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गोद में बच्ची लेकर कोरोना से जंग में उतरी सिपाही; बोली- सीएम अपने पिता के दाह संस्कार में नहीं गए, हम घर कैसे बैठ जाएं

कोरोनावायरस की त्रासदी से भले ही पूरी दुनिया परेशान है, लेकिन इस महामारी ने न सिर्फ हमारी आदतों में बदलाव किया है, बल्कि पुलिस के प्रति जो आमजन के मन मस्तिष्क पर निगेटिव इमेज थी, वह भी बदली है। ऐसे में बाराबंकी से एक तस्वीर सामने आई है, जो पुलिसकर्मियों का सम्मान और बढ़ाती है। यहां एक महिला सिपाही अपनी नन्ही बच्ची को गोद में लेकर ड्यूटी करती है। सिपाही ने कहा- जब हमारे मुख्यमंत्री अपने पिता के अंतिम संस्कार में सिर्फ इसलिए नहीं जाते कि, उन्हें अपनी जिम्मेदारियां बड़ी लगती हैं तो हम उनके सिपाही हैं, हम अपनी बच्ची की देखरेख का बहाना बनाकर घर नहीं बैठ सकते हैं।

बच्ची को लेकर ड्यूटी कर रही महिला पुलिसकर्मी प्रीती तिवारी ने बताया कि उनकी महिला थाने पर तैनाती है। परिवार से दूर रहने के कारण बच्ची की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। उनकी ड्यूटी इन दिनों जिला मुख्यालय पर है। वे घरों से बाहर निकलने वालों को लॉकडाउन का पालन करने की सीख देती हैं। साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखने की बात बताती हैं। विषम परिस्थिति में ड्यूटी करने को लेकर पुलिस अफसरों ने भी प्रीती की सराहना की है।


प्रीती से पूछा गया कि, आप तो बच्ची की देखभाल के लिए छुट्टी लेकर घर बैठ सकती हैं तो उन्होंने कहा- जब हमारे मुख्यमंत्री अपने पिता के अन्तिम संस्कार में अपना फर्ज निभाने की वजह से शामिल नहीं होते है तो हम तो छोटे से पुलिसकर्मी हैं और हमारी जिम्मेदारी उनके मुकाबले काफी कम है। ऐसे में हम अपना फर्ज निभाने के लिए अपनी बच्ची का बहाना कैसे करें। इसी बात से प्रेरणा लेकर वह अपनी छोटी बच्ची को साथ में लेकर अपना कर्तव्य निभा रही हैं।



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कोरोना वैश्विक महामारी के खतरे के बीच अपनी बच्ची को गोद में लेकर ड्यूटी करतीं प्रीती।




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यहां लॉकडाउन में जनसंख्या बढ़ोत्तरी बन न जाए मुसीबत; इसके लिए प्रशासन गांव-गांव बंटवा रहा परिवार नियोजन किट

समूचे देश में कोरोनावायरस की चेन तोड़ने के लिए जारी लॉकडाउन फेज 2 का आज 10वां दिन है, जो तीन मई तक प्रभावी रहेगा। इससे पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का फेज वन था। ऐसे में लोग घरों में कैद हैं, बाहर निकलने पर उन एफआईआर दर्ज हो रही है। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्रों पर भी है। इस बीच उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में प्रशासन को जनसंख्या बढ़ने की चिंता सताने लगी है। स्वास्थ्य विभाग गांव-गांव गर्भनिरोधक गोलियां व परिवार नियोजन के किट बांट रहा है। स्वास्थ्य महकमे का मानना है कि, इस लॉकडाउन के बाद जनसंख्या में अचानक इजाफा हो सकता है। अब तक 30 हजार कंडोम बांटे जा चुके हैं।

रोजी रोटी छिनने से लोग घरों में बैठे

पूरे देश में कोरोना वायरस से फैली महामारी से जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है। लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। गैर राज्यों में कमाने वाले श्रमिक, कामगार व मजदूर अपने घरों को लौट आए हैं। ऐसे में बलिया में जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को जनसंख्या नियंत्रण का सबक देने के लिए अभियान शुरू किया है। ऐसे में गांव-गांव परिवार नियोजन के सभी संसाधन लोगों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आशा कार्यकत्रियां महिलाओं को व हेल्थ वर्कर पुरुषों को मुफ्त में गर्भनिरोधक संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं।

अचानक जनसंख्या में हो सकता है इजाफा
एसीएमओ डॉक्टर वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि, लॉकडाउन में परिवार के साथ लोग घरों में हैं। ऐसे में उनके मनोरंजन के साधन घर पर ही है। इसके लिए एक अभियान चलाकर आशा व स्वास्थ्य वर्कर के जरिए लोगों को परिवार नियोजन के उपाय बताए जा रहे हैं। गर्भ निरोधक गोलियां व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के बारें में भी समझाया जा रहा है। क्या लॉकडाउन के बाद अचानक जनसंख्या वृद्धि हो सकती है अगर न दिया जाए तो? इस सवाल के जवाब में एसीएमओ ने कहा- हमारी जनसंख्या अचानक वृद्धि न कर जाए इसके लिए साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।



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एसीएमओ डॉक्टर वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि, लॉकडाउन में परिवार के साथ लोग घरों में हैं। ऐसे में उनके मनोरंजन के साधन घर पर ही है। इसके लिए एक अभियान चलाकर आशा व स्वास्थ्य वर्कर के जरिए लोगों को परिवार नियोजन के उपाय बताए जा रहे हैं।




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मथुरा में हरिकथा ऑनलाइन, काशी की गंगा आरती की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग; पर अयोध्या में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं

(अमित मुखर्जी/रवि श्रीवास्तव) उत्तर प्रदेश के 3 धार्मिक शहर मथुरा, काशी और अयोध्या लॉकडाउन की वजह से सूने पड़े हैं। इन शहरों में हर रोज करीब दो लाख श्रद्धालु आते थे। लॉकडाउन के इस दौर में जब लोगों के घरों से बाहर निकलने की मनाही है और मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं, ऐसे में पूजा-अर्चना की व्यवस्था हाईटेक हो गई है। मथुरा में हरिकथा ऑनलाइन हो रही है। वारणसी की गंगा आरती देखने के लिए लोग वॉट्सऐप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे हैं। राम जन्मभूमि अयोध्या में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए श्रद्धालु आरती और भोग जैसे अनुष्ठानों के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

मथुरा: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आस्था, जरूरत के हिसाब से अपडेट हुए धर्माचार्य
मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान और वृन्दावन में बांके बिहारी के दर्शन के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। लॉकडाउन के समय यहां के धर्माचार्य भगवान की आरती हर रोज कर रहे हैं,लेकिन अब भक्तों की भीड़ नहीं होती है। मथुरा के धर्माचार्यों ने इसके लिए सत्संग का तरीका निकाला है। धर्माचार्य फेसबुक, यूट्यूब, वॉट्सऐप और फेसबुक लाइव के माध्यम से श्रीहरि कथा का सुना रहे हैं। धर्माचार्य नकारात्मकता की तरफ बढ़ रहे लोगों के भी सवालों का जवाब दे रहे हैं। लॉकडाउन में ज्यादातर लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और धर्माचार्यों ने इस लिहाज से खुद को भी पूरी तरह अपडेट कर लिया है। सोशल नेटवर्किंग के द्वारा भक्तों को कनेक्ट किया जाने लगा। धर्माचार्य मानते हैं कि धर्म भारतीय की जीवन धुरी है। इसके माध्यम से समाज को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। ऐसे समय में जब माहौल नकारात्मक हो रहा है, तब भगवद कथा ही सार्थक प्रयास है। वहीं,बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश चंद्र कहते हैं कि मंदिर में पहले से ही कैमरा ले जाना मना है। यह परंपरा बरसों से चली आ रही है। ऐसे में हम कोई नई परंपरा नही डालना चाहते हैं। यहां रोज की तरह बांके जी की आरती और सेवा हो रही है। बस भक्तों को लगने वाली भीड़ ही नही है।

मथुरा में ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था होने के बाद लोग धर्माचार्यों के निर्देशों पर घरों में ही अनुष्ठान संपन्न कर रहे हैं।

काशी: विश्वनाथ के ऑनलाइन दर्शन, पूजा विधि भी ऑनलाइन बता रहे पुजारी
लॉकडाउन की वजह से काशी में सभी मंदिर बंद हैं। कुछ मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन-पूजन भी कराया जा रहा है। अनुष्ठान को संक्षिप्त करके वॉट्सएप या फेसबुक के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती को गंगा सेवा निधि रोज फेसबुक से लाइव कर रहा है। बटुक भैरव मंदिर के महंत जितेंद्र मोहन पुरी ने बताया कि भक्तों का ऑनलाइन संकल्प लिया जा रहा है। अनुष्ठान और बाबा का दर्शन-पूजन लाइव करा दिया जा रहा है, क्योंकि मंदिर का मुख्य द्वार लॉकडाउन में बंद है। गंगा सेवा निधि द्वारा एक ब्राह्मण रोज गंगा आरती और पूजन करता है। इसको ऑनलाइन भक्तों तक पहुंचाया जाता है। बहुत से लोग कुंडली और ग्रहों को लेकर सवाल करते हैं। पूजन, मन्त्रों और अनुष्ठानों के बारे में भी भक्तों को ऑनलाइन जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर लाइव दर्शन पर बाबा भोलेनाथ के दर्शन कोई भी दुनिया के किसी भी हिस्से से कर सकता है।

काशी के बटुक भैरव मंदिर के महंत जितेंद्र मोहन (बाएं से पहले) एक अनुष्ठान की लाइव स्ट्रीमिंग करते हुए।

अयोध्या: ऑनलाइन व्यवस्थाभी नहीं
लॉकडाउन के दौरान पिछले 3 हफ्ते से अयोध्या के मंदिर श्रद्धालुओं से पूरी तरह से कट गए हैं। यहां पर आरती, पूजा और भोग के अनुष्ठान मंदिर के अंदर ही हो रहे हैं, लेकिन उनको श्रद्धालु देख नहीं पा रहे हैं। इसके प्रसारण की कोई ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है। राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के नए अस्थाई मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि लॉकडाउन कब तक चलेगा कुछ कहा नही जा सकता। ऐसे में जहां ऑनलाइन से सारे काम हो रहे हैं वहीं रामलला के दर्शन व आरती का भी ऑनलाइन प्रसारण किया जाना चाहिए। पुजारी ने बताया कि इसके लिए उन्होंने श्रीराम जन्म भूमितीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियो से बात की है। ट्रस्ट इसकी व्यवस्था बना रहा है। कनक भवन, हनुमानगढी मंदिर की आरती को फेसबुक पर कभी कभी श्रद्धालुओं द्वारा लाइव की जातीहै। लेकिन मंदिर की व्यवस्था में इसका नियमित व अधिकृत प्रसारण नहीं किया जाता। वहीं, राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक, जल्द ही ट्रस्ट की वेबसाइट, फेसबुक व ट्वीटर अकाउंट तैयार हो जाएगा। इसके लिए प्रोफेशनल कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। जैसे ही ट्रस्ट की वेबसाइट लांच होगी उसी पर रामलला मंदिर की आरती भजन व अन्य अनुष्ठानों का प्रसारण शुरू कर दिया जाएगा। इसमें अब ज्यादा समय नही लगेगा।

धार्मिक अनुष्ठानों के प्रसारण के लिए पोर्टल बने- वेदांती
वशिष्ठ भवन मंदिर के महंत और प्रमुख संत डॉ. राम विलास वेदांती ने मांग की है किप्रशासन अयोध्या के मंदिरों के धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम का भी एक पोर्टल तैयार करे। इससे श्रद्धालुओं तक ऑनलाइन अनुष्ठानों का प्रसारण हो। वेदांती ने कहा कि रामनवमी से अब तक पर्व और त्योहार लॉकडाउन के चलते श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं। पुजारी और साधु ही इन्हें संपन्न कर रहे हैं। हनुमानगढ़ी, कनक भवन जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों का दर्शन करने वाले लोग पूजा-अर्चना नहीं देख पा रहे हैं।

छोटे मंदिरों में संतों-साधुओं के सामने मुश्किल
डॉ. वेदांती ने कहा कि अयोध्या में करीब 4000 छोटे मंदिर हैं, यहां भंडारा और साधुओं के भोजन और रहने का खर्च त्योहारों, धार्मिक मौकों, मेलों जैसे आयोजनों में चढ़ने वाले चढ़ावे से पूरा हो पाता है। लॉकडाउन के चलते यह सब बंद हो गया है। साधु-संतों के सामने खाने का संकट है। प्रशासन को मदद करनी चाहिए। जानकी महल, हनुमानगढ़ी, मणिराम छावनी, राम वल्लभाकुंज जैसे बड़े मंदिरों में भंडारे की व्यवस्था चल रही है। ये मठ-मंदिर अपने बल पर भंडारे की व्यवस्था करने में सक्षम हैं।
विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने बताया की जिन मंदिरों में पुजारियों के लिए आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हुई है, उनके खाते में हर महीने 1000 रुपए भेजे जा रहे हैं। ऐसे करीब 200 मंदिर हैं।

अयोध्या में यह सरयू का घाट है। आमतौर पर यहां स्नान और पूजन करने वालों की हमेशा भीड़ रहती है। पर अभी लॉकडाउन के चलते सन्नाटा है।


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ये तस्वीर काशी में विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की है। यहां जनता कर्फ्यू के बाद से ही गंगा आरती को प्रशासन ने संक्षिप्त कर दिया था। सिर्फ धर्माचार्यों द्वारा ही आरती कार्यक्रम संपन्न किया जाता है। इसे अब ऑनलाइन दिखाया जा रहा है।




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तब्लीगी जमात से लौटे इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफसर शाहिद सस्पेंड; महामारी एक्ट में पुलिस ने भेजा था जेल

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से लौटे विदेशी जमातियों को शरण देने व बार बार चेतावनी के बाद भी जानकारी छिपाने के आरोपी इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉक्टर मोहम्मद शाहिद को सस्पेंड कर दिया गया है। प्रोफसर खुद भी जमात में शामिल हुए थे। उनके खिलाफ प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने महामारी एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और उन्हें जेल भी भेज दिया था। इसके साथ ही खूफिया एजेंसियां भी उनका ब्यौरा जुटा रही हैं।

1988 में मिली थी नियुक्ति, 21 अप्रैल से निलंबन प्रभावी
मूलरूप से मऊ जनपद के दक्षिण टोला कोतवाली स्थित बुलाकी का पूरा निवासी प्रोफेसर शाहद वर्ष 1988 में इविवि के राजनीति विज्ञान विभाग में लेक्चरर नियुक्त हुए। 2003 में जेएनयू से पीएचडी की उपाधि हासिल करने के बाद 2004 में वह रीडर के पद पर पदोन्नत हुए। 2015 में प्रोफेसर नियुक्त किए गए। एएमयू, जेएनयू और जम्मू विवि में इनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। वहां के शिक्षकों को अक्सर वह बुलाते भी थे। प्रो. शाहिद के बड़े भाई प्रो. एसए अंसारी इविवि में वाणिज्य विभाग में और भांजा डॉ. कासिफ उर्दू विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। वर्तमान में शाहिद प्रयागराज के अस्थायी जेल में 16 विदेशी जमातियों समेत 29 लोगों के साथ बन्द हैं। इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अनुसार उनका ये निलंबन 21 अप्रैल से प्रभावी माना जाएगा।

प्रोफसर की सिफारिश पर जमातियों को मस्जिद में मिली थी शरण
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद पिछले महीने नई दिल्ली में हुई जमात में शामिल हुए थे। जमात से लौटने के बाद वह कई दिन यूनिवर्सिटी गए थे। दो दिन में उन्होंने तकरीबन साढ़े तीन सौ स्टूडेंट्स की परीक्षा भी ली थी। इसके अलावा वह कई शिक्षकों, कर्मचारियों और बाहरी लोगों से भी मिले थे। सरकार और प्रशासन की अपील के बावजूद प्रोफेसर शाहिद ने जमात में शामिल होने की बात छिपाकर रखी थी। उन्हें 8 अप्रैल की रात को पुलिस ने घर से पकड़कर क्वारैंटाइन सेंटर भेजा था। शाहिद ने ही इंडोनेशिया से आए आठ विदेशी समेत नौ जमातियों को प्रयागराज की अब्दुल्ला मस्जिद में छिपकर रहने में मदद की थी। उनकी सिफारिश पर ही इन नौ जमातियों को मस्जिद में जगह मिली थी।



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पुलिस ने प्रोफेसर शाहिद को 8 अप्रैल की रात घर से पकड़कर क्वारैंटाइन सेंटर भेजा था। शाहिद ने ही इंडोनेशिया से आए आठ विदेशी समेत नौ जमातियों को प्रयागराज की अब्दुल्ला मस्जिद में छिपकर रहने में मदद की थी।




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रमजान मुबारक का चांद दिखा, माह-ए-रमजान कल से; मौलाना खालिद रशीद ने कहा- इफ्तार अपने घर पर करें

अल्लाह की इबादत का पाक महीना रमजान शनिवार से शुरू हो रहा है। इससे पहले शुक्रवार की शाम चांद कमेटियों ने रमजानुल मुबारक का चांद दिखाई देने का ऐलान किया। इसके बाद लोगों ने एक-दूसरे को माह-ए-रमजान की मुबारकबाद दी। कोरोनावायरस से बचाने के लिए और लॉकडाउन का पालन करने के लिए सभी सामाजिक दूरी बनाए रखी। लोग एक-दूसरे को फोन पर मुबारकबाद देते नजर आए।

लोग मुबारकबाद देते नजर आए

राजधानी लखनऊ के ऐशबाग स्थित ईदगाह में शुक्रवार शाम चांद देखने के लिए इंतजाम किए गए थे। मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल और इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी और इदार-ए-शरैया फरंगी महल के मौलाना अबुल इरफान फरंगी महली ने संयुक्त रूप से रमजानुल मुबारक का चांद दिखाई देने की पुष्टि की है। शाम करीब पौने सात बजे मौलानाओं की घोषणा के साथ ही लोग सेवई और खजूर की खरीदारी के लिए घर के पास की दुकानों पर नजर आए।

नमाज अदा करने के लिए पड़ोसियों को घर न बुलाएं
लॉकडाउन के बीच पड़ रहे रमजान में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से 16 बिन्दुओं की एक गाइडलाइन भी मुसलमानों के लिए जारी की गई है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी ने कहा- जो लोग मस्जिद में रहते हैं, वहीं नमाज अदा करें, मस्जिद में एक समय पर 5 लोग से अधिक न हो, घर पर नमाज अदा करने के लिए पड़ोसियों को न बुलाए, इफ्तार अपने घर पर करें, कोरोना वायरस खत्म होने की दुआ करें, गरीबों के लिए इफ्तारी उनके घर तक पहुंचाए, इफ्तार पार्टी करने के बजाए गरीबों को उसी पैसे से अनाज दें।

सहरी और इफ्तार का समय

  • शिया-खत्म-ए-सहर, सुबह 3:57 बजे, इफ्तार शाम 6:48 बजे
  • सुन्नी-खत्म-ए-सहर, सुबह 4:05 बजे, इफ्तार शाम 6:38 बजे


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मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने किया एलान- कल से शुरू होगा माह-ए-रमजान।




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जंगल से निकला हिरण नहर में गिरा, ग्रामीणों ने लॉकडाउन तोड़कर बचाई जान

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के थाना जाखलौन के बंदरगुढ़ागांव के पास एक हिरण नहर में जा गिरा। जब खेतों में काम करने वाले किसानों ने उसे बहते हुए देखा तो लोगों ने शोर मचाया। लॉकडाउन तोड़ काफी लोग जुट गए। इसी बीच कुछ युवकों ने नहर में कूदकर हिरण की जान बचा ली। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।

बंदरगुढा गांव जंगल के समीप है। जंगलों से निकलकर एक हिरण घूमते हुए बाहर आ गया। लेकिन, हिरण जाखलौन पंप कैनाल में पानी पीने के चक्कर में गिर गया। इसके बाद वह नहर से बाहर नहीं निकल पा रहा था। किसी ग्रामीण ने हिरण को पानी में बहता देखा तो इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। इसके बाद ग्रामीण लॉकडाउन तोड़ते हुए घरों से बाहर निकल आए। हिरण की जान बचाने के लिए कुछ लड़के नहर में कूद गए। हिरण को बाहर निकाला। कुछ देर तक हिरण सड़क पर बैठा रहा। ठीक होते ही जंगल की ओर चला गया।



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नहर से निकाला गया हिरण।




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सपा के ब्लाक प्रमुख ने भाजपा के जिला पंचायत सदस्य के घर में घुसकर की मारपीट

शहर के मोहल्ला तालाबपुरा में रहने वाले ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य के परिजन आपस में भिड़ गए। ब्लाक प्रमुख और उनके परिजनों ने जिला पंचायत सदस्य के घर में घुसकर उनके परिजनों के साथ मारपीट की। पुलिस ने सपा नेता ब्लाक प्रमुख कैलाश यादव व उनके दो भाइयों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।

जखौरा के ब्लाक प्रमुख कैलाश यादव के छोटे भाई राजू यादव की पत्नी नगर पालिका की पार्षद हैं। नगर पालिका के कर्मचारी दोपहर में मोहल्ला सैनिटाइज करने आए थे। आरोप है राजू ने भाजपा से जिला पंचायत बबीता यादव के घर को सैनिटाइज करने से मना कर दिया था। इसी बात पर दोनों परिवारों में तू-तू मैं-मैं हो गई। ब्लाक प्रमुख और उनके परिजनों ने जिला पंचायत सदस्य के घर में घुसकर मारपीट कर दी। जिला पंचायत सदस्य बबीता यादव के परिवार के तीन लोगों की हालत गंभीर है। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली है।



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ब्लाक प्रमुख और उनके दो भाइयों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।




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एक जैसी कहानी: पहले अफवाह उड़ती है, फिर भीड़ पीट-पीटकर मार डालती है; पकड़ाए आरोपी जमानत पर छूट जाते हैं

मॉब लिंचिंग। इस शब्द की चर्चा इसलिए, क्योंकि पिछले दिनों महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। इस मामले में 9 नाबालिगों समेत 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मॉब लिंचिंग शब्द पिछले 4-5 सालों से जब तक सुनने में आ जाता है। लेकिन, इसका इतिहास आजादी जितना पुराना है। 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ और भारत-पाकिस्तान दो अलग-अलग मुल्क बने, तब पहली बार मॉब लिंचिंग कहलाने वाली हिंसा का जन्म हुआ।
वह वक्त था जब कभी एक समुदाय की भीड़ दूसरे समुदाय के लोगों को मारती। तो कभी, भीड़ लोगों की जान लेती। इसके बाद 1984 के सिख दंगे, 2002 के गुजरात दंगे और हाल ही में दिल्ली में भड़की हिंसा। देखा जाए तो इन सभी के दौरान मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं।
पिछले 5-6 सालों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार देने की घटनाएं बेहद डरावनी होती गई हैं। कभी बच्चा चोरी तो कभी घर के किचन में बीफ रखे होने की अफवाह पर। बातें कहीं से शुरू होती हैं, आग की तरह गांव-मोहल्लों में फैल जाती हैं। फिर भड़काई भीड़ किसी व्यक्ति की जान ले लेती है। पुलिस कार्रवाई करती है, मामला दर्ज होता है और गिरफ्तारियां भी। अदालत के भीतर केस चलते हैं और आरोपी बाहर घूमते हैं।
कम से कम पिछले 5 साल में मॉब लिंचिंग के 5 सबसे डरावने और चर्चित केस में तो यही हुआ।

1) मोहम्मद अखलाक

क्या हुआ था : शाम को अफवाह फैली कि अखलाक और उसके परिवार ने गौमांस (बीफ) खाया है। इसके बाद 100 के करीब लोग रात 10 बजे अखलाक के घर पहुंच गए। उस समय अखलाक का परिवार सोने जा चुका था। भीड़ ने घर का दरवाजा तोड़ दिया और अखलाक और उसके बेटे दानिश को नींद से जगाकर घसीटते हुए घर से बाहर ले आई। भीड़ के हमले में अखलाक की मौत हो गई। जबकि, दानिश बुरी तरह घायल हो गया।
केस का क्या हुआ: 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके मुख्य आरोपी विशाल और शिवम हैं। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर हैं और मामला ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।
2) पहलू खान

क्या हुआ था : 55 साल के पहलू खान अपने दो बेटों समेत अन्य चार लोगों के साथ राजस्थान के जयपुर से गाय खरीदकर लौट रहे थे। तभी अलवर में भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक, पहलू खान ने भीड़ को बताया भी था कि, वे दूध के लिए गाय खरीद रहे हैं। इस घटना के दो दिन बाद यानी 3 अप्रैल को पहलू खान ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। इस हमले में उनके बेटे और अन्य भी जख्मी हो गए थे।
केस का क्या हुआ : इस मामले के 6 आरोपियों को अगस्त 2019 में अलवर की निचली अदालत ने बरी कर दिया था। 13 मार्च 2020 को इस मामले से जुड़े दो नाबालिगों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल के लिए सुधार गृह भेजने का फैसला दिया था।
3) डीसीपी मोहम्मद अयूब पंडित

क्या हुआ था : श्रीनगर की जामा मस्जिद के बाहर तैनात डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। हत्या के बाद उनके शव को पास ही के एक नाले में फेंक दिया था। घटना के वक्त डीएसपी पंडित पुलिस वर्दी में नहीं थे। मस्जिद के बाहर खड़े लोगों का आरोप था कि डीएसपी पंडित मस्जिद के बाहर तस्वीरें खींच रहे थे।
केस कहां पहुंचा : डीएसपी पंडित की हत्या की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। अभी तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस हमले के मास्टरमाइंड हिजबुलआतंकी साजिद अहमद गिल्कर को पुलिस ने 12 जुलाई 2017 को ही एनकाउंटर में मार दिया था।
4) सुबोध कुमार सिंह

क्या हुआ था : बुलंदशहर के महाव गांव के निवासियों का कहना था कि उनके खेत में करीब एक दर्जन गाय के कंकाल मिले हैं। इस खबर के फैलते ही आसपास के गांव वाले भी इकट्ठे हो गए। कुछ देर में 300 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने हाईवे के चिंगरावठी थाने को घेर लिया। भीड़ से फायरिंग भी हो रही थी। एक गोली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भी लगी। इसके साथ ही सुबोध कुमार सिंह पर एक शख्स ने कुल्हाड़ी से भी हमला किया था। अस्पताल ले जाने से पहले ही इंस्पेक्टर सुबोध की मौत हो गई।
केस का क्या हुआ : इस मामले में 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 5 लोगों को सुबोध कुमार सिंह की हत्या का आरोपी बनाया गया है। 38 में से 6 आरोपी साढ़े 7 महीने की सजा काटकर जमानत पर रिहा होकर 25 अगस्त 2019 को बाहर आ गए। 32 अभी भी जेल में हैं।
5) तबरेज अंसारी

क्या हुआ था : राजधानी रांची से 130 किमी दूर सराईकेला-खरसांवा जिले के धातकीडीह गांव में भीड़ ने चोरी का आरोप लगाते हुए तबरेज अंसारी की पिटाई की। अगले दिन 18 जून को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस दौरान तबीयत खराब होने से 22 जून को तबरेज की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें तबरेज की खंभे से बांधकर पिटाई की जा रही थी और उससे जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाए जा रहे थे।
केस का क्या हुआ : पिछले साल 18 सितंबर को 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ। 10 दिसंबर को इनमें से 6 आरोपियों को जमानत मिल गई। फिलहाल, मुख्य आरोपी समेत 5 आरोपी जेल में हैं।
इनपुट - आदित्य तिवारी, विष्णु शर्मा, ओम प्रताप सिंह।



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Mob Lynching Cases In India From 2015 To 2020 | From Palghar To Pehlu Khan Lynching, Mohammed Akhlaq, Subodh Kumar Singh




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पूर्व स्वास्थ्य कर्मचारी समेत परिवार के 5 लोगों के शव मिले, सुबह दूधवाला घर पहुंचा तो हुआ घटना का खुलासा

उत्तरप्रदेश के एटा जिले से सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहां एक ही परिवार के पांच लोग घर में मृत मिलने से सनसनी फैल गई। मृतकों में दो मासूम भी शामिल हैं। घटना का पता उस वक्त चला जब शनिवार की सुबह दूध वाला आया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह घटन आत्महत्या है या हत्या अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

एटा कोतवाली नगर के श्रृंगार नगर में पूर्व स्वास्थ्य अधिकारीराजेश्वर प्रसाद पचौरीका मकान है। शनिवार सुबह राजेश्वर प्रसाद पचौरी और उनके परिवार के चारलोग घर में मृत मिले। मृतकों में राजेश्वर प्रसाद पचौरी के अलावा उनकी पुत्रवधू दिव्या पचौरी, दिव्या की बहन बुलबुल, आठ साल का बेटा आरुष और एक साल का बेटा आरव शामिल है।

शवों को कब्जे में लेकर पुलिस ने शुरू की जांच

दिव्या पचौरी का पति दिवाकर पचौरी उत्तराखंड में एक दवा कंपनी में नौकरी करता है। घर पर यही पांच लोग थे।शनिवार की सुबह दूधिया दूध देने पहुंचा, काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला, इस पर उसने अंदर झांककर देखा तो वहां शव पड़े थे। एक ही परिवार के पांच लोगों के शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई।सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया- मृतक पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी के बेटे को पुलिस ने सूचना दे दी है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट होगी। पुलिस और फॉरेसिंक टीम घटनास्थल पर छानबीन कर रही है।



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एटा कोतवाली नगर के श्रृंगार नगर में पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी राजेश्वर प्रसाद पचौरी का मकान है। शनिवार सुबह राजेश्वर प्रसाद पचौरी और उनके परिवार के चार लोग घर में मृत मिले।




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24 घंटे में 37 कोरोना पॉजिटिव पाए गए, इनमें जमातियों के संपर्क में आए मदरसे के 23 छात्र शामिल; शहर में संक्रमितों की संख्या 144 पहुंची

कानपुर में बीते 24 घंटे में 37 कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की बेचैनी बढ़ गई है। हैरानी वाली बात है कि कुली बाजार हॉटस्पॉट एरिया से 28 संक्रमित पाए गए हैं। तब्लीगी जमातियों के संपर्क में रहे कुली बाजार के एक मदरसे से 23 छात्र संक्रमित मिले हैं। इसके साथ ही एक गर्भवती महिला और एक सिपाही समेत 37 लोगों की रिर्पोट पॉजिटिव आई है। शहर में संक्रमितों की संख्या 144 पहुंच गई है। जिसमें से 9 संक्रमितों को उपचार के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है और 3 की मौत हो चुकी है।

कुली बाजार का हॉटस्पॉट एरिया अब डेंजर जोन बन चुका है। शुक्रवार को कुली बाजार से ही 28 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने है। जिसमें जमातियों के संपर्क रहने वाले एक मदरसे के 23 छात्र संक्रमित पाए गए हैं। वहीं गुरूवार को कुली बाजार के मदरसे से 13 छात्र संक्रमित मिले थे। कुली बाजार हॉटस्पॉट एरिया से लगभग 80 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।

कुली बाजार में तैनात एक और सिपाही संक्रमित पाया गया है। कैंट थाना क्षेत्र के आवासीय परिसर में रहने वाला सिपाही अभियोजन कार्यालय में तैनात था। कचहरी बंद होने की वजह से उसकी ड्यूटी बाजार में लगाई गई थी। सिपाही का सैंपल लिया गया था शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट आई है। सिपाही को कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सिपाही के साथ रहने वाले परिवाजनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। इसके साथ ही सिपाही की ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही कैंट थाने को सील कर दिया गया है और आवासीय परिसर में बने 80 क्वार्टरों को सैनिटाइज किया जाएगा।

गर्भवती संक्रमित महिला को तलाशने में पुलिस के छूटे पसीने
कुली बाजार में रहने वाली गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। महिला और उसके पति का सैंपल लेने के बाद घर में ही क्वारैंटाइन कराया गया था । लेकिन महिला ने अपने पति के साथ रेलबाजार स्थित फेथफुलगंज चली गई थी। शुक्रवार को महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे कई घंटे तक तलाश करती रही।

दरअसल महिला के अधारकार्ड पर लिखे पते पर पुलिस पहुंची तो पता चला कि अधार कार्ड में लिखा पता गलत है। इसके साथ उसमें लिखा मोबाइल नंबर भी गलत था। किसी तरह से महिला का पता लगाते हुए पुलिस महिला के मायके पहुंच गई और उसे पकड़कर कोविड-19 हॉस्पिटल मे एडमिट कराया। महिला की ट्रेवल हिस्ट्री के अनुसार 85 लोग संपर्क में आए है।

23 हॉटस्पॉट एरिया
शहर में जितनी तेजी से संक्रमितों की संख्या बढती जा रही है। उसी तेजी के साथ शहर में हॉटस्पॉट एरिया भी बढते जा रहे हैं। बीते शुक्रवार को आई रिपोर्ट में चार नए हॉटस्पॉट एरिया घोषित किए गए हैं। जिसमें शौकतअली पार्क, मीरपुर कैंट, चमनगंज का प्रेमनगर और मन्नापुरवा का इलाका है, जहां बैरिकेडिंग लगाकर पूरे एरिया को सील कर दिया गया है।



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कानपुर में 37 नए मरीज सामने आए हैं। इसके बाद शहर में संक्रमितों की संख्या 144 पहुंच गई है। जिसमें से 9 संक्रमितों को उपचार के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।




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इंडो​नेशिया के 8 जमाती समेत 10 गिरफ्तार कर भेजे गए जेल, पॉजिटिव महिला ने बच्चे को दिया जन्म

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच जिले के सरधना कसबे की एक मस्जिद में पकड़े गए 9 विदेशी जमामितयों में से 8 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इनके साथ दो इनके ट्रांसलेटर भी जेल गए हैं, वह दोनों भारतीय हैं। इनके खिलाफ थाना सरधना में वीजा शर्तों का उल्लंघन और लॉकडाउन का पालन न करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं जिले में एक कोरोना पॉजिटिव महिला ने भी एक बच्चे को जन्म दिया है।

इंडोनेशिया के 9 जमाती और उनके साथ दो ट्रांसलेटर सरधना की एक मस्जिद में लॉकडाउन की शर्तों का उल्लघन करते हुए बिना सूचना दिये यहां मिले थे। इनकी जब जांच करायी गई तो एक विदेशी समेत दो में कोरोना पॉजिटिव मिला था। जिसके बाद कोरोना पॉजिटिव मिले जमाती को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था और बाकि को सुभारती अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में क्वारैंटाइन ​कर दिया गया था।

पुलिस के मुताबिक शु्क्रवार को सुभारती में भर्ती इन इंडोनिशेया के जमातियों का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा हो गया। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इन्हें गिरफ्तार कर सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में बनायी गई अस्थायी जेल भेज दिया गया। इंडोनेशिया के 9 विदेशी और 2 ट्रांस्लेटरों के खिलाफ सरधना थाने में वीजा शर्तो का उल्लंघन और लॉक डाउन का पालन न करने की धाराओं में मुकद्दमा दर्ज किया गया था।

कोरोना पॉजिटिव महिला ने बच्चे को जन्म दिया

मेरठ में कोरोना पॉजिटिव निकली महिला ने शनिवार को एक बच्चे को जन्म दिया।

वहीं, जिले में कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। बच्चा स्वस्थ्य है, फिलहाल उसे परिवार के लोगों को सौंप दिया गया है। हालांकि बच्चे को बिना जांच किये परिवार को सौंप दिये जाने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बच्चे की जांच पांच दिन बाद कराने की बात कही गई है।

कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला का इलाज मेडिकल अस्पताल के कोरोना वार्ड में चल रहा है। रूटीन चेकअप के दौरान एक निजी अस्पताल में जांच के बाद उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रजबन बाजार एरिया में रहने वाली इस महिला को भर्ती कर लिया गया था, जबकि उसके परिवार के लोगों को क्वारैंटाइन कर दिया था। परिवार के सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है।



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इंडो​नेशिया के 8 जमाती समेत 10 गिरफ्तार कर भेजे गए जेल भेज दिया गया। इन सभी लोगों पर विदेशी बीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप था।




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शहर में आज 10 और पॉजिटिव मामले सामने आए, अब तक संकमित मरीजों की संख्या पहुंची 358

आगरा में कोरोना वायरस का प्रकोप थम नहीं रहा है। शनिवार सुबह 10 और लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जिले में अब संक्रमितों की संख्या 358 हो गई है। अब तक आठ संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है और इनमें से 31 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं।वहीं आज 10 लोग और डिस्चार्ज किए जा सकते हैं। इनकी लगातार दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। उधर, ताजनगरी में कोरोना वायरस अब तक आठ लोगों की जान ले चुका है। 21 अप्रैल को एक सराफ और दूसरे 35 वर्षीय सेल्समैन की मौत हो गई। मौत के तीन दिन बाद शुक्रवार शाम को उनकी जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।


पुलिस लाइन में खाना बनाने वाला (फॉलोअर), कमला नगर का थोक दवा कारोबारी, एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर, वार्ड ब्वॉय और नर्स, लुहार गली का कपड़ा व्यापारी संक्रमित मिले हैं। फॉलोअर में कोरोना मिलने से पुलिस लाइन में हड़कंप मचा हुआ है। संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार हो रही है।

पुलिस लाइन में खाना बनाने वाला संक्रमित मिला

पुलिस में पहली बार कोई संक्रमित मिला है।इससे पहले हरीपर्वत थाना में संक्रमण की आशंका पैदा हुई थी, जब हवालात में रहा चोर संक्रमित मिला। लेकिन पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट निगेटिव आई।एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि फॉलोअर संक्रमित मिला है। उसके साथियों की जांच कराई जाएगी।एसएन मेडिकल कॉलेज में तीन जूनियर डॉक्टर पहले ही संक्रमित मिल चुके हैं। अब एक और मिला है। हालांकि उसका सैंपल मैनपुरी से लिया गया। वो सात दिन पहले एसएन से छुट्टी लेकर गया था। यहां वार्ड ब्वॉय और नर्स भी संक्रमित मिले हैं।पहले भी चार वार्ड ब्यॉय कोरोना पॅाजिटिव मिल चुके हैं। इनके संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटीन किया गया है।

अभी तक 30 लोग ठीक हुए
शहर में कोरोना के मरीज भले ही लगातार बढ़ रहे हों, लेकिन ठीक होने वाले मरीज भी बढ़ रहे हैं। अभी तक 30 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। खंदारी क्षेत्र के रहने वाले जूता कारोबारी और उनका मैनेजर उसकी पत्नी दिल्ली से ठीक होकर आए थे। चार मरीज जिला अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं। बाकी के मरीज एसएन मेडिकल कॉलेज से ठीक हुए हैं।



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आगरा में 10 और पॉजिटिव पाए जाने के बाद यहां कीसंख्या 358 तक पहुंच चुका है। आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नए इलाकों को सील किया जा रहा है।




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देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले उप्र से रिपोर्ट: लखनऊ में बाजार को 200 करोड़ का नुकसान, जकात का पैसा रमजान के पहले ही जरूरतमंदों में बांटा

देश में इस्लामदूसरा सबसे बड़ा धर्म है और मुसलमानों की सबसे ज्यादा आबादी उत्तरप्रदेश में है। मुसलमानों की बिरादरी और कौम में रमजाम की एक खास रौनक रहती है। अफसोस इस बार कोरोना के चलते वह मौजूद नहीं रहेगी।इस महीने के 9दिन लॉकडाउन में ही गुजरेंगे। दस दिन बाद क्या होगा ये भी कहना संभव नहीं। मस्जिदें बंद रहेंगी। इफ्तार की दावतों पर भी रोक होगी। रमजान का बाजार भी फीका ही रहेगा। अकेले राजधानी लखनऊ में ही 150 से 200 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।

लखनऊ में जकात के पैसों से जरूरतमंदों की मदद
मंदी के चलते बाजार की हालत पहले से ही बुरी है। हालांकि, रमजान में रौनक बढ़ा करती है, लेकिन अब वह भी लॉकडाउन की वजह से अधर में है। आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता के मुताबिक,राजधानी में पिछले साल पूरे रमजान में करीब 200 करोड़ का कारोबार हुआ था। इस बार भी यही उम्मीद थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से पहले जैसी रौनक शायद ही नजर आए।

जकात की रकम से लोग रमजान से पहले ही जरूरतमंदों को राशन मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं। लखनऊ के चौक में ही अनाज के दो कारोबारियों के यहां 4 लाख रुपए का ऑर्डर आ चुका है। अनाज व्यापारी मोहम्मद सईद बताते हैं कि जकात के पैसे से लोगों ने अभी से जरूरतमंदों की मदद शुरू कर दी है। मदद करने वालों की ओर से एक पर्ची उन्हें तो एक जरूरतमंद को दी जा रही है। दोनों पर्चियों का मिलान कर जरूरतमंद को 15 दिन का राशन मुहैया कराया जा रहा है।

मुर्तजा हुसैन रोड पर परचून कि दुकान करने वाले शब्बू बताते हैं कि ज्यादातर मदद करने वाले लोग ऐसे हैं, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते। हालांकि, वे राशन की पर्ची देने से पहले राशनकार्ड की कॉपी ले लेते हैं, ताकि एक आदमी दो या तीन बार पर्ची न ले जाए।

ये तस्वीर पिछले साल की है। रमजान के समय बाजारों में जमकर रौनक थी। लेकिन, इस बार ये सब देखने को नहीं मिलेगा।

आधी से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला रामपुर
रामपुर में 25 लाख की आबादी है। इनमें 55 फीसदी मुस्लिम हैं। यहां की जामा मस्जिद कमेटी ने जिला प्रशासन से रमजान के दिनों में कपड़ों, जूते-चप्पल और दूसरी जरूरी दुकानों को खोलने के लिए इंतजाम कराने की मांग की है। जिला इंतजामिया कमेटी को भी आइसोलेशन में रोजदारों के लिए विशेष प्रबंध कराने को कहा है। यहां रमजान का बाजार 7 से 10 करोड़ रुपए का है।

लॉकडाउन में लोग उधार भी नहीं दे रहे
सहारनपुर जनपद में 45 फीसद से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। सहारनपुर के व्यापारी नेता शैलेंद्र भूषण गुप्ता का कहना है कि रमजान इस बार व्यापारियों के लिए फीका ही साबित होने वाला है। लॉकडाउन की वजह से माल नहीं आ पा रहा है। जिन व्यापारियों ने पहले से ऑर्डर दे रखे हैं, उनका माल भी नहीं आ सका।

उन्होंने बताया कि पिछले साल रमजान में 11 करोड़ से ऊपर का कारोबार जनपद में हुआ था। इस साल लॉकडाउन होने की वजह से मार्केट बंद है। शौकीन अहमद का कहना है कि लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशान गरीब मजदूर वर्ग है। काम-धंधे बंद हैं। लॉकडाउन की वजह से लोग उधार भी नहीं दे रहे हैं। दरअसल, कोई भरोसा नहीं कि लॉकडाउन कितना लंबा चलेगा। उनके परिवार के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यही आ रही है कि पैसा न होने की वजह से वह रमजान की खरीदारी करेंगे भी तो कैसे।

मेरठ रेड जोन में, जल्द बाजार खुलने के आसार नहीं
35 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाला मेरठ कोरोना का रेड जोन इलाका है। यहां 80 से ज्यादा संक्रमित हैं। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रांतीय महामंत्री लोकेश अग्रवाल के मुतबाकि रमजान के दिनों में मेरठ में 30 से 40 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इस बार इसके लाखों में ही सिमटने के आसार दिख रहे हैं।

मेरठ में मुस्लिम आबादी में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं, जो इस समय सरकारी मदद के सहारे ही राशन या भोजन प्राप्त कर अपना और अपने परिवार का पेट भर रहे हैं, तो ऐसे में इफ्तार के लिए फल और मेवे का तो सवाल ही नहीं उठता। ऑटो चलाने वाले रहीस का कहना है कि एक महीने से घर में बैठे हैं। जो रुपये जोड़कर रखे थे, अब वह भी खत्म होने की कगार पर हैं। हम तो सब समझते हैं, लेकिन बच्चों को बहुत बेसब्री से इंतज़ार रहता है ईद का। उनको कैसे समझाएंगे।


इनपुट : लखनऊ से आदित्य तिवारी और रवि श्रीवास्तव, रामपुर से शन्नू खान, सहारनपुर से महेश कुमार शिवा, मुरादाबाद से सुशील सिंह।



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रमजान में बाजार में रौनक बढ़ा करती है। हालांकि, लोगों का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से पहले जैसी रौनक शायद ही नजर आए। -प्रतीकात्मक फोटो




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डेंजर जोन में फिर से आयी संगम नगरी: कोरोना पॉजिटिव मिले 3 युवकों संग 300 लोग क्वारैंनटाइन किए गए

प्रयागराज की यमुनापार इलाके में शंकरगढ़ थाने के तहत कपारी गांव में मिले दो कोरोना पॉजिटिव युवकों को कोटवा बनी लेवल-01 हॉस्पिटल में एडमिट कराने के बाद इलाकाई पुलिस ने कोरोना पॉजिटिव मिले युवक के के पिता स्वर्गीय अशोक मिश्रा के क्षौर कर्म में सम्मिलित होने वाले बालादीन पुत्र नंदलाल समेत 40 लोगों के खिलाफ शंकरगढ़ थाने में लाकडाउन उल्लंघन से संबंधित केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

दूसरी तरफ शंकरगढ़ के कपारी गांव से करीब 200 लोगों को हिरासत में लेकर शहर के कालिंदीपुरम और करेली स्थित वारंटी इन सेंटरों में भेज दिया गया है। तीसरे को रोना पॉजिटिव मिले शहर के शिवकुटी थाना अंतर्गत शंकर घाट निवासी युवक को भी कोटवा बनी हॉस्पिटल एडमिट करा दिया गया है और शंकर घाट एरिया को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है। इन दोनों को मुंबई से लेकर आए कौंधियारा के रहने वाले कार चालक और उसके परिवार के 8 लोगों समेत 75 लोगो को भी क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है। इनकी भी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। सभी को बसों और कार से अस्पताल भेजा गया है।

शंकरगढ़ में 2 दिनों तक बंद रहेंगी सभी दुकानें, तीन किमी तक का एरिया सील

एसडीएम बारा आईएएस सन्दीप भागिया ने कोरोना पॉजिटिव गांव कपारी के आस पास के तीन किमी एरिया का पूरा इलाका सील करा दिया है। शंकरगढ़ व शिवराजपुर की सभी दुकानें , मेडिकल स्टोर व किराना स्टोर व 3 किलोमीटर की परिधि में आने वाली सभी दुकानें 2 दिन तक बन्द रहेगी । किसी प्रकार की कोई भी दुकान नहीं खुलेगी। यदि कोई भी दुकानदार दुकान खोले पाया गया तो उसके खिलाफ दंडनात्मक कार्यवाही की जाएगी।


46 दिन बाद तीसरे पॉजिटिव युवक में दिखे कोरोना के लक्षण, 200 घर सील

शहर के शिवकुटी थाना अंतर्गत शंकर घाट में कोरोना पॉजिटिव मिला युवक वाराणसी से प्रयागराज आया था। उसका दावा है कि वह 4 मार्च को वाराणसी से प्रयागराज आ गया था। वहां पर वह एक प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी है। तब से उसमें कोई बीमारी के लक्षण नहीं थे। 46 दिन बाद प्रशासन ने जब इसकी जांच कराई तो वह कोरोना पॉजिटिव मिला। जिसके बाद से खलबली मच गई। प्रशासन ने उसके घर कार्यालय और सहकर्मियों को मिलाकर कुल 16 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया है। साथ ही शंकरघाट एरिया के 200 घरों को सीज कर दिया गया है और शुक्रवार देर रात सभी लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए।

डीएम भानु चंद्र गोस्वामी का कहना है कि अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा। हमारा पूरा ध्यान एरिया को संक्रमण से बचाने का है। कुछ गलियों कोशिश कर वहां जरूरी कार्रवाई की जा रही है। तीनों को अस्पताल भेज दिया गया है। उनके कांटेक्ट पुल को खंगाला जा रहा है।



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प्रयागराज एक बार फिर डेंजर जोन में आ गया है। यहां तीन मरीजों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद अब उनके सम्पर्क में आए करीब 300 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है।




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मॉर्निंग वॉक पर निकलने वालों को पुलिस ने कार्रवाई करने की हिदायत देकर छोड़ा, पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी बंद

उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच वाराणसी में लॉकडाउन फेज 2 के 11वें दिन भी लोग बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं। पुलिस की लाख सख्ती के बावजूद लोग सुबह बिना काम के ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे लोगों को पुलिस ने सख्त हिदायत देते हुए वापस भेजा।अब तक जिले में कुल 26 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं जिसमें 1 की मौत हो गयी है। इसमें 8 स्वस्थ हो गए हैं और 17 लोग भर्ती हैं। इनमें 5 लोग तब्लीगी जमात से जुड़े हुए हैं।

प्रतिबंध के बावजूद शहर के सबसे वीआईपी इलाके छावनी क्षेत्र में लोगो की भीड़ मॉर्निंग वॉक करने निकल रही थी।खांस बात कि अधिकारियों के परिवारो से भी लोग नासमझी में शामिल रहते थे। शनिवार सुबह जागरूक लोगो ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। पीआरबी और फैंटम दस्ता के विपिन शाहू और बबलू कुमार ने लोगों को घर की ओर जाने को कहा गया। पुलिस ने कहा कि बोला कल से कार्यवाही शुरू किया का उल्लंघन करने वालो को पुलिस ने शिक्षित होकर आप लोग खतरा बाट रहे है।

मडौली जिला सातवां हॉटस्पाट घोषित

वहीं पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा की मंडी सप्तसागर को 3 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।कल मड़ौली निवासी एक दवा कारोबारी कोरोना पॉजिटिव निकला है।डीएम कौशल राज ने बताया कि सैनिटाइजेशन किया जाएगा। मड़ौली इलाके को जिले का सातवां हॉट स्पॉट बना दिया गया है।जो लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये है,वो स्वतः आकर जांच करा लें।


वाराणसी में मिले सात संक्रमितों में मदनपुरा हॉट स्पॉट के 6 लोग शामिल हैं। सभी 6 लोग दिल्ली से लौटे मदनपुरा के एक जमाती के संपर्क में आए थे। 55 वर्षीय यह जमाती पहले कोरोना निगेटिव था। कुछ दिन बाद दुबारा जांच में वह पॉजिटिव मिला था। मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले व अन्य मिला कर इस जमाती के संपर्क में आने वाले कुल 41 व्यक्तियों को चिह्नित किया गया था। उन्हीं में से ये 6 लोग भी पॉजिटिव पाए गए हैं।



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वाराणसी में लॉकडाउन के दौरान सुबह लोग बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए लोगों को बाहर निकलने पर कार्रवाई की हिदायत देते हुए वापस भेजा।




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यूपी सरकार ने 6 तरह के भत्तों पर लगाई रोक, 16 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी व 11.82 लाख पेंशनर होंगे प्रभावित

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र की तरह अपने कर्मियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता व पेंशनरों के महंगाई राहत रोकने का एलान किया है। सरकार ने राज्य कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों पर रोक लगाई हैं। इसे 31 मार्च 2021 तक स्थगित रखा जाएगा। इसमें मंहगाई भत्ता विभागीय भत्ते, सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता भी शामिल हैं।


16 लाख कर्मचारी व 11.82 लाख पेंशनर पर इसका असर पड़ेगा। प्रदेश सरकार केंद्र के फैसले पर हर संभव अमल का प्रयास करती है उसी क्रम में यह निर्णय लिया गया हैं। विधायकों व मंत्रियों के वेतन भत्ते व विधायक निधि में कटौती व स्थगन से लेकर सरकारी दफ्तरों को खोलने से जुड़े सभी निर्णय इसकी बानगी हैं। ऐसे में आर्थिक तंगी का सामना कर रही सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत पर फैसला भी जल्दी ही ले सकती है। डेढ़ वर्ष का डीए व डीआर रोका जाता है तो 9 से 10 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।

हर जिले में फोकस टीम बनाइए: सीएम
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि संक्रमण रोकने के लिए हर जिले में फोकस टीम बनाइए। किसी भी सूरत में वायरस के संक्रमण का प्रसार नहीं होना चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि कोरोना योद्धाओं के लिए पीपीई किट्स N-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करें।



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केंद्र सरकार की तरह ही अब योगी सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के कई भत्तों पर रोक लगा दी है। इससे यूपी सरकार को करीब दस हजार करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है।




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देवबंद से आए युवक ने फैलाया संक्रमण; एक साथ 19 लोग पाए गए पॉजिटिव, जिले में 21पहुंचा मरीजों का आंकड़ा

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का मामला लगातार सामने आ रहा है। इस बीच संतकबीरनगर जिले में 19 और नए पॉजिटिव केस मिले हैं। जिसके बाद अधिकारियों में बेचैनी बढ़ गई है। शुक्रवार की रात आई रिपोर्ट में जिले में 19 और लोग कोरोना पॉजिटिव पाए हैं। इसमें 18 लोग मगहर और एक युवक बखिरा इलाके के तिलाठी गांव का है। अब तक जिले में कुल 21 लोग कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, इन सभी का नमूना मेडिकल कॉलेज में जांच को भेजा गया था। सीएमओ डॉक्टर हरि गोविंद सिंह ने बताया शुक्रवार की रात आई रिपोर्ट में 19 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसमे 18 लोग मगहर के रहने वाले हैं। जबकि एक युवक बखिरा इलाके का निवासी है।

पूरे इलाके को सील करने का आदेश दिया गया

डीएम और एसपी शनिवार को तड़के ही मगहर और तिलाठी गांव पहुंचे और चारों तरफ से सील कराने का निर्देश दिया।देवबंद से आए मगहर का रहने वाला 23 वर्षीय युवक दो दिन पूर्व जांच में कोरोना पॉजिटिव मिला था। उसके परिवार के 30 लोग और संपर्क के 26 लोग जिला अस्पताल क्वारैंटाइन कराए गए थे।

एएसपी असित श्रीवास्तव ने बताया कि मगहर कस्बा और उसके इर्द गिर्द तीन किलोमीटर का दायरा सील करा दिया गया है। जबकि तिलाठी गांव को चारों तरफ से सील कराते हुए पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।



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देवबंद से आया एक युवक दो दिन पहले ही पॉजिटिव पाया गया था। अब उसी परिवार से जुड़े 19 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे जिनकी रिपोर्ट आज आयी।




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दिल्ली मरकज में शामिल तब्लीगियों से मिलने वाले मौलाना की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी, मरीजों की संख्या 2 से बढ़कर 3 हुई

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले मे शहर स्थित खैराबाद मोहल्ले मे जामे इस्लामिया मदरसे के मौलाना की कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आने से हड़कम्प मच गया है। आधिकारिक तौर पर पुष्टि की गई है कि मौलाना निजामुद्दीन तबलीगी मरकज में शामिल व्यक्तियों से मिले थे, इसलिए हाई रिस्क व्यक्तियों मे इन्हे शामिल किया गया था। इससे पूर्व जिले मे दो कोरोना पाजिटिव केस पाए गए। इनमें से एक मोतिगरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम ढेमा और दूसरा पॉजिटिव केस जमात से जुड़े सूडानी नागरिक के रूप मे प्रकाश में आया था।

जानकारी के अनुसार 22 अप्रैल को प्रशासन द्वारा निजामुद्दीन तबलीगी मरकज में शामिल व्यक्तियों की कांटेक्ट ट्रचिंग करते हुए हाई रिस्क कांटेक्ट व्यक्तियों को जनपद सुलतानपुर के केएनआईएमटी फरीदीपुर स्थित फैसिलिटी क्वारंटाइन सेन्टर में क्वारंटाइन किया गया था।

23 अप्रैल को मौलाना मकबूल अहमद खाॅन (45) शिक्षक, मदरसा जामिया इस्लामिया, खैराबाद के साथ 32 लोगों की सैम्पलिंग करायी गयी थी। 24 अप्रैल को देर रात आयी रिपोर्ट के अनुसार 14 सेम्पलोंकी रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें से 13 रिजल्ट निगेटिव व 1 व्यक्तिका रिजल्ट पाॅजिटिव पाया गया है। मौलाना पहलेसे अस्थमा रोग से ग्रसित हैं। इन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कुड़वार में निर्मित एल-1 हास्पिटल में शिफ्ट कर समुचित इलाज किया जा रहा है।



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सुल्तानपुर में शनिवार को एक मौलाना को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। ये मौलाना हाल ही में दिल्ली मरकज में शामिल हुए तब्लीगियों से मिले थे।




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संक्रमित मरीज 1778, इनमें से 1504 एक्टिव केस; सरकार ने कहा- 82 बसों से 2224 मजूदरों को हरियाणा से वापस लाया गया

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर योगी सरकार ने यूपी के बाहर रहे हैं यहां के मजूदरों के लिए भी कारगर कदम उठाया है। उप्र सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि शनिवार को हरियाणा से 2224 मजदूरों को 82 बसों से यूपी लाया गया है। घर भेजने से पहले उन्हें क्वारैंटाइन में रखा जाएगा। वहीं,यूपी में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1778 तक पहुंच गई है। यूपी में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वासथ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में सक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1778 तक पहुंच गई है। इनमें 1504 एक्टिव केस हैं। अभी तक 243 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है और अब तक यूपी में 26 लोगों की मौत हुई है।

226 कोरोना मरीजस्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हुए: आगरा से 18, लखनऊ से 9, गाजियाबाद से 16, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 56, लखीमपुर-खीरी से 4, कानपुर नगर से 7, पीलीभीत से 2, मोरादाबाद से 1, वाराणसी से 6, शामली से 15, जौनपुर से 4, बागपत से 1, मेरठ से 33, बरेली से 6, बुलन्दशहर से 2, गाजीपुर से 5, आज़मगढ़ से 3, फ़िरोज़ाबाद से 3, हरदोई से 2, प्रतापगढ़ से 6, शाहजहांपुर से 1, महराजगंज से 6, हाँथरस से 4, बाराबंकी से 1, कौशाम्बी से 2, सीतापुर से 8, प्रयागराज से 1 व रामपुर से 4 कोरोना पेशेंट्स को स्वस्थ करवाकर डिस्चार्ज किया गया है।

वहीं अभी तक उत्तरप्रदेश के आगरा में 358, लखनऊ में 205,कानपुर नगर में 125, सहारनपुर में 123, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 112, 2, मुरादाबाद में 104, बरेली में फिरोजाबाद में 75 मामले शामिल आए हैं। इन जिलों ने शासन के अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ा दी है।

यूपी में अभी तक26की मौतें: प्रदेश में अब तक कोरोना से कुल 26मौतें हुईं हैं। प्रदेश में 90,471 लोगों ने सर्विलांस की 28 दिन की समय सीमा पूरी की गई हैं। प्रदेश में कुल 91,719 पैसेंजर्स को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। 11,936 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन में रखा गया है।



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उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा है कि उप्र सरकार हरियाणा से 2000 से अधिक मजदूरों को यूपी लाई है। उन्हें अलग-अलग जगहों पर क्वारैंटाइन कराया गया है।




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वनटांगिया समुदाय के गांवों में भी एनडीआरएफ ने की सैनिटाइजिंग, अधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिेंग की जानकारी भी दी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन‌ ग्राम (वनटांगिया) में भी एनडीआरएफ ने‌ सैनिटाईजेशन अभियान चलाया गया। सभी बस्तियों में हाई प्रैशर पंप से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया। इस मौके पर एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों द्वारा यह भी बताया गया कि लॉकडाउन में घरों में रहने तथा सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना, साथ ही स्थानीय लोगों को प्रशासन के निर्देशों को पालन करने के बारे में समझाया।

इसके लिए 11 वीं वाहिनी एनडीआरफ की गोरखपुर में स्थापित टीमें संक्रमण की दृष्टि से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों का सैनिटाइजेशन कर रही है और साथ ही साथ स्थानीय लोगों को करोना वायरस की सावधानियां एवं बचाव के प्रति तथा सामाजिक दूरी के बारे में जागरूक कर रही हैं।कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए , 11वीं वाहनी एन.डी.आर.एफ के रीजनल रिस्पांस सेंटर गोरखपुर के बचाव कर्मी जिला प्रशासन की मदद में जुटे हुए हैं।

लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने और सोशल डिस्टेंसिंग की जानकारी दी गई

एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों द्वारा यह भी बताया गया कि लॉकडाउन में घरों में रहने तथा सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना, साथ ही स्थानीय लोगों को प्रशासन के निर्देशों को पालन करने के बारे में समझाया। इस क्रम में एन‌डीआरएफ टीम ने शुक्रवार को वनटांगिआ गांव के आनंद नगर, रामबाग, खाली टोला रजही एवं कूड़ाघाट मे छिड़काव किया। इस प्रक्रिया में सोडियम हाइपोक्लोराइट एवं पानी के निश्चित अनुपात के घोल को इस्तेमाल में लाया जाता है।

सार्वजनिक स्थानों पर संक्रमण रोकने के लिए नियमित तौर पर यह छिड़काव सहयोगी है। एनडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए समझाया कि आप लोग घबराए नहीं। एनडीआरएफ के जवानों ने लाउडस्पीकर के जरिए सोशल डिस्टेंसिंग और इस महामारी से बचने के लिए क्या करें और क्या ना करें के बारे में भी बताया व कोविड-19 के सेफ्टी और प्रिकॉशन से संबंधित पंपलेट भी लोगों को दिए एवंम सार्वजनिक जगहों पर पंपलेट लगाया , तथा लोगों को जागरूक किया।



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गोरखपुर में अधिकारियों एवं एनडीआरएफ की टीम ने पहुंचकर वनटांगिया समुदाय से जुड़े गावों में लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक किया। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम ने वहां सैनिटाइजेशन का काम भी किया।




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30 जून तक सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध, योगी सरकार ने 16 लाख कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जून 2021 तक रोका

उत्तरप्रदेश में कोरोना केमरीजों की संख्या बढ़कर 1778 हो गई है। इनमें से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 243 मरीज ठीक हो चुके हैं। शनिवार सुबह तक लखनऊ में 19,कानपुर में 37 और आगरा में 23 नए संक्रमित मिले। मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथ ने 30 जून तक प्रदेश में सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए निर्देश दिए हैं। सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जून 2021 तक रोकने का भी फैसला लिया है। वहीं, हरियाणा में फंसे2 हजार 224 कामगार भी वापस प्रदेश लौटे हैं। इन्हें घर जाने से पहले क्वारैंटाइन किया गया है।

केंद्र की तरह यूपी सरकार ने भी अपने कर्मियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता व पेंशनरों का महंगाई राहत रोकने का ऐलान किया है। सरकार ने छह तरह के भत्ते भी स्थगित कर दिए हैं। यूपी सरकार ने महंगाई भत्ते (डीए) पर भी रोक लगा दी है। अब कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए भी नहीं मिलेगा। एक जनवरी 2020 से जून 2021 तक डीए बंद रहेगा। इसके अलावा सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता भी बंद कर दिया गया है। इससे यूपी में 16 लाख से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे। वहीं, 11.82 लाख पेंशनरों को झटका लगा है। इस फैसले से करीब 10 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।

लखनऊ: राजधानी में कोरोना का असर बढ़नेलगा है। शुक्रवार को बिरहाना में केबल ऑपरेटर की पत्नी समेत 19 लोगों में संक्रमित मिले। इनमें 6 जमाती औरएक कौशाम्बी का रहने वाला बताया गया। उर्दू फारसी विवि में क्वारैंटाइन6 जमातियों की दोबारा जांच में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई। हालांकि इनकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई थी। अब तक राजधानी में मरीजों की संख्या 197 तक पहुंच गई। इनमें76 तब्लीगी जमात के लोगशामिल हैं।

वाराणसी:पुलिस को लाॅकडाउन पालन करवाने में मश्क्कत करनी पड़ रही है। प्रतिबंध के बावजूद शहर के सबसे वीआईपी इलाके छावनीमें मॉर्निंग वॉक करने के लिए लोग घरों से निकल रहे हैं। शनिवार कोपुलिस ने लोगों को हिदायत देकर वापस कराया।वहीं, पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा की मंडी सप्तसागर को 3 दिनों के लिए बंद कर दिया गया। शुक्रवार को मड़ौली निवासी एक दवा कारोबारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। लॉकडाउन के दूसरे चरण में मिली राहत के बाद बिजली उपकरण, स्टेशनरी की कुछ दुकानें भी खुल गई हैं।

वाराणसी में बिजली और स्टेशनरी की दुकानें खुलते ही वहां भी ग्राहक जमा हो गए।

नोएडा:गौतमबुद्धनगर जिलेमें शुक्रवार देर शाम एक साथ 6 मामलेसामने आए। इसके बाद जनपद में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 109 पहुंच गई। इनमें अबतक 56 मरीज ठीक हो चुके हैं।जबकि 53 लोगों का इलाज अलग-अलग आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है।

मेरठ:मेरठ में एक और गर्भवती महिला में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया किजिलेमें अब कोरोना के मरीजों की कुलसंख्या 87 हो ग। अब तक चार लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। जबकि 30 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।

सहारनपुर: लॉकडाउन समेत अन्य नियमों का उल्लंघनके आरोप में अस्थाईजेल भेजेगए जमातियों में से एक कोरोना संक्रमित मिला। अब यहां 64 अन्य जमातियों केफिर से सैंपल लिएजाएंगे। संक्रमित जमाती कोकोरोना सर्विलांस टीम ने जांच करआइसोलेट करवाया।



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लखनऊ के बिरहाना में शुक्रवार देर शाम एक साथ 19 लोगों में कोरोनावायरस की पुष्टि होने के बाद इलाके को सील कराया गया। प्रशासन का कहना था कि बैरीकेड्स लगाकर आवागमन बंद किया जाएगा। आसपास सैनिटाइज किया जाएगा।




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राज्य कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों को रोकने पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए की बचत का अनुमान, अलग-अगल ग्रेड पे के हिसाब से होगी कटौती

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड19 महामारी में लॉकडाउन घोषित होने के बाद राज्य सरकार ने छह तरह के भत्ते पर रोक लगा दी हैं। राज्य कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों पर 31 मार्च 2021 तक स्थगित कर दिया गया हैं। इसमें मंहगाई भत्ता विभागीय भत्ते, सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता भी शामिल हैं। इससे यूपी में 16 लाख से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे। वहीं 11.82 लाख पेंशनरों को झटका लगा है। आर्थिक तंगी का सामना कर रही राज्य सरकार को कर्मचारियों के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत पर फैसला लेने से करीब 10 हजार करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान हैं। वहीं इस कटौती का विरोध पेंशनर यूनियन और कर्मचारियों नेताओं ने किया है।

ये हैं छह भत्ते जिसको किया गया हैं रद्द

  • नगर प्रतिकर भत्ता: नगर प्रतिकर भत्ते को ग्रेड-पे में 1300 से 1800 ग्रेड-पे के कर्मचारियों को लेवल-1, 1900 से 2000 तक के ग्रेड पे वाले कर्मचारियों को लेवल-2 से लेवल-5 तक, 4200 से 4800 ग्रेड-पे वाले कर्मचारियों को लेवल-6 से लेवल-8 और 5400 से अधिक ग्रेड-पे वाले कर्मचारियों को लेवल-9 और ऊपर के लेवल में रखा गया है। इसमें शहर के हिसाब से 300 रुपये से लेकर 800 रुपये भत्ता मिलता हैं। अनुमान में करीब 80 करोड़ रुपये प्रत्येक माह यूपी में खर्च होते हैं।
  • सचिवालय भत्ता: करीब आठ हजार कर्मचारियों को मिलने वाला यह भत्ता 500 रुपया मिलता है।
  • पुलिस विभाग में अपराध शाखा, अनुसंधान विभाग, भ्रष्टाचार निवारण, सतर्कता अधिष्ठान, सुरक्षा शाखा एवं विशेष जांच शाखा में तैनात पुलिस कर्मियों में कटौती
  • अवर अभियन्ता को अनुमान्य भत्ता
  • लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अनुमान्य रिसर्च भत्ता
  • सिचांई विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों आई एंड पी भत्ता एवं अर्दली भत्ता

आदेश को वापस लेने और विचार करना चाहिए
सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र का कहना है राष्ट्रीय आपदा में कर्मचारी आर्थिक सहयोग प्रदान करने में पीछे नहीं है। मंहगाई भत्ते की फ्रीजिंग पर उसे अधिक आपत्ति नहीं थी लेकिन 6 भत्तों को मार्च, 2021 तक स्थगित करने से कर्मचारी जगत में काफी नाराजगी व्यक्त की है। वित्त विभाग के अधिकारी सरकार और कर्मचारी संगठनों को आमने सामने करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मिश्र ने भत्तों के स्थगन संबंधी आदेश को वापस लेने पर सरकार को विचार करना चाहिए।

चपरासी की सैलरी से भत्ता कटने से तीन हजार सरकार को मिलेंगे: वित्त विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि, उत्तर प्रदेश में चपरासी की सैलरी का अनुमान करीब 30 हजार रुपये के आस पास हैं। इसमें करीब 2500 से 3000 रुपए की कटौती होगी। सीनियर और जूनियर के हिसाब से भत्ते में कटौती भी होगी। इसी तरह प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी के हिसाब कटौती की जाएगी।



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योगी सरकार ने केंद्र सरकार की तरह ह सरकारी कर्मचारियों के डीए पर रोक लगा दी है। आर्थिक तंगी का सामना कर रही राज्य सरकार को कर्मचारियों के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत पर फैसला लेने से करीब 10 हजार करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।




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राज्य कर्मचारियों के भत्तों में कटौती लेकर प्रियंका ने उठाए सवाल, कहा- सरकारी कर्मचारियों का डीए किस तर्क से काटा जा रहा है?

उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के भत्तों को मार्च 2021 तक रोक दिया है। इसको लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का डीए किस तर्क से काटा जा रहा है? जबकि इस दौर में उनपर काम का दबाव कई गुना हो गया है। दिन रात सेवा कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिसकर्मियों का भी डीए कटने का क्या औचित्य है? तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को इससे बहुत कष्ट है। पेन्शन पर निर्भर लोगों को निर्भर रहना पड़ रहा है।

प्रियंका ने कहा को यह चोट क्यों मारी जा रही है? सरकारें अपने अनाप शनाप खर्चे क्यों नहीं बंद करतीं? सरकारी व्यय में 30% कटौती क्यों नहीं घोषित की जाती? सवा लाख करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना, 20,000 करोड़ की नई संसद भवन परियोजना जैसे गैरजरूरी खर्चों पर रोक क्यों नहीं लगती?

कोरोना की टेस्टिंग में पारदर्शिता बरते सरकार
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर यूपी सरकार से टेस्टिंग में पारदर्शिता बरतने के लिए कहा है। प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में टेस्टिंग को लेकर काफी लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं। कोरोना से लड़ाई में पारदर्शिता बड़े काम की चीज है। सर्व समाज और सरकार मिलकर ही इस महामारी को शिकस्त दे सकते हैं।

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा है कि पूरी दुनिया इस बात को मान चुकी है कि ढंग से और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग ही कोरोना की रोकथाम की कुंजी है। प्रदेश सरकार ने दो दिनों से जांचों की संख्या बताना बंद कर दिया है। टेस्टिंग को लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता होनी चाहिए। ताकि जनता को जानकारी मिले और इस महामारी के खिलाफ समाज और प्रशासन एकजुट होकर लड़ पाए। आंकड़ों और सच्चाई को छिपाने से समस्या घातक हो जाएगी। यूपी सरकार को यह जल्द से जल्द समझना होगा।



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कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रिंयका गांधी ने कहा है कि सरकार ने दो दिन से पूल टेस्ट की संख्या बताना बंद करदिया है। सरकार बताए कि रोज कितनी जांचे की जा रही हैं। प्रिंयका ने सरकार की ओर से की गई राज्य कर्मचारियों के डीए में कटौती को लेकर भी सवाल उठाया है।




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नमकीन फैक्ट्री में लगी भीषण आग,एनडीआरएफ और फायर कर्मियों ने मिलकर किया काबू

उत्तर प्रदेश में वाराणसी के हुकुलगंज इलाके मेंसंकुल के पास एनडीआरएफ का ऑफिस होने के नाते तुरंत जवानों ने कमान को संभाल लिया। स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी। दमकल की कई गाड़िया आग बुझाने में जुटी हुई हैं। अधिकारियों के मुताबिक आग शाट सर्किट की वजह से लगी है। इसे जल्द ही काबू में कर लिया जाएगा।

स्थानीय निवासी केदारनाथ ने बताया कि नमकीन बनाने की फैक्ट्री में आग लगी है। लालमन यादव का फैक्ट्री है। नीचे परिवार के सदस्य थे, जो समय रहते सिलेंडर के साथ बाहर आ गए नहीं तो बड़ा हादसा और नुकसान हो सकता था। स्थानीय निवासी मिथलेश ने बताया कि शार्ट सर्किट से लगता है,आग लग गयी है। बताया जा रहा है कि नमकीन का चूरा बहुत मात्रा में भरा था। अत्यधिक धूप के कारण आग तेजी से फैल गई। बगल के छत से एनडीआरएफ और फायर फाइटर आग बुझाने में लगे हैं।
नमकीन फैक्ट्री मालिक लालमन यादव का कहना है राखी बोरी में आग लगने के कारण आग लगी अभी पिछले कुछ महीने पहले भी भोर में इनके आग लगी थी जिसको रफा-दफा कर दिया गया था मौके पर एनडीआरएफ की टीम फायर ब्रिगेड की टीम केंट सीओ मौजूद हैं।



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वाराणसी के कैंट इलाके में एक नमकीन की फैक्ट्री में अचानक ही आग लग गई। बताया जा रहा है कि आग शाट सर्किट की वजह से लगी थी। अभी नुकसान का आंकलन नहीं हो पाया है।




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भाजपा सांसद ने कहा- जो जमातियों की सूचना देगा उसे 11 हजार रुपए का इनाम मिलेगा, नाम गुप्त रखा जाएगा

सलेमपुर लोकसभा के भाजपा सांसद रविंद्र कुशवाहा ने अपने संसदीय क्षेत्र में कोरोना संदिग्धों, जमातियों व बीमारी तक पहुंचने के लिए अनोखी पहल की है। संदिग्ध जमातियों व बाहरी कोरोना मरीजों की जानकारी देने वाले को 11 हजार रुपया का इनाम घोषित किया है। इस संदर्भ में सूचना देने वाले का नाम व पता गुप्त रखा जायेगा किंतु संदिग्ध की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ही इनाम की राशि दी जायेगी।

उन्होंने साथ ही संबंधित मरीज के इलाज व परिजनों के भरण पोषण का खर्चा देने का भी ऐलान किया है। सांसद उक्त सूचना का प्रचार लगातार सोशल साइट फेसबुक के माध्यम से कर रहे हैं। सांसद ने बाहरी संदिग्ध लोगों के छिपे होने की लगातार मिल रही शिकायतों से निपटने के लिए उक्त घोषणा किया है।

सांसद ने अपने क्षेत्र में तब्लीगी जमात या देश के किसी भी प्रांत के कोरोना प्रभावित क्षेत्र से आएं लोगों से अपील किया कि वे घरों या मस्जिदों में न छिपे। वे प्रशासन की मदद से अपना इलाज करवाएं और संक्रमित व्यक्ति एवं उसके परिवार के भरण पोषण हेतु वे स्वयं 5 हजार से 50 हजार रुपए तक की सहायता राशि देंगे। साथ ही प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिलेगा। इस पहल को भी सैकड़ों लोगों ने सराहा।

इससे पहले जौनपुर के डीएम ने की थी इनाम देने की घोषणा

जौनपुर जिले के डीएम ने छिपे हुए तब्लीगी जमातियों की सूचना देने वालों को 5100 रुपये इनाम देने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली मरकज से लौटकर कई जमाती यहां पर आए हैं, जो छिपे हुए हैं। उन्होंने जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखने का भी आश्वासन दिया है।इससे पहले 10 अप्रैल को आजमगढ़ के एसपी त्रिवेणी सिंह ने भी जमातियों की जानकारी देने पर 5 हजार रुपए देने का ऐलान किया था।



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सलेमपुर से भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने ऐलान किया है कि जो छिपे हुएजमातियों के बारे में सूचना देगा उसे 11 हजार रुपए इनाम दिया जाएगा।




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असिस्टेंट प्रोफेसर को गोली मारकर लूट करने वाले दो गिरफ्तार, आरोपियों में एक एडीएम का बेटा

लखनऊ पुलिस ने शनिवार देर रात गोली मारकर लूट की वारदात को अंजाम देने के मामले में मुठभेड़ के दौरानएडीएम नरेंद्र सिंह के बेटे यथार्थऔर उसके साथी आयुष को गिरफ्तार किया है। घटना शहर के सुशांत गोल्फ सिटी के चौधरी खेड़ा इलाके की है। जहां एक केजीएमयू के असिस्टेंट प्रोफेसरविजय कुमार सिंह को गोली मारकर लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था।मुठभेड़ के दौरान एडीएम के बेटे यथार्थ और उसके साथ आयुष रावत को गिरफ्तार किया है।

अरोपियों के साथपुलिस की मुठभेड़ अवध शिल्प ग्राम के पास हुई। मुठभेड़ में आयुष रावत के पैर में गोली लगी है। आरोपितों के पास से पुलिस टीम ने असिस्टेंट प्रफेसर से लूटी गई कार, असलहा व अन्य समान बरामद किया है। पुलिस कमिश्नर ने मुठभेड़ करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का ईनाम दिया है। वहीं एडीएम ने पुलिस पर गलत तरीके से बेटे फर्जी फंसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह को सात पन्ने का पत्र लिखा हैं।

क्या है मामला

सुशांत गोल्फ सिटी स्थित डी-3 निवासी केजीएमयू के असिस्टेंट प्रफेसर विजय कुमार सिंह परिवार के लोगों के साथ20 अप्रैल की रात भाई के घर चौधरी खेड़ा गए थे। उन्होंने अपनीकार भाई के घर से कुछ दूर पहले ही रेलवे क्रॉसिंग के पास खड़ी कर दी थी। विजयकुमारभाई के घर पत्नी और अन्य परिवार के लोगोंको छोड़ कर मोबाइल पर बात करते हुए कार की तरफ लौटे थे, तब वहांअसलहे से लैस बदमाशों ने उन्हें गोली मारकर मोबाइल और कार लूट ली थी। कार में हजारों रुपये भी थे। वारदात के बाद बदमाश फरार हो गए थे। इस मामले में पुलिस को बदमाशों की बाइक 21 अप्रैल कोसुशांत गोल्फ सिटी इलाके के ही टंटहा गांव के निकट बंद पड़े ईंट भट्ठे के पास मिली थी।

पुलिस इस मामले में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और सर्विलांस की मदद से बदमाशों के बारे में पता लगा रही थी। इस दौरान सूचना मिली थी कि असिस्टेंट प्रफेसर के साथ वारदात करने वाले बदमाश कई बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं। इसके बाद पुलिस ने अवध शिल्प ग्राम के पास घेराबंदी की। इसी बीच पुलिस को एक कार आते हुए दिखाई दी। पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया। कार सवार बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी फायरिंग की। मुठभेड़ में एक बदमाश के पैर में गोली लग गई। पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया एक बदमाश एडीएम नरेन्द्र सिंह का बेटा यथार्थ है.वहीं उसके साथी का नाम आयुष रावत है.दोनों ने असिस्टेंट प्रफेसर से वारदात करने क बात स्वीकार कर ली है।

एडीएम का बेटा पहले भी जा चुका हैं जेल, पिता बोले- पुलिस फर्जी मुकदमे में फंसा रही है

पुलिस का दावा हैं कि, एडीएम नरेंद्र का बेटा यथार्थ सिंह उर्फ अमित उर्फ आर्यन दोस्तो के साथ पहले भी वारदात को अंजाम दे चुका हैं। अगस्त 2017 में टाइल्स मिस्त्री की हत्या के मामले में जेल जा चुका है। उसने टाइल्स कारोबारी को मार कर गटर में फेंक दिया था। 18 अगस्त 2017 को पीजीआई पुलिस ने हत्या के जुर्म में आर्यन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं एडीएम नरेंद्र सिंह ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिखा हैं। एडीएम का आरोप बेटे को पुलिस ने घर से उठाया उसके बाद उसे फर्जी मुकदमें में फंसा रही हैं।



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पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया एक बदमाश एडीएम नरेन्द्र सिंह का बेटा यथार्थ है। वहीं उसके साथी का नाम आयुष रावत है.दोनों ने असिस्टेंट प्रफेसर से वारदात करने क बात स्वीकार कर ली है। 




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मध्य प्रदेश में 1 लाख, छत्तीसगढ़ में 15 हजार शादियां टलीं; ज्वैलरी न बिकने से राजस्थान में 1.5 हजार करोड़ का नुकसान

हमारे देश में कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। लेकिन, अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन होता है, जब कोई भी शुभ काम शुरू करने के लिए किसी शुभ मुहुर्त की जरूरत नहीं होती। यही कारण है कि इस दिन देशभर में सबसे ज्यादा शादियां होती हैं।


एक अनुमान के मुताबिक, देश में हर साल 1 करोड़ से ज्यादा शादियां होती हैं। इनमें से ज्यादातर शादियां अक्षय तृतीया के दिन ही हो जाती है। लेकिन, इस बार कोरोनावायरस और लॉकडाउन की वजह से शादियां टल गई हैं।


शादियां टलने का असर ज्वैलरी बाजार पर भी पड़ना तय है। क्योंकि, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट बताती है कि एक दुल्हन के लिए औसतन 200 ग्राम तक की ज्वैलरी खरीदी जाती है। इस दिन सोना खरीदना भी शुभ माना जाता है, इसलिए ज्यादातर लोग भी ज्वैलरी खरीदते हैं। पिछले साल ही अक्षय तृतीया पर 23 हजार किलो सोने की बिक्री हुई थी।


हालांकि, इस बार कोरोनावायरस ने सबकुछ खराब कर दिया। भास्कर ने जब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत 7 राज्यों में जाकर स्थिति समझने की कोशिश की तो पता चला कि अक्षय तृतीया पर शादी-विवाह और खरीददारी नहीं होने की वजह से 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।

1) मध्य प्रदेश : 1 लाख से ज्यादा शादियां टलीं, 2 से 3 हजार करोड़ का नुकसान
अक्षय तृतीया पर पूरे प्रदेश में 1 लाख से ज्यादा शादियां होती हैं। इस दौरान हर साल 2 से 3 हजार करोड़ रुपए का कारोबार भी होता है। लेकिन, शादियों के टलने से इस बार इतना कारोबार होने की जरा भी उम्मीद नहीं है।


इसी तरह, राज्य में मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना के तहत 26 अप्रैल को 25 से ज्यादा शादियां होनी थीं, जिन्हें भी टाल दिया गया है। इन शादियों पर सरकार का 127 करोड़ रुपए खर्च होता।

सूरत के हीरा कारोबारी महेशभाई सवाणी ने 23 दिसंबर 2018 को 261 युवतियों की शादी करवाई थी। इनमें 6 मुस्लिम और तीन ईसाई थीं।

2) राजस्थान : लॉकडाउन में मौन रहेंगी शहनाइयां, 1.5 हजार करोड़ का होगा नुकसान
अक्षय तृतीया के दिन होने वाली 20 हजार से ज्यादा शादियां टल गई हैं। शादी-विवाह से जुड़े एक कारोबारी का अनुमान है, 16 से 30 अप्रैल तक राज्य में होने वाले 25-30 हजार शादी-विवाह पहले ही टल चुके हैं। इससे करीब 1.5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है। राजस्थान किराया टेंट व्यापार व्यवसाय समिति के अध्यक्ष रवि जिंदल के मुताबिक, कोरोना का असर मई में होने वाली शादियों पर भी पड़ेगा।


3) छत्तीसगढ़ : 15 हजार शादियां होनी थीं, करोड़ों का कारोबार अटका
पिछले साल आचार संहिता और इस बार कोरोना की वजह से अक्षय तृतीया के दिन सरकार की तरफ से कराए जाने वाले शादी-विवाह टल गए हैं। इस साल सरकार की तरफ से 10 हजार और समाज की तरफ से 5 हजार शादी-विवाह होने थे, लेकिन सभी की तारीखें आगे बढ़ गई हैं। सरकार की ओर से होने वाले सामूहिक विवाह में हर जोड़े पर 25 हजार रुपए खर्च के हिसाब से 25 करोड़ रुपए का बजट तय था।


इसके साथ ही बैंड, टेंट, डीजे, सराफा, होटल, कपड़ों समेत हजार करोड़ रुपए का कारोबार अटक गया है। राजधानी रायपुर में ही सराफा कारोबारियों को एक दिन में 400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।


4) उत्तर प्रदेश : लखनऊ में 501 शादियां टलीं, इसमें राष्ट्रपति भी आने वाले थे
लखनऊ के समाज कल्याण अधिकारी अमरनाथ के मुताबिक, 5 मई को सामूहिक विवाह योजना के तहत 501 जोड़ों की शादियां होनी थीं। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शिरकत करने वाले थे। लेकिन, लॉकडाउन के कारण कार्यक्रम टल गया है।


लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद पड़े हैं और सराफा दुकानों पर ताले लटके हैं। आदर्श सराफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश सोनी बताते हैं, लॉकडाउन के कारण हर दिन कारोबारियों को 7 से 10 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। अकेले अक्षय तृतीया के दिन ही 1200 करोड़ रुपए का नुकसान होने का आंकलन है। इस दिन लखनऊ में ही 200 करोड़ रुपए तक का कारोबार होता है, लेकिन इस बार इसके भी चांस नहीं हैं।

ये तस्वीर एक राजस्थानी महिला की है, जिसकी शादी पिछले साल अक्षय तृतीया के मौके पर अहमदाबाद में हुए सामूहिक विवाह समारोह में हुई थी।


5) बिहार : अक्षय तृतीया पर 100 करोड़ की ज्वैलरी बिकती है, लेकिन इस बार सब बंद
अक्षय तृतीया के मौके पर बाजारों में खूब रौनक रहती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस बार बाजार सूने हैं। पाटलिपुत्र सराफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि, पिछले साल अक्षय तृतीया पर 45 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था। लॉकडाउन नहीं रहता तो इस बार 50 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद थी। वहीं, राज्यभर में करीब 100 करोड़ रुपए की ज्वैलरी बिकती थी। इसके अलावा, इस बार शादियां टलने की वजह से कोई एडवांस ऑर्डर भी नहीं है।


6) महाराष्ट्र : ज्यादातर शादियां या तो कैंसिल हो गईं या आगे बढ़ गईं
कोरोना से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र में भी अक्षय तृतीया के दिन होने वाली शादियां टल गई हैं। यहां गुड़ी पड़वा के बाद इसी को शुभ मुहूर्त माना जाता है। लेकिन, गुड़ी पड़वा भी लॉकडाउन में गुजरा और अक्षय तृतीया में भी यही हालात हैं।


अकेले मुंबई की बात करें तो साउथ मुंबई में 55, सेंट्रल मुंबई में 49, वेस्टर्न मुंबई में 141, नॉर्थ मुंबई में 96, नॉर्थ-ईस्ट मुंबई में 65 और मुंबई से सटे ठाणे और नवी मुंबई में करीब 75 से ज्यादा रजिस्टर्ड मैरिज और बैंक्वेट हॉल हैं। जनवरी के पहले हफ्ते में इनमें से 70% बुक हो चुके थे। लेकिन, लॉकडाउन के बाद लोगों ने या तो शादी ही कैंसिल कर दी है या आगे बढ़ा दी है।


शादियां कैंसिल होने के बाद होटल्स भी बुकिंग के पैसे वापस कर रहे हैं।


7) पंजाब : 8 हजार शादियों की तारीख बदली
पंजाब की ढाई करोड़ की आबादी में से ज्यादातर लोग सिख मान्यता के अनुसार गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब को साक्षी मानकर शादी करते हैं। इसे आनंद कारज कहते हैं। यहां अक्षय तृतीया जैसे किसी मुहूर्त का कोई खास महत्व नहीं होता। हिंदू मान्यता मानने वाली सामाजिक संस्था विवाह करवाती हैं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा।


राज्य में 16 से 30 अप्रैल के बीच 8 हजार से ज्यादा शादियां होनी थीं, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के कारण इन्हें टाल दिया गया है। इस बीच कुछ शादियां हुई भी हैं, लेकिन उनमें परिवार के दो-तीन सदस्य ही शामिल हुए।



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Akshaya Tritiya Jewellery Business 2020 and Coronavirus Lockdown Update | Mass Marriage Postponed In Madhya Pradesh Rajasthan Uttar Pradesh




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7 पुलिसकर्मियों समेत 8 लोग पॉजिटिव पाए गए, जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 34

कोरोनामहामारी के संक्रमण की चपेट में अब बनारस के पुलिसकर्मी भी आने लगे हैं। शनिवार को वाराणसी नगर निगम पुलिस की चौकी में तैनात सात पुलिसकर्मियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एक युवक सिगरा इलाके का भी है।पुलिसकर्मियों में एक उप निरीक्षक, तीन हेड कांस्टेबल, तीन कांस्टेबल शामिल हैं। ये सभी सिगरा थाने की नगर निगम चौकी पर तैनात हैं। इनमे से चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक में सबसे पहले सूखी खांसी और बुखार के लक्षण आये थे, उसके बाद चौकी के कुछ और पुलिस कर्मियों को भी खांसी, बुखार आ गया। ये सभी एक साथ चौकी के ही बैरक में रहते थे।

बृहस्पतिवार को इन्हें वहां से अलग कर दशाश्वमेध क्षेत्र के एक गेस्ट हाउस में क्वारंटीन करा दिया गया था और इनकी सैंपलिंग कराई गई थी। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि शनिवार को आई रिपोर्ट में 14 में से 7 लोग पॉजिटिव पाए गए। इन सबकी कांटेक्ट ट्रेसिंग कराई जाएगी और साथ ही चौकी के आसपास के क्षेत्रों में कल स्क्रीनिंग और सैंपलिंग कराई जाएगी।

डीडीयू अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया
इन्हें दीनदयाल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है। बाकी बचे पुलिस कर्मी भी अभी कुछ दिन अलग भवन में क्वारंटीन रहेंगे। इसके अलावा पितरकुंडा बफर जोन के नजदीक का एक 39 वर्षीय व्यक्ति भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। ईएसआई अस्पताल में इसकी स्क्रीनिंग और सैंपलिंग हुई थी। इनकी सिगरा क्षेत्र में ही राशन की दुकान है।

इन्हें भी दीनदयाल अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है। इनके घर के पास के क्षेत्र को पितरकुंडा हॉट स्पॉट एवं बफर जोन में ही शामिल किया जा रहा है। इन सबको मिलाकर आज 8 सैंपल नए पॉजिटिव आये हैं। कुल पॉजिटिव केस वाराणसी में 34 हो गए हैं जिनमे से 25 एक्टिव केस हैं। कोई नया स्पॉट नही बनाया जा रहा है । वाराणसी में शनिवार को 95 रिपोर्ट में 87 नेगेटिव आई है।



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वाराणसी में पॉजिटिव मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शनिवार देर रात को यहां आठ लोगों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है जिसमें सात पुलिसकर्मी शामिल हैं। उन्हें डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है।




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3 पुलिसकर्मियों समेत 21 नए पॉजिटिव पाए गए; हॉटस्पॉट इलाकों में बढ़ रहे मामले, शहर में संक्रमितों की संख्या 165 पहुंची

कानपुर में शहर के हॉटस्पॉट एरिया में तेजी संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। शनिवार को दो चरणों में आई रिपोर्ट में 21 लोग संक्रमित पाए गए है। जिसमें शहर का डेंजर जोन बन चुके कुली बाजार से 12 लोग संक्रमित पाए गए है। इसके साथ ही तीन और सिपाही संक्रमित पाए है। शहर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 165 पहुंच गई है। जिसमें 9 पेसेंट डिस्चार्ज हो चुके है और तीन की मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना ने पुलिस विभाग भी पैर पसारना शुरू कर दिया है। पांच पुलिस कर्मियों में संक्रमण की पुष्टी हो चुकी है।

शनिवार को शहर के तीन और पुलिसकर्मीयों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कुली बाजार हॉटस्पॉट एरिया में तीनों सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गई थी । तीनों सिपाहियों में दो अनवरगंज थाने की बैरक में रहते है और एक सिपाही कोतवाली थाने में बने अवासीय परिसर में परिवार के साथ रहता है। तीनों सिपाहियों को कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सिपाहियों के संपर्क में आने वालों सैंपल लेकर जांच के लिए जांच के लिए भेजा गया है। इसके साथ ही क्लोज संकर्प में आने वालों को क्वारैंटाइन कराया गया है। इसके साथ दो अन्य सिपाही भी संक्रमित पाए गए थे । इनकी भी ड्यूटी कुली बाजार एरिया में लगी थी।

हॉटस्पॉट इलाकों में आ रहे ज्यादा मामले

शहर का हॉटसपॉट एरिया कुली बाजार शहर का सबसे खतरनाक इलाका घोषित किया गया है। कुली बाजार के सबसे अधिक संक्रमित लोग पाए है। इस एरिया में तब्लीगी जमातियों का आना जाना था । जमातियों ने बड़ी संख्या में लोगों के घरों-घरों पर जाकर धार्मिक प्रचार किया था। इनके संपर्क मे आने वाले मदरसा छात्र , मस्जिद के मोअज्जिन और आम लोग हैं। कुली बाजार में बीते शनिवार को 12 नए संक्रमित मिले है। इस क्षेत्र से लगभग 91 संक्रमित सामने आ चुके हैं।

जिस प्रकार से कोरोना मरीजों की संख्या बढ रही है उसी प्रकार शहर में नए हॉटस्पॉट एरिया भी बढ रहे हैं। बीते शनिवार को दो संक्रमित नए मसवानपुर और तलाक महल से मिले हैं। पुलिस ने मसवानपुर और तलाक महल की एक किलोमीटर के एरिया को सील कर दिया हैं। यह दोनों इलाके हॉटस्पॉट घोषित किए गए हैं।



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पिछले 24 घंटोंं के भीतर तीन पुलिसकर्मियों समेत 21 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। यहां स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। ज्यादातार मामले हॉटस्पॉट इलाकों में ही सामने आ रहे हैं।




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लॉकडाउन के दौरान गश्त कर वापस लौट रहे पुलिसकर्मियों की नाव पलटी; एक ने तैरकर बचायी जान, 3 डूबे

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। यहांलॉकडाउन में गश्त पर निकले पुलिस कर्मियों की नाव शनिवार की शाम करीब साढ़े छह बजे तेज हवा के झोंकों के बीच यमुना नदी में पलट गई। नाव पर कुल चार लोगसवार थे। एक सिपाही जैसे-तैसे बाहर निकल पाया। एक दरोगा, सिपाही व नाविक डूब गए हैं। पुलिस ने जाल डलवाकर गोताखोरों के मदद से खोजबीन शुरू कराई। आखिरकार 14 घंटे के रेस्क्यू के बाद तीनों के शव निकाल लिए गए।

डीएम संजीव सिंह,एसपी प्रशांत वर्मा समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। रात तक तलाशने का कार्य जारी रहा।किशनपुर थाने में तैनात दरोगा रामजीत सोनकर (52), सिपाही शशिकांत (25) व सिपाही निर्मल यादव लॉकडाउन में शाम करीब साढ़े चार बजे गश्त पर रवाना हुए थे।यमुना किनारे केलोहंगपुर घाट से नाविक रवि (27) को बुलाया गया। सभी लोग नाव से बांदा सीमा तक जाकर लौट रहे थे।

तेज हवा चलने से नाव पलट गयी

यमुना नदी की सीमा पर लखनपुर जोरावरपुर गांव के पास शाम करीब साढ़ेछह बजे तेज हवा चलने से नाव पलट गई। सिपाही निर्मल करीब चार सौ मीटर जैसे-तैसे तैरकर लोहंगपुर घाट पर पहुंचा। वह थोड़ी देर के लिए अचेत हो गया। हादसा देखकर आसपास मौजूदनाविक और ग्रामीण दूसरी नाव से नदी में तलाश शुरू की।

एसओ आरके यादव ने नदी में जाल डालकर खोजबीन शुरू कराई।सिपाही शशिकांत गाजीपुर जिले के कासमाबाद थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। दरोगा रामजीत सोनकर मूल रूप से जौनपुर जिले के हैं। वह प्रयागराज में परिवार के साथ रहते हैं। नाविक रविबिहार का रहने वाला है। वह एक मछली ठेकेदार के यहां काम करता है।



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फतेहपुर में उस समय एक बड़ा हादसा हो गया जब बांदा की सीमा की ओर नाव से गश्त पर निकले पुलिसकर्मियों की नाव लौटते समय पलट गयी। इसमें एक दारोगा, एक पुलिसकर्मी और नाविक की डूबने से मौत हो गई।




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तेज हवाओं एवं बारिश के साथ बदला मौसम का मिजाज, गेहूं की खड़ी फसल को हुआ भारी नुकसान

उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया है। कई जिलों में शनिवार की शाम और देर रात तेज हवाओं के साथ बारिश हुई तो कई जिलों में रविवार की ओलावृष्टि के साथ जोरदार बारिश हुई। बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। लोगों को बढ़ती गर्मी से राहत मिली है। यूपी के मुरादाबाद में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। बारिश की वजह से किसानों को नुकसान हुआ है। क्योंकि गेहूं की फसल अभी खेतों में ही पड़ी हुई है। ऐसे में बारिश से नुकसान होगा। गजरौला में तेज बारिश हुई है।

उत्तर प्रदेश में शनिवार शाम अचानक आए मौसम के बदलाव के बाद कई इलाकों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। मौसम विभाग के मुताबिक देश के उत्तर पश्चिमी हिस्से के ऊपर केन्द्रित पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 36 घंटे के दौरान प्रदेश के कई इलाकों मे तेज आंधी के साथ बारिश हो सकती है।

गेंहू की खड़ी फसल को हुआ नुकसान

वहीं, शनिवार शाम को संतकबीरनगर में सवा सात बजे आंधी के साथ जोरदार बारिश हुई साथ ही ओले भी गिरे हैं। इस पर किसानों का कहना है कि खेतो में खड़ी गेंहू की फसल के लिए आंधी, बारिश और ओला बेहद नुकसानदायक है।इस महीने इससे पहले भी ऐसी स्थिति उतपन्न होने से किसान परेशान है।

कोरोना की मार से वैसे भी जनता परेशान है ऊपर से प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान पहुंच रही है। सब्जी की खेती करने वाले किसान भी चिंतित हैं। इसके अलावा, बरेली, अलीगढ़ और कानपुर समेत कई जिलों में शनिवार को बारिश हुई।



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शनिवार देर शाम और रात को यूपी के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। इससे गेंहूं की खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।




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महाराष्ट्र से पलायन को मजबूर प्रवासी मजदूर, 4 दिन के सफर के बाद यूपी-एमपी सीमा से ही वापस किए गए

कोरोनावायरस से फैल रहे संक्रमण के बाद उपजे संकट के मद्देनजर देशव्यापी लॉक डाउन के बीच महाराष्ट्र में फंसे यूपी के लाखों प्रवासी मजदूर वाहनों में छिपकर अपने घर लौट रहे हैं। रास्ते में कई बार पुलिस चेकिंग का सामना करते हुए यूपी-एमपी बॉर्डर तक पहुंच गए। इतना लंबा सफर तय करने के बाद जब वे यूपी बॉर्डर पर पहुंचे तो जनपद पुलिस ने उन्हें वापस लौटा दिया गया। मजदूरों का कहना है कि महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश तक पुलिस ने हमें देखा और आगे जाने दिया।

वहीं सिद्धार्थनगर के ही रहने वाले इमरान और उसके तमाम साथी अपनी बाइक से 5 दिन का सफर करके यूपी बॉर्डर पर पहुंचे। कई मजदूर अपने परिवार के साथ सफर पूरा कर रहे हैं। उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी इस परेशानी का सामना कर रहे हैं।

सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो पा रहा पालन

प्रवासी मजदूर कंटेनर, ट्रक, मैजिक, लोडर गाड़ी और बाइक से अपने घरों के लिए वापस आ रहे हैं. गाड़ियों में वे अधिक संख्या में बैठ रहे हैं और उन्हें छिपाने के लिए ऊपर से त्रिपाल या किसी अन्य वास्तु से ढक दिया जाता है. जिसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है और इतनी गर्मी में इस तरह से सफर करना उनके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।मजदूर बोले नहीं मिल रहा था खाना


रामकृपाल सिद्धार्थनगर के रहने वाले वे मुंबई में दैनिक मजदूरी करने के लिए गए थे। आपबीती सुनाते हुए कहते हैं कि वहां हमें भूखा रहना पड़ रहा था। हमने लॉक डाउन से पहले जो थोड़ा बहुत रुपया कमाया था। उसी से सामान लेकर अपना पेट भरते थे। हम वहां बहुत परेशान थे इसके बाद हमें अपने गांव की एक गाड़ी मिल गई। हम सब ने मिलकर इसमें डीजल डलवाया और अपने गांव के लिए निकल आए।

दरअसल, यूपी का झांसी ऐसा जनपद है जिसकी 3 सीमाएं मध्य प्रदेश से मिलती हैं। यहां हर रोज दूसरे राज्यों से पलायन करके हजारों मजदूर वाहनों में छिपकर पहुंच रहे हैं। इन प्रवासी मजदूरों का पलायन पुलिस प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। पुलिस लगातार इनके वाहनों को बॉर्डर से वापस कर रही हैं। वापस होने के बाद मजदूर खेतों में छिपकर बैठ जाते हैं और रात होने का इंतजार करते हैं। जैसे ही रात होती है ये आसपास के खेतों से होते हुए यूपी की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद जिला प्रशासन को इन्हें क्वॉरेंटाइन करना पड़ता है।



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महाराष्ट्र से झांसी के लिए ये मजदूर चार दिनों पहले ही निकले थे लेकिन उन्हें रास्ते में कहीं रोका नहीं गया। ऐसा उनका कहना है। लेकिन झांसी के बार्डर पर पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें वापस लौटा दिया।




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बहराइच में पुलिस टीम पर हमला; लॉकडाउन तोड़ खुले में बेचा जा रहा था मीट, दरोगा पर छुरी से किया वार, एक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में अब तक कोरोना के 9 केस सामने आ चुके हैं। ऐसे में प्रशासन सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रही है। लेकिन शनिवार की शाम यहां रामगांव थाना क्षेत्र के भगवानपुर माफी क्षेत्र में खुले में मीट बेचा जा रहा था। सूचना पाकर पहुंची पुलिस टीम ने दुकान बंद कराने की कोशिश की तो उन पर छुरीसे हमला कर दिया गया। हमलावरों ने गंभीरवा चौकी इंचार्ज की सर्विस रिवॉल्वर छीनने की कोशिश की। सूचना पाकर पहुंची फोर्स हमलावरों को खदेड़कर स्थिति पर काबू पाया। एक हमलावर को गिरफ्तार किया गया है।

रामगांव थाना क्षेत्र के भगवानपुर माफी गांव में शनिवार की शाम ननके बढ़ी पुत्र कैलाश का ससुर देहात कोतवाली के चौखड़िया निवासी लालजी पुत्र धरकन आया था। गांव वालों को भनक लगी कि लालजी में खांसी जुकाम के लक्षण हैं। किसी ने कोरोना संदिग्ध समझकर स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। जब स्वास्थ्य महकमे की टीम उसे मेडिकल परीक्षण कराने के लिए लेने पहुंची तो लालजी ने जाने से इंकार कर दिया।

जिस पर गम्भीरवा चौकी प्रभारी गौरव सिंह को जानकारी दी गई। वह रिक्रूट सिपाही विशाल जायसवाल के साथ मौके पर पहुंचे और लालजी को इलाज के लिए मेडिकल कालेज भेजकर वह चौकी आ रहे थे। लेकिन भगवानपुर माफी गांव में भीड़ देखकर रूक गए। वहां एक व्यक्ति खुले में चिकेन मीट बेच रहा था। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने की कोशिश की। तभी मीट बेच रहे अब्दुल ने दरोगा गौरव सिंह पर छुरे से हमला कर दिया। जिसके चलते दरोगा का दाहिना हाथ घायल हो गया। दरोगा का रिवाल्वर भी छीनने की कोशिश की गई।

हमलावर तीन युवकों व तीन महिलाओं ने दरोगा व सिपाही से हाथापाई की। इसी दौरान सूचना पर एसएचओ राजमणि शुक्ला पुलिस बल के साथ पहुंच गए। इसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। दबिश देकर एक हमलावर भगवानपुर माफी निवासी अब्दुल को गिरफ्तार किया गया है। घायल दरोगा व सिपाही का मेडिकल कराया गया है। एसपी डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि चौकी प्रभारी गौरव सिंह की तहरीर पर बलवा, जानलेवा हमला, लूट का प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा, लॉकडाउन उल्लंघन, महामारी एक्ट में तीन महिलाओं सहित छह लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है।



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पुलिस ने छह आरोपियों पर दर्ज किया केस। उनकी तलाश में पुलिस ने दबिश दे रही है।




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आगरा में कोरोना पॉजिटिव के बढ़ते मामलों को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा- समय रहते कदम उठाए सरकार, पारदर्शिता से हो जांच

उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोनावायरस के आंकड़ों में लगातार वृद्धि हो रही है। अब तक यूपी में आगरा में ही सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। इसको लेकर अब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार से अनुरोध किया है कि वह समय रहते टेस्टिंग पर ध्यान दे और इसमें पारदर्शिता बरते। उन्होंने कहा कि मैं टेस्टिंग की बात पहले ही उठा चुकी हूं। कोरोना को यदि रोकना है तो बड़े पैमाने पर जांच होना बहुत जरूरी है।

प्रियंका ने रविवार को लगातार दो टि्वट किए। उन्होंने लिखा है कि आगरा शहर में हालात खराब हैं और रोज नए मरीज निकल रहे हैं। आगरा के मेयर का कहना है कि अगर सही प्रबंध नहीं हुआ तो मामला हाथ से निकल जाएगा। कल भी मैंने इसी चीज को उठाया था। पारदर्शिता बहुत जरूरी है। टेस्टिंग पर ध्यान देना जरूरी है। कोरोना को रोकना है तो फोकस सही जानकारी और सही उपचार पर होना चाहिए। सरकार द्वारा आगरा मेयर की बातों को सकारात्मक भाव से लेना और तुरंत पूरी तरह से आगरा की जनता को महामारी से बचाने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है।

आगरा में मरीजों की संख्या 371 पहुंची, अब तक 9 की मौत
ताजनगरी में अब तक 371 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। यहां 30 क्षेत्रों में 90 सक्रिय हॉटस्पॉट चिन्हित हैं। जबकि, कुल हॉटस्पॉट की संख्या 104 है। अब तक यहां 9 रोगियों की मौत हो चुकी है। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जा रही है, जबकि निष्क्रिय हॉटस्पॉट की निगरानी रखी जा रही है।



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कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने आगरा में बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव के मामलों को लेकर काफी चिंता जतायी है। उन्होंने कहा है कि सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और बड़े पैमाने पर टेस्ट करवाए जाने चाहिए।




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यूपी में घटिया पीपीई किट सप्लाई की जांच शुरू, एसटीएफ ने तत्कालीन डीजीएमई का बयान दर्ज किया

कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को बचाव के लिए दी जाने वाली पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट की घटिया सप्लाई का मामला सामने आने के बाद अब इसकी जांच एसटीएफ ने शुरू कर दी है। दो मेडिकल कॉलेजों में भेजी गई पीपीई किट खराब होने और साइज में छोटा होने की शिकायत के बाद इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। इसकी सप्लाई यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन द्वारा की गई थी फिलहाल इसे वापस करने के निर्देश दिए गए हैं।

मेडिकल कॉलेजों को घटिया पीपीई किट को शिकायत की गई थी। तत्कालीन डीजीएमई डॉ़. केके गुप्ता का बयान दर्ज हुए हैं। मेरठ मेडिकल कॉलेज के बयान भी दर्ज किया जाएगा। कई मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपलों के बयान भी दर्ज किया जाएगा। डीजीएमई समेत कई अफसरों से पूछताछ की जा चुकी हैं। किट की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाला पत्र लीक हुआ था। किट पर सवाल उठाने वाले पत्र लीक होने के बाद खरीद पर सवाल उठे थे। 16 अप्रैल को शिकायत की चिट्ठी लीक हुई थी।

खरीद में बड़े अधिकारी थे शामिल: यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से खरीदी थी किट खरीद कमेटी में कई बड़े अधिकारी शामिल थे। चिकित्सा शिक्षा सचिव मार्कण्डेय शाही,महानिदेशक केके गुप्ता, विशेष सचिव धीरेंद्र सचान, श्रीश सिंह, वित्त नियंत्रक कृपाशंकर पांडे शामिल थे।

सुरेश खन्ना ने पीपीई किट पर लगाई थी रोक
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा था कि पीपीई किट की एक लाट में करीब 100 किट खराब होने की शिकायत सामने आई है। फिलहाल इसे वापस कर दूसरी किट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। संस्थानों की आपत्ति के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने भी सभी मेडिकल कॉलेज व संस्थानों को पत्र जारी कर कारपोरेशन द्वारा भेजी गई किट व सामग्री के उपयोग पर रोक लगा दी है।



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पीपीई किट की एक लाट में करीब 100 किट खराब होने की शिकायत सामने आई है। फिलहाल इसे वापस कर दूसरी किट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।




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बहू ने जहर देकर सबको मारा फिर नस काटकर कर लिया था सुसाइड; कारण खाेज रही पुलिस

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में शनिवार को एक मकान में एक ही परिवार के पांच लोगों का शव मिला था। इसके बाद सोशल मीडिया पर हैशटैग एटा मांगे न्याय के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की मांग की गई। इसे एक खास जाति के साथ भी जोड़ा गया। लेकिन 24 घंटे के भीतर एटा पुलिस ने इस मामले का जो खुलासा किया है, वह चौंकाने वाला है। एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया- घर की बहू व मृतका दिव्या पचौरी ने अपने ससुर, बहन, बेटे को जहर देकर मारा। दसके बाद अपने छोटे बेटे आरव की मुंह दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद दिव्या ने विषाक्त खाया और अपने हाथ की नस काटकर अपनी जान दे दी।

एफएसएल लैब भेजा गया बिसरा

इस मामले का खुलासा एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर किया है। तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया है। जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, महिला दिव्या ने चार परिजनों को पहले भोजन में विषाक्त खिलाया। इसके बाद खुद विषाक्त खा लिया और हाथ की नस काट ली। बिसरा परीक्षण के लिए सुरक्षित रखा गया है। उसे एफएसएल लैब आगरा भेजा जा रहा है।

एसएसपी ने बताया कि बहू दिव्या के अलावा 4 लोगों ने खाना खाया था। खाने में विषाक्त पदार्थ मिलाया गया, जो मेडिकल परीक्षण में प्रमाणित हुआ है। बहू दिव्या ने खाना नहीं खाया था। उसके पेट में हार्पिक और विषाक्त पदार्थ मिले हैं। उसने अपने हाथ की नस भी काटी थी। उन्होंने बताया कि, इस मामले में पुलिस की छह टीमें बनाई गई हैं, जो सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल के डिटेल, रंजिश आदि का पता लगाने में जुटी हैं। पुलिस का कहना है कि, मुख्य प्रवेशद्वार व छत का दरवाजा बंद होने के कारण बाहर से किसी के प्रवेश का कोई सबूत नहीं मिला है। मृतका के पति दिवाकर से भी बात हुई है, किसी भी प्रकार की रंजिश होना नहीं बताया है।

क्या है मामला?
एटा कोतवाली नगर के श्रृंगार नगर में पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी राजेश्वर प्रसाद पचौरी शनिवार सुबह मृत पाए गए थे। उनके साथ उनकी पुत्रवधू दिव्या पचौरी, दिव्या की बहन बुलबुल, आठ साल का बेटा आरुष और एक साल का बेटा आरव भी मृत मिले थे। दिव्या पचौरी का पति दिवाकर पचौरी उत्तराखंड में एक दवा कंपनी में नौकरी करता है। घर पर यही पांच लोग थे। शनिवार की सुबह दूधिया दूध देने पहुंचा, काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला, इस पर उसने अंदर झांककर देखा तो वहां शव पड़े थे।



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एसएसपी ने बताया कि बहू दिव्या के अलावा 4 लोगों ने खाना खाया था। खाने में विषाक्त पदार्थ मिलाया गया, जो मेडिकल परीक्षण में प्रमाणित हुआ है। बहू दिव्या ने खाना नहीं खाया था। उसके पेट में हार्पिक और विषाक्त पदार्थ मिले हैं। उसने अपने हाथ की नस भी काटी थी।




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लॉकडाउन के बीच बुजुर्ग दंपत्ति की धारदार हथियार से वारकर हत्या; घर में अकेले रहते थे दोनों

जिले में थाना जानी क्षेत्र के गांव रसूलपुर धौलड़ी में शनिवार रात एक बुजुर्ग दंपत्ति की अज्ञात हमलावरों द्वारा धारदार हथियार से वारकर हत्या कर दी गई। डबल मर्डर की सूचना से सनसनी फैल गई। सूचना पर थाना पुलिस के अलावा एसपी देहात और सीओ सरधना भी मौके पर पहुंच गए। डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिंक टीम को भी मौके पर बुला लिया गया। फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।

मकान के बाहरी हिस्से में खोल रखी थी दुकान

सतेंद्र कुमार गर्ग (72) उर्फ शक्ति अपनी पत्नी सरिता (65) के साथ गांव रसूलपुर धौलड़ी में रहते रहते थे। उनके दो बेटे सोनू और नवीन अपने परिवार के साथ मोदीनगर में रहते हैं। सतेंद्र कुमार गर्ग ने अपने मकान में ही हार्डवेयर और खाद की दुकान खोल रखी थी। आगे की ओर दुकान हैं, जबकि दुकान के पीछे ही उनका मकान है। रविवार की सुबह उनकी दुकान पर गांव का ही एक ग्राहक पहुंचा। वहां जब उसने दुकान बंद देखी तो पड़ोसी पवन से उन्हें बुलाने के लिए कहा।

सुबह ग्राहक पहुंचा तो हुई वारदात की जानकारी

ग्रामीणों के अनुसार पवन ने जब आवाज लगायी तो कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, शक होने पर वह मकान के अंदर गया तो वहां का दृश्य देखकर उसके होश उड़ गए। सतेंद्र और उनकी पत्नी खून से लथपथ पड़े हुए थे। तब तक आसपास के अन्य लोग भी वहां एकत्र हो गए। घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची। सतेंद्र की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि उनकी पत्नी सरिता में कुछ सांस चल रही थी। गंभीर हालत में मिली सरिता को लेकर पुलिस अस्पताल जाने लगी, लेकिन रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया।

सूचना पाकर पहुंचे परिजन।

घटना स्थल से साक्ष्य जुटाने में लगी पुलिस

घटना की सूचना बुजुर्ग दंपत्ति के बेटों को भी दे दी गई है। सीओ सरधना ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भिजवाने की कार्रवाई शुरू करा दी। पुलिस का कहना है कि परिजनों की तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल हत्या के पीछे रंजिश है या लूट इसकी जांच की जा रही है। घटना स्थल से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।



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सरिता गर्ग व उनके पति सत्येंद्र कुमार गर्ग।- फाइल




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एक कमरे में 5 से 7 मरीज; कचरे से भरे डस्टबिन, कोरोना पॉजिटिव रोगी ने वीडियो वायरल कर खोली अव्यवस्था की पोल

स्वच्छता व सामाजिक दूरी बनाकर ही कोरोनावायरस को मात दी जा सकती है। कारण गंदगी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए मुसीबत बन सकती है। लेकिन सैफई मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। यहां वार्ड व शौचालयों में गंदगी का अंबार है। वार्ड में भी मरीजों के बीच सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं रखा गया है। इस बाबत एक युवक ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है।

22 अप्रैल को 69 मरीज सैफई हुए थे शिफ्ट
दरअसल, 22 अप्रैल को आगरा में भगवान टॉकीज स्थित पारस अस्पताल से 69 मरीजों को इटावा के सैफई मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया था। इनमें कई एक ही परिवार के हैं। जिन्हें अलग अलग वार्ड में रखा गया है। यहां का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें मेडिकल कॉलेज में इंतजामों की पोल खोली गई है।


वीडियो को एक 17 वर्षीय युवक ने बनाया है। युवक ने बताया कि, वह चार-पांच दिनों से वहां भर्ती है। उसके माता-पिता भी कोरोना पॉजिटिव हैं। वीडियो में वार्डो के बाहर गत्ता और पानी की बोतलें सहित अन्य सामान पड़े दिखे। वार्ड से कुछ दूरी पर चार रंग के बड़े-बड़े डस्टबिन रखे हैं, जो कचरे से पूरी तरह से भरे हैं। इनके आसपास कचरा पड़ा है। फर्श पर पानी है और शौचालय गंदे हैं। यहां तक नल के पास पोंछा टांगा जा रहा है। वॉशबेसिन तक गंदे पड़े हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बताया कि वार्ड में जिस तरीके से शारीरिक दूरी का पालन होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। पासपास बेड पड़े हैं। बेड शीट तक नहीं बदली जा रही हैं। एक ही कमरे में पांच से सात लोगों को रखा गया है। सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं। एक अन्य मरीज ने बताया कि शौचालय में बाल्टी और मग तक साफ नहीं हैं।


आगरा में मरीजों की संख्या 371 पहुंची, अब तक 9 की मौत
ताजनगरी में अब तक 371 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। यहां 30 क्षेत्रों में 90 सक्रिय हॉटस्पॉट चिन्हित हैं। जबकि, कुल हॉटस्पॉट की संख्या 104 है। अब तक यहां 9 रोगियों की मौत हो चुकी है। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जा रही है, जबकि निष्क्रिय हॉटस्पॉट की निगरानी रखी जा रही है।



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ये तस्वीर सैफई मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 वार्ड के शौचालय की है। यहां इस तरह गंदगी का ढेर लगा है। जिससे संक्रमित रोगियों को अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता है।




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किराना व्यापारी के मरने के बाद आई पॉजिटिव रिपोर्ट, परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कोरोनावायरस से पीड़ित किराना व्यापारी की शनिवार देर रात मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत हो गई। रविवार सुबह मृतक के सैंपल का टेस्ट पॉजिटिव आया है। मृतक के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मेरठ में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या पांच हो गई है। वहीं, प्रदेश में अब तक 29की जान जा चुकी है।

आरोप- बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया गया

केसरगंज दाल मंडी निवासी 65 वर्षीय किराना व्यापारी की हालत कई दिनों से खराब चल रही थी। परिजनों का आरोप है कि, इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सूचना भी दी थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उनकी बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया। एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां बिना जांच पड़ताल किए घर भेज दिया गया। तबियत खराब होने पर मेडिकल अस्पताल से भी उन्हें वापस भेज दिया गया। चार दिन पहले तबियत अधिक खराब होने पर वह खुद मेडिकल अस्पताल अपनी पत्नी के साथ पहुंचे, तब उन्हें भर्ती किया गया।

तीन दिन भर्ती रहे पर नहीं आई रिपोर्ट

भर्ती करने के बाद उनका कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल तो लिया गया लेकिन तीन दिन तक उसकी रिपोर्ट नहीं आयी। शनिवार की शाम को उन्हें बताया गया कि मरीज की मौत हो गई है। उनमें कोरोना जैसे लक्षण थे, लेकिन रिपोर्ट उनकी मौत होने तक नहीं आयी थी। रविवार सुबह मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.आरसी गुप्ता और सीएमओ डा.राजकुमार ने केसरगंज निवासी किराना व्यापारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की पुष्टि की है।

मेरठ में अबतक 89 संक्रमित मिले
उत्तर प्रदेश में शनिवार दोपहर से रविवार सुबह तक 177 कोरोना संक्रमित मिले हैं। मृतक की संख्या 29 हो गई है। यूपी के 57 जनपदों में 1807 कोरोना संक्रमित हैं, इनमें 261 मरीज ठीक हुए हैं। 1040 संक्रमित जमाती और उनसे संपर्क में आए हुए लेाग हैं। वहीं, मेरठ में 89 संक्रमित मिले हैं।



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Meerut Coronavirus Latest Updates: COVID-19 Cases Death and Patients In Uttar Pradesh Indore




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कोर टीम की बैठक में योगी ने कहा- चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए बनाएं डेडिकेटेड टीम, हर जिले में एल 1 अस्पताल विकसित करें

कोरोनावायरस के संक्रमण ने बड़ी महामारी का रूप ले लिया है। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि चिकित्सा कर्मियों के बीच संक्रमण रोकने के लिए हर जिले में 'डेडिकेटेड टीम' बनाई जाए। इसके साथ ही प्रदेश के हर जिले में एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अतिरिक्त रूप से एल-1 अस्पताल के रूप में विकसित करें।

लॉकडाउन की समीक्षा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेटीम-11 के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि डॉक्टर सहित सभी चिकित्साकर्मियों को प्रत्येक दशा में कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखना जरूरी है। मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए राज्य मुख्यालय और सभी प्रभावित जिलों में डेडीकेटेड टीम बनाई जाए। यह टीम सरकारी और निजी अस्पतालों में संक्रमण रोकने का कार्य करेगी। उन्होंने स्वास्थ्य के साथ ही साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्राथमिकता पर ऐसी टीमों का गठन करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों की श्रंखला तैयार करने, अस्पतालों में ऑक्सीजन की नियमित व सुचारू आपूर्ति रखने सहित प्रशिक्षण को और गति देने पर बल दिया। उन्होंने साफ कहा कि मेडिकल शिक्षा के विद्यार्थियों व आयुष आदि चिकित्सकों की भी मेडिकल ट्रेनिंग कराई जाए। उन्होंने एल-1, एल-2 और एल-3 अस्पतालों की संख्या में वृद्धि करने के लिए भी कहा है। अतिरिक्त सीएचसी को एल-1 अस्पताल बनाने के लिए एक-एक अधिकारी को भी नामित किया जाएगा। जिला स्तर पर कार्यो के लिए अधिकारी नामित करें, जिससे कार्य सुचारू चलें और जिम्मेदार की जवाबदेही तय हो।

औद्योगिक इकाइयों में निवेश की नई संभावनाओं की तलाश करें
सरकार प्रदेश में स्थापित औद्योगिक इकाइयों के लॉकडाउन के बाद फिर संचालन के साथ ही संभावनाओं की नई राह भी तलाश रही है। नया निवेश आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौजूदा विभिन्न नीतियों की समीक्षा करने के साथ निर्देश दिए हैं।

उन्होंने श्रम कानूनों की समीक्षा और सुधार करने के लिए कहा है। उद्योगों की स्थिति पर रणनीति बनाने के तहत ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 रिस्पॉन्स-एन इंडस्टियल रिवाइवल स्ट्रैटजी पर केंद्रित प्रस्तुतीकरण देखा।



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सीएम योगी ने कोविड 19 को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि चिकित्साकर्मियों को संक्रमण सेबचाने के लिए डॉक्टरों की एक डेडिकेटेड टीम भी बनाई जाए। जो इन स्थितियों पर लगातार नजर रखेगी।




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जमातियों ने खाने की थालियों में मारी लात : वार्ड ब्वॉय को दौड़ाया, कहा- रोटी दाल नहीं, खाने में कुछ स्पाइसी चाहिए

उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में कोरोना के फैलने के लिए जिम्मेदार जमातियों के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आ रहा है। कानपुर में शनिवार को जमातियों ने हैलट के कोविड-19 अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में खाने की थालियों को फेंक दिया। लात मारकर वार्ड में खाना फैला दिया, संक्रमितों को खाना लेकर पहुंचे वार्ड ब्वॉय के साथ गाली-गलौजकरने लगे। जमाती उसे मारने के दौड़ाने लगे किसी तरह से वार्ड ब्वॉय वहां से जान बचाकर भागने लगा।

दरअसल, जमातियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों का कहना है कि रोजाना मरीजों वाला खाना नहीं खाएंगे। वार्ड ब्वॉय ने फौरन इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी, जिसके बाद हड़कंप मच गया। हैलट के कोविड-19 अस्पताल के तीसरे फ्लोर में बने आइसोलेशन वार्ड में 20 से 25 जमातियों समेत उनके संपर्क में आए 60 संक्रमित भर्ती हैं। वार्ड ब्वॉय दोहपर के वक्त पैक्ड थाली में दाल, चावल रोटी लेकर गया था। वार्ड ब्वॉय से संक्रमितों ने पूछा आज खाने में क्या लाए हो। वार्ड ब्वॉय ने बताया कि मैन्यू के हिसाब से आज दाल चावल, रोटी खाने के लिए है। वहीं लेकर आया हूं। दाल रोटी का नाम सुनकर जमाती भड़क गए।

रोटी दाल का नाम सुनकर भड़के जमाती

जमाती और उनके साथी वार्ड ब्वॉय से कहने लगे कि यह खाना ले जाओ। वार्ड ब्वॉय ने कहा कि अपनी बात अस्पताल प्रशासन के सामने रखो। इस जमातियों ने खाने की थालियों को फर्श पर फेंक दिया। पैक्ड थालियों में लात मार कर पूरा खाना फर्श में फैला दिया। वार्ड ब्वाय ने जब जमातियों की इस करतूत का विरोध किया तो उसे मारने के लिए दौड़ा लिया। जमातियों की इस हरकत के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया।

कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सुबह के वक्त नाश्ता, दो वक्त का खाना मिनरल वाटर और पौष्टिकफल खाने को दिया जाता है। वहीं जमातियों का कहना है कि हम रोजोना एक जैसा सादा खाना खाकर परेशान हो गए हैं। रोज मरीजों वाला खाना नहीं खाएंगे।हमें कुछ स्पाइसी खाना भी दिया जाए।

अधीक्षक आर के मौर्या के मुताबिक घटना संज्ञान में आई है। इसकी सूचना स्वरूप नगर थाने को दी गई है। रविवार को पुलिस की मौजूदगी में खाना दिया जाएगा।



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उप्र में तब्लीगियों के व्यवहार में परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है। कानपुर में भर्ती जमातियों ने शनिवार रात को वार्ड ब्वाय को ही मारने को दौड़ा लिया और वह भी इसीलिए कि उन्हें खाने में रोटी दाल नहीं स्पाइसी भोजन चाहिए।




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देवरिया में खेलते समय लोहे की छड़ों पर गिरा किशोर, जबड़े को आर-पार कर गया सरिया

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में शनिवार की शाम एक 15 वर्षीय किशोर अपनी छत पर खेल रहा था। तभी वह पिलर पर लगे सरिया (लोहे की छड़) पर गिर गया,जिससे सरिया किशोर के जबड़े से आरपार कर गया। उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन,डॉक्टरों ने उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।

गौरीबाजारथाना क्षेत्र केबौड़ीतिवारी गांव निवासीरामलखनराजभर का बेटा राज (15) लॉकडाउन के चलतेशनिवार की शाम अपने घर कीछतपर खेल रहा था। खेलते वक्तअनियंत्रितहोकर वहछतपर पिलरमेंलगेलोहेकीसरियापर जा गिरा। जिससेउसके मुंह में सरियाघुस गया और सरियाउसके जबड़े केआर पार निकल गई।


यह देख अन्य बच्चों ने शोर मचाया तो परिजन मौके पर पहुंचे।लेकिन, जिसने भी राज को देखा वह दहल उठा। कुछ लोगों ने बच्चे के मुंह में फंसेसरियाकोनिकालने का प्रयास किया, लेकिनसफलनहींहुए और आनन फानन में देवरिया जिलाअस्पताल पहुंचे। जहांडाक्टरोंने प्राथमिक उपचार के बाद उसे गोरखपुर मेडिकल कालेज रेफरकर दिया।



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ये तस्वीर देवरिया जिला अस्पताल की है। इस किशोर के जबड़े से सरिया आरपार हो गया है। बच्चे का इलाज के गोरखपुर रेफर किया गया है।




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मुम्बई से आए कोरोना पॉजिटिव के चालक के सम्पर्क में आया पुलिस थाना, 57 पुलिसकर्मी क्वारैंटाइन किए गए

मुंबई से आए कोरोना पॉजिटिव चाचा भतीजे के कार ड्राइवर के संपर्क में आने की वजह से पूरे कौंधियारा थाने के स्टाफ को क्वारैंटाइन किया गया है। ड्राइवर अपने निजी काम से दो दिन पहले कौंधियारा थाने पहुंचा था। वहां पर उसका चचेरा भाई पोस्टेड है। ड्राइवर उससे मिला था। जिसके चलते एहतियातन एसएसपी ने थानाध्यक्ष प्रवीण सिंह समेत 51 पुलिसकर्मियों को क्वारैंटाइन में भेज दिया है। यही नही कौंधियारा थाने से सटे घूरपुर के कर्मा पुलिस चौकी में तैनात चौकी इंचार्ज समेत आधा दर्जन पुलिस वाले भी क्वारन्टीन किये गए है।

इस तरह से प्रयागराज में 57 पुलिस वालों को एक साथ क्वारैंटाइन किया गया है। हांलांकि ड्राइवर मुम्बई वापस चला गया है। पुलिसकर्मियों को क्वारैंटाइन किए जाने की वजह से थाने में नए इंचार्ज की तैनाती भी कर दी गई है। सभी 51 पुलिसकर्मियों को पास के ही स्कूल में क्वारैंटाइन किया गया है जिससे पूरे कस्बे में सनसनी फैल गई है।

कपारी गांव के 192 लोग भेजे गए क्वारैंटाइन सेंटर

शंकरगढ़ के कपारी गांव में कोरोना पॉजिटिव मिले चाचा भतीजे के सम्पर्क में आये 192 लोगों को पुलिस और प्रशासन ने चिन्हित कर उन्हें क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया है। इसके साथ ही उनके सैंपल भी कोरोना की जांच के लिए लैब भेज दिए गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने तेहरवीं के भोज में अनुमति से ज्यादा लोगों को इकठ्ठा कर लिया था।

इसके साथ ही दोनों युवकों को मुंबई से कार से प्रयागराज लेकर पहुंचे ड्राइवर के सम्पर्क में आये कौंधियारा थाना और कर्मा पुलिस चौकी के पुलिस वालो को भी एहतियातन आइसोलेट कर दिया गया है। प्रशासन ने शंकरगढ़ के कपारी गांव के तीन किलोमीटर के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया है और हॉटस्पॉट के रूप में उसे तब्दील कर दिया है।


एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा है कि फिलहाल तीन मई तक लॉकडाउन प्रभावी है और इसमें कोई ढ़ील नहीं दी गई है। जिले में कोरोना के तीन पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद इसका संक्रमण रोकने के लिए पुलिस सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रही है



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प्रयागराज में 57 पुलिसकर्मी क्वारैंटाइन किए गए हैं। मुम्बई से आए एक युवक के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद उससे मिलने वाले इन पुलिसकर्मियों को क्वारैंटाइन किय गया है।




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1843 संक्रमित, 289 मरीज स्वस्थ हुए: सरकार ने कहा- गैर राज्यों से आने वाले लोगों को हर हाल में क्वारैंटाइन कराया जाएगा

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का असर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।उत्तर प्रदेश में अभी तक 1843 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 289 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। अभी तक उप्र में कुल 29 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि अभी तक यूपी में कुल 402 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं और अब तक लॉकडाउन के दौरान 32000 वाहन सीज किए गए हैं। कहा कि सीएम ने राज्य में पूल टेस्टिंग को बढ़ावा देने का निर्देश जारी किया है।

अवस्थी ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना से मेडिकल टीम को संक्रमण से मुक्त करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। जो भी गैर राज्यों से उप्र में आ रह हैं उन्हें हर हाल में क्वारैंटाइन कराया जाएगा। सभी नोडल अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर भी आगे का काम शुरू किया जाएगा। अब तक जो औद्योगिक इकाइयां शुरू हुई हैं वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा।

289कोरोना पेशेंट डिस्चार्ज किए गए: आगरा से 18, लखनऊ से 29, गाजियाबाद से 16, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 59, लखीमपुर-खीरी से 4, कानपुर नगर से 7, पीलीभीत से 2, मुरादाबाद से 1, वाराणसी से 6, शामली से 15, जौनपुर से 4, बागपत से 1, मेरठ से 36, बरेली से 6, बुलन्दशहर से 2, गाजीपुर से 5, आज़मगढ़ से 3, फ़िरोज़ाबाद से 3, हरदोई से 2, प्रतापगढ़ से 6, सहारनपुर से 9, शाहजहांपुर से 1, महराजगंज से 6, हाँथरस से 4, बाराबंकी से 1, कौशाम्बी से 2, सीतापुर से 8, प्रयागराज से 1 व रामपुर से 4 कोरोना पेशेंट्स को स्वस्थ करवाकर डिस्चार्ज किया गया है।

कुल 29मौतें हुईं:यूपी में अब तक कोरोना संक्रमण से 29लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें बस्ती, वाराणसी, बुलन्दशहर, लखनऊ, फिरोजाबाद व अलीगढ़ में 1-1, मुरादाबाद में 6, मेरठ में 5, कानपुर में 3 व आगरा में कोरोना से अब तक कुल 9 मौतें हुईं हैं।


प्रदेश में 90,606 लोगों ने सर्विलांस की 28 दिन की समय सीमा पूरी की हैं। प्रदेश में अब तक 18,890 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण की वजह से क्वारैंटाइन किया गया है। प्रदेश के 57 जनपदों में अब तक कुल 1807 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई, इनमें 1040 लोग तब्लीगी जमात से सम्बंधित हैं।उत्तरप्रदेश के 47 जनपदों में अभी भी कोरोना के 1512 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में कुल 1,03,533 पैसेंजर्स को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। 11,715 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन में रखा गया है।



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उप्र में कोरोना मरीजों की संख्या 1800 को पार कर गई है। पिछले एक सप्ताह से कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने रविवार को यह जानकारी दी।




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9 सूडानी जमाती समेत 15 को अस्थाई जेल भेजा गया, 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में रखने का आदेश

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में पुलिस ने 15तब्लीगी जमातियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सभी को फरीदीपुर में बने अस्थायी जेल में शिफ्ट किया गया है, ये सभी पहले से ही क्वारैंटाइन थे। जमातियों में 9 सूडानी नागरिक, उनके ट्रांसलेटर और कार्य करने वाले शामिल हैं।

31 मार्च को शहर के जामे इस्लामिया मदरसे में सूडान से आए 10 जमाती समेत कुल 15 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया था। दूसरे दिन पुलिस ने सूडानी नागरिको के विरुद्ध वीजा नियमों के उल्लंघन व महामारी अधिनियम समेत अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया। चार अप्रैल की रात इन जमातियों को मदरसे से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां सैंपलिंग के बाद रिपोर्ट निगेटिव आने पर इन्हे वापस मदरसे में क्वारैंटाइन किया गया गया।

इसके बाद हाल ही में सभी सूडानी जमाती समेत उनके साथ चलने वालों को फरीदीपुर स्थित क्वारैटाइन सेंटर में ले जाकर रखा गया था। यहां दोबारा सैंपल लिया गया और एसजीपीजीआई लखनऊ भेजा गया। जिसमें एक सूडानी नागरिक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसे कुड़वार सीएचसी के आईसोलेशन सेंटर में रखा गया। अन्य सभी सूडानी नागरिकों व उनके साथ रहने वाले कुल 15लोगों को मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ वर्मा के समक्ष रविवार को पेश किया गया। जहां से मजिस्ट्रेट ने सभी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में रखे जाने का निर्देश दिया। इस पर सभी को फरीदीपुर क्वारैंटाइन सेंटर में बने अस्थाई जेल में लाकर रखा गया है।



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मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ वर्मा के आदेश पर पुलिस ने की कार्रवाई।




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आज 20 संक्रमित मिले, पुलिस ने पतंगबाजी पर लगाई रोक, गाना गाकर कहा- ऐसा किया तो जाना पड़ेगा जेल

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कोरोनावायरस का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को 20 नए केस सामने आए। इनमें 10 संक्रमित मुन्नापुरवा व 10 कर्नलगंज के हैं। संक्रमितों में 13 महिलाएं भी शामिल हैं। इस तरह अब यहां कुल संक्रमितों की संख्या 185 हो चुकी है। जिनमें 173 एक्टिव केस हैं। वहीं प्रदेश में1843 मामले आ चुके हैं।आज कानपुर में पतंगबाजी पर भी पाबंदी लगा दी गई है। चमनगंज पुलिस ने गाना गाते हुए पतंगबाजी न करने की अपील की। पतंग उड़ाने पर मुकदमा दर्ज करने की हिदायत दी है। इसे पूरे जिले में लागू किया जाएगा।

लॉकडाउन में देखा गया है कि लोग बड़ी संख्या में अपने घरों की छतों पर पतंग उड़ा रहे हैं। ऐसे में पंतग वायरस को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का माध्यम बन सकती है। जिला प्रशासन ने पतंग उड़ाने वालों पर सख्ती से नकेल कसने का प्लान तैयार किया है। गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पतंग उड़ाने वालों पर ड्रोन से भी नजर रखा जा रहा है। पुलिस ने शहर के सभी थानों में पंतग उड़ाने वालों को चेतावनी दी है। जगह-जगह इसके लिए पुलिस ने माइक से अनांउस भी किया है। चमनगंज पुलिस ने क्षेत्र में माइक से गाना गाकर अपील की है कि 'भैया मेरे पतंग नहीं उड़ाना नहीं तो पड़ेगा जेल जाना, सभी अपने बच्चों को बताना है छत पर पतंग न उड़ाना'।

सीसामऊ सीओ त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि, चमनगंज पुलिस द्वारा गाने के माध्यम से पतंगबाजी पर प्रतिबंध की सूचना शहरवासियों को दी गई है। पतंग उड़ाने से कोरोना महामारी की घटना हो सकती है। पतंग एक जगह से दूसरी जगह जाती है, उस पतंग को कौन उसको छू रहा है और कौन उसको बना रहा है। ऐसे में संक्रमण बढ़ने की संभवाना बढ़ जाती है। इसके साथ यह भी देखा गया है कि बच्चे पतंग के पीछे दौड़ते है और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।



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प्रशासन ने कहा- पतंबाजी पर प्रतिबंध शहर के सभी थाना क्षेत्रों में लागू होगा। यदि कोई पतंगबाजी करता पाया गया तो उस पर केस दर्ज होगा।




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आज 28 मरीज डिस्चार्ज हुए; गोरखपुर में 3 माह के बच्चे ने तो ग्रेटर नोएडा में 82 साल की बुजुर्ग ने दी कोविड-19 को मात

उत्तर प्रदेश में रविवार को दोपहर चार बजे तक कोरोनावायरस के 36 नए केस सामने आए। जिससे पॉजिटिव केस की संख्या 1843 पहुंच गई। इनमें 29 की मौत हो चुकी है। हालांकि, राहत की बात है कि, अब संक्रमित रोगी के ठीक होने की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। रविवार को गोरखपुर में तीन माह के बच्चे के अलावा आगरा में 19, ग्रेटर नोएडा में 8 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए। अब तक प्रदेश में 289 लोग ठीक हो चुके हैं।


तीन माह का बच्चा अपनी मां के साथ घर भेजा गया

बस्ती के रहने वाले एक युवक की बीते 29 मार्च को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इससे पहले ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मृतक के शव को परिजनों को सौंप दिया था। जिसके अंतिम संस्कार में कई लोग शामिल हुए। जब इन लोगों की सैंपलिंग हुई तो पता चला कि, 19 लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। इनमें तीन माह का बच्चा व उसके माता-पिता भी शामिल थे। जिनका 12 अप्रैल से इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। रविवार को डॉक्टरों व अन्य स्टॉफ ने ताली बजाकर बच्चे व उसकी मां को विदाई दी।

82 साल बुजुर्ग व नवजात शिशु ने कोरोना को दी मात

रविवार को ग्रेटर नोएडा के जिम्स (गवर्मनेट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) हॉस्पिटल से 8 कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीककर डिस्चार्ज कर दिया गया। हालांकि ये सभी घर पर 14 दिन होम क्वारैंटाइन रहेंगे। रोगियों में 82 वर्षीय वृद्ध महिला भी शामिल थी। एक नवजात शिशु के साथ मां को भी अस्पताल से छुट्टी मिली। डीएम सुहास एलवाइ ने कहा- जिम्स हॉस्पिटल में अब तक 89 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीजों को स्वस्थ कर घर भेज चुका है। अब यहां
सिर्फ 4 मरीज भर्ती हैं। पूरे देश मे नोएडा मरीजों को ठीक करने के मामले में सबसे ऊपर है। इस दौरान डीएम ने सभी डिस्चार्ज हुए मरीजों को गिफ्ट दिए और पूरे स्टाफ ने ताली बजाकर सभी का अभिनंदन किया।


अब तक 140 की रिपोर्ट निगेटिव, आज 19 डिस्चार्ज

यूपी में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज आगरा में हैं। यहां अब तक 372 मरीज मिल चुके हैं। जबकि 9 की जान गई है। लेकिन रविवार ताजनगरी वालों के लिए सुखद एहसास देने वाला रहा। यहां आज 19 संक्रमितों ने कोरोना को मात देकर अस्पताल से छुट्टी ली है। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि अभी तक 140 ऐसे लोग हैं जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी हैं। जिन्हें चरणबद्ध तरीके से डिस्चार्ज किया जा रहा है। अब तक लगभग 65 मरीजो को डिस्चार्ज किया जा चुका है। आगरा में 46 मरीज अन्य शहरों और राज्यों के भर्ती हैं।



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गोरखपुर में रविवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज से तीन माह के बच्चे को उसकी मां के साथ घर भेजा गया। ये बच्चा बस्ती जिले का रहने वाला है।




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कानपुर में पतंगबाजी पर रोक; राज्य में कोरोना के 402 हॉटस्पॉट, लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर अब तक 32000 वाहन सीज

उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 177 नए केस सामने आए। इसके साथ राज्यों में मरीजों की संख्या बढ़कर 1843 पहुंच गई है। 261 मरीज ठीक हुए हैं। 1040 संक्रमित जमाती और उनसे संपर्क में आए हुए लोगहैं। उधर, झांसी पुलिस ने रविवार कोएक ट्रक को पकड़ा, जिसमें 44 मजदूर सवार थे। ये सभी महाराष्ट्र से आए थे। इन्हें मध्यप्रदेश-यूपी बॉर्डर से लौटा दिया गया।

अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा- अभी तक यूपी में कुल 402 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं। लॉकडाउन के दौरान 32000 वाहन सीज किए गए हैं। सीएम ने राज्य में पूल टेस्टिंग को बढ़ावा देने का निर्देश जारी किया है। गैर राज्यों से यूपी में आने वालों को हर हाल में क्वारैंटाइन कराया जाएगा। अब तक जो औद्योगिक इकाइयां शुरू हुई हैं वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा है कि उप्र में अभी तक 1843 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 289 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। अभी तक उप्र में कुल 29 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

कानपुर में पतंगबाजी पर रोक लगी
कानपुर में पतंगबाजी पर भी पाबंदी लगा दी गई है। चमनगंज पुलिस ने गाना गाते हुए पतंगबाजी न करने की अपील की। पतंग उड़ाने पर मुकदमा दर्ज करने की हिदायत दी है। इसे पूरे जिले में लागू किया जाएगा। कानपुर में रविवार को 20 नए केस सामने आए। इनमें 10 संक्रमित मुन्नापुरवा व 10 कर्नलगंज के हैं। संक्रमितों में 13 महिलाएं भी शामिल हैं। इस तरह अब यहां कुल संक्रमितों की संख्या 185 हो चुकी है। जिनमें 173 एक्टिव केस हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • झांसी: लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र में फंसे यूपी के लाखों प्रवासी मजदूर वाहनों में छिपकर घर लौट रहे हैं। ऐसा ही एक ट्रक झासी पुलिस ने पकड़ा। इसमें 44 मजदूर सवार थे। एमपी-यूपी बॉर्डर पर पहुंचे थे। पुलिस ने उन्हें वापस लौटा दिया। मजदूरों ने बताया कि वे लोग दिन में रुकते थे। केवल रात में ही सफर करते थे। इन्होंने बताया कि उन्हें न महाराष्ट्र में और न मध्यप्रदेश में रोका गया।
  • वाराणसी: 7 पुलिस कर्मियों कोरोना हो गया है। इनमें एक उपनिरीक्षक, तीनहेड कॉन्स्टेबल, तीनकॉन्स्टेबल शामिल हैं। ये सभी सिगरा थाने की नगर निगम चौकी पर तैनात हैं। बताया गया कि सबसे पहले चौकी इंचार्ज (उप निरीक्षक) को खांसी और बुखार के लक्षण थे। इसके बाद संपर्क में रहने से चौकी के कुछ और पुलिस कर्मी चपेट में आ गए । ये सभी एक साथ चौकी के ही बैरक में रहते हैं।
  • आगरा:जिले में शनिवार को ताजगंज की 65 साल कीमहिला की मौत हो गई। वह एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी। सांस कीबीमारी भीथी। जिले में कुल 371 केस सामने आए हैं।
  • मुजफ्फरनगर: जनपद में जानसठ इलाके के कवाल गांव की मस्जिद में क्वारैंटाइन किए गए दिल्ली के दो जमातीकोरोना संक्रमित पाए गए। खतौली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक विक्रम सैनी इसी गांव के रहने वाले हैं।गांव को चारों तरफसे सील कर दिया गया।
महाराष्ट्र से झांसी आए मजदूरों को रविवार सुबह लौटा दिया गया। यह सभी लोग पांच दिन में झांसी से पहुंचे थे।
आगरा में रविवार को लॉकडाउन के दौरान लोग बेवजह बाहर निकले।

पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण:

  • आगरा में 375, लखनऊ में 196, सहारनपुर में 160, कानपुर नगर में 149, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 113, मुरादाबाद में 101, मेरठ में 89, फिरोजाबाद में 83, गाजियाबाद में 53, रायबरेली में 43, बुलन्दशहर में 38, बिजनौर में 29, शामली में 27, वाराणसी में 26, अमरोहा में 25, बस्ती में 23, संतकबीरनगर में 21, रामपुर-सीतापुर में 20-20, हापुड़ में 18, मुजफ्फरनगर में 17, बागपत में 15, बदायूं में 13, संभल में 12, अलीगढ़ में 11, औरैया में 10, मथुरा में 9, आज़मगढ़-बहराइच में 8-8, कन्नौज में 7, बरेली-गाजीपुर-प्रतापगढ़-महराजगंज में 6-6, जौनपुर-मैनपुरी में 5-5, लखीमपुर खीरी-हाथरस-प्रयागराज-श्रावस्ती में 4-4, बांदा-मिर्जापुर-कासगंज-एटा-सुल्तानपुर में 3-3, पीलीभीत-हरदोई-कौशाम्बी-इटावा में 2-2, शाहजहांपुर-बाराबंकी-उन्नाव-गोंडा-मऊ-भदोही-बलरामपुर-अयोध्या में 1-1 की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।
  • कुल 28 मौतें हुईं: बस्ती, वाराणसी, बुलन्दशहर, लखनऊ, फिरोजाबाद व अलीगढ़ में 1-1, मुरादाबाद में 6, मेरठ में 4, कानपुर में 3 व आगरा में कोरोना से अब तक कुल 8 मौतें हुईं।

आज अक्षय तृतीया है।वाराणसी के घाटों परसन्नाटादिखा।



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ये फोटो लखनऊ का है। यहां सड़क पर चित्र बनाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लखनऊ में कोरोना से 196 लोग संक्रमित हैं।




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अयोध्या में निजी हॉस्पिटल संचालक पर एफआईआर, कोरोना महामारी फैलाने का आरोप, यहीं मिला था जिले का पहला केस

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में रविवार को संजाफी हॉस्पिटल व ट्रामा सेंटर के प्रबंधक व संचालक डॉक्टर मुकेश गौतम के खिलाफ अयोध्या कोतवाली में केस दर्ज किया गया है। संचालक पर कोरोना संकट को लेकर जारी लॉकडाउन में प्रतिबंधों को तोड़कर ओपीडी व आईसीयू संचालित करने का आरोप है। बता दें कि, इसी अस्पताल में जांच के लिए पहुंची सनेथू नत्थन का पुरवा गांव निवासी 25 वर्षीय गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव मिली थी। 23 अप्रैल को यहां पहला कोरोना केस सामने आया था।


कोरोनावायरस के नोडल अधिकारी ने दर्ज करवाया केस
कोरोना के जिला नोडल अधिकारी डॉ. आरके देव ने संजाफी हास्पिटल के मैनेजर डॉ. मुकेश गौतम के खिलाफ धारा 188, 269, 270 व महामारी अधिनियम की धारा 3 व आपदा प्रबंधन की धारा 51 के तहत केस दर्ज करवाया है। जिसमें डॉ. गौतम पर आरोप लगाया गया है कि साजिश के तौर पर उन्होंने कोरोना को फैलाने का प्रयास किया है और लॉकडाउन को तोड़ कर डीएम की बिना अनुमति के अपने अस्पताल का ओपीडी व आईसीयू को संचालित रखा।

पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि जिस महिला में कोरोना पाजिटिव मिला है, उसका परीक्षण व इलाज डा आकांक्षा ने 9 मार्च व 19 अप्रैल को भी किया था। जबकि 23 अप्रैल को जब अस्पताल ने कोरोना का टेस्ट करवाया तो उसमें पाजिटिव रिपोर्ट आई। इस तरह से महामारी के बचाव को लेकर लगाए लॉकडाउन प्रतिबंधों को मनमानी तरीके से बार बार तोड़ा गया। इस समय आरोपित डॉ. मुकेश गौतम व संजाफी हास्पिटल के सभी स्टाफ को तिरूपति होटल में क्वारैंटाइन किया गया है।

संक्रमित महिला सुल्तानपुर में भर्ती
कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद महिला को सुल्तानपुर के आइसोलेशन सेंटर पर इलाज के लिए भेज दिया गया है। जबकि उसके गांव सनेथू को हॉट स्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है। गांव के सभी सदस्याँ की थर्मल स्क्रीनिंग कर उन्हें होम क्वारैंटाइन किया गया है।



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इसी अस्पताल में एक गर्भवती महिला संक्रमित मिली थी। उसका इलाज सुल्तानपुर में चल रहा है।




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कनिका कपूर ने कहा- मेरी वजह से किसी को कोरोना नहीं हुआ, मैंने जानबूझकर कुछ भी नहीं किया

बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोनावायरस को मात देकर फिलहाल क्वारैंटाइन में समय बिता रहीं हैं। उन्होंने रविवार को इंस्टाग्राम पर बयान जारी कर कोरोनावायरसमहामारी फैलाने के आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा- जिन भी लोगों के संपर्क में मैं आई थी, वे सभी जांच में निगेटिव पाए गए। मैंने एक भी पार्टी आयोजित नहीं की। मुझे यदि बीमारी के बारें में पता होता, तो ऐसा बिल्कुल न करती। मुझे जैसे ही समस्या हुई तो मैंने टेस्ट कराया। टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल चली गई। बता दें किकनिका कपूर कोरोनावायरस की जद में आने वाली बॉलीवुड सेलेब थीं। इस दौरानकनिका पर महामारी को फैलाने के आरोप भी लगे। इतना ही नहीं इस मामले में लखनऊ के सरोजनी नगर थाने में उन परकेस भी दर्ज है।

मैं इसलिए नहीं चुप थी, क्योंकि गलत थी
कनिका ने लिखा- मुझे पता है कि, मेरे बारें में कई कहानियां बनाईं गई हैं। कुछ तो इस वजह से ज्यादा बढ़ी क्योंकि, मैं अब तक चुप रही। मैं इसलिए चुप नहीं थी, क्योंकि मैं गलत थी। मुझे पता था लोगों को गलत जानकारी दी गई। मैं बस इंतजार कर रही थी कि लोग खुद सच को समझें। मैं अपने परिवार, दोस्त व प्रशंसकों का बहुत धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने ऐसे वक्त में मुझे समझा। लेकिन, अब मैं आपको सही बातें बताना चाहूंगी।

मैंने कोई पार्टी होस्ट नहीं की, जब लक्षण दिखे तो टेस्टकराया था

कनिका ने लिखा- वह इस समय अपने लखनऊ वाले घर में हैं।माता-पिता के साथ क्वालिटी टाइम बिता रही हैं। जब 10 मार्च को वह लंदन से मुंबई आई थी, तब एयरपोर्ट पर जांच भी की गई थी।उस समय क्वारैंटाइन में रहने के संबंध में कोई एडवायजरी नहीं थी। इसके बाद जब वह मुम्बई से लखनऊ आईं, तब भी उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं था। न ही एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की गई।

उस समय स्वास्थ्य की कोई समस्या नहीं थी, इसलिए कुछ कार्यक्रमों में गई थी। खुद कोई पार्टी आयोजित नहीं की। 17 मार्च को जब उन्हें कुछ समस्या लगी, तब खुद से कोरोनावायरस टेस्ट कराने को कहा था। टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद 20 मार्च को अस्पताल चली गई। मैं उम्मीद करती हूं कि इस मैटर से लोग सच्चाई और संवेदनशीलता के साथ डील करें। इंसान पर नकारात्मकता थोपने से सच्चाई नहीं बदलती।


इंस्टाग्राम पर कनिका ने जारी किया बयान-



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कोरोनावायरस से बीमार होने वाली कनिका कपूर पहली बॉलीवुड सेलेब थीं। उन पर बीमारी को छिपाकर कई पार्टियों में शामिल होने का आरोप लगा था।