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नगरी में 80 किमी/घंटे की गति से चली आंधी, टीन शेड-पंडाल उड़े

मई के 4 दिन बीत गए लेकिन अब तक मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण पारा 40 डिग्री से ऊपर नहीं चढ़ रहा है। रविवार को नगरी ब्लॉक में देर-शाम को तेज आंधी के साथ हल्की बारिश हुई। बिरग़ुड़ी बस स्टैंड के पास टीन शेड, पुलिस का अस्थायी पंडाल
उखड़कर उड़ गया।
सोमवार को दिनभर तेज धूप के बाद शाम को 30 किमी/घंटे की रफ्तार से हवा चली। हवा, बारिश के साथ खेतों में तैयार फसल को नुकसान होने की चिंता किसानों को सता रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में ओलावृष्टि, अंधड़ के साथ तेज बारिश की चेतावनी दी है।
घर और होटल का टीन शेड उखड़ा
नगरी ब्लॉक के बिरगुड़ी में रविवार को शाम करीब 5 बजे तेज आंधी चली। बिजली खंबे सहित करीब दर्जनभर पेड़ टूट गए। बस स्टैंड स्थिति एक होटल, घर का टीन शेड उड़ गया। सिहावा के पास लगाए नाकेबंदी पॉइंट का पंडाल भी उखड़ गया। देर-रात को बारिश हुई। सोमवार को क्षेत्र में तेज हवा चली। हल्की बूंदाबांदी भी हुई।
दोपहर तक तेज धूप शाम को छाए रहे बादल
सोमवार को मौसम में उतार-चढ़ाव दिनभर चला। सुबह से दोपहर तक तेज धूप के कारण दिन का अधिकतम तापमान 39 डिग्री रहा। यह पिछले 48 घंटे की अपेक्षा 2 डिग्री ज्यादा है। रात का तापमान भी 2 डिग्री बढ़कर 25 डिग्री पर पहुंच गया है।



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Storm blowing at a speed of 80 km / h in the city, Teen shed-pandal flew




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रेत चोरी में 7 ट्रैक्टर जब्त, राजपुर खदान बंद

लगातार मिल रही शिकायत के बाद खनिज विभाग की टीम सोमवार सुबह 4 बजे महानदी गई। इस दौरान महानदी के अंदर 7 ट्रैक्टर अवैध रेत भरते जब्त किए। मगरलोड के राजपुर रेत खदान को अवैध निकासी के कारण बंद कर दिया है।
जिले में 33 से अधिक रेत खदान हैं। अब तक सिर्फ 5 खदान चलाने की ही अनुमति है। इनमें डाभा, जोरातराई, नारी, अरौद व एक अन्य खदान शामिल हैं। इन खदानों को छोड़ अन्य खदानों में बेरोकटोक सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक अवैध रूप से रेत निकाली जा रही है। कोलियारी क्षेत्र में महानदी से रोजाना 100 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉली अवैध रेत निकाली जा रही है। इसके लिए पिट-पास भी नहीं लिया जा रहा। कुछ ट्रैक्टर मालिकों ने बताया कि महानदी तट पर कोलियारी से परसुली तक रेत निकाली जा रही है। कोई पिट-पास नहीं लिया जा रहा। चोरी की रेत को ग्राहकों को 1000 से 1200 रुपए में बेची जा रही है। एक हाईवा रेत 7 हजार में खरीदना पड़ रहा है। जिला खनिज अधिकारी सनत साहू ने कहा कि 7 ट्रैक्टर जब्त किए हैं। वर्तमान में 5 खदान चालू है। अगले एक हफ्ते में 8 से 10 खदान चालू होगी।

5 दिन में 27 ट्रैक्टर जब्त
बीते 5 दिन में 27 ट्रैक्टर ट्रॉली को अवैध निकासी करते हुए खनिज विभाग ने पकड़ा है। अवैध निकासी रोकने के लिए अफसरों की ड्यूटी लगाई है। भास्कर ने राजपुर रेत खदान में अवैध निकासी खबर प्रकाशित की थी। खनिज अधिकारी ने जांच कराई।

अगले एक हफ्ते में ये खदान भी होंगे चालू
खनिज विभाग के अनुसार जिले में 33 खदान हैं। वर्तमान में इनमें से 5 चालू है। अगले एक हफ्ते में अमेठी, खरेंगा, जंवरगांव, लीलर, मनरौद, हरदीभाठा, नारी की रेत खदान भी चालू होगी। अवैध रेत निकासी पर कार्रवाई जारी है।



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7 tractors seized in sand theft, Rajpur mine closed




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जिले में पहली बार एक दिन में रिकॉर्ड, 1 लाख लोगों को दिया गया काम


जिले की 370 ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम चल रहे है। इन कामों में हर रोज रिकॉर्ड एक लाख लोगों को काम दिया जा रहा है। यह जिले में अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा काम देने का रिकॉर्ड है। मनरेगा के तहत डबरी, नया तालाब, भूमि सुधार कार्य, तालाब गहरीकरण सह पचरी, नाला सफाई कार्य चल रहा है। लाॅकडाउन के दौरान गांव-गांव में मनरेगा कार्य खुलने से ग्रामीण मजदूरों को बड़ी राहत मिली है। धमतरी के इतिहास में पहली बार 1 लाख 3 हजार 213 मजदूरों को एक दिन में काम दिया गया है। जो एक उपलब्धि है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नम्रता गांधी ने बताया कि मनरेगा कार्यों में मांग अनुसार मजदूरों को काम दिया जा रहा है। पंचायतों में 1306 काम चल रहे हैं। लाॅकडाउन के दौरान श्रमिकों को पलायन या आजीविका के लिए संघर्ष न करना पड़े इसलिए कार्ययोजना बनाकर काम कराए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कार्य संचालित होने से मजदूरों को अपने ही पंचायत में भरपूर काम मिल रहा है।



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Record for the first time in the district, work given to 1 lakh people




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सर्दी, सांस लेने में दिक्कत के बाद 3 मरीज भर्ती, कटघोरा से लौटा युवक क्वारेंटाइन में

कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं होने के कारण जिला ग्रीन जोन में है। इसे ग्रीन जोन में रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। सतर्कता बढ़ा दी है। लोगों की लगातार निगरानी की जा रही है। सोमवार को बठेना अस्पताल में सर्दी, खांसी, सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ के बाद 3 मरीजों को भर्ती किया गया।
तीनों के सैंपल जांच के लिए रायपुर एम्स भेजे हैं। ये मरीज नगरी, कांकेर और दुर्ग रानीतराई निवासी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इनकी निगरानी के लिए डॉक्टरों को विशेष सतर्कता बरतने कहा है। नगरी में कोरबा के हॉटस्पॉट कटघोरा से लौटा एक युवक का जिला अस्पताल में सैंपल लिया गया। इसे सर्दी और बुखार था। इसे पथर्रीडीह में क्वारेंटाइन किया है। सर्विलांस अधिकारी डॉ. विजय फूलमाली ने बताया कि चारों के सैंपल एम्स भेजे हैं।
16 सैंपल के रिपोर्ट का इंतजार
जिले से अब तक 275 लोगों के सैंपल रायपुर एम्स और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज भेजे हैं। सोमवार को 4 सैंपल और भेजे गए हैं। अब तक 263 सैंपल निगेटिव है। 16 लोगों की रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं रैपिड किट से 5 दिन में 367 सैंपल की जांच की गई। सभी निगेटिव मिले है।

पेंड्रा से लौटे 75 क्वारेंटाइन

रविवार रात करीब 10 बजे पेंड्रा से 2 ट्रक में 75 युवक आए। इनमें धमतरी के 36, नगरी के 8, कुरूद के 11 और मगरलोड के 10 युवक हैं। इन सभी युवकों की जांच संबलपुर के पास की गई। संदिग्धों के सैंपल लेकर रैपिड किट से जांच की। सभी स्वस्थ मिले। सभी को क्वारेंटाइन किया है।

28 पुलिसकर्मियों की जांच की
सूरजपुर में एक पुलिस जवान पॉजिटिव मिला। इसके बाद जिले में 45 साल से अधिक उम्र के पुलिस अधिकारी, जवानों की जांच कराई जा रही है। सोमवार को जिला अस्पताल के एमडी विशेषज्ञ डॉ. संजय वानखेड़े ने 28 पुलिसकर्मियों का स्वास्थ्य जांच की।



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3 patients admitted after cold, difficulty in breathing, young man returned from quarrel in quarantine




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दुकान खुलने से पहले फ्लैग मार्च, व्यापरियों से की अपील

लॉकडाउन में ढिलाई देते हुए सोमवार से सरकार ने जहां दुकानों को खोलने की छूट दी है। वहीं इसके लिए नियम भी बनाकर लोगों को पालन कराने प्रशासन को निर्देशित किया गया है।
सुबह 7 बजे डीएसपी सिद्धार्थ बघेल, नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय अौर पलारी पुलिस स्टाप ने लॉकडाउन में दुकान खोलने की छूट मिलने के बाद नगर में फ्लैग मार्च कर सभी दुकानदारों से अपील की कि वे लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने दुकान खोले और समय पर बंद करे। किसी भी शर्त पर नियमों का उल्लंघन न करें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दुकानों में भीड़भाड़ नहीं करने की बात कही। डीएसपी ने कहा कि लॉकडाउन में लोगों की सुविधा के लिए ढील दी गई है इसलिए वे इसका बेवजह दुरुपयोग न करे। जरूरी काम हो तो ही घरों से मास्क लगाकर निकले। पुलिस का फ्लैग मार्च रायपुर, बलौदाबाजार, दतान, रोहांसी रोड होते हुए नगर के आंतरिक मार्गों से गुजरा। वहीं नायब तहसीलदार ने कहा कि लॉकडाउन का कड़ाई से पालन हर नागरिक खुद करे, ये अपने जीवन से जुड़ा हुआ मामला है। पुलिस प्रशासन सिर्फ आपके सहयोग के लिए है, जो विषम परिस्थिति में आपके साथ हमेशा रहेगी। आप सब स्वयं कोरोना वायरस से बचने के नियमों का पालन करें, जिससे आप और आपका परिवार इस महामारी से सुरक्षित रह सकेगा।



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Flag march before the shop opens, appeals to traders




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मॉर्निंग वॉक पर निकले, शराब दुकान में जाकर लगा ली लाइन, आठ बजे खुलते ही टूट पड़े लोग

सोमवार सुबह नगर में बालसमुंद रोड पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, क्योकि उस रास्ते पर शराब दुकान है। जैसे ही लॉकडाउन में ढील देकर शराब दुकान खोली गई तो मदिरा प्रेमियों का महीनों से दिल में दबा अरमान फूट पड़ा। लोग सुबह 6 बजे मॉर्निंगवॉक के बहाने शराब दुकान जाकर पहले लेने की होड़ में लाइन लगाकर खड़े हो गए अौर करीब दो घंटे तक खुलने का इंतजार करते रहे।
वहीं लाइन में ऐसे लोगों की भीड़ भी दिखाई दी जो लॉकडाउन के दौरान मुफ्त राशन लेने अधिकारियों से हुज्जत करने और पत्नी के साथ जनधन खाते से 500 रुपए निकालने ग्राहक सेवा केंद्र और बैंक में लंबी लाइन में खड़े रहे ते। महीनों बाद खुल रही शराब दुकान की भीड़ को कंट्रोल करने अौर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने पुलिस ने शराब भट्टी के कर्मचारी से रविवार देर शाम को ही काउंटर के सामने एक-एक मीटर का घेरा बनाकर ग्राहकों की लाइन लगाने का जुगाड़ पहले ही बना दिया था।
बैगर मास्क लगाए आए लोगों को नहीं मिला शराब
शराब दुकान में कोरोना वायरस से बचाव का इंतजाम देखा गया। जो लोग बैगर मास्क पहने शराब लेने आए, उन्हें बिल्कुल शराब नहीं मिली। वापस जाकर ये लोग जब मुंह पर रूमाल बांध कर आए तभी उनको शराब दी गई। वहीं शराब काउंटर पर बैठे सभी कर्मचारी मास्क लगाकर शराब बेचे। ग्राहकों को शराब देने के पहले सैनिटाइजर देकर हाथ साफ कराया गया।

शराब भट्टी में हुआ 144 का उल्लंघन
लॉकडाउन के कारण धारा 144 लागू है, जिसके तहत किसी भी स्थान पर 4 आदमी के ज्यादा झुंड में नहीं रहना है, मगर शराब दुकानों में लगी भीड़ की संख्या 100 से 200 तक रही, ऐसे में धारा 144 का खुला उल्लंघन हुआ। ये अलग बात है कि लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा, मगर 144 का पालन नहीं करा सके।



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On the morning walk, the line went to the liquor shop, and people broke as soon as it opened at eight o'clock




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सुबह से लग गई थी भीड़, 11 घंटे में 12 लाख रुपए की शराब बिक गई

राज्य शासन के आदेश पर 40 दिनों बाद मदिरालय सोमवार को खुलते ही मदिरा प्रेमियों की आधे किमी से भी ज्यादा लंबी लाइन शराब दुकान के सामने 11 घंटे तक लगी रही। शाम 4 बजे के बाद स्थिति बेकाबू हो गई। रेड जोन घोषित रायपुर जिले के नदी उस पार लगे गोबरा नवापारा से भी हजारों लोग शाम को शराब खरीदने राजिम पहुंचे थे।
शाम 6 बजे के बाद भी भीड़ को देखते हुए शराब की दुकानें खुली रहीं। जबकि सुबह 8 से शाम 6 बजे तक खुलने का समय शासन ने रखा है। धक्का-मुक्की अौर लड़ाई-झगड़े होने के बाद अंततः शराब दुकान बंद कर दिया गया। इसके कारण सैकड़ों लोग बिना मदिरा खरीदे वापस चले गए। इस तरह के हालात से राजिम सहित ग्रामीण अंचलों में दहशत है। राजिम के देशी और विदेशी मदिरालय में लॉकडाउन के बाद पहले दिन दुकान खुलने पर 12 लाख रुपए की शराब लोग गटक गए। देशी शराब दुकान में 9 लाख रुपए तथा विदेशी में 3 लाख रुपए की बिक्री हुई।
कीमतों में कई गुना वृद्धि : रेटों में इजाफा होने के बाद भी लोग शराब खरीद रहे। देशी शराब मसाला बोतल 270 की था, जो 320 रुपए, हाफ 140 थी जोे 170 रुपए, पौव्वा 70 था, जिसे 90 में बेचा गया। वहीं प्लेन में बोतल 230 थी जो 280, हाफ 120 की थी जो 150 अौर 60 का पौवा 80 रुपए में बेचा गया।

बगैर सोशल डिस्टेंसिंग के आबकारी निरीक्षण ने बिकवाई
ज्ञात हो कि कोरोना वायरस के चलते पूरे देश एवं प्रदेश में 24 मार्च से लॉकडाउन है। तब से मदिरालय में भी ताला लगा था। इस दौरान जंगल इलाके से महुआ शराब की तस्करी बढ़ गई थी, जिसे पुलिस द्वारा पकड़ कर कार्रवाई भी की गई। मदिरालय में कोरोना वायरस से बचने नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है अौर ना ही यहां पर सैनिटाइजर रखा गया है। आबकारी उप निरीक्षक टेक बहादुर कुर्रे स्वयं दिनभर मदिरालय में रहकर शराब विक्रय कराए। लेकिन लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में असमर्थ रहे। जबकि शराब दुकान के बाहर बांस बल्ली से 1 दिन पूर्व आने-जाने एकल रास्ता बनाया गया है। राज्य शासन के आदेश पर जिले की सभी 15 शराब दुकानें खुली, जिनमें राजिम, फिंगेश्वर, बासिन, छुरा, गरियाबंद, मैनपुर, अमलीपदर, उरमाल, सोना मुंडी शामिल हैं। कुर्रे ने बताया कि सुबह 8 बजे खुलने से पूर्व ही 7 बजे से लोगों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। रायपुर जिले रेड जोन में है, जहां पर गोबरा नवापारा के मदिरालय के खुलने का समय शाम 4 बजे तक है। वहां पर दुकान बंद होने के बाद राजिम में हजारों की भीड़ एकत्र हो गई थी। समय कम था इस वजह से अनेक लोगों को शराब लेने से वंचित होना पड़ा है।



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There was a crowd since morning, liquor worth Rs 12 lakh was sold in 11 hours




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पलारी के पास पहुंचा 17 हाथियों का झुंड

17 जंगली हाथियों का झुंड 4 महीने बाद शुक्रवार की रात वापस रोहांसी के जंगल में आ धमका था। सोमवार की सुबह चारा-पानी की तलाश में दल यहां से निकल कर मैदानी इलाकों का रुख करते हुए पलारी के पास मुख्य मार्ग से 3 किमी अंदर कौड़िया गांव में घुस गया, जहां से सिसदेवरी, वट्गन, ओड़ान अौर साहड़ा गांवों तक जा धमका। सुबह-सुबह ग्राम कौड़िया के तालाब के पार में खड़े हाथियों को ग्रामीण बिसौहा वर्मा ने देख तो इसकी सूचना डीएसपी सिद्धार्थ बघेल व नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय, रेंजर राकेश चौबे अौर डिप्टी रेंजर केशरी जायसवाल को दी।
सूचना मिलने पर अधिकारी टीम के साथ कौड़िया पहुंचे, लेकिन तब तक झुंड गांव के तालाब से दूर सिसदेवरी कौड़िया नाला के पास पेड़ का छांव में विश्राम करता नजर आया। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों को खदेड़ने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत उठानी पड़ी। आखिर में अमले को हाथियों को रोहांसी जंगल में वापस खदेड़ने में सफलता मिली। लोगों को रास्ता छोड़ने की रेंजर चौबे लगातार अपील करते रहे ताकि हाथियों को वापस जंगल की तरफ मूवमेंट करा सके, मगर भीड़ सुनने को तैयार नहीं थी। तभी डीएसपी बघेल और नायब तहसीलदार पांडेय ने लोगों सख्त लहजे में समझाते हुए रास्ता छोड़ने को कहा। पुलिस और वन विभाग के जवानों ने लोगों को रास्ते से हटाकर ढोल बजाकर हाथियों को खदेड़े। इसके कारण झुंड नाला से निकलकर सिसदेवरी गांव तक जा पहुंचा और वहां से फिर टीम इनको वापस कराते हुए साहड़ा, वट्गन, ओड़ान और सेमरिया से होकर देर शाम रोहांसी के जंगल तक ले गए, जहां हाथियों ने वापस 30 नंवबर के बांस के जंगल रोहांसी में जाकर घुस गए। तक कहीं जाकर अधिकारियों ने रात की सांस ली। वहीं मैदानी इलाके में हाथियों के चले जाने से जनहानि का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि खुले जगह में हाथी कहां जाए भरोसा नहीं है।



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Herd of 17 elephants reached Palari




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नवापारा में एक-एक दिन के क्रम में खुलेंगी दुकानें, मरीज मिला तो सब बंद

सोमवार को एक बार फिर नगर के व्यवसायी अपनी दुकान खोलने की मांग के साथ एसडीएम सूरज साहू के समझ पालिका भवन में उपस्थित हुए। दो दर्जन से अधिक व्यवसाय वाले व्यापारियों को एसडीएम ने कोरोना संक्रमण के संकट पर समझाइश देते हुए कहा कि यह समय अपने व्यवसाय के लिए अपनी मांग पर अड़ने का नहीं है।
रेड जोन होने के बाद भी प्रशासन ने व्यापारियों के हितों का ध्यान रख अपने स्तर पर यह अस्थाई व्यवस्था उनके दुकान संचालन के लिए बनाई है कि प्रतिदिन आवश्यक सेवाओं वाली दुकानों को छोड़ दिगर व्यवसाय को दो श्रेणियों में बांट व्यवसाय संचालन की अनुमति दी जा रही है। दुकानें एक दिन के आड़ में खुलेंगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस अनुमति के दौरान आप के नगर या क्षेत्र में एक भी संक्रमण का मामला पाया गया तो सभी सहूलियत या छूट निरस्त होकर संपूर्ण लॉकडाउन लागू हो जाएगा। एसडीएम ने यह भी कहा कि इस समय हमारे पास असीमित अधिकार है। छूट का बेजा इस्तेमाल करने वालों पर सख्त करवाई होगी। विधायक धनेंद्र साहू ने व्यापारियों से कहा कि उक्त संक्रमण काल में सावधानी की बहुत ही आवश्यकता है। छोटे-छोटे गांव में आंगनबाड़ी, मितानिन, सरपंच, पंच इस तरह सक्रिय है कि दूसरे प्रदेश से गांव में आने वाले हर व्यक्ति की जानकारी दे रहे हैं। इसी तरह की सक्रियता आप भी रखें। बैठक में विधायक धनेंद्र साहू, पालिकाध्यक्ष धनराज मध्यानी, सीएमओ भूपेंद्र उपाध्याय, व्यापारियों के अलावा रतिराम साहू, जीत सिंग, सौरभ सोनी, शहिद रजा सहित अनेक कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
व्यापारियों को इन व्यवस्था पर करना होगा अमल

व्यवस्था के अनुसार प्रत्येक व्यापारी को सप्ताह में एक दिन की आड़ में 3 दिन दुकान खोलने की अनुमति होगी। वह भी सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक ही दुकान खोल सकेंगे। इस दौरान दुकान में आने वाले ग्राहकों से संक्रमण से बचने सभी उपायों को लागू करवाना व्यापारियों की जिम्मेदारी है। इसके लिए प्रशासन जवाबदेह नहीं है। साथ ही एक ही दुकान में कई तरह के सामान बेचने वाली दुकानों को भी एक दिन की आड़ में ही दुकान संचालित करना होगा। बाहर से आने वाले ट्रकों के ड्राइवर स्टाफ से पर्याप्त दूरी बनाने कहा गया। प्रिटिंग, फ्लैक्स और फोटो कापी दुकानों को प्रतिदिन खुलने वाली श्रेणी में रखा गया है।



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Shops will open in Nawapara in the order of one day, all closed if patient is found




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चौकीदार के भरोसे सोनाखान का महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय

सोनाखान के महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय में कोई नहीं रहता बल्कि अस्थायी भृत्य द्वारा कार्यालय खोलकर रखवाली की जाती है। परियोजना अधिकारी द्वारा कसडोल में अघोषित कार्यालय चलाया जाता है। ऐसी स्थिति में जंगल क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग कैसे होती होगी, इसका सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है।
सोनाखान वासियों ने मांग भी की है कि यहां कार्यालय खोल गया है तो समस्त स्टाफ दे और सभी कर्मचारी नियमित कार्यालय में बैठे ताकि आंगनबाड़ी केंद्रों में हो रही अनियमितता को भी समय रहते अधिकारियों को बताया जा सके।महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय कसडोल अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 350 से अधिक होने पर 2012 में इसे दो परियोजना में बांट दिया गया और एक नया परियोजना कार्यालय सोनाखान में शुरू किया गया।
इसमें ब्लॉक के 5 सेक्टर बोरसी, बया, चांदन, बार एवं सोनाखान सेक्टरों को सोनाखान परियोजना कार्यालय में रखा गया और 7 सेक्टरों को कसडोल परियोजना कार्यालय में रखा गया ताकि दोनों जगह कार्यों का भार कम किया जा सके। साथ ही सुव्यवस्थित रूप से दोनों जगह मॉनिटरिंग करते हुए सही चले। 2012 से 2018 तक सोनाखान में परियोजना कार्यालय नहीं होने के कारण इसका संचालन कसडोल कार्यालय से ही चल रहा था, लेकिन 2019 में सोनाखान में परियोजना कार्यालय भवन बनने से सोनाखान परियोजना को पूर्णतः अलग करते हुए सोनाखान में ही शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन सबसे बड़ी बिलंबना है कि वहां कार्यालय खुले एक वर्ष से भी अधिक हो गया है पर वहां आज तक कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलता। वहां मिलता है तो सिर्फ गोपाल पैकरा, जो अस्थायी भृत्य है।
वही उस कार्यालय को खोलकर रखवाली करता रहता है। भृत्य ने पर बताया कि यहां कोई नहीं है, कभी मीटिंग रहती है तो अधिकारी आते हैं। यहां सुरेंद्र बंजारे एवं गौरी सिदार मैडम सुपरवाइजर हैं, लेकिन वे फील्ड वर्क वाले हैं और आदित्य शर्मा बड़े साहब हैं वे भी कभी-कभी आ जाते हैं।
मेरे पास कई ब्लॉक का प्रभार, इंटरनेट नहीं चलनेके कारण कसडोल में रहता हूं: प्रभारी
प्रभारी परियोजना अधिकारी आदित्य शर्मा का कहना है कि मैं बलौदाबाजार में जिला महिला एवं बाल अधिकारी के पद पर पदस्थ हूं। मेरे पास इसके अतिरिक्त भटगांव, बिलाईगढ़ एवं सोनाखान परियोजना का प्रभार है। इसके साथ जिले में और कई योजना का भी प्रभार है। मैं स्वयं कलेक्टर से प्रभार से हटाने की मांग कर चुका हूं। इतने प्रभार में मैं सोनाखान कार्यालय में नहीं बैठ सकता। कसडोल में चल रहे अघोषित आफिस के बारे में कहा कि सोनाखान में नेट नहीं चलता। इस कारण कसडोल के सिरपुर रोड स्थित किराए के मकान में कम्प्यूटर आपरेटर को बैठाकर कार्य किया जाता है।
सुपरवाइजर बोले- हम लोग फील्ड वर्कर
सोनाखान परियोजना के सुपरवाइजर सुरेंद्र बंजारे ने बताया कि परियोजना में कुल 176 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, कुल 5 सेक्टर हैं। सभी जगह अभी कार्यकर्ताओं द्वारा रेडी-टू-ईट एवं अन्य सूखे खाद्य पदार्थ घरों में दिए जा रहे हैं। कार्यालय में कोई रहता नहीं कहने पर कहा कि हम लोग फील्ड वर्क वाले हैं और साहब के पास कई परियोजना का प्रभार है।



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Sonakhan's Women and Child Development Project Office relied on the watchman




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ओडिशा बाॅर्डर पर पहुंचे अफसर सतर्कता बरतने की नसीहत दी

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर कलेक्टर रजत बंसल और एसपी बी.पी. राजभानू ने रविवार को ओडिशा की सीमा से लगे नगरी विकासखंड के सुदूर ग्राम बोरई में जाकर पंचायत प्रतिनिधियों के बीच चौपाल लगा बैठक ली। दोनों ने उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और निर्देशों का हर
हाल में पालन करने के लिए कहा। साथ ही विशेष सतर्कता बरतने के तरीके बताए।
कलेक्टर ने बोरई में स्थित छात्रावास में आसपास की ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिवों और रोजगार सहायकों, पटेलों की बैठक लेकर बताया कि कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बनकर उभरा है, जिसे फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग तथा हाथों को अच्छी तरह से धोकर ही हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्राम बोरई चूंकि ओडिशा की सीमा से लगा हुआ है इसलिए यहां के लोगों को अपेक्षाकृत अधिक सतर्क व सजग रहने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने कहा कि अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए मजदूरों को अब उनके गृहग्राम में वापस लाने की कवायद राज्य शासन द्वारा की जा रही है। हालांकि उन्हें भी 14 दिनों के क्वारेंटाइन में रखने के बाद पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही घर भेजा जाएगा, लेकिन इस बीच आने वाले समय में और अधिक सावधानी व सतर्कता बरतने की जरूरत है।



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जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.सुजाय मुखर्जी के खिलाफ जांच के आदेश

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.सुजाय मुखर्जी के खिलाफ जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। 27 अप्रैल को जिला अस्पताल के डॉक्टरों समेत वहां के मेडिकल स्टाफ ने सिविल सर्जन के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसे लेकर कलेक्टोरेट में ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन सौंपने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच अधिकारी सीएमएचआे डॉ. सुरेश तिवारी व सहसपुर लोहारा बीएमओ डॉ. संजय खरसन को बनाया गया है। जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने सिविल सर्जन पर गाली-गलौज कर अभद्रता पूर्वक बात करना, काेरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में न रखते हुए शासन के नियम विरुद्घ बाॅयोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति अपनाया जाना, अस्पताल के किसी न किसी कर्मचारी का वेतन काटे जाने समेत कई आरोप लगाए थे। इन सब आरोप को लेकर जांच की जाएगी।
राज्य स्तर पर भेजी जानकारी: जिले में ऐसा पहली बार हुआ कि कोरोना संकट के बीच में ही जिला अस्पताल के सिविल सर्जन व यहां डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ के बीच विवाद की स्थिति बनी है। विवाद को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मामले के संबंंध में प्रारंभिक जानकारी राज्य स्तर के स्वास्थ्य अधिकारियों को दी है। अब जांच के बाद ही आने वाले समय में कार्रवाई होगी।



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पॉजिटिव मिले 6 में से 3 संक्रमितों को जांच रिपोर्ट आने से पहले ही दे दी गई थी छुट्टी

लॉकडाउन के तीसरे चरण के पहले ही दिन कबीरधाम जिले के रेंगाखार और समनापुर जंगल में 6 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसमें 3 पुरुष, दो महिलाएं और 5 साल का एक बच्चा शामिल है।
लापरवाही के चलते पॉजिटिव मिले 6 में से 3 संक्रमितों (दो महिला और बच्चे) को जांच रिपोर्ट आने से पहले ही 2 मई को रेंगाखार क्वारेंटाइन सेंटर से छुट्टी दे दी थी। ये महिला ग्राम चमारी की रहने वाली थी। क्वारेंटाइन सेंटर से छुट्टी के बाद ये महिलाएं अपने गांव पहुंची। घर पहुंचने पर बड़े-बुजुर्गों के पैर छुए। पड़ोसियों समेत करीब 80 लोगों के संपर्क में आईं। उन सभी को क्वारेंटाइन किया गया है। रविवार देर शाम को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। रेंगाखार, समनापुर जंगल समेत आसपास के 4 गांवों को कंटेनमेंट एरिया घोषित करते हुए तुरंत सील किया गया। एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस की टीम गांव पहुंची। पॉजिटिव पाए गए दोनों महिला और बच्चे को एंबुलेंस से एम्स रायपुर ले गए।

हालात बिगड़ने पर एक दूसरे को बताया जिम्मेदार
जांच रिपोर्ट आने से पहले क्वारेंटाइन सेंटर से संक्रमित महिलाओं व बच्चे को छुट्टी दे दी। इस लापरवाही के लिए स्थानीय तहसीलदार राधेश्याम वर्मा और सरपंच मोहन अग्रवाल एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं। सरपंच मोहन अग्रवाल बताते हैं कि तहसीलदार के कहने पर महिलाओं को क्वारेंटाइन सेंटर से छुट्टी दी थी, जबकि तहसीलदार कहते हैं मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। संक्रमित मिले लोगों में कोविड- 19 के एक भी लक्षण थे। फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने इनका रेंडम सैंपल लिया था।

28 सैंपल भेजे, इनमें 12 की जांच में 6 पॉजिटिव मिले
रेंगाखार व समनापुर जंगल में मिले इन संक्रमितों के साथ करीब 59 अन्य लोग भी क्वारेंटाइन में थे। 1 मई को कवर्धा से डॉक्टर्स की टीम वहां गई थी और कोरोना टेस्ट के लिए 28 लोगों के सैंपल लिए गए थे। सभी सैंपल रायपुर भेजे गए थे। इनमें से 12 की जांच में 6 पॉजिटिव पाए गए। अब भी 14 सैंपल की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। रिपोर्ट आने से पहले ही लगभग आधे लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर से छुट्टी दे दी गई थी। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस व प्रशासन ने सभी को ढूंढ़कर दोबारा क्वारेंटाइन किया है।

संपर्क में आने वाले 80 लोगों के सैंपल जुटा रहे
सोमवार सुबह से ही स्वास्थ्य विभाग की 4 अलग-अलग टीम रेंगाखार व समनापुर जंगल पहुंची। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आए लगभग 80 लोगों की पहचान की गई है। सभी को क्वारेंटाइन सेंटर लाया गया है। यहां डॉक्टर्स की टीम सभी का सैंपल जुटा रही है। देर शाम तक 66 लोगों के सैंपल लिए गए। यह कार्य जारी रहा। सैंपल को जांच के एम्स रायपुर भेजा जाना है।

दोनों गांव हाई अलर्ट पर लोग घरों में दुबके हुए हैं
एक साथ 6 कोरोना पॉजिटिव मिलने पर रेंगाखार और समनापुर जंगल हाई अलर्ट पर है। सोमवार को दिनभर यहां गलियां और सड़कें सूनसान नजर आई। कोई भी गांव से बाहर नहीं निकला। चौक-चौराहों पर पुलिस जवान तैनात किए गए थे। इधर, संक्रमित महिला व पुरुष के ग्राम चमारी, तितरी, सुतिया और चोरबाहरा के रहने वाले हैं। इस सभी के गांवों में भी पुलिस का पहरा बैठा दिए हैं। बताया जा रहा है कि नागपुर (महाराष्ट्र) से लौटा एक संक्रमित सीधे अपने घर चला गया था।



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3 out of 6 infected positives were given leave before the investigation report came.




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रमजान का पहला अशरा रहमत का पूरा हुआ

सोमवार शाम से रमजान का दूसरा अशरा मगफिरत का शुरू हो गया है। पाेंड़ी जामा मस्जिद के पेश इमाम अश्फाक रजवी ने बताया कि रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जो पहला, दूसरा और तीसरा अशरा कहलाता है। अशरा अरबी का 10 नंबर होता है। इस तरह रमजान के पहले 10 दिन (1-10) में पहला अशरा, दूसरे 10 दिन (11-20) में दूसरा अशरा और तीसरे दिन (21-30) में तीसरा अशरा बंटा होता है।
पहला अशरा रहमत का होता है, दूसरा अशरा मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का होता है और तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है। रमजान का पहला अशरा रहमत का पूरा हो गया है। अब दूसरा अशरा मगफिरत का शुरू हुआ है। आखिरी अशरा 21 वें रोजे से शुरू होकर चांद के हिसाब से 29वें या 30वें रोजे तक चलता है। ये अशरा सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। तीसरे अशरे का उद्देश्य जहन्नुम की आग से सुरक्षित रखना है। इस साल रमजान का महिना लॉकडाउन व कोरोना संकट के बीच में पड़ा है। ऐसे में सभी मस्जिदों में केवल पांच लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई है। इस बार किसी भी मस्जिद में दूसरे राज्य के मौलाना भी नहीं पहुंचे हैं।

ईदगाह में नमाज अता करने अभी संशय
ईद की नमाज एक साथ ईदगाह में पढ़ी जाती है। कई बार मौसम खराब होने के कारण मस्जिद में भी नमाज अता की जाती है। इस नमाज में सबसे ज्यादा भीड़ होती है। यह नमाज मुस्लिम समाज के सभी लोग पढ़ते हैं, लेकिन लॉकडाउन व धारा 144 लागू होने के कारण नमाज को लेकर संशय है। संभावना है कि नमाज में केवल पांच लोग शामिल हो सकते हैं। वहीं प्रशासन ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि मस्जिदों में भीड़ न हो, इसे लेकर नजर रखी जा रही है।
शबे कद्र 21 को, चांद दिखा तो 24 या 25 मई को ईद

इसी माह ईद का त्योहार भी होगा। यह त्योहार चांद पर निर्धारित होता है। वैसे ईद की संभावना 24 या 25 मई को है। यानि 23 मई को चांद दिखा तो 24 तारीख या 24 को चांद दिखने पर 25 मई को ईद मनाई जाएगी। इसके पहले 27 रमजान को शबे-ए-कद्र मनाया जाता है। यह रमजान माह में सबसे प्रमुख माना जाता है। इस दिन मस्जिदों में मिलाद का आयोजन किया जाता है। लेकिन कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन को देखते हुए आयोजन नहीं होंगे। वर्तमान हालात को देखते हुए समाज ने अपने लोगों को शबे-ए-कद्र के दिन घर में इबादत करने कहा है।



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सुबह 8 से शाम 4 बजे तक जरूरी सेवाओं को छूट

लॉकडाउन के तीसरे फेज के पहले ही दिन समनापुर जंगल और रेंगाखार में 6 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसे लेकर कबीरधाम जिला अब रेड जोन में आ गया है। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने इसकी पुष्टि की है। यानी अब जिले में संक्रमण के फैलाव को रोकने को लेकर ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है। इसके मद्देनजर लॉकडाउन और धारा 144 को 17 मई की रात 12 बजे तक बढ़ा दिया गया है।
साथ ही कबीरधाम रेड जोन में होने होने के कारण जिले के भीतर विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध और अनुमति के संबंध में कलेक्टर ने सोमवार देर शाम को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आगामी 17 मई तक सुबह 8 से 4 बजे तक चिकित्सा समेत जरुरी सेवाओं को छूट रहेगी। शाम 4 बजे से सुबह 8 बजे तक गैर जरुरी गतिविधियां पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान घरों से बाहर घूमने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शहरी क्षेत्र में आवश्यक वस्तु वाली दुकानें खोलने की अनुमति: शहरी क्षेत्रों नगरीय निकायों में सभी माॅल, मार्केट काॅम्प्लेक्स, मार्केट बंद रहेगी। आवश्यक वस्तुओं की बिक्री संबंधी दुकानों को अनुमति होगी।

जिले में ये पाबंदियां 17 मई तक रहेगी लागू

  • जिले में शाम 4 बजे से सुबह 8 बजे तक लोगों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। इस दौरान लोगों की आवाजाही रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन ने धारा-144 लागू किया है।
  • स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षिक संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट, बार, सिनेमा हॉल, शाॅपिंग माॅल, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, नाट्यशाला और सभागार आदि बंद रहेंगे।
  • धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद से जुड़े जमावड़े पहले की तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
  • 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 साल के कम उम्र के बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों के घर से निकलने पर पाबंदी रहेगी। वे सिर्फ जरूरी काम से या फिर इलाज के लिए बाहर जा सकते हैं।
  • साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी व कैब एकत्रीकरण, जिले के भीतर और अंतर जिला बस परिवहन, सेलून और स्पा पार्लर का संचालन बंद रहेगा। इसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा।

इन गतिविधियों की अनुमति, लेकिन जरुरी पाबंदी भी

  • चारपहिया वाहन में ड्राइवर के अलावा अधिकतम 2 सवारी बैठ सकते हैं। दोपहिया वाहनों में दो लोग नहीं बैठ सकेंगे।
  • आवश्यक सामग्री जैसे, दवाइयां, ड्रग्स एवं चिकित्सकीय उपकरण संबंधी निर्माण इकाई, चिकित्सा सामग्री की परिवहन सुविधा, सूचना तकनीकी के हार्डवेयर उपकरण बनाने वाली ईकाई सोशल डिस्टेंसिंग के साथ संचालन की अनुमति दी जाएगी।
  • ओपीडी और मेडिकल क्लिनिक का संचालन सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सावधानियाें के साथ संचालित किए जा सकेंगे।
  • कोरियर व पोस्टल सेवाएं की अनुमति। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी व आईटी आधारित सेवाएं, डाटा एव काॅल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाऊस सेवाएं, प्राइवेट सिक्योरिटी व फेसिलिटी मैनेजमेंट सेवा के लिए अनुमति रहेगी।
  • सभी आवश्यक वस्तुओं/ सामग्रियों के परिवहन की अनुमति। ऐसे सामग्रियों के लिए जिला सीमा परिवहन के लिए अलग से पास की आवश्यकता नहीं होगी।


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पेड़ों की अवैध कटाई, आरोपी तक पहुंचने में उलझा विभाग

क्षेत्र में कभी जंगलों में तो कभी किसान अपने खेतों की पेड़ों की कटाई कर देते हैं। कोई शिकायत करता है तो मामला वन विभाग और राजस्व विभाग में उलझकर रह जाता है। इससे पेड़ काटने वाला बचकर निकल जाता है, क्योंकि जब तक विभाग कार्रवाई के लिए निकलता है तब तक संबंधित व्यक्ति मौके से निकल जाता है।
पिछले दिनों रानीवाही के पास एक विशाल महुआ के पेड़ को काट कर लकड़ी ट्रेक्टर से ले जाया गया।
इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इससे ऐसे कार्य करने वालों की हौसला बुलंद हो रहा और लगातार वनों की कटाई हो रही है। वन विभाग ने कही मामला पकड़ भी लिया तो कानूनी कार्रवाई लचर होने से भी लोगों में कोई भय नहीं रहता है। पर्यावरण प्रेमियों ने कहा पेड़ वन विभाग का हो या राजस्व का, पेड़ों की कटाई पर रोक लगानी चाहिए।



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Illegal felling of trees, department involved in reaching accused




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सब्जी का स्थानीय उत्पादन कम लोगों को नहीं मिल रही वैरायटी

लॉकडाउन के चलते सब्जी बाजारों में लोगों को पर्याप्त सब्जी नहीं मिल रही है। इसका प्रमुख कारण स्थानीय स्तर पर सब्जी का उत्पादन कम होना है। यहां सब्जी मुख्यत: दल्लीराजहरा और पखांजूर क्षेत्र से आते हैं। लॉकडाउन के चलते बहुत कम सब्जी आ रही है, जिससे सब्जी बाजार में टिंड़ा, ढेंस, गाजर, शिमला मिर्च, खीरा, ककड़ी आदि नहीं मिल पा रहा है। सिर्फ भिंडी, बरबटी, भाजी ही मिल रहा है। बाहर से आने वाले व्यापारी नहीं पहुंचने से लोगों को परेशानी हो रही है।
दुकान बंद होने से लोगों ने बदला व्यवसाय : लॉकडाउन के चलते कई ठेले, खोमचे वालों की दुकानें बंद हो गई, जिससे उनके सामने रोजी रोटी की समस्या हाे रही। इसके चलते एेसे लोगों ने आवश्यक सेवा वाली सामग्री जैसे सब्जी, फल, आलू, प्याज सहित किराने के दुकान की सामग्री बेचने लगे हैं। इससे सब्जी बेचने वालों की संख्या बढ़ गई है।



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Variety is not getting local production of vegetable less people




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तेंदूपत्ता खरीदने आने वाले ठेकेदार होंगे क्वारेंटाइन

लॉकडाउन के चलते इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण का काम वन विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस काम के लिए ठेकेदार अधिकांश आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, झारखंड और महाराष्ट्र के हैं। ठेकेदार अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कई ठेकेदार आने के लिए मना कर रहे हैं। इससे विभाग की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है।
पूर्व वन मंडल भानुप्रतापपुर के वन मंडलाधिकारी आरसी दुग्गा ने बताया 56 लॉट है, इसमें 55 बिक चुका है। इसमें अधिकांश दूसरे राज्य के ठेकेदार हैं। उन्हें बुलाया जा रहा है। उनके आने के बाद उनका कलेक्टर व विभाग प्रमुख से परिचय पत्र बनाया जाएगा और जैसे ही यहां आएंगे उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें क्वारेंटाइन किया जाएगा। वे कमरे में ही रहकर मॉनिटरिंग करेेंगे और ठेकेदार के साथ केवल तीन व्यक्ति ही रहेंगे, बाकी स्थानीय व्यक्तियों को काम में लगाएंगे। इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।



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Quarantine will be the contractor to buy Tendupatta




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24.5 करोड़ की कांकेर जल आवर्धन योजना हुई लेट, अब 20 मई को हो सकता है ट्रायल

24 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से शहरवासियों के लिए अप्रैल महीने से शुरू होने वाले जल आवर्धन योजना पर कोरोना का असर पड़ गया है। जूझ लॉकडाउन के कारण यह एक बार फिर लेट हो गया। योजना के तहत कुछ काम बचे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण बंद हो गया था। अब पीएचई विभाग ने फिर से काम शुरू कर दिया है। विभाग के अधिकारी 20 मई से पानी के लिए ट्रायल शुरू करने की बात कह रहे हैं।
दरअसल 24.5 करोड़ वाले कांकेर जल आवर्धन योजना की स्वीकृति 2013 में मिली थी। इसका काम 2016 में शुरू हुआ था। 2018 तक काम पूरा हो जाना था, लेकिन अभी तक काम पूरा हो जाना था। इस साल अभी तक की स्थिति में काम पूर्णता की ओर है।
ग्राम दसपुर के जल शुध्दिकरण संयंत्र व बागोड़ के इनटेक में कुछ काम शेष है। यह काम अप्रैल तक पूरा करना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से 22 मार्च से काम बंद हो गया। पीएचई विभाग के अनुसार अब फिर से कुछ दिनों से जल शुध्दिकरण संयंत्र के भवन में फिनिशिंग का काम शुरू हो गया है। जल शुध्दिकरण संयंत्र में फिल्टर मशीन नहीं पहुंचा है, जो भंडारा से पहुंचेगा। इसके भी सप्ताह भर में पहुंच जाने की उम्मीद है। अभी जल शुध्दिकरण संयंत्र में ट्रांसफॉर्मर पहुंच चुका है और जिसके लिए फाउंडेशन खड़ा हो गया है, जिसे लगाने की तैयारी चल रही है। साथ ही इनटेक वेल में काम किया जा रहा है। जहां पंप डालने का काम शेष है। बिजली विभाग से हाई टेंशन तार नहीं लगाया गया है,जिसका काम शेष है। पीएचई विभाग 20 मई को जल सप्लाई के लिए ट्रायल करने की तैयारी कर रहा है।
प्रति व्यक्ति 135 लीटर मिलेगा पानी
शहर में महानदी से जल सप्लाई होने पर प्रति व्यक्ति 135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी मिल पाएगा। इसमें शहर में 39 किलोमीटर का पाइपलाइन बिछाया गया है। इसका काम पूर्ण हो चुका है। जल वितरण प्रणाली पाइप लाइन में लागत 6 करोड़ 50 लाख रूपया का है। बागोड़ के महानदी में इनटेक 2 करोड़ 32 लाख रूपया का बनाया गया है। जल शुध्दिकरण संयंत्र 4 करोड़ 32 लाख रूपया का बनाया गया है। बागोड़ के महानदी से पानी दसपुर में बने जल शुध्दिकरण संयत्र में आएगा। जहां से पानी का शुध्दिकरण होगा। वहीं रॉ-वाटर में लागत 2 करोड़ 46 लाख रूपया है। शहर में चार टंकी नया बस स्टैंड, मुक्तिधाम, अलबेलापारा, श्रीराम नगर वार्ड में बनाई गई है। यहां पर दसपुर से शुध्द पानी जमा होगा। फिर शहर में पाइप लाइन से लोगों के घर में पानी पहुंचेगा।



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Kanker water magnification scheme of 24.5 crore late, now trial on May 20




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अब 2 नहीं 3 दिन खुलेंगी दुकानें, समय भी बदला

जिला प्रशासन ने लॉकडाऊन के दौरान छूट प्राप्त अति आ‌वश्यक के दायरे से बाहर के सामानों की दुकानों के खुलने कासमय व दिन में बदलाव किया है। जिसमें अब सप्ताह में दो दिन ये दुकानें खोली जा सकेंगी। इसके साथ ही सप्ताह के जिन दिनों में यह दुकानें खुलनी थीउसमें भी फेरबदल कर किया गया है। अन्य जरूरी सेवाओं के प्रतिष्ठान व दुकान पूर्व की तरह निर्धारित समय पर खोले जा सकेंगे।
कलेक्टर केएल चौहान के नए आदेश के अनुसार अब सप्ताह में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को बर्तन, फर्नीचर, फोटो स्टुडियो, प्रिटिंग प्रेस, फ्लेक्स, मोबाइल दुकान खोली जाएगी। अब मोबाइल दुकान में मोबाइल की बिक्री भी की जा सकेगी। इसके अलावा मंगलवार, गुरूवार व शनिवार को कपड़ा, जूता चप्पल दुकान, ज्वेलरी शॉप, कप्यूटर हार्डवेयर, मनीहारी, फैसी स्टोर्स खोले जाएंगे।
सप्ताह में तीन दिन खुलने वाली उपरोक्त सभी दुकान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खोली जाएगी। सभी दुकानों में वैद्य गुमाश्ता लाइसेंस होना अनिवार्य किया गया है। जिसकी कॉपी दुकान सामने चस्पा करनी होगी। इसके अलावा मिस्त्री, बढ़ाई, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, पंप मैकेनिक की सेवाएं जारी रहेगी।
रोजाना खुलने वाली दुकानें
सब्जी, फल, अनाज, डेली नीड्स, किराना, खाद्यान, कृषि मशीनरी, स्पेयर पार्टस, छात्रों की किताब दुकान, पशुआहार, खाद, उर्वरक, कीटनाशक, चिकन, मटन, मछली, अंडा, हार्डवेयर, चश्मा दुकान, सायकल, बाईक व चार पहिया वाहन के पंचर, स्पेयर पार्टस, रिपेयर दुकान, आटा, दाल मिल, फोटो कॉपी सेंटर, स्टेशनरी, बिजल पंखे, कुलर, इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रीकल समाग्री की दुकान व रिपेयर सेंटर, दर्जी दुकान आदि की दुकान रोज खोली जा सकेंगी। खाद्य पदार्थ बेचने के छोटे दुकान व होटल में सामान की सिर्फ पार्सल सुविधा होगी। वहां बैठ कर नाश्ता आदि करने की अनुमति नहीं होगी। ये सभी दुकान सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा।
ब्यूटी पार्लर व सैलून को सशर्त मिलेगी अनुमति
आदेश में हो गया है कि सेलून व ब्यूटी पार्लर के संचालन की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन इसके लिए कार्यालय से जारी एडवायजरी का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा।
नहीं खुलेंगी ये दुकानें
इसके अलावा गुपचुप, चाट, आईसक्रीम एवं फास्ट फूड ठेला का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। इसके साथ ही तंबाकू उत्पाद व गुटखा, सामुदायिक भवन, माल, भी बंद रहेंगे।



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27 रुपए का मिट्‌टी तेल 40 में बेचा, शिकायत के बाद नोटिस

ग्राम पंचायत भिंगीड़ार के उचित मूल्य दुकान संचालक द्वारा 27 रुपए का मिटटी तेल हितग्राहियों को 40 रुपए की दर से बेचा जा रहा है। जब इसकी जानकारी हितग्राहियों को लगी तो हितग्राहियों ने विक्रेता से इस संबंध में बात की।
विक्रेता ने हितग्राहियों को अधिकारियों को खर्चा देने की बात कहते हुए अधिक राशि लेना बताया। इसके बाद हितग्राहियों ने इसकी शिकायत पखांजूर एसडीएम से करते हुए दुकान संचालक पर कार्रवाई की मांग की है। ग्राम भिंगीडार में उचित मूल्य की दुकान का संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। समस्त राशन कार्डधारियों को मिट्टी तेल 40 रुपए लीटर की दर से बेचा जा रहा है। जबकि शासन द्वारा मिटटी तेल का मूल्य 27 रूपए निर्धारित किया गया है। ग्रामीण भुवन मंडल, नरोत्तम मंडल, हिरदास सरदार, हरिचांद बघेल, प्रताप जैन आदि ने बताया सेल्समैन द्वारा न सिर्फ मिट्टी तेल का अधिक रेट लिया जाता है, साथ ही तौल में कम सामान दिया जाता है।

कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू
खाद्य निरीक्षक पखांजूर जतिन देवांगन ने बताया कि दुकानदार ने मिट्टी तेल 40 की दर में बेचा है। उसे नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।



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बिजली बिल जमा करने की आखिरी तारीख आज, एटीपी में लगी रही भीड़

बिजली कंपनी द्वारा बिजली बिल जमा करने 5 मई को अंतिम तारीख निर्धारित की है। विभाग द्वारा मोबाइल एप या ऑनलाइन माध्यम से लोगों को बिल जमा करने कहा गया था, लेकिन अधिकांश लोगों द्वारा बिल जमा नहीं किया। इसके चलते विभाग द्वारा एटीपी से भी बिल जमा कराने की सुविधा शुरू की गई। इसकी जानकारी लगते ही उपभोक्ताओं की भीड़ बिल जमा कराने लगने लगी है। अंतिम दिन को एक ही दिन शेष होने के चलते सोमवार को बड़ी संख्या में उपभोक्ता बिल जमा कराने बिजली दफ्तर के एटीपी पहुंचे। इस दौरान लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन भी नहीं किया गया।
लोगों का कहना है कि सोशल डिस्टेसिंग के नियम का पालन ही नहीं हो पा रहा है। विद्युत विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ऑनलाइन बिजली बिल का भुगतान करना है, लेकिन लोग इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं। लॉकडाउन लगने के बाद से ही बिजली बिल का भुगतान की प्रक्रिया बंद हो गई थी। अभी दो माह मार्च, अप्रैल का बिजली बिल दो दिन पहले ही पहुंचा है।

शर्तों का पालन नहीं करेंगे तो बंद कर देंगे एटीपी

कांकेर विद्युत उपसंभाग के सहायक यंत्री एलएन कवर ने कहा शासन ने ही 5 मई को बिजली भुगतान करने का अंतिम तिथि रखा है। लोग बिजली बिल का भुगतान आनलाइन के माध्यम से दिए गए एप को डाऊनलोड कर जमा कर सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का नियम पालन कराने के लिए एटीपी काउंटर के पास गोल घेरा बनाया गया था, लेकिन गोल घेरा मिट गया है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कई बार कहा है, लेकिन लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं।

समय अवधि बढ़ाया जाना चाहिए
अन्नपूर्णापारा वार्ड के सुभाष रावत ने सिंगारभाठ के संतोष प्रधान, गढ़पिछवाड़ी के धन्नुराम शोरी, मोहपुर के तुकाराम नेताम, सिंगारभाठ के संतोष प्रसाद बिजली बिल जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ानी चाहिए।



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Today is the last date for submission of electricity bill, ATP crowd




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छूट के बाद भी लोकल बस-टैक्सी नहीं चलीं, संचालक बोले- शर्तों से होगा नुकसान

लॉकडाउन में जिन दुकानों को सोमवार को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है वह भी खुली रहीं। जबकि ग्रीन जोन में आने वाले जिलों को अपने जिले के अंदर यात्री वाहन के संचालन के लिए छूट दी गई है। लेकिन यात्री वाहन संचालकों ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। वाहनों के पहिए थमे रहे। दूसरी ओर सोमवार को बड़ी संख्या में दुकान खुलने से जिला मुख्यालय में भीड़ जमा होती रही। जिसमें नियमों का उल्लंघन किया जाता रहा।
कांकेर जिले में पूर्व में जारी आदेश के अनुसार सोमवार व गुरूवार को कपड़ा, बर्तन, जेवर तथा मोबाइल रिचार्ज की दुकान को निर्धारित समय के लिए छूट दी गई है। जिसमें सोमवार को ये दुकानें तो खुलीं लेकिन इसके साथ साथ बुधवार व शनिवार को खोले जाने वाली जूता चप्पल दुकान तथा मंगलवार व शुक्रवार को खोले जानी वाली फैंसी स्टोर्स भी खोल दिए गए। जब दुकान खोलने के बारे में पूछा गया तो दुकानदारों का कहना था दुकान खोलने का आदेश आने वाला है।
वहीं कुछ दुकान सोशल डिस्टेंस रख कर दुकान खोलने का हवाला देते रहे। जिन दुकानों को खोलने की छूट है उनमें भी अधिकतर दुकानों में नियमों का पालन नहीं होता दिखा। मोबाइल फोन रिचार्ज दुकान में ग्राहकों की भीड़ रही। कुछ जगह रिचार्ज के नाम पर मोबाइल भी बेचे जाते रहे। मोबाइल दुकान संचालक मास्क नहीं लगाए हुए थे।
दूसरी ओर जिलेवासियों को उम्मीद थी कि कांकेर जिला ग्रीन जोन में होने के कारण सोमवार 4 मई से छूट के बाद जिले के भीतर बस तथा टैक्सी चलना शुरू हो जाएगी। लेकिन दिन भर एक भी बस व टैक्सी नहीं चली। अर्से से लाकडाउन में फंसे लोगों को बड़ी निराशा लगी। बस संचालक आधे यात्री के साथ बस चलाने के नियम के चलते बस नहीं चला रहे हैं। उनका कहना है कि इस नियम को व्यवहारिक रूप से पालन करना संभव नहीं है। आधे यात्री को यात्रा कराने से उनका डीजल का खर्च भी नहीं निकलेगा।
शराब को छूट से चाय और पान ठेलों वालों में नाराजगी
लॉकडाउन के तीसरे दौर में जहां कई छूट दी गई है उसमें होटल और चाय व अन्य ठेला संचालकों को कोई छूट नहीं देने से उनमें नाराजगी है। पखांजूर के होटल और ठेला संचालक दुकान खोलने की मांग लेकर एसडीएम पखांजूर से मुलाकात कर उन्हें भी दुकान खोलने की अनुमति देने की मांग की। एसडीएम ने इसे शासन स्तर का मामला बताते उन्हें लौटा दिया। होटल संचालक रतन कुंडू , हरिचांद समददार, आशुतोष मजुमदार, बाबू पाल आदि ने बताया कि प्रदेश शराब दुकान खोल दी है तो हम होटल और ठेले वालो को क्यों छूट नहीं दी जा रही।



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Local bus-taxis did not run even after waiver, operator said - conditions will cause damage




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शराब दुकानों के बाहर मची धक्कामुक्की, आबकारी स्टाफ भी दिखे बिना मास्क

लॉकडाउन के तीसरे चरण में ग्रीन जोन वाले जिलों में शराब दुकानें खोलने की अनुमति क्या मिली, सुबह 7 बजे से दुकानों में शराब प्रेमियों की भीड़ लग गई। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए की गई बैरिकेडिंग, मार्किंग सब धरी की धरी रह गई। शराब दुकानों की कतार परिसर से बाहर तक पहुंच गई। लोग मास्क तो लगाए हुए थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंंग कहीं नहीं थी। शराब दुकानों के बाहर हाथ धोने के लिए साबुन-पानी भी नहीं था। और तो और वहां तैनात आबकारी आरक्षक भी बिना मास्क लगाए ड्यूटी कर रहे थे। इधर प्रशासन ने धारा 144 की अवधि 17 मई तक के लिए बढ़ा दी है। इस दौरान शाम 7 से सुबह 7 बजे तक सामान्य गतिविधियों यानि बिना अतिआ‌वश्यक कारण इधर उधर जाने आने पर पाबंदी लगा दी गई है।
शराब दुकानों में भीड़ जुटने की सूचना पाकर ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची और शराबियों को एक निश्चित दूरी पर खड़ा कराई लेकिन पुलिस के जाते ही स्थिति जस की तस हो गई। कांकेर में शराब दुकान खुलने का समय सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक है लेकिन पहले दिन पूरी तैयारी नहीं हो पाने के कारण कांकेर मुख्यालय की ही दुकान में 9 बजे के बाद शराब की बिक्री शुरू हुई। इससे वहां ज्यादा भीड़ लग गई।

आरक्षक ने कहा-ड्यूटी को लेकर पूछो सवाल, मास्क का नहीं

शराब प्रेमी ही नहीं आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी नियमों का उल्लंघन करते रहे। जिले में अधिकतर शराब दुकानों के सामने न तो हाथ धोने पानी व साबुन रखा गया था और न ही सैनिटाइजर का इंतजाम था। यहां ड्यूटी कर रहे कर्मचारी भी बिना मास्क मौजूद थे। अंतागढ़ में समय से पहले ही शराब बेचनी शुरू कर दी गई। ड्यूटी में तैनात स्वयं आबकारी आरक्षक राम विलास तथा निर्मल खापर्डे बिना मास्क लगाए दुकान के बाहर बैठे रहे। जब उनसे इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हम ड्यूटी करने आए हैं। ड्यूटी के संबंध में सवाल पूछो। मास्क को लेकर नहीं।
शराब पुरानी लेकिन दाम नया, इसलिए विवाद
कई जगह शराब के दाम को लेकर भी विवाद हुआ। शराब खरीदारों का कहना था बोतल में शराब का जो मूल्य लिखा है उससे 20 से 25 प्रतिशत रेट बढ़ा कर दिया जा रहा है। जबकि विभाग के अधिकारी का कहना है कि शासन से शराब का नया रेट आया है। शराब पहले सेे रखी थी। उसमें पुराना रेट दर्ज है। शासन के आदेश के अनुसार इसे अब नया रेट से बेचा जा रहा है। इसकी सूची भी टांगी गई है।
17 मई की रात 12 बजे तक लागू रहेगी 144
कलेक्टर के एल चौहान द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सभी संभावित उपाय अमल में लाए जा रहे हैं। वर्तमान स्थिति में अब भी कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है। इसलिए कांकेर जिला में स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने धारा 144 की समय सीमा 17 मई की रात 12 बजे तक बढ़ाई जा रही है। अब कांकेर जिला के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे के बीच अनावश्यक रूप से परिभ्रमण नहीं करेगा। इस दौरान पूरी तरह से मूवमेंट प्रतिबंधित रहेगा।



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Excise outside liquor shops, excise staff also see masks




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160 में से 60 की रिपोर्ट आई, सभी निगेटिव

कोविड-19 के फैलाव से अभी भी ये जिला अप्रभावित है। जबकि यह जिला सीधे तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा से जुड़ा है। अभी तक जिले में एक भी पाॅजिटिव केस सामने नहीं आए हैं। इधर बाॅर्डर पर बसे तारलागुड़ा और तिमेड़ पर प्रशासन ने शुरू से ही लोगों की आवाजाही पर सख्ती बरती हुई है।
सूत्रों की मानें तो अब तक इस जिले में सात हजार से भी अधिक लोग महाराष्ट्र और तेलंगाना से आ चुके हैं और इनमें से आधे लोगों का 28 दिनों की क्वारेंटाइन की अवधि भी खत्म हो चुकी है। इनमें से तो करीब 2800 लोग केवल बीजापुर ब्लाॅक में ही हैं। हर ब्लाॅक में बीएमओ कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस रूम में हमेशा तीन से चार लोग रहते हैं और वे क्वारेंटाइन में रखे गए लोगाें, सरपंच, सचिव, मितानिन आदि से संपर्क में रहते हैं। बताया गया है कि जिले से अब तक मेकाज जगदलपुर में करीब 160 सैंपल भेजे गए थे। इनमें से 60 सैंपल की रिपोर्ट आ गई है सभी निगेटिव पाए गए हैं बाकी रिपोर्ट आना बाकी है।
आश्रम में ठहराए गए हैं 90 लोग : जिले में इस समय सबसे संवेदनशील ब्लाॅक भोपालपटनम को माना गया है। क्योंकि इससे दो राज्यों की सीमा छूती हैं। बताया गया है कि हैदराबाद से 21 अप्रैल को पैदल निकले कालाहांडी व ओडिशा के 21 मजदूर शनिवार को भोपालपटनम पहुंचे। इन्हें बालक छात्रावास में रुकवाया गया है। इन लोगों के समेत मध्यप्रदेश के करीब 90 श्रमिकों को यहां रखा गया है। प्रशासन की ओर से इनके राशन की व्यवस्था की गई है।



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Reported 60 out of 160, all negative




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बस्तर के लिए बनाया गुहार एप, अब महाराष्ट्र और असम में ई-पास बनाने का जिम्मा मिला

बस्तर जिले में आम लोगों की समस्याओं के निपटारे के लिए तैयार किए गए गुहार एप के बाद जगदलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ने महाराष्ट्र और असम राज्यों के लिए ई-पास बनाया है।
बस्तर जिले के लिए बनाए गए गुहार एप के जरिए प्रशासन के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं, जिन पर कार्रवाई भी हो रही है। इसके बाद पिछले दिनों दूसरे राज्यों के लाेगों ने भी गुहार एप के जरिए बस्तर कलेक्टर से समस्या का समाधान मांगा था। इसके बाद अब इंजीनियरिंग छात्र ने महाराष्ट्र के तीन और असम के एक जिले के लिए ई-पास डिजाइन कर लिया है। ये ई-पास एप्लीकेशन शुरू भी हो चुके हैं।
मध्यप्रदेश के लिए भी गुहार एप तैयार करने की योजना

इधर इंजीनियरिंग छात्र अंकुर ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर, रायगढ़ और परभनी के साथ ही असम के डुबरी जिले के लिए ई-पास डिजाइन कर लिया है। उन जिलों में ई-पास का उपयोग भी किया जा रहा है। अंकुर बताते हैं कि अब तक चारों जिलों को मिलाकर करीब 500 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। इसके बाद अब वे मध्यप्रदेश के लिए गुहार एप तैयार करने की योजना बना रहे हैं।

दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को मिलेगा ज्यादा फायदा

इन मोबाइल एप्लीकेशन का फायदा लोगों को ये होगा कि उन राज्यों में फंसे लोग संबंधित राज्यों के अफसर और सरकारी तंत्र तक अपनी समस्या पहुंचा पाएंगे और इसी एप्लीकेशन से वे आने-जाने की अनुमति भी ले पाएंगे। अंकुर बताते हैं कि महाराष्ट्र और असम में फंसे लोगों और इन राज्यों के दूसरे जगहों पर फंसे लोगों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिल सकेगा।



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अब 9 से 5 बजे खुलेंगी दुकानें, यात्री परिवहन सेवाओं को छूट नहीं

ग्रीन जोन में रहने के कारण दंतेवाड़ा में अब लगभग सभी दुकानों को सशर्त खोलने की छूट मिल गई है, लेकिन कई चीजों पर अब भी प्रतिबंध लगा है। दंतेवाड़ा में क्या खुलेगा या क्या बंद रहेगा, इस बारे में कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने रविवार की देर शाम आदेश जारी किया। दुकानें खोलने का समय अब एक घंटा बढ़ा दिया गया है। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति है। वहीं यात्री परिवहन सेवाओं को अभी छूट नहीं दी गई है।
सोमवार सुबह तक लोगों को स्पष्ट जानकारी नहीं थी। ऐसे में लोग असमंजस में रहे। मंगलवार से अब शहर का पूरा मार्केट खुल जाएगा, लेकिन कोरोना की चुनौती अभी कम नहीं हुई है। प्रशासन किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता, ऐसे मेंं दंतेवाड़ा में अभी भी कई सुविधाओं को अनुमति नहीं मिली है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।
ये अब भी बंद रहेंगे

  • सार्वजनिक यातायात के सभी संसाधन बस, जीप, साइकिल रिक्शा, ऑटो पर प्रतिबंध।
  • सभा, रैली, जुलूस, धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक, खेल वैवाहिक कार्यक्रम।
  • सभी शैक्षणिक, कोचिंग संस्था, ऑनलाइन, डिस्टेंस लर्निंग की शैक्षणिक गतिविधियों को अनुमति।
  • सभी पर्यटन स्थल।
  • निवासीय सुविधा देने वाले होटल, वैवाहिक भवन, लॉन, ऑडिटोरियम, सामुदायिक भवन बंद रहेंगे।
  • खाद्य पदार्थ विक्रय के लिए छोटे दुकान, ढाबों, होटलों का संचालन बंद।
  • 5 लोगों से ज्यादा व्यक्ति सार्वजनिक व निजी स्थलों पर जमा होने पर पाबंदी।
  • शाम 7 से सुबह 7 बजे तक सभी गैर आवश्यक गतिविधियों के लिए व्यक्तियों की आवाजाही पर सख्ती।
  • विदेश, दूसरे राज्य व दूसरे जिला में यात्रा कर आए लोगों को क्वारेंटाइन ही रहना होगा।


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ग्रीन और ऑरेंज जोन में फंसे हैं 1655 मजदूर, इनके लिए 12 हजार क्षमता के 68 क्वारेंटाइन सेंटर तैयार

लॉकडाउन 3.0 सोमवार से शुरू हो गया है। इधर दूसरे राज्यों के ग्रीन व ऑरेंज जोन जिले में फंसे मजदूरों को लाने की तैयारी चल रही है। जबकि रेड जिलों में अभी प्रतिबन्ध है।राज्य से लेकर जिला व मैदानी अमला जुटा हुआ है। अभी प्रशासन ने जो सूची तैयार की है उसमें दंतेवाड़ा के 1655 मजदूर ग्रीन व ऑरेंज जोन जिले में हैं, जो दंतेवाड़ा आ सकते हैं, जबकि करीब 650 मजदूरों को अभी दंतेवाड़ा आने की अनुमति नहीं मिलेगी, क्योंकि वे रेड जोन जिलों में हैं। यह संख्या अभी बढ़ सकती है।
मजदूरों को लाकर क्वारेंटाइन सेंटर में रखना है, इसके लिए जिले के 68 सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी, आश्रम जैसे भवनों को चिह्नांकित किया गया है। सरकार ने मजदूरों को वापस लाने की पहल की तो बाहर फंसे मजदूरों का आंकड़ा 2500 से 3300 पहुंच गया। हर दिन संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें करीब 100 की सोमवार को वापसी भी हुई।

ऐसे भी दे सकते हैं जानकारी

घर वापसी के लिए दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूर cglabour.nic.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके अलावा सरकार के हेल्पलाइन नम्बर 0771-2443809 या 9109849992 या 7587822800 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
इस तरह की गई व्यवस्था

  • 68 क्वारेंटाइन सेंटर के लिए कर्मचारियों की अलग टीम बनी।
  • इनमें खाना बनाने से लेकर स्वास्थ्यकर्मी तक शामिल।
  • 14 दिन बाद फिर बदलेगी टीम और काम करने वाले कर्मचारी खुद भी होंगे आइसोलेट।
  • कोरोना खतरे को देखते जनप्रतिनिधि, ड्यूटी के अतिरिक्त अफसर, कर्मी या अन्य किसी का जाना प्रतिबंधित।

1255 मजदूर कहां पर हैं जानकारी जुटाना मुश्किल

दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को निकालना है, इसके पहले यह देखा जा रहा है कि वे राज्यों के किस जोन में फंसे हुए हैं। 1255 मजदूर ऐसे हैं, जिनके बारे में ये नहीं पता चल पा रहा कि वे तेलंगाना, आंधप्रदेश के किन जिलों में फंसे हुए हैं। यह प्रशासन के लिए बड़ा सिर दर्द बना हुआ है।
दंतेवाड़ा के किस ब्लॉक मेंकितने क्वारेंटाइन सेंटर तैयार हो रहे
ब्लॉक का नाम सेंटर क्षमता
दंतेवाड़ा 18 3110
गीदम 17 2630
कुआकोंडा 31 2280
कटेकल्याण 17 4290



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1655 laborers stranded in green and orange zones, 68 quarantine centers of 12 thousand capacity ready for them




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तेलंगाना से लौटे लोगों को पोटाकेबिन में रखने का विरोध, ग्रामीणों ने लगाया कमरे में ताला

दंतेवाड़ा जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार दूसरे राज्यों में काम करने गए मजदूरों के वापस आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। रविवार को भी जिले के मोखपाल में तेलंगाना के नीलीपाका से 58 लोगों को वापस लाया गया। मजूदरी करने के गए इन ग्रामीणों को क्वारेंटाइन करने के लिए मोखपाल के पोटाकेबिन में रखने की व्यवस्था की गई। जैसे ही इसकी जानकारी मोंखपाल के ग्रामीणों को लगी तो वे पहुंचे और विरोध करते हुए वहां के कमरे में ताला लगा दिया। इसकी जानकारी पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों को दी गई। मौके पर पहुंचे तहसीलदार विजय कोठारी ने पुलिस बल के पहुंचने के बाद ग्रामीणों से चाबी वापस ली और बाहर से आए ग्रामीणों को पोटाकेबिन में रुकवाया। विरोध करने वाले ग्रामीणों को समझाइश देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले ग्रामीणों को क्वारेंटाइन के दौरान हर तरह की सुविधा देने के लिए उन्हें रखा जा रहा है।
गौरतलब है कि इस पोटाकेबिन में पहले से ही 28 ग्रामीण रहे रहे हैं। जनपद सीईईओ कटेकल्याण गौतम गहिर ने कहा कि मोखपाल पोटाकेबिन में किसी को भी जाने की सख्त मनाही है। ग्रामीणों ने थोड़ा विरोध किया था बाद में समझाइश दी गई। जिसके बाद वे मान गए।
सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रह रहे हैं ग्रामीण
पोटाकेबिन में रहने वाले ग्रामीण यहां पर सीसीटीवी कैमरे की नजर में है। तहसीलदार ने बताया कि पोटाकेबिन में ठहराए गए ग्रामीणों की निगरानी के लिए 3 शिफ्ट में तीन-तीन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। मोखपाल पोटाकेबिन में ठहराए गए ग्रामीण, तेलम, टेटम, महाराकरका, बेडम गांव के हैं।



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Opposition to keep people returned from Telangana in Potacabin, villagers lock room




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4 परिजन को एंट्री, 2 को पास खरीदना होगा

मेडिकल कॉलेज में कोरोना की आड़ में आम लोगों की जेब में डाका डालने की शुरुआत हो गई है। मेकॉज प्रबंधन ने सोमवार से भर्ती मरीजों के साथ आने वाले परिजन के लिए पास सिस्टम लागू किया है। मेकॉज प्रबंधन का कहना है कि हॉस्पिटल में इतनी भीड़ हो रही है कि भीड़ को मैनेज करने के लिए पास सिस्टम लागू करना पड़ रहा है जबकि ज्यादातर वार्डों में इलाज की व्यवस्था ठप पड़ी हुई है और आपात स्थिति में ही मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है और तो और कोरोना के डर के चलते सामान्य बीमारी का इलाज करवाने के लिए भी मरीज हॉस्पिटल नहीं जा रहे हैं। इसी बीच कोरोना के नाम पर पास सिस्टम लागू कर दिया गया। यही नहीं पास के लिए बाकायदा राशि भी तय कर दी गई है।
10 रुपए का मिल रहा पास, 3 दिन के लिए वैध
कुछ अफसरों ने मिलकर खुद ही पास की कीमत भी तय कर ली। नए सिस्टम के अनुसार अब मेकॉज में एक मरीज के साथ सिर्फ 4 परिजन रह पाएंगे। इनमें से दो परिजनों को फ्री में पास दिया जाएगा जबकि बाकी के दो परिजन को दस रुपए में पास खरीदना होगा। जिसकी वैधता 3 दिन रहेगी। गौरतलब है कि अभी स्टाफ की बेहद कमी है। ऐसे में भर्ती मरीज को वॉशरूम तक ले जाने सहित सिटी स्केन, एक्स-रे और अन्य जांच के लिए ले जाने भी स्टाफ नहीं रहता। ऐसे में परिजन ही यह काम करते हैं। इस नए सिस्टम का विरोध शुरू होने लगा है।

ट्रायबल क्षेत्र है, पास सिस्टम या पैसे न लें: विधायक
विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि उन्हें पास सिस्टम और पास के बदले पैसे लेने की कोई जानकारी नहीं है। बस्तर ट्रायबल क्षेत्र है और यहां ऐसा करना संभव नहीं है। हॉस्पिटल मनोरंजन का क्षेत्र नहीं है यहां लोग खुशी से नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में बस्तर कमिश्नर से जानकारी ली गई है लेकिन उनके पास भी इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि गरीबों पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार न आए इसके लिए पास सिस्टम और पैसे लेने की प्रक्रिया को बंद करने कहा गया है। हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ केएल आजाद ने बताया कि हॉस्पिटल में काफी भीड़ हो रही है इसे नियंत्रित करने पास सिस्टम लागू किया है।



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4 family entry, 2 have to buy pass




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इम्युनिटी बढ़ाने आयुष विभाग कल से लोगों को मुफ्त में देगा दवाएं

कोरोना वायरस की दहशत हर किसी में इस कदर घर कर गई है कि सभी इससे बचाव के इंतजाम में लगे हैैं। अभी तक इसकी कोई दवा न होने से डॉक्टर भी यही सुझाव दे रहे हैं कि शरीर की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) मजबूत रहेगी तो किसी भी तरह के संक्रमण से बचे रहेंगे। ऐसे में हर कोई शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार दवाओं की खोज में ऐसा लगा कि इसकी डिमांड अधिक बढ़ गई। दो महीने पहले जहां रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली दवाओं की बिक्री करीब 15 फीसदी होती थी तो वहीं अब इन दवाओं की मांग 50 फीसदी से ज्यादा हो गई है। इसके अलावा आयुष विभाग भी लोगों को इन दवाओं के उपयोग को लेकर जागरूक करने में लगा हुआ है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को जागरूक करने के लिए बुधवार से डोर टू डोर अभियान चलाया जाएगा। जिसमें लोगों को काढ़ा पिलाने के साथ कुछ दवाएं दी जाएंगी। इस काम में कोई परेशानी न हो इसलिए आयुष विभाग के अधिकारियों ने करीब 40 से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया है जिसमें 25 तो केवल फार्मासिस्ट हैं।
जिला आयुर्वेद अधिकारी जेआर नेताम ने बताया कि आयुष मंत्रालय से जारी आदेश के तहत लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों के शरीर में इस वायरस से लड़ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे इसलिए यह काम किया जा रहा है। अभियान के तहत जिस व्यक्ति के पास मोबाइल होगा उसे आरोग्य एप को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा हर घर में पंफलेट चस्पा किया जाएगा।

शरीर की इम्युनिटी कमजोर पड़ी तो खतरा
कोरोना वायरस को लेकर हो रहे शोधों में यह बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि यदि शरीर की इम्युनिटी कमजोर पड़ी तो इसके चपेट में आने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। अभी पिछले दिनों आयुष मंत्रालय ने भी कुछ आयुर्वेद की दवाओं की सूची सभी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों को भेजी है जो कोरोना से लड़ने की क्षमता रखती हैं। इसमें लक्ष्मीविलास रस, महासुदर्शन चूर्ण व महा सुदर्शन घनवटी, गिलोय घनवटी, संजीवनी वटी, त्रिकटु चूर्ण आदि को सर्वोत्तम बताया गया है। व्यापारी संतोष जैन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से बस्तर जिल में गिलोय का जूस, गिलोय घनवटी, गिलोय वटी और त्रिकुट चूर्ण के साथ ही तुलसी ड्राप की मांग ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा गिलोय की मांग सबसे अधिक हो गई है।

संक्रमण को रोकती है मजबूत इम्युनिटी खाने में हल्दी, धनिया, जीरा, लहसुन डालें

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार भार्गव ने बताया कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है तो कोई भी संक्रमण शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है। कोरोना खतरनाक वायरस है लेकिन उससे लड़ने के लिए आयुर्वेद की दवाएं अत्यंत लाभकारी है। आयुष मंत्रालय की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो वे प्रतिदिन 10 ग्राम च्वयनप्राश का सेवन करें। आयुर्वेद काढ़ा तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च शुणठी और मुनक्का का गुड़ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। इसके अलावा हल्दी पाउडर 1/2 चम्मच गर्म दूध में मिलाकर (गोल्डन मिल्क) सुबह-शाम सेवन करें। इसके अलावा सीसम तेल, नारियल तेल, घी की दो दो बूंदें दोनों नाक में सुबह शाम डालें। यदि किसी व्यक्ति को सूखी खांसी आ रही है तो ताज़ी पोदीना की पत्ती एवं अजवाइन की भाप लेना चाहिए इन साधारण उपाय से बचाव किया जा सकता है।



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वार्ड में काम करने वाले डाॅक्टर व स्टाफ अब 14 नहीं सिर्फ 7 दिनों तक रहेंगे क्वारेंटाइन

मेडिकल कॉलेज के कोरोना डिपार्टमेंट में काम करने वाले डाॅक्टर व स्टाफ नर्सों को अब 14 दिनों तक क्वारेंटाइन नहीं रहना पड़ेगा। इनके लिए मेकॉज प्रबंधन ने नई व्यवस्था लागू की है। इस नई व्यवस्था के तहत अब डाॅक्टर व अन्य स्टाफ सिर्फ सात दिन ही क्वारेंटाइन में रहेंगे। प्रशासन के इस फैसले का विरोध भी होने लगा है लेकिन एस्मा के डर से कोई भी डाॅक्टर या स्टाफ खुलकर इस मामले में नहीं बोल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार मेकॉज में कोविड-19 के इलाज के लिए जब दो सौ बिस्तरों का अलग हॉस्पिटल तैयार किया गया था तब प्रबंधन ने यहां काम करने वाले डाॅक्टरों के लिए 7 दिन की ड्यूटी के बाद 14 दिनों तक हॉस्पिटल, होटल व अन्य स्थानों पर स्टाफ के क्वारेंटाइन की व्यवस्था की थी। इसी व्यवस्था के तहत पिछले चार से पांच हफ्तों से काम चल रहा था। अब इसमें बदलाव करते हुए क्वारेंटाइन का समय सात दिन कर दिया गया है।
एक हफ्ते ड्यूटी के बाद डाॅक्टर, स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय 14 दिन के क्वारेंटाइन में जा रहे थे और इसके बाद इन्हें सात दिनों की छुट्‌टी परिवार के साथ समय बिताने के लिए दी जा रही थी। इसी बीच सोमवार से अब नियमों को बदला गया है। हॉस्पिटल अधीक्षक डाॅ. केएल आजाद ने बताया कि अभी हमने क्वारेंटाइन के दिनों की संख्या कम की है। वार्ड में ड्यूटी के बाद स्टाफ को क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है।



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Doctors and staff working in the ward will now be quarantined for 14 days, not just 14




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44 दिन बाद बाजार में दिखी रौनक... पान ठेले को छोड़ सभी दुकानें खुलीं, एक-दूसरे से दूरी भी बनाई

शहर में लॉकडाउन की घोषणा के 44 दिन बाद सोमवार को बाजार में रौनक दिखी। लोग अपने घरों से निकले और खरीदारी करते देखे गए। इधर शहर के संजय बाजार से लेकर गोलबाजार तक लोगों की आवाजाही होती रही। शराब दुकानों के साथ ही शहर में गाड़ियों के शोरूम-वर्कशॉप खुल गए।
इसके अलावा ऑटो पार्ट्स के साथ ही होम एप्लायंस की दुकानों के शटर भी उठे। पूरे बाजार के खुलने के बावजूद पान दुकानों, तंबाखू उत्पाद बेचने वाली दुकानों के साथ ही ऑटो-रिक्शा पर लगे प्रतिबंध को हटाया नहीं गया है। शहर में सबसे ज्यादा भीड़ शराब दुकानों में देखने को मिली। यहां सुबह दुकान खुलने के साथ ही लोग पहुंच गए और लंबी कतार भी लग गई, जहां दिन में कड़ी धूप के बावजूद लोग डटे रहे।

शोरूम-वर्कशॉप खुले, कूलर-फ्रिज लेने पहुंचे लोग
संजय बाजार में बनाए गए वॉकिंग जाेन को एक तरफ से खोलने से लोग पहुंचते चले गए, लेकिन बढ़ती भीड़ देख दूसरी तरफ से भी सड़क पर स्टॉपर लगाकर बंद कर दिया। बाद में धीरे-धीरे लोगों को अलग-अलग रास्तों से निकालने की पहल की गई। गाड़ियों के शोरूम-वर्कशॉप सिर्फ उतने ही खुले, जितने में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम हो सके। लोग अब गाड़ियों की सर्विसिंग कराने भी आए। स्पेयर पार्ट्स और होम एप्लायंस की दुकानों में भी लोग मुताबिक सामान लेने पहुंचे।
तंबाकूू उत्पादों पर प्रतिबंध, ऑटो-रिक्शा भी बंद

शहर के मेन रोड में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा की गई थी। इस दौरान जहां पूरा शहर बंद रहा। इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा के बाद दुकानें बंद रहीं। पूरे 44 दिनों के बाद जैसे ही ग्रीन जोन घोषित हुअा, दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई। इसमें पूरा बाजार खुला, लेकिन पान दुकानों और तंबाखू उत्पादों को अब भी प्रतिबंधित रखा गया है। इसके अलावा ऑटो-रिक्शा को भी बंद रखा गया है।



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44 days later, the market was in awe ... All the shops opened except Pan Paul, also made a distance from each other.




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जेईई-पीईटी से होगा कृषि विवि के फूड प्रोसेसिंग कॉलेज में एडमिशन, इसी सत्र से शुरू होगी पढ़ाई

इंदिरा गांधी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में फूड प्रोसेसिंग की पढ़ाई होगी। इसके लिए इसी सत्र से कॉलेज शुरू होगा। विश्वविद्यालय से इसके लिए तैयारी की जा रही है। 24 सीटों के साथ इसकी शुरुआत होगी। संस्थान में ज्वाइंट एंट्रेस एग्जाम (जेईई) और प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के माध्यम प्रवेश होगा।
अफसरों का कहना है कि नए सत्र से संस्थान में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस संस्थान में दाखिले के लिए पहली प्राथमिकता जेईई के छात्रों को मिलेगी। इसके बाद पीईटी में शामिल हुए छात्रों को प्रवेश का अवसर दिया जाएगा। लॉकडाउन की वजह से अभी यह कहना मुश्किल है कि प्रवेश कब से शुरू होगा। फिर भी संभावना है कि जुलाई से दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। खाद्य प्रसंस्करण की पढ़ाई को लेकर राज्य में संभवत: यह पहला कॉलेज है। इंदिरा गांधी कृषि यूनिवर्सिटी के रायपुर के कैंपस में यह कॉलेज स्थापित होगा। अफसरों का कहना है कि इस संस्थान में खाद्यान्न, फल, सब्जियों की प्रोसेसिंग को लेकर पढ़ाई होगी। थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल पर भी काफी फोकस होगा। इसके अनुसार ही सिलेबस तैयार किया जाएगा। इससे छात्रों को फायदा होगा। इस क्षेत्र में रोजगार के अलावा स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।
आसपास के कुछ राज्यों में इस तरह की पढ़ाई नहीं
विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेसिंग से संबंधित पढ़ाई के लिए एक संस्थान की शुरुआत की जा रही है। राज्य में इस तरह का यह पहला सेंटर है, आस-पास के कुछ राज्यों में भी ऐसा सेंटर नहीं है। उड़ीसा, बिहार, झारखंड, मप्र में फूड प्रोसेसिंग की पढ़ाई को लेकर कोई संस्थान नहीं है। आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात में इस तरह के कॉलेज हैं।
पीईटी के लिए 15 मई तक भर सकेंगे फार्म
प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत 15 मई तक फार्म भरे जा सकते हैं। पीईटी में शामिल छात्रों को फूड प्रोसेसिंग कॉलेज में दाखिले के लिए अवसर मिल सकता है। इसके अलावा राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा, डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए यह परीक्षा जरूरी है।



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अब तक 1700 मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करा चुके स्वयंसेवी

कोरोना वायरस के इस संकट काल में लोगों को सुरक्षित रहने व आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लांच किए गए आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराए जा रहे हैं। एनएसएस यानी राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवी इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। वे विशेष तौर पर जारी आरोग्य सेतु एप मोबाइल में डाउनलोड करा रहे हैं और अब तक 1700 मोबाइल पर उन्होंने इस एप को डाउनलोड कराया है।
एनएसएस के बेमेतरा व कबीरधाम जिला संगठक डॉ. केएस परिहार ने बताया कि बेमेतरा और कबीरधाम दोनों ही जिलों में स्वयंसेवी इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। जिला बेमेतरा के महाविद्यालय की कार्य करने वाली इकाई में से लक्ष्मण प्रसाद वैद्य, शासकीय कन्या कॉलेज बेमेतरा में डॉ. विनिता गौतम की अगुवाई में 67, कबीरधाम जिले के 5 कॉलेज में से शास. स्नातकोत्तर कॉलेज कवर्धा में मुकेश कामले की अगुवाई में 368, प्रेमा कुमारी कुजूर की अगुवाई में शा.गजानन माधव मुक्तिबोध महा. सहसपुर लोहारा में 193, मंजूदेवी कोचे की अगुवाई में शास. स्ना. कॉलेज कवर्धा (महिला इकाई) ने 164, राजेश कुमार पाठक की अगुवाई में शास. स्वामी विवेकानंद महा. बोडला से 76 व शास. राजमाता विजया राजे सिंधिया कन्या महाविद्यालय कवर्धा से 28 मोबाइल पर इस एप को डाउनलोड कराया गया है।
स्कूल की सात इकाई ने भी डाउनलोड कराए
कबीरधाम जिले के हायर सेकंडरी स्कूल की 7 इकाई ने भी इस दिशा में कार्य किया है। इनमें सुजीत कुमार गुप्ता की अगुवाई में शा. उ. मा. वि. राजानवांगांव से 161, अशोक कुमार गुप्ता की अगुवाई में शा.उ.मा.वि. बिरकोना से 20, केदार चंद्रवंशी की अगुवाई में शा.उ.मा.वि. खैरबनाकला से 9, घनश्याम शर्मा की अगुवाई में महावीर स्वामी उ.मा.वि.,बैजलपुर से 5, रमेश सिंह पोर्ते की अगुवाई में शा.उ.मा.वि. कुकदूर से 28, द्वारिका यादव की अगुवाई में शा.उ.मा.वि.,तरेगांव जंगल से 49, हेमधर साहू की अगुवाई में शा.उ.मा.वि दशरंगपुर से 213 मोबाइल समेत रासेयो के वरिष्ठ स्वयंसेवक तुकाराम साहू, दीपेश जोशी, पाल सिंह धुर्वे, परमानंद वर्मा, सनत पटेल, आशीष जोशी, राकेश कुमार साहू, दीपक सोनी ने भी 319 मोबाइल में एप डाउनलोड कराए हैं।



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खुद की ढाई साल की बेटी से दूर रहकर कोरोना पॉजिटिव मरीज की बेटी को संभाला, महीने भर बाद अपने घर पहुंची नर्स

एम्स रायपुर में कटघोरा की कोरोना मरीज की बेटी को संभालने वाली नर्स आरती देवांगन अब घर पहुंच चुकी हैं। आरती की खुद की भी ढ़ाई साल की बच्ची है। दरअसल, अप्रैल के महीने में प्रदेश के हॉट स्पॉट कटघोरा से आई एक मरीज की नवजात बेटी भी थी, चूंकि उसकी मां का इलाज चल रहा था। लिहाजा कोरोना पेशेंट की दुधमुंही बेटी को संभालने की जिम्मेदारी आरती को मिली। आरती के मुताबिक कोरोना मरीज की बेटी को संभालते वक्त उन्हें उस मासूम की मुस्कान में अपनी बेटी की हंसी दिखाई देती थी। उसे ऐसे हालात में संभालना एक अलग अनुभव रहा, इसमें पूरे एम्स स्टॉफ ने भी काफी सपोर्ट किया। इस काम में एक और नर्स भी उसके साथ रही। कोरोना वार्ड में नन्ही बच्ची को संभालने के वीडियो और तस्वीरों ने पूरे देश में काफी सुर्खियां भी बटोरी थी। दरअसल, प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना वार्ड में मरीजों के बीच काम करने वाला मेडिकल स्टॉफ एक से डेढ़ महीने बाद ही घर पहुंच पाते हैं। कोरोना वार्ड में सेवाएं देने के बाद सभी को 14 दिन का क्वारेंटाइन पीरियड भी पूरा करना पड़ता है।

खुद की भी ढाई साल की बच्ची जिससे लंबे वक्त तक दूर रही आरती
रायपुर की आरती देवांगन ने अप्रैल के दूसरे हफ्ते में कोरोना वार्ड में अपनी सेवाएं दी। इस दौरान उन्हें अपनी ढाई साल की बेटी से दूर रहकर ही काम करना पड़ा। इसके बाद क्वारेंटाइन पीरियड के दौरान भी वो बेटी से नहीं मिल पाई। एम्स में कोरोना ड्यूटी करने के बाद वो हाल ही में घर पहुंची है। अपनी बच्ची के साथ एक अर्सा बाद वो वक्त बिता रहीं है। आरती के मुताबिक कोरोना वॉरियर के तौर पर काम करने के लिए पति से उन्हें बहुत ज्यादा मोटिवेशन मिला। वहीं वार्ड में कोरोना मरीज की बेटी की नन्ही किलकारियों से अस्पताल का पूरा माहौल खुशनुमा रहा। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है।



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The nurse handling the daughter of a positive patient, a two and a half year old girl, arrived at her home after a month




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खरीफ फसल के लिए किसानों को 4600 करोड़ का कर्ज देगी सरकार

खरीफ सीजन के लिए किसानों को इस साल सरकार ने 46 सौ करोड़ का कर्ज देने का फैसला किया है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को अग्रिम रूप से खाद-बीज का उठाव करने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने खरीफ सीजन के लिए अल्पकालीन ऋण वितरण, खाद एवं बीज के भंडारण वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खाद-बीज के अग्रिम उठाव से किसानों को ब्याज अनुदान का भी अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा तथा सीजन के समय में किसानों को दिक्कत नहीं होगी।
सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि इस साल 4600 करोड़ रूपए का ऋण वितरण लक्ष्य रखा गया है। अब तक राज्य के 61 हजार 700 किसानों को 215 करोड़ रूपए वितरित किया जा चुका है। राज्य के सहकारी बैंकों ने 15 लाख 3 हजार किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया है। राज्य में अब तक भंडारित 3 लाख 63 हजार मीट्रिक टन खाद में से 33 हजार 343 टन किसानों वितरित कर दी गई है। अब तक विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए 2 लाख 48 हजार 118 क्विंटल प्रमाणित बीज का भंडारण किया गया है। प्रमाणित बीज का वितरण भी किसानों को शुरू कर दिया गया है। अब तक 23 हजार 320 क्विंटल बीज का उठाव किसानों ने किया है। बैठक में मुख्यमंत्री के एसीएस सुब्रत साहू, सचिव सहकारिता प्रसन्ना आर.,एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

अब तक 21 हजार बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण

राज्य में चालू सीजन के दौरान अब तक विभिन्न वनमंडलों में 20 हजार 569 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। इसमें संग्राहकों को 8 करोड़ 23 लाख का पारिश्रमिक भुगतान योग्य है। अब तक कुल संग्राहित तेन्दूपत्ता में से वनमंडलवार सुकमा में 13 हजार 334 मानक बोरा, दंतेवाड़ा में एक हजार 584 मानक बोरा, जगदलपुर में दो हजार 670 मानक बोरा और गरियाबंद में दो हजार 980 मानक बोरा शामिल हैं। वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए संग्राहकों द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू कर दिया गया है। वन मंत्री अकबर ने संग्रहण में तेन्दूपत्ता की अच्छी गुणवत्ता पर भी विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि गड्डियों में पत्तियों की संख्या 48 से कम तथा 52 से अधिक नहीं होनी चाहिए। तेन्दूपत्ता संग्राहक वर्तमान में लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए संग्रहण के दौरान मास्क पहनकर तथा एक दूसरे से एक मीटर की दूरी रखकर संग्रहण का कार्य करें। संग्राहकों द्वारा संग्रहण पश्चात् हाथों को साबुन से अनिवार्य रूप से धोया जाए। साथ ही संग्रहित पत्ता फड़ पर देते समय भी मास्क अनिवार्य रूप से लगाया जाए।



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Government will give loan of 4600 crores to farmers for kharif crop




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सैकड़ों किसान 3-4 बार टोकन कटने के बाद नहीं बेच पाए धान, लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी

प्रदेश में सरकार ने किसानों का एक एक दाना खरीदने की बात कही थी। लेकिन धान खरीदी में सिस्टम की खराबी के कारण टोकन कटने के बाद भी सैकड़ों किसान धान नहीं बेच पाए। लॉकडाउन के कारण केशकाल और बड़ेराजपुर ब्लॉक कई आदिवासी परिवार एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गए हैं। ऐसा नहीं कि उन्होंने सरकारी खरीदी में धान बेचने का प्रयास नहीं किया था।
ऐसे कई किसानों को 3-4 बार टोकन दिया गया था लेकिन सिस्टम की खराबी के चलते वह धान बेचने से वंचित रह गए। स्थिति यह है कि उसके पास धान तो रखा है लेकिन लॉकडाउन के चलते न तो वह धान बेच पा रहे है न ही बैंक का कर्ज उतार पा रहे हैं। हालात यह हैं कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद बीज आदि के लिए ऋण बैंक से नहीं मिल पाएगा। जिससे उसकी चिंता दोहरी हो गई है। कई बार टोकन मिला लेकिन कभी बारिश तो कभी बारदाने के कारण नहीं खरीद धान
बड़ेराजपुर ब्लॉक के कोसमी गांव के किसान सवन्तीन ने कहा कि धान बेचने के लिए उपार्जन केंद्र विश्रामपुरी में 16 दिसंबर, 7 जनवरी, फिर 4 फरवरी को टोकन दिया गया था और दो बार अगली तारीख के लिए नवीनीकरण किया गया था फिर भी उसका धान नहीं खरीदा गया। उन्होंने कहा कि यह कहानी केवल अकेली सवन्तीन की नहीं बल्कि ऐसे 200 किसानों की है जो पात्र होते हुए भी विभागीय लापरवाही के चलते धान नहीं बेच पाए। घसिया, मानसिंह, लच्छन और रतन मंडावी ने बताया कि कई बार टोकन मिलने के बाद भी उनका धान नहीं लिया गया। कभी बारदाना नहीं है कहकर टोकन निरस्त किया गया तो कभी बारिश के कारण टोकन निरस्त हुआ। अंत में कोंडागांव जिले में वंचित किसानों के धान की अलग से खरीदी की गई। उसमें भी क्षेत्र के किसानों को वंचित कर दिया गया। इस समय लॉकडाउन की स्थिति में व्यापारी के पास भी धान नहीं बेच पा रहे हैं।
सरकारी रेट से आधे रेट पर हो रही है खरीदी
इस समय व्यापारियों के पास सरकारी रेट से आधे दाम पर खरीदी हो रही है। सरकारी दर 2500 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि व्यापारी 1300-1400 रुपए प्रति क्विंटल के रेट में खरीदी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। किसानों ने यह भी बताया कि धान नहीं बेच पाने से उनका पिछला कृषि ऋण भी जमा नहीं हो पाया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद, बीज और नकद ऋण लेना था लेकिन वह भी अब नहीं मिल पाएगा। लैंप्स प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी मधु बघेल ने बताया कि यह बात सही है कि किसानों का पंजीयन हुआ था। इसके अलावा उन्हें टोकन भी मिल गया था। लेकिन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण किसान धान बेचने से वंचित हो गए थे। पहले का कर्ज पटने के बाद ही सहकारी समितियों से कर्ज मिलेगा।



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Hundreds of farmers could not sell paddy after token cut 3-4 times, lockdown increased problem




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सैकड़ों किसान 3-4 बार टोकन कटने के बाद नहीं बेच पाए धान, लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी

प्रदेश में सरकार ने किसानों का एक एक दाना खरीदने की बात कही थी। लेकिन धान खरीदी में सिस्टम की खराबी के कारण टोकन कटने के बाद भी सैकड़ों किसान धान नहीं बेच पाए। लॉकडाउन के कारण केशकाल और बड़ेराजपुर ब्लॉक कई आदिवासी परिवार एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गए हैं। ऐसा नहीं कि उन्होंने सरकारी खरीदी में धान बेचने का प्रयास नहीं किया था।
ऐसे कई किसानों को 3-4 बार टोकन दिया गया था लेकिन सिस्टम की खराबी के चलते वह धान बेचने से वंचित रह गए। स्थिति यह है कि उसके पास धान तो रखा है लेकिन लॉकडाउन के चलते न तो वह धान बेच पा रहे है न ही बैंक का कर्ज उतार पा रहे हैं। हालात यह हैं कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद बीज आदि के लिए ऋण बैंक से नहीं मिल पाएगा। जिससे उसकी चिंता दोहरी हो गई है। कई बार टोकन मिला लेकिन कभी बारिश तो कभी बारदाने के कारण नहीं खरीद धान
बड़ेराजपुर ब्लॉक के कोसमी गांव के किसान सवन्तीन ने कहा कि धान बेचने के लिए उपार्जन केंद्र विश्रामपुरी में 16 दिसंबर, 7 जनवरी, फिर 4 फरवरी को टोकन दिया गया था और दो बार अगली तारीख के लिए नवीनीकरण किया गया था फिर भी उसका धान नहीं खरीदा गया। उन्होंने कहा कि यह कहानी केवल अकेली सवन्तीन की नहीं बल्कि ऐसे 200 किसानों की है जो पात्र होते हुए भी विभागीय लापरवाही के चलते धान नहीं बेच पाए। घसिया, मानसिंह, लच्छन और रतन मंडावी ने बताया कि कई बार टोकन मिलने के बाद भी उनका धान नहीं लिया गया। कभी बारदाना नहीं है कहकर टोकन निरस्त किया गया तो कभी बारिश के कारण टोकन निरस्त हुआ। अंत में कोंडागांव जिले में वंचित किसानों के धान की अलग से खरीदी की गई। उसमें भी क्षेत्र के किसानों को वंचित कर दिया गया। इस समय लॉकडाउन की स्थिति में व्यापारी के पास भी धान नहीं बेच पा रहे हैं।
सरकारी रेट से आधे रेट पर हो रही है खरीदी
इस समय व्यापारियों के पास सरकारी रेट से आधे दाम पर खरीदी हो रही है। सरकारी दर 2500 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि व्यापारी 1300-1400 रुपए प्रति क्विंटल के रेट में खरीदी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। किसानों ने यह भी बताया कि धान नहीं बेच पाने से उनका पिछला कृषि ऋण भी जमा नहीं हो पाया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद, बीज और नकद ऋण लेना था लेकिन वह भी अब नहीं मिल पाएगा। लैंप्स प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी मधु बघेल ने बताया कि यह बात सही है कि किसानों का पंजीयन हुआ था। इसके अलावा उन्हें टोकन भी मिल गया था। लेकिन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण किसान धान बेचने से वंचित हो गए थे। पहले का कर्ज पटने के बाद ही सहकारी समितियों से कर्ज मिलेगा।



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धान में कम डाला कीटनाशक, प्रति एकड़ 1 हजार बचे

लॉकडाउन के कारण देश-प्रदेश का जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। खेती भी प्रभावित हुई है। ऐसे में अब केंद्र सरकार लॉकडाउन के असर का अध्ययन वैज्ञानिकों से करा रही है। जिले के कृषि वैज्ञानिक केंद्र के वैज्ञानिक भी यह शोध कर रहे हैं। यहां जुटाई गई जानकारी में यह निष्कर्ष सामने आए हैं कि लॉकडाउन के कारण किसानों ने कीटनाशकों का कम उपयोग किया है। प्रति एकड़ करीब दो से तीन हजार रुपए लागत कम हुई है। लाख और मखाना की खेती इस समय में अप्रभावित रही है।
जानकारी के मुताबिक किसान फसल में कीट नजर आते ही उस पर स्प्रे करने लगते हैं। उसके दुष्प्रभाव का अनुमान लगाए बगैर ही महंगा कीटनाशक खरीदकर छिड़काव करते हैं। लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद रहा है। इस कारण किसानों को फसल में डालने के लिए कीटनाशक नहीं मिल पाए। इसका असर यह हुआ कि इस मौसम में लगाई गई धान सहित अन्य फसलों में कीटनाशक नहीं डाल पाए, इसका नुकसान कम फायदा ज्यादा हुआ है। फसल तो ठीक हुई ही, किसानों का कीटनाशक पर होने वाला खर्च बच गया। साथ ही जमीन व अनाज में कीटनाशक के रूप में जाने वाला जहर नहीं गया है।
कीटनाशक का उपयोग कम हुआ: कृषि वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र के कीट वैज्ञानिक शक्ति वर्मा ने बताया कि जिले में लॉकडाउन के कारण किसानों ने कीटनाशक का उपयोग कम किया है। उन्हें कीटनाशक व मजदूर नहीं मिले। इसके बाद भी फसल बेहतर हुई है। किसानों की लागत कम हुई। साथ ही किसानों ने वैज्ञानिकों से संपर्क बढ़ाया है।
लाख और मखाना की खेती पर नहीं हुआ असर
जिले में लाख व मखाना की खेती ऐसे फसलों के रूप में सामने आईं हैं जिन पर लॉकडाउन का विपरीत असर नहीं हुआ है। यानी विपरीत परिस्थतियों में भी दोनों बेहतर हुईं।



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Pesticides reduced in paddy, 1 thousand left per acre




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प्रदेश में फिर एक युवक कोरोना संक्रमित मिला, अब एक्टिव केस 22 हुए; अन्य राज्य से लौटने वाले श्रमिकों का रेलवे को किराया देगी सरकार

लॉकडाउन का फेज-3 शुरू होने के साथ ही साेमवार को ढील बढ़ा दी गई है। वहीं शाम को एक और कोराना पॉजिटिवप्रदेश में मिला है।रायपुर के 24 वर्षीय एक युवक में संक्रमण कीपुष्टि एम्स ने की है। जानकारी के मुताबिक शहर के आमानाका क्षेत्र में निवासी युवक एक मैकेनिक है। प्रदेश में अब कोरोना के एक्टिव केस बढ़कर 22 हो गए हैं।

दूसरी ओरप्रदेश में सूरजुपर के साथ दुर्ग और कवर्धा के रेड जोन में जाने की आशंका बढ़ गई है। रेड और ऑरेंज जोन कोरबा को छोड़कर अन्य जिलों में जनजीवन सामान्य रहेगा। प्रदेशमें कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सभी जगह सरकारी दफ्तर और शराब की दुकानें खुल रही हैं। यहां जगह-जगह शराबदुकानों परसुबह 5 बजे से लाइन लगी देखी गई।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण

  • छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के अब तक 58 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें क्वारैंटाइन सेंटर से भागे झारखंड के पॉजिटिव दो मजदूरों को जाेड़ दें तो यह संख्या 60होती है।
  • संक्रमितों में अब तक सबसे ज्यादा कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 6, रायपुर 7, दुर्ग 8, कवर्धा 6, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।
  • प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 22है। इसमें रायपुर एम्स का एक मेडिकल स्टाफ समेत पुलिस कांस्टेबल, पंचायत सचिव भी शामिल है। सभी एम्स में भर्ती हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया है कि सरकार प्रदेश लौटने वाले श्रमिकों का रेलवे को किराया देगी। कहा- श्रमिकों को लाने वाली स्पेशल ट्रेन में जो भी राशि व्यय होगी, उसे सरकार वहन करेगी। कांग्रेस और सरकार संकट के समय में किसी को अकेला नहीं छोड़ सकती। हम सब एकजुट हैं। प्रतिबद्ध हैं। उधर, बिलासपुर में जिला प्रशासन ने सैलून, पान ठेले और स्पा सेंटर को भी खोलने की अनुमति दी है।

रेड जोन : रायपुर ऑरेंज जोन : कोरबा ग्रीन जोन : प्रदेश के बाकी 26 जिले
(सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक) : मेडिकल स्टोर, मेडिकल उपकरण और उनके रिपेयरिंग संस्थान, सभी अस्पताल और लैब, खाद, बीज और कृषि संबंधित सभी दुकानें,अनाज और सब्जी मंडी,आटा, तेल, राइस और दाल मिल,पेट्रोल पंप,गैस एजेंसियां,पंचर दुकानें,पशुओं का चारा, पालतू पशुओं के फूड स्टोर,बेकरी की दुकानें (लेकिन केवल होम डिलिवरी कर पाएंगे); सीमेंट, सरिया की दुकानें,प्लबंर, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, आईटी स्पेयर का काम करने वाले व्यक्ति

चारपहिया वाहन में तीन लोग, दोपहिया वाहन में दो व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग पर आधारित सभी बंदिशें लागू रहेंगी।

चारपहिया वाहन में तीन लोग, दोपहिया वाहन में दो व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। टू-व्हीलर पर दो सवारी को छूट। बिना अनुमति कार्यक्रम नहीं होंगे। अनुमति सीमित लोगों की रहेगी। हर तरह की गतिविधि में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।
(सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक) : सब्जी और फल दुकान, चश्मे, किराना, अनाज और उससे संबंधित पैकेजिंग स्टोर, डेयरी, दूध, पनीर और केवल दूध से बनने वाली मिठाइयों की दुकानें,चिकन, मटन, मछली और अंडा दुकानें; स्टेशनरी शॉप
बैंक-एटीएम; वॉटर सप्लाई (केन वाले); निगम सीमा के बाहर स्थित गोदाम और वेयर हाउस; हाईवे में स्थित ढाबे (चिह्नित ग्रामीण इलाकों में); प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,बीमा से संबंधित सभी संस्थाएं, गैर बैंकिंग, वित्तीय।
शराब दुकानें ही शाम 7 बजे बंद होगी।
धारा-144 रायपुर और दुर्ग में 17 मई तक धारा 144 बढ़ा दी गई है।
ये तीनों जोन में बंद ही रहेंगे

स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट्स, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन, एक से दूसरे जिले में जाने की इजाजत नहीं, बसों की आवाजाही, हेयर सैलून, स्पा आदि।

लाॅकडाउन के दौरान प्रदेशभर में 17 मई तक सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी। इसमें यात्री बस, सिटी बस, टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा आदि नहीं चलेंगी। परिवहन आयुक्त कमलप्रीत सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय, जिला परिवहन अधिकारियों को इस आदेश का पालन करना होगा।


यह तस्वीर भिलाई की है। शराब दुकानों पर सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दुर्ग जिले में एक रात पहले ही 8 कोरोना पाॅजिटिव सामने आए, लेकिन शराब के चस्के ने सब बातों को भुला दिया है।

कवर्धा:पहली बार केस, दुर्ग में फिर बढ़ी सख्ती
दुर्ग में पहला एक्टिव मरीज 23 मार्च को मिला था। इसके बाद से कोई केस नहीं आने के कारण जिला ग्रीन जोन में था। अब रविवार रात वहां एक साथ 8 नए मामले संक्रमण के सामने आए हैं। ग्रीन जोन में रहे कवर्धा में पहली बार ही 6 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। हालांकि सभी माइग्रेट वर्कर हैं और बाहरी राज्यों से आने के बाद उन्हें क्वारैंटाइन में रखा गया था। इनकी जांच के सैंपल भेजे जाने के बाद पुष्टि हुई। वहीं, जिले में धारा-144 बढ़ा दी गई है।

    चार राज्यों के मजदूरों के लिए कॉरिडोर बना रायपुर
    यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा के मजदूर रायपुर होकर अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। यहां इनके सिर्फ नाम-पते नोट कर छोड़ा जा रहा है। सूरजपुर के बाद अब दुर्ग और कवर्धा में मजदूरों के पॉजिटिव मिलने के बाद इनके बिना रोक-टोक आने से चिंता बढ़ गई है। अफसरों का तर्क है कि बॉर्डर में जांच की जा रही है, तो यहां नहीं की जाती। जबकि बड़ी संख्या में ऐसे भी मजदूर हैं, जो जंगल या खेतों से होकर आ रहे हैं।

    कोरोना अपडेट्स


    रायपुर: शरीर के तापमान के जरिए कोरोना संदिग्ध की पहचान के लिए थर्मल सेंसर का उपयोग होगा। भीड़भाड़ वाली जगहों आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई तकनीक के जरिए कैमरे की मदद से स्कैनिंग की जाएगी। इसमें किसी व्यक्ति का बॉडी टेंपरेचर दो मीटर से ज्यादा दूरी से लिया जा सकेगा। इस सिस्टम का ट्रायल करके देख रहा है। तीन से चार दिन के ट्रायल के बाद इस पर फैसला होने की संभावनाएं भी जताई जा रही है।

    बिलासपुर: जिला प्रशासन से अपने राज्य वापस जाने का पास बनवा लेने के बाद भी लोग बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। ऐसे सैकड़ों लोग वाड्रफनगर स्थित छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर देखने को मिल जाएंगे। बॉर्डर पर दोनों तरफ बड़ी संख्या में लोग और गाड़ियां खड़ी हैं। यूपी से लोग छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं लेकिन यहां से उत्तर प्रदेश जाने की अनुमति किसी को नहीं दी जा रही है। 2 दिन की जद्दोजहद के बाद रविवार से कुछ बसों का इंतजाम अंबिकापुर जिला प्रशासन ने किया है।

    यह तस्वीर बिलासपुर के वाड्रफनगर के करीब धनवार वनोपज जांच नाका की है। यहां उत्तर प्रदेश से आने-जाने वालों की गहनता से जांच की जा रही है। इस वजह से देर रात तक लोगों की लंबी कतारें लगी रहती हैं।

    रायगढ़: यह तस्वीर मजदूरों की बस से झारखंड के रांची रवानगी की है। मजदूरों को भेजते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया गया। बस की सभी सीटें फुल नजर आईं, जबकि नियमानुसार बस की आधी सीटों पर ही मजदूर को बैठाकर उनके घर रवाना किया जाना था। कुछ मजदूरों ने मास्क तक पहनना जरूरी नहीं समझा। ऐसे में उनमें कोरोना का संक्रमण आसानी से फैल सकता है।

    यह तस्वीर जशपुर की मजदूरों के बस से झारखंड जाने की है। नियमों को दरकिनार कर बस की सभी सीटों को फुल कर दिया गया है।


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    छत्तीसगढ़ का रायपुर रेड जोन में शराब दुकानें खुलने के आदेश के साथ ही यहां के माेवा इलाके में सुबह 5 बजे से लोगों की लाइन लग गई।




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    दुकान खुलते ही 150 गांवों के लोग शराब लेने पहुंचे खरोरा

    लॉकडाउन में छूट देने के बाद शराब दुकान खुलते ही लगभग 150 ग्रामों के मदिरा प्रेमी सैकड़ों की संख्या में नगर प्रवेश किए। अल सुबह से ही नगर स्थित शराब दुकान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शराब के लिए इस कदर की बेकरारी थी कि सुबह 5-6 बजे से काफी संख्या में मदिरा प्रेमी मदिरालय का पट खुलने का इंतजार करते नजर आए। शराब खरीदने के लिए लोगों की बेसब्री अौर अनुशासनहीनता ने प्रशासन की सारी तैयारियों को ध्वस्त कर दिया। खरोरा नगर निरीक्षक रमेश मरकाम अपने पुलिस जवानों के साथ मदिर प्रेमियों को नियंत्रित करने अौर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने का प्रयास करते नजर आए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खरोरा अंग्रेजी शराब दुकान के मैनेजर शासकीय मूल्य से अधिक दर पर शराब बेचकर आज 45 हजार से अधिक रकम जमा किए हैं। वहीं देशी शराब दुकान 300 रुपए माइनस में रही।
    सरकार को खजाने की चिंता, छोटे दुकानदारों की नहीं
    नगर के अधिकांश छोटे व्यवसायी बंधुओं में भी निराशा है। इनका शासन-प्रशासन से सीधा प्रश्न की है कि हमारे ऊपर इतना सख्ती क्यों? हमने कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन व शासन-प्रशासन के सभी निर्देश तथा आदेश का पालन किया। अपने आर्थिक हितों को दरकिनार कर जनहित अौर देशहित को सर्वोपरि माना। यथा संभव लॉकडाउन में प्रभावित हमारे निर्धन भाइयों के परिवार को आर्थिक मदद में सहभागिता निभाई और आवश्यकता पड़ने पर हम मदद के तत्पर रहेंगे। मगर अफसोस जनक पहलू यह की शासन को अपनी आर्थिक हानि की चिंता हो रही है। अवसर मिलते ही अपने आर्थिक उपार्जन के मुख्य स्रोत शराब दुकान खोलने में क्षण भर देर भी नहीं की पर हम छोटे व्यापारियों का क्या होगा? हमें कब राहत मिलेगी?
    कोचिया को दी गई 2 से 3 पेटी दारू: खरोरा नगर पंचायत क्षेत्र स्थित अंग्रेजी शराब दुकान 4 बजे तक से भी अधिक समय तक खुली रही। पिछले दरवाजे से कोचियों को 2 से 3 पेटी दारू सप्लाई की गई। अंग्रेजी शराब दुकान के मैनेजर द्वारा अवैध शराब विक्रय करने वाले कोचियों को दारू सुबह 8 बजे तक दारू उपलब्ध करवाई गई। अंग्रेजी शराब दुकान में अप्रैल में राज्य शासन द्वारा शराब का हर वित्तीय वर्ष में रेट बढ़ाया जाता है। उससे भी अधिक मूल्य पर शराब का विक्रय किया गया। खरोरा अंग्रेजी शराब दुकान से प्रति बोतल 40 से 50 पचास रुपए अधिक वसूला जा रहा है।
    लोगों को नशाखोरी में ढकेल रही सरकार
    नगर पंचायत, महिला समूह के निर्मला देवागंन, पुष्पा यादव, मधु निषाद, कांति सिन्हा, कल्पना मंडल सहित नगर की महिलाओं ने शराब दुकानें खोले जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शराब सदा महिलाओं के लिए अभिशाप रही है। शराब विक्रय शुरू किया जाना घरेलू हिंसा सहित अन्य असामाजिक कृत्यों को पुनः जन्म देगा। नशामुक्त राज्य निर्माण का एक अच्छा अवसर सरकार खोने को है। शराबबंदी से 40 दिनों में मदिरा प्रेमियों में शराबखोरी की लत से मुक्ति पाने की इच्छा शक्ति पैदा हो रही थी, मगर सरकार एकाएक शराब दुकान खोल कर उन्हें फिर नशाखोरी की दलदल मे ढकेल रही है।



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    People from 150 villages reached Kharora as soon as the shop opened




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    पूरे प्रदेश में कारोबार खुल जाए, रायपुर लाॅक रहेगा मतलब आधा बिजनेस ठप

    रेड जोन में रखी गई राजधानी रायपुर प्रदेश का सबसे बड़ा बिजनेस हब है। कारोबारियों के अनुसार कपड़ा, सेनेटरी, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट, सराफा, प्लास्टिक, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लायवुड, स्टील, लोहा, सीमेंट, स्पेयर पार्ट्स, साइकिल समेत सभी आवश्यक और अति आवश्यक चीजों की सप्लाई राज्यभर में नहीं बल्कि सीमावर्ती राज्यों के कई जिलों में यहीं से हो रही है। राज्य के सभी बड़े कारोबारी संघों और संगठनों में मानना है कि अगर रायपुर में कारोबार नहीं खुला तो प्रदेश तथा सीमावर्ती राज्यों के जिलों में अाधा बिजनेस ठप रहेगा। इसलिए अब सभी व्यापारिक संगठनों ने रायपुर को रेड जोन से बाहर लाने की मुहिम भी छेड़ दी है।
    कारोबारियों के अनुसार पूरा बस्तर संभाग ही कारोबार में ट्रांसपोर्टिंग के जरिए रायपुर पर निर्भर है। ओड़िशा के सभी सीमावर्ती जिलों के अधिकांश लोग थोक और चिल्हर शापिंग के लिए रायपुर अाते हैं। छत्तीसगढ़ से नागपुर के बीच के सारे शहरों का कारोबार अधिकांशतया रायपुर पर अाधारित है। यही नहीं, प्रदेश के सभी 28 जिलों में बिजनेस का केंद्र बिंदु रायपुर ही है।
    कैट अध्यक्ष ने सीएम से की फोन पर बात : प्रदेशाध्यक्ष अमर पारवानी ने सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से फोन पर कहा कि 45 दिन का बंद होने की वजह से सभी कारोबार की स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने सीएम को आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए तत्काल सभी व्यापारिक संस्थाओं को शुरू करने की मांग की। सीएम ने इस मांग पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वे खुद केंद्र सरकार से इस विषय पर लगातार बात कर रहे हैं।

    कपड़ा : सिर्फ राजधानी से 450 करोड़ का बिजनेस
    छत्तीसगढ़ थोक कपड़ा संघ के अध्यक्ष चंदर विधानी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उन्हें कपड़ा बाजार खोलने की अनुमति दी जाए। केवल रायपुर से 450 करोड़ का कारोबार होता है। इससे 6000 से ज्यादा व्यापारी-कर्मचारी जुड़े हैं। राज्यभर में कपड़े की सप्लाई यही से ही होती है। बाहरी राज्यों के ऑर्डर भी रायपुर को ही मिलते हैं।
    इलेक्ट्रॉनिक्स : बड़ी कंपनियों के सारे सीएएंड एफ यहां
    एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन समेत कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की सप्लाई भी सबसे ज्यादा रायपुर से ही होती है। शादियों के सीजन में 400 करोड़ से ज्यादा कारोबार किया जाता था। अभी बाकी जिले खुलने के बाद भी रायपुर से माल की सप्लाई नहीं होगी। सभी बड़ी कंपनियों के गोदाम रायपुर में ही होने की वजह से बाहरी जिलों के कारोबारियों के पास स्टॉक की सप्लाई हो ही नहीं सकती है।
    भवन निर्माण : लोहा, सीमेंट की यहीं से ज्यादा आपूर्ति
    छत्तीसगढ़ में लोहा, स्टील और सीमेंट का करीब 90% उत्पादन रायपुर और उसके आसपास के ही जिलों में होता है। कंपनियों के मुख्य दफ्तर भी राजधानी में ही हैं। ट्रांसपोर्टिंग से ही माल दूसरे जिलों में जाता है। बाहरी या दूसरे राज्यों से इस माल को मंगया जाता है तो वो महंगा पड़ता है। रायपुर से ही सबसे ज्यादा खरीदी-बिक्री होती है। ऐसे में रायपुर में कारोबार नहीं होने पर बाकी जगहों पर भी नहीं होगा।
    मोबाइल-एसेसरीज - प्रदेशभर में राजधानी से ही सप्लाई

    छत्तीसगढ़ मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश वासवानी ने बताया कि सभी महंगे और नए मोबाइल का स्टॉक सबसे पहले रायपुर ही में आता है। बस्तर समेत बाकी संभागों में रायपुर से ही मोबाइल का स्टॉक भेजा जाता है। रायपुर से कोई गाड़ी जा नहीं सकती और बाहर से आ नहीं आ सकती। ऐसे में दूसरे जिलों में मोबाइल का कारोबार हो ही नहीं पाएगा।

    राजधानी में मुहिम शुरू, पहुंचे सीएम के पास
    प्रदेश के सबसे बड़े कारोबारी संगठन छत्तीसगढ़ चैंबर के अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर उन्हें बताया कि रायपुर को रेड जोन में रखने से सभी जिलों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। यहां कम से कम थोक कपड़ा बाजार, रेडीमेड, जूता-चप्पल, सराफा, मोबाइल, मनिहारी और इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस भले ही कुछ घंटे के लिए सही, पर खोला जाए। कार्यकारी अध्यक्ष ललित जैसिंघ ने प्रधानमंत्री को ट्वीट करके आग्रह किया है कि रायपुर को रेड जोन से हटाया जाए। कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ और कैट ने कहा कि रायपुर में दुकानें बंद रहीं तो ग्रीन जोन में व्यापार खोलने का खास लाभ नहीं होगा। विप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ का कारोबार रायपुर में बसता है। इसलिए इसे रेड जोन से बाहर करना चाहिए। छत्तीसगढ़ के सभी बड़े व्यापारिक संस्थाएं चैंबर, कैट, प्रदेश कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ, मोबाइल एसोसिएशन आदि संगठनों ने राजधानी को रेड जोन से बाहर लाने की मुहिम भी छेड़ दी है।



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    If the business opens in the entire state, Raipur will remain a lock which means half the business




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    कटक से 17 मजदूर चोरी-छिपे पहुंचे पिथौरा के हरदी गांव धमतरी के खोरपा में 2 दिन पहले राजस्थान से लौटा युवक

    ठाकुरराम यादव | मजदूरी करने छत्तीसकगढ़ के बाहर गए लोग चोरी-छिपे गांव में दाखिल होने लगे हैं। गांव के बाहर ही उन्हें रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है। कोरोना लॉकडाउन के शुरुआती दिनों मंे कुछ गांव वालों ने बेरिकेड्स लगाकर बाहरी लोगों की आवाजाही बंद करने की कोशिश की, लेकिन अब यह व्यवस्था भी हटा ली गई है। इसलिए अब बाहर से आने वालों का पता नहीं चल रहा है। मुखबिरी या गांव के ही लोगों की सूचना के बाद ही ऐसे लोगों के चोरी-छिपे लौटने का मामला उजागर होने लगा है।
    4 मई से देश में रोकोना लॉकडाउन-3 शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार एक तरफ दूसरे राज्यों से मजदूरों को लाने के लिए बसें और ट्रेनें चलाने की व्यवस्था कर रही है। हालांकि लोग खुद भी अपने साधन से या पैदल ही आ रहे हैं। दैनिक भास्कर ने सोमवार को राजधानी के आसपास गांवों की पड़ताल की तो कई चौकाने वाले मामले सामने आए। अभनपुर विकासखंड (धमतरी) जिले के खोरपा गांव में रविवार को राजस्थान से आकर अाकर एक युवक अपने घर पहुंच गया। सोमवार को जब आसपास के लोगों ने उसे देखा तब इसका खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि वह राजस्थान के चितौड़गढ़ जिले के चंदेरिया की किसी फैक्ट्री में काम करता था। फैक्ट्री की एक गाड़ी ही उसे गांव लेकर पहुंची थी। गांव से बाहर उतारकर वह लौट गई। युवक ने न तो राजस्थान प्रशासन से आने की अनुमति ली और न ही छत्तीसगढ़ में किसी को सूचना दी और परिवार के साथ रहने लगा। आसपास के लोगों से सूचना मिलने के बाद गांव की सरपंच, सचिव सहित अन्य पदाधिकारी उसके घर पहुंचे। पंचायत सचिव रमेश कुमार साहू ने बताया कि तहसीलदार को युवक के आने की जानकारी दी जा रही है। फिलहाल उन्हें घर में ही क्वारेंटाइन के लिए कहा गया है। प्रशासन के आदेश के बाद जरूरत हुई तो जांच इत्यादि की व्यवस्था कराई जाएगी। मजदूरी करने ओडिशा के कटक गए 17 मजदूर तीन दिन पहले ही गांव लौटे हैं। गांव के लोगों को इसकी जानकारी हुई, लेकिन उन्होंने पंचायत में सूचना नहीं दी। गांव के कुछ टीचर्स को इस बात का पता लगा तब उन्होंने अफसरों को सूचना दी और उसके बाद सभी को खाली स्कूल में क्वारेंटाइन किया गया है। सभी की जांच के लिए सैंपल भी लिया जा रहा है।

    बाहर से आने वालों के लिए गांव में ही बनाया क्वारेंटाइन सेंटर
    दैनिक भास्कर की टीम ने सोमवार को रायपुर जिले के आसपास कई गांव का दौरा किया। इस दौरान सभी गांवों ने बाहर से आने वाले लोगों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं। लेकिन ज्यादातर जगहों पर सेंटर गांव या बस्ती के आसपास ही बनाया गया है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इन सेंटरों में सस्पेक्टेड लोगों को ठहराया भी जाता है तो उनके रिश्तेदार या परिचित मिलने पहुंच गए तो उन्हें अलग रखना ही विफल हो जाएगा। क्वारेंटाइन सेंटर गांव से बाहर बनाया जाना चाहिए। मानिक चौरी के पटवारी लेखराम देवांगन ने बताया कि बिना जानकारी के गांव में अब तक कोई नहीं आया है। छह मजदूरों का एक दल प्रशासन के माध्यम से अगले एक-दो दिन में आने वाला है। उनके लिए गांव में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है।

    मंदिरहसौद के पटवारी नीरज सिंह ने कहा कि मंदिरहसौद पूरी तरह शहर जैसा हो गया है। कोई भी चोरी-छिपे पहुंचे तो उसकी जानकारी मिलनी मुश्किल है, फिर भी कोटवार और अन्य जिम्मेदारों से नजर रखने कहा गया है। क्वारेंटाइन सेंटर भी बनाया गया है कि यदि कोई बाहर से आए तो उन्हें अलग रखा जाएगा।
    केस-1
    कटक (ओडिशा) से पिथौरा

    ओडिशा के कटक से 17 मजदूरों का एक दल पैदल पिथौरा के हरदी गांव पहुंचा। सभी वहां मजदूर थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से सभी पैदल निकल गए और चोरी-छिपे यहां पहुंचे। गांव के सरपंच और पदाधिकारियों को तीन दिन बाद इसकी जानकारी मिली।
    केस-2
    चंदेरिया (राजस्थान) से अभनपुर

    राजस्थान चितौड़गढ़ के चंदेरिया थाना क्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम करने गया युवक लॉकडाउन के कारण शनिवार को छत्तीसगढ़ लौट आया। यहां आने के बाद वह सीधे अपने घर में रहने लगा। सोमवार को सरपंच-पंचों को जानकारी मिली तो तहसीलदार को खबर दी।

    बार्डर के गांवों मेंखतरा ज्यादा
    छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों के बार्डर वाले क्षेत्रों में चोरी-छिपे लोगों के आने की संभावना सबसे ज्यादा है। ज्यादातर लोग जंगलों या कच्चे रास्ते से छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। अंबिकापुर, बलरामपुर, कोरिया, महासमुंद, बीजापुर, बस्तर, कांकेर, राजनांदगांव, कवर्धा, मुंगेली, चिरमिरी आदि जिलों से लगे हुए गांव में बाहर से मजूदरों के आने की आशंका ज्यादा है।

    कचना में क्वारेंटाइनहुए थे मजदूर
    अभनपुर तहसील के कचना गांव के सरपंच पुरुषोत्तम चक्रधारी ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के चार दिन बाद उत्तरप्रदेश से आ रहा एक परिवार बार्डर के पास पकड़े गए थे। वे एक ट्रक के भीतर बैठकर चोरी-छिपे पहुंचे थे। उन्हें 14 दिन के लिए गांव में क्वारेंटाइन किया गया था। गांव का कोई भी परिवार नहीं लौटा है, जो दूसरे राज्यों मेंकमाने-खाने गया ।



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    अभनपुर के सारखी गांव में बनाया गया क्वारेंटाइन सेंटर




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    संक्रमित मरीजाें के बढ़ने से कुक्षी में 7 दिन से कर्फ्यू जारी, जैन धर्मशाला तालनपुर में भर्ती मरीजाें काे गणगौर पैलेस अाैर छात्रावास में शिफ्ट किया

    कुक्षी में बनाए गए भट्टी मोहल्ले के हॉट स्पाट सहित अन्य जगह प्रशासन की टीम लगातार सक्रिय और पूरी मुस्तैदी से नजर बनाए हुए हैं। सोमवार को भी प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस जवान वहां पर तैनात रहे। एसडीएम बीएस कलेश, तहसीलदार सुनील कुमार डावर लगातार हॉट स्पाट क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे हैं और वहां पर सख्त हिदायत दे रहे हैं। तहसीलदार डावर क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचे और वहां पर जो नए लोग शिफ्ट किए गए हैं उनके हालचाल जान सुविधाओं का अवलोकन किया। इसी के साथ ढोल्या चैक पोस्ट का भी तहसीलदार ने निरीक्षण किया। सभी कर्मचारी उपस्थित पाए गए। ढोल्या में किराना दुकान से भीड़ हटाई गई।


    इधर लॉकडाउन 0.3 के तहत डही-कुक्षी अनुभाग क्षेत्र के विभिन्न कस्बों और गांवों में प्रशासन द्वारा लगातार लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है। लोग भी प्रशासन का पूरा सहयोग कर अपने घरों में है। कुक्षी नगर में 7 दिन से पूरी तरह कर्फ्यू लगा हुआ है। जिस पर प्रशासनिक मुस्तैदी देखी जा रही है तथा नागरिकों को हर तरह की समझाइश देते हुए सतर्कता और सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

    जैन धर्मशाला तालनपुर में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखे लोगों को तालनपुर से हटाकर कुक्षी के गणगौर पैलेस व अन्य एक छात्रावास में शिफ्ट किया गया है। क्राइसिस मैनेजमेंट दल के मनोज दुबे (बीआरसी डही) ने बताया इनमें कन्या छात्रावास में हाइरिस्क प्रभावित पांच लोग, लो रिस्क के 17 इस तरह कुल 22 मरीज रखे गए हैं। गणगौर पैलेस में हाइरिस्क 1 व लो रिस्क प्रभावित 18 इस तरह कुल 19, उत्कृष्ट बालक छात्रावास में हाइरिस्क प्रभावित 7 और लो रिस्क प्रभावित 11 इस तरह कुल 18, वहीं ग्रामीण क्षेत्र डेहरी में हाइरिस्क प्रभावित 22 व लो रिस्क प्रभावित चार लोग इस तरह कुल 26 मरीज भर्ती है। चारों क्वारेंटाइन सेंटर पर कुल 85 मरीजाें को रखा गया है।


    काॅम्प्लेक्स संचालक ने एक माह का किराया नहीं लेने का निर्णय लिया
    गंधवानी| बस स्टैंड-सिंघाना रोड पर स्थित काॅम्प्लेक्स के संचालक सुनील कैलाश सोलंकी ने अपने काॅम्प्लेक्स में रेंट से दी गई 30 से अधिक दुकान और रहवासी किरायेदारों से लाॅकडाउन में एक माह का किराया नहीं लेने का निर्णय लिया है। सोलंकी ने बताया सभी दुकानदार अपनी दुकानें नहीं खोल पाए। काॅम्प्लेक्स में रहने वाले फैमिली वाले लोग भी अधिकतर छोटे व्यवसायी हैं। इसलिए एक माह का किराया नहीं लेने का निर्णय लिया है।

    चार दिन से एटीएम में राशि खत्म, बैंक के बाहर लोगों को धूप में कतार में लगना पड़ता

    राजगढ़| नगर में करीब 10 एटीएम होने के बावजूद इसमें चार दिन से राशि नहीं मिल रही है। सोमवार को एसबीआई, बीओआई, महाराष्ट्र बैंक सहित अन्य सरकारी एवं निजी बैंकों के एटीएम में राशि नहीं थी।
    एकमात्र एचडीएफसी बैंक के एटीएम से राशि निकलने पर लंबी कतार लग गई। सुबह करीब 10 बजे एटीएम से राशि निकालने के लिए कई लाेग खड़े हाे गए। कियोस्क सेंटरों पर राशि निकालने पर चार्ज लग रहा है।
    एसबीआई में भी लिंक फेल होने से उपभाेक्ता बैंक के बाहर तेज धूप में खड़े रहे। छांव के लिए न तो टेंट लगाया गया व न ही पीने के पानी की व्यवस्था की गई। यही स्थिति बीओआई में भी देखने को मिली। सुबह 9 बजे से ही ग्रामों के मजदूराें की कतार लग गई थी।



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    Curfew continues in Kukshi for 7 days due to increase in infected patients, patients admitted to Jain Dharamshala Talanpur shifted to Gangaur Palace and Hostel
    Curfew continues in Kukshi for 7 days due to increase in infected patients, patients admitted to Jain Dharamshala Talanpur shifted to Gangaur Palace and Hostel




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    कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एसी बंद, अफसर-कर्मचारियों के छूटे पसीने

    लॉकडाउन के कारण 48 दिनों से बंद मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयाें में सोमवार को कर्मचारी लौटे तो उनका सामना गर्मी से हुआ। कोरोना के कारण सेंट्रल एसी को बंद रखा गया है, जबकि कमरे में पंखा भी नहीं है। कर्मचारियों ने जीएडी सचिव से शिकायत की है तो अब एक हफ्ते के भीतर पंखे की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
    महानदी भवन में विधि विभाग, जीएडी के तीन-चार सेक्शन, उद्योग और सिंचाई विभाग में जहां स्टाफ के लोग बैठते हैं, वहां सीधे सूरज की किरणें आती हैं। सचिवालय ब्लॉक में भी जहां स्टाफ बैठता है, वहां भी सीधे धूप आती है। इस वजह से इन कर्मचारियों को आज काफी दिक्कत हुई। आज सुबह जब अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे तो पहला घंटा तो मिलने में ही बीत गया। इसके बाद काम शुरू हुआ। जैसे-जैसे समय बीता गर्मी से कर्मचारी परेशान होने लगे। दोपहर बाद मंत्रालय में कर्मचारियों ने सीएस आरपी मंडल व जीएडी सचिव से मिलकर तकलीफ बताई। जीएडी सचिव ने तत्काल पंखे की व्यवस्था करने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। स्टाफ ने एनआरडीए के पास रखे 100 पंखों को भी तत्काल पहुंचाने के लिए कहा है, जिससे काम के दौरान राहत मिल सके।

    चाय के लिए तरसे, मास्क बेचने पहुंची महिलाएं
    मंत्रालय में कैंटीन यानी नहीं खुला। इस वजह से स्टाफ चाय को भी तरस गया। बिल्डिंग के बाहर लगने वाले ठेले भी बंद रहे। हाॅल में गाइडलाइन में बताया गया था कि कर्मचारी कैंटीन में नहीं बैठ सकेंगे। वे काॅफी हाउस के मेनू के मुताबिक जो ऑर्डर करेंगे वह उन्हें टेबल पर ही सर्व कर दिया जाएगा। कई महिलाएं जो स्व-सहायता समूहों से जुड़ी थीं, वे मंत्रालय में मास्क बेचती रहीं। कई कर्मचारियों ने खरीदी भी की। बताया गया कि बसें सेनिटाइज की गई हैं, लेकिन अब तक पूरा मंत्रालय सेनिटाइज नहीं किया गया है। हालांकि गेट पर मशीन लगी है, जिससे सेनिटाइजर निकाल कर स्टाफ हाथों को सेनिटाइज कर प्रवेश करते रहे। आपदा प्रबंधन, जीएडी, होम व फाइनेंस विभाग में चर्चा थी कि वे लगातार काम करते रहे, इसलिए उन पर भी फूल बरसाए जाएं।



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    मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी लॉकडाउन के 40 दिन बाद दफ्तर पहुंचे तो उनके सामने फाइलों का ढेर मिला।




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    धार में पहली बार एक साथ 20 नए कोरोना संक्रमित, 9 की सेकंड रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव, 39 निगेटिव अाने से कुछ राहत

    साेमवार देर शाम काे आई रिपाेर्ट में जिले में 20 नए लाेगोंमें काेराेना संक्रमण की पुष्टि हुई है। धार में पहली बार इतनी संख्या में लोग एक साथ संक्रमित पाए गए हैं। 20 लोगों के पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अब धार में पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या अब 75 हाे गई है। इधर नाै लाेगाें की दूसरी रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव पाई गई हैं। इसमें काेराेना काे हराकर ठीक हाे चुकी निजी अस्पताल की स्टाफ नर्स के भाई सहित पीथमपुर की महिला भी शामिल है। 39 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाने से थाेड़ी राहत है।


    नए संक्रमित मरीजाें में धार की पट्ठा चाैपाटी के पांच, कुक्षी का एक, जिले के डेहरी भगरू चाैपाटी के 14 मरीज शामिल हैं। इधर साेमवार काे दाेपहर में जिला अस्पताल पहुंची एक वृद्धा की माैत हाे गई। उसका सैंपल लिया गया था। पुलिस अभिरक्षा में उसकाे नगर पालिका के माध्यम से कब्रिस्तान में दफनाया गया।


    साेमवार काे 12 से 28 अप्रैल के बीच लिए गए सैंपल की रिपाेर्ट आई। ये सभी लाेग लंबे समय से रिपाेर्ट आने का इंतजार कर रहे थे। इनमें एक पाॅजिटिव मरीज की दूसरी रिपाेर्ट निगेटिव आई है। यदि उसकी तीसरी रिपाेर्ट भी निगेटिव आती है ताे उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। पांच लाेगाें काे इनवेलिड माना गया है यानी उनके सैंपल काे मशीन ने स्वीकार नहीं किया। सिविल सर्जन डाॅ. अनिल वर्मा का कहना है कि यदि ऐसे लाेग 14 दिन से क्वारेंटाइन में हैं और उन्हें किसी प्रकार के लक्षण नहीं हैं ताे वे सामान्य माने जाएंगे, उनका रिसैंपल लेने की जरूरत नहीं रहेगी। गाैरतलब है कि साेमवार की रात में आई रिपाेर्ट में 20 लाेग संक्रमित पाए गए, जबकि पीथमपुर की रामरतन पटेल कॉलोनी की महिला की सेकंड रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई है।

    महाजन अस्पताल के आइसाेलेशन सेंटर से काेराेना की जंग जीत कर ठीक हुए नाै साल के बालक राज काे साेमवार काे डिस्चार्ज कर दिया गया। उसे गुलदस्ता और गिफ्ट देकर तालियां बजाकर उसका स्वागत किया। राज इस बीच अपनी मां काे देखता रहा। एक क्षण के लिए मां भी अपने बेटे काे कई दिनाें बाद देखकर कुछ नहीं बाेल पाई। हालांकि उसकी मां अाैर दाेनाें बहनाें की रिपाेर्ट भी रविवार काे निगेटिव एई है। इसलिए उसे मां के साथ एंबुलेंस से मनावर भेजा गया। अस्पताल के बाहर राज की मां रेखाबाई ने बताया कि हम काफी समय से इंदाैर चले गए हैं। बच्चे वहीं पर पढ़ते हैं। सास-ससुर ने कहा था कि गांव आ जाओ यहां परेशानी हैं इसलिए आगए थे। बाद में गांव वालाें ने हमें घुसने नहीं दिया। मनावर से धार और धार से मनावर ही करते रहे। इसी दाैरान मेरे बेटे काे काेराेना हुआ। राज ने वी का चिन्ह दिखाया।


    जिन मजदूराें काे गुजरात छाेड़ा, उनमें दाे पाॅजिटिव आए, बस चालक काे क्वारेंटाइन किया
    जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी ने बताया कुछ दिन पहले धार से प्रशासन ने गुजरात के मजदूराें काे बस से दाहाेद पहुंचाया था। लेकिन वहां से जानकारी आई है कि इनमें से दाे मजदूर पाॅजिटिव पाए गए हैं, हालांकि वे गुजरात में ही गिने जाएंगे। इसके बाद हमने धार की गुलमाेहर काॅलाेनी के बस चालक और क्लीनर की जानकारी निकाली, चालक देवास में था, उसे धार बुलाकर जांच के बाद क्वारेंटाइन कर दिया है। दाेनाें हाईरिस्क में थे।


    रिपोर्ट आई नहीं और स्टाफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियोंकाे डिस्चार्ज कर हाेम क्वारेंटाइन किया

    जिला अस्पताल की स्टाॅफ नर्साें और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें काे रिपाेर्ट दिए बगैर ही क्वारेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज कर हाेम क्वारेंटाइन कर दिया है। इन स्टाॅफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें में कुछ काे गले में खराश व खांसी की शिकायत है। रिपाेर्ट नहीं आने से इन कर्मचारियाें में काेराेना काे लेकर संशय बना हुआ है। रिपाेर्ट नहीं आने की बात से समस्त स्टाॅफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें ने पत्र के माध्यम से उच्चाधिकारियाें काे अवगत भी कराया है। फिलहाल काेई जवाब नहीं मिला है। जिला अस्पताल से सफाई दराेगा के काेराेना पाॅजिटिव निकलने के बाद एसएनसीयू वार्ड की स्टाॅफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों(50 से अधिक) के सैंपल लेकर भेजे गए थे। उनमें करीब 25 कर्मचारियाें की रिपाेर्ट आना बाकी है।


    तीन दिन में आना था रिपोर्ट, 17 दिन बाद भी नहीं आई

    18 अप्रैल काे सैंपल भेजे गए थे। नियमानुसार तीन दिन में रिपाेर्ट आ जाना चाहिए थी, लेकिन अब तक रिपाेर्ट नहीं आई। 17 दिन हो गए पर रिपाेर्ट नहीं आने से चिंता और बढ़ गई है। नाम न छापने की शर्त पर नर्साें ने बताया कि हम शहर की एक पाॅश एरिया में किराए के मकान में रहती हैं। हाेम क्वारेंटाइन हाेने से वे घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। सामान भी नहीं ला पा रहे हैं। एक अन्य नर्स का कहना है कि वे जब क्वारेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज हाेकर पहुंची ताे मकान मालिक ने पहले रिपाेर्ट मांगी। मकान मालिक बार-बार रिपाेर्ट काे लेकर पूछते रहते हैं।


    ऑक्सीजन का लेवल कम था, रैफर न करने पर अड़े रहे परिजन
    सिविल सर्जन डाॅ. अनिल वर्मा ने बताया कि साेमवार दाेपहर में गुलमाेहन काॅलाेनी की 65 साल की महिला काे परिजन लेकर आए थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। पहले से अस्थमा था। ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था। इसलिए इंदाैर रैफर किया था। एंबुलेंस के साथ अन्य सभी सुविधा भी थी, लेकिन परिजन न ले जाने पर अड़े रहे। बाद में दम ताेड़ दिया, हालांकि उसका सैंपल लिया गया था। उसकाे पुलिस अभिरक्षा में धार के कब्रिस्तान में दफनाया गया।


    पति के बाद बावड़ीपुरा की महिला की दाे दिन पहले इंदाैर में माैत
    नालछा ब्लाॅक के बावड़ीपुरा 50 साल की महिला अाैर उसके पति काे जिला अस्पताल मंे भर्ती कराया गया था। लेकिन पति मगन की जिला अस्पताल में माैत हाे गई थी। उसकाे कोरोना संदिग्ध माना गया था। जिला अस्पताल में उसका सैंपल भी लिया गया था इसलिए प्रशासन द्वारा पुलिस अभिरक्षा में उसका अंतिम संस्कार कराया गया था। उसकी पत्नी काे इंदाैर भेजा गया था, जहां दाे दिन पहले इलाज के दौरान उसकी माैत हाे गई। इंदाैर प्रशासन ने वहीं पर अंतिम संस्कार कराया। डाॅ. वर्मा का कहना है कि अभी तक दाेनाें की रिपाेर्ट नहीं अाई है। बावड़ीपुरा में परिजन हाेम क्वारेंटाइन में हैं।


    डाॅ. अनिल वर्मा, सिविल सर्जन, धारने कहा -लापरवाही नहीं
    जिनकाे हाेम क्वारेंटाइन किया गया है, उन्हें जल्द काम पर बुलाया जाएगा। गले में खराब एलर्जीक है, काेराेना वाले लक्षण नहीं है। रिपाेर्ट के बारे में कुछ नहीं कह सकते। यह शासन स्तर का काम है लापरवाही जैसी बात नहीं है।

    शैलेंद्र साेलंकी, अपर कलेक्टर, जिला धार ने कहा

    आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार हाेम क्वारेंटाइन हुए कर्मचारियाें काे काम करने की छूट है। इनमें कुछ शर्ते हैं जिनका पालन उन्हें करना हाेगा। इसकी कार्रवाई सीएमएचओ ही कर सकते हैं।

    डाॅ. आरसी पनिका, सीएमएचओ ने कहा

    नर्साें की रिपाेर्ट के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता, आप सिविल सर्जन से इस संबंध में जानकारी लें।



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    For the first time in Dhar, 20 new corona infected simultaneously, 9 second report is also positive, some relief from 39 negative eyes




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    हत्या-डकैती के अपराध में दाे साल से फरार भूतिया का इनामी बदमाश धराया

    दाे साल से हत्या और डकैती के मामले में फरार भूतिया के इनामी बदमाश काे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से एक कट्टा, जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। पकड़े गए बदमाश पर 20 हजार रुपए का नकद इनाम डीआईजी इंदाैर ने घाेषित किया था। आराेपी ने गंधवानी के ग्राम साेयला में अपने साथियाें के साथ वर्ष 2018 में डकैती डाली थी। वह तभी से फरार था।


    जिले में इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए एसपी आदित्य प्रतापसिंह ने एएसपी धार देवेंद्र पाटीदार के निर्देशन में जिले के सीएसपी/एसडीओपी, थाना प्रभारियों के साथ क्राइम ब्रांच धार प्रभारी संतोष कुमार पांडेय को लगाया था। इसी तारतम्य में क्राइम ब्रांच धार प्रभारी संतोष पांडेय को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम भूतिया-होलीबयडा का रहने वाला इनामी बदमाश कासू पिता इंदरसिंह भील, जो थाना गंधवानी के डकैती के अपराध में नाम दर्ज आरोपी है, भूतिया-बलवारी होते हुए गंधवानी की ओर आने वाला है।


    थाना प्रभारी गंधवानी एमटी बेग एवं क्राइम ब्रांच प्रभारी संतोष कुमार पांडेय ने टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए ग्राम बिल्दा बस स्टैंड के पास नाकाबंदी की। एक व्यक्ति आता दिखा, घेराबंदी कर पकड़ा। उसके पास से एक कट्टा मिला, लाइसेंस का पूछने पर नहीं होना बताया। सख्ती से पूछने पर अपना नाम कासू पिता स्व. इंदरसिंह बारिया (32) निवासी ग्राम होलीबयडा बयडी फलिया थाना टांडा का बताया। कासू बारिया थाना गंधवानी में धारा 395, 396, 397, 460 भादंवि में नाम दर्ज आरोपी है। उसने अपने गांव भूतिया के अन्य साथियों के साथ मिलकर सोयला गांव में डकैती डालना कबूल किया। आरोपी शातिर होकर अपने रहने का स्थान बदल रहा था, जिससे पुलिस की गिरफ्त से बाहर था।


    आरोपी से क्राइम/सायबर ब्रांच धार प्रभारी संतोष कुमार पांडेय, सउनि धीरज सिंह राठौर, प्रआर. रामसिंह गौर, आर. गुलसिंह, आर. बलराम, आर. राहुल, सायबर सेल धार प्रशांत, शुभम, आदर्श एवं थाना प्रभारी गंधवानी एमटी बेग, सउनि प्रहलाद सिंह बौरा द्वारा लगातार पूछताछ की जा रही है। अन्य कई चोरी, लूट, डकैती की वारदातों का खुलासा होने की संभावना है।



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    बेटे की मौत का दु:ख बांट बोले अंबाराम- मैं कोरोना को हरा दूंगा

    सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि मजबूत इरादाें से भी 10 मरीजाें ने काेराेना काे मात दी है। आइसाेलेशन सेंटर महाजन अस्पताल से भले ही डिस्चार्ज हाेकर लोग अपने-अपने घर लाैट चुके हाें, मगर वहां के स्टाफ के मन में इन्हांेने अपनी एक छाप छाेड़ी है।साेमवार काे यहां की दाे स्टाफ नर्स पायल चाैहान व चेतना जायसवाल नेमरीजाें के बिताए अनुभव साझा भी किए।

    स्टाफ नर्स पायल चाैहान ने बताया
    इस महायुद्ध में कुलदीपक काे खाे चुके कुक्षी निवासी अंबादास शायद पहले ऐसे पिता हैं जाे बीमारी काे हराकर सकुशल घर लाैटे। हां... बेटे काे खाेने का गम ताे जरूर है, लेकिन उनके इरादे भी मजबूत हैं। परिवार से काेई नहीं था ताे मुझे अपनी बेटी मानकर बेटे की माैत का गम आंसुओंमें व्यक्त किया और कहा- मैडम... अब मैं काेराेना काे जरूर हराऊंगा, खुद के लिए नहीं, बल्कि बेटे अाैर उन सभी के लिए जिन्हाेंने काेराेना की वजह से अपनाें काे खाेया है। समय पर दवाई लेना, भाेजन करना और राेज सुबह जल्दी उठकर याेग करना। मुझसे पूछते मेडम...मैं ठीक कर रहा हूं ना, मैं भी उन्हें प्रेरित करती। स्टाफ के कई लाेग अाइसाेलेशन में ड्यूटी देने से पीछे हट रहे थे। शुरू में हमें भी डर लगा, लेकिन जब मरीजाें के बीच पहुंची ताे लगा कि सेवा का यह माैका हर किसी काे नहीं मिलता। मैं साैभाग्यशाली हूं मुझे अवसर मिला।


    करुणा कहती जाे हमें हुआ वाे आपके साथ नहीं हाे, इसलिए हमसे दूर रहाे

    स्टाफ नर्स करुणा भी बीमारी से परेशान थी। जब मैं दवाई देने जाती ताे वे हमसे दूर रहती। कहती थी कि जाे मेरे साथ हुअा वाे अापके साथ नहीं हाे, मुझसे दूर रहाे और सुरक्षित रहाे। क्याेंकि घर पर काेई आपका इंतजार कर रहा है। खैर करुणा अपनी जगह सही थी, लेकिन मुझे फर्ज निभाना था। एक और भैय्या थे... जिनका नाम आमिर था। वे खुद के साथ हमें भी यकीन दिलाते कि हम काेराेना काे जरूर हराएंगे। उनकी यह सकारात्मकता ही उनके साथ हम में भी नई ऊर्जा का संचार कर रही थी। हमने हर मरीज काे अपना माेबाइल नंबर दिया ताकि कहीं काेई परेशानी आए ताे वह हमें बुला ले। मरीजाें ने अपना नंबर तक सेव कर लिया था। जिस दिन वे यहां से डिस्चार्ज हाेकर अपने घर लाैटे उन्हाेंने हमेंफाेन कर धन्यवाद ज्ञापित किया।



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    Share the grief of the son's death, Ambaram - I will beat Corona




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    रायपुर में पुलिस ने बेकाबू भीड़ पर बरसाई लाठी, ऑनलाइन बुकिंग के लिए सरकार ने जारी किया लिंक

    शहर की शराब दुकानों में दिन भर भीड़ जुटती रही। लालपुर इलाके की दुकान में शराब लेने आस-पास के क्षेत्रों से भी लोग आए। दुकान के बाहर भीड़ में लोग धक्का-मुक्की पर आमादा थे। हालात बेकाबू होते देख पुलिस जवानों ने लाठियां बरसाईं। पुलिस को ऐसा करते देख, दुकान में रखे गए गार्ड भी लाठियां भांजने लगे। भीड़ कुछ सेकंड के लिए ही छंटी फिर दौड़कर शराब लेने आए लोगों ने लाइन लगा ली। दिन भर इस दुकान में ऐसा ही माहौल रहा।

    अब घर पहुंचाएंगेशराब

    शराब को ग्राहक के घर तक पहुंचाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। सोमवार को प्रदेश की दुकानों में उमड़ी भीड़ और कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है। डिलीवरी बॉय सिर्फ ग्रीन जोन में ही शराब पहुंचाएंगे। शराब की बुकिंग के लिए http://csmcl.in वेबसाइट एड्रेस जारी किया गया है। लोगों को गूगल प्ले स्टोर में सीएसएमसीएम एप भी डाउनलोड करने को कहा गया है। ग्राहक को अपना मोबाइल नम्बर, आधार कार्ड और पूरे पते की जानकारी देनी होगी। लोग एक शराब दुकान से एक बार में 5000 एम.एल. तक शराब अपने घर डिलीवर करवा सकते हैं। शराब के दाम के अलावा लोगों को डिलीवरी के चार्ज के तौर पर 120 रूपए देने होंगे।



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    तस्वीर रायपुर के लालपुर इलाके की शराब दुकान की है, इस सख्ती का असर शराब लेने वालों पर कुछ खास नहीं हुआ, चंद सेकंड बाद फिर भीड़ जुट गई थी।