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40 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, नदी के रास्ते बंगाल से ला रहे थे शराब

पुलिस नेलॉकडाउन के दौरानचल रही शराब तस्करी कापर्दाफाश करते हुए बुधवार को दो लोगों को गिरफ्तारकर लिया। जबकि इनके दो साथी भागने में कामयाब रहे।इनके पास से पुलिस ने40 अंग्रेजी शराब की बड़ी बाेतलें बरामद की। तस्कर लॉकडाउन का उल्लंघन कर पश्चिम बंगाल से नदी के रास्ते झारखंड आ रहे थे। पुलिस नेमामला दर्ज कर गिरफ्तार तस्करों कोजेल भेज दिया है।

एसडीपीओ,निरसा विजय कुशवाहा ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी किबंगाल के बराकर से भारी मात्रा में शराब लाई जा रही है। इसके बाद पुलिस टीम बराकर नदी से आने वाले सभी रास्तों पर गुप्त रूप से निगरानी कर रही थी। तभी कुंदन साव व राजेश ठठेरा को पुलिस ने दबोच लिया।

पुलिस पूछताछ में उन्होंनेबताया कि वे लोग सूरज ठठेरा के यहां से शराब लेकर आ रहे थे।एसडीपीओ ने बताया कि पकड़ा गयाकुंदन,सरसा पहाड़ीस्थितएक होटल का संचालक है।कई बार उसके होटल मेंशराब को लेकर छापेमारी की गई पर हर बार वो भाग निकलता था।



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गिरफ्तार तस्करों के बारे में जानकारी देती पुलिस।




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जिले का दूसरा कोरोना संक्रमित भी हुआ स्वस्थ, प्रशासन ने 24 दिनों तक होम क्वारैंटाइन में रहने को कहा

जिले का दूसरा कोरोना संक्रमित मरीज भी स्वस्थ्य हो गया है। महिला मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बुधवार शाम को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने विदाई दी। महिला मरीज का बदडीहा स्थित एएनएम हॉस्टल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में इलाज चल रहा था। मौके पर डीसी राहुल कुमार सिन्हा, एसपी सुरेंद्र कुमार झा, सिविल सर्जन डॉक्टर अवधेश कुमार सिन्हा सहित कई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

इस दौरान डीसी ने वस्त्र, बुके और फल, तथा एसपी ने कुरान भेंट किया। महिला ने विदाई के दौरान उपस्थित सभी लोगों का आभार जताया। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला ने कहा कि 23 दिनों तक स्वास्थ्य कर्मियों ने उनकी देखभाल की। इस पल को वो जीवनभर नहीं भूल पाएंगी। उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि लॉकडाउन का पालन करें और जिन्हें बुखार या अन्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं वे तत्काल चिकित्सक से राय लें और खुद को होम क्वारैंटाइन करें, ताकि आपका परिवार स्वस्थ रह सके।

24 दिनों तक होम क्वारैंटाइन में रहेगी
डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि 55 वर्षीय महिला का रिपोर्ट 24 घंटे में दूसरी बार निगेटिव आयी। अब गिरिडीह जिला ग्रीन जोन में आ गया है। कहा कि महिला को बुधवार को उनके घर जेहनाडीह भेजा जा रहा हैं। उन्हें अपने घर मे 24 दिनों तक क्वारैंटाइन में रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी दूसरे प्रदेश से प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला जारी है। इस वजह से अभी सतर्क रहने की जरूरत है। कहा कि गिरिडीह पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों का सैम्पल लेने के बाद होम क्वारैंटाइन में रहने की सलाह दी जा रही है। बिना सैम्पल लिए किसी को भी घर जाने की इजाजत नही दी जा रही है।

बेटे के संपर्क में आने के बाद हुई थी पॉजिटिव
कोरोना की जंग जीतने वाली धनवार प्रखंड के जेहनाडीह की महिला का बेटा पहले कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। 23 मार्च को वह मुंबई से लौट था। 11 अप्रैल को कोडरमा में जांच के बाद वह पॉजिटिव पाया गया था। उसके बाद गिरिडीह जिला प्रशासन के द्वारा जेहनाडीह गांव को सील कर दिया गया था और उसके संपर्क में आये परिवार का सैम्पल जांच के लिए भेजा गया था। 13 अप्रैल को उसकी मां की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। 5 और 6 मई को कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिला प्रशासन के द्वारा उन्हें घर भेज दिया गया।



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महिला ने स्वस्थ्य होने के बाद संदेश दिया कि लॉकडाउन का पालन करें और जिन्हें बुखार या अन्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं वे तत्काल चिकित्सक से राय लें और खुद को होम क्वारैंटाइन करें, ताकि आपका परिवार स्वस्थ रह सके।




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सरयू राय का ग्रामीणों ने किया विरोध, भीड़ ने काफिला रोक वापस जाओ के लगाए नारे, कहा- चुनाव जीतने के तीन माह तक कहां थे

विधायक सरयू राय बुधवार को अपने समर्थकों के साथ बाबूडीह बस्ती पहुंचे। विधायक का काफिला देखते ही बस्तीवासी एकजुट हो गए और विरोध करने लगे। उनकी गाड़ी को घेर लिया और विधायक वापस जाओ, सिलेंडर छाप मुर्दाबाद के नारे लगाने लगी। यह देख विधायक सहित पूरा काफिला वापस लौट गया। लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि चुनाव जीतने के तीन माह बाद विधायक आए हैं। इतने दिनों तक उनकी सुध क्यों नहीं ली। लॉकडाउन में राशन तक नहीं मिला। इसके लिए राशन कार्ड और आधार कार्ड मांगा जा रहा है।

इस संबंध में पूछे जाने पर सरयू राय ने कहा कि उनका कोई विरोध नहीं हुआ है। वे बाबूडीह समेत चार जगहों पर राशन बांटने का जायजा लेने गए थे। उनके समर्थक लोगों को राशन बांटने के बाद वापस लौट रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने कार्यकर्ताओं की गाड़ी को रोक कर नारेबाजी की। ये लोग कौन हैं, आम जनता समझ सकती है। साथ ही प्रशासन को ऐसे लोगों को चिन्हित करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे और समर्थकों की ओर से लोगों के बीच लगातार राशन व भोजन बांटा जा रहा, जो कुछ लोगों को नागवार गुजर रहा है।

शिकायत नहीं करूंगा, प्रशासन वीडियो देख उपद्रवी तत्वों की शिनाख्त करे
सरयू राय ने कहा कि वे इस मामले में न तो किसी पर आरोप लगाएंगे, न ही शिकायत करेंगे। प्रशासन चाहे तो वीडियो देख कर घटना में शामिल उपद्रवियों की शिनाख्त कर सकता है। जिला प्रशासन और टाटा स्टील की ओर से राशन और भोजन वितरण का काम बंद हो गया है। ऐसे में विरोधियों को मेरी ओर से गरीबों के बीच भोजन व राशन बांटना नागवार गुजर रहा है। इसलिए वे विरोध कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए।

बाबूडीह में पानी पाइपलाइन किसने हटाई नहीं मालूम
बाबूडीह बस्ती में जलापूर्ति नहीं होने की शिकायत पर राय ने कहा कि उन्हें तो पता नहीं है कि बस्ती में पाइपलाइन किसने लगाई और किसने हटवा दी। चुनाव जीतने के बाद बस्ती में जुस्को से पानी सप्लाई कराने के लिए लगातार बात कर रहे हैं। जुस्को जीएम धनंजय मिश्रा ने इसके लिए बुधवार को भी बस्ती का जायजा लिया है।



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सरयू राय ने कहा कि वे इस मामले में न तो किसी पर आरोप लगाएंगे, न ही शिकायत करेंगे। प्रशासन चाहे तो वीडियो देख कर घटना में शामिल उपद्रवियों की शिनाख्त कर सकता है।




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आठ साल के बीमार बच्चे की जान बचाने के लिए युवक ने रोजा तोड़ा, किया रक्तदान

बगोदर प्रखंड के कुसमरजा में मानवीय चेहरा सामने आया है। माह-ए-रमजान में रोजेदार एक मुस्लिम युवक सलीम ने गंभीर रूप से बीमार गांव के बच्चे निखिल महतो की जिंदगी बचाने के लिए रोजा तोड़कर रक्तदान किया। हजारीबाग के एक नर्सिंग होम में कुसमरजा निवासी भिखारी महतो का 8 वर्षीय पुत्र निखिल कुमार इलाजरत है। बच्चे की जान बचाने के लिए खून की सख्त जरूरत थी। बच्चे को ए-पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता थी।

डॉक्टरों के कहने पर हजारीबाग स्थित ब्लड बैंक में परिजनों ने खून की तलाश की, लेकिन उपलब्ध नहीं हो सका। खून नहीं मिलने से परिजन परेशान थे। उन्हें बच्चे की जान बचाने की चिंता सता रही थी। बच्चे की मां भी काफी तनाव में थी। बच्चे के पिता ने हजारीबाग में भी कुछ लोगों से संपर्क साधा, लेकिन खून का जुगाड़ नहीं सका। परिवार के सभी सदस्य परेशान हो गए। उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा था कि वे करें तो करें क्या।

उधर, बच्चे को खून की जरूरत होने की जानकारी सलीम अंसारी को भी मिली, लेकिन समस्या यह थी कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन है। गिरिडीह जिले में भी लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। जानकारी मिलते ही सलीम ने लॉकडाउन के बावजूद हजारीबाग पहुंचकर बीमार बच्चे की जान बचाने के लिए रक्तदान की इच्छा जताई। रमजान का महीना होने के कारण सलीम रोजा पर थे। वह पुलिसकर्मियों की अनुमति लेकर हजारीबाग पहुंचा और सीधे उस नर्सिंग होम में गया, जहां बच्चे का इलाज चल रहा था।

नर्सिंग होम में मौजूद डॉक्टर ने सलीम अंसारी से कहा कि रक्तदान के लिए रोजा तोड़ना पड़ेगा। फिर क्या था, उसने निश्चय किया कि बच्चे की जान बचाने के लिए वह रोजा तोड़कर रक्तदान करेगा। डॉक्टर के कहने पर उसने पहले रोजा तोड़ा, फिर बच्चे की जान बचाने के लिए रक्तदान किया। मानवता की यह मिसाल देख ब्लड बैंक के लोग भी उसकी खूब तारीफ कर रहे थे। सलीम अंसारी यंग स्टार क्लब कुसमरजा के उपाध्यक्ष भी हैं। उनके इस मानवीय चेहरे को लेकर इलाके के लोग उनकी काफी तारीफ कर रहे हैं।



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नर्सिंग होम में मौजूद डॉक्टर ने सलीम अंसारी से कहा कि रक्तदान के लिए रोजा तोड़ना पड़ेगा। फिर क्या था, उसने निश्चय किया कि बच्चे की जान बचाने के लिए वह रोजा तोड़कर रक्तदान करेगा।




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रात में प्रेमी से मिलने गई युवती का रेलवे ट्रैक पर मिला क्षत-विक्षत शव, परिजनों ने कहा- हत्या कर शव फेंका

मनोहरपुर पुलिस ने मनोहरपुर-घाघरा के बीच डाउन रेल लाइन से लकड़ी डिपो क्षेत्र में रहनेवाली युवती सुमन लोहरा (18) का क्षत-विक्षत शव बरामद किया है। परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक सुमन बीती रात करीब 8 बजे अपने प्रेमी किशन गोप से मिलने घर से 1.5 किलोमीटर दूर नंदपुर पंचायत के पानी टंकी मुहल्ला स्थित उसके घर गई थी, लेकिन रात में वह घर नहीं लौटी। बुधवार को एक युवती का शव रेल लाइन पर मिलने की खबर पर शव देखने गया, तो पता चला कि मृतका उसके परिवार की सदस्य सुमन है।

परिजनों के अनुसार, किशन कई बार रात को उनके घर आकर रहता था। इधर, एक सप्ताह से वह नहीं आया तो सुमन बीती रात उसके घर गई। परंतु बुधवार को वह लौट कर नहीं आई। परिजनों का कहना है कि सुमन की हत्या कर शव को रेल लाइन पर फेंक दिया गया है, ताकि मामला खुदकुशी का लगे। देर रात रेल लाइन पर युवती का शव मिलने की सूचना के बाद रेल प्रशासन ने शव को पटरी से हटाकर किनारे कर दिया गया। मनोहरपुर थाना प्रभारी प्रदीप मिंज ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से युवती की मौत के कारणों का खुलासा होगा। फिर भी पुलिस सभी बिंदुओं पर अपनी पड़ताल कर रही है।

शादी के लिए किशन के परिजन नहीं थे तैयार
युवती के प्रेमी किशन ने बताया कि विगत दो सालों से सुमन के साथ उसका प्रेम-प्रसंग चल रहा था, परंतु उसके परिजन सुमन के साथ उसकी शादी के खिलाफ थे। बताया कि उसने कई रात सुमन के घर पर रहा है। साथ ही बताया कि बीती रात भी सुमन उसके यहां आई थी, लेकिन उसने रात होने की बात कर घर लौट जाने को कहा। साथ ही बताया कि परिजनों द्वारा मना करने पर वह बीती रात सुमन के साथ उसके घर नहीं गया। बताते चलें कि दोनों अलग-अलग जगहों पर मजदूरी कर अपना गुजारा करते हैं।



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परिजनों का कहना है कि सुमन की हत्या कर शव को रेल लाइन पर फेंक दिया गया है, ताकि मामला खुदकुशी का लगे।




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महिला से छेड़खानी और पुरानी रंजिश में अपहरण के बाद युवक की हत्या, नौ गिरफ्तार

शादीशुदा महिला से छेड़खानी, पुरानी रंजिश और अपने ही गिरोह में फूट की वजह से राजू नाम के युवक की अपहरण कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने हत्याकांड का उद्भेदन कर कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अपराधियों के पास से चार देसी कट्टा, चार जिंदा कारतूस, तीन खोखा, गुप्ती और 7 मोबाइल भी बरामद किया है। तीन दिनों से लापता राजू मंडल का शव पुलिस ने जिरवा बाड़ी थाना क्षेत्र के मदनसही टापुआ गंगा घाट के किनारे से बुधवार को बरामद कर लिया है।

जानकारी के अनुसार, झरना कॉलोनी इमली टोला निवासी गणेश मंडल ने अपने पुत्र का अपहरण कर हत्या किए जाने की शिकायत नगर थाना में की थी। अपने आवेदन में गणेश मंडल ने मोहल्ला के कुछ लोगों एवं अन्य लोगों को आरोपी बनाया था। युवक के लापता होने के अगले ही दिन रविवार की सुबह पुलिस को मामले की जानकारी दी थी। हालांकि घटना की रात 2 बजे ही पुराना साहेबगंज से एक महिला द्वारा गणेश मंडल को उनके पुत्र राजू मंडल की हत्या की सूचना दी गई थी। इसी सूचना पर गणेश मंडल अपने दूसरे पुत्र विनोद मंडल के साथ घटनास्थल पर जा रहे थे, तभी रास्ते में ही नामजद आरोपियों को उन्होंने लौटते देखा था। रात में उन्होंने मौखिक रूप से पुलिस को आरोपियों द्वारा हत्या करने की जानकारी दी थी।

रात में ही सूचना मिलने पर नगर थाना पुलिस नामजद आरोपियों के साथ साथ अन्य लोगों की सहायता से मामले के खुलासे में लगी थी। आखिरकार एसडीपीओ राजा कुमार मित्रा द्वारा गठित टीम ने सभी आरोपियों को एक-एक कर हिरासत में लेकर लगातार दो दिनों तक लंबी पूछताछ की, तो सभी टूट गए और हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली। फिर बुधवार की सुबह राजू मंडल के एक अन्य सहयोगी सोनू यादव की मदद से शव को पुलिस ने बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।

पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा ने बुधवार देर शाम बताया कि हत्या के एक गिरफ्तार आरोपी मानिक मंडल ने बताया कि राजू मंडल उसकी पत्नी से हमेशा छेड़छाड़ किया करता था और उसके प्रति बुरी नीयत रखता था। उससे बदला लेने के लिए उसने सहयोगियों की मदद से राजू मंडल का अपहरण कर दियारा इलाके में ले जाकर उसकी हत्या कर दी। एसपी ने बताया कि मारे गए युवक राजू मंडल का भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उसकी हत्या में उसके गिरोह के लोग भी शामिल हैं। इसके अलावा राजू मंडल की अपने ही गिरोह के अन्य साथियों से भी अनबन चल रही थी, जिन्होंने अन्य साथियों को भी उसके खिलाफ इकट्ठा करने में सहयोग किया।



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झरना कॉलोनी इमली टोला निवासी गणेश मंडल ने अपने पुत्र का अपहरण कर हत्या किए जाने की शिकायत नगर थाना में की थी।




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दान के भरोसे कब तक मिटेगी गरीबों की भूख, डेढ़ माह में सारी जमापूंजी कर डाली खर्च, अब रोटी पर भी संकट

लॉकडाउन के कारण गरीब तबके को आने वाले समय में और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सरकारी योजनाओं और दानदाताओं के भरोसे अब तक उन्हें किसी तरह दो वक्त की रोटी मिल रही थी, लेकिन लाॅकडाउन की अवधि बढ़ते रहने के कारण अब यह मदद नाकाफी साबित हो रही है। लोग जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परेशान हैं। अनुमंडल में इस समय हजारों की संख्या में लोग दूसरे प्रदेश से अपने गांव लौट आए हैं। इस इलाके में पहले ही रोजगार के साधन सीमित हैं। उद्योग-धंधे न होने के कारण हजारों लोग सब्जी दुकान, चाट व सीजनेबल सामग्री बेचकर अपने परिवार का खर्च चलाते हैं। एक तबका ऐसा भी है जो जंगली उत्पाद बेचकर अपना परिवार चलाता है। लॉकडाउन की वजह से ये करीब डेढ़ माह से घरों में हैं। जो पैसा जमा किया था, वह भी खत्म हो गया है। ऐसे में जब तक लोग पहले की तरह अपने रोजगार धंधे से नहीं जुड़ेंगे, तब तक परिवार का खर्च चलाना काफी मुश्किल है।

नहीं मिल रही पेंशन, खाने के लाले : घाटशिला प्रखंड के हलुदबनी के सबर परिवार की हालत काफी दयनीय है। वनोत्पाद बेचकर परिवार का खर्च चलाते थे। अब हाट बाजार नहीं लगने के कारण वे वनोत्पाद नहीं बेच पा रहे हैं। वाहन नहीं चलने के कारण शहर नहीं जा रहे हैं। पुलिस के डर से घर के नहीं निकल रहे हैं।

सबर परिवार के सदस्य बताते हैं- मजदूरी कर बच्चों का पालन पोषण करते थे। लॉकडाउन में राशन दुकान से चावल मिला था, जो खत्म हो गया। शाम के समय कुछ लोग भोजन दे जाते हैं, लेकिन ऐसा कब तक चलेगा। सरकार को हमारे लिए भी कुछ सोचना चाहिए। हमारे छोटे-छोटे बच्चों को पहनने के लिए कपड़े भी नहीं हैं। रवि सबर बटाईदारी पर खेती करने का विचार कर रहा है। इसके लिए खुद ही हल तैयार कर रहा है।



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How long will the poor's hunger depend on donations, the entire capital spent in one and a half months, now even the bread crisis




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गिधिविल में सांप के डंसने से बच्ची की मौत, पांच घंटे तक झाड़फूंक करने के बाद पहुंचाया गया अस्पताल

बड़ाखुर्शी पंचायत के गिधिविल गांव निवासी खेलाराम हेम्ब्रम की पुत्री बेबिका हेम्ब्रम (12 वर्ष) की सांप के डंसने से माैत हाे गई। खेलाराम हेम्ब्रम व उनकी पत्नी जमशेदपुर के मिर्जाडीह में रहकर मजदूरी करते हैं। दाेनाें को दाे बेटी और एक बेटा है।मंगलवार काे दाेनाें पति-पत्नी काम पर गए थे। शाम को दोनों घर पहुंचे ताे बेटी बेबिका हेम्ब्रम सोयी है। इस संबंध में दूसरे बच्चाें से पूछने पर पता चला कि वह बाहर खेलने गई थी। खेलने के बाद घर लाैट कर साे गई। बच्ची काे कब संाप ने डंसा किसी ने नहीं देखा। 108 एंबुलेंस काे सूचना दी गई।

सूचना पाकर एंबुलेंस पहुंची बच्ची काे एमजीएम ले जाया गया, जहां चिकित्सकाें ने उसे मृत घाेषित कर दिया। इससे पूर्व मंगलवार की रात काे खेलाराम हेम्ब्रम व उनकी पत्नी शव लेकर गिधिविल गांव पहुंचे। सांप के डंसने की सूचना देकर ओझा काे बुलाया गया। सूचना पाकर तीन ओझा पहुंचे। तीनाें ने शव की झाड़फूंक शुरू की। बुधवार की सुबह बैतालपुर के ओझा पहुंचे और पूजा पाठ शुरू की। इस दाैरान ग्रामीणाें ने शव की सूचना मेडिकल टीम काे दी। मेडिकल टीम एंबुलेंस लेकर गिधिविल गांव पहुंची। लेकिन परिवार के लाेगाें ने शव ले जाने का विराेध किया। परिवार के लोगाें का कहना था कि झाड़फूंक के बाद बच्ची जिंदा हाे जाएगी। इस दाैरान मेडिकल टीम इंतजार करती रही। करीब पांच घंटे पूजा पाठ के बाद ओझा वहां से गायब हो गया। ओझा ने ग्रामीणाें काे झांसा दिया कि वाे आम पेड़ के नीचे पूजा पाठ करेगा और फरार हाे गया। ग्रामीणाें ने परिवार वालों को समझाया तब जाकर मेडिकल टीम को शव की जांच करने की अनुमति दी गई। मेडिकल टीम ने शव अनुमंडल अस्पताल घाटशिला भेज दिया।



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Child dies of snake bite in Gidhivil, rushed to hospital after flick for five hours




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अगले 24 घंटे में गरज के साथ होगी बारिश, पूरे सप्ताह छाए रहेंगे बादल

बुधवार को दिन में बादलों के छाए रहने और हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से गर्मी से राहत मिली है। दिन के तापमान में एक और रात में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का मानना है कि पूरे सप्ताह बादल छाए रहेंगे। अगले 24 घंटे दिन में तेज हवा के साथ बादल गरजेंगे और बारिश होगी।


इधर, 10 मई तक लगातार तेज बारिश और बिजली चमकने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार अफगानिस्तान के ऊपर एक किमी ऊंचाई पर पश्चिमी विक्षोभ ट्रफ लाइन के रूप में सक्रिय है। इससे बंगाल की खाड़ी के ऊपर मजबूत चक्रवात बना हुआ है। इन दोनों के बीच से एक ट्रफ लाइन गुजर रही है, जिससे आने वाले 24 घंटे क्षेत्र में 20 किमी प्रति घंटा से अधिक रफ्तार से तेज आंधी चलेगी और ओलावृष्टि हो सकती है।



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चाकुलिया : एसबीआई के पास दो बाइक की भिड़ंत, पांच लाेग घायल

चाकुलिया नया बाजार मुख्य सड़क पर पुराना एसबीआई बैंक के समीप बुधवार की शाम दो बाइक की आमने-सामने की भिड़ंत हो गई। जिससे पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसके बाद घटनास्थल पर स्थानीय लोगों की काफी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने तत्काल 108 एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया। जिसमें लादकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। वहां डॉ सीबी चौधरी ने सभी का इलाज किया। जानकारी के मुताबिक खाडबांधा गांव का निवासी हाड़ी राम मुर्मू अपने पत्नी, बच्चे और बहन के साथ बाजार से घर जा रहे थे।

तभी विपरीत दिशा से आ रहा लुआग्राम निवासी ट्रैक्टर चालक गोपी नाथ हांसदा लोधाशोली से काम कर अपने घर लौट रहा था। दोनों की बाइक जैसे ही पुराना एसबीआई बैंक के पास पहुंचा दोनों बाइकों की आमने-सामने से भिड़ंत हो गई। बाइक पर सवार पांचों गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी देते हुए डॉ सीबी चौधरी ने बताया कि दोनों ही बाइक चालक के सर पर चोट आई है। वही महिला और बच्चे को आंशिक चोट पहुंची है। बता दे की दोनों बाइक चालकों ने हेलमेट नहीं पहन रखा था। जिससे दोनों के सर पर गंभीर चोट आई है।



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Chakulia: Two bikes collide with SBI, five people injured




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दूसरे राज्य से आने वाले हर व्यक्ति का होगा कोरोना टेस्ट, घाटशिला के स्कूलों में किया जाएगा क्वारेंटाइन

झारखंड सरकार द्वारा दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की घर वापसी का फरमान जारी होने के बाद अनुमंडल के विभिन्न स्कूलों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन द्वारा पंचायत स्तर पर स्कूलों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी है। यहां 20-20 प्रवासी मजदूरों को रखने का निर्देश दिया गया है। बाहर से आए सभी व्यक्तियों का स्वाब सैैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी के लिए सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद ने दो सदस्यीय टीम गठित की है। इसमें कोविड सर्विलांस टीम के डिस्ट्रिक को-अाॅर्डिनेटर डॉ. अरविंद कुमार लाल व जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. असद शामिल हैं।


इधर, दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के संक्रमित होने की आशंका से क्वारेंटाइन सेंटरों के आस-पास रहने वाले लोगों में डर बना हुआ है। मजदूरों को स्कूल में क्वारेंटाइन करने को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा भी कर रहे हैं। घाटशिला शहरी क्षेत्र केे स्कूलों में भी क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेेजा गया है। यहां ट्रेन से दूसरे राज्य के प्रवासी मजदूरों तथा विद्यार्थियों को लाया जाएगा। इसके लिए घाटशिला स्टेशन पर तैयारी शुरू कर दी गई है। रेलवेे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि अाने वाले प्रवासी मजदूरों की निगाहबानी की जा सके। अधिकारियों की मानें शहरी इलाके में 500 व्यक्तियों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए स्कूल भवनों का चयन किया है।

जवान की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव
घाटशिला आरपीएफ बैरक के एक जवान की कोरोना जांच की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आने के बाद स्टेशन क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। 23 अप्रैल को घाटशिला आरपीएफ बैरक में ठहरे एक जवान के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि के बाद शहर में खलबली मच गई थी। उक्त जवान के साथी का पांशकुड़ा मेडिकल अस्पताल में इलाज कराया गया। वहां उसकी पहली और दूसरी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। प्रशासन ने स्टेशन क्षेत्र के कंटेनमेंट एरिया घोषित कर रखा है। इसकी अवधि 6 मई को पूरी होने के बाद इसे मुक्त किया जाएगा।


सांस की परेशानी से महिला की माैत

घाटशिला के सादपुर निवासी महिला काे सांस की तकलीफ के बाद मंगलवार देर रात एमजीएम ले जाने के दाैरान रास्ते में माैत हाे गई। शव को एमजीएम की माॅर्चरी में रखा गया है। सर्विलांस टीम ने महिला का सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेज दिया। महिला के साथ अाए परिजन की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है।
परिजनों ने बताया- वे महिला काे पहले सीएचसी ले गए। वहां डाॅक्टर की सलाह पर एंबुलेंस से एमजीएम अस्पताल लेकर आ रहे थे। लेकिन रात 12.15 बजे रास्ते में ही महिला की मौत हो गई।

पंचायत प्रतिनिधि बोले- स्कूल में सेंटर खोलना खतरनाक
इधर पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि पंचायत स्तर के स्कूलों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जाना गलत है। बच्चों की पढ़ाई बंद कराकर उन्हें संक्रमित होने से बचाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन स्कूलों में मजदूरों को ठहराकर कहीं न कहीं प्रशासन बिन बुलाय खतरा मोल ले रहा है। इन दिनों नए संक्रमित मामले प्रवासी मजदूरों के ही निकले हैं। ऐसे में यह खतरनाक सािबत हो सकता है।



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Everyone coming from other states will have corona test, quarantine will be done in Ghatshila schools




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बाड़ेदा के 211 ग्रामीणों को दिया 10-10 किग्रा चावल

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर किए गए लॉक डाउन में गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए बुधवार को फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के सुदूरवर्ती जंगलों के बीच में बसे गाँव बाड़ेदा में 211 गरीब ग्रामीणों के बीच 10-10 किलोग्राम चावल विधायक रामदास ने एमओ सिद्धेश्वर पासवान के उपस्थिति में वितरण किया। इससे ग्रामीणों के चेहरे में खुशी की लहर दौड़ गई है। इस संबंध में विधायक रामदास सोरेन ने बताया कि लॉक डाउन में गरीबों को काफी मुश्किल हो रही है। ऐसे सुदूरवर्ती गाँव के ग्रामीणों को पिछले सरकार ने राशन कार्ड से वंचित कर दिया था। जिससे गरीबों को राशन का लाभ नहीं मिल पा रहा था। जबकि मुसाबनी प्रखंड में कुल 3,346 ग्रामीणों ने राशन कार्ड बनवाने को लेकर ऑन लाईन पंजीकरण कराया है। वहीं फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के 211 ग्रामीणों ने भी राशन कार्ड बनाने हेतु पंजीकरण कराया है।

लेकिन इन लोगों को राशन की सुविधा नहीं मिल रही थी। इस अवसर पर विधायक रामदास सोरेन के सौजन्य से 100 ग्रामीणों को फेस मास्क और छोटे छोटे बच्चों को बिस्कुट का भी वितरण किया गया। चावल वितरण कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रखंड प्रमुख पान मुनी मुर्मू,झामुमो नेता कान्हू सामंत, के बी फरीद,प्रखंड अध्यक्ष प्रधान सोरेन,जिप सदस्य बाघराय मार्डी,जिला उपाध्यक्ष सागेन पूर्ति,सोमाय सोरेन,गोरांगो माहाली,कानू टुडू,राम चन्द्र मुर्मू,रविन्द्र नाथ मार्डी,पंसस पावर्ती सिंह,सुनील किस्कु,लखी हाँसदा,सुनील हाँसदा,प्रियनाथ बास्के,गोविंद बास्के सहित ग्रामीण उपस्थित थे।



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211 villagers given 10-10 kg rice to Badeda




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उत्तरी ईचड़ा में मजिस्ट्रेट ने पीडीएस दुकान में खड़े होकर कराया चावल-दाल का वितरण

मुसाबनी प्रखण्ड के उत्तरी इंचड़ा पंचायत में बुधवार को जिला के उपायुक्त के दिशा निर्देश पर दंडाधिकारी के रूप में नियुक्त मुरारी मोहन भकत ने खुद खड़े होकर जन वितरण प्रणाली दुकान से लाभुकों को चावल एवं चना दाल का वितरण कराया। जिसमे उन्होंने बताया कि उरांव टोला के किरण महिला समूह द्वारा 910 किलाे चावल एवं 36 किलाे चना दाल एवं धर्मडीह के प्रगतिशील महिला समूह के दुकान से 18 क्विंटल 60 किलाे चावल एवं 42 किलाे चना दाल का वितरण किया गया। उन्होंने इस दौरन सामाजिक दूरी एवं मास्क पहनना पर विशेष ध्यान भी दिया। दण्डाधिकारी ने बताया कि लाभुकों को चावल व दाल सही रुप में वितरण किया जाएगा किसी प्रकार की काला बाजारी नहीं करने दिया जाएगा। वही दंडाधिकारी के नियुक्ति के बाद पीडीएस दुकानदारों में हड़कम्प मच गया है अब उन्हें कालाबाजारी करने में काफी परेशानी हो रही है। पहले काफी लोगों द्वारा चावल की कालाबाजारी की शिकायत डीसी से किया था।



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Magistrate distributes rice and pulses by standing in PDS shop in North Ichara




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मिदनापुर के लिए निकले 17 मजदूर, बिना रोकटोक रांची से धालभूमगढ़ पहुंच गए

लाॅकडाउन में अपने क्षेत्र से पलायन करने वाले लोगों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना की रोकथाम में लगे अधिकारी-कर्मचारियों से लेकर आम लाेग इसकी गंभीरता को नहीं समझ पा रहे हैं। इसकी एक बानगी बुधवार को देखने को मिली।रेड जोन बने रांची से 17 मजदूर कभी ट्रक तो कभी पैदल चलकर 180 किमी का रास्ता तय करके धालभूमगढ़ पहुंच गए। इस दौरान रास्ते में उनकी किसी तरह की जांच नहीं हुई। ये सभी पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जाने के लिए रांची से निकले थे।

धालभूमगढ़ में बाहरी लोगों को देख ग्रामीणों ने रोका तो कुछ मजदूर भाग खड़े हुए। थककर चूर दो मजदूर रूक गए और अपनी संघर्ष की दास्तां बयां की। लॉकडाउन से दो दिन पहले पहुंचे थे रांची : मजदूराें ने बताया- मिदनापुर का एक ठेकेदार लाॅकडाउन के दो दिन पहले उन्हें रांची ले गया था। वहां एक प्राइवेट स्कूल में काम करना था। लाॅकडाउन शुरू होने के कुछ दिन बाद ठेकेदार इकराम ने संपर्क करना छोड़ दिया। हमारे पास घर से लिए पैसे के अलावा कुछ नहीं था। रांची को रेड जोन घाेषित किए जाने के बाद ताे खाने के लाले पड़ने लगे। घर से काेई निकलने ही नहीं देता था। हमलाेगाें ने तय किया कि सड़क मार्ग से पश्चिम बंगाल की ओर निकलेंगे। चेकनाकाें पर गाड़ियाें की चेकिंग नहीं हाेने से हमारा काम आसान हो गया। रास्ते में कहीं पूछताछ नहीं हुई।

मजदूर साहेब ने बताया- वे सभी पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के सबंग अनुमंडल के खड़िका गांव के रहने वाले हैं। वे सभी रांची के अशोकनगर में कारपेंटर का काम करते हैं। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से उनके घर वापसी की पहल नहीं करने के कारण अब वहां के मजदूर रोज पलायन कर रहे हैं। वे सभी मंगलवार काे पैदल रांची से मिदनापुर के लिए निकलेे। वाहनों से लिफ्ट लेकर किसी तरह बुधवार सुबह जमशेदपुर पहुंचे। पारडीह में दो ट्रकों के चालकों से पश्चिम बंगाल तक ले जाने की बात हुई। वह साथी नावेद के साथ ट्रक पर चढ़ा ही था कि वाहन चल पड़ा। ट्रक चालक ने उन्हें धालभूमगढ़ रेलवे ओवरब्रिज के पास चाय दुकान पर छोड़ दिया। थोड़ी देर बाद अन्य साथी दूसरे ट्रक से पहुंचे। गाड़ी से उतरने के क्रम में किसी आदमी ने उन्हें आवाज दी तो वे डर से भाग निकले।



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17 laborers left for Midnapore, reached Dhalbhumgarh from Ranchi without stopping




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देवघर से पश्चिम बंगाल के लिए निकले 33 मजदूराें काे चाकुलिया में कराया भाेजन

पश्चिम बंगाल के 33 मजदूरों को लेकर बुधवार को देवघर से एक बस चाकुलिया पहुंची। चाकुलिया में सीओ अरविंद कुमार ओझा एवं थाना प्रभारी अनिल कुमार नायक ने मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र में बस को रोककर मजदूरों को भोजन कराया। इसके बाद पदाधिकारियों ने चाकुलिया की सीमा पर पश्चिम बंगाल के औडो में जाकर सभी मजदूरों को बस से उतारा। बंगाल के पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष मजदूरों को पहुंचा कर बस वापस देवघर लौट गई। मजदूरों ने बताया कि वे बिहार के बरौनी में एक कंपनी में काम करने के लिए गए थे।

लाॅकडाउन शुरू होने पर वह अपने घर के लिए निकल पड़े। झारखंड की सीमा में प्रवेश करते ही उन्हें पकड़कर क्वारेंटाइन कर दिया गया। 35 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहने के बाद देवघर के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारियों की पहल पर उन्हें बस से उनके घर पहुंचाया गया। सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के जांबमी थाना क्षेत्र एवं लालगढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। मजदूरों में सिबल मांडी, कालीचरण मांडी, जीवन हांसदा, रविन्द्र सोरेन, पीतांबर सोरेन, भीम मांडी आदि शामिल हैं।



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33 Majduras set out from Deoghar for West Bengal




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ईंट भट्ठा मालिक ने छत्तीसगढ़ से आए 50 मजदूरों को मारपीट कर निकाला, प्रदर्शन

पोटका थाना के बांगो गांव में आरबीपी ईंट भट्ठा में छत्तीसगढ़ से आए 15 मजदूरों समेत करीब 50 लोगों को भट्ठा मालिक ने बुधवार को मारपीट कर वहां से निकाल दिया। इसके बाद बांगो गांव के ग्रामीणों के सहयोग से उन्हें गांव के स्कूल में शरण दिया गया। ग्रामीणों में भट्ठा मालिक के प्रति भारी आक्रोश है। ग्राम प्रधान फटिक गोप के नेतृत्व में ग्रामीणों ने भट्ठा में जाकर विरोध प्रदर्शन भी किया। ग्राम प्रधान फटिक गोप ने कहा- नवंबर से भट्ठा में काम करने के लिए 15 मजदूर समेत 50 लोग छत्तीसगढ़ के विलासपुर से आए थे। इसमें 12 महिलाएं एवं 12 बच्चे भी शामिल हैं। उनको भट्ठा के मैनेजर ममता ने बुधवार को मारपीट कर बाहर निकाल दिया है। उनको मंगलवार से खाना पीना का राशन भी नहीं दिया जा रहा है। सभी को ग्रामीणाें की मदद से खाना खिलाया भी जा रहा है। इसमें एक महिला गर्भवती भी है उसके साथ मारपीट भी की है। ग्रामीणों ने कहा- अगर भट्ठा मालिक ने मजदूरों को खाना नहीं उपलब्ध कराया, ताे ईंट भट्‌ठा बंद कर दिया जाएगा। वहीं भट्ठा मालिक राजेश सिंह ने कहा कि ये लोग ब्लैकमेल कर रहे हैं।



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Brick kiln owner killed 50 laborers from Chhattisgarh, demonstrating




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असमय बारिश ने किसानाें के सपनाें पर फेरा पानी हजारों की तैयार सब्जी-तरबूज की फसल बर्बाद

असमय तेज बारिश और आंधी से घाटशिला क्षेत्र में माैसमी सब्जी खेती पर प्रभाव पड़ा है। लाॅकडाउन में भारी क्षति का सामना कर रहे सब्जी खेती करने वाले किसानाें काे बारिश और आंधी से दाेहरी मार झेलनी पड़ रही है। लगातार हाे रही बारिश से खेताें में जल जमाव के कारण सब्जी की फसल खेत में ही सड़ने लगी है। दामपाड़ा घटीडूबा गांव में सब्जी खेती करने वाले किसानाें काे भी बारिश से भारी क्षति का सामना करना पड़ रहा है। उनकी तैयार फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।

क्या कहते हैं किसान

केसीसी लेकर की थी सब्जी की खेती : घटीडूबा गांव के माैसमी सब्जी खेती करने वाले किसान शिवनाथ मानकी ने बताया कि बेमाैसम बारिश से ढाई बीघा में लगी लाैकी, काेहड़ा की फसल खेत में ही सड़ने लगी है। उन्हाेंने बैंक से केसीसी लाेन लेकर सब्जी की खेती की थी। उनके खेत में लाैकी और काेहड़ा की अच्छा पैदावार भी हुई थी। लाॅकडाउन के कारण वे जब तक बाजार में अपनी उत्पादित फसल काे बेचते उससे पहले ही बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। अगर सब ठीक रहता ताे उन्हें 60-70 हजार रुपए तक की कमाई हाे जाती। लेकिन बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।
बारिश ने उम्मीदाें पर फेरा पानी : घटीडूबा के लखीकांत महताे ने तीन बीघा में गर्मा टमाटर, लाैकी, नेनुवा की खेती की थी। लेकिन बारिश से उनकी सभी फसल तबाह हाे गई है। फसल बेच कर उन्हें 30-40 हजार रुपए की आमदनी हाेती। बेमाैसम बारिश और लाॅकडाउन ने उन्हें तबाह कर दिया है। लखीकांत महताे ने बताया कि खेती के लिए उन्हाेंने बाजार से कर्ज लेकर बीज और खाद खरीदा था। उन्हाेंने साेचा था कि तैयार फसल बेचने के बाद कर्ज की राशि वे चुका देंगे। लेकिन सब गड़बड़ हो गया।

दिव्यांग की तरबूज की खेती बर्बाद : घटीडूबा निवासी एक हाथ से दिव्यांग किसान सुखदेव मानकी ने 7 बीघा में तरबूज, भिंडी समेत अन्य माैसमी सब्जी की खेती की थी। खेत में फसल की पैदावार भी अच्छी हुई थी। लाॅकडाउन और बारिश ने उनकी फसल काे तबाह कर दिया। खेत में तैयार तरबूज समेत अन्य सब्जी की फसल खेत में ही सड़ रही है। दिव्यांग हाेने के बाद भी खेती की थी।


सहदेव गाेप की दो बीघा में लगी कोहड़ा की फसल सड़ने लगी : घटीडूबा के सहदेव गाेप ने 2 बीघा में काेहड़ा की खेती की थी। लेकिन बारिश से सब कुछ बर्बाद हो गया। खेत में ही काेहड़ा सड़ने लगा है। उन्हाेंने अपनी तैयार फसल बेचने के लिए खरीदार भी तय कर लिया था। लेकिन, जब तक काेहड़ा बाजार ले जाते, उससे पहले ही बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।



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The untimely rains ruined the dreams of the farmers and prepared thousands of vegetable-watermelon crops.




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राज्य के 1233 श्रमिक परिवार सूरत से पहुंचे धनबाद, कहा - 29:30 घंटे के सफर में पानी तक नहीं मिला

सूरत से स्पेशल ट्रेन से 1233 प्रवासी श्रमिक परिवार बुधवार काे धनबाद पहुंचे। 29:30 घंटे का सफर तय करने के बाद जब वे अपने राज्य पहुंचे ताे उनके चेहरे पर खुशी के साथ थकान और परेशानियाें का सबब भी था। सूरत से धनबाद की 1775 किमी यात्रा के लिए उन्हें 750-720 रुपए चुकना पड़ा। पैसे दिए तो ट्रेन की टिकट मिली। साेचा था सरकार की ओर से खाने-पीने का उत्तम व्यवस्था हाेगी, लेकिन खिचड़ी और बिरयानी खाकर भूख मिटानी पड़ी। चाय और नाश्ता तक नहीं मिला। इस तपती गर्मी में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गए।

तमाम मुश्किलों के के बीच सुबह 4:35 बजे प्रवासी परिवार धनबाद रेलवे स्टेशन पहुंचे। सेनेटाइजर से हैंड वॉश कराया गया। मेडिकल जांच हुई, जिसमें सभी स्वस्थ्य पाए गए। इसके बाद फूल देकर स्वागत किया गया। सभी काे अल्पाहार दिया गया। स्टेशन परिसर में ही बसाें में बैठाकर गृह जिला के लिए भेज दिया गया। माैके पर उपायुक्त अमित कुमार एसएसपी अखिलेश बी वारियार और सीनियर डीसीएम अखिलेश कुमार पांडेय सहित प्रशासन, पुलिस विभाग व धनबाद रेल मंडल के अधिकारी और कर्मचारी माैजूद थे।

सबसे अधिक 1157 यात्री गिरिडीह के थे | सूरत से आने वाली ट्रेन से प्रवासी श्रमिकों को सबसे आगे और सबसे पीछे की बोगी से प्लेटफॉर्म पर उतारा गया। सूरत से अाने वाले कामगाराें में सबसे अधिक 1157 प्रवासी गिरिडीह जिला के थे। जबकि देवघर के 40, धनबाद के 2, दुमका एवं हजारीबाग के 1- 1, कोडरमा के 5 तथा रांची के 27 श्रमिक थे।

सूरत से 1198 लोगों काे लेकर आज भी आएगी ट्रेन

गुजरात से धनबाद के लिए दूसरी ट्रेन भी खुल गई है। सूरत से खुली यह दूसरी स्पेशल ट्रेन गुरुवार को 1198 प्रवासी मजदूरों को लेकर सुबह 3:15 बजे धनबाद स्टेशन पहुंचेगी। डीसी अमित कुमार ने बताया कि सूरत से 22 बोगियों के साथ आने वाली ट्रेन में झारखंड के गिरिडीह, देवघर, कोडरमा, हजारीबाग, जामताड़ा, सिमडेगा, सरायकेला, पलामू, लातेहार, गढ़वा तथा चतरा जिले के प्रवासी मजदूर हैं। ट्रेन में सबसे अधिक गिरिडीह के 1094 मजदूर हैं। जबकि देवघर के 7, कोडरमा के 30, हजारीबाग के 11, जामताड़ा, सिमडेगा और सरायकेला के 1-1, पलामू के 29, लातेहार के 3, गढ़वा के 2 तथा चतरा के 5 श्रमिक ट्रेन में सवार हैं। सभी काे उनके गृह जिला पहुंचाने के लिए स्टेशन पर 56 बसाें की व्यवस्था की गई है।

वेल्लाेर से ट्रेन चलाने की विधायक ने की मांग

लाॅकडाउन के कारण वेल्लाेर में फंसे झारखंड के लाेगाें काे वापस लाने के लिए विधायक राज सिन्हा ने पीएम अाैर सीए को पत्र लिखा है। विधायक ने वेल्लाेर से धनबाद के लिए ट्रेन चलाने की मांग की है। विधायक ने कहा कि हजाराें की संख्या में लाेग वेल्लाेर में फंसे हुए हैं। वहां फंसे लाेगाें का जीवन-यापन मुश्किल हाे गया है।

तेलंगाना से 1400 लोगों को लेकर आएगी ट्रेन

तेलंगाना राज्य के लिंगमपाली से एक विशेष ट्रेन चलेगी। यह ट्रेन लगभग 14 साै मजदूराें काे लेकर शुक्रवार काे दाेपहर 12:30 बजे धनबाद पहुंचेगी। कुल 24 काेच हाेंगे। ट्रेन लिंगमपाली से खुलकर बल्हारशा, नागपुर, इटावा, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, गया हाेते हुए धनबाद पहुंचेगी।



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1233 laborers of the state reached Dhanbad from Surat, said - no water was found in 29:30 hours journey




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इधर, बस से लाैटे यात्रियों की 5 घंटे बाद हुई स्क्रीनिंग

सूरत से धनबाद पहुंचे यात्रियाें काे मेडिकल जांच के लिए पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा। यात्री बस से सुबह सात बजे धनबाद पहुंचे थे। सभी काे जांच के लिए गाेल्फ ग्राउंड भेजा गया था। इसी समय मेडिकल टीम भी गोल्फ ग्राउंड पहुंच गई, लेकिन पीपीई कीट, हेड कवर सहित अन्य सुविधा नहीं मिलने के कारण यात्रियाें की स्क्रीनिंग करने से डाॅक्टरों ने इंकार कर दिया। मेडिकल टीम सुविधा मिलने के इंतजार में बैठी रही। दाेपहर 12 बजे तक एक भी यात्रियाें की स्क्रीनिंग नहीं हुई। खबर स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची ताे यात्रियाें की जांच कराई गई।

चिकित्सक ने कहा- बगैर सुरक्षा कैसे करें जांच

मेडिकल टीम में शामिल सदर अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. एम नारायण ने कहा कि यात्रियाें की जांच के लिए सुबह 7 बजे बुलाया गया था। सभी समय पर पहुंच गए, लेकिन पीपीई कीट, हेड कवर, मास्क तक नहीं दिया गया।

यात्रियाें की स्क्रीनिंग के लिए पीपीई किट की जरूरत नहीं है। यह सब काम नहीं करने का बहाना है। पीपीई किट की जहां जरूरत है, वहां दी जाएगी, वेस्ट करने के लिए नहीं पीपीई किट नहीं दी जा सकती।''
- डॉ. राजकुमार, नाेडल अफसर, सदर अस्पताल क्वारेंटाइन सेंटर



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Here, 5 hours screening of latte passengers by bus




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कोरोना जांच के लिए चार मृतक समेत 127 लोगों का लिया स्वाब

जिले में बुधवार को चार मृतक समेत 127 लोगों का कोरोनावायरस जांच के लिए सैंपल लिया गया। सदर अस्पताल में 97और पीएमसीएच में 30 संदिग्ध का स्वाब लिया गया। वहीं, सूरत से लौटे धनबाद के दो लोगों को हॉस्पिटल क्वारेंटाइन में रखा गया। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को 159 संदिग्धों को क्वाेरंटाइन पर रखा गया है। इधर, कोविड-19 अस्पताल में भर्ती दो संक्रमित मरीजों की देखभाल व इलाज में लगाए गए 17 डॉक्टर्स व अन्य कर्मियों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। कर्मियों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद विभाग ने राहत की सांस ली। धनबाद पीएमसीएच लैब से बुधवार को जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार कुल 155 सैंपलों की जांच की गई। इनमें सभी सैंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। धनबाद में लिए गए स्वाब की जांच धीमी हो गई है। प्रतिदिन जिले में करीब 50 से 60 संदिग्धों का स्वाब लिया जा रहा है।

ग्रीन जोन बनने के लिए तीन दिनों का इंतजार
धनबाद ग्रीन जोन बनने के करीब है। 18 अप्रैल से धनबाद में एक भी नया पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। यह खबर धनबाद के लिए राहत भरी है। बता दें कि आगामी 9 मई तक अगर एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया तो धनबाद ग्रीन जोन में शामिल हो जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करें। अभी जिला ऑरेंज जोन में है।



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अगले सप्ताह से ऊर्जा मित्र घराें में आकर निकालेंगे बिजली का बिल

अगले सप्ताह से शहर में ऊर्जा मित्र लाेगाें के घर-घर जाकर बिजली बिल निकालने का काम शुरू करेंगे। लाॅकडाउन के बाद से ही शहर में बिलिंग का कार्य पूरी से बंद है। ऊर्जा मुख्यालय ने बिलिंग कार्य शुरू करने का निर्देश जारी किया है। जेबीवीएनएल के ईई शैलेंद्र भूषण तिवारी ने बताया कि लाॅकडाउन के दाैरान बिलिंग कार्य शुरू करने के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। बिलिंग कार्य से जुड़े ऊर्जा मित्र के लिए स्थानीय स्तर पर पास की मांग की गई है। ताकि, बिलिंग करने निकले ऊर्जा मित्र काे परेशानियाें का सामना न करना पड़े। जेबीवीएनएल के अफसराें के अनुसार प्रशासन से अनुमति मिलते ही अगले सप्ताह से ऊर्जा मित्र लाेगाें के घर-घर जाकर बिजली बिल निकालने का काम शुरू कर देंगे।

मास्क लगा पहुंचेंगे ऊर्जा मित्र, हाथाें काे करेंगे सेनिटाइज

ईई ने बताया कि ऊर्जा मुख्यालय की ओर से कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत बिलिंग कार्य के लिए गए ऊर्जा मित्र काे मास्क लगाना हाेगा। घर में प्रवेश से पहले ऊर्जा मित्र काे अपने हाथाें काे अल्काेहाेल बेस्ड सेनिटाइजर से सेनिटाइज करना है। रीडिंग से पहले मीटर और बिलिंग प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें दाेबारा अपने हाथाें काे सेनेटाइज करना हाेगा। ऊर्जा मुख्यालय द्वारा जारी निर्देश नहीं मानने पर कार्रवाई की जाएगी।

इस महीने नहीं लगेगा लेट फाइन | लाॅकडाउन काे देखते हुए ऊर्जा मुख्यालय ने उपभाेक्ताओंकाे राहत दी है। इसके तहत अप्रैल और मई महीने के बिजली बिल में लाेगाें काे डीपीएस में छूट देने की घाेषणा की गई है। लाॅकडाउन की वजह से देर से बिजली का बिल जमा करने पर लाेगाें काे डीपीएस के रूप में लेट फाइन का भुगतान नहीं करना हाेगा।

माह के 20 से 28 तक ही ऐप से निकाल पाएंगे बिल

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के सेल्फ बिलिंग एेप “ईजी बिल’ (JBVNL “”eZy-BILL’’) के जरिए महीने के 20 से लेकर 28 तारीख के बीच ही उपभोक्ता स्वयं अपना बिल निकाल सकेंगे। सेल्फ बिलिंग ऐप के जरिए बिलिंग काे लेकर ऊर्जा मुख्यालय ने नई गाइडलाइन जारी की है। जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने बताया कि हर महीने की 20 तारीख से सुबह 8 बजे सेल्फ बिलिंग का सर्वर लाेगाें के लिए खुला रहेगा। खुद से बिलिंग के इच्छुक रखने वाले कभी भी ऐप के जरिए अपना बिल निकाल सकते हैं। उन्हें कोई असुविधा नहीं होगी। जेबीवीएनएल द्वारा जारी कुछ अासान गाइडलाइन का पालन करते हुए लाेग घर बैठे अपने स्मार्ट फाेन में सेल्फ बिलिंग एेप डाउनलाेड कर इसके जरिए महीने का बिजली बिल जनरेट कर सकते हैं।



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जहां से कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे उस गांव को किया गया सैनेटाइज

जिले के सरैयाहाट प्रखंड के कोरोना संक्रमित मरीज के गांव को कंटेनमेंट जॉन घोषित कर सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। सरैयाहाट प्रखंड के जिस क्वारेंटाइन सेंटर में दो कोरोना मरीज रखे गए थे उस सेंटर को सैनिटाइज किया गया। बुधवार को उपायुक्त राजेश्वरी बी, पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा, स्वास्थ्य विभाग की टीम सहित जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने गांव का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने कहा कि सभी एसओपी का पालन करते हुए पूरे गांव को सेनीटाइज किया जा रहा है। ग्रामीणों को बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है। आप अपने घरों में रहें, बेवजह घर से नहीं निकलें। सभी ग्रामीणों का हेल्थ स्क्रीनिंग किया जाएगा। हेल्थ स्क्रीनिंग के दौरान अगर कोई भी व्यक्ति संक्रमित पाए जाएंगे, तो उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में ले जाकर सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जो 2 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं, वे अपने गांव तक नहीं पहुंचे थे।

गुडगांव से आने के बाद क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रह रहे थे। उनके सैंपल को जांच के लिए भेजा गया था, जहां से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के जरूरी सामग्रियों की डिलीवरी उनके घरों तक की जाएगी। प्रशासन के लोग उनके घर तक सामग्री पहुंचाने का कार्य करेंगे। घर से बाहर कोई नहीं निकल सकेंगे। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि सावधानी बरतें-सामाजिक दूरी का पालन करें-सतर्क रहें, मास्क पहनें, स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। भयभीत होने की भी जरूरत नहीं है। जिला प्रशासन आपकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेगा। पूरे गांव की बैरिकेडिंग की जाएगी।प्रशासन का सहयोग करें, अपना बचाव करें। उपायुक्त ने कहा कि लगभग 250 लोगों की आबादी इस गांव में रहती है। मई तक का राशन सभी ने प्राप्त कर लिया है। जिनका भी राशन छूटा हुआ है, उनके राशन को भी उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। बाहरी लोग यहां नहीं आए और यहां के लोग बाहर नहीं निकले।

हाई रिस्क वालाें का भी लिया जाएगा सैंपल
उन्होंने कहा कि सरैयाहाट कस्तूरबा विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर में फिलहाल 13 लोग रह रहे हैं। 4 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। बाकी सभी का जांच रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुआ है। उपायुक्त ने कहा कि दो कोरोना संक्रमित मरीजों को डीएमसीएच आइसोलेशन वार्ड शिफ्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि कांटेक्ट ट्रेसिंग के तहत जो हाई रिस्क कांटेक्ट में आए हैं, उनके भी सैंपल को कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा जाएगा। सेंटर से 500 मीटर रेडियस में कंटेनमेंट जाेन बनाया गया है। 10 से 12 परिवार इस क्षेत्र में आ रहे हैं।

मरीजों की सूचनाएं सार्वजनिक न करें: डीसी

उपायुक्त राजेश्वरी बी ने जिले में 2 कोरोना पॉजिटिव मरीज की पुष्टि की है। उन्होंने सभी प्रिंट मीडिया, इलेट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया के एडमिन एवं आमजनों से अनुरोध किया है कि किसी प्रकार का कोरोना पॉजिटिव मरीज की जानकारी का खुलासा नहीं करेंगे। मरीज का नाम, पता, फोटो, गांव का नाम, परिवार वालों की फोटो आदि की जानकारी प्रकाशित नहीं करेंगे। मरीज की किसी प्रकार की सूचना किसी भी परिस्थिति में सार्वजनिक नहीं करेंगे, अन्यथा उन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएग।



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Sanitation was done in the village from where corona positive patients were found




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प्रवासी मजदूरों व छात्रों के होम क्वारेंटाइन को सख्ती से हो अनुपालन: डीसी

लॉक डाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों व छात्रों की घर वापसी जिले में नियमित हो रही है। ऐसे में कोरोना वायरस का फैलाव नहीं हो इसके लिए प्रशासन द्वारा एहतियातन कई कदम उठाएं जा रहे हैं। साथ ही उन्हें होम क्वारेंटाइन का सख्ती से अनुपालन कराने हेतू ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जिले के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने इस बाबत पत्र लिखकर जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, सभी बीडीओ सह इंसिडेंट कमांडर को जरूरी दिशा निर्देश दिया है। डीसी ने होम क्वारेंटाइन अवधि को सख्ती से अनुपालन कराने तथा इसमें किसी भी स्तर पर कोई चूक बर्दाश्त नहीं करने की सख्त चेतावनी दिया है। उन्होंने कहा कि प्रवासी लोगों को होम कोरेन्टीन रहने को ले मुखिया एवं कोविड–19 ग्राम स्तरीय समन्वय समिति के सदस्यों का अहम रोल है। उपायुक्त ने सभी प्रवासी मजदूरों की सूची समिति व मुखिया को उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही उन्हें सक्रिय रूप से होम क्वारेंटाइन किए गए प्रवासी मजदूरों व छात्रों को क्वारेंटाइन अवधि तक सतत निगरानी एवं दैनिक अनुश्रवण करने का निर्देश दिया है।



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Home quarantine of migrant laborers and students to be strictly compliant: DC




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लाॅकडाउन में रक्त की कमी न हाे इसलिए विधायक ने रक्तदान अभियान शुरू किया

पोड़ैयाहाट के कांग्रेसी विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि इसी कोरोना काल में एक आदिवासी महिला को जान बचाने के लिए ब्लड की जरूरत थी। मैंने बहुत प्रयास किया। अधिकांश ने अपने हाथ खड़े कर दिए। ब्लड बैंक से लेकर अन्य कई के पास फोन किया। बड़ी मुश्किल से उस आदिवासी महिला के ग्रुप का ब्लड मिल पाया। मैं उसी दिन सोचा कि जब मेरे ऐसे व्यक्ति इतनी मेहनत के बाद किसी को एक यूनिट ब्लड दिला पाया तो आम आदमी की हालत क्या होती होगी? उसी दिन मन में निर्णय लिया कि केवल अपने कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि मैं अपने परिवार के सदस्यों के साथ खूद रक्तदान करूंगा। जब रक्त की ही कमी ब्लड बैंक में नहीं रहेगी तो आम आदमी की जान स्वत: बच जायेगी। इसी निर्णय को बुधवार को अमलीजामा पहनाया गया। प्रदीप यादव कहते हैं कि मेरे 500 कार्यकर्ता रक्त दान करने के लिए तैयार हैं। जब जरूरत हो केवल खबर दी जाय।

बेटे के रक्तदान से मैं खुश हूं : विधायक
प्रदीप यादव कहते हैं कि मैंने अपने छोटे 18 वर्षीय बेटे अरकादित्य को कहा कि बेटा मैं दूसरों के लिए रक्त दान कर रहा हूं। क्या तुम भी दूसरों की मदद के लिए अपना रक्त दान करोगे? बेटे ने पूछा, इस रक्त का क्या होगा? मैंने बताया कि यह रक्त किसी मरने वाले लोगों की जिंदगी फिर से लौटा देगा। यह बात सुनते ही अरकादित्य रोज कहने लगा, पापा किस दिन रक्त दान करना है? मैं भी दूसरों की जान बचाने के लिए खून दान करूंगा। इसका परिणाम यह हुआ कि मैं अराकादित्य सहित 31 लोगों ने खुशी-खुशी बुधवार को रक्तदान किया।

किसने-किसने किया रक्तदान
ब्लड बैंक कर्मी राजेश कुमार, मिलन नाग ने बताया कि गोड्डा ब्लड बैंक आकर प्रदीप यादव, अरकादित्य, रवि यादव, राजीव भंडारी, आदित्य मिल्टन, ओम भंडारी, मिथलेश, हेमंत कुमार यादव, अमित, नवल साह, मनोज कुमार, नंदू, हिमांशु झा, संतोष कुमार, शशि, शिवम, लाल बिहारी यादव, बीरेंद्र, सत्यम, सत्येंद्र मंडल, मधुसूद, पंकज शर्मा, सौरभ कुमार, शैलेंद्र, चंदन गुप्ता, बोलबम, राजा हजारी, राजेश, अज, रवि ने रक्त दान किया। वहीं पटल बाबा, तीर्थ झा शाहबाज आलम, इफ्तेखार , हुसैन आदि का रक्त कुछ तकनीकी कारण के कारण बाद में लेने का निर्णय लिया गया। प्रदीप यादव के निजी सहायक देवेंद्र पंडित का ब्लड ग्रुप वो निगेटिव रहने के कारण इसकी जरूरत होने पर खबर कर रक्त लेने की बात कहीं गई।



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There was no lack of blood in the lockdown, so the MLA started the blood donation campaign




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शिकारीपाड़ा में संदेहास्पद महिला की लाश बरामद

दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के कालीचुआं गांव से पुलिस ने आज संदेहास्पद स्थिति में आज 30 प्रमिला रानी नामक एक महिला की लाश बरामद किया। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मृतक की बहन और इसी थाना क्षेत्र के गम्हरापहाडी गांव की रहने वाली जीवनी रानी ने मृतका के पति कार्तिक देहरी और उसके तीन भाईयों पर उसकी बहन प्रमिला रानी की हत्या कर साक्ष्य छुपाने की नियत से साजिश के तहत आत्महत्या करने को लेकर पुलिस को भ्रमित करने के आरोप से संबंधित शिकायतों दर्ज कराया है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मृत प्रमिला रानी की दस वर्ष पूर्व कालीचुंआ गांव निवासी कार्तिक देहरी के साथ शादी हुई थी।

वह दो बच्चों की मां थी। पति और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा अक्सर उसके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार कर प्रताड़ित किया जाता था। इससे जान बचाकर वह अपना मायके और निकट के गांव में रहने वाली बहन के घर रहकर गुजारा करती थी। मंगलवार को ही वह ससुराल गयी थी। ग्रामीणों से सूचना मिलते ही शिकारीपाड़ा के पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी वकार हुसैन घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल दुमका भेज दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि महिला के मायके वालों ने शिकारीपाड़ा थाना में लिखित शिकायती आवेदन देकर चार व्यक्तियों के विरूद्ध उसकी बहन को मार कर हत्या कर पुलिस अनुसंधान को भटकाने और साक्ष्य छिपाने की नीयत से फांसी के फंदे मे लटकाकर आत्महत्या का मनगढ़ंत कहानी रचने का आरोप लगा है। दर्ज शिकायत पत्र में मृत महिला प्रमिला रानी के पति कार्तिक देहरी और उसके तीन भाइयों को नामजद आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने इस शिकायती आवेदन पर नामजद चारों आरोपी के विरुद्ध भादवि की धारा 498 ए , 302 और 34 के तहत मामला दर्ज करने के छानबीन शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।



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ट्रक व बाइक की टक्कर में साला-बहनाेई की माैत

बुधवार सुबह देवीपुर थाना क्षेत्र के सत्संग भीरखीबाद रोड में निर्माणाधीन देवीपुर एम्स के निकट विपरीत दिशा की ओर गिरिडीह से आ रहे ट्रक संख्या डब्ल्यू एल 01, क्यू 9183 ने मोटरसाइकिल में सीधी टक्कर होने से मोटरसाइकिल पर सवार दोनों युवक की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी बीएस राय, एएसआई बीके सिंह, बिनोद कुमार राय सुरक्षा बलों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। मृतक की लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल देवघर भेज दिया गया है। वहीं ट्रक को कब्जे में लेकर थाना ले आया। मृतक की पहचान सुधीर यादव उम्र 20 वर्ष पिता केला यादव बिहार प्रदेश के जमुई जिला चकाई थाना क्षेत्र के घुठियारी गांव का जबकि दूसरा युवक उमेश यादव उमेश यादव उम्र 28 वर्ष देवघर जिलांतर्गत मोहनपुर थाना क्षेत्र के बलजोरी गांव का रहने वाला था।



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गैरमजरूआ भूमि पर होगा पौधरोपण का कार्य

दुमका जिला प्रशासन ने गैरमजरूआ भूमि में वृक्षारोपण को लेकर पहल तेज कर दिया है। बुधवार को प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए निदेश के संबंध में डीडीसी शेखर जमुआर ने सभी बीडीओ को निर्देश दिया है कि बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत सभी पंचायतों में 5 एकड़ गैर मजरुआ भूमि में वृक्षारोपण किया जाए। नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना अंतर्गत टीसीबी, फील्ड बड, सोक पिट, नाला मरम्मती कार्य किया जाए।



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शिकारीपाड़ा चेकनाका पर पकड़ा गया चार चिप्स लदा ओवरलोडेड ट्रक

लॉकडाउन के इस तीसरे फेज में दुमका जिले में प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई ढील नहीं दी गई है और न ही पत्थर उद्योग से संबंधित संस्थानों को खोलने का कोई निर्देश दिया गया है उसके बावजूद दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड से अवैध तरीके से पत्थर उद्योग चल रहा है। बिहार से चिप्स लेने के लिए ट्रकों की आवाजाही शुरू हो गई है। मामला शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र का है जहां बीती रात को शिकारीपाड़ा चेकनाका पर मौजूद कर्मियों ने चार पत्थर चिप्स लदे ओवरलोड ट्रकों को पकड़ा। पकड़ा गया सभी ट्रक पाकुड़िया प्रखंड के खाक्सा से पत्थर चिप्स लोड कर आ रहे थे और ड्राइवर के अनुसार उनके पास चिप्स के परिवहन के लिए आवश्यक कागजात थे।

बताते चलें कि कोरोना महामारी के कारण जिले की सीमा सील है जहां दूसरे राज्यों के वाहनों का आवागमन अवरोधित है परंतु फिर भी बिहार से सभी सीमाओं को पार कर ट्रकों का आकर चिप्स लोड करना कहीं न कहीं यह इंगित करता है कि इस पूरे मामले में प्रशासन से लापरवाही हो रही है क्योंकि बिहार के कई जिले ऑरेंज एवं रेड जोन में हैं जिससे आने वाले वाहनों से कोरोना का संक्रमण दुमका जिले में भी फैल सकता है। फिलहाल पकड़े गए ट्रकों को शिकारीपाड़ा ब्लॉक मैदान में खड़ा कर रखा गया है एवं आगे की कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।



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बाबा मंदिर पर आश्रित लोगों के बीच राशन का वितरण

लॉकडाउन के दरमियान बाबा मंदिर बंद होने के कारण बाबा मंदिर पर आश्रित रहने वाले लोगों के समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है। जिला प्रशासन द्वारा बाबा मंदिर पर आश्रित लोगों को मदद पहुंचाने को लेकर बुधवार को बाबा मंदिर कार्यालय में भंडारी, नाई, सफाई कर्मी आदि 120 लोगों के बीच राशन सामग्री वितरित की गई, उपायुक्त नैंसी सहाय अनुमंडल पदाधिकारी सह मंदिर प्रभारी विशाल सागर के द्वारा 120 लोगों के बीच राशन बांटा गया, ताकि लॉकडाउन के दरमियान उन्हें राहत मिल सके।

उपायुक्त नैंसी सहाय ने जानकारी देते हुए बताया कि बाबा मंदिर बंद होने से तीर्थ पुरोहित, गुमास्ता, नाई फूल विक्रेता, जल विक्रेता आदि काफी लोग प्रभावित हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा इनकी समस्या को देखते हुए इन्हें राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें 400 लोगों को चिह्नित किया गया है। जिनमें आज 120 लोगों के बीच राशन वितरण किया गया। शेष अन्य लोगों के बीच भी जल्द ही राशन का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों की समस्या को देखते हुए पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर पांच हजार पुरोहितों के बीच राशन सामग्री बांटी जाएगी। जिसमें प्रति परिवार को नौ सौ की राशन सामग्री चावल, आटा, दाल, चुड़ा, चीनी, तेल आदि वितरित की जाएगी। इसके लिए धर्मरक्षिणी सभा को तीन सौ पैकेट राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है।

शेष राशन सामग्री भी जल्द ही धीरे-धीरे उपलब्ध करा दी जाएगी। इसमें जिला प्रशासन के द्वारा 80 प्रतिशत धर्मरक्षिणी सभा के द्वारा 20 प्रतिशत राशि का सहयोग किया जाएगा। इन दोनों के सहयोग से तीर्थ पुरोहितों के बीच राशन का वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर बंद होने से सबसे अधिक प्रभावित यहां के तीर्थ पुरोहित हुए हैं। बीते दिनों दैनिक भास्कर ने बाबा मंदिर बंद होने से प्रभावित लोगों के विषय में खबर प्रकाशित की थी, जिस पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया और ऐसे जरूरतमंद लोगों को चिह्नित कर उन्हें मदद पहुंचाने का काम शुरू किया गया है।



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Distribution of ration among the people dependent on Baba temple




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परिवार की सलामती व कोरोना से निजात के लिए बच्चियां रोजाना रख रहीं हैं रोजा

पाक रमजान महीने में नन्हें बच्चे बच्चियां रोजा रखकर इस वैश्विक कोरोना वायरस महामारी से निजात की दुआ मांग रही है। जीनत परवीन जिसकी उम्र 12 वर्ष है, कहती है कि वे पिछले 5 वर्ष से लगातार माह-ए-रमजान रमजान की रोजा रखते आ रही है। जिस तरह 2020 के रमजान में मुझे महसूस हुआ ऐसा पिछले 4 साल में कभी महसूस नहीं हुआ। क्योंकि जहां एक तरफ माह-ए-रमजान रमजान का रहमत है तो दूसरी तरफ कोरोना का जहमत, मैं अल्लाह से यही दुआ करूंगी कि अल्लाह हमें इस महामारी से निजात दे। शम्मा परवीन जिसकी उम्र 9 वर्ष है। कहती है कि वह पिछले 10 दिनों से इस वर्ष लगातार रोजा रख रही हैं और अम्मी के साथ नमाज़ अदा करती आ रही है।

ऊपर वाले से दुआ किया कि सभी को इस महामारी से निजात दे। छः वर्ष की यह नन्हीं सी बच्ची फिजा आफरीन माह-ए-रमजान रमज़ान की रोजा रख रही है, यह बच्ची रोजा रखकर कोरोना जैसी महामारी से निजात पाने के लिए अल्लाह से दुआ कर रही है। अमन एहसान जिसकी उम्र 8 वर्ष है। पिछले 10 दिनों से रोजा रख रही हैं और यह अहद किया है कि जब तक इस महामारी से हमें निजात न मिल जाय। ईद की कोई खुशी हम इजहार नहीं करेंगे, क्योंकि एक तरफ खुशी है तो दूसरी तरफ करोना जैसे महामारी। इस महामारी से निजात पाने का एक ही तरीका है हम सब मिलकर इस माह-ए-रमजान रमजान का रोजा रखें और ज्यादा से ज्यादा अल्लाह के सामने दुआ करें। जामताड़ा सुभाष चौक की खदीजा इरशाद जो केंद्रीय विद्यालय की छात्रा है वह भी आज रोजा रखा। घर में रहकर ही दिन भर रोजा रखकर इबादत कर रही है और शाम को इफ्तार करने के दौरान इस कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए दुआ कर रही है।

परिवार और वतन की सलामती के लिए 7 वर्षीय उमेरा ने रखा है रोजा

जामताड़ा| इस्लाम में रोजा करना सभी का फर्ज माना गया है, लेकिन बच्चे व गर्भवती महिलाओं के साथ बीमार व वृद्ध को इससे छूट दी गई है। इसके बावजूद कई बच्चे दिनभर कठिन उपवास रखकर रोजा रख रहे हैं। जामताड़ा प्रखंड के पाकडीह मुहल्ले की 7 वर्षीय उमेरा फातिमा तपती गर्मी में रोजा रख रही है। मान्यता है कि रमजान माह में शैतानों को जंजीरों में जकड़ दिया जाता है। इसलिए अधिकांश लोग माह भर तक चलने वाला रोजा रखते हैं। सबसे अलग अगर छोटे-छोटे बच्चे रोजा रखे तो यह बड़ों के लिए न केवल मिसाल बन जाता है। बल्कि शेष लोगों को भी रोजा रखने के नसीहत मिलती है। वह पांचों वक्त नमाज के साथ कुरान शरीफ की तिलावत भी कर रही है। साथ ही बताया कि यह महीना बहुत ही पाक महीना है इसमें अल्लाह से जो मांगा जाता है वह पूरा होता है। उसने कहा कि मैं अपनी मम्मी के साथ रोज नमाज पढ़ती हूं।



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For the safety of the family and getting rid of Corona, girls are keeping Roja daily.




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लॉकडाउन में दुकान खोलने पर पुलिस ने दिया नोटिस

शहर के नीचे बाजार वीरकुंवर सिंह चौक के पास सुबह 8 बजे जूते-चप्पल की दुकान खोलने की शिकायत पुलिस से की गई। पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया है। नगर थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय ने बताया कि नीचे बाजार के एक रेडिमेड दुकानदार ने अपने प्रतिष्ठान को खोल दिया था। उक्त प्रतिष्ठान को बंद करवाया गया। उक्त प्रतिष्ठान के मालिक बिमल मोदी को एक नोटिस थमाया गया है। वहीं जूते-चप्पले के व्यवसायी को भी नोटिस दिया जाएगा। थानेदार ने बताया कि दुमका शहर के व्यवसायियों को लॉकडाउन को पूर्ण रुप से पालन नहीं करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस शहर में गश्ती कर रही है।



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मीडिया कर्मियों का ~50 लाख का बीमा कराए केंद्र : इरफान

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारिणी अध्यक्ष डॉ इरफान अंसारी ने राज्य के मीडिया कर्मियों को 50 लाख का निबंधन बीमा करने की मांग भारत सरकार से किया है। इस संबंध में विधायक ने कहा कि देश के संविधान के चौथे स्तंभ मीडियाकर्मी है। कहा कि मीडिया के लोग दिन रात समाज की अच्छाई और बुराई का आईना जनता के बीच लाते हैं। ऐसे में उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षित रखना राज्य सरकार व भारत सरकार का कार्य है। बता दें कि डॉ इरफान अंसारी ने केंद्र सरकार से मीडियाकर्मियों और उनके परिवार की सुरक्षा की दृष्टि से 50 लाख रुपये का बीमा कराने की मांग दोनों सरकार से किया। डॉ इरफान अंसारी ने बताया कि वे डॉक्टर हैं इस नाते आम जनता, स्वास्थ्य कर्मी, सुरक्षाकर्मी व मीडिया कर्मी सफाई कर्मी की रक्षा करना उनका कर्तव्य है।



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Center to insure media workers ~ 50 lakh: Irfan




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इलाज के अभाव में कर्मी की मौत, कोयला लोडिंग बंद कराया

जिले के अमड़ापाड़ा स्थित पचुवाड़ा नॉर्थ कोल माइंस से बीते नवंबर माह से कोयला उत्खनन व परिचालन के बाद से ही आवंटी और एमडीओ लगातार विवादों में रहे हैं। नॉर्थ कोल ब्लॉक से कोल परिचालन कम और बंद ज्यादा हो रहा है। कभी ग्रामीण तो कभी ट्रांसपोर्टर्स या कभी कार्यरत कर्मियों के कारण लगातार कोयले का परिचालन ठप रहता है। क्रॉप कंपनसेशन, विस्थापितों को मिलने वाली सुविधा, ट्रांसपोर्टर्स का भुगतान आदि विभिन्न मांगों के कारण बीते एक माह से नॉर्थ ब्लॉक से कोयले का उत्खनन व परिवहन बंद था। सोमवार को पुनः कोल ट्रांसपोर्टेशन चालू होने के बाद बुधवार को एकबार फिर आवंटी पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मियों ने पाकुड़ स्थित रेलवे साइडिंग से कोयले के उठाव पर रोक लगा दिया। बुधवार को दिनभर कोयला ले जाने के लिए मालवाहक ट्रेन खड़ी रही और समाचार लिखे जाने तक कंपनी के प्रतिनिधि व कर्मियों के बीच वार्ता विफल रही। डब्लूबीपीडीसीएल के तहत कार्यरत रेलवे साइडिंग में पोकलेन ऑपरेटर राजकरण शर्मा की बीते 18 अप्रैल को इलाज के अभाव में मौत हो गई थी।

राजकरण शर्मा के मुंह से अचानक खून निकलने लगा था, इसके बाद उन्हें आनन फानन सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें रिम्स रेफर कर दिया। वेतन न मिलने के कारण पैसों के अभाव में राजकरण के पास एम्बुलेंस के पैसे नहीं थे। इस बीच बीजीआर कंपनी ने महज 7 हजार का आर्थिक मदद कर अपना पल्ला झाड़ लिया। बाकी, पैसों का इंतजाम कर्मचारियों ने चंदा कर किया। इस प्रक्रिया में काफी समय निकल गया और राजकरण की इलाज के अभाव में रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इससे आक्रोशित सभी कर्मचारियों ने लोटामारा स्थित रेलवे साइडिंग में कोयला लोडिंग को बंद करा दिया। कर्मचारियों का कहना है जब तक कोल कंपनी लिखित रूप से हमारी मांगे पूरी नहीं करेगी तब तक कोयला लोडिंग बंद रहेगा। कर्मचारियों का डिमांड है कि मृतक पोकलेन ऑपरेटर राजकरण शर्मा के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता की जाए। उनके पुत्र को कोल कंपनी में नौकरी दी जाए। पत्नी के नाम पर फिक्स डिपॉजिट की जाए।



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Worker's death due to lack of treatment, coal loading stopped




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नारायणपुर में मीडिया कर्मियों का किया गया स्क्रीनिंग

उपायुक्त के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुर में प्रखंड के सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रतिनिधियों का कोविड 19 के लिए स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य जांच किया गया। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुर के चिकित्सा प्रभारी डॉ अरविंद कुमार दास के अलावा डॉ केदार महतो एवं डॉ अर्पिता बेरा द्वारा सभी का स्वास्थ्य जांच किया गया। इसके तहत बुखार, खांसी, ब्लड प्रेशर आदि की जांच की गई। इस अवसर पर चिकित्सा प्रभारी डॉ अरविंद कुमार दास ने बताया कि जांच के बाद किसी मीडिया कर्मियों में कोविड 19 संबंधित कोई लक्षण नहीं पाए गए।

फतेहपुर के मीडियाकर्मियों का किया गया स्वास्थ्य जांच

बिंदापाथर|उपायुक्त के निर्देश पर बुधवार को क्षेत्र के सभी मीडियाकर्मियों का स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर में प्रखंड क्षेत्र के पत्रकारों का स्वास्थ्य जांच प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार की उपस्थिति में किया गया। पत्रकारों का स्वास्थ्य जांच डॉ समीर कुमार गोराई ने किया। पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन, थर्मल स्क्रीनिंग द्वारा शरीर का टेंपरेचर जांच किया गया।

कैंप आयोजित कर मीडियाकर्मियों के स्वास्थ्य की हुई जांच

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा बुधवार को कुंडहित मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े पत्रकारों के स्वास्थ्य की जांच की गई। जांच में प्रखंड के कुल 8 पत्रकारों में से 6 पत्रकारों ने अपने स्वास्थ्य की जांच कराई। कुंडहित सीएचसी के चिकित्सा प्रभारी डॉ विनीता मुर्मू द्वारा सभी पत्रकारों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इस दौरान थर्मल स्कैनर से उनके शरीर के तापमान की तथा मशीन के सहायता से नब्ज और धड़कन के गति की तथा सांस रुकवाकर श्वास नली के संक्रमण की जांच की गई। जांच के दौरान सभी का स्वास्थ्य सामान्य पाया गया। जांच शिविर में विजय कुमार, प्रकाश कुमार दत्ता, अमित नाथ, राहुल देव बर्मन, मोहन मंडल, अभिजीत चौधरी ने अपने स्वास्थ्य की जांच कराई।



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Screening of media personnel done in Narayanpur




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जरूरतमंदों के बीच विधायक ने वितरित किया खाद्य सामग्री

विधायक इरफान अंसारी कसियाटांड, हीरापुर, जादूडीह, रघुनाथपुर, पतियोडीह पहुंच कर खाद्य सामग्री, दवाइयां, किट व सैनिटाइजर का वितरण असहाय लोगों के बीच किया। साथ ही सभी को आर्थिक सहायता भी दी। विधायक ने वैश्विक करोना महामारी से बचने के लिए घर में रहने की सलाह लोगों को देते हुए कहा कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। पर घर पर रहना व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही इसका एकमात्र उपाय है। ताकि कोरोना के बढ़ते चेन को ब्रेक किया जा सके। विधायक ने कहा कि कुछ लोग घर बैठकर मेरे बारे में अनर्गल टिप्पणी करते हैं जो निंदनीय है। कर्म ही पूजा हैे। कहा 50 लाख रुपया गरीब प्रवासी मजदूरों के अकाउंट में भिजवाने का काम उनके द्वारा किया गया है।



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MLA distributed food items among the needy




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सुरक्षाबलों ने सर्च अभियान के दौरान पांच आईईडी केन बम किया बरामद, सभी बमों को किया गया निष्क्रिय

कराईकेला थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित बंदगांव इलाके में गुरुवार को पुलिस ने सर्च अभियान के दौरान पांच आईईडी केन बम बरामद किया। बरामदगी के बाद सभी बमों को डिफ्यूज कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने पुलिस बल को निशाना बनाने के लिए उक्त बमों को बिछाया था जिसे सुरक्षाबलों ने समय से पहले सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। फिलहाल, इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, कराईकेला थाना क्षेत्र के जोजोदगड़ा के पास सुरक्षाबल सर्च अभियान चलीरहीथी। इसी दौरान सड़क पर बिछाए हुए आईईडी बम के बारे में जानकारी मिली। फिर सुरक्षाबलों ने सावधानी से सभी केन बम को जमीन से निकाला और निष्क्रिय कर दिया।

कोल्हान प्रमंडल के कुल 17 नक्सली शामिल हैं। 17 इनामी नक्सलियों में 12 पश्चिम सिंहभूम जिले के हैं। इन नक्सलियों पर कुल 42 लाख रुपए राज्य सरकार ने इनाम रखा है। सबसे ज्यादा 15 लाख रुपये का इनाम पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा के राम प्रसाद मार्डी उर्फ सचिन मार्डी पर है। कराईकेला के बंदगांव इलाके में नोबेल पूर्ति और सामुएल कन्डुलना पर दो-दो लाख जबकि संतोष कन्डुलना पर तीन लाख रुपए का इनाम राज्य सरकार ने रखा है।



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कराईकेला थाना क्षेत्र के जोजोदगड़ा के पास सुरक्षाबल सर्च अभियान चली रही थी। इसी दौरान सड़क पर बिछाए हुए आईईडी बम के बारे में जानकारी मिली।




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एर्नाकुलम से स्पेशल ट्रेन के जरिए देवघर पहुंचे 1084 मजदूर, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद होम क्वारैंटाइन में भेजा

केंद्र और राज्य सरकार के पहल के बाद लॉकडाउन के वजह से बाहर फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के 1084 श्रमिक गुरुवार को स्पेशल ट्रेन के जरिए से एर्नाकुलम से जसीडीह स्टेशन पहुंचे। इस दौरान उपायुक्त नैंन्सी सहाय एवं वरीय अधिकारियों के द्वारा सभी श्रमिकों का अभिनंदन किया गया एवं उनके सकुशल घर वापसी के लिए शुभकामनाएं दी गयी। यहां आने वाले सभी श्रमिकों को ट्रैन से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उतारा गया एवं स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बने काउंटर परथर्मल स्क्रीनिंगव स्वास्थ्य जांच संबंधी अन्य सभी प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद उन्हें उनके गंतव्य तक जाने के लिए अलग-अलग जिलों की बस में बैठाकर रवाना किया गया।

सुरक्षित व्यवस्था व विधि-व्यवस्था संधारण हेतु जसीडीह स्टेशन परिसर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की टीम के साथ दण्डाधिकारी एवं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पूर्व से ही की गई थी।

गौरतलब है कि 24 जिलों के 1084 श्रमिकों में पलामू के 154 श्रमिक, देवघर के 130, कोडरमा के 120, बोकारो के 117, गढ़वा के 90, दुमका के 72, गिरीडीह के 59, जामताड़ा के 56, धनबाद के 46, लातेहार के 41, पाकुड़ के 37, सिमडेगा के 33, हजारीबाग के 31, गोड्डा के 15, रामगढ़ के 12, पश्चिमी सिंहभूम के 12, चतरा के 10, गुमला के 10, सरायकेला के 10, साहेबगंज के 9, खूंटी के 8, राँची के 6, पूर्वी सिंहभूम के 3 एवं लोहरदग्गा के 3 श्रमिक शामिल हैं।

इस दौरान उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा एर्नाकुलम से आने वाले सभी श्रमिक बंधुओं के बीच नास्ता, पानी का वितरण करते हुए सभी को 14 दिनों तक होम क्वारैंटाइन के पालन का निर्देश दिया गया। इसके अलावे उन्होंने कहा कि मास्क का उपयोग कर व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके ही हम कोरोना महामारी को हराकर इस पर जीत हासिल कर सकते हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन एवं चिकित्सकों द्वारा दिए गए चिकित्सकीय परामर्श का पालन करें एवं स्वस्थ, सतर्क व सुरक्षित रहें।

स्वास्थ्य संबंधी जांच के बाद मजदूरों कोउनके गंतव्य तक जाने के लिए अलग-अलग जिलों की बस में बैठाकर रवाना किया गया।

इसके अलावे उपायुक्त ने बताया कि एर्नाकुलम से यहां आने वाले सभी मजदूरों एवं यहां के लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन द्वारा सभी एहतियाती उपाय अपनाये गए हैं। इसलिए किसी भी व्यक्ति को घबराने या पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से एर्नाकुलम से आने वाले सभी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक भेजने के लिए प्रयोग किये जाने वाले बसों को पूरी तरह से सेनेटाइज्ड कर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया है।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेलवे स्टेशन पर एहतियातन उठाये गए सभी कदम
श्रमिकों के आगमन को लेकर जसीडीह रेलवे स्टेशन परिसर को पूर्ण रूप से सैनेटाइजड किया गया था एवं सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन हेतु जगह-जगह बेरिकेड्स कर गोल घेरा का निर्माण कराया गया था। इसके अलावे सुरक्षित व्यवस्था व विधि-व्यवस्था संधारण हेतु जसीडीह स्टेशन परिसर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की टीम के साथ दण्डाधिकारी एवं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पूर्व से ही की गई थी।

श्रमिकों के आगमन को लेकर जसीडीह रेलवे स्टेशन परिसर को पूर्ण रूप से सैनेटाइजड किया गया था।

व्यवस्थित रूप से श्रमिकों को सेनेटाइजेड बस से भेजा गया अपने-अपने गृह जिला की ओर
श्रमिकों के आने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्य जांच के बाद सभी के लिए भोजन की व्यवस्था रेलवे स्टेशन पर ही की गई थी, जिसके उपरांत स्टेशन परिसर से अपने-अपने जिलों के लिए निर्धारित सेनेटाइज्ड बसों में बिठाकर मजदूरों को उनके घरों के लिए रवाना किया गया। वहीं इस दौरान सभी प्रवासी श्रमिकों को भोजन का पैकेट, पानी का बोतल आदि भी उपलब्ध कराया गया।

कोविड-19 से बचाव के इस जंग में बेहतर टीम भावना के साथ कार्य करने हेतु सभी अधिकारियों व कर्मियों का आभार
साथ ही उपायुक्त द्वारा देवघर जिला के सभी अधिकारियों, चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मियों, सुरक्षाकर्मियों, सफाई कर्मियों, समाजसेवियों व अन्य सभी कर्मियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा गया कि कोविड-19 से बचाव के इस जंग में जिस प्रकार सभी ने बेहतर टीम भावना के साथ कार्य किया है। सभी के सहयोग से हम कोरोना का डटकर मुकाबला कर पा रहे हैं। संकट की इस घड़ी में सभी बेहतर कार्य कर रहे हैं।

स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बने काउंटर पर मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य जांच संबंधी अन्य सभी प्रक्रिया पूरी की गई।


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लॉकडाउन के वजह से बाहर फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के 1084 श्रमिक गुरुवार को स्पेशल ट्रेन के जरिए से एर्नाकुलम से जसीडीह स्टेशन पहुंचे।




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बीजीएच से स्वस्थ हुए तीन मरीजों को भेजा गया घर, अब जिले में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं

कोरोना संक्रमण के मामले में गुरुवार को बोकारो से बड़ी राहत की खबर सामने आई। यहां के बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) में इलाजरत बाकी तीन कोरोना पॉजिटिव भी स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई। इसके साथ ही जिले में कोरोना का अब एक भी एक्टिव केस नहीं रह गया।

सुखद बात यह भी कि पिछले 17 दिनों से जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव का नया मामला सामने नहीं आया और सभी सैंपलों की रिपोर्ट भी निगेटिव ही आ रही है। बीजीएच में डीसी मुकेश कुमार ने ठीक हुए मरीजों को बुके और शॉल भेंटकर शुभेच्छाओं के साथ उन्हें उनके घर को विदा किया। बीजीएच के निदेशक प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. एके सिंह ने भी प्रशासन के अन्य वरीय अधिकारियों व अस्पताल के सीनियर डाक्टरों की मौजूदगी में स्वस्थ हुए मरीजों को विदाई दी। ठीक होकर जाने वाले मरीजों में से दो साड़म निवासी सगे भाई (क्रमशः 70 वर्ष एवं 65 वर्ष) और एक तेलो के 76 वर्षीय बुजुर्ग थे। जिले में 20 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव का आखिरी मामला साड़म (गोमिया) से सामने आया था।

डीसी ने कहा- अभी नहीं कर सकते कोरोनामुक्ति की घोषणा
बीजीएच से बाकी बचे तीन कोरोना मरीजों की विदाई के मौके पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में डीसी मुकेश कुमार ने कहा कि यह सही है जिले में अब एक भी कोरोना पॉजिटिव मामला नहीं है और न ही पिछले कई दिनों से कोई नया केस आ रहा, लेकिन बावजूद इसके हम अभी कोरोना मुक्त बोकारो होने की घोषणा नहीं कर सकते। जिस तरह से इस महामारी ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है, वैसी स्थिति में अप्रिय संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता। बाद में भी केस आ सकता है। उन्होंने कहा कि यहां की टीम ने बड़ी मेहनत कर सभी नौ कोरोना मरीजों का इलाज कर उन्हें ठीक कर भेज दिया। इनमें से 75 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति का भी ठीक होना एक प्रेरणादायक उपलब्धि है। यह राहत और सुकून देने वाली बात है।



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बीजीएच से अपने घर लौटे तीन मरीजों में से एक तेलो व दो साड़म के रहने वाले हैं।




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तेलंगाना के घटकेसर से 905 श्रमिकों को लेकर टाटानगर पहुंचे स्पेशल ट्रेन, स्क्रीनिंग के बाद सभी को भेजा घर

तेलंगाना के घटकेसर स्टेशन से झारखंड के 905 मजदूरों के लेकर गुरुवार को स्पेशल ट्रेन टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंची। प्लेटफॉर्म पर बैरिकेडिंग की गई थी। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए जमीन पर गोला बनाया गया था। इसके बाद सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच कर संबंधित जिलों में बस से भेज दिया गया। ट्रेन में रांची के दो, हजारीबाग के आठ, चतरा के 122, गुमला के चार, देवघर के दो, पलामू के 398, गढ़वा के 231, खूंटी के पांच, लातेहार के 92, बोकारो के दो, जामताड़ा के एक और अन्य स्थानों के 38 मजदूर सवार थे।

स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को स्टेशन से जिलावार बाहर निकाला गया। सबसे पहले चतरा के मजदूरों को सुबह 6.30 बजे बस में बैठाया गया और सबसे अंत में सुबह 8 बजे पलामू के मजदूर भेजे गए। पलामू की बस देर से स्टेशन पहुंची इस कारण उन्हें भेजने में देरी हुई। मौके पर डीसी रविशंकर शुक्ला, एसएसपी एम तमिल वाणन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। आरपीएफ के जवान तड़के तीन बजे से ही मुस्तैद थे।

रेलवे ने टिकट दिया पर नहीं लिया पैसा, 1449 किमी का सफर 28 घंटे में तय हुआ
तेलगांना के घटकेसर रेलवे स्टेशन से ट्रेन के रवाना होने के पहले आरपीएफ के जवानों ने मजदूरों को टाटानगर रेलवे स्टेशन तक का टिकट दिया और उनके पहचान पत्र के साथ उनकी डिटेल रजिस्टर में दर्ज की। लेकिन टिकट के बदले मजदूरों से पैसा नहीं लिया गया। टिकट पर स्लीपर क्लास व सुपर फास्ट ट्रेन लिखा था। घटकेसर से टाटानगर की 1449 किलोमीटर दूरी 28 घंटे में तय कर ट्रेन टाटानगर पहुंची। यात्रियों ने बताया कि रास्ते में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। रेलवे की ओर से नाश्ता, भोजन व पानी की व्यवस्था की गई थी।

घर लौटने की खुशी, लेकिन वेतन नहीं मिलने से थी नाराजगी
मजदूरों में अपने घर लौट की खुशी जरूर थी, लेकिन उन्हें इस बात का मलाल था कि लॉकडाउन के कारण उन्हें वेतन नहीं मिला है। मजदूरों ने बताया कि वे लोग तेलगांना में कंपनी, एयरपोर्ट सहित अन्य स्थानों पर मजदूरी का करते थे। लॉकडाउन के कारण उन्हें वेतन नहीं मिला था।

गुरुवार को टाटानगर स्टेशन पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत स्टेशन के बाहर और फिर बसों तक पहुंचाया गया। बस के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रमिकों को उनके घरों तक भेजा गया।

प्रशासन ने धारा 144 की मियाद बढ़ाई, 5 से अधिक लोगों के जुटने पर मनाही
लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने के लिए प्रशासन ने निषेधाज्ञा (144) की मियाद एक बार फिर दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। इस संबंध में धालभूम के एसडीएम चंदन कुमार की ओर से आदेश जारी किया गया। प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान शाम सात से सुबह सात बजे तक सड़क पर निकलने वालों के साथ सख्ती से निपटने का आदेश पुलिस व दंडाधिकारियों को दिया है। एक स्थान पर पांच से ज्यादा व्यक्तियों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है। बिना मास्क घर से बाहर निकलने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, गर्भवती महिला व 10 साल के कम उम्र के बच्चे के घर से बाहर निकलने पर रोक रहेगी। उन्हें सिर्फ चिकित्सा कार्य के लिए बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।

एमजीएम सहित सभी सरकारी डॉक्टर्स, स्टाफ की छुट्टियां 30 तक रद्द
स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने एमजीएम सहित पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, टेक्निशियन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां 30 मई तक रद्द कर दी है। स्वास्थ्य सचिव ने इस संबंध में एमजीएम अधीक्षक व सिविल सर्जन को पत्र जारी भेजा है। विभिन्न जिलों से शिकायत मिलने के बाद विभाग ने निर्णय लिया है।

गुरुवार को शहर के कई चौक चौराहों पर बैरिकेडिंग लगायी गई। इस दौरान आने-जाने वालों से सख्ती से पूछताछ की गई। साथ ही ज्यादा जरुरी काम न होने पर घरों से बाहर न निकलने की अपील की गई।

215 सैंपल की हुई जांच सभी की रिपोर्ट निगेटिव
एमजीएम में बुधवार को 215 सैंपल की जांच हुई। इसमें सभी रिपोर्ट निगेटिव आई है। सर्विलांस टीम ने बुधवार को 173 सैंपल डुमरिया, घाटशिला, मुसाबनी, मानगो, कदमा समेत विभिन्न क्षेत्रों से लिया है। इस तरह जिले में अब तक 2069 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिसमें 1833 की रिपोर्ट आ चुकी है। 236 सैंपल ऑन प्रोसेस है, जिसकी रिपोर्ट गुरुवार को आने की संभावना है।

उधर, कोरोना को लेकर एक ओर सरकार किसी भी कर्मचारी को काम से नहीं हटाने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर एमजीएम अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्स एजेंसी शिवा प्रोटेक्शन फोर्स ने कर्मचारियों को हटा दिया है। इसकी शिकायत आउटसोर्स कर्मचारी अजय कुमार ने डीसी से की है। इसकी कॉपी प्रधानमंत्री कार्यालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री झारखंड, अधीक्षक एमजीएम को भी भेजा है।

जमशेदपुर में गुरुवार को भी शहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग कर पुलिस ने आने-जाने वालों से पूछताछ की। जरुरी कागजात व कारण बताने के बाद ही उन्हें आगे के लिए छोड़ा गया। कारण व कागजात नहीं दिखाने पर वाहन सवारों को घर वापस भेज दिया गया।

शुक्रवार से कोर्ट में ऑनलाइन काम, वकील नहीं आएंगे कोर्ट
जमशेदपुर कोर्ट में 8 मई से काम शुरू होगा। अब सभी काम ऑनलाइन, एप या ई-मेल पर किए जाएंगे। कोर्ट कर्मचारी सुबह 6.30 बजे से 12.00 बजे तक काम करेंगे। जज सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक उपस्थित रहेंगे। कोई भी वकील कोर्ट नहीं जाएंगे। कोर्ट के बाहर दो ड्रॉप बॉक्स लगेंगे। एक बॉक्स में जिला जज और दूसरे में मजिस्ट्रेट जज का आवेदन जमा होगा। सूची तैयार कर मेल के माध्यम से वकील को खबर भेजी जाएगी। नए मामले में फैमिली कोर्ट संबंधी फाइल हो सकते हैं। गवाही की प्रक्रिया चलेगी। वकील ऑनलाइन या ई-मेल पर जमानत, अग्रिम जमानत या फिर किसी भी तरह की अर्जी दाखिल करेंगे। फाइल की गई अर्जी की हार्ड कॉपी ड्रॉप बॉक्स में जमा करेंगे। 24 घंटे में सुरक्षा के साथ बॉक्स खुलेगा। कोर्ट कैंपस के बाहर एफीडिवेट का काम होगा।

दूसरे राज्यों व जिलों के पास के लिए अब ऑनलाइन आवेदन
लॉकडाउन में दूसरे जिला व राज्यों में जाना है, तो वाहन पास के लिए अब ऑनलाइन आवेदन देना होगा। ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया बंद कर दी गई है। लोगों को पास के प्रशासन की ओर से जारी ई-पास का लिंक http://epassjharkhand.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन देना होगा। यह लिंक 24 घंटे चालू रहेगा। इसके जरिए दो पहिया व चार पहिया वाहनों का ई-पास जारी किया जाएगा। लेकिन व्यावसायिक वाहनों के लिए पास नहीं जारी किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन अपने कंप्यूटर व लैपटॉप या प्रज्ञा केंद्र से दे सकते हैं। दूसरे राज्यों में फंसे पूर्वी सिंहभूम जिले के 713 लोगों ने अब तक पास के लिए आवेदन दिया है। इनमें से 72 लोगों का पास जारी किया गया है। साथ ही 20 में से पांच लोगों को एनओसी भी जारी किया गया है। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।



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गुरुवार सुबह तेलंगाना के घटकेसर से एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन में राज्य के विभिन्न जिलों के श्रमिकों की स्क्रीनिंग की गई और फिर उन्हें उनके घर बसों के जरिए भेज दिया गया।




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सूरत से 1198 मजदूरों को लेकर धनबाद पहुंची स्पेशल ट्रेन, भेजे गए होम क्वारैंटाइन में

धनबाद. गुजरात के सूरत से एक स्पेशल ट्रेन के जरिए 1198 श्रमिक गुरुवार को धनबाद स्टेशन पहुंचे। इनमें सवार सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य विभाग की ओर से थर्मल स्क्रीनिंग की गई फिर बसों से उनके घर भेज दिया गया। जहां उन्हें होम क्वारैंटाइन किया गया है। वहीं, धनबाद के साथ ही बोकारो भी अब कोरोना मुक्त शहर बन गया है। बीजीएच में भर्ती तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई। स्वस्थ होने के बादगुरुवार को इन्हें अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई।

वहीं, सूरत से 22 बोगियों के साथ आने वाली स्पेशल श्रमिक ट्रेन में झारखंड के गिरिडीह, देवघर, कोडरमा, हजारीबाग, जामताड़ा, सिमडेगा, सरायकेला, पलामू, लातेहार, गढ़वा तथा चतरा जिले के प्रवासी मजदूर सवार थे। बुधवार सुबह भी सूरत से एक श्रमिक ट्रेन धनबाद पहुंची थी।


वाहनों के लिए मिलेगा अब ई-पास, घर बैठे करें आवेदन
इधर, लाॅकडाउन में बाहर धनबाद के फंसे या दूसरे जिले-राज्य के धनबाद में फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें वापस जाने या दूसरे राज्य-जिले से अपने परिवार को लाने के लिए फिर ई-पास जारी किया जाएगा। इसके लिए https://epassjharkhand.nic.in. पर आवेदन करना होगा। बुधवार शाम ही इसे शुरू कर दिया गया है।

शहर में सुबह से ही वाहनाें की चेकिंग

वहीं, लाॅकडाउन के दाैरान शहर में कई जगहाें पर पुलिस की सख्ती दिखी। रणधीर वर्मा चाैक पर वाहनाें की जांच की गई। वहां कई वाहनाें काे राेका गया। चालकाें से पूछताछ की गई। सड़क पर हाेने का स्पष्ट कारण नहीं बताने वाले कई लाेगाें काे पुलिस ने पकड़ा। उनपर जुर्माना भी लगाया गया। इधर, बोकारो चास में भी पुलिस सख्त नजर आई। चास में पुलिस बेवजह बाइक से घूमने वाले लोगों को सड़क पर दौड़ लगवाई।

बोकारो में सैकड़ों महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कतार में लग गईं।

वहीं, बैंक के सुविधा केंद्रमें जनधन योजना काखाता खुलवाने के लिए लोगों में होड़ मच गई है। बोकारो मेंसेक्टर नौ स्थित हरला थाना क्षेत्र के रामडीहमोड़ के स्टेट बैंक के सुविधा केंद्रमेंसैकड़ों महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कतार में लग गईं। इसके बाद सुविधा केंद्र के बाहर नोटिस चिपकाना पड़ा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बैंक बंद है। जबकि महिलाओं की भीड़ लगने से पहले यहां यह नोटिस चिपकाया गया था कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बैंक बंद है। पर जनधन खाता खोला जाएगा।



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बोकारो के चास में पुलिस बेवजह बाइक से घूमने वाले लोगों को सड़क पर दौड़ लगवाई।




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दिल्ली पहुंचे माड़ के झाड़ू, महिलाओं ने कमाए 5.80 लाख

जिले की महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम करने में वन विभाग का प्रयास सफल होने लगा है। जिला लघुवनोपज सहकारी संघ द्वारा मां दंतेश्वरी, दुर्गा मंडली एवं गणेश मंडली समूह की महिलाओं को 1.75 लाख रुपए प्रति समूह के हिसाब से तीन समूहों को 5 लाख 25 हजार रुपए कच्चा फूल झाड़ू घास खरीदने के लिए दिया गया था। इन महिला समूहों द्वारा निर्मित झाड़ू की मांग छत्तीसगढ़ के अलावा दिल्ली में की गई थी, जिसे समय रहते पूरी की गई। माड़ की झाड़ू का उपयोग दिल्ली को चकाचक करने में किया जा रहा है।
नाफेड दिल्ली से 35 हजार नग माड़ की झाडू़ की मांग आई थी, जिसे 34 रुपए प्रति नग के मान से बेचा गया। इससे 11 लाख 90 हजार की राशि प्राप्त हुई थी। इसमें से समूह ने करीब 5 लाख 79 हजार 457 रुपए का मुनाफा कमाया। अधिक लाभ होने से चालू वर्ष में अधिक मात्रा में कच्चा फूल झाड़ू घास खरीद कर बड़ी संख्या में झाड़ू निर्माण की योजना है। समूह की महिलाओं ने राज्य सरकार और वन विभाग के अधिकारियों की तारीफ करते कहा है कि उनकी मदद के बिना यह काम संभव नहीं है।
3 समूह की 33 महिलाएं बना रही हैं फूल झाड़ू
ओरछा में प्रत्येक महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष और सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी का संयुक्त खाता कोआपरेटिव बैंक में खोला गया है। इसमें दोनों के संयुक्त हस्ताक्षर कर खाता से पैसा निकालकर ओरछा के समूह कच्चे फूल झाड़ू की खरीदते हैं। वन विभाग द्वारा नारायणपुर में प्रसंस्करण केंद्रों की शुरुआत की गई है। दूरस्थ इलाके के 10-12 अंचल के करीब 1500 संग्राहकों द्वारा फूल झाड़ू का संग्रहण कर इसे महिला स्वसहायता समूह को बेचा जाता है। प्रसंस्करण केंद्र में 3 महिला स्वसहायता समूह की लगभग 33 महिलाएं काम कर रही हैं।



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Maad's brooms reached Delhi, women earned 5.80 lakhs




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पश्चिमी सिंहभूम में 22 में से 20 योजनाओं का काम पड़ा है अधूरा

लाॅकडाउन के कारण जिले में कराेड़ोंरुपए की याेजनाएं पेंडिंग पड़ी हैं। इसमें ऐसी कई महत्वपूर्ण याेजनाएं भी शामिल हैं जाे लाेगाें के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। जिले में ग्रामीण पेयजलापूर्ति याेजना के पाइप लाइन के जरिए घर-घर तक पीने के लिएस्वच्छ पानी पहुंचाने का काम चल रहा है।
इस याेजना के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडाें के कुल 22 जगहाें पर करीब 400 कराेड़ रुपए की लागत से काम चल रहा है। लेकिन लाॅकडाउन के वजह से यह काम ठप पड़ा हुआहै। इसमें से मात्र दाे जगह सदर प्रखंड के गायसुटी पंचायत एवं जगन्नाथपुर प्रखंड के जैंतगढ़ में पेयजलापूर्ति याेजना बनकर तैयार है और चालू भी हाे गया है। लेकिन बाकी जगहाें पर निर्माण का कार्य चल रहा है। लेकिन लाॅकडाउन के कारण यह कार्य भी ठप पड़ा हुआहै। जिले के मझगांव, सदर प्रखंड के कुरसी, मंझारी प्रखंड के जलधर, तांतनगर प्रखंड के सेरेंगबिल एवं चक्रधरपुर के छोटानागरा में करीब-करीब बनकर तैयार है। लेकिन लाॅकडाउन के कारण शेष काम नहीं हाे पा रहा है। लाॅकडाउन की स्थिति ऐसी ही रही ताे गरमी के माैसम में भी यहां के लाेगाें काे पीने का पानी नसीब नहीं हाेगा।

छह कराेड़ की लागत से बन रहा जाेड़ा तालाब का काम भी ठप
नगर परिषद की एक बड़ी याेजना जाेड़ा तालाब का जीर्णाेद्धार व साैंदर्यीकरण का कार्य भी लाॅकडाउन के वजह से रूका हुआ है। जाेड़ा तालाब का जीर्णाेद्धार व साैंयदयीकरण का कार्य करीब 6 कराेड़ की जा रही है। कुछ माह पहले ही इस तालाब के जीर्णाेद्धार व साैंदर्यीकरण का कार्य शुरू हुआथा। जीर्णाेद्धार का कार्य काफी तीव्रगति से चल रहा था। इसी बीच काेराेना वायरस के बढ़ते संक्रमण काे देखते हुए जिले काे लाॅकडाउन किया गया। जिस वजह से यह काम ठप पड़ गया।

पेयजलापूर्ति के लिए 1200 चापाकल लगने थे, अब तक 300 ही लग सके

पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभु मंडल ने बताया कि कुछ जगहाें पर योजना बनकर तैयार है। लाॅकडाउन समाप्त हाेते ही इसे चालू कर दिया जाएगा। जिले में कुल 1200 साेलर आधारित पेयजलापूर्ति याेजना के तहत नलकूप बनाने का काम चल रहा है। इसमें से 300 नलकूप बनकर तैयार हैं। लेकिन लाॅकडाउन के कारण अन्य साेलर नलकूप का निर्माण कार्य रूका हुआहै।

रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य ठप

इधर, लाॅकडाउन के कारण करीब 40 कराेड़ के लागत से बन रही रेलवे ओवरब्रिज निर्माण का कार्य भी ठप पड़ा है। यहां कार्य कर रहे मजदूर लाॅकडाउन वजह से अपने अपने घराें में दुबक गए हैं। निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज के कारण लाेगाें काे काफी परेशानी हाे रही है।



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20 out of 22 schemes in West Singhbhum are unfinished




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वितरण में देरी, पैकेट में ही सड़ रहे आलू-प्याज

लॉकडाउन में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे, इस उद्देश्य से आंगनबाड़ी केंद्रों को होमलेस किचन बनाया गया। ताकि लोगों को भोजन मिल सके। होमलेस किचन में (आंगनबाड़ी केंद्र) को बांटने के लिए राशन सामग्री विभाग से भेजा गया है। राशन सामग्री की पैकेट में आलू और प्याज भी है, वितरण में देरी होने से ये सड़ रहे हैं। ऐसा सीडीपीओ कार्यालय में सामग्री वितरण में लापरवाही के कारण हुआ है।
राशन सामग्री आए हुए पांच दिन हो गये हैं और अब भी 25 प्रतिशत पैकेट बांटना बाकी है। बताया जाता है कि टाटा स्टील से विगत रविवार 3 मई को ही 268 पैकेट आये। इन पांच दिनों में 178 पैकेट ही बंटा है, बाकी कार्यालय में रखा हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि सामग्री ही जब खराब हो जाएगी, तो आम जनता को उसका लाभ कैसे पहुंचेगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों से वितरण होने वाला पोषाहार पिछले जनवरी महीने से वितरण बंद है। यह पोषाहार 3 से छह साल के बच्चे, गर्भवती, धात्री महिला, छह महीने से तीन साल तक के बच्चों को सुखा राशन वितरण करना है। लेकिन जब से यह जिम्मेदारी जेएसएलपीएल को मिला है, तब से नियमित वितरण में गड़बड़ हो गई है।

हम नहीं दे रहे हैं, डीडीसी साहब दे रहे हैं : सीडीपीओ
होमलेस किचन को लेकर आई सामग्री सड़ने की बात पर सीडीपीओ मुनेश्वरी बारा कहती हैं कि ये सड़ी हुई सामग्री हम नहीं दे रहे हैं, डीडीसी साहब ही दे रहे हैं। पैकेट के अंदर ही सामान सड़ रहा है, इसमें मैं क्या कर सकती हूं।

पैकेट में यह सामग्री
चावल 10 केजी, दाल ढाई केजी, नमक एक केजी, बिस्किट 4 पैकेट, साबुन 2 पीस, प्याज एक केजी, आलू दो केजी और सरसों तेल 1/2 केजी दिया गया है।



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Delay in delivery, rotting potatoes and onions in the packet itself




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रांची से 12 साल बाद घर लौटे बुजुर्ग, बेटों ने होम क्वारेंटाइन के लिए नहीं दी जगह

चक्रधरपुर के जलेश्वर साहू (84) परिवार से दूर रहकर रांची में गुजारा कर जीवन जी रहे थे। वे पिछले 12 साल से रांची के खादगड़ा में अकेले किसी तरह गुजारा कर रहे थे। लॉकडाउन के कारण होटलों के बंद होने से उन्हें खाने के लाले पड़ गए। चक्रधरपुर में उनके तीन बेटे रहते हैं। इस बीच उन्हें चक्रधरपुर आने का मौका मिला तो वे तुरंत बैग लेकर चल पड़े। लेकिन यहां पहुंचते ही उल्टा हो गया। किसी ने उन्हें होम क्वारेंटाइन नहीं किया। फिर वे मायूस होकर सरकार के बने रैन बसेरा (क्वारेंंटाइन सेंटर) पहुंचे और क्वारेंटाइन हो गए। लेकिन यहां भी खाने की दिक्कत हो गई। गुरुवार दोपहर तीन बजे तक उन्हें खाने में कुछ नहीं मिला।
जलेश्वर साहू बताते हैंवे 12 साल से परिवार से दूर रांची में रहे। रांची कोर्ट में अधिवक्ता और लोगों का सहयोग करते हुए दो जून की रोटी का जुगाड़ कर लेते थे। लॉकडाउन में समस्या हो गई। उनके चार बेटे हैं। तीन बेटे चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ला में अलग-अलग रहते है। एक बेटा जमशेदपुर के बागबेड़ा में रहता है। उनका भरापूरा परिवार है। बेटों के परेशानी से वे रांची चला गया था। रांची से चाईबासा की बस आ रही ती तो उसमें चले आए। बुधवार रात नौ बजे वे चक्रधरपुर पहुंचे थे।
लेकिन कोरोना को लेकर हर कोई डरा हुआ है। इस कारण बेटों ने होम क्वारेंटाइन के लिए घर में जगह नहीं दी। वे नहीं चाहते थे कि परिवार में किसी को तकलीफ नहीं हो, इसलिए बिना कुछ बोले क्वारेंटाइन सेंटर में रहने चले आए। चक्रधरपुर बस स्टैंड के रैन बसेरा को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। वहां 28 से 30 लोग रहते हैं।



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Elderly children returned home after 12 years from Ranchi, sons did not provide space for home quarantine




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निर्माणाधीन एफसीआई गाेदाम में चाेरी मामले में 6 को जेल

पांड्राशाली ओपी अंतर्गत माटकाेबेड़ा में निर्माणाधीन एफसीआई गाेदाम भवन से जेनरेटर समेत अन्य सामान चुराने के मामले में पुलिस ने छह आराेपियाें काे गिरफ्तार कर गुरुवार काे जेल भेज दिया। इनमें बामिया पूर्ति उर्फ लीमला, बैगाे पूर्ति उर्फ गंगू, विकास पूर्ति, पांडू पूर्ति, बैगाे पूर्ति और डुबलिया पूर्ति (सभी पांड्राशाली निवासी) शामिल हैं। इस मामले में केजे इंटरप्राइजेज के कर्मचारी भागीरथी ने 1 मई काे पांड्राशाली ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।



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बहरागोड़ा के पूर्व विधायक षाड़ंगी ने असम के सीएम को दी सूचना, स्वास्थ्य मंत्री ने कराया मुक्त

उपायुक्त के आदेशानुसार बहरागोड़ा के जवाहर नवोदय विद्यालय से माइग्रेशन पॉलिसी के अंतर्गत नवोदय विद्यालय ग्वालपाड़ा असम के 20 विद्यार्थियों व उनके साथ जा रहे तीन शिक्षकों को असम पुलिस कस्टडी में लेकर स्वास्थ्य एवं अन्य औपचारिकताएं पूरी करने हेतु गुवाहाटी स्थित क्वारेंटाइन सेंटर लेकर चली गई। इसकी जानकारी बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी को मिली तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए झारखंड पुलिस एवं असम के मुख्यमंत्री और वहां के पुलिस प्रशासन को ट्वीट किया। जिसका संज्ञान लेते हुए असम के स्वास्थ्य मंत्री विश्व हेमंत शर्मा स्वयं गुवाहाटी के क्वारेंटाइन सेंटर पहुंच सभी को मुक्त कराया। बस बुधवार की रात 2 बजे ग्वालपाड़ा असम की सीमा में प्रवेश की। जहां से जिला प्रशासन ने बस को विद्यालय में न ले जाकर वहां से 100 किलोमीटर दूर गोवाहाटी के क्वारेंटाइन सेंटर लेकर चला गया। और वहां बच्चों और शिक्षकों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन करने की प्रक्रिया चलने लगी। इधर इसी बस से पूर्वी सिंहभूम के बच्चों को जो ग्वालपाड़ा से वापस आना था।

जानकारी हो कि नवोदय विद्यालय में माइग्रेशन पॉलिसी के अंतर्गत हिंदी प्रदेशों के जवाहर नवोदय विद्यालयों को गैर हिंदी प्रदेशों के जवाहर नवोदय विद्यालयों से जोड़ा गया है। जिसके अंतर्गत कक्षा 9 में पढ़ने वाले एक तिहाई विद्यार्थियों को आपस में जुड़े विद्यालयों में 1 सत्र के लिए अदला-बदली होती है। इसी क्रम में नवोदय विद्यालय पूर्वी सिंहभूम के 21 विद्यार्थी जवाहर नवोदय विद्यालय ग्वालपाड़ा असम एवं वहां के 21 विद्यार्थी जवाहर नवोदय विद्यालय पूर्वी सिंहभूम में भेजे गए थे। जिन्हें मार्च में वार्षिक परीक्षा के बाद अपने-अपने विद्यालयों में वापस लौटना था। पूर्वी सिंहभूम के बच्चों को वापस जाने के लिए 27 मार्च को रेल आरक्षण कराया गया था। लेकिन लाॅकडाउन के चलते दोनों तरफ बच्चे फंस गए।
पूर्वी सिंहभूम के नवोदय विद्यालय के विद्यार्थी असम के ग्वालपाड़ा से आज होंगे रवाना

उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम के पत्र के आलोक में उपायुक्त ग्वालपाड़ा ने भी यात्रा आदेश जारी कर दिया है। अब यही बस जवाहर नवोदय विद्यालय में फंसे पूर्वी सिंहभूम के बच्चों को लेकर शुक्रवार काे वापसी की यात्रा करेगी। इससे पहले सभी बच्चे, शिक्षक व ड्राइवर आदि की मेडिकल जांच होगी। बस को सैनेटाइज किया जाएगा। मार्ग में बच्चों एवं स्टाॅफ को क्वारेंटाइन संबंधी सरकार के सभी निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। इस संबंध में जवाहर नवोदय विद्यालय पूर्वी सिंहभूम के प्राचार्य डॉ आरके सिंह ने बताया कि ऐसी समस्या आई थी, जिसका समाधान हो गया है। अब उसी बस से पूर्वी सिंहभूम के बच्चे शुक्रवार काे चलेंगे। यहां जिला प्रशासन के दिशा निर्देश के अनुसार आवश्यक जांच एवं औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंपा जाएगा। इस संबंध में संबंधित अभिभावकों को उनके मोबाइल पर सूचना दे दी जाएगी।



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Former Bahragowda MLA Shadangi informed Assam CM, Health Minister freed




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छत्तीसगढ़ और ओडिशा में काम कर रहे मजदूर साइकिल से नाप रहे घर का रास्ता

गुरुवार काे छत्तीसगढ़ और ओडिशा में कार्यरत मजदूर साइकिल पर सवार हाेकर अपने घर बिहार और झारखंड के गाेड्डा का रास्ता नापते दिखे। छत्तीसगढ़ के रायपुर से 5 मजदूर जब काेई साधन नहीं मिला ताे वे साइकिल से ही अपने घर गाेड्डा करीब 924 किमी साइकिल से ही रवाना हुए। विपिन कुमार महताे, निरंजन महताे, विनाेद महताे, तपन मंडल ने बताया कि वह 29 अप्रैल काे रायपुर से अपने घर गाेड्डा के रवाना हुए थे।

गुरुवार सुबह जब वे ओडिशा के जामशाेला बाॅर्डर पर पहुंचे ताे वहां बाॅडर पर तैनात पुलिस बल ने उन्हें राेककर जानकारी ली। इसके बाद थर्मल स्कैनर से जांच के बाद भाेजन और पानी की व्यवस्था कर आगे के लिए रवाना कर दिया। सभी मजदूराें ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में लाॅकडाउन वन से ही फंसे हुए थे। काेई व्यवस्था हाेते नहीं देख खुद ही साइकिल से घर चल दिए। फाेरलेन सड़क पर पानी व खाने की व्यवस्था नहीं रहने के कारण काफी परेशानी हाे रही है।



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Workers in Chhattisgarh and Odisha are cycling their way home




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पाबंदियों के बाद भी दुकानदारों ने खोली दुकानें सीओ ने पहुंच कर फटकार लगा गिरवाया शटर

लॉकडाउन 3 के दौरान शहर में पुलिस ने थोड़ी ढिलाई बरती तो दुकानदारों ने पाबंदियों के बाद भी दुकानें खोल दी। कपड़े के आयरन करने की दुकानें, मोबाइल, पंखे व बिजली उपकरण की दुकानें लोग खोल दिए थे। गुरुवार को सीओरिंकू कुमार सभी गैर जरूरी दुकानों के दुकानदारों को चेतावनी देतेे हुए शटर गिरवाया। प्रशासन के सामने अब यह चुनौती है कि आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियम कायदों को किस तरह लागू कराया जाए। दूसरी चुनौती बाहर से आ रहे लोगों को लेकर है। जिनसे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। बड़ी संख्या में लोगों के आने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल हो रहा है। घाटशिला में आरपीएफ जवान को छोड़ दें तो कोरोना के एक भी मामले नहीं आए हैं।

सब्जी मंडी की भीड़ ने बढ़ाई चिंता

सब्जी मंडी में उमड़ रही भीड़ चिंता का कारण बनकर सामने आई है। दाहीगोड़ा सकर्स मैदान में लगाए जाने वाले सब्जी बाजार में सब्जी विक्रेता एक तो सोशल डिस्टेंसी का ख्याल नहीं रख रहे हैं, वहीं अधिकांश मास्क तक नहीं पहन रहे हैं। सब्जी मार्केट में पाबंदियों में छूट के बाद से हालात और खराब हुए हैं। यहां बहुत भीड़-भाड़ हो लग रही है। अगर कोरोना संक्रमण से बचना है तो नियम तोड़ने वालों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जानी चाहिए।



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Even after the restrictions, the shopkeepers opened the shops and the CO got reprimanded.




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देड़ाग में जहरीला पदार्थ खाने से युवक की माैत

कानाश पंचायत के देड़ाग गांव में बुधवार की देर रात मोहन किस्कू (18) नामक युवक की जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। गुरुवार सुबह पुलिस ने कोरोना वायरस संक्रमण जांच हेतु मेडिकल टीम द्वारा सैंपल लेने के बाद शव काे पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम भेज दिया। मृतक की मां पुनता किस्कू के अनुसार बेटा मोहन किस्कू बुधवार की रात करीब 8:00 बजे घर से निकला था। बाद में करीब रात 9:00 बजे गांव के लड़कों ने बताया कि वह गांव के पास फुटबॉल ग्राउंड में गिरा हुआ है। एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धालभूमगढ़ ले जाया गया। जहां से एमजीएम रेफर कर दिया गया। ले जाने क्रम में ही उसकी मौत हो गई।



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लाॅकडाउन में काे-ऑपरेटिव काॅलेज कैंपस से छह पेड़ काट ले गए चाेर, ऑफिस खुला तो पता चला

लाॅकडाउन में काे-ऑपरेटिव काॅलेज के बंद हाेने का फायदा उठाकर चाेराें ने परिसर से यूकेलिप्टस के छह पेड़ काट ले गए। बुधवार काे जब काॅलेज खुला, तो इसकी जानकारी हुई। प्रिंसिपल डाॅ. वीके सिंह ने काॅलेज के दाेनाें गार्ड काे शोकॉज जारी किया है। गार्ड का कहना है कि काॅलेज कैंपस बहुत बड़ा है और वे मुख्य गेट पर तैनात रहते हैं। जहां पेड़ काटा गया है वह वहां से बहुत दूर है। इसलिए उन्हें इस बारे में पता नहीं चल सका। वहीं, इस पूरे मामले की शिकायत काॅलेज प्रशासन पुलिस में भी करने की तैयारी कर रहा है। इस मामले ने काॅलेज की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। 36 एकड़ में फैले कैंपस दाे गार्ड के भराेसे है। एक समय में एक गार्ड रहता है। जिसके लिए पूरे परिसर पर नजर रखना कतई संभव नहीं है।



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Six trees have been cut from the operative college campus in lockdown;