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न्यूजर्सी से परिवार समेत शादी में आए फाेर्ट्रीज बैंक के सी. वाइस प्रेसिडेंट विशाल, 70 दिन तक फंसे रहे माउंट में

न्यूजर्सी, अमरीका से माउंटआबू में गत 29 फरवरी को अपने ससुराल में एक शादी में शामिल होने आए एक परिवार को 70 दिन बाद वंदेभारत सेवा के तहत भेजी जा रही फ्लाइट से वापस जाने का मौका मिला है।
इस मामले में पूर्व जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया, कलेक्टर भगवतीप्रसाद कलाल एवं गृह सचिव एमएल मीणा के प्रयासों से यह संभव हाे पाया और यह परिवार शनिवार देर रात 3 बजे माउंटआबू से कार से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गया।
जानकारी के अनुसार मूलत: जयपुर हाल न्यूजर्सी में निवासरत न्यूयार्क स्थित फाेर्ट्रीज बैंक में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विशाल गट्टानी अपने परिवार के साथ 29 फरवरी को माउंटआबू में अपने ससुर होटल व्यवसायी महेन्द्र बंसल के यहां शादी में शामिल होने आए थे। 23 मार्च से देश व्यापी लॉकडाउन लागू हाेने के चलते वे वापस नहीं जा सके थे तथा यहीं अटक गए थे। इस दौरान पूर्व जिला प्रमुख के माध्यम से उन्हें केंद्र सरकार द्वारा अमरीका से प्रवासियों को वापस लाने के लिए भेजी जा रही वंदेमातरम फ्लाइट के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद इन्होंने इसके टिकट के लिए आवेदन किया। टिकट मिलने के बाद इस परिवार ने राहत की सांस ली। अब दिल्ली से रविवार रात डेढ़ बजे वाशिंगटन जाने वाली फ्लाइट से यह परिवार रवाना हाेगा, वहां से न्यूजर्सी का सफर सड़क मार्ग से तय करेंगे।
माउंटआबू में रिलेक्स मिला, लेकिन बाद में क्या पता कब जाने का मौका मिलेगा
विशाल का कहना था कि माउंटआबू का वातावरण बेहद खुशनुमा है। यहां आकर वे काफी रिलेक्स महसूस कर रहे थे। जब से वे यहां अटके हुए थे ताे वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। इसके लिए उन्हें शाम 4 से सुबह 4 बजे तक लगातार काम करना पड़ रहा था।



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पॉजिटिव मिली महिला के संपर्क में आए 20 लोगों को किया क्वारेंटाइन

आबूरोड शहर में कोरोना पॉजिटिव मिली महिला के संपर्क में आए 20 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया है। साथ ही शहर में तीन किलोमीटर के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में रविवार से खाने-पीने के जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए प्रशासन ने व्यापारियों को अधिकृत किया है। दूध, फल-सब्जी व राशन का सामान अधिकृत दुकानदार घर-घर आपूर्ति करेगा। इसकी मॉनिटरिंग के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। कार्यपालक मजिस्ट्रेट तहसीलदार दिनेश आचार्य ने बताया कि अधिकृत दुकानदार रोजाना सवेरे 6 से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र की आमजनता से किराणा सामान की मांग संबंधित मोबाइल पर आॅर्डर लेकर शाम 4 से 7 बजे तक सप्लाई करेंगेे। प्रवर्तन निरीक्षक अतुल बडाया एवं अधिशासी अधिकारी त्रिकमदान चारण इस पर मॉनिटरिंग करेंगे। प्रभारी अधिकारी संबंधित वार्डों में किराणा एवं अन्य सामान वितरण व्यवस्था एवं इनसे संबंधित प्राप्त मांग व शिकायतों का समाधान करवाएंगे। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में सवेरे 7 से 11 बजे तक वाटर कैंपर सप्लाई किया जा सकेगा। एसडीएम डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र घोसी मोहल्ला, कुम्हार मोहल्ला, अंबिका टिंबर्स के पास, तहसील कार्यालय, नगरपालिका कार्यालय, सिंधी धर्मशाला, विष्णु धर्मशाला, पत्थरगली, सदरबाजार, कैलाशमेडिकल, पारसीचाल एवं पुराना नगरपालिका भवन होते हुए विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्हाेंने इस दौरान शहर में आवाजाही करने वाले हर एक व्यक्ति काे सेनेटाइज करने के साथ ही उसका रिकाॅर्ड मेंटेन करने के आदेश दिए। इस दौरान डीएसपी प्रवीण कुमार सैन, यूआईटी सचिव कुशल कोठारी, तहसीलदार दिनेश आचार्य व नगरपालिका अधिशासी अधिकारी त्रिकमदान चारण साथ रहे।

शहर में कर्फ्यू लागू होने के पहले ही दिन ही शहर में दूध वितरण व्यवस्था ठप हो गई। सवेरे करीब 9 बजे सिंधी कॉलोनी-गुरुनानक कॉलोनी तिराहे पर दूध का वाहन पहुंचा। इसकी जानकारी मिलते ही वहां पर लोगों की भीड़ जुट गई। इसकी सूचना मिलने पर शहर पुलिस थानाधिकारी अनिल विश्नोई की अगुवाई में पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। इसके बाद भीड़ को वहां से हटवाया।



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Quarantine 20 people who came in contact with positive woman




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फल-सब्जी मंडी आज से पांच दिन रहेगी बंद सूचना पर रोजाना से 1500 लोग आए ज्यादा

सिरोही, पाली व जालोर जिले की सबसे बड़ी महात्मा ज्योतिबा फूले फल-सब्जी गौण मंडी शिवगंज २ प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क बढ़ाने के विरोध में व्यापारियों ने रविवार से 5 दिन के लिए बंंद का आह्वान किया है। इसकी जानकारी मिलने पर शनिवार को मंडी में हमेशा से करीब 1500 से अधिक ज्यादा एवं दुगने वाहन ओर बाइक आए है। वाहनों व लोगों की संख्या बढऩे और सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं होने से फल-सब्जी के थोक विक्रेताओं ने कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की आशंका जताई है।
मंडी में फल-सब्जियां लेने के लिए रोजाना करीब 50 से 60 लोडिंग वाहन आते है और लोकल व्यापारियों व लोगों के 900 से अधिक बाइक-स्कूटर आते है, लेकिन मंडी रविवार से 5 दिन के लिए बंद होने की जानकारी मिलने पर फल-सब्जियां लेने के लिए शनिवार को करीब 100 लोडिंग वाहन और 2 हजार से ज्यादा बाइक-स्कूटर पहुंच गए। मंडी रोजाना रात ३ बजे मंडी खुलती है, जिसमें सुबह ८ बजे तक फल-सब्जियों का क्रय-विक्रय होता है।
मंडी बंद होने की सूचना मिलने पर स्थानीय लोग अधिक आए, जिससे मंडी परिसर खचाखच भर गया
फल एवं सब्जी थोक विक्रेता कल्याण समिति अध्यक्ष अमृतलाल गहलोत ने बताया कि कृषक कल्याण शुल्क लगाने के विरोध में 10 मई से 5 दिन के लिए मंडी बंद रखी गई है, जिसकी जानकारी होने पर फल-सब्जियां लेने के लिए स्थानीय लोग ही अधिक आए, जिससे मंडी परिसर खचाखच भर गया था। वाहन, बाइक भी दुगने आए। ऐसे में सोशल डिस्टेंस की व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई। इसमें सुधार लाने के लिए प्रशासन को कोई कदम उठाना चाहिए।
मंडी बंद होने से किसानों की बढ़ी चिंता
फल-सब्जी मंडी 5 दिन के लिए बंद होने से विशेषकर किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि कई सब्जियां ऐसी है, जो 5 दिन तक पौधों पर रहने से खराब हो जाती है। जिन्हें मंडी में बेचने के लिए लाने पर कोई नहीं लेगा। इसके लिए 2 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क के आदेश को निरस्त करवाने की मांग पर प्रशासन की ओर से पहल कर फल-सब्जी विक्रेताओं से बात करनी चाहिए।
मंडी में शनिवार को फल-सब्जियों के भावों में भी उतार-चढ़ाव रहा। केला 20 किलो कैरेट 250 रुपए, आम तोता 30-35, नारियल 15-23, आम केसर 60-80, खरबूजा 5-10, तरबूज 5-8, लोकी 3-5, तरककड़ी 3-4, भिंडी 15-20, ग्वार फली 25-30, अदरक 70, मिर्ची पतली 12-15, मिर्ची 5-6, टिंडी 10-12, धाणिया 15-20, निंबू 30-40, पत्ता गोभी 3-4, खिरा ककड़ी 5-8 रुपए प्रति किलों की दर से बिक रही है।
प्याज-आलू की बिक्री भी रहेगी बंद
व्यापारियों ने बताया कि मंडी के बंद दौरान प्याज-आलू की बिक्री भी पूर्णत्या बंद रखने की घोषणा की है। इसके पहले मंडी बंद रखी गई थी, उसमें आलू-प्याज की बिक्री चालू रखी गई थी, लेकिन इस बार मंडी में इसकी बिक्री भी नहीं होगी। व्यापारियों ने चेतावनी दी कि 2 प्रतिशत शुल्क का आदेश वापस नहीं लिया, तो आगे की कार्रवाई के लिए भी विचार विमर्श किया जाएगा।



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Fruit-vegetable market will be closed for five days from today, 1500 people came more than daily information




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श्रीगंगानगर में दिन का पारा 44.30 डिग्री पहुंचा, बढ़ गई गर्मी

इलाके में गर्मी अब परवान चढ़ने लगी है। शनिवार काे दाेपहर में प्रचंड गर्मी के कारण लॉकडाउन में छूट के बावजूद इक्का दुक्का वाहन भी दिखाई नहीं दिए। इससे पहले सुबह का तापमान भी राेजाना से ज्यादा रिकाॅर्ड किया गया। भीषण गर्मी शुरू हाेते ही बेसहारा पशु, श्रमिक दाेपहर में छांव की तलाश शुरू कर दी। आमताैर पर अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में भीषण गर्मी दस्तक दिया करती है, लेकिन बार बार माैसम के यू टर्न लेेने के कारण गर्मी देर से शुरू हुई है। शनिवार काे पहली बार तापमान 44 डिग्री का आंकड़ा पार कर 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जाे शुक्रवार के मुकाबले 2.4 डिग्री सेल्सियस अधिक था। शुक्रवार दिन का तापमान 41.9 डिग्री दर्ज किया गया था।



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48 दिनों से लॉकडाउन में फंसी, रोजाना 30 किमी पैदल चल रही हूं, पैरों में छाले पड़े...पर अपने बच्चे पर आंच नहीं आने दी

मेरा नाम सुनीतादेवी है। ठाकरांवाली की रहने वाली हूं। अपने मासूम बच्चे के साथ 48 दिनाें से लाॅकडाउन में फंसी हुई हूं। बीकानेर में जीरे की फसल काटने गए थे। लॉकडाउन के बाद अावागमन बंद हाे गया। तब से मैं और पूरा परिवार रास्ताें पर ही भटक रहा है। इस चिलचिलाती धूप में भी कई किलाेमीटर पैदल चली, ताकि अपने घर पहुंच सकूं। चार साल का बेटा मेरी गोद में ही रहा। उसे एक पल के लिए अपनी गोद से नहीं उतारा।

चलते-चलते मेरे पैरों में छाले पड़ गए, लेकिन उसे एक आंच तक नहीं आने दी...क्योंकि मैं मां हूं। रास्ते में मैंने महसूस किया कि मेरे जैसी न जाने कितनी माताएं सड़क पर ऐसे ही अपने बेटे को गोद में उठाए चले जा रही थी। कोरोना बीमारी भी ऐसी है, जिसने अपनों को अपनों से ही दूर कर दिया। कोई मदद करने को तैयार नहीं। हम तो मजबूर हैं, लेकिन मैं घर बैठी हर मां से अपील करती हूं कि वे घर ही रहें। अनावश्यक घर से न निकलें और अपने बच्चों का ख्याल रखें।



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Stuck in lockdown for 48 days, walking 30 km daily, blisters on feet ... but did not let my baby get hurt




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व्यापारी ने हाथ से सिले 700 मास्क, आमजन को बांट कोरोना संक्रमण से किया जागरुक

कस्बे के एक खाद बीज विक्रेता ने सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी, आमजन, किसान व बाजार में बिना मास्क लगाकर आए बच्चों व महिलाओं को 700 मास्क निशुल्क उपलब्ध कराए हैं।

व्यापारी नीरज कुमार उर्फ नीटू सिंघल ने बताया कि कस्बे में बिना मास्क के घूम रहे लोगो को देखकर मन में मास्क वितरण की बात सूझी। इस बात को एसडीएम कमलसिंह यादव व तहसीलदार अल्का श्रीवास्तव से साझा कर कपड़े के दो थान खरीदे।

पार्षद अंतिमा अग्रवाल के सानिध्य मेंं चार महिलाओं को सिलाई मशीन उपलब्ध कराकर मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया। इन महिलाओं ने तीन दिन में सात सौ मास्क सिल दिए जिन्हें बैंक, तहसील, उपखंड कार्यालय, कृषि उपज मंडी, रेलवे स्टेशन, नगरपालिका के कर्मचारी, कोरोना स्वयंसेवक, पुलिसकर्मियों सहित किसान, मजदूर, दुकानदार व आमजन को वितरित कर दिया।

भुसावर में कोरोना वायरस संक्रमण बचाव के चलते गांव बल्लभगढ़ निवासी पूर्व जिला परिषद सदस्य उषा सिंहपिछले पन्द्रह दिन से अपनी पड़ौसी महिला अर्चना बंसल के साथ कपड़ा के मास्क सिल रही हैं। वहीं इनका निशुल्क वितरण उनके पतियों द्वारा ग्रामीणों काे किया जा रहा है। अब तक उनके द्वारा 750 मास्क सिलकर वितरण कराए गए हैं। सिंह ने बताया कि वे अपनी पड़ौसी महिला के साथ घर का कामकाज निपटा कर दिनभर कपड़े के मास्क सिल रही हैं। वे दोनों दिनभर में 40 से 50 मास्क सिल लेती हैं। जिन्हें उनके पति बिना मास्क वाले ग्रामीणों को निशुल्क वितरण कर रहे हैं।

युवाओं ने किया कोरोना वारियर्स का सम्मान

जनूथर में कोरोना वायरस महामारी के चलते बचाव के प्रयास में लगे कोरोना वारियर्स का कस्बा के युवा खण्डेलवाल समाज के उपाध्यक्ष सतीश खण्डेलवाल, पंडित भवानी शंकर, डालचंद उपमन, प्रेमचंद दीवान, हरिओम सेजवाल ने स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियोंं व मीडिया कर्मियों का साफा बांधकर व माल्यार्पण कर स्वागत गया। इस मौके पर हरिओम सेजवाल द्वारा मास्क व डिटॉल साबुन का वितरण किया गया।



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गुजरात से 40 श्रमिक रोडवेज बस से अलवर आए

राजस्थान राेडवेज की एक बस से शनिवार काे गुजरात से 40 श्रमिक अलवर आए। इनमें एक श्रमिक मालाखेड़ा और 39 श्रमिक रामगढ़ क्षेत्र के थे।

रामगढ़ क्षेत्र के श्रमिकाें काे रोडवेज बस से अलवर से नाैगांवा भेजे गए जबकि मालाखेड़ा का श्रमिक अपने साधन से चला गया। ये श्रमिक कपास की कटाई के लिए गुजरात गए थे लेकिन लाॅकडाउन में वहां फंस गए।

शुक्रवार रात काे राेडवेज की एक बस से 25 श्रमिक शाहजहांपुर और दूसरी बस से 10 श्रमिक थानागाजी भेजे गए। एक बस से 17 श्रमिक यूपी से अलवर आए।



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40 workers from Gujarat came to Alwar by roadways bus




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एमआईए भी लौट रहा पटरी पर, 600 में से 200 उद्याेग शुरू

मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र में करीब 600 में से 200 उद्याेगाें में काम शुरू हाे गया है। राज्य सरकार की ओर से काेराेना से बचाव के निर्देशाें की पालना करते हुए औद्याेगिक इकाइयाें काे शुरू करने की छूट 15 अप्रैल से दे दी गई थी।

इस छूट के बाद धीरे-धीरे एमआईए में औद्याेगिक माहाैल पटरी पर अाने लगा है। बड़ी इकाइयाें में काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि अभी श्रमिकों काे लेकर परेशानी आ रही है, क्याेंकि बाहर की लेबर बिलकुल नहीं है। जिले से आने वाले श्रमिक भी परिवहन सेवाएं शुरू नहीं हाेने से उद्याेगाें में नहीं पहुंच पा रहे है। शुरू हुए उद्याेगाें में अभी 30 प्रतिशत श्रमिक ही पहुंच पा रहे हैं।

राज्य सरकार के निर्देशाें का पालन करते हुए औद्याेगिक इकाइयाें में काेराेना से बचाव के आवश्यक प्रबंध किए गए हैं ताकि श्रमिकों काे किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। इसके बावजूद एमआईए में अभी करीब 70 प्रतिशत श्रमिक नहीं आ पा रहे हैं।

हैवेल्स इंडिया लिमिटेड के यूनिट हैड आरके काजला ने बताया कि हमने अपने प्लांट शुरू कर दिए हैं। समस्या यह अा रही है कि 30 प्रतिशत ही लेबर अभी हमारे प्लांट में आ पा रही है। हमारे पास कच्चा माल भी है और हमारे उत्पादाें की डिमांड भी है। लेबर नहीं हाेने के कारण हम पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। हमने पूरी तरह बचाव के उपाय अपनाए हुए हैं।

कठूमर, लक्ष्मणगढ़ व रामगढ़ क्षेत्र की लेबर हम तक पहुंच नहीं पा रही है। तेल उत्पादक यूनिट अलवर मैन्यूफैक्चरर्स के एमडी वीरेंद्र कुमार अग्रवाल का कहना है कि एमआईए में 10 से अधिक तेल उत्पादक इकाइयां हैं, ये सभी चल रही हैं। इस समय सरसाें आने से कच्चे माल की कमी नहीं है। लेबर संबंधी कुछ समस्या है। हमने अपने यहां लेबर के ठहरने की व्यवस्था की हुई है।

मत्स्य उद्योग संघ के अध्यक्ष मोहन निहलानी का कहना है यह सही है कि औद्याेगिक इकाइयाें के समक्ष लेबर की समस्या आ रही है। लीली से आने वाले श्रमिक अब नहीं आ पा रहे हैं। अन्य स्थानाें से भी लाेग नहीं अा पा रहे है। एमआईए में बाहर के रुके हुए श्रमिक घर जाना चाहते हैं। ऐसे में सभी फैक्ट्रियाें के समक्ष लेबर की समस्या है। कई इकाइयाें के समक्ष कच्चे माल की समस्या आ रही है।

कई उद्याेग इसलिए नहीं चल पा रहे हैं कि देश के महानगराें में कर्फ्यू लगे हाेने के कारण उनके उत्पादित माल काे बेचने में दिक्कत आ रही है। यही कारण है कि एमआईए की अधिकांश औद्याेगिक इकाइयाें में काम शुरू नहीं हाे पा रहा है। संघ के सचिव सुनील अग्रवाल का कहना है कि मार्बल उद्याेग ताे बिलकुल बंद है। इसकी 25 से 30 इकाइयाें में काम नहीं हाे रहा है क्याेंकि डिमांड ही नहीं आ रही है।

रीको के सीनियर रीजनल मैनेजर आदित्य शर्मा ने बताया कि फैक्ट्रियों में काम शुरू हुआ है पर लाॅकडाउन से पहले जिस तरह सभी फैक्ट्रियां चल रही थी, उस तरह नहीं हो पाया है। एक ताे लेबर नहीं मिल रही है। दूसरा-उद्योगपतियों में डर है कि कभी भी कुछ हाे सकता है। इसी कारण अभी वे अपना काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं। कुछ मिनरल इकाइयां शुरू हुई हैं। बड़ी फैक्ट्रियाें में काम शुरू हाे गया है।



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MIA is also back on track, 200 out of 600 industries begin




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अस्पताल स्टाफ के 50 कोरोना सैंपल लिए जाएंगे: कामरा

जिले में नागरिकों का रेंडम सर्वे कर 250 के सैंपल लेने के बाद रविवार से जिला अस्पताल और क्वारेंटाइन सेंटर्स पर ड्यूटी कर रहे स्टाफ के कोरोना जांच के सैंपल लिए जाएंगे। इसके लिए मेडिकल स्टाफ के 50 सैंपल लेने का प्रारंभिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पीएमओ डॉ. केएस कामरा ने बताया कि कलेक्टर ने एहतियात के तौर पर मेडिकल स्टाफ के भी सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं। ताकि उनके स्वास्थ्य की जांच हो सके। इस बीच पीएमओ के अनुसार शनिवार को जिला अस्पताल में कोरोना के 9 संदिग्ध रोगी भर्ती किए गए। इनके सैंपल लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज बीकानेर भेजे गए हैं। अब तक जिले में कोरोना की जांच के लिए 662 सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें से 653 की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है।



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पहले 100 पाॅजिटिव 25 दिन में मिले, दूसरे 100 महज 17 दिन में बढ़े, कुल 213 पहुंचा आंकड़ा

अजमेर में रविवार सुबह 2 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। जिसके बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 213 पहुंच गया है। इससे पहले शनिवार को 15 पॉजिटिव केस सामने आए ते। इनमें 4 प्रसूताएं भी शामिल हैं। बीते 48 घंटे में छह प्रसूताएं संक्रमित हो चुकी हैं, इसमें से एक प्रसूता ने शनिवार को नवजात को जन्म दिया है। अजमेर जिले में पहला कोरोना पॉजिटिव 27 मार्च को मिला था। 25 दिन बाद यानी, 22 अप्रैल को संक्रमितों की संख्या 100 के पार पहुंच गई। वहीं 18 दिन बाद यानी, 9 मई को जिले में पॉजिटिव 211 हो गए। जो अब 213 पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार जिले में पहले 100 पॉजिटिव मरीज जहां 25 दिन में सामने आए, वहीं दूसरे 100 पॉजिटिव महज 17 दिन में ही हो गए।

पिछले एक सप्ताह में 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है। बीते 24 घंटे के आंकड़े देखें तो अजमेर के आदर्श नगर, पर्वतपुरा बाइपास, वैशाली नगर, पंचशील, अजयनगर, नसीराबाद, किशनगढ़ शहर नए कोरोना क्षेत्र बनकर सामने आए हैं। चिकित्सा विभाग ने शनिवार को 108 लोगों के सैंपल लिए हैं।

लापरवाही...दो दिन बाद भी सैंपल नहीं लिए
केसरगंज बाबू मोहल्ला में पॉजिटिव मिलने के दो दिन बाद भी मोहल्लेवासियों के सैम्पल नहीं लिए गए हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि किसी भी परिवार से अबतक जानकारी भी नहीं ली है।

24 घंटे में यहां से मिले पॉजिटिव

  • अजमेर के सेटेलाइट अस्पताल में भर्ती 4 गर्भवती संक्रमित मिली हैं, सभी पर्वतपुरा बाइपास, ब्रह्मा का बाड़िया, आदर्श नगर, अजयनगर की रहने वाली हैं।
  • वैशाली नगर से एक महिला, पंचशील स्थित गणेश गुवाड़ी से एक युवक पॉजिटिव मिला है।
  • राजकीय महाविद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती तीन युवक और मानसिंह होटल की एक युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
  • ब्यावर के दुर्गा कॉलोनी व जसवंतपुरा निवासी दो युवक संक्रमित मिले हैं।
  • केकड़ी निवासी एक युवक की जांच रिपोर्ट भी शनिवार को कोरोना पॉजिटिव आई है।

अब जिले के 14 थाना क्षेत्रों में हॉट-स्पॉट
अजमेर जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से पुलिस और जिला प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। अब तक जिले में करीब 14 थाना क्षेत्रों में हॉटस्पॉट बन चुके हैं। पिछले 24 घंटे शहर में जो पॉजिटिव केस सामने आए, उनमें से आदर्श नगर, अजयनगर, परबतपुरा, बड़ल्या, पंचशील और मानसिंह होटल के क्वारेंटाइन सेंटर के लोग हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए अजमेर में अजयनगर के एक किमी क्षेत्र में और आदर्शनगर थाना क्षेत्र के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। केकड़ी में भी कर्फ्यू लगा दिया गया हैं। यहां काजीपुरा क्षेत्र से एक कोरोना संक्रमित पॉजिटिव आया है। शनिवार कa यहां पुलिस अधीक्षक कुंवर राषट्रदीप ने दौरा भी किया। नसीराबाद शहर एवं अजमेर उपखण्ड के जाटिया गांव व आसपास के क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है। नसीराबाद शहर का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र 'जीरो मोबिलिटी एरिया' घोषित किया गया है।



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अजमेर में घर-घर सर्वे लागातार जारी।




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अब तक 692 संक्रमित; राज्य में कोरोना से 10वीं मौत, फरीदाबाद में 73 साल की शुगर पेशेंट ने ईएसआई अस्पताल में दम तोड़ा

लॉकडाउन फेज-3 का आज7वां दिन है। फरीदाबाद में कोरोना से तीसरी मौत हो गई, जबकि प्रदेश में यह 10वीं मौत है। फरीदाबाद के ईएसआई अस्पताल में भर्ती 73 साल की एक शुगर पेशेंट महिला ने दम तोड़ दिया। महिलाआशा सूरी फरीदाबाद के सेक्टर-29 की रहने वाली थी। बीती 6 मई को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें ईएसआई अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हरियाणा में कुल मरीजों का आंकड़ा 692 पहुंच गया है। गुड़गांव के बाद सोनीपत में मरीजों की कुल संख्या 100 पहुंच गई है।

हरियाणा में इंडस्ट्री का चक्काचला

  • हरियाणा में न केवल स्थापित इंडस्ट्री का चक्का चलाने के भरसक प्रयास किए जा रहें हैं बल्कि निवेश के लिए भी अफसरों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। एमएसएमई इंडस्ट्री अब शुरू होने लगी हैं। राज्य में 24 लाख श्रमिकों-कर्मचारियों में 13 लाख को काम मिल गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के नाम संबोधन में दी। उन्होंने कहा कि जहां 6 लाख श्रमिकों ने अपने राज्यों में जाने के लिए पंजीकरण कराया है, वहीं एक लाख 10 हजार प्रवासी श्रमिक हरियाणा में आने के इच्छुक भी हैं।
  • चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक औरआर्थिक गतिविधियों में औरतेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। चीन से जो देश अपने औद्योगिक कार्यों स्थानांतरित अन्य देशों में करने इच्छुक है, वे अब भारत में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें हरियाणा में प्राथमिकता देने की पहल की जा रही है। जापान, अमेरिका, कोरिया, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान के निवेशकों के साथ हरियाणा लगातार प्रयासरत है। हरियाणा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में तीसरे स्थान पर हैं।

कोरोना से जान गंवाने वाली युवती का परिजनने शव लेने से इनकार
कोरोना से जान गंवाने वाली पानीपत की 20 साल की युवती का अंतिम संस्कार भी खानपुर के डॉक्टरों को कराना पड़ा, क्योंकि परिजनों ने शव लेने से ही इनकार कर दिया था। प्रोटोकॉल के अनुसार,ऐसे वक्त में परिवार से किसी न किसी सदस्य कोमौजूद रहना चाहिए। दरअसल, युवती फरीदाबाद की थी और यहां बहन के पास आई थी। पानीपत के लोग फरीदाबाद औरफरीदाबाद के परिजन पानीपत में अंतिम संस्कार कराने की बात कह रहे थे। अंतत: अंतिम यात्रा में भी अपनों का साथ भी नहीं मिला।

सिंगापुर से लाए गए 19 युवकों ने अव्यवस्था पर सवालउठाए
शुक्रवार को सिंगापुर से लाकर गुड़गांव के डूंडाहेड़ा सामुदायिक केंद्र में क्वारैंटाइन किए गए 19 युवकों ने शनिवार को वहां की अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए। युवकों ने वीडियो बनाकर फेसबुक पर पोस्ट की। उन्होंने बताया कि जिस हॉल में उन्हें ठहराया गया है, वहां गंदगी फैली है। शौचालयों में न ही हाथ धोने और न ही नहाने के लिए पानी है। जब से उन्हें यहां लाया गया है, तब से कोई भी उनकी जांच करने तक नहीं आया है। खामियों को दिखाते हुए सरकार से उन्हें दूर कराने की मांग की। मामला बिगड़ता देख प्रशासन ने उन्हें बाद में दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।


हरियाणा में 10 की कोरोना से मौत, लेकिन सरकार गुड़गांव के एक मरीज को नहीं गिन रही

  • हरियाणा में अब तक कोरोना संक्रमण से 10 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग 9 मौत मान रहा है। गुड़गांव के सेक्टर-18 के 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत रोहतक पीजीआई में इलाज के दौरान हुई थी, उन्हें सरकार ने अपने आंकड़े में नहीं जोड़ा है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक, पहली मौत 2 अप्रैल को अम्बाला के 67 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। दूसरी मौत 3 अप्रैल को हुई थी, जब रोहतक की कोरोना पॉजिटिव महिला ने दिल्ली में दम तोड़ा था।
  • तीसरी मौत 5 अप्रैल को करनाल के बुजुर्ग की हुई थी। चौथी मौत 28 अप्रैल को फरीदाबाद में 68 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। पांचवीं मौत 2 मई को 63 वर्षीय कोरोना पीड़ित महिला की चंडीगढ़ पीजीआई में हुई थी। छठी मौत 4 मई को फरीदाबाद में हुई थी। 7वीं मौत भी 4 मई को पानीपत में एक युवक की हुई थी लेकिन उसकी कोरोना होने की पुष्टि 6 मई को हुई। 8वीं मौत 6 मई को पानीपत के झट्टीपुर गांव में एक 28 वर्षीय युवक की हुई, जिसे टीबी, खांसी और बुखार भी था। उसकी रिपोर्ट 7 मई को कोरोना पॉजिटिव आई थी। 9वीं मौत 8 मई को फरीदाबाद की युवती की हुई, जो पानीपत में अपनी बहन के घर रहने आई हुई थी। उसने खानपुर मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। 10वीं मौत फरीदाबाद में हुई है, यहां 73 वर्षीय महिला ने ईएसआई अस्पताल में दम तोड़ दिया।

हरियाणा में 692 पहुंचा पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा

  • हरियाणा में अब तक गुड़गांव में 142, सोनीपत में 100, फरीदाबाद में 94, झज्जर में 74, नूंह में 59, अम्बाला में 41, पलवल में 36, पानीपत में 36, पंचकूला में 20, जींद में 17, करनाल में 14, यमुनानगर में 8, सिरसा में 7, फतेहाबाद में 7, महेंद्रगढ़, हिसार, रोहतक में 4-4, भिवानी और रेवाड़ी में 3-3, कुरुक्षेत्र और कैथल में 2-2, चरखी दादरी में एक पॉजिटिव मिला। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है।
  • प्रदेश में अब कुल 290 मरीज ठीक हो गए हैं। नूंह में 57, गुड़गांव में 51, फरीदाबाद में 55, पलवल 32, पंचकूला में 17, अम्बाला में 11, झज्जर में 10, सोनीपत में 9, पानीपत में 6, करनाल में 5, सिरसा में 4, यमुनानगर, भिवानी और हिसार में 3-3, कैथल, कुरुक्षेत्र, रोहतक में 2-2, चरखी दादरी, फतेहाबाद 1-1 मरीज ठीक होने पर घर भेजा गया। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं। इनके समेत कुल आंकड़ा 241 हो जाता है।


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जींद में बीच बाजार खड़ी एक कार की पुलिसवाले ने हवा निकाल दी। इस समय हरियाणा में पुलिस बाजारों में गश्त करके लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जागरूक कर रही है।




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भीषण गर्मी में ट्रक की छत पर भी लोग कर रहे सफर 

लॉक डाउन के बीच गुजरात, महराष्ट्र और राजस्थान में फंसे मजदूरों को घर लौटने की ढील मिलते ही ये लोग अपने घर के लिए रवाना हो गए है। करीब 40 दिन तक वहां रहते परेशानियां झेलने वाले मजदूरों ने अब घर जाने के लिए जान की बाजी लगाना शुरू कर दी है। कोई बाइक तो कोई ट्रक की छत पर बैठकर अपने घर के लिए रवाना हो गया। शनिवार दोपहर को महज एक घंटे में ही हाईवे से करीब 2 हजार से ज्यादा लोग महाराष्ट्र व गुजरात की तरफ से आते दिखाई दिए। जिनमें मप्र के अलावा ज्यादातर लोग उप्र के है। खास बात यह है कि शनिवार को 44 डिग्री तापमान के साथ लू के थपैडे भी चल रहे थे। इस बीच कोई बाईक और कोई ट्रक की छत पर बैठकर सफर करते देखे गए



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People are traveling on the roof of the truck in the scorching heat




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प्रॉपर्टी डीलर के घर 1.50 लाख रुपए व सोने के आभूषणों पर किया हाथ साफ

लॉकडाउन में दौरान दोपहिया वाहन चोरियों के बाद अब सूने मकान में चोरी ने पुलिस सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी। शहर के प्रॉपर्टी डीलर के सूने मकान से अज्ञात बदमाशों ने डेढ़ लाख रुपए नकदी सहित सोने चांदी के आभूषणों पर हाथ साफ कर दिया। सुरक्षा इंतजामों में चूक होने के बाद भी पुलिस का इस मामले में पुराना रवैया ही नजर आया। कोतवाली पुलिस के अनुसार चोरी गए माल की कीमत एक लाख रुपए बताई जा रही है। वहीं कोतवाली टीआई ने मामला जांच में लेकर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया है।
जानकारी के अनुसार प्रॉपर्टी ब्रोकर विनोद पवैया 28 अप्रैल को अपने परिवार के साथ ब्यावरा गए थे। शनिवार को जब वे लौटे तो घर के ताले टूटे मिले। घर के अंदर का दृश्य देख चोरी की घटना का पूरा मामला सामने आ गया। अलमारियां खुली पड़ी थी तो सामान पूरे घर में बिखरा पड़ा था। ताबड़तोड़ पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने अपनी कार्रवाई तो शुरू कर दी, लेकिन चोरी गए माल को लेकर फरियादी और पुलिस का अलग अलग तर्क सामने आया है। फरियादी विनोद के अनुसार घर में करीब डेढ़ लाख रुपए और आभूषण रखे थे। वहीं कोतवाली टीआई अजीत तिवारी के अनुसार चोरी गए माल की कीमत एक लाख रुपए बताई जा रही है।
एक सप्ताह में बाइक चोरी की पांच वारदात
इधर शहर में पिछले एक सप्ताह में बाइक चोरी के भी कई मामले सामने आए। इसमें चार बाइक कोतवाली थाने तो एक बाइक लालघाटी थाने में चोरी होना बताया जा रहा है। लालघाटी थाने के अनुसार हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी निवासी एडवोकेट शिव कलेसरिया के घर से उनकी बाइक अज्ञात बदमाश चुरा ले गए। इसकी लालघाटी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वहीं
कोतवाली थाने क्षेत्र के बेरछा रोड से एक ही रात को तीन बाइक चोरी होने का मामला सामने आया था, लेकिन पीड़ित द्वारा इसकी कोई शिकायत थाने में दर्ज नहीं कराई गई। वहीं एक बाइक शुक्रवार को गिरवर रोड से चोरी होना बताया जा रहा है।
बदमाशों को पकड़ने के लिए दबिश दे रहे हैं
कोतवाली टीआई अजीत तिवारी के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर के सूने मकान में चोरी होने की शिकायत शनिवार देर शाम सामने आया है। इसकी जांच की जा रही है, शुरुआती पूछताछ में पीड़ित द्वारा घर में एक लाख रुपए नकदी होने की बात कही गई थी। बाइक चोरी रोकने के लिए मुखबिरों कीसूचना पर दबिश दी जा रही है। बेरछा रोड पर एक साथ तीन बाइक चोरी की कोई भी शिकायत थाने नहीं पहुंची।



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1.50 lakh rupees and gold jewelery cleaned hands at property dealer's house




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आनाखेड़ी में होमगार्ड व चौकीदार को पीटा, भड़का में 100 ट्रॉली रेत जब्त

ताल थाने के आनाखेड़ी में रेत माफिया ने ड्यूटी से लौट रहे चौकीदार व होमगार्ड के साथ इस बात के लिए मारपीट की कि तुम रेत क्यों पकड़वाते हो। वहीं जावरा प्रशासन ने रिंगनोद पुलिस की मदद से ग्राम भड़का के पास शनिवार देर शाम 100 ट्रॉली रेत जब्त की। पुलिस एवं राजस्व अमले ने संयुक्त पंचनामा बनाकर कार्रवाई की रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी है।
ताल थाना प्रभारी अमित सारस्वत ने बताया ग्राम असावता में चेकपोस्ट है। होमगार्ड सैनिक विनोद देवड़ा एवं चौकीदार देवीसिंह राजपूत की वहां ड्यूटी लगा रखी है। शुक्रवार शाम ये वहां से लौट रहे थे तो ग्राम आनाखेड़ी में रेत का कारोबार करने वाले 6 लोगों ने इन्हें घेर लिया और विवाद किया। झूमाझटकी व गाली-गलौज की। इनकी रिपोर्ट पर आरोपी गोकुल पिता लक्ष्मणसिंह, नाहरसिंह पिता रतनसिंह निवासी ग्राम आनाखेड़ी एवं रंगलाल निवासी शक्करखेड़ीसमेत तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
गोशाला व निर्माणाधीन ब्रिज के पास लगा था रेत का ढेर

ताल थाना क्षेत्र के ग्राम आनाखेड़ी रिंगनोद थाने की असावती चौकी के ठीक नजदीक है। ऐसे में यहां भी रेत माफिया सक्रिय तो नहीं यह जानने के लिए शनिवार दोपहर जावरा एसडीओपी रवींद्र बिलवाल, रिंगनोद थाना प्रभारी निमेष देशमुख असावती चौकी पहुंचे। यहां चौकी प्रभारी रघु कोकोड़े व एएसआई कैलाश बोराना से जानकारी ली और वापसी में लौटते वक्त ग्राम भड़का में निर्माणाधीन ब्रिज व गोशाला के पास जगह-जगह ढेर लगे हुए देखे। इस पर नायब तहसीलदार संतोष रत्नावत को सूचना दी और पटवारी समेत टीम बुलाई। फिर इन्होंने रात 9 बजे रेत के ही ठेकेदार चंगेज खां से कहकर यह ज्यादातर बड़े ढेर में से रेत रातभर में उठवाई और इसे रिंगनोद थाने पहुंचाया। रिंगनोद थाना प्रभारी देशमुख ने बताया अब आगे की कार्रवाई एसडीएम कार्यालय से होगी। मौका पंचनामा वहां देंगे और वहीं से जुर्माना या रेत नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।



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Home guard and watchman beaten in Anakhedi, 100 trolley sand seized in Bhakda




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हॉटस्पॉट से आए 725 लोग, 2307 की घर वापसी, स्क्रीनिंग व फॉलोअप पर जोर

इंदौर, उज्जैन, भोपाल जैसे हॉटस्पॉट शहरों से 725 लोग जावरा आ चुके हैं। इनके साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान, यूपी समेत अन्य जगह से करीब 2307 लोग शनिवार तक घर वापसी कर चुके हैं। इनमें से 40 फीसदी हॉटस्पॉट जगहों से आए और अभी 14 दिन पूरे नहीं हुए। इनसे संक्रमण का खतरा है। प्रशासन तो चौकस हो गया और स्क्रीनिंग के साथ ही नियमित फॉलोअप सिस्टम अपग्रेड कर दिया लेकिन इससे भी कारगर स्व-अनुशासन है। प्रशासन ने बाहर से आए लोगों से अपील की है कि सरकार ने आपको घर आने में मदद की। अब आपकी जिम्मेदारी है घर में रहें और खुद के साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित रखने में सहयोग करें।
बीएमओ डॉ. दीपक पालडि़या ने बताया वैसे तो सभी बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के लिए हमारी टीम दिन-रात मुस्तैद है। फिर भी हाॅटस्पॉट शहरों से ई-पास की सुविधा मिलने के बाद वहां के लोगों की आवाजाही बढ़ गई है इसलिए संक्रमण का खतरा भी बढ़ा है। फिलहाल जावरा में कोई संक्रमित नहीं है और सभी स्वस्थ है लेकिन खतरे से इनकार नहीं कर सकते। इसलिए अब हमारा फोकस हॉटस्पॉट शहरों से आए लोगों के नियमित फॉलोअप पर है। इन्हें आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करवाया जा रहा है। फील्ड वर्कर की मदद से गांव-गांव और वार्डवार ऐसी समितियां बनाने पर
विचार कर रहे हैं जो एक्टिव होकर इनकी मॉनिटरिंग में मदद करें। बाहर से आने वाले स्व-अनुशासन का पालन कर खुद को क्वारंटाइन रखेंगे। परिजन से संपर्क में नहीं आएंगे और हैंड सैनिटाइजर, हैंडवॉश, मास्क का उपयोग करेंगे तब कोई दिक्कत नहीं है।

इंदौर से 392, उज्जैन से 267 और भोपाल से 66 लोग आए
कंट्रोल रूम प्रभारी एवं नायब तहसीलदार आनंद जायसवाल ने बताया अब तक इंदौर से 392, उज्जैन से 267, भोपाल से 66 लोग आए हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र से 204, गुजरात से 477, राजस्थान से 824, दिल्ली से 19, यूपी से 58 लोग आ चुके हैं। इनमें मजदूर व अन्य लोग शामिल हैं। सभी सर्विलांस पर हैं।

धड़ल्ले से आ रहे मजदूर, वहीं 7 साल की बेटी माता-पिता से दूर

एक तरफ मजदूरों और दूसरे राज्यों में फंसे अन्य प्रभावी लोगों का धड़ल्ले से आना जारी है। वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो जिनके पास नहीं बन रहे। नृसिंहपुरा निवासी कुलदीप बारोड़ सप्ताहभर से 7 साल की बेटी शावी को इंदौर से लाने के लिए एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। कुलदीप ने बताया 19 मार्च को बेटी मौसी के साथ इंदौर कालानी नगर गई। इसके बाद लॉकडाउन हो गया तो जा नहीं सके। बेटी 7 साल की है और वो वहां रो रही है। उसे लाने के लिए हम सारी शर्तें मानने को तैयार है फिर भी अनुमति नहीं मिल रही। विवेकानंद कॉलोनी के उत्तम जैलवाल ने बताया मैं, दो बच्चे व पत्नी 20 मार्च को इंदौर आए थे। तब से यहीं फंसे हैं। घर बुजुर्ग माता-पिता अकेले हैं। देखरेख के लिए जाना जरूरी है, फिर भी अनुमति नहीं मिल रही।

ई-पास में हमारा हस्तक्षेप नहीं, मदद को हेल्पडेस्क बनाई

रेड जोन के लिए ई-पास ही एकमात्र विकल्प है। इसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं। यदि किसी को ई-पास आवेदन करने में दिक्कत आ रही या फॉर्म भरना नहीं आता तो मदद के लिए एसडीएम ऑफिस में हेल्पडेस्क है। वहां केवल फॉर्म भरने में मदद होगी। पास जारी करना या नहीं करना जिला स्तर से तय होगा। जहां तक बाहर से आ रहे मजदूर व अन्य लोगों का सवाल है तो सभी की स्क्रीनिंग कर रहे और नियमित फॉलोअप लिया जा रहा है।
राहुल धोटे, एसडीएम जावरा



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रतलाम में 1500, मेघनगर में 2400 मजदूर उतरे, आज तीन ट्रेनें आएंगी

रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात जाकर लॉकडाउन में फंसे लगभग 3900 मजदूरों को लेकर शनिवार को मंडल में तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। इसमें एक रतलाम, जबकि दो ट्रेन मेघनगर आई। राजकोट से रतलाम आई ट्रेन में 1500, जबकि जूनागढ़ और पोरबंदर से मेघनगर आई ट्रेन से 2400 मजदूरों की घर वापसी हुई। डीआरएम विनीत गुप्ता के अनुसार रविवार को तीन ट्रेन और आएगी। पहली सुबह 5.45 बजे मोरबी से रतलाम तथा दूसरी सुबह जूनागढ़ से और तीसरी शाम को पोरबंदर से मेघनगर पहुंचेगी। इन दोनों का टाइम आना बाकी है।

10 जिलों की ओर रवाना हुई 37 बसें
शनिवार को राजकोट से दूसरी श्रमिक स्पेशल सुबह 7 बजे प्लेटफाॅर्म चार पर पहुंची। 201 मजदूर ज्यादा आए। प्रशासन को 10 जिलों के 1299 के आने की सूचना थी ट्रेन से उतरे 1500 मजदूर। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्क्रीनिंग, मेडिकल चेकअप किया तो नगर निगम ने भोजन के पैकेट, पानी, मास्क सैनिटाइजर और छाछ दी। पूरी प्रक्रिया में सभी को पौन तीन घंटे में ही स्टेशन से बाहर लाकर 37 बसों से रवाना कर दिया गया।

फूल बरसाकर स्वागत किया
शनिवार को ट्रेन से उतरने वाले मजदूरों को अधिकारियों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। वहीं कलेक्टर रुचिका चौहान और एसपी गौरव तिवारी, एसडीएम लक्ष्मी गामड़, तहसीलदार गोपाल सोनी, कमिश्नर एसके सिंह, स्टेशन अधीक्षक राजेश श्रीवास्तव, सीएमआई संजय वशिष्ठ आदि अधिकारी पूरे स्टेशन एरिया में भ्रमण करते हुए इंतजाम में कसावट लाते रहे। वापसी में ट्रेन का रैक खाली रवाना हुआ।
इन जिलों के मजदूर आए : भिंड, मुरैना, दतिया, रीवा, पन्ना, सतना, उज्जैन, आगर, आलीराजपुर, झाबुआ व अन्य।



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1500 in Ratlam, 2400 laborers landed in Meghnagar, today three trains will come




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लॉकडाउन में बीपी व शुगर की दवाएं 30% अधिक बिकीं

कोरोना वायरस के त्राहिमाम में सबसे ज्यादा दबाव चिकित्सा जगत पर रहा और इस दौरान दवाओं के लिए जमकर कतारें लगीं। भास्कर ने जब शहर के विभिन्न मेडिकल शॉप व सप्लायरों से रुझान लिया ताे पता चला कि लॉकडाउन में सबसे ज्यादा बिक्री हाई ब्लडप्रेशर व शुगर की दवा की रही। इसकी बिक्री सामान्य से 30 गुना अधिक हुई। शुरुआत में इस कारण इन दवाओं का शॉर्टेज हो गया क्योंकि बाहर से माल भी नहीं आ रहा था।
शहर की करीब तीन लाख आबादी ने सबसे पहले किराना और इसके बाद दवाओं के साथ मास्क व सैनिटाइजर की खरीदी की। मेडिकल संचालकाें के अनुसार इसकी बिक्री शत-प्रतिशत हुई। इस समय सैनिटाइजर की सबसे अधिक डिमांड का प्रभाव डेटॉल लिक्विड पर पड़ा है। यह सामान्यत: चिकित्सक व पुरुष ऑफ्टर शेव के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

दवाओं का स्टॉक कर डाला
भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि यूं तो बीपी व शुगर की दवाओं की कमी नहीं थी लेकिन रोगियों ने घबराहट में दो महीने की दवाएं स्टॉक कर डालीं। विटामिन सी की लिमसी, शुगर में गलिसिटेक, ग्लाइनएस, ब्लड प्रेशर में पेलानोम-50 सहित अन्य की डिमांड ज्यादा रही। बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में 30% अधिक हुई।
राहत : सबसे कम बच्चे बीमार पड़े
लॉकडाउन में सबसे स्वस्थ बच्चे रहे। मेेडिकल संचालक के अनुसार इस दौरान ओपीडी सामान्य दिनों की तुलना में लगभग नगण्य रही। बच्चे बाहर ही नहीं निकले। स्कूल भी बंद रहे। वातावरण भी शुद्ध रहा। इस बात की पुष्टि रावटीवाला अपार्टमेंट के समीपी अरिहंत मेडिकल संचालक संतोष पांचाल ने भी की। उन्होंने बताया लॉकडाउन के शुरुआती दोनों चरणाें में ओपीडी जीरो हो गई थी।

जानिए, लॉकडाउन में कैसे रहे शहर के मेडिकल संचालकों के अनुभव
सबसे ज्यादा च्यवनप्राश बिका

कॉलेज रोड स्थित श्रीराम केमिस्ट के चंद्रेश भाग्यवानी के अनुसार शुरुआत में स्टॉक होने से जरूरी दवाओं का संकट हो गया था। सबसे ज्यादा बिक्री च्यवनप्राश की हुई। इस दौरान शहद भी बिका। हमने भी पहली बार गर्मियों में च्यवनप्राश बेचा। यह तो ठण्ड में बिकने वाले आइटम हैं। गिलोय रस व च्यवनप्राश की डिमांड 50% बढ़ी। वहीं बुखार की दवाओं की बिक्री 20% अधिक हुई। सदी-जुकाम की दवाएं शुरुआत में अच्छी बिकीं। वहीं प्रेग्नेंसी किट की बिक्री में 10% का इजाफा हुआ। हालांकि यह आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है क्योंकि गली-मोहल्लाें की मेडिकल शॉप पर इसकी बिक्री ज्यादा होती है। मास्क व सैनिटाइजर का प्रतिशत नहीं निकाला जा सकता क्योंकि यह पहली बार ही बिके हैं।

विटामिन सी की डिमांड भी बढ़ी
दवाओं का मिला-जुला असर रहा है। व्यापारी मितेश अग्रवाल के अनुसार शुगर, ब्लड प्रेशर के साथ ही विटामिन सी की गोलियों की भी डिमांड रही। विटामिन सी के रूप में इस्तेमाल हाेने वाली लिम्सी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हुई।
डिटॉक्सिफिकेशन में भी च्यवनप्राश का इस्तेमाल-माणकचौक स्थित फखरुद्दीन नजर अली अत्तार दुकान के संचालक इकबाल हुसैन अत्तार कहते हैं कि आजकल हर चीज में मिलावट है। इस वजह से शरीर में जहर जाता है। ऐसे में लोगों का रुझान च्यवनप्राश की ओर बढ़ा। सामान्य दिनों से यह 25 से 30% बिका। हमारे वहां यूनानी व आयुर्वेदिक सभी तरह की दवाओं के ग्राहक इस दौरान इम्यूनिटी बढ़ाने वाले काढ़े, च्यवनप्राश आदि ले गए।
बाल चिकित्सालय की ओपीडी ऐसी रही

4 मई - 53
5 मई - 57
6 मई - 68
7 मई - 53
8 मई - 72
(सामान्य दिनों में ओपीडी 150 से 200 के आसपास रहती है)

एक्सपर्ट व्यू

गर्म पानी, दूध व काढ़े से बढ़ता है इम्यूनिटी सिस्टम
नोडल अधिकारी प्रमोद प्रजापति ने बताया आयुष विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक गर्म पानी, दूध का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है। च्यवनप्राश का सेवन, तुलसी, हर्बल चाय/काढ़ा भी लाभप्रद रहता है।
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बारीगढ़ क्षेत्र के 50 गांवों में पिछले 7 दिनों से बिजली का संकट, फसलें सूखने लगी

विद्युत वितरण केंद्र बारीगढ़ क्षेत्र के करीब 50 गांवों में पिछले 7 दिनों से विद्युत संकट है। लाइन न होने के के कारण सब्जी किसानों की फसलें सूखने लगी हैं। कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाने सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन लगाया है। शासन प्रशासन द्वारा लोगों से घराें के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है। ऐसी भीषण गर्मी में विद्युत आपूर्ति दिन भर में दर्जनों बार ठप्प होती है। जिससे गर्मी में लोगों का बुरा हाल है।
आंधी आने से, बारीगढ़ से खेरा कसार मार्ग में किसानों के खेत का एक खंभा टूट कर गिर गया था। इससे किसान सूरजभान सिंह, किसान जयनारायन सिंह, जहान सिंह, ज्ञान सिंह, बलबीर सिंह की लाइट जुड़ी थी। यह लोग गर्मियों में बेजुबान मवेशियों को पानी पिलाने का काम अपने खेत से करते थे। लाइट और खंभे की कोई मरम्मत न होने के कारण इनके खेतों लाइन कटी है। विभाग द्वारा न ही इन खंभों को दुरुस्त कराया जा रहा हैं न ही इस दिशा में कोई पहल की गई। किसानों का कहना है कि दूसरी लाइन सही की जाए ताकि हम दूसरे खंभे से लाइन जोड़कर अपने पंप चला सकें और मवेशियों को पानी पिला सकें।

किसान रिसू कुशवाहा ने बताया कि एक एकड़ में बैगन, कददू, पालक, भिंडी, धनियां, मिर्ची कि फसल लगाई थी। लाइट न होने के कारण एक सप्ताह से फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है। उसने बताया कि हमारी फसल 3 महीने की है, लॉकडाउन लगने से पहले सप्ताह में 5 से 7 हजार रुपए तक का मुनाफा हो जाता था, लेकिन विभाग की उदासीनता के चले एक सप्ताह से विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है। किसान सूरज भान सिंह ने बताया कि उसके खेत में पालक और बैगन लगे हैं। पशुपालन भी किया है, लेकिन पर्याप्त पानी न मिलने के कारण खेतों में खड़ी फसल सूख रही है।
लाइन में फाल्ट होने से आ रही समस्या
इस संबंध में खजुराहो के कनिष्ठ अभियंता प्रदीप कुमार राजपूत का कहना है कि संजय नगर से लवकुशनगर के बीच लाइन फाल्ट है। अभी व्यवस्था के तौर पर बारीगढ़ नगरीय क्षेत्र कि लाइन को जोड़ने के लिए बंसतपुर 33 केवी लाइन से जोड़ा जा रहा है। लाइन मे लोड न बढ़े इसके लिए देहातों में कम सप्लाई रहेगी। जल्द सप्लाई पहले की जैसे ही की जाएगी।



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Electricity crisis in 50 villages of Barigarh region, crops started drying up for last 7 days




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फिर बदलाव, अफीम तौल आज से, 50 किसान बुलाए

नारकोटिक्स विभाग द्वारा प्रथम खंड का अफीम तौल रविवार से ही शुरू किया जाएगा। पहले दिन के लिए 50 किसानों को सूचना भेज दी है। शहर से पांच किमी दूर कनावटी रोड स्थित निजी होटल के परिसर को तौल केंद्र बनाया है। जहां शनिवार रात तक सभी तैयारी पूरी कर ली गई। अधिकारियों ने पहले सोमवार से तौल करने शुरू करने की रणनीति बनाई थी। लेकिन समय पर काम पूरा कराना चुनौती बना हुआ है इसलिए एक दिन पहले ही तौल शुरू होग।
जिले के मनासा व सिंगोली खंड में तौल कार्य चल रहा है। नीमच में पॉजिटिव मरीज मिलने के कारण दो दिन कर्फ्यू लगा दिया था। इसके कारण यहां तौल स्थगित कर दिया। हालात सामान्य होने पर प्रशासन ने शहर से बाहर केंद्र बनाकर तौल शुरू करने की अनुमति दी। इस पर विभाग के अधिकारियों ने दो दिन में सारी व्यवस्थाएं जुटाई तथा कनावटी रोड स्थित होटल मोटल के परिसर में तैयारी पूरी कर ली। रोज दो पारी में तौल होगा। पहले दिन रविवार को 25-25 किसानों को सुबह छह बजे व 10 बजे बुलाया है। तौल कार्य समय पर पूरा होने पर अगले दिन से किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिला अफीम अधिकारी रंजना पाठक ने कहा कि पहले तैयारी सोमवार की थी। लेकिन शनिवार दोपहर ही सारी व्यवस्था हो गई। इसलिए रविवार से ही तौल शुरू कर देंगे। प्रथम खंड-नीमच, जावद व जीरन तहसील के किसानों की अफीम का तौल होगा। नीमच व जावद के 4315 तथा जीरन क्षेत्र के 1299 किसान है।

गाइडलाइन का सभी को पालन करना होगा
प्रथम खंड में तौल कार्य पिछड़ गया है। अब काम जल्दी पूरा करना है। इसलिए रविवार से ही तौल शुरू कर रहे हैं। पहले दिन 50 किसानों को सूचना भेज दी है। सभी को सोशल डिस्टेंस से बैठाकर नंबर से बुलाएंगे। एक कंटेनर के साथ एक किसान को ही केंद्र पर प्रवेश दिया जाएगा। सैनिटाइजर से हाथ धुलाने की व्यवस्था भी की है। संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा।
रंजना पाठक, जिला अफीम अधिकारी, प्रथम खंड, नीमच



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Change again, opium weights from today, 50 farmers called




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सड़क पर फेंके 20-20 रुपए के 23 नोट, प्रशासन ने बंद कराया बाजार

हरपालपुर नगर में शनिवार सुबह करीब 7 बजे अज्ञात वाहन में सवार लोगों ने 2 स्थानों पर 20-20 रुपए के नोट फैंके। इस प्रकार वाहन से नोट फेंके जाने के बाद नगर में कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते अफरा तफरी मच गई। प्रशासन ने दोनों स्थानों पर फेंके गए 20-20 के 23 नोट जब्त कर जांच के लिए भेजे और एहतियातन बाजार बंद करवा दिया। हालांकि अभी नोट फेंकने वाले वाहन का पता नहीं चल सका है। पुलिस इन वाहनों की तलाश कर रही है।
सुबह करीब 7 बजे बाजार खुला था।

लोग सब्जी एवं अन्य उपयोगी सामग्री की खरीददारी करने के लिए बाजार पहुंचे थे। इसी दौरान एक बाइक, एक सफेद रंग का लोडर और एक स्कॉर्पियो वाहन एक साथ निकले। नगर के अग्रोहा गैस एजेंसी और पुलिस लाइन के सामने 20-20 के नोट फेंके गए। लोग यह नहीं समझ पाए कि यह नोट बाइक सवारों ने फेंके हैं, लोडर वाहन ने फेंके हैं या स्कॉर्पियों सवारों ने फेंके हैं। इस प्रकार गिरे नोटों को कुछ लोग उठाने लगे, इसी बीच किसी जागरूक व्यक्ति ने कोरोना की आशंका के चलते डायल 100 को सूचना दी, तत्काल डायल 100 टीम मौके पर पहुंची और 7 लोगों के कब्जे से 20-20 के 23 नोट जब्त किए। इस घटना के बाद नगर में अफरा तफरी मच गई। कुछ लोगों ने यह नोट संक्रमण की आशंका के चलते जला भी दिए थे।
सूचना मिलते ही नौगांव तहसीलदार बीपी सिंह, एसडीओपी श्रीनाथ सिंह बघेल, थाना प्रभारी दिलीप पांडेय मौके पर पहुंचे। लोगों से जानकारी ली। इन नोटों को उठाने वाले 7 लोगों को चिन्हित कर उन्हें थाने लेकर पहुंचे। थाने में मेडिकल टीम ने पहुंच कर सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की। इसके बाद प्रशासन ने एसडीएम बीबी गंगेले के निर्देश पर नोट बीनने वाले इन सातों लोगों को 14 दिनों के लिए होम क्वारेंटाइन कर दिया। साथ ही उनके घरों के बाहर नोटिस चस्पा करके उन्हें बाहर नहीं निकलने की सख्त हिदायत दी। इसके बाद अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर बाजार बंद करवा दिया। सुबह करीब 9 बजे पूरा बाजार बंद हो गया, हालांकि इसके दोपहर बाद प्रशासन ने एनाउंस करके बाजार खोलने की अनुमति दी, लेकिन फिर दोपहर करीब 12 बजे के बाद इक्का दुक्का दुकानें ही खुलीं, अधिकांश दुकानें बंद ही रहीं।
प्रशासन ने व्यापारियों और आम लोगों को चार दिनों तक 20 के नोट से लेन देन नहीं करने की दी हिदायत

तहसीलदार ने 4 दिनों के लिए 20 रुपए के नोट से लेन देन पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने पूरे नगर में मुनादी कराई है कि 4 दिनों तक नगर का कोई भी दुकानदार या आम ग्राहक 20-20 रुपए के नोट न लें। इन नोटों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। पुलिस प्रशासन ने इन 23 नोटों को छतरपुर भेज दिया है, वहां से उन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।

दो घंटे में पूरे इलाके को किया सैनिटाइज
नोट फेंके जाने की इस घटना के बाद से पूरा प्रशासन अलर्ट हो गया। नगर परिषद ने जहां-जहां नोट फेंके गए थे। वहां पर कर्मचारी एवं फायर ब्रिगेड भेज कर पूरे इलाकों में सैनिटाइजर का छिड़काव किया। सैनिटाइजेशन का काम करीब दो घंटे तक चलता रहा। साथ ही लोगों से सावधानी बरतने और घरों के अंदर रहने की अपील की।
नोटों को जांच के लिए भेजा जाएगा

तहसीलदार बीपी सिंह ने बताया कि जब्त किए 23 नोटों को संक्रमण की आशंका के चलते छतरपुर भेजा है, जहां से जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। नगर के दुकानदारों और आम लोगों से 3-4 दिन तक 20 के नोट लेने में सावधानी बरतने की अपील की है। नोट फेंकने वालों की तलाश की जा रही है।



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23 notes worth 20-20 rupees thrown on the road, the administration closed the market




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70 विद्यार्थियों ने एक साथ बनाई पेंटिंग, कोरोना वारियर्स को किया सलाम

अभाविप ने कोरोना वारियर्स के उत्साहवर्धन एवं विद्यार्थियों में सृजनशीलता के लिए चित्रकला स्पर्धा का आयोजन किया। परिषद के जिला संयोजक शांतम दुबे ने बताया कोरोना वारियर्स के उत्साहवर्धन एवं विद्यार्थियों में सृजनशीलता के विकास के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में पूरे जिले से लगभग 70 विद्यार्थियों ने भाग लिया। चित्रकला का विषय जिस प्रकार दिन रात एक कर कर जो हमारे योद्धा इस महामारी से लड़ रहे हैं ऐसे योद्धाओं को धन्यवाद अर्पित करना था। इससे पहले बुद्ध जयंती पर भी परिषद के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से अपनी श्रद्धा व्यक्त की थी। स्पर्धा में परिषद के संदीपसिंह चौहान, शुभम सवाले, दीपिका गंगराडे, शुभम पटेल, रुद्रांश ओझा का योगदान रहा।



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मेरी मां... बहुओं के साथ रोजाना 250 से अधिक ‘मजदूर बेटों’ के लिए भोजन बना रही गंगोत्री बाई

कोविड-19 के तहत लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंस के कारण कई माताएं अपने बच्चों से दूर हैं, लेकिन मां के प्रेम, त्याग व भाव को राज्यों की सीमा में नहीं बांधा जा सकता। बेटों को जन्म किसी भी मां ने दिया हो उनकी भूख, प्यास व परेशानी देख हर मां का दिल द्रवित हो जाता है। कोरोना संक्रमण के कारण देश भर के विभिन्न राज्यों में मजदूरी कर रहे हजारों-लाखों मजदूर घर लौट रहे हैं। इनके भोजन, रहने व यात्रा के संसाधन का कोई ठिकाना नहीं है। ऐसे में एक छोटी सी घटना से प्रेरित होकर एक बुजुर्ग मां रोजाना तड़के 4 बजे से अपनी बहुओं के साथ 200 से 250 मजदूर बेटों के लिए भोजन तैयार करती हैं। भोजन लेकर बेटों को को राज्य मार्ग भेजती हैं। उन्हें आदेश है कि जहां भी मजदूर चलते दिखें उन्हें रोककर भोजन कराएं। पैदल गुजर रहे मजदूरों के लिए अपने बच्चों के समान भोजन व्यवस्था का बीड़ा रामजीपुरा (सोनखेड़ी) की गंगोत्री पटेल (63) ने उठा रखा है।


तड़के 4 बजे उठकर तलती हैं पूड़ियां

पटेल परिवार की मुखिया गंगोत्री बाई ने बेटे राजेश व भागीरथ को स्पष्ट कहा कि अब रोजाना ढाई सौ लोगों का भोजन बनेगा। तड़के 4 बजे मजदूर बेटों के लिए मां स्वयं पूड़ी तलती हैं, जबकि बहू-बेटे ही नहीं पोते तरुण, आशीष, पोती स्नेहा व दीक्षा उनकी मदद करते हैं। डिब्बे में भोजन लेकर धनोरा व झूम्मरखाली के बीच ठहरे व चल रहे मजदूरों को भोजन कराने का यह सिलसिला 8 दिन से सतत जारी है।



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My mother… Gangotri Bai is cooking daily with daughters-in-law for more than 250 'laborers' sons'




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तीसरे दिन 137 मकानों में 506 लोगों की जांच की, सर्दी-खांसी के 13 मरीज मिले

निंबोला के आंबेडकर नगर में कोरोना संक्रमित महिला मिलने के बाद से स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे गांव में सर्वे कराया जा रहा है। तीसरे दिन शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव के 137 मकानों का सर्वे किया।
इनमें रहने वाले 506 लोगों की जांच की। इनमें सामान्य सर्दी-खांसी के 13 मरीज मिले। वहीं गुजरात से आए दो लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया। टीम ने ग्रामीणों को लॉकडाउन का पालन करने, मास्क लगाने सहित अन्य सावधानियां बरतने की सलाह दी।
गांव में संक्रमित मरीज मिलने के बाद अब ग्रामीण भी जांच कराने के लिए खुद ही आगे आ रहे हैं। शनिवार को गांव के एक दंपत्ति ने खुद आगे आकर अपनी जांच कराई। गांव की 79 साल की बुजुर्ग महिला ने कहा जीवन में पहली बार ऐसी बीमारी देखी है। पहले कुछ होता था, लेकिन इतने दिन नहीं चलता था। दल प्रभारी योगीराज पाटेकर ने बताया गांव में दो दिन से चार टीमें जांच कर रही थीं। शनिवार को तीन टीमों ने जांच की।



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On the third day, 506 people were examined in 137 houses, 13 patients of cold and cough were found.




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सड़क पर उतरे 300 से ज्यादा लोग, बोले- दो दिन में सरकारी मदद नहीं मिली तो करेंगे अफसरों का घेराव

47 दिन से शहर में लॉकडाउन है। पावरलूम भी बंद है। रोजगार छीन गया। राशन लाने को पैसे नहीं। खाने को मोहताज हो गए। ऐसे में भी अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली। दो दिन में सरकारी मदद नहीं मिली तो सड़कों पर उतरेंगे। अफसरों का घेराव करेंगे।
सरकारी सहायता और राशन नहीं मिलने से गुस्साए मोमीनपुरा और हरीरपुरा के 300 से ज्यादा लोगों ने शनिवार दोपहर 3.30 बजे ये बात कही। लॉकडाउन में भी सैकड़ों लोग विरोध करते इंदौर-इच्छापुर हाईवे तक पहुंच गए। शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच इतनी बड़ी संख्या में भीड़ को सड़क पर देख अन्य लोग घबरा गए। भीड़ सरकारी मदद नहीं मिलने पर आक्रोश जता रही थी। इसकी खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची। समझाइश और सरकारी मदद का आश्वासन देकर भीड़ को घर भेजा। लोग दो दिन में मदद नहीं मिलने पर सड़कों पर उतरने और अफसरों का घेराव करने की चेतावनी दे गए।


महिलाएं बोलीं- बीमारी से नहीं हम भूख से मर जाएंगे
दोनों क्षेत्रों की गुस्साई महिलाओं ने पुलिस से कहा- 47 दिन से हमारे आदमी और बच्चे घर पर बैठे हैं। राशन लाने को पैसे नहीं है। सरकारी मदद पहले हमें मिलना चाहिए। दूसरे वार्डों में राशन बांटा जा रहा है, लेकिन हमें आज तक कुछ नहीं मिला। पावरलूम संचालक और टेक्सटाइल मालिक भी मजदूरों की सुध नहीं ले रहे हैं। सरकारी सहायता भी नहीं मिल रही। ऐसे में बीमारी तो नहीं हम भूख से मर जाएंगे।


तहसीलदार को दी सूचना, दो दिन में सहायता का आश्वासन
मौके पर पहुंचे गणपति नाका थाना प्रभारी चैनसिंह उईके ने महिलाओं को देर तक समझाया। तहसीलदार को भी फोन पर समस्या बताई और जल्द सहायता देने का आश्वासन दिया। टीआई ने बताया कंटेनमेंट एरिया में पहले सहायता और खाद्यान्न बांटा जा रहा है, वह भी जरूरतमंद लोगों को। इसके बाद शहर के अन्य लोगों को खाद्यान्न दिया जाएगा। लोग उन तक प्रशासनिक सहायता नहीं पहुंचने से नाराज थे। इसलिए सड़क पर उतर आए।



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More than 300 people landed on the road, said - If the government does not get help in two days, then officers will be surrounded




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साइकिल से 500 किमी सफर, मंजिल अभी 800 किमी दूर

महाराष्ट्र की बॉर्डर से प्रवासी मजदूरों का अपने घरों को लौटना जारी है। तपती धूप में बेबसी का सैकड़ों किमी लंबा सफर उन्हें थकान से निढाल कर रहा है लेकिन घर की आस में कदम है कि नहीं थम रहे। सैकड़ों मजदूर पैदल ही घर जा रहे हैं। वहीं कुछ साइकिल से लौट रहे हैं। शनिवार दोपहर उत्तरप्रदेश के इलाहबाद जाने के लिए 15 युवक साइकिल पर बुरहानपुर से गुजरे। सभी पांच दिन पहले मुंबई से निकले थे।

मुंबई से उत्तर प्रदेश के इलाहबाद जा रहे
युवकों ने 500 किमी सफर तय कर लिया, मंजिल अभी 800 किमी दूर है। युवक योगराज ने बताया हमने जमा पूंजी से मुंबई में साइकिल खरीद ली और इसी पर सामान रखकर निकल गए। साथ में हवा भरने का पंप और पंक्चर बनाने का सामान भी है, ताकि रास्ते में परेशानी न हो। आठ-दस दिन में घर पहुंच जाएंगे।



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Travel 500 km by bicycle, destination is still 800 km




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43 डिग्री तापमान में 101 वर्ष की वृद्ध महिला रख रही हैं रोजा

निमाड़ क्षेत्र में भीषण गर्मी से लोगों के पसीने छूट रहे हैं लेकिन स्थानीय निवासी हज्जानी फातिमा बैगम हाजी अब्दुल रहमान लोहार 101 साल की आयु में करीब 42 से 43 डिग्री तापमान में पवित्र माह रमजान के पूरे रोजे रख रही है।
उन्होंने बताया जब से होश संभाला है तब से करीब 13 वर्ष की आयु से ही वह लगातार रमजान माह के रोजे रखती आ रही है। फातिमा बैगम इस उम्र में अपनी दिनचर्या के सभी कार्य खुद ही करती है। आंखों से साफ देखने व कानों से बखूबी सुनने में उन्हें कोई तकलीफ महसूस नहीं होती। कोरोना महामारी व लॉक डाउन के कारण दु:खी है। इससे पहले उन्होंने ऐसा दौर कभी नहीं देखा। जब पूरी दुनिया थम सी गई हो। वह अल्लाह से प्रतिदिन पांचों वक्त की नमाज में दुआ करती है। इस महामारी पूरी दुनिया के लोगों को राहत मिले। उनके पुत्र न्याज मोहम्मद ने बताया वह बचपन से ही अपनी वालिदा को रमजान के रोजे रखते हुए देख रहे हैं। पोते मुजफ्फर हुसैन अगवान ने बताया सुबह सेहरी में वह सिर्फ चाय पीती है और एक पान खाती है। इफ्तार के बाद रात में खाना भी बहुत कम खाती है।



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101 year old woman is keeping Roja in 43 degree temperature




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बादल छाए, 10 मिनट हुई बूंदाबादी

शाम 6 बजे मौसम ने करवट ली। ठंडी हवा चलने के साथ काले बादल छाए। 10 मिनट हल्की बूंदाबादी भी हुई। ठंडी हवा चलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली



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Cloudy, 10 minutes of drizzle




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मिनी ट्रक में 30 मजदूरों ने किया सफर, सबके हिस्से आया 3 हजार का खर्च

एबी रोड स्थित बिजासन घाट बड़ी बिजासन माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है लेकिन फिलहाल महाराष्ट्र से जा रहे दूसरे राज्य के मजदूरों और बीच-बीच में रोके जाने के कारण उनके विरोध के कारण सुर्खियों में है। पैदल व साइकिल सवार 3 मजदूरों की मौत भी हो चुकी है। अभी बड़ी संख्या के यूपी, बिहार व मप्र के मजदूर माल वाहन, टेम्पो, दोपहिया वाहन तो कुछ पैदल घर की ओर जा रहे हैं। कई मजदूरों के पास पैसे खत्म होने से उधार लेकर तो कई ज्यादा किराया देकर वाहनों से अपने घर जाने को मजबूर है।
कल्याण से इलाहाबाद जा रहे 30 मजदूरों ने बताया वह वहां कल्याण में गारमेंट्स कंपनी में काम करते थे। काम बंद होने के बाद कुछ दिन गुजरा किया। खाने-पीने की दिक्कत आने से घर लौट रहे हैं। एक मिनी ट्रक को प्रति व्यक्ति 3 हजार रु. के हिसाब से किराया दिया। उसमे बैठकर इलाहाबाद जा रहे हैं। अधिकांश महिलाएं और बच्चे भी थे। भीषण गर्मी में वाहन में चिपककर बैठे थे। मजबूरी में सोशल डिस्टेंस को भूल गए। जैसे-तैसे घर पहुंचाना है। इसी प्रकार दूसरी ट्रक में भी कई मजदूर ऐसे ही सफर करते नजर आए। वाहन सवार एक मजदूर ने बताया यूपी सरकार की घोषणा के बाद फॉर्म भरा लेकिन कुछ नहीं हुआ। खाना नहीं मिलने से इंतजार करना मुश्किल था इसलिए निकल पड़े। लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गए। जमा पूंजी और सामाजिक संगठनों की मदद से पेट भरा दूसरे राज्यों के मजदूरों को खाने पीने की समस्या खड़ी हुई तो उनका सब्र टूट गया। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अन्य राज्य के हजारों मजदूरों मजबूरी में पैदल तो वाहनों से मजबूरी का सफर कर अपने प्रदेश में लौटने लगे। इस दौरान यूपी सरकार द्वारा अपने मजदूरों को राज्य में प्रवेश नहीं देने पर मप्र पुलिस ने सीमा पर ही रोकना शुरू किया था। इस कारण 3 से 5 मई को अलग-अलग मजदूरों ने चक्काजाम किया। इसके बाद उन्हें जाने दिया गया था। शुक्रवार को फिर मजदूरों से भरे वाहनों को आधे घंटे रोककर छोड़ा गया था। इससे जाम लगता रहा। शनिवार को स्थिति सामान्य रही। भारी वाहनों को एंट्री कर जाने दिया जा रहा है।

20 हजार रु. उधार लेकर परिवार के साथ निकला ऑटो चालक

महाराष्ट्र की सीमा में ऑटो खड़ा दिखा। उसमें सवार युवक से पूछा तो उसने अपना नाम मोहम्मद रहमान निवासी यूपी बताया। रहमान ने बताया वह मुंबई में ऑटो चलाते थे। लॉकडाउन में काम बंद होने से दिक्कत हुई। मकान का किराया नहीं दे पाए। खाने पीने को नहीं मिल रहा था। भूखमरी की स्थिति हो गई थी। ऐसे में 20 हजार रु. उधार लेकर ऑटो से ही उप्र स्थित अपने घर के लिए निकल गए। महाराष्ट्र में पेट्रोल भी नहीं मिल रहा था। पलासनेर से 70 किमी पहले संस्था ने खाना दिया था। रास्ते में मदद नहीं मिली। अब जैसे तैसे मजबूरी में बस अपने घर पहुंचाना है।

गमछा रखकर धूप से बचकर चल रहे मजदूर


महाराष्ट्र सीमा के बाद हजारों की तादात में मजदूर वाहन नहीं मिलने से पैदल चल रहे हैं। ऐसे में भीषण गर्मी होने के बाद भी उनके पैर नहीं रुक रहे हैं। गर्मी से बचाने के लिए वे अपने सिर पर गमछा रखकर चल रहे हैं। वहीं कई मजदूर दोपहर तेज धूप होने से हाईवे की किनारे पेड़ की छांव में और डिवाइडर पर लगे पेड़ों की छांव में आराम करते भी नजर आए।


गांव तक छोड़ने की बात थी, बिजासन घाट के पहले छोड़ा

दमोह जिले के राजाराम ने बताया मुंबई के पास खदान में काम करते थे। वहां काम बंद होने से खाने की फजीहत हो गई। माल वाहन में 3-3 हजार किराया देकर निकले। घर तक छोड़ने की बात थी लेकिन चालक बिजासन घाट के पहले छोड़कर चला गया। छोटे बच्चे भी है। जिन्हें कंधे पर बैठाकर पैदल चल रहे हैं। उन्होंने कहा- महाराष्ट्र में प्रदेश की तुलना में दाेगुनी मजदूरी मिलती है। अब कैसे भी करके घर पहुंचना है। रास्ते में कही भी मदद नहीं मिल रही है। वाहन चालक गाड़ी नहीं रोकते हैं।

मप्र की सीमा शुरू होते ही मिलने लगी मदद
महाराष्ट्र की सीमा से 6 किमी दूर पलासनेर तक कोई सामाजिक संगठन मदद करता नजर नहीं आया। एक युवक ने पैदल चल रहे कुछ मजदूरों को ठंडा पिलाया।। वहीं मप्र की सीमा में बड़ी बिजासन मन्दिर समिति सहित अन्य सामाजिक संगठन नाश्ता, भोजन, पानी, फल, दवा और चप्पल देकर सेवा कर रहे हैं। महाराष्ट्र से पैदल आने वालों की संख्या में कमी आई है। बिजासन घाट पर मप्र की सीमा में पुलिस व प्रशासन द्वारा पैदल जा रहे मजदूरों को भारी वाहनों में बैठाया जा रहा है। उन्हें घर पहुंचाया जा रहा है। यहां छांव के लिए टेंट भी लगाया गया है।



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30 laborers traveled in mini truck, everyone got a share of 3 thousand




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गुमशुदा बेटे से 10 साल बाद मिल भावुक हुए पिता

10 साल से गुमशुदा लक्ष्मीदास का पता चलने के बाद उसके पिता इतवारदास मणिकपुरी 1100 किमी का सफर तय कर छत्तीसगढ़ से उसे लेने शुक्रवार रात जामली में बने क्वारंटाइन सेंटर पहुंचे। एक-दूसरे को देख दोनों भावुक हो गए और गले लग गए। शनिवार सुबह सेंटर प्रभारी सहित कर्मचारियों ने बेटे को पिता को सौंप विदाई दी।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के स्याहीमुड़ी जेलमान गांव निवासी इतवारदास शुक्रवार रात 12 बजे जामली पहुंचे। पिता-पुत्र मिले तो भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए और गले मिले। शनिवार सुबह राजस्व निरीक्षक (आरआई) यादव ने उन्हें भोजन करवाया। पिता-पुत्र ने हाथ जोड़कर आरआई यादव का आभार व्यक्त किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ निकल गए। 35 दिन रहने के कारण क्वारंटाइन सेंटर के स्टाफ को भी लक्ष्मीदास से लगाव हो गया था।

7 साल तक खोजा फिर छोड़ दी थी आस
इतवारदास ने बताया लक्ष्मीदास छोटा बेटा और लाड़ला होने से उसके लापता होने से परिवार परेशान था। बोल-सुुन नहीं पाने से उसकी चिंता रहती थी। दर्री थाने में 2010 में गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद कई शहरों में उसका पता किया। पुलिस पता नहीं कर पाई। 7 साल तक अलग-अलग जगहों, जिलों में उसकी खोजबीन की फिर भी नहीं मिला। ऐसा लग रहा था। बेटे के साथ कोई हादसा हो गया है। उसके बाद फरिश्ते बनकर आए आरआई यादव ने उन्हें बेटे से मिलवाया। मां उर्मिला खुशी से फूली नहीं समा रही। उसका कहना था बेटे को अभी लेकर आओ। 2 सप्ताह तक कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काटे उसके बाद भी उन्होंने सिर्फ मप्र जाने की अनुमति दी।

30 हजार में की टैक्सी
बेटे को लाने के लिए टैक्सी की। इसमें 30 हजार का खर्च आया। देवरी बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों ने पास देखने के बाद भी रोका। आरआई यादव से फोन पर बात कराई तब छोड़ा। वापस लौटते समय आरआई यादव ने लक्ष्मीदास के स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट के साथ एक पत्र लिखकर दिया।



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आरडी गार्डी के डॉक्टर को भी कोरोना, अब पूरे शहर में सर्वे, एक सप्ताह में 320 पार हो सकते हैं संक्रमित

उज्जैन में शनिवार को 16 और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें से दो की मौत हो गई है। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी दे रहे 36 साल के डॉक्टर को भी कोरोना संक्रमण मिला है। उन्हें मरीजों से यह संक्रमण हुआ। डॉक्टर का घर आगर रोड पर शिवांश पैराडाइज सिटी में है। प्रशासन उस क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया बनाया है।
अब रविवार से पूरे शहर का सर्वे शुरू होगा। शनिवार को सर्वे टीम को नानाखेड़ा स्टेडियम में प्रशिक्षण दिया, जो अब मैदान में उतरेगी। सर्वे होने से बीमार मरीज सामने आएंगे। इससे अगले एक सप्ताह में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 320 पार होने के आसार है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया इससे घबराने की जरूरत नहीं है, मरीज सामने आएंगे तो उनका इलाज होगा। संक्रमण और ज्यादा फैलने से रुकेगा। इधर शनिवार को 154 रिपोर्ट आई, इसमें से 132 निगेटिव रही। राहत इस बात की है कि है कि 11 मरीज और ठीक हो गए हैं। जिनकी मौत हुई, उनमें अब्दालपुरा निवासी 62 वर्षीय पुरुष और केडी गेट निवासी 43 वर्षीय महिला शामिल हैं। जिले में अब तक 45 मरीजों की मौत हो चुकी है।



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गुजरात से लाए 130 मजदूरों को 700 किमी पहले छोड़कर भाग गई बस

गुजरात के मोरवी से मप्र के 130 मजदूरों को लेकर आई बस ने धोखे से मजदूरों को नरवर से 3 किमी दूर कड़छा फंटे पर उतार दिया। ये मजदूर सतना, रीवा, सागर, शहडोल, भोपाल आदि जिलों के हैं, जिन्हें शनिवार दोपहर 1 बजे बस ड्राइवर ने चाय-पानी के लिए उतारा और बस लेकर भाग गया।
कड़छा फंटे पर रहने वाले जितेंद्र वर्मा और संजय वर्मा ने भूखे-प्यासे मजदूरों के भोजन का इंतजाम किया और नरवर थाने पर इसकी सूचना दी। थाना प्रभारी हेमसिंह वर्मा, एसआई विक्रम सिंह चौहान, इंस्पेक्टर कांतिलाल चौधरी मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी वर्मा ने बताया मजदूरों को गंतव्य स्थान पर भेजने के लिए जिला पंचायत सीईओ को सूचना दी है। उमरिया जिले के रोहित पाल ने बताया शुक्रवार शाम 5 बजे बस 130 सवारियों को लेकर मोरबी से निकली थी और उन्हें उनके गंतव्य स्थान पर छोड़ना था, जिसके लिए बस मालिक ने प्रत्येक सवारी से ₹900 किराया लिया था लेकिन कड़छा फंटा नरवर आकर ड्राइवर ने सवारियों को चाय-पानी के लिए उतारा और बस लेकर भाग गया। उत्तरप्रदेश के संत कबीर नगर के मजदूर अर्जुन ने बताया हमें उप्र भिजवाने की व्यवस्था का बोलकर बस मालिक लाया था। यहां से हमारा घर 1400 किमी दूर है, हमारे साथ छोटे बच्चे भी है। हमारे पास न रुपए है न खाने-पीने का इंतजाम। एसआई चौहान ने बताया मजदूरों शासकीय स्कूल में रुकने के इंतजाम किया है।



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Bus escaped leaving 130 laborers brought from Gujarat 700 km ago




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लॉकडाउन में डॉ. सलूजा ने 70 डिलीवरी कराई, किसी को भी संक्रमण नहीं

कोरोना से जंग जीतनी है तो हमें हर प्रतिबंध का पालन कराना होगा और हर सावधानी बरतनी होगी। देवास रोड स्थित महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सतिंदर कौर सलूजा ने लॉकडाउन के चलते 70 महिलाओं की डिलीवरी कराई। उनके परिजन भी आए-गए लेकिन किसी को भी संक्रमण की कोई शिकायत नहीं हुई। ऐसा इसलिए हुआ कि अस्पताल को स्वच्छ रखा जाता है, सैनिटाइजिंग होता है, वार्डों में मरीजों के बीच तथा बाहर उनके परिजनों की बैठक व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है। जांच कराने आई महिलाओं को भी कोरोना से बचाव के लिए टिप्स दिए जाते हैं।
डॉ. सलूजा शहर की अनुभवी महिला रोग विशेषज्ञ हैं और क्षेत्र के रहवासियों को उनके इलाज पर भरोसा है। इसलिए वे कोरोना के लॉकडाउन के बीच भी अपने परिवार की डिलीवरी या गर्भवती की जांच के लिए उनके अस्पताल पहुंचते हैं। लॉकडाउन के चलते डॉ सलूजा 70 महिलाओं की डिलीवरी करा चुकी हैं। उनके पास इस दौरान कई महिलाएं जांच के लिए भी पहुंची। डॉ.सलूजा कहती हैं कोरोना से डरना नहीं लेकिन सावधानी बहुत आवश्यक है। वे मानती हैं कि हमे कोरोना से बचना है कि हर प्रतिबंध और सावधानी का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। सबसे पहले कोरोना से बचें। क्योंकि संक्रमण स्वयं और बच्चे के लिए बड़ा खतरा भी हो सकता है। यदि संक्रमित हो जाएं तो डरें नहीं, इलाज लें और अपने आप को तनाव से मुक्त रखें।

गर्भवती व प्रसूताओं के लिए सावधानी
घर के बाहर न निकलें। अस्पताल जाना हो तो मुंह पर मास्क, हाथ में ग्लब्स पहनें। सैनिटाइजर साथ रखें। किसी भी चीज को छूने के बाद हाथ सैनिटाइज करें।
घर में रहते हुए और बाहर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, किसी से बात करते वक्त दूर रहें। {अस्पताल जाने पर यदि नंबर आने का इंतजार करना है तो अपनी गाड़ी में रहें या सुरक्षित जगह पर बैठें। {पोष्टिक आहार लें। खान-पान का विशेष ध्यान रखें। {हर समय साबुन या सैनिटाइजर से हाथ साफ करते रहें। {हर समय मुंह पर मास्क लगाए रखें। घर में भी और बाहर भी।



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Dr. Saluja made 70 deliveries in lockdown, no infection to anyone




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नई गाइड लाइन... लक्षण नहीं होने के कारण 10 मरीजों को जल्द किया जा सकता है डिस्चार्ज

कोरोना संक्रमित मरीजों को डिस्चार्ज करने के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो नई गाइडलाइन जारी की है। उसके लागू होते ही ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल (कोविड हाॅस्पिटल) में इलाज करा रहे 18 में से 10 मरीज बिना दूसरा टेस्ट कराए डिस्चार्ज कर दिए जाएंगे, क्योंकि नई गाइडलाइन के अनुसार जिन मरीजों को कोविड केयर फैसिलिटी (सीसीसी) में भर्ती किया गया है। यदि दस दिन तक उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे, तीन दिन तक बुखार नहीं आएगा और सांस लेने में कोई तकलीफ भी नहीं होगी तो ऐसे संक्रमितों का दूसरी बार आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं कराया जाएगा और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि घर पहुंचने के बाद उन्हें सात दिन तक होम आइसोलेशन की शर्तों का कड़ाई से पालन करना होगा।
पुराने 13 मरीजों में से 10 में लक्षण नहीं
शनिवार को पांच नए संक्रमित सामने आए हैं। उनमें किस प्रकार के लक्षण है, इसकी अभी जानकारी नहीं मिल सकी है। जबकि शेष 13 मरीज, जिनका वहां पहले से इलाज चल रहा है। उनमें से केवल एनएमक्यू शमशी के वृद्ध पिता फकरुद्दीन को आॅक्सीजन दी जा रही है। डाॅ. आकाश गढ़वाल, आरक्षक राजेंद्र मांझी और धर्मवीर में हल्के से लक्षण हैं। शेष संक्रमितों में बीमारी के लक्षण नहीं है। ऐसे में गाइडलाइन लागू होने के बाद इन सभी को 10 दिन की अवधि पूरी होते ही डिस्चार्ज करा जा सकता है। केवल शमशी के पिता का दूसरी बार आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा।
विधिवत आदेश मिलने के बाद ही कार्रवाई करेंगे
सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल में संक्रमितों का इलाज कर रहे डाॅ. विजय गर्ग ने बताया कि गाइडलाइन के संबंध में उन्हें भी जानकारी प्राप्त हुई है। लेकिन अभी तक विधिवत आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में जब तक आदेश प्राप्त नहीं होता। संक्रमित मरीजों को पूर्व की गाइडलाइन के अनुसार डिस्चार्ज किया जाएगा।



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New guide line… 10 patients can be discharged soon due to no symptoms




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20 वर्षीय युवक ने घर में फांसी लगाई

भगवानदास चंदेल वार्ड में जेल राेड पर स्थित स्वयं के घर में 20 वर्षीय युवक अमित राठाैर नेबीती रात फांसी लगा ली। परिजनाें ने जब सुबह देखा ताे पुलिस काे सूचना दी।
पुलिस के मुताबिक फरियादी विनाेद पिता अाशाराम राठाैर उम्र 39 वर्ष ने जानकारी दी कि वह खेती का काम करता है। उसके दाे बेटे हैं। बड़ा बेटा अमित राठाैर 20 वर्ष घर पर ही जनरल स्टाेर की दुकान खाेले था, वह सुबह 7-8 बजे दुकान खाेल लेता था। लेकिन अभी लाॅकडाउन के कारण दुकान बंद थी, जिससे वह घर पर ही था। रात 11 बजे सभी ने खाना खाया। उसके बाद अमित दादी के कमरे में साेने चला गया। सुबह उसे देखा ताे ऊपर वाले कमरे का दरवाजा बंद था।
वेंटीलेटर पर नशेनी लगाकर झांककर देखा ताे अमित कमरे की बीम से साड़ी बांधकर फांसी लगाकर लटका हुअा था। एक बच्चे ने नशेनी से कमरे के अंदर जाकर दरवाजा खाेला। अमित की मृत्यु हाे गई थी। साड़ी खाेलकर उसे उतारा और पुलिस काे सूचना दी। वह करीब एक साल से परेशान एवं मानसिक तनाव में रहता था। उसका इलाज भी करवाया था । पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।



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30 साल के लड़के से हो रहा था 14 वर्षीय बालिका का विवाह, टीम ने रोका

विशेष किशोर पुलिस इकाई ने मालथौन के हरिपुर गांव में 14 वर्षीय बालिका के साथ होने जा रही 30 साल के लड़के की शादी रोक दी है। इकाई की ज्योति तिवारी ने बताया कि शनिवार को दोपहर के वक्त मुखबिर ने मालथौन थाने के तहत आने वाले हरिपुर गांव में एक 14 साल की लड़की का विवाह रचाए जाने की सूचना दी थी।
सूचना मिलते ही टीम पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के निर्देश पर मौके पर रवाना हो गई। टीम जब गांव पहुंची तब लड़की को हलदी लगाने की रस्म अदा की जा रही थी। टीम ने परिवार से लड़की की उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे। जांच करने पर लड़की की उम्र 14 वर्ष निकली। चूंकि लड़का भी गांव का ही था। लिहाजा टीम उसके घर भी पहुंची। दस्तावेज जांचने पर उसकी उम्र 30 वर्ष पाई गई। टीम ने लड़की पक्ष के लोगों को बुलाकर यह विवाह राेकने की बात कही। काफी मशक्कत के बाद दोनों पक्ष शादी रोकने तथा बालिग होने के बाद लड़की का ब्याह करने के लिए तैयार हुए। टीम में अविनाश रजक, भानु प्रताप, कल्याण सिंह लोधी तथा अन्य शामिल थे।
मजदूरों को राशन बांटा
इसी दौरान टीम ने जन साहस विकास युवा मंडल की मदद से खुरई ब्लॉक में पलायन कर आए मजदूरों के परिवारों को 1 माह का राशन बांटा। टीम ने ग्राम अंडेला, खिमलासा, पथरिया जेगन में अलग-अलग स्थानों पर मिले आदिवासी व गरीब वर्ग के लोगों को एक बोरी आटा, 10 किलो चावल, 5 किलो दाल, 3 किलो शक्कर, 5 लीटर तेल, नमक, हल्दी तथा साबुन दिया।



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हरियाणा से फिर 1280 लोगों को लेकर स्पेशल ट्रेन पहुंची, सागर के सिर्फ 16

लॉकडाउन में हरियाणा में फंसे सागर समेत मप्र के 18 जिलों के मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन दूसरे दिन शनिवार को भी सागर पहुंची। इस ट्रेन में सागर के 16 समेत कुल 1280 श्रमिक समेत उनके बच्चे भी शामिल थे। जिनकी जांच करते हुए उन्हें अपने जिलों के लिए बसों से रवाना किया गया। हरियाणा के रेवाड़ी से स्पेशल ट्रेन शनिवार को सुबह 6 बजे सागर रेलवे स्टेशन पहुंची। इस दौरान सभी श्रमिकों को बारी-बारी उनके कोच से उतारा गया।
अलग-अलग जिलों के श्रमिकों को परिसर के बाहर खड़ी बसों तक पहुंचाने के लिए निकासी भी अलग-अलग बनाई गई थी। निकासी गेट पर ही उनके हाथों को सैनिटाइज से साफ कराया गया। रेलवे स्टेशन पर पहले से ही तैनात मेडिकल टीमों ने उनका जांच की तो उनके नाश्ता, भोजन आदि पानी की व्यवस्था की गई थी।
मजदूरों की घर वापसी को लेकर उनकी चेहरों पर सुकून भी नजर आया है तो उनके बच्चे भी खुश थे। सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराते हुए परिसर के बाहर तक ले जाया गया। जहां सैनिटाइज बसों से अपने-अपने जिलों को रवाना किया। इस दौरान कलेक्टर प्रीति मैथिल, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त आरपी अहिरवार, उपायुक्त डॉ. प्रणय कमल खरे, अपर कलेक्टर अखिलेश जैन, संयुक्त कलेक्टर अंजली शाह, सिटी मजिस्ट्रेट पवन वारिया, सीएचएमओ डॉ. एमएस सागर, नोडल अधिकारी डॉ. धीरेंद्र मिश्रा,आरटीओ प्रदीप शर्मा, स्मार्ट सिटी सीईओ राहुल सिंह राजपूत, एसडीएम संतोष चंदेल, तहसीलदार नरेंद्र बाबू यादव, स्टेशन प्रबंधक नरेन्द्र सिंह, आरआरटी टीम, आरपीएफ, जीआरपी, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य, राजस्व, स्कूल शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी मौजूद थे।

यह बोले श्रमिक
महाप्रसाद पाल ने बताया कि डेढ़ महीने से काम बंद था। पैसे की कोई व्यवस्था नही थी। काफी परेशान होना पड़ रहा था। लेकिन सरकार मजूदरों की सुध ली और घर वापसी का इंतजाम कराया।
घनश्याम कोरी वहां मजदूरों की सबसे खराब हालात है। राहत सामग्री पहुंचाई तो मिल रही थी, लेकिन बच्चों दूध के लिए परेशान हो जाते थे। घर वापस आकर खुश हूं।

ट्रेन और बसों को कराया गया सैनिटाइज
मजदूरों को लेकर आई स्पेशल ट्रेन को उनके जाने के बाद सैनिटाइज किया गया। वहीं अधिकारियों के वाहन भी समेत जिन बसों में मजदूरों को भेजा गया है। वह सभी भी सैनिटाइज किए गए।



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अहमदाबाद से बस में बेहट के कोरोना संक्रमितों के साथ सिरसा के 10 लोग भी आए थे, वहां एक ही मकान में रहते थे

जिले में कोरोना का संकट मंडरा रहा है। दतिया के गाड़ी खाना क्षेत्र में मिले संदिग्ध के साथ उसके तीन परिजनों की रिपोर्ट का इंतजार बना हुआ है। इससे क्षेत्र के लाेग दहशत में हैं लेकिन इस बीच एक अाैर खतरा पैदा हाे गया है। सेंवढ़ा अनुभाग के ग्राम सिरसा में एक साथ 10 संदिग्ध और मिले हैं। सिरसा के दस लाेगाें काे इस अाधार पर संदिग्ध माना जा रहा है क्योंकि यह लोग ग्वालियर के बेहट में मिले दो कोरोना संक्रमितों के साथ अहमदाबाद में एक ही परिसर में रहते थे। सभी ने इन दोनों संक्रमितों के साथ यात्रा की थी। 6 मई को यह लोग गांव पहुंचे। ग्वालियर के बेहट में संक्रमित सामने आने के बाद ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर सेंवढ़ा में स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम सिरसा पहुंची। सभी 10 लोगों को जिला अस्पताल लाकर आइसोलेट किया। संदिग्धों के घरों को सेनेटाइज कराया गया। इसी के साथ जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की संख्या अब 22 हो गई। इनके सैंपल स्वास्थ्य विभाग रविवार को भेजेगा।
शनिवार को जैसे ही लोगों ने समाचार पत्र में देखा कि ग्वालियर की बेहट निवासी भूरी कुशवाह व देवेन्द्र कुशवाह कोरोना संक्रमित है तो सेंवढ़ा में हड़कंप मच गया। कारण भूरी अहमदाबाद में जिस परिसर में रहती थी, उसी परिसर में ग्राम सिरसा के 8 लोग रहते थे। इन 8 लोगों के साथ गांव के 2 अन्य लोग 6 मई को बेहट के संक्रमितों के साथ उसी बस से सेंवढ़ा पहुंचे थे। सुबह 9 बजे जैसे ही सिरसा के ग्रामीणों का संक्रमित लोगों के साथ रहने की बात फैली।
ग्राम पंचायत सचिव व सरपंच को सूचना दी गई। स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम पहुंची। एसडीएम राकेश परमार व तहसीलदार कल्पना कुशवाह भी मौके पर पहुंची। इन सभी के साथ 2 उन लोगों को भी आइसोलेशन के लिए जिला अस्पताल लाया गया जो उन्हें ट्रैक्टर में बैठा कर गांव तक लाए थे। इसके अलावा परिजनों को घर पर ही होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है।

सिरसा के संदिग्धों की यह है ट्रेवल हिस्ट्री
ग्राम पंचायत सरपंच ममता रजक के पति नबाब बताते हैं कि सभी लोग 6 मई की दोपहर में गांव पहुंचे थे। इनमें 3 बच्चे, 3 महिलाएं व 4 पुरुष शामिल हैं। यह अहमदाबाद के मेहदानी क्षेत्र में पानी की टिकिया बेचने का काम करते थे। इनके साथ इसी परिसर में बेहट निवासी संक्रमित भूरी देवी अाैर देवेंद्र कुशवाह भी रहते थे।

इन 10 लोगों को किया गया आइसोलेट, 24 लोगों को किया गया है होम क्वारेंटाइन
जंाच के लिए अर्जुन पुत्र ग्यासी कुशवाह 32 वर्ष, शकुंतला पत्नी अर्जुन कुशवाह 28 वर्ष, राहुल पुत्र अर्जुन कुशवाह 16 वर्ष, मुकेश पुत्र राजाराम कुशवाह 32 वर्ष, लाड़ो पत्नी मुकेश कुशवाह 28 वर्ष, राज पुत्र मुकेश कुशवाह 10 वर्ष, कृष्णा पुत्र मुकेश कुशवाह 8 वर्ष, मुंशी जाटव पुत्र परशुराम जाटव 28 वर्ष, राजकुमारी पत्नी मुंशी 26 वर्ष, कार्तिक पुत्र मुंशी 5 माह शामिल हैं। यह तीन परिवार अहमदाबाद से उसी बस से आए थे जिससे आए 13 लोगों की जांच में 2 पॉजिटिव निकले हैं। इसके अलावा इन लोगों को लाने वाले राजाराम कुशवाह 55 वर्ष तथा चालक वीर सिंह कुशवाह को भी जांच के लिए दतिया ले जाया गया है।

4 दिन में 22 आइसोलेट, 12 की रिपोर्ट का इंतजार
जिला अस्पताल में बुधवार से शनिवार तक 22 लोग आइसोलेट किए जा चुके हैं। बुधवार को प्रदीप विश्वकर्मा और उसके माता-पिता व बहन को आइसोलेट किया गया था। इसके बाद सेंवढ़ा से आए 10 लोगों को आइसोलेट किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को दो और सैंपल जांच के लिए डीआरडीओ ग्वालियर भेजे हैं। अब तक 86 संदिग्धों के सैंपल भेजे जा चुके हैं। जिसमें से 74 की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई है। अब 12 लोगों के सैंपल रिपोर्ट आना बाकी है। इसमें प्रदीप और उसके परिवार की रिपोर्ट भी शामिल है। साथ ही सेंवढ़ा से आए 10 संदिग्धों के सैंपल रविवार को भेजे जाएंगे।



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10 people from Sirsa also came along with the corona infects of Behat in a bus from Ahmedabad, lived in the same house.




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8 दिन में राशन के लिए आए 1700 आवेदन, अब सत्यापन का काम शुरू

नगर पालिका के कंट्रोल रूम में राशन के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रतिदिन 300 से अधिक लोग राशन की मांग के लिए आवेदन करने आ रहे है। अभी तक 1700 आवेदन नगर पालिका में आ चुके हैं। इनके सत्यापन का काम शुरू हो चुका है। सत्यापन का काम पूरा होने के बाद इसकी सूची खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को भेजी जाएगी, उसके बाद पात्र और जरूरतमंद लोगों को 10-10 किलो गेहूं का वितरण किया जाएगा।
कंट्रोल रूम के राशन के प्रभारी अनुज शिवहरे के अनुसार 1 मई से लेकर 8 मई तक 1700 जरूरतमंद लोगों ने राशन की मांग के लिए आवेदन किए हैं। चूंकि राशन पात्र लोगों के पास ही पहुंचे इसलिए शासन के निर्देश पर इनका सत्यापन का काम किया जाना है।
सत्यापन का काम निकाय के विभिन्न 30 वार्डों में बनाए गए निगरानी समिति के माध्यम से किया जा रहा है। वार्ड प्रभारियों को उनके वार्डों की सूची तैयार कर दे दी गई है। उस सूची के माध्यम से इन टीमों के सदस्यों ने सत्यापन का काम शुरू कर दिया है।

इसलिए बढ़ रही आवेदनों की संख्या
दरअसल लॉक डाउन शुरू होने के बाद कई सामाजिक संस्थाओं ने जरूरतमंद लोगों को कच्चा राशन और भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए थे। लेकिन लॉक डाउन बढ़ता गया तो सामाजिक संस्थाओं द्वारा दी गई राशन सामग्री भी खत्म हो गई। अब अधिकांश सामाजिक संस्थाओं ने राशन सामग्री और भोजन के पैकेट भी बांटना बंद कर दिए हैं। जिससे लोग अब खाने-पीने के लिए मोहताज हो गए हैं, जिससे वह राशन की मांग के लिए नगर पालिका आवेदन करने पहुंच रहे हंै।



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1700 applications for ration in 8 days, now verification work started




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40 किमी लंबे सड़क मार्ग का डामर उखड़ा, सिर्फ गिट्टी और पत्थर बचे

सहसराम-पहाड़गढ़ सड़क मार्ग की हालत दयनीय स्थिति में पहुंच गई है। हालत यह है कि अब सड़क पर डंपर कुछ ही जगह रह गई है, जबकि 40 किलोमीटर का यह मार्ग अधिकांश जगह उखड़कर केवल पत्थर गिट्टी बची है। यह सड़क मार्ग प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाया गया था।
उक्त सड़क मार्ग जंगल से होता हुआ 40 किलोमीटर लंबा होकर पांच पंचायतों के 25 गांव कस्बों से होकर सीधे शिवपुरी ग्वालियर मोहना से हाईवे सड़क मार्ग पर निकलता है। इस मार्ग से काफी संख्या में माल वाहनों का हर रोज आना जाना होता है, वहीं यह सड़क मार्ग यहां के जंगली क्षेत्र गांवों को तहसील जिला मुख्यालय से जोड़ता है। यह मार्ग अब पूरी तरह वाहनों के न चलने योग्य हो चुका है। कन्हार गांव में 14 जनवरी 2020 को तत्कालीन प्रभारी मंत्री लाखन सिंह यादव ने सड़क को तत्काल बनवाए जाने के लिए घोषणा कर आश्वासन दिया था और कलेक्टर प्रियंका दास के समक्ष यह घोषणा की थी, मगर गत बीते रोज कलेक्टर प्रियंका दास कन्हार गांव में पुनः इसी खराब मार्ग से पहुंची। वहां कोरोना बीमारी के तहत आदिवासियों को राशन आदि वितरण करने पहुंची। तब भी उनके आगे वहां के वासीयो ने यही मांग की कि जंगल में हमें पीने को पानी और आवागमन के लिए सड़क दे दो।



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40 km long road asphalt uprooted, only ballast and stones remain




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78 नए मरीज मिलने से संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1858 पर पहुंचा, शहर में 30 मई तक जारी रह सकता है लॉकडाउन

शहर में कोरोनावायरस के नए मरीज मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार रात आई रिपोर्ट में 78 लाेगों में इस बीमारी की पुष्टि की गई जिससे शहर में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1858 पर पहुंच गया है। वहीं लगातार पॉजिटिव मरीज मिलने से 17 मई को लॉकडाउन खुलने की संभावना नगण्य है, इंदौर में लॉकडाउन 30 मई तक जारी रह सकता है। हालांकि इसमें चरणबद्ध तरीके से छूटें मिलती जाएंगी। जब तक पॉजिटिव मरीज मिलेंगे, राहत नहीं मिलेगी। राजबाड़ा, 56 दुकान जैसी भीड़ वाली जगहें दो से तीन महीने तक खुलना मुश्किल है। मॉल, टॉकिज भी नहीं खुलेंगे, क्योंकि जून-जुलाई में फिर वायरस के पीक पर आने की आशंका है।

शनिवार रात आई रिपोर्ट के अनुसार इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1858 हो गई है। शनिवार को 1196 सैंपलों में से 1118 की रिपोर्ट निगेटिव आई जबकि 78 की पॉजिटिव। सीएमएचओ कार्यालय के अनुसार अब तक इंदौर जिले में 13940 सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। वहीं अब तक इस बीमारी से 89 लोगों की मौत हो चुकी है। एक राहत वाली बात यह है कि 891 मरीज इस बीमारी से पूरी तरह से ठीक भी हो चुके है। वर्तमान में 878 कोरोना पॉजिटिव मरीजाें का उपचार विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है।

घर के पास वाली बैंक शाखा से ले सकेंगे पेंशन, जाकर देना होगा आवेदन
बैंक बंद होने से पेंशनरों को पेंशन लेने मेंसमस्या आरही है। एेसे में कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश जारी किया है कि पेंशनरों को घर के पास वाली पेंशन संबंधी बैंक की शाखा में जाकर आवेदन करना होगा। संबंधित बैंक लीड बैंक मैनेजर को ई-मेल कर इसकी जानकारी देंगे और ऑनलाइन मंजूरी लेंगे। मंजूरी मिलने पर बैंक पेंशनर को तय समय देकर उन्हें बुलाएंगे। यह मंजूरी 11 से 25 मई तक के लिए जारी की है। पेंशनर काे बैंक जाने-आने के लिए अलग पास की जरूरत नहीं होगी। उन्हें पेंशन बुक, पेंशन पेमेंट आर्डर आदि साथ में रखना होगा। बैंक पेंशनराें तक पहुंचने के लिए मोबाइल वैन के जरिए कियोस्क भी चला सकते हैं। इसके लिए बैंक प्रबंधन एडीएम बीबीएस तोमर के पास आवेदन कर कियोस्क की मंजूरी ले सकते हैं। जिले में अभी करीब सवा लाख पेंशनर हैं।



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इंदौर में लगातार पॉजिटिव मरीज मिलने से 17 मई को लॉकडाउन खुलने की संभावना नगण्य है, इंदौर में लॉकडाउन 30 मई तक जारी रह सकता है।




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शहडोल में 9 मजदूरों के शवों को परिजनों की इच्छा पर एक साथ दफनाया, उमरिया के पांच श्रमिकों की अंत्येष्टि

शुक्रवार कोऔरंगाबाद में रेल हादसे का शिकार हुए 16 मजदूरों के शव शनिवार को सुबह 11.30 बजेट्रेन से जबलपुर लाए गए। इसके बाद उनके गृह जिलों शहडोल और उमरिया मेंउनके गांवममान और चिल्हारी ले जाया गया।देर शाम शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अपनों केक्षत-विक्षतशव देखकर परिजन बदहवास हो गए। घर कीमहिलाओं को संभालना मुश्किल हो गया। शहडोल के अंतौली गांवमें 9 मजदूरों के शवकोपरिजनोंकी इच्छा पर एक साथदफनाया गया। वहीं उमरिया के ममान गांव में 4 औरएकमजदूर की चिल्हारी गांव मेंअंत्येष्टि की गई।प्रशासन ने परिजनों को तत्कालिक राहत के तौर पर एक-एक लाख रुपए केचेक सौंपे हैं।

उमरिया के गांव ममान में मृतक श्रमिकों की अंत्येष्टि की गई।

उमरिया से शवों को उतारकर ट्रेन रवाना हुई तो4 बजे बजे शहडोल पहुंची। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शवों को ट्रेन से उतरवाकर एंबुलेंस में गांव के लिए रवाना किया गया। हादसे में मारे गए 11 लोगशहडोल के अंतौली गांव के रहने वाले थे, यह सभीआपस में सगे-संबंधी थे। यह लोग एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे। ऐसे मेंपूरे गांव में मातम पसरा रहा। मृतकों में तीन भाई भीथे। यहां 9 शवों को परिवार की इच्छा के बाद दफनाया गया।

उमरिया में हादसे में मारे गए मजदूर की मां का बुरा हाल था। प्रशासन ने मौके पर तत्कालिक आर्थिक सहायता दी है।
इसके पहले शाम को शवों को एंबुलेंस से गांव लाया गया।

उमरियामें प्रशासन ने कराया अंतिम संस्कार

उमरिया जिले में आज औरंगाबाद ट्रेन हादसे में मरने वाले 5 श्रमिकों के शव विशेष ट्रेन द्वारा लाकर उनके गृह ग्राम ममान ले जाया गया, जहां पर प्रशासन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया गया।ट्रेन के पहुंचने पर बड़ी संख्या में लोगस्टेशन के बाहर पहुंच गए। हालांकि, पुलिस ने सभी को बाहर रोक दिया। इसके बाद एंबुलेंस में चार मजदूरों के शवों कोममान पाली भेजागया। इस एंबुलेंस में ही हादसे में जीवित बचे वीरेंद्र सिंह को भेजा गया। वीरेंद्र, शवों के साथ ही ट्रेन से पहुंचेथे। वहीं, एक अन्य मजदूर का शवचिल्हारी मानपुर भेजा गया।



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औरंगाबाद हादसे का शिकार हुए शहडोल के 9 मजदूरों को उनके घर वालों की मर्जी पर दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया।




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श्री हजूर साहिब से लौटे 60 लोगों में से 54 की रिपोर्ट निगेटिव, जिले में 30 और लोगों की सैंपलिंग

विदेश से लौटने वालों में अधिकतर लोग भुलत्थ व आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले
शनिवार को जिले के लिए राहत की खबर आई है। पीटीयू में क्वारेंटाइन किए श्री हजूर से लौटे 42 पुलिस मुलाजिमों में से 36 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, 6 की रिपोर्ट पेंडिंग है। वहीं, श्री हजूर साहिब से लौटे 18 श्रद्धालुओं की भी रिपोर्ट निगेटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग ने इन लोगों को अब पीटीयू से अपने घर में ही क्वारेंटाइन होने के लिए कहा है।

शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने कुल 30 लोगों के सैंपल लिए हैं। इसमें से सिविल अस्पताल के फ्लू कॉर्नर में पहुंचे 27 लोगों के सैंपल लिए। इसके अलावा सिविल अस्पताल के आइलोलेशन वार्ड में भर्ती फगवाड़ा के एक ही परिवार से संबंधित 3 पॉजिटिव मरीजों के फिर से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे है। इनकी रिपोर्ट सोमवार या मंगलवार को आने की संभावना है।
होटलों और स्कूलों में ठहरने से पहले जांच होगी
कोरोना वायरस के चलते जहां पहले पंजाब में भारी गिनती में श्री हजूर से श्रद्धालु पहुंचे थे और प्रदेश में कोरोना पॉजिटव के मरीजों की संख्या में बढ़ौतरी हो गई थी। अब विदेशों में फंसे पंजाबियों को अपने देश लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में कहीं न कहीं प्रदेश में और खतरा बढ़ सकता है। वहीं, विदेश से आए पंजाबियों को होटलों में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है यानि उनकों होटलों में क्वारेंटाइन किया जाएगा। पंजाबी प्रवासियों को होटल भेजने से पहले मेडिकल जांच भी की जाएगी।
विदेश से जिले में 900 लोगों के जल्द लौटने की संभावना, होटलों में ठहरने के किए जा रहे प्रबंध
कपूरथला| श्रद्धालुओं के बाद अब केंद्र सरकार विदेशों में फंसे एनआरआई को लाने की तैयारी कर रही है। श्री हजूर साहिब से पंजाब लौटे 4200 श्रद्धालुओं में से एक हजार से ज्यादा श्रद्धालु कोरोना वायरस पॉजिटिव मिले हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद पॉजिटिव मरीजों का इजाफा हो जा रहा है। इधर, पंजाब में एनआइआई अपने देश आने के लिए विदेशों से रवाना हो रहे हैं।

सरकार का मानना है कि विदेशों में आने वाले पंजाबियों की वापसी के दौरान बेहद सावधानी रखनी होगी। सरकार की ओर से डीसी और सेहत विभाग को अलर्ट किया गया है। जिले की डीसी ने भी कहा है कि भुलत्थ और आसपास क्षेत्र से संबंधित एनअारआईज वापस अपने गांव पहुंच रहे हैं। उन्हें ठहराने के लिए होटल मालिकों से बातचीत की जा रही है। कुछ लोगों को सरकारी स्कूलों में क्वारेंटाइन किया जाएगा।

फगवाड़ा के तीन मरीज सिविल में हैं क्वारेंटाइन
एपीडीमोलोजिस्ट डॉ. राजीव भगत ने बताया कि शनिवार को कुल 30 सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजे हैं। 3 सैंपल आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक ही परिवार के 3 पॉजिटिव मरीजों के दोबारा लिए गए है। उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हुए 14 दिन हो गए हैं। इन सेंपलों की रिपोर्ट सोमवार या मंगलवार को आने की संभावना है। रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई होगी।
एक होटल में 2 से ज्यादा लोग नहीं ठहरेंगे, खाना मेन्यू मुताबिक मिलेगा
वहीं, जिले में 900 के करीब एनआरआई आने की संभावना है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि एनआरआईज के पहुंचते ही प्रशासन की ओर से उन्हें क्वारेंटाइन करने के आदेश दिए हैं। यही नहीं होटल के मेन्यू के मुताबिक इन्हें खाना भी उपलब्ध करवाया जाएगा। होटल में रुकने का सारा खर्च लोगों को खुद उठाना पड़ेगा।

एक होटल में दो से ज्यादा लोगों को नहीं रखा जाएगा। इतना ही नही दूसरे राज्यों में वापस अपने गांव लौटने वालों को सरकारी स्कूलों में क्वारेंटाइन किया जाएगा। वहीं, डीसी दीप्ति उप्पल का कहना है कि पंजाब में दोआबा क्षेत्र में अधिक संख्या एनआरआईज की है।
पीटीयू में 42 मुलाजिम और 18 श्रद्धालु क्वारेंटाइन
स्वास्थ्य विभाग कपूरथला के एपीडीमोलोजिस्ट डॉ. राजीव भगत ने बताया कि गत दिन श्री हजूर साहिब से लौटे 60 लोगों के सैंपल लेकर पीटीयू में क्वारेंटाइन किया था। इनमें से 42 पुलिस कर्मी शामिल हैं जबकि 18 श्रद्धालु थे। शनिवार शाम को 60 सैंपलों में से 54 सेंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इनमें से 36 पुलिस मुलाजिमों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 36 पुलिस मुलाजिमों समेत 18 श्रद्धालुओं को पीटीयू से अब उनके घरों में ही क्वारेंटाइन किया गया है।



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Of the 60 people who returned from Mr. Hazur Sahib, 54 reported negative, 30 more people in the district sampling




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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त गेहूं और दाल देने के बदले डिपो होल्डर ले रहा था 50 रुपए, रेड कर किया लाइसेंस रद्द, पुलिस को दी शिकायत

जरूरतमंदों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दी जाने वाली गेहूं और दाल देने के बदले में जरूरतमंद लोगों से डिपो होल्डर की ओर से प्रति व्यक्ति 50 रुपए वसूले जा रहे थे। किसी ने इसकी शिकायत खाद्य आपूर्ति विभाग को दे दी। विभाग के कंट्रोलर ने मौके पर छापेमारी कर उक्त डिपो को रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद डिपो होल्डर का लाइसेंस रद्द कर पुलिस को कार्रवाई करने के लिए लिखा।
खाद्य आपूर्ति विभाग के कंट्रोलर सरताज सिंह ने शिकायत मिलने पर डिपो पर की छापेमारी
3 माह का दे रहे राशन, प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं, एक किलो दाल मिल रही
कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी ने पंजाब के जरूरतमंद लोगों के लिए 66 हजार 870 मीट्रिक टन अनाज मुफ्त बांटने के लिए भेजा था। यह अन्न पंजाब में डिपो होल्डरो की ओर से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाना था। प्रति व्यक्ति को 3 महीने का राशन देना था। प्रति व्यक्ति को 5 किलो गेहूं और 1 किलो दाल दी जानी थी। शनिवार दोपहर मोहल्ला कायमपुरा स्थित डिपो होल्डर ने इस निशुल्क अनाज बांटे जाने के बदले 50 रुपए वसूलने शुरू कर दिए। जब इस सबंधी डिपो होल्डर चंदनप्रीतपाल सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ था। इस कारण उनके साथ संपर्क नहीं हुआ सका है।
खाद्य आर्पूति विभाग के कंट्रोलर सरताज सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि कोविड-19 के संबंध में फैली महामारी के चलते केंद्र सरकार की ओर से जरूरतमंद लाेगों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत तीन महीनों के लिए भेजी गई गेहूं और दाल देने के बदले मोहल्ला कायमपुरा का डिपो होल्डर चंदनप्रीतपाल सिंह पुत्र सतपाल सिंह आहलूवालिया पर्चियां बांट रहा था। प्रति पर्ची के एवज में हर व्यक्ति से 50 रुपए वसूले जा रहे थे। उन्हें किसी ने शिकायत की।

शिकायत मिलते ही वह टीम के साथ मौके पर पहुंच गए, जहां डिपो होल्डर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दिए जाने वाले अनाज के बदले में लोगों से 50 रुपए वसूलता पाया गया। मौके पर ही उसका पीडीएस लाइसेंस नंबर 30 रद्द कर दिया गया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस विभाग को लिखा गया है।



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Depot holder was taking 50 rupees in lieu of giving free wheat and pulses under the Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana, red tax license canceled, police complaint




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अनीता सोमप्रकाश ने 30 आशा वर्करों को बांटी राशन सामग्री

कोरोना वायरस महामारी के चलते समाज सेविका अनीता सोमप्रकाश ने 30 आशा वर्करों को राशन सामग्री वितरित की। अनीता ने वर्करों को राशन सामग्री वितरित करते हुए लॉकडाउन का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में हरेक भारतवासी अपने देश के साथ मजबूती के साथ खड़ा है और हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी है। अनीता ने कोरोना वायरस के चलते मोदी सरकार की ओर से देशभर में किए लाकडाउन के दौरान लोगों को घरों में रहने की अपील की है।



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Anita Somprakash distributed ration material to 30 Asha workers




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तापमान 400, छूट का समय खत्म होने के बाद सड़कें सुनसान

मई महीना शुरू होने से गर्मी ने भी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया है। कपूरथला में इन दिनों चिलचिलाती धूप और झुलसा देने वाली गर्मी ने शहरवासियों की दिनचर्या को बुरी तरह से प्रभावित किया है। लोग कर्फ्यू के कारण पहलेे ही घरों में बैठे हुए हैं। जहां पहले लोग घर से बाहर निकलने के समय गर्मी से बचने के लिए मुंह पर रुमाल और कपड़ा बांध लेते थे। वहीं, अब लोग गर्मी से नहीं बल्कि कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क बांधकर निकल रहे है।
शहर के सभी चौकों, बाजारों, हाईवे और मुख्य मार्गों पर पुलिस टीमें तैनात, महिला मुलाजिम छाता लेकर दे रहीं ड्यूटी

इधर, भीषण गर्मी के बीच लोगों की सुरक्षा को लेकर पुलिस कर्मी ड्यूटी पर डटे हुए हैं। देश में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगे हुए 50 दिन हो गए हैं। तभी से लोग घरों में बैठे हुए हैं। सभी कामकाज बंद हैं। ऐसे में लोगों को कुछ राहत दी गई है। जिला मजिस्ट्रेट कपूरथला दीप्ति उप्पल ने सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक दुकानें खोलने के निर्देश जारी किए हैं। इस बीच लोग बाजारों में जरूरी वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं। वहीं, दोपहर के समय गर्मी का प्रकोप जोरों पर है। ऐसे में लोग भी बाहर जाने से कतराते है।

3 बजे के बाद शहर की अधिकतर सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। कुछ सड़कों पर इक्का-दुक्का लोग ही जाते हुए दिखाई देते हैं। कर्फ्यू को लेकर शहर के सभी चौकों, बाजारों, हाइवे और मुख्य मार्गों पर पुलिस टीमें तैनात की गई हैं। गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं। कई पुलिस नाकों पर तो महिला पुलिस धूप से बचने के लिए छाता लेकर ड्यूटी कर रही हैं।



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Temperature 400, roads deserted after relaxation time is over




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500 मजदूरों को सैनिटाइजर, मास्क और दस्ताने दिए

अलायंस क्लब की ओर से होशियारपुर रोड दाना मंडी में यूनियन बैंक के बाहर दाना मंडी में काम करने वाले 500 प्रवासी एवं मजदूरों को हैंड सैनिटाइजर, मास्क और दस्ताने दिए। इस दौरान बतौर मुख्यातिथि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर एली जतिंदर सिंह कुंदी ने अलायंस क्लब की ओर से किए जा रहे सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस महामारी से बचने के लिए हमें खुद अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सरकारके निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जालंधर, कपूरथला, करतारपुर आदि जगह पर भी इसी तरह हैंड सैनिटाइजर, मास्क और दस्ताने बांटे जाएंगे।
अलायंस क्लब के रीजन चेयरमेन एली सुरिंदर मित्तल ने कहा कि आज देश में सबसे ज्यादा जरूरत गरीब मजदूरों एवं मध्यम वर्गीय परिवारों तक राहत और जरूरी सामान पहुंचाने की है और नर सेवा ही नारायण सेवा है।अलायंस क्लब फगवाड़ा सर्विस के प्रधान एली विपन हांडा ने कहा कि इसीलिए क्लब की ओर से फैसला लिया गया कि दाना मंडी में काम करने वाले मजदूर खुद सेनिटाइजर और मास्क नहीं खरीद सकते, उन्हें क्लब की ओर से यह सामान बांटे जा रहे हैं। मौके पर एली राजीव सूद, अजय भगत, रणजीत मलहंन, सुनील बेदी, संदीप गिल, गुरजीत वालिया आदि मौजूद थे।



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500 workers were given sanitizers, masks and gloves




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कोरोना ड्यूटी दे रहे टीचर्स काे भी मिलेगा 50 लाख का बीमा

कैप्टन सरकार ने काेराेना संक्रमण के दाैरान फील्ड में फ्रंट लाइन पर ड्यूटी दे रहे सभी अध्यापकों और एजुकेशन महकमे के तहत आते नाॅन टीचिंग स्टाफ काे ‘काेरोना वॉरियर्स’ का दर्जा देते हुए उनके लिए 50 लाख रुपए के एक्स ग्रेशिया (सेहत बीमा) का देने का एलान किया है। वित्त विभाग ने इससे जुड़ा पत्र जारी कर दिया। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की मांग पर सरकार ने यह एलान किया है। डेमाेक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दविंदर सिंह पूनिया, महासचिव जसविंदर सिंह झबेलवाली और जिला अध्यक्ष अश्वनी अवस्थी ने कहा कि टीचिंग और नाॅन टीचिंग स्टाफ कर्फ्यू में ड्यूटी निभा रहा है। ये उनका हक है।

इधर, कच्चे मुलाजिमों ने भी की 50 लाख के सेहत बीमे की मांग
चंडीगढ़ | कोरोना वायरस के संकट से कच्चे कर्मचारी भी फ्रंट लाइन पर ड्यूटी कर रहे हैं। लेकिन कच्चे कर्मचारियों के संगठनों का आरोप है कि सरकार कच्चे कर्मचारियों को पूरी सहूलियत नहीं दे रही। इससे इन कर्मचरियों को रोष प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कर्मचारियों को पक्का किया जाए और कोविड की ड्यूटी में लगे मुलाजिमों का 50 लाख का बीमा करने के भी आदेश जारी किए जाएं।



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रोजाना इन गांवों के 50 घर कवर किए जाते हैं, लोगों की भी हो रही सेहत जांच

सेहत विभाग की टीम द्वारा कंटेनमेंट जोन के साथ लगते गांव भलड़ी, सुखसाल, बैंसपुर, मजारी तथा दगोड़ में रोजाना सर्वे किया जा रहा है। पीएचसी के सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. राम प्रकाश सरोआ ने बताया कि नंगल तहसील के अंतर्गत आते गांव भंगल को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। इस कारण नजदीकी गांवों की सावधानी के लिए घर-घर में सर्वेक्षण करने की हिदायत की गई थी। इन हिदायतों का पालन करते हुए कीरतपुर साहिब ब्लॉक के अंतर्गत पड़ते 5 गांवों में सर्वे शुरू किया गया और रोजाना इन गांवों के 50 घर कवर किए जाते हैं।

इसके अलावा लोगों की गंभीर बीमारियों की भी जांच की जाती है। कोविड-19 को देखते हुए लोगों को कोरोना वायरस संबंधी जरूरी जानकारी भी दी जाती है। जैसे लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें, सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही बाहर जाएं, समय-समय पर हाथ धोएं और हाथों को बताई विधी अनुसार ही धोया जाए, मास्क लगाकर रखें। डॉ. सरोआ ने बताया कि इन गांवों में कोई भी शक्की मरीज नहीं पाया गया और सेहत कर्मी कोरोना वायरस को लेकर अपनी ड्यूटी तनदेही से निभा रहे हैं।
गांव मांगेवाल मे सैनिटाइजर स्प्रे का छिड़काव

आंनदपुर साहिब के साथ लगते गांव मांगेवाल में समाजसेवियों के सहयोग से पूरे गांव में सैनिटाइजर स्प्रे किया गया। किला अानंदगढ़ साहिब के ग्रंथी गुरपाल सिंह द्वारा सरबत के भले अरदास की गई। व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह अरोड़ा की तरफ से लंगर की सेवा निभाई गई और बीबी रानी शाह, परवेज शाह, अमिताज बिट्टू शाह, अमरान शाह, अशरफ शाह को सम्मानित किया गया। यहां बेअंत सिंह, हरमिंदरपाल सिंह, हरजिंदर सिंह, प्रेम सिंह, सरपंच सुरेश जोशी, प्रेम, अमनदीप सिंह, अमर सिंह, हरविंदर सिंह मौजूद थे।



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Every day 50 houses of these villages are covered, people are also getting health check




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अध्यापकों ने पुलिस विभाग की भांति 50 लाख का बीमा करने की मांग की

कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते इमरजेंसी में ड्यूटी करने वाले टीचरों ने संयुक्त रूप से शनिवार को दशहरा ग्राउंड में कर्फ्यू दौरान आ रही समस्याओं पर विचार-विमर्श किया। प्रेस के माध्यम से टीचर कुलदीप सिंह दौड़का, बिक्रमजीत सिंह, मनजिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, अनिल कुमार, जतिंदर कुमार, जतिंदर सिंह, नवीन कुमार, जसवंत सिंह, रमन कुमार, बख्शीश सिंह सैंभी, गुरनाम सिंह, इकबाल सिंह, सर्बजीत सिंह, पवन कुमार ने बताया कि 25 मार्च से लगातार टीचर कर्फ्यू डयूटी कर रहे हैं।

इनमें कई टीचर पेट्रोलिंग टीमों में नाकों पर, मेडिकल टीमों के साथ, गांव में राशन रिपोर्ट्स व अन्य डाटा इकट्ठा कर रहे हैं। अन्य विभागों जैसे पुलिस, मेडिकल सर्विसेस को प्रशंसा तथा बीमा किया जा रहा है। सभी टीचरों को कर्फ्यू दौरान कोरोना से बचाव करते हुए अहम डयूटी निभानी पड़ी। टीचरों ने मांग की है कि हर कर्मचारी चाहे वह किसी भी विभाग में कच्चा हो या पक्का उसका 50 लाख रुपए का बीमा किया जाए। शिक्षा विभाग 11 अप्रैल से गर्मी की छुटिट्यां घोषित कर चुका है परंतु टीचर कर्फ्यू दौरान डयूटी कर रहे हैं।

उसके बदले में उनकी अनर्ड लीव मुहैया करने का लेटर तुरंत जारी किया जाए। छुटि्टयों दौरान टीचरों का मोबाइल भत्ता काट लिया गया है जबकि इनका फोन पहले से भी ज्यादा प्रयोग हो रहा है। इस समय टीचर घर बैठे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। उन्होंने सरकार से उनकी मांगों की ओर ध्यान देने की अपील की है।



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Teachers demand insurance of 50 lakhs like police department




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रिपोर्ट निगेटिव आने पर 50 लोगों को घर भेजा

हंस राज मेमोरियल स्कूल बाजाखाना में बनाए गए कोविड केयर-कम-एकांतवास केंद्र में रखे गए 50 व्यक्तियों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनको छुट्टी देकर घर भेज दिया गया परन्तु वह 14 दिनों के लिए घर में एकांतवास में रहेंगे। इस संबंध में जानकारी देते हुए बाजाखाना के एसएमओ डाॅ. अवतारजीत सिंह ने बताया कि यह सभी व्यक्ति बाहर के राज्यों से आए थे व इनमें से ज्यादातर कम्बाइन चालक और श्रमिक थे।

बीईई सुधीर धीर्र, सेहत सुपरवाइजर छिन्दरपाल सिंह, मनदीप सिंह ने बताया कि इन व्यक्तियों के टेस्ट निगेटिव आने के बाद इन व्यक्तियों को घरों में ही एकांतवास रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य कर्मचारी संदीप कुमार, जसमत्त सिंह, राजविन्दर सिंह आदि उपस्थित थे।

लाला लाजपत राय काॅलेज में बने एकांतवास केन्द्र से 184 लोगों को छुट्टी देकर घरों में किया एकांतवास

सेहत मंत्री पंजाब बलवीर सिंह सिधू तथा सिविल सर्जन डाॅ. अंदेश कंग के निर्देशों तथा डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस के आदेश पर लाला लाजपत राय काॅलेज घल्लकलां में बनाए गए कोविड केयर कम एकांतवास केन्द्र में रखे गए 184 व्यक्तियों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनको छुट्टी देकर घर भेज दिया गया, लेकिन वह 14 दिनों के लिए घर में भी एकांतवास में ही रहेंगे।
सेहत विभाग के ब्लाक डरोलीभाई के मास मीडिया विंग के इंचार्ज रछपाल सिंह सोसन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति अनुसार 76 व्यक्तियों को शुक्रवार देर शाम घर भेजा गया। जबकि 108 व्यक्तियों को शनिवार को अपने-अपने घर भेजा गया। ये बाहरी राज्यों से आए थे, जिनमें कंबाइन ड्राइवर, मजदूर तथा विद्यार्थी शामिल थे।

गांव सादिक के फ्लू कार्नर में लिए 23 व्यक्तियों के लिए सैंपल

स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस की चेन तोड़ने व इसकी जांच के प्रयत्नों के तहत कोविड-19 के सैंपल रियल टाइम पोलीमेरेस चैन प्रतिक्रिया से लेने और सैंपल एकत्रित करने के लिए जिले में कई फ्लू कार्नर स्थापित किए गए हैं। इसी क्रम में सी.एच.सी सादिक में फ्लू कार्नर में शनिवार काे 23 व्यक्तियों के कोरोना टेस्ट के सैंपल एकत्रित किए गए।

स्वास्थ्य विभाग के मास मीडिया अधिकारी डॉ प्रभदीप चावला ने बताया कि गांवों में आशा वर्करों द्वारा किये जा रहे सर्वेक्षण के आधार पर जिस व्यक्तियों में जुकाम, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आते हैं उन्हें जांच के लिए नजदीक के फ्लू कार्नर में सैंपलिंग के लिए रैफर किया जाता है।

एसएमओ डॉ रजीव भंडारी ने कहा कि प्रशासन द्वारा स्थापित एकांतवास केंद्र एस.बी.आर.एस कालेज घुद्दूवाला में 52 व्यक्तियों को ठहराया गया है। इस अवसर पर मेडिकल अफ़सर डाॅ. अमनप्रीत कौर, डॉ. शमिन्दर कौर, एएमओ डॉ. गुरलीन कौर, डॉ. दीपशिखा, डॉ. गगन बजाज, फार्मेसी अफ़सर रजिन्दर अरोड़ा, एलटी बिक्कर सिंह, गुरसेवक सिंह और स्टेनो संतोष कुमार उपस्थित थे।



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