जिले में कोविड-19 के संक्रमण का अभी सबसे ज्यादा जोखिम दूसरे राज्यों से पहुंचने वाले मजदूर हैं। सरकार के आदेश आते ही उन्हें लाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जिले में दूसरे राज्यों से 3 हजार 552 मजदूर वापस आने वाले हैं। ये मजदूर कोरोना कैरियर साबित ना हों, इसके लिए प्रशासन ने अपने स्तर पर तैयारी पूरी कर ली है। बाहर से आने के बाद मजदूरों को क्वारेंटाइन करने के लिए जिले में 480 सेंटर बनाए गए हैं।
दूसरे राज्यों में फंसे जिले के श्रमिकों को वापस लाने की तैयारी पूरी कर ली है। सरकार के आदेश के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की लिस्ट श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई है। यह लिस्ट लॉकडाउन के दौरान प्रशासन को मिली सूचना के आधार पर बनी है। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के परिजन या फिर मजदूरों से सीधा प्रशासन से संपर्क कर अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर बताया था, जिसके बाद अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों की सूची तैयार की गई है। विभिन्न राज्यों में मजदूर भी अगल-अलग शहरों में फंसे हुए हैं। जिले के मजदूर अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, आंघ्राप्रदेश, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं।
सबसे अधिक मजदूर महाराष्ट्र से लौटेंगे
जिले में बाहर से लौटने वाले मजदूरों में सबसे अधिक संख्या महाराष्ट्र से लौटने वालों की है। महाराष्ट्र से 846 मजदूर लौटने वाले हैं। यह जिले के लिए सबसे बड़ा जोखिम है, क्योंकि महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या अधिक है। वहां 17 हजार 974 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से 694 लोगों की मौत कोविड-19 वायरस के कारण हो चुकी है। दाे दिन में 43 लोगों की मौत हुई है। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र से सबसे अधिक मजदूरों का लौटना जिले के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। फरसाबहार और पत्थलगांव विकासखंड के मजदूर रोजगार के लिए महाराष्ट्र जाते हैं।
रेड जोन से लौटे लोगों केलिए है अलग व्यवस्था
प्रशासनिक जानकारी के मुताबिक जिले में जितने भी क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं वे सभी गांव में आबादी से बाहर बनाए जा रहे हैं। साथ ही क्वारेंटाइन सेंटर तक जाने की अनुमति ग्रामीणों को भी नहीं होगी। सिर्फ जिनकी ड्यूटी होगी, वही जा सकेंगे। सभी पंचायतों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि यदि शासन के आदेश पर रेड जाेन से भी मजदूर लाए जाते हैं, तो उनके लिए अगल से 10 प्रतिशत बैड रिजर्व किया गया है। सभी क्वारेंटाइन सेंटरों से थेड़ी दूरी पर रेड जोन के लिए अगल से क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं।
शहरी इलाके में नहीं होगा एक भी क्वारेंटाइन सेंटर
जिला प्रशासन ने शहरी इलाके में एक भी क्वारेंटाइन सेंटर नहीं बनाने के निर्देश हैं, इसलिए अब जशपुरनगर के साथ नपं कोतबा, बगीचा, कुनकुरी व पत्थलगांव में एक भी क्वारेंटाइन सेंटर नहीं बनाए जाएंगे। नगरीय इलाकों में लौटने वाले मजदूरों को शहर के बाहर गांव के नजदीक बने क्वारेंटाइन सेंटर में रहना होगा। सीएमओ बसंत बुनकर ने बताया कि पालिका द्वारा शहर के बाहर विभिन्न गांव में आबादी से दूर स्थित शासकीय भवनों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। पालिका ने 30 सेंटर तैयार किए हैं। सीएमओ ने बताया कि शहर में एक भी मजदूर के बाहर से लौटने की कोई सूचना नहीं है।
आदेश... गुटखा, पान मसाला, गुड़ाखू, तम्बाकू एवं तम्बाकू डले पान की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध
कलेक्टर ने नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा एवं नियंत्रण के उद्देश्य से जशपुर जिले के सीमा क्षेत्र में गुटखा, पान मसाला, गुड़ाखू, तम्बाकू और पान की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक जारी रखने के निर्देश देते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।
रेड जोन से मजदूर लाएंगे या नहीं, इस पर हो रहा विचार
"जिले के मजदूर जो बाहर फंसे हैं उनके लिए जिले में 3552 क्वारेंटाइन सेंटर तैयार किए गए हैं। मजदूरों को वापस लाने की कार्रवाई शासन स्तर से होगी। रेड जोन से मजदूर लाए जाएं या नहीं इसका निर्णय अभी शासन स्तर से नहीं हो पाया है। यदि रेड जोन से भी मजदूर लाए जाते हैं तो उनके लिए अलग से क्वारेंटाइन सेंटर रखा जाएगा।''
-केएस मंडावी, सीईओ, जिपं
शहर में खुद की व्यवस्था से नहीं लौटा कोई मजदूर
"शहर में कोई मजदूर खुद से नहीं लौटा है। इसका सर्वे पालिका द्वारा किया जा रहा है। अबतक एक भी मजदूर के लौटने की सूचना नहीं है। पालिका या नपं क्षेत्र में एक भी क्वारेंटाइन सेंटर नहीं बनाए जाएंगे। नगरीय इलाकों के मजदूरों को भी शहर के बाहर बने सेंटर में रखा जाएगा।''
-बसंत बुनकर, सीएमओ, नगरपालिका
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