india news टिड्डी दल का सीमावर्ती गांवाें में हमला, हिंदुमलकाेट से पाकिस्तान लाैटी By Published On :: Sun, 10 May 2020 02:30:00 GMT बाॅर्डर एरिया के ग्रामीण क्षेत्र में टिड्डी दल का हमला जारी है। टिड्डी दल ने शनिवार काे भी मिर्जेवाला, दाैलतपुरा, मदेरां और हिन्दुमलकाेट एरिया में दस्तक दी। हिन्दुमलकाेट में पाकिस्तान सीमा के पास लंबे चाैड़े क्षेत्र में आई टिड्डी दिन भर इधर उधर भटकने के बाद शाम काे पाकिस्तान सीमा में प्रवेश कर गई, लेकिन मदेरां और दाैलतपुरा क्षेत्र में कृषि अधिकारियाें काे टिड्डियाें ने दिन भर परेशान किया। कृषि विभाग के उपनिदेशक डाॅ. जीआर मटाेरिया सुबह से स्टाफ काे साथ लेकर माैके पर पहुंचे। मदेरां के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एच नहर के आसपास पेड़ाें पर बैठी टिड्डियाें पर दवा का छिड़काव करवाया। एक समय ताे यह स्थिति भी आगई कि नहर के दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्र में पटरियाें के पास पेड़ाें पर बैठी टिड्डियाें पर दवा का छिड़काव करवाया गया। डाॅ. मटाेरिया ने बताया कि शनिवार काे हिन्दुमलकाेट एरिया में आई टिड्डियां इधर उधर घूमती रही और शाम काे पाकिस्तान की तरफ उड़ गई। यहां दिन भर में किसानाें के 10-12 ट्रैक्टराें व टिड्डी मंडल सूरतगढ़ की दाे गाड़ियाें की मदद से दवा का छिड़काव करवाया। इस माैके पर उनके साथ सहायक कृषि अधिकारी सुशील बेदी, जसवंतसिंह, कृषि पर्यवेक्षक नेतराम, वीरपालसिंह, अाकाश भांभू, कृष्ण जांदू एवं अनेक किसान साथ रहे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Locust party attacked in frontier villages, Pakistan Lahti from Hindmalket Full Article
india news सांसद ने आकाशवाणी से कोरोना से निपटने का दिया संदेश By Published On :: Sun, 10 May 2020 02:32:00 GMT सांसद निहालचंद मेघवाल ने आकाशवाणी सूरतगढ़ से कोरोना संक्रमण से बचाव काे लेकर संदेश दिया। सांसद ने क्षेत्रवासियों को इस संकट की घड़ी में बचाव के लिए बुनियादी रोकथाम और सतर्कता बरतनेे का आह्वान किया। सांसद ने कहा अपने घर पर सुरक्षित रहें और बिना वजह घर से बाहर न निकलें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व जिला प्रशासन सराहनीय कार्य कर रहा है। हम सभी को इनका सहयोग करें। सांसद ने कहा कि किसानों की फसल खरीद के लिए जिले में अपेक्षित इंतजाम किए गए हैं। जिले में पर्याप्त बारदाना पहुंच गया है। किसानों को फिजीकल डिस्टेंसिंग व मास्क का उपयोग आवश्यक रूप से करना चाहिए। उन्हाेंने अपील की कि अपने आसपास के क्षेत्र में जरूरतमंद की यथासंभव राशन व राेजगार के रूप में मदद करें। जब भी बाहर जाएं अपना मुंह ढ़क कर रखें। घर में आते ही साबुन से अच्छी तरह हाथ धोए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news संभागीय आयुक्त और आईजी पहुंचे साधुवाली स्टेट बाॅर्डर, व्यवस्थाएं देखी, ठीक बता वापस रवाना हुए By Published On :: Sun, 10 May 2020 02:34:00 GMT काेराेना संक्रमण काे पंजाब से श्रीगंगानगर में प्रवेश काे राेकने काे स्टेट बाॅर्डर पर की गई व्यवस्थाओंका जायजा लेने शनिवार दाेपहर संभागीय आयुक्त छगन श्रीमाली व आईजी जाेस माेहन माैके पर पहुंचे। कलेक्टर शिव प्रसाद मदन नकाते व एसपी हेमंत शर्मा पहले से माैजूद थे। कलेक्टर ने दाेनाें उच्चाधिकारियाें काे बताया कि वर्तमान में स्टेट बाॅर्डर पर सभी नाकाें पर केवल गुड्स कैरियर काे ही आवागमन की अनुमति है। इसके अलावा पंजाब से श्रीगंगानगर में आने के लिए जिला प्रशासन की अनुुमति लेना अनिवार्य है। लाेगाें की सुविधा के लिए ई-मित्र के माध्यम से पास के लिए अावेदन लिए जा रहे हैं। चार सीसी कैमराें से हर आने जाने वाले वाहनाें और नागरिकाें की अभय कमांड सेंटर पर निगरानी की जा रही है। पास जारी हाेने के बाद हर नागरिक की स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। दाे जगह नाम व पते दर्ज किए जाने के बाद जाने दिया जा रहा है।उन्हाेंने पंजाब पुलिस की ओर से पंजाब राज्य सीमा में राजस्थान पुलिस के नाके से महज 10 मीटर की दूरी पर लगाए गए नाके पर जाकर भी बात की। सभी व्यवस्थाओंकाे ठीक बता वे श्रीगंगानगर के लिए रवाना हाे गए। इससे पहले पंजाब के पतली चेक पोस्ट का भी निरीक्षण किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Divisional commissioner and IG reached Sadhuwali state border, saw the arrangements, left right and returned Full Article
india news लावारिस मिला बालक बिहार का, परिजनों से मिलने के लिए लॉकडाउन खत्म हाेने का इंतजार करना हाेगा By Published On :: Sun, 10 May 2020 02:36:00 GMT बाल कल्याण समिति ने शहर के निकट 13 एलएनपी (ठाकरांवाली) के आस पास 14 अप्रैल रात को चूनावढ़ पुलिस को लावारिस हालत में मिले बालक के परिजनों का पता लगा लिया है। 10-11 वर्ष का यह बालक बिहार के अररिया जिले का निवासी है। लॉकडाउन के बाद कानूनी कार्रवाई पूरी कर बालक को परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा। समिति अध्यक्ष एडवोकेट लक्ष्मीकांत सैनी के अनुसार समिति को 16 अप्रैल को जिला अस्पताल से एक पत्र प्राप्त हुआ। जिसमें जानकारी दी गई कि एक बालक 13 एलएनपी के पास लावारिस हालात में मिला है, उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती बालक से मिलकर मित्रता पूर्ण वातावरण तैयार किया गया। इसके बाद जब बालक उनके साथ घुल मिल गया तो समिति सदस्यों ने नाम पता पूछा। तब बालक ने अपना नाम संदीप पुत्र मदन लाल निवासी जिला अररिया बिहार बताया। बच्चे ने समिति सदस्यों को बताया कि रेलगाडी में सवार होकर यहां पहुंच गया था। समिति के पदाधिकारियों ने बालक के हित को ध्यान में रखते हुए उसे 6 मई को सुरक्षित स्थान पर आश्रय के लिए भेज दिया।दस्तावेजों की जांच के बाद ही होगी सुपुर्दगी: समिति अध्यक्ष ने बताया है कि बालक के बताए पते के अनुसार सिमिति सदस्याें हुकमाराम, प्रभा शर्मा, छात्रावास अधीक्षक अनुसूईया, चाइल्डलाइन समन्वयक त्रिलोक वर्मा ने बिहार, पश्चिम बंगाल की बाल कल्याण समितियों एवं पुलिस थानों से संपर्क किया। समिति श्रीगंगानगर के प्रयासों से बालक के लापता होने की जानकारी पुलिस थाना मिर्जापुर अररिया से मिली। बच्चे के परिजनों ने इसके लापता होने की रिपोर्ट पुलिस थाने में दी थी। उसके पिता मदनलाल को बच्चे के सकुशल होने की सूचना दी गई है। अब लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद माता पिता संबधित दस्तावेजों की जांच कर बालक सुपुर्द किया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news कर्फ्यू-कंटेनमेंट इलाके वाले सफाई कर्मचारी नजदीक के उप कार्यालय में देंगे उपस्थिति By Published On :: Sun, 10 May 2020 02:37:00 GMT कोरोना के कारण निगम के 400 कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं। ये कर्फ्यूग्रस्त या कंटेनमेंट इलाकों में रह रहे हैं। निगम ने इनको घर के पास ही सफाई उप कार्यालय या सीएसआई कार्यालय में उपस्थिति देने को कहा, साथ ही हिदायत दी कि आदेश की अवहेलना करने पर कार्रवाई होगी। लॉकडाउन के बाद कोरोना मरीजों वाले इलाकों को सील करने के लिए गए फैसले के बाद रेड जोन, कर्फ्यू व कंटेनमेंट जोन में रहने वाले सफाई कर्मचारियों को घर से नहीं निकलने दिया जा रहा है, ताकि संक्रमण तेजी से नहीं फैले। इसके चलते कई सफाई प्रभारी भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इन सफाई कर्मचारियों व प्रभारियों के फील्ड में नहीं होने से शहर की सफाई व्यवस्था चरमराने लगी है। इसी को ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासक एसके ओला ने यह निर्णय लिया है।भीतरी शहर व उदयमंदिर में कर्फ्यू लगने के बाद कई सफाई प्रभारियों ने निगम के सोशल ग्रुप में सफाई कर्मचारियों को बाहर निकलने के इंतजाम करवाने के लिए प्रशासक को लिखा, लेकिन तब उन्होंने भी कर्मचारियों को घर में रहने को कहा था, अब उदयमंदिर, मेड़ती गेट, नागौरी गेट, चांदी हाॅल, लखारा बाजार सहित परकोटे के भीतरी इलाकों में रहने वाले सफाई कर्मचारी के काम पर नहीं जाने से सफाई व्यवस्था चरमराने से यह कदम उठाया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news स्वस्थ पिता ने हाॅस्पिटल में रुक तीन मासूमों काे काेराेना से जंग जिताई, 9 दिन भांजे के लिए भी रुके रहे, निराेगी कर घर ले ही आए By Published On :: Sun, 10 May 2020 02:41:00 GMT एक पिता के साये तले बच्चे क्यों हर संकट से महफूज महसूस करते हैं। लाडले भांजे की जान बचाने मामा किस हद तक जाेखिम उठा सकता है। इसका उदाहरण पेश किया उदयमंदिर के रविंद्र चांवरिया ने। रविंद्र के अपने बच्चे प्रतिभा (6), विनित (12), उदिता (13) के साथ ही भांजा मयंक (11) 18 अप्रैल काे पाॅजिटिव आए थे। पूरे परिवार काे क्वारेंटाइन किया गया था। मासूमाें काे काेराेना की जंग जिताने रविंद्र स्वस्थ हाेते हुए भी बच्चाें के साथ एमडीएम हाॅस्पिटल में रुके थे। बच्चाें काे याेग-प्रार्थना, खेल, आराम करवाकर शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत रखा। इसका नतीजा भी निकला और 29 अप्रैल काे रविंद्र के तीनाें बच्चे स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। हालांकि भांजा मयंक तब भी काेराेनाग्रस्त ही आया। रविंद्र ने पिता का फर्ज पूरा होने पर एक मामा का कर्तव्य भी निभाने की ठानी। तीनों बच्चों को तो घर भेज दिया और अकेले भांजे के लिए भी हॉस्पिटल में रुके रहे।डेढ़ माह से बेटे को नहीं देख सकी है मां मासूम बच्चे के डॉक्टर भी अलग से ड्राइफ्रूट भिजवाते। मामा की मेहनत, मयंक का आत्मविश्वास और मेडिकल टीम की देखरेख आखिर रंग लाई। पूरे 9 दिन बाद शुक्रवार को मयंक की रिपोर्ट निगेटिव आई। रविंद्र चांवरिया की 20 दिन की मेहनत सफल हुई। शुक्रवार को वे स्वस्थ मयंक को लेकर हॉस्पिटल से घर पहुंचे। मयंक लॉकडाउन से पहले ही ननिहाल आ गया था। वह पॉजिटिव आया तो मां शांता बिलख पड़ी थी। भाई रविंद्र ने उन्हें भरोसा दिलाया। शांता को जब बेटे मयंक के स्वस्थ होने का पता चलता तो खुशी के आंसू छलक उठे।तीनाें ममेरे भाई-बहनों के घर लौट जाने से मयंक बेहद उदास हो गया था। मामा रविंद्र ने उसे हाैसला दिया कि जल्दी ही वे भी स्वस्थ होकर घर चलेंगे। वे मयंक को याेग, प्रार्थना, पढ़ाई करवाने के साथ ही उसके साथ खेलते भी। उसे खुश रखने के सारे जतन के साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ाते। दिन में कई-कई बार घर पर उसके भाई-बहनों से उसकी बात करवाते। सुरक्षा के लिए वे मास्क के साथ सोशल डिस्टेंस भी बनाए रखते। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Healthy father made three innocents stay in hospital, fight with Kerena, stayed for 9 days nephew, disarmed and brought home Full Article
india news पहले 100 पाॅजिटिव 25 दिन में मिले, दूसरे 100 महज 17 दिन में बढ़े, कुल 213 पहुंचा आंकड़ा By Published On :: Sun, 10 May 2020 05:39:00 GMT अजमेर में रविवार सुबह 2 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। जिसके बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 213 पहुंच गया है। इससे पहले शनिवार को 15 पॉजिटिव केस सामने आए ते। इनमें 4 प्रसूताएं भी शामिल हैं। बीते 48 घंटे में छह प्रसूताएं संक्रमित हो चुकी हैं, इसमें से एक प्रसूता ने शनिवार को नवजात को जन्म दिया है। अजमेर जिले में पहला कोरोना पॉजिटिव 27 मार्च को मिला था। 25 दिन बाद यानी, 22 अप्रैल को संक्रमितों की संख्या 100 के पार पहुंच गई। वहीं 18 दिन बाद यानी, 9 मई को जिले में पॉजिटिव 211 हो गए। जो अब 213 पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार जिले में पहले 100 पॉजिटिव मरीज जहां 25 दिन में सामने आए, वहीं दूसरे 100 पॉजिटिव महज 17 दिन में ही हो गए।पिछले एक सप्ताह में 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है। बीते 24 घंटे के आंकड़े देखें तो अजमेर के आदर्श नगर, पर्वतपुरा बाइपास, वैशाली नगर, पंचशील, अजयनगर, नसीराबाद, किशनगढ़ शहर नए कोरोना क्षेत्र बनकर सामने आए हैं। चिकित्सा विभाग ने शनिवार को 108 लोगों के सैंपल लिए हैं।लापरवाही...दो दिन बाद भी सैंपल नहीं लिएकेसरगंज बाबू मोहल्ला में पॉजिटिव मिलने के दो दिन बाद भी मोहल्लेवासियों के सैम्पल नहीं लिए गए हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि किसी भी परिवार से अबतक जानकारी भी नहीं ली है।24 घंटे में यहां से मिले पॉजिटिव अजमेर के सेटेलाइट अस्पताल में भर्ती 4 गर्भवती संक्रमित मिली हैं, सभी पर्वतपुरा बाइपास, ब्रह्मा का बाड़िया, आदर्श नगर, अजयनगर की रहने वाली हैं। वैशाली नगर से एक महिला, पंचशील स्थित गणेश गुवाड़ी से एक युवक पॉजिटिव मिला है। राजकीय महाविद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती तीन युवक और मानसिंह होटल की एक युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ब्यावर के दुर्गा कॉलोनी व जसवंतपुरा निवासी दो युवक संक्रमित मिले हैं। केकड़ी निवासी एक युवक की जांच रिपोर्ट भी शनिवार को कोरोना पॉजिटिव आई है।अब जिले के 14 थाना क्षेत्रों में हॉट-स्पॉटअजमेर जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से पुलिस और जिला प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। अब तक जिले में करीब 14 थाना क्षेत्रों में हॉटस्पॉट बन चुके हैं। पिछले 24 घंटे शहर में जो पॉजिटिव केस सामने आए, उनमें से आदर्श नगर, अजयनगर, परबतपुरा, बड़ल्या, पंचशील और मानसिंह होटल के क्वारेंटाइन सेंटर के लोग हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए अजमेर में अजयनगर के एक किमी क्षेत्र में और आदर्शनगर थाना क्षेत्र के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। केकड़ी में भी कर्फ्यू लगा दिया गया हैं। यहां काजीपुरा क्षेत्र से एक कोरोना संक्रमित पॉजिटिव आया है। शनिवार कa यहां पुलिस अधीक्षक कुंवर राषट्रदीप ने दौरा भी किया। नसीराबाद शहर एवं अजमेर उपखण्ड के जाटिया गांव व आसपास के क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है। नसीराबाद शहर का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र 'जीरो मोबिलिटी एरिया' घोषित किया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today अजमेर में घर-घर सर्वे लागातार जारी। Full Article
india news तीन दोस्तों के साथ शुक्रवार को कार चला कर मुंबई से डूंगरपुर आया, दो दिन बाद ही रिपोर्ट आई पॉजिटिव By Published On :: Sun, 10 May 2020 06:40:00 GMT (दीपक शर्मा)। अभी तक कोरोना के कहर से बचे डूंगरपुर शहर में पहला मामला आया है। दो दिन पहले ही मुंबई से आया 28 वर्षीययुवक कोरोना संक्रमित है। युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उसके घर के आस-पास एक किलोमीटर केइलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहां पुलिस तैनात कर दी गई है।ऐसे चला पताशहर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाला युवक आठ मई को अपनी कार से मुंबई से डूंगरपुर आया था। उसने प्रशासन से राजस्थान आने की इजाजत ली थी और उसका और उसके तीन दोस्तों का पास बना था। चारों दोस्त कार से गुजरात होते हुए राजस्थान पहुंचे। ये रतनपुरा बॉर्डर से डूंगरपुर बस स्टैंड पहुंचे।इस युवक के साथ आए तीन दोस्तों को सलूंबर जाना था। इसलिए इस युवक ने अपने एक दोस्त को बुलाया। स्कूटी से आया उसका दोस्त एक ड्राइवर को साथ लाया। ड्राइवर कार से इस युवक के दोस्तों को छोड़ने के लिए सलूंबर के लिए रवाना हो गया। कार वापिस लानी थी इसलिए ड्राइवर को बुलाना पड़ा। उनके जाने के बाद स्कूटी सवार युवक ने मुंबई से आएअपने दोस्त को उसके घर छोड़ा। शनिवार को चिकित्सा विभाग की टीम डोर-टू-डोर सर्वे कर रही थी। जांच में पता चला कि उसे बुखार है। ट्रैवल हिस्ट्री जानने पर पता चला कि वह मुंबई से आया है तो उसे अस्पताल ले जाया गया तथा सैंपल जांच के लिए भेजा गया। रात को इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही प्रशासन हरकत में आ गया तथाहाउसिंग बोर्ड कॉलोनीमेंइसके घर के आस-पास एक किमी के क्षेत्रमें कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं इसके साथ आए तीन दोस्तों और इसके दोस्त तथा ड्राइवर को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Dungarpur Jaipur Jodhpur Rajasthan Cases Live | Rajasthan Coronavirus Outbreak Latest Updates/Corona COVID 19 Cases In Jaipur Jodhpur Bhilwara Jaisalmer Bikaner Banswara Ajmer Sikar Latest Today News Full Article
india news अब तक 692 संक्रमित; राज्य में कोरोना से 10वीं मौत, फरीदाबाद में 73 साल की शुगर पेशेंट ने ईएसआई अस्पताल में दम तोड़ा By Published On :: Sun, 10 May 2020 05:55:41 GMT लॉकडाउन फेज-3 का आज7वां दिन है। फरीदाबाद में कोरोना से तीसरी मौत हो गई, जबकि प्रदेश में यह 10वीं मौत है। फरीदाबाद के ईएसआई अस्पताल में भर्ती 73 साल की एक शुगर पेशेंट महिला ने दम तोड़ दिया। महिलाआशा सूरी फरीदाबाद के सेक्टर-29 की रहने वाली थी। बीती 6 मई को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें ईएसआई अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हरियाणा में कुल मरीजों का आंकड़ा 692 पहुंच गया है। गुड़गांव के बाद सोनीपत में मरीजों की कुल संख्या 100 पहुंच गई है।हरियाणा में इंडस्ट्री का चक्काचला हरियाणा में न केवल स्थापित इंडस्ट्री का चक्का चलाने के भरसक प्रयास किए जा रहें हैं बल्कि निवेश के लिए भी अफसरों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। एमएसएमई इंडस्ट्री अब शुरू होने लगी हैं। राज्य में 24 लाख श्रमिकों-कर्मचारियों में 13 लाख को काम मिल गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के नाम संबोधन में दी। उन्होंने कहा कि जहां 6 लाख श्रमिकों ने अपने राज्यों में जाने के लिए पंजीकरण कराया है, वहीं एक लाख 10 हजार प्रवासी श्रमिक हरियाणा में आने के इच्छुक भी हैं। चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक औरआर्थिक गतिविधियों में औरतेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। चीन से जो देश अपने औद्योगिक कार्यों स्थानांतरित अन्य देशों में करने इच्छुक है, वे अब भारत में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें हरियाणा में प्राथमिकता देने की पहल की जा रही है। जापान, अमेरिका, कोरिया, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान के निवेशकों के साथ हरियाणा लगातार प्रयासरत है। हरियाणा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में तीसरे स्थान पर हैं।कोरोना से जान गंवाने वाली युवती का परिजनने शव लेने से इनकारकोरोना से जान गंवाने वाली पानीपत की 20 साल की युवती का अंतिम संस्कार भी खानपुर के डॉक्टरों को कराना पड़ा, क्योंकि परिजनों ने शव लेने से ही इनकार कर दिया था। प्रोटोकॉल के अनुसार,ऐसे वक्त में परिवार से किसी न किसी सदस्य कोमौजूद रहना चाहिए। दरअसल, युवती फरीदाबाद की थी और यहां बहन के पास आई थी। पानीपत के लोग फरीदाबाद औरफरीदाबाद के परिजन पानीपत में अंतिम संस्कार कराने की बात कह रहे थे। अंतत: अंतिम यात्रा में भी अपनों का साथ भी नहीं मिला।सिंगापुर से लाए गए 19 युवकों ने अव्यवस्था पर सवालउठाएशुक्रवार को सिंगापुर से लाकर गुड़गांव के डूंडाहेड़ा सामुदायिक केंद्र में क्वारैंटाइन किए गए 19 युवकों ने शनिवार को वहां की अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए। युवकों ने वीडियो बनाकर फेसबुक पर पोस्ट की। उन्होंने बताया कि जिस हॉल में उन्हें ठहराया गया है, वहां गंदगी फैली है। शौचालयों में न ही हाथ धोने और न ही नहाने के लिए पानी है। जब से उन्हें यहां लाया गया है, तब से कोई भी उनकी जांच करने तक नहीं आया है। खामियों को दिखाते हुए सरकार से उन्हें दूर कराने की मांग की। मामला बिगड़ता देख प्रशासन ने उन्हें बाद में दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।हरियाणा में 10 की कोरोना से मौत, लेकिन सरकार गुड़गांव के एक मरीज को नहीं गिन रही हरियाणा में अब तक कोरोना संक्रमण से 10 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग 9 मौत मान रहा है। गुड़गांव के सेक्टर-18 के 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत रोहतक पीजीआई में इलाज के दौरान हुई थी, उन्हें सरकार ने अपने आंकड़े में नहीं जोड़ा है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक, पहली मौत 2 अप्रैल को अम्बाला के 67 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। दूसरी मौत 3 अप्रैल को हुई थी, जब रोहतक की कोरोना पॉजिटिव महिला ने दिल्ली में दम तोड़ा था। तीसरी मौत 5 अप्रैल को करनाल के बुजुर्ग की हुई थी। चौथी मौत 28 अप्रैल को फरीदाबाद में 68 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। पांचवीं मौत 2 मई को 63 वर्षीय कोरोना पीड़ित महिला की चंडीगढ़ पीजीआई में हुई थी। छठी मौत 4 मई को फरीदाबाद में हुई थी। 7वीं मौत भी 4 मई को पानीपत में एक युवक की हुई थी लेकिन उसकी कोरोना होने की पुष्टि 6 मई को हुई। 8वीं मौत 6 मई को पानीपत के झट्टीपुर गांव में एक 28 वर्षीय युवक की हुई, जिसे टीबी, खांसी और बुखार भी था। उसकी रिपोर्ट 7 मई को कोरोना पॉजिटिव आई थी। 9वीं मौत 8 मई को फरीदाबाद की युवती की हुई, जो पानीपत में अपनी बहन के घर रहने आई हुई थी। उसने खानपुर मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। 10वीं मौत फरीदाबाद में हुई है, यहां 73 वर्षीय महिला ने ईएसआई अस्पताल में दम तोड़ दिया।हरियाणा में 692 पहुंचा पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा हरियाणा में अब तक गुड़गांव में 142, सोनीपत में 100, फरीदाबाद में 94, झज्जर में 74, नूंह में 59, अम्बाला में 41, पलवल में 36, पानीपत में 36, पंचकूला में 20, जींद में 17, करनाल में 14, यमुनानगर में 8, सिरसा में 7, फतेहाबाद में 7, महेंद्रगढ़, हिसार, रोहतक में 4-4, भिवानी और रेवाड़ी में 3-3, कुरुक्षेत्र और कैथल में 2-2, चरखी दादरी में एक पॉजिटिव मिला। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है। प्रदेश में अब कुल 290 मरीज ठीक हो गए हैं। नूंह में 57, गुड़गांव में 51, फरीदाबाद में 55, पलवल 32, पंचकूला में 17, अम्बाला में 11, झज्जर में 10, सोनीपत में 9, पानीपत में 6, करनाल में 5, सिरसा में 4, यमुनानगर, भिवानी और हिसार में 3-3, कैथल, कुरुक्षेत्र, रोहतक में 2-2, चरखी दादरी, फतेहाबाद 1-1 मरीज ठीक होने पर घर भेजा गया। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं। इनके समेत कुल आंकड़ा 241 हो जाता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जींद में बीच बाजार खड़ी एक कार की पुलिसवाले ने हवा निकाल दी। इस समय हरियाणा में पुलिस बाजारों में गश्त करके लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जागरूक कर रही है। Full Article
india news करनाल के 3 चावल निर्यातकों पर 411 करोड़ की धोखाधड़ी का केस दर्ज, सीबीआई में दर्ज हुआ मामला By Published On :: Sun, 10 May 2020 06:15:00 GMT एसबीआई ने रामदेव इंटरनेशनल के 3 चावल निर्यातकों के खिलाफ सीबीआई में मामला दर्ज करवाया है। ये आरोपी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले 6 बैंकों के गठजोड़ के साथ 411 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बाद देश से फरार हो चुके हैं। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि एसबीआई द्वारा इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराए जाने से पहले ही ये देश से भाग चुके हैं।सीबीआई ने हाल में पश्चिम एशियाई देशों और यूरोपीय देशों को बासमती चावल का निर्यात करने वाली कंपनी और उसके निदेशकों नरेश कुमार, सुरेश कुमार और संगीता के खिलाफ एसबीआई की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। आरोप है कि इन लोगों ने उसको 173 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।एसबीआई ने कहा है कि कंपनी की करनाल जिले में 3 चावल मिलें, 8 छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां हैं।करनाल की कंपनी ने व्यापार के लिए सऊदी अरब और दुबई में कार्यालय भी खोले हुए हैं। कंपनी को ऋण देने वाले बैंकों में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Haryana news Karnal 411 crore export fraud cases registered against 3 rice exporters Full Article
india news तेज तूफान के साथ हुई बारिश, दिन में ही हुआ अंधेरा, 13 मई तक पश्चिमी विक्षोभ दिखाएगा असर By Published On :: Sun, 10 May 2020 07:36:00 GMT पश्चिमी विक्षोभ से उत्तरी भारत का मौसम एकाएक बदल गया। खासकर हरियाणा में रविवार को तेज आंधी-तूफान के चलते दिन में अंधेरा छा गया। आसमान काली घटाओं से घिर गया और बारिश भी हुई। एकाएक मौसम का मिजाज बदलने से गर्मी से थोड़ी राहत जरूरी मिली, लेकिन मंडी में बिकवाली के लिए पहुंची गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गई।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 13 मई तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। आगामी तीन दिनों तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। आगामी 48 घंटों में मेघ गर्जना बारिश होने की संभावना है। रविवार सुबह आम दिनों की तरह धूप खिली थी लेकिन करीब 9 बजे मौसम अचानक से बदल गया। आसमान में बादल छा गए और तेज आंधी शुरू हो गई। आंधी के साथ-साथ बारिश शुरू हुई। पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र में तेज आंधी और बारिश थी, जिससे सड़कों पर खड़े काफी पेड़ उखड़कर गिर गए।चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल के अनुसार चंडीगढ़ में 22 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। वहीं एयरपोर्ट एरिया में 66 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार रही। शहर का अधिकतम तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया। आगामी तीन दिनों तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। तेज हवाओं के साथ बारिश भी हो सकती है।हरियाणा में चली 40 से 50 किलो मीटर प्रतिघंटा से हवाएंपश्चिमी विक्षोभ से हरियाणा के सभी जिलों में बारिश हुई है। प्रदेश में 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तेज धूल भरी तेजहवाएं चली। करीब दो से तीन घंटे तक हवाओं एवं रिम-झिम बारिश से मौसम सुहावना हो गया। प्रदेश के पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, जींद, करनाल, सोनीपत, पानीपत सहित सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, हिसार, चरखी-दादरी, झज्जर, रोहतक, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। अभी तक प्रदेश में लू का प्रकोप भी देखने को नहीं मिला है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मई के दूसरे पखवाड़े से ही लू का प्रकोप शुरू हो सकता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यमुनानग में रविवार सुबह 10 बजे कुछ ऐसा नजारा था। ऐसा लग रहा था मानों दिन में ही रात हो गई हो। चारों तरफ काले बादल छाए हुए थे। Full Article
india news साहित्य और सिनेमा में मां की महिमा By Published On :: Sun, 10 May 2020 00:44:00 GMT शहरों और कस्बों के किसी भी मोहल्ले से गुजरें तो अधिकांश मकानों के नाम में मां को शामिल किया गया है, जैसे- ‘मातृकृपा’। यह बात अलग है कि बेटा अपनी पत्नी के दबाव में उसी मां के साथ अन्याय करे। टीवी हास्य सीरियल ‘हप्पू की उलटन पलटन’ का नायक अपनी मां और पत्नी के पाटों के बीच सतत् पिसता रहता है। जब मनुष्य भयावह स्वप्न से जाता है तब उसके मुंह से निकलने वाला पहला शब्द मां होता है। जन्म के बाद अम्बिलिकल कार्ड काटकर संतान को मां से जुदा किया जाता है, परंतु रिश्ते में यह अम्बिलिकल कार्ड कभी नहीं कटती। धरती को मां कहा जाता है, केवल जर्मन लोग अपने देश को फादरलैंड कहते हैं, शेष सभी देशों में मदरलैंड कहा जाता है।‘मदर इंडिया’ फिल्म में प्रस्तुत मां अपने लाडले पुत्र को गोली मार देती है, क्योंकि वह गांव की बेटी को उसके विवाह के समय लेकर भाग रहा था। ‘मदर इंडिया’ से श्रीदेवी अभिनीत ‘मॉम’ तक मां के चरित्र चित्रण में परिवर्तन हुए हैं। ‘मॉम’ की केंद्रीय पात्र अपनी सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले चारों व्यक्तियों की हत्या कर देती है। ‘करण अर्जुन’ में मां अपने पुत्रों को हथियार की तरह इस्तेमाल करके अपने पति के हत्यारों को नष्ट करवा देती है। भारतीय माइथोलॉजी में अनेक देवता प्रस्तुत हुए हैं, परंतु मां दुर्गा सबसे अधिक शक्तिशाली हैं।जयंतीलाल गढ़ा की विद्या बालन अभिनीत ‘कहानी’ का क्लाइमेक्स दुर्गा पूजा के साथ गूंथा गया है। साहित्य में मैक्सिम गोर्की की ‘मदर’ और पर्ल. एस. बक की ‘द अर्थ’ सर्वकालीन महान रचनाएं हैं। निदा फाजली की रचना इस तरह है- बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मां, याद आती है चौका-बासन, चिमटा फूंकनी जैसी मां, बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन थोड़ी-थोड़ी सी सब में, दिनभर इक रस्सी के ऊपर चलती नटनी जैसी मां, बांट के अपना चेहरा, माथा, आंखें जाने कहां गईं फटे पुराने इक एलबम में चंचल लड़की जैसी मां....।मंगलेश डबराल कहते हैं ‘मैं अक्सर जमाने से चली आ रही पुरानी नक्काशीदार कुर्सी पर बैठा, जिस पर बैठकर तस्वीरें खिंचवाई जाती हैं, मां के चेहरे पर मुझे दिखाई देती है एक जंगल की तस्वीर, लकड़ी घास और पानी की तस्वीर। राज कपूर, दिलीप कुमार, देव आनंद की फिल्मों में दुर्गा खोटे, लीला चिटनिस, अचला सचदेव ने मां की भूमिकाएं अभिनीत की हैं। ज्ञातव्य है कि अचला सचदेव कम उम्र से ही मां की भूमिकाएं करने लगी। उन्होंने जिन अभिनेताओं की मां की भूमिका की उनसे मात्र दो या चार वर्ष ही बड़ी थीं। आभास होता है मानो वे मां की भूमिका अभिनीत करने के लिए ही जन्मी थीं। धर्मेंद्र, मनोज कुमार और राजेंद्र कुमार के दौर में कामिनी कौशल ने मां की भूमिका की। ज्ञातव्य है कि वे दिलीप कुमार के साथ प्रेम भूमिकाएं अभिनीत कर चुकी थीं। सलमान, आमिर और शाहरुख के दौर में रीमा लागू ने मां की भूमिका अभिनीत की। वर्तमान दौर की फिल्मों में मां की भूमिका कम गढ़ी जाती हैं। फिल्मों में दिवाली, होली, ईद के त्योहारों की तरह मां की भूमिकाएं भी कम रची जा रही हैं।जिन कलाकारों ने नायिकाओं की भूमिका अभिनीत कीं, उम्रदराज होने पर उन्हें मां की भूमिकाएं अभिनीत करते हुए अपना गुजरा जमाना याद आना स्वाभाविक है। सनी देओल और निरूपा रॉय ने फिल्म ‘बेताब’ में मां और बेटे की भूमिकाएं अभिनीत की थीं। एक दृश्य में मां अपने बेटे को सीने से लगाती है। निरूपा रॉय इस दृश्य को अभिनीत करते समय गुजरे जमाने की याद में खो गईं और डायरेक्टर के कट बोलने के बाद भी नायक पुत्र को सीने से कसकर लगाए रहीं। इसी तरह कामिनी कौशल को मनोज कुमार की मां की भूमिका अभिनीत करते समय दिलीप कुमार की याद आती थी, क्योंकि मनोज कुमार स्वयं दिलीप कुमार की शैली में अभिनय करते थे। वहीदा रहमान ने भी मां की भूमिकाएं अभिनीत की हैं। ‘त्रिशूल’ में वे अमिताभ बच्चन की मां बनीं। जिनके साथ ‘रेशमा और शेरा’ कर चुकी थीं। यशराज की ‘लम्हे’ में वे अनिल कपूर की दाइजा की भूमिका अभिनीत करते हुए एक दृश्य में गीत गाती हैं- ‘तोड़कर बंधन बांधी पायल, आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है, तो दर्शक अत्यंत प्रसन्न होते हैं। उन्हें ‘गाइड’ की रोजी की याद आती है। महबूब खान की ‘आन’ में नादिरा, दिलीप कुमार की नायिका बनीं और कुछ वर्ष पश्चात राज कपूर की ‘420’ में माया नामक खलनायिका का पात्र अभिनीत करती हैं जो नायक को विधा से दूर ले जाती है। कुछ समय बाद ही बाबूराम इशारा की ‘चेतना’ में वे युवा कॉल गर्ल की मैडम बनी हैं। वे युवा कॉल गर्ल को कहती हैं कि ‘तुम मुझमें अपना आने वाला कल देख सकती हो और मैं तुममें अपना बीता हुआ कल देख रही हूं। समय चक्र में मां की भूमिका अभिनीत करने वाली कलाकार अपनी गोद में अपनी बेटी के होने के एहसास को महसूस कर सकती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Mother's glory in literature and cinema Full Article
india news कोरोना के बाद बालकनी होगी परिवार का नया ठिकाना By Published On :: Sun, 10 May 2020 00:50:00 GMT हाल ही में एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें बेंगलुरु की सना अग्रवाल रविवार की शामों में पियानो बजाकर अपने अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के रहवासियों का मनोरंजन करती और उनका हौसला बढ़ाती नजर आईं। गुरुग्राम में एक अपार्टमेंट के रहवासी बालकनी में अंताक्षरी और तंबोला जैसी गतिविधियां कर रहे हैं। वे लॉकडाउन के दौरान हर शाम 6.30 बजे ऐसा करते हैं, जो उन सबको एक साथ ला रहा है। पूरी दुनिया में जहां कोविड-19 से लड़ने के लिए दरवाजे बंद किए जा रहे हैं, वहीं लोग गाने, नाचने, गेम्स खेलने और अपना हौसला बनाए रखने के लिए बालकनियों में आ रहे हैं।बालकनी मूलरूप से मिस्र या पर्शिया की अवधारणा मानी जाती है। यह अब पूरी दुनिया में, खासतौर पर मेट्रो शहरों में लॉकडाउन की वजह से विभिन्न गतिविधियों की जगह बन गई है। जब मैं कुंवारा था तो मुंबई में इस छोटी सी जगह का बहुत इस्तेमाल करता था (70 और 80 के दशक में यह बहुत बड़ी होती थीं), क्योंकि इससेबाहरी माहौल घर के अंदर से दिखता था। सबसे ऊंची मंजिल से गुजरते शहर को देख मेरा युवा मन कल्पना करता था कि मैं भी इस भीड़ में गाना गा रहा हूं, जैसे ‘छोटी सी बात’ फिल्म में विद्या सिन्हा सड़क पर चलते हुए अपने प्रेमी अमोल पालेकर के लिए गाती हैं। सैद्धांतिक रूप से बालकनी लोगों के लिए बाहरी दुनिया को अंदर से जोड़ने का जरिया थीं। फिर मेरी शादी हुई और बालकनी अचानक कपड़े सुखाने की रस्सियां छिपाने के लिए बनाए गए छोटे गमलों वाले बगीचे की जगह हो गई। जब मेरी हैसियत वॉशिंग मशीन लेने की हो गई तो कपड़ों की रस्सी के पीछे उसे रखा गया। धीरे-धीरे हम लालची मुंबईकरों ने इसे जालियों से बंद कर दिया, फिर स्लाइडिंग दरवाजे लगा दिए और इसमें छोटे बेडरूम बना लिए। मेरे कई परिचितों के बच्चों ने बीते सालों में इसी बालकनी में बैठकर स्कूल की पढ़ाई पूरी की।मुझे बालकनी के मायने तब समझ आए, जब मैंने विदेश जाना शुरू किया, जहां वे इसे सिर्फ छोटा बगीचा ही बनाते हैं। और जब इस बालकनी का मालिक जोड़ा, ऊंची मंजिल के इस गार्डन में खड़ा होता था तो ग्राउंड फ्लोर पर खड़े फोटोग्राफर के लिए हरे बैकग्राउंड के साथ नीले आसमान के बीच उनकी तस्वीर खींचना बहुत लुभावना होता था। सोशल डिस्टेंसिंग अब आवश्यक हो गई है और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को पूरा होने में अभी 9 दिन बाकी हैं। अनिश्चितता का संकट अब भी मंडरा रहा है, इसलिए रहवासी अपनी बालकनियों को नए तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे 24 घंटे सातों दिन जुड़े रहने के लिए ऑफिस की शक्ल दी है, तो कुछ रोमांटिक कपल्स ने इसे कैंडल लाइट डिनर की जगह में तब्दील कर दिया है, वहीं कुछ लोगों ने इसे शानदार व्यू वाले कमरे में बदल लिया है। हाल ही में मेरी एक ऑनलाइन कंसल्टेंसी क्लास में एक आर्किटेक्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि भविष्य की निर्माण गतिविधियों में, जब भी ये शुरू होंगी, बालकनी वैसी ही हो जाएगी, जैसे पारंपरिक भारतीय घरों में बरामदे होते थे। कुछ आर्किटेक्ट्स पहले ही इस बात से सहमत हैं कि हर कमरे के बाहर एक छोटी सी पट्टी बनाकर उसे बालकनी कहने की जगह अब एक बड़ी बालकनी होनी चाहिए, जो परिवार की जगह की तरह हो। जो बाहर और अंदर को जोड़ने का काम करे, बिल्कुल वैसे ही जैसे हम खप्पर वाले घरों के आंगन में खेला करते थे। नए अवतार में ये बालकनियां न सिर्फ अचार को धूप दिखाने, दाल-चावल के बर्तनों से कीड़े भगाने के काम आएंगी, बल्कि अभी जैसी स्थिति में, जब सब एक-दूसरे से कट गए हैं, एकता और निकटता की भावना पैदा करने में भी मदद करेंगी। अब जल्दी से बालकनी को साफ कर लें, किसी कोने में कुछ चिड़ियों को घर बनाने दें, चिड़ियों की चहचहाहट के बीच कैंडल लाइट डिनर करें। फंडा यह है कि कोरोना के बाद बालकनियां पारिवारिक गतिविधियों का नया ठिकाना बन जाएंगी, क्योंकि हमें नहीं पता कि फ्लैट से बाहर की सार्वजनिक जगहें अभी कितनी सुरक्षित हैं। मैनेजमेंट फंडा एन. रघुरामन की आवाज में मोबाइल पर सुनने के लिए 9190000071 पर मिस्ड कॉल करें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today After Corona, the balcony will be the new home for the family Full Article
india news अब हमें अपने बेटों के फोन नहीं आते, चिटि्ठयां भी नहीं मिलतीं, लेकिन मेरी तरह की मांएं जो सांस लेती हैं तो हर सांस में जी रहा होता है उनका बेटा By Published On :: Sun, 10 May 2020 06:26:22 GMT मेघना गिरीश, जम्मू के नगरोटा आतंकी हमले में शहीद हुए मेजर अक्षय गिरीश की मां हैं। 2016 में अपने बेटे को खोने के बाद वह ऐसी कई मांओं से मिली हैं जिन्होंने उन्हीं की तरह अपने बेटे को खोया है, 'लाइन ऑफ ड्यूटी' में। शहीदों के परिवारों से मिलने वह नॉर्थ से लेकर साउथ तक घूमी हैं, मेघना इसे तीर्थयात्रा कहती हैं। मदर्स डे पर ऐसे ही कुछ शहीदों की माओं से हमारी वर्चुअल मुलाकात करवा रही हैं मेघना गिरीश, पढ़िए-जब मेरा बेटा अक्षय छोटा था तो मैं प्यार से उसे लोरी सुनाती थी, ‘चंदा है तू मेरा सूरज है तू...।’ और अक्षय मुस्कुरा देता, गले लग जाता मेरे। बड़ा हुआ तब भी कहा था, ‘अभी भी आप ही का राजा बेटा हूं।’ जब पिता बना तब भी उसे याद था, कहता था, ‘मां आप मेरे लिए वो गातीं थीं ना....वो गाना मेरा है।’ अक्षय बड़ा होकर मेजर अक्षय गिरीश बन गया और फिर 29 नवंबर 2016 को एक नेशनल हीरो। तब, जब वह जम्मू कश्मीर के नगरोटा में हुए जैश ए मोहम्मद के आतंकी हमले के दौरान क्यूआरटी यानी क्विक रिएक्शन टीम को लीड कर रहा था।अपने राजा बेटे अक्षय की तस्वीर के साथ ये है उनकी मम्मी मेघना की तस्वीर।पाकिस्तानी आतंकी चार जवानों को मारकर सेना के रेसिडेंशियल इलाके में घुस आए थे। जहां बच्चे, महिलाएं और बिना हथियार कितने ही सैनिक थे। पूरी तरह सुबह भी नहीं हुई थी जब अक्षय की टीम ने अदम्य साहस दिखाया और मासूम जिंदगियों को उन आतंकियों से बचाया। बतौर अक्षय की मां मैं हमेशा यही कहूंगी कि, जिस बहादुरी से अपनी परवाह किए बिना उसने उन मासूम जिंदगियों को बचाया इसका हमें गर्व है।देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर हमारी तरह के बाकी पैरेंट्स से मिलना बेहद भावुक कर देता है। लेकिन, ये काफी सुकून देने वाला और कई मायनों में इंस्पायरिंग भी है। मेरी पहली मुलाकात उधमपुर में आशा गुप्ता से हुई। जब हम पहली बार गले मिले तो बिना कुछ बोले, खुद ब खुद हमारी आंखें नम हो गईं। पैरा स्पेशल फोर्स के यंग कैप्टन तुषार महाजन फरवरी 2016 में कश्मीर के पाम्पोर में एक सरकारी बिल्डिंग में फंसे कई लोगों की जान बचाने के बाद उन्होंने देश के खातिर अपनी जान दे डाली। तुषार के घर जाकर मालूम हुआ कि उनके हीरो शहीद भगत सिंह थे। आशा और मैं पिछले तीन सालों से अपना दुख साझा कर रहे हैं। बेंगलुरुमें हमारे घर से थोड़ी ही दूर पर मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के पेरेंट्स रहते हैं। संदीप ने ताज होटल मुंबई में कई टूरिस्ट की जान बचाई थी, अपनी जान की कीमत पर। आज वह लीजेंड बन चुका है। धनलक्ष्मी अक्का, मेजर संदीप की खूबसूरत मां की बातों से पता चलता है, अक्का हर वो कुछ करना चाहती हैं जो संदीप चाहता था। उन्होंने साइकिल चलाना सीखा, बैंक का काम भी। संदीप के मम्मी पापा कई ऐसे युवाओं से भी मिले जो उनके बेटे से इंस्पायर्ड और मोटीवेटेड थे। वह कहती भी हैं, ‘जब लोग कहते हैं आपका एक ही बेटा था और आपने उसे आर्मी में जाने दिया, तो मैं कहती हूं ये सारे बच्चे भी मेरे हैं।’पहली बार जब मैं मेजर मोहित शर्मा के घर दिल्ली गई तो उस दिन मोहित का बर्थडे था। उसकी मम्मी सुशीला जी ने सुबह से कुछ नहीं खाया था और तो और वह कमरे से बाहर ही नहीं निकली थीं। मार्च 2009 में मेजर मोहित और उनकी स्पेशल फोर्स की टीम कश्मीर के कुपवाड़ा में एक आतंकी ऑपरेशन का हिस्सा थी। मोहित ने अदम्य साहस से मुकाबला किया, खुद कुर्बान होने से पहले उन्होंने चार आतंकियों को मार गिराया और अपने दो साथियों को बचा भी लाए।जब सुशीला जी ने हिम्मत बटोरी और बाहर हमसे मिलने आईं तो हमें उनके दुख का एहसास हो रहा था, लेकिन वह यही कोशिश कर रहीं थी कि हम असहज महसूस न करें। उस शाम के खत्म होने से पहले, मोहित की शरारतों, शौर्य और दीवानगी की कहानियां सुनकर हम दो परिवार एक बन चुके थे। गर्व और दर्द में हिस्सेदारी जो थी हमारी। खुशी हुई जब पता चला कि पिछले साल एक मेट्रो स्टेशन का नाम इस वीर के नाम पर रखा है।तस्वीर अक्षय की पॉसिंग ऑउट परेड की है। बेटे को फौजी बनते देखा तो लगा जैसे कोई युद्ध जीता हो।लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह अशोक चक्र पर उस वक्त क्यूआरटी को लीड करने का जिम्मा था, जब 2004 में आतंकियों ने जम्मू रेलवे स्टेशन पर हमला किया और 7 लोगों की हत्या कर दी। लेफ्टिनेंट त्रिवेणी ने आतंकियों का पीछा किया और जान गंवाने से पहले दो को मार गिराया। मैं उनकी मां पुष्पलता के साथ किचन में आ गई और वह अपने बेटे की बातें सुनाते हुए हमारे लिए चाय बनाने लगीं।वो बोलीं, ‘त्रिवेणी को तो काम करने की जरूरत ही नहीं थी। इतनी प्रॉपर्टी, लीची के बागीचे....लेकिन बचपन से ही उसको पैसों से नहीं, लोगों से प्यार था। शादी की पूरी तैयारी हो चुकी थी, मेन्यू डिसाइड हो रहा था जब हमें खबर मिली।’ उनके लिए अपना गम, गरिमा के पीछे छिपा पाना नामुमकिन हो रहा था। बाहर गेट पर जब हमनें पूछा कि क्या वो अक्षय की कार के साथ फोटो खिंचवाएंगी तो मां बोलीं, ‘हमारे भी बच्चे की कार है’, फिर अक्षय की कार पर हाथ रखकर बोलीं, ‘कितने प्यारे, निडर और दिलेर थे हमारे शेर बच्चे।’हम उस दिन करगिल के पहले हीरो कैप्टन सौरभ कालिया की फैमिली से मिलने जा रहे थे। सौरभ की मम्मी हैं विजया दीदी। उन्होंने मुझे गले से लगाया और बोलीं, ‘मेरा बड़ा मन था आपसे मिलने का...विकास को भी कई बार बोला, अच्छा हुआ आप लोग आए।’ विजया दीदी सौरभ की कई कहानी सुनातीं हैं। कहने लगीं, ‘एक बार फैमिली में कोई गुजर गए थे, तो लोगों को रोते और उदास देखकर सौरभ बोला, मम्मी ये क्या है, डेथ तो कलरफुल होनी चाहिए...जब सौरभ शहीद हुआ तो लोगों की भीड़ किलोमीटर लंबी थी, सब चिल्ला रहे थे, भारत माता की जय और सौरभ अमर रहे।’ उनकी बातें सुनकर मेरा गला भर आया और आंसुओं को आंखों में रोके रखना बेहद मुश्किल था।23 साल के सिपाही विकास डोगरा रेजिमेंट के उन 18 सैनिकों में से एक थे जो 2015 में मणिपुर में शहीद हुए। उनकी बस पर यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट के उग्रवादियों ने हमला किया था। आपने यदि उरी मूवी देखी है तो याद होगा फिल्म की शुरुआत मएक एम्बुश से होती है। जिसका हमारे सैनिक जवाब देते हैं। हिमाचल के एक गांव में विकास के पेरेंट्स रहते हैं। उनकी ज्यादा उम्र भी नहीं, आंखें दर्द से नम और उनकी बातें गुमसुम। विकास की मां, पिता और दादी को समझाती हैं, फिर अपनी बेटी की चिंता करते हुए कहती हैं, ‘बहन को भाई के जाने का बहुत दुख है, हमारी तो जिंदगी यूं ही कट जाएगी, पर उसे भाई का प्यार कहां से मिलेगा।’कैप्टन सौरभ कालिया की मां विजया दीदी से मिलकर सौरभ की कहानियां सुनी थीं, वक्त कैसे गुजर गया पता नहीं चला।हममें से कितने लोग मेजर सुधीर वालिया के बारे में जानते हैं? इंडिया के रैंबो रियल हीरो हैं वह। 4 जाट रेजिमेंट के मेजर सुधीर वालिया श्रीलंका में पीस कीपिंग फोर्स का हिस्सा थे। उन्होंने पैरा स्पेशल फोर्स को चुना, करगिल युद्ध लड़े, सेना प्रमुख जनरल वेद मलिक के एडीसी चुने गए, दो बार सियाचिन ग्लेशियर पर पोस्टेड रहे और जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशन्स को अंजाम दिया। किसी वक्त में जोश से सराबोर रहनेवाली उनकी मां अब बोल भी नहीं पातीं और चलना फिरना भी बंद है। उनके दिमाग में खून के थक्के जम गए थे और फिर स्ट्रोक। मैंने जब कहा, ‘आप तो शेर की मां हैं’, तो उनकी आंखों में चमक थी, उन्होंने सिर हिलाकर हामी भी भरी और मेरी हथेली को अपनी मुट्ठी में भींच लिया।मेजर शिखर के पेरेंट्स अरविंद कुमार और पूनम थापा हैं। उनकी मां कहती हैं, ‘क्या करें जीना तो पड़ेगा, जब मैं सुवीर (अपने पोते) को देखती हूं तो और बुरा लगता है। कम से कम हम पेरेंट्स को शिखर के साथ 30 साल मिले, बहन के 24 साल और बीवी को 2 साल, लेकिन बेचारे इस बच्चे को तो पिता का प्यार बस 2 महीने ही नसीब हुआ।’ शिखर की पत्नी सुविधा ने अपने पति के नक्शे कदम पर चलने का फैसला किया। वह ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में वह कैडेट है। और बेटा सुवीर अपने दादा दादी के पास।वैसे तो सभी हीरो और उनके बहादुर पेरेंट्स के साथ मैं न्याय नहीं कर सकी हूं। लेकिन कैप्टन अनुज नैय्यर, मेजर पी आचार्य, कैप्टन अमोल कालिया, कैप्टन उदयभान सिंह, कैप्टन देविंदर सिंह जस, राइफलमैन सोहनलाल, कैप्टन अमित भारद्वार, कैप्टन पवन कुमार, नायक चितरंडन देबारम, मेजर कुनाल गोसावी, कांस्टेबल एच गुरू, फ्लाइट लेफ्टिनेंट समीर अबरोल, सिपाही रविकांत ठाकुर उनमें से हैं जो मेरी ताकत का हिस्सा रहेंगे और उनकी बदौलत हमारे देश का झंडा उंचा।हाल ही में हंदवाड़ा एनकाउंटर में हमने 5 वीरों को खो दिया, मातृभूमि की रक्षा करते, अधर्म से धर्म का युद्ध चलता रहेगा। हर वो युवा सैनिक जो युद्ध भूमि में धोखेबाज दुश्मन से मुकाबले को दाखिल होता है, यह जानकर कि उसका लौटना असंभव है, आज का अभिमन्यु है। अभिमन्यु की तरह उनमें काबीलियत है हिम्मत और शौर्य भी, दुश्मन के चक्रव्यूह में घुसने और उसे तोड़ने का।हां वह मारे गए हैं लड़ते हुए, लेकिन उनकी महिमा हमेशा जिंदा रहेगी। इन शहीद सैनिकों को सैल्यूट कर और उनके खूबसूरत और अद्भुत परिवारों से मिलकर हमारी जिंदगी और ज्यादा अमीर और सार्थक हो गई है।अब हमें अपने उन बेटों के फोन नहीं आते, चिटि्ठयां भी नहीं मिलतीं लेकिन वो हमेशा हमारे साथ हैं। आश्चर्य लगेगा लेकिन मेरी तरह की मांएं जो सांस लेती हैं तो हर सांस में जी रहा होता है उनका बेटा। वो अपने भाई बहनों के जरिए भी जिंदा रहते हैं, और हां अगर शादी शुदा हैं तो पत्नी और बच्चों में भी। एक मां आसपास के बच्चों में अपने बेटे को देखती है। मुझे लगता है, ‘हम सब के चंदा और सूरज जैसे बच्चे अब एक साथ गगन के तारों में चमकते हैं।’मेरी ओर से आप सभी को हैप्पी मदर्स डे। ऊपर वाला आपके परिवारों को खुशी और साथ दे, हमेशा। मैं उम्मीद करती हूं आप आजादी और सुरक्षा के लिए लड़नेवाले हमारे सैनिकों के लिए गर्व और सम्मान महसूस करते होंगे।जय हिंद की सेना। जय हिंद।ये भी पढ़ेंजो दिन ही खास है तो लाजमी है मां की खूबियों की एक बार फिर गिनती कर ली जाएमुश्किल वक्त में मां ही सबसे मजबूत साबित होती है, कोरोना फैला और हिम्मत की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी तो बच्चों की ताकत बनकर लड़ीं दुनियाभर की मांएंडॉक्टर की सलाह- इस वक्त मां से ज्यादा बात करें, इमोशनली सपोर्ट करें, उनकी पसंद का काम करें, ताकि वे पॉजिटिव रहें और डिप्रेशन में न आएंहजार पिताओं से ज्यादा गौरवपूर्ण है एक मां, ऋग्वेद से लेकर मनुस्मृति तक सबने लिखा है मां के लिए Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 2017 की बात है, मेजर संदीप का बर्थडे था, मुझे रोता देख उनकी मां धनलक्ष्मी ने मुझे ऐसे संभाला था। (साड़ी में मेजर उन्नीकृष्णन की मां और उनके बगल में सूट पहने मेघना गिरीश) Full Article
india news जो दिन ही खास है तो लाजमी है मां की खूबियों की एक बार फिर गिनती कर ली जाए By Published On :: Sun, 10 May 2020 06:37:23 GMT आज मदर्स डे है। मई का दूसरा रविवार जो इस खास दिन को मनाने के लिए दर्ज हो चुका है। वह दिन जब मांओं की दुनिया तोहफे, फूल और खिदमतों से गुलजार हो जाती है। इसका ये मतलब हरगिज नहीं कि बाकी दिनों में इनमें से कुछ मां के हिस्से नहीं आता। या फिर ये भी नहीं कि यदि मदर्स डे पर ऐसा नहीं होता तो वह मां कुछ कम खास है।पर जो दिन ही खास है तो लाजमी है मां की खूबियों की एक बार फिर गिनती कर ली जाए। आंकड़ों में उन्हें समेटना तो असंभव है लेकिन हौले से इसमें उन्हें खोजा और गुना जाए। गिनती जो बताती है कि भारतीय मांएं क्यों खास हैं...वो मां है, बच्चों को अकेले भी संभाल सकती है2019 में यूनाइटेड नेशन की एक रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट का टाइटल था ‘द प्रोग्रेस ऑफ वुमन 2019-20'। इस रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 10.1 करोड़ सिंगल मदर हैं। जबकि, 4.5 करोड़ सिंगल मदर भारत में हैं।इनमें से भी 1.3 करोड़ ऐसी सिंगल मदर हैं, जो अपने बच्चों के साथ अकेली ही रहती हैं। बाकी 3.2 करोड़ बच्चों के साथ ससुराल में या रिश्तेदारों के साथ रहती हैं।वो मां है, बच्चों के लिए अपना करियर भी दांव पर लगा सकती है2018 में अशोका यूनिवर्सिटी ने ‘प्रेडिकामेंट ऑफ रिटर्निंग मदर्स' नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि, 73% कामकाजी महिलाएं मां बनने के बाद नौकरी छोड़ देती हैं।50% महिलाएं ऐसी होती हैं, जो 30 साल की उम्र में बच्चों की देखभाल के लिए नौकरी छोड़ देती हैं। सिर्फ 27% महिलाएं ही हैं, जो मां बनने के बाद दोबारा काम पर लौटती हैं। हालांकि, इनमें से 16% ऐसी होती हैं, जो सीनियर पोजिशन पर होती हैं।वो मां है, दुनिया मॉडर्न हो रही तो वो भी मॉडर्न हो गईटेक्नोलॉजी ने पूरी दुनिया को मॉडर्न बना दिया है। तो इससे भला भारतीय मां कैसे दूर रहतीं। पिछले साल हुए yougov के सर्वे में 70% मांओं ने माना था कि वो बच्चों की देखभाल के लिए स्मार्टफोन की मदद लेती हैं।इस सर्वे में शामिल 10 में से 8 (79%) मांओं का कहना था कि टेक्नोलॉजी ने पेरेंटिंग को आसान बना दिया है। जिन मांओं के बच्चों की उम्र 3 साल से कम थी, उनमें से 54% और जिनके बच्चों की उम्र 4 साल से ऊपर थी, उनमें से 42% मांओं ने ये भी माना था कि वो बच्चों को संभालने के लिए पेरेंटिंग एप्स की मदद लेती हैं।वो मां है, वो बच्चों को हमेशा खुद से आगे रखती है2018 में फ्रैंक अबाउट वुमन नाम की संस्था ने 'ग्लोबल मदरहुड सर्वे' किया था। इस सर्वे में सामने आया था कि ऑस्ट्रेलिया की मांएं जहां अपने बच्चों से पहले खुदको रखती हैं, वहीं भारतीय मांएं खुद से पहले अपने बच्चों को रखती हैं। इस मामले में भारतीय मांएं, ऑस्ट्रेलियाई मांओं से 36 गुना ज्यादा आगे हैं।इस सर्वे में ये भी सामने आया था कि, 65% भारतीय मांओं को बच्चे की सफलता को लेकर चिंता रहती है। इसके उलट चीन की 71% मांएं बच्चों की सफलता को लेकर चिंता नहीं करतीं।हालांकि, भारतीय मांएं ग्लोबल एवरेज की तुलना में ज्यादा स्ट्रिक्ट भी होती हैं। ग्लोबल एवरेज 7% का है। जबकि, 9% भारतीय मांएं बच्चों के प्रति स्ट्रिक्ट रहती हैं।वो मां है, इसलिए लॉकडाउन में भी उसे खुद से ज्यादा बच्चे की हेल्थ की चिंता हैकोरोना को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन है। ऐसे में भारतीय मांओं को सबसे ज्यादा चिंता अपने बच्चों की हेल्थ और साफ-सफाई को लेकर है। Momspresso के सर्वे में ये बात सामने आई है।इस सर्वे के मुताबिक, 78% मांएं बच्चों की हेल्थ को लेकर चिंता में रहती हैं। उन्हें डर है कि कहीं लॉकडाउन के बीच में बच्चों की तबियत न बिगड़ जाए। वहीं, 74% मांएं बच्चों की साफ-सफाई को लेकर स्ट्रेस में रहती हैं।ये भी पढ़ेंअब हमें अपने बेटों के फोन नहीं आते, चिटि्ठयां भी नहीं मिलतीं, लेकिन मेरी तरह की मांएं जो सांस लेती हैं तो हर सांस में जी रहा होता है उनका बेटामुश्किल वक्त में मां ही सबसे मजबूत साबित होती है, कोरोना फैला और हिम्मत की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी तो बच्चों की ताकत बनकर लड़ीं दुनियाभर की मांएंडॉक्टर की सलाह- इस वक्त मां से ज्यादा बात करें, इमोशनली सपोर्ट करें, उनकी पसंद का काम करें, ताकि वे पॉजिटिव रहें और डिप्रेशन में न आएंहजार पिताओं से ज्यादा गौरवपूर्ण है एक मां, ऋग्वेद से लेकर मनुस्मृति तक सबने लिखा है मां के लिए Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today If the day is special, then it is imperative to count the characteristics of the mother once again: 5 research reports detailing the characteristics of Indian mothers Full Article
india news मुश्किल वक्त में मां ही सबसे मजबूत साबित होती है, कोरोना फैला और हिम्मत की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी तो बच्चों की ताकत बनकर लड़ीं दुनियाभर की मांएं By Published On :: Sun, 10 May 2020 07:04:55 GMT सबसे पहले बात चीन के वुहान में हुई एक स्टडी की। जामा पीडिएट्रिक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान में 33 बच्चे संक्रमित मां से पैदा हुए थे। जिनमें से तीन को छोड़कर सभी स्वस्थ्य थे। जो तीन संक्रमित थे उनमें से 2 बच्चे 6 दिन के होने से पहले ही ठीक भी हो गए थे।इस रिपोर्ट का जिक्र इसलिए क्योंकि वुहान वह जगह है जहां से कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई। और वहां की ये रिसर्च बताती है कि मां मुश्किल वक्त में मजबूत साबित होती है। और अपनी हिम्मत से बच्चों की सुरक्षा करती है। मेडिकल साइंस ये बात माने या न माने ये तस्वीरें यही कहानी कह रही हैं...राजस्थान के बांसवाड़ा की जाकिया अब्दुल रहमान 13 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती हुई थी। वो गंभीर रुप से कोरोना से संक्रमित थी। 5 मई को सिजेरियन डिलीवरी से उसे बेटी हुई। यह उसका पहला बच्चा था। लेकिन, 5 दिनों तक बच्ची को छूना तो दूर, जाकिया उसे देख भी नहीं पाई थी। 5 दिन बाद जब जाकिया ने अपनी बेटी को छुआ तो कहा कि मुझे जन्नत मिल गई। जाकिया ने बेटी का नाम सहर रखा है।ये तस्वीर राजस्थान के बांसवाड़ा की हैं। यहां के कुशलगढ़ के रहने वाले सैफुद्दीन अली, उनकी पत्नी जैनब, 4 साल की बेटी और माता-पिता सभी की कोरोना रिपोर्ट 9 अप्रैल को पॉजिटिव आई। लेकिन, 9 माह की जायरा की रिपोर्ट निगेटिव थी। नन्ही जायरा संक्रमित मां की बिना नहीं रह पा रही थी। इसलिए जैनब ने पूरी सुरक्षा के साथ जायरा को अपने पास ही रखा। जायरा की कई बार जांच हुई, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव ही रही। ये शायद मां की अदृश्य ताकत ही थी, जिसने जायरा को बचाए रखा।चंडीगढ़ पीजीआई में कोरोना संक्रमित 18 महीने की बच्ची के साथ 20 दिन तक एक ही बेड पर रहकर भी मां संक्रमण से बची रही। 18 माह की चाहत 20 अप्रैल को संक्रमित मिली थी। 17 दिन में तीन बार बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन, मां की रिपोर्ट हर बार निगेटिव रही। शनिवार को बेटी की भी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद छुट्टी दे दी गई। पीजीआई इस पर रिसर्च करवाएगा कि इतने करीब रहकर भी मां संक्रमण से कैसे बची रही।तस्वीर वियतनाम के हनोई शहर की है। यहां एक मां ने अपने छोटे बच्चे को कोरोना से बचाने के लिए शील्ड पैक कर दिया है। यहां अब तक कोरोना के सिर्फ 288 मरीज मिले हैं। अच्छी बात ये है कि यहां कोरोना ने अब तक किसी की जान नहीं ली।तस्वीर इंडोनेशिया के जावा शहर की है, जिसे 1 अप्रैल को खींचा गया था। इस तस्वीर में जो दिख रही हैं, वो हैं 35 साल की युका, जो अपने 12 दिन के बेटे को गोद में खिला रही हैं। कोरोना की वजह से इंडोनेशिया के अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के साथ सिर्फ एक व्यक्ति को ही जाने की इजाजत है। यहां अब तक करीब 13 हजरा 700 केस और 950 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। अब जाते-जाते इस बच्चे का नाम भी जान लीजिए। युका ने इसका नामएलजुना सतरिया नुगरोहो रखा है।मां पहले बच्चों को खिलाती है, फिर खुद खाती है। ये तस्वीर इसका सटीक उदाहरण है। कोलकाता की ये तस्वीर 5 अप्रैल को ली गई थी। लॉकडाउन की वजह से मजदूरों और छोटे कामगारों का काम ठप हो गया। लेकिन, उसके बाद भी मां कहीं से खाना लेकर आई और अपनी दोनों बेटियों को दे दिया। बड़ी बेटी भी इतनी समझदार कि पहले अपनी छोटी बहन को खिला रही है।तस्वीर श्रीनगर की है। यहां एक मां 14 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद जब 6 अप्रैल को बाहर आई, तो अपने बच्चे को गोद लेने से पहले मास्क और ग्लव्स पहनना नहीं भूली। जम्मू-कश्मीर में 9 मई तक 823 केस आ चुके हैं। जबकि, 9 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।तस्वीर ब्राजील की है। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए यहां की सरकार ने गरीब बेघरों को शेल्टर होम में रखा है। शेल्टर होम के गेट से झांकता ये बच्चा शायद यही सोच रहा होगा कि कब यहां से बाहर निकलूंगा। ब्राजील में अब तक 1.5 लाख कोरोना मरीज आ चुके हैं। संक्रमण से अब तक 10 हजार से ज्यादा की मौत भी हो चुकी है।कोरोना से बचने का तरीका है- मास्क पहनना। लेकिन, जब मास्क नहीं मिला तो फिलीस्तीनी मां ने अपने बच्चों को सब्जी के पत्तों से बना मास्क ही पहना दिया। फिलीस्तीन में अब तक 400 से भी कम मामले आए हैं। जबकि, सिर्फ 4 मौतें ही यहां कोरोना से हुई है।कोरोना की वजह से लॉकडाउन है और सैलून बंद पड़े हैं। ऐसे में ब्रिटेन के कील शहर में रहने वाली मां ने खुद ही कंघा-ट्रिमर लिया और बच्चे के बाल कटने शुरू कर दिए। यूरोपीय देशों में ब्रिटेन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां अब तक 2.10 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं। जबकि, 31 हजार मरीज दम तोड़ चुके हैं।तस्वीर थाईलैंड के बैंकॉक शहर की है। चीन के जिस वुहान शहर से कोरोना निकला, वहां से बैंकॉक की दूरी 2.5 हजार किमी से भी कम है। फिर भी यहां अब तक 3 हजार के आसपास ही मरीज मिले हैं और 56 मौतें हुई हैं। अब यहां धीरे-धीरे सब नॉर्मल भी हो रहा है। इस तस्वीर को देखकर तो यही लग रहा है कि मानो अपनी मां का हाथ थामे बच्ची कोरोना को बोल रही हो कि जब तक मां है, तब तक तू मुझे छू भी नहीं सकता।तस्वीर लेबनान के सिडोन शहर की है। कोरोना उसकी मां को छू भी न सके, इसके लिए बच्चा खुद अपनी मां को मास्क पहना रहा है। यहां अब तक करीब 800 केस मिल चुके हैं। 26 लोगों ने कोरोना की वजह से दम भी तोड़ दिया है।तस्वीर फिलीपींस के मनीला शहर की है। गरीब बेघरों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए सरकार ने यहां के एक स्कूल को शेल्टर होम में तब्दील कर दिया है, जहां इन लोगों को ठहराया गया है। ऐसे ही एक शेल्टर होम में ठहरी एक मां मास्क पहनकर अपने बच्चे को दूध पिला रही है। फिलीपींस में अब तक 10 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले आ चुके हैं। इससे अब तक यहां 700 से ज्यादा मौतें भी हुई हैं।ये भी पढ़ेंडॉक्टर की सलाह- इस वक्त मां से ज्यादा बात करें, इमोशनली सपोर्ट करें, उनकी पसंद का काम करें, ताकि वे पॉजिटिव रहें और डिप्रेशन में न आएंजो दिन ही खास है तो लाजमी है मां की खूबियों की एक बार फिर गिनती कर ली जाएहजार पिताओं से ज्यादा गौरवपूर्ण है एक मां, ऋग्वेद से लेकर मनुस्मृति तक सबने लिखा है मां के लिएअब हमें अपने बेटों के फोन नहीं आते, चिटि्ठयां भी नहीं मिलतीं, लेकिन मेरी तरह की मांएं जो सांस लेती हैं तो हर सांस में जी रहा होता है उनका बेटा Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today ये तस्वीर महाराष्ट्र के औरंगाबाद के एक जिला अस्पताल की है। यहां 23 अप्रैल को एक कोरोना पॉजिटिव मां ने बच्चे को जन्म दिया था। कोरोना की वजह से दोनों को अलग-अलग वॉर्ड में रखा गया था। इसीलिए मां ने वीडियो कॉलिंग के जरिए अपने बच्चे को देखा। महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां अब तक कोरोना के 19 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं। 730 से ज्यादा मौतें भी हो चुकी हैं। Full Article
india news चार अस्पतालों और दो कोविड केयर सेंटर से 182 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे, मरीजों ने किया पौधारोपण By Published On :: Sat, 09 May 2020 15:02:00 GMT शहर में रेड श्रेणी के अस्पतालों सेपॉजिटिव मरीजों के स्वस्थ्य होकर घर लौटने का सिलसिल जारी है। चार अस्पतालों और दो कोविड केयर सेंटर से 182 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद शनिवार को डिस्चार्ज किया गया। घर रवाना होने से पहलेअरबिंदो अस्पताल मेंमरीजों ने पौधारोपण किया। चोइथराम से दो मरीजों को ग्रीन अस्पताल शिफ्ट किया गया।अरबिंदो से 80, चोइथराम से 16, रॉबर्ट नर्सिंग होम से 8, इंडेक्स अस्पताल से 5 और कोविड केयर सेंटर प्रेसिडेंट पार्क से 52 और चंद्रलीला से 21 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र, अस्पताल के संचालक डॉ. विनोद भंडारी हौसला बढ़ाने के लिए मौजूद थे। डीआईजी मिश्र ने कहा अन्य शहरों की तुलना में इंदौर में कोरोना-19 से प्रभावित मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं। कोरोना के इलाज में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ की महत्वपूर्ण भूमिका है। संकट की इस घड़ी में वे सब हमारे साथ हैं। डिस्चार्ज मरीज अब्दुल अजीज निवासी मोती तबेला ने बताया कि राज्य शासन और जिला प्रशासन द्वारा अरविन्दो अस्पताल में इलाज की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। मैं इन सबका शुक्रगुजार है। मरीज राजेंद्र शिंदे निवासी तिलक नगर ने बताया मेरा इलाज बहुत अच्छी तरह हुआ। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today अरबिंदो अस्पताल से 80 मरीज घर लौटे, इस दौरान सभी ने यहां पौधारोपण भी किया। Full Article
india news स्वास्थ्य विभाग ने एनेस्थेटिस्ट नहीं भेजा तो विधायक के बेटे ने नाराज होकर बंद कर दिया अपना अस्पताल By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT विधायक कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया ने अपनेवरदान अस्पताल को बंद करने का ऐलान कर दिया। शनिवार को यहां नए मरीजों की जांच नहीं की गई। जोभर्ती थे, उनका इलाज किया जा रहा है। ये सब शुक्रवार की एक घटना के बाद हुआ।डिलीवरी का केस आया तो अस्पताल वालों ने जिला अस्पताल से एनेस्थेटिस्ट बुलाया लेकिन वो नहीं आया। विक्रांत ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के दबाव में डॉक्टर को आने नहीं दिया गया। मरीज की जान जा सकती थी। उन्होंने सांसद गुमानसिंह डामोर और भाजपा नेता ओम शर्मा का नाम लिया। ओम शर्मा नर्सिंग कॉलेज और अस्पताल संचालक हैं। विक्रांत के आरोप के बदले शर्मा ने कहा, जिला अस्पताल में तीन महीने से एक भी ऑपरेशन नहीं हुआ। डिलीवरी तक नहीं हो रही। सारे केस वरदान अस्पताल भेजे जा रहे हैं। ये सेवा नहीं आदिवासियों का उत्पीड़न है।राजनीति करने के लिए लोगों की जान से खेल रहे हैंविक्रांत भूरिया ने कहा, डिलीवरी के लिए आई महिला को इमरजेंसी में दाहोद भेजना पड़ा। वहां भी किसी ने भर्ती नहीं किया तो मेघनगर जीवन ज्योति अस्पताल लाए। वहां भी उसी डॉक्टर ने एनेस्थिसिया दिया। कुल मिलाकर राजनीति करने के लिए लोगों की जान से खेल रहे हैं। अभी जिस समय कोई अस्पताल मरीजों को देखने को तैयार नहीं है, हम पूरे समय सेवा दे रहे हैं। 8 साल पहले वरदान नर्सिंग होम खोला था। इसी साल नया अस्पताल बना। कभी हमने इसे व्यापार नहीं समझा।सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके अस्पताल को फायदा पहुंचा रहेओम शर्मा ने कहा, पूरी तरह से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके वरदान अस्पताल को फायदा पहुंचाया जा रहा है। ये सब विधायक के दबाव में अफसर कर रहे हैं। हाल ये हैं कि जिला अस्पताल में डॉक्टर मरीजों को नहीं देखते और वरदान में सर्विस देते हैं। सरकारी अस्पताल में मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है। वहां महीनों से एक ऑपरेशन नहीं हुआ, यहां आकर सर्जरी करते हैं। एक कांटा भी निकालना हो तो नहीं निकलता।सच्चाई : 3 महीने से ऑपरेशन नहीं, ओटी में मेंटेनेंस चल रहाजिला अस्पताल में तीन महीने से ऑपरेशन नहीं हुए हैं। सिर्फ नेत्र चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर में काम चल रहा था, वो भी लॉकडाउन के पहले तक। बाकी ओटी में मेंटेनेंस चल रहा है, लेकिन ये लंबे समय से खत्म नहीं हो रहा। सीएमएचओ डॉ. बीएस बारिया ने कहा, जल्दी ही मैंटेनेंस पूरा करा लेंगे। यहां ऑपरेशन शुरू कराएंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today If the Health Department did not send the anesthetist, the MLA's son closed his hospital after getting angry Full Article
india news कुएं में गिरा नीलगाय का बच्चा, वन विभाग की टीम ने निकाला By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT ग्राम चिकली गोयल व झिकड़िया के बीच सरदार सिंह राजपूत के कुएं में शनिवार सुबह नीलगाय का बच्चा गिर गया। 30 फीट गहरे इस कुएं में करीब 7 फीट से अधिक पानी था। चिकली गोयल के दीपक गवली को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने राजस्व व वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कुएं में रस्सी डालकर नीलगाय के बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालकर जंगल में छोड़ दिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Nilgai's child falls in the well, Forest Department team removed Full Article
india news भारी भरकम बिल आने से लोगों को याद आई कमलनाथ सरकार By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के कारण लोगों के काम धंधे बंद है। वहीं बिजली कंपनी द्वारा इन दिनों नगर में बिजली के बिलों का वितरण किया जा रहा है। इसमेंलोगों के बिल 2 हजार से लेकर 22 हजार तक आ रहे हैं। इस कारण लोगों में वर्तमान सरकार के विरुद्ध आक्रोश पनप रहा है। वहीं गत कमलनाथ सरकार में दिए जाने वाले बिल याद आ रहे हैं। कई लोगों ने लिखित आवेदन देकर बिजली कंपनी को अवगत करवाया है कि जो बिल इस माह दिए गए है वह गलत रीडिंग के आए है इनकी जांच की जाए।विधायक इंदर सिंह परमार को इस बारे में अवगत करवाया गया है। वहीं अरन्याकलां, पोचानेर, तिलावद, अरंडिया, अमलाय सहित कुछ अन्य के गांव के लोगों ने कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी को इस बारे में अवगत करवाया है। मंडी क्षेत्र में रहने वाले नरेंद्र सिंह राजपाल ने बताया इस बार उनको बिजली कंपनी ने 22 हजार का बिजली बिल दिया है। उपभोक्ता रमेश परमार ने बताया उनका बिजली बिल गत सरकार में 200 व 300 से अधिक नहीं आता था वह बिल इस बार 3 हजार का आया है।विधायक बोले- लोगों में बढ़ रहा आक्रोश- कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि इस माह बिजली कंपनी द्वारा जो बिजली के बिल दिए गए है उससे लोगों में आक्रोश है। क्योंकि गत कमलनाथ सरकार द्वारा बिजली के बिल में सब्सिडी दी जा रही थी लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में लोगांे को हजारों के बिल थमाए जा रहे है। युवक कांग्रेस द्वारा पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।लॉकडाउन में कमर तोड़ बिजली बिललॉकडाउन से लोग पहले ही परेशान है। काम धंधे पूरी तरह से बंद है। ऐसे समय में मुख्यमंत्री को 6 माह तक लोगों से बिजली के बिलों की वसूली पूरी तरह से बंद करना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिले। एक ओर शासन द्वारा लोगों को राशन बांटकर उनको राहत की बात की जा रही है। वहीं दूसरी ओर इस प्रकार से बिजली की वसूली करना गलत है।बिजली कंपनी के कर्मचारी देवीसिंह ने बताया जब बिजली के बिलों का वितरण किया गया है तब से एक दर्जन से अधिक लोगों द्वारा अधिक बिल आने के आवेदन दिए जा चुके है। इस बारे में उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news मां ने कलेजे के टुकड़े को परेशान देखा तो मदद की गुहार लगाकर बचा ली जान By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT ब्लड कैंसर पीड़ित बेटे के लिए मां ने मांगी मदद, विधायक ने की हांसिटी के तालाबपुरा निवासी 5 साल के बच्चे आर्यन को ब्लड कैंसर की बीमारी है। प्रधानमंत्री राहत कोष व मुख्यमंत्री उपचार सहायता के जरिए मिली मदद से 2 साल से इलाज चल रहा है। पिता मजदूर है और परिवार में ऐसा कोई अन्य आय का स्त्रोत नहीं जो बेटे का निजी अस्पताल में इलाज करा सकें। आर्यन अब लगभग ठीक हो चुका है। लॉकडाउन में पैसे की व्यवस्था न होने की वजह से अंतिम चरण की जांच व इलाज रुका है। एक बार फिर मां सीमा ने सरकारी मदद के लिए गुहार लगाई है। विधायक इंदर सिंह परमार ने मदद का भरोसा दिलाया है।बेटी का हाथ करंट से झुलसा, कटता उससे पहले मां की पुकार से मिली मददग्राम रोसला निवासी 13 वर्षीय अनुराधा का हाथ इलेक्ट्रिक पंखे के करंट से झुलस गया। पैसों की कमी से अच्छा इलाज नहीं करा पाए और नतीजा यह हुआ कि हाथ की हड्डी तक सड़ने लगी, हाथ काटने की चेतावनी दी गई। यह सुन मां ने बेटी को लेकर गुहार लगाई तो तत्काल मददगारों ने आयुष्मान कार्ड बनवाकर 50 हजार स्वीकृत करा अस्पताल में भर्ती करा दिया। शुजालपुर के सर्वेश पोखरना, नेम कुमार जैन, निशित जैन, मोहित व्यास, दर्शन शाह, हिमांशु ओझा, सुशील सोनी, भूपेंद्र जैन, राकेश अन्य ने आगे प्लास्टिक सर्जरी व अन्य उपचार का खर्च उठाने की भी जिम्मेदारी ली है।थैलेसीमिया से बीमार बेटे को खून के लिए तरसता देख मां ने जुटाई मददप्रेम नगर कॉलोनी निवासी कासीम को थैलेसीमिया की बीमारी है। महीने में दो बार रक्त चढ़ता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से 6 हफ्ते से खून नहीं चढ़ने से उसकी हालत बिगड़ गई। मजदूरी पर आधारित परिवार के पास निजी अस्पताल में खून चढ़वाने पैसे व रक्तदान करने वाले न होने से परिवार परेशान था। बेटे की मदद के लिए अम्मी शबाना की गुहार पर कई लोग मदद के लिए आगे आ गए। अब कासिम को निजी अस्पताल में खून चढ़ने का खर्च भी रक्तदान करने वाले उठा रहे हैं। इतना ही नहीं इस घर की राशन की व्यवस्था भी मददगार ने कर दी है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today When the mother saw a piece of jewelery disturbed, she saved her life by pleading for help Full Article
india news द्वारिकाधीश को चंदन का लेप किया, कूलर व फव्वारे लगाए By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT भीषण गर्मी का दौर शुरू होते ही श्रद्धालुओं ने अब भगवान को लू से बचाने के लिए मंदिरों में खास इंतजाम कर दिए हैं। भगवान के लिबास से लेकर नैवेद्य तक सभी में बदलाव कर दिया गया है। इसी के तहत शनिवार को नई औदिच्य ब्राह्मण धर्मशाला परिसर स्थित द्वारिकाधीश मंदिर में विशेष इंतजाम देखने को मिले।यहां पुजारी अशोक व्यास ने सुबह भगवान का वस्त्र के रूप में चंदन का लेप किया। मोगरे के फूलों से आकर्षक शृंगार किया। इसके बाद पूजा व आरती की। भगवान के लिए यहां कूलर व खस की टाटी व प्रतिमा के सामने फव्वारा लगा दिया ताकि भगवान को लू न लगे। पुजारी अशोक व्यास ने बताया कि भगवान का गर्मी शुरू होने के बाद अब विशेष ख्याल रखा जा रहा है। भाेग भी शीतलता प्रदान करने जैसा ही लगाया जाता है। चंदन उत्सव पर दर्शन खुलने के बाद सभी वैष्णव पुष्टिमार्गीय भक्तों के साथ सोशल डिस्टेंस बनाकर श्रद्धालुओं ने प्रभुश्री के दर्शन के लाभ लिए। मंदिर समिति के सदस्यों व समिति के अध्यक्ष रामचंद्र पटेल, महेश त्रिवेदी, हेमेंद्र व्यास, ममता रघुवंशी, पूजा रघुवंशी, नेहा शर्मा प्रिंसी राजपूत, विजय राजपूत, सावित्री चौहान, कमला बाई आदि ने दर्शन लाभ लिए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Dwarikadhish was coated with sandalwood, cooler and fountains Full Article
india news मां की अर्थी को कांधा देने जा रहा बेटा भी सड़क हादसे में गंभीर घायल By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT मां की अर्थी को कंधा देने जा रहा युवक परिवार सहित सड़क हादसे में घायल हो गया। सभी का शाजापुर जिले के पनवाड़ी गांव के पास एक्सीडेंट हुआ था। परिवार इंदौर से उत्तरप्रदेश जा रहा था। हादसा कार के स्ट्रीट पोल से टकराने की वजह से शुक्रवार शनिवार की रात में हुआ था।मिली जानकारी के अनुसार पंकज पांडे मूल रूप से उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर जिले के परसादंडवा गांव के रहने वाले हैं। मां के निधन का समाचार जैसे ही पंकज को मिला तो उन्होंने इंदौर कलेक्टर को अपनी व्यथा बताई। कलेक्टर कार्यालय से पंकज, उसकी पत्नी कृष्णा कुमारी, 6 वर्ष का बालक प्रियांशु व ड्राइवर नंदकिशोर का ई-पास जारी कर दिया गया। इंदौर से निकलने के बाद 110 किलोमीटर दूरी तय कर गांव पनवाड़ी जिला शाजापुर में पहुंचा ही था कि रात लगभग 1 बजे सड़क किनारे लगे स्ट्रीट लाइट के पोल से उनका वाहन टकरा गया। इसमें पंकज व ड्राइवर को गंभीर चोट आई जिन्हें 100 डायल की मदद से सभी को जिला चिकित्सालय शाजापुर भेजा गया। पंकज व ड्राइवर को ज्यादा चोट लगने से शनिवार दोपहर इंदौर रैफर कर दिया गया। स्थानीय अधिकारियों ने दी हादसे की जानकारीइकलौता पुत्र पंकज अपनी मां की शव यात्रा में शामिल होने के लिए सुल्तानपुर जा रहा था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। सुल्तानपुर में सभी पंकज का इंतजार करते रहे आखिरमें मोबाइल चालू कर घर पर सभी को दुर्घटना की जानकारी प्रशासन द्वारा दी गई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Son, who is going to burn the mother's wife, is also seriously injured in a road accident Full Article
india news लड़की भगा ले जाने की शंका में चाकू से हमला By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT कसाईवाड़ा क्षेत्र में लड़की को भगाकर ले जाने की शंका में एक युवक पर जानलेवा हमले का मामला सामने आया। बताया जा रहा है कि कोचिंग पर पढ़ने वाली एक लड़की के परिजनों ने शंका होने पर युवक को घर पर बुलाया था। इसके बाद युवक के यहां से जाने के बाद पीछे से आए पांच लोगों ने उस पर हमला कर दिया। इसमें युवक की जांघ पर चाकू से तीन-चार वार किए गए। इधर सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को अस्पताल में भर्ती करा कर प्रकरण दर्ज किया है।कोतवाली थाने के अनुसार नाथवाड़ा क्षेत्र में रहने वाले युवराज पिता बाबूलाल को कसाईवाड़ा क्षेत्र में रहने वाली एक युवती के परिजन ने बात करने के लिए शनिवार रात करीब 1 बजे अपने घर बुलाया था। यहां दोनों पक्षों के बीच बात होने के बाद युवराज अपने दोस्त हरीश पारछे के घर चला गया। इसी दौरान पीछे से राजा शेख नामक युवक अपने चार अन्य साथियों के साथ आया और युवराज पर हमला कर दिया। इस दौरान इन युवकों ने युवराज का गला दबाते हुए चाकुओं से हमला कर उसे जान से मारने का प्रयास भी किया। पुलिस ने धारा 307 और 506 सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। कोतवाली टीआई अजीत तिवारी के मुताबिक गलतफहमी के कारण विवाद के दौरान चाकू से हमला करने का मामला सामने आया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news सरिया व दवा छिड़काव के पंप से गांव के युवक ने बना दिया जुगाड़ का सैनिटाइजर गेट, बटन दबाते ही निकलते हैं फव्वारे By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना से बचाव के लिए देशभर में हो रहे प्रयासों के बीच जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर ग्राम कुंकड़ी के एक युवा ने ग्रामीणों के लिए जुगाड़ का सैनिटाइजर गेट बनाने का कमाल कर दिखाया है। इसके लिए युवक ने अतिरिक्त खर्च भी नहीं किया। मकान बनाने के लिए रखे सरिए और फसल में कीटनाशक छिड़काव के पंप से ही सुरक्षा कवच बना दिया।सैनिटाइजर गेट बनाने वाला युवक कमल सिंह हाड़ा स्वच्छताग्राही हैं। हाड़ा ने बताया कि महामारी को देखते हुए ग्रामीणों को बचाने के लिए कुछ करने का प्लान बनाया। घर में रखे भवन निर्माण में होने वाले सरिए व चार लोहे की छड़ ली। उन्हें एक दूसरे से बांधकर गेट बनाया और उसके आसपास बैनर चिपकाकर उसे सजा दिया। द्वार बन जाने के बाद नीचे से ऊपर तक पूरे गेट पर चिपकाते हुए उसमें छोटी नलियों बिछा दी। नली में 5 पाइंट बनाए और पाइंट में एक-एक नोजल फिट कर दिया ताकि फव्वारे गिरते रहे। इसके बाद कमल ने खेती किसानी में उपयोग होने वाला दवा छिड़कने वाला इलेक्ट्रॉनिक पंप लिया। उस पाइप का पंप में कनेक्शन कर मैन पाइंट पंप के पास दे दिया। ताकि वहां से पूरा सिस्टम चालू और बंद हो सके। पंप में सैनिटाइजर डालकर उसका बटन दबाते ही पूरे द्वार में फव्वारे गिरने लगते हैं। अब आने व जाने वाले ग्रामीण महिला पुरुष सैनिटाइज होने के बाद ही यहां से निकलते हैं।गेट से निकलना अनिवार्यगांव के सरपंच रामसिंह राजपूत ने बताया कि गांव के युवक ने जो सैनिटाइजर मशीन बनाई है उसे गांव के मुख्य चौराहे पर रख दी है। कोटवार से मुनादी कराकर ग्रामीणों को सूचित भी करा दिया है।युवक की पहल सराहनीयकुंकड़ी के ग्रामीणों ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए स्थानीय स्तर पर मिले संसाधनों से ही लोगों को सैनिटाइज करने के लिए जो द्वार बनाया है वाकई अच्छी पहल है। अन्य ग्रामीणों को भी इसी तरह आगे आने की जरूरत है। यदि हर गांव खुद को इतना सुरक्षित कर लें तो हम जिले में कोरोना की वापसी ही नहीं होगी।- शिवानी वर्मा, सीईओ जिला पंचायत, शाजापुर Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The village man made jugaad's sanitizer gate with the pump of sariya and medicine spraying, the fountains come out as soon as the button is pressed Full Article
india news भीषण गर्मी में ट्रक की छत पर भी लोग कर रहे सफर By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT लॉक डाउन के बीच गुजरात, महराष्ट्र और राजस्थान में फंसे मजदूरों को घर लौटने की ढील मिलते ही ये लोग अपने घर के लिए रवाना हो गए है। करीब 40 दिन तक वहां रहते परेशानियां झेलने वाले मजदूरों ने अब घर जाने के लिए जान की बाजी लगाना शुरू कर दी है। कोई बाइक तो कोई ट्रक की छत पर बैठकर अपने घर के लिए रवाना हो गया। शनिवार दोपहर को महज एक घंटे में ही हाईवे से करीब 2 हजार से ज्यादा लोग महाराष्ट्र व गुजरात की तरफ से आते दिखाई दिए। जिनमें मप्र के अलावा ज्यादातर लोग उप्र के है। खास बात यह है कि शनिवार को 44 डिग्री तापमान के साथ लू के थपैडे भी चल रहे थे। इस बीच कोई बाईक और कोई ट्रक की छत पर बैठकर सफर करते देखे गए Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today People are traveling on the roof of the truck in the scorching heat Full Article
india news बेटा फोन पर राेता है.. बार-बार पूछता है मम्मी कब लेने आआेगी, मुझे उसके साथ रहने दीजिए, उसे कोरोना है तो दूर से ही संभाल लूंगी : मां By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT आज आठ दिन हाे गए.. मेरा बेटा मेरे बिना एक दिन नहीं रहा। जहां भी जाती थी साथ जाता, साथ खाता और साथ ही रहता। मेरे बिना उसे और उसके बिना मुझे नींद भी नहीं आती। बस इतना कहते ही आयशा बी राे पड़ीं। आयशा बी 7 साल के इरफान की मां हैं। बेटा इरफान काेराेना पाॅजिटिव है और 2 मई से काेविड सेंटर मे है। एक दूसरे से अलग ना हाेने वाले मां -बेटे ने आठ दिन से एक दूसरे काे देखा नहीं है। फाेन पर बात ताे हाेती है लेकिन मन नहीं भरता। आयशा बी बताती हैं कि वह फाेन पर आते ही राे पड़ता है कहता है अम्मी मुझे क्याें छाेड़ गईं। अब मैं उसे कैसे समझाऊं कि सारे डर छाेड़कर मैं ताे अपने बेटे के साथ रहने काे तैयार हूं। लिखकर भी दिया कि मुझे मेरे बेटे के साथ रहने दाे, वह छाेटा है। मैं दूर से उसे संभाल लूंगी लेकिन ऐसा हाेना संभव नहीं है। हर पल उसे याद करते हुए दुआकरती हूं कि मेरा बेटा जल्दी लाैट आए। इधर पवारखेड़ा स्थित काेविड सेंटर में डाॅक्टर, नर्स और साथ में भर्ती महिलाएं इरफान काे मां की तरह संभालने की काेशिश कर रही हैं।13 साल बाद आया इरफान, बड़ी बहन हुमेरा के लिए बच्चे जैसाइरफान की बड़ी बहन हुमेरा इरफान से 13 साल बड़ी है। पिता साजिद बताते हैं कि बेटी के जन्म के 13 साल बाद बेटे का जन्म हुआ। हुमेरा अभी अपने 4 माह के शिशु के साथ इटारसी में अपने पिता के घर पर है। वह बताती है कि इरफान बात-बार पर जिद करता। अपनी मनवाता, पर मैं उसे कभी नहीं मारती। उसके बिना घर काटने काे दाैड़ता है।रमजान के दिनाें में वह अपनी पसंद की चीजें बनाने काे कहता हैमां आयशा बी बताती हैं कि इरफान मैगी, पाेहा, आलू भुजिया पसंद करता है। रमजान के दिनाें में वह कभी अपने पसंद की चीज बनाने काे कहता। इफ्तारी का समय हाेता ताे बिना किसी के कुछ कहे दस्तरखान बिछाकर तैयारी करता। जब मेरा बेटा मेरे पास हाेता है मदर्स डे हाेता है, शहर की हर मां के लिए दुआकरती हूं किसी काे अपने बेटे से दूर ना रहना पड़े। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today कोविड सेंटर में भर्ती है काेराेना पाॅजिटिव बच्चा। Full Article
india news सीजन में पहली बार पारा 44 डिग्री पर पहुंचा By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT तीखी धूप से इस सीजन ने गर्मी के रिकॉर्ड तोड़ दिए। पारा पहली बार 44 डिग्री पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान भी पिछले 24 घंटे में 4.3 डिग्री उछलते हुए पहली बार 29.3 डिग्री पर पहुंच गया। तेज धूप के बाद आज मौसम करवट बदलेगा और जिले में बारिश होगी।ज्ञात रहे शनिवार को जिले में भीषण गर्मी रही। सुबह से ही पारा चढ़ने लगा और दोपहर 2 बजे 44.0 डिग्री पर पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे ज्यादा तापमान है। एक दिन पहले शुक्रवार को यह पारा 43.3 डिग्री दर्ज किया गया था। इसी प्रकार न्यूनतम तापमान भी एक दिन पहले 25.0 डिग्री से बढ़कर सीधे 29.3 डिग्री पर पहुंच गया। यह तापमान भी इस सीजन का सबसे ज्यादा रहा है। मौसम विशेषज्ञ सत्येंद्र धनोतिया ने बताया कि गर्मी के बाद आज यानी रविवार को मौसम बदलेगा। आसमान में बादल छाएंगे और जिले में कहीं कहीं गरज चमक के साथ बारिश होगी। इधर, भीषण गर्मी के दौरान शनिवार को लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। इसके कारण सड़कें भी सुनसान दिखाई दी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The mercury reached 44 degrees for the first time in the season Full Article
india news प्रॉपर्टी डीलर के घर 1.50 लाख रुपए व सोने के आभूषणों पर किया हाथ साफ By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन में दौरान दोपहिया वाहन चोरियों के बाद अब सूने मकान में चोरी ने पुलिस सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी। शहर के प्रॉपर्टी डीलर के सूने मकान से अज्ञात बदमाशों ने डेढ़ लाख रुपए नकदी सहित सोने चांदी के आभूषणों पर हाथ साफ कर दिया। सुरक्षा इंतजामों में चूक होने के बाद भी पुलिस का इस मामले में पुराना रवैया ही नजर आया। कोतवाली पुलिस के अनुसार चोरी गए माल की कीमत एक लाख रुपए बताई जा रही है। वहीं कोतवाली टीआई ने मामला जांच में लेकर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया है।जानकारी के अनुसार प्रॉपर्टी ब्रोकर विनोद पवैया 28 अप्रैल को अपने परिवार के साथ ब्यावरा गए थे। शनिवार को जब वे लौटे तो घर के ताले टूटे मिले। घर के अंदर का दृश्य देख चोरी की घटना का पूरा मामला सामने आ गया। अलमारियां खुली पड़ी थी तो सामान पूरे घर में बिखरा पड़ा था। ताबड़तोड़ पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने अपनी कार्रवाई तो शुरू कर दी, लेकिन चोरी गए माल को लेकर फरियादी और पुलिस का अलग अलग तर्क सामने आया है। फरियादी विनोद के अनुसार घर में करीब डेढ़ लाख रुपए और आभूषण रखे थे। वहीं कोतवाली टीआई अजीत तिवारी के अनुसार चोरी गए माल की कीमत एक लाख रुपए बताई जा रही है।एक सप्ताह में बाइक चोरी की पांच वारदातइधर शहर में पिछले एक सप्ताह में बाइक चोरी के भी कई मामले सामने आए। इसमें चार बाइक कोतवाली थाने तो एक बाइक लालघाटी थाने में चोरी होना बताया जा रहा है। लालघाटी थाने के अनुसार हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी निवासी एडवोकेट शिव कलेसरिया के घर से उनकी बाइक अज्ञात बदमाश चुरा ले गए। इसकी लालघाटी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वहींकोतवाली थाने क्षेत्र के बेरछा रोड से एक ही रात को तीन बाइक चोरी होने का मामला सामने आया था, लेकिन पीड़ित द्वारा इसकी कोई शिकायत थाने में दर्ज नहीं कराई गई। वहीं एक बाइक शुक्रवार को गिरवर रोड से चोरी होना बताया जा रहा है।बदमाशों को पकड़ने के लिए दबिश दे रहे हैंकोतवाली टीआई अजीत तिवारी के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर के सूने मकान में चोरी होने की शिकायत शनिवार देर शाम सामने आया है। इसकी जांच की जा रही है, शुरुआती पूछताछ में पीड़ित द्वारा घर में एक लाख रुपए नकदी होने की बात कही गई थी। बाइक चोरी रोकने के लिए मुखबिरों कीसूचना पर दबिश दी जा रही है। बेरछा रोड पर एक साथ तीन बाइक चोरी की कोई भी शिकायत थाने नहीं पहुंची। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 1.50 lakh rupees and gold jewelery cleaned hands at property dealer's house Full Article
india news दिन में गर्मी तेज, तेज हवा चली, बूंदाबांदी होती रही By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT माैसम बदल गया है। दिन में धूप तपने के कारण तापमान 42.5 डिग्री रहा लेकिन शाम काे हवा तेज चली। हवा की रफ्तार करीब 10 से 12 किमी प्रति घंटे रही। माैसम विभाग के अनुसार मप्र के ऊपर बनी द्राेणिका के कारण माैसम बदला है। रविवार काे बारिश हाेने का अनुमान है। वहीं साेमवार काे भी बादल रहेंगे। शनिवार काे सुबह से ही धूप तेज थी। इस कारण दिन में तापमान 42.5 डिग्री तक चला गया। रात का तापमान 26.2 डिग्री दर्ज किया गया है। दिन में तपन के बाद शाम के समय माैसम बदला है। माैसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि मप्र के ऊपरी द्राेणिका बनी है। यह तमिलनाडु तक जा रही है। इस कारण माैसम बदला है। रविवार औरसाेमवार काे भी बारिश हाेने का अनुमान है। इसमें रविवार काे माैसम ज्यादा बदला रहेगा। मंगलवार से माैसम साफ हाे जाएगा। उन्हाेंने बताया कि मानसून अगले माह 20 जून तक आएगा।ये हाेती है द्राेणिकाबादलों के बीच जब ठंडी और गर्म हवा आपस में मिलती है तो एक कम दबाव का क्षेत्र बनता है। उस सिस्टम से निकलने वाली पट्टी को द्रोणिका कहते हैं। इसमे अचानक ही मौसम में बदलाव हो जाता है और तेज हवा के साथ बारिश होती है। यह दाे-तीन दिन का असर दिखाती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news समर्थन मूल्य पर अब पांच दिन ही होगी गेहूं खरीदी, शनिवार-रविवार को सिर्फ परिवहन By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT जिले में किसानों से केवल पांच दिन गेहूं की खरीदी की जाएगी। शनिवार और रविवार काे परिवहन किया जाएगा। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 60 फीसदी हाे गई है। समर्थन मूल्य पर जिले में गेहूं बेचने के लिए करीब 76 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें से करीब 57 हजार किसान अपनी उपज काे बेच चुके हैं। जिले में 6 लाख मीट्रिक टन की खरीदी हाे गई है। इसमें से डेढ़ लाख मीट्रिक टन गेंहू का परिवहन हाेना बचा है। गेहूं खरीदी के लिए जिले में 290 केंद्र बनाए हैं। मैपिंग के अनुसार केंद्र से परिवहन किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूं खरीदी के लिए 10 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है। अभी तक 60 फीसदी गेहूंकी खरीदी हाे गई है। जिले में 40 हजार किसानाें काे 500 कराेड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान उनके खाते में करने की बात जिला प्रशासन कर रहा है। अब जिले में सप्ताह में पांच दिन तक गेहूं की खरीदी का काम चलेगा। इसके बाद शनिवार और रविवार को खरीदी के लिए अवकाश रहेगा। इन दो दिनों में लेखा-जोखा और गेहूं का परिवहन कराया जाएगा।किसानों को सात दिन में मिल जाएगा भुगतानकिसानों को अब भुगतान के लिए सहकारी समितियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। किसानों के पोर्टल पर एकाउंट नंबर दर्ज किए हैं। अब सीधा बैंक खातों में 7 दिन के अंदर गेहूं खरीदी की राशि डाली जाएगी। गेहूं की खरीदी के साथ ही बोरियों पर समिति सहित किसानों के नाम वाला टैग लगाया जा रहा है। स्वीकृति पत्रक बनने के बाद भुगतान का काम भाेपाल से जीअाईटी पाेर्टल से किया जाता है। जिला आपूर्ति नियंत्रक जेएल चौहान ने बताया कि गेहूं खरीदी के बाद स्वीकृति पत्रक बनने के सात दिन बाद भुगतान होगा।24 मई तक चलेगा खरीदी का कामसमर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का काम अब 17 दिन और चलेगा। जिले में 15 अप्रैल से सभी केंद्रों पर गेहूं खरीदी का काम शुरू कर दिया था। यह काम 24 मई तक चलेगा।एसएमएस मिलने के बाद ही लाना हाेगा उपजजिले में 290 केंद्राें पर किसानोंके पंजीयन हाेने के बाद मैपिंग हुई है। भाेपाल से किसानाें को एसएमएस कम आना शुरू हाे गया है। ऐसे में किसान एसएमएस मिलने के बाद ही केंद्र पर उपज लेकर पहुंचे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news लोगों के यहां चौका-चूल्हा कर बच्चों के भविष्य को चमकाया, बच्चों ने भी मेहनत की, नतीजा खुद का पक्का मकान बनवाया, नौकरी भी मिली By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT कहते हैं यदि मां किसी बात को ठान ले तो वह हर हाल में पूरा करती है। और यदि सवाल बच्चों के सुनहरे भविष्य का हो तो अपनी खुशियों को भी दांव पर लगाने से पीछे नहीं हटती। आइए इस मदर्स-डे पर हम आपको को शहर में ऐसी ही दो मां की कहानी बताते हैं, जिसमें किसी ने 20 साल तक दूसरों के घर में झाडू पोंछा किया तो किसी ने 10 साल में एक बार भी नया कपड़ा नहीं खरीदा। उन्होंने न सिर्फ बच्चों के सपने पूरे किए बल्कि उन्हें सफलता के मकाम पर भी पहुंचा दिया।20 साल लोगों के घर खाना बनाकर बेटे को बनाया आईटी इंजीनियरशहर के विजय नगर में रहने वाली 50 वर्षीय रेखा बाई परमार का बेटा अंकित आज सरकारी कार्यालय में सहायक ग्रेड-3 पर नियुक्त है। सरकारी नौकरी के अंकित के इस सपने को पूरा करने के लिए पिता जगदीश और मां रेखा की आर्थिक स्थिति सबसे बड़ी बाधा बनी हुई थी। क्योंकि पिता की 2200 रुपए की तनख्वाह में बेटे को निजी स्कूलों में पढ़ाना तो दूर घर का खर्च भी नहीं निकल पाता। ऐसे में रेखा बाई ने भी हिम्मत कर घर के बाहर कदम निकाला। करीब 20 वर्ष लगातार दूसरों के घरों में खाना बनाकर बच्चों का लालन पालन किया साथ ही अंकित को इंजीनियरिंग के लिए इंदौर जैसे शहर में पढ़ने के लिए भेज दिया।मां बेटे की कहानी सुन मदद के हाथ उठे : बेटे अंकित को इंजीनियर बनाने का रेखा बाई का सपना पूरा होने में समस्याओं के पहाड़ भी सामने आए। लेकिन मां के आशीर्वाद से समस्या भी दूर होती गई। इंदौर में पढ़ाई का खर्चा के लिए रेखा बाई की मदद उन लोगों ने की, जिनके घर में वे खाना बनाती थी। लेकिन यह मां का स्वाभिमान ही था कि उन्होंने लोगों से मिली मदद को कर्ज समझकर अपनी मेहनत से चुकता भी किया।10 साल तक नए कपड़े तक नहीं खरीदे, मां का सहारा बनी शिक्षिका बेटीश्यामा बाई अपनी कहानी की शुरुआत 24 वर्षीय बेटी को अपने पैरों पर खड़ा होते देख करती है। श्यामा बाई के अनुसार दो बच्चों को बड़ा करने के लिए पति शिवनारायण के साथ वे शुरू से ही मेहनत करती आई। पति मजदूरी के साथ त्योहारों के समय पुताई का काम करते हैं, लेकिन इससे बच्चों को पढ़ा पाना संभव नहीं था। ऐसे में उन्होंने लोगों के घर चौका चूल्हा कर बच्चों को लायक बनाने के लिए शिक्षित करना शुरू कर दिया। पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कराई, लेकिन बड़ी कक्षाओं में आते ही बच्चों की पढ़ाई का बोझ भी बढ़ने लगा। श्यामा बाई बताती हैं कि एक ही दिन में 8 से अधिक घरों में काम किया। उन्होंने दस साल तक नए कपड़े नहीं खरीदे।किराए के मकान में ताने सुने, अब खुद का घर : बेटी ज्योति बताती हैं कि घर खर्च के साथ छोटे भाई पवन और मेरी पढ़ाई के लिए मां ने मेहनत की। कई बार बुरा भी लगा। मां के आशीर्वाद से बीए करने के बाद नौकरी मिल गई। सभी ने कर्ज लेकर पक्का मकान भी बना लिया। क्योंकि किराए के मकान में रोकटोक और तानों का सामना करना पड़ता था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today People got a stove in the place and brightened the future of the children, the children also worked hard, the result was to build their own pucca house, also got a job. Full Article
india news इंदौर से भागे कोरोना के एक संदिग्ध की तबीयत खराब, पिपरिया में भर्ती By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT इंदाैर के मालवीय नगर में क्वारेंटाइन किए गए तीन युवक भागकर पिपरिया आगए। एक की तबीयत खराब हुई ताे वह प्रशासन की टीम के पास पहुंचा। जबकि दो साथी उसे छोड़कर बाइक से आगे निकल गए। वे पिपरिया में या आसपास हाे सकते हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। एक युवक फिलहाल शासकीय अस्पताल पिपरिया के आइसोलेशन वार्ड में है। तीनों युवक कोरोना संदिग्ध है जिनका इंदौर में सैंपल लेना बताया लेकिन रिपोर्ट आना शेष है। वे मौका पाकर एक बाइक से भागे थे। शनिवार दोपहर पिपरिया मंगलवारा चौराहे पर 1 युवक ने लोगों से पूछा- आइसोलेशन सेंटर कहां है। उसने बताया- वह इंदौर से आया है और तबीयत खराब होने के कारण अपने घर नहीं जाना चाहता। वह रायसेन जिले की बरेली तहसील के मांगरोल का रहने वाला है। पहले इलाज कराना चाहता है। युवाओं ने अधिकारियों को जानकारी दी गई। एसडीएम-एसडीओपी आदि उसे अस्पताल ले गए।पूछताछ में कहा- मैं कोरोना संदिग्ध हूंस्थानीय युवक कपिल शर्मा ने बताया युवक भूखा था, पहले उसने खाना खाया। अधिकारियों द्वारा की गई पूछताछ में उसने बताया कि वह संदिग्ध है। कोरोना पाॅजीटिव लोगों के साथ रहने के कारण इंदौर में उसकी दो बार जांच की गई। सात मई को लिए गए टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई थी।जिनसे लिफ्ट ली, वे भी कोरोना संदिग्धयुवक ने बताया वह पैदल ही घर आने के निकला था, लेकिन रास्ते में उसे बाइक पर दो लोग आते दिखे जिनसे लिफ्ट ले ली। रास्ते में हुई चर्चा से पता चला कि वे दोनाें युवक भी कोरोना संदिग्ध थे और उनकी रिपोर्ट आना बाकी थी। वे उसे मंगलवारा चौक पर छोड़कर भाग गए।इधर, इटारसी का एक और मरीज ठीकपवारखेड़ा के कोविड केयर सेंटर से एक और मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया. कोरोना को मात देने वाले इस मरीज का नाम 46 वर्षीय मोहम्मद अहसान पिता सुलेमान खान है। मरीज कस्तूरबा नगर का है। 9 मई को इनकी दूसरी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई थी।जिले में 1 से 8 मई तक इतने लिए सैंपल : 1 मई : 14, 2 मई : 20, 3 मई : 4, 4 मई : 34, 5 मई : 8, 6 मई : 4, 7 मई : 9, 8 मई : 4, 9 मई : 6, टोटल : 103, अब तक कुल 577 सैंपल लिए जा चुके हैं।^युवक के सीधे संपर्क में किसी को नहीं आने दिया गया। वह पिपरिया में जिन स्थानों पर गया था वहां सैनीटाईजेशन कराया गया है। उसके कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट के बारेमें जानकारी अभी नहीं मिली है।-मदन सिंह रघुवंशी, एसडीएम पिपरिया^भागे युवकों की तलाश की जा रही है। नागरिकों को अगर आस-पास कोई अपरिचित युवक नजर आते हैं तो उनकी जानकारी पुलिस को दें। दूरी बनाकर रखें।-शिवेंदु जोशी, एसडीओपी Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news आनाखेड़ी में होमगार्ड व चौकीदार को पीटा, भड़का में 100 ट्रॉली रेत जब्त By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT ताल थाने के आनाखेड़ी में रेत माफिया ने ड्यूटी से लौट रहे चौकीदार व होमगार्ड के साथ इस बात के लिए मारपीट की कि तुम रेत क्यों पकड़वाते हो। वहीं जावरा प्रशासन ने रिंगनोद पुलिस की मदद से ग्राम भड़का के पास शनिवार देर शाम 100 ट्रॉली रेत जब्त की। पुलिस एवं राजस्व अमले ने संयुक्त पंचनामा बनाकर कार्रवाई की रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी है।ताल थाना प्रभारी अमित सारस्वत ने बताया ग्राम असावता में चेकपोस्ट है। होमगार्ड सैनिक विनोद देवड़ा एवं चौकीदार देवीसिंह राजपूत की वहां ड्यूटी लगा रखी है। शुक्रवार शाम ये वहां से लौट रहे थे तो ग्राम आनाखेड़ी में रेत का कारोबार करने वाले 6 लोगों ने इन्हें घेर लिया और विवाद किया। झूमाझटकी व गाली-गलौज की। इनकी रिपोर्ट पर आरोपी गोकुल पिता लक्ष्मणसिंह, नाहरसिंह पिता रतनसिंह निवासी ग्राम आनाखेड़ी एवं रंगलाल निवासी शक्करखेड़ीसमेत तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।गोशाला व निर्माणाधीन ब्रिज के पास लगा था रेत का ढेरताल थाना क्षेत्र के ग्राम आनाखेड़ी रिंगनोद थाने की असावती चौकी के ठीक नजदीक है। ऐसे में यहां भी रेत माफिया सक्रिय तो नहीं यह जानने के लिए शनिवार दोपहर जावरा एसडीओपी रवींद्र बिलवाल, रिंगनोद थाना प्रभारी निमेष देशमुख असावती चौकी पहुंचे। यहां चौकी प्रभारी रघु कोकोड़े व एएसआई कैलाश बोराना से जानकारी ली और वापसी में लौटते वक्त ग्राम भड़का में निर्माणाधीन ब्रिज व गोशाला के पास जगह-जगह ढेर लगे हुए देखे। इस पर नायब तहसीलदार संतोष रत्नावत को सूचना दी और पटवारी समेत टीम बुलाई। फिर इन्होंने रात 9 बजे रेत के ही ठेकेदार चंगेज खां से कहकर यह ज्यादातर बड़े ढेर में से रेत रातभर में उठवाई और इसे रिंगनोद थाने पहुंचाया। रिंगनोद थाना प्रभारी देशमुख ने बताया अब आगे की कार्रवाई एसडीएम कार्यालय से होगी। मौका पंचनामा वहां देंगे और वहीं से जुर्माना या रेत नीलामी की कार्रवाई की जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Home guard and watchman beaten in Anakhedi, 100 trolley sand seized in Bhakda Full Article
india news नपाकर्मी से झूमाझटकी के आरोपी मीडियाकर्मी व साथी को जेल भेजा By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT बस स्टैंड परिसर स्थित सुलभ कॉम्प्लेक्स को खुलवाने की बात पर नपाकर्मी करण कल्याणे के साथ विवाद व झूमाझटकी करने के मामले में गिरफ्तार मीडियाकर्मी और उसके साथी को पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से दोनों को सैलाना जेल भेज दिया गया। सिटी थाना प्रभारी प्रमोद साहू ने बताया नपाकर्मी करण कल्याणे की रिपोर्ट पर न्यूज पोर्टल प्रतिनिधि सुभाष भंवर और उसके साथी गणेशन बैरागी के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, मारपीट करने और एसटी-एससी एक्ट में केस दर्ज किया था। इन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से 15 दिन की न्यायिक हिरासत में दोनों आरोपियों को सैलाना जेल भेज दिया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news हॉटस्पॉट से आए 725 लोग, 2307 की घर वापसी, स्क्रीनिंग व फॉलोअप पर जोर By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT इंदौर, उज्जैन, भोपाल जैसे हॉटस्पॉट शहरों से 725 लोग जावरा आ चुके हैं। इनके साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान, यूपी समेत अन्य जगह से करीब 2307 लोग शनिवार तक घर वापसी कर चुके हैं। इनमें से 40 फीसदी हॉटस्पॉट जगहों से आए और अभी 14 दिन पूरे नहीं हुए। इनसे संक्रमण का खतरा है। प्रशासन तो चौकस हो गया और स्क्रीनिंग के साथ ही नियमित फॉलोअप सिस्टम अपग्रेड कर दिया लेकिन इससे भी कारगर स्व-अनुशासन है। प्रशासन ने बाहर से आए लोगों से अपील की है कि सरकार ने आपको घर आने में मदद की। अब आपकी जिम्मेदारी है घर में रहें और खुद के साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित रखने में सहयोग करें।बीएमओ डॉ. दीपक पालडि़या ने बताया वैसे तो सभी बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के लिए हमारी टीम दिन-रात मुस्तैद है। फिर भी हाॅटस्पॉट शहरों से ई-पास की सुविधा मिलने के बाद वहां के लोगों की आवाजाही बढ़ गई है इसलिए संक्रमण का खतरा भी बढ़ा है। फिलहाल जावरा में कोई संक्रमित नहीं है और सभी स्वस्थ है लेकिन खतरे से इनकार नहीं कर सकते। इसलिए अब हमारा फोकस हॉटस्पॉट शहरों से आए लोगों के नियमित फॉलोअप पर है। इन्हें आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करवाया जा रहा है। फील्ड वर्कर की मदद से गांव-गांव और वार्डवार ऐसी समितियां बनाने परविचार कर रहे हैं जो एक्टिव होकर इनकी मॉनिटरिंग में मदद करें। बाहर से आने वाले स्व-अनुशासन का पालन कर खुद को क्वारंटाइन रखेंगे। परिजन से संपर्क में नहीं आएंगे और हैंड सैनिटाइजर, हैंडवॉश, मास्क का उपयोग करेंगे तब कोई दिक्कत नहीं है। इंदौर से 392, उज्जैन से 267 और भोपाल से 66 लोग आएकंट्रोल रूम प्रभारी एवं नायब तहसीलदार आनंद जायसवाल ने बताया अब तक इंदौर से 392, उज्जैन से 267, भोपाल से 66 लोग आए हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र से 204, गुजरात से 477, राजस्थान से 824, दिल्ली से 19, यूपी से 58 लोग आ चुके हैं। इनमें मजदूर व अन्य लोग शामिल हैं। सभी सर्विलांस पर हैं।धड़ल्ले से आ रहे मजदूर, वहीं 7 साल की बेटी माता-पिता से दूरएक तरफ मजदूरों और दूसरे राज्यों में फंसे अन्य प्रभावी लोगों का धड़ल्ले से आना जारी है। वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो जिनके पास नहीं बन रहे। नृसिंहपुरा निवासी कुलदीप बारोड़ सप्ताहभर से 7 साल की बेटी शावी को इंदौर से लाने के लिए एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। कुलदीप ने बताया 19 मार्च को बेटी मौसी के साथ इंदौर कालानी नगर गई। इसके बाद लॉकडाउन हो गया तो जा नहीं सके। बेटी 7 साल की है और वो वहां रो रही है। उसे लाने के लिए हम सारी शर्तें मानने को तैयार है फिर भी अनुमति नहीं मिल रही। विवेकानंद कॉलोनी के उत्तम जैलवाल ने बताया मैं, दो बच्चे व पत्नी 20 मार्च को इंदौर आए थे। तब से यहीं फंसे हैं। घर बुजुर्ग माता-पिता अकेले हैं। देखरेख के लिए जाना जरूरी है, फिर भी अनुमति नहीं मिल रही।ई-पास में हमारा हस्तक्षेप नहीं, मदद को हेल्पडेस्क बनाईरेड जोन के लिए ई-पास ही एकमात्र विकल्प है। इसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं। यदि किसी को ई-पास आवेदन करने में दिक्कत आ रही या फॉर्म भरना नहीं आता तो मदद के लिए एसडीएम ऑफिस में हेल्पडेस्क है। वहां केवल फॉर्म भरने में मदद होगी। पास जारी करना या नहीं करना जिला स्तर से तय होगा। जहां तक बाहर से आ रहे मजदूर व अन्य लोगों का सवाल है तो सभी की स्क्रीनिंग कर रहे और नियमित फॉलोअप लिया जा रहा है।राहुल धोटे, एसडीएम जावरा Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news कांग्रेस नेता व पुलिसकर्मी के बेटे ने शराब दुकान में की मारपीट By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT शराब की दुकान शुरू होने के साथ ही विवाद भी शुरू होने लगे हैं। सज्जन मिल रोड पर शराब की दुकान में लाइन लगाने की बात पर तीन आरोपियों ने सिक्योरिटी गार्ड और सेल्समैन के साथ मारपीट की। मारपीट करने वालों में एक पार्षद चुनाव का पराजित कांग्रेस उम्मीदवार और दूसरा पुलिसकर्मी का बेटा है। सेल्समैन ने औद्योगिक क्षेत्र थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत की है।सेल्समैन अंशूकुमार ठाकुर ने बताया दोपहर करीब 4:00 बजे तीन लड़के दुकान पर शराब खरीदने आए। सिक्योरिटी गार्ड सचिन जोकचंद ने उन्हें लाइन से आने को कहा तो शक्तिनगर निवासी किशोरसिंह उर्फ कन्नू चौहान, काटजूनगर निवासी भूपेंद्रसिंह उर्फ बबलू दरबार तथा साथी ने गार्ड की लकड़ी छीनकर उससे मारपीट की।विजय मालवीय और सेल्समैन अंशू बीचबचाव करने आए तो आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की। आरोपी किशोरसिंह उर्फ कन्नू नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 9 से कांग्रेस उम्मीदवार थाजबकि दूसरा आरोपी भूपेंद्र सिंह राजगढ़ में पदस्थ प्रधान आरक्षक राम सिंह का बेटा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news तीन और गिरफ्तार, एक और पर रासुका लगाई By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT मोचीपुरा में पुलिस और वालेंटियर पर हमला करने में शामिल तीन और आरोपियों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया। एक और आरोपी के खिलाफ पुलिस ने रासुका के तहत कार्यवाही की है। प्रकरण में अब तक 11 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं जिनमें से दो के खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही की गई है।मोचीपुरा कंटेनमेंट एरिया में गुरुवार 7 मई को लोगों की भीड़ जमा होने की जानकारी मिलने पर हाकिमवाड़ा गेट पर तैनात एसआई जेआर जामोद और वालेंटियर सोहेल लोगों को समझाने गए थे। आरोपियों की भीड़ ने हमला कर दिया और एसआई जामोद के साथ झूमाझटकी की और वालंटियर सोहेल के साथ मारपीट की। स्टेशन रोड थाने में आरोपी अत्तू टेलर, इच्छू, दानिश, अड्डू, साजिद, गोलू तथा 15 अन्य आरोपियों के खिलाफ बलवा, मारपीट तथा अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। शुक्रवार को पुलिस ने सलमान उर्फ गोलू पिता मुश्ताक खान, अद्दू उर्फ सोहेल पिता साबिर, अफजल पिता रशीद कुरैशी, शाहरुख पिता साबिर, जुबेर पिता जाकीर खान, शमशाद पिता समीर खान, जफर पिता जहीर मंसूरी और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया। आरोपी सोहेल उर्फ अद्दू पिता साबिर निवासी चिंगीपुरा के खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही की।एसपी गौरव तिवारी ने बताया शनिवार को आरोपी साजिद पिता वाजिद अली, इच्छू उर्फ इरशाद पिता लियाकल अली और अत्तू उर्फ इख्तियार पिता मकसूद अली निवासी चिंगीपुरा को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में से अत्तू उर्फ इख्तियार के खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही की गई है। नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शेष आरोपियों की पहचान की जा रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Three more arrested, one more arrested Full Article
india news रतलाम में 1500, मेघनगर में 2400 मजदूर उतरे, आज तीन ट्रेनें आएंगी By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात जाकर लॉकडाउन में फंसे लगभग 3900 मजदूरों को लेकर शनिवार को मंडल में तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। इसमें एक रतलाम, जबकि दो ट्रेन मेघनगर आई। राजकोट से रतलाम आई ट्रेन में 1500, जबकि जूनागढ़ और पोरबंदर से मेघनगर आई ट्रेन से 2400 मजदूरों की घर वापसी हुई। डीआरएम विनीत गुप्ता के अनुसार रविवार को तीन ट्रेन और आएगी। पहली सुबह 5.45 बजे मोरबी से रतलाम तथा दूसरी सुबह जूनागढ़ से और तीसरी शाम को पोरबंदर से मेघनगर पहुंचेगी। इन दोनों का टाइम आना बाकी है।10 जिलों की ओर रवाना हुई 37 बसेंशनिवार को राजकोट से दूसरी श्रमिक स्पेशल सुबह 7 बजे प्लेटफाॅर्म चार पर पहुंची। 201 मजदूर ज्यादा आए। प्रशासन को 10 जिलों के 1299 के आने की सूचना थी ट्रेन से उतरे 1500 मजदूर। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्क्रीनिंग, मेडिकल चेकअप किया तो नगर निगम ने भोजन के पैकेट, पानी, मास्क सैनिटाइजर और छाछ दी। पूरी प्रक्रिया में सभी को पौन तीन घंटे में ही स्टेशन से बाहर लाकर 37 बसों से रवाना कर दिया गया।फूल बरसाकर स्वागत कियाशनिवार को ट्रेन से उतरने वाले मजदूरों को अधिकारियों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। वहीं कलेक्टर रुचिका चौहान और एसपी गौरव तिवारी, एसडीएम लक्ष्मी गामड़, तहसीलदार गोपाल सोनी, कमिश्नर एसके सिंह, स्टेशन अधीक्षक राजेश श्रीवास्तव, सीएमआई संजय वशिष्ठ आदि अधिकारी पूरे स्टेशन एरिया में भ्रमण करते हुए इंतजाम में कसावट लाते रहे। वापसी में ट्रेन का रैक खाली रवाना हुआ।इन जिलों के मजदूर आए : भिंड, मुरैना, दतिया, रीवा, पन्ना, सतना, उज्जैन, आगर, आलीराजपुर, झाबुआ व अन्य। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 1500 in Ratlam, 2400 laborers landed in Meghnagar, today three trains will come Full Article
india news आचार्य श्री की उपस्थिति में कोरोना वारियर्स सफाई कर्मियों का किया सम्मान By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना महाप्रकोप में गली, मोहल्ला को साफ रखने वाले सफाईकर्मियों श्री चन्द्रप्रभ दिगंबरर जैन श्रावक संघ ने सभी सफाई कर्मचारियों का स्वागत कर सम्मान किया। इस दौरान श्रावक संघ के संयोजक मांगीलाल जैन, अजय बाकीवाला, बसन्त अग्रवाल, कमल पापरीवाल, अनुराग जैन, सुनील जैन, कपिल जैन, हार्दिक शाह व बोहरा समाज के जोयब आरिफ ने सोशल डिस्टेंस का पालन कर सम्मान किया। वार्ड में कार्यरत दरोगा अमर चौहान के साफ सफाई कर्मी मौजूद थे। सम्मान के पूर्व आचार्य श्री विमद सागर जी महाराज ने सभी सफाईकर्मियों को आशीर्वाद दिया व सभी का मनोबल बढ़ाते हुये कहा कि इस कोरोना के महा प्रकोप में निडर होकर शहर को साफ रखने हेतु हर सफाईकर्मी अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। व आगे भी स्वच्छता का कार्य करते रहें जिससे वार्ड में स्वच्छता बनी रहे। जिससे की वार्ड का हर नागरिक स्वस्थ रहें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Corona Warriors cleaning workers honored in the presence of Acharya Shri Full Article
india news कंटेनमेंट जोन खुलने पर तीन सप्ताह तक व्यवस्था संभालने वालों का आमिल साहब ने किया सम्मान By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT बोहरा बाखल कंटेनमेंट जोन खुल गया है। क्षेत्र में 14 अप्रैल को पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से ही यह एरिया सील हो गया था। ऐसे में प्रशासन के साथ ही समाज की अलग-अलग कमेटियों ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।शनिवार को कमेटी के मेंबरों का समाज केआमिल साहब शेख जौहर भाई शाकिर ने सम्मान किया। उन्होंने समाज की तरफ से सभी को धन्यवाद भी दिया। कमेटी मेंबरों ने बताया कि आमिल साहब का भी समय-समय पर सहयोग मिलता रहा। वे सभी का हौसला बढ़ाने के साथ ही सैयदना साहब के निर्देशों को आमजन तक पहुंचाते रहे। सम्मान के बाद कमेटी मेंबरों ने सेवा को अपनी जिम्मेदारी बताया।जानिए... किसने क्या जवाबदारी संभालीकमेटी - बुरहानी गार्डमेंबर : अली असगर रायपुरियावाला, मुस्तफा हैंडसम, पिल्लु, मुर्तजा सांघा वाला, फखरूद्दीन भाई, अब्बास कोटावाला।जिम्मेदारी : दूध, दही, दवाइयां का वितरण करता था। समाजजन को किराने सहित अन्य जरूरत का सामान उपलब्ध करवाते थे।कमेटी - शबाब कमेटीमेंबर : अली असगर रावटीवाला, मोहम्मद नजमी, ताहेर नजमी, हुसैन समोसा वाला, हाकिम भाई बासवाड़ावाला, खोजेमा नजमी।जिम्मेदारी : फल व सब्जी की जवाबदारी इनके जिम्मे थी। कोई बीमार हो जाता तो उन्हें इलाज दिलवाने के साथ ही अस्पताल पहुंचाने का जिम्मा भी उठाते थे। किसी के घर मौत होने पर कमेटी के मेंबर घरों में जाकर समझाते थे ताकि वे डिप्रेशन का शिकार ना हो।कमेटी - पीआरओ कमेटीमेंबर : सलीम आरिफ, अली असगर कलकत्तावाला, जोहर हुसैन सैफी।जिम्मेदारी : कंटेनमेंट एरिया से बाहर समाज के सलीम आरिफ थे। ऐसे में समाजजनों के बैंक के काम, डॉक्टरों से बात करवाना, सामान की कमी सहित अन्य मामलों का समाधान करवाया। कंटेनमेंट एरिया के अंदर के सदस्यों ने सूचनाओं के आदान प्रदान का ध्यान रखा। इस कमेटी ने प्रशासन व समाज के बीच सेतु की तरह काम किया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Amil saheb honored those who handled the arrangement for three weeks on opening of the Containment Zone Full Article
india news जलकर भरने में भूलें सोशल डिस्टेंसिंग By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT जलकर भरना कोरोना संक्रमण की वजह बन सकता है, शनिवार को लगी यह कतार कोरोना को आमंत्रण दे रही थी। नगर निगम का मुख्यालय होने के बावजूद यहां पर किसी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग नजर नहीं आई। यहां जिसकी मर्जी है, वैसा अपना दोपहिया वाहन खड़ा कर बिल भरने के लिए कतार में लग गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Forget to fill social distillation Full Article
india news लॉकडाउन में बीपी व शुगर की दवाएं 30% अधिक बिकीं By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना वायरस के त्राहिमाम में सबसे ज्यादा दबाव चिकित्सा जगत पर रहा और इस दौरान दवाओं के लिए जमकर कतारें लगीं। भास्कर ने जब शहर के विभिन्न मेडिकल शॉप व सप्लायरों से रुझान लिया ताे पता चला कि लॉकडाउन में सबसे ज्यादा बिक्री हाई ब्लडप्रेशर व शुगर की दवा की रही। इसकी बिक्री सामान्य से 30 गुना अधिक हुई। शुरुआत में इस कारण इन दवाओं का शॉर्टेज हो गया क्योंकि बाहर से माल भी नहीं आ रहा था।शहर की करीब तीन लाख आबादी ने सबसे पहले किराना और इसके बाद दवाओं के साथ मास्क व सैनिटाइजर की खरीदी की। मेडिकल संचालकाें के अनुसार इसकी बिक्री शत-प्रतिशत हुई। इस समय सैनिटाइजर की सबसे अधिक डिमांड का प्रभाव डेटॉल लिक्विड पर पड़ा है। यह सामान्यत: चिकित्सक व पुरुष ऑफ्टर शेव के रूप में इस्तेमाल करते हैं।दवाओं का स्टॉक कर डालाभास्कर की पड़ताल में सामने आया कि यूं तो बीपी व शुगर की दवाओं की कमी नहीं थी लेकिन रोगियों ने घबराहट में दो महीने की दवाएं स्टॉक कर डालीं। विटामिन सी की लिमसी, शुगर में गलिसिटेक, ग्लाइनएस, ब्लड प्रेशर में पेलानोम-50 सहित अन्य की डिमांड ज्यादा रही। बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में 30% अधिक हुई।राहत : सबसे कम बच्चे बीमार पड़ेलॉकडाउन में सबसे स्वस्थ बच्चे रहे। मेेडिकल संचालक के अनुसार इस दौरान ओपीडी सामान्य दिनों की तुलना में लगभग नगण्य रही। बच्चे बाहर ही नहीं निकले। स्कूल भी बंद रहे। वातावरण भी शुद्ध रहा। इस बात की पुष्टि रावटीवाला अपार्टमेंट के समीपी अरिहंत मेडिकल संचालक संतोष पांचाल ने भी की। उन्होंने बताया लॉकडाउन के शुरुआती दोनों चरणाें में ओपीडी जीरो हो गई थी।जानिए, लॉकडाउन में कैसे रहे शहर के मेडिकल संचालकों के अनुभवसबसे ज्यादा च्यवनप्राश बिकाकॉलेज रोड स्थित श्रीराम केमिस्ट के चंद्रेश भाग्यवानी के अनुसार शुरुआत में स्टॉक होने से जरूरी दवाओं का संकट हो गया था। सबसे ज्यादा बिक्री च्यवनप्राश की हुई। इस दौरान शहद भी बिका। हमने भी पहली बार गर्मियों में च्यवनप्राश बेचा। यह तो ठण्ड में बिकने वाले आइटम हैं। गिलोय रस व च्यवनप्राश की डिमांड 50% बढ़ी। वहीं बुखार की दवाओं की बिक्री 20% अधिक हुई। सदी-जुकाम की दवाएं शुरुआत में अच्छी बिकीं। वहीं प्रेग्नेंसी किट की बिक्री में 10% का इजाफा हुआ। हालांकि यह आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है क्योंकि गली-मोहल्लाें की मेडिकल शॉप पर इसकी बिक्री ज्यादा होती है। मास्क व सैनिटाइजर का प्रतिशत नहीं निकाला जा सकता क्योंकि यह पहली बार ही बिके हैं।विटामिन सी की डिमांड भी बढ़ीदवाओं का मिला-जुला असर रहा है। व्यापारी मितेश अग्रवाल के अनुसार शुगर, ब्लड प्रेशर के साथ ही विटामिन सी की गोलियों की भी डिमांड रही। विटामिन सी के रूप में इस्तेमाल हाेने वाली लिम्सी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हुई।डिटॉक्सिफिकेशन में भी च्यवनप्राश का इस्तेमाल-माणकचौक स्थित फखरुद्दीन नजर अली अत्तार दुकान के संचालक इकबाल हुसैन अत्तार कहते हैं कि आजकल हर चीज में मिलावट है। इस वजह से शरीर में जहर जाता है। ऐसे में लोगों का रुझान च्यवनप्राश की ओर बढ़ा। सामान्य दिनों से यह 25 से 30% बिका। हमारे वहां यूनानी व आयुर्वेदिक सभी तरह की दवाओं के ग्राहक इस दौरान इम्यूनिटी बढ़ाने वाले काढ़े, च्यवनप्राश आदि ले गए।बाल चिकित्सालय की ओपीडी ऐसी रही4 मई - 535 मई - 576 मई - 687 मई - 538 मई - 72(सामान्य दिनों में ओपीडी 150 से 200 के आसपास रहती है)एक्सपर्ट व्यूगर्म पानी, दूध व काढ़े से बढ़ता है इम्यूनिटी सिस्टमनोडल अधिकारी प्रमोद प्रजापति ने बताया आयुष विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक गर्म पानी, दूध का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है। च्यवनप्राश का सेवन, तुलसी, हर्बल चाय/काढ़ा भी लाभप्रद रहता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए पासवर्ड का इंतजार By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT तीन दिन में सात पॉजिटिव केस मिलने के बाद शनिवार को राहतभरी खबर मिली है। भोपाल से मिले 36 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव ही रही। जिन लोगों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव है, उनमें शिवनगर, जावरा फाटक क्षेत्र के लोगों के साथ ही ओपीडी में आने वाले लोग भी शामिल है।शहर में शुक्रवार को शिवनगर क्षेत्र के एक ही परिवार के तीन लोग संक्रमित मिले थे। ये सभी शिव नगर के एक अन्य युवक के पाॅजिटिव मिलने के बाद सामने आए थे। इधर, स्वास्थ्य विभाग का अमला अब इन लोगों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग में जुट गया है। शनिवार को नए पॉजिटिव के संपर्क में आए लोगों को तलाशा गया। इन लोगों की भी सैंपलिंग की जाएगी। अब तक शहर में 23 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 13 लोग तो ठीक होकर घर चले गए हैं, 10 का अभी मेडिकल कॉलेज में इलाज हो रहा है।भोपाल से ही मिली रिपोर्टमेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को आईसीएमआर ने रूटीन टेस्ट करने की परमिशन दे दी थी। हालांकि, अभी कॉलेज प्रबंधन को आईसीएमआर के पोर्टल का लॉगइन व पासवर्ड नहीं मिल सका है। ऐसे में शनिवार से जांच शुरू नहीं हो सकी है। कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया लॉगइन व पासवर्ड मिलने के बाद ही आगे का काम शुरू हो सकेगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news बारीगढ़ क्षेत्र के 50 गांवों में पिछले 7 दिनों से बिजली का संकट, फसलें सूखने लगी By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT विद्युत वितरण केंद्र बारीगढ़ क्षेत्र के करीब 50 गांवों में पिछले 7 दिनों से विद्युत संकट है। लाइन न होने के के कारण सब्जी किसानों की फसलें सूखने लगी हैं। कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाने सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन लगाया है। शासन प्रशासन द्वारा लोगों से घराें के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है। ऐसी भीषण गर्मी में विद्युत आपूर्ति दिन भर में दर्जनों बार ठप्प होती है। जिससे गर्मी में लोगों का बुरा हाल है।आंधी आने से, बारीगढ़ से खेरा कसार मार्ग में किसानों के खेत का एक खंभा टूट कर गिर गया था। इससे किसान सूरजभान सिंह, किसान जयनारायन सिंह, जहान सिंह, ज्ञान सिंह, बलबीर सिंह की लाइट जुड़ी थी। यह लोग गर्मियों में बेजुबान मवेशियों को पानी पिलाने का काम अपने खेत से करते थे। लाइट और खंभे की कोई मरम्मत न होने के कारण इनके खेतों लाइन कटी है। विभाग द्वारा न ही इन खंभों को दुरुस्त कराया जा रहा हैं न ही इस दिशा में कोई पहल की गई। किसानों का कहना है कि दूसरी लाइन सही की जाए ताकि हम दूसरे खंभे से लाइन जोड़कर अपने पंप चला सकें और मवेशियों को पानी पिला सकें।किसान रिसू कुशवाहा ने बताया कि एक एकड़ में बैगन, कददू, पालक, भिंडी, धनियां, मिर्ची कि फसल लगाई थी। लाइट न होने के कारण एक सप्ताह से फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है। उसने बताया कि हमारी फसल 3 महीने की है, लॉकडाउन लगने से पहले सप्ताह में 5 से 7 हजार रुपए तक का मुनाफा हो जाता था, लेकिन विभाग की उदासीनता के चले एक सप्ताह से विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है। किसान सूरज भान सिंह ने बताया कि उसके खेत में पालक और बैगन लगे हैं। पशुपालन भी किया है, लेकिन पर्याप्त पानी न मिलने के कारण खेतों में खड़ी फसल सूख रही है।लाइन में फाल्ट होने से आ रही समस्याइस संबंध में खजुराहो के कनिष्ठ अभियंता प्रदीप कुमार राजपूत का कहना है कि संजय नगर से लवकुशनगर के बीच लाइन फाल्ट है। अभी व्यवस्था के तौर पर बारीगढ़ नगरीय क्षेत्र कि लाइन को जोड़ने के लिए बंसतपुर 33 केवी लाइन से जोड़ा जा रहा है। लाइन मे लोड न बढ़े इसके लिए देहातों में कम सप्लाई रहेगी। जल्द सप्लाई पहले की जैसे ही की जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Electricity crisis in 50 villages of Barigarh region, crops started drying up for last 7 days Full Article
india news अब बकाया बिजली बिल वाले उपभोक्ताओं के काटेंगे कनेक्शन, विभाग ने 7 टीमें बनाई By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अब बकाया बिजली बिल वाले उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन काटे जाएंगे। इसके लिए विभाग द्वारा 7 टीमें बनाई गई हैं। इस संबंध में जबलपुर मुख्यालय से निर्देश मिलने पर कार्यपालन यंत्री आरके पाठक ने विभाग के अधिकारियों की बैठक कर बकायादारों के कनेक्शन काटने के निर्देश दिए हैं।सहायक यंत्री सर्वेश शुक्ला ने बताया कि उपभोक्ताओंं की सुविधा के लिए कार्यालय द्वारा एटीपी काउंटर की सुविधा शुरू कर दी गई है। उपभोक्ता यहां मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर बकाया बिजली बिल जमा करा सकते हैं। उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन बिजली बिल जमा करने की सुविधा पहले से मौजूद है। सभी उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि बकाया बिजली बिल का तत्काल भुगतान करें। इसके बावजूद भी बिल जमा नहीं करने की स्थिति में कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाएगी।विद्युत लाइन में आज से रखरखाव का कार्य शुरू, बंद रहेगी बिजलीशहर में 11 केवी फीडरों का मानसून पूर्व आवश्यक रखरखाव कार्य होने के कारण 10 से 14 मई तक सुबह 7 से 11 बजे तक संबंधित क्षेत्रों का विद्युत प्रदाय बंद रहेगा। 10 मई को 11 केवी सीताराम फीडर से संबद्ध चेतगिरी कॉलोनी, सीताराम कॉलोनी और फौलादी कलम क्षेत्र में, 11 मई को 11 केवी महर्षि फीडर से संबद्ध देरी रोड और बीड़ी कॉलोनी में, 12 मई को 11 केवी बगौता फीडर से संबद्ध सागर रोड, बगौता और परिहार मार्केट में, 13 मई को 11 केवी पन्ना नाका फीडर से संबद्ध सटई रोड, चौबे कॉलोनी, पुलिस लाइन और नरसिंहगढ़ पुरवा क्षेत्र में और 14 मई को 11 केवी बस स्टैंड फीडर से संबद्ध नौगांव रोड, विश्वनाथ कॉलोनी, नारायणपुरा रोड और जवाहर रोड क्षेत्र में विद्युत प्रदाय बंद रहेगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news मनासा की बेटी उषा पाल मंदसाैर अस्पताल में दे रहीं सेवा By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT काेराेना संक्रमण मरीजाें काे बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हर कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक अपना फर्ज निभा रहे हैं। इसी में मनासा निवासी मोहनलाल पाल की बेटी उषा पाल जीएनएम स्टाफ नर्स कोविड-19 में सिद्धि विनायक हॉस्पिटल मंदसौर में सेवा दे रही है। पिता मोहनलाल ने बताया कि उषा ने आरबीएस कॉलेज से नर्सिंग करने के बाद एचसीजी कैंसर हॉस्पिटल अहमदाबाद में एक साल सेवा देने के बाद लौटी। वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदसौर के निजी अस्पताल में मरीजों को सेवा दे रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Manasa's daughter Usha Pal is serving in Mandsaur Hospital Full Article
india news कंटेनमेंट क्षेत्रों से कचरे का अलग होगा कलेक्शन By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT शहर में पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद बनाए कंटेनमेंट क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का कलेक्शन व नष्टीकरण भी अलग होगा। ताकि इससे किसी प्रकार का संक्रमण नहीं फैले। कंटेनमेंट क्षेत्र के लिए सफाई कर्मचारी व कचरा कलेक्शन वाहन अलग रहेंगे। इन्हें कचरा एकत्र करने के बाद सैनिटाइज करके बाहर निकालकर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाया जाएगा। हम्माल मोहल्ला चूड़ी गली, स्कीम नंबर-7, घंटाघर क्षेत्र व मेहनोत नगर में सफाई व नागरिकों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रशासन ने तैयारी की है। शनिवार को जिपं सीईओ भव्या मित्तल ने नपा कार्यालय में नपा की स्वास्थ्य शाखा, लोक निर्माण शाखा सहित इंजीनियर व अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक ली। इसमें कंटेनमेंट क्षेत्र में आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा कर निर्देश दिए। सीएमओ रियाजुद्दीन कुरैशी, स्वास्थ्य अधिकारी विश्वास शर्मा उपस्थित थे।कटेंनमेंट क्षेत्र में ऐसी रहेगी सफाई व्यवस्थासफाई-कचरा कलेक्शन : प्रत्येक कंटेनमेंट क्षेत्र में 2-2 सफाई कर्मचारी तैनात रहेंगे। नपा इनको पीपीई किट, मास्क, ग्लव्ज, सैनिटाइजर सहित आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएगी। सुबह 6 व 10 बजे कचरा कलेक्शन गाड़ी कचरा लेने जाएंगी।कचरा नष्टीकरण : कंटेनमेंट क्षेत्र से कचरा एकत्र कर वाहन को सैनिटाइज करके ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाया जाएगा। जहां इंसीनरेटर में कचरा जलाकर नष्ट किया जाएगा। गीले कचरे को 10 फीट गहरे गड्ढे में ब्लीचिंग पाउडर डालकर डंप करेंगे।कटेंनमेंट क्षेत्र में रहने वालों को यह करना जरूरी होगाथैली में पैक करके दे कचरा : कंटेनमेंट क्षेत्र के प्रत्येक परिवार को गीला-सूखा कचरा अलग-अलग कर पॉलीथिन में पैककर देना होगा। विशेषकर पॉजिटिव व्यक्ति व उसके परिजन और जिन लोगों के लिए सैंपल लिए, जिन्हें होम क्वारंटाइन किया वे तथा परिवार के लोग कचरा सहित अन्य वेस्ट सामग्री पॉलीथिन में ही रखकर वाहन में डाले।सड़क पर किसी भी प्रकार का कचरा या वेस्ट नहीं फेंके।घर में अलग-अलग बाक्स बनाकर उसमें ही कचरा कलेक्शन करें।सड़क पर कचरा या गंदगी करने वाले की सूचना कंटेनमेंट क्षेत्र के कंट्रोल रूम पर दें।किसी व्यक्ति की तबीयत खराब हो या संदिग्ध लगता है तो तत्काल जानकारी दे।पांचों कंटेनमेंट क्षेत्र की सफाई व्यवस्था अलग रहेगीशहर के चारों कंटेनमेंट क्षेत्र के लिए अलग सफाई व्यवस्था रहेगी। कर्मचारी की तैनाती, कचरा-कलेक्शन व नष्टीकरण पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। एेसे क्षेत्र के लोग कचरा सड़कों पर नहीं फैके। पॉलीथिन में पैककर गाड़ी में ही डाले।रियाजुद्दीन कुरैशी, Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Waste collection will be separate from the container areas Full Article
india news बचपन में दो बेटी और एक बेटे के सिर से उठा पिता का साया तो मां ने थामी सिलाई मशीन, बच्चों को शिक्षित किया, खेलों में भी आगे रखा By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT (संजय जैन)जनपद क्षेत्र के ग्राम पथरगुवां में रहने वाली सुमन राजा परमार पति की मृत्यु के बाद तीन बच्चों का पालन पाेषण करने के साथ अाज भी जिम्मेदारी निभा रही है। मां ने कड़े संघर्ष के चलते बच्चों को शिक्षित किया है। जब महिला से उनके संघर्ष की कहानी सुनी तो उन्होंने दबीं जुबांमें अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि उनकी शादी मार्च 1999 में पथरगुवां के प्रताप सिंह परमार से हुई थी। शादी के 1 साल बाद उसकी बड़ी पुत्री नेहा ने जन्म लिया और 2 साल बाद छोटी पुत्री निधि ने जन्म लिया। इस के बाद प्राइवेट डॉक्टर के प्रशिक्षण के लिए टीकमगढ़ में रहते थे। जब 5 नवंबर 2004 को उसके घर पुत्र का जन्म हुआ तो उसके पति यह कहकर घर से चले गए कि वह प्रशिक्षण लेने जा रहे हैं। 5 नवंबर 2005 को अपने बेटे के जन्मदिन को घर वापस आएंगे, लेकिन महीने बीत गए। पति घर नहीं लौटे। परेशान होकर खोजबीन की तो पता चला कि एक बस एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई। इसके बाद परिवार के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा। महिला ने बताया कि समय बीतता जा रहा था।छोटे-छोटे बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए कुछ समझ नहीं आया। जब परिवार का गुजारा चलाने के लिए कुछ नहीं मिला तो एक सिलाई मशीन खरीदी और गांव में ही कपड़े सिलना शुरूकर दिया। गांव के शासकीय स्कूल बच्चों को शिक्षा दिलाई। इस बीच कई परेशानियां भी आई, लेकिन अपना हौसला नहीं खोया।बच्चे बड़े हुए तो मां का नाम किया रोशनमहिला सुमन राजा ने बताया कि आज बड़ी बेटी 21 वर्ष, छोटी बेटी 19 वर्ष और छोटा 16 वर्ष का हो गया है। बेटी नेहा पढ़ने के साथ-साथ खेलकूद व अन्य गतिविधयों में बढ़-चढ़कर भाग लेती थी। नेहा ने फुटबॉल में स्टेट लेवल तक अपने जौहर दिखा चुकी है। सॉफ्टबॉल में कोच बन कर भी इंदौर जा चुकी है। वर्तमान में इंदौर में अध्ययनरत है। इसके अलावा पलेरा आरएमएसए हॉस्टल में रहकर उसने लोकसभा में प्रधानमंत्री तक का भी रोल अदा किया है।पति की मृत्यु के बाद सरकारी कार्यालयों के काटे चक्कर, नहीं मिली सहायतामहिला ने बताया कि थाने और कोर्ट के चक्कर लगाने के बाद भी कोई सहायता नहीं मिली। ऐसे में छोटी सी उम्र में बच्चों के सिर से पिता का साया उठ जाने से परिवार टूट पड़ा था। तीन बच्चों की जिम्मेदारी निभानी के लिए कड़े संघर्ष से गुजरना पड़ा। अभी सिलाई करके परिवार का गुजारा चलता है। उन्हाेंने बताया कि बच्चों को परवरिश देनी थी, लेकिन वह नहीं दे पाए। अब बच्चों को अपने पैरों पर खड़े होने में इंतजार है। अभी हाल में कोरोना महामारी के चलते लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया है। जिस पर गांव में लोगों को मास्क बनाकर वितरण भी किए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today In childhood, the father was raised by the head of two daughters and a son, the mother stopped the sewing machine, educated the children, and also put forward in sports. Full Article
india news फिर बदलाव, अफीम तौल आज से, 50 किसान बुलाए By Published On :: Sat, 09 May 2020 23:30:00 GMT नारकोटिक्स विभाग द्वारा प्रथम खंड का अफीम तौल रविवार से ही शुरू किया जाएगा। पहले दिन के लिए 50 किसानों को सूचना भेज दी है। शहर से पांच किमी दूर कनावटी रोड स्थित निजी होटल के परिसर को तौल केंद्र बनाया है। जहां शनिवार रात तक सभी तैयारी पूरी कर ली गई। अधिकारियों ने पहले सोमवार से तौल करने शुरू करने की रणनीति बनाई थी। लेकिन समय पर काम पूरा कराना चुनौती बना हुआ है इसलिए एक दिन पहले ही तौल शुरू होग।जिले के मनासा व सिंगोली खंड में तौल कार्य चल रहा है। नीमच में पॉजिटिव मरीज मिलने के कारण दो दिन कर्फ्यू लगा दिया था। इसके कारण यहां तौल स्थगित कर दिया। हालात सामान्य होने पर प्रशासन ने शहर से बाहर केंद्र बनाकर तौल शुरू करने की अनुमति दी। इस पर विभाग के अधिकारियों ने दो दिन में सारी व्यवस्थाएं जुटाई तथा कनावटी रोड स्थित होटल मोटल के परिसर में तैयारी पूरी कर ली। रोज दो पारी में तौल होगा। पहले दिन रविवार को 25-25 किसानों को सुबह छह बजे व 10 बजे बुलाया है। तौल कार्य समय पर पूरा होने पर अगले दिन से किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिला अफीम अधिकारी रंजना पाठक ने कहा कि पहले तैयारी सोमवार की थी। लेकिन शनिवार दोपहर ही सारी व्यवस्था हो गई। इसलिए रविवार से ही तौल शुरू कर देंगे। प्रथम खंड-नीमच, जावद व जीरन तहसील के किसानों की अफीम का तौल होगा। नीमच व जावद के 4315 तथा जीरन क्षेत्र के 1299 किसान है।गाइडलाइन का सभी को पालन करना होगाप्रथम खंड में तौल कार्य पिछड़ गया है। अब काम जल्दी पूरा करना है। इसलिए रविवार से ही तौल शुरू कर रहे हैं। पहले दिन 50 किसानों को सूचना भेज दी है। सभी को सोशल डिस्टेंस से बैठाकर नंबर से बुलाएंगे। एक कंटेनर के साथ एक किसान को ही केंद्र पर प्रवेश दिया जाएगा। सैनिटाइजर से हाथ धुलाने की व्यवस्था भी की है। संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा।रंजना पाठक, जिला अफीम अधिकारी, प्रथम खंड, नीमच Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Change again, opium weights from today, 50 farmers called Full Article