india news 15 राज्यों में फंसे जिले के 350 लोग लौटेंगे इधर बार्डर पर जरूरी उपकरण व किट नहीं By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:44:00 GMT स्वास्थ्य और पुलिस विभाग पर पूरे जिले को कोरोना वायरस से बचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लॉकडाउन के तीसरे फेस तक इनके पास सुरक्षा के लिए कोई उपकरण नहीं है। बार्डर में बैरियर बनाकर स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के अफसर-कर्मियों को तैनात को कर दिया है, लेकिन उनके पास बीमारी के प्राथमिक लक्षण की पहचान करने तापमान मापक यंत्र तक नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मी सिर्फ सर्दी, खांसी और बुखार की ही जानकारी जुटा रहे हैं। वहीं अब दिल्ली, महराष्ट, गुजरात, पंजाब समेत 15 राज्यों से जिले में 350 से अधिक की लोगों के आने की संभावना है। वे खड़गवां धनपुर, कोड़ा और जरौंधा से दाखिल हो सकते हैं। कोरिया जिले से बाहर गए लोगों की जनपद द्वारा सूची तैयार कराई गई। इसमें अब तक 350 लोगों के खड़गवां ब्लाॅक की ओर से जिले में घुसने की संभावना है। इसे देखते हुए खडगवां के तीनों पंचायतों में बैरियर बनाया गया है और पकड़े जाने वालों को 77 पंचायतों में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। जिले को लॉकडाउन के तीसरे फेस में ग्रीन जोन में बनाए रखने जिले के स्वास्थ्य, पुलिस और सफाईकर्मियों के सामने बड़ी चुनौती है। यहां बता दें कि कोरिया जिला मध्यप्रदेश के सीधी, अनूपपुर, शहडोल समेत छग के सूरजपुर, कोरबा, पेंड्रा-गौरेला से लगा हुआ है। ऐसे में इन सीमाओं को पार कर हजारों लोग अपने गृह ग्राम में आना चाह रहे हैं।कलेक्टर ने कहा- हमारे पास पर्याप्त संसाधनलॉकडाउन-3 में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के सवाल पर कलेक्टर डोमन सिंह ने बताया कि हमारे पास पर्याप्त संसाधन है। जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। बिना अनुमति के कोई भी जिले के भीतर दाखिल नहीं हो सकता है। दूसरे राज्य और कोरिया जिले से लगे छग के अन्य जिले की सीमाओं में चौकसी बढ़ा दी गई है। बाहर से आने वालों को तत्काल क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है।धनपुर, कोड़ा और जरौंधा के रास्ते लौटने की संभावनाधनपुर, कोड़ा, जरौंधा के रास्ते दूसरे राज्यों से लोगों के आने की संभावना है। यहीं वजह है कि यहां बैरियर बनाकर स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के अफसर-कर्मियों को तैनात किया गया है। जिन अधिकारी-कर्मचारियों को जिले के साढ़े 6 लाख लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके ही पास इस वायरस के लक्षण की पहचान करने तापमान मापक यंत्र समेत अन्य जरूरी उपकरण और सामग्री उपलब्ध नहीं है।मजदूरों की देखरेख करने वालों के पास नहीं था किटगौरतलब है कि इससे पहले राजनांदगांव से रवाना हुए 46 मजदूरों में से 2 कोरोना पाॅजिटिव झारखंड की ओर भाग गए। उनके संपर्क में रहे सभी कर्मचारियों को इन दिनों मनेंद्रगढ़ के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। यहां जो स्वास्थ्य कर्मचारी मजदूरों को सेवाएं दे रहे थे, उनके पास भी पीपीई किट नहीं था।अब तक जिले में 223 लोगों को किया गया क्वारेंटाइनबता दें कि रविवार और सोमवार को दूसरे जिले से आने वाले लोगों को धनपुर बैरियर में रोककर स्वास्थ्य परीक्षण समेत पूरी जानकारी इकट्ठा कर 233 लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया। सामान्य और रेड जोन से आने वालों के लिए अलग-अलग सेंटर बनाए गए हैं। कोड़ा, धनपुर, जरौंधा नाके पर रेड जोन से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर नाके पर ही क्वारेंटाइन किया जा रहा है।जिले के 350 से अधिक लोग दूसरे राज्यों में फंसेसंभावना जताई जा रही है कि धनपुर, कोड़ा, जरौंधा के रास्ते से आने वालें दिनों में 350 से अधिक लोग दाखिल होंगे। इसमें कर्नाटक 25, मध्यप्रदेश 37, झारखंड 26, केरल 9, महराष्ट्र 40, तमिलनाडू 25 और सबसे अधिक गुजरात में जिले से काम करने गए लोग लौटेंगे। इसके अलावा उड़ीसा, राजस्थान, बिहार, यूपी, असम, दिल्ली, पंजाब समेत पश्चिम बंगाल से भी लोग वापस आएंगे।स्वास्थ्य कर्मियों के पास पीपीई किट भी नहींस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी तापमान मापक यंत्र नहीं मिलने से बार्डर में सिर्फ सर्दी, खांसी और बुखार की ही जांच कर रहे हैं। जिनमें ये लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें सामुदायिक और जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। यहां तक कि स्वास्थ्य कर्मियों के पास पीपीई किट तक उपलब्ध नहीं है। जिससे बाहर से आने वालों के कारण इनमें भी संक्रमण फैलने की संभावना बनी हुई है।बिना तापमान मापक यंत्र के बार्डर में तैनात स्वास्थ्य और पुलिस कर्मी। यहां पहुंचने वालों का सर्दी-खासजिले में दाखिल होने के लिए खड़गवां का रास्ता सबसे आसानतापमान मापक यंत्र नहीं होने से बढ़ा खतरागौरतलब है कि बगैर तापमान मापक यंत्र के ही अन्य जिले और प्रदेश से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बार्डर में तैनात अधिकारी-कर्मचारी किस तरह से जोखिम उठा रहे हैं। अन्य प्रदेश व छग के दूसरे जिले से कोरिया जिले में पहुंच रहे लोगों का बार्डर पर ही खानापूर्ति के साथ स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें सीधे 14 दिन के क्वारेंटाइन में भेजा रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 350 people from the trapped districts in 15 states will return, no necessary equipment and kits on the border Full Article
india news लॉकडाउन 3.0: गया की एकमात्र स्लीपर फैक्ट्री को नहीं मिल रहे श्रमिक, उत्पादन में आई भारी गिरावट By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:44:00 GMT एक तरफ राज्य सरकार मजदूरों को अपने ही राज्य में रोजगार व्यवस्था कराने का दावा कर रही है। वहीं दूसरे तरफ जिला के एक मात्र रेल स्लीपर फैक्ट्री, जहां प्रतिदिन सात शिफ्टों में सात सौ मजदूरों द्वारा प्रतिदिन ढ़ाई हजार स्लीपरों का उत्पादन करते थे, वहां मजदूरों के अभाव में उत्पादन घट कर महज 750 पर सिमट गया है। गौरतलब रहे कि कोरोना के संक्रमण से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कुछ शर्तों में छूट के साथ लॉक डाउन 3.0 की घोषणा किया गया है।बावजूद इसके पाटिल ग्रुप द्वारा संचालित दयानंद इंजीनियरिंग वर्क्स अपनी सम्पूर्ण क्षमता के अनुरूप स्लीपर का उत्पादन नहीं कर पा रहा है। नतीजतन इसके बन्द होने का खतरा मंडराने लगा है। बताते चले कि कारखाने में प्रतिदिन 32 सौ स्लीपर बनाने का क्षमता है और मानपुर में निर्मित स्लीपरों का सप्लाई पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन के विभिन्न डिवीजनों में किया जाता है।कारखाने पर छाने लगे हैं संकट के बादलइस संबंध में उप महाप्रबंधक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिला के वरीय अधिकारियों से कामगारों को लेकर कई दौर का बातचीत की गई। रेलवे द्वारा भेजे गए पत्रांक डब्लू/7ए/पीएससी स्लीपर/मानपुर दिनांक 17 अप्रैल 2020 के जवाब में जिला प्रशासन द्वारा कारखाने के भीतर मौजूद ठेके पर रखे गए 180 मजदूरों से मात्र दो शिफ्ट में काम कराने की अनुमति प्रदान किया गया, जो कारखाने को विधिवत संचालित करने के लिए नाकाफी है। बताया कि कारखाने को बदस्तूर जारी रखने के लिए कम से कम प्रतिदिन बाईस-तेईस सौ स्लीपर का उत्पादन होना आवश्यक है। ऐसा नहीं होता है तो फिर कारखाने पर संकट के बादल छा जाएगा। बता दे कि वर्तमान समय मे दया इंजीनियरिंग ग्रुप मानपुर के पास रेलवे द्वारा 90 हजार प्रति माह स्लीपर आपूर्ति करने का आर्डर है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Lockdown 3.0: Gaya is not the only sleeper factory to get workers, huge drop in production Full Article
india news डेढ़ करोड़ के निर्माणकार्यों का राज्यमंत्री ने किया भूमिपूजन By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:46:00 GMT सविप्रा उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) विधायक गुलाब कमरो ने कई ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ 41 लाख 65 हजार के निर्माणकार्यों का भूमिपूजन किया। राज्यमंत्री ने ग्राम पंचायत कछौड़ में 5 लाख से सीसी सड़क का भूमिपूजन किया। इसी पंचायत में डेढ़ लाख के यात्री प्रतीक्षालय, ग्राम पंचायत पहाड़ हसवाही व बिरौरीडांड़ में 5-5 लाख और डिहुली में 10 लाख से बनने वाले सीसी सड़क का भूमि पूजन किया। वहीं केल्हारी में 20 लाख के स्व-सहायता समूह शेड निर्माण व डांड़हसवाही में 5 लाख से बनने वाले पुलिया निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। इसके बाद विधायक ग्राम पंचायत पसौरी और घाघरा पहुंचे, जहां उन्होंने 8 लाख की सीसी सड़क के साथ चबूतरा निर्माण का भूमिपूजन किया। ग्राम पंचायत साल्ही में 2.5 लाख के सीसी सड़क, ग्राम पंचायत डोमनापारा में 5 लाख के अहाता निर्माण, ग्राम पंचायत चैनपुर, लालपुर व डंगौरा में 5-5 लाख से बनने वाले सीसी सड़क, कठौतिया में 20 लाख से स्व-सहायता समूह शेड निर्माण, सिरौली व घुटरा में डेड़-डेड़ लाख और ग्राम पंचायत बाही व महाई में 2-2 लाख के शेड निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया। इसी क्रम में विधायक ने गरूड़डोल व सोनहरी में 1.5 लाख से शेड निर्माण व 5 लाख के सीसी सड़क और बाला के आश्रित ग्राम ढुलकू में 19 लाख 65 हजार से एनीकट निर्माण का भूमिपूजन किया। इस दौरान जनपद अध्यक्ष डॉ. विनय शंकर सिंह, उपाध्यक्ष राजेश साहू, जिला महामंत्री रामनरेश पटेल, पूर्व सरपंच अमर सिंह श्याम, कृष्णा राय, अज्जू रवि, आनंद राय, रंजीत सिंह आदि उपस्थित रहे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news कोरोना वायरस से बचाव के लिए गांवों में मोहल्लों व घरों को कर रहे सैनिटाइज By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:47:00 GMT कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिले की पंचायतों में फॉगिग मशीन के जरिए गांवों को सैनिटाइज किया जा रहा हैं। गांव के हर गली-मोहल्लों व प्रत्येक घर में मशीन के जरिए सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा हैं। नालियों की सफाई भी लगातार करने के साथ डीडीटी का छिड़काव किया जा रहा हैं।14वें वित्त आयोग की राशि से मूलभूत सेवाओं जैसे स्वच्छता, पेयजल, अपशिष्ट प्रबंधन आदि के लिए किया जा सकता हैं। जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर ने बताया कि शासन स्तर से 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त राशि को ग्राम पंचायतों में कोरोना महामारी को रोकने के लिए उपयोग में लाने आदेश आया हैं। गांवों में स्वच्छता, नालियों की सफाई व गली-मोहल्लों को सैनिटाइज करने सरपंच, सचिव को निर्देशित किया गया हैं। गुरुर जनपद पंचायत सीईओ राजेंद्र पडोटी ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त राशि का उपयोग कोरोना की रोकथाम के लिए आवश्यक उपकरण व सैनिटाइजर आदि क्रय के लिए पंचायत राशि का उपयोग कर सकते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Sanitizing the mohallas and houses in the villages to protect against the corona virus Full Article
india news 100 बिस्तर वाले बीएसपी अस्पताल में 30 साल बाद सिर्फ 24 बिस्तर की सुविधा बची By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:49:00 GMT भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा बीएसपी कर्मचारियोें काे तत्काल बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को ध्यान में रखते हुए 100 बिस्तर अस्पताल की स्थापना की गई थी। जो अब मात्र 24 बिस्तर में सिमट रह गया है। डाॅक्टर व आवश्यक सुविधा नहीं हाेने से रेफर सेंटर बन कर रह गया है। लगभग 30 वर्ष पूर्व अस्पताल को सर्वसुविधायुक्त 100 बिस्तर अस्पताल बनाया गया था। जहां बीएसपी कर्मचारियों व मजदूरों का इलाज बेहतर तरीके से किया जाता था।यहां पर पर्याप्त सर्जन, विशेषज्ञ चिकित्सक, सहायक चिकित्सक, नर्स, हेड नर्स, वार्ड बाय, ड्रेसर, फार्मासिस्ट सहित अन्य कर्मचारियों की पदस्थापना की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे सभी सुविधाअाें में कटाैती हाे रही है। इस अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर है। पूर्व मेंकिसी भी प्रकार का बड़ा से बड़ा ऑपरेशन इसी अस्पताल में किया जाता था। यहां तक ऑपरेशन के लिए भिलाई सेक्टर 9 से चिकित्सकों को विशेष वाहन से बुलाया जाता था। माइंस क्षेत्र होने के कारण यहां पर आए दिन दुर्घटना व परिवार के सदस्यों को किसी न किसी तरह के बीमारी से ग्रसित होने से इलाज होता था।यहां गायनोलाॅजिस्ट, आर्थोपेडिक, दंत चिकित्सक तक नहींबीएसपी अस्पताल में 7 चिकित्सकों की पदस्थाना है। जिसमें एक मेडिसिन चिकित्सक और अन्य एमबीबीएस चिकित्सक हैं। इतने बड़े अस्पताल में गायनोलाॅजिस्ट, आर्थोपेडिक, दंत चिकित्सक, सोनोग्राफी चिकित्सक की पदस्थाना नहीं की गई। जिससे संबंधित मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। पैथोलाॅजी लैब नाममात्र का रह गया है। लैब टेक्निशियन के अनुभव की कमी के चलते रिपोर्ट में त्रुटियां पाई जाती है जिससे मरीजों के जान को खतरा बना रहता है। इसके लिए मरीज निजी पैथालाॅजी से टेस्ट करा कर चिकित्सक से सलाह लेते हैं।चिकित्सकों की भर्ती की जा रही: महाप्रबंधकअस्पताल प्रबंधक मनोज डहरवाल से पूछे जाने पर इस संबंध में किसी प्रकार की चर्चा करने से इंकार कर दिया। खान मुख्य महाप्रबंधक तपन सूत्रधार ने बताया कि चिकित्सकों की नई भर्ती की जा रही है जिसमंे एक गायनोलाॅजिस्ट शामिल है। साथ ही दो नई एम्बुलेंस की खरीदी की जा रही है।एक हाॅल में मरीजाें का जांच करते हैं डाॅक्टरचिकित्सकों के लिए पर्याप्त कमरा होने के बावजूद वहां न बैठ कर एक हाॅल में सभी चिकित्सक बिना पर्दा के मरीजों की जांच करते हैं। वहीं जांच के दौरान चिकित्सक को सभी मरीज घेरे रहते हैं। जिस पर कई मरीज संकोच के कारण बिना जांच कराए वापस चले जाते हैं। कई अपनी गुप्त बीमारी को चिकित्सक के सामने साझा करने से कतराते हैं।यहां की नर्स ठेका श्रमिकोंसे कराती हैं पूरा कामहेड नर्स व नर्स कुर्सी में बैठे-बैठे इशारे से अपना सारा काम ठेका श्रमिकोंसे कराती हैं। यहां तक मरीजों की ईसीजी जैसे अनेक कार्य अकुशल ठेका श्रमिकोंद्वारा कराया जाता है। ईसीजी से दवाई वितरण केन्द्र में चिकित्सक के पहुंचने से पहले अपना काउन्टर बंद कर चले जाते हैं। जिससे कई मरीजों को दवाई लेने के दूसरे दिन वापस काउंटर में लाइन लगाकर लेना पड़ता है।मरीजों को घंटाें करना पड़ता है इंतजारछोटी बीमारी तक के लिए भिलाई रेफर कर देते हैंधीरे-धीरे बीएसपी अस्पताल अब मात्र 24 बेड पर सिमट कर रह गया। 12 बिस्तर पुरुष व महिलाओं के 12 बिस्तर लगाया गया है। वर्तमान में महिला एवं पुरुष वार्ड में एक भी मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। मरीज को आपातकालीन स्थिति में चिकित्सक बिना जांच के रेफर कर देते हैं। जिसके कारण बेड खाली पड़ा रहता है। छोटी बीमारी के लिए भिलाई रेफर कर दिया जाता है।एम्बुलेंस बीच रास्ते में ही कभी भी हो जाती है खराबबीएसपी द्वारा संचालित एंम्बुलेंस कंडम हो चुकी है। जिसके सहारे मरीजों को सेक्टर 9 रेफर किया जाता है। एम्बुलेंस बीच रास्ते में ही खराब हो जाती है। जिससे मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। एक ओर प्रबंधन माइंस क्षेत्र में उत्पादन काे बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से नई-नई मशीन लगा रही है। लेकिन बीएसपी कर्मचारियों के लिए ठेके पर एम्बुलेंस चला रही है।बीएसपी कर्मचारी अपना इलाज निजी अस्पतालों में कराने में विश्वास रखते हैं। केवल गरीब व मजदूर ही बीएसपी अस्पताल में पहुंचते हैं। उन्हें भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा भिलाई सेक्टर 9 रेफर करने की बात करते हैं। सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचता है तो वहां के चिकित्सकों द्वारा जांच करते ही मरीज की हालत सामान्य हाेने पर वापस राजहरा भेज दिया जाता है। एक मात्र मेडिसिन चिकित्सक हेड बन कर बैठे हैं, जो अस्पताल मेें कभी भी समय पर उपस्थित नहीं रहता। इनके अनुशरण में अस्पताल के सभी कर्मचारी अपना टाइम टेबल व कर्तव्य भूल चुके हैं। अस्ताल में मरीजों को घंटाें इंतजार करना पड़ता है। इंताजर में अस्पताल बंद होने का समय आ जाता है जिससे बिना इलाज के मरीज लौट जाते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें वरना दुकानें सील की जाएगी By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:52:00 GMT कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी और नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया है, कि लाॅकडाउन के दौरान संचालन के लिए छूट दी गई समस्त दुकानों में मार्किंग कराकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराते हुए संचालकों एवं ग्राहकों को व्यवसाय के दौरान मास्क व हैण्डवाॅश, सैनिटाइजर के उपयोग को अनिवार्य किया जाए।कलेक्टर ने रानू साहू ने कहा कि कार्यालयीन आदेश के माध्यम से जिले में लाॅकडाउन 17 मई तक बढ़ाते हुए जिले के भीतर प्रतिबंधित दुकानों के अलावा अधिकांश दुकानें खोल दी गई है। निरीक्षण में पाया गया कि संचालित की जा रही दुकानों में अनावश्यक ज्यादा भीड़ पाई गई साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मार्किंग नहीं किया गया है। दुकानों में दुकानदार/ग्राहक द्वारा सामग्री छुकर दे रहे हैं वहां पर सैनिटाइजर, हैण्डवाॅश की भी व्यवस्था नहीं की गई है।कलेक्टर रानू साहू ने कहा कि निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाएं। निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर दुकानों को तत्काल सील करने की कार्रवाई करें Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news नहीं हो रहा मोतियाबिंद का ऑपरेशन, 500 को आंखों की रोशनी का इंतजार By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:54:00 GMT कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन होने के बाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (मेकाहारा) में हर रोज काफी भीड़ लग रही है। यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है। इसे देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस से सहयोग मांगा है। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ पीएम लूका ने बताया कि अभी मेडिकल कॉलेज की नई बिल्डिंग में ओपीडी की शिफ्टिंग नहीं कराई जा सकती है। वहां पर अभी कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है, इसे देखते हुए अभी मेकाहारा में भीड़ को डायवर्ट करने के लिए रामभाठा स्थित जिला हॉस्पिटल के ओपीडी में भी कुछ मरीजों को भेजा जा सकता है, वहां पर भी डॉक्टर्स हर रोज बैठते हैं। इसे लेकर मेडिकल सुपरिटेंडेंट से बातचीत करने के बाद इस पर तैयारी करके वहां पर हॉस्पिटल की ओपीडी को भी अच्छे से शुरू करने के लिए कहा जाएगा।रामभाठा हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा नहींजिला हॉस्पिटल भवन में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल खुलने के बाद रामभाठा के पीएचसी में जिला हास्पिटल शिफ्ट किया लेकिन वहां सुविधा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।डीन बोले- रामभाठा हाॅस्पिटल की ओपीडी में भेजेंकुछ मरीजमेकाहारा में पहले लॉकडाउन से ही मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, नासूर के आपरेशन बंद हैं। इतना ही नहीं मरीजों को चश्मे का नंबर तक नहीं मिल पा रहा है। डॉक्टरों ने स्थिति सामान्य न होने तक सभी तरह के आंखों के आपरेशन पर रोक लगा दी। मेकाहारा में सामान्य दिनों में आंखों की जांच कराने के लिए प्रतिदिन 200 से 250 मरीज पहुंचते थे। इनमें प्रतिदिन 10 से 15 मरीजों की जांच और परीक्षण करने पर मोतियाबिंद, नासूर, सबल बाई (ग्लूकोमा) पाया जाता था। ऐसे मरीजों को प्राथमिक इलाज के बाद निश्चित समय देकर ऑपरेशन के लिए बुलाया जाता था। 24 मार्च से लॉकडाउन हो जाने के कारण इस तरह के मरीजों का आपरेशन रोक दिया गया। ओपीडी में न तो इनका इलाज किया जा रहा है और नहीं इनके आपरेशन हो पा रहे हैं। नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों ने इन्हें लॉकडाउन तक सावधानी के तौर पर लिखी गई दवाइयों का इस्तेमाल करने और धूप, धूल, धुआं से परहेज करने की हिदायत दी है। दो माह का समय बीत जाने के बाद भी लॉकडाउन खुलने की स्थिति साफ नहीं हो सकी है। जिसके चलते अब अस्पताल पहुंच रहे लोगों को बारिश बाद यानी अगस्त में आपरेशन कराने की सलाह दी जा रही है।500 ऑपरेशन लंबित हैं"मेकाहारा में सामान्य ओपीडी चल रही है, एलर्जी सहित सामान्य समस्या वाले मरीजों का परीक्षण कर इलाज किया जा रहा है। प्रतिमाह ढाई सौ के करीब आपरेशन हो जाते थे। मार्च और अप्रैल में आपरेशन होने से लगभग 500 मरीजों के आपरेशन लंबित हैं। लॉकडाउन की वजह से सभी तरह के आपरेशन रोक दिए गए हैं। अस्पताल आने वाले मरीजों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।"- डॉ. मीना पटेल, नेत्र सर्जन Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news सरकार ने सड़क सुधारने निगम को दिए ढाई करोड़ रुपए, जो सड़कें ठीक वे भी फिर बनेंगी By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:57:00 GMT शहर के पांच सड़क को बनाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने करीब 2 करोड़ 40 लाख रुपए स्वीकृति दी है। नगर निगम को मंगलवार को इसका स्वीकृति पत्र नगरीय प्रशासन विभाग से मिला। इसमें करीब 5 सड़कों के नए निर्माण के लिए यह राशि मिली है, लेकिन जिन सड़कों को बनाने के लिए यह राशि मिली है, उसमें से कई सड़कें अच्छी हालत में हैं, फिलहाल इनके सुधार की जरूरत भी नहीं है। लेकिन नगर निगम के इंजीनियरों ने बिना किसी प्लानिंग के इसका एस्टिमेट बनाकर राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था। हालांकि सभापति जयंत ठेठवार का कहना है कि शहर की जो सड़कें खराब है वे सड़कें ही बनाई जाएंगी। जो सड़कें सही हैं उनपर राशि खर्च नहीं होगी। इन सड़कों को स्वीकृति के लिए नगरीय निकाय चुनाव के पहले भेजा गया था, इसमें मेयर इन काउंसिल की स्वीकृति भी नहीं ली गई थी। जिसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने वापस सड़कों को बनाने का प्रस्ताव को वापस भेजकर एमआईसी स्वीकृति करा वापस मांगा था। इसमें केलोब्रिज से चक्रधर नगर चौक तक बीटी सड़क के लिए 49 लाख 50 हजार रुपए, हंडी चौक से ओवरब्रिज और ओवरब्रिज के बगल की सड़क बनाने के लिए 48 लाख 13 हजार रुपए कुल एक करोड़ रुपए दोनों सड़कों के लिए स्वीकृत किए गए हैं।जोगीडीपा से सिद्धी विनायक चौक तक 49 लाख 12 हजार, रियापारा चौक से वाटर वर्ल्ड तक सड़क के लिए 49.75 लाख और वार्ड नंबर 8 में जेबा फार्म हाऊस से बड़े रामपुर तक की सड़क के लिए 44 करोड 17 लाख रुपए मिला है। इसमें भी कुछ सड़कों की स्थिति सही है। इन सड़कों में डामर बेस लेयर डालकर ही सड़कों को मरम्मत कराने की बात कही जा रही है। बची हुई राशि में दूसरे सड़कों का मरम्मत कराने की बात कही जा रही है। इन सड़कों का टेंडर प्रोसेस शुरू करने के बाद इनका काम जून में मानसून के पहले सड़कों का काम चालू कराया जाएगा।जर्जर सड़कों को बनाएंगे, प्राक्कलन भेज चुके है"पांच सड़कों के लिए करीब 2 करोड 40 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। इसमें कई सड़कें काफी अच्छी है इसके निर्माण के लिए फिर से स्वीकृति मिली है। इस पर विधायक ने भी नाराजगी जताई थी। लेकिन हम जो सड़कें खराब है उसे बनाएंगे। जो सड़ के थोड़ी बहुत खराब होगी उसमें डामर की बेस लेयर डालकर मरम्मत कराएगे। दूसरी सड़कों का प्राक्कलन हम सरकार के पास भेजे भी है।"-जयंत ठेठवार, सभापति, नगर निगम Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news दानदाता घटे सिर्फ 1 हजार राशन पैकेट्स बचे By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:59:00 GMT लॉकडाउन 3 लगने के बाद राहत कोष में भी फूड पैकेट आने कम हो गए हैं। मंगलवार को पुलिस और निगम को सीधे 880 पैकेट भोजन वितरित करने को मिले। आकड़ों के अनुसार हर रोज 24 सौ लोगों को यह दिया जाता था। सामाजिक संस्थाएं लॉकडाउन 2 तक ही इसकी प्लानिंग की थी। फिलहाल अनाथालय स्थित कोष में अभी सिर्फ 1 हजार पैकेट सूखा राशन ही शेष रह गया है। बाजार खुलने और ज्यादा मजदूरों के काम पर लौटने के कारण दान का सामान कम आ रहा है। 40 दिनों में विभिन्न संस्थाओं के सहयोग के माध्यम से 11 हजार 800 पैकेट सूखा राशन लोगों तक पहुंचाए गए। इनमें से 35 सौ लोगों को साढ़े 7 किलो वाले पैकेट्स और 83 सौ लोगों को 5 किलो वाला वाले पैकेट्स बांटे गए। जिनमें चावल, दाल, प्याज, नमक और साबुन शामिल रहे।लॉकडाउन 2 के बाद भी स्थिति नहीं है स्पष्टलॉकडाउन 2 की समाप्ति तक ही सामाजिक संस्थाओं ने राहत के लिए फूड पैकेट बनाने की व्यवस्था की थी। रोजाना जहां 2400 पैकेट के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक पका भोजन पहुंचाया जाता। लॉकडाउन 3 लगने के बाद अनाथालय स्थित राहत कोष में एक भी पैकेट भोजन नहीं पहुंच रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब आगे की स्थिति स्पष्ट नहीं है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news राउरकेला से पति लौटा तो पत्नी ने घर में घुसने नहीं दिया, कहा- पहले अपनी जांच कराइए... फिर निगम की टीम को खुद फोन कर बुलाया By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:00:00 GMT कोरोना संक्रमणकाल में लोग कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहते। इसके लिए भले क्यों न उन्हें अपनों से दूर होना पड़ा। ऐसा ही एक मामला खुर्सीपार का आया है। जहां एक महिला ने राउरकेला से आए पति को घर में घुसने नहीं दिया। महिला का तर्क था कि पहले मेडिकल जांच कराइए।जागरूकता की मिसाल पेश करने वाली महिला पूर्णिका कौर खुर्सीपार सेक्टर-11 है। निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के लिए बुलाया। देर शाम टीम पहुंच गई है। उन्हें क्वारेंटाइन में भेजा है।बाहर बैठे भूख लगी तो पत्नी ने दूर से ही रोटी-सब्जी दियाजब पति को घर के बाहर में बैठे-बैठे भूख लगी तो पत्नी ने रोटी-सब्जी बनाई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर के आंगन में ही रोटी-सब्जी दी। फिर तत्काल इसकी सूचना जोन-4 आयुक्त प्रीति सिंह व अन्य अधिकारियों को दी। निगम पीआरओ पीसी सार्वा ने कहा, कोरोना वायरस के संक्रमण रोकथाम और बचाव के लिए महिला ने अपनी अहम जिम्मेदारी निभाई हैं। महिला के घर में तीन बच्चे भी निवासरत है। आज की इस समय में ऐसे ही सतर्क एवं जागरूक नागरिकों की आवश्यकता है।अलग-अलग वाहनों से लिफ्ट लेकर पहुंचा हैनिगम पीआरओ पीसी सार्वा ने बताया कि महिला ने जानकारी दी है कि पति सुखदेव सिंह राउरकेला (ओडिशा) से विभिन्न वाहनों से लिफ्ट लेकर भिलाई पहुंचा है। पहुंचने के बाद महिला के मोबाइल से संपर्क किया गया। महिला ने तत्काल घर आने का आग्रह किया। घर के बाहर ही पति को रखा। घर के भीतर प्रवेश करने नहीं दिया। पति को भूख लगने पर महिला ने रोटी-सब्जी बनाई और सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए घर के बाहर ही भोजन दिया।कोई रिस्क लेना नहीं चाहती, इसलिए जांचमहिला ने बताया कि निगम द्वारा किए जा रहे प्रचार प्रसार के माध्यम से उन्हें बाहर से आए हुए व्यक्तियों की सूचना देने की जानकारी मिली थी। निगम द्वारा जारी किए गए मोबाइल नं. प्राप्त हुए हैं। नोवल कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण में भूमिका निभाते हुए तथा शासन का सहयोग करते हुए महिला ने बिना देरी किए भिलाई निगम को सूचना दी। शाम को जांच टीम पहुंच गई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today When the husband returned from Rourkela, the wife did not allow him to enter the house, said- first do your investigation… then call the corporation team yourself Full Article
india news शादी में शामिल होने महाराष्ट्र गई थी महिला, लिफ्ट लेकर लौटी बेटी की रिपोर्ट निगेटिव, पति व भाई को भेजा क्वारेंटाइन सेंटर By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:04:00 GMT मंगलवार को जिले में मिली कोरोना पॉजीटिव 26 वर्षीय महिला भंडारा (महाराष्ट्र) में हुई शादी से सोमवार को फरीद नगर (भिलाई) लौटी थी। जिला अस्पताल की फीवर क्लीनिक में अपने करीब डेढ़ साल की बेटी सहित जांच कराने पहुंची तो उसे ट्रेस किया जा सका। रेड जोन की ट्रेवलिंग हिस्ट्री के साथ कोरोना का सिमटम मिलने के कारण आनंद मंगलम मैरिज हॉल, दुर्ग में संचालित आइसोलेशन सेंटर भेज दी गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने उसके साथ ही उसके बच्चे की कोरोना जांच के लिए भी सैंपल भेजा था। सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह के मुताबिक बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बताया कि महिला कुछ दिनों पूर्व महाराष्ट्र के भंडारा में अपने किसी रिश्तेदार के यहां हुई शादी में शिरकत करने गई थी। सोमवार को बिना ई-पास के दुर्ग पहुंच गई। उसके पॉजीटिव आने के बाद वह महिला के जिले की सीमा में प्रवेश करने के से लेकर फरीदनगर पहुंचने और फिर जिला अस्पताल जाने के दौरान उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को ब्योरा जुटाया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने महिला के पति और उसकी डेढ़ साल की बेटी को क्वारेंटाइन करा दिया है। स्वास्थ्य विभाग कांटेक्ट हिस्ट्री तैयार कर रहा है। जिले में किसी महिला को कोरोना होने का पहला मामला है।बच्ची की वजह एम्स रायपुर में शिफ्ट करने में हुई देरीअब तक मिले पॉजीटिव केस को सूचना मिलते ही जिला प्रशासन एम्स शिफ्ट करा देता रहा है। लेकिन महिला को शिफ्ट करने में उसके बच्चे की वजह काफी देरी हुई। क्योंकि बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव और मां की पॉजीटिव आई है। काफी देर तक इसी को लेकर अधिकारी जद्दोजहद करते रहें। बताया गया कि देर रात को पति और उसके बच्चे को क्वारेंटाइन किया गया।पत्नी से मिलकर लौटा और 20 लोग से मिला पतिपत्नी की जांच के लिए जिला अस्पताल गया पति उसे आइसोलेशन सेंटर में भेजने के बाद फरीदनगर के फुड़कीपारा अपने घर लौटा। यहां साथ में रह रहे पिता और छोटे भाई, उसकी पत्नी और दो बेटे संपर्क में आए। वह चिंताराम चौक पर रहने वाले अपने बड़े भाई, उनकी पत्नी और चार बच्चों से भी मुलाकात किया। उसने करीब 20 लोगों से मुलाकात की।तकियापारा मायका तो फरीदनगर है ससुरालजानकारी मिली कि तकियापारा दुर्ग में महिला का मायका है। भंडारा से लौटने के बाद वह अपने मायके के लोगों के संपर्क में आई है। उसके पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मायके के लोगों को भी काउंसिलिंग के लिए बुलाया है। पति और भाई को आइसोलेट किया गया है। इधर फरीदनगर इलाके में निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम देर रात तक पहुंच रही थी।आइसोलेशन में थी महिला, पॉजिटिव आई तो एम्स में शिफ्ट कराया गया"सोमवार को फरीद नगर की रहने वाली महिला महाराष्ट्र से दुर्ग आई। जिला अस्पताल की फीवर क्लीनिक से उसका सैंपल लेकर आइसोलेशन सेंटर भेज दिया गया था। मंगलवार की शाम उसकी रिपोर्ट आई तो पाजीटिव होने की जानकारी मिली। प्रोटोकॉल के अनुसार एम्स में शिफ्ट करा दिया गया है।"-अंकित आनंद, कलेक्टर, दुर्ग18 महीना की बेटी साथ में थी:- महिला के साथ उसके 18 महीने की बेटी साथ थी। उसका भी सैंपल लिया गया। मंगलवार को उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन उसे व पति को क्वारेंटाइन किया गया है।महिला आनंद मंगल भवन आइसोलेशन सेंटर में थी। जैसे ही पॉजिटिव की सूचना मिली स्वास्थ्य विभाग उसे एम्स शिफ्ट करने के लिए सेंटर पहुंची। जहां उसे एम्स ले जाने से पहले एंबुलेंस को पूरी तरह सैनिटाइज किया गया। इस प्रोसेस में काफी वक्त भी लगा। ताकि किसी प्रकार का संक्रमण का खतरा न रहे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Woman went to Maharashtra to attend marriage, report of daughter returned after taking lift, sent quarantine center to husband and brother Full Article
india news पेट्रोल पंप की महिलाकर्मी से छेड़छाड़, भेजा जेल By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:08:00 GMT जामुल थाना अंतर्गत संचालित पेट्रोल पंप में कार्यरत महिला कर्मी से छेड़छाड़, मारपीट, गाली-गलौच व धमकी का मामला प्रकाश में आया है। मामले में रामनगर निवासी आरोपी विजय चंद्राकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया है। उसके विरुद्ध धारा 294, 506, 323, 354 के तहत कार्रवाई की गई। आरोपी युवक महिला से उधार में पेट्रोल दिए जाने को लेकर उलझ पड़ा था। इसके बाद उसने महिला कर्मी से दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को पकड़ा। उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की रिमांड में जेल भेज दिया गया।थाना प्रभारी लक्ष्मण कुमेठी ने बताया कि आरोपी विजय चंद्राकर (26 वर्ष) सोमवार शाम 4 बजे आम्रपाली वनांचल सिटी चौक के पास गौरव पेट्रोल पंप में बाइक से पेट्रोल लेने पहुंचा। उस दौरान मौजूद वैशाली नगर निवासी महिलाकर्मी से बाइक में 50 रुपए की पेट्रोल डलवा ली। पैसे मांगने पर आरोपी ने उधार खाते में लिखने की बात कही। इस पर महिलाकर्मी ने उधार देने से इंकार कर दिया। आक्रोशित होकर आरोपी ने गाली-गलौच शुरू कर दी। साथ ही मारपीट करने लगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news दूसरे राज्यों से लौटने वालों के लिए बनेगा क्वारेंटाइन सेंटर By Published On :: Wed, 06 May 2020 00:18:00 GMT कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर शासन सावधानी बरत रहा है। स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने कलेक्टर, सीएमएचओ को आदेश जारी कर दूसरे राज्यों से जिले में लौटने वाले मजदूरों को ग्राम पंचायत में क्वारेंटाइन पर रखने के निर्देश दिए है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को ऐसे लोगों की स्वास्थ्य जांच करने कहा गया है। ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान हो सके। दूसरे राज्यों से पहुंचने वाले लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के लिए निर्देश हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में बाहर से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन के लिए क्वारेंटाइन सेंटर चिन्हांकित किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही क्वारेंटाइन सेंटर गांव के बाहर बनाने कहा गया है। क्वारेंटाइन सेंटर से कोई भी लोग बाहर न जाए इसके लिए व्यवस्था बनाने कहा गया है। इसके लिए क्वारेंटाइन सेंटर के चारों ओर बेरिकेडिंगेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे कराने कहा गया है। इसकी निगरानी ग्राम पंचायत सचिव, कोटवार निगरानी करेंगे। क्वारेंटाइन सेंटर सामुदायिक भवन, स्कूल में बनाने पर सेंटर के अंदर भी अलग-अलग खण्ड बनाने कहा गया है। ताकि पाॅजिटिव मरीज के पहचान होने पर उसे तत्काल दूसरे खंड में शिफ्ट किया जा सके। ऐसे लोगों के लिए नहाने और शौचालय के लिए व्यवस्था बनाने कहा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news क्वारेंटाइन में रखने को ले दो गांवों के लोगों में विवाद By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:48:00 GMT बाहर से गांव वापस आये युवकों को क्वारेंटाइन में रखने को लेकर दो अलग-अलग गांवों के लोगों के बीच विवाद हो गया। बढ़ते विवाद को देख लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जिसके बाद सूचना मिलते ही देवरी बीडीओ सह सीअो सुधीर कुमार व थाना प्रभारी अनूप रोशन भेंगरा दल बल के साथ मौके पर पहुंच कर मामला शांत कराते हुए बाहर से आये युवकों को होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया।मामला देवरी थाना क्षेत्र के नेकपुरा पंचायत के मकडीहा गांव की है जहां मंगलवार को देवपहाडी व मकडीहा में सूरत सहित अन्य राज्यों से आये युवकों को क्वारेंटाइन में रखने को लेकर दोनों गांवों के लोगों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। जिसके बाद देवरी प्रशासन को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच कर मामला शांत कराया। बताया जाता है कि देवपहाड़ी व मकडीहा में दर्जनों युवक सूरत सहित अन्य राज्यों में लॉकडाउन में फंसा हुआ था जो मंगलवार सुबह वापस अपना घर आया। जिसके बाद मकडीहा गांव के ग्रामीणों ने मकडीहा गांव के बाहर से आये युवकों को घर में घुसने सेमना करते हुए देवपहाड़ी गांव स्थित मॉडल विद्यालय में चौदह दिन तक क्वारेंटाइन में रहने को कहा। जिसके बाद दोनों गांवों के युवकों के बीच विवाद उतपन्न हो गया। बढ़ते विवाद को देख कुछ लोगों ने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी।सूचना मिलते ही बीडीओ सह सीओ सुधीर कुमार, थाना प्रभारी अनूप रोशन भेंगरा दल बल के साथ मौके पर पहुंच कर मामला को शांत कराया। बाहर से आए युवकों को होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news जो गोले शराब लेने वालों के लिए बनाए, उसी में खड़ी हुईं महिलाएं और शुरू किया नशे के खिलाफ आंदोलन; 3 दिन से नहीं खुल सका ठेका By Published On :: Wed, 06 May 2020 12:12:49 GMT कापन गांव की देशी शराब दुकान तीसरे दिन भी नहीं खुल सकी। वजह हैं-यहां की महिलाएं। हर रोज सुबह दुकान खुलने के समय से लेकर बंद होने के वक्ततक यहां प्रदर्शन किया जा रहा है। बुधवार को इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए पास के गांव मौहाडीह औरमुड़पार की महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंचीं। जिन गोलों को प्रशासन ने शराब लेने आने वालों के लिए बनवाया था, महिलाएं उसी मेंखड़ेहोकर प्रदर्शन कर रही हैं। सोशल डिस्टेंसिंग की समझ और नशे के खिलाफ जागरुकता देख प्रशासन भी इन पर सख्ती नहीं दिखा पा रहा है।आंदोलन मेंदिव्यांग महिला भी आईदिव्यांग कुमारी कश्यप भी अपनी ट्राइसिकिल से विरोध करने पहुंचीं। करीब 7 घंटे तक दुकान के बाहर यूं ही डटी रहीं।विरोध कर रहीं माधुरी बाई औरमीना बाई ने कहा- अधिकारी हमारी बात नहीं सुन रहे। हमारे इस प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन ने दुकान को हटाने का फैसला नहींलिया। देशी शराब दुकान को बंद करने के लिए जब तक आदेश जारी नहीं किया जायेगा, गांव की महिलाओं का धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। हर रोज महिलाएं यहीं बैठकर अपना वक्त बिता रही हैं। सभी के हाथ में दुकान को हटाए जाने की मांग लिखी तख्तियां होती हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर कापन गांव की शराब दुकान के बाहर हो रहे विरोध की है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ महिलाएं यह सोशल जवाबदारी निभा रही हैं। Full Article
india news लॉकडाउन का उल्लंघन करने की वजह से 25 दुकानें सील, बिना यूनिफॉर्म के पुलिसकर्मी कर रहे निगरानी By Published On :: Wed, 06 May 2020 12:54:32 GMT शहर की 25 दुकानों को पुलिस और जिला प्रशासन ने सील कर दिया। एक दिन पहले मंगलवार को ही इन दुकानों को जांच की गई थी। दुकानदार ना तो खुद मास्क पहन रहे थे, ना ही लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवा रहे थे। पुलिस के लोग बिना यूनिफॉर्म पहने दुकानों की निगरानी कर रहे हैं। कुछ जगहों पर ग्राहक बनकर पहुंच रहे हैं और हालात का जायजा ले रहे हैं। रायगढ़ एसपी संतोष कुमार सिंह ने खुफिया निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि उल्लंघन करने वालों को पकड़ा जा सके।जिले के थाना खरसिया के इलाके में 3, सारंगढ़ में 5 औरघरघोड़ा में 4 दुकानों में अनियमितता पाईगई जिन्हें सील किया गया है । सारंगढ़ थाना क्षेत्र में 5 दुकानों को सील किया गया है। इस तरह अलग-अलग इलाकों में कुल25 दुकान संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। एक ब्यूटी पार्लर का संचालक बिना निर्देशों के दुकान खोलकर लोगों को सेवाएं दे रहा था। इसके खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है। एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि यह कार्यवाही लगातार शहर और तहसील स्तर पर जारी रहेगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर उस वक्त की है जब रायगढ़ में दुकानें सील की जा रही थीं। अधिकारियों ने कह दिया- लोग समझ नहीं रहे इसलिए यह कार्रवाई जारी रहेगी। Full Article
india news अब बिना लक्षण के कोरोना जांच नहीं, भिलाई का फरीदनगर कंटेंटमेंट जोन घोषित; महिलाओं ने किया प्रदर्शन By Published On :: Wed, 06 May 2020 13:05:00 GMT छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अब बिना लक्षण दिखे काेरोना टेस्ट नहीं किया जाएगा। इसको लेकर कलेक्टर अंकित आनंद ने आदेश जारी कर दिए हैं। जिले में हर दिन 60 से अधिक सैंपल लिए जा रहे थे। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने फरीदनगर को कंटेंटमेंट जोन घोषित कर दिया है। इलाके को सील कर दिया गया है। दुकानें और बाजार नहीं खुल सकेंगे। लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है।भिलाई के फरीदनगर को कंटेंटमेंट जोन घोषित किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बारे में पूछ रही। साथ ही बीमार लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं।दरअसल, भिलाई में संक्रमित मिली महिला फरीदनगर की रहने वाली है। इसके बाद बुधवार दोपहर प्रशासन ने उसे कंटेंटमेंट जोन घोषित कर दिया और सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी। क्षेत्र में वाहनों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घरों से बाहर निकलना मना है। प्रशासन की ओर से जरूरी सामानों की होम डिलीवरी की जाएगी।स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार, आवश्यक सर्विलांस, कांटेक्ट ट्रेसिंग और सैंपल जांच की कार्रवाई की जा रही है। क्षेत्र में बैरीकेडिंग, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व सैनेटाइजेशन व्यवस्था, एक्टिव सर्विलांस, स्वास्थ्य टीम को एसओपी के अनुसार दवा, मास्क उपलब्ध कराने और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पर्यवेक्षण के लिए जोन कमिश्नर को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है।लोगों के पास खाने की व्यवस्था नहीं, थाने का किया घेराववार्ड 27 और 26 के कंटेंटमेंट एरिया में रहने वाले ज्यादातर लोग मजदूरी करते हैं या फिर कंपनी कर्मचारी हैं। प्रतिबंधित क्षेत्र में होने के कारण उनके पास काम नहीं है। पैसे नहीं होने के कारण वे राशन भी नहीं खरीद पा रहे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से उन्हें कोई सुविधा नहीं मुहैया कराई गई है। इसको लेकर लोगाें ने पहले स्थानीय पार्षद पीयूष मिश्रा के सामने अपनी समस्या रखी।लोगों ने पुलिसकर्मियांे पर भी अभद्रता का आरोप लगाया। कहा, पुलिस वालों को परेशानी के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि जिंदा रहने के लिए ताे इंसान कंकड़-पत्थर भी खा लेता है। साथ ही कहा, बिना मूल्य दिए किसी को भी कोई सामग्री देने का अभी कोई प्रावधान नहीं है। इसके बाद गुस्साई महिलाओं ने थाने का भी घेराव किया। स्थानीय पार्षद ने उनकी समस्याओं के जल्द निराकरण का आश्वासन दिया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अब बिना कोरोना के लक्षण दिखे सैंपल टेस्ट नहीं किए जाएंगे। वहीं कंटेंटमेंट जोन घोषित किए गए वार्ड में राशन व सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज महिलाओं ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया। Full Article
india news भिलाई में पति 425 किमी दूर से लिफ्ट लेकर घर लौटा, तो पत्नी ने अंदर नहीं घुसने दिया, कहा- पहले जांच कराइये By Published On :: Wed, 06 May 2020 13:16:03 GMT छत्तीसगढ़ के भिलाई में कोरोना से बचने के लिए एक महिला ने पति को ही घर में नहीं घुसने दिया। उसका पति ओडिशा के राउरकेला से करीब 425 किमी की दूरी तय करके घर पहुंचा था। महिला ने उसको पहले मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा। खुर्सीपार सेक्टर-11 निवासी पूर्णिका कौर ने निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के लिए बुलाया। देर शाम टीम पहुंची और उसके पति को क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया।अलग-अलग वाहनों से लिफ्ट लेकर पहुंचानिगम पीआरओ पीसी सार्वा ने बताया कि महिला ने जानकारी दी है कि पति सुखदेव सिंह राउरकेला से विभिन्न वाहनों से लिफ्ट लेकर भिलाई पहुंचा। महिला ने पति को घर के बाहर ही रखा था। अंदरप्रवेश नहीं करने दिया।महिला के घर में तीन बच्चे भी हैं।बाहर बैठे भूख लगी तो दूर से ही रोटी-सब्जी दीजब पति को घर के बाहर बैठे-बैठे भूख लगी तो पत्नी ने रोटी-सब्जी बनाई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खाना दिया। फिर इसकी सूचना जोन-4 आयुक्त प्रीति सिंह औरअन्य अधिकारियों को दी।उसने तत्काल घर आने का आग्रह किया।निगम पीआरओ सार्वा कहते हैं किकोरोना संक्रमण रोकथाम और बचाव के लिए महिला ने अपनी अहम जिम्मेदारी निभाई है।कोई रिस्क लेना नहीं चाहती, इसलिए जांच करवाईमहिला ने बताया कि उन्हें बाहर से आए हुए व्यक्तियों की सूचना देने की जानकारी दी गईथी। निगम से जारी किए गए मोबाइल नंबर प्राप्त हुए हैं। इसके चलते उसने शासन का सहयोग करते हुए भिलाई निगम को सूचना दी। शाम को जांच टीम पहुंच गई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक युवक जब ओडिशा से अपने घर पहुंचा तो पत्नी से उसे अंदर नहीं आने दिया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम बुलवाई और उसकी जांच कराकर क्वारैंटाइन सेंटर भिजवाया। Full Article
india news सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकराई बाइक, पुलिस कांस्टेबल की मौत; बीमार सीएएफ जवान को अस्पताल ले जा रहा था By Published On :: Wed, 06 May 2020 13:19:50 GMT छत्तीसगढ़ के बलरापुर में मंगलवार देर रात हुए सड़क हादसे में एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई। पुलिस कांस्टेबल ड्यूटी के दौरान बीमार हुए सीएएफ जवान को बाइक पर अस्पताल ले जा रहा था। इसी दौरान सड़क किनारे ट्रक से उसकी बाइक टकरा गई। हादसे में सीएएफ जवान गंभीर रूप से घायल हो गया है। उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।जानकारी के मुताबिक, शंकरगढ़ थाने में पदस्थ कांस्टेबल आदर्श बखला और सीएएफ जवान कुलदीप मिंज की लॉकडाउन ड्यूटी डीपाडीह बादा क्षेत्र में लगी थी। इस दौरान जवान कुलदीप मिंज की तबीयत खराब हो गई। इस पर कांस्टेबल आदर्श उसे बाइक पर बिठाकर मंगलवार देर रात करीब 11 बजे डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल ले जा रहा था।इसी दौरान रास्ते में जमडी के पास सड़क किनारे खड़ी ट्रक से उसकी बाइक जा टकराई। हादसे में कांस्टेबल आदर्श की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सीएएफ जवान कुलदीप मिंज गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें अस्पताल लेकर गई। जहां सीएएफ जवान की हालत गंभीर देख उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में मंगलवार देर रात सड़क किनारे खड़े ट्रक से बाइक टकराने से पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई। Full Article
india news कोटा से आकर बिलासपुर में क्वारैंटाइन किए गए छात्रों की घर वापसी, परिजन के चेहरों पर खुशी By Published On :: Wed, 06 May 2020 14:56:00 GMT कोटा में पढ़ रहे दुर्ग जिले के बच्चे बुधवार को घर लौट आए। 7 दिन पहले यह राज्य वापस आ चुके थे। लेकिन बिलासपुर में बने क्वरैंटाइन सेंटर में इन्हें रखा गया था। परिजन लगातार बच्चों को होम क्वारैंटाइन पर भेजने की मांग कर रहे थे। सभी छात्र-छात्राएं बिलासपुर से बीआईटी परिसर पहुंच गए। इन छात्र-छात्राओं को लेने उनके अभिभावक बीआईटी पहुंचे। बातचीत में छात्र-छात्राओं ने बताया कि हमारे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि हम अपने घर वापस आ गए। छात्र-छात्राओं ने कहा कि उन्हें बिलासपुर में क्वारंटीन कर रखा गया था। यहाँ रहने एवं खाने-पीने का अच्छा प्रबंधन जिला प्रशासन ने किया था।अभिभावकों ने कहा कि कोटा में जब हमारे बच्चे फंसे थे तो हर पल बहुत मुश्किल से गुजरा। जब बस से बच्चे छत्तीसगढ़ आए तो हमने राहत की सांस ली। कोटा में मेडिकल की तैयारी के लिए गई भारती ध्रुव के भाई हितेंद्र ध्रुव ने बताया कि मुझे बहन के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंता थी। आदित्य चंद्राकर ने बताया कि कोटा में फंसे होने की वजह से चिंता के कारण भी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि दुर्ग में सूरजपुर जिले के बच्चे रखे गए थे। उन्हें भी अपने गृह जिले के लिए रवाना हुए। लड़कियों को विज्ञान विकास केंद्र एवं लड़कों को रूंगटा कालेज में रखा गया था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today दुर्ग पहुंचने के बाद बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें घर भेज दिया गया। Full Article
india news युवक ने रस्सी से हाथ-पैर बांधकर पिता का रेत दिया गला, जमीन बेचने को तैयार नहीं था वृद्ध By Published On :: Wed, 06 May 2020 16:13:00 GMT छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जमीन विवाद में एक युवक ने अपने वृद्ध पिता का हाथ-पैर बांधकर हंसिया से गला रेत कर हत्या कर दी। इसी जमीन के झगड़े के कारण माता-पिता अपना घर छोड़कर बेटी के यहां रहने चले गए थे। पिता राशन लेने के लिए गांव पहुंचे तो युवक से मिलने चले गए थे। घटना हिर्री क्षेत्र के ग्राम झलफा की है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है।जानकारी के मुताबिक, ग्राम झलफा निवासी दिलीप बंजारे (33) अपने पिता भुखउ लाल बंजारे (70) के साथ मंगलवार को झगड़ा कर रहा था। दोनों एक ही कमरे में थे। इसके बाद उसने रस्सी लाकर अपने पिता का हाथ-पैर बांध दिया और हंसिया लाकर उसका गला रेतने लगा। शोर सुनकर ग्रामीण पहुंचे तो दिलीप अपने पिता को गंभीर हालत में छोड़कर दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया।ग्रामीणों ने समझाया तो उन्हें भी धमकी देने लगाहाथ में खून से सना हंसिया और घर के अंदर से उसके पिता की आवाज सुन ग्रामीणों को समझते देर नहीं लगी। उन्होंने दिलीप को समझाइश देने का प्रयास किया तो वह गांववालों को ही मारने के लिए धमकाने लगा। इस पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची और घर के अंदर भुखउ लाल बंजारे की खून से लथपथ लाश पड़ी थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।राशन लेने गांव गया था, बेटे ने कर लिया विवाददिलीप कुमार की शादी नहीं हुई थी। वह जुए और शराब का आदी था। इससे परेशान होकर भुखउ अपने पत्नी सहित बोड़सरा में जाकर बस गया था। वहां जमीन खरीदकर उसने घर बना लिया। उसकी बेटी की शादी भी बोड़सरा में हुई थी। भुखउ का राशन कार्ड झलफा से बना था। वह राशन लेने आया तो दिलीप से मिलने पहुंच गया। वहां जमीन को लेकर फिर दिलीप ने विवाद शुरू कर दिया।सिपाही को भी दौड़ाया बाद में किया सरेंडरबताया जा रहा है कि आरोपी दिलीप ने जब पिता का गला रेता तो वह जिंदा था। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस 20 मिनट में पहुंच गई। सिपाही आगे बढ़ा तो दिलीप ने उसे हंसिया लेकर मारने दौड़ा लिया। सिपाही वहां से भागा। दिलीप फिर अंदर गया और गैंती से अपने पिता के गले पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद थाने से फोर्स पहुंची और उसे गिरफ्तार किया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जमीन विवाद में एक युवक ने अपने वृद्ध पिता के हाथ-पैर बांधकर निर्ममता से गला रेतकर हत्या कर दी। यह फोटो काफी विभत्स है। इसलिए पूरी नहीं दिखाई जा सकती है। Full Article
india news नागपुर से झारखंड पैदल जा रहे मजदूर की हार्ट अटैक से मौत; 400 किमी की दूरी तय करके बिलासपुर तक आ गया था By Published On :: Wed, 06 May 2020 16:46:35 GMT झारखंड जाने के लिए नागपुर से पैदल निकले रवि मुंडा नाम की श्रमिक की बिलासपुर में हार्ट अटैक से मौत हो गई।उसने 400 किमी की दूरी पैदल तय की थी। बिलासपुर पहुंचने पर उसकी तबियत बिगड़ी। उसेछत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों को सूचना दी गई। उन्होंने आने मेंअसमर्थता जताई तोसिम्स प्रबंधन ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।नागपुर से 8 प्रवासी मजदूरों का ग्रुप झारखंड जाने के लिए पैदल ही निकला था। वह 3 मई को बिलासपुर पहुंचा, लेकिन यहां सरायकेला निवासी रवि मुंडा (40) की तबियत बिगड़ गई। सूचना मिलने पर एंबुलेंस से देर रात सभी को सिम्स लाया गया। रवि में कोरोना के लक्षण दिखने पर उसे अलग वार्ड में भर्ती किया गया। उसके साथ अन्य मजदूरों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए।युवक की रिपोर्ट आई निगेटिव, सभी मजदूरों को भेजने की हो रही व्यवस्थासिम्स की पीआरओ डॉ. आरती पांडेय ने बुधवार कोबताया कि अगले दिन सुबह करीब 7 बजे रवि की मौत हो गई। लक्षण को देखते हुए और रिपोर्ट के इंतजार में उसके शव काे मॉच्यूरी में रखवा दिया गया। उसके परिजनों को सूचना दी गई। बताया कि पॉजिटिव आने पर अंतिम संस्कार के लिए शव नहीं मिलेगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आई तो सिम्स व्यवस्था करा सकता है। परिजनों ने बिलासपुर आने में असमर्थता जताई।डाॅ. आरती पांडेय ने बताया- बाकी 7 मजदूरों की तबियत ठीक होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पहल संस्था की मदद से रवि का 6 मई को अंतिम संस्कार किया गया है। सभी 8 मरीजों का कोविड-19 टेस्ट भी कराया था। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। रवि की मौत हार्ट अटैक से हुई है। प्रशासन बाकी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था कर रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नागपुर से झारखंड पैदल जा रहे एक मजदूर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। तबीयत खराब होने के कारण उसे सिम्स में भर्ती कराया गया था। परिजनों के नहीं आ सकने के कारण सिम्स ने ही अंतिम संस्कार कराया। Full Article
india news पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन बोले- छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता शराब, ऐसा राज्य जहां घर पहुंच सेवा दी जा रही, हम विरोध करते हैं By Published On :: Wed, 06 May 2020 17:04:00 GMT पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा- छत्तीसगढ़ की सरकार ने किर्तीमान स्थापित किया है, ऑन लाइन शराब बेची जा रही है। मद्य प्रेमियों को विशेष ऑफर है। यही भुपेश बघेल की प्राथमिकता है, गरीबों को अन्न नहीं मिल रहा। बाहर फंसे श्रमिकों की मदद करने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। इसका हमने विरोध किया है। जन घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा था, खुद राहुल गांधी ने घोषणा की थी। अब इस वादे को हम याद दिलाएंगे, पूरे प्रदेश में इसे लेकर संगठन फैसला लेगा।यह बातें उन्होंने राजनांदगांव में कहीं। एक दिवसीय दौरे पर वह राजनांदगांव पहुंचे और भाजपा कार्यालय में हुई पत्रकार वार्ता में भूपेश बघेल की सरकार की खामियों पर जमकर निशाना साधा। डॉ रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाओं में शराब दुकानों के खुलने पर आक्रोश है, परंतु सरकार ने जो उदाहरण पेश किया है उससे ऐसा लगता है कि इनके लिए राजस्व से बढ़कर कुछ भी नहीं है। राज्यों के चेक पोस्ट पर विधिवत अनुमति लेने वाले चिकित्सीय प्रमाण पत्र के साथ आए मरीजों को बॉर्डर पर 2 -3 दिन रोका जा रहा है और बिना अनुमति प्राप्त सैकड़ों मजदूरों को ट्रकों पर बैठाकर रवाना किया जा रहा है । ऐसे संक्रमित राज्यों से आने वाले सैकड़ों लोगों के गांव में पहुंचने पर संक्रमण के गंभीर परिणाम जनता को भुगतने होंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today डॉ रमन सिंह ने पत्रकारों की मौजूदगी में मौजूदा सरकार पर कई सवाल उठाए। Full Article
india news कटघोरा से लौटे 9 जवानों में लक्षण दिखे, आइसोलेट किया By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT मंगलवार को कोरबा और कटघोरा से लौटी पुलिस बटालियन की स्क्रीनिंग किए जाने पर 9 जवान कोरोना संदिग्ध पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी रैपिड टेस्ट करने के साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए सैंपल लेकर भेजा है।सभी जवानों को शहर के पोस्ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास में आइसोलेट किया गया है। लॉकडॉउन-3 के बाद दूसरे जिलों से आने पर रोक हटी है। लोग काफी संख्या में बाहरी जिलों और प्रांतों से लोगों का आना जाना शुरू हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 3 से 6 मई तक अन्य राज्यों से 614 लोग आए। सभी की जांच कराने के बाद लक्षण न मिलने पर होम आइसोलेशन में रखा गया है। इसके साथ ही मंगलवार को कटघोरा बटालियन से लौटे 30 और कोरबा से लौटे 15 जवानों का स्वास्थ्य टीम ने बारीकी से परीक्षण किया। इस दौरान दोनों ही बटालियन के 9 जवानों में कोरोना के लक्षण मिले। जिस पर उनका रैपिड टेस्ट के साथ आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए स्वाब लेकर जांच के लिए भेजा गया है। सीएमएचओ डॉ. एसएन केशरी ने बताया कि सभी संदिग्ध मिले जवानों को आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है। सभी बाहरी लोगों के जिले में प्रवेश करने से पहले स्क्रीनिंग की जा रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news पत्नी व बेटे को पत्थर से कुचलकर मार डाला, 3 दिन बाद ससुर को दी जानकारी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT खाने को लेकर विवाद हुआ तो गुस्सैल ग्रामीण ने पत्नी और अपने दो साल के मासूम बेटे की पत्थर से कुचल कर हत्या कर दी। 3 मई को हत्या कर उसने शवों को जंगल में सुरंगनुमा जगह में छिपा दिया। घटना के तीन दिन बाद संयोग से घर आए ससुर ने जब बेटी और नाती के विषय में पूछा तो आरोपी ने वारदात का खुलासा किया। मृतका के पिता की सूचना पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया गया है।जानकारी के मुताबिक कापू थाना क्षेत्र के कंचीरा मोहल्ले के तेंदुडांड़ निवासी गुरबारु मझवार अपनी पत्नी सुबासो (30) और बेटे परसा (2) के साथ मछली और केकड़ा पकड़ने गया था। मछली बनाने को लेकर पति-पत्नी के बीच मामूली विवाद हुआ। जिससे नाराज गुरबारु ने जंगल में पड़े पत्थर से पत्नी और बेटे पर कई बार वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। गुस्से में घटना को अंजाम देने के बाद पुलिस से बचने के लिए आरोपी ने दोनों के शव सुरंग में छिपा दिए। घर आए ससुर घुरन साय मझवार को आरोपी ने रोते हुए पूरी घटना बताई। बेटी और नाती की हत्या की जानकारी मिलते ही वृद्ध पिता ने कापू थाने को जानकारी दी। ग्रामीणों के साथ जंगल में पहुंची पुलिस ने दोनों के शव सुरंग से बरामद किए। थाना प्रभारी ने बताया कि शव दो दिन पुराने हैं, जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बात-बात पर आ जाता था गुस्सा, अब कर रहा पछतावाघुरन ने पुलिस को बताया कि आठ वर्ष पूर्व उसने बेटी सुबासो की शादी गुरबारु से की थी। गुरबारु गुस्सैल है, बात-बात पर झगड़ा करता था, कई बार उसने मारपीट कर बेटी को घायल भी किया। समझाकर मामला शांत कराया जाता था। गुरबारु के दो बेटों को नाना घुरन ने अपने पास ही रखा हुआ है। गुरवारु ने पुलिस को बताया कि सुबासो मछली पकड़ रही थी, ये लोग घर से खाना लेकर गए थे। भूख लगने पर गुरवारु ने पूरा खाना खा लिया। पत्नी ने खाना खत्म होने की बात कही तो कम खाना लाने की बात पर वह विवाद करने लगा। गुस्से में पत्थर उठाकर मारा तो बेटे परसा को लगा। इससे उसका गुस्सा और भड़क गया। फिर उसने पत्नी और बेटे दोनों को पत्थर से कुचल दिया। उसे गुस्से का एहसास हुआ लेकिन जंगल में उपचार नहीं होने के कारण पत्नी और बेटे ने दम तोड़ दिया। दो-तीन घंटे वह शव के नजदीक बैठकर रोता रहा। पुलिस ने बचने उसने शवों को छिपा दिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news जॉब कार्ड में नाम नहीं जोड़ा तो 2 गुटों में संघर्ष, 12 घायल, 46 पर मुकदमा By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT मनरेगा जॉब कार्ड में नाम दर्ज न करने और पुरानी रंजिश को लेकर रोजगार सहायक व गांव के एक गुट के बीच खूनी संघर्ष हो गया। मारपीट में रोजगार सहायक सहित 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने दोनों पक्षों के 46 लोगों के खिलाफ नामजद बलवा, मारपीट का अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की है।खरसिया थाना क्षेत्र के गांडाबोरदी निवासी उमेश राम ने पुलिस को बताया कि वह आश्रित गांव कलमीपाठ का रोजगार सहायक है। लॉक डाउन के बीच उसने जिला प्रशासन की अनुमति के बाद एक मई से तालाब में खुदाई का काम करा रहा था। जिन लोगों के नाम पंजीकृत नहीं थे वह लोग तालाब खुदाई का काम पंजीयन करने के बाद ही कराने का दबाव बना रहे थे। पंजीयन कराने के बाद ही काम देने की बात कहने पर घर चला आया। दोपहर 4 बजे के करीब गांव का भोला शंकर घर पर आकर गालियां देने लगा। विरोध करने पर भोला शंकर ने 50 लोगों के साथ धावा बोल दिया। उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की, इसी बीच किसी ने उसके सिर पर टांगी से वार कर घायल कर दिया। रोजगार सहायक ने भोलाशंकर सहित गांव के 39 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। दूसरे पक्ष से भोलाशंकर ने पुलिस को बताया कि रोजगार सहायक के भाई नैनदास भारद्वाज का उससे पुराना विवाद चल रहा है। इसी रंजिश में रोजगार सहायक उसका व उसके परिवार के साथ गांव के उन लोगों का नाम दर्ज नहीं करवा रहे जो उसके समर्थक है। मंगलवार शाम को वह उनके घर के पास से गुजर रहा था तभी किसी ने नैनदास के घर से पत्थर फेंक कर उसे मार दिया। पूछने पर उसके घर के सदस्यों ने गाली गलौज करने वहां से वह घटना को नजर अंदाज कर घर आ गया। थोड़ी ही देर बाद नैनदास, उमेश राम व उसके परिवार के 15 लोग घर में आकर हमला कर दिए। रोजगार सहायक की शिकायत पर 39 भोलराम की ओर से 7 नामजद लोगों के खिलाफ धारा 147,148, 149, 294, 323, 452, 506(बी) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news सिस्टम डाउन इसलिए 54 दुकानदारों से भी वसूला जुर्माना By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT बाजार में खरीदारों की भीड़ बढ़ने के कारण प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू किया है। बुधवार को जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले 54 दुकानदारों पर जुर्माना लगाया। दुकान में ग्राहकों के लिए हैंडवाश और सैनिटाइजर नहीं होने व चार से ज्यादा स्टाफ की मौजूदगी वाली 4 दुकानें सील भी कर दी गई। अफसरों ने कहा कि चेतावनी स्वरूप दुकान एक दिन के लिए बंद की गई है। दूसरे इलाकों में निगरानी की जा रही है। नियमों की बार-बार अनदेखी करने पर दुकानें लॉकडाउन तक बंद की जाएंगी।सदर बाजार, सुभाष चौक, पुरानी हटरी और संजय कॉम्पलेक्स में नियमों का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों पर एसडीएम युगल किशोर उर्वशा, नगर निगम उपायुक्त पंकज मित्तल ने पुलिस की मौजूदगी में नियम विपरीत व्यवसाय कर रहे दुकानदारों के खिलाफ सख्ती से पेश आए। टीम ने संक्रमण से बचने जरूरी उपाय नहीं करने वाले 54 दुकानदारों को 500-500 रुपए जुर्माना किया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने व तय नियम से ज्यादा कर्मचारियों से काम लेते पाए जाने पर चार दुकानें भी सील की गई हैं। कार्रवाई के दौरान दुकानों में दुकानदार न तो खुद मास्क पहन रखे थे और न ही दुकान में ग्राहकों के मुंह पर मास्क दिखा। सोशल डिस्टेंसिंग का भी ठीक तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। अधिकांश दुकानों के बाहर तो सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले तक नहीं खींचे गए हैं।सैनिटाइजर, मास्क, हैंडवाश नहीं, भीड़ भी ज्यादा थी इसलिए ये दुकानें सीलश्रृंगारिका कॉस्मेटिक सुभाष चौक- यहां दुकान संचालक द्वारा तय नियम से ज्यादा महिला कर्मियों से काम लिया जा रहा था। दुकान के भीतर महिलाओं की भीड़ थी, ज्यादातर ने मास्क नहीं लगाए थे।रोहड़ा टेक्सटाइल्स न्यू मार्केट- दुकान में भीड़ अधिक थी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन दुकानदार द्वारा नहीं किया गया जा रहा था। दुकान के बाहर खरीदारों के लिए हैंडवॉश और सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं थी।क्वालिटी स्टोर पुरानी हटरी- दुकानदार के राशन दुकान के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले नहीं खींचे थे। दुकान के भीतर लोगों की भीड़ थी। एसडीएम को दुकान के भीतर देख दुकानदार ने हैंड सैनिटाइजर खोला।अन्न भंडार संजय कॉम्पलेक्स- छोटी सी दुकान के भीतर राशन खरीदने 8 से 10 ग्राहक थे। अफसर जब यहां पहुंचे तो लोग एक दूसरे से सटे हुए मिले। सोशल डिस्टेंसिंग सर्कल भी नहीं बनाए गए थे।जिलेभर मेंहुई कार्रवाईइसके अलावा सारंगढ़ में अनुमति के बिना खोले गए रौनक ब्यूटी पार्लर के संचालक पर महामारी एक्ट की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया और दुकान सील की गई है। इसके साथ ही खरसिया में 3, घरघोड़ा में 4 और सारंगढ़ में 5 दुकानें नियमों की अनदेखी पर सील की गई हैं।सुरक्षा के लिए सख्ती जरूरी"बाजार में दुकानों की संख्या और खुलने के समय में बढ़ोतरी के बाद भीड़ बढ़ रही है, ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बेहद जरूरी है, लेकिन दुकानदार इसे हल्के में ले रहे हैं इसलिए जिला प्रशासन और निगम ने मिलकर लापरवाही बरतने वालों को जुर्माना लगाया और 4 दुकानें सील की हैं।'' -राजेंद्र गुप्ता, आयुक्त नगर निगम Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today System down, so 54 shoppers were also fined Full Article
india news पढ़ई तुंहर दुआर के लिए बने अफसर व टीचर्स के वाट्सएप ग्रुप में संकुल समन्वयक ने शिक्षिका पर की अश्लील टिप्पणी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT मंगलवार को बच्चों की पढ़ाई के लिए पोर्टल पढ़ई तुंहर दुआर के काम से संबंधित अफसर और शिक्षक-शिक्षिकाओं के वाट्सएप ग्रुप में संकुल समन्वयक ने एक शिक्षिका पर अश्लील टिप्पणी की। टिप्पणी इतनी घटिया स्तर की है कि भास्कर उसका उल्लेख नहीं कर सकता है।आपत्तिजनक पोस्ट के बाद बीईओ ने पत्र लिखकर संकुल समन्वयक से उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि “पढ़ाई तुंहर द्वार” नामक एक ग्रुप बना है जिसमें शिक्षा विभाग के ब्लाक स्तर के अफसर और टीचर्स शामिल हैं। संकुल केंद्र आदर्श के समन्वयक जवाहर श्रीवास ने ग्रुप की एक शिक्षिका के लिए अश्लील पोस्ट किया गया। कमेंट के तुरंत बाद ग्रुप एडमिन द्वारा अफसरों को जानकारी दी गई। थोड़ी देर में ही जवाहर श्रीवास को अपनी गलत का एहसास हुआ। पहले उसने माफी मांगी, फिर लिखा कि उसने यह मैसेज दूसरी जगह भेजने के लिए लिखा था गलती से इस ग्रुप में चला गया। जवाहर ने ग्रुप से जुड़े लोगों से भी माफी मांगी। विभाग की फजीहत होती देख विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने तुरंत जवाहर श्रीवास को पत्र जारी कर ग्रुप में अश्लील कमेंट करने पर आपत्ति जताते हुए तुरंत ऑफिस आकर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। भास्कर के खरसिया संवाददाता ने बुधवार को इस संबंध में बीईओ एके भारद्वाज से संपर्क किया। जैसे ही उनसे समन्वयक पर कार्रवाई और घटना के संबंध में पूछा उन्होंने आवाज ठीक से सुनाई नहीं देने की बात की और फोन डिसकनेक्टकर दिया।अफसोस...ऐसे लोगों पर बच्चों के चरित्र और भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी हैसंकुल समन्वयक श्रीवास के बारे में अक्सर शिकायतें मिलती हैं। पूर्व में इन पर नशे में ऑफिस आने का भी आरोप लगा है। शिक्षा विभाग के अफसर और शिक्षकों पर हजारों छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी है। शिक्षक-शिक्षिकाओं के ग्रुप में इस तरह के भद्दे कमेंट करने वालों से विद्यार्थियों को भी खतरा है। सरकार ने स्कूल बंद होने के कारण पढ़ाई प्रभावित ना हो इसलिए पोर्टल बनाया और इससे संबंधित ग्रुप में संकुल समन्वयक ऐसी घटिया हरकत कर रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The clan coordinator in the WhatsApp group of officers and teachers made for educated Tuhar Duar, made obscene remarks on the teacher Full Article
india news 56 हजार मजदूर लौटेंगे बिलासपुर, बहतराई स्टेडियम में होगा स्वास्थ्य जांच, इनके लिए 1066 क्वाॅरेंटाइन सेंटर बनाए गए By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT विभिन्न राज्यों में फंसे जिले के हजारों छत्तीसगढ़िया श्रमिकों के बिलासपुर पहुंचते साथ उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कराने के लिए बहतराई स्टेडियम में व्यवस्था की जा रही है। 120 करोड़ की लागत से बने इस स्टेडियम में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने बेरिकेडिंग कराई जा रही है। श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए नगर निगम स्टाफ को स्वास्थ्य विभाग से समन्वय करने का जिम्मा दिया गया है। बता दें कि पूर्व में विभिन्न राज्यों में जिले के 72 हजार श्रमिकों के फंसे होने की खबर थी। श्रम विभाग ने पंजीयन के आधार पर आज बताया कि 56 हजार श्रमिक बाहर हैं, जिन्हें लाया जाएगा। संख्या इससे अधिक भी हो सकती है, परंतु प्रशासन को फिलहाल इतने ही लोगों को लाने के लिए बस, ट्रेन आदि की व्यवस्था करने कहा गया है।शहर में 600 लोगों को रखेंगेडिप्टी कमिश्नर खजांची कुम्हार ने बताया कि निगम के जोन कार्यालयों में 600 लोगों के नाम पते दर्ज कराए गए हैं, जो विभिन्न राज्यों में फंसे हैं। इन्हें वापस लाने के लिए ई पास तथा अन्य व्यवस्था शासन स्तर पर की जा रही है। इनके आने पर 13 सामुदायिक भवनों में 14 दिनों के लिए कोरेंटाइन किया जाएगा। जिन सेंटरों में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है, उनमें मिनीमाता सांस्कृतिक भवन सकरी, अधिकारी कर्मचारी निवास कोटा रोड, यदुनंदन नगर सामुदायिक भवन, सिरगिट्टी सामुदायिक भवन, पुत्रीशाला सामुदायिक भवन तिलकनगर, सामुदायिक भवन जरहाभाठा, त्रिवेणी व्यापार विहार, रैन बसेरा व्यापार विहार, मनसुखलाल सोनी सामुदायिक भवन गोंड़पारा, शहीद विनोद चौबे सामुदायिक भवन, गुजराती समाज भवन टिकरापारा, शनि मंदिर सामुदायिक भवन राजकिशोर नगर शामिल है।28 ट्रेनों से छत्तीसगढ़ आएंगे श्रमिक, इनमें 22 ट्रेनें आएंगी बिलासपुरपरिवहन रिपोर्टर | बिलासपुरछत्तीसगढ़ राज्य के मजदूरों को अलग-अलग राज्यों और शहरों से लाने के लिए छत्तीसगढ़ ने 28 ट्रेनों की मांग केंद्र सरकार से की है। ट्रेनों के संबंध में अभी कोई लिखित दस्तावेज जोनल हेड क्वार्टर तक नहीं पहुंचा है इसलिए ट्रेनें कब चलेंगी, कब आएंगी, कैसी व्यवस्था होगी, इसकी कोई तैयारी बिलासपुर में नहीं है।छत्तीसगढ़ राज्य के मजदूर दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर, चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे, इलाहाबाद, हैदराबाद, विशाखापट्टनम, सूरत, अहमदाबाद, जयपुर एवं पटना सहित अन्य शहरों में फंसे हुए हैं। इनकी संख्या हजारों की तादात में है। इधर इस संबंध में कोई फैसला नहीं हो पाया है कि कहां से कितनी ट्रेनें चलाई जाएंगी। छत्तीसगढ़ राज्य के मजदूरों की सूची भी तैयार हो रही है। उसके मुताबिक ही ट्रेनों के परिचालन की तिथि व स्थान तय हाेंगे। फिलहाल इस संबंध में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोनल मुख्यालय में कोई लिखित सूचना या कागज रेल मंत्रालय या बोर्ड से नहीं आया है। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए ट्रेन चलने की सूचना रेलवे अफसरों को अवश्य है लेकिन कोई दस्तावेज नहीं होने से तैयारी भी नहीं की जा रही है कौन सी ट्रेन कहां से होकर गुजरेगीयह भी अभी तय नहीं है।स्पेशल ट्रेनों से 36 हजार मजदूर आएंगेमजदूरों के लिए चलाई जा रही स्पेशल ट्रेन में अधिकतम 1200 मजदूरों को भेजा जा रहा है इस हिसाब से अगर 28 ट्रेनें चलती हैं तो 36000 के लगभग मजदूर छत्तीसगढ़ आ सकेंगे।कहां से कितनी ट्रेनें मांगी गईजयपुर से रायपुर बिलासपुर 7 ट्रेनेंलखनऊ से रायपुर बिलासपुर तीन ट्रेनकानपुर से रायपुर बिलासपुर दो ट्रेनचेन्नई से रायपुर बिलासपुर एक ट्रेनबेंगलुरु से रायपुर बिलासपुर एक ट्रेनपुणे से रायपुर बिलासपुर एक ट्रेनइलाहाबाद से बिलासपुर एक ट्रेनदिल्ली से रायपुर बिलासपुर तीन ट्रेनहैदराबाद सिकंदराबाद से रायपुर बिलासपुर तीन ट्रेनविशाखापट्टनम से रायपुर एक ट्रेनसूरत अहमदाबाद से रायपुर एक ट्रेनकोलकाता से रायपुर एक ट्रेनजयपुर से रायपुर एक ट्रेनपटना से दुर्ग एक ट्रेन Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 56 thousand laborers will return to Bilaspur, Bahtarai Stadium to have health checkup Full Article
india news कार चालक से लूट के मामले में एंबुलेंस के नंबर से आरोपियों तक पहुंची पुलिस By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT कुत्ते को टक्कर मारने के विवाद में कुछ लोगों ने मिलकर कार चालक को ही लूट लिया । 4 मई की रात राजेंद्र नगर निवासी जाकिर अहमद खान कार से बेलमुंडी की ओर जा रहे थे। अमेरी के पास उनकी गाड़ी से एक कुत्ता टकरा गया। इसके बाद कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की पर विवाद से बचने के लिए जाकिर रुके नहीं और आगे बढ़ गए। कुछ लोगों ने ग्राम मेंडा के पास एक एंबुलेंस में आए ओवरटेक कर उनकी कार के सामने अड़ा दिया। और एक्सीडेंट करने का आरोप लगाते हुए झगड़ा शुरू कर दिया। उन लोगों ने जाकिर की कार के शीशे भी तोड़ दिए। जाकिर पास के एक कोल डिपो में जाकर छिप गए। इसके बाद उनका रास्ता रोकने वाले एंबुलेंस के चालक और उनके दो साथियों ने मिलकर उनकी कार में तोड़फोड़ करते हुए डिक्की से 30 हजार रुपए, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन कार्ड, बैंक पासबुक, चेक बुक और गाड़ी में लगे ऑडियो सिस्टम के साथ दो मोबाइल लूट ले गए। शिकायत हिर्री थाने में की गई थी। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी। एंबुलेंस के नंबर के आधार पर पुलिस एंबुलेंस चालक तक पहुंच गई। पूछताछ करने पर और भी आरोपियों के नाम के खुलासे हो गए। इस मामले में पुलिस ने ग्राम घुरु में रहने वाले नंदकिशोर कश्यप, अश्वनी कौशिक और दुजराज कौशिक को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कोल डिपो के पास लूटपाट की थी। हिर्री पुलिस ने उनके पास से 21 हजार, मोबाइल, आधार कार्ड व अन्य कागजात भी बरामद कर लिए हैं। जाकिर अहमद खान ने सभी आरोपियों को पहचान लिया है, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेज दिया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news न्यू लोको कॉलोनी वालों को दिनभर में केवल 40 मिनट मिल रहा पानी, रेलकर्मी हो रहे परेशान By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT रेलवे की न्यू लोको कॉलोनी में रहने वाले रेल कर्मचारी भरी गर्मी में पानी को तरस रहे हैं जबकि इस वर्ष पेयजल संकट नहीं है। बावजूद इसके परेशान कर्मचारी अपनी व्यथा किसी से नहीं कह पा रहे। कार्रवाई की डर की वजह से लोग गोपनीय शिकायतें कर रहे हैं।रेलवे लाइन की दूसरी तरफ रेल कर्मचारियों के लिए न्यू लोको कॉलोनी बनाई गई है। लगभग 500 मकानों वाली इस कॉलोनी में पानी सप्लाई के लिए टंकियां बनी हुई हैं। इन टंकियों के जरिए ही पानी की आपूर्ति की जाती है। इसको भी रेल प्रशासन के वाटर डिपार्टमेंट में अलग-अलग ग्रुपों में बांट रखा है। कहीं सुबह 6:00 बजे से 6:30 बजे तक पानी आता है तो कहीं 7:00 बजे से 7:30 बजे तक पानी सप्लाई की जाती है। यह व्यवस्था 12 महीने की है लेकिन गर्मी आते ही समस्या बढ़ जाती है इसलिए क्योंकि कूलर इत्यादि के लिए भी पानी की आवश्यकता कर्मचारियों को पड़ती है। कुछ दिनों पहले कर्मचारियों ने विभाग को शिकायत में कहा था कि कुछ लोग नल आते ही टुल्लू पंप चालू कर लेते हैं जिससे अन्य रेल कर्मचारियों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है इस वजह से तकलीफ बढ़ रही है। इलेक्ट्रिकल विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पानी चालू होने से लेकर बंद होने तक लगभग 20 मिनट तक बिजली बंद करना शुरू कर दिया। पानी तो अभी भी 20 मिनट ही मिल रहा है लेकिन किसी के लिए यह पर्याप्त है तो किसी काेपूरा नहीं पड़ रहा है।बड़े परिवार वालों कोज्यादा तकलीफआमतौर पर रेल कर्मचारी के परिवार में चार या पांच ही सदस्य होते हैं लेकिन न्यू लोको कॉलोनी में कुछ कर्मचारियों के परिवार में 8 से 10 सदस्य भी हैं। उन परिवारों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 20 मिनट और शाम को 20 मिनट ही पानी मिल पा रहा है जोकि पर्याप्त नहीं है।पंप लगाकर कारऔर वाहन धोते हैंकॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों का आरोप है कि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो नल चालू होते ही टुल्लू पंप चालू कर अपने वाहन धोते हैं। दरवाजों को धोते हैं और बगीचों में पानी डालने लगते हैं, इनकी वजह से सबसे ज्यादा समस्या है।जरूरत पड़ी तो पानी सप्लाई का समय बढ़ाएंगे"न्यू लोको कॉलोनी में पानी कम मिलने की जो शिकायत है उसकी जांच कराएंगे कि जितना पानी मिल रहा है उतना पर्याप्त है या नहीं। अगर आवश्यकता पड़ी तो पानी सप्लाई की टाइमिंग बढ़ाई जा सकती है। जहां तक सवाल बिजली बंद करने का है तो वह टुल्लू पंप से पानी खींचे जाने की वजह से किया जा रहा है।"-पुलकित सिंघल, सीनियर डीसीएम बिलासपुर Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news अजमेर से लौटे परिवार के 6 सदस्यों को होम क्वारेंटाइन किया, सिर्फ 3 का हुआ रैपिड टेस्ट By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT अजमेर से लौटने वाले एक परिवार के 6 लोगों को हॉस्टल से होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है। वहीं 6 में से सिर्फ 3 लोगों की जांच की गई। जिम्मेदार कह रहे हैं कि इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है, इसलिए बच्चों की जांच नहीं की गई, यदि एक की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती तो सभी की जांच की जाती। वहीं सीएमएचओ ने कहा कि अभी इस संबंध में कुछ नहीं बता सकता।छत्तीसगढ़ सरकार के बाद अब अन्य स्टेट गवर्नमेंट ने भी प्रवासियों को गृह ग्राम भेजने कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत रतनपुर के एक मुस्लिम परिवार को राजस्थान सरकार ने सुरक्षित घर वापस भेजा है। राजस्थान अजमेर जियारत करने गए रतनपुर के एक मुस्लिम परिवार के 6 सदस्यों को राजस्थान से लौटने पर मंगलवार को रतनपुर में बनाए गए अस्थायी क्वारेंटाइन सेंटर प्री-मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में ठहराया गया। बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डाॅ. विजय चंदेल टेक्नीशियन सीताराम पटेल खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी नौशाद अहमद और सहायक सूर्यकांत रजक की टीम बालक छात्रावास के अस्थायी क्वारेंटाइन सेंटर पहुंची। यहां राजस्थान से लौटे परिवार के एक पुरुष अाैर दो महिलाओं का सैंपल लेकर रैपिड टेस्ट किया। इनमें तीनों की रिपोर्ट निगेटिव आने से प्रशासन ने राहत की सांस ली। इस दौरान मुख्य नपाधिकारी रतनपुर मधुलिका सिंह अपने स्टाफ के साथ मौजूद रही। बता दें कि रतनपुर के एक करैहापारा निवासी मुस्लिम परिवार को राजस्थान सरकार ने सुरक्षित घर वापस भेजा है। परिवार के 6 सदस्य 16 मार्च को ख्वाजा गरीब नवाब की जियारत करने अजमेर शरीफ गए हुए थे। इनकी 23 मार्च को घर वापसी की टिकिट थी, लेकिन इसी बीच वैश्विक महामारी कोरोना कोविद 19 के चलते लॉकडाउन हो गया और उनका पूरा परिवार अजमेर में ही फंसकर रह गया था।विभाग से 6 पीपीई किट मांगे गए थे, मिले सिर्फ 3स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रतनपुर सीएचसी द्वारा जिला प्रशासन से 6 पीपीई किट की मांग की गई थी, लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें सिर्फ 3 किट ही दिया। साथ ही यह भी कहा कि अभी वे 3 लोगों की सैंपल लेकर रैपिड टेस्ट करके देखें, यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो फिर सभी के लिए पीपी किट भेजकर उनका भी टेस्ट किया जाएगा।सीमावर्ती क्षेत्रों में जांच के बाद आने की मिली अनुमतिजिला प्रशासन ने रतनपुर के मुस्लिम परिवार के पूरे सदस्यों का पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराया, फिर उनके लिए एक गाड़ी की भी व्यवस्था की। इसमंे वह मंगलवार देर रात रतनपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बताया कि रास्ते मे उनके खाने की व्यवस्था की गई थी। वहीं सीमावर्ती क्षेत्रों में उनकी जांच के बाद ही उन्हें गृहग्राम आने की अनुमति मिल सकी। जहां पहुंचकर उन्होंने राहत की सांस ली है।प्रशासन ने परिवार को मंगलवार रात पहुंचाया रतनपुरलंबे समय के बाद अजमेर के जिला प्रशासन ने अन्य राज्यों के फंसे पर्यटकों को रेस्क्यू कर उन्हें सकुशल वापस भेजने कठिन प्रक्रिया को आसान करते मंगलवार की रात 9 बजे उन्हें रतनपुर वापस भेजा है। उनके सकुशल लौटने पर बिलासपुर जिला प्रशासन ने उन्हें रतनपुर के क्वारेंटाइन सेंटर में रखकर पूरे परिवार का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इसी परिवार के 3 लोगों का बुधवार को स्वास्थ्य टीम ने सैंपल लेकर रैपिड टेस्ट किया, जिसमें तीनों की रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद उन्हें उनके पूरे परिवार के साथ करैहापारा के उनके निवास में ले जाकर होम क्वारेंटाइन कर दिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Quarantined 6 members of the family who returned from Ajmer, only 3 had a rapid test Full Article
india news पहले रायपुर में हुई देरी, फिर बिलासपुर की प्रक्रिया, रात 3.30 बजे स्टूडेंट्स आ पाए घर By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT राजस्थान के कोटा से बिलासपुर संभाग के 772 स्टूडेंट्स 28 अप्रैल को रायपुर पहुंचे। वहां 7 दिन क्वारेंटाइन रहने के बाद उन्हें मंगलवार की रात अलग-अलग जिलों के लिए रवाना कर दिया गया। रवाना होने से पूर्व सभी स्टूडेंट्स से शपथ-पत्र भरवाया कि वे बाकी 7 दिन हाेम क्वारेंटाइन में रहेंगे। इसके बाद वे निकले और रात 12.30 बजे बिलासपुर के 167 स्टूडेंट्स जैन इंटरनेशनल स्कूल पहुंचे। यहां भी शपथ-पत्र भरवाया गया कि वे 14 दिन के क्वारेंटाइन पीरियड को पूरा करेंगे। इस प्रक्रिया को करते-करते रात 3.30 बज गए। कोटा, सीपत और तिफरा सहित दूर दराज के स्टूडेंट्स को लेने उनके माता-पिता परेशान होते रहे और पूरी रात प्रशासन की प्रक्रिया में चली गई। असल में रायपुर से स्टूडेंट्स को देर से भेजा गया, इसी कारण यहां वे रात 12.30 बजे पहुंचे और पूरी रात परेशान होना पड़ा। जिन पालकों के पास चारपहिया वाहन नहीं है वे अपने बच्चों को लेने बाइक से पहुंचे और ज्यादा सामान देखकर हैरान हो गए। कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी और प्रमोद नायक ने परेशान हो रहे बच्चों को घर तक पहुंचवाने में मदद की। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today First delay in Raipur, then process of Bilaspur, students could come home at 3.30 pm Full Article
india news प्राचार्य व शिक्षक चयनित, अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलना तय By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT नए शिक्षा सत्र 2020-21 की शुरुआत के साथ ही बिलासपुर में तीन सहित पूरे प्रदेश में 40 शासकीय हायर सेकंडरी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जाएंगे। शिक्षा विभाग ने 60 फीसदी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 40 फीसदी पर काम चल रहा है। बिलासपुर में खुलने वाले तीन स्कूलों के लिए 18 शिक्षकों का चयन भी हो गया है। बुधवार को जिलेभर से अंग्रेजी मीडियम में स्वयं का अध्ययन करने वाले 83 शिक्षकों को इंटरव्यू के लिए जेडी दफ्तर बुलाया गया था। 46 शिक्षक ही इंटरव्यू देने आए। गणित, हिंदी, अंग्रेजी, कॉमर्स, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और भौतिक सहित सभी विषयों के लिए 18 शिक्षकों का चयन कर लिया गया है। साथ ही तीन प्रिंसिपल भी चयनित हो गए हैं। अब 8 मई को प्राइमरी और मिडिल के बच्चों को पढ़ाने के लिए 32 शिक्षकों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है।40 स्कूल खोलने पर 30 करोड़ रुपए होंगे खर्चप्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि नए शिक्षा सत्र में सभी जिलों में हायर सेकंडरी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जाएंगे। अभी तो हमारी पूरी तैयारी है कि 15 जून से हायर सेकंडरी अंग्रेजी स्कूल खोले जाएं लेकिन कोरोना के केस रोज बढ़ रहे हैं, आगे कोरोना की क्या स्थिति बनती कुछ कहा नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि स्कूल खोलने का आदेश तो केंद्र सरकार के हाथ में है, अगर केंद्र सरकार ने कह दिया कि स्कूल नहीं खुलेंगे तो कोई भी स्कूल नहीं खोले जाएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि नए शिक्षा सत्र में जब भी स्कूल खुलेंगे। हम नए हायर सेकंडरी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की शुरुआत भी कर देंगे। इसके लिए हमारी पूरी तैयारी हो चुकी है। स्कूलों में रंग-रोगन, साफ-सफाई और जो भी निर्माण कार्य होने हैं उसके लिए दो-तीन दिन में राशि भी जारी करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि अभी हमने जो कैलकुलेशन किया है उसमें 30 करोड़ रुपए 40 स्कूलों को खोलने पर खर्च होंगे। हालांकि पैसों की कोई दिक्कत नहीं है। इस बारे में हमारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ बैठक भी हुई है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि स्कूलों को खोलने पर जो भी राशि खर्च होगी उसकी चिंता न करें।लॉकडाउन का पालन करेंगे लेकिन नए स्कूल खोले जाएंगेलाला लाजपत राय, तारबहार और मंगला स्कूल को इसके लिए चुना गया है। तीनों स्कूलों में सबसे ज्यादा 236 बच्चे मंगला स्कूल में हैं। जबकि लाला लाजपत राय में 80 और तारबहार में बच्चों की दर्ज संख्या 107 है। इसी कारण इन तीनों स्कूलों का चयन किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार भार्गव का कहना कि नए शिक्षा सत्र 2020-21 की शुरुआत में ही हम स्कूल का शुभारंभ करेंगे। अब हम लॉकडाउन का इंतजार नहीं करेंगे। शासन द्वारा बनाए गए लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए बिलासपुर में तीन अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलेंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news 42 दिनों से बंद थीं रेत खदानें, छूट मिलते ही माफिया उन घाटों में खोद रहे जिनकी अनुमति नहीं By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT सुनील शर्मा | 25 मार्च से रेत घाट पूरी तरह बंद थे लेकिन अब खुले तो सीधे चोरी शुरू हो गई है। 42 दिनों से काम बंद कर बैठे रेत माफिया उन घाटों से रेत निकाल रहे हैं जहां का अनुमति ही खनिज विभाग ने नहीं दी है। अरपा नदी के लोखंडी, तुरकाडीह और मंगला घाट में अब ट्रैक्टर और हाइवा का आना शुरू हो चुका है। नदी में रेत निकालने के लिए जानबूझकर बनाए गए एप्रोच रोड का इस्तेमाल रेत चोरी के लिए किया जा रहा है। बुधवार की सुबह दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने घाटों का जायजा लिया तो कई ट्रैक्टर रेत की ढुलाई करते दिखे। हाइवा भी रेत घाटों में रेत ढोते नजर आए। एक पोकलेन संचालक, ट्रैक्टर ड्राइवर और मजदूरों से चर्चा करने वे बहाने बनाते रहे। गुमराह करने की कोशिश भी करते रहे। मंगला घाट में जिसे ठेका मिला है, न तो वह वहां मौजूद था और न उसका कर्मचारी। अवैध रूप से उत्खनन होता दिखा। यानी बगैर रायल्टी के ही रेत निकालकर ले जा रहा था। हालांकि रायल्टी चोरी कोई नई बात नहीं है। दरअसल राज्य शासन ने रेत की कीमत कम करने और रायल्टी वसूली की व्यवस्था बनाने के मकसद से पंचायतों से रेत घाटों के संचालन का अधिकार छीनकर निजी हाथों में सौंप दिया। बिलासपुर जिले में मंगला, घुटकू, सेंदरी, लच्छनपुर सहित 19 घाटों को दो किश्तों में नीलाम किया गया। पर अधिकांश रेत घाटों में सिंडीकेट काम करने लगे। इसमें नेताओं के साथ ही शराब कारोबारी, जमीन का धंधा करने वाले लोग जुड़े रेत की कीमत प्रति ट्रैक्टर 900 से 1000 रुपए थी वो बढ़कर 1400-1500 रुपए हो गई। लॉकडाउन में ढील मिली तो एक बार फिर रेत की चोरी शुरू हो गई है।जब पोकलेन ड्राइवर ने लोखंडी को बताया मंगला घाटदैनिक भास्कर रिपोर्टर ने लोखंडी घाट में पोकलेन ड्राइवर से पूछा कि वह कैसे रेत ढुलाई के लिए बनाए गए एप्रोच रोड को खोद रहा है तो उसने कहा कि यह रोड उसने ही बनाई थी, इसलिए खोद दिया। जब कहा गया कि यह तो लोखंडी घाट है जिसकी अनुमति नहीं है, तब उसने कहा-नहीं यह तो मंगला घाट है, बबलू जोशी का ठेका है और भूपेंद्र सिंह इसे चलवाता है। फिर और पूछने पर कहने लगा जाने दो न,बड़े लोगों की बात वे लोग जाने।ड्राइवरों ने कहा-सब ले जा रहे तो हम भी ले जा रहेतुरकाडीह और लोखंडी घाट पर रेत लेने आए ट्रैक्टर ड्राइवरों से जब पूछा गया कि तो उन्होंने लापरवाहीपूर्वक जवाब दिया कि सब यहां से ले जाते हैं, इसलिए आए हैं। रायल्टी और पिट पास के बारे में पूछने पर कि वे यह सब नहीं जानते। खोदकर ले जाते हैं। कार्रवाई से डर नहीं लगता पूछने पर कहने लगे कि कई बार गाड़ी पकड़ी जा चुकी है, फिर छूट भी जाती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Sand mines were closed for 42 days, mafia digging in ghats which are not allowed Full Article
india news नागपुर से पैदल आए मजदूर की मौत, कोरोना रिपोर्ट निगेटिव, सिम्स ने हड़बड़ी में करवाया अंतिम संस्कार By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT नागपुर से झारखंड लौट रहे प्रवासी मजदूर की सिम्स में मौत हो गई। बीमार हाेने के कारण उसे यहां 7 अन्य मजदूरों के साथ भर्ती कराया गया था। कोरोना पॉजिटिव के संदेह पर शव को अस्पताल के मरच्युरी में रखा गया था। रिपोर्ट निगेटिव अाई तो बुधवार को संस्था पहल ने सरकंडा के मुक्तिधाम में उसका अंतिम संस्कार किया। सिम्स प्रबंधन ने मजदूर की मौत का कारण हार्ट फेलियर बताया है। बीमारी से मौत होने के कारण शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। 3 मई को नागपुर से झारखंड लौट रहे 8 मजदूरों की रास्ते में तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें 108 के माध्यम से सिम्स लाया गया था। सभी को यहां इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इनमें से झारखंड के जिला सराई केला निवासी रवि मुंडा 40 वर्ष की हालत गंभीर थी। उसे सर्दी,खांसी व बुखार भी था। कोरोना पाॅजिटिव लक्षण होने के कारण उसे अलग से कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और 4 मई की सुबह उसकी मौत हो गई। सिम्स की कोरोना प्रभारी व पीआरओ डॉक्टर आरती पांडेय के अनुसार चूंकि मजदूर में कोरोना के लक्षण पाए गए थे इसलिए उसके अलावा बाकी अन्य 7 मजदूरों का सैंपल जांच के लिए रायपुर भेजा गया था। रिपोर्ट नहीं आई थी इसलिए मजदूर रवि मुंडा का का शव एहतियात के तौर पर मरच्युरी में रखवाकर उसके परिजनों को सूचना दे दी गई थी। डॉ. आरती पांडेय के अनुसार उन्हें यह समझा दिया गया था कि यदि रिपोर्ट पाॅजिटिव आई तो शव अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिलेगा। उनसे यह भी पूछा गया था कि यदि निगेटिव रिपोर्ट मिली तो शव का क्या करेंगे। सिम्स प्रबंधन की ओर से उन्हें बिलासपुर में ही अंतिम संस्कार करने का विकल्प भी बताया था। उन्होंने शव ले जाने में असमर्थता जताई थी और सिम्स को उसका अंतिम संस्कार करने की सहमति भी प्रदान की थी। आरती पांडेय के अनुसार रवि मुंडा के भाई से उनकी बातचीत हुई। मंगलवार को रवि मुंडा सहित अन्य 7 की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद सिम्स प्रबंधन ने संस्था पहल को बुलाकर मजदूर के शव को अंतिम संस्कार करने के लिए दिया और बाकी मजदूरों को सिम्स प्रबंधन की ओर से गाड़ी की व्यवस्था कर उनके घर भेजा गया। पहल ने रवि मुंडा का सरकंडा मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया। डॉ. आरती पांडेय ने मजदूर की मौत का कारण हार्ट फेलियर बताया।व्यवस्था पर सवाल: पहली बार सिम्स ने पुलिस को नहीं दी सूचनासिम्स में किसी भी मौत होती है और यदि उसके परिजन साथ में नहीं होते थे प्रबंधन सिम्स चौकी को जानकारी देता है और फिर पुलिस परिजनों से संपर्क करती है। पहली बार ऐसा हुआ है कि सिम्स प्रबंधन ने मरने वालों की सूचना खुद ही उनके परिजनों को दी। पुलिस को इस बात की अधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी है। मीडिया से चर्चा में सिम्स पीआरओ डॉ. आरती पांडेय ने कहा है कि उन्होंने खुद ही फोन कर मजदूर के भाई को रवि की मरने की सूचना दी। यह अव्यवहारिक है। सूचना ही देना होता तो इसके लिए डीन या अधीक्षक अधिकृत होता है।साधारण मौत परप्रेस कांफ्रेंससिम्स में किसी के साधारण मौत पर मीडिया को बुलाकर पहली बार प्रेस कांफ्रेंस की गई। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। जबकि सिम्स में इलाज के दौरान आए दिन लोगों की मौत होती है। ऐसी क्या नौबत आ गई थी कि मीडिया को बुलाना पड़ गया। जिस दिन मजदूर की मौत हुई उस दिन किसी को जानकारी नहीं दी गई।माहभर पहले ही गया था महाराष्ट्र कमाने-खानेरवि मुंडा अपने मजदूर साथियों के साथ एक माह यानि मार्च में ही नागपुर गया था। लाॅकडाउन के बाद जैसे तैसे वहां से लौट रहा था। सरगांव के पास उसकी और उसके अन्य 7 साथियों की तबीयत बिगड़ गई। एंबुलेंस से उन्हें सिम्स लाया गया। रवि के गले में खराश थी और सर्दी, खांसी भी था। उसे स्पेशल कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था।साथियों को गाड़ी से भेजा, शव को नहींसिम्स प्रबंधन का कहना है कि मरने वाले के बाकी 7 साथियों को स्पेशल गाड़ी से उनके घर भेजा। चाहते तो मजदूर के शव को भी उसी में भेज सकते थे जबकि सभी एक ही गांव के हैं और मरने वाले के परिजन उसका अंतिम दर्शन कर पाते। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Death of a laborer who came from Nagpur, Corona report negative, Sims conducted funeral in hurry Full Article
india news कोयला खदान में सीआईएसएफ के एएसआई पर चोरों ने किया हमला By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT एसईसीएल के कुसमुंडा कोयला खदान में बाहरी सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ नियोजित है। जिसके एएसआई मनहरण प्रसाद शर्मा की मंगलवार सुबह 7 बजे से बुधवार की सुबह 7 बजे तक की ड्यूटी खदान एरिया में लगी थी।देर रात लगभग 2.30 बजे ड्यूटी के दौरान एएसआई शर्मा को वर्कशाप नंबर 1 के पास 2-3 संदिग्ध लोग दिखे। जिसकी सूचना क्यूआरटी को दी गई। वहीं सामंता बेल्ट के पास ड्यूटी कर रहे दो प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को बुलाया। वर्कशाप नंबर 1 कि ओर जा रहे उनमें से एक व्यक्ति को रोककर पूछताछ करने की कोशिश की इतने में दो अन्य दौड़कर वहां पहुंचे। उन्होंने लाठी व लोहे का रॉड रखा था। जिससे एएसआई शर्मा पर हमला कर दिया। घटना देखकर दोनों सिक्योरिटी गार्ड वहां से भाग गए। इस बीच क्यूआरटी का वाहन वहां पहुंचा। जिसे देखकर हमला करने वाले तीनों लोग बाइक में वहां से भाग गए। गंभीर रूप से घायल एएसआई को एनसीएच गेवरा दाखिल कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अपोलो हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना पर कुसमुंडा पुलिस ने मामले में आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। घटना के बीच डीजल-कबाड़ चोरों का हाथ माना जा रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news राजस्व मंत्री ने रेल लाइन के लिए भूमि आवंटन को दी मंजूरी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने उरगा से धरमजयगढ़, व खरसिया-धरमजययगढ़-घरघोड़ा से डौगामोहा रेल लाइन के लिए भूमि आवंटन प्रस्ताव को दी स्वीकृति।प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित राजस्व विभाग की अंतर विभागीय समिति की बैठक में विशेष रेल परियोजना खरसिया से धरमजयगढ़, घरघोड़ा से डोंगामौहा के लाइन सहित 104 किलोमीटर, बरौद फीडर रेल लाइन, साईडिंग के लिए शासकीय भूमि हस्तांतरण व विशेष रेल परियोजना के लिए पूर्व रेल कॉरिडोर उरगा से धरमजयगढ़ तक नई रेल लाइन बिछाने के लिए शासकीय भूमि के आबंटन का प्रस्ताव पारित किया है। राजस्व मंत्री ने कहा कि लंबे समय से प्रस्तावित इस रेल्वे परियोजना को अंतर विभागीय समिति की बैठक मे स्वीकृति करवाया गया। इस नई रेल परियोजना से जनता को लाभ मिलेगा। विकास कार्यों में तेजी आएगी। यातायात उपलब्धता से क्षेत्र मे रोजगार व उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में राजस्व सचिव रीता सांडिल्य, पंजीयक वाणिज्यिक कर पी संगीता, अपर सचिव वित्त सतीश पाण्डेय उपस्थित थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news मुंह ढके व सोशल डिस्टेंसिंग के बिना नहीं होगी खरीदी-बिक्री By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन-3 में दुकान खोलने व सामान लेने की छूट के बाद कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए प्रशासन कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराने में जुटा है।शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को सामान खरीदी व अन्य कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग रखने के साथ ही मास्क या अन्य कपड़े से अच्छी तरह से अपना मुंह ढकना होगा। बाजार में दुकानदारों के साथ ही ग्राहक के लिए मुंह ढकना और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य कर दिया गया है। कलेक्टर किरण कौशल ने रोजमर्रा की चीजों की खरीदी-बिक्री के दौरान सभी लोगों से कोरोना की रोकथाम के लिए जारी दिशा निर्देशों का पूर्णतः पालन करने की अपील की है। खरीदी-बिक्री के दौरान दुकानदार द्वारा मुंह नहीं ढकने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाएगा तो संबंधित का दुकान बंद करा दिया जाएगा। वहीं ग्राहक को भी राशन-सब्जी देने पर प्रतिबंध रहेगा।17 मई तक धारा 144लागू, प्रशासन सतर्ककलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि जिले में 17 मई तक धारा 144 लागू है। कोरोना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग और सतर्क है। बड़ी संख्या में एक स्थान पर लोगों के एकत्रित होने या भीड़-भाड़ की संभावना वाले सभी क्रिया कलापों पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया है। किसी भी स्थिति में अति आवश्यक सामान समेत अन्य दुकानों पर भीड़-भाड़ नहीं होने देने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने का निर्देश दुकानदारों को दिया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news दो हाईवा से दीपका आए 40 मजदूरों को रात में झारखंड भेजा By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT कोयला परिवहन के काम मे लगे दो और वाहनों को मंगलवार की देर शाम सरईसिंगार चेकपोस्ट पर विशेष टास्क फोर्स की टीम ने पकड़ा और दोनों वाहन को जब्त कर लिया गया।कोयला लोडिंग के लिए चलने वाले ट्रकों में भरकर मजदूरों को लाने का सिलसिला इसके बाद भी थमा नहीं है। बुधवार को फिर अलग-अलग ट्रकों से करीब 135 प्रवासी मजदूर दीपका क्षेत्र पहुंच गए। ये सभी मजदूर तेलंगाना से झारखंड जाने के लिए निकले हैं। प्रशासन उनको उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था में लगा है। मजदूरों के लगातार आवाजाही को देखते हुए खदान क्षेत्र व आसपास के मुख्य मार्गों पर प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। जिसके चलते विशेष टास्क फोर्स ने मंगलवार की देर शाम सरईसिंगार चेकपोस्ट के दौरान वाहन क्रमांक सीजी-13-एलए 4766 और ओडी 23 एफ 0425 से मजदूरों को अवैध रूप से हाइवा में भरकर लाया जा रहा था। दोनों वाहनों में 40 मज़दूर सवार थे। जिनमें 38 झारखंड, 1 ओडिशा और एक एमपी का मजदूर शामिल था। देर शाम इन मजदूरों के पकड़ में आने के बाद उनको झगरहा आईटी कालेज भेजा गया। जहां से उनको झारखंड के लिए रवाना कर दिया गया है।बाहर से आए मजदूरों को किया जाएगा क्वारेंटाइनअपने घर जाने की कोशिश में कोरबा तक पहुंच गए दूसरे राज्यों के मजदूरों को प्रशासन सावधानी के साथ उनके घरों के लिए रवाना करने के काम में जुटा है। वहीं ऐसे मजदूर जो जिले के हैं, और दूसरे राज्य व जिले से कोरबा पहुंच रहे हैं। उनको 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में अलग से रहना होगा। इसके लिए भी प्रशासन की ओर से अपनी तैयारी की गई है। प्रशासन की ओर से जिले में अलग-अलग स्थानों पर क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं, जिनमें रुकने के इंतजाम किए हैं।पुलिस और स्वयंसेवियों ने मजदूरों को खिलाया खानाबुधवार को रामागुंडम तेलंगाना से झारखंड जाने के लिए अलग-अलग ट्रकों से करीब 135 मजदूर दीपका पहुंचे थे। सीएसपी खोमन लाल सिन्हा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी अविनाश सिंह ने पहले भूखे मजदूरों को खाने का सामान दिया। वही कुछ समाजसेवी विशाल अग्रवाल, कुश राठौर ने भी मजदूरों को फल, ड्राई फ्रूट व अन्य सामान दिए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 40 workers from two highways who came to Deepka were sent to Jharkhand at night Full Article
india news बारिश से कीचड़ में फंसे वाहनों से जाम, रायपुर से छात्रों को लेकर कोरबा लौट रही बसें 4 घंटे फंसीं By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT कटघोरा-बिलासपुर हाईवे पर पाली के आसपास सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। मरम्मत नहीं होने के कारण मंगलवार रात में हुई बारिश के बाद पाली के सती दाई मंदिर के पास रात करीब 3 बजे कीचड़ में ट्रक फंस गया। जिस कारण दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। जिसमें आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में लगे मालवाहकों के साथ ही रायपुर के क्वारेंटाइन सेंटर से कोटा में पढ़ने वाले छात्रों को लेकर शहर लौट रही 4 बस व प्रवासी मजदूरों का लेकर जा रही करीब 5-6 बसें फंसी रहीं। ये जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के कारण हुआ। एक सप्ताह पहले भी यहां जाम लगा था, जिसके बाद कलेक्टर किरण कौशल ने रोड की मरम्मत के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक अफसरों ने मरम्मत नहीं कराई। सुबह 7 बजे पुलिस ने क्रेन की व्यवस्था करके कीचड़ में फंसे ट्रक को बाहर निकलवाकर गड्ढे में मलबा भरवाया। कोयला परिवहन में लगे वाहनों का रूट बिलासपुर से सीपत-बलौदा-हरदीबाजार की ओर डाइवर्ट किया गया। इसके बाद सड़क मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया गया और सती दाई मंदिर के पास गड्ढे को ढंग से नहीं भरा गया।भूखे गुजारनी पड़ी रात, परिजन भी रहे परेशानकोटा से लौटे एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रायपुर से रात 8 बजे कोरबा के लिए रवाना किया गया। इस दौरान छात्रों को न तो खाना खिलाया गया और न ही खाना पैकेट की व्यवस्था की गई। सभी भूखे पेट ही वे सफर कर रहे थे। उम्मीद थी कि सुबह से पहले घर तक पहुंच जाऐंगे। लेकिन पाली के जाम में 4 घंटे तक फंसने के बाद भूख से तड़पते रहे। दूसरी ओर उनके इंतजार में परिजन भी सुबह तक परेशान रहे।स्टेडियम से चेकअप के बाद घर भेजे गए छात्ररायपुर से रवाना हुए 7 लग्जरी बसों में प्रत्येक में 25-25 लोगों को बैठाया गया था। बसों का सीधा स्टापेज इंदिरा स्टेडियम में तय किया गया था। बिलासपुर से सीपत-बलौदा मार्ग होते 3 बसें रात लगभग 2 बजे पहुंच गई। जबकि बिलासपुर से पाली रूट होते आ रही बसें जाम में फंसने के कारण सुबह 8 बजे पहुंची। इंदिरा स्टेडियम में सभी छात्रों व उनके साथ पहुंचे पालकों का हेल्थ चेकअप किया। जिसके बाद उन्हें घर भेजा गया।जाम लगने के बाद आनन-फानन में भरे गड्ढेपाली नगर के पास हाईवे में ढाई किमी खराब सड़क की मरम्मत के लिए 8 करोड़ 60 लाख रुपए की मंजूरी मिली है। एक सप्ताह पहले कीचड़ में वाहन फंसने पर 12 घंटे तक जाम लगने से कलेक्टर किरण कौशल ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को मरम्मत का निर्देश दिया। लेकिन अधिकारियों ने गड्ढे में मलबा भरकर खानापूर्ति कर दी। बुधवार को वाहन फंसने से जाम की स्थिति दोबारा होने पर फिर आनन-फानन में सड़क पर गड्ढे भरवाएं गए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Buses returning to Korba from Raipur with students stuck in mud stuck in mud, 4 hours from Raipur Full Article
india news शनिवार, रविवार को कंप्लीट लॉकडाउन रहा तो मंगलवार को खुला रहेगा बाजार By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT केन्द्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरबा जिला गुरुवार से ग्रीन जोन में अा जाएगा। जिसके बाद यहां कुछ और व्यवसायिक सेवाओं को शुरू करने की छूट मिल सकती है। इधर कटघोरा के 3 वार्ड को छोड़ बाकी शहर में अतिआवश्यक वस्तुओं की दुकानों को सशर्त खोलने की अनुमति देने की तैयारी भी प्रशासन कर रहा है।केंद्र सरकार ने कोरोना के लिए जिलों को 3 जोन में बांटा है। हर जोन के लिए कौन सी सुविधाएं जारी रहेगी, कौन सी प्रतिबंधित रहेगी, यह तय किया है। कोरबा जिला पूर्व में रेड जोन में था। 16 अप्रैल को कटघोरा में तीन संक्रमित मरीज मिले, उसके बाद से अब तक कोई मरीज नहीं मिला है। पिछले गुरुवार को 14 दिन से कोई भी मरीज नहीं मिलने से कटघोरा रेड से ऑरेंज में ले आया था। इसी बीच केंद्र सरकार ने तय किया कि अब यदि अंतिम मरीज मिलने के बाद 21 दिन तक कोई मरीज नहीं मिलता है तब वह जिला ग्रीन जोन में आ जाएगा। पहले यह अवधि 28 दिन की थी। 16 अप्रैल के बाद 21 दिन की समय सीमा 7 मई को पूरी हो रही है। यूं आज से कोरबा जिला कोरोना मानचित्र के ग्रीन जोन में आ गया है। इसके साथ ही अभी जिन व्यवसाय की अनुमति है, उसके अलावा कुछ और व्यवसायिक सेवाओं को छूट देने की तैयारी प्रशासन कर रहा है। इधर कटघोरा जो पूरे प्रदेश का हॉट स्पॉट बन गया था वहां से अब कोई पॉजिटिव मरीज नहीं होने के कारण न केवल शासन-प्रशासन वरन कटघोरा के लोगों ने भी राहत की सांस ली है। कटघोरा में 4 अप्रैल की रात को पहला पॉजिटिव केस मिला था। उसके बाद यह संख्या बढ़ते हुए 16 अप्रैल को 27 की हो गई। एक केस कोरबा का रहा। ये सभी 28 मरीज स्वस्थ हो गए हैं। 16 अप्रैल के बाद कोई केस नहीं आने के कारण अब कटघोरा को भी प्रशासन जल्द ही कुछ छूट देने जा रहा है। हालांकि वार्ड क्रमांक 10,11 व 3 को कंटेनमेंट जोन में रखा गया है। इन 3 वार्डों में अगले एक सप्ताह तक अभी के जैसे ही स्थिति रहेगी। उम्मीद है कि प्रशासन पहले कटघोरा में आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छूट देगा। अगले 1 सप्ताह तक यदि सब कुछ ठीक रहा तो कटघोरा में भी जिला के अन्य शहरी स्थानों के जैसे ही सशर्त व्यवसायिक छूट दी जाएगी। जिसमें समय की पाबंदी के साथ-साथ कोरो ना प्रोटोकॉल के अनुसार सोशल डिस्टेंस व फिजिकल डिस्टेंस अनिवार्य रूप से पालन करने की शर्त प्रमुख रूप से रहेगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today If there is complete lockdown on Saturday, Sunday, the market will remain open on Tuesday Full Article
india news हनुमान धारा रेत घाट में नहीं थमा अवैध उत्खनन By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT हनुमान धारा रेत घाट में रेत चोरी का प्रमुख अड्डा बनते जा रहा है। यहां से आसानी से रेत माफिया रेत निकाल कर बेच रहे हैं। कभी राजस्व विभाग के अधिकारी कार्रवाई करते हैं तो कभी माइनिंग वाले। सप्ताह भर में दूसरी बार रेत का अवैध रूप से परिवहन करते पांच ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं।चांपा के हनुमान धारा रेत घाट का ठेका अभी नहीं हो पाया है। यानि यहां से रेत निकालना पूरी तरह से अवैध है। चांपा नगर के आउटर में होने के कारण यहां से बड़ी मात्रा में रोज रेत निकाली जा रही है।रेत माफियाओं के लिए यह घाट वरदान साबित हो रहा है। यहां से रेत निकालकर मनमानी कीमत में बेच रहे हैं, इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। सप्ताह भर पहले एसडीएम बजरंग दुबे ने इसी घाट से अवैध रेत परिवहन की सूचना पर टीम के साथ छापामार कार्रवाई की थी तब भी चार ट्रैक्टर अवैध रूप से रेत का परिवहन करते पकड़े गए थे।फिर भी नहीं आ रहे बाजकार्रवाई के बाद भी रेत का अवैध कारोबार करने वाले ट्रैक्टर चालक बाज नहीं आ रही है। सोमवार को खनिज विभाग की टीम ने रेत का अवैध परिवहन करते पांच ट्रैक्टर्स को पकड़ा। जिला खनिज अधिकारी एनके सूर ने बताया कि सोमवार को हनुमान धारा से अवैध रेत परिवहन की सूचना मिलने पर कार्रवाई की गई। जहां पांच ट्रैक्टर रेत का अवैध परिवहन करते हुए जब्त किए गए। सभी के खिलाफ माइनिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news क्वारेंटाइन सेंटर ले जाते समय गाड़ी से कूदकर भागे मजदूर By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन-3 में दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस भेजा जा रहा है। बुधवार को ओडिशा गए तागा के दो मजदूरों को क्वारेंटाइन के लिए कापन ले जाते समय गाड़ी से कूदकर अपने गांव पहुंच गए। मामले में एसडीएम ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।तागा के कुछ लोग झारसुगुड़ा (आेडिशा) काम करने गए हुए थे। लॉकडाउन होने से वे झारसुगुड़ा में ही फंस गए। राज्य शासन द्वारा श्रमिकों के लाने की व्यवस्था कराई गई। बुधवार को झारसुगुड़ा से आए मजदूरों को गाड़ी से कापन हाईस्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर ले जाया जा रहा था। इसी बीच विजय कश्यप और सुरेश कश्यप गाड़ी से कूदकर अपने गांव तागा पहुंच गए। मामले की जानकारी होते ही जनपद सीईओ सत्यव्रत तिवारी ने इसकी सूचना जिला प्रशासन काे दी। जिसके बाद डायल 112 की टीम को तागा भेजकर भागे मजदूरों को घर से निकालकर क्वारेंटाइन सेंटरपहुंचाया गया।लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी: एसडीएम मेनका"बाहर से आने वाले मजदूरो के लिए व्यवस्था की जा रही है। सरपंचों को निर्देशित किया गया है वे अपने यहां आने वाले लोगों की जानकारी दें। मजदूर भी लापरवाही न करें। जानकारी छुपाने पर कार्रवाई की जाएगी।''-मेनका प्रधान, एसडीएम, जांजगीर Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The laborers jumped from the car while going to the quarantine center Full Article
india news शराब बंदी आंदोलन को मौहाडीह और मुड़पार की नारी शक्ति ने दिया समर्थन By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT कापन में देसी शराब दुकान बंद कराने के लिए महिलाओं का धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलन को समर्थन देने व नारी शक्ति द्वारा किए जा रहे आंदोलन को मजबूती देने के लिए मौहाडीह एवं मुड़पार की महिलाएं भी बुधवार को बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन करने पहुंची।महिलाएं गांव में शराब भट्टी हटाने के लिए नारे लगाने के साथ-साथ तख्ती के माध्यम से भी विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं। विरोध कर रहीं माधुरी बाई एवं मीना बाई ने बताया कि तीन दिनों से शराब दुकान को हटाने के लिए धरना प्रदर्शन करने के बाद भी जिला प्रशासन एवं आबकारी विभाग द्वारा कोई भी पहल नहीं किया जा रहा है।उन्होंने दावा किया कि शासन द्वारा देसी शराब दुकान को बंद कराने के लिए जब तक आदेश जारी नहीं होगा, महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। इस दौरान दिव्यांग कुमारी कश्यप सात घंटे तक लगातार धरना प्रदर्शन स्थल में उपस्थित रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने शराब बंदी की बात कही थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस अपना वादा नहीं निभा रही है।बढ़ा विरोध का दायरा, अन्य गांव की महिलाएं पहुंचींमहिलाओं ने देसी शराब दुकान के विरोध का बढ़िया तरीका निकाला है। वे नियमित रूप से दुकान खुलने से पहले ही मौके पर पहुंच जाती हैं, हाथों में तख्ती लेकर अपने स्तर पर विरोध में नारेबाजी करतीं हैं तथा शांत होकर मौके पर बैठ जाती हैं। उनके द्वारा कोई भी विरोध का ऐसा काम नहीं किया जा रहा है जिससे कानून का उल्लंघन हो रहा हो। आंदोलन का कमांड भी महिलाओं के ही हाथ में है इसलिए भी अधिकारी अधिक दबाव नहीं बना पा रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Mohadi and Mudapar's women power supported the liquor ban movement Full Article
india news पुलिस जवानों ने पक्षियों के लिए परिंडे बांध रोज पानी भरने का लिया संकल्प By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT कस्बे की पुलिस चौकी परिसर में लगे पेड़ों पर पुलिस चौकी इंचार्ज एएसआई इस्लाम खान, बीट कांस्टेबल हरीश दारा, समाजसेवी भानसिंह मेहता ने बेजुबान पक्षियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए दैनिक भास्कर द्वारा चलाए जा रहे परिंडे बांधो अभियान से प्रेरित होकर पुलिस चौकी परिसर में स्थित पेड़ों पर 5 परिंडे बांधकर नियमित जल भरने का संकल्प लिया। पुलिस चौकी इंचार्ज खान ने दैनिक भास्कर द्वारा चलाए गए अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि बेजुबान पक्षियों को भीषण गर्मी में पेयजल, खाने के लिए दाना उपलब्ध कराना इबादत से कम नहीं। इस नेक कार्य में पुलिस जवान नियमित इन परिंडाें में पानी भरकर पक्षियों को चुगने के लिए पेड़ों के नीचे बाजरे का दाना डालने की बात कही है।शाहाबाद. मुख्यालय के पुलिस थाना परिसर में बुधवार को दैनिक भास्कर की पहल पर परिंडे बांधो अभियान चलाया गया। सीआई हरिप्रसाद राणा ने बताया कि पशु-पक्षी पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भीषण गर्मी के मद्देनजर बेजुबान पक्षियों के लिए परिसर में लगे पेड़ों पर परिंडे बांधकर इनमें पानी भरा गया। आगे भी इन परिंडाें में पानी भरने की जिम्मेदारी स्टाफ ने ली है। इस माैके पर हैड कांस्टेबल ओमप्रकाश पंकज, कांस्टेबल रोहिताश बड़ारा, अडीसाल सिंह, पूरन सिंह आदि उपस्थित रहे।यादव महिला संगठन ने बांधे परिंडे: बारां. यादव महिला संगठन की सचिव एडवोकेट हिमानी यादव ने बताया कि कोरोना महामारी से लोग पीड़ित हैं। इसके कारण पशु-पक्षी भी दाना-पानी के लिए परेशान हैं। दैनिक भास्कर की ओर से चलाए जा रहे अभियान से प्रेरित होकर बुधवार को यादव महिला संगठन की सदस्याओं ने अलग-अलग जगह परिंडे बांधे और उनमें प्रतिदिन पानी भरने का संकल्प लिया। इस अवसर पर संगठन की ज्योति, कृष्णा सोन, चंचल यादव, मधु, मीनाक्षी, उमादेवी, मोना, पिंकी, फूलवती, रेखा यादव, रीना यादव, शिवानी, सुनीता, अनीता, वंदना यादव ने परिंडे बांधे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Police personnel pledge to fill water daily for birds Full Article
india news क्वारेंटाइन सेंटर के लिए 800 भवनों को देखा, 86 हुए फाइनल By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT मजदूरों को वापसी के बाद क्वारेंटाइन करने के लिए बड़ी संख्या में भवनों की जरूरत पड़ेगी। वैसे जिला प्रशासन ने विभिन्न शासकीय हॉस्टल, भवनों, बड़े शासकीय हाईस्कूल व हायर सेकंडरी सहित करीब 800 भवनों को चिह्नांकित किया है। पहले चरण में जहां व्यवस्था पूरी है ऐसे 86 भवनों को फाइनल कर लिया गया है। एसडीएम चांपा बजरंग दुबे ने अनुविभाग के 26 ग्राम पंचायतों में क्वारेंटाइन सेंटर के लिए 77 भवनों का चयन किया गया है। चांपा एसडीएम के जारी आदेश के अनुसार क्वारेंटाइन किए गए श्रमिकों के भोजन, आवास, चिकित्सा एवं अन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्रामीण क्षेत्र के क्वारेंटाइन सेंटर के लिए बम्हनीनडीह के जनपद सीईओ कुबेर सिंह उरेटी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसी प्रकार सहायक नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी बीईओ कमल बंजारे को दी गई है। क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन व्यवस्था के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी अमित भारत को सौंपा गया है। सहायक बीईओ हिमांशु मिश्रा भोजन व्यवस्था में सहयोग करेंगे। क्वारेंटाइन सेंटर के स्थल प्रभारी संबंधित क्षेत्र के पटवारी और कोटवार होगें। मॉनिटरिंग के लिए तहसीलदार राम सजीवन शर्मा, नायब तहसीलदार गरिमा मनहर, जयंती देवांगन को क्लस्टर वार नोडल अधिकारी बनाया गया है।ब्लाक में बनाए जाएंगे 160 क्वारेंटाइन सेंटर - देवरी-चांपा बम्हनीनडीह जनपद पंचायत अंतर्गत प्रवासी मजदूरों के लिए बना 61 क्वारेंटाइन सेंटर को चिह्नांकित किया गया है। जहां 3200 मजदूरों के लिए रहने व खाने की व्यवस्था की जाएगी। सीईओ केएस उरेती ने जनपद पंचायत के 60 ग्राम पंचायतों में 61 क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है। इन 61 क्वारेंटाइन सेंटर में लगभग 3200 मजदूरों के रहने की व्यवस्था की गई है।सक्ती में 118 क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गईसक्ती में 118 सेंटर बनाए जा रहे है। एसडीएम सुभाष राज ने बताया स्थानीय सरपंच व सचिवों को स्थल का प्रभार दिया गया है। इसके अलावा क्लस्टर स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। बीईओ पीसी राठौर, एबीईओ ऋषि कवर, श्याम, अनिल नोरगे, स्कूल समन्वयक मदन मोहन जायसवाल, छोटेलाल राव, लेखपाल चौधरी, एमपी सिदार, केके देवांगन, जीके लाठिया, निखिल कश्यप और यशवंत राज सिंह मंडलेकर को क्लस्टर वार नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है।मिनी स्टेडियम को बनाया पिकअप पाइंटकलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने लाॅकडाउन में फंसे हुए जिले के लोगों के वापस आने के पर जिला मुख्यालय जांजगीर के मिनी स्टेडियम पेंड्री भाठा को पिकअप पॉइंट बनाया है। पिकअप पॉइंट में बैरिकेडिंग व्यवस्था के लिए डीएफओ जेके उपाध्याय आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएंगे। इसी प्रकार सीएमएचओ डॉ.एसआर बंजारे मेडिकल टीम उपलब्ध कराएंगे । पीडब्ल्यूडी के ईई वायके गोपाल बैरिकेडिंग व्यवस्था करेंगे। सीएमओ मनोज सिंह पेयजल एवं टेंट की व्यवस्था करवाएंगें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news कोरबा, रायगढ़ के मजदूर भी चांपा में हीं उतरेंगे ट्रेन से, बस से ही जाएंगे अपने जिले By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT परदेस में फंसे मजदूरों को विभिन्न राज्यों से ट्रेन से ही लाया जाएगा। लेकिन यह ट्रेन कब व कितने मजदूरों को लेकर आएगी यह अभी तय नहीं है। लेकिन इतना तय हो गया है कि जिले के मजदूरों को चांपा रेलवे स्टेशन में ही उतारा जाएगा। इसके अलावा पड़ोसी जिला कोरबा और रायगढ़ के मजदूरों को भी यहीं उतारा जाएगा। चांपा से ही अन्य जिले के मजदूरों को उनके जिले के लिए या तो भेजा जाएगा या फिर वहां से साधन लेकर वहां के अधिकारी आएंगे। यह अभी तय नहीं हुआ है पर इसकी संभावना अधिक है कि संबंधित जिले के अफसर बस की व्यवस्था कर मजदूरों को लेने आएंगे।दूसरे प्रदेश गए मजदूरों की वापसी की तैयारी तो शुरू हो गई है, अभी तक जिले के 30 हजार से अधिक मजदूरों को चिह्नांकित किया जा चुका है जो जम्मू कश्मीर से लेकर देश भर के विभिन्न राज्यों में फंसे हैं। उनमें से 15 हजार मजदूरों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले चरण में उनकी घर वापसी होगी। इन मजदूरों को लाने के लिए 12 विशेष ट्रेनें चलाई जाएगी। मजदूरों के आने की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश भर में 8 रेलवे स्टेशनों को चिह्नांकित किया है जहां मजदूरों को लेकर लौटने वाली ट्रेन रूकेगी। इनमें बिलासपुर जोन के अलावा चांपा जंक्शन बस है। इसी स्टेशन में तीन जिलों जांजगीर-चांपा, कोरबा और रायगढ़ जिले के मजदूरों के लिए स्टॉपेज बनाया गया है।अधिकारियों ने किया स्टेशन का निरीक्षणबुधवार को कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक, डीजे राजेश श्रीवास्तव और एसपी पारुल माथुर ने चांपा रेलवे स्टेशन का का निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्य द्वार के सामने पार्किंग स्थल पर बसों को खड़ा करने तथा इन बसों को श्रमिकों के गंतव्य ग्रामों की ओर ले जाने आवश्यक व्यवस्था बैरिकेडिंग विभिन्न ग्रामों के लिए प्रस्थान करने दिशा के अनुरूप बसों को खड़ी करने तथा श्रमिकों की सुविधा के लिए बसों में बैठने की जानकारी देने आदि के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश दिए।जिलेवार संख्या, नाम और कोच की जानकारी मिलेगीट्रेन जब रवाना होगी तो मजदूरों के नाम, पता, वे किस ब्लॉक के हैं। उनकी पूरी जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस के पास आएगी, इसके लिए दोनों विभाग के अधिकारी रेलवे के अधिकारियों को कॉर्डिनेट करेंगे। ताकि उनके आने के पहले ही उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर तक ले जाने की व्यवस्था हो सके।कब आएगी मजदूरों की ट्रेन यह अभी तय नहींमजदूरों को लेकर ट्रेन कब आएगी इसेे अभी गोपनीय ही रखा जाएगा, क्योंकि जानकारी सार्वजनिक होने पर स्टेशन में भीड़ होने की आशंका है। जब मजदूरों को लेकर ट्रेन रवाना होगी, उसकेे बाद ही संबंधित जिले के अफसरों को जानकारी मिलेगी कि उनके जिले के कितने मजदूर किस ट्रेन से कितने बजे रवाना हो रहे हैं।स्टेशन में रहेगी पूरी तैयारी"श्रमिकों को लेकर आने वाली ट्रेन केवल चांपा में रूकेगी। रायगढ़ और कोरबा जिले के मजदूरों को भी इसी स्टेशन में उतारा जाएगा। यहां पर हमारे जिले के मजदूरों को उनके ब्लॉक के क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी। अभी दूसरे जिले के मजदूरों को वहां के अधिकारी लेने आएंगे कि पहुंचाना होगा यह तय नहीं हो पाया है।''-संतोष महतो, एएसपी व प्रभारी अधिकारी पुलिस Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Workers of Korba, Raigarh will also land in Champa by train, will go by bus to their district Full Article
india news 5 महीने बीतने के बाद भी कटोरा के नव-निर्वाचित सरपंच को नहीं मिला पदभार By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT ग्राम पंचायत कटोरा पूरे कोरिया जिले में सुर्खियों में बना हुआ है, जहां पंचायती राज अधिनियम की पूरी तरह से खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।नव-निर्वाचित सरपंच नंदिनी सिंह चुनाव जीतने के बाद 5 महीने से संबंधित अफसरों सहित ग्राम पंचायत सचिव शिव कुमार सिंह को कह चुकी हैं कि उन्हें पदभार दिया जाये। लेकिन सचिव उन्हें हर बार टाल रहे हैं। नंदनी सहित नव-निर्वाचित उप सरपंच प्रमिला विश्वकर्मा, पंच नानबाई सारथी, सुनीता राजवाड़े, भूपेन्द्र प्रजापती, नारायण राजवाड़े आदि ने यह बताया कि पदभार सौंपने के लिए हमने कई बार कहा, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।नव-निर्वाचित सरपंच और पंचों ने बताया कि 5 मई को सुबह 11 बजे फिर से सचिव से सरकारी कागजात व संपत्ति की जानकारी मांगी तो सचिव ने कुर्सी, टेबल, पंखा, कूलर, आलमारी, सरकारी भवन की जानकारी देते हुए कहा कि यह पंचायत की संपत्ति है, लेकिन उपस्थित सरपंच सहित पंचों ने मांग की कि हमें सामान्य सभा की सूचना पंजी, कार्यवाही पंजी, ग्राम सभा की सूचना पंजी, कार्यवाही पंजी, कैश बुक, पास बुक, और 2015 से 2019 तक के सभी कागजात दिया जाए। इस पर सचिव ने कहा कि यह नियम में नहीं है, जितना नियम में हैं, उतनी जानकारी मैं दे रहा हूं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Even after 5 months, the newly elected sarpanch of the bowl did not get the post. Full Article
india news कोटा से 32 स्टूडेंट को रायगढ़ से लेकर सूरजपुर पहुंची बस By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT राज्य शासन ने कोटा में मेडिकल व इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई कर रहे छात्रों की परेशानी को देखते हुए उनकी मदद के लिए कदम बढ़ाया और उन्हें कोटा से लाकर विभिन्न जिलों में 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया था।जिन्हें अब उनके गृह जिलों में बसों से पहुंचाया जा रहा है। अब सभी छात्रों एवं उनके अभिभावकों को 14 दिनों तक घरों पर ही होम आइसोलेशन में रहना होगा ताकि कोविड-19 के संक्रमण के संभावित खतरे से बचा जा सके। इन बच्चों को सुरक्षित घर वापसी को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी व पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा ने इंतजाम कराया है। कोटा के स्टूडेंट जो रायगढ़ से सूरजपुर में आ रहे है उनकी थर्मल स्क्रीनिंग जांच, बच्चों को मास्क वितरण, स्टूडेंट को उनके अभिभावकों के साथ घोषणा पत्र लेकर भेजने एवं वाहन के सैनेटाइजेशन की व्यवस्था कराई है। प्रशासन की टीम के द्वारा बच्चों के जिले में आने की सूचना पूर्व से ही सभी पालकों को दे दी गई थी। बुधवार को कोटा में पढ़ने वाले 32 स्टूडेंट जिन्हें रायगढ़ में क्वारेंटाइन कर रखा गया था, उन्हें सुबह एक बस मुख्यमंत्री डीएवी पब्लिक स्कूल लेेकर तिलसिवां पहुंची। बसों से स्टूडेंट के उतरने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करते हुए मास्क वितरण किया। विभिन्न जिलों में ठहरे 158 स्टूडेंट जो सूरजपुर, प्रेमनगर, प्रतापपुर, रामानुजनगर, भैयाथान व ओड़गी के रहने वाले हैं उनमें से 32 स्टूडेंट आ चुके हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Bus from Kota to 32 students from Raigarh to Surajpur Full Article