4 सुबह 8 से शाम 4 बजे तक जरूरी सेवाओं को छूट By Published On :: Mon, 04 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के तीसरे फेज के पहले ही दिन समनापुर जंगल और रेंगाखार में 6 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसे लेकर कबीरधाम जिला अब रेड जोन में आ गया है। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने इसकी पुष्टि की है। यानी अब जिले में संक्रमण के फैलाव को रोकने को लेकर ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है। इसके मद्देनजर लॉकडाउन और धारा 144 को 17 मई की रात 12 बजे तक बढ़ा दिया गया है।साथ ही कबीरधाम रेड जोन में होने होने के कारण जिले के भीतर विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध और अनुमति के संबंध में कलेक्टर ने सोमवार देर शाम को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आगामी 17 मई तक सुबह 8 से 4 बजे तक चिकित्सा समेत जरुरी सेवाओं को छूट रहेगी। शाम 4 बजे से सुबह 8 बजे तक गैर जरुरी गतिविधियां पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान घरों से बाहर घूमने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।शहरी क्षेत्र में आवश्यक वस्तु वाली दुकानें खोलने की अनुमति: शहरी क्षेत्रों नगरीय निकायों में सभी माॅल, मार्केट काॅम्प्लेक्स, मार्केट बंद रहेगी। आवश्यक वस्तुओं की बिक्री संबंधी दुकानों को अनुमति होगी।जिले में ये पाबंदियां 17 मई तक रहेगी लागू जिले में शाम 4 बजे से सुबह 8 बजे तक लोगों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। इस दौरान लोगों की आवाजाही रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन ने धारा-144 लागू किया है। स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षिक संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट, बार, सिनेमा हॉल, शाॅपिंग माॅल, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, नाट्यशाला और सभागार आदि बंद रहेंगे। धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद से जुड़े जमावड़े पहले की तरह प्रतिबंधित रहेंगे। 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 साल के कम उम्र के बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों के घर से निकलने पर पाबंदी रहेगी। वे सिर्फ जरूरी काम से या फिर इलाज के लिए बाहर जा सकते हैं। साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी व कैब एकत्रीकरण, जिले के भीतर और अंतर जिला बस परिवहन, सेलून और स्पा पार्लर का संचालन बंद रहेगा। इसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा।इन गतिविधियों की अनुमति, लेकिन जरुरी पाबंदी भी चारपहिया वाहन में ड्राइवर के अलावा अधिकतम 2 सवारी बैठ सकते हैं। दोपहिया वाहनों में दो लोग नहीं बैठ सकेंगे। आवश्यक सामग्री जैसे, दवाइयां, ड्रग्स एवं चिकित्सकीय उपकरण संबंधी निर्माण इकाई, चिकित्सा सामग्री की परिवहन सुविधा, सूचना तकनीकी के हार्डवेयर उपकरण बनाने वाली ईकाई सोशल डिस्टेंसिंग के साथ संचालन की अनुमति दी जाएगी। ओपीडी और मेडिकल क्लिनिक का संचालन सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सावधानियाें के साथ संचालित किए जा सकेंगे। कोरियर व पोस्टल सेवाएं की अनुमति। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी व आईटी आधारित सेवाएं, डाटा एव काॅल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाऊस सेवाएं, प्राइवेट सिक्योरिटी व फेसिलिटी मैनेजमेंट सेवा के लिए अनुमति रहेगी। सभी आवश्यक वस्तुओं/ सामग्रियों के परिवहन की अनुमति। ऐसे सामग्रियों के लिए जिला सीमा परिवहन के लिए अलग से पास की आवश्यकता नहीं होगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 24.5 करोड़ की कांकेर जल आवर्धन योजना हुई लेट, अब 20 मई को हो सकता है ट्रायल By Published On :: Mon, 04 May 2020 23:30:00 GMT 24 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से शहरवासियों के लिए अप्रैल महीने से शुरू होने वाले जल आवर्धन योजना पर कोरोना का असर पड़ गया है। जूझ लॉकडाउन के कारण यह एक बार फिर लेट हो गया। योजना के तहत कुछ काम बचे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण बंद हो गया था। अब पीएचई विभाग ने फिर से काम शुरू कर दिया है। विभाग के अधिकारी 20 मई से पानी के लिए ट्रायल शुरू करने की बात कह रहे हैं।दरअसल 24.5 करोड़ वाले कांकेर जल आवर्धन योजना की स्वीकृति 2013 में मिली थी। इसका काम 2016 में शुरू हुआ था। 2018 तक काम पूरा हो जाना था, लेकिन अभी तक काम पूरा हो जाना था। इस साल अभी तक की स्थिति में काम पूर्णता की ओर है। ग्राम दसपुर के जल शुध्दिकरण संयंत्र व बागोड़ के इनटेक में कुछ काम शेष है। यह काम अप्रैल तक पूरा करना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से 22 मार्च से काम बंद हो गया। पीएचई विभाग के अनुसार अब फिर से कुछ दिनों से जल शुध्दिकरण संयंत्र के भवन में फिनिशिंग का काम शुरू हो गया है। जल शुध्दिकरण संयंत्र में फिल्टर मशीन नहीं पहुंचा है, जो भंडारा से पहुंचेगा। इसके भी सप्ताह भर में पहुंच जाने की उम्मीद है। अभी जल शुध्दिकरण संयंत्र में ट्रांसफॉर्मर पहुंच चुका है और जिसके लिए फाउंडेशन खड़ा हो गया है, जिसे लगाने की तैयारी चल रही है। साथ ही इनटेक वेल में काम किया जा रहा है। जहां पंप डालने का काम शेष है। बिजली विभाग से हाई टेंशन तार नहीं लगाया गया है,जिसका काम शेष है। पीएचई विभाग 20 मई को जल सप्लाई के लिए ट्रायल करने की तैयारी कर रहा है। प्रति व्यक्ति 135 लीटर मिलेगा पानीशहर में महानदी से जल सप्लाई होने पर प्रति व्यक्ति 135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी मिल पाएगा। इसमें शहर में 39 किलोमीटर का पाइपलाइन बिछाया गया है। इसका काम पूर्ण हो चुका है। जल वितरण प्रणाली पाइप लाइन में लागत 6 करोड़ 50 लाख रूपया का है। बागोड़ के महानदी में इनटेक 2 करोड़ 32 लाख रूपया का बनाया गया है। जल शुध्दिकरण संयंत्र 4 करोड़ 32 लाख रूपया का बनाया गया है। बागोड़ के महानदी से पानी दसपुर में बने जल शुध्दिकरण संयत्र में आएगा। जहां से पानी का शुध्दिकरण होगा। वहीं रॉ-वाटर में लागत 2 करोड़ 46 लाख रूपया है। शहर में चार टंकी नया बस स्टैंड, मुक्तिधाम, अलबेलापारा, श्रीराम नगर वार्ड में बनाई गई है। यहां पर दसपुर से शुध्द पानी जमा होगा। फिर शहर में पाइप लाइन से लोगों के घर में पानी पहुंचेगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Kanker water magnification scheme of 24.5 crore late, now trial on May 20 Full Article
4 27 रुपए का मिट्टी तेल 40 में बेचा, शिकायत के बाद नोटिस By Published On :: Mon, 04 May 2020 23:30:00 GMT ग्राम पंचायत भिंगीड़ार के उचित मूल्य दुकान संचालक द्वारा 27 रुपए का मिटटी तेल हितग्राहियों को 40 रुपए की दर से बेचा जा रहा है। जब इसकी जानकारी हितग्राहियों को लगी तो हितग्राहियों ने विक्रेता से इस संबंध में बात की।विक्रेता ने हितग्राहियों को अधिकारियों को खर्चा देने की बात कहते हुए अधिक राशि लेना बताया। इसके बाद हितग्राहियों ने इसकी शिकायत पखांजूर एसडीएम से करते हुए दुकान संचालक पर कार्रवाई की मांग की है। ग्राम भिंगीडार में उचित मूल्य की दुकान का संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। समस्त राशन कार्डधारियों को मिट्टी तेल 40 रुपए लीटर की दर से बेचा जा रहा है। जबकि शासन द्वारा मिटटी तेल का मूल्य 27 रूपए निर्धारित किया गया है। ग्रामीण भुवन मंडल, नरोत्तम मंडल, हिरदास सरदार, हरिचांद बघेल, प्रताप जैन आदि ने बताया सेल्समैन द्वारा न सिर्फ मिट्टी तेल का अधिक रेट लिया जाता है, साथ ही तौल में कम सामान दिया जाता है।कार्रवाई की प्रक्रिया शुरूखाद्य निरीक्षक पखांजूर जतिन देवांगन ने बताया कि दुकानदार ने मिट्टी तेल 40 की दर में बेचा है। उसे नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 4 परिजन को एंट्री, 2 को पास खरीदना होगा By Published On :: Mon, 04 May 2020 23:30:00 GMT मेडिकल कॉलेज में कोरोना की आड़ में आम लोगों की जेब में डाका डालने की शुरुआत हो गई है। मेकॉज प्रबंधन ने सोमवार से भर्ती मरीजों के साथ आने वाले परिजन के लिए पास सिस्टम लागू किया है। मेकॉज प्रबंधन का कहना है कि हॉस्पिटल में इतनी भीड़ हो रही है कि भीड़ को मैनेज करने के लिए पास सिस्टम लागू करना पड़ रहा है जबकि ज्यादातर वार्डों में इलाज की व्यवस्था ठप पड़ी हुई है और आपात स्थिति में ही मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है और तो और कोरोना के डर के चलते सामान्य बीमारी का इलाज करवाने के लिए भी मरीज हॉस्पिटल नहीं जा रहे हैं। इसी बीच कोरोना के नाम पर पास सिस्टम लागू कर दिया गया। यही नहीं पास के लिए बाकायदा राशि भी तय कर दी गई है।10 रुपए का मिल रहा पास, 3 दिन के लिए वैधकुछ अफसरों ने मिलकर खुद ही पास की कीमत भी तय कर ली। नए सिस्टम के अनुसार अब मेकॉज में एक मरीज के साथ सिर्फ 4 परिजन रह पाएंगे। इनमें से दो परिजनों को फ्री में पास दिया जाएगा जबकि बाकी के दो परिजन को दस रुपए में पास खरीदना होगा। जिसकी वैधता 3 दिन रहेगी। गौरतलब है कि अभी स्टाफ की बेहद कमी है। ऐसे में भर्ती मरीज को वॉशरूम तक ले जाने सहित सिटी स्केन, एक्स-रे और अन्य जांच के लिए ले जाने भी स्टाफ नहीं रहता। ऐसे में परिजन ही यह काम करते हैं। इस नए सिस्टम का विरोध शुरू होने लगा है।ट्रायबल क्षेत्र है, पास सिस्टम या पैसे न लें: विधायकविधायक रेखचंद जैन ने कहा कि उन्हें पास सिस्टम और पास के बदले पैसे लेने की कोई जानकारी नहीं है। बस्तर ट्रायबल क्षेत्र है और यहां ऐसा करना संभव नहीं है। हॉस्पिटल मनोरंजन का क्षेत्र नहीं है यहां लोग खुशी से नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में बस्तर कमिश्नर से जानकारी ली गई है लेकिन उनके पास भी इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि गरीबों पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार न आए इसके लिए पास सिस्टम और पैसे लेने की प्रक्रिया को बंद करने कहा गया है। हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ केएल आजाद ने बताया कि हॉस्पिटल में काफी भीड़ हो रही है इसे नियंत्रित करने पास सिस्टम लागू किया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 4 family entry, 2 have to buy pass Full Article
4 वार्ड में काम करने वाले डाॅक्टर व स्टाफ अब 14 नहीं सिर्फ 7 दिनों तक रहेंगे क्वारेंटाइन By Published On :: Mon, 04 May 2020 23:30:00 GMT मेडिकल कॉलेज के कोरोना डिपार्टमेंट में काम करने वाले डाॅक्टर व स्टाफ नर्सों को अब 14 दिनों तक क्वारेंटाइन नहीं रहना पड़ेगा। इनके लिए मेकॉज प्रबंधन ने नई व्यवस्था लागू की है। इस नई व्यवस्था के तहत अब डाॅक्टर व अन्य स्टाफ सिर्फ सात दिन ही क्वारेंटाइन में रहेंगे। प्रशासन के इस फैसले का विरोध भी होने लगा है लेकिन एस्मा के डर से कोई भी डाॅक्टर या स्टाफ खुलकर इस मामले में नहीं बोल रहा है।मिली जानकारी के अनुसार मेकॉज में कोविड-19 के इलाज के लिए जब दो सौ बिस्तरों का अलग हॉस्पिटल तैयार किया गया था तब प्रबंधन ने यहां काम करने वाले डाॅक्टरों के लिए 7 दिन की ड्यूटी के बाद 14 दिनों तक हॉस्पिटल, होटल व अन्य स्थानों पर स्टाफ के क्वारेंटाइन की व्यवस्था की थी। इसी व्यवस्था के तहत पिछले चार से पांच हफ्तों से काम चल रहा था। अब इसमें बदलाव करते हुए क्वारेंटाइन का समय सात दिन कर दिया गया है।एक हफ्ते ड्यूटी के बाद डाॅक्टर, स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय 14 दिन के क्वारेंटाइन में जा रहे थे और इसके बाद इन्हें सात दिनों की छुट्टी परिवार के साथ समय बिताने के लिए दी जा रही थी। इसी बीच सोमवार से अब नियमों को बदला गया है। हॉस्पिटल अधीक्षक डाॅ. केएल आजाद ने बताया कि अभी हमने क्वारेंटाइन के दिनों की संख्या कम की है। वार्ड में ड्यूटी के बाद स्टाफ को क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Doctors and staff working in the ward will now be quarantined for 14 days, not just 14 Full Article
4 44 दिन बाद बाजार में दिखी रौनक... पान ठेले को छोड़ सभी दुकानें खुलीं, एक-दूसरे से दूरी भी बनाई By Published On :: Mon, 04 May 2020 23:30:00 GMT शहर में लॉकडाउन की घोषणा के 44 दिन बाद सोमवार को बाजार में रौनक दिखी। लोग अपने घरों से निकले और खरीदारी करते देखे गए। इधर शहर के संजय बाजार से लेकर गोलबाजार तक लोगों की आवाजाही होती रही। शराब दुकानों के साथ ही शहर में गाड़ियों के शोरूम-वर्कशॉप खुल गए।इसके अलावा ऑटो पार्ट्स के साथ ही होम एप्लायंस की दुकानों के शटर भी उठे। पूरे बाजार के खुलने के बावजूद पान दुकानों, तंबाखू उत्पाद बेचने वाली दुकानों के साथ ही ऑटो-रिक्शा पर लगे प्रतिबंध को हटाया नहीं गया है। शहर में सबसे ज्यादा भीड़ शराब दुकानों में देखने को मिली। यहां सुबह दुकान खुलने के साथ ही लोग पहुंच गए और लंबी कतार भी लग गई, जहां दिन में कड़ी धूप के बावजूद लोग डटे रहे।शोरूम-वर्कशॉप खुले, कूलर-फ्रिज लेने पहुंचे लोगसंजय बाजार में बनाए गए वॉकिंग जाेन को एक तरफ से खोलने से लोग पहुंचते चले गए, लेकिन बढ़ती भीड़ देख दूसरी तरफ से भी सड़क पर स्टॉपर लगाकर बंद कर दिया। बाद में धीरे-धीरे लोगों को अलग-अलग रास्तों से निकालने की पहल की गई। गाड़ियों के शोरूम-वर्कशॉप सिर्फ उतने ही खुले, जितने में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम हो सके। लोग अब गाड़ियों की सर्विसिंग कराने भी आए। स्पेयर पार्ट्स और होम एप्लायंस की दुकानों में भी लोग मुताबिक सामान लेने पहुंचे।तंबाकूू उत्पादों पर प्रतिबंध, ऑटो-रिक्शा भी बंदशहर के मेन रोड में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा की गई थी। इस दौरान जहां पूरा शहर बंद रहा। इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा के बाद दुकानें बंद रहीं। पूरे 44 दिनों के बाद जैसे ही ग्रीन जोन घोषित हुअा, दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई। इसमें पूरा बाजार खुला, लेकिन पान दुकानों और तंबाखू उत्पादों को अब भी प्रतिबंधित रखा गया है। इसके अलावा ऑटो-रिक्शा को भी बंद रखा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 44 days later, the market was in awe ... All the shops opened except Pan Paul, also made a distance from each other. Full Article
4 खरीफ फसल के लिए किसानों को 4600 करोड़ का कर्ज देगी सरकार By Published On :: Tue, 05 May 2020 00:57:03 GMT खरीफ सीजन के लिए किसानों को इस साल सरकार ने 46 सौ करोड़ का कर्ज देने का फैसला किया है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को अग्रिम रूप से खाद-बीज का उठाव करने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने खरीफ सीजन के लिए अल्पकालीन ऋण वितरण, खाद एवं बीज के भंडारण वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खाद-बीज के अग्रिम उठाव से किसानों को ब्याज अनुदान का भी अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा तथा सीजन के समय में किसानों को दिक्कत नहीं होगी।सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि इस साल 4600 करोड़ रूपए का ऋण वितरण लक्ष्य रखा गया है। अब तक राज्य के 61 हजार 700 किसानों को 215 करोड़ रूपए वितरित किया जा चुका है। राज्य के सहकारी बैंकों ने 15 लाख 3 हजार किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया है। राज्य में अब तक भंडारित 3 लाख 63 हजार मीट्रिक टन खाद में से 33 हजार 343 टन किसानों वितरित कर दी गई है। अब तक विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए 2 लाख 48 हजार 118 क्विंटल प्रमाणित बीज का भंडारण किया गया है। प्रमाणित बीज का वितरण भी किसानों को शुरू कर दिया गया है। अब तक 23 हजार 320 क्विंटल बीज का उठाव किसानों ने किया है। बैठक में मुख्यमंत्री के एसीएस सुब्रत साहू, सचिव सहकारिता प्रसन्ना आर.,एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।अब तक 21 हजार बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहणराज्य में चालू सीजन के दौरान अब तक विभिन्न वनमंडलों में 20 हजार 569 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। इसमें संग्राहकों को 8 करोड़ 23 लाख का पारिश्रमिक भुगतान योग्य है। अब तक कुल संग्राहित तेन्दूपत्ता में से वनमंडलवार सुकमा में 13 हजार 334 मानक बोरा, दंतेवाड़ा में एक हजार 584 मानक बोरा, जगदलपुर में दो हजार 670 मानक बोरा और गरियाबंद में दो हजार 980 मानक बोरा शामिल हैं। वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए संग्राहकों द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू कर दिया गया है। वन मंत्री अकबर ने संग्रहण में तेन्दूपत्ता की अच्छी गुणवत्ता पर भी विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि गड्डियों में पत्तियों की संख्या 48 से कम तथा 52 से अधिक नहीं होनी चाहिए। तेन्दूपत्ता संग्राहक वर्तमान में लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए संग्रहण के दौरान मास्क पहनकर तथा एक दूसरे से एक मीटर की दूरी रखकर संग्रहण का कार्य करें। संग्राहकों द्वारा संग्रहण पश्चात् हाथों को साबुन से अनिवार्य रूप से धोया जाए। साथ ही संग्रहित पत्ता फड़ पर देते समय भी मास्क अनिवार्य रूप से लगाया जाए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Government will give loan of 4600 crores to farmers for kharif crop Full Article
4 सैकड़ों किसान 3-4 बार टोकन कटने के बाद नहीं बेच पाए धान, लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी By Published On :: Tue, 05 May 2020 01:00:00 GMT प्रदेश में सरकार ने किसानों का एक एक दाना खरीदने की बात कही थी। लेकिन धान खरीदी में सिस्टम की खराबी के कारण टोकन कटने के बाद भी सैकड़ों किसान धान नहीं बेच पाए। लॉकडाउन के कारण केशकाल और बड़ेराजपुर ब्लॉक कई आदिवासी परिवार एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गए हैं। ऐसा नहीं कि उन्होंने सरकारी खरीदी में धान बेचने का प्रयास नहीं किया था।ऐसे कई किसानों को 3-4 बार टोकन दिया गया था लेकिन सिस्टम की खराबी के चलते वह धान बेचने से वंचित रह गए। स्थिति यह है कि उसके पास धान तो रखा है लेकिन लॉकडाउन के चलते न तो वह धान बेच पा रहे है न ही बैंक का कर्ज उतार पा रहे हैं। हालात यह हैं कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद बीज आदि के लिए ऋण बैंक से नहीं मिल पाएगा। जिससे उसकी चिंता दोहरी हो गई है। कई बार टोकन मिला लेकिन कभी बारिश तो कभी बारदाने के कारण नहीं खरीद धानबड़ेराजपुर ब्लॉक के कोसमी गांव के किसान सवन्तीन ने कहा कि धान बेचने के लिए उपार्जन केंद्र विश्रामपुरी में 16 दिसंबर, 7 जनवरी, फिर 4 फरवरी को टोकन दिया गया था और दो बार अगली तारीख के लिए नवीनीकरण किया गया था फिर भी उसका धान नहीं खरीदा गया। उन्होंने कहा कि यह कहानी केवल अकेली सवन्तीन की नहीं बल्कि ऐसे 200 किसानों की है जो पात्र होते हुए भी विभागीय लापरवाही के चलते धान नहीं बेच पाए। घसिया, मानसिंह, लच्छन और रतन मंडावी ने बताया कि कई बार टोकन मिलने के बाद भी उनका धान नहीं लिया गया। कभी बारदाना नहीं है कहकर टोकन निरस्त किया गया तो कभी बारिश के कारण टोकन निरस्त हुआ। अंत में कोंडागांव जिले में वंचित किसानों के धान की अलग से खरीदी की गई। उसमें भी क्षेत्र के किसानों को वंचित कर दिया गया। इस समय लॉकडाउन की स्थिति में व्यापारी के पास भी धान नहीं बेच पा रहे हैं।सरकारी रेट से आधे रेट पर हो रही है खरीदीइस समय व्यापारियों के पास सरकारी रेट से आधे दाम पर खरीदी हो रही है। सरकारी दर 2500 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि व्यापारी 1300-1400 रुपए प्रति क्विंटल के रेट में खरीदी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। किसानों ने यह भी बताया कि धान नहीं बेच पाने से उनका पिछला कृषि ऋण भी जमा नहीं हो पाया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद, बीज और नकद ऋण लेना था लेकिन वह भी अब नहीं मिल पाएगा। लैंप्स प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी मधु बघेल ने बताया कि यह बात सही है कि किसानों का पंजीयन हुआ था। इसके अलावा उन्हें टोकन भी मिल गया था। लेकिन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण किसान धान बेचने से वंचित हो गए थे। पहले का कर्ज पटने के बाद ही सहकारी समितियों से कर्ज मिलेगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Hundreds of farmers could not sell paddy after token cut 3-4 times, lockdown increased problem Full Article
4 सैकड़ों किसान 3-4 बार टोकन कटने के बाद नहीं बेच पाए धान, लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी By Published On :: Tue, 05 May 2020 01:00:00 GMT प्रदेश में सरकार ने किसानों का एक एक दाना खरीदने की बात कही थी। लेकिन धान खरीदी में सिस्टम की खराबी के कारण टोकन कटने के बाद भी सैकड़ों किसान धान नहीं बेच पाए। लॉकडाउन के कारण केशकाल और बड़ेराजपुर ब्लॉक कई आदिवासी परिवार एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गए हैं। ऐसा नहीं कि उन्होंने सरकारी खरीदी में धान बेचने का प्रयास नहीं किया था।ऐसे कई किसानों को 3-4 बार टोकन दिया गया था लेकिन सिस्टम की खराबी के चलते वह धान बेचने से वंचित रह गए। स्थिति यह है कि उसके पास धान तो रखा है लेकिन लॉकडाउन के चलते न तो वह धान बेच पा रहे है न ही बैंक का कर्ज उतार पा रहे हैं। हालात यह हैं कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद बीज आदि के लिए ऋण बैंक से नहीं मिल पाएगा। जिससे उसकी चिंता दोहरी हो गई है। कई बार टोकन मिला लेकिन कभी बारिश तो कभी बारदाने के कारण नहीं खरीद धानबड़ेराजपुर ब्लॉक के कोसमी गांव के किसान सवन्तीन ने कहा कि धान बेचने के लिए उपार्जन केंद्र विश्रामपुरी में 16 दिसंबर, 7 जनवरी, फिर 4 फरवरी को टोकन दिया गया था और दो बार अगली तारीख के लिए नवीनीकरण किया गया था फिर भी उसका धान नहीं खरीदा गया। उन्होंने कहा कि यह कहानी केवल अकेली सवन्तीन की नहीं बल्कि ऐसे 200 किसानों की है जो पात्र होते हुए भी विभागीय लापरवाही के चलते धान नहीं बेच पाए। घसिया, मानसिंह, लच्छन और रतन मंडावी ने बताया कि कई बार टोकन मिलने के बाद भी उनका धान नहीं लिया गया। कभी बारदाना नहीं है कहकर टोकन निरस्त किया गया तो कभी बारिश के कारण टोकन निरस्त हुआ। अंत में कोंडागांव जिले में वंचित किसानों के धान की अलग से खरीदी की गई। उसमें भी क्षेत्र के किसानों को वंचित कर दिया गया। इस समय लॉकडाउन की स्थिति में व्यापारी के पास भी धान नहीं बेच पा रहे हैं।सरकारी रेट से आधे रेट पर हो रही है खरीदीइस समय व्यापारियों के पास सरकारी रेट से आधे दाम पर खरीदी हो रही है। सरकारी दर 2500 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि व्यापारी 1300-1400 रुपए प्रति क्विंटल के रेट में खरीदी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। किसानों ने यह भी बताया कि धान नहीं बेच पाने से उनका पिछला कृषि ऋण भी जमा नहीं हो पाया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद, बीज और नकद ऋण लेना था लेकिन वह भी अब नहीं मिल पाएगा। लैंप्स प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी मधु बघेल ने बताया कि यह बात सही है कि किसानों का पंजीयन हुआ था। इसके अलावा उन्हें टोकन भी मिल गया था। लेकिन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण किसान धान बेचने से वंचित हो गए थे। पहले का कर्ज पटने के बाद ही सहकारी समितियों से कर्ज मिलेगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 रायपुर से 450 श्रमिक लौटे झारखंड, यूपी, दिल्ली, हरियाणा के रहने वालों की भी जानकारी जुटा रहा प्रशासन By Published On :: Tue, 05 May 2020 08:56:33 GMT रायपुर जिले में फंसे झारखंड के रहने वाले ऐसे मजदूरअब घर लौट रहे हैं। करीब 450 लोगों को बस से झारखंड के लिए रवाना किया गया। झारखंड के 8 जिलों सराईकेला, बोकारो, खुटी,हजारीबाग,धनबाद,रामगढ़, सराईकेला, लातेहार और गिरीडीह के लिए 18 बस लोगों को लेने पहुंचीं। यह बस झारखंड का प्रशासन ही भेज रहा है। जैसे-जैसे बस आ रही हैं, लोगों को रवाना किया जा रहा है। जिस जिले की बस आ रही है, सिर्फ उसी जिले के लोगों को भेजा जा रहा है। रायपुर के राधा स्वामी सत्संग आश्रम को पिकआप प्वॉइंट बनाया गया है।झारखंड के करीब 13 सौ श्रमिकों ने अपना पंजीयन कराया है। इन्हें आश्रम में ही रखा गया है। कलेक्टर एस भारती दासन ने यहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। कलेक्टर ने यहां जिला प्रशासन द्वारा की गई रजिस्ट्रेशन, भोजन, स्वल्पाहार पानी, छाया, लाइट, पंखे, शौचालय, आराम करने आदि की व्यवस्था का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जिस जिले में झारखंड के श्रमिक और नागरिक वर्तमान में फंसे हुए हैं, वेवहां के जिला प्रशासन से सम्पर्क कर रजिस्ट्रेशन का कार्य करवा सकते हैं।अन्य राज्यों के लोगों का जुटा रहे डाटाछत्तीसगढ शासन के श्रम विभाग ने श्रमिकों की सहायता के लिए सात हेल्पलाइन नम्बर जारी किया है। ये नम्बर हैं-0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986 और 88277-73986 है। सुबह 9 बजे से शाम के 7 बजे तक उत्तर प्रदेश के लिए 75878-21800 और 96858-50444 दिल्ली और हरियाणा के लिए 74772-13986, बिहार के लिए 88199-53807 तथा पश्चिम बंगाल एवं उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए 83494-68006 नंबर पर संकर्प किया जा सकता है। आगामी दिनों इन राज्यों से लोगों को भी वापस भेजा जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तस्वीर रायपुर के राधा स्वामी आश्रम कैंपस की है, यहां मेडिकल जांच के बाद मजदूरों को भेजने की प्रक्रिया की जा रही है। Full Article
4 भीड़ जुटाने मना किया तो दी धमकी, 14 बंदी By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने को लेकर देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन का मंगलवार को 42वां दिन था। सरकार और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने सिटी कोतवाली पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में शहर के 14 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।2 मई शनिवार को रमजान महीने में गरीब मुसलमानों की राशन सामग्री एवं खाने की व्यवस्था को लेकर मुस्लिम समाज के अध्यक्ष सैय्यद आरिफ अली, सचिव जिलानी मोहम्मद खान, कोषाध्यक्ष तनवीर अहमद एवं अब्दुल रज्जाक ने मीटिंग की थी। एक राय होकर मीटिंग स्थल पर पहुंचकर भीड़ इकट्ठा की थी।प्रार्थी द्वारा ऐसा न करने की समझाइश देने पर आरोपियों ने आक्रोशित होकर गालियां देते हुए प्रार्थी से मारपीट कर चोट पहुंचाई एवं जान से मारने की धमकी दी। प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिस ने बलौदाबाजार निवासी शेख सलमान पिता शेख रोशन, गुलजू पिता शेख रोशन, शेख गुलफाम पिता शेख रोशन, अम्मू उर्फ मोहम्मद अमीन पिता मोहम्मद असफाक, जानू उर्फ सफीक खान पिता सुभान खान, नसीम खान पिता रमजान खान, इसराइल चौहान पिता मोहम्मद स्माइल, शेख गुलशन पिता शेख रोशन, सोहेल खान पिता यूनुस खान, सुभान खान पिता गुलाम खान, यूनुस बेग पिता स्व. नबील बेग, मोहम्मद जुनैद पिता अब्दुल जमीद चौहान , फैयाज खान उर्फ गुड्डा पिता स्व. जलील खान, मोहम्मद अशफाक पिता मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Threatened mob gathering, threatened Full Article
4 आंधी-बारिश से 140 गांवों में 20 घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT सोमवार को आई आंधी बारिश के बाद शाम 5 बजे से 140 गांवों में बिजली आपूर्ति बंद रही। पूरे ब्लॉक के गांवों में 20 घंटे से अधिक समय तक बिजली बंद रही जिससे पूरा अंचल अंधेरे में रहा। बिजली बंद होने से मंगलवार सुबह लोगों को पानी के लिए बहुत तकलीफ उठानी पड़ी, लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिला। नगर में करीब 17 घंटे बाद बिजली आई तब लोगों ने राहत की सांसें ली। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक भी कई गांवों में बिजली बंद थी।बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लगातार फाल्ट ठीक करने में लगे हैं। सोमवार को साम 5 बजे अचानक जोरदार आंधी-बारिश और ओले गिरने से बिजली प्रवाह बाधित हो गया क्योंकि मुख्य 33 केबी लाइन में कुकुर्दी से अमेरा तक 32 जगह तार टूटे एवं टांसफार्मर बस्ट हो जाने से बिजली सप्लाई पूरी तरह ठप हो गई। विभाग के कर्मचारी फाल्ट ढूंढते रात भर खेत खलिहानों में घूमते रहे, कहीं तार टूटकर जमीन पर गिरे थे तो कहीं पेड़ पर लटककर उलझ गए थे। उलझे तारों को सुलझाने में 20 घंटे से अधिक का समय लग गया। इस संबंध में कार्यपालन यंत्री वीरेंद्र राठिया ने बताया कि फॉल्ट खोजने और उसे ठीक करने में 20 घंटे से अधिक का समय लग गया क्योंकि खेत खलिहानों में तार टूटने के कारण वहां तक पहुंचने में समय लगा।सोमवार को पूरी रात नहीं सो पाए लोगसोमवार की शाम आंधी तूफान के बाद रात भर बिजली नहीं आई जिससे लोग उमस, गर्मी और मच्छर के कारण लोग सो नहीं पाए। जिनके घरों में इनवर्टर थे वो भी कुछ घंटों के बाद बंद हो गए इसलिए उन्हें भी कोई फायदा नहीं मिला। लोग रात भर अधिकारियों-कर्मचारियों को फोन करके बिजली चालू होने का समय पूछते रहे।इन गांवों में नहीं आई रात भर बिजलीब्लॉक के 140 गांवों में पूरी तरह बिजली बंद थी जिसमें मुख्य रूप से पलारी, अमेरा, कोसमंदी, संडी, ओडान, गिधपुरी, ज़ारा, देवसुंदरा, ससहा, रोहांसी, दतान, देवसुंदरा, कोनारी, खरतोरा, जर्वे, कोदवा, वटगन, तेलासी, गिर्रा, सिसदेवरी, लटेरा, साहड़ा, भवानीपुर, नगपुरा, अछोली, बेल्हा,, परसाडीह, घिरघोल, कुसमी, घोटिया, कौड़िया आदि गांवों में बिजली रात भर बंद रही। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Thunderstorms ravaged electricity for more than 20 hours in 140 villages Full Article
4 एक ही परिवार के 14 लाेग संक्रमित पाए जाने से डेहरी में सन्नाटा, धार में 14 संक्रमित मरीज ठीक हाेकर घर पहुंचे By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT धार में मंगलवार को आइसाेलेशन सेंटर में भर्ती 14 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव आई। सभी काे शाम काे महाजन अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। इधर 40 से अधिक संदिग्ध मरीजाें की रिपाेर्ट भी निगेटिव आई है, उन्हें भी डिस्चार्ज किया जाएगा। धार में अब तक कुल 26 काेराेना मरीज ठीक हाेकर घर जा चुके हैं।मंगलवार काे धार की एक महिला की रिपाेर्ट जरूर पाॅजिटिव पाई गई है। इस प्रकार दाे दिन में यहां संक्रमित मरीजाें की संख्या 21 हाे गई है। सभी संक्रमित पाए गए लाेगाें काे धार में शिफ्ट किया गया है। इधर डेहरी में एक ही परिवार के 14 लाेगाें के संक्रमित पाए जाने के बाद वहां सन्नाटा पसर गया है। लाेग अपने घराें में दुबक गए हैं। इधर कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने कुक्षी के 75 सुभाष मार्ग बड़पुरा मोहल्ला तथा 168 बुंदेलवाडी धार में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति पाए जाने से क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया है। इधर मंगलवार काे 40 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाई है। यह राहत की बात है।नर्स बेटी इंदाैर से करती थी आना-जाना, अब मांहुई पाॅजिटिव, बेटी की रिपाेर्ट पेंडिंगजिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी के अनुसार बुंदेलवाड़ी की जिस महिला काे संक्रमित पाया गया है। उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री में आया है कि उसकी बेटी बेटमा में स्टाफ नर्स है। वह कई बार इंदाैर से आना-जाना करती थी। तीन दिन पहले उसकी मां की तबीयत खराब हुई ताे अस्पताल लाए थे। उसका ऑक्सीजन लेवल कम था। उसका सैंपल लिया गया। साथ ही बेटी का भी सैंपल लिया। दाेनाें जिला अस्पताल में क्वारेंटाइन हैं। अब मां की रिपाेर्ट मंगलवार काे पाॅजिटिव आई है। बेटी की आना बाकी है। संभव है कि बेटी की वजह से ही उसे संक्रमण हुआ है। क्याेंकि मां कहीं आती-जाती नहीं है।12 संक्रमिताें की पहली रिपोर्ट निगेटिव, दूसरी आना बाकीमहाजन अस्पताल में भर्ती 12 संक्रमित लाेगाें की पहली रिपाेर्ट निगेटिव आई है। संभवत: एक-दाे दिन में उनकी दूसरी रिपाेर्ट भी आने वाली है। यदि उनकी दूसरी रिपाेर्ट भी निगेटिव आती है ताे वे भी काेराेना की बीमारी से मुक्त हाे जाएंगे।पट्ठा चाैपाटी का व्यक्ति सर्दी-खांसी होने पर जिला अस्पताल गया था, गंभीरता से नहीं लिया, उसी से पांच हुए संक्रमितसाेमवार देर रात आई रिपोर्ट में एक साथ 20 नए काेराेना संक्रमिताें में धार की पट्ठा चाैपाटी के एक ही परिवार के पांच लाेग भी शामिल हैं। इस मामले में सामने अाया है कि संक्रमण की शुरुअात परिवार के मुखिया से ही हुई थी। मुखिया अाॅटाे चलाकर अाजीविका चलाता है। सबसे पहले उसे ही सर्दी-खांसी की शिकायत हुई थी। इस पर वह इलाज कराने जिला अस्पताल गया भी था। मगर वहां डाॅक्टराें ने इलाज की बजाए टाल दिया। मरीज के साथ करीब दाे से तीन बार एेसा हुअा। बाद में जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ी ताे स्वास्थ्य विभाग हरकत में अाया अाैर उसका सैंपल भेजा। साेमवार की रात जब अाॅटाे चालक सहित सभी पांचाें सदस्य काेराेना संक्रमित निकले ताे प्रशासन के हाेश उड़ गए।इधर परिवार के पांचाें सदस्याें काे यह भी नहीं पता कि वे संक्रमित कैसे हुए। उनसे पूछा भी गया कि वे पहले से पाॅजिटिव क्षेत्र की महिला के संपर्क में ताे नहीं अाए। इस पर इन लाेगाें का जवाब था कि उनका उस महिला के घर अाना जाना ही नहीं था। बता दें कि 17 अप्रैल की रात क्षेत्र की ही दूसरी महिला की रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाने के बाद से प्रशासन ने इसे कंटेनमेंट एरिया घाेषित कर सील कर रखा है। एेसे में इसी क्षेत्र से दाेबारा नए संक्रमित मिलना चिंता की बात है।स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका संदिग्ध : इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के ही एक स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका संदिग्ध रही है। जानकारी के अनुसार संक्रमित परिवार के घर के सामने ही स्वास्थ्यकर्मी रहता है। स्वास्थ्यकर्मी के उस परिवार से अच्छे संबंध हैं। स्वास्थ्यकर्मी द्वारा ही अाॅटाे चालक मरीज की तबीयत की बात दबाने की जानकारी सामने अा रही है, लेकिन जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ी ताे स्वास्थ्य विभाग काे सैंपल लेना पड़ा।मृत्यु काे संदिग्ध मान परिवार के लाेगाें के सैंपल लिए थेडाॅ. संजय भंडारी के अनुसार पट्ठा चाैपाटी के एक व्यक्ति काे हालत िबगड़ने पर जिला अस्पताल लाए थे। लेकिन उसकी माैत हाे चुकी थी। उसकी संदिग्ध हालत काे देखते हुए उसके परिवार के पांच लाेगाें के सैंपल लिए गए थे। उन्हें क्वारेंटाइन किया था। साेमवार काे उनकी रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाई है।डाॅ. आरसी पनिका, सीएमएचओ, जिला अस्पताल, धारपहले ही संक्रमित हाे चुका हैसर्दी-जुकाम से पहले ही व्यक्ति संक्रमित हाे चुका है। इसके बाद अगर वह बीमार हुअा है ताे जब तक वाे अन्य काे संक्रमित कर चुका हाेगा। रही बात समय पर उचित इलाज नहीं मिलने की ताे यह बात असत्य है। हर मरीज का इलाज किया जा रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Silence in Dehri, 14 infected patients arrived home after being found 14 people infected by same family Full Article
4 14 दिन क्वारेंटाइन पूरा करने से पहले बच्चे घर रवाना किए By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT राजस्थान के कोटा से 28 अप्रैल को वापस छत्तीसगढ़ लौटे बच्चे अब क्वारेंटाइन की शेष अवधि घर पर पूरा करेंगे। मंगलवार की देर रात 46बच्चों को लेकर बसें बिरकोनी स्थित हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में पहुंची। यहां बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद परिजनों से शपथपत्र भरवाया गया कि उनके बच्चे शेष अवधि में होम क्वारेंटाइन पर रहेंगे। इस दौरान वे घर से बाहर नहीं निकलेंगे, लगातार मास्क का उपयोग करेंगे और स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त दिशा निर्देशों का पालन करेंगे। शपथ पत्र भरवाने के पश्चात बच्चों को परिजनों को सौंप दिया गया। इधर, इस संबंध में कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार आज कवर्धा से 46 छात्र-छात्राएं यहां पहुंचे हैं। बिरकोनी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है। शेष अवधि का क्वारेंटाइन वे घर पर पूरा करेंगे।दरअसल, मंगलवार को कबीरधाम जिले में रोके गए बच्चों को वापस महासमुंद के लिए रवाना कर दिया गया। फिलहाल कबीरधाम जिले के कवर्धा और बोड़ला के क्वारेंटाइन सेंटर में रोके गए छात्र-छात्राओं को वापस भेजा गया है। वहीं बेमेतरा में रोके गए बच्चे बुधवार को महासमुंद के लिए रवाना होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह अचानक कवर्धा के महाराजपुर स्थित शिक्षा परिसर में राेके गए छात्राओं से कहा गया कि वे अपना बैग पैक कर लें, उन्हें उनके घर रवाना किया जा रहा है। शाम 5 बजे सबसे पहले रायपुर के छात्रों की बस रवाना की गई। इसके बाद शाम 6.35 बजे महासमुंद की बस छात्रों को लेकर रवाना हुई।बेमेतरा में रोके गएबच्चे आज आएंगे वापसइसी तरह बेमेतरा के क्वारेंटाइन सेंटर में रोके गए कुल 51 बच्चों की वापसी बुधवार सुबह होगी। सुबह 10 बजे बच्चों की बसें रवाना होगी। इन बच्चों का भी बिरकोनी में स्वास्थ्य जांच किया जाएगा। साथ ही बच्चों के परिजनों से शपथ पत्र भरवाकर उन्हें होम क्वारेंटाइन पर भेजा जाएगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए परिजन एसडीएम महासमुंद सुनील कुमार चंद्रवंशी (75872-02092) और डिप्टी कलेक्टर पूजा बंसल से (93006-10136) संपर्क कर सकते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Children left home before completing 14 days of quarantine Full Article
4 40 डिग्री तापमान के बाद भी सड़क पर दिखी भीड़ आज से सुबह 8 से शाम 4 बजे तक खुलेंगी दुकानें By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT अब बुधवार 6 मई यानी आज से सभी दुकानें सुबह 8 बजे से खुलेंगी। यह शाम 4 बजे तक खुली रहेंगी। कलेक्टर ने यह आदेश दिए हैं। दुकानों के खुलने और बंद होने का समय बदल दिया है। कलेक्टर ने अपने आदेश में संशोधन किया है। अब तक दुकानें सुबह 7 बजे से 3 बजे तक खुल रहीं थीं। सुबह एक घंटे देरी से 8 बजे खोलने और शाम को 1 घंटे देरी से 4 बजे बंद करने के आदेश किए हैं। यह आदेश तत्काल लागू हो गए हैं।शहर की सभी दुकानें सुबह 8 से शाम 4 बजे तक खुलेंगी। हालांकि बाजार का समय बढ़ने के साथ ही बाजार में ग्राहकी बढ़ रही हैं। मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा, फैंसी स्टोर सहित अन्य दुकानों में भीड़ नजर आई। 40 डिग्री तापमान के बाद भी दुकानों से ज्यादा भीड़ सड़क पर रही। आम दिनों में मंगलवार को शहर की अधिकतर दुकानें बंद रहती है, लेकिन लॉकडाउन के बीच करीब डेढ़ महीने बाद दुकान खोलने की छूट मिलने पर शहर के अधिकतर दुकानें खुलीं रही। सोना-चांदी, कपड़ा, इलेक्ट्रानिक, फैंसी स्टोर्स, ऑटो पार्ट्स, ऑटो मोबाइल, मोबाइल दुकानें, स्टेशनरी सहित अन्य दुकानें खुलीं रही। सदर बाजार, रत्नाबांधा रोड, सिहावा रोड, अंबेडकर चौक क्षेत्र में सुबह से दोपहर तक सड़क में भीड़ रही। गर्मी के कारण सबसेलोडिंग, अनलोडिंग रात 9.30 से सुबह 6 बजे तककलेक्टर रजत बंसल ने मंगलवार को एक और नया आदेश जारी किया। दुकानों का समय सुबह 8 से शाम 4 बजे तक करने के साथ ही आवश्यक सामान की लोडिंग, अनलोडिंग का समय भी रात 9.30 बजे से सुबह 6 बजे के बीच निर्धारित किया है।17 तक बंद ही रहेंगी पान, गुटखा की दुकानेंलॉकडाउन 3.0 अब 17 मई तक है। धमतरी ग्रीन जोन में है, इसलिए प्रशासन ने दुकान खोलने की छूट दी है, लेकिन पान-गुटखा की दुकान, तंबाखू उत्पादों को अब भी प्रतिबंधित रखा गया है। होटल, रेस्टोरेंट को होम डिलीवरी करने की छूट दी है पर ग्राहकों के पास संचालकों का नंबर नहीं है।यातायात दबाव बढ़ा पर ट्रैफिक सिग्नल बंददुकानें खुलने के साथ अब यातायात का दबाव भी बढ़ रहा है। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे के बीच सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। मंगलवार को सदर बाजार, मठ मंदिर चौक, घड़ी चौक के आसपास ज्यादा भीड़ रही। शहर के अंदर से नेशनल हाईवे है, इस कारण हाईवे पर भी दबाव बढ़ गया, लेकिन यातायात पुलिस ने चौराहों में लगे ट्रैफिक सिग्नल चालू नहीं किए हैं। ऐसे में सड़क दुर्घटना की भी आशंका बन रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Even after the 40 degree temperature, the crowd seen on the road will open from 8 am to 4 pm from today. Full Article
4 प्रदेश में लौटेंगे सवा लाख मजदूर, क्वारेंटाइन क्षमता सिर्फ 2720 की, 4 लैब में ही जांच होने से वेटिंग लाइन में 956 सैंपल By Published On :: Wed, 06 May 2020 01:06:45 GMT राजधानी और आसपास कोरोना के नए मरीज फिर आने लगे हैं। रायपुर एम्स में मंगलवार को आधी रात तक 23 मरीज भर्ती हैं। कटघोरा संकट में एक साथ इतने मरीज भर्ती नहीं हुए। माना जा रहा है कि कोरोना जांच, मरीजों और संपर्क में आए लोगों की निगरानी (क्वारेंटाइन) और इलाज की अग्निपरीक्षा अब होगी। इन मुद्दों की पड़ताल करती भास्कर टीम की यह रिपोर्टकोरोना जांच छह में से केवल चार लैब में इसलिए वेटिंग की लाइन में 965 सैंपलप्रदेश में कोरोना टेस्टिंग के लिए छह लैब है, लेकिन केवल चार में जांच होने से वेटिंग बढ़ रही है। सोमवार को 935 सैंपल की रिपोर्ट आई थी, पिछले एक हफ्ते से यह आंकड़ा रोजाना औसतन 900 रिपोर्ट के आसपास है, लेकिन मंगलवार को केवल 517 सैंपलों की रिपोर्ट आई। यही वजह है कि बुधवार के लिए लंबित सैंपलों की संख्या 965 हो गई। इनमें से एम्स में 366, नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में 42 व जगदलपुर में 518 व रायगढ़ में 39 सैंपलों की रिपोर्ट पेंडिंग है।प्रदेश में पहले से एम्स, नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर व सरकारी मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में कोरोना की जांच हो रही है। हाल ही में मेडिकल कॉलेज रायगढ़, टीबी रिसर्च सेंटर लालपुर को जांच के लिए अनुमति मिली है। एक निजी लैब एसआरएल को माहभर पहले ही अनुमति मिल गई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण वहां जांच ही शुरू नहीं हो पाई है। मेडिकल बुलेटिन के अनुसार टीबी रिसर्च सेंटर लालपुर में एक भी जांच नहीं हुई है। रायगढ़ में ट्रायल के बाद सोमवार को जांच शुरू हुई। मंगलवार को जांच की संख्या में अचानक कमी क्यों आ गई, इस पर प्रबंधन कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार जांच की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। ताकि रिपोर्ट जल्दी आ सके और मरीजों की पहचान हो सके। एम्स में अब तक 13594, नेहरू मेडिकल कॉलेज में 4287 व जगदलपुर में 3312 व रायगढ़ में 130 सैंपलों की जांच हो चुकी है। प्रदेश में अब तक 21323 सैंपलों में 20300 की रिपोर्ट नेगेटिव रही है।अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है। सबसे ज्यादा मरीज कोरबा जिले में 28, दुर्ग में नौ, रायपुर में सात, कवर्धा में छह, सूरजपुर में छह, काेरिया में दो, बिलासपुर व राजनांदगांव में एक-एक मरीज मिला है। इनमें 36 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 17896 लोग होम क्वारेंटाइन में है। जबकि सरकारी क्वारेंटाइन में 566 लोगों को रखा गया है। ये दूसरे राज्यों से आए मजदूर हैं या जो कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं, वो लोग हैं।सवा लाख श्रमिक लौटेंगे, प्रदेश मेंसिर्फ 2720 क्वारेंटाइन क्षमताप्रदेश के करीब सवा लाख मजदूरों की वापसी इसी हफ्ते शुरू होने लगेगी और 15 मई तक पूरी हो जाएगी। इनमें रायपुर जिले के ही 1557 श्रमिक हैं। रायपुर में आधा दर्जन क्वारेंटाइन सेंटर में पूरी क्षमता के साथ बमुश्किल 500 लोगों को ही रखा जा सकता है। जबकि राजधानी और प्रदेश में मिलाकर अब तक क्वारेंटाइन की जो क्षमता विकसित की गई है, वह केवल 2720 लोगों की ही है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक हफ्ते में करीब सवा लाख लोगों के क्वारेंटाइन के पुख्ता इंतजाम मुश्किल हैं। यही नहीं, उतनी ही संख्या में टेस्ट किट की जरूरत भी पड़ने वाली है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अभी प्रदेशभर में लैब वाली केवल 15 हजार किट ही हैं, जिनसे कोरोना की पुष्टि हो रही है। रैपिड टेस्ट किट 70 हजार हैं, लेकिन कोरोना पाजिटिव निकला तो लैब वाली किट (आरटीपीसीआर) से जांच करनी ही होगी।भास्कर को विशेषज्ञों ने बताया कि राजधानी समेत प्रदेश में श्रमिकों के जत्थों को जहां भी ले जाया जाएगा, क्वारेंटाइन करने से पहले सभीके स्वाब की जांच कराई जाएगी। सभी मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखना इसलिए जरूरी है, क्योंकि वे संक्रमित राज्यों से लौटेंगे। रायपुर के मरीजों काे कहां रखा जाएगा, यह तय नहीं है। क्वारेंटाइन सेंटर में पुलिस जवानों के साथ दूसरे स्टाफ की भी निगरानी के लिए जरूरत पड़ेगी। यह व्यवस्था भी आसान नहीं है। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक ने मजदूरों के लिए गांवाें के बाहर क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाने की बात कही है।उन्होंने जरूरी व्यवस्था के लिए पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों की जांच, आवास, भोजन, स्नान, शौचालय, साफ-सफाई, बेरिकेडिंग की व्यवस्था की जानी है। सूत्रों के मुताबिक यह बड़ा अभियान है, जिसके लिए बड़े सिस्टम को अभी से ऑन करने की जरूरत है, वर्ना ऐन वक्त पर समस्याएं आसकती हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में जम्मू-कश्मीर से 24090 श्रमिक, महाराष्ट्र 18704, उत्तरप्रदेश 13172, तेलंगाना 12730, गुजरात 8071, कर्नाटक 3279, तमिलनाडु 2963, मध्यप्रदेश 2840, आंध्रप्रदेश 2392, हरियाणा 2008, दिल्ली 1967 और हिमाचल से 1665 श्रमिक 15 मई से पहले यहां पहुंचने की संभावना है।जांच की क्षमता बढ़ानी होगी : नागरकर"हम अभी रोज 500 सैंपल जांच रहे हैं, लेकिन श्रमिकों के आने के बाद 1000 सैंपल जांचने होंगे। मशीनें बढ़ानी होंगी।"-डॉ. नितिन एम नागकर, डायरेक्टर एम्सकई विभाग तैयारी में लगे हैं : त्रिपाठी"मजदूरों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर व खाने की व्यवस्था पंचायत व राजस्व विभाग करेगा। हेल्थ विभाग इलाज की तैयारी में है।"-डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी कोरोना सेल Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today राजधानी की हर सड़क-गली में नियमों की ऐसी धज्जियां Full Article
4 गर्मी के कारण चारा-पानी नहीं मिला तो 4 दिन में ही जंगल लौटे हाथी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT बुधवार की सुबह 17 हाथियों का झुंड धमनी जंगल से महानदी पार कर अर्जुनी मुढ़ीपार होते हुए बारनवापारा के जंगल में वापस चला गया। 2 मई की सुबह पहुंचे हाथा इस बार चारा-पानी न मिलने से 4 दिन में ही वापस हो गए जबकि पिछली बार अक्टूबर से दिसम्बर तक तीन माह पलारी अंचलके रोहांसी जंगल में रुके थे।उस दौरान सैकड़ों एकड़ खेत की फसल चर गए थे तथा रौंदकर नुकसान भी पहुंचाया था।हाथियों के आते ही डीएफओ आलोक तिवारी और रेंजर राकेश चौबे ने स्पष्ट कह दिया था कि चारा-पानी न मिलने पर इस बार हाथी जल्दी लौट जाएंगे।4 माह बाद जब दोबारा पलारी इलाके में हाथी वापस जरूर आए पर गर्मी में चारा-पानी न मिलने के कारण जल्दी ही बारनवापारा के जंगल में वापस घुस गए। इस बार रोहांसी के बांस के ही जंगल में अपना अड्डा बनाकर पुनः तीन दिनों तक रुके, बताना जरूरी है कि पिछली बार भी रोहांसी की बांस की नर्सरी को ही ठिकाना बनाया था। हाथी इस बार चारा पानी की तालाश में मैदानी इलाकों के उन्हीं गांवों में एक बार घूमे मगर इस बार उन्हें खाली खेत और सूखे नालों के सिवाय कुछ नहीं मिला जिससे 4 दिनों में ही वापस हो गए। इस बार हाथी गिर्रा, कौड़िया, सिसदेवरी, पठारीढीह, साहड़ा, वटगन, ओडान, सेमरिया, खैरी, धमनी, जोराबरी, रोहांसी, अमेठी, खेरवारडीह, टेमरी, दरतेंगी जैसे गांवों में चारा-पानी की तलाश में घूमते रहे पर मिला कुछ नहीं।अमले ने लगातार रखी हाथियों पर नजर2 मई को जब हाथियों ने पलारी अंचल में प्रवेश किया तभी से सभी विभाग के अधिकारियों ने उन पर नजर बनाए रखी थी। डीएफओ आलोक तिवारी, रेंजर राकेश चौबे, डिप्टी रेंजर केशरी जायसवाल सहित पूरा अमला हाथियों के आगे पीछे भागता रहा तो वहीं एसपी प्रशांत ठाकुर, डीएसपी सिध्दार्थ बघेल, टीआई प्रमोद सिंह, सीईओ जिला पंचायत आशुतोष पांडेय, नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय द्वारा भी बराबर सहयोग करते रहे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Elephants returned to the forest in 4 days if fodder and water were not available due to heat Full Article
4 हेल्पलाइन नंबर किसी काम के नहीं, 43 मजदूर गोंदिया से बेरोकटोक पलारी आ गए By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन में फंसे मजदूर परिवारों की घर वापसी लगातार जारी है। सरकार इनकी सुरक्षित वापसी का दावा तो कर रही है मगर जिस तरह हेल्पलाइन नंबर देकर लोगों को परीक्षण के बाद ही प्रवेश करने की हिदायत दी जा रही है, उन निर्देशों का पालन खुद अधिकारी ही नहीं कर रहे हैं। इससे बिना परीक्षण के ही मजदूर गांवों तक पहुंच जा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा है।गोंदिया से ऐसे ही 43 मजदूर पलारी पहुंच गए पर राजधानी रायपुर में उन्हें किसी ने रोका तक नहीं, और तो और वे शहर में गाड़ी तलाशते घूमते भी रहे। छेरकाडीह, साराडीह, टेमरी के 43 मजदूरों को जब मदद के लिए राज्य हेल्पलाइन नंबर 0771-2443809 पर लगातार 4 दिनों तक किसी ने फोन नहीं उठाया जबकि बलौदाबाजार जिला हेल्पलाइन 07727-223697 पर बात हुई लेकिन किसी ने मदद नहीं की क्योंकि महाराष्ट्र ज्यादा इंफेक्टेड है। जब खाने पीने की तकलीफ बढ़ने लगी तो सभी मंगलवार को भूखे प्यासे गोंदिया के एक गांव से मंगलवार दोपहर दो बजे पैदल ही चलकर रोड तक आ गए। इतनी बड़ी संख्या में मजदूर परिवारों को पैदल आते देवरी के कुछ सरदारों और समाजसेवी लोगों ने रोककर पूछा तो उन्होंने बताया कि वे सभी लोहारा बस्ती जिला गोंदिया (महाराष्ट्र) से आ रहे हैं। इन समाजसेवियों ने पहले उन्हें खाना खिलाया और उसके बाद उन लोगों को उनके छतीसगढ़ जा रहे ट्रक को रोककर सभी मजदूरों को उसमें बैठाकर मंगलवार की शाम 4 बजे रायपुर भेजा। बुधवार सुबह 11 बजे पलारी पहुंचते ही नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय ने इनकी मेडिकल जांच करवाकर छेरकाडीह के सरपंच मोहर नीलकंठ बंजारे और साराडीह के सरपंच राजू बंजारे से मजदूरों को गांव के बाहर स्कूल में 14 दिनों तक क्वरेंटाइन करने को कहा। इन मजदूरों को पलारी अस्पताल से उनके गांवों तक गाड़ियों से रवाना किया गया।अफसरों ने दिया ये जवाबराज्य हेल्पलाइन नंबर 0771-2443809 पर बुधवार रात भास्कर प्रतिनिधि ने 9.21 बजे फोन लगाया तो लेबर इस्पेक्टर आरआर पाॅल ने बताया कि रोज लाखों की संख्या में फोन आ रहा हैं और हम मदद भी कर रहे हैं। हो सकता है मजदूरों को फोन इंगेज मिला हो। इसी तरह जिला हेल्पलाइन 07727-223697 पर 9.35 बजे फोन लगाने पर जिला श्रम अधिकारी तेजस चंद्राकर ने बताया कि महाराष्ट्र चूंकि ज्यादा इंफेक्टेट है इसलिए वहां से किसी को आने की अनुमति नहीं है। यदि मजदूर किसी तरह ट्रक से पहुंचे हैं तो यह लगत है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The helpline number is of no use, 43 laborers have come from Gondia to unopposed Palari Full Article
4 प्रदेश के 56.48 लाख परिवार को बांटा 3 महीने का राशन, शराबबंदी पर जिलाध्यक्ष ने साधी चुप्पी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT जिला कांग्रेस कमेटी ने बुधवार को फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में पत्रकारों को सरकार के काम गिनाए। इस दौरान शराब बंदी पर पूछे गए सवालों पर चुप्पी साध गए।कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरद लोहाना ने लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार के किए काम बताए। शराब बंदी के सम्बंध में उन्होंने कहा की 50 शराब दुकानें बंद हो गई है। धीरे-धीरे अन्य शराब दुकान भी बंद होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर के 56.48 लाख परिवार को अप्रैल, मई, जून के 3 महीने का राशन निशुल्क दिया। अन्य राज्यों में संकट का सामना कर रहे 16 हजार 886 श्रमिकों को करीब 66 लाख रुपए की राशि दी गई।कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के 2252 छात्र-छात्राओं को 97 बसों से वापस राज्य लाया गया। 1.45 करोड़ रुपए खर्च किए गए। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत लॉकडाउन की अवधि में अब तक 900 करोड़ रुपए की राशि उनके खातों में दी गई। इस मौके पर महापौर विजय देवांगन, पंकज महावर, मोहन लालवानी, नीशु चंद्राकर, आलोक जाधव मौजूद थे।सरकार की अर्थव्यवस्था शराब पर टिकीः अजयपूर्व मंत्री व कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिले के पत्रकारों से भाजपा कार्यालय में चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्व इस समय जिस परिस्थिति से गुजर रहा है, ऐसे समय में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार शराब बेचना शुरू किया है। सरकार की अर्थव्यवस्था शराब पर टिकी है। सत्ता में आने से पहले प्रदेश में शराब बंदी की बात कही थी। अब होम डिलीवरी की सुविधा दे रही हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 56.48 lakh families distributed 3-month ration in the state Full Article
4 पहली बार तापमान 41 डिग्री पार, शाम 4 बजे चली धूल भरी आंधी By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT इस साल जिले में अब तक का सबसे गर्म दिन बुधवार रहा। तापमान दोपहर3बजे41 डिग्री तक गया। राजस्थान से आने वाली गर्म और सूखी हवा के कारण तापमान में बढ़ोतरी हुई। यहीं कारण है कि सुबह11बजे तक ही तापमान36डिग्री हो गया था। इसके बाद बढ़ता गया।तीन बजे तक 41 डिग्री तक गया इसके बाद नीचे आना शुरू हुआ। शाम4बजे धूल भरी तेज आंधी चली। मौसम विभाग ने अगले24घंटे में बारिश,आंधी और बिजली गिरने की आशंका जताई है। जिला में लॉकडाउन हैं। जिला प्रशासन ने दुकानों को खोलने की छूट सुबह8से4बजे तक दी है,लेकिन अंचल में बुधवार को धूप तेज रही। दोपहर1बजे ही सड़कों पर सन्नाटा रहा।गली-मोहल्लों में भी दोपहर के3से4घंटे अधिकांश घरों के दरवाजे बंद रहे। लोगों ने भीषण गर्मी में घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं की। दोपहर1.30से3बजे के बीच तापमान41 डिग्री के आसपास बना रहा। सुबह9बजे से शाम3बजे के बीच8किमी/घंटे की गति से गर्म हवा चलती रही।अगले 24 घंटे में बारिश के आसारएक चक्रवात 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर, दूसरा चक्रवात पूर्वी विदर्भ और उसके आसपास तथा एक द्रोणिका 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु तक है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटे में बारिश, आंधी चलने, गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने व बिजली गिरने की आशंका जताई जा रही है।तापमान43डिग्री सेऊपर नहीं जाएगामौसम विभाग के मुताबिक एक सप्ताह के अंदर सुबह से दोपहर तक गर्मी बढ़ेगीलेकिन तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी। अधिकतम तापमान42से43डिग्री के आसपास ही रहेगा। इसका बड़ा कारण दूसरे राज्यों में चक्रवात व द्रोणिका सिस्टम का सक्रिय होना है। इसके असर से बादल बनेंगे। आने वाले एक सप्ताह में कभी भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today For the first time, the temperature crossed 41 degrees, dust storm occurred at 4 pm Full Article
4 धार का रिकवरी रेट 34% है, यह हमारे लिए अच्छा संकेत, कमिश्नर और आईजी ने काेराेना संक्रमण की राेकथाम के कार्याें की समीक्षा की By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT इंदौर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी और आईजी विवेक शर्मा कोरोना संक्रमण रोकथाम के कार्याें की समीक्षा के लिए बुधवार काे धार आए। यहां पर दोनों अधिकारियों ने विभिन्न कंटेनमेंट एरिया का दौरा किया। पहले उन्हाेंने उटावद दरवाजा वाले क्षेत्र काे देखा, इसके बाद पाटीदार क्वारेंटाइन सेंटर और महाजन अस्पताल के आइसाेलेशन सेंटर का निरीक्षण किया। इसके बाद अधिकारियों ने जिला प्रशासन से बैठक की।त्रिपाठी ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि हम कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कई प्रयोग कर रहे हैं उसमें सबसे प्रमुख यह है कि जिला मुख्यालय पर टेस्टिंग की संख्या बढ़ा रहे हैं ताकि मरीजों को हम जल्दी ढूंढ सके। इंदौर के मामले में आपने कहा कि वहां पर अब पाॅजिटिव सैंपल आने की दर काॅफी रिड्यूस हुई है। इस संभाग का खरगोन जिला ऐसा जहां पाॅजिटिव केस आने की दर बिलकुल खत्म हो जाएगी। धार में भी कोरोना के जो केस है उसका 34 प्रतिशत रिकवरी रेट है यह अच्छी बात है।इस सबंध में इंदौर संभाग कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने बताया कि धार में जो केसेस है वह 76 केसेस में से 26 डिस्चार्ज हो चुके हैं और 34 प्रतिशत की रिकवरी रेट है। 12 सैंपल पहले निगेटिव हो चुके हैं और दूसरे निगेटिव होने के बाद उनको भी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। सब से अच्छी बात यह है कि इनके यहां के सभी मरीज जो है वो काफी हद तक कम लक्षए वाले हैं। केवल दो केसे ऐसे हैं आज की डेट मेंजो थोड़े माडरेट लक्षण है। यहां पर डिसीएससी लेवल की व्यवस्था इनके पास महाजन हाॅस्पिटल में रखी हुई है। कमिश्नर ने कहा अगर 12 लोग और जोड़ लें तो लगभग ये 45 परसेंट के आसपास ये रिकवरी रेट चला जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The recovery rate of Dhar is 34%, a good sign for us, the commissioner and IG reviewed the actions of Raketham of Karena infection. Full Article
4 47 क्वारेंटाइन श्रमिकों के लिए खाना बना रहे सरपंच और रोजगार सहायक By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT रेंगाखार व समनापुर जंगल के क्वारेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था को लेकर भास्कर ने मुद्दा उठाया था। बताया था कि रसोइयों के न मिलने पर क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूर अपने लिए खुद ही खाना बनाते हैं। अव्यवस्था उजागर होने पर पंचायत प्रशासन हरकत में आ गई है। बुधवार को क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे श्रमिकों के भोजन के पैकेट पहुंचाए गए।वहीं पंडरिया क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे 47 मजदूरों के लिए पंचायत सरपंच रामकुमारी, रोजगार सहायक जयलाल और एक रसोइयों ने मिलकर भोजन बनाया। सरपंच राजकुमार ने चावल चुनकर पकाया। रोजगार सहायक और रसोईए ने सब्जी काटी और बनाई। इसके बाद क्वारेंटाइन सेंटर में रोके गए मजदूरों तक भोजन पहुंचाया गया। बताया कि पंडरिया क्वारेंटाइन सेंटर में 47 श्रमिकों को ठहराया गया है। ये मजदूर महाराष्ट्र और तेलंगाना के हैदराबाद से आए हैं।बाकी सेंटर में भी पहुंचाई गई राशन सामग्री: अव्यवस्था उजागर होने पर रेंगाखार, समनापुर जंगल समेत अन्य क्वारेंटाइन सेंटर में भी राशन सामग्री पहुंचाई गई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Sarpanch cooking and employment assistant for 47 quarantine workers Full Article
4 जिला प्रशासन का दावा- 80 बसें तैयार खुली पोल, तीन ट्रकों में पहुंचे 324 लोग By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT दंतेवाड़ा के 3000 से ज्यादा मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं। लॉकडाउन में ढील दी गई तो दूसरे प्रदेशों से मजदूरों के आने का सिलसिला अब वाहनों के ज़रिए भी शुरू हो गया है। सोमवार को कोंटा बार्डर पर दंतेवाड़ा के करीब 100 मजदूर रोके गए। उन्हें लेने दंतेवाड़ा से बसों को प्रशासन ने रवाना किया। अब बुधवार को 3 ट्रकों में भरकर आंधप्रदेश और तेलंगाना से करीब 324 मजदूरों की वापसी हुई है। इस वापसी ने इस बात को उजागर कर दिया है कि कोरोना और लॉकडाउन की चुनौती के बीच दूसरे राज्यों व स्थानीय प्रशासन के बीच आपस में समन्वय ही नहीं है।इधर जिला प्रशासन का दावा है कि दंतेवाड़ा में मजदूरों को लाने प्रशासन ने 80 बसें तैयार कर रखी हैं। चूंकि मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसे हैं, ऐसे में उन्हें लाने के लिए प्रशासन सरकार के निर्देश का इंतजार कर रही है। बताया जा रहा है पड़ोसी प्रदेशों के प्रशासन ने छत्तीसगढ़ सरकार या स्थानीय जिला प्रशासन को सूचना दिए बिना ही मजदूरों को ट्रकों तो पिकअप में भरकर भेज दिया है।बुधवार को भी दंतेवाड़ा के करीब 300 से ज्यादा मजदूर ट्रकों और पिकअप के जरिए दंतेवाड़ा के अलग-अलग इलाके में पहुंचे। चिलचिलाती धूप में भेड़ बकरियों की तरह ट्रकों में सवार होकर मजदूर घर वापसी को मजबूर हैं। सोशल डिस्टेंसिंग तक नहीं थी। ऐसे में अगर एक भी व्यक्ति संक्रमित होता है तो ग्रीन जोन दंतेवाड़ा को नुकसान झेलना पड़ सकता है। इस बात की जानकारी जब दंतेवाड़ा के अफसरों को पता चली तो हरकत में आ गए।बसें भेजने के लिए शासन के आदेश का इंतजारएसडीएम लिंगराज सिदार ने बताया कि ट्रकों में सवार होकर मजदूर को आंध्रप्रदेश से आए हैं। हमारे पास बसें तैयार हैं। सूचना मिलने पर हम कोंटा बॉर्डर भेज रहे हैं। लेकिन दूसरे राज्यों में बसें भेजने के लिए शासन स्तर से निर्देश मिलेंगे तभी होगा। मजदूरों को ट्रकों से भेजने की सूचना दंतेवाड़ा पहुंचने पर ही मिली। पहले पता होता तो बसें भेजते।सभी को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगातहसीलदार विजय कोठारी ने बताया कि जो मजदूर आए हैं उनमें से अधिकतर ग्रामीण डब्बा, गुडसे, पालनार और तेलम के है। ये सभी तेलंगाना के ग्रीन जोन से लौटे हैं। इन सभी ग्रामीणों को ग्रीन जोन धनिकरका, बेंगलूर में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। शिक्षक से लेकर सचिव की ड्यूटी लगाई गई है।जनवरी में हुआ था सबसे अधिक पलायनस्थानीय स्तर पर काम नहीं मिलने से कटेकल्याण और कुआकोंडा के ग्रामीण हर साल बड़ी संख्या में तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में काम करने के लिए पलायन करते हैं। तहसीलदार ने बताया कि पलायन को लेकर पिछले चार महीने की तुलना की जाए तो सबसे अधिक पलायन जनवरी में हुआ था। यही लोग दूसरे राज्यों में काम करने के लिए गए थे जो अब वापस आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर जो क्वारेंटाइन सेंटन बनाए गए हैं उनमें भी ग्रीन, आरेंज और रेड जोन वाले सेंटर बनाए गए हैं जो जिस जोन से आएगा उसे उसी जोन में रखा जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today District administration claims - 80 buses ready open pole, 324 people arrived in three trucks Full Article
4 अब भी जिले के 47 खरीदी केंद्रों पड़ा है एक लाख क्विंटल धान By Published On :: Thu, 07 May 2020 00:45:00 GMT जिले के 47 धान खरीदी केंद्रों में परिवहन की समस्या अभी भी बनी हुई है। इसके चलते करीब 1 लाख क्विंटल धान खरीदी केन्द्रों में जाम पड़ा हुआ है। 31 मार्च तक हर हाल में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का परिवहन संग्रहण केंद्र तिल्दा-नेवरा, कौड़िया जेवरा सिरसा, बासीन में किया जाना था।लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक संग्रहण केंद्रों में धान नहीं भेजा जा सका है। जिला प्रशासन कोरोना वायरस के प्रभाव से लोगों को बचाने में लगा हुआ है। इन दिनों मौसम साफ नहीं होने के कारण जिले के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश हो रही है। खरीदी केन्द्रों में रखे गए धान भीगने से शासन को नुकसान होगा। समितियों में रखे गए बारदाना में धान के वजन में कमी को लेकर समिति प्रबंधक और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारी परेशान हैं। इसके कारण समितियों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक नोडल अधिकारी द्वारा जिला विपणन अधिकारी को नियमित रूप से परिवहन जल्द ही परिवहन कराने के लिए कहा गया है। लेकिन परिवहन ठेकेदार के लापरवाही के कारण धान का परिवहन संग्रहण केंद्रों में नहीं हो पा रहा है।तेज धूप के कारण धान के वजन में कमी आ रहीपरिवहन में लेट होने के कारण खरीदी केन्द्रों में रखे बारदाना के धान के वजन में कमी आ रही है। प्रशासन ने अभी तक धान परिवहन को लेकर समीक्षा नहीं की है। संग्रहण केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में धान रखने के लिए दुर्ग जिले के तीन संग्रहण केंद्रों में 9 लाख क्विंटल से भी अधिक धान का परिवहन बेमेतरा जिले से किया जाना है। इसके लिए शासन ने दिशा निर्देश दिए हैं।44 धान खरीदी केन्द्रों में परिवहन का कार्य हुआ पूरा: जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बेमेतरा के नोडल अधिकारी राजेंद्र वारे ने बताया कि 44 धान खरीदी केंद्रों से परिवहन का कार्य पूरा हो चुका है। धीमी गति से परिवहन किया जा रहा है। मौसम में बदलाव को देखते हुए खरीदी केन्द्रों में रखे धान को सुरक्षित रखा गया है। आने वाले दिनों में हर हाल में धान का परिवहन संग्रहण केंद्रों तक हो जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 काम बंद है, चंदा कैसे दें... सिर्फ इसी बात पर 4 परिवाराें का बहिष्कार By Published On :: Thu, 07 May 2020 01:36:00 GMT कोरोना ने पूरी दुनिया में दहशत फैलाकर रखी है, लेकिन प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अभी भी कुप्रथाओं का खौफ इससे ज्यादा है। हाल ही में 4 परिवारों को सिर्फ इसलिए गांव से बहिष्कृत कर दिया गया क्याेंकि ज्योति कलश भवन बनाने के लिए वे चंदा नहीं दे पाए। पीड़ितों ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए यह भी कहा कि लॉकडाउन ने पहले ही उनकी रोजी-रोटी छीन ली है। अब चंदा देने के लिए पैसे कहां से लाएं? दलील नहीं चली और सभी का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया। अब ये परिवार 2 वक्त की रोटी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।दरअसल, मामला राजनांदगांव से सटे ग्राम दानीटोला का है। लॉकडाउन के बीच गांव के मुखिया ज्योति कलश बनाने के लिए चंदा वसूली कर रहे थे। गांव के ज्यादातर लोगों ने पैसे दिए भी, लेकिन बिसाहू राम, देवालु राम, गंगाधर और चंदन कुमार ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए पैसे नहीं दिए। यह बात मुखियाओं को पसंद नहीं आई और सभी ने मिलकर इनके परिवार को बहिष्कृत कर दिया। गांव के दुकानदारों से भी कह दिया गया है कि कोई इन्हें राशन न दे। न ही जरूरत की कोई दूसरी सामग्री दे। बहिष्कृतों की मदद की तो उन्हें भी बहिष्कृत कर दिया जाएगा। पीड़ितों ने मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में भी की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ितों की मांग है कि सरकार खुद इस मामले पर संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।प्रदेशभर में बहिष्कार के हजारों मामले हैं पर थानों मेें केस 0इधर, प्रदेश में सामाजिक बहिष्कार के भी हजारों मामले हैं, लेकिन थानों में इसके खिलाफ एफआईआर निरंक (शून्य) है। वो इसलिए क्योंकि ऐसे मामलों को रोकने कोई कानून ही नहीं है। साढ़े 3 साल पहले सरकार ने सामाजिक बहिष्कार प्रतिषेध अधिनियम का मसौदा तैयार कर इस दिशा में पहल की भी, लेकिन लागू नहीं कर पाए। वो इसलिए क्योंकि समाजों की मनमर्जी के खिलाफ कानून पर सरकार ने समाजों से ही दावा-आपत्ति मांगी थी। ज्यादातर सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया। नतीजतन बहिष्कार कानून का मसौदा साढ़े तीन साल से गृह विभाग में अटका हुआ है। बता दें कि प्रदेश के बहुत से समाजों में आज भी बहिष्कार प्रथा है। ज्यादातर मामलों मेें बहिष्कार अंतरजातीय विवाह की वजह से किया जाता है। समाज में वापसी के लिए अर्थदंड की सजा दी जाती है। जो जुर्माना नहीं चुका पाते, उनका और पूरे परिवार का समाज-गांव से बहिष्कार कर दिया जाता है। धार्मिक, सामाजिक, यहां तक पारिवारिक कार्यक्रमों में भी आने-जाने पर प्रतिबंध होता है। ऐसे मामले भी सामने आए जहां लोगों को अपने रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में तक शामिल नहीं होने दिया गया।जिनके कंधों पर गांव की देखरेख का जिम्मा वह भी आरोपियों में है शामिलकोटवारों की जिम्मेदारी होती है कि वे गांव की देखरेख करें। कहीं कोई बुरी घटना हो तो मामले को स्थानीय पुलिस और प्रशासन के संज्ञान में लाए। पर यहां काेटवार भी आरोपी है। जिन दबंगों ने बहिष्कार किया है उन्होंने ही गांव के कोटवार को यह जिम्मेदारी भी दी है कि वह यह देखे कि कोई बहिष्कृतों की मदद न करे। कोई दुकानदार इन परिवारों को राशन न दे। अगर देता है तो वे इसकी सूचना ग्राम प्रमुखों को दे। इसके अलावा कोटवार ने ही मुनादी करके पूरे गांव को बहिष्कृतों की जानकारी दी। साथ ही किसी तरह का सहयोग न देने की बात भी कही।बहिष्कार वो भी तब जब महामारी फैली हुई है ये बेहद गंभीर अपराध: डॉ. दिनेश मिश्रइधर, अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने राज्य सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि बहिष्कार वैसे भी गंभीर श्रेणी का अपराध है। यह सीधे-सीधे मानवाधिकारों का उल्लंघन है। राजनांदगांव के 4 परिवारों का ऐसे वक्त में बहिष्कार किया गया है जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही है। ऐसा अपराध करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। स्थानीय पुलिस से इस मामले की शिकायत की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई न होना बेहद दुर्भाग्यजनक है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Work is closed, how to give money ... boycott of 4 families only on this matter Full Article
4 बलांगीर से चोरी-छिपे 11 लोग पहुंचे खम्हारी पारा एफआईआर दर्ज, 14 दिन क्वारेंटाइन किया गया By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के कड़े नियमों और राज्य सरकार द्वारा सीमा सील करने के आदेश के बाद भी जिले में आसानी से बाहर से आनेवालों की घुसपैठ जारी है। आश्चर्य की बात है कि जब लोग सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर 40 से50 किमी दूरी तय कर घर पहुंच जाते हैं, तब तक प्रशासन को इसकीभनक नहीं लगती। लेकिन जैसी आसपास से इसकी सूचना मिलती है, तब तत्काल एफआईआर दर्ज करने प्रशासनिक अमलापहुंच जाता है।हाल में ही कुछ दिन पहले ओडिशा के बलांगीर से 11 लोग चोरी-छिपे रसेला, पिपरछेड़ी मार्ग से होते हुए अपने गांव खम्हारी पारा पहुंचे थे। प्रशासन कोइसकी सूचना तब मिली, जबये सीमा क्षेत्र पार कर अपने गांव तक पहुंच गए थे। इसके बाद प्रशासन ने इनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज किया। इसके बाद स्वास्थ्य अमला भी हरकत में आया और इन लोगों को गांव के ही एक स्कूल में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया। दूसरा मामला 5 मई का है, जहां 11 मजूदरों को प्रशासन ने जिला मुख्यालय में ही रोककरइंडोर स्टेडियम में क्वारेंटाइन किया है। ये सभी मजदूर देवभोग और मैनपुर ब्लॉक के हैं, जो मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से वापसचोरी-छिपे अपने गांव जा रहे थे। सभी मजूदरों के रहने-खाने की व्यवस्था फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है।लॉकडाउन खुलने और काम बंद होने से लौट रहेबाहर से आने वाले मजूदरों का कहना है कि कामकाज और रोजी रोटी की तलाश में वे बाहर गए हैं, परंतु कामकाज बंद होने और लॉकडाउन के बीच फिर से काम शुरू होने की समय सीमा ना देखते हुए वे वापस घर लौटरहे हैं। बाहर रहने के कारण एक ओर जहां भुखमरी की स्थिति बन रही है वहीं मकान किराना सहित अन्य खर्चो का वहन करने में असक्षम है। प्रशासन द्वाराभी कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिसके चलते विवश होकर उन्हें वापस घर लौटना पड़ रहा है। मजदूरों ने कहा कि बाहर रहकर बिना रोजी मजदूरी के परिवार का भरण पोषण मुश्किल है। कम से कम गांव वापस आ आए तो अपने परिवार, संगे संबंधियों की सहायता को मिल सकती है। इसलिए वापस घर आना ही उन्हें उचित लगता है। जिले से अब भी 3 हजार से अधिक बाहर फंसेप्रशासन के मुताबिक जिले के 3 हजार से अधिक मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं, जो वापस घर लौटने के लिए परेशान हैं। अन्य राज्यों में समुचित प्रशासनिक सहायता नहीं मिलने से एक से दो वक्त भूखा रहना पड़ रहा है। इसे देखते हुए मजदूर घर वापस आना चाहते हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसके प्रयास भी किए जा रहे हैं राज्य और केंद्र सरकार की भी कोशिश कर रही है, परंतु अब मजूदरों के पास इंतजार करने का वक्त नहीं बचा है। इसलिए नजदीक राज्यों में फंसे मजदूर धीरे-धीरे अपने संसाधन से वापसघर आने में जुटे हैं। इनके पास चोरी-छिपे आने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा है।आस-पड़ोस की शिकायत पर प्रशासन को मिल रही सूचनाबाहर से चोरी-छिपे आने वाले ये लोग दो से तीन सौ किमी दूरी तय कर रहे हैं। दूसरे राज्य से पहले छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे फिर जिले में। इतनी दूरी तय करने के दौरान कई थाना क्षेत्र पार कर रहे हैं, परंतु इस बीच ना कोई लॉकडाउन की पाबंदी काम आ रही है ना ही सीमा क्षेत्र पर की गई सीमाबंदी। आसानी से लोग सीमा क्षेत्र पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं। प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लग रही है। ये लोग जिले के सीमा में प्रवेश करने के बाद पैदल, दुपहिया या लिफ्ट मांग कर अपने घर पहुंच रहे हैं। घर पहुंचने के बाद भी एक-दो दिन बाद अास-पड़ोस की शिकायत पर ही इसकी सूचना प्रशासन को मिल रही है। इससे स्पष्ट है कि सीमाक्षेत्र में की गई पाबंदी का लाभ प्रशासन को नहीं मिल रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 11 people arrived secretly from Balangir, Khamhari Para FIR lodged, 14 days quarantined Full Article
4 केंद्र ने 3 माह का राशन दिया, छग समेत 14 राज्यों ने सिर्फ एक माह का कोटा ही उठाया By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT राशन का उठाव करने में फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया राज्यों को हर तरह की मदद कर रहा है। छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र द्वारापीएम गरीब कल्याण योजना के तहत आवंटित राशन में से केवल एक माह के राशन का ही उठाव किया है। इनमें असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, नगालैंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।केवल पांच राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों ने ही तीन माह के कोटे के राशन का उठाव किया है। छत्तीसगढ़ को केंद्र की तरफ से 3 लाख 1155 मीट्रिक टन चावल का आवंटन अप्रैल- मई और जून माह के लिए किया गया है। राज्य सरकार ने अभी तक केवल एक लाख 95 हजार 788 मीट्रिक टन चावल का उठाव किया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना प्रभावित आबादी के बीच देश भर में 120 लाख मीट्रिक चावल बांटने के लिए सभी राज्यों के लिए कोटा तय किया है। अभी तक राज्यों ने केवल 69 लाख मीट्रिक टन राशन का ही उठाव किया है। योजना के तहत प्राथमिकता वाले परिवारों को उनके कोटे से दूना राशन दिया जाना है। अंत्योदय परिवारों को हर माह मिलने वाले 35 किलो के अलावा 5 किलो राशन अतिरिक्त दिया जाना है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 बलांगीर से चोरी-छिपे 11 लोग पहुंचे खम्हारी पारा एफआईआर दर्ज, 14 दिन क्वारेंटाइन किया गया By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के कड़े नियमों और राज्य सरकार द्वारा सीमा सील करने के आदेश के बाद भी जिले में आसानी से बाहर से आनेवालों की घुसपैठ जारी है। आश्चर्य की बात है कि जब लोग सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर 40 से50 किमी दूरी तय कर घर पहुंच जाते हैं, तब तक प्रशासन को इसकीभनक नहीं लगती। लेकिन जैसी आसपास से इसकी सूचना मिलती है, तब तत्काल एफआईआर दर्ज करने प्रशासनिक अमलापहुंच जाता है।हाल में ही कुछ दिन पहले ओडिशा के बलांगीर से 11 लोग चोरी-छिपे रसेला, पिपरछेड़ी मार्ग से होते हुए अपने गांव खम्हारी पारा पहुंचे थे। प्रशासन कोइसकी सूचना तब मिली, जबये सीमा क्षेत्र पार कर अपने गांव तक पहुंच गए थे। इसके बाद प्रशासन ने इनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज किया। इसके बाद स्वास्थ्य अमला भी हरकत में आया और इन लोगों को गांव के ही एक स्कूल में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया। दूसरा मामला 5 मई का है, जहां 11 मजूदरों को प्रशासन ने जिला मुख्यालय में ही रोककरइंडोर स्टेडियम में क्वारेंटाइन किया है। ये सभी मजदूर देवभोग और मैनपुर ब्लॉक के हैं, जो मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से वापसचोरी-छिपे अपने गांव जा रहे थे। सभी मजूदरों के रहने-खाने की व्यवस्था फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है।लॉकडाउन खुलने और काम बंद होने से लौट रहेबाहर से आने वाले मजूदरों का कहना है कि कामकाज और रोजी रोटी की तलाश में वे बाहर गए हैं, परंतु कामकाज बंद होने और लॉकडाउन के बीच फिर से काम शुरू होने की समय सीमा ना देखते हुए वे वापस घर लौटरहे हैं। बाहर रहने के कारण एक ओर जहां भुखमरी की स्थिति बन रही है वहीं मकान किराना सहित अन्य खर्चो का वहन करने में असक्षम है। प्रशासन द्वाराभी कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिसके चलते विवश होकर उन्हें वापस घर लौटना पड़ रहा है। मजदूरों ने कहा कि बाहर रहकर बिना रोजी मजदूरी के परिवार का भरण पोषण मुश्किल है। कम से कम गांव वापस आ आए तो अपने परिवार, संगे संबंधियों की सहायता को मिल सकती है। इसलिए वापस घर आना ही उन्हें उचित लगता है। जिले से अब भी 3 हजार से अधिक बाहर फंसे हैंप्रशासन के मुताबिक जिले के 3 हजार से अधिक मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं, जो वापस घर लौटने के लिए परेशान हैं। अन्य राज्यों में समुचित प्रशासनिक सहायता नहीं मिलने से एक से दो वक्त भूखा रहना पड़ रहा है। इसे देखते हुए मजदूर घर वापस आना चाहते हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसके प्रयास भी किए जा रहे हैं राज्य और केंद्र सरकार की भी कोशिश कर रही है, परंतु अब मजूदरों के पास इंतजार करने का वक्त नहीं बचा है। इसलिए नजदीक राज्यों में फंसे मजदूर धीरे-धीरे अपने संसाधन से वापसघर आने में जुटे हैं। इनके पास चोरी-छिपे आने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा है।आस-पड़ोस की शिकायत पर प्रशासन को मिल रही सूचनाबाहर से चोरी-छिपे आने वाले ये लोग दो से तीन सौ किमी दूरी तय कर रहे हैं। दूसरे राज्य से पहले छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे फिर जिले में। इतनी दूरी तय करने के दौरान कई थाना क्षेत्र पार कर रहे हैं, परंतु इस बीच ना कोई लॉकडाउन की पाबंदी काम आ रही है ना ही सीमा क्षेत्र पर की गई सीमाबंदी। आसानी से लोग सीमा क्षेत्र पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं। प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लग रही है। ये लोग जिले के सीमा में प्रवेश करने के बाद पैदल, दुपहिया या लिफ्ट मांग कर अपने घर पहुंच रहे हैं। घर पहुंचने के बाद भी एक-दो दिन बाद अास-पड़ोस की शिकायत पर ही इसकी सूचना प्रशासन को मिल रही है। इससे स्पष्ट है कि सीमाक्षेत्र में की गई पाबंदी का लाभ प्रशासन को नहीं मिल रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 11 people arrived secretly from Balangir, Khamhari Para FIR lodged, 14 days quarantined Full Article
4 24 घंटे में 10 मिमी बारिश, 4 डिग्री गिरा तापमान By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT मई में भी बारिश का सिलसिला रुका नहीं है। बीती रात जिले में गरज चमक के साथ बारिश हुई। गुरुवार को इसका असर अधिकतम तापमान पर पड़ा। बुधवार का अधिकतम तापमान 41 डिग्री से गिरकर गुरुवार को 37 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। गुरुवार को भी सुबह6से8बजे के बीच हल्की बूंदाबांदी हुई। बीते24घंटे में10.7मिमी औसत बारिश जिले में हुई है। धमतरी,नगरी व कुरूद ब्लॉक में ही बारिश हुई। मगरलोड ब्लॉक सूखा रहा। बीते साल मई के अंतिम सप्ताह में बारिश हुई थी।गर्मी के इस सीजन में6मई को तापमान41.2डिग्री दर्ज हुआ था।3अलग-अलग चक्रवात के कारण दिनभर सूर्य तपने के कारण शाम4बजे तेज आंधी चली। हल्की बूंदाबांदी हुई। रात में ठंडी हवा के कारण तापमान गिरा और आधी रात के मौसम बदला तो बारिश हुई। गुरुवार तड़के 3से5बजे के बीच हुई तेज बारिश के बाद तापमान कम हो गया। सुबह8बजे फिर बारिश हुई।20अप्रैल को बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से धमतरी ब्लॉक के17गांवों व कुरूद के13गांव के1535.250हेक्टेयर फसल खराब हुई।आज बारिश की संभावनामौसम वैज्ञानिक डॉ.एचपी चंद्रा ने बताया कि एक द्रोणिका दक्षिण तमिलनाडु तक0.9किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से8मई को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश,गरज-चमक के साथ छींटे या फिर ओलावृष्टि की संभावना है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 10 mm of rain in 24 hours, 4 degrees dropped Full Article
4 लॉकडाउन से 33 हजार करोड़ रुपए का कारोबार ठप, 4 हजार करोड़ का घाटा By Published On :: Fri, 08 May 2020 01:18:44 GMT देश की नामी कंपनियों और बड़े व्यापारिक संगठनों की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लॉकडाउन में केवल छत्तीसगढ़ में ही 33 हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। इसके असर से आने वाले दिनों में 20 प्रतिशत से ज्यादा उद्योग-धंधे बंद की स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की रिपोर्ट में दावा किया गया कि देशभर में 24 मार्च से 30 अप्रैल तक 5.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। छत्तीसगढ़ में 5 मई तक राज्य शासन को करीब 4 हजार रुपए के टैक्स का नुकसान हो चुका है।कैट की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिटेलर्स रोजाना लगभग 20 हजार करोड़ का कारोबार करते हैं। 48 दिनों से लगभग पूरे व्यापार में तालाबंदी है। यानी 5.50 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान अभी तक कारोबारियों को हो चुका है। इस वजह से देशभर के 7 करोड़ व्यापारियों में से लगभग 1.5 करोड़ कारोबारियों को आने वाले महीनों में अपने व्यापार को स्थायी रूप से बंद करना पड़ सकता है।इसका असर यह होगा कि लगभग 75 लाख व्यापारी जो इन 1.5 करोड़ कारोबारियों पर निर्भर हैं, उन्हें भी अपना व्यापार बंद करना होगा।नहीं मिला कोई राहत पैकेजरिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में व्यापार बंद होने से कम से कम 20 फीसदी व्यापारियों और उन व्यापारियों पर निर्भर लोगों को कारोबार बंद करना होगा। इस मामले में कई बार केंद्र और राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी गई है, लेकिन अभी तक कोई भी बड़ा राहत पैकेज नहीं मिला है। कैट की ओर से लगातार इस बात की मांग की गई है कि लॉकडाउन के दौरान रायपुर में सभी तरह के कारोबार की अनुमति दी जाए। इससे व्यापारियों को राहत मिलनी शुरू होगी।जीएसटी का बड़ा नुकसानकैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी और कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में हर दिन 700 से 800 करोड़ का व्यापार होता है। इसमें 60 हजार व्यापारियों से 20 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। लॉकडाउन के 42 दिनों में प्रदेश में 33 हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। व्यापार बंद होने से सरकार को औसतन 12 फीसदी जीएसटी के अनुमान से लगभग 4000 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Business worth 33 thousand crores stalled due to lockdown, loss of 4 thousand crores Full Article
4 आज शाम 4 बजे से रविवार तक कर्फ्यू जैसी सख्ती, बाजारों का सिस्टम बदलेगा, सिर्फ जरूरी चीजों की खुलेंगी दुकानें By Published On :: Fri, 08 May 2020 01:21:58 GMT रेड जोन में होने के बावजूद राजधानी के बाजारों को सोमवार से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन उससे पहले यानी शुक्रवार को शाम 4 बजे के बाद से सोमवार को सुबह 6 बजे तक राजधानी पूरी तरह लाॅकडाउन रहेगी। प्रशासन ने इशारा किया है कि इस दौरान केवल अत्यावश्यक सामग्री की दुकानें ही खोली जाएंगी। जो थोड़ी-बहुत दुकानें अभी खुल रही हैं, वह भी बंद रहेंगी और उनके बारे में आदेश शुक्रवार को रात तक जारी हो जाएगा। पुलिस ने साफ कर दिया है कि शुक्रवार को शाम 4 बजे के बाद से शहर में धारा 144 का सख्ती से पालन करवाया जाएगा। इस दौरान उल्लंघन करने वालों से भी पुलिस कानूनी तौर पर निपटेगी।प्रशासन ने गुरुवार रात तक वीक एंड लाॅकडाउन के नियम-कायदों पर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है, लेकिन अफसरों ने संकेत दिए कि इस दौरान अतिआवश्यक सेवाओं के साथ केवल सब्जी दुकानों को ही खोला जाएगा। किराना समेत बाकी सभी तरह की दुकानें दो दिनों के लिए पूरी तरह से बंद रखा जाएगा। वीकएंड पर लोगों को घरों में ही रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। शहर के लगभग सभी छोटे-बड़े व्यापारिक संस्थानों की ओर बाजारों में दुकानें खोलने की छूट मांगी जा रही है। इस मांग को कई विधायकों के जरिये मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा दी गई है। इसलिए गुरुवार को दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए। माना जा रहा है कि शनिवार-रविवार को कुछ और दुकानें सीमित स्तर पर खुली रखी जाएं।बाहर जाने कीअनुमति नहीं देंगेफिलहाल रायपुर जिले से राज्य के किसी भी जिले में जाने या फिर राज्य से बाहर जाने की अनुमति अभी नहीं दी जाएगी। इंटर जिला और स्टेट क्रॉस करने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है। कलेक्टोरेट में अभी लगातार हर दिन 100 से ज्यादा आवेदन बाहर जाने के लिए मिल रहे हैं। इतने ही आवेदन ऑनलाइन भी मिल रहे हैं। फिलहाल इन सभी आवेदनों में अति आवश्यक और गंभीर परिस्थिति में ही बाहर जाने की अनुमति दी जा रही है। ज्यादातर आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं।वीकएंड में कर्फ्यूके हालातवीकएंड के आखिरी दिन लोगों को घरों में रखने के लिए पुलिस भी सख्त रहेगी। पुलिस का दावा है कि इस दौरान कर्फ्यू वाले हालात रहेंगे। लोगों से अपील की गई है कि वे घरों में ही रहें। इसलिए शनिवार-रविवार को घरों से बाहर निकलने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। बिना किसी गंभीर कारण के बाहर निकलने वालों पर एफआईआर की जाएगी। चौक-चौराहों के साथ ही मोहल्लों में भी पुलिस का गश्त जारी रहेगा। इस दौरान एक्सट्रा दुकानें खुली तो उन्हें सील कर दिया जाएगा।गाइडलाइन का पालन नहीं करने वालों पर होगी सख्ती- एसएसपी"शासन की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन करवाया जाएगा। इसका पालन न करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। हर चौराहे और एंट्री वाले रास्तों पर पहरा रहेगा। बार्डर भी सील रहेगी। कुछ इलाकों की पहचान कर ली गई है जहां लोग अनावश्यक बाहर निकलते हैं। ऐसे इलाकों पर निगरानी बढ़ाने को कहा गया है।"-आरिफ शेख, एसएसपीसोमवार से कुछ छूट संभवप्रशासन ने शहर में किन बाजारों, दुकानों और व्यवस्थाओं पर छूट दे सकते हैं, इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। गुरुवार को सोशल मीडिया में एक आदेश तेजी से वायरल हुआ कि राजधानी में रेस्टोरेंट को रात 9 बजे तक पार्सल देने की छूट दे दी गई है। इसके अलावा नई गाइडलाइन भी जारी कर दी गई। लेकिन प्रशासन के अफसरों ने बताया कि फिलहाल इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार और राज्य सरकार की नई व्यवस्था के बाद ही कोई नया आदेश जारी किया जाएगा।"राज्य सरकार के निर्देश पर राजधानी के लिए नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। इसमें वीकएंड की व्यवस्था भी शामिल रहेगी।"-डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Today, strictness like curfew from 4 pm to Sunday, the market system will change, only shops will open for essentials Full Article
4 बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त हवा, इससे हो रही बारिश, अगले 4 दिन भी यही आसार By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त हवा के असर से महासमुंद सहित आसपास हल्की बारिश दर्ज की गई। शुक्रवार दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव हुआ और तेज आंधी-तूफान के साथ आसमान में काले बादल घिर आए। हालांकि महासमुंद सहित आसपास के इलाकों में हल्की बारिश ही हुई। इधर, मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक बारिश की संभावना जताई है।महासमुंद जिले में पिछले दो दिनों में 76 मिमी बारिश दर्ज की गई है। दरअसल, मौसम में बदलाव के कारण बुधवार और गुरुवार को जिलेभर में तेज बारिश हुई थी। इस दौरान बसना में सर्वाधिक 35 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी।मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक द्रोणिका उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश से दक्षिणी कर्नाटक तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। साथ ही छत्तीसगढ़ में बंगाल की खाड़ी से बहुत अधिक मात्रा में नमी आ रही है। इसके असर से शनिवार को उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और मध्य छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश के साथ गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।खेतों में फसल, किसानों में चिंता : इस बेमौसम बारिश और तेज हवा अंधड़ से खेतों में खड़ी या कटकर पड़ी फसल को भारी नुकसान की आशंका है। किसान दौलत चंद्राकर, शंकर चंद्राकर, जीवन चंद्राकर, शंकरू ध्रुव, गनपत निषाद का कहना है कि तेज हवा-बारिश से धान की फसल खेतों में गिर जा रही है। इससे फसल कटाई में दिक्कत होती है और दानें झड़ जाते हैं। जो फसल कटाई के बाद खेतों में बीड़ा या करपा के रूप में पड़ी है, उसे भी बारिश से नुकसान हो रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Moist air coming from Bay of Bengal, rain from it, same chance for next 4 days Full Article
4 47 दिनाें बाद जिले में खुले पंजीयन कार्यालय दो दिन में मिला 20 लाख रुपए का राजस्व By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT जमीनों की रजिस्ट्री के लिए जिले के उप पंजीयक कार्यालय बुधवार यानी 6 मई से शुरू हो गए हैं। दो अलग-अलग दिनों में दफ्तर खुलते ही 67 लोगों ने जमीनों की रजिस्ट्री कराई। इससे 20 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। ये पक्षकारों को रजिस्ट्री कराने के लिए ई-अपाइंटमेंट लेना पड़ा था तब जाकर उनकी रजिस्ट्री हो पाई है।कोरोना वायरस के चलते ये दफ्तर 47 दिनों तक बंद थे। ग्रीन जोन जिला घोषित होने के बाद पक्षकारों को जमीनों की रजिस्ट्री कराने राहत दी गई है। इसमें भी अधिक रजिस्ट्री वाले जिले को ए, बी व सी केटेगरी में बांटा गया है। जिला पंजीयक अधिकारी दीपक मंडावी का कहना है कि अ वर्ग वाले उप पंजीयक प्रतिदिन खुलेंगे। बी वर्ग वाले सप्ताह में दो दिन एवं सी वर्ग वाले एक दिन खुलेंगे। बुधवार व शुक्रवार को दफ्तर खुलते ही 67 पक्षकारों ने रजिस्ट्री कराई है। रजिस्ट्री कराने के पूर्व सोशल डिस्टेंसिंग व हस्ताक्षर करने के पूर्व सैनिटाइजर कराया जा रहा है। वहीं दफ्तर खुलने के पूर्व कार्यालय को सैनिटाइज किया जाता है। साथ ही एक पंजीयन के समय एक-एक करके पक्षकारों को हस्ताक्षर के लिए बुलाया जाता है। इसके पूर्व उसे सैनिटाइज किया जाता है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण क्रेता और विक्रेता अपनी जमीन की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 गांवों में बनेगा गोठान, बाहर से आने वालों को क्वारेंटाइन में रहना होगा 14 दिन By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT कोरोना संकट से निपटने तथा जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाने में तीनों स्तर के पंचायत पदाधिकारियों एवं अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया है। यह बात वीडियो कॉन्फेंस के दौरान मंत्री ने जनपद पदाधिकारियों से कही। मंत्री ने कहा कि राज्य और जिले के बाहर से जो व्यक्तिगांव आएंगे उसके लिए गांव में किसी शासकीय या सामुदायिक भवन में क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर रहने खाने की आवश्यक व्यवस्था किया जाए।14 दिन इस सेंटर में रहने के बाद रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उसको घर जाने दिया जाएगा। जो व्यक्ति इस सेंटर में रहेंगे उनका गांव में घुमना, किसी से मिलना, तालाब में स्नान एवं खुले में शौच प्रतिबंधित रहेगा। सभी गांव में गोठान निर्माण किया जाएगा। स्थल चयन कर प्रस्ताव दिया जाए। मनरेगा में देश में नियोजित मजदूरों में छत्तीसगढ़ की सहभागिता 18% है।एनजीजीबी गांवों में बाड़ी विकास, उन्नत कृषि, पशुपालन एवं मछली पालन के गतिविधियों को समन्वय बनाकर किया जाए। मनरेगा में हर जाब कार्डधारी परिवार को रोजगार दिलाया जाए। मनरेगा 15 जून तक चलता है पर जरूरत पड़ी तो और आगे काम चलाने भारत सरकार से अनुमति ले ली जाएगी। इसलिए कार्ययोजना बनाकर रखे। वीसी के दौरान मुख्य रूप से मुख्य कार्य पालन अधिकारी पीआर साहू जनपद पंचायत नगरी व अध्यक्ष दिनेशवरी नेताम, उपाध्यक्ष हुमीत लिमजा व तीन जनपद सदस्य 10 सरपंच उपस्थिति थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Gothan will be built in villages, those coming from outside will have to stay in Quarantine for 14 days Full Article
4 रेड जोन उज्जैन से 28 नाके पार कर 2 बाइक से 9 लोग आए, किसी ने नहीं रोका, 4 तो वापस भी भागे By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT सरकारों और अफसरों का दावा है कि लॉकडाउन में राज्य व जिले की सीमाएं सील हैं। कोई नहीं आ जा सकता है लेकिन सच्चाई अलग है। यहां लोग रेड जोन से भी आ-जा रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे ही 9 लोग मध्यप्रदेश के रेड जोन उज्जैन से करीब 800 किमी से दो बाइक पर शुक्रवार को धमतरी आए। 4 दिन में 28 से 30 नाके पार किए।मध्यप्रदेश से छतीसगढ़ में प्रवेश किया लेकिन किसी ने नहीं रोका। इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझी और जिला अस्पताल जांच कराने आए। यहां से सभी को क्वारेंटाइन किया जा रहा था इसी बीच उज्जैन से 5 लोगों को छोड़ने आए 4 लोग वापस भाग गए। 5 लोगों को पथर्रीडीह में क्वारेंटाइन किया गया है। इनका सैंपल लेने करीब 3 घंटे तक अफसर इधर-उधर होते रहे। स्वास्थ्य विभाग ने किसी का सैंपल जांच के लिए नहीं लिया। ये सभी लोग उज्जैन से आए हैं वहां 220 कोरोना संक्रमित मरीज हैं।3 घंटे अस्पताल में बैठे, मौका मिलते ही 4 भागेजानकारी के अनुसार शहर के नवागांव वार्ड के करीब 5 लोग 16 मार्च को अपने रिश्तेदार के यहां उज्जैन गए थे। लॉकडाउन के कारण सभी 2 महीने से वहीं फंसे थे।ये गुरुवार को अपने 4 रिश्तेदारों के साथ धमतरी पहुंचे, जिला अस्पताल में 11 बजे आए। यहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके साहू ने सभी 9 लोगों की जांच की। चूंकि सभी रेड जोन उज्जैन से आए थे इसलिए डॉक्टर ने बगैर जोखिम उठाए तय नियम के मुताबिक सभी को पथर्रीडीह में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन करने के निर्देश दिए। एंबुलेंस और जांच टीम के इंतजार में करीब 3 घंटे जिला अस्पताल में बैठे रहे। इस दौरान इन लोगों ने बार-बार डॉक्टर से घर में क्वारेंटाइन करने और उज्जैन से आए 4 लोगों को वापस घर जाने देने का अनुरोध किया। इस बीच 4 लोग भाग गए। 5 लोगों को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया।इस तरह 4 दिन में किया 800 किमी सफरबीते 4 मई को उज्जैन के पिपली से 9 लोग 2 बाइक से निकले। गुरुवार को 11 बजे धमतरी आए। इस दौरान उज्जैन, देवास, हरदा, होशंगाबाद, बैतुल, सिवनी, कवर्धा, राजनांदगांव, बालोद होते धमतरी आए। करीब 800 किमी का सफर बाइक से तय किया। रास्ते में 28 से 30 नाके पड़े। राज्य की सीमा भी पार की।सभी स्वस्थ हैं, 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किएजिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. विजय फूलमाली ने बताया कि उज्जैन से 9 लोग बाइक से धमतरी आए हैं। जिला अस्पताल से 4 लोग भाग गए। इनकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई है। 5 लोगों को पथर्रीडीह में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया है। फिलहाल सभी स्वस्थ हैं इसलिए किसी का सैंपल नहीं लिया है।कुरूद, पथर्रीडीह में कुल 73 लोग क्वारेंटाइनहॉट स्पॉट और अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन करने कुरूद के पंचायत भवन व कुकरेल के पथर्रीडीह में सेंटर है। अभी कुल 73 लोग क्वारेंटाइन में है। कुरूद में 43 व पथर्रीडीह में 30 लोग हैं। ये सभी आंध, इंदौर, पंजाब, हरियाणा, पुणे, उज्जैन से आए हैं। कोटा से आए 9 छात्रों को भी कुरूद में क्वारेंटाइन किया है।4 साल का बच्चा बगैर मां के 14 दिन रहेगा क्वारेंटाइनउज्जैन से धमतरी आए 9 लोगों में 3 बच्चे भी हैं। यह सभी दो बाइक पर बेहद मुश्किल से बैठकर आए। इनमें से उज्जैन निवासी एक युवक, उसकी पत्नी, एक 8 साल का बच्चा और इनका एक साथी वापस लौट गए हैं। पथरीडीह में 5 लोगों को क्वारेंटाइन किया है। इनमें एक युवक, उसकी पत्नी, मां व बहन है। इनके साथ में चार महीने का बच्चा है। इनके अलावा 4 साल का भी है। यह बगैर मां के बुआ व दादी के साथ उज्जैन चला गया था। लौटने पर मां के मिलने की उम्मीद थी, अब 14 दिन और मां से दूर रहकर क्वारेंटाइन पूरा करना होगा। इन लोगों का कहना था कि वार्ड पार्षद से पूछा था तो उन्होंने आने के लिए कह दिया था। बताया था कि घर में ही रहना होगा। इसलिए आ गए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 9 people came from 2 bikes, crossed 28 blocks from Red Zone Ujjain, no one stopped, 4 even ran back Full Article
4 चौकी प्रभारी ने मांगे 40 हजार, काम हुआ न ही रुपए लौटाए, अब एसपी से शिकायत By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT चाकूबाजी में गिरफ्तार आरोपी दुर्गेश साहू के पिता गंगाधर साहू ने दशरंगपुर चौकी प्रभारी मानसिंग पर ठगी का आरोप लगाया है। मामले की लिखित शिकायत पुलिस कप्तान केएल ध्रुव से की गई है।शिकायतकर्ता गंगाधर पिता संतू साहू उमरावनगर जिला बेमेतरा का रहने वाला है। उसने बताया कि उसका बेटा दुर्गेश साहू 21 फरवरी को चाकूबाजी के मामले में पकड़ा गया था। घटना के दूसरे यानी 22 फरवरी को सूचना मिलने पर वह अपने पिता व साला के साथ दशरंगपुर चौकी पहुंचा। उसने आरोप लगाया कि चौकी प्रभारी मानसिंग ने मामला खत्म करने के लिए 40 हजार रुपए की मांग की। बेटे को बचाने व कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसने से बचने के लिए गंगाधर ने पैसे दे दिए। 6 मई को कोर्ट में उसके बेटे की पेशी थी। पेशी के पहले मेडिकल जांच के लिए पैसे लगेंगे करके पुलिस ने 3 हजार रुपए और ले लिए। लेकिन कोर्ट में पेशी के बाद उसके बेटे को जेल भेज दिया गया। अब शिकायतकर्ता रकम वापस मांग रहा है।वकील के बहकावे में आकर की शिकायत: चौकी प्रभारीमामले में चौकी प्रभारी मानसिंग ने सफाई देते हुए कहा कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। वकील के बहकावे में आकर गंगाधर ने उन पर गलत व झूठा आरोप लगाया है। दरअसल, ग्राम दशरंगपुर में दशरथ तालाब शिव मंदिर के पास एक पान दुकान है। घटना की रात पीड़ित दुकानदार कमलेश साहू अपने दुकान में आए अपने दोस्त से बातचीत कर रहा था। तभी आरोपी दुर्गेश साहू उमरावनगर, जिला बेमेतरा वहां पहुंचा। गुटखा मांगकर खाया। दुकानदार कमलेश ने जब उससे पैसे मांगे, तो आरोपी बहस करने लगा। विरोध करने पर आरोपी दुर्गेश ने जेब से चाकू निकाला और दुकानदार कमलेश के पेट में मार दिया था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 4 हजार लोग महाराष्ट्र, तेलंगाना जैसे संक्रमित क्षेत्र से यहां आएंगे By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के कारण देश के 13 राज्यों के 35 से ज्यादा शहरों में फंसे लगभग 12 हजार श्रमिकों की वापसी होनी है। करीब 4 हजार श्रमिक तो महाराष्ट्र, तेलंगाना के हैदराबाद, उत्तरप्रदेश और गुजरात जैसे संक्रमित राज्यों से आएंगे। इससे कबीरधाम जिले के हालात बिगड़ सकते हैं। वैसे भी एक साथ 6 पॉजिटिव केस मिलने से कबीरधाम जिला रेड जोन में आ चुका है। उससे भी बड़ी चुनौती वे प्रवासी श्रमिक हैं, जो नेशनल हाइवे से ट्रकों के जरिए यहां तक पहुंच रहे हैं। हालांकि, कबीरधाम जिले में प्रवेश के सभी 17 रास्तों को सील कर दिया गया है।बॉर्डर पर बैरियर लगाकर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। फिर भी जिले के भीतर पैदल चलकर आने वाले प्रवासी श्रमिक आसानी से देखे जा सकते हैं। जिला प्रशासन ने कवर्धा, बोड़ला, पंडरिया और सहसपुर लोहारा ब्लॉक से लगभग 10 हजार प्रवासी श्रमिकों की जानकारी जुटा ली है, जो जिले से दूसरे राज्यों में कमाने-खाने गए थे। कई राज्यों से मजदूर पैदल चलकर ही वापस आ रहे हैं।नांदगांव से भेजे गए 300 से ज्यादा प्रवासी श्रमिकनागपुर, पुणे, कोल्हापुर, सांगली, मुंबई (महाराष्ट्र) और हैदराबाद, नालगोण्डा, सिकंदराबाद (तेलंगाना) समेत अन्य क्षेत्रों से प्रवासी श्रमिक पैदल चलकर राजनांदगांव पहुंचे हैं। वहां उन्हें राहत शिविर में ठहराया गया है। स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को उनके जिलों में भेजा जा रहा है। बुधवार दरमियानी रात करीब 150 मजदूर यहां पहुंचे थे। शुक्रवार को लगभग 300 मजदूरों की वापसी हुई है। इनका क्वारेंटाइन पूरी हो गया है।जांच करने के लिए बॉर्डर पर मेडिकल कैंपकोरोना संक्रमण से निपटने के लिए वापस आ रहे प्रवासी श्रमिकों की जांच जरूरी है। इसे लेकर जिले के बॉर्डर क्षेत्रों में बैरियर के साथ मेडिकल कैंप लगाया गया है, जहां 24 घंटे मेडिकल टीम तैनात की गई है। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि वापस आने वाले श्रमिकों की बॉर्डर पर ही जांच होगी। उसके बाद उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। जांच के दौरान पूरी सतर्कता बरती जा रही है।बॉर्डर सहित हर छोटे रास्तों पर निगरानी के दिए निर्देश कबीरधाम की सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिल्फी-धवईपानी, कवर्धा-जबलपुर मार्ग, दशरंगपुर कवर्धा-रायपुर मार्ग, नरोधी में कवर्धा-राजनांदगांव मार्ग, पोलमी में कवर्धा- अमरकंटक, डिंडौरी मार्ग, कांपादाह, महका व कुण्डा में कवर्धा-मुंगेली और बेमेतरा जिला मार्ग पर चेकपोस्ट बना है। इसके अलावा अन्य छोटे रास्तों को चिह्नांकित कर उनकी निगरानी की हिदायत दी गई है। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने शुक्रवार को जिले की सीमा में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूर या अन्य व्यक्ति का स्वास्थ्य जांच अनिवार्य कर दिया है। राज्य सीमा पर स्वास्थ्य टीम तैनात है। इन स्थलों पर प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों से परस्पर एक मीटर की दूरी बनाते हुए थर्मल गन से तापमान की जांच के निर्देश दिए हैं।चेकपोस्ट में स्क्रीनिंग एरिया तय, अमले को किया तैनातबॉर्डर पर अलग से स्क्रीनिंग एरिया तय कर लिया गया है। इसमें चिकित्सा अधिकारी या ग्रामीण चिकित्सा सहायक की ड्यूटी लगाई जा रही है। टीम को दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने बीएमओ को निर्देश दिए गए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 4 thousand people will come here from infected area like Maharashtra, Telangana Full Article
4 शनिवार और रविवार को पूर्ण तालाबंदी, साप्ताहिक बाजार भी नहीं लगेगा, अब 4 दिन ही खुलेंगी दुकानें By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT राज्य शासन के बाद जिला प्रशासन ने भी अब शनिवार व रविवार को पूर्ण लॉकडाउन का एलान कर दिया। यह लॉकडाउन शुक्रवार शाम 4 बजे से शुरू हो गया, जो सोमवार सुबह 6 बजे तक लगातार अगले 64 घंटों का होगा। इस दौरान जिला मुख्यालय, गांव व कस्बों में शनिवार व रविवार को लगने वाला साप्ताहिक बाजार भी नहीं लगेगा। वहीं मंगलवार काे जिले में दुकानें बंद रहती हैं। एेसे में अब 4 दिन ही दुकानें खुलेंगी। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ अति आवश्यक सेवाओं में शामिल दुकान व प्रतिष्ठान को छूट दी गई है।शुक्रवार दोपहर जिला प्रशासन ने सप्ताह में दो दिन शनिवार व रविवार को पूर्ण लॉकडाउन का आर्डर जारी किया। इसे लेकर सभी जगह प्रसारित करने के साथ बाजार व शहर में मुनादी भी कराई गई। जारी आदेश के अनुसार दुकानें शुक्रवार शाम 4 बजे बंद हो गई। शनिवार व रविवार को अति आवश्यक सेवाओं में शामिल दुकान व प्रतिष्ठान ही खोले जाएंगे। शनिवार को सरोना तथा रविवार को कांकेर, दुधावा आदि जगहों का साप्ताहिक बाजार लगता है। ये भी अब पूर्ण लॉकडाउन के चलते नहीं लगेंगे। प्रशासन को आशंका है कि सभी दुकानें बंद होने के बाद यदि साप्ताहिक बाजार को छूट दी गई तो वहां भारी भीड़ जमा हो जाएगी। लोग सब्जी खरीदने के नाम से बाजार में टूट पड़ेंगे। दुकानों की संख्या बढ़ जाएगी, जिससे लॉकडाउन का कोई औचित्य ही नहीं रहेगा।बाहरी व्यापारियों से संक्रमण का खतरा : लॉकडाउन के दौरान चेक पोस्ट में अच्छे से जांच पड़ताल नहीं होने से बाहर के व्यापारी कार से शहर में वसूली करने पहुंच रहे हैं। खासकर कांकेर में रायपुर, दुर्ग आदि जगहों के व्यापारी आ रहे हैं। इसी तरह कुछ लोग सामान बेचने कांकेर पहुंच रहे हैं। इससे जिले में संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है।मंगलवार को दुकान खाेलने करेंगेे चर्चा : कांकेर चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष दिलीप खटवानी ने बताया मंगलवार को दुकान खोलने अनुमति देने प्रशासन से चर्चा की जाएगी।इन दुकानों व सेवाओं को सुबह 6.30 से 9.30 बजे तक मिली छूटकानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी एवं कमर्चारी, स्वास्थ्य सेवाएं, दवा उत्पादन की इकाई एवं संबंधित परिवहन, खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाएं, खाद्य पदार्थ, दूध, ब्रेड, फल एवं सब्जी दुकान, चिकन, मटन, मछली एवं अंडा के विक्रय, वितरण, भंडारण परिवहन की गतिविधियां, दूध विक्रेता एवं न्यूज पेपर हॉकर सुबह 6.30 से 9.30 बजे तक लॉकडाउन से मुक्त रहेंगे।सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंदइस दौरान जिले में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं, निजी बसें, टैक्सी, ऑटो, रिक्शा, ई-रिक्शा के परिचालन को बंद किया गया है। केवल इमरजेंसी मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को वाहन द्वारा आवागमन की अनुमति रहेगी। ऐसी निजी वाहन, जो इस आदेश के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन एवं उनके परिवहन का काम कर रहे हों, उन्हें भी अपवादिक स्थिति में तात्कालिक आवश्यकताओं को देखते हुए छूट रहेगी।लॉकडाउन का पालन करें, मास्क पहनकर ही निकलें: कलेक्टर कलेक्टर केएल चौहान ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए यह व्यवस्था की गई है। शनिवार रविवार को अतिआवश्यक सेवाओं को छोड़ कर अन्य सभी दुकानें व साप्ताहिक बाजार भी बंद रहेंगे। जिलेवासी लॉकडाउन का पालन करें। जरूरी होने पर ही घर से मास्क पहन कर बाहर निकलें। इधर नए आदेश के बाद व्यापारियों ने मंगलवार को दुकान खोलने की अनुमति देने की मांग की है।इन सेवाओं व दुकानों को लॉकडाउन में दी गई छूटमास्क, सैनिटाइजर व दवा दुकान, एटीएम, गैस एजेंसी, बिजली व पेयजलापूर्ति एवं नगर पालिका सेवाएं, जेल, अग्निशमन सेवाएं, टेलीकॉम, इंटरनेट सेवाएं, आईटी आधारित सेवाएं, पेट्रोल पंप, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, टेक अवे होम डिलीवरी रेस्टोरेंट, पूर्व से विभिन्न होटलों में रुके हुए अतिथियों के लिए डायनिंग सेवाएं, सुरक्षा कार्य में लगी सभी एजेंसियां इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today There will not be a complete lockout, weekly market on Saturday and Sunday, now shops will open only 4 days Full Article
4 एमपी-छग बॉर्डर पर डालामौहा में लगाए बैरियर, 24 घंटे खुद ग्रामीण दे रहे पहरा By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT मध्यप्रदेश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 3 हजार से अधिक हो चुकी है। ऐसे में मध्यप्रदेश-छग बॉर्डर से लगे कबीरधाम जिले के ग्राम डालामौहा में ग्रामीणों ने बैरियर लगा दिया है, जहां वे 24 घंटे पहरा देते हैं। ताकि मध्यप्रदेश की ओर से कोई आ न सके। शुक्रवार को पंडरिया ब्लॉक के गांवों में संक्रमण से बचाव की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने बैरियर पर गाड़ी रोकवाई।कलेक्टर ने जब ग्रामीणों के बनाए बैरियर को देखा, तो गाड़ी रोककर उनके हाल जानने लगे। उन्होंने पहरा दे रहे ग्रामीणों के काम को सराहा। बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि वायरस के रोकथाम के लिए गांव के बाहर स्वयं से बैरियर लगाए हैं। यह मार्ग मध्यप्रदेश को जोड़ती है, इसलिए अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को गांव की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। इसके बाद कलेक्टर शरण ने अंचल के ग्राम कुकदूर, कामठी, तेलियापानी, भाकुर, पोलमी का निरीक्षण किया। यहां बनाए गए क्वारेंटाइन सह राहत शिविरों का अवलोकन किया।144 गांवों में क्वारेंटाइन सेंटर: दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों की वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं। संक्रमण से बचाने के लिए पंडरिया ब्लॉक के 144 गांवों में सभी शासकीय भवन, स्कूल, आश्रम-छात्रावास को क्वारेंटाइन सेंटर सह राहत शिविर बनाया गया है। सभी क्वारेंटाइन सेंटरों में भोजन की व्यवस्था के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही सरपंच और ग्राम पटेल को भी जिम्मेदारी दी गई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Barrier installed in Damaha on MP-Chg border, guarded by villagers giving themselves 24 hours Full Article
4 गुजरात के सूरत से गिरिडीह लौटे 1145 मजदूर, सभी को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा By Published On :: Wed, 06 May 2020 10:34:51 GMT गुजरात के सूरत से स्पेशल श्रमिक ट्रेन के जरिए धनबाद लौटे प्रवासी मजदूरों को बुधवार सुबह बसों के जरिए धनबाद रेलवे स्टेशन से टुंडी के पास ताराटांड़ लाया गया। यहां हर मजदूर की स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग मेंटन करते हुए उनके घर भेजा गया। इस दौरान गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, एसपी सुरेन्द्र कुमार झा, एसडीओ प्रेरणा दीक्षित, डीडीसी मुकुंद दास समेत पुलिस फोर्स एवं मजिस्ट्रेट मौजूद रहे।जानकारी के मुताबिक, धनबाद रेलवे स्टेशन से 46 बसों के जरिए 1145 श्रमिकों को गांडेय प्रखंड के ताराटांड़ मैदान में लाया गया। गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकार के निर्देश पर सभी मजदूरों को स्पेशल ट्रेन के जरिए गुजरात के सूरत से लाया गया है। स्पेशल ट्रेन के धनबाद पहुंचने के टाइम के मुताबिक यहां से पुलिस की टीम एवं मजिस्ट्रेट के साथ प्रशासन की टीम धनबाद स्टेशन पहुंची। ट्रेन के आने के बाद बसों के जरिए सभी को यहां लाया गया।उन्होंने बताया कि सभी मजदूरों को उनके प्रखंड स्थित क्वारैंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। फिर सभी प्रवासी मजदूरों के जांच का सैंपल पीएमसीएच धनबाद भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के के बाद आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सोमवार 11.15 बजे एक स्पेशल ट्रेन सूरत से झारखंड के मजदूरों को लेकर रवाना हुई थी। यह ट्रेन बुधवार सुबह करीब पांच बजे धनबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची। Full Article
4 40 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, नदी के रास्ते बंगाल से ला रहे थे शराब By Published On :: Wed, 06 May 2020 11:08:46 GMT पुलिस नेलॉकडाउन के दौरानचल रही शराब तस्करी कापर्दाफाश करते हुए बुधवार को दो लोगों को गिरफ्तारकर लिया। जबकि इनके दो साथी भागने में कामयाब रहे।इनके पास से पुलिस ने40 अंग्रेजी शराब की बड़ी बाेतलें बरामद की। तस्कर लॉकडाउन का उल्लंघन कर पश्चिम बंगाल से नदी के रास्ते झारखंड आ रहे थे। पुलिस नेमामला दर्ज कर गिरफ्तार तस्करों कोजेल भेज दिया है।एसडीपीओ,निरसा विजय कुशवाहा ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी किबंगाल के बराकर से भारी मात्रा में शराब लाई जा रही है। इसके बाद पुलिस टीम बराकर नदी से आने वाले सभी रास्तों पर गुप्त रूप से निगरानी कर रही थी। तभी कुंदन साव व राजेश ठठेरा को पुलिस ने दबोच लिया।पुलिस पूछताछ में उन्होंनेबताया कि वे लोग सूरज ठठेरा के यहां से शराब लेकर आ रहे थे।एसडीपीओ ने बताया कि पकड़ा गयाकुंदन,सरसा पहाड़ीस्थितएक होटल का संचालक है।कई बार उसके होटल मेंशराब को लेकर छापेमारी की गई पर हर बार वो भाग निकलता था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today गिरफ्तार तस्करों के बारे में जानकारी देती पुलिस। Full Article
4 जिले का दूसरा कोरोना संक्रमित भी हुआ स्वस्थ, प्रशासन ने 24 दिनों तक होम क्वारैंटाइन में रहने को कहा By Published On :: Wed, 06 May 2020 14:38:00 GMT जिले का दूसरा कोरोना संक्रमित मरीज भी स्वस्थ्य हो गया है। महिला मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बुधवार शाम को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने विदाई दी। महिला मरीज का बदडीहा स्थित एएनएम हॉस्टल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में इलाज चल रहा था। मौके पर डीसी राहुल कुमार सिन्हा, एसपी सुरेंद्र कुमार झा, सिविल सर्जन डॉक्टर अवधेश कुमार सिन्हा सहित कई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।इस दौरान डीसी ने वस्त्र, बुके और फल, तथा एसपी ने कुरान भेंट किया। महिला ने विदाई के दौरान उपस्थित सभी लोगों का आभार जताया। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला ने कहा कि 23 दिनों तक स्वास्थ्य कर्मियों ने उनकी देखभाल की। इस पल को वो जीवनभर नहीं भूल पाएंगी। उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि लॉकडाउन का पालन करें और जिन्हें बुखार या अन्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं वे तत्काल चिकित्सक से राय लें और खुद को होम क्वारैंटाइन करें, ताकि आपका परिवार स्वस्थ रह सके।24 दिनों तक होम क्वारैंटाइन में रहेगीडीसी राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि 55 वर्षीय महिला का रिपोर्ट 24 घंटे में दूसरी बार निगेटिव आयी। अब गिरिडीह जिला ग्रीन जोन में आ गया है। कहा कि महिला को बुधवार को उनके घर जेहनाडीह भेजा जा रहा हैं। उन्हें अपने घर मे 24 दिनों तक क्वारैंटाइन में रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी दूसरे प्रदेश से प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला जारी है। इस वजह से अभी सतर्क रहने की जरूरत है। कहा कि गिरिडीह पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों का सैम्पल लेने के बाद होम क्वारैंटाइन में रहने की सलाह दी जा रही है। बिना सैम्पल लिए किसी को भी घर जाने की इजाजत नही दी जा रही है।बेटे के संपर्क में आने के बाद हुई थी पॉजिटिवकोरोना की जंग जीतने वाली धनवार प्रखंड के जेहनाडीह की महिला का बेटा पहले कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। 23 मार्च को वह मुंबई से लौट था। 11 अप्रैल को कोडरमा में जांच के बाद वह पॉजिटिव पाया गया था। उसके बाद गिरिडीह जिला प्रशासन के द्वारा जेहनाडीह गांव को सील कर दिया गया था और उसके संपर्क में आये परिवार का सैम्पल जांच के लिए भेजा गया था। 13 अप्रैल को उसकी मां की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। 5 और 6 मई को कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिला प्रशासन के द्वारा उन्हें घर भेज दिया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महिला ने स्वस्थ्य होने के बाद संदेश दिया कि लॉकडाउन का पालन करें और जिन्हें बुखार या अन्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं वे तत्काल चिकित्सक से राय लें और खुद को होम क्वारैंटाइन करें, ताकि आपका परिवार स्वस्थ रह सके। Full Article
4 अगले 24 घंटे में गरज के साथ होगी बारिश, पूरे सप्ताह छाए रहेंगे बादल By Published On :: Wed, 06 May 2020 23:30:00 GMT बुधवार को दिन में बादलों के छाए रहने और हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से गर्मी से राहत मिली है। दिन के तापमान में एक और रात में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का मानना है कि पूरे सप्ताह बादल छाए रहेंगे। अगले 24 घंटे दिन में तेज हवा के साथ बादल गरजेंगे और बारिश होगी।इधर, 10 मई तक लगातार तेज बारिश और बिजली चमकने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार अफगानिस्तान के ऊपर एक किमी ऊंचाई पर पश्चिमी विक्षोभ ट्रफ लाइन के रूप में सक्रिय है। इससे बंगाल की खाड़ी के ऊपर मजबूत चक्रवात बना हुआ है। इन दोनों के बीच से एक ट्रफ लाइन गुजर रही है, जिससे आने वाले 24 घंटे क्षेत्र में 20 किमी प्रति घंटा से अधिक रफ्तार से तेज आंधी चलेगी और ओलावृष्टि हो सकती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 एर्नाकुलम से स्पेशल ट्रेन के जरिए देवघर पहुंचे 1084 मजदूर, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद होम क्वारैंटाइन में भेजा By Published On :: Thu, 07 May 2020 13:54:00 GMT केंद्र और राज्य सरकार के पहल के बाद लॉकडाउन के वजह से बाहर फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के 1084 श्रमिक गुरुवार को स्पेशल ट्रेन के जरिए से एर्नाकुलम से जसीडीह स्टेशन पहुंचे। इस दौरान उपायुक्त नैंन्सी सहाय एवं वरीय अधिकारियों के द्वारा सभी श्रमिकों का अभिनंदन किया गया एवं उनके सकुशल घर वापसी के लिए शुभकामनाएं दी गयी। यहां आने वाले सभी श्रमिकों को ट्रैन से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उतारा गया एवं स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बने काउंटर परथर्मल स्क्रीनिंगव स्वास्थ्य जांच संबंधी अन्य सभी प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद उन्हें उनके गंतव्य तक जाने के लिए अलग-अलग जिलों की बस में बैठाकर रवाना किया गया।सुरक्षित व्यवस्था व विधि-व्यवस्था संधारण हेतु जसीडीह स्टेशन परिसर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की टीम के साथ दण्डाधिकारी एवं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पूर्व से ही की गई थी।गौरतलब है कि 24 जिलों के 1084 श्रमिकों में पलामू के 154 श्रमिक, देवघर के 130, कोडरमा के 120, बोकारो के 117, गढ़वा के 90, दुमका के 72, गिरीडीह के 59, जामताड़ा के 56, धनबाद के 46, लातेहार के 41, पाकुड़ के 37, सिमडेगा के 33, हजारीबाग के 31, गोड्डा के 15, रामगढ़ के 12, पश्चिमी सिंहभूम के 12, चतरा के 10, गुमला के 10, सरायकेला के 10, साहेबगंज के 9, खूंटी के 8, राँची के 6, पूर्वी सिंहभूम के 3 एवं लोहरदग्गा के 3 श्रमिक शामिल हैं।इस दौरान उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा एर्नाकुलम से आने वाले सभी श्रमिक बंधुओं के बीच नास्ता, पानी का वितरण करते हुए सभी को 14 दिनों तक होम क्वारैंटाइन के पालन का निर्देश दिया गया। इसके अलावे उन्होंने कहा कि मास्क का उपयोग कर व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके ही हम कोरोना महामारी को हराकर इस पर जीत हासिल कर सकते हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन एवं चिकित्सकों द्वारा दिए गए चिकित्सकीय परामर्श का पालन करें एवं स्वस्थ, सतर्क व सुरक्षित रहें।स्वास्थ्य संबंधी जांच के बाद मजदूरों कोउनके गंतव्य तक जाने के लिए अलग-अलग जिलों की बस में बैठाकर रवाना किया गया।इसके अलावे उपायुक्त ने बताया कि एर्नाकुलम से यहां आने वाले सभी मजदूरों एवं यहां के लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन द्वारा सभी एहतियाती उपाय अपनाये गए हैं। इसलिए किसी भी व्यक्ति को घबराने या पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से एर्नाकुलम से आने वाले सभी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक भेजने के लिए प्रयोग किये जाने वाले बसों को पूरी तरह से सेनेटाइज्ड कर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया है।सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेलवे स्टेशन पर एहतियातन उठाये गए सभी कदमश्रमिकों के आगमन को लेकर जसीडीह रेलवे स्टेशन परिसर को पूर्ण रूप से सैनेटाइजड किया गया था एवं सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन हेतु जगह-जगह बेरिकेड्स कर गोल घेरा का निर्माण कराया गया था। इसके अलावे सुरक्षित व्यवस्था व विधि-व्यवस्था संधारण हेतु जसीडीह स्टेशन परिसर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की टीम के साथ दण्डाधिकारी एवं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पूर्व से ही की गई थी।श्रमिकों के आगमन को लेकर जसीडीह रेलवे स्टेशन परिसर को पूर्ण रूप से सैनेटाइजड किया गया था।व्यवस्थित रूप से श्रमिकों को सेनेटाइजेड बस से भेजा गया अपने-अपने गृह जिला की ओरश्रमिकों के आने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्य जांच के बाद सभी के लिए भोजन की व्यवस्था रेलवे स्टेशन पर ही की गई थी, जिसके उपरांत स्टेशन परिसर से अपने-अपने जिलों के लिए निर्धारित सेनेटाइज्ड बसों में बिठाकर मजदूरों को उनके घरों के लिए रवाना किया गया। वहीं इस दौरान सभी प्रवासी श्रमिकों को भोजन का पैकेट, पानी का बोतल आदि भी उपलब्ध कराया गया।कोविड-19 से बचाव के इस जंग में बेहतर टीम भावना के साथ कार्य करने हेतु सभी अधिकारियों व कर्मियों का आभारसाथ ही उपायुक्त द्वारा देवघर जिला के सभी अधिकारियों, चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मियों, सुरक्षाकर्मियों, सफाई कर्मियों, समाजसेवियों व अन्य सभी कर्मियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा गया कि कोविड-19 से बचाव के इस जंग में जिस प्रकार सभी ने बेहतर टीम भावना के साथ कार्य किया है। सभी के सहयोग से हम कोरोना का डटकर मुकाबला कर पा रहे हैं। संकट की इस घड़ी में सभी बेहतर कार्य कर रहे हैं।स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बने काउंटर पर मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य जांच संबंधी अन्य सभी प्रक्रिया पूरी की गई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today लॉकडाउन के वजह से बाहर फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के 1084 श्रमिक गुरुवार को स्पेशल ट्रेन के जरिए से एर्नाकुलम से जसीडीह स्टेशन पहुंचे। Full Article
4 कंटेनमेंट एरिया कुमारधुबी में 14 और डीएस काॅलाेनी में 16 मई तक रहेगा कर्फ्यू By Published On :: Fri, 08 May 2020 01:49:00 GMT कंटेनमेंट एरिया कुमारधुबी बाघाकुड़ी और डीएस काॅलाेनी अजंतापाड़ा में 28 दिनाें तक कर्फ्यू रहेगा। डीसी अमित कुमार ने कहा कि काेराेनाे पॉजिटिव का मामला प्रकाश में आने के 28 दिनाें तक एपिक सेंटर के आसपास के एरिया काे सील कर रखना है। अगर इस अवधि में काेई काेराेना पॉजिटिव मरीज नहीं मिलता है ताे कर्फ्यू काे हटा लेना है। कुमारधुबी के बाघाकुड़ी में 16 व डीएस काॅलाेनी में 18 अप्रैल काे काेराेना पॉजिटिव मरीज मिले थे। 16 अप्रैल की आधी रात से बाघाकुड़ी माेहल्ला के एपिक सेंटर के तीन किलाेमीटर काे सील कर कर्फ्यू लगा दिया गया था। वहीं, डीएस काॅलाेनी अजंतापाड़ा में 18 अप्रैल की आधी रात से कर्फ्यू लगाया गया था। बाघाकुड़ी एरिया में 14 मई तथा डीएस काॅलाेनी में 16 मई काे 28 दिनाें की मियाद पूरी हाे जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
4 सूरत व बेंगलुरु से 1094 प्रवासी घर लौटे, होम क्वारेंटाइन में भेजा गया By Published On :: Fri, 08 May 2020 01:51:00 GMT वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार से बचाव और रोकथाम के लिए सूरत, गुजरात में फंसे गिरिडीह जिला के 1094 श्रमिकों की घर वापसी हुई। सभी श्रमिकों को लेकर सूरत, गुजरात से विशेष ट्रेन से 3.15 बजे धनबाद स्टेशन पहुंची। बैंगलोर, कर्नाटक से विशेष ट्रेन से गिरिडीह जिला के फंसे 62 व्यक्ति बड़काकाना, स्टेशन रामगढ़ पहुंचे। जसीडीह, देवघर से श्रमिकों को लाने के लिए 2 बसों तथा डालटेनगंज, पलामू से श्रमिकों को लाने के लिए 2 बसों को भेजा गया था।जिला प्रशासन द्वारा धनबाद स्टेशन से सभी श्रमिकों को लाने केलिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी के साथ 9 दंडाधिकारियों के नेतृत्व में 45 सैनेटाइज बड़ी बस सम्मान रथ तथा बड़काकाना, रामगढ़ से श्रमिकों को लाने के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी लोकेश सिंह के नेतृत्व में 2 बड़ी बसों के साथ तथा डालटेनगंज पलामू से श्रमिकों का लाने के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी धर्मदेव मंडल सहायक अभियंता, पथ प्रमंडल, गिरिडीह के साथ 2 बसों के साथ तथा जसीडीहए देवघर से श्रमिकों को लाने के लिए प्रतिनियुक्त पदाधिकारी अनिल कुमार, जिला भू-अर्जन कार्यालय के साथ 2 बसों की व्यवस्था की गई थी।सूरत से धनबाद स्टेशन से गिरिडीह जिला के गिरिडीह प्रखंड के 70, बिरनी के 106, बेंगाबाद के 116, बगोदर के 03, देवरी के 280, गांडेय के 23, गांवा 17, जमुआ 156, राजधनवार 208, सरिया 6, तिसरी 70 और डुमरी के 24 लोग शामिल थे। डीसी ने कहा कि जिले में वापस लौटे सभी श्रमिकों का रिसीविंग सेंटर ताराटांड़ में स्वास्थ्य जांच व स्वास्थ्य विभाग का क्वारेंटाइन मुहर लगाकर सभी का निबंधन करते हुए होम क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश के साथ जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया गया। देवरी प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय देवरी में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को गुरुवार को जांच कर होम क्वारेंटाइन में भेज दिया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 1094 expatriates returned home from Surat and Bengaluru, sent to home quarantine Full Article
4 सूरत से आए 1208 श्रमिकों का जसीडीह रेलवे स्टेशन पर स्वागत, स्वास्थ्य जांच के बाद 14 दिन के होम क्वारैंटाइन में भेजा By Published On :: Fri, 08 May 2020 12:16:00 GMT केंद्र और राज्य सरकार के पहल के बाद लॉकडाउन की वजह से बाहर फंसे श्रमिकों, छात्रों और अन्य लोगों की घर वापसी का सिलसिला लगातार जसीडीह स्टेशन पर जारी है। शुक्रवार को गुजरात के सूरत में फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के 1208 मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से जसीडीह स्टेशन लाया गया। इस दौरान स्टेशन पर ट्रेन को पहले पूरी तरह से सैनिटाइज्ड किया गया, जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक-एक कर सभी श्रमिकों का स्वागत उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी नैंसी सहाय एवं वरीय अधिकारियों के द्वारा किया गया एवं उनके सकुशल घर वापसी के लिए शुभकामनाएं दी गयी। इसके अलावे स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य जांच के लिए बने काउंटर पर श्रमिकों की थर्मल स्कैनिंग भी की गई।स्टेशन पहुंचने के बाद सभी श्रमिकों को प्रशासन की ओर से नाश्ता, पानी उपलब्ध कराया गया जिसके बाद उन्हें घर भेजा गया।उपायुक्त ने सभी श्रमिकों को 14 दिनों तक होम क्वारैंटाइन के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया। साथ ही सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन एवं चिकित्सकों द्वारा दिए गए चिकित्सकीय परामर्श का भी पालन करते हुए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। उपायुक्त ने बताया कि श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक भेजने के लिए प्रयोग किये जाने वाले बसों को पूरी तरह से सैनिटाइज्ड कर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। इसके अलावे ट्रेन के भीतर से लेकर प्लेटफॉर्म तक हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है।श्रमिकों को ट्रैन से उतारे जाने के बाद स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य जांच के लिए बनाए गए काउंटर पर सभी की स्क्रीनिंग की गई।चिकित्सकों की विशेष टीम की थी तैनातीश्रमिकों के आगमन को लेकर उपायुक्त के निर्देशानुसार चिकित्सकों की विशेष टीम की प्रतिनियुक्ति भी की गयी थी, ताकि थर्मल स्कैनिंग और स्वास्थ्य जांच के साथ किसी भी अपात स्थिति में आने वाले लोगों के अन्य स्वास्थ्य संबंधी जांच भी किये जा सके।श्रमिकों को घर भेजने से पहले सभी बसों को प्रशासन ने सैनिटाइज्ड कराया था। बस के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रमिकों को बैठाया गया।सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाये गए सभी कदमश्रमिकों के आगमन को लेकर जसीडीह रेलवे स्टेशन परिसर को पूर्ण रूप से सैनिटाइज्ड किया गया। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए बैरिकेडिंग कर जगह-जगह पर गोल घेरा का निर्माण कराया गया है। इसके अलावे सुरक्षित व्यवस्था व विधि-व्यवस्था के लिए जसीडीह स्टेशन परिसर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की टीम के साथ रेलवे के अधिकारी, जिला स्तर के दण्डाधिकारी एवं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी की गई थी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन एवं चिकित्सकों द्वारा दिए गए चिकित्सकीय परामर्श का भी पालन करते हुए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। Full Article
4 आमाडूबी के 54 परिवारों को हजारीबाग के मुख्य वन संरक्षक ने उपलब्ध कराया राशन By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:19:00 GMT हजारीबाग के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार ने धालभूमगढ़ प्रखंड स्थित आमाडूबी के 54 पेंटिंगकारों के बीच राशन का वितरण करवाया। साथ ही 11 अन्य चित्रकारों को एक-एक हजार रुपए की आर्थिक मदद भी पहुंचाई है। उन्होंने आमाडूबी के चित्रकार रंगलाल गायेन के माध्यम से जरूरतमंद परिवारों के बीच चावल, आटा, दाल, नमक समेत अन्य खाद्य पदार्थ वितरित कराए तथा नकद राशि मुहैया कराई। मालूम हो कि जमशेदपुर के डीएफओ रहने के दौरान संजीव कुमार ने कई दफा आमाडूबी का दौरा कर यहां के कलाकारों से मुलाकात की थी। आमाडूबी के चित्रकारों के साथ उनका एक आत्मीय संबंद कायम हो गया था, जो आज भी बना हुआ है। आमाडूबी के चित्रकार समेत अन्य कलाकार उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं।जमशेदपुर डीएफओ रहने के क्रम में बना यह रिश्ता संजीव कुमार आज हजारीबाग के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक रहकर भी निभा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि बीते डेढ़ माह से लॉकडाउन की मार झेल रहे आमाडूबी के चित्रकारों से उन्होंने स्वयं संपर्क साध हाल-चाल जाना। चित्रकार रंगलाल गायेन ने जब उन्हें सभी की व्यथा सुनाई तो उनका मन द्रवित हो उठा। रंगलाल ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से उन लोगों की स्थिति काफी दयनीय हो चली है। राशन का आभाव होने से परेशानी और भी बढ़ गई हैं। इस पर क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार ने तत्काल सभी पीड़ित परिवारों को मदद पहुंचाने की बात कही। संजीव कुमार के प्रयास का ही नतीजा रहा कि आमाडूबी के 54 परिवारों के बीच राशन का वितरण हो सका। सभी ने क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक के प्रति अपना आभार जताया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Ration provided by Chief Conservator of Hazaribagh to 54 families of Amadubi Full Article
4 दिन के 24 घंटे और बदलता व्यक्तित्व By Published On :: Fri, 21 Feb 2020 20:03:00 GMT कभी विचार कीजिएगा कि 24 घंटे में हमारा व्यक्तित्व कितनी बार बदलता है। सुबह आप कोई और होते हैं, दोपहर आपके भीतर कोई और व्यक्ति प्रवेश कर जाता है। शाम होते-होते अपने आपको बदला महसूस करते हैं और रात होने पर तो लगता है, क्या मैं वो ही हूं जो सुबह उठते समय था? एक मनुष्य के भीतर इतने लोग कैसे प्रवेश कर जाते हैं?हमारे शरीर में जो जीवन ऊर्जा है, वह दिनभर में चार बार बदलती है तो हमारा व्यक्तित्व भी बदल जाता है। यदि इसमें संतुलन बनाए रखना है तो योगियों का कहना है अपनी सांस पर काम कीजिए। दिनभर में हम अपने काम-धंधे, नौकरी, व्यापार, परिवार, व्यवहारिक संबंधों पर तो काम करते हैं, लेकिन सांस पर नहीं करते।सांस-क्रिया पर काम करते हुए यदि इसमें संतुलन बैठा दिया तो फिर हम पूरे समय एक ही व्यक्तित्व होंगे जो मूल रूप से हैं। फिर भीतर दूसरा व्यक्तित्व प्रवेश कर हमें अव्यवस्थित और अशांत नहीं करेगा। जिन लोगों की नींद गड़बड़ हो, जो भोजन पर संयम न रख पाएं, उन्हें अपनी सांस पर प्रयोग करना चाहिए।यदि भोजन से पहले सांस को संतुलित कर लें तो भीतर मन जो अधिक भोजन करने का आग्रह करता है, वह चुप रहेगा। आप उतना ही भोजन करेंगे जितनी जरूरत है। ऐसे ही सोने से पहले और सुबह उठने पर सबसे पहले सांस पर काम कीजिए। यदि अन्न और नींद पर नियंत्रण पा लिया तो फिर पूरे समय आपका अपना मूल व्यक्तित्व ही काम करेगा, आप शांत रहेंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today प्रतीकात्मक फोटो। Full Article
4 360 करोड़ लीटर पानी सहेजने को 4 घंटे में बना डाली 40 हजार जल संरचना By Published On :: Mon, 02 Mar 2020 03:54:20 GMT Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह फोटो झाबुआ के हाथीपावा की पहाड़ी का है। यहां रविवार को शिवगंगा संस्था ने शिवजी का हलमा कार्यक्रम किया। गांवों से आए हजारों कार्यकर्ताओं ने चार घंटे तक पहाड़ी पर श्रमदान कर 40 हजार के लगभग कंटूर ट्रेंच बनाए। इस अभियान के तहत लगभग 360 करोड़ लीटर पानी सहेजने का लक्ष्य रखा गया है। बारिश का पानी पहाड़ पर इन कंटूर ट्रेंच के जरिये जमीन में उतरेगा। बारिश का पानी पहाड़ पर इन कंटूर ट्रेंच के जरिये जमीन में उतरेगा। इस तरह से वर्षाजल को सहेजकर भूजल स्तर बढ़ेगा। परमार्थ की इस परंपरा को देखने के लिए दूर-दूर से विद्यार्थी, पर्यावरणविद्, समाजसेवी और ब्यूरोक्रेट्स पहुंचे। Full Article