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फ्रेंच फॉर्मूला वन ग्रां प्री भी रद्द, साल की 10वीं रेस जिसे कैंसिल या टाला गया; 5 जुलाई से सीजन शुरू हो सकता है

कोरोनावायरस की वजह से इस साल जून में होने वाली फ्रेंच फॉर्मूला वन रेस को सोमवार को रद्द कर दिया गया। रेस के प्रबंध निदेशक एरिक बोलियर ने कहा कि फ्रांस सरकार ने 11 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा देश में मध्य जुलाई तक लोगों के इकठ्ठा होने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इसी वजह से यह फैसला लिया गया है। फॉर्मूला वन की यह इस साल की दसवीं रेस है, जिसे कोविड-19 के कारण रद्द या टालना पड़ा है।

जिन रेस को रद्द करने का फैसला लिया गया है उनमें फ्रांस के अलावा ऑस्ट्रेलिया और मोनाको ग्रां प्री शामिल हैं जबकि बहरीन, चीन, वियतनाम, नीदरलैंड, स्पेन, अजरबेजान और कनाडा में होने वाली रेस को टाला गया है।

यूरोप में 5 जुलाई से फॉर्मूला वन की शुरुआत होगी
इस बीच, फॉर्मूला वन के बॉस चेस कैरी ने कहा कि कोरोना से प्रभावित सीजन की शुरुआत 5 जुलाई से ऑस्ट्रिया में हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमने यूरोप में जुलाई में रेस की शुरुआत करने का लक्ष्य़ रखा है। पहली ग्रां प्री 3 से 5 जुलाई के बीच ऑस्ट्रिय़ा में होगी। सितंबर में यूरेशिया, अक्टूबर में एशिया और नवंबर में अमेरिका में फॉर्मूला वन सीजन की शुरुआत होगी। दिसंबर में बहरीन ग्रां प्री होगी और सीजन का फाइनल अबू धाबी में होगा। इस दौरान हम 15 से 18 रेस करा चुके होंगे।

'दर्शकों की गैरमौजूदगी से हम निराश'

इसके अलावा ब्रिटिश ग्रां प्री भी बिना दर्शकों के होगी। सोमवार को सिल्वरस्टोन सर्किट के मैनेजिंग डायरेक्टर स्टूअर्ट प्रिंगल ने कहा कि मैं यह बताते हुए काफी निराश हूं कि इस साल ब्रिटिश ग्रां प्री बिना दर्शकों के होगी। हम काफी समय से इस मुश्किल फैसले को टाल रहे थे। लेकिन मौजूदा हालात में यह बिल्कुल साफ हो गया था कि सामान्य हालात में रेस कराना आसान नहीं है।



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फ्रेंच फॉर्मूला वन ग्रां प्री की आयोजन समिति ने कहा कि देश में 11 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ाया गया है। ऐसे में रेस कराना मुश्किल होगा, इसलिए इसे रद्द कर दिया गया।




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ओलिंपिक समिति के प्रमुख ने कहा- कोरोना अगले साल भी खत्म नहीं हुआ तो गेम्स रद्द कर दिए जाएंगे; टोक्यो ओलिंपिक अभी 1 साल टाला गया है

टोक्यो 2020 ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने कहा है कि अगर अगले साल तक भी कोरोना महामारी पर काबू नहीं पाया जा सका तो इन खेलों को रद्द कर दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ और जापान सरकार ने पिछले महीने ही ओलिंपिक को जुलाई 2021 तक के लिए टाल दिया था। इसका आयोजन अब 23 जुलाई 2021 से होना है।

जापान के स्पोर्ट्स डेली को दिए इंटरव्यू के दौरान जब मोरी से पूछा गया कि अगर महामारी का खतरा अगले साल भी बना रहता है तो क्या खेलों को एक सालयानी 2022 तक टाला जा सकता है तो उन्होंने कहा- नहीं, अगर ऐसा होता है तो फिर गेम्स को रद्द कर दिया जाएगा।

'वायरस पर काबू पाने पर ही गेम्स संभव'

मोरी ने आगे कहा कि इससे पहले विश्व युद्ध के समय ही ओलिंपिक को रद्द किया गया था। उन्होंने कोरोनावायरस से लड़ाई को ‘एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ जंग’ करार दिया।उन्होंने कहा- अगर वायरस पर नियंत्रण पा लिया जाता है तो हम अगली गर्मियों में जरूर इन खेलों का आयोजन करेंगे।

जापान के मेडिकल एक्सपर्ट भी गेम्स के होने पर संदेह जता रहे

इससे पहले, जापान मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख योशिटेके योकोकुरा ने चेताया था कि अगर कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं आई तो अगले साल भी इन खेलों का आयोजन करना बहुत मुश्किल होगा।

'वायरस को कंट्रोल करन ही इकलौता विकल्प'

पिछले हफ्ते भी देश की कोरोनावायरस से निपटनेकी तैयारियों की आलोचना करने वाले कोबे यूनिवर्सिटी में संक्रामकबीमारियों के प्रोफेसर केंटारो आइवाटा ने खेलों के आयोजन पर संदेह जताया था। उन्होंने कहा था कि ईमानदारी से बताऊं तो मुझे नहीं लगता कि 2021 की जुलाई में भी गेम्स होंगे। फिलहाल, ओलिंपिक को कराने के लिए सिर्फ दो ही विकल्प मौजूद हैं। पहला है कि हम जापान में वायरस को कंट्रोल करें, जबकि दूसरा यह है कि दुनियाभर में फैली महामारी पर लगाम लगाएं। हालांकि, आयोजन समिति का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी।

ओलिंपिक और पैरालिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी एकसाथ कराने पर विचार
इस बीच, टोक्यो 2020 की आयोजन समिति खर्चों को कम करने के इरादे से ओलिंपिक और पैरालिंपिक खेलों की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी एक साथ करने पर विचार कर रही है। इस प्लान के तहत 23 जुलाई को टोक्यो ओलिंपिक के उद्धाटन समोराह के दौरान ही पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत भी होगी। वहीं, टोक्यो 2020 का समापन समारोह सितंबर में पैरालिंपिक खेलों के खत्म होने के साथ किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए आईओसी की मंजूरी नहीं मिली है।

124 साल में पहली बार ओलिंपिक टाले गए

124 साल के इतिहास में ओलिंपिक 3 बार रद्द हुए हैं और पहली बार टाले गए हैं। पहले विश्व युद्ध के चलते बर्लिन (1916), टोक्यो (1940) और लंदन (1944) गेम्स को कैंसिल करना पड़ा था। यह पहला मौका नहीं है, जब टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक को टाला गया। 1940 में इस शहर को पहली बार इन खेलों की मेजबानी मिली थी। लेकिन, चीन से युद्ध की वजह से यह गेम्स रद्द हो गए।



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अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ और जापान सरकार ने पिछले महीने ही ओलिंपिक को जुलाई 2021 तक के लिए टाल दिया था। (फाइल)




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भारत को नहीं मिली 2021 मेन्स वर्ल्ड चैम्पियनशिप की मेजबानी; होस्ट फीस न भरने पर जुर्माना भी लगा

भारत 2021 में होने वाली मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंगचैम्पियनशिप की ‘होस्ट फीस’ भरने में नाकाम रहा। लिहाजा, अब वो इस प्रतियोगिता का आयोजन नहीं कर पाएगा। भारत के बजाए अब सर्बिया को मेजबानी सौंपी गई है। मंगलवार को इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
इतना ही नहीं एआईबीए ने भारत पर होस्ट फीस अदा न कर पाने की वजह से करीब 38 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

एसोसिएशन ने क्या कहा?
एआईबीए ने मंगलवार रात जारी बयान ने कहा- 2021 में होने वाली मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप की मेजबानी अब सर्बिया को सौंप दी गई है। भारत का नेशनल फेडरेशन ऑफ बॉक्सिंग तय वक्त पर होस्ट फीस नहीं भर पाया। एआईबीए और भारत के बीच इस चैम्पियनशिप के लिए एग्रीमेंट 2017 में साइन किया गया था। दूसरे शब्दों में कहें तो तीन साल में भी नेशनल बॉक्सिंग फेडरेशन इस चैम्पियनशिप के आयोजन को सुनिश्चित नहीं कर पाया।

अब जुर्माना भी भरना होगा
एआईबीए ने बयान में आगे कहा, “नई दिल्ली इस टूर्नामेंट की होस्ट फीस भरने में नाकाम रही। यह हमारे होस्ट सिटी एग्रीमेंट के लिए जरूरी था। लिहाजा, कॉन्ट्रेक्ट अब रद्द कर दिया गया है। भारत को अब कैंसिलेशन फीस के तौर पर 500 डॉलर पेनल्टी भी चुकानी होगी।”

पहली बार मेजबानी का अवसर था
बता दें कि भारत पहली बार इस चैम्पियनशिप की मेजबानी मिलने वाली थी। अब सर्बिया के शहर बेलग्रेड में इसका आयोजन होगा। एआईबीए ने कहा, “सर्बिया के पास इस बेहतरीन आयोजन के लिए तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। यहां बॉक्सर्स, कोच, ऑफिशियल्स और फैन्स पूरा लुत्फ उठा पाएंगे।”



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2021 मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप की मेजबानी भारत की बजाए सर्बिया करेगा। होस्ट फीस अदा न कर पाने की वजह से भारत को जुर्माना भी देना होगा। (प्रतीकात्मक)




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फ्रेंच लीग कैंसिल, यूएफा ने 55 देशों को मदद के लिए 1950 करोड़ रुपए दिए

दुनिया की टॉप-5 लीग में शामिल फ्रेंच लीग-1 का मौजूदा सीजन कैंसिल कर दिया गया है। कोरोनावायरस के कारण फ्रांस में सितंबर तक सभी खेल गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। पीएम ने इसकी घोषणा की। इसके साथ लीग-1 और लीग-2 के मौजूदा सीजन के मुकाबले अब नहीं हो सकेंगे। नेमार फ्रेंच लीग-1 टीम पीएसजी से खेलते हैं।

अब फ्रांस में चैंपियंस लीग के आयोजन पर भी सवाल खड़ा हो गया है। लीग के मुकाबले अभी स्थगित हैं। इस बीच 55 सदस्य देशों की मदद के लिए यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (यूएफा) आगे आया है। उसने उन्हें 1950 करोड़ रुपए मदद के तौर पर दिए हैं। सभी सदस्य देशों को लगभग 35.50 करोड़ रुपए मिलेंगे। यूएफा के अध्यक्ष एलेक्जेंडर सेफरिन ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारा खेल बेहद चैलेंजिंग दौर से गुजर रहा है। यूएफा ने सभी से 25 मई तक लीग को शुरू करने के संबंध में प्रपोजल मांगा है।

ईपीएल को 8 जून से शुरू करने पर विचार
इस बीच इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) के मुकाबले मार्च से स्थगित हैं। कुल 92 मुकाबले होने हैं। अभी लिवरपूल टॉप पर है। वायरस के कारण लीग के मुकाबले फिर से शुरू हों या इसे रद्द कर दिया जाए इसे लेकर सभी पक्ष 1 मई को बैठक करने जा रहे हैं। 8 जून से लीग को शुरू करने की चर्चा है। यूएफा ने कहा था कि फिर से शुरुआत करने के पहले हमें कोई रास्ता निकालना होगा।



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यूएफा सभी 55 सदस्य देशों को अलग-अलग 35 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद देगा। (फाइल)




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ओलिंपिक समिति के प्रमुख के बाद प्रधानमंत्री आबे ने भी कहा- कोरोना पर काबू पाए बिना 2021 में भी गेम्स होना असंभव

टोक्यो ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी के बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बुधवार को कहा कि कोरोनावायरस पर काबू पाए बिना 2021 में भी ओलिंपिक होना असंभव है। उन्होंने कहा कि हम लगातार यह कह रहे हैं कि ओलिंपिक और पैरालिंपिक बिना किसी बदलाव के होने चाहिए। लेकिन इसके लिए हालात ऐसे होने चाहिए कि एथलीट्स के साथ दर्शक भी सुरक्षित रूप से इसमें हिस्सा ले सकें। उन्होंने विपक्षी पार्टी के सांसद द्वारा टोक्यो ओलिंपिक के आयोजन को लेकर पूछे गए सवाल पर यह जवाब दिया।
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ और जापान सरकार ने पिछले महीने ही ओलिंपिक को जुलाई 2021 तक के लिए टाल दिया था। इसका आयोजन अब 23 जुलाई 2021 से होना है।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी चलेगी: आबे

प्रधानमंत्री आबे ने कहा कि हम जिस चीज का सामना कर रहे हैं, उससे लड़ाई लंबी चलनी है। इसलिए हम अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ और टोक्यो 2020 की आयोजन समिति के सम्पर्क में हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि यह गेम्स इस तरह होने चाहिए कि पूरी दुनिया को यह लगे कि उन्होंने इस वायरस के खिलाफ जंग जीत ली है।

बिना वैक्सीन के ओलिंपिक होना मुश्किल: जापान मेडिकल एसोसिएशन

एक दिन पहले ही टोक्यो 2020 ऑर्गेनाइजेशन कमेटीने कहा था कि अगर अगले साल तक भी कोरोना महामारी पर काबू नहीं पाया जा सका तो इन खेलों को रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कोरोनावायरस से लड़ाई को ‘एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ जंग’ करार दिया था।इससे पहले, जापान मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख योशिटेके योकोकुरा ने चेताया था कि अगर कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं आई तो अगले साल भी इन खेलों का आयोजन करना बहुत मुश्किल होगा।

जापान मेंकोरोना के 13 हजार से ज्यादा केस

टोक्यो में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 112 नए केस सामने आए। अब तक देश में 13 हजार से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं जबकि 413 की मौत हुई है। अन्य देशों के मुकाबले यहां कोरोना से मौत और केस कम हैं। लेकिन फिर भी आलोचक सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़ा रहे हैं। उनके मुताबिक, जापान इस महामारी के संक्रमण की जड़ तक पहुंचने के लिए जरूरी टेस्टिंग नहीं कर रहा है।
ओलिंपिक और पैरालिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी एकसाथ कराने पर विचार
इस बीच, टोक्यो 2020 की आयोजन समिति खर्चों को कम करने के इरादे से ओलिंपिक और पैरालिंपिक खेलों की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी एक साथ करने पर विचार कर रही है। इस प्लान के तहत 23 जुलाई को टोक्यो ओलिंपिक के उद्धाटन समोराह के दौरान ही पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत भी होगी। वहीं, टोक्यो 2020 का समापन समारोह सितंबर में पैरालिंपिक खेलों के खत्म होने के साथ किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए आईओसी की मंजूरी नहीं मिली है।



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आईओसी और जापान सरकार ने पिछले महीने ही ओलिंपिक को जुलाई 2021 तक के लिए टाल दिया था। गेम्स अब 23 जुलाई 2021 से होना है। (फाइल)




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टॉटेनहम 12 साल से कोई खिताब नहीं जीत सका, पर सबसे वैल्यूएबल क्लब बना

इंग्लैंड का फुटबॉल क्लब टॉटेनहम हॉट्सपर प्रीमियर लीग का सबसे वैल्यूएबल क्लब बन गया है। टॉटेनहम ने मैनचेस्टर सिटी, यूनाइटेड और यूरोपियन चैंपियन लिवरपूल जैसे बड़े क्लबों को पीछे छोड़ा है। यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल ने प्रीमियर लीग क्लबों के 2018-19 सीजन का वैल्यूएशन किया। इसके अनुसार, टॉटेनहम करीब 24 हजार करोड़ के साथ सबसे वैल्यूएबल क्लब बन गया। उसने प्रीमियर लीग के डिफेंडिंग चैंपियन मैनचेस्टर सिटी को पीछे छोड़ा। सिटी दूसरे नंबर पर है।

टॉटेनहम प्रीमियर लीग की अंक तालिका में आठवें पर है। उसने 2008 के बाद से कोई खिताब नहीं जीता है। 2018 में उसकी वैल्यू 17 हजार करोड़ थी। वह तीसरे पर था। टॉटेनहम, सिटी और यूनाइटेड की वैल्यू 2 बिलियन पाउंड से ज्यादा है।

खिलाड़ियों की सैलरी पर सिर्फ 206 करोड़ खर्चे
टॉटेनहम की वैल्यू इसलिए बढ़ी क्योंकि वह 2018-19 के चैम्पियंस लीग फाइनल में था। खिलाड़ियों को सैलरी, ट्रांसफर लेनदेन पर बिग-6 क्लब में सबसे कम खर्च किया। सैलरी पर सिर्फ 206 करोड़ खर्चे। इससे कमाई 21% तक बढ़ी।



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टॉटेनहम की वैल्यू इसलिए बढ़ी, क्योंकि वह 2018-19 के चैम्पियंस लीग फाइनल में था। खिलाड़ियों को सैलरी, ट्रांसफर लेनदेन पर बिग-6 क्लब में सबसे कम खर्च किया। -फाइल फोटो




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कोरोना के एपिसेंटर वुहान के क्लब जैल एफसी की ट्रेनिंग शुरू, 18 को स्पेन से लौटे हैं खिलाड़ी

चीन के फुटबॉल क्लब वुहान जैल के खिलाड़ी मैदान पर वापस लौट आए हैं। इस क्लब के खिलाड़ियों ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है। वुहान कोरोनावायरस का एपिसेंटर था। वुहान जैल क्लब के खिलाड़ी 18 अप्रैल को ही वापस चीन लौटे हैं। वे तीन महीने पहले ट्रेनिंग के लिए स्पेन गए थे। फिर कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन में फंस गए। उन्होंने करीब 104 दिन बाद घरेलू मैदान पर प्रैक्टिस की।

क्लब ने कहा, ‘खिलाड़ी, कोच और स्टाफ के किसी अन्य सोशल एक्टिविटी में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध है। उनका टेंपरेचर रोज चेक किया जाता है। खिलाड़ियों के ड्रेसिंग रूम, एंट्री गेट, कैंटीन और फिटनेस सेंटर को पूरी तरह सेनिटाइज करके ही सभी को एंट्री दी जाती है।’ वुहान जैल पिछले सीजन में छठे नंबर पर थी।

डिफेंडिंग चैम्पियन ग्वांगझू एवरग्रेंडे के खिलाड़ी भी लौटे
डिफेंडिंग चैम्पियन ग्वांगझू एवरग्रेंडे क्लब ने भी प्रैक्टिस शुरू कर दी है। लीग फरवरी से स्थगित है। क्लब को करीब 2 हजार करोड़ रु. का नुकसान हुआ है। एवरग्रेंडे वही क्लब है, जो सबसे बड़ा स्टेडियम बना रहा है। आयोजकों को उम्मीद है कि सीजन जून में शुरू हो सकता है।



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वुहान जैल क्लब ने कहा- खिलाड़ी, कोच और स्टाफ के किसी अन्य सोशल एक्टिविटी में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध है। उनका टेंपरेचर रोज चेक किया जाता है।




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पीसीबी के पूर्व चेयरमैन का खुलासा- उमर अकमल को पड़ते हैं मिर्गी के दौरे, इसलिए 2013 के वेस्टइंडीज दौरे से वापस बुलाया था

पीसीबी के पूर्व चेयरमैन नजम सेठी ने खुलासा किया है कि बल्लेबाज उमर अकमल को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, जिसका इलाज कराने से उसनेइनकारकर दिया था। सेठी ने पाकिस्तान के एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा- हमारे पास मेडिकल रिपोर्ट थी, जिसमें यह साफ लिखा था कि अकमल को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। 2013 के वेस्टइंडीज दौरे पर भीउसे मिर्गी का दौरा पड़ा और हमने उसे वापस बुला लिया।

उन्होंने आगे कहा किमैंने उसे दो महीने तक खेलने से रोक दिया, लेकिन बाद में हमने मेडिकल रिपोर्ट सिलेक्टर्स के पास भेज दी और फैसलाउन पर छोड़ दिया। क्योंकि मुझे उनके काम में दखलअंदाजी करना पसंद नहीं था।

अकमल प्रतिभाशाली क्रिकेटर है: सेठी
सेठी के मुताबिक,उमर काफी टैलेंटेड क्रिकेटर हैं, लेकिन वहखुद को टीम से बड़ा समझताहैऔर उसे कभी अनुशासन में रहना पसंद नहीं। वह टीम के लिए नहीं खुद के लिए खेलता है।अकमल कोस्पॉट फिक्सिंग के मामले में दोषी पाए जाने पर पीसीबी ने 3 साल के लिए किसी भी फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) में खेलने पर प्रतिबंध लगाया है।

अकमल ने इंटरव्यू में 2 लाख डॉलर की पेशकश की बात कही थी
इससे पहले, अकमल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें एक बुकी ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए 2 लाख डॉलर की पेशकश की थी। इतना ही नहीं, इस खिलाड़ी ने यह दावा भी किया था कि उसे भारत के खिलाफ मैच न खेलने के एवज में भी मोटी रकम देने का वादा किया गया था। इसके अलावा 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में हुए वर्ल्ड कप के दौरान भी मैच फिक्सर ने सम्पर्क साधा था। हालांकि, अकमल पीसीबी की अनुशासन कमेटी को यह बात बताने में नाकाम रहे कि उन्होंने इसकी जानकारी आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट को क्यों नहीं दी।

अकमल ने अक्टूबर 2019 में पिछला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था
अकमल ने पिछला अंतरराष्ट्रीय मैच अक्टूबर 2019 में खेला था। वे पाकिस्तान के लिए 16 टेस्ट, 121 वनडे और 84 टी-20 खेल चुके हैं। इन तीनों फॉर्मेट में उन्होंने 1003, 3194 और 1690 रन बनाए हैं। अकमल ने अपने टेस्ट डेब्यू में न्यूजीलैंड के खिलाफ 129 रन बनाए थे। हालांकि, इसके बाद से उनका करियर कभी पटरी पर नहीं आ पाया। इसी साल फरवरी में उन्होंने फिटनेस टेस्ट के दौरान ट्रेनर से बदतमीजी की थी। इसकी शिकायत पीसीबी से की गई थी। हालांकि, बोर्ड ने उन्हेंचेतावनी देकर छोड़ दिया था।



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उमर अकमल ने अपने पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ 129 रन बनाए थे। वे अब तक 16 टेस्ट और121 वनडे खेल चुके हैं। (फाइल)




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कोरोना के कारण फ्रेंच लीग-1 रद्द; अंक तालिका के आधार पर पीएसजी विजेता, टीम ने 9वीं बार खिताब जीता

कोरोनावायरस के कारण फ्रांस के फुटबॉल टूर्नामेंट लीग-1 के इस सीजन को रद्द कर दिया गया है। लीग के आधे मुकाबले हो चुके थे। ऐसे में अंक तालिका के आधार पर पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएससजी) को विजेता घोषित कर दिया गया है। पीएसजी 68 पॉइंट के साथ अंक तालिका में शीर्ष पर है। टीम ने 27 में से 22 मैच जीते, 3 हारे और 2 मुकाबले ड्रॉ खेले हैं। पीएसजी ने पिछले 8 सालों में 7वां और कुल 9वीं बार यह खिताब अपने नाम किया है।

अंक तालिका में दूसरे नंबर पर मार्सेली और तीसरे पर स्टडे रेनाएस हैं। पीएसजी और इन दोनों क्लब को यूईएफए चैम्पियंस लीग में जगह मिलेगी। इनके अलावा लिली, स्टाडे दे रेइमस और नीस यूरोपा लीग में खेलेंगे।

फ्रांस में सितंबर तक सभी खेल गतिविधियां स्थगित
इससे पहले फ्रांस के प्रधानमंत्री एदुआर्द फिलिप ने संसद भवन में भाषण देते हुए कहा था कि कोरोनावायरस के कारण देश में सभी तरह की खेल संबंधी गतिविधियां सितंबर तक स्थगित कर दी गई हैं, जिसमें फुटबॉल भी शामिल है। इसके बाद पीएसजी के अध्यक्ष नासिर अल खलीफी ने फ्रेंच लीग को विदेश में करवाने की बात भी कही थी।

विदेश में लीग-1 कराने पर सहमति नहीं बनी
अल खलीफी ने कहा था, ‘‘यदि फ्रांस में खेलना संभव नहीं है तो हम अपने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिए सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुरक्षा के साथ विदेश में भी मैच खेलने को तैयार हैं। हम फ्रांस सरकार के निर्णय का सम्मान करते हैं। यूईएफए (यूरोपीय फुटबॉल संघ) के साथ करार को देखते हुए हम कहीं भी और किसी भी समय चैम्पियंस लीग में खेलने के लिए तैयार हैं।’’ हालांकि विदेश में लीग-1 कराने पर कोई सहमति नहीं बन सकी।



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फ्रांस के फुटबॉल टूर्नामेंट लीग-1 के इस सीजन में पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएससजी) के किलियन एम्बाप्पे (दाएंं) ने सबसे ज्यादा 18 गोल दागे हैं। -फाइल फोटो




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60 फीसदी फैन्स का अब भी मानना इस साल लीग होगी; 13 फीसदी का कहना खाली स्टेडियम में मैच हों

कोरोनावायरस की वजह से इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। इस बीच, ई-स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म माय टीम11 ने इसे लेकर एक सर्वे कराया था। इसमें शामिल 60 फीसदी फैन्स ने इस साल आईपीएल होने की उम्मीद जताई है, जबकि 13 फीसदी का कहना है कि लीग के मैच जून-जुलाई के विंडो में खाली स्टेडियम में कराए जाएं। यह सर्वे 10 हजार लोगों पर किया गया।

इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 83 फीसदी लोगों का मानना था कि 2020 के अंत तक खेल गतिविधियां दोबारा शुरू हो सकते हैं जबकि करीब 40 फीसदी लोगों ने कहा कि वे 2021 से पहले खेल प्रतियोगिताओं को देखने जाने के लिए सहज महसूस नहीं करेंगे। ऐसे में लंबे वक्त तक स्टेडियम खाली ही रहेंगे। सर्वे के मुताबिक, 63 फीसदी लोग जल्द ही खेलों के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं जबकि 20 फीसदी लोगों को खेल गतिविधियों के शुरू होने अगर तीन से चार महीने की देरी भी होती है तो उससे कोई परेशानी नहीं।
बोर्ड ने 16 अप्रैल को आईपीएल को स्थगित किया था
बीसीसीआई ने पिछले महीने 16 अप्रैल को लॉकडाउन की मियाद 3 मई तक बढ़ने के बाद आईपीएल को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया था। हालांकि, तब बोर्ड ने इसके शेड्यूल के बारे में नहीं बताया था।

दिसंबर से पहले आईपीएल होना मुमकिन नहीं

मौजूदा हालात और इंटरनेशनल शेड्यूल के चलते इसका दिसंबर के पहले होना मुश्किल लग रहा। जून से सितंबर तक मॉनसून सीजन रहता है। इस दौरान भारत को श्रीलंका और जिम्बाब्वे में सीरीज भी खेलनी है। अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। इसके बाद अन्य टीमों की आपसी सीरीज का कैलेंडर भी तय रहता है। इस शेड्यूल के बीच ही बीसीसीआई को आईपीएल के लिए खाली तारीखें तलाशनी होंगी। ऐसा होता है तो भी दिसंबर के पहले आईपीएल होना संभव नहीं लग रहा है।पहले यह टूर्नामेंट 29 मार्च से शुरू होना था, लेकिन कोरोना और वीजा प्रतिबंध के कारण 15 अप्रैल तक के लिए इसे टाल दिया गया था।

आईपीएल का फॉर्मेट छोटा हो सकता है
इस बार आईपीएल 50 दिन की बजाए 44 दिन का होना था। सभी 8 टीमों को 9 शहरों में 14-14 मैच खेलने थे। इनके अलावा 2 सेमीफाइनल, 1 नॉकआउट और 24 मई को वानखेड़े में फाइनल होना था, लेकिन अब जब भी यह टूर्नामेंट होगा तो बोर्ड इसके फॉर्मेट को छोटा करके 37 दिन का कर सकता है। 2009 में भी लोकसभा चुनाव के कारण इतने दिन में ही आईपीएल हुआ था। तब दक्षिण अफ्रीका में मुकाबले हुए थे।
नीलामी में 140.3 करोड़ रुपए में 62 खिलाड़ी खरीदे गए
इस बार आईपीएल नीलामी में 62 खिलाड़ी बिके, जिनमें 33 भारतीय और 29 विदेशी हैं। फ्रेंचाइजियों ने इन खिलाड़ियों को खरीदने में 140.3 करोड़ रुपए खर्च किए थे। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बने थे। उन्हें कोलकाता ने 15.5 करोड़ रुपए में खरीदा था।



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आईपीएल इस साल 29 मार्च को होना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से पहले इसे 15 अप्रैल तक टाला गया था। लेकिन दूसरे चरण में सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया। इसके बाद लीग को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया गया था। (फाइल)




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वर्ल्ड नंबर 1 जोकोविच का खुलासा- 2010 में फ्रेंच ओपन से बाहर होने पर खूब रोया, फेडरर-नडाल से हारने के कारण संन्यास लेना चाहता था

दुनिया के नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है 2010 में रोजर फेडरर और राफेल नडाल जैसे दिग्गजों की चुनौती से पार नहीं पाने के कारण टूट गया था। जोकोविच के मुताबिक, वे इतने मायूस हो गए थे कि संन्यास लेने तक कामन बना लिया था।
32 साल के जोकोविच ने कहा 2008 में मैंने अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब ऑस्ट्रेलियन ओपन के रूप में जीता था। तब में वर्ल्ड नंबर तीन था। लेकिन 2 साल बाद ही मेरा बुरा दौर शुरू हो गया। 2010 के फ्रेंच ओपन के क्वार्टर फाइनल में 2 सेट की बढ़त लेने के बावजूद ऑस्ट्रिया के जर्गन मेल्जर के हाथों हार गया।इस हार को पचा पाना मेरे लिए भावनात्मक रूप से मुश्किल था। इस हार के बाद मैं बहुत रोया। यह मेरे लिए खराब पल था। मुझे हर तरफ अंधेरा नजर आ रहा था।

2008 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने के बाद भी खुश नहीं था: जोकोविच

जोकोविच ने कहा कि 2008 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने के बाद भीमैं खुश नहीं था। मुझे लगता था कि और बेहतर कर सकता हूं। लेकिन मैं फेडरर और नडाल के खिलाफ कई अहम मैच हार गया और मेल्जर से मिली शिकस्त मेरे लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई।

'2010 में फ्रेंच ओपन हराने के बाद खेल बदला'

सर्बियाई खिलाड़ी के मुताबिक, इस हार की वजह से मुझ पर से दबाव हट गयाऔर मैंआक्रामक टेनिस खेलने लगा। इसका फायदा हुआ और 2011 में मैंने तीन ग्रैंड स्लैम जीते। जोकोविच अब तक17 ग्रैंड स्लैम जीत चुके हैं। जो पुरुष वर्ग में सबसे ज्यादा 20 खिताब जीतने वाले फेडरर से तीन कम है।

दोबारा टेनिस शुरू होने को लेकर उत्सुक

वर्ल्ड नंबर-1नेकहा कि वह दोबारा टेनिस शुरू होने को लेकर उत्सुक हैं। आधिकारिक तौर पर 13 जुलाई को सीजन शुरू होने की बात हो रही है। लेकिन हालात ऐसे नहीं दिख रहे कि टेनिस उस समय भी शुरू हो। जोकोविच के लिए यह साल शानदार रहा है। मार्च के मध्य में जब कोविड-19 की वजह से टेनिस रूका तब वे लगातार 18 मैच जीत चुके थे। इसमें रिकॉर्ड 8वीं बार ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब भी शामिल है।



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नोवाक जोकोविच अब तक 17 ग्रैड स्लैम जीत चुके हैं। इस मामले में रोजर फेडरर बीस खिताब के साथ पहले स्थान पर हैं। (फाइल)




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अमेरिका की पॉइंट पार्क यूनिवर्सिटी की टीम से खेलेंगे भारत के जगशानबीर, 2020-21 सीजन के लिए हुआ करार

अमेरिका के पीटसबर्ग शहर मेंस्थित पॉइंट पार्क यूनिवर्सिटी ने भारतीय बॉस्केटबॉल खिलाड़ी जगशानबीर सिंह के साथ 2020-21 सीजन के लिए करार किया है। पंजाब के रहने वाले जगशानबीर भारत के लिए भी खेल चुके हैं। उन्होंने 2018 में थाईलैंड में खेली गई फीबा अंडर-18 एशियाई चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया था।

पॉइंट पार्क यूनिवर्सिटी के मुख्य कोच जोए लेवानदोवस्की ने कहा कि जगशानबीरके यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ने से वह खुश हैं। जगशान की लंबाई का उन्हें फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ी में खेल की बेहतर समझ है और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बास्केटबॉल खेल चुके हैं। ऐसे में टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी उनके अनुभव का फायदा मिलेगा।
एनबीए एकेडमी इंडिया के हिस्सा रह चुके हैं जगशानबीर

जगशानबीर सिंह देश में 2017 में शुरू की गई एनबीए एकेडमी में शामिल शुरुआती खिलाड़ियों में से एक हैं। देश में चलाए गए टैलेंट हंट प्रोग्राम के तहतउन्हें एकेडमी में चुना गया था। एनबीए एकेडमी में ट्रेनिंग के बाद उन्होंने कैलिफोर्निया में गोल्डन स्टेट प्रेप में हिस्सा लिया था। वे 2017 में हुए एनबीए एकेडमी गेम्स में भी हिस्सा ले चुके हैं।



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सात फीट लंबे जगशानबीर सिंह 2017 में भारत में शुरू की गई एनबीए एकेडमी के शुरुआती खिलाड़ियों में से एक हैं।




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स्पोर्ट्स सेक्टर को 90 हजार करोड़ रु. के नुकसान का अनुमान; बिना दर्शकों के बेसबॉल लीग होने पर भी रोज 15 हजार करोड़ रु. की कमाई कम होगी

कोरोनावायरस की वजह से अमेरिका के स्पोर्ट्स सेक्टर को बड़ा नुकसान होने की आशंका है। ईएसपीएन की रिपोर्ट के मुताबिक, शटडाउन के कारण देश के 100 बिलियन डॉलर( 7 लाख 54 हजार करोड़) वाले स्पोर्ट्स सेक्टर को करीब 12 बिलियन डॉलर ( 90 हजार 491 करोड़) का नुकसान होगा। वहीं,बिना दर्शकों के बेसबॉल लीग होने पर रोज 15 हजार करोड़ रु. की कमाई कम होगी।

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स बिजनेस प्रोग्राम डायरेक्टर पैट्रिक रिशे ने यह रिपोर्ट बनाई है।इसमें उन्होंने शटडाउन की वजह से देश के मेजर स्पोर्ट्स और कॉलेज लीग को होने वाले नुकसान का अध्ययन किया है। स्टडी के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से यूएस प्रो स्पोर्ट्स को करीब 5.5 बिलियन डॉलर( 41 हजार 250 करोड़) जबकि कॉलेज से जुड़ी स्पोर्ट्स लीगको 3.9 बिलियन डॉलर (29 हजार 250 करोड़) केराजस्व का नुकसान होगा।

एनएफएल रद्द से नुकसान और बढ़ जाएगा

नेशनल फुटबॉल लीग यानी एनएफएल के रद्द होने पर यह नुकसान और बढ़ जाएगा। इसमें बड़े खिलाड़ियों को दी जाने वाली सैलरी के अलावा स्टेडियम में काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह भी शामिल है। हालांकि, रिपोर्ट में नुकसान का आकलन कम किया गया है,क्योंकि इसमेंगैम्बलिंग (जुआ), आउटडोर स्पोर्ट्स, गोल्फ, टेनिस और नैसकार जैसीऑटो रेसिंग इवेंट के रद्द या टलने से होनेवाले आर्थिक नुकसानको नहीं जोड़ा गया है।

प्रो स्पोर्ट्स लीग में दर्शकों से होने वाली 24 हजार करोड़ की कमाई नहीं होगी
लॉकडाउन की वजह से पूरे अमेरिका में खेल गतिविधियां ठप हैं। ऐसे में टिकटों से होने वाली कमाई पर भी असर पड़ा है। अकेलेप्रो स्पोर्ट्स लीग में दर्शकों द्वारा टिकटों और बाकी चीजों पर खर्च की जाने वाली करीब 3.25 बिलियन डॉलर( 24 हजार 375 करोड़) की राशि का नुकसान होगा। इसके अलावा, टेलीविजन राइट्स के जरिए होने वाली 2.2 बिलियन डॉलर(16 हजार 500 करोड़ रुपए) की कमाई भी नहीं होगी।

बिना दर्शकों के बेसबॉल लीग होने पर भी बड़ा नुकसान

नेशनल फुटबॉल लीग के रद्द होने से टीवी राइट से होने वाली 11.5 बिलियन डॉलर(86 हजार 250 करोड़ रुपए) की कमाई भी नहीं होगी।अगर मेजर लीग बेसबॉल का आधा सीजन बिना दर्शकों के भी खेला जाता है तो भी मैच के दौरान एक दिन में दर्शकों द्वारा खर्च की जाने वाली 2 बिलियन डॉलर (15 हजार करोड़ रुपए) की राशि का नुकसान होगा।

30 लाख नौकरियों पर भी संकट

अमेरिका में करीब 30 लाख नौकरियां स्पोर्ट्स सेक्टर से जुड़ी हैं। इसमें ट्रेनर, गार्ड, स्काउट शामिल हैं। शट़डाउन बढ़ने का इस पर भी असर पड़ेगा।रिशे ने कहा कि बतौर इकोनॉमिस्ट हम कुछ नहीं कर सकते। जिस तरह का नुकसान कोरोना की वजह से हुआ है, वो हैरान करने वाला है। क्योंकि आज से पहले हमने ऐसा कुछ नहीं देखा।

मेजर सॉकर लीग के खिलाड़ियों की ट्रेनिंग बुधवार से शुरू होगी

इधर, मेजर लीग सॉकर को लेकर अच्छी खबर आई है। लीग में शामिल खिलाड़ी अगले हफ्ते बुधवार से प्रैक्टिस शुरू कर सकेंगे। हालांकि, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का नियमों का पालन करना होगा। मैदान को चार अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाएगा। हर खिलाड़ी अपने जोन में हीरहेगा। इससे पहले एनबीए ने भी खिलाड़ियों को व्यक्तिगत ट्रेनिंग की मंजूरी दी है।



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अमेरिका में धीरे-धीरे लॉकडाउन में रियायत दी जा रही है। अगले हफ्ते शुक्रवार से एनबीए के खिलाड़ी ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे। वहीं, मेजर सॉकर लीग में भी खिलाड़ी बुधवार से अभ्यास शुरू करेंगे। (फाइल)




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10 हजार की आबादी वाले जर्मनी के गांव में टेनिस टूर्नामेंट शुरू, 8 खिलाड़ी उतरे

कोई दर्शक नहीं, कोई लाइन जज नहीं, कोई बॉल किड्स नहीं। यह नजारा दिखा जर्मनी में शुरू हुए टेनिस पॉइंट एग्जिबीशन इवेंट में। 10 हजार की आबादी वाले गांव होर-ग्रेनजॉसेन में हो रहे टूर्नामेंट में 8 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। 12 दिन का इवेंट 3 सेशन में होगा। पहला सेशन 1 मई से शुरू हुआ, यह 4 को खत्म होगा। दूसरा 7-10 और तीसरा 14-17। यह पहली बार है, जब मार्च में टेनिस बंद होने के बाद प्रोफेशनल खिलाड़ी कोर्ट पर उतरे।

इस टूर्नामेंट में डस्टिन ब्राउन, हाफमैन, हाएरटेस, चोइन्स्की, बेंजामिन हसन, कोन्स्टाटिन शमिट्ज, जीन-मार्क वर्नर, फ्लोरियन ब्रोस्का जैसे दिग्गज खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। टूर्नामेंट के दौरान मैदान पर सिर्फ 3 लोग, दो खिलाड़ी और अंपायर ही होंगे।

सुरक्षा के उपाय

  • खिलाड़ी अलग-अलग दरवाजे से आते-जाते हैं, एक दूसरे से दूर बैठते हैं, नेट क्रॉस नहीं करते
  • खाने-पीने का सामान पहले से पैक कर दे दिया जाता है, खिलाड़ी अकेले बैठकर खाते हैं
  • खिलाड़ियों को सामान रखने के लिए दोxदो की जगह दी गई है

फुटबॉल क्लब कोलोन का ट्रेनिंग कैंप जारी रहेगा

जर्मन फुटबॉल लीग बुंदेसलीगा के इस महीने फिर से शुरू करने की उम्मीद को झटका लगा है। कोलोन क्लब के तीन लोग कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। तीनों को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया है। टीम के सभी सदस्यों का टेस्ट कराया गया था। हालांकि क्लब का ट्रेनिंग कैंप जारी रहेगा।

इंग्लैंड की टीम जनवरी में श्रीलंका आएगी
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के सीईओ एश्ले डी सिल्वा ने कहा कि इंग्लैंड की टीम जनवरी में दौरे पर आएगी। काेरोनावायरस के कारण इंग्लिश टीम मार्च में होने वाली दो मैचाें की टेस्ट सीरीज बीच में ही छोड़कर स्वदेश वापस लौट गई थी। सिल्वा ने कहा कि हम कार्यक्रम को फिर से बना रहे हैं। तारीख तय नहीं है।



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इस टूर्नामेंट में डस्टिन ब्राउन, हाफमैन, हाएरटेस, चोइन्स्की, बेंजामिन हसन, कोन्स्टाटिन शमिट्ज, जीन-मार्क वर्नर, फ्लोरियन ब्रोस्का जैसे दिग्गज खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।




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आइसलैंड के जॉर्नसन ने 501 किलो वजन उठाकर डेडलिफ्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, 2 साल पहले स्ट्रॉन्गेस्ट मैन का अवॉर्ड जीते थे

आइसलैंड के पावरलिफ्टर हेफथॉर जॉर्नसन ने डेडलिफ्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने गृहनगर में अपने थॉर पावर जिम में 501 किग्रा वजन उठाकर पिछला रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले, ब्रिटेन के एडी हाल ने 2016 में 500 किग्रा वजन उठाया था।

31 साल के जॉर्नसन एचबीओ पर टेलीकास्ट होने वाली वेब सीरीज गेम ऑफ थ्रोन्स में ग्रेगर ‘द माउंटेन’ क्लेगन की भूमिका निभा चुके हैं। 6 फीट 9 इंच लंबे जॉर्नसन ने 501 किग्रा वजनी बारबेल को कमर तक उठाया और फिर उसे दो सेकंड तक पकड़े रहे। फिर जमीन पर रखा। जॉर्नसन 2018 में वर्ल्ड स्ट्रॉन्गेस्ट मैन का अवॉर्ड जीत चुके हैं। जॉर्नसन ने कहा कि कई लोगों को लगता था कि मैं ऐसा नहीं कर सकूंगा, लेकिन मैंने करके दिखा दिया। यह मेरी जिंदगी के अहम दिनाें में से एक है



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हेफथॉर जॉर्नसन ने कहा कि कई लोगों को लगता था कि मैं ऐसा नहीं कर सकूंगा, लेकिन मैंने करके दिखा दिया। यह मेरी जिंदगी के सबसे अहम दिनों में से एक।




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पीसीबी फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों को 25 और अंपायरों को 15 हजार रु. देगी, मदद पाने वालों की पहचान उजागर नहीं की जाएगी

कोरोनावायरस के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों और अंपायरों की मदद के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आगे आया है। पीसीबी ने इनकी मदद करने के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। इसके तहत क्रिकेटरों को 25 हजार, मैच ऑफिशियल को 15 हजार और ग्राउंड स्टाफ को 10 हजार की आर्थिक मदद दी जाएगी। हालांकि, यह सहायता राशि सिर्फ एक बार ही दी जाएगी।

पीसीबी ईद की छुट्टियों से पहले यह राशि संबंधित खिलाड़ियों और मैच ऑफिशियल के खातों में ट्रांसफर कर देगा और मदद पाने वालों की पहचान उजागर नहीं की जाएगी। साथ ही क्रिकेट बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस वन-टाइम पैकेज के जरिए कितने लोगों कोफायदा पहुंचाया गया है, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी।

पीसीबी चेयरमैन ने लोगों की मदद करने वालेखिलाड़ियों की तारीफ की
पीसीबी चेयरमैन एहसान मनी ने संकट की घड़ी में लोगों की मदद करने के लिए शाहिद अफरीदी, सरफऱाज अहमद और अजहर अली की तारीफ की। उन्होंने कहा- यह देखकर अच्छा लग रहा है कि हमारे खिलाड़ी कोरोना के खिलाफ लड़ाई मेंलोगों की मदद के लिए आगे आए हैं। मुझे पता है कि कई खिलाड़ी व्यक्तिगत तौर पर लोगों की मदद कर रहे हैं। यह खिलाड़ी शानदार काम कर रहे हैं। इन्हें बधाई।

पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज
पीसीबी पहले ही कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री फंड में 1 करोड़ रुपए दान कर चुका है। पाकिस्तान में अब तक कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यहां अब तक 450 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले पंजाब प्रांत में ही संक्रिमतों की संख्या 7 हजार से ज्यादा है।



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पीसीबी चेयरमैन एहसान मनी ने लोगों की मदद करने के लिए शाहिद अफरीदी, सरफराज अहमद और अजहर अली की तारीफ की। (फाइल)




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6 टीमों का ऑनलाइन नेशंस कप कल से, 10 मई को फाइनल; विश्वनाथन आनंद भी भारत के लिए खेलेंगे

कोरोनावायरसके बीच अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) और चेस.कॉमऑनलाइन नेशंस कप कराने जा रहा है। यह टूर्नामेंट मंगलवार से शुरू होगा और फाइनल10 मई को खेला जाएगा। इसमें भारत, रूस, अमेरिका, चीन, यूरोप और रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड (बाकी दुनिया) की टीम शामिल होगी। इनके बीच 9 मई तक राउंड रॉबिन में मुकाबले खेले जाएंगे। इसके बाद टॉप-2 टीमों के बीच 10 मई को फाइनल होगा। इस टूर्नामेंट में भारत के लिए 5 बार के वर्ल्ड चेस चैम्पियनविश्वनाथन आनंद भी खेलेंगे।

कोरोना महामारी के कारण जून-जुलाई तक के लगभग सभी खेल टूर्नामेंट टाले या रद्द किए जा चुके हैं। खेल के सबसे बड़े इवेंट टोक्यो ओलिंपिक को भी एक साल के लिए टाल दिया गया है। वहीं, क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगितकिया गया है। ऐसे में यह ऑनलाइन टूर्नामेंट खेल प्रशंसकों के लिए एक अच्छी खबर की तरह है।

व्लादिमीर क्रेमनिक होंगे भारत के कप्तान

इस टूर्नामेंट की इनाम राशि 1 लाख 80 हजार डॉलर (करीब 1.38 करोड़ रुपए) है। संन्यास ले चुके दिग्गज गैरी कास्पारोव और व्लादिमीर क्रेमनिक भी इस टूर्नामेंट में शामिल होंगे। जो क्रमशः यूरोप और भारतीय टीम के कप्तान होंगे। इन सभी टीमों में दुनियाभर के दिग्गज खिलाड़ी शामिल होंगे,जबकि मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियनमैग्नस कार्ल्सन इस टूर्नामेंट में नहीं खेल सकेंगे।

हर टीम में एक महिला खिलाड़ी होना जरूरी

सभी 6 टीमों में कप्तान समेत 7-7 खिलाड़ी होंगे, जिनमें एक महिला का होना जरूरी है। भारत की ओर से कप्तान व्लादिमीर के अलावा विश्वनाथन आनंद, विदित गुजराती, पेंतला हरिकृष्णा, कोनेरू हम्पी, अधिबन भास्करन और हरिका द्रोणावल्ली टीम में शामिल हैं। हर टीम से सिर्फ चार खिलाड़ी (तीन पुरुष और एक महिला) ही मुकाबले में खेलेंगे। इन खिलाड़ियों का चयन कप्तान ही करेगा। बाकी रिजर्व में रहेंगे।

हर चाल के लिए खिलाड़ी को 25 मिनट मिलेंगे
खेल में हर चाल के बाद खिलाड़ी को 25 मिनट और एक्स्ट्रा टाइम के तौर पर 10 सेकंड दिए जाएंगे। राउंड रॉबिन के बाद टॉप-2 टीमों के बीच फाइनल होगा। यह 10 राउंड तक चलेगा। फाइनल टाई होने की स्थिति में उस टीम को विजेता घोषित किया जाएगा, जिसने राउंड रॉबिन में सबसे पहले क्वालिफाई किया था। सभी मैच 4 बोर्ड पर खेले जाएंगे और हर दिन दो राउंड में मुकाबले होंगे।

मुकाबलों के दौरान कड़ी निगरानी होगी

मुकाबलों के दौरान अनुचित तरीकों का तो इस्तेमाल नहीं हो रहा, इसे देखने के लिए खिलाड़ीवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेगा। साथ ही चेस.कॉम और फिडे के द्वारा सीसीटीवी, डेस्क स्कैन, रूम स्कैन, स्क्रीन शेयर, मॉनिटर चेक समेत अन्य प्रकार से निगरानी रखी जाएगी।



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6 nations online nations cup from tomorrow, final on 10 may; Vishwanathan Anand will also play for India




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खेल मंत्री रिजिजू ने कहा- मुक्केबाजों के दम पर भारत 2024 ओलिंपिक में टॉप-10 में आ सकता है

खेल मंत्री किरन रिजिजू ने रविवार को कहा कि मुक्केबाजों के दम पर भारत ओलिंपिक में टॉप-10 में आ सकता है। उन्होंने मुक्केबाजों के साथ वीडियो चैट के दौरान यह बात कही। रिजिजू ने कहा कि 2024 ओलिंपिक में देश को शीर्ष 10 में लाने में मुक्केबाजों की भूमिका अहम हो सकती है।
इस ऑनलाइन सेशन में ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुकीं एमसी मैरीकॉम, अमित पंघल, पूजा रानी, सिमरनजीत कौर, लवलीना समेत 160 बॉक्सर और कोचों ने हिस्सा लिया। हाई परफॉरमेंस डायरेक्टर सांतियागो निएवा भी इस ऑनलाइन सेशन में शामिल हुए थे।

खेल मंत्रालय ने मिशन 2024 में बॉक्सिंग को शामिल किया
खेल मंत्रालय ने भी ओलिंपिक मिशन 2024 और 2028 को लेकर टॉप-15 खेलों की लिस्ट तैयार की है। इसमें बॉक्सिंग को भी शामिल किया गया है। रिजिजू ने कहा कि भारत को स्पोर्टिंग पावर हाउस बनाने में बॉक्सरमहत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ओलिंपिक के बॉक्सिंग इवेंट में पुरूषों और महिलाओं को मिलाकर 13 वेट कैटेगरी हैं।
इसमें भारत को मेडल की उम्मीद है।
जून के पहले हफ्ते से खिलाड़ीदोबारा अभ्यासकर सकेंगे
खेल मंत्री ने कहा कि बहुत जल्द ही भारतीय बॉक्सर अपना ट्रेनिंग प्रोग्राम दोबारा शुरू कर पाएंगे। इसके लिए कोशिशें जारी है। सबसे पहले वह एथलीट्स अपनीट्रेनिंग शुरू कर पाएंगे, जो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। इसके अलावा उन खिलाड़ियों को भी ट्रेनिंग का मौका दिया जाएगा, जिन्हें ओलिंपिक क्वालिफाइंग इवेंट में हिस्सा लेना है।
9 मुक्केबाज टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके
भारत के 9 बॉक्सर टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। इसमें 5 पुरूष और 4 महिला मुक्केबाज हैं। ओलिंपिक में पुरुष मुक्केबाजों के लिए 8 वेट कैटेगरी है, जबकि महिला वर्ग में मुक्केबाज पांच अलग-अलग वेट कैटेगरी में जोर आजमाइश करेंगी।



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खेल मंत्रालय ने ओलिंपिक मिशन 2024 और 2028 को लेकर टॉप-15 खेलों की लिस्ट तैयार की है। इसमें बॉक्सिंग को भी शामिल किया गया है। (फाइल)




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इटली के खेल मंत्री बोले- अकेले प्रैक्टिस कर सकते हैं प्लेयर, टीम अभ्यास को मंजूरी 18 के बाद; लीग पर कुछ कहना जल्दबाजी

इटली में फिलहाल, लीग फुटबॉल की वापसी नहीं होगी। खेल मंत्री विन्सेंजी स्पाडफोरा के मुताबिक, प्लेयर्स अकेले प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। टीम प्रैक्टिस को मंजूरी 18 मई के बाद दी जा सकती है।
दुनिया के बाकी देशों की तरह इटली में भी महामारी से खेल गतिविधियां बंद हैं। सरकार फुटबॉल लीग से पहले खेल की दूसरी एक्टिविटीज को शुरू करना चाहती है।
लीग पर विचार जारी
स्पाडफोरा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “सीरी ए लीग दोबारा शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन, अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हमने प्लेयर्स को अकेले अभ्यास की इजाजत दे दी है। टीम प्रैक्टिस को मंजूरी पर बातचीत जारी है। 18 मई के बाद इसे भी मंजूरी दी जा सकती है।”
देश के बाकी खेल सेंटर्स पहले खुलें: स्पाडफोरा
खेल मंत्री ने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि देश के बाकी खेल सेंटर पहले खुलें और यहां एक्टिविटीज शुरू हों। हम कोशिश कर रहे हैं कि स्विमिंग पूल्स, डांस सेंटर और जिम शुरू किए जा सकें। ये हम जल्द करना चाहते हैं। फुटबॉल लीग को जल्द शुरू करने के बारे में हम देश से माफी मांगते हैं।”
फ्रांस में लीग-1 रद्द
फ्रांस की लीग-1 आधे मुकाबले होने के बाद रद्द कर दी गई थी। पॉइंट्स टेबल में टॉप पर रहने वाली पेरिस सेंट जर्मेन टीम को विजेता घोषित कर दिया गया था। इटली की सीरी ए लीग मार्च में शुरू होनी थी। इसे रद्द किया जा चुका है।
इटली में संक्रमण की स्थिति
यहां दो लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। 28 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है। देश में लॉकडाउन है। हालांकि, पिछले दिनों बुक शॉप्स समेत कुछ दुकानों को चुनिंदा क्षेत्रों में खोलने की मंजूरी दी गई है।



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इटली की फुटबॉल सीरी-ए मार्च के दूसरे हफ्ते से ही बंद है। युवेंटस 63 अंक के साथ पॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर है। (फाइल)




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सुरेश रैना बोले- 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के दूसरे कोच जैसे थे सचिन, मैं उन्हें लियोनल मैसी की तरह मानता हूं

टीम इंडिया के पूर्व मिडल ऑर्डर बल्लेबाज सुरेश रैना ने विराट कोहली और सचिन तेंडुलकर को महान बल्लेबाज बताया। एक इंटरव्यू में रैना ने कहा- 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में सचिन की भूमिका दूसरे कोच की तरह थी। कोहली पर रैना ने कहा- वो गजब के बैट्समैन हैं। उनमें हर मैच जीतने का जुनून है।
बता दें कि 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम के मुख्य कोच साउथ अफ्रीका के पूर्व ओपनर गैरी कर्स्टन थे।

विराट-सचिन की तुलना
‘गल्फ टाइम्स’ में रैना का इंटव्यू पब्लिश हुआ है। इसमें उनसे विराट और सचिन की तुलना पर सवाल पूछा गया। इस पर रैना ने कहा, “सचिन और विराट दोनों महान बल्लेबाज हैं। दोनों ने कई शतक लगाए। विराट हर मैच जीतना चाहते हैं। सचिन बहुत शांत स्वभाव के हैं। सचिन की वजह से ही हम 2011 वर्ल्ड कप जीत सके। उन्होंने टीम के हर खिलाड़ी को यह यकीन दिलाया कि हम विश्व कप विजेता बन सकते हैं। वो टीम के दूसरे कोच की तरह थे।”

विराट भी लाजवाब
टीम इंडिया के वर्तमान कप्तान विराट कोहली पर भी रैना ने खुलकर बात की। कहा, “फॉर्मेट कोई भी हो। विराट लाजवाब हैं। इतना ही नहीं वो बहुत शानदार कप्तान भी हैं। उनका फिटनेस लेवल गजब का है और ये एक मिसाल है। मेरी ये खुशकिस्मती है कि मैं इन दोनों महान बल्लेबाजों के साथ खेल पाया।”

सचिन लियोनल मैसी जैसे
एक सवाल के जवाब में सुरेश ने कहा, “मैं सचिन की तुलना लियोनल मैसी से करना चाहूंगा। मैं एफसी बार्सिलोना के स्टार फुटबॉलर मैसी का बहुत बड़ा फैन हूं। सचिन और मैसी जमीन से जुड़ी हस्तियां हैं। दोनों अपने साथियों का बहुत दिल से ध्यान रखते हैं। खेलों में आपका मिलनसार और मददगार होना बहुत जरूरी है। हो सकता है कोई दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी हो। लेकिन, उसे सभी का आदर करना चाहिए। इसी वजह से वो याद किया जाएगा।”



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2011 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ टीम इंडिया। सुरेश रैना के मुताबिक, सचिन तेंडुलकर इस टीम में सेकंड कोच की तरह थ। टीम के कोच पूर्व साउथ अफ्रीकी ओपनर गैरी कर्स्टन थे। (फाइल)




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रग्बी टीम न्यूजीलैंड वॉरियर्स ऑस्ट्रेलिया पहुंची, 14 दिन क्वारैंटाइन के बाद मैदान पर उतरेगी

कोरोनावायरस के बीच रग्बी टीम न्यूजीलैंड वॉरियर्स ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई है। टीम को यहां आने के लिए विशेष इजाजत मिली है। 34 खिलाड़ी और स्टाफ के सदस्य नियम के अनुसार 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रहेंगे। इसके बाद टीम ट्रेनिंग शुरू करेगी।

नेशनल रग्बी लीग के मुकाबले 28 मई से फिर से शुरू होने हैं। 24 मार्च को वायरस के कारण लीग को स्थगित कर दिया गया था। 1908 से खेली जा रही इस लीग में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें शामिल होती हैं। कुल 16 टीमें इसमें शामिल होती हैं। रग्बी टीम के खिलाडी डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खड़े दिखे। फ्लाइट में ही डॉक्टर्स ने जाकर उनका टेस्ट भी किया।

गोल्फ: साल का पहला मेजर टूर्नामेंट अगस्त में
इधर, गोल्फ का हार्डिंग पार्क शुक्रवार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। यहां साल का पहला मेजर टूर्नामेंट खेला जा सकता है। मई में होने वाले टूर्नामेंट को 6 से 9 अगस्त तक खेला जाएगा।

दर्शकों की मौजूदगी में गोल्फ कराने की तैयारी

अमेरिका के पीजीए के चीफ एक्जीक्यूटिव सेथ वॉग ने कहा कि हम फैंस के साथ टूर को कराने की तैयारी कर रहे हैं। अगर यह बिना फैंस के भी होता है तो हमें किसी तरह की परेशानी नहीं है।



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1908 से खेली जा रही लीग में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें शामिल होती हैं। (फाइल)




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स्पेन में कोरोना टेस्ट के बाद प्रैक्टिस कर सकेंगे खिलाड़ी, रोनाल्डो भी इटली लौटे; 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा

स्पेन सरकार ने क्लब फुटबॉल खिलाड़ियों को कोरोना टेस्ट के बाद अभ्यास करने की छूट दे दी है। दो महीने के बाद पहली बार खिलाड़ी इस हफ्ते के आखिर मेंप्रैक्टिस शुरू कर सकेंगे। इधर, 2 महीने पुर्तगाल में रहने के बाद युवेंटस के स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो इटली लौट आए हैं।

रोनाल्डो को 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा। इसके बाद ही वे प्रैक्टिस शुरू कर पाएंगे।इनके अलावा फेडरिको बर्नार्डेस्की, जुआन कुआड्राडो, कार्लो पिंसोग्लियो और एरोन रैमसे भी वापस आ गए हैं। इन सभी खिलाड़ियों का कोरोना टेस्ट भी हुआ है।

प्रैक्टिस शुरू करने से 2 दिन पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा

वहीं, ला लीगा का सत्र जून से शुरू हो सकता है। मार्च से ही देश में हर तरह की खेल गतिविधियां पर रोक लगा दी गई थी। स्पेनिश लीग के खिलाड़ियों को अभ्यास शुरू करने से दो दिन पहले कोरोना टेस्ट करवाना होगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही वह अभ्यास कर सकते हैं।
सीरी ए लीग शुरू होने में अभी संशय
सीरी- ए लीग की सभी 20 टीमें चाहती हैं कि लीग शुरू हो। लेकिन इटली के खेल मंत्री विन्सेंजो स्पाडफोरा ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इंडिविजुअल अभ्यास की ही छूट दी गई है। 18 मई के बाद ही टीम के साथ प्रैक्टिस के बारे में फैसला होगा।



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कोरोनावायरस की वजह से क्रिस्टियानो रोनाल्डो 2 महीने से पुर्तगाल में थे। अब वे इटली लौटे हैं। यहां भी उन्हें ट्रेनिंग से पहले क्वारैंटाइन में रहना होगा। (फाइल)




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कोरोना के बाद विदेशी कोच को लाना बड़ी चुनौती, पूर्व भारतीय इंटरनेशनल मेडलिस्ट को कोचिंग के लिए तैयार करें: सिंधु

वर्ल्ड चैम्पियन भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने विदेश कोचों को लेकर चिंता जाहिर की है। रियो ओलिंपिक में पदक विजेता ने कहा कि कोरोनावायरस (कोविड-19) के बाद विदेशी कोचों को लाना काफी मुश्किल होगा। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती होगी, इसलिए हमें इसकी तैयारी पहले ही करनी चाहिए। सिंधु ने सोमवार को ऑनलाइन प्लेटफार्म वेबिनार परस्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के नए असिस्टेंट डायरेक्टर से बात की। उन्होंने कहा कि भारत के कई खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल मेडल जीते हैं। उन्हें कोचिंग के लिए तैयार करना चाहिए।

सिंधु ने युवा अधिकारियों से कहा कि उन्हें प्रत्येक खिलाड़ी की रिपोर्ट बनानी चाहिए। सभी प्लेयर्स और उनके पैरेंट्स के साथ संपर्क बनाकर रखें और बातचीत करते रहना चाहिए। युवा अधिकारियों के लिए जरूरी है कि खिलाड़ियों और उनके पैरेंट्स से फीडबैक को लेकर योजना तैयार करना चाहिए।

सिंधु ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी के बाद विदेशी कोच भारत आने में रूचि नहीं लेंगे। ऐसे में इस चुनौती से निपटने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए। अपने देश में कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने देश के लिए मेडल जीता है। हमें उनके अनुभव का फायदा उठाना चाहिए। इन खिलाड़ियों को कोचिंग के लिए मौका देना जाना चाहिए और उन्हें प्रेरित करना चाहिए।’’

परिवार और अधिकारी मिलकर काम करेंगे, तभी चैम्पियन पैदा होंगे
सिंधु ने कोच, परिवार और खेल अधिकारियों के महत्व को भी बताया। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों को मिलकर काम करना होगा, तभी देश को चैम्पियन खिलाड़ी दे सकते हैं। कोचों को पैरेंट्स से बातचीत कर उन्हें जागरूक करना चाहिए। पैरंट्स को खिलाड़ियों के डाइट और प्रैक्टिस के बारे में बताना चाहिए।’’

ओलिंपिक मेडल जीतने में पैरंट्स ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
बैडमिंटर स्टार ने अपनी जीवन यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘रियो ओलिंपिक से पहले 2015 में वह चोटिल हो गई थीं। ऐसे में उनकी मां नौकरी छोड़कर उनके साथ ही रहने लगी। उनके पिता ने 2 साल की छुट्‌टी लेकर चोट से उभरने में उनकी सहायता की। तब जाकर वे रियो ओलिंपिक में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने में सफल हुईं।’’ सिंधु ने कहा कि युवा खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग और उम्र को लेकर ज्यादा सजग रहना चाहिए। खिलाड़ियों को उम्र की धोखाधड़ी से भी बचना चाहिए।



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भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने अगस्त 2019 में वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीती थी। उन्होंने फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराया था।




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रहाणे ने कहा- कोविड-19 के बाद मैदान पर खिलाड़ी विकेट का जश्न मनाने के लिए हाथ मिलाने की जगह नमस्ते कहेंगे

अजिंक्य रहाणे ने बुधवार को कहा कि कोरोना के बाद जब भी क्रिकेट की वापसी होगी तो खिलाड़ी विकेट का जश्न मनाने के लिए हाथ मिलाने की जगह एक दूसरे से नमस्ते कहेंगे।उन्होंने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही।रहाणे ने कहा कि अब विकेट गिरने पर हमें पुराने तरीके से जश्न मनाना होगा। शायद हम अपनी जगह खड़े रह कर ताली बजाते हुए ही खुशी का इजहार करेंगे।

इस बल्लेबाज ने क्रिकेट की वापसी को लेकर कहा कि कोरोना का असर कम होने के बाद जब क्रिकेट की वापसी होगी तो खिलाड़ियों को खुद को तैयार करने में कम से कम एक महीने का वक्त लगेगा। उन्होंनेकहा किइसके बाद ही कोई खिलाड़ी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकेगा। हालांकि, यह भी तभी संभव होगा जब कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होगी।

'फिटनेस के लिए योग का सहारा ले रहा हू्ं'
अपनी फिटनेस को लेकर रहाणे ने कहा कि मैं अभी घर पर फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूं। इसके लिए योगऔर कराटे का भी सहारा ले रहा हूं। मुझे ट्रेनर ने एक ट्रेनिंग प्रोग्राम दिया है। मैं इसके मुताबिक ही ट्रेनिंग कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी बल्लेबाजी की कमी महसूस हो रही। लेकिन क्रिकेट तभी शुरू होना चाहिए जब हालात काबू में हों।

गेंद पर लार या पसीने के इस्तेमाल पर आईसीसी फैसला लेगी
गेंद पर लार और पसीने के इस्तेमाल को रोकने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा- मुझे नहीं पता कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और दूसरे क्रिकेट बोर्ड क्या फैसला लेंगे। व्यक्तिगत तौर पर मैं कोविड-19 महामारीखत्म होनेका इंतजार करूंगा। वैसे भी अगर कुछ बदलाव होता भी है तो क्रिकेट शुरू होने पर सबको पता चल ही जाएगा।



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अजिंक्य रहाणे ने कहा कि जब तक हालात काबू नहीं होते और कोरोना की वैक्सीन नहीं मिल जाती। तब तक क्रिकेट की वापसी नहीं होनी चाहिए। (फाइल)




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इंग्लैंड को पहली बार वर्ल्ड कप जिताने वाले मोर्गन ने कहा- ओलिंपिक में टी-10 फॉर्मेट को शामिल किया जाना चाहिए

इंग्लैंड टीम को पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान इयोन मोर्गन ने क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल करने की बात की है। उन्होंने कहा है कि क्रिकेट के टी-10 फॉर्मेट को ओलिंपिक में रखा जाना चाहिए। यह फॉर्मेट का काफी छोटा होता है और टूर्नामेंट 10 दिन में खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ओलिंपिक के लिहाज से ठीक भी रहेगा। इससे पहले क्रिकेट को क्रिकेट को 1900 के ओलिंपिक और 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था। हालांकि, यह कई खेलों वाले इवेंट का हिस्सा नहीं रह सका।

2022 में होने वाले बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टी-20 टूर्नामेंट को शामिल किया गया है। मौजूदा समय में टी-20 फॉर्मेट काफी पसंद किया जा रहा है। आईसीसी और अन्य संस्थाएं टी-10 को भी आजमा रही हैं। हाल ही में अबुधाबी में हुए टी-20 टूर्नामेंट में दिल्ली बुल्स टीम की कप्तानी भी मोर्गन ने ही की थी।

टी-10 फॉर्मेट दर्शकों के लिए भी आकर्षित रहेगा
मोर्गन ने वीडियो कॉन्फेंसिंग में कहा, ‘‘ओलिंपिक के लिहाज से टी-20, वनडे या टेस्ट के मुकाबले टी-10 सबसे बेहतर और छोटा फॉर्मेट रहेगा। 8 या 10 दिन में खत्म होने वाला यह फॉर्मेट दर्शकों के लिए भी आकर्षित रहेगा। ओलिंपिक या कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए यह फॉर्मेट सबसे सही है।’’ इंग्लैंड ने मोर्गन की कप्तानी में पिछले साल ही अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता था। विवादित फाइनल में इंग्लैंड ने मैच और सुपरओवर टाई होने के बाद बाउंड्री काउंट नियम से हराया था।



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इंग्लैंड ने इयोन मोर्गन की कप्तानी में पिछले साल ही अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता था। विवादित फाइनल में इंग्लैंड ने मैच और सुपरओवर टाई होने के बाद बाउंड्री काउंट नियम से हराया था।




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जर्मन लीग 15 मई से शुरू हो सकती है, खाली स्टेडियम में होंगे मैच; यूरोप में सबसे पहले शुरू होने वाला टूर्नामेंट होगा

कोरोनावायरस (कोविड-19) जैसी महामारी के बीच फुटबॉल फैन्स के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जर्मनी में बुंदेसलिगा फुटबॉल लीग 15 मई से शुरू हो सकती है। मैच खाली स्टेडियम में कराए जाएंगे। जर्मन सरकार ने सख्त नियमों के साथ 13 मार्च से रुकी हुई इस लीग को शुरू करने की अनुमति दी है। हांलाकि, आखिरी फैसला अभी भी बाकी है, जो 36 पेशेवर क्लब के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो बुंदेसलिगा टॉप-5 यूरोपियन फुटबॉल लीग की पहली लीग होगी, जिसके मैच शुरू हो जाएंगे।

साथ ही दो महीने के बाद दक्षिण कोरिया का फुटबॉल सीजन भी इसी शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है। यह मैच भी बगैर दर्शकों के ही होंगे। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नए दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत गोल करने के बाद खिलाड़ी जश्न नहीं मना पाएंगे, हाथ नहीं मिलाएंगे और मैच के बीच में आपस में बात भी नहीं करेंगे।

जर्मनी में 13 मार्च से लीग मुकाबले नहीं हुए
महामारी के बीच ही जर्मनी के सभी फुटबॉल क्लब ने 5 अप्रैल से ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। जर्मनी में 13 मार्च से लीग के मुकाबले नहीं हो रहे हैं। क्लब की टीमें छोटे-छोटे ग्रुप में ट्रेनिंग कर रही हैं। दरअसल, बुंदेसलिगा का एक खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। यूरोपियन फुटबॉल में इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल), इटैलियन सीरी ए, स्पेनिश ला लिगा, जर्मन बुंदेसलिगा, फ्रेंच लीग-1, चैम्पियंस लीग और यूरोपा लीग के 541 मैच प्रभावित हैं।

27 जून को होगा फाइनल
लीग के शुरु होने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत सभी टीम, कोच और स्टाफ को दो हफ्ते तक लॉकडाउन में रहना होगा, जबकि जो खिलाड़ी पॉजिटिव पाए गए थे, उन्हें क्वारैंटाइन में रखा जाएगा। लीग के सेमीफाइनल मुकाबले 16 और 17 जून को खेले जाएंगे, जबकि फाइनल 27 जून को निर्धारित किया गया है।

के-लीग में गोल के बाद खिलाड़ी जश्न नहीं मनापाएंगे
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दक्षिण कोरिया की के-लीग को लेकर सख्त दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत गोल करने के बाद खिलाड़ी जश्न नहीं मना पाएंगे, हाथ नहीं मिलाएंगे और मैच के बीच में आपस में बात भी नहीं करेंगे। मैच के बाद सभी खिलाड़ियों और टीम के स्टाफ का बुखार जांचा जाएगा। यदि कोई खिलाड़ी या टीम स्टाफ में फीवर हुआ था, तो उसके साथी खिलाड़ी, कोच और स्टाफ के अलावा विपक्षी टीम को भी दो सप्ताह का ब्रेक दिया जाएगा।



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बुंदेसलिगा लीग के सभी क्लब 5 अप्रैल से ट्रेनिंग कर रहे हैं। बायर्न म्यूनिख के खिलाड़ी बड़े डार्टबोर्ड पर फुटबॉल मारकर पासिंग एक्युरेसी बढ़ा रहे हैं। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है।




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सोहेल के बयान पर अकरम का जवाब, कहा- संन्यास के 17 साल बाद भी लोग मेरे नाम का इस्तेमाल खुद को आगे बढ़ाने में कर रहे

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने पूर्व बल्लेबाज आमिर सोहेल के एक बयान के जवाब में कहा कि आज भी कुछ लोग खुद को आगे बढ़ाने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। अकरम ने एक वेब शो पर यह बात कही।

सोहेल ने अकरम पर आरोप लगाया था कि 1992 के बाद से उनकी वजह से ही पाकिस्तान आज तक कोई वर्ल्ड कप नहीं जीत पाया है।

लोग चर्चा में बने रहने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करते: अकरम
अकरम ने वेब शो में इसी आरोप पर जवाब देते हुए कहा- जब भी मैं अपने बारे में इस तरह की नकारात्मक बातें सुनता हूं तो बहुत दुखी हो जाता हूं। मुझे क्रिकेट छोड़े हुए 17 साल हो गए हैं। लेकिन फिर भी कुछ लोग चर्चा में बने रहने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी ऐसी बातें कर सकता हूं। लेकिन फिर सोचता हूं कि इसका क्या फायदा। इसलिए चुप्पी साध लेता हूं।

'अकरम ने पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जीतने नहीं दिया'

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सोहेल ने अकरम पर निशाना साधते हुए कहा था कि 1996 और 1999 के वर्ल्ड कप में कप्तान और 2003 के टूर्नामेंट में बतौर सीनियर खिलाड़ी उनकी भूमिका यही थी कि पाकिस्तान कभी 1992 की तरह दोबारा विश्व कप नहीं जीत पाए।

'सलीम मलिक सरल कप्तान थे'
सोहेल ने कहा था कि यह बहुत आसान है, 1992 वर्ल्ड कप को एक तरफ रखकर अगर 1996 वर्ल्ड कप की बात करें तो इस टूर्नामेंट से एक साल पहले यानी 1995 में रमीज राजा कप्तान थे, उससे पहले सलीम मलिक के पास यह जिम्मेदारी थी, वो काफी सफल कप्तान थे। वो अगर एक साल और कप्तानी कर लेते तो वसीम अकरम को शायद कप्तानी करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

अकरम जिम्मेदारी अच्छे से निभाते तो पाकिस्तान 1996 में विश्व चैम्पियन होता: सोहेल

उन्होंने आगे कहा कि अगर आप देखें तो 2003 तक हर वर्ल्ड से पहले यही होता रहा कि मौजूदा कप्तान को हटाकर वसीम अकरम को टीम की कमान सौंप दी जाए।

अगर वह अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाते तो पाकिस्तान 1996 और 1999 में वर्ल्ड कप जरूर जीतता। इन दोनों विश्व कप में पाकिस्तान के कप्तान अकरम ही थे। 1996 में पाकिस्तान क्वार्टरफाइनल से ही बाहर हो गया था। तब भारत ने उसे हराया था। वहीं 3 साल बाद इंग्लैंड में हुए विश्व कप में टीम फाइनल तक पहुंचीं थी। लेकिन खिताब नहीं जीत सकी। तब ऑस्ट्रेलिया ने उसे शिकस्त दी थी।



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वसीम अकरम ने वेब शो में आमिर सोहेल के आरोप पर जवाब देते हुए कहा- जब भी मैं अपने बारे में इस तरह की नकारात्मक बातें सुनता हूं तो बहुत दुखी हो जाता हूं। (फाइल)




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फॉर्मूला-1 का रेवेन्यू जनवरी-मार्च में 84% घटकर 292 करोड़ रुपए रह गया, पिछले साल की इसी तिमाही में 1845 करोड़ था

कोरोनावायरस की वजह से फॉर्मूला-1 का रेवेन्यू इस साल की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च के बीच में 84 फीसदी घटकर 39 मिलियन डॉलर (292 करोड़ रुपए) रह गया। पिछले साल की इसी तिमाही में रेवेन्यू 246 मिलियन डॉलर यानी करीब 1845 करोड़ रुपए था। फार्मूला वन की पैरेंट कंपनी लिबर्टी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

इस दौरान लिबर्टी मीडिया का रेवेन्यू भी 200 मिलियन डॉलर (करीब 1511 करोड़ रु.) घट गया। वहीं, लीग के संचालन का घाटा भी पिछले साल के 47 मिलियन डॉलर (352 करोड़ रुपए) से बढ़कर 137 मिलियन डॉलर (1027 करोड़ रुपए) हो गया।

5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से फॉर्मूला-1 सीजन शुरू होगा
कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल सीजन शुरू नहीं हो पाया है। 10 रेस या तो रद्द या स्थगित कर दी गई हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी 5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से सीजन शुरू होगा।

दिसंबर तक 15 से 18 रेस कराने का लक्ष्य

कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा- हमें जुलाई से रेस शुरू होने की उम्मीद है। इसे हम दिसंबर तक जारी रहेंगे। इस दौरान हमारा लक्ष्य 15 से 18 रेस कराना है। हालांकि, इस दौरान दर्शक मौजूद रहेंगे या नहीं, फिलहाल ये तय नहीं हो पाया है।

अमेरिकी कंपनी के पास 3 साल से फॉर्मूला-1 का स्वामित्व

अमेरिकी अरबपति जॉन मालोन के स्वामित्व वाले लिबर्टी मीडिया के पास 2017 से फॉर्मूला वन का मालिकाना हक है। कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा ग्रां प्री रेस के आयोजकों द्वारा चुकाई गई फीस, ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सरशिप से आता है। लेकिन कोरोना की वजह से एफ-वन रेस पूरी तरह बंद है। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट से बंधे होने की वजह से इस अमेरिकन ग्रुप को अलग-अलग टीमों को 1.5 बिलियन डॉलर की राशि देनी पड़ी।

लिबर्टी मीडियाके स्टॉक की वैल्यू 33 फीसदी कम हुई

इस बीच, गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार नैस्डैक में लिबर्टी मीडियाके शेयर में 0.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस साल की शुरुआत से कंपनी के स्टॉक की कीमत 33 फीसदी कम हो गई है।



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फॉर्मूला-1 की पेरेंट कंपनी लिबर्टी मीडिया ने बयान जारी कर कहा- हमें जुलाई से रेस शुरू होने की उम्मीद। दिसंबर तक 15 से 18 रेस कराने का लक्ष्य। (फाइल)




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कोरोना के बीच खाली स्टेडियम में खेला गया के-लीग सीजन का पहला मैच, जियोनबुक ने सुवॉन का 1-0 हराया

दक्षिण कोरिया में आज से के-लीग की शुरुआत हो गई है। कोरोनावायरस के बीच शुरू होने वाला यह पहला फुटबॉल टूर्नामेंट है। खाली स्टेडियम में खेले गए सीजन के पहले मैच में मौजूद चैम्पियन जियोनबुक मोटर्स ने सुवॉन ब्लूविंग्स को 1-0 से हरा दिया है।

के-लीग के इस सीजन का पहला गोल जियोनबुक मोटर्स के लिए ली डोंग-गूक ने किया। यह सफलता उन्होंने मैच के 83वें मिनट में हासिल की। मैच में सबसे 59 प्रतिशत पजेशन सुवॉन के पास रही, लेकिन टीम का कोई भी खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा सका।

जियोन्जू स्टेडियम में खेला गया मैच
यह मुकाबला जियोन्जू स्टेडियम में होगा। 2002 में जब कोरिया और जापान ने संयुक्त रूप से फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी तो इस शहर में मुकाबला हुआ था। तीन दिन पहले ही देश में प्रोफेशनल बेसबॉल लीग शुरू हुई है।

पिछले साल 6 देशों में मैच लाइव दिखाया गया था
दुनियाभर के फुटबॉल फैन्स के लिए अच्छी खबर है कि इस मुकाबले के अलावा बाकी सभी मैच की यू-ट्यूब और ट्वीटर पर लाइव स्ट्रीमिंग होगी। इसके अलावा पहली बार 20 देशों में मुकाबले लाइव दिखाए जाएंगे। इसमें जर्मनी,स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इस बार लीग ने इन देशों के बड़े ब्रॉडकास्टर्स से लाइव मैच दिखाने का करार किया है। पिछले साल सिर्फ 6 देशों को भी के-लीग के राइट्स बेचे गए थे और सभी एशिया महाद्वीप के ही थे।

विदेशों में मैच दिखाने से के-लीग की लोकप्रियता बढ़ेगी
इस मौके पर के-लीग के प्रवक्ता ली जॉन्ग ने कहा कि कॉम्पीटिटिव फुटबॉल के बावजूद के-लीग की दुनिया में पहचान उतनी बुलंद नहीं थी। इसकी एक वजह यह भी थी कि हमारे पास अंतरराष्ट्रीय दर्शक नहीं थे। लेकिन इस बार 20 देशों में मुकाबले लाइव दिखाए जाएंगे। इससे के-लीग पॉपुलर होगी।

खिलाड़ियों का मेडिकल परीक्षण होगा
लीग में सभी टीमों को सेफ्टी गाइडलाइन का पालन करना होगा। खिलाड़ियों को गोल के बाद जश्न मनाने की छूट नहीं होगी और न ही वे एक-दूसरे से बात कर सकेंगे। सभी मुकाबले बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में ही होंगे। इसके अलावा,खिलाड़ियों, कोचिंग स्टाफ और मैच ऑफिशियल्स का मेडिकल परीक्षण होगा।

हर मैच से पहले तापमान चेक होगा
हर मैच से पहले खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ का तापमान चेक किया जाएगा। पहले मैच में भी यही किया गया।अगर यह 37.5 डिग्री सेल्सियस (99.5 फारेनहाइट) से ज्यादा हुआ तो संबंधित खिलाड़ी या स्टाफ को आइसोलेट किया जाएगा और उनका कोरोना टेस्ट होगा। प्री-मैच प्रैक्टिस सेशन में भी खिलाड़ी एकदूसरे से हाथ नहीं मिला सकेंगे। उन्हें दूर से सिर झुकाकर एकदूसरे का सम्मान करने की इजाजत है।



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जियोनबुक मोटर्स के लिए ली डोंग-गूक (दाएंं) ने गोल करने के बाद जश्न मनाया। इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने सोशल डिस्टेंसी का भी ध्यान रखा।




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सचिन ने 2 फोटो शेयर कर 19 की उम्र को याद किया, बोले- इंग्लिश काउंटी क्रिकेट ने बहुत कुछ सिखाया

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 19 की उम्र को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर 2 फोटो शेयर की हैं। एक तस्वीर में वे अपना पासपोर्ट दिखाते नजर आ रहे हैं। जबकि दूसरे फोटो में वे इंग्लिश काउंटी क्लब यॉर्कशायर की ओर से खेलते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि काउंटी क्रिकेट ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। सचिन ने पोस्ट में हैशटैग के साथ फ्लैश बैक फ्राइडे भी लिखा।

सचिन ने लिखा, ‘‘यह तस्वीर मेरे काउंटी क्रिकेट के दिनों की याद दिलाती है। 19 साल का था, तब मैं यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब की ओर से खेल रहा था। मेरे लिए यह बहुत ही खास लम्हा था, जिसने मुझे सही दिशा दी। इसी काउंटी की बदौलत मुझे इंग्लिश परिस्थितियों को समझने का मौका भी मिला। बहुत प्यारी यादें।’’

सचिन ने पहला शतक इंग्लैंड के खिलाफ जड़ा था
भारतीय लेजेंड ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक भी इंग्लैंड के खिलाफ लगाया था। सचिन ने यह सेंचुरी 17 साल की उम्र में लगाई थी। इस तरह वे भारत की ओर से टेस्ट में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। 24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन पिछले महीने ही 47 साल के हो गए हैं। कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाया।

सचिन के नाम 200 टेस्ट में 15921, 463 वनडे में 18426 रन हैं। उन्होंने एकमात्र टी-20 में 10 रन बनाए थे। आईपीएल के 78 मैच में सचिन ने 2334 रन बनाए हैं।



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सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक भी इंग्लैंड के खिलाफ लगाया था। उन्होंने यह सेंचुरी 17 साल की उम्र में लगाई थी।




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प्रशासन ने तीसरी बार दिया आदेश, अब शहर के सेक्टर-17 और 10 में नहीं खुलेंगी दुकानें

लॉकडाउन तीन में सरकार ने बाजार खोलने की छूट दी है। सोमवार को पहले ही दिन शहर के अधिकांश बाजार खुल गए। स्थानीय प्रशासन की तरफ से बाकायदा रोस्टर भी तय किया। इसी रोस्टर के तहत बारी-बारी से दुकानें खोली जाएंगी। पहले दिन ही भीड़ जुटती देख प्रशासन को सुबह सात से शाम सात बजे तक दुकानें खोलने का फैसला वापस लेना पड़ा।
बाद में 9 से शाम पांच बजे तक का समय किया। शाम होते-होते इसे बदल कर 9 से 2 बजे तक की टाइमिंग तय कर दी। आदेशों के चलते दुकानदार भी दुविधा में पड़े हैं। वहीं मंगलवार को एक बार फिर से प्रशासन ने आदेश जारी किए। इसके तहत शहर के कमर्शियल सेक्टरों में अब दुकानें नहीं खुलेंगी। मंगलवार को सुबह 9 बजे इन इलाकों में दुकानें खुल भी गई, लेकिन कुछ ही देर बाद पुलिस ने दुकानें बंद करा दी। इससे दुकानदारों में भी रोष पनपा हुआ है।
सेक्टर-10 व 17 में नहीं खुलेंगी दुकानें

सोमवार को शहर के सभी बाजारों और कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी सेक्टरों में भी दुकानें खोलने की अनुमति दी थी। बाकायदा सभी दुकानदारों के पास आदेश व हिदायतों के साथ नोटिस भी भेजे गए, लेकिन मंगलवार को शहर के सेक्टर-17 और दस में दुकानों को पुलिस ने बंद करा दिया। सिटी इंस्पेक्टर जसपाल ढिल्लों की अगुवाई में पुलिस की टीमें दुकानें बंद कराने पर जुटी।
बाद में डीएसपी अजय राणा ने स्पष्ट किया कि यह प्रशासन का फैसला है। कहा कि उक्त दोनों सेक्टरों में काफी भीड़ जुटती है। क्योंकि ये कामर्शियल सेक्टर हैं। लिहाजा यहां भीड़ न जुटे, इसीलिए लॉकडाउन की अवधि तक दुकानें बंद करने का फैसला लिया है। पुलिस ने सेक्टर-17 के साथ लगते पिपली रोड पर स्थित मार्केट में भी दुकानें बंद करने के आदेश दिए, लेकिन बाद में विधायक सुभाष सुधा के हस्तक्षेप से पिपली रोड पर दुकानें खोलने की छूट दी, लेकिन सेक्टर-17 व दस में दुकानें बंद रखी जाएंगी।

15 लोगों के दोबारा लिए सैंपल श्रद्धालुओं की रिपोर्ट निगेटिव
शाहाबाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को शुगर मिल कॉलोनी के 22 लोगों के सैंपल लिए। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल में ये सैंपल भेजे। एडिशनल एसएमओ डॉ. कुलदीप राज के मुताबिक कोरोना से पीड़ित के प्राथमिक संपर्क में आने वाले 15 लोगों के सैंपल लिए गए थे। 72 घंटे बाद उनके सैंपल दोबारा लिए गए हैं। इसके अलावा सात और लोगों के सैंपल लिए हैं। वहीं नांदेड़ से लौटे दोनों श्रद्धालुओं के सैंपल की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। उन्हें शाहाबाद के गुरुद्वारा में क्वॉरेंटाइन किया है।
शुगर मिल के आसपास डेढ़ किमी एरिया में रहेगा बफरजोन
शाहाबाद में शुगर मिल कॉलोनी को कंटेनमेंट जोन बनाया है। वही शुगर मिल के डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र को बफर जोन बनाया है। इसमें डीडी बिहार किलोनी, शांति कॉलोनी, छपरा, छपरी और जंधेड़ी गांव शामिल हैं। इन क्षेत्रों में आशा वर्कर घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं। सभी की थर्मल स्केनिंग से भी जांच की जा रही है।

पुलिस ने शाम को निकाला फ्लैग मार्च
विधायक सुभाष सुधा ने शहर के बाजारों का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में रोस्टर प्रणाली के अनुसार दुकानों को सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक खोलने का समय निर्धारित किया है। रोस्टर प्रणाली का निरीक्षण करने और दुकानदारों को जागरुक करने के उद्देश्य से दोपहर पौने दो बजे बाजारों का निरीक्षण किया। दुकानदारों ने हिदायतों की पालना की। वहीं देर शाम पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला।

प्रशासन ने बंद करवाई दुकानें
मंगलवार को नायब तहसीलदार परमिंद्र सिंह ने नगर में दौरा कई दुकानों को बंद करवाया। उन्होंने बताया कि प्रशासन के आदेशानुसार मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को केवल आयरन स्टोर, हार्डवेयर स्टोर, सेनेटरी स्टोर, शैटरिंग मैटिरियल, बिल्डिंग निर्माण सामग्री, इलैक्ट्री व इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, मोबाईल, कम्पयूटर, ऑपटिकल, घडि़यों, क्रॉकरी, बर्तन, ज्वैलरी व स्नैक्स की दुकानें ही खोली जाएगी। जिनका समय सुबह 9 बजे से 2 बजे तक होगा। प्रशासन ने बाजार तो खोल दिए, लेकिन लोग सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं कर रहे। अधिकांश बाजारों में भीड़ जुटी रही। पुलिस ने छोटे बाजार व बडे़ बाजार में गश्त भी की। लोगों को हिदायतें भी दी। कई वाहन चालकों के चालान भी काटे।



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The administration ordered for the third time, now shops will not open in Sector-17 and 10 of the city




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कैंट सिविल की कंट्रक्शन साइट की 6 कोठरियों व एक शेड में रह रहे थे 72 श्रमिक, इन्हीं में से 16 संक्रमित मिले हैं, बाकी की रिपोर्ट का इंतजार

(पवन पासी) अम्बाला कैंट सिविल अस्पताल के निर्माणाधीन स्टाफ क्वार्टर्स साइट की वजह से कोरोना का खतरा और बढ़ता दिख रहा है। क्योंकि यहां जो लेबर के लिए छोटी-छोटी कोठरियां बनी हैं, उनमें से कई में तो 9 श्रमिक रह रहे थे। यहां 6 कोठरियों व एक शेड में 72 श्रमिक थे, जिनमें से 16 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बाकियों के सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है। ऐसी कोई कोठरी नहीं है, जहां कोरोना पॉजिटिव न मिला हो।
10 बाई 10 की कोठरियां हैं। यहां एक कोठरी में 9 श्रमिक ठहरे थे, जिनमें 3 पॉजिटिव मिले हैं। दूसरी कोठरी में 3 में से 1, तीसरी में 6 में से 3, चौथी में 5 में से 2 (बाप-बेटा), पांचवीं में 4 में 3 और छठी में 3 में से 2 पॉजिटिव मिले हैं। 35 फुट लंबे शेड के नीचे 42 श्रमिक परिवारों समेत रह रहे थे। इनमें सुपरवाइजर समेत 2 पॉजिटिव मिले हैं। इसी शेड में फुटबॉल स्टेडियम की लेबर को भी ठहराया गया था। अकेले अम्बाला कैंट में चल रहे सरकारी प्रोजेक्ट साइटों पर 557 लेबर रह रही है। अब कैंट और सिटी दोनों जगह पर सरकारी साइट पर रह रही लेबर स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में आ गई है। क्योंकि ये हॉट स्पॉट बनने का खतरा है।
डिस्ट्रिक्ट क्वारेंटाइन कमेटी के इंचार्ज डॉ. राजेंद्र राय की रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमित मिले 34 वर्षीय साइट इंजीनियर के 2 बच्चे हैं। वह यूपी का रहने वाला है। वह दिल्ली की कृष्णा बिल्डिंग कंपनी में काम कर रहा है और जनवरी से यहां साइट पर है। यह इंजीनियर पन्ना कॉटेज में एक घर में बने गेस्ट हाउस में रहता है। कमरा तो अलग है लेकिन बाथरूम कंपनी के इलेक्ट्रिशियन के साथ शेयरिंग में है। यह इंजीनियर साइट के एक कुक से खाना लेता था। दूसरा संक्रमित 24 वर्षीय इंजीनियर करनाल का रहने वाला है। वह 12 दिनों से अम्बाला में था। इसके पिता पानीपत में प्राइवेट जॉब करते हैं और करनाल रेलवे स्टेशन के पास घर है। घर में 9 साल की बहन है।



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खाद्य विभाग के ठेकेदार ने डिपो पर उतारी गेहूं, हर कट्टे में 15 किलो तक कम निकली

राशन डिपो पर राशन सप्लाई करने वाला ठेकेदार डिपो पर गेहूं की कम सप्लाई दे रहा है। मंगलवार को गांव कुल्लड़पुर में कम गेहूं सप्लाई का मामला सामने आया तो ग्रामीण डिपो होल्डर के पक्ष में खड़े नजर आए। ग्रामीणों ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी को शिकायत की। तब जाकर ठेकेदार ने डिपो होल्डर को पूरी गेहूं दी।
मंगलवार को कुल्लड़पुर के राशन डिपो पर गेहूं से भरा एक ट्रक पहुंचा। दरअसल, डिपो होल्डर जसबीर सिंह को 169 कट्टे गेहूं के मिलने थे। जब मजदूर ट्रक से गेहूं के कट्टे उतारने लगे तो कट्टों में 10 से 15 किलो तक गेहूं कम थी। डिपो होल्डर ने इसका विरोध करते हुए मजदूरों को गेहूं उतारने से मना कर दिया। डिपो होल्डर का कहना था कि सभी कट्टों में कम गेहूं है, जिसे वह पूरा नहीं कर पाएगा। सभी लाभार्थियों को गेहूं नहीं मिलेगी तो वह उसकी शिकायत करेंगे। इसलिए वह इस गेहूं को नहीं लेगा। इसके बावजूद ठेकेदार के मजदूर जबरन गेहूं के कट्टे डिपो में उतारने का प्रयास करने लगे तो मौके पर कई ग्रामीण इक्ट्ठा हो गए।
ग्रामीणों ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और एसडीएम कार्यालय में शिकायत कर दी। शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर संदीप कुमार ने कंडे पर ट्रक का वजन करवाया और ठेकेदार को डिपो होल्डर की गेहूं पूरी करने को कहा। जिसके बाद ठेकेदार ने गेहूं का पूरा वजन कर डिपो होल्डर को गेहूं सौंप दी।
दाल भी मिली थी आधा-आधा किलो कम: कुछ दिन पहले नारायणगढ़ के डिपो होल्डर्स को ठेकेदार ने दाल सप्लाई की थी। अनाज मंडी के पीछे डिपो होल्डर्स के सुपुर्द दाल के कट्टे किए गए थे। जब डिपो होल्डर्स ने कट्टों को तोलकर देखा तो उनमें आधा से एक किलो तक दाल कम थी। इसके बावजूद भी डिपो होल्डर ठेकेदार या अधिकारियों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे।



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14 दिन बाद नहरों में आया पानी, जंडवाला नहर फिर टूटी

उपमंडल में भाखड़ा प्रणाली की नहरों में 2 सप्ताह बाद सिंचाई पानी छोड़ा गया। जिससे जंडवाला रजवाहा केशव ढाणी के खेतों में साइफन के पास टूट गया। पानी आने के साथ ही नहर टूट जाने से सुबह नहर को दोबारा बंद कर कटाव को दुरुस्त किया गया। किसानों ने नहरी विभाग से नहर की सीएम घोषणा के अनुसार रीमॉडलिंग कर मजबूत बनाए जाने की मांग की है।
भाखड़ा प्रणाली के मौजगढ़ हेड से देर रात को लहरों में पानी छोड़ा गया। जिसे जंड वाला रजवाहा केशव ढाणी में साइफन के पास दरार आने से टूट गया। कल सुबह किसानों ने सिंचाई विभाग को इसकी सूचना दी जिसके बाद नहर को बंद कर के कटाव को पाटने का काम शुरू किया गया। नहर टूटने से किसानों की दिनभर की पानी की बारी मारी गई। किसानों ने बताया कि जडवाला नहर में किसानों को पूरा पानी में मिलने की समस्या लंबे समय से चल रही है और हर सीजन में नहर टूट जाती है। किसानों ने बताया कि नहर काफी कमजोर हो चुकी है ।

सीएम घोषणा के बावजूद नहीं हुआ समाधान
किसानों ने जडवाला नहर का लेवल सही कर रीमॉडलिंग करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2016 में घोषणा की थी लेकिन अब तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है बल्कि अधिकारियों ने बिना रिपेयर किए नहर पर रिपेयरिंग खर्चसे खानापूर्ति कर दी. इससे एक और सीएम घोषणा पर काम नहीं हुआ ।



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कोल्ड स्टोर में रखा खोया खराब, 10 क्विंटल कराया नष्ट

फूड सेफ्टी विभाग ने कोल्ड स्टोर का निरीक्षण किया। इस दौरान खराब हो चुके करीब 10 क्विंटल खोये को नष्ट करवाया गया। फूड सेफ्टी ऑफिसर ने उपस्थित रहकर कोल्ड स्टोर में रखा दुकानदारों का खराब हो चुका खोया निकलवाया और जांच के बाद नष्ट करवा दिया। शहर के अलग-अलग मिठाई विक्रेता और डेयरी संचालक कोल्ड स्टोर में अपने खोये के स्टॉक को रखते हैं। लेकिन खाेये को 10 से लेकर ज्यादा से ज्यादा 20 दिन तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है।
अचानक लॉक डाउन होने के कारण दुकानदारों ने कोल्ड स्टोर में खोये का स्टॉक रखवा दिया लेकिन लॉक डाउन आगे बढ़ गया आैर 40 से भी ज्यादा दिन चला। इतने दिनों में कोल्ड स्टोर में रखा खोया खराब होने लगा। मंगलवार को फूड सेफ्टी ऑफिसर महावीर बिश्नोई ने कोल्ड स्टोर का निरीक्षण किया। स्टॉक में रखे खोये की जांच की तो पता चला कि खोया खराब होना शुरू हो गया है।
इस पर इस खोये के स्टॉक को नष्ट करने का फैसला हुआ। दुकानदारों ने स्वयं ही इस खोये को नष्ट करने की सहमति दे दी। इसके बाद फूड सेफ्टी ऑफिसर महावीर बिश्नोई ने इसे नष्ट करवाने की प्रक्रिया शुरू की।



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मेडिकल कॉलेज में 9 से बढ़कर 12 हुई संदिग्धों की संख्या पांचों पॉजिटिव मरीजों की दो दिन बाद होगी दोबारा सैंपलिंग

मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा के कोविड हॉस्पिटल में भी संदिग्ध लोगों की संख्या लगतार बढ़ रही है। आइसोलेशन वार्ड में पांच पॉजिटिव मरीज सहित एक दर्जन लोग उपचार करवा रहे हैं। मेडिकल के नोडल अधिकारी एवं डीएमएस डाॅ. राजीव चौहान व हिसार के नोडल अधिकारी डाॅ. विकास पुरी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में सोमवार का पांच पॉजिटिव मरीजों सहित नौ लोग भर्ती थेे, लेकिन मंगलवार को मरीजों संख्या बढ़कर 12 हो गई, जिनमें से पांच लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। जिनके सैंपल दो दिन बाद भेजे जाएंगे। चार लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। जिमसें से दो निगेटिव मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया और दो लोगों डिसचार्ज कर क्वारेंटाइन होम भेज दिया गया है। तीन लोगों की रिपोर्ट अभी भी बाकि है। मेडिकल के सीएमओ डाॅ. राकेश शर्मा, डाॅ. कवलपाल सिंह, डाॅ. भूपेंद्र कडवसरा, डॉ. राहुल गौतम, डाॅ, आजाद सिंह, डाॅ. नरेंद्र नाडा, डाॅ. सुमित पातड़,डाॅ. साहिल बामल, डाॅ. विक्रम मलिक के नेतृत्व में पूरी टीम मरीजों के उपचार में दिन रात लगी हुई है। मेडिकल कॉलेज के डीएमएस डाॅ. शमशेर मलिक, डाॅ. संदीप राणा ने बताया कि मंगलवार को कोविड ओपीडी में आठ लोग आए थे। जिनमें से तीन लोगों को आइसोलेशन में भर्ती किया गया और पांच लोगों को जांच के बाद क्वारेंटाइन होम में रहने के लिए भेजा गया है। इसके अलावा मेडिकल के स्टाफ सहित 50 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। मंगलवार को 210 लोगों अन्य विभागों की ओपीडी में जांच करवाई। जिनमें पांच मरीजों को आपताकालीन विभाग में भर्ती किया गया।
डब्ल्यूएचओ की टीम ने अिधकारियों के साथ बैठक: विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने डाॅ. अवरिल, डाॅ. अपूर्णा के नेतृत्व में मेडिकल कॉलेज अग्रोहा के कोविड हॉस्पिटल का मंगलवार को औचक निरीक्षण किया और निरीक्षण के बाद मेडिकल कॉलेज में अधिकारियों की मिटिंग ली और कार्यों की समीक्षा की जानकारी हासिल की। मीटिंग में मेडिकल के निदेशक डाॅ. गोपाल सिंघल, एमएस डाॅ. नजीर अहमद पंडित, डीएमएस डाॅ. शमशेर मलिक, हिसार के नोडल अधिकारी डाॅ. विकास पुरी, नोडल अधिकारी एवं डीएमएस डाॅ. राजीव चौहान,डाॅ. संदीप राणा, डाॅ. राकेश सहारण उपस्थित थे।
बैठक में कोरोना से संबधित अनेक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।



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बैठक में शामिल विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी।




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सेंट्रल जेल में 11 अधिकारी-कर्मचारी, डीसी कॉलोनी में 3, फ्लू क्लीनिक में 90 सैंपलिंग

लॉकडाउन 3.0 में छूट के चलते सड़कों-बाजारों में लोगों की भीड़ देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सर्विलांस के साथ रेंडम-सैंपलिंग को बढ़ा दिया है।
अभी तक 100 से 170 के बीच सैंपलिंग होती थी लेकिन इसे बढ़ाकर 200 पल्स कर दिया है। इसके अलावा रेपिड डाइग्नोस्टिक किट से भी जांच हो रही है। मंगलवार को फ्लू क्लीनिक में पैथोलॉजिस्ट डॉ. मनीष ने शाम 5 बजे तक 90 लोगों के सैंपल लिए थे। इसके बाद भी जांच के लिए पहुंचे रोगियों की सैंपलिंग जारी रही। मोबाइल टीम के डॉ. रवि ने सेंट्रल जेल में अधीक्षक, उपाधीक्षक, वार्डर सहित 11 अधिकारियों व कर्मचारियों के सैंपल लिए हैं। 1 बंदी भी शामिल है। डीसी कॉलोनी कंटेनमेंट जोन में 3 और एचएयू फार्मर हॉस्टल में क्वारेंटाइन एक व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए लैब में भिजवाया है। दंत सर्जन डॉ. बंसीलाल, डॉ. पुलकित और एलटी वेदव्रत की टीम ने सीएचसी उकलाना एरिया में 40 सैंपल लिए हैं। इनमें महाराष्ट्र से 4, नोएडा, फिरोजपुर, तमिलनाडु, पांडेचेरी, हिमाचल प्रदेश और गुरुग्राम से 1-1, जैसलमेर और गुवाहाटी से 3-3 शामिल हैं। इधर, हेल्थ इंस्पेक्टर पवन आहुजा और एमपीएचडब्लू नूर मोहम्मद की टीम ने सब्जी मंडी चौक स्थित बड़वाली ढाणी में रेपिड डाइग्नोस्टिक किट के साथ 23 लोगों के सैंपल जांचे। हेल्थ इंस्पेक्टर पवन आहुजा ने बताया कि पांच से 10 मिनट में लोगों को रिपोर्ट भी बता दी। निगेटिव रिपोर्ट हैं। इस दौरान सैंपलिंग टीम में डॉ. पवन बगड़ानिया, एलटी दिनेश, डेटा एंट्री ऑपरेटर पवन सहित एमपीएचडब्ल्यू सौरभ, सुनील भानखड़, वेद प्रकाश, परमजीत, लकी ठकराल, नवीन, प्रवीण, कुलदीप, सीमा मिश्रा, आशा कार्यकर्ता बसंती थे। इस दौरान टीम ने एंटी लारवा एक्टिविटी व मास फीवर सर्वे किया।



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सूर्य नगर में मास फीवर सर्वे के दाैरान स्वास्थ्य जांच करती हेल्थ टीम।




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1 दिन में 21 मरीज मिले, अब 21 के बजाय 11 दिन में दोगुने हो रहे केस, भिवानी भी कोरोना मुक्त, 6 जिलों में कोई मरीज नहीं

हरियाणा में कोरोनावायरस का कहर थम नहीं रहा। 24 घंटे में 21 नए मामले आ गए। संक्रमितों की कुल संख्या 554 हो गई है। झज्जर में 8, सोनीपत में 5, गुड़गांव में 3, पानीपत में 2 और करनाल, रोहतक, फरीदाबाद में 1-1 केस मिला है। मंगलवार को फरीदाबाद व भिवानी में 1-1 मरीज ठीक हुए। भिवानी में सभी 4 मरीज ठीक हो चुके हैं। यानी अब 6 जिले कोरोना मुक्त हैं। अब तक कुल 256 मरीज ठीक हुए हैं। 7 की मौत हो चुकी है। फिलहाल 291 एक्टिव मरीज हैं।

राज्य में एक सप्ताह पहले मरीजों के दोगुने होने का रेट 21 दिन था। यह अब 11 दिन हो गया है। मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत भी 72 से गिरकर 46.2% हो गया है। इधर, लॉकडाउन पार्ट-3 में दी गई छूट को गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने घातक बताया है। उन्होंने कहा कि मंत्री मुझे डर लग रहा है। यदि लोगों ने मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो हालात खतरनाक हो सकते हैं।

4 जिलों में सभी मरीज ठीक हुए, झज्जर में कोई नहीं, 5 जिलों में रिकवरी दर 25% से कम

हरियाणा में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर एक सप्ताह पहले 72% थी। अब यह गिरकर 46.2% पर आ गई है। अब तक 4 जिलों में सभी मरीज ठीक होकर घर आ चुके हैं। इन जिलों में कुरुक्षेत्र, कैथल, भिवानी व चरखी दादरी शामिल है। पंचकूला, मेवात, पलवल जिले ऐसे हैं, जिनमें रिकवरी रेट 75 से लेकर 94% तक है। हिसार, सिरसा, फरीदाबाद, गुड़गांव, करनाल व रोहतक ऐसे जिले हैं, जहां रिकवरी रेट 26 से 40 फीसदी तक पहुंचा है। झज्जर जिले में अभी कोई भी मरीज ठीक नहीं हो पाया है। जबकि 0 से 25% तक की रिकवरी रेट में झज्जर के अलावा जींद, फतेहाबाद, पानीपत व सोनीपत जिले हैं। रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है।

78 फीसदी केस सिर्फ 7 जिलों में

करीब 78 प्रतिशत संक्रमण 7 जिलों में हुआ है। 22 फीसदी बाकी 13 जिलों में है। जिन जिलों में पूरे प्रदेश के 6% या इससे ज्यादा संक्रमण के केस हैं, उनमें गुड़गांव, सोनीपत, फरीदाबाद, झज्जर, मेवात, अम्बाला व पलवल शामिल है।

ऐसे फैलता गया संक्रमण

  • 17 मार्च को पहला केस आया।
  • 31 मार्च तक संख्या 29 पहुंची।
  • 10 अप्रैल तक 162 केस हुए।
  • 20 अप्रैल को आंकड़ा 237 हुआ।
  • 30 अप्रैल को संख्या 324 हुई।
  • 5 मई तक 554 पॉजिटिव हो गए।

24 घंटे का अपडेट

2305 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव। 2790 संदिग्धों के सैंपल और लिए। 327 लोगों का सर्विलांस का समय। 31 नए लोग सर्विलांस पर लिए गए।

अब तक की टेस्टिंग रिपोर्ट

  • 40928 लोगों के टेस्ट हुए
  • 554 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव
  • 3574 रिपोर्ट का अभी इंतजार
  • 10 लाख पर 1614 लोगों की टेस्टिंग
  • 1.47% पॉजिटिव मिले
  • 47.4% है रिकवरी रेट
  • 1.2% है मौतों की दर
  • पंजाब में 24 घंटे में 207 केस आए व 1 मौत हुई। वहां कुल केस 1496 हैं। मौतें 25 हुई हैं।
  • चंडीगढ़ में 24 घंटे में 17 केस आए। वहां कुल केस 119 हो गए हैं। एक मरीज की मौत हुई है।


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हरियाणा में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर एक सप्ताह पहले 72% थी। अब यह गिरकर 46.2% पर आ गई है।




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सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में रखी जाएंगी दो डायलेसिस मशीनें: सीएम 

हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में दो डायलेसिस मशीनें विशेष रूप से कोविड-19 के ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित रखी जाएंगी, जिन्हें डायलेसिस की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, सभी 11 विशेष कोविड-19 अस्पतालों में 100-150 बिस्तरों को कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखने के बाद शेष वार्ड और ओपीडी अन्य मरीजों के उपचार के लिए सामान्य रूप से कार्य शुरू कर देंगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई एक बैठक में लिया गया, जिसमें उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी उपस्थित थे।

सभी उपायुक्तों को सम्बन्धित जिलों की सभी मार्केट एसोसिएशन के साथ परामर्श के बाद सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का उचित अनुपालन करते हुए आवश्यकतानुसार ग्रीन और अॉरेंज जिलों में आने वाले सभी बाजारों में दुकानें खोलना सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। इस अवसर पर प्रमुख रुप से मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अलोक निगम और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा भी उपस्थित थे।



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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में बैठक ली।




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पीजीआई की लैब में 11 जिलों से ढाई गुना पहुंच रहे कोरोना संदिग्धों के सैंपल

अप्रैल में तब्लीगी जमात में शामिल वर्ग विशेष के लोग फिर सब्जी विक्रेताओं और अब नांदेड़ से यात्रा करने वाले लोगों के कोरोना वायरस संक्रमित मिलने के बाद से प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में कोरोना संदिग्धों का सैंपल एकत्रित करने का काम तेज कर दिया है। पिछले चार दिनों के आंकड़े बताते हैं कि दो से पांच मई तक प्रदेश के 11 जिलों से रोजाना औसतन एक हजार से अधिक सैंपल टेस्टिंग के लिए आ रहे हैं। ऐसे में पीजीआई की वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब के नोडल अधिकारी व लैब स्टाफ की टीम वर्कलोड ढाई गुना तक बढ़ गया है।

पीजीआई की लैब में पांच मई तक 12,626 कोरोना संदिग्धों के सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं जिनमें 172 लोगों की सैंपल रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई।नोडल अधिकारी के अनुसार लैब में टेस्टिंग करने वाली रियल टाइम पीसीआर मशीन 24 घंटे में अधिकतम 500 सैंपल टेस्ट कर सकती है। लेकिन 11 जिलों से जिस रफ्तार से सैंपल आ रहे हैं उसका हाल के चार दिनों का आंकड़ा 1400 सैंपल तक पहुंच गया है।

ऐसे में टीम की ड्यूटी का रोस्टर प्लान पूरी तरह बिगड़ा हुआ है। फिर स्टाफ मेंबर्स मे कोई अपनी पहली मैरिज एनिवर्सरी को छोड़कर लैब में बिना छुट्‌टी लिए काम में जुटा है तो कोई महिला स्टूडेंट चिकित्सक पिता की तबियत बिगड़ने पर उनके पास नहीं जा सकी। ऐसे समर्पित स्टाफ मेंबर्स की वजह से 24 घंटे लगातार काम करना संभव हो रहा है। उम्मीद है कि अगले दो दिन में एक और नई मशीन का संचालन शुरू हो जाएगा, जिससे रोजाना सैंपल टेस्ट करने की संख्या में इजाफा होने के साथ वर्कलोड घटने की उम्मीद है।



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रोहतक पीजीआई की टेस्टिंग लैब में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच करते हुए डॉक्टरों की टीम।




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प्रदेश में बढ़े हुए दामों के साथ शराब की दुकानें खुलीं, 41 दिन बाद ठेकों पर बड़े-बूढ़े सब दिखे लाइनों में

हरियाणा में बुधवार को लॉकडाउन फेज-3 के तीसरे दिन कोरोना सेस लगने के बाद शराब की दुकानें खुल गईं। 41 दिन बाद दुकानें खुलते ही लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। कई जगह दुकानों के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा ताकि स्थिति सामान्य बनी रहे और लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें। हालांकि, कंटेनमेंट जोन में शराब के ठेके नहीं खुले हैं। हरियाणा में शराब की दुकानें खोलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक निर्धारित किया है। सरकार ने लॉकडाउन के बीच 27 मार्च रात 12 बजे के बाद से शराब की बिक्री बंद कर दी थी। इसके बाद बुधवार को शराब के ठेके खुले हैं।

हांसी में शराब का ठेका जैसे ही 8 बजे खुला, यहां लाइन लग गई। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी को तैनात करना पड़ा।

कोरोना सेस लगने से 5 रुपए से 20 रुपए तक महंगी हुई शराब
हरियाणा सरकार ने शराब पर कोविड सेस (उपकर)लगा दिया। देसी शराब की बोतल पर 5 रुपए, अंग्रेजी शराब की बोतल पर 20 रुपए सेस लगाया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। शॉपिंग मॉल में शराब की बिक्री पर रोक रहेगी। आबकारी नीति में संशोधन के अनुसार, एल-2, एल-14ए औरअन्य सहवर्ती लाइसेंसों की वैधता अवधि 19 मई 2021 तक रहेगी। सरकार ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में सब कमेटी का गठन किया है। इसमें परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और खेल मंत्री संदीप सिंह हैं,जो केंद्र सरकार द्वारा नियमों को लागूकराएगी

हांसी में सुबह-सुबह शराब का ठेका खुला तो सबसे पहले लोगों ने बोतलें खरीदीं और सीधे घर के लिए निकले।

कितनी महंगी हुई शराब

  • विदेश से आने वाली शराब की बोतल पर 50, अद्धा औरपव्वेपर 25 रु. बढ़े।
  • देसी शराब की बोतल पर 5, अद्धा पर 3 व पव्वे पर 2 रुपए बढ़ाए।
  • देश में बनी विदेशी शराब की बोतल पर 20, अद्धा पर 10 व पव्वे पर 5 रु. बढ़े।
  • माइल्ड औररेगुलर बीयर पर 2 औरस्ट्रांग बीयर पर 5 रु. बढ़े।

कोरोना मरीज ठीक होने की दर गिरी
हरियाणा में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर एक सप्ताह पहले 72% थी। अब यह गिरकर 46.2% पर आ गई है। अब तक 4 जिलों में सभी मरीज ठीक होकर घर आ चुके हैं। इन जिलों में कुरुक्षेत्र, कैथल, भिवानी व चरखी दादरी शामिल है। पंचकूला, मेवात, पलवल जिले ऐसे हैं, जिनमें रिकवरी रेट 75 से लेकर 94% तक है। हिसार, सिरसा, फरीदाबाद, गुड़गांव, करनाल व रोहतक ऐसे जिले हैं, जहां रिकवरी रेट 26 से 40 फीसदी तक पहुंचा है। झज्जर जिले में अभी कोई भी मरीज ठीक नहीं हो पाया है। जबकि 0 से 25% तक की रिकवरी रेट में झज्जर के अलावा जींद, फतेहाबाद, पानीपत व सोनीपत जिले हैं। रेवाड़ी औरमहेंद्रगढ़ में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है।

असंध में इंटर डिस्ट्रिक्ट मूवमेंट रोकने के लिए रास्ते को खोद दिया गया है। जिला प्रशासन ने हर गांव में इस तरह के कच्चे रास्तों को खोद दिया है।

इंटर डिस्ट्रिक्ट मूवमेंट बंद करने के लिए कच्चे रास्ते खोदे
हरियाणा में हाइवे पर पुलिसकर्मी तैनात हैं लेकिन लोग कच्चे रास्तों से आवागमनकर रहे हैं। ऐसे में अब कच्चे रास्तों को खोद दिया गया है ताकि लोग इंटर ड्रस्ट्रिक्ट मूवमेंट न कर पाएं। अम्बाला सिटी के गांव डडियाना के पास रोजाना तीन से चार पुलिस की गाड़ियां प्रवासी मजदूरों को छोड़कर जा रही थी। घग्घर नदी क्रॉस करके प्रवासी अम्बाला में क्रॉस कर रहे थे। गांव डडियाना में कोरोना वायरस संक्रमण न फैले, इसलिए गांव की सरपंच अमनदीप कौर ने डीसी अम्बाला को एक चिट्टी लिखी।जिला प्रशासन हरकत में आ गया और गांव डडियाना पहुंचा। गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों से कहा कि यह रास्ता एक ठेकेदार ने पाइप डालकर बनाया था ताकि उसके मिट्टी के ट्रक उसके ऊपर से गुजर सके।

इसी तरह करनाल जिले के असंध में हुआ, जहां दूसरे जिले की सीमा से एंट्री न कर पाए, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने सड़क को खोद दिया है। इसी के साथ वहां नाका बनाकर पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। जिले की सीमा पर 24 घंटे चौकसी है।

  • हरियाणा में 595 पहुंचा आंकड़ा
  • हरियाणा में अब तक गुड़गांव में 104, सोनीपत में 81, फरीदाबाद में 78, झज्जर में 70, नूंह में 59, अम्बाला में 41, पलवल में 36, पानीपत में 33, पंचकूला में 18, जींद में 11, करनाल में 14, यमुनानगर में 8, सिरसा में 6, फतेहाबाद में 6, हिसार, रोहतक में 4-4, भिवानी में 3. कुरुक्षेत्र और कैथल में 2-2, चरखी दादरी में एक पॉजिटिव मिला। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है।
  • प्रदेश में अब कुल 260 मरीज ठीक हो गए हैं। नूंह में 53, गुड़गांव में 51, फरीदाबाद में 43, पलवल 32, पंचकूला में 17, अम्बाला में 11, करनाल और पानीपत में 5-5, सिरसा और सोनीपत में 4-4, यमुनानगर, भिवानी और हिसार में 3-3, कैथल, कुरुक्षेत्र, रोहतक में 2-2, चरखी दादरी, फतेहाबाद 1-1 मरीज ठीक होने पर घर भेजा गया। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं। इनके समेत कुल आंकड़ा 241 हो जाता है।
  • प्रदेश में अब तक 133 जमाती संक्रमित मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा नूंह जिले से हैं। यहां कुल 42 जमाती संक्रमित पाए गए। इसके अलावा, पलवल 31, फरीदाबाद 23, गुड़गांव 15, अम्बाला 5, पंचकूला 7, यमुनागर 3, भिवानी 2, कैथल, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद और सोनीपत में एक-एक मरीज संक्रमित मिला। यह सभी मरकज से लौटे थे। जिन्हें अलग-अलग मस्जिदों और गांवों से पकड़ा गया था।


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हिसार जिले के हांसी में बुधवार सुबह 8 बजे जैसे ही शराब का ठेका खुला, खरीदारों की भीड़ लग गई। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए मार्किंग की गई है।




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हरियाणा सरकार ने अपने खर्च पर हिसार से बिहार के कटिहार भेजे 1200 मजदूर, खाना-पानी लेकर ट्रेन रवाना

हरियाणा सरकार ने बुधवार को अपने खर्च पर 1200 मजदूरों को हिसार से बिहार के कटिहार के लिए रवाना कर दिया है। इन मजदूरों के लेकर चली ट्रेन में इनके खाने-पीने की पूरी व्यवस्था का खर्च भी हरियाणा सरकार ने उठाया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि इन मजदूरों को सुरक्षित स्थानों तक भेजना हमारा दायित्व है।

ट्रेन में सफर के लिए खाना और पानी की व्यवस्था हिसार से ही करके भेजी गई है। इसका पूरा खर्च भी हरियाणा सरकार ने उठाया है।

सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि किसी भी श्रमिक को घर जाने के लिए कोई पैसा खर्च करने की जरुरत नहीं है। सारा खर्च हरियाणा सरकार करेगी।

सीएम मनोहर लाल का कहना है कि किसी भी श्रमिक को किसी के बहकावे में आने की भी जरुरत नहीं है। घर भेजने के नाम पर यदि कोई पैसे ऐंठने की कोशिश करे तो उससे बचें।

सीएम ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मजदूर हरियाणा के उद्योगों की रीढ़ है। ऐसे में यदि संभव है तो उन्हें यहीं रूकना चाहिए, क्योंकि हरियाणा की स्थिति अन्य राज्यों से अच्छी है।

हिसार की तरह आने वाले दिनों में हरियाणा के दूसरे हिस्सों से भी ट्रेन मजदूरों को लेकर अलग-अलग राज्यों के लिए रवाना होंगी। इसके लिए सरकार योजना बना रही है।

सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि यह संकट की घड़ी है। इस महामारी के चक्र में हमें कोशिश करनी चाहिए कि जहां हैं वहीं रहें। इससे अपना भी बचाव होगा और अपने परिजनों का भी।



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ट्रेन में चढ़ने से पहले सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर हिसार रेलवे स्टेशन पर खड़े मजदूर।




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नादेड़ साहिब से लौटे जिन 11 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट 5 दिन पहले निगेटिव थी, उनमें से 1 परिवार के 4 सदस्य अब कोरोना पॉजिटिव

29 अप्रैल को नांदेड़ साहिब से लौटने के बाद अम्बाला की कंबोज धर्मशाला में क्वारेंटाइन किए गए 11 श्रद्धालुओं में से अब 4 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। चारों एक ही परिवार से हैं। इस परिवार के 6 सदस्य नांदेड़ साहिब में थे। पॉजिटिव मरीजों को एमएम अस्पताल (कोविड19) में आइसोलेट कर दिया गया है। अब 7 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अम्बाला के इन 11 श्रद्धालुओं समेत कुल 39 लोग पंजाब रोडवेज की बस में अम्बाला आए थे। 30 अप्रैल को सभी के सैंपल भेजे गए। रिपोर्ट निगेटिव रहने पर सभी को उनके जिलों करनाल, कैथल, फतेहाबाद, यमुनानगर व दिल्ली भेज दिया गया था। यहां से लौटने के अगले दिन ही यमुनानगर के श्रद्धालु का दोबारा सैंपल लिया जो पॉजिटिव निकल गया था।
जिन श्रद्धालुओं की रिपोर्ट अब पॉजिटिव आई है, यह नारायणगढ़ के अकबरपुर का रहने वाला परिवार है। इसमें 75 व 70 वर्षीय बुजुर्ग दंपती, उनके 42 वर्षीय बेटा व 9 साल की पोती है। पुत्रवधू व 5 साल के पोता की रिपोर्ट निगेटिव है। कंबोज धर्मशाला में ही क्वारेंटाइन किए गए पिलखनी गांव से डेनमार्क गए 63 वर्षीय व 52 वर्षीय एनआरआई दंपती, कैंट रेलवे कॉलोनी के 24 व 59 वर्षीय व्यक्ति और शहजादपुर की जनक कॉलोनी निवासी 24 वर्षीय युवक शामिल हैं।

घर पर ताला, पड़ोसी कर रहे घर के पौधों और डॉग की देखभाल
गांव अकबरपुर के 6 लोगों का परिवार 17 मार्च को नांदेड़ साहिब के लिए रवाना हुआ था। यह परिवार लॉकडाउन के दौरान 29 अप्रैल को अम्बाला लौटा। इस परिवार के घर पर ताला लगा हुआ है। पिछले एक महीने से इस परिवार के कुत्ते और पौधों की रखवाली पड़ोसी कर रहे हैं। पड़ोसियों को उम्मीद थी कि अब परिवार के सदस्य वापस अपने घर आ जाएंगे लेकिन उनमें से चार के पॉजिटिव आने की खबर सुनकर वह दुखी हैं।

एमएम अस्पताल की कोविड यूनिट में अब 26 मरीज
एमएम अस्पताल की कोविड-19 यूनिट में बुधवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। नांदेड़ से लौटे 4 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें उपचार के लिए एमएम अस्पताल के कोविड यूनिट में ही भेजा गया है। कोविड यूनिट से भी 10 संदिग्ध केसों के सैंपल भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है। एमएम कोविड यूनिट के नोडल अधिकारी डॉ. एलएन गर्ग ने बताया कि 3-4 मरीजों को हलका खांसी-बुखार की शिकायत है।
सोमवार व मंगलवार के 445 सैंपलों में से 130 की रिपोर्ट का इंतजार
सोमवार को लिए गए 139 सैंपलों में से 4 पॉजिटिव मिले हैं। 4 की रिपोर्ट पेंडिंग हैं। बाकी रिपोर्ट निगेटिव रही हैं। मंगलवार को लिए गए सैंपलों में से लिए गए थे। इनमें से 96 सैंपल पीजीआई चंडीगढ़, 81 सैंपल करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, 68 सैंपल खानपुर कलां मेडिकल कॉलेज और 53 सैंपल रोहतक पीजीआई भेजे गए थे। रोहतक पीजीआई से 53, खानपुर कलां से सभी 68, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से 5 सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाकी है। कुल मिलाकर अभी 130 सैंपलों की रिपोर्ट का इंतजार है। इसमें करीब 20 श्रमिकों के सैंपल भी शामिल हैं। शाहाबाद की गर्भवती महिला, बंद फाटक के पास के स्लम एरिया के परिवार के 6 सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिनमें 4 माह का बच्चा भी शामिल है।

बुधवार को 198 सैंपल लिए
एपेडेमियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील हरि ने बताया कि बुधवार को 198 सैंपल लिए गए हैं। सबसे ज्यादा 127 सैंपल अम्बाला कैंट से लिए गए हैं। सिटी सिविल अस्पताल से 41, शहजादपुर से 24, ठरवा से 3, एमएम मुलाना से 2 और मिलिट्री अस्पताल से 1 सैंपल लिया है। मंगलवार को सिटी सिविल को ट्रामा सेंटर में 85 साल की महिला की मौत हो गई थी। उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। सिजेरियन डिलीवरी के लिए आई रविदास माजरी की महिला का भी सैंपल भेजा गया है। सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि जिले में अब तक 3,135 सैंपल लिए जा चुके हैं। 2,769 की रिपोर्ट निगेटिव रही है। बुधवार को 7 कंटेनमेंट जोन से 127 सैंपल लिए हैं, जिनमें से 50 सैंपल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के हैं।

22 वर्षीय ऑटो चालक की चेन
कोरोना संक्रमित मिला निशात बाग का 22 वर्षीय अॉटो चालक ने कैंट में माया वाला चौक के पास डॉ. रामकुमार गुप्ता के पास से भी 2 मई को ट्रीटमेंट लिया था। बुधवार को इस डॉक्टर से उन मरीजों की लिस्ट मांगी गई है जो पिछले 4 दिन में क्लीनिक में आए है। क्लीनिक में एक युवती भी काम करती है। इस क्लीनिक में ज्यादातर ग्वाल मंडी के लोग आते हैं। यह युवक सदर थाने के पास डॉ. रामनाथ के पास भी 4 मई को गया था।



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Of the 11 devotees who returned from Naded Sahib, the report was negative 5 days ago, 4 members of 1 family are now Corona positive




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हिमाचल की 31 नर्सिंग छात्राओं को प्रशासन ने पहुंचाया उनके घर

शहर के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ रही हिमाचल प्रदेश की 31 छात्राओं को उपमंडल प्रशासन ने बुधवार को उनके घर पहुंचाया। हरियाणा रोडवेज की बस में आज इन छात्राओं को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में प्रशासनिक अधिकारियों को सुपुर्द किया। इन छात्राओं के परिजनों ने प्रशासन से इनके घर वापसी की गुहार लगाई थी।
तहसीलदार हरकेश गुप्ता ने बताया कि शहर की नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाली 31 छात्राओं के परिजनों ने हिमाचल प्रदेश से गुहार लगाई थी कि उनकी बच्चियों को किसी तरह उनके घर पहुंचाया जाये। जिस पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने बुधवार 5:30 बजे हरियाणा रोडवेज की बस से बिलासपुर भिजवाया जहां यह छात्राएं सकुशल अपने अपने घर पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि 31 छात्राओं में 11 छात्राएं हमीरपुर जिला की, 8 छात्राएं मंडी जिला की, 5 बिलासपुर जिला की, 3 छात्राएं शिमला जिला की तथा 2 छात्राएं ऊना व एक -एक छात्रा कुल्लू व कांगड़ा जिला की रहने वाली है। रवाना करने से पूर्व सभी 31 छात्राओं की मेडिकल जांच की गई जो मंगलवार मध्य रात्रि तक जारी थी। इस अवसर पर स्वयं एसडीएम दिलबाग सिंह व थाना प्रभारी राधेश्याम भी मौजूद थे। सभी की जांच पूर्ण होने पर बुधवार प्रातः ही तहसीलदार हरकेश गुप्ता व पटवारी राजेंद्र जांगिड़ की उपस्थिति में इन छात्राओ को हरियाणा रोडवेज की सैनिटाइज की गई बस में रवाना कर दिया गया।

विदेशों से लोगों को वापस लाने के बाद होगी जांच

सिरसा| डीसी रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि ऐसे भारतीय नागरिक जो विदेशों में रह रहे हैं और वापिस आने के इच्छुक हैं। ऐसे नागरिकों को वापिस लाने संबंधी कार्य के लिए सरकार प्रयासरत है। विदेशों में रह रहे ऐसे कुछ व्यक्तियों का संबंध जिला सिरसा जिला से भी हो सकता है। ऐसे में उनकी वापसी के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा उनकी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत स्वास्थ्य जांच व अन्य आवश्यक प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए राज्य कृषि विपणन बोर्ड के कार्यकारी अभियंता विरेंद्र शर्मा 94170-95657 को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।



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18 नए सैंपल भेजे, रेपिड किट से जांचे 168 आशंकित

जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जहां एक ओर 18 सैंपल नए भेजे हैं वहीं दूसरी ओर रैपिड किट से भी 168 आशंकितों की जांच की। राहत वाली बात ये है कि सिरसा जिला को अब गुरुवार को दो नए वेंटीलेटर मिल जाएंगे। अभी तक स्वास्थ्य विभाग सिरसा के पास केवल एक और जिला भर में प्राइवेट अस्पतालों के पास मिलाकर कुल 14 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं।

कोरोना पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से अभियान चला रहा है। इसके तहत गुरुवार को 18 नये सैंपल लिए गए हैं जबकि रैपिड किट से 168 की जांच की गई। इतना ही नहीं सिविल अस्पताल में चल रही फ्लू ओपीडी में 313 की जांच की गई है। मोबाइल ओपीडी में 255, स्लम एरिया में 138, 44 सब्जी विक्रेताओं की भी स्वास्थ्य जांच की गई है।

सिरसा सिविल अस्पताल में उपचाराधीन दो कोरोना पॉजिटिव और डबवाली के कॉलेज में क्वारेंटाइन किए गए 16 नांदेड़ साहिब से आए श्रद्धालुओंकी रिपीट सैंपल रिपोर्ट का अभी इंतजार है। सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र नैन ने बताया कि डबवाली में स्वास्थ्य विभाग ने दो टीमों को बढ़ा दिया है ताकि जांच का दायरा बढ़ाया जा सके।

राहत: अब 16 हो जाएगी वेंटीलेटरों की संख्या, आपात स्थिति में नहीं होगी मुश्किल

स्वास्थ्य विभाग सिरसा के पास इस समय केवल 1 सरकारी वेंटीलेटर उपलब्ध है जबकि प्राइवेट अस्पतालों के मिलाकर इनकी संख्या 14 हैं। विभागीय अधिकारियों ने नये वेंटीलेटर की डिमांड भेजी थी। इनमें से विभाग ने सिरसा दो नये वेंटीलेटर भेजने का फैसला लिया है। ये दोनों नये वेंटीलेटर गुरुवार को सिरसा पहुंच जाएंगे। इससे स्वास्थ्य विभाग के पास सुविधाओं में इजाफा होगा।

बाहर से आए सभी 1063 को किया ट्रेस, 546 का क्वारंटाइन पीरियड पूरा

जिला में बाहर से आए सभी 1063 लोगों को ट्रेस कर लिया गया है। इनमें से 546 लोगों ने अपना 28 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरा कर लिया है। कुल 615 लोगों के सैंपल भेजे गए, इनमें से 526 की रिपोर्ट नेगिटीव आई है जबकि 76 की रिपोर्ट लंबित है। इसके अलावा 5 व्यक्तियों के सैंपल रिजेक्ट हो चुके हैं।



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प्रशासन ने 1200 लाेगाें की लिस्ट हेल्थ विभाग काे शेयर की, प्रवासी मजदूरों की होगी स्क्रीनिंग

जिला प्रशासन ने दूसरे दिन भी करीब 1200 लाेगाें की लिस्ट हेल्थ विभाग काे शेयर की है। इन सभी लाेगाें काे शाैर्य पैलेस व हांसी के राधा स्वामी सत्संग भवन में ठहराया गया है। जिला प्रशासन ने करीब 400 लाेगाें काे शाैर्य पैलेस में रखा है। जिला प्रशासन के अधिकारियाें का कहना है कि बिहार जाने वाले लाेगाें के लिए गुरुवार काे भी ट्रेन जाएगी। इसमें शाैर्य पैलेस व हांसी के राधा स्वामी सत्संग भवन में ही स्क्रीनिंग का काम किया जाएगा। आसपास ठहरे लाेग जाे सीधे रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे, उनकी माैके पर ही स्क्रीनिंग की जाएगी। जिला प्रशासन ने इन स्थानाें पर ठहराने के साथ ही व्यवस्था बनाने काे लेकर 11 ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी लगाए हैं।
यहां ठहराए श्रमिक

  • शौर्य पैलेज- कैंट एरिया-
  • राधा स्वामी सत्संग भवन दिल्ली बाइपास
  • ब्राह्मण धर्मशाला
  • विश्वकर्मा धर्मशाला
  • पंजाबी धर्मशाला
  • राधास्वामी सत्संग भवन हांसी
  • स्टेशन मुख्य प्रवेश द्वार
  • रेलवे स्टेशन हिसार अंदर
  • रेलवे स्टेशन हिसार
  • जाट धर्मशाला की तरफ

निगम टीम ने रात में फोगिंग की

शाैर्य पैलेस में ठहरा गए प्रवासियाें का रात काे मच्छराें ने परेशान कर दिया। जिला प्रशासन के अधिकारियाें के पास मामले की शिकायत पहुंची। अधिकारियाें ने तुरंत प्रभाव से निगम टीम के पास काॅल की। रात करीब 10 नगर निगम टीम फाेगिंग करने पहुंची।

इधर, खाना और मास्क का वितरण

कांग्रेस यूथ के नेशनल सेक्रेटरी कृष्ण सातरोड, नवदीप कुमार, राजेश कृष्ण और सामाजिक कार्यकर्ता राहुल राडा ने ट्रेन में जाने वाले श्रमिकों के लिए खाने और मास्क का वितरण किया।



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300 पुलिसकर्मी और 100 रेलवे कर्मचारी तैनात रहे, फिर भी प्लेटफॉर्म और ट्रेन में डिस्टेंस की उड़ीं धज्जियां, एक ही सीट पर बैठे 4-4 श्रमिक

(महबूब अली)भले ही हिसार रेलवे स्टेशन से बिहार के श्रमिकों के लिए चलाई स्पेशल ट्रेन के लिए पुलिस प्रशासन व रेलवे के अधिकारी सभी तैयारियों का दावा कर रहे हो। डिस्टेंस बनाने और सुरक्षा के लिए 300 पुलिस के जवानों के अलावा करीब 100 रेलवे के अधिकारी और कर्मचारियों को तैनात किया गया हो मगर बुधवार को दोपहर जब हिसार के अलावा हांसी, नारनौंद और बरवाला से बिहार के श्रमिक रेलवे स्टेशन पर पहंुचे तो मेन गेट के पास तो पुलिस ने श्रमिकों के बीच डिस्टेंस बना दिया। मगर आरपीएफ थाने के पास डिस्टेंस की खूब धज्जियां उड़ीं। यही नहीं ट्रेन की बोगियों में भी दो के बजाय एक सीट पर चार-चार श्रमिक बैठे नजर आए। जिनके बीच डिस्टेंस बनाने वाला कोई नहीं था। इस स्थिति में कोरोना काे किस तरह से मात दी जा सकती है। खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है। रेलवे स्टेशन पर पड़ताल के दौरान कुछ इस तरह का नजारा देखने को मिला। वहीं ट्रेन में सवार होते ही बिहार के कुछ श्रमिक जहां तुरंत ही सो गए। वहीं कुछ बॉलीवुड फिल्म तो कुछ सीरियल देखते नजर आए। वहीं जब एसएस से बात की तो उन्होंने कहा कि डिस्टेंस को लेकर पूरे इंतजाम किए जाएंगे।
ट्रेन में डिस्टेंस बनाने के लिए अलग से कर्मचारी किए जाएंगे तैनात

रेलवे अधिकारियों के अनुसार मुजफ्फरपुर को 7 मई को जाने वाली ट्रेन को लेकर जहां रेलवे स्टेशन पर 300 के करीब जवान तैनात रहेंगे। वहीं ट्रेन की बोगियों के अंदर डिस्टेंस बनाने को अलग से रेलवे कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक एक्स्ट्रा स्वास्थ्य टीम भी तैनात रहेगी।

आज दोपहर 2 बजे चलेगी ट्रेन, मुजफ्फरपुर जाएगी

स्टेश्न अधीक्षक केएल चौधरी ने बताया कि गुरुवार को भी दोपहर दो बजे हिसार से बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए स्पेशल ट्रेन चलेगी। जिसको चलाने की सभी व्यवस्था कर ली गई है। इस ट्रेन में भी श्रमिकों को भेजा जाएगा।

7.68 लाख के टिकट बांटे

एक टिकट की कीमत 640 रुपये थी। 1200 श्रमिकों को कुल 7 लाख 68 हजार के टिकट श्रमिकों को फ्री में दिए गए। जिनमें 85 प्रतिशत टिकट का खर्च केंद्र जबकि 15 प्रतिशत प्रदेश सरकार खुद वहन करेेगी।

डिस्टेंस के लिए ये होने चाहिए थे प्रयास

डिस्टेंस के लिए ये होने चाहिए थे प्रयास

  • हर बोगी में कर्मचारी तैनात होने चाहिए थे।
  • रेलवे स्टेशन पर डिस्टेंस बनवाने का सख्ताई से पालन करना चाहिए था।
  • लाउड स्पीकर से डिस्टेंस के साथ बैठने की अपील कर सकते थे।

हाथ सेनेटाइज कराने की तरफ नहीं दिया कोई ध्यान

  • रेलवे स्टेशन मेन गेट (सुबह 6 बजे) : एसपी गंगाराम पूनिया रेलवे स्टेशन के अंदर पहुंचते हैं। पुलिसकर्मियों को अलर्ट के साथ ड्यूटी देने के लिए कहते हैं। एसएस से भी व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। ट्रेन की बोगियों के बारे में भी जानकारी ली।
  • रेलवे स्टेशन का बाहरी गेट (10:20 बजे) : श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार होने के लिए बिहार के श्रमिक स्टेशन पर पहुंचते हैं। जिन्हें रेलवे स्टेशन छावनी में तब्दील नजर आता है। यहां पर काफी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी। दरवाजे पर बैठे स्वास्थ्य टीम स्क्रीनिंग के बाद श्रमिकों को बारी-बारी से डिस्टेंस और थर्मल स्क्रीनिंग साथ रेलवे स्टेशन के अंदर प्रवेश कराती है। हालांकि श्रमिकों के हाथ से सेनेटाइज करने की तरफ किसी ने भी कोई ध्यान नहीं दिया। बिना सेनेटाइज हुए ही श्रमिक अंदर जा रहे थे।
  • एसएस ऑफिस के बाहर (11 बजे) : डीसी डाॅ. प्रियंका सोनी व अन्य अधिकारी पहुंचते हैं। श्रमिकों को बच्चों के लिए खिलाैने व अन्य का वितरण किया जाता है। साथ ही डीसी श्रमिकों से डिस्टेंस के साथ जाने की अपील करती है।
  • आरपीएफ थाने के पास ( दोपहर 1 बजे) : यहां पर श्रमिकों के बीच डिस्टेंस के लिए सफेद निशान तो बनाए गए थे मगर श्रमिक जवानों की लापरवाही के कारण बनाए गए गोल निशान के अलावा उनके बाहर भी बिना डिस्टेंस के खड़े थे। हालांकि आरपीएफ के जवान डिस्टेंस बनाने की अपील कर रहे थे।
  • बोगी संख्या 07224 (दोपहर 1:20 बजे) : ट्रेन में रेलवे के अधिकारियों ने काेरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर बड़ी सीट पर एक पर दो जबकि छोटी सीट पर सिर्फ एक के ही बैठने के निर्देश दिए थे मगर बोगी में अधिकतर सीट पर चार-चार यात्री बैठे हुए थे। जिनके बीच डिस्टेंस बनाने के लिए कहने वाला ट्रेन के अंदर कोई नहीं था। भास्कर संवाददाता को श्रमिक इमरान, साजिद ने बताया क उन्हें किसी ने भी ट्रेन में डिस्टेंस बनाने के लिए नहीं कहा है।
  • रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की बोगी संख्या 09222 (दोपहर 1: 40 बजे): बोगी में जगह जगह एक सीट पर डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते हुए चार-चार यात्री बैठे हुए थे। जिनके बीच डिस्टेंस बनाने के लिए कहने वाला कोई नहीं था। बोगी में दस से अधिक स्थानों पर यात्री इसी तरह बैठे हुए थे।


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रेड जोन और दूसरे प्रदेश से पहुंचे 31 चालक और परिचालकों के सैंपल लेने मंडी पहुंची हेल्थ टीम

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लॉकडाउन में ढील के चलते ट्रासंपोर्ट करने वाले साधनों व ड्राइवरों की सेहत व उनके स्वास्थ की जांच करने की और खासा ध्यान देना शुरू कर दिया है। टीम ने ट्रक यूनियन कार्यालय में जाकर चालकों के सैंपल लेने शुरू कर दिया है। विभाग द्वारा यह इसलिए किया जा रहा है कि चालकों को सामान का ट्रांसपोर्ट करने के लिए एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश व शहरो में वाहन लेकर आना-जाना पड़ता है। इसके चलते संक्रमित होने का खतरा उन्हें सबसे अधिक है। विभाग द्वारा लगातार पांच दिन से जारी रैंडम सैंपलिंग अभियान के अंतर्गत बुधवार को मोबाइल टीम ज़िला मलेरिया अधिकारी डॉ. जया गोयल और नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष खटरेज़ा के निर्देशानुसार नई सब्जी मंडी पहुंची।
जीव वैज्ञानिक डॉ. रमेश पुनिया के नेतृत्व में पहुंची टीम में हेल्थ इंस्पेक्टर पवन आहुजा और एमपीएचडब्ल्यू नूर मोहमद ने बताया कि रेड जोन एरिया और दूसरे प्रदेशों के विभिन्न शहरों से मालवाहक गाड़ी के माध्यम से आवागमन करने वाले 31 चालक और परिचालकों के सैम्पल लिए और इसके अलावा उक्त चालक और परिचालकों की यात्रा का पूरा विवरण,गाड़ी नम्बर,फोन नम्बर,पूरा पता सहित तमाम महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त की गई। इससे पूर्व मंडी में स्थित सभी दुकानदार और आढ़तियों से उनकी दुकानों पर पहुंचने वाले मालवाहक गाड़ी चालकों और परिचालकों का पूरा विवरण प्राप्त किया और उनकी सैम्पल करवाने का आह्वान किया।
गौरतलब है कि हरियाणा के कई जिलों में सब्जी मंडी में कोरोना के काफ़ी मामले सामने आए हैं जिनको लेकर हिसार की स्वास्थ्य विभाग की टीम विगत 5 दिनों से सब्जी मंडी में रैंडम सैंपलिंग कर रही है। ज़िला मलेरिया अधिकारी कार्यालय के हेल्थ इंस्पेक्टर पवन आहुजा और एमपीएचडब्ल्यू नूर मोहमद के नेतृत्व में शहर की नई सब्जी मंडी में प्रातः 5 बजे ही अपनी टीम के साथ पहुंच गए। नूर मोहमद ने बताया कि बरसात के दौरान भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपना अभियान जारी रखा। सैम्पल लेने की टीम में डॉ. रवि चोहान, डेंटल सर्जन, एलटी राकेश शर्मा, ईएमटी कुलदीप, सुनील सहित एमपीएचडब्ल्यू कर्मी सुनील शर्मा, सौरभ, सुनील भानखड़, वेद प्रकाश और परमजीत शामिल रहे।



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बास स्वास्थ्य केंद्र सैंपल लेने के बाद अपनी टीम के साथ खड़े पैथोलॉजिस्ट डा. मनीष पचार।




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पिछले डेढ़ महीने से रोज 16 घंटे काम कर रहे डॉ. रोशनलाल व टीम के 125 योद्धा

कोरोना से जंग जारी है। इसके फ्रंट लाइन पर हेल्थ टीम डटकर मुकाबला कर रही है। संदिग्धों के सैंपल लेने और घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने काम किया जा रहा है। यह कम जोखिम भरा नहीं है, मगर हेल्थ टीम के हौसले बुलंद है। कोरोना को मात देकर ही रहेंगे। ऐसे संकट की घड़ी में डॉक्टर शिद्दत के साथ अपनी ड्यूटी में जुटे हुए हैं। ऐसे ही एक चिकित्सक गांव सीसवाल की सीएचसी के एसएमओ डॉ. रोशनलाल शर्मा है। अपने विभाग के 125 योद्धाओं को साथ लेकर कोरोना को हराने में लगे हैं। उनका कहना हैं कि महामारी के दौर में जब सब लोग हताश हो चुके हैं और सारा समाज डॉक्टरों की ओर देख रहा है तो ऐसे समय में उनका भी दोगुना दायित्व बन जाता है वे अपने देशवासियों के लिए जी जान से अपनी ड्यूटी करते हुए इस लड़ाई को लड़ते हुए उस पर विजय प्राप्त करें।

चूली बागड़ियान की पीएचसी में डाला डेरा, गांवों में स्क्रीनिंग जारी

डॉ. रोशन लाल ने बताया कि पिछले करीब डेढ़ माह से दिन-रात जुटे हैं और टीम को मोटिवेट कर रहे हैं। वे खुद सीएचसी सीसवाल से अपनी पूरी टीम को निर्देश देते हैं। उनकी 120 योद्धाओं की टीम फील्ड में उतरकर हर गांव-गांव जाकर थर्मल स्क्रीनिंग कर रही है। इसके बाद जैसे ही गांव दड़ौली में एक युवक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई तो उन्होंने अपना डेरा गांव चूली बागड़ियान की पीएचसी में डाल लिया और वहां से गांव दड़ौली, चूली बागड़ियान, चूली खुर्द व चूली कलां के ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच में अपनी टीम के साथ जुट गए। इन चारों गांवों में प्रत्येक ग्रामीण की थर्मल स्क्रीनिंग करवाई व जो ग्रामीण संदिग्ध पाए गए उनकी सैम्पलिंग करवाई गई। इस दौरान वो सुबह जल्दी घर से आते और देर रात ही घर पंहुचते। घर में वे अलग कमेरे में रहते हैं और बच्चों को दूर से देखते हैं। डॉ. रोशनलाल शर्मा ने बताया कि गांवों में थर्मल स्क्रीनिंग व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उनके अलावा डॉ. संदीप, डॉ. कमल, डॉ. संदीप दहिया, डॉ. अर्चना, वीर पीएचएन, ईश्वर सिंह फार्मासिस्ट, बलविंद्र सिंह, राजेश, उमेद, सत्यवान, गुप्तसिंह, बलवान सिंह, बिमला, निर्मला, कुलवंत कौर, कृष्णा देवी सहित सीएचसी सीसवाल का पूरा स्टाफ, एएनएम, एमपीएचडब्लू, आशा वर्कर व आंगनबाड़ी वर्कर सहित लगभग 125 कर्मचारियों का स्टाफ ग्रामीणों का डाटा जुटाने व उनको स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान में लगा हुआ है।



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एसएमओ डॉ रोशनलाल।




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मेडिकल कॉलेज अग्रोहा के आइसोलेशन वार्ड में 6 पॉजिटिव मरीजों सहित 21 लोग उपचाराधीन

महाराजा मेडिकल कॉलेज अग्रोहा के नोडल अधिकारी एवं डीएमएस डाॅ. राजीव चौहान ने बताया कि मंगलवार को कोविड हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में पांच पॉजिटिव मरीजों सहित केवल 10 मरीज भर्ती थे। जिनमें तीन मरीजों के सैंपल भेजे गए थे। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। बुधवार को आईसोलेशन वार्ड में फतेहाबाद से एक नया पॉजिटिव मरीज भर्ती हुआ है। जिसके चलते आईसोलेशन वार्ड में 6 पॉजिटिव मरीजों सहित 21 लोग भर्ती हो गए हैं। पांच लोगों की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।
10 लोगों के सैंपल गुरुवार को लिए जाएंगे। मेडिकल के डीएमएस डाॅ. संदीप राणा के
नेतृत्व में सीएमओ डाॅ. राकेश शर्मा, डाॅ. राहुल गौतम,डाॅ. कवलपाल सिंह, डाॅ. अबूब खान, संदीप पातड़, नर्सिंग ऑॅफिसर सोनम, वार्ड ब्वॉय सुभाष भांभू के नेतृत्व में पूरी टीम मरीजों के उपचार में लगी हुई है।
इधर, सिवानी मंडी में पेट्रोल पंपों पर कर्मचारियों का स्वास्थ्य जांचा
कोरोना के चलते स्वास्थ्य विभाग टीम का स्वास्थ्य जांच अभियान जारी है। बुधवार को टीम में शामिल सदस्यों ने शहर के अलावा बड़वा, किकराल, गुरेरा और नलोई स्थित पेट्रोल पंपों पर जाकर वहां कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की और उन्हें महामारी से बचाव के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए। टीम में शामिल डॉ. रिसाल सिंह श्योराण ने बताया कि कुल 60 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। अभी तक इलाके में टीम को कोई भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। इस दौरान फार्मासिस्ट दयानंद मुआल, कृष्ण कुमार, सीमा कुमारी और सुमित्रा रानी भी साथ मौजूद थी।



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सिवानी मंडी में स्टाफ की थर्मल स्क्रीनिंग करते हुए।