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बॉक्सर मैरी कॉम ने क्वारैंटाइन प्रोटोकॉल तोड़ा, 14 दिन के आइसोलेशन से पहले ही राष्ट्रपति भवन के कार्यक्रम में शामिल हुईं

नई दिल्ली. कोरोनावायरस संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने विदेश से लौटने वाले हर यात्री के लिए निश्चित समय तक क्वारैंटाइन में रहना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन गायिका कनिका कपूर के बाद अब बॉक्सर एमसी मैरी कॉम के द्वारा नियम तोड़ने की जानकारी मिली है। राज्यसभा सदस्य मैरी कॉम विदेश से लौटने के 14 दिन पूरे होने से पहले ही राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं।

मैरी कॉम एशिया-ओशेनिया ओलंपिक क्वालिफायर के लिए जॉर्डन के अम्मान गई थीं। वे वहां से 13 मार्च को वापस लौटीं थीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निर्देशों के मुताबिक, उन्हें 14 दिन की अवधि पूरी करने के लिए 27 मार्च तक सेल्फ-आइसोलेशन का पालन करना था। लेकिन, इससे पहले 18 मार्च को ही उन्होंने राष्ट्रपति भवन में आयोजित ब्रेकफास्ट मीटिंग में शिरकत की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सांसदों के लिए नाश्ते का कार्यक्रम आयोजित किया था।

मैरी कॉम के साथ दुष्यंत सिंह भी मौजूद थे

राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से 18 मार्च को पोस्ट की गई चार तस्वीरों में से एक में मैरी कॉम दूसरे सांसदों के साथ देखी जा सकती हैं। फोटो के शीर्षक के तौर पर लिखा था- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुबह उत्तर प्रदेश और राजस्थान के सांसदों के लिए राष्ट्रपति भवन में नाश्ते का कार्यक्रम आयोजित किया। बॉलीवुड गायिका कनिका कपूरी के संपर्क में आने वाले भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह भी उसी दिन राष्ट्रपति भवन में मौजूद थे। उन्होंने अब सेल्फ आइसोलेशन में रहने की घोषणा की है।

कोच ने टीम के क्वारेंटाइन की जानकारी दी

बॉक्सिंग कोच सेंटियागो नीवा ने शुक्रवार को जॉर्डन में बॉक्सिंग मुकाबलों में भाग लेने वाले भारतीय दल के 14 दिन के अनिवार्य क्वारेंटाइन में होने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था- हमने 10 दिन के क्वारेंटाइन के हिसाब से योजना बनाई थी, लेकिन अब यह 14 दिन के लिए है। इसलिए मैं एक ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार करके भेज रहा हूं, ताकि वे इस पर काम कर सकें। यदि संक्रमण दो हफ्ते में खत्म नहीं हुआ, तो हमें अपना काम इसी तरह जारी रखना होगा।

राष्ट्रपति भी कोरोना परीक्षण करा सकते हैं

मैरी कॉम ने भी राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल होने की बात मानी थी। एक बयान में उन्होंने कहा था- जॉर्डन से लौटने के बाद मैं घर में ही हूं। मैं राष्ट्रपति भवन के कार्यक्रम में गई थी, लेकिन दुष्यंत से नहीं मिली। मैंने उनसे हाथ भी नहीं मिलाया। जॉर्डन से लौटने के बाद मेरा क्वारेंटाइन पीरियड खत्म हो चुका है, लेकिन मैं अगले 3-4 दिनों तक घर में ही रहूंगी। इस घटना के बाद राष्ट्रपति कोविंद भी कोरोनावायरस का परीक्षण करा सकते हैं। राष्ट्रपति दुष्यंत सिंह से उस समय मिले थे, जब वह कार्यक्रम में शामिल होने राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे।



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राष्ट्रपति भवन में 18 मार्च को आयोजित कार्यक्रम में सांसदों के साथ मौजूद बॉक्सर मैरी कॉम (दूसरी पंक्ति में बाएं से तीसरे नंबर पर)।




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71 साल के डीडी साहू ने 54 साल पहले कबड्‌डी क्लब खोला, महिला खिलाड़ियों को घर पर रखकर ट्रेनिंग दे रहे हैं

रायपुर (शेखर झा). 71 साल के डीडी साहू को कबड्‌डी से बेहद लगाव है। इस कारण 1966 में क्लब खोला। रिटायर्ड शिक्षक ने अब तक 100 से अधिक खिलाड़ी तैयार किए हैं। पिछले साल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से साई ने कबड्‌डी का सेंटर गुजरात के गांधी नगर में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद डीडी साहू ने सेंटर की 9 महिला खिलाड़ियों को जुलाई 2019 से घर में रहकर ट्रेनिंग देनी शुरू की। इन लड़कियों ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के अंडर-21 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। अभी छाया चंद्रवंशी सीनियर इंडिया कैंप जबकि सरस्वती निर्मलकर जूनियर इंडिया कैंप में हैं।

डीडी साहू ने बताया कि बचपन से खेल का शौक था। क्लब खोलने के बाद गांव के युवाओं को इससे जोड़ने लगे। 1972 में शिक्षा विभाग में नौकरी मिल गई। इसके बाद काम पर फोकस किया। इस बीच राजनांदगांव में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) का ट्रेनिंग सेंटर शुरू हुआ। इसमें कबड्‌डी को भी शामिल किया गया। प्रदेश के कई खिलाड़ियों ने ट्रेनिंग ली। पिछले साल कबड्‌डी को शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद सेंटर में रहने वाले बच्चे बाहर हो गए। इसके बाद साहू ने सेंटर की महिला खिलाड़ियाें को घर पर रखने का निर्णय लिया।

  • परिवार में कबड्‌डी के 7 नेशनल खिलाड़ी, एक अंपायर
  • रिटायर्ड शिक्षक डीडी साहू और उनके तीन भाई नेशनल खेल चुके हैं
  • तीन भतीजे भी नेशनल टूर्नामेंट में उतर चुके हैं

सेंटर की इन खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे
1. छाया, राजनांदगांव
2. सरस्वती, बालोद
3. संगीता, राजनांदगांव
4. कांता, राजनांदगांव
5. पूनम, राजनांदगांव
6. मैनो, दंतेवाड़ा
7. दिव्या, राजनांदगांव
8. संतोषी, राजनांदगांव
9. सुमन, भिलाई



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डीडी साहू खेलो इंडिया की मेडलिस्ट खिलाड़ियों के साथ।




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62% लोगों ने कहा- भारतीय महिला खिलाड़ियों को पुरुष के बराबर वेतन मिले; 64% ने माना खेल जिंदगी के लिए अहम

खेल डेस्क. देश के 62% लोग महिला खिलाड़ियों को पुरुष के बराबर वेतन देने के पक्ष में हैं। लेकिन सिर्फ 36% ही फिजिकल एक्टिविटी से जुड़े हैं। बीबीसी के 14 राज्यों के 10,181 लोगों पर सर्वे में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक 38 फीसदी लोगों का मानना है कि महिला खिलाड़ियों के इवेंट पुरुष के मुकाबले मनोरंजक नहीं होते। 42 फीसदी पुरुष जबकि सिर्फ 29 फीसदी महिलाएं किसी ना किसी खेल से जुड़े हैं।

सर्वे के मुताबिक अधिकतर 15 से 24 साल के लोग खेल से जुड़े हैं। सर्वे में महिला खिलाड़ियों के लिए बॉक्सिंग को सही नहीं माना गया है। लेकिन एमसी मेरीकॉम ने खुद को साबित किया है। वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में 8 मेडल जीतने वाली एकमात्र खिलाड़ी (महिला या पुरुष) हैं।

जेंडर इक्वेलिटी की बात अब आम : शांतनु
ऑडियंस रिसर्च के प्रमुख शांतनु चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘सर्वे दिखाता है कि भारत में महिलाओं और महिलाओं के खेल के प्रति दृष्टिकोण अभी भी जटिल और विरोधाभासी हैं। महिलाओं के खेल के प्रति दृष्टिकोण के मामले में अच्छी प्रगति हुई है, लेकिन कुछ पुरानी सोच अभी भी बरकरार है।’’



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मेरीकॉम वर्ल्ड चैंपियनशिप में 8 मेडल जीतने वाली एकमात्र खिलाड़ी (महिला या पुरुष) हैं। -फाइल फोटो




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टोक्यो ओलिंपिक 1 साल टला; 124 साल के इतिहास में यह गेम्स 3 बार रद्द हुए और पहली बार टले

खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण टोक्यो ओलिंपिक को 1 साल के लिए टाल दिया गया। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष थॉमस बाक के साथ मंगलवार को हुई बातचीत के बाद यहजानकारी दी। अब यह खेल 2021 की गर्मियों में होंगे। तारीख बाद में तय की जाएंगी।यह पहला मौका नहीं है, जब टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक को टाला गया। 1940 में इस शहर को पहली बार इन खेलों की मेजबानी मिली थी। लेकिन, चीन से युद्ध की वजह से यह गेम्स रद्द हो गए। ओलिंपिक के 124 साल के इतिहास में ओलिंपिक 3 बार रद्द हुए हैं और पहली बार टले हैं। पहले विश्व युद्ध के चलते बर्लिन (1916), टोक्यो (1940) और लंदन (1944) गेम्स को कैंसिल करना पड़ा था। टोक्यो ओलिंपिक24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होने थे।

तीन बार विश्व युद्ध के कारण ओलिंपिक रद्द हुए

  • बर्लिन ओलिंपिक : 1916 के ओलिंपिक बर्लिन में होने थे। 27 और 28 जून 1914 को बर्लिन स्टेडियम में टेस्ट इवेंट भी हो गए थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के आर्कड्यूक फ्रेंक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की साराजेवो में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद प्रथम विश्व युद्ध छिड़ गया और इन खेलों को रद्द कर दिया गया।
  • टोक्यो ओलिंपिक : 2020 से 80 साल पहले भी टोक्यो को इन खेलों की मेजबानी मिली थी। उसने बार्सिलोना, रोम और हेलसिंकी को पीछे छोड़ते हुए पहली बार यह मौका हासिल किया था। लेकिन चीन के साथ युद्ध के कारण उसे मेजबानी से पीछे हटना पड़ा। इसके बाद हेलसिंकी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि 1939 में दूसरा विश्व युद्ध शुरू होने के कारण गेम्स रद्द करने पड़े।
  • लंदन ओलिंपिक :1940 का टोक्यो ओलिंपिक रद्द होने के बाद आईओसी की बैठक में 1944 के ओलिंपिक की मेजबानी लंदन को सौंपी गई। अगर सब ठीक रहता है तो लंदन 36 साल बाद दूसरी बार इन खेलों को आयोजित करता। लेकिन मेजबानी मिलने के 3 महीने बाद ही ब्रिटेन ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। इस वजह सेखेल हुए ही नहीं। इसके बाद इटली में यह गेम्स होने थे। लेकिन इन्हें भी बाद में कैंसिल कर दिया गया।

जापान और आईओसी तय शेड्यूल के मुताबिक गेम्स कराने पर अड़े थे

आबे और आईओसी पिछले कुछ महीने से लगातार कह रहे थे कि गेम्स तय शेड्यूल के मुताबिक 24 जुलाई से शुरू होंगे। लेकिन कोविड-19 के बढ़ते खतरे के साथ आईओसी पर इन खेलों को स्थगित करने का दबाव बढ़ने लगा था।कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पहले ही ओलिंपिक में हिस्सेदारी से इनकार कर चुके थे।

कनाडा ने 1 साल खेल टालने की मांग की थी

कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने इन खेलों से हटते हुए कहा था कि अगर टोक्यो ओलिंपिकशेड्यूल के मुताबिक24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होते हैं तो वे अपने खिलाड़ी जापान नहीं भेजेंगे। कनाडा ने कहा था- हम ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए टालने की मांग करते हैं। अगर ओलंपिक को स्थगित किया जाता है तो हम उनका पूरा समर्थन करेंगे। हमारे लिए एथलीट्स के स्वास्थ्य और सुरक्षा के अलावा कुछ महत्वपूर्ण नहीं है।

अमेरिका के 70 फीसदी खिलाड़ी ओलिंपिक को टालने के पक्ष में थे
अमेरिका के 70 फीसदी से ज्यादा खिलाड़ी ओलिंपिक टालने के पक्ष में थे। अमेरिकी अखबार यूएसए टुडे ने 300 अमेरिकी खिलाड़ियों से ओलिंपिक के आयोजन पर सवाल पूछे थे। 70 फीसदी खिलाड़ियों ने कहा था कि गेम्स स्थगित होने चाहिए। 23 फीसदी ने कहा था कि यह उस समय के हालात पर निर्भर करेगा कि गेम्स होने चाहिए या नहीं। जब उन खिलाड़ियों से पूछा गया कि टोक्यो ओलिंपिक तय समय पर होना चाहिए तो 41 फीसदी ने कहा था कि यह सही आइडिया नहीं है।

आर्थिक नुकसान कितना?

सीएनबीसी के मुताबिक, 2016 से अब तक आईओसी ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 के लिए 5.7 अरब डॉलर (40 हजार 470 करोड़ रुपए) रेवेन्यू जुटाया। इसका 73 फीसदी हिस्सा मीडिया राइट्स से आया। बाकी 27 फीसदी प्रायोजकों यानी स्पॉन्सर्स से मिला। अगर खेल रद्द होते हैं तो आईओसी को यह रकम लौटानी होगी। इतना ही नहीं आईओसी दुनियाभर में एथलीट्स के लिए स्कॉलरशिप, एजुकेशन प्रोग्राम्स के साथ ही फेडरेशन्स से जो फंड जुटाता है, वो भी उसे लौटानी होगी। लिहाजा, खेल टाले गए हैं। इन्हें रद्द नहीं किया गया।


जापान ने 12.6 अरब डॉलर खर्च किए
टोक्यो ओलिंपिक 2020 की मेजबानी जापान के पास है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वह तैयारियों पर अब तक 12.6 अरब डॉलर खर्च कर चुका है। कुल अनुमानित खर्च इसका दो गुना यानी करीब 25 अरब डॉलर है।



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टोक्यो रेलवे स्टेशन के बाहर लोग गेम्स के विरोध में तख्तियां लेकर खड़े।
कोरोनावायरस के कारण जापान पर टोक्यो ओलिंपिक टालने या रद्द करने का दबाव था।




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अगले साल गर्मी के पहले भी हो सकते हैं टोक्यो गेम्स, इसका असर पेरिस-2024 ओलिंपिक पर नहीं: आईओसी

खेल डेस्क. इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के चीफ थॉमस बाक ने कहा है कि टोक्यो ओलिंपिक की नई तारीख के लिए सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘ये गेम्स सिर्फ गर्मी के महीनों तक सीमित नहीं हैं। 2021 में ये गर्मी के पहले भी हो सकते हैं।’ आईओसी ने मंगलवार को गेम्स अगले साल तक के लिए पोस्टपोन कर दिए थे। इस बीच, एथलेटिक्स और स्वीमिंग की वर्ल्ड बॉडी टोक्यो ओलिंपिक के लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप शिफ्ट करने को तैयार हैं।

एथलेटिक्स की वर्ल्ड चैंपियनशिप अगले साल 6 से 15 अगस्त जबकि स्वीमिंग की 16 जुलाई से 1 अगस्त तक होनी हैं। वहीं, पेरिस ओलिंपिक-2024 के आयोजकों ने कहा कि टोक्यो गेम्स के टलने का असर पेरिस गेम्स पर नहीं पड़ेगा। ये तय समय पर ही होंगे।

काउंटडाउन क्लॉक बंद, टॉर्च रिले भी पोस्टपोन
जापान ने गेम्स रि-आर्गनाइज करना शुरू कर दिया है। आयोजकों ने ओलिंपिक की काउंटडाउन क्लॉक बंद कर दी है। पहले क्लॉक यह दिखाती थी कि ओलिंपिक शुरू होने में कितने दिन बाकी हैं। टॉर्च रिले भी पोस्टपोन कर दी गई है। यह फुकुशिमा से गुरुवार को शुरू होनी थी। फ्लेम फुकुशिमा में ही रहेगी।



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टोक्यो ओलिंपिक को कोरोनावायरस के कारण एक साल के लिए टाल दिया गया। -फाइल फोटो




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रोनाल्डो ने क्वारैंंटाइन तोड़ा; इंग्लिश क्रिकेटरों ने पब को रेस्तरां और ग्रॉसरी स्टोर में बदला, बॉक्सर आमिर का 4 मंजिला बिल्डिंग मरीजों को देने का प्रस्ताव

खेल डेस्क. जब कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में सभी प्रोफेशनल स्पोर्ट्स बंद हैं, तब इंग्लैंड के कई खिलाड़ी और क्लब अपने-अपने स्तर पर मदद कर रहे हैं। कुछ क्लबों ने अपने स्टेडियम नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के लिए खोल दिए हैं। कुछ क्रिकेटरों ने अपने पब को रेस्तरां और ग्रॉसरी स्टोर में बदल दिया है। ये क्रिकेटर 70 साल से ज्यादा उम्र के लोंगों और हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों को फ्री-डिलिवरी सर्विस भी दे रहे हैं। वहीं, पुर्तगाल के स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो क्वारैंटाइन तोड़ते नजर आए। युवेंटस के पूर्व कोच समेत कई लोगों ने उनकी आलोचना की।

ब्रॉड ने अपर ब्रॉटन और हैरी गर्ने ने मेल्टन मोब्रे में अपने पब को ग्रॉसरी स्टोर में बदल दिया है। उन्होंने पब का रेस्तरां भी खोल दिया है, जहां से लोग खाना ले जा सकते हैं। ब्रॉड कहते हैं, ‘इस कठिन समय में हमें अपने लोगों की मदद करने का मौका मिला है। हम बेहद सावधानी बरत रहे हैं।’ नेशनल हेल्थ सर्विस के लिए फुटबॉल क्लबों ने अपने स्टेडियम खोल दिए हैं। प्रीमियर लीग क्लब वाटफोर्ड के वाटफोर्ड जनरल हॉस्पिटल के पास स्थित स्टेडियम में हेल्थ सर्विस से जुड़े लोग, मरीज रह सकते हैं। उन्होंने चाइल्डकेयर सुविधाएं भी दी हैं। चेल्सी क्लब ने अपने मिलेनियम होटल में हॉस्पिटल स्टाफ को रहने की सुविधा दी है। लीग वन क्लब इप्सविच, रग्बी क्लब लीस्टर टाइगर्स, काउंटी टीम डरहम और केंट ने भी अपने स्टेडियम और मैदान देने की पेशकश की है।

मैक्ग्रेगोर ने 8 करोड़ रुपए दिए
ब्रिटेन के बॉक्सर आमिर खान भी मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने अपनी 60 हजार स्क्वैयर फीट की 4 मंजिला बिल्डिंग हेल्थ सर्विस और मरीजों को देने की पेशकश की है। मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट कोनोर मैक्ग्रेगोर ने हॉस्पिटल स्टाफ के लिए इक्विपमेंट खरीदने के लिए एक मिलियन यूरो (करीब 8 करोड़ रुपए) दिए हैं।

सिंधु ने 10 लाख रुपए डोनेट किए
पीवी सिंधु ने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के सीएम रिलीफ फंड में 5-5 लाख रुपए डोनेट किए हैं। वहीं, टेनिस स्टार सानिया मिर्जा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मदद के लिए फंड रेजिंग कैंपेन शुरू कर रही हैं। इस बीच, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने सीएम रिलीफ फंड में 50 लाख रुपए का योगदान दिया है।

युवेंटस के पूर्व चीफ रोनाल्डो पर भड़के
क्रिस्टियानो रोनाल्डो गृहनगर मेडेरा (पुर्तगाल) में परिवार के साथ हैं। वे सोशल मीडिया पर लगातार फोटो शेयर कर फैंस को अपडेट कर रहे हैं। उन्होंने अपने लग्जरी विला के पूल की एक फोटो शेयर की है। उनकी परिवार व दोस्तों के साथ कई फोटो सामने आई हैं। इस पर युवेंटस के पूर्व चेयरमैन जियोवानी कोबोली गिगली भड़क गए। उन्होंने रोनाल्डो पर क्वारेंटाइन तोड़ने का आरोप लगाया और कहा- रोनाल्डो अपनी मां के लिए पुर्तगाल गए थे। लेकिन अब वे सिर्फ पूल में बैठकर फोटो ले रहे हैं। यह कैसा क्वारेंटाइन है?



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क्रिस्टियानो रोनाल्डो क्वारैंंटाइन तोड़कर जिम में कई लोगों के साथ नजर आए।




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फेडरेशन कप में सिल्वर विजेता शॉटपुट खिलाड़ी नवीन डोप टेस्ट में फेल, 4 साल का बैन लगा; ओलिंपिक खेलने का सपना भी टूटा

खेल डेस्क. भारतीय शॉटपुट खिलाड़ी नवीन चिकारा का ओलिंपिक में खेलने का सपना टूट गया है। वे आउट-ऑफ-कॉम्पिटीशन डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। वर्ल्ड एथलेटिक्स इंटिग्रिटी यूनिट ने नवीन पर 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 27 जुलाई 2018 से माना जाएगा, क्योंकि टेस्ट के लिए उनका सैंपल भी तभी लिया गया था। वहीं, केन्या के धावक और एशियन गेम्स में सिल्वर विजेता अलबर्ट रोप भी डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। उन पर 2 साल का प्रतिबंध लगा है।

2018 नवीन के लिए काफी शानदार रहा था। इस साल उन्होंने फेडरेशन कप में सिल्वर मेडल भी जीता था। जबकि इंटर स्टेट चैम्पियनशिप में वे रनरअप रहे थे। इसी साल पटियाला में नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) ऑफ इंडिया की टेस्टिंग अथॉरिटी के आउट-ऑफ-कॉम्पिटिशन टेस्टिंग में नवीन को रखा गया था।

नवीन ने प्रतिबंधित जीएचआरपी-6 दवा ली थी
अक्टूबर में उनके ब्लड सैंपल को कनाडा के मॉन्ट्रियल में वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में भेजा गया, जो पॉजिटिव निकला। इसके बाद उन पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था। तब नवीन ने इसे स्वीकार करते हुए कहा था कि उन्हें प्रतिबंधित जीएचआरपी-6 दवा के बारे में नहीं पता था, जो उन्होंने गलती से ली थी। इसके बाद उनका बी सैंपल भी लिया गया था। इसकी रिपोर्ट के बाद उनके प्रतिबंध को 4 साल का कर दिया गया।

रूस के 2 ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट पर प्रतिबंधित दवाएं लेने काआरोप
रूस के दो ओलिंपिक चैम्पियन समेत 4 खिलाड़ियों पर डोपिंग और प्रतिबंधित दवाएं लेने के आरोप लगे हैं। इनमें 2 गोल्ड मेडलिस्ट बीजिंग ओलिंपिक 2008 में हाई जंप के चैम्पियन आंद्रेई सिलनोव और लंदन ओलिंपिक 2012 में 400 मीटर बाधा दौड़ की चैम्पियन नतालिया अंतियुख हैं।



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शॉटपुट खिलाड़ी नवीन चिकारा का ब्लड सैंंपल 27 जुलाई 2018 को लिया गया था। -प्रतीकात्मक फोटो




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4 साल में स्पोर्ट्स व्यूअरशिप 90% बढ़ी, 2900 करोड़ मिनट देखा गया भारत-पाकिस्तान वर्ल्ड कप मैच

खेल डेस्क. पिछले चार साल में देश में स्पोर्ट्स व्यूअरशिप 90% तक बढ़ गई। इसमें लाइव क्रिकेट 58% व्यूअरशिप के साथ टॉप पर रहा। ब्राॅडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत-पाक वर्ल्ड कप मैच 2900 करोड़ मिनट देखा गया। यह 2016-2019 के बीच सबसे ज्यादा देखा गया क्रिकेट मैच रहा।

बार्क की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिकेट के अलावा कबड्‌डी, रेसलिंग और फुटबॉल को सबसे ज्यादा व्यूज मिले। कुल व्यूअरशिप 85% रही। 70% ग्रामीण लोगों ने कबड्‌डी जबकि 52% शहरी लोगों ने रेसलिंग के मुकाबले देखे। फुटबॉल के 50% से ज्यादा दर्शक केरल, असम, सिक्किम, प. बंगाल के रहे।

  • 200 करोड़ मिनट देखा गया भारत का पहला पिंक बॉल टेस्ट, 4.3 करोड़ व्यूअरशिप मिली।
  • 42.4 करोड़ लोगों ने आईपीएल मैच लाइव देखे, यह टीवी देखने वाले लोगों का 51% है।
  • 50.9 करोड़ लोगों ने टीवी पर क्रिकेट वर्ल्ड कप देखा, 20 लाख सेकंड एडवरटाइज दिखाए गए।


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भारत-पाकिस्तान वर्ल्ड कप मैच 2016-2019 के बीच सबसे ज्यादा देखा गया क्रिकेट मैच रहा।




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इंफाल में बनी देश की पहली ट्रांसजेंडर फुटबॉल टीम, 14 खिलाड़ियों ने 2 टीम बनाकर आपस में मैच खेला

खेल डेस्क. भारतीय फुटबॉल टीम भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, लेकिन इस खेल में देश को अब एक नई उपलब्धि मिली है। दरअसल, मणिपुर की राजधानी इंफाल में देश की पहली ट्रांसजेंडर फुटबॉल टीम बनी है। इस टीम में 14 खिलाड़ी हैं, जिन्होंने आपस में दो टीम बांटकर एक मैच भी खेला। यह टीम एक एनजीओ ने बनाई, जिसका नाम ‘या ऑल’ रखा है।टीम का कप्तान स्ट्राइकर निक को बनाया गया, जबकि दूसरे स्ट्राइकर चाकी को उपकप्तानी सौंपी गई।

इस एनजीओ को एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग चलाते हैं। उन्होंने इस संगठन को 2017 में बनाया था। इस टीम को 5 दिवसीय योशांग फेस्टिवल के दौरान 8 मार्च को बनाया गया था। लेकिन इस पहले मैच के साथ ही इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया गया है। योशांग मणिपुर में होली पर मनाया जाने वाले एक तरह का त्योहार है।

चाकी ने सबसे पहले टीम बनाने की इच्छा जताई थी
उपकप्तान चाकी को फुटबॉल खेलना पसंद था। हालांकि, उन्हें महिला और पुरुष दोनों ही टीम में जगह नहीं मिलती थी। इस कारण चाकी ने ही सबसे पहले टीम बनाने की इच्छा जताई थी। उनका टीम बनाने का उद्देश्य है कि सभी खिलाड़ी खेल का मजा ले सकें और दुनिया को दिखा दें कि हम मिलकर क्या कर सकते हैं। चाकी ने सभी बड़ी फुटबॉल टीम से मदद की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे किन्नरों के प्रति समाज की सोच में परिवर्तन आएगा।

पहली ट्रांसजेंडर टीम

  • स्ट्राइकर- निक (कप्तान), चाकी (उपकप्तान), लेम
  • मिडफील्डर- नेली, मैक्स, थोई और सैंतोई
  • डिफेंडर- केके, लाला, क्रिस्टीना, थोई एस और मिलर
  • गोलकीपर- पूजा और सिलेबी


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खिलाड़ियों को महिला-पुरुष टीम में जगह नहीं मिलती थी, इसलिए नई टीम बनाई।




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4 बार ब्रिटिश ओपन विजेता रहे पाकिस्तान के स्क्वैश खिलाड़ी आजम की लंदन में मौत, चीन की महिला आइस हॉकी टीम की 2 प्लेयर संक्रमित

खेल डेस्क. पाकिस्तान के पूर्व स्क्वैश खिलाड़ी आजम खान की कोरोनावायरस (कोविड 19) से शनिवार को लंदन में मौत हो गई। वे 95 साल के थे। आजम के निधन की पुष्टि उनके परिवार ने रविवार को की। खेल जगत में कोरोना से यह पहली मौत है। आजम ने 1959 से 1962 के बीच लगातार 4 बार ब्रिटिश ओपन खिताब जीता था। वहीं, चीन की महिला आइस हॉकी टीम की 2 खिलाड़ी भी कोरोना से संक्रमित पाई गई हैं। हाल ही में यह आइस टीम अमेरिका से लौटी थी।

चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना के कारण दुनियाभर के 195 देशों में सोमवार सुबह तक 33 हजार 509 लोगों की मौत हो चुकी है। 7 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। यूरोप में इटली और फ्रांस सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। रविवार को इटली में 756 और स्पेन में 821 लोगों की मौत हुई है। वहीं, भारत में संक्रमितों की संख्या 1142 हो गई है। 31 लोगों की मौत हो चुकी है।

आजम ने 14 साल के बेटे की मौत के बाद खेलना छोड़ दिया था
आजम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्क्वैश खिलाड़ियों में गिना जाता था। वे महान खिलाड़ी रहे हाशिम खान के छोटे भाई हैं। आजम ने 1962 में चोट और अपने 14 साल के बेटे की मौत के कारण खेलना छोड़ दिया था। हालांकि दो साल बाद चोट से उबरने के बाद उन्होंने कहा था कि वे बेटे की मौत के गम से नहीं उबर नहीं सके। पेशावर के गांव नवाकिले में जन्मे आजम 1956 में यूके में बस गए थे। आजम ने उन्होंने 1962 में पहली बार सबसे अहम हार्डबॉल टूर्नामेंट यूएस ओपन भी जीता था।

महिला आइस टीम के सभी खिलाड़ी क्वारैंटाइन
चीन आइस हॉकी संघ ने बताया कि महिला टीम मार्च में पोलैंड में होने वाली वर्ल्ड चैम्पियनशिप की तैयारियों के लिए अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही थी। हालांकि, यह चैम्पियनशिप कोरोनावायरस के कारण रद्द कर दी गई है। अमेरिका से 13 मार्च को वापस लौटे सभी खिलाड़ियों का तापमान मापा गया था, लेकिन उस समय किसी को भी बुखार नहीं था। इसके बाद इन्हें 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन में रखा गया, जहां दो खिलाड़ियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। टीम की अन्य खिलाड़ी क्वारैंटाइन में हैं।

तुर्की के पूर्व गोलकीपर कोरोना पॉजिटिव

तुर्की के पूर्व गोलकीपर रुस्तु रेस्बेर का कोरोना टेस्ट भी पॉजिटिव पाया गया। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। यह जानकारी रुस्तु की पत्नी ने दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण ने काफी तेजी से हमला किया था। रुस्तु की हालत देखकर चौंक गई थी। हालांकि, पूर्व गोलकीपर की पत्नी और दो बच्चों का टेस्ट निगेटिव आया है।



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पाकिस्तानी खिलाड़ी आजम खान ने 1962 में 14 साल के बेटे की मौत के बाद स्क्वैश छोड़ दिया था। -फाइल




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आईपीएल का मौजूदा सीजन रद्द होने की कगार पर, बीसीसीआई को 4 हजार करोड़ का नुकसान होगा

खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन का कैंसिल होना लगभग तय है। 29 मार्च से शुरू होने वाले टूर्नामेंट को 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि बीसीसीआई ने लीग को कैंसिल करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड घोषणा से पहले वीसा संबंधित मामले पर भारत सरकार और खेल मंत्रालय की घोषणा का इंतजार कर रहा है। सरकार ने 15 अप्रैल तक विदेशी वीसा को सस्पेंड किया हुआ है। जानकारी के अनुसार अगर इस साल आईपीएल का आयोजन नहीं होता है तो अगले साल बड़ी नीलामी भी नहीं होगी।

आईपीएल कैंसिल होने से फ्रेंचाइजी 7500 करोड़ रुपए की कटौती कर सकती है। इसमें बीसीसीआई का घाटा भी है। अमेरिकी बैंक डिवीजन बोफा सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआई को लगभग 4 हजार करोड़ का नुकसान होगा। हॉटस्टार को भी बड़ा नुकसान होगा।

2021 में बड़ी नीलामी होनी थी, एक साल के लिए टली
कार्यक्रम के अनुसार 2021 में बड़ी नीलामी होनी थी। इसमें फ्रेंचाइजी को कुछ खिलाड़ियों को अपने साथ बनाए रखने की अनुमति थी, बाकी सभी को नीलामी में शामिल होना था। अब अगले साल यही सीजन जारी रहेगा। आईपीएल के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल आईपीएल का आयोजन नहीं होगा। यह अगले साल होगा। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि इस समय देश में किस तरह के हालात हैं और कोई भी खतरा नहीं लेगा चाहेगा।

रसेल घर पर कर रहे तैयारी
वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर आंद्रे रसेल इन दिनों घर पर ही रहकर तैयारी कर रहे हैं। वे ओवरऑल टी-20 में 5365 रन और 291 विकेट ले चुके हैं।

सितंबर में होने वाला टी20 एशिया कप कैंसिल होगा
कोरोनावायरस के कारण टी-20 एशिया कप भी कैंसिल हो सकता है। टूर्नामेंट के आयोजन की जिम्मेदारी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को दी गई है। लेकिन भारत ने पाक जाने से इंकार कर दिया है। लेकिन अब तक टूर्नामेंट की जिम्मेदारी किसी अन्य को नहीं दी गई है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए टूर्नामेंट का होना कठिन है। सितंबर में टूर्नामेंट का आयोजन होना है।



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आईपीएल का ओपनिंग मैच 29 मार्च को मुंबई और चेन्नई के बीच होना था।




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इंग्लैंड बोर्ड ने 574 करोड़ रु. के राहत पैकेज की घोषणा की, बटलर अपनी वर्ल्ड कप जर्सी नीलाम करेंगे

इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने फाइनेंशियल इम्पैक्ट का सामना करने के लिए 61 मिलियन पाउंड (574 करोड़ रुपए) के राहत पैकेज की घोषणा की। हालांकि, ईसीबी ने खिलाड़ियों की सैलरी में कटौती करने की कोई घोषणा नहीं की है। ईसीबी के अनुसार, यह मदद काउंटी, बोर्ड, क्लब हर लेवल पर की जाएगी। ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हैरिसन ने कहा, ‘यह बेहद चुनौतीपूर्ण समय है। क्रिकेट परिवार के सभी सदस्यों को सहायता पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।’

बटलर अपनी वर्ल्ड कप जर्सी नीलाम करेंगे, अस्पतालों के लिए फंड जुटाएंगे इंग्लैंड टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर वर्ल्ड कप फाइनल में पहनी अपनी जर्सी नीलाम करेंगे। इसके जरिए वे अस्पतालों के लिए फंड जुटाएंगे। उनकी जर्सी की बोली लगनी शुरू हो गई है।

‘हॉकी को हमेशा देशवासियोंं से प्यार मिला’
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने पीएम केयर्स फंड में 25 लाख रुपए डोनेट किए। हॉकी इंडिया ने भी 25 लाख रु. डोनेट किए हैं। अध्यक्ष मोहम्मद मुश्तफा अहमद ने कहा, ‘हॉकी को देश के लोगों से हमेशा प्यार और समर्थन मिला है। हम देशवासियों को मुश्किल समय से उभारने में मदद करना चाहते हैं।’ उन्होंने लोगों को घर पर रहने की भी सलाह दी।



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इग्लैंड ने वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार खिताब जीता था। मैच मेंं जोस बटलर ने 59 रन की पारी खेली थी।




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वर्ल्ड रैंकिंग में बजरंग दूसरे और रवि दहिया चौथे स्थान पर, दोनों को टोक्यो ओलिंपिक की टॉप-4 सीड में जगह मिलना तय

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने बुधवार को ताजा रैंकिंग जारी की। इसमें भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया 65 किलोग्राम वर्ग में दूसरे नंबर पर हैं, जबकि रवि दहिया 57 किग्रा में चौथे स्थान पर काबिज हैं। इस लिहाज से दोनों स्टार पहलवानों को अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक के टॉप-4 सीड में जगह मिलना तय है। कोरोनावायरस के कारण इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब यह टूर्नामेंट अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त को होगा।

पिछले ही साल नूर-सुल्तान में स्वर्ण जीतने वाले रूस के ओलिंपिक चैम्पियन गधजिमुराद रशीदोव 65 किग्रा में शीर्ष पर हैं। गधजिमुराद के 60 और बजरंग के नाम 59 पॉइंट हैं। वहीं, 57 किग्रा वर्ग में भी रूस के ही जॉर उगुयेव टॉप पर काबिज हैं। वर्ल्ड रैंकिंग में जॉर के 60 और दहिया के 46 अंक हैं।

दीपक पुनिया 86 किग्रा में दूसरे नंबर पर
वहीं, विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता दीपक पुनिया 86 किग्रा में ईरान के दिग्गज हसन यजदानी के बाद दूसरे स्थान पर हैं। हसन के 60 और दीपक के 54 पॉइंट हैं। इनके अलावा ओलिंपिक के अन्य तीन भार वर्ग 74 किग्रा, 97 किग्रा और 125 किग्रा के टॉप -10 में कोई भारतीय पहलवान नहीं है। हर भार वर्ग के शीर्ष चार खिलाड़ियों को टोक्यो ओलिंपिक में वरीयता दी जाएगी।



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बजरंग पुनिया वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 3 पदक जीतने वाले पहले भारतीय रेसलर हैैं। -फाइल फोटो




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मोदी ने सचिन-सिंधु समेत खेलजगत की 40 हस्तियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की, कोविड से निपटने के लिए 5 मंत्र दिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को खेल जगत की हस्तियों से वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए देश में बढ़ते कोरोनावायरसके हालात पर चर्चा की। इसमें बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी समेत 40 शीर्ष खिलाड़ी शामिल हुए। इस दौरान मोदी इन सभी खिलाड़ियों से कोरोना के खिलाफ जंग में साथ आने की अपील की।पहले भी मोदी ने खेल जगत के दिग्गजों के कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए दान देने के लिए अपील की थी।

21 दिन के लॉकडाउन के बाद मोदी ने पहली बार खेल जगत की हस्तियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के हालात पर चर्चा की।चर्चा में पीटी ऊषा, पुलेला गोपीचंद, विश्वनाथन आनंद, हिमा दास, शरद कुमार, बजरंग पुनिया, पीवी सिंधु, रोहित शर्मा, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और चेतेश्वर पुजारा भी शामिल रहे। फिलहाल,यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक रहेगा।

मोदी ने 5 मंत्र दिए

मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए 5 मंत्र दिए। यह संकल्प, संयम, सकारात्मकता, सम्मान और सहयोग हैं। मोदी ने सभी से कोरोना के खिलाफ टीम इंडिया के रूप में लड़कर भारतीय टीम को जिताने की बात कही। मोदी ने कहा, ‘‘सभी खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है। अब वक्त आ गया है कि वे इस कठिन परिस्थिति में देशवासियों का मनोबल बढ़ाएं और सकारात्मकता फैलाएं।’’ वहीं, देशहित में सही समय पर जरूरी कदम उठाने के लिए सभी खिलाड़ियों ने मोदी को धन्यवाद दिया।

मोदी ने देशवासियों के साथ वीडियो शेयर किया

इससे पहले शुक्रवार को हीमोदी ने लॉकडाउन के बीच देशवासियों के साथ 12 मिनट का एक वीडियो मैसेज साझा किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ अब तक 9 दिन के लॉकडाउन में लोगों ने अनुशासन का परिचय दिया। इस रविवार 5 अप्रैल रात 9 बजे आप सब 9 मिनट घर की लाइटें बंद कर मोमबत्ती, टॉर्च, दीये या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं। 16 दिन में मोदी का यह देश के लोगों को तीसरा संबोधन था।

देश में अब तक कोरोना से 72 की मौत
कोरोनावायरस के शुक्रवार को 53 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2 हजार 602 हो गई है। 191 लोग ठीक हुए हैं और 72 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले गुरुवार को देशभर में 486 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यह एक दिन में संक्रमण का सबसे बड़ा आंकड़ा है। हाल ही में बीसीसीआई51 करोड़ रुपए, सचिन ने 50 लाख, गौतम गंभीर ने एक करोड़ रु. और 2 साल का वेतन, रोहित ने 80 लाख, सुरेश रैनाने 52 लाख रुपएदेने की घोषणा की है। गंभीर भाजपा के सांसद भी हैं।वहीं, कोहली ने भी पीएम राहत कोष में मदद करने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने राशि नहीं बताई थी। वहीं, गांगुली ने 51 लाख रुपए के चावल दिए हैं।



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मोदी ने कोरोना को हराने के लिए खिलाड़ियों से भी अपील की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनसे सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और पीवी सिंधु जुड़ीं।
इससे पहले मोदी की अपील पर सौरव गांगुली ने लॉकडाउन से प्रभावित बेरोजगारों के लिए 51 लाख रुपए के चावल दान दिए थे।
सचिन तेंदुलकर ने भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर 51 लाख रुपए दान दिए।
मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग चर्चा में युवराज सिंह, पीवी सिंधु, हिमा दास और शरद कुमार भी शामिल रहे।




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रोनाल्डो 7642 करोड़ रु. कमाने वाले पहले फुटबॉलर बन सकते हैं, टाइगर वुड्स और फ्लायड मेवेदर को पीछे छोड़ देंगे

फुटबॉल मैदान पर तो क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने तमाम बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए ही हैं। कमाई के मामले में भी वे नया रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। रोनाल्डो इस साल बिलियनेयर स्पोर्ट्स पर्सन की लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। फोर्ब्स के अनुसार, वे 1 बिलियन डॉलर की कमाई के साथ पहले फुटबॉलर बन सकते हैं। अब तक सिर्फ दो ही खिलाड़ी हैं, जो इतनी कमाई कर सके हैं। अमेरिकी गोल्फर टाइगर वुड्स 2009 में पहले अरबपति खिलाड़ी बने थे। 2017 में अमेरिका के प्रोफेशनल बॉक्सर फ्लायड मेवेदर ने इतनी कमाई की थी। रोनाल्डो की कुल कमाई 800 मिलियन डॉलर (करीब 6087 करोड़ रुपए) है।

दूसरे सबसे ज्यादा कमाई वाले खिलाड़ी थे
रोनाल्डो ने 2019 में 109 मिलियन डॉलर (829 करोड़ रु.) कमाई की थी। वे दूसरे हाईएस्ट पेड एथलीट बने थे। उन्होंने 2018 में युवेंटस के साथ 340 मिलियन डॉलर (2588 करोड़ रु.) की डील की थी। रोनाल्डो नाइकी से 804 मिलियन पाउंड (6120 करोड़ रु.) की लाइफटाइम डील भी कर चुके हैं।

रोजाना 3 करोड़ सैलरी से कमाते हैं रोनाल्डो

  • रोनाल्डो सैलरी से सालाना 820 करोड़ कमाते हैं। यानी महीने के करीब 68 करोड़, हफ्ते के 15.7 करोड़ और दिन के 3.15 करोड़ रुपए कमाते हैं।
  • 350 करोड़ रुपए का एनुअल पे-चेक मिलेगा रोनाल्डो को इस साल। यह लियोनेल मेसी और नेमार को छोड़ दिया जाए, तो दुनिया के अन्य सभी फुटबॉलर से ज्यादा है।
  • 343 करोड़ रुपए कमाएंगे रोनाल्डो वॉकिंग बिलबोर्ड, नाइकी के एंडोर्समेंट, सीआर7 ब्रॉन्ड के अंडरवियर, फुटवियर और कोलोन से।
  • 693 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई हो सकती है। इसमें सोशल मीडिया और एंडोर्समेंट से होने वाली कमाई शामिल है।


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क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने 2019 में 109 मिलियन डॉलर (829 करोड़ रु.) कमाई की थी। वे दूसरे हाईएस्ट पेड एथलीट बने थे। -फाइल फोटो




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फुटबॉलर नेमार ने यूनिसेफ को 7.5 करोड़ रुपए दिए, इंग्लिश क्रिकेटर्स ने 4 करोड़ रु. से ज्यादा जुटाए

कोरोनावायरस से दुनियाभर में शनिवार सुबह तक 59 हजार 141 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या 10 लाख 98 हजार पहुंच गई है। ऐसे संकट के समय में खेल जगत से कई दिग्गजों ने कोरोना से बचाव के लिए खुले हाथ से दान दिया है। ब्राजील के स्टार फुटबॉल खिलाड़ी नेमार ने कोरोनावायरस के पीड़ित लोगों की मदद के लिए 7 करोड़ रुपए दिए हैं। उन्होंने यह राशि यूनिसेफ को दी है। इससे ब्राजील में पीड़ितों की मदद की जाएगी। हालांकि नेमार ने इसके बारे में अपनी ओर से कुछ नहीं कहा था। इसके पहले रोनाल्डो, मेसी, फेडरर, नडाल सहित कई बड़े खिलाड़ियों ने करोड़ों रुपए दिए थे। साथ ही इंग्लैंड के क्रिकेटर्स ने 4.6 करोड़ रुपएजुटाए हैं।

प्रीमियर लीग में सैलरी कटौती हो सकती है
इंग्लिश प्रीमियर के खिलाड़ियों की सैलरी में भी कटौती हो सकती है। कोरोनावायरस के कारण खेल पूरी तरह बंद है। इस बीच प्रीमियर लीग, फुटबॉल लीग और खिलाड़ियों के यूनियन के बीच चर्चा चल रही है। हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने कहा कि कोरोनावायरस के खिलाफ सभी को शामिल होना चाहिए। नॉन प्लेइंग स्टॉफ को सैलरी मिलनी चाहिए। प्रोफेशनल फुटबॉलर्स एसोसिएशन ने भी जारी बयान में कहा है कि क्लबों को नॉन प्लेइंग स्टाफ को भुगतान करना चाहिए। इसके पहले स्पेनिश क्लब बार्सिलोना और एटलेटिको मैड्रिड के खिलाड़ियाें ने सैलरी में 70 फीसदी की कटौती पर सहमति दे दी है।

ओलिंपिक संघ ने 71 लाख रुपए का फंड इकट्‌ठा किया
भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओसी) ने कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए 71 लाख का फंड इकट्ठा किया है। इसमें राज्य संघों के साथ ही नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन ने भी योगदान दिया है। महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि आईओए अपने एनएसएफ और राज्य संघों को योगदान देने के लिए आभार प्रकट करता है।

इंग्लैंड का एजबस्टन क्रिकेट स्टेडियम बनेगा कोविड-19 का टेस्टिंग सेंटर
इंग्लैंड के वारविकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब ने कोरोना टेस्टिंग के लिए एजबस्टन स्टेडियम दिया है। स्टेडियम की कार पार्किंग का इस्तेमाल बर्मिंघम में काम करने वाले मेडिकल कर्मचारियों की नियमित टेस्टिंग के लिए किया जाएगा। इससे पहले लॉर्ड्स ने पार्किंग हॉस्पिटल कर्मचारियों के लिए खोल दी थी।



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ब्राजील के स्टार फुटबॉलर नेमार फ्रांस के क्लब पीएसजी के लिए खेलते हैंं। वे जल्द ही बार्सिलोना के साथ बड़ा करार कर सकते हैं। -फाइल फोटो




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वसीम जाफर की ऑलटाइम वनडे टीम में 4 भारतीय, धोनी को कप्तान बनाया; एक भी इंडियन गेंदबाज शामिल नहीं

पूर्व भारतीय ओपनर वसीम जाफर ने शनिवार को अपनी ऑलटाइम वनडे टीम चुनी। इसमें उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बनाया। इनके अलावा उन्होंने सचिन तेंदुलकर और रोहित शर्मा को ओपनर के तौर पर टीम में रखा, जबकि विराट कोहली को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए रखा है। हैरानी की बात यह है कि जाफर ने अपनी टीम में ऑस्ट्रेलिया को दो वर्ल्ड कप (2003 और 2007) जिताने वाले रिकी पोंटिंग को 12वें नंबर पर रखा है।

जाफर ने टीम में तीसरे नंबर पर वेस्टइंडीज के दिग्गज विवियन रिचर्ड्स, जबकि 5वें नंबर पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर एबी डीविलियर्स और छठे पर इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को जगह दी है। उनकी टीम में एक भी भारतीय गेंदबाज को जगह नहीं मिली। जाफर स्पिनर के तौर पर पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक और ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न को रखा है। तेज गेंदबाजों में विंडीज के जोएन गार्नर, पाकिस्तानी दिग्गज वसीम अकरम और ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैकग्रा को चुना।

धोनी की कप्तानी में भारत ने वनडे और टी-20 वर्ल्ड कप जीता
धोनी भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने पिछला मैच जुलाई में वनडे वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल खेला था। उन्होंने टीम के लिए 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी-20 खेले हैं। धोनी की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने 2007 टी-20 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीता था।

जाफर घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी
वहीं, जाफर रणजी ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने रणजी में 12038, ईरानी ट्रॉफी में 1294 और दलीप ट्रॉफी में 2545 रन बनाए हैं। वे सबसे ज्यादा 156 रणजी मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने मुंबई को दो बार रणजी चैंपियन बनाया। वे दो बार रणजी टाइटल जीतने वाली विदर्भ टीम के सदस्य थे। वे रणजी में 12 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं।



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महेंद्र सिंह धोनी ने 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी-20 खेले हैं। वहीं, वसीम जाफर ने 31 टेस्ट और 2 वनडे खेले हैं। -फाइल फोटो




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टोक्यो ओलिंपिक के लिए फुटबॉलरों की आयु सीमा बढ़ाई, अब 24 साल के खिलाड़ी भी खेल सकेंगे

फुटबॉल की वर्ल्ड गवर्निंग बॉडी फीफा ने टोक्यो ओलिंपिक के लिए फुटबॉलरों की आयु सीमा बढ़ा दी है। अब ओलिंपिक में एक जनवरी 1997 या उसके बाद जन्मे फुटबॉलर हिस्सा ले सकेंगे। यानी 2021 गेम्स में 24 साल के फुटबॉलर भी हिस्सा ले सकेंगे। यह फैसला टोक्यो ओलिंपिक को एक साल बढ़ाने के कारण लिया गया है। दरअसल, ओलिंपिक फुटबॉल में सिर्फ अंडर-23 खिलाड़ी खेलते हैं। लेकिन कोरोनावायरस के कारण गेम्स एक साल बढ़ा दिए गए, इसलिए ओलिंपिक के फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए आयुसीमा बढ़ाने की मांग की थी।

साथ ही इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) ने क्वालिफिकेशन की नई समय-सीमा तय कर दी। टोक्यो गेम्स के लिए क्वालिफाई करने की आखिरी तारीख 29 जून 2021 हो गई। पहले ओलिंपिक इस साल 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होने थे। लेकिन कोरोनावायरस के कारण अब ये अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होंगे। आईओसी पहले ही कह चुका है कि जो खिलाड़ी ओलिंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं, उनका कोटा बरकरार रहेगा। आईओसी ने कहा कि खेलों की तारीख और वेन्यू बताना अभी मुश्किल है। कोरोना का प्रभाव कम होने और यात्रा प्रतिबंध खत्म होने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।

‘हमारी दुनिया और खेल अलग-अलग होने वाले हैं’
फुटबॉल की वर्ल्ड बॉडी फीफा के अध्यक्ष गियानी इनफेंटिनो ने कहा कि खेल दोबारा कब शुरू होगा। इसके बारे में किसी को नहीं पता। जब यह फिर से शुरू होगा तब स्थिति बदली होगी। कोरोनावायरस के कारण पूरी दुनिया में फुटबॉल प्रभावित हुआ है। इनफेंटिनो ने साउथ अमेरिका के फुटबॉल प्रमुखों से कहा, ‘हम सभी चाहते हैं कि हम कल से खेलें। लेकिन यह संभव नहीं है। आज कोई भी नहीं जानता कि हम पहले की तरह खेल पाएंगे। जब हम सामान्य स्थिति में लौटेंगे तो हमारी दुनिया और हमारा खेल अलग-अलग होने वाला है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि फुटबॉल जीवित रहे और यह एक बार फिर से समृद्ध हो सके।’



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कोरोनावायरस के कारण टोक्यो ओलिंपिक एक साल टला। अब यह गेम्स अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होंगे। -फाइल फोटो




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4 ओवर गेंदबाजी करके खिलाड़ी मोटी रकम कमा लेते हैं, पैसों के लिए देश का हित भी नहीं देख रहे: वकार यूनुस

पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच वकार यूनुस का मानना है कि टी-20 लीग से खिलाड़ी आसानी से पैसे कमा लेते हैं। यही वजह है कि वो देश का हित नहीं देखते। पाक गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने 27 साल की उम्र में टेस्ट से संन्यास ले लिया था। वहाब रियाज भी टेस्ट से ब्रेक ले चुके हैं। वकार ने कहा, ‘लीग से खिलाड़ियों को आसानी से पैसे मिलते हैं। वो आराम से रह सकते हैं, क्योंकि मैच में उन्हें सिर्फ चार ओवर गेंदबाजी करनी होती है।’

वकार ने आमिर और वहाब के फैसले की भी आलोचना की। वकार के अनुसार दोनों खिलाड़ियों को टीम मैनेजमेंट से चर्चा करनी चाहिए थी। सिर्फ सोशल मीडिया पर अपने फैसले की घोषणा करना काफी चोट पहुंचाता है।

मुश्किल घड़ी लेकिन समय का सदुपयोग करने का मौका
वकार ने दुनियाभर में फैल चुके कोरोनावायरस के कारण बंद हो चुकी खेल गतिविधियों को लेकर कहा है कि यह बहुत ही मुश्किल का समय है। हमारे पास इस समय का सही इस्तेमाल करने का अच्छा मौका भी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह देखना होगा कि कोरोना के कारण बनी लॉकडाउन की स्थिति कब तक बनी रहेगी। अगर अगले दो महीने तक तब सामान्य हो जाता है तो इससे परेशानी नहीं होगी। यह खिलाड़ियों के लिए मौका भी है कि वह घर पर रह कर जो करना चाहें कर सकते हैं और ख़ास कर वो चीजे जो उन्हें सकारात्मक और उत्साहित रखें।



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पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच वकार यूनुस ने दुनियाभर में फैल चुके कोरोनावायरस के कारण बंद हो चुकी खेल गतिविधियों को लेकर कहा है कि यह बहुत ही मुश्किल का समय है। -फाइल फोटो




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गावस्कर ने केंद्र को 35 लाख रु. और राज्य को 24 लाख रुपए दिए, उनके बेटे ने कहा- क्योंकि देश के लिए 35 और मुंबई के लिए 24 शतक लगाए

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के खिलाफ दान देने के लिए खेल जगत के कई दिग्गज सामने आ रहे हैं। ऐसे में पूर्व भारतीय कप्तान सनील गावस्कर ने 59 लाख रुपए दान दिए। इस बात का खुलासा पूर्व क्रिकेटर अमोल मजूमदार ने किया। उन्होंने बताया कि गावस्कर ने पीएम राहत कोष में 35 लाख रुपए और महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 24 लाख रुपए दान दिए हैं। इस पर सुनील के बेटे रोहन ने जवाब देते हुए कहा, ‘‘क्योंकि उन्होंने (सुनील) ने देश के लिए खेलते हुए 35 और मुंबई के लिए 24 शतक लगाए हैं।’’

सुनील ने 125 टेस्ट में 10,122 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 34 शतक और 45 अर्द्धशतक लगाए। पूर्व कप्तान ने 108 वनडे में 1 शतक और 27 अर्द्धशतकों की मदद से 3092 रन बनाए थे। इसके अलावा 348 फर्स्ट क्लास मैचों में 81 शतकों की मदद से 25834 रन बनाए। वे 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं।

पुजारा समेत खेल जगत के अन्य दिग्गजों ने भी मदद की
भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने भी दान दिया है। उन्होंने कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहे डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और पुलिस सहित सभी फ्रंट-लाइन वॉरियर्स को धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेरे परिवार और मैंने पीएम CARES फंड और गुजरात CM राहत कोष में अपना योगदान दिया है और आशा करते हैं कि आप भी करेंगे।’’ इनके अलावा सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, सौरव गांगुली, सुरेश रैना, युवराज सिंह, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह समेत खेल जगत की कई हस्तियों ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं।



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सुनील गावस्कर ने 348 फर्स्ट क्लास मैचों में 81 शतकों की मदद से 25834 रन बनाए। वे 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। -फाइल फोटो




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चार बार की ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट हेले और पूर्व फुटबॉलर रोले डॉक्टर हैं, अब 24 घंटे लोगों की सेवा कर रहे

33 साल के मायरोन रोले अमेरिका की नेशनल फुटबॉल लीग (एनएफएल) में टेनेसी टाइटंस की ओर से खेलते थे। 2013 में उन्होंने खेलना छोड़ दिया और फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन में दाखिला लिया। 2017 में वे ग्रेजुएट हुए। अब मेसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से न्यूरोसर्जरी की पढ़ाई कर रहे। यहां वे कोविड-19 के मरीजों को भी ट्रीटमेंट दे रहे हैं। वे इमरजेंसी रूम के डॉक्टरों वाली टीम में हैं। वे और उनके साथी 24-24 घंटे सेवा दे रहे हैं।

रोले कहते हैं, ‘हमें सुबह 4-5 बजे से काम शुरू करना पड़ता है। सभी मरीजों को देखने के बाद उनकी पूरी डिटेल लेकर उसे हमारी जगह आने वाले डॉक्टर को बताने का काम भी जुड़ गया है। ऐसे में 24 घंटे काम करना पड़ रहा है। बीच में एक-दो घंटे की नींद ले पाएं तो खुद को खुशकिस्मत समझते हैं। रोले कहते हैं, ‘यहां मुझे परेशानी नहीं आती क्योंकि फुटबॉल ने मुझे अनुशासन, फोकस, कड़ी मेहनत, निष्ठा, टीमवर्क और प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरना सिखाया है।’

हेले मेडिकल उपकरण जुटा रहीं
कनाडा की हेले विकेनहेसर चार बार की ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट हैं। पूर्व आइस हॉकी खिलाड़ी हेले अब यूनिवर्सिटी ऑफ केलगेरी से मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। वे बताती हैं, ‘जब वे 10 साल की थीं, तब उन्होंने दो सपने देखे थे। एक तो प्रोफेशनल हॉकी खेलना और दूसरा डॉक्टर बनना। मेरा एक सपना तो पूरा हो गया है। अब दूसरा सपना पूरा कर रही हूं।’ 41 साल की हेले ने 2017 में आइस हॉकी से संन्यास ले लिया था। दो हफ्ते पहले तक वे टोरंटो में इमरजेंसी रूम में रोटेशन पर थीं। लेकिन जब देश में कोरोनावायरस से स्थिति खराब होने लगी, तब सभी मेडिकल स्टूडेंट और ट्रेनी को उससे निपटने के काम में लगा दिया गया।

हेले ने कहा, ‘मेडिकल स्टूडेंट को कोविड-19 के मरीज के इलाज की अनुमति नहीं है। इसलिए हमें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) जुटाने के काम में लगा दिया गया। इसके अलावा हम उन मरीजों को भी ट्रेस कर रहे हैं, जो संक्रमित हैं।’ हेले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के ऑफिस से लगातार संपर्क में हैं आैर कनाडा में सोशल डिस्टेंसिंग एडवाइजरी को प्रमोट करने में भी मदद कर रही हैं।

फुटबॉलर विनीतजरूरत की चीजें पहुंचा रहे हैं
आईएसएल टीम जमशेदपुर एफसी के फुटबॉलर सीके विनीत केरल के कन्नूर जिले में 11 दिनों से एक कॉल सेंटर एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम कर रहे हैं। वह ​मंगटीडम पंचायत में लगे कॉल सेंटर में काम कर रहे हैं, जिसे ​कन्नूर प्रशासन और केरल स्पोर्ट्स काउंसिल ने शुरू किया है। विनीत स्थानीय लोगों द्वारा किए गए कॉल उठाते हैं जिसमें लोग उनसे जरूरत की चीजें मांगते हैं और उनतक वे चीजें पहुंचाई जाती हैं। विनीत ने कहा, ‘इस सेंटर पर 28 मार्च से काम चल रहा है।

जब कोई कठिनाई आती है तब या तो हम चुपचाप बैठ सकते हैं या आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। मेरा राज्य और जिला कन्नूर पीड़ित है और मैं पीछे रहकर यह सब नहीं देख सकता था।’ जिस कॉल सेंटर में विनीत काम कर रहे हैं वहां कुल 15 लोग हैं और हर दिन करीब 200 कॉल आते हैं।



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जब कनाडा में कोरोनावायरस से स्थिति खराब होने लगी, तब पूर्व आइस हॉकी खिलाड़ी हेले विकेनहेसर (दाएं) समेत सभी मेडिकल स्टूडेंट और ट्रेनी को काम पर लगा दिया गया।




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ओलिंपिक में 40 साल बाद पदक जीतने का मौका था, लेकिन टूर्नामेंट टलने से निराशा हुई: गोलकीपर श्रीजेश

कोरोनावायरस के कारण टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया है। इस पर भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने निराशा जाहिर की है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम शानदार फॉर्म में थी। हमारे पास 40 साल बाद ओलिंपिक में पदक जीतने का मौका था। हमने ओलिंपिक के लिए शानदार तरीके से क्वालिफाई भी कर लिया है।’’ इससे पहले भारतीय हॉकी टीम ने 1980 में मोस्को ओलिंपिक में रिकॉर्ड 8वीं बार गोल्ड जीता था। अब टोक्यो ओलिंपिक अगले साल जुलाई-अगस्त में होंगे।श्रीजेश 2004 में डेब्यू किया था। वे 2014 एशियन गेम्स और 2011 एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी विजेता टीम सदस्य रहे थे।

श्रीजेश ने कहा, ‘‘हम पिछले एक साल से ओलिंपिक पर ही अपना पूरा ध्यान लगाए हुए थे। इसके टलने से निराशा हुई है। ओलिंपिक कोटा हासिल करने के बाद से हमने शानदार प्रदर्शन किया है। हॉकी प्रो लीग में भी हमारा प्रदर्शन बेहद शानदार रहा, लेकिन अब कोरोनावायरस के कारण सबकुछ बदल गया। हालांकि, हमारा ध्यान अब भी ओलिंपिक में पदक जीतने पर ही लगा हुआ है।’’

बेंगलुरु में प्रैक्टिस कर रही भारतीय हॉकी टीम
गोलकीपर ने कहा, ‘‘टीम के सभी साथी मानसिक रूप से ओलिंपिक की तैयारी कर रहे हैं। पदक जीतने के लिए हमें पहले दिन से 365-400 दिनों तक कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। इसके लिए हमें भविष्य की चिंता छोड़कर खुद को फिट रखने की जरूरत है। जो चीजें हमारे हाथ में ही नहीं हैं, उन्हें हम बदल भी नहीं सकते हैं। फिलहाल, लॉकडाउन में टीम के सभी खिलाड़ी दो-दो के ग्रुप में प्रैक्टिस कर रहे हैं।’’ टीम इंडिया इस समय बेंगलुरु के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) में प्रैक्टिस कर रही है।

‘कोरोना को दूर रखें और लोगों को भी बचाएं’
श्रीजेश ने कहा, ‘‘टीम के सभी खिलाड़ी अपने-अपने रूम में पुराने मैचों को देखकर विश्लेषण कर रहे हैं। इसके बाद एकदूसरे को फोन पर अपनी राय भी दे रहे हैं। हमारे कोच भी ऑनलाइन हमसे जुड़ते हैं और सवालों के जवाब देते हैं। फिलहाल, हॉकी से जुड़े रहने के लिए हम यही सब कर रहते हैं।’’ उन्होंने कोरोना को लेकर संदेश दिया, ‘‘इस वक्त हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि हम कोरोना को खुद से दूर रखें और दूसरों को भी इससे बचाएं।’’



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भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश 2004 में डेब्यू किया था। वे 2014 एशियन गेम्स और 2011 एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी विजेता टीम सदस्य रहे थे। -फाइल फोटो




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वर्ल्ड नंबर-2 राइफल शूटर अंजुम पेटिंग सीख रहीं तो 49 साल की पैरा एथलीट दीपा जरूरतमंदों के लिए खाना बना रहीं

गौरव मारवाह.लॉकडाउन में सभी खुद को व्यस्त रखने की कोशिश में लगे हैं। इसमें देश की स्टार महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं।वे इस दौरान फैंस को अपनी जिंदगी का वो पक्ष दिखा रहीं हैं, जिससे फैंस अनजान हैं। जैसे कोई पेटिंग कर रही तो कोई डांसिंग या कुछ और। ऐसी ही चार अलग-अलग खेल की स्टार खिलाड़ियों की डाउनटाइम डायरी-

अंजुम मुदगिल (शूटिंग): पेटिंग के अलावा बहन से डांस और भाई से जगलिंग सीख रहीं

वर्ल्ड नंबर-2 राइफल शूटर अंजुम लॉकडाउन के दौरान पेटिंग सीख रही हैं।

26 साल की अंजुम मुदगिल दुनिया की नंबर-2 राइफल शूटर हैं। वे कहती हैं, ‘मौजूदा समय में लॉकडाउन से जरूरी कुछ नहीं है। मेरी शूटिंग प्रैक्टिस तो घर पर ही जारी है। लेकिन पेंटिंग का अपना शौक भी पूरा कर रही हूं। बहन से डांस और भाई से जगलिंग सीख रही हूं। आजकल मां के साथ कुकिंग में भी हाथ आजमा लेती हूं।’

दीपा मलिक (पैरा एथलेटिक्स)सोशल किचन के जरिए खाना पहुंचा रहीं

भारतीय पैरालिंपिक कमेटी की अध्यक्ष दीपा मलिक जरूरतमंदों के लिए खाना बनाती हैं।

49 साल की दीपा मलिक भारतीय पैरालिंपिक कमेटी (पीसीआई) की अध्यक्ष हैं। वे कहती हैं, ‘मैं सोशल किचन के माध्यम से कई लोगों को खाना पहुंचाने के काम में लगी हूं। खिलाड़ियों को मोटिवेट करने के लिए रोजाना 2-3 खिलाड़ियों से बात भी करती हूं। किचन में काम करने के साथ-साथ कॉमेडी क्लिप्स देखती हूं।’

अश्विनी पोनप्पा (बैडमिंटन): डॉग्स के साथ क्वालिटी टाइम बिता रहीं, वेब सीरीज देखती हैं

30 साल की अश्विनी पोनप्प्पापोनप्पा कहती हैं, ‘कोविड-19 ने सब कुछ ऑफ ट्रैक कर दिया है। फिटनेस पर ध्यान रखने की जरूरत है। मैं इन दिनों लूप बैंड्स और थैरेबैंड्स की मदद से एक्सरसाइज कर रही हूं। मेरा बेस्ट टाइम अपने डाॅग्स के साथ बीतता है। वेब-सीरीज भी देख लेती हूं।’

आंचल ठाकुर (स्कीइंग): वॉल पेंटिंग के साथ-साथ आर्ट्स एंड क्राफ्ट कर रही हैं

23 साल की आंचल ठाकुर किसी भी इंटरनेशनल स्कीइंग इवेंट में मेडल जीतने वाली भारत की पहली स्कीयर हैं। वे कहती हैं, ‘इस समय सब कुछ बंद है। हमें ऐसे समय में कोशिश करनी चाहिए कि कुछ नया करें। मैं वॉल पेंटिंग के साथ-साथ आर्ट्स एंड क्राफ्ट कर रही हूं। कुकिंग और क्लीनिंग भी करती रहती हूं।’



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बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा खुद को फिट रहने के साथ ही डॉग के साथ वक्त बिताना नहीं भूलती हैं।




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सभी खेलों को पटरी पर लाना होगा, 14 साल पुराने बेसबॉल मैच देखकर थक गया: डोनाल्ड ट्रम्प

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दुनियाभर में खेलों को फिर से शुरू करना चाहते हैं। फिलहाल, कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण दुनियाभर में जुलाई-अगस्त तक के लगभग सभी खेल टूर्नामेंट्स को रद्द या टाल दिया गया है। ट्रम्प ने मंगलवार को कहा, ‘‘हमें अपने सभी खेलों को पटरी पर लाना होगा। मैं 14 साल पुराने बेसबॉल मैच देखकर थक चुका हूं।’’ वहीं, अमेरिका की प्रमुख बेसबॉल, फुटबॉल, रग्बी और हॉकी लीग के प्रमुख कोरोना को लेकर चिंतित हैं।

नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) की यूटा जैज टीम के खिलाड़ी रूडी गोबेर्ट 11 मार्च को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। तभी से अमेरिका में एनबीए, नेशनल हॉकी लीग, फुटबॉल लीग और बेसबॉल लीग समेत सभी टूर्नामेंट्स को टाल दिया गया। विश्व की बात करें तो जापान में होने वाले टोक्यो ओलिंपिक को 1 साल और भारत में होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।

खाली स्टेडियम में बेसबॉल लीग कराने का विकल्प खुला है
बेसबॉल लीग की 30 टीमों को एरिजोना या फिर एरिजोना और फ्लोरिडा में जुटाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही इस सीजन के बाकी बचे मैचों को खाली स्टेडियमों में मैच कराने का विकल्प खुला रखा है। मेजर लीग सॉकर (एमएलबी) आयुक्त रोब मेनफ्रेड ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘फिलहाल, हमारे पास कोई योजना नहीं है। काफी सारी योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। इनमें से कौन सी चीजें नतीजों में बदलती हैं, यह इस पर निर्भर करेगा कि क्या छूट दी जाती हैं। हमारे लिए लोगों की जान सबसे ज्यादा जरूरी है।’

अमेरिका में कोरोना से 26 हजार से ज्यादा मौत
अमेरिका में बुधवार सुबह तक कोरोनावायरस के कारण मरने वालों की संख्या 26 हजार से ज्यादा हो गई है। यहां 24 घंटे में दो हजार 407 लोगों की जान गई है। अमेरिका में संक्रमितों की संख्या 6 लाख 14 हजार से ज्यादा हो गई है। वहीं, दुनियाभर में कोरोनावायरस से अब तक 19 लाख 97 हजार 906 लोग संक्रमित हो चुके हैं। एक लाख 26 हजार 604की मौत हो चुकी है।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पिछले साल बेसबॉल टूर्नामेंट वर्ल्ड सीरीज गेम-5 का फाइनल देखने पहुंचे थे।




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श्रीलंका बोर्ड ने मेजबानी का प्रस्ताव रखा, आईपीएल रद्द होने से 3845 करोड़ का नुकसान होगा; दिसंबर के पहले होना मुश्किल

कोरोनावायरस के कारण बीसीसीआई ने आईपीएल के 13वें सीजन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की गुरुवार को आधिकारिक घोषणा कर दी। आईपीएल 29 मार्च से होना था,लेकिन लॉकडाउन के कारण बीसीसीआई ने पहले इसे 15 अप्रैल तक स्थगित किया था। मंगलवार को लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के बाद आईपीएल को बुधवारको अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया गया था।हालांकि, इसके लिए उसने किसी नई विंडो की घोषणा नहीं की है। अब श्रीलंका बोर्ड ने बीसीसीआई के सामने आईपीएल की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा है। इससे पहले 2009 में भी आईपीएल दक्षिण अफ्रीका में हो चुका है। तब लोकसभा चुनाव वजह रही थी।

जून से सितंबर तक भारत को दो सीरीज खेलनी है
आईपीएल के आयोजन की बात की जाए तो मौजूदा हालात और इंटरनेशनल शेड्यूल के चलते इसका दिसंबर के पहले होना मुश्किल लग रहा है। जून से सितंबर तक मानसून सीजन रहता है। इस दौरान भारत को श्रीलंका और जिम्बाब्वे में सीरीज भी खेलनी है। अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। इसके बाद टीमों की आपसी सीरीज का कैलेंडर भी तय रहता है। इस शेड्यूल के बीच ही बीसीसीआई को आईपीएल के लिए खाली तारीखें तलाशनी होंगी। ऐसा होता है तो भी दिसंबर के पहले आईपीएल होना संभव नहीं लग रहा है।

हम सभी स्वास्थ्य सुविधाएं देने को तैयार: श्रीलंका बोर्ड
अगर श्रीलंका में आईपीएल हुआ तो उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। लंकादीप अखबार से बात करते हुए श्रीलंका क्रिकेट के अध्यक्ष शम्मी सिल्वा ने कहा, ‘बोर्ड ने बीसीसीआई को सूचित किया है कि हम लीग की मेजबानी के लिए तैयार हैं। अगर आईपीएल नहीं हुआ तो उन्हें करीब 3845 करोड़ रु. का नुकसान होगा। उनके लिए किसी अन्य देश में लीग का संचालन करना फायदेमंद होगा, जैसा कि उन्होंने 2009 में द. अफ्रीका में किया था। अगर वे हमारे प्रस्ताव को मानते हैं तो हम स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार हैं।’



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आईपीएल 29 मार्च से होना था, लेकिन लॉकडाउन के कारण बीसीसीआई ने पहले इसे 15 अप्रैल तक स्थगित किया था। अब टूर्नामेंट अगले आदेश तक के लिए टल गया है। -फाइल फोटो




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भारत एशिया का नंबर-1 स्पोर्ट्स टेक देश बना, उसके 41.1% स्टार्टअप खेल के; बेंगलुरू 10.8% के साथ शीर्ष पर

भारत एशिया का नंबर-1 स्पोर्ट्स टेक देश बन गया है। स्पोर्ट्सटेकएक्स डॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 41.1 प्रतिशत स्टार्टअप खेल के हैं। ये स्टार्टअप दो सब-सेक्टर फेंटेसी स्पोर्ट्स, बुकिंग और स्पोर्ट्स मैच मेकिंग पर काम करते हैं।

अगर एशिया के टॉप-10 स्पोर्ट्स टेक शहरों की बात की जाए तो इसमें 4 भारत के हैं। देश की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरू में 10.8 प्रतिशत स्पोर्ट्स स्टार्टअप हैं।

वियरेबल और इक्विपमेंट स्टार्टअप सबसे ज्यादा
42.1 प्रतिशत स्टार्टअप एक्टिविटी के हैं। इसमें वियरेबल और इक्विपमेंट के स्टार्टअप का 21.2 प्रतिशत है। 41.1 प्रतिशत स्टार्टअप फैंस और उनके कंटेंट, 16.8 प्रतिशत न्यूज कंटेंट और 11.2 प्रतिशत फेंटेसी स्पोर्ट्स, बेटिंग के हैं। 16.8 प्रतिशत स्टार्टअप मैनेजमेंट और ऑर्गनाइजेशन के हैं। इसमें 3.3 प्रतिशत मीडिया, कमर्शियल पार्टनर्स स्टार्टअप।



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भारत एशिया का नंबर-1 स्पोर्ट्स टेक देश बन गया है। स्पोर्ट्सटेकएक्स डॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। -प्रतीकात्मक फोटो




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सचिन ने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया, कल 47 साल के होंंगे

पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर शुक्रवार को 47 साल के हो जाएंगे। कोरोनावायरस (कोविड-19) जैसी महामारी के बीच सचिन ने इस बार जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है। यह फैसला उन्होंने पुलिस और डॉक्टर जैसे कई वॉरियर्स, जो कोरोना से आगे आकर लड़ रहे हैं, उनके सम्मान में किया है। यह जानकारी सचिन के करीबी सूत्र ने दी है। उन्होंने कहा है कि सचिन इस बार किसी तरह का जश्न नहीं मनाएंगे। पूर्व भारतीय कप्तान का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था।

सचिन का मानना है कि इस महामारी से लड़ने में फ्रंटलाइन वॉरियर्स डॉक्टर, नर्सों, चिकित्सा सहायकों, पुलिसकर्मियों, सैनिकों का आभार व्यक्त करने का यह सर्वश्रेष्ठ तरीका हो सकता है। इससे पहले भी सचिन ने इस महामारी से लड़ने के लिए 50 लाख रुपए का दान दिया था। उन्होंने अपने करियर में 200 टेस्ट और 463 वनडे खेले हैं। 2012 में वनडे से संन्यास लेने वाले सचिन के नाम 49 शतक समेत 18,426 रन हैं।

सचिन ने 12 हजार डॉक्टरों से बात की
सचिन बीसीसीआई की मास्क फोर्स का भी हिस्सा हैं। उन्होंने वीडियो के जरिए संदेश दिया था, ‘‘घर में मास्क बनाइए और मास्क फोर्स का हिस्सा बनिए। याद रखिए कि 20 सेकंड तक हाथ धोना है और सामाजिक दूरी भी बनाए रखनी है।’’ साथ ही सचिन ने लॉकडाउन के दौरान देश के 12 हजार डॉक्टरों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव चैटिंग की थी। इस दौरान सचिन ने खेल से जुड़ी चोटों और अन्य समस्याओं पर अपने अनुभव शेयर किए।



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सचिन तेंदुलकर ने करियर में 200 टेस्ट और 463 वनडे खेले हैं। 2012 में वनडे से संन्यास लेने वाले सचिन के नाम 49 शतक समेत 18,426 रन हैं। -फाइल फोटो




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42 दिन बाद क्रिकेट की शुरुआत, आईसीसी के एसोसिएट देश वानुआतू व ताइवान में मुकाबले शुरू

कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया में क्रिकेट रुका हुआ था। लेकिन शनिवार से प्रशांत महासागर में स्थित वानुआतू और एशियन देश ताइवान में क्रिकेट गतिविधियां शुरू हुईं। दोनों आईसीसी के एसोसिएट सदस्य देश हैं। 42 दिन बाद पहली बार क्रिकेटर मैदान पर उतरे। आखिरी मैच 13 मार्च को ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच हुआ था। वानुआतू में महिला क्लब सुपर लीग फाइनल्स हुआ। घरेलू टी20 लीग में मेले बुल्स ने पावर हाउस शार्क्स को 7 विकेट से हराकर टाइटल जीता। वानुआतू में 40 ओवर का क्लब टूर्नामेंट दो मई से शुरू होगा, जिसमें 7 टीमें खेलेंगी। यहां कोरोनावायरस का एक भी मामला नहीं है।

ताइवान में टी10 लीग में पहले दिन तीन मैच हुए

ताइपेे टी10 लीग शनिवार से शुरू हुई। पहले दिन तीन मुकाबले हुए। इसमें 8 टीमें हिस्सा ले रही हैं। ये टीमें हैं- सिंचू टाइटंस, ताइवान डेयरडेविल्स, टीसीए इंडियंस, चेयाई स्विंगर्स, पीसीसीटी यूनाइटेड, आईसीसीटी स्मैशर्स, ताइवान ड्रैगंस और एफसीसी फोरोमसंस।



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वानुआतू में 40 ओवर का क्लब टूर्नामेंट दो मई से शुरू होगा, जिसमें 7 टीमें खेलेंगी।




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फुटबॉल लीग सीरी-ए दोबारा शुरू करने का फैसला टला, 4 मई से खिलाड़ी ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे; न्यूयॉर्क में खाली स्टेडियम में टीमों की प्रैक्टिस होगी

इटली के प्रधानमंत्री ग्युसेप कोंते ने फुटबॉल लीग सीरी-ए दोबारा शुरू करने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। उन्होंने देश के नाम संदेश में कहा- चैम्पियनशिप दोबारा तभी शुरू होगी, जब यह सुरक्षित होगा। हालांकि, उन्होंने खिलाड़ियों के अलग-अलग प्रैक्टिस करने कोको हरी झंडी दिखा दी है।इधर, न्यूयॉर्क में भी खाली स्टेडियम में टीमेंप्रैक्टिस शुरू कर सकती हैं। गवर्नर एंड्र्यू कूमो ने इस संबंध में कई टीमों के मालिकों से बात की है।

प्रधानमंत्री कोंते ने पहली बार यह बताया कि लॉकडाउन से कैसे इटली उबरेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल लॉकडाउनहटाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन हम धीरे-धीरे इसमें ढील देने पर विचार कर रहे हैं। इसके तहत खिलाड़ी 4 मई और टीमें 18 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकती हैं। इसके बाद हम समीक्षा करेंगे कि क्या हालात ऐसे हैं कि सीजन को पूरा किया जा सके।फिलहाल हमें खिलाड़ियों की सुरक्षा और सेहत को लेकर हर बिंदु पर विचार कर लेना चाहिए। ताकि जब हम लीग को शुरू करने की स्थिति में हों तो कोई बात अधूरी न रह जाए। हम नहीं चाहते हैं कि कोई खिलाड़ी बीमार हो।

ट्रेनिंग से पहलेखिलाड़ियों का कोरोना टेस्ट होगा
इस बीच, इटेलियन फुटबॉल फेडरेशन(एफआईसीजी) ने खिलाड़ियों के मैदान पर लौटने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत मई की शुरुआत में खिलाड़ियों की कोरोनावायरस को लेकर टेस्टिंग होगी। वहीं, ट्रेनिंग के लिए मेडिकल प्रोटोकॉल तय कर दिए गए हैं। ट्रेनिंग शुरू करने के लिए हर क्लब से खिलाड़ियों, टेक्निकल स्टाफ, डॉक्टरों की एक टीम बनाई जाएगी। इनका पहले टेस्ट होगा और फिर यह आइसोलेशन में ट्रेनिंग करेंगे।

सीरी-ए में युवेंटस पहले स्थान पर

बता दें कि कोरोनावायरस की वजह से लीग को 9 मार्च को रोक दिया गया था। तब 8 बार की चैम्पियनयुवेंटस 26 मैच में 63 अंकों के साथ पहले स्थान पर थी। दूसरे नंबर पर 62 पॉइंट के साथ लाजियो है। अभी 12 राउंड के मुकाबले बाकी हैं। इसके अलावा 25वें राउंड के रद्द हुए 4 मैच में भी हैं। लीग में खेलने वाले 15 खिलाड़ी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। हालांकि, अब अधिकतर खिलाड़ी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। हालांकि, एटलांटा के गोलकीपर मार्को स्पॉर्रटिएलो अभी भी वायरस से संक्रमित हैं। इस बीच, इटेलियन फुटबॉल के चीफ नेसीरी-ए का मौजूदा सीजन 30 जून से बढ़ाकर 2 अगस्त तक करने पर सहमति जताई है।

न्यूयॉर्क में बास्केटबॉल और बेसबॉल टीमें प्रैक्टिस शुरू कर सकती हैं
इधऱ, अमेरिका में कोरोना से सबसे प्रभावित न्यूयॉर्क में खेल दोबारा पटरी पर लौट सकते हैं। गवर्नर एंड्र्यू कुमो ने इसकी उम्मीद जताई है। उन्होंने कई खेल टीमों के मालिकों से इस बारे में बात की है। इसके बाद उन्होंने संभावना जताई कि जल्द ही मेजर स्पोर्ट्स लीग से जुड़ी टीमें खाली स्टेडियम में प्रैक्टिस शुरू कर सकती हैं। हालांकि, उन्होंने टीमों के नाम का खुलासा नहीं किया।

लेकिन न्यूयॉर्क की बेसबॉल टीम यैंकीज, फुटबॉल और कई बास्केटबॉल क्लब ट्रेनिंग शुरू कर सकते हैं। उन्होंने राज्य की अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलने की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। यहां 15 मई से मैन्यूफैक्चरिंग और निर्माण से जुड़ी कंपनियां काम शुरू कर सकती हैं। हालांकि, किसी भी तरह की ढील राज्य के उत्तरी हिस्से में पहले दी जाएगी, क्योंकि यह वायरस से कम प्रभावित है।



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इटली के प्रधानमंत्री ने बताया कि फुटबॉल लीग सीरी-ए से जुड़े खिलाड़ी 4 मई और टीमें 18 मई से प्रैक्टिस शुरू कर सकती हैं। (फाइल)




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अर्जेंटीना में मौजूदा फुटबॉल सीजन खत्म; 4 दिन पहले डच लीग कैंसिल हुई थी; 75 साल बाद चैम्पियन का फैसला हुए बिना टूर्नामेंट खत्म

कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया में खेल गतिविधियांठप हैं। अर्जेंटीना फुटबॉल पर भी इसकी मार पड़ी है। यहां भी फुटबॉल एसोसिएशन ने 2019-20 का सीजन खत्म कर दिया है। अध्यक्ष क्लोडियो तापिया ने कहा कि हम टूर्नामेंट खत्म करने जा रहे हैं, ताकि अगले साल होने वाली कॉन्टिनेंटल चैम्पियनशिप के लिए टीमों को नॉमिनेट कर सकें। इधर, 4 दिन पहले डच लीग को भी कैंसिल किया गया था। कोरोना की वजह से यूरोप की यह पहली टॉप फुटबॉल लीग है, जिसे बीच सीजन में ही खत्म किया गया है।

1945 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब चैम्पियन टीम का फैसला हुए बगैर ही लीग खत्म हो गई।अजाक्स और एजेड अल्कमार पॉइंट टेबल में बराबरी पर हैं। इन दोनों टीमों ने अगले सीजन में चैम्पियंस लीग के लिए क्वालिफाई करने की पात्रता हासिल कर ली है।

कोपा सुपरलीग टूर्नामेंट भी पहले राउंड के बाद खत्म

अर्जेंटीनाफुटबॉल एसोसिएशन ने बताया कि मौजूदा और अगले सीजन में किसी टीम को बाहर नहीं किया जाएगा। इसका फायदा जिम्नेशिया के अलावा अन्य तीन फुटबॉल क्लबों को होगा, जिन पर लीग से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था।सीजन खत्म होने की वजह से यह तीनों क्लब टॉप डिवीजन में ही रहेंगे। इधऱ, 24 टीमों वाले कोपा सुपरलीग टूर्नामेंट को भी पहले राउंड के मुकाबलों के बाद खत्म कर दिया गया। तय शेड्यूल के मुताबिक यह टूर्नामेंट मई के अंत मेंखत्म होने वाला था।

अर्जेंटीना में 20 मार्च से लॉकडाउन है

इससे पहले, मार्च की शुरुआत में बोका जूनियर्स ने फाइनल में जिम्नेशिया को 1-0 हराकर लीग चैम्पियनशिप का खिताब जीता था।अर्जेंटीना में 20 मार्च से ही लॉकडाउन है। यहां 10 मई तक लोगों को क्वारैंटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़ी पाबंदियों का पालन करना है।

ईरान में भी फुटबॉल सीजन रद्द करने का दबाव
इधर, ईरान में भी कोरोना से पैदा हुए हालात के कारण 4 फुटबॉल क्लब ने एसोसिएशन को चिठ्ठी लिखकर सीजन रद्द करने के लिए कहा है। इसमें मशीन साजी, गोल गोहार और नासाजी ईरान पेशेवर लीग (आईपीएल) को जारी रखना नहीं चाहते हैं। बाकी टीमें टूर्नामेंट जारीरखने का विचार कर रही हैं। लीग के प्रमुख सोहेल मेहदी ने कहा है कि वह जल्द ही इस बात पर फैसला लेंगे कि लीग को जारी रखा जाए या नहीं।



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अर्जेंटीना फुटबॉल एसोसिएशन ने कहा कि कोरोना की वजह से मौजूदा और अगले सीजन में किसी टीम को बाहर नहीं किया जाएगा। (फाइल)




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सीरी-ए के बाद स्पेनिश फुटबॉल लीग के खिलाड़ी भी 4 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे, मैदान पर सिर्फ 6 प्लेयर्स ही मौजूद रहेंगे

कोरोनावायरस से प्रभावित स्पेन से एक अच्छी खबर सामने आई है। यहांभी प्रोफेशनल एथलीट्स के साथ ही स्पेनिश फुटबॉल लीग के खिलाड़ी 4 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे। सरकार ने बुधवार को इसकी घोषणा की। प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा देश में लॉकडाउन हटाने की दिशा में यह पहला ठोस कदम है। आने वाले दो महीने के भीतर अलग-अलग चार चरणों में पाबंदियां हटाईं जाएंगी।इससे पहले, इटली सरकार ने भी फुटबॉल लीग सीरी-ए के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग की मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री सांचेज नेकहा कि पहला या जीरो फेज लॉकडाउन से बाहर निकालने की तैयारी होगा। हम फिलहाल इस दौर में आ चुके हैं। सब कुछ ठीक रहा तो पूरे देश में ट्रांजिशन फेज कम से कम 6 हफ्ते का रहेगा। अगर इसमें संक्रमण की स्थिति काबू में रही तो आगे हम और रियायतें देंगे।
ट्रेनिंग से पहले खिलाड़ियों की कोरोना के लिए स्क्रीनिंग होगी
सरकार की घोषणा के बाद लीग में हिस्सा ले रहे क्लब इंडिविजुअल(व्यक्तिगत) ट्रेनिंग शुरू कर करेंगे। हालांकि, ट्रेनिंग शुरू करने से पहलेखिलाड़ियों को कोविड-19 के स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होगा। ला लिगा और स्पेनिश फुटबॉल फेडरेशन ने सरकार के इस प्रोटोकॉल पर सहमति जताई है। प्रोटोकॉल के मुताबिक खिलाड़ियों को घर से तैयार होकर आना पड़ेगा। उन्हें अनिवार्य रूप से मास्क और ग्ल्वस पहनने होंगे। एक वक्त में सिर्फ 6 खिलाड़ी ही मैदान पर मौजूद रहेंगे। महामारी की वजह से लीग के मुकाबले 12 मार्च से नहीं हो रहे हैं।

इटली ने भी खिलाड़ी 4 मई से ट्रेनिंग कर सकेंगे

इधर,इटली में भी 4 मई से खिलाड़ी ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्रीग्युसेप कोंते ने कहा था कि फिलहाल लॉकडाउन हटाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन हम धीरे-धीरे इसमें ढील देने पर विचार कर रहे हैं। इसके तहत सभी प्रोफेशनल खिलाड़ी 4 मई और टीमें 18 मई से ट्रेनिंग शुरू कर सकती हैं। इसके बाद हम समीक्षा करेंगे कि क्या हालात ऐसे हैं कि सीजन को पूरा किया जा सके। यहां भी ट्रेनिंग शुरू करने के लिए हर क्लब से खिलाड़ियों, टेक्निकल स्टाफ, डॉक्टरों की एक टीम बनाई जाएगी। इनका पहले कोरोना टेस्ट होगा और फिर यह आइसोलेशन में ट्रेनिंग करेंगे।
स्पेन में 24 हजार से ज्यादा मौतें
कोरोना की वजह से स्पेन में अब तक 24 हजार लोगों की जान गई है। मृतकों के मामले में अमेरिका और इटली के बाद स्पेन तीसरे स्थान पर है।



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स्पेन की सरकार द्वारा तय किए गए प्रोटोकॉल के मुताबिक खिलाड़ियों को घर से तैयार होकर आना पड़ेगा। उन्हें अनिवार्य रूप से मास्क और ग्ल्वस पहनने होंगे। (फाइल)




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डोप टेस्ट में फेल होने पर संदीप कुमारी पर 4 साल का प्रतिबंध; वाडा की जांच में शरीर में स्टेरॉयड मिला, 2 साल पहले नाडा की लैब ने क्लीन चिट दी थी

डिस्कस थ्रो की महिला खिलाड़ी संदीप कुमारी को वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी(वाडा) की एथलेटिक्स इंटिग्रिटी यूनिट ने डोप टेस्ट में फेल होने पर 4 साल के लिए बैन कर दिया है। दो साल पहले नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (एनडीटीएल) ने उनके नमूने को सही पाया था। लेकिन जांच के दौरान एनडीटीएल खून में प्रतिबंधित स्टेरॉयड का पता नहीं लगा पाई।
नाडा ने इस महिला एथलीट का सैम्पल जून 2018 में गुवाहाटी में हुई इंटर स्टेट नेशनल चैम्पियनशिप के दौरान लिया था। इसमें कुमारी ने 58.41 मीटर की दूरी तक चक्का फेंकते हुए गोल्ड जीता था।इसके बाद वाडा ने नवंबर 2018 में कनाडा के मॉन्ट्रियल स्थित लेबोरेटरी में संदीप का सैम्पल दोबारा जांचने का फैसला किया। इस जांच में उनके शरीर में प्रतिबंधित स्टेरॉय़ड मेटेनोलोन मिला। कुमारी ने26 जून से 21 नवंबर 2018 के बीच जिस भी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, उसके नतीजों को रद्द कर दिया जाएगा।

संदीप कुमारी पर लगा बैन 2018 से लागू होगा

वाडा ने शुक्रवार रात को बताया किकुमारी पर लगा 4 साल का बैन 26 जून, 2018 से ही लागू होगा। क्योंकि इसी दिन जांच के लिए उनका सैम्पल लिया गया था। केवल इस महिला एथलीट का ही नहीं, बल्कि एनटीडीएल लैब में भेजी गई 4 अन्य एथलीट्स के सैम्पल की रिपोर्ट भी निगेटिव आई थी। लेकिन जब मॉन्ट्रियल के लैब में इनके नमूनों का परीक्षण किया गया था तो सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसमें झूमा खातून नाम की एक एथलीट भी शामिल हैं, जिसे पिछले महीने ही 4 साल के लिए बैन किया गया है।



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वाडा की लैब में जब संदीप कुमारी के सैम्पल की जांच हुई तो उसमें प्रतिबंधित स्टेरॉय़ड मेटेनोलोन मिला। इसके बाद 26 जून से 21 नवंबर 2018 के बीच उन्होंने जितनी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था, उसमें उनके नतीजों को रद्द कर दिया जाएगा। (फाइल)




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4 बार वर्ल्ड कप जीतने वाली अमेरिकी महिला टीम की समान वेतन की याचिका खारिज, खिलाड़ियों ने कहा- नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे

अमेरिका की महिला फुटबॉल टीम की खिलाड़ियों को पुरुषों के बराबर वेतन नहीं मिलेगा। कोर्ट ने यूनाइटेड स्टेट वुमन सॉकर टीम की समान वेतन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। हालांकि कोर्ट ने यात्रा, आवास और स्वास्थ्य के मुद्दे पर महिला खिलाड़ियों से भेदभाव के खिलाफ सुनवाई की अनुमति दे दी है। इस पर16 जून को सुनवाई होगी।

सेंट्रल कैलिफोर्निया की जिला अदालत के जज गैरी क्लूजनर ने याचिका खारिज करते हुए32 पेज का फैसला दिया। कहा- महिला फुटबॉल टीम ने पुरूष टीम की तरफ से कलेक्टिव बारगेनिंग एग्रीमेंट के तहत पहले दिए गए प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था। महिला टीम ने समान वेतन कानून के तहत 498 (66 मिलियन डॉलर) करोड़ रूपए दिए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

खिलाड़ी मायूस, कहा-लड़ाई जारी रहेगी

फैसले सेमहिला फुटबॉल टीम मायूस है। स्टार खिलाड़ी मेगन रेपिनो ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद भी हम हार नहीं मानेंगे। समान वेतन की मांग को लेकर लड़ाईजारी रखेगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा- फैसला हमारे पक्ष में नहीं है। लेकिन, हम नहीं रुकेंगे। बल्कि संघर्ष जारी रहेगा। टीम की प्रवक्ता मॉली लेविन्सन ने कहा- कोर्ट के फैसले से निराश हैं। लेकिन, लड़कियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
महिला टीम 4 बार वर्ल्ड कप जीती
महिला फुटबॉल टीम ने चार बार वर्ल्ड कप जीता है। पुरुषटीम एक बार भी चैम्पियन नहीं बन पाई है। महिला टीम ने 1991 में पहली बार फुटबॉल वर्ल़्ड कप जीता था। इसके बाद 1999, 2015 और 2019 में भी टीम विश्व चैम्पियन बनी।

2019 में वर्ल्ड कप जीतने पर 45 करोड़ रुपए मिले

अमेरिका की महिला टीम को 2019 में वर्ल्ड कप जीतने पर इनाम के तौर पर45 करोड़ रुपए मिले थे। जबकि2018 में वर्ल्ड कप जीतने वाली फ्रांस की पुरुष टीम को 286 करोड़ रूपए और 2014 में विश्व चैम्पियन बनने वालेजर्मनी को 262 करोड़ रुपए मिले थे।जो अमेरिका की महिला टीम को मिली इनामी राशि से करीब 6 गुना है।



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अमेरिका की महिला फुटबॉल टीम ने पिछला वर्ल्ड कप 2019 में जीता था। तब टीम को प्राइज मनी के रूप में 45 करोड़ रुपए मिले थे, जबकि 2018 में पुरुष वर्ल्ड कप जीतने वाली फ्रांस की टीम को 286 करोड़ रुपए मिले थे। (फाइल)




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शमी ने बुरे दौर को याद किया, बोले- तीन बार खुदकुशी करने का सोचा, परिवार को डर था कि मैं 24वें माले से न कूद जाऊं

तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने अपने बुरे दौर को याद करते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। शनिवार को रोहित शर्मा से इंस्टाग्राम पर लाइव चैटिंग के दौरान शमी ने कहा- 2015 वर्ल्ड कप के बाद जीवन में काफी खराब वक्तआया था। इस दौरान तीन बार खुदकुशी के बारे में भी सोचा।शमी का फ्लेट 24वीं मंजिल पर है। परिवार को डर था कि कहीं वे यहां सेकूद न जाएं। दरअसल, शमी इस दौरान चोट के कारण करीब 18 महीने टीम से बाहर रहे। 2018 में पत्नी हसीन जहां ने उन पर घरेलू हिंसा का मामला भी दर्ज कराया था।

शमी के मुताबिक, ‘‘मैं निजी जीवन में भी काफी परेशानियों से गुजर रहा था। आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन मैंने इस संकट के समय में तीन बार खुदकुशी के बारे में सोचा था। परिवार वाले मुझे लेकर काफी चिंतित रहते थे। हम 24वें माले पर रहते हैं। फैमिलीको डर था कि कहीं मैं बालकनी से कूद न जाऊं। उस समयमैं क्रिकेट के बारे में नहीं सोचता था। ऐसा लगता था कि मैं क्रिकेट छोड़ दूंगा।’’

परिवार के सपोर्ट से वापसी कर पाया: शमी
इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘परिवार ने मेरा काफी सपोर्ट किया। समझाया कि समस्या चाहे छोटी हो या बड़ी, सबका समाधान होता है। भाई ने बहुत साथ दिया। मेरे साथ 24 घंटे 2-3 दोस्त साथ रहा करते थे। माता-पिता ने समझाया कि परेशानियों से उबरने के लिए मुझे सिर्फ क्रिकेट पर ही ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा किसी के भी बारे में सोचने से मना करते थे। मैंने फिर ट्रेनिंग शुरू की। देहरादून की एक एकेडमी में खूब मेहनत कर वापसी की।’’

क्या है शमी-हसीन जहां मामला?
शमी पर हसीनने दहेज और शारीरिक उत्पीड़न के अलावामैच फिक्सिंग जैसेसंगीन आरोप लगाए थे। फेसबुक पर कुछ फोटोज शेयर करते हुए शमी पर अवैध संबंधों का भी इलजाम लगाया।पश्चिम बंगाल की अलीपुर कोर्ट ने शमी और उनके भाई हासिद अहमद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। ये बाद में रद्द कर दिया गया। बीसीसीआई ने जांच के बाद शमी को फिक्सिंग के आरोपों से बरी कर दिया। हालांकि, ये भी सही है कि जांच के दौरान बोर्ड ने शमी का कॉन्ट्रैक्ट कुछ वक्त के लिए सस्पेंड कर दिया था।

आईपीएल में पंजाब के लिए खेलेंगे शमी
शमी फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे। अब यदि आईपीएल होता है, तो वे किंग्स इलेवन पंजाब के लिए मैदान में उतरेंगे। फिलहाल, कोरोनावायरस (कोविड-19) और लॉकडाउन के कारण आईपीएल अनिश्चितकाल के लिए टाला जा चुका है। इस तेज गेंदबाज ने 49 टेस्ट में 180, 77 वनडे में 144 और 11 टी-20 में 12 विकेट लिए हैं।



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भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने 49 टेस्ट में 180, 77 वनडे में 144 और 11 टी-20 में 12 विकेट लिए हैं। -फाइल फोटो




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खेल मंत्री रिजिजू ने कहा- मुक्केबाजों के दम पर भारत 2024 ओलिंपिक में टॉप-10 में आ सकता है

खेल मंत्री किरन रिजिजू ने रविवार को कहा कि मुक्केबाजों के दम पर भारत ओलिंपिक में टॉप-10 में आ सकता है। उन्होंने मुक्केबाजों के साथ वीडियो चैट के दौरान यह बात कही। रिजिजू ने कहा कि 2024 ओलिंपिक में देश को शीर्ष 10 में लाने में मुक्केबाजों की भूमिका अहम हो सकती है।
इस ऑनलाइन सेशन में ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुकीं एमसी मैरीकॉम, अमित पंघल, पूजा रानी, सिमरनजीत कौर, लवलीना समेत 160 बॉक्सर और कोचों ने हिस्सा लिया। हाई परफॉरमेंस डायरेक्टर सांतियागो निएवा भी इस ऑनलाइन सेशन में शामिल हुए थे।

खेल मंत्रालय ने मिशन 2024 में बॉक्सिंग को शामिल किया
खेल मंत्रालय ने भी ओलिंपिक मिशन 2024 और 2028 को लेकर टॉप-15 खेलों की लिस्ट तैयार की है। इसमें बॉक्सिंग को भी शामिल किया गया है। रिजिजू ने कहा कि भारत को स्पोर्टिंग पावर हाउस बनाने में बॉक्सरमहत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ओलिंपिक के बॉक्सिंग इवेंट में पुरूषों और महिलाओं को मिलाकर 13 वेट कैटेगरी हैं।
इसमें भारत को मेडल की उम्मीद है।
जून के पहले हफ्ते से खिलाड़ीदोबारा अभ्यासकर सकेंगे
खेल मंत्री ने कहा कि बहुत जल्द ही भारतीय बॉक्सर अपना ट्रेनिंग प्रोग्राम दोबारा शुरू कर पाएंगे। इसके लिए कोशिशें जारी है। सबसे पहले वह एथलीट्स अपनीट्रेनिंग शुरू कर पाएंगे, जो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। इसके अलावा उन खिलाड़ियों को भी ट्रेनिंग का मौका दिया जाएगा, जिन्हें ओलिंपिक क्वालिफाइंग इवेंट में हिस्सा लेना है।
9 मुक्केबाज टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके
भारत के 9 बॉक्सर टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। इसमें 5 पुरूष और 4 महिला मुक्केबाज हैं। ओलिंपिक में पुरुष मुक्केबाजों के लिए 8 वेट कैटेगरी है, जबकि महिला वर्ग में मुक्केबाज पांच अलग-अलग वेट कैटेगरी में जोर आजमाइश करेंगी।



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खेल मंत्रालय ने ओलिंपिक मिशन 2024 और 2028 को लेकर टॉप-15 खेलों की लिस्ट तैयार की है। इसमें बॉक्सिंग को भी शामिल किया गया है। (फाइल)




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रग्बी टीम न्यूजीलैंड वॉरियर्स ऑस्ट्रेलिया पहुंची, 14 दिन क्वारैंटाइन के बाद मैदान पर उतरेगी

कोरोनावायरस के बीच रग्बी टीम न्यूजीलैंड वॉरियर्स ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई है। टीम को यहां आने के लिए विशेष इजाजत मिली है। 34 खिलाड़ी और स्टाफ के सदस्य नियम के अनुसार 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रहेंगे। इसके बाद टीम ट्रेनिंग शुरू करेगी।

नेशनल रग्बी लीग के मुकाबले 28 मई से फिर से शुरू होने हैं। 24 मार्च को वायरस के कारण लीग को स्थगित कर दिया गया था। 1908 से खेली जा रही इस लीग में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें शामिल होती हैं। कुल 16 टीमें इसमें शामिल होती हैं। रग्बी टीम के खिलाडी डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खड़े दिखे। फ्लाइट में ही डॉक्टर्स ने जाकर उनका टेस्ट भी किया।

गोल्फ: साल का पहला मेजर टूर्नामेंट अगस्त में
इधर, गोल्फ का हार्डिंग पार्क शुक्रवार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। यहां साल का पहला मेजर टूर्नामेंट खेला जा सकता है। मई में होने वाले टूर्नामेंट को 6 से 9 अगस्त तक खेला जाएगा।

दर्शकों की मौजूदगी में गोल्फ कराने की तैयारी

अमेरिका के पीजीए के चीफ एक्जीक्यूटिव सेथ वॉग ने कहा कि हम फैंस के साथ टूर को कराने की तैयारी कर रहे हैं। अगर यह बिना फैंस के भी होता है तो हमें किसी तरह की परेशानी नहीं है।



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1908 से खेली जा रही लीग में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें शामिल होती हैं। (फाइल)




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स्पेन में कोरोना टेस्ट के बाद प्रैक्टिस कर सकेंगे खिलाड़ी, रोनाल्डो भी इटली लौटे; 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा

स्पेन सरकार ने क्लब फुटबॉल खिलाड़ियों को कोरोना टेस्ट के बाद अभ्यास करने की छूट दे दी है। दो महीने के बाद पहली बार खिलाड़ी इस हफ्ते के आखिर मेंप्रैक्टिस शुरू कर सकेंगे। इधर, 2 महीने पुर्तगाल में रहने के बाद युवेंटस के स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो इटली लौट आए हैं।

रोनाल्डो को 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा। इसके बाद ही वे प्रैक्टिस शुरू कर पाएंगे।इनके अलावा फेडरिको बर्नार्डेस्की, जुआन कुआड्राडो, कार्लो पिंसोग्लियो और एरोन रैमसे भी वापस आ गए हैं। इन सभी खिलाड़ियों का कोरोना टेस्ट भी हुआ है।

प्रैक्टिस शुरू करने से 2 दिन पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा

वहीं, ला लीगा का सत्र जून से शुरू हो सकता है। मार्च से ही देश में हर तरह की खेल गतिविधियां पर रोक लगा दी गई थी। स्पेनिश लीग के खिलाड़ियों को अभ्यास शुरू करने से दो दिन पहले कोरोना टेस्ट करवाना होगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही वह अभ्यास कर सकते हैं।
सीरी ए लीग शुरू होने में अभी संशय
सीरी- ए लीग की सभी 20 टीमें चाहती हैं कि लीग शुरू हो। लेकिन इटली के खेल मंत्री विन्सेंजो स्पाडफोरा ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इंडिविजुअल अभ्यास की ही छूट दी गई है। 18 मई के बाद ही टीम के साथ प्रैक्टिस के बारे में फैसला होगा।



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कोरोनावायरस की वजह से क्रिस्टियानो रोनाल्डो 2 महीने से पुर्तगाल में थे। अब वे इटली लौटे हैं। यहां भी उन्हें ट्रेनिंग से पहले क्वारैंटाइन में रहना होगा। (फाइल)




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प्लेयर रिलीफ फंड में फेडरेशन और एटीपी ने 45 करोड़ रु. दिए, थिएम बोले- टेनिस खिलाड़ी भूखे नहीं, मैं जरूरतमंदों की मदद करूंगा

कोरोनावायरस से प्रभावित खिलाड़ियों की मदद के लिए एक प्लेयर रिलीफ फंड बनाया गया है। टेनिस की गवर्निंग बॉडी ने इसकी जानकारी दी। इस फंड में एसोसिएशन ऑफ टेनिस प्रोफेशनल्स(एटीपी), वुमेंन्स टेनिस एसोसिएशन(डब्ल्यूटीए), इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन और चारों ग्रैंड स्लैम के आयोजकों ने मिलकर 45 करोड़ 45 लाख( (6 मिलियन डॉलर) दिए हैं।
इस मौके पर टेनिस से जुड़े सभी संगठनों ने एक बयान जारी कर कहा कि इस फंड के जरिए उन खिलाड़ियों की मदद की जाएगी, जो कोविड-19 के प्रभाव की वजह से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। संगठनों के मुताबिक, कोरोना की वजह से टेनिस सीजन कम से कम 13 जुलाई तक स्थगित है। एटीपी/डब्ल्यूटीए से जुड़े करीब 800 खिलाड़ियों को इस वक्त आर्थिक सहायता की जरूरत है। रैंकिंग और पिछली पुरस्कार राशि से हुई कमाई के आधार पर खिलाड़ी मदद की पात्रता हासिल करेगा।

कोई टेनिस खिलाड़ी जिंदा रहने की लड़ाई नहीं लड़ रहा: थिएम
इस फंड में खिलाड़ियों की जर्सी की नीलामी से मिली राशि, वर्चुअल टेनिस मैच से हुई कमाई भी दान की जा सकती है।

जोकोविच के रिलीफ फंड बनाने के प्रस्ताव के विरोध में थिएम

एटीपी काउंसिल के चेयरमैन होने के नाते सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने पिछले महीने हीखिलाड़ियों की मदद के लिए फंड बनाने का प्रस्ताव दिया था। ऑस्ट्रिया के डोमिनिकथिएम ने इसका विरोध करते हुए कहा था किईमानदारी से कहूं तो कोई भी टेनिस खिलाड़ी जिंदारहने की लड़ाई नहीं लड़ रहा है। कोई भूखा नहीं है। इसमें निचली रैंकिंग वाले खिलाड़ी भी शामिल हैं। इनकी बजाए मैं उन संगठनों की मदद करूंगा, जिन्हें वाकई इसकी जरूरत है।

सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद पहली बार विम्बलडन रद्द हुआ

कोरोना की वजह से टेनिस कैलेंडर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार विम्बलडन रद्द करना पड़ा, जबकि फ्रेंच ओपन को सितंबर तक के लिए टाल दिया गया। वहीं, यूनाइडेट स्टेट्स टेनिस एसोसिएशन जून में यह फैसला करेगी कि इस साल न्यूयॉर्क में यूएस ओपन होगा या नहीं।



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एटीपी काउंसिल के अध्यक्ष होने के नाते नोवाक जोकोविच ने पिछले महीने खिलाड़ियों की मदद के लिए फंड बनाने का प्रस्ताव दिया था। डोमिनिक थिएम ने इसका विरोध करते हए इसमें पैसे देने से मना कर दिया था। (फाइल)




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भारत ने अब तक 4 में से 3 राउंड हारे, अंक तालिका में सबसे नीचे; एक मुकाबले में अमेरिका से बराबरी पर रहा

कोरोनावायरस के बीच खेले जा रहे फिडे- चेस ऑनलाइन नेशनल कप शतरंज टूर्नामेंट के दूसरे दिन भारत को दो हार का सामना करना पड़ा। तीसरे राउंड में यूरोप और चौथे राउंड में शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन से 1.5-2.5 से हार गई। टूर्नामेंट में पांचवें सीड के साथ शुरुआत करने वाली भारत चौथे राउंड के समाप्त होने के बाद अंक तालिका में 1 मैच पॉइंट और 6.5 बोर्ड पॉइंट के साथ सबसे नीचे है। वहीं चीन 7 मैच पॉइंट और 10.5 बोर्ड पॉइंट के साथ टॉप पर बना हुआ है। टूर्नामेंट का फाइनल 10 मई को खेला जाएगा।

चीन के साथ मैच के चौथे राउंड में 5 बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथ आनंद और डिंग लिरेन के बीच बाजी ड्रा रहा। दोनों 54 चालों के बाद पॉइंट बांटने पर सहमत हो गए। पी हरिकृष्णा ने भी यूं यंगई को ड्रॉ पर रोक कर टीम को मुकाबले में बनाए रखा। कोनेरू हंपी भी होउ यिफान के साथ अपना मुकाबला बराबरी पर रखने में सफल रही। लेकिन गुजराती ने लगातार तीसरा गेम वांग हाओ के साथ गंवा दिया। इस जीत के साथ ही चीन ने भारत से चौथा राउंड जीत लिया।

यूरोप से भी हारा भारत
इससे पहले यूरोप के साथ तीसरे राउंड में गुजराती को लेवो एरोनियन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। जिससे यूरोप भारत से 1.5-2.5 से जीतने में सफल रहा। शीर्ष बोर्ड पर आंनद और मैक्सिम वचिएर लाग्रेव के बीच मुकाबला ड्रा रहा। हरिकृष्णा व जन क्रिज्सटॉफ डूडा और विश्व रैपिड चैंपियन हंपी और अन्ना मुजिचुक ने भी आपस में अंक बांट लिए।

टीम इंडिया टूर्नामेंट में बतौर 5वीं सीड खेल रहा
भारत इस टूर्नामेंट में पांचवीं सीड के रूप में शुरूआत की थी। इस टूर्नामेंट में भारत केवल संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ही बराबरी करवाने में सफल रहा। वहीं रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड के साथ भी भारत को 1.5-2.5 से हार का सामना करना पड़ा था।

राउंड रोबिन में हो रहे सभी मुकाबले
यह टूर्नामेंट डबल राउंड रोबिन के आधार पर खेला जा रहा है। जिसमें दो प्रमुख टीमें सुपर फाइनल में खिताब के लिए आपस में भिड़ेंगी। सभी मैचों में चार बोर्ड शामिल हैं। टीम में तीन पुरूष और एक महिला खिलाड़ी शामिल है।

रूस के व्लादिमीर भारतीय टीम के कप्तान हैं
इस टूर्नामेंट में भारत, रूस, अमेरिका, चीन, यूरोप और रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड (बाकी दुनिया) की टीम शामिल हैं। इनके बीच 9 मई तक राउंड रॉबिन में मुकाबले खेले जाएंगे। इसके बाद टॉप-2 टीमों के बीच 10 मई को फाइनल होगा। इस टूर्नामेंट की इनामी राशि 1 लाख 80 हजार डॉलर (करीब 1.38 करोड़ रुपए) है। संन्यास ले चुके दिग्गज व्लादिमीर क्रेमनिक भारतीय टीम के कप्तान हैं।



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चीन के साथ मैच के चौथे राउंड में 5 बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथ आनंद और डिंग लिरेन के बीच बाजी ड्रॉ रहा। दोनों 54 चालों के बाद पॉइंट बांटने पर सहमत हो गए। -फाइल फोटो




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देश में खेल से जुड़े सामान के बाजार को 4700 करोड़ के घाटे की आशंका, अगले साल मार्च में ही हालात सुधरने की उम्मीद

कोरोनावायरस से देश का स्पोर्ट्स मार्केट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गर्मी में समर कैंप और अन्य खेलकूद की गतिविधियां होती थीं। वे भी लॉकडाउन के कारण शुरू नहीं हुईं। खेल के व्यापार और बाजार से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो देश में खेल से जुड़े सामान की इंडस्ट्री को 4700 करोड़ रु. का नुकसान होने की आशंका है। इसमें देश में बिकने वाले सामान के अलावा निर्यात होने वाले सामान की भी हिस्सेदारी है।

लॉकडाउन से संकट खड़ा हुआ

जालंधर मेंपूरे देश का 70% स्पोर्ट्स गुड्स बनता है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इंडस्ट्री की हालत अब मार्च में ही सुधरेगी। मेरठ के हिंद स्पोर्ट्स के मालिक कुलदीप सिंंह कहते हैं, ‘इस साल ओलिंपिक सहित कई बड़े स्पोर्ट्स इवेंट होने वाले थे। मांग ज्यादा रहती इसलिए मार्केट भी पूरी तरह से तैयार था। लेकिन लॉकडाउन से संकट खड़ा हो गया। इससे उबरने में पूरा एक साल लगने वाला है।’

देश के खेल सामान का 60% निर्यात होता है

भारतीय स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चररर्स के अनुसार, देश में बनने वाले खेल सामान का 60% निर्यात होता है। मेरठ से निर्यात होने वाले सामान का हिस्सा 45% है। अप्रैल में मेरठ की कंपनियों को 200 करोड़ का नुकसान हुआ है।

अकेले मेरठ-जालंधर में 50 लाख मजदूर
जालंधर और मेरठ में कुल 4 हजार से ज्यादा कंपनियां है। ये इंडस्ट्री कुल 319 खेल सामग्री का निर्माण करती हैं। यहां करीब 50 लाख मजदूर-कारीगर काम करते हैं। इन्हें एक दिन की मजदूरी 300-400 रुपए मिलती है।

नुकसान की राज्यवार स्थिति

राज्य कितना नुकसान (रुपए में)
महाराष्ट्र 200 करोड़
राजस्थान 150 करोड़
मध्यप्रदेश 150 करोड़
पंजाब 100 करोड़
गुजरात 100 करोड़
उत्तरप्रदेश 60 करोड़
प.बंगाल 50 करोड़
छत्तीसगढ़ 40 करोड़

2 हजार करोड़ के क्रिकेट मार्केट का विकेट गिरा
इस साल क्रिकेट के सामान की बहुत ज्यादा खपत होने वाली थी क्योंकि आईपीएल के अलावा टी20 वर्ल्ड कप भी होना था। लेकिन इनके आयोजन पर संकट है। ऐसे में क्रिकेट के बाजार को दो हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। इसमें भी क्रिकेट गुड्स की कंपनियों का 1300 करोड़ का स्पोर्ट्स इक्विपमेंट निर्यात होने वाला था।

ये सामान बनकर गोदामों में पड़ा

सामान संख्या
बल्ले 3.5 लाख
गेंद 2.7 लाख
विकेट 80 हजार
पैड्स 90 हजार
ग्लव्स 1 लाख
हेलमेट 1.25 लाख
किट 2 लाख

अन्य खेलों के मार्केट को 1500 करोड़ रु. का घाटा

फुटबॉल, बैडमिंटन, शतरंज, हॉकी, टेनिस, एथलेटिक्स, टेटे, वॉलीबॉल, फेंसिंग आदि खेलों का सामान बनाने वाले कारोबारियों के 1500 करोड़ डूबने की आशंका है। निर्यात न होने से इन खेलों का सामान भी गोदामों में भरा है। स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनियों को भी 500 करोड़ का नुकसान हुआ है।

इन खेलों के बाजार को बड़ा नुकसान

खेल नुकसान (करोड़ रु. में)
क्रिकेट 2000
फुटबॉल 1200
टेनिस 500
बास्केटबॉल 300
बॉक्सिंग औरफेंसिंग 200
स्पोर्ट्स वियर 500


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मेरठ और जालंधर की कुछ कंपनियों ने लॉकडाउन के बाद प्रोडक्शन शुरू करने की तैयारी कर ली है।




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फॉर्मूला-1 का रेवेन्यू जनवरी-मार्च में 84% घटकर 292 करोड़ रुपए रह गया, पिछले साल की इसी तिमाही में 1845 करोड़ था

कोरोनावायरस की वजह से फॉर्मूला-1 का रेवेन्यू इस साल की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च के बीच में 84 फीसदी घटकर 39 मिलियन डॉलर (292 करोड़ रुपए) रह गया। पिछले साल की इसी तिमाही में रेवेन्यू 246 मिलियन डॉलर यानी करीब 1845 करोड़ रुपए था। फार्मूला वन की पैरेंट कंपनी लिबर्टी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

इस दौरान लिबर्टी मीडिया का रेवेन्यू भी 200 मिलियन डॉलर (करीब 1511 करोड़ रु.) घट गया। वहीं, लीग के संचालन का घाटा भी पिछले साल के 47 मिलियन डॉलर (352 करोड़ रुपए) से बढ़कर 137 मिलियन डॉलर (1027 करोड़ रुपए) हो गया।

5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से फॉर्मूला-1 सीजन शुरू होगा
कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल सीजन शुरू नहीं हो पाया है। 10 रेस या तो रद्द या स्थगित कर दी गई हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी 5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से सीजन शुरू होगा।

दिसंबर तक 15 से 18 रेस कराने का लक्ष्य

कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा- हमें जुलाई से रेस शुरू होने की उम्मीद है। इसे हम दिसंबर तक जारी रहेंगे। इस दौरान हमारा लक्ष्य 15 से 18 रेस कराना है। हालांकि, इस दौरान दर्शक मौजूद रहेंगे या नहीं, फिलहाल ये तय नहीं हो पाया है।

अमेरिकी कंपनी के पास 3 साल से फॉर्मूला-1 का स्वामित्व

अमेरिकी अरबपति जॉन मालोन के स्वामित्व वाले लिबर्टी मीडिया के पास 2017 से फॉर्मूला वन का मालिकाना हक है। कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा ग्रां प्री रेस के आयोजकों द्वारा चुकाई गई फीस, ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सरशिप से आता है। लेकिन कोरोना की वजह से एफ-वन रेस पूरी तरह बंद है। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट से बंधे होने की वजह से इस अमेरिकन ग्रुप को अलग-अलग टीमों को 1.5 बिलियन डॉलर की राशि देनी पड़ी।

लिबर्टी मीडियाके स्टॉक की वैल्यू 33 फीसदी कम हुई

इस बीच, गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार नैस्डैक में लिबर्टी मीडियाके शेयर में 0.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस साल की शुरुआत से कंपनी के स्टॉक की कीमत 33 फीसदी कम हो गई है।



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फॉर्मूला-1 की पेरेंट कंपनी लिबर्टी मीडिया ने बयान जारी कर कहा- हमें जुलाई से रेस शुरू होने की उम्मीद। दिसंबर तक 15 से 18 रेस कराने का लक्ष्य। (फाइल)




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प्रशासन ने तय किया सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खुलेगी मार्केट, पुलिस बंद करा रही 4 बजे

लॉकडाउन-3 में प्रशासन की ओर से मार्केट खोल दी गई। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य एरिया की दुकानें सुबह 8 से शाम चार बजे तक खुलेंगी। आठ से चार के समय में मेडिकल स्टोर को शामिल किया है कि नहीं, इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। इनका प्रशासनिक टाइम टेबल में सुबह सात से शाम 6.30 बजे बताया गया। पुलिस की टाइमिंग इससे मैच नहीं कर रही। गैर जरूरी सामान के साथ जरूरी सामान की दुकानें 4 बजते ही बंद कराई जा रही है। मेडिकल स्टोर व करियाना, दूध डेयरी से जुड़े लोगों का कहना है कि इनके गाइडलाइन जारी हों, जिसके अनुसार कार्य कर सकें।
जगाधरी व सिटी में मेडिकल स्टोर, डेयरी शाम 7 बजे तक खुल रही हैं। ऐसे आदेश प्रशासनिक आदेशों में भी जारी किए गए। बूड़िया में मेडिकल स्टोर बाजार की अन्य दुकान की तरह 4 बजे बंद करा देते हैं। दोनों एरिया नगर निगम के हैं। संचालकों का कहना है कि समय को लेकर वे खुद दुविधा में हैं। सोमवार को उनके मेडिकल स्टोर 4 बजे बंद करा दिए गए। इस समय के बाद खोलने पर कार्रवाई की बात कही गई। इन दिनों चार बजे बंद कर देेते हैं जबकि सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में भी 6.30 बजे तक का समय दिखाया जा रहा है। इस समय को लेकर प्रशासन गाइडलाइन जारी करे, जिससे वह लोग भी लॉकडाउन के नियम का अनुपालन कर सकें। किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से खुद को बचा सकें।

बंद नहीं कराए जा सकते मेडिकल स्टोर:डीसी

डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि जरूरी सेवा में मेडिकल स्टोर 24 घंटे खोलने के आदेश हैं इसलिए इन्हें बंद नहीं कराया किया जा सकता। डेयरी और करियाना स्टोर सुबह सात से शाम सात बजे तक खुले रहेंगे। बाजार को लेकर पुलिस की ओर से कोई स्पष्ट नहीं है, जिस कारण समय को लेकर दुविधा में हैं।



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फेसबुक फ्रेंड बनकर अमेरिका से गिफ्ट भेजने के नाम से डिप्टी सीएमओ से ठगे ‌7.47 रुपए हजार

सिविल सर्जन कार्यालय में तैनात डिप्टी सिविल सर्जन एवं नेत्र रोग विभाग की डॉ. संगीता भगत ठगी का शिकार हो गईं। एक फेसबुक फ्रेंड ने अमेरिका से तीन घड़ियां, डायमंड रिंग, दो आईफोन, तीन जोड़ी जूते, ड्रेस, चॉकलेट, गुलाब व 2.50 लाख अमेरिकन डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 1.89 करोड़) का गिफ्ट भेजने का झांसा दिया। फिर डॉक्टर के पास कॉल आई और पार्सल क्लियर कराने के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में 7.47 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद जिन नंबरों से कॉल आती थी वे स्विच ऑफ हो गए।
सेक्टर-9 की रहने वाली डॉ. संगीता ने सिटी पुलिस को दी शिकायत में कहा कि फेसबुक पर मिस्टर हैनरी ने नाम के अकाउंट पर फ्रेंडशिप हुई। हेनरी ने खुद को कैलिफोर्निया का बताया और मोबाइल पर संपर्क किया। 13 अप्रैल को हैनरी ने फोन पर कहा कि आपके नाम से पार्सल भेजा है जो दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग के पास है। अगले दिन उनके मोबाइल पर किसी लड़की का फोन आया जिसने खुद को कस्टम विभाग से बताया। लड़की ने अमेरिका से पार्सल आने व इसकी क्लीयरेंस के नाम पर खाते में 47 हजार रुपए डलवाए। 15 अप्रैल को दोबारा फोन आया कि पार्सल में डॉलर हैं। इसको क्लियर कराने के लिए 7 लाख कस्टम फीस देनी होगी नहीं तो मनी लान्ड्रिंग का केस बनेगा। इससे घबराकर डॉक्टर ने 17 अप्रैल को बताए गए अलग-अलग खातों में 7 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। उस लड़की का 21 अप्रैल को फिर फोन आया कि करंसी ज्यादा है इसलिए 22 लाख रुपए और जमा कराने होंगे। डॉक्टर काे शक हुआ तो पैसे ट्रांसफर नहीं किए। 25 अप्रैल तक फोन आते रहे, तब जाकर डॉक्टर को ठगी का अहसास हुआ। बता दें कि इससे पहले फेसबुक फ्रेंड द्वारा गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगी के दो और मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक केस मुलाना का था।



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445 सैंपलों की रिपोर्ट पर नजर; शाहाबाद की गर्भवती, 4 माह के बच्चे समेत कई आइसोलेट किए

अम्बाला में एक ही दिन में 23 कोरोना पॉजिटिव सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग बढ़ा दी है। मंगलवार को ही रिकॉर्ड 306 सैंपल लिए गए। इनमें कैंट और सिटी सिविल अस्पतालों की कंस्ट्रक्शन साइट पर रह रही लेबर के बड़ी मात्रा में सैंपल शामिल हैं। सोमवार और मंगलवार को लिए गए कुल 445 सैंपलों की रिपोर्ट पर काफी कुछ निर्भर रहने वाला है। इनमें से 110 सैंपल तो सोमवार के बने 5 नए कंटेनमेंट जोन पन्ना कॉटेज, रानीबाग, भूर मंडी (बब्याल), हरिनगर (बीडी फ्लोर मिल) और दुखेड़ी से हैं।
सिटी सिविल अस्पताल में 8 लोगों को आइसोलेट किया गया है। इनमें शाहाबाद से डिलीवरी के लिए आई एक गर्भवती, बंद फाटक के स्लम एरिया के एक परिवार के 6 लोग जिनमें 4 माह का बच्चा भी शामिल है। इसके अलावा दो खंभा चौक व एक अन्य कॉलोनी के दो केस हैं। जेल से तीन सैंपल लिए गए हैं। कोरोना संक्रमित मिली नुरपूर पीएचसी के अधीन काम करने वाला दुखेड़ी की आशा वर्कर के संपर्क में आई 4 आशा वर्कर, 2 एएनएम, 2 आंगनबाड़ी वर्करों व 2 अन्य के सैंपल लिए गए हैं।
सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह के मुताबिक अभी तक कुल 2,937 सैंपल लिए जा चुके हैं। अब तक 37 केस पॉजिटिव मिले हैं जबकि 2,458 की रिपोर्ट निगेटिव रही है। एक एक्टिव केस ठरवा गांव का किसान पीजीआई चंडीगढ़ में है, जिसकी हालत स्थिर बनी हुई है। 11 मरीजों को छुट्टी मिल चुकी है। जबकि टिंबर मार्केट के हरजीत कोहली व रतनगढ़ की संतोष की मौत हो चुकी है। 22 संक्रमित मरीज मुलाना के एमएम कोविड अस्पताल व कैंट अस्पताल की डॉक्टर को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही आइसोलेट किया गया है। 48 मोबाइल टीमों ने 5038 लोगों की स्क्रीनिंग की व 26 में फ्लू जैसे लक्षण मिलने पर 15 के सैंपल लिए।
संक्रमित आशा वर्कर को कैंट अस्पताल में शिफ्ट करने पर अड़ी यूनियन

काेराेना से संक्रमित मिलने के बाद मुलाना के काेविड अस्पताल में एडमिट की आशा वर्कर को कैंट में लेकर आने की मांग पर आशा वर्कर यूनियन ने काम नहीं करने की चेतावनी दी है। यूनियन की जिला प्रधान अंजू वर्मा के मुताबिक पहले तो आशा वर्कर के संक्रमित मिलने की जानकारी नहीं दी गई, इसके बाद उसे मुलाना में श्रमिकों के साथ रखा गया। जबकि कोरोना संक्रमित मिली डॉक्टर को कैंट में ही रखा गया है। इसका यूनियन विरोध करती है। अगर दो दिनों के भीतर आशा वर्कर को कैंट अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया तो जिले में कोई आशा वर्कर काम नहीं करेगी।



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अम्बाला सिटी | मजदूराें का चेक करती स्वास्थ्य विभाग की टीम। भास्कर




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14 दिन बाद नहरों में आया पानी, जंडवाला नहर फिर टूटी

उपमंडल में भाखड़ा प्रणाली की नहरों में 2 सप्ताह बाद सिंचाई पानी छोड़ा गया। जिससे जंडवाला रजवाहा केशव ढाणी के खेतों में साइफन के पास टूट गया। पानी आने के साथ ही नहर टूट जाने से सुबह नहर को दोबारा बंद कर कटाव को दुरुस्त किया गया। किसानों ने नहरी विभाग से नहर की सीएम घोषणा के अनुसार रीमॉडलिंग कर मजबूत बनाए जाने की मांग की है।
भाखड़ा प्रणाली के मौजगढ़ हेड से देर रात को लहरों में पानी छोड़ा गया। जिसे जंड वाला रजवाहा केशव ढाणी में साइफन के पास दरार आने से टूट गया। कल सुबह किसानों ने सिंचाई विभाग को इसकी सूचना दी जिसके बाद नहर को बंद कर के कटाव को पाटने का काम शुरू किया गया। नहर टूटने से किसानों की दिनभर की पानी की बारी मारी गई। किसानों ने बताया कि जडवाला नहर में किसानों को पूरा पानी में मिलने की समस्या लंबे समय से चल रही है और हर सीजन में नहर टूट जाती है। किसानों ने बताया कि नहर काफी कमजोर हो चुकी है ।

सीएम घोषणा के बावजूद नहीं हुआ समाधान
किसानों ने जडवाला नहर का लेवल सही कर रीमॉडलिंग करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2016 में घोषणा की थी लेकिन अब तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है बल्कि अधिकारियों ने बिना रिपेयर किए नहर पर रिपेयरिंग खर्चसे खानापूर्ति कर दी. इससे एक और सीएम घोषणा पर काम नहीं हुआ ।



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डिंग क्षेत्र के 54 मजदूर ट्रेन से आज जाएंगे बिहार

जिला में दूसरे राज्यों से आकर काम करने वाले मजदूरों को वापस उनके घर भेजने की प्रक्रिया जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। बुधवार को डिंग क्षेत्र के 54 मजदूर हिसार से चलने वाली ट्रेन के जरिए अपने राज्य बिहार जाएंगे। हालांकि इन मजदूरों को मंगलवार के दिन ही जाना था। मगर ट्रेन का समय बदल गया और बुधवार से ट्रेन जाने की सूचना आ गई। डिंग क्षेत्र में ये मजदूर खेती बाड़ी का काम कर रहे थे। ये सभी बिहार राज्य के जिला मदेहपुरा, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया और सहरसा के रहने वाले है। मजदूरों को सिरसा से हिसार के लिए दो रोडवेज बसों में लेकर जाया जाएगा। घर वापसी की सूचना पर सभी मजदूर खुश है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होने के कारण वे सभी डर रहे थे कि काम धंधा बंद है। ऐसे में यहां वे फंस गए थे।

जिले में अब तक दो हजार मजदूरों ने घर जाने के लिए करवाया रजिस्ट्रेशन

जिला में रहने वाले मजदूरों को वापस घर भेजने की प्रक्रिया शुरू, 54 मजदूर ट्रेन से आज जाएंगे बिहार सिरसा जिला में अब तक दो हजार मजदूरों ने घर जाने के लिए करवाया रजिस्ट्रेशन, आज डिंग क्षेत्र के मजदूर भेजे जाएंगे। अब तक कुल दो हजार मजदूरों ने घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। जिले में एमपी, बिहार और यूपी सहित राजस्थान के करीब 10 हजार लोग काम करते हैं।

दो बसों में इनकोे भेजा जाएगा हिसार

आज 54 मजदूरों को हिसार से ट्रेन उनके राज्य बिहार लेकर जाएगी। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए दो रोडवेज की बसों में इनकोे भेजा जाएगा। धीरे धीरे सभी जाने वाले मजदूरों को उनकी इच्छानुसार घर भेज दिया जाएगा।'' -राजेश चेची, डीएसपी, सिरसा।



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सिरसा। बिहार जाने वाले मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग करते स्वास्थ्य कर्मी।




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प्रदेश में बढ़े हुए दामों के साथ शराब की दुकानें खुलीं, 41 दिन बाद ठेकों पर बड़े-बूढ़े सब दिखे लाइनों में

हरियाणा में बुधवार को लॉकडाउन फेज-3 के तीसरे दिन कोरोना सेस लगने के बाद शराब की दुकानें खुल गईं। 41 दिन बाद दुकानें खुलते ही लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। कई जगह दुकानों के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा ताकि स्थिति सामान्य बनी रहे और लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें। हालांकि, कंटेनमेंट जोन में शराब के ठेके नहीं खुले हैं। हरियाणा में शराब की दुकानें खोलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक निर्धारित किया है। सरकार ने लॉकडाउन के बीच 27 मार्च रात 12 बजे के बाद से शराब की बिक्री बंद कर दी थी। इसके बाद बुधवार को शराब के ठेके खुले हैं।

हांसी में शराब का ठेका जैसे ही 8 बजे खुला, यहां लाइन लग गई। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी को तैनात करना पड़ा।

कोरोना सेस लगने से 5 रुपए से 20 रुपए तक महंगी हुई शराब
हरियाणा सरकार ने शराब पर कोविड सेस (उपकर)लगा दिया। देसी शराब की बोतल पर 5 रुपए, अंग्रेजी शराब की बोतल पर 20 रुपए सेस लगाया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। शॉपिंग मॉल में शराब की बिक्री पर रोक रहेगी। आबकारी नीति में संशोधन के अनुसार, एल-2, एल-14ए औरअन्य सहवर्ती लाइसेंसों की वैधता अवधि 19 मई 2021 तक रहेगी। सरकार ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में सब कमेटी का गठन किया है। इसमें परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और खेल मंत्री संदीप सिंह हैं,जो केंद्र सरकार द्वारा नियमों को लागूकराएगी

हांसी में सुबह-सुबह शराब का ठेका खुला तो सबसे पहले लोगों ने बोतलें खरीदीं और सीधे घर के लिए निकले।

कितनी महंगी हुई शराब

  • विदेश से आने वाली शराब की बोतल पर 50, अद्धा औरपव्वेपर 25 रु. बढ़े।
  • देसी शराब की बोतल पर 5, अद्धा पर 3 व पव्वे पर 2 रुपए बढ़ाए।
  • देश में बनी विदेशी शराब की बोतल पर 20, अद्धा पर 10 व पव्वे पर 5 रु. बढ़े।
  • माइल्ड औररेगुलर बीयर पर 2 औरस्ट्रांग बीयर पर 5 रु. बढ़े।

कोरोना मरीज ठीक होने की दर गिरी
हरियाणा में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर एक सप्ताह पहले 72% थी। अब यह गिरकर 46.2% पर आ गई है। अब तक 4 जिलों में सभी मरीज ठीक होकर घर आ चुके हैं। इन जिलों में कुरुक्षेत्र, कैथल, भिवानी व चरखी दादरी शामिल है। पंचकूला, मेवात, पलवल जिले ऐसे हैं, जिनमें रिकवरी रेट 75 से लेकर 94% तक है। हिसार, सिरसा, फरीदाबाद, गुड़गांव, करनाल व रोहतक ऐसे जिले हैं, जहां रिकवरी रेट 26 से 40 फीसदी तक पहुंचा है। झज्जर जिले में अभी कोई भी मरीज ठीक नहीं हो पाया है। जबकि 0 से 25% तक की रिकवरी रेट में झज्जर के अलावा जींद, फतेहाबाद, पानीपत व सोनीपत जिले हैं। रेवाड़ी औरमहेंद्रगढ़ में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है।

असंध में इंटर डिस्ट्रिक्ट मूवमेंट रोकने के लिए रास्ते को खोद दिया गया है। जिला प्रशासन ने हर गांव में इस तरह के कच्चे रास्तों को खोद दिया है।

इंटर डिस्ट्रिक्ट मूवमेंट बंद करने के लिए कच्चे रास्ते खोदे
हरियाणा में हाइवे पर पुलिसकर्मी तैनात हैं लेकिन लोग कच्चे रास्तों से आवागमनकर रहे हैं। ऐसे में अब कच्चे रास्तों को खोद दिया गया है ताकि लोग इंटर ड्रस्ट्रिक्ट मूवमेंट न कर पाएं। अम्बाला सिटी के गांव डडियाना के पास रोजाना तीन से चार पुलिस की गाड़ियां प्रवासी मजदूरों को छोड़कर जा रही थी। घग्घर नदी क्रॉस करके प्रवासी अम्बाला में क्रॉस कर रहे थे। गांव डडियाना में कोरोना वायरस संक्रमण न फैले, इसलिए गांव की सरपंच अमनदीप कौर ने डीसी अम्बाला को एक चिट्टी लिखी।जिला प्रशासन हरकत में आ गया और गांव डडियाना पहुंचा। गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों से कहा कि यह रास्ता एक ठेकेदार ने पाइप डालकर बनाया था ताकि उसके मिट्टी के ट्रक उसके ऊपर से गुजर सके।

इसी तरह करनाल जिले के असंध में हुआ, जहां दूसरे जिले की सीमा से एंट्री न कर पाए, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने सड़क को खोद दिया है। इसी के साथ वहां नाका बनाकर पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। जिले की सीमा पर 24 घंटे चौकसी है।

  • हरियाणा में 595 पहुंचा आंकड़ा
  • हरियाणा में अब तक गुड़गांव में 104, सोनीपत में 81, फरीदाबाद में 78, झज्जर में 70, नूंह में 59, अम्बाला में 41, पलवल में 36, पानीपत में 33, पंचकूला में 18, जींद में 11, करनाल में 14, यमुनानगर में 8, सिरसा में 6, फतेहाबाद में 6, हिसार, रोहतक में 4-4, भिवानी में 3. कुरुक्षेत्र और कैथल में 2-2, चरखी दादरी में एक पॉजिटिव मिला। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है।
  • प्रदेश में अब कुल 260 मरीज ठीक हो गए हैं। नूंह में 53, गुड़गांव में 51, फरीदाबाद में 43, पलवल 32, पंचकूला में 17, अम्बाला में 11, करनाल और पानीपत में 5-5, सिरसा और सोनीपत में 4-4, यमुनानगर, भिवानी और हिसार में 3-3, कैथल, कुरुक्षेत्र, रोहतक में 2-2, चरखी दादरी, फतेहाबाद 1-1 मरीज ठीक होने पर घर भेजा गया। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं। इनके समेत कुल आंकड़ा 241 हो जाता है।
  • प्रदेश में अब तक 133 जमाती संक्रमित मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा नूंह जिले से हैं। यहां कुल 42 जमाती संक्रमित पाए गए। इसके अलावा, पलवल 31, फरीदाबाद 23, गुड़गांव 15, अम्बाला 5, पंचकूला 7, यमुनागर 3, भिवानी 2, कैथल, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद और सोनीपत में एक-एक मरीज संक्रमित मिला। यह सभी मरकज से लौटे थे। जिन्हें अलग-अलग मस्जिदों और गांवों से पकड़ा गया था।


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हिसार जिले के हांसी में बुधवार सुबह 8 बजे जैसे ही शराब का ठेका खुला, खरीदारों की भीड़ लग गई। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए मार्किंग की गई है।




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नादेड़ साहिब से लौटे जिन 11 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट 5 दिन पहले निगेटिव थी, उनमें से 1 परिवार के 4 सदस्य अब कोरोना पॉजिटिव

29 अप्रैल को नांदेड़ साहिब से लौटने के बाद अम्बाला की कंबोज धर्मशाला में क्वारेंटाइन किए गए 11 श्रद्धालुओं में से अब 4 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। चारों एक ही परिवार से हैं। इस परिवार के 6 सदस्य नांदेड़ साहिब में थे। पॉजिटिव मरीजों को एमएम अस्पताल (कोविड19) में आइसोलेट कर दिया गया है। अब 7 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अम्बाला के इन 11 श्रद्धालुओं समेत कुल 39 लोग पंजाब रोडवेज की बस में अम्बाला आए थे। 30 अप्रैल को सभी के सैंपल भेजे गए। रिपोर्ट निगेटिव रहने पर सभी को उनके जिलों करनाल, कैथल, फतेहाबाद, यमुनानगर व दिल्ली भेज दिया गया था। यहां से लौटने के अगले दिन ही यमुनानगर के श्रद्धालु का दोबारा सैंपल लिया जो पॉजिटिव निकल गया था।
जिन श्रद्धालुओं की रिपोर्ट अब पॉजिटिव आई है, यह नारायणगढ़ के अकबरपुर का रहने वाला परिवार है। इसमें 75 व 70 वर्षीय बुजुर्ग दंपती, उनके 42 वर्षीय बेटा व 9 साल की पोती है। पुत्रवधू व 5 साल के पोता की रिपोर्ट निगेटिव है। कंबोज धर्मशाला में ही क्वारेंटाइन किए गए पिलखनी गांव से डेनमार्क गए 63 वर्षीय व 52 वर्षीय एनआरआई दंपती, कैंट रेलवे कॉलोनी के 24 व 59 वर्षीय व्यक्ति और शहजादपुर की जनक कॉलोनी निवासी 24 वर्षीय युवक शामिल हैं।

घर पर ताला, पड़ोसी कर रहे घर के पौधों और डॉग की देखभाल
गांव अकबरपुर के 6 लोगों का परिवार 17 मार्च को नांदेड़ साहिब के लिए रवाना हुआ था। यह परिवार लॉकडाउन के दौरान 29 अप्रैल को अम्बाला लौटा। इस परिवार के घर पर ताला लगा हुआ है। पिछले एक महीने से इस परिवार के कुत्ते और पौधों की रखवाली पड़ोसी कर रहे हैं। पड़ोसियों को उम्मीद थी कि अब परिवार के सदस्य वापस अपने घर आ जाएंगे लेकिन उनमें से चार के पॉजिटिव आने की खबर सुनकर वह दुखी हैं।

एमएम अस्पताल की कोविड यूनिट में अब 26 मरीज
एमएम अस्पताल की कोविड-19 यूनिट में बुधवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। नांदेड़ से लौटे 4 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें उपचार के लिए एमएम अस्पताल के कोविड यूनिट में ही भेजा गया है। कोविड यूनिट से भी 10 संदिग्ध केसों के सैंपल भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है। एमएम कोविड यूनिट के नोडल अधिकारी डॉ. एलएन गर्ग ने बताया कि 3-4 मरीजों को हलका खांसी-बुखार की शिकायत है।
सोमवार व मंगलवार के 445 सैंपलों में से 130 की रिपोर्ट का इंतजार
सोमवार को लिए गए 139 सैंपलों में से 4 पॉजिटिव मिले हैं। 4 की रिपोर्ट पेंडिंग हैं। बाकी रिपोर्ट निगेटिव रही हैं। मंगलवार को लिए गए सैंपलों में से लिए गए थे। इनमें से 96 सैंपल पीजीआई चंडीगढ़, 81 सैंपल करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, 68 सैंपल खानपुर कलां मेडिकल कॉलेज और 53 सैंपल रोहतक पीजीआई भेजे गए थे। रोहतक पीजीआई से 53, खानपुर कलां से सभी 68, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से 5 सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाकी है। कुल मिलाकर अभी 130 सैंपलों की रिपोर्ट का इंतजार है। इसमें करीब 20 श्रमिकों के सैंपल भी शामिल हैं। शाहाबाद की गर्भवती महिला, बंद फाटक के पास के स्लम एरिया के परिवार के 6 सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिनमें 4 माह का बच्चा भी शामिल है।

बुधवार को 198 सैंपल लिए
एपेडेमियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील हरि ने बताया कि बुधवार को 198 सैंपल लिए गए हैं। सबसे ज्यादा 127 सैंपल अम्बाला कैंट से लिए गए हैं। सिटी सिविल अस्पताल से 41, शहजादपुर से 24, ठरवा से 3, एमएम मुलाना से 2 और मिलिट्री अस्पताल से 1 सैंपल लिया है। मंगलवार को सिटी सिविल को ट्रामा सेंटर में 85 साल की महिला की मौत हो गई थी। उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। सिजेरियन डिलीवरी के लिए आई रविदास माजरी की महिला का भी सैंपल भेजा गया है। सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि जिले में अब तक 3,135 सैंपल लिए जा चुके हैं। 2,769 की रिपोर्ट निगेटिव रही है। बुधवार को 7 कंटेनमेंट जोन से 127 सैंपल लिए हैं, जिनमें से 50 सैंपल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के हैं।

22 वर्षीय ऑटो चालक की चेन
कोरोना संक्रमित मिला निशात बाग का 22 वर्षीय अॉटो चालक ने कैंट में माया वाला चौक के पास डॉ. रामकुमार गुप्ता के पास से भी 2 मई को ट्रीटमेंट लिया था। बुधवार को इस डॉक्टर से उन मरीजों की लिस्ट मांगी गई है जो पिछले 4 दिन में क्लीनिक में आए है। क्लीनिक में एक युवती भी काम करती है। इस क्लीनिक में ज्यादातर ग्वाल मंडी के लोग आते हैं। यह युवक सदर थाने के पास डॉ. रामनाथ के पास भी 4 मई को गया था।



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Of the 11 devotees who returned from Naded Sahib, the report was negative 5 days ago, 4 members of 1 family are now Corona positive




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बॉर्डर पर 24 नाकों पर अब पूरी सख्ती, पंजाब से सिरसा आ रहे थे 7 जमाती, पुलिस ने वापस भेजे

पंजाब और राजस्थान से आने वाले लोगाें को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस सख्त हो गए हंै। बॉर्डर पर 24 नाके लगाए गए हैं और इन पर पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही जिला में आने वालों को एंट्री मिल पा रही है। ऐसे में बुधवार को पंजाब के मलेरकोटला से सिरसा सीमा में प्रवेश कर रहे 7 जमातियों को जिला और पुलिस प्रशासन ने एंट्री करने से रोक दिया। उन्हें वापस भेज दिया गया।
जिला के गांव मुसाहिबवाला में पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस का नाका है। यहां प्रत्येक आने-जाने वाले की जांच की जा रही है। बुधवार को पंजााब की ओर से एक कार आई जिसमें 7 लोग सवार थे। पुलिस ने पूछताछ की और आने का कारण और परमिट मांगा तो वे नहीं
दिखा पाए। पूछने पर बताया कि वे सभी जमाती हैं और पंजाब के मलेरकोटला में ठहरे थे। उन्होंने बताया कि वे सभी सिरसा के हैं और अब सिरसा आना चाहते हैं। इस पर उनसे परमिट मांगा तो वे नहीं दिखा पाए। पुलिस ने परमिट न होने के कारण उन्हें वापस भेज दिया। उन्हें कहा कि बिना अनुमति जिला की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
पंजाब में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हए मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन और सख्त हो गया है। अब पंजाब और राजस्थान से सिरसा में एंट्री करने वालों के लिए बॉर्डर पर पुलिस जांच के साथ-साथ स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भी तैनात कर दिया है। पूरी जांच के बाद ही केवल आवश्यक कार्यों के लिए आने वालोें काे ही जिला की सीमा में प्रवेश दिया ला रहा है। यहां पुलिस को तैनात किया गया और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भी। जहां एक ओर पुलिस गहनता से पूछताछ करती है वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी थर्मल स्कैनिंग के साथ-साथ स्वास्थ्य जांच भी करती है। इसके बाद यदि आवश्यक कार्य हो तभी पंजाब और राजस्थान से आने वालों को सिरसा की सीमा में एंट्री मिलती है।
पंजाब बॉर्डर पर लगे सूरतिया नाके पर तैनात एएनएम कुंती देवी, संदीप कुमार, प्रकाश सिंह, निर्मल आदि ने बताया कि कोरोना के बढ़ रहे प्रकोप पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान केवल महत्वपूर्ण कारण के चलते ही आने-जाने की छूट दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि सभी की स्क्रिनिंग कर व उनका पता और मोबाइल नंबर पूछ जाता है। उन्होंने बताया कि किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही ताकि लोगों को सुरक्षित माहौल मिल सके। इसका बाकायदा रिकार्ड भी तैयार किया जाता है और रजिस्टर में एंट्री की जाती है।



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हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर लगाए नाके पर तैनात पुलिस कर्मचारी प्रत्येक आने-जाने वाले से पूछताछ करते हुए।




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300 पुलिसकर्मी और 100 रेलवे कर्मचारी तैनात रहे, फिर भी प्लेटफॉर्म और ट्रेन में डिस्टेंस की उड़ीं धज्जियां, एक ही सीट पर बैठे 4-4 श्रमिक

(महबूब अली)भले ही हिसार रेलवे स्टेशन से बिहार के श्रमिकों के लिए चलाई स्पेशल ट्रेन के लिए पुलिस प्रशासन व रेलवे के अधिकारी सभी तैयारियों का दावा कर रहे हो। डिस्टेंस बनाने और सुरक्षा के लिए 300 पुलिस के जवानों के अलावा करीब 100 रेलवे के अधिकारी और कर्मचारियों को तैनात किया गया हो मगर बुधवार को दोपहर जब हिसार के अलावा हांसी, नारनौंद और बरवाला से बिहार के श्रमिक रेलवे स्टेशन पर पहंुचे तो मेन गेट के पास तो पुलिस ने श्रमिकों के बीच डिस्टेंस बना दिया। मगर आरपीएफ थाने के पास डिस्टेंस की खूब धज्जियां उड़ीं। यही नहीं ट्रेन की बोगियों में भी दो के बजाय एक सीट पर चार-चार श्रमिक बैठे नजर आए। जिनके बीच डिस्टेंस बनाने वाला कोई नहीं था। इस स्थिति में कोरोना काे किस तरह से मात दी जा सकती है। खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है। रेलवे स्टेशन पर पड़ताल के दौरान कुछ इस तरह का नजारा देखने को मिला। वहीं ट्रेन में सवार होते ही बिहार के कुछ श्रमिक जहां तुरंत ही सो गए। वहीं कुछ बॉलीवुड फिल्म तो कुछ सीरियल देखते नजर आए। वहीं जब एसएस से बात की तो उन्होंने कहा कि डिस्टेंस को लेकर पूरे इंतजाम किए जाएंगे।
ट्रेन में डिस्टेंस बनाने के लिए अलग से कर्मचारी किए जाएंगे तैनात

रेलवे अधिकारियों के अनुसार मुजफ्फरपुर को 7 मई को जाने वाली ट्रेन को लेकर जहां रेलवे स्टेशन पर 300 के करीब जवान तैनात रहेंगे। वहीं ट्रेन की बोगियों के अंदर डिस्टेंस बनाने को अलग से रेलवे कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक एक्स्ट्रा स्वास्थ्य टीम भी तैनात रहेगी।

आज दोपहर 2 बजे चलेगी ट्रेन, मुजफ्फरपुर जाएगी

स्टेश्न अधीक्षक केएल चौधरी ने बताया कि गुरुवार को भी दोपहर दो बजे हिसार से बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए स्पेशल ट्रेन चलेगी। जिसको चलाने की सभी व्यवस्था कर ली गई है। इस ट्रेन में भी श्रमिकों को भेजा जाएगा।

7.68 लाख के टिकट बांटे

एक टिकट की कीमत 640 रुपये थी। 1200 श्रमिकों को कुल 7 लाख 68 हजार के टिकट श्रमिकों को फ्री में दिए गए। जिनमें 85 प्रतिशत टिकट का खर्च केंद्र जबकि 15 प्रतिशत प्रदेश सरकार खुद वहन करेेगी।

डिस्टेंस के लिए ये होने चाहिए थे प्रयास

डिस्टेंस के लिए ये होने चाहिए थे प्रयास

  • हर बोगी में कर्मचारी तैनात होने चाहिए थे।
  • रेलवे स्टेशन पर डिस्टेंस बनवाने का सख्ताई से पालन करना चाहिए था।
  • लाउड स्पीकर से डिस्टेंस के साथ बैठने की अपील कर सकते थे।

हाथ सेनेटाइज कराने की तरफ नहीं दिया कोई ध्यान

  • रेलवे स्टेशन मेन गेट (सुबह 6 बजे) : एसपी गंगाराम पूनिया रेलवे स्टेशन के अंदर पहुंचते हैं। पुलिसकर्मियों को अलर्ट के साथ ड्यूटी देने के लिए कहते हैं। एसएस से भी व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। ट्रेन की बोगियों के बारे में भी जानकारी ली।
  • रेलवे स्टेशन का बाहरी गेट (10:20 बजे) : श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार होने के लिए बिहार के श्रमिक स्टेशन पर पहुंचते हैं। जिन्हें रेलवे स्टेशन छावनी में तब्दील नजर आता है। यहां पर काफी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी। दरवाजे पर बैठे स्वास्थ्य टीम स्क्रीनिंग के बाद श्रमिकों को बारी-बारी से डिस्टेंस और थर्मल स्क्रीनिंग साथ रेलवे स्टेशन के अंदर प्रवेश कराती है। हालांकि श्रमिकों के हाथ से सेनेटाइज करने की तरफ किसी ने भी कोई ध्यान नहीं दिया। बिना सेनेटाइज हुए ही श्रमिक अंदर जा रहे थे।
  • एसएस ऑफिस के बाहर (11 बजे) : डीसी डाॅ. प्रियंका सोनी व अन्य अधिकारी पहुंचते हैं। श्रमिकों को बच्चों के लिए खिलाैने व अन्य का वितरण किया जाता है। साथ ही डीसी श्रमिकों से डिस्टेंस के साथ जाने की अपील करती है।
  • आरपीएफ थाने के पास ( दोपहर 1 बजे) : यहां पर श्रमिकों के बीच डिस्टेंस के लिए सफेद निशान तो बनाए गए थे मगर श्रमिक जवानों की लापरवाही के कारण बनाए गए गोल निशान के अलावा उनके बाहर भी बिना डिस्टेंस के खड़े थे। हालांकि आरपीएफ के जवान डिस्टेंस बनाने की अपील कर रहे थे।
  • बोगी संख्या 07224 (दोपहर 1:20 बजे) : ट्रेन में रेलवे के अधिकारियों ने काेरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर बड़ी सीट पर एक पर दो जबकि छोटी सीट पर सिर्फ एक के ही बैठने के निर्देश दिए थे मगर बोगी में अधिकतर सीट पर चार-चार यात्री बैठे हुए थे। जिनके बीच डिस्टेंस बनाने के लिए कहने वाला ट्रेन के अंदर कोई नहीं था। भास्कर संवाददाता को श्रमिक इमरान, साजिद ने बताया क उन्हें किसी ने भी ट्रेन में डिस्टेंस बनाने के लिए नहीं कहा है।
  • रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की बोगी संख्या 09222 (दोपहर 1: 40 बजे): बोगी में जगह जगह एक सीट पर डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते हुए चार-चार यात्री बैठे हुए थे। जिनके बीच डिस्टेंस बनाने के लिए कहने वाला कोई नहीं था। बोगी में दस से अधिक स्थानों पर यात्री इसी तरह बैठे हुए थे।


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