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गर्मी के कारण 549 हैंडपंप का भूजलस्तर गिरा, 718 बंद

गर्मी में लोगों को जलसंकट से राहत नहीं मिल पा रही है। पीएचई विभाग जिले में बंद पड़े हैंडपंप को नहीं सुधार पा रहा है। गांव में लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने 4610 हैंडपंप लगाए हैं। जिले में वर्तमान में 718 हैंडपंप बंद पड़े हैं। इनमें से जलस्तर गिरने के कारण 549 बंद हो गए हैं। 169 हैंडपंप में आईतकनीकी खराबी को सुधारने का कार्य किया जा रहा है। पिछले वर्ष यही संख्या मई के महीने में दोगुनी हो गई थी।
जिले में नल जल प्रदाय योजना के तहत 168 फॉलो राइट रिमूवल प्लांट योजना संचालित है। इसमें से 159 चालू हैं। वहीं 9 बंद पड़े हुए हैं। सात अन्य कारणों से लंबे समय से बंद हैं। इसी तरह से 59 स्थानों पर स्पॉट सोर्स से पानी की सप्लाई होनी है, इनमें से 18 बंद हैं। सभी में सुधार कार्य जारी है। लेकिन पूरी तरह से जल स्रोत के अभाव में यह बंद हो गए हैं। बंद पड़े हुए सरकारी हैंडपंप जल स्रोत और नल-जल योजना के बंद होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी है। जिले में एकमात्र फॉलो राइट रिमूवल प्लांट ग्राम धौराभाठा में है। वह चालू हालत में है।
नल-जल योजना के कई काम भी बंद : जिले में इस साल गर्मी में हो रही बारिश से भूजल स्तर स्थिर है। फिलहाल ज्यादातर गांवों में वर्तमान में जल संकट की समस्या नहीं है। सरकारी हैंडपंप और सिंगल पावर पंप के माध्यम के अलावा ग्राम पंचायतों में सरपंचों द्वारा पेयजल के लिए पावर पंप से पानी की सप्लाई की जा रही है। लेकिन पीएचई विभाग द्वारा बंद पड़े हैंडपंप को शुरू करने की दिशा में अभी तक प्रयास नहीं किया गया है। अनेक गांवों में नल जल प्रदाय योजना के तहत लाखों रुपए की योजना भी बंद है। इसके चलते आने वाले समय में गंभीर पेयजल संकट का सामना लोगों को करना पड़ सकता है।
पावरपंप से तालाबों को भरने की योजना फेल: तालाबों को निस्तारी योग्य बनाने के लिए बेमेतरा, नवागढ़, साजा क्षेत्र में पावर पंप के माध्यम से तालाबों को भरने की योजना पर फिलहाल पंचायतों में कोई काम नहीं हो पा रहा है। ग्राम पंचायत चुनाव के कुछ दिनों बाद ही लॉक डाउन व कोरोना वायरस संक्रमण काल के आ जाने से पंचायतों में सामान्य सभा की बैठक भी आयोजित नहीं हो पा रही है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में हैंडपंप मरम्मत व सुधार कराने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। हैंडपंप सुधारने को जनप्रतिनिधि बैंकों में पैसा निकालने भटक रहे हैं।

चिन्हांकित गांवों में नहीं पहुंच पा रहा पानी
खारे पानी से निजात दिलाने के लिए समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत जिले के चिह्नांकित गांव में फिल्टर पानी की आपूर्ति वैकल्पिक रूप से की जा रही है। लेकिन अधिकांश गांव में सप्लाई नहीं हो रही है। समय रहते ऐसे गांवों को समूह जल प्रदाय योजना से नहीं जोड़ा गया, तो गंभीर पेयजल संकट का सामना करना होगा।
जानकारी देने के बाद भी बंद पड़े हैंडपंप नहीं सुधारे

करीब 3 महीने से नगर व अंचल में हो रही बारिश के कारण भू जलस्तर बना हुआ है। भूजल स्तर में गर्मी के समय सीजन में होने वाले गिरावट में काफी कमी आई है। इसके चलते इस साल पिछले वर्ष की तुलना में सरकारी हैंडपंप 50% कम मरम्मत योग्य हैं। निस्तारी तालाबों में पानी उपयोग के लिए भरा हुआ है। इससे भूजल स्तर में गिरावट नहीं आई है। पीएचई विभाग द्वारा मैदानी कर्मचारियों को बंद पड़े हैंडपंप में अतिरिक्त पाइप डालकर चालू करने के निर्देश दिए हैं। सचिव, सरपंचों द्वारा निरंतर इस संबंध में विभाग द्वारा रिपोर्ट ली जा रही है। उसके बाद भी बंद पड़े हैंडपंप को विभाग द्वारा सुधारा नहीं जा सका है। पीएचई ईई बेमेतरा आशा लता गुप्ता ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल जिले में गंभीर पेयजल संकट किसी भी गांव में नहीं है। 718 बंद पड़े हैंडपंप को फिर से शुरू करने का कार्य किया जा रहा है।



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यूएस व जर्मनी से आएगी कोरोना जांचने की मशीन, 4 करोड़ 60 लाख में टेंडर, बिलासपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में लगेंगी

सरकार ने बिलासपुर, राजनांदगांव और अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज में कोरोना लैब की स्थापना के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली है। 4 करोड़ 60 लाख रुपए में एक निजी कंपनी को मशीन लाने का ठेका सौंप दिया गया है। छत्तीसगढ़ के डीएमई डॉ. एसएल आदिले के अनुसार यह मशीन जर्मनी और यूएएस से आएगी। उनके मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया में महीने भर का वक्त लग सकता है। बिलासपुर के सिम्स में कोरोना जांचने की लैब का निर्माण होना लगभग तय माना जा रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार प्रदेश के उन मेडिकल कॉलेज को निरीक्षण कर रहे हैं जहां यह व्यवस्था नहीं है। इससे पहले डॉक्टर आदिले ने सिम्स का निरीक्षण किया था। वे कुछ निजी अस्पतालों को भी देखने गए थे। पर पहले चरण में कुछ भी तय नहीं हो पाया था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने सिम्स का फिर से निरीक्षण किया और यही कोरोना जांचने की लैब बनाने का फैसला कर लिया गया। इसके अलावा अंबिकापुर और राजनांदगांव में भी मेडिकल कॉलेज के कैंपस में मशीन लगाने की बात कही जा रही है। इससे एक और जहां संदिग्ध मरीजों में कोरोना जांचने का दायरा बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर इसके लिए तीनों ही मेडिकल कॉलेज को रायपुर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। डॉक्टर आदिले का कहना है कि वे लगातार खुद ही इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
मरीज की जांच रिपोर्ट के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार
बिलासपुर में कोरोना लैब बनने के बाद संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यहां के जनप्रतिनिधि लगातार इसकी मांग करते आ रहे हैं। पूर्व में कुछ बड़े अस्पतालों में इसके निर्माण की चर्चा थी पर बाद में यह सिम्स में ही फाइनल कर दिया गया है। अभी स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की रिपोर्ट के लिए रायपुर पर निर्भर रहना पड़ रहा है। रिपोर्ट के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। लैब बनने के बाद या परेशानी भी दूर हो जाएगी।
दूसरे चरण में बिल्डिंग और नियुक्तियों पर फोकस
कोरोना जांचने की लैब में कुछ दूसरी तरह की जांच की सुविधा भी रहेगी। इसे वायरोलॉजी पैथोलैब का नाम भी दिया गया है। इस लैब में कोरोना जांचने की लैब के अलावा और क्या-क्या जांच होगी अभी यह स्पष्ट नहीं है। सरकार ने मशीन खरीदी के अलावा बिल्डिंग और एक्सपर्ट डॉक्टरों की नियुक्तियों पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। माइक्रोबायोलॉजी के एक्सपर्ट पर भी हेल्थ के अधिकारियों की नजर है। मशीन खरीदी के बाद अधिकारी इन्हीं चीजों पर फोकस कर रहे हैं।



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इंडस्ट्री की मौजूदा डिमांड को देखते हुए एआईसीटीई ने लांच किए 49 फ्री कोर्स

लॉकडाउन के चलते यूनिवर्सिटी और कॉलेज बंद हैं। ऐसे में छात्रों का वक्त बर्बाद न हो इसलिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने स्टूडेंट्स के लिए 49 ई-कोर्स लांच किए हैं। जिनमें शामिल होने के लिए 15 मई से पहले पंजीयन कराना है। विशेष बात यह है कि ये सभी कोर्सेस नि:शुल्क हैं। एआईसीटीई ने एक संदेश जारी करते हुए कहा है कि लर्निंग प्रोसेस पर लॉकडाउन नहीं है। इसमें कोई भी स्टूडेंट नि:शुल्क शामिल हो सकता है। यूपीएससी, इंजीनियरिंग के लिए 100 घंटे के वीडियो बनवाए गए हैं। एआईसीटीई के लिए ये सभी कोर्स अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों और कंपनियों ने तैयार किए हैं। इनमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले इंस्टीट्यूट्स और आईटी की बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। इनमें में हेल्थ सर्विसेस को खासतौर पर शामिल किया गया है। इस सेक्टर में काफी लोग हायर किए जाएंगे। एआईसीटीई की वेबसाइट पर 15 मई से पहले रजिस्ट्रेशन कराएं।
जेईई मेंस के लिए 70 तो नीट के लिए 78 दिन बचे हैं
जेईई मेंस 18 से 23 जुलाई को होगा। अभी 70 दिन बचें हैं। नीट का पेपर 26 जुलाई को होगा। 78 दिन तैयारी के लिए बचे हैं। क्लैट 21 जून को होगा। तैयारी के लिए 43 दिन बचे हैं। इन परीक्षआें की तैयारी के लिए छात्रों के पास अब पर्याप्त समय बचा है। लेकिन बहुत से छात्र ऐसे हैं, जो तैयारी करके थक चुके हैं, उनमें सैचुरेशन की फीलिंग आने लगी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्ट्रेस से बचें, ताकि आखिरी चरण की तैयारियां खराब न हों। ब्रेक के दौरान टीवी नहीं लाफ्टर शो, कवि सम्मेलन देखें। हेल्दी फूड व एक्सरसाइज से डोपामाइन बढ़ेगा। नेगेटिविटी दूर होगी। इस एक्स्ट्रा टाइम को लैंग्वेज और कॉम्प्रीहेंसिव स्किल्स बढ़ाने में इस्तेमाल करें। तीन दिन में एक मॉक टेस्ट दें। कम से कम 3 घंटे इसको रिवाइज करें। विशेषज्ञों का कहना है कि एनसीईआरटी बुक्स को रिवाइज करेंगे तो नॉलेज बढ़ेगा।
यूपीएससी, इंजीनियरिंग के लिए 100 घंटे के वीडियो बनवाए गए हैं
कम्युनिकेशन : दो कोर्स हैं जिसमें थ्योरी के साथ इंटरव्यू की तैयारी भी कराई जाएगी। मकसद हैं स्टूडेंट्स को कॉर्पोरेट जॉब्स के लिए तैयार करना।
ई-लर्निंग : इस क्षेत्र में एआईसीटीई तीन कोर्स ऑफर कर रहा है। इनमें 30 क्षेत्रों के पाठ्यक्रमों में 300 घंटे का मटेरियल है। साथ ही एजुटेक एमटीसी ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम में 1 हजार घंटे से अधिक का डिजिटल पाठ्यक्रम है।
आईटी: इसमें 22 ई-लर्निंग हैं। इसमें प्रोटीन, फंक्शनल टेस्टिंग, सर्टिफाइड एजाइल स्क्रेम एसोसिएट, डेटा एनालिटिक्स, बिग डेटा, आर प्रोग्रामिंग, जावा प्रोग्रामिंग, पायथन के लिए डेटा साइंस, प्रोग्रामिंग वर्क बेंच, मैटलैब ऑन रैंप शामिल हैं।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग: स्किल लिंक के इस कोर्स में स्टूडेंट्स को 5 स्किल्स सिखाई जाएंगी। इन्हें सीखने के बाद वे मैटलैब, पायथन, सीएफडी, एफईए और मल्टी बॉडी डायनेमिक्स में कॉम्पीटिशन फेस कर सकेंगे।
मैनेजमेंट: टॉप बी-स्कूल्स द्वारा तैयार किए गए इस कोर्सेस में एबिलिटी मैपिंग, फायनेंस मैनेजमेंट, फायनेंशियल व इन्वेस्टमेंट एनालिसिस में ऑनलाइन इंटर्नशिप ऑफर की जा रही है।



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साइकिल, मोपेड और बाइक से 10 परिवार के 40 लोग निकले, हजार किमी की यात्राकर पहुंचेंगे अपने घर

सड़क पर लूना और साइकिल से पत्नी व बच्चों को बैठाकर जा रहे ये लोग वो ठेले और खोमचे वाले हैं, जाे लगभग 20 साल से शहर में रोजी-रोटी कमाते थे। गर्मी में ठंडी कुल्फी और बर्फ तो बाकी दिनों में गुपचुप और चाट बेचते थे। कोरोना से इतने बेबस हुए कि यहां कमाया हुआ सब कुछ बेचकर 1000 किलोमीटर दूर झांसी के लिए निकलना पड़ा। रविवार की रात 2 बजे भास्कर की टीम को असहाय हुए इन लोगों का काफिला घरघोड़ा रोड पर उर्दना के नजदीक दिखा।
कोई साइकिल पर टूटी आस लिए चल रहा था तो कोई लूना पर तीन लोगों बैठाकर जाते नजर आया। झांसी से दो दशक पहले आए 10-12 परिवार के 40 महिला, पुरुष, बच्चे इंदिरा नगर में रहते थे। कोरोना ने काम छीन लिया और अब कोई उम्मीद भी नहीं बची। बिना धंधे के गुजारा संभव नहीं लगा। यहां पसीना बहाकर 2 रोटी कमाते और अपने बूढे मां-पिता के लिए कुछ रुपए भी भेजते थे। कई दिनों से काम बंद था। रास्ते में खाने के लिए पैसों की जरूरत होगी, इसलिए अपने सामान भी बेच दिए। मजबूरी कहिये या हौसला, कहते हैं कुछ महीनों में सब ठीक होगा तो वापस आएंगे। यूपी के झांसी जिले के ये लोग फरवरी से जून तक गांव-गांव जाकर आइसक्रीम बचते थे। सितंबर से दिसंबर तक गुपचुप बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। 10 दिनों तक घर जाने की अनुमति मांगते रहे। प्रशासन ने आवेदन तक नहीं लिया तो मजबूर होकर अपने देश निकल पड़े।
गांव पहुंच जाएंगे तो पड़ोसी हमें खाने को तो दे ही देंगे
नईम कहते हैं कि यहां मां बहन, भाई के साथ रहता हूं। हर तरफ दौड़ लिया कहीं से खाने को नहीं मिल रहा है। पिछले 45 दिनों में केवल 5 किलो का राशन मिला, जो कब खत्म हो गया मालूम नहीं। घर से बूढ़े पिता से पैसे 2 बार लिया, अब तो वह भी असमर्थ है। यूपी में अपने जनपद जालौन चले जाएंगे तो लोग खाने के लिए दे ही देंगे।
भाेजन की व्यवस्था में बेचनी पड़ी पुरानी बाइक
रफीक बताते हैं कि वह 10 साल से आइसक्रीम और गुपचुप बेच रहे है। उनके साथ परिवार के पांच सदस्य बहन, 2 भाई, भतीजे रहते है। यूपी में घर पर पत्नी बच्चे, मां बाप की सेवा करती है। खाने की परेशानी बढ़ी तो पुरानी बाइक को चार हजार में बेच दी। साइकिल से किसी तरह घर पहुंच गया तो वहां खेती-किसानी या कुछ भी कर लेंगे।
साहब... और रुकते तो बिन खाए ही मर जाते
जब भास्कर की टीम ने उनसे पूछा तो साइकिल रोक कर कहने लगे, साहब। आप नहीं जानते है। एक दिन बीत रहा था तो लग रहा एक साल हो गया। दो दिन बिन खाएं भी रहना पड़ा। किसी दिन सुबह नमक चावल खा लिया पर इन छोटे बच्चों को क्या खिलाएं जहां खाना ही देने वाला कोई नहीं। कलेक्टर ऑफिस, नगर निगम, सिटी कोतवाली हर जगह अपनी लाचारी बयान की, पर किसी ने सुना नहीं। यहां भूखों मरने से अच्छा है, घर जाते हुए मर जाएंगे। और पहुंच गए तो घर पर भूखे भी रह लेंगे।
क्यों बनी ऐसी मजबूरी
परदेस में कमाने आये इन लोगों पर 2 परिवारों की जिम्मेदारी है। यहां पेट भरकर घर के लिए भी पैसे भेजते हैं। इनका व्यवसाय बंद हुआ। लॉकडाउन में दूसरा रोजगार भी नहीं मिला। कुछ रोज घर पर रखा अनाज खा लिया। फिर दूसरों के भरोसे हो गए। सरकारी व्यवस्था इनका पेट नहीं भर सकती। बड़े साहबों के पास जाकर खाने के लिए बोला तो कहते है कि हम कहां से दें। दफ्तरों में कोई यह नहीं बता सका कि उनको घर भेजने का कोई इंतजाम कब होगा।



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40 people of 10 families left by bicycle, moped and bike, will travel to their home after traveling thousands of km




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64 घंटे के कंप्लीट लॉकडाउन से पहले बाजार में जमकर खरीदारी, अब मंगलवार को भी खुलेंगी शहर की दुकानें

जिले में शनिवार व रविवार को कंप्लीट लॉकडाउन शुक्रवार दोपहर 2 बजे बाद शुरू हो गया। 64 घंटे के लॉकडाउन के पहले बाजारों में भीड़ नजर आई। जरूरी सामान की खरीदारी करते लोग दिखे। मेडिकल सुविधाएं, पेट्रोल पंप, चश्मे की दुकान, एटीएम, बिजली, गैस सिलेंडर के वाहनाें की आवाजाही, फायर ब्रिगेड समेत निगम की जरूरी सेवाएं चालू रहेंगी। रविवार को खाद्य पदार्थ ब्रेड, फल व सब्जी की दुकानें खुलेंगी। घर-घर जाकर दूध बांटने वाले विक्रेता सुबह 6.30 से 8.30 तक व शाम 5 से शाम 7 बजे तक आपूर्ति कर सकेंगे। दुकानें सोमवार को खुलेंगी। वहीं अब मंगलवार को दुकानें खुल सकेंगी। इसके पहले मंगलवार को यहां साप्ताहिक अवकाश रहता था। सब्जी व दूध की दुकानें सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक ही खुलेंगी। राज्य शासन ने मई में हर शनिवार व रविवार को कंप्लीट लॉकडाउन रखने का निर्णय लिया है। वह जिले में भी लागू है। कलेक्टर किरण कौशल ने शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से कंप्लीट लॉकडाउन के संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
चेंबर ऑफ काॅमर्स ने प्रशासन से मंगलवार को दुकानें खोलने में छूट की मांग की थी
अब दो दिन कंप्लीट लॉकडाउन की वजह से सोमवार को सुबह करीब 9 बजे से ही दुकानें खुलेंगी। जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल ने इस संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा था। कलेक्टर ने अब मंगलवार को दुकानें खोलने की छूट दे दी है।
जिले में ये आदेश 31 मई तक प्रभावशील रहेगा, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई: कलेक्टर
कलेक्टर किरण कौशल ने कहा है कि 31 मई तक जिले की सीमा क्षेत्र में आज जारी आदेश प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। संपूर्ण लॉकडाउन प्रत्येक शुक्रवार दोपहर 3 बजे से साेमवार सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा। दुकानें उसके बाद निर्धारित समय में खुलेंगी।
कोसाबाड़ी रोड: कलेक्टोरेट समेत प्रमुख कार्यालय यहीं
कोसाबाड़ी से आईटीआई चौक के बीच कलेक्टोरेट, जिला पंचायत कार्यालय, निगम कार्यालय के साथ ही प्रमुख दफ्तर इसी मार्ग पर हैं। दो दिन दफ्तर भी बंद रहेंगे। इसलिए जरूरी काम निपटाने लोग पहुंचते रहे। कोसाबाड़ी चौक के पास सब्जी मार्केट में भीड़ देखी गई। इसके पास में ही सीएसईबी कॉलोनी भी है। साथ ही हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रिसदी तक लोग यहां खरीदारी करने आते हैं।
निहारिका रोड: दुकान बंद होने के पहले दोपहर में भीड़
घंटाघर से सुभाष चौक तक सड़क पर दोपहर 1 बजे के बाद लोगों की आवाजाही देखी गई। पहले धूप बढ़ने के साथ सड़क में भीड़ कम हो जाती है। दाे दिन कंप्लीट लॉकडाउन के निर्णय से दुकान बंद होने के पहले दोपहर में खरीदी करते रहे। इस क्षेत्र में एमपी नगर, आरपी नगर, रविशंकर शुक्ल नगर, शिवाजी नगर की रिहायशी कॉलोनी है। साथ ही आसपास गांव के लोग भी खरीदी करते हैं।
कोरबा शहर: पहले की तरह मार्केट में रही चहल-पहल
कोरबा जोन में पॉवर हाउस रोड, पुराना बस स्टैंड, सीतामणी मार्ग के मार्केट में पहले की तरह चहल-पहल नजर आई। अब कपड़े, ज्वेलरी, ऑटो मोबाइल, बर्तन की दुकानें भी खुल रही हैं। साथ ही सुनालिया पुल के पहले लगाया गया बैरिकेड्स भी हटा दिया गया है। जिसकी वजह से लोग आराम से आवाजाही करते रहे। जरूरी सामान की दुकानों के साथ अन्य दुकान भी पहले की तरह समय पर खुल रही हैं।



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Shopping in the market fiercely before 64 hours of complete lockdown, now the shops of the city will open on Tuesday




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होल सेल व्यापारी से 200 पैकेट पान मसाला जब्त 47 दिन में 50 लाख का गुटखा 2 करोड़ में बिका

लॉकडाउन के दौरान 47 दिनों में प्रतिबंध के बावजूद 50 लाख का पान मसाला ब्लैक में 2 करोड़ में बिका, जबकि लॉकडाउन के कारण सभी पान दुकानें बंद हैं। मुख्यालय में पान मसाला के होल सेलर अब्दुला के यहां कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 200 पैकेट पान मसाला जब्त किया गया है।
बताया जा रहा है अब्दुला पान मसाला विक्रेता के 5 अलग-अलग जगह गोदाम है, लेकिन पुलिस को पान मसाला कार में रखने की जानकारी मिली थी, जिसे पुलिस ने जब्त कर खाद्य और औषधि विभाग के अफसर को सत्यापन के लिए सौंप दिया है। पान मसाला की बड़ी खेप व्यापारी के यहां उतारी गई थी, लेकिन मौके पर पुलिस को 200 पैकेट पान मसाला ही कार से मिले। लोगों में इस बात की चर्चा है कि मामले को दबाया जा रहा है, जबकि लॉकडाउन के दौरान हर दिन प्रतिबंध के बाद भी पाउच सप्लाई की जा रही थी। जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने गुटखा, पान मसाला समेत अन्य कई एैसे उत्पाद की बिक्री पर कलेक्टर ने रोक लगाई है, जिसे खाने के बाद लोगों को द्वारा सार्वजनिक जगह व सड़कों पर थूंका जाता है। इससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहता है। पुलिस विभाग की कार्रवाई के बाद खाद्य व औषधि विभाग की टीम मामले की जांच करने में जुटी है। मध्यप्रदेश के कटनी छत्तीसगढ़ कोरिया से लगे बार्डर से आसानी से पान मसाला की सप्लाई लग्जरी गाड़ियों से की जा रही है। वहीं फुटकर दुकानों में पान मसाला के 5 रुपए का पाउच 20 रुपए में बिक रहा है। यहीं नही होल से में एक पाउच की कीमत 10 रुपए तक हो गई।
पुलिस विभाग को सौंपेंगे प्रतिवेदन: एफएसओ
एफएसओ सागर दत्ता ने बताया कि पकड़े गए पान मसाला की जांच करने के बाद पुलिस विभाग को सौंपा जाएगा। यदि यह आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत शामिल नहीं होगा तो इसके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी।



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ओले से प्रभावित 529 को मिली 21 लाख 48 हजार की सहायता

राजस्व विभाग ओलावृष्टि से प्रभावितों को मुआवजा बांट रहा है। एसडीएम राजपूत ने बताया कि पत्थलगांव ब्लाक में ओलावृष्टि से लगभग 60 गांव में 2 हजार 720 मकान तथा 120 हेक्टेयर क्षेत्र पर खड़ी धान, मक्का, साग-सब्जी की फसल व्यापक रूप से प्रभावित हुई हैं। इसमे से 529 लोगों को 21 लाख 48 हजार से अधिक की राहत राशि बांटी गई है। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने राजस्व अमले के साथ 27 अप्रैल को पत्थलगांव में ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों का आकस्मिक निरीक्षण करके प्रभावित हितग्राहियों से मकान एवं फसल क्षति के बारे में तत्काल जानकारी ली थी। उन्होंनें राजस्व अमला को प्रभावितों के लिए मुआवजा राशि का प्रकरण बनाने के लिए निर्देश थे। जिस पर पत्थलगांव एसडीएम दशरथ सिंह राजपूत ने पटवारी, आरआई की टीम के साथ किसानों के खेतों में क्षति का आंकलन किया।



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 थार के रेगिस्तान में आसमान से बरसने लगे अंगारे, लू के थपेड़ों ने झुलसाया, 45 डिग्री के पास पहुंचा तापमान 

अपनी प्रकृति के अनुरूप थार का रेगिस्तान एक बार फिर तपना शुरू हो गया है। आसमान से बरसती आग और अंगारों के समान तपती धरा पर लोगों के लिए बाहर निकलना दुभर हो गया है। मौसम में आए बदलाव के कारण लगातार हो रही बारिश के कारण गर्मी को अपना रौद्र रूप दिखाने का अवसर ही नहीं मिल पा रहा था, लेकिन मौसम साफ होते ही प्रचंड गर्मी का दौर शुरू हो गया है। इस मौसम में पहली बार बाड़मेर-जैसलमेर में तापमापी का पारा 45 डिग्री के निकट पहुंच गया। वहीं जोधपुर में 43 डिग्री की गर्मी में लू के थपेड़े तन को झुलसा रहे है।

अप्रैल के पहले पखवाड़े में गर्मी बढ़ने लगी थी, लेकिन दो-दो दिन के अंतराल से हो रही बारिश के कारण तापमान पर ब्रेक लगा हुआ था। इस कारण अब तक लू के प्रकोप से राहत मिली हुई थी। लेकिन अब मौसम साफ होते ही तापमापी का पारा तेजी से उछाल मारता नजर आ रहा है। जैसलमेर में गुरुवार को तापमान इस गर्मी के मौसम में पहली बार पारा 45 डिग्री के पास 44.9 पहुंच गया है। गुरूवार का दिन अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। वहीं बाड़मेर में 44.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। जबकि जोधपुर में 42.8 डिग्री तापमान रहा।

लॉक डाउन के कारण बहुत कम लोग ही घरों से बाहर निकल रहे है। जैसलमेर व बाड़मेर में सुबह से आसमान से अंगार बरसना शुरू हो जाते है। दोपहर तक सड़कें तवे के समान तप जाती है और लू के थपेड़ों के कारण घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिन तक गर्मी का असर बरसरार रहने के आसार है। तापमान बढ़ने के साथ लू के थपेड़े चलेंगे।

फोटो एल देव जांगिड़



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जोधपुर में भीषम गर्मी में छतरी पकड़ सड़कों पर डटे है पुलिस के जवान।




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पैरा मेडिकल स्टाफ पॉजिटिव आया, 48 घंटे तक संपर्क में आए कर्मचरियों की नहीं हुई जांच

(शिवांग चतुर्वेदी).हसनपुरा स्थित रेलवे केंद्रीय अस्पताल को कोविड़ डेडीकेटेड अस्पताल (20 बेड) बनाए जाने को राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है। हालांकि अभी तक यहां मरीजों को शिफ्ट करने की अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन रेलवे अस्पताल प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के आदेशों की खुले धड़ल्ले से अवहेलना की जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि दो दिन पहले यहां कार्यरत एक पैरा मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जिसके बाद से ही यहां कर्मचारियों में भय का माहौल पैदा हो गया है।

अस्पताल में कार्यरत स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव आने के 48 घंटे बाद भी रेलवे ने अन्य किसी भी कर्मचारी को ना तो जांच के लिए भेजा और ना ही किसी को भी क्वारैंटाइन किया। जबकि पॉजिटिव आए कर्मी ने बुधवार तक नौकरी की थी और इस दौरान वो कई कर्मचारियों के संपर्क में आया था।

प्रशासन बना रहा है कार्रवाई का दबाव

कोरोना पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि कोरोनाके लक्षण दिखने पर उसने तुंरत एक निजी अस्पताल में स्वयं और परिवार की कोरोना जांच करवाई। रिपोर्ट में वह पॉजिटिव आया, जबकि अन्य सभी परिजन निगेटिव आए। जिसके बाद वह महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती हो गया। ऐसे में अब अस्पताल के उच्च अधिकारी उस पर ये कहते हुए कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं कि उसने विभाग को बिना सूचना दिए जांच कैसे करवाई?

जिन कर्मचारियों को क्वारैंटाइन किया, वे पैसा देकर खाना खाने को मजबूर

हाल ही में लोको कॉलोनी में एक बच्ची कोरोना पॉजिटिव मिली। जिसके बाद उसे रेलवे अस्पताल के जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया और थोड़ी देर बाद महात्मा गांधी अस्पताल रैफर किया गया, जहां बच्ची पॉजिटिव मिली। ऐसे में काफी विरोध करने पर उसके साथ गए दोनों मेडिकल स्टाफ को रेलवे अस्पताल में ही क्वारैंटाइन किया गया। उनसे दोनों वक़्त के खाने के लिए 100-150 रुपए वसूल किए जा रहे हैं। जो कि नियम विरुद्ध है। वहीं जिस वॉर्ड में बच्ची भर्ती रही थी, रेलवे ने ना तो उस वॉर्ड में पहले मौजूद मरीजों की जांच की। नही उस वार्ड को सैनिटाइज किया है।

एनडब्लयूआरईयू के महामंत्री मुकेश माथुर ने कहा किरेलवे अस्पताल में जबरदस्त अनियमितता देखने में आ रही हैं। रेलवे अस्पताल में बिना काम सभी कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। जो कर्मचारी कोरोना वार्ड में कार्य कर रहे हैं, उनके लिए खाने और रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मैंने इस संबंध में जीएम और सीएमडी को पत्र भी लिखा है। अगर स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो हम इसके खिलाफ उपयुक्त कदम उठाएंगे।



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जयपुर स्थित रेलवे चिकित्सालय।




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जूनियर लीगल ऑफिसर परीक्षा का परिणाम जारी, 458 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए पात्र

(आरिफ कुरैशी)।राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा जूनियर लीगल ऑफिसर भर्ती परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया गया। आयोग ने कुल 458 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित किया है। इनमें टीएसपी क्षेत्र (ट्राइबल सबप्लान्स)के 23 और नॉन टीएसपी क्षेत्र के 435 अभ्यर्थी शामिल हैं। इंटरव्यू की तिथि बाद में घोषित की जाएगी।


आयोग सचिव आशीष गुप्ता ने बताया कि विधि एवं विधिक कार्य विभाग के लिए आयोग द्वारा नॉन कनिष्ठ विधि अधिकारी के पदों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन 26 और27 दिसंबर-2019 को किया गया था। परीक्षा में 458 अभ्यर्थियों कोउनकी पात्रता की शर्त पर पूर्णतया अस्थायी रूप से से साक्षात्कार के लिएसफल घोषित किया जाता है। इन अभ्यर्थियों की पात्रता संबंधी जांच अभी नहीं की गई है। यह जांच साक्षात्कार के समय की जाएगी।

इसलिएअभ्यर्थी स्वयं सुनिश्चित कर लें कि वे नियमों के तहत पात्रता की सभी शर्तें पूरा करते हों। साक्षात्कार के लिए सफल अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट www.rpsc.rajasthan.gov.in से विस्तृत आवेदन पत्र डाउनलोड कर दो प्रतियों में भरकर समस्त आवश्यक प्रमाण पत्रों सहित साक्षात्कार के समय लेकर उपस्थित हों।


आयोग द्वारा आवेदकों की पात्रता की जांच विज्ञापन की शर्तोंके अनुसार किए जाने पर पात्र पाए गए अभ्यर्थियों को ही साक्षात्कार में सम्मिलित किया जाएगा। टीएसपी क्षेत्र के साक्षात्कार के लिए सफल अभ्यर्थियों के रोल नम्बर वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं।


लॉकडाउन के बीच पहला परिणाम

देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा यह पहला परिणाम जारी किया गया है। आयोग में मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू होने के बाद 20 मार्च से कामकाज शुरू हुआ था। इसके बाद आयोग ने यह परिणाम जारी किया है।



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Results of Junior Legal Officer Exam released, 458 candidates eligible for interview




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नहीं थम रहा है संक्रमितों की मौत का सिलसिला, बीजेएस निवासी 47 वर्षीय व्यक्ति ने गंवाई जान

कोरोना संक्रमण के कारण सूर्यनगरी में लोगों के मरने का क्रम थम नहीं रहा है। शुक्रवार को शहर में बीजेएस निवासी 47 वर्षीय रामसिंह की एमडीएम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्हें यहां पर लीवर में तकलीफ होने के कारण भर्ती कराया गया था। इस तरह शहर में कोरोना से अब तक 17 जनों की मौत हो चुकी है। जबकि अब तक 851 करोना संक्रमित मिल चुके है।

सीएमएचओ की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि रामसिंह को लीवर में काफी समय से तकलीफ़ थी। इस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एहतियात के तौर पर उनका सैंपल लिया गया था। जांच में वे पॉजिटिव पाए गए। आज दोपहर पश्चात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शहर में गुरुवार को भी आत्महत्या करने वाला एक युवक मरने के बाद लिए गए सैंपल में कोरोना संक्रमित पाया गया था। शहर में सबसे पहले प्रताप नगर निवासी एक बुजुर्ग की मौत हुई थी। इसके बाद से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है।

अब तक इनकी हो चुकी है मौत

शहर में कोरोना से सबसे पहले प्रताप नगर निवासी 77 वर्षीय लालचंद की मौत हुई थी। इसके बाद से खेतानाडी क्षेत्र के 59 वर्षीय मोहम्मद हाफिज, मोहनपुरा पुलिया क्षेत्र के दिनेश परिहार, प्रताप नगर की रमजान बानो व उदय मंदिर निवासी रोशन आरा , बम्बा मौहल्ला निवासी 70 वर्षीय अब्दुल गनी, नई सड़क निवासी 56 वर्षीय जुबैदा, नई सड़क निवासी 72 वर्षीय मोहम्मद हुसैन, 27 वर्षीय सबीना, 67 वर्षीय सलीम मोहम्मद व 85 वर्षीय मुनबीब की मौत हो चुकी है। जबकि सोमवार को घंटाघर निवासी 52 वर्षीय अयूब व दर्पण सिनेमा के पीछे रहने वाले 67 वर्षीय शब्बीर हुसैन की मौत हो गई थी। इसके अलावा मंगलवार को खेतानाडी क्षेत्र निवासी 53 वर्षीय अब्दुल रशीद व मानसागर निवासी 82 वर्षीय कृष्णा दवे में कोरोना की पुष्टि उनकी मौत के बाद हुई।



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प्रतीकात्मक फोटो।




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राजस्थान में अभी तक सामान्य से 224 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, अगले 48 घंटों में अधिकतम तापमान में होगी 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी

राज्य में इस गर्मी के मौसम में अभी तक 224 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है। साथ ही प्रदेश में पिछले सप्ताह 305 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। अब अगले 48 घंटों में राज्य में अधिकतम तापमान में चार डिग्री तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसके तापमान में गिरावट आएगी।

मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पिछले सप्ताह 30 अप्रैल से सात मई के बीच पश्चिमी राजस्थान में 4.8 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.5 मिमी से 222 प्रतिशत अधिक है। पूर्वी राजस्थान में 5.7 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.4 मिमी से 418 प्रतिशत अधिक है। यानी प्रदेश में 5.7 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.4 मिमी से 305 प्रतिशत अधिक है।

साथ ही राजस्थान में इस गर्मी के मौसम में अभी तक 224 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है।पश्चिमी राजस्थान में 29.9 प्रतिशत बारिश हो चुकी है जो सामान्य 10.9 मिमी से 174 प्रतिशत अधिक है। वहीं पूर्वी राजस्थान में 34.1 मिमी बारिश हो चुकी है जो औसत 8.5 मिमी से 3.1 प्रतिशत अधिक है। पूरे राजस्थान की बात करें तो अभी तक 31.8 मिमी बारिश हो चुकी है जो औसत 9.8 एमएम से 224 प्रतिशत अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार कम दबाव के क्षत्र से पश्चिमी राजस्थान के ऊपर बना चक्रवाती परिसंचरण अब उत्तरपश्चिमी राजस्थान के ऊपर आ गया है। इसके प्रभाव से प्रदेश में मौसम इस प्रकार रहेगा -

1 (8-14 मई)
नौ मई से राज्य में बादल गरजने, धूलभरी आंधी, तथा बिजली गरजने के साथ 30 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इस दौरान वर्षा का औसत सामान्स से कम रहने का अनुमान है।

2 (15-21 मई)
दूसरे सप्ताह भी वर्षा का औसत सामान्स से कम रहने का अनुमान है।

तापमान (8-14 मई)
राज्य में अगले 48 घंटों में राज्य के कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। इसके बाद तापमान में गिरावट आएगी। नौ मई को जोधपुर संभाग में तापमान 44 से 45 डिग्री तक जा सकता है।राज्य में पहले सप्ताह में तापमान सामान्य से अधिक और दूसरे सप्ताह में तापमान सामान्य से कम रह सकता है।

शुक्रवार को सबसे गर्म जैसलमेर रहा

प्रदेश में लगातार जारी बारिश और ओलावृष्टि के बीच गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। गुरुवार को सबसे अधिक तापमान जैसलमेर में 44.8 डिग्री रहा। बाड़मेर में 44.7, चूरू में 44.7 तथा कोटा में 44.1 डिग्री तापमान रहा। कोटा में तेज गर्मी से बचने के लिए जू में पानी का छिड़काव किया गया। बीती रात सबसे अधिका तापमान जोधपुर में 28.8 डिग्री रहा। बाड़मेर में 28.4 डिग्री तापमान रहा।



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जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए कोटा के जू में पानी का छिड़काव किया गया। पैंथर के बाड़े में पानी का छिड़काव करता जू का कर्मचारी। फोटो : प्रवीण जैन




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शादी में आए 42 लोगों को डेढ़ महीने बाद भी घर वापसी की अनुमति नहीं

चंद्रवरदाई नगर में एक शादी में भात भरने 18 मार्च को अजमेर आए 42 लोगों की डेढ़ महीने बाद भी घर वापसी नहीं हो पाई है।

गत दिनों इन्होंने प्रशासन ने आगरा जिले एवं दिल्ली जाने के लिए अनुमति मांगी थी, जिला प्रशासन ने इंतजार करने के लिए कहा था। इसके बाद यह मामला पूर्व पार्षद ललित गुर्जर चौपड़ा के जरिए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट तक पहुंचा था।

बताया जा रहा है कि पायलट के दफ्तर से भी प्रशासन को इस संबंध में कुछ निर्देश जारी किए गए थे। शुक्रवार को इस मसले पर पीड़ित लोगों के प्रतिनिधि कलेक्ट्रेट कलेक्टर एवं एसडीएम से मिलने एवं अपनी पीड़ा बताने पहुंचे तो उन्हें कलेक्ट्रेट के बाहर की आरएसी तथा पुलिस के जवानों ने रोक लिया अैर अंदर जाने ही नहीं दिया। पूर्व पार्षद ललित गुर्जर चौपड़ा ने इस मामले में विरोध जताया है।

गुर्जर का कहना है कि परेशान लोगों को अधिकारियों को अपनी पीड़ा और परेशानी बताने का मौका तक नहीं दिया गया। जब जायरीन, श्रमिकों को घर वापसी के लिए पास जारी किए जा चुके हैं तो इन लोगों को भी घर वापसी के लिए अनुमति देकर रवाना किया जाना चाहिए। यह लोग डेढ़ महीने से परेशान हो रहे हैं।



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महाराष्ट्र से सांगाेद पहुंचे 40 जनों को किया क्वारेंटाइन

कस्बे में वार्ड संख्या 19 चरेलिया माेहल्ला में रहने वाले सिंगी जाति के एक ही परिवार के 40 महिला-पुरूष व बच्चे तीन दिन का सफर कर महाराष्ट्र से ट्रक से शुक्रवार काे यहां पहुंचे। यहां सभी की स्क्रीनिंग कर बालिका स्कूल में बनाए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है।
नगर से प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में धंधा करने के लिए सिंगीवाले जाति के लोग महाराष्ट्र जाते हैं। पूरे देश में लागू किए गए लॉकडाउन के बाद यहां कुछ परिवार तो पहुंच गए थे, लेकिन मंजूर अली व उसके परिवार के 40 सदस्य महाराष्ट्र के चीकली जिला बुरडाना में फंस गए थे। ये लोग वहां से 5 मई को ट्रक से रवाना हुए और शुक्रवार काे यहां पहुंचे। इनके आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया।
एसडीएम संजीव कुमार शर्मा ने ब्लॉक कोरोना नोडल अधिकारी डॉ नरेश मीणा व पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। इस पर चिकित्सा टीम व पुलिस जाब्ता ने इनको पहले अपने कब्जे में लेकर सीधा यहां बालिका स्कूल में बनाएं गए क्वारेंटाइन सेंटर में ले गए। यहां महाराष्ट्र से आए सभी सदस्यों की स्क्रीनिंग की गई। टीम में शामिल डॉ. पवन सोनी, योगेन्द्र पंकज, राजेन्द्र सोनी व रघुराज सोनी ने इनकी जांच की। थानाधिकारी धनराज मीणा ने बताया कि सभी काे 14 दिन के लिए क्वारेन्टाइन सेंटर में रहने के लिए पाबंद किया। वहीं क्वारेन्टाइन सेंटर व चरेलिया बस्ती को सेनेटाइज किया गया। नायब तहसीलदार बजरंगसिंह व कपिल मालव ने क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण कर नगरपालिका काे बाहर से आए लाेगाें के भोजन व्यवस्था व साफ सफाई करवाने के लिए निर्देश दिए।
बाहर से आए लोगों की स्क्रीनिंग

कस्बे में शुक्रवार काे बाहर से आए 36 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। बीसीएमओ डॉ. गिरिराज मीणा ने बताया कि किसी में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए है। इनमें से 16 को होम आइसोलेट कर दिया गया है। अब तक कुल 1285 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है और 592 लोगों को होम आइसोलेट किया जा चुका है। वहीं दूसरी ओर चिकित्सा विभाग की ओर से क्षेत्र के जनकपुर में मोबाइल ओपीडी यूनिट कैंम्प लगाकर 65 मरीजों का उपचार किया गया।



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Quarantine 40 people who reached Sanghed from Maharashtra




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24 घंटे बाद आज से लोगों के लिए फिर खुलेगा सेटेलाइट अस्पताल

आदर्श नगर सैटेलाइट अस्पताल शनिवार सुबह आठ बजे से फिर आमजन के लिए शुरू हाे जाएगा। सेटेलाइट अस्पताल में गुरुवार रात दाे गर्भवती महिलाएं भर्ती हाेने के बाद अस्पताल प्रशासन ने पूरा अस्पताल खाली करवा दिया।

यहां भर्ती गर्भवती व प्रसूताओं काे जनाना अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, जबकि रात काे जिस वार्ड में दाेनाें पॉजिटिव गर्भवती महिलाएं भर्ती थी, वहां भर्ती सभी मरीजों काे जेएलएन में बनाए गए काेराेना के संदिग्ध मरीजों वाले वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश पोरवाल ने बताया कि शुक्रवार काे अस्पताल परिसर देर शाम फिर सेनिटाइज करने के बाद फ्यूमीगेशन किया गया। अब इसे शनिवार से खोल दिया जाएगा।

इनका कहना है...
पूरे अस्पताल काे सेनिटाइज करने के बाद फ्यूमीगेशन करवा दिया गया है। शनिवार से अस्पताल आमजन के लिए खाेल दिया जाएगा।
- डाॅ. राकेश पाेरवाल, अधीक्षक, सेटेलाइट अस्पताल अजमेर



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7 मरीज चंद्रघटा के; इस इलाके में 1 महीने से कर्फ्यू फिर भी 232 में 143 पॉजिटिव यहीं से

काेटा में एक बार फिर काेराेना संक्रमित नए मरीजाें की संख्या में वृद्धि हुई है। शुक्रवार काे एक ही दिन में 9 नए मरीज आए हैं। इसी के साथ काेटा में कुल मरीजाें का आंकड़ा 232 पहुंच गया है। नए मरीजाें में छह चंद्रघटा, एक इंदिरा मार्केट, एक बाेरखेड़ा के महालक्ष्मीपुरम व एक लाडपुरा के विक्रम चाैक का निवासी है। महालक्ष्मीपुरम में रहने वाला 35 वर्षीय व्यक्ति काेटा थर्मल का कर्मचारी है, जाे थर्मल की आवासीय काॅलाेनी में सिविल मेंटीनेंस का काम देखता है और अपनी ड्यूटी के तहत उसका कर्मचारियाें की क्वार्टराें में आना-जाना रहता है। इसकी सूचना मिलने के बाद थर्मल प्रबंधन में भी हड़कंप मच गया और चीफ इंजीनियर ने उन सभी लाेगाें की सूची बनाकर चिकित्सा विभाग काे भेज दी, जाे बीते कुछ दिनाें में उक्त कार्मिक के संपर्क में आए हैं। इसके संपर्क में आए कुछ सहकर्मियाें और इंजीनियराें काे भी आइसाेलेट किया गया है। यह कार्मिक संक्रमित कैसे हुआ? इसे लेकर चिकित्सा विभाग पड़ताल कर रहा है, इतना जरूर सामने आया है कि वह नियमित ड्यूटी जा रहा था।

कम सैंपलिंग भी वायरस फैलने की वजह
कोटा में कम सैंपलिंग भी संक्रमण फैलने की बड़ी वजह है। टेस्टिंग कम होने से समय पर मरीजों का पता नहीं लगता। इस दौरान वे अन्य लोगों को संक्रमित कर देते हैं। हालांकि पिछले 2 दिनों से सैंपलिंग की संख्या बढ़ी है।

पैरेलल इन्वेस्टिगेशन:परकोटे में काेराेना आउटब्रेक के दाे बड़े कारण

1.तंग गलियाें वाले इस इलाके में कर्फ्यू की पालना नहीं हाे रही है।

2.राशन और दूध की लाइन में भी मिल रहा वायरस का इंफेक्शन

2 मृतकों के 7 परिजन और किराएदार मिले पॉजिटिव

नए आए मरीजाें में 7 उन 2 परिवाराें से संबंधित हैं, जिनके सदस्याें का काेराेना से निधन हाे गया था। इसमें इंदिरा मार्केट निवासी सर्राफा व्यवसायी की पत्नी (54) भी पाॅजिटिव आई है। सर्राफा व्यवसायी 4 मई काे पाॅजिटिव आए थे और उनकी 5 मई काे ही माैत हाे गई थी। वहीं, मकबरा निवासी जिस 76 वर्षीय वृद्ध की गुरुवार को मौत हुई थी, उनके परिवार से 42 वर्षीय पुरुष, 16 वर्षीय बच्चा, 35 वर्षीय महिला, 39 वर्षीय पुरुष, 40 वर्षीय पुरुष और 52 साल की महिला शामिल है। इनमें से कुछ किराएदार हैं।

किराने की दुकान चलाता है लाडपुरा का मरीज

विक्रम चौक लाडपुरा निवासी 60 वर्षीय वृद्ध कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वे किराने की दुकान चलाते हैं। अभी उनको बीमारी के लक्षण नहीं हैं। इसकी दुकान पर दिनभर लोग सामान लेने आते-जाते रहते हैं। इस वजह से कई लोगों को इंफेक्शन की संभावना है।

चंद्रघटा में एक माह से कर्फ्यू है, लेकिन इसके बावजूद इस एरिया में वायरस कंट्राेल नहीं हो रहा। भास्कर ने काेटा में अब तक आ चुके 232 मरीजाें का विश्लेषण किया ताे सामने आया कि इनमें से 143 मरीज काे अकेले चंद्रघटा एरिया से ही हैं। यानी कुल मरीजाें का 61.63 प्रतिशत। चंद्रघटा में सबसे पहले 6 अप्रैल काे यहां का रहने वाला एक टैक्सी ड्राइवर पाॅजिटिव आया था, उसी दिन से यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था।
मेन राेड पर ताे पुलिस तैनात है, लेकिन गलियाें में लाेग आराम से टहल रहे हैं। इस इलाके की गलियां इतनी तंग हैं कि साेशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं हाे रही। इस वजह से संक्रमण फैल रहा है।
इस इलाके में जरूरी सामान की किल्लत है। इस वजह से सामान की वैन आते ही भीड़ लग जाती है। पुलिस साेशल डिस्टेंसिंग की सख्ती से पालना नहीं कराती इस वजह से लाेग आसपास ही खड़े रहते हैं और आसानी से संक्रमित हाे जाते हैं।



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11 दिन में दोगुने हो रहे थे केस, 21 अप्रैल के बाद रफ्तार घटी, पिछले 18 दिन में 1844 रोगी ही बढ़े

राजस्थान में कोरोना मरीजों की संख्या 3579 हो गई है लेकिन इस बीच राहत देने वाले कुछ आंकड़े भी सामने आए हैं।
प्रदेश में अब कोरोना के नए केसों की रफ्तार या तो घट रही है या स्थिर है। पहले केसों के दोगुने होने की रफ्तार 11 दिन थी, लेकिन पिछले 18 दिन से इसमें लगाम लग गई है।
आंकड़ों के अनुसार 14 अप्रैल तक प्रदेश में 1000 कोरोना मरीज थे लेकिन 11 दिन बाद ही 25 अप्रैल को कोरोना केस 2000 के पार पहुंच गए।
इस हिसाब से अगले 11 दिन यानी 6 मई को ही प्रदेश में कुल कोरोना केस 4000 के पार पहुंचने चाहिए थे, लेकिन अभी कुल संख्या 3579 ही है।
21 अप्रैल तक प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या 1435 थी। इसके बाद बीते 18 दिन में प्रदेशभर में केवल 1844 केस ही बढ़े हैं। अब 1465 एक्टिव केस ही बचे हैं।

जयपुर की रिकवरी रेट से प्रदेश का औसत सुधरा

राजधानी जयपुर में प्रदेश के सबसे अधिक 1145 रोगी हैं, लेकिन इनमें से अब 720 रिकवर हो चुके हैं। यानी प्रदेश के कुल मरीजों के 20 फीसदी। जयपुर की ही बात करें तो यहां अब तक 63 फीसदी रोगी रिकवर हो चुके हैं।

21 अप्रैल के बाद 9 दिन ऐसे थे जब मरीजों की संख्या पिछले दिन के मुकाबले घटी। मरीज बढ़ने की रफ्तार स्थिर भी रहती तो अब तक 3960 रोगी होते।



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शहर में फंसे भीलवाड़ा के 45 प्रवासी, सड़क पर करना पड़ा गुजारा

जम्मू-कश्मीर में लॉकडाउन में अटकने के बाद शहर में पहुंचे भीलवाड़ा के 45 प्रवासी श्रमिकों को दूसरा दिन भी सड़क पर ही बिताना पड़ा। प्रवासी श्रमिकों के एक दर्जन परिवारों को भीलवाड़ा पहुंचाने का शुक्रवार को भी प्रशासनिक स्तर प्रबंध नहीं हो सका। इससे श्रमिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को समाज सेवियों ने इन अटके हुए श्रमिकों को आटा, दूध व अन्य राशन सामग्री उपलब्ध करवाई। श्री दूध सप्लाई मजदूर संघ के अध्यक्ष सुभाष स्वामी एवं उपाध्यक्ष बृजलाल जांदू ने इन्हें दोनों समय 20 लीटर दूध और छह एलएनपी के अमर सिंह यादव ने परिवार को 10-10 किलो आटा उपलब्ध करवाया। इन्हें जूते, चप्पल व नहाने का साबुन भी उपलब्ध करवाया गया।

मोहन सोनी ने इन्हें कपड़े, जूते, चप्पल एवं नहाने के लिए साबुन उपलब्ध करवाई।भाजयुमो नगर मंडल अध्यक्ष रजत स्वामी के अनुसार इन प्रवासियों की घर वापसी के उन्होंने दूसरी बाद आसींद विधायक जब्बर सिंह से संपर्क किया तो विधायक ने बताया कि इनकी घर वापसी का रास्ता एक-दो दिन में साफ हो जाएगा। विधायक जब्बर सिंह ने कहा कि श्रीगंगानगर प्रशासन यदि बस उपलब्ध नहीं करवाता है तो विधायक स्वयं के खर्च पर इन प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए तैयार हैं। जिला प्रशासन श्रीगंगानगर केवल अनुमति दे। स्वामी ने बताया कि अभी तक गंगानगर ग्रीन जोन में है। प्रवासी मजदूर जम्मू-कश्मीर के सांबा से श्रीगंगानगर आ गए हैं। प्रशासन इन्हें यहां से भेजने की अनुमति नहीं दे रहा है। तहसीलदार संजय कुमार अग्रवाल के अनुसार अटके हुए मजदूरों को भीलवाड़ा भेजने का प्रयास किया जा रहा है।



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किसान कल्याण टैक्स के विरोध में सीकर मंडी बंद 2 दिन में 4 हजार बोरी अनाज का कारोबार प्रभावित

राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश भर में मंडी टैक्स के साथ लागू किया गया किसान कल्याण टैक्स व्यापारी वर्ग के साथ किसानों की भी परेशानी बढ़ा रहा है।2% किसान कल्याण टैक्स लागू होने के साथ ही व्यापारी वर्ग पर वित्तीय भार बढ़ गया है तो विरोध में मंडी बंद होने के बाद किसानों के सामने उपज बेचने की समस्या खड़ी हो गई है। किसान इस बात को लेकर भी आशंकित हैं कि व्यापारी वर्ग पर लागू किया गया किसान कल्याण टैक्स उनकी उपज की कीमत को भी प्रभावित करेगा। खाद्य व्यापार संघ के अनुसार मंडी में 2 दिन में ही 4000 बोरी से दो करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। मंडी को भी प्रतिदिन दो लाख से ज्यादा टैक्स का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

कृषि उपज मंडी खाद्य व्यापार संघ अध्यक्ष नवरंग खीचड़ का कहना है कि किसान के नाम से की जाने वाली टैक्स की वसूली किसान की ही जेब से होगी। इसका भार किसान, कमीशन एजेंट व आम उपभोक्ता को वहन करना होगा। पूर्व विधायक अमराराम का कहना है कि यह सरकार की किसान व आमजन को लूटने की नीति है। यदि सरकार को किसान कल्याण कोष गठित करना था तो इसमें इनकम के लिए अलग से फंडिंग की व्यवस्था करनी चाहिए थी। इधर, मामले में मंडी सचिव देवेंद्रसिंह बारैठ का कहना है कि 2% टैक्स लागू होने से किसान कल्याण कोष मजबूत होगा। मंडियों से किसान कल्याण कोष में जमा होने वाली राशि किसानों के हित में ही खर्च की जाएगी।



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पुलिस ने कामां में 22 ड्रमों में भरी 4 हजार और विलानचट्टपुरा में 2500 लीटर वाश नष्ट की

लॉकडाउन में हथकढ़ शराब के कारोबार की सूचना पर शुक्रवार को उच्चैन थाना पुलिस ने गांव विलाचट्टपुरा में अवैध हथकढ़ शराब के खिलाफ छापामार कार्रवाई कर ढाई हजार लीटर वाॅश व शराब बनाने की चार भट्टियों को नष्ट किया है।

साथ ही मौके से 30 लीटर हथकढ़ शराब व एक बाइक को बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। उच्चैन एसएचओ जमील खान ने बताया कि पुलिस को गांव विलाचट्टपुरा में हथकढ़ शराब तैयार कर बेचने की सूचना मिली। जिस पर एसएचओ, एएसआई बृजभानसिंह, हैडकांस्टेबल बृजलाल, भरतसिंह के नेतृत्व में गठित टीमों ने शुक्रवार को गांव विलानचट्टपुरा में अलग-अलग रास्तों से पहुंचकर छापामार कार्रवाई की। जहां घरों व गैतबाडों में भट्टियों पर हथकढ़ शराब निर्मित होती हुई मिली। जिस पर पुलिस ने मौके पर ही चार भट्टियों को तोडकर मटकों व कैनों में भरी साढे ढाई हजार लीटर वाॅश को नष्ट कर दिया।

पुलिस ने गांव विलानचट्टपुरा निवासी बिरजी पुत्र कमलसिंह, राधे पुत्र नवला कंजर को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से तीस लीटर हथकढ़ शराब को बरामद कर आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही मौके पर लावारिस खड़ी बाइक को पुलिस एक्ट में जब्त किया है।

कामां| एसपी हैदरअली जैदी के निर्देश पर कामां डीएसपी देवेंद्र सिंह राजावत ने जुरहरा के गांव बमनवाडी व खेड़ी में अवैध शराब माफियाओं पर कार्रवाई कर जंगलों में अवैध शराब निर्माण के लिए बनाई गई भट्टियां तोड़ चार हजार लीटर वाश नष्ट कराई। डीएसपी देवेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि मेवात इलाके में शिकायते मिल रही थी कि अवैध शराब माफियाओं द्वारा जंगलों में अवैध हथकढ़ शराब बनाकर गांवों व शहरी इलाकों में शराब की सप्लाई की जा रही है।

जुरहरा थाना के गांव खेड़ी व बमनवाडी के जंगलों में कार्रवाई कर अवैध शराब निर्माण की भट्टियां तोड़कर 22 ड्रमों में भरी करीब चार हजार लीटर वाश नष्ट कराई। इसके अलावा कार्रवाई के दौरान मौके से बीस लीटर तैयार अवैध शराब भी बरामद की गई। कार्यवाही के दौरान शराब माफिया पुलिस के हाथ नहीं लग सके।



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सीसवाली में 462 किसानों से हुई खरीद

कस्बे में लगे एफसीआई के तौल कांटे पर अब तक 462 किसानों से गेहूं की खरीद हुई है। एफसीआई के ताैल कांटे पर रोजाना करीब 20 से 25 किसानों से गेहूं की खरीद की जा रही है। एफसीआई क्वालिटी कंट्रोल प्रभारी राजेंद्र कुमावत ने बताया कि 16 अप्रैल से शुरू हुए कांटे पर अब तक 462 किसानों का 56 हजार 986 क्विंटल गेहूं की तुलाई हो चुकी है। गोदाम मैनेजर नितिन शर्मा ने बताया कि सीसवाली गोदाम में मांगरोल, सीसवाली, पाटाेंडा, बमोरी आदि चार मंडियों के 92 हजार कट्टे का अब तक गोदाम में भंडारण हो चुका है।
प्रखर कौशल ने कहा- किसानों की पूरी उपज खरीदे सरकार: अंता. भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता तथा यूथ चला बूथ समिति के प्रदेश सहसंयोजक एवं पूर्व सांसद स्व रघुवीरसिंह कौशल के पौत्र प्रखर कौशल ने शुक्रवार को ईमेल से राज्यपाल को पांच सूत्रीय मांग पत्र भेजा है। इसमें बारां जिले के किसानों की उपज को पूरा मूल्य दिलवाए जाने के लिए संपूर्ण उपज समर्थन मूल्य पर खरीद की मांग की है। उन्होंने बारां जिले में समर्थन मूल्य का लाभ किसानों को नहीं मिल पाने की जानकारी ईमेल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, क्षेत्रीय सांसद दुष्यंत सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को भी दी है।



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Purchase from 462 farmers in Siswali




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शहर में 3 लाख आबादी, सिर्फ 38141 ने डाउनलोड किया आरोग्य सेतु एप

हम अपने स्वास्थ्य को लेकर कितने लापरवाह हैं, यह पता चल रहा है आरोग्य सेतु एप से। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी के लिए आरोग्य सेतु एप को फोन में डाउनलोड करना अनिवार्य किया है ताकि संक्रमितों और कोरोना संदिग्धों की आसानी से जानकारी मिल सके। उनका समय पर इलाज हो और कोरोना पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके। लेकिन, भरतपुर में स्थितियां इसके एकदम उलट हैं।

शहर की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 2.52 लाख और मौजूदा करीब 3 लाख है। इनमें से शुक्रवार रात 8 बजे तक शहर के 10 किलोमीटर एरिया में 38141 यानि करीब 1 फीसदी लोगों ने ही आरोग्य सेतु एप डाउन लोड किया था। इनमें से मात्र 741 लोगों ने स्व परीक्षण किया तो उनमें 53 लोग अस्वस्थ पाए गए हैं। ये हालात तो तब हैं जब कि हम रेड जोन में हैं। जबकि देश में 9.40 करोड़ लोग इस एप को डाउनलोड कर चुके हैं।

अब एसएमएस से भी मिलेंगे अलर्ट
जिला प्रशासन ने उन लोगों के लिए आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा शुरू की है जिनके पास फीचर फोन और लैंडलाइन फोन हैं। ऐसे लोगों को अब इस टोल फ्री सेवा 1921 पर एक मिस्ड कॉल करनी है। इसके बाद उनके पास फोन आएगा। फिर उस फोन करने वाले को अपने स्वास्थ्य के बारे में पूछी जाने वाली सही जानकारी देनी है।



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बलरिया में खेत की मेड़ को लेकर दो पक्षों में विवाद, 4 लोग गंभीर घायल

बलरिया गांव में शुक्रवार सुबह खेत की मेड बंदी को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। ऐसे में लाठी डंडा तथा गंदासी चलने से चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें चौथ का बरवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया। इनमें रामसहाय मीणा, धर्मेंद्र मीणा, मीठा लाल मीणा तथा एक अन्य को सवाई माधोपुर उपचार के लिए रेफर किया गया है। हेड कांस्टेबल माधो सिंह ने बताया कि इस मामले में रामसहाय मीणा की ओर से दी गई रिपोर्ट पर भजन लाल मीणा, रामलाल मीणा, गोकुल मीणा, रामेश्वर मीणा, जय सिंह, कृपा शंकर, सावल राम, कांति, सुशीला, राम सिंह तथा अनीता मीणा के खिलाफ एक राय होकर हमला करने का मामला पुलिस में दर्ज कराया गया है।



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चौथ का बरवाड़ा। घायल लोगों का उपचार करते चिकित्सक।




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आज रात 12 बजे से 24 घंटे तक आप भी बनें बर्ड वॉचर्स और जीतें प्राइज

कोरोना लॉकडाउन के बीच प्रकृति व पक्षी प्रेमियों के लिए खुश खबर है। ग्लोबल बिग डे पर 24 घंटे की समयावधि में कोई भी व्यक्तिबर्ड वॉचर्स बनकर इनाम जीत सकता है।दरअसल, ई-बर्ड की ओर से हर वर्ष की भांति इस बार भी 9 मई की रात 12 से अगली रात्रि 12 बजे यानी 24 घंटे तक पक्षियों के अवलोकन व रिकॉर्ड संधारण का कार्य होता है। अबकी बार भारत सहित 174 देशों ने विभिन्न प्रजातियों की एक लाख पक्षियों की एंट्री का लक्ष्य निर्धारित किया है।
गौरतलब है कि पक्षियों के अवलोकन व रिकॉर्ड संधारण के लिए प्रतिवर्ष 9 मई को ग्लोबल डे मनाया जाता है। इस बार वैश्विक महामारी कोरोना के चलते भारत में भी लॉकडाउन एवं स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों की पालना में बर्ड वॉचर्स यह कार्य करेंगे।
करौली जिले के स्थानीय पक्षी विशेषज्ञ राव शिवराजपाल सिंह के अनुसार गत वर्ष 174 देशों के 35209 बर्ड वॉचर्स ने 92284 एंट्री दर्ज कीं, जिसमें 6331 प्रजाति के पक्षी देखे गए। लिहाजा, इस बार कोविड-19 के चलते विश्वभर में लॉकडाउन के चलते बाहर जाना भी संभव नहीं है।
ऐसे में स्थानीय प्रशासन के निर्देशों की पालना करते हुए घर में आने एवं आसपास में रहने वाले पक्षियों का ही रिकॉर्ड बनाकर एक लाख एंट्री का टारगेट हासिल करना है। इसमें आमजन भी सहभागिता निभाकर पक्षी प्रेमी के रूप में भूमिका निभा सकता है।
पक्षियों के वीडियो या फोटो लेकर बन सकते हैं विजेता, मोबाइल से कराएं एंट्री

ग्लोबल बिग डे पर जिले का कोई भी व्यक्ति अपने आसपास के पक्षियों के कलरव या अनूठी अवस्था में फोटो या आवाज दोनों मोबाइल से रिकॉर्ड कर इसमें एंट्री करा सकता है। करौली जिले में प्रकृति प्रेमी व पक्षी विशेषज्ञ राव शिवराजपाल सिंह को मोबाइल नं. 7728855553 पर कॉल अथवा वाट्सअप भी कर सकता है। इसके अलावा (ebird.org/ ebird.online या ebird.mobile) पर भी शेयर की जा सकती है। करौली में पक्षियों के प्रति प्रेम, लगाव व संरक्षण के प्रति जाग्रति पैदा करने के लिए करौली इंटेक चैप्टर की ओर से तीन सर्वश्रेष्ठ फोटो की एंट्री शामिल करने पर प्रतिभागियों को लॉकडाउन हटने के बाद सम्मानित भी किया जाएगा।

24 घंटे विशेष रूप से कैमरों में कैद होंगे पक्षी
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 9 मई, शनिवार की रात 12 से अगली रात्रि 12 बजे तक पक्षियों के कलरव, अठखेलियां व उनकी दिनचर्या आदि का चित्रण पक्षी प्रेमियों के कैमरों में कैद होगा। ज्यादातर लोग अपने मोबाइल में भी इनके फोटो या वीडियो बनाकर अपनी सहभागिता निभाएंगे। हालांकि, कोरोना लॉकडाउन का ग्रहण लग जाने से अबकी बार ग्लोबल बिग डे व्यापक स्तर पर नहीं मन पाएगा,फिर भी पक्षी प्रेमी विशेषज्ञों में खास रुचि रहती है और लॉकडाउन की पालना करते हुए लक्षित एक लाख के एंट्री टारगेट को हासिल कर पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को अवश्य तोडेंगे। करौली के पक्षी विशेषज्ञ राव शिवराजपाल सिंह भी घर व आसपास में रहने वाले पक्षियों का ही रिकॉर्ड बनाकर एक लाख से अधिक एंट्री का लक्ष्य पूरा करने को लेकर आश्वस्त हैं।



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मेड़ता आए प्रवासियों में से 4 संदिग्ध के लिए सैंपल

ब्लॉक में बाहरी राज्यों के प्रवासियों की आवक शुरू हो गई है। इसके साथ ही मेडिकल टीम आने वाले हर प्रवासी पर पूरी नजर रख रही है। शुक्रवार को इन प्रवासियों में 4 जने संदिग्ध मिले। उन्हें हल्का सर्दी-जुखाम पाया गया।
इस पर बीसीएमओ डॉ. सुशील दिवाकर ने इन चारों के सैम्पल के लिए उन्हें नागौर के राजकीय चिकित्सालय भेजा है। बीसीएमओ डॉ. दिवाकर ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर किए जा रहे सर्वे में चार बाहरी व्यक्ति जो मेड़ता ब्लॉक में आए उनके सैम्पल जांच के लिए 108 एंबुलेंस के जरिए नागौर रेफर किया गया है। इन 4 संदिग्धों में एक हैदराबाद व तीन अहमदाबाद से आए हैं। डॉ. दिवाकर ने बताया कि पूरे ब्लॉक में मेडिकल टीमें घर-घर जाकर सर्वे कर रही है।
इसी दौरान एक रेण गांव में, एक बासनी सेजा और 2 कलरू में संदिग्ध मिले हैं। ये बाहर से आए हुए हैं और प्रथम दृष्टया संदिग्ध मिले इसलिए उन्हें तत्काल नागौर रेफर किया गया।
गौरतलब है कि ब्लॉक सीएमएचओ मेड़ता की ओर से पूर्व में 12 जनों के सैम्पल लिए गए थे मगर सभी निगेटिव निकले। अब इन चार नए संदिग्धों के सैम्पल का सभी को इंतजार रहेगा।
55 चिकित्सा टीमों ने 1160 घरों का किया सर्वे
बीसीएमओ डॉ. दिवाकर ने बताया कि विभाग द्वारा लगातार सर्वे किया जा रहा है। शुक्रवार को 55 टीमों द्वारा 1160 घरों का सर्वे किया गया। जिसमें 6756 व्यक्तियों के स्वास्थ्य को जांचा गया। शुक्रवार शाम तक पूरे ब्लॉक में 341 बाहरी व्यक्ति आए जिनमें अन्य राज्य से 244 नागरिक व राजस्थान के अन्य जिलों से 17 नागरिक आए हैं। जिनमें 297 नागरिकों को होम क्वारेंटाइन किया गया और 44 नागरिकों को संस्थागत सरकारी स्कूलों में क्वारेंटाइन किया गया है। उल्लेखनीय है कि चिकित्सा टीमों की ओर से क्षेत्र में सर्वे का कार्य किया जा रहा है।



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102 मरीज ठीक हुए, अब केवल 14 कोरोना पाॅजिटिव

लॉकडाउन के बाद प्रवासियों का आना पिछले चार दिनाें से निरंतर जारी है। अलग-अलग प्रदेशों से सैकड़ों लोगों का आगमन तीन दिनों के अंतराल में हुआ है जो अन्य प्रदेशों से व राजस्थान में भी अलग-अलग जिलों में रहने वाले लोग शामिल हैं। बांगड़ अस्पताल के पीएमओ डॉ. जीके शर्मा ने बताया कि 3 तीनों में 258 लोगों के सैम्पल लिए जा चुके हैं, जो बाहर से आए हुए है। अभी तक 506 लोगों के लिए गए सैम्पल में 433 सैम्पल निगेटिव आ चुके हैं। 73 की रिपोर्ट आना बाकी है। प्रवासियों की स्क्रीनिंग कर जिसमें हल्के से लक्षण दिखाई देते हैं उन्हें तो बांगड़ स्कूल में क्वारेंटाइन किया जा रहा है व जो पूर्ण रूप से स्वस्थ दिखते हैं मगर फिर भी उन्हें 14 दिन के लिए होम आइसोलेट किया जा रहा है। अभी तक डीडवाना ग्रामीण क्षेत्र में 743 तो शहरी क्षेत्र में 301 लोग आ चुके हैं। मकराना से शुक्रवार को 50 लिए
इधर..., परबतसर में भी 42 नए सैंपल लिए गए
खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीपी जोशी ने शुक्रवार को ग्राम भड़सिया के नाका व स्कूल में स्थापित क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया तथा सभी व्यवस्थाएं देखी। स्वास्थ्य कार्मिकों को मास्क व सेनिटाइजर उपलब्ध कराए। यहां व्यवस्थाएं सही पाई गई। होम क्वारेंटाइन किए गए लोगों के रेंडम सैम्पलिंग के निर्देश दिए गए। इसके पश्चात कालेटड़ा स्कूल के क्वारेंटाइन सेंटर को देखा व रिड़ तथा बाजवास में भी बाहर से आने वाले लोगों को चिकित्सा विभाग द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं व स्क्रीनिंग का कार्य देखा जो संतोषजनक पाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों से लाए गए 38 लोगों की परबतसर में सैम्पलिंग की गई व 04 शहरी क्षेत्र के लोगों की भी सैम्पलिंग की गई। ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों से गठित टीम द्वारा डाॅ. शैलेष शर्मा के निर्देशन में कार्य किया गया। इस कार्य में राकेश गोरा (बीपीएम), बाबूलाल चौधरी, चेतनदान, डाॅ. वन्दना व्यास, बन्नाराम आदि ने सहयोग किया। इसी तरह सैंपलिंग का कार्य प्रातः 11ः00 बजे से दोपहर 02ः00 बजे तक किया जाएगा।
वर्तमान में जिले से लिए 717 सैम्पल की रिपोर्ट बाकी
जेएलएन में भर्ती कोरोना पाॅजिटिव मरीजों में से शुक्रवार को 20 की सैम्पल रिपोर्ट दो बार नेगिटिव आने पर डिस्चार्ज किया। अब 14 मरीज जेएलएन में है। सभी बासनी के है। इनमें एक दिन का शिशु अाैर तीन साल गाेसिया भी शामिल है। गांव में अब तक 106 संक्रमित पाए गए हैं, अब तक 93 की रिपोर्ट दो बार नेगेटिव आने के बाद वे ठीक हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि जिले से अब तक 4427 सैंपल लिए गए है, इनमें 3710 की रिपोर्ट मिल चुकी है। 3592 निगेटिव है। शुक्रवार को जिले में 379 सैंपल लिए गए। वर्तमान में 717 सैम्पल की रिपोर्ट आना शेष है



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4 माह में 3 बार 300 किमी दूर से आया टिड्‌डी दल, सांगरी व कपास के लिए नुकसान दायक

जोधपुर की ओर से इस साल में तीसरी बार नागौर जिले में कुड़छी गांव की ओर से टिड्‌डी ने दस्तक दी है। बड़ी तादात में पहुंचे दो टिड्‌डी दलों के आने की भनक लगते ही क्षेत्र के खेतों में काम कर रहे किसानों ने हो-हल्ला कर दिया। इधर, कृषि विभाग ने भी सूचना मिलते ही दल को ट्रेक करना शुरू कर दिया। सहायक कृषि अधिकारी शंकरलाल सियाक ने बताया कि शुक्रवार को जोधपुर की ओर से खींवसर के कुड़छी से प्रवेश करते हुए टांकला, भाकरोद, खरनाल, फिड़ौद होते हुए मूंडवा क्षेत्र में टिड्‌डी ने पड़ाव डाला। शुकवार को खींवसर से प्रवेश कर दो किमी लंबा टिड्‌डी दल शाम तक मूंडवा पहुंच गया।

खेतों व सड़क मार्गों पर टिड्‌डी की चादर बिछ गई। सबसे ज्यादा नुकसान सांगरी को पहुंचाया है। वहीं किसानों ने टिड्‌डी उड़ाने के लिए बर्तनों से आवाज भी की। इन दिनों में खेतों में फसलें नहीं हैं इसलिए नुकसान की कम संभावना है। लेकिन चारे को लेकर डर है। कपास फसल बुवाई का भी समय है। टिड्‌डी जिले मेंकपास को भी नुुकसान पहुंचा सकती है। इस बार सांगरी महंगी ही है, अब और महंगी होगी। वहीं एक टिड्‌डी का दल मूंडवा क्षेत्र में शाम को देखा गया तो दूसरा दल रूण क्षेत्र में था। देर रात रुपासर के पास ट्रेक कर शनिवार सुबह चार से सात बजे तक स्प्रे किया गया।

रूपासर के पास कृषि अधिकारियों ने किया ट्रेस, आज तड़के चार बजे स्प्रे शुरू

कृषि विभाग खंड सीकर के संयुक्त निदेशक प्रमोद कुमार ने भास्कर से विशेष बातचीत में बताया कि नागौर में टिड्डी दल को प्रवेश करने के लिए हिंदी महासागर पार करते हुए पाकिस्तान होकर आना पड़ता है। ऐसा प्राकृतिक चक्र के चलते होता है। टिड्‌डी को नागौर पहुंचने के लिए 300 किमी से भी अधिक दूरी का सफर तय करना पड़ता है। टिड्‌डी दल भोजन की तलाश में समुद्र पार तक की उड़ाने भरते हैं। प्रजनन काल में टिड्‌डी पलायन करती है। यह जीव हर प्रकार की वनस्पति व हरे पौधों को खा जाता है तथा समस्त हरी वनस्पति को नष्ट कर देता है। एक वर्ग किमी में लगभग आठ करोड़ टिड्‌डी साथ चलती है तथा एक बार में 10 हाथी, 25 ऊंट व 2500 लोगों जितना भोजन नष्ट कर देती है। संयुक्त निदेशक ने बताया कि नागौर में टिड्‌डी दल की सूचना मिलते ही विभाग की टीम को सक्रिय कर दिया है। टीम दल को ट्रेक कर रही है। टिड्‌डी को समाप्त करने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करवाया जाएगा।

टिड्‌डी की सूचना इन नंबरों पर दे

जिला परिषद कार्यालय- 01582 240859, कृषि विभाग मेड़ता सिटी 01590 220380, कृषि विभाग कुचामनसिटी 01586 220800, टिड्‌डी मंडल नागौर 01582 245831 पर फोन करके सूचना दी जा सकती है।
खेजड़ियों का लूंग चट कर रही

कृषि उपनिदेशक हरजीराम चाैधरी ने बताया कि किसानाें काे बड़ा नुकसान नहीं हुआ। टिड्डी बिना छंगाई खेताें में खेजड़ियाें के लूंग खाकर चट कर रही है। इससे निपटने के लिए स्प्रे का छिड़काव करेंगे।

सांसद व विधायक ने सरकार काे करवाया अवगत

सांसद हनुमान बेनीवाल ने टिड्डी दल के आने के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चाैधरी व कलेक्टर काे फाेन पर नियंत्रण के लिए अवगत करवाया। विधायक नारायण बेनीवाल ने सीएम व कृ‌‌षि मंत्री काे काे ट्वीट किया तथा पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा, सवाईसिंह चौधरी ने भी टिड्‌डी नष्ट करने के लिए प्रशासन को अवगत करवाया। वहीं सहायक निदेशक मेड़ता सिटी अणदाराम चौधरी, रामप्रकाश बेड़ा, कृषि पर्यवेक्षक गोविंदराम मुंडेल, रामकिशोर जीतरवाल देर रात तक टिड्‌डी के ट्रेकिंग करने में लगे हुए थे।

नागाैर में इस साल तीसरी बार पहुंची टिड्डी

नागाैर में इस साल जनवरी माह में बीकानेर से सटे गांवाें में टिड्डी के दाे अलग-अलग दल पहुंचे थे। दवाअाें का छिड़काव कर टिड्डी काे मार दिया गया। जिले में इस साल तीसरी बार टिड्डी पहुंची है। जनवरी में एक ही सप्ताह में दो बार टिड्‌डी आई थी। वहीं खींवसर क्षेत्र में सात माह में दूसरी बार टिड्‌डी दल पहुंचा है। वहीं देर शाम तीसरा दल पोकरण में होने की सूचना भी मिली। चारणीसरा व गलनी में टिड्डी दल अक्टूबर-2019 में आया था। उस समय नुकसान का जायजा लेने माैके पर सांसद बेनीवाल पहुंचे थे।



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3 times in 4 months, grasshopper party, came from 300 km distance, damaged for Sangri and cotton




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दोपहर में 430 तक पहुंचा तापमान, रात में 30 डिग्री

शहर में 2 दिन पहले हुई बारिश भी तापमान को थाम नहीं पाई है। तेज धूप की वजह से गुरुवार को जहां पारा 42 डिग्री था वहीं शुक्रवार को 1 डिग्री बढ़कर 43 डिग्री पहुंच गया है। जो इस सीजन का सर्वाधिक तापमान है। दोपहर के समय हालत यह थी कि धूप में 2 मिनट भी खड़े नहीं हो पा रहे थे। तेज गर्मी की वजह से लॉक डाउन में फायदा हुआ, क्योंकि लोगों की आवाजाही थम गई। तेज धूप के बाद दोपहर 3 बजे से बादलों की आवाजाही बढ गई जिससे तापमान एक डिग्री गिरकर 42 पर आया और शाम 6 बजे भी तापमान 41 डिग्री से नीचे नहीं उतरा। रात को भी तापामान न्यूनतम 30 डिग्री से कम नहीं हो रहा है। इससे पूर्व मई माह का पहला और दूसरा दिन सीजन का सबसे गर्म दिन रहा था। अब बारिश नहीं होने पर रात और दिन का तापमान और ज्यादा बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिन तक फिर से अंधड़ और बारिश की संभावना जताई है।



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Temperature reached 430 in the afternoon, 30 degrees at night




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अब तक कुल 4427 सैंपल लिए, 3710 की रिपोर्ट प्राप्त

काेराेना काल में अब तक कुल 4427 सैम्पल लिए जा चुके है। जबकि 3710 सैम्पल की रिपोर्ट प्राप्त हाे चुकी है। अब तक लिए गए कुल सैम्पल में से 3592 की रिपोर्ट नेगिटिव है और जिले में शुक्रवार को एक ही दिन में 379 नए सैम्पल लिए गए। वर्तमान में 717 सैम्पल की रिपोर्ट आना शेष है। जिले में कुल 118 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों में से 102 उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं, जिन्हें अस्पताल आइसोलेशन से संस्थागत क्वारेंटाइन में भेज दिया गया है। जेएलएन अस्पताल से शुक्रवार कोे 135, राजकीय बांगड़ अस्पताल, डीडवाना में 73, राजकीय जी.आर. सरावगी अस्पताल लाडनूं में 32, राजकीय अस्पताल कुचामन में 19, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मकराना में 50 तथा सीएचसी परबतसर में 42 सैम्पल लिए गए। राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मूंडवा में भी पहली बार शुक्रवार को 28 सैम्पल लिए गए। उल्लेखनीय है कि एक दिन के नवजात ने भी कोरोना को हरा दिया। उसकी अब रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।



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40 डिग्री तापमान के साथ जिले में भिवाड़ी रहा सबसे गर्म

मई महीने का प्रथम सप्ताह समाप्त हाेने के बाद गर्मी के तेवर तीखे हाेने लगे हैं। शुक्रवार काे 40 डिग्री अधिकतम तापमान के साथ जिले में भिवाड़ी सबसे गर्म रहा।

पिछले दिन की तुलना में शुक्रवार काे शहर का अधिकतम तापमान 3 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 4 डिग्री अधिक रहा।

शुक्रवार काे शहर का अधिकतम तापमान 38 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री रहा। सुबह 10 बजे बाद से ही गर्मी का असर बढ़ने लगा गया था। दिन चढ़ने के साथ पारा चढ़ता गया। दिन में गर्म हवा चल रही थी। पंखे भी गर्म हवा फेंक रहे थे। दाेपहर 3 बजे भिवाड़ी में पारा 40 डिग्री काे छू गया ताे अलवर में पारा 38 डिग्री काे छू गया।



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कोरोना से जंग में सहयोग कर रही 44 एएनएम एवं एलएचवी को प्रोत्साहन राशि का इंतजार

गांव व ढाणियों में रहकर कोरोना से जंग में सरकार का सहयोग कर रही बांदीकुई ब्लॉक की 44 एएनएम व एलएचवी को एक महीने से राज्य सरकार की ओर से दी जा रही पोषण राशि का इंतजार है।
राज्य सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी अधिकारी व कर्मचारियों को प्रोत्साहन के रूप में राशि देने का निर्णय लिया था। इसे लेकर डॉक्टर को 5000 तथा अन्य सभी मेडिकल स्टाफ को 2500-2500 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जानी थी। बांदीकुई ब्लॉक में कार्यरत चिकित्सा विभाग के 9 डॉक्टर,17 नर्सिंग कर्मी, 10 लैब टेक्नीशियन, 11 वार्ड बॉय, चार स्वीपर,एक वाहन चालक एवं चिकित्सा विभाग की 20 एएनएम व एलएचवी को विभाग अब तक इस राशि का भुगतान कर चुका है।
इसमें खास बात यह है कि विभाग ने चिकित्सा विभाग की 20 एएनएम व एलएचवी को तो प्रोत्साहन राशि का भुगतान 31 मार्च को ही कर दिया। जबकि परिवार कल्याण के अंतर्गत कार्यरत 41 एएनएम व एलएचवी को अभी तक यह प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है।
सरकार की ओर से फील्ड में कार्य कर रही एलएचवी व एएनएम को हौसला अफजाई के लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली यह प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं मिलने से एएनएम व एलएचवी मायूस हैं। विभाग इनको भुगतान नहीं करने के पीछे बजट की कमी बता रहा है।
बांदीकुई बीसीएमएचओ कार्यालय के सहायक लेखा अधिकारी मनोहर लाल का कहना है कि हमने चिकित्सा विभाग के अंतर्गत कार्यरत सभी डाॅक्टर व कर्मचारियों का प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया है, लेकिन परिवार कल्याण मद में बजट नहीं होने के कारण 44 एएनएम और एलएचवी का भुगतान बाकी है, जिसकी हमने जिला स्तर पर बजट की डिमांड कर रखी है। जैसे ही बजट प्राप्त होगा इन्हें भी प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।



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चौमू में बाहर से आने वाले 934 व सांभर में 86 लोग होम क्वारैंटाइन

लॉकडाउन में फंसे लोगों को जहां अन्य जिलों व प्रदेशों में सरकार द्वारा भिजवाए जा रहा है। वहीं अन्य जिला व प्रदेशों से आने वाले लोगों को घरों में ही क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है। सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों को छूट देने के बाद अब तक सरकार चौमू उपखंड क्षेत्र में 148 लोगों को अन्य प्रदेशों से लेकर आई है। ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. एसके चौपड़ा ने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी भी सरकार व अन्य वाहनों से आने वाले करीब 934 लोगों को 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा गया है। जिनका अभी तक 14 दिन का क्वारेंटाइन का समय पूरा नहीं हुआ है। अब तक 3171 लोगों को क्वारेंटाइन में रखा जा चुका है।
सांभरलेक| सांभरलेक उपखंड में सरकार के माध्यम से अब 86 लोगों को सांभर उपखंड क्षेत्र में लाया जा चुका है। प्रशासन की ओर से एहतियात के तौर पर 86 लोगों को ही घरों में ही क्वारेंटाइन किया गया है।



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सामान्य वर्ग को 50 के बजाय 46, ओबीसी को 21 के बजाय 17 प्रतिशत आरक्षण, एलडीसी भर्ती में गड़बड़ी

राजस्थान में एलडीसी-2018 भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया में छेड़छाड़ की गई है। सिर्फ ओबीसी और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के आरक्षण में ही 587 पदों में सीधे-सीधे छेड़छाड़ की गई है जबकि नोटिफिकेशन और जारी रिजल्ट की प्रेस रिलीज के आंकड़ों के अंतर को देखें तो 1271 पदों पर सवाल उठ रहे हैं। नॉन टीएसपी के 562 पदों के बारे में भी तथ्य सरकार की तरफ से छिपाए गए हैं।
आरक्षण में छेड़छाड़ की स्क्रिप्ट कैसे लिखी गई, इसे समझने के लिए दैनिक भास्कर ने तमाम दस्तावेजों की पड़ताल की है। घोटाले की पूरी कहानी समझने के लिए दो साल पहले के आंकड़े देखने होंगे। 16 अप्रैल 2018 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने नोटिफिकेशन जारी कर 11,255 पदों के लिए भर्ती निकाली। यह भर्ती लिपिक ग्रेड-2 और जूनियर असिस्टेंट की भर्ती के लिए थी। इसमें स्टेट सेक्रेटेरिएट के लिए 329 सीट, राजस्थान लोक सेवा आयोग में नौ सीट और अधीनस्थ विभागों की 10917 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए थे। एक मार्च 2018 को पदों की संख्या बढ़ाकर 12456 कर दी गई।
यह पद इसलिए बढ़ाए गए, क्योंकि-प्रशासनिक सुधार विभाग ने 1175 पदों के लिए और अभिशंषा की। 12 अगस्त से 16 सितंबर 2018 तक चार पारियों में प्री-एग्जाम हुआ। एक मार्च 2019 को नया नोटिफिकेशन जारी हुआ। इसमें पदों की संख्या बढ़ाकर 12456 कर दिया गया। सात मार्च को तीन गुना अभ्यर्थियों को टाइपिंग व एफिशिएंसी टेस्ट के लिए पास किया गया। एक आरटीआई से पता चलता है कि ओबीसी के 227 और सामान्य वर्ग के 360 पदों पर आरक्षण छेड़छाड़ की गई है। क्योंकि-नियमों के अनुसार ओबीसी को 21 और सामान्य वर्ग को 50 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए।
आरटीआई में खुलासा हुआ-ओबीसी व सामान्य वर्ग का आरक्षण करके 587 पद ही गायब कर दिए प्रशासनिक सुधार विभाग के पत्र में ओबीसी वर्ग के कुल पद 2093 बताए गए थे जबकि आरटीआई में इनकी संख्या 1866 दिखाई गई है। सवाल है-227 पद कहां गए? जबकि प्रशासनिक सुधार विभाग के पत्र में सामान्य वर्ग के 5303 पद दिखाए गए हैं, जबकि आरटीआई में इनकी संख्या 4943 ही है। अब सवाल-सामान्य वर्ग के 360 पद कहां गए? दरअसल, ओबीसी को 21 के बजाए 17 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 50 के बजाए 46 प्रतिशत आरक्षण ही दिया गया। ऐसा क्यों किया गया-अधीनस्थ सेवा चयन चुप है? 587 पदों का सीधा-सीधा छेड़छाड़ की गई है?
सवाल इसलिए
आरपीएससी की सभी भर्तियों में सामान्य को 50 और ओबीसी को 21 फीसदी आरक्षण मिला : आरपीएससी की एलडीसी 2013, स्कूल व्याख्याता 2018, ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती 2018 और रीट में ओबीसी को 21, सामान्य को 50, एससी को 16 और एसटी को 12 फीसदी आरक्षण दिया गया है। जबकि अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में ओबीसी व सामान्य वर्ग का आरक्षण कम दिया। यह किस नियम के तहत किया गया?
2018 में 11,255 पदों के लिए निकाली भर्ती, बाद में बढ़ाकर 12906 किए, 2020 में भर्ती पूरे होते ही घट गए-
एमबीसी में पांच फीसदी आरक्षण से 450 पद बढ़े, कुल पद हुए 12906 : भर्ती घोटाले की पूरी स्क्रिप्ट यही से लिखनी शुरू हुई। टाइपिंग व एफिशिएंसी टेस्ट के 15 दिन बाद यानी 23 जून 2019 को कार्मिक विभाग ने सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में एमबीसी यानी मोस्ट बैकवर्ड क्लास के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण देने के आदेश जारी कर दिए। एमबीसी में गुर्जर, गाडिया लोहार, बंजारा, रेबारी व राइका समुदायों को शामिल किया गया है। हालांकि इस कैटेगरी को एक प्रतिशत आरक्षण पहले से ही दिया जा रहा था। इसलिए एलडीसी में भी 450 पद और बढ़ गए। एलडीसी भर्ती के लिए कुल पदों की संख्या 12906 हो गई।
23 दिसंबर से 11 फरवरी 2020 तक दस्तावेजों का सत्यापन हुआ-
25 अक्टूबर 2019 को खाली सीटों के मुकाबले डेढ़ गुना अभ्यर्थियों को दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया। इसमें 17451 गैर अनुसूचित क्षेत्र और 977 अनुसूचित क्षेत्र के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया गया। 23 दिसंबर 2019 से लेकर 11 फरवरी 2020 तक दस्तावेज सत्यापन हुआ।
वर्गवार जानकारी नहीं दी
14 फरवरी 2020 को फाइनल रिजल्ट जारी किया गया। इस रिजल्ट में यह बताया ही नहीं गया कि कुल कितनी सीटों पर भर्ती हुई है। इसमें विभागवार सफल अभ्यर्थियों और एमबीसी के पदों की जानकारी भी नहीं थी। 14 फरवरी को ही जारी प्रेस नोट पर नजर डालिए। इसकी हैड लाइन है-लिपिक ग्रेड द्वितीय के 11 हजार 322 पदों के लिए चयन सूची जारी। छह मार्च को द्वितीय चयन सूची में 313 अभ्यर्थियों के रोल नंबर और जारी किए गए। अब सवाल यह है कि 1271 पद कहां गए?
वे सवाल, जिनके जवाब राजस्थान अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड को देने ही होंगे?-
1. आरटीआई में अभ्यर्थी ने 14 फरवरी 2020 को एलडीसी भर्ती-2018 का अंतिम परिणाम एआरडी के नए वर्गीकरण के आधार पर जारी हुआ है। इसी आधार पर वर्गवार बताए। इसी के जवाब में 10732 पदों की संख्या बताई गई। यह नोन टीएसपी क्षेत्र में अधीनस्थ विभागों के ही आंकड़े है। इसमें टीएसपी के 1241 पदों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। अगर हम आरटीआई के आंकड़ों में 1241 को भी जोड़ दे तो यह संख्या 11973 होती है। इसमें आरपीएससी के 36 और सचिवालय के 335 पदों को भी जोड़ना होगा।
2. अंतिम अपडेट पदों की संख्या 12906 थी। सरकार ने 14 फरवरी 2020 को रिजल्ट जारी किया, उसमें चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 11322 थी। छह मार्च 2020 को संख्या 313 बताई गई। इन्हें जोड़े तो यह संख्या 11635 होती है। सवाल उठता है कि 1271 पद कहां गए?



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बिसाऊ में सुबह 8 से शाम 4 बजे तक खुलेगी दुकानें

कस्बे में अब दुकानदार आठ घंटे खोल दुकान खोल सकेंगे। यह निर्णय शुक्रवार को व्यापार मंडल की बैठक में लिया गया।

प्रमोद बंसल की अध्यक्षता में हुई व्यापारियों की बैठक में लाॅकडाउन तक रोजाना सुबह 8 से शाम 4 बजे तक दुकान खुली रखने का निर्णय लिया गया। इसके बाद कोई दुकान खोलेगा तो पुलिस कार्रवाई के लिए वह खुद जिम्मेदार होगा। बैठक में वरिष्ठ व्यापारी कैलाश चेजारा, प्रमोद कसेरा, लाला बिरमीवाला, रामवतार जेजाणी, मनीष पोदार आदि व्यापारी मौजूद थे।

बैठक के बाद सभी व्यापारियों ने थाने में जाकर थानाधिकारी रिया चौधरी से मिल कर व्यपार मंडल द्वारा दुकानें खोलने व बंद करने के बारे में किए निर्णय से अवगत करवाया। गौरतलब है कि गुरुवार को थानाधिकारी शाम को कस्बे के राउंड पर निकली तो बाजार में कुछ दुकानदार देर शाम तक अपनी दुकानें खोले बैठे नजर आए।



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80 वार्डों में मौजूद 4500 प्रवासियों की चिंता दरवाजे खटखटा कह रहे कलेक्टर-बाहर मत निकलना

मुरलीधर व्यास काॅलाेनी में एक घर के दरवाजे पर पुलिसकर्मी ने दस्तक दी। अंदर से आए व्यक्ति काे उसने बताया, कलेक्टर साब आए हैं। आपसे बात करना चाहते हैं। हैरान व्यक्ति कुछ कह पाता उससे पहले कलेक्टर कुमारपाल गाैतम ने उसका नाम लेकर पूछा, बाहर से आप ही आए हैं। जवाब मिला-हां। तबीयत पूछी। घरवालाें काे बुलाया। पूछा- ये कमरे या घर से बाहर ताे नहीं निकले। उन्हाेंने कहा-नहीं। पड़ाैस का दरवाजा खटखटाया। पड़ाेसी से पूछा-इन्हें बाहर घूमते देखा। जवाब मिला-नहीं। कहा, बाहर निकलते ही फाेन कर देना। बाद में प्रवासी के परिवारजनाें काे समझाया, हाेम क्वारेंटाइन का मतलब 14 दिन तक सबसे अलग रहना है। यह बाहर से आए व्यक्ति, परिवार, समाज और शहर सभी की सुरक्षा के लिए है। यह एक घर की नहीं शहर के बीसियाें घराें में कुछ इसी तरह कलेक्टर ने दस्तक देकर हाेम क्वारेंटाइन रहने की हिदायत दी।
इसलिए सतर्कता जरूरी
प्रदेश के कई हिस्साें में प्रवासियाें के आने के बाद काेराेना पाॅजिटिव मामले बढ़े हैं। बीकानेर में भी गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, बिहार, दिल्ली सहित देश के कई हिस्साें से लगभग 15 हजार लाेग आ चुके हैं। इनमें से 11432 पिछले सात दिनाें में आए हैं। सरकार की राेक के बावजूद जरूरत के मुताबिक अब भी लाेगाें का आना-जाना जारी है।

अब हर वार्ड में एक डॉक्टर टीम

सीएमएचओ ने आयुष, डेंटेस्ट्री, इंटर्न आदि डाक्टराें काे मिलाकर 80 लाेगाें की टीम तैयार कर। प्रत्येक डाक्टर काे एक वार्ड की जिम्मेवारी दी। उसके साथ तीन नर्सिंग स्टूडेंट या नर्सेज काे लगाया। समझाया, पूरी दुनिया एक वार्ड ही है। इस वार्ड में भी वे घर प्राथमिकता पर है जहां प्रवासी रह रहे हैं। हर दिन टीम में से काेई न काेई सदस्य इस घर तक दस्तक देगा। बाहर से आए व्यक्ति के हाल-चाल जानेगा। यह निश्चित करेगा कि व्यक्ति हाेम क्वारेंटाइन के सभी नियमाें का पालन कर रहा है। इसके साथ ही आईटी डिपार्टमेंट ने भी सतर्कता बढ़ा दी। एक-एक व्यक्ति की माेबाइल लाेकेशन के आधार पर दिन में तीन से चार बार ट्रेसिंग हाे रही है। यह स्थिति स्थिति सिर्फं बीकानेर शहर की ही नहीं है वरन जिले के हर उस गांव-तहसील मुख्यालय पर टीमें उन घराें की निगरानी में जुटी है जहां प्रवासी आए हैं। ज्यादा चिंता देश के विभिन्न हिस्साें से पिछले सात दिनाें में आए 11432 प्रवासियाें के स्वास्थ्य काे लेकर हैं। शहर में इन सात दिनाें में आए नए लाेगाें सहित अब तक 4500 लाेग आ चुके हैं। सभी की स्क्रीनिंग हाे चुकी है और रैंडम सैंपल टेस्ट भी हाे रहे हैं। मसलन, नाेखा में104 लाेगाें की जांच रिपाेर्ट नेगेटिव आ चुकी है। शुक्रवार काे श्रीडूंगरगढ़ में आए लाेगाें में से 185 के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

मंत्री कल्ला बाेले, डिस्टेंट-सतर्कता रखो-अनुमति वाली आर्थिक गतिविधियां चलाओ
बीकनेर पश्चिम के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डा.बी.डी.कल्ला ने शुक्रवार काे पीबीएम हाॅस्पिटल, मेडिकल काॅलेज के अधिकारियाें सहित जिलेभर के प्रशासनिक अधिकारियाें की मीटिंग ली। इस लंबी मीटिंग में माेटे ताैर पर जहां अब तक के हालात की समीक्षा की वहीं इस बात पर जाेर दिया कि साेशल डिस्टेंस मेंटेन रखते हुए वे सभी आर्थिक गतिविधियां जारी रखी जाएं जिनकी अनुमति हैं। कलेक्टर कुमारपाल गाैतम से औद्याेगिक क्षेत्र में चल रही गतिविधियाें का ब्याैरा लिया। पीबीएम हाॅस्पिटल सुपरिंटेंडेंट डा.माेहम्मद सलीम काे कहा-व्यवस्थाएं इस तरह चाक-चाैबंद करें ताकि हाॅस्पिटल में नाेन-काेविड पेशेंट्स काे भी पूरी चिकित्सा सुविधा मिल सकें। सभी तरह के जरूरी ऑपरेशन शुरू किए जा सके। यह ध्यान रखें कि हाेम क्वारेंटाइन किए गए लाेग बाहर न निकलें। जरूरत पड़े ताे इन्हें स्टेट क्वारेंटाइन में भेजें। पेयजल व्यवस्था सुचारु रखने के निर्देश भी अधिकारियाें काे दिए। मीटिंग में एसपी प्रदीप माेहन शर्मा, नगर निगम आयुक्त डा.खुशाल यादव, अतिरिक्त कलेक्टर ए.एच.गाैरी, सुनीता चाैधरी, मेडिकल काॅलेज प्राचार्य डा.एस.एस.राठाैड़ आदि माैजूद रहे।



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Collectors saying about 4500 migrants present in 80 wards knocking on doors




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पुलिस ने कामां में 22 ड्रमों में भरी 4 हजार और विलानचट्टपुरा में 2500 लीटर वाश नष्ट की

लॉकडाउन में हथकढ़ शराब के कारोबार की सूचना पर शुक्रवार को उच्चैन थाना पुलिस ने गांव विलाचट्टपुरा में अवैध हथकढ़ शराब के खिलाफ छापामार कार्रवाई कर ढाई हजार लीटर वाॅश व शराब बनाने की चार भट्टियों को नष्ट किया है। साथ ही मौके से 30 लीटर हथकढ़ शराब व एक बाइक को बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

उच्चैन एसएचओ जमील खान ने बताया कि पुलिस को गांव विलाचट्टपुरा में हथकढ़ शराब तैयार कर बेचने की सूचना मिली। जिस पर एसएचओ, एएसआई बृजभानसिंह, हैडकांस्टेबल बृजलाल, भरतसिंह के नेतृत्व में गठित टीमों ने शुक्रवार को गांव विलानचट्टपुरा में अलग-अलग रास्तों से पहुंचकर छापामार कार्रवाई की। जहां घरों व गैतबाडों में भट्टियों पर हथकढ़ शराब निर्मित होती हुई मिली। जिस पर पुलिस ने मौके पर ही चार भट्टियों को तोडकर मटकों व कैनों में भरी साढे ढाई हजार लीटर वाॅश को नष्ट कर दिया।

पुलिस ने गांव विलानचट्टपुरा निवासी बिरजी पुत्र कमलसिंह, राधे पुत्र नवला कंजर को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से तीस लीटर हथकढ़ शराब को बरामद कर आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही मौके पर लावारिस खड़ी बाइक को पुलिस एक्ट में जब्त किया है।

एसपी हैदरअली जैदी के निर्देश पर कामां डीएसपी देवेंद्र सिंह राजावत ने जुरहरा के गांव बमनवाडी व खेड़ी में अवैध शराब माफियाओं पर कार्रवाई कर जंगलों में अवैध शराब निर्माण के लिए बनाई गई भट्टियां तोड़ चार हजार लीटर वाश नष्ट कराई।

डीएसपी देवेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि मेवात इलाके में शिकायते मिल रही थी कि अवैध शराब माफियाओं द्वारा जंगलों में अवैध हथकढ़ शराब बनाकर गांवों व शहरी इलाकों में शराब की सप्लाई की जा रही है। जिस पर जुरहरा थाना के गांव खेड़ी व बमनवाडी के जंगलों में कार्रवाई कर अवैध शराब निर्माण की भट्टियां तोड़कर 22 ड्रमों में भरी करीब चार हजार लीटर वाश नष्ट कराई। इसके अलावा कार्रवाई के दौरान मौके से बीस लीटर तैयार अवैध शराब भी बरामद की गई। कार्यवाही के दौरान शराब माफिया पुलिस के हाथ नहीं लग सके।



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राजस्थान में 11 दिन में दोगुने हो रहे थे केस, 21 अप्रैल के बाद रफ्तार घटी, पिछले 18 दिन में 1844 रोगी ही बढ़े

राजस्थान में कोरोना मरीजों की संख्या 3579 हो गई है लेकिन इस बीच राहत देने वाले कुछ आंकड़े भी सामने आए हैं।प्रदेश में अब कोरोना के नए केसों की रफ्तार या तो घट रही है या स्थिर है। पहले केसों के दोगुने होने की रफ्तार 11 दिन थी, लेकिन पिछले 18 दिन से इसमें लगाम लग गई है।आंकड़ों के अनुसार 14 अप्रैल तक प्रदेश में 1000 कोरोना मरीज थे लेकिन 11 दिन बाद ही 25 अप्रैल को कोरोना केस 2000 के पार पहुंच गए।इस हिसाब से अगले 11 दिन यानी 6 मई को ही प्रदेश में कुल कोरोना केस 4000 के पार पहुंचने चाहिए थे, लेकिन अभी कुल संख्या 3579 ही है। 21 अप्रैल तक प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या 1435 थी। इसके बाद बीते 18 दिन में प्रदेशभर में केवल 1844 केस ही बढ़े हैं। अब 1465 एक्टिव केस ही बचे हैं।

लगातार बढ़ रही है रिकवरी रेट
राजधानी जयपुर में प्रदेश के सबसे अधिक 1145 रोगी हैं, लेकिन इनमें से अब 720 रिकवर हो चुके हैं। यानी प्रदेश के कुल मरीजों के 20 फीसदी। जयपुर की ही बात करें तो यहां अब तक 63 फीसदी रोगी रिकवर हो चुके हैं।

जोधपुर-चित्ताैड़, अजमेर को छोड़ बाकी जगह रफ्तार कम

  • जोधपुर, चित्तौड़ और अजमेर को छोड़ बाकी जगह केस घट रहे हैं
  • जोधपुर में 21 अप्रैल तक 276 रोगी थे। अब तक 851 हो चुके।
  • अजमेर में 59 रोगी थे। 18 दिन में मरीज बढ़े तो अब 196 हो चुके हैं
  • चित्तौड़गढ़ में एक भी मामला नहीं था। अब 126 रोगी हो चुके हैं।
  • जयपुर में ही बीते 15 दिन में सिर्फ 369 रोगी मिले। यानी रोज 24.6
  • 5वें स्थान पर है राजस्थान देश में कुल संक्रमितों के मामले में। हमसे आगे महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली है।

लगातार बढ़ रही है रिकवरी रेट

54.88 फीसदी रिकवरी रेट हो गई है प्रदेश की। रिकवरी के मामले में एक हजार से अधिक मरीजों वाले राज्यों की सूची में राजस्थान पहले नंबर पर है।
{यहां अब तक 2012 रोगी रिकवर, 1770 डिस्चार्ज हो चुके हैं।

21 अप्रैल, 2020

1435 कुल कोरोना पाॅजीटिव एक्टिव केस थे प्रदेश में, हर दिन पॉजिटिव बढ़ ही रहे थे।

8 मई, 2020

1465 कुल एक्टिव केसेज हैं राजस्थान में, हालांकि कुल संक्रमितों की संख्या 3579 है। शुक्रवार को 122 रोगी रिकवर।

एक मई को 145 रोगी कम मिले

सबसे बड़ी राहत 1 मई को मिली। पिछले दिन के मुकाबले 145 केस कम मिले। कुृल 9 दिनों में मरीज घटे, इन दिनाें में 381 रोगी कम मिले।

मौतों पर लगाम कसने में नाकाम

103 लोगों की मौत हो चुकी है प्रदेश में अब तक। इनमें सर्वाधिक 54 मौतें जयपुर में हुई।

राहत... डेथ रेट 3 से नीचे ही है

2.87 फीसदी मृत्युदर है प्रदेश में। यानी हर 100 में से करीब 3 लोगों को ही जान का खतरा है।



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बीते 18 दिन में प्रदेशभर में केवल 1844 केस ही बढ़े हैं। अब 1465 एक्टिव केस ही बचे हैं।




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छत्तीसगढ़ के 1.17 लाख श्रमिक 21 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेश में फंसे, सरकार ने कहा- 28 ट्रेनें चलाएं

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर 28 ट्रेनें चलाने की मांग रखी है। देश के विभिन्न शहरों से इन ट्रेनों का परिचालन किया जाए। जिससे वहां फंसे श्रमिकों की घर वापसी हो सके। साथ ही कोराेना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन को देखते हुए मानवीयता के आधार पर इन ट्रेनों का परिचालन निशुल्क किया जाए और आने वाले श्रमिकों से टिकट नहीं लिया जाए।

केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है किपिछले कुछ दिनों के दौरान देशभर में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य में भी इसका बहादुरी से मुकाबला किया जा रहा है। हमने अपने राज्य में इस महामारी के संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सफलता पाई है। इस समय बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं।

जिलेवार ट्रेनें चलाने के लिए सौंपा ब्यौरा

स्थान ट्रेनों की संख्या
जम्मू से रायपुर-बिलासपुर 7
लखनऊ से रायपुर-बिलासपुर 3
कानपुर से रायपुर-बिलासपुर 2
चेन्नई से रायपुर-बिलासपुर 1
बैंगलुरू से रायपुर-बिलासपुर 1
पुणे से रायपुर-बिलासपुर 2
इलाहाबाद से बिलासपुर 1
दिल्ली से रायपुर-बिलासपुर 3
हैदराबाद-सिकंदराबाद से रायपुर-बिलासपुर 3
विशाखापट्नम से रायपुर 1
सूरत-अहमदाबाद से रायपुर 1
कोलकाता से रायपुर 1
जयपुर से रायपुर 1
पटना से दुर्ग 1

ट्रेनों के परिचालन के बाद बढ़ सकता है आंकड़ा
मुख्यमंत्री बघेल ने लिखा कि हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से प्राप्त सूचना के आधार पर पता चला है कि करीब 1.17 लाख से भी अधिक प्रवासी कामगार देश के 21 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे हैं। परिवहन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद यह संख्या बढ़ सकती है। इनमें छात्र, पर्यटक सहित अन्य लोगों को जोड़ते हैं तो यह संख्या बहुत बड़ी होगी।



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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर देश के विभिन्न जिलों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को लाने के लिए 28 ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया है।




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1 महीने में 245 लोगों से 2 हजार लीटर शराब जब्त

सरायपाली थाना क्षेत्र के ग्राम काकेनचुंआ में दो युवक को पुलिस ने बड़ी मात्रा में महुआ शराब के साथ पकड़ा है। ये दोनों एक खेत में अवैध रूप से महुआ शराब ना रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने घेराबंदी कर कार्रवाई की है। इन आरोपियों से पुलिस ने 110 लीटर महुआ शराब, 06 नग एल्युमिनियम का गंजी एवं प्लास्टिक बाल्टी बरामद की है।
जब्त शराब की कीमत 11 हजार रूपये आंकी गई है। इसी प्रकार तुमगांव पुलिस ने भी ग्राम मालीडीह में एक युवक से 10 लीटर महुआ शराब जब्त की है। जिसकी कीमत एक हजार रूपये है। पुलिस ने दोनों ही मामलों में आबकारी एक्ट की धारा 34 (2) के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया है। ज्ञात हो कि अंग्रेजी व ओडिशा शराब की बिक्री बंद होने के बाद महुआ शराब की बिक्री बढ़ गई है। अधिक डिमांड को देखते हुए हर गांवों में लोग
महुआ शराब बना रहे हैं। वहीं पुलिस भी इन ओरापियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। जानकारी के अनुसार सरायपाली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम काकेनचुंआ के खेत में अवैध रूप से महुआ शराब बनाया रहा है। सूचना मिलते ही टीम घटना स्थल पहुंचे, जहां देखा कि दो युवक अपने खेत में पीपल पेड के नीचे शराब बना रहे थे।
पुलिस ने घेराबंदी कर सुरीतराम सिदार पिता लाभो सिदार एवं संपतराम पिता जलीधर साहू को पकड़ा। टीम ने इन दोनों से पूछताछ की तो, बताया कि दो जगह पर महुआ शराब बनाया जा रहा है। इसके बाद टीम ने दो जगहों से 200-200 लीटर के ड्राम में 100 लीटर व 5-5 लीटर वाले दो डिब्बे में 10 लीटर शराब जब्त की। इसी प्रकार तुमगांव पुलिस ने भी ग्राम मालीडीह निवासी अजगर पिता नारायण के मकान से 10 लीटर महुआ शराब जब्त की है।
एक महीने में डेढ़ लाख का गांजा जब्त
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शराब के साथ छुटपुट गांजा की भी तस्करी हो रही थी। लॉकडाउन के चलते तस्कर अधिक मात्रा में गांजा की तस्करी नहीं कर पा रहे थे। इसके बावजूद एक महीने में पुलिस ने 7 प्रकरण दर्ज किए है। जिसमें 12 व्यक्ति को गिरफ्तार कर इसके कब्ज से 20 किलो गांजा बरादम किया है। जिसकी कीम एक लाख 52 हजार रूपए बताई जा रही है।



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2 thousand liters of alcohol seized from 245 people in 1 month




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ट्रक में बैठ पंडरिया पहुंचे 45 मजदूर

प्रशासन द्वारा लगातार यह दावा किया जा रहा है कि प्रदेश व जिले के सभी बॉर्डर सील हैं। जबकि खैरागढ़ से एक ट्रक में करीब 45 मजदूर शुक्रवार रात 8 बजे नगर में पहुंचे। इस बीच कबीरधाम जिला का बॉर्डर लोहारा व जिला मुख्यालय सहित कुल 8 थाना पड़ता है। लेकिन मजदूरों को कहीं भी नहीं रोका गया। ट्रक में पंडरिया ब्लॉक के कोदवागोड़ान, झिरिया खुर्द, सोमनपुर समेत मुंगेली जिले के मजदूर थे। ये मजदूर खैरागढ़ तक पैदल व अन्य साधनों से पहुंचे थे, जिसके बाद मालवाहक ट्रक से पंडरिया पहुंच गए।
गांधी चौक में पुलिस द्वारा इन मजदूरों को रोककर प्रशासन को सूचना दिया गया। सूचना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। शुक्रवार को ही ब्लाॅक के ही ग्राम सगौना सहित कुछ गांव के 11 मजदूर पैदल हैदराबाद से अपने घर पहुंचे हैं। शनिवार को भी ग्राम करपी व मुंगेली से 7 लोग पैदल पहुंचे हैं। इनमें से कुछ मजदूरों के आने की खबर भी नहीं रहती। बड़ी संख्या में मजदूरों के पंडरिया ब्लॉक में आने के बाद प्रशासन ने तुरंत क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया है। यहां मजदूरों को 14 दिन रखा जाएगा। बाहर से आने वाले मजदूर प्रायः रेड जोन से हैं। पंडरिया ब्लाॅक के अधिकांश मजदूर लखनऊ, पुणे, हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर में रोजगार के लिए जाते है। ये सभी जगह प्रायः रेड जोन अंतर्गत आते हैं। चियांडांड निवासी पंचराम बैगा शुक्रवार को मुंगेली जिले से आया था। इसके बारे में पता चलने पर उसे पंचायत के क्वारेंटाइन सेंटर डालामौहा रोजगार सहायक व सरपंच द्वारा ले जाया जा रहा था। सरपंच व रोजगार सहायक मोटर साइकिल में थे। वहीं पंचराम पैदल चल रहा था। ऐसे में मौके का फायदा उठाकर पंचराम ग्राम भैंसाडबरा के पास जंगल की ओर भाग गया। पंचराम की तलाश शाम तक की जा रहीं थी।

मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रख रहे
पंडरिया तहसीलदार संजय विश्वकर्मा ने बताया कि शुक्रवार रात 45 मजदूर पंडरिया पहुंचने की जानकारी मिली। इसे देखते हुए सभी मजदूरों को तुरंत पंचायत में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इसके साथ ही दूसरे प्रदेश से आने वाले मजदूरों के संबंध में पंचायत से जानकारी ली जा रहीं है। इन मजदूरों को क्वारेंटाइन में रखने निर्देश दिए गए है।



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45 laborers arrived in Pandaria sitting in a truck




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मृत शिक्षक के खाते से 4 दिन में निकाले 70 हजार, 4 गिरफ्तार

विश्रामपुरी थाना क्षेत्र के ग्राम हरवेल निवासी मृत शिक्षक के साले ने तीन साथियों के साथ फर्जी हस्ताक्षर करके शिक्षक के खाते से चार दिन में 70 हजार निकाल लिए। आरोपी पांचवीं बार 40,000 रुपए निकालने पहुंचा था।
रकम ज्यादा देखकर शाखा प्रबंधक ने शक के आधार पर युवकों से पूछताछ की। इससे युवक घबरा गए। शाखा प्रबंधक ने शक के आधार पर युवकों के बैंक में आने की सूचना विश्रामपुरी थाना प्रभारी भापेंद्र साहू को दी। थाना प्रभारी को देखते ही एक युवक फरार हो गया। इसके बाद खुलासा हुआ। पुलिस ने मृत शिक्षक के मास्टरमाइंड साले समेत चार युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मृत शिक्षक मनीराम मंडावी का पासबुक उसके साले रूपदेव के पास था। कलगांव का रूपदेव ने मृत शिक्षक के हस्ताक्षर की व्यवस्था कर पासबुक से 3 साथियों चंपेश शोरी (गमरी), हेमलाल मरकाम (गमरी), रमेश कोर्राम (कोरेगांव) के साथ मिलकर रुपए निकाल लिए।



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केवल दो मरीजों ने किया 32 को संक्रमित, 7 जिलों में अब तक 45 पीड़ित

छत्तीसगढ़ में कोरोना के दो मरीजों ने 32 लोगों को संक्रमित कर दिया। प्रदेश के सात जिलों में कोरोना के 45 मरीज मिले हैं। इस हिसाब से प्रदेश के मरीज केवल दो संक्रमितों की देन है। बाकी आठ मरीज विदेश से लौटे थे। इनमें रायपुर से चार, भिलाई, कोरबा, राजनांदगांव व बिलासपुर के एक मरीज शामिल हैं। चार अन्य मरीजों में एक एम्स का नर्सिंग स्टाफ व रामनगर का 68 वर्षीय बुजुर्ग, बैकुंठपुर कोरिया में मिले झारखंड के दो मरीज शामिल हैं।
प्रदेश में कोरोना का पहला मरीज 18 मार्च को समता कॉलोनी में मिला था। लंदन से लौटी 23 वर्षीय युवती को एम्स की जांच में कोरोना की पुष्टि हुई थी। उसके सात दिन बाद 31 मार्च तक कुछ पांच मरीज मिले गए। जबकि 24 अप्रैल को रायपुर में छठवां मरीज एम्स का नर्सिंग स्टाफ मिला। कटघोरा में कोरोना का पहला मरीज 4 अप्रैल को मिला।
महाराष्ट्र कामठी का 16 वर्षीय बालक तब्लीगी जमात के लोगों से संपर्क में आने के बाद कटघोरा आया। उसी नाबालिग से संपर्क में आने वाले 26 लोगों संक्रमित हुए। ये 26 मरीज केवल 10 दिनों में सामने आए। यानी 14 अप्रैल तक कटघोरा में 27 मरीज मिले। सूरजपुर में 28 अप्रैल को गढ़वा झारखंड का एक मजदूर कोरोना से संक्रमित हुआ। ये मजदूर महाराष्ट्र से राजनांदगांव, कवर्धा होते हुए सूरजपुर पहुंचा था। वह क्वारेंटाइन सेंटर में था। उसके संपर्क में आने वाले दो मजदूर को अलावा पुलिस जवान, ग्राम सचिव व रसोईया संक्रमित हुआ। सूरजपुर में 28 अप्रैल को एक, 30 को दो व 1 मई को तीन मरीज मिले। वहीं 30 अप्रैल को ही बैकुंठपुर कोरिया में झारखंड के दो मजदूरों को कोराेना की पुष्टि हुई। उनकी जांच पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में हुई थी। वे माइग्रेशन सेंटर बैकुंठपुर में रह रहे थे। स्वाब का सैंपल देने के बाद झारखंड चले गए थे। मजदूरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क में आने चार संदिग्धों का सैंपल लिया गया। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई, इसलिए स्वास्थ्य विभाग दोनों मजदूरों के आंकड़ों को कुल मरीजों में शामिल नहीं कर रहा है। चंूकि दोनों की जांच आरटीपीसीआर किट से हुई है, इसलिए उनका केस कंफर्म है।
जिलों में मरीज
जिले मरीज
रायपुर 06
कोरबा 28
दुर्ग 01
राजनांदगांव 01
बिलासपुर 01
सूरजपुर 06
कोरिया 02
कुल 45

संपर्क में आने पर कर सकता है बीमार
कोरोना मरीजों के संपर्क में आने के बाद अगर पर्याप्त सावधानी नहीं बरती गई तो यह बीमार कर सकता है। कटघोरा से लेकर सूरजपुर में इसका प्रमाण भी है। एम्स का नर्सिंग स्टाफ भी बीमार हुआ क्योंकि वह आइसोलेटेड वार्ड में ड्यूटी करता था। वह भी कटघोरा के मरीजों के संपर्क में आने के कारण बीमार हुआ। नर्सिंग आॅफिसर की ड्यूटी 4 से 14 अप्रैल तक एम्स में थी। रामनगर के बुजुर्ग क्यों बीमार हुए? इस पर सस्पेंस बना हुआ है। दरअसल उसकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं थी। उनका बेटा जरूर जहां काम करता है, वहां के लोग दुबई से लौटे थे। विदेश से लौटे लोग वहां से वायरस लेकर आए थे।

"कटघोरा व सूरजपुर में दो लोगों ने बाकी लोगों को संक्रमित किया, यह जांच में प्रमाणित हो चुका। एक संक्रमित कई लोगाें को संक्रमित कर सकता है, अगर पर्याप्त सावधानी न बरती जाए। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मॉस्क लगाना, सैनिटाइजर व साबुन का उपयोग करना जरूरी है।"
डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी, कोरोना सेल



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Only two patients infected 32, 45 victims in 7 districts so far




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प्रदेश में 4 मई से खुलेंगी शराब दुकानें, सभी कलेक्टर को आदेश जारी; डब्ल्यूएचओ ने कहा- प्रदेश में कारोना का खतरा टला नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी

लॉकडाउन का फेज-2 का आज आखिरी दिन है। राज्य सरकार सोमवार से शासकीय कार्यालय खोलने का निर्णय ले चुकी है। वहीं अब शराब दुकानें खाेलने के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में कुछ देर पहले हुई बैठक मेंमुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्णय लिया है। इसको लेकर सभी जिला कलेक्टर को आदेश दिए गए हैं। इसमें शराब की दुकानों को जहां राजस्व के लिए जरूरी बताया गया है, वहीं कुछ शर्तें भी जोड़ी गई हैं।दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है।

रायपुर में सोमवार से सरकारी कार्यालय खुलने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य कुछ और भी चीजें सामान्य होंगी। रोज की तरह शहर में भीड़ देखने को मिली।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए हुई बातचीत में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना से लंबे समय तक जूझना पड़ सकता है। ज्यादा से ज्यादा जांच, संक्रमित मरीजों का इलाज और सोशल डिस्टेंसिंग से ही इसे काबू पाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने भविष्य के लिए ज्यादा से ज्यादा संसाधन जुटाने की भी सलाह दी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण

  • छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के अब तक 43 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें क्वारैंटाइन सेंटर से भागेझारखंड के पॉजिटिव दो मजदूरों को जाेड़ दें तो यह संख्या 45 होती है।
  • संक्रमितों में अब तक सबसे ज्यादा कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 6, रायपुर 6, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।
  • प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 7 है। इसमें रायपुर एम्स का एक मेडिकल स्टाफ समेत पुलिस कांस्टेबल, पंचायत सचिव भी शामिल है। सभी एम्स में भर्ती हैं।
  • केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल काे जारी अपनी सूचीमें रायपुर को रेड, कोरबा को ऑरेंज औरअन्य जिलों को ग्रीन जोन में रखा है। ग्रीन जोन में सूरजपुर भी शामिल है।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से बात कर रायपुर को रेड जोन से हटाने की मांग रखी है।

श्रमिकों के ट्रेन टिकट काे लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और सांसद सुनील सोनी ने श्रमिकों के निशुल्क वापसी की राज्य सरकार की मांग पर कहा- केंद्र से सौदेबाजी कर राज्य सरकारनिकृष्ट राजनीतिक आचरण का प्रदर्शन करने से बाज नहीं आई। सांसद ने कहा कि एक ओर सरकार प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बताकर वाहवाही बटोरती है और दूसरे दिन केंद्र से राशि मांगती है। केंद्र सरकार की नीति सभी राज्यों के लिए एक जैसी तय हुई है। सभी राज्य जब उस पर सहमत हैं तोफिर छत्तीसगढ़ को आपत्ति क्यों है।


वहीं, कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने टिकट का पैसा पीएम केयर फंड से दिए जाने की मांग की है। त्रिवेदी ने कहा है कि विशेष ट्रेन चलाने के गृह मंत्रालय के आदेश में यह कहा गया है कि यात्रियों को टिकट लेना होगा। उन्होंने कहा कि मार्च से बाहर के प्रदेशों में लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के पास दैनिक जीवन में उपयोगी वस्तुओं के लिए पैसा नहीं हैं। टिकट का पैसा कहां से लाएंगे? छात्रों और फंसे यात्रियों से भी यह अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।

कोरोना अपडेट्स


भिलाई : बाहर राज्यों में फंसे जिले के 2150 श्रमिकों की वापसी को देखते हुए 165 फेसलिटी आइसोलेशन सेंटर बनाया जा रहा है। ये सेंटर गांव से बाहर होंगे। धमधा ब्लॉक के सबसे ज्यादा श्रमिक फंसे हैं,इसलिए यहां 119 आइसोलेशन सेंटर बनेंगे। जनपद और जिलास्तर पर भी एक-एक आइसोलेशन सेंटर बना रहे। यहां 14 दिनों तक श्रमिकों को रखा जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सब कुछ सही पाए जाने पर उन्हे उनके घर भेजेंगे।

यह बिलासपुर का शनिश्चरी चौक है। रोज ही भीड़-भाड़ से भरा रहने वाला इलाका। रविवार को जिले में पूरी तरह से लॉकडाउन के कारण यहां भी सन्नाटा पसरा है।

बिलासपुर : जिले में रविवार को सब्जी, अनाज, फल, किराना की मंडी, बाजार औरदुकानें पूरी तरह बंद हैं। हालांकि, मिल्क पार्लर, मेडिकल स्टोर्स, पेट्रोल पंप, राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ढाबे, टेक अवे, होम डिलीवरी रेस्टोरेंट तय समय के मुताबिक खुल गए हैं। सिम्स में सामान्य ऑपरेशन एक बार फिर से शुरू किए जाएंगे। इसके लिए संयुक्त संचालक और अधीक्षक ने नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

रायगढ़ : जिले के ग्रीन जोन में होने के कारण निगम क्षेत्र के संचालकों ने लघु और मध्यम स्तर के उद्योगों को खोलने की मांग की है। बोईरदादर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया 50 उद्योग हैं। ये करीब दो महीनों से बंद हैं। वहीं, 50 फीसदी यात्रियों के साथ सीमित क्षेत्र में बसों को अनुमति दी गई है। बस ऑपरेटर का कहना है जब 4 मई के बाद शुरू किया जाएगा तो एक हफ्ते तक चलाएंगे। नुकसान ज्यादा हुआ तो सेवा बंद करनी पड़ सकती है। फिलहाल, सरकार के फैसले का इंतजार है।

यह तस्वीर रायगढ़ की है। जिला ग्रीन जोन में है, लेकिन प्रशासन ने सख्ती बरतने में कोई कमी नहीं की है। बाजार- मॉल, सड़कें सब बंद हैं।


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बिलासपुर में भी कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया। ड्यूटी पर निकले पुलिसकर्मियों के लिए स्थानीय लोग सड़क पर निकल आए। उनके ऊपर फूल बरसाए और आरती की। पुलिसकर्मियों ने भी इस सम्मान से भावुक होकर लोगों के सामने हाथ जोड़ लिए। 




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छत्तीसगढ़ में 4 मई से शुरू होगी रजिस्ट्री, लेकिन रायपुर, कोरबा और सूरजपुर में नहीं खुलेंगे कार्यालय

लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से पंजीयन कार्यालय खुलेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए 4 मई (सोमवार) से खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह पंजीयन कार्यालय लॉकडाउन के बाद 23 मार्च से ही बंद थे। हालांकि रायपुर, कोरबा और सूरजपुर को इस छूट से बाहर रखा गया है। वहीं पंजीयन से पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना होगा। इसके बिना कार्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा।


वाणिज्यिक कर पंजीयन विभाग की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि स्टाफ की क्षमता अनुसार एक तिहाई अधिकारी-कर्मचारियों की डयूटी रोस्टर बनाकर लगाई जाएगी। कार्यालय के संचालन के समय का पालन किया जाएगा। अगर किसी कारण से अंतिम पक्षकार रह जाता है ताे पंजीयन कार्य पूरा होने तक कार्यालय खुला रखा जाएगा।

विभागीय पोर्टल या एप से मिलेगा अपाॅइंटमेंट

  • विभाग के पोर्टल पर जाकर या मोबाइल एप के जरिए अपॉइंटमेंट लेना होगा। पहले से अपॉइंटमेंट होने पर ही पंजीयन कार्यालय में प्रवेश मिलेगा।
  • सभी कर्मचारियों और पक्षकारों को मोबाइल में आरोग्य सेतु एप इंस्टाॅल करना अनिवार्य होगा। जिससे संक्रमित व्यक्ति का पता चल सके।
  • पंजीयन कक्ष में एक बार में केवल एक दस्तावेज से संबंधित पक्षकारों-गवाहों को प्रवेश दिया जाएगा। अन्य पक्षकारों को प्रतीक्षा हाॅल में बैठने की व्यवस्था होगी।
  • पंजीयन कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों व सर्विस प्रोवाइडरके कंप्यूटर ऑपरेटर व डिवीजनल इंजार्च के लिए पास की व्यवस्था की होगी।
  • सभी जिलों में स्टाॅक होल्डिग कॉरपोरेशन के ई-स्टाम्प सेंटर खुले रहेंगे। साथ ही ई-स्टाम्प प्रदान करने वाले एसीसी (अधिकृत संग्रहण केंद्र) होंगे।
  • कार्यालय में सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य होगा। पंजीयन के दौरान सिगनेचर पैड व बोयोमेट्रिक डिवाइस का उपयोग करने के पहले मशीन व हाथ सैनिटाइज करने होंगे।
  • प्रत्येक दिन पंजीयन कार्यालय खुलने और बंद होने के पहले सैनीटाइज किया जाएगा। जहां भीड़ ज्यादा होगी, वहां कार्यालयों के बाहर बैरिगेट लगाए जाएंगे।
  • केवल ई-स्टाम्प को ही इस अवधि में विक्रय की अनुमति दी जाएगी। लाॅकडाउन अवधि में लेखक/अधिवक्ता अपने घर या आॅफिस से ही दस्तावेज तैयार करेंगे।
  • अधिवक्ताओं, दस्तावेज लेखकों और स्टांप वेंडरों को पंजीयन कार्यालय में प्रवेश वर्जित है। जहां संपत्ति स्थित है उसी से संबंधित दस्तावेज पंजीयन के लिए स्वीकार किए जाएंगे।
  • अन्य तहसीलों के दस्तावेजों का पंजीयन जिला मुख्यालय में वर्जित होगा। कार्यालयों में दस्तावेजों के पंजीयन के अलावा सर्च और नकल के आवेदन आगामी आदेश तक स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
  • पंजीयन प्रक्रिया के दौरान कार्यालय में पीओएस मशीन और ऑनलाइन भुगतान लिया जाएगा। स्टांप खरीदी के दौरान भी ऑनलाइन भुगतान कर ई-स्टाम्प की खरीदी कर सकेंगे।


तीन वर्गों में बांटे गए पंजीयन कार्यालय
पक्षकारों की संख्या को सीमित करने के लिए राज्य के सभी पंजीयक कार्यालयों को तीन वर्गों अ, ब व स में विभाजित किया गया है।

  1. वर्ग "अ' : वे कार्यालय जहां पंजीयन के लिए दस्तावेजों की संख्या अधिक है। ऐसे पंजीयन कार्यालय सप्ताह के प्रत्येक कार्य दिवस में खुल रहेंगे।
  2. वर्ग "ब' : वे कार्यालय, जहां दस्तावेजों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। ऐसे पंजीयन कार्यालय सप्ताह में केवल 2 दिन ही खुले रहेंगे।
  3. वर्ग "स': इसमें उन कार्यालय को शामिल किया गया है, जहां पर दस्तावेजों की संख्या कम है। ऐसे पंजीयन कार्यालय सप्ताह में केवल एक दिन ही खुलेंगे।

रेड जोन और हॉटस्पॉट क्षेत्र में नहीं खुलेंगे कार्यालय
भारत सरकार के आदेशानुसार, रेड जोन और हाॅटस्पाट क्षेत्र को छोड़कर शेष क्षेत्रों में पंजीयन कार्यालय खुलेंगे। इसके चलते छत्तीसगढ़ में रायपुर जिले के उप पंजीयक कार्यालय एक, दो, तीन और चार, कोरबा जिले के उप पंजीयक कार्यालय कोरबा व कटघोरा और सूरजपुर जिले का उप पंजीयक कार्यालय सूरजपुर बंद रहेगा। इनको छोड़कर छत्तीगढ़ के अन्य सभी जिलों के उप पंजीयक कार्यालय खुलेंगे।



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छत्तीसगढ़ सरकार ने लॉकडाउन के बीच सोमवार से 4 मई से उपपंजीय कार्यालय खोलने के आदेश दिए हैं। हालांकि इस आदेश से रायपुर, कोरबा और सूरजपुर को बाहर रखा गया है। रायगढ़ के सक्ता स्थित उपपंजीयक कार्यालय में ताला पड़ा है। सैनिटाइजेशन के बाद इसे खोलने की तैयारी है।




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राजधानी समेत प्रदेशभर में दोपहर में तेज गर्मी, पारा 43 तक पहुंचा

लगभग चार दिन तक बादल-बौछारों की वजह से रुकी गर्मी फिर बढ़ने लगी है। राजधानी समेत पूरा प्रदेश अब राजस्थान से आने वाली गर्म और सूखी हवा की चपेट में आ रहा है। राजधानी में रविवार को दोपहर का तापमान 42 डिग्री से कुछ कम रिकार्ड किया गया। दुर्ग प्रदेश में सबसे गर्म हुआऔर पारा 43 डिग्री के करीब पहुंच गया। हालांकि थोड़ी नमी है और गर्मी अचानक बढ़ गई है, इसलिए मौसम विज्ञानियों ने सोमवार को प्रदेश में कहीं-कहीं शाम या रात में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी के आसार जताए हैं।
मई का महीना प्रदेश में जोरदार गर्मी वाला माना जाता रहा है और गर्मी अब तेवहर भी दिखा रही है। प्रदेश में दिन में पश्चिम से गर्म हवा आ रही है। इसलिए रविवार को राज्य के ज्यादातर हिस्सों में दिनभर तेज गर्मी पड़ी।
दुर्ग में अधिकतम तापमान 42.8 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है। राजनांदगांव में तापमान 41.8 डिग्री रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। रायपुर में पारा 41.4 डिग्री रिकार्ड किया गया। यह सामान्य के बराबर है। सुबह से दिनभर हवा में नमी 50 से 70 फीसदी के आसपास रही है। यह कम होगी तो तापमान में और वृद्धि होगी।

नए सिस्टम से बौछारें भी लेकिन गर्मी कम नहीं होगी
इधर, मौसम विज्ञानियों के अनुसार उत्तर-पूर्व मध्यप्रदेश और उसके आसपास 1.5 किलोमीटर तक एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिण विदर्भ से दक्षिण तमिलनाडु तक लगभग एक किलोमीटर ऊंचाई तक एक द्रोणिका है। एक द्रोणिका हरियाणा से दक्षिण- पश्चिम बंगाल तक बनी हुई है। इसलिए 4 मई को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश के एक-दो जगह तेज हवा और बिजली गिरने की संभावना है। रायपुर में दिन का तापमान 41 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।



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गरियाबंद से 44 मजदूरों का पहला जत्था 2 बसों से निकला, रायपुर से झारखंड जाएंगे

केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को उनके प्रदेश भेजने की तैयारियां शुरू हो गई है। गरियाबंद जिले में भी इसका असर देखने को मिला है। गरियाबंद जिला प्रशासन ने 44 मजदूरों के पहले जत्थे को दो बसों से झारखंड के लिए रवाना किया है।
मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद जिले के अलग-अलग हिस्सों में झारखंड के 44 मजदूर कार्यरत थे, जिन्हें रविवार को झारखंड का प्रभारी बनाए गए गरियाबंद जिले के रेशम विभाग के अधिकारी एसके कोल्हेकर के नेतृत्व में रायपुर रवाना किया गया है।

प्रभारी अधिकारी ने बताया कि 44 मजदूरों को बस से रायपुर ले जाया जा रहा है, जहां से उन्हें झारखंड भेजा जाएगा। इधर, गरियाबंद के समाजसेवियों को जैसे ही मजदूरों के रवाना होने की जानकारी मिली तो वे बस स्टैंड पर पहुंचे और मजदूरों की मदद की। इस दौरान मौजूद नगर पालिका के एल्डरमैन रमेश चावड़ा, वरिष्ठ नागरिक हरीश भाई ठक्कर और किराना व्यापारी संघ के बंटी सिन्हा ने मजदूरों को रास्ते में दिक्क्त् न हो इसलिए केला, अंगूर, सेब और बिस्किट और अन्य सामानपैक कराकर दिया।

हमारे प्रदेश के लोगों की वापसी की प्रक्रिया जल्द

बता दें कि लंबे समय से लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को अब उनके प्रदेश भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। गरियाबंद जिले के भी दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को जल्द लाने की तैयारी राज्य और जिला स्तर पर की जा रही है। जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। हालांकि दूसरे प्रदेश के गरियाबंद जिले में फंसे मजदूरों का आज पहला जत्था रवाना हो चुका है, जिसमें झारखंड के 44 मजदूरों को दो बसों में बैठाकर रवाना किया गया है।



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गरियाबंद. बस स्टैंड से मजदूरों को रायपुर ले जाती बस।




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जंगल के रास्ते मध्यप्रदेश-झारखंड जा रहे 40 मजदूरों को उसूर में रोका

तेलंगाना के मंगूर स्थित पावर प्लांट में काम करने वाले मध्यप्रदेश और झारखंड के 40 मजदूर जंगल के रास्ते रविवार को पैदल चलकर जिले के उसूर तक पहुंचे। 500 किमी पैदल चलकर पहुंचे इन ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर इन्हें पोटाकेबिन में रखा गया है।

मजदूरों ने बताया कि काम की तलाश में मंगूर गए थे। अचानक लॉकडाउन लग गया। लगभग डेढ़ माह से बिना कोई काम के वहीं फंसे रहे। इस दौरान वहां भूखे रहकर दिन काटना पड़ रहा था। डेढ़ माह से स्थिति खराब होने के बाद मंगूर से निकल पड़े और 3 दिन तक पैदल चलकर गोदावरी नदी से होते हुए जंगल के रास्ते रविवार की सुबह 10 बजे उसूर पहुंचे। सभी मजदूर को स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने रोककर पोटाकेबिन के
आश्रम में रुकवाया।
उसूर थाना प्रभारी ने बताया कि सभी को आश्रम में रखा गया है। इसके साथ ही मजदूरों को खाना पीना भी दिया गया है। प्रशासन के अनुमति के बाद उन्हें भेजने की व्यवस्था की जाएगी। बीएमओ मनीष उपाध्याय ने बताया कि सभी मजदूर की जांच कर फीवर, सर्दी, खांसी व बुखार का परीक्षण किया गया है। इन सभी को कोई बीमारी नहीं है सभी नार्मल है। कलेक्टर के डी कुंजाम ने कहा कि जो मजदूर एमपी और झारखंड से पहुंचे है उन सबका सर्दी, खांसी और बुखार की जांच की गई है ।सभी में किसी प्रकार का कोई भी लक्षण नहीं मिला है। एक दो दिन में झारखंड की बस आएगी उसके बाद उनको झारखंड भेज दिया जाएगा। वहीं एमपी सरकार से भी बात करने की कोशिश की जा रही है जैसे ही उनसे बात होती है एमपी के मजदूरों को भी भेजने का प्रबंध किया जाएगा। तब तक वो उसूर पोटाकेबिन में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि पवार प्लांट में काम करने झारखंड के 21 व मध्‍यप्रदेश के 19 मजदूर तेलंगाना
के मंगूर गए थे।



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बीजापुर. मंगूर से पहुंचे मजदूरों की जांच करते स्वास्थ्यकर्मी




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24 सौ से ज्यादा लोगों की जांच की गई, एक भी पॉजिटिव नहीं

कोरोना संक्रमण के बीच बस्तर में अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। अभी तक बस्तर में 24 सौ से ज्यादा संदिग्धों की जांच भी पूरी हो गई है चूंकि कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिलने से बस्तर ग्रीन जोन में है और सोमवार से प्रशासन कई छूट देने जा रहा है।
प्रशासन की ओर से जो छूट दी जा रही है उसका मतलब बिल्कुल भी यह नहीं है कि बस्तर से कोरोना का खतरा टल गया है। हमारी जरा सी लापरवाही हमें तत्काल ग्रीन जोन से उठाकर रेड जोन में डाल सकती है। ऐसे में कुछ सावधानियां जरूर रखें। ग्रीन जोन में होने के कारण हमें कुछ छूट मिल रही है लेकिन इस दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
सावधानी के लिए इन बातों का भी ख्याल रखें

  • ज्यादा जरूरी न हो तो घर पर ही रहें।
  • बाहर निकलने पर हमेशा लोगों से सुरक्षित दूरी बनाकर रखें।
  • हाथों को बार-बार धोएं।
  • मुंह और नाक को हमेशा ढंककर रखें।
  • आपके आसपास कोई बीमार है तो तुरंत इसकी जानकारी प्रशासन और पुलिस को दें।
  • नियमित रूप से साबुन और पानी से या अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइज़र से 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
  • खांसने और छींकने के दौरान डिस्पोज़ेबल टिशू से या कोहनी को मोड़कर, अपनी नाक और मुंह को ढकें।
  • जो लोग बीमार हैं उनसे (एक मीटर या तीन फ़ीट की) दूरी बनाए रखें।
  • घर पर ही रहें और अगर आप बीमार हैं, तो खुद को परिवार के सभी लोगों से अलग कर लें।


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लॉकडाउन 2.0 के अंतिम दिन दुर्ग-कवर्धा में मिले 14 मरीज

लाॅकडाउन 2.0 खुलने से ठीक पहले, रविवार की शाम दुर्ग में 8 और कवर्धा में 6 मजदूरों के कोरोना पाॅजिटिव निकलने से प्रदेश में खलबली मच गई है। जो लोग पाॅजिटिव निकले हैं, सभी दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने गए थे और वहां से लौटने के बाद से क्वारेंटाइन थे। इन्हें मिलाकर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 59 हो गई है। इसमें एक्टिव केस 21 हैं, बाकी स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं।

एम्स में हुई जांच में रविवार को देर शाम कोरोना के 14 नए मरीज मिलने की पुष्टि हुई है। नियमित रूप से चल रही जांच में दुर्ग और कवर्धा के मजदूरों के सैंपल पाॅजिटिव निकले। शनिवार को दुर्ग जिले के 85 सैंपल और कवर्धा के 33 सैंपल की जांच बची थी। उसी में से ये मरीज निकले हैं। प्रारंभिक जानकारी के आधार पर कवर्धा में मिले मरीज महाराष्ट्र से आए प्रवासी हैं। इनमें 4 पुरुष व 2 महिलाएं हैं, जबकि दुर्ग जिले के सभी केस प्रवासी पुरुष मजदूर हैैं। इन सभी संक्रमितों को देर रात एम्स में भर्ती किया गया है।
कवर्धा प्रदेश का अब वो नया जिला है, जहां पहली बार कोरोना केस मिले हैं। जबकि दुर्ग में इससे पहले एक पेशेंट मिला था, जो ठीक हो चुका है। पहले लॉकडाउन के बाद से दुर्ग जिले में अब तक सोलह सौ से ज्यादा सैंपल जांचे गए हैं। इनमें से पंद्रह सौ से ज्यादा निगेटिव रहे हैं। कवर्धा में इस दौरान लिए गए डेढ़ सौ से ज्यादा सैंपलों में करीब 140 निगेटिव पाए गए थे।
जरूरी काम से निकलने पर जुर्माना नहीं: डीजीपी
डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी एसपी को निर्देश दिए हैं कि जो लोग जरूरी सामान के लिए आना-जाना कर रहे हैं, उनसे जुर्माने की कार्रवाई स्थगित कर दी जाए। डीजीपी ने कहा है कि पहले से ही लोग लॉकडाउन के कारण परेशान हैं, उनसे जुर्माना वसूलना ठीक नहीं है। उन्हीं प्रकरणों में चालानी कार्रवाई की जाए जो उद्दंड और अनावश्यक घूमते हुए पाए जाते हैं।



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रायपुर|कोरोना वारियर्स का सम्मान करने के लिए रविवार की सुबह वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने एम्स अस्पताल के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के ऊपर फूलों की बारिश की। इस दौरान लोगों ने एम्स के डॉक्टराें व स्टॉफ के सम्मान में तालियां भी बजाई।




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राजधानी में पीलिया के मरीज 700 पार, 24 नए मरीज मिले

राजधानी में पीलिया मरीजों की संख्या सोमवार को 24 नए मरीज मिलने के साथ ही 700 के पार पहुंच गई है। इनमें ज्यादातर पीड़ित हीरापुर, तेलीबांधा और आमापारा इलाके के हैं। इन इलाकों में अब तक दर्जनों मरीज सामने आ चुके हैं। निगम प्रशासन लीकेज पाइप लाइन बदलने का काम भी कर रहा है। इसके बावजूद पीलिया अब तक पूरी तरह से कंट्रोल में नहीं आया है। दो की लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग एक महीने में 2749 संदिग्धों की जांच कर चुका है। पीलिया प्रभावित इलाकों की पहचान करने के साथ वहां ऐसे स्पाॅट भी तलाश किए जा चुके हैं, जहां से लीकेज था। उसी लीकेज से बैक्टीरिया नल के पानी में घुलकर पहुंच रहा था। इन स्पाॅट पर पाइप लाइन बदली जा चुकी है।

इसके बावजूद रोज नए मरीज सामने आ रहे हैं। इसके कारणों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसर मंथन कर रहे हैं, लेकिन अब तक वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। राजधानी में पिछले 30 दिनों से पीलिया का प्रकोप फैला है। सोमवार तक स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि अब तक 719 लोग इससे पीड़ित हो गए। 76 मरीजों का अस्पतालों मंे इलाज चल रहा है। इनमें से 36 सरकारी तथा 40 निजी अस्पतालों में भर्ती है। स्वास्थ्य विभाग और निगम की टीम ने प्रभावित इलाके में एक-एक घर दस्तक देकर परिवार के हर सदस्य के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। निगम के अफसरों का कहना है कि जांच के दौरान यह पता चला कि एक परिवार में एक-दो लोगों में पीलिया पाया गया, जबकि बाकी सदस्य स्वस्थ हैं। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आखिर पीलिया किस वजह से फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर डा. अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता हर किसी की अलग-अलग होती है। इसीलिए सभी को पीलिया होना आवश्यक नहीं। खासकर छोटे बच्चों, गर्भवतियों और बुजुर्गों में पीलिया संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। बिलिरुबीन का स्तर बढ़ना और हैपेटाइटिस-ई व अन्य हैपेटाइटिस पाजिटिव दूषित पानी, पानी में बैक्टीरिया तथा खराब खाने की वजह से होता है। राजधानी में ज्यादातर जगहों पर नल की सप्लाई लाइन नालियों व नालों के ऊपर से है। ऐसे में लीकेज होने पर नाले का गंदा पानी घरों में पहुंचने लगता है। पीलिया फैलने की सबसे प्रमुख वजह यही मानी जा रही है।
मेयर ढेबर ने ली बैठक
मेयर एजाज ढेबर ने सोमवार को निगम स्वास्थ्य विभाग, जल विभाग के अफसरों की बैठक लेकर शुद्ध पानी की सप्लाई और पीलिया नियंत्रण के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर में जहां-जहां पाइप लाइन को नाले और नालियों से अलग करने का काम बाकी है वहां जल्द पूरा किया जाए। मेयर ने अफसरों से यह भी कहा कि बारिश से पहले नालों की सफाई पूरी कर ली जाए। नालों में जलभराव होने पर पानी घरों तक पहुंचता है। इससे भी कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा रहता है।



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