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इंदौर में 2 मई से सैनिटाइज की गईं सब्जियां घर-घर मिलेंगी, एक पैकेट में 8 सब्जियां, रेट 150 रुपए होगा

नगर निगम की घर-घर सब्जी पहुंचाने की योजना 2 मई से शुरू होगी। लोगों को इसका ऑर्डर किराना वालों को देना होगा, जिनके नंबर नगर निगम द्वारा वितरित करवाएं गए है। जानकारी के अनुसार 2 मई से ही सब्जियों की डिलीवरी प्रारंभ हो जाएगी। 4 किलो के पैक में 8 तरह की सब्जियां होंगी, जिसका रेट 150 रुपए रहेगा।

खंडवा रोड पर 7 स्थानों पर इनकी पैकिंग के बाद अल्ट्रावॉयलेट किरणाें से सैनिटाइजेशन होगा। कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त आशीष सिंह ने सभी 85 वार्ड के प्रभारियों के साथ बैठक कर योजना को फाइनल किया। ये पैकेट 10 रुपए डिलीवरी चार्ज जोड़कर 150 रुपए में लोगों को मिलेगा। फिलहाल एक व्यक्ति का एक ही ऑर्डर लिया जाएगा।

यह होगा पैक में- मिर्ची-200 ग्राम, अदरक-100 ग्राम, धनिया-200 ग्राम, नींबू-2, लौकी/गिलकी-1 किलो, भिंडी-500 ग्राम, टमाटर-1 किलो, सीजनल सब्जी 1 किलो (बैंगन, पालक, ककड़ी, गाजर, गोभी)



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कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त आशीष सिंह ने सभी 85 वार्ड के प्रभारियों के साथ बैठक कर योजना को फाइनल किया।




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आईआईएम में शुरू हुए पीजीपी के एडमिशन, 750 छात्रों के हुए ऑनलाइन इंटरव्यू

कोरोना वायरस के चलते शिक्षण संस्थान भले हीबंद पड़े हों, लेकिन उनकी गतिविधियां बंद नहीं हुई हैं। देश के प्रमुख मैनेजमेंट संस्थानों में शुमार आईआईएम इंदौर ने भी (कॉमन एडमिशन टेस्ट) केट के आधार पर होने वाले एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आने वाले सत्र को समय पर शुरू किया जा सके इसलिए अन्य आईआईएम के साथ इंदौर में भी एडमिशन की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जा रही है। शुरुआत पांच हजार छात्रों को शॉर्ट लिस्ट करने के साथ की गई थी। अब तक 750 छात्रों के ऑनलाइन इंटरव्यू लिए जा चुके हैं।

आईआईएम से मिली जानकारी के अनुसार- एडमिशन की प्रक्रिया 18 अप्रैल से शुरू हुई थी। केट के आधार पर जिन छात्रों ने आईआईएम इंदौर को प्राथमिकता दी, उनमें से पांच हजार छात्रों को चुना गया। प्रारंभिक मापदंड़ों के आधार पर हुई छंटनी में करीब ढाई हजार छात्र को आगे की प्रक्रिया के लिए चुना गया। चूंकि इंटरव्यू ऑनलाइन होने थे, इसलिए प्री-वेरिफिकेशन में छात्रों से ऑनलाइन इंटरव्यू देने की सहमति और इसके लिए जरूरी संसाधनों की उपलब्धता जांची गई। करीब 19 सौ छात्रों का चयन ऑनलाइन इंटरव्यू की प्रक्रिया के लिए हुआ। अभी तक 750 छात्रों के इंटरव्यू लिए जा चुके हैं। बाकि इंटरव्यू 4 मई तक पूरा करने का लक्ष्य संस्थान ने रखा है। मिली जानकारी के अनुसार इंटरनेट कनेक्टिविटी या किसी अन्य कारण जो छात्र ऑनलाइन इंटरव्यू नहीं दे पा रहे उन्हें लॉकडॉउन खुलने के बाद इमसें शामिल किया जाएगा।

जीएमपीई कोर्स के प्रतिभागी भी कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई
आईआईएम ना सिर्फ एडमिशन की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी कर रहा है बल्कि ऑनलाइन लेक्चर्स भी शुरू कर चुका है। जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम फॉर एग्जिक्यूटिव्स (जीएमपीई) के तहत इंदौर में हर रविवार होने वाले लेक्चर अब ऑनलाइन हो रहे हैं। पांचवी बैच के एग्जीक्यूटिव इसमें शामिल होने देश के अलग-अलग शहरों से हर रविवार यहां आते थे वे अब अपने घरों से पढ़ाई कर रहे हैं। इसी तरह आईआईएम, दुबई में संचालित होने वाले अपने कुछ कोर्स के लेक्चर भी ऑनलाइन ले रहा है।



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संस्थान द्वारा करीब 19 सौ छात्रों का चयन ऑनलाइन इंटरव्यू की प्रक्रिया के लिए किया गया है।




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आईआईएम; 750 छात्रों के ऑनलाइन इंटरव्यू लिए गए

आईआईएम इंदौर ने भी (कॉमन एडमिशन टेस्ट) कैट के आधार पर होने वाले एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक 750 छात्रों के ऑनलाइन इंटरव्यू लिए जा चुके हैं। एडमिशन की प्रक्रिया 18 अप्रैल से शुरू हुई थी। आईआईएम ऑनलाइन लेक्चर्स भी शुरू कर चुका है। जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम फॉर एग्जिक्यूटिव्स (जीएमपीई) के तहत इंदौर में हर रविवार होने वाले लेक्चर अब ऑनलाइन हो रहे हैं। पांचवीं बैच के एग्जिक्यूटिव्स अब अपने घरों से पढ़ाई कर रहे हैं। इसी तरह आईआईएम, दुबई में संचालित होने वाले अपने कुछ कोर्स के लेक्चर भी ऑनलाइन ले रहा है।



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IIM; 750 students were interviewed online




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इंदाैर में संक्रमिताें का आंकड़ा 1500 के पार पहुंचा, मृतकाें की संख्या भी 72 हुई

कोरोना संक्रमितोंके आंकड़े में इंदौर में लगातार इजाफा हो रहा है। गुरुवार देर रात आई रिपोर्ट में 28 और लोगों मेंकोरोना की पुष्टि हुई। 4 लोगों ने दम भी तोड़ा। इसके साथ संक्रमितों का आंकड़ा 1500 के पार पहुंच गया। जिले में अब तक 1513 लोग वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। 72 लोगोंकी जान जा चुकी है।

गुरुवार को 285 सैंपल जांचे गए, इनमें 257 लोगोंकी रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं, अब तक जान गंवाने वाले 72 में से 45 मरीज ऐसे थे, जिन्हें शुगर, ब्लड प्रेशर समेत अन्य कई बीमारियां थीं। मरने वालों में 40 मरीजों की उम्र 50 से 70 साल के बीच थी। इनमें बीमारी का घातक प्रसार क्यों हुआ, इसका पता लगाने के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज डेथ ऑडिट करवा रहा है। वह इनके सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजेगा।

187 लोग ठीक होकर घर लौटे

स्वास्थ्य टीमों ने गुरुवार को 550 सैंपल लिए, जो हर दिन के 300 से 400 सैंपल के मुकाबले ज्यादा हैं। अब तक 7926 सैंपलों की रिपोर्ट आ चुकी है। जिनमें से 1513 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से जहां 187 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। वहीं, 1254 लोगों का इलाज जारी है। अब तक 1213 लोगों को क्वारैंटाइन हाउस से घर भेज दिया गया है। दूसरी, ओर वाटर लिली क्वारैंटाइन सेंटर से गुरुवार रात करीब 8 बजे एक मरीज भाग निकला। सुनेश पाहुजा नामक इस मरीज को हफ्तेभर पहले ही यहां लाए थे। सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिया ने बताया कि अभी तक पाहुजा की रिपोर्ट नहीं आई है।


ज्यादा से ज्यादा टेस्ट लें : पीएस
चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने और टेस्ट करने को कहा है। समीक्षा बैठक में शुक्ला ने मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने को कहा ताकि भविष्य में हर तरह की स्थिति से निपटा जा सके।

40 मृतक 50 से 70 साल के बीच के

  • 40 मृतकों की उम्र 50 से 70 साल के बीच थी। इनमें बीमारी का घातक प्रसार क्यों हुआ, पता लगाने के लिए एमजीएम सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजेगा।
  • 60% मरीज ए-सिम्प्टोमेटिक यानी बिना लक्षण वाले थे। इन्हें छींक भी नहीं आई, संक्रमित के संपर्क में आने से वे पॉजिटिव हो गए।
  • 1485 में से 80% पर बीमारी का अधिक असर नहीं हुआ। शहर में मिले मरीजों की औसत आयु 57 वर्ष के आसपास है।
  • हाई रिस्क ग्रुप को खतरा ज्यादा रहा। इसमें 5 साल से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, वृद्ध व बीमार शामिल हैं।
  • सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया के मुताबिक, मरीज अन्य बीमारी से पीड़ित होता है तो उसकी प्रतिरोधी प्रणाली तुलनात्मक रूप से कमजोर हो जाती है।

कोरोना पॉजिटिव इमरा ने दिया बच्चे को जन्म, उसका भी होगा टेस्ट

कोरोना संक्रमण के खौफ के बीच 20 साल की इमरा के घर गुरुवार को खुशियों ने दस्तक दी। सेम्स कोविड अस्पताल में वह खुद कोरोना से लड़ रही हैं। फिलहाल मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। ग्रीन पार्क कॉलोनी निवासी 20 साल की इमरा और उनके पति दोनों कोरोना पॉजिटिव हैं। पीपीई किट से लैस डॉक्टरों और नर्सिंग टीम ने बुधवार रात इमरा की नाॅर्मल डिलीवरी करवाई। अब बच्चे का भी सैंपल भेजेंगे। बच्चे को मां के साथ ही रखा गया है।



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लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए पुलिस ने खजराना और विजयनगर क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकाला।




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इंदौर में कोरोना वार्ड में ड्यूटी के दौरान संक्रमित वार्ड बॉय ने दम तोड़ा, मंत्री सिलावट ने परिजन को 50 लाख का चेक सौंपा

काेराेना संक्रमण काल में जान देने वालेवार्ड बॉय के परिजन काे सरकार की ओरसे 50 लाख रुपए का चेक शनिवार काे दिया गया। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और सांसद शंकर लालवानी ने कैंसर हॉस्पिटल में पदस्थ वार्ड बॉय के परिजनको कोरोना योद्धा योजना के तहत लाभान्वित किया। इस मौके पर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी, आईजी विवेक शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह और एमजीएम मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल भी मौजूद रहीं।

संक्रमण के बाद वार्ड बॉय की हुई थी मौत
शासकीय कैंसर अस्पताल में पदस्थ वार्ड बॉय को कोरोना वार्ड में ड्यूटी के दौरान संक्रमण हो गया था। कर्मचारी ने गुरुवार को दम तोड़ दिया था। इसके बाद शुक्रवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कर्मचारी को राशि के भुगतान के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा। ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने और मौत के बाद राज्य सरकार ने 50 लाख की दिए जाने का प्रावधान किया है। कर्मचारी संगठन के शिवाकांत वाजपेयी ने कहा जिस तत्परता के साथ पुलिस के प्रकरणों को निराकृत किया। उसी तरह से स्वास्थ्य विभाग के इस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के प्रकरण का निराकरण कर 50 लाख का भुगतान और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाना चाहिए।

कर्मचारियों से कहा- जो कोविड ड्यूटी कर रहे, ऑफिस नहीं आएं
जिला क्षय कार्यालय में हाल ही में जारी एक आदेश को लेकर कर्मचारियों में काफी नाराजगी है। इसमें कहा गया है कि जिन कर्मचारियों की ड्यूटी कोविड वार्ड में लगी है, वे डीटीसी में प्रवेश नहीं करें। दरअसल, यहां के कई कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना प्रबंधन टीम के साथ लगाई गई है। अब इस आदेश का विरोध भी शुरू हो गया है। कर्मचारियों का कहना है कि नोटिस कार्यालय के बाहर लगा दिया गया। अधिकारी ही भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे हैं। यदि ऑफिस में प्रवेश से ही प्रतिबंधित किया जाएगा तो फिर अन्य कर्मचारी कोविड टीम में काम करने से डरेंगे।



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मंत्री तुलसी सिलावट ने कोरोना योद्धा योजना के तहत राशि भेंट की।




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2 मौत; 507 सैंपल में से 32 ही पॉजिटिव, हर दिन 500 सैंपल होंगे, सख्ती बरकरार

शुक्रवार को शहर में कोरोना के 28 नए मरीज मिले। इसे मिलाकर पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1545 हो गई है। कुल 507 सैंपल में से 453 निगेटिव आए। दो मरीजों की मौत भी हुई, अब तक 74 लोगों की जान जा चुकी है। इधर, शहर अब लॉकडाउन 3.0 के लिए तैयार है। इसके लिए प्रशासन ने तीन बिंदुओं सैंपलिंग, टेस्टिंग और सख्ती को फोकस कर रणनीति बनाई है, जिस पर शनिवार से ही अमल शुरू होगा। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के मुताबिक, हर दिन औसत 400 सैंपल ले रहे हैं, उन्हें बढ़ाकर 500 करेंगे। इसमें कंटेनमेंट एरिया के सामान्य लोग के सैंपल भी रहेंगे। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि अब कोरोना कंट्रोल में आ रहा है, लिहाजा शहर में बेवजह घूमने वालों की गाड़ी जब्त करेंगे, उन्हें गिरफ्तार कर खुली जेल में भेजा जाएगा। तीनों बिंदुओं पर सख्ती से काम करेंगे, ताकि शहर कोरोना फ्री हो जाए।
सेंट्रल जेल का मुख्य द्वार प्रहरी भी कोरोना पॉजिटिव

सेंट्रल जेल के मुख्य द्वार पर ड्यूटी करने वाले प्रहरी की गुरुवार रात को रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं 68 वर्षीय एक कोरोना संदिग्ध कैदी की उपचार के दौरान शुक्रवार को मौत हो गई। नया पॉजिटिव मिलने से जेल से जुड़े 32 लोग कोरोना संक्रिमत हो चुके हैं। गुरुवार रात आई रिपोर्ट में प्रहरी सचिन द्विवेदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोरोना लक्षण दिखाई देने पर सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। जेल में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने असरावद खुर्द में अस्थाई जेल तैयार की है, इसमें 133 कैदियों को क्वारेंटाइन किया गया है। अब तक चार प्रहरी पॉजिटिव आ चुके हैं।



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Indore Coronavirus News | Indore Coronavirus Lockdown 3.0 Latest News Updates | Corona Cases in Madhya Pradesh Indore rise to 1545; Death Toll at 74




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शिकायत के बाद निगम ने फिंकवाई एक टन खराब सब्जियां, 150 रुपए में घर पहुंच रही हैं 8 तरह की सब्जियां

नगर निगम के अधिकारियों ने रविवार सुबह घर-घर पहुंचाई जाने सब्जियों में से लगभग एक टन खरब सब्जियां फिंकवाई। नगर निगम ने शनिवार से घर-घर सब्जियां पहुंचाने की व्यवस्था शुरूकी थी। पहले ही दिन इसके तहत 19522 ऑर्डर किराना व्यापारियों के माध्यम से मिले थे। 19 जोन के 18068 घरों तक सब्जियां डिलीवरी की गई थी। हालांकि कई लोगों की शिकायत थी कि उन्हें खराब औरकम मात्रा में सब्जियां मिलीहैं जिसके बाद रविवार को निगम अधिकारियों ने उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया।

घर-घर सब्जी पहुंचाने की व्यवस्था के तहत तीन जोन में सब्जियों के खराब होने, कम वजन और तय आठ आइटम में से दो या तीन कम होने की शिकायतें निगम को मिलीथीं। एक व्यक्ति ने फेसबुक पर खराब सब्जियों की पोस्ट डाल दी। उसकी सब्जियां तो निगम अधिकारियों ने बदलवा दी लेकिन बाकी लोगों को खराब ही रखना पड़ीं थी। शिकायत के बाद निगमायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे पैकिंग स्थलों पर जाकर व्यवस्था को देखें और लोगों को खराब सब्जियां नहीं मिले इसका ध्यान रखें।

इस पर रविवार को अधिकारी सब्जी पैकिंग के विभिन्न स्थलों पर पहुंचे और खराब सब्जियां अलग करवाई। सूत्राें के अनुसार लगभग एक टन खराब सब्जियों को फेंकने के निर्देश अधिकारियों द्वारा दिए गए। निगमायुक्त आशीष सिंह के अनुसार सब्जियां पूरी तरह से सैनिटाइज करके भिजवाई जा रही हैं। जल्द हीअल्ट्रावायलेट लाइट से सब्जियों की ट्रॉलियों को पूरी तरह से वायरस और बैक्टीरिया फ्री कर भेजा जाएगा।


आठ तरह की सब्जियां, भाव 150 रुपए

खंडवा रोड स्थित एक मैरिज गार्डन में सब्जियों के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। चार किलो के पैकेट में आठ तरह की सब्जियां तय की हैं। भाव 150 रुपए है। पैकिंग में मिर्ची 200 ग्राम, अदरक 100 ग्राम, धनिया 200 ग्राम, नींबू दाे, लौकी/गिलकी एक किलो, भिंडी 500 ग्राम, टमाटर एक किलो, सीजनल सब्जी एक किलो (बैंगन, पालक, ककड़ी, गाजर या गोभी) दी जा रही है।



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खंडवा रोड स्थित एक मैरिज गार्डन में सब्जियों के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। चार किलो के पैकेट में आठ तरह की सब्जियां हैं।




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30 क्वारेंटाइन सेंटर से 1300 लोग घर पहुंचे, 450 और बचे

शहर में कोरोना संकट के बीच एक अच्छी खबर। कोरोना के संक्रमित व संदिग्ध मरीज और उनके परिजन के लिए 46 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए। इनमें से 30 सेंटरों के सभी 1300 से ज्यादा लोग क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर घर जा चुके हैं। ये पूरी तरह ठीक हैं। अब 16 सेंटर में 450 लोग क्वारेंटाइन में हैं। इनमें से भी ज्यादातर लोगों को एक हफ्ते या उससे ज्यादा का समय पूरा हो चुका है। शहर में जो लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे, उनके परिजन (प्राथमिक संपर्क में आने वाले) को क्वारेंटाइन किया था। धीरे-धीरे यह आंकड़ा बढ़ता गया। स्थिति को देखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर की संख्या भी बढ़ाई। हालांकि अब जिन सेंटर से लोग घर जा चुके, उन्हें खाली करवाकर सैनिटाइजेशन करवा दिया है। क्वारेंटाइन सेंटर प्रभारी विवेक श्रोत्रिय के अनुसार, अब सिर्फ 450 लोग क्वारेंटाइन सेंटर में हैं। इनकी संख्या भी कम हो रही है। अब जो लोग पॉजिटिव आ रहे हैं, उनके प्राथमिक संपर्क में आने वाले लोग सक्षम हैं तो उन्हें होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है। बाकी को क्वारेंटाइन सेंटर लाया जा रहा है।

आठ सेंटरों पर 25 से ज्यादा
16 सेंटर में से चार पर 15-15 से ज्यादा लोग हैं। 25 से ज्यादा लोगों वाले आठ सेंटर हैं। सबसे ज्यादा 102 लोग निर्वाणा रिजॉर्ट में हैं। बाकी कुछ सेंटर पर दो, पांच और सात लोग भी हैं।
आठ सेंटरों पर 25 से ज्यादा
16 सेंटर में से चार पर 15-15 से ज्यादा लोग हैं। 25 से ज्यादा लोगों वाले आठ सेंटर हैं। सबसे ज्यादा 102 लोग निर्वाणा रिजॉर्ट में हैं। बाकी कुछ सेंटर पर दो, पांच और सात लोग भी हैं।
पांच सेंटर को कोविड केयर सेंटर में बदला
क्वारेंटाइन सेंटर में से ही 5 सेंटर को कोविड केयर सेंटर में बदल दिया है। यहां उन लोगों को रखा है, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है पर उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण नहीं हैं। डॉक्टर इनकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दोनों तरह के सेंटर में रहने वाले लोगों को रोज काढ़ा, च्यवनप्राश, चाय-दूध, नाश्ता, खाना दिया जा रहा है। क्वारेंटाइन सेंटर में देखभाल के लिए 250 लोगों की टीम है।
क्वारेंटाइन सेंटर में से ही 5 सेंटर को कोविड केयर सेंटर में बदल दिया है। यहां उन लोगों को रखा है, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है पर उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण नहीं हैं। डॉक्टर इनकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दोनों तरह के सेंटर में रहने वाले लोगों को रोज काढ़ा, च्यवनप्राश, चाय-दूध, नाश्ता, खाना दिया जा रहा है। क्वारेंटाइन सेंटर में देखभाल के लिए 250 लोगों की टीम है।



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तस्वीर शुभकारज मैरिज गार्डन की है। यहां 73 लोग थे। सभी अब घर चले गए। इन लोगों ने रोज योग किया। फोटो | ओपी सोनी




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न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम बोली लगने से नाराज हुए किसान, 50 ट्राॅली गेहूं बगैर बेचे वापस ले गए

लॉकडाउन और कर्फ्यू के मध्य परेशानी उठाकर अपनी फसल मंडी में बेचने पहुंचे किसानों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब उनके गेहूं की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम लगाई गई। इससे नाराज किसान अपनी 50 ट्राली फसल बगैर बेचे ही वापस ले गए।

मंगलवार को सांवेर मंडी में अपनी गेहूं की फसल को बेचने के लिए लेकर पहुंचे किसान उस समय नाराज हो गए जब नीलामी में उनके गेहूं की कीमत 1500 रुपए से 1741 रुपए प्रति क्विंटल लगाई गई। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1925 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। अर्थात किसानों को उनके गेहूं की कीमत कम से कम 1925 रुपए प्रति क्विंटल मिलना चाहिए। इसके बावजूद प्रदेश की मंडियों में एमएसपी से कम पर ही गेहूं बिक रहा है।

सांवेर मंडी में गेहूं लेकर आए किसान धर्मेन्द्र का कहना है कि मंडी में व्यापारियों द्वारा गेहूं की कीमत 1500 रुपए से 1741 रुपए लगाई जा रही है जबकि सरकार द्वारा एमएसपी 1925 रुपए तय किया गया है। किसानों का कहना है कि उन्हें गेहूं की कीमत 2000 रुपए से 2100 रुपए प्रति क्विंटल मिलनी चाहिए किंतु व्यापारियों द्वारा जानबूझकर किसानों की फसल की कम कीमत लगाई जा रही है।

विडंबना यह है कि कई मंडियों में एमएसपी से कम कीमत लगाए जाने के बावजूद किसान अपनी फसल बेचने पर मजबूर है। किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते पहले तो बड़ी मुश्किल से फसल की कटाई के लिए मजदूर मिले, कटाई के बाद गेहूं का भराव कर उसे मंडी तक लाने में काफी पैसा खर्च हो गया है और अब फसल बगैर बेचे वापस ले जाएंगे तो और अधिक खर्चा होगा इसके चलते कई किसान कम कीमत पर अपनी फसल बेचने पर मजबूर है।



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सांवेर मंडी में गेहूं की नीलामी में शामिल होते व्यापारी। यहां गेहूं की कीमत एमएसपी से काफी कम 1500 रुपए से 1741 रुपए प्रति क्विंटल लगाई जा रही है।




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शहर में सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में तो नहीं पहुंच गया कोरोना यह जानने के लिए 50 लोगाें के रेंडम सैंपल लिए गए

शहर में कोरोनावायरस सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में तो नहीं पहुंच गया है, इसका पता लगाने के लिए मंगलवार को स्वास्थ्यविभाग की टीम द्वारा 50 लोगों के रेंडम सैंपल लिए गए हैं।इन सैंपलों को जांच के लिए भेजा जाएगा। प्रशासन द्वारा यह सैंपल कोरोना की थर्ड स्टेज यानी सामुदायिक संक्रमण जानने के लिए किया गया है।

जानकारी के अनुसार तहसीलदार दृष्टि चौबे के नेतृत्व में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्कीम नंबर-134 में पहुंचकर रेंडम रूप से 50 लोगों के सैंपल लिए। जिन लोगों के सैंपल लिए गए हैं उनमें बच्चे, महिलाएं, युवा और बुजुर्गशामिल है। अधिकारियों के अनुसार कोरोनावायरस की थर्ड स्टेज वह स्थिति होती है, जिसमें वे लोग भी संक्रमित हो जाते हैं, जिन्होंने नतो कोई यात्रा की हो और जो नही किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हो। इस स्थिति को जानने के लिए प्रशासन द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रेंडम सैंपल लिए जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत स्किम नंबर-134 से की गई।

सोमवार रात आई रिपोर्ट में कोरोना के 43 नए मरीज मिलने से इंदौर में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1654 पर पहुंच गई है। वहीं, अब तक 468 पॉजिटिव मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इस प्रकार वर्तमान में 1107 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार कोविड अस्पतालों में किया जा रहा है।



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सोमवाार रात आई रिपोर्ट में कोरोना के 43 नए मरीज मिलने से इंदौर में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1654 पर पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कई क्षेत्रों में जाकर सैंपल भी लिए जा रहे हैं।




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बेबस यात्रियाें से 2500-2500 रुपए किराया वसूला, बस चालक व कंडक्टर पर एफआईआर

काेराेना संकट के दाैर में परेशान लाेगाें की सेवा में सब लगे हैं। इस बीच एक बस वाले ने बेबस यात्रियाें की मजबूरी का फायदा उठाकर पीथमपुर से रीवा के लिए बिना अनुमति बस चला दी और यात्रियाें से 2000 से 2500 रुपए तक किराया वसूल लिया।


साेशल डिस्टेंस का भी ख्याल नहीं रखा और बस के अंदर और छत पर सवारी बैठा कर ले गया। बस का किसी ने सागर के पास वीडियाे बनाया। यह वीडियाे जब वायरल हुआ ताे जांच शुरू हुई। बस का रजिस्ट्रेशन नंबर देवास का हाेने से जिला परिवहन अधिकारी जया वसावा ने कार्रवाई की। मंगलवार रात काेतवाली थाने पर बस के चालक और कंडक्टर पर एफआईआर दर्ज करवाई गई। वसावा ने बताया वीडियाे वायरल हाेने पर कोतवाली टीआई एमएस परमार ने बस के नंबर की हमें जानकारी दी। बस बालाजी के नाम से संचालित है। मालिक संतोष चौहान इंदाैर के राऊ में रहता है। उनसे पूछा कि बस कहां है ताे बाेले किसी के कहने पर बस को मजदूरों को छोड़ने
भेजा है। जब अनुमति मांगी गई तो बसमालिक ने जवाब दिया कि अनुमति नहीं है। कोतवाली में बस चालक और कंडक्टर पर एफआईआर दर्ज की है। बस का परमिट भी निरस्त किया जाएगा। वसावा ने बताया सरकार मजदूराें काे उनके घर तक छाेड़ रही है। इस दाैरान बसाें में साेशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है, किराया नहीं लिया जा रहा है। जिन्हें अनुमति दी जा रही है, केवल वे ही बसें मजदूराें का छाेड़ रही हैं। बस मालिक ने बिना अनुमति बस चलाई, पाबंदी के बावजूद किराया लिया और साेशल डिस्टेंस का भी ख्याल नहीं रखा। सभी धाराओं में केस दर्ज किया है।



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Rs 2500-2500 fare recovered from helpless passengers, FIR on bus driver and conductor




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महिलाएं बना रहीं मास्क, खरीद रही नगर निगम, अब तक निगम में 2500 मास्क महिलाओं द्वारा जमा

नगर-निगम के द्वारा जीवन शक्ति योजना के तहत स्व. सहायता समूह की महिलाओं को मास्क बनाने का कार्य दिया है। योजना के तहत जिले की 142 शहरी महिलाओं का इस योजना में पंजीयन किया। प्रत्येक महिला को 200 मास्क बनाने का आदेश दिया गया।


अब तक निगम में 2500 मास्क महिलाओं के द्वारा जमा किए गए। पूरे प्रदेश में 10000 महिलाओं का पंजीयन किया गया। शासन द्वारा यह मास्क महिलाअाें से 11 रुपए प्रति नग में खरीदा जाएगा। इसकी राशि उनके बैंक खाते में ऑनलाइन 2 -3 दिन में डाली जाएगी।



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Women are making masks, municipal corporation is buying, so far 2500 masks deposited by women in corporation




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11 मई से राजगढ़ मंडी में शुरू हाेगी नीलामी, भीड़ नहीं हाे इसके लिए राेजाना 50 किसानाें काे मैसेज कर बुलाएंगे

करीब 40 दिनों से मंडी बंद है। कोरोना संकट के कारण कामकाज ठप होकर किसानों को उपज मजबूरी में घरों में ही रखना पड़ रही हैं। गत दिनों मंडी में सौदा पत्रक बनाकर व्यापार करने की अनुमति देने के बाद व्यापारियों एवं किसानों का मंडी में कामकाज शुरू हुआ था। अब मंडी में नीलामी शुरू की जाएगी। इसके लिए गत दो दिनों में मंडी व्यापारियों व किसानों की बैठक मंडी प्रशासन ने ली। सब कुछ ठीक रहा तो 11 मई से नीलामी शुरू हाे जाएगी। डेढ़ माह से मंडी बंद हाेने से किसानों काे उपज घर व गाेडाउन में भंडार कर रखी है। गेहूं का बंपर उत्पादन होने से मंडी में इसकी भरपूर आवक होने की संभावना है। अभी सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है।


मंडी में फिलहाल कामकाज बंद हाेकर केवल सौदा पत्रक बनाने के लिए व्यापारी एवं किसान आ रहे हैं। किसानों द्वारा नमूने के आधार पर सौदा कर व्यापारी काे उपज बेची जा रही। लाॅकडाउन के पहले तक प्रतिदिन 8 से 10 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो रही थी। बड़ी संख्या में ग्रामीण अंचलों से किसान गेहूं लेकर मंडी पहुंच रहे थे। ऐसे में बंपर आवक व किसानों की संख्या बढ़ने से नियमाें का पालन कराने में समस्या अा सकती है। एसडीएम विजय राय ने बताया प्रतिदिन 50 किसानों को मैसेज के माध्यम से सूचना दी जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा। मंडी प्रांगण काफी बड़ा हाेने से दिक्कत नहीं अाएगी।


माेबाइल नंबर जारी करेंगे
मंडी सचिव रेशम मंडलोई ने बताया मंडी में गेहूं की उपज एवं अन्य उपज की नीलामी की प्रक्रिया 11 मई से शुरू करने के लिए याेजना बना ली है। एक दिन में 50 किसानाें काे ही बुलाया जाएगा। किसानाें काे पंजीयन कराने के लिए दो नए मोबाइल नंबर जारी किए जाएंगे। नियमाें का पालन भी कड़ाई से कराया जाएगा।



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Auction to start in Rajgarh Mandi from May 11




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प्रशासन ने 850 मजदूरों को अन्य राज्याें और जिले में पहुंचाया, 1800 काे धार लाए

धरमपुरी के व्यक्ति सहित धार की एक बालिका की रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव आई है। हालांकि बालिका पहले से क्वारेंटाइन थी और व्यक्ति इंदाैर में भर्ती है। दाे और संक्रमित मरीज मिलने से धार में पाॅजिटिव की कुल संख्या 78 हाे गई है, जबकि 26 लाेग डिस्चार्ज हाेकर घर जा चुके हैं।


इधर पट्ठा चाैपाटी क्षेत्र के 11 संदिग्ध लाेगाें काे भी क्वारेंटाइन किया गया है। धार, पीथमपुर, कुक्षी अाैर रिपीट सैंपल मिलाकर कुल 103 सैंपल बुधवार काे जांच के लिए भेजे गए हैं। इधर धार के दाैरे पर अाए कमिश्नर अाकाश त्रिपाठी ने कहा कि धार का रिकवरी रेट 34 है यदि 12 अाैर निगेटिव अा जाते हैं ताे यह 45 हाे जाएगा। यह हमारे लिए अच्छा संकेत है।


103 सैंपल लिए
डाॅ. भंडारी के अनुसार पट्ठा चाैपाटी पर अासपास के 11 लाेगाें काे धरावरा अाैर पाटीदार क्वारेंटाइन किया है। इसी प्रकार जिले के पीथमपुर से 11, धार में रिपीट सैंपल 23, कुक्षी से 37 सैंपल अाैर धार के 32 सैंपल अाैर भेजे हैं। बुधवार काे कुल 103 सैंपल लिए गए।

इंदाैर में भर्ती है धरमपुरी का व्यक्ति, लेकिन सैंपल धार में लिया था

धरमपुरी के 42 साल के व्यक्ति काे इंदाैर में भर्ती कराया गया है। उसका 4 मई काे सैंपल लिया गया था, जबकि 6 मई काे उसकी रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाई है। जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी के अनुसार चूंकि उसका सैंपल धार में लिया गया था, इसलिए उसे धार में गिना जाएगा। इसी प्रकार पट्ठा चाैपाटी के जिस परिवार के पांच लाेग संक्रमित पाए गए थे, उसी परिवार की 13 साल की बालिका काे भी पाॅजिटिव पाया गया है। यह बालिका भी पहले से क्वारेंटाइन में थी। इसे महाजन अस्पताल में बनाए गए अाइसाेलेशन सेंटर में शिफ्ट किया गया है।

डेहरी के संक्रमित परिवार के पड़ाेसी और माेहल्ले वालाें काे क्वारेंटाइन किया
कुक्षी बीएमओ डाॅ. पवैया के अनुसार बुधवार काे उन्हाेंने डेहरी का निरीक्षण किया। उनके साथ एसडीएम बीएस कलेश, तहसीलदार सुनील डावर कुक्षी, टीआई कमल सिंह पंवार भी पहुंचे। यहां संक्रमित पाए गए परिवार के पड़ाेसी, अासपास के लाेग अाैर सामने वाले लाेगाें काे भी क्वारेंटाइन कर दिया गया है। इस क्षेत्र काे सील कर दिया है। हालांकि डेहरी के इसी परिवार के 7 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव भी अाई है। कुक्षी में गुजरात से अाने वाले मजदूराें का सिलसिला भी जारी है। अभी तक तलवाड़ा में पांच, लाेहाड़ा में 35 अाैर कुक्षी में एक मजदूर अाया है। अभी तक कुक्षी में 12 लाेग पाॅजिटिव पाए गए हैं।

दामाद काे भी क्वारेंटाइन किया

पट्ठा चाैपाटी की जिस वृद्ध महिला काे पाॅजिटिव पाया गया है, उनकी दाेनाें बेटियाें काे पहले ही क्वारेंटाइन किया गया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अब महिला के दामाद काे भी क्वारेंटाइन कर दिया है। उसका सैंपल भी लिया गया है। दामाद सरस्वती नगर में रहता है, जाे कि पट्ठा चाैपाटी से करीब डेढ़ किमी दूर है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि हम किसी तरह की चेन काे बढ़ने नहीं देना चाहते हैं। यदि रिपाेर्ट निगेटिव अाती है ताे ठीक है, लेकिन दामाद भी कहीं न कहीं इनके संपर्क में अाया हाेगा। इससे संक्रमण बढ़ने की अाशंका है।


कुक्षी के संक्रमित व्यक्ति ने नहीं बताई कांटेक्ट हिस्ट्री
कुक्षी में संक्रमित पाए गए सुभाष मार्ग के व्यक्ति ने अभी तक स्वास्थ्य विभाग काे सही जानकारी नहीं दी है कि वह कहां-कहां गया था। बीएमअाे डाॅ. नरेंद्र पवैया के अनुसार इस व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है, लेकिन वह सही जानकारी नहीं दे रहा है। इससे अभी पता नहीं चल पाया है कि वह कहां से संक्रमित हुअा है। इधर कुक्षी के ही एक अन्य पाॅजिटिव युवक की मां काे सांस लेने में तकलीफ हाेने पर मंगलवार काे इंदाैर रैफर कर दिया गया है।



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The administration moved 850 laborers to other states and districts, bringing in 1800




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350 ई-पास और जारी, अब तक 4050 लोगों को इंदौर से बाहर जाने और आने के लिए अनुमति दी गई

लॉकडाउन के कारण शहर में फंसे अन्य राज्यों के लोगों को इंदौर से बाहर जाने और अन्य स्थानों से इंदौर में आने के लिए ऑनलाइन मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बुधवार तक 3700 लोगों को ई-पास जारी किए गए थे। वहीं, गुरुवार सुबह 350 लोगों को और ई-पास जारी किए गए। इस प्रकार अब तक 4050 लोगों को इंदौर आने एवं इंदौर से जाने के लिए अनुमति प्रदान की गई है।

प्रदेश से अन्य राज्यों में जाने और वहां से इंदौर आने के लिए mapit.gov.incovid-19 पोर्टल पर आवेदन करने पर मंजूरी मिल रही है। इसके साथ ही अब शासन ने निर्देश जारी कर रेड जोन में आए इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन, खंडवा व धार जिलों से भी अन्य जिलों में जाने के लिए ई पास मंजूर करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इन जिलों से अभी तक केवल मेडिकल इमरजेंसी व मृत्यु की स्थिति में ही जारी हो रहे थे।

नोडल अफसर व आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक, सिर्फ उन्हीं लोगों के आवेदन रिजेक्ट हुए, जिन्होंने आईडी नहीं लगाया। वे फिर से आईडी, सदस्य संख्या, वाहन नंबर के साथ आवेदन करें, मंजूरी दी जाएगी। ई-पास के लिएकलेक्ट्रेट या कहीं और भटकने की आवश्यकता नहीं है, अपने मोबाइल या कंप्यूटर से रेजिस्ट्रशन कर घर बैठे ही मोबाइल पर ही पास डाउनलोड कर सकते हैं।

आवेदन में इन बातों का ध्यान रखें

  • आवेदनhttps://mapit.gov.in/covid-19/पर किया जाए
  • अपना आईडी प्रूफ़ अवश्य अपलोड करें
  • वाहन क्रमांकएवं यात्रियों का विवरण अवश्य लिखें
  • आपका ई-पास आपको आपके मोबाइल पे ही भेजा जाएगा


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लॉकडाउन के चलते शहर में फंसे लोग इस तरह से कलेक्टर कार्यालय पर पहुंचकर अनुमति प्राप्त करने का प्रयास कर रहे थे।




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आजकोट से आलीराजपुर 400 किमी का 400 रु. लगता था किराया, पंचायत ने प्रति व्यक्ति वसूले 750 रुपए

शासन दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने का दावा कर रहा है लेकिन अभी भी कई मजदूर हैं जो अपने घर तक नहीं पहुंच पाए हैं। रोजगार छिन गया है, लोगों के पास खाने तक को नहीं बचा है। ऐसे में बेसहारा हुए इन लोगों की मदद करने की बजाय उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है। मजदूर उधार लेकर या लोगों के सामने गिड़गिड़ाकर किसी तरह बस अपने घर पहुंचने की आस लगा रहे हैं।


गुजरात के राजकोट जिले की आजकोट पंचायत से गुरुवार को आलीराजपुर पहुंचे 20 मजदूरों ने अपनी पीड़ा बताई। मजदूरों ने कहा कि हम जामली और उदयगढ़ क्षेत्र के रहने वाले हैं। डेढ़ माह पहले गुजरात गए थेए लॉकडाउन में फंस गए। जो काम था वो भी छिन गया। किसी तरह घर पहुंचना चाहते थे। सूचना मिली की आजकोट से एक बस आलीराजपुर जाने वाली है। इसके टिकट पंचायत बनाकर दे रही है। पंचायत में टिकट बनवाने पहुंचे तो उन्होंने एक व्यक्ति का किराया 750 रुपए बताया। जबकि 400 किमी का किराया अब तक 400 रुपए देते आए थे। बच्चों का टिकट नहीं लेते थे। हमारे साथ 8 बच्चे हैं जिनमें कई बच्चे तो 1 से ड़ेढ़ साल के हैं। पंचायत ने इन बच्चों का टिकट भी हमसे लिया गया।

छांव में बैठकर घर जानेका करते रहे इंतजार
आजकोट से आलीराजपुर पहुंचे मजदूरों को अपने निवास स्थान तक जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला। मजदूर सुबह करीब 11 बजे बस स्टैंड पहुंचे थे। यहां पैदल घरों की ओर निकले। दोपहर में तेज धूप होने से बच्चे चल नहीं पा रहे थे। खंडवा-बड़ोदरा राजमार्ग पर नगर पालिका के सामने फुटपाथ पर दीवार की आड़ में छांव देखकर बैठ गए।


परिजन को फोन किया, 3 घंटे नहीं आया वाहन
भूख से बिलख रहे बच्चे चल नहीं पा रहे थे। इसलिए मजदूरों ने अपने परिजन को फोन किया और कहा कि कोई वाहन भेजो हम यहां फंसे हुए हैं। परिजन को भी वाहनों की व्यवस्था करने में परेशानी हो रही थी। इस तरह मजदूर करीब 3 घंटे तक यहां परेशान होते रहे।

उधार मांग कर दिया साढ़े सात हजार रुपए किराया
मजदूरों ने बताया कि भाग पर खेती करते थे। लॉकडाउन लगने के कारण कपास बेच नहीं पाए। घर में जो अनाज था उससे थोड़े दिन गुजारा हो गया। रुपए भी नहीं बचे। हमें घर आना था, साथ आने वाले के 10 लोग थे। एक व्यक्ति के 750 रुपए किराया मांगा। 10 लोगों 7 हजार 500 रुपए लग रहे थे। हमने वहां पहचान वालों से रुपए उधार लिए। पहले पंचायत ने हमसे एडवांस रुपए लिए तब हमें बस में बैठने दिया गया।

इधर... विधायक ने सभी जिलों के कलेक्टर को लिखा पत्र
जोबट विधायक कलावती भूरिया ने गुजरात राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखा कि वे हमारे क्षेत्र के मजदूरों को आने से न रोकें। केंद्र व राज्य सरकार के आदेश अनुसार मजदूरों को ई-पास के जरिए लाया जा रहा है। ई-पास वाले वाहनों को आलीराजपुर जिले की सीमा तक आने से न रोका जाए।



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400 km from Azkot to Alirajpur 400 km. The rent was found to be Rs 750 per person by the Panchayat workers.




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गुजरात में फंसे 150 मजदूर धार पहुंचे, सभी मजदूरों को किला मैदान पर उतारा गया

लॉक डाउन में गुजरात में फंसे मजदूर गुरुवार शाम 7.15 बजे धार पहुंचे। सभी मजदूरों को किला मैदान पर उतारा गया। यहां से प्रशासन द्वारा अधिग्रहित 4 बसों से इन मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।


तहसीलदार भास्कर गाचले ने बताया करीब 150 मजदूरों को गुजरात सरकार ने अपनी 4 बसों से धार भेजा है। धार पहुंचने के बाद गुजरात की सभी बसों को सैनिटाइज किया गया। साथ ही मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। सभी मजदूरों की जानकारी भी जुटाई गई।



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150 laborers stranded in Gujarat reached Dhar, all laborers landed on fort grounds




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पकड़े वाहन छुड़वाने के लिए लगी रही कतार, 50 से ज्यादा वाहन छाेड़े

डेढ़ महीने से जारी लाॅकडाउन के दाैरान पुलिस व प्रशासन ने उल्लंघन करने वाले वाहन चालकाें के वाहन जब्त करने की कार्रवाई की थी। शुक्रवार काे पुलिस ने इन वाहनाें काे छाेड़ने की प्रक्रिया शुरू की। वाहन छूटने की जानकारी मिलते ही सुबह से ही काेतवाली थाना परिसर में वाहन चालकाें की कतार लग गई। पुलिस ने साेशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कतार लगवाई।

काेतवाली थाना प्रभारी अभय नेमा ने बताया कि शुक्रवार से वाहन छाेड़ने की शुरुआत की है। इसमें पहले चरण में जिन वाहनों को जब्त किए 15 दिन हो गए हैं, उन्हें छाेड़ा जा रहा है। शुक्रवार सुबह 10 बजे से देर दाेपहर तक करीब पांच घंटे चली प्रक्रिया के दाैरान 50 से ज्यादा वाहन चालकाें के दाेपहिया व चारपहिया छाेड़े गए हैं। इनमें वाहन चालक काे वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, स्वयं का आईडी प्रूफ देना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया अब सतत जारी रहेगी।
सैकड़ाें चाबियाें के बीच ढूंढी अपने वाहन की चाबी
थाने पर दस्तावेज सही पाए जाने के बाद वाहन चालक काे अपने वाहन ले जाने की अनुमति मिली। उसके बाद सबसे ज्यादा परेशानी चालक काे अपने वाहन की चाबी ढूंढने में आई, क्याेंकि सारे वाहनाें की चाबियां एक टब में रखी हुई हैं। इसी में से उन्हें अपने वाहन की चाबी ढूंढकर निकालना पड़ रही है।



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More than 50 vehicles rushed to check the vehicles caught in the lockdown




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14 दिन में 50 मरीजाें काे ऑपरेशन के लिए बेहाेश करने वाले कुलकर्णी नर्सिंग हाेम के संचालक डाॅक्टर काे काेराेना

शहर के कुलकर्णी नर्सिंग हाेम के संचालक डाॅक्टर की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। वे जिले के पहले डाॅक्टर हैं, जाे काेराेना की चपेट में आ गए हैं। 57 वर्षीय डाॅक्टर शहर के कई अस्पतालाें में ऑपरेशन के लिए मरीज काे बेहाेश करने के लिए एनेस्थिसिया देने जाते थे। पिछले 14 दिन में 50 मरीजाें काे उन्हाेंने एनेस्थिसिया दिया है।उनके अलावा वासुदेवपुरा की 27 साल की एक युवती की रिपाेर्ट भी काेराेना पाॅजिटिव आई है। इन दाे काे मिलाकर जिले में अब कुल मरीजाें की संख्या 34 हाे गई है। 7 की माैत हाे चुकी है, 13 ठीक हाे गए हैं। 14 मरीजाें का इलाज चल रहा है। शुक्रवार काे 39 लाेगाें के सैंपल की रिपाेर्ट आई। बाकी 37 की रिपाेर्ट निगेटिव आई हैं।

तीन दिन से बार-बार बुखार और हल्की सर्दी हाेने पर एनेस्थेटिस्ट ने खुद सैंपल दिया था। अस्पतालाें में काम करना भी बंद कर दिया। शुक्रवार काे 39 लाेगाें की जांच रिपाेर्ट आई, जिसमें वे पाॅजिटिव आए। डाॅक्टर काे पूर्व में वेट लिफ्टिंग में गाेल्ड मेडल मिल चुका है और वे घर में राेजाना एक्सरसाइज भी करते हैं। माना जा रहा है कि उनकी राेग प्रतिराेधक क्षमता अच्छी हाेगी। रिपाेर्ट पाॅजिटिव आने के बाद उन्हें अमलतास हाॅस्पिटल में भर्ती किया है। इधर, वासुदेवपुरा में रहने वाली 27 साल की युवती की तबीयत खराब हाेने पर तीन दिन पहले जिला अस्पताल की ओपीडी में दिखाने गई, उनकी रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव आई है। रैपिड रिस्पांस टीम ने युवती और उनकी मां का स्वास्थ्य खराब हाेने पर अमलतास रैफर कर दिया। युवती लाॅकडाउन से पहले इंदाैर में प्रायवेट कंपनी में काम करती थी। दाे भाइयाें का संयुक्त 23 सदस्याें का परिवार एक साथ रहता है और माेहल्ले में ही किराना दुकान संचालित करते हैं। युवती काे ले जाने के बाद पुलिस ने वासुदेवपुरा क्षेत्र काे सील कर लाेगाें का आना-जना बंद कर दिया है। शाम काे फिर रैपिड रिस्पांस टीम वासुदेवपुरा पहुंची और सभी सदस्याें काे क्वारेंटाइन के लिए ले जाया गया। जिले में अब तक कुल 34 पाॅजिटिव मरीज दर्ज हाे चुके हैं, जिसमें से 7 की मृत्यु और 13 अच्छे हाेकर घर जा चुके हैं।

डाॅक्टर की कांटेक्ट हिस्ट्री लंबी, ओटी के स्टाफ और मरीजाें का पता निकाल कर जांच के लिए पहुंचेगी टीम
डाॅक्टर स्वयं के नर्सिंग हाेम सहित 7 अन्य अस्पताल और नर्सिंग हाेम में बतौर एनेस्थेटिस्ट जाते हैं। ऑपरेशन थियेटर से ऑपरेशन खत्म हाेने पर लाैटते हैं। उनके संपर्क में ओटी का स्टाफ रहता है। हालांकि डाॅक्टर सावधानी बरतते हुए गलब्स और चेहरे पर मास्क लगाकर ही रखते और ओटी स्टाफ से दूरी बनाकर रखते थे। उन्हाेंने 14 दिन में 50 से भी अधिक इमरजेंसी मरीजाें काे एनस्थीसिया दिया था। इस तरह से वह मरीज के अलावा स्टाॅफ के संपर्क में आए और स्वयं के नर्सिंग हाेम के स्टाॅफ से भी संपर्क में रहते थे। मरीजाें के भी संपर्क में आए। इस तरह से डाॅक्टर की कांटेक्ट हिस्ट्री काफी लंबी बन रही है। जिला अस्पताल की टीम ने फिलहाल सभी नर्सिंग हाेम के ओटी कर्मचारियाें के सैंपल लेना शुरू कर दिए हैं। इसके बाद संबंधित मरीज का पता निकाल उन तक टीम पहुंचेगी। टीम ने डाॅक्टर की पत्नी जाे खुद डाॅक्टर हैं उनका व दो बच्चों के सैंपल लिए हैं।

डाॅक्टर ने कहा- पता नहीं कहां से संक्रमित हुआ, तबीयत बिगड़ने के बाद नहीं किया इलाज
पता नहीं मैं कहां से संक्रमित हुआ। इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए काॅल आने पर पीछे के रास्ते से अपनी कार स्वयं चलाकर अस्पताल तक जाता था। किसी के संपर्क में नहीं आता था। प्रशासन का निर्देश भी था कि आपकाे काम बंद नहीं करना है। मैं इमरजेंसी ऑपरेशन की सूचना आने पर ही जाता था। बुखार और हल्की सर्दी हाेने पर शंका हुई ताे अस्पतालाें में जाना बंद कर दिया था। स्वास्थ्य खराब हाेने पर स्वयं उपचार नहीं करते हुए एक्सपर्ट से बात की ताे उन्हाेंने टेस्ट का बाेला और मैंने सैंपल दे दिए। उसके बाद स्वयं तीन दिन से हाेम आइसाेलेशन में था। मेरे नर्सिंग हाेम में भी किसी कर्मचारी काे भी लक्षण नहीं दिख रहे हैं। अमलतास में भर्ती हूं और एक दम सही हूं। मुझे और अच्छा महसूस हाेगा, यदि मुझसे जुड़े सभी लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव आ जाए। मैं अस्पताल से पूर्ण रूप से स्वस्थ हाेकर लाैटा ताे फिर फील्ड में पूरी सावधानी के साथ काम करूंगा।



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10वीं पास युवाओं को रोजगार देगी सरकार, कर्ज की नियमित किस्त भरने वाले किसानों को 50 हजार का इन्सेंटिव

मुंबई. शुक्रवार को पेश अपने पहले बजट में उद्धव सरकार किसानों और युवाओं के लिए कई सौगातें पेश की। किसानों का जहां 2 लाख तक का कर्ज माफ़ किया गया, वहीं 10 पास 5 लाख युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर रोजगार देने की बात भी सरकार की ओर से की गई है। सरकार की इस घोषणा पर किसानों और युवाओं ने खुशी जताई है।

किसानों के लिए सरकार का ऐलान

  • सितंबर 2019 तक कर्ज लेने वाले सभी किसानों का 'महात्मा ज्योतिराव फुले कर्ज मुक्ति योजना 2019' के तहत दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा। इसके अलावा जिन किसानों का कर्ज दो लाख से ज्यादा है, उन्हें सरकार दो लाख की सब्सिडी देगी। जिन किसानों ने 2018-19 में कर्ज लिया है और नियमित तौर पर अपनी किस्त भर रहे हैं, उन्हें 50 हजार रुपए का इंसेटिव दिया जाएगा। किसानों की कर्जमाफी के लिए सरकार ने कुल 22 हजार करोड़ का प्रावधान रखा है, जिसमें से 15 हजार करोड़ साल 2019-20 में और 7 हजार साल 2020-21 के लिए है।
  • सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को में 2 लाख के प्रस्ताव को बढ़ाने का आग्रह किया है। किसानों के लिए 10 हजार करोड़ के इरीगेशन प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से शुरू करने की बात कही है।
  • किसानों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री जल सरंक्षण योजना के क्रियान्वयन के लिए 450 करोड़ देने का ऐलान किया गया है। सरकार ने किसानों के लिए नए बीज देने की योजना जल्द शुरू करने का ऐलान भी बजट में किया है।
  • किसानों के सोलर पंप लगाने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान रखा है। इसमें पांच साल में पांच लाख सोलर पंप लगाने की बात कही गई है। इसके तहत गांवों में बिजली की सप्लाई भी की जाएगी।


युवाओं के लिए सरकार का ऐलान

  • राज्य के 1500 प्राथमिक विद्यालयों को आदर्ष विद्यालय बनाने के लिए 500 करोड़ की आर्थिक मदद देने का ऐलान सरकार की ओर से किया गया है।
  • रायत शिक्षण संस्थान महोत्सव के लिए सरकार ने 11 करोड़ देने का ऐलान किया है।
  • राज्य में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए तहसील स्तर पर दी जाने वाली सहायता राशि 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़, जिला स्तर पर यह राशि 5 करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ और विभाग स्तर पर इसे 24 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ करने का ऐलान किया गया।
  • छत्रपति शिवाजी महाराज बालेवाड़ी स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रीड़ा विद्यापीठ की स्थापना की जाएगी।
  • राज्य के शिक्षा विभाग के लिए 2500 करोड रुपए और उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए 13 सौ करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में रखा गया है।
  • दसवीं पास युवाओं को रोजगार देने के लिए 'महाराष्ट्र सिकाऊ उम्मीदवारी योजना' अगले पांच साल में क्रियान्वित की जाएगी। इसमें पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 21 से 28 साल के सुशिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी, उसके आधार पर उन्हें रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए कुल 6000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया।


स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार जल्द ही नया कानून लेकर आएगी।



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वित्त मंत्री अजित पवार(दाएं) ने आज विधानसभा में उद्धव सरकार का पहला बजट पेश किया।




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उद्धव सरकार ने दी 2,500 करोड़ रुपए की टैक्स राहत, वहीं 1,800 करोड़ रुपए वसूलने की व्यवस्था भी बनाई

मुंबई(विनोद यादव).उद्धव सरकार ने अपने पहले बजट में 2,500 करोड़ रुपए का टैक्स रिलीफ जनता को दिया है। हालांकि पेट्रोल-डीजल पर एक रुपए प्रति लीटर का अतिरिक्त कर लगाकर 1,800 करोड़ रुपए वसूलने की व्यवस्था भी बजट में की है

9,511 करोड़ रुपए का घाटे का बजट पेश

विधानसभा में शुक्रवार को वित्त मंत्री अजित पवार ने और विधान परिषद में वित्त राज्यमंत्री शंभूराजे देसाई ने वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया। जिसमें 9,511 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। मार्च में समाप्त हो रहे चालू आर्थिक वर्ष 2019-20 में महाराष्ट्र का राजस्व घाटा 31,443 करोड़ रुपए रहने वाला है। राज्य सरकार ने 2020-21 में 3,47,457 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने, 3,56,968 करोड़ रुपए का राजस्व खर्च और54,618 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान व्यक्त किया गया है।

एक हाथ दिया दूसरे हाथ लिया

महाराष्ट्र सरकार ने औद्योगीकरण इस्तेमाल की बिजली पर मौजूदा शुल्क को 97.5 फीसदी कर दिया है। इससे सरकारी तिजोरी पर 700 करोड़ रुपए का बोझ पड़ने वाला है। इसी तरह मुंबई के एमएमआर रिजन, पुणे के पिंपरी-चिंजवड और नागपुर मनपा क्षेत्र में मुद्रांक शुल्क व अन्य कार्यों पर लगने वाले कर को दो साल के लिए एक फीसदी घटा दिया गया है। इससे सरकार को 1,800 करोड़ रुपए के राजस्व से हाथ धोना पड़ेगा। इस तरह ठाकरे सरकार ने अपने पहले बजट में 2,500 करोड़ रुपए का टैक्स रिलीफ दिया है। मगर दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर एक रुपए का अतिरिक्त कर लगाया गया है। जिससे 1,800 करोड़ रुपए का सालाना राजस्व मिलने का अनुमान है।

महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति..


राजस्व प्राप्ति :- 3,47,457 करोड़
राजस्व खर्च :- 3,56,968 करोड़
राजस्व घाटा :- 9,510.71 करोड़
राजकोषी घाटा :- 54,618.38 करोड़
महाराष्ट्र पर कर्ज :- 5,20,717 करोड़(2019-20 में राज्य पर 4,64,020 करोड़ का कर्ज था।)



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विधानसभा में बजट भाषण करते हुए वित्त मंत्री अजित पवार।




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कोरोना से बचने के लिए आज सिर्फ 50 प्रतिशत दुकानें खुलेंगी, सरकारी दफ्तरों में भी आएंगे सिर्फ 50 प्रतिशत कर्मचारी

मुंबई. महाराष्ट्रमें बढ़ रहे कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुएमुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑफिसों में सरकारी कर्मचारियों की मौजूदगी 50 प्रतिशत किए जाने का ऐलान किया है। इसी के साथ बीएमसी ने देर रात सर्कुलर जारी करके दुकानों को एक दिन खुला और एक दिन बंद रखने का आदेश दिया है। अब वॉर्ड ऑफिसर तय करेंगे कि किस रोड पर दुकानें किस दिन खुलेंगी,इससे आधी मुंबई बंद हो जाएगी। महाराष्ट्र में कोरोना के अब तक 45 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा पुणे में 18 और मुंबई में 8 मामले सामने आए हैं।

ऑड-ईवन फॉर्मूलाका होगा इस्तेमाल
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से बेस्ट, एसटी और प्राइवेट बसों को 50 प्रतिशत क्षमता तक ही यात्रियों को टिकट देने का का सुझाव दिया गया है। फिलहाल, इसे ऑड-ईवन फॉर्मूले की तर्ज पर लागू करने की अपील की गई है। ऐसा न होने पर इसे लेकर कड़े कदमउठातेजा सकते हैं। सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की छुट्टी करने का निर्देश दिया है। वहां भी ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने के लिए कहा है। जो कर्मचारी एक दिन आएगा, वह दूसरे दिन नहीं आएगा।

दुकानदारों को खुद समय तय करने के लिए कहा
सीएमठाकरे ने बताया कि सरकार ने दुकानदारों से अपील की है कि वे दुकानें के खोलने और बंद करने का समय खुद ही तय करें, ताकि भीड़ से बचा जा सके। इसके लिए यह उदाहरण दिया गया है कि अगर कोई दुकानदार सुबह के वक्त दुकान खोलता है, तो शाम के वक्त बंद रखे। इस बारे में फैसला उसे खुद करना है। दुकानदार एक दिन दुकान खोलकर दूसरे दिन बंद भी रख सकता है। मेडिकल स्टोर, दूध, खाद्य पदार्थ, सब्जी, किराना की दुकानों पर यह नियम लागू नहीं होगा।


खुले में थूकने वालों से वसूला एक लाख रुपए जुर्माना

कोरोनावायरस के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए बीएमसी ने मुंबई और पीएमसी ने पुणे में सार्वजानिक स्थानों पर थूकने वालों से 1,000 रुपये जुर्माना वसूलना शुरू कियाहै। इसके लिए मार्शलों को खासतौर पर सतर्क रहने का आदेश दिया गया है। बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने कहा- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर थूकने से बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सिर्फ मुंबई में एक दिन में यानि बुधवार शाम तक एक लाख 11 रुपए से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया है।

प्राइवेट लैब में भी हो सकेगाटेस्ट
पुणे में समीक्षा बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने बताया, ‘राज्य में प्राइवेट लैब्स को कोरोना टेस्ट की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए प्राइवेट लैब वालों को अनुमति लेनी होगी और सभी सुविधाएं उन्हें ही मुहैया करानी होंगी। उन्हें जांच की फीस ज्यादा लेने की अनुमति नहीं मिलेगी।’ भारत सरकार 10 लाख नए किट्स खरीद रही है।

रोजमर्रा के लिए जरूरीसामानका भंडारणन करें
मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि आम लोग रोजमर्रा के लिए जरूरीसामान, अनाज और दवाइयों का भंडारण नहीं करें। राज्य में इसकी भरपूर आपूर्ति होगी। कोरोना को देखतेहुए गलत फायदा उठाकर कोई व्यापारी जमाखोरी करेगा अथवा दवाइयों और मास्क को ज्यादा कीमत पर बेचेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।



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सरकार ने कहा है कि किस दिन, किस इलाके में दुकानें बंद होंगी, इसे दुकानदार ही तय करेंगे।




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उल्हासनगर की जिस महिला में मिला कोरोनावायरस, दो दिन पहले 1500 लोगों के सत्संग में हुई थी शामिल

मुंबई. उल्हासनगर में एक महिला में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है। जांच में सामने आया है कि यह महिला दो दिन पहले एक सत्संग में शामिल हुई थी, जिसमें 1500 लोग मौजूद थे। जानकारी मिलने के बाद उल्हासनगर में हड़कंप मच गया गया है। नगर निगम ने जांच के आदेश दे दिए हैं और साथ ही एक स्पेशल टीम भी बनाई गई है।

गंभीर हाल में हॉस्पिटल में भर्ती है महिला
फिलहाल ये महिला मुंबई के कस्तूरबा हॉस्पिटल में भर्ती है और उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। ये 4 मार्च को ये महिला दुबई से लौटी थी। महिला ने उल्हासनगर के एक आश्रम में आयोजित एक सत्संग में भाग लिया था। अब ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि सत्संग के दौरान कौन-कौन लोग इनके संपर्क में आए थे। स्पेशल टीम को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो पता लगाए कि पिछले 15 दिनों में इनसे किन लोगों ने मुलाकात की।

महाराष्ट्र में 3 नए मामले
महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के तीन नए मामले सामने आए हैं। शुक्रवार को नए मामले सामने आने के बाद राज्य में प्रभावितों की कुल संख्या 52 हो गई है। हालांकि, सीएम ने दावा किया है कि 8 मरीज लगभग ठीक होने की कगार पर हैं। ये सभी पुणे और मुंबई के अलग-अलग हॉस्पिटल में भर्ती हैं।



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The woman in Ulhasnagar, who was found coronavirus, was involved in a satsang of 1500 people two days ago.




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पुलिसवालों ने शहर से भगाया और ग्रामीण गांव में नहीं घुसने देते, 50 से ज्यादा लोग वीराने में जीने को हुए मजबूर

औरंगाबाद. सोमवार सुबह से राज्य में जारी कर्फ्यू का आज छठवां दिन है। ज्यादातर बड़े शहरों से दिहाड़ी मजदूर और खानाबदोश पलायन कर चुके हैं। इनमें से कुछ लोग ऐसे हैं जो कल तक पुणे, मुंबई जैसे बड़े शहरों में हाथों से बनी वस्तुएं बेच कर अपना गुजारा चला रहे थे। आज ये औरंगाबाद से 40 किलोमीटर दूर स्थित अधुल गांव में एक खेत में भूखे-प्यासे बैठे हुए हैं। इनके खाने-पीने का सामान खत्म होने की कगार पर है और इनका कहना है कि अगर प्रशासन से उन्हें मदद नहीं मिली तो उनके बच्चों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें वहां से नहीं हिलने का आदेश दिया है।

पुलिसवालों से शहर से भगाया, ग्रामीणों ने गांव में नहीं घुसने दिया
कर्फ्यू के बाद पुलिसवालों ने उन्हें शहरों से जाने के लिए कह दिया है। तकरीबन 50 की संख्या में ये लोग पिछले तीन दिन से इस गांव में फंसे हुए हैं। इन लोगों में शामिल सविता देवी ने बताया कि पुलिसवालों ने उन्हें शहर से निकाल दिया और गांव के लोग उन्हें अपने गांव में घुसने नहीं दे रहे हैं। उनके पास रखा दो से तीन दिनों का खाना लगभग खत्म होने की कगार पर है। अगर कर्फ्यू के हाल ऐसे ही रहे तो उनके भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।

सरकार से मांगी मदद
यह ग्रुप राजस्थान का रहने वाला है और पूरे देश में घूम-घूमकर अपने हाथ से बने सामान बेचता है। ग्रुप में शामिल राजू नाम के शख्स ने बताया कि वह पिछले 30 साल से खानाबदोश का जीवन जी रहा है। बच्चों के लिए दूध भी खत्म हो गया है और नौबत भूखे मरने की आ गई है। इन खानाबदोशों ने सरकार से गुहार लगाई है कि वे उनकी मदद को आगे आए।महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 177 हो गई है। यहां अब तक 5 की मौत और 19 लोगों को ठीक होने के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया है।



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औरंगाबाद से 40 किलोमीटर दूर अधुल गांव के बाहर रह रहे हैं ये लोग।




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मुंबई में 75 वर्षीय और पालघर में 50 साल के कोरोना संक्रमित की मौत, बीएमसी ने शहर के 191 इलाके सील किए

राज्य में कोरोना संक्रमित मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार देर रात मुंबई और पालघर जिले में एक-एक संक्रमित की मौत की जानकारी सामने आई है। इसी के साथ मरने वालों का आंकड़ा महाराष्ट्र में 12 तक पहुंच गया है। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 320 तक पहुंच गई है।बीएमसी की ओर से मुंबई के विभिन्न स्थानों में 191 क्षेत्रों को 'कंटेंटमेंट एरिया' के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां कोरोना पॉजिटिव रोगियों की पुष्टि हुई है। ऐसे सभी क्षेत्रों के लिए प्रवेश / निकास प्रतिबंधित है और क्षेत्र के निवासियों को घर से बाहर नहीं रहने के निर्देश दिए गए हैं।

पालघर में पहली मौत
मुंबई से बाहर पालघर जिले में कोरोना के चलते पहली मौत हुई है। यहां के ग्रामीण हॉस्पिटल में 28 मार्च को सांस लेने में दिक्कत के बाद एक 50 वर्षीय व्यक्ति को ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार दिन में उसमें कोरोना की पुष्टि हुई और देर शाम तक उसने दम तोड़ दिया। पीड़िता ठाणे की एक फैक्ट्री में काम करता था और उसका कोई अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू यात्रा का इतिहास नहीं था। उसकी मौत के बाद फैक्ट्री के उन कर्मचारियों को ट्रेस कर उनकी जांच का काम किया जा रहा है, जो इसके संपर्क में आए थे।

सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ली इलाके में हुई पहली मौत
मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 9 तक पहुंच गया है। शहर के वर्ली इलाके में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती 75 वर्षीय बुजुर्ग की सोमवार को मौत हुई थी। उसे डायबिटीज और सांस लेने में दिक्कत थी। मृत होने के बाद उसकी कोरोना की जांच की गई और मंगलवार रात को उसमें कोरोना की पुष्टि हुई। फिलहाल उसके पूरे परिवार को घर में रखा गया है। बता दें कि वर्ली मुंबई का वह इलाका है जहां अब तक सबसे ज्यादा 14 मामले सामने आए हैं। जिसके बाद यहां के कोलीवाड़ा इलाके को सील कर दिया गया है।

मुंबई की झुग्गी औरचॉल में फैला वायरस

मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियां और चॉल में यह वायरस तेजी से फैल रहा है और यहां पर इसे काबू पाना प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती है। इस वायरस को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे अहम है और इन घनी बस्तियों में यह संभव नहीं हो पा रहा है। अब तक बस्तियों में आठ लोगों को कोरोना पॉजिटिव हो चुका है। परेल की एक चॉल में रहने वाले एक 65 वर्षीय, कलिना के जम्बलिपाडा स्लम के 37 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव मिला। घाटकोपर में झुग्गी झोपड़ी के एक 25 वर्षीय व्यक्ति और उसी झुग्गी की 68 वर्षीय महिला के साथ चार अन्य लोगों को कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।

सबको ट्रैक करने में लगेंगे महीनों
घाटकोपर झुग्गी एक स्कॉयर किमी पर बसी है लेकिन इसमें 23,000 से अधिक लोग रहते हैं। स्वास्थ्य कर्मियों को हर उस व्यक्ति का पता लगाना होगा जो आदमी सामुदायिक शौचालय के पास संपर्क में आया होगा। अधिकारी ने कहा कि सभी को ट्रैक किया जाए, उनकी जांच की जाए और उन्हें 14 दिनों तक क्वॉरंटाइन किया जाएया, इसमें महीनों का समय लग सकता है।

जीआरपी एक कांस्टेबल में भी कोरोना वायरस मिले
सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक 51 वर्षीय पुलिस कांस्टेबल में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। जिसके बाद उसेकस्तूरबा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मुंबई के कमिश्नर रवींद्र सेंगांवकर ने कहा कि कांस्टेबल की पत्नी और दो बच्चों को अस्पताल में अलग-थलग रखा गया है।

महाराष्ट्र में और कहां-कहां हुई मौत

पहली मौत(17 मार्च):मुंबई में 64 साल के बुजुर्ग ने दम तोड़ा। वह उसी टैक्सी में बैठे थे, जिसमें सवारी 5 लोग पहले ही संक्रमित हो चुके थे। 64 साल के बुजुर्ग दुबई से लौटे थे और मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें हिंदुजा से कस्तूरबा अस्पताल में शिफ्ट कराया गया था। मृतक की पत्नी और बेटे की भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव थी। बुजुर्ग को हाइपरटेंशन और डायबिटीज था।

दूसरी मौत( 21 मार्च):मुंबई में शनिवार रात 63 साल के एक मरीज ने दम तोड़ा। उन्हें डायबीटीज, हाई ब्लडप्रेशर और दिल की बीमारी थी। उन्हें 19 मार्च को मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था। 21 मार्च की रात करीब 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। हालांकि, इसकी कोई भी विदेश यात्रा की हिस्ट्री नहीं थी।

तीसरी मौत(24 मार्च):65 वर्षीय एक मरीज को खांसी और सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्थिति खराब होने के कारण उसकी सोमवार को ही देर रात मौत हो गई। कोरोना के अलावा उसे डायबीटीज और उच्च रक्तचाप की भी शिकायत थी। हाल ही में यह मरीज यूएई से मुंबई लौटा था और कुछ दिन के लिए अहमदाबाद भी गया था।

चौथी मौत(26 मार्च):65 वर्षीय गोवंडी की एक महिला को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत के बाद नवी मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उसकी मौत हो गई, गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट के अनुसार महिला कोरोना पॉजिटिव थी।

पांचवी मौत(27 मार्च):65 वर्षीय एक अन्य महिला को 23 मार्च को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया था। महिला को सांस लेने में तकलीफ के साथ ही बुखार और खांसी की समस्या थी। इलाज के दौरान गुरुवार को इस महिला की भी मौत हो गई। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, महिला को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत थी।

छठवीं मौत(28 मार्च):85 वर्षीय सर्जन की 26 मार्च को मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। प्राइवेट लैब से आई रिपोर्ट में उसमें कोरोना के लक्षण थे, हालांकि बीएमसी ने सरकारी लैब से उसकी फिर से जांच करवाई और 28 मार्च को घोषित किया कि डॉक्टर की मौत कोरोना के कारण हुई है। उन्हें भी डायबिटीज की शिकायत थी और सांस लेने में दिक्कत के बाद हॉस्पिटल मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था।

सातवीं मौत(29 मार्च):40 वर्षीय महिला ने दम तोड़ा। इसे सीने में दर्द की शिकायत के बाद महानगरपालिका हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। महिला को हाइपरटेंशन की समस्या थी। उसे पिछले तीन दिनों से सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द हो रहा था।

आठवीं मौत(29 मार्च):राज्य केबुलढाणामें भी 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत संक्रमण के चलते हुई थी। उन्हें पहले निमोनिया की शिकायत बताई गई थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रविवार को आई रिपोर्ट में पता चला कि वे कोरोना से संक्रमित थे।

नौवीं मौत(30 मार्च): सोमवार को पुणे में एक 52 साल के व्यक्ति की मौत हुई। यह पुणे में कोरोना संक्रमण से पहली मौत थी। वह पुणे और मुंबई के बीच अक्सर अपडटाउन करता था। मरीज को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की शिकायत थी। 25 मार्च को सांस लेने में दिक्कत के बाद उसे पुणे के दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

दसवीं मौत(30 मार्च): सोमवार शाम को मुंबई में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की मौत की जानकारी सामने आई। उसे ह्रदय सम्बंधित बिमारी, डायबिटीज और हाइपरटेंशन था।



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Mumbai Pune Coronavirus Outbreak Live | Corona Virus Cases in Maharashtra Nashik Nagpur (COVID-19) Cases Death Toll Latest News and Updates




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मरीजों की बढ़ती संख्या को देख पुणे के इंजीनियरों ने 12 घंटे में बना डाला वेंटीलेटर, कीमत 50 हजार रुपए

कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर पुणे से कई अच्छी खबर आई है। यहां की एनओसीसीए रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने पोर्टेबल वेंटीलेटर तैयार किया है। खास बात यह है कि इस वेंटीलेटर की शुरुआती कीमत 50 हजार रखी गई है। आमतौर पर हॉस्पिटल में जो वेंटीलेटर इस्तेमाल होते हैं उनकी कीमत दो लाख से 13 लाख रुपए तक होती है। एनओसीसीए के फाउंडर हर्षित राठौड़ ने दैनिक भास्कर ने बात की। इसमें उन्होंने बताया कि उन्हें वेंटीलेटर बनाने का आइडिया कैसे आया?

सवाल: वेंटीलेटर बनाने का आइडिया कैसे आया?
हर्षित: दिनों-दिन कोरोना के पेशेंट्स बढ़ रहे हैं। उनके ट्रीटमेंट में वेंटीलेंटर अहम है। देश में वेंटीलेटर की भारी कमी के चलते मार्च में मैंने अपने पार्टनर निखिल कुरेले से ऐसा वेंटीलेटर बनाने के बारे में बात की जो पोर्टेबल हो और उसकी कीमत कम हो। हम दोनों ने यह आइडिया अपने इंजीनियरों से शेयर किया। फिर सिर्फ दो दिन में वेंटीलेटर बनाने की प्लानिंग पर काम शुरू हुआ। आने वाले समाय में हमें बड़ी संख्या में वेंटीलेटर्स की जरुरत पड़ने वाली है।

सवाल: बनाने में कितना समय लगा?
हर्षित: इस वेंटीलेटर के प्रोटोटाइप को सिर्फ 12 घंटे में मेरीटीम ने तैयार किया है। हालांकि, इसे पूर्ण रुप देने में दो दिन का समय लगा। हमने 24 मार्च को सुबह इसपर काम करना शुरू किया और तकरीबन 12 घंटे के प्रयास के बाद इसका प्रोटोटाइप तैयार कर लिया।

सवाल: क्या खास है इस वेंटीलेटर में?

हर्षित: यह वेंटीलेटर खासतौर पर कोरोना पेशेंट्स को ध्यान में रखकर बनाया गया है। नार्मल वेंटीलेटर में कई अन्य फीचर होते हैं जो इसमें नहीं होंगे। लेकिन कोरोना पेशेंट्स के लिए बेहद कारगर होगा। यही नहीं लंग्स की हर बीमार मरीज को इससे मदद मिल सकेगी। इसमें हम बाजार में पहले से मौजूद वेंटीलेटर्स के वे सारे फीचर डाल रहे हैं जो एक कोरोना मरीज के लिए मददगार रहेंगे। ये वेंटिलेटर पोर्टेबल हैं। वेंटीलेटर में किसी तरह की कोई कमी न रहे इसके लिए आईआईटी कानपुर के कुछ डॉक्टर्स प्रोफेसर को भी इस प्रोजेक्ट्स से जोड़ा गया है।

सवाल: अभी तक कुल कितने वेंटीलेटर का निर्माण हुआ?
हर्षित: हमारी टीम ने अभी तक 2 वेंटीलेटर का निर्माण कर लिया और आने वाले एक सप्ताह में 20-30 वेंटीलेटर बनाने की तैयारी है। हमारा मकसदहै कि पहले से वेंटीलेटर बना रही किसी बड़ी कंपनी के साथ जुड़कर इसका कमर्शियल उत्पादन शुरू करें । कंपनी आने वाले 10 से 15 दिन में इसका क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लेगी और भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग से अनुमोदनभी प्राप्त कर लेगी। पुणे जिला प्रशासन के अधिकारी भी आवश्यक अनुमति प्राप्त करने में हमारी मदद कर रहे हैं।

सवाल: किस स्तर पर होगा इसका उत्पादन
हर्षित: फिलहाल,हम एक महीने में कम से कम 10 हजार पीस का निर्माण करने की सोच रहे हैं।

दो साल पहले शुरू हुई है यह कंपनी
आईआईटी कानपुर के पासआउट औरकंपनी में पार्टनर निखिल बताते हैं कि दो साल पहले इस कंपनी को शुरू किया था। हम ऐसे रोबोट्स का निर्माण करतेहैं जो सोलर पैनेल्स को साफ करते हैं। लेकिन दुनिया में बढ़ रहे कोरोनावायरस संक्रमित लोगों की संख्या को देखते हुए हमने यह तय किया कि वे इसके पेशेन्टस के लिए खास वेंटीलेटर का निर्माण करेंगे।



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यह वेंटीलेटर पोर्टेबल है और इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है।
हर्षित और रोहित ने अपनी टीम के साथ मिलकर सिर्फ 12 घंटे में इसका प्रोटोटाइप तैयार किया है।




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क्वारैंटाइन आदेशों का उल्लंघन करने पर तब्लीगी जमात के 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तब्लीगी जमात से जुड़े 150 लोगों पर मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन पर केस दर्ज हुआ है। इन सभी पर क्वारैंटाइन आदेशों और सरकार के प्रतिबंधात्मक आदेशों के उल्लंघन का आरोप है।

पुलिस ने कहा, 'सभी 150 लोगों के खिलाफ इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 271 और 188 के तहत एफईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा सभी पर आईपीसी की धारा 269 के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।'

निजामुद्दीन मरकज में हुआ था तबलीगी जमात का जलसा
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के जलसे में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। इस जलसे में शामिल हुए सैकड़ों लोग कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं। तबलीगी जमात से जुड़े कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद से पूरे देश में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

लगातार पकड़े जा रहे हैं तबलीगी जमात के लोग
दिल्ली से अलग-अलग राज्यों के लिए रवाना हो चुके तबलीगी जमात के लोगों की पहचान कर उन्हे क्वॉरंटीन किया जा रहा है। महाराष्ट्र के अलावा यूपी और तमिलनाडु समेत कई अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के लोगों को पकड़ा गया है।



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Coronavirus in Mumbai Latest Update | Maharashtra Mumbai Police On 150 Tablighi Jamaat Attendees Over COVID-19 Quarantine Orders




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आज 12 मौतें, 7 मुंबई और 3 पुणे में; उद्धव के आवास मातोश्री के पास चाय बेचने वाला संक्रमित मिला, यहां तैनात 150 जवान क्वारैंटाइन किए गए

महाराष्ट्र में संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। मंगलवार को 12 लोगों की मौत हुई है। इसमें सात मुंबई और आसपास की है जबकि तीन पुणे की है। इसके अलावा नागपुर और सतारा में भी एक-एक की मौत हुई। मृतकों की उम्र 48 से 65 साल के बीच थी। इनमें दो महिला और 10 पुरुष थे। इसमें सात को डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी अन्य बीमारियां थीं, जबकि पांच की बीमारियों के बारे में पता नहीं चल पाया है। राज्य में अब तक संक्रमण से 64 लोगों की जान जा चुकी है।

राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा 150 संक्रमण के मामले सामने आए

वहीं, राज्य में मंगलवार को सबसे ज्यादा संक्रमण के 150 नए मामले सामने आए। इसमें 116 मुंबई के जबकि 18 पुणे के हैं। बाकी नागपुर, अहमदनगर, बुलढाणा समेत अन्य शहरों के हैं। इसे मिलाकर राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 1018 तक पहुंच गई। इसमें 590 मुंबई और 135 पुणे के हैं। इससे पहले रविवार को राज्य में सबसे ज्यादा 113 मरीज सामने आए थे।

उद्धव के घर की सुरक्षा में तैनात 150 पुलिसवालेक्वारैंटाइन

उधर, मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के पास एक चाय वाला संक्रमित मिलने के बाद हड़कंप मच गया। इसके बाद उनके घर की सिक्युरिटी में तैनात 150 जवानों को बांद्रा में क्वारैंटाइन कर दिया गया है। ये जवान संक्रमित व्यक्ति की दुकान पर चाय पीने जाते थे।बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मातोश्री और उसके आसपास के इलाके को सील कर दिया। अब पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है। चायवाले के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है।

कोरोना अपडेट्स

  • राज्य सरकार ने बताया कि करीब 50-60 जमाती दिल्ली से मरकज से लौटे हैं। इन लोगों ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया और पुलिस से छिपने की कोशिश कर रहे हैं। इनकी तलाश की जा रही है।
  • राज्य सरकार ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की दो परीक्षाओं को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। नई तारीखों की जानकारी परीक्षार्थियों को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। इससे पहले 26 अप्रैल और 10 मई को होने वाली थी। इससे पहले 4 अप्रैल को एमपीएससी की परीक्षा होने वाली थी, लेकिन पीएम द्वारा लॉकडाउन घोषित किए जाने के बाद इस 26 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है।
  • राज्य में संक्रमण की चेन को रोकने के लिए जिस इलाके में भी संक्रमित मिल रहा है, उस इलाके को सील करके उसे कंटेनमेंट घोषित किया जा रहा है। ऐसे में उस इलाके के रहने वाले लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए वहां एक कंटेनमेंट अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। वह अधिकारी इस इलाके की पूरीदेखरेख करेगा। साथ ही,कंटेनमेंट इलाके में रहने वाले लोगों का14 दिनों स्क्रीनिंगकरके रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
  • मुंबई और महाराष्ट्र के लोगों को यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि 14 अप्रैल के बाद राज्य में लॉक डाउन खत्म हो जाएगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा किराज्य सरकार 14 अप्रैल के आगे भी लॉक डाउन को जारी रख सकती है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 10 अप्रैल के बाद राज्य सरकार राज्य में कोरोना के संक्रमण के फैलाव की समीक्षा करेगी और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
  • स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी भी दी कि राज्य सरकार के पास फिलहाल 37000 पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट किट्स हैं। राज्य में करीब सवा तीन लाख पीपीई किट्स की जरूरत है, लेकिन दिक्कत यह है कि राज्य सरकार खुद से इन्हें खरीद नहीं सकती। केंद्र सरकार ने यह निर्देश दिए हैं पीपीई किट्स, एन-95 मस्क और वेंटिलेटर की खरीदी राज्य सरकारें अपने स्तर पर नहीं कर सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से तीन लाख 14 हजार पीपीटी किड्स,2125 वेंटिलेटर और 8 लाख 41 हजार एन-95 मास्क की मांग की है।

मुंबई:करीम मोरानी की दोनों बेटियां पॉजिटिव
फिल्म प्रोड्यूसर करीम मोरानी की दो बेटियां जोया और शजा कोरोना संक्रमित पाई गई हैं। दोनों को नानावती अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कर दिया गया है। मोरानी परिवार के बाकी सदस्यों को क्वारंटीन करके सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। मोरानी का घर भी फिलहाल सील कर दिया गया है।

मुंबई और आसपास के इलाके में सात मौतें हुईं

1. 61 साल (पुरुष): सांस में तकलीफ और पेशाब में दिक्कत के बाद मुंबई के बीपीटी हॉस्पिटल में 6 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हार्ट प्रॉब्लम थी। मंगलवार सुबह कोरोना की पुष्टि हुई।

2. 48 साल (महिला): खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद 4 अप्रैल को मुंबई के एचबीटीएच हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। 4 अप्रैल को कोरोना की पुष्टि हुई थी।

3. 66 साल (पुरुष): बुखार और सांस लेने में दिक्कत के आबाद मुंबई के एसआरवी हॉस्पिटल में 4 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। मंगलवार को मौत हुई। इनमें कोरोना की पुष्टि 6 अप्रैल को ही हुई थी।

4. 55 साल(पुरुष): डॉ बाबा साहब आंबेडकर हॉस्पिटल में 4 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। 6 अप्रैल को मौत हुई थी। बुखार, सूखी खांसी और बदनदर्द शिकायत थी।

5. 72 साल (महिला): मुंबई के केईएम हॉस्पिटल में 5 अप्रैल को भर्ती हुई महिला की मौत मंगलवार सुबह हुई। महिला को बुखार, कफ और हाइपरटेंशन की शिकायत थी। 5 अप्रैल को ही कोरोना की पुष्टि हुई थी।

6.68 साल(पुरुष): 24 मार्च को मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डायबिटीज, हाइपरटेंशन के बाद 30 मार्च को मौत हो गई थी। बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट मंगलवार को सामने आई है।

7.60 वर्षीय(पुरुष):मीरा भायंदर केबाला साहब ठाकरे हॉस्पिटल में मंगलवारसुबह मृत्यु हुई है। सोमवार कोरिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई थी।

पुणे में तीन और सतारा और नागपुर में एक-एक की जान गई

8.67 वर्षीय( पुरुष): पार्वती इलाके के रहने वाले बुजुर्ग में 2 अप्रैल को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। मंगलवार को इनकी मौत हुई। इन्हें किडनी संबंधित बिमारी थी।
9. 65 वर्षीय(पुरुष): 3 अप्रैल को पुणे के एक प्राइवेट हॉस्पिटल से रेफर होकर ससून हॉस्पिटल में भर्ती हुए बुजुर्ग ने भी दम तोड़ दिया है। इन्हें भी डायबिटीज की बिमारी थी। इनमें 4 अप्रैल को कोरोना की पुष्टि हुई थी। यह शख्स पुणे के भवानी पेठ इलाके का रहने वाला था।
10. 65 वर्षीय(पुरुष): इनके अलवा ताड़ीवाला रोड़ इलाके के रहने वाले 65 वर्षीय शख्स ने भी किडनी की बिमारी के बाद दम तोड़ दिया है। इसे हाइपरटेंशन भी था।

11. मुंबई के सतारा में 63 वर्षीय पुरुष की कल सुबह मृत्यु हुई है यह शख्स अमेरिका से आया था।नागपुर में एक 68 वर्षीय पुरुष की इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में मृत्यु हुई है। इसे डायबिटीज और हाइपरटेंशन था।
12. नागपुर में एक 68 वर्षीय पुरुष की इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में मृत्यु हुई है। इसे डायबिटीज और हाइपरटेंशन था।

पंढरपुर: 20 हजार लीटर दूध खेत में बहाया
राज्य में लॉकडाउन सेसबसे ज्यादा किसानों और दूध का व्यापार करने वालों को नुकसान हो रहा है। इससे परेशानहोकरपंढरपुर में सुबह करीब 20 हजार लीटर दूध खेत में बहा दिया। पंढरपुर में भांडिशेगांव में पंधारी मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स के मालिक गणेश पाटिल ने बताया कि हमारे पास दूध का स्टॉक बढ़ रहा था और खरीदार नहीं थे, जिसके बाद हमने और अन्य किसानों ने दूध अपने खेतों में बहाने का फैसला किया गया है।

पंढरपुर में मिल्क कंपनी ने 20 हजार लीटर दूध को खेतों मे बहा दिया।

मुंबई:जल्द शुरू होगाएंटीबॉडी टेस्ट

  • मुंबई मेंकोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जल्द हीरैपिड एंटीबॉडी टेस्ट शुरू किया जाएगा। एंटीबॉडी टेस्ट कोरोना टेस्ट न होकर शरीर में उपस्थित वायरस की जानकारी देता है। अगर किसी भी मरीज के शरीर में हाल फिलहालवायरस प्रवेश करता है, तो रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर में एंटीबॉडी पैदा करती है। इसकी जानकारी इस टेस्ट के जरिएकेवल एक खून की जांच से मिल सकती है।
  • जांच के दौरान जिनमें एंटीबॉडी पाया जाएगा, उन्हें आइसोलेट करके उनकी कोरोना जांच होगी। इससे कम समय में अधिक से अधिक कोरोना के सस्पेक्टेड मरीजों की जांच की जा सकती है और मरीजों की समय रहते पहचान की जा सकती है।
मुंबई को कोलाबा इलाके में अलग-अलग संगठन से जुड़े लोग बेघरों को खाना खिला रहे हैं।


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मुंबई में उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के आसपास के इलाके को सील कर दिया गया है।




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16 दिन में 10 गुना बढ़कर 3 हजार के पार हुए संक्रमित, 70% मरीजों की उम्र 50 साल से कम

देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र की स्थिति बिगड़ती जा रही है। राज्य में गुरुवार को कोराना संक्रमण के165 नए मामले सामने आए। इसे मिलाकर संक्रमितों की संख्या 3,081 पर पहुंच गईहै। राज्य के 11 जिलों कोहॉटस्पॉट घोषित किए गएहैं। इसमेंमुंबई, पुणे, ठाणे, नागपुर, सांगली, अहमदनगर, यवतमाल, औरंगाबाद, बुलढाणा, मुंबई सबअर्बन, नासिक शामिल है। अगर संक्रमितों की बात की जाए तो महाराष्ट्र के बाद दिल्ली है जहां संक्रमण के 1550 से ज्यादा मामले हैं।

महाराष्ट्र में 16दिन में बढ़े 10 गुना हुए केस

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के केसपिछले 15 दिनों में 10 गुना की वृद्धि हुई है। राज्य में संक्रमण का पहला मामला नौ मार्च को पुणे में सामने आया था। यहां एक परिवार के तीन लोग पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद 31 मार्च तक यानी 21 दिनों में संक्रमित केस की कुल संख्या 302 तक पहुंची थी। इन 21 दिनों में एक दिन में अधिकतम 27 पॉजिटिव केस मिले थे। लेकिन, एक अप्रैल से से 16 अप्रैल यानी 16 दिनों में संक्रमितों की संख्या में 10 गुना की वृद्धि के साथ आंकड़ा तीन हजार के पार पहुंच गया। इनमें 14 अप्रैल को सबसे ज्यादा 350 पॉजिटिव केस सामने आए।

इस ग्राफ से समझिए केस की रफ्तार:

यह डेटा महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट का है। इसमें 9 मार्च से 13 अप्रैल तक के आंकड़े हैं। 14 अप्रैल को राज्य में सबसे ज्यादा 350 केस सामने आए थे।

70% मरीजों की उम्र 50 साल से कम

महाराष्ट्र मेंसंक्रमण के2330 मरीजों का विश्लेषण राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने किया है। इससे पता चलता है कि70 फीसदी यानी1646 मरीजों की उम्र 21से 50 साल के बीच है।जबकि 684 की उम्र 50 साल से ज्यादा है। एक बात और इसमें सामने आई है कि50 से अधिक उम्र वर्ग के लोगों कोइस बीमारी से ज्यादा खतरा है। आंकड़े के अनुसार (14 मार्च तकहुई कुल 178 मौतों में से) इस आयु वर्ग के मृतकों की संख्या करीब 77%है। हालांकि, राज्य में गुरुवार तक 188 लोगों की संक्रमण से जान जा चुकी है।

ज्यादा जांच हुई, इसलिए तेजी से मामले सामने आए

महाराष्ट्र में तेजी से संक्रमितों की संख्या सामने आने का एक बड़ा कारण यहां तेजी से जांच होना भी है। राज्य में अब तक24 हजार से अधिक सैंपल लिए जा चुके हैं। साथ ही, मुंबई केधारावी में मरीज मिलने के बाद करीब साढ़े सातलाख लोगों की स्क्रीनिंग हो रही है। राज्य सरकार अब रैपिड टेस्टिंग की तैयारी कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही राज्य में रैपिड टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने विदेश से किट मंगवाई है। इसके बाद जांच की स्पीड भी बढ़ेगी।



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यह तस्वीर मुंबई के धारावी की है। धारावी में अब तक 50 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इसके बाद यहां घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है।




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1200 लोगों के गांव में सन्नाटा पसरा, 250 से ज्यादा गांववाले जंगल में छिपे, पूरे गांव में सिर्फ पुलिस नजर आ रही

महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा पर स्थित गडचिंचले गांव में सिर्फ पुलिस की गाड़ियां हैं। 1200 की आबादी वाले गांव में 110 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 9 नाबालिगों को बाल सुधार गृह में भेजा गया है। इनके अलावा करीब 250 लोग फरार हैं, इनके पास के जंगलों में छिपे होने की आशंका है। वारली और कोकणा आदिवासी समुदाय बहुल इस गांवमें गुरुवार रात को भी यदि ऐसा ही सन्नाटा होता तो स्वामी कल्पवृक्ष गिरी, स्वामीसुशील गिरी और उनके ड्राइवर नितिन तेलगिडे की जान बच सकती थी।

दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया
इस मामले पर राजनीति और पुलिस कार्रवाई का दबाव बढ़ने से दोपहर एक बजे तक घटना की जांच कर रहे कासा पुलिस थाने के एसआई आनंदराव काले के साथ-साथ इंस्पेक्टर सुधीर कटारे को निलंबित करने की खबरें पहुंचीं। पालघर के जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर यह आदिवासी गांव गुजरात के सिलवासा से महज 13 किमी दूर है। पिछले कुछ दिनों से गांव में बच्चा चोर, किडनी चोरों के सक्रिय होने की अफवाह थी। कभी गांव में चोरों के घुसने की खबर आती तो कभी डाका पड़ने की।

दादर नगर हवेली बॉर्डर से वापस लौटाया था
कर्फ्यू की वजह से दिनभर घर में बैठे सारे लोग रात को देर तक गांव की सीमा पर पहरा देते हैं। गुरुवार रात दस बजे उन्हें उनके ही इलाके से दोनों साधुओं की गाड़ी गुजरते दिखीं। कांदिवली आश्रम से सूरत के लिए निकले स्वामी की गाड़ी कर्फ्यू की वजह से दादरा-नगर हवेली की सीमा से वापस लौटा दी गई थी। कर्फ्यू की वजह से हाईवे से लौटना संभव नहीं था, इसलिए वे खानवेल-दाभाड़ी के रास्ते से लौट रहे थे। गांव की सीमा पर पहरा देने वाले लोगों ने उन्हें रोका और चोर समझकर हमला कर दिया। इसमें दोनों स्वामियों और उनके ड्राइवर की मौत हो गई।

सीएम ने सीआईडी जांच का आदेश दिया
भीड़ इतनी हिंसक थी कि पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ हुई। चार पुलिसकर्मी घायल हुए। उनकी मौजूदगी में ही तीनों की लाठियों, धारदार हथियारों से जान ली गई। सुबह तक पुलिस ने जंगल में छिपे सौ से अधिक लोगों को पकड़ा और उनके खिलाफ केस दर्ज किया। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मांग पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस प्रकरण की सीआईडी जांच के निर्देश दिए हैं।

सीएम ठाकरे ने कहा-गलतफहमी की वजह से हुई हत्या
मॉब लिंचिंग में साधुओं के मारे जाने पर पंच दशनाम जूना अखाड़ा, हिंदू जन-जागरण समिति जैसे संगठनों ने विरोध में आवाज बुलंद की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और जिम्मेदारअधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री ठाकरे से फोन पर बात की। ठाकरे ने फेसबुक लाइव में कहा कि साधुओं की हत्या धार्मिक विद्वेष की वजह से नहीं बल्कि गलतफहमी की वजह से हुई है।

सारणी में बचाया, गडचिंचले में मारे गए
पालघर के शिवसेना नेता कुंदन संखे ने बताया कि जिले का यह आदिवासी गांव दुर्गम हैं। अक्सर चोरी, डाके आदि की अफवाह की वजह से लोग पहरा देते हैं। गडचिंचले में हत्याकांड से दो दिन पहले डहाणू तहसील के सारणी गांव में भी ऐसा ही हुआ था। बाहर से गए विश्वास वलवी पर आदिवासियों ने हमला कर दिया था। उनके साथ जिला परिषद सदस्य जयंत दुबला मौजूद थे और उन्होंने तत्काल पुलिस से संपर्क साधकर अपनी जान बचाई थी।



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इसी गाड़ी में तीनों को बचाकर पुलिसवाले पुलिस स्टेशन तक ले जाना चाह रहे थे। ग्रामीणों ने उन्हें भी घेरकर गाड़ी में तोड़फोड़ की और पुलिसवालों के साथ मारपीट की।




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मालेगांव में 100-150 लोगों की भीड़ ने पुलिसवालों को दौड़ाया, कुर्सियां तोड़ी; लगातार प्रतिबंधों से नाराज थे लोग

नासिक से सटे मालेगांव में पुलिसवालों पर भीड़ द्वारा पुलिसवालों पर हमला किया गया है। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है,जिसमें सैंकड़ों लोग पुलिसवालों को दौड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। हमला करने वाले लोग मालेगांव में लगातार बढ़ रहे प्रतिबंध से नाराज थे। वारदात गुरुवारसुबह 9 बजे के आसपास अल्लाम इकबाल ब्रिज के पास स्थित निषाद चौक पर हुई है। हमलावरों की संख्या तकरीबन 100-150 के करीब बताई जा रही है। हमलावार अचानक घरों से बाहर निकले और उन्होंने अल्लामा इकबाल पुल पर लगी बैरिकेड को तोड़कर, मोतीबाग नाका क्षेत्र तक पहुंचने की कोशिश की। इसके बाद राज्य रिजर्व पुलिस के जवानों ने भीड़ को तितर-बितर किया।

भीड़ ने बैरिकेड और कुर्सियां तोड़ी
इसके बाद पुलिस उपाधीक्षक मंगेश चव्हाण मौके पर पहुंचे और स्थानीय नागरिकों को समझाया। चव्हाण ने कहा है कि पुलिस पर किसी तरह का कोई पथराव नहीं हुआ है। पूरी स्थिति नियंत्रण में है और हम मामले में आगे की कार्रवाई कर रहे हैं। साथ ही नगर निगम के अधिकारियों से बात करके यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोगों तक जरूरत की चीजें सही समय पर पहुंचे।

इसलिए नाराज हैं स्थानीय लोग
महाराष्ट्र के मालेगांव मे कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 101 पहुंच गई है। गुरुवार को 5 नए मामले समाने आए। मालेगांव महाराष्ट्र के रेड जोन में आता है। यहां के 18 इलाकों को कैंटेनमेंट जोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इनमें निषाद चौक भी शामिल है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके को सील करने के कारण दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी नहीं मिल रही हैं, जिनमें दवाइयां और किराना शामिल हैं।



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भीड़ को अपनी ओर बढ़ता देख पुलिसवाले वहां से भागे । जिसके बाद भीड़ ने मौके बनी बैरीकेड और कुर्सियों को तोड़ा है।




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संक्रमण रोकने के लिए सीएसआईआर ने बनाया पैर से ऑपरेट होने वाला वाश बेसिन, धारावी में लगाए जाएंगे 150 बेसिन

कोरोनावायरस को रोकने के लिए सीएसआईआर के खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान ने पैरों से चलने वाला वाश बेसिन तैयार किया है, जिसे मुंबई के धारावी इलाके में लगाया जाएगा। घनी आबादी वाले धारावी में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के तकरीबन 200 मामले सामने आए हैं।

इस वाश बेसिन को इस्तेमाल करने वाले को पानी या साबुन लेने के लिए हाथ का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा और इससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा। इस महीने की शुरुआत में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों में विशेष रूप से धारावी के लिए पैरों से चलने वाले वाश बेसिन की सिफारिश की गयी थी।

धारावी में लगाए जाएंगे 150 वाश बेसिन
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाले 'वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद' (सीएसआईआर) ने ट्वीट किया है, 'सीएसआईआर आईएमएमटी ने हस्तमुक्त वाशिंग स्टेशन बनाकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिन्हें मुंबई के धारावी में लगाया जाएगा।' जानकारी के मुताबिक, शुरुआत में इनकी संख्या 150 होगी।



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इन बेसिनों को पहले धारावी में और फिर मुंबई के कई इलाकों में लगाने की तैयारी सीएसआईआर और बीएमसी की ओर से की जा रही है।




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55 साल से ऊपर के पुलिसवालों को मुंबई में ड्यूटी पर नहीं किया जाएगा तैनात, मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार देगी 50 लाख रुपए

दिनों-दिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मुंबई पुलिस ने एक बड़ा फैसला लिया है। पुलिस कमिश्नर ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार, अब 55 साल की उम्र से ज्यादा के पुलिसकर्मियों को आउटडोर ड्यूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा। पिछले 4 दिनों के दौरन मुंबई में 3 पुलिस कांस्टेबलों की कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु हुई है। तीनों की उम्र 50 साल से ज्यादा की थी। महाराष्ट्र में अब तक कोरोना वायरस से 20 अधिकारियों सहित कम से कम 107 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी मुंबई के हैं।

ऐडवाइरी जारी करते हुए पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे की ओर से कहा गया,'जिनकी उम्र 55 साल से ज्यादा है, वो बंदोबस्त में ना आए। साथ ही ऐसे पुलिसकर्मी जिनकी उम्र 52 साल से अधिक है और जिन्हें शुगर, बीपी, हृदय या अन्य मेडिकल संबंधी समस्याएं हैं, उनको भी घर पर रहना चाहिए।' कमिश्नर ऑफिस से ऐसे लोगों को छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाइयां दी जा रही
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 20,000 पुलिसकर्मियों को मल्टी-विटामिन और प्रोटीन सप्लीमेंट दिए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) की गोलियां 12,000 कर्मियों को डॉक्टरों की देखरेख में दी जा रही हैं। पुलिसकर्मियों के लिए विशेष अस्पताल नामित किए जा रहे हैं।

मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 50 लाख रुपए
राज्य सरकार ने मृतक पुलिसकर्मियों के परिवारों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की है। मुंबई के सभी कोविड-19 अस्पतालों में पुलिस कर्मियों के लिए बेड सुरक्षित हैं। इसके अलावा, सभी पुलिस कर्मियों को पर्याप्त संख्या में पीपीई, फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर, दस्ताने, फेस शील्ड प्रदान किए गए हैं। भोजन के पैकेट, राशन, गर्म पानी के बोतल, चेक प्वाइंट पर पंडाल भी पुलिस कर्मियों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।



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मुंबई पुलिस ने अपने सभी पुलिसकर्मियों के लिए ग्लव्स, मास्क और फेस शील्ड का इंतजाम किया है।




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राज्य में 8,500 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव, यह संख्या 174 देशों में मिले संक्रमितों की तादाद से ज्यादा

महाराष्ट्र में मंगलवार तक कोरोना संक्रमितों की संख्या8,590 तक पहुंच गई। महाराष्ट्र में पूरी दुनिया के 174 देशों से ज्यादा संक्रमित मरीज हैं। वहीं, राजधानी मुंबई में दुनिया के 164 देशों से ज्यादा संक्रमित मरीज हैं। देश की बात की जाए तो मंगलवार को कुल संक्रमितों की संख्या 29 हजार 680 तक पहुंच गई। देश में948 लोगों की जान कोरोना से गई, इनमें369 मृतक महाराष्ट्र के हैं।

ऑस्ट्रेलिया, द. अफ्रीका, थाईलैंड जैसे देशों से आगे महाराष्ट्र

कोरोना के दुनियाभर के आंकड़े देने वाले वाली वेबसाइटवर्ल्डो मीटर के मुताबिक, महाराष्ट्र की तुलना जिन 174 देशों से की गई है, उनमें से 14 देशों में 10 से कम संक्रमित मिले हैं।52 ऐसे देश हैं, संक्रमितों की संख्या10 से 100 के बीच है। बचे हुए 102 देशों में संक्रमितों की तादाद 100 से 8,500 के बीच है। ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, फिलीपींस, बांग्लादेश, मलेशिया और कोलंबिया जैसे देशों में संक्रमितों की संख्या महाराष्ट्र से कम है। दुनिया में 37 देशहैं, जहां संक्रमितों की संख्यामहाराष्ट्र से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा 10 लाख संक्रमितअमेरिका में हैं। इसके बाद स्पेन, इटली, फ़्रांस, जर्मनी और ब्रिटेनका नंबर है।

महाराष्ट्र में मृतकों की संख्या भी 142 देशों से ज्यादा

महाराष्ट्र में संक्रमण से मौतों का आंकड़ा भीदुनिया के 142 देशों से ज्यादा। इन 142 देशों में61 देशों में मृतकों की संख्या 10 से कम है। 60 ऐसे देश हैं, जहां 10 से 99 के बीच संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। 21 देशों में मृतकों की संख्या 100 से लेकर 337 के बीच है। दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में हुई है। यहां अब तक 56 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। 41 ऐसे देश हैं, जहां एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।

ग्राफ से समझिए महाराष्ट्र में मृतकों का आंकड़ा

पूरे देश की तुलना में महाराष्ट्र में मौत का ग्राफ थोड़ा कम जरूर नजर आ रहा है, लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में हर दिन यहां सबसे ज्यादा मौत हुई है। नारंगी कलर महाराष्ट्र में हुई मौतों का दर्शा रहा है जबकि नीला रंग देश में हुई मौतों का आंकड़ा दर्शा रहा है।

दुनिया मेंमृत्युदर6.90% और महाराष्ट्र में 4.30%

महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक,28 अप्रैल की सुबह तक भारत समेत पूरी दुनिया में 28 लाख 78 हजार 196 संक्रमित मरीज थे और 1 लाख 98 हजार 668 लोग अपनी जान गंवा चुके थे। भारत में यह संख्या 29 हजार 435 थी और यहां 934 लोगों की मौत हो चुकी है। मृत्यदर की बात करें तो पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर 6.90% है, वहीं महाराष्ट्र में यह दर 4.30% है।

174 देशों में से 20 ऐसे देश, जहां संक्रमितों की संख्या महाराष्ट्र से कम

देश संक्रमित मौतें
सर्बिया 8275 162
फिलीपींस 7777 511
नॉर्वे 7599 205
चेक रिपब्लिक 7449 223
ऑस्ट्रेलिया 6,725 84
डोमिनिकन गणराज्य 6293 282
पनामा 6021 167
बांग्लादेश 5913 152
मलेशिया 5,820 99
कोलम्बिया 5597 253
दक्षिण अफ्रीका 4,793 90
मिस्र 4782 337
फिनलैंड 4695 193
मोरक्को 4,120 162
अर्जेंटीना 4003 197
लक्समबर्ग 3729 88
अल्जीरिया 3,517 432
माल्डोवा 3481 102
कुवैत 3,288 22
कजाकिस्तान 2,982 25

महाराष्ट्र:सात दिन में दोगुने होरहे हैंकेस

  • राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक,यहां एक सप्ताह में संक्रमित मरीज दोगुना हो रहे हैं। 20 अप्रैल को यहां 4200 मरीज थे जो 27 अप्रैल को लगभग दोगुनेहोकर 8,590 तक पहुंच गए। सातदिनों के दौरान राज्य में 4,390 नए केस मिले हैं। सिर्फ सोमवार को राज्य में 522 नए केस मिले हैं।
  • 9 मार्च को पहला मामला सामने आने के बाद में 1000 तक संक्रमित मरीजों का आंकड़ा पहुंचने में कुल 29 दिन का समय लगा। हालांकि, इसके बाद सिर्फ 6 दिन यानि 14 अप्रैल तक यह दोगुनाहोकर 2000 तक पहुंच गया। इससे 6 दिन बाद यह 4 हजार के पार पहुंचा और सिर्फ 4 दिन में 6000 तक संक्रमित मरीज पूरे महाराष्ट्र में थे।

पूरे देश में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 1,282 पेशेंट ठीक हुए

  • कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ राज्य में इस बीमारी से ठीक होने वाले भी बढ़ रहे हैं। सोमवार को राज्यभर से 94 नए पेशेंट ठीक होकर अपने घर लौटे हैं। पूर प्रदेश में अब तक 1,282 पेशेंट नेगटिव हो चुके हैं।
  • राज्य में 1 लाख 45 हजार 677 लोगों को होम क्वारैंटाइन किया गया है, जबकि 9,399 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन में रखा गया है। हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, राज्य में अब तक कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आने का बड़ा कारण यहां दूसरे राज्यों की तुलना में अधिक टेस्ट कराना भी है। राज्य में अब तक 1,21,562 लोगों का टेस्ट किया है।
  • महाराष्ट्र में 21 से 30 साल के बीच के लोग सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं। डॉक्टर इसका कारण इस उम्र के लोगों का घर से ज्यादा बाहर निकलना मानते हैं। सिर्फ 1 संक्रमित 101-110 साल के बीच के हैं। ग्राफ से इस ट्रेंड को समझ सकते हैं।
संक्रमितों में सबसे ज्यादा 71830 की उम्र 21 से 30 साल है जबकि इसके बाद 31 से 40 की उम्र के 1697 लोग संक्रमित हुए हैं। नीचे उम्र है।


राज्य में 1,677 कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल

  • मंगलवार सुबह तक राज्य में 1,677 कोविड-19 डेडिकेटेड हॉस्पिटल तैयार कर लिए गए हैं। इनमें 1,76,357 आइसोलेशन बेड, 7,248 आईसीयू मौजूद हैं। इन हॉस्पिटल्स को तीन कैटेगरी में विभाजित किया गया है। एसिम्टोमैटिक (जिनमें कोरोना के एक भी लक्षण नहीं है), माइल्ड (जिनमें करोना का मामूली लक्षण हैं) और सीरियस (कोरोना संक्रमण के कारण जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है)।
  • राज्य में मंगलवार सुबह तक 572 कंटेंनमेंट जोन घोषित किए गए हैं। इसके अलावा 7,861 सर्वे टीम पूर राज्य में 32.28 लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग कर चुकी है। वर्तमान समय में राज्य में 9,399 कोरोना संदिग्ध अलग-अलग सेंटर में क्वारैंटाइन किए गए हैं। इसके अलावा 1,45,677 को होम क्वारैंटाइन किया गया है।


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मुंबई के वर्ली इलाके में जाने से पहले सुरक्षा सूट पहनकर तैयार होते स्वास्थ्यकर्मी। वर्ली मुंबई का सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है।




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संक्रमित मरीजों तक खाना और दवाइयां पहुंचाने के लिए सिर्फ 7 दिन में बना डाला रोबोट, खर्च आया सिर्फ 50 हजार रुपए

राज्य में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मी भी पॉजिटिव पाए गए हैं। हॉस्पिटल के स्टाफ में संक्रमण न फैले इसको लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में पुणे के एक हॉस्पिटल में रोबोट का इस्तेमाल मरीजों तक खाना पहुंचाने के लिए शुरू हुआ है। इसे पुणे कैंटोनमेंट बोर्ड ने आईटीआई(ITI) के प्रोफेसरों के साथ मिलकर तैयार किया है।

ऐसे आया रोबोट बनाने का आइडिया
पुणे कैंटोनमेंट बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अमित कुमार ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए बताया, 'हमारे स्वास्थ्य कर्मी, जिनमें वार्ड बॉय और नर्स शामिल हैं, दिन-रात कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे हुए हैं। संक्रमण के खतरों के बीच वे मरीजों तक दवाइयां और खाना पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोग हमारे लिए सच्चे कोरोना योद्धा हैं। इस खतरे से इन्हें बचाने के लिए ही हमने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो मरीजों तक दिन में तीन बार खाना-पानी और दवाइयां पहुंचाता है।'

यह रोबोट एक बार के चार्ज में तकरीबन 8 घंटे तक चलता है। लगातार इसे 2 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

बनाने में आया सिर्फ 50 हजार रुपए का खर्च
सीइओ अमित कुमार ने बताया, 'आईटीआई के प्रिंसिपल विजय चौहान और दो अन्य प्रोफेसरों की टीम ने इस रोबोट को बनाने में सिर्फ 7 दिन का समय लिया। वे दिन में 10 से 12 घंटे काम करते थे। पूर्ण रूप से देसी तकनीक पर बने इस रोबोट के निर्माण में सिर्फ 50 हजार रुपए का खर्च आया है। खास यह है कि यह 50 हजार रुपए भी एक कांट्रेक्टर की ओर से स्वैक्षिक तौर पर दिए गए हैं।' अमित कुमार ने बताया कि मैंने इस कांसेप्ट पर कुछ लोगों से चर्चा की और उनमें से एक कांट्रेक्टर ने आगे आकर हमें सहियोग किया।

इसपर पाथ फाइंडर कैमरा और टू वे कम्युनिकेशन के लिए माइक्रोफोन और स्पीकर लगा है।

इस रोबोट की खासियत
इसके निर्माण से जुड़े आईटीआई के प्रिंसिपल विजय चौहान ने बताया,'यह एक बैट्री ऑपरेटिंग रोबोट है। एक बार के चार्ज में यह 8 घंटे तक चल सकता है। इसे एक रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। इस रोबोट पर ट्रे बना हुआ है, जिसमें खाने और दवाइयों के पैकेट रखे जाते हैं। रिमोट कंट्रोल से हर मरीज के पास इसे भेजा जाता है और मरीज उस ट्रे से खाने का पैकेट लेता हैं। इस रोबोट को इस्तेमाल में लाने के बाद पूरी तरह से इसे सैनिटाइज किया जाता है।' विजय ने आगे बताया,'इसपर पाथ फाइंडर कैमरा और टू वे कम्युनिकेशन के लिए माइक्रोफोन और स्पीकर लगा है। जिसके सहारे मरीज और डॉक्टर आपस में बात कर सकते हैं।'

स्क्रीनिंग रोबोट बनाने की तैयारी में जुटा संस्थान
सीईओ अमित कुमार ने बताया, 'फिलहाल हमने एक रोबोट का निर्माण एक्सपेरिमेंट के तौर पर किया है। अगर प्रयोग सफल रहा तो अन्य हॉस्पिटल्स में भी इस तरह के रोबोटो का इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही हम अब प्रयास कर रहे हैं कि ऐसे रोबोट का निर्माण करें जो लोगों की स्क्रीनिग भी कर सकें।



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इसपर लगी ट्रे पर खाना और दवाइयां रखकर मरीजों तक पहुंचाया जाता है। इसे फिलहाल एक हॉस्पिटल में इस्तेमाल किया जा रहा है।




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150 रोटियां और चटनी लेकर चले थे 20 मजदूर, 16 के लिए आखिरी सफर बन गया; आंख खुली तो करीब रोटी और दूर लाशें दिखीं

जालना की एक सरिया फैक्ट्री। 45 दिन पहले लॉकडाउन के चलते यह बंद हो गई। रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए। ज्यादातर यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश के थे। नाम की जमापूंजी थी। किसी तरह महीनाभर काम चलाया। फिर सामाजिक संगठनों और सरकार के भरोसे। पेट भरने की ये मदद दो या तीन दिन में एक बार ही नसीब हो रही थी। इस बीच एक खबर आई। पता लगा कि सरकार दूसरे राज्यों के मजदूरों को घर भेजने के लिए औरंगाबाद या भुसावल से कोई ट्रेन चलाने वाली है।

जालना से औरंगाबाद की दूरी 50 किमी है। मध्य प्रदेश के 20 मजदूर रेलवे ट्रैक से सफर पर निकल पड़े। पास कुछ था तो बस, 150 रोटियां और एक टिफिन चटनी। 16 के लिए यहयात्रा, अंतिम यात्रा साबित हुई।

सफर का सहारा : 150 रोटियां और एक टिफिन चटनी

मजदूरों ने सोचा, घर पहुंच जाएंगे। गुरुवार शाम मिलकर 150 रोटियां बनाईं। एक टिफिन में चटनी भी थी। ताकि, सूखी रोटी मुंहसे पेट तक का सफर आसानी से कर सके। कुछ देर बाद सब भुसावल के लिए निकल पड़े। सभी की उम्र 21 से 45 साल के बीच थी। कुछ शहडोल के थे तो कुछ कटनी के। औरंगाबाद जिले के करमाड तक पहुंचे तो रात गहरी हो चली थी। सोचा, खाना खाकर कुछआराम कर लिया जाए।

फिर सभी की नींद लग गई, कुछ की कभी नहीं खुलेगी

सज्जन सिंह इसी जत्थे में शामिल थे। वो बच गए। कहते हैं, “भूख लगी थी साहब। ट्रैक पर ही बैठकर खाना खाने लगे। हमें वो साफ और सुरक्षित लगा। खाना खत्म हुआ। कुछ चाहते थे कि सफर फिर शुरू किया जाए। कुछ का दिल कर रहा था कि थोड़ा सुस्ता लिया जाए। सहमति आराम करने पर बनी। भूखे पेट को रोटी मिली थी। इसलिए, पटरी का सिरहाना और गिट्टियां भी नहीं अखरीं। सो गए। नींद खुली तो भयानक मंजर था। मेरे करीब इंटरलाल सो रहा था। उसने मुझे खींच लिया। मैं जिंदा हूं।”

हादसा कितना भयावह था। ये तस्वीरें बयान करती हैं।

इसलिए हुई गलती

सज्जन आगे कहते हैं, “आंख खुली तो होश आया। देखा मेरा बैग ट्रेन में उलझकर जा रहा है। हमने सोचा था कि ट्रेनें तो बंद हैं। इसलिए, ट्रैक पर कोई गाड़ी नहीं आएगी। आसपास झाड़ियां थीं। लिहाजा, ट्रैक पर ही झपकी का ख्याल आया। ट्रेन जब रुकी तब तक तो सब खत्म हो चुका था। 16 साथियों के क्षत विक्षत शव ट्रैक पर पड़े थे। किसी को पहचान पाना मुश्किल था।”

लोगों से मदद मांगी
सज्जनके मुुताबिक, “ पहले तो लगा कि कोई बुरा सपना देखा है। पल भर में हकीकत पर यकीन हो गया। 20 में से चार जिंदा बचे। डर को थोड़ा दूर किया।ट्रैक से कुछ दूर बने एक घर पहुंचे। मदद मांगी। उन्होंने पानी पिलाया। फिर पुलिस को जानकारी दी।”

अपनों का सामना कैसे करूंगा मैं
आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची। उसने अपना काम शुरू किया। रुंधे गले को संभालकर और भीगी आंखों को पोंछकर वीरेंद्र शांत आसमान की तरफ देखते हैं। फिर कहते हैं, “जिन लोगों के साथ कुछ घंटे पहले बैठकर रोटी खाई थी। अब उनकी लाशें मेरे सामने हैं। कुछ तो मेरे बहुत करीबी दोस्त थे। अब, क्या कहूंगा उनके घरवालों से? कैसे सामना करूंगा उनका? मेरा फोन, बैग सब गायब हैं। पीठ में चोट है। ये जख्म भर जाएगा। लेकिन, दिल में जो नासूर पैदा हो गया है, वो तो लाईलाज रहेगा। ताउम्र।”



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महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे के बाद ट्रैक पर बिखरी मजदूरों की ये रोटियां बहुत कुछ कहती हैं।




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 आरएसबीसीएल बना रही सेनेटाइजर, 180 एमएल की बोटल 37.50 रुपए की

(विपिन सोलंकी)कोरोना वायरस के आने के बाद से बाजारों में सेनेटाइजर की कमी है। बड़े ब्रांड्स के सेनेटाइजर भी बाजार में बमुश्किल मिल रहे हैं। साथ ही घटिया क्वालिटी के सेनेटाइजर और महंगे दामों में बेचे जाने की शिकायतों के बीच राहत भरी खबर है। उदयपुर स्थिबत सरकारी कंपनी राजस्थान स्टेट बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) और निजी कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट लिमेटेड ने सेनेटाइज का उत्पादन शुरू किया है। दोनों की ब्रीकी गुरुवार से शुरू हुई।

आबकारी डीओ हेंमेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों कंपनियों के उदयपुर के मादड़ी स्थित प्लांट में सेनेटाइजर का प्रोडक्शन चालू है। आरएसबीसीएल 400 पेटी सेनेटाइइजर डेली बनारहीहै।आरएसबीसीएलमेडिकल कॉलेज और अस्पताल को डेली 25 पेटी सेनेटाइजर उपलब्ध करा रहीहै। वहीं मेडिकल स्टोर्स को पांच पेटी, पंजीकृत संस्थाओं को 25 पेटी, गैर पंजीकृत संस्थाओं को पांच पेटी सेनेटाइजर उपलब्ध करा रहा है। हर पेटी में 180 एमएल की 48 बोटल हैं। इनकी कीमत है 37.50 रुपए प्रति सेनेटाइजर है। वहीं बाजार में इसकी कीमत 50 रुपए प्रति बोटल है।

आरएसबीसीएल द्वारा बनाया गया सेनेटाइजर।



इसके अलावा यूनाइटेड स्प्रिट लिमिटेड यूएसएल भी सेनेटाइजर बना रही है। यहां अभी तक 35 हजार लीटर सेनेटाइजर का प्रोडक्शन किया गया है। यहां कोर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत प्रोडक्शन किया गया है, यानी यह सेनेटाइजर निशुल्क दिया जा रहा है।

सीएसआर के तहत उदयपुर, जयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर और जोधपुर स्थित सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज और उदयपुर स्थित सेना की छावनी में पांच-पांच हजार लीटर सेनेटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं सिरोही, जालौर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापनगर मेडिकल कॉलेज में एक-एक हजार लीटर सेनेटाइजर इस फंड के तहत दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार दोनों ही कंपनियों के सेनेटाइज अच्छी क्वालिटी के हैं।

यूनाइटेड स्प्रिट लिमिटेड यूएसएल दुवारा बनाया गया सेनेटाइजर फ्री उपलब्ध कराया जा रहा है।


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एक 50 साल की महिला पॉजिटिव मिली, 72 घंटे में कुशलगढ़ कस्बे के 10 कोरोना मरीजों की पुष्टि

जिले के कुशलगढ़ कस्बा कोरोना महामारी की जद में आ चुका है। बुधवार को यहां एक नया केस सामने आया। जिसमें 50 साल की महिला कोरोना संक्रमित मिली। जो पहले पॉजिटिव मिले लोगों से संपर्क में आई थीं। संक्रमितों में 6 महिलाएं हैं। बीते 72 घंटे में कस्बे में 10 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि ने स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है।

मंगलवार को यहां 7 लोग पॉजिटिव मिले थे। सभी संक्रमित कुशलगढ़ कस्बे के एक ही वार्ड 12 के और एक ही समुदाय के है। संक्रमित आपस में एक-दूसरे के रिश्तेदार भी हैं। कुशलगढ़ में तैनात आरएनटी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों की रेपिड रिस्पोंस टीम पिता-पुत्र के संपर्क आने वाले 200 लोगों की लिस्ट तैयार कर चुकी है। 300 अन्य लोगों की लिस्ट तैयार करने में जुटी हुई है।

सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन कस्बे में कोरोना संक्रमण कैसे और किस रास्ते पहुंचा। संक्रमित खुद बाहर गए थे या कोई बाहरी व्यक्ति इन्हें संक्रमित कर गया, यह भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि गुजरात और मुबई से आए लोगों से संक्रमण फैलने की आशंका मौटे तौर पर जताई जा रही है। 4 दिन पहले तक पूरे प्रदेश में बांसवाड़ा को कोरोना से सुरक्षित जिले के तौर पर जाना जा रहा था वहीं अब बांसवाड़ा प्रदेश में 8वें पायदान पर आ गया है। अब तक 155 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिसमें 102 निगेटिव और 10 पॉजिटिव आए हैं। 45 की जांच पेंडिंग है।

बरसी में हुआ था सामूहिक भोज
17 मार्च को कस्बे में एक समुदाय विशेष में बरसी का कार्यक्रम हुआ था, जहां सामूहिक भोज हुआ। जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी लोग भी शामिल हुए। संक्रमित भी उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार ने बताया कि इस सामूहिक भोज में बाहर से भी लोगों के आने की आशंका है। जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है। यहां भर्ती बुजुर्ग की कोरोना संदिग्ध पत्नी की 31 मार्च को मौत हो गई थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। मृतक महिला के जनाजे में शामिल होने वालों की भी तलाश की जा रही है।

शादी समारोह में कुवैत से आए थे लोग
मार्च में कुशलगढ़ में हुए एक शादी समारोह से वायरस फैलने की आशंका है। 26 फरवरी को शादी थी और एक मार्च को रिसेप्शन हुआ। इसी रिसेप्शन में बोहरा समुदाय के काफी लोग में शरीक हुए थे। समारोह में कुवैत से भी कुछ मेहमान आए थे। यहां से संक्रमण फैलने की आशंका इसलिए भी ज्यादा जताई जा रही है क्योंकि, इसी समारोह में कोरोना पॉजिटिव व्यापारी भी शामिल हुआ था। रेपिड रिस्पोंस टीमें इस दिशा में भी जांच में जुट चुकी है। मंगलवार को सामने आए पॉजिटिव रोगियों के भी इस शादी में जाने की बात सामने अा रही है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज की टीम के विशेषज्ञों ने भी शादी में शामिल लोगों की जांच के लिए स्थानीय अधिकारियों को सुझाव दिए है।



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कुशलगढ़ कस्बे में कर्फ्यू लगने के बाद पुलिस लगातार इलाके का जायजा ले रही है।




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अब नेत्रा क्यू-2 और वी-3 से लॉकडाउन की निगरानी, 150 मीटर की ऊंचाई से भी मिलेंगे साफ फोटो

लॉकडाउन में निगरानी मजबूत करने के लिए सरकार ने शनिवार को उदयपुर पुलिस को दाे नए ड्राेन दिए हैं। एक नेत्रा वी3 और दूसरा नेत्रा क्यू-2सी है। एडवांस तकनीक से बने ये ड्रोन 200-500 मीटर ऊंचाई तक उड़ते हैं और 150 मीटर ऊंचाई से सड़क पर चलने वालों की साफ फाेटाे ले सकते हैं। प्रशिक्षित कांस्टेबल ने पुलिस लाइन में ड्राेन का टेस्ट भी किया। हालांकि तकनीकी समस्या आने पर नेत्रा वी3 का ट्रायल नहीं हो पाया।
ड्रोन पहुंचने से पहले 7 कांस्टेबलों का तकनीकी प्रशिक्षण चित्ताैड़गढ़ के भूपालसागर में हुआ। बता दें कि पुलिस के पास नेत्रा क्यू 2 ड्रोन पहले से है। इसे दाे साल से कांस्टेबल मनाेज, प्रकाश और गाेपाल ऑपरेट कर रहे हैं। इसमें तकनीकी कमियां हाेने के कारण दाे नए ड्राेन आए हैं। तीन ड्राेन हाेने पर कांस्टेबल लाेकेश, भावेश, राेशन और शिवपाल काे भी प्रशिक्षण दिया गया। एसएसपी कैलाशचंद्र बिश्नोई ने बताया कि पहले से एक ड्राेन था जिसका रैलियाें, सभाओं आदि जगहाें पर उपयाेग में लिया गया। दाे एडवांस ड्राेन और मिले हैं, इन्हें ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम में लेंगे। अधिकारियाें का कहना है कि माॅडिफाइड लाॅकडाउन में ग्रामीण क्षेत्र में मूवमेंट कुछ बढ़ेगा। कानून व्यवस्था बनाने और लाॅकडाउन की पालना के लिए दाे ड्राेन काे ग्रामीण क्षेत्र में निगरानी के लिए लगाया जाएगा।

यह है पुलिस के तीनाें ड्राेन की अलग-अलग खासियत

  • नेत्रा क्यू 2 : इसमें डिजिटल कैमरा, ऑपरेटर से 2 किलाेमीटर दूर तक ऑपरेट हाे सकता है। साथ में तीन बेटरी, प्रत्येक बैटरी 20 मिनट चलती है। कम्यूनिकेशन के लिए जीपीएस एंटीना एक ही है। ड्राेन के मूवमेंट बदलने पर काॅम्बाॅक्स काे घुमाना पड़ता है। 200 मीटर ऊंचाई तक उड़ सकता है। इसमें कम्यूनिकेशन में समस्या आती है।
  • नेत्रा क्यू 2 सी : इसमें एचडी कैमरा, सेंसर लगा है जाे आगे आनेवाली काेई भी वस्तु या पक्षी से नहीं टकराएगा। चार बैटरी है और प्रत्येक 40 मिनट तक चलती है। जीपीएस डबल एंटीना लगा हुआ है। ड्राेन के अनुसार काॅम्बाॅक्स ऑटाेमेटिक मूवमेंट करता है। 200 मीटर ऊंचाई और 2 किलोमीटर दूर तक ऑपरेट कर सकते हैं। कैमरा 45 से 90 डिग्री घूमता है।
  • नेत्रा वी - 3 : यह ड्राेन क्यू-2 और क्यू-2सी से ज्यादा एडवांस है। एचडी कैमरा, सेंसर, चार बैटरी जिसमें प्रत्येक एक घंटा चलती है। अलग-अलग दिशाओंमें शूट करने के लिए ड्राेन काे घुमाने की जरूरत नहीं, कैमरा घूमता है। 500 मीटर ऊंचाई और 5 किलोमीटर दूर से ऑपरेट हाे सकता है।


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Now monitoring lockdown from NETRA Q-2 and V-3, clear photos from 150 meters height




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चांसदा वन क्षेत्र में आग लगने से 150 हेक्टेयर जंगल जलकर राख

कुराबड़ वन रेंज के अंतर्गत चासदा वन खंड में भीषण आग लग गई। क्षेत्रीय वन अधिकारी विजेंदर सिंह सिसोदिया ने बताया कि चासदा वन खण्ड में सुबह आग सुलग गई थी। मगर हवा के तेज होने के बाद आग ने विकराल रूप ले लिया। पूरे चासदा से झामर कोटड़ा माइंस तक आग फैल गई। वहीं चासदा से पूरी टीम मौके पर गई और आग बुझाने का प्रयास किया। मगर आग बढ़ गई। बाद में आरएसएमएम झामर कोटडा माइंस की दमकल के फेरे लगाने पर अाग पर काबू पाया गया। तकरीबन 5 से ज्यादा फेरे लगाने पर रोड़ के किनारे फैली आग पर काबू पाया गया। मगर पहाडिय़ों की तरफ फैली अाग काबू में नही आ पाई। इस दौरान 150 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया।



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150 hectares of forest burnt to ashes due to fire in Chansada forest area




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केवड़े की नाल में आग लगने से 200, जयसमंद अभयारण्य का 50 हैक्टेयर जंगल जलकर राख

उदयपुर-जयसमंद स्टेट मेगा हाइवे पर स्थित केवड़े की नाल के जंगल मे आग लगने से करीब 200 से अधिक हैक्टेयर क्षेत्र और जयसमंद अभयारण्य में 50 हैक्टेयर क्षेत्र जलकर राख हो गया। जानकारी के अनुसार बुधवार दोपहर के बाद केवड़े की नाल में ऊपरी क्षेत्र की पहाड़ियों में लगी आग तेज हवा के कारण गुरुवार देर शाम तक करीब 200 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैल गई। आग से घास-फूस, सूखी वनस्पति, बांस के पौधे, पक्षियों के घोंसले जलकर राख हो गए। वहीं रेंगने वाले छोटे जीवों के भी नष्ट होने की आशंका जताई जा रही है। देर शाम तक आग पर काबू पाने मे छह वनकर्मी अाैर चार ग्रामीण लगे रहे। रेंजर मोहनलाल ने बताया कि हवा के कारण आग पर काबू पाने में परेशानी हो रही है। वहीं गुरुवार दोपहर जयसमंद अभयारण्य में कस्बे के समीप स्थित पहाड़ी क्षेत्र में आग लगने से करीब 50 हैक्टेयर क्षेत्र जलकर राख हो गया।

वनकर्मियों ने आग बुझाने का प्रयास किया। मगर देर रात तक पहाड़ी धधकती रही। आग से सूखी घास-फूस और वनस्पति को नुकसान पहुंचा। जानकारी के अनुसार करीब एक पखवाड़े से जयसमंद, केवड़ा, ओडा, खारवां, वगुरूवा, सालरघाटी, झामरकोटड़ा अाैर कुराबड़ वन क्षेत्र में आग लगने से काफी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं करीब 1500 हैक्टेयर से अधिक जंगल को नुकसान पहुंचा है।



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200 by fire in Kevda's place, 50 hectare forest of Jayasamand Sanctuary burnt to ashes




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राजीविका समूह की महिलाओं ने तैयार किए 6 हजार 500 मास्क

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना के अंतर्गत ब्लॉक के सभी ग्राम पंचायत में राजीविका के समूह की आर्थिक स्तर पर कमजोर महिलाओ द्वारा पंचायतों में मास्क बनाकर दिए जा रहे हैं। पंचायतों द्वारा इन मास्क का विभिन्न गतिविधियों में उपयोग किया जा रहा है। ब्लॉक इंचार्ज अमित जोशी ने बताया कि लगभग 6 हजार 500 मास्क पंचायत में इन समूह की महिलाओ ने बनाकर पंचायतों में दे दिए। बीडीअाे अमित कुमार ने सभी पंचायतों को निर्देशित किया है कि ज्यादा से ज्यादा मास्क पंचायतों में राजीविका की गरीब महिलाओ द्वारा बनवाकर लिए जाए, ताकि इन महिलाओ को रोजगार मिल पाए और सभी को सहयोग करने के लिए पाबंद किया।



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Women of Rajivika group prepared 6 thousand 500 masks




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महिला नर्स के पॉजिटिव मिलने के बाद अब 50 से ज्यादा कॉलोनी-मोहल्लों में कराएंगे स्क्रीनिंग

न्यू भूपालपुरा क्षेत्र की महिला नर्स के कोरोना पॉजिटिव आने और कर्फ्यू के बीच आसपास के 50 से ज्यादा इलाकों में घर-घर स्क्रीनिंग होगी। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि इन सभी क्षेत्रों में चित्रकूटनगर, भूपालपुरा, प्रतापनगर, आयड़ और बीसीएमओ की टीमें, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा अधिकारी बड़गांव की टीमें जाएंगी।

  • एक किमी क्षेत्र में : केसर कुंज गली नंबर 1 से 3, दिव्य ज्योति, जयलक्ष्मी, गणपति अपार्टमेंट, जैन कॉलोनी, सिद्धार्थ नगर, महावीर नगर, श्रीनाथ व नेमिनाथ कॉम्प्लेक्स, वृंदावन धाम गली नंबर 1 से 3, पतंजलि विहार, सीपीएस रोड, आनंद नगर, रावतवाड़ी, न्यू आनंदनगर, खाराकुआं, न्यू अशोक नगर, 100 फीट रोड, केशव नगर, हीरा बाग, अशोक विहार, न्यू अशोक विहार।
  • 1 से 3 किमी : पूलां, कृष्णपुरा, अलीपुरा, भूपालपुरा ए से यू रोड, बंशी पान तक, अशोकनगर, माया मिष्ठान से आयड़ पुलिया, रूपसागर रोड, न्यू केशव नगर, गणेश नगर, शक्तिनगर, कालका माता रोड, शोभागपुरा ग्रामीण क्षेत्र (बड़गांव)।
  • 3 से 5 किमी : देहलीगेट, चेतक, सुंदरवास, बोहरा गणेशजी रोड, जयश्री कॉलोनी, बोहरा गणेशजी कॉलोनी, यूनिवर्सिटी कैंपस, चित्रकूट नगर, श्याम नगर, मीरा नगर, भुवाणा, न्यू आरटीओ(बड़गांव ब्लॉक)।


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50 ट्रक बदलकर मुंबई से गांव पहुंचा युवक, क्वारैंटाइन सेंटर में बदला गया

गलवा के उच्च माध्यमिक स्कूल में रात को मुंबई से काबरी का युवक देवेंद्र गिरि 50 ट्रक चेंज कर जुगाड़ करता हुआ गांव पहुंचा और सरपंच को सूचित कर गलवा पीएससी में आइसोलेट करवाया। डॉ. आदित्य आचार्य ने आइसोलेट करने के बाद निगरानी दल के प्रधानाचार्य महावीर प्रसाद मीणा, टीना वैष्णव, किशनलाल कुमावत ने स्कूल के कमरे में क्वारेंटाइन किया। काबरी के देवेंद्र गिरि ने बताया कि मुंबई ठाणा से 5 दिन पहले सवा 3 बजे निकला था। वहां से 15 किलोमीटर रिक्शा में चला, 10 किलोमीटर पैदल तलासरी से वापी ट्रक में आया। किसी ट्रक में वह मुंबई से राजस्थान आने में करीब 50 ट्रकें चेंज कर दी। किसी ट्रक में 5 किलोमीटर, किसी में 15 किलोमीटर, किसी ने 50 किलोमीटर तक लेकर आई हैं। रास्ते में चैकिंग के दौरान कोई पुलिस मिलती तो वह ट्रक में सोकर छुप जाता था। यही नहीं उसके मुंबई से निकलने के बाद ही पिता को सूचना भी दी।



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50 trucks replaced, youth reached village from Mumbai, converted to quarantine center




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गोशाला में भामाशाहों ने दी 1.50 लाख रुपए की सहायता

श्री तुलसी गोशाला में क्षेत्र के भामाशाहों ने 1 लाख 50 हजार की सहायता राशि भेंट की। भामाशाह महेश मनोहरलाल व्यास ने 11 हजार, पेंटर नानेश प्रजापत ने 11 हजार, गिरिराज सोनी ने 11 हजार, संजय प्रजापत ने 11 हजार, गोवर्धन वैष्णव ने 5100, हरिओम व्यास ने 5100, हरीश विजयवर्गीय ने 5100, किशनलाल व्यास ने 5 हजार, गणेशलाल जाट ने 5100, कमला देवी ने 3100, संजय व्यास ने 2100 रुपए लॉकडाउन के दौरान गायों के रचके और गोशाला में हो रहे टीनशेड निर्माण के लिए दिए। भरत जाट ने बताया कि गोशाला में करीब 150 गाय के खाखला और चारा के लिए 3 लाख रुपयों की लागत से 40 गुणा 60 का टीनशेड का निर्माण, गायाें के पीने के पानी के लिए प्याऊ का निर्माण किया जा रहा है।



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Bhamashahs assisted Rs 1.50 lakh in Goshala




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भामाशाहों ने गोशाला में दी 1.50 लाख की सहायता

श्री तुलसी गोशाला में क्षेत्र के भामाशाहों ने 1 लाख 50 हजार की सहायता राशि भेंट की। महेश मनोहरलाल व्यास, पेंटर नानेश प्रजापत, गिरिराज सोनी, संजय प्रजापत ने क्रमश: 11-11 हजार, गोवर्धन वैष्णव, हरिओम व्यास, हरीश विजयवर्गीय, गणेशलाल जाट ने क्रमश: 5100-5100, किशनलाल व्यास ने 5 हजार, कमला देवी ने 3100, संजय व्यास ने 2100 रुपए लॉकडाउन के दौरान गायों के रजके और गोशाला में हो रहे टीनशेड निर्माण के लिए दिए। भरत जाट ने बताया कि 150 गाय के खाखला और चारा के लिए 3 लाख रुपयों की लागत से 40 गुणा 60 का टीनशेड का निर्माण, गायाें के पीने के पानी के लिए प्याऊ का निर्माण किया जा रहा है।



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Bhamashahs help 1.50 lakh in Goshala




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हथकढ़ शराब बनाते एक युवक गिरफ्तार, दूसरा फरार, पुलिस ने 1500 लीटर वाश नष्ट किया

क्षेत्र में अवैध हथकढ़ शराब बनाने के उपकरण के साथ एक अाराेपी काे गिरफ्तार किया, जबकि एक फरार हाे गया। पुलिस ने इस दाैरान 1500 लीटर देसी महुए की वाश को नष्ट किया। थानाधिकारी मुकेश खटीक ने बताया कि अवैध कच्ची शराब की धरपकड़ का अभियान के तहत डीएसपी कुंभलगढ़ नरपत सिंह के दिशा-निर्देशन में उनके नेतृत्व में लगातार दूसरे दिन एक टीम बनाई। आमेट के समीप आइडाणा ग्राम पंचायत के बांडा गांव में प्रेम सिंह पुत्र जय सिंह सोलंकी निवासी बांडा अपने खेत पर सत्तू पुत्र गणेश भील निवासी काबरा मंगरा के साथ भट्टी लगाकर गुड़, महुए की शराब बना रहे थे।

टीम के पहुंचने पर मौके से दोनों ने भागने का प्रयास किया, जिसमें पुलिस टीम ने सत्तू भील को पकड़ लिया, जबकि प्रेम सिंह भाग गया। पुलिस ने मौके से 5 लीटर शराब जब्त की अाैर 1500 लीटर वाश, 25 मटके, दो प्लास्टिक के केन में भरी महुए की वाश नष्ट कर आरोपी सत्तू को आमेट थाने लेकर आए। टीम में एसआई निसार खान, हेड कांस्टेबल अशोक कुमार अंबालाल, कांस्टेबल कुलदीप, गोविंद, संजय, जयनारायण शामिल थे।



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जीरण में दस गांवों के 50 युवाओं ने प्रवासी लोगों के आने सूचना की जिम्मेदारी संभाली

प्रवासी लोगों के आने सूचना की जिम्मेदारी युवाओं ने संभाल रखी है। सरपंच चन्द्रभान सिंह चूंडावत ने बताया कि प्रत्येक राजस्व गांव में 50 युवा अपने-अपने गांव में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसी बदौलत टेगी में गुजरात से आए प्रवासी लोगों को बस स्टैंड से सीधे देवगढ़ सीएचसी ले गए। स्क्रीनिंग के बाद मुख्यालय पर क्वारेंटाइन किया। 10 प्रवासी लोगों को स्कूल में शिफ्ट किया। टेगी में दो महिलाओं को होम आइसोलेशन पर रखा। सरपंच ने बताया कि सोमवार से 18 मई तक क्वारेंटाइन व्यक्तियों के लिए भोजन का मेन्यू अलग-अलग तैयार किया। इसी प्रकार से राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल विजयपुरा के क्वारेंटाइन केन्द्र में आने वाले लोगों के लिए व्यापार मंडल कामलीघाट ने भाेजन व्यवस्था की जिम्मेदारी ली। विजयपुरा ग्राम पंचायत के बाहर से आने वाले लोगों को विजयपुरा स्कूल में रखा गया। यहां कामलीघाट व्यापार मंडल ने भोजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी ली।



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जावद भोजनशाला से रोजाना 450 जरूरतमंदों को भोजन पहुंचा रहे हैं कार्यकर्ता

डेढ़ महीने से जावद में स्थापित भोजनशाला का संचालन में स्थानीय कार्यकर्ता सेवा कार्य में जुटे हुए है। करीब 450 लोगों को यहां से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां से मेहता मगरी छात्रावास, जावद, धोइंदा के आसपास, पलेवा मगरी, बांडियानाला क्षेत्र में भोजन पहुंचाया जा रहा है।

स्थानीय दानदाताओं के सहयोग से भोजनशाला संचालित है। नगर परिषद सभापति सुरेश पालीवाल, तुलसीराम पालीवाल, दिलीप, महेश पालीवाल, राजेश, नरेश पालीवाल, दिनेश पालीवाल, रमेश पालीवाल, लोकेश, दुर्गाशंकर, राजाबाबू, नारायण पालीवाल, रमेश लोहार, मोतीलाल कुमावत, राजू पालीवाल, रणजीत पालीवाल, अशोक, योगेश, अजय, तरूण, मोहन पालीवाल, लक्ष्मीनारायण पालीवाल, नितेश, हंसमुख, नानालाल, पवन राजपूत, बंटी राजपूत आदि कार्यकर्ता नियमित सेवा में मुस्तैद है।



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Workers are supplying food to 450 needy people daily from Javad Khanshala




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प्रवासियों को ठहराने में जुटा प्रशासन, 500 प्रवासी आ चुके चारभुजा

तहसील क्षेत्र के प्रवासियों का बाहरी राज्यों से आने का क्रम जारी है। प्रवासियों की संख्या को देखते हुए प्रशासन इनके ठहराव के लिए मुस्तैदी से जुट गया है। प्रवासियों के लिए समाजसेवी भी आगे आए हैं। चारभुजा के तहसीलदार पर्वतसिंह राठौड़ ने बताया कि वोराठ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष देवीलाल कोठारी ने नोजीबाई खिमराज कोठारी झीलवाड़ा हॉल मुम्बई मलूंड ने अपनी माता की स्मृति में हिमाचलसूरी में क्वारेंटान सेंटर में ठहरे 80 प्रवासियों के लिए 14 दिनों तक का सम्पूर्ण खर्चा वह किया जाएगा, जिसके लिए संस्था ने 85 हजार की आर्थिक मदद की है। महाराष्ट्र से गुरुवार को 110 प्रवासी चारभुजा पहुंचे। अब तक तीन दिनों में प्रवासियों की संख्या 500 तक पहुंच गई है। कस्बे के चारों क्वारैंटाइन सेंटर माहेश्वरी सेवा सदन, अंजली पैलेस, पूर्णिमा गेस्ट, हिमाचल सूरी धर्मशाला प्रवासियों से पूरी भरने के बाद अब चारभुजा स्थित महाश्रमण विहार में 110 प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाकर रखा गया।



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