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एक दिन में 48 पॉजिटिव, कुल 77, ये बड़ी चिंता, क्या अब भी हम लक्ष्मण रेखा से बाहर निकलकर खेलते रहेंगे?

कोरोना ने जिले में बड़ा पलटवार किया है। हम लक्ष्मण रेखा लांघते रहे और महामारी घर बुलाते रहे। अब एक ही दिन में 48 नए संक्रमित केस सामने आए हैं। नए केसों में से 38 हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालु हैं, जबकि शहर के अलग-अलग इलाकों से भी 10 पॉजिटिव आए हैं। इनमें से किसी का सोर्स पता नहीं और अब संक्रमण घनी बस्तियों में भी पहुंच चुका है। ये सबसे बड़ा खतरा है। 24 मार्च को जिले में पहला पॉजिटिव केस आया था। 37 दिन बाद एक ही दिन में महामारी का महाविस्फोट हो गया। जिले में कुल 77 पॉजिटिव केस हो चुके हैं। बुधवार को भी जिले में 11 नए पॉजिटिव केस सामने आए थे। कुल 29 पॉजिटिव थे। नए संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट वीरवार को मिली।
डीसी ने बताया कि जिले में अब तक 2380 सस्पेक्टेड मरीज आए। इनमें से 2018 की रिपोर्ट निगेटिव है। 316 की रिपोर्ट पेंडिंग है। नए 48 केसों में से श्रद्धालुओं के अलावा दूसरे राज्यों से लोटी 2 लेबर, महिला जेल से संबंधित एक मरीज और 6 शहर के विभिन्न इलाकों से और एक केस बीडीपीओ के संपर्क का है। डीसी ने लोगों से घरों में ही रहने व लॉकडाउन के नियमों का पालने करने अपील की है। नहीं तो हालात गंभीर हो जाएंगे। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि वीरवार को 44 रैपिड रिस्पाॅन्स टीमों ने 63 लोगों की जांच की। अमरपुरा इलाके में 120 घरों में 573 लोगों और चौकीमान में 49 घरों में 229 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें किसी भी व्यक्ति में बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए।

कोरोना संक्रमित होने वालों में 8-9 साल के बच्चे, 80 साल के बुजुर्ग भी

वीरवार को एक ही दिन में सामने आए 48 पाॅजिटिव केसों में 8 और 9 साल की बच्चियों से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग भी शामिल हैं। वहीं, लुधियाना के घुलार, सेह गांव व आर्या कॉलोनी से भी एक-एक नए केस सामने आए हैं। नए केसों के 34 संक्रमितों में से 12 मरीज एमसीएच वर्धमान में, 21 सिविल हॉस्पिटल लुधियाना और 1 व्यक्ति को सिविल हॉस्पिटल खन्ना में एडमिट हैं। वहीं, 7 अन्य संक्रमित मैरिटोरियस स्कूल में हैं, जबकि 7 अन्य को ट्रेस किया जा रहा है। नए पॉजिटिव केसों में हर उम्र वर्ग के लोग हैं। बच्चियाें में से एक लक्कड़ मंडी दोराहा और एक खमाणो से संबंधित है। वहीं, जिले में अब तक के सबसे उम्र दराज व्यक्ति भी पॉजिटिव आए हैं। 80 वर्षीय बुजुर्ग न्यू जनता नगर से संबंधित हैं। कई परिवारों के 2-2 लोग भी पॉजिटिव पाए गए हैं। सबसे बड़ी बात है कि इनमें से ज्यादातर के सोर्स पता ही नहीं हैं।

न्यू जनता नगर में 4, जनता नगर और शिमलापुरी में 3-3 पॉजिटिव केस

नए आए मामलों में न्यू जनता नगर, जनता नगर और शिमलापुरी जैसे इलाके भी हॉटस्पॉट बनने की ओर हैं। शिमलापुरी में जहां पहले एक मामला आ चुका है। वहीं, नए मामलों में भी शिमलापुरी के तीन नए मामले सामने आ गए हैं। वहीं, न्यू जनता नगर के एक साथ चार और जनता नगर से तीन मामले सामने आए हैं।

पॉजिटिव केसों में रायकोट से पुरुष(32), घुलार से पुरुष(48), आर्या कॉलोनी से महिला(38), शिमलापुरी से पुरुष(70), शिमलापुरी से पुरुष(75), शिमलापुरी से युवक(28), धांधरा से महिला(45), कोहाड़ा से युवक(27), शाम नगर से पुरुष(36), न्यू जनता नगर से पुरुष(63), न्यू जनता नगर से पुरुष(61), न्यू जनता नगर से पुरुष(80), जनता नगर से पुरुष(63), न्यू जनता नगर से पुरुष(63), छावनी मोहल्ला से महिला(65), अबदुल्लापुर बस्ती से पुरुष(23), ढोलेवाल से पुरुष(41), डॉ.अंबेडकर नगर से पुरुष(35), इस्लामगंज से पुरुष(22), देव नगर कॉलोनी से युवती(20), ग्यासपुरा से पुरुष(48), बागड़िया से पुरुष(30), जनता नगर से महिला(62), जनता नगर से पुरुष(65), लक्कड़ मंडी दोराहा से बच्ची(8), दोराहा से महिला(56), मुंडियां से युवक(18), समराला से पुरुष(49), घुंघराली सिखां से पुरुष(54), घुंघराली सिखां से महिला(51), खमाणो से महिला(39) व बच्ची(9), मोहाली से युवती(26), फतेहगढ़ साहिब से युवक(32) शामिल हैं। वहीं, देर रात छावनी मोहल्ला और शिमलापुरी को सील कर दिया गया है।

अब तब 221 श्रद्धालु आ चुके, कई अभी भी घरों-माेहल्लों में

श्री हजूर साहिब से 221 श्रद्धालु लुधियाना पहुंच चुके हैं। जिन्हें सिविल अस्पताल, मैरिटोरियस स्कूल, यूसीएचसी वर्धमान में रखा गया है। वहीं कुछ श्रद्धालु अभी भी घरों में हैं जिन्हें घरों से लाने के लिए छावनी मोहल्ला, अब्दुल्लापुर बस्ती, इस्लामगंज और ग्यासपुरा में सेहत टीम जुटी रही। वहीं, यूसीएचसी वर्धमान में कुल 100 मरीजों को दाखिल किया गया है। इसमें हजूर साहिब से लौटे 69, कोटा से 26, गुजरात से 1, हिमाचल प्रदेश से 1, मध्यप्रदेश से 2 और छत्तीसगढ़ से 1 मरीज को दाखिल किया गया है।

एसपीएस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स सहित 28 स्टाफ मेंबर्स निगेटिव
एसपीएस हॉस्पिटल में इलाज के लिए दाखिल हुई 6 महीने की बच्ची के पीजीआई चंडीगढ़ में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एसपीएस हॉस्पिटल के 28 स्टाफ मेंबर्स के सैंपल लिए गए थे। इसमें 4 डॉक्टर्स भी शामिल थे। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। हॉस्पिटल के एमडी जय सिंह और सीओओ डॉ.जतिंदर अरोड़ा ने बताया कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए अलग से स्टाफ को ड्यूटी दी गई थी।

एसीपी की पत्नी, एसएचओ की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव
फोर्टिस में दाखिल एसीपी नॉर्थ की पत्नी पलक कोहली, डीएमसी में दाखिल एसएचओ बस्ती जोधेवाल अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल और एसपीएस हॉस्पिटल में दाखिल एएसआई सुखदेव सिंह की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी के तीसरे सैंपल भेजे जाएंगे। उसके निगेटिव आने के बाद ही इन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जाएगा। वहीं, डीएमओ जसबीर कौर का दूसरा सैंपल बुधवार को भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। जानकारी के मुताबिक कुल 115 पुलिस अधिकारियों के सैंपल लिए गए थे, सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इनमें से 85 पुलिस मुलाजिम क्वारेंटाइन पीरियड खत्म कर ड्यूटी जाॅइन कर चुके हैं।

घर जाने को करें covidhelp.punjab.gov.in पर अप्लाई

जिले में दूसरे राज्यों से आए लोग(सिर्फ माइग्रेटरी) अगर अपने राज्यों को जाना चाहते हैं तो ये सुविधा अब जिला प्रशासन की तरफ से देने की बात की गई है। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि दोनों राज्यों(जहां काम कर रहे और जहां जाना है) की तरफ से परमिशन मिलने के बाद उन लोगों को उसके घर पहुंचा दिया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इसके लिए पंजाब सरकार की वेबसाइट पर जाकर जानकारी सबमिट करनी होगी । इसके लिए बाकायदा वेबसाइट जारी की गई है। covidhelp.punjab.gov.in पर एक दो दिन में प्रोसेस अपलोड किया जाएगा।



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48 positives in a day, a total of 77, this big concern, will we still keep playing outside the Laxman Rekha?




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पुलिस ने राशन बांटने के लिए 400 लोगों को बुलाया, एक हजार से ज्‍यादा पहुंचे; सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी

लुधियाना में कर्फ्यू के बीच शनिवार को पुलिस की खासी फजीहत हुई। एक तरफ जहां शहर में रोज राशन के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं आज फिर उस वक्त हालात बिगड़ गए, जब यहां पुलिस ने राशन बांटने के लिए लोगों को बुलाया था। दरअसल, हेल्पलाइन नंबर 1905 पर राशन की डिमांड करने वाले लोगों को शनिवार को मोती नगर में बुलाया था। लोग सुबह 8 बजे से ही लाइनों में लगना शुरू हो गए और नतीजा यह हुआ कि बुलाया 400 को गया था, जबकि यहां 1 हजार से ज्यादा की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की भी धज्जियां उड़ी नजर आई। बड़ी मुश्किल से लाठचार्ज करकेइन्हें काबू करना पड़ा।


लुधियाना महानगर के मोती नगर इलाके में शनिवार को एकाएक भीड़ दिखना शुरू हो गई। बताया जाता है कि यहां पुलिस ने उन लोगों को राशन देने के लिए बुलाया था, जिन्होंने हेल्पलाइन नंबर 1905 पर राशन की जरूरत के बारे में कॉल किया था। लोग सुबह 8 बजे से ही लाइनों में लगना शुरू हो गए। फिर जब पुलिस अधिकारी कम्युनिटी सेंटर के अंदर बैठकर राशन बांट रहे थे तो बाहर भारी भीड़ जुटी थी। घंटों अपनी बारी का इंतजार करके परेशान हो चुके लोग गेट पर एकत्रित हो गए।

मोती नगर कम्युनिटी सेंटर के बाहर राशन के लिए जमा हुई श्रमिकों की भीड़। घंटों इंतजार करके ये लोग गेट पर इकट्‌ठा होने लगे तो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आए।

लोगों का आरोप है कि पुलिस बार-बार बाहर आकर लोगों को डंडे भी मार रही है।दूसरी तरफ पुलिस का कहना था कि बेकाबू हुई भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना जरूरी हो गया था। विभाग ने ओटीपी जारी कर राशन के लिए 400 लोगों को बुलाया था, जबकि यहां एक हजार से ज्यादा लोग पहुंच गए।



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लुधियाना के मोती नगर कम्युनिटी सेंटर के बाहर राशन के लिए बेकाबू हुई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी उठाए हुए पुलिस कर्मचारी।




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4 साल के बच्चे के जन्मदिन पर केक लेकर पहुंची पुलिस, सरप्राइज देकर बोली 'हैप्पी बर्थ-डे टू यू'

कोरोना वायरस के चलते लगाए गए कर्फ्यू के बीच अपने जन्मदिन न मनाए जाने पर मायूस हुए 4 साल के बच्चे को पुलिस ने सरप्राइज दिया। बच्‍चे के घर केक लेकर पहुंची पुलिस की पूरी टीम ने उसे बधाई देते हुए हैप्पी बर्थ-डे टू यू का गीत गाया। पुलिस के सरप्राइज से मासूम का चेहरा खिल गया। इसके साथ ही इलाके में पड़ोस के लोग भी पुलिस के इस कार्य को देख कर खुशी से झूम उठे और पुलिस की तारीफ की।
हुआ यूं कि सेखेवाल रोड सरदार नगर की गली नंबर दो निवासी किरण के बेटे दिव्यान का रविवार को जन्मदिन था। पिछले डेढ़ महीने से घर में बैठे दिव्यान को परिवार ने इतना तो समझा ही दिया था कि इस बार उसका जन्मदिन नहीं मनाया जा सकता।


किरण ने बताया कि कुछ दिन पहले पड़ोस की एक महिला ने उसे बताया कि लॉकडाउन के बीच पुलिस उन बच्चों के जन्मदिन मना रही है, जो घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। महिला की बात दिव्यान के दिमाग में घर कर गई। वो एक सप्ताह से शोर मचा रहा था कि उसके जन्मदिन पर पुलिस उसे केक देने के लिए आएगी। किरण ने कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। रविवार सुबह उसे किसी ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन करने से उसकी मुश्किल का हल हो सकता है।


सुबह 8.30 बजे उसने पुलिस कंट्रोल रूम के 78370-18500 नंबर पर कॉल करके अपने बच्चे के जन्मदिन के बारे में जानकारी दी। खुशी से चहकती किरण ने कहा कि ठीक 9.15 बजे उसके घर के बाहर थाना दरेसी पुलिस की गाड़ी आकर रुकी। उसके पीछे पीसीआर का एक मोटरसाइकल भी था। जिसमें थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विजय कुमार, एएसआई हरभजन सिंह, राजिंदर सिंह और पीसीआर पर तैनात एएसआई बलजीत सिंह व हरजीत सिंह थे। उन लोगों ने आकर बेल बजाई। इस पर दिव्यान के पापा कृष्ण गोपाल उसे लेकर बाहर गए।


पुलिस ने दिव्यान को केक और चॉकलेट देते हुए उसके जन्मदिन की बधाई दी और हैप्पी बर्थडे टूयू का गीत गाया। पहले दिव्यान केक व चॉकलेट लेने से झिझकता रहा। मगर बाद में उसने वो दोनों चीजें ले लीं। अपने जन्मदिन पर पुलिस की ओर से दिए गए उपहार को पाकर वो फूला नहीं समा रहा था। किरण ने कहा कि पुलिस ने उसके बेटे के जन्मदिन को यादगार बना दिया।



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लुधियाना के सेखेवाल रोड स्थित सरदार नगर में केक लेकर पहुंची पुलिस और बच्चे के परिजन।




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अपराधी ‘होम क्वारेंटाइन’ 42 दिन में सिर्फ 37 घटनाएं और अपराध

कोरोना वायरस के खौफ और कर्फ्यू के कारण शहर में क्राइम ग्राफ काफी कम हो गया है। अगर जनवरी से लेकर अप्रैल तक के क्राइम रिकाॅर्ड को देखें तो जनवरी से 23 मार्च तक शहर में कुल 470 वारदातें हुईं। जबकि 24 मार्च से 4 मई तक कर्फ्यू के 42 दिनों में मात्र 37 मामले ही सामने आए हैं। इनमें चोरी, लूट, स्नेचिंग, एक्सिडेंट, मर्डर, किडनैपिंग, शराब तस्करी, गैंगरेप, रेप, नौसरबाजी, ठगी के मामले शामिल हैं।
इसके अलावा नशा तस्करी की बात करें तो पिछले 83 दिनों में पुलिस ने 20 किलो के करीब हेरोइन, 5 किलो के करीब अफीम व नशीली वस्तुएं पकड़ी हैं।

जबकि कर्फ्यू में सिर्फ 30 अप्रैल को ही एक किलो हेरोइन के साथ तस्कर पकड़े गए। इन 39 दिन में 20 मामले शराब तस्करी के है। इसके अलावा मारपीट 10, स्नेचिंग 4, मर्डर 2, लापता 3, चोरी 8, तस्करी 5, रेप 3, सट्टेबाजी 2, लूट 1, खुदकुशी को मजबूर करने 3, खुदकुशी 4 के मामले सामने आए हैं। इस दौरान तीन छोटे एक्सिडेंट भी हुए हैं। वहीं कफ्र्यू से पहले रोज कभी हत्या, कभी लूट तो कहीं अन्य क्राइम के केस आते थे। इस तरह से लॉकडाउन के दौरान कोरोना के डर से अपराधी खुद ही घरों में क्वारेंटाइन हो गए हैं।

पुलिस को भी मिली बड़ी राहत
इन वारदातों और हादसों के कारण पुलिस मुलाजिम इन्हीं में फंसे रहते थे। जिस कारण शहर की सुरक्षा में काफी दिक्कतें आती थी। लेकिन इन वारदातों के रुकने पर पुलिस को भी बड़ी राहत मिल सकी है। हालांकि, उन्हें करोना वायरस के दौरान नाकों व शहरवासियों की सुरक्षा में लगाया गया है। जबकि इसी तरह आगे भी चाहिए कि वारदातों को कम किया जाए, ताकि शहर सुरक्षित रह सके। जबकि इसी के साथ नशा तस्करी पर भी लगाम लगाई जा सकी है। पहले हेरोइन समेत अन्य नशों की खेप पकड़ी जा रही थी। लेकिन पिछले 42 दिनों में नशा तस्करी के सिर्फ 3 से 4 मामले ही सामने आए हैं। इन मामलों के कम होने पर नशा भी कम हो सकेगा।



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3454 के भेजे सैंपल, एक और संक्रमित मिला, जिले में अब तक 142 पॉजिटिव केस

सोमवार रात को 13 और मंगलवार को 1 पॉजिटिव केस सामने आया। इनमें 6 रायकोट और जगराओं से हैं। सिविल अस्पताल में भर्ती 7 मरीजों में 6 पुरुष और 1 महिला है। मंगलवार को आया केस बठिंडा से जुड़ा है। इनमें 9 हजूर साहिब से लौटे, 4 कंबाइन चलाने वाले मजदूर परिवार के लोग और 1 अन्य बठिंडा से जुड़ा है। जगराओं के सिविल अस्पताल में 5 पॉजिटिव मरीजों को दाखिल किया गया। इसमें 1 केस जगराओं और 4 केस रायकोट से जुड़े हैं। जगराओं मानूके का 54 वर्षीय पुरुष भी पॉजिटिव है। इसके साथ रखे गए 4 अन्य लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन इन सभी को एक साथ एक वॉर्ड में रखा गया था।

4 साल की बच्ची भी पॉजिटिव

वहीं, 4 साल की बच्ची भी पॉजिटिव है। ये अब तक का सबसे कम उम्र का पॉजिटिव केस है। गांव कालसा के कंबाइन चालक और गांव लक्खा सिंह वाले के मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसके 4 घरवालों की भी रिपोर्ट पॉजिटिव है। इसमें 4 साल की बच्ची, 31 वर्षीय महिला, 65 वर्षीय महिला और 68 वर्षीय पुरुष पॉजिटिव हैं। एसडीएम रायकोट डॉ. हिमांशु गुप्ता ने बताया कि कालसा का कंबाइन चालक के 4 घरवालों और जलालदीवाल के श्री हजूर साहिब नांदेड़ से आए सिख श्रद्धालु की बीती रात रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

अब तक 2831 को किया होम क्वारेंटाइन
मंगलवार तक जिले से 3454 शकी मरीजों के सैंपल भेजे गए हैं। इसमें से 2963 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। मंगलवार को 165 लोगों के सैंपल भेजे गए। 349 सैंपल्स की रिपोर्ट आनी शेष है। अब तक कुल 142 लोग जिले में पॉजिटिव आए हैं। इसमें से 124 लुधियाना और 18 अन्य जिलों-राज्यों से हैं। जिले के 8 लोग स्वस्थ होकर लौट चुके हैं। वहीं, 5 की मौत हो चुकी है। जिले में अब तक कुल 2831 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया जा चुका है।

सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि मंगलवार को 47 रैपिड रिस्पांस टीमों ने 286 लोगों की स्क्रीनिंग की। इसमें से 229 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया। सिविल अस्पताल में काम कर चुकी और पॉजिटिव आई हाउस सर्जन के संपर्क में आने वाले स्टाफ मेंबर्स के सैंपल के सवाल पर डॉ. बग्गा ने बताया कि जो लोग उनके संपर्क में आए हैं, उनके सैंपल 5 दिन बाद लिए जाएंगे।

ईएसआई के 4 डॉक्टर्स समेत 26 की रिपोर्ट निगेटिव
ईएसआई के 26 लोगों के लिए सैंपल निगेटिव मिले हैं। इसमें 4 डॉक्टर्स, 3 मरीज और 19 अन्य स्टाफ मेंबर्स की ओर से सैंपल दिए गए थे, जोकि निगेटिव आए हैं। वहीं, दो अन्य डॉक्टर्स की ओर से प्राइवेट लैब में सैंपल दिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। इन स्टाफ मेंबर्स ने जॉइन कर लिया है।

पॉजिटिव मरीज के परिवार के लिए सैंपल
हरगोबिंद नगर के 30 साल के मरीज के नवांशहर में पॉजिटिव आने के बाद उसके घरवालों और 5 दूसरे परिवारों के सैंपल लिए गए। कुल 14 मेंबर्स के सैंपल लिए गए। सैंपल दिलवाने के लिए मौके पर पुलिस पहुंची, जिन्होंने मेडिकल टीम को मौके पर बुलाया और सभी के सैंपल ले जाकर क्वारेंटाइन किया गया।



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लाॅकडाउन में भी अवैध असलहे का हो रहा इस्तेमाल, 40 दिन में 4 वारदातें

सूबे में लॉकडाउन और चप्पे-चप्पे पर पुलिस। फिर भी वारदातों का सिलसिला जारी है। मामले चोरी और स्नेचिंग की नहीं। बल्कि सरेआम गोलियां चल रही हैं। इसमें अवैध असलहा इस्तेमाल हो रहा है, जोकि लगातार शहर में आ रहा है। मगर इन पर किसी तरह का कोई चेक नहीं है, क्योंकि पुलिस कोरोना के चक्रव्यूह में घिरी है। हैरानीजनक है कि गोलीकांड के ये मामले उन इलाकों में हुए, जहां पुलिस की सबसे ज्यादा चौकसी थी।

आकंड़ों की बात करें तो लॉकडाउन के 40 दिनों में अवैध असलहे के 4 मामले सामने आए। इसमें से एक शख्स को ही पुलिस ने असलहे के साथ गिरफ्तार किया था। उसने खुलासा किया था कि अवैध असलहे का धंधा शहर में तेजी से चल रहा है। असलहा देने वाले भी यहीं के है और लेने वाले भी। बस फर्क इतना है कि पुलिस को नजर नहीं आ रहे। जबकि वो खुलेआम इस धंधे को कर रहे हैं।

सामान डिलीवरी की आड़ में असलहा सप्लाई
सूत्रों के मुताबिक दूसरे राज्यों से आया देसी असलहा शहर में लॉकडाउन से पहले का पड़ा है। इसकी सप्लाई अब होने लगी है। इसके लिए डिलीवरी पास अहम भूमिका निभा रहा है। दस्तावेज लगाकर पास बनवाने के बाद उसी आड़ में असलहा इधर से उधर पहुंच रहा है। रास्ते में चेकिंग तो नहीं होती। सिर्फ पास देखकर जाने दिया जाता है। इसी वजह से असलहा आसानी से शहर में मूव कर रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक डिवीजन 7 और बहादुरके रोड पर जो फायरिंग के दो मामले सामने आए वो दोनों ही देसी असलहे से किए गए हैं।

दोगुने रेट पर बेच रहे हथियार

सप्लाई का रिस्क बढ़ा तो सप्लायरों ने असलहे का रेट भी बढ़ा दिया है। 40 हजार में मिलने वाला देसी असलहा अब 75 और 80 हजार में बिक रहा है। इसकी डील के लिए सप्लायर मैसेंजर काॅल्स कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें इतना पता चल गया है कि वॉट्सएप काॅल्स भी रिकॉर्ड हो सकती हैं। लिहाजा उन्होंने असलहे की सप्लाई का ट्रेंड चेंज कर दिया। एक महीने पहले पुलिस ने देसी कट्टे के साथ पकड़े एक शख्स ने भी इसका खुलासा किया था।

इन मामलों में हुआ देसी असलहे का इस्तेमाल

  • डिवीजन 7 में गैंगस्टर अजय पंडित ने साथियों के साथ मिलकर पिस्तौल से प्रॉपर्टी डीलर को पीटा।
  • बहादुरके रोड पर अजय पंडित ने साथियों संग युवक को गोली मारी
  • नाके पर पक्खोवाल रोड इलाके से पुलिस ने असलहे समेत युवक को काबू किया था।
  • टिब्बा रोड पर बाइक सवार पर फायरिंग का मामला, हालांकि मामले में केस दर्ज नहीं हुई, क्योंकि गोली बाइक पर लगी थी।

लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन काबू

लुधियाना| लाॅकडाउन में रात को लोगों से लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को सीआईए-3 की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गुरमीत सिंह उर्फ सन्नी, प्रेम सिंह उर्फ काकू और प्रिंस कुमार के रूप में हुई है। उनके कब्जे से मोबाइल और बाइक बरामद हुआ है। सीआईए इंचार्ज यशपाल शर्मा ने बताया उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि जीटी रोड पर कानपुरी ढाबा के नजदीक आरोपी घूम रहे हैं, जोकि लूटपाट को अंजाम देते हैं। पुलिस तीनों आरोपियों को काबू कर लिया।

कुल्हाड़ी मार लूटी नकदी, मोबाइल

लुधियाना| लोहारा में सब्जी लेने जा रहे शख्स के पैर को कुल्हाड़ी से काट तीन लूटेरो ने नकदी और मोबाइल लूट लिया। लोगांे ने घायल उदय को निजी अस्पताल में पहुंचाया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।



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महीने का औसत बारिश 34.1, तीन दिन में 46.3 मिमी पानी,पारा गिरा 2 डिग्री

वैशाख के महीने में ही सावन जैसी झड़ी लग गई है। मई के 7 दिनों में 3 दिन तेज बारिश हुई। इस महीने की औसत वर्षापात 34.1 मिमी है। जबकि महीने के पहले सप्ताह में ही 46.3 मिमी बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार अभी बारिश की संभावना बनी हुई है। गुरुवार की दोपहर अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। दिन में ही अंधेरे ने घेर लिया।

तेज आंधी के साथ जमकर एक घंटे बारिश हुई इससे पूरा शहर और ग्रामीण इलाका पानी-पानी हो गया है। कृषि विभाग में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश के साथ ठंडी हवा चलने से तापमान 2 डिग्री लुढ़क कर 33 डिग्री पर आ गया। जिले में यह पश्चिमी विक्षोभ की बारिश है। बीते साल 11 जून को पहली बारिश 6.6 मिमी दर्ज की गई थी। बारिश के कारण गर्मी से पूरी तरह से छुटकारा मिल गया। दिन में पंखे भी कूलर जैसी ठंडी हवाएं दे रहे थे।

एक घंटा गिरा पानी
बता दें कि सुबह बादलों के बाद 11 बजे मौसम साफ हो जाने से गर्मी के साथ उमस ने परेशान कर दिया था। दोपहर 1 बजे के बाद मौसम ने करवट बदली अाैर तेज बारिश हुई। दिन भर आसमान में बादलों ने डेरा डाल दिया।
तैयारी: नप ने पूरी की नालों की सफाई
बारिश का दौर शुरू होते ही नगर परिषद ने नालों की सफाई भी तेज कर दी थी। बता दें कि बीते साल तेज बारिश के कारण मिंज स्टेडियम रोड, अधिवक्ता नगर, शिक्षा विभाग, कोर्ट परिसर व बस स्टैंड आदि स्थानों पर जल जमाव की स्थित पैदा हो गई थी। इसका प्रमुख कारण था कि नाले चाेक हो गए थे। नगर परिषद के ईओ सुनिल कुमार ने बताया कि शहर के सभी नालों की सफाई पूरी कर ली गई है। ताकि बारिश के सीजन में फिर से शहर में कहीं जल जमाव की स्थित पैदा न हो।

आगे क्या: बढ़ेगा तापमान
रविवार तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। धूप- छांव के साथ तापमान में रोजाना एक डिग्री वृद्धि होने की संभावना हैं। उत्तरी हवा के कारण गर्म हवा से राहत मिलेगी। लेकिन उमस परेशान कर सकती है।
मई में पिछले साल से बेहतर बारिश
जिले की औसत बारिश 11 एमएम रिकार्ड की गई। जिसमें पूर्वाचल में 4 एमएम, पश्चिमी इलाके में 12 एमएम और जिले के दक्षिणी इलाके में 12 एमएम बारिश दर्ज की गई। बता दें कि जिले की सलाना औसत बारिश 1020 एमएम है।

पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता में इजाफा
पिछले चार सालों में मौसम की गतिविधियों को देखते हुये इसकी तात्कालिक वजह पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता में इजाफा होना है। बीते जनवरी- फरवरी में पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा आये, अभी मई में ही दो बार पश्चिमी विक्षोभ आ चुके है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि कम समय के अंतराल पर और बार- बार पश्चिमी विक्षोभ के आने के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट वर्षा चक्र पर असर डालता है।



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Monthly average rainfall 34.1, three days 46.3 mm water, mercury dropped 2 degrees




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जिले में मैट्रिक की 94.19% आंसरशीट की जांच पूरी, 18220 कॉपियों की जांच बाकी

मैट्रिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं की 94.19% जांच गुरुवार तक जिले में पूरी कर ली गई। जिले के 6 मूल्यांकन केंद्रों पर कॉपियों की जांच की जा रही है। इनमें से 3 मूल्यांकन केंद्रों पर शत-प्रतिशत जांच पूरा कर लिया गया है। वाट्सन प्लस टू उच्च विद्यालय मूल्यांकन केंद्र में हिंदी की 45636 आवंटित उत्तरपुस्तिकाओं में से 41700 की जांच गुरुवार तक पूरी कर ली गई है, जबकि शेष 3936 की जांच शेष है। उर्दू की 6458 उत्तरपुस्तिकाओं में से सभी की जांच पूरी कर ली गई है। अरबी की भी एक उत्तरपुस्तिका की जांच पूरी कर ली गई है। प्लस टू उवि जितवारपुर के एक मूल्यांकन केंद्र पर अंग्रेजी की 522128 में से 45560 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पूरी कर ली गई है।

सभी मूल्यांकन केंद्रों को किया गया सेनेटाइज
वहीं प्लस टू उच्च विद्यालय जितवारपुर के दूसरे मूल्यांकन केंद्र पर गणित विषय की 52 हजार 147 उत्तरपुस्तिकाओं में से 45 हजार 431 की जांच पूरी कर ली गई है, जबकि 6 हजार 716 की जांच शेष है। यहां उच्च गणित के सभी उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पूरी कर ली गई। कुल 3 लाख 13 हजार 518 उत्तरपुस्तिकाओं में से 2 लाख 95 हजार 298 उत्तरपुस्तिकाओं की विषवार जांच की गई। जबकि 18 हजार 220 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच शेष है। डीईओ नसीम अहमद ने कहा कि मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच युद्ध स्तर पर चल रही है। सभी केंद्रों को सेनेटाइज किया गया है।



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पहली बार साढ़े 16 घंटे में पूरा हुआ 28 घंटे का सफर; कोटा से घर लौटे 1204 स्टूडेंट्स

कोटा से मोतिहारी तक 28 घंटे का सफर गुरुवार को महज साढ़े 16 घंटे में तय हो गया। स्पेशल ट्रेन वहां फंसे 1204 छात्रों को लेकर सुबह 5:33 बजे बापूधाम स्टेशन पर पहुंची। इस ट्रेन में मोतिहारी के 555 के अलावे बेतिया, गोपालगंज, शिवहर, वैशाली के छात्र थे। स्टेशन पर पहुंचते ही उपस्थित अधिकारियों ने बच्चों का ताली बजाकर स्वागत किया। जबकि अंदर से बच्चे भी हाथ हिलाकर व विक्ट्री चिन्ह दिखा व शोर मचा आभार व्यक्त किए।
ट्रेन पहुंचते ही 24 बोगियों में बैठे सभी छात्र-छात्राओं ने फार्म भर कर घर में क्वारेंटाइन रहने की शपथ ली। अधिकारियों ने तीन-तीन बोगी के बच्चों को एक बार में ट्रेन से उतारा गया। उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर हाथ पर मुहर लगाई गई। उसके बाद बच्चें अपना सामान लेकर बाहर चले अाए। मुख्य द्वार पर खड़े अधिकारी ने बच्चों को फूल देकर उनका स्वागत किया। स्टेशन के बाहर खड़ी बस में बच्चों को नाश्ता का पैकेट व पानी दिया गया। पुलिस सुरक्षा में सभी बच्चें अनुमंडल मुख्यालय गए। वहां से उन्हें घर को भेज दिया गया। स्टेशन पर अभिभावकों के प्रवेश पर प्रशासन ने रोक लगा रखी थी। जिस कारण बच्चें अपना सामान खुद ही बाहर निकाले। हालांकि, उनकी सहायता के लिए रेल कर्मियों को ट्राली के साथ लगाया गया था। सामान अधिक होने के कारण बच्चों को काफी परेशानी हुई। अपर समाहर्ता शशी शेखर चौधरी ने बताया कि एक-दो बच्चें मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, वैशाली व पटना के आ गए थे। जिन्हें छोटी गाड़ियों से भेजा गया।
छात्रों के पहुंचते खुशी से बजाने लगी तालियां
स्टेशन पर जब ट्रेन पहुंची तो ट्रेन में बैठे छात्र-छात्राओं ने खुशी जाहिर करते हुए ताली बजाई। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों व कर्मियों ने भी ताली बजाकर व हाथ हिलाकर उनकास्वागत किया। ट्रेन से उरतने वाले सभी छात्र-छात्राओं के चेहर पर मुस्कान थी।

बच्चों ने कहा- कोटा में एक-एक दिन बिताना हो रहा था मुश्किल

राजा बाजार के आशीष रंजन गिरि ने बताया कि लॉकडाउन के पहले कोटा में घर की याद नहीं आती थी। लेकिन लॉकडाउन के दौरान एक-एक दिन काटना भी मुश्किल हो रहा था। संग्रामपुर थाना क्षेत्र के इंद्रगाछी निवासी रितिक रोशन ने बताया कि सुबह-शाम मोबाइल से अपनों के बीच की दूरियां मिटाने की कोशिश कर रहे थे। ढाका के पड़री निवासी जुनेउल्लाह ने बताया कि ट्रेन खुली तो राहत मिली।

बसों से भेजा गया बेतिया व गोपालगंज

छोटी गाड़ियों से भेजा जा रहा है

ट्रेन से आए 1166 छात्र-छात्राओं को बेतिया, गोपालगंज व शिवहर भेजने के लिए वहां से बसें आई थी। डीटीओ अनुराग कौशल सिंह ने बताया कि मोतिहारी के लिए 22, बेतिया से 30 व गोपालगंज के लिए 14 बसों की व्यवस्था की गई थी। पूर्वी चंपारण के बच्चों को प्रखंडवार मुख्यालय में भेजा गया। जबकि बेतिया व गोपालगंज के बच्चों को जिला मुख्यालय। वहीं शिवहर के बच्चों को मधुबन तक भेजा गया।



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खुशी के आंसू | अपनी मां से मिलने के बाद छात्रा के छलक पड़े आंसू।




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पाटन के 143 गांव में लगाए जाएंगे नए ट्रांसफार्मर

पाटन विधानसभा क्षेत्र के 143 गांव में पिछले लंबे समय से वोल्टेज एक बड़ी समस्या है। आए दिन स्थानीय ग्रामीणों को वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा। बिजली कंपनी के सर्वे में इसका खुलासा हुआ। अब इन गांव के आसपास लगे ट्रांसफार्मर को अपग्रेड किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर नए ट्रांसफार्मर भी लगाए जाएंगे। इसके सर्वे का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। करीब 63.70 लाख रुपए इस पर खर्च होंगे। इसकी प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति बिजली कंपनी द्वारा ली गई है। इस अपग्रेडेशन से ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ेगी।

बिजली कंपनी ने पूरे पाटन क्षेत्र में किया है सर्वे
बिजली कंपनी ने पूरे पाटन क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को लेकर सर्वे किया। इस दौरान 143 गांव तक बिजली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी पहुंचे। 43 नग 11 केवी फीडरों का अंतिम छोर तक परीक्षण किया गया। लगे ट्रांसफार्मर व ट्रांसफार्मरों से गई एलटी लाइन की जानकारी जुटाई गई।

9 गांव में लगेंगे अतिरिक्त ट्रांसफार्मर
सर्वे के बाद प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इसमें मेटनेंस के अलावा 9 गांव में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाया जाना तय किया गया। इन गांव की 5 बस्तियों में सिंगल फेस लाइनों को थ्री फेस में परिवर्तित करना तय किया गया। इस प्रकार अलग-अलग 25 कार्यों को स्वीकृति दी गई। कार्यपालक निदेशक संजय पटेल ने बताया कि स्वीकृत कार्यों को शुरू किया जा चुका है। वोल्टेज की समस्या दूर करेंगे।

जुलाई तक काम होगा पूरा
नए ट्रांसफार्मर लगाए जाने, बिजली तारों को बदलने व पुराने ट्रांसफार्मर का मेटनेंस शुरू कर दिया गया है। कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी नियमित रूप से कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे। जुलाई तक कार्य पूर्ण करने का टार्गेट रखा है।

जल्द कार्य को पूरा करेंगे
"इन कार्यों में कुल व्यय होने वाली राशि 63 लाख 70 हजार रुपए है। स्वीकृति उपरांत कार्यादेश जारी किए गए हैं एवं टेंडर प्रक्रिया चालू कर दी गई। कार्यों को जुलाई माह के अंत तक पूर्ण कर लेंगे।"
-वीआर मौर्या, अधीक्षण अभियंता



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New transformers will be installed in 143 villages of Patan




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40 किलोमीटर की रफ्तार के साथ हुई बारिश ने बढ़ाई किसानाें की परेशानी

जिले में गुरुवार को 40 किलोमीटर प्रतिघंटा के रफ्तार से चली तेज हवा के कारण कुछ देर आंधी आ गई। इस दौरान 1.4 मिलीमीटर की बारिश भी हुई। तेज हवा चलने के कारण शहर के कई जगहों पर लगे सरकारी बैनर होर्डिंग भी टूटकर बिखर गए। जबकि कई जगहों पर कुछ बृक्षों के गिरने से आसपास के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हो गए। अपराह्न के करीब पौने तीन बजे आई आंधी से शहर के खरैहिया बस्ती वार्ड संख्या 10 के अरुण झा के घर पर एक आम का पेड़ गिरा गया। पेड़ गिरने के कारण घर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। इसी तरह शहर के कई मोहल्लों में फुस घर के टिन का छत उड़ गया। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गुरुवार को सुबह से काफी उमस भरी गर्मी पड़ रहा था। जिससे लोग काफी हलकान महससुस कर रहे थे। तेज रफ्तार से हवा बहने के कारण लोगों ने ठंड महसूस किया। लोगों ने गर्म कपड़े पहन पड़े। तेज रफ्तार की हवा के साथ हुई बारिश ने किसानाें ने परेशानी बढ़ा दी। मकई की फसल काटने के पूर्व ही खेताें में धराशायी हाे गए।
अचानक मौसम में बदलाव और तेज रफ्तार की हवा बहने के कारण आम के बगीचों में काफी मात्रा में छोटे छोटे आम टूटकर गिर गया, जिससे आम के व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंचा है। तेज रफ्तार की हवा बहने से किसान के खेत में लगे मकई के पौधों को काफी नुकसान हुआ है। खेत में लगी मकई के पौधे बीच से ही टूटकर खेताें में गिर गए। जिससे किसान एक बार फिर सकते में आ गई है। मकई की खेती करने वाले किसान संजय सिंह, मो मोईन, सुधीर विश्वास ने बताया कि इस वर्ष बार बार तेज आंधी तूफान आने के कारण हम किसान काफी चिंतित हैं। लॉक डाउन में सब कार्य बाधित हो गया है और खेत में लगी मकई की पौधे भी टूटकर गिर गया।



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तेज हवा से गिरा आम का वृक्ष और घर।




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स्पेशल ट्रेन से 17 घंटे का सफर तय कर बिहारशरीफ पहुंचे कोटा में फंसे 1064 छात्र, एक भी संदिग्ध नहीं

लॉकडाउन की मजबूरी और कोरोना संक्रमण के भय के बीच राजस्थान के कोटा में फंसे 1064 छात्र-छात्राओं का जत्था गुरुवार को करीब 17 घंटे का सफर तय कर बिहारशरीफ पहुंचा। दोपहर 2 बजकर 18 मिनट पर स्पेशल ट्रेन बिहारशरीफ स्टेशन पर रूकी। ट्रेन रूकते ही स्टेशन पर मौजूद लोगों ने स्वागत किया। सबसे पहले बिहारशरीफ के विद्यार्थियों को ट्रेन से एक-एक कर उतारा गया और स्क्रीनिंग करायी गयी। बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर बनाए गए 23 सुविधा काउंटरों पर सभी विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी।

वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने सभी को होम क्वारान्टीन की हिदायत दी। साथ ही वहां मौजूद शिक्षक सभी छात्रों को आरोग्य सेतु एप लोड करने को बोल रहे थे। साथ ही कर्मियों द्वारा छात्रों के फॉर्म को भी चेक किया जा रहा था और जिन छात्रों के पास फॉर्म उपलब्ध नहीं थे उन्हें फॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा था। सभी का पहले थर्मल स्कैनिंग और मेडिकल चेकअप किया गया। उसके बाद छात्रों से शपथ पत्र लिया गया। जिसमें होम क्वारान्टीन रहने की बात कही गयी थी।
बच्चों को दिया नाश्ता और खाने का पैकेट
सभी को नाश्ता-खाने का पैकेट और पानी का बोतल देकर स्टेशन के बाहर खड़ी बस में बैठने के लिए रवाना किया गया। नाश्ते के पैकेट में मास्क भी था। वहां से बाहर जिले के विद्यार्थी उस जिले के बैनर लगे बस में बैठे। नालंदा के विद्यार्थी संबंधित प्रखंडों के बस में बैठे। रेलवे स्टेशन पर बने गए सुविधा काउंटर पर अधिकारियों की पूरी टीम पहले से ही तैनात थी।
चेहरे पर दिखी खुशी: कोटा से बिहारशरीफ़ छात्रों का जत्था पहुंचने पर छात्र-छात्राओं की खुशी देखते ही बनती थी। बिहारशरीफ की छात्रा अक्षरा ने ने बताया कि कोटा में पिछले 40 दिन जिस तरह से बीता है वह बताने में भी डर लगता है।

17 घंटे बाद मिला खाना
बिहारशरीफ की विद्या रौशन कृति, स्वीटी आदि ने बताया कि कोटा से बुधवार की रात 9 बजे चलने के समय खाना दिया गया था। फिर रास्ते में एक जगह मात्र बिस्कुट और पानी दिया गया। इसके बाद बिहारशरीफ में ही नाश्ता और खाना का पैकेट मिला।

मेस हो गया था बंद, खाने की थी मुश्किल: सौरभ व उनके अन्य साथियों ने बताया कि दूसरे राज्यों के छात्र पहले ही चले गये थे। संख्या कम होने के कारण हॉस्टल का मेस पहले तो कुछ दिन बंद रहा, फिर अनियमित रूप से चलाया जाने लगा। कई दिन पानी व बिस्कुट खाकर रहना पड़ा। दो दिन बाद किसी तरह मैगी का इंतजाम हुआ।



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1064 students stranded in Kota after traveling 17 hours by special train to Biharsharif, not a single suspect




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60 किमी की रफ़्तार से चली हवा, हल्की बूंदाबांदी से 0.8 मिमी बारिश 48 घंटे धूल भरी आंधी का अलर्ट

हिमालय क्षेत्र में उच्च दबाव और मैदानी क्षेत्र के निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के कारण गुरुवार को मौसम में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिला। दोपहर 3 बजे बाद तेज रफ्तार से चली धूल भरी आंधी और हल्की बूंदाबांदी बारिश हुई।
शाम पांच बजे अचानक से आसमान साफ़ हुआ। अचानक से आई तेज आंधी से शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हाल के दिनों में लगातार आंधी और बारिश से किसानों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार दोपहर 3 बजे के बाद करीब 20 मिनट तक 60 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा भी चली। हवा की रफ्तार घटने से साथ बूंदाबादी शुरू हो गई। गुरुवार को शहर का न्यूनतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया। तेज आंधी और बारिश के बाद भी तापमान में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली। गुरुवार को शहर का अधिकतम तापमान बुधवार के अधिकतम तापमान से 0.6 डिग्री चढ़ कर 32.6 डिग्री दर्ज किया गया। इस दौरान शहर में 0.8 मिमी बारिश भी दर्ज की गई। मौसम केंद्र पूर्णिया से मिली जानकारी के अनुसार मौसम विभाग के द्वारा अगले 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

अब फिर लो प्रेशर जोन बनना शुरू
पूर्णिया मौसम केंद्र के सहायक वैज्ञानिक वीरेंद्र कुमार झा ने बताया कि गुरुवार को तेज धूप निकलने के कारण से मैदानी इलाके में लो प्रेशर का क्षेत्र बना गया था। इस समय हिमालय रीजन में उच्च दवाब का क्षेत्र बना हुआ है। उन्होंने बताया कि एक बार फिर से इस इलाके में लो प्रेशर का क्षेत्र बनाना शुरू हो गया है। आने वाले 48 घंटे में फिर से धूल भरी आंधी चल सकती है।



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गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे चलने वाली धूल भरी आंधी के दौरान गुजरते लोग।




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43 दिन बाद दुकानें खुलीं, पहले दिन कम ग्राहक

लॉकडाउन थ्री के चौथे दिन 43 दिन बाद बाजार खुले, लेकिन ग्राहक काफी कम पहुंचे। हालांकि शहर के कारोबारियों को इससे थोड़ी राहत मिली है। प्रशासन के निर्देश पर जिले की कई दुकानें खुलीं।
इनमें वाहन रिपेयरिंग सेंटर, स्पेयर पार्ट्स, गैरेज वर्कशॉप, इलेक्ट्रीकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप आदि की दर्जनों दुकानें खुलीं। सोने चांदी एवं कपड़े आदि सहित कई अन्य दुकानों के खाेले जाने की अनुमति प्रशासन के द्वारा अभी तक नहीं दी गई है। आईटी सेक्टर के दुकानदार जयनाथ मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के बीच पहली बार दुकान खोलने का मौका मिला है। दुकानदार गौतम कुमार ने बताया कि आईटी में पूरे जिले को मिलाकर लगभग 2 लाख के आसपास कारोबार हुआ है। पूर्णिया मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन कुमार के अनुसार जिले में ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर लगभग 10 लाख रुपए का कारोबार हो सका है।
अॉटोमोबाइल के सभी शोरूम बंद हैं। टीवीएस शोरूम के प्रोप्राइटर चिरंजीव खेमका ने कहा कि केंद्र व सूबाई सरकार को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को ले थोड़ी राहत जरूर देनी चाहिए।

15 लाख का हुआ कारोबार
लॉकडाउन के चौथे दिन बाजार खुलने से बहुत ज्यादा लाभ नहीं हुआ है। सभी सेक्टर की दुकानों से अनुमानित तौर पर 15 लाख का कारोबार हुआ है। बेमौसम बारिश और मई में भी तेज गर्मी नहीं पड़ने से पंखा, एसी, कूलर का व्यापार प्रभावित हुआ है। कार एवं बाइक की बिक्री भी नहीं हो रही है। खेमका ने बताया कि बाजार में कपड़े, सोने चांदी व कॉस्मेटिक्स की दुकानें खुलने के बाद ही रौनक लौटेगी।
नीरज खेमका, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स



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जिला स्कूल रोड स्थित एक कंप्यूटर दुकान पर मौजूद कर्मी।




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वार्ड नंबर 34 में मेयर ने 100 परिवारों के बीच किया राहत सामग्री का वितरण

नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या- 34 में गुरुवार को मेयर उपेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा निजी कोष से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक सौ गरीब एवं असहाय परिवारों के बीच सूखा राशन का वितरण किया गया। मेयर यूपी सिंह ने कहा कि लॉकडाउन में नगर निगम क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के घर में चूल्हा जलते रहे, इसी उद्देश्य से राहत वितरण अभियान चलाया जा रहा है। उपमेयर राजीव रंजन ने बताया कि शहर में बनाए गए सभी क्वारान्टीन सेंटर एवं आइसोलेशन सेन्टर को सैनिटाइज कराया जा रहा है।

अग्निशमन वाहन से वार्ड संख्या-30 एवं 32 के स्टेशन रोड, तिलक नगर, मवेशी अस्पताल सड़क, सुपर सकर मशीन से वार्ड संख्या-27 के पनहांस से पहाड़ चक जानेवाली सड़क सहित अन्य सड़कों पर सोडियम हाइपरक्लोराइड मिश्रण से सैनिटाइज कराया गया। वहीं स्वचालित स्प्रे मशीन से शहर के सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत चलनेवाली संस्था, प्रधान डाकघर, मूल्यांकन केन्द्र व अन्य सार्वजनिक संस्थानों को सैनिटाइज कराया गया। इस अवसर पर राजेश कुमार, पूर्व प्रधानाध्यापक रामाज्ञा सिंह, राम उजागर सिंह, विरेंदर सिंह, पंचानंद सिंह, मो, गियास, पूर्व टैक्स दारोगा राजेश्वर सिंह उपस्थित थे।
गरीबों के बीच बांटी सामाग्री
आईआईटी दिल्ली के रिसर्च स्कॉलर ऋषिकांत की टीम ने गुरुवार को विष्णुपुर में जरूरतमंद परिवारों के बीच राहत सामाग्री का वितरण किया। उन्होंने कहा कि हमारी टीम इस वैश्विक आपदा की घड़ी में लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रही है। साथ ही कहा कि यही समय हैं अपनी मातृभूमि के निः सहायों, दिव्यांगजनों, रिक्शा चालकों, ठेला चालकों, दैनिक मजदूरों एवं विधवा माताओं-बहनों की सेवा करने का। ऋषिकांत ने कहा कि मीडियाकर्मियों को भी 50 लाख का स्वास्थ्य बीमा लाभ दिया जाना चाहिए। क्योंकि समाज में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका हैं।

घर बैठे आज हमलोग देश विदेशों की खबरें जान लेते हैं, उस खबर के लिए मीडियाकर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए दिन-रात लगे रहते हैं। इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मी, मीडियाकर्मी, सफाईकर्मी, बैंकर्स, सेना, डाक कर्मी, पुलिस आदि का दिल से सम्मान करे। राहत वितरण में आईआईटी दिल्ली के रिसर्च स्कॉलर प्रो. रवि कुमार, प्रो. अनुराग राठौर,कविता पांडेय, स्वाति वार्ष्णेय, कृष्णा कांत, प्रो. आशीष , विक्रम राज, सुशील पुनिया, प्रो. दीप श्री,मधुमिता सिंह, हर्ष राज, साक्षी नरूला , प्रो. सुमंत, प्रो. समता जैन आदि शामिल है।

एआईवाईफ ने जरूरतमंद रोजेदारों के बीच बांटा फल
बेगूसराय| लॉकडाउन के चलते रोज कमा कर खाने वाले मुस्लिम तबके के लोग दिन भर रोजा रखकर शाम में इफ्तार भी ठीक से नहीं कर पाते हैं। उक्त बातें एआईवाईएफ के जिला संयोजक अमीन हमजा ने रोजेदारों के बीच फल और खजूर वितरण करते हुए कही। साथ ही कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर मुस्लिमों की एक लिस्ट बनाकर एआईवाईएफ ने इफ्तार का सामान मुहैया कराने का मुहिम शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि पटेल चौक स्थित जिला कार्यालय में 50 लोगों के बीच फल एवं खजूर बांटा गया। सीपीआई नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि लगातार जरूरतमंद असहाय लोगों के बीच राहत वितरण का काम पार्टी कर रही है। मौके पर कैसर रेहान मो. ताजुद्दीन, जन्मेजय कुमार उपस्थित थे।



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Mayor distributed relief material among 100 families in ward number 34




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सुबह 4 बजे से सवा सात बजे तक लॉकडाउन की धज्जी उड़ाने वाले सैकड़ों मिले, पर पालन कराने वाली एक भी पुलिस नहीं

(नवीन कुमार/कन्हैया कुमार झा)कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में जिला प्रशासन द्वारा लागू किए गए धारा 144 की दैनिक भास्कर संवाददाता ने पड़ताल की। गुरुवारकी अहले सुबह 4 बजे लोहियानगर आरओबी पर 10 लोग टहलते नजर आए। वहीं आयुर्वेद कॅालेज से लेकर प्रखंड कार्यालय तक एसएच 55 पर महिलाएं, युवती और युवा दौड़ते व टहलते नजर आए। लेकिन एक भी लोग मास्क नहीं लगाए हुए थे। साढ़े चार बजते ही दर्जनों लोग आरओबी पर मॉर्निंग वॉक करने के लिए पहुंच गए। भास्कर संवाददाता ने करीब 70 मिनट तक स्थिति का जायजा लिया। मॉर्निंग वॉक के दौरान लोगों ने ना तो मास्क लगाना जरूरी समझा ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही।

समय- सुबह 5ः30 बजे- स्टेशन चौक पर 10 की संख्या में लोग इधर-उधर बैठे नजर आए, लेकिन एक भी मास्क नहीं पहने हुए थे। 10 मिनट बाद पावर हाउस चौक पहुंचे, यहां भी 15 से 20 की संख्या में महिला और पुरुष टहलते हुए दिखे, वहीं 5ः45 बजे टाउनशिप गेट से 50 मीटर पहले तरबूज व फल विक्रेता ने दुकान खोल रखी थी। हालांकि एक भी ग्राहक नजर नहीं आए। सुबह 6 बजे काली स्थान पहुंचे। यहां से वाहन चालक बेरोक-टोक गुजरते नजर आए। चौक के समीप ज्यादातर दुकानें खुली मिलीं।

सुबह- 6ः10 बजे- गांधी स्टेडियम पहुंचे, नबाव चौक से नगर निगम कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर 20 युवाओं की झुंड दिखाई पड़ी। कुछ देर में हम डीएम ऑफिस रोड पर पहुंचे जहां पर दर्जनों लोग बगैर मास्क लगाए मॉर्निंग वाक करते नजर जाए। हालांकि यहां वाक कर रहे लोगों में दूरी दिखी। लेकिन गांधी स्टेडियम के अंदर 50 से अधिक लोग दौड़ते और टहलते दिखे तो कुछ युवा फुटबाल खेलते नजर आए। सुबह 6ः55 बजे कचहरी रोड पर पहुंचे इस दौरान 95 प्रतिशत दुकानें बंद मिलीं। अंबेडकर चैक के पास किराना की दुकानें ही खुली मिलीं। दैनिक भास्कर संवाददाता ने सुबह 4 बजे से 7ः15 बजे तक शहर की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान धारा 144 का धज्जी उड़ाने वाले लोग तो सैकड़ों नजर आए। लेकिन धारा 144 का पालन करवाने वाली पुलिस कहीं नजर नहीं आई।



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From 4 o'clock in the morning till seven o'clock in the morning, hundreds of those who broke the lockdown were found, but there is not a single police to follow




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अवैध खनन को लेकर बालू माफिया व ग्रामीणों में गोलीबारी, मामला दर्ज, 14 नामजद, चार गिरफ्तार

बुधवार की देर शाम मदार नदी से अवैध खनन को लेकर बालू माफिया व ग्रामीणों की बीच जमकर गोलीबारी हुई। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। घटना पौथू थाना क्षेत्र के अचूकी गांव की है। इस मामले में दोनों पक्षों द्वारा अलग-अलग आवेदन देकर पौथू थाना में मामला दर्ज कराया गया है। दोनों एफआईआर में 14 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। कार्रवाई करते हुए मनोज यादव, बबलु यादव, निरंजन शर्मा व शशिभूषण शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। पहली एफआईआर अचूकी निवासी निरंजन शर्मा के आवेदन के आधार पर दर्ज की गई है।

गांव के ही मनोज कुमार यादव, बबलू यादव समेत सात लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। जबकि दूसरा एफआईआर मनोज यादव के बयान पर दर्ज की गई है। जिसमें निरंजन शर्मा उर्फ सोनू शर्मा, शशिभूषण शर्मा उर्फ रिंटू शर्मा समेत सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है। सूत्रों की मानें तो उक्त नदी से बालू उठाने के लिए पहले भी कई बार इस तरह की घटना हो चुकी है।पूर्व मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना महामारी से बचाव के लिए है। लेकिन पुलिस इसका नजायज फायदा उठा रही है। अवैध बालू लदे ट्रैक्टरों को पुलिस छोड़ रही व चौक-चौराहों पर बाइक वालों पर डंडे बरसाकर जुर्माना वसूल रही है।

अवैध खनन व शराब बिक्री का चल रहा खेल, राजस्व का हो रहा नुकसान

सूबे के पूर्व सहकारिता मंत्री व भाजपा के कदावर नेता रामाधार सिंह ने प्रेस वार्ता करते हुए औरंगाबाद पुलिस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिले में अवैध खनन व शराब बिक्री का खेल चल रहा है। जिससे सरकार की छवि धुमिल हो रही है। पत्रकारों को पूर्व मंत्री ने बताया कि जिले में रोजाना चार करोड़ रुपए की बालू चोरी हो रही है। सरकार को राजस्व का सीधा नुकसान हो रहा है। सरकार वैश्विक महामारी कोरोना के कारण आर्थिक तंगी से गुजर रही है। लेकिन जिले की पुलिस इस आपदा को अवसर बनाने में जुटी हुई है। बारूण, खैरा, ओबरा व दाउदनगर पुलिस सरेआम बालू का अवैध खनन करवा रही है। जिसकी तस्वीर व वीडियो आपसे से साझा कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर बुधवार की शाम 07:46 में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से फोन पर शिकायत किया हूं। इसके बाद कुछ बालू गाड़ियों को पकड़ा भी गया है।

आरोपाें की होगी जांच: डीजीपी
औरंगाबाद पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि आरोप लगते रहते हैं, लेकिन पहले लिखित शिकायत तो हो। पूर्व मंत्री द्वारा मौखिक शिकायत कुछ दिन पहले की गई थी। आरोपों की जांच कराई जाएगी। अगर काेई दोषी पाया गया तो कार्रवाई होगी।



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Firing in sand mafia and villagers for illegal mining, case registered, 14 named, four arrested




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सरैया और बबुरा में 48 प्रवासी मजदूर क्वारान्टीन कराये गये, बेडशीट और मच्छरदानी नही मिलने से हुए परेशान

लॉकडाउन-3 के दौरान प्रवासी मजदूराें के लिए बने क्वारान्टीन सेंटराें टेन प्लस टू हाई स्कूल, सरैंंया और बबुरा में लगातार संख्या बढ़ रही है। ये मजदूर हरियाणा, छतीसगढ़, गुजरात के सूरत, यूपी के आगरा, राजस्थान के अलवर व अन्य राज्याें से बस, ट्रक, पैदल व अपने खर्चे से आ रहे हैं। वर्तमान में कुल 48 प्रवासी मजदूरो में सरैंया सेंटर पर 35 और बबुरा सेंटर पर 13 क्वारान्टीन में रह रहे हैं। दाेनाें सेंटराें पर प्रत्येक मजदूराें को किट उपलब्ध करा दिया गया है। लगातार बढ़ रही संख्या के मद्देनजर सरैया में 40 व बबुरा में 45 किट दिए गए हैं।

जिसमें थाली, गिलास, कटोरा, मग, बाल्टी, साबुन, सर्फ, साबुन, सैनिटाइजर, महिला व पुरुष के कपड़े शामिल हैं। सरैया में राजस्व कर्मचारी राकेश प्रसाद व बबुरा में विष्णु देव सिंह ने बताया कि प्रवासियाें के सुविधा पर प्रशासन तत्पर है। हालांकि कुछ मजदूराें का आरोप है कि मच्छरदानी और बेड सीट अभी तक प्रशासन की ओर से उपलब्ध नही करायी गयी है। भोजन और बिछावन का समुचित व्यवस्था बताया जाता है। प्रवासी मजदूराें की जांच मेडिकल टीम द्वारा प्रतिदिन की जा रही है।

एमओआईसी डाॅ. अरविंद कुमार ने बताया कि टीम में डाॅ. स्वरुप संपत, डाॅ. अरविंद कुमार, डाॅ. त्यागी, स्वास्थ्य प्रबंधक शंभू कुमार, एएनएम व अन्य द्वारा लगातार जांच किया जा रहा है। अभी तक प्रखंड में करीब 1739 से अधिक लाेगाें की जांच थर्मल स्केनर से की गई है। ये प्रखंड के 22 पंचायताें के गांवाें के निवासी है। गुरुवार को बीडीओ सुशील कुमार ने दाेनाें सेंटराें पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में मजदूराें के भोजन, आवास व अन्य की जानकारी ली। प्रवासी मजदूरो द्वारा मांगे जाने पर मच्छरदानी और बेडसीट की खरीदारी कर ली गई है।



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48 migrant laborers were quarantined in Saraiya and Babura, troubled by not receiving bedsheets and mosquito nets




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बीएमपी-14 के रिटायर्ड जवान काेराेना पाॅजिटिव, लॉकडाउन में नहीं जा सके घर, बैरक में ही रहते थे

पटना में दूसरे दिन भी काेराेना के पाॅजिटिव मरीज मिले। बिहार सैन्य पुलिस यानी बीएमपी-14 के रिटायर्ड हवलदार (उम्र 60 साल) की रिपाेर्ट गुरुवार की देर शाम पाॅजिटिव आगई। वे झारखंड के गुमला के रहने वाले हैं। वे इसी साल 31 मार्च का रिटायर हुए हैं। लाॅकडाउन की वजह से घर नहीं जा सके। तीन-चार दिनाें से उन्हें सर्दी-खांसी व बुखार था। मंगलवार की शाम काे वे जांच कराने एम्स गए।
बुधवार काे उनका सैंपल लिया गया और गुरुवार की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आगई। इससे पटना में काेराेना मरीजाें की संख्या 46 से बढ़कर 47 हाे गई। ये पटना के पहले सुरक्षाकर्मी हैं, जाे काेराेना की चपेट में आए हैं। उनका इलाज एम्स में चल रहा है। एम्स सूत्राें के अनुसार, उनकी हालत स्थिर है। अभी एम्स में हवलदार समेत चार पाॅजिटिव मरीजाें का इलाज चल रहा है। तीन अन्य लोग खाजपुरा चेन से जुड़े हैं। बुधवार काे पटना में काेराेना के दाे नए मरीज मिले थे।

बैरक में 16 जवान साथ रहते हैं, सभी काे किया गया क्वारेंटाइन
रिटायर्ड हवलदार के साथ बैरेक में 9 जवान रहते हैं। सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम बीएमपी परिसर पहुंची औरउन 9 जवानाें के साथ उनके संपर्क में आए 16 लोगों काे लेकर पाटलिपुत्र खेल परिसर में क्वारेंटाइन करा दिया। सिविल सर्जन डाॅ. आरके चाैधरी ने बताया कि जिन 16 लोगों काे क्वारेंटाइन किया गया, उनका सैंपल लिया गया है। उसकी जांच कराई जा रही है।

चेन का नहीं चला पता, खाजपुरा के बगल में ही बीएमपी परिसर

वे पिछले छह माह से घर नहीं गए हैं। यहीं बैरक में रह रहे हैं। 23 और 24 अप्रैल को ये बैरक से बाहर निकले थे। 26 अप्रैल और 27 अप्रैल को इनमें लक्षण दिखा तो 29 अप्रैल को कैंपस में रहने वाले डॉक्टर से दिखाया था। 30 अप्रैल को बुखार होने की सूचना दी थी। हालत में सुधार नहीं होने पर छह मई को पटना एम्स में इनकी कोरोना जांच कराई गई। सात मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह मधुमेह से पीड़ित हैं। बीएमपी परिसर से चंद मीटर की दूरी पर खाजपुरा है। प्रशासन उनके चेन के बारे में पता लगाने में जुटी है। ऐसी आशंका है कि वे सब्जी खरीदने या किसी काम से खाजपुरा गए हाें। उसी परिसर में बीएमपी 5 व 10 भी है। डीएम ने कहा कि पूरे इलाके को सेनेटाइज कराया जाएगा। कटेंनमेंट जोन बनाने का इरादा नहीं है।



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सिविक सेंटर की चौपाटी सहित भीड़ वाले बाजार बंद रहेंगे, ज्वेलरी और कपड़ा दुकानें 44 दिन बाद खुलेंगी

ट्विनसिटी में 8 मई से लगभग सारी दुकानें निर्धारित समय के लिए खुलेंगी। इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर गाइड लाइन जारी की गई है। इसके मुताबिक तंग बस्तियों व गलियों में संचालित होने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं होगी। दुर्ग में फिलहाल ऐसे स्थलों पर दुकान को बंद रखे जाने को लेकर निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं भिलाई में जोन 1 नेहरूनगर के वार्ड 5 लक्ष्मी नगर सुपेला में हार्डवेयर लाइन, चूड़ी लाइन, जोन 3 मदर टेरेसा में वार्ड 23 में आने वाले सर्कुलर मार्केट का मसाला दुकान, बूट हाउस, रेडीमेड कपड़े की दुकानें, जोन 5 सेक्टर 6 क्षेत्र के अंतर्गत बीएसपी टाउनशिप क्षेत्र में सिविक सेंटर स्थित चौपाटी शामिल हैं। इन जगहों पर दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। नई गाइड लाइन के बाद टि्वनसिटि में 44 दिन बाद ज्वेलरी और कपड़ा दुकानें खुलेंगी।
दुर्ग में आज लिया जाएगा निर्णय: भिलाई में कुछ बाजार पूर्ण रूप से बंद करने का फैसला लिया है। जबकि दुर्ग शहर में 8 मई को लगभग सभी क्षेत्रों में दुकानें खुलेंगी। भीड़ को ध्यान रखते हुए आगामी दिनों में निर्णय लिया जाएगा।
भिलाई के इन मार्केट में नहीं खुलेंगी दुकानें, जानिए
भिलाई निगम उपायुक्त अशोक द्विवेदी ने बताया कि शहर में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता, इसलिए इन जगहों पर दुकानें नहीं खोली जा सकेगी। इनमें वार्ड 5 लक्ष्मी नगर सुपेला में हार्डवेयर लाइन, चूड़ी लाइन, वार्ड 23 में सर्कुलर मार्केट के मसाला दुकान, बूट हाउस, रेडीमेड कपड़ा की दुकानें, जोन-5 सेक्टर-6 क्षेत्र के अंतर्गत बीएसपी टाउनशिप क्षेत्र में सिविक सेंटर स्थित चौपाटी शामिल हैं। टाउनशिप में होम डिलीवरी सेवा को लेकर भी तैयारी हो रही है।
जिले के ये कंटेनमेंट जोन, जहां सबकुछ प्रतिबंध है...
जिले में अब तक कोरोना के 10 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जहां-जहां पॉजिटिव मरीज मिले, उस इलाके को कंटेनमेंट घोषित किया है। इनमें शांतिनगर कैंप-1, पुरानी बस्ती सुपेला, फरीदनगर, हाउसिंग बोर्ड घासीदास नगर, ईडब्ल्यूएस हाउसिंग बोर्ड, आनंद विहार बोरसी दुर्ग व कुम्हारी में वार्ड 10, 11 है।

हफ्ते में 6 दिन सोमवार से शनिवार तक सब्जी और फल की दुकानें खुलेंगी
फल, सब्जी की दुकानें, कृषि मंडी सोमवार से शनिवार तक खुलेंगी। सुबह 7 से 4 बजे तक ये दुकानें खुलेंगी। वर्तमान में इन्हें ही अनुमति जारी की गई है।
सोमवार से शुक्रवार तक ज्वेलरी शॉप, कपड़ा समेत सभी दुकानों को छूट
शहरी क्षेत्र में सभी ट्रेड लाइसेंस और पंजीकृत दुकानों को खोले जाने की अनुमति होगी। इसमें ज्वेलरी शॉप, कपड़ा समेत सभी रजिस्टर्ड दुकानों को खोलने की अनुमति है। सुबह 9 से शाम 4 बजे निर्धारित है।
जिले में ये दुकानें रोज खुलेंगी
(कंटेनमेंट जोन को छोड़कर) दूध, डेयरी, मिल्क पार्लर सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खोले जा सकेंगे। बैंकिंग सेवाएं, इंश्योरेंस कंपनी, एनबीएफसी, गैस एजेंसी, सुबह 9 से शाम 4 बजे के मध्य खोले जा सकेंगे। मेडिकल सेवाएं, चश्मे की दुकानें, पेट्रोल पंप, एटीएम, मीडिया संस्थान, टेलीफोन एवं इंटरनेट, फॉयर ब्रिगेड, गुड्स एवं कैरियर, पेयजल, सफाई, बिजली सेवाएं व अन्य आकस्मिक सेवाएं के लिए कोई टाइम लाइन नहीं है।
पूरी तरह इन पर प्रतिबंध
होटल, रेस्तरां नहीं खुलेंगे, लेकिन रेस्तरां रात 9 बजे तक होम डिलीवरी दे सकेंगे। सेलून, स्पॉ, सार्वजनिक परिवहन वाले वाहन टैक्सी, बसें, ई-रिक्शा बंद रहेंगे। शॉपिंग मॉल, सिनेमा घर, चौपाटी व अन्य ऐसी जगह जहां भीड़ जुटती हो बंद रहेंगी। इसमें ठेले, खोमचों में बिकने वाली खाद्य सामग्री चाट-गुपचुप, पकौड़ा, फास्ट फूड की दुकानें शामिल हैं।
इन पर अब भी रहेंगे प्रतिबंध
पान ठेले व दुकानें खुलेंगे, लेकिन इन जगहों पर सिगरेट, बीड़ी, पान, गुटखा सहित अन्य का उपयोग नहीं किया जाएगा।

सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, खेलकूद, धार्मिक सहित अन्य सामूहिक आयोजन प्रतिबंधित हैं।

दो पहिया वाहन में केवल एक व्यक्ति, चार पहिया में दो विशेष परिस्थितियों में 3 व्यक्ति को आवाजाही की अनुमति होगी।

अंत्येष्ठि, अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 20 व्यक्तियों को शामिल होने की ही अनुमति रहेगी।

हर व्यक्ति को मास्क लगाया जाना अनिवार्य है, सार्वजनिक जगहों पर थूकना प्रतिबंधित है।



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The crowded markets, including Chowpatty of Civic Center, will remain closed, jewelery and textile shops will open after 44 days




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स्टेशन पर बनाए गए 4 गेट, ट्रेन में होंगी 24 बोगियां 6-6 डिब्बे के यात्री एक निकास गेट से जाएंगे बाहर

दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को ट्रेन से उतारने व उनकी जांच के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही है। ताकि, ट्रेन से लोगों के उतरने के दौरान किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। जांच के बाद उन्हें आसानी से बस से संबंधित जिले की बसों पर बैठाया जा सके। इसके लिए गुरुवार को एसडीओसंजीव कुमार ने स्टेशन की जानकारी ली और व्यवस्था के बारे में सबंधित अफसर व कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। ट्रेन में 1200 लोगों के आने की संभावना है। इसको लेकर चार दिन से तैयारी चल रही है। मेडिकल टीम समेत अन्य कर्मियों की ड्यूटी भी शुरू हो गई है। ट्रेन आने के चार घंटा पहले सबको अलर्ट कर दिया जाएगा।

पहले सीवान स्टेशन पर दो निकास गेट बनाने की चर्चा थी। लेकिन, स्टेशन से जल्द निकाल कर बस में बैठाने के लिए चार निकास गेट बनाने की तैयारी की गई है। इसमें पहला पार्सल के पास, दूसरा मुख्य गेट के पास व तीसरा निकास गेट के पास व चौथा जीआरपी थाने के बगल से शामिल है। एक ट्रेन में 24 बोगी लगने की संभावना है। इसलिए, प्रत्येक गेट से छह बोगी के लोगों को निकालने की तैयारी चल रही है। ट्रेन से उतरने के साथ ही प्लेटफॉर्म पर ही मेडिकल टीम जांच करेगी। इसके लिए प्लेटफॉर्म पर ही सोशल डिस्टेंस से संबंधित गोल घेरा बना दिया गया है। यात्री उतर कर खड़े रहेंगे और मेडिकल टीम उनकी थर्मल स्कैनर से जांच करेगी।

क्वारेंटाइन सेंटर में 56 मजदूर व छात्र

भगवानपुर महाविद्यालय में बनाए गए प्रखंडस्तरीय क्वारंेटाइन सेंटर का गुरुवार को सीओ युगेश दास ने निरीक्षण किया। उन्होंने अप्रवासी मजदूरों व छात्रों के साथ सेंटर की व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। बताया कि निरीक्षण में मजदूरों व छात्रों ने सेंटर में मिल रहे सुविधाओं को संतोषजनक बताया। उनके साथ स्वास्थ्य प्रबंधक गुलाम रब्बानी भी थे। क्वांरेंटाइन सेंटर में प्रदेश से आए 24 अप्रवासी मजदूर व छात्रों को रखा गया। डॉ. कुसुम खातून ने सभी की जांच की।

गोपालगंज, सारण और सीवान के लिए बसें तय
स्टेशन के बाहर अभी तीन जिले की बसें खड़ी करने की तैयारी की गई है। हनुमान मंदिर के पास सारण जिले की बस, स्टेशन के मुख्य गेट के सामने गोपालगंज जिले की बस स्टेशन के पश्चिम साइड में सीवान जिले की बस लगेगी। अन्य जिलों के भी यात्री के आने की सूचना पर उस जिले के लिए भी बसें लगाई जाएंगी। स्टेशन के सरकुलेटिंग एरिया में टेंट लगाया जा रहा है। वहीं पर खाने की भी व्यवस्था होगी। ट्रेन से उतरने के साथ ही यात्रियों को पानी का बोतल दिया जाएगा, ताकि वे अपनी प्यास बुझा सके। साथ ही खाने के भी पैकेट दिए जाएंगे। पूछताछ काउंटर भी बनाया जा रहा है। किस जिले के लिए कहां पर बस लगी है, इसकी जानकारी पूछताछ काउंटर से मिलेगी। वहीं स्टेशन पर सुरक्षा के लिए भी तैयारी की जा रही है। ट्रेन से उतरने के बाद कोई यात्री बिना जांच के ही कहीं चले न जाएं, इसके लिए स्टेशन पर जीआरपी व आरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। निरीक्षण के दौरान डीसीआई गणेश यादव, आरपीएफ के इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह, जीआरपी के प्रभारी मो. इमरान आलम आदि मौजूद थे।



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4 gates built at the station, the train will have 24 bogies, 6-6 compartment passengers will go out from an exit gate




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उदयपुर से 1174 प्रवासी श्रमिकों को लेकर हाजीपुर पहुंची स्पेशल ट्रेन, 53 बसों से गृह जिलों में भेजे गए

राजस्थान के उदयपुर से 1174 प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुई ट्रेन संख्या 09773 श्रमिक स्पेशल ट्रेन निर्धारित समय से करीब पांच घंटे लेट हाजीपुर स्टेशन पर पहुंची। इस ट्रेन को दोपहर 14 बजे पहुंचना था। प्रवासी मजदूरों को जांच व अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर बसों के जरिये उनके गृह जिले में भेजने के लिए प्रशासनिक स्तर पर वृहत व्यवस्था की गई थी। प्रशासनिक अफसरों के साथ पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी को लंबा इंतजार करना पड़ा। गाड़ी नम्बर 09773 प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहार के 34 जिलों के 1174 प्रवासी मजदूरों को लेकर आ रही थी।

ट्रेन के हाजीपुर पहुंचने का समय गुरुवार को दोपहर 02 बजे बताया गया था। श्रमिकों की जांच व अन्य प्रक्रियाओं के बाद स्पेशल बसों से उनके गृह जिलों तक ले जाने के लिए स्टेशन कैंपस में बसें खड़ी थी। डीएम उदिता सिंह, एसपी गौरव मंगला, डीडीसी विजय प्रकाश मीणा, डीआरडीओ निदेशक, डीटीओ, एसडीओ संदीप शेखर प्रियदर्शी, एसडीपीओ राघव दयाल के अलावा आरपीएफ, जीआरपी के सीनियर अफसर विशेष रूप से मुस्तैद थे। ट्रेन के लेट होने पर सभी सीनियर अफसर लौट गए। हालांकि पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी स्टेशन कैंपस व प्लेटफॉर्म पर डेरा डाले रहे।

शाम करीब सात बजे बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। इससे पहले अफसर मौके पर पहुंच चुके थे। प्लेटफार्म एक पर बाहरी जिला के लोगों के लिए काउंटर लगाया गया था। जबकि दो पर रजिस्ट्रेशन के साथ स्वास्थ्य जांच के 12 काउंटर लगाए गए थे। बताया गया सीएम के निर्देशानुसार अपने किराए से टिकट लेकर पहुंचे श्रमिकों को तत्काल किराए के साथ अतिरिक्त रूप से 500 नकद दिया गया।

प्लेटफॉर्म पर कदम रखते ही भावुक हुए प्रवासी
श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रुकते ही श्रमिकों में बेताबी नजर आई। लॉकडाउन अवधि में सहे गए कष्ट, पीड़ा उनके चेहरे पर झलक रहा था पर प्लेटफॉर्म पर कदम रखते ही मानो वे अपने सारे दु:ख भूल गए। उनके चेहरे खिले नजर आए। हालांकि उन सभी श्रमिकों को अपने गृह प्रखंड में पहुंचना बाकी था। किसी ने ट्रेन से उतरते ही प्लेटफार्म की जमीन को स्पर्श कर सिर से लगाया तो किसी ने जमीन को चूमा। अब भी वे घर से दूर होते हुए भी राहत व खुशी महसूस कर रहे थे। उनके हाव-भाव से ऐसा लग रहा था मानो मौत के मुंह से निकल कर आ रहे हों।



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Special train arrived in Hajipur carrying 1174 migrant workers from Udaipur, 53 buses were sent to home districts




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तीन दिन में बिहार का रिकवरी रेट 20 फीसदी बढ़ा, अब 45 प्रतिशत की रफ्तार से ठीक हो रहे मरीज

बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की रफ्तार अब 45 फीसदी हो गई है। तीन दिन पहले यह 25 प्रतिशत था। पिछले 72 घंटे में कोरोना के 112 मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। अब तक कुल 246 मरीज स्वस्थ हुए हैं। कैमूर, बक्सर, रोहतास, मुंगेर और गोपालगंज में तेजी से मरीज रिकवर हो रहे हैं।

चार दिनों से संक्रमण की रफ्तार कम
बिहार में पिछले चार दिनों में मरीजों के संक्रमित होने की रफ्तार भी कम हुई है। चार मई को छः केस, 5 मई को सात, 6 मई को छः और सात मई को आठ नए मरीज मिले हैं। यह पिछले दो हफ्ते में सबसे कम है। यह बिहार के लिए अच्छी खबर है।

मरीजों की डबलिंग रेट में भी आई कमी
बिहार में कोरोना के मरीजों को दोगुनी रफ्तार में भी कमी आई है। राज्य में पहले सात दिनों में कोरोना के मरीज दोगुने हो रहे थे। उसके बाद यह रफ्तार तेज हुई और चार दिनों में ही केस डबल होने लगे। 26 अप्रैल से 5 मई तक के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब 9 दिन में केस डबल हो रहे हैं।

कोरोना से प्रभावित टॉप 10 जिले

जिला केस ठीक हुए मौत
मुंगेर 102 38 1
बक्सर 56 26
रोहतास 54 22 1
पटना 47 20
नालंदा 36 35
सीवान 32 25
कैमूर 32 16
मधुबनी 24 0
गोपालगंज 18 17
भोजपुर 18 10


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गुरुवार को नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से भी दो लोगों को छुट्टी मिली।




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पटना में 47 दिन बाद खुली इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल और हार्डवेयर की दुकानें, कोरोना संक्रमण के चलते लोगों में उत्साह कम

राजधानी पटना में 47 दिनों बाद इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल और हार्डवेयर समेत कई दुकानें शुक्रवार को खुल गई। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों में उत्साह थोड़ा कम है और सिर्फ जरूरत का सामान खरीदने के लिए ही लोग बाजार में निकले हैं। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 25 मार्च को लॉकडाउन के आदेश के बाद से ही पटना में सभी दुकानें बंद थी। सिर्फ आवश्यक सामग्री जैसे राशन, दूध, दवा की दुकानों को खुला रखने की इजाजत थी।

सर्विस सेंटर खुलते ही कई लोग अपनी गाड़ी की सर्विसिंग कराने पहुंचे।

डीएम के आदेश के बाद इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, पंखा, कूलर, एसी, मोबाइल, कंप्यूटर, यूपीएस, बैट्री की दुकानें और सर्विस सेंटर शुरू हो गए हैं। अभी सप्ताह में तीन दिन(सोमवार, बुधवार और शुक्रवार) ही दुकान खोलने की इजाजत है।

प्रशासन इस पर नजर बनाए हुए है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का कितना पालन कर रहे हैं। समीक्षा के बाद ही मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को दुकान खोलने की अनुमति मिलेगी।

दुकानों को खोलने के लिए प्रशासन की तरफ से जारी किए गए गाइडलाइन-

  • सुबह 6 से शाम 6 बजे तक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक, निर्माण सामग्री, हाई सिक्यूरिटी, प्रदूषण जांच केंद्र, ऑटोमोबाइल, स्पेयर पार्ट्स से जुड़े दुकान और रिपेयरिंग सेंटर खुलेंगे
  • दुकानदार और सेल्समेन के साथ ग्राहक को मास्क पहनना अनिवार्य है। दुकान के आगे 2 गज की दूरी पर गोला का निर्माण करना है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर दुकान बंद कराई जाएगी। गैराज और वर्कशॉप हर दिन खुलेगा।
  • 33 प्रतिशत उपस्थिति के साथ निजी कार्यालय को खोलने की इजाजत है। ये भी सुबह 6 से शाम 6 बजे तक खुलेंगे। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करना और मास्क पहनना अनिवार्य है।
  • कंटेनमेंट जोन के आस-पास और भीड़-भाड़ इलाके के साथ मॉल, मार्केट कंपलेक्स में दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं है।
  • आवश्यक सामग्री की दुकानें हर दिन खुलेगी। इसका भी समय सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही होगा।
  • बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का कार्य कराने के लिए अनुमति पास लेना अनिवार्य है। स्थल निरीक्षण कर अनुमंडल पदाधिकारी कार्य शुरू करने का पास जारी करेंगे।


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राजधानी पटना के एसपी वर्मा रोड स्थित कंप्यूटर मार्केट खोला गया।




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46 दिन बाद खुलींं दुकानें, सिर्फ राशन खरीदने आए लोग, पैसे लेन-देन को लेकर काेरोना का भय

जमुई जिला अबतक येलो जोन में है, अबतक यहां एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गया। इसके मद्देनजर आम लाेगों को राहत देने के उद्देश्य से आवश्यक सेवाओं में छूट दी गई। इस छूट में राज्य सरकार से प्राप्त निर्देश के आलोक में डीएम धर्मेंद्र कुमार ने जिले में निर्धारित समय सीमा में आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के अलावे मोबाइल, ऑटो मोबाइल, पार्टस, सेनेट्री, इलेक्ट्रीक, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि दुकानों को खोलने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को निर्धारित समय सीमा के पहले ही बाजार की कई दुकानें सुबह से ही खोली जा चुकी थी। लेकिन दुकान में खरीदारों की कमी दिखी। बाजार में ज्यादा भीड़ नहीं थी, लेकिन कुछ लोग जो बाहर निकल रहे थे उनके चेहरे पर बाजार खुलने की थोड़ी खुशी दिख रही थी। हालांकि राशन की दुकान और मेडिकल स्टोर पर लोगों की भीड़ थी, लेकिन सेनेट्री, पेंट, हार्डवेयर, मोबाइल दुकान आदि में लोगाें की भीड़ नहीं थी। एक दो ग्राहक ही इन दुकानों पर पहुंच रहे थे।
दुकानदारों में भी कोरोना का भय देखने का मिल रहा था। डरे-सहमे लोग दुकान तो खोलने आए लेकिन पैसों के लेन-देन में वे असहजता महसूस कर रहे थे। दुकानदारों को पैसे से कोरोना फैलने का भी डर सता रहा था।

समय से पहले खुली महाराजगंज की कई दुकानें
जिला प्रशासन द्वारा दुकान खोलने के लिए दोपहर के 12 बजे से शाम के 4 बजे तक का समय निर्धारित किया है, लेकिन महाराजगंज व महिसौड़ी रोड़ में सुबह से ही कई दुकानें खोल दी गई थी। बोधवन तालाब रोड़ में छड़, सीमेंट, एसबेस्टस आदि की बिक्री देखी गई। जहां-तहां रूके निर्माण कार्य को लोग कराने के लिए अब खरीदारी शुरू कर दिए थे। वहीं सुबह-सुबह महाराजगंज बाजार में स्टील के बर्तनों के भी कई दुकान खुले थे जो 11 बजे तक बंद कर दिए गए। एक खास बात यह दिखी की जिनका दुकान के आस-पास घर था छूट के बाद भी दुकान को वैसे दुकानदार ही खोल रहे थे। दूर दराज या मुख्यालय से बाहर से आने वाले दुकानदार दुकान नहीं खोल रहे थे।

बाजार तो खुले पर सोशल डिस्टेंसिंग भूल गए लोग
महिसौडी रोड़ में फल, सब्जी व कई छोटे-मोटे कपड़ों की भी दुकानें खुली थी। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था। यही हाल महाराजगंज बाजार स्थित फल मार्केट का है, फलों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ इस कदर उमड़ रही थी मानो अति आवश्यक हो। लोग यह भी भूल गए कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंस का पालन किया जाना जरूरी है। साथ ही दुकानदारों द्वारा सैनिटाइजर और हैंडवास का भी बहुत कम ही जगह इस्तेमाल किया जाना देखा गया। बाइक रिपेयरिंग की दुकानें खुली तो वहां कई बाइक बनवाने के लिए लोग पहुंचे और अपने बाइक की मरम्मति कराई। कई ऐसे भी लोग बाजार में घूम रहे थे जो मुंह पर मास्क भी नहीं लगा रखे थे।



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शुक्रवार को महराजगंज बाजार में दिखी चहल-पहल।
शुक्रवार को कचहरी रोड़ में खुली दुकानें, खरीदारों की कमी।




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दूसरे राज्यों से आने वाले लोग 21 दिनों तक क्वारान्टीन सेंटर्स में रहेंगे, रोजाना 30-40 टेस्ट ही किये जा सकेंगे

कोरोनावायरस डिजीज (कोविड-19) के संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव के संबंध में विचार-विमर्श के लिए जिले के जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक पार्टी के जिलाध्यक्षों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता डीएम अमन समीर ने की। डीएम ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण को जिले में फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन पूरी दक्षता के साथ कार्य कर रहा है। इसमें आमजनों का भी पर्याप्त सहयोग प्रशासन को मिल रहा है। वर्तमान में अन्य राज्यों अथवा अन्य जिलों से आने वाले अप्रवासी कामगारों एवं मजदूरों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है।

आंगतुकों को स्क्रीनिंग के पश्चात प्रखंडस्तरीय क्वारान्टीन सेंटर्स में 21 दिनों के लिए रखा जाना है। बाहर से आने वाले कोई भी कामगार या मजदूर स्क्रीनिंग से छूट न जाए इसके लिए डीएम ने सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की। एक भी संक्रमित के छूट जाने से पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है। साथ ही कोरोनावायरस के तेजी से फैलने की भी इसकी आशंका बनी रहेगी।
मौजूद रहे तीन विधायक और अन्य प्रतिनिधि
बैठक में सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, डुमरांव विधायक ददन यादव, ब्रह्मपुर विधायक शंभूनाथ यादव के अलावा जिला परिषद अध्यक्ष, नगर परिषद की मुख्य पार्षद, विभिन्न राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षगण, प्रमुख एवं जिलास्तरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
रेडजोन से आने वाले मजदूरों का प्राथमिकता के आधार पर होगा टेस्ट
डीएम ने बताया कि वर्तमान में रेड जोन से आने वाले कामगारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रतिदिन 30 से 40 टेस्ट करवाया जाएगा। इसमें वृद्ध एवं संदेह वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रेन के द्वारा आने वाले बक्सर जिला के आप्रवासी मजदूरों, कामगारों एवं विद्यार्थियों को लाने हेतु विभिन्न जिला में बसों को जिला से भेजा जा रहा है। बसों से लाने के पश्चात उन्हें प्रखंड स्तरीय क्वारान्टीन सेंटर्स पर स्क्रीनिंग एवं रजिस्ट्रेशन के पश्चात भेज दिया जाता है।
जनप्रतिनिधियों ने किया प्रशासन की मदद का वादा

बैठक को संबोधित करते हुए एशपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने बताया कि इस समय हम सभी को दलगत भावना से ऊपर उठकर प्रशासन को पूर्ण सहयोग करना चाहिए। ताकि कोरोना संक्रमण के प्रभाव को जिला में समाप्त किया जा सके। किसी भी तरह के अवांछित तरीके से कामगारों के आगमन की सूचना प्रशासन को अविलम्ब दें। ताकि उनकी चिकित्सकीय जांंच एवं क्वारान्टीन सेंटर्स में रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। बैठक में माननीय विधायकगणों ने मुक्त कंठ से जिला प्रशासन के द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। सभी ने क्वारान्टीन सेंटर्स पर बेहतर सुविधा देने में अपना-अपना सहयोग देने का भी वायदा किया।



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People coming from other states will stay in quarantine centers for 21 days, only 30-40 tests can be done daily.




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पटरी पर लौट रही जिंदगी : एनएमसीएच में भर्ती 12 मरीज हुए कोरोना मुक्त, अबतक 34 हुए ठीक

जिले में एकमात्र नारायण मेडिकल कॉलेज में हीं काेरोना पाॅजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। इलाज के क्रम में कोरोना मरीजों का ठीक होने का दौर भी जारी है। इस क्रम मे शु्क्रवार को यहां इलाजरम 12 और मरीज अब कोरोना मुक्त हो गए है। इस प्रकार यहां इलाजरत 46 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 34 ठीक हो गए हैं, एक की मौत हो चुकी है, जबकि 11 का इलाज अभी चल रहा है। इलाजरत 11 मरीजों की भी हालात बेहतर बताई जाती है, कोई मरीज क्रिटीकल नही हैं। एनएमसीएच के पीआरओ भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि इलाजरत 12 मरीजों की रिपोर्ट निगेटीव आई है। लगभग एक पखवाड़े से इलाजरत थे।

हाल के दिनों में इनके सैंपल की दो बार जांच की गई, दोनों बार रिपोर्ट निगेटीव आने पर इन्हें कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित किया गया। इसके बाद आज इन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों के तालियों के गूंज के बीच ये मरीज खुशी-खुशी विदा हुए। इस अवसर पर संस्थान के सचिव गोविंद नारायण सिंह, अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रभात कुमार, उपेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी परिचारिका अधीक्षक शशांक शेखर सिंह, कोरोना वार्ड के नोडल डाॅ. अभिषेक कामेन्दु, डॉ. अभिनव कुमार, डॉ. राजीव रंजन समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद थे। मुक्त किए गए सभी मरीज अगले 21 दिन तक होम कारंटाइन रहेंगे।

5 दिन में ठीक हुए 34 मरीज
एक पखवाड़े से जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच गत सोमवार को पहली सकारात्मक खबर आई थी। जब 6 मरीज कोरोना मुक्त हुए थे। इसके बाद मंगलवार को 17 और मरीज ठीक हो गए। बुधवार को 5 और मरीज कोरोना मुकत् हुए। अब शुक्रवार को सबसे अधिक एक साथ 12 मरीज ठीक हुए। इस तरह कुल 54 पॉजिटिव मरीजों के द्वितीय सैंपल की जांच के बाद अब तक 34 को कोरोना मुक्त बताया गया है। ज्ञात हो कि पहला मामला गत 21 अप्रैल को सामने आया था। 1 मई तक पॉजिटिव केसों की संख्या 52 हो गई। 7 मई को दो और रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

मृत कोरोना पॉजिटिव का सैंपल बीएचयू में भी लिया गया था

सासाराम| जिले के 54 कोरोना पाॅजिटिव में से मात्र एक की मृत्यु हुई है। वर्षीय वृद्ध की मौत गुरूवार को हुई थी। गुरुवार को ही उसके कोरेना पाॅजिटिव की रिपोर्ट भी आई थी। अब स्वास्थ्य महकमा पहले मृतक के कांटेक्ट को तलाशने में जुट गया है। वो खुद कहां संक्रमित हुआ इसकी भी जानकारी लेने का प्रयास किया जा रहा है। उससे जुड़े 23 लोगों को कारंटाइन कर दिया गया है। जबकि डाररेक्ट कंटेक्ट वालों का सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है। बताते हैं कि वृद्ध अपने इलाज के लिए बीएचयू भी गया था।

5 परिजनों का लियाा गया सैंपल
सिविल सर्जन ने बताया कि मृत कोरोना पाॅजिटिव के कंटेक्ट को युद्ध स्तर पर खंगाला जा रहा है। जिसमें अबतक 23 लोगों को चिंहित किया गया है, जिसमें 5 निकट के परिजन थे, जिनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। जबकि 18 अन्य को भी काेरंटाइन कर दिया गया है। उनमें भी किसी प्रकार का लक्षण पाए जाने पर तुरंत सैंपल लिया जाएगा। 5 लोगों में से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इनके कंटेक्ट को भी खंगाला जाएगा।



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Life returning to track: 12 patients admitted to NMCH, corona free




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43 दिन के बाद खुलीं शहर की दुकानें, दुकानदारों के चेहरे पर लाैटी रौनक

43 दिन क बाद शहर की कई दुकानें खुल गईं। इससे कई दुकानदारों के चेहरे पर जहां खुशी देखी गई, वहीं कई ऐसे दुकानदार हैं जो दुकान नहीं खुलने से मायूस थे। अधिकांश दुकानों में सोशल डिस्टेंस, दुकानदारों और कर्मियों के लिए मास्क और ग्राहकों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था देखी गई। पहले दिन अधिकांश दुकानों में भीड़भाड़ नहीं दिखी। मनाही के बावजूद कंटेनमेंट जोन की भी दुकानें खुलीं।
डीएम ने दो शिफ्टों में सशर्त दुकान खोलने के लिए जारी आदेश में कहा है कि कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामाग्री के अलावे दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। इसके बावजूद मिरचाईबाड़ी में इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रोनिक्स, हार्डवेयर की दुकानें खुली थी। जबकि मिरचाईबाड़ी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सहायक थाना तक कंटेनमेंट जोन में है। जबकि पास ही दूसरा पॉजिटिव केस है। एसडीएम नीरज कुमार के अनुसार शहर में दो कंटेनमेंट जोन हैं। मिरचाईबाड़ी में पाए गए मरीज का कंटेनमेंट जोन सीमा निर्धारित हो चुकी है, जबकि दूसरे क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन का सीमा निर्धारण नहीं हुआ है।
दो शिफ्टों में खुलेंगी दुकानें, इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान दोपहर तक
शुक्रवार को दुकानें दो शिफ्ट को खुली। इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों को 1 बजे के बाद खोलने की अनुमति है। जबकि अन्य दुकानों को सुबह 8 बजे से 1 बजे तक खाेलने की अनुमति है। मिरचाईबाड़ी कंटेनमेंट जोन में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। निर्देश के आलोक में जो दुकानें खुली हैं उसमें सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखने के लिए कई घेरा बनाया गया है। कई दुकानदार भीड़ से बचने के लिए पूरा गेट नहीं खोल रहे। दुकानों में सैनिटाइजर रखा गया है और कर्मी मास्क पहनकर कार्यरत हैं।

लंबी अवधि के बाद दुकान खुलने से जिले के व्यवसायियों को मिली राहत
विजय इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोपराइटर सोम कुमार ने कहा कि 43 दिन के बाद हमारी दुकान खुली है। लेकिन जानकारी के अभाव में आज ग्राहक नहीं के बराबर पहुंचे। वहीं कसबा हार्डवेयर के मालिक अनिल आर्या का कहना है कि लंबे समय के बाद दुकान खुलने से हमलोगों को राहत मिली है। हालांकि आज पहले दिन की बिक्री सामान्य रही। बोले साधन के अभाव में अभी लोगों का अाना मुश्किल है। कागज, कलम एवं स्टेशनरी के थोक विक्रेता अरविंद पटेल का कहना है कि हमारी दुकान तो खुल गई, लेकिन जब तक शिक्षण संस्थान नहीं खुलेंगे, तब तक सेल में वृद्धि नहीं होगी।

27 तरह की सामग्रियों कीदुकानें खुलीं, बढ़ेगी बिक्री
चेंबर के अध्यक्ष बिमल सिंह बेगानी का कहना है कि 27 तरह की सामग्रियों की दुकानें खुलीं हैं। दो तीन दिनों में दुकान खुलने की सूचना के बाद बिक्री बढ़ेगी। चेंबर दुकान खोलने की सूचना के लिए माइकिंग कराएगा।

आदेश के आलोक में ही खुलेंगी जिले की दुकानें
निर्देश के आलोक में जिले की दुकानें खुलेंगी। कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामाग्री के अलावे कोई अन्य दुकान नहीं खुलेगी। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा आदेश जारी किया गया है।
नीरज कुमार, एसडीएम, कटिहार



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कंटनमेंट जोन में खुली हार्डवेयर की दुकानें।




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4500 लाभार्थियाें को खाते में पहुंची 1 हजार की प्रोत्साहन राशि

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर इस व्यक्त पूरा देश त्रस्त है। जिसके वजह से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा सभी लाभार्थियाें तीन माह का अनाज एवं अप्रैल मई एवं जून में इन लाभार्थी के खाते में 1 हजार रुपया प्रत्येक महीने लाभार्थी के खाते में राज्य सरकार द्वारा भेजना था। नगर पंचायत में कुल 55 सौ लाभार्थी हैं। जिसमे लगभग 43 सौ लाभार्थियाें के खाते में प्रथम किस्त की राशि भेज दी गई है। जिनके खाते में अभी प्रथम क़िस्त की राशि नहीं गई है।

उनका खाता आधार से लिंक नहीं होने से उसका पैसा नहीं जा पाया है। जिसको नगर पंचायत द्वारा इसको खाता एवं आधार का लिंक कराने के लिये मांगा गया है। इसके बाद उनके खाते में प्रोत्साहन राशि के रूप में एक हजार रुपया भेजा जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए नगर कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि जिन लाभार्थी के खाता आधार से लिंक है उनको खाते में राज्य सरकार द्वारा राशि भेजी जा रही है।
जिनका लिंक उसकी सूची बना कर उनको आधार लिंक खाता की मांग की गई है। उनको जांच करा सभी को अपलोड कर दिया गया है। बहुत जल्द ही उनके भी खाते में यह राशि भेज दी जाएगी। नोखा नगर पंचायत के 15 वार्ड में लगभग 12 सौ लाभार्थियाें का खाता आधार से लिंक नही है। इन सभी का कागजात आधार से लिंक वाला खाता की मांग की गई है।सभी विकास मित्र को यह निर्देश दिया गया है और उनको वैसे लाभार्थी की सूची भी दी गई है। ताकि यह कार्य को जल्द पूरा किया जा सके।
212 लोगों को नया राशन कार्ड बनाने के लिये आए हैं आवेदन: नगर पंचायत में लगभग 212 लोगों को नया राशन कार्ड बनाने के लिये आवेदन कार्यालय में प्राप्त हुए हैं। जिसको जांच करा कर बहुत जल्द ही उनको कार्ड मुहैया कराया जाएगा। ताकि उन लाभार्थी को भी इसका लाभ मिल सके।



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खगड़िया में कोरोना की दस्तक, 4 पॉजिटिव तीन दिल्ली से और एक अलवर से आए थे

अब तक कोरोना मुक्त खगड़िया जिले में शुक्रवार को एक साथ चार मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन चार में से दाे चौथम प्रखंड और दो सदर प्रखंड के रहने वाले हैं। चारों प्रवासी हैं और दिल्ली और राजस्थान के अलवर से आए थे। इन चारों को बाहर से आने पर थर्मल स्कैनिंग के बाद सीधे प्रखंड मुख्यालयों में स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया था। वे अपने गांव नहीं जा पाए थे।
जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने चार मरीज के मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी मरीज क्वारेंटाइन सेंटर के हैं। इनमें कोरोना के लक्षण दिखने के बाद उन्हें आइसोलेट करते हुए उनका सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सभी को डायट केंद्र में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में भर्ती करने की तैयारी की जा रही है।
डीएम ने बताया कि क्वारेंटाइन का फायदा अब दिखने लगा है। लोगों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करना होगा। इसके अलावा कोई और उपाय नहीं है। डीएम ने बताया कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर हर वह कदम उठाया जाएगा जो उठाना चाहिए। डीएम ने तीन लोगों के दिल्ली और एक के राजस्थान के अलवर से आने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जिले वासियों को डरने की जरूरत नहीं है। ये चारों मरीज क्वारेंटाइन सेंटर के थे। उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है।

संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही

कोरोना पॉजिटिव चारों मरीज की अपनी-अपनी ट्रेवलिंग हिस्ट्री है। चौथम के मालपा के मरीज को दिल्ली से आने के बाद सीधे प्रखंड मुख्यालय में बने शिवाधीन उच्च विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर लाया गया था। इसके बाद प्रत्येक केंद्र पर चल रहे रेंडम जांच के लिए उन्हें सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में लाया गया। इसी तरह ठुठ्ठी गांव के मरीज के राजस्थान के अलवर जिले से आने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि उसके पहले बाजार समिति में आने के बाद उसे क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया। रेंडम जांच के दौरान इनके भी सैंपल लिए गए थे। इसी तरह चांदपुरा खुर्द के रहने वाले दोनों मरीजों के भी दिल्ली से आने की बात कही जा रही है। ये लोग किन साधनों से खगड़िया पहुंचे इस बात की अभी तक अधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है। ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने में प्रशासन जटा है।

प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में मौजूद लोगों की हो रही जांच
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती लोगों की जांच बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार की जा रही है। बताया गया कि खगड़िया के विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती 40 लोगों के सैंपल 7 मई काे जांच के लिए भेजे गए थे। जबकि 8 मई को कुल 23 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।

कोरोना के मरीजों की पहचान के लिए रैंडम टेस्टिंग का लिया फैसला

खगड़िया | जिले में कोविड-19 के मरीजों की पहचान करने के लिए अब रैंडम टेस्टिंग की शुरुआत की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में रैंडम टेस्टिंग कराने का आदेश दिया दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि रैंडम टेस्टिंग से ना सिर्फ कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकेगा बल्कि लोगों में सुरक्षा की भावना भी पैदा होगी। विभाग की तरफ से कोरोना जांच का दायरा बढ़ाने के लिए सदर अस्पताल में तय प्रोटोकॉल के अनुसार ट्रू नैट किट्स उपलब्धता कराया गया है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए शुक्रवार को सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. वाईएस प्रयासी ने सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि अपने-अपने अस्पताल में ही रेंडमली स्वाब कलेक्शन कर जिला अस्पताल में भेजना सुनिश्चित करें। बताया जाता है कि पहले दिन विभिन्न पीएचसी से कुल 42 रैंडमली स्वाब कलेक्शन किए गए।

मानसी क्वारेंटाइन सेंटर में आए 6 नये प्रवासी, संख्या बढ़कर हुई 65
मानसी |
कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए सरकार व जिला प्रशासन के निर्देश पर मानसी प्रशासन द्वारा मध्य विद्यालय एकनियां व बापू जी स्मारक मध्य विद्यालय चकहुसैनी में दो प्रखंड स्तरीय क्वारेंटाइन सेंटर चलाए जा रहे हैं। बीआरपी दिनेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को 6 नए प्रवासी क्वारेंटाइन किए गए। चकहुसैनी में 5 तथा एकनियां में एक नए प्रवासी को लाया गया। शुक्रवार को एक भी प्रवासी को नहीं छोड़ा गया। शुक्रवार की शाम तक दोनों जगह कुल 65 प्रवासी थे।

बस कर्मियों के लिए भोजन और ठहरने की नहीं है व्यवस्था

खगड़िया | कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के तीसरे चरण में प्रवासियों को विभिन्न स्थानों पर पहुंचा रहे बस कर्मियों के प्रति शासन और नहीं प्रशासन गंभीर नहीं है। ऐसे कर्मी संक्रमण का खतरा होने के बावजूद प्रवासियों को सेवा दे रहे हैं। लेकिन इस दौरान उन्हें भूखे पेट काम करना पड़ रहा है। भले ही उन्हें खाने के पैसे मिल रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन में होटल व ढाबों के बंद रहने के कारण उन्हें कहीं भोजन और पानी नहीं मिल रहा है। प्रशासन ने इनके लिए न तो ठहरने की कोई प्रशासनिक व्यवस्था की है और न भोजन की। इन्हें घंटों विभिन्न जगहों के पड़ाव पर रुक कर प्रवासियों के आने का इंतजार करना पड़ता है और उनके आने के बाद ही इन्हें प्रवासियों के साथ ही भोजन-पानी का थैला थमा दिया जाता है। इसके बाद फिर कोई पूछने वाला नहीं होता है। आलम यह है कि कोविड-19 के पोस्टर देखकर सफर के दौरान लोग इनसे दूरी बनाने लगे हैं। लाइन होटल वाले भी इन्हें सामने रुकने एवं भोजन देने से इंकार करने लगे हैं। इस हालत में भी सेवा दे रहे इन कोविड वारियर्स को प्रतिदिन प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है। एक चालक ने बताया कि हम लोगों को कोई पूछने वाला नहीं। बिस्किट पर काम चला रहे हैं। बस भले ही सैनिटाइज की जा रही है, लेकिन हमारी सुरक्षा का प्रशासन को कोई ख्याल नहीं हैं। हमारे पास न तो सैनिटाइजर होता है और न मास्क।



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खगड़िया जंक्शन पर प्रवासी की स्क्रीनिंग करते डॉक्टर।




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आंध्र प्रदेश से बिहार के 34 जिलों के 1087 रेलयात्रियों को लेकर बरौनी जंक्शन पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, प्रवासियों में दिखी खुशी

आंध्र प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे बिहार के 34 जिलों के 1087 प्रवासी बिहारियों को लेकर नेल्लोर रेलवे स्टेशन से बुधवार को चली 07205 श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार की दोपहर 12:50 बजे बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 4 पर पहुंची। ट्रेन की बरौनी जंक्शन पहुंचने के पूर्व से ही आरपीएफ, आरपीएसएफ, जीआरपी व बिहार पुलिस के जवान तैनात थे। जबकि ट्रेन से आए प्रत्येक रेल यात्रियों के थर्मल स्क्रीनिंग स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक पूछताछ एवं रजिस्ट्रेशन के लिए प्रत्येक बोगी के सामने पांच-पांच कर्मियों की टीम को तैनात किया गया था। ट्रेन के प्लेटफार्म पर रुकने के बाद सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए बारी-बारी से यात्रियों को बोगी से उतारकर थर्मल स्कैनिंग रजिस्ट्रेशन व अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रत्येक यात्री को नाश्ते का पैकेट एवं सील बोतलबंद पेयजल जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाया गया।
बसों से अलग-अलग जिला के लोगों को भेजा गया उनके जिला मुख्यालय
ट्रेन से आए बेगूसराय जिला के कुल 45 लोगों को बसों से उनके प्रखंड मुख्यालय स्थित क्वारन्टीन सेंटर पहुंचाया गया। जहां 21 दिनों तक उन्हें क्वारन्टीन किया जाना है। इस दौरान सेंटर पर ही उन्हें रहने खाने-पीने एवं समय-समय पर स्वास्थ्य जांच किए जाने की समुचित व्यवस्था का दावा जिला प्रशासन ने किया है। इसके अलावा अन्य जिलों के रेल यात्रियों को अलग-अलग बसों से उनके जिला मुख्यालय भेजा गया है। इनमें अररिया के 17, अरवल के 9, औरंगाबाद के 38, बांका के 11, बेतिया के 19, भभुआ के 6, भागलपुर के 22, भोजपुर के 19, बक्सर के 21, दरभंगा के 17, गया के 17, गोपालगंज के 48, जमुई के 22, कटिहार के 30, खगड़िया के 91, किशनगंज के 1, मधेपुरा के 15, मधुबनी के 150, मोतिहारी के 43, मुंगेर के 27, मुजफ्फरपुर के 74,नालंदा के 4, नवादा के 9, पटना के 5, पूर्णिया के 70, रोहतास के 107, सहरसा के 46, समस्तीपुर के 6,सारण के 41, सीतामढ़ी के 6, सिवान के 40, सुपौल के 7 एवं वैशाली के 4 प्रवासी बिहारी सवार थे।

2277 किमी की यात्रा के लिए 840 रुपए देना पड़ा ट्रेन का भाड़ा
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर रेलवे स्टेशन से श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बरौनी जंक्शन तक की कुल 2277 किलोमीटर की यात्रा के लिए प्रत्येक रेल यात्रियों को ₹840 रेल भाड़ा के रूप में भुगतान करना पड़ा। इस संबंध में रेल यात्री राहुल कुमार ,विनोद कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि ट्रेन के नेल्लौर से प्रस्थान करने के पूर्व वहां के पुलिस द्वारा उन लोगों को स्टेशन तक लाया गया। जहां प्रत्येक रेल यात्री से ₹840 लेकर सुपरफास्ट एक्सप्रेस के स्लीपर बोगी का टिकट उपलब्ध करवाया गया। जिसके बाद ही उन लोगों को ट्रेन में बैठाया गया।



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Workers' special train arrived in Barauni Junction with 1087 railway passengers from Andhra Pradesh to 34 districts of Bihar




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दुर्ग समेत 8 जिलों के 1200 से ज्यादा मजदूर ट्रेन से आएंगे, 14 दिन क्वारेंटाइन के बाद ही जा सकेंगे घर

जिले सहित प्रदेशभर में आने वाली 28 श्रमिक स्पेशल ट्रेन मे से एक ट्रेन दुर्ग स्टेशन भी आएगी। इस ट्रेन में दुर्ग समेत 8 जिले के 1200 मजदूर पहुंचेंगे। इसकी तैयारी शुक्रवार को की गई। आने वाले श्रमिकों का थर्मल स्क्रीनिंग स्टेशन में ही करेंगे। उसके बाद उन्हें उनके जिले के क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक रखेंगे। इसके बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिलेगी। बताया गया कि यह स्पेशल ट्रेन रविवार को दुर्ग आ सकती है।
दुर्ग स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक-1 पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन रूकेगी। यहां से मजदूरों को 4 गेट से बाहर निकाला जाएगा। इस गेट पर ही मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए थर्मल स्क्रीनिंग करेंगे। मजदूर बड़ी संख्या मे पहुचेंगे इसलिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ रेलवे विभाग के डॉक्टर और स्टाॅफ थर्मल स्क्रीनिंग का कार्य करेंगे। अधिकारियों की माने तो दुर्ग जिले के 2 हजार से ज्यादा मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं। जिन्हें वापस लाने की तैयारी है।

जिले में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से आएंगे
स्पेशल ट्रेन से आने वाले सबसे ज्यादा मजदूर महाराष्ट्र के हैं। यहां से 700 मजदूर पहुंचेंगे। गुजरात राज्य से 240 मजदूरों के आने का पंजीयन करवाया गया है। आन्ध्रप्रदेष, कर्नाटक, झारखंड और तेलंगाना राज्य से 260 मजदूरों की आने की सूचना हैं। इसी हिसाब से मजदूरों को क्वारेंटाइन करने के लिए प्रशासन कार्य योजना बना रही हैं।

40 बसों से भेजे जाएंगे अन्य जिले: प्रशासन द्वारा स्पेशल ट्रेन से आए मजदूरों को दूसरे जिले में ले जाने के लिए 40 बसों की व्यवस्था की जा रही है। इन मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग से बसों में बिठाए जाऐंगे और रवाना करेंगे। दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, कवर्धा, धमतरी, राजनांदगांव, कोंडागांव और नारायणपुर जिले के श्रमिक इस स्पेशल ट्रेन में दुर्ग स्टेशन पहुंचेंगे। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।

स्टेशन में थर्मल स्क्रीनिंग: मजदूरों का दुर्ग रेलवे स्टेशन में थर्मल स्क्रीनिंग होगी। इसके बाद मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। दुर्ग शहरी क्षेत्र के मजदूरों को सन पब्लिक स्कूल दुर्ग के क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। भिलाई क्षेत्र के मजदूरों को रूंगटा कालेज में क्वारेंटाइन करेंगे। ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को उनके गांव के बाहर बनाए गए सेंटर में क्वारेंटाइन किया जाएगा। यहां उनके रहने खाने-पीने की व्यवस्था ग्राम पंचायत के जिम्मे होगी।

सबसे ज्यादा धमधा में सेंटर: अन्य प्रांतों से आने वाले मजदूरों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने जिले में 273 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए है। दुर्ग ब्लाक में 43, धमधा ब्लाक 119 और पाटन ब्लाक में 112 क्वारेंटाइन सेंटर का इंतजाम किया गया है। इन सेंटरों में मजदूरों को क्वारेंटाइन करेंगे। अभी में 258 श्रमिक ही इन सेंटरों में क्वारेंटाइन किए गए है। ये वें मजदूर हैं जो खुद से होकर यहां पहुंचे हंै। दुर्ग क्षेत्र में 65, धमधा 43 और पाटन क्षेत्र में 60 श्रमिक क्वारेंटाइन हुए हैं।



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More than 1200 laborers from 8 districts including Durg will come by train, will be able to go home only after 14 days quarantine




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48 दिन बाद शर्त के साथ खुलीं शहर की दुकानें लेकिन वाहनों के नहीं चलने से कम आए खरीदार

लॉकडाउन थ्री में छूट मिलने के बाद शुक्रवार से दुकानें तो खुलीं तो पूरे शहर में 48 दिन के बाद रौनक आ गई। आवश्यक सामान की दुकानें खुलने से बाजार में रौनक दिखी। राशन, दवा और डेयरी पहले से ही खुले थे, वहीं अब किताब, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सामान के दुकान शुक्रवार को खुले मिले। इसके अलावा एनएच 31 पर भी गैराज में काम शुरू किया गया। हालांकि अब भी वाहनों के चलने के लिए पास को अनिवार्य किया गया गया है। जरूरी सामान के लिए पैदल या साइकिल से ही निकलने की छूट है। यदि वाहनों की आवश्यकता होती है तो उसके लिए पास बनवाना जरूरी किया गया है।
बाजार खुले लेकिन नहीं आ रहे हैं ग्राहक
भले ही शर्तों के साथ जिला प्रशासन ने आवश्यक सामान की दुकानें अलग-अलग दिनों में खोलने की अनुमति दी है, लेकिन वाहनों के परिचालन पर रोक रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अब भी बाजार नहीं पहुंच पा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक सब्जी की दुकान पर और मंडी में भीड़ है। इसके बाद किराना, दवा के अलावा कुछ हद तक इलेक्ट्रिक दुकान पर ग्राहक दिखने को मिल रहे हैं।
ग्राहक कम ,घूमने वाले ज्यादा दिखे फिर भी पुलिस रोक नहीं रही थी: ऑटोमोबाइल्स वर्कशॉप, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अन्य छोटी दुकानें खुलने से शहर में भीड़ बढ़ गई है । इस दौरान सड़क पर पुलिस ने लोगों को नहीं रोका। हालांकि शाम 5 बजते ही दुकानें बंद होने लगीं।

सरकारी काम के शुरू होने से मजदूरों को मिलने लगा काम
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि रोजगार सृजन के उद्देश्य से कुछ महत्वाकांक्षी योजनाओं के कार्य प्रारंभ किए गए हैं। हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत 43 जगहों पर काम शुरू किया गया है। जिसमें 298 मजदूरों को काम दिया गया है। जबकि मुख्यमंत्री ग्रामीण गली नाली योजना के तहत 67 जगहों पर 495 मजदूर काम कर रहे हैं। इसके अलावा जल जीवन हरियाली योजना का कार्य 140 स्थानों पर क्रियान्वित किया जा रहा है।

पुलिस देख 8 महिला ग्राहक समेत दुकान में बंद हुआ मालिक, दो घंटे के प्रयास के बाद हुआ गिरफ्तार
लॉकडाउन में छूट मिलने की खबर के बाद शुक्रवार को विष्णुपुर मोहल्ले में श्रीमान् वस्त्रालय भी खोल दिया गया। इस दौरान जब पुलिस की गश्ती जीप पहुंची तो दुकानदार को जानकारी दी कि अभी केवल आवश्यक वस्तुओं की ही दुकानों को खोलना है। जिसके बाद दुकानदार मंटुन यादव पुलिसकर्मियों से बदतमीजी करने लगा। पुलिसकर्मियों ने इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी। जिसके बाद थानाध्यक्ष वहां पहुंचे। हालांकि थानाध्यक्ष के पहुंचने से पहले ही मंटुन दुकान में आईं आठ महिला ग्राहकों को लेकर दुकान के अंदर से ही शटर गिराकर बंद हो गया। बाद में वहां पहुंचे नगर थानाध्यक्ष ने लाउडस्पीकर से दुकानदार को दुकान का शटर खोलने को कहा, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी। हालांकि दो घंटे की मशक्कत के बाद उसने दुकान का शटर खोला। जिसके बाद हड़कत में आई पुलिस ने मंटू यादव, उसके पुत्र समेत आठ महिला ग्राहकों को वहां से छुड़ाया सभी को लेकर थाना पहुंचे। नगर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार झा ने बताया कि पुलिस मंटुन यादव एवं उनके पुत्र पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने पुलिस अफसरों के साथ बदतमीजी करने एवं ग्राहकों को जबरन बंधक बनाने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। दोनों आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।



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City shops opened with condition after 48 days, but fewer vehicles came due to lack of vehicles




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बिहिया में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में 5 जख्मी, 4 लाेग गिरफ्तार

थाना क्षेत्र के बांधा गांव में बच्चों के बीच पूर्व में हुआ विवाद तूल पकड़ लिया और दो पक्ष आपस में भिड़ गये। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे से हुई मारपीट की घटना में दोनों पक्षों के 2 महिलाओं समेत 5 लोग जख्मी हो गये। घटना को लेकर दोनों पक्षों ने थाने में अलग-अलग केस दर्ज करायी है। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के दो-दो लोगों समेत कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। जख्मियों में एक पक्ष के स्व. नारद महतो की पत्नी लखमुना कुंअर व पुत्र शत्रुघ्न कुमार और दूसरे पक्ष के शिवशंकर यादव की पत्नी गुंजेश्वरी देवी के अलावा भगवान यादव व मरकट यादव का इलाज बिहिया स्थित सीएचसी में कराया गया।

पुलिस के अनुसार मारपीट की घटना को लेकर एक पक्ष के लखमुना कुंवर और दूसरे पक्ष के गुंजेश्वरी देवी ने केस दर्ज करायी है। बिहिया के प्रभारी थानाध्यक्ष शशिकांत ने बताया कि इस मामले में एक पक्ष के श्रीभगवान यादव व मरकट यादव और दूसरे पक्ष के रामभजु महतो और धीरेन्द्र महतो समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। बताया जाता है कि बांधा गांव में पिछले दिनों बच्चों के बीच विवाद हुआ था। बच्चों के बीच हुए उक्त विवाद में रास्ते से जाने को लेकर फिर बात बिगड़ गयी और बकझक के बाद दो पक्ष आपस में भिड़ गये।



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बीते डेढ़ महीने से कोटा में फंसे 1243 विद्यार्थियों को लेकर आरा पहुंची कोटा-आरा स्पेशल ट्रेन

पिछले डेढ़ माह से लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे करीब 1243 छात्रों को लेकर 09835 डाउन कोटा-आरा स्पेशल ट्रेन शु़क्रवार की दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर आरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त रखने के लिए डीएम रोशन कुशवाहा एसपी सुशील कुमार, स्टेशन प्रबंधक बीके पाण्डेय, एसडीओ अरूण प्रकाश, जीआरपी, आरपीएफ सहित रेलवे के कई अधिकारी मौजूद थे।

स्पेशल ट्रेन से शाहाबाद के सात जिलों में भोजपुर के 241, बक्सर के 134, रोहतास के 376, कैमूर के 107, गोपालगंज 08, सीवान के 13 व सारण के 354 यानि कुल 1243 विद्यार्थी को कोटा से आरा लाया गया। दोपहर से लेकर शाम तक सभी विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। सभी का थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद स्टेशन परिसर में लगी बसों की सहायता से रमना मैदान लाया गया। जहां से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए उनके अभिभावक घर ले गए। इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सख्त हिदायत दी है कि सभी को 14 दिनों तक होम क्वारान्टीन मेें रखना है। ट्रेन आने के पहले स्टेशन परिसर को नगर निगम के सैनिटाइजर वाहन से जो भी बसें आई थी उन्हें सैनिटाइज कराया गया था।

ट्रेनों से उतरते ही अपनों को ढूंढ रही थीं निगाहें
जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक पर आई तो उसमें बैठे सभी विद्यार्थियों की नजर अपनों को ढूंढ़ रही थी। उनके अभिभावक भी जल्द उनको घर ले जाने के लिए बेचैन दिखे। सभी विद्यार्थियों को जिला प्रशासन के तरफ से प्लेटफार्म नंबर एक पर एनाउंस कराया जा रहा था कि कोई भी ट्रेन से नहीं उतरेगा। पहले रजिस्ट्रेशन होगा तभी उतरना है।

प्रशासन का दावा फेल: जिला प्रशासन ने यह दावा किया था कि स्टेशन पर आनेवाले विद्यार्थियों के सामानों को ढोने की व्यवस्था मजदूर व कूली से करायी जाएगी। लेकिन स्टेशन परिसर से विद्यार्थी खुद अपने से सामानों को ढोकर बसों में चढ़ाते नजर आए। पूछने पर विद्यार्थियों ने बताया कि कहने पर भी कोई बस में सामान नही चढ़ा रहा है। वही रमना मैदान में भी बस जब पहुंच रही थी तो वहां से भी विद्यार्थियों को अपने घर जाने में काफी फजीहत झेलनी पड़ी।

सोशल डिस्टेंसिंग का नही हो रहा था पालन:छात्र-छात्राओं की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी व अधिकारी खुद की सुरक्षा भूल गए। पटना कोटा एक्सप्रेस के आरा पहुंचने के समय पुलिसकर्मियों, अधिकारियों व कर्मियों की इतनी भीड़ हो गई कि रेलवे परिसर भर गया। सभी को सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए था लेकिन किसी को इस बात का ध्यान ही नजर नहीं आ रहा था।

एक राहत यह भी : दो एएनएम समेत 38 लोगों की जांच रिपोर्ट आई निगेटिव
भोजपुर वासियों के लिए इस वक्त की सबसे बड़ी खबर यह है कि जिले से गुरुवार तक सैंपल जांच को गई सभी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी हैं। इन रिपोर्ट में दो एएनम समेत 38 लोगों का रिपोर्ट शामिल है। इस प्रकार अब केवल शुक्रवार को जो रिपोर्ट जांच करने के लिए पटना भेजा गया है, उसी का रिपोर्ट आना शेष रह गया है। इसकी जानकारी देते हुए डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि पहले की गई सभी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। शुक्रवार को कुल 43 लोगों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया है। इन में सहार प्रखंड का 17, आगिआव से 17 और आरा प्रखंड से 9 लोगों का सैंपल ले कर भेजा गया है। इनमें आरा के धरहरा रिसोर्ट से 6 और रीगल होटल से 3 लोगों का गया सैंपल भी शामिल है।



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Kota-Ara special train reached Ara with 1243 students stranded in Kota since last one and half month




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लुधियाना से पहुंचे 1210 मजदूर, महाराष्ट्र के नंदूरबार मदरसा से आने वाले 88 बच्चे 14 दिनों तक रहेंगे होम क्वारेंटाइन में

लॉकडाउन में बाहर फंसे मजदूरों का श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए आना जारी है। 24 घंटे के अंदर पूर्णिया में चार श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1337 प्रवासी श्रमिक पहुंचे हैं। शुक्रवार शाम करीब 2 घंटे देरी से 4.20 में पंजाब के लुधियाना से श्रमिक स्पेशल ट्रेन पूर्णिया पहुंची। ट्रेन में पूर्णिया जिले के 1210 लोगों के साथ पड़ोसी अररिया समेत अन्य जिले के 42 लोग शामिल थे। लुधियाना से पूर्णिया पहुंचे मजदूरों ने बताया कि टिकट का पैसा नहीं लिया गया। रास्ते में भी खाने-पीने की परेशानी नहीं हुई। लेकिन, अब बाहर जाने से पहले एक बार सोचेंगे जरूर।
डीएम राहुल कुमार ने बताया कि लुधियाना, भरूच, नंदूरबार और सूरत से आए अन्य जिलों के प्रवासियों को उनके जिले में भेज दिया गया है। जिले के श्रमिकों को उनके गृह प्रखंडों में बने होम क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया है। महाराष्ट्र के नंदूरबार मदरसा से आए 88 बच्चे 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। बाहर से आ रहे मजदूरों ने बताया कि बाहर जाकर कमाना-खाना मजबूरी है। कमाने नहीं जाएंगे तो परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। लॉकडाउन से पहले तक कोई परेशानी नहीं थी। लॉकडाउन के बाद काफी जिल्लत उठानी पड़ी। जैसे-तैसे दिन गुजर रहा था, ट्रेन में बैठने के बाद राहत मिली।

मजदूरों ने कहा-सरकार यदि बिहार में देगी रोजगार के अवसर तो नहीं जाएंगे बाहर
स्टेशन पर ट्रेन से उतरे हुए मजदूरों ने काफी राहत की सांस ली। ये मजदूर काफी हतोत्साहित और परेशान नजर आ रहे थे। कहा- ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे उनका पुनर्जन्म हुआ है। मजदूरों ने बताया कि यदि बिहार सरकार हमें अपने ही राज्य में रोजगार का अवसर देगी तो कभी बाहर नहीं जाएंगे। आज यदि यहां रोजगार मिलता तो हमारी यह हालत नहीं होती। लाॅकडाउन लगते ही सभी उद्योग बंद हो गए। मालिक ने काम से भी निकाल दिया। जो पैसे थे उससे जैसे-जैसे गुजारा किए। पैसा खत्म होने के बाद गुरुद्वारा और अन्य दाताओं के सहयोग से एक वक्त की रोटी नसीब हो रही थी।
महाराष्ट्र के नंदूरबार से पहुंचे 1282 यात्रियों में ज्यादातर मदरसा के बच्चे, सभी को भेजा गया होम क्वारेंटाइन, किशनगंज के 188
गुरुवार की देर रात 1.15 बजे महाराष्ट्र के नंदूरबार से 1282 यात्रियों को लेकर ट्रेन पूर्णिया जंक्शन पहुंची। इस ट्रेन में ज्यादातर मदरसा के बच्चे थे। नंदूरबार से पहुंची ट्रेन में पूर्णिया के 88 यात्रियों के अलावा किशनगंज के 182,कटिहार के 166,अररिया के 91,अरवल के 3,औरंगाबाद के 23,बांका के 7,बेगूसराय के 30, भागलपुर के 27,भोजपुर के 1, बक्सर के 4, दरभंगा के 61,पूर्वी चंपारण के 27, गया के 24, गोपालगंज के 43, जमुई के 7, जहानाबाद के 4,कैमूर के 1, खगड़िया के 5, मधेपुरा के 5, मधुबनी के 20, मुंगेर के 11, मुजफ्फरपुर के 41, नालंदा के 14,नवादा के 17,पटना के 89, रोहतास के 22, सहरसा के 38,समस्तीपुर के 35,छपरा के 12, शेखपुरा के 5, शिवहर के 5,सीतामढ़ी के 20,सिवान के 63,सुपौल के 3,वैशाली के 6 व पश्चिमी चंपारण के 82 यात्री शामिल थे। ट्रेन से आए मदरसा के बच्चों की स्क्रीनिंग करवाकर बस के माध्यम से उन्हें विभिन्न जिलों में भेज दिया गया।

भरूच से आए 1240 यात्री, अररिया के सबसे ज्यादा 633, पूर्णिया के 29

गुजरात के भरूच से 1240 यात्रियों को लेकर एक ट्रेन शुक्रवार की देर रात पूर्णिया जंक्शन पहुंची। इस ट्रेन में अररिया जिले के सबसे ज्यादा 633 लोग शामिल थे। ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचते ही सभी यात्रियों की स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग करवा कर उन्हें गृह जिला में भेजा गया।बाहर से आने वाले सभी यात्रियों को 21 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना होगा। भरूच से आने वाली ट्रेन में अररिया के 633 लोगों के अलावा कटिहार के 291, किशनगंज के 65, मधुबनी के 55, सहरसा के 45, सुपौल के 36, पूर्णिया के 29, गोपालगंज के 24, सिवान के 7, दरभंगा के 16, भागलपुर के 10, खगड़िया के 7, पश्चिम चंपारण के 6, मुजफ्फरपुर के 5, मधेपुरा के 3, पूर्वी चंपारण के 3, बांका के 3, सारण के 1, पटना के 1 यात्री शामिल है। अहमदाबाद के भरूच से आने वाले यात्रियों को 51 बसों के माध्यम से उनके गृह जिला भेजा गया। यात्रियों को ले जाने के लिए अररिया से 25, कटिहार से 12, किशनगंज से 3, मधुबनी, सहरसा, सुपौल से 2-2 और गोपालगंज से 1 बस पहुंची थी।

24 घंटे के अंदर पूर्णिया में श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सूबे के 5 हजार से ज्यादा श्रमिक और मदरसा के बच्चे आए
24 घंटे के अंदर पूर्णिया में चार श्रमिक स्पेशल ट्रेन के सहारे सूबे के 5 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिक और मदरसा के बच्चे पूर्णिया पहुंचे हैं। इनमें जिले के 1337 लोग शामिल हैं। पूर्णिया में गुरुवार की रात्र 8 बजे गुजरात के सूरत से पहली ट्रेन पहुंची थी। इसमें पूर्णिया के 10 यात्री शामिल थे। देर रात 2 बजे के आस-पास महाराष्ट्र के नंदूरबार से 1282 लोगों को लेकर एक ट्रेन पहुंची। इस ट्रेन में ज्यादातर मदरसा के बच्चे शामिल थे। इसमें पूर्णिया जिले के मदरसे के 88 बच्चे शामिल थे। शुक्रवार को पंजाब के लुधियाना से 1250 लोगों को लेकर पहली ट्रेन पहुंची। इस ट्रेन में 1210 लोग पूर्णिया के ही थे। रात में ही गुजरात के भरूच से 1240 लोगों को लेकर एक ट्रेन पहुंची। इसमें पूर्णिया के 29 यात्री शामिल थे।



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महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले से पूर्णिया पहुंचे मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे। स्टेशन पर सोशल डिस्टेंस मेंटेन किया गया।
पूर्णिया जंक्शन पर लुधियाना के स्पेशल ट्रेन से लौटने के बाद प्रवासी श्रमिकों की भीड़। प्लेटफॉर्म से निलकने के बाद यात्रियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया। भीड़ को कंट्रोल करने में प्रशासन विफल रहा।




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जिले में सभी प्रखंडों के 4 हजार परिवारों को मनरेगा से हाेगी राेजगार की व्यवस्था

लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक परेशानी मजदूरों को हो रही है। ये प्रतिदिन जो कमाते थे, उसी पैसे से अनाज घर में आता था और उनके घर का चूल्हा जलता था। दैनिक मजदूरी करने वाले परिवारों की इस समय सबसे अधिक आर्थिक हालत खराब है। ऐसे संकट काल में मनरेगा पर ग्रामीण मजदूरों की निगाहें टीकी हुई है। इधर कोरोना को लेकर दूसरे प्रदेशों में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों की घर वापसी को देखते हुए मनरेगा विभाग ने भी कमर कस लिया है। उधोगों और रोजगार के दूसरे अवसरों के बंद रहने की स्थिति में मनरेगा ग्रामीण गरीबों के लिए संबल साबित होगा।
2998 योजनाओं को करने के लिए मिली है स्वीकृति
पंचायतों की बैठक में प्रखंड में सृजित योजनाओं के तहत रोजगार देने के लिए प्रखंड मेंं कुल 2998 योजनाओं की मंजूरी मनरेगा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ले ली है। बिहार ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी की मानें तो जो भी रोजगार मांगेगा उसे रोजगार दी जाएगी। फिलहाल करीब चार हजार परिवारों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता है। प्रखंड में 20616 मजदूर पंजीकृत हैं जिसमें से 5537 एक्टिव मजदूरों की श्रेणी में हैं। ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने वाले कामों के अलावा पौधारोपण के कामों में भी काफी लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा।

कई बंद पड़ी योजनाएं हो सकती है शुरू
विभाग लॉकडाउन के कारण बंद पड़ीं कई योजनाओं को फिर से शुरू करने जा रही है तथा कई नई योजनाओं को भी अमलीजामा पहनाने की पहल की गयी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न पंचायतों में एक्टिव मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलने का रास्ता साफ है। कई पंचायतों में स्थानीय स्तर पर काम शुरू भी किए गए हैं। इन मजदूरों के लिए कार्यस्थल पर ही मास्क, हैंडवाश और साबुन आदि की व्यवस्था की गयी है। सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी आवश्यक किया गया है।
शुरू किया जा रहा काम मांगो अभियान
कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि सभी गांवों में ग्रामीणों के बीच काम मांगो अभियान के तहत पंचायत रोजगार सेवक ग्रामीण इलाकों में घूम-घूम कर काम करने के इच्छुक लोगों से आवेदन लेंगे। नए मजदूरों को इससे लाभ मिलेगा। इसकी शुरुआत की जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा व्यक्तिगत लाभ वाली योजनाएं जैसे ग्रामीण पौधरोपण, पौधशाला, छोटे तालाब का निर्माण व उड़ाही तथा जल संचयन संरचना का निर्माण करवाने पर बल दिया गया है।

जल जीवन हरियाली अभियान शुरू
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा जल-जीवन-हरियाली योजना से संबंधित वैसी सभी योजनाओं पर भी काम तुरंत शुरू कर दिया जायेगा। विभागीय कर्मियों को पौधा लगाने के संबंध में वन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया है। पौधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी वन विभाग की है। गड्ढे खोदने के लिए मजदूरों से संपर्क शुरू कर दी गयी है।

पंचायत स्तर पर ली गयी कुल योजनाएं:
मनरेगा कार्यालय के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र के बराव पंचायत में 178, वेरकप पंचायत में 149, भैंसहां पंचायत में 239, भलुआड़ी में 258, चकन्हा में 378, दहाउर में 202,दरिहट में 166, गंगौली में 147, मझीआंव में 266, मथुरी में 350, पतपूरा में 156 और सर्वाधिक पहलेजा में 423 एवं सबसे कम जमुहार में 86 योजनाएं ली गयी हैं।



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MGNREGA will provide employment to 4 thousand families of all blocks in the district




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40.6 लाख की लागत से हाेगा सड़क चाैड़ीकरण व नाली निर्माण : मुख्य पार्षद

नगर के हटिया चाैक से सुभाष चाैक हाेते हुए डाॅ. रामानंद प्रसाद के क्लीनिक तक पक्की सड़क चाैड़ीकरण व वार्ड-9 में निर्मली यादव के घर से प्राथमिक विद्यालय पासवान टोला तक पक्की नाली सह ढक्कन निर्माण कार्य का मुख्य पार्षद दुलारी देवी ने शुक्रवार काे शिलान्यास किया। माैके पर उपमुख्य पार्षद रंजीत नायक, मुख्य पार्षद प्रतिनिधि जगरनाथ कामत, वार्ड पार्षद माे. भट्टू, संजय कुमार, समाजसेवी शंभु राय, शशि शेखर, िनर्मल साह मुकेश साह, विवेकानंद, जेई विनाेद कुमार चाैधरी, मंटू कुमार सहित अन्य माैजूद थे। इस दाैरान मुख्य पार्षद ने बताया कि नगर के हटिया चाैक से सुभाष चाैक हाेते हुए डाॅ. रामानंद प्रसाद के क्लीनिक तक 34 लाख 13 हजार रुपए की लागत से पूरब अाैर पश्चिम दिशा से सड़क चाैड़ीकरण का काम हाे रहा है। इसके अलावे वार्ड नंबर 9 के निर्मल यादव के घर से प्राथमिक विद्यालय पासवान टोला तक 6 लाख 47 हजार की लागत से पक्की नाली व ढक्कन का निर्माण हाेगा। इसके साथ ही नगर के विभिन्न वार्डाें में भी पक्की नाली व सड़क का निर्माण हाेगा। नगर में विकासात्मक कार्य काे लेकर वार्डवार सूची बनाई जा रही है।



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Road chaining and drainage construction to be done at a cost of 40.6 lakhs: Chief Councilor




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डीपीओ कार्यालय में उपस्थित होकर 488 माध्यमिक शिक्षकों ने किया योगदान

शिक्षा विभाग के निर्देश पर शुक्रवार को मुख्यालय डुमरा स्थित डीपीओ माध्यमिक कार्यालय में संदेह उपस्थित होते हुए जिले के 488 माध्यमिक शिक्षकों ने योगदान दिया। जबकि 100 माध्यमिक शिक्षकों ने लॉकडाउन में फंसे रहने का हवाला देते हुए व्हाट्सएप के माध्यम से याेगदान करने कही डीपीओ को जानकारी दी। वहीं सदेह योगदान करने वाले 53 शिक्षकों को क्वारेंटाइन सेंटर में ड्यूटी दी गई है। डीपीओ माध्यमिक शिक्षा जिलाउल होदा खान के नेतृत्व में शिक्षकों ने योगदान किया। डीपीओ ने बताया कि जो शिक्षक लॉकडाउन में अन्य जिले में फंसे हैं, उन्हें निर्देश दिया गया है कि जिलाधिकारी से पास प्राप्त कर शीघ्र ही डीपीओ कार्यालय पहुंचकर उपस्थिति दर्ज कराएं।



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याेगदान देने के लिए डीपीअाे कार्यालय के सामने खड़े शिक्षक।




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तेलंगाना से विशेष ट्रेन से छपरा आए 1250 प्रवासी 14 काउंटरों पर स्क्रीनिंग कर भेजा गया गृह जिला

लगातार दूसरे दिन श्रमिक स्पेशल ट्रेन छपरा जंक्शन पहुंची। कल सूरत से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन आयी थी और गुरुवार को तेलंगाना से आयी। सर्वप्रथम डीएम और एसपी के द्वारा ट्रेन की सबसे पिछली बोगी तक जाकर निकलने वाले सबसे पहले व्यक्ति का स्वागत किया गया। इसके बाद बारी-बारी से लोगों के उतरने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने अपने धैर्य का परिचय दिया और सभी प्रक्रियाओं का समुचित रूप से पालन किया।

प्लेटफार्म पर ही लोगों को और उनके बैग या थैले को सेनेटाइज किया गया। इसके लिए टीम लगी हुयी थी। प्लेटफार्म से बाहर निकलने पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी जिसके लिए 14 काउंटर बनाये गये थे और सभी काउंटर पर दो-दो प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी लगाये गये थे। इसके बाद सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए फूड पैकेट्स और पानी का बोतल दिया गया। बच्चों को अलग से बिस्किट, टाॅफी और कुरकुरे का पैकेट दिया गया उसके बाद लोगों को उनके गंतव्य के जिलों में बसों के माध्यम से भेज दिया गया।
इलाहाबाद से पहुंचे साइकिल से मिस्कारी टोला गाव के प्रवासी
बनियापुरप्रखंड के कन्हौली मनोहर पंचायत के मिस्कारी टोला गांव में 18 प्रवासी इलाहबाद से साइकिल से गांव पहुंचे जहां गांव वालों द्वारा हो हल्ला मचाने पर गांव के मदरसा को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है। जहां क्वारेंटाइन सेटर में प्रवासी मुन्ना मोहम्मद सहित सभी प्रवासियों ने बताया कि हम सभी इलाहबाद मेला में सदियों से बांसुरी बेचने के काम से जाते रहे है जहां लॉक डाउन के वजह से मेले में फंस गए।
जिसके बाद रहने खाने की समस्या विकट हो गयी। जहां तहां लम्बे लाक डाउन से स्थित दयनीय होने के बाद सइकिल से ही हम लोग 18 आदमी एक साथ घर के लिए रवाना हो गए। बनियापुर पहुंचने पर स्थानीय मुखिया के द्वारा थाना और अस्प्ताल भेजे गए। जहां जांचोपरांत प्रखंड क्वारें टाइन सेंटर भेजा गया।परन्तु पैदल और बिना रजिस्ट्रेशन के मजदूरों का व्यवस्था नहीं होने पर कहा गया कि गाव से दो सौ मीटर की दुरी पर आईसोलेट किए जाने को कहा गया।तब हम लोगो ने गांव के मदरसा को क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का फैसला किया जो गाव से अलग है। घर से खाना माँगकर खाते है।

फूलों से सजाया गया था स्टेशन
छपरा जंक्शन पर काफी अच्छी व्यवस्था की गयी थी। रेलवे स्टेशन को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया था। प्रवासी यात्री छपरा पहुंचकर काफी खुश दिखे। आगंतुकों के द्वारा यहां की गयी व्यवस्था को काफी अच्छा बताया गया।
सबसे अधिक मधुबनी के थे
छपरा आए 1250 लोगों में सबसे अधिक मधुबनी के 723, सीवान के 264 तथा सारण जिला के विभिन्न प्रखंडों के 263 व्यक्ति शामिल थे।
54 सैंपल जांच के लिए भेजा गया
डीएमने बताया कि बाहर से आये हुए प्रवासियों का 54 सैंपल जांच के लिए भेजा गया है तथा सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि क्वारेंटाइन कैंप में रह रहे एवं आने वाले प्रवासियों में सभी बुजुर्ग व्यक्तियों तथा इन्फ्लूएंजा के लक्षण वाले व्यक्तियों का सैंपल लेकर जांच करा ली जाए।

कौन-कौन दुकानें कब खुलेगी
डीएम ने बताया कि ऑटोमोबाईल्स, टायर एवं ट्यूब्स, लुब्रीकेन्ट की दुकान सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को, सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, गिट्टी सीमेंट ब्लाॅक, ईट, प्लास्टिक पाईप, हार्डवेयर, सैनिटरी फिटिंग, लोहा, पेंट, शटरिंग सामग्री की दुकाने 10ः00 से 1ः00 बजे तक प्रतिदिन, ऑटोमोबाईल, स्पेयर पाटर्स की दुकानें 9ः00 बजे से 2ः00 बजे तक केवल सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को, गैरेज, साईकिल, मोटर साईकिल मरम्मत एवं वर्कशॉप 9ः00 बजे से 2ः00 तक केवल सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को, इलेक्ट्रिक गुड्स पंखा, कुलर विक्रय व मरम्मत 3ः00 बजे से 6ः00 बजे तक केवल मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को, इलेक्ट्रिाॅनिक गुड्स-यथा, मोबाईल, कम्प्यूटर, लैपटाॅप, युपीएस एवं बैट्री की विक्रय एवं मरम्मत 3 बजे से 6 बजे तक केवल मंगलवार, गुरुवार, एवं शनिवार को, हाई सेक्युरिटी रजिस्ट्रेशन पलेट की दुकान 11 बजे से 2ः00 तक प्रति दिन खुलेगी लेकिन इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी, सारण से अनुमति प्राप्त कर जिला में केवल एक सेंटर खोला जाना है। प्रदूषण जांच केन्द्र 11 बजे से 2 बजे तक प्रतिदिन, सैलून, स्पा 7 बजे से 11ः00 बजे तक केवल रविवार, सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को दुकान खुलेगी।

सुबह-शाम कराया जाएगा योगाभ्यास: डीएम
इस अवसर पर मीडिया से वार्ता में डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि आये हुए सभी लोगों को उनके गृह जिला में भेजा जा रहा है जहाँ से उन्हें उनके गृह प्रखंड में बनाए गये क्वारें टाइन कैम्प में रखा जाएगा। सारण जिला में भी जो 263 लोग आज तेलंगाना से आये है उन्हें भी उनके गृह प्रखंड में बनाये गये क्वारेंटाइन कैम्प में भेजा जा रहा है। इस कैम्प में उन्हें 21 दिन रखा जाएगा। वहाँ सभी लोगों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें पहनने का कपड़ा, थाली-ग्लास, बाल्टी-मग, साबुन-सर्फ, ऐनक-कंघी, टूथपेस्ट-ब्रस आदि रहेगा। इन कैम्पों में सुबह में नाश्ता और दो बार का भोजन ससमय उपलब्ध कराया जाएगा। इन कैंप में मनोरंजन के लिए टेलीविजन (एलसीडी) भी लगाया गया है तथा सुबह-शाम योगाभ्यास भी कराया जा रहा है।



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1250 migrants who came to Chhapra by special train from Telangana were screened at 14 counters and sent home.




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कोटा से आए 182 छात्रों में से 145 की घर जाकर हुई जांच, एक ने किया इनकार

जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से सहयोगी संस्थाओं की मदद से कोटा से गया लौटकर आए छात्र-छात्राओं की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। शुक्रवार तक गया शहर लौटे 182 छात्रों में से 145 की स्क्रीनिंग कर ली गई वहीं एक छात्र के परिजन ने स्क्रीनिंग करवाने से इंकार कर दिया। जब स्थानीय स्वराजपुरी रोड स्थित इस छात्र के मोबाइल नंबर पर टीम के सदस्यों ने फोन कर उनके घर का पता पूछा तो कहा गया कि उन्हें जांच नहीं करवानी है और उनका बेटा पूर्ण स्वस्थ है।

टीम के सदस्यों ने इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों को दी और अब यह देखने वाली बात होगी कि जांच से इंकार करने वालों पर जिला व स्वास्थ्य प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई होती है। इससे पहले छात्रों की जांच के लिए डीएम के निर्देश पर चार टीमें बनाई गई। पहली टीम में डॉ. धीरज कुमार के साथ डब्लूएचओ शहरी मॉनिटर दीपक कुमार, दूसरी टीम में डॉ. गगन, डब्लूएचओ के अमजद जावेद व केयर इंडिया की अल्पना स्क्रीनिंग कर रही है।
एक और बार की जाएगी कोशिश
गया सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि स्क्रीनिंग से इंकार करने वाले छात्र के परिजनों से फिर से एकबार संपर्क कर स्क्रीनिंग की कोशिश की जाएगी। टीम के लोगों को इसके लिए निर्देशित किया गया है।



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Out of 182 students from Kota, 145 were investigated at home, one denied




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इटली की फुटबॉल लीग सीरी-ए के 11 खिलाड़ी संक्रमित, ला लिगा में भी 1 खिलाड़ी पॉजिटिव; दो दिन में 14 टूर्नामेंट टाले या रद्द हुए

खेल डेस्क. दुनियाभर में लगातार बढ़ते कोरोनावायरस ने खेल जगत को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इटली की फुटबॉल लीग सीरी-ए के 11 खिलाड़ियों का कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। इस लीग में 20 टीमें खेलती हैं। डॉक्टर ने नई हेल्थ एडवाइजरी जारी कर खिलाड़ियों को प्रैक्टिस से बचने और घर में रहने के लिए कहा है। इसके अलावा दो दिन में दुनियाभर में 6 खेलों के 14 टूर्नामेंट्स को टाला या रद्द कर दिया गया। वहीं, स्पोर्टअकॉर्ड वर्ल्ड स्पोर्ट एंड बिजनेस समिट को रद्द कर दिया गया। यह 19-24 अप्रैल को स्विटजरलैंड के लुसाने में होनी थी।

इस बीच,वैलेंसिया की तरफ से खेलने वाले इजिक्विल गैरे कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं।वे स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा में कोविड-19 से संक्रमित होने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘मैं कोरोनावायरस से संक्रमित हूं। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के मुताबिक, फिलहाल आइसोलेशन में हूं।’’

रोनाल्डो को घर में क्वारैंटाइन किया गया

इटेलियन क्लब युवेंटस के फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो को घर में क्वारैंटाइन किया गया है। हालांकि, वे संक्रमित नहीं हैं। वहीं, बार्सिलोना के सभी इवेंट्स टलने के बाद टीम के खिलाड़ी लियोनल मेसी भी परिवार के साथ घर में समय बिता रहे हैं। रविवार तक दुनियाभर में कोरोनावायरस के कुल 1 लाख 56 हजार 932 मामले सामने आए। 153 देशों में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 5839 तक पहुंच गई है।

सीरी-ए लीग के अभ्यास सत्र को रद्द किया
सीरी-ए लीग के डॉक्टर ने कहा कि सभी ने एकमत से यह फैसला किया है कि फिलहाल प्रैक्टिस सेशन न रखे जाएं। इससे अन्य खिलाड़ी संक्रमित होने से बचेंगे। फिओरेंटीना के पैट्रिक कुट्रोने, जर्मन पेजेला और दुसान वाहोविच समेत 4 खिलाड़ियों का टेस्ट रिजल्ट भी पॉजिटिव आया है। कुछ और प्लेयर्स का टेस्ट भी कराया गया है। यूसी सांपडोरिया क्लब के 7 खिलाड़ी संक्रमित पाए गए। इनमें फेबियन देपाओली औरबार्तोज बेरसिंस्की भी शामिल हैं।

एनबीए के तीन बास्केटबॉल खिलाड़ी संक्रमित
एनबीए के बास्केटबॉल खिलाड़ी क्रिस्टियन वूड का भी कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। वे एनबीए के तीसरे संक्रमित खिलाड़ी हैं। इससे पहले रूडी गोबेर्ट और डोनोवन मिशेल संक्रमित पाए गए थे। यह दोनों ही खिलाड़ी एनबीए में यूटा जैज टीम के लिए खेलते हैं। इनके अलावा सुपर लीग ग्रीस (एसएलजी) के फुटबॉल क्लब ओलिंपिकस के मालिक वेंगेलिस मारिनकिस भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

दो दिन में खेलों पर असर...

क्रिकेट:

  • वेस्टइंडीज ने सभी टूर्नामेंट को टाला।
  • इंग्लिश काउंटी डर्बीशायर ने जिम्बाब्वे दौरा छोटा किया
  • इंग्लैंड टीम श्रीलंका का दौरा रद्द कर वतन लौटी

फुटबॉल:

  • मिस्रफुटबॉल एसोसिएशन ने सभी टूर्नामेंट्स को 15 दिन के लिए टाला।
  • अरब एसोसिएशन ने मोरक्को और मिस्र की टीमों के बीच रविवार को होने वाला मैच टाला
  • फीफा ने सभी इंटरनेशनल टूर्नामेंट को अप्रैल तक टालने की सिफारिश की
  • एशियन चैम्पियंस लीग के अप्रैल-मई में होने वाले मैच टले।
  • 2022 वर्ल्ड कप के क्वालिफायर में दर्शक बैन।
  • चाइनीज सुपर लीग, के लीग, जे लीग स्थगित।

रोइंग:

  • इटली में होने वाले दो विश्व रोइंग कप और यूरोपियन ओलिंपिक क्वालिफिकेशन रेगाटा को रद्द कर दिया है

सेलिंग:

  • 2-3 मई को होने वाला सैन फ्रांसिस्को टूर्नामेंट रद्द किया गया

स्क्वैश:

  • विश्व और चैलेंजर टूर के टूर्नामेंटों को रद्द किया गया

हैंडबॉल:

  • अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल महासंघ ने मार्च, अप्रैल और जून के अपने सभी टूर्नामेंट स्थगित किए

हॉकी:

  • एचआईएफ प्रो लीग को टाला, इसमें भारत का बर्लिन में जर्मनी के खिलाफ 25-26 को दो मैच होने थे

रग्बी:

  • ऑस्ट्रेलिया में जारी सुपर रग्बी टूर्नामेंट को बीच में ही रोककर अगले आदेश तक टाला

बास्केटबॉल:

  • एनबीए सीजन अगले नोटिस तक रद्द कर दिया है।

टेबल टेनिस:

  • वर्ल्ड टीम चैम्पियनशिप टली।
  • दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलियन ओपन रद्द।


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इटली के फुटबॉल क्लब फिओरेंटीना के पैट्रिक कुट्रोने और जर्मन पेजेला (दाएं) भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए।




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ऑस्ट्रेलियाई फर्स्ट क्लास क्रिकेट 1946 के बाद पहली बार रद्द; रग्बी में फैन्स के पास जाने पर बॉल को केमिकल से साफ किया

खेल डेस्क. ऑस्ट्रेलिया का फर्स्ट क्लास क्रिकेट टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड कोरोनावायरस के कारण रद्द कर दिया गया है। 1892 से खेला जा रहा यह टूर्नामेंट 1946 के बाद पहली बार रद्द किया गया था। इसके पहले 1915 से 1919 के बीच पहले वर्ल्ड वार के कारण और 1940 से 1946 के बीच दूसरे वर्ल्ड वार के कारण इसे रद्द करना पड़ा था। 10 राउंड के टूर्नामेंट के बाद टॉप-2 टीमों के बीच फाइनल होता है। 9 राउंड के बाद न्यू साउथ वेल्स की टीम टॉप पर है। फाइनल राउंड के आयोजन की तारीख बाद में घोषित की जाएगी। अंतिम राउंड के मुकाबले 17 मार्च से शुरू होने थे।

सभी 6 टीम के खिलाड़ियों को वेन्यू पर पहुंचने के पहले शनिवार रात को टूर्नामेंट के रद्द होने की जानकारी दी गई। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चीफ एक्जीक्यूटिव केविन राबर्ट्स ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे रद्द करने के अलावा दूसरा ऑप्शन नहीं था। हम सरकारी एजेंसियों से बात कर रहे हैं। खुद की मेडिकल टीम और वायरस में लगी टीम से बात करने के बाद यह फैसला लिया गया। इसके पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज भी रद्द कर दी गई थी। न्यूजीलैंड में होने वाली टी20 सीरीज भी ट्रेवल बैन के कारण कैंसिल हो गई थी। सीनियर महिला और अंडर-19 महिला टीम का दक्षिण अफ्रीका दौरा भी रद्द कर दिया गया है।

रग्बी में कोरोना का डर
ऑस्ट्रेलिया की नेशनल रग्बी लीग (एनआरएल) में रविवार को दो मुकाबले हुए। लेकिन यहां भी कोरोना का डर देखा गया। बॉल किड्स के हाथों में दस्ताने पहनाए गए थे। इसके अलावा जब भी गेंद फैंस के पास जाती उसे केमिकल मिले पानी से धोया गया, ताकि खिलाड़ियों को इंफेक्शन ना हो। दोनों मैच में 20 हजार से अधिक फैंस पहुंचे।

1914 में टेस्ट मैच भी रद्द करना पड़ा था
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कहा कि सभी खेल कोरोनावायरस से प्रभावित हैं। आईपीएल जैसे महत्वूपर्ण टूर्नामेंट के आगे बढ़ने के कारण सभी चिंतित हैं। क्रिकेट में इसके पहले भी कई बार ऐसे मौके आए। पहले वर्ल्ड वार के कारण 1914 से 1920 के बीच टेस्ट मैच नहीं खेला जा सका। 1939 से 1946 के बीच दूसरे वर्ल्ड वार में भी ऐसी ही स्थिति थी। कुछ स्थितियों में बिना दर्शक के बीच मैच खेले गए। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच पहले वनडे में ऐसा ही हुआ। 1963-64 में शेफील्ड शील्ड के क्वींसलैंड और साउथ ऑस्ट्रेलिया के मैच में सिर्फ एक दर्शक आया था। क्रिसमस होने की वजह से पूरा स्टेडियम खाली था।

आईओए प्रतिनिधिमंडल का टोक्यो दौरा भी टला
इंडियन ओलंपिक संघ (आईओए) के प्रतिनिधिमंडल का टोक्यो दौरा स्थगित हो गया है। प्रतिनिधिमंडल में मंत्रालय के भी कुछ अधिकारी शामिल थे। खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, ‘आईओए का सरकारी अधिकारियों के साथ ओलिंपिक के मद्देनजर भारत की तैयारियों का जायजा लेने के लिए 25 मार्च को प्रस्तावित टोक्यो दौरा फिलहाल स्थगित किया गया है।’



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ऑस्ट्रेलिया की नेशनल रग्बी लीग के 2 मैच में फैंस के पास जाने पर बॉल के केमिकल से साफ किया।




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देश में ओलिंपिक पर दो सर्वे; एक में 45% लोगों ने कहा तारीख बढ़ाई जाए, दूसरे में 70% ने माना गेम्स समय पर होना मुश्किल

टोक्यो.कोरोनावायरस के कारण दुनिया के सभी खेल इवेंट स्थगित हो गए हैं। अब 24 जुलाई से टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक गेम्स के आयोजन को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जापान में हुए एक सर्वे में 45% लोगों ने कहा कि खतरे को देखते हुए गेम्स के आयोजन की तारीख बढ़ानी चाहिए जबकि 40% समय से गेम्स के आयोजन के पक्ष में हैं। एक अन्य सर्वे में 70% लोगों ने कहा कि गेम्स का समय पर होना मुश्किल है। इस बीच इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी मंगलवार को स्पोर्ट्स फेडरेशन के साथ बैठक करने जा रही है। बैठक में ओलिंपिक क्वालिफायर जैसे इवेंट के रद्द होने के बाद उसकी दूसरी तारीख क्या हो, इस पर चर्चा होगी। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ओलिंपिक को समय से कराने की बात कह चुके हैं। यूरोप के बॉक्सिंग क्वालिफायर सोमवार से शुरू हुए।

एनएचके ने 6 से 9 मार्च के बीच सर्वे किया

जापान के नेशनल ब्रॉडकास्टिंग आर्गनाइजेशन एनएचके ने 6 से 9 मार्च तक गेम्स के आयोजन को लेकर सर्वे किया। इसमें 45% लोगों ने कहा कि गेम्स के आयोजन को बढ़ाना चाहिए। जबकि 40% लोगों ने कहा कि गेम्स समय पर हो। वहीं सोमवार को क्योडो न्यूज एजेंसी ने 1 हजार लोगों पर सर्वे किया। सर्वे के 69.9% लोग ने कहा कि आयोजक समय पर गेम्स का आयोजन नहीं कर सकेंगे। टोक्यो गवर्नर यूरिको कोइकी कह चुकी हैं ओलिंपिक के रद्द होने के बारे में सोचा ही नहीं जा सकता।

ट्रंप भी ओलिंपिक टालने की बात कह चुके हैं

अमेरिका में एनबीए टूर्नामेंट अनिश्चित काल के लिए रद्द किया जा चुका है। जापान के सभी खेल रोक दिए गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ओलिंपिक को टालने की बात कह चुके हैं। जापान में कोरोनोवायरस के 814 पॉजिटिव मरीज हैं जबकि 24 की मौत हाे चुकी है। जापान के 27 साल के कोकी मिउरा ने कहा कि इन हालात में गेम्स के आयोजन से खतरा हो सकता है। इसे जिंदगी दांव पर लगाकर आयोजित नहीं किया जा सकता। अगर इसे रद्द नहीं किया जा सकता है तो इसकी तारीख बढ़ा देनी चाहिए।



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जापान: 24 जुलाई से टोक्यो में ओलिंपिक गेम्स आयोजित किए जाने हैं।




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फ्रेंचाइजियां विदेशी खिलाड़ियों को 14 दिन क्वारैंटाइन करने को तैयार ताकि वे समय पर टूर्नामेंट में शामिल हो सकें

खेल डेस्क. इंडियन प्रीमियर लीग की 8 फ्रेंचाइजी विदेशी खिलाड़ियों को 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन करने के लिए तैयार हैं, ताकि वे 15 अप्रैल से शुरू होने वाला टूर्नामेंट खेल सकें। हालांकि, फ्रेंचाइजियों ने सरकार से अपील की है कि वह विदेशी खिलाड़ियों को जल्द वीजा जारी कर दे। बीसीसीआई और आईपीएल फ्रेंचाइजियों के बीच सोमवारको वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में खिलाड़ियों को क्वारैंटाइन करने का फैसला लिया गया है। हालांकि, वीजा के लिए भी अभी 31 मार्च तक इंतजार करना होगा, क्योंकिकेंद्र सरकार ने यूएई, कतर, ओमान और कुवैत से आने वाले यात्रियों को कम से कम 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन करने का फैसला किया है। अभी इसे 31 मार्च तक के लिए लागू किया गया है।

एक फ्रेंचाइजी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अगर 31 मार्च के बाद भी सरकार क्वारैंटाइन करने का नियम जारी रखती है तो भी हमें परेशानी नहीं है। हम बस यह चाहते हैं कि विदेशी खिलाड़ियों को जल्द वीजा जारी हो ताकि वे वक्त पर इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकें।

विदेशी खिलाड़ियों को तालमेल के लिए 5 दिन चाहिए

आईपीएल के एक पदाधिकारी ने बताया कि बैठक में टूर्नामेंट के भविष्य को लेकर तो कोई फैसला नहीं हुआ,लेकिन यह तय हुआ कि भारत आने के बाद विदेशी खिलाड़ियों को मौसम से तालमेल बैठाने के लिए कम से कम 5 दिन का वक्त देना होगा। फिलहाल हम बस हालात सुधरने की उम्मीद कर सकते हैं, ताकि केंद्र सरकार विदेशी खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट कराने की जरूरी मंजूरी दे सके।

सरकार ने 15 अप्रैल तक वीजा प्रतिबंध लगाए, आईपीएल टाला गया
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते हीकोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बाद यात्रा और वीजा से जुड़े कुछ प्रतिबंध लगाए थे। इसके तहत भारत आने वाले विदेशी नागरिकों कावीजा 13 मार्च से 15 अप्रैल तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। सिर्फ डिप्लोमैटिक, ऑफिशियल, यूएन और अंतरराष्ट्रीय संस्थान, प्रोजेक्ट और एम्प्लॉयमेंट वीजा को ही छूट दी गई है। आईपीएल में आने वाले विदेशी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को बिजनेस वीजा मिलता है। ऐसे में आईपीएल की 8 टीमों में शामिल 64 खिलाड़ियों को 15 अप्रैल तक देश में आने की अनुमति नहीं है। इस फैसले के बाद टूर्नामेंट 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया।

आईपीएल का 13वां सीजन छोटा होगा: गांगुली

खेल मंत्रालय ने 12 मार्च को यह साफ कर दिया था कि कोरोनोवायरस के मद्देनजर सभी खेल टूर्नामेंट को टाल दिया जाना चाहिए। अगर ऐसा मुमकिन न हो तो फिर बिना दर्शकों के स्टेडियम में खेल गतिविधियां हों। इसके 1 दिनबाद बीसीसीआई की बैठक में आईपीएल को 15 अप्रैल तक टालने का फैसला लिया गया था। तब बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि अगर हालात सुधरते हैं तो आईपीएल होगा, लेकिन 13वां सीजन छोटा होगा। क्योंकि पहले ही 15 दिन की देरी हो चुकी है। फिलहाल यह तय नहीं है कि टूर्नामेंट कितना छोटा होगा, कितने मैच कम होंगे। हर हफ्ते हालात की समीक्षा की जाएगी। हम आईपीएल करवाना चाहते हैं, लेकिन लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता है।



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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (बाएं) और सचिव जय शाह। (फाइल)




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यूरो कप एक साल के लिए टला, यूएफा सदस्यों से 2470 करोड़ मांग सकता है

लुसाने.कोरोनोवायरस के कारण यूरो कप 2020 के मुकाबले एक साल के लिए टाल दिए गए हैं। टूर्नामेंट के मुकाबले 12 जून से 12 जुलाई तक होने थे। अब मुकाबले 2021 में 11 जून से 11 जुलाई तक होंगे। यूएफा ने मंगलवार को अपने 55 सदस्यों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल से बैठक के बाद यह फैसला लिया। टूर्नामेंट के एक साल टलने के कारण नुकसान की भरपाई के लिए यूएफा सदस्यों से 2470 करोड़ रुपए मांग सकता है। इसके अलावा कोपा अमेरिका कप को भी 2021 तक के लिए टाल दिया गया है। चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग के मुकाबले एक महीने के लिए बढ़ा दिए गए हैं। अब तक इनका नया शेड्यूल जारी नहीं किया गया है।

चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग के राउंड-16 के मुकाबले खेले जाने बाकी हैं। जून में नेशंस लीग के मुकाबले भी हाेने हैं। यूरो 2020 का पहला मुकाबला रोम में खेला जाना था। 24 में से 20 टीमें अब तक क्वालिफाई कर चुकी हैं। टूर्नामेंट के मुकाबले 12 अलग-अलग शहरों में होने थे। सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले लंदन में होने थे। महिलाओं का यूरो कप भी अगले साल 7 जुलाई से 1 अगस्त तक इंग्लैंड में होना है। इसके अलावा यूएफा अगले साल से अंडर-21 का यूरो कप भी प्लान कर रहा है। यूएफा के अध्यक्ष एलेक्जेंडर केफीरिन ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। काेरोनावायरस के कारण पूरी दुनिया में संकट का माहौल है।

अगले साल चीन मेंफीफा का क्लब वर्ल्ड कप
यूरो कप के एक साल के लिए टलने के बाद यूएफा और फुटबॉल की वर्ल्ड संस्था फीफा के मुकाबलों में टकराव हो सकता है। फीफा अगले साल 17 जून से 4 जुलाई तक चीन में क्लब वर्ल्ड कप आयोजित करने जा रहा है। यूएफा भी टूर्नामेंट करवा रहा है।इसमें भी यूरोप के कई बड़े क्लब के शामिल होने की संभावना है। फीफा इस संबंध में पहले से सभी से चर्चा कर रहा है।

2016 में 16280 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हुआ था
2016 में फ्रांस में हुए यूरो कप में 16280 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हुआ था। टूर्नामेंट के एक साल के लिए टलने के बाद यूएफा को नुकसान होगा। इस कारण उसने सदस्यों से 2470 करोड़ रुपए मांगे हैं।

पुर्तगाल की टीम यूरो कप की मौजूदा चैंपियन

यूरो कप का अंतिम सीजन 2016 में खेला गया था। पुर्तगाल ने फाइनल में फ्रांस को 1-0 से हराया था। पुर्तगाल का यह पहला खिताब था। 1960 से टूर्नामेंट आयोजित किया जा रहा है। जर्मनी और स्पेन ने सबसे ज्यादा तीन-तीन बार खिताब जीता है। फ्रांस ने भी दो बार खिताब पर कब्जा किया है। अब तक 10 देश कम से कम एक बार खिताब जीत चुके हैं। पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने सबसे ज्यादा 40 गोल किए हैं।

वेलेंसिया के 35% खिलाड़ी और स्टाफ सदस्य पॉजिटिव

स्पेनिश फुटबॉल क्लब वेलेंसिया के 35 फीसदी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ सदस्य कोरोनावायरस में पॉजिटिव पाए गए हैं। क्लब ने कहा कि पिछले महीने टीम चैंपियंस लीग का मुकाबला खेलने मिलान गई थी। इस कारण काफी खिलाड़ी संक्रमित हुए हैं। सभी को घर में निगरानी में रखा गया है। इससे पहले डिफेंडर गेरे सहित पांच के पॉजिटिव होने की खबर आई थी।



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टूर्नामेंट के मुकाबले 12 जून से 12 जुलाई तक होने थे।




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टोक्यो ओलिंपिक शेड्यूल के मुताबिक कराने पर अड़ा आईओसी; एथलीट्स बोले- 4 महीने बाद नहीं, आप अभी से खतरे में डाल रहे

खेल डेस्क. कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे के बावजूद अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ (आईओसी) शेड्यूल के मुताबिक 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच ही टोक्यो ओलिंपिक कराने पर अड़ा है। खिलाड़ी और आईओसी सदस्य अब इस फैसले का खुलकर विरोध करने लगे हैं। ग्रीस की एथलीट और ओलिंपिक पोल वॉल्ट चैम्पियन कैटरीना स्टेफानिडी और ब्रिटेन की हैप्टाएथलीट कैटरीना जॉनसन ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। स्टेफानिडी ने ट्वीट किया कि आईओसी चाहता है कि हम अपने और परिवार के स्वास्थ्य को खतरे में डालकर ट्रेनिंग करें। आप 4 महीने बाद नहीं, अभी से खिलाड़ियों को खतरे में डाल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह वाकई हैरान करने वाला है। उन खिलाड़ियों का क्या होगा, जो टीम स्पोर्ट्स से जुड़े हैं ? स्वीमिंग और जिमनास्टिक्स का क्या होगा ? इसके खिलाड़ियों को एक साथ प्रैक्टिस करनी होती है। ऐसे में इनके संक्रमित होने की सबसे ज्यादा आशंका है। ब्रिटिश एथलीट जॉनसन ने भी ग्रीस की एथलीट की बात का समर्थन करते हुए कहा कि आईओसी सब जानते हुए भी खिलाड़ियों को खतरे में डाल रहा है। मैं खुद ट्रेनिंग के दबाव को महसूस कर रही हूं। मेरे लिए ऐसे माहौल में खुद को इन खेलों के लिए तैयार करना मुश्किल है। उन्होंने ओलिंपिक संघ के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उसने कहा था कि एथलीट्स को अपनी ट्रेनिंग जारी रखनी चाहिए।

एथलीट्स की सुरक्षा सबसे अहम: आईओसी
एथलीट्स की नाराजगी के बीच आईओसीने बुधवार को कहा कि कोरोनावायरस के बीच टोक्यो ओलिंपिक के आयोजन का कोई आदर्श समाधान नहीं है। आईओसी के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक असाधारण स्थिति है, जिसके लिए असाधारण समाधान की जरूरत है। आईओसी टोक्यो गेम्स और एथलीट्स की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ऐसा समाधान ढूंढ रहा है, जिसका नकारात्मक असर न पड़े।

आईओसी सदस्य ने चेताया यह संकट ओलिंपिक से बड़ा
वहीं, आईओसी के एक सदस्य ने भी ओलिंपिक संघ के रुख पर नाराजगीजताई है। उन्होंने कहा कि आईओसी का यह व्यवहार असंवेदनशील और गैरजिम्मेदाराना है। क्योंकि इस वायरस से हो रही मौतों के बीच खिलाड़ी डरे हुए हैं और ट्रेनिंग करने से घबरा रहे हैं। कनाडा के आईओसी मेंबर और 4 बार आइस हॉकी में गोल्ड जीत चुकींहैली वाइकनहाइजर ने भी चेताया कि यह संकट ओलिंपिक से भी बड़ा है। एक एथलीट के नजरिए से, मैं केवल समझ सकतीहूं कि खिलाड़ियों पर क्या बीत रही होगी। इस मुश्किल हालात में मैं उनके साथ खड़ीहूं। मुझे लगता है कि ऐसे माहौल में आईओसी का ओलिंपिक कराने के फैसले पर जोर देना असंवेदनशील और गैरजिम्मेदाराना है।

टोक्यो में जिम्नास्टिक का ओलिंपिक क्वालिफायर इवेंट रद्द
आईओसी लाख दावे करे, लेकिन टोक्यो ओलिंपिक को तय शेड्यूल के मुताबिक कराने पर संदेह बढ़ता जा रहा है।बुधवार को ही टोक्यो में जिम्नास्टिक का ओलिंपिक क्वालिफायर इवेंट रद्द करना पड़ा। इससे एक दिन पहले ही जापान की ओलिंपिक समिति के उपप्रमुख कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए। इसके बावजूद आईओसी ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, अभी ऐसे हालात नहीं हैं कि किसी तरह कोई बड़ा फैसला लिया जाए।

कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 2 लाख के पार पहुंचीं

चीन में 3 महीने पहले इसका केससामने आने के बाद से कोविड-19 दुनियाभर में फैल गया है। संक्रमितों की संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई है। वहीं, मरने वालों का आंकड़ा भी 7900 से ज्यादा हो चुका है। इस वायरस का नया केंद्र यूरोप है। इसमें भी इटली सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां मौतों का आंकड़ा 2500 से ज्यादा हो गया है।



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16 मार्च को योकोहामा में लिए गए फोटो में यह बताया गया है कि टोक्यो ओलिंपिक में 130 दिन बाकी हैं।




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लिवरपूल के पास यूरोप की सबसे वैल्यूएबल टीम, क्लब की वैल्यू 11,418 करोड़ रुपए; टॉप-10 सबसे कीमती क्लब में पांच इंग्लैंड के

लंदन.इंग्लिश फुटबॉल क्लब लिवरपूल के पास यूरोप की सबसे वैल्यूएबल टीम है। चैंपियंस लीग विजेता लिवरपूल की कुल वैल्यू 1.4 बिलियन यूरो (करीब 11 हजार 418 करोड़ रुपए) है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स स्टडीज-सीआईईएस की रिपोर्ट के अनुसार, टॉप-10 सबसे वैल्यूएबल फुटबॉल क्लबों में 5 इंग्लैंड के हैं। प्रीमियर लीग का डिफेंडिंग चैंपियन मैनचेस्टर सिटी 1.36 बिलियन यूरो (करीब 11 हजार 100 करोड़ रुपए) के साथ दूसरी सबसे वैल्यूएबल टीम है। पिछले बार मैनचेस्टर सिटी पहले और लिवरपूल दूसरे नंबर पर था। टॉप-10 में जर्मन लीग बुंदेसलिगा का एक भी क्लब जगह नहीं बना सका है। जर्मनी का क्लब एससी पेडरबोर्न 98वें और आखिरी नंबर पर है। उसकी वैल्यू 301 करोड़ रु. है।

यूरोप की पांचों लीग को शामिल किया

इस एनालिसिस के लिए यूरोप की पांचों मेजर लीग यानी प्रीमियर लीग (इंग्लैंड), ला लिगा (स्पेन), बुंदेसलिगा (जर्मनी), सीरी ए (इटली) और लीग-1 (फ्रांस) को शामिल किया।

मोस्ट वैल्यूएबल टॉप-10 क्लब: दो की वैल्यू 10 हजार करोड़ से ज्यादा

सैंपल के रूप में 1790 पेड ट्रांसफर का एनालिसिस
सीआईईएस की फुटबॉल ऑब्जरवेटरी रिसर्च टीम ने पांचों मेजर यूरोपियन फुटबॉल लीग के खिलाड़ियों का एनालिसिस किया। उन रिसर्चर ने एनालिसिस में हर क्लब के टॉप-20 खिलाड़ियों की वैल्यू को रखा। इस दौरान 1790 पेड ट्रांसफर का एनालिसिस किया गया। इसमें रिसर्चर ने खिलाड़ियों की कॉन्ट्रैक्ट राशि, उनकी उम्र, उनका क्लब और टीम की ओर से प्रदर्शन, खिलाड़ी और क्लब की इकोनॉमिक वैल्यू, खिलाड़ियों की ट्रांसफर वैल्यू का एनालिसिस कर टीम की वैल्यू निकाली।

मोस्ट वैल्यूएबल खिलाड़ी टॉप-10



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चैम्पियंस लीग के फाइनल में टॉटेनहैम हॉटस्पर को हराकर लिवरपूल 14 साल बाद चैम्पियन बना।




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541 फुटबॉल मैच प्रभावित, पांचों लीग को 33 हजार करोड़ का नुकसान हो सकता है

खेल डेस्क. दुनियाभर में अब क्रिकेट से लेकर फुटबॉल, एनबीए से लेकर एमएलएस, टूर डि इटली से लेकर फॉर्मूला-1 तक सभी गेम टाले गए हैं। टॉप-5 यूरोपियन फुटबॉल लीग के साथ-साथ यूएफा चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग के गेम भी अप्रैल तक के लिए टल चुके हैं। यूरोपियन यूनियन ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन (यूएफा) पहले ही कह चुका है कि सभी लीग को अपना मौजूदा सीजन 30 जून तक खत्म करना होगा।

नीदरलैंड की अकाउंटिंग फर्म केपीएमजी के अनुसार, कोरोनावायरस के कारण यूरोपियन फुटबॉल को आर्थिक रूप से बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर टॉप-5 लीग कैंसिल हो जाती हैं तो इन लीग को रेवेन्यू में 4.33 बिलियन डॉलर (करीब 32 हजार 617 करोड़ रुपए) का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इंग्लिश प्रीमियर लीग, स्पेनिश ला लिगा, जर्मन बुंदेसलिगा, इटैलियन सीरी ए, फ्रेंच लीग-1, चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग के 541 मैच प्रभावित हैं।

स्कॉटिश क्लब ने खिलाड़ियों की सैलरी आधी की
स्कॉटलैंड के फुटबॉल क्लब हर्ट ऑफ मिडलोथियान एफसी ने अपने खिलाड़ियों और स्टाफ की सैलरी आधी करने का फैसला किया है। यह क्लब स्कॉटिश प्रीमियरशिप में 12वें और आखिरी नंबर पर चल रहा है। यह क्लब सैलरी में कटौती करने वाला ब्रिटेन का पहला टॉप-फ्लाइट क्लब बन गया है।

इंग्लिश लीग ने 432 करोड़ का राहत पैकेज दिया
वहीं, इंग्लिश फुटबॉल लीग (ईएफएल) ने करीब 432 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की। यह राशि छोटे क्लबों को दी जाएगी। ईएफएल ने बोर्ड मीटिंग करने के बाद कहा कि हम हर तरह के विकल्प पर काम कर रहे हैं। प्रीमियर लीग से छोटे क्लब का सबसे ज्यादा रेवेन्यू मैच के आयोजन से ही आता है।

यूरोपियन लीग की मौजूदा स्थिति, सीरी ए के सबसे ज्यादा मैच बाकी

लीग प्रभावित मैच बाकी मैच
प्रीमियर लीग 21 92
बुंदेसलिगा 19 74
ला लिगा 20 110
सीरी ए 33 124
लीग-1 10+ 101
चैंपियंस लीग 4 17
यूरोपा लीग 10 23

चैंपियंस लीग के प्री क्वार्टर फाइनल तक बाकी।


बाकी बचे मैचों के रेवेन्यू का एनालिसिस किया

केपीएमजी दुनिया की सबसे बड़ी अकाउंटिंग फर्म में शामिल है। उसने लीग के बाकी बचे मैचों के रेवेन्यू का एनालिसिस किया। उसने एनालाइज किया कि मैच के दिन ब्रॉडकास्टिंग और कमर्शियल रेवेन्यू कितना जनरेट होता है। उसने अनुमान निकाला कि सभी लीग को 3.45 से 4 बिलियन यूरो तक का नुकसान हो सकता है।



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8 मार्च को सीरी-ए में युवेंटस और इंटर मिलान के मैच में क्रिस्चियानो रोनाल्डो (बीच में)।




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आईपीएल रद्द होने पर बीसीसीआई को 4 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान, फ्रेंचाइजी को हर मैच में 2.5 से 4 करोड़ का घाटा

खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर के सभी टूर्नामेंट या तो स्थगित हो रहे हैं या रद्द हो रहे हैं। टी-20 लीग आईपीएल को भी 15 अप्रैल तक के लिए टाला जा चुका है।हालांकि, अभी यह भी तय नहीं है कि यह टूर्नामेंट होगा भी या नहीं।बीसीसीआई और आईपीएल की सभी फ्रेंचाइजी फिलहाल ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में हैं। अगर इस साल आईपीएल नहीं हुआ तो बीसीसीआई को सीधे तौर पर 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ेगा। उसे सबसे ज्यादा नुकसान ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होगा।

बोर्ड को ब्रॉडकास्टर से एक सीजन के 3 हजार 269 करोड़ मिलते हैं

  • एक मैच के लिए 55 करोड़ मिलते: स्टार ने आईपीएल के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स 5 साल के लिए 16,347.5 करोड़ रुपए में खरीदे। एक मैच के लिए 55 करोड़ यानी प्रति बॉल 23.3 लाख रुपए।
  • ब्रॉडकास्टर स्टार को 3300 करोड़ का नुकसान: ब्रॉडकास्टर स्टार को उम्मीद थी कि 3300 करोड़ रुपए का टीवी, डिजिटल एड रेवेन्यू जनरेट करेगा। उसने पहले ही 90% विज्ञापन स्लॉट बेच दिए थे।
  • फेसबुक से डिजिटल राइट्स का 399 करोड़ का करार: बीसीसीआई ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मैच के टेलीकास्ट के लिए फेसबुक से 399 करोड़ का करार किया था। टूर्नामेंट नहीं हुआ तो बोर्ड को घाटा उठाना पड़ेगा।
  • खिलाड़ियों को करीब 680 करोड़ का नुकसान: एक फ्रेंचाइजी को खिलाड़ियों को देने के लिए 85 करोड़ की राशि मिलती है। आईपीएल नहीं होने पर 8 टीमों को खिलाड़ियों को 680 करोड़ नहीं देने पड़ेंगे।
  • फ्रेंचाइजी को 2.5 से 4 करोड़ का नुकसान: आईपीएल रद्द होने पर फ्रेंचाइजी को हर मैच से ढाई से 4 करोड़ का नुकसान हो सकता है। फ्रेंचाइजी होर्डिंग, जर्सी विज्ञापन से प्रति मैच इतनी कमाई करती हैं।
  • टाइटल स्पॉन्सर भी 439 करोड़ नहीं देगा: वीवो ने पांच साल के लिए आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप 2 हजार 199 करोड़ रुपए में हासिल की थी। यानी एक सीजन के लिए करीब 439 करोड़ रुपए।

द. अफ्रीका के खिलाफ दो मैच रद्द होने से 120.2 करोड़ का नुकसान
इंटरनेशनल मैच के लिए बीसीसीआई को ब्रॉडकास्टिंग से करोड़ों का मुनाफा होता है। हर मैच के लिए बोर्ड को 60.1 करोड़ रुपए मिलते हैं। लेकिन द. अफ्रीका के खिलाफ दो वनडे रद्द होने के कारण बीसीसीआई को 120.2 करोड़ का नुकसान हुआ।



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बीसीसीआई ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मैच के टेलीकास्ट के लिए फेसबुक से 399 करोड़ का करार किया है।