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जशपुर में 11 दिन में दूसरी बार गिरे ओले, आम और सब्जियों की फसल को नुकसान

पश्चिमी विक्षोभ के कारण हर रोज जिले में कहीं ना कहीं बादल बरस रहे हैं। जिले में 11 दिन मेंदूसरी ओलावृष्टि हुई। इससे फसल को नुकसान पहुंचा। इससे पहले 26 अप्रैल को ओलावृष्टि से किसानों के घरों को भारी नुकसान पहुंचा था।
मंगलवार की रात को शहर सहित जिले के पाठ इलाकों में आधे घंटे तक आंधी चली। हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि पेड़ों की डंगालें टूटी और शहर में लगे होर्डिंग्स भी उखड़ गए। आंधी के बाद बारिश हुई। इधर पाठ इलाकों में ओलावृष्टि भी खूब हुई है। पंडरापाठ, सुलेसा, महनई, चंपा सहित अन्य इलाकों में रात में गिरे ओले सुबह तक पिघल नहीं पाए।
मंगलवार को सुबह व शाम को आसमान में घने बादल छाए और दोपहर में हल्की धूप थी। रात करीब 10 बजे काले बादलों ने आसमान काे पूरी तरह ढंक लिया और तेज हवाएं चलने लगीं। आंधी के वक्त शहर में एहतियातन बिजली आपूर्ति बंद कर दी। ग्रामीण इलाकों में तार टूटने से रातभर बिजली गुल रही। हवा की रफ्तार जैसे ही थमी बारिश होने लगी। पाठ इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। सन्ना, पंडरापाठ, सोनक्यारी, आस्ता, सुलेसा, महनई सहित अन्य इलाकों में खेती प्रभावित हुई है।

ओलावृष्टि से नुकसानपर मंत्री ने ली रिपोर्ट

महिला बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिया ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से अपने प्रभार के जिले बेमेतरा और कवर्धा में कोरोना से बचाव, प्रवासी मजदूरों की वापसी की तैयारी पर रिपोर्ट ली। उन्होंने किसानो को असमय वर्षा, ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भी जानकारी ली। कलेक्टरों ने बताया कि ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। कवर्धा जिले में फसल बीमा की राशि का भुगतान किसानों को कर दिया गया है। किसानों की मदद के लिए 8 करोड़ रुपए कवर्धा और 15 करोड़ रूपए बेमेतरा जिले को मिले हैं।

महासमुंद: अधिकतर हिस्से में बारिश, ओले भी गिरे

महासमुंद|चक्रीय चक्रवाती घेरे के साथ बने द्रोणिका के असर से जिले के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार और बुधवार को बारिश हुई। साथ ही कई इलाकों में ओले भी गिरे। मौसम में बदलाव के कारण मंगलवार की रात बसना विकासखंड के कई गांव तेज बारिश हुई। वहीं देर रात करीब 2 बजे महासमुंद शहर में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। इसी तरह बुधवार को भी जिले के एक दो स्थानों में बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को भी हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक चक्रीय चक्रवाती घेरा 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर स्थित है। दूसरा चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी विदर्भ और उसके आसपास स्थित है।

इसके साथ ही एक द्रोणिका 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु तक स्थित है। इसी के असर से गुरुवार को बारिश की संभावना है।
कांकेर: अंधड़ से कई जगहों पर पेड़ गिरे, एक की मौत

मंगलवार की रात तेज आंधी-तूफान के बारिश हुई। आंधी-तूफान से जिले के कई जगहों पर बड़ी संख्या में पेड़ गिरे। वहीं कई जगहों पर घर के छप्पर उड गए। पेड़ बिजली तार पर गिरने से बड़ी संख्या में पोल टूट कर गिर गए हैं। इसके चलते रात से ही बिजली बंद रही। दूसरे दिन भी कई गांवों में बिजली बहाल नहीं हो पाई। तेज आंधी बारिश के चलते फसलों को भी नुकसान हुआ है। भानुप्रपातपुर के ग्राम पंचायत तरहुल सलिहापारा में खेत के महुआ पेड़ की बड़ी डंगाली बीते रात आई आंधी से टूटकर दूसरे पेड़ पर फंस गया था। बुधवार को खेत का मालिक जगन्नाथ तारम (60) पहुंचा और डंगाली को पेड़ से गिराने चढ़ा हुआ था। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गया। इसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई।



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जशपुर में बुधवार सुबह तक खेत में नजर आए ओले।




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जशपुर में 11 दिन में दूसरी बार गिरे ओले आम और सब्जियों की फसल को नुकसान

पश्चिमी विक्षोभ के कारण हर रोज जिले में कहीं ना कहीं बादल बरस रहे हैं। जिले में 11 दिन मेंदूसरी ओलावृष्टि हुई। इससे फसल को नुकसान पहुंचा। इससे पहले 26 अप्रैल को ओलावृष्टि से किसानों के घरों को भारी नुकसान पहुंचा था।
मंगलवार की रात को शहर सहित जिले के पाठ इलाकों में आधे घंटे तक आंधी चली। हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि पेड़ों की डंगालें टूटी और शहर में लगे होर्डिंग्स भी उखड़ गए। आंधी के बाद बारिश हुई। इधर पाठ इलाकों में ओलावृष्टि भी खूब हुई है। पंडरापाठ, सुलेसा, महनई, चंपा सहित अन्य इलाकों में रात में गिरे ओले सुबह तक पिघल नहीं पाए।
मंगलवार को सुबह व शाम को आसमान में घने बादल छाए और दोपहर में हल्की धूप थी। रात करीब 10 बजे काले बादलों ने आसमान काे पूरी तरह ढंक लिया और तेज हवाएं चलने लगीं। आंधी के वक्त शहर में एहतियातन बिजली आपूर्ति बंद कर दी। ग्रामीण इलाकों में तार टूटने से रातभर बिजली गुल रही। हवा की रफ्तार जैसे ही थमी बारिश होने लगी। पाठ इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। सन्ना, पंडरापाठ, सोनक्यारी, आस्ता, सुलेसा, महनई सहित अन्य इलाकों में खेती प्रभावित हुई है।

ओलावृष्टि से नुकसानपर मंत्री ने ली रिपोर्ट

महिला बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिया ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से अपने प्रभार के जिले बेमेतरा और कवर्धा में कोरोना से बचाव, प्रवासी मजदूरों की वापसी की तैयारी पर रिपोर्ट ली। उन्होंने किसानो को असमय वर्षा, ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भी जानकारी ली। कलेक्टरों ने बताया कि ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। कवर्धा जिले में फसल बीमा की राशि का भुगतान किसानों को कर दिया गया है। किसानों की मदद के लिए 8 करोड़ रुपए कवर्धा और 15 करोड़ रूपए बेमेतरा जिले को मिले हैं।

महासमुंद: अधिकतर हिस्से में बारिश, ओले भी गिरे

महासमुंद|चक्रीय चक्रवाती घेरे के साथ बने द्रोणिका के असर से जिले के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार और बुधवार को बारिश हुई। साथ ही कई इलाकों में ओले भी गिरे। मौसम में बदलाव के कारण मंगलवार की रात बसना विकासखंड के कई गांव तेज बारिश हुई। वहीं देर रात करीब 2 बजे महासमुंद शहर में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। इसी तरह बुधवार को भी जिले के एक दो स्थानों में बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को भी हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक चक्रीय चक्रवाती घेरा 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर स्थित है। दूसरा चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी विदर्भ और उसके आसपास स्थित है।

इसके साथ ही एक द्रोणिका 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु तक स्थित है। इसी के असर से गुरुवार को बारिश की संभावना है।



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जशपुर में बुधवार सुबह तक खेत में नजर आए ओले।




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कोरिया में छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला की हत्या, कुछ दिन पहले ही जेल से छूट कर आया था आरोपी

कोरिया में छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक युवक ने महिला की हत्या का दी। इसके बाद फरार हो गया। आरोपी कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर आया था। इसके बाद से ही महिला को मारने के लिए घात लगाए हुए था। मौका मिलते ही उसने बच्चों के सामने ही उनकी मां को मार डाला। घटना सोनहत थाना क्षेत्र की है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, सोनहत के ग्राम मेंड्राकला निवासी ओम प्रकाश आए दिन गांव की ही सुनीता से छेड़छाड़ करता था। इस पर सुनीता ने पुलिस में शिकायत की तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। कुछ दिन पहले ही आेम प्रकाश जेल से छूटकर आया और तभी से सुनीता को धमकी दे रहा था। आरोपी ओम प्रकाश देर रात सुनीता के घर के बाहर झाड़ियों में घात लगाकर बैठ गया।


झाड़ियों में आरोपी को छिपे देख पति ने बुलाई पंचायत
इसी दौरान पड़ोस में जा रहे बच्चों की नजर पड़ी। झाड़ियों में जानवर होने की आशंका से उन्होंने परिजनों को सूचना दी। इस पर परिजनों ने टॉर्च से देखा तो आरोपी वहां से भाग निकला। इसके बाद सुनीता के पति ने सरपंच को घटना की जानकारी दी और पंचायत की बैठक बुलाई। इस दौरान आरोपी को भी बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आया। वहीं वार्ड 4 के पंच भी अनुपस्थित थे।


पंच को बुलाने के लिए जा रही सुनीता पर किया हमला
अनुपस्थित पंच का घर पास में होने के कारण उन्हें बुलाने के लिए सुनीता खुद ही चली गई। पंच के घर बच्चों ने बताया कि वे महुआ बीनने नदी के पास गए हैं। इस पर सुनते भी वहां चली गई, साथ में उसके दो बच्चे भी थे। इसी दौरान जंगल के पास आरोपी ओम प्रकाश ने सुनीता पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात की सूचना मिलने पर पंच वहां पहुंचे, लेकिन आरोपी भाग चुका था।



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छत्तीसगढ़ के कोरिया में छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक युवक ने महिला की हत्या का दी। पहले भी आरोपी महिला से छेड़छाड़ के मामले में जेल गया था। वहां से छूटने के बाद वारदात को अंजाम दिया।




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लोगों को जागरुक करने का अनूठा तरीका, शहर में फिल्मी डायलॉग वाले पोस्टर लगा रही पुलिस

शहर की पुलिस को लॉकडाउन ने क्रिएटिव बना दिया है। मशहूर फिल्मों के डायलॉग्स को बदलकर एक रोचक अंदाज में पुलिस पेश कर रही है। शहर के हर प्रमुख चौक- चौराहे और नगर निगम की गाड़ियों पर पुलिस इन दिनों पोस्टर लगा रही है। इन पोस्टर में फिल्मों के किरदार दिख रहे हैं और कोरोना से जागरुकता के मैसेज भी। जैसे फिल्म हेरा-फेरी के मशहूर किरदार बाबूराव कहतेदिख रहे हैं- सुन लो रे बाबा मास्क पहनने का, हाथ बराबर धोने का, और दूर-दूर रहने का।इसी तरह फिल्म बाहुबली का एक पोस्टर है जिसमें एक्टर प्रभास को दिखाया गया है, जो यह कह रहे हैं कि जब तक मेरे चेहरे पर मास्क है मुझे मारने वाला कोई पैदा नहीं हुआ मामा।

पुलिस ने इसके अलावा शहर में कोरोना की वेशभूषा में लोगो को घरों में रहने की समझाईश दी, सोशल डिस्टेंसिंग/ फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करना बताया, बच्चों के लिए घर बैठे पेटिंग, शाॅर्ट स्टोरी, स्लोगन प्रतियोगिता रखी। कई क्षेत्रों में बाईक रैली, तिरंगा रैली , गीत संगीत के साथ लोगों को जागरूक करते पुलिसवाले नजर आए। एसपी रायगढ़ संतोष कुमार सिंह ने बताया कि फिल्में लोगों को काफी प्रभावित करती हैं,ऐसे पोस्टर लोगों को आकर्षित करेंगे जिससे इसे रीक्रिएट कराकर इसे कोरोनावायरस के प्रति जागरूकता संदेश देने वाला बनवाया गया। आगे भी लोगों को अन्य तरीकों से जागरूक करने का हमारा प्रयास जारी रहेगा, लोग हमारी बातों को समझ रहें है, लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं , इसके लिये उन सभी को धन्यवाद।



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तस्वीर रायगढ़ शहर की है, इस तरह के पोस्टर के अलावा पुलिस ने बड़ी होर्डिंग्स भी लगवाए हैं।




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मुंगेली में शराब के लिए रुपए नहीं दिए तो युवक ने टंगिये से मां का सिर धड़ से अलग कर दिया, बहन पर कई वार किए

छत्तीसगढ़ के मुंगेली में गुरुवार सुबह शराब के लिए रुपए नहीं देने पर एक युवक ने टंगिये वार कर अपनी मां की हत्या कर दी। बचाने आई छोटी बहन पर भी कई वार किए। उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वह नशे की हालत में टंगिया लहराते हुए बाहर घूम रहा था। घटना कोतवाली क्षेत्र की है।

मुंगेली में महिला की हत्या के बाद विलाप करता उसका पति। बेटे ने ही शराब के लिए अपनी मां की हत्या कर दी।

जानकारी के मुताबिक, रामगाेपाल तिवारी वार्ड निवासी सुनील उर्फ साेनू यादव कोई काम नहीं करता है। वह शराब पीने और जुआ खेलने का आदी है। दुकानें खुलने के बाद वह गुरुवार सुबह अपनी मां सुनीता यादव से शराब के लिए रुपए मांग रहा था। इस पर मां ने मना कर दिया और नसीहत दी कि कुछ कमाते नहीं हो। काम किया करो। तीन-तीन बहनें हैं। उनके लिए भी करना है।

बीच-बचाव करने आई बहन पर भी किया हमला
इस पर सोनू भड़क गया और मां पर चिल्लाते हुए टंगिये से कई वार कर दिए। चेहरे और गले पर लगातार किए गए वार के कारण सुनीता का सिर धड़ से अलग हो गया। इस दौरान उसकी छोटी बहन मधु बीच-बचाव करने के लिए पहुंची। सोनू ने उसके भी सिर और पेट पर कई वार किए। इससे वह वहीं पर गिर पड़ी। इसके बाद हाथ में टंगिया लिए वह बाहर लहराते हुए घूमने लगा।

सूचना मिलने पर एएसपी कमलेश्वर चंदेल सहित बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई। खून से सनी टंगिया लेकर साेनू को बाहर घूमते देख पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वही मधु को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत गंभीर देख उसे बिलासपुर रेफर कर दिया गया है। उसके सिर पर काफी गहरी चोटें आई हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।



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छत्तीसगढ़ के मुंगेली में शराब के लिए रुपए नहीं देने पर एक युवक ने टंगिये वार कर अपनी मां का सिर धड़ से अलग कर दिया। बहन पर भी कई वार किए। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया।




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लॉकडाउन में रायगढ़ की पेपर मिल में जहरीली गैस का रिसाव, 7 मजदूर हुए बेहोश, 3 की हालत गंभीर; मिल मालिक ने घटना छिपाई, एफआईआर

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित एक पेपर मिल में बुधवार शामजहरीली गैस का रिसाव हो गया। इसकी चपेट में आकर 7 मजदूर बेहोश हो गए हैं। हादसे की सूचना पर सभी मजदूरों को स्थानीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से तीन मजदूरों की हालत गंंभीर देख उन्हें गुरुवार को पटवारी और रेडक्रास के लोगों के साथ रायपुर रेफर कराया है। वहीं मिल को सील कर दिया गया है।

रायगढ़ में हुए मिल में गैस रिसाव हादसे के कारणों और घटनाक्रम को लेकर कलेक्टर और एसपी ने मजदूरों से बात की। इसके साथ ही वे मौके पर मिल में भी गए और जायजा लिया।

पुसौर क्षेत्र के तेतला गांव में आरडी गुप्ता कीशक्ति पेपर मिल लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी थी। इसी मिल में सफाई के लिए कर्मचारी बुधवारको पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि पेपर रिसायकल चैंबर की सफाई के दौरान बुधवार शाम करीब 4.30 बजेजहरीली गैस का रिसाव हो गया। इससे चैंबर और पास में काम कर रहे मजदूरों की तबियत बिगड़ गई। इनमें से दो अचेत होकर गिर पड़े, जबकि कुछ उल्टियां करने लगे।

मजदूरों की तबियत बिगड़ने लगी तो प्रशासन को दी सूचना

हालत बिगड़ती देख मिल प्रबंधन की ओर से देर शाम सभी मजदूरों कोरायगढ़ के संजीवनी हास्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके बाद अगले दिन गुरुवार दोपहर इनमें से 3 मजदूरों की हालत ज्यादा बिगड़ गई। इस पर मिल प्रबंधन की ओर से प्रशासन को सूचना दी गई। जिसके बादकलेक्टर यशवंत कुमार, एसपी संतोष कुमार सिंह, एसडीएम युगल किशोर सहित स्वास्थ्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे।

चैंबर में उतरते ही बिगड़ने लगी तबीयत

शक्ति पेपर मिल को चालू करने के लिए साफ सफाई काम चल रहा था। कुछ मजदूर फैक्ट्री के अंदर रिसायकल चेंबर की सफाई करने की तैयारी कर रहे थे। जैसे ही मजदूर डोलामणि सिदार (35), सुरेंद्र गुप्ता (28) अपधर मालाकार (40) टैंक में उतरने लगे तभी उनकी तबियत बिगड़ गई। इन लोगों ने टैंक का ढक्कन हटाया ही था किपास खड़े पुरन्धन कुमार (21), अनिल कुमार (22), निमाणी भोय (40), रंजीत सिंह (34) अचेत हो गए।

मिल हादसे में घायल हुए मजदूरों से मुलाकात के लिए अस्पताल पहुंचे अधिकारियों ने उनका हाल जाना। इस दौरान गंभीरों को रायपुर रेफर कराया गया है।

तहसीलदार को रात में पता चला, पर मिल मालिक ने नहीं की बात

सरपंच के माध्यम से रात करीब 9 बजे जानकारी मिली थी। जब वे मौके पर गईं तो वहां कोई नहीं था। इस पर कलेक्टर से बात कर उन्हें बताया और सरपंच से घटना की ताकीद की, लेकिन उसने शंका जाहिर कर दी। मिल मालिक को भी फाेन किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया। अब मिल को सील कर दिया गया है। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है।
- माया आंचल, नायब तहसीलदार पुसौर

मिल मालिक पर दर्ज होगी एफआईआर

मिल मालिक आरडी गुप्ता ने घटना को छिपाने का प्रयास किया। रात को भी मेकाहारा से हादसे को लेकर कन्फर्म किया गया था, लेकिन सभी मजदूरों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके कारण पता नहीं चल सका। मजदूरों की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर सूचना दी गई। घटना को छिपाने और लापरवाही के चलते मिल मालिक पर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।

-संतोष कुमार सिंह, एसपी, रायगढ़



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छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित पेपर मिल में गैस रिसाव होने से 7 मजदूर बेहोश हो गए। सभी को अस्पताल में भर्ती करया गया है। जहां प्रशासन की टीम उन्हें देखने के लिए पहुंची है।




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पहली पत्नी और मां को भेजता था रुपए, दूसरी काे पसंद नहीं था, इसलिए युवक ने मार कर दफना दिया

छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक युवक ने अपनी पत्नी की हत्या कर उसके शव को फार्म हाउस में दफना दिया। बुधवार देर शाम जब शव मिला तो मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने आरोपी पति काे गुरुवार दोपहर रायपुर से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि युवक पहली पत्नी और अपनी मां को रुपए भेजता था। यह बाद उसकी दूसरी पत्नी को पसंद नहीं थी। इसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ था।


जानकारी के मुताबिक, ओडिशा निवासी शंकर ने दो शादियां की थीं। यहां पर वह नंदोरी गांव स्थित फार्म हाउस में काम करता था और अपनी दूसरी पत्नी शांति बाई (35) के साथ रह रहा था। इसी फार्म हाउस से पुलिस को बुधवार शाम शांति बाई का शव बरामद हुआ।जब पुलिस ने शंकर से संपर्क किया तो उसने खुद के मरोदा में होने और पत्नी के तीन दिन से लापता होने की जानकारी दी। इस पर पुलिस ने उसका नंबर ट्रेस कर रायपुर से हिरासत में ले लिया।

घर रुपए भेजने से इनकार किया तो साड़ी से घोंटा गला
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि शंकर की ओडिशा में पहली शादी हुई है। उसी गांव में शांतिबाई का भी विवाह हुआ था। दोनाें संपर्क में आए तो उनमें प्रेम संबंध हो गया। इसके बाद शंकर ने शांति से भी शादी कर ली और घर ले आया। शांति का एक बच्चा भी है, जो उसके पहले पति के पास रहता है। शंकर अपनी कमाई से पहली पत्नी व मां को भी रुपए देता था। यह बात शांति को पसंद नहीं थी।


इसको लेकर दोनों में झगड़े भी होते थे। तीन माह पहले शांति वहां से भागकर भिलाई आ गई। तो शंकर भी यहां आ गया और फार्म हाउस पर काम करने लगा, लेकिन उसने रुपए भेजना नहीं छोड़ा। इस पर शांति और शंकर के बीच विवाद बढ़ने लगा। सोमवार को शांति ने अपने गले में साड़ी का फंदा लगाया और कहा कि वह मर जाएगी। इस पर शंकर ने उसे जोर खींच कर शांति का गला घोंट दिया।


महिला का पैर दिखा तो हुआ खुलासा
इसके बाद उसने शव को फार्म हाउस में ही दफना दिया और सारी रात पैदल चलकर रायपुर आ गया। बदबू आने और महिला के पैर दिखने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने उसकी पहचान कराई तो पता चला कि दंपत्ति सोमवार से गायब हैं। शांति की तबीयत खराब होने की बात कहकर शंकर उसे लेकर निकला था। फार्म हाउस में 20 दिन पहले ही ट्रैक्टर चलाया गया था। इसके कारण गड्‌ढा खोदने में भी आरोपी को दिक्कत नहीं हुई।



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छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक युवक ने अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद शव को खेत में दफना दिया। पुलिस ने तीन दिन बाद उसका सड़ा-गला शव बरामद किया है। आशंका जताई जा रही है कि महिला गर्भवती थी। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है।




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रायगढ़ की पेपर मिल में जहरीली गैस लीक हुई, तबीयत बिगड़ने पर 7 मजदूर अस्पताल में भर्ती करवाए; मिल मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज

विशाखापट्टनम जैसा गैस लीकहादसाछत्तीसगढ़ के रायगढ़ में भी हुआ। यह घटना बुधवार की है लेकिन पता गुरुवार को लगा।रायगढ़ के तेतला गांव में पेपर मिल में जहरीली गैस लीक होने से 7 मजदूरों की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से 3 की हालत गंभीर होने से रायपुर रैफर कर दिए गए। रायगढ़ पुलिस के मुताबिक मिल में टंकी साफ करते समय यह हादसा हुआ। मिल मालिक ने हादसे की जानकारी छिपाने की कोशिश की।गुरुवार को खुलासा हुआ तो डीएम, एसएसपी और दूसरे अधिकारियों नेमिल में और अस्पताल में जाकर जायदालिया। मिल मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।

ये 7 मजदूर हादसे के शिकार-

1. डोलामणि सिदार (35)

2. सुरेंद्र गुप्ता (28)

3. अपधर मालाकार (40)

4. पुरन्धन कुमार (21)

5. अनिल कुमार (22)

6. निमाणी भोय (40)

7. रंजीत सिंह (34)

विशाखापट्टनम में 11 लोगों की हो चुकी है मौत

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में भीगुरुवार तड़के एक केमिकल प्लांट से गैस लीक हो गई। हादसा तड़के 2:30 बजे एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के प्लांट में हुआ। सुबह करीब 5:30 बजे न्यूट्रिलाइजर्स के इस्तेमाल के बाद हालात काबू में आए। तब तक गैस 4 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 5 छोटे गांवों में फैल हो चुकी थी। हादसे में अब तक 2 बच्चोंसमेत 11लोगों की मौत हो चुकी है।



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हादसा बुधवार को हुआ लेकिन जानकारी गुरुवार को मिली, प्रशासन के अधिकारियों ने मिल पहुंचकर वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की।




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शराब दुकान के खिलाफ धरना दे रहीं दो महिलाएं बेहोश हुईं, अस्पताल में उपचार जारी और दूसरी तरफ आंदोलन

जिले के कापन गांव में शराब दुकान का विरोध चौथे दिन भी जारी रहा। यहां महिलाएं नशे के खिलाफ आंदोलन कर रही हैं। इनकी मांग है कि प्रशासन शराब की दुकान को बंद रखने का आदेश जारी करे। गुरुवार को कड़ी धूप में नारेबाजी कर रही महिलाओं में से दो अचानक बेहोश हो गईं। उनके साथ आई महिलाओं ने उन्हें संभाला पानी दिया और पुलिस को सूचित किया गया।

गांव के सरपंच शंकर लाल गौतम ने पुलिस के नंबर 112 पर मदद मांगी लेकिन मदद समय पर नहीं पहुंची। ऐसे में शंकर लाल अपनी गाड़ी में महिलाओं को अस्पताल लेकर गए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दोनों महिलाओं का इलाज किया गया। फिल्हाल दोनों को एहतियात के तौर पर अस्पताल में ही रखा गया है। ग्राम कापन में 4 मई से देशी शराब दुकान को बंद कराने के लिए गांव की महिलाएं सुबह से शाम तक दुकान के बाहर धरना देती हैं।



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बुजुर्ग महिल कड़ी धूप और गर्मी की वजह से गश खाकर गिर पड़ी, डॉक्टरों ने डिहाइड्रेशन की वजह से तबीयत बिगड़ने की बात बताई।




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संकरी गलियों और लोगों की भीड़ वाले बाजार बंद; राशन के साथ बेच रहा था जूते-कपड़े, विशाल मेगा मार्ट बंद

छत्तीसगढ़ के भिलाई में संकरी गलियों और लोगाें की ज्यादा भीड़ वाले बाजार नहीं खुलेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जगह नहीं होने के कारण जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसमें जोन क्रमांक एक, 3 और 5 में आने वाले बाजार व दुकानें शामिल हैं। प्रशासन का मानना है कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना मुश्किल भरा है। ऐसे में निगम क्षेत्र के इन स्थानों को बंद रखा जाएगा।

यह दुकाने रहेंगी बंद

  • जोन क्रमांक 1 के वार्ड 5 में : लक्ष्मी नगर सुपेला में सुपेला का हार्डवेयर लाइन और चूड़ी लाइन। यहां सघन बसाहट होने के कारण दुकानें बंद रहेंगी।
  • जोन क्रमांक 3 वार्ड क्रमांक 23 में : मदर टेरेसा नगर क्षेत्र अंतर्गत सर्कुलर मार्केट की मसाला दुकानें, बूट हाउस और रेडीमेड कपड़े की दुकानें। यहां रोड बहुत सकरी और बसावट घनी है।
  • जोन क्रमांक 5 के सेक्टर 6 में : बीएसपी टाउनशिप क्षेत्र में सिविक सेंटर स्थित चौपाटी में बहुत लोगों की आवाजाही रहती है। अत्यधिक भीड़ होने की संभावना को देखते हुए बंद रहेंगी।

विशाल मेगामार्ट पर 50 हजार जुर्माना
भिलाई नगर निगम की टीम ने लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर विशाल मेगा मार्ट के ऊपर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। शिकायत मिलने के बाद निगम टीम ने गुरुवार को निरीक्षण किया। इसमें पता चला कि विशाल मेगा मार्ट से सामान के अलावा कपड़े, जूते और खिलाैने भी बेचे जा रहे हैं। इस पर मार्ट पर जुर्माना लगाने के साथ ही उसको बंद करा दिया गया है। अब निगम की ओर से आगे की कार्यवाही की जा रही है।



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छत्तीसगढ़ के भिलाई में लॉकडाउन के दौरान खुलने वाली दुकानों को लेकर जिला प्रशासन ने कुछ बदलाव किए हैं। वहीं राशन के अलावा कपड़े व अन्य सामान बेचने पर विशाल मेगा मार्ट पर 50 हजार रुपए के जुर्माने के साथ उसे बंद करा दिया गया है।




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75 फीसदी उद्योग चालू, 50% उत्पादन, सरकार से उम्मीद- अब फैक्ट्रियां चलाने में न आए बाधा

औद्योगिक क्षेत्रों में मौजूद 75 फीसदी उद्योग चालू हो गए हैं। अभी 50 फीसदी उत्पादन होने लगा है। उद्योग मुख्यधारा में लौट आए हैं और फैक्ट्री संचालक सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि अब संचालन में किसी तरह की बाधा न आए। यदि बाधा आएगी तो समस्या बढ़ेगी। फैक्ट्री संचालकों के लिए अभी कई तरह की मुश्किलें हैं जैसे वे अभी दूसरे राज्यों के बड़े शहरों में माल उतनी तेजी से नहीं भेज पा रहे हैं और वहां मांग भी कम है। वहीं दूसरे राज्यों में मजदूर लॉकडाउन की वजह से फंसे हैं। नहीं आ सके। हालांकि स्थानीय मजदूरों के लौटने और छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों के मजदूरों के धीरे-धीरे वापसी पर उन्होंने राहत की सांस ली है।
जिले में तीन औद्योगिक क्षेत्र हैं, सिरगिट्‌टी, तिफरा और सिलपहरी। यहां दाल मिल, राइस मिल, फेब्रीकेशन, मिनरल वाटर, मशीनों के पार्ट्स बनाने के साथ ही अन्य तरह की फैक्ट्रियां संचालित हैं। वहीं अगर जिले के छोटे व मध्यम उद्योगों को जोड़ दें तो करीब एक हजार उद्योग हैं जिन पर लॉकडाउन का सीधा असर पड़ा है। दैनिक भास्कर ने सिरगिट्‌टी, तिफरा और सिलपहरी औद्योगिक क्षेत्र में जाकर उद्योगों का जायजा लिया और उद्योगपतियों से बात की। सिरगिट्‌टी बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, यहां स्थानीय मजदूर काम पर पिछले कुछ दिनों से लौट चुके हैं और फैक्ट्रियां शुरू हो चुकी है। फैक्ट्रियों की चिमनियों से धुआं उड़ता दिखा और मजदूर काम करते नजर आए। वहीं फैक्ट्रियों के बाहर खड़ी गाड़ियां माल लेकर भी आती नजर आईं और माल लेकर जाती भी। कच्चा माल जिले और बाहर के इलाकों से अनलोड किया जा रहा था। दुर्गा आयल मिल में भूसा लेकर आए मजदूरों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से वे आने लगे हैं क्योंकि फैक्ट्री शुरू हो चुकी है।
इसी तरह मसाला, मिनरल वाटर, फेब्रीकेशन के उद्योग भी चालू हालत में नजर आए। कुछ दिनों पहले यहां छाई वीरानी अब काफी हद तक दूर हो चुकी है और वहां अच्छी चहल-पहल नजर आई। इसी तरह सिलपहरी और तिफरा के उद्योग भी पटरी पर लौट चुके हैं। वहां दिख रही चहल-पहल से इसका प्रमाण है। हालांकि वहां भी दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर अभी नहीं आ सके हैं क्योंकि वे लॉकडाउन में फंसे हैं। वे आने का प्रयास कर रहे हैं और उनके आने पर उत्पादन और बढ़ेगा। हालांकि बाहर से मांग बढ़ने पर ही उत्पादन अधिक करने की बात फैक्ट्री संचालक कह रहे हैं। एक फ्लाई एश ब्रिक्स में आधे मजदूर हैं लेकिन काम चालू हो चुका है। रेल नीर प्लांट में काम बंद क्योंकि ट्रेनें बंद होने से मांग ही नहीं है। रोजाना पांच हजार लीटर उत्पादन वाले इस प्लांट में लॉकडाउन लगने से ही काम बंद है। लेकिन मजदूरों की कमी की वजह से नहीं। मांग होने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा।
मुंबई, पुणे, दिल्ली बंद होने की वजह से माल नहीं भेज पा रहे
पता चला कि यदि 100 ट्रक की जरूरत है तो 10 ट्रक ही माल भेजने के लिए मिल रहा है। उसकी वजह ये कि अभी वे जगह-जगह रोके जाने से परेशान हैं। मुंबई, पुणे, दिल्ली बंद होने की वजह से माल नहीं भेज पा रहे हैं। वहीं माल जा रहा है जहां के लिए ट्रांसपोर्टर तैयार होते हैं।
ऐसे समझिए उद्योगों के नुकसान को
छोटे से लेकर बड़े उद्योगों को लॉकडाउन की वजह से घाटा सहना पड़ा है। मजदूरों को पेमेंट देने के साथ ही बिजली का बिल भी देना पड़ रहा है। रोजाना होने वाली आय नहीं होना भी एक तरह से नुकसान ही है। छोटे उद्योगों को ज्यादा नुकसान हुआ है।
दो महीने का नुकसान साल भर के मुनाफे को खा जाएगा- केडिया
छत्तीसगढ़ लघु उद्योग संघ अध्यक्ष हरीश केडिया बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान दो माह का हुआ नुकसान इस वित्तीय वर्ष में होने वाले मुनाफे को खा जाएगा। उन्होंने शासन से आग्रह किया है कि अब उद्योगों को इसी तरह चलने दें। अब दी गई छूट को कम न किया जाए। यदि ऐसा हुआ तो किसी तरह जो मजदूर फैक्ट्रियों में काम पर लौटे हैं, एक बार फिर घर चले गए तो उन्हें लाना मुश्किल हो जाएगा। मजदूरों का डर काफी हद तक दूर हो चुका है। सप्ताह में दो दिन बंद करने जैसे आदेश से उन्हें परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी पर संपूर्ण नियंत्रण के बाद ही उद्योग पहले की तरह शत-प्रतिशत चल पाएंगे। सरकार को समझना होगा क्योंकि हम ही जीएसटी, आयकर के साथ ही अलग-अलग तरह के कर देते हैं।



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75% industry in progress, 50% production, expectation from government - no hindrance in running factories now




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प्रतिबंध के बावजूद बेच रहे थे कपड़ा व जूता, लगाया 50 हजार का जुर्माना

लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में नगर निगम भिलाई ने चंद्रा-मौर्या के पास स्थित विशाल मेगा मार्ट के खिलाफ कार्रवाई की है। विशाल मेगा मार्ट पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। निगम पीआरओ पीसी सार्वा ने बताया कि चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष गार्गी शंकर मिश्रा व अन्य व्यापारियों ने निगम आयुक्त व जोन आयुक्त से शिकायत की थी।
विशाल मेगा मार्ट में राशन के अलावा कपड़ा, गिफ्ट, व अन्य सामान बेच रहा था। जो लॉकडाउन नियमों का खुला उल्लंघन है। इससे पूर्व भी समय की पाबंदी को लेकर लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने के कारण इस दुकान संचालक से 5000 रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है। समझाइश भी दी गई थी फिर भी अतिरिक्त आय के लिए इस दुकान के संचालक ने धड़ल्ले से अपना व्यापार जारी रखा जिसकी शिकायत मिलने पर बिना देरी किए फौरन नगर पालिक निगम भिलाई की टीम दुकान पर पहुंच गई। कार्रवाई के दौरान जोन के सहायक राजस्व अधिकारी परमेश्वर चंद्राकर, विनोद चंद्राकर सहित निगम का अमला एवं पुलिस बल मौजूद रहे।
सील की मांग पर अड़े रहे
जिन व्यापारियों ने निगम में इसकी शिकायत की वो विशाल मेगा मार्ट को सील करने की मांग पर अड़े रहे। जवाहर मार्केट व्यापारी संघ के अध्यक्ष गुरमीत सिंह वाधवा और उपाध्यक्ष परवेज अशरफ ने बताया कि निगम ने सिर्फ दिखावे की कार्रवाई की है। सख्ती के तहत मार्ट को सील करना



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Selling cloth and shoes despite ban, imposed a fine of 50 thousand




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हटाए गए 90 श्रमिक निकालने वाले थे लॉकडाउन में पदयात्रा, प्रबंधन से चर्चा के बाद फैसला वापस

सेक्टर-9 अस्पताल में लॉड्री के नए ठेका को लेकर चल रहा विवाद ने गुरुवार को तूल पकड़ लिया। हटाए गए 90 श्रमिकों ने लॉकडाउन के दौरान सेक्टर-9 चौक से सीईओ से चर्चा के लिए इस्पात भवन पैदल यात्रा का निर्णय लिया। इसकी जानकारी जब बीएसपी प्रबंधन व जिला प्रशासन को मिली, तो अधिकारी श्रमिकों से चर्चा के लिए पहुंच गए। तय किया गया कि 8 मई को प्रशासन की मध्यस्थता में बैठक होगी, इसमें उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। इसके बाद श्रमिकों ने पदयात्रा का निर्णय वापस ले लिया।
श्रमिक नेता योगेश सोनी ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में वर्षो से कार्यरत 90 श्रमिकों को काम से बैठा दिया गया है। 22 लॉड्री में कार्यरत श्रमिकों के साथ साथ 65 अटेंडेंट शामिल हैं। उनमें ऐसे महिलाएं व पुरुष शामिल है, जिन पर परिवार की सारी जिम्मेदारी है। अचानक काम से बैठा देने के कारण परिवार चलाने का संकट खड़ा हो गया था। प्रबन्धन के तरफ से किसी भी तरह से कोई जवाब नहीं मिलने से उनमें अनिश्चितता बनी हुई थी। इसके बाद श्रमिकों ने निर्णय किया कि नियम कानून का अनुपालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पैदल यात्रा निकाली जाए। सूचना प्रबंधन के तमाम जिम्मेदार अफसरों व प्रशासन को 5 मई को दी जा चुकी है।
श्रमिकों का ठेका एजेंसी पर आरोप: भिलाई प्रशिक्षु व कल्याण समिति को ठेका देने पर सवाल खड़ा करते हुए मजूदूरों ने आरोप लगाया कि अंतिम भुगतान किए बगैर ठेका कैसे दे दिया गया। वही श्रमिकों ने भिलाई प्रशिक्षु के खिलाफ महिलाओं से अभद्रता की शिकायत भी की थी।ठेका मिलते ही 10 से 12 वर्षो से सेक्टर 9 में सेवा दे रहे श्रमिकों की छटनी करने की बात से मजदूरों में आक्रोश बढ़ गया है।

आज बीएसपी व जिला प्रशासन के साथ बैठक
7 मई की सुबह जब बीएसपी प्रबंधन व जिला प्रशासन को मजदूरों के पदयात्रा के लिए एकत्रित होने की जानकारी मिली तो उनकी तलाश की गई। मिलने पर उन्हें समझाया गया। एडीएम गजेंद्र ठाकुर ने हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष जमीन अहमद व महासचिव योगेश सोनी से चर्चा कर बताया कि 8 मई को सुबह 10 बजे से भिलाई निवास में बैठक तय की गई है। बैठक में एडीएम गजेंद्र ठाकुर, बीएसपी प्रबंधन से ईडीपी एसके दुबे सहित श्रम विभाग के अधिकारी रहेंगे।



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90 workers removed were on foot in lockdown, after discussion with management, decision returned




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फरीदनगर की पॉजिटिव महिला के संपर्क में आने वाले 13 लोगों की रिपोर्ट आई निगेटिव

फरीद नगर निवासी कोरोना पॉजिटिव महिला के क्लोज कांटेक्ट में रहने वाले 13 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। महिला को एम्स में शिफ्ट करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उसके कांटेक्ट में आने वाले कुल 16 लोगों को डॉटा तैयार किया था।
इनमें से 13 की रिपोर्ट गुरुवार की शाम एम्स से जारी कर दी गई। शेष 3 की रिपोर्ट की शुक्रवार को आने की संभावना है। उसमें पॉजिटिव के परिवार के बच्चे और वृद्ध शामिल हैं। इससे पहले 3 अप्रैल को एक ही दिन मिले 8 पॉजिटिव के क्लोज कांटेक्ट में आने वाले करीब सभी की रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है। इसमें कुछ हेल्थ वर्कर और आश्रय स्थलों में तैनात कर्मचारियों की रिपोर्ट का अभी इंतजार है। पिछले 5 दिनों में जितने भी एक्टिव केस मिले उनके मातहतों ने सबकी कांटेक्ट हिस्ट्री तलाश ली गई है। जो भी अपनी ट्रैवलिंग हिस्ट्री छिपाएंगे, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत एक्टिव केस के पति पर अपराध दर्ज किया गया है।

फरीदनगर में 25 सैंपलों की जांच निगेटिव आई है
फरीदनगर की पॉजिटिव मरीज के आस-पास रहने वालों की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को शिविर लगाया। इसके तहत 25 संदेहास्पद लोगों की रैपिड किट से कोरोना की जांच की गई। इस जांच में सभी के सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

तीनों बार्डर पर आवाजाही करने वालों की स्क्रीनिंग
जिले के तीनों बार्डर क्रमश: अंजोरा, धमधा और कुम्हारी पर 8 मई से स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात रहेगी। सीएमएचओ ने तीनों टीमों को बनाकर जिम्मेदारी सौंप दी है। यहां दूसरे प्रदेशों से पैदल या किसी अन्य साधन से दुर्ग आने वालों को रोक लिया जाएगा।

कोरोना से संबधित तीन चिंताजनक खबरें भी आई
1 कोरोना के नोडल अफसर 6 दिन की छुट्टी पर

नोडल ऑफिसर इंचार्ज ऑफ कोविड-19 डॉ. आरके खंडेलवाल गुरुवार से 6 दिन की छुट्टी पर चले गए है। सीएमएचओ को भेजे पत्र में स्वास्थ्यगत कारणों को हवाला दिया है। खंडेलवाल नोडल के साथ आईडीएसपी, नर्सिंग होम एक्ट व एनसीडी का प्रभारी थे।

2 होम क्वारेंटाइन के लिए टीमें बुलाया, सूची नहीं दी

कैंप और रिसाली में बाहर से आने वालों की निगरानी के साथ ही होम क्वारेंटाइन करने के लिए जो दो टीमें बनाई गई जिम्मेदार उनको शाम तक उनकी सूची ही नहीं दे पाए। ऐसे में दोनों टीमों के एक-एक सदस्यों को शाम 5 बजे बिना काम के बैठना पड़ा। तीन टीमों ने 3 बजे सूची दी।
3 निर्णय लेने में देरी, पांच घंटे में लिया सैंपल

फिवर क्लीनिक में सैंपल देने जाने वालों को पांच से सात घंटे लग रहे हैं। संभावितों के बारे में निर्णय लेने लेटलतीफी की जा रही। दो वरिष्ठ डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन फिर भी सुधार नहीं हो पाया है।61 बाहर से आए, सभी को होम क्वारेंटाइन किया है
24 घंटे में बाहर से आने वाले 61 लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेस किया है। प्रोटोकॉल के अनुसार सभी को होम क्वारेंटाइन करा दिया गया है। ग्रीन जोन से जिले में आए हैं। 355 से बढ़कर 414 हो गई है।

कोरोना नोडल का प्रभार दूसरे को दिया गया है
"स्वास्थ्य कारणों से कोरोना के नोडल इंचार्ज डॉ. आरके खंडेलवाल छह दिनों की छुट्टी पर चले गए है। उनकी जगह दूसरे डॉक्टर को प्रभार मैने दे दिया है।"
-डॉ. गंभीर सिंह, सीएमएचओ, दुर्ग



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Report of 13 people who came in contact with positive woman of Faridnagar came negative




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अहमदाबाद में फंसे बच्चों को घर बुलाने दिया ज्ञापन

गुरुवार को नगर के 13 बच्चों को घर वापस बुलाने के लिए उनके अभिभावकों ने तहसीलदार से ज्ञापन देकर गुहार लगाई है। ज्ञापन के माध्यम से अभिभावकों ने बताया कि काम धंधे और पढ़ाई के सिलसिले में बच्चों को अहमदाबाद भेजा था लेकिन लॉकडाउन के दौरा वह वहां पर फंसकर रह गए। बच्चें बहुत घबरा रहे है ओर स्थानीय प्रशासन भी उनका ध्यान नहीं रख रहा है। यही बजह है कि उनके भूखे मरने की नौबत आ गई है।
राजेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रशासन को प्रयास कर नगर के बच्चों को वापस लाकर उनके अभिभावकों के पास भेजना चाहिए ताकि वह सुरक्षित रह सके। बच्चों की चिंता में अभिभावकों की भी तबीयत बिगड़ने लगी है। ऐसे में अनहोनी होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
अहमदाबाद में फंसे 13 बच्चे जिनमें कृष्णपाल सिंह, जयपाल लोधी, मोहित लोधी, यश लोधी,बब्लू राठोर, नीलेश चढ़ार,चंद्रभान सिंह, विक्रम सिंह, शिशुपाल सिंह,नीलेश कुमार,राजेश लोधी, दुर्गेश कुमार आदि है जो बार बार अभिभावकों को वस्तु स्थिति से अवगत करवाकर वापस घर बुलवाने की जिद कर रहे हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में अभिभावक घनश्याम, रामरतन, मुन्ना लाल, लालचंद, राजेन्द्र सिंह, शंकर सिंह, ओमप्रकाश, हनुमत सिंह आदि है।



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Memorandum to call trapped children in Ahmedabad




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शाम 4 बजते ही दुकानें बंद, पुलिस ने घुमक्कड़ों से पूछताछ कर वापस भेजा

लॉकडाउन-3 में छूट और राहत मिलने के बाद बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी थी। पहले और दूसरे दिन नियमों की धज्जियां उड़ीं तो पुलिस सख्त हो गई। पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने अभियान चलाकर बुधवार को 25 दुकानें सील कर जुर्माना वसूला। गुरुवार को भीड़ नियंत्रित करने के लिए शाम 4 बजे के बाद सघन चेकिंग की और बाजार बंद कराते हुए कड़ाई से पेश आई। सड़कों पर छूट के बाद घूम रहे लोगों को रोककर पूछताछ की। कुछ जगह लोगों को वापस भेजा गया।
शहर में व्यापारी दुकान खोलने और बंद करने में नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन कुछ दुकानों पर सैनिटाइजर, साबुन, पानी का इस्तेमाल नहीं देखा गया। ग्राहक सीधे अंदर आते रहे और सामान खरीदने के बाद लौटते रहे। बुधवार को जहां कार्रवाई हुई थी वहां पानी और साबुन रखा दिखा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के मामले में पुलिस ने नगर निगम आयुक्त और एसडीएम के साथ अभियान चलाकर बुधवार को 25 दुकानें सील की थीं। इनमें से 13 दुकानें कई दिनों के लिए सील कर दी गई थी, पुलिस ने इन दुकानों से 30 हजार का जुर्माना भी वसूला। बावजूद इसके गुरुवार को बाजार में सख्ती का असर कम ही दिखा। बाजार में भीड़ भी खूब रही सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक वाहनों की भीड़ दिखी। बाजारों में खरीद करने वालों से ज्यादा बेवजह घूमने वाले दिखे। शाम 4 बजने वाले थे कि पुलिस की पेट्रोलिंग शुरू हुई और सायरन बजते ही लोगों ने शटर गिराने शुरू कर दिए। हालांकि बाजार बंद कराने में पुलिस का भय दिख रहा है।
चौराहों पर तैनात दिखी पुलिस

शाम 4 बजे के बाद पुलिस के जवान चौक चौराहों पर मुस्तैद हो गए। हर दो पहिया और चार पहिया वाहनों की चेकिंग होने लगी। सभी वाहन चालकों और उसमें सवार लोगों से उनके घूमने का कारण पूछा जाने लगा। जो लोग सही परेशानी बता और साक्ष्य दिखा पाए पुलिस ने उन्हें आगे जाने दिया, नहीं तो जहां पर चेकिंग हो रही थी वहीं से कड़ी हिदायत देकर वापस कर दिया गया। पुलिस की यह कार्रवाई देर रात तक जारी रही। प्रमुख सड़कों पर पुलिस ने वन-वे की तरह बेरिकेडिंग की। पुलिस के जवानों ने शहर से बाहर आने-जाने वालों के पास भी चेक किए।

सैलून में कोरोना को भूले, मसाज भी कराया

सुबह 7 बजे से सैलून खुलते ही बाजारों में कटिंग कराने वालों की भीड़ दिखी। निर्धारित रेट से अधिक दामों पर लोगों की हेयर स्टाइल ठीक की गई। महीनों बाद हुलिया दुरुस्त कराने के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना संक्रमण का भय भूलकर लोगों ने मसाज भी कराया। शहर की कुछ दुकानों पर हज्जाम नियमों का पालन करते दिखे तो कुछ जगह पर इसकी अनदेखी की गई। जबकि जिला प्रशासन द्वारा इन्हें भी नियमों का सख्त पालन करने के निर्देश दिए गए थे। निगम के अफसरों ने कहा, कुर्सी सैनिटाइजेशन और डिस्टेंसिंग नहीं दिखी तो कार्रवाई होगी।



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Shops closed as early as 4 pm, police interrogated the strollers and sent them back




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30 दिन में 5 हजार जरूरतमदों को खिलाया खाना

लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के साथ ही शहर में रहने वाले गरीब और बेसहारा लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शुरुआत में कई समाज सेवी संस्था, व्यापारी संगठन और दानवीरों ने मोर्चा संभाला। शहर में गायत्री परिवार है जो 30 दिनों से लगातार लोगों की मदद के लिए डटा हुआ है। परिवार से जुड़े सदस्य, अनुयायी महिला, बुजुर्ग हर रोज छूट के वक्त चक्रधरनगर के सिंधु भवन में इकट्ठा होते हैं। सब मिलकर 150 पैकेट्स भोजन बनाते हैं ताकि कम से कम कुछ जरूरतमंदों की मदद हो सके। महीनेभर में गायत्री परिवार लगभग 5 हजार लोगों को भोजन करा चुका है। भोजन बनाकर ये लोग पुलिस के जरिए बंटवाते हैं।
मानव सेवा परमो धर्म...यह शब्द जितना छोटा है, इसके अर्थ उतने ही व्यापक है। जीवन का वह दौर चल रहा है, जहां इंसान अपना सब कुछ छोड़कर बस घर पहुंचने की आस में लगा हुआ है। पेट की भूख से परेशान लोगों की मदद के लिए गायत्री परिवार देवदूत बनकर कार्य कर रहा है। कोरोना लॉकडाउन में लोगों की परेशानी देखकर गायत्री परिवार ने रोजाना 150 लोगों को भोजन कराने की फैसला किया। मानवसेवा योजना की शुरुआत 4 अप्रैल से हांडी चौक स्थित गायत्री शक्तिपीठ मंदिर से शुरू हुई। वहा 10 दिनों तक लगातार हर रोज गायत्री परिवार के लोग भोजन बना कर पुलिस को देते रहे।
फिर 14 अप्रैल के बाद कुछ कारणों से मंदिर समिति ने वहां मना कर दिया। इसके बाद भी इनके हौसले कम नहीं हुए। समाजसेवा की सच्ची भावना रखने वाले इन लोगों को योग वेदांता सेवा समिति का सहयोग मिला। जिन्होंने 18 अप्रैल से नि:शुल्क सिंधु भवन उपलब्ध करा दिया। इसके साथ टेंट के सामान सहित 4 से 5 सदस्यों को भी इस काम के लिए लगा दिया। अब यह स्थिति है जहां रोजाना सुबह पटेलपाली से सब्जियां आती हैं। इसके बाद 8 बजे से 12 बजे तक चार घंटे में महिलाएं, पुरुष, मिलकर भोजन तैयार करते है। बंशीधर पटेल ने बताया कि हम 17 मई के बाद यदि फिर से लॉकडाउन लगाता है तो उसके आगे भी अपना कार्य जारी रखेंगे।



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Food fed to 5 thousand needy people in 30 days




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हर रोज 2 हजार 500 मास्क और 200 पेटी सैनिटाइजर की खपत

कोरोना के संक्रमण के डर से शुरुआत में लोगों ने जरूरत से ज्यादा मास्क और सैनिटाइजर खरीदे। 18 मार्च से 10 अप्रैल तक जिले में हर रोज औसतन 10 हजार मास्क और 500 पेटी सैनिटाइजर बिके। लोगों में डर था कि ये सामान मिलने बंद ना हो जाएं, लोगों के डर का फायदा शुरुआत में व्यवसायियों ने उठाया भी, मास्क और सैनिटाइजर दोगुना कीमत पर बेचे गए। अब बिक्री 25-30 फीसदी रह गई है। खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के साथ ही व्यापारी मानते हैं कि अब सप्लाई सही हो गई है, लोगों को आसानी से मिल रहा है इसलिए कोई जरूरत से ज्यादा नहीं खरीद रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर रोजाना खपत की जानकारी मेडिकल होल सेलरों से ले रहे हैं। एक दिन में अब ढाई हजार मास्क और 200 पेटी सैनिटाइजर की खपत है। होलसेलरों से लेकर रिटेलर तक सभी के पास अब मास्क और सैनिटाइजर के पर्याप्त स्टॉक है। छत्तीसगढ़ में हैंड सैनिटाइजर और मास्क बनाने की अनुमति राज्य शासन द्वारा मिलने के बाद इनकी किल्लत पूरी तरह समाप्त हो गई है। 15 से 20 मार्च तक बाजार से ये दोनों उत्पाद गायब हो गए। बाजार में सिंगल यूज सर्जिकल मास्क की कीमत 3 से बढ़कर 30 रुपए तक पहुंच गई। शासन ने इसे आवश्यक वस्तु घोषित करते हुए सभी कलेक्टरों को कालाबाजारी रोकने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन और ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम ने कार्रवाई शुरू की तब कहीं जाकर बाजार में बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण हुआ।
अब होलसेलर कर रहे काम
शुरुआत में इसकी सप्लाई सिर्फ सर्जिकल मेडिसिन के व्यवसायी करते थे, लेकिन बाजार में मांग बढ़ने के बाद दूसरे दवा के थोक विक्रेता भी इस काम से जुड़ गए। जिले में करीब 480 रिटेलर और 70 होलसेलर हैं। इसमें 14 बड़े होलसेलर सैनिटाइजर और मास्क का कारोबार बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।

बाजार में मांग घटी है
सर्जिकल मेडिसिन के होलसेलर और ड्रग एसोसिएशन के सचिव असीम अग्रवाल बताते हैं कि मास्क और सैनिटाइजर की सप्लाई अब सतत बनी हुई है। 7 सर्जिकल होलसेलर शुरुआत में एक दिन में 10 हजार तक मास्क और 500 पेटी सैनिटाइजर की सप्लाई करते थे, अब इनकी मांग बाजार में बिल्कुल नहीं है।



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Consumption of 2 thousand 500 masks and 200 abdominal sanitizers everyday




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रात में तेज हवा और बारिश के कारण औसत से 5 डिग्री गिरा तापमान

बुधवार की रात तेज हवा और हल्की बारिश के बाद गर्मी कम महसूस हुई। दिन में भी आसमान में हल्के बादल बने रहे। इससे दिन का तापमान समान्य से 5 डिग्री तक कम रहा। दिन का अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि बीते सालों में मई माह के शुरुआती सप्ताह की तुलना में बेहद कम रहा।
मई की गर्मी लोगों को पसीने से तरबतर कर देती है, लेकिन इस बार लगातार बन रहे सिस्टम से बारिश और नमी युक्त हवा आ रही है। इसके प्रभाव 10 मई को भी बारिश होने की प्रबल संभावना है। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक पश्चिमी क्षेत्र से नमी युक्त और पूर्व की तरफ गर्म हवा आ रही है। इसके अलावा विदर्भ से तमिलनाडु तक ट्रफ भी प्रभावी है। इसके प्रभाव से अगले 48 घंटे में उत्तरी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बारिश होगी। फिलहाल बीते अगले 48 घंटों के भीतर तापमान में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं होंगे। दिन का तापमान अधिकतम आधा से एक डिग्री ही बढ़ने के असार है। फिलहाल मौसम विभाग ने सभी जिलों के लिए अगले चार दिनों तक के फोरकास्ट जारी कर बारिश होने की बात कही है।
2019 मई में 42 डिग्रीथा तापमान
बीते साल 2019 में दिन का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। लेकिन इस बार यह 9 डिग्री कम है। इसी तरह रात का तापमान 27 से घटकर 23 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यह अंतर बीते सालों की तुलना में बहुत ज्यादा है।
अभी एक ही सिस्टम सक्रिय बारिश की संभावना
मौसम विशेषज्ञ डॉ एचपी चंद्रा ने बताया कि एक द्रोणिका विदर्भ से दक्षिण तमिलनाडु तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा या गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।



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Temperature dropped 5 degrees below average due to strong wind and rain at night




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रेड जोन से लौट रहे मजदूरों को नहीं कर रहे क्वारेंटाइन

जिले में बाहरी राज्यों और जिलों से आने वालों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। प्रतिदिन 50 से 70 मरीजों की एमसीएच (कोविड हास्पिटल) में स्क्रीनिंग की जा रही है। बाहर से आने वाले इन मरीजों को स्वास्थ्य विभाग लक्षण न मिलने पर सीधे घरों में भेज कर होम आइसोलेशन में रहने की हिदायत दे रहे हैं, लेकिन यह कितना अमल करेंगे और इनमें लक्षण उभर कर कब तक सामने आ सकते है। इसको लेकर कोविड-19 के लिए लगी स्पेशल टीम के डॉक्टर चिंतित है। डॉक्टरों ने बाहर से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन में रखने की बात कही है। समय रहते प्रशासन ऐसे लोगों को लेकर नहीं चेता तो कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, डॉक्टरों ने इसकी भी शंका जाहिर की है।
लॉकडाउन-3 में राहत मिलने के बाद बाहरी प्रदेशों से आने वाले लोगों की संख्या 614 जा पहुंची है। इन सभी की स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रीनिंग कराने के बाद हिदायत देते हुए होम आइसोलेशन में रखा है। जबकि इनमें से तमाम लोग ऐसे है जो संक्रमित जिले और प्रदेशों से लौटे हैं। जबकि 236 प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन किया जाना बताया गया है। जिसमें बरमकेला में 73, सारंगढ़ 122, पुसौर 31, लोइंग में 10 लोगों क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। सभी राज्यों से ई-पास जारी होने के बाद लोग तेजी से आने शुरू हुए हैं। हालात यह है कि एमसीएच में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग स्क्रीनिंग कराने पहुंच रहे हैं। एमसीएच में कोविड-19 के लिए तैनात की डॉक्टरों की टीम बाहर से आने वाले मरीजों की स्थिति और देश में बढ़ रहे कोरोना के मरीजों को लेकर चिंतित है। पहचान छिपाने की शर्त पर एक चिकित्सक ने बताया कि जिन मरीजों की स्क्रीनिंग कर घरों में रखने की अनुमति दी जा रही है, उनमें से अधिकांश लोग संक्रमित क्षेत्र से लौट रहे हैं लेकिन उनमें लक्षण न मिलने की बात कह अभी उन्हें स्वस्थ्य माना जा रहा है। घर पर रह कर यह लोग नियमों का कितना अमल करेंगे, यह पता नहीं है। इन्हें क्वारेंटाइन कर निगरानी नहीं की गई तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।



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हेल्थ चेकअप के बाद 27 मजदूर बस से झारखंड के गढ़वा के लिए हुए रवाना

स्वास्थ्य परीक्षण के बाद गुरुवार को 27 मजदूरों को बस से झारखंड के गढ़वा जिला रवाना किया गया। एक सप्ताह के भीतर झारखंड सरकार अपने मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए दूसरी बस भेजी है। इससे पहले 4 मई को 61 मजदूरों को झारखंड के गिरिडीह, चतरा जिला बस से रवाना किया था। अबतक कुल 158 मजदूरों में 88 श्रमिक अपने घर पहुंच चुके हैं।
लॉकडाउन में फंसे अपने मजदूरों को अब झारखंड सरकार बसों से ले जा रही है। इसके लिए कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने अनुमति दी थी, इसके बाद अब झारखंड के हर जिले से बस भेजी जा रही है। तहसीलदार अरुण कुमार सोम ने बताया कि सभी मजदूर जिंदल के इंडस्ट्रियल पार्क में काम करने आए थे। लॉकडाउन की वजह से रोजगार का संकट और फिर घर जाने के लिए उन्होंने झारखंड सरकार से गुहार लगाई थी। इसके बार राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद बस भेजी जा रही है। एक सप्ताह में दूसरी बार झारखंड से अपने मजदूरों को लेने के लिए बस रायगढ़ आई थी। सभी 27 मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद प्रशासन भोजन कराया और फिर सकुशल बस से उन्हें झारखंड के लिए रवाना किया।



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27 workers leave for Garhwa in Jharkhand by bus after health checkup




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6 साल के शोध के बाद किसानों को दिए बीज, 2.5 एकड़ में 200 क्विंटल तक पैदावार, सामान्य से ज्यादा गुणकारी भी

अखिल भारतीय मसाला अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत रायगढ़ सेंटर में सन् 2013-14 से सीजी हल्दी-2 पर शोध किया जा रहा है। शोधकर्ताओं को अब जाकर पूरी सफलता मिली है।
जब राज्य उप समिति ने इसे किसानों को लगाने के लिए अनुमोदित कर दिया है। नोटिफिकेशन के लिए केंद्र उप समिति के पास इसे भेजा गया है। परीक्षण कर रहे जानकारों ने बताया कि एक हेक्टेयर में 180-200 क्विंटल हल्दी पैदा हो जाएगी। औसतन एक किलो सूखी हल्दी तैयार करने पर 220 ग्राम निकलेगा। हार्टिकल्चर सहित कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए किसानों को बीज दिए जा रहे हैं।

ऐसे देते हैं प्रशिक्षण

शोधकर्ता डॉ. एके सिंह और डॉ. श्रीकांत सावरगावकर ने बताया कि हल्दी की कई प्रकार के बीजों को लेकर प्रारंभिक आकलन ट्रायल पर तीन साल तक देखा जाता है। इसमें बीमारी, उत्पादन, कीट समस्या कैसी है। यहां 20 डिसमिल में टेस्टिंग कर 15-18 क्विंटल उत्पादन किया गया। खासकर जो उत्तम पैदावार होती है। उस पर विशेष ध्यान दिया जाता, फिर देश के अन्य अनुसंधान केंद्रों में 3 साल के लिए हर प्रदेश के बीज एक दूसरे को भेजे जाते है। इससे उस बीज की प्रमाणिकता का पता चलता किस किस राज्य में इसका उत्पादन हो जाएगा। इसके बाद सारी जानकारी केंद्रीय बीज उप समिति और राज्य बीज उप समिति को दी जाती है, जो इसे अनुमोदित करती है।

हल्दी की खासियत- हल्दी में फिंगर गाठ सीधी होने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है। कीड़े लगने और बीमारी की आशंका कम है। धब्बा की दो बीमारियों कोलेटोट्राइकम और टेफरिना लिफब्लाच से पत्तियों को नुकसान पहुंचता है। इसमें करक्यूमिन (पीला) 4.1 है। नार्थ ईस्ट के कुछ जिलों में 5-6 तक होते हैं। आवश्यक तेल 6.3 %, ओलियो रेजिन 11.54 % की अच्छी है।

धनिया देश में पहले स्थान पर रहा - इससे पहले पिछली बार सीजी चंद्रहासिनी धनिया-2 के शोध काफी सफल रहा। सेन्ट्रल उप समिति ने देशभर के अनुसंधान केंद्रों में इसके अच्छे नतीजे को देखते हुए पहले स्थान पर रखा। जिले में धरमजयगढ़ सहित अन्य जगहों पर इसका उत्पादन भी देखने को मिल रहा है। जिसमें एक हेक्टेयर में 13-14 कुंटल पैदावार होती है।



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Seeds given to farmers after 6 years of research, yield up to 200 quintals on 2.5 acres, also more efficient than normal




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नशीली दवा की 2250 टैबलेट के साथ पकड़ा गया युवक, बोला; इसे मेडिकल स्टोर में बेचने जा रहा हूं

लॉकडाउन काल में जिले में शराब की अवैध बिक्री धड़ल्ले से चलती रही। अब शराब दुकानें खोल दी गई हैं तो नशीली दवा का अवैध कारोबार फिर शुरू होने लगा है। गुरुवार को घरघोड़ा पुलिस ने अलप्राजोलम टेबलेट (चिंतामुक्ति या तनाव दूर करने की दवा जिससे नींद आती है) बेचने जा रहे युवक को पकड़ लिया। छानबीन के बाद पुलिस ने युवक को मादक पादर्थ की तस्करी करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
घरघोड़ा थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह ने बताया कि गुरुवार सुबह 9.30 बजे उन्हें सूचना मिली की ग्राम भेंगारी मेन रोड अंडा फैक्ट्री के सामने एक व्यक्ति नशीली टेबलेट लेकर बिक्री करने जा रहा है। जानकारी मिलते ही पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए युवक के पास मौजूद थैले की तलाशी ली गई। जिसमें अल्प्राजोलम टेबलेट 0.5एमजी की 2250 नशीली टेबलेट बरामद हुई। पकड़े गए युवक ने अपना नाम बलराम गुप्ता पिता कन्हाई निवासी नवापारा टेंडा थाना घरघोड़ा बताया। पूछताछ में उसने बताया कि वह मेडिकल स्टोर पर दवा बिक्री करने जा रहा था। पुलिस नशीली दवा बिक्री के मामले में उन लोगों का पता लगा रही है। जो लोग नशीली दवाइयों की बेरोक टोक बिक्री कर रही है।
थाना प्रभारी ने बताया कि पकड़े गए युवक के खिलाफ धारा 21(सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर रिमांड पर लेकर जेल भेजा गया है।



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Young man caught with 2250 tablets of drugs, said; Going to sell it in the medical store




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रिसाइकिल चेंबर में उतरे थे 3 मजदूर, पानी डालते ही बनी गैस से हुए बेहोश, ऊपर खड़े 4 मजदूर भी आए चपेट में

विशाखापटनम में गैस लीकेज से लोगों की मौत की खबर की चर्चा के बीच पुसौर के तेतला में स्थित शक्ति पेपर मिल में गैस लीकेज से सात लोगों के बीमार होने की खबर आई। हादसा बुधवार की दोपहर 4.30 बजे के करीब हुआ था लेकिन मिल संचालक ने इस छिपाया। बीमार हुए लोगों में तीन गंभीर थे फिर भी उन्हें चुपचाप अस्पताल में भर्ती करा दिया। पुसौर की नायब तहसीलदार को रात 9 बजे सरपंच से जानकारी मिली।
बड़े अफसरों को 16 घंटे बाद घटना का पता चला। गुरुवार को कलेक्टर यशवंत कुमार और एसपी संतोष सिंह अस्पताल पहुंचे। पटवारियों और रेडक्रास कर्मचारियों को काम पर लगाया और तीन मजदूर रायपुर के अस्पताल भेजे गए। पेपर मिल सील करने के साथ ही संचालक पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उल्लेखनीय है कि पुसौर क्षेत्र के तेतला गांव में आरडी गुप्ता की शक्ति पेपर मिल लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी थी। इस मिल में साफ-सफाई के लिए कर्मचारी बुधवार को पहुंचे थे। शाम 4:30 बजे के करीब सात मजदूरों को पेपर रिसाइकिल चैंबर की सफाई करने के लिए भेजा गया। जिसमें तीन मजदूर चेंबर में उतर गए और पानी डाल कर टैंक साफ करने लगे। पानी डालते है चेंबर में जहरीली गैस बन गई। जिससे टैंक के अंदर उतरे तीनों मजदूर बेहोश हो गए। यह देख पास खड़े चार मजदूर और चैंबर में उतरने लगे, लेकिन गैस बनने का आभास होने पर वह अंदर नहीं उतरे और नीचे उतर कर उल्टियां करने लगे। मिल के संचालक ने आनन-फानन में चेंबर में बेहोश पड़े तीन लोगों को निकलवाया। सभी को इलाज के लिए रायगढ़ भिजवाया।

तबीयत बिगड़ी तो प्रशासन को दी सूचना

हालत बिगड़ती देख मिल प्रबंधन की ओर से देर शाम सभी मजदूरों को रायगढ़ के संजीवनी हास्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके बाद अगले दिन गुरुवार दोपहर इनमें से 3 मजदूरों की हालत ज्यादा बिगड़ गई। इस पर मिल प्रबंधन की ओर से प्रशासन को सूचना दी गई। जिसके बाद कलेक्टर यशवंत कुमार, एसपी संतोष कुमार सिंह, सीएमएचओ डॉ. एसएन केशरी, एएसपी अभिषेक वर्मा, एसडीएम युगल किशोर सहित स्वास्थ्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे।

चेंबर में उतरते ही इनकी बिगड़ी हालत
शक्ति पेपर मिल को चालू करने के लिए साफ सफाई काम चल रहा था। कुछ मजदूर फैक्ट्री के अंदर रिसाइकिल चेंबर की सफाई करने की तैयारी कर रहे थे। जैसे ही मजदूर डोलामणि सिदार (35), सुरेंद्र गुप्ता (28) अपधर मालाकार (40) टैंक में उतरने लगे तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई। इन लोगों ने टैंक का ढक्कन हटाया ही था कि पास खड़े पुरंधन कुमार (21), अनिल कुमार (22), निमाणी भोय (40), रंजीत सिंह (34) अचेत हो गए।

पेपर मिल प्रबंधन पर गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज
एसपी संतोष सिंह ने बताया कि मिल में रिसाइकिल चेंबर की सफाई में बरती गई लापरवाही और हादसे को छिपाने के मामले में ऑपरेटर रंजीत सिंह और मालिक गुप्ता के खिलाफ देर शाम अपराध दर्ज कर लिया गया है। कर्मचारियों को बगैर सुरक्षा उपकरण के जोखिम वाला काम लापरवाही से कराने और जानलेवा गलती छिपाने के लिए पुलिस को सूचना नहीं दी। धारा 120(बी), 202, 284, 308 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

फैक्ट्री या कंस्ट्रक्शन साइट पर सतर्क रहें

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इस घटना के संबंध में कहा है कि, कई दिनों से बंद फैक्ट्री में ऐसा खतरा है। किसी टैंक या चेंबर की सफाई करते समय ध्यान रखें। इसके साथ ही निर्माणाधीन मकानों में टंकी या सेप्टिक टैंक में पानी, केमिकल, बांस, लकड़ी जैसी चीजें भरी होती हैं। कई दिनों की गर्मी और उमस के कारण खतरनाक गैस बनती है। मजदूरों से इसकी सफाई कराते समय विशेष ध्यान रखें। कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड गैस बनती है जो जानलेवा हो सकती है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने जाना हाल
पुसौर के तेतला पेपर मिल में प्रबंधन की लापरवाही से गैस रिसाव की घटना को लेकर प्रदेश में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने मजदूरों के बेहतर इलाज के लेकर कलेक्टर और एसपी से हाल जाना। मंत्री ने अफसरों से कहा कि मजदूरों के इलाज में कमी न रखी जाए, प्रशासन द्वारा पीड़ित तथा उनके परिजनों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले की जांच के निर्देश भी दिए हैं।

रात को जानकारी नहीं मिली, सुबह पहुंची पेपर मिल

"सरपंच के माध्यम से रात करीब 9 बजे जानकारी मिली थी। रात में मिल मालिक से संपर्क कर जानकारी लेनी चाही, लेकिन पूरी जानकारी नहीं मिल सकी। सुबह वे मौके पर गईं तो वहां कोई नहीं था। इस पर उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई। मिल मालिक आरडी गुप्ता की लापरवाही सामने आने पर पंचनामा बना कर पेपर मिल को सील कर लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। साथ ही सरपंच को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है।''
-माया आंचल, नायब तहसीलदार पुसौर



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3 laborers landed in the Recycling Chamber, unconscious of gas created by pouring water, 4 laborers standing above also came in grip and started vomiting.




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बस मालिक संघ ने सीएम से आर्थिक पैकेज और किस्तों में राहत दिलाने की मांग की

नवगठित जिले गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के बस मालिकों ने मांग पत्र से सरकार से अपील की है। कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के कारण लगभग दो महीने से बसें खड़ी हैं। बावजूद अब तक सरकार ने टैक्स माफी की घोषणा नहीं की है। बस मालिकों के मांग पत्र के अनुसार 6 माह का टैक्स सरकार माफ करे, ताकि लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान से राहत मिल सके। बस मालिकों का कहना है कि सरकार को वाहन मालिकों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। लगभग दो महीने से ट्रांसपोर्ट का काम बंद है। इससे ड्राइवरों, कंडक्टरों के वेतन के अलावा गाड़ी की किस्त का पैसा भी आता था। जो अब बंद है। गाड़ियों के स्टाफ को पास से पैसे का भुगतान कर रहे हैं। हम उनका साथ ऐसे बुरे समय में नहीं छोड़ सकते। बस मालिकों ने बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और परिवहन मंत्री को 6 माह के मासिक कर की छूट के लिए मांग पत्र सौंपा है। इसमें बस संचालकों एवं इससे जुड़े सभी लोगों के परिवार को विशेष राहत पैकेज प्रदान करने की मांग की गई है। यह जानकारी नर्मदांचल बस मालिक संघ के सह सचिव संदीप अग्रवाल ने दी।



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विधायक रश्मि ने तखतपुर सीएचसी को एंबुलेंस प्रदान की

विधायक रश्मि सिंह ने तखतपुर को सीएचसी में नई एम्बुलेंस प्रदान की है। सीएचसी को गुरुवार को नई 108 एम्बुलेंस मिली है। विधायक ने सीएचसी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आशीष सिंह ठाकुर के साथ एम्बुलेंस की पूजा कर लोगों की सेवा के लिए लोकार्पित किया। विधायक ने कहा कि तखतपुर विस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कमी न रहे। इसके लिए आगे भी प्रयास करती रहूंगी। कहा इस एंबुलेंस से गर्भवती और प्रसूताओं को लाने ले जाने में ज्यादा सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी को कोई परेशानी है तो वह बता सकता है। कार्यक्रम में जिला कांग्रेस महामंत्री मुन्ना श्रीवास, हरविन्दर हूरा, नट्टू जायसी, लक्ष्मी यादव, धर्मेश दुबे, अभिषेक पांडेय, मुकीम अंसारी, टेकचंद कारडा, उमेश राजपूत, कैलाश देवांगन, बिहारी देवांगन, सहित कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।



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लिव-इन में रह रही युवती व नवजात को पुणे में छोड़कर भागा, युवक पर दुष्कर्म का केस

लम्बे समय से लिव-इन रिलेशन में रह रहे युवक प्रेमिका और नवजात बेटे को पुणे रेलवे स्टेशन में छोड़कर फरार हो गया। नवजात को गोद में लिए लौटी आदिवासी युवती ने प्रेमी के खिलाफ रतनपुर थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दी है। युवती की रिपोर्ट पर पुलिस ने दुष्कर्म का केस दर्ज कर आरोपी अमर सिंह ठाकुर की तलाश शुरू कर दी है।
मामला रतनपुर क्षेत्र का है। 20 वर्षीय आदिवासी युवती एक गांव में दलिया बनाने का काम करती थी। इसी दौरान उसकी पहचान रानी बछाली में रहने वाले अमर सिंह ठाकुर से हो गई। इसी दौरान युवती गर्भवती हो गई। इस पर एक दिन अचानक अमर सिंह युवती को जहर खाने की धमकी देते हुए डरा कर अपने साथ बिलासपुर और फिर महाराष्ट्र के कोल्हापुर ले गया। जहां दोनों लिव-इन में रहने लगे। इस बीच अमर सिंह के घर से लगातार फोन आने लगे। उसकी मां की तबीयत खराब होने की बात कही जा रही थी। इससे वह युवती को लेकर बिलासपुर आया और सीपत चौक में एक किराए का मकान लेकर दोनों साथ रहने लगे। इसी बीच उसकी मां की मौत हो गई क्रियाकर्म में शामिल होने पहुंचे अमर सिंह की बहनों ने युवती से संपर्क कर उसका प्रसव मायके में कराने का वादा किया। वहीं युवती के इनकार करने पर अमर सिंह ने उसे फिर से जहर खाने की धमकी दी और युवती को उसके गृह ग्राम ले आया। यहीं पर उसने बेटे को जन्म दिया। इस दौरान अमर सिंह अपने ससुराल आया। जहां से वह बिना कुछ कहे पूना चला गया। इस पर युवती अमर सिंह के घर पहुंच गई। तो उसकी ननदों ने उसे घर में घुसने नहीं दिया। तो युवती ने किसी अमर से संपर्क किया। तो अमर सिंह बिलासपुर पहुंचकर युवती व नवजात के साथ लेकर कोल्हापुर चला गया। जहां दोनों 15 दिन साथ रहे। इसी बीच एक दिन अचानक अमर ने युवती से गांव लौटने की बात कहकर सामान बंधवाया। इसके बाद तीनों पुणे रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहीं पर अमर युवती व नवजात को छोड़कर भाग निकला था। इसके बाद युवती किसी तरह भूखी प्यासी रहकर ट्रेन से बिलासपुर पहुंची। वहां से एक महिला की मदद से अमर सिंह के घर जहां से अमर के परिजनों ने उसे भगा दिया। इसके बाद उसने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।



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अजमेर से लौटे परिवार के सदस्यों के होम क्वारेंटाइन का उल्लंघन कर घर से बाहर घूमने का किया विराेध

ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जियारत कर अजमेर से रतनपुर करैहापारा निवासी अलीम खान पत्नी रेहाना और उनके माता अमीना बेगम लौटे थे। इनका जिला प्रशासन के निर्देश पर बुधवार को रैपिड टेस्ट के लिए सैम्पल लेकर निगेटिव रिपोर्ट आने पर उनके साथ परिवार के 6 सदस्यों को करैहापारा में उनके निवास में 28 दिन तक होम क्वारेंटाइन में रहने के निर्देश दिए थे। वहीं होम क्वारेंटाइन होने के कुछ घंटे के बाद ही परिवार के सदस्यों का करैहापारा मोहल्ले में घूमने से बुधवार रात करीब 9 बजे रतनपुर में बवाल मच गया। इन लोगों के घूमने को लेकर मोहल्ले के कुछ जागरूक लोग रात में ही रतनपुर थाना एवं सीएचसी पहुंच गए। जहां शासन द्वारा निर्धारित नियमों के तहत इस परिवार के सदस्यों को भी होम क्वारेंटाइन का पालन कराने की मांग की गई। मामले को गंभीरता से लेते पुलिस ने डॉक्टरों के माध्यम से उन्हें समझाया कि अजमेर से लौटे परिवार का टेस्ट निगेटिव आया है। इसलिए उन्हें उनके घर पर ही होम क्वारेंटाइन किया गया है। इसके बाद ही लोग शांत हुए और वापस लौटे।
बाहर नहीं घूम सकता परिवार: डॉ. विजय
अजमेर से रतनपुर लौटे परिवार का पीपीई टेस्ट करने वाले डॉ. विजय चन्देल ने बताया कि टेस्टिंग के दौरान परिवार की रिपोर्ट भले ही निगेटिव आई है, लेकिन शासन के गाइड-लाइन के अनुसार उन्हें अपने घर पर ही 28 दिन होम क्वारेंटाइन में रहना होगा। इस बीच उनका पूरा परिवार स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रहेगा। परिवार का कोई भी सदस्य घर से बाहर नहीं निकल सकता, ना ही स्वछंद होकर घूम सकता है। नियम का पालन नहीं करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
समझाया है, अब निकले तो कार्रवाई : टीआई
रतनपुर टीआई कृष्णा पाटले ने बताया कि करैहापारा के 15- 20 नागरिक होम क्वारेंटाइन परिवार के बाहर घूमने पर पाबंदी लगाने की मांग को लेकर थाने आए थे। इस पर थाने से स्टाफ भेजकर अलीम खान को समझा दिया गया है। इसके बाद यदि उनके परिवार का कोई सदस्य बाहर घूमते पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवार के मुखिया को समझा दिया गया है। उन्होंने दोबारा ऐसा नहीं होने का आश्वासन दिया है।



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शादी में बहू को देने के लिए रखे 2 लाख के जेवरात और 5 हजार रुपए चाेरों ने पार किए

रतनपुर थाना क्षेत्र के बेलतरा नेवसा गांव में पूरा परिवार एक कमरे में सोता रहा। वहीं चोर दूसरे कमरे से करीब 2 लाख के जेवरात व नकदी समेटकर फरार हो गए। बुधवार रात पूरा कश्यप परिवार खाना खाकर एक कमरे में ही सोया था। इसी दौरान दूसरे कमरे से चोरों ने पेटी और आलमारी में रखे जेवर को पार कर दिए।मामले में प्रार्थी देव कुमार कश्यप की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि रतनपुर थाना क्षेत्र के बेलतरा नेवसा निवासी देव कुमार कश्यप ने अपने बेटे किशन कश्यप के विवाह में नई बहू के लिए जेवर खरीद कर घर में रखे थे। घटना के दिन जेवर कमरे के अंदर पेटी और आलमारी में रखे थे। वहीं उनका पूरा परिवार दूसरे कमरे में सो रहा था। चोरों ने इसी के चलते रात में पेटी एवं आलमारी का ताला तोड़कर सोने-चांदी के जेवर और नकदी पार कर दी। बताते हैं कि रात में देव कुमार पेशाब करने के लिए उठा। तो उसने कमरे का ताला टूटा दिखा। इस पर चोरी होने की आशंका से वह जिस कमरे में जेवर रखे पहुंचा। तो पेटी और आलमारी के ताले टूटे मिले और सामान चोरी हो चुका था। गुरुवार सुबह देव कुमार ने थाने में रिपोर्ट दी थी।
पुलिस को ग्रामीणों ने बताया गांव में अज्ञात को देखा था घूमते

ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार रात गांव में उन्होंने एक अज्ञात व्यक्ति को घूमते देखा था। वहीं पुलिस का अंदेशा है कि चोरी के पीछे किसी जानकार का भी हाथ हो सकता है। जिसे पहले से ही पता था कि देव कुमार ने अपने घर में जेवरात रखे हैं।

औजार साथ लेकर आए थे चोर, मौके पर ही छोड़कर हो गए फरार
चोर खेती किसानी में काम आने वाले औजार टंगिया और कुदाली साथ लेकर चोरी करने आए थे। जिनके सहारे उन्होंने पेटी और अलमारी का ताला तोड़ा था, लेकिन भागते समय उन्होंने इन हथियारों को घटना स्थल पर ही छोड़ दिया।
पीड़ित ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया यह सामान हुआ है चोरी
पीड़ित के अनुसार चोर 2 सोने के झुमका, 2 सोने का टॉप्स, 7 सोने के लॉकेट, 4 सोने के मनलची लॉकेट, 4 चांदी के पायल, 2 चांदी का लच्छा, 8 चांदी की अंगूठी और 5,000 रु नकद। इस सामान की लगभग 2 लाख रुपए कीमत बनाई जा रही है।



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2 lakh jewelery and 5 thousand rupees of jewelery kept for giving to daughter-in-law in marriage




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निगम के 2000 कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन

कोरोनावायरस फिर शहर वासियों को बचाने से शहरवासियों को बचाने तथा जरूरतमंदों को राशन सामग्री पहुंचाने के मामले में नगर निगम कर्मचारियों ने बेहतर बेहतर सेवा की। विषम परिस्थितियों में स्वयं की चिंता ना कर स्वयं की चिंता ना कर शहर की सफाई में योगदान देने वाले सफाई कर्मियों का सम्मान किया गया। ऐसे नगर निगम के करीब 2000 कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन अर्थ संकट के कारण नहीं मिल पाया है। बता दें कि नगर निगम नगर निगम के 1150 नियमित तथा 950 दैनिक और टास्क कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर प्रति माह 5 करोड रुपए खर्च किया जाता है।। लाॅकडाउन के दौरान निगम टैक्स की वसूली नहीं हो पाने के कारण कर्मचारियों को वेतन देने के लिए निगम के पास धनराशि का अभाव है। नगर निगम के आयुक्त प्रभाकर पांडे ने बताया कि कर्मचारियों को वेतन देने के लिए यदि पैसे की कमी होगी तो शासन की सहायता ली जाएगी। गत माह शासन के निर्देश पर अधोसंरचना मत की राशि से कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया गया था। निगम टैक्स की वसूली की जा रही है। आवश्यकतानुसार वेतन भुगतान के लिए शासन से सहयोग लिया जाएगा।



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यूजीसी नेट, एम्स में आवेदन की तारीख बढ़ी, पीईटी फार्म में छात्र अभी कर सकते हैं करेक्शन

कोरोना वायरस कोविड-19 के चलते पूरे देश में लॉकडाउल है। यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल, कोचिंग सेंटर बंद हैं। मुख्य परीक्षा सहित प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। ऐसे में यूजीसी नेट, एम्स, इग्नू, पीईटी आदि ने आवेदन, परीक्षा फार्म और फार्म में करेक्शन की तारीख बढ़ा दी है। अब ऐसे में छात्रों को इस बार पढ़ने का भी ज्यादा मौका मिल रहा है। परीक्षाएं टलने की खबर के बाद से ही स्टूडेंट्स को नई तारीख के जारी होने का इंतजार था। नीट का जो एग्जाम 3 मई को होना था, वो अब 26 जुलाई को होगा। वहीं जेईई मेन्स 18 से 23 जुलाई तक कराया जाएगा। जुलाई में होने जा रहे एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड 14 दिन पहले अपलोड कर दिए जाएंगे। एडमिट कार्ड में एग्जाम सेंटर, सिटी और सेशन की जानकारी होगी। एडमिट कार्ड नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जारी किए जाएंगे। डेट्स की घोषणा होते ही स्टूडेंट्स दोबारा रिवीजन में लग जाएंगे। बचे हुए करीब डेढ़ महीने में वो कम से कम दो बार अच्छे से रिवीजन कर सकते हैं।
यूजीसी नेट के लिए आवेदन 16 तक
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने यूजीसी नेट में आवेदन करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। यूजीसी नेट के लिए आवेदन करने की तिथि अब एनटीए ने बढ़ाकर 16 मई कर दी है। आवेदक इस तिथि को रात 11:50 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदक को फीस का भुगतान भी ऑनलाइन ही करना होगा। आवेदन फॉर्म में करेक्शन की डेट पहले 18 से 24 अप्रैल तक थी, जिसे स्थगित कर दिया गया है। पहले एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की आखिरी तारीख 15 मई थी, जिसे भी अब स्थगित कर दिया गया है। यूजीसी नेट 15 से 20 जून तक होनी थी, लेकिन फिलहाल कोविड-19 की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया है।

10 मई तक एडिट करें पीटीईटी फॉर्म
पीटीईटी-2020 के आवेदन पत्रों में ऑनलाइन त्रुटि सुधार के लिए अभ्यर्थियों को एक और मौका दिया गया है। वंचित छात्र 10 मई तक अपने आवेदन में त्रुटि सुधार कर सकते हैं। वहीं आवेदन पत्र भरने से वंचित रह गए अभ्यर्थियों को लाॅकडाउन की समाप्ति के बाद एक अवसर मिल सकता है। छात्र नियमित रूप से पीटीईटी-2020 की अधिकृत वेबसाइट देखते रहें।
इग्नू: परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 मई
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने आगामी जून की परीक्षाओं को वर्तमान स्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्थगित कर दिया है। परीक्षा की पुन: निर्धारित समय सारिणी की सूचना परीक्षा शुरू करने से 15 दिन पहले दी जाएगी। परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 मई से बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है। इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. केपी तिवारी ने बताया कि छात्र सत्रीय कार्य एवं परीक्षा फाॅर्म 31 मई तक जमा करवा सकते हैं। परीक्षा से जुड़ी विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों को इग्नू की वेबसाइट www.ignou.ac.in पर उपलब्ध करवा दी जाएगी।

एम्स: नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स के लिए फाइनल रजिस्ट्रेशन 11 तक
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) ने नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स का रीशेड्यूल जारी किया है। इसके मुताबिक बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग (पोस्ट बेसिक), बीएससी पैरामेडिकल कोर्सेज के फाइनल रजिस्ट्रेशन की अवधि को बढ़ा दिया है। अब फाइनल रजिस्ट्रेशन की अवधि 11 मई कर दी गई है। पहले इसकी अंतिम तिथि 4 मई घोषित की थी। इस रजिस्ट्रेशन के दौरान आवेदक को संबंधित परीक्षा होने वाले शहर का नाम भी चुनना होगा। आवेदक एक्जाम से जुड़ी जानकारी के लिए ऑफिशियल वेबसाइट aiimsexams.org पर विजिट कर सकते हैं।



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क्वारेंटाइन कराने मृत शिक्षक की ड्यूटी लगाई लॉकडाउन के कारण फंसे उनको भी दिया जिम्मा

अनुराग शर्मा | कोरोना संकट व लॉकडाउन के बीच जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल, संक्रमित प्रदेशों से आने वालों को होम क्वारेंटाइन कराने के साथ ही उनकी रेगुलर निगरानी के लिए जिला प्रशासन ने मृत शिक्षिका के साथ ही लॉकडाउन की वजह दूसरे जिलों में फंसे शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी है। कोरोना के रोकथाम के लिए गुरुवार से फिल्ड में निकलने के लिए जब सभी 15 टीमें तय स्थानों पर पहुंची, तब इसका खुलासा हुआ है। पता चला कि रिसाली निगम के मरौदा क्षेत्र में बाहर से आने वालों को क्वारेंटाइन कराने के लिए अफसरों ने दो साल पहले वहां की प्राथमिक शाला से रिटायर होने बाद मृत हो चुकी शिक्षिका एस के हरदहा की ड्यूटी लगा दी है। यहीं नहीं चार की टीम में जिन दो शिक्षकों को भिलाई के रूआबांधा क्षेत्र में आने वालों को क्वारेंटाइन करने की जिम्मेदारी दी गई है। वे दोनों लॉकडाउन से दूसरे शहरों में फंसे है। एक नागेंद्र मरावी होली की छुट्टी में गए थे तबसे फंसे हैं और दूसरी 22 मार्च से फंसी हुई है।
रिटायर्ड की भी ड्यूटी लगी थी, शिक्षा विभाग ने संशोधन किया : कोरोना के रोकथाम के लिए जारी इस महत्वपूर्ण आदेश में 6 अप्रैल तक तो करीब 6 रिटायर्ड और 3 स्थानांतरित शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन उसे 7 अप्रैल की डेट में शिक्षा विभाग ने संशोधित कर दिया। पहला आदेश अपर कलेक्टर की हस्ताक्षर से जारी हुआ था, दूसरा संशोधित आदेश जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी हुआ है।

अजीब है: मृत शिक्षिका को आदेश रिसीव भी करा दिया
7 अप्रैल से कार्रवाई के लिए 6 अप्रैल को जारी की गई यह सूची ताज्जुब यह कि मंडल, जिला और निगम स्तरीय 9 अधिकारियों के साथ ही मृत शिक्षिका सहित बाहर फंसे शिक्षकों को भी रिसीव करा दिया गया। इस आदेश से अफसरों को अवगत कराने के लिए जो प्रतिलिपियां भेजी गई, उसमें 10 वें बिंदु पर सर्व संबंधित को सूचनार्थ एवं पालनार्थ लिखा है।



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क्वारेंटाइन किए लोगों को अब प्रशासन नहीं दे रहा भोजन, अपने घरों से मंगवा रहे खाना

शहर में ड्राय फूड सेंटर में रखे गए लोगों के सामने अब भूखे मरने की नौबत आ गई है। पहले जहां क्वारेंटाइन करके रखे गए लोगों के भोजन-पानी की व्यवस्था प्रशासन के जिम्मे थी, वहीं अब प्रशासन ने यह कहते हुए अपने हाथ खींच लिए हैं कि भोजन के लिए सबकी अलग-अलग डिमांड और स्वाद है, इसलिए अब क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों के लिए उनके घर से खाना आएगा। जिनका घर आसपास नहीं है, वे दूसरों से खाना मांगकर अपना गुजारा कर रहे हैं।
शहर के वार्ड नंबर 5 मौहारपारा पानी टंकी के पास स्थित मंगल भवन में कुल 10 लोगों को क्वारेंटाइन करके रखा गया है। इसमें समीपस्थ ग्राम पंचायत चनवारीडांड़ निवासी भान सिंह और सम्मेलाल जो राजेंद्रग्राम (मप्र) से अपने घर लौटे हैं, उन्हें भी रखा गया है। वहीं पेणड्रा से पैदल अपने घर जनकपुर जा रहे कृष्णा केंवट को भी क्वारेंटाइन किया गया है। बुधवार को प्रशासन की ओर से जैसे ही यह फरमान जारी किया गया कि क्वारेंटाइन किए गए स्थानीय लोगों के लिए उनके घर से खाना आएगा, मौहारपारा क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गए लोग दिन-भर दाना-पानी के लिए तरस गए। भान सिंह अाैर सम्मेलाल का खाना चनवारीडांड़ स्थित उनके घर से तो किसी प्रकार आ गया, लेकिन जनकपुर निवासी कृष्णा केंवट को दिनभर भूखा रहना पड़ा। उसे शाम को मनेंद्रगढ़ में रहने वाले दूर के रिश्तेदार ने भोजन पहुंचाया।
पड़ोसी से दूल्हे के परिवार को घर से गैस सिलेंडर और चूल्हा मंगवाना पड़ा
विवाह के लिए प्रशासन से अनुमति लेने के बाद नौरोजाबाद (मप्र) से शादी करके लौटे परिवार को इस बात का अंदाजा नहीं था कि दूल्हा-दुल्हन सहित पूरे परिवार को घर से दूर क्वारेंटाइन सेंटर में क्वॉरेंटाइन कर दिया जाएगा और उन्हें भोजन-पानी तक पहुंचाने वाला घर पर कोई नहीं रह जाएगा। वार्ड नंबर 15 मनेंद्रगढ़ निवासी सुशील गुप्ता पिता मैनेजर प्रसाद गुप्ता का विवाह नौरोजाबाद (मप्र) में 6 मई को सुमन साहू के साथ हुआ। गुरुवार की सुबह बारात के मनेंद्रगढ़ वापस लौटने पर दूल्हा-दुल्हन के साथ दूल्हे की मां लक्ष्मीना, दूल्हे के भाई राजा को विवेकानंद कॉलेज के सामने स्थित सांस्कृतिक भवन में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में क्वारेंटाइन कर दिया गया, जहां भोजन-पानी नहीं मिलने पर उन्हें पड़ोसी को फोन करके घर से गैस सिलेंडर और चूल्हा मंगवाना पड़ा और क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही भोजन पकाकर परिवार को पेट भरना पड़ा। सुशील ने बताया कि पूरा परिवार क्वारेंटाइन है। उनके घर पर ताला लगा है। पिता शादी का कार्ड बांटने यूपी गए थे, जो लॉकडाउन के बाद से वहीं फंसे हैं। उसने कहा कि उन्हें क्वारेंटाइन से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उनके घर पर कोई नहीं हैं, जो उन्हें भोजन पहुंचाएं। वहीं मां भी बीपी की पेसेंट है। ऐसे में हालात को देखत हुए उसने प्रशासन से पूरे परिवार को होम क्वारेंटाइन करने की गुहार लगाई, जिस पर सुनवाई करते हुए प्रशासन ने दूल्हे के परिवार को होम क्वारेंटाइन कर दिया।
सेवानिवृत्त फौजी का परिवार भी भोजन के लिए तरसा ड्रायफूड खाकर काटी रात और आधा दिन
सेना से सेवानिवृत्त हुए फौजी अनूप ओझा 14 सौ किलोमीटर का सफर तय कर हरियाणा से बुधवार को अपने गृहग्राम जैसे ही मनेंद्रगढ़ पहुंचे, परिवार सहित उन्हें सांस्कृतिक भवन में क्वारेंटाइन कर दिया गया। अनूप ओझा ने बताया कि बुधवार की रात जब उन्हें भोजन नहीं दिया गया तो उन्होंने इस संबंध में क्वारेंटाइन सेंटर के प्रभारी से पूछताछ की तो पता चला कि भोजन उन्हें अपने घर से मंगवाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब उनका परिवार ही यहां क्वारेंटाइन है, ऐसे में कौन उन्हें भोजन पहुंचाएगा। उन्होंने बताया कि अपने पास रखे ड्रायफूड को परिवार को खिलाकर किसी प्रकार बुधवार की रात और गुरुवार का दिन काटना पड़ा। बताया जाता है कि सेवानिवृत्त फौजी के आग्रह पर प्रशासन ने उन्हें भी गुरुवार की शाम परिवार सहित होम क्वांरेंटाइन कर राहत दी है।
प्रशासन ने दिया बेहतर स्वास्थ्य का हवाला
क्वॉरेंटाइन सेंटर में भोजन की व्यवस्था को लेकर जब मनेंद्रगढ़ एसडीएम आरपी चौहान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिन्हें क्वांरेंटाइन किया गया है, वे सभी बाहर से अपने घर लौटे हैं। उनके बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें अपने घर से भोजन की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। जब उनसे यह सवाल किया गया कि जब पूरा परिवार ही क्वारेंटाइन है, उन्हें घर से खाना कौन पहुंचाएगा, इस प्रश्न को टालते हुए उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।



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Administration is no longer providing food to quarantined people, getting food from their homes




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ब्यूटी पार्लर खुले, महिलाओं को खुद का टाॅवेल और गाउन लेकर जाना होगा, संचालक ने लापरवाही की तो होगी बंद की कार्रवाई

जिले में एक-एक कर सभी सुविधाओं को धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है। लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही जिले में ब्यूटी पार्लर से जुड़ी महिलाएं बेरोजगार हो गई थीं, तो दूसरी ओर महिलाओं को अपनी खूबसूरती में निखार लाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
लेकिन अब ब्यूटी पार्लर संचालन के लिए कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिया गया है। एक समय में एक ही ग्राहक की अनुमति दी गई। वहीं ग्राहकों को टाॅवेल और गाउन खुद लाना होगा। जिले में 200 से अधिक ब्यूटी पार्लर संचालित हैं, जहां करीब 600 महिला कर्मचारी काम करती हैं, लेकिन अब तक सैलून शुरू करने कोई आदेश नहीं दिया गया है। 47 दिन के बाद लॉकडाउन के दौरान महिलाएं ब्यूटी पार्लर जा सकेंगी।
जिले की महिलाओं के लिए लॉकडाउन के दौरान बंद ब्यूटी पार्लर को शुरू करने की अच्छी खबर आई है। अब उन्हें खूबसूरती में निखार लाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि जिले के शहरी अौर ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग दिन निर्धारित कर गाइड लाइन के अनुसार ब्यूटी पार्लर संचालित करने के निर्देश कलेक्टर ने दे दिए हैं। लेकिन नियमों के पालन में लापरवाही हुई तो तत्काल प्रभाव से बंद करने की कार्रवाई भी की जाएगी। ब्यूटी पार्लर के संचालन की अनुमति शासन ने निर्धारित शर्तों के तहत दी है। कलेक्टर डोमन सिंह ने बताया कि सभी ब्यूटी पार्लर सुबह 9 से शाम 4 बजे तक संचालित होंगे। ब्यूटी पार्लर सप्ताह में 3 दिन एक दिन छोड़कर एक दिन संचालित होंगे। इसके अलावा एक दिन का साप्ताहिक बंदी रहेगी।
पार्लर संचालक को ग्राहकों की पूरी जानकारी रखनी होगी
सभी ग्राहकों का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित जानकारी लेकर हस्ताक्षर कराना होगा। जिले अथवा क्षेत्र में हाट स्पाॅट कंटनमेंट घोषित होने की दशा में शासन द्वारा संपूर्ण लाॅकडाउन के संबंध में जारी निर्देश पहले की तरह ही प्रभावी होंगे और अतिरिक्त गतिविधियों के संचालन की अनुमति खुद ही समाप्त हो जाएगी।

नियम का पालन करना होगा
मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, झगराखांड, लेदरी व खोंगापानी क्षेत्र में सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को ब्यूटी पार्लर खोले जाएंगे और इन क्षेत्रों में रविवार को साप्ताहिक बंदी रहेगी। जबकि बैकुंठपुर, सोनहत, खडगवां और भरतपुर क्षेत्र में मंगलवार, गुरुवार व रविवार को इन क्षेत्रों में शनिवार को साप्ताहिक अवकाश रहेगा। ब्यूटी पार्लर में न्यूनतम कर्मचारी ही रह सकते हैं। इसके अलावा सभी को सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन व मास्क का उपयोग करना होगा।



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शराबबंदी की कसमें खाने वाले भूल गए वादे: पैकरा

लॉकडाउन में खोली गईं शराब दुकानों के विरोध में भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री को उनका वादा याद दिलाया। भाजपा नेताओं ने कहा कि घोषणा पत्र में शराब बंदी को लेकर गंगाजल की कसम खाने वाले कांग्रेस के नेता व प्रदेश के मुख्यमंत्री आज अपना वादा भूल गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार पूरे देश में पहली सरकार बन गई है, जो अब लोगों के घर तक शराब पहुंचाएगी।
पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस की सरकार वह कार्य कर रही है, जिसको नहीं करने का विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था। अपनी आम सभाओं में गंगाजल हाथों में लेकर कसम खाईं थी कि सरकार में आते ही शराब बंदी कर देंगे। उस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भूपेश बघेल सहित अन्य नेताओं ने शराब बंदी को लेकर अनेक आंदोलन भी किए थे। यहां तक कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि घोषणा पत्र पर अमल नहीं होगा तो वे सीएम बदल देंगे। अमल करने की बात तो दूर लॉकडाउन में जहां आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं। वहीं प्रदेश में शराब दुकान खोल दी गईं और घर-घर शराब पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में व्यवसाय, उद्योग, धंधे बंद पड़े हुए हैं। इनके संचालन की ओर ध्यान न देकर सरकार ने शराब की दुकानों को खोलना प्राथमिकता में शामिल किया। शराब दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिससे कोरोना वायरस जैसी महामारी फैलने की आशंका और प्रबल हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए सभी लोग मिल जुल कर महामारी से मुकाबला कर सकते हैं। इसके लिए हम सब को प्रशासन का सहयोग करना होगा। वहीं इस विपरीत परिस्थिति में भाजपा का हर कार्यकर्ता आम जनता के साथ खड़ा हुआ है। प्रेसवार्ता में दौरान भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भीमसेन अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रामकृपाल साहू, जिला उपाध्यक्ष विजय तिवारी, मंडल अध्यक्ष मुकेश गर्ग मौजूद रहे।



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Forgotten promise of eating wine




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नया जिला अस्पताल 100 बेड का बनेगा, डाॅक्टरों व स्टाफ सहित 133 पद मंजूर

मेडिकल काॅलेज के अलावा अब जिले के लिए एक नया जिला अस्पताल भी बनेगा। इसके लिए शासन ने विशेषज्ञ डाॅक्टर सहित 133 पद स्वीकृत कर दिए हैं। इसके बजट के लिए डीडीओ एकाउंट भी शासन से जारी हो गया है।
अभी पुराने जिला अस्पताल के मेडिकल काॅलेज में समायोजित होने से यह कार्यरूप में नहीं रह गया था। यहां के पदस्थ डाॅक्टर व अन्य कर्मचारी भी मेडिकल काॅलेज का स्टाफ बन गए थे। इससे इनका वेतन भी मेडिकल कॉलेज के डीडीओ से निकलता है। नया जिला अस्पताल बनने से अब इसी के डीडीओ से इनका वेतन आने वाले समय में निकलेगा। नया जिला अस्पताल 100 बेड का होगा।
हालांकि नए जिला अस्पताल के पूरी तरह अस्तित्व में आने तक इसके डाॅक्टर व अन्य स्टाफ मेडिकल काॅलेज में अटैच रहेंगे, ताकि यहां का सेटअप में प्रावधान न हो। मेडिकल काॅलेज अस्पताल के एमएस सह सीएमएचओ डाॅ. पीएस सिसोदिया ने बताया कि जिला अस्पताल के लिए शासन का आदेश आ गया है।
10 स्पेशलिस्ट और 11 मेडिकल ऑफिसर होंगे

नए जिला अस्पताल में मेडिसिन, सर्जरी, शिशु रोग, गाइनिक, ईएनटी, निश्चेतना में विशेषज्ञ डाॅक्टर के दो-दो पद स्वीकृत हैं। इसके अलावा 11 मेडिकल ऑफिसर व 45 नर्सिंग स्टाफ सहित 133 कर्मचारी रहेंगे। आने वाले समय में इसका ओपीडी शुरू होगा। संभव है एमसीएच में इसका अलग से सेटअप तैयार कर दिया जाए।

शासन ने की थी घोषणा लेकिन पद अब हुए मंजूर

राज्य शासन ने अंबिकापुर में नया जिला अस्पताल के लिए घोषणा की थी, लेकिन पद अब तक स्वीकृत नहीं हुए थे। इसको लेकर एमएस सह सीएमएचओ डाॅ. पीएस सिसोदिया द्वारा शासन को पत्र लिखा गया था। फिर 4 मई को डीडीओ के लिए प्रस्ताव भेजा गया। इसके बाद शासन से पद भी स्वीकृत कर डीडीओ एकाउंट चालू कर दिया गया। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।



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50 साल में मई का पहला हफ्ता इस बार सबसे कम तपा

लॉकडाउन का मौसम पर खास असर दिख रहा है। इस बार अप्रैल पिछले पचास सालों में सबसे कम गर्म रहा। वहीं मई के पहले हफ्ते के अधिकतम तापमान का रिकार्ड भी पिछले सभी मई महीनों से न्यूनतम पर है।
पिछले 50 सालों में मई के पहले 7 दिनों का अधिकतम तापमान औसत 39.0 डिग्री सेल्सियस रहा है। जबकि इस बार तक 33.5 है। अमूमन मई के पहले सप्ताह में दिन का तापमान 40 डिग्री पार हो जाता था। इस बार तीन मई को पारा 35.9 तक चढ़ा था फिर घट गया था। न्यूनतम तापमान के लिहाज से भी देखें तो मई के पहले 7 दिनों का औसत न्यूनतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि इस वर्ष अभी तक यह 21.0 है। इस तरह से अभी तक मई का महीना भी अन्य वर्षों की तुलना में कम तपा है। अंबिकापुर मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार जब तापमान में आई कमी का कारण ढूंढने का प्रयास करता हूं तो इसमें निश्चित ही लॉकडाउन का प्रभाव दिखता है। वहीं लगातार एक निश्चित अंतराल पर सुदर मेडिटेरियन सी, रेड सी आदि प्रशांत के सागरों से आने वाले पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता के कारण भी पारा नियंत्रित रहा है। आंधी, ओलावृष्टि और वर्षा के कारण वातावरण में नमी की उपस्थिति ने वायु को गर्म होने से रोके रखा है। आने वाले 3- 4 दिनों में भी तापमान बढ़ने के आसार नहीं हैं। अभी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मध्य और उत्तर भारत पर द्रोणिका और चक्रवात के कारण मौसमी घटनाओं की आशंका बनी हुई है।
50 सालों में इस बार अप्रैल भी था सबसे ठंडा
पिछले सालों की तुलना में मार्च, अप्रैल और मई के अब तक के दिनों की तुलना करें तो लॉकडाउन का खासा असर दिखा है। अप्रैल का अधिकतम तापमान पिछले 50 सालों में सबसे ठंडा था।

मौसम का लॉकडाउन: भट्‌ट
मौसम विज्ञानियों के अनुसार डेढ़ माह से लगातार लॉकडाउन के कारण नियंत्रित वाहनों के आवागमन, ठप्प पड़े चिमनियों के मुहाने और सड़कों पर मानव पदचाप में आई न्यूनता के कारण वायु मंडल में स्थानांतरित होने वाले प्रदूषक कणों में कमी से पर्यावरण का शोधन हुआ है, जिसे मनुष्यों के साथ-साथ अन्य जीव और वनस्पति भी महसूस कर रहे हैं। वास्तव में यांत्रिक साधनों के प्रयोग से जो दूषित और रासायनिक कण वातावरण में घुलते हैं वे ही एरोसोल पाॅर्टिकल कहलाते हैं। ये दूषित कण हवा में तैरते रहते हैं और वायु मंडल के ग्रीन हाउस प्रणाली को बल देते हैं।



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First week of May in 50 years, this time the lowest temperature




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11 सौ लोगों को सर्दी-खांसी की शिकायत किसी में नहीं मिले कोरोना संक्रमण के लक्षण

सरगुजा जिले में अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर जाकर 35 हजार लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें लगभग 11 सौ सर्दी खांसी के पीड़ित मिले थ,े लेकिन कोरोना के लक्षण इनमें से किसी में नहीं मिले हैं। इससे सरगुजा जिला अब तक ग्रीन जोन में बना हुआ है। जो राहत वाली बात है।
वहीं लॉकडाउन से अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे सरगुजा जिले के मजदूरों की घर वापसी गुरुवार से शुरू हो गई। 64 मजदूरों को प्रशासन द्वारा अलग-अलग बसों से अंबिकापुर लाया गया। ये छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा, बिलासपुर, सहित अलग-अलग शहरों में फंसे हुए थे। यहां सभी की बिशुनपुर स्थित सामुदायिक भवन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण कर रैपिड किट से जांच की। राहत देने वाली बात ये रही कि इनमें से कोई भी पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं आई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सिर्फ तीन मजदूरों में सर्दी खांसी के सामान्य लक्षण मिले। हालांकि इनमें रैपिड टेस्ट में कोरोना नहीं पाया गया। जांच के बाद सभी मजदूरों को वाहन से उनके घर के लिए भेज दिया गया। ये अभी अपने घर के बजाय पंचायत में ही बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिन तक रहेंगे। इन पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर रखेगी। क्वारेंटाइन का समय पूरा होने के बाद ही सभी अपने घर जा सकेंगे।

पंचायतों में मजदूरों के लिए बनाए गए हैं क्वारेंटाइन सेंटर, डॉक्टर रखेंगे निगरानी
मजदूरों की घर वापसी को देखते हुए प्रशासन के निर्देश पर उनके संबंधित पंचायत में स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। जिला मुख्यालय में जांच के बाद ये मजदूर सेंटर में 14 दिनों तक स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में क्वारेंटाइन रहेंगे। भोजन आदि की सुविधा सेंटर में रहेगी। बीच-बीच में इनका स्वास्थ्य परीक्षण होगा। क्वारेंटाइन का समय पूरा होने व स्वास्थ्य सामान्य रहने पर ही उन्हें घर भेजा जाएगा।

सत्तीपारा में दिल्ली से लौटे परिवार के सभी 10 सदस्यों की रिपोर्ट भी आई निगेटिव है
सत्तीपारा में दिल्ली से लौटे एक परिवार की कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार परिवार के 10 सदस्यों का सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर भेजा गया था। सभी की रिपोर्ट निगेटिव है। परिवार की एक महिला दिल्ली में कोरोना से पीड़ित हो गई थी। हालांकि इलाज के बाद वे पूरी तरह ठीक होने के बाद अंबिकापुर लौटीं थी। इससे मोहल्ले में अफवाह फैल गई थी।
देश- विदेश से आए सभी लोगों का सैंपल लेकर रायपुर में कराई गई है कोरोना जांच
सरगुजा जिले में अब तक 483 लोगों का सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर भेजा गया है। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं जो विदेश व देश के दूसरे राज्यों से लौटे हैं। इसके अलावा रैंडम सैंपल भी लेकर भेजे गए हैं। इनमें से 393 की रिपोर्ट आ गई और सभी निगेटिव है। हालांकि 90 की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। एक दो दिनों में इनकी भी रिपोर्ट आने की उम्मीद है। फिलहाल अब तक आई रिपोर्ट निगेटिव होने से राहत है।
स्वास्थ्य विभाग हालात पर रखे हुए नजर, लोग बरतें सतर्कता
"स्वास्थ्य विभाग हालात पर नजर रखे हुए है। बाहर से लाए जाने वाले एक-एक व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। अब तक कोई कोरोना संदिग्ध नहीं मिला है। लोग अपने-अपने स्तर पर सतर्कता बरतें और शासन व प्रशासन द्वारा बताए नियमों का पालन करें। कोरोना से बचाव का यह सबसे बेहतर तरीका है।"
-डाॅ. पीएस सिसोदिया, सीएमएचओ, सरगुजा



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11 hundred people did not get any symptoms of cold and cough, symptoms of corona infection




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ट्रेन से आने वाले मजदूरों के लिए बनाए गए चार पिकअप पॉइंट

कोविड-19 वायरस के संक्रमण को रोकने और उसके नियंत्रण के मद्देनजर ‌छत्तीसगढ़ राज्य से अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए लोगों की जिले में वापसी होने
वाली है।
ऐसे व्यक्तियों को उनके गृह ग्राम तक पहुंचाने के लिए जिले के चार रेलवे स्टेशनों पर पिंक अप पाइंट बनाए गए हैं। जांजगीर-नैला, चांपा, अकलतरा और सक्ती के पिक- अप पॉइंट में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है । वन मंडल अधिकारी जेके उपाध्याय को जिले के उक्त चारों पिकअप पॉइंट पर बैरिकेडिंग निर्माण के लिए बांस, बल्ली उपलब्ध कराने कहा गया है। सीएमएचओ डॉ एसआर बंजारे को चारों पिक-अप पॉइंट पर आने वाले लोगों के स्वास्थ्य जांच के लिए एक-एक मेडिकल टीम की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग वाई के गोपाल को सभी पिक अप पाइंट पर निर्देशानुसार बेरीकेडिंग की व्यवस्था करने कहा गया है। एसडीओ अनुविभागीय यांत्रिकी, प्रबंधन सीआर निराला को प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था ,माईक,लाऊड स्पीकर की ब्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।



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वैध यात्रा पास के बिना सीमा पार करना कठिन

जिले की विभिन्न सीमाओं से प्रवासी श्रमिक, तीर्थ यात्री, पर्यटकों, छात्रों एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा अंतरराज्यीय आवागमन भी किया जा रहा है। अकलतरा-बिलासपुर फोर लेन में बिलासपुर जिला से जांजगीर आने वाले एवं जांजगीर जिला से बिलासपुर जाने वाले वाहनों की जांच की जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा फोर लेन जांच पोस्ट में आरईएस के एसडीओ आरपी माहेश्वरी, रवि शर्मा एवं राजेंद्र कुमार ध्रुव की ड्यूटी लगाई गई। चेक पोस्ट से आने-जाने वाले वाहनों के कागजों एवं अनुमति की जांच की गई। ई-पास एवं शासन द्वारा जारी परिवहन पास दिखाने पर ही बिलासपुर एवं जांजगीर-चाम्पा जिला में आने-जाने की अनुमति दी गई। बिना अनुमति के आने वाले वाहनों को चेक पोस्ट से वापस लौटा दिया गया। परियोजना अधिकारी रवि शर्मा ने बताया कि वाहनों के कागज एवं अनुमति देखने के बाद ही आने-जाने की अनुमति दी गई। बिना आदेश के वाहनों को चेक पोस्ट से वापस लौटा दिया गया।
एसपी ने सीमा का निरीक्षण किया
अकलतरा-बिलासपुर फोर लेन सीमा पर गुरुवार दोपहर 1 बजे एसपी पारुल माथुर ने निरीक्षण किया। उनहोंने स्वयं वाहनों के कागजात एवं परमिट की जांच भी की। उन्होंने अफसरों व आरक्षकों को ई-पास एवं वैध दस्तावेज के आधार पर ही सीमा से आने एवं जाने की बात कही गई। ई-पास नहीं होने पर सीमा में प्रवेश नहीं देने की बात कही गई।



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Difficult to cross the border without a valid travel pass




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जमीन में सोए दो लोगों को सांप ने डसा, दोनों की मौत

जमीन में सोए एक मासूम व एक युवक को बुधवार की रात जहरीले सांप ने डस लिया। घरवालों को गुरूवार की सुबह घटना की जानकारी हुई। मासूम साहिल का इलाज कराने के लिए उसे कैथा ले गए तो युवक शिवकुमार रोहिदास को बिलासपुर ले जा रहे थे। दोनों की मौत हो गई। घटना शिवरीनारायण थाना क्षेत्र के ग्राम लोहर्सी की है।
पामगढ़ थाना के एएसआई हरनारायण ताम्रकर के अनुसार ग्राम लोहर्सी के शिवकुमार रोहिदास के घर उसके रिश्तेदार बोरसी निवासी उसका मौसा नंदकुमार अपने चार साल के बेटे साहिल के साथ आया था। बुधवार की रात तीनों जमीन में सोए थे कि देर रात किसी जहरीले सांप ने शिवकुमार रोहिदास और साहिल को डस लिया। घटना की जानकारी घरवालों को गुरूवार की सुबह लगभग 5 बजे हुई।आनन फानन में डायल 112 को फोन से बुलाया गया।
इस बीच साहिल के पिता नंदकुमार साहिल का झाडफूंक कराने के लिए उसे कैथा ले गया। वहीं शिवकुमार को नीजि एंबुलेंस से बिलासपुर ले जाया जा रहा था, तब तक सांप का जहर फैल गया और रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। वापस पामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों मामलों में मर्ग कायम किया है।
इलाज कराते तो शायद बच सकती थी जान
चार साल के मासूम साहिल को उसके पिता झाड़फंूक कराने के लिए कैथा ले गए, किंतु वापस फिर से उसे अस्पताल लाया गया, तब तक देरी हो चुकी थी और सांप का जहर मासूम के शरीर में फैल चुका था।



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Snake bites two people sleeping in the ground, both died




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शराब दुकान हटाने प्रदर्शन कर रहीं दो महिलाएं हुईं बेहोश

ग्राम कापन में देसी शराब दुकान को हटाने की मांग पर गांव की महिलाएं चार दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। गुरुवार की सुबह 9 बजे शराब दुकान के सामने विरोध प्रदर्शन के लिए महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंचीं।
दोपहर 2 बजे धूप तेज होने से सुबह 9 बजे से बैठी गांव की श्याम बाई एवं रथबाई कश्यप दोनों महिलाएं चक्कर खाकर जमीन पर गिर पड़ी। पास में बैठी अन्य महिलाओं द्वारा दोनों महिलाओं के ऊपर पानी छिड़क कर होश में लाने का प्रयास किया गया। दोनों महिलाओं की हालत बिगड़ने पर धरना प्रदर्शन स्थल में बैठी अन्य महिलाओं द्वारा ग्राम कापन के सरपंच शंकर लाल गौतम को सूचना दी गई। सरपंच द्वारा 112 को सूचना दी गई, लेकिन दोनों वाहनों के पहुंचने में देरी होने पर सरपंच शंकर लाल गौतम द्वारा अपने निजी वाहन से दोनों महिलाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। डॉक्टर द्वारा प्राथमिक उपचार करने के बाद दोनों महिलाओं को एहतियात के तौर पर हॉस्पिटल में ही इलाज के लिए रखा गया। ग्राम कापन में 4 मई से देसी शराब दुकान को बंद कराने के लिए गांव की महिलाओं द्वारा चार दिनों से सुबह 9 से शाम 4 बजे तक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।



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Two women demonstrating removal of liquor shop became unconscious




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कुटीघाट सेंटर में रेड जोन से आए 45 मजदूर क्वारेंटाइन, इधर बिना सुरक्षा उपाय के ही परिजन आकर मिल रहे

बाहर से आने वाले मजदूरों से कोराेना का संक्रमण न फैले इसके लिए उन्हें गांवों से बाहर सुरक्षित व सुरक्षित स्थानों में क्वारेंटाइन किया जा रहा है। लेकिन जानलेवा संक्रमण के खतरे से अनजान उनके रिश्तेदार क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों से मिलने आते हैं। इतना ही नहीं नजदीक खड़े होकर देर तक बात भी करते हैं। यह लापरवाही प्रशासन के इंतजाम पर भारी पड़ सकती है। एक तो बड़ी संख्या में मजदूरों के आने से लोग सहमे हुए हैं और उस पर इस प्रकार की लापरवाही से कोरोना वायरस लोगों को चपेट में ले सकता है।
जिला प्रशासन के मुताबिक जिले में 30 हजार से अधिक मजदूर लौटेंगे। जिले में सबसे ज्यादा लगभग 9000 मजदूर पामगढ़ क्षेत्र में ही आएंगे। पामगढ़ ब्लॉक में 30 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। यहां दो तरह के क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। महाराष्ट्र और इंदौर सहित देश के ऐसे शहर या इलाके जो रेड जोन हैं और वहां कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा है, यहां से आए मजदूरों को शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल कुटीघाट में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। गुरुवार तक वहां 45 से अधिक श्रमिक पहुंच चुके थे। यहां रखे गए मजदूरों से उनके परिजन आकर मिल रहे हैं यह गंभीर है। इससे सामुदायिक संक्रमण का खतरा है। इससे जांजगीर-चांपा जिले के साथ ही पड़ोसी जिलों को भी खतरा हो सकता है। दूसरा क्वारेंटाइन सेंटर मेंहदी के हायर सेकंडरी स्कूल को बनाया है, यहां ग्रीन जोन से आने वाले लोग रखे जाएंगे। इन दो क्वारेंटाइन सेंटर में हाउसफुल होने के बाद दूसरे सेंटर में मजदूरों को रखा जाएगा।
बच्चों के डॉक्टरभी गैर जिम्मेदार

कोटा में रह रहे जिले के 130 विद्यार्थियों को मंगलवार की रात राजधानी रायपुर से जांजगीर लाया गया। यहां सभी बच्चों को लाइवलीहुड कॉलेज लाया गया। पालकों से बच्चों को होम आइसोलेशन में रखे जाने का शपथ पत्र लिया गया। रात में नगर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके प्रसाद अपनी बेटी को लेने गए। उन्होंने क्वारेंटाइन में रहने के लिए शपथ पत्र भी दिया लेकिन घर पहुंचते ही शपथ भूल गए। सुबह वे अपने क्लीनिक में भी इलाज करने के लिए बैठ गए। जब प्रशासनिक अफसरों को इसकी जानकारी हुई तो अधिकारी उनके क्लीनिक पहुंचे ओर उन्हें फटकारते हुए क्लीनिक बंद कराया तथा क्वारेंटाइन में रहने के लिए निर्देशित किया।



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Quarantine of 45 laborers from Red Zone in Kutighat Center, families are coming here without security measures




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साहब! पत्नी को मायके छोड़ने... बच्चे को लेने... मां का इलाज कराने... बेटे की बारात लेकर जाना है, कृपया अनुमति दीजिए

साहब! सास की तबीयत खराब है, पत्नी को उनके मायके छोड़ने जाना है, बच्चा बाहर पढ़ाई करता है, उसे लाना है। बेटे की शादी है, बारात ले जाने की अनुमति चाहिए... ऐसे दर्जनों आवेदन रोज जिला प्रशासन के पास आ रहे हैं। ढील के कारण लोगों को आसानी से जिले से बाहर जाने की अनुमति भी मिल जा रही है। अभी तक 650 से अधिक लोगों को अनुमति जिले से बाहर जाने के लिए दी जा चुकी है।
देश भर में लागू लॉकडाउन के बाद 24 मार्च से लोगों का घरों से बाहर निकलने की भी मनाही थी। ऐसे में वे लोग जो दूसरे जिले में हैं वे वहीं रह गए तो शादी की तिथि भी बदलनी पड़ी, जिले से जिले में शादी करने की अनुमति मिली तो अन्य जिले में जाने के लिए लॉकडाउन के दूसरे चरण तक अनुमति नहीं मिल पाई। इस वजह से लगभग डेढ़ माह तक लोगों को अपने घरों में ही रहना पड़ा। इस दौरान किसी के घर परिवार में किसी की मौत भी हुई तो अनुमति नहीं मिलने के कारण अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो सके। अब ऐसे लोग अपने लोगों से मिलने के लिए अनुमति ले रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा भी अनुमति आसानी से दी जा रही है।
आवेदन में देनी होगी पूरी जानकारी
कहीं भी बाहर जाने के लिए पहले दिन दोपहर 1.30 बजे तक आवेदन लिया जा रहा है। आवेदन में संबंधित को पूरी जानकारी देनी होगी। जैसे जाने वालों के नाम, जिस वाहन से जाएंगे उसका नंबर और उसी वाहन से जाना जरूरी। जिस काम से जा रहा है उसका उल्लेख जरूरी, क्या जाने वाले वहीं रुकेंगे या सेम डे या दूसरे दिन वापस लौटेंगे। ऐसी तमाम जानकारी देनी होगी। तब अनुमति मिलेगी। वैसे ही विवाह के लिए बारात जाने की अनुमति तब मिलेगी जब कन्या पक्ष के लोगों ने अपने जिले के प्रशासन से शादी की अनुमति ले ली हो।
प्राथमिकता के आधार पर दे रहे हैं अनमुति
"बाहर जाने वालों से आवेदन लिया जा रहा है तथा प्राथमिकता के आधार पर अनुमति भी दी जा रही है, संबंधित को अपनी पूरी जानकारी आवेदन के साथ देनी होगी। अभी तक 650 से अधिक लोगों को अनुमति दी जा चुकी है।"

-सचिन भुतड़ा, प्रभारी अधिकारी



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Sir! The wife has to leave the maternal house ... take the child ... treat the mother ... have to take the son's procession, please allow




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डिमांड के बाद भी नहीं पहुंचा सोयाबीन बीज

मौसम में बदलाव के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। इस साल बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण रबी फसल मसूर, धनिया, राहर, लाखड़ी, अलसी को नुकसान हु्आ है। सबसे ज्यादा चना फसल खराब हुई है। इस साल अधिकतर किसानों को लागत राशि भी नहीं मिल पाई। चना फसल में फूल आने के दौरान बेमौसम बारिश से फसल खराब हो गया। फल लगने के दौरान ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
किसान टीआर जनार्दन ने बताया कि 50 साल बाद यह पहली बार हुआ जब इस तरह से बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण फसल को नुकसान हुआ है। कृषि वैज्ञानिक और कृषि अधिकारी मौसम विभाग के पूर्वानुमान को नजरअंदाज कर किसानों को खेती किसानी के लिए सामायिक सलाह नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण किसान अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं। इसके चलते रबी और खरीब खरीफ फसल को नुकसान हो रहा है। इससे किसानों को परेशानी हो रही है।
किसानों को फसल चक्र अपनाने को लेकर कृषि विभाग ने गाइडलाइन जारी नहीं की है। ग्राम मोहतरा खंडसरा के किसान टीआर जनार्दन ने कहा कि किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गया है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों को फसल चक्र की समय सीमा और बीज का चयन किस
प्रकार से करें और बोनी की स्पष्ट गाइडलाइन तैयार कर किसानों को अभी से सलाह दें, ताकि किसान खरीफ और रबी फसल में भी नुकसान से बच सके।
पांच दिनों के भीतर समितियों में पहुंचा दिया जाएगा सोयाबीन बीज: इस साल 12 से 15 प्रतिशत तक धान की खेती में वृद्धि की संभावना है। अभी तक किसानों के अनुसार 25000 क्विंटल धान की बीज धान की आवश्यकता जिले में है। पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा दोगुना हो रहा है। कृषि उपसंचालक एमडी मानकर ने बताया कि फील्ड में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी किसानों के संपर्क में है। बीज खाद की स्थिति ठीक है। मौसम इस साल वैज्ञानिकों के अनुसार 100 फ़ीसदी अनुकूल रहेगा।बीज निगम से धान महामाया, राजेश्वरी, स्वर्णा, महामाया मीडियम, राजेश्वरी धान का भंडारण किया गया है। किसानों को पर्याप्त मात्रा में बीज वर्तमान में उपलब्ध है। आगामी हफ्ते के बाद 7600 क्विंटल सोयाबीन बीज सहकारी केंद्रों में पहुंचा दिया जाएगा।

केंद्रों मेंकेवल धान का बीज उपलब्ध

विभाग गांव में अर्ली वैरायटी और देर से पकने वाले बीज के संबंध में किसानों को जानकारी नहीं दे रहा है। इसके कारण किसानों को खेती करने के तरीके की जानकारी नहीं मिल रही है। पर्याप्त मात्रा में बीज का भंडारण समितियों में नहीं हो पाया है। केवल धान बीज उपलब्ध है। वह भी समितियों के डिमांड के अनुसार बीज निगम ने केंद्रों में सप्लाई नहीं की है। सोयाबीन बीज अभी तक बेमेतरा जिले के किसी भी सहकारी केंद्र में नहीं पहुंच पाया है। किसान रामकुमार पटेल, मेघराज भारतीय ने बताया कि कृषि विभाग खरीफ फसल को लेकर व्यापक कार्य योजना मौसम परिवर्तन को ध्यान में रखकर तैयार कर किसानों को नियमित रूप से जानकारी दें।



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दूसरे राज्यों में काम करने गए 30355 मजदूर फंसे

बेमेतरा जिले से दूसरे राज्यों में मजदूरी करने 30355 मजदूर गए हुए हैं जो लॉकडाउन के कारण फंसे हैं। जिला पंचायत सीईओ रीता यादव के मुताबिक ये आंकड़े जिला प्रशासन द्वारा शासन को भेजा गया है। इसमें मुख्य रूप से जिले के करीब 15 हजार मजदूर महाराष्ट्र के पुणे शहर में फंसे हैं।
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी फैली हुई है। एहतियात के तौर पर महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश के लखनऊ से आने वाले मजदूरों के ठहरने के लिए जिला प्रशासन ने अलग से व्यवस्था बनाई है। शासन द्वारा ऐसे मजदूरों को घर वापसी की अनुमति दी गई है जो धीरे-धीरे अपने गांव पहुंचने लगे हंै।
राज्य शासन को स्थानीय प्रशासन द्वारा मजदूरों की जानकारी भेज दी गई है। मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखने के लिए ग्राम पंचायत, सामुदायिक भवन व स्कूल में रखने की व्यवस्था की गई है। जहां 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। व्यवस्था बनाने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा पंचायत भवन, स्कूल की साफ-सफाई कर सैनिटाइज करने कहा गया है।
सचिव, पुलिस व पंचायत पदाधिकारी करेंगे मजदूरों की निगरानी: जिला पंचायत सीईओ रीता यादव ने बताया कि बेमेतरा जिले से 30355 मजदूर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए है। जिसकी जानकारी राज्य सरकार को भेजी गई है। इसमें करीब 15000 मजदूर महाराष्ट्र के पुणे शहर में है। मजदूरों के लौटने पर उन्हें ग्राम पंचायत, सामुदायिक भवन में 14 दिन तक क्वारेंटाइन पर रखा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे मजदूरों का स्वास्थ्य जांच किया जाएगा। मजदूरों की निगरानी रखने सचिव, पुलिस बल के साथ कोटवार और पंचायत प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ताकि कोई भी व्यक्ति क्वारेंटाइन सेंटर से बिना अनुमति के बाहर ना निकल सके।

इधर गांव में रह रहे लोग संक्रमण की आशंका से डरे
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के फैलने व मजदूरों के लौटने से गांवों के लोग दहशत में है। इसके साथ ही सुरक्षा को देखते हुए ग्रामीण मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर से बाहर नहीं निकलने की मांग कर रहे हैं। ताकि संक्रमण का खतरा न रहे। शहरी क्षेत्र में क्वारेंटाइन सेंटर में एक साथ बड़ी संख्या में मजदूरों को ठहराने की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं होने के कारण प्रशासन फिलहाल गांव गांव में सरकारी भवनों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाने व स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर व्यवस्था बनाई गई है। ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवा के अलावा रहने की समुचित सुविधाएं मिल सके।



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लाॅकडाउन के नियमों का पालन कर अब माइंस में तीन पाली में काम शुरू

लाॅकडाउन के दौरान माइंस में दो पाली में कार्य करने से उत्पादन प्रभावित हाे रहा था। वर्तमान में बालोद जिला ग्रीन जोन में आने के बाद माइंस यूनियन के पदाधिकारी कंवलजीत सिंह मान, अभय सिंह, एमपी सिंह, प्रकाश क्षत्रिय, ज्ञानेन्द्र सिंह, गणेश राम चाैधरी से सहमति लेकर वापस तीन पाली में कार्य शुरू कर दिया गया।
इस संबंध में खान मुख्य महाप्रबंधक तपन सूत्रधार से चर्चा करने पर बताया कि लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए माइंस क्षेत्र को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जा रहा है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हाथ धुलाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
दल्ली माइंस व राजहरा माइंस में नाइट शिफ्ट में कार्य करने वाले लगभग 80 कर्मचारी काम पर जाने से हमारा उत्पादन लक्ष्य तक तकरीबन पहुंच चुके हैं। फिर भी काम की रफ्तार में कमी होने से 3 रेक के बजाय ढाई रेक ही आयरन ओर भिलाई परिवहन कर पा रहे हैं। वर्तमान में भिलाई स्टील प्लांट में लगभग एक लाख टन आयरन ओर डंप किया जा चुका है। आने वाले कुछ दिनों में हम लगभग 2 लाख टन आयरन ओर डंप करने रखने का लक्ष्य है। ताकि प्लांट के सभी यूनिट के चालू होने से आयरन ओर की पूर्ति की जा सकेगी।
वर्तमान हालात पूरे विश्व में स्टील मंदी के दौर से गुुजर रहा है। भिलाई स्टील प्लांट से निर्मित स्टील दुनिया में नंबर वन पर है। आने वाला समय में स्टील की मांग व खपत बढ़ने वाली है जिसकी तैयारी हम अभी से कर रहे है। कई देशों में स्टील का निर्यात किया जाएगा।



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8 दिन से युवक को सर्दी-खांसी, संदिग्ध मानकर कोविड अस्पताल में किया भर्ती

गुरूवार को 27 लोग हैदराबाद से 700 किलोमीटर का सफर तय कर गुंडरदेही ब्लॉक के एक गांव पहुंचे। जिसमें से एक 20 वर्षीय युवक को लगातार सर्दी, खांसी हो रही थी। गांव पहुंचने के बाद तबियत और खराब हो गई। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य परीक्षण कर रैपिड टेस्ट किट से जांच कर सुरक्षा के लिहाज से शाम 7 बजे के बाद युवक को संजीवनी 108 एक्सप्रेस के माध्यम से कोविड अस्पताल पहुंचाया। सरपंच के अनुसार सभी हैदराबाद से पहुंचे थे। सिर्फ एक को छोड़ बाकी स्वस्थ है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से किट के माध्यम से जांच की गई है, रिपोर्ट की जानकारी अभी नहीं दी गई है। युवक को बालोद कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। इसके पहले भी कोविड अस्पताल में सर्दी, खांसी, तेज बुखार, सीना दर्द की शिकायत होने पर कोरोना संदिग्ध मानकर मरीजों को भर्ती किया गया था। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि जब तक किट के माध्यम से संभावित का पता नहीं चल जाता, तब तक संदिग्ध नहीं मान सकते।



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The youth admitted to Kovid Hospital for 8 days as a cold-cough, suspected




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जिलेभर में 22.7 मिमी बारिश, तेज हवा से खेतों में झुकी धान की फसल

गुरुवार को अलसुबह 3 बजे से मौसम ने करवट बदली। गरज-चमक के साथ जिलेभर में 22.7 मिमी बारिश हुई। इस दौरान 24 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली। जिसके चलते खेतों में धान की फसल झुक गई। सुबह जब किसान पहुंचे तो बालियां बिखरी हुई मिली। घुमका-सांकरा के बीच खेतों में फसल की बर्बादी हुई। किसान भोजेश साहू,जागेश्वर, पन्नालाल, चिंताराम ने कहा कि इससे नुकसान तय है।

इस वजह से मौसम बदला
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश में चक्रीय चक्रवाती घेरा व बिहार और तमिलनाड़ु में द्रोणिका बनने का असर यहां दिखा। मौसम में बदलाव के साथ बौछारें पड़ी।
37 डिग्री तापमान, चली ठंडी हवा
गुरुवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री रहा। जो पिछले 24 घंटे की अपेक्षा 4 डिग्री कम है। सुबह 8 बजे के बाद मौसम साफ हुआ। ठंडी हवाएं चलने से सूर्य की तपिश, तेज गर्मी व उमस से राहत मिली।
जानिए, आगे क्या होगा
शुक्रवार को सुबह से दोपहर तक मौसम साफ रहेगा। हालांकि बादल छाए रहेंगे। लेकिन बारिश के आसार कम है, सिस्टम सक्रिय नहीं है।



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22.7 mm of rain across the district, strong wind, paddy crop in the fields




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अप्रैल-मई का अतिरिक्त चावल व चना 31 तक ले सकेंगे फ्री में

जिले के 442 राशन दुकानों में चावल लेने को लेकर लगाई गई बंदिशें हटा दी गई है। अब बीपीएल कार्डधारी कभी भी इस माह के अंदर चावल लेने पहुंच सकते हैं।
अप्रैल-मई का अतिरिक्त चावल पहुंच गया है। जिसे 31 मई तक मुफ्त में ले सकेंगे। जून का चावल इस माह नहीं ले जाएंगे तो अगले माह ले जा सकते हैं। पहले वार्डवार हितग्राहियों को बुलाकर चावल वितरित किया जा रहा था। जिसके कारण लोग जरुरी काम छोड़कर चावल लेने लाइन लगाने मजबूर थे लेकिन अब आवश्यकता अनुसार पहुंच सकते हैं। मास्क पहनना जरूरी है। इस माह से अप्रैल, मई और जून का अतिरिक्त चावल बांटा जा रहा है। इसके अलावा जून माह का आवंटन हिसाब से बांट रहे हैं।
अफसरों का कहना है कि लोगों में जागरुकता आने लगी है, भीड़भाड़ न हो इसलिए राशन दुकानों के सामने मार्किंग की गई है। इसी हिसाब से लोग अपने सुविधानुसार चावल लेने के लिए पहुंच रहे हैं।
साबुन, बाल्टी, पानी की व्यवस्था की गई है ताकि हाथ धोकर लोग चावल लेने लाइन में लग सकें। इससे कोरोना का संक्रमण भी नहीं रहेगा। सोशल डिस्टेंस का पालन होगा। पहली बार चार ब्लॉक बालोद, गुरूर, गुंडरदेही व डौंडीलोहारा के बीपीएल परिवारों को चावल के साथ एक किलो चना भी दिया जा रहा है।
जिला खाद्य अधिकारी विजय किरण ने बताया कि अप्रैल-मई का अतिरिक्त चावल राशन दुकानों में पहुंच चुका है, कार्ड दिखाकर हितग्राही 31 मई तक ले जा सकते हैं। इसके बाद जून माह में उसी माह का आवंटन ले सकते हैं। इसमें किसी तरह की बाध्यता नहीं है। हमारा उद्देश्य यही है कि सभी को शासन के आदेश व आवंटन अनुसार चावल मिले।

जिनके पास कार्ड नहीं वे परेशान न हों, उन्हें पंचायतों व अन्न बैंक से मिलेगा चावल, नान से कर रहे हैं भंडारण
जिले के 8 शहरी और 435 ग्राम पंचायत क्षेत्र में जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी प्रत्येक सदस्य के हिसाब से 5-5 किलो चावल मिलेगा। ऐसे परिवारों के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अलग-अलग व्यवस्था बनाई गई है। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं शहरी क्षेत्र में अन्न बैंक के माध्यम से जरूरतमंदों को चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में आवंटन अनुसार बीपीएल व एपीएल परिवारों को चावल वितरण किया जा रहा है। जिला खाद्य अधिकारी विजय किरण ने बताया कि जिन परिवारों के पास कार्ड नहीं है, आवेदन लेकर राशन कार्ड बना रहे हैं। दरअसल शासन ने निर्णय लिया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन में प्रभावित राशनकार्ड विहीन परिवारों को भी खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराया जाए। सभी राशन दुकानों में चावल, चना का वितरण हो रहा है। शासन, खाद्य, नान विभाग की ओर से चावल, चना का भंडारण अब तक जारी है। ताकि सभी लोगों को सामग्री दी जा सके और कोई परेशानी न हो।



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