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अपराधी क्राइम छोड़ कर मुख्यधारा से जुड़ें :एसपी

जिले के एसपी के रूप में पदभार संभालते ही एसपी ह्रदीप पी जनार्दनन उग्रवादी, अपराधी व नक्सलियों के खात्मे के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। प्रेस वार्ता के दौरान एसपी ने इसके संकेत भी दे दिए है‌। उन्होंने कड़े अंदाज में कहा है कि अपराधी क्राइम छोड़ कर मुख्य धारा से नाता जोड़ लें। नहीं तो कानून के हाथ उनके गिरेबान में होगी। इसी का नतीजा भी है कि घटना के फौरन बाद पुलिस मामले के उद्भेदन कर अपराधियों को जेल के सलाखों के पीछे भेजने में कामयाबी भी हासिल कर रही है।
उन्होंने कहा कि पीएलएफआई उग्रवादी संगठन हो या अपराधी संगठन अगर किसी को धमकाते हैं, लेवी रंगदारी की मांग करते हैं, तो इसकी सूचना फौरन उन्हें या संबंधित थाने को दें। सूचना मिलते ही 24 घंटे के अंदर आरोपी सलाखों के पीछे होंगे। एसपी ने कहा कि वृंदा गांव में मारे गए पीएलएफआई के एरिया कमांडर बसंत गोप के आतंक से लोग त्रस्त थे। उसे टांगी से हमला कर मौत के घाट उतारने वाले परिवार को पुलिस समुचित सुरक्षा प्रदान कर रही है। आगे भी परिवार को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। बसंत के साथ परिवार पर हमला करने पहुंचे अन्य उग्रवादियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी अभियान चला रही है।
उन्होंने कहा कि शनिचरवा उरांव की हत्या के मामले में उनके दोनों बेटे आई विटनेस हैं। कोर्ट में वे बसंत के खिलाफ गवाही नहीं दे सके, इस सोच के साथ दोनों बेटों की गवाही को प्रभावित करने के उद्देश्य से उग्रवादी घर पर धावा बोले थे। इसी दौरान घर के सदस्यों ने हिम्मत का परिचय देते हुए जान की रक्षा के लिए बसंत गोप पर हमला किया। पीएलएफआई संगठन के सदस्य पुलिस के टारगेट में हैं। उन्होंने कहा कि बसंत गोप को मारने वाली महिला को पुलिस की ओर से सम्मानित किया जाएगा।



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पंजाब में बंधक बने गुमला, लोहरदगा लातेहार और सिमडेगा के 100 मजदूर

पंजाब राज्य के पठानकोट जिला स्थित सपुरकानडी थाना क्षेत्र के सोमा कंपनी में राज्य के कई मजदूरों को लॉकडाउन के बीच भी ठेकेदारों द्वारा बंधक बनाए रखने का मामला प्रकाश में आया है। इनमें 100 से अधिक मजदूर गुमला, लोहरदगा व लातेहार व सिमडेगा जिले के रहने वाले हैं। इन मजदूरों में 14 मजदूर जो गुमला जिले के घाघरा, पालकोट व गुमला प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों के रहने वाले हैं। सभी ने दैनिक भास्कर को फोन कर खुद को बंधक बनाये जाने की जानकारी देते हुए राज्य सरकार व जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। बंधक बने घाघरा प्रखंड के कुहीपाठ पंचायत के बरवा टोली गांव निवासी हरिश्चंद्र उरांव, सुशील उरांव, बंदी उरांव, बलराम उरांव, दुर्गा उरांव, सोहराई उरांव, दीपक उरांव, संतोष गोप, गोविंदा उरांव, धनेश्वर भगत, बहुरा उरांव, लातेहार निवासी राजू मुंडा, राजेश्वर उरांव, लोहरदगा निवासी चमरा उरांव ने कहा कि वे सभी इसी वर्ष 12 जनवरी को काम के लिए पंजाब पहुंचे थे।

कोहीपाठ का सोहराई उरांव नामक दलाल सभी को पंजाब लेकर पहुंचा था। साथ ही सोमा कंपनी के अंदर काम करने वाले ठेकेदार कमल सिंह के पास सरिया निर्माण के काम में लगा दिया। चार माह बीतने के बाद भी अभी तक हाथ मे उन्हें माह का 12 हजार वेतन नहीं दिया गया है। हालांकि मजदूरों को लॉकडाउन के बीच मे भी खाने-पीने व रहने की दिक्कत नहीं है। उन्हें जून माह में होने वाली बरसात के दस्तक के बाद घर के खेतों में खेती करने की चिंता सता रही है। इसी चिंता के कारण वे अपने घर लौटना चाहते हैं। मगर ठेकेदार उन्हें बंधक बना कर अपना काम करवाता रहना चाहता है।



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100 workers of Gumla, Lohardaga Latehar and Simdega held hostage in Punjab




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पंचायत सचिवालय में मजदूरों को किया क्वारेंटाइन

प्रखंड के सिदकी पंचायत सचिवालय में मजदूरों को क्वारेंटाइन किया गया है। यह क्वारेंटाइन बाहर से आने वाले मजदूर हैं। ये मजदूर झारखण्ड राज्य से बाहर अपनी रोजी रोटी के लिए काम करते थे। काम धंधा बंद व न होने से भुखमरी के कगार पर थे। इस संबंध मे सिदकी मुखिया सरिता देवी ने बताया कि ये मजदूर सिदकी गांव के ही रहने वाले हैं। इन्हे सख्ती से देखरेख किया जा रहा है। इन्हे परिजनों से मिलने भी नहीं दिया जा रहा है।इन्हे सचिवालय मे ही रहने ,खाने पीने सोने की सारी व्यवस्था किया गया है।



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कान्हाचट्टी : थाना प्रभारी ने की ठेकेदाराें के साथ बैठक

राजपुर थाना के प्रभारी थाना प्रभारी विकास पासवान ने शुक्रवार को संदेवक के साथ बैठक की। पासवान ने बेके हाई स्कूल से पांडे महुआतक सड़क निर्माण के अलावा पानी टंकी तथा राजपुर थाना क्षेत्र में कार्य करने वाले कई अन्य ठेकेदाराें के साथ बैठक की। बैठक में लाॅक डाउन को लेकर भीड़ भाड़ नहीं लगवाने तथा साेशल डिस्टेंस बनाए रखने की बात कही गई। कार्य स्थल पर सुरक्षा देने पर विचार हुआ। थाना प्रभारी ने कहा कि विकास कार्य मे किसी भी तरह की दिक्कत नही होगा। इसके लिए राजपुर पुलिस हर सम्भव सहयोग करेगी। बैठक में सत्येंद्र सिंह महेंद्र सिंह आदि शामिल थे।



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मारपीट करने के आरोप में 10 के खिलाफ प्राथमिकी

थाना क्षेत्र के कुड़लौंगा गांव मे जमीन विवाद को लेकर छेदी साव ने लॉक डाउन तोड़ने व मारपीट करने का मामला दर्ज कराया है। जिसमे गांव के ही लखन साव, बलदेव साव, लक्ष्मण साव, चमन साव, राजदीप साव, उमेश साव, खेमलाल साव, गणेश साव, दशरथ साव तथा गुरुदयाल साव का नाम शामिल है। पुलिस ने टंडवा थाना कांड संख्या 63/20 के तहत मामला दर्ज कर जांच मे जुटी है।



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बीडीओ व मुखिया ने किया दाल-भात केंद्र का निरीक्षण

पत्थलगडा बीडीओ मोनी कुमारी ने प्रखंड में संचालित मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र एवं मुख्यमंत्री दीदी किचन का निरीक्षण किया। वे संबंधित पंचायत के मुखिया के साथ गरीब गुरबों के कल्याणार्थ चलाए जा रहे दाल भात केंद्र का निरीक्षण किया और कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने भोजन की गुणवत्ता, स्टॉक पंजी, यहां पहुंचने वाले जरूरतमंदों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सहित अन्य बिंदुओं पर निरीक्षण किया और संचालकों को कई दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में जारी लॉकडाउन में दाल भात केंद्र जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण है। ऐसे में इसका संचालन बेहतर ढंग से हो इसे हम सभी को सुनिश्चित करना है। इस मौके पर मुखिया कुसुमलता कुशवाहा, मेघन दांगी, भरत गंझू, सतीश कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।



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कान्हाचट्टी : बाजार का चापानल खराब, बढ़ी परेशानी

प्रखंड के ऊपर बाजार का चापानल करीब एक पखवाड़े से खराब पड़ा हैं। जिसके कारण ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई हैं। उक्त चापानल से करीब 80 घरों के लोग पानी पिया करते थे। फिलवक्त ग्रामीणों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। इसकी जानकारी पंचायत की मुखिया को भी दे दी गई है। ग्रामीण संतोष केशरी विक्रम सिंह गंदौरी पासी रवि चौधरी आदि ने शीघ्र चापानल बनवाने की मांग की है।



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टंडवा : उतराठी स्वास्थ उपकेंद्र मे सोलर की चोरी

उतराठी गांव स्थित स्वास्थ उपकेंद्र में कार्यरत एएनएम निर्मला तिग्गा ने स्थानीय थाने में आवेदन देकर अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। दिए आवेदन में कहा कि बीते पांच अप्रैल की रात में स्वास्थ उपकेन्द्र मे लगे सात सोलर प्लेट चार बैट्री, वेंटीलेटर रड की चाेरी हुई। इधर पुलिस अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुटी है। उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले थाना क्षेत्र के कुमड़ांग कला गांव स्थित स्वास्थ उपकेंद्र मे भी सोलर समेत अन्य समानों की चोरी अज्ञात चोरी ने कर लिया था।



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बैंको मे देखी जा रही है भीड़, आसपास के लोगों में भय

बैंक ऑफ इन्डिया एवं ग्रामीण बैंक में इन दिनों खाताधारियों की काफी भीड़ देखने को मिल रहा है। बैंक प्रबंधक ,बैंक कर्मियों एवं प्रशासन के बार-बार मना करने के बाबजूद बैंकों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन न किया जा रहा है, बल्कि इसका उल्लंघन किया जा रहा है। बैंक के आस पास रहने वाले को इस तरह से भीड़ देख उन्हें कोरोना वायरस का भय सता रहा है। बैंक के आस पास के ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्ती से पालन करवाते हुए लोगो पर कार्रवाई करने की मांग किया है।



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लीला जन पुल पर बने दरार से दुर्घटना की संभावना

हंटरगंज केदली लीला जन नदी पर बने पुल के बीचों बीच क्षतिग्रस्त होकर करीब एक फीट ऊंचा हो गया। जिससे आने जाने वालों को दुर्घटना की संभावना हमेशा बना रहता है। पुल पर 1 फीट चौड़ाई में छड़ बाहर निकल गया है। ऊपर छड़ निकल जाने से बाइक में फंसने की भी संभावना बनी रहती है। कई लोग दुर्घटना के शिकार भी हो चुके हैं ।हालांकि इस ओर प्रशासन की ध्यान नहीं गई है। जबकि यह क्षतिग्रस्त पुल जानलेवा बना हुआ है ।कभी भी दुर्घटना घट सकती है।



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छत्तरपुर : अनियंत्रित ऑटो के धक्के से तीन घायल

खजूरी नौडीहा गांव से छत्तरपुर आने के दौरान ऑटो ने अनियंत्रित होकर लोहराही गांव के समीप तीन लोगों को धक्का मार दिया, जिससे दिलीप कुमार गुप्ता, मृत्युंजय कुमार यादव व रामजी यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल में किया जा रहा है। घटना गुरुवार देर शाम की बतायी गई है।
बताया गया कि तीनों लोग सड़क किनारे बाइक खड़ा कर बात कर रहे थे। इसी दौरान ऑटो ने टक्कर मार दी। फिर भागने के दौरान पुनः सामने खड़े पिकअप में ऑटो की टक्कर हो गयी। घटना के बाद ऑटो चालक फरार हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि ऑटो चालक नशे में धुत था। पुलिस ने मौके से ऑटो को जब्त कर लिया है।



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डॉक्टर की दूसरी टीम क्वारेंटाइन में

नवजीवन अस्पताल, तुंबागढ़ में कोरोना पॉजिटिव का इलाज करने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की दूसरी टीम भी 7 मई से क्वारेंटाइन में हैं। इसमें से सभी 12 चिकित्सक और 6 एएनएम को जीएनएम हॉस्टल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया हैं। बताया गया कि टीम 30 अप्रैल से क्वारेंटाइन में है। इसके बाद चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की तीसरी टीम को लगाया गया है।



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लॉकडाउन में छूट का निर्णय समय, परिस्थिति व संक्रमण देखकर : हेमंत

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि झारखंड में लॉकडाउन में छूट का निर्णय समय, परिस्थिति और संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करेगा। आकलन के बाद ही सरकार फैसला लेगी कि किन क्षेत्रों में किस रूप में कब तक लॉकडाउन चलेगा। सीएम शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन के बाहर मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले भी कहा है कि प्रवासियों के आने के बाद चुनौतियां बढ़ेंगी। संक्रमितों की संख्या में भी थोड़ी वृद्धि हुई है। हेमंत ने कहा कि केवल आने का ही सवाल नहीं है। झारखंड में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य भेजने की भी व्यवस्था करनी है।

और ज्यादा ट्रेनें चलाने को लेकर सरकार प्रयासरत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 12 मई तक गुजरात, पंजाब, अांध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब सहित कई अन्य राज्यों से लोग ट्रेन से अाएंगे। राज्य सरकार लॉकडाउन में फंसे प्रवासी झारखंडियों को आश्वस्त करना चाहती है कि कुछ समय लगेगा, लेकिन सबको उनके घर अवश्य वापस लाया जाएगा। आपदा में सभी ने धीरज रखा, थोड़ा और रखें।



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रेड जोन रांची में 94 संक्रमित मरीज, हर वार्ड में हो रहा सैनिटाइजेशन

कोराेना संक्रमण मामले को लेकर राजधानी रांची फिलहाल रेड जोन में है। अब तक यहां 94 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इधर, शुक्रवार को यहां एक भी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण नहीं पाया गया। नगर निगम हर वार्ड में सैनिटाइजेशन का काम तेजी से करवा रहा है। वहीं, पुलिस ने भी सख्ती बढ़ा दी है और बिना जरूरी काम घरों से बाहर निकल रहे लोग पर कार्रवाई की जा रही है। शनिवार कोरांची में वाहनों का मूवमेंट काफी कम दिखा।आम दिनों में वाहनों का रेला एमजी रोड के ओवर ब्रिज पर लगा रहता था, वहां आज पूरी तरह सन्नाटा है।

बताते चलें कि गिरिडीह का एक युवक मुंबई से बिहार के रहने वाले अपने दो दोस्तों के साथ टैक्सी से रांची आ गया। मुंबई के प्रिंटिग प्रेस में काम करने वाले इन तीनों ने मुंबई में ही 4 मई को अपना सैंपल दिया था और फिर 6 मई को ई-पास मिलने के बाद टैक्सी बुक कर ड्राइवर के साथ झारखंड के लिए निकल पड़े। 8 मई को रांची पहुंचने के बाद युवक को ई-मेल पर कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट मिली जो पॉजिटिव थी। युवक ने खुद ही कॉल कर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। उसे शुक्रवार रात करीब 8 बजे रिम्स के कोविड-19 वार्ड में भर्ती किया गया। उसके दोस्त उसे रांची में बहू बाजार में छोड़कर बिहार रवाना हो गए थे।

पीपीई किट पहन हिंदपीढ़ी में की नालियों की सफाई
हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी की सफाई करने वाले सफाई मित्रों में काफी भय था, इसलिए काफी कम संख्या में सफाईकर्मी हिंदपीढ़ी जा रहे थे। नगर निगम ने सभी कर्मचारियों को पीपीई किट दिया है। सभी सफाई मित्रों ने तीखी धूप में भी पीपीई किट पहनकर नाला रोड, ग्वाला टोली रोड, निजाम नगर, सेंट्रल और थर्ड स्ट्रीट में नालियों की सफाई की। सफाई कर्मियों के इस प्रयास की स्थानीय लोगों ने सराहना की। लोगों ने उनका स्वागत भी किया। वार्ड नंबर 23 की पार्षद साजदा खातून ने सफाईकर्मियों के साथ नगर निगम की टीम का आभार जताया।

बेड़ो में बैरिकेटिंग कर पुलिस ने लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।

ग्रीन व ऑरेंज जाेन में दुकान खाेलने पर 2-3 दिन में हो सकता है निर्णय
इधर,लाॅकडाउन 3 के दाैरान केंद्रीय गृह विभाग द्वारा दी गई छूट के आधार पर झारखंड में भी नए सिरे से निर्णय लिया जा सकता है। इस पर गंभीरता से विचार हाे रहा है। दुकानाें काे खाेलने काे लेकर केंद्रीय गृह विभाग ने जाे गाइडलाइन जारी की है, उस पर दाे से तीन दिनाें के अंदर निर्णय लिया जा सकता है। दुकानाें काे खाेले जाने के मामले में अफसराें के बीच बात हाे रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के अफसर इसके लिए केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देश के साथ ही पड़ाेसी राज्य बिहार द्वारा हाल में दुकानाें काे खाेलने के मामले में जाे गाइडलाइन जारी किया गया है, उसका भी अध्ययन कर रहे हैं। शराब की दुकान खोले जाने पर भी विचार किया जा रहा है कि दुकानें खोली जाएं या ऑनलाइन माध्यम से बिक्री हो।



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रांची के एमजी रोड में पसरा सन्नाटा।




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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को रिम्स से मिली छुट्टी, डॉक्टरों ने दी आराम की सलाह

झारखंड भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश को शनिवार को रिम्स अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इसके बाद दीपक प्रकाश राजधानी के हरमू हाउसिंग कॉलोनी स्थित अपने आवास पहुंचे। उन्हें डॉक्टरों ने घर पर आराम करने की सलाह दी है। बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को गुरुवार सुबह सीवियर हार्ट अटैक के बाद रिम्स में भर्ती कराया गया था।

रिम्स में दीपक प्रकाश के कार्डियो विभाग में भर्ती कराया गया था जहां से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। फिर एंजियोप्लास्टी के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत ठीक बतायी थी। डॉक्टरों ने बताया था कि दीपक प्रकाश का कोरोनरी आर्टरी में 100 फीसदी ब्लॉकेज हो गया था।

उधर, दीपक प्रकाश की तबियत बिगड़ने की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर रिम्स पहुंचे थे और उनका हालचाल जाना था। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, सांसद संजय सेठ, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और अन्नपूर्णा देवी भी रिम्स पहुंची थी।



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डॉक्टरों ने बताया था कि दीपक प्रकाश का कोरोनरी आर्टरी में 100 फीसदी ब्लॉकेज हो गया था। 




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आंध्र प्रदेश के कुन्नूर से बरकाकाना पहुंचे 1128 प्रवासी श्रमिक, 12 अन्य राज्यों के शामिल

लॉकडाउन मेंदूसरे राज्यों में फंसे लोगों को ट्रेन के माध्यम से झारखंड लाने की मुहीम तेज हो गई है। आंध्र प्रदेश के कुन्नूर स्टेशन से 1140 प्रवासी मजदूरों को लेकर एकस्पेशल ट्रेन शनिवार की सुबह बरकाकाना जंक्शन पहुंची। ट्रेन से 19 जिलों के श्रमिक पहुंचे। जबकि इनके साथ 12 श्रमिक अन्य राज्यों के भी थे।श्रमिकों को प्लेटफॉर्म से सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए स्टेशन के बाहर पार्किंग में लाया गया। उनकी स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद यहां से 55 बसों में बैठाकर उन्हें गृह जिले की ओर रवाना कर दिया गया। स्टेशन पहुंचने वालों में बच्चों के साथ कई महिलाएं भी शामिल रहीं।


पलामू के 400 और रामगढ़ के 18 शामिल
बसों में ही श्रमिकों को मास्क, सैनिटाइजर और नाश्ते का पैकेट उपलब्ध कराया गया। इस दौरान माइक के जरिए एसपी प्रभात कुमार अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते रहे। बरकाकाना पहुंचे प्रवासी श्रमिकों में रामगढ़ जिले के 18, बोकारो के 22, चतरा के 11, देवघर के 52, धनबाद 31, दुमका के 14, पूर्वी सिंहभूम के 13, गढ़वा के 398, गिरीडीह के आठ, गुमला के 17, हजारीबाग के 28, रांची के 16, कोडरमा के चार, लातेहार के 75, लोहरदगा के पांच, पाकुड़ के छह, पलामू के 400 औरसाहेबगंज के 12 शामिल थे।

नोडल अधिकारी सुनिश्चित करेंगे स्क्रीनिंग: एसपी
रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि ट्रेन से पहुंचे श्रमिकोंकी हर सुविधा का ध्यान रखा गया है। संक्रमण न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से सजग है। स्टेशन परिसर और बसों को सैनिटाइज किया जा रहा है। विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सभी जिलों के नियुक्त नोडल पदाधिकारी अपने नागरिकों की स्क्रीनिंग सुनिश्चित कराएंगे।



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श्रमिकों को बसों के माध्यम से उनके संबंधित जिलों में भेजा गया।




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60 वर्षीय बुजुर्ग की पत्थर से कूचकर निर्मम हत्या, सरहुल मनाने गया था गांव

बिशुनपुर प्रखंड की अति सुदूरवर्ती गांव जालीम में 60 वर्षीय आदिम जनजाति बुजुर्ग टीमना असुर की बीती रात अज्ञात अपराधियों ने पत्थर से कूचकर निर्मम हत्या कर दी। शनिवार सुबह शव मिलने पर इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। हत्या की वजहों के संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

शुक्रवार कोजालिम गांव में सरहुल पर्व था। इसको लेकर टीमना असुर अपने घर से निकल कर गांव में सरहुल मनाने गया था। इसके बाद वो लौट कर नहीं आया। परिजनों को यह लगा कि वह गांव में ही किसी के घर में सो गया होगा।

इधर, शनिवार की सुबह पता चला कि हाडुप व जालिम के तीन सिमान पर टीमना का शव पड़ा हुआ है। इसके बाद आनन-फानन में परिजनों नेबिशुनपुर थाने पहुंचकर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।

महिला का अधजला शव बरामद

इधर,सिसई थाना क्षेत्र के सोंगरा गांव में शनिवार को कोयल नदी के किनारे जंगल में अज्ञात महिला का अधजला शव मिला। ग्रामीणों ने इसकी सूचना सिसई पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिसजांच पड़ताल में जुट गई है। उन्होंने शव के शिनाख्त की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। थाना प्रभारी एस. एन. मंडल ने बताया की घटनास्थल सिसई और घाघरा के बोर्डर पर नदी के किनारे घने जंगल के बीच की है। अपराधियों द्वारा साक्ष्य छिपाने के मकसद से महिला का चेहरा कुचल कर जलाने का प्रयास किया गया है।



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शव को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है।




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अधेड़ ने नाबालिग के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी सात बच्चों का है पिता, पुलिस ने भेजा जेल

जिला के भरनो प्रखंड में अधेड़ ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया है। आरोपी की पहचान पीड़िता के ही गांव निवासी 50 वर्षीय पतरस कुजूर के रूप में हुई है। आरोपी सात बच्चों का पिता है। घटना शुक्रवार शाम सात बजे की है। उधर, घटना की जानकारी के बाद भरनो पुलिस नाबालिग को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया जबकि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़िता के बयान पर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

मां की हो चुकी है मौत, पिता लॉकडाउन में रांची में फंसा
दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता ने कहा है कि उसकी मां का निधन हो चुका है। जबकि पिता बाहर रांची में रहकर मजदूरी करते हैं। बीच-बीच में घर आकर खाने पीने का सामान लाकर रख देते हैं। मगर लॉकडाउन के बाद से वह नहीं आये हैं। वह घर पर अकेले रहती है। साथ ही खुद से खाना बनाती है। इसके बाद सोने के लिए पड़ोसी के घर चली जाती है।

शुक्रवार को वह भी वह घर पर अकेले थी। साथ ही शाम सात बजे खाना बना रही थी। इसी दौरान आरोपी उसके घर पहुंचा। आरोपी ने सब्जी की मांग करते हुए नाबालिग को पकड़ लिया। इसके बाद शोर नहीं मचाने को कहा। शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी दी। वह बिलकुल डर गई। इसके बाद आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया और वहां से फरार हो गया।

इधर, घटना के बाद पीड़िता ने इसकी जानकारी पड़ोस की एक महिला को दी। उक्त महिला ने पीड़िता से इसकी जानकारी मुखिया को देने को कहा। पीड़िता ने पूरी घटना की जानकारी रात में ही मुखिया को दी। फिर मुखिया ने पुलिस को इस बारे में सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पहुंच कर आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को कागजी कार्रवाई के बाद उसे जेल भेज दिया गया।



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सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पहुंच कर आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को कागजी कार्रवाई के बाद उसे जेल भेज दिया गया। 




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रिम्स से पहली बार 23 और पलामू से तीन कोरोना संक्रमित हुए ठीक, राज्य में अब तक 155 पॉजिटिव केस

रांची रिम्स के कोविड-19 सेंटर से शनिवार को अच्छी खबर आई।यहां एक साथ 23 कोरोना संक्रमित ठीक हुए हैं। इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा किएक खुशखबरी हैं, रिम्‍स में एक साथ 23 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं जो एक बड़ी उपलब्धि हैं। मुझे पूरा यकीन है कि हम सब मिलकर इस बीमारी से लड़कर जीतेंगे। राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना योद्धाओं को बधाई, ये सभी ठीक हुए मरीज आगे भी दिए गए निर्देशों का पालन करें। ये जंग जीतेंगे हम।

उधर, पलामू जिले के तीन कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक हो जाने के बाद शनिवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। तीनों कोरोना संक्रमितों की जांच रिपोर्ट 25 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी जिसके बाद उनकातुंबागढ़ नवजीवन अस्पताल में इलाज चल रहा था।तीनों कोरोना पॉजिटिव की तीसरी रिपोर्ट शनिवार को निगेटिव आई। वहीं जिले के पांच कोरोना संक्रमितों का कोविड-19 सेंटर में इलाज जारी है।

उधर, गढ़वा जिले में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की मदद से क्वारैंटाइन सेंटर में रखे गए 20 कोरोना संक्रमित मजदूरों को मेराल के कोविड-19 सेंटर में भर्ती किया गया। सभी मजदूर सूरत से लौटे है जिन्हें बंशीधरनगर में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। शुक्रवार देर रात इनकी जांच रिपोर्ट आई थी जिसमें इन्हें पॉजिटिव बताया गया था। एक साथ 20 संदिग्धों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद गढ़वा राज्य का दूसरा रेड जोन बन गया है। यहां पहले से तीन मरीज थे जिनमें से दो घर लौट चुके हैं जबकि तीसरा भी कोरोना मुक्त हो गया है। फिलहाल, उसे किडनी की समस्या थी जिसके बाद उसे रांची के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, वहीं कोडरमा में भी देर रात दो लोगों में संक्रमण की पुष्टि के बाद शनिवार सुबह दोनों को कोविड-19 सेंटर में भर्ती किया गया है।

गढ़वा के मेराल में बनाया गया कोविड-19 हॉस्पिटल। शुक्रवार को मिले 20 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को यहां शनिवार सुबह शिफ्ट किया गया है। साथ ही जिले में प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है।

अब राज्य में कुल पॉजिटिव केस बढ़कर 155 हो गए हैं। राजधानी रांची में अकेले 94 कोरोना संक्रमण का मामला अब तक सामने आ चुका है। वहीं कोरोना संक्रमित चार मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है जबकि राज्य के विभिन्न जिलों के केविड-19 सेंटर से 52 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। वायरस का संक्रमण राज्य के 13 जिलों में पहुंच चुका है।

आंध्र प्रदेश के कर्नूल से विशेष ट्रेन से करीब 1000 प्रवासी शनिवार को रामगढ़ के बरकाकाना रेलवे स्टेशन पहुंचे। प्रवासियों के लौटने के बाद सभी तरह के एतिहात बरतते हुए प्रशासन ने सभी को घर पहुंचाया और होम क्वारैंटाइन में रहने को कहा।

शनिवार को आंध्रप्रदेश से 1000 प्रवासी पहुंचे रामगढ़ स्टेशन
शनिवार सुबह करीब एक हजार प्रवासियों को आंध्रप्रदेश से लेकर एक ट्रेन शनिवार सुबह रामगढ़ के बरकाकाना स्टेशन पहुंची। यहां से सड़क मार्ग के जरिए प्रवासियों को उनके गृह जिला भेजा गया। इससे पहले ट्रेन से उतारने और स्टेशन से बाहर बस तक प्रवासियों को ले जाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। साथ ही सभी प्रवासियों की स्क्रीनिंग भी की गई।


डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्‌टी 30 जून तक रद्द
राज्य भर के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी 30 जून तक रद्द कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने अादेश में कहा है कि सभी चिकित्सा पदाधिकारी, निदेशक प्रमुख, प्राचार्य, अधीक्षक, जूनियर रेजिडेंट, स्वास्थ्य कर्मी, एनआरएचएम के तहत ठेका पर कार्यरत कर्मचारियों की छुट्टी रद्द की गई है। अध्ययन और मातृत्व अवकाश दायरे से बाहर हैं। विशेष परि‍स्थिति और चिकित्सा कारणों से डीसी की मंजूरी से छुट्टी ली जा सकती है।

तस्वीर गढ़वा के बंशीधरनगर में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर की। यहां सूरत से लाए गए श्रमिकों को रखा गया था। शनिवार को क्वारैंटाइन सेंटर को सैनिटाइज्ड किया गया।

लॉकडाउन में छूट का निर्णय समय, परिस्थिति व संक्रमण देखकर : हेमंत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट किया है कि झारखंड में लॉकडाउन में छूट का निर्णय समय, परिस्थिति और संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि पहले भी कहा है कि प्रवासियों के आने के बाद चुनौतियां बढ़ेंगी। संक्रमितों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। हेमंत ने कहा कि केवल आने का ही सवाल नहीं है। झारखंड में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य भेजने की भी व्यवस्था करनी है।

कोरोना अपडेट्स

रांची: राज्य के रेड जोन में शामिल जिले में 94 लोगों में कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है। रांची जिला में प्रवेश करने वाले बाहरी जिला और अन्य राज्य से आने वाले लोगों के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से कराने की तैयारी जिला प्रशासन ने की है। जो लोग रेड जोन से आएंगे, उनकी स्वाबिंग की जानी अनिवार्य होगी। स्वाबिंग के बाद उन्हें क्वारैंटाइन किया जाएगा।

बोकारो: जिले में अब तक 10 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें एक की मौत हो चुकी है। अन्य 9 मरीजों के ठीक होने के बाद प्रशासन ने उन्हें घर भेज दिया है। जिले में 20 हजार से अधिक मजदूर दूसरे राज्यों से आएंगे। अभी तक रेड जोन से 600, ऑरेंज जोन से 500 और बाकी मजदूर ग्रीन जोन से आए हैं। रेड जोन से आ रहे मजदूरों पर विशेष नजर रखी जा रही है। बाहर से आए सभी मजदूरों व छात्रों को 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन में रखा गया है।

धनबाद: जिले में अब तक मिले दो संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। कोविड-19 से बचाव और नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन ने शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। एसडीएम ने बताया कि दंड प्रक्रिया की संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा अगले आदेश तक जारी रहेगी। चिकित्सा कार्य को छोड़कर कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं निकलेंगे। जिले में अब तक कोरोना जांच के लिए 1747 सैंपल लिए, 1229 की रिपोर्ट निगेटिव है जबकि 518 की रिपोर्ट पेंडिंग है।

तस्वीर जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन के पास की। यहां शनिवार को ओड़िशा के महागढ़ में ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर पैदल धनबाद के लिए निकले। रास्ते में किसी भी चेक पोस्ट पर न तो इन्हें रोका गया और न ही इनकी जांच की गई।

जमशेदपुर: एमजीएम वायरोलाजी लैब में शुक्रवार को 330 सैंपल की जांच हुई और सभी रिपोर्ट निगेटिव पाए गए। दो दिन में 663 लोगों के सैंपल की जांच हो चुकी है। वहीं पूर्वी सिंहभूम जिले से शुक्रवार को कुल 283 संदिग्ध मरीजों का नमूना एमजीएम, टेल्को, बहरागोड़ा, मुसाबनी, कदमा सहित अन्य जगहों से लिया गया। जिले में अबतक 2279 लोगों का नमूना लिया है। इसमें 2069 का रिपोर्ट निगेटिव है। बाकि 210 का रिपोर्ट शुक्रवार को आने की संभावना है।

हजारीबाग: जिले में अबतक तीन लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। तीनों स्वस्थ्य भी हो चुके हैं। कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम के लिए गृह मंत्रालय ने कई आदेश राज्यों को दिए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत अनुदेशों को देखते हुए उपायुक्त डॉक्टर भुवनेश प्रताप सिंह ने संपूर्ण हजारीबाग जिला में 144 निषेधाज्ञा लागू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि महामारी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है, जो 17 मई तक प्रभावी रहेगा।

कोडरमा: शुक्रवार की देर रात यहां दो लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई। पॉजिटिव पाए गए लोगों में एक युवक डोमचांच का रहने वाला है, जो हाल ही में बनारस से लौटा था। जबकि, दूसरा युवक तिलैया डैम का रहने वाला है, जो सूरत से लौटा है। इससे पहले कोडरमा अपने एकमात्र संक्रमित मरीज की अस्पताल से छुट्‌टी के बाद ग्रीन जोन में आ गया था, मगर अब वह वापस ऑरेंज जोन में चला गया है।

तस्वीर जमशेदपुर के मानगो आजाद नगर ओल्ड पुरुलिया रोड की। लॉकडाउन के चलते कई दिनों से मजूदरी करने वालों का काम बंद है। शनिवार को कई मजदूर यहां आकर इक्ट्ठा हो गए। कई लोग इन्हें काम के लिए भी ले गए।

गढ़वा: यहां 20 लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। सभी को शनिवार को कोविड-19 सेंटर में भर्ती कराया गया है। इनसे अलग पहले मिले तीनों कोरोना संक्रमित मरीज की तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। तीनों में से एक मरीज के किडनी में समस्या थी, जिसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि दूसरे और तीसरे मरीज को अस्पताल से शुक्रवार को छुट्टी दे दी गई है।

सिमडेगा: जिले के दोनों कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। उन्हें 14 दिनों तक होम क्वारैंटाइन में रहने को कहा गया है। जिले में अब तक 454 लोगों के सैंपल कोरोना टेस्ट के लिये लिये जा चुके हैं जिसमें से 282 की रिपोर्ट आ चुकी है। 165 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है। अब तक यहां 29 लोगों को क्वारैंटाइन जबकि 632 लोगों को होम क्वारैंटाइन किया गया है।

पलामू: पलामू जिले में कोरोना के अब तक आठ केस मिले हैं। इनमें से तीन ठीक हो चुके हैं। शनिवार को तीनों ठीक हो चुके लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।सभी को पलामू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया है। शुक्रवार को 750 प्रवासी मजदूरों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। बताया गया कि अब तक पलामू जिले से कुल 2039 सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है। इसमें से 1330 निगेटिव और 8 पॉजिटिव निकला है। शेष सैंपल का रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

गिरिडीह: जिले के दोनों कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। जिले में अब तक 705 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं जिनमें से दो रिपोर्ट पॉजिटिव जबकि 289 रिपोर्ट निगेटिव आई है। 415 रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं, कुल 96 संदिग्धों को क्वारैंटाइन सेंटर जबकि 2459 लोगों को होम क्वारैंटाइन किया गया है।

तस्वीर धनबाद के कतरास स्थित लोयाबाद सब्जी मंडी की। शनिवार को सब्जी मंडी में लोगों की भीड़ जुटी रही। इस दौरान कोरोना से बचाव के लिए किसी भी तरह का एतिहात न तो सब्जी विक्रेताओं ने बरता और न ही खरीदादों ने।

राज्य में कुल 155 संक्रमित: रांची के 94, गढ़वा 23, बोकारो 10, पलामू 08, देवघर 04, हजारीबाग में 3, धनबाद 02, गिरिडीह 02, सिमडेगा 02, जामताड़ा 02, दुमका 02, कोडरमा 02 और गोड्डा में 1 मरीज में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

राज्य में अब तक 04 की मौत: रांची में तीन जबकि बोकारो के एक मरीज की मौत हो चुकी है।

राज्य में स्वस्थ्य हुए 52 मरीज: रांची में 27, बोकारो में 9, धनबाद में दो, हजारीबाग में तीन, देवघर में दो, गिरिडीह में दो, सिमडेगा में दो, गढ़वा में 02 जबकि राज्य के अन्य जिलों से संक्रमित मरीजों में 03 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।



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तस्वीर गुमला के साप्ताहिक बाजार की। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसके बावजूद गुमला के बाजारों की स्थिति लॉकडाउन फेज-1 से ऐसी ही बनी हुई है। बाजारों में भीड़ कोरोना से बचाव को लेकर किसी भी तरह का एतिहात भी नहीं बरतती दिखती।




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ऑनलाइन शराब की बिक्री और होम डिलीवरी की सुविधा के मामले में व्यवसायियों की ली जा रही है राय

राज्य में शराब की ऑनलाइन बिक्री एवं ऑन डिलीवरी की सुविधा प्रदान करने के मामले में राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित लाइसेंस धारियों से राय ली जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से सभी राज्यों में होम डिलीवरी के माध्यम से शराब बेचने पर विचार करने को बढ़ावा देने को कहा गया है। इसके बाद ही व्यवसायियों से इस संदर्भ में सवाल किए गए हैं।

झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ कि सचिव सुबोध कुमार जयसवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया की व्यवसाई वर्ग होम डिलीवरी के मामले का समर्थन करता है। लेकिन इसके लिए लाइसेंस धारियों को अतिरिक्त डिलीवरी ब्वॉय की आवश्यकता होगी और अतिरिक्त वेतन का भुगतान करना होगा। ऐसे में डिलीवरी ब्वॉय के वेतन की व्यवस्था विभाग द्वारा की जाए या फिर बिक्री के हिसाब से कमीशन तय किया जाए।

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ऑनलाइन एवं होम डिलीवरी से बिक्री के लिए लोकेलिटी तय की जाए और डिलीवरी की समय सीमा निर्धारित की जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मार्च 2020 में 21 मार्च तक कुल 21 दिनों तक की दुकानों का संचालन हो पाया था और 22 को जनता कर्फ्यू और 23 मार्च से अब तक लॉकडाउन है( लेकिन लाइसेंस धारियों के वैलिड से पूरे माह का ईटीडी काट लिया गया है। यह उचित नहीं है। इसलिए व्यवसायियों के से 21 दिनों का ही ईटीडी काटते हुए शेष राशि वैलिड में वापस किया जाए ताकि लाइसेंस धारियों को आर्थिक मंदी में दुकान चलाने में सुविधा हो सके।

संघ के सचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने यह भी कहा है कि अगर शराब दुकानें खुलती है तो कर्मचारी के साथ ही शराब खरीदने वालों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। लेकिन दुकान के बाहर शराब खरीदने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना लाइसेंस धारियों के लिए संभव नहीं है। इसलिए उत्पाद विभाग के द्वारा ही इसके लिए व्यवस्था दी जाए ताकि अगर दुकानें खुलती है तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शांति पूर्वक दुकानों का संचालन किया जा सके।



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प्रतीकात्मक फोटो।




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नक्सलियों ने क्रशर प्लांट में 13 वाहनों को फूंका, बम विस्फोट कर मशीन को क्षतिग्रस्त किया

पिपरा थाना क्षेत्र के घासीखाप गांव में एनएच 98 के किनारे स्थित सिद्धार्थ कंस्ट्रक्शन क्रशर प्लांट में शुक्रवार की रात नक्सलियों ने धावा बोलकर 13 वाहनों को फूंक डाला। रात करीब 10:45 बजे एक दर्जन की संख्या में आए हथियार से लैस नक्सलियों ने नाइट गार्ड, हाइवा चालकों तथा अन्य कर्मियों को बंधक बना लिया। इसके बाद प्लांट में खड़े आठ हाइवा, एक लोडर, तीन ट्रेलरतथा एक 12 चक्का ट्रक कुल 13 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, क्रशर मशीन के प्राइमरी तथा सेकेंडरी हिस्सों को विस्फोट कर क्षतिग्रस्त कर दिया।

नक्सलियों ने मौके पर हस्तलिखित पर्चा छोड़कर घटना की जिम्मेवारी लेते हुए क्रशर संचालक से रंगदारी (लेवी) की मांग की है। नक्सली लगभग 45 मिनट तक घटना को अंजाम देते रहे। इस दौरान आग बुझाने का प्रयास करने वाले हाइवा के मालिक चंद्रवंश सिंह की पिटाई भी की। नाइट गार्ड मुन्ना सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक हथियार से लैस 10 से 12 नक्सली प्लांट में घुस आए।

आते ही उन लोगों ने उसके साथ-साथ हाइवा चालक अमरेश कुमार, मंदीश कुमार सहित अन्य कर्मियों को बंधन बना लिया। साथ ही कहा कि तुम्हारा मालिक लेवी नहीं देता है। इसके बाद नक्सलियों ने प्लांट पर खड़े वाहनों से डीजल निकालकर सभी को आग के हवाले कर दिया। बाद में सभी नक्सली भाकपा माओवादी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दक्षिण पूर्व दिशा की ओर भाग गए।

घटना की सूचना मिलते ही छतरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शंभू कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल रात में ही घटनास्थल पर पहुंच कर पूछताछ तथा नक्सलियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी भी की। शनिवार की सुबह पलामू एसपी अजय लिंडा, अभियान एसपी अरुण कुमार सिंह घटनास्थल पर आकर छानबीन की तथा नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया। पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा नजदीकी सुदूरवर्ती इलाकों में सर्च अभियान जारी है।

नितेश औरअभिजीत दस्ता ने दिया घटना को अंजाम : डीएसपी
डीएसपी शंभू कुमार सिंह ने बताया कि भाकपा माओवादी द्वारा लेवी को लेकर इस घटना को माओवादी नितेश तथा अभिजीत का दस्ता द्वारा अंजाम दिया गया है। हालांकि क्रशर मालिक रामाशीष सिंह के अनुसार इससे पहले नक्सलियों द्वारा लेवी की मांग नहीं की गई थी।



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क्रशर प्लांट में लगी गाड़ियों को नक्सलियों ने किया आग के हवाले।




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गढ़वा से सबक ले राज्य सरकार, कोरोना जांच के बाद ही प्रवासी श्रमिकों को भेजा जाए घर: चंद्र प्रकाश चौधरी

गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने राज्य सरकार से गढ़वा जिले से मिले 20 कोरोना पॉजिटिव केस से सबक लेने और राज्य में लौट रहेप्रवासी श्रमिकों को फूल देने के बजाय कोरोना की जांच कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि गढ़वा जिला एक ही दिन में कोरोना मुक्त जिला घोषित होता है और उसी दिन 20 कोरोना पॉजिटिव मरीज भी सामने आ जाते हैं। यह प्रवासी श्रमिक हैं, जो सूरत से लौटे थे।

सांसद ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि प्रवासी श्रमिकों को बगैर क्वारैंटाइन किये घरों में भेज दिया जा रहा है। बेहतर तो यही होगा कि उनकी सबसे पहले कोरोना जांच की जाए। अब तक 30 हजार प्रवासी श्रमिक झारखंड में आकर अपने-अपने घर चले गये मगर इन सबों की जांच नहीं हुई है। जबकि पहले से यह कहा जा रहा है कि प्रवासी श्रमिकों के आने से पूर्व सरकार कोरोना जांच की समुचित व्यवस्था रखे।

सांसद ने कहा कि लगता है कि सरकार में बैठे लोग इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं कि गुजरात और महाराष्ट्र में कोरोना महामारी का रूप ले चुका है और बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। इस स्थिति में सरकार द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं किया जाना भी समझ से परे है। उन्होंने कहा कि सरकार थर्मल स्क्रीनिंग कर कोरोना जांच की औपचारिकता निभा रही है। सरकार को यह समझना चाहिए कि कोरोना का खतरा टला नहीं है, यह बरकरार है। बावजूद, इसके राज्य सरकार ग्रीन जोन, ऑरेंज जोन व रेड जोन में उलझी हुई है।

चौधरी ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि कोई जिला ग्रीन जोन घोषित हो रहा है तो तत्काल ऑरेंज जोन में भी आ जा रहा है। कोरोना जांच के नाम पर क्या चल रहा है, समझा जा सकता है। सांसद ने कहा कि आ रहे प्रवासी श्रमिकों की सर्वप्रथम कोरोना जांच करने के बाद ही उन्हें घरों में भेजा जाए। साथ ही लागू लॉक डाउन सख्ती से पालन कर आया जाए। अन्यथा स्थिति संभलने के बजाय बिगड़ेगी।



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सांसद ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि प्रवासी श्रमिकों को बगैर क्वारैंटाइन किये घरों में भेज दिया जा रहा है। बेहतर तो यही होगा कि उनकी सबसे पहले कोरोना जांच की जाए।




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बारिश से फसल बर्बाद हो गई, लॉकडाउन में काम भी नहीं मिल रहा था, युवक ने फांसी लगा कर दी जान

भरनो थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक 24 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। युवक की पहचान दुम्बो कंसीटोली गांव निवासी प्रदीप उरांव के रूप में की गई है। जानकारी के मुताबिक, युवक ने गांव में किसी स्थानीय फाइनांस कंपनी से फसल के लिए मां के नाम पर 30 हजार रुपए का कर्ज लिया था। लॉकडाउन में दूसरा काम न मिलने के चलते वो डिप्रेशन में था। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

बताया जा रहा है कि मृतक प्रदीप उरांव शुक्रवार देर शाम घर से निकला था। काफी देर तक वो घर नहीं लौटा, इसके बाद परिजनों ने आसपास खोजबीन की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। शनिवार सुबह किसी ने प्रदीप की लाश पेड़ से लटके होने की जानकारी दी। सूचना के बाद परिजन मौके पर पहुंचे और फिर इसकी सूचना पुलिस को दी गई।

मृतक के पिता ने बताया कि प्रदीप उरांव उनके चार बच्चों में से दूसरे नंबर का था।

मौके पर मौजूद मृतक के पिता एतवा उरांव ने बताया कि उनके बेटे प्रदीप ने खेती के लिए 30 हजार रुपए का लोन लिया था। इसके बाद खेत में कुछ सब्जियां लगाई थी। पिछले दिनों बारिश और ओलावृष्टि से सारी खेती बर्बाद हो गई। साथ ही लॉकडाउन में कहीं काम न मिलने की वजह से भी वह परेशान रहता था। मृतक के पिता ने बताया कि दोनों कारणों के चलते प्रदीप तनाव में रहता था। सुबह किसी ने उसके शव के पेड़ से लटके होने की जानकारी दी।

वहीं मौके पर पहुंचे भरनो थाना के एएसआई एतवा उरांव ने बताया कि प्रदीप उरांव ने बीते रात दुम्बो स्कुल के समीप बगीचा में एक जामुन के पेड़ में रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।। उन्हें सुबह पेड़ से लटके शव की जानकारी मिली। मौके पर पहुंचकर उन्होंने शव को नीचे उतरवाया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल, गांववालों से जानकारी ली जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।



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मौके पर पहुंची पुलिस ने बताया कि फिलहाल गांववालों से भी जानकारी ली जा रही है। इस संबंध में जांच पड़ताल जारी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।




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चोरों को देख तोता चिल्लाने लगा तो उसे मार डाला, फिर कैश और जेवरात लेकर भागे अपराधी

जिलेके विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के हेठली बोदरा में शुक्रवार रात धनेश्वर यादव के घर चोरी हो गई। चोर को देख तोता चिल्लाने लगा तो चोरों ने पिंजरे से तोता को निकालकर उसे मार डाला, फिर बारी-बारी से कई कमरों में घुसे। इस दौरान घर में रखे बक्से को निकालकर घर से आधा किलोमीटर दूर खेत में ले गए। फिर बक्से में रखे करीब 20,000 कैश समेत एक लाख से अधिक कीमत के सोने-चांदी के आभूषणों की चोरी कर ली।

घटना की जानकारी धनेश्वर यादव की पत्नी को तब हुई जब सो रहे बेटे ने मां को आवाज लगाकर अपने कमरे के बाहर कुंडी लगे होने की बात बताई। छत पर सो रही धनेश्वर की पत्नी नीचे पहुंची तो कमरों का दरवाजा खुला देखा। फिर कमरे में बंद बेटे को बाहर निकाला। दोनों ने कमरों की तलाशी ली तब उन्हें चोरी की जानकारी हुई।

पीड़ित परिवार ने बताया कि 15000 रुपए उधार लिए हुए थे जबकि 5000 पहले से था। उन्होंने बताया कि चोर घर के बाहर मचान पर लगे सीढ़ी के सहारे घर के मुख्य दरवाजे पर पहुंचे। जहां लोहे के दरवाजे की कुंडी तोड़ दी फिर घर के अंदर प्रवेश कर गए और घरों के दो कमरों में लगे ताले तोड़कर तकरीबन 4 से 5 बक्से अपने साथ ले गए।

धनेश्वर की पत्नी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनके पति मुंबई में हैं। घर पर उसके समेत बहू और बेटा है। उधर, घटना की जानकारी के बाद पुलिस शनिवार सुबह मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल में जुट गई।



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धनेश्वर की पत्नी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनके पति मुंबई में हैं। घर पर उसके समेत बहू और बेटा है।




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रिम्स से कोरोना के 23 मरीज ठीक होकर निकले, जिला प्रशासन ने दी शुभकामनाएं

रिम्स के कोविड वार्ड से शनिवार को 23 मरीज ठीक होकर निकले। ये सभी होम क्वारैंटाइन में रहेंगे।इन सभी की रिपोर्ट लगातार निगेटिव आई है। इसकी जानकारी मिलने के बाद मरीजों के परिवार वालों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। बताते चलें कि रिम्स में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साथ 23 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

शनिवार को रिम्स से यह खबर आई कि एक साथ 23 मरीजों की कोविड-19 सैंपल रिपोर्ट लगातार नेगेटिव आई है और उन्हें कोरोना मुक्त घोषित किया गया। रिम्स के कोरोना वार्ड में तैनात डॉक्टरों की टीम ने यह खुशखबरी दी। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए किसी जीत से कम नहीं है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जीत की तरफ हमारे कदम बढ़ रहे हैं। जल्द ही पूरी रांची से कोरोना को खत्म कर सकेंगे।

इधर, डीसी राय महिमापत रे ने कहा यह हमारे जिला के लिए एक अच्छी एवं पॉजिटिव खबर है। हम सभी कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में जीत हासिल करेंगे और जनजीवन पटरी पर लौट आएगी। डीसी ने रांची वासियों से अपील कि है कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूर अपनाएं। ठीक हो कर लौटने वाले मरीजों के साथ किसी भी प्रकार का सामाजिक दुर्व्यवहार न करें।



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रिम्स से स्वस्थ होने के बाद घर जाते लोग।




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सीहोर में लॉकडाउन का उल्लंघन के साढ़े चार सौ मामले दर्ज

जिले में लॉकडाउन उल्लंघन चार सौ पचास आपराधिक मामले दर्ज कर 500 से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की गयी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जिले में लॉकडाउन वन और टू के समय पुलिस ने करीबन 450 मामले 500 से अधिक लोगों के विरुद्ध दर्ज कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की है। सर्वाधिक मामले जिले के आष्टा क्षेत्र में सामने आए हैं। इसके अलावा अधिकांश मामले युवाओं के विरुद्ध कायम हुए हैं, जिन्होंने प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन किया है। इस कार्रवाई में पचास के आसपास कारोबारी भी है।

लॉकडाउन 3 की शुरुआत भी पुलिस ने शक्ति से की है। आज सुबह ही सीहोर जिला मुख्यालय पर पुलिस काफी सख्त थी। निश्चित दुकानों को छोड़कर बाजार में खुल अन्य दुकानों को बंद करायी गयी। इस कार्रवाई से सबसे ज्यादा वह दुकानदार परेशान है, जिनके आवास में ही दुकाने हैं। उन्हें घर का मुख्य दरवाजा खोलने की भी अनुमति नही है।



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लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को थाने ले जाती पुलिस।




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रेड व आरेंज ज़ोन में औद्योगिक गतिविधि शुरू करने नई गाइडलाइन जारी, कंटेनमेंट जोन में रहने वाले श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारी काम पर नहीं जा सकेंगे

प्रदेश के कोविड-19 महामारी के तीसरे दौर में लॉकडाउन के अन्तर्गत रेड, ऑरेज तथा ग्रीन ज़ोन वाले क्षेत्रों में कुछ बंदिशों के साथ औद्योगिक गतिविधियों को नई गाइड लाइन के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजोरा ने राज्य में वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों तथा औद्योगिक एवं मैन्यूफैक्चरिंग आइटम्स के वेयरहाउस के लिए नए गाइडलाइन्स जारी की है।

नए दिशा-निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि रेड एवं ऑरेज ज़ोन के जिलों के कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह कि औद्योगिक गतिविधि की अनुमति नहीं रहेगी। इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में (कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर) सभी औद्योगिक गतिविधियांसंचालित होंगी। इनको शुरू करने के जिला कलेक्टर से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इसी प्रकार, रेड एवं ऑरेज ज़ोन के जिलों के नगरीय क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन के बाहर) में उद्योग संचालित करने के लिये जिला आपदा प्रबंधन ग्रुप से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके अन्तर्गत स्पेशल एकॉनामी ज़ोन की सभी इकाईयां, निर्यात करने वाली औद्योगिक इकाईयां, राज्य सरकार द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्र/ संस्थान में स्थापित इकाइयाँ, अत्यावश्यक वस्तुएँ जिनमें फार्मास्यूटिकल, चिकित्सा उपकरण, हेल्थ केयर उत्पाद की निर्माण इकाईयों तथा इनके निर्माण के लिए मध्यवर्ती और कच्चे माल के निर्माण की इकाइयों और आईटी हार्डवेयर की इकाइयों एवं पैकेजिंग सामग्री की इकाईयों को शामिल किया गया है।

क्या है नई गाइडलाइन

  • ग्रीन ज़ोन के जिलों में सभी प्रकार के उद्योग शुरू किए जा सकेंगे। इसके लिए जिला कलेक्टर अथवा डीसीएमजी की पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इन क्षेत्रों में श्रमिकों, कर्मचारियों, कच्चे माल तथा तैयार उत्पाद के आवागमन के लिए भी किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। रेड, ऑरेंज तथा ग्रीन ज़ोन के जिलों में क्रियाशील समस्त उद्योगों में कन्टेनमेंट ज़ोन में रहने वाले श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों को कार्य करने की अनुमति नहीं होगी।
  • रेड एवं ऑरेंज ज़ोन के जिलों में ग्रामीण अथवा नगरीय क्षेत्रों में संचालित उद्योगों के श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों के नान-कन्टेनमेंट क्षेत्रों के इकाईयों तक आवागमन के लिए परिवहन पास की आवश्यकता नहीं होगी, किन्तु ऐसे जिलों में नगरीय क्षेत्रों के नान-कंटेनमेंट क्षेत्रों से इकाईयों तक के आवागमन के लिए जिला प्रशासन से परिवहन पास प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। जिला आपदा प्रबंधन जिले की परिस्थिति विशेष को देखते हुए किस उद्योग को जिले/शहर के किस क्षेत्र में उनकी मेनपॉवर के आवागमन की अनुमति दी जाय, इसका निर्णय लेगा।
  • ऐसे उद्योग, जो सभी कार्यरत श्रमिकों को अपने परिसर में रहने की व्यवस्था करते है, को जिला आपदा प्रबंधन से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। रेड ज़ोन के कन्टेनमेंट क्षेत्र के बाहर के क्षेत्रों में भी इन्ट्रास्टेट तथा इन्टरसिटी बसों का संचालन नहीं किया जा सकेगा।
  • औद्योगिक क्षेत्रों तथा पीथमपुर, मण्डीदीप, मालनपुर और बामौर औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों के समीपस्थ संबंधित जिलों के जिला आपदा प्रबंधन से समन्वय कर प्रदान की जाएगी। गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों को प्रात: 7 बजे से शाम 7 बजे तक मानक आपरेटिंग प्रक्रिया का पालन करते हुए आवागमन की अनुमति दी जा सकेगी।
  • नए दिशा-निर्देश में यह स्पष्ट किया गया है कि कोविड-19 मरीज से सम्पर्क में आया व्यक्ति, इन्फलूएन्सा अथवा गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम की श्रेणी का कोई श्रमिक किसी उद्योग में कार्य करने नहीं जायेगा। रेड, ऑरेंज तथा ग्रीन जोन में संचालित सभी उद्योगों में कोरोना की रोकथाम के सभी मानकों का कड़ाई से पालन करना होगा।
  • औद्योगिक इकाईयों के कच्चा माल अथवा तैयार उत्पाद के ट्रक के आवागमन पर कंटेनमेंट क्षेत्रों के अतिरिक्त कोई प्रतिबंध नहीं होगा। जो उद्योग व्यापक जनहित में चलाए जाने आवश्यक है और उन्हें किसी शर्त से छूट की आवश्यकता है, तो ऐसी छूट राज्य शासन द्वारा दी जा सकेगी।


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सोमवार को मंत्रालय में कर्मचारियों की सक्रीनिंग के लिए जाती हुई स्वास्थ्य विभाग की टीम।




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मध्यप्रदेश में ग्रीन जोन में दस्तावेजों का पंजीयन शुरू

मध्यप्रदेश शासन ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ जिला पंजीयक/जिला पंजीयक को ग्रीन जोन घोषित जिलों और तहसीलों में दस्तावेजों के पंजीयन का कार्य शुरू करने के निर्देश दिये हैं। इस मामले में वाणिज्यिक कर विभाग ने आदेश जारी कर दिये हैं।

जिलों में क्राइसिस मैंनेजमेंट ग्रुप/कलेक्टर के आदेश द्वारा प्रति-दिन ग्रीन-जोन घोषित जिलों और तहसीलों की अद्यतन सूची प्राप्त की जाएगी। ग्रीन-जोन में स्थित कार्यालयों में कलेक्टर द्वारा निरीक्षण और पुष्टि के बाद दस्तावेजों के पंजीयन का काम आज से शुरू किया जाएगा। जैसे-जैसे जो जिले और पूरी तहसील ग्रीन जोन होती जाएगी, उन जिलों और तहसीलों में स्थित पंजीयन कार्यालयों में भी पंजीयन का कार्य शुरू किया जाएगा।

दस्तावेज पंजीयन के दौरान सर्विस प्रोवाइडरों और निष्पादकों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति पर पूरी तरह रोक रहेगी। साथ ही, भारत सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिये निर्धारित आदर्श परिचालन प्रक्रिया तथा राज्य शासन और जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा समय-समय पर निर्धारित शर्तों का पालन अनिवार्य रहेगा।



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उज्जैन में हो रही ज्यादा मौतों की जांच के लिए भोपाल एम्स के निर्देशन में एक जांच दल जाएगा

उज्जैन में मृत्यु दर कम करने के लिए भोपाल एम्स के निर्देशन में एक जांच दल उज्जैन जाएगा। ये निर्णय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच आज हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में लिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में तुरंत ही एम्स के निदेशक को उज्जैन की स्थिति की जांच कर रिपोर्ट देने और मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग का हर संभव सहयोग करने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र को भरोसा दिलाया है कि वे मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग का हर संभव सहयोग करेंगे। नरोत्तम मिश्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि भोपाल के चिरायु हॉस्पिटल में ऑक्सीजन थेरेपी से कोरोना संक्रमण व्यक्तियों के इलाज में आने वाले अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं।



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मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा।




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मध्यप्रदेश में फंसे मजदूर बसों से अपने घरों को रवाना

प्रदेश सरकार एक तरफ लॉकडाउन में अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए इंतजाम में जुटी है। वहीं प्रदेश में विभिन्न हिस्सों में अन्य प्रदेशों के मजदूरों को भी उनके राज्य में पहुंचाया जा रहा है। पिछले दिनों हरदा जिला प्रशासन द्वारा उत्तरप्रदेश के 362 मजदूरों को 12 बसों से उनके राज्य के लिये रवाना किया गया। तय रूट के अनुसार 4 बस प्रयागराज और 8 बस झाँसी के लिये रवाना की गईं। इन मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच कर प्रमाण पत्र दिए गए और सभी के लिये भोजन की व्यवस्था भी की गई। इनमें से कई मजदूर महाराष्ट्र राज्य के शहरों से घर की ओर पैदल निकले पड़े थे और आते-आते हरदा में रूके, जिन्हे जिला प्रशासन द्वारा रूकने के साथ ही भोजन की भी व्यवस्था की गई।

औरंगाबाद से पैदल चलकर आने वाले मजदूर राजेन्द्र, हरभजन ने अपनी व्यथा बताई कि लॉक डाउन के चलते मजदूरी मिलना बंद हो गई और राशन-पानी की किल्लत होने के बाद वे अपने घर पैदल ही निकल पड़े। हरदा आकर उन्हें जो सुकून मिला उसे हमेशा याद रखेंगे। जिला प्रशासन द्वारा ठहरने की व्यवस्था के साथ ही भोजन उपलब्ध करवाया गया। अब उन्हें बस द्वारा घर भिजवाया जा रहा है।


उत्तरप्रदेश के जिला महोवा और चन्दोली जिले के 45 मजदूर बुरहानपुर में काम करते थे। कुछ दिन वहीं रहें पर लम्बे लॉकडाउन के कारण उन्होंने घर जाने का निर्णय लिया और किसी तरह हरदा पहुँचे। मजदूर हबीव, दीनेन्द्र कुमार, महेन्द्र, रवि, शशि, और राजू ने बताया कि जिला प्रशासन ने न केवल उन्हें उपयुक्त स्थान पर ठहराया अपितु खाने-पीने की बेहतर व्यवस्थाएं करने के बाद उन्हें बसों से प्रस्थान कराकर उनके जीवन में नई उम्मीद जगा दी है।



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मजदूर अपनी रोजी रोटी का सामान लेकर इस तरह से अपने प्रदेश जा रहे हैं।




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कोरोना के नियंत्रण के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र से मांगा 1200 करोड़ रुपए का राहत पैकेज

प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण औरगृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिएकेन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सेचर्चा की। मिश्रा नेकोविड-19 संक्रमण नियंत्रण के लिये 1200 करोड़ रूपये के राहत पैकेज के प्रस्ताव को अनुमोदित करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, आरएनए एक्स्ट्रेक्शन किट प्रदेश को उपलब्ध कराने की मांग की। मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन थैरेपी से कोरोना की बीमारी के उपचार में मदद मिली है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी उपस्थित थे।

मंत्री मिश्रानेबताया कि चिरायु अस्पताल भोपाल में अब तक 600 मरीज भर्ती हुए हैं, इनमें 250 से अधिक स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। अस्पताल में उपचार के दौरान एक भी मरीज काल-कवलित नहीं हुआ है। ऑक्सीजन थैरे‍पी के उपचार से यह संभव हुआ है।इस तकनीक से एम्स और इंदौर में भी उपचार किया जा रहा है। इससे मध्यप्रदेश में कोरोना संबंधी मृत्यु दर में भी कमी आई है। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से ग्वालियर जिले को रेड जोन से हटाने की मांग की। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में 4 कोरोना मरीज सामने आये थे, जो स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में जिले में कोई भी कोरोना पॉजीटिव मरीज नहीं है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण के लिये सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं और उनका सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है।

50 हजार लोगों का कोरोना टेस्ट कराया

  • अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में अब तक 800 पूर्ण स्वस्थ हो चुके है। प्रदेश में अब तक 50 हजार लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जा चुका है। प्रदेश में 3 मई को 50 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आये जबकि 174 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
  • केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये समीक्षा करते हुए डॉ. मिश्रा से कहा कि वे निरंतर दूरभाष पर संपर्क में बने रहे। अब तक कोरोना से अप्रभावी जिलों को सुरक्षित रखने के लिये साथ ही रेड जोन के जिलों को ऑरेंज जोन में लाने के लिये सभी आवश्यक प्रबंध करें।
  • ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करवाएं। उन्होंने ऑक्सीजन थैरेपी से उपचार की प्रशंसा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल, स्वास्थ्य आयुक्त फैज एहमद किदवई भी मौजूद थे।


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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा।




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एम्स से 12 और चिरायु अस्पताल से 18 कोरोना संक्रमित ठीक होकर डिस्चार्ज हुए

सोमवार की शाम को एम्स अस्पताल से 12 और चिरायु अस्पताल से 18 कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति पूर्णतः स्वस्थ होकर अपने घर की ओर रवाना हुए। इन 18 व्यक्तियों में 5 रायसेन एवं एक व्यक्ति सीहोर से है। भोपाल से कुल 30 व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घर रवाना हुए। चिरायु अस्पताल के डायरेक्टर अजय गोयनका ने आज डिस्चार्ज हुए सभी व्यक्तियों को घर पर ही 14 दिवस होम क्वॉरेंटाइन की समझाइश दी। उन्होंने होम क्वॉरेंटाइन की अवधि समाप्त होने के पश्चात सभी से अपना प्लाज्मा डोनेट करने की अपील भी की।

आज डिस्चार्ज हुए अमित तिवारी ने जिला प्रशासन और चिरायु अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया डॉक्टरों और स्टाफ ने पूरी सेवा और समर्पण भाव से हमारा इलाज किया जिस कारण आज हम स्वस्थ हुए हैं।13 वर्षीय सुमेला ने बताया कि उन्हें यहां महसूस ही नहीं हुआ कि वह अस्पताल में है। उन्हें घर जैसा माहौल मिला। जितेंद्र सुपे ने बताया कि उन्होंने सोचा नहीं था कि इस तरह की उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उन्हें मिलेगी।



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एम्स से डिस्चार्ज हुए मरीजों को डॉक्टर गेट तक छोड़ने आए।




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अपनी गाड़ी है, फिर भी दूसरे प्रदेशों में फंसे मप्र के 50 हजार लोग

मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में 20 हजार लोग ऐसे फंसे हैं, जिनके पास खुद की गाड़ी है, लेकिन पास नहीं बन पाने के कारण वे अटके हुए हैं। इसी तरह मप्र के भी 50 हजार पर्यटक, व्यापारी स्टूडेंट्स और नौकरीपेशा ई-पास के चक्कर में दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। अब सरकार ने इन सभी लोगाें को लाने-भेजने के लिए गाइडलाइन बना ली है। इन्हें जल्द ही नए ई-पास जारी किए जाएंगे।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि रेड जोन को छोड़कर ग्रीन और ऑरेंज जोन में फंसे लोगों को दूसरे प्रदेशों में उनके घर तक भेजने का प्रबंध किया जाएगा। कलेक्टर जिलों से अनुमति के लिए पास जारी कर सकेंगे। मिश्रा ने बताया कि दूसरे प्रदेशों में 50 हजार से ज्यादा लोग हैं, जो किसी वजह से लॉकडाउन में फंस गए हैं। इनके पास अपने वाहन हैं। इसलिए स्वयं के वाहन से फंसे लोगों को प्रदेश में आने की मंजूरी दी जाएगी। इसमें भी रेड जोन वाले जिलों में अनुमति नहीं दी जाएगी।

रेड जोन में अभी प्रतिबंध

ग्रीन जोन के 24 जिलाें में रजिस्ट्रियां होना शुरू

प्रदेश के ग्रीन जाेन के 24 जिलाें में व तहसीलों में प्राॅपर्टी की रजिस्ट्रियां शुरू हाे गई हैं। सोमवार से यहां पंजीयन कार्यालय खुल गए। राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि जिलों में क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप कलेक्टर के आदेश द्वारा प्रत्येक दिन ग्रीन व आॅरेंज जोन की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेंगे। जबकि रेड जोन के भोपाल, इंदौर समेत नौ जिलों में अभी रजिस्ट्रियां बंद रहेंगी।



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शहरों में 20 हजार लोग ऐसे फंसे हैं, जिनके पास खुद की गाड़ी है, लेकिन पास नहीं बन पाने के कारण वे अटके हुए हैं।




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सीएम की चेतावनी के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था; उज्जैन कलेक्टर को हटाया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लगातार चेतावनी के बावजूद आरडी गार्डी अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्रा को सोमवार को हटा दिया गया। उज्जैन में कोरोना की बिगड़ती स्थिति के बीच रविवार को भाजपा पार्षद मुजफ्फर हुसैन की मौत हो गई थी। मृत्यु के बाद हुसैन का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने आरडी गार्डी अस्पताल में बदइंतजामियों का जिक्र करते हुए कलेक्टर के रवैये और लापरवाही पर सवाल खड़े किए थे। इंदौर नगर निगम के कमिश्नर आशीष सिंह को मिश्रा की जगह उज्जैन कलेक्टर पदस्थ किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पहले भी इस अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके थे।

आरडी गार्डी डायरेक्टर के घर के बाहर प्रदर्शन
शहर व जिला कांग्रेस ने सोमवार को आरडी गार्डी में अव्यवस्थाओं के खिलाफ डायरेक्टर डॉ वीके महाडिक के घर के बाहर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि प्रशासन सत्ता के दबाव में डॉ महाडिक के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रहा। पुलिस ने 10 कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है।
उज्जैन की हालत गंभीर
उज्जैन कोरोना हॉट स्पॉट बना हुआ है। वहां हालात दिनोदिन गंभीर हो रही है। वहां अब तक कुल 174 संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें से 35 की मौत हो गई। सोमवार को वहां 17 नए संक्रमित मिले। वहां अब तक 24 मरीज ठीक हुए हैं।
इंदौर कलेक्टर को भी हटाया था
कोरोना के प्रदेश में शुरुआती दौर में इंदौर में भी स्थिति बिगड़ी थी। इसके बाद सरकार ने इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव को हटाकर मनीष सिंह को वहां की कमान सौंपी थी।
प्रतिभा इंदौर ननि कमिश्नर
आशीष सिंह के उज्जैन कलेक्टर बनने के बाद उनकी जगह श्योपुर कलेक्टर प्रतिभा पाल को इंदौर नगर निगम का कमिश्नर बनाया गया है। शशांक मिश्रा को शासन में अपर सचिव बनाकर भेजा गया है। सागर जिले के राहत गढ़ की एसडीएम अंकिता धाकरे का तबादला एसडीएम संबलगढ़ (मुरैना) कर दिया गया है।
केंद्र का दल आएगा
केंद्र सरकार का उच्च स्तरीय डॉक्टरों का जांच दल जल्द शहर आएगा। ये दल यहां की काेरोना के रोकथाम व इलाज के इंतजामों की समीक्षा कर केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने सांसद अनिल फिरोजिया को सोमवार को फोन पर हुई चर्चा में यह बात बताई।

लापरवाही की इंतेहा... दवा के छिड़काव के बाद वार्ड में भर्ती मरीजों का दम घुटने लगा
सोमवार को भी आरडी गार्डी में लापरवाही सामने आई। वहां सोडियम हाइपोक्लोराइड के छिड़काव के बाद मरीजों का दम घुटने लगा। एक महिला ने वीडियो जारी कर गुजारिश की कि उन्हें घर पहुंचा दिया जाए। उज्जैन के भरत पोरवाल ने भी अस्पताल की अव्यवस्थाओं से सरकार को अवगत कराया। गैस की शिकायत करने पर कहा गया कि पुलिस को बताओ। इससे स्थानीय स्तर पर काफी नाराजगी फैली। यह बात मुख्यमंत्री को पता चली, इसके बाद शशांक मिश्रा को हटा दिया गया।

वीडियो में हुसैन ने कहा था- कलेक्टर एक बार यहां आएं

हुसैन ने मौत से पहले अपना एक वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने बताया था कि आरडी गार्डी में न तो साबुन, न मास्क, न पानी, न सैनेटाइजर है और न ही बाथरूम में लाइट, न सफाई, ऐसे कैसे चलेगा। कलेक्टर सफाई और इंतजामों पर ध्यान दें। खाना भी वेस्ट हो रहा है। पांच रोटी, चावल व दो सब्जी दी जा रही है। यह अधिक खाना है। हमें केवल तीन रोटी और एक सब्जी दे दें। कलेक्टर एक बार यहां विजिट कर लें।



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आरडी गार्डी अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्रा को सोमवार को हटा दिया गया।




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होटल्स-रेस्तरां को लगी 200 करोड़ की चपत, शादियों की बुकिंग कैंसिल होने से मई-जून में गंवाएंगे 250 करोड़

राजधानी में 20 हजार से ज्यादा लोगों की रोजी रोटी का जरिया रहे 1000 से ज्यादा होटल्स और रेस्तरां 40 दिन से बंद हैं। इनके 1500 कमरे खाली पड़े हैं। इस सेक्टर को अब तक 200 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा लग चुका है। केवल शादियों का सीजन ही खराब होने से इस सेक्टर को मई और जून में 250 करोड़ से अधिक का नुकसान हो सकता है। इस सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि अक्टूबर-नवंबर तक लोग होटल्स की ओर शायद ही लौटें। इसके चलते करीब 15-20% बड़े होटल्स, 50% रेस्तरां और करीब 70% रोड साइड रेस्तरां और ईटरीज बंद हो सकती है। सेक्टर से जुड़े लोगों ने सरकार से इस सेक्टर को खासतौर पर अलग से राहत देने की गुहार लगाई है।

कर्ज का बोझ भी... 15 से 20 फीसदी बड़े होटल्स पर बैंकों का बड़ा कर्ज

भोपाल होटल्स एंड रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने बताया कि राजधानी के करीब 15-20% बड़े होटल्स ऐसे हैं जिन पर बैंक का बड़ा कर्ज है। ये होटल्स लंबे समय तक बंद रहने के बाद संभव है कि दोबारा कारोबार शुरू करने की स्थिति में ही न आ पाएं। इसके लिए सरकार वर्किंग कैपिटल के लिए आसान दरों पर कर्ज उपलब्ध कराए, जिसकी अदायगी कम से कम एक साल बाद शुरू हो।

ईएसआई, पीएफ और बिजली के बिल की मार

बड़े 80 होटल्स में ही करीब 8000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। इनका हर माह ईएसआई और पीएफ जमा कराना होता है। होटल संचालकों का कहना है कि जब होटल पूरी तरह बंद हैं तो वे ईएसआई और पीएफ की राशि कहां से जमा कराएंगे। हर होटल्स को औसतन 20-25 हजार रुपए की राशि ईएसआई में जमा करानी पड़ रही है। इसके साथ हर होटल्स का बिजली बिल मिनिमम चार्ज के कारण मार्च-अप्रैल के माह में 1 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक आया है। होटल्स संचालक भी अन्य एमएसएएमई की तरह वास्तविक खपत के आधार पर बिल लेने की मांग कर रहे हैं।



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राजधानी में 20 हजार से ज्यादा लोगों की रोजी रोटी का जरिया रहे 1000 से ज्यादा होटल्स और रेस्तरां 40 दिन से बंद हैं।




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शर्मा का आरोप- मजदूरों के रेल किराए को लेकर राजनीति कर रहीं सोनिया

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मजदूरों के रेल किराए को लेकर राजनीति कर रही हैं। उन्हें काेरोना को रोकने में भारत की कामयाबी रास नहीं आ रही। वे रेल किराए के मुद्दे पर यहां-वहां फंसे मजदूरों को भ्रमित कर पूरे देश में कोरोना फैलाना चाहती हैं, ताकि भारत सरकार असफल साबित हो जाए। सोनिया के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए शर्मा ने कहा कि उन्हें भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफलता बर्दाश्त नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के संचालन का 85% खर्च केंद्र सरकार उठा रही है, बाकी 15% खर्च राज्य सरकारों को उठाना है। जहां तक टिकट का सवाल है, तो इसका प्रावधान केंद्र सरकार या रेलवे ने मजदूरों से पैसा वसूलने नहीं किया है, बल्कि इसलिए किया है कि ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर भीड़ न हो।



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सोनिया के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए शर्मा ने कहा कि उन्हें भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफलता बर्दाश्त नहीं हो रही।




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शिवराज, वीडी ‌व सुहास के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। भोपाल से दिल्ली तक बातचीत का दौर शुरू हो गया है। भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच सोमवार को लंबी चर्चा हुई। इससे पहले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी पार्टी दफ्तर पहुंचे और शर्मा व भगत से बात की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं के बीच मंत्रिमंडल विस्तार के साथ उपचुनाव पर बात हुई। दिल्ली से ऐसे संकेत मिले हैं कि भोपाल, इंदौर व उज्जैन में कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद हो, लेकिन प्रदेश के नेता चाहते हैं कि यह जल्द हो। ऐसे में कांग्रेस से भाजपा में आने वाले व भाजपा के मंत्री पद के उम्मीदवार नेता एक्टिव हो गए हैं। कांग्रेस की पूर्व सरकार में मंत्री रहे निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल, संजय पाठक, रामपाल सिंह, विश्वास सारंग, जुगल किशोर बागड़ी, रामेश्वर शर्मा, एंदल सिंह कंसाना, प्रभुराम चौधरी आदि शिवराज सिंह, शर्मा, भगत व नरोत्तम मिश्रा से अलग-अलग मिले। बताया जा रहा है कि जुगल किशोर ने विंध्य को अधिक प्रतिनिधित्व देने की बात की है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल गठन में जिस तरह जातिगत संतुलन बनाया गया है, उसे आगे बरकरार रखने के साथ क्षेत्रीय संतुलन भी बनाना होगा। इसमें सिंधिया गुट के बचे हुए 4 मंत्रियों के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए शेष लोगों को भी जगह देनी है। इंदौर, सागर, रीवा के साथ मंदसौर-नीमच व रतलाम में दिक्कतें हैं। प्रदेश की 24 सीटों पर उपचुनाव और प्रदेश कार्यसमिति के गठन पर शिवराज, शर्मा व भगत के बीच चर्चा हुई। उपचुनाव में पार्टी की रणनीति और वहां किस को क्या जिम्मेदारी देना है, इस बातचीत हुई।



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भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच सोमवार को लंबी चर्चा हुई। (फाइल फोटो)




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बड़े नालों की सफाई के लिए नहीं मिल रही पोकलेन मशीन

लॉकडाउन के बीच छोटे नालों की सफाई शुरू हो गई है, लेकिन बड़ेे नालों के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि इनकी सफाई के लिए पोकलेन मशीन नहीं मिल पा रही है। तत्कालीन संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने एक मई से नाला सफाई अभियान शुरू करने को कहा था, ताकि बरसात का मौसम आने से पहले सारे नाले साफ हो जाएं। निगम ने पिछले साल भी पोकलेन मशीनों का इस्तेमाल किया था, लेकिन इस बार उनकी संख्या बढ़ाई जाना है, ताकि लैबर की जरूरत कम पड़े व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। बताया जाता है कि निगम पोकलेन मशीनों के ऑनर्स से लगातार संपर्क में है, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के समय हुए कार्यों का अब तक पैमेंट नहीं होने से ऑनर्स तैयार नहीं हो रहे।

शहर में छोटे-बड़े 775 नाले, कई जगह अतिक्रमण भी

-राजेश राठौड़, अपर आयुक्त (स्वास्थ्य), नगर निगम के मुताबिक,स्वच्छ सर्वे के समय नालों की सफाई हुई थी, इसलिए ज्यादा परेशानी नहीं है। बड़े नालों को पोकलेन मशीन से साफ किया जाएगा। जल्द शुरुआत की जाएगी।



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राजधानी में छोटे-बड़े 775 नाले हैं। इसके अलावा कई इलाकों में अतिक्रमण भी है।




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किसी भी स्थिति में कोरोना वायरस स्प्रेड न हो : शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में कोरोना वायरस स्प्रेड नहीं हो पाए। किसी भी क्षेत्र में बाहरी लोगों को बिना स्क्रीनिंग के न आने दिया जाए। ऐसा न हो कि संक्रमित व्यक्ति कॅरियर बनकर उन क्षेत्रों में घूमे, जहां रोग का कोई प्रभाव नहीं है। सीएम सोमवार को कोरोना के नियंत्रण, उपचार और अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सर्वे किया गया है और वह प्रभावित नहीं हैं, तो वहां निरंतर यह कार्य जारी रखा जाए। नए संक्रमण के क्षेत्र सामने नहीं आना चाहिए। उन्होंने जबलपुर में लैबोरेटरी शुरू करने और क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें सभी जिलों में करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना नियंत्रण में जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी प्राप्त किया जाए।
गेहूं खरीदी की समीक्षा करते हुए शिवराज ने बताया कि केंद्र सरकार से उनकी चर्चा हुई है। इसमें चमक विहीन गेहूं खरीदने की अनुमति भी प्राप्त हुई है। किसानों का पूरा अनाज खरीदा जाएगा। बैठक में बताया कि राज्य में 7.50 लाख किसानों से 40.26 लाख मीट्रिक टन गेहूं का खरीदा जा चुका है। किसानों के खातों में 3171 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर हो चुकी है। बिजली व्यवस्था की समीक्षा में उन्होंने कहा कि ऐसे किसान जो ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई आदि का उपयोग करते हैं, उन्हें बिजली की बचत में योगदान देने पर रियायत दी जाए।



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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान




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कोरोना को मात... एम्स व चिरायु अस्पताल से 30 मरीजोंं की छुट्टी

कोरोना को मात देकर चिरायु अस्पताल से 18 व एम्स भोपाल से 12 मरीज सोमवार को घर पहुंचे। राजधानी के अलग-अलग अस्पतालाें से अब तक 334 मरीज ठीक हाे चुके हैं। चिरायु से रात करीब 9 बजे 18 मरीजाें काे छुट्टी दी गई। इन मरीजाें के सैंपल की दाे बार जांच कराई गई थी। दाेनाें रिपाेर्ट निगेटिव आने के बाद इन लाेगाें काे अस्पताल से छुट्टी दी गई। चिरायु से जिन मरीजाें की छुट्टी हुई उनमें 5 रायसेन के अाैर एक सीहाेर है। चिरायु अस्पताल के डायरेक्टर अजय गाेयनका ने सभी मरीजाें काे 14 दिन घराें में ही क्वारेंटाइन रहने को कहा।

सर्टिफिकेट बांटे
एम्स में मंगलवार काे 12 मरीजाें के सैंपल की दूसरी रिपाेर्ट भी निगेटिव अाई। इसके बाद इन मरीजाें काे एक साथ छुट्टी दी गई। इस दाैरान एम्स डायरेक्टर डाॅ. सरमन सिंह ने ठीक हाेकर घर जाने वाले सभी मरीजों काे काेराेना वॉरियर्स सर्टिफिकेट दिए गए।




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एम्स अस्पताल




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मिश्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मांगा 1200 करोड़ का पैकेज

कोरोना संकट से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने केंद्र से 1200 करोड़ रुपए का राहत पैकेज मांगा है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह मांग की। मिश्रा ने राहत पैकेज के प्रस्ताव के अनुमोदन का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन थेरेपी से कोरोना वायरस की बीमारी के उपचार में मदद मिली है। भोपाल के चिरायु अस्पताल में इस थेरेपी से इलाज किया जा रहा है और यहां भर्ती हुए 600 मरीजों में से किसी की मृत्यु नहीं हुई है। एम्स व इंदौर में भी इस पद्धति से इलाज किया जा रहा है। केंद्र का कोई दल यहां आकर उस थेरेपी का अध्ययन करे, जिससे उसका लाभ देश के अन्य स्थानों पर भी मिल सके। हर्षवर्द्धन ने तत्काल इसके लिए निर्देशित किया।



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मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा




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अंतिम संस्कार के लिए शव को पैतृक गांव ले जा रहे थे परिजन, चेक पोस्ट से अफसरों ने कर दिया वापस

नरसिंहपुर जिले की गाडरवाड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव भटेरा निवासी शिक्षक देवेन्द्र सिंह राजपूत को पीलिया झड़वाने के लिए वह अपनी पत्नी क संगीता राजपूत के साथ बीकोर गांव आए हुए थे।
इसी गांव के पास गौरखपुर में शिक्षक देवेन्द्र सिंह की ससुराल होने के कारण रुक गए। इसी बीच 1 मई को दोपहर में देवेन्द्र की तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उसके साला सोनू ठाकुर और परिजन देवेन्द्र को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आए जहां डॉक्टरों ने दूर से ही देखकर देवेंद्र को रायसेन या उदयपुरा ले जाने की बात कही। लेकिन डॉक्टरों ने न तो रेफर का पर्चा बनाया ही प्राथमिक उपचार किया। जिसके बाद परिजनों ने नगर में ही प्राइवेट डाॅक्टरों को चेकअप करवाकर वापस ससुराल गौरखपुर ले जाने लगे। लेकिन देवेन्द्र सिंह ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
परिजन और उसकी पत्नी देवेन्द्र के शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव ले जा रहे थे लेकिन मदनपुर चेकपोस्ट पर अफसरों ने गांव ले जाने से मना कर दिया इसकी सूचना प्रशासनिक अफसरों और पुलिस के आला अधिकारियों को दी। परिजनों ने अफसरों से कई बार निवेदन भी किया लेकिन अफसरों ने पैतृक गांव ले जाने से मना कर दिया। जिसके बाद परिजन शिक्षक के शव को वापस गौरखपुर ले लाए। यही नहीं भटेरा गांव में भी मृतक के घर पुलिस भेजकर परिजनों को शव को लाने से मना कर दिया। परिजनों की विनती के बाद सिर्फ 5 लोगों को भटेरा से गौरखपुर जाने की परमिशन दी। मृतक के साले सोनू ठाकुर ने बताया कि अफसरों को लोगों की परम्पराओं के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। कई बार उनके पैतृक गांव ले जाने की अनुमति मांगी लेकिन उनका दिल नही पसीजा। इस संबंध में तेंदू खेड़ा एसडीएम आरएस राजपूत ने बताया शव लाने की परमिशन नहीं है इसलिए जिले की सीमा में शव लाने से मना किया था। गौरखपुर में यदि अंतिम संस्कार कर दिया तो दिक्कत क्या है।



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सड़क पर कर रखा था अतिक्रमण, प्रशासन ने हटवाया

सोशल डिस्टेंस का पालन सुनिश्चित कराने प्रशासन हर तरह के प्रयोग कर रहा हैं। यही वजह है कि जहां पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा है उसके कारणों का पता कर समाधान कर रही है।
पुराने बस स्टैंड, गांधी बाजार, शिवालय के पास स्थित दुकानों पर मेला जैसी भीड़ लग रही थी। जब प्रशासन की टीम यहां पर पहुंची तो आवागमन के लिए भी जगह नहीं थी। जिसको लेकर प्रशासन ने यहां पर दुकानदारों को चेतावनी देकर अपना अपना सामान अंदर रखने और अस्थाई दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी लेकिन दुकानदारों ने नहीं हटाया तो सोमवार को प्रशासनिक अफसरों की टीम दलबल के साथ पहुंची और सख्ती से अतिक्रमण हटाया। प्रशासन की इस कार्रवाई से दुकानदारों में हड़कंप मच गया और अपना अपना सामान उठाकर ले जाने लगे। तो कई अपने अस्थाई शेड या फिर पन्नी तानकर व्यवसाय कर रहे लोग अपना सामान स्वयं हटाने को मजबूर हो गए। एसडीएम व प्रशासक संजय उपाध्याय, नायब तहसीलदार सपना झिलोरिया, टीआई घनश्याम शर्मा, सीएमओ बीएल सिंह सहित पुलिस बल व नगर रक्षा समिति सदस्यों की मौजूदगी में करीब तीन घंटे तक चली इस कार्रवाई में जहां उक्त सामग्री हटवाई गई वहीं किराना व्यवसाईयों के जरिए अपने मकान दुकान के छज्जे के नीचे रखी नमक की बोरियों, तेल की टंकियां भी हटवाई गई। चबूतरे पर रखी अलमारियों को भी हटवाया गया। होटल के सामने रखी सामग्री व पान की कुछ गुमठियों भी हटवाई गई। प्रशासन की सख्ती के चलते लोग अपना सामान ले जाते दिखे। नगर के प्रबुद्ध नागरिकों सहित पीड़ितों ने एसडीएम संजय उपाध्याय से मांग की है कि जिस तरह पुराना स्टैंड पर अतिक्रमण हटाया जा रहा है उसी तरह बड़े व्यापारियों के जरिए स्थाई तौर पर अपनी दुकानों के सामने किया गया अतिक्रमण सहित पूरे नगर में व नगर के अंदरूनी हिस्सों में सड़कों तक पर किया गया पक्का अतिक्रमण हटवाकर आमजन को सहूलियत प्रदान की जाए। इस संबंध में एसडीएम व प्रशासक नगर पालिका संजय उपाध्याय का कहना है कि शीघ्र ही वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देश पर पूरे नगर का अतिक्रमण हटवाया जाएगा।



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Encroachment was done on the road, the administration removed




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500 रुपए निकालने गेहूं से भरी ट्रॉली के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हितग्राही

केंद्र व राज्य सरकार ने गरीब व निर्धन परिवारों के खाते में सहायता राशि व वृद्धावस्था पेंशन डाली है जिसको निकालने के लिए हितग्राही अपनी जान हथेली पर रखकर लाईनों में लग रहे हैं या फिर अनाज से भरी ट्रॉलियों के नीचे बैठकर इंतजार कर रहे हैं। जिससे हादसा होने की आंशका बनी हुई है।
हितग्राही अपनी जान की परवाह न करते हुए धूप से बचने के लिए अनाज की भरी ट्रॉली के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं यदि ट्राली अनियंत्रित होकर गिरती है तो नीचे बेठे लोगों के साथ बड़ी घटना हो सकती है। बावजूद इसके लोग जानकर भी अनजान बने हुए हैं। उपज की नीलामी न होने के कारण किसान ने गेहूं के बोरों से भरी ट्राली घर के सामने लाकर खड़ी कर दी। किसान को नहीं पता था कि सुबह उसकी ट्रॉली नीचे लोग बैठ जाएंगे। अल सुबह से ही बैंक के सामने हितग्राही लाईन लगा लेते हैं। लाईन लंबी होने व धूप होने के कारण कुछ लोग यहां वहां बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते है। सोमवार को भी दर्जनों लोग गेहूं से भरी ट्राली के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए देखे गए। लेकिन प्रशासन या बैंक प्रबंधक ने इन्हें यहां से हटाने की कोशिश नहीं की। यदि हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कोन होता। इस मार्ग से रोजाना प्रशासनिक अफसरों को निकलना होता है लेकिन किसी का इस तरफ ध्यान नहीं है। पैसे निकालने वालों के नाम बाबूलाल अहिरवार समनापुर, बुद्धू जमनिया, हल्के वीर नोरिया रोड़ा, बृजलाल खमरिया, बुद्धू नोरिया ने बताया कि शासन द्वारा राशि आई है एवं वृद्धावस्था पेंशन निकालने के लिए हम लोग लाइन में लगे हुए हैं।



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Beneficiaries waiting for their turn to sit under a trolley full of wheat extracting Rs 500




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सायलो बैग केंद्र पर लगी ट्रैक्टर-ट्रॉली की कतार गर्मी में तुलाई के लिए इंतजार कर रहे किसान

तहसील मुख्यालय पर बनाए गए समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी के सायलो बैग केंद्र पर किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहां पहले तौल कांटे की गड़बड़ी और मशीनें खराब होने से परेशान रहे किसान अब तुलाई की धीमी रफ्तार से कतार में लगकर परेशान हो रहे हैं।
सोमवार को तुलाई के लिए किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉली वाहन की पांच किमी लंबी कतार इस केंद्र पर देखी गई। सिलवानी मार्ग पर 9 समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी केंद्रों को जोड़कर बनाए गए सायलो बैग केंद्र पर बीते एक पखवाड़े से ज्यादा समय से खरीदी का कार्य चल रहा है। केंद्र शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा है। पहले यहां किसान तौल में गड़बड़ी और मशीनों की खराबी से तुलाई के लंबे इंतजार में उलझे रहे तो अब तुलाई की धीमी चाल किसानों को परेशानी पैदा कर रही है। सोमवार के दिन केंद्र के बाहर पांच किमी की दूरी तक तपती एवं भीषण गर्मी के बीच सैकड़ों किसानों को कई घंटों इंतजार करना पड़ा। कई किसान तुलाई न होने दूसरे दिन भी उन्हें पूरा दिन इंतजार करना पड़ा। किसान रामप्रसाद गौर, प्रेमनारायण पंथी, किशनलाल, सीताराम आदि ने बताया कि वे रविवार दोपहर से केंद्र पर अपनी तुलाई का इंतजार कर रहे है। पहले तौल कांटे में गड़बड़ी के चलते उनका अनाज नहीं तुल पाया, तो आज तुलाई में अनावश्यक देरी की जा रही है। यही नहीं केंद्र पर किसानों के लिए न तो भोजन पानी की व्यवस्था है और न ही खड़े होने एवं बैठने के लिए छायादार स्थान ही उपलब्ध कराया गया है। उधर भीषण गर्मी में भी सायलो बैग प्रबंधन इन समस्याओं को ठीक करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।



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बिजली की अघोषित कटौती को लेकर लोग हो रहे परेशान, अफसर नहीं दे रहे ध्यान

मई की झुलसा देने वाली गर्मी और उस पर बिजली की कटौती लोगों पर भारी पड़ रही है। दिन में बिना किसी पूर्व सूचना के कई बार कटौती की जा रही है।
वहीं रात के संयम भी बिजली गोल होने से लोग हलाकान हो रहे है। रात के समय घर के कुछ सदस्य तो बिजली नहीं होने पर घर के बाहर निकल जाते है या जिनके पक्के मकान है वे छत पर पहुंच जाते है लेकिन मरीजों का बुरा हाल है व न तो घर के बाहर निकल सकते है और न जीने चढ़कर छत पर जा सकते है।
वहीं दिन में बिजली जाने पर गर्मी के कारण परेशानियां उठाना पड़ रही है। जिनके घरों में इनवर्टर है वे थोड़ी बहुत देर पंखे चला लेते है लेकिन इनवर्टर भी अधिक लोड नहीं उठा पाते हैं जिससे लोगो को हाथ के पंखे उपयोग करना मजबूरी बन गया है। असमय बिजली चली जाने से लोगो की दिन चर्या भी प्रभावित हो रही है घरों का पानी नहीं भर पाता तो शाम के समय बिजली जाने से गृहणियों का काम प्रभावित होता है। व
िशेषकर रमजान माह में रोजा रखने वाली महिलाएं शाम के समय ही भोजन व इफ्तारी आदि तैयार करती है ऐसे में बिजली चली जाने से उनका काम पिछड़ता है जिससे घरों में विवाद की स्थिति निर्मित होती है। नगर के लोगों ने बताया कि यदि कटौती का समय घोषित कर दिया जाए तो लोग उस हिसाब से अपना काम निपटा सकते है लेकिन बिना घोषित कटौती से लोग दिक्कतों का सामना कर रहे है आसमान से आग बरसाती गर्मी उस पर बिजली कटौती ने लोगो को हलाकान कर दिया है।
नगर के लोगों पूर्व पार्षद श्रीप्रकाश जैन, शफी मो. तत्तू, भाव सिंह पंथी, हारून अनवर, बाबू भाई, ग्या प्रसाद शाक्या, रजनीश ताम्रकार, शाकिर दादा, प्रवीण जैन, रफीक मंसूरी, अनवार खां राइन, गोविंद साहू, सुनील शर्मा, महेश नेमा, गंभीर सिंह, मुकेश पंथी, महेंद्र लोधी, आदि ने प्रशासनिक अधिकारियों से बिजली पूरे समय उपलब्ध कराने की मांग की है। इस संबंध में बिजली कंपनी के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संतराम उइके का कहना है कि कटौती नहीं की जा रही है अधिक लोड होने या फिर किसी फाल्ट के कारण ही बिजली जा रही है जिसे समय रहते सुचारू किया जाता है।



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लॉकडाउन में भी लग रहा बार-बार जाम, नया पुल निर्माण के लिए बनाया गया कच्चा रास्ता

स्टेट हाईवे पर नए पुल का निर्माण किया जा रहा है यही वजह है कि निर्माण एजेंसी ने पुराना पुल तोड़कर पास ही से वाहनों के आवागमन को लेकर कच्चा रास्ता बनाया है। लेकिन धीमी गति से हो रहे पुल निर्माण से वाहन चालकों सहित राहगीरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
करीब 4 माह पूर्व पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था। लेकिन इन चार महीनों में 10 प्रतिशत कार्य भी पूर्ण नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार स्टेट हाईवे 44 पर शिवाजी नगर के पास मुख्य मार्ग पर पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। एमपीआरडीसी के द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य में निर्माण एजेंसी के द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। नवीन पुल निर्माण किए जाने के लिए करीब 60 साल पूर्व बने पुल को तोड़ा जा रहा है। पुल का निर्माण कार्य किए जाने के लिए पुराने पुल के बगल में ही नदी में से अस्थाई रुप से मिट्टी व बजरी डालकर रास्ता बना दिया गया है। इस कच्चे रास्ते से ही रेत, गिट्टी, डामर से भरे डंपर, ट्रक, कंटेनर सहित अन्य दो, चार पहिया वाहन बड़ी संख्या में दिन रात निकलते है। सोमवार को दोपहर के समय कच्चे रास्ते पर सामान से भरा एक ट्रक फंस गया जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लग गई जिससे जाम की स्थिति निर्मित हुई। ऐसी स्थिति दिन में कई बार बनती है। जानकारी के अनुसार इस पुल का निर्माण बारिश से पहले बनकर तैयार होना है लेकिन अभी तक सिर्फ 10 प्रतिशत ही काम हो सका है जिसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। वाहन चालक मुकेश साहू, सतीश जैन, अनवार खान आदि ने बताया कि पुल तोड़कर आवागमन के लिए नदी में से कच्चा रास्ता बनाया गया है। इस कच्चे रास्ते पर अकसर ही वाहन खराब होकर फंस जाते है। जिससे जाम लग जाता है। जाम लगने से आवागमन में परेशानी होती है। बरसात तक पुल का निर्माण होना संभव नही लग रहा है। यदि बारिश से पहले पुल निर्माण नही हुआ तो परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। नगर के उमेश कुमार, संजीव जैन, मयंक, प्रदीप प्रजापति, कमलेश धाकड़ अादि ने प्रशासन से मांग की है कि तेज गति से पुल का निर्माण कराया जावे, ताकि आने वाली बारिश में लोगों को परेशानी न हो सके।



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Repeated jam in lockdown also, kachcha road designed for new bridge construction




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एसडीएम ने किया चना-मसूर उपार्जन केंद्र का शुभारंभ

समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले चना एवं मसूर के उपार्जन के लिए स्थापित किए गए केंद्र का शुभारंभ सोमवार को एसडीएम प्रियंका मिमरोट ने किया। इस मौके पर ग्रामीण क्षेत्रों से आए हुए कृषकों की उपज की तौल भी की गई।
समर्थन मूल्य पर चना एवं मसूर की उपज की खरीदी के लिए विकासखंड में 4 उपार्जन केन्द्र बनाए गए है। जिसमें विपणन सेवा सहकारी समिति, सेवा सहकारी समिति गैरतगंज एवं हिनोतिया महलपुर द्वारा यह केंद्र संचालित किए जाएंगे। सोमवार को एसडीएम प्रियंका मिमरोट ने विपणन सहकारी समिति के तौल कांटे का पूजन कर उपार्जन केंद्र का शुभारंभ किया। शुभारंभ के अवसर पर किसान मुकेश लोधी चांदपुर, खिलान सिंह चुरक्का एवं कमलरानी जैन गुंदरई के चने की तौल की गई। इस अवसर पर एसडीएम ने केन्द्र प्रबंधकों को सुचितापूर्ण ढंग से केंद्र संचालन के निर्देश दिए। इस मौके पर तहसीलदार अम्बर पंथी, एसएडीओ केके ठाकुर, खाद्य निरीक्षक मयूर मरकाम, प्रबंधक वीरू पटवा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।



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SDM inaugurated gram-masoor procurement center




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सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाने को लेकर लोग नहीं गंभीर, इसलिए प्रशासन ने लगाए बेरिकेट्स

प्रशासन ने सोमवार से छूट का दायरा बढ़ाते हुए सुबह 7 बजे से 2 बजे तक कर दिया है। इस दौरान दवा, सब्जी, किराना और कृषि यंत्रों की दुकानें ही खोलने की अनुमति दी है। लेकिन इन दुकानों पर छूट के दौरान एक साथ भीड़ जमा हो रही है। जिसके चलते संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
हालांकि यह अच्छी बात है कि नगर में अभी तक कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं निकला है लेकिन सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाने के प्रति जागरूक रहना चाहिए। सोमवार को बाजार में भीड़ देखकर ऐसा लगा कि जैसे मेला लगा हुआ है। बाजार में भीड़ ज्यादा होने के कारण प्रशासनिक अफसरों ने चारों तरफ से बेरिकेट्स लगवा कर वाहनों को बाहर ही खड़ा करवा दिया और खरीदारी करने वालों को पैदल ही खरीदारी करने की अनुमति दी जिसके बाद कुछ हद तक भीड़ को नियंत्रित किया जा सका है। वहीं बाजार में भी प्रशासनिक अफसर सोशल डिस्टेंस को लेकर लोगों को बार-बार समझाइश दे रहे हैं। लेकिन व्यापारी मुनाफे के कारण जहां ग्राहकों से स्वयं संक्रमित हो रहा है तो दूसरों को भी संक्रमित कर रहा है। कई किराना, दवा दुकानों पर सोशल डिस्टेंस को लेकर व्यवस्था ही नहीं की गई। न ही इसके लिए वह ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में यदि संक्रमण फैला तो इसका जिम्मेदार कोन होगा। यह समझ से परे हैं। जिला मुख्यालय पर 62 मरीज कोरोना पॉजिटिव मरीज निकले हैं जिसको लेकर प्रशासनिक अफसर पूरी तरह से सतर्क होकर व्यवस्था बना रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम के लोग भी जानकारी लगने पर तत्काल संदिग्ध के घर पहुंच रहे है ताकि उसका सैंपल लिया जा सके और मरीज व उसके परिजनों का तत्काल इलाज किया जा सके।

5934 लोगों को किया होम क्वारेंटाइन, 32 के लिए सैंपल
जिले में बढ़ने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए नगर अभी सुरक्षित बना हुआ है लेकिन इसमें आमजनों का सहयोग मिलता रहे तो कोरोना से जंग जीती जा सकती है। बता दें कि 20 मार्च से 4 मई तक तहसील में 5934 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया एवं 76 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया जिनमें कुल 32 लोगों की सैंपलिंग की गई इन में 28 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई एवं पांच लोगों की रिपोर्ट पेंडिंग है। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर 20 मार्च से ही प्रशासन के द्वारा नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा एवं जागरूकता को लेकर बरेली ब्लाक अंतर्गत आने वाले 255 गांवों में 51 एएनएम 241 आशा कार्यकर्ता 12 आशा सहयोगी 7 स्टाफ नर्स एवं साथ ही ओपीडी के बाद डॉक्टर जागरूक कर रहे हैं। वहीं आयुष के डॉक्टर आशीष खटीक इस दौरान अपनी सेवाएं सिविल अस्पताल बरेली में दे रहे हैं। बीएमओ डॉक्टर गिरीश वर्मा ने बताया की एसडीएम एवं जिला कार्यालय के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ए0एनएम आशा एवं आशा सहयोगी यों के द्वारा मास्क, सैनिटाइजर हाइडोक्लोरो क्यून गोली का वितरण किया जा रहा है। वहीं क्षेत्र के लिए यह सुखद खबर है कि जिन 5934 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया था उन लोगों में से 5314 के 14 दिन पूरे हो गए बाकि 619 लोगों अभी 14 दिन पूरे नहीं होने के कारण आने वाले दिनों में भी होम क्वारेंटाइन रहेंगे वर्तमान में बाड़ी एवं बरेली में पांच पांच लोग क्वारेंटाइन सेंटर में मौजूद हैं। होम क्वारेंटाइन लोगों के स्वास्थ्य सहित बाहर से आने वाले लोगों की प्रतिदिन की रिपोर्ट आशा एवं एएनएम के द्वारा ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराई जाती है।

होम क्वारेंटाइन लोग कर रहे थे व्यवसाय, पुलिस की जांच तो घर ही मिले
नगर में दीपक जैन, मुकेश जैन, प्रकाश जैन एवं अरविंद साहू, सीमा बाई को होम क्वारेंटाइन किया गया था। डॉक्टरों के पास सूचना मिली कि यह होम क्वारेंटाइन होकर भी व्यवसाय कर रहे है। डॉक्टरों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी, मौके पर पहुुंची पुलिस ने होम क्वारेंटाइन लोगों को घरों के अंदर पाया और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर ताला लगा हुआ था। जिसके बाद पुलिस समझाइश देकर वापस आ गई। होम क्वारेंटाइन लोगों पर जहां प्रशासनिक अफसरों की नजर है तो वहीं मोहल्ले के लोग भी इन लोगों पर नजर बनाए हुए हैं। इनके घर से बाहर निकलते ही तत्काल प्रशासन को सूचना दे रहे हैं ताकि संक्रमण से बचाव किया जा सके।

नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कर रहे कार्रवाई
बृजेंद्र रावत, एसडीएम के मुताबिक, लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई लगातार की जा रही है। आमजनों का सहयोग तो मिल रहा है लेकिन सोशल डिस्टेंस और मास्क के प्रति गंभीरता नहीं बरत रहे हैं। सभी शहरवासी संक्रमण से बचने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखें ताकि संक्रमण से बच सकें।



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People are not serious about social distance and masking, so the administration imposed barricades




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गो हत्या के विरोध में हिंदू संगठनों ने कलेक्टर और आईजी को ज्ञापन सौंपा

नगर के विभिन्न हिंदू संगठनों ने कलेक्टर उमा शंकर भार्गव और आईजी अरविंद सक्सेना को ज्ञापन सौंपकर 26-27 की रात में हुए गो हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वरिष्ठ व्यापारी शिवनारायण मालानी के नेतृत्व में संत समाज, व्यापार महासंघ, हिंदू उत्सव समिति ने ज्ञापन सौंपकर गो हत्या के हत्यारों को निष्पक्ष रुप से पकड़ने की मांग की। रेस्ट हाउस में आयोजित इस बैठक में समस्त हिंदू संगठनों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी बात रखी। संगठन की ओर से बृज गोपाल लोया द्वारा ज्ञापन पढ़कर संगठन का पक्ष रखा। आईजी अरविंद सक्सेना ने कहा कि वास्तव में यह हत्याकांड में दोषी को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। दोषी किसी समाज जाति का हो इसकी निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर कलेक्टर उमा शंकर भार्गव ने कहा कि बेकसूरों को दंडित नहीं किया जाएगा और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। व्यापारियों ने हिंदू संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके मंगलवार से बाजार खोलने की सहमति जताई। उल्लेखनीय है कि 27 तारीख को होने वाले इस गो हत्या को लेकर 30 मार्च को साधु संतों द्वारा भी ज्ञापन सौंपा गया था और शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की गई थी। सोमवार को भी उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांग दोहराई। इस अवसर पर एसडीएम बृजेंद्र सिंह,एसडीओपी अशोक घनघोरिया, पूर्व जनपद अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह,पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष केशव पटेल, हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बृज किशोर शर्मा, व्यापार महासंघ अध्यक्ष संजू रघुवंशी, मंडल अध्यक्ष ऋषि परमार मौजूद रहे।



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Hindu organizations submitted memorandum to Collector and IG in protest against cow slaughter