दिवस का सृजन
  • 5 लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्द्धन

बिरसा हरित ग्राम योजना

  • पांच लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्टा दिया जाएगा
  • राज्य भर में पांच करोड़ पौधों का रोपण होगा
  • अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए भी सहयोग किया जाएगा
  • प्रखंड एवं जिला स्तर पर प्रसंस्करण ईकाई की स्थापना
  • उत्पाद को सुगम रूप से बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था
  • प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपए की निश्चित वार्षिक आमदनी
  • मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन


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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। (फाइल)




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मरीजों का इलाज नहीं करने वाले निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों पर होगी कानूनी कार्रवाई, पंजीकरण भी रद्द होगा

राज्य में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होमों के द्वारा गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं लिए जाने और इलाज से इंकार करने को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य सचिव नितिन कुलकर्णी ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी अस्पताल (सरकारी या फिर निजी) गैर कोरोना मरीजों को इलाज से वंचित नहीं रख सकते। लेकिन कई निजी क्षेत्र के अस्पताल अपने नियमित रोगियों को डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कीमोथेरेपी तथा संस्थागत प्रसव जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में संकोच कर रहे हैं।

संक्रमण के भय के कारण वे अपने अस्पतालों और क्लिनिक को बंद रखे हुए हैं। यह भी देखा गया है कि कई स्थानों पर अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से पहले कोरोना जांच कराने पर पर जोर दे रहे हैं। जबकि आईसीएमआर के द्वारा कोविड-19 के टेस्ट के लिए गाइडलाइन निर्धारित है। आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के अनुसार ही कोविड-19 का टेस्ट किया जा सकता है। अगर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से यह आवश्यक हो तो अस्पताल संचालक पीपीई किट का उपयोग कर सकते हैं।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कोरोना रोगियों के डायलिसिस, ब्लड टांसफ्यूजन, गैर सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के मामले को पता करने तथा व्यक्तिगत सुरक्षा के तर्कसंगत उपयोग पर भी दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है। केंद्र सरकार की ओर से भी आदेश जारी किया गया है कि सभी अस्पताल क्लिनिक, विशेषकर निजी क्षेत्र के लोग मरीजों का इलाज करें।

डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कीमोथेरेपी, संस्थागत प्रसव जैसी सेवाएं निश्चित रूप से संचालित करें। इसका अनुपालन उसका अनुपालन नहीं करने पर इसे गंभीरता से देखा जाएगा और कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिसमें डिफॉल्टर अस्पताल नर्सिंग होम का पंजीकरण रद्द भी किया जा सकता है।



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केंद्र सरकार की ओर से भी आदेश जारी किया गया है कि सभी अस्पताल क्लिनिक, विशेषकर निजी क्षेत्र के लोग मरीजों का इलाज करें। 




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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- प्रवासी मजदूरों-छात्रों के आने तक लॉकडाउन यथावत रहेगा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इनका झारखंड आना प्रारंभ भी हो गया है। जब तक वे सुरक्षित अपने घरों तक नहीं पहुंच जाते, तब तक दूसरे किसी छूट पर सरकार का ध्यान ही नहीं है। अन्यथा न हम छूट वाले क्षेत्र पर ध्यान दे पाएंगे और ना ही प्रवासियों पर ही। इसलिए जब तक मजदूर, छात्र व अन्य सुरक्षित अपने घर तक नहीं पहुंच जाते, तब तक झारखंड में लॉकडाउन यथावत रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्णय है कि बाहर से आनेवाले छात्रों और मजदूरों से कोई किराया नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाहर से आने वाले मजदूरों को होम क्वारैंटाइन में भेजने के साथ ही उन्हें 20 दिनों के अनाज का पैकेट दिया जा रहा है।

जरूरत के अनुसार प्रवासियों को लाने के लिए बसों की संख्या बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से बसों से प्रवासियों को लाया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने पोर्टल बनाया है। उस पर आनेवाले और जानेवाले का पूरा डिटेल डाटा जमा हो रहा है। असने वालों की संख्या बढ़ने पर बसों की भी संख्या बढ़ायी जाएगी। एेसा नहीं है कि एक बस के जाने के बाद दूसरी नहीं जाएगी। धैर्य रखें, सबको झारखंड सरकार सुरक्षित लाएगी।



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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। (फाइल)




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डुमरी प्रखंड के छात्र-छात्रा कोटा से अपने घर पहुंचे

डुमरी प्रखंड के लगभग एक दर्जन छात्र-छात्रा सोमवार को कोटा से अपने-अपने घर पहुंचे। सभी छात्र-छात्रा सरकार द्वारा चलाये जा रहे विशेष ट्रेन से धनबाद स्टेशन पहुंचे थे। जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनियिुक्त दण्डाधिकारी की देखरेख में सभी को जिला मुख्यालय लाया गया। जहां से सभी को अपने अपने प्रखंड पहुंचाया गया। घर पहुंचे सभी छात्र-छात्राओं को होम क्वारंटाइन में रहने, सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने और घर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है। कोटा से डुमरी प्रखंड आने वाले छात्र-छात्राओं में पूजा कुमारी, गौतम कुमार राणा, सीमा पटेल, विनीता भगत, सचिन कुमार, अजहर हुसैन, दिव्या कुमारी, ज्योति कुमारी, हर्ष कुमार, अवन कुमार, शिवानी साह और प्रशांत कुमार हैं।

जिलावार व्यक्तियों की संख्या
अररिया-13, बांका-06, बेगूसराय-03, जमुई-04, कटिहार-01, खगड़िया-03, लखीसराय-07, मुंगेर-05, मुजफरपुर- 11, सहरसा-01, शेखपुरा-06, सुपौल-02, भागलपुर-04, मधेपुरा-04, दरभंगा-03, मधुबनी-03, मोतिहारी-06, नालंदा-06, नवादा-10, पटना-03, सीतामढ़ी-07, शिवहर-01



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Students of Dumri block reached their home from Kota




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आईडीएसपी का आकलन-अगले दो हफ्ते अहम...चूक हुई तो 350 तक पहुंच सकते हैं राज्य में कोरोना के केस

(पवन कुमार )झारखंड में सोमवार को लगातार दूसरे दिन कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला। सुनने में तो ये खबर सुकून देने वाली लगती है, मगर राज्य में महामारी के सर्विलांस में लगे इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) की रिपोर्ट ये सुकून हवा कर देती है। आईडीएसपी का आकलन है कि अभी कोरोना मरीजों की संख्या काबू में है। सरकार ने लॉकडाउन को आगे बढ़ा इसे काबू में ही रखने की कोशिश भी शुरू कर दी है। मगर आने वाले 14-15 दिन काफी अहम होंगे। राज्य में कोरोना केसों की डबलिंग रेट और संक्रमण दर के अाधार पर आईडीएसपी की ओरसे तैयार प्रोजेक्शन रिपोर्ट के अनुसार अगले 14-15 दिनों में कोरोना केस की संख्या तीन गुनी हो सकती है। जो कि करीब 350 के आसपास होगी।

महाराष्ट्र में हर 100 टेस्ट पर 8 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, झारखंड में 0.91...मगरवह हमसे 1056% ज्यादा टेस्ट कर चुका है, तभी मरीज मिलने की दर ज्यादा

झारखंड में अभी प्रति 100 टेस्ट पर 0.91 मरीज मिल रहे हैं। यह दर बहुत कम है। जबकि महाराष्ट्र में प्रति 100 टेस्ट अभी 8.12 मरीज मिल रहे हैं। हालांकि सच्चाई ये भी है कि महाराष्ट्र में अब तक 1.5 लाख से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। यानी हमारे 13815 टेस्ट से 1056% ज्यादा टेस्ट हुए हैं।

प्रति 10 लाख की आबादी पर टेस्टिंग में हम पीछे : प्रति 10 लाख की आबादी पर टेस्टिंग के मामले में हम देश में बहुत पीछे हैं। हमसे बदतर स्थिति में सिर्फ चार राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और नगालैंड ही हैं।

प्रति 10 लाख आबादी पर टेस्टिंग

राज्य टेस्ट कुल केस
दिल्ली 2574 3738
अांध्र प्रदेश 2050 1525
तमिलनाडु 1824 2526
राजस्थान 1456 2666
झारखंड 339 116
असम 336 43
नागालैंड 308 01
बिहार 220 471
प. बंगाल 215 795

डबलिंग रेट ज्यादा, फिर भी झारखंड में टेस्ट कम

वर्तमान में झारखंड में कोरोना केस के डबलिंग की रफ्तार 9 दिन की आसापास है। वहीं देश का डबलिंग रेट 12 है। इसके बाद भी झारखंड में जांच की संख्या में तेजी नहीं अा रही है। सबसे बड़े टेस्ट सेंटर रिम्स की लैब बंद होने से भी टेस्टिंग की रफ्तार काफी कम हो गई है। सोमवार को भी पीएमसीएच धनबाद, एमजीएम जमशेदपुर व आरोग्यशाला इटकी को मिलाकर कुल 479 ही सैंपल जांचे गए। जबकि सिर्फ रिम्स में ही रोज 350 के करीब टेस्ट होते हैं। टेस्टिंग के मामले में देश में झारखंड 24वें स्थान पर है।

3 दिन से बंद रिम्स की लैब आज खुलेगी...मगर टेस्टिंग शुरू होने पर संदेह
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में चल रही कोरोना टेस्टिंग लैब 3 दिन बाद मंगलवार को दोबारा खुलेगी। यहां सैंपल कलेक्शन तो होगा, मगर टेस्टिंग शुरू होने पान पर अभी संदेह है। कारण ये कि रिम्स में आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे टेक्नीशियन हड़ताल पर हैं। 30 अप्रैल को कोरोना टेस्टिंग लैब के टेक्नीशियन के पॉजिटिव पाए जाने पर सभी टेक्नीशियन बेहतर किट और क्वारेंटाइन की मांग पर हड़ताल पर चले गए थे। अब 14 टेक्नीशियन ही काम पर लौट रहे हैं, जबकि 22 अब भी हड़ताल पर हैं।



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IDSP assessment - next two weeks important ... if missed, corona cases can reach 350 in the state




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बयानबाजी चलती रही... केरल-बेंगलुरु से झारखंड लौटे 3529 श्रमिकों से रेलवे ने वसूल लिया 31 लाख रु. किराया

लॉकडाउन 3.0 में मिली छूट के बाद अलग-अलग राज्यों से अपने घरों को लौट रहे श्रमिकों को ला रही ट्रेनों के किराये पर अब पूरे देश में बहस छिड़ गई है। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि इस मुश्किल वक्त में केंद्र सरकार और रेलवे मजदूरों से किराया वसूल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राज्य इकाइयां इन मजदूरों का किराया भरेंगी। उनके इस बयान के बाद झारखंड में रामेश्वर उरांव ने भी घोषणा कर दी कि मजदूरों का किराया कांग्रेस देगी। उधर, भाजपा नेताओं का कहना था कि मजदूरों के किराये में रेलवे 85% सब्सिडी दे रहा है, जबकि 15% किराया राज्य सरकारों को देना है। रेलवे ने भी आधिकारिक तौर पर कहा कि ट्रेनें राज्य सरकारों की मांग पर चलाई जा रही हैं, अत: किराया भी सरकारों को ही देना है। मगर तमाम बयानबाजी के बावजूद घर लौट रहे श्रमिकों को ही किराया देना पड़ रहा है। मंगलवार को तीन ट्रेनों से 3529 मजदूर झारखंड पहुंचे। बेंगलुरु से हटिया आए 1225 श्रमिकों को 900 रुपए का टिकट लेना पड़ा। दो ट्रेनों में 2304 श्रमिक केरल से लौटे। इनमें जस्सीडीह तक गई ट्रेन में श्रमिकों को 875 और धनबाद तक गई ट्रेन में 860 रुपए का टिकट कटाना पड़ा। यानी तमाम बयानबाजियों के बीच रेलवे ने इन मजदूरों से 31 लाख रुपए किराये में वसूल भी लिए।

रेलवे ने कहा था-राज्य किराया एकत्रित कर हमें देंगे...अब किराया वसूलने पर चुप्पी

रेलवे ने 2 मई के आदेश में कहा है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना करते वक्त यात्रियों की संख्या के मुताबिक गंतव्य के लिए टिकट प्रिंट करके राज्य सरकार को सौंपे जाएंगे। राज्य के अधिकारी यात्रियों को टिकट देंगे। राज्य के अधिकारी टिकटों का किराया एकत्रित कर रेलवे को सौंपेंगे। इस आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि किराया किससे वसूला जाएगा। रेलवे के कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेई का कहना है कि रेलवे की ओर से इस संबंध में एक गाइड लाइन पहले ही जारी की जा चुकी है, जिसमें राज्यों की मांग पर रेल मंत्रालय ट्रेन चलाएगा और राज्य सरकार उसका भुगतान रेलवे को करेंगी। मगर अब मजदूरों से किराया वसूले जाने पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। कोविड-19 रेलवे के झारखंड नोडल अधिकारी रांची रेल मंडल के डीआरएम नीरज अंबष्ठ ने कहा कि मजदूरों से वसूला गया किराया मामला पॉलिसी मैटर है। इसमें हम कुछ नहीं बोल सकते हैं।

रामेश्वर उरांव बोले-राज्य सरकार की अंडरटेकिंग पर ट्रेन चला रहा है रेलवे
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि रेलवे, राज्य सरकार की अंडरटेकिंग के बाद ही ट्रेन चला रहा है। अंडरटेकिंग का मतलब है कि किराया राज्य सरकार को भरना है। सूचना आ रही है कि रेलवे राज्यों से 15% राशि लेगा। विधिवत सूचना नहीं मिली है। ऐसा होता है तो राज्य शेष राशि ही जमा करेगा। आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि 15% राशि भी कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार को देगी।

उद्धव ने कहा- किराया नहीं ले केंद्र; बिहार में क्वारेंटाइन के बाद रिफंड
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने केंद्र से आग्रह किया कि मजदूरों से ट्रेन का किराया न वसूला जाए। वहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार छात्राें के लिए सीधे रेलवे काे किराया दे रही है। वहीं, श्रमिकाें काे 21 दिन का क्वारेंटाइन पूरा करने के बाद यात्रा खर्च रिफंड किया जाएगा। साथ में 500 रुपए और दिए जाएंगे। दूसरी तरफ, साेनिया की घाेषणा के बाद राजस्थान अाैर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियाें ने घाेषणा की कि घर जाने वाले प्रवासियाें के लिए राज्य सरकार रेलवे काे भुगतान करेगी।

सीएम हेमंत बोले- छात्रों व मजदूरों से आने का नहीं लिया जाएगा कोई किराया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इनका झारखंड अाना प्रारंभ भी हो गया है। जब तक वे सुरक्षित अपने घरों तक नहीं पहुंच जाते, तब तक किसी छूट पर सरकार का ध्यान ही नहीं है। जब तक मजदूर, छात्र सुरक्षित अपने घर तक नहीं पहुंच जाते, तब तक झारखंड में लॉकडाउन यथावत रहेगा। सरकार का स्पष्ट निर्णय है कि छात्रों और मजदूरों से किराया नहीं लिया जाएगा।



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The rhetoric kept going ... The Railways recovered 31 lakh rupees from 3529 workers who returned from Kerala-Bengaluru to Jharkhand. The rent




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कोरोना से लड़ रहे निगम कर्मियों का भी होगा ~50 लाख का बीमा

कोरोना संकट में जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ-साथ अब शहरी नगर निकाय कर्मियों को भी 50 लाख का जीवन बीमा कर दिया गया है। यह 30 मार्च से लागू है और 30 जून तक प्रभावी रहेगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने इस संबंध में सोमवार को राज्य के सभी डीसी और सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना के तहत कोरोना की रोकथाम और इलाज में लगे लगभग 22.12 लाख सरकारी, निजी और अनुबंध पर काम कर रहे लोग दायरे में आएंगे। महामारी से लड़ने वाले और उसे खत्म करने में इन कर्मचारियों की भूमिका काफी अहम है। ऐसे में उनके मन में सुरक्षा की भावना आए और वे इस लड़ाई में उठा रहे जोखिम और किसी अनहोनी के प्रति पारिवारिक रूप से असुरक्षा के घेरे से दूर रहे, इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. कुलकर्णी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस संबंध में पत्र मिला है। इसमें कोरोना संकट से लड़ रहे कर्मचारियों के लिए 50 लाख रुपए का जीवन बीमा करने की बात कही गई है।

ये निजी-सरकारी कर्मी आएंगे दायरे में
सरकारी स्वास्थ्य प्रदाता, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी, निजी अस्पताल कर्मी, सेवानिवृत्त स्वैच्छिक कर्मी, स्थानीय शहरी निकाय, 108 एंबुलेंस कर्मी, अनुबंध कर्मी, दैनिक मजदूर, एडहॉक, आउटसोर्सिंग कर्मचारी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और यूएनडीपी के कर्मचारी।



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छात्राें काे अवसाद से बचाने काे काउंसिलिंग सेल में ऐसे भी सवाल-ब्रेकअप हो गया है, मर जाऊंगा... क्या करूं?

कोरोना को लेकर यूनिवर्सिटीज और कॉलेज बंद हैं। लंबे समय से शिक्षण संस्थान बंद रहने के कारण छात्र अवसाद में न चले जाएं, इसलिए उनका हौसला बढ़ाने के लिए रांची यूनिवर्सिटी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (डीएसपीएमयू) में काउंसिलिंग सेल बनाया गया। लेकिन सेल के सदस्यों को लॉकडाउन में पढ़ाई के अलावा निजी समस्याओं का हल भी बताना पड़ रहा है। स्नातक के एक स्टूडेंट ने रोते हुए काउंसलर डॉ. आभा एक्का को फोन किया। कहा- जिससे मैं प्यार करता था, उससे ब्रेकअप हो गया, अब मैं जिंदा नहीं रह सकता, मर जाऊंगा। क्या करूं? आभा बोलीं कि पहले रोना बंद करें, पूरी बात बताएं। 70 मिनट की बातचीत के बाद कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ऑफिस आएं। वहीं, एक स्टूडेंट ने खुशी से पूछा कि परीक्षा लिये बिना ही रिजल्ट जारी हाेगा ना...। तब उसे बताया गया कि साेशल मीडिया में गलत जानकारी चल रही है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। विवि की वेबसाइट देखते रहें। वहीं सही जानकारी मिलेगी।

थानेदार ने पूछा- कोरोना को लेकर डिप्रेशन में हूं, इससे कैसे बचूं...?
काउंसलर डॉ. शशि प्रसाद ने बताया कि एक थानेदार ने फोन कर पूछा कि कोरोना को लेकर मैं डिप्रेशन में हूं, इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए। जवाब में बताया कि चिंतित होने की जरूरत नहीं है। सुरक्षा मानकों का पालन करें। काउंसलरों का कहना है कि डिप्रेशन से संबंधित अधिक कॉल आ रहे हैं।

मेरे मां-पिता ताे भूखे नहीं साेते हाेंगे...?
रिमांड होम के बच्चाें ने भी अपने वार्डन के माध्यम से काउंसलर डॉ. आभा से कई सवाल पूछे। एक बच्चे का सवाल था कि लॉकडाउन में मेरे मां-पिता को खाना मिलता होगा या भूखे सो जाते होंगें? पढ़ाई की तैयारी कैसे करें? मन नहीं लग रहा है? काउंसलर ने प्रश्नों के जवाब दिए। वार्डन ने बताया कि रिमांड होम की काउंसलर अभी नहीं आ रही हैं।

भूखा हूं, पैसे नहीं... और पहुंच गया राशन
काउंसलर सेल के को-ऑर्डिनेटर मनोवैज्ञानिक सह जेपीएससी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. परवेज हसन हैं। इन्हें स्टूडेंट्स, कामकाजी लोग समेत कई लोगों के फोन आ रहे हैं। मोरहाबादी और बरियातू से अलग-अलग दो कॉल आए। लॉकडाउन में काम नहीं मिल रहा है। भूखा हूं, पैसे नहीं हैं। दोनों का पता लिया गया और उनके घर राशन भेज दिया गया।



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कंटेनमेंट जोन हिंदपीढ़ी के 2 चेहरे: सन्नाटे की गलियां या सड़कों पर मेला...फैसला करें आप

रांची पुलिस ने सोमवार को कंटेनमेंट जोन हिंदपीढ़ी की एक तस्वीर जारी की। इसमें कुर्बान चौक सीआरपीएफ के जवानों के साये में है और गलियां सुनसान हैं। कंटेनमेंट जोन की यही तस्वीर होनी चाहिए। पर, उसी हिंदपीढ़ी के सेंट्रल स्ट्रीट की तस्वीर दैनिक भास्कर के फोटो जर्नलिस्ट ने भी दोपहर दो बजे खींची। उसमें मेला सा नजारा है। दोनों तस्वीरें रांची की जनता की अदालत में है। फैसला आपका है...क्योंकि एक इलाके के दो चेहरे नहीं हो सकते। कंटेनमेंट जोन का तो एक ही चेहरा होना चाहिए। घरों में लोग और सुनसान गलियां-बाजार। जबकि रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता का कहना है कि सोमवार को दिन भर सीआरपीएफ के जवानों के साथ रांची पुलिस यहां गलियों और मोहल्लों में गश्त करती रही। जवान नाला रोड, ग्वालाटोली रोड, तिवारी स्ट्रीट, सेंट्रल स्ट्रीट, लाह फैक्ट्री रोड, नूर नगर, निजाम नगर, खेत मोहल्ला, मोती मस्जिद समेत अन्य जगहों पर घूमते रहे और उनकी सख्ती से लोग घरों में दुबके रहे।



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2 faces of the Containment Zone Hindpiri: Fair streets or fair on the streets ... decide you




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हिंदपीढ़ी में आरोग्य सेतु अनिवार्य, पर 89% लोगों ने नहीं किया डाउनलोड

केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने के लिए लांच किए गए आरोग्य सेतु ऐप को रांची जिला में अब तक 3,15,181 मोबाइल यूजर डाउनलोड कर चुके हैं। इस ऐप को सभी सार्वजनिक, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और कंटेनमेंट जोन के लिए अनिवार्य किया गया है। सोमवार को दैनिक भास्कर ने तीन कंटेनमेंट जोन के पास इस ऐप का रिएलिटी चेक किया। रतन टॉकिज चौक के समीप खड़े होने पर पता चला कि 500 मीटर के दायरे में 1173 यूजर्स ने ऐप डाउनलोड किया और 19 ने सेल्फ असेस्मेंट किया। 2 अस्वस्थ व किसी पॉजिटिव की सूचना ऐप ने नहीं दी।

जबकि, एक किमी के दायरे की जानकारी लेने पर पता चला कि 5158 ने ऐप डाउनलोड किया। 78 ने सेल्फ असेस्मेंट, 3 ने खुद को अस्वस्थ बताया। वहीं, एक कोरोना पॉजिटिव या हाई रिस्क वाले व्यक्ति की सूचना ऐप ने दी। रतन टॉकिज से एक किमी के दायरे में हिंदपीढ़ी का नाला रोड और कुर्बान चौक आता है, जहां से अबतक 58 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इधर, कांटाटोली में नेताजी नगर के पास खड़े होने पर ऐप से जानकारी मिली कि 500 मीटर के दायरे में कुल 948 यूजर्स ने इसे डाउनलोड किया है। एक भी पॉजिटिव नहीं है। भुइयां टोली में भी एक भी पाॅजिटिव नहीं मिला। जबकि यहां एक-एक कोरोना पॉजिटिव मिला है।

बॉडीगार्ड की तरह काम करता है आरोग्य सेतु

  • इस ऐप को प्ले-स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है
  • इसके लिए मोबाइल में लोकेशन ब्लूटूथ और डाटा होना जरूरी है।
  • अपने मोबाइल नंबर पर इसे रजिस्टर करते हुए सेल्फ असेस्मेंट करना होता है
  • आरोग्य सेतु हिंदी और अंग्रेजी सहित 11 भाषाओं में उपलब्ध है।
  • 500 मी. से लेकर अपने आसपास के 10 किमी तक के एरिया की ले सकते हैं जानकारी
  • आसपास के कितने लोगों ने किया डाउनलोड, कितनों ने स्वास्थ्य परीक्षण किया, कितने खुद को अस्वस्थ बताए।
  • ब्लू टूथ व लोकेशन ऑन रहने पर आसपास के कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की भी मिलती है जानकारी।
  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में इस ऐप की मदद से यह जानकारी ली जा सकती है कि आसपास में कोई पॉजिटिव व्यक्ति है क्या।

5 हजार लोग रोज कर रहे रांची जिले में ऐप डाउनलोड

ऐप डाउनलोड कराने को लेकर कंट्रोल रूम व सीएससी (प्रज्ञा केंद्र) का भी सहयोग लिया जा रहा है। सेंसेक्स 2011 के अनुसार जिले की आबादी 29,14,253 है। 90 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल उपलब्ध माना जाता है। शिवचरण बनर्जी (जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी) के अनुसार प्रत्येक दिन रांची में 4-5 हजार मोबाइल यूजर इस ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं।

रांची में सूची बनाने के बाद कराया जा रहा डाउनलोड

कोई पॉजिटिव मिलता है तो ट्रेसिंग के दौरान डायरेक्ट व इनडायरेक्ट संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार कर उनकी जांच कराई जा रही है। इसके साथ जिला के कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर 1950 से उन व्यक्तियों को मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है। जिला में 2133 लोग जो होम क्वारेंटाइन थे उन्हें ऐप डाउनलोड कराया गया।



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Arogya bridge is mandatory in Hindpiri, but 89% people did not download




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झारखंड साैभाग्यशाली, खेती अच्छी नीतियां सही रहीं ताे तेजी से पटरी पर लाैटेगी अर्थव्यवस्था

लाॅकडाउन के बाद झारखंड की स्थिति कैसी हाेगी। सरकार की काैन सी नीतियां झारखंडवासियों काे संकट के दाैर से उबारने में सहायक हाेंगी, इस पर दैनिक भास्कर आज से सीरीज शुरू कर रहा है। इसमें आप अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों से जानेंगे कि कैसे कोरोनाकाल के बाद विकास के नए युग की शुरुआत होगी। आज पढ़िए सीआईआई के झारखंड चैप्टर के चेयरमैन संजय सभरमल के विचार...

काेराेना महामारी संकट में राहत की बात यह है कि इस साल देश और राज्य दाेनाें में अच्छी खेती हुई है। किसानाें के खेत में फसलें, सब्जियां तैयार हैं, सरकार इन्हें बाजार उपलब्ध कराने की कार्यवाही कर रही है। जरूरतमंद, गरीबाें और मजदूराें के खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं, यह सब तरीके सही प्रकार से जमीन पर उतरें, ताे लाॅकडाउन खत्म हाेते ही एक माह से बंद पड़ी इकाेनाॅमी के इंजन काे बहुत अच्छा स्टार्ट मिल सकता है। 70 प्रतिशत आम जनता के पास जब पैसे हाेंगे, तभी देश में डिमांड बनेगा और सारी उत्पादन प्रक्रिया, चाहे प्राेडक्शन हो या सर्विस, अपने पुराने अस्तित्व में आपाएंगी। इससे लाेगाें काे राेजगार मिलेगा, सरकारी खजाने काे पैसा। झारखंड उन चंद राज्याें में है जहां संक्रमण कम है। 24 में 9 जिलाें में ही संक्रमण पाया गया, वह भी मुख्यत: रांची तक सीमित है। ऐसे में सरकार की चुनाैती है कि संक्रमण काे कंट्राेल में रखे, जल्द लाॅकडाउन खाेले।
पर हां, लाॅकडाउन खाेलना जहां अत्यधिक जरूरी है, वहीं यह भी महत्वपूर्ण है कि साेशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित हाे, लाेगाें काे अासानी से मास्क, सेनिटाइजर, अस्पतालाें की सुविधाएं मिल पाएं, ऐसेनहीं हाेने पर खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में हर व्यक्ति या संस्थान काे सेल्फ डिसिप्लीन रखना हाेगा, सरकारी नियमाें का पूरा पालन करना हाेगा, डर से नहीं अपनी इच्छा से। लाॅकडाउन के बाद सरकार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। किसान-मजदूर हाें या बड़े उद्याेगपति सभी मुश्किल में हैं, वे जल्द से जल्द राहत चाहेंगे। ऐसे में सरकार काे अल्टरनेटिव मेकेनिज्म तैयार रखना हाेगा। जाे नीतियां बनें, वे जमीन तक पहुंचें, यह सुनिश्चित करना हाेगा।जैसे उन्हाेंने पंकज त्रिपाठी काे बताया

ये कदम हाे सकते हैं गेम चेंजर

  • सप्लाई चेन दुरुस्त हाे, उत्पादन के सभी कंपाेनेंट उपलब्ध हाेने पर ही उत्पादन शुरू हाे सकता है
  • स्टेक हाेल्डराें से बात कर सरकार व्यावहारिक नीति बनाए, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जाेर दिया जाए
  • नीतियां स्पष्ट और हर स्तर पर ठीक से कम्यूनिकेट हाें, सरकारी मशीनरी विभागाें से काॅपरेटिव एप्राेच रखे
  • किसानाें और जरुरतमंदाें पर फाेकस जरूरी, पर इंडस्ट्रीज काे भी इसी श्रेणी में रखा जाए।


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संजय सभरमल, चेयरमैन, सीआईआई झारखंड चैप्टर




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कोराेना संकट में ग्रामीण और प्रवासी श्रमिकों को राज्य में ही मिलेगा काम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन और उसके बाद श्रमिकों के लिए तीन योजनाएं सोमवार को शुरू कीं। कहा- बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के जरिए मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। इससे लाखों श्रमिकों को करीब 20 करोड़ रुपए पारिश्रमिक मिल सकेगा। कोरोना संकट से जूझ रहे झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने को लेकर ये योजनाएं काफी निर्णायक भूमिका निभाएंगी। प्रोजेक्ट भवन में योजनाओं की शुरुआत करते हुए हेमंत ने कहा कि संकट के इस दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ईमानदारी व तत्परता से काम करने की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। उनके नाम से योजना शुरू करने का उद्देश्य पीढ़यों को उनकी वीरता बतानी भी है।

जानिए इन 3 योजनाओं से कैसे मिलेगा फायदा
1. बिरसा हरित ग्राम : राज्य में 5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। 5 लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्‌टा दिया जाएगा। पौधे सुरक्षित रखने में पांच साल सहयोग किया जाएगा। बुजुर्गों और विधवाओं को प्राथमिकता। पौधारोपण के तीन साल बाद हर परिवार को 50 हजार रु. की वार्षिक आय की संभावना।

2. वीर शहीद पोटो हो खेल विकास : राज्यभर में 5000 खेल मैदान बनेंगे। युवक-युवतियों को मिलेगी खेल सामग्री। प्रखंड और जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र चलेंगे। खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में विशेष अारक्षण मिलेगा।

3. नीलांबर-पीतांबर जल सम़द्धि : जल संरक्षण की संरचनाएं बना खेत का पानी खेत में रोकने का लक्ष्य। वार्षिक जल संरक्षण क्षमता 5 लाख करोड़ लीटर की वृद्धि कर 5 लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्द्धन किया जाएगा।

कठिन हालात में प्रभावी योजनाएं लागू कर रहे : आलमगीर
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में विभाग प्रभावशाली योजनाएं लागू कर रहा है।सामाजिक दूरी बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास होगा। वहीं पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से पलायन का कलंक भी सरकार धो सकेगी।



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Rural and migrant workers will get work in the state in Korena crisis




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कोराेना संकट में ग्रामीण और प्रवासी श्रमिकों को राज्य में ही मिलेगा काम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन और उसके बाद श्रमिकों के लिए तीन योजनाएं सोमवार को शुरू कीं। कहा- बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के जरिए मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। इससे लाखों श्रमिकों को करीब 20 करोड़ रुपए पारिश्रमिक मिल सकेगा। कोरोना संकट से जूझ रहे झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने को लेकर ये योजनाएं काफी निर्णायक भूमिका निभाएंगी। प्रोजेक्ट भवन में योजनाओं की शुरुआत करते हुए हेमंत ने कहा कि संकट के इस दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ईमानदारी व तत्परता से काम करने की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। उनके नाम से योजना शुरू करने का उद्देश्य पीढ़यों को उनकी वीरता बतानी भी है।

जानिए इन 3 योजनाओं से कैसे मिलेगा फायदा
1. बिरसा हरित ग्राम : राज्य में 5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। 5 लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्‌टा दिया जाएगा। पौधे सुरक्षित रखने में पांच साल सहयोग किया जाएगा। बुजुर्गों और विधवाओं को प्राथमिकता। पौधारोपण के तीन साल बाद हर परिवार को 50 हजार रु. की वार्षिक आय की संभावना।

2. वीर शहीद पोटो हो खेल विकास : राज्यभर में 5000 खेल मैदान बनेंगे। युवक-युवतियों को मिलेगी खेल सामग्री। प्रखंड और जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र चलेंगे। खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में विशेष अारक्षण मिलेगा।

3. नीलांबर-पीतांबर जल सम़द्धि : जल संरक्षण की संरचनाएं बना खेत का पानी खेत में रोकने का लक्ष्य। वार्षिक जल संरक्षण क्षमता 5 लाख करोड़ लीटर की वृद्धि कर 5 लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्द्धन किया जाएगा।

कठिन हालात में प्रभावी योजनाएं लागू कर रहे : आलमगीर
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में विभाग प्रभावशाली योजनाएं लागू कर रहा है।सामाजिक दूरी बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास होगा। वहीं पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से पलायन का कलंक भी सरकार धो सकेगी।



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Rural and migrant workers will get work in the state in Korena crisis




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आंधी में आम चुनने गए 4 बच्चाें की ठनके से माैत

झारखंड में वज्रपात से चार बच्चाें की माैत हाे गई। वहीं, चार लाेग झुलस गए। साेमवार की सुबह 6.45 बजे माैसम बदला अाैर घना अंधेरा छा गया। अचानक तेज हवा के साथ बारिश हाेने लगी। पलामू में चैनपुर के खुरा खुर्द गांव के बच्चे आंधी में आम चुनने गए थे। इसी दाैरान ठनका गिरा। गांव के जगदीश उरांव के बेटे आकाश (12), बिगन उरांव की बेटी मोहिता (11) की मौत हो गई, जबकि जगदीश उरांव का बेटा रामू झुलस गया। उसे सदर अस्पताल मेदिनीनगर में भर्ती कराया गया है। खुरा कला गांव के वीरेंद्र ठाकुर के बेटे विकास ठाकुर (13) की भी वज्रपात से जान चली गई। सभी तीसरी अाैर चाैथी क्लास में पढ़ते थे। इधर, गुमला में भरनो प्रखंड के मारासिली अम्बेराटोली गांव में वज्रपात से बंधना उरांव के बेटे सूरज उरांव (12) की घटनास्थल पर मौत हो गई। वह सुबह 8 बजे अपने घर के पास खड़ा था, तभी बारिश होने लगी। इसी दाैरान वज्रपात हुआ और सूरज की माैत हाे गई। वह तीसरी क्लास का छात्र था। दूसरी अाेर, लातेहार के सोतम गांव में मंगरा तुरी के घर पर वज्रपात से आग लग गई। वहीं, गुमला में किस्काे में वज्रपात से शिव मंदिर का गुंबज क्षतिग्रस्त हाे गया।



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23 राज्यों के ऑनलाइन पोर्टल में 13 के एड्रेस गलत

अन्य राज्यों में अलग-अलग कारणों से लॉकडाउन में फंसे प्रवासी बिहारियों की आखिरी उम्मीद के रूप में रविवार को बिहार सरकार ने जिन 23 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के ऑनलाइन पोर्टल / वेबसाइट के लिंक की पुष्टि की, उनमें 13 एड्रेस बेकार हैं। सरकार की ओर से जारी चंडीगढ़ की साइट पर प्रवासियों के लिए कोई लिंक नहीं है, जबकि दिल्ली के लिए जारी दिल्ली पुलिस की साइट पर एनसीआर के वाहन पास की ही व्यवस्था है। गुजरात, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, राजस्थान और यूपी में फंसे बिहारियों के लिए जारी वेब एड्रेस पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। उड़ीसा और कर्नाटक की साइट पर होगी भी तो स्थानीय भाषा लिपि समझना संभव नहीं है। केरल का ऑनलाइन पता वहां लौटने वालों के लिए हैं। लद्दाख की साइट पर भी वाहन पास ही संभव है। महाराष्ट्र वाले पर कोरोना के सर्वे की व्यवस्था है। तेलंगाना का ऑनलाइन एड्रेस अत्यधिक दबाव के कारण ठप है। यह साइट सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू होगी। अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तामिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के ऑनलाइन पते सही निकले।

10 पतों पर ढूंढ़ने से मिला लिंक, ऐसे दो और लिंक मिले

पड़ताल में 13 ऑनलाइन पते पर प्रवासी झारखंडियों के लिए कोई सुविधा नहीं

मुसीबत : झारखंड में फंसे प्रवासी मजदूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं

सभी राज्यों की सरकारें अपने प्रवासी मजदूरों को बुला रही हैं। इसके लिए विशेष श्रमिक ट्रेनें भी चल रही हैं। लेकिन कई ऐसे भी प्रवासी मजदूर हैं, जो झारखंड में काम करने आए थे और लॉकडाउन में यहां फंस गए हैं। अब ना तो अपने राज्य लौट पा रहे हैं और ना ही यहां इन्हें सुविधा मिल रही है। रांची में ही ऐसे हजारों मजदूर हैं। अब ये लोग जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें भी वापस भेजने का इंतजाम किया जाए। सरकार का दावा है कि थानों में प्रवासी लोगों के खाने की व्यवस्था है, लेकिन हकीकत यह है कि पुलिस प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य लौट जाने की सलाह दे रही है।
भोपाल से छह माह पहले कमाने के लिए रांची आए थे... स्टेशन रोड स्थित एक होटल में छोटे-छोटे बच्चों के साथ 32 लोग पिछले 40 दिनों से फंसे हुए हैं। ये लोग भोपाल के रोनाया गांव के रहने वाले हैं। छह माह पहले कमाने के लिए रांची आए थे। यहां लोहे के औजार बनाकर बेचते थे। इन्हें जिस दिन लौटना था, उसी दिन पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। अब इनके सब्र का बांध टूट गया है। अपने गांव लौटने के लिए मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं।



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Address of 13 in 23 state online portals incorrect