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कार्तिक आर्यन ने फराह कुंदर को वीडियो कॉल करके परेशान किया, बोले- मैं ये दाढ़ी काटूं या नहीं?

लॉकडाउन के बीच एक्टर कार्तिक आर्यन ने मंगलवार को कोरियोग्राफर-फिल्ममेकर फराह खान कुंदर को वीडियो कॉल करते हुए उनके साथ हंसी-मजाक किया। इस बातचीत की छोटी सी क्लिप उन्होंने अपने इंस्टा अकाउंट पर शेयर की। इसके साथ उन्होंने लिखा, 'बस इज्जत ही कमाई है भाई ने, हमारे स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा बहुत जानकारी से भरा कैमियो'।

इस वीडियो में फराह कार्तिक से पूछती हैं, 'क्यों फोन किया है मुझे.. परेशान करने के लिए?' तब कार्तिक कहते हैं, 'मैं ये दाढ़ी काटूं या नहीं, बहुत महत्वपूर्ण सवाल है?' तब फराह कहती हैं, 'थोड़ी तो काट दे यार, थोड़ा किसी का विग बन जाएगा। किसी टकले का भला हो जाएगा।'

फराह बोलीं- ये बकवास करने के लिए फोन किया है तूने

फिर फराह पूछती हैं, 'क्या चाहिए तुझे' तब कार्तिक कहते हैं 'वो आपने पब्लिक सर्विस अनाउंस किया था ना, कोई भी वीडियो ना बनाए, कोई भी वर्कआउट ना करे। तो मैंने सोचा 'कोकी पूछेगा' में हेल्थ एक्सपर्ट को बुलाना चाहिए।' उनकी ये बात सुनकर फराह कहती हैं, 'ये बकवास करने के लिए तो तूने मुझे फोन किया है, क्यों किया है, बाय-बाय टाटा।'

कार्तिक ने शुरू की है नई सीरीज

देश में जारीकोरोनावायरस के प्रकोप के बीच कार्तिक आर्यन ने एक सीरीज की शुरुआत की है। जिसका नाम उन्होंने 'कोकी पूछेगा' रखा है। इसमें वे कोरोना संक्रमण को मात देने वाले लोगों और कोरोना वॉरियर्स से बात करते हुए उनका हौसला बढ़ाते हैं। कार्तिक अबतक इस सीरीज के चार एपिसोड रिलीज कर चुके हैं।

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कार्तिक ने फराह को वीडियो कॉल करते हुए उनसे हंसी मजाक किया। (फोटो/वीडियो साभारः कार्तिक आर्यन के सोशल मीडिया अकाउंट से)




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एनएसडी की सिलेक्शन लिस्ट देख रहा था, इरफान ने पूछा- तुम मुस्लिम हो, मैंने पूछा- तुम बंगाली? ऐसा था हमारा पहला इंटरेक्शन

नीचे जो बातें लिखी हैं वह सब आलोक चटर्जी ने कही हैं। फोन पर। वे मध्यप्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक हैं। अभी भोपाल में हैं। इरफान के तब के दोस्त हैं, जब दोनों 1984 से 1987 तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में साथ पढ़ते थे। फोन किया तो बात के दरमियानफफक-फफक कर रो पड़े। बोले- नहीं बोल पाऊंगा, फिर कुछ सांसें लीं और कहा- ये लॉकडाउन नहीं होता तो अभी मैं मुंबई में होता। फिर खामोश हुए और बोलते गए। जैसा उन्होंने कहा...


...हम लोग नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में 1984 से 87 तक साथ में पढ़े। हमने 3 साल हर नाटक में लीड रोल किया। इरफान एक्टिंग को काफी सीरियसली लेते थे। शुरू से ही वे गंभीर और संजीदा अभिनेता थे। कम बोलते थे, दोस्तों में लोकप्रिय थे और हंसाने में माहिर।


एनएसडी में इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि एफटीआईआई (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) में अभी एक्टिंग का कोर्स नहीं है, इसलिए मैं एनएसडी आया हूं, क्योंकि मुझे सिनेमा का एक्टर बनना है। सिनेमा का भी ऐसा एक्टर बनना चाहता हूं कि जिसकी एक्टिंग देखकरडायरेक्टर खुद पास आएं। ये उसका सपना था और जिंदगी में उसने अपने सामने इस मुकाम को हासिल भी किया।


बात तब की है, जब हम लोग एनएसडी में अपने सिलेक्शन की लिस्ट देख रहे थे। वो पीछे खड़ा था। मैंने पूछा कि तुमकिस डॉरमेट्री में हो? उसने कहा कि मैं 5 नंबर डॉरमेट्री में हूं। उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुस्लिम हो? इस पर मैंने उससे पूछा कि तुम बंगाली हो? तो बोला कि नहीं, मैं मुस्लिम हूं। मैंने कहा कि मैं बंगाली हूं। ये हमारा एनएसडी में पहला इंटरेक्शन था।एनएसडी में तीन साल तो हम साथ रहे ही, उसके बाद भी संपर्क बना रहा। 2005 में जब मैं मुंबई में अनुपम खेर साहब के घर गया तो उससे मिलने भी गया था। तब तक वे बहुत बड़े स्टार बन चुके थे, लेकिन मिले वैसे ही, जैसे एनएसडी के दिनों में हुआ करते थे।


तीन साल पहले वे एक अखबार के कार्यक्रम में भोपाल आए थे, उस वक्त भी मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से उनसे जाकर मिला था। उस समय सुरक्षा के लिहाज से उसे 5-6 कमांडो घेरे हुए रहते थे। मैंने पूछा भी कि तेरे से मिलने के लिए क्या कमांडो से मिलना पड़ेगा? तो बोले- ये तेरे लिए थोड़ी हैं।


उसकी सादगी और बेतक्कलुफी का अंदाजा इस बात से लगाइए कि मैंने सिगरेट पी और उसने बीड़ी। हम साथ में चाय पी, बादाम खाए। इससे पहले भी वे 20 साल पहले दूरदर्शन के सीरियल सलमा सुल्तान की शूटिंग के लिए भोपाल आए थे, तब घर आए थे। करीब 10 साल पहले फिल्म मकबूल की शूटिंग भी भोपाल में हुई थी। मकबूल शेक्सपीयर के नाटक मैकबेथ पर बेस्ड है। उसने मुझसेमैकबेथ कीअंग्रेजी कॉपी मांगी थी, जहांनुमा होटल में मैं उसे ये देना गया था।


कह सकते हैं कि मिलने-जुलने का सिलसिला लगातार चलता रहा। मैं उनकी पत्नी (सुतापा सिकदर) को अच्छी तरह जानता हूं और वे भी मेरी पत्नी शोभा को छुटपन से जानते थे, क्योंकि हम दोनों के पत्नियों (तब करीबी दोस्त रहीं) से तकरीबन साथ-साथ ही प्रेम संबंध चल रहे थे। उसका अफेयर स्कूल से ही था। मैं उसका एक तरह से मैसेंजर था। उनकी लव मैरिज का प्रस्ताव लेकर भी मैं ही गया था।


बंगाली होने के कारण उसने मुझसे कहा कि तुम भरोसेमंद आदमी हो, तुम्हीं जाकर बात करो। हालांकि, उसने शादी एनएसडी से निकलने के चार-साल बाद, शायद 1991-92 में की। इसकी वजह शायद मुंबई का स्ट्रगल रहा होगा। उससे पारिवारिक संबंध थे। मैं उनकी मां को भी जानता था। उनके छोटे भाई से मिल चुका हूं।


उसने शुरुआत में मुंबई में स्ट्रगल भी काफी किया। छह घंटे कॉल सेंटर में नौकरी था, बाकी समय में स्टूडियो-निर्देशकों की खाक छानी। पहले सीरियल डिस्कवरी ऑफ इंडिया में ब्रेक मिला। इसके 8 साल बाद टेलीविजन का सबसे पॉपुलर स्टार बना। फिर उसको पहली फिल्म मिली। संभवत: 42 साल की उम्र में वह सिनेमा में आया। और जब आया तो अमिताभ बच्चन से लेकर टॉम हैंक्स जैसे एक्टर के साथ काम किया।


लीड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण और ऐश्वर्या राय के साथ स्क्रीन शेयर किया। वो इन्कंपेरिबल था। किसी के साथ उसकी तुलना नहीं थी। नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी और अनुपम खेर के बाद वो एनएसडी का चौथा आदमी था, जिसने अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई। हमारे बैच का था, हमारा यार था (ये कहकर आलोक रो दिए)। लॉकडाउन नहीं होता तो मुंबई जाता।

वो शुरू से नसीरुद्दीन शाह को बहुत मानते थे। उनका मानना था कि फिल्मों में जो रियलिस्टिक एक्टिंग होती है, वो नसीर साहब करते हैं। अच्छे रोल मिलें तो आदमी कामयाब हो सकता है। पान सिंह तोमर में उसका सर्वश्रेष्ठ अभिनय है। उसके कैरेक्टर को वो पी गया था। ही वॉज अ किंग।



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Irrfan Khan Death; Bollywood Actor Was 53 | Madhya Pradesh School of Drama Director Alok Chatterjee shared his experiences with Irfan Khan from Dainik Bhaskar




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लॉकडाउन के बीच रमजान पड़ने से खुश हैं हिना खान, बोलीं- '10 सालों में पहली बार पूरे रोजे रखने का मौका मिला है'

हिना खान लॉकडाउन के बाद से ही घर पर रहकर फैंस के साथ मोटीवेशनल और मजेदार पोस्ट शेयर कर रही हैं। लॉकडाउन के बीच रमजान के आने पर हिना ने पूरी सावधानी के साथ घर पर रोजे रखते हुए फैंस को अपने पिछले सभी रमजान के किस्से शेयर किए हैं। उन्होंने बताया है कि लॉकडाउन के चलते वो 20 सालों में पहली बार पुरी शिद्दत से रोजे रख पा रही हैं।

हिना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से मंगलवार को कुछ स्टोरीज शेयर की थीं जिनमें उन्होंने लॉकडाउन के बीच पड़े रमजान का अपना एक्सपीरिएंस शेयर किया है। उन्होंने वीडियो में बताया है कि भले ही लॉकडाउन बुरा चल रहा है लेकिन इसका पॉजिटिव साइड ये है कि उन्हें 10 सालों में पहली बार आराम से सारे रोजे रखने का मौका मिल रहा है। हर बार वो अपनी शूटिंग, ट्रेवलिंग या किसी काम के चलते सिर्फ शुक्रवार के दिन या रमजान के आखिरी दिन रोजा रख पाती थीं मगर अब वो घर में हैं तो पूरे रख पाएंगी।

घर में ही कर रही हैं इबादत

हिना खान से एक फैन ने पूछा था कि क्या वो नमाज पढ़ती हैं। इसका जवाब देते हुए हिना ने जानमाज में बैठकर तस्वीर शेयर किया है। उन्होंने लिखा, 'आप सब मुझसे पूछ रहे थे कि क्या मैं नमाज पढ़ती हूं, जी हां मैं पढ़ती हूं'। रमजान के पहले दिन हिना ने फैंस से भी घर पर लॉकडाउन का पालन करते हुए इबादत करने की अपील की थी।

हिना खान की इंस्टा स्टोरी।

हिना लगातार अपने घर से रमजान की कुछ खूबसूरत झलक शेयर कर रही हैं। इस साल के अपने पहले रोजे की तस्वीर शेयर करते हुए भी एक्ट्रेस ने फैंस को बधाई दी थी। इसके अलावा भी वो अपनी सेहरी और इफ्तार की स्टोरीज भी फैंसे के साथ शेयर कर रही हैं।



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Hina Khan is happy to have Ramadan in the midst of lockdown, said- 'For the first time in 10 years, I have got a chance to have full fast'




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शादी की सालगिरह पर बिपाशा ने शेयर किया वर्कआउट वीडियो, 2 घंटे की एक्सरसाइज को सिर्फ 1.11 मिनट में दिखाया

लॉकडाउन के दौरान भी एक्ट्रेस बिपाशा बसु अपनी फिटनेस को बरकरार रखने में कोई समझौता नहीं कर रही हैं और नियमित रूप से वर्कआउट कर रही हैं। मंगलवार को अपनी शादी की चौथी सालगिरह के मौके पर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमें उन्होंने 1 घंटे 20 मिनट के वर्कआउट को फास्ट फॉरवर्ड रूप में सिर्फ 1 मिनट 11 सेंकड के वीडियो में दिखा दिया।

इस 'टाइम लैप्स' वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, 'यदि वर्कआउट इतनी तेजी से और आसान होता। #खुद से प्यार करें #अपने शरीर से प्यार करें #घर पर रहें, सुरक्षित रहें'। वीडियो पर कमेंट करते हुए जब एक यूजर ने उनसे इस वर्कआउट सेशन में लगा कुल समय पूछा तो बिपाशा ने लिखा, '1 घंटा 20 मिनट वॉर्मअप'

सालगिरह की तैयारी के लिए बनाए थे लड्डू

इससे एक दिन पहले बिपाशा ने अपनी शादी की चौथी सालगिरह की तैयारी करते हुए उन्होंने बेसन के लड्डू बनाने का वीडियो शेयर किया था। करण सिंह ग्रोवर के साथ उनकी शादी 28 अप्रैल 2016 को हुई थी। इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था, '4th सालगिरह (मंकीवर्सरी) की तैयारियां... उसके (करण) पसंदीदा बेसन के लड्डू की मेकिंग।' बिपाशा ने यहां 'मंकीवर्सरी' इसलिए लिखा, क्योंकि ये कपल एक-दूसरे को मंकी कहकर बुलाता है। इसलिए उनकी शादी को 'मंकी वेडिंग' कहा गया था, वहीं एनिवर्सरी को 'मंकीवर्सरी' कहा गया।

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बिपाशा बसु की शादी 28 अप्रैल 2016 को करण सिंह ग्रोवर के साथ हुई थी। (फोटो/वीडियो साभार- बिपाशा के सोशल मीडिया अकाउंट से)




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अभिनेता रघुवीर यादव ने की कोरोना पॉजिटिव मरीजों की तरफ नजरिया बदलने की अपील, कहा- 'कोविड पॉजिटिव रोगियों को अपराधी न समझें'

एक तरफ कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों को समाजिक सहयोग के बजाए मानसिक तनाव व कलंक की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोगों को मानसिक तनाव से बाहर निकालने के लिए लोग आगे आ भी आ रहे हैं। इस कड़ी में मंगलवार को दिग्गज अभिनेता रघुबीर यादव ने #SochBadlo नाम की एक वीडियो शेयर की है जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की तरफ समाज के नजरिए को बदलने की बात कर रहे हैं।

दिग्गज अभिनेता रघुवीर यादव हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज ‘पंचायत’ में अपने अभिनय को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। कुल 70 सेकेंड के इस वीडियो में वह कह रहे हैं, ‘ सवाल ये है कि इन लोगों के चेहरे कहां हैं, ये छुपे क्यों हैं, किस बात का डर है इन्हें, सच बात तो ये है आजकल कोविड पॉजिटिव होना किसी जुर्म से कम नहीं है। लोग सोचते हैं कि अगर आप कोविड पॉजिटिव हैं तो आप एक मुजरिम हैं,ये गलत है। ये सोच बिल्कुल ही गलत है, और इसे हर हाल में रोकना चाहिए, हाथ मत मिलाइए, कोरोना को हराने के लिए सही सोच मिलाइए’।

वीडियो में नजर आ रहे रघुवीर यादव।

इस वीडियो के एक संदेश में लोग कह रहे हैं कि कोविड-19 पॉजिटिव कोई भी हो सकता है। एक डॉक्टर, एक एयर होस्टेस, एक बच्चा या वरिष्ठ नागरिक और रोगी कोई भी हो सकता है। एक हिंदू, मुस्लिम या किसी अन्य धर्म के लोग हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि जात-पात, धर्म को छोड़ इस महामारी से लड़ें। इस वीडियो को बनाने में गीता सिंह, अविनाश कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

इस वीडियो को मुंबई स्थित वातवरण फाउंडेशन, बेंगलुरु स्थित झटका ऑर्गेनाइजेशन और बिहार स्थित सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीईईडी) ने मिलकर जारी किया है। ये तीनों संस्था आपस में मिलकर देशभर में इस अभियान को चला रहे हैं। अभिनेता ने जनता से अपील करते हुए कहा कि उन सभी मिथकों और कलंकों को मिटाना होगा जो कोविड-19 पॉजिटिव होने से जुड़े हैं।



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Actor Raghuveer Yadav talk about discrimination against Corona positive patients in his soch badlo initiative- 'Don't consider covid positive patients as criminals'




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"हम तो बीज हैं, दफन होना हमारी विलादत है", इरफान खान के मशहूर डायलॉग्स जो दिखाते हैं अदाकारी की गहराईयां

बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर्स में शुमार इरफान खान 53 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से जूझ रहे इरफान ने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। साल 1988 में आई मारी नायर की फिल्म 'सलाम बॉम्बे' से बॉलीवुड पारी शुरु करने वाले खान ने अपने फिल्मी करियर में 150 से ज्यादा फिल्में की। उनके जाने से प्रशंसकों और सिने जगत को गहरा झटका लगा है। आज भले ही इरफान हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके फिल्मी किरदार और डायलॉग्स हमेशा उनकी यादें ताजा करते रहेंगे।

इरफान आखिरी बार फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' में नजर आए थे। इसके अलावा वे डायरेक्टर सलीम खासा की फिल्म 'द विकेड पाथ' करने जा रहे थे। इरफान 'द विकेड पाथ' में स्कूल प्रिंसिंपल मिस्टर हॉर्टन का किरदार निभाने वाले थे। फिल्म में रॉबर्ट क्लोसी, केन, माइल्स क्लोसी, किंबरले मैगनेस अहम किरदार निभा रहे हैं।

2010 में आई फिल्म 'पान सिंह तोमर' सेना के जवान के बागी बनने की कहानी थी। फिल्म में इरफान ने टाइटल रोल प्ले किया था।

2014 की हिट फिल्म 'गुंडे' में मुख्य किरदार अर्जुन कपूर और रणवीर सिंह ने निभाया था, लेकिन कहानी में इरफान के पुलिस अफसर सत्या के किरदार की काफी तारीफ हुई थी।

'साहेब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स' सीरीज की दूसरी फिल्म थी। 2013 में रिलीज हुई इस फिल्म में इरफान, इंद्रजीत सिंह की भूमिका में नजर आए थे।

बायोपिक 'पान सिंह तोमर' के लिए इरफान को 2013 में हुए आईफा अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्टर कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था।

एक्शन पैक्ड फिल्म में इरफान खान मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में उनके साथ इमरान हाशमी भी अहम किरदार निभाते नजर आए थे।

कश्मीर घाटी की परेशानियां दिखाती फिल्म 'हैदर' में इरफान ने रूहदार का किरदार निभाया था। 2014 में रिलीज हुई फिल्म ने 28 अलग-अलग अवॉर्ड अपने नाम किए थे।

2013 में आई इरफान खान की रोमांटि-ड्रामा फिल्म 'द लंचबॉक्स' को बाफ्ता अवॉर्ड्स में नॉमिनेशन मिला था। इसके अलावा फिल्म ने अन्य 28 अवॉर्ड अपने नाम किए थे।

2016 में आई 'मदारी' इरफान खान की चर्चित फिल्मों में से एक है। फिल्म में इरफान ने निर्मल कुमार का किरदार निभाया था।

कॉमेडी फिल्म 'करीब करीब सिंगल' में इरफान खान, योगी के किरदार में नजर आए थे। योगी जो अपनी पर्सनालिटी के एकदम उलट लड़की से ऑनलाइन मिलता है।

विवेक अग्निहोत्री डायरेक्टोरियल फिल्म 'चॉकलेट: डीप डार्क सीक्रेट्स' में इरफान भी अहम भूमिका में थे। हालांकि फिल्म दर्शकों और बॉक्स ऑफिस दोनों जगहों पर खास कमाल नहीं कर पाई थी।



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"We are seeds, our burial is our pleasure", Irfan Khan's famous dialogues that show the depths of the actress




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इरफान की आखिरी फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' की स्टारकास्ट गमगीन, ऑनस्क्रीन बेटी राधिका ने लिखा- मेरा दिल रो रहा है

इरफान खान अब हमारे बीच नहीं हैं। उनकी आखिरी रिलीज बॉलीवुड फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' रही, जो इस साल 13 मार्च को रिलीज हुई थी। उनके इस तरह चले जाने से फिल्म की पूरी स्टारकास्ट को गहरा दुख पहुंचा और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने साथी कलाकार को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर एक्ट्रेस करीना कपूर खान ने लिखा, 'आपके साथ काम करना बेहद सम्मान की बात रही सर। आपको शांति मिले'।

फिल्म में उनकी बेटी का रोल निभाने वाली राधिका मदान ने इस मौके पर लिखा, 'मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं... जब मैं इसे लिख रही हूं, तो मेरा दिल रो रहा है। वे उन सबसे मजबूत लोगों में से एक थे, जिन्हें मैं जानती हूं, एक योद्धा। मैं वास्तव में आभारी हूं कि जीवनकाल की इस यात्रा में हमारे मार्ग मिले। वे मेरे और मेरे जैसे बहुत से लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा रहेंगे। एक लीजेंड। वो व्यक्ति जिसने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की धारा को बदल दिया। उनकी आत्मा को शांति मिले। इरफान सर आपको प्यार। आपको जाननामेरा सौभाग्य रहा।'

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दीपक डोबरियाल बोले- काश अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता

फिल्म में उनके भाई का किरदार निभाने वाले दीपक डोबरियाल ने भास्कर कोबताया, 'इरफान खान से आखरी मुलाकात 5 महीना पहले अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग के दौरान लंदन में हुई थी और मुझे तो अभी भी नहीं लग रहा है कि वह हमारे बीच में नहीं है। उनके साथ बैठना ही यादगार है। उनकी यादों में दीवान लिख सकता हूं लेकिन अभी इस हालत में नहीं हूं कि और बात कर सकूं। काश उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता लेकिन हम सब लाक डाउन में फंसे हैं।'

कीकू शारदा ने लिखा- इरफान सर याद आएंगे

फिल्म में इरफान के दोस्त के रूप में नजर आए कीकू शारदा ने लिखा, 'उनके साथ मिलना, उन्हें जानना, उनके साथ काम करना, उनके आसपास रहना और वे जो कुछ इतनी सहजता से करते हैं, वो कैसे करते हैं, ये सब देखना सम्मान की बात रही। काश मैं उनके साथ और ज्यादा रहा होता, तो वो हमें और ज्यादा मिल सकते। इरफान सर याद आएंगे। क्या आदमी, क्या प्रतिभा, किंवदंती। श्रद्धांजलि।

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पंकज त्रिपाठी ने लिखा- कभी-कभी भावनाओं को बताना संभव नहीं होता

फिल्म में ट्रैवल एजेंट का रोल निभाने वाले पंकज त्रिपाठी ने लिखा, 'कभी कभी भावनाओं को बता पाना सम्भव नही होता, वही हो रहा है इरफ़ान दा।'

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रणवीर शौरी ने लिखा- आत्माएं हमेशा रहती हैं

फिल्म में उनके लंदन वाले दोस्त का किरदार निभाने वाले एक्टर रणवीर शौरी ने लिखा, 'अंग्रेजी मीडियम' की लोकेशन पर पर इरफान, दीपक डोबरियाल और मैं। फिल्म बनने के दौरान उन्होंने बेहद बहादुरी से लड़ाई लड़ी। इरफान एक ऐसे शख्स थे, इंसानियत जिसके होने की वजह से चमक गई। वो मानव से अधिक आत्मा थे और आत्माएं हमेशा रहती हैं। #लीजेंड'

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इरफान खान स्टारर फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' 13 मार्च को रिलीज हुई थी, लेकिन कोरोना महामारी के डर से थिएटर बंद हो जाने की वजह से ज्यादा नहीं चल सकी। अब ये फिल्म डिज्नी+हॉटस्टार पर देखी जा सकती है।




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कैंसर पर इरफान ने कहा था- लोग समझें कि प्रकृति ज्यादा भरोसेमंद है, हर किसी को यह भरोसा करना चाहिए

एक्टर इरफान खान का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया। उन्हें दुर्लभ किस्म का ब्रेन कैंसर था और उनकी कोलन इंफेक्शन की समस्या बढ़ गई थी। उन्हें साल 2018 में न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर होने का पता चला था, जिसके इलाज के लिए वे लंदन गए थे। तब एकइंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि लोग समझें कि प्रकृति ज्यादा भरोसेमंद है और हर किसी को यह भरोसा करना चाहिए।

लंदन में यहइंटरव्यू उन्होंने अपनी फिल्म 'पजल' की रिलीज के मौके पर अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी 'एसोसिएटेड प्रेस' (एपी) कोदिया था।इस दौरान उन्होंने बताया था कि कैंसर का पता चलने के बाद उनकी जिंदगी किस तरह बदल गई है।

सवाल:इन दिनों आप कैसा महसूस कर रहे हैं?

इरफान:'मैं जीवन को एक बिल्कुल अलग नजरिए से देख चुका हूं। आप बैठ जाते हैं और आप दूसरे आयाम को देखते हैं और ये रोमांचक है। मैं इस सफर में घुल चुका हूं।'

सवाल: मीडिया में आपकी सेहत को लेकर कई तरह की अटकलें थीं और आपने सोशल मीडिया पर अपील करते हुए कहा कि ऐसी खबरों पर यकीन न करें, लेकिन आप जिस वक्त से गुजर रहे हैं, उसके बारे में लोगों से आप क्या साझा करना चाहेंगे?

इरफान:जिंदगी आपके सामने कई चुनौतियां पेश करती है। लेकिन जिस तरह इस परिस्थिति ने मेरी परीक्षा ली है, शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से, उससे मुझे यह यकीन हो गया है कि जिंदगी चुनौतियां पेश करती है। अब इसने मुझे एकदम उमंग की स्थिति में पहुंचा दिया है। शुरुआत में मैं हिल गया था, मुझे कुछ पता नहीं था, मैं बहुत ही लाचार महसूस कर रहा था। लेकिन धीरे-धीरे चीजों को देखने का एक और नजरिया सामने आया, ऐसा नजरिया जो बहुत ज्यादा ताकतवर, प्रोडक्टिव और सेहतमंद है।मैं चाहता हूं कि लोग समझें कि प्रकृति ज्यादा भरोसेमंद है और हर किसी को यह भरोसा करना चाहिए। शुरुआत में हर कोई मेरे बारे में कयास लगा रहा था कि क्या मुझे ये बीमारी है या नहीं। ये मेरे हाथ में नहीं है, प्रकृति वही करेगी जो उसे करना है। मैं तो वहीं कर सकता हूं जो मेरे हाथ में है। मैं शुक्रगुजार महसूस करता हूं। नई खिड़की से जिंदगी को देखना ऐसा ही है। अगर मैंने 30 साल तक ध्यान भी किया होता तब भी मैं इस परिस्थिति में नहीं पहुंचता, लेकिन अचानक लगे इस बड़े झटके ने मुझे ऐसी जगह लाकर खड़ा कर दिया, जहां मैं चीजों को बिल्कुल ही अलग नजरिये से देखने लगा। मैं शुक्रगुजार हूं, यह सुनने में अजीब लगता है लेकिन बुरा महसूस करने के बजाए आपको प्रकृति पर भरोसा करना चाहिए और यकीन रखना चाहिए कि जो भी नतीजा आएगा वो अच्छा होगा और बेहतरी के लिए होगा।

सवाल- आजकल आपकी दिनचर्या कैसी है? क्या आप स्क्रिप्ट पढ़ते हैं या काम की प्लानिंग करते हैं?

इरफान खान- 'नहीं, मैं कोई स्क्रिप्ट नहीं पढ़ रहा हूं। यह एक अवास्तविक अनुभव बन चुका है। मेरे दिन अप्रत्याशित होते हैं। पहले मैं सोचता था कि मेरी लाइफ ऐसी होगी या वैसी होगी, मैं कभी सोच के परे या स्वच्छंदता का अभ्यास नहीं कर पाया। ये अब हुआ है। मैं कोई योजना नहीं बना रहा हूं, मैं नाश्ता करने जाता हूं और उसके बाद का प्लान मेरे पास नहीं होता। चीजें मेरे सामने जैसे आती हैं, मैं उन्हें वैसे ही स्वीकार करता हूं। इससे मुझे काफी मदद मिल रही है। मैं योजनाएं नहीं बना रहा हूं, मैं बस स्वच्छंद हूं। मैं इस अनुभव से प्यार करने लगा हूं। मेरी जिंदगी में किसी चीज की कमी थी, मुझे लगता था कि मैं या मेरा दिमाग मुझे चलाता है, इससे मेरे भीतर एक असंगति थी। वह मुझे चिंता में डाल रही थी और मुझे लगता है कि शायद इसी चीज की कमी थी, स्वच्छंदता की। मुझे पता है कि हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जो योजनाओं से भरी पड़ी है, ऐसी दुनिया में ये सब सच नहीं लगता। आप ऐसे अपनी जिंदगी कैसे जी सकते हैं? लेकिन जिंदगी इतनी रहस्यतावादी है और इतना कुछ देती है, लेकिन हम उसे आजमाते ही नहीं। अब मैं ऐसा कर रहा हूं और मजा आ रहा है। मैं खुशकिस्मती के दौर में हूं।'

सवाल: आप लंदन में इलाज करा रहे हैं। क्या आप इसके बारे में कुछ शेयर करना चाहेंगे?

इरफान-'मैं कीमो (कीमो थैरेपी) के चार चरणों से गुजर चुका हूं। मुझे कुल छह चरणों से गुजरना है और फिर स्कैनिंग होगी। तीसरे चरण के बाद का स्कैन पॉजिटिव था। लेकिन हमें छठे चरण के बाद वाला स्कैन देखना होगा। फिर देखेंगे कि आगे क्या होता है। किसी की जिंदगी की कोई गारंटी नहीं है। मेरा दिमाग हमेशा से मुझसे कह सकता था कि, मुझे यह बीमारी है और मैं कुछ महीनों या एक-दो साल में मर सकता हूं लेकिन मैं अपने दिमाग को पूरी तरह बंद करके, जिंदगी जो दे रही है उसके साथ भी जी सकता हूं। ये बहुत कुछ देती है। मैं स्वीकार करता हूं कि मैं आंखों में पट्टी बांधकर चल रहा था। मैं वह देख ही नहीं पाया जो जिंदगी मुझे देती है।'

सवाल: यानी अब आपके अनुभव में कुछ स्पष्टता है?

इरफान-'बिल्कुल सही, और ये स्पष्टता कड़कती बिजली की तरह आई। आप अपनी अपेक्षाओं को बंद कर देते हैं, योजनाएं बनाना बंद कर देते हैं, शोरगुल को बंद कर देते हैं। आप जीवन का अलग पहलू देखते हैं। जीवन आपको बहुत कुछ देता है। इसीलिए मुझे लगता है कि मेरे पास शुक्रिया के अलावा और कोई शब्द नहीं है। कोई शब्द नहीं है, कोई मांग नहीं है, कोई प्रार्थना नहीं है।'



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इरफान मार्च 2018 में न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर का इलाज कराने लंदन गए थे। वहां वे करीब एक साल रहे और ठीक होने के बाद अप्रैल 2019 में भारत लौटे थे।




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इरफान खान को अंधेरी के वर्सोवा स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया, 20 करीबी लोगों ने किया रुखसत

सदाबहार अभिनेता इरफान खान को बुधवारदोपहर तीन बजेमुंबई के वर्सोवास्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया।इस मौके पर उनके दोनों बेटे अयान और बाबिल के अलावा केवल कुछ परिजन और करीबी दोस्त ही मौजूद रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें अस्पताल से सीधा कब्रिस्तान लाया गया था। इससे पहले सुबह शहर के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें करीब एक सप्ताह पहले कोलोन इन्फेक्शन के चलते वहां भर्ती कराया गया था और वे आईसीयू में भर्ती थे।

आखिरी यात्रा में सिर्फ 20 लोग मौजूद थे
मुंबई के वर्सोवा स्थित कब्रिस्तान में उन्हें दोपहर तीन बजे सुपुर्दे खाक किया गया। इस मौके पर उनके बेहद करीबी 20 लोग ही मौजूद थे। पुलिस ने लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से इरफान के पॉर्थिव शरीर को घर ले जाने की अनुमति नहीं दी। उन्हें अस्पताल से सीधा कब्रिस्तान लाया गया।

आखिरी सांस में अम्मा को याद किया

सेलेब फोटोग्राफर विरल भयानी कीपोस्‍ट के मुताबिक, इरफान खान ने अपनी आखिरी सांस ली तो उससे पहले उनके मुंह से निकले शब्दथे- 'अम्‍मा मुझे लेने आई हैं।' चार दिन पहले शनिवार कोइरफान की 95 वर्षीयमां सईदा बेगम का जयपुर में इंतकाल हुआ था। लेकिन लॉकडाउन के चलते वे उनके जनाजे में शामिल नहीं हो पाए थे। इरफान ने वीडियो कॉल के जरिए अपनी मां को आखिरी बार देखा था।

इरफान खान का जनाजा।
कोकिलाबेन अस्पताल के बाहर खड़ी इरफान की पत्नी सुतापा (पीले सूट में)
अस्पताल के बाहर डायरेक्टर विशाल भारद्वाज।
अस्पताल के बाहर कॉमेडियन कपिल शर्मा।
अस्पताल के बाहर सिंगर मीका सिंह।


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इरफान खान का जन्म 7 जनवरी 1967 को जयपुर के एक कारोबारी पठान परिवार में हुआ था। मूलरूप से यह परिवार टोंक के पास एक गांव का रहने वाला है।




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आंखों से अदाकारी में माहिर और मकबूल इरफान नहीं रहे, कैंसर और आंतों के इन्फेक्शन से जूझ रहे थे; चार दिन पहले जयपुर में मां का इंतकाल हुआ था

मौजूदा दौर के बेहतरीन अदाकार इरफान खान अब नहीं रहे। पिछले हफ्ते वे मुंबई के अपने घर के बाथरूम में गिर गए थे। फौरन करीब के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराए गए। बुधवार सुबह बाद खबर आई कि अब वहां से भी चले गए हैं। कभी भी लौटकर नहीं आने के लिए। इंतकाल हो गया है उनका। उम्र महज 53 साल ही थी। चार दिन पहले की बात है, शनिवार को जयपुर में इरफान की अम्मी सईदा बेगम की मौत हुई थी। वे 95 साल की थीं। इरफान नहीं जा पाए थे। अभी के हालात में कौन घर से निकल सकता है भला! शायद इसलिए दुनिया से ही निकल गए। इरफान मूल रूप से जयपुर के ही रहने वाले थे। वे बेहद बीमार थे। सालभर पहले ही लंदन से एक साल तक इलाज कराकर लौटे थे। फिर एक फिल्म की थी, जो अभी मार्च में ही रिलीज हुई है। नाम है ‘अंग्रेजी मीडियम’।

इसके ट्रेलर रिलीज से पहले इरफान ने फरवरी में यू-ट्यूब पर एक मैसेज छोड़ा था- "हैलो भाइयो-बहनो! नमस्कार! मैं इरफान। मैं आज आपके साथ हूं भी और नहीं भी। खैर, ये फिल्म मेरे लिए बेहद खास है। मेरी दिली ख्वाहिश थी कि इसे उतने ही प्यार से प्रमोट करूं, जितने प्यार से हमने इसे बनाया है। पर, मेरे शरीर के भीतर कुछ अनवॉन्टेड मेहमान बैठे हैं। उनसे वार्तालाप चल रहा है। देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है। जैसा भी होगा आपको इत्तिला कर दी जाएगी।’

अब उस ऊंट ने करवट ले ली है और ये खबर भी आ गई। दो साल पहले मार्च 2018 में इरफान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर यानी एक रेयर किस्म के ब्रेन कैंसर का पता चला था। तब उन्होंने ट्वीट करके कहा था- ‘जिंदगी में अचानक कुछ ऐसा हो जाता है, जो आपको आगे लेकर जाता है। मेरी जिंदगी के पिछले कुछ दिन ऐसे ही रहे हैं। मुझे न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी हुई है।'

आखिरी यात्रा में सिर्फ 20 लोग मौजूद थे

मुंबई के वर्सोवास्थित कब्रिस्तान में उन्हें दोपहर तीन बजेसुपुर्दे खाक किया गया।इस मौके पर उनके बेहद करीबी 20लोग ही मौजूद थे। पुलिस ने लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से इरफान के पॉर्थिव शरीर को घर ले जाने की अनुमति नहीं दी। उन्हें अस्पताल से सीधा कब्रिस्तान लाया गया।

इरफान खान को वर्सोवा स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया।

सबसे पहले फिल्मकार शूजीतसरकार ने सुबह 11:36 बजे ट्वीट किया

इरफान ने कहा था- जिंदगी हाथ में नींबू थमाए तो शिकंजी बनाना मुश्किल हो जाता है

इरफान ने फरवरी में ऑडियो मैसेज में कहा था- ‘कहावत है कि व्हेन लाइफ गिव्ज यू लेमन, यू मेक ए लेमनेड। बोलने में अच्छा लगता है, लेकिन सच में जब जिंदगी आपके हाथ में नींबू थमाती है तो शिकंजी बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है। लेकिन आपके पास और चॉइस भी क्या होती है पॉजिटिव रहने के अलावा।’सुनें उन्हीं के आवाज में..

राजस्थान के रहने वाले इरफान एनएसडी के स्टूडेंट थे
इरफान के परिवार में पत्नी सुतापा देवेंद्र सिकदर और दो बेटे बाबिल और अयान हैं। इरफान खान टोंक के नवाबी खानदान से ताल्लुक रखते हैं। उनका बचपन भी टोंक में ही गुजरा। उनके माता-पिता टोंक के ही रहने वाले थे। 7 जनवरी 1967 को जन्मे इरफान का पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था। वे एक्टिंग में बाय चांस आ गए। वे क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वे फैमिली बिजनेस संभालें। हालांकि, इरफान को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में जाने का मौका मिल गया और यहीं से उनका एक्टिंग करियर शुरू हुआ। छोटे पर्दे पर उनकी शुरुआत‘श्रीकांत’ और ‘भारत एक खोज’ से हुई।

मकबूल, लंच बॉक्स, पीकू, पान सिंह तोमर ने उन्हें अलग पहचान दिलाई
1988 में आई मीरा नायर की फिल्म‘सलाम बॉम्बे’ से इरफान ने शुरुआत कीथी। बाद मेंउन्होंने'मकबूल', 'लाइफ इन अ मेट्रो', 'द लंच बॉक्स', 'पीकू', 'तलवार' और 'हिंदी मीडियम' जैसी फिल्मों में काम किया। उन्हें 'हासिल' (निगेटिव रोल), 'लाइफ इन अ मेट्रो' (बेस्ट एक्टर), 'पान सिंह तोमर' (बेस्ट एक्टर क्रिटिक) और 'हिंदी मीडियम' (बेस्ट एक्टर) के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला

'पान सिंह तोमर' के लिए इरफान को नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिया गया। कला के क्षेत्र में उन्हें देश के चौथेसबसे बड़ेसम्मान पद्मश्री से भी नवाजा गया।

मोदी ने कहा-सिनेमा और थियेटर के लिए बहुत बड़ा नुकसान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इरफान खान के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के सिनेमा और थियेटर के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

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राहुल ने कहा- वे ग्लोबल फिल्म इंडस्ट्री में भारत के एंबेसडर थे

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अमिताभ ने कहा- यह बेहद परेशान कर देने वाली खबर है

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जावेद अख्तर ने कहा- इरफान की अदायगी एक करिश्मा है
जावेद अख्तर ने बताया कि इरफान से आखिरी बारलंदन में मुलाकातहुई थी। शेर-ओ-शायरी की बातें हुईं। उन्होंने कहा था कि जल्द लौटेंगे तो फिर इत्मीनान से बात होगी। उनकी अदायगी एक करिश्मा है। बीमारी के दौरान भी काम करते रहे, ये जज्बा था उनमें।

अनुपम खेर ने कहा- इरफान सबसे बेहतरीन एक्टरों में शामिल थे

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शाहरुख ने कहा- तुम हमेशा यादों में रहोगे

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Irrfan Khan Death | Irrfan Khan Mumbai News | Key Update; Actor Buried at Mumbai Versova Cemetery, Prime Minister Narendra Modi, Rahul Gandhi Condoles




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पेकअप के बाद अगले दिन की स्क्रिप्ट के लिए पीछे पड़ जाते थे इरफान, 'द ग्रेट मराठा' और 'चंद्रकांता' के शाहबाज खान ने याद किया किस्सा

एक्टर इरफान खान अपने टेलीविजन करियर के दौरान एक्टर शाहबाज खान और मुकेश खन्ना के साथ दो सीरियल्स द ग्रेट मराठा और चंद्रकांता में काम कर चुके हैं। एक्टर के अचानक हुए निधन पर उनके को-एक्टर्स ने उनके काम और लगन का किस्सा सुनाते हुए पुराने दिनों को याद किया है।

सेट पर हर कोई उनकी सरलता और मेहनत की तारीफकरता था

‘मैंने और इरफ़ान खान ने सबसे पहले 'द ग्रेट मराठा' में काम किया था जिसे संजय खान ने प्रॉड्यूस किया था। उस शो में वे नजीब खान रोहिला का किरदार निभा रहे थे। शूटिंग के दौरान, सेट पर हर कोई उनकी सरलता और मेहनत की तारीफ़ करता था। मुझे याद हैं हमारे डायरेक्टर कहां करते थे की इरफ़ान तुम्हारे अंदर कला का भंडार हैं जिसके बारे में उन्हें खुद नहीं पता। बतौर एक्टर तो लोग उनसे प्रोत्साहित होते ही हैं लेकिन उससे ज्यादा उनकी रियल ज़िन्दगी काफी प्रोत्साहित हैं। जब कुछ नहीं था तब तो वे सरल और साधी ज़िन्दगी जीते ही थे लेकिन सब कुछ होने के बाद भी उन्होंने अपनी सादगी नहीं छोड़ी। मैंने उनकी ज़िन्दगी के दोनों पहलु देखें हैं’।

पेकअप के बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर को पकड़कर उनके पीछे पड़ जाते थे:

'द ग्रेट मराठा' के सेट पर उनका काम के प्रति उनका जज्बा किसी से छुपा नहीं था। मुझे याद हैं उस जमाने में जब शूटिंग का पैकअप हो जाता था तब हम सभी अपने रूम में चले जाते थे आराम करने के लिए, लेकिन इरफान खान पेकअप के बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर को पकड़कर उनके पीछे पड़ जाते थे। जब तक उनको अगले दिन की स्क्रिप्ट नहीं मिलती थी तब तक वो सेट से हिलते नहीं थे। अगले दिन का स्क्रिप्ट लेकर जाते थे, खूब प्रैक्टिस करते और फिर दूसरे दिन कैमरा के सामने आते। जिस तरह वो अपनी एक्टिंग से मोहब्बत करते थे वो देखकर सेट पर मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह जाता था। मुझे याद हैं हमने एक सीन शूट किया था उस फ्रेम में हम दोनों थे। मेरी एक्टिंग देखकर इरफ़ान मेरी काफी तारीफ़ करने लगा और कुछ देर बाद जब वो सीन दोबारा शूट हुआ तो इरफ़ान ने उससे भी ज़बरदस्त परफॉरमेंस दिया। सभी लोग उनकी तारीफ़ करने लगे और यकीन मानिये उस सीन में मैं कहीं नज़र ही नहीं आता। ऐसे थे इरफ़ान खान।

शो की शूटिंग जयपुर में हुआ करती थी जहां इरफ़ान रहा करते थे। शूटिंग के दौरान उनकी मां मौजूद हुआ करती थी। कई बार इरफ़ान के साथ-साथ हम सभी के घर का खाना लाया करती थी और हम सब मिलकर उनके साथ सेट पर वक्त बिताते।

एक्टर शाहबाज खान।

इसीलिए उन्होंने 'चंद्रकांता' के लिए हामी भरी....

‘शुरुआत में वे 'चंद्रकांता' सीरियल नहीं करना चाहते थे क्योंकि उनका फोकस केवल फिल्म ही था। उस वक्त मैं शो का लीड रोल निभा रहा था। एक बातचीत के दौरान मैंने इस शो का एक्सपीरियंस शेयर किया और बातों ही बातों में ये शो करने की बात रखी। उस वक्त उनके पास कोई प्रोजेक्ट नहीं था और इसीलिए उन्होंने 'चंद्रकांता' के लिए हामी भरी। उनके करैक्टर काफी पॉपुलर हो गया था’।

मुकेश खन्ना ने शेयर किया अनुभव

‘एक दिन जब मैं संजय खान के साथ बैठकर शूटिंग देख रहा था तब मैंने संजय से कहा था कि लड़का बहुत ही अच्छा है कमाल का एक्टर है। जिस पर संजय खान ने कहा था कि यह कमाल का डायलॉग बोलता है। उनकी एक्टिंग इतनी नेचुरल एक्टिंग हुआ करती थी कि उनकी आंखें बोलती थी’।

मुकेश खन्ना।

इस नुकसान को कभी भरा नहीं जा सकता

‘मैं उनकी एक्टिंग की जितनी भी तारीफ करो वह सब कम है जिस तरीके से मक्खन में से चाकू निकाल लो पता नहीं चलता ठीक उसी तरीके से वह एक्टिंग किया करते थे इस तरीके से आप किया करते थे जिस तरीके से मानो कोई फर्क ही नहीं लग रहा हो सारी चीजें अपने आप हो रही हैं आसानी से ऑपरेशन किया करते थे डायलॉग बोल दिया करते थे सबसे अच्छे एक्टर की निशानी है और उनकी तारीफ होती है और मैं बस यही कहूंगा कि इंडस्ट्री का काफी बड़ा लॉस है काफी छोटी उम्र में हमें छोड़ चला गया है और चंद्रकांता की बात करो तो मुझे याद है वह पूरी रात शूटिंग किया करते थे’।



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After Pekup, Irrfan, Shahbaz Khan of 'The Great Maratha' and 'Chandrakanta' remembered the story for the next day's script




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निमरत कौर ने कहा इरफान बस यही कहते थे - जब भी अपने हक का वक्त आए तो उसे पूरी तरह जी लो

एक्ट्रेस निमरत कौर इरफान खान के साथ फिल्म 'लंचबॉक्स' में नजर आ चुकी हैं। ऐसे में इरफान खान के निधन के बाद को-एक्टर ने उनकी कही बातों को याद करते हुए इसे इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुकसान बताया है।

एक्ट्रेस ने कहा, ‘इरफान बहुत ही उम्दा इंसान थे और अपनी जड़ों से जुड़े हुए इंसान और मिडल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते थे। मैंने उनके साथ एक फिल्म जरूर की है लेकिन उस फिल्म में हमारे एक भी सीन साथ में नहीं है, लेकिन जब भी हम प्रमोशंस के लिए एक दूसरे के साथ जाया करते थे, मुझे उन्हें जानने का मौका मिला और खासकर तब जब कान्स फिल्म फेस्टिवल में फ़िल्म रिलीज हुई थी उस वक्त। अगर उनके सेंस ऑफ ह्यूमर की बात करे तो वो बहुत ही बेहतरीन था। लोगों की ओर उनके देखने का नजरिया काफी अलग था और उनकी दुनिया को लेकर एक अलग ही सोच थी और वही उनके काम में भी झलकता था बहुत ज्यादा’।

फिल्म लंचबॉक्स का पोस्टर।

आगे उन्होंने बताया, ‘मुझे याद है जब कान्स फिल्म फेस्टिवल में लंच बॉक्स रिलीज हुई थी जब फिल्म का प्रीमियर था उसके बाद आसपास बहुत शोर था फ़िल्म लोगो को बहुत पसंद आयी थी। सराह रहे थे फ़िल्म को और जब एकाएक ही सारी चीज आपके सामने आए जो आपने उम्मीद ना की हो तो आप थोड़े से डर जाते हैं। मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या करूँ जिसके बाद मैंने इरफान से पूछा कि आप क्या करने वाले है इस परिस्थिति से निकलने के लिए। उस वक्त इरफान ने मुझे कहा था कि देखो बहुत ही वक्त अपने हक काआता है और जब आए तो उसे पूरी तरह जी लो क्योंकि पता नहीं क्या अब वह वापस कब आएगा। इरफान ने कहा था कि जब भी हमारे साथ अच्छा हो तो उसे एक तोहफे की तरह लो और खुशियां मनाओ ऐसा समझो कि कोई आपकी स्ट्रगल को ब्रेक देने आया है। भगवान ने एक गिफ्ट भेजा है आपके लिए तो उस वक्त उसे आप पूरी तरीके से इंजॉय कीजिए। बहुत ही बेहतरीन इंसान थे ऐसा बहुत ही कम होता है कि किसी एक एक्टर के जाने से सभी को एक ऐसा एहसास होता है जैसे कि उसने कुछ खो दिया है चाहे वह उस एक्टर को खुद पर्सनली जाने या ना जाने और यह मैं देख रही हूं कि यह इरफान के जाने से वह है और यह बहुत ही बड़ा लॉस है इंडस्ट्री के लिए जिसे कभी भी भरा नहीं जा सकता है’।



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Irrfan khan in the memories of Nimrat Kaur, he used to say - 'Look very rare it comes so when it comes live it completely




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'पिता की मौत हुई तो मेरे पास जाने के पैसे भी नहीं थे, इरफान ने मदद की और रात ढाई बजे मुझे फ्लाइट में बैठाया'

मेरे ख्याल से मंगलवार की सबसे दुखद खबर थी यह। पूरी दुनिया इस वक्त महामारी से गुजर रही है। वैसे ही सब लोग तनाव में हैं, लेकिन अब मन के तौर पर गहरा आघात मुझे पहुंचा है।पिछले साल डेढ़ सालों से हम लोगों की बातें- मुलाकातें कम हो पा रही थी। वह इसलिए कि इरफान कभी कभार ही खुलकरकिसी से बात करते थे, लेकिन मैंने उन्हें मैसेज भेजा था और उसका जवाब भी आया था।

हमारी दोस्ती बहुत अच्छी थी जैसे दोस्तों की दोस्ती होती है और यह दोस्ती का जो आधार था यह नहीं था कि हम एक ही शहर से एक बचपन के साथ हैं। हम लोगों ने एक लंबा वक्त साथ गुजारा। हम दोनों एक दूसरे के काम की इज्जत करते रहें। मैं हमेशा उनके काम की इज्जत करता रहूंगा जो भी मेरे मोमेंट्स उनके साथ गुजरे, उनको मैं हमेशा इज्जत करता रहूंगा और जैसे जो दो कलिग्स के बीच दोस्ती हो जाती है वैसे ही दोस्ती थी। यह ऐसी दोस्ती थी, जो रिश्ते से शुरू नहीं हुई थी। ये काम से शुरू हुई और बढ़ती गई।

इरफान अपने यकीन पर डटे रहे

इरफान बहुत ही करीबी दोस्त रहे हैं। उनको मैंने देखा है उस वक्त से जब मैं नया-नया मुंबई शिफ्ट हुआ था और गोरेगांव में एक छोटे से घर में वह पत्नी सूतापा के साथ रहते थे हम सब ने साथ काम शुरू किया था।हालांकि वह पहले आए थे। हमेशा बहुत ही मन से मिलते थे। बहुत अच्छे दोस्त हो गए थे। बहुत वक्त हम लोगों ने साथ गुजारा। बहुत चीजें शेयर की साथ में। फिर इरफान की सबसे बड़ी बात थी कि वह कभी झुके नहीं। मतलब बॉलीवुड में जहां हर आदमी डर जाता है। एडजस्ट करता है। इरफान अपने यकीन पर डटे रहे और उसका रिजल्ट मिला। फाइनली, ना सिर्फ बॉलीवुड, बल्कि पूरी दुनिया में नाम कमाया।ऐसे में मैं उनकी पत्नी के में सोच रहा हूं बहुत अच्छी दोस्त हैं, हमारी सूतापा। उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ाहै।

उनका एक एहसान कभी नहीं भूलूंगा

इरफान मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे। ढेर सारे किस्से उनके साथ के हैं,लेकिन मैं इस वक्त उन किस्सों को कुरेदना नहीं चाहता हूं। मैं बस यही शेयर कर सकता हूं।मेरे पिता की 1995 में मृत्यु हुई थी। उस जमाने में मोबाइल तो। क्या फोन भी सबके पास नहीं थे। इरफान के घर पर फोन था और मैं कहीं बैठा हुआ था। हमारे पड़ोसियों ने इरफान का नंबर कहीं से ढूंढ कर निकाला और फोन करके उन्हें मेरे पिता की मौत के बारे मेंबताया। उन्होंने आकर मुझे पिता के गुजरने कीखबर दी तो मैं बिल्कुल सदमेमें आ गया था। इरफान ने मेरा कंधा पकड़कर कहा-इस वक्त हिम्मत रख और देख, रोना नहीं। वेमुझे एयरपोर्ट लेकर गए। मेरे पास पैसे भी नहीं थे। उन्होंने एटीएम से पैसे निकाले ले जाकर रात को ढाई बजे उन्होंने मुझे फ्लाइट में बैठाया। येबहुत ही पर्सनल किस्सा है। वह मैं कभी भूलूंगा नहीं। बहुत अच्छे इंसान थे।

इरफान कीइंस्पायरिंग जर्नी सेसीखना चाहिए

इरफान ने कलाकारों और दुनिया का इंडिया की तरफ देखने का नजरिया बदला। उनकी फिल्में अब देखें उनसे पता चलेगा कि वह किस तरह के कहानी और कला में यकीन करते थे। और वह इससे डिगेनहीं। यह बात आप उनकी फिल्मों से देखकर आप अनुभवकर सकते हैं। क्योंकि वह आदमी जो एक छोटे शहर से दिल्ली आया। एनएसडी में पढ़ा।जब मुंबई आया तो बिना स्टारडम के स्ट्रगल से गुजरा। सालों तक छोटे बड़े हर तरह के रोल किए। रोलछोटे से बड़े होते गए और इरफान का कद भीबड़ा होता गया।लाइफ ऑफ पाई जैसी फिल्म पानेसे पहले उन्होंने अपनी मेहनत से जगह बनाई। लोगों ने देखा। यह जर्नी है उस मेहनती आदमी की है और बहुत इंस्पायरिंग जर्नी है। लोगों को इससे सीखना चाहिए।

अब उनकी यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी
पांच साल पहले मेरा जन्मदिन की यादगार रात और इरफान का साथ मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। मैं ज्यादा बर्थडे मनाता नहीं था। लेकिन उस बार मैंने तय किया कि सारे दोस्तों को बुलाऊंगा। उसमें तिग्मांशु भी आए, इरफान आए। कुछ 50 दोस्त मेरे घर आए थे। मुंबई में फ्लैट बहुत बड़े नहीं होते हैं तो 50 लोगों की भीड़ भाड़ में कंधे से कंधा टकरा रहा था और सब लोग एक दूसरे से बात कर रहे थे। जाहिर है कि इतनी भीड़ होगी तो चिल्ला-चिल्ला कर ही बात होगी और खूब गाने गाए हम लोगों ने। इरफान ने भी गाया। जितना खड़े होने की जगह थी उसमें बहुतों ने डांस भी किया। खाना साथ में खाया और इरफान उस दिन बहुत खुश थे। क्योंकि आपको सारे ही पुराने दोस्त मिले थे और वह बहुत शांत बैठे हुए थे 5 सालहो गए, लेकिन अब वोयादें हमेशा मेरे साथरहेंगी।



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'I had no money to go to my father's death, Irfan helped and made me sit in the flight at two and a half hours'




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दीपक डोबरियाल ने बताया इरफान के साथ अपना अनुभव; बोले- वे भाई की तरह थे, काश उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता

इरफान खान के खास दोस्त और उनके साथ 'हिंदी मीडियम' और 'अंग्रेजी मीडियम' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके दीपक डोबरियाल ने इरफान से जुड़ी अपनी कुछ यादों को लेकर दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि इरफान के साथ मेरी आखिरी मुलाकात 5 महीने पहले हुई थी। हम दोनों की ट्यूनिंग काफी अच्छी थी और हम भाइयों की तरह थे। काश मैं उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता।

दीपक ने कहा 'इरफान खान से मेरी आखरी मुलाकात 5 महीना पहले 'अंग्रेजी मीडियम' की शूटिंग के दौरान लंदन में हुई थी। फिल्म का दूसरा पोर्शन वहीं पर शूट हुआ था। वहां पर वे अपना इलाज भी करवा रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी किसी मेंबर को अपनी बीमारी का एहसास तक नहीं करवाया। वे नहीं चाहते थे कि उनके दुख की वजह से कोई और दुखी हो, जबकि यह बात सबको पता थी, पर उन्होंने कभी अपनी तकलीफ के बारे में किसी को बताया नहीं। वे नहीं चाहते थे कि उन्हें देखकर कोई सहानुभूति का भाव रखे। सेट पर पूरे समय उन्होंने सबके साथ बिल्कुल सामान्य और वास्तविक भाव रखा था।'

दीपक बोले- वे मुझे खूब सपोर्ट करते थे

आगे उन्होंने बताया, 'मैंने इरफान खान के साथ 'हिंदी मीडियम', 'अंग्रेजी मीडियम' सहित दो-तीन फिल्मों में काम किया। शूटिंग के बाद भी हमारी ट्यूनिंग अच्छी थी। हम भाइयों की तरह थे। वे मुझे बहुत सपोर्ट करते थे। मेरे बारे में डायरेक्टर से बोलते थे कि वह जो कर रहा है उसे करने देना, रोकना मत। उनके साथ शूट करने में ऐसा लगता था कि सीन में होने के बाद भी वे पीठ थपथपा रहे हैं। मुझे तो अभी भी नहीं लग रहा है कि वह हमारे बीच में नहीं है।'

इरफान के लिए प्रार्थना करने मंदिर गए थे

दीपक के मुताबिक 'मार्च 2018 में जब उन्होंने पहली बार ट्वीट पर अपनी बीमारी के बारे बताया तो मुझे भी पहली बार तब ही पता चला था। उस समय मैं 'लाल कप्तान' की शूटिंग कर रहा था। फिर तो उस फिल्म के काफी क्रू मेंबर प्रार्थना करने के लिए मंदिर गए थे। इस फिल्म की शूटिंग रामात्रा में हो रही थी। उनके साथ मैं भी गया था।'

काश उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता

दीपक ने आगे कहा, 'हमारी ट्यूनिंग इतनी अच्छी थी कि वे हर जगह मुझे सपोर्ट करते थे। उन्होंने मुझे 'ब्लैकमेल' और 'करीब-करीब सिंगल' फिल्म भी ऑफर की थी। लेकिन किन्ही वजहों से मैं ये फिल्में कर नहीं पाया था, पर वे चाहते थे कि मैं फिल्में करता रहूं। उनका इस तरह से सहयोगी स्वभाव था। इरफान भाई की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि अगर कोई सीन में जान डालता है, उसे रियल करता है, तब वे उसे बहुत सपोर्ट करते थे। उनके साथ बैठना ही यादगार है। उनकी यादों में दीवान लिख सकता हूं लेकिन अभी इस हालत में नहीं हूं कि और बात कर सकूं। काश उनके अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता लेकिन हम सब लाक डाउन में फंसे हैं।'



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दीपक डोबरियाल इरफान खान के साथ 'हिंदी मीडियम' और 'अंग्रेजी मीडियम' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं।




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हमारे देश में सवाल करना बदतमीजी मानी जाती है, सवाल वाली फिल्मों के खरीदार नहीं मिलते, ये बात खलती है: इरफान

अभिनेता इरफान ने दुनिया को अलविदा कह दिया। रुखसती से पहले उनका आखिरी इंटरव्यू दैनिक भास्कर ने किया था। खराब तबीयत के चलते वह सीधे बात तो नहीं कर पा रहे थे, पर उन्होंने सवाल मंगवा कर उनके जवाब दिए थे। इसमें उन्होंने अपनी जिंदगी के फलसफे, सह कलाकारों और अपनी आखिरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम पर ज्यादा बात की थी। ये इंटरव्यू अमित कर्ण ने किया था। पढ़ें...


Q. आज की तारीख में फिल्ममेकिंग के कौन से पहलू आप को इंस्पायर कर रहे हैं? हाल की किन फिल्मों ने आप को सरप्राइज किया है? और किन तकनीकों और स्टोरीटेलिंग के तरीकों से बॉलीवुड को लैस होते देखना चाहेंगे?

आज के तारीख में नए चेहरों का आना और उनका छा जाना बहुत कमाल की बात है। अलग कहानियों का महत्वपूर्ण स्थान है। बिना फूहड़ हुए फिल्में एंटरटेनिंग बन रही हैं, यह बड़ी बात है। यह अहम हासिल है हमारे इंडस्ट्री के लिए। हॉलीवुड में एक बहुत खास बात है कि वहां फार्मूला फिल्में भी बनती हैं तो वे सवाल करती हैं। हमारे देश में सवाल करना आज भी बदतमीजी मानी जाती है। सवाल करने वाली डॉक्यूमेंट्री, फिल्में अगर बनाई भी जाएं तो उनके खरीदार नहीं है। यह कमी तो खलती है।


Q.देश दुनिया की शिक्षा व्यवस्था अंग्रेजी लैंग्वेज की गिरफ्त में हैं। इससे हमारी शिक्षा व्यवस्था पर क्या असर पड़ा है। क्या हम उस गिरफ्त से अलग होते नजर आ रहे हैं?
हम अंग्रेजी की गिरफ्त में हैं, इसे नकार तो नहीं सकते। पर आत्मसम्मान भाषा से तय नहीं होता। अंग्रेजी जान लेने से मैं ज्यादा संवेदनशील हो जाऊंगा या अच्छा साहित्यकार या कलाकार बन जाऊंगा, ऐसा नहीं है। मगर हम इस बात को भी नकार नहीं सकते कि हिंदुस्तान में गलत अंग्रेजी हमारे रुतबे को तहस-नहस करती है। अंग्रेजी जानना बहुत अच्छी बात है, पर उसे मापदंड बनाकर किसी को आंकना गलत है। मैं यह तो नहीं कहूंगा कि अंग्रेजी का असर खत्म हो रहा है। मगर हां बदलाव तो आ रहा है।


Q.मतलब अंग्रेजी कमजोर होने के चलते, जो कॉम्प्लेक्स रहा करता था वह कम हुआ है?
जी हां। मुझे अब पेन का उच्चारण पैण करने पर इतनी शर्मिंदगी नहीं होती, जितनी दस साल पहले हुआ करती थी। क्योंकि अमेरिका-इंग्लैंड के अलावा ऐसे कई देश हैं, जो शायद हमें याद ना रहते हों पर वह सब अपनी मातृभाषा से शर्मसार नहीं होते।


Q.अंग्रेजी मीडियम में कौन से रंग हैं, जो इसे पिछली फिल्म से अलग करते हैं?
हिंदी मीडियम से तो बिल्कुल अलग है अंग्रेजी मीडियम। एक बाप है जो बस दोनों फिल्मों में कॉमन है। पर दोनों फिल्मों की पृष्ठभूमि बिल्कुल अलग है। एक दिल्ली के चांदनी चौक में ओरिजिनल मनीष मल्होत्रा की कॉपी कर रहा था। वह दिल्ली-6 की गलियों से विस्थापित होकर पॉश कॉलोनी में रहने की विवशता पर थी। वह भी अपने बच्चे की एडमिशन के लिए।


Q.एक और कॉमन चीज है कि यह भी हल्के-फुल्के अंदाज में ही कुछ गहरा कहना चाहती है?
जी हां। अंग्रेजी मीडियम तो राजस्थान का रंग लिए हुए है। कहानी तो चिड़ियों के उड़ान की तरह है। आप खाना देते रहें तो मुंडेर पर वापस लौटना है। यह चिड़ा और चिडुते की कहानी है। इसमें शैली भी अलग रखी गई है। हल्के-फुल्के अंदाज में कुछ कहने की कोशिश की गई है। जैसा मैंने पहले भी कहा था। यह भी हंसाएगी, रुलाएगी और फिर हंसाएगी। रोते-रोते हंसने का मजा ही कुछ और है ना।


Q.नवाज के साथ द लंचबॉक्स में आप की केमिस्ट्री और हिंदी मीडियम से दीपक डोबरियाल के संग का साथ दोनों की कॉमेडी को आप को कैसे देखते हैं? अपने जीवन में किन कुछ कलाकारों से आप को सीखने सिखाने को मिला। कोई वाकया शेयर कर सकें...
नवाज बहुत ही बेहतरीन अदाकार हैं। दीपक और मेरा साथ हिंदी मीडियम में भी था और अब भी है। दीपक के साथ इंप्रोवाइजेशन बहुत होता है। जुगलबंदी कह सकते हैं इसे। कितना भी अच्छा शॉट दो वह कैच पकड़ लेता है।



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Irrfan Khan Death | Irrfan Khan Death Latest News; Bollywood Actor Irrfan Khan Dainik Bhaskar Interview




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करण मल्होत्रा ने याद किए फिल्म अग्निपथ के रऊफ लाला के किस्से, कहा- चिंटू अंकल खूब चिल्लाते थे, उन्हें डायरेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती थी

ऋषि कपूर डायरेक्टर करण मल्होत्रा के निर्देशन में साल 2012 में आई फिल्म अग्निपथ में काम कर चुके हैं। दोनों काम के अलावा भी एक दूसरे के बेहद करीब रहे हैं। आज ऋषि कपूर के गुजर जाने पर डायरेक्टर करण मल्होत्रा दैनिक भास्कर की किरण जैन को दिए इंटरव्यू में फिल्म के सेट का किस्सा सुनाते हुए अपना दर्द जाहिर किया है।

एक बार फिर मैं अकेला हो गया हूं

‘चिंटू अंकल मेरे पापा के बहुत अच्छे दोस्त थे। मेरा रिलेशनशिप उनके साथ 'अग्निपथ' से बढ़कर था। मेरे पिता की मौत के बाद, मैंने उनमे ही अपना पिता देखा था। जिस तरह से उन्होंने मुझे संभाला उसे शब्दों में कैसे बयां करूं ? आज जब वो हमें छोड़कर चले गए हैं इस गम को मैं शब्दों में कैसे बयां करूं? एक बार फिर मैं अकेला हो गया हूं'।

उन्हें डायरेक्शन की जरूरत ही नहीं होती थी

अग्निपथ की शूटिंग के दौरान हर कोई उनकी एनर्जी का दीवाना होता था। सेट पर वो एक ऐसे व्यक्ति थे जो अपने काम के प्रति पागल थे। उनमे एक अलग ही जूनून नजर आता था। राउफ लाला का किरदार जिस तरह से लिखा गया था उस किरदार में उन्होंने एक अलग ही जान फूंक दी थी। जितना मैं उन्हें समझ पाया हूं वो यही हैं कि उन्हें किसी भी तरह के डायरेक्शन की जरूरत नहीं होती थी। बस उनके हाथ में स्क्रिप्ट थमा दीजिये और कैमरा रोल कर दीजिये, वो अपने किरदार में ढल जाते थे।

वो रोज चिल्लाते थे, रोज हमें डांटते थे

'शूटिंग के दौरान, वो सेट पर चिल्लाते भी खूब थे। लेकिन उनके गुस्से में भी प्यार था। यकीन मानिए वो रोज चिल्लाते थे (हंसते हुए), रोज हमें डांटते थे। चाहे वो डायरेक्टर हो या एक्टर, सेट पर मौजूद सभी लोगों को चैलेंज करते थे अपने काम के लिए। जिस तरह की एनर्जी उनमे होती थी उसे चैलेंज करना थोड़ा मुश्किल भी होता था जिससे वो गुस्सा हो जाते (हंसते हुए ), हालांकि हम सभी समझ गए थे की अगर वो चिल्लाते हैं मतलब वो आपसे प्यार करते हैं। उनका अनुभव उनके गुस्से में नजर आता था जिससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। उनके इस अनुभव ने मुझे एक अच्छा फिल्ममेकर बनने में मदद की।एक डाइरेक्टर होने के नाते 'अग्निपथ' में जैसे मैंने राउफ लाला का किरदार सोचा था उससे कई गुना बढ़कर चिंटू अंकल दे गए'।

फिल्म- झूठा कहीं केअनुज बोले-वे कमिटमेंट के पक्के थे

दैनिक भास्कर केउमेश कुमार उपाध्याय से बातचीत मेंफिल्म - 'झूठा कहीं के' के निर्माता अनुज शर्माने भी ऋषि के काम की तारीफ की।ऋषि कपूर की आखिरी फिल्मों में से एक फिल्म थी झूठा कहीं का। निर्माता अनुज ने बताया,'वह इस उम्र में भी सुबह सेट पर आ जाते थे और रात को घर जाते थे। जब वह सेट पर मौजूद होते थे तब एक एक्टर होते थे। उनमें कहीं कोई अहम बिल्कुल नहीं था। इसकी शूटिंग के दौरान उनको हेल्थ इश्यूज थे। फिर भी सेट पर हुए बहुत एनर्जी से भरेरहते थे। वे कमिटमेंट के एकदम पक्के थे। उन्होंने कहा कि आपकी फिल्म की जो डबिंग, पेचवर्क है, वह सब पूरा करके जाऊंगा। उन्हें इलाज के लिए जिस दिन अमेरिका जाना था उस रात तक उन्होंने डबिंग की थी। यह डबिंग प्रकाश झा स्टूडियो में हुई।लेकिन इसके बावजूद 2-3 की डबिंग और पैचवर्क का काम जब बाकी रह गया तब उन्होंने अमेरिका से हमें संदेश भेजा कि अगर आप यहां आ जाते हैं तो बची हुई डबिंग कर हैं।फिर तो दो-तीन दिनों के लिए फिल्म के डायरेक्टर वहां जाकर उनके साथ डबिंग किए'।



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'Chintu uncle used to shout and gets angry during the shoot of Agneepath' - director Karan Malhotra shared Rishi Kapoor's memorable moments




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'ऋषि कपूर को हमेशा से था 'प्यार झुकता नहीं' फिल्म छोड़ने का रिग्रेट'- प्रोड्यूसर के सी बोकाडिया ने सुनाया किस्सा

ऋषि कपूर ने प्रोड्यूसर के सी बोकाडिया के साथ नसीब अपना अपना और मोहब्बत की आरजू जैसी फिल्मों में काम किया है। इनसे पहले ऋषि उनकी फिल्म प्यार झुकता नहीं में नजर आने वाले थे मगर किसी वजह के चलते उन्होंने फिल्म करने से इनकार कर दिया था। इस बात का मलाल उन्हें हमेशा रहा है। हाल ही में दैनिक भास्कर के साथ बातचीत के दौरान प्रोड्यूसर के सी बोकाडिया ने उमेश कुमार उपाध्याय से पुराने दिनों को याद करते हुए खास बातचीत कर शौक जताया है।

ऋषि कपूर ने जब कहा कि कहानी नहीं सुननी है, डेट भी आपकी और फीस भी आपकी

‘ऋषि कपूर के साथ मैंने दो फिल्में ‘नसीब अपना अपना’ और ‘मोहब्बत की आरजू’ की। इससे पहले वे ‘प्यार झुकता नहीं’ फिल्म करने वाले थे, पर किसी वजह से नहीं कर पाए। खैर, जब नसीब अपना अपना के लिए मुंबई स्थित एक होटल में उन्हें मिलने के लिए बुलाया, तब वे अपने सेक्रेटरी शांति जी के साथ मिलने आए। बातचीत का सिलसिला शुरू होते ही बोले- बोकारिया साहब, कभी आपकी टेबल पर पड़ी प्यार झुकता नहीं की ट्राफी को देखता हूं तो कभी आपको देख रहा हूं। मुझे जिंदगी में अगर कोई रिग्रेट है, तो सिर्फ एक बात का है कि आपकी फिल्म- प्यार झुकता नहीं छोड़ी है’।

‘इस बात का जिक्र उन्होंने अपनी बुक में भी किया है। इतना ही नहीं, रजत शर्मा ने इंटरव्यू में जब उनसे पूछा कि किसी बात का मलाल है, तब उन्होंने यही बात दोहराई थी कि एक ही बात का मलाल है कि मैंने बोकाडिया साहब की फिल्म प्यार झुकता नहीं छोड़ दी थी’।

ऋषि कपूर की फिल्म नसीब अपना अपना का पोस्टर।

30 दिनों में खत्म की थी नसीब अपना अपना की शूटिंग

'नसीब अपना अपना की स्टोरी सुने बगैर ही फिल्म करने के लिए हामी भर दी। उन्होंने कहा कि मुझे स्टोरी नहीं सुननी है। मेरी डेट डायरी पूरी खाली है। डेट भी आपकी और फीस भी आपकी। आप बोलिए आपको कब फिल्म की शूटिंग करनी है। उन्होंने एकमुश्त 30 दिन की डेट देकर मद्रास में नॉन स्टॉप शूटिंग की। यह पिक्चर 25 हफ्ते तक थिएटर में चली। इसके बाद मोहब्बत की आरजू की जिसमें जेबा बख्तियार, अश्विनी भावे और ऋषि कपूर थे'।

स्टारकिड होने का कभी नहीं उठाया फायदा

'ऋषि कपूर जब नसीब अपना अपना की शूटिंग करने मद्रास आए थे, तब मैंने उनके लिए होटल में स्वीट रूम बुक करने के लिए बोला था। लेकिन प्रोडक्शन वालों ने डबल रूम ही बुक करवा दिया। उनसे मिलने गया, तब मैंने कहा कि स्वीट रूम बुक करवा दूं क्या। तब बोले बोकारिया साहब क्रिकेट थोड़े न खेलना है। रात को आकर सिर्फ सोना ही तो है। फर्स्ट क्लास बाथरूम है, बेडरूम है और क्या चाहिए। कभी ऐसा नहीं जताया की राज कपूर के बेटे हैं। हमेशा प्यार से ही मिलते थे। पता नहीं इंडस्ट्री को किसकी काली नजर लग गई, कल इरफान जी चले गए और आज ऋषि कपूर साहब नहीं रहे'।



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Rishi Kapoor always had regret for leaving the film 'Pyaar Jhukta Nahin', producer KC Bokadia recall their conversation




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मरने से पहले बेटे रणबीर की शादी देखना चाहते थे ऋषि कपूर, कहा था- बस पोते-पोतियों का मुंह देख लूं

ऋषि कपूर दुनिया को अलविदा कह गए। उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं और चॉकलेटी हीरो के रूप में पहचान बनाई। आखिरी वक्त तक वे अपनी शर्तों पर जिंदगी जीते रहे। लेकिन उनकी एक दिली ख्वाहिश अधूरी रह गई, जिसे वे मरने से पहले पूरी करना चाहते थे। और वह ख्वाहिश थी बेटे रणबीर कपूर की शादी और अपने पोते-पोतियों का मुंह देखना। इसके लिए वे बहुत एक्साइटेड थे। इसका जिक्र उन्होंने एक इंटरव्यू में भी किया था।

दरअसल, इस इंटरव्यू में ऋषि से रणबीर कपूर और उनकी गर्लफ्रेंड आलिया भट्ट के रिश्ते के बारे में पूछा गया था। जवाब में ऋषि ने कहा था कि उन्हें किसी भी बात की पुष्टि करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि लोगों से कुछ भी छुपा हुआ नहीं है। इसके साथ ही ऋषि ने रणबीर की शादी की इच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि वे(ऋषि) तो तब शादी के बंधन में बंध गए थे, जब महज 27 साल के थे।

'रणबीर जिससे चाहे, उससे शादी कर सकता है'
ऋषि ने कहा था, "रणबीर 35 साल का हो चुका है। वह जिससे चाहे, उससे शादी कर सकता है। और इसमें मुझे कोई आपत्ति भी नहीं होगी। जब भी वह शादी के लिए तैयार होगा तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे ही होगी। मेरी खुशी उसकी खुशी में ही है।" ऋषि ने इसके आगे कहा था कि वे बस इतना चाहते हैं कि मरने से पहले अपने पोते-पोतियों का मुंह देख सकें।

आलिया भट्ट के साथ रह रहे रणबीर?
रिपोर्ट्स की मानें रणबीर इन दिनों आलिया भट्ट के साथ रह रहे हैं। दोनों काफी समय से रिलेशनशिप में हैं। दिसंबर 2019 में यह चर्चा खूब रही थी कि दोनों 2020 की सर्दियों में शादी करेंगे। कहा यह भी जा रहा था कि इसके लिए वे अपने अंडरप्रोडक्शन प्रोजेक्ट जल्दी ही पूरा करेंगे और फिर शादी के लिए एक महीने का ब्रेक लेंगे। जब इस बारे में आलिया की बड़ी बहन पूजा भट्ट से रिएक्शन मांगा गया तो उन्होंने सस्पेंस भरा जवाब दिया। उन्होंने कहा था कि अगर यह खबर सच भी हो तो वे इसकी पुष्टि क्यों करें? जब उनसे इसका मतलब पूछा गया तो उन्होंने कहा था, "अनुमान लगाते रहिए।" वहीं, ऋषि कपूर का काम देखने वाले शांति मलिक ने इन खबरों को कोरी अफवाह बताया था।



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Rishi Kapoor wanted to See The Wedding Of Ranbir Kapoor And Alia Bhatt Before His Death




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कभी लताजी की गोद में नजर आए तो कभी बच्चों को गाेद में लेकर मुस्कुराए

सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर अब नहीं रहे। मेरा नाम जोकर से अपने पिता राज कपूर के बचपन की भूमिका से अभिनय सफर की शुरुआत करने वाले ऋषि कपूर आखिरी बार सिल्वर स्क्रीन पर इमरान हाशमी स्टार के साथ दबॉडी (2020) में दिखे थे। कैंसर जैसी बीमारी से जूझते हुए भी कैमरे के आगे और सोशल मीडिया दोनों पर लगातार एक्टिव रहे। इस पूरे कालखंड में अनगिनत किस्से और यादें हैं, तस्वीरें हैं, जो हमेशा उनके चाहने वालों के दिलो-दिमाग पर छाई रहेंगी।



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ऋषि कपूर का परिवार- मां कृष्णा राज, बेटा रणबीर, बेटी रिद्धिमा-दामाद भरत साहनी और नातिन समारा और पत्नी नीतू।




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पीएम मोदी ने उन्हें प्रतिभा का पावरहाउस बताया, आमिर ने कहा- हमने एक महानायक खो दिया; सलमान बोले- 'कहा-सुना' माफ करना

अभिनेता ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। ऋषि लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित थे और पिछले साल सितंबर में इलाज कराकर अमेरिका से लौटे थे। उनके निधन पर फिल्म जगत के अलावा खेल और राजनीति से जुड़े लोगों ने भी दुख जताया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, 'बहुआयामी, प्यारे और जीवंत... ऐसे थे ऋषि कपूर जी। वे प्रतिभा का पावरहाउस थे। मैं उनके साथ हुई बातचीत को हमेशा याद करूंगा, सोशल मीडिया वाली भी। वे फिल्मों और भारत की प्रगति को लेकर भावुक थे। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।'

राहुल गांधी ने इस सप्ताह को बेहद दुखद बताया

इरफान खान के बाद ऋषि कपूर के अवसान कोराहुल गांधी ने भारतीय सिनेमा के लिए डरावना बताया। उन्होंने लिखा, 'भारतीय सिनेमा के लिए ये एक भयानक सप्ताह है, जिसमें एक और महान अभिनेता ऋषि कपूर का निधन हो गया। एक अद्भुत अभिनेता, जिनके प्रशंसक अलग-अलग पीढ़ियों के हैं। वे बहुत याद किए जाएंगे।'

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दिल्ली पुलिस ने खास अंदाज में श्रद्धांजलि दी

इरफान खान और ऋषि कपूर के निधन पर दिल्ली पुलिस ने भी शोक व्यक्त किया। उसने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, 'फ़िल्म जगत की दो नायाब हस्तियां, जिन्होंने हमें अपनी अदाकारी से हंसाया भी और रुलाया भी, आज हमारे बीच नहीं हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।'

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अमिताभ ने कहा- वे चले गए, मैं टूट गया

महानायक अमिताभ बच्चन ने सुबह करीब 9:30 बजे कपूर के निधन के बारे में ट्विटर पर बताया था। उन्होंने लिखा था, 'वे चले गए। ऋषि कपूर चले गए। अभी-अभी निधन हुआ। मैं टूट गया हूं।'

लताजी ने कहा- मैं शब्दहीन हूं

स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने दुख प्रकट करने के लिए दो ट्वीट किए। पहलेमें उन्होंने लिखा, 'क्या कहूं? क्या लिखूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है। ऋषि जी के निधन से मुझे बहुत दुख हो रहा है। उनके जाने से फिल्म इंडस्ट्री की बहुत हानि हुई है। ये दुख सहना मेरे लिए बहुत मुश्किल है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।' वहीं अगले ट्वीट में उन्होंने छोटे सेऋषि कपूर को गोद में लिए तस्वीर शेयर की और लिखा, 'कुछ समय पहले ऋषि जी ने मुझे उनकी और मेरी ये तस्वीर भेजी थी। वो सब दिन, सब बातें याद आ रही हैं। मैं शब्दहीन हो गई हूं।'

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जावेद अख्तर ने लिखा- 47 साल पुराने दोस्त को खो दिया

जावेद अख्तर ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, 'आज मैंने अपने प्यार दोस्त ऋषि कपूर को खो दिया। हमारी पहली मुलाकात 1973 में बेंगलोर में हुई थी। वे वहां 'बॉबी' के एक चैरिटी शो में हिस्सा लेने आए थे और मैं वहां 'शोले' की शूटिंग के लिए था। हम दोनों शाम को मिले और 47 सालों की दोस्ती शुरू करने के लिए कुछ घंटों तक बात करते रहे। अलविदा प्यारे दोस्त।'

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सलमान ने लिखा- कहा-सुना माफ

सलमान खान ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, आपकी आत्मा को शांति मिले चिंटू सर, कहा-सुना माफ, परिवार और दोस्तों के लिए शक्ति, शांति और प्रकाश की कामना।

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आमिर खान ने लिखा- आज हमने एक महानायक खो दिया

आमिर खान ने दुख प्रकट करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 'आज हमने एक महानायक को खो दिया। एक अद्भुत अभिनेता, एक शानदार इंसान और 100% सिनेमा का बच्चा। हमारे जीवन में आप जितना भी आनंद लेकर आए, उसके लिए आपका धन्यवाद। आप जिस तरह के अभिनेता और मानवे थे उसके लिए आपका धन्यवाद। आप बहुत ज्यादा याद आओगे ऋषि जी। प्यार..'

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कपिल शर्मा ने लिखा- वक्त को भी वक्त लगेगा

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सचिन ने लिखा- उनकी फिल्में देख बड़ा हुआ

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रजनीकांत ने कहा- दिल टूट गया

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अनुपम खेर ने लिखा- भगवान ने उनका सांचा बनाकर तोड़ दिया

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कमल हसन ने लिखा- विश्वास नहीं हो रहा

कमल हसन ने अपने ट्वीट में लिखा, 'इस पर विश्वास नहीं हो रहा। चिंटू जी (ऋषि कपूर) हमेशा मुस्कान के साथ तैयार रहते थे। हमारे बीच परस्पर प्यार और सम्मान था। मैं अपने दोस्त को याद करूंगा। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।'

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जॉनी लीवर ने लिखा- देश ने एक महान एक्टर को खो दिया

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अक्षय कुमार ने लिखा- ये दिल दहला देने वाली खबर

अक्षय कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा, 'ऐसा लगता है जैसे कि हम एक बुरे सपने के बीच में हैं, अभी-अभी ऋषि कपूर के निधन की निराशाजनक खबर सुनी। ये दिल दहला देने वाली है। वे एक लीजेंड थे, एक महान सह-कलाकार और एक बहुत अच्छे पारिवारिक मित्र। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार के साथ हैं।'

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अजय देवगन ने कहा- एक के बाद एक झटके

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प्रियंका चोपड़ा ने कहा- ये एक युग का अंत है

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मनोज वाजपेयी ने कहा- इस खबर ने मुझे तोड़ दिया

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बोमन ईरानी ने कहा- दिल टूट गया चिंटूजी

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तापसी पन्नू ने कहा- कोई मुझसे कहे यह सपना है

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अनुष्का शर्मा ने कहा- मेरे पास शब्द नहीं हैं

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कुमार विश्वास ने लिखा- आप ने निभाया, दिखाया, सिखाया

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जॉन अब्राहम ने लिखा- आपकी आत्मा को शांति मिले सर

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अरविंद केजरीवाल ने भी जताया शोक

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वीरेंद्र सहवाग ने कहा- निराशाजनक खबर

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वीवीएस लक्ष्मण ने दुख जताया

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अनिल कुंबले ने बताया अपनेबचपन का हीरो

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वकार यूनिस ने लिखा- आपके साथ एक युग का अंत हुआ

पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर वकार यूनिस ने भी कपूर के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, 'दिल टूट गया। विश्व सिनेमा के लिए दुखद सप्ताह। आपके निधन के साथ एक युग का अंत हुआ, लेकिन आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। कपूर परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।'

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ऋषि कपूर का जन्म 4 सितंबर 1952 को मुंबई में हुआ था। लोग उन्हें प्यार से चिंटू कपूर भी कहते थे।




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'प्रेम रोग' से 'मुल्क' तक ऋषि कपूर के पॉपुलर डायलॉग्स, 'लव आज कल' में कहा - 'जाने से पहले आखिरी बार मिलना क्यों जरूरी होता है'

बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर ऋषि कपूर का 67 साल में निधन हो गया। ल्यूकेमिया से जूझ रहे ऋषि ने मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में आखिरी सांस ली। 2018 में ऋषि कपूर को कैंसर हुआ था।उनकी मौत की जानकारी बॉलीवुड के बिग बी यानी अमिताभ बच्चन ने ट्वीट के जरिए दी। बॉलीवुड में लगातार दूसरे दिन एक दिग्गज की मौत हुई है। इससे पहले बुधवार को एक्टर इरफान खान दुनिया को अलविदा कह गए।

ऋषि ने बॉलीवुड पारी की शुरुआत 1970 में आई फिल्म 'जोकर' से की थी। इस फिल्म में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। 5 दशक के लंबे करियर में ऋषि ने करीब 121 फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म 'द बॉडी' थी। इसमें उन्होंने पुलिस अफसर का किरदार निभाया था।

अगर आप मेरी दाढ़ी और ओसामा बिन लादेन की दाढ़ी में फर्क नहीं कर पा रहे हैं तो भी मुझे हक है मेरी सुन्नत निभाने का- मुल्क
ट्रिगर खींच, मामला मत खींच, खिच गया ना तो बहुत तकलीफ दूंगा- डी डे
हम आज जो फैसला करते हैं, वही हमारे कल का फैसला करेगा - फना
खाली फीस भरने से पापा होने की ड्यूटी पूरी नहीं होती, पापा की ड्यूटी होती है बच्चों की खुशियां- दो दूनी चार
रीत रिवाज इंसान की सहूलियत के लिए बनाए जाते हैं, इंसान रीत रिवाजों को लिए नहीं- प्रेम रोग
जाने से पहले, एक आखिरी बार मिलना क्यों जरूरी होता है- लव आज कल
प्रेम तो वो रोग है जो आसानी से लगता नहीं, और जब लग जाता है ना, फिर कभी मिटता नहीं- प्रेम रोग
प्यार करने वाले ऐतबार का सर्टिफिकेट नहीं मांगते- कर्ज
हर इश्क का एक वक्त होता है, वो हमारा वक्त नहीं था, पर इसका यह मतलब नहीं कि वो इश्क नहीं था- जब तक है जान
हम दिल्ली वाले मुल्क के साथ-साथ दिल पर भी हुकूमत करना जानते हैं- चांदनी


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Rishi Kapoor's popular dialogues from 'Prem Rog' to 'Mulk'




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अनुपम खेर ने शेयर किया ऋषि के साथ बनाया अपना आखिरी वीडियो, बोले- भगवान ने उन्हें बनाकर सांचा तोड़ दिया था

बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर का गुरुवार सुबह मुंबई में निधन हो गया। वे 67 साल के थे और पिछले दो साल से ल्यूकेमिया यानि ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन से दुखी अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश लिखते हुए ऋषि के साथ बनाया अपना आखिरी वीडियो शेयर किया। जिसे उन्होंने पिछले साल न्यूयॉर्क में बनाया था। इसे शेयर करते हुए अनुपम ने लिखा भगवान ने ऋषि को बनाकर उनका साँचा तोड़ दिया था।

अपनी पोस्ट के साथ अनुपम ने लिखा, 'ऋषि कपूर से ज्यादा जिंदादिल, बेबाक, जोर-जोर से ठहाके लगाने वाला, एक बच्चे जैसी जिज्ञासा रखने वाला मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा। भगवान ने उनका सांचा बनाकर तोड़ दिया था। दुख इतना गहरा है, आंसू निकल ही नहीं रहे। न्यूयॉर्क में उनके साथ आखिरी वीडियो। आप हमेशा रहोगे। हैलो.. हैलो.. हैलो..' उन्होंने जो वीडियो शेयर किया उसमें अनुपम और ऋषि के अलावा नीतू कपूर भी दिख रही हैं।

वीडियो में हैलो.. हैलो.. करते दिखे ऋषि

अनुपम ने जो वीडियो शेयर किया वो न्यूयॉर्क का है, जब ऋषि वहां कैंसर का इलाज कराने गए थे। वीडियो में अनुपम कहते हैं, 'ये सिर्फ न्यूयॉर्क की गलियों में ही संभव हो सकता है। हम 51 ईस्ट स्ट्रीट, थर्ड एवेन्यू में येलो कैब के अंदर हैं और देखिए मेरे साथ कौन हैं।' इसके बाद कार की पिछली सीट पर बैठे ऋषि कपूर दिखाई देते हैं, जो कहते हैं, 'हैलो... हैलो... हैलो...'। उनके बाद नीतू कपूर दिखाई देती हैं, वे भी 'हैलो.. हैलो...' कहती हैं। अंत में अनुपम कहते हैं, 'देखा कुछ भी हो सकता है दोस्तों, फिर ना कहना। हो रहा है कि नहीं हो रहा।'

पिछले साल शेयर किया था मूल वीडियो

अनुपम ने आज जोवीडियो शेयर किया, उसका मूल वीडियो उन्होंने पिछले साल 21 अगस्त को शेयर किया था, जब वे कपूर दंपति के साथ मास्टरशेफ विकास खन्ना के घर डिनर के लिए गए थे। तब उन्होंने बताया था कि 'इस सफर के अंत में हम इस बात को लेकर बच्चों की तरह लड़े थे कि टैक्सी का किराया कौन देगा।'

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2 साल पहले कैंसर हुआ था

साल 2018 में ऋषि कपूर को कैंसर होने का पता चला था, जिसके बाद वे इलाज के लिए अमेरिका गए थे। वहां 11 महीने रहने के बाद पिछले साल सितंबर में भारत लौटे थे। अमेरिका में पूरे वक्त उनके साथ उनकी पत्नी नीतू ही थीं। रणबीर कपूर कई बार उनसे मिलने न्यूयॉर्क गए थे। कुछ दिनों पहले ऋषि ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'अब मैं बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं। और कोई भी काम कर सकता हूं। सोच रहा हूं कि एक्टिंग दोबारा कब शुरू करूं। पता नहीं लोगों को अब मेरा काम पसंद आएगा भी या नहीं। न्यूयॉर्क में मुझे कई बार खून चढ़ाया गया था। तब मैंने नीतू से कहा था- उम्मीद करता हूं कि नए खून के बावजूद मैं एक्टिंग नहीं भूलूंगा।'

फरवरी में दो बार अस्पताल में भर्ती हुए थे

ऋषि कपूर फरवरी में दो बार अस्पताल में भर्ती हुए थे। एक बार जब वे दिल्ली में एक पारिवारिक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे तो उन्हें वहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय खुद ऋषि ने कहा था कि वे संक्रमण से पीड़ित थे। मुंबई लौटने के बाद उन्हें फिर से वायरल बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी तबीयत जल्दी सुधर जाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।

पिछले साल ऋषि के जन्मदिन पर भी वीडियो शेयर दी थी बधाई

अनुपम खेर ने पिछले साल 4 सितंबर को ऋषि के जन्म दिन पर इसी टैक्सी जर्नी के दौरान बनाए एक वीडियो को शेयर करते हुए उन्हें बर्थडे विश किया था।

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अनुपम खेर ने ऋषि कपूर के साथ अपना जो आखिरी वीडियो शेयर किया उसे उन्होंने पिछले साल 21 अगस्त को बनाया था। (फोटो/वीडियो साभारः अनुपम खेर के सोशल मीडिया अकाउंट से)




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28 दिन पहले आखिरी ट्वीट कोरोनावायरस को लेकर किया था, डेढ़ साल तक कैंसर से जूझते रहे

अभिनेता ऋषि कपूर नहीं रहे। गुरुवार सुबह करीब 8:45 बजे मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 28 दिन से सोशल मीडिया से दूर थे। 2 अप्रैल को उन्होंने अपना आखिरी ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था, "सभी भाइयों और बहनों से अपील है कि कृपया हिंसा, पत्थर फेंकने या हत्या करने का सहारा न लें। डॉक्टर, नर्स, मेडिक्स, पुलिसकर्मी आदि आपको बचाने के लिए अपने जीवन को खतरे में डालते हैं। हमें इस कोरोनावायरस युद्ध को एक साथ जीतना होगा। प्लीज। जय हिन्द!"

गौरतलब है कि ऋषि करीब डेढ़ साल से कैंसर से जूझ रहे थे। उनकी इस साल की जर्नी पर डालते हैं एक नजर:-

29 सितंबर, जब पहली बार कहा- इलाज कराने जा रहा हूं
29 सितंबर 2018 को वे इलाज के लिए न्यूयॉर्क गए थे। तब उन्होंने अपनी बीमारी का खुलासा तो नहीं किया था। लेकिन लोगों से कयास न लगाने की अपील जरूर की थी। ऋषि ने अपने ट्वीट में लिखा था, "सभी को हैलो, किसी चीज का इलाज कराने के लिए अमेरिका जा रहा हूं। मैं अपने चाहने वालों से ये गुजारिश करता हूं कि वो किसी तरह का बेमतलब कयास न लगाएं। मुझे फिल्मों में काम करते हुए 45 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। आप सभी के प्यार और दुआओं की बदौलत मैं जल्द ही लौटकर आऊंगा।'' इसके दो दिन बाद 1 अक्टूबर को उनकी मां कृष्णा राज कपूर का निधन हो गया था। लेकिन न तो ऋषि और न ही उनकी पत्नी नीतू और बेटे रणबीर कपूर उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो पाए थे।

जनवरी 2019: जब पहली बार मिले संकेत कि ऋषि को कैंसर है
अक्टूबर के पहले सप्ताह में कयास लगाए जाने लगे थे कि ऋषि को कैंसर है। लेकिन उनके भाई रणधीर ने ख़बरों का खंडन किया था और कहा कि जब तक जांच रिपोर्ट्स नहीं आ जातीं, तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता। जनवरी 2019 में जब दुनिया नए साल का जश्न मना रही थी, तब अपनी एक पोस्ट में ऋषि की पत्नी नीतू ने संकेत दिए कि वे कैंसर से जूझ रहे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा था, "हैप्पी 2019, इस साल कोई रेजोल्यूशन नहीं सिर्फ दुआएं करूंगी। दुनिया में कम से कम ट्रैफिक पॉल्यूशन हो। उम्मीद करती हूं कि भविष्य में कैंसर बीमारी नहीं, बल्कि एक राशि का नाम ही बन कर रहे।"

जनवरी 2019 : जब इलाज पर खुलकर बोले थे ऋषि
जनवरी 2019 के अंतिम सप्ताह में बॉलीवुड हंगामा से बातचीत में पहली बार ऋषि कपूर अपनी बीमारी पर खुलकर बोले थे। उन्होंने कहा था, "मेरा इलाज चल रहा है। उम्मीद है मैं जल्दी ही ठीक हो जाउंगा और भगवान ने चाहा तो वापसी करूंगा। यह उपचार प्रक्रिया लम्बी और थकाऊ है। इस परिस्थिति में धैर्य की बहुत जरूरत होती है, लेकिन यह गुण मेरे पास नहीं है। अभी मेरे पास कोई फिल्म नहीं है और न ही मैं इसके बारे में सोच रहा हूं। मैं अभी खुद को खाली और फ्रेश रखना चाहता हूं। यह ब्रेक मेरे उपचार में सहायक होगा।"

अप्रैल 2019: जब दोस्त राहुल रवैल ने बताया उन्हें कैंसर मुक्त
अप्रैल 2019 में ऋषि के खास दोस्त राहुल रवैल ने इस बात की पुष्टि कर दी कि वे कैंसर के इलाज के लिए ही न्यूयॉर्क गए थे। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, "ऋषि कपूर (चिंटू) को कैंसर से आजादी मिल गई।" रवैल की इस पोस्ट के बाद कई लोगों ने हैरानी जताई थी कि ऋषि इतने वक्त से इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।

10 महीने बाद ऋषि ने कहा था- कैंसर का इलाज चल रहा
अगस्त 2019 में ऋषि ने एक अखबार से बातचीत में अपने ट्रीटमेंट की जर्नी साझा की थी। उन्होंने कहा था, "मैं अपनी बीमारी को 10 महीनों को लंबी छुट्टियों की तरह देखता हूं। लेकिन मैं घर की बनीं नरम रोटियों और पॉम्फ्रेट मछली को बहुत मिस करता हूं क्योंकि मुझे इनका स्वाद यहां चखने को नहीं मिला। कैंसर और इसके इलाज ने मुझे काफी बदल दिया है। मैंने इस दौरान खुद को शांत रखना सीखा है। पहले मैं अपनी फैमिली और फैंस पर गुस्सा करता था। लेकिन अब काबू पाना मैंने सीख लिया है। मैं परिवार और फैंस का एहसानमंद हूं कि उन्होंने मुझे इतना प्यार दिया और शुभकामनाएं भेजी। मेरी पत्नी नीतू चट्टान की तरह मेरे साथ खड़ी रहीं। मेरे परिवार ने मुझे लड़ने की ताकत दी।"

सितंबर 2019: जब 11 महीने 11 दिन बाद भारत लौटे थे ऋषि
10 सितंबर 2019 को ऋषि कपूर पत्नी नीतू के साथ भारत लौट आए थे। अपनी वतन वापसी की जानकारी ऋषि ने ट्विटर पर दी थी। उन्होंने लिखा था, "घर वापसी। 11 महीने 11 दिन। सभी का शुक्रिया।" इस दौरान की उनकी कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जहां वे मुंबई एयरपोर्ट पर स्माइल के साथ फोटोग्राफर्स का अभिवादन कर रहे थे।

जनवरी 2020: दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हुए थे
जनवरी 2020 के आखिरी सप्ताह में ऋषि को नई दिल्ली के एक अस्पताल में अचानक भर्ती कराया गया था। तब भी यही खबर आई थी कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। दरअसल, वे वहां अपनी फिल्म 'शर्माजी नमकीन' की शूटिंग कर रहे थे। तबियत बिगड़ने के बाद 31 जनवरी को वे अस्पताल में भर्ती हुए।

डिस्चार्ज होकर मुंबई पझुंचने के बाद ऋषि ने अपने एक ट्वीट में लिखा था, "प्रिय परिवारजनों, दोस्तों, विरोधियों और अनुयायियों मेरे स्वास्थ्य को लेकर आपके द्वारा जताई गई चिंता से मैं अभिभूत हूं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं पिछले 18 दिनों से दिल्ली में शूटिंग कर रहा हूं और प्रदूषण और न्यूट्रोफिल्स में कमी की वजह से मुझे इंफेक्शन हो गया था। जिसकी वजह से मुझे हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा। इस दौरान मुझे हल्का बुखार रहा और जांच के दौरान डॉक्टरों को एक पैच मिला, जिसकी वजह से निमोनिया हो सकता था, फिलहाल उसे ठीक किया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि लोगों ने इस बारे में बिल्कुल ही अलग समझ लिया था। मैं उन सभी कहानियों को विराम दे दिया है और मैं आगे भी आपको मनोरंजन और प्यार देने के लिए तत्पर हूं। अब मैं मुंबई में हूं।"

इसके बाद वे वायरल बुखार के चलते मुंबई के एक अस्पताल में भी भर्ती हुए थे। लेकिन जल्दी ही वहां से उन्हें छुट्टी मिल गई थी। आखिरी बार 29 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें एचएन.रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और वे वापस नहीं लौट सके।



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अस्पताल में रिकॉर्ड किए गए वीडियो में लड़खड़ाती आवाज में कहा था- मेहनत के बाद मिलती है शोहरत

नाम और शोहरत मेहनत के बाद आती है.... येवीडियो संदेश है बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर का। ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ यह वीडियो फरवरी 2020 का है। जब अस्पताल में भर्ती ऋषि के पास डीके सानूने यहवीडियो रिकॉर्ड किया था। इसे ऋषि कपूर के निधन के बादआखिरी वीडियोबताकर वायरल किया गया है।


कैंसर से जूझ रहे ऋषि कपूर का गुरुवार सुबह 8:45 बजे निधन हो गया। शाम करीब 4:30 बजे बजे मुंबई के चंदनवाड़ी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान उनकी पत्नी नीतू, बेटे रणबीर, करीना कपूर, सैफ अली खान, अभिषेक और ऐश्वर्या बच्चन भी मौजूद रहे। ऋषि के निधन पर पत्नी नीतू ने कहा कि वे आखिरी वक्त भी लोगों हंसाते रहे।

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जीवन भर के लिए यादगार बन गई सीख : इस वीडियो में ऋषि लड़खड़ाती आवाज में कह रहे हैं-मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है, बहुत तरक्की करो सफलता प्राप्त करो, मेहनत करो, देखो शोहरत नाम ये सब मेहनत के बाद आता है। जब तक मेहनत और थोड़ी किस्मत साथ देगी तो फल अपने आप पेड़ों पर लगेंगे। बस उसके लिए यही एक गांठ बांध कर रखना।

ल्यूकोमिया के बावजूद दोस्तों, फिल्मों और परिवार पर था फोकस
ऋषि कपूर के निधन के बाद नीतू कपूर की तरफ से यह मैसेज जारी किया गया- ‘‘दो साल तक ल्यूकेमिया से जंग के बाद हमारे प्यारे ऋषि कपूर का आज सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया। अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वे आखिर तक उनका मनोरंजन करते रहे।’’
मैसेज में बताया गया कि दो महाद्वीपों में ऋषि का दो साल तक इलाज चला और इस दौरान वे खुशमिजाज और जिंदादिल बने रहे। परिवार, दोस्त, लजीज खाना और फिल्में उनके फोकस में रहीं। इस दौरान उनसे जो भी मिला, वह यह जानकार ताज्जुब में था कि उन्होंने कैसे बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया।



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डीके सानू के यू-ट्यूब पेज पर अपलोड यह वीडियो ऋषि कूपर के साथ मोबाइल पर रिकॉर्ड किया गया था।




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कैंसर से जूझ रहे ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में मुंबई में निधन, आखिरी वक्त तक डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का मनोरंजन करते रहे

ऋषि कपूर नहीं रहे। वे 67 साल के थे। ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। बुधवार को इरफान खान के निधन की खबर से बॉलीवुड उबरा भी नहीं था कि ऋषि कपूर के जाने की खबर आ गई। वे खुशमिजाजी के लिए जाने जाते थे। आखिरी वक्त तक भी उन्होंने अपना यह अंदाज नहीं छोड़ा। अस्पताल में डॉक्टरों-मेडिकल स्टाफ को हंसाते रहे, उनका मनोरंजन करते रहे।

इससे पहले पिछले गुरुवार भी उनकी सेहत खराब हुई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था, लेकिन चार घंटे बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। बाद में चेस्ट इन्फेक्शन, सांस लेने में दिक्कत और बुखार के कारण बुधवार को उन्हें दोबारा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन तड़के तीन बजे उन्होंने रिस्पॉन्ड करना बंद कर दिया। जब उन्होंने अंतिम सांस ली, तब उनके साथ पत्नी नीतू और बेटे रणबीर मौजूद थे।उधर, ऋषि कीबेटी रिद्धिमा को दिल्ली से मुंबई आने की इजाजत मिल गई है। हालांकि, वे 1400 किमी का सफर सड़क के रास्ते तय करेंगी। इस वजह से उनकी शुक्रवार तक मुंबई आने की संभावना है। दिल्ली पुलिस ने रिद्धिमा के साथ 4 और लोगों को मुंबई जाने की इजाजत दी है।

परिवार ने बताया- ल्यूकेमिया के बावजूद परिवार, दोस्त, फिल्में और खाना उनके फोकस में था
ऋषि कपूर के निधन के बाद परिवार की तरफ से यह मैसेज जारी किया गया- ‘‘दो साल तक ल्यूकेमिया से जंग के बाद हमारे प्यारे ऋषि कपूर का आज सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया। अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वे आखिर तक उनका मनोरंजन करते रहे। दो महाद्वीपों में उनका दो साल तक इलाज चला और इस दौरान वे खुशमिजाज और जिंदादिल बने रहे। परिवार, दोस्त, लजीज खाना और फिल्में उनके फोकस में रहीं। इस दौरान उनसे जो भी मिला, वह यह जानकार ताज्जुब में था कि उन्होंने कैसे बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया।

दुनियाभर में अपने फैन्स से मिल रहे प्यार के वे कर्जदार थे। उनके जाने के बाद सभी फैन्स यह समझ पाएंगे कि ऋषि चाहते थे कि वे आंसू नहीं, मुस्कुराहट के साथ याद किए जाएं। इस नुकसान के बीच हम यह जान रहे हैं कि दुनिया एक बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। लोगों की आवाजाही और इनके इकट्‌ठा होने पर पाबंदियां हैं। हम उनके सभी फैन्स, चाहने वालों और दोस्तों से यह गुजारिश करते हैं कि वे नियम-कानूनों का सम्मान करें।’’

ऋषि कपूर और इरफान डी-डे फिल्म में एक साथ नजर आए थे

यह सीन डी-डे फिल्म का है। यह फिल्म 2013 में रिलीज हुई थी। इसमें ऋषि कपूर और इरफान खान ने एकसाथ काम किया था। इरफान खान का बुधवार और ऋषि कपूर का गुरुवार को निधन हुआ। इरफान को ब्रेन कैंसर और ऋषि को ब्लड कैंसर था।

प्रधानमंत्री बोले- ऋषि कपूर टैलेंट के पावरहाउस थे

2 साल पहले कैंसर हुआ था
2018 में ऋषि कपूर को कैंसर हुआ था। इलाज के लिए वो अमेरिका गए थे। वहां 11 महीने रहने के बाद पिछले साल सितंबर में भारत लौटे थे। अमेरिका में पूरे वक्त उनके साथ पत्नी नीतू ही थीं। रणबीर कपूर कई बार उनसे मिलने न्यूयॉर्क गए थे। कुछ दिनों पहले ऋषि ने एक इंटरव्यू में कहा था, “अब मैं बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं। और कोई भी काम कर सकता हूं। सोच रहा हूं कि एक्टिंग दोबारा कब शुरू करूं। पता नहीं लोगों को अब मेरा काम पसंद आएगा भी या नहीं। न्यूयॉर्क में मुझे कई बार खून चढ़ाया गया था। तब मैंने नीतू से कहा था- उम्मीद करता हूं कि नए खून के बावजूद मैं एक्टिंग नहीं भूलूंगा।”

फरवरी में दो बार अस्पताल में भर्ती हुए थे ऋषि
ऋषि कपूर फरवरी में दो बार अस्पताल में भर्ती हुए थे। एक बार जब वे दिल्ली में एक पारिवारिक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे तो उन्हें वहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय खुद ऋषि ने कहा था कि वे संक्रमण से पीड़ित थे। मुंबई लौटने के बाद उन्हें फिर से वायरल बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी तबीयत जल्दी सुधर जाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।

ऋषि ने कहा था- आजकल कपूरों पर टाइम भारी है

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एक महीने से सोशल मीडिया से दूर थे
सोशल मीडिया परलॉजिकल और अग्रेसिव कमेंट्स के लिए मशहूर ऋषिने 2 अप्रैल के बाद ट्विटर अकाउंट पर कुछ भी पोस्ट नहीं किया। उन्होंने बीतेदिनों दीपिका पादुकोण के साथ हॉलीवुड फिल्म "द इंटर्न" के रीमेक में काम करने की घोषणा भी की थी।

पृथ्वीराज कपूर के पोते और राज कपूर के बेटे
चिंटू के नाम से मशहूर ऋषि का जन्म 4 सितंबर 1952 को मुंबई के चेम्बूर में हुआ था। वे राज कपूर के दूसरे नंबर के बेटे और पृथ्वीराज कपूर के पोते थे। उन्होंने मुंबई के कैंपियन स्कूल और अजमेर के मेयो कॉलेज में अपने भाइयों के साथ पढ़ाई की। रणधीर कपूर उनके बड़े भाई और राजीव कपूर उनके छोटे भाई हैं। ऋषि और नीतू के दो बच्चे हैं- रणबीर और रिद्धिमा।

ऋषि की फिल्मी यात्रा
ऋषि कपूर ने 1970 में पिता की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' से डेब्यू किया था। इस फिल्म में ऋषि ने अपने पिता के बचपन का किरदार निभाया था। ऋषि कपूर ने बतौर लीड एक्टर 1973 में आई फिल्म ‘बॉबी’ से शुरुआत की थी। अपने करियर में 1973-2000 तक 92 फिल्मों में रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया। बतौर सोलो लीड एक्टर 51 फिल्मों में अभिनय किया। ऋषि अपने जमाने के चॉकलेटी हीरो में से एक थे। उन्होंने पत्नी नीतू के साथ 12 फिल्मों में अभिनय किया।

ऋषि ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया। उन्होंने 1998 में अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ निर्देशित की। ऋषि कपूर ने अपने करियर की शुरुआत से हमेशा ही रोमांटिक किरदार निभाया था, लेकिन फिल्म ‘अग्निपथ’ में उनके खलनायक के किरदार को देख सभी हैरान रह गए। ऋषि को इसके लिए आईफाबेस्ट नेगेटिव रोल के अवार्ड से भी नवाजा गया।

ऋषि कपूर ने लताजी के साथ अपनी फोटो शेयर की थी

ऋषि कपूर ने इसी साल 28 जनवरी को यह फोटो ट्वीट की थी। इसमें उन्होंने लिखा था- ‘‘नमस्ते लताजी! आपके आशीर्वाद से देखिए मुझे अपनी दो या तीन महीने वाली पिक्चर मिल गई। ये एक बेशकीमती पिक्चर है मेरे लिए!’’ इस पर लताजी ने कहा था- ‘‘मुझे ये फोटो देखकर कृष्णा भाभी और राज साहब की याद आई। तब कृष्णा भाभी ने आपको मेरे हाथ में दिया था। आपकी सेहत हमेशा अच्छी रहे, यही ईश्वर से प्रार्थना।’’

लताजी का ट्वीट- क्या कहूं, क्या लिखूं, यह दुख सहना बहुत मुश्किल है

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ऋषि कपूर ने 1998 गुरदासपुर में प्रचार किया तो अगले साल पठानकोट में उसी जगह रैली की, जहां विनोद खन्ना पर पत्थर बरसे थे

बॉलीवुड स्टार ऋषि कपूर के निधन से जहां पूरे देश में शोक की लहर है, वहीं गुरदासपुर के लोग भी उन्हें याद कर भावुक हो रहे हैं। साल 1998 में स्वर्गीय विनोद खन्ना ने गुरदासपुर से संसदीय चुनाव लड़ा था, जिस दौरान ऋषि कपूर उनके हक में प्रचार करने के लिए गुरदासपुर पहुंचे थे। उस समय शहर के लोगों ने उनके स्वागत में पलक पांवड़े बिछा दिए थे। आज शहर के लोग उनकी यादों में एक बार फिर से बह उठे हैं। इससे भी ज्यादा कभी न भुला देने वाला वाकया पठानकोट के मॉडल टाउन का है, जब विनोद 1999 में दूसरी बार प्रत्याशी बने थे। एक दिन पहले जहां विनोद खन्ना पर पत्थर बरसे थे, अगले दिन ऋषि ने वहीं रैली की थी।

भाजपा के तत्कालीन ऑफिस इंचार्ज वरिष्ठ भाजपा नेता विजय वर्मा बताते हैं कि उनके गुरदासपुर आगमन को पूरी तरह से छिपाकर रखा गया था। वह उन्हें बाईपास से रिसीव कर सीधे अपने घर ले आए थे। इस बीच आस-पास के लोगों को कहीं से भनक लग गई कि कपूर उनके घर आए हैं। इस बात का पता चलते ही उनके फैन्स की भीड़ घर के बाहर एकत्र हो गई।


छत से लोगों का अभिवादन किया स्वीकार
वह बताते हैं कि लोग इतने बेकाबू हो उठे थे कि उन्होंने उनके घर में पड़े गमले और खिड़कियों के शीशे तक कपूर की एक झलक पाने के लिए तोड़ डाले थे। इस बात का पता चलने पर कपूर उनके घर की छत पर जा पहुंचे और वहां से लोगों का बड़े ही प्यार से अभिवादन स्वीकार किया। वह करीब आधा घंटा तक छत पर खड़े होकर लोगों से मिलते रहे। उनका स्वभाव इतना मधुर था कि ऐसा लगता ही नहीं था कि वह कोई इतने बड़े बॉलीवुड स्टार हैं।


दिवंगत आत्मा की शांति की कामना
ऋषि कपूर ने स्वर्गीय विनोद खन्ना के समर्थन में पहली रैली बहरामपुर रोड पर की। वहां पर लोगों ने उन्हें अथाह प्यार दिया। इसके बाद उन्होंने खन्ना के हक में बटाला और फतेहगढ़ चूड़ियां में रैलियां की। ज्ञात रहे कि इन चुनावों में खन्ना भारी मतों से विजेता रहे थे। वर्मा ने कहा कि कपूर के निधन से वह एक बार तो स्तब्ध रह गए। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है। इसके अलावा जिला प्लानिंग बोर्ड की पूर्व चेयरपर्सन नीलम महंत, पूर्व जिला भाजपा प्रधान बालकिशन मित्तल, भाजपा राकेश ज्योति, जिला भाजपा प्रधान परमिंदर गिल आदि ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है।

भाषण में कहा था-हम आ गए हैं, कोई कितना भी दम लगा ले हम डरते नहीं
स्वर्गीय विनोद खन्ना से लंबे समय तक करीब से जुड़े रहे पवन शर्मा बताते हैं कि 1999 में विनोद खन्ना दूसरी बार गुरदासपुर से चुनाव लड़ रहे थे और कांग्रेस की धुरंधर नेता सुखवंश कौर भिंडर से तगड़ा मुकाबला था। प्रचार सभाओं के दौरान शहर के मॉडल टाउन में एक सभी में पहुंचे विनोद खन्ना पर कांग्रेसियों ने पथराव कर दिया और उन्हें वहां से निकल जाना पड़ा। बाद में कांग्रेसी नेता जंग बहादुर बेदी समेत कुछ अन्य लोगों पर विनोद खन्ना पर पथराव का केस भी दर्ज किया गया। अगले ही दिन ऋषि कपूर खन्ना के प्रचार को पठानकोट पहुंचे और उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए मॉडल टाउन में उसी जगह पर शाम को चुनावी सभा रखी। भाषण देते हुए फिल्मी अंदाज में ऐलान किया कि हम आ गए हैं और किसी से डरते नहीं कोई कितना भी दम लगा ले। बाद में पटेल चौक, भदरोआ और रामलीला ग्राउंड के पास भी सभाएं कराई गई। डॉ. संजय शर्मा बताते हैं कि ऋषि कपूर खन्ना के चुनाव कार्यालय स्याल हाउस भी गए जहां संजय ने उनके साथ फोटो भी खिंचाई और उसे 20 साल बाद भी सहेज कर रखा है। उस समय के भाजपा से सरकार में जंगलात मंत्री रहे मास्टर मोहनलाल भी ऋषि कपूर के उस चुनावी दौरे को याद करते हुए कहते हैं कि वे जितने ग्रेट आर्टिस्ट थे उतने ही जिंदादिल भी थे और हंसी-मजाक भी खूब करते थे। आर्टिस्ट शम्मी चौधरी, मनु शर्मा, शायर रवी कुमार का कहना है कि रिषी कपूर अपने जिंदादिल अभिनय के लिए याद किए जाते रहेंगे।



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साल 1998 में बहरामपुर रोड पर स्वर्गीय विनोद खन्ना के हक में रैली को संबोधित करते बॉलीवुड स्टार ऋषि कपूर। फाइल फोटो




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बेस्ट फ्रेंड ऋषि कपूर को याद करके रो पड़े सुभाष घई, बोले- 'वो पिछले महीनें साथ काम करने की कर रहे थे जिद'

ऋषि कपूर ने साल 1980 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म 'कर्ज' में डायरेक्टर सुभाष घई के निर्देशन में काम किया था। दोनों के बीच काफी गहरी दोस्ती रही है। ऐसे में अचानक 40 साल पुराने दोस्त को खोकर सुभाष को गहरा सदमा लगा है। उनका एक वीडियो मैसेज सामने आया है जिसमें वो दोस्त को याद करके रो रहे हैं।

अपने वीडियो मैसेज को शेयर करते हुए सुभाष घई ने कहा, 'ऋषि कपूर दुनिया के लिए, मेरे लिए हमेशा चिंटू साहब। सब जानते हैं कि हमारा कर्ज का साथ आज तक है। आज भी हम उसी वातावरण में हैं। अगर हिंदुस्तान के 5 सर्वोत्तम एक्टर में कोई है तो वो ऋषि कपूर हैं। 40 साल से उनका पैशन अभी तक नहीं गया था'।

पिछले महीने ही डायरेक्टर सुभाष घई ऋषि से मिलने पहुंचे थे जिस दौरान ऋषि उनसे कह रहे थे कि ‘मैं शूटिंग पर जाउंगां’, ‘तुम पिक्चर बनाओ’, ‘मेरा ऐसा रोल रहेगा’। सुभाष ने बताया कि उन्हें देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल था कि वो बीमार हैं।

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सुभाष ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए भी दुख जाहिर किया है। सुभाष लिखते हैं, ‘मैं सोच भी नहीं सकता कि मैं अब अपने 40 साल पुराने दोस्त को नहीं देख पाउंगा’। इसके अलावा उन्होंने ऋषि और अपनी कुछ यादगार तस्वीरें भी शेयर की हैं।



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Subhash Ghai gets emotional when remembering best friend Rishi Kapoor, said ' he wanted to work with me me'




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पत्नी नीतू ने परिवार की ओर से भावुक पोस्ट शेयर की, बेटी रिद्धिमा ने लिखा- काश, मैं आपको अलविदा कह पाती

ऋषि कपूर के देहांतके बाद उनकी पत्नी नीतूने पूरे परिवार की ओर से सोशल मीडियापर एक भावुक पोस्ट शेयर की। जिसमें उन्होंने बताया किऋषि चाहते थे कि वे आंसू नहीं, बल्कि मुस्कुराहट के साथ याद किए जाएं। नीतू के अलावा उनकी बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी ने भी एक इमोशनल पोस्ट के जरिए अपने पिता को याद किया। इसमें उन्होंने पिता को आखिरी बार नहीं देख पाने पर अफसोस जताया।

नीतू ने जो पोस्ट शेयर की उसमेंलिखा था, 'दो साल तक ल्यूकेमिया के साथ लड़ने के बाद हमारे प्यारे ऋषि कपूर का आज सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वे अंत तक हमारा मनोरंजन करते रहे। दो महाद्वीपों में दो साल तक उनका इलाज चला और इस दौरान वे खुशमिजाज और जिंदादिल बने रहे। परिवार, दोस्त, खाना और फिल्मों पर ही उनका फोकस था। इस दौरान जो भी उनसे मिला, वो यह जानकार हैरान रह गया कि उन्होंने कैसे अपनी बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया।'

वे मुस्कुराहट के साथ याद आना चाहते थे

'वे दुनियाभर के अपने फैन्स से बरसते रहे प्यार को लेकर बेहद आभारी रहे। उनके निधन के बाद सभी फैन्स इस बात को समझेंगे कि ऋषि चाहते थे कि उन्हें मुस्कुराहट के साथ याद किए जाए, ना कि आंसुओं के साथ।'

नियम-कानूनों का सम्मान करने के लिए कहा

'इस निजी क्षति के बीच हमारा ये भी मानना है कि दुनिया फिलहाल बेहद कठिन और मुसीबत के दौर से गुजर रही है। आवाजाही और सार्वजनिक स्थानों पर इकट्‌ठा होने से जुड़ी कई तरह की पाबंदियां हैं। हम उनके सभी फैन्स, चाहने वालों और दोस्तों के परिवारों से यह निवेदन करते हैं कि वे नियम-कानूनों का सम्मान करें। उनके पास इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं हैं।'

बेटी ने लिखा- काश आपको अलविदा कह पाती

रिद्धिमा ने लिखा- 'पापा मैं आपसे प्यार करती हूं और हमेशा करती रहूंगी। आपकी आत्मा को शांति मिले। मेरे सबसे ताकतवर योद्धा मैं आपको हर दिन याद करूंगी। मैं आपके फेसटाइम कॉल्स को रोजाना मिस करूंगी। काश मैं वहां पहुंच पाती और आपको अलविदा कह पाती, तब तक के लिए जब तक कि हम फिर से ना मिलें, पापा आई लव यू... आपकी मुश्क।' बता दें कि दिल्ली में रहने की वजह से वेअपने पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर सकीं। हालांकि वे मुंबई के लिए सड़क के रास्तेनिकल गई थीं, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही उनके पिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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नीतू कपूर ने एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया, 'ऋषि चाहते थे कि उन्हें मुस्कुराहट के साथ याद किए जाए, ना कि आंसुओं के साथ।' (फोटो/वीडियो साभारः नीतू कपूर के सोशल मीडिया अकाउंट से)




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जनता कर्फ्यू के दिन स्वस्थ नजर आ रहे थे ऋषि कपूर, नीतू के साथ कोरोना वॉरियर्स के लिए जमकर बजाई थी थाली

ऋषि कपूर हमेशा से ही सोशल इश्यूज पर अपनी राय सामने रखते आए हैं। जब कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी जी ने जनता कर्फ्यू का एलान किया तो ऋषि कपूर ने इसका जमकर सपोर्ट किया था। जनता कर्फ्यू के बाद ऋषि काएक वीडियो भी सामने आया थाजिसमें वो पूरे जोश के साथ कोरोना वॉरियर्स के लिए थाली बजाते दिख रहे थे। ये आखिरी वीडियो है जिसमें ऋषि स्वस्थ नजर आए हैं।

22 मार्च को हुए जनता कर्फ्यू के पहले ऋषि कपूर समेत कई बॉलीवुड सेलेब्स ने इसका सपोर्ट करते हुए पोस्ट शेयर की थी। ऋषि ने अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा याद रखना, 'मैं संकल्प लेता हूं कि मैं 22 मार्च, रविवार को जनता कर्फ्यू का पालन करुंगा'। इसके बाद ऋषि और नीतू का एक वीडियो सामने आया था जिसमें दोनों बांद्रा पाले हिल्स के अपने बंगले की बालकनी में खड़े होकर कोरोना वॉरियर्स का शुक्रिया अदा कर रहे थे। इस दौरान ऋषि कपूर एक हाथ में थाली और दूसरे में चम्मच लिए काफी खुश नजर आ रहे थे। वीडियो में ऋषि काफी स्वस्थ दिख रहे हैं।

इसके पहले भी वाइफ नीतू ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से 20 मार्च को एक वीडियो शेयर की थी जिसमें ऋषि कपूर वर्चुअल क्लास में योगा करते नजर आ रहे हैं। नीतू और ऋषि लॉकडाउन के बाद से ही अपने पाले हिल्स के घर में हीं हैं। वहीं बेटे उनसे दूर आलिया भट्ट के साथ समय बिता रहे थे। ऋषि कपूर के भर्ती होने की खबर मिलते ही आलिया भी रणबीर को सपोर्ट देने अस्पताल पहुंची थीं।

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Rishi Kapoor was looking healthy on the day of janta curfew, shows his support with wife for Corona Warriors




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ऋषि कपूर ने लुधियाना में 'बॉबी' की सिल्वर जुबली मनाई थी, पापा की तरह चिंटू के शर्माने की अदा पर फिदा थे फैन

दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का गुरुवार को निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित 67 साल के ऋषि को बुधवार को ही मुंबई के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। उनके निधन से फैन सदमे में हैं। उनकी वो यादें लुधियानवियों को भुलाए नहीं भूल सकती, जब उन्होंने यहां महानगर में अपनी सुपर-डुपर हिट फिल्म बॉबी की सिल्वर जुबली मनाई थी।

सोसायटी सिनेमा के 70 वर्षीय पूर्व मैनेजर राजिंदर कौड़ा ने बताया किशहर के दीपक सिनेमा हाल के मालिक भूपिंदर सिंह से ऋषि कपूर के दोस्ताना रिश्ते भी थे, जो अब दुनिया में नहीं हैं। सन 1969 से इस सिनेमा हॉल में मैनेजर होने की वजह से जाहिर तौर पर सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन में भी शामिल था। शो-मैन कपूर साहब ऋषि कपूर के साथ ही बड़े बेटे रणधीर कपूर और एक्ट्रेस सिम्मी ग्रेवाल को भी साथ लाए थे। दरअसल अपने ड्रीम-प्रोजेक्ट (फिल्म) मेरा नाम जोकर से लगे झटके के बाद बॉबी फिल्म सुपर-हिट हो जाने से पूरा कपूर-परिवार खासे जोश में था। जाहिर तौर पर दोस्त होने के नाते सिनेमा-मालिक भूपिंदर सिंह भी बेहद खुश थे, लिहाजा उन्होंने अपने पिता अमरीक सिंह को भी लेकर आए थे। इस सबके बीच एक खास बात लगी, उनके बेटे रिशी की सादगी, जिनको प्यार से चिंटू कहकर पुकारते थे।

बकौलराजिंदर,बेशक ऋषि उम्र में मुझ से 3 साल छोटे, मगर हम जैसों से बहुत ज्यादा जवान, खूबसूरत और शर्मीले लगे। उनका हर बात पर स्माइल के साथ जवाब देने का अंदाज उनके तमाम फैंस को भा गया। उस नौजवान की सादगी देख सब हैरान थे कि कपूर साहब के बाद अब रातों-रात सुपर स्टार बनने के बाद कितना जमीन से जुड़ा है। दुखद संयोग कि फिल्मों की जुबली मनाने के लिए मशहूर सोसायटी सिनेमा, उसके लैंड-मार्क लक्कड़ पुल का वजूद भी अब नहीं रहा और ऋषि कपूर जैसे हरफनमौला कलाकार भी अलविदा कह गए।


फिर स्टार नाइट में हुए थे शामिल
साल 1992 तक तमाम फिल्मों के जरिए प्रशंसकों के दिलों पर राज कर चुके अदाकार रिशी कपूर एक बार फिर लुधियाना आए थे। तब जिला प्रशासन की ओर से रेडक्रॉस सोसाइटी की मदद के लिए स्टार नाइट कराई गई थी। तब उसमें मिस वर्ल्ड पंजाबण मुकाबले के संस्थापक जसमेर सिंह ढट्ट भी शामिल हुए थे। उन्होंने उस प्रोग्राम की यादगार तस्वीर साझा की, जिसमें तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर एसएस चन्नी ने ऋषि कपूर को सम्मानित किया था।



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फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर। फाइल फोटो




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खाने के बड़े शौकीन थे ऋषि कपूर, वाइफ नीतू कपूर रोज बनाती थी उनके लिए नई डिश

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर 67 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। ऋषि हमेशा से ही खाने और क्लासिकल म्यूजिक के शौकीन रहे हैं जिसके चलते उनकी पत्नी नीतू सिंह हर रोज उनके लिए नई तरह की रेसिपी बनाया करती थीं। अपने इन शौक का जिक्र ऋषि ने अपनी किताब 'खुल्लम खुल्ला' में भी किया है।

पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखने वाले ऋषि कपूर हमेशा से ही नॉनवेज, इटालियनके साथ-साथ नए स्वाद दीवाने थेजिसके चलते उन्हें कई बार अलग-अलग रेस्टोरेंट में लंच और डिनर करते दिखा जा चुका है। उनके इस शौक के चलते नीतू अकसर उनके लिए नए व्यंजन पकाती रही हैं। कपिल शर्मा शो में बातचीत के दौरान नीतू सिंह ने बताया, ‘मुझे खाना बनाने का कोई शौक नहीं है, मगर मेरे पति को बहुत पसंद है। इसलिए में अब तक रोज ऑनलाइन नई डिश बनाना सीखती हूं और बनाती हूं। अगर मैं एक महीने बाद भी कोई डिश रिपीट करती हूं तो ऋषि गुस्सा होकर कहते हैं कि ये तो कल ही बनाई थी। इसलिए मैं हर रोज अलग बनाती हूं ताकि ये खुश रहें’। दोनों साल 2017 में द कपिल शर्मा शो में पहुंचे थे।

नीतू अकसर ऋषि के साथ रेस्टोरेंट्स की तस्वीरें शेयर करती हैं। यहां तक की ऋषि और उनके भाई भी हर मीटिंग में खाने पर ही चर्चा करते हैं। नीतू ने बीते साल ऋषि कपूर के इलाज के दौरान एक तस्वीर शेयर की थी। उस समय रणधीर कपूर बेटी करिश्मा के साथ उनसे मिलने पहुंचे थे। फैमिली फोटो शेयर करते हुए नीतू ने लिखा, ‘बेस्ट ब्रदर। इनकी बातें हमेशा खाने पर ही होती हैं’।

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स्वेटर कलेक्शन का रखते थे शौक

ऋषि कपूर ने अपनी फिल्मों में अपने स्टाइल से कई बार ट्रेंड सेट किया है। उन्होंने कई फिल्मों में अलग-अलग रंग की स्वेटर्स पहनी हैं। अपने एक ट्वीट के जरिए ऋषि ने बताया था कि उन्हें सिर्फ पहनने का ही नहीं स्वेटर कलेक्शन का भी शौक रहा है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘स्वेटर। ये समय के साथ बना जुनून से भरा कलेक्शन था। जिन स्वेटर्स को मैं बिना दोहराए फिल्मों में पहना था’। फैंस के सवालों के लिए ये जानकारी है।

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वीडियो साभार- द कपिल शर्मा शो।




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जावेद अख्तर ने कहा- 47 साल पुराना दोस्त खो दिया, ऋषि कपूर के साथ पहली मुलाकात का किस्सा भी बताया

वेटरन एक्टर ऋषि कपूर के निधन के बाद प्रसिद्ध लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने भी उनके लिएसंवेदनाएं प्रकट कीं। अपने ट्वीट में उन्होंने ऋषि को एक प्यारा दोस्त बताते हुए दोनों के बीच हुई पहली मुलाकात का रोचक किस्सा भी बताया। ऋषि कपूर का निधन गुरुवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में हुआ, वे 67 साल के थे।

जावेद अख्तर ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, 'आज मैंने अपने प्यार दोस्त ऋषि कपूर को खो दिया। हमारी पहली मुलाकात 1973 में बेंगलोर में हुई थी। वे वहां 'बॉबी' के एक चैरिटी शो में हिस्सा लेने आए थे और मैं वहां 'शोले' की शूटिंग के लिए था। हम दोनों शाम को मिले और 47 सालों की दोस्ती शुरू करने के लिए कुछ घंटों तक बात करते रहे। अलविदा प्यारे दोस्त।'

2 साल पहले कैंसर का पता चला था

साल 2018 में ऋषि कपूर को ल्यूकेमिया यानि ब्लड कैंसर होने का पता चला था, जिसके बाद वे इलाज के लिए अमेरिका गए थे। वहां 11 महीने रहने के बाद पिछले साल सितंबर में भारत लौटे थे। अमेरिका में पूरे वक्त उनके साथ उनकी पत्नी नीतू ही थीं। रणबीर कपूर कई बार उनसे मिलने न्यूयॉर्क गए थे। कुछ दिनों पहले ऋषि ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'अब मैं बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं। और कोई भी काम कर सकता हूं। सोच रहा हूं कि एक्टिंग दोबारा कब शुरू करूं। पता नहीं लोगों को अब मेरा काम पसंद आएगा भी या नहीं। न्यूयॉर्क में मुझे कई बार खून चढ़ाया गया था। तब मैंने नीतू से कहा था- उम्मीद करता हूं कि नए खून के बावजूद मैं एक्टिंग नहीं भूलूंगा।'

फरवरी में दो बार अस्पताल में भर्ती हुए थे

ऋषि ऋषि कपूर इस साल फरवरी में दो बार अस्पताल में भर्ती हुए थे। एक बार जब वे दिल्ली में एक पारिवारिक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे तो उन्हें वहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय खुद ऋषि ने कहा था कि वे संक्रमण से पीड़ित थे। मुंबई लौटने के बाद उन्हें फिर से वायरल बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी तबीयत जल्दी सुधर जाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।

परिवार ने बताया- ल्यूकेमिया के बावजूद परिवार, दोस्त, फिल्में और खाना उनके फोकस में था

ऋषि कपूर के निधन के बाद परिवार की तरफ से यह मैसेज जारी किया गया- ‘‘दो साल तक ल्यूकेमिया से जंग के बाद हमारे प्यारे ऋषि कपूर का आज सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया। अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वे आखिर तक उनका मनोरंजन करते रहे। दो महाद्वीपों में उनका दो साल तक इलाज चला और इस दौरान वे खुशमिजाज और जिंदादिल बने रहे। परिवार, दोस्त, लजीज खाना और फिल्में उनके फोकस में रहीं। इस दौरान उनसे जो भी मिला, वह यह जानकार ताज्जुब में था कि उन्होंने कैसे बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया।

दुनियाभर में अपने फैन्स से मिल रहे प्यार के वे कर्जदार थे। उनके जाने के बाद सभी फैन्स यह समझ पाएंगे कि ऋषि चाहते थे कि वे आंसू नहीं, मुस्कुराहट के साथ याद किए जाएं। इस नुकसान के बीच हम यह जान रहे हैं कि दुनिया एक बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। लोगों की आवाजाही और इनके इकट्‌ठा होने पर पाबंदियां हैं। हम उनके सभी फैन्स, चाहने वालों और दोस्तों से यह गुजारिश करते हैं कि वे नियम-कानूनों का सम्मान करें।’’



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ऋषि कपूर के साथ जावेद अख्तर की पहली मुलाकात बेंगलुरु में साल 1973 में हुई थी। जब वे वहां फिल्म 'शोले' की शूटिंग के सिलसिले में गए थे। जबकि ऋषि अपनी फिल्म 'बॉबी' के लिए वहां पर थे।




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8वीं क्लास में फेल हो गए थे ऋषि कपूर, बेटे रणबीर के 10वीं में पास होने पर किया गया था सेलेब्रेशन

ऋषि कपूर हमेशा से ही एक्टर बनना चाहते थे। मेरा नाम जोकर फिल्म में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करने के बाद ऋषि ने एक्टिंग में ही अपना करियर बनाने का मन बना लिया था जिसके चलते पढ़ाई में उनकी रूचि काफी कम थी। एक इंटरव्यू के दौरान रणबीर ने पिता और पढ़ाई पर बात करते हुए खुदको कपूर फैमिली का सबसे एज्यूकेटेड इंसान बताया था।

पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में रणबीर कपूर ने बताया कि वो खुद एक एवरेज से भी खराब स्टूडेंट रहे हैं। ऐसे में जब भी उनका रिजल्ट खराब आता तो मां नीतू उन्हें पापा को बताने की धमकी देती थीं हालांकि ऋषि खुद भी खराब स्टूडेंट रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि उस समय ट्विटर नहीं हुआ करता था वरना पापा पता नहीं उसमें क्या लिख देते'।

ऋषि कपूर के साथ रणबीर कपूर।

कपूर खानदान हमेशा से रहा था पढ़ाई से दूर

इंटरव्यू के दौरान रणबीर ने कहा, 'मेरे परिवार का इतिहास पढ़ाई में काफी खराब रहा है। मेरे पिता 8वी में फेल हुए थे, मेरे अंकल 9वी में फेल हुए थे और मेरे दादाजी 6वी में। मैं वाकई में अपने परिवार का सबसे पढ़ा-लिखा लड़का हूं। मुझे 10वी क्लास में 56 प्रतिशत आए थे, इस बात पर लंदन में मेरे परिवार ने जश्न भी मनाया था'।

पढ़ाई छोड़कर चुनी थी एक्टिंग की राह

ऋषि कपूर ने भाईयों के साथ ही चैम्पियन स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली है जिसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई अजमेर के मायो कॉलेज से की। ऋषि कपूर ने स्नातक के लिए कॉलेज जरुर ज्वॉइन किया मगर अपने एक्टिंग करियर के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।



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Rishi Kapoor get failed in 8th class, was celebrated after son Ranbir passed in 10th class




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ट्विटर पर बेबाकी के लिए मशहूर थे ऋषि कपूर, लॉकडाउन में शराब की दुकान खोलने की मांग की तो कभी गोमांस प्रतिबंध पर नाराजगी जताई

ऋषि कपूर का बुधवार को 67 साल की उम्र में निधन हो गया। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे कैंसर से जूझ रहे थे। इस गंभीर बीमारी से जूझने के दौरान भी वे सोशल मीडिया से दूरी नहीं बना पाए और लगातार एक्टिव रहे। खासकर ट्विटर पर उनकी मौजूदगी कपूर खानदान केकिसी अन्य सदस्य से कहीं ज्यादा थी। खुद उनके बेटे रणबीर कपूर तो अब तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं हैं, लेकिन ऋषि जनवरी 2010 में ही ट्विटर पर आ गए थे।

ऋषि केट्वीट उनकी बेबाकी का सबूत देते थे। जहां बाकी स्टार्स सोशल प्लेटफॉर्म्स पर तोल-मोल कर बोलते हैं, वहीं ऋषि ने हमेशा वही लिखा जो उनका दिल चाहा। इसके कारणकई बार विवादों में भी घिरे, ट्रोल भी हुए। 10 साल में एक बारउन्होंने ट्विटर छोड़ा भी, लेकिन वापस आ गए।

ये था आखिरी ट्वीट: 2 अप्रैल को ऋषि ने अपना आखिरी ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था, ‘‘सभी भाइयों और बहनों से अपील है कि कृपया हिंसा, पत्थरबाजीया लिंचिंग का सहारा न लें। डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मीआपको बचाने के लिए अपनीजिंदगीखतरे में डालते हैं। हमें इस कोरोनावायरस युद्ध को एक साथ जीतना होगा। प्लीज। जय हिन्द!’’

ऋषि के 5 विवादित ट्वीट:

1.लॉकडाउन में शराब की दुकान खुलवाना चाहते थे:ऋषि कपूर ने 28 मार्च 2020 कोएक ट्वीट में कहा था-कुछ समय के लिए सरकार को हर शाम लाइसेंसी शराब की दुकानें खोलने की इजाजत देना चाहिए। गलत मत समझिए। ऐसे हालात में सारे मर्द घर पर हैं और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। पुलिस, डॉक्टरों और आम इंसान को भी कुछ तो राहत चाहिए। वैसे भी ब्लैक में तो बिक रही है।

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2.इमरजेंसी की मांग: 26 मार्च को ऋषि ने ट्वीट किया-प्यारे दोस्तों, देखो देश में क्या हो रहा है। यहां इमरजेंसी लगा देना चाहिए। टीवी पर दिखाई गई बातों पर यकीन करें तोलोग डॉक्टरों और पुलिसवालों को मार रहे हैं। हालात संभालने का और कोई तरीका नहीं है। यह हम सबके भले के लिए होगा, क्योंकि लोगों में तनाव बढ़ रहा है।

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3.यंग जनरेशन स्टार्स पर भड़के थे ऋषि: 2017 में विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार में जब नई पीढ़ी केकईएक्टरनहीं पहुंचे थे तो ऋषि ने लिखा था-शर्मनाक। विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार पर आज की पीढ़ीका कोई भी एक्टर नहीं पहुंचा। यहां तक कि जिन्होंने उनके साथ काम किया वे भी नहीं। कम से कम इज्जत करना तो सीखो।

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4.गोमांस पर पाबंदी का विरोध:मार्च 2015 में गोमांस और गोहत्या पर महाराष्ट्र में लगी पाबंदी पर विरोध जाहिर करते हुए ऋषि ने ट्वीट किया- मैं गुस्से में हूं। कोई क्या खाता है, इससे उसके धर्म को क्यों जोड़ा जा रहा है। मैं बीफ खाने वालाहिंदू हूं। क्या ऐसा करने से मैं कम धार्मिक हो जाता हूं?

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5. महिला वर्ल्ड कप पर भी विवादित ट्वीट: महिला वर्ल्ड कप को लेकर ऋषि का एक ट्वीट भी विवादों में आ गया था। 2017 में उन्होंने लिखा था, मैं उस एक्ट के दोबारा घटने का इंतजार कर रहा हूं, जो 2002 में भारत ने इंग्लैंड को हराने के बाद लॉर्ड्स की बालकनी में किया था, यो...! इसके बाद ट्विटर पर उनके फैन्स ने नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन ऋषि ने माफी नहीं मांगी।

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ट्विटर पर ऋषि कपूर के 35 लाख फॉलोअर्स थे। -फाइल फोटो




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पर्दे पर रोमांस का जादू बिखेर देते थे ऋषि कपूर, 50 साल के फिल्मी करियर में कीं 92 रोमांटिक फिल्में

ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे कैंसर से जूझ रहे थे। 2018 में ऋषि कपूर को कैंसर हुआ था। इलाज के लिए वो अमेरिका गए थे। वहां 11 महीने रहने के बाद पिछले साल सितंबर में भारत लौटे थे। लौटने के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में दोबारा एक्टिंग शुरू करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने अपनी कमबैक फिल्म शर्माजी नमकीन के कुछ सीन्स फरवरी में शूट भी किए थे। शूटिंग दिल्ली में हुई थी। इसके अलावा वह दीपिका पादुकोण के साथ हॉलीवुड फिल्म द इंटर्न के रीमेक पर भी काम शुरू करने वाले थे लेकिन ऐसा हो न सका।

द इंटर्न में काम करने वाले थे ऋषि

द बॉडी साबित हुई अंतिम फिल्म: इमरान हाशमी और शोभिता धुलिपाला स्टारर द बॉडी ऋषि कपूर की अंतिम फिल्म साबित हुई। यह फिल्म पिछले साल दिसंबर में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में ऋषि ने एसपी जयराज रावल की भूमिका निभाई थी। इसके अलावा 2019 में उनकी एक और फिल्म झूठा कहीं का भी रिलीज हुई थी। इसमें उन्होंने कुमार पांडे नाम के शख्स की भूमिका निभाई थी।

अंतिम फिल्म द बॉडी में ऋषि कपूर

121 फिल्मों में किया काम: अपने 50 साल के फिल्म करियर में ऋषि ने तकरीबन 121 फिल्मों में काम किया। उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट राज कपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर (1970) से डेब्यू किया था। फिल्म में अपने किरदार के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था। बतौर एक्टर उनकी फिल्म बॉबी(1973) थी जिसमें वह डिंपल कपाड़िया के साथ नजर आए थे। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर अवॉर्ड (1974) में मिला था। ऋषि कपूर की छवि एक रोमांटिक हीरो की थी। उन्हें दर्शकों ने रोमांटिक अंदाज में काफी पसंद भी किया। यही वजह है कि1973 से 2000 के बीच ऋषि ने 92 रोमांटिक फिल्मों में काम किया जिनमें से 36 फिल्में सुपरहिट साबित हुईं।इनमें कर्ज, दीवाना, चांदनी, सागर, अमर अकबर एंथनी, हम किसीसे कम नहीं,प्रेम रोग,हीना जैसी फिल्में शामिल हैं।

मेरा नाम जोकर में ऋषि

नीतू के साथ की 12 फिल्में: ऋषि कपूर की पत्नी नीतू के साथ रोमांटिक जोड़ी काफी पसंद की जाती थी। दोनों ने तकरीबन 12 फिल्मों में साथ काम किया। इनमें खेल खेल में (1975), कभी कभी(1976), अमर अकबर एंथनी (1977), दुनिया मेरी जेब में (1979) और पति पत्नी और वो(1978)(दोनों का गेस्ट अपीयरेंस) हिट साबित हुईं जबकि ज़हरीला इंसान(1974),जिंदा दिल (1975), दूसरा आदमी(1977), अनजाने में (1978), झूठा कहीं का (1979) और धन दौलत (1980), दो दूनी चार(2010), बेशरम (2013)फ्लॉप रहीं।

ऋषि-नीतू ने साथ में कीं 12 फिल्में

अग्निपथ में किया नेगेटिव रोल:ऋषि ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया। उन्होंने 1998 में अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ निर्देशित की। ऋषि ने अपने करियर की शुरुआत से हमेशा ही रोमांटिक किरदार निभाया था, लेकिन फिल्म अग्निपथ में उनके खलनायक के किरदार को देख सभी हैरान रह गए। ऋषि को फिल्म ‘अग्निपथ’ के लिए आईफा का बेस्ट नेगेटिव रोल के अवार्ड से भी नवाजा गया।

ऋषि ने अग्निपथ में राउफ़ लाला का किरदार निभाया


नॉट आउट में दिखे बिग बी के साथ:इसके बाद ऋषि सहायक भूमिकाएं करने लगें। ऋषि जलवा (2002), हम तुम (2004), फना (2006), नमस्ते लंदन (2007), लव आज कल (2009) और पटियाला हाउस (2010) जैसी फिल्मों में नजर आए। वह अंग्रेजी फिल्म डोंट स्टॉप ड्रीमिंग (2007) और सांभर सालसा (2008) में भी दिखाई दिए। 2018 में, वह उमेश शुक्ला निर्देशित कॉमेडी-ड्रामा फिल्म 102 नॉट आउट में दिखाई दिए। इसने अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर को 27 साल बाद फिर से एक साथ पर्दे पर नजर आए।

नॉट आउट में अमिताभ-ऋषि

ऋषि कपूर को मिले अवॉर्ड

1970: नेशनल फिल्म अवॉर्ड (चाइल्ड)

1974 - फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवॉर्ड

2008 - फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

2009 - रूसी सरकार से विशेष सम्मान

2011 - फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर क्रिटिक अवॉर्ड

2016 - स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

2017 - फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अवॉर्ड



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ऋषि कपूर की रोमांटिक जोड़ी डिंपल कपाड़िया के साथ खूब जमी। बॉबी के वक्त डिंपल 17 साल की तो ऋषि 20 साल के थे।




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सिर्फ 33 मिनट में 25 लोगों की मौजूदगी में हुआ ऋषि कपूर का अंतिम संस्कार, बेटी के न पहुंचने की कमी बड़ी अखरी

सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर का अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर चंदनवाड़ी श्मशान घाट पर किया गया। कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे को देखेते हुए मुंबई पुलिस ने सिर्फ आधे घंटे का समय और25 लोगों को उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत दी।

ऋषि को विदाई देने के लिए पत्नी नीतू कपूर और बेटेरणबीर के अलावा करीना कपूर, कुणाल कपूर,अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, उद्योगपति अनिल अंबानी, आलिया भट्ट, रीमा जैन, मनोज जैन, आदर जैन, अनीशा जैन, विमल पारीख, डॉ. टंडन और राहुल रवैल श्मशान घाट पर मौजूद थे।

बेटी रिद्धिमा आखिरी बार चेहरा भी नहीं देख सकी
ऋषि कपूर की बेटी रिद्धिमा को उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाईं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें और उनके साथ चार अन्य लोगों को सड़क मार्ग से आने की इजाजत दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 39 वर्षीय रिद्धिमा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए दिल्ली से मुंबई आने की परमिशन मांगी थी। सूत्रों की मानें तो इसके जवाब में उन्हें कहा गया कि हवाई यात्रा की मंजूरी सिर्फ गृह मंत्री ही दे सकते हैं। हालांकि, विकल्प के उनके पांच लोगों के समूह को सड़क मार्ग से जाने की इजाजत दी गई। लेकिन दिल्ली से मुंबई की दूसरी करीब 1400 किमी. है। ऐसे में उन्हें पहुंचने में करीब 24 घंटे का समय लगेगा। वे शुक्रवार तक मुंबई पहुंच सकती हैं।

सिर्फ 33 मिनट में हुआ पूरा अंतिम संस्कार

ऋषि कपूर का पार्थिव शरीर पहुंचने से लेकरअंतिम संस्कार में सिर्फ 33 मिनट का समय लगा। सांकेतिक कर्मकांड के बाद उनके शव को सीधे इलेक्ट्रिक फरनेस में ले जाया गया और 10 मिनट में सब कुछ संपन्न हो गया। ऋषिकपूर बॉलीवुड की फर्स्ट फैमिली से ताल्लुक रखते थेऔर ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस परिवार के किसी सदस्य का अंतिम संस्कार इतनी जल्दबाजी में किया गया।


इसलिए चुना गया चंदनवाड़ी श्मशान घाट
ऋषि कपूर के अंतिम संस्कार के लिए चंदनवाड़ी श्मशान घाट इसलिए चुना गया, क्योंकि एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के सबसे करीब है। फॉर्मेलिटीजके बाद इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार हुआ। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए यहां तीन लेवल की बैरिकैडिंग की गई। इस दौरान ऋषि के कुछ फैन्स और मीडिया वाले श्मशान घाट पहुंच गए थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक दिया।

लॉकडाउन पालन करने की अपील
कपूर फैमिली ने अपने संदेश में कहा, 'व्यक्तिगत नुकसान की इस घड़ी में हम यह भी समझते हैं कि दुनिया बहुत मुश्किल और परेशान समय से गुजर रही है। सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने पर कई प्रतिबंध हैं। हम ऋषि के सभी प्रशंसकों और शुभचिंतकों और परिवार के दोस्तों से अनुरोध करना चाहते हैं कि वे कानून का सम्मान करें।



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ऋषि कपूर का अंतिम संस्कार मुम्बइ के चंदनवाड़ी श्मशान घाट पर इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में हुआ।
अंतिम सफ़र पर ऋषि कपूर।
अंतिम क्रियाएं पूरी करते रणबीर कपूर।
रणबीर कपूर पिता ऋषि के अंतिम संस्कार से पहले।
करीना कपूर और सैफ अली खान।
रीमा जैन, नीतू कपूर, आलिया भट्ट ऋषि कपूर की अंतिम विदाई के दौरान।
अभिषेक बच्चन।
वह एम्बुलेंस, जिससे ऋषि की पार्थिव देह अस्प्ताल से चंदनवाड़ी श्मशान घाट तक लाई गई।
ऋषि को अंतिम विदाई देने के लिए लाई गईं फूल मालाएं।
सिर्फ 25 लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत दी गई थी।




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ऋषि इतने जुनूनी थे कि अमेरिका में कैंसर से लड़ते हुए भी स्क्रिप्ट मंगवाते थे, कहते थे- आखिरी सांस तक काम करूंगा

भजनसम्राट अनूप जलोटा ऋषि कपूर के करीबी दोस्तों में से एक रहे हैं। दोनों अक्सर शाम साथ बिताया करते थे। ऋषि कपूर के निधन से अनूप काफी सदमे में हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में ऋषि कपूर की यादें शेयर की हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह आखिरी मुलाकात के समय ऋषि ने उनसे काम करने की बातें कही थी।

अपनी जिन्दगी की नई पारी अभी तो उन्होंने शुरू की थी

अनूप जलोटा ने इंटरव्यू के दौरान बताया, 'ऋषि जी हमारे भाई जैसे थे, हमारा मुंबई में काफी मिलना जुलना होता था। नीतू हमारी पत्नी मेधा की बहुत अच्छीदोस्त थी और इसी की वजह से हमारी फैमिली उनके करीब थी। शॉक इस बात का लगा किवे तो पूरी तरह से ठीक हो गए थे। अपनी जिन्दगी की नई पारी अभी तो उन्होंने शुरू की थी और यूं उनका दुनिया से चले जाना, काफी शॉकिंग हैं। अमेरिका में जब उनका इलाज चल रहा था तब मेरी उनसे मुलाकात हुई थी'।

अपनी आखिरी सांस तक काम करना चाहते थे

'जिस तरह वह लोगों से बात करते या मिलते, कोई नहीं कह सकता की वह बीमार थे या उनका कैंसर जैसी बीमारी का इलाज चल रहा होगा। हमने मिलकर चाय पी और खूब बातचीत की।बातों बातों में उन्होंने कहा कि अमेरिका में उनका मन नहीं लग रहा हैं और वो अपने देश को बहुत मिस कर रहे हैं। वे चाहते थे की किसी भी तरह उनका इलाज जल्द से जल्द खत्म हो ताकि वे अपने देश लौटे। उन्होंने कहा कि वे अपनी आखिरी सांस तक काम करना चाहते हैं। वे अपनी एक्टिंग को बहुत मिस करते थे। कहते थे, 'मैं तो रोजशूटिंग करने वाला बंदा हूं, इस तरह बैठा नहीं जाता, मन नहीं लगता। आता हूं जल्दी इंडिया और आते ही काम शुरू कर दूंगा।" अपने काम को लेकर उन्हें इतना जुनून था की अमेरिका में बैठकर भी फिल्ममेकर्स से स्क्रिप्ट मंगाते और पढ़ते थे। यहां तक की जब वे मुझे नीचे कार तक छोड़ने आए तब भी जाते जाते उन्होंने यही कहां की जल्द से जल्द काम शुरू करना चाहता हूं'।

मैं ठीक हो गया हूं और अब मुझे कुछ नहीं होगा

'अपनी बीमारी को लेकर वो कभी निराश नहीं थे। जब भी बात होती तब यही कहते की मैं ठीक हो गया हूं। यहां तक की कैंसर को उन्होंने मुझे बहुत सरल भाषा में समझाते थे। कहते की सबके शरीर में कैंसर टिश्यूज होते हैं हालांकि बहुत पीछे होते हैं और जब वो आगे आते हैं तो हमें कष्ट देते हैं। मेरे टिश्यूज आगे आ गए लेकिन अब इलाज़ और कई तरह की थेरेपी के बाद अब वे पीछे हो गए हैं। 'मैं ठीक हो गया हूं पूरी तरह से और अब मुझे कुछ नहीं होगा। मुझसे बातचीत के दौरान ये उनके आखिरी शब्द थे जो मुझे हमेशा याद रहेंगे। जितनी मुझे जानकारी हैंउन्हें लिवर में कैंसर था'।

एक शाम बैठकर मजा करने का वादा अधूरा रह गया

'जिस दिन लॉकडाउन घोषित हुआ था उसी दिन वॉट्सऐप पर बात हुई थी की चलो मिला जाए। एक शाम बैठते हैं मजा करते हैं। मैं, प्रेमनाथजी के बेटे प्रेम किशन और ऋषि जी कई बार मिलते थे और साथ में शाम बिताते थे। लॉकडाउन की वजह से मिल नहीं पाए'।



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अमेरिका में इलाज के दौरान अस्पताल मिलने आए अनुप जलोटा और उनकी पत्नी के साथ ऋषि कपूर।




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बेटी ने मुंह से बदबू आने की शिकायत की तो ऋषि ने सिगरेट छोड़ दी थी, अमिताभ से रहा अनकहा तनाव

अभिनेता ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं हैं। उनकी जिंदगी के कई ऐसे रोचक किस्से हैं, जो बॉलीवुड के गलियारों में खूब सुने जा सकते हैं। इनमें से कुछ का जिक्र उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड’ में किया था, जो मीना अय्यर ने लिखी और हार्पर कॉलिन्स ने प्रकाशित कीहै। कुछ रोचक किस्सों पर एक नजरडालते हैं।



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Rishi Kapoor Died: Some Unheard Stories Of Rishi kapoor From His Life




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37 सदस्यों वाले पृथ्वीराज कपूर के परिवार में सबके लाड़ले रहे ऋषि, परिवार में उनकी बेबाकी और जिंदादिली याद की जाती है

50 साल तक इंडस्ट्री में अपनी अदाकरी से छाए रहने वालेऋषि कपूर ने गुरुवारसुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में अंतिम सांस ली। ऋषि कपूर सिर्फ फैंस के ही नहीं अपने परिवार के भी लाड़ले रहे हैं।पांच पीढ़ियों और37 सदस्यों वाली कपूर फैमिली बॉलीवुड की फर्स्ट फैमिली कही जाती है। परिवार में ऋषि तीसरी पीढ़ी के प्रतिनिधि थे लेकिन उनकी जिंदादिली ऐसी थी कि वे ऊपर और नीचे की पीढ़ी के सदस्यों को जोड़े रखते थे। खाने-पीने और मौज-मस्ती के बेहद शौकीन कपूर्सकी जान थे। उनकी बेबाकी के किस्से कपूर खानदान की यादों में बसे हैं।

ऐसा है ऋषि काकपूर खानदान

ऋषि कपूर ने राज कपूर और कृष्णा राज कपूर के घर 4 सितम्बर 1952 को पैदा हुए। राजकूपर के तीन बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर और दो बेटियां रीमा जैन और नीतू नंदा हैं। ऋषि सभी भाई बहनों में दूसरे सबसे बड़े थे। वहीं स्वर्गीय एक्टर शम्मी कपूर और शशि कपूर ऋषि के अंकल थे। पिता, दादा और अंकल ने ऋषि कपूर के बॉलीवुड डेब्यू से पहले अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ते हुए बॉलीवुड में बड़ा मुकाम हासिल किया था। इसके बाद ऋषि ने पिता की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट एक्टिंग की दुनिया मे कदम रखा। उन्होंने 1973 में आई फिल्म 'बॉबी' से लीड रोल निभाते हुए बॉलीवुड डेब्यू किया था।

कपूर खानदान- रणधीर-बबीता, ऋषि- नीतू, शशि कपूर, करीना कपूर।

आरके स्टूडियो में हुई थी ऋषि-नीतू की ग्रेंड वेडिंग

ऋषि कपूर ने साल 1980 में एक्ट्रेस नीतू सिंह से शादी की थी। शादी से पहले दोनों 15 फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं। दोनों की ग्रेंड वेडिंग सेरेमनी चैम्बूर के बॉम्बे प्रेसिडेंसी गोल्फ क्लब में हुई और रिसेप्शन आरके स्टूडियो में। उनकी शादी में फिल्म इंडस्ट्री के लगभग सभी सितारे मौजूद थे। शादी के बाद दोनों के दो बच्चे रिद्धिमा और रणबीर कपूर हैं। जहां रणबीर कपूर आज बॉलीवुड के पॉपुलर एक्टर हैं वहीं रिद्धिमा कपूर इंडस्ट्री की बेहतरीन डिजाइनर हैं।

ऋषि कपूर पत्नी नीतू सिंह के साथ।

रिद्धिमा कपूर- ऋषि और नीतू की बड़ी बेटी रिद्धिमा का जन्म 15 सितम्बर 1980 में हुआ था। रिद्धिमा बॉलीवुड इंडस्ट्री की एक जानी मानी फैशन डिजाइनर हैं जिनकी शादी 2006 में भारत सैनी से हुई है जो एक बिजनेसमैन हैं। दोनों की एक बेटी समारा है।

बेटी रिद्धिमा, बेटे रणबीर और नातिन के साथ ऋषि-नीतू।

रणबीर कपूर - ऋषि और नीतू के बेटे रणबीर आज बॉलीवुड के पसंदीदा एक्टर्स में से एक हैं। उन्होंने साल 2007 में बॉलीवुड डेब्यू किया था जिसके बाद वो 'राजनीति', 'रॉकस्टार', 'ये जवानी है दीवानी' और 'संजू' जैसी कई बेहतरीन फिल्में दे चुके हैं। फिलहाल रणबीर महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट के साथ रिलेशनशिप में हैं।दोनों जल्द ही शादी करने वाले हैं।

कपूर खानदान से हैं बॉलीवुड के कई सितारे

ऋषि कपूर के भाई रणधीर कपूर ने एक्ट्रेस बबीता से शादी की थी जिनकी दोनों बेटियां करिश्मा और करीना बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेस हैं। इसके अलावा ऋषि की बहन रीमा जैन के बेटे आदर और आदर्शभी बॉलीवुड में कदम रख चुके हैं हालांकि दोनों को ज्यादा पॉपुलैरिटी नहीं मिल पाई। इनके अलावा 80 के दशक के फैमस विलेन प्रेम नाथ और प्रेम चोपड़ा भी ऋषि कपूर के मामा थे।

करिश्मा कपूर, करीना, आदर और आदर्श जैन।

अमिताभ बच्चन से है रिश्ता

ऋषि कपूर की बहन नीतू नंदा के बेटे निखिल नंदा एस्कॉर्ट लिमिटेड के एमडी हैं। उनकी शादी अमिताभ बच्चन की बेटी श्वेता बच्चन से हुई है। दोनों की एक बेटी नव्या नवेली नंदा और बेटा अगत्स्या हैं। अमिताभ बच्चन और ऋषि रिश्तेदार होने के साथ-साथ अच्छे दोस्त भी हैं।

अमिताभ बच्चन बेटी श्वेता बच्चन के परिवार के साथ।


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Rishi Kapoor aka Chintu is a darling; from grandfather Prithviraj Kapoor to his son Ranbir, know about Kapoor family




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'कैरेक्टर रियलिस्टिक लगे, इसके लिए ऋषि कपूर जी ने सेट पर चप्पल तक पहनना त्याग दिया था'- 102 नॉट आउट डायरेक्टर उमेश शुक्ला ने की सराहना

ऋषि कपूर ने अपने एक्टिंग करियर के दौरान कई सारी बेहतरीन फिल्में दी हैं। एक्टिंग सिर्फ उनका काम ही नहीं बल्कि उनका जुनून था। फिल्म '102 नोट आउट' और 'ऑल इज वेल' में ऋषि का निर्देशन कर चुके डायरेक्टर उमेश शुक्लाने बताया कि आखिरी फिल्म के दौरान उन्होंने सीन को रियलइस्टिक दिखाने के लिए चप्पल पहनना तक छोड़ दी थी। इसके अलावा भास्कर के अमित कर्ण को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ऋषि के साथ काम करने के एक्सपीरिएंस को भी शेयर किया है।

मां को खोने पर भी बांधा रखा हौंसला

उनमें कमाल का धैर्य था। तभी कैंसर और ट्रीटमेंट का फेज वह निकाल सके। उनके लिए वो टाइम टफ था। वह इसलिए कि उनकी माता जी का भी देहांत उसी दौरान हुआ था, जब उनका इलाज चल रहा था। मां सबके लिए मां ही होती है। वह खोना कितना मुश्किल होता है। फिर भी उन्होंने वापसी की। दोबारा अपने कर्म के मैदान में उतरे।

ऐसी थी डायरेक्टर से ऋषि की पहली मुलाकात

वैसे हमारी पहली मुलाकात उनके घर पर हुई थी। कृष्णा राज बंगलो में मीटिंग तय हुई थी। मैंने ऑल इज वेल उनको नरेट की थी। वह बहुत स्ट्रेटफारवर्ड इंसान थे। उन्होंने पहली ही मीटिंग में स्क्रिप्ट को हां कह दिया था। फिर हम लोग शिमला गए थे। एक महीने वहां शूट किया था। हम लोगों ने काफी वक्त साथ बिताया था। एक ही होटल में थे हम लोग।

एक फिल्म फ्लॉप होने के बाद भी दिया मौका

वह फिल्म भले बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली, लेकिन इससे उन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने उस फिल्म की बदौलत मुझे नहीं आंका कि मैं अच्छा या बुरा डायरेक्टर हूं। दोबारा जब मैं 102 नॉट आउट लेकर गया तो उन्होंने बिल्कुल नए सिरे से उस स्क्रिप्ट को सुना।

हर काम की रखते थे खबर

उनको सिर्फ एक्टिंग का ही चार्म नहीं था, बल्कि और भी जो बाकी संबंधित चीजें होती थी कॉस्टयूम, लाइटिंग उन सब के बारे में भी वह बहुत गहन जानकारी रखते थे। मिसाल के तौर पर इस फिल्म में भी बुजुर्ग वाले रोल में उन्हें पिछली फिल्म का अनुभव काम आया और वह इनपुट उन्होंने हमें प्रोवाइड किया। वह पिछली फिल्म कपूर एंड संस थी।

प्रोस्थेटिक मेकअप में लगते थे चार घंटे

उसमें मेकअप में उन्हें चार-साढे चार घंटे लगते थे, मगर उसकी बेसिक जानकारी होने से हमारी फिल्म पर इतना वक्त नहीं लगता था। यहां उनका मेकअप 3 घंटे में हो जाया करता था। उन्होंने काफी बारीकी से उस चीज को समझा था और इनपुट दिए थे। यहां तक कि कॉस्टयूम में भी उन्होंने काफी सजेशन दिए थे कि वह किस तरह के शर्ट पहनेंगे। पूरी फिल्म में उन्होंने, थोड़े स्टार्च वाले शर्ट पहने।

अपने कैरेक्टर पर किया था रिसर्च

वो पहली बार गुजराती शख्स का रोल प्ले कर रहे थे। तो उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। अपने गुजराती दोस्तों और दूर के रिश्तेदारों से भी काफी पूछ कर गुजराती शख्स के लोगों के मैनरिज्म पर होमवर्क और रिसर्च किया। उस उम्र में भी उनका जुनून देखकर हम लोगों को प्रेरणा मिलती थी। वह इन सब चीजों पर तो काफी रिसर्च करते थे, लेकिन जब डायलॉग डिलीवरी और सीन शूट करने की बारी आती थी तो वहां पर वह स्पॉन्टेनियस रहते थे। नेचुरल फ्लोर दिखाने में यकीन रखते थे। मेथड में ज्यादा नहीं घुसते थे।

27 साल बाद बनी थी अमिताभ-ऋषि की जोड़ी

वह और बच्चन साहब 27 सालों के बाद दोबारा इस फिल्म पर काम कर रहे थे। लेकिन लगा ही नहीं कि इतने लंबे समय के अंतराल के बाद दोनों फिर से मिले हैं और काम कर रहे हैं। ऐसा लग रहा था जैसे दोनों कल के ही मिले हुए हैं और दोबारा से सेट पर काम कर रहे थे। इस तरह की गहरी बॉन्डिंग दोनों के बीच दिख रही थी

छोड़ दियाथाचप्पल पहनना

दोनों ही डायरेक्टर्स एक्टर हैं। हमने जब उन्हें कहा कि हम लोग घर में चप्पल नहीं पहनते तो यकीन मानिए कि उन लोगों ने चप्पल पहनना तक छोड़ दिया शूटिंग के दौरान। भले उनका क्लोज शॉट होता था, मिड शॉट होता था या लॉन्ग शॉट में जब वह आ रहे होते थे। क्लोज शॉट में जरूरत नहीं थी कि वह चप्पल ना पहनें, मगर ऋषि कपूर जी इतने बारीक ऑब्जर्वर थे कि उनका कहना था कि अगर वह बिना चप्पल के ना रहे तो उनकी वॉक में चेंज आ जाएगा, इसलिए उन्होंने पूरे अनुशासित भाव से उस चीज का पालन किया।



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'Rishi Kapoor ji had given up wearing slippers on the set to make the character look realistic' - 102 Not Out Director Umesh shukla appreciated




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'जब भी कहती थी क्या-क्या लिखते है आप अपने ट्विटर अकाउंट पर? तब एक ही जवाब देते थे ऋषि कपूर'- पूनम ढिल्लन ने सुनाया यादगार किस्सा

एक्ट्रेस पूनम ढिल्लन ऋषि कपूर के साथ 'ये वादा रहा', 'सितमगर' और 'एक चादर मैली सी' जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम कर चुकी हैं। प्रोफेशनल रिलेशनशिप के अलावा भी पूनम और ऋषि अच्छे दोस्त थे। एक्टर के निधन पर भास्कर के अमित कर्ण से बातचीत के दौरान पूनम ने उनसे जुड़ी कई खास बातें शेयर की हैं।

एक आखरी गुडबाय कहने का मौका भी नहीं मिला: सुबह उठते ही जब ऋषि जी का निधन होने की खबर सुनी तो समझ ही नहीं आया क्या रियेक्ट करू और किसीसे क्या कहूं? शायद शॉक शब्द से ज्यादा महसूस कर रही थी। उनके साथ मैंने तक़रीबन 8 से 9 फिल्में की थी और ना जाने हमारी कितनी यादें हैं। वो मेरे पसंदीदा एक्टर थे, मेरे फेवरेट को-स्टार थे, मैं उनकी बहुत बड़ी फैन थी। जिन्हे मैं एक्टिंग में अपना आइकन मानती थी वो हमसे दूर चले गए, इससे बड़ी दुःख की बात क्या हो सकती हैं? मुझे एक्टिंग बिलकुल नहीं आती थी, शूटिंग के दौरान ऋषिजी मेरी मदद करते थे। मैंने उनसे एक्टिंग सीखी थी। बहुत तकलीफ हो रही हैं ये सोचकर की मैं अपने फेवरेट व्यक्ति को आखरी बार देख भी नहीं पा रही हूं। लॉकडाउन की वजह से हम उन्हें श्रद्धांजलि भी नहीं देने जा सकते हैं। एक आखरी गुडबाय कहने का मौका भी नहीं मिला, दिल बहुत भारी हैं।

उन्हें डांटने की आदत भी थी: कुछ महीने पहले मुंबई के सेंत रेगिस होटल में हम एक कॉमन फ्रेंड की पार्टी में मिले थे। हमेशा की तरह खुश मिजाज थे, वैसे भी आप उनसे जब भी मिलेंगे वे खुश मिजाज ही नजर आते हैं (मुस्कुराते हुए)। मैं उनसे जब भी मिलती हूं उनके साथ एक तस्वीर जरूर लेती और मैंने अपनी आखिरी तस्वीर उनके साथ उसी पार्टी में ली थी। मैं अक्सर अपनी ली हुई पिक्चर उन्हें भेजा भी करती थी जिसे देखकर वे भी बहुत खुश होते थे। उन्हें ज्यादा तस्वीर लेने का शौक नहीं लेकिन जब देखते हैं तो काफी खुश होते हैं। कई बार तो मज़ाक भी करते थे मुझसे की मैं उनकी कितनी फोटोज लेती हूं। उन्हें डांटने की आदत भी थी लेकिन जिस अंदाज़ से वो डांटते थे उससे किसी को तकलीफ नहीं होती थी। एक अलग ही सेंस ऑफ ह्यूमर होता था।

ऋषि जी बनावटी नहीं थे, उनके जहन में जो बात आती थी वो कह देते थे: ऋषि जी अपने दिल में कोई बात दबा के नहीं रखते थे, उनके दिल में जो रहता वो उनके ज़ुबान तक आ ही जाता था। मैंने उनके साथ बहुत काम किया हैं और मैं जानती हूं की वे दिखावा कभी नहीं करते थे। इस उम्र में भी उनका इतना सोशली एक्टिव रहना काफी अच्छा लगता था। मैं कई बार उनसे कहां करती थी की 'क्या क्या लिखते है आप अपने ट्विटर अकाउंट पर? कुछ भी लिख देते हो।' इस पर उनका बस एक ही जवाब आता 'मैं ओनेस्ट हूं और मुझे अपना ओनेस्ट ओपिनियन लोगों के सामने रखना अच्छा लगता हैं। ऋषि जी पहले से बनावटी नहीं थे, उनके जहन में जो बात आती थी वो कह देते थे। इंडस्ट्री में उनकी इस नेचर की लोग काफी सराहना करते हैं। अपने यंगर डेज से वे बेबाक रहे हैं और जैसे जैसे बूढ़े होते गए उन्हें और आजादी मिल गई। जब सोशल मीडिया नहीं हुआ करता था तब उनके आस पास वाले ही उनका ओपिनियन सुन पाते थे लेकिन अब सोशल मीडिया की वजह से उनका सरकास्टिक टोन और सेंस ऑफ ह्यूमर सभी तक पहुंच जाते थे। बहुत ही शानदार और खुश मिजाज थे ऋषि जी।



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What do you write on your Twitter account whenever you say? Then Rishi Kapoor used to give only one answer - Poonam Dhillon narrated anecdote




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दोस्त को याद करके बोले शत्रुघन सिन्हा- ‘जिंदादिली का दूसरा नाम ऋषि कपूर था, जितने बढ़िया कलाकार थे उससे उम्दा इंसान थे’

साल 1981 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म 'नसीब', 'रणभूमि' और 'हवालात' जैसी कई फिल्मों में साथ नजर आ चुके शत्रुघन और ऋषि अच्छे दोस्त थे। दोनों फिल्मों के अलावा पर्सनल लाइफ में भी काफी करीब रहे हैं। अक्सर दोनों की मुलाकात भी होती रही है। गुरुवार सुबह दोस्त के गुजर जाने पर शत्रुघन ने उनकी खूब सराहना करते हुए शोक व्यक्त किया है।दैनिक भास्कर मेंउमेश कुमार को दिए एक इंटरव्यू में शत्रुघन ने अपनी आखिरी मुलाकात और उनके साथ किए यादगार काम पर बात की है।

इंटरव्यू के दौरान शत्रुघन ने कहा, 'संस्मरण सुनाने की स्टेज से तो अब निकल चुका हूं। संस्मरण सुनाने बैठे तो ऋषि कपूर के साथ हंसी मजाक और काम की बातें होती थी। वह बहुत ही उम्दा आदमी थे। इंडस्ट्री में अगर रोमांटिक हीरो की बात करें तो दो ही हीरो थे- राजेश खन्ना और ऋषि कपूर। इनके अलावा और कौन रहा है! ऋषि कपूर तो रोमांटिक हीरो के साथ-साथ बहुत पॉपुलर, रिलैक्स, फ्लैक्सिबल और कॉन्फिडेंट भी थे। इन्होंने दूसरे तरह के भी तमाम रोल किए। फिर तो चाहे मुल्क, हासिल आदि बेहतरीन फिल्में हों। मल्टी डॉमेस्टिक पर्सनालिटी थी। अभिनय की बात करें तो उनके सॉन्ग- डांस, अदायगी उम्दा रही। एक्टर के साथ-साथ डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी रहे। उन्होंने सबके साथ काम किया'।

मौत की खबर से हैंनिराश: 'वर्सेटाइल एक्टर थे उसमें तो दो राय नहीं है। कल इतना उम्दा कलाकार इरफान का जाना और आज हमारी आंखें खुलती है तो पता लगता है कि ऋषि कपूर की आंखें हमेशा के लिए बंद हो गई है। यह क्या मतलब है। एक के बाद यह दुखद घटना सुनकर हम लोग हताश और निराश हो गए हैं। लगता है इससे ज्यादा वक्त और क्या क्रूर हो सकता है'।

हाजिर जवाबी में थे माहिर:'ऋषि कपूर तो हमारे बहुत प्यारे दोस्त रहे हैं। हमने साथ में बहुत सारे काम भी किए। काफी हंसी मजाक किए और काफी हरकतें भी की। अभी बीमारी से लड़ाई लड़कर आए थे तो हम लोग साथ में घंटों बैठे थे। तमाम बातें हुई। उन्हें देखकर ऐसा लगा कि जिंदादिली का दूसरा नाम ऋषि कपूर है। इतना सुंदर स्वभाव और उसे ज्यादा हाजिर जवाबी भी थे'।

ऐसी थी आखिरी मुलाकात:'अभी अमिताभ बच्चन की दिवाली पार्टी में मिलना हम लोग मिस कर गए थे। क्योंकि वह बहुत देर से आए थे। लेकिन उससे पहले हम लोग मैरियट होटल में मिले थे। वहां पर ताजदार अमरोही, राहुल रवैल और हम कुछ करीबी दोस्त थे। हम सब घंटों बैठे थे। वहां पर बातचीत हंसी मजाक का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि उन्हें देखकर लगता ही नहीं था कि वह अभी बीमारी से लड़कर या संघर्ष करके आए हैं। बहुत दिनों बाद अमेरिका से लौटकर आए थे तो एक डेढ़ बजे रात तक बैठे रहे। वह जितने बढ़िया कलाकार थे उससे उम्दा इंसान थे। जैसा बताया कि वह जिंदादिली और हाजिर जवाबी में आगे थे लेकिन उनको कोई लाइटली नहीं ले सकते थे। क्योंकि वह बहुत इंटेलेक्चुअल भी थे'।

हर जगह रखते थे नजर: 'सारी सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर उनकी नजर रहती थी। इसलिए बहुत ट्वीट भी करते थे। अमिताभ बच्चन जैसे एक-दो को छोड़कर बहुत कम लोग हैं, जिनकी सब चीजों पर नजर होती है। पॉलिटिक्स और समाज के बारे में अच्छे से अच्छे स्टार्स को एबीसीडी भी पता नहीं होती है'।

पढ़ने के थे शौकीन:लेकिन उनको हर चीज के बारे में खूब पता होता था कि क्या हो रहा है और हर चीज पर अच्छा खासा डिस्कशन भी करते थे। पढ़ने के बड़े शौकीन थे। नेशनल इंटरनेशनल मैगजीन अखबार को पढ़ते थे। ऋषि कपूर बहुत लकी भी थे और परिपक्व भी थे।



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Shatrughan Sinha said after remembering his friend- 'he is better human beign than an actor, he is an example of lively person'




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ऋषि कपूर के साथ काम कर चुके कलाकारों ने दी उन्हें श्रद्धांजलि, हर एक ने कहा- भरोसा नहीं होता वे अब नहीं हैं

ऋषि कपूर का अब हमारे बीच नहीं रहे। 67 साल की उम्र में निधन हो गया। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन में उन्होंने आखिरी सांस ली। इस बीच बॉलीवुड में ऋषि कपूर के साथ काम कर चुके दिग्गज कलाकारों ने अपनी श्रद्धांजलि शब्दों के रूप में साझा की। हर कोई उनके निधन से दुखी है।



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Rishi Kapoor Death News| actors who worked with Rishi Kapoor paid tribute to him




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ऋषि को याद कर शक्ति कपूर बोले- हम दोनों जन्मदिन साथ मनाते थे, लगता है ऊपर वाला हमसे नाराज हो गया है

वेटरन एक्टर ऋषि कपूर के आकस्मिक निधन से उनके दोस्त और कई फिल्मों में उनके साथ काम कर चुके एक्टर शक्ति कपूर को काफी सद्मा पहुंचा है। उनका कहना है कि हमने करीब 25 साल तक साथ फिल्में की हैं और हमारी कई सारी यादें एक साथ जुड़ी हुई हैं। उनके साथ अपने अनुभव को लेकर शक्ति कपूर ने दैनिक भास्कर से खास बातें की।

शक्ति कपूर ने बताया, 'हम 22-23 साल की उम्र से एक साथ काम करते आ रहे हैं। हमनें याराना, हनीमून, इना-मीना-डिका, सरगम, कातिलों का कातिल, विजय, बोल राधा बोल, नसीब, प्रेम रोग, अमीरी-गरीबी, घराना जैसी दर्जनों फिल्में साथ की थीं। हमनें तकरीबन 25 साल तक एक साथ काम किया है।

'चिंटू मुझे जॉगिंग के लिए उठाने आता था'

उन्होंने बताया, 'जब हम फिल्म की शूटिंग करते थे तो चिंटू मुझे उठाने आता था कि चल जॉगिंग करने चलते हैं। हम साथ में एक्सरसाइज करते थे और उसके बाद फिल्म की शूटिंग के लिए सेट पर 9 बजे पहुंच जाया करते थे। जब फिल्म की शूटिंग खत्म हो जाती थी, तो उसके बाद हम अपना मेकअप उताकर वेन में बैठकर छोटे-छोटे ड्रिंक पीते थे। साथ ही पूरे दिन जो काम किया है, उसकी चर्चा किया करते थे।'

'वो मुझसे एक दिन छोटे थे'

आगे उन्होंने कहा, 'उनके साथ मेरी कई सारी यादें जुड़ी हुई हैं, यह बहुत ही कम लोगों को पता है कि मेरा जन्मदिन 3 सितंबर और चिंटू का 4 सितंबर को आता है। वो मुझसे 1 दिन छोटे थे और हम दोनों एक साथ अपना जन्मदिन मनाते थे। वे हमेशा दो या तीन केक मंगाया करते थे। हमने कई बार अपना जन्मदिन आरके स्टूडियो में मनाया है, तो कई बार उनके चेंबूर वाले घर में मनाया है। फिलहाल मैं इस बारे में आपसे ज्यादा बात नहीं कर पाऊंगा क्योंकि इस वक्त मैं अपने आप में नहीं हूं, मुझे यह यकीन नहीं हो रहा है कि चिंटू हमें छोड़कर चला गया है। 24 घंटे में दो कलाकारों का इस तरह छोड़कर जाना बहुत ही बुरा है।'

हमारे उनके साथ पारिवारिक संबंध

आगे उन्होंने कहा, 'चिंटू का परिवार और मेरा परिवार एक-दूसरे के बेहद करीब है। जब मेरी शादी हुई थी तब ऋषि कपूर की मां ने मेरी पत्नी को कहा कि अपने पति को घर लेकर आओ, जिसके बाद मैं थोड़ा डर सा गया था। लेकिन जब हम गए तो उन्होंने मुझे शगुन दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि इस बच्ची का ध्यान रखना। इतना ही नहीं जब हमारे बच्चे छोटे हुआ करते थे तो तब चिंटू का परिवार और मेरा परिवार हम साथ में छुट्टियों के लिए बाहर जाया करते थे।

'दोनों को आखिरी विदाई नहीं दे सका'

शक्ति कपूर बोले, 'ऐसा लग रहा है जैसे कि फिल्म इंडस्ट्री को नजर सी लग गई है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री के दो बेहतरीन कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे। बुधवार को जब इरफान खान की अंतिम विदाई हुई थी उसमें भी हम नहीं जा पाए और कुछ ऐसा ही आज भी हो रहा है। चिंटू को आखिरी बार देखना चाहता था लेकिन यह नहीं हो सकता जिसका दुख हमेशा रहेगा।

'लगता है ऊपरवाला हमसे नाराज हो गया'

आगे उन्होंने कहा 'मैंने जब से जन्म लिया है तब से ऐसा दौर नहीं देखा है और यही प्रार्थना करता हूं कि आने वाली पीढ़ी भी ऐसा दौर ना देखे। ऐसा लगता है कि ऊपर वाला हमसे नाराज हो गया है। पहले आंखों से आंसू आते थे लेकिन अब तो दिल से आंसू निकल रहे हैं। जब ये खबर मिली तो मैं और मेरी बीवी फूट-फूटकर रोए कि चिंटू हमे छोड़कर चला गया। दो बेहतरीन कलाकार हमें छोड़कर चले गए। बस यही दुआ करूंगा भगवान से कि उनके परिवारों को शक्ति दे इस दुख से उबरने के लिए।

'श्रद्धा बहुत डरी हुई है'

शक्ति बताते हैं कि दो बड़े कलाकारों की आकस्मिक मौत के बाद उनकी बेटी श्रद्धा बहुत डरी हुई है। उन्होंने कहा, 'श्रद्धा इस वक्त बहुत ही डरी हुई है और उसने मुझसे पूछा कि पापा ये जो चीजें हो रही है कहीं करोना की वजह से तो नहीं हो रही हैं। तो मैंने उससे कहा है कि अभी क्यों हो रहा है इसका जवाब तो इस वक्त मेरे पास नहीं है लेकिन सब जल्द ही ठीक हो जाएगा।'



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ऋषि कपूर और शक्ति कपूर ने करीब 25 साल तक फिल्मों में एक साथ काम किया। (फोटो साभारः शक्ति कपूर के सोशल मीडिया अकाउंट से)




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27 साल पहले 30 अप्रैल को रिलीज हुई थी दामिनी, निर्माताओं ने ऋषि कपूर से पहले जैकी श्रॉफ को ऑफर किया था रोल

67 साल की उम्र में ऋषि कपूर के निधन से बॉलीवुड और उनके चाहने वाले गमगीन हैं। ऋषि कपूर ने यूं तो अपने करियर में 121 फिल्मों में काम किया लेकिन इन सबमें दामिनी की अहमियत को भी भुलाया नहीं जा सकता। खास बात ये है कि ऋषि के निधन से ठीक 27 साल पहले 30 अप्रैल 1993 को यह फिल्म रिलीज हुई थी। फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी।


जैकी श्रॉफ को ऑफर हुआ था ऋषि का रोल: फिल्म के प्रोड्यूसर करीम मोरानी और एली मोरानी ने ऋषि कपूर वाले रोल के लिए पहले जैकी श्रॉफ को अप्रोच किया था। लेकिन, डायरेक्टर राजकुमार संतोषी से मतभेदों के चलते जैकी ने इस फिल्म को करने से इनकार कर दिया था और इसी वजह से फिर ऋषि ने फिर फिल्म में शेखर गुप्ता का रोल किया। यह राजकुमार संतोषी के साथ ऋषि कपूर की आखिरी फिल्म थी।


फिल्म में डिंपल को लेना चाहते थे डायरेक्टर: फिल्म के निर्माण के दौरान राजकुमार संतोषी और मीनाक्षी शेषाद्रि के बीच मनमुटाव की खबरें थीं। जिसके बाद संतोषी मीनाक्षी को हटाकर डिंपल कपाड़िया को फिल्म में लेना चाहते थे लेकिन ऋषि कपूर ने ऐसा होने नहीं दिया। खबरों के मुताबिक, ऋषि ने संतोषी से कहा कि अगर वह डिंपल को फिल्म में लेंगे तो वह फिल्म छोड़ देंगे.इसके बाद संतोषी ने श्रीदेवी को भी अप्रोच किया लेकिन उनकी फीस बहुत ज्यादा थी जिसके चलते संतोषी को मीनाक्षी के साथ फिल्म बनानी पड़ी।


सनी देओल को मिला था नेशनल अवॉर्ड: फिल्म की कहानी में रेप जैसे गंभीर मुद्दे पर आधारित थी जिसमें सनी ने एक वकील की भूमिका निभाई थी। फिल्म में वह सेकंड हाफ के बाद आते हैं लेकिन दमदार डायलॉग और एक्टिंग के चलते सबपर भारी पड़ते हैं।उन्हें फिल्म में अपनी एक्टिंग के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था।



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Damini was released 27 years ago today, the makers had offered Jackie Shroff a role before Rishi Kapoor




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करीना कपूर से लेकर दामाद भारत साहनी तक परिवार ने भावुक पोस्ट और तस्वीरों के साथ किया ऋषि कपूर को याद

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर ने गुरुवार को मुंबई में आखिरी सांसे ली हैं। घर के लाडले सदस्य को खोकर पूरा परिवार गमगीन हो गया है। ऐसे में सभी ने ऋषि कपूर को याद करते हुए उनके लिए भावुक पोस्ट शेयर की है।

करीना कपूर ऋषि कपूर के भाई रणधीर की बेटी हैं। अपने अंकल के चले जाने पर उन्होंने उनकी एक पुरानी तस्वीर शेयर की है जिसमें ऋषि-रणधीर नजर का बचपना दिख रहा है। तस्वीर के साथ करीना ने लिखा, 'जिन्हें मैं जानती हूं बेस्ट ब्वॉयज, पापा और चिंटू अंकल'। इसके अलावा भी करीना ने 'हम तुम' फिल्म का एक सीन शेयर किया है जिसमें ऋषि सैफ के लिए मैं शायर तो नहीं गाना गा रहे हैं। इसके साथ उन्होंने कैप्शन में हार्ट इमोजी शेयर की है।

ऋषि की भतीजी करिश्मा कपूर ने भी उनके साथ वाली एक खूबसूरत तस्वीर शेयर की है। इसमें नन्हीं सी करिश्मा पिता रणधीर को पकड़ी हुई हैं वहीं दूर खड़े ऋषि उन्हें प्यार से देख रहे हैं। कैप्शन में करिश्मा लिखती हैं, 'हमेशा परिवार को देखते थे। चिंटू अंकल में आपके साथ खाने और रेस्टोरेंट्स की बात करना बहुत याद करुंगी'।

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इस दुख के मौके पर ऋषि कपूर के दामाद भारत साहनी ने भी उनके लिए एक इमोशनल पोस्ट शेयर की है। इसमें उन्होंने साथ बिताए कुछ खूबसूरत पलों की तस्वीरों के साथ लिखा, 'जो प्यार आपने मुझे दिया वो मैं कभी नहीं भूलुंगा। आपने कम समय में ही मुझे बहुत कुछ सिखाया है। आज मैं टूट चुका हूं। शब्द खो गए। लव यू एंड मिस यू। रेस्ट इन पीस पापा'।



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From Kareena Kapoor to son-in-law Bharat Sahni, family remembers Rishi Kapoor, shares pictures with emotional post




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भावुक अमिताभ ने ब्लॉग में लिखा- संकट में ऋषि का चेहरा नहीं देख सकता था, इसलिए कभी अस्पताल में मिलने नहीं गया

ऋषि कपूर के निधन पर अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग पर अपनी भावनाएं जाहिर की हैं। उन्होंने भावुक होते हुए यह भी बताया कि कभी भी ऋषि को अस्पताल में मिलने नहीं गए और इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि वे संकट के उन पलों में उनके चेहरे को नहीं देख सकते थे। दोनों ने पहली बार 'कभी कभी' (1976) में और आखिरी बार '102 नॉट आउट' (2018) में साथ काम किया था।

अमिताभ ने लिखा- मैंने चिंटू के दुर्लभ पलों को देखा
बुधवार को ऋषि कपूर दुनिया को अलविदा कह गए। देर रात अमिताभ ने अपने ब्लॉग में इमोशनल होते हुए लिखा- मैंने ऊर्जावान, चुलबुला, आंखों में शरारत लिए चिंटू के दुर्लभ पलों को देखा था। जब एक शाम मुझे राजजी के घर पर आमंत्रित किया गया था। इसके बाद मैंने उन्हें अक्सर आरके स्टूडियो में देखा, जब वे फिल्म 'बॉबी' के लिए प्रशिक्षित हो रहे थे। और अभिनय की बारीकियां सीख रहे थे। वे आत्मविश्वास के साथ चलते थे जैसे उनके दादा पृथ्वीराज जी चलते थे।

हमने कई फिल्मों में साथ काम किया। जब वे अपनी लाइन बोलते थे, तो आपको उनके हर शब्द पर भरोसा होता था। उनका कोई विकल्प नहीं था। जिस दक्षता से वे गानों में लिप्सिंग करते थे, वैसा और कोई नहीं कर सकता। सेट पर उनका खिलंदड़ स्वभाव बेहद प्रभावी होता था। गंभीर दृश्यों पर भी वे हास्य ढूंढ लेते थे और सभी एकदम से हंस पड़ते थे।

न सिर्फ सेट पर... किसी औपचारिक समारोह में भी उनका व्यवहार ऐसा ही होता था। वे माहौल को हल्का-फुल्का बनाए रखते थे। अगर सेट पर वक्त मिलता था तो वो ताश निकाल लेते थे और दूसरों को खेलने के लिए बुला लेते थे। इस गेम में गंभीर स्पर्धा होती थी। यह मनोरंजन मात्र नहीं बचता था। इलाज के दौरान उन्होंने अपनी हालत पर कभी अफसोस नहीं जाहिर किया। हॉस्पिटल जाते वक्त वे हमेशा कहते रहे कि रूटीन विजिट है। जल्द फिर मिलते हैं।

जीवन में आनंद से जीने का जीन उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला था। मैं उनसे मिलने कभी अस्पताल नहीं गया क्योंकि मैं उनके हंसमुख चेहरे पर संकट नहीं देखना चाहता था। लेकिन एक बात तय है, जब वे गए तो उनके चेहरे पर एक सौम्य मुस्कान थी।



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Amitabh Bachchan Shares The Reason Why He Had Not Visited Rishi Kapoor In Hospital




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‘चाणक्य' के आखिरी दिन शूट ख़त्म होने के बावजूद घंटों सेट पर ही बैठे रहे थे इरफान, नम आंखों से बोले थे - थैंक यू

एक्टर इरफान खान ने फिल्मों में अपनी पहचान बनाने से पहले कई टेलीविजन शो में बेहतरीन किरदार निभाए हैं। इरफानके निधन पर 'चाणक्य' सीरियल के डायरेक्टर और राइटर डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने उनका एक किस्सा याद किया है। उन्होंने बताया है कि शो के आखिरी दिन इरफान घंटो सेट पर बैठे हुए थे।

चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने इरफान को याद करते हुए बताया, ‘1990 में इरफ़ान खान से मुलाकात हुई थी। उस वक्त में चाणक्य सीरियल की तैयारी कर रहा था। इरफ़ान का पहला काम मैंने 'भारत एक खोज' में देखा था जिसमे उनका काम लाजवाब था। उनके एक मित्र हैं इशांत त्रिवेदी जो की नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के उनके बैच मेट भी थे। मैंने उनसे इरफ़ान के बारे में पूछा और उन्हें अपनी शो में लेने की बात रखी।जब 'भारत एक खोज' की शूटिंग ख़त्म हुई तब मेरी मुलाकात इरफ़ान से हुई, उस वक्त में 'चाणक्य' के पायलट की तैयारी कर रहा था’।

'चाणक्य' शो के किरदार में इरफान खान।

आगे उन्होंने कहा, ‘मुझे अब भी याद हैं जिस दिन इरफ़ान का आख़िरी दिन था 'चाणक्य' के सेट पर वो शूटिंग ख़त्म होने के बावजूद सेट से गए नहीं थे। मैं उस वक्त एक खाट पर बैठकर कुछ लिख रहा था और मैंने देखा की इरफ़ान घंटों तक सेट पर मंडरा रहे हैं। शुरूआती में मुझे कुछ समझ नहीं आया लेकिन कुछ देर बाद मैंने उसे कहाँ की जाओ अब अपने घर। तुम्हारा काम हो चुका है। हर बार में ये बात कहता और हर बार वो बस यही कहता की हाँ, हाँ, मैं जा हूँ। लेकिन वो जाता नहीं था। दिन ख़त्म हुआ तब इरफ़ान मेरे बाजु में आकर खड़े हो गए। मैंने उनसे पूछा की क्या बात हैं, जा क्यों नहीं रहे हो? उस वक्त उनकी आँखों में आंसू थे और वे सिर्फ एक 'थैंक यू' बोलने के लिए इंतज़ार कर रहे थे। वो अपने इमोशंस में इतने थे कि सिर्फ 'थैंक यू' बोलने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। कई घंटे बिता दिए थे। ऐसे लोग कहां हैं जो अपने डायरेक्टर को धन्यवाद दे’।

उनके जैसा एक्टर अब मिलना बहुत मुश्किल हैं

डायरेक्टर ने उनकी कास्टिंग पर बात करते हुए बताया, 'चाणक्य के लिए इरफान के दोस्त इशांत त्रिवेदी ने गारंटी ली थी। उनके काम की तारीफ़ हर कोई करता था। वही तारीफ़ सुनकर मैंने इस शो का प्रस्ताव रखा। तक़रीबन एक साल तक हमने साथ में काम किया और यकीन मानिये उनके जैसा एक्टर अब मिलना बहुत मुश्किल हैं’।



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Irrfan khan sat on the set of 'Chanakya' for our just to say thank you to the director chandra prakash dwivedi




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7 साल की उम्र से ऋषि कपूर के फैन रहे हैं करण जौहर, लिखा- 'इंडियन सिनेमा का रोमांस हमें कैसे छोड़ सकता है'

फिल्म मेकर करण जौहर बचपन से ही दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर के फैन रहे हैं। ऐसे में ऋषि कपूर के गुजर जाने से करण को काफी दुख पहुंचा है। अपने पसंदीदा एक्टर को याद करते हुए करण ने उनके लिए अपनी दीवानगी और उनके साथ काम करने के एक्सपीरिएंस को शेयर किया है।

करण जौहर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से गुरुवार को एक भावुक पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने लिखा, 'मैं 7 साल का था जब मैंने सुना कि मेरे पैरेंट्स को दुनिया मेरी जेब में फिल्म देखने का न्यौता मिला है। इसमें मेरे पसंदीदा एक्टर ऋषि कपूर थे। मेरे स्कूल के दिन थे इसलिए मेरी मां ने मुझे साथ ले जाने से इनकार कर दिया था। मैंने नखरे दिखाए क्योंकि मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मुझे चिंटू जी की फिल्म नहीं देखने मिली। मेरे पैरेंट्स मान गए फिर हम फिल्म देखने गए। मेरी आंखों में सितारे थे। वो मेरे हीरो थे। बेहद चार्मिंग, रोमांटिक ऋषि कपूर। मेरा बचपन उनके गाने सुनकर, उनकी प्रिटेंड स्वेटर्स पहनकर, अपने बेडरुम में डांस करते हुए बीता है'।

साथ काम करने का सपना पूरा होते देख रो पड़े थे करण

करण जौहर के बिता भी फिल्ममेकर थे। जब ऋषि उनके पिता की फिल्म दुनिया में काम कर रहे थे तो सेट पर करण उनसे मिलने पहुंचे थे। उन्होंने बताया, 'मैं उन्हें किसी इमारत की तरह देख रहा था। जब मैंने उन्हें स्टूडेंट ऑफ द ईयर फिल्म में डायरेक्ट किया तो उनके पहला शॉट देने पर मैं चुपके से जाकर रोया था। मेरा बचपन का सपना पूरा हुआ था। इंडियन सिनेमा का रोमांस हमें कैसे छोड़ सकता है। कभी नहीं। आपकी लेजेंड्री लेगेसी हमेशा जिंदा रहेगी'।

ऋषि कपूर के निधन से कुछ ही दिनों पहले करण ने उनकी पहली फिल्म बॉबी का वीडियो शेयर किया था जिसमें उन्होंने फेस मैपिंग का इस्तेमाल कर उनके चेहरे के बदले अपना चेहरा लगाया था। इस वीडियो के साथ उन्होंने बताया था कि वो ऋषि कपूर के बड़े फैन हैं।

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Karan Johar, who has been a fan of Rishi Kapoor since the age of 7, wrote- 'How the romance of Indian cinema can leave us'




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संजय दत्त ने ऋषि कपूर को भाई, दोस्त और प्रेरणा बताया, बोले- सबसे दुखद दिन क्योंकि परिवार का एक सदस्य चला गया

वेटरन एक्टर ऋषि कपूर के असामयिक निधन के बाद एक्टर संजय दत्त ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हेंश्रद्धांजलि दी। गुरुवार को लिखी इस पोस्ट में उन्होंने ऋषि को अपने परिवार का एक सदस्य, दोस्त और भाई के अलावा एक ऐसा व्यक्ति बताया जिन्होंने उन्हें हर स्थिति में मुस्कुराते रहना सिखाया। इस पोस्ट को शेयर करते हुए संजय ने लिखा, 'मैं आपको याद करूंगा चिंटू सर।'

अपनी पोस्ट में संजय ने लिखा, 'प्रिय चिंटू सर, मेरे जीवन और करियर के लिए आप हमेशा एक प्रेरणा रहे। आपने मुझे जीवन को अच्छे से जीना सिखाया और जब मैं अपने खराब दिनों से गुजर रहा था तब भी आपने जिंदगी का सामना करना सिखाया। मुझे आपके साथ कई फिल्मों में काम करने का सम्मान मिला, जहां आपने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया। कैंसर के खिलाफ आपकी लड़ाई काफी लंबी रही। लेकिन आपने कभी मुझे एक बार भी इस बात का अहसास नहीं कराया कि आप जूझ रहे हैं, यहां तक कि तब भी नहीं जब मैंने आपसे न्यूयॉर्क में बात की थी... उस समय भी आप जीवन से भरपूर थे। आखिरी बार मैं आपसे कुछ महीनों पहले घर पर डिनर के दौरान मिला था, तब भी आप मुझे लेकर चिंतित थे। आपने हमेशा मेरी परवाह की।'


आगे उन्होंने लिखा, 'आज मेरे लिए सबसे दुखद दिन है, क्योंकि मैंने परिवार के एक सदस्य, दोस्त, भाई और एक ऐसे व्यक्ति को खो दिया, जिसने मुझे मुस्कुराते हुए जीवन जीना सिखाया, फिर चाहे कुछ क्यों ना हो जाए। मैं आपको बहुत याद करूंगा चिंटू सर। भगवान की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे और आप हमेशा स्वर्ग में खुश रहें। आई लव यू चिंटू सर। हमेशा करता रहूंगा।



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ऋषि कपूर के साथ संजय दत्त की आखिरी मुलाकात कुछ महीनों पहले उनके घर पर हुए डिनर के दौरान हुई थी। (फोटो/वीडियो साभारः संजय दत्त के सोशल मीडिया अकाउंट से)