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जोबनेर में 46 में से 33 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव, संक्रमित क्षेत्र में अब नई सैंपलिंग

जोबनेर नगरपालिका के वार्ड 15 में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मेडिकल टीम द्वारा संक्रमित आए व्यक्ति के परिजनों सहित 46 लोगों की सैंपलिंग जांच रिपोर्ट क्षेत्र के लोगों के लिए राहत भरी रही। एसएमएस चिकित्सालय में जांच के लिए भेजी गई 46 में 33 लोगों की पहली रिपोर्ट नेगेटिव आने से राहत जरूर मिली है, लेकिन संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए प्रशासन एवं चिकित्सकों ने लोगों को अभी पूरी सावधानी बरतते हुए घरों में ही रहने को कहा है।बिना मास्क के नहीं रहने, हाथों को नियमित धोने, दुकानदार नियमों का पालन करते हुए सामान देने, घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। पॉजिटिव केस मिलने वाली कॉलोनी अभी पूरी तरह सील है तथा प्रशासन व मेडिकल टीम निगरानी बनाए हुए हैं। मेडिकल टीम पूरी एहतियात बरते हुए संक्रमित क्षेत्र से अभी और सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रहे हैं।जयपुर में 17 क्वारेन्टाइन किए हुए लोगों का पीरीयड पूरा होने के बाद की जांच रिपोर्ट आनी है। पुलिस वाहन पर माइक लगा कर पूरे क्षेत्र में मॉनिटरिंग के साथ लोगों को घरों में रहने की सख्त हिदायत दी जा रही है। वाहन से लोगों को कोरोना भगाने के गीत व मोदी के भाषण सुनाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गैरजिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्ती भी दिखा रही है। पुलिस की सख्ती के चलते लोग
घरों से नहीं निकल पाए। सड़क सुनसान रही। इस मामले में सीएचसी प्रभारी डॉ. गोवर्धन सौंखिया ने बताया कि पॉजिटिव व्यक्ति से सम्पर्क में आए 33
लोगों की सेंपलिंग रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है।



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48 घंटे से चार गांवों की बिजली सप्लाई ठप

रविवार की शाम अंधड व ओलों की बारिश से ठप हुई चार गांवों की बिजली सप्लाई 48 घंटे बाद भी सुचारु नहीं होने से पेयजल की समस्या खड़ी हो गई है। खेडीघाटम, खेडीशीश, सिकरौदा मीना व जहानाबाद में बिजली लाइन व खंभे टूट जाने से बिजली आपूर्ति बाधित है। ग्रामीण कलुआराम, राजेश, बच्चू सिंह, रामप्रसाद आदि ने बताया कि बिजली निगम के कर्मचारियों ने 48 घंटे बाद भी विद्युत लाइनों एवं खंभों को नहीं बदला है। जिसके चलते ग्रामीणों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीणों को काफी दूर से पानी लाकर घरेलू कार्य करने पड़ रहे हैं।



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कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा 2 से अधिक गंभीर बीमारी वाले मरीजों को, ऐसे 24 की जान गई; हाइपरटेंशन के 12 और डायबिटीज के 7 पीड़ितों की भी मौत

(संदीप शर्मा)कोरोना से जयपुर में लगातार बढ़ती मौतों ने चिंता बढ़ा दी है। भास्कर ने डेटा से मौतों का कारण जाना तो सामने आया कि सबसे ज्यादा खतरा उन्हीं को है जिन्हें दो से अधिक गंभीर बीमारियां हैं। 50 मौतों में से 24 से ज्यादा लोगों को गंभीर बीमारियां थी। इसके अलावा 12 लोगों को हायपरटेंशन और 7 को पहले से डायबिटीज था। किडनी की दिक्कत 3 लोगों को थी। 8 लोगाें को अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया, जबकि 3 में पहले से कोई बीमारी नहीं पाई गई।

सबसे बड़ी चिंता : 8 मरीजों को अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया, 3 को कोई बीमारी नहीं थी

मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा मौतें उन लोगों की हुई जिन्हें पहले से दो बीमारियां थी। इनकी संख्या करीब 60% है। इसके अलावा डायबिटीज के साथ हार्ट डिजीज वाले पेशेंट के लिए कोरोना सबसे घातक है। क्योंकि ऐसे मरीजों को तेजी से इम्युनिटी कम करता है और हार्ट और शरीर के अन्य अंगों को खराब कर देता है। हाइपरटेंशन और उसके साथ अन्य कोई भी बीमारी मौतों की बड़ी वजह बनी है। इसके साथ ही टीबी और सीओपीडी के मरीजों के लिए भी काफी घातक है।

  • 03को किडनी की दिक्कत थी
  • 01महिला की प्रसव के बाद मौत
  • 02मरीजों को हार्ट की दिक्क्त थी
  • 18की रिपोर्ट मौत के बाद पॉजिटिव
  • 80%मरीजाें की उम्र 50 से ऊपर थी

मोटापा भी घातक... ज्यादातर मामलों में सीवियर कंडीशन में भर्ती हुए मरीज
भास्कर एक्सपर्ट डॉ. सुधीर भंडारी, सीनियर प्रोफेसर मेडिसिन डॉ. रमन शर्मा, एचओडी मेडिसिन डॉ. एस बनर्जी, सीनियर कंसल्टेंट मेडिसिन डॉ. अजीत सिंह के अनुसार मोटे लोगोें में भी कोरोना काफी खतरनाक दिख रहा है। जिन लोगों की मौत हुुई, उनमें से 88 फीसदी का वजन अधिक था। इसके अलावा िजन मरीजों की मौत हुई, उनमें से अधिकांश में निमोनिया की काफी सीवियर स्टेज सामने आई है। इन मरीजों में अलग तरह के ही साइटोकाइंस मार्कर्स काफी अधिक संख्या में रिलीज हो रहे थे।



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Patients with more than 2 acute illnesses were most at risk from corona, with 24 such deaths; 12 hypertension and 7 diabetes victims also died




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जयपुर से 465 किमी दूर प्रतापगढ़ जिला आबंटित, मां ने कहा बेटी छोड़ दे नौकरी, दूसरी तैयारी कर, दो साल की मेहनत बेकार हो गई

प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से सोमवार को किए गए कनिष्ठ सहायक लिपिक ग्रेड द्वितीय सीधी भर्ती-2018 के चयनितों के जिला और विभाग आबंटन को लेकर बवाल मच गया। विभाग ने जिले की वरियता को दरकिनार करके कई अभ्यर्थियों को 500 किमी दूर तक जिला आबंटन कर दिया। इसमें अधिकांश महिलाएं शामिल हैं। इतनी दूर विभाग आबंटन के बाद कई महिला अभ्यर्थियों को तो घरवालों ने कहा दिया कि इतनी दूर जाने से अच्छा है कोई दूसरी भर्ती की तैयारी कर ले। ऐसे में उनके सामने संकट खड़ा हो गया है और उनकी दो साल की मेहनत बेकार जाती दिख रही है। विभाग ने एक दिन पहले ही एलडीसी भर्ती के 11258 चयनित अभ्यर्थियों को विभाग और जिला आबंटन किया था। अभ्यर्थियों का कहना है कि विभाग ने साफ्टवेयर के भरोसे सारा काम किया है। इसलिए यह गड़बड़ हुई है। साफ्टवेयर ने अभ्यर्थियों के विभाग को वरियता दी, इस कारण जिला आबंटन गड़बड़ हो गया। जबकि अधिकांश अभ्यर्थी ऐसे हैं जो विभाग चाहे कोई भी मिल जाए, लेकिन गृहजिले में या आसपास ही नियुक्ति चाहते हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि कई मामलों में तो कम मेरिट वालों को गृह जिला मिल गया। ऐसे में विभाग को परिवेदना लेकर तुरंत इस समस्या का निराकरण करना चाहिए।
अभियोजन निदेशालय के आदेश में गफलत : मंगलवार को अभियोजन निदेशालय ने एक आदेश जारी कर इस विभाग को आबंटित होने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक फार्मेट जारी कर दिया। इसमें नाम,पते की सूचनाओं सहित यह सूचना भी मांग ली गई कि उनका गृह जिला कौन सा है और प्रशासनिक सुधार विभाग ने कौन सा जिला दिया है। इसके बाद पदस्थापन के लिए 3 जिलों के विकल्प भी मांग लिए। इससे गफलत की स्थिति पैदा हो गई कि क्या प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से दिया गया जिला अभियोजन निदेशालय बदल देगा। हालांकि बाद में निदेशक पीसी बेरवाल ने बताया कि हम जिला नहीं बदल सकते।

आरपीएससी की 2013 की भर्ती में भी हुई थी गड़बड़ी
आरपीएससी की ओर से 2013 में हुई एलडीसी भर्ती में भी प्रशासनिक सुधार विभाग ने जिला आबंटन में गड़बड़ी कर दी थी। तब बवाल मचने के बाद विभाग को गृहजिले से दूर जाने वालों से परिवेदना मांगते हुए उनको विभाग बदलने का मौका दिया था। इसके बाद विभाग ने गलती सुधारते हुए कई अभ्यर्थियों का विभाग बदलते हुए गृह जिला आबंटित किया था। अब 2018 की एलडीसी भर्ती में फिर वही समस्या उत्पन्न हो गई है।

केस-1 : प्रतापगढ़ सुनते ही मां ने कहा छोड़ दे नौकरी : एलडीसी भर्ती में 11864 पर आई जयपुर की मोहिनी सैनी को प्रतापगढ़ में शिक्षा विभाग मिला है। जबकि उसने जयपुर को पहली वरियता दी थी। मोहिनी का कहना है कि भर्ती में जिले की बजाय विभागों की वरियता ही देखी गई है। मां को जब मैंने प्रतापगढ़ के लिए बताया तो उसने कहा कि बेटी छोड़ देना नौकरी। इतनी दूर जाकर क्या करेगी। दूसरी तैयारी कर। मेरी तो दो साल की मेहनत बेकार हो गई।
केस-2 : कम रेंक वाले को मिल गया गृह जिला : विकास चौधरी की रेंक 1150 है। उन्होंने हनुमानगढ़ मांगा था। उन्हें जयपुर जिले में कोआपरेटिव विभाग मिला है। उनसे नीचे के रेंक के एक जने को कोआपरेटिव में ही हनुमानगढ़ जिला मिल गया। चौधरी ने कहा कि विभाग ने आंख मूंद कर जिला आबंटन किया है।

नियम यह कहता है कि पहले मेरिट के आधार पर विभाग आबंटन किया जाए। इसके बाद इच्छानुसार जिला आबंटन की कोशिश की जाए। हमने भी यही किया है। पहले विभाग आबंटन किया और इसके बाद उस विभाग के जिलों में जो पद खाली थे। उसके आधार पर जिला आबंटन किया। जिला व विभाग आबंटन में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। काम पारदर्शिता के साथ हुआ है।
- डॉ.आर.वेंकटेश्वरन, एसीएस, प्रशासनिक सुधार विभाग



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कुल 1094 पॉजिटिव में 435 ही एक्टिव केस; 604 स्वस्थ लोगों में 461 डिस्चार्ज किए जा चुके

शहर में बुधवार को 43नए पॉजिटिव केस सामने आए। जिसके बाद अब तक 1094कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। जयपुर राजस्थान का एक मात्र ऐसा शहर है जहा आंकड़ा 1 हजार के ऊपर है। वहीं अच्छी खबर ये है कि इनमें सिर्फ 435 एक्टिव केस हैं। वहीं 604 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। जिसमें से 461 लोग अब तक डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। वहीं संक्रमित मिले 53लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।

राजस्थान में 29 जिलों की स्थिति

शहर पॉजिटिव केस एक्टिव केस सही हुई डिस्चार्ज हुए
अजमेर 179 128 50 5
अलवर 14 7 6 6
बांसवाड़ा 66 8 58 40
बारां 1 1 0 0
बाड़मेर 13 2 1 1
भरतपुर 115 8 105 98
भीलवाड़ा 39 2 35 31
बीकानेर 38 1 36 36
चित्तौड़गढ़ 100 99 0 0
चूरू 14 0 14 12
दौसा 21 3 18 10
धौलपुर 15 14 1 1
डुंगरपुर 9 4 5 5
हनुमानगढ़ 11 0 11 11
जयपुर 1094 435 604 461
जैसलमेर 35 4 31 31
झालावाड़ 42 4 38 27
झुंझुनू 42 2 40 35
जोधपुर 762 518 230 218
करौली 3 1 2 1
कोटा 221 54 158 86
नागौर 119 66 51 9
पाली 35 33 2 2
प्रतापगढ़ 4 1 2 2
राजसमंद 5 5 0 0
सवाई माधोपुर 8 2 5 1
सीकर 7 3 2 2
टोंक 136 15 120 35
उदयपुर 15 9 6 2

कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा 2 से अधिक गंभीर बीमारी वाले मरीजों को, ऐसे 24 की जान गई

कोरोना से जयपुर में लगातार बढ़ती मौतों ने चिंता बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा खतरा उन्हीं को है जिन्हें दो से अधिक गंभीर बीमारियां हैं। 52 मौतों में से 24 से ज्यादा लोगों को गंभीर बीमारियां थी। इसके अलावा 12 लोगों को हायपरटेंशन और 7 को पहले से डायबिटीज था। किडनी की दिक्कत 3 लोगों को थी। 8 लोगों को अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया, जबकि 3 में पहले से कोई बीमारी नहीं पाई गई।

मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा मौतें उन लोगों की हुई जिन्हें पहले से दो बीमारियां थी। इनकी संख्या करीब 60% है। इसके अलावा डायबिटीज के साथ हार्ट डिजीज वाले पेशेंट के लिए कोरोना सबसे घातक है। क्योंकि ऐसे मरीजों को तेजी से इम्युनिटी कम करता है और हार्ट और शरीर के अन्य अंगों को खराब कर देता है। हाइपरटेंशन और उसके साथ अन्य कोई भी बीमारी मौतों की बड़ी वजह बनी है। इसके साथ ही टीबी और सीओपीडी के मरीजों के लिए भी काफी घातक है।

मोटापा भी घातक... ज्यादातर मामलों में सीवियर कंडीशन में भर्ती हुए मरीज
भास्कर एक्सपर्ट डॉ. सुधीर भंडारी, सीनियर प्रोफेसर मेडिसिन डॉ. रमन शर्मा, एचओडी मेडिसिन डॉ. एस बनर्जी, सीनियर कंसल्टेंट मेडिसिन डॉ. अजीत सिंह के अनुसार मोटे लोगोें में भी कोरोना काफी खतरनाक दिख रहा है। जिन लोगों की मौत हुुई, उनमें से 88 फीसदी का वजन अधिक था। इसके अलावा िजन मरीजों की मौत हुई, उनमें से अधिकांश में निमोनिया की काफी सीवियर स्टेज सामने आई है। इन मरीजों में अलग तरह के ही साइटोकाइंस मार्कर्स काफी अधिक संख्या में रिलीज हो रहे थे।



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जयपुर परकोटे में रोज नए केस सामने आ रहे हैं। जिसके कारण गली-गली में स्क्रीनिंग की जा रही।




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जोधपुर में 30 बीएसएफ के जवानों समेत 80 पॉजिटिव मिले, जयपुर में 43 संक्रमित; तीन की मौत

राजस्थान में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बुधवार को159 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें जोधपुर में बीएसएफ के 30 जवान भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।इसके अलावा जोधपुर में 50 और संक्रमित मिले। वहींजयपुर में 43,पाली में 12,अजमेर में 5, अलवर में 3, झालावाड़ औरजालौर में 3-3,धौलपुर औरडूंगरपुर में 2-2, राजसमंद, करौली, सवाई माधोपुर, सीकर,भरतपुर और चित्तौड़गढ़ में 1-1 संक्रमित मिला। जिसके बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 3317 पहुंच गया। वहीं करौली, सवाई माधोपुर, जोधपुर और जयपुरमें 1-1 व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद मौतों की कुल संख्या 93पहुंच गई।

इससे पहले मंगलवार को 97 नए पॉजिटिव केस सामने आए। जिसमेंजोधपुर में 41, जयपुर में 25, चित्तौड़गढ़ में 9, कोटा में 9, अजमेर में 5,भीलवाड़ा औरटोंक में 2-2, राजसमंद, झालावाड़, अलवर और भरतपुर में 1-1 संक्रमित मिला। वहीं 12 लोगों की मौत हो गई। जिसमेंजयपुर में 6, जोधपुर और कोटा में 3-3 मौत भी रिकॉर्ड की गई।

33 में से 30जिलों में पहुंचा कोरोना

प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 1094(2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 859(इनमें 47 ईरान से आए), कोटा में 221, अजमेर में 182, टोंक में 136, भरतपुर में 116, नागौर में 119, बांसवाड़ा में 66, जैसलमेर में 49 (इनमें 14 ईरान से आए), झुंझुनूं में 42, झालावाड़ में 45, बीकानेर में 38, भीलवाड़ा में 39, मरीज मिले हैं। उधर, दौसा में 21, चित्तौड़गढ़ में 100, चूरू में 14, पाली में 40, धौलपुर में 17, अलवर में 16, हनुमानगढ़ में 11, उदयपुर में 15, सवाईमाधोपुर में 9, डूंगरपुर में 9, सीकर में 8, करौली में 4, राजसमंद में 6, जालौर में 3, बाड़मेर में 3, प्रतापगढ़ में 4 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। बारां में 1 संक्रमित मिला है। वहीं जोधपुर में बीएसएफ के 30 जवान भी संक्रमित।

अब तक 93लोगों की मौत

राजस्थान में कोरोना से अब तक 93लोगों की मौत हुई है। इनमें 9कोटा, दो भीलवाड़ा, 53जयपुर (जिसमें दो यूपी से), 15जोधपुर, दो नागौर, दो सीकर, दो भरतपुर, एक करौली, एक प्रतापगढ़, एक अजमेर, एक चित्तौड़गढ़, एक अलवर, एक बीकानेर, एक सवाई माधोपुर और एक टोंक में हो चुकी है।

लॉकडाउन में मजबूरी बताकर ठगते थे पैसे, दो गिरफ्तार

कमिश्नरेट पुलिस ने ऐसे सायबर गिराेह का पर्दाफाश किया है जाे लाॅकडाउन में फंसे हाेने का बहाना बनाकर ऑनलाइन ठगी करते थे। पुलिस ने मास्टर माइंड सहित एक महिला काे गिरफ्तार किया है। यह गिराेह पैसे ऐंठने के लिए परिचित बनकर फाेन करते औैर मुसीबत में फंसे हाेने का बहाना बनाकर खाते में पैसे जमा करवाने के दाैरान डिटेल्स हासिल कर ऑनलाइन ठगी काे अंजाम देते। इसी पैसे काे अलग-अलग पेटीएम खाते के जरिए अन्य बैंक खाताें में ट्रांसफर कर लेते। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त विमल सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आराेपी मजलीस खान ठगी की राशि काे ट्रांसफर करने के लिए लड़कियाें के खाते उपयाेग में लेता था पुलिस काे आराेपी से करीब 100 लड़कियाें के एटीएम कार्ड बरामद किए है। आराेपी अलवर में पीजी हाॅस्टल चलाता है। इनके खातों का उपयोग पैसे मंगाने में करता था।



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राजस्थान में लॉकडाउन फेज 2 में ढील दी गई है। जिसके बाद दुकानों पर पहले से ज्यादा भीड़ देखी जा रही है।




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शराब के उठाव के लिए 42 वाहनों के साथ पहुंचे ठेकेदार

राजस्थान राज्य बेवरेज के जिला मुख्यालय के औद्योगिक क्षेत्र स्थित गोदाम पर बुधवार को जिलेभर से आए शराब ठेकेदारों के जमावड़ा रहा। जिले में लॉक डाउन के दौरान कई दिनों से बंद गोदाम आबकारी विभाग के आदेश के बाद खुलने से ठेकेदार बुधवार को 42 पिकअप वाहन लेकर पहुंचे। बेवरेज डिपो मेनेजर रामगोपाल वर्मा ने अपनी देखरेख में ठेकेदारों को माल का लदान करवाया। विदित रहे कई दिनों के बाद आज शराब का उठान हुआ तो रिको में शराब गोदाम पर दिन भर भीड़ भी लगी रही।
हालात यह थे कि रात तक भी ठेकेदार अपना माल लेने के लिये गोदाम पर अपनी बारी का इन्तजार कर रहे थे। जानकारी के अनुसार बुधवार को पहले रोज एक करोड़ 25 लाख से अधिक की शराब का ठेकेदारों ने उठाव किया है।



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बरवाड़ा में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 40 से अधिक वाहन जब्त

कस्बे में लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर बरवाड़ा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 40 से अधिक वाहनों को जब्त किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि कस्बे में लॉक डाउन के दौरान मुंह पर मास्क के बिना मोटरसाइकिल चलाने तथा यातायात नियमों का पालन नहीं करने पर 40 से अधिक वाहनों को जप्त किया गया है। उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर की गई। थाना प्रभारी ने बताया कि जो लोग नियमों की पालना नहीं करेंगे। उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

बेवजह घूमने वाले वाहनों पर कार्रवाई, 15 बाइक जब्त
भाडौती| लोकडाउन को नजरअंदाज कर बेवजह बाजार में घूमने वाले वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई करते हुए भाडौती पुलिस ने 15 बाईको जब्त किया। कार्यवाहक भाडौती चौकी प्रभारी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उच्च अधिकारियों को निर्देशन पर पुलिस चौकी के सामने नाकाबंदी कर बेवजह बाजार में घूम रहे वाहनों पर कार्रवाई की। इस दौरान 15 बाइक जब्त की।



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More than 40 vehicles seized in Barwara violating lockdown




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बॉडी बनी नहीं और आरटीओ में यूरो-4 की रोडवेज बसों का रजिस्ट्रेशन हो गया

बिना बॉडी बने आरटीओ अफसरों द्वारा यूरो-4 की 331 रोडवेज बसों का रजिस्ट्रेशन का मामल आया है। बसों का रजिस्ट्रेशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लॉकडाउन में यूरो-4 के वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए दी गई परमिशन में किया गया है। रजिस्ट्रेशन के लिए एआरआ ई से प्रमाणित बाॅडी निर्माता कंपनी का सर्टिफिकेट और आरटीओ निरीक्षकों की भौैतिक सत्यापन रिपोर्ट जरूरी है, लेकिन आरटीओ निरीक्षकों ने बिना बाॅडी बने बसाें की ओके रिपोर्ट जारी कर दी और कंपनी ने सर्टिफिकेट भी दे दिया।

कंपनी बाॅडी काेड के तहत बसों में सीट, लंबाई, ऊंचाई, चौडाई निर्धारित मापदंड के तहत बनाती है। इसमें खरी उतरने पर बस का रजिस्ट्रेशन किया जाता है, लेकिन इसमें फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर बसों का रजिस्ट्रेशन कर दिया। कोर्ट और सडक परिवहन मंत्रालय ने रजिस्ट्रेशन की स्वीकृति नहीं दी थी। दूसरी ओर, यूरों-4 की बसों का लॉकडाउन में रजिस्ट्रेशन का बस ऑपरेटर्स ने विरोध किया है। ऑपरेटर्स का आरोप है नियम-कायदे एक होने के बाद भी अफसर भेदभाव कर रहे हैं। ऑपरेटर्स ने उनकी बसों के भी इसी तरह से रजिस्ट्रेशन करने की मांग की है।
मुझे जानकारी नहीं है
मैंने तो बसों का रजिस्ट्रेशन आरटीओ निरीक्षक की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट और बाबू की ओर से दस्तावेज की जांच के बाद किया है। मुझे इस बारे में जानकारी नहीं की बसों की बॉडी नहीं बनी। -दयाशंकर गुप्ता, डीटीओ यात्री वाहन



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मैं हौसला कैसे छोड़ता, आईसीयू में 92 साल के ‘जवान’ थे और 4 साल की योद्धा भी

(महेश शर्मा). कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सबकुछ निगेटिव ही नहीं है। जयपुर में अब तक 506 से ज्यादा लोग काेरोना को हरा चुके हैं। इनमें से 361 डिस्चार्ज होकर घर लौट चुके हैं। यानी हौसला रखेंगे और डॉक्टर की बात मानेंगे तो काेरोना की हार तय है। कोरोना को हराने वाले लोगों में राजापार्क के राजन कालरा (36) भी हैं। महामारी को हराकर 4 दिन पहले निगेटिव रिपोर्ट के साथ ‘बेहद पॉजिटिव’ होकर लौटे कालरा ने भास्कर से काेरोना होने से महामारी से अपनी लड़ाई तक साझा की।
खुद को आज्ञाकारी लड़के की तरह डॉक्टरों को समर्पित कर दो, कोरोना हार जाएगा
ऑलराउंडर खेल में तो ठीक है, असल जिंदगी में हमें सिर्फ एक्सपर्ट पर भरोसा करना चाहिए। कोरोनाकाल में मैंने सिर्फ दो काम किए- बिना डिग्री वाले डॉक्टरों की अनदेखी करो और खुद को आज्ञाकारी लड़के की तरह डाॅक्टरों को समर्पित कर दो। बुखार हुआ तो मैंने एक-दो दिन क्रोसिन खाई। इसके बाद बहन की सलाह पर दोस्त के साथ सीके बिरला अस्पताल पहुंचा। सारी जांचें हुईं। कोरोना निगेटिव था, डेंगू-मलेरिया-वायरल नहीं था पर लेकिन बुखार बना रहा। तब डॉ. पुनीत गुप्ता ने अस्पताल के एमडी से बातकर पहले ही मेरा रूटीन मरीजों से अलग इलाज शुरू किया। पीपीई किट वाले नर्सिंग स्टाफ ने पूरा ध्यान रखा, बल्कि कई बार तो खाना भी हाथ से खिलाया।

8 अप्रैल को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तब तक मैं बेहतर महसूस कर रहा था। इलाज कर रहे डॉक्टरों को भी क्वारेंटाइन होना पड़ा। मुझे एसएमएस शिफ्ट किया गया। यहां डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ. एस बनर्जी, डॉ. श्रीकांत के रूप में फरिश्ते मिले। आईसीयू में शिफ्ट हुआ तो यहां 92 साल के एक ‘जवान’ और क्वारेंटाइन वार्ड में 4 साल की बच्ची (निश्चिंत मुस्कराती जिंदगी) को देखा।मेरी तबीयत में सुधार हो रहा था। बुखार कम था और घबराहट भी नहीं थी। एसएमएस में भी जो डॉक्टरों ने कहा, वही किया। हमेशा मास्क पहना और खाने-पीने में परहेज किया। एडमिट रहते हुए मैंने 4 डेडबॉडी भी देखी। सारा माहौल डर, हताशा, घबराहट की ओर खींचता रहा। परिवार की चिंता सो अलग। माता-पिता भी क्वारेंटाइन थे। ऐसे समय में बहनों और समाज के अजय पाल ने पॉजिटिविटी से भरे रखा। दवा का असर सोच और डॉक्टरों की सलाह पर निर्भर करता है। समझदारी और हौसला ही आपको बचाएगा। डॉक्टराें की सलाह मानें।



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कोरोनाकाल में मैंने सिर्फ दो काम किए- बिना डिग्री वाले डॉक्टरों की अनदेखी करो और खुद को आज्ञाकारी लड़के की तरह डाॅक्टरों को समर्पित कर दो- कालरा।




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कोरोना को हराने में राजस्थान सबसे आगे, 47% मरीज ठीक हुए; 5 जिले संक्रमणमुक्त

कोरोनावायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में राजस्थान में मरीज सबसे तेजी से ठीक हो रहे हैं। राजस्थान में करीब 47.4% रोगी ठीक हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां रिकवरी रेट 39.69% है। इसके बाद आंध्र 31.76% के साथ तीसरे और मध्य प्रदेश 29.1 प्रतिशत के साथ चौथे नंबर पर है।देश में लाॅकडाउन 2 और लॉकडाउन 3 में कोरोना की रफ्तार के अनुसार माना जा रहा है कि हर 11 दिन में केस दोगुने हो रहे। पर राजस्थान में इससे उलट ट्रेंड है।

राजस्थान में 22 अप्रैल तक पाॅजिटिव केस कुल 1517 थे। 6 मई को एक्टिव केस (जो अस्पताल में भर्ती हैं) 1614 ही हैं। बाकी ठीक होकर घर जा चुके हैं। लिहाजा 15 दिन में मात्र 97 रोगी ही बढ़े हैं।
यहां अब कोई रोगी नहीं: राजस्थान के 5 जिले कोरोना से मुक्त हो गए हैं। ये हैं- चूरू, झुंझूनूं, सवाई माधोपुर, करौली और हनुमानगढ़। यहां सभी रोग ठीक हो चुके हैं।
यहां सबसे धीमा सुधार; नागौर में 119 में 66 अब भी एक्टिव संक्रमित हैं। अजमेर में 181 में से 130 का इलाज चल रहा है। हाॅट स्पाॅट वाले जिलों में सबसे कमजोर रिकवरी रेट इन्हीं दो जगह है।

सबसे ज्यादा 80 नए संक्रमित जोधपुर में मिले
प्रदेश में बुधवार काे जयपुर, जाेधपुर, सवाईमाधाेपुर और कराैली में एक-एक माैतें हुई और 159 नए राेगी मिले। अब यहां कुल 3317 मरीज हाे गए हैं, जबकि कुल 93 माैतें हाे चुकी हैं। जयपुर में 43 राेगी मिलने के साथ ही कुल 1090 मरीज हाे गए। यहां अब तक 51 माैतें हाे चुकी हैं। जाेधपुर में बीएसएफ के 30 जवानों सहित 80, अजमेर में 5, अलवर में 3, भरतपुर में एक, चित्ताैड़गढ़ में एक, धाैलपुर में 2, डूंगरपुर में 2, जालाेर में 3, झालावाड़ में 3, कराैली में एक, पाली में 12, राजसमंद में एक, सवाईमाधाेपुर में एक, सीकर में एक नया मरीज मिला। जोधपुर में बीएसएफ परिसर सील कर दिया गया है। जालाैर में राेगी मिले तीनों प्रवासी पिछले कुछ दिन में भाग कर वीराणा-सायला तथा रायथल गांव पहुंचे थे। उनके संपर्क में आए लोगों को आइसोलेट किया गया है। दाेनाें गांवाें में कर्फ्यू लगा दिया गया।



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राजस्थान के 5 जिले कोरोना से मुक्त हो गए हैं। ये हैं- चूरू, झुंझूनूं, सवाई माधोपुर, करौली और हनुमानगढ़। यहां सभी रोग ठीक हो चुके हैं।




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एक ही दिन में तीन और डेढ़ साल के बच्चों समेत 4 पॉजिटिव मिले, प्रशासन की चिंता बढ़ी

(अमित जादौन)।धौलपुरजिले में गुरुवार को चार कोरोना पॉजिटिव मिलने से लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ गई है और प्रशासन की परेशानी बढ़ती जा रही है। एक दिन में चार कोरोना रोगी पहली बार मिले हैं। गुरुवार को जो रिपोर्ट मिली है, उसमें मनिया क्षेत्र के गांव लाडमपुर का 62 वर्षीय सुंदर सिंह पुत्र श्रीराम की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। सुंदर सिंह पहले से ही मनिया सीएचसी में क्वारैंटाइन है।

इसी प्रकार बसेड़ी क्षेत्र के गांव दोपुरा निवासी हरभजन का तीन साल का पुत्र अक्षय तथा डेढ़ वर्ष की पुत्री अक्षरा की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसकी पत्नी शशि व खुद पहले से ही कोरोना पॉजिटिव मिल चुकी हैं।

इनके अलावा चौथा बाड़ी के गांव आदमपुर का विष्णु है, जो चार दिन पहले महाराष्ट्र से गांव पहुंचा था। यह ट्रक चालक है। 18 वर्षीय विष्णु का पिता रामचरण विष्णु को लेकर बाड़ी के सामान्य चिकित्सालय पहुंचा था, जहां उसका कोरोना का सैंपल लिया गया और उसे कोरोन टाइम किया गया था।

एक दिन में चार पेशेंट मिलना निश्चित रूप से चिंता की बात है और इस सब के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं। पुलिस ने अंतर राज्य सीमा पर स्थित धौलपुर में नाकेबंदी कर रखी है, मगर यह नाकेबंदी कामयाब नहीं हुई है और आगरा, मुरैना ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र तक से लोग धौलपुर जिले के गांवों में पहुंच रहे हैं।

बाड़ी में लगा 1 किलोमीटर की परिधि में कर्फ्यू

जिला कलेक्टर के आदेश अनुसार बाड़ी कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया है कर्फ्यू की घोषणा जैसे ही आई लोगों में बेचैनी बढ़ गई और कुछ लोग जरूरी सामान के लिए बाहर निकले तो उनकोवही आदमपुर गांव में निकला पॉजिटिव मरीज के मिलने के बाद उपखंड प्रशासन गांव आदमपुर पहुंचा और प्रशासन एवं मेडिकल टीम कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी प्राप्त कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसके साथ-साथ और कौन-कौन से जो व्यक्ति हैं जो कोरोनापॉजिटिव के संपर्क में आए हैं।

कर्फ्यू लगने के बाद बाड़ी कस्बे का सुनसान मार्केट।


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बाड़ी में कर्फ्यू लगने से पहले भी लॉकडाउन के कारण इक्का-दुक्का लोगों का ही मूवमेंट था। मुख्य बाजार में तैनात पुलिसकर्मी।




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राजस्थान में 53 फीसदी मरीज पॉजिटिव से निगेटिव हुए, 1284 हो चुके डिस्चार्ज: चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश में कोरोना के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा किप्रदेश में बेचिकित्सकों की मेहनत से राजस्थान कोरोना संक्रमितों की रिकवरी में देश भर में पहले पायदान पर जगह बना पाया है।चिकित्सकों द्वारा बेहतर देखभाल के चलते करीब 52 फीसदी मरीज पॉजीटिव से निगेटिव हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की सतर्कता के साथ स्वयं मरीजों ने भी सकारात्मक रूख रखते हुए इलाज करवाया। चिकित्सकों का भरपूर सहयोग किया।

डॉ रघु शर्मा नेबताया कि गुरुवार 2 बजे तक राज्य में कुल 3400 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 1740 कोरोना संक्रमित मरीज, उपचार दिए जाने के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। इन रिकवर हुए लोगों में से 1284 को डिस्चार्ज करने के बाद उनके घर भी भेजा जा चुका है।

प्लाज्मा थैरेपी से कम होगी प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर

डॉ. शर्मा ने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी से दो गंभीर बीमारियों से ग्रसित कोरोना पॉजीटिव मरीजों का इलाज सवाई मानसिंह अस्पताल में ट्रायल बेस पर किया जा चुका है। आईसीएमआर ने प्रदेश के 20 मरीजों के इलाज की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी आने के बाद हम कोरोना से होेने वाली मृत्यु दर को और भी कम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्र के मुकाबले मृत्यु दर महज 2.79 फीसदी ही है। इस थैरेपी के आने के बाद कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज आसानी से किया जा सकेगा।

जयपुरिया अस्पताल में नहीं होगा कोरोना संक्रमितों का इलाज

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जयपुर स्थित जयपुरिया अस्पताल में अब तक जिन कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा था, उन्हें आरयूएसएच अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। यहां अब कोरोना संक्रमितों का इलाज नहीं होगा। उन्होंने बताया कि सोमवार तक अस्पताल को सैनिटाइजकरवाकर इसे सामान्य बीमारियों के लिए खोला जा सकेगा।

राज्य की सीमाओं को सील करना बेहतर निर्णय

डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की सीमाओं को सील करना बेहतरीन निर्णय है। जबकि प्रदेश में संक्रमितों की रिकवरी रेट बढ़ रही है। प्रदेश के कई जिले संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। ऐसे में बाहर से बिना अनुमति के आने वाले लोग प्रदेशवासियों की अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी श्रमिक या अप्रवासी राज्य में आ रहे हैं उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। आने वाले लोगों को 14 दिनों के होम या सरकारी क्वारैंटाइन में रखा जा रहा है। ऐसे में बिना जांच के व्यक्ति प्रदेश के लिए संकट की वजह बन सकते हैं।



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लॉकडाउन के दौरान मोबाइल ओपीडी यूनिट सेवा दे रही। जयपुर के छह क्षेत्र में लगे शिविरों में 696 रोगियों को मिला उपचार।




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जोधपुर में बीएसएफ के 12 जवानों समेत 42 लोग पॉजिटिव पाए गए, जयपुर में 21 और चित्तौड़गढ़ में 16 संक्रमित

राजस्थान में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। गुरुवार को कोरोना के 110 केस पॉजिटिव आए।जिसमें जोधपुर में 30 लोग संक्रमित मिले। वहीं जोधपुर में ही बीएसएफ के 12 जवान भी पॉजिटिव पाए गए।इसके साथ जयपुर में 21चित्तौड़गढ़ में 16, पाली में 10, अजमेर मे 5, उदयपुर में 5, धौलपुर में 4, अलवर और कोटा में 2-2, जालौर, राजसमंदऔर सिरोही में 1-1 संक्रमित मिला। जिसके बाद कुल पॉजिटिव लोगों की संख्या 3427पहुंच गई। वहींराज्य में 6 मौतें भी रिकॉर्ड की गईं। जिसमें जयपुर में 2, जोधपुर , कोटा, चित्तौड़गढ़ औरअजमेर में 1-1 मौत भी हुई। जिसके बाद कुल मौतों का आंकड़ा 99पर पहुंच गया।

वहीं बुधवार को 159 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें जोधपुर में बीएसएफ के 30 जवान भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा जोधपुर में 50 और संक्रमित मिले। वहीं जयपुर में 43, पाली में 12, अजमेर में 5, अलवर में 3, झालावाड़ और जालौर में 3-3, धौलपुर और डूंगरपुर में 2-2, राजसमंद, करौली, सवाई माधोपुर, सीकर, भरतपुर और चित्तौड़गढ़ में 1-1 संक्रमित मिला।वहीं करौली, सवाई माधोपुर, जोधपुर और जयपुर में 1-1 व्यक्ति की मौत हो गई।

33 में से 31जिलों में पहुंचा कोरोना
प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 1115(2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 889(इनमें 47 ईरान से आए), कोटा में 223, अजमेर में 187, टोंक में 136, भरतपुर में 116, नागौर में 119, बांसवाड़ा में 66, जैसलमेर में 49 (इनमें 14 ईरान से आए), झुंझुनूं में 42, झालावाड़ में 45, बीकानेर में 38, भीलवाड़ा में 39, मरीज मिले हैं। उधर, दौसा में 21, चित्तौड़गढ़ में 116, चूरू में 14, पाली में 50, धौलपुर में 21, अलवर में 18, हनुमानगढ़ में 11, उदयपुर में 20, सवाईमाधोपुर में 9, डूंगरपुर में 9, सीकर में 8, करौली में 4, राजसमंद में 7, जालौर में 4, बाड़मेर में 3, प्रतापगढ़ में 4 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। सिरोही और बारां में 1-1 संक्रमित मिला है। वहीं जोधपुर में बीएसएफ के 42जवान भी संक्रमित।

अब तक 99लोगों की मौत

राजस्थान में कोरोना से अब तक 99लोगों की मौत हुई है। इनमें 10कोटा, 2 भीलवाड़ा,2 चित्तौड़गढ़ 55जयपुर (जिसमें दो यूपी से), 16जोधपुर, दो नागौर, दो सीकर, दो भरतपुर, दो अजमेर, एक करौली, एक प्रतापगढ़, एक अलवर, एक बीकानेर, एक सवाई माधोपुर और एक टोंक में हो चुकी है।

प्रदेश में 10वीं की शेष परीक्षा न लेने की तैयारी, 12वीं की 25 मई से संभव

सीबीएसई की तर्ज पर अब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी 10वीं के शेष दो पेपरों की परीक्षा नहीं लेने का मानस बना रहा है। हालांकि, इस बारे में अभी अंतिम निर्णय हाेना बाकी है। उधर, यदि लॉकडाउन 17 मई को खुल जाता है तो कक्षा 12वीं की शेष परीक्षाएं, विशेषकर विज्ञान वर्ग की परीक्षाएं 25 मई से कराई जा सकती हैं। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारौली ने बुधवार काे कहा कि वे स्वयं सीबीएसई की तर्ज पर 10वीं क्लास के शेष पेपर लेने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन इस मामले में अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है। यदि बाकी पेपराें के एग्जाम नहीं हाेते ताे प्रदेश के 11 लाख से अधिक विद्यार्थियों को राहत मिल सकती है। इससे पहले बाेर्ड अध्यक्ष ने 10वीं-12वीं की बाेर्ड परीक्षाओं की संभावना को लेकर अधिकारियों से विचार-विमर्श भी किया। डॉ. जारौली ने कहा कि 12वीं क्लास के शेष पेपर कराने के लिए तैयारियां जारी हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी जेईई मेंस व नीट की परीक्षाओं काे देखते हुए 12वीं विज्ञान के पेपरों का प्राेग्राम तय किया जा रहा है। बता दें कि मंत्रालय ने ऐलान किया था कि उत्तरी-पूर्वी दिल्ली काे छाेड़कर सीबीएसई 10वीं के बाकी एग्जाम देश में कहीं नहीं लिए जाएंगे।



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जयपुर के कई कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में सख्ती जारी। बाहर निकलने वाले लोगों से हो रही पूछताछ।




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बंडाकापुरा में ट्रांसफार्मर खराब होने से 4 दिन से बिजली गुल, लोगों का प्रदर्शन

तहसील मुख्यालय पर बंडा का पुरा में ट्रांसफार्मर खराब होने से 4 दिन से बिजली गुल है। भीषण गर्मी में बिजली समस्या के विरोध में गुरुवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया तथा चेतावनी दी है है कि यदि दो दिन में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे। बंडा का पुरा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता दलसिंह मीणा, मजदूर यूनियन के अध्यक्ष जगदीश बंडा, सतीश मीणा, ओम प्रकाश मीणा, संजय मीणा, हरि सिंह मीणा, भोला मीना, राजीव मीणा, हरि सिंह, ओमप्रकाश, सुरेश, सत्तू मीणा आदि गुरुवार दोपहर आम चौक में विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने बताया कि बंडा का पुरा को बिजली आपूर्ति से जोड़ने वाला ट्रांसफार्मर खराब पड़ा हुआ है जिसके कारण ग्रामीणों को 4 दिन से अंधेरे में रहना पड़ रहा है। बिजली समस्या के संबंध में बिजली निगम के अभियंताओं को भी अवगत कराया जा चुका है एवं ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है किंतु अभी तक ट्रांसफार्मर को दुरुस्त नहीं किया गया है। बिजली नहीं आने की वजह से पेयजल आपूर्ति भी बाधित हो रही है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि 2 दिन में ट्रांसफार्मर को बदल कर बिजली समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे। कनिष्ठ अभियंता मनोज बैरवा ने बताया कि ट्रांसफार्मर बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।



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4 days of power failure due to transformer failure in Bandakapura, people protest




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शहराकर में शराब की दुकान खुलने से रोष, धरने पर बैठे 4 गांवों के लोग

ग्राम पंचायत शहराकर व ग्राम पंचायत मान्नोज के गांव दादनपुर के ग्रामीणों ने टोडाभीम-गुढ़ाचन्द्रजी रोड पर शराब की दुकान खुलने के विरोध में दो ग्राम पंचायतों के चारों गांवों के लोग धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों के धरने पर बैठने की सूचना पर मौके पर तहसीलदार विनोद कुमार मीणा व थानाधिकारी मनोहरलाल मीना मय पुलिस जाब्ते मौके पर पहुंचे। तहसीलदार व थानाधिकारी ने ग्रामीणों से काफी समझाइश की गई, लेकिन धरने पर बैठे ग्रामीण जिला आबकारी अधिकारियों को मौके पर बुलाने पर अड़ गए। इसके बाद प्रशासन की सूचना पर शहराकर पहुंचे। जिला आबकारी अधिकारी नीरज कुमार शर्मा से ददानपुर, शहराकर, लाडपुर व मकठोठ के ग्रामीणों ने मन्नोज व शहराकर ग्राम पंचायतों की सीमा से बाहर शराब की दुकान खुलवाने की मांग की गई। जिला आबकारी अधिकारी ने शराब की दुकान को हटवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे चारों गांवों के ग्रामीणों से कहा कि आप सभी निश्चिन्त रहे इस बारे में शीघ्र ही कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया। वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चार दिन में शराब की दुकान को नहीं हटवाया गया तो ग्रामीण फिर से उग्र आंदोलन करेंगे।



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Fury due to opening of liquor shop in Shehkar, people from 4 villages sitting on dharna




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114 वाहन जब्त, 16 वाहनों का चालान

पुलिस ने जिले में बेवजह सड़कों पर घूमने वाले लोगों के 114 वाहन जब्त किए तथा 16 वाहनों का चालान किया। यातायात पुलिस ने 59 वाहन जब्त किए तथा 15 वाहनों का चालान किया। बांदीकुई थाना पुलिस ने 12, कोलवा थाना पुलिस ने 1, बसवा थाना पुलिस ने 8 वाहन, सिकंदरा थाना पुलिस ने 2, मेहंदीपुर बालाजी थाना पुलिस ने 4, मंडावर थाना पुलिस ने 10, मंडावरी थाना पुलिस ने 8 व लवाण थाना पुलिस ने 1 वाहन जब्त किया।



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दौसा में 48 घंटे में मिल सकेगा पानी, गर्मी के लिए कार्य योजना बनेगी

गर्मी के मौसम में 48 घंटे से अधिक समय के अंतराल से पेयजल आपूर्ति वाले क्षेत्रों में यह अंतराल कम करने के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी। जिससे लोगों को गर्मी के मौसम में कम से कम 48 घंटे में एक बार पीने के लिए पानी मिल सकेगा।जिले में गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत बढ़ने पर आपूर्ति सुचारू करने एवं हैंडपंप व नलकूपों की मरम्मत के कार्यों में तेजी लाई जाएगी। गुणवत्ता पूर्ण पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने और जरूरत पड़ने पर टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की तैयारी की जाएगी। हैंडपंप एवं ट्यूबवैल की जहां जरूरत हो वहां स्वीकृति जारी की जाएगी और मरम्मत के कार्य समय पर पूरे करने पर कार्य किया जा रहा है। जल संरक्षण के साथ जल संचय पर भी जोर दिया जाएगा। जगह चिन्हित कर आरओ प्लांट्स लगाए जाएंगे। फरवरी में ही 65 करोड़ रुपए का कंटींजेसी प्लान मंजूर कर कलेक्टर को 50 लाख रुपए की आकस्मिक स्वीकृति के लिए अधिकृत कर दिया है। जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत योजनाओं को भी समय पर पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग के स्तर पर होगी साप्ताहकि समीक्षा बैठक, डीएम शामिल रहेंगे पेयजल आपूर्ति सुचारू रखने के लिए कलेटर एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव के स्तर पर साप्ताहिक एवं राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मासिक समीक्षा बैठक होगी, जिससे पेयजल से संबंधित शिकायतों का समय पर निस्तारण किया जाएगा। हाल ही में आए आंधी-तूफान से जहां बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचा है, उनकी मरम्मत कर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित का कार्य तेजी से किया जाएगा। गर्मियों में पेयजल आपूर्ति के लिए कार्ययोजना तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल वितरण की स्थिति के बारे में नये नलकूप लगाने, क्षतिग्रस्त पाइप लाइन एवं खराब पंपसेट बदलने के कार्य किए जा रहे हैं।
नरेगा में मिलेगा रोजगार
लॉकडाउन के दौरान काफी संख्या में श्रमिक बेरोजगार हुए हैं। ऎसे में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन एवं ऊर्जा विभाग के तहत चल रही परियोजनाओं में इन्हें नरेगा के तहत काम दिए जाने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।



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ओले-बरसात के बाद पारा फिर 45 डिग्री के करीब पहुंचा, आंधी और बारिश की चेतावनी

प्रदेश में लगातार अंधड, बारिश और ओलावृष्टि के बाद अचानक माैसम ने तेवर तीखे किए है। गुरुवार काे ज्यादातर शहराें के तापमान में 2 से 5 डिग्री की बढ़ाेत्तरी हुई। जैसलमेर में सर्वाधिक तापमान 44.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। राजधानी जयपुर सहित ज्यादातर इलाकाें में दिनभर तेज धूप खिली रही। अधिकतम तापमान 3 डिग्री बढ़कर 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

माैसम विभाग ने अगले चाैबीस घंटे के दाैरान पश्चिमी इलाके जैसलमेर, बाड़मेर और जालाैर में लू चलने का अनुमान जताया है। दौसा, भरतपुर, कराैली, जयपुर, स. माधाेपुर, काेटा, अजमेर, बूंदी, अलवर सहित पूर्वी इलाकाें में तेज हवाएं चलने के बाद बारिश की संभावना है।अजमेर 40.5, काेटा 41.9, बाड़मेर 44.7, जाेधपुर 42.8, बीकानेर 42.6, चूरू 40.7 और श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 39.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुअा।



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152 नए पॉजिटिव मिले, 4 की मौत; कोटा में बहन के संक्रमित होने के बाद खौफ से एक व्यक्ति तीसरी मंजिल से कूदा, हालत गंभीर

राजस्थान में लॉकडाउन फेज-3 के पांचवें दिन शुक्रवार को कोरोना के 152 नए पॉजिटिव केससामने आए। इनमें उदयपुर में 59,जयपुर में 34, चितौड़गढ़ में 10, कोटा, अजमेर औरजोधपुर में 9-9,राजसमंद में 6, पाली में 5, भीलवाड़ा में 4, अलवर और झालावाड़ में 2-2, सिरोही, करौली और सीकर में 1-1 संक्रमितमिला। इसके साथप्रदेश मेंकुल संक्रमितों की संख्या 3579 पहुंच गई।वहीं, शुक्रवार को संक्रमण से 4 लोगों की मौत भी हुई। इनमेंअजमेर में 2, जयपुर और जोधपुर में 1-1व्यक्ति की मौत हो गई। इसके साथ राज्य में मृतकों की कुल संख्या 103पर पहुंच गईहै।

कोटा के कैथूनीपोल थाना इलाके में एक व्यक्ति कोरोना के खौफ से अपने मकान की तीसरी मंजिल से कूद गया। बताया जा रहा है कि उसकी हालत गंभीर है। दरअसल, कुछ दिन पहले उसकी बहन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। इस व्यक्ति को लगा कि वह भी संक्रमित हो गया है। इसी गलतफहमी में गुरुवार को उसने आत्मघाती कदम उठाया।

गहलोत बोले-यहां कंपनियांलाने के लिए टास्क फोर्सबनाएंगे
कोरोना की वजह से दुनिया के आक्रोश का सामना कर रहे चीन को बड़ा झटका लग सकता है। 1,000 से अधिक दिग्गज कंपनियां अपनी उत्पादन यूनिट चीन से हटाकर भारत लाने की तैयारी में हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इन कंपनियों को राजस्थान लाने के लिए टास्क फोर्स बनाई जा रही है। सीएम ने गुरुवार को उद्योगपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आश्वासन दिया कि सरकार को उद्योगों की तकलीफ का अहसास है। उद्योगों को संबल देने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि किसी श्रमिक के पॉजिटिव पाए जाने पर उद्यमी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।

कोरोना अपडेट्स

  • जयपुर: शहर के33 थाना इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है। पॉजिटिव मिलने के कारण भट्टा बस्ती इलाके में हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 2 में लाल बहादुर शास्त्री सामुदायिक भवन की तरफ जाने वाली रोड स्थित गेट से लेकर शबरी कानन पार्क की दीवार तक, सेक्टर 3 में न्यू जालूपुरा, भौमिया कच्ची बस्ती औरतिराहे बिहारी मस्जिद और खोह नागोरियान में शिकारियों की ढाणी में कोरोना आंशिक कर्फ्यू लगाया गया है। मोती डूंगरी इलाके में मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बरकत मार्ग औरतिवाड़ी जी बाग सेकर्फ्यू हटा दिया गया।
  • जयपुर के खोह नागोरियान, मोती डूंगरी, सोढ़ाला, ब्रह्मपुरी में 5-5, बजाज नगर औरभट्टा बस्ती4-4,शास्त्री नगर, सदर, करधनी में3-3,आमेर, गलतागेट, मुहाना, लालकोठी, आदर्श नगर, मुरलीपुरा औरमालपुरा गेट में2-2,करणी विहार, सिन्धी कैम्प, नाहरगढ़, झोटवाड़ा, महेश नगर,ट्रांसपोर्ट नगर, प्रताप नगर, मालवीय नगर, गांधी नगर, सांगानेर, रामनगरिया, जालूपुराऔरसंजय सर्किल एक-एकजगह आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाहै।
जयपुर में लॉकडाउन के बीच बच्चे घर से बाहर निकलते तो हैं, लेकिन कॉलोनी के गेट से वापस चले जाते हैं।
  • चित्तौड़गढ़:निंबाहेड़ा के नया बाजार के65साल के बुजुर्ग कागुरुवार शाम उदयपुर के अशोक नगर गैस शवदाह गृह में अंतिम संस्कार हुआ। बेटे ने अकेले ही अंतिम संस्कार किया। इस परिवार के सभी 6 लोग कोरोना संक्रमित हैं,जो कोरोना केयर सेंटर में रह रहे हैं। बुजुर्ग आइसीयू में भर्ती थे। मौत के बाद उनके बेटे ने कहा कि मैं ही पिता को अंतिम विदाई दूंगा।
  • सिरोही:ग्रीन जोन में शामिल सिरोही जिले में भी प्रवासी के जरिए कोरोना ने दस्तक दे दी।गुरुवार को सिरोही शहर से महज दो किलोमीटर दूर नवाखेड़ा में एक युवक पॉजिटिव मिला। युवक 6 दिन पहले ही अहमदाबाद से एक निजी बस में आया था, जिसमें जिले के अन्य गांवों के प्रवासी भी शामिल थे। उसके साथ उसका एक साथी भी था, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। एहतियात के तौर पर उसे क्वारेंटाइन सेंटर में ही रखा है।

33 में से 31 जिलों में पहुंचा कोरोना

प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 1149 (2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 898 (इनमें 47 ईरान से आए), कोटा में 232, अजमेर में 196, टोंक में 136, नागौर में 119, चित्तौड़गढ़ में 126, भरतपुर में 116, बांसवाड़ा में 66, पाली में 55, जैसलमेर में 49 (इनमें 14 ईरान से आए), झालावाड़ में 47, झुंझुनूं में 42, भीलवाड़ा में 43, बीकानेर में 38, मरीज मिले हैं। उधर, उदयपुर में 79, दौसा और धौलपुर में 21-21, अलवर में 20, चूरू में 14, राजसमंद में 13, हनुमानगढ़ में 11, सवाईमाधोपुर, डूंगरपुर और सीकर में 9-9, करौली में 5, प्रतापगढ़ और जालौर में 4-4, बाड़मेर में 3 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। सिरोही में 2, बारां में 1 संक्रमित मिला है। वहीं जोधपुर में बीएसएफ के 42 जवान भी संक्रमित हैं।

अब तक 103लोगों की मौत

राजस्थान में कोरोना से अब तक 100लोगों की मौत हुई है। इनमें जयपुर 56(इनमें दो यूपी से), जोधपुर 17, कोटा 10, अजमेर 4, भीलवाड़ा,चित्तौड़गढ़, नागौर, सीकर औरभरतपुर में 2-2, करौली, प्रतापगढ़, अलवर, बीकानेर, सवाई माधोपुर और टोंक में एक-एक की जान गई।



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राजस्थान की सभी सीमाएं सील कर दी हैं। यह तस्वीर सायला के पास विराणा गांव की है। यहां दूसरे राज्य से आने वाले वाहन और व्यक्ति की एंट्री पर प्रतिबंध है।




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उदयपुर में सबसे ज्यादा 59 नए पॉजिटिव केस सामने आए, जयपुर में 34 और चित्तौड़गढ़ में 10 संक्रमित; तीन की मौत

राजस्थान में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को कोरोना के 152 नए पॉजिटिव मामले सामने आए। जिसमें उदयपुर में 59, जयपुर में 34, चित्तौड़गढ़ में 10,कोटा में 9, जोधपुर में 9, अजमेर में 9, राजसमंद में 6, पाली में 5, भीलवाड़ा में 4,अलवरऔरझालावाड़ में 2-2, सिरोही,करौली और सीकर में 1-1 संक्रमित मिला।जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 3579 पहुंच गई।वहीं चार लोगों की मौत भी हो गई। जिसमें अजमेर में 2, जयपुर और जोधपुर में 1-1 की मौत हो गई। जिसके बाद कुल मौतों का आंकड़ा 103पहुंच गया।

इससे पहले गुरुवार को कोरोना के 110 केस पॉजिटिव आए। जिसमें जोधपुर में 30 लोग संक्रमित मिले। वहीं जोधपुर में ही बीएसएफ के 12 जवान भी पॉजिटिव पाए गए। इसके साथ जयपुर में 21 चित्तौड़गढ़ में 16, पाली में 10, अजमेर मे 5, उदयपुर में 5, धौलपुर में 4, अलवर और कोटा में 2-2, जालौर, राजसमंद और सिरोही में 1-1 संक्रमित मिला।

33 में से 31 जिलों में पहुंचा कोरोना
प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 1149(2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 898 (इनमें 47 ईरान से आए), कोटा में 232, अजमेर में 196, टोंक में 136,नागौर में 119, चित्तौड़गढ़ में 126,भरतपुर में 116, बांसवाड़ा में 66,पाली में 55, जैसलमेर में 49 (इनमें 14 ईरान से आए),झालावाड़ में 47, झुंझुनूं में 42,भीलवाड़ा में 43, बीकानेर में 38, मरीज मिले हैं। उधर,उदयपुर में 79, दौसा औरधौलपुर में 21-21, अलवर में 20,चूरू में 14,राजसमंद में 13, हनुमानगढ़ में 11, सवाईमाधोपुर, डूंगरपुर औरसीकर में 9-9,करौली में 5, प्रतापगढ़औरजालौर में 4-4, बाड़मेर में 3कोरोना मरीज मिल चुके हैं। सिरोही में 2, बारां में 1संक्रमित मिला है। वहीं जोधपुर में बीएसएफ के 42 जवान भी संक्रमित हैं।

अब तक 103लोगों की मौत
राजस्थान में कोरोना से अब तक 103लोगों की मौत हुई है। इनमें 10 कोटा, 2 भीलवाड़ा, 2 चित्तौड़गढ़ 56जयपुर (जिसमें दो यूपी से), 17जोधपुर, 4अजमेर, दो नागौर, दो सीकर, दो भरतपुर, एक करौली, एक प्रतापगढ़, एक अलवर, एक बीकानेर, एक सवाई माधोपुर और एक टोंक में हो चुकी है।

राजस्थान; 1 से 2 जिले संक्रमित होने में 17 दिन लगेे, 30 दिन में ही 20 और जुड़ गए

सिरोही में एक मरीज मिलने के साथ ही अब कोरोना 33 में से 31 जिलों में पहुंच चुका है। सिर्फ श्रीगंगानगर और बूंदी में ही अब तक कोई केस नहीं आया है। चौंकाने वाली बात ये है कि प्रदेश में सबसे पहले 2 मार्च को जयपुर में पहला रोगी मिला था और इसके 17 दिन बाद दूसरा जिला भीलवाड़ा संक्रमित हुआ था। मगर इसके बाद अगले 30 दिन के अंदर ही 20 जिले और कोरोना की चपेट में आ गए। 6 से 12 जिलों तक संक्रमण फैलने में मात्र 9 दिन लगे। एक से 5 अप्रैल तक मात्र 5 दिन में ही जिले 12 से बढ़कर 21 हो गए। जालोर-सिरोही में मिले पहले रोगी प्रवासी हैं।

67 दिन से सुरक्षित; श्रीगंगानगर-बूंदी में अभी तक कोई कोरोना रोगी नहीं
अब ग्रीन जोन में केवल दो जिले बचे हैं- श्रीगंगानगर और बूंदी। यहां अभी तक 67 दिन में कोई कोरोना रोगी नहीं मिला। हालांकि, संक्रमित होने वाले पांच जिले अब कोरोना मुक्त हो चुके हैं और दो जिलों में मात्र एक-एक रोगी बचा है। वह भी ठीक होने वाला है। ऐसे में 9 जिले संक्रमण फ्री होने की ओर हैं। चूरू, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, करौली और सवाई माधोपुर में सभी रोगी ठीक हो चुके हैं। अब वहां एक भी नया रोगी नहीं है। बीकानेर और प्रतापगढ़ में एक-एक रोगी है। इस लिहाज से प्रदेश के 24 जिलों में रोगी हैं।



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तस्वीर जयपुर परकोटे की है। जहां पुलिस लगातार गश्त कर रही है।




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17 मई तक धारा 144 लागूउल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने नोवेल कोराना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के बचाव सुरक्षा के लिए संपूर्ण जशपुर जिले में प्रभावशील धारा 144 को लाॅकडाउन की अवधि आगामी 17 मई तक के लिए लागू करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से तथ्य परिलक्षित है कि कोरोना वायरस के संपर्क से पीड़ित संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि इससे बचने के लिए सभी संभावित उपाय अमल में लाए जाए। उन्होंने कहा है कि कोरोना कोविड-19 के संभावना प्रसार को देखते हुए इसको रोकने के लिए न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश में कड़े सामाजिक अलगाव को अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि अद्यतन स्थिति में भी कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। अभी संक्रमण की स्थिति कई स्थानों पर संभावित है। संक्रमण के बचाव हेतु जिला जशपुर में स्वास्थगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रित में रखने के लिए यह उचित प्रतीत होता हैं। उन्होंने कहा है कि यह भी तथ्य ध्यान में रखने योग्य है कि इस आपात की स्थिति में व्यवहारिक तौर पर संभव नही है कि जशपुर जिले में निवासरत सभी नागरिकों को नोटिस की तामिल कराई जा सके। अतः एकपक्षीय कार्यवाई करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहित 1973 के अंतर्गत जशपुर जिले में पूर्व में लागू 144 धारा में वृद्धि करना उचित है।
कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने माहामारी रोग अधिनियम तथा शासन द्वारा जारी आदेश के तहत कार्यालय, प्रतिष्ठानों, सेवाओं इत्यादि को दी गई इस आदेश में भी यथावत रहेगी। यह आदेश जशपुर जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र के लिए 17 मई 2020 या आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगी। उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर कार्यवाही भी की जाएगी।



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100 बिस्तर वाले बीएसपी अस्पताल में 30 साल बाद सिर्फ 24 बिस्तर की सुविधा बची

भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा बीएसपी कर्मचारियोें काे तत्काल बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को ध्यान में रखते हुए 100 बिस्तर अस्पताल की स्थापना की गई थी। जो अब मात्र 24 बिस्तर में सिमट रह गया है। डाॅक्टर व आवश्यक सुविधा नहीं हाेने से रेफर सेंटर बन कर रह गया है। लगभग 30 वर्ष पूर्व अस्पताल को सर्वसुविधायुक्त 100 बिस्तर अस्पताल बनाया गया था। जहां बीएसपी कर्मचारियों व मजदूरों का इलाज बेहतर तरीके से किया जाता था।
यहां पर पर्याप्त सर्जन, विशेषज्ञ चिकित्सक, सहायक चिकित्सक, नर्स, हेड नर्स, वार्ड बाय, ड्रेसर, फार्मासिस्ट सहित अन्य कर्मचारियों की पदस्थापना की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे सभी सुविधाअाें में कटाैती हाे रही है। इस अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर है। पूर्व मेंकिसी भी प्रकार का बड़ा से बड़ा ऑपरेशन इसी अस्पताल में किया जाता था। यहां तक ऑपरेशन के लिए भिलाई सेक्टर 9 से चिकित्सकों को विशेष वाहन से बुलाया जाता था। माइंस क्षेत्र होने के कारण यहां पर आए दिन दुर्घटना व परिवार के सदस्यों को किसी न किसी तरह के बीमारी से ग्रसित होने से इलाज होता था।
यहां गायनोलाॅजिस्ट, आर्थोपेडिक, दंत चिकित्सक तक नहीं
बीएसपी अस्पताल में 7 चिकित्सकों की पदस्थाना है। जिसमें एक मेडिसिन चिकित्सक और अन्य एमबीबीएस चिकित्सक हैं। इतने बड़े अस्पताल में गायनोलाॅजिस्ट, आर्थोपेडिक, दंत चिकित्सक, सोनोग्राफी चिकित्सक की पदस्थाना नहीं की गई। जिससे संबंधित मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। पैथोलाॅजी लैब नाममात्र का रह गया है। लैब टेक्निशियन के अनुभव की कमी के चलते रिपोर्ट में त्रुटियां पाई जाती है जिससे मरीजों के जान को खतरा बना रहता है। इसके लिए मरीज निजी पैथालाॅजी से टेस्ट करा कर चिकित्सक से सलाह लेते हैं।
चिकित्सकों की भर्ती की जा रही: महाप्रबंधक
अस्पताल प्रबंधक मनोज डहरवाल से पूछे जाने पर इस संबंध में किसी प्रकार की चर्चा करने से इंकार कर दिया। खान मुख्य महाप्रबंधक तपन सूत्रधार ने बताया कि चिकित्सकों की नई भर्ती की जा रही है जिसमंे एक गायनोलाॅजिस्ट शामिल है। साथ ही दो नई एम्बुलेंस की खरीदी की जा रही है।
एक हाॅल में मरीजाें का जांच करते हैं डाॅक्टर
चिकित्सकों के लिए पर्याप्त कमरा होने के बावजूद वहां न बैठ कर एक हाॅल में सभी चिकित्सक बिना पर्दा के मरीजों की जांच करते हैं। वहीं जांच के दौरान चिकित्सक को सभी मरीज घेरे रहते हैं। जिस पर कई मरीज संकोच के कारण बिना जांच कराए वापस चले जाते हैं। कई अपनी गुप्त बीमारी को चिकित्सक के सामने साझा करने से कतराते हैं।
यहां की नर्स ठेका श्रमिकोंसे कराती हैं पूरा काम
हेड नर्स व नर्स कुर्सी में बैठे-बैठे इशारे से अपना सारा काम ठेका श्रमिकोंसे कराती हैं। यहां तक मरीजों की ईसीजी जैसे अनेक कार्य अकुशल ठेका श्रमिकोंद्वारा कराया जाता है। ईसीजी से दवाई वितरण केन्द्र में चिकित्सक के पहुंचने से पहले अपना काउन्टर बंद कर चले जाते हैं। जिससे कई मरीजों को दवाई लेने के दूसरे दिन वापस काउंटर में लाइन लगाकर लेना पड़ता है।
मरीजों को घंटाें करना पड़ता है इंतजार
छोटी बीमारी तक के लिए भिलाई रेफर कर देते हैं
धीरे-धीरे बीएसपी अस्पताल अब मात्र 24 बेड पर सिमट कर रह गया। 12 बिस्तर पुरुष व महिलाओं के 12 बिस्तर लगाया गया है। वर्तमान में महिला एवं पुरुष वार्ड में एक भी मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। मरीज को आपातकालीन स्थिति में चिकित्सक बिना जांच के रेफर कर देते हैं। जिसके कारण बेड खाली पड़ा रहता है। छोटी बीमारी के लिए भिलाई रेफर कर दिया जाता है।
एम्बुलेंस बीच रास्ते में ही कभी भी हो जाती है खराब
बीएसपी द्वारा संचालित एंम्बुलेंस कंडम हो चुकी है। जिसके सहारे मरीजों को सेक्टर 9 रेफर किया जाता है। एम्बुलेंस बीच रास्ते में ही खराब हो जाती है। जिससे मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। एक ओर प्रबंधन माइंस क्षेत्र में उत्पादन काे बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से नई-नई मशीन लगा रही है। लेकिन बीएसपी कर्मचारियों के लिए ठेके पर एम्बुलेंस चला रही है।
बीएसपी कर्मचारी अपना इलाज निजी अस्पतालों में कराने में विश्वास रखते हैं। केवल गरीब व मजदूर ही बीएसपी अस्पताल में पहुंचते हैं। उन्हें भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा भिलाई सेक्टर 9 रेफर करने की बात करते हैं। सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचता है तो वहां के चिकित्सकों द्वारा जांच करते ही मरीज की हालत सामान्य हाेने पर वापस राजहरा भेज दिया जाता है। एक मात्र मेडिसिन चिकित्सक हेड बन कर बैठे हैं, जो अस्पताल मेें कभी भी समय पर उपस्थित नहीं रहता। इनके अनुशरण में अस्पताल के सभी कर्मचारी अपना टाइम टेबल व कर्तव्य भूल चुके हैं। अस्ताल में मरीजों को घंटाें इंतजार करना पड़ता है। इंताजर में अस्पताल बंद होने का समय आ जाता है जिससे बिना इलाज के मरीज लौट जाते हैं।



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भिलाई में पति 425 किमी दूर से लिफ्ट लेकर घर लौटा, तो पत्नी ने अंदर नहीं घुसने दिया, कहा- पहले जांच कराइये

छत्तीसगढ़ के भिलाई में कोरोना से बचने के लिए एक महिला ने पति को ही घर में नहीं घुसने दिया। उसका पति ओडिशा के राउरकेला से करीब 425 किमी की दूरी तय करके घर पहुंचा था। महिला ने उसको पहले मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा। खुर्सीपार सेक्टर-11 निवासी पूर्णिका कौर ने निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के लिए बुलाया। देर शाम टीम पहुंची और उसके पति को क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया।


अलग-अलग वाहनों से लिफ्ट लेकर पहुंचा
निगम पीआरओ पीसी सार्वा ने बताया कि महिला ने जानकारी दी है कि पति सुखदेव सिंह राउरकेला से विभिन्न वाहनों से लिफ्ट लेकर भिलाई पहुंचा। महिला ने पति को घर के बाहर ही रखा था। अंदरप्रवेश नहीं करने दिया।महिला के घर में तीन बच्चे भी हैं।

बाहर बैठे भूख लगी तो दूर से ही रोटी-सब्जी दी
जब पति को घर के बाहर बैठे-बैठे भूख लगी तो पत्नी ने रोटी-सब्जी बनाई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खाना दिया। फिर इसकी सूचना जोन-4 आयुक्त प्रीति सिंह औरअन्य अधिकारियों को दी।उसने तत्काल घर आने का आग्रह किया।निगम पीआरओ सार्वा कहते हैं किकोरोना संक्रमण रोकथाम और बचाव के लिए महिला ने अपनी अहम जिम्मेदारी निभाई है।

कोई रिस्क लेना नहीं चाहती, इसलिए जांच करवाई
महिला ने बताया कि उन्हें बाहर से आए हुए व्यक्तियों की सूचना देने की जानकारी दी गईथी। निगम से जारी किए गए मोबाइल नंबर प्राप्त हुए हैं। इसके चलते उसने शासन का सहयोग करते हुए भिलाई निगम को सूचना दी। शाम को जांच टीम पहुंच गई।



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छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक युवक जब ओडिशा से अपने घर पहुंचा तो पत्नी से उसे अंदर नहीं आने दिया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम बुलवाई और उसकी जांच कराकर क्वारैंटाइन सेंटर भिजवाया।




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नागपुर से झारखंड पैदल जा रहे मजदूर की हार्ट अटैक से मौत; 400 किमी की दूरी तय करके बिलासपुर तक आ गया था

झारखंड जाने के लिए नागपुर से पैदल निकले रवि मुंडा नाम की श्रमिक की बिलासपुर में हार्ट अटैक से मौत हो गई।उसने 400 किमी की दूरी पैदल तय की थी। बिलासपुर पहुंचने पर उसकी तबियत बिगड़ी। उसेछत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों को सूचना दी गई। उन्होंने आने मेंअसमर्थता जताई तोसिम्स प्रबंधन ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

नागपुर से 8 प्रवासी मजदूरों का ग्रुप झारखंड जाने के लिए पैदल ही निकला था। वह 3 मई को बिलासपुर पहुंचा, लेकिन यहां सरायकेला निवासी रवि मुंडा (40) की तबियत बिगड़ गई। सूचना मिलने पर एंबुलेंस से देर रात सभी को सिम्स लाया गया। रवि में कोरोना के लक्षण दिखने पर उसे अलग वार्ड में भर्ती किया गया। उसके साथ अन्य मजदूरों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए।

युवक की रिपोर्ट आई निगेटिव, सभी मजदूरों को भेजने की हो रही व्यवस्था
सिम्स की पीआरओ डॉ. आरती पांडेय ने बुधवार कोबताया कि अगले दिन सुबह करीब 7 बजे रवि की मौत हो गई। लक्षण को देखते हुए और रिपोर्ट के इंतजार में उसके शव काे मॉच्यूरी में रखवा दिया गया। उसके परिजनों को सूचना दी गई। बताया कि पॉजिटिव आने पर अंतिम संस्कार के लिए शव नहीं मिलेगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आई तो सिम्स व्यवस्था करा सकता है। परिजनों ने बिलासपुर आने में असमर्थता जताई।

डाॅ. आरती पांडेय ने बताया- बाकी 7 मजदूरों की तबियत ठीक होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पहल संस्था की मदद से रवि का 6 मई को अंतिम संस्कार किया गया है। सभी 8 मरीजों का कोविड-19 टेस्ट भी कराया था। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। रवि की मौत हार्ट अटैक से हुई है। प्रशासन बाकी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था कर रहा है।



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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नागपुर से झारखंड पैदल जा रहे एक मजदूर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। तबीयत खराब होने के कारण उसे सिम्स में भर्ती कराया गया था। परिजनों के नहीं आ सकने के कारण सिम्स ने ही अंतिम संस्कार कराया।




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जॉब कार्ड में नाम नहीं जोड़ा तो 2 गुटों में संघर्ष, 12 घायल, 46 पर मुकदमा

मनरेगा जॉब कार्ड में नाम दर्ज न करने और पुरानी रंजिश को लेकर रोजगार सहायक व गांव के एक गुट के बीच खूनी संघर्ष हो गया। मारपीट में रोजगार सहायक सहित 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने दोनों पक्षों के 46 लोगों के खिलाफ नामजद बलवा, मारपीट का अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की है।
खरसिया थाना क्षेत्र के गांडाबोरदी निवासी उमेश राम ने पुलिस को बताया कि वह आश्रित गांव कलमीपाठ का रोजगार सहायक है। लॉक डाउन के बीच उसने जिला प्रशासन की अनुमति के बाद एक मई से तालाब में खुदाई का काम करा रहा था। जिन लोगों के नाम पंजीकृत नहीं थे वह लोग तालाब खुदाई का काम पंजीयन करने के बाद ही कराने का दबाव बना रहे थे। पंजीयन कराने के बाद ही काम देने की बात कहने पर घर चला आया। दोपहर 4 बजे के करीब गांव का भोला शंकर घर पर आकर गालियां देने लगा। विरोध करने पर भोला शंकर ने 50 लोगों के साथ धावा बोल दिया। उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की, इसी बीच किसी ने उसके सिर पर टांगी से वार कर घायल कर दिया। रोजगार सहायक ने भोलाशंकर सहित गांव के 39 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। दूसरे पक्ष से भोलाशंकर ने पुलिस को बताया कि रोजगार सहायक के भाई नैनदास भारद्वाज का उससे पुराना विवाद चल रहा है। इसी रंजिश में रोजगार सहायक उसका व उसके परिवार के साथ गांव के उन लोगों का नाम दर्ज नहीं करवा रहे जो उसके समर्थक है। मंगलवार शाम को वह उनके घर के पास से गुजर रहा था तभी किसी ने नैनदास के घर से पत्थर फेंक कर उसे मार दिया। पूछने पर उसके घर के सदस्यों ने गाली गलौज करने वहां से वह घटना को नजर अंदाज कर घर आ गया। थोड़ी ही देर बाद नैनदास, उमेश राम व उसके परिवार के 15 लोग घर में आकर हमला कर दिए। रोजगार सहायक की शिकायत पर 39 भोलराम की ओर से 7 नामजद लोगों के खिलाफ धारा 147,148, 149, 294, 323, 452, 506(बी) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।



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सिस्टम डाउन इसलिए 54 दुकानदारों से भी वसूला जुर्माना

बाजार में खरीदारों की भीड़ बढ़ने के कारण प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू किया है। बुधवार को जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले 54 दुकानदारों पर जुर्माना लगाया। दुकान में ग्राहकों के लिए हैंडवाश और सैनिटाइजर नहीं होने व चार से ज्यादा स्टाफ की मौजूदगी वाली 4 दुकानें सील भी कर दी गई। अफसरों ने कहा कि चेतावनी स्वरूप दुकान एक दिन के लिए बंद की गई है। दूसरे इलाकों में निगरानी की जा रही है। नियमों की बार-बार अनदेखी करने पर दुकानें लॉकडाउन तक बंद की जाएंगी।
सदर बाजार, सुभाष चौक, पुरानी हटरी और संजय कॉम्पलेक्स में नियमों का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों पर एसडीएम युगल किशोर उर्वशा, नगर निगम उपायुक्त पंकज मित्तल ने पुलिस की मौजूदगी में नियम विपरीत व्यवसाय कर रहे दुकानदारों के खिलाफ सख्ती से पेश आए। टीम ने संक्रमण से बचने जरूरी उपाय नहीं करने वाले 54 दुकानदारों को 500-500 रुपए जुर्माना किया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने व तय नियम से ज्यादा कर्मचारियों से काम लेते पाए जाने पर चार दुकानें भी सील की गई हैं। कार्रवाई के दौरान दुकानों में दुकानदार न तो खुद मास्क पहन रखे थे और न ही दुकान में ग्राहकों के मुंह पर मास्क दिखा। सोशल डिस्टेंसिंग का भी ठीक तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। अधिकांश दुकानों के बाहर तो सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले तक नहीं खींचे गए हैं।

सैनिटाइजर, मास्क, हैंडवाश नहीं, भीड़ भी ज्यादा थी इसलिए ये दुकानें सील

श्रृंगारिका कॉस्मेटिक सुभाष चौक- यहां दुकान संचालक द्वारा तय नियम से ज्यादा महिला कर्मियों से काम लिया जा रहा था। दुकान के भीतर महिलाओं की भीड़ थी, ज्यादातर ने मास्क नहीं लगाए थे।

रोहड़ा टेक्सटाइल्स न्यू मार्केट- दुकान में भीड़ अधिक थी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन दुकानदार द्वारा नहीं किया गया जा रहा था। दुकान के बाहर खरीदारों के लिए हैंडवॉश और सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं थी।

क्वालिटी स्टोर पुरानी हटरी- दुकानदार के राशन दुकान के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले नहीं खींचे थे। दुकान के भीतर लोगों की भीड़ थी। एसडीएम को दुकान के भीतर देख दुकानदार ने हैंड सैनिटाइजर खोला।

अन्न भंडार संजय कॉम्पलेक्स- छोटी सी दुकान के भीतर राशन खरीदने 8 से 10 ग्राहक थे। अफसर जब यहां पहुंचे तो लोग एक दूसरे से सटे हुए मिले। सोशल डिस्टेंसिंग सर्कल भी नहीं बनाए गए थे।
जिलेभर मेंहुई कार्रवाई
इसके अलावा सारंगढ़ में अनुमति के बिना खोले गए रौनक ब्यूटी पार्लर के संचालक पर महामारी एक्ट की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया और दुकान सील की गई है। इसके साथ ही खरसिया में 3, घरघोड़ा में 4 और सारंगढ़ में 5 दुकानें नियमों की अनदेखी पर सील की गई हैं।

सुरक्षा के लिए सख्ती जरूरी
"बाजार में दुकानों की संख्या और खुलने के समय में बढ़ोतरी के बाद भीड़ बढ़ रही है, ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बेहद जरूरी है, लेकिन दुकानदार इसे हल्के में ले रहे हैं इसलिए जिला प्रशासन और निगम ने मिलकर लापरवाही बरतने वालों को जुर्माना लगाया और 4 दुकानें सील की हैं।'' -राजेंद्र गुप्ता, आयुक्त नगर निगम



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System down, so 54 shoppers were also fined




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न्यू लोको कॉलोनी वालों को दिनभर में केवल 40 मिनट मिल रहा पानी, रेलकर्मी हो रहे परेशान

रेलवे की न्यू लोको कॉलोनी में रहने वाले रेल कर्मचारी भरी गर्मी में पानी को तरस रहे हैं जबकि इस वर्ष पेयजल संकट नहीं है। बावजूद इसके परेशान कर्मचारी अपनी व्यथा किसी से नहीं कह पा रहे। कार्रवाई की डर की वजह से लोग गोपनीय शिकायतें कर रहे हैं।
रेलवे लाइन की दूसरी तरफ रेल कर्मचारियों के लिए न्यू लोको कॉलोनी बनाई गई है। लगभग 500 मकानों वाली इस कॉलोनी में पानी सप्लाई के लिए टंकियां बनी हुई हैं। इन टंकियों के जरिए ही पानी की आपूर्ति की जाती है। इसको भी रेल प्रशासन के वाटर डिपार्टमेंट में अलग-अलग ग्रुपों में बांट रखा है। कहीं सुबह 6:00 बजे से 6:30 बजे तक पानी आता है तो कहीं 7:00 बजे से 7:30 बजे तक पानी सप्लाई की जाती है। यह व्यवस्था 12 महीने की है लेकिन गर्मी आते ही समस्या बढ़ जाती है इसलिए क्योंकि कूलर इत्यादि के लिए भी पानी की आवश्यकता कर्मचारियों को पड़ती है। कुछ दिनों पहले कर्मचारियों ने विभाग को शिकायत में कहा था कि कुछ लोग नल आते ही टुल्लू पंप चालू कर लेते हैं जिससे अन्य रेल कर्मचारियों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है इस वजह से तकलीफ बढ़ रही है। इलेक्ट्रिकल विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पानी चालू होने से लेकर बंद होने तक लगभग 20 मिनट तक बिजली बंद करना शुरू कर दिया। पानी तो अभी भी 20 मिनट ही मिल रहा है लेकिन किसी के लिए यह पर्याप्त है तो किसी काे
पूरा नहीं पड़ रहा है।
बड़े परिवार वालों कोज्यादा तकलीफ
आमतौर पर रेल कर्मचारी के परिवार में चार या पांच ही सदस्य होते हैं लेकिन न्यू लोको कॉलोनी में कुछ कर्मचारियों के परिवार में 8 से 10 सदस्य भी हैं। उन परिवारों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 20 मिनट और शाम को 20 मिनट ही पानी मिल पा रहा है जोकि पर्याप्त नहीं है।

पंप लगाकर कारऔर वाहन धोते हैं
कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों का आरोप है कि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो नल चालू होते ही टुल्लू पंप चालू कर अपने वाहन धोते हैं। दरवाजों को धोते हैं और बगीचों में पानी डालने लगते हैं, इनकी वजह से सबसे ज्यादा समस्या है।
जरूरत पड़ी तो पानी सप्लाई का समय बढ़ाएंगे
"न्यू लोको कॉलोनी में पानी कम मिलने की जो शिकायत है उसकी जांच कराएंगे कि जितना पानी मिल रहा है उतना पर्याप्त है या नहीं। अगर आवश्यकता पड़ी तो पानी सप्लाई की टाइमिंग बढ़ाई जा सकती है। जहां तक सवाल बिजली बंद करने का है तो वह टुल्लू पंप से पानी खींचे जाने की वजह से किया जा रहा है।"
-पुलकित सिंघल, सीनियर डीसीएम बिलासपुर



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42 दिनों से बंद थीं रेत खदानें, छूट मिलते ही माफिया उन घाटों में खोद रहे जिनकी अनुमति नहीं

सुनील शर्मा | 25 मार्च से रेत घाट पूरी तरह बंद थे लेकिन अब खुले तो सीधे चोरी शुरू हो गई है। 42 दिनों से काम बंद कर बैठे रेत माफिया उन घाटों से रेत निकाल रहे हैं जहां का अनुमति ही खनिज विभाग ने नहीं दी है। अरपा नदी के लोखंडी, तुरकाडीह और मंगला घाट में अब ट्रैक्टर और हाइवा का आना शुरू हो चुका है। नदी में रेत निकालने के लिए जानबूझकर बनाए गए एप्रोच रोड का इस्तेमाल रेत चोरी के लिए किया जा रहा है। बुधवार की सुबह दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने घाटों का जायजा लिया तो कई ट्रैक्टर रेत की ढुलाई करते दिखे। हाइवा भी रेत घाटों में रेत ढोते नजर आए। एक पोकलेन संचालक, ट्रैक्टर ड्राइवर और मजदूरों से चर्चा करने वे बहाने बनाते रहे। गुमराह करने की कोशिश भी करते रहे। मंगला घाट में जिसे ठेका मिला है, न तो वह वहां मौजूद था और न उसका कर्मचारी। अवैध रूप से उत्खनन होता दिखा। यानी बगैर रायल्टी के ही रेत निकालकर ले जा रहा था। हालांकि रायल्टी चोरी कोई नई बात नहीं है। दरअसल राज्य शासन ने रेत की कीमत कम करने और रायल्टी वसूली की व्यवस्था बनाने के मकसद से पंचायतों से रेत घाटों के संचालन का अधिकार छीनकर निजी हाथों में सौंप दिया। बिलासपुर जिले में मंगला, घुटकू, सेंदरी, लच्छनपुर सहित 19 घाटों को दो किश्तों में नीलाम किया गया। पर अधिकांश रेत घाटों में सिंडीकेट काम करने लगे। इसमें नेताओं के साथ ही शराब कारोबारी, जमीन का धंधा करने वाले लोग जुड़े रेत की कीमत प्रति ट्रैक्टर 900 से 1000 रुपए थी वो बढ़कर 1400-1500 रुपए हो गई। लॉकडाउन में ढील मिली तो एक बार फिर रेत की चोरी शुरू हो गई है।
जब पोकलेन ड्राइवर ने लोखंडी को बताया मंगला घाट
दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने लोखंडी घाट में पोकलेन ड्राइवर से पूछा कि वह कैसे रेत ढुलाई के लिए बनाए गए एप्रोच रोड को खोद रहा है तो उसने कहा कि यह रोड उसने ही बनाई थी, इसलिए खोद दिया। जब कहा गया कि यह तो लोखंडी घाट है जिसकी अनुमति नहीं है, तब उसने कहा-नहीं यह तो मंगला घाट है, बबलू जोशी का ठेका है और भूपेंद्र सिंह इसे चलवाता है। फिर और पूछने पर कहने लगा जाने दो न,बड़े लोगों की बात वे लोग जाने।
ड्राइवरों ने कहा-सब ले जा रहे तो हम भी ले जा रहे
तुरकाडीह और लोखंडी घाट पर रेत लेने आए ट्रैक्टर ड्राइवरों से जब पूछा गया कि तो उन्होंने लापरवाहीपूर्वक जवाब दिया कि सब यहां से ले जाते हैं, इसलिए आए हैं। रायल्टी और पिट पास के बारे में पूछने पर कि वे यह सब नहीं जानते। खोदकर ले जाते हैं। कार्रवाई से डर नहीं लगता पूछने पर कहने लगे कि कई बार गाड़ी पकड़ी जा चुकी है, फिर छूट भी जाती है।



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Sand mines were closed for 42 days, mafia digging in ghats which are not allowed




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दो हाईवा से दीपका आए 40 मजदूरों को रात में झारखंड भेजा

कोयला परिवहन के काम मे लगे दो और वाहनों को मंगलवार की देर शाम सरईसिंगार चेकपोस्ट पर विशेष टास्क फोर्स की टीम ने पकड़ा और दोनों वाहन को जब्त कर लिया गया।
कोयला लोडिंग के लिए चलने वाले ट्रकों में भरकर मजदूरों को लाने का सिलसिला इसके बाद भी थमा नहीं है। बुधवार को फिर अलग-अलग ट्रकों से करीब 135 प्रवासी मजदूर दीपका क्षेत्र पहुंच गए। ये सभी मजदूर तेलंगाना से झारखंड जाने के लिए निकले हैं। प्रशासन उनको उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था में लगा है। मजदूरों के लगातार आवाजाही को देखते हुए खदान क्षेत्र व आसपास के मुख्य मार्गों पर प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। जिसके चलते विशेष टास्क फोर्स ने मंगलवार की देर शाम सरईसिंगार चेकपोस्ट के दौरान वाहन क्रमांक सीजी-13-एलए 4766 और ओडी 23 एफ 0425 से मजदूरों को अवैध रूप से हाइवा में भरकर लाया जा रहा था। दोनों वाहनों में 40 मज़दूर सवार थे। जिनमें 38 झारखंड, 1 ओडिशा और एक एमपी का मजदूर शामिल था। देर शाम इन मजदूरों के पकड़ में आने के बाद उनको झगरहा आईटी कालेज भेजा गया। जहां से उनको झारखंड के लिए रवाना कर दिया गया है।

बाहर से आए मजदूरों को किया जाएगा क्वारेंटाइन

अपने घर जाने की कोशिश में कोरबा तक पहुंच गए दूसरे राज्यों के मजदूरों को प्रशासन सावधानी के साथ उनके घरों के लिए रवाना करने के काम में जुटा है। वहीं ऐसे मजदूर जो जिले के हैं, और दूसरे राज्य व जिले से कोरबा पहुंच रहे हैं। उनको 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में अलग से रहना होगा। इसके लिए भी प्रशासन की ओर से अपनी तैयारी की गई है। प्रशासन की ओर से जिले में अलग-अलग स्थानों पर क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं, जिनमें रुकने के इंतजाम किए हैं।

पुलिस और स्वयंसेवियों ने मजदूरों को खिलाया खाना
बुधवार को रामागुंडम तेलंगाना से झारखंड जाने के लिए अलग-अलग ट्रकों से करीब 135 मजदूर दीपका पहुंचे थे। सीएसपी खोमन लाल सिन्हा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी अविनाश सिंह ने पहले भूखे मजदूरों को खाने का सामान दिया। वही कुछ समाजसेवी विशाल अग्रवाल, कुश राठौर ने भी मजदूरों को फल, ड्राई फ्रूट व अन्य सामान दिए।



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40 workers from two highways who came to Deepka were sent to Jharkhand at night




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बारिश से कीचड़ में फंसे वाहनों से जाम, रायपुर से छात्रों को लेकर कोरबा लौट रही बसें 4 घंटे फंसीं

कटघोरा-बिलासपुर हाईवे पर पाली के आसपास सड़क में बड़े-बड़े गड्‌ढे हो गए हैं। मरम्मत नहीं होने के कारण मंगलवार रात में हुई बारिश के बाद पाली के सती दाई मंदिर के पास रात करीब 3 बजे कीचड़ में ट्रक फंस गया। जिस कारण दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। जिसमें आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में लगे मालवाहकों के साथ ही रायपुर के क्वारेंटाइन सेंटर से कोटा में पढ़ने वाले छात्रों को लेकर शहर लौट रही 4 बस व प्रवासी मजदूरों का लेकर जा रही करीब 5-6 बसें फंसी रहीं। ये जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के कारण हुआ। एक सप्ताह पहले भी यहां जाम लगा था, जिसके बाद कलेक्टर किरण कौशल ने रोड की मरम्मत के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक अफसरों ने मरम्मत नहीं कराई। सुबह 7 बजे पुलिस ने क्रेन की व्यवस्था करके कीचड़ में फंसे ट्रक को बाहर निकलवाकर गड्‌ढे में मलबा भरवाया। कोयला परिवहन में लगे वाहनों का रूट बिलासपुर से सीपत-बलौदा-हरदीबाजार की ओर डाइवर्ट किया गया। इसके बाद सड़क मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया गया और सती दाई मंदिर के पास गड्‌ढे को ढंग से नहीं भरा गया।

भूखे गुजारनी पड़ी रात, परिजन भी रहे परेशान

कोटा से लौटे एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रायपुर से रात 8 बजे कोरबा के लिए रवाना किया गया। इस दौरान छात्रों को न तो खाना खिलाया गया और न ही खाना पैकेट की व्यवस्था की गई। सभी भूखे पेट ही वे सफर कर रहे थे। उम्मीद थी कि सुबह से पहले घर तक पहुंच जाऐंगे। लेकिन पाली के जाम में 4 घंटे तक फंसने के बाद भूख से तड़पते रहे। दूसरी ओर उनके इंतजार में परिजन भी सुबह तक परेशान रहे।

स्टेडियम से चेकअप के बाद घर भेजे गए छात्र

रायपुर से रवाना हुए 7 लग्जरी बसों में प्रत्येक में 25-25 लोगों को बैठाया गया था। बसों का सीधा स्टापेज इंदिरा स्टेडियम में तय किया गया था। बिलासपुर से सीपत-बलौदा मार्ग होते 3 बसें रात लगभग 2 बजे पहुंच गई। जबकि बिलासपुर से पाली रूट होते आ रही बसें जाम में फंसने के कारण सुबह 8 बजे पहुंची। इंदिरा स्टेडियम में सभी छात्रों व उनके साथ पहुंचे पालकों का हेल्थ चेकअप किया। जिसके बाद उन्हें घर भेजा गया।

जाम लगने के बाद आनन-फानन में भरे गड्‌ढे

पाली नगर के पास हाईवे में ढाई किमी खराब सड़क की मरम्मत के लिए 8 करोड़ 60 लाख रुपए की मंजूरी मिली है। एक सप्ताह पहले कीचड़ में वाहन फंसने पर 12 घंटे तक जाम लगने से कलेक्टर किरण कौशल ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को मरम्मत का निर्देश दिया। लेकिन अधिकारियों ने गड्‌ढे में मलबा भरकर खानापूर्ति कर दी। बुधवार को वाहन फंसने से जाम की स्थिति दोबारा होने पर फिर आनन-फानन में सड़क पर गड्‌ढे भरवाएं गए।



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Buses returning to Korba from Raipur with students stuck in mud stuck in mud, 4 hours from Raipur




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मनरेगा में 14 हजार 600 नए मजदूरों को जारी हुआ जॉब कार्ड

कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के बीच जिले में मनरेगा का कार्य भी चल रहा है। राजनांदगांव जिला अन्य जिलों से मनरेगा के तहत काम दिलाने में नंबर एक पर है। जिले में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक 2 लाख 3 हजार 831 मजदूरों को मनरेगा अंतर्गत ग्रामीणों को अपने ही घर के आस-पास गांव के अंदर रोजगार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
जिले में कुल 4 हज़ार 129 कार्य प्रगतिरत है। 11 हजार कार्य पूर्व से स्वीकृत है एवं कुल 772 पंचायतों में लगातार काम चल रहा है। वर्ष 2020 - 21 मे लॉकडॉउन के बावजूद भी लगभग 5 हजार से अधिक नवीन जॉब कार्ड बनाया गए हैं। इसके अंतर्गत लगभग 14,600 नवीन मजदूर रोजगार के लिएरजिस्टर्ड हुए हैं। राजनांदगांव जिले के 9 ब्लॉक जिसमें सबसे अधिक खैरागढ़ ब्लॉक आज 33,995 मजदूर, छुरिया ब्लॉक 32,946 मजदूर, राजनांदगांव ब्लॉक 28,639 मजदूर, अंबागढ़ चौकी ब्लॉक 19,372 मजदूर, डोंगरगढ़ ब्लॉक 21,165 मजदूर, मानपुर ब्लॉक 17,111 मजदूर, छुईखदान ब्लॉक 27,026 मजदूर, डोंगरगांव ब्लॉक 11,572 मजदूर, मोहला ब्लॉक 12,005 मजदूर को रोजगार प्रदान कर रहा है। जिला पंचायत सीईओ तनुजा सलाम ने बताया कि राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आदेशों का पालन करते हुए लगातार सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क/गमछा का उपयोग, कार्यस्थल पर हाथ धुलवाने की व्यवस्था करने कहा है।



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Job card issued to 14 thousand 600 new laborers in MNREGA




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प्रदेश सरकार ने शराब दुकान खोलकर जनता की 40 दिन की तपस्या भंग कर दी: डॉ. रमन

लॉकडाउन के बीच शराब की बिक्री के विरोध में भाजपा की ओर से प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधायक डॉ रमन सिंह ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि देशभर में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। ऐसे में लोग घरों तक सिमटे हुए हैं और प्रदेश सरकार शराब बिक्री कराकर संक्रमण को बढ़ावा देने का काम कर रही है। डॉ रमन ने कहा कि लॉक डाउन में 40 दिन से लोगों ने तपस्या की। लोग शासन-प्रशासन की बातें मानकर घर तक सीमित रहे पर शराब बिक्री ने जनता की तपस्या को भंग कर दिया। डॉ रमन ने कहा कि प्रदेश का कुल बजट 1 लाख 20 हजार करोड़ है और आबकारी का बजट 5 हजार 500 करोड़ है। अगर सरकार दुकान बंद भी रखती तो केवल 300 करोड़ रुपए का ही नुकसान होता। कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी घोषणा पत्र में लिखा है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करेंगे तो फिर अब क्यों ऐसा नहीं कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के लिए राजस्व से बढ़कर कुछ नहीं है।
लॉक डाउन की धज्जियां उड़ा दी: आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने शराब दुकानों में लोगों की भीड़ लगवाकर लॉक डाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाने का काम किया है, इसे बढ़ावा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मंत्रियों को शराबबंदी के लिए दूसरे राज्यों में दौरा करने की जरूरत नहीं है, मंत्री केवल प्रदेश के शराब दुकानों के सामने 10 मिनट खड़ा होकर देख लें तो पता चल जाएगा कि स्थिति क्या है? प्रदेश सरकार के पास पैसों की कमी तो नहीं है फिर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं कर पाएं हैं। यह तो अच्छा हुआ के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मार्गदर्शन में प्रदेश में एम्स खुल गया। डॉ रमन ने हैरानी जताई कि मजदूर सड़क पर पैदल चलकर गांव पहंुच रहे हैं।



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मोंगरा से पहुंचा पानी, अब 45 दिन तक नहीं होगी किल्लत, सप्लाई भी बढ़ेगी

गर्मी के दौरान शहर में पानी की पर्याप्त आपूर्ति के लिए मोंगरा बैराज से पानी का स्टॉक पहुंच गया है। नगर निगम ने बैराज से 250 एमसीएफटी पानी की मांग की थी, जो बुधवार को शहर पहुंच गई है। इसके साथ ही शहर के लिए 45 दिन का पानी पहुंच गया है। इधर निगम प्रशासन अब वार्डाें में सप्लाई तेज करने के लिए मशक्कत कर रही है।
मोगरा बैराज से पानी पहुंचने के साथ ही मोहारा के सभी फिल्टर प्लांट से सप्लाई बढ़ेगी। जल विभाग के एसई अतुल चोपड़ा ने बताया कि गर्मी के दौरान किसी भी तरह से पानी की दिक्कत न हों, इसके देखते हुए समय पर ही पानी का स्टॉक मंगा लिया गया है। ये स्टाॅक अगले 45 दिन तक के लिए पर्याप्त है। शहर में डिमांड के मुताबिक टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है। नलों से भी पर्याप्त पानी पहुंच रहा है। मोंगरा बैराज और मोखली स्टापडैम में शहर के लिए पानी का स्टॉक और भी आरक्षित किया गया है। मोहारा एनीकट का वाटर लेवल कम होते ही दूसरी खेप भी मंगा ली जाएगी। इधर बीते दो दिनों से फिल्टर प्लांट में आई खराबी को भी सुधार लिया गया है। प्लांट का पंप साफ्ट टूटने की वजह से टंकियों के समय में भरने पर दिक्कत आ रही थी, जिसका सुधार भी कर लिया गया है। इसके बाद अब सभी टंकियां समय पर भर रही है।

विशेष टीम भी बनाई गई
गर्मी के दौरान प्लांट में हर साल पंप या दूसरी मशीनों में खराबी की शिकायत सामने आती है। इसे देखते हुए इस बार मेंटेनेंस के लिए विशेष टीम भी बनाई गई है। जो तत्काल किसी भी शिकायत की स्थिति में सुधार का कार्य शुरू करेगी। गर्मी के दौरान शहर में पानी को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत लोगों को न हो, इसे देखते हुए विशेष प्लान किया गया है। इधर शहर के आउटर वार्डाें में टैंकरों की मांग भी बढ़ रही है। गुरुवार से इन हिस्सों में अतिरिक्त सप्लाई की योजना बनाई गई है।



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जांच के लिए भेजे 433 सैंपल में 263 की रिपोर्ट निगेटिव

काेविड-19 वायरस के संक्रमण की रोकथाम के क्रम में जिले में स्वास्थ्य विभाग यह पता करने में भिड़ा है कि कहीं कोई वायरस से संक्रमित तो नहीं, जिनमें कोविड-19 से ग्रसित होने के जरा से भी लक्षण नजर आ रहे हैं, उनके सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर भेजा जा रहा है। विभाग ने अब तक 433 लोगों के सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेज चुकी हैं। सैँंपल जांच में 263 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। विभाग को 164 सैंपल की रिपोर्ट आने का इंतजार है। अब तक भेजे गए सैंपल में से 6 रिजेक्ट किए गए हैं, जिसे फिर से कलेक्ट कर भेजा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था हर विकासखंड में रखी है। इसके लिए सभी सीएचसी के डॉक्टर व लैब कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है। जिले के विकासखंडों से कलेक्ट किए जाने सैंपलों को जिला मुख्यालय लाया जाता है और यहां से एक साथ सभी सैंपल रायपुर भेजे जा रहे थे। रायगढ़ में जांच की सुविधा शुरू होने के बाद यहां से सैंपल रायगढ़ भेजे जा रहे हैं। विभाग के मुताबिक अभी बीमार मरीजों के सैंपल कलेक्शन का काम किया जा रहा है। सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, नाक बहना, गले में लंबे समय से कफ जमा होने की शिकायत लेकर जो मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उनके सैंपल लिए जा रहे हैं। बीमार लोगों का पता करने के लिए वार्ड व गांव में सर्वे कराया जा रहा है। जो लोग बाहर से आए हुए हैं और वे बीमार पड़ रहे हैं तो उनका सैंपल खास तौर पर लिया जा रह है। क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों के सभी सैंपल लिए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षा में लगे पुलिस जवान, स्टाफ नर्सों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। विभाग द्वारा रोजाना ही सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। बुधवार को जिले से 19 नए सैंपल लिए गए हैं।
आप बीमार हैं तो अस्पताल जाकर तुरंत कराएं जांच
स्वास्थ्य विभाग ने अपील जारी की है कि यदि आप बीमार पड़ते हैं तो खुद से दवा ना करें। कोरोना वायरस के संक्रमण के एक भी लक्षण यदि आपके शरीर में दिखाई पड़ रहे हैं तो तत्काल अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं। जरूरत पड़ने पर सैंपल लेकर उसे जांच के लिए भेजा जाएगा। जशपुर जिला अभी ग्रीन जोन में है पर पड़ोसी राज्यों के जिले रेड व ऑरेंज जोन में हैं। इसलिए यहां संक्रमण के कई माध्यम हैं।
अभी बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों से है खतरा
जिले में कोरेाना वायरस की एंट्री की आशंका बढ़ गई है। सरकार बाहर फंसे हुए मजदूरों को लाया जा रहा है। जिले से 1500 मजदूरों की लिस्ट श्रम विभाग ने बनाई है, जो बाहर हैं। प्रशासन ने बाहर से आए मजदूरों के लिए पंचायत स्तर पर क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का काम शुरू कर दिया है। लॉकडाउन से पहले जिले में 42 लोग विदेश व 25 सौ लोग दूसरे राज्यों से लौटे थे। जिन्हें होम क्वारेेंटाइन किया था। उनकी अवधि पूरी हो चुकी है।



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Out of 433 samples sent for investigation, 263 report negative




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आधे घंटे चली आंधी फिर तेज बारिश, तापमान 4 डिग्री नीचे गिरा

पश्चिमी विक्षोभ के कारण हर रोज जिले में कहीं ना कहीं बादल बरस रहे हैं। जिले में 11 दिन मंे दूसरी ओलावृष्टि हुई। इससे फसल को नुकसान पहुंचा। इससे पहले 26 अप्रैल को ओलावृष्टि से किसानों के घरों को भारी नुकसान पहुंचा था।
मंगलवार की रात को शहर सहित जिले के पाठ इलाकों में आधे घंटे तक आंधी चली। हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि पेड़ों की डंगालें टूटी और शहर में लगे होर्डिंग्स भी उखड़ गए। आंधी के बाद बारिश हुई। इधर पाठ इलाकों में ओलावृष्टि भी खूब हुई है। पंडरापाठ, सुलेसा, महनई, चंपा सहित अन्य इलाकों में रात में गिरे ओले सुबह तक पिघल नहीं पाए।
मंगलवार को सुबह व शाम को आसमान में घने बादल छाए और दोपहर में हल्की धूप थी। रात करीब 10 बजे काले बादलों ने आसमान काे पूरी तरह ढंक लिया और तेज हवाएं चलने लगीं। आंधी के वक्त शहर में एहतियातन बिजली आपूर्ति बंद कर दी। ग्रामीण इलाकों में तार टूटने से रातभर बिजली गुल रही। हवा की रफ्तार जैसे ही थमी बारिश होने लगी। पाठ इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। सन्ना, पंडरापाठ, सोनक्यारी, आस्ता, सुलेसा, महनई सहित अन्य इलाकों में खेती प्रभावित हुई है।

रविवार तक रोज बारिश
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस सप्ताह गुरूवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार चारों दिन बारिश होने की संभावना है। बुधवार को दिन में लोगों को बारिश से राहत मिली थी। मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान है कि अब अगले सप्ताह सोमवार को ही लोगों को आसमान साफ मिलेगा। पर अगले सप्ताह मंगलवार से फिर से बारिश का दौर शुरू हाे जाएगा।

मई में फरवरी जैसा मौसम, न्यूनतम तापमान पाठ इलाकों में 16 डिग्री
बारिश और ओलावृष्टि के कारण जिले के पाठ इलाकों में मौसम सुहाना है। मई के महीने में वहां का तापमान फरवरी जैसा है। सन्ना और पंडरापाठ समुद्र तल से 11 सौ मीटर की उंचाई पर हैं। वहां का तापमान जशपुर के तापमान से भी 4 डिग्री कम रहता है। वर्तमान में सन्ना का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री है। इधर जशपुर में बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 31 डिग्री व न्यूनतम तापमान 20 डिग्री पर था।

ओले और बारिश से मिर्च के पौधे नीचे गिरे आम और नाशपाती के फल भी झड़ गए
पाठ इलाकों में मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। वर्तमान में समूचे पठारी खेतों मेें मिर्च की फसल लगी हुई है। इस वर्ष बारिश से किसानों को राहत थी कि उन्हें मिर्च में सिंचाई के लिए खर्च नहीं करना पड़ रहा है, पर मंगलवार की रात को हुई ओलावृष्टि से मिर्च की फसल प्रभावित हुई है। किसानों के मुताबिक कई पौधे नीचे गिर गए हैं और मिर्च में भी दाग लगने की आशंका है। इस क्षेत्र में किसान अब टमाटर की पैदावार भी करते हैं। टमाटर की फसल ओले की मार से फटे हैं। आंधी चलने से पेड़ों में लगे नाशपाती के फल झड़ गए हैं। आम के साथ भी यही हुआ है।



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Half an hour thunderstorm then rains, temperature dropped by 4 degrees




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मेडिकल काॅलेज अस्पताल में पहली बार पेट्रियोटिक आई सर्जरी 7 वर्षीय बच्चे की आंख से 4 मिमी के लकड़ी के टुकड़े निकाले

कोरोना के संक्रमण के खतरे की आशंका से अस्पताल से लेकर बाहरी इलाके में काफी सकर्तकता बरती जा रही है। यहां तक अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इस बीच मेडिकल काॅलेज अस्पताल के नेत्र विभाग व निश्चेतना विभाग के डाॅक्टरों ने पहली बार आंखों में संक्रमण को रोकने एक सात वर्षीय बालक की एक आंख की कार्नियां(पेड्रियाटिक सर्जरी)का सफल ऑपरेशन किया। मंगलवार को नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. रजत टोप्पो के नेतृृत्व में शहर से लगे खैरबार निवासी 7 वर्षीय उमेश पैकरा के बाॅयी आंख की कार्नियां का 45 मिनट तक ऑपरेशन चला। इससे उसकी आंख बच गई और संक्रमण का खतरा टल गया है। लकड़ी के कई टुकड़े धंसने से उसकी कार्नियां फट गई थी और प्राकृतिक लेंस भी खराब हो गया है। ऑपरेशन होने के बाद उसे जख्मी आंख से रोशनी का अहसास हो रहा है। अब घाव ठीक होने के बाद उसकी आंख में लेंस प्रत्यारोपित किया जाएगा। ऑपरेशन करने वालों में निश्चतेना रोग विशेषज्ञ डाॅ. रजनी, डाॅ. शिवानी के अलावा नेत्र सहायक रमेश धृतकर, सिस्टर अरूणु खलखो शामिल थे।
खेलते समय गिरने से आंख में धंसे थे लकड़ी के कई टुकड़े
सोमवार को घर के पास ही उमेश खेल रहा था। इसी दौरान वह गिरगया और उसकी बायी आंख में लकड़ी के टुकड़े धंस गए। उसकी आंख खून से लाल हो गई। परिजन उसे अस्पताल ले आए तो जांच में पता चला कि उसके आंख की कार्नियां फट गई है जिससे प्राकृतिक लेंस भी खराब हो गया।
ऑपरेशन नहीं होता तो चली जाती रोशनी
डाॅ. रजत टोप्पो ने बताया कि कार्नियां फटने से उसका पूरा आईबाल खून से भर गया था। साथ ही प्राकृतिक लेंस भी खराब हो गया है। इससे इस आंख से देख नहीं पा रहा था। यदि प्रभावित आंख का ऑपरेशन नहीं किया जाता तो इससे इंफेक्शन बढ़ता और दूसरी आंख को भी प्रभावित करता। इससे उसकी दोनों आंख खराब हो जाती। उन्होंने बताया कि प्राइवेट में इस तरह के ऑपरेशन के लिए करीब 50 से 60 हजार रुपए खर्च आता, लेकिन यहां निशुल्क हो गया।



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First time petrotic eye surgery in medical college hospital remove 4 mm wood pieces from 7 year old child's eye




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मानव जाति को प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश दे रहा रमजान का महीना, 24 तक रखेंगे रोजा

मुस्लिम समुदाय इन दिनों माह ए रमजान में राेजा रखा रहे हैं।। धर्म के सभी लोग कुरान की नमाज अदा कर देश, धर्म की सलामत रहने की दुआ मांग रहे है। अंजुमन इस्लामिया जामा मस्जिद बिलाईटांगर के सचिव रेहान कादरी ने बताया कि 25 अप्रैल से रोजे की शुरुआात हो गई थी। 24 मई तक रोजे का आयोजन किया जाएगा,जिसके बाद चांद देखकर ईद का त्याेहार मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोग इन दिनों कुरान के एक पारा की हर रोज नमाज अदा करते हैं। यह सिलसिला पूरे तीस दिनों तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि सुबह सूर्य उगने से पहले ही रोजे की शुरुआात हो जाती है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्य ढलने से पहले तक किसी प्रकार का अन्न, जल ग्रहण नहीं करते। उनका कहना था कि रमजान का महीना खुद को खुदा की राह मे समर्पित कर देने का प्रतीक है। इस समय खुदा अपने बंदों पर रहमत एवं बरकतो की बारिश करते है। उनका कहना था कि समूची मानव जाति को प्रेम भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी रमजान का महीना देता है।
अंजुमन इस्लामिया जामा मस्जिद बिलाईटांगर के सचिव रेहान कादरी ने बताया कि रमजान के महीना में रोजा हर मुसलमान का फर्ज है, चाहे वो गरीब हो या अमीर, रमजान औरो की तकलीफ समझने का जज्बा देता है। उनका कहना था कि अमीर आदमी जो हमेशा अच्छा खाता पीता है और रमजान में अल्लाह के हुक्म को मानते हुए रोजा रखता है, तो उसे भूख व प्यास का अहसास होता है।
बुराईयों से बचाता रोजा
इस्लामिक जामा मस्जिद के सचिव रेहान कादरी ने बताया कि प्रत्येक इंसान में उसकी तालीम सदगुणों से भरी होनी चाहिए, जिससे वह धर्मों का समान आदर करते हुए जीवों पर रहम कर सके। इंसान को सबसे पहले तालीम हासिल करनी चाहिए। तभी वह तरक्की कर सकता है, तालीम चाहे इस्लामी हो या दुनिया की कोई भी इंसान की अव्वल जरूरत है। तालीम इंसान को झूठ आदि से दूर रखती है। तालीम ही इंसान को रहमदिली,सब्र नियंत्रण व गंदी सोच से बचाती है। केवल पूरे दिन भूखा रहने का नाम ही रोजा नहीं है,बल्कि रोजा शरीर एवं जुबान से होने वाले हर गुनाह से इंसान को बचाता है।



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The month of Ramadan, giving the message of love, brotherhood and humanity to mankind, will keep Rosa till 24




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शाम 4 बजते ही दुकानें बंद, पुलिस ने घुमक्कड़ों से पूछताछ कर वापस भेजा

लॉकडाउन-3 में छूट और राहत मिलने के बाद बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी थी। पहले और दूसरे दिन नियमों की धज्जियां उड़ीं तो पुलिस सख्त हो गई। पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने अभियान चलाकर बुधवार को 25 दुकानें सील कर जुर्माना वसूला। गुरुवार को भीड़ नियंत्रित करने के लिए शाम 4 बजे के बाद सघन चेकिंग की और बाजार बंद कराते हुए कड़ाई से पेश आई। सड़कों पर छूट के बाद घूम रहे लोगों को रोककर पूछताछ की। कुछ जगह लोगों को वापस भेजा गया।
शहर में व्यापारी दुकान खोलने और बंद करने में नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन कुछ दुकानों पर सैनिटाइजर, साबुन, पानी का इस्तेमाल नहीं देखा गया। ग्राहक सीधे अंदर आते रहे और सामान खरीदने के बाद लौटते रहे। बुधवार को जहां कार्रवाई हुई थी वहां पानी और साबुन रखा दिखा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के मामले में पुलिस ने नगर निगम आयुक्त और एसडीएम के साथ अभियान चलाकर बुधवार को 25 दुकानें सील की थीं। इनमें से 13 दुकानें कई दिनों के लिए सील कर दी गई थी, पुलिस ने इन दुकानों से 30 हजार का जुर्माना भी वसूला। बावजूद इसके गुरुवार को बाजार में सख्ती का असर कम ही दिखा। बाजार में भीड़ भी खूब रही सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक वाहनों की भीड़ दिखी। बाजारों में खरीद करने वालों से ज्यादा बेवजह घूमने वाले दिखे। शाम 4 बजने वाले थे कि पुलिस की पेट्रोलिंग शुरू हुई और सायरन बजते ही लोगों ने शटर गिराने शुरू कर दिए। हालांकि बाजार बंद कराने में पुलिस का भय दिख रहा है।
चौराहों पर तैनात दिखी पुलिस

शाम 4 बजे के बाद पुलिस के जवान चौक चौराहों पर मुस्तैद हो गए। हर दो पहिया और चार पहिया वाहनों की चेकिंग होने लगी। सभी वाहन चालकों और उसमें सवार लोगों से उनके घूमने का कारण पूछा जाने लगा। जो लोग सही परेशानी बता और साक्ष्य दिखा पाए पुलिस ने उन्हें आगे जाने दिया, नहीं तो जहां पर चेकिंग हो रही थी वहीं से कड़ी हिदायत देकर वापस कर दिया गया। पुलिस की यह कार्रवाई देर रात तक जारी रही। प्रमुख सड़कों पर पुलिस ने वन-वे की तरह बेरिकेडिंग की। पुलिस के जवानों ने शहर से बाहर आने-जाने वालों के पास भी चेक किए।

सैलून में कोरोना को भूले, मसाज भी कराया

सुबह 7 बजे से सैलून खुलते ही बाजारों में कटिंग कराने वालों की भीड़ दिखी। निर्धारित रेट से अधिक दामों पर लोगों की हेयर स्टाइल ठीक की गई। महीनों बाद हुलिया दुरुस्त कराने के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना संक्रमण का भय भूलकर लोगों ने मसाज भी कराया। शहर की कुछ दुकानों पर हज्जाम नियमों का पालन करते दिखे तो कुछ जगह पर इसकी अनदेखी की गई। जबकि जिला प्रशासन द्वारा इन्हें भी नियमों का सख्त पालन करने के निर्देश दिए गए थे। निगम के अफसरों ने कहा, कुर्सी सैनिटाइजेशन और डिस्टेंसिंग नहीं दिखी तो कार्रवाई होगी।



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Shops closed as early as 4 pm, police interrogated the strollers and sent them back




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रिसाइकिल चेंबर में उतरे थे 3 मजदूर, पानी डालते ही बनी गैस से हुए बेहोश, ऊपर खड़े 4 मजदूर भी आए चपेट में

विशाखापटनम में गैस लीकेज से लोगों की मौत की खबर की चर्चा के बीच पुसौर के तेतला में स्थित शक्ति पेपर मिल में गैस लीकेज से सात लोगों के बीमार होने की खबर आई। हादसा बुधवार की दोपहर 4.30 बजे के करीब हुआ था लेकिन मिल संचालक ने इस छिपाया। बीमार हुए लोगों में तीन गंभीर थे फिर भी उन्हें चुपचाप अस्पताल में भर्ती करा दिया। पुसौर की नायब तहसीलदार को रात 9 बजे सरपंच से जानकारी मिली।
बड़े अफसरों को 16 घंटे बाद घटना का पता चला। गुरुवार को कलेक्टर यशवंत कुमार और एसपी संतोष सिंह अस्पताल पहुंचे। पटवारियों और रेडक्रास कर्मचारियों को काम पर लगाया और तीन मजदूर रायपुर के अस्पताल भेजे गए। पेपर मिल सील करने के साथ ही संचालक पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उल्लेखनीय है कि पुसौर क्षेत्र के तेतला गांव में आरडी गुप्ता की शक्ति पेपर मिल लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी थी। इस मिल में साफ-सफाई के लिए कर्मचारी बुधवार को पहुंचे थे। शाम 4:30 बजे के करीब सात मजदूरों को पेपर रिसाइकिल चैंबर की सफाई करने के लिए भेजा गया। जिसमें तीन मजदूर चेंबर में उतर गए और पानी डाल कर टैंक साफ करने लगे। पानी डालते है चेंबर में जहरीली गैस बन गई। जिससे टैंक के अंदर उतरे तीनों मजदूर बेहोश हो गए। यह देख पास खड़े चार मजदूर और चैंबर में उतरने लगे, लेकिन गैस बनने का आभास होने पर वह अंदर नहीं उतरे और नीचे उतर कर उल्टियां करने लगे। मिल के संचालक ने आनन-फानन में चेंबर में बेहोश पड़े तीन लोगों को निकलवाया। सभी को इलाज के लिए रायगढ़ भिजवाया।

तबीयत बिगड़ी तो प्रशासन को दी सूचना

हालत बिगड़ती देख मिल प्रबंधन की ओर से देर शाम सभी मजदूरों को रायगढ़ के संजीवनी हास्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके बाद अगले दिन गुरुवार दोपहर इनमें से 3 मजदूरों की हालत ज्यादा बिगड़ गई। इस पर मिल प्रबंधन की ओर से प्रशासन को सूचना दी गई। जिसके बाद कलेक्टर यशवंत कुमार, एसपी संतोष कुमार सिंह, सीएमएचओ डॉ. एसएन केशरी, एएसपी अभिषेक वर्मा, एसडीएम युगल किशोर सहित स्वास्थ्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे।

चेंबर में उतरते ही इनकी बिगड़ी हालत
शक्ति पेपर मिल को चालू करने के लिए साफ सफाई काम चल रहा था। कुछ मजदूर फैक्ट्री के अंदर रिसाइकिल चेंबर की सफाई करने की तैयारी कर रहे थे। जैसे ही मजदूर डोलामणि सिदार (35), सुरेंद्र गुप्ता (28) अपधर मालाकार (40) टैंक में उतरने लगे तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई। इन लोगों ने टैंक का ढक्कन हटाया ही था कि पास खड़े पुरंधन कुमार (21), अनिल कुमार (22), निमाणी भोय (40), रंजीत सिंह (34) अचेत हो गए।

पेपर मिल प्रबंधन पर गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज
एसपी संतोष सिंह ने बताया कि मिल में रिसाइकिल चेंबर की सफाई में बरती गई लापरवाही और हादसे को छिपाने के मामले में ऑपरेटर रंजीत सिंह और मालिक गुप्ता के खिलाफ देर शाम अपराध दर्ज कर लिया गया है। कर्मचारियों को बगैर सुरक्षा उपकरण के जोखिम वाला काम लापरवाही से कराने और जानलेवा गलती छिपाने के लिए पुलिस को सूचना नहीं दी। धारा 120(बी), 202, 284, 308 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

फैक्ट्री या कंस्ट्रक्शन साइट पर सतर्क रहें

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इस घटना के संबंध में कहा है कि, कई दिनों से बंद फैक्ट्री में ऐसा खतरा है। किसी टैंक या चेंबर की सफाई करते समय ध्यान रखें। इसके साथ ही निर्माणाधीन मकानों में टंकी या सेप्टिक टैंक में पानी, केमिकल, बांस, लकड़ी जैसी चीजें भरी होती हैं। कई दिनों की गर्मी और उमस के कारण खतरनाक गैस बनती है। मजदूरों से इसकी सफाई कराते समय विशेष ध्यान रखें। कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड गैस बनती है जो जानलेवा हो सकती है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने जाना हाल
पुसौर के तेतला पेपर मिल में प्रबंधन की लापरवाही से गैस रिसाव की घटना को लेकर प्रदेश में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने मजदूरों के बेहतर इलाज के लेकर कलेक्टर और एसपी से हाल जाना। मंत्री ने अफसरों से कहा कि मजदूरों के इलाज में कमी न रखी जाए, प्रशासन द्वारा पीड़ित तथा उनके परिजनों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले की जांच के निर्देश भी दिए हैं।

रात को जानकारी नहीं मिली, सुबह पहुंची पेपर मिल

"सरपंच के माध्यम से रात करीब 9 बजे जानकारी मिली थी। रात में मिल मालिक से संपर्क कर जानकारी लेनी चाही, लेकिन पूरी जानकारी नहीं मिल सकी। सुबह वे मौके पर गईं तो वहां कोई नहीं था। इस पर उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई। मिल मालिक आरडी गुप्ता की लापरवाही सामने आने पर पंचनामा बना कर पेपर मिल को सील कर लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। साथ ही सरपंच को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है।''
-माया आंचल, नायब तहसीलदार पुसौर



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3 laborers landed in the Recycling Chamber, unconscious of gas created by pouring water, 4 laborers standing above also came in grip and started vomiting.




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कुटीघाट सेंटर में रेड जोन से आए 45 मजदूर क्वारेंटाइन, इधर बिना सुरक्षा उपाय के ही परिजन आकर मिल रहे

बाहर से आने वाले मजदूरों से कोराेना का संक्रमण न फैले इसके लिए उन्हें गांवों से बाहर सुरक्षित व सुरक्षित स्थानों में क्वारेंटाइन किया जा रहा है। लेकिन जानलेवा संक्रमण के खतरे से अनजान उनके रिश्तेदार क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों से मिलने आते हैं। इतना ही नहीं नजदीक खड़े होकर देर तक बात भी करते हैं। यह लापरवाही प्रशासन के इंतजाम पर भारी पड़ सकती है। एक तो बड़ी संख्या में मजदूरों के आने से लोग सहमे हुए हैं और उस पर इस प्रकार की लापरवाही से कोरोना वायरस लोगों को चपेट में ले सकता है।
जिला प्रशासन के मुताबिक जिले में 30 हजार से अधिक मजदूर लौटेंगे। जिले में सबसे ज्यादा लगभग 9000 मजदूर पामगढ़ क्षेत्र में ही आएंगे। पामगढ़ ब्लॉक में 30 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। यहां दो तरह के क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। महाराष्ट्र और इंदौर सहित देश के ऐसे शहर या इलाके जो रेड जोन हैं और वहां कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा है, यहां से आए मजदूरों को शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल कुटीघाट में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। गुरुवार तक वहां 45 से अधिक श्रमिक पहुंच चुके थे। यहां रखे गए मजदूरों से उनके परिजन आकर मिल रहे हैं यह गंभीर है। इससे सामुदायिक संक्रमण का खतरा है। इससे जांजगीर-चांपा जिले के साथ ही पड़ोसी जिलों को भी खतरा हो सकता है। दूसरा क्वारेंटाइन सेंटर मेंहदी के हायर सेकंडरी स्कूल को बनाया है, यहां ग्रीन जोन से आने वाले लोग रखे जाएंगे। इन दो क्वारेंटाइन सेंटर में हाउसफुल होने के बाद दूसरे सेंटर में मजदूरों को रखा जाएगा।
बच्चों के डॉक्टरभी गैर जिम्मेदार

कोटा में रह रहे जिले के 130 विद्यार्थियों को मंगलवार की रात राजधानी रायपुर से जांजगीर लाया गया। यहां सभी बच्चों को लाइवलीहुड कॉलेज लाया गया। पालकों से बच्चों को होम आइसोलेशन में रखे जाने का शपथ पत्र लिया गया। रात में नगर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके प्रसाद अपनी बेटी को लेने गए। उन्होंने क्वारेंटाइन में रहने के लिए शपथ पत्र भी दिया लेकिन घर पहुंचते ही शपथ भूल गए। सुबह वे अपने क्लीनिक में भी इलाज करने के लिए बैठ गए। जब प्रशासनिक अफसरों को इसकी जानकारी हुई तो अधिकारी उनके क्लीनिक पहुंचे ओर उन्हें फटकारते हुए क्लीनिक बंद कराया तथा क्वारेंटाइन में रहने के लिए निर्देशित किया।



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Quarantine of 45 laborers from Red Zone in Kutighat Center, families are coming here without security measures




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15 दिन में महाराष्ट्र, हैदराबाद सहित दूसरे राज्यों से 424 लोग लौटे, परीक्षण के बाद हुए क्वारेंटाइन

कोरोना के कहर के बीच महाराष्ट्र, हैदराबाद सहित दूसरे राज्यों से अब तक जिले में लोगों के आने का सिलसिला जारी है। पिछले 15 दिन में 424 लोग यहां पहुंचे हैं। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सभी को गांव के स्कूल व भवन में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया गया है। दूसरे राज्यों से लौटने वाले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं शासन की ओर से बाहर में फंसे लोगों को लाने की प्लानिंग भी बनी हुई है। ऐसे में यह आंकड़ा बढ़ते क्रम पर रहेगा।
जिलेवासी चिंतित हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ की अपेक्षा दूसरे राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और वहीं से लोग आ रहे हंै। 22 अप्रैल काे 3529 लौटे थे। जो गुरुवार को बढ़कर 3953 पहुंच गया है। पहले जो दूसरे राज्य से आते थे, उन्हें 28 दिनों तक होम आइसोलेशन में रखते थे। कोरोना के केस बढ़ रहे तब आने वालों को क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर रहे हंै। सीएमएचओ डॉ. बीएल रात्रे ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग परीक्षण के अलावा रैपिड टेस्ट किट का उपयोग कर रही है ताकि संक्रमित मरीजों की जानकारी हो सके।

विदेश से आने वाले सभी 65 सुरक्षित, सैंपल रिपोर्ट भी निगेटिव, लगातार नजर रखी है
जिलेवासियों के लिए राहतभरी खबर है कि विदेश से पहुंचे जिले के सभी 65 लोग सुरक्षित हैं। हालांकि सभी को सुरक्षा के लिहाज से लॉकडाउन तक घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट अनुसार दूसरे राज्यों से लौटे 3 हजार 953 लोगों को चिह्नांकित किया गया है। जिसमें 3 हजार 507 का होम आइसोलेशन पूरा हो चुका है। वहीं 446 लोगों को अब तक विशेष निगरानी में रखा गया है। जिसमें बालोद ब्लॉक के 29, डौंडी के 38, डौंडीलोहारा के 253, गुरूर के 40, गुंडरदेही ब्लॉक के 86 लोग शामिल है। इनमें अधिकांश महाराष्ट्र से लौटे हैं।

कोटा से लौटे 31 छात्र 14 दिन के होम आइसोलेशन पर

कोटा (राजस्थान) से लौटे जिले के 31 छात्र-छात्राओं की घर वापसी के बाद इनका गुरुवार से होम आइसोलेशन शुरू हो गया है। इसके पहले बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने सभी छात्र-छात्राओं को हैंड सैनेटाइज कराकर स्वास्थ्य परीक्षण किया। विशेष निर्देशों के साथ उन्हें उनके पालकों को सौंपा गया। इससे पहले छात्र-छात्राओं को लेने उनके पालक सरदार वल्लभ भाई पटेल मैदान पहुंच गए थे। डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी प्रेमलता चंदेल ने बताया कि सभी छात्र-छात्राओं को कोटा से वापसी के बाद बिलासपुर में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। उन्होंने कहा कि सभी छात्र-छात्राएं व उन्हें घर ले जाने आए पालक 14 दिनों तक अपने घर में होम आइसोलेशन में रहेंगे।

लॉकडाउन के पहले की स्थिति- जब पहुंचे थे 505
लॉकडाउन के पहले 23 मार्च तक विदेश से लौटने वाले 23 व देश के दूसरे राज्यों से लौटने वाले 482 (कुल 505) की पहचान की गई थी। ऐसे में लॉकडाउन लगने के बाद 3 हजार 448 लोगों की पहचान की गई है। जो दूसरे राज्यों से लौटे हैं। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की ओर से गठित टीम घरों में पहुंचकर स्वास्थ्य संबंधित जानकारी ले रही है।

सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं: सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. बीएल रात्रे ने बताया कि दूसरे राज्यों से लौटने वालों की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को संबंधित तक पहुंचकर स्वास्थ्य परीक्षण करने निर्देश दिए है। अभी हमारे जिले में स्थिति सामान्य है। फिर भी जागरुकता जरुरी है, क्योंकि कई लोग दूसरे राज्यों से लौटने के बाद भी देरी से जानकारी दे रहे हंै। विभाग अलर्ट है।

एहतियात: 782 में से 766 लाेगाें की सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आई
जिले में ज्यादा लोगों को चिन्हित कर सैंपल लेकर भेजा जा रहा है। कोरोना जांच के लिए रायपुर एम्स व मेडिकल कॉलेज के कोविड लैब में 782 सैंपल भेजे जा चुके हैं। जिसमें 766 लोगों की रिपोर्ट जिला स्वास्थ्य विभाग को मिल चुकी है। सभी निगेटिव है। 16 सैंपल का रिपोर्ट आना बाकी है। सीएमएचअाे डाॅ. बीएल रात्रे ने बताया कि जितनी सैंपल रिपोर्ट मिली है, वह निगेटिव है। मेडिकल कॉलेज में 14 व एम्स के कोविड लैब में 768 सैंपल भेज चुके हंै। आज भी भेजे हैं।



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424 people returned from other states including Maharashtra, Hyderabad in 15 days, quarantine after trial




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पिछले साल 48, इस वर्ष सिर्फ 47 दिन निर्माण, 2021 में भी बहतराई स्टेडियम पूरा होना मुश्किल

सरकारी दुर्दशा से जूझ रहा बहतराई स्टेडियम 12 साल बाद भी अधूरा है। 2019 और 2020 में जिस गति से निर्माण हुआ अगर निर्माण की गति यही रही तो स्टेडियम 2021 में भी पूरा होना मुश्किल है। पीडब्ल्यूडी के जानकार खुद इस बात को मान रहे हैं। वर्ष 2019 में सिर्फ 48 दिन निर्माण कार्य चला और फिर बंद हो गया। इसी तरह 2020 में सिर्फ 47 दिन निर्माण कार्य चला और अब 18 मार्च से बंद है। इस वर्ष तो लॉकडाउन में निर्माण नहीं करा पाने का बहाना अफसरों ने बता दिया। पिछले वर्ष गर्मी और फिर बारिश में निर्माण नहीं करा पाने का बहाना बताकर बच गए थे। लेकिन दैनिक भास्कर ने पीडब्ल्यूडी के जानकारों से पूछा कि जिस गति से निर्माण चल रहा है, इस हिसाब से स्टेडियम पूरा कम बनेगा? जानकारों ने कहा कि इस वर्ष तो पूरा नहीं होगा। अगर काम की रफ्तार नहीं बढ़ी तो 2021 में भी बहतराई स्टेडियम पूरा होने की संभावना नहीं है। 2008 से बिलासपुर और प्रदेश के खिलाड़ी स्टेडियम के पूरे होने की आस लेकर बैठे हैं लेकिन उनका इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। वर्ष 2018 में 8 महीने निर्माण चला और बारिश के कारण चार महीने बंद रहा। इस आठ महीनों में हॉकी स्टेडियम बनकर तैयार हो गया था लेकिन उसमें भी गैलरी और फ्लड लाइट नहीं लग पई। इसके अलावा इंडोर और आउटडोर में कुछ छोटे काम हुए।
2019 में इंडोर में एसी और हॉकी में लगा था गोल पोस्ट
बीते वर्ष 2019 में 31 मार्च से निर्माण कार्य शुरू हुआ और फिर 10 मई को पूरी तरह बंद हो गया। इन 48 दिनों में आउटडोर स्टेडियम में डामरीकरण का काम हो पाया था। इंडोर में एसी का काम पूरा हुआ। फायर फाइटिंग और एकास्टिंग का काम पूरा हो पाया। हॉकी मैदान में गोल पोस्ट लगाया गया था। इसके अलावा अन्य छोटे काम हुए।
2018 में हॉकी मैदान बनाया गया
वर्ष 2018 में शुरू से निर्माण कार्य चला और बीच में चार महीन ले बारिश में बंद रहा। इन आठ महीनों में हॉकी स्टेडियम पूरा बनकर तैयार हुआ लेकिन गोल पोस्ट लगाया और फिर इसे निकालना पड़ा। फिर 2019 में इसे व्यवस्थित तरीके से लगाया गया। इसी वर्ष इंडोर में कुछ छोटे मोटे काम हो पाए। लेकिन आउटडोर में कोई काम नहीं हुआ।
इस वर्ष सिर्फ सिंथेटिक का काम हो पाया
2020 में 1 फरवरी से आउटडोर में एथलेटिक ट्रैक पर सिंथेटिक गाेंद बिछाने का काम शुरू हुआ और 18 मार्च तक यह काम पूरा हो पाया। इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा हो गई और निर्माण पूरी तरह बंद हो गया। दिल्ली से आए एक्सपर्ट की टीम ने ट्रैक पर सिंथेटिक बिछाया। अभी ट्रैक पर मार्किंग का काम बचा है तो दिल्ली की टीम ही करेगी। जानकारों ने बताया कि यह काम इस वर्ष पूरा होना मुश्किल है।
पैसों का इंतजार, मिलते ही जल्द होगा निर्माण
पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर एके मंधाना स्टेडियम कब पूरा होगा यह बताने से पल्ला झाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो लॉकडाउन में निर्माण रुका है। ठेकेदार का भुगतान नहीं हाेने के कारण कुछ काम रुके हैं। स्टीमेंट रिवाइज हुआ है, जिसकी स्वीकृति अभी तक शासन से नहीं मिली है। जब हमारे पास पैसे नहीं है तो निर्माण कैसे होगा। शासन की स्वीकृति हमारे हाथ में नहीं है। रह गई बात स्टेडियम की तो जो काम बचे हैं उन्हें जल्द किया जाएगा। स्टेडियम पूरा होने की निर्धारित निर्धारित तिथि इसलिए नहीं बता पा रहा हूं कि कुछ काम शासन स्तर के हैं जिन्हें पूरा होने में समय लगता है।



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Construction last year 48, just 47 days this year, completion of Bahtarai Stadium in 2021 is difficult




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रिकवरी 0.37% बढ़ी पर शक्कर उत्पादन 40% घटा, सीएम ने प्रबंधन से मांगे जवाब

जिले के एकमात्र शक्कर कारखाना करकाभाट में इस सीजन पेराई सत्र खत्म होने के बाद भी आय-व्यय कितना हुआ है, इसको लेकर बैठक नहीं हो पाई है। अफसर तर्क दे रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण अभी हिसाब नहीं कर पाए हैं। जबकि राज्य शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि कारखाना घाटे में चल रहा है इसलिए प्रबंधन से जवाब मांगा गया है। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संज्ञान लेकर दो सप्ताह में जवाब देने कहा है, ताकि वास्तविकता जान सकें।
पिछले साल की तुलना में इस सीजन रिकवरी 0.37% बढ़ा है पर शक्कर उत्पादन 40% कम हुआ है। लिहाजा नुकसान तय है। महाप्रबंधक पीतांबर ठाकुर कह रहे हैं कि फायदा नहीं होगा लेकिन घाटा भी कम होगा। फिलहाल शक्कर कारखाना 48 करोड़ 41 लाख 99 हजार रुपए के घाटे में चल रहा है। जिसकी पुष्टि खुद कारखाना महाप्रबंधक व संचालक बोर्ड अध्यक्ष कर रहे हैं। जबकि वर्ष 2009 में कारखाना तैयार होने में ही 50 करोड़ रुपए की लागत आई थी। अब नए सिरे से जवाब प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे हैं।

1 किलो शक्कर बनाने में खर्च 37 रु., बेच रहे 31 में
कारखाना प्रबंधन के अनुसार एक किलो शक्कर बनाने में 37 रुपए खर्च हो रहा है। जिसमें गन्ना से लेकर कर्मचारियों के मजदूरी लागत शामिल है, जबकि एक किलो शक्कर 31 रुपए या इससे कम में बिक रहा है यानि आय और व्यय में ही 6 रुपए का अंतर है। यह इसलिए हो रहा है कि क्योंकि रिकवरी प्रतिशत 10 के नीचे ही है।
पांच महीने लगातार पहुंचे गन्ना तब दूर होगी समस्या
कारखाना में लगातार पांच माह तक पेराई के लिए 3500 हेक्टेयर यानि दो लाख मीट्रिक टन गन्ने की जरूरत है। लेकिन 5 जिले से गन्ना मंगाने के बाद भी यह कोटा पूरा नहीं हो पाता। बालोद से 1703.02 हेक्टेयर रकबे में लगा गन्ना कारखाना पहुंचता है। यहां 1803.02 हेक्टेयर में गन्ना लगाने रकबा तय है।
इस बार गन्ने की कमी के कारण उत्पादन कम
कारखाना में 48 करोड़ रुपए से ज्यादा घाटा ही है। कारखाना महाप्रबंधक पीतांबर ठाकुर ने कहा कि शासन ने जवाब मांगा है, देंगे। इस बार गन्ने की कमी के कारण उत्पादन कम हुआ है, इसलिए फायदा नहीं होगा हालांकि नुकसान भी कम होगा। अभी आय-व्यय का आकलन नहीं किए हैं।
गन्ना के बजाय धान को ज्यादा महत्व दे रहे किसान
जिले में सवा लाख किसान हैं। जिसमें एक लाख 11 हजार किसान धान की खेती करते हैं। कुछ ही किसान धान के अलावा शौक के लिए गन्ना लगाते हैं। किसान नेता छगन देशमुख, चंद्रेश हिरवानी ने कहा कि गन्ने का सही दाम मिले तो हालात सुधर सकते हैं। गन्ना किसानों की कमी हो रही है।
अफसरों से मांगेंगे जवाब: संचालक मंडल बोर्ड अध्यक्ष बल्दू राम साहू ने कहा कि अफसरों से जवाब मांगेगे कि इस साल कारखाना घाटे में रहा या घाटे में, अब तक बैठक नहीं हो पाई है। इसलिए मुझे जानकारी नहीं है। वैसे शासन ने जवाब मांगा है। इसी आधार पर सब तय होगा।
यह 6 सवालों का जवाब देगा प्रबंधन
1. कारखानों का शक्कर उत्पादन, लागत शक्कर के विक्रय मूल्य से हमेशा अधिक रहा है, उत्पादन लागत अधिक होने के क्या कारण हैं?
2. उत्पादन लागत कम करने के लिए प्रबंध संचालकों ने क्या कार्रवाई की है?
3. कारखानों में कर्मचारियों व श्रमिकों की संख्या आवश्यकता से अधिक नियुक्ति क्यों की गई है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
4. शक्कर कारखानों में प्रबंध संचालकों ने स्थापना व्यय कम करने के लिए क्या क्या प्रयास किए हैं?
5. शक्कर कारखाने के प्रबंधन ने भारत सरकार से विक्रय के लिए प्राप्त आवंटन कोटे का विक्रय निर्धारित समय सीमा में की है या नहीं? यदि नहीं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
6. सहकारी शक्कर कारखाना द्वारा आवंटित निर्यात कोटे का शक्कर विक्रय निर्धारित समयावधि में की गई है या नहीं? यदि नहीं तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा जाए। सहकारी शक्कर कारखानों का वैधानिक अंकेक्षण पूरा किया गया है या नहीं? यदि नहीं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? सहकारी शक्कर कारखानों के वित्तीय हानि को दूर करने के उपायों पर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए।
ऐसे समझें- रिकवरी और उत्पादन को
कारखाना संचालक मंडल के अनुसार पिछले साल 83 हजार 200 क्विंटल शक्कर उत्पादन हुआ था, जबकि इस साल 52 हजार 740 क्विंटल शक्कर उत्पादन हुआ है। पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत उत्पादन कम हुआ है। वहीं पिछले साल की अपेक्षा इस बार रिकवरी प्रतिशत 0.37 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल रिकवरी 9.12 प्रतिशत तो इस बार 9.49 प्रतिशत रहा।



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90 पक्षकारों ने लिया ई-अपाइंटमेंट, 45 ही पहुंच पाए कार्यालय, 43 की हुई रजिस्ट्री

सैंतालीस दिनों बाद जिले के उपपंजीयक कार्यालय शुरू हुए। रजिस्ट्री कराने के लिए आइंटमेंट अनिवार्य होने के कारण 90 लोगों ने ई-अपाइंटमेंट के लिए आवेदन किया था, लेकिन रजिस्ट्री कराने केवल 45 लोग ही पहुंचे। सरकार को इससे पहले ही दिन 16 लाख 69 हजार 930 रुपए राजस्व प्राप्त हुए।
पिछला वित्तीय वर्ष मार्च माह समाप्त होने के अंतिम दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन हो गया। वैसे मार्च के अंतिम दिनों में ही रजिस्ट्री अधिक होती है, लेकिन सभी कार्यालय बंद होने के कारण 20 मार्च के बाद से कहीं रजिस्ट्री नहीं हो सकी। इसके बाद 45वें दिन उप पंजीयक कार्यालय खोलने का आदेश हुआ। 4 मई से कार्यालय खुलने थे, लेकिन उप पंजीयक कार्यालयों को भी अ, ब और स श्रेणी में विभाजित कर उनके खुलने के लिए अलग अलग दिन निर्धारित किए गए। अ वर्ग के उप पंजीयक कार्यालय रोज खोले जा रहे हैं वहीं ब वर्ग के लिए दो दिन बुधवार और शुक्रवार निर्धारित किया गया है तथा स वर्ग के उप पंजीयक कार्यालय में केवल एक दिन बुधवार को ही रजिस्ट्री होगी।
अपाइंटमेंट लेकर एक मिनट भी लेट पहुंचने पर नहीं हो सकेगी रजिस्ट्री
जमीन की खरीदी बिक्री के लिए ई आइंटमेंट अनिवार्य किया गया है। विक्रेता को संपूर्ण दस्तावेज के साथ पंजीयक कार्यालय में उनके लिए निर्धारित समय से कम से कम दस मिनट पहले पहुंचना होगा। ताकि उनके दस्तावेजों की जांच की जा सके। इसे ऐसे समझें यदि किसी व्यक्ति को 12 बजे का समय मिला है तो उसे 11:50 बजे तक हर हाल में उपपंजीयक के सामने दस्तावेजों सहित उपस्थित होना पड़ेगा। क्योंकि दस्तावेजों की जांच पहले उप पंजीयक करेंगे, फिर उन पेपर्स की जांच के बाद कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा उसकी स्कैनिंग की जाएगी। इसके बाद फिर रजिस्ट्री का प्रोसेस शुरू होगा, यदि नियत समय पर नहीं पहुंचे तो आइंटमेंट का वह समय स्वयं ही कैंसिल हो जाएगा।
जिले के 7 कार्यालयों में हुई रजिस्ट्री, ये आज भी खुलेंगे
जिले में कुल नौ उप पंजीयक कार्यालय हैं। इनमें से सात जांजगीर, चांपा, अकलतरा, सक्ती, पामगढ़, जैजैपुर और नवागढ़ को रजिस्ट्री की संख्या के आधार पर ब वर्ग में रखा गया है। ये सभी रजिस्ट्रार कार्यालय सप्ताह में दो दिन यानि बुधवार और शुक्रवार को खुलेंगे। वहीं मालखरौदा और डभरा को स वर्ग में रखा गया है। इन दोनों कार्यालयों में केवल बुधवार को ही रजिस्ट्री होगी।
कहां कितनी रजिस्ट्री हुई पहले दिन
तहसील ईअपाइंटमेंट उपस्थित रजिस्ट्री राजस्व
जांजगीर 18 05 05 4,30,440
सक्ती 12 07 07 1, 67, 085
चांपा 02 02 02 1, 06, 280
डभरा 08 06 06 3, 27, 410
पामगढ़ 08 04 04 77,490
मालखरौदा 01 0 0 0
जैजैपुर 19 09 07 1,69,730
नवागढ़ 17 08 08 2,75, 800
अकलतरा 05 04 04 1, 15, 695
डेटा स्त्रोत: जिला पंजीयक कार्यालय
एक-एक कर तीन को ही प्रवेश की अनुमति
जांजगीर के उप पंजीयक अमित शुक्ला ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सेनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था की गई है। फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए रस्सी भी लगाई गई है। अधिक लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। पहले विक्रेता को बुलाया जाता है फिर क्रमश: क्रेता व एक गवाह को ही बारी बारी से प्रवेश की अनुमति है।
लेना होगा ई अपाइंटमेंट, आरोग्य सेतु एप भी जरूरी, तभी हो सकेगी कार्यालय में एंट्री
जिला पंजीयक बीएस नायक ने बताया रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकार को विभाग के पोर्टल https://epanjeeyan.cg.gov.in/IGRPortalWeb में जाकर ई आइंटमेंट लेना होगा। कार्यालय में प्रवेश करने वालों केलिए यह भी अनिवार्य है कि वे अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड रखें ताकि उनके स्वास्थ्य की जानकारी हो सके।



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जिले में लौटे 147,00 मजदूरों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं

दूसरे राज्यों से लौट रहे मजदूरों से कोराेना संक्रमण के खतरे के बीच राहत वाली खबर सामने आई है। जिले में अब तक लौटे 14 हजार 700 मजदूरों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया है। इन मजदूरों को किसी तरह के सर्दी, खांसी या बुखार की भी शिकायत नहीं है। वहीं अब तक 9 हजार से अधिक लोगों ने 28 दिन का क्वारेंटाइन पीरियड भी पूरा कर लिया है। इनमें मजदूरों के अलावा ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो दूसरे राज्यों से जिले में लौटे हैं।
जिले में रोजाना बड़ी संख्या में मजदूरों की आमद जारी है। आंकड़ों के मुताबिक अब तक जिले में 21 हजार से अधिक मजदूरों की इंट्री हो चुकी है। इन मजदूरों से संक्रमण के खतरे की आशंका भी बनी हुई है। लेकिन अब तक जिले में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं हुई है। सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि दूसरे राज्यों से पहुंच रहे मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच लगातार जारी है। अब तक 14,700 मजदूरों की जांच की जा चुकी है। शेष मजदूरों की जांच भी जारी है। पंचायत लेवल में ही स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात है, शिकायत मिलने पर जांच कर रहे हैं।
अतिसंवेदनशील क्षेत्र को निरंतर सैनिटाइज करने कहा
राजनांदगांव जिला बागनदी बॉर्डर से लगा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 6 आवागमन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जिले में महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों के साथ ही अन्य राज्य के मजदूर भी अपने राज्यों को जाने के लिए निरंतर आने लगे। उनका आश्रय स्थल रैनबसेरा बनाया गया। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य रैनबसेरा जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस अतिसंवेदनशील क्षेत्र को निरंतर सैनिटाइज करने के लिए निर्देश दे रहे हैं। यहां स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जा रहा है।
गांव के भीतर एंट्री पर रोक, स्कूलों में क्वारेंटाइन किए
जिले में रोजाना मजदूरों की आमद जारी है। प्रशासनिक अमले ने अब तक 14 से अधिक मजदूरों की जांच तो कर ली है। लेकिन आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और दूसरे हिस्सों से आने वाले मजदूरों की संख्या 21 हजार के पार पहुंच गई हैं। इनकी जांच भी पंचायतों में जारी होने का दावा किया जा रहा है, सभी की निगरानी भी हो रही है। लेकिन जब तक इन मजदूरों की जांच की रिपोर्ट और स्वास्थ्य की स्थिति की पुष्टि नहीं हो जाती, संशय रहेगा। स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल यूनिट को अब तक किसी भी पंचायत से मजदूरों के सेहत बिगड़ने या रैपिड टेस्ट की स्थिति के लिए कॉल नहीं मिला है।
क्वारेंटाइन टाइम पूरा होते ही मिली राहत
मजदूरों सहित दूसरे राज्यों से लौटे लोगों को तत्काल क्वारेंटाइन किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक अब तक ऐसे 9 हजार लोगों ने अपना 28 दिन का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर लिया है। इन 28 दिनों में 9 हजार लोगों में किसी तरह की स्वास्थ्यगत कोई शिकायत सामने नहीं आई है। इससे भी स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली हैं। वर्तमान में जो क्वारेंटाइन सेंटर में मौजूद हैं, वहां भी सतत निगरानी जारी है, लेकिन अब तक किसी की सेहत नहीं बिगड़ी है। स्वास्थ्य अमला इन पर नजर रखे है।
गांव जाने की खुशी कहा अब जान में जान आई
हैदराबाद से आए श्रमिक गोवर्धन एवं उनकी पत्नी संतोषी की बातों से खुशी साफ झलक रही थी। उन्होंने कहा कि हमर अपन गांव जाए के अब्बड़ खुशी लगथे। वहां सरकार मदद कर रही थी लेकिन परेशान होने लगे थे। कल वे विचारपुर रवाना होंगे। हैदराबाद से आए श्रमिक देवराज कोशले ने कहा कि अब जब वापस छत्तीसगढ़ आ गए हैं, तब जान में जान आई है। जैसे ही जानकारी मिली कि लॉकडाउन में वापस घर जा सकते हैं, पत्नी दृष्टि कोशले एवं अपनी नन्ही बच्ची नीतू कोशले को लेकर निकल पड़े। उन्होंने यहां की व्यवस्था को बेहतर बताया।

आप भी रहें अलर्ट
लापरवाही जारी जो बढ़ा सकती है दिक्कतें
मनमानी: गांवों में मजदूरों काे स्कूल या भवनों में क्वारेंटाइन किया गया है। लेकिन कई जगहों पर मजदूरों की मनमानी भी जारी है। क्वारेंटाइन सेंटर से बाहर निकल कर गांव में घूम रहे हैं। इसकी शिकायत भी पुलिस व प्रशासन तक पहुंच रही है। ऐसे मामले में एफआईआर तक हो चुकी है। ऐसी हरकतें संक्रमण का खतरा बढ़ा रही है।
अनदेखी: ग्रीन जोन के चलते बाजार में राहत दी गई है। लेकिन लोगों की भीड़ अब संक्रमण के खतरे की अनदेखी कर रही है। बाजार से लेकर सभी व्यावसायिक हिस्से में सामान्य दिनों की तरह भीड़ जुट रही है। पुलिस की समझाइश के बाद भी लोग बेवजह घरों से बाहर आ रहे हैं।
सूचना दें: शहर सहित जिले के कई हिस्सों में लोग दूसरे राज्यों से लौटने के बाद भी प्रशासन को सूचना नहीं दे रहे हैं। ऐसी कई शिकायतें हाल ही में सामने आ चुकी है।



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147,00 laborers returned to the district with no signs of corona




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पैसे लौटाने धमकी दी, 24 घंटे बाद युवक की मौत, सूदखोर गिरफ्तार

कातुलबोड़ निवासी कैटरिंग व्यवसायी सूरज सिंह को धमकाने और परेशान करने वाले सूदखोर शैलेश उर्फ कमलेश के खिलाफ गुरुवार को मोहन नगर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक, बुधवार सुबह घर से आधा किलोमीटर दूरी पर व्यवसायी का शव पेड़ पर लटका मिला था। पुलिस ने व्यवसायी के जेब से एक सुसाइड नोट बरामद किया था। नोट में सूदखोर द्वारा परेशान करने का जिक्र था। सूदखोर व्यवसायी को पांच लाख रुपए ब्याज समेत लौटाने के लिए दो महीने से धमका रहा था। लॉक डाउन के दौरान कई बार घर पर आकर व्यवसायी और उसकी पत्नी को भी धमकी दे चुका था। मृतक के भाई संजय ने बताया कि लॉकडाउन के कारण भाई सुनील का कैटरिंग का व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया था। जिसके कारण मार्केट से पैसे नहीं मिल पा रहे थे। जिन ग्राहकों से पैसे मिलने थे, वे भी नहीं लौटा रहे थे। सूदखोर पैसे लौटाने के लिए मोहलत देने को तैयार नहीं था। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है।
युवक ने सुसाइडल नोट भी छोड़ा है...
मोहन नगर पुलिस ने गुरुवार को कैटरिंग व्यवसायी सूरज निवासी कातुल बोर्ड के आत्महत्या मामले में सूदखोर कमलेश निवासी सेक्टर-10 के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत केस दर्ज कर लिया है। टीआई नरेश पटेल ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 5.30 बजे उपवन बार के सामने बबूल के पेड़ पर व्यवसायी का शव लटका मिला था। व्यवसायी ने पेड़ में रस्सी का फंदा बनाकर गर्दन में कस लिया था। उसके पास से मिले सुसाइड नोट के जरिए व्यवसायी की पहचान हो पाई थी। नोट पढ़ने से पता चला था कि सूदखोर से परेशान होकर व्यवसायी ने खुदकुशी की थी। व्यवसायी के भाई संजय ने बताया कि सूदखोर भाभी किरण और तीनों बच्चों को घर आकर कई बार धमका चुका था। भाई ने उससे लाखों रुपए ब्याज पर लिए थे। सुसाइडल नोट में युवक ने सूदखोर का नाम लिखा है।
व्यवसायी के घर से लेनदेन के दस्तावेज जब्त
पुलिस ने गुरुवार शाम कैटरिंग व्यवसायी के घर से पांच लाख रुपए के लेनदेन के दस्तावेज जब्त कर लिया है। कागजों में लिखापढ़ी के मुताबिक ,व्यवसायी ने 6 जनवरी को 2 लाख और 24 फरवरी को 3 लाख रु. सूदखोर से लिए थे। आरोपी ने व्यवसायी से 32 चैक भी ले लिए थे। पैसे मांगने के लिए आरोपी दो दिन पहले घर आकर धमकी देकर गया था। पत्नी व अन्य के बयान भी होंगे।
गुंडे लेकर आता था आरोपी सामान भी ले गया था
पुलिस के मुताबिक,दो महीनों में सूदखोर कई बार कैटरिंग व्यवसायी के घर पर धमकाने आ चुका था । वह गुंडे लाकर मारपीट करने के साथ घर का समान उठा ले जाने की धमकी देता था। इसी वजह से व्यवसायी डर गया था। पुलिस व्यवसायी की पत्नी,बच्चों समेत अन्य परिजन के भी बयान लेगी। पुलिस ने गुरुवार को आरोपी को रायपुर से पकड़कर जेल भेज दिया है।



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गरीबों के चावल में हेराफेरी, कई लोगों को 40 किलो तक कम मिला चावल, महिलाओं ने की है शिकायत

उचित मूल्य दुकानों से गरीबों को मुफ्त में बांटे जा रहे राशन में हेराफेरी शुरू हो गई है। अप्रैल और मई का राशन एक साथ पिछले महीने बांटा गया था। बाद में प्रति परिवार 5 किलो कोटा बढ़ा दिया गया। मई में जून के राशन के साथ अप्रैल और मई का बढ़ा राशन एक साथ वितरण किया जाना है। कई दुकानदार लोगों को पूरा राशन नहीं दे रहे हैं। अग्रसेन वार्ड के बरेजपारा के लोगों ने खाद्य विभाग में शिकायत की है। आयशा को 65 किलो चावल दिया गया है, जबकि उसे एक क्विंटल 10 किलो मिलना था। शबाना परवीन को 1 क्विंटल 10 किलो की जगह 65 किलो ही दिया है। इसी तरह से कई परिवारों को कम राशन दिया गया है।

अफसरों ने जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा है

वार्ड के लोगों की शिकायत पर नगर निगम में मेयर इन कौंसिल के सदस्य शफी अहमद ने मामले की शिकायत फूड ऑफिसर से की है। अहमद ने कहा कि जांच कर कार्रवाई करने को कहा गया है। सरकार कोरोना संकट में गरीबों को राहत दे रही है और इसमें गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह की हैं शिकायतें
शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत आ रही है। जिले में दो लाख से अधिक परिवारों को उचित मूल्य दुकानों से राशन दिया जाता है। कोरोना संकट में गरीबों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है।

जांच के लिए पहुंचे अधिकारी
शिकायत पर शुक्रवार को खाद्य विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे। अधिकारियों ने शिकायत करने वालों का बयान लिया। अधिकारियों ने कहा कि गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।



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Fraud in poor rice, many people got less than 40 kg rice, women have complained




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इंदौर क्षेत्र के 24 मजदूर पहुंचे, जिले में आते ही क्वारेंटाइन सेंटर में भेजे गए

मध्यप्रदेश के रेड जोन इंदौर में फंसे हुए क्षेत्र के 24 मजदूर शुक्रवार को जिले में पहुंच गए। 680 किमी के इस सफर को इन मजदूरों ने कभी पैदल तो कभी ट्रक चालकों से लिफ्ट लेकर 3 दिन में पूरा किया। राजनांदगांव में दाखिल होने के बाद वहां पुलिस चेकिंग के दौरान मजदूरों को पुलिस की ओर से ही किराए पर ई-रिक्शा उपलब्ध कराई गई। जिसके बाद मज़दूर 1000 रुपए सामूहिक किराया देकर ई रिक्शा से ही बालोद पहुंचे।
इंदौर से आने वाले मजदूर ग्राम उमरादाह, सांकरा, जगन्नाथपुर, तवेरा के रहने वाले हैं। मजदूरों को फिलहाल उनके गांव के स्कूलों में क्वारेंटाइन पर रखा गया है। स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने उनकी जांच की है। लेकिन अभी सैंपल नहीं लिया गया है।
एक-एक करके सभी मजदूरों को कोविड अस्पताल बालोद में भी जांच के लिए भेजा जाएगा।जगन्नाथपुर के सरपंच अरुण साहू, सांकरा की सरपंच वारुणी देशमुख ने कहा कि 16 मजदूरों को गांव के प्राइमरी और मिडिल स्कूल में ठहराया गया है।

मजदूरों की जुबानी कैसे पहुंचे यहां तक बता रहे कहानी
जगन्नाथपुर के मजदूर नीमकरण साहू व उनकी पत्नी परमेश्वरी साहू ने बताया कि 3 दिन पहले सुबह 4 बजे से इंदौर से निकले थे। इंदौर के आउटर तक लगभग 15 किमी पैदल चलने के बाद उन्हें ट्रक से लिफ्ट मिला। फिर कुछ दूरी तक पहुंचने के बाद 60 किमी दोबारा चलते रहे। ऐसे तैसे कभी लिफ्ट तो कभी पैदल चलते हुए 3 दिन में शुक्रवार को सुबह 6 बजे सभी राजनांदगांव पहुंचे। जहां फिर रिक्शा का इंतजाम पुलिस की ओर से किया गया लेकिन किराया सभी मजदूरों ने मिलकर दिया। फिर इसी से गांव पहुंचे। रहने खाने में हो रही थी दिक्कत इसलिए आना पड़ा सांकरा के मजदूर पोषण ने कहा कि इंदौर रेड जोन है रहने खाने में भी बहुत दिक्कत हो रही थी।



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मई में 45 मीटर तक रहने वाला जल स्तर 17 पर

लॉकडाउन के चलते पहली बार जिले में वाटर लेवल अपने सबसे बेहतर स्थिति में है। पीएचई के मुताबिक वर्तमान में जिले में 17 से 30 मीटर में पानी मौजूद है। जबकि दूसरे वर्षों में मई के दौरान वाटर लेवल की स्थिति 45 से 50 मीटर तक गिर जाती थी। इसे कोरोना का पॉजिटिव इफेक्ट माना जा रहा है।
दरअसल लॉकडाउन की वजह से जिलेभर में उद्योग धंधे बंद रहे, निर्माण कार्य भी पूरी तरह बंद रहा है। खेतों में भी किसानों ने काम न के बराबर किया है। इसके चलते भू-जल का इस्तेमाल इस बार पूरी तरह बंद रहा। उद्योग और निर्माण कार्य के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल भू-जल का किया जाता है। नलकूपों से पानी खींचकर ही उद्योग संचालित होते हैं। लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार ऐसी स्थिति नहीं बनी। इसी के चलते अब तक जिले में वाटर लेवल सबसे बेहतर स्थिति में है। पीएचई के ईई एसएन पांडे ने बताया कि वर्तमान में वाटर लेवल की स्थिति 17 से 30 मीटर पर है। इसके चलते खासकर ग्रामीण इलाकों में जलसंकट की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। उम्मीद है कि इस साल जिले के ज्यादातर हिस्सों में पानी की किल्लत नहीं होगी। वर्तमान स्थिति काे देखते हुए पानी के लिए हर साल होने वाली मशक्कत से भी ग्रामीणों और अफसरों को राहत मिली है।
ग्रामीण इलाकों में भी नहीं होगी समस्या

जिले में 17 हजार हैंडपंप, गिनती के ही बंद हुए: जिले में 17 हजार से अधिक हैंडपंप मौजूद हैं। हर साल मई में करीब 1500 से 2500 हैंडपंप काम करना बंद कर देते है। साल 2019 में यह आंकड़ा 3500 के पार पहुंच गया था, इस बार ऐसी स्थिति नहीं बनी है। पीएचई के ईई पांडे ने बताया कि ज्यादातर हैंडपंप काम कर रहे हैं।

350 से ज्यादा उद्योग बंद रहे, 400 से अधिक निर्माण कार्य: जिले बड़े उद्योगों के अलावा पानी पाउच, बर्फ, आईसक्रीम, आरओ वाटर, कोल्डड्रिंक्स सहित अन्य 350 से अधिक छोटे-छोटे उद्योग मौजूद है। इन उद्योगों में पूरी तरह नलकूपों से ही पानी का इस्तेमाल होता है। लेकिन इस बार ये सभी बंद रहे। जिले में निर्माण कार्य भी बंद रहे।

सप्लाई में खर्च होने वाले लाखाें रुपए भी बचे

3-4 साल से जिले में पानी की किल्लत अधिक बढ़ने लगी थी, ग्रामीण इलाके इससे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे थे। जिसे देखते हुए जनपद पंचायत के मदों से गांव में पीएचई के माध्यम से पानी की सप्लाई टैंकरों से हो रही थी। जिले के कई गांव टैंकर पर आश्रित हो गए थे, लेकिन इस बार वाटर लेवल सही होने के चलते ये समस्या भी खत्म हो गई है। इससे वाटर सप्लाई में खर्च होने वाले लाखों रुपए भी बच गए हैं।



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