छोटे से थिएटर ग्रुप से की है अनुराग बसु ने अपने करियर की शुरुआत, बताया कैसा रहा है फिल्ममेकर बनने का सफर
पॉपुलर फिल्ममेकर अनुराग बसू आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। ऐसे में भास्कर से हुई खास बातचीत में उन्होंने बताया कि वो हर साल अपना जन्मदिन कैसे मनाते हैं। साथ ही अनुराग ने टीवी सीरियल से लेकर फिल्मों के निर्देशन तक के सफर से जुड़ीकुछ दिलचस्प बातें भी शेयर की हैं।
परिवार के साथ मनाते हैं जन्मदिन
जन्मदिन सुनते ही लगता है कि उम्र में एक साल का और इजाफा हो गया। हर साल मेरा बर्थडे लॉकडाउन जैसा ही होता है। मैं कभी बर्थडे पर बाहर नहीं निकलता। परिवार के साथ ही सेलिब्रेट करता हूं। कभी पार्टी वगैरह नहीं करता। हां कभी शूट टाइम पर जन्मदिन आता है तो केक वगैरह काट लेते हैं।
छोटे से थिएटर ग्रुप से की थी शुरुआत
मैं इंडस्ट्री में बहुत छोटे शहर भिलाई से आया था। वहां हमारा एक छोटा सा थिएटर ग्रुप था और मेरे पैरेंट्स दिन भर नौकरी और शाम को थिएटर करते थे। एक दिन श्याम बेनेगल ने पापा को ‘भारत की एक खोज’ के लिए बुला लिया और कुछ समय बाद मैंने भी मुंबई आकर ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। कंफ्यूज्ड था, तो अपने आपको एक साल का वक्त दिया। इस दौरान थिएटर करने लगा और एक्टिंग, राइटिंग और डायरेक्शन तीनों साथ करने लगा। टीवी पर आया तो डायरेक्शन और कैमरा वर्क करने लगा।
फिल्मों से पहले टीवी शो का किया है निर्देशन
फिल्मों में आने से पहले मैंने टीवी सीरियल्स के बहुत सारे एपिसोड डायरेक्ट किए। इतनी शूटिंग करता था कि कई बार तो घर ही नहीं जाता था। 7- 8 साल ऐसे निकल गए कि पता ही नहीं चला। उसके बाद जब फिल्मों में आया तो साल-डेढ़ साल में सुकून से एक फिल्म बनाता था। मुझे भाग-भागकर फिल्में बनाने की जरूरत महसूस नहीं होती।
फिल्मों में एक्टर देखने आते हैं दर्शक
17 साल के फिल्मी करिअर में ये कभी नहीं जान पाया कि दर्शकों को क्या पंसद आएगा। एक जगह पहुंचकर मैं सोचना बंद कर देता हूं कि किसको क्या अच्छा लगेगा। थोड़ा स्वार्थी हो जाता हूं। हालांकि मुझे इतना जरूर पता है कि इंडियन दर्शक फिल्म नहीं सितारे देखने आते हैं। वे फिल्म देखने आएंगे तो फिल्मों की क्वालिटी पर पैसा इन्वेस्ट होगा। लोग एक्टर को पूछते हैं इसलिए फिल्म का 70 परसेंट बजट एक्टर लेकर जाते हैं। यही वहज है कि फिल्मों में क्वालिटी वर्क नहीं हो पाता।
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