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टीवी की आदत छोड़ने को शुरू की स्केटिंग, 6 साल में जीते 50 मेडल

लुधियाना. शहर के खिलाड़ियों में टैलेंट की कमी नहीं है। बस जरूरत है, उसे पहचान कर तराशने की। इनमें से एक शहर के 16 साल का गुरकीरत सिंह संधू हैं। गुरकीरत यूकेजी में थे, जब पेरेंट्स ने उन्हें टीवी से दूर रखने के लिए स्केटिंग शुरू करवाई। धीरे-धीरे स्केटिंग उसका पैशन बन गया। इससे गुरकीरत का हुनर सबके सामने आया और 6 सालों में जिला और राज्य स्तर पर कराई गई प्रतियोगिताओं में लगातार मेडल जीते और 50 से अधिक मेडल अपने नाम किए।


इसमें अधिकतर गोल्ड मेडल हैं। लगातार गोल्ड लाने वाले गुरकीरत भी गोल्डन बॉय से कम नहीं है। छह साल लगातार प्रयास के बाद पहली बार गुरकीरत ने रोलर स्केटिंग फेडरेशन ऑफइंडिया की ओर से विशाखापटनम में करवाई गई 57वीं नेशनल जूनियर गेम्स में हिस्सा लेकर 100 मीटर रोड रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इससे पहले भी गुरकीरत नेशनल गेम्स में भाग ले चुका है, परंतु हर बार चौथे स्थान पर ही सिमट कर रह जाता था। वह टीम इंडिया के लिए पुणे में मई में होने वाले ट्रायल में हिस्सा लेगा। अगर वह ट्रायल क्लियर कर लेता है तो कोलंबिया में वर्ल्ड चैंपियनशिप होगी, उसमें भाग लेगा। गुरकीरत के मुताबिक वह आर्मी में जाना चाहता है।


आरएसएफआई-एसजीएफआई के इवेंट में जीते मेडल
गुरकीरत की माता शरणजोत कौर ने बताया कि वह डीएवी स्कूल पक्खोवाल में टीचर है। गुरकीरत भी इसी स्कूल में 10वीं का छात्र है। वह पढ़ाई के साथ खेलों में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। चार साल की उम्र में जेएस धालीवाल के पास स्केटिंग की प्रैक्टिस करता था। मगर अब वह नगेंद्र सिंह नेगी के पास ट्रेनिंग ले रहा है। साथ ही जुगाद दीप भी पिछले डेढ़ साल से गुरकीरत को ट्रेनिंग दे रहे हैं। रोलर स्केटिंग फेडरेशन ऑ इंडिया (आरएसएफआई) और स्कूल गेम फेडरेशन ऑ इंडिया (एसजीएफआई) की ओर से होने वाले सभी इवेंट में गुरकीरत ने हिस्सा लिया और मेडल हासिल किए।


ये हैं उपलब्धियां

गुरकीरत ने एसजीएफआई की अंडर-11 की जिला स्तरीय गेम्स में पहली बार खेलते हुए गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद लगातार कई मेडल जीते। 2019 में आरएसएफआई की ओर से अक्टूबर में स्टेट स्केटिंग चैंपियनशिप करवाई गई। इसमें गुरकीरत ने 100 मी. रोड रेस में गोल्ड, 500 मी. वन लैप रोड में गोल्ड मेडल, 500 मीटर रिंक रेस में गोल्ड, 1000 मी. रिंक में गोल्ड मेडल जीता।

एसजीएफआई की ओर से दिसंबर में संगरूर में हुई स्टेट चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर 500 मीटर रोड वन लैप में गोल्ड, 3 किमी. रोड रेस में गोल्ड, 1000 मीटर रिंक रेस में गोल्ड मेडल जीता। 2018 में अमृतसर में हुई स्टेट प्रतियोगिता में 15 किलो मीटर रोड एलिमिनेशन और 10 किलो मीटर रोड पॉइंट टू पॉइंट में गोल्ड मेडल हासिल किया। जबकि इन्हीं इवेंट में डिस्ट्रिक्ट में भी गोल्ड मेडल जीता।



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गुरकीरत सिंह संधू ने 16 साल की उम्र में ही कई मेडल हासिल कर लिए हैं।




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1500 पशुओं को ट्रॉलियों में चढ़ाकर शहर की सड़कों पर उतरे किसान, छोड़कर चलते बने

लुधियाना. लुधियाना में गुरुवार को किसानों का एक समूह 1500 पशुओं के साथ शहर की सड़कों पर नजर आए। किसानों के इस प्रदर्शन की अगुआई भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल पंजाब के प्रधान अजमेर सिंह लक्खोवाल कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार व प्रशासन काउ सेस लेने के बाद भी बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान ढूंढने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। समराला व जगराओं की तरफ से लाए गए सभी पशुओं को प्रशासन ने ग्लाडा ग्राउंड में भेज दिया। इसमें से कुछ पशुओं को प्रशासन ने गोशालाओं में भेज दिया लेकिन कुछ पशु ग्लाडा ग्राउंड में ही छोड़ दिए।

गुरुवार को जिले के अलग-अलग किसान संगठनों ने बेसहारा पशुओं को लेकर प्रदर्शन किया। किसान ट्रॉलियों में बेसहारा पशुओं को साथ लेकर पहुंचे। हालांकि पुलिस ने पहले इन किसानों को रामगढ़ मोड़ पर ही रोक दिया, लेकिन कुछ देर के बाद इन किसानों ने आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। इसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों को दोबारा फ‍िर पुलिस ने वर्धमान चौक पर रोक दिया है। किसानों ने वर्धमान चौक पर सरकार व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया व नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि बेसहारा पशुओं को डीसी दफ्तर में डीसी के हवाले करेंगे। काफी देर तक सड़क पर एक तरफ किसान प्रदर्शन करते रहे, वहीं दूसरी तरफ ट्रैफिक चलता रहा।

पहले ही दी गई थी चेतावनी

इन किसान संगठनों ने प्रदर्शन को लेकर पहले की चेतावनी दे दी थी। भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल पंजाब के महासचिव हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने कहा था कि छह फरवरी को डीसी कार्यालय में बेसहारा पशुओं को छोड़ा जाएगा। सरकार व प्रशासन काउ सेस लेने के बाद भी बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान ढूंढऩे में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। बेसहारा पशु लगातार किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं और दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। इसके बाद भी सरकार सोई हुई है।

एक दिन पहले कैबिनेट मंत्री के आवास के बाहर दिया था धरना

किसानों ने इससे पहले बुधवार को कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ उनके निवास के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था। किसानों ने मांगों को लेकर कैबिनेट मंत्री के घर के बाहर जमकर नारेबाजी की थी। किसानों ने आरोप लगाया था कि पंजाब सरकार ने चुनावों के समय कई वादे किए थे, लेकिन सत्ता हासिल करने के बाद किसानों के साथ किए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया है। किसानों को कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है और न ही मांगों को लेकर कहीं पर भी सुनवाई हो रही है।



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लुधियाना में किसानों के प्रदर्शन में ट्रॅालियों में चढ़ाकर लाए गए बेसहारा पशु।
लुधियाना के वर्धमान चौक पर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते किसान।
किसानों से शहर की सड़कों पर ऐसे निकाला मार्च।




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बुड्ढा नाले की दशा सुधारने को 650 करोड़ रुपए का प्रावधान, सतलुज में कम होगा प्रदूषण

लुधियाना. बुड्ढा नाले की दशा सुधारने के लिए पंजाब सरकार ने बजट में 650 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। बुड्ढा नाले की दशा सुधारने से सतलुज दरिया में बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिलेगी। इससे न केवल पंजाब बल्कि राजस्थान के लोगों को भी फायदा मिलेगा। इसका असर हरिके हेड वैटलैंड में भी दिखाई देगा। सतलुज दरिया का पानी साफ होने के साथ दरिया के आसपास के हिस्सों के जमीनी पानी में भी हैवीमेटल की अधिकता भी कम होगी। इसी महीने पंजाब मंत्रिमंडल ने बुड्ढा नाले की साफ-सफाई के लिए 650 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी।


सतलुज दरिया के प्रदूषण में लुधियाना के बुड़ढा नाले का अहम योगदान है। इस नाले में लुधियाना शहर का पूरा गंदा पानी गिरने के साथ फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त मलवा व डेयरियों का मलबा गिरता है, जो आगे जाकर सतलुज दरिया में मिलता है, जिससे सतलुज दरिया का पानी काला दिखाई पडऩे के साथ हैवीमेटलयुक्त होता है।अगले नाले की हालत सुधरेगी और नाले में ट्रीटमेंट में होकर साफ पानी गिरेगा, तो दारिया का भी प्रदूषण कम होगा, जिसका फायदा सतलुज के पानी का सेवन करने वाले पंजाब व राजस्थान के लोगों को भी मिलेगा।


नगर निगम के पास है सफाई का जिम्मा
इस तरह बुड्ढा दरिया नगर निगम के क्षेत्र में 14 किलोमीटर तक बहता है। दरिया के इस हिस्से की सफाई का जिम्मा सीधे तौर पर नगर निगम के पास है। नगर निगम पिछले साल तक दरिया की सफाई के लिए सिंचाई विभाग को फंड देता था और उसके बाद सिंचाई विभाग दरिया की सफाई करवाता था। दरिया की सफाई पर प्रति साल एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च की जाती रही है। इस बार नगर निगम ने अपनी मशीनरी उतारी है इस बार निगम ने अपनी मशीनरी दरिया के किनारे उतारी और खुद ही सफाई शुरू करवा दी थी।



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लुधियाना व आसपास के लिए खतरा बना बुड्‌ढा दरिया।




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गौशालाओं और डेयरियों में पड़े हैं 250 मृत पशु, 5 लोगों के खिलाफ 11 करोड़ जुर्माने का नाेटिस

लुधियाना.शहरवासियों के लिए एक नया वायरस बीमारी के तौर पर बनने वाला है और यह वायरस भयंकर बीमारियों को भी न्योता देगा। दरअसल मामला ये है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से सतलुज दरिया को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए बनाई गई कमेटी के रिटायर्ड जस्टिस और टीम के चेयरमैन जसवीर सिंह गत दिनों शहर में बुड्ढा दरिया को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयत्नों का जायजा लेने पहुंचे थे।

इस दौरान उन्होंने सतलुज दरिया किनारे बने बूचड़खाने को देखा और वहां पर पाया कि बूचड़खाने में मांस की कटाई के बाद उसका रॉ मेटेरियल यानी पूरी गंदगी सतलुज दरिया में बहाई जा रही थी। इसे देखते हुए कमेटी के चेयरमैन ने एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार वहां पर मरे हुए पशुओं को लेकर जाने वाले 5 लोगों पर 11 करोड़ रुपए का एनवायरमेंट कंपनसेशन चार्ज लगाने के आदेश जारी किए। इसी के तहत पीपीसीबी की तरफ से उन 5 लोगों को नोटिस भी भेज दिए गए हैं।


निगम ने नहीं बनाया अभी तक कारकस प्लांट

पाले जा रहे पशुओं का मरने के बाद प्रबंध करने के लिए कारकस प्लांट लगाने का प्रपोजल 10 सालों से लटका हुआ था, लेकिन जब शहर स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल हुआ तो नगर निगम ने इस प्लांट को बनाने की डोर स्मार्ट सिटी के हाथों में थमा दी, हुआ यही लंबे इंतजार के बाद अब सिंधवा बेट में 5 एकड़ की जमीन पर करीब 8 करोड़ की लागत से नया कारकस प्लॉट लगाने का काम शुरू किया गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि पिछले कई वर्षों से बूचड़खाने दरिया के किनारे चल रहे थे जिनका सारा गंद कई सालों से दरिया में बह रहा था। इस पर जिम्मेदार महकमे में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम लापरवाह रहा।

मरे हुए पशु उठाने वालेकृष्ण लाल

हमने कई बार मेयर से मुलाकात भी की है और हड्डा रोड़ी की जगह दूसरी जगह मुहैया कराने या प्लांट लगाकर देने को कहा गया है। ऐसे में अब केंद्र सरकार की तरफ से जो उन पर जुर्माना किया गया है।

पीपीसीबी के सीनियर इनवायरमेंट इंजीनियरसंदीप बहल

एनजीटी के आदेश के तहत हमने नोटिस जारी किया है। इसकी भरपाई की करवाई जाएगी जबकि बूचड़खाने में मृत पशुओं को ले जाने की मनाही है। बाकी प्लांट लगाने की जिम्मेदारी लोकल बॉडीज डिपार्टमेंट की है।

बिगड़ने लगे हैं हालात

पीपीसीबी की तरफ से करोड़ों रुपए के नोटिस जारी होने के उपरांत अब नतीजा सामने आने लगा है कि जो लोग शहर की करीब 400 डेयरी और शहर के गौशालाओं से मरे हुए पशुओं को उठाकर लेकर जाते थे, उन्होंने उठाना बंद कर दिया है। गौशालाओं में 30 के करीब और डेयरियों में 200 से ज्यादा बछड़े और बड़े पशु मृत पड़े हैं।



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प्रतीकात्मक फोटो।




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80 हजार का भाड़ा, डेढ़ लाख के टायर और 50 हजार से अधिक का सामान बेचकर फरार हो गया ट्रक ड्राइवर, तलाश में जुटी पुलिस

लुधियाना.एक ट्रक ड्राइवरट्रांसपोर्ट मालिक को लाखों का चूना लगाकर फरार हो गया।आरोपी ने 80 हजार का भाड़ा,डेढ़ लाख के टायर और 50 हजार से अधिकका अन्य सामान बेच दिया।पुलिस ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित राजकोट गोल्डन लॉजेस्टिक के मैनेजर शाम शर्मा की शिकायत पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया। एएसआई रणजीत सिंह ने बताया कि आरोपियों की पहचान तरनतारन के गांव मनण झबाल निवासी सरबजीत सिंह और लुधियाना निवासी क्लीनर लाडी के रूप में हुई है।

शिकायतकर्ता ने बताया कि ट्रक चलाने के लिए उसने सरबजीत सिंह को ड्राइवर रखा हुआ था। लाडी उसके साथ क्लीनर का काम करता था। आरोपित 22 फरवरी को लुधियाना से कठुआ (जम्मू) के लिए सामान लोड करके गए। वहां से वे गुजरात के मुंद्रा पोर्ट के लिए एक्सपोर्ट के धागे का कंटेनर लोड करके निकल गए। लुधियाना से कठुआ और कठुआ से मुंद्रा तक का किराया सीधा ट्रांसपोर्ट के अकाउंट में आता है।


मुंद्रा से गाड़ी खाली करने के बाद आरोपी ने ट्रक लुधियाना के लिए लोड कर ली, जिसका किराया 80 हजार रुपए बनता है। 9 मार्च की रात ट्रक खाली करने के बाद वो उसे दफ्तर के बाहर खड़ा करके बिना बताए चले गए। अगली सुबह जब शाम शर्मा ने चेक किया तो ट्रक में एक महीना पहले लगवाए डेढ़ लाख कीमत के टायर गायब थे। उनकी जगह किसी कबाड़ी से हजार-दो हजार में खरीदकर बेकार टायर लगा दिए गए थे। ट्रक में पड़ा लोहे का चैन, जैक, बेल्ट व अन्य कीमती सामान गायब था। रणजीत सिंह ने कहा कि आरोपियों की तलाश में उनके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।



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प्रतीकात्मक तस्वीर।




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पुलिस की मदद को सड़क पर उतरे 500 ट्रैफिक मार्शल, लोगों से हाथ जोड़ बोले, प्लीज घर बैठो...

लुधियाना .जनता कर्फ्यू के दौरान रविवार को लुधियाना पुलिस ने बंद को सफल बनाने में ट्रैफिक मार्शल्स की मदद ली। इसके तहत 500 मार्शल शहर के 70 चौकों और इलाकों में कमान संभाली और लोगों को घर रहने के लिए जागरूक किया। वहीं, कुछ लोगों के साथ मामूली कहासुनी भी हुई, लेकिन 90 फीसदी लोगों को पुलिस ने घरों में भेज दिया। जिन 10 फीसदी लोगों को जाने दिया गया वो एमरजेंसी केस थे। जानकारी के मुताबिक कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मुलाजिमों की जरूरत थी, लिहाजा ट्रैफिक मार्शल्स से संपर्क किया गया तो उन्होंने साथ देने की बात कही।

रविवार रात ही पुलिस द्वारा मार्शल्स को उनकी ड्यूटी समझा दी गई थी, जिसके बाद सुबह 7 बजे से सभी अपनी ड्यूटी पर तैनात मिले। पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने बताया कि ट्रैफिक मार्शल्स की मदद भी कर्फ्यू में ली गई है। उन्हें लोगों से डील करने की जानकारी है, क्योंकि वो सड़क पर ही रहते हैं। बाकी काफी अच्छी तरह से वो ड्यूटी निभा रहे हैं।

सेफ्टी किट के साथ एक चौक में 7 से 8 मार्शल्स किए तैनात

हर एक चौक में 7 से 8 मार्शल्स को तैनात किया गया। जिन्हें उनकी सेफ्टी के लिए मास्क और सेनेटाइजर दिए गए, ताकि वो खुद को भी सेनेटाइज करते रहे। इसके अलावा उनके खाने-पीने का इंतजाम भी चौक में ही किया गया। उन्हें कुछ एक्स्ट्रा मास्क और सेनेटाइजर भी दिए गए ताकि अगर कोई सड़क पर आता है और उसने मास्क नहीं पहना तो उन्हें मास्क दे सकें। अपनी हर एक्टिविटी को वो पुलिस द्वारा मार्शल्स ग्रुप में शेयर कर रहे थे। ताकि सीपी को पता चलता रहे कि वो क्या काम कर रहें है। इसमें सीपी ने उन्हें लिखा, कीप ईट अप एंड थैंकू।

महिला कर्मीभी मुस्तैद

मार्शल्स के साथ-साथ मुलाजिमों को भी चौकों में उनके साथ लगाया गया। जिसमें महिला मुलाजिमों का अहम योगदान रहा। उनका काम सिक्योरिटी के सिस्टम को सैट करने के साथ-साथ वो आफिशियल वाट्सएप ग्रुप में नाकों और पुलिस मुलाजिमों की चौकसी की तस्वीरों को भेजने का काम महिला मुलाजिमों के हवाले ही रहा। वहीं, इस बंद के दौरान बहुत से लोग सड़कों पर नजर आए, जिन्हें पुलिस ने हाथ जोड़कर कहा, बाई जी प्लीज घर बैठो, सड़कां ते ना घुम्मो।



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जनता कर्फ्यू के दौरान रविवार को लुधियाना पुलिस ने बंद को सफल बनाने में ट्रैफिक मार्शल्स की मदद ली।




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गांव में घुसने से रोका तो युवक पहले यहां-वहां थूकने लगा, फिर 50 फीट ऊंचे बिजली के खंभे पर चढ़ा, 3 घंटे बाद नीचे गिरा

खन्ना के गांव भमद्दी के एंट्री प्वाइंट पर प्रवासी को जाने से रोका तो वह थूकने लगा। लोगों ने पकड़ने की कोशिश की तो वह भागकर 50 फुट ऊंची बिजली की हाईपावर एक्सटेंशन खंभेपर चढ़ गया। जिस खंभे पर वह चढ़ा वह लाइन चालू नहीं थी। कोरोना संदिग्ध मान पुलिस व सेहत विभाग को सूचना दी गई।तीन घंटे तक चले ड्रामे में जब वह व्यक्ति नीचे नहीं उतरा तो बिजली विभाग के दो कर्मचारी पीपीई किट पहनाकर खंभे पर चढ़े। यूपी के सहारनपुर का यह युवक अपनी पैंट के जरिये तारों पर आगे बढ़ने लगा, पर गिर गया।

युवक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला बताया जा रहा है। इस बारे मेंडीएसपी राजन परमिंदर सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को नीचे उतरने के लिए काफी अपील की, लेकिन जब वह नीचे नहीं उतरा तो बिजली निगम के कर्मियों को पीपीई किट पहनाकर ऊपर भेजा गया।


उसे नीचे उतारे जाने की कोशिशों के बीच वह अपनी पैंट के सहारे तारों पर चलने लग गया, लेकिन इसी दौरान संतुलन बिगड़ा और वह नीचे गिर गया। गनीमत रही कि नीचे खेत में गिरा, नहीं तो जान भी जा सकती थी। उधर इस बारे में सेहत विभाग की रैपिड कोविड टीम के अधिकारी हरविंदर कौर ने बताया कि उसे लुधियाना सिविल अस्पताल भेज दिया है जहां उसके सैंपल लिए जाएंगे।



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पैंट के सहारे बिली की हाई वोल्टेज तारों पर चलता युवक, जो बाद में नीचे गिर गया।




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कई दिन वेंटिलेटर पर रहे लुधियाना के एसीपी अनिल कोहली ने दम तोड़ा, सरकार उनके परिवार को 50 लाख का मुआवजा देगी

पंजाब के लुधियाना में शनिवार को कोरोना संक्रमित असिस्टेंट कमिश्नर (एसीपी)अनिल कोहली की मौत हो गई। 52 साल के कोहली 6 अप्रैल से हॉस्पिटल में एडमिट थे। कुछ दिन पहले हालत गंभीर हुई तो उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। शनिवार को उन्हें प्लाजमा दिया जाना था। हालांकि, ये दिया गया या नहीं। इस बारे मेंसिविल सर्जन ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। कोराेना संक्रमण से यह राज्य में 16वीं मौत है।इससे पहलेकानूनगो गुरमेल सिंह की भी जान चली गई थी।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एसीपी अनिल कोहली और कानूनगो गुरमेल सिंह के परिवार को 50-50 लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया है। सरकार ने कहा है कि कोरोना ड्यूटी के दौरान किसी अफसर या कर्मचारी की संक्रमण से मौत होती है तो उसके परिवार को 50 लाख का मुआवजा देगी।

पहले निगेटिव आई थी रिपोर्ट

एसीपी कोहली में संक्रमण के लक्षण देखे गए थे। 9 अप्रैल को उनका टेस्ट हुआ। रिपोर्ट निगेटिव आई। हालत में सुधार नहीं हुआ तो दूसरा सैंपल लिया गया। इसकी जांच पटियाला में हुई। 13 अप्रैल को आई रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई। अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि कोहली कैसे संक्रमित हुए। उनकीहिस्ट्री ट्रेस नहीं की जा सकी है।संपर्क में आने वाले चार लोग पॉजिटिव मिले हैं। शुक्रवार को उनकी पत्नी,ड्राइवर और एक महिला सब इंस्पेक्टर और उनकेड्राइवर को भी पॉजिटिव पाया गया।

सभी संक्रमित अब अस्पताल में

स्वास्थ्य विभाग नेथाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर, एसीपी के गनमैन, एसीपी की पत्नी, एसएचओ के ड्राइवर को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया है।महिला सब इंस्पेक्टर लुधियाना की निवासी हैं। उनके परिवार केसदस्यों की भी जांच की जा रही है। गनमैन फिरोजपुर के एक गांव का रहने वाला है। माता-पिता, पत्नी और डेढ़ साल का बेटा है। इनका भी चेकअप किया जा रहा है।सिविल सर्जन ने कहा कि स्वास्थ्यविभाग की टीम सभी पॉजिटिव मरीजों की हिस्ट्री और लिंक चेक कर रही हैं।

लुधियाना में 16 संक्रमित

लुधियाना जिले में अब तक संक्रमण के16 मामले सामने आ चुके हैं। तीन की मौत हो चुकी है। एसीपी से पहलेदो महिलाओं की संक्रमण से मौत हुई थी।



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लुधियाना के एसीपी नॉर्थ अनिल कोहली। वह 6 अप्रैल से हॉस्पिटल में भर्ती थे। 13 अप्रैल को उनकी दूसरी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। (फाइल)




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निगम ने प्रवासियाें काे रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए लगाईं 150 टीमें-बसें

रेलवे स्टेशन से राेज ट्रेनें प्रवासियों काे लेकर जाएंगी। इसके लिए निगम ने लोगों काे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए शेड्यूल तैयार किया है। इसके मुताबिक हर ट्रेन में 1200 से 1500 यात्रियों काे रवाना किया जाएगा। लोगों काे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए प्लान तैयार कर 150 टीमें बनाई गई हैं। यात्रियों काे स्टेशन पर लेकर जाने के लिए 150 बसें लगाई जाएंगी। एक टीम के जिम्मे एक बस रहेगी। हर बस में कुल 5 मुलाजिम तैनात रहेंगे। इनमें एक मुलाजिम निगम, 2 पुलिस और दाे मुलाजिम रोडवेज महकमे के हाेंगे। एक बस में 30 लोगों काे लाने की जिम्मेदारी हाेगी।
ग्रुप वाइज काम करेंगी टीमें:

  • पहले ग्रुप में 50 बसाें की जिम्मेदारी रहेगी। इसके इंचार्ज जसदेव सेखाें हैं। दूसरे ग्रुप की 50 बसाें के इंचार्ज तेजिंदरपाल सिंह पंछी होंगे व तीसरे ग्रुप की 50 बसाें के इंचार्ज हरपाल सिंह निमाणा हाेंगे।
  • प्रति बस में सवारियों की सूची थाना वाइज आईएएस सागर सेतिया द्वारा जॉइंट कमिश्नर स्वाति टिवाणा काे दी जाएगी। सूचना के मुताबिक यात्रियों काे ट्रेन की तारीख, समय, किराया, बस कहां से चलेगी, इस बारे में बताया जाएगा। प्रवासियों को पास फाेन में रखने होंगे।
  • डीसीपी अश्वनी कपूर जगह अंकित करेंगे, जहां पर बसाें ने सवारियां लेने जाना है।
  • टीम लीडर 30 यात्रियों की सूची मुताबिक उनसे फाेन पर तालमेल कर ट्रेन तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होंगे और ट्रेन के समय से 4 घंटे पहले तालमेल किया जाना जरूरी है।
  • बस काे सवारियां चढ़ाने से पहले और बाद में सेनेटाइज किया जाना जरूरी है।
  • हर बस के पास, हेल्थ वर्कर, वॉलंटियर मुहैया कराए जाएंगे। उनके पास थर्मल स्कैनर होंगे।
  • सभी बसें बस स्टैंड से चलेंगी व निगम मुलाजिम ट्रेन के चलने से 5 घंटे पहले रिपोर्ट करेंगे।

पलायन को 5.10 लाख ने कराई रजिस्ट्रेशन

डीसी प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि जिले से 5.10 लाख लोग अपने राज्यों में लौटने के लिए पंजाब सरकार की वेबसाइट पर अप्लाई कर चुके हैं। जिन लोगों ने दूसरे राज्यों में जाने के लिए आवेदन किया है, वाे अपनी बारी इंतजार करें। प्रशासन के भेजे मैसेज के मुताबिक ही जाने की तैयारी करें। इसके अलावा लौटने के इच्छुक लोग वेबसाइट www.covidhelp.punjab.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। यह सुविधा कोवा एप पर भी उपलब्ध है। अब असम सरकार ने भी अपने लोगों को वापस बुलाने के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। इच्छुक 7428159966 पर कॉल कर सकते हैं।

इस पर उसे 48 घंटों में लिंक मिलेगा, जिसे वह खोलकर देख सकता है जानकारी भर सकते हैं। इसके अलावा assamtransportrelief@gmail.com पर भी विवरण भेज सकते हैं। वहीं, केरल से संबंधित व्यक्ति registernorkaroots.org, तमिलनाडु से संबंधित tnepass.tnega.org पर संपर्क कर सकते हैं। वहीं, बिहार ने अपने नागरिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए www.aapda.bih.nic.in स्थापित की है। इस पर आवेदन कर बिहार सरकार अपने लोगों के खातों में प्रति व्यक्ति 1000 रुपए भेज रही है। वहीं, लुधियाना स्टेशन से मंगलवार रात को चलने वाली गाड़ी बुधवार को 12:50 पर प्रयागराज पहुंचेगी।



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Corporation set up 150 teams-buses for migrants to reach railway station




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17500 मीट्रिक टन गेहूं खरीद करने का है लक्ष्य 17 दिन में मात्र 50 मीट्रिक टन की ही हुई खरीदारी

पैक्सों द्वारा गेहूं की खरीदारी कर नकद भुगतान नहीं किए जाने से किसान कम दाम पर बाहर गेहूं बेच रहे हैं। साथ ही 250 टन की गेहूं खरीद की बाध्यता के कारण भी पैक्स गेहूं की खरीददारी नहीं कर रहे हैं। साथ हीं पैक्सों पर किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं होने के कारण स्थिति और विकट हो गई है।
इसकी वजह से 17 दिन बीतने के बाद मात्र अभी तक जिला में 50 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद ही हो सकी है। जबकि 17 जुलाई तक 17500 मिट्रिक टन खरीददारी का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक मात्र दो पैक्स ने हीं गेहूं की खरीदारी शुरू की है। जबकि जिले में 175 पैक्स व व्यापार मंडल को गेहूं अधिप्राप्ति करने का निर्देश दिया गया है। किसानों से 1925 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं की खरीद करनी है। एक किसान अधिकतम 150 क्विंटल गेहूं व गैर रैयत किसान 50 क्विंटल गेहूं बेच सकता हैं। सरकार के निर्देश के अनुसार गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से लेकर 15 जुलाई तक करनी है। प् जिले को इस बार 17500 मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य मिला है। जबकि अभी तक मात्र 50 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी हुई है। सरकार की ओर से चालू रबी मौसम के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1925 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। पैक्सों व व्यापार मंडल के माध्यम से उक्त दर पर ही किसानों से खरीद की जानी है। सरकार का उद्देश्य किसानों को उनके अनाज की अधिप्राप्ति कर बिचौलियों की मनमानी से बचाना तथा सरकारी खाद्यान्न
योजनाओं के लिए भंडारण की स्थिति को मजबूत करना है। किसानों को गेहूं की बिक्री से पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है।

अभी तक 361 किसानों ने दिया आवेदन
बताया जाता है कि अभी तक 361 किसानों ने गेहूं की खरीद के लिए आवेदन दिया है। इसमें व्यापार मंडल के लिए 65 व पैक्स के लिए 296 है। गेहूं अधिप्राप्ति के लिए 118 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। जबकि 243 आवेदन सत्यापित नहीं हुआ है। वहीं 5 आवेदन को तकनीकी कारण से रद्द किया गया है। जबकि मात्र 16 किसानों से 54 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है।

गेहूं अधिप्राप्ति के लिए सभी पैक्स व व्यापार मंडल को निर्देश दिया गया है। सभी को लक्ष्य के अनुसार खरीदारी करनी है। खरीदारी नहीं करने वाले पैक्स व व्यापार मंडल पर कार्रवाई की जाएगी।
- नयन प्रकाश, जिला सहकारिता पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण



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कोटा से लौटे 350 छात्रों ने सुनाई आपबीती : दिन तो किसी तरह कट जाता था, लेकिन रात होते ही बहुत रोते थे कि अब क्या होगा

लॉकडाउन में फंसे कोटा से गुरुवार को सीतामढ़ी पहंुचे 350 विद्यार्थियों ने परिवार के सदस्यों से मिलकर आपबीती बताई। छात्रों ने बताया कि लॉकडाउन में कोटा का इंस्टीच्यूट जब बंद हो गया और भोजन पानी की संकट सामने आई, तो महसूस होने लगा कि किसी भी व्यक्ति के लिए घर कितना जरूरी होता है। परिवार के सदस्यों भूमिका की लकीर मन मस्तिष्क में छाया था। दिन तो किसी तरह कट जाता था लेकिन, रात को बहुत रोते थे। अब क्या होगा। क्या परिवार के सदस्यों से मिले बगैर ही कोई अनहोनी का शिकार तो नहीं हो जाएंगे। इस तरह के कई विचार मन में उथल-पुथल मचाता था। बेलाही गांव निवासी संजय कुमार सिंह के पुत्र सिद्धांर्थ व दिव्यांग ने कोटा स्पेशल ट्रेन से मुजफ्फरपुर तक पहुंचाया गया। लेकिन, मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ी। किसी भी प्रकार बुधवार की देर रात बस से सीतामढ़ी लाया गया। कहा कि वह कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी करता था। घर पहुंचते ही पहले धरती माता को प्रणाम करते हुए ईश्वर को शुक्रिया किया। गहरी सांस लेते हुए कहा-सही सलामत घर तक पहुंच गए। परिवार के सदस्यों से कहा- लॉकडाउन में जब इंस्टीच्यूट बंद हो गया तो कुछ दिन घर में रहकर ही बिताया। लेकिन, जब भोजन पानी की समस्या हुई तो घर की याद आने लगी। गोशाला निवासी धर्मेंद्र कुमार के पुत्र विकास कुमार, मुकेंद्र साह के पुत्र शिवम कुमार व उदय साह के पुत्र रोहित कुमार ने कहा- घर वापसी के लिए हर किसी से पैरवी किया करते थे। जब लौटने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आया तो शांत होकर मन को दिलाश दिया करते थे। भोजन पानी की समस्या तो थी लेकिन, मन विचलित होता था। फिर परिवार के सदस्यों से मोबाइल पर बात किया करते थे। मां-पिता फोन पर हर रोज दिलासा दे रहे थे कि अब बहुत जल्द घर वापसी की व्यवस्था कर रहे है। लेकिन हर रोज निराश होते थे। पिताजी से अधिक बात इसलिए शेयर नहीं करते थे कि परिवार के सदस्य को अनावश्यक चिंता नहीं हो।



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कोटा से सीतामढ़ी आने के बाद अपने घर को बाहर खड़े होकर प्रणाम करते छात्र।




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तेलंगाना के लिंगमपल्ली से 1250 प्रवासियों को ले श्रमिक ट्रेन पहुंची बांका, की गई लोगों की स्क्रीनिंग

लॉकडाउन के दौरान तेलंगाना राज्य के लिंगमपल्ली से जिले के 1250 श्रमिकों/व्यक्तियों को लेकर विशेष श्रमिक ट्रेन गुरुवार को अपराह्न 5.15 बजे बांका जक्शन पहुंची। सभी श्रमिको/व्यक्तियों का स्टेशन पर पंजीकरण एवं मेडिकल जांच कराने के पश्चात बस से उनके संबंधित प्रखंड के क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया। विशेष रेलगाड़ी से आए लोगों को बांका जंक्शन पर सुरक्षित उतारने एवं क्वारेंटाइन सेंटर में भेजने हेतु स्टेशन परिसर में दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी/पुलिस बल की प्रतिनियुक्त थे। इधर बांका डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि शुक्रवार को भी एक स्पेशल ट्रेन प्रवासियों को लेकर तेलंगाना से बांका आएगी। जिनकी स्क्रीनिंग कर क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा।
लिंगमपल्ली से विशेष श्रमिक रेलगाड़ी द्वारा आनेवाले व्यक्तियों को स्टेशन के मेनगेट से संबंधित प्रखंड के लिए चिन्ह्ति बसों में भी बैठाने की व्यवस्था दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों ने की। इधर गुरुवार अपराह्न 3 बजे डीएम एवं एसपी अरविंद कुमार गुप्ता द्वारा बांका जंक्शन पर स्थित दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी, मेडिकल टीम को संयुक्त ब्रिफ्रिंग में दायित्व पूरा करने का निर्देश दिया।
दोनों वरीय पदाधिकारी ने कहा कि सभी अपने कर्तव्य का निष्ठा के साथ पालन करेंगे। रेलगाड़ी से आने वाले किसी भी मजदूरों को परेशानी न हो। इसके अलावे सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रूपेण पालन किया जायेगा।
जंक्शन पर की गई थी नाश्ते और पेयजल की व्यवस्था
रेलगाड़ी से आने वाले मजदूरों के लिए रजिस्ट्रेशन काउन्टर, सैनिटाइजर, मास्क, पीने का पानी, अल्पाहार देने का काउन्टर अलग-अलग बनाया गया था। जिले के प्रवासी श्रमिकों के विशेष ट्रेन द्वारा बांका जिला में आगमन के पश्चात स्क्रीनिंग/मेडिकल जांच हेतु आवश्यक संख्या में मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति सभी चिकित्सीय उपकरणों के साथ बांका जंक्शन पर की गयी थी। सभी बसों एवं वाहनों के सेनेटाईजेशन हेतु सभी आवश्यक व्यवस्था करायी गयी थी। इसके अलावा श्रमिकों के लिए अल्पाहार एवं पेयजल की व्यवस्था की गई थी।

प्रवासी का किया गया रजिस्ट्रेशन और स्क्रीनिंग
बांका जक्शन पर ट्रेन पहुंचने के पश्चात सभी श्रमिकों को कतारबद्ध कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी प्रवासी का रजिस्ट्रेशन किया गया एवं सभी का स्क्रीनिंग किया गया। इसके आलावे प्रवासी लोगों को अल्पाहार, पानी, मास्क का वितरण करते हुए संबंधित प्रखंड के क्वारेंटाइन सेन्टर के लिए संबंधित प्रखंड के लिए निर्धारित बसों से रवाना किया गया। प्रखंड क्वारेंटाइन सेन्टर में 21 दिन रखने के बाद प्रवासी में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं पाये जाने पर उन्हें अपने घरों के लिए भेज दिया जाएगा। बांका जिले के 11 प्रखंडों के लिए कुल 50 बस की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गयी थी।
बंगलाैर से पहुंचे 81 मजदूर काे किया गया क्वारेंटाइन
कटोरिया
| देश के विभिन्न प्रदेश से कटोरिया क्षेत्र में प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को बंगलौर से 81 मजदूर, छात्र व अन्य प्रवासी लोगों कटोरिया पहुंचे। गुरुवार को संध्या पांच बजे तक कोरेनटाइन सेंटरों पर प्रवासियों की संख्या कुल 137 थी। जिसमें से एक सौ को कटोरिया हाई स्कूल व 37 बाजार के सुईया रोड स्थित कांवरिया धर्मशाला में बनाये गए कोरेनटाइन सेंटर में रखा गया है। इधर प्रवासियों के लिए कटोरिया में प्रशासन द्वारा दुरुस्त व्यवस्था की गई है। कटोरिया इंटरस्तरीय उच्च विद्यालय स्थित कोरेंटाइन सेंटर में मजिस्ट्रेट के के साथ-साथ रेफरल अस्पताल की चिकित्सा टीम तैनात है। केंद्र पर वार्ड में बेड के बीच पर्याप्त दूरी रखी गई है। इधर कांवरिया धर्मशाला स्थित सेंटर पर व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी लोगों को भेजा गया क्वारेंटाइन
बांका जिला के विभिन्न प्रखंडों के प्रवासी मजदूरों को लेकर आयी स्पेशल ट्रेन से उतरते ही सभी लाेगों का थर्मल स्क्रीनिंग किया गया। ट्रेन के स्टेशन पर रूकते ही सभी यात्रियों को कोच में ही रहने का निर्देश दिया गया। सभी लोगों को एक-एक कर गोल घेरे में रखकर उनका स्क्रीनिंग किया गया। जिसके बाद सभी लोगों को संबंधित प्रखंड के गाड़ी में बैठाकर क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया। जिला प्रशासन ने सभी लोगों को संबंधित प्रखंड के क्वारेंटाइन सेंटर में पहुंचाने के लिए 50 गाड़ियों की व्यवस्था की गयी थी। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी लोगों को बस में बैठाकर क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया।
बिना किराया लिए ही प्रवासी मजदूरों को भेजा गृह जिला
जिले के कुल 1248 लोग तेलांगाना से ट्रेन के माध्यम से बांका जंक्शन पहुंचे। प्रवासी मजदूरों ने बताया कि उनसे बिना किराये लिये ही यहां तह पहुंचाया गया। शंभूगंज व अमरपुर के प्रवासी मजदूर ने बताया कि वह बुधवार को सुबह 6 बजे सिकंदराबाद स्टेशन से ट्रेन में चढ़े। जहां उन्हें चावल दाल खाने में दिया गया। रास्ते में खाना पीना का भी व्यवस्था की गयी थी। लेकिन दूसरे दिन उन्हें आसनसोल में सुबह 6 बजे बिस्कुट, पाव रोटी नाश्ते में दिया गया। जिसके बाद पूरा दिन उन्हें कुछ खाने में नहीं दिया गया।



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थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रखंड के लिए जाते प्रवासी।
प्रवासी के बाद निकलने के बाद जायजा लेते एसपी व डीएम।




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मनरेगा के तहत काम में प्रथम फेज में 500 मजदूरों को काम

सभी पंचायतों में मनरेगा के तहत काम शुरू होगया है।प्रथम फेज में500मजदूर लगाए गए हैं। पाइन की खुदाई एवं निजी पोखर की खुदाई का काम हो रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है। सभी मजदूरों को मास्क दिया गया है।मास्क लगाकर ही मजदूर काम कर रहे हैं।बीडीओराकेश कुमार ने बताया कि राजगीर प्रखंड के सभी पंचायतों में मनरेगा के तहत काम शुरू करदिया गया है। 500मजदूरों को लगाया है।

प्रतिदिन194 रुपयाके हिसाब सेभुगतान किया जायेगा।प्रत्येक सप्ताहमजदूरों केखाते में राशिभेजदी जाएगी। उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेश से आने वाले मजदूरों का भी सर्वे किया जा रहा है। अब उनका मेडिकल प्रक्रिया होने के बाद इच्छुक होंगे तो मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा।



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500 laborers in first phase of work under MNREGA




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डीएम ने 150 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को बांटे फेस सील, ड्यूटी के दौरान लगाने का निर्देश

जिलाधिकारी कुमार रवि और एसपी उपेंद्र शर्मा ने 150 ट्रैफिक पुलिस को फेस सील दिया और ड्यूटी के दौरान इसे लगाने को कहा है। कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को फेस सील बांटा गया है।

डीएम का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस सड़क पर लोगों के बीच अपना काम कर रहे हैं। यहां संक्रमण के खतरे की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। इसी को लेकर संक्रमण से बचाव के लिए विशेष प्रकार का फेस सील उपलब्ध कराया गया है। बता दें कि आईटीआई द्वारा 50 और जिला प्रशासन द्वारा 100 फेस सील तैयार किया गया है।



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ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को फेस सील देते पटना के डीएम कुमार रवि।




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तेलंगाना से 1250 प्रवासी मजदूरों को लेकर छपरा पहुंची स्पेशल ट्रेन, डीएम-एसपी ने किया स्वागत

तेलंगाना से 1250 प्रवासी मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को छपरा पहुंची। स्टेशन पर डीएम और एसपी ने मजदूरों का स्वागत किया। सभी लोगों के बैग सैनिटाइज करने के बाद उन्हें प्लेटफॉर्म से बाहर लगाया गया जहां उनकी स्क्रीनिंग की गई। सभी को नाश्ते का पैकेट और पानी का बोतल दिया गया।

वापस लौटने वालों में छपरा के 263 लोगों के अलावा मधुबनी के 723 और सीवान के 264 लोग शामिल हैं। दूसरे जिलों के लोगों को बस से उनके घर भेजा गया जहां वे 21 दिनों तक क्वारैंटाइन सेंटर में रहेंगे।

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया ने कि सभी लोगों को उनके गृह जिले में भेजा जा रहा है। सभी को 21 दिन सेंटर में रहना होगा। सेंटर में लोगों को किट दिए जाएंगे। लोगों को सुबह में नाश्ता और दो बार भोजन दिया जाएगा। क्वारैंटाइन सेंटर में मनोरंजन के लिए टीवी भी लगाया गया है। लोगों को स्वस्थ रखने के लिए सुबह-शाम योग कराया जा रहा है।



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सभी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए प्लेटफॉर्म से बाहर लाया गया।




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4500 लाभार्थियाें को खाते में पहुंची 1 हजार की प्रोत्साहन राशि

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर इस व्यक्त पूरा देश त्रस्त है। जिसके वजह से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा सभी लाभार्थियाें तीन माह का अनाज एवं अप्रैल मई एवं जून में इन लाभार्थी के खाते में 1 हजार रुपया प्रत्येक महीने लाभार्थी के खाते में राज्य सरकार द्वारा भेजना था। नगर पंचायत में कुल 55 सौ लाभार्थी हैं। जिसमे लगभग 43 सौ लाभार्थियाें के खाते में प्रथम किस्त की राशि भेज दी गई है। जिनके खाते में अभी प्रथम क़िस्त की राशि नहीं गई है।

उनका खाता आधार से लिंक नहीं होने से उसका पैसा नहीं जा पाया है। जिसको नगर पंचायत द्वारा इसको खाता एवं आधार का लिंक कराने के लिये मांगा गया है। इसके बाद उनके खाते में प्रोत्साहन राशि के रूप में एक हजार रुपया भेजा जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए नगर कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि जिन लाभार्थी के खाता आधार से लिंक है उनको खाते में राज्य सरकार द्वारा राशि भेजी जा रही है।
जिनका लिंक उसकी सूची बना कर उनको आधार लिंक खाता की मांग की गई है। उनको जांच करा सभी को अपलोड कर दिया गया है। बहुत जल्द ही उनके भी खाते में यह राशि भेज दी जाएगी। नोखा नगर पंचायत के 15 वार्ड में लगभग 12 सौ लाभार्थियाें का खाता आधार से लिंक नही है। इन सभी का कागजात आधार से लिंक वाला खाता की मांग की गई है।सभी विकास मित्र को यह निर्देश दिया गया है और उनको वैसे लाभार्थी की सूची भी दी गई है। ताकि यह कार्य को जल्द पूरा किया जा सके।
212 लोगों को नया राशन कार्ड बनाने के लिये आए हैं आवेदन: नगर पंचायत में लगभग 212 लोगों को नया राशन कार्ड बनाने के लिये आवेदन कार्यालय में प्राप्त हुए हैं। जिसको जांच करा कर बहुत जल्द ही उनको कार्ड मुहैया कराया जाएगा। ताकि उन लाभार्थी को भी इसका लाभ मिल सके।



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150 जरूरतमंदों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण

प्रखंड के बरियारपुर उत्तरी पंचायत अंतर्गत बरियारपुर बस्ती गांव में पासवान परिवार की ओर से डेढ़ सौ गरीब लोगों को चिह्नित कर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया गया। खाद्यान्न वितरण का नेतृत्व कर रहे आशीष कुमार, विनोद कुमार, विवेक कुमार, दीपक कुमार, प्रिंस कुमार, विकास, चंदन, विक्रम, विशाल, कुंदन, धर्मवीर, बीरबल आदि ने बताया कि लॉक डाउन के कारण गरीबों के समक्ष विकट परिस्थिति को देखते हुए पासवान परिवार द्वारा खाद्यान्न सामग्री वितरण का निर्णय लिया गया। चिन्हित डेढ़ सौ गरीबों के बीच 5 किलो चावल, 3 किलो आटा, 2 किलो आलू, 1 किलो प्याज, 1 किलो नमक, आधा किलो सरसों तेल, सर्फ, साबुन, मास्क, सैनिटाइजर आदि का वितरण किया गया।



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गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध कराते।




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कोरोना संक्रमित आवास सहायक के संपर्क चेन में 50 से ज्यादा लाेग शामिल, सहकर्मियों में हड़कंप

कोराेना संक्रमित आवास सहायक के संपर्क चेन में 50 ज्यादा लोगों को शामिल होने की संभावना है। प्रशासन द्वारा उसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। लेकिन इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। आवास सहायक मदनपुर प्रखंड के दधपी गांव का रहने वाला है। लेकिन वह रफीगंज में आवास सहायक के रूप में कार्यरत है। इसलिए उसके संपर्क चेन में मदनपुर से लेकर रफीगंज तक में शामिल हैं। मदनपुर में परिवार समेत 25 से 30 लोग शामिल हैं। जबकि रफीगंज में भी इतने ही लोगों को शामिल होने की बात कही जा रही है। लेकिन रफीगंज में उसका संपर्क चेन बड़ा हो सकता है।

सूत्रों के अनुसार कोरोना पॉजिटिव रफीगंज का आवास सहायक 23 अप्रैल को बलिगांव गांव में संक्रमित हुआ। वह बलिगांव के संक्रमित युवक के संपर्क में आया था। वह वहां राहत सामग्री वितरण व अन्य ड्यूटी कार्य में लगा था। लेकिन उसकी तबीयत बिल्कुल ठीक थी। लिहाजा उसे शक नहीं हुआ। जब बलिगांव का युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो तत्काल उसका संपर्क चेन खंगाला गया। जिसमें आवास सहायक भी शामिल था।

औपचारिकता के लिए उसकी भी जांच करायी गई। जब जांच रिपोर्ट आया तो सभी चौंक गए। लेकिन इस दौरान वह छह दिनों तक ड्यूटी किया। 28 अप्रैल तक वह लगातार ड्यूटी किया है। मंगलवार को आयोजित आवास सहायकों के आयोजित मीटिंग में शामिल हुआ था। इस दौरान वह कई लोगों के संपर्क में आया होगा। इसलिए उसका संपर्क चेन मदनपुर के तुलना में रफीगंज में बड़ा हो सकता है। उसके संपर्क चेन को तत्काल होम क्वॉरेंटाइन करना चाहिए।

ऑफिस के बाबू से लेकर सहकर्मियों मेंहड़कंप, हर कोई चाहता हमारी जांच हो
नाम न छापने के शर्त पर एक आवास सहायक ने बताया कि ऑफिस के बाबू से लेकर सारे सहकर्मियों में भय का माहौल है। वह ड्यूटी के दौरान रोजाना एक बाबू को रिपोर्ट सौंपता था। वह बहुत डरे हुए हैं। वहीं उसके साथ समय बिताने वाले सहकर्मी भी चिंतित हैं। उनका लिस्ट बना है या नहीं, लेकिन वह खुद को उस लिस्ट में मानते हुए अपने घरों में खुद को परिवार से अलग कर समय गुजार रहे हैं। खाना-पीना सभी अलग थाली, ग्लास में कर रहे हैं। उनके इस हरकत से घर के लोगों में भी चिंता है। लेकिन वे घबराए हुए नहीं हैं। सभी सहकर्मियों को भरोसा है कोरोना से सिर्फ जांच हो जाए, बाकी नतीजा से हम नहीं डर रहे।

27 प्रवासियों की जांच रिपोर्ट आयी निगेटिव
डीपीएम डॉ. कुमार मनोज ने बताया कि शुक्रवार को 27 प्रवासी मजदूराें का जांच रिपोर्ट निगेटिव आया है। लगातार निगेटिव रिपोर्ट आ रही है। 97 फीसदी से ज्यादा जांच रिपोर्ट निगेटिव है। अब तक 11 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। शुक्रवार को 52 प्रवासियों का सैम्पल जांच के लिए पटना भेजा गया है।
बोले डीएम
समाज के सभी लोगों को कोरोना के प्रति सावधान होकर सावधानी व एहतियात बरतनी चाहिए। आपकी सावधानी से ही कोरोना हारेगा और हम जीतेंगे। मरीज यहां तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। यह अच्छी बात है।
सौरभ जोरवाल, डीएम



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More than 50 people involved in contact chain of Corona-infected housing assistant, stirring up colleagues




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आलमनगर प्रखंड में 13500 हेक्टेयर में मक्के की फसल हुई है नष्ट : डीएओ

प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित कृषि भवन में रबी मौसम अप्रैल माह में असमय वर्षा आंधी ओलावृष्टि के कारण प्रभावित रवि फसलों को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषि सलाहकारों के साथ बैठक कर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने कृषि सलाहकारों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि ऑनलाइन फॉर्म भरने के 20 दिन के अंदर आपको फॉर्म का सत्यापन एवं भौतिक सत्यापन कर फॉर्म को एक्सेप्ट या रद्द करना है। 20 दिन के भीतर अगर आपने किसानों के द्वारा भरे गए फॉर्म को लेकर रिपोर्ट नहीं किए तो आपकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लग जाएगा। उन्होंने बताया कि यह योजना मधेपुरा सहित 19 जिलों के चिन्हित प्रखंडों के लिए मान्य है। बताया कि आलमनगर प्रखंड से कुल 13500 प्रति हेक्टेयर मक्के की फसल के क्षति की रिपोर्ट गई है। मक्के की फसल के क्षतिग्रस्त के सत्यापन में फोटो की आवश्यकता नहीं है। जिनके पास मोबाइल की सुविधा है वह घर पर ही रहकर आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान रबी मौसम के फरवरी एवं मार्च माह में फसल क्षति के लिए आवेदन कर चुके हैं तो कृपया अप्रैल माह में हुए फसल क्षति के लिए आवेदन नहीं करें। इस अवसर पर प्रमुख धर्मेंद्र कुमार मंडल, प्रखंड कृषि पदाधिकारी रवि लाल मुखिया व राजेश्वर राय ने भी कई बिंदुओं पर अपने सुझाव दिए। मौके पर प्रखंड को-ऑर्डिनेटर ओमप्रकाश आदित्य, अवधेश कुमार, किसान सलाहकार सुनील कुमार, सत्यदेव पंडित व नवीन कुमार सहित अन्य भी थे।



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शुक्रवार को क्षतिग्रस्त फसल का मुआयना करते डीएओ व अन्य।




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कोलकाता से लौट रहा कोरियंधा का युवक कोरोना पॉजिटिव 1250 प्रवासी कामगारों को लेकर तेलंगाना से पहुंची विशेष ट्रेन

जिले में कोरोना का एक और मरीज शुक्रवार को मिला। मरीज की उम्र 38 वर्ष है। इसके साथ ही जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। शुक्रवार को मिला कोरोना का पांचवां मरीज बांका थाना क्षेत्र के कोरियंधा गांव का रहने वाला है। उक्त मरीज अपने पिता के साथ कोलकाता में रहता था। कुछ दिनों पहले उसके पिता की कोलकाता में मौत हुई थी।
जिसके बाद वह कोलकाता से कार रिजर्व कर भागलपुर आया, जहां 6 मई को मोजाहिदपुर थाना पुलिस ने जांच के क्रम में उसे रोका। उसकी तबियत खराब देख उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया और सैंपल जांच को भेजा। जांच के बाद 8 जून को उसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव मिली। हालांकि जिले के राहत की बात यह है कि उक्त युवक बांका नहीं आया था। फिलहाल उसका इलाज मायागंज में किया जा रहा है।
दूसरी ओर शुक्रवार शाम श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1250 प्रवासी कामगारों को लेकर तेलंगाना से बांका पहुंची। जहां सभी को जांच के बाद प्रखंड में क्वारेंटाइन करने के लिये बस से भेज दिया गया। इस दौरान बांका के डीएम सुहर्ष भगत और एसपी अरविन्द कुमार गुप्ता उपस्थित थे।लिंगमपल्ली से आई इस विशेष रेलगाड़ी से आने वाले सभी व्यक्तियों का बांका जंक्शन पर जिला प्रशासन की कड़ी निगरानी में स्वास्थ्य कर्मियों ने थर्मल स्क्रीनिंग की उसके बाद प्रखंड में बने क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया।
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद क्वारेंटाइन सेंटर भेजा
एक-एक व्यक्ति को स्टेशन परिसर में बने गोल घेरे में खड़ा कर उनका थर्मल स्क्रीनिंग कराया गया। जिसके बाद पुलिस पदाधिकारी के साथ उन्हें बस तक ले जाया गया जहां से मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति कर उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया गया। माइकिंग के द्वारा सभी को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का भी हिदायत दिया गया। लिंगमपल्ली से आए 1250 लोगों को जिला प्रशासन द्वारा नाश्ता पानी भी दिया गया।
सभी प्रवासियों का किया गया रजिस्ट्रेशन
लगातार दूसरे दिन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से एक विशेष ट्रेन बांका जंक्शन पहुंची। 1250 लोग बांका जिले के अलावा अन्य जिलों के भी थे, जिन्हें संबंधित जिला भेज दिया गया। वही जितने भी लोग ट्रेन से पहुंचे उनका स्टेशन पर ही रजिस्ट्रेशन कराया गया। जिससे कि आने वाले दिनों में अगर कोई परेशानी होती है तो उनका ट्रैवल हिस्ट्री के माध्यम से जानकारी प्राप्त हो सके।
बेलहर का रेल कर्मी दूसरा कोरोना पॉजिटिव
इधर एम्बुलेंस में साथ चल रहे दूसरे युवक बेलहर के थे, जो मुंबई में रेलवे कर्मचारी हैं। प्रशासन ने बेलहर के विशनपुर गांव से युवक सहित उनके परिवार के छह सदस्य और चेन में आये लोगों को बांका में क्वारेंटाइन कर दिया। इन लोगों का सेंपल बांका से जांच के लिये पटना भेज दिया गया। जांच के बाद 24 अप्रैल को युवक का रिपोर्ट जहां पॉजिटिव पाया गया, वहीं उनके परिवार के छह सदस्यों सहित अन्य ग्रामीणों का रिपोर्ट निगेटिव पाया गया। जो यहां के लोगों के लिये एक राहत भरी खबर थी। हालांकि प्रशासन ने युवक का रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही बेलहर के बिशनपुर गांव को कन्टेंमेंट जोन घोषित करते हुए तीन किलोमीटर को सील किया गया था।

शंभूगंज की युवती छपरा में मिली थी पॉजिटिव
शंभूगंज की युवती छपरा में कोरोना पॉजिटिव मिली है। संदेह पर उसे छपरा इंजीनियरिंग कॉलेज में क्वारेंटाइन किया गया है और उसका सैंपल जांच के लिये भेजा गया था। मंगलवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शंभूगंज की 20 वर्षीय युवती के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद शंभूगंज ही नहीं, पूरे जिले में हड़कंप मच गया था लेकिन उसके बांका नहीं आने की सूचना पर लोगों ने राहत की सांस ली। युवती छपरा में सेल्स का काम करती थी। इस दौरान किसी काम से वह यूपी के देवरिया गयी थी। जहां से लौटने के बाद उसे छपरा में क्वारेंटाइन किया गया था।
महाराष्ट्र से बांका में हुई थी कोरोना की इंट्री
जिले में कोरोना का पहला केस महाराष्ट्र से आए युवक से आई थी। अमरपुर के मैनमा गांव की महिला की मुंबई में मौत हुई थी। 18 अप्रैल को मृत महिला के पुत्र के साथ एम्बुलेंस से चार व्यक्ति मुंबई से बांका के लिए चले थे। भागलपुर के विक्रमशिला पुल पर चिकित्सक ने थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान युवक को कोरोना के संदेह के आधार पर एम्बुलेंस से उतारकर मायागंज अस्पताल भेज दिया था। जहां युवक का मायागंज अस्पताल से सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया था। 22 अप्रैल को युवक का जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया। इस चेन से 70 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया था।



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श्रमिक ट्रेन से आए युवक की थर्मल स्क्रीनिंग करते स्वास्थ्य कर्मी।
स्टेशन पर जायजा लेते बांका के डीएम सुहर्ष भगत और एसपी अरविन्द कुमार गुप्ता।




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तेलंगाना से विशेष ट्रेन से छपरा आए 1250 प्रवासी 14 काउंटरों पर स्क्रीनिंग कर भेजा गया गृह जिला

लगातार दूसरे दिन श्रमिक स्पेशल ट्रेन छपरा जंक्शन पहुंची। कल सूरत से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन आयी थी और गुरुवार को तेलंगाना से आयी। सर्वप्रथम डीएम और एसपी के द्वारा ट्रेन की सबसे पिछली बोगी तक जाकर निकलने वाले सबसे पहले व्यक्ति का स्वागत किया गया। इसके बाद बारी-बारी से लोगों के उतरने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने अपने धैर्य का परिचय दिया और सभी प्रक्रियाओं का समुचित रूप से पालन किया।

प्लेटफार्म पर ही लोगों को और उनके बैग या थैले को सेनेटाइज किया गया। इसके लिए टीम लगी हुयी थी। प्लेटफार्म से बाहर निकलने पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी जिसके लिए 14 काउंटर बनाये गये थे और सभी काउंटर पर दो-दो प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी लगाये गये थे। इसके बाद सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए फूड पैकेट्स और पानी का बोतल दिया गया। बच्चों को अलग से बिस्किट, टाॅफी और कुरकुरे का पैकेट दिया गया उसके बाद लोगों को उनके गंतव्य के जिलों में बसों के माध्यम से भेज दिया गया।
इलाहाबाद से पहुंचे साइकिल से मिस्कारी टोला गाव के प्रवासी
बनियापुरप्रखंड के कन्हौली मनोहर पंचायत के मिस्कारी टोला गांव में 18 प्रवासी इलाहबाद से साइकिल से गांव पहुंचे जहां गांव वालों द्वारा हो हल्ला मचाने पर गांव के मदरसा को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है। जहां क्वारेंटाइन सेटर में प्रवासी मुन्ना मोहम्मद सहित सभी प्रवासियों ने बताया कि हम सभी इलाहबाद मेला में सदियों से बांसुरी बेचने के काम से जाते रहे है जहां लॉक डाउन के वजह से मेले में फंस गए।
जिसके बाद रहने खाने की समस्या विकट हो गयी। जहां तहां लम्बे लाक डाउन से स्थित दयनीय होने के बाद सइकिल से ही हम लोग 18 आदमी एक साथ घर के लिए रवाना हो गए। बनियापुर पहुंचने पर स्थानीय मुखिया के द्वारा थाना और अस्प्ताल भेजे गए। जहां जांचोपरांत प्रखंड क्वारें टाइन सेंटर भेजा गया।परन्तु पैदल और बिना रजिस्ट्रेशन के मजदूरों का व्यवस्था नहीं होने पर कहा गया कि गाव से दो सौ मीटर की दुरी पर आईसोलेट किए जाने को कहा गया।तब हम लोगो ने गांव के मदरसा को क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का फैसला किया जो गाव से अलग है। घर से खाना माँगकर खाते है।

फूलों से सजाया गया था स्टेशन
छपरा जंक्शन पर काफी अच्छी व्यवस्था की गयी थी। रेलवे स्टेशन को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया था। प्रवासी यात्री छपरा पहुंचकर काफी खुश दिखे। आगंतुकों के द्वारा यहां की गयी व्यवस्था को काफी अच्छा बताया गया।
सबसे अधिक मधुबनी के थे
छपरा आए 1250 लोगों में सबसे अधिक मधुबनी के 723, सीवान के 264 तथा सारण जिला के विभिन्न प्रखंडों के 263 व्यक्ति शामिल थे।
54 सैंपल जांच के लिए भेजा गया
डीएमने बताया कि बाहर से आये हुए प्रवासियों का 54 सैंपल जांच के लिए भेजा गया है तथा सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि क्वारेंटाइन कैंप में रह रहे एवं आने वाले प्रवासियों में सभी बुजुर्ग व्यक्तियों तथा इन्फ्लूएंजा के लक्षण वाले व्यक्तियों का सैंपल लेकर जांच करा ली जाए।

कौन-कौन दुकानें कब खुलेगी
डीएम ने बताया कि ऑटोमोबाईल्स, टायर एवं ट्यूब्स, लुब्रीकेन्ट की दुकान सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को, सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, गिट्टी सीमेंट ब्लाॅक, ईट, प्लास्टिक पाईप, हार्डवेयर, सैनिटरी फिटिंग, लोहा, पेंट, शटरिंग सामग्री की दुकाने 10ः00 से 1ः00 बजे तक प्रतिदिन, ऑटोमोबाईल, स्पेयर पाटर्स की दुकानें 9ः00 बजे से 2ः00 बजे तक केवल सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को, गैरेज, साईकिल, मोटर साईकिल मरम्मत एवं वर्कशॉप 9ः00 बजे से 2ः00 तक केवल सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को, इलेक्ट्रिक गुड्स पंखा, कुलर विक्रय व मरम्मत 3ः00 बजे से 6ः00 बजे तक केवल मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को, इलेक्ट्रिाॅनिक गुड्स-यथा, मोबाईल, कम्प्यूटर, लैपटाॅप, युपीएस एवं बैट्री की विक्रय एवं मरम्मत 3 बजे से 6 बजे तक केवल मंगलवार, गुरुवार, एवं शनिवार को, हाई सेक्युरिटी रजिस्ट्रेशन पलेट की दुकान 11 बजे से 2ः00 तक प्रति दिन खुलेगी लेकिन इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी, सारण से अनुमति प्राप्त कर जिला में केवल एक सेंटर खोला जाना है। प्रदूषण जांच केन्द्र 11 बजे से 2 बजे तक प्रतिदिन, सैलून, स्पा 7 बजे से 11ः00 बजे तक केवल रविवार, सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को दुकान खुलेगी।

सुबह-शाम कराया जाएगा योगाभ्यास: डीएम
इस अवसर पर मीडिया से वार्ता में डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि आये हुए सभी लोगों को उनके गृह जिला में भेजा जा रहा है जहाँ से उन्हें उनके गृह प्रखंड में बनाए गये क्वारें टाइन कैम्प में रखा जाएगा। सारण जिला में भी जो 263 लोग आज तेलंगाना से आये है उन्हें भी उनके गृह प्रखंड में बनाये गये क्वारेंटाइन कैम्प में भेजा जा रहा है। इस कैम्प में उन्हें 21 दिन रखा जाएगा। वहाँ सभी लोगों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें पहनने का कपड़ा, थाली-ग्लास, बाल्टी-मग, साबुन-सर्फ, ऐनक-कंघी, टूथपेस्ट-ब्रस आदि रहेगा। इन कैम्पों में सुबह में नाश्ता और दो बार का भोजन ससमय उपलब्ध कराया जाएगा। इन कैंप में मनोरंजन के लिए टेलीविजन (एलसीडी) भी लगाया गया है तथा सुबह-शाम योगाभ्यास भी कराया जा रहा है।



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1250 migrants who came to Chhapra by special train from Telangana were screened at 14 counters and sent home.




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खगड़िया,समस्तीपुर और पटना ट्रांजिट कैंप में 70 बसों से छोड़े गए 3500 प्रवासी मजदूर

दूसरे प्रदेशों से चलकर बिहार बार्डर पर पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों का कारवां लगातार बढ़ रहा है। उन्हें अलग-अलग जिलों में पहुंचाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी। ऐसे में राज्य सरकार के निर्देश पर अलग-अलग ट्रांजिट कैंप बना दिए गए हैं। इससे मजदूरों को उनके गृह जिला जाने सहुलियत हो गई है। बार्डर पर पहुंचे मजदूरों को स्क्रीनिंग के बाद अब उनके नजदीकी ट्रांजिट कैंप पर भेजा जा रहा है। वहीं से वे सरकारी बसों द्वारा अपने गृहजिला भेजे जाएंगे। शुक्रवार को दोपहर 2 बजे तक 70 बसों से 3500 लोग तीन ट्रांजिट कैंप के लिए विभिन्न रास्तों से रवाना किए गए। बिहार बार्डर से फोटो जर्नलिस्ट जफर असद के साथ गप्पु शाही की रिपोर्ट ......
दोपहर 2 बजे तक 3500 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हुआ, संदिग्ध को तत्काल क्वारेंटाइन किया जा रहा

  • चेकपोस्ट पर शुक्रवार सबसे ज्यादा भीड़ है। रजिस्ट्रेशन के लिए चल रहे 21 काउंटरों पर किसी को चाय पीने तक की फुर्सत नहीं है। यहां दोपहर 2 बजे तक 3500 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
  • दृश्य दो- बाॅर्डर पर सभी व्यवस्थाएं आज बदली हुई है। स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को खाना देकर तुरंत बसों से रवाना किया जा रहा है। घर जाने की जल्दी लाेग खाना छोड़ कर लालमी-खीरा से हलक तर करते दिखे।
  • दृश्य तीन - 70 बसें इन्हें ले जाने के लिए बारी-बारी से खुल रही है। एनएच-28 व एनएच-85 से बसों को रवाना किया जा रहा है। संदिग्ध पाए जाने वालों को यहीं पर तत्काल क्वारेंटाइन किया जा रहा है।

यहां से ट्रांजिट कैंप और वहां से गृह जिला
पहले प्रवासियों को उनके गृह जिले के लिए बलथरी चेक पोस्ट से बसें खोली जाती थी। इससे प्रशासन और प्रवासी मजदूरों को भी परेशानी उडानी पड़ती थी। संबंधित जिले की मजदूरों की संख्या कम होने पर उन्हें बस भरने तक रूकना पड़ता था। इससे उनकी बेचैनी ज्यादा बढ़ जाती थी। अब उन्हें ट्रांजिट कैंप तक ही छोड़ना है। वहां से स्थनीय प्रशासन की जिम्मेदारी है उनके गृह जिलों तक पहुंचाना।
स्क्रीनिंग के साथ दर्ज हो रही है सभी की ट्रैवल हिस्ट्री
बिहार बार्डर पर दूसरे प्रदेशों से आए सभी मजदूरों की स्कैनिंग हो रही है। उनकी ट्रेवल हिस्ट्री भी फार्मेट में दर्ज की जा रही है। पूरा व्योरा तैयार कर पीडीएफ बनाने के बाद उसे संबंधित ट्रांजिट कैंप व संबंधित जिला प्रशासन को मेल कर दिया जा रहा है। अब उन्हें वहां स्क्रीनिंग की जरूरत नहीं होगी। सीधे क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिए जाएंगे।



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3500 migrant laborers left from 70 buses at Khagadia, Samastipur and Patna transit camps




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मेसी और मैनचेस्टर सिटी के कोच गार्डियोला ने 8-8 करोड़ रुपए दिए, गांगुली 50 लाख रुपए के चावल दान करेंगे

खेल डेस्क. कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इससे लड़ने के लिए खेल जगत के कई लोगों ने अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं। अर्जेंटीना के स्टार फुटबॉलर लियोनल मेसी और मैनचेस्टर सिटी क्लब के कोच पेप गार्डियोला ने करीब 8-8 करोड़ रुपए दान दिए हैं। इनके अलावा पुर्तगाल के फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो और उनके एजेंट ने अस्पताल के लिए 8 करोड़ की कीमत के 3 इंटेनसिव केयर यूनिट डोनेट किए हैं।वहीं,भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली लॉकडाउन से प्रभावितों की मदद के लिए आगे आए हैं। गांगुली 50 लाख रुपए के चावल दान करेंगे।

बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने एक बयान जारी कर कहा- गांगुली लाल बाबा चावल कंपनी के साथ मिलकर उन जरूरतमंदों को चावल मुहैया कराएंगे, जिन्हें सुरक्षा कारणों से सरकारी स्कूलों में रखा गया है। कंपनी के मुताबिक, बीसीसीआई अध्यक्ष की इस पहल से दूसरों को भी जरूरतमंदों की मदद करने की प्रेरणा मिलेगी।

अस्पताल प्रबंधन ने मेसी का धन्यवाद किया
मेसी की दी हुई राशि को बार्सिलोना में अस्पताल, क्लीनिक और अन्य घरेलू स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन ने ट्वीट किया, ‘‘लियो मेसी ने क्लीनिक को कोरोनावायरस से लड़ने के लिए मदद की है। आपकी प्रतिबद्धता और मदद के लिए बहुत शुक्रिया, लियो।’’ वहीं, गॉर्डिओला ने एंजेल सोलर डेनियल फाउंडेशन और बार्सिलोना मेडिकल कॉलेज द्वारा लॉन्च किए गए कैम्पेन के लिए दान दिया है। गार्डियोला बार्सिलोना के पूर्व खिलाड़ी और मैनेजर हैं।

पुर्तगाल में अब तक 33 की मौत
रोनाल्डो और उनके एजेंट के दिए हुए 1 केयर यूनिट को पोर्तो के सांतो एंटोनियो अस्पताल और अन्य 2 यूनिट लिस्बन के सांता मारिया हॉस्पिटल में लगाए जाएंगे। पुर्तगाल में अब तक 2300 से ज्यादा मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जबकि 33 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्पेन में 11 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है
स्पेन इटली के बाद यूरोप में दूसरा महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। यहां एक दिन में 514 लोग मारे गए, जबकि 6600 लोग संक्रमित हुए हैं। स्पेन में लॉकडाउन 11 अप्रैल तक बढ़ाया जा सकता है। 14 मार्च को देश में 15 दिन तक लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई थी। यहां अब तक 42,058 लोग संक्रमित हुए हैं और 2,991 लोगों की जान गई है।

रोनाल्डो ने अपने 2 होटल को अस्पताल में बदला
रोनाल्डो ने पुर्तगाल के अपने दो होटल को अस्थाई अस्पताल में बदल दिया है। उन्होंने लिस्बन और फुंचाल के अपने दोनों सीआर7 होटल को अस्पताल में बदला है। यहां कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। साथ ही डॉक्टरों और नर्स को सैलरी भी उनका फाउंडेशन ही देगा। मरीज और मेडिकल स्टाफ के रहने, आने-जाने, खाने-पीने और दवाइयों का पूरा खर्च फाउंडेशन ही उठाएगा। रोनाल्डो के ये दोनों होटल फोर-स्टार हैं। लिस्बन के होटल में एक रात का किराया 18 हजार और फुंचाल के होटल में एक रात का किराया 15 हजार रुपए है।

दुनिया के 197 देश कोरोना की चपेट में

विश्व के 197 देश में बुधवार सुबह तक 18,887 लोगों की मौत हो चुकी है। 4 लाख 22 हजार 566 संक्रमित पाए गए हैं। कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर के 50 से ज्यादा देशों ने लॉकडाउन घोषित किया है। इस वजह से करीब 230 करोड़ से ज्यादा लोग घरों में कैद हो गए हैं।



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बंगाल क्रिकेट संघ ने कहा- गांगुली की इस पहल से दूसरों को भी जरूरतमंदों की मदद करने की प्रेरणा मिलेगी।
बार्सिलोना के लियोनल मेसी और युवेंटस फुटबॉल क्लब के स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो (दाएं)। -फाइल फोटो




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नडाल की अपील पर स्पेन में जुटाए 90 करोड़ रुपए; सचिन ने 50 लाख रुपए दान दिए, अंपायर अलीम डार बेरोजगारों को खाना खिला रहे

लंदन.जब कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में सभी प्रोफेशनल स्पोर्ट्स बंद हैं, तब कई खिलाड़ी और क्लब अपने-अपने स्तर पर मदद कर रहे हैं।स्पेन में गुरुवार तक 56 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। जिनमें 4000 से ज्यादा की मौत हो गई। ऐसे समय में देश के टेनिस स्टार राफेल नडाल आगे आए। उन्होंने एक वीडियो जारी कर देश के सभी एथलीट्स से दान देने और मदद करने की अपील की थी। इसके बाद महामारी से लड़ने के लिए 11 मिलियन यूरो(90 करोड़ रुपए) से ज्यादा जुटा लिए गए हैं। वहीं,पूर्व भारतीय क्रिकेटरसचिन तेंदुलकर ने कोरोना से लड़ने के लिए 50 लाख रुपए दान दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर में अंपायर आलीम डार बेरोजगारों को खाना खिला रहे हैं।

इंग्लैंड के कई क्रिकेटर्स ने अपने पब को रेस्तरां और ग्रॉसरी स्टोर में बदल दिया है। ये क्रिकेटर 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों को फ्री-डिलिवरी सर्विस भी दे रहे हैं। कुछ इंग्लिश क्लबों ने अपने स्टेडियम नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के लिए खोल दिए हैं। क्रिकेटर स्टुअर्टब्रॉड,अपर ब्रॉटन और हैरी गर्ने ने मेल्टन मोब्रे में अपने पब को ग्रॉसरी स्टोर में बदल दिया है। उन्होंने पब का रेस्तरां भी खोल दिया है, जहां से लोग खाना ले जा सकते हैं।

‘यह अपने लोगों की मदद करने का मौका है’

ब्रॉड कहते हैं, ‘इस कठिन समय में हमें अपने लोगों की मदद करने का मौका मिला है। हम बेहद सावधानी बरत रहे हैं।’ नेशनल हेल्थ सर्विस के लिए फुटबॉल क्लबों ने अपने स्टेडियम खोल दिए हैं। प्रीमियर लीग क्लब वाटफोर्ड के वाटफोर्ड जनरल हॉस्पिटल के पास स्थित स्टेडियम में हेल्थ सर्विस से जुड़े लोग, मरीज रह सकते हैं। उन्होंने चाइल्डकेयर सुविधाएं भी दी हैं। चेल्सी क्लब ने अपने मिलेनियम होटल में हॉस्पिटल स्टाफ को रहने की सुविधा दी है। लीग वन क्लब इप्सविच, रग्बी क्लब लीस्टर टाइगर्स, काउंटी टीम डरहम और केंट ने भी अपने स्टेडियम और मैदान देने की पेशकश की है।

मैक्ग्रेगोर ने 8 करोड़ रुपए दिए
ब्रिटेन के बॉक्सर आमिर खान भी मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने अपनी 60 हजार स्क्वैयर फीट की 4 मंजिला बिल्डिंग हेल्थ सर्विस और मरीजों को देने की पेशकश की है। मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट कोनोर मैक्ग्रेगोर ने हॉस्पिटल स्टाफ के लिए इक्विपमेंट खरीदने के लिए एक मिलियन यूरो (करीब 8 करोड़ रुपए) दिए हैं।

मरकाना स्टेडियम को अस्पताल में बदला

ब्राजील के मरकाना फुटबॉल स्टेडियम को अस्थाई तौर पर अस्पताल में बदल दिया गया है। यहां कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है। ब्राजील में गुरुवार तक 2900 से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आए हैं।

सिंधु ने 10 लाख रुपए डोनेट किए
वहीं, भारतीय बेडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के सीएम रिलीफ फंड में 5-5 लाख रुपए डोनेट किए हैं। टेनिस स्टार सानिया मिर्जा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मदद के लिए फंड रेजिंग कैंपेन शुरू कर रही हैं। इस बीच, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने सीएम रिलीफ फंड में 50 लाख रुपए का योगदान दिया है।



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स्पेन के टेनिस स्टार राफेल नडाल 19 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। -फाइल फोटो
बेडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए 10 लाख रुपए दान दिए हैं।




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विंबलडन रद्द होने के बावजूद 950 करोड़ रुपए मिलेंगे; बीसीसीआई ने कहा- बीमा का प्रावधान नहीं, भविष्य में ऐसा कर सकते हैं

कोरोनावायरस के कारण विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट का मौजूदा सीजन रद्द किया जा चुका है। इसके बाद भी आयोजकों को बीमा के तौर लगभग 950 करोड़ रुपए मिलेंगे। ऑल इंग्लैंड क्लब ने 2003 में सार्स महामारी के बाद अपनी बीमा पॉलिसी को अपडेट किया था। इसमें आतंकी हमले के अलावा महामारी को भी शामिल किया गया था। ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के रद्द होने से आयोजकों को लगभग 2400 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान होने का अनुमान है। विंबलडन के चीफ एक्जीक्यूटिव रिचर्ड लेविस ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि टूर्नामेंट का बीमा है। इससे काफी मदद मिलेगी। आयोजन में शामिल सभी लोग अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। टूर्नामेंट का आयोजन अब जून-जुलाई 2021 में किया जाएगा।

नियम जगह-जगह के हिसाब से बदलते रहते हैं
विंबलडन के बीमा के तौर पर पैसे मिलने के सवाल बीसीसीआई का कहना है कि नियम जगह-जगह के हिसाब से बदलते रहते हैं। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि विंबलडन की आईपीएल से तुलना करने से कई बातें ध्यान में रखनी चाहिए। यह देखने की जरूरत है कि भारतीय बाजार में महामारी के कारण कैंसिल होने जैसी कोई धारा है या नहीं। बीमा एक रीजन से दूसरे रीजन में बहुत अलग है। उन्होंने इंग्लिश फुटबॉलर के उदाहरण का हवाला दिया।

जैसे डेविड बेकहम ने अपने पैर का बीमा करवाया था, जबकि बीसीसीआई को भारत के कॉन्ट्रैक्ट पाने वाले खिलाड़ियों की सैलरी वेतन के नुकसान के लिए पॉलिसी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। मेरी जानकारी के अनुसार हमारे बाजार में ऐसा कुछ नहीं है। लेकिन कोरोनावायरस के कारण स्थिति में बदलाव आ सकता है। भविष्य में हम भी ऐसा कर सकते हैं। टी20 टूर्नामेंट अभी 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित है।

दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल फेडरेशन ने फीफा से कहा- जल्द बैठक करो
साउथ अमेरिकन फुटबॉल फेडरेशन के चीफ प्रमुख एलेजांद्रो डोमिंगुएज ने फीफा से जल्द बैठक करने को कहा है। इसमें कोरोनोवायरस के दौरान फुटबॉल क्लबों की मदद के लिए ग्लोबल फंड बनाने पर चर्चा होनी है। टूर्नामेंट रद्द होने से क्लबों को नुकसान हुआ है। इसके लिए हमने लगभग 570 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। फीफा ने कोरोनावायरस से सामने आई समस्या से निपटने के लिए वर्किंग ग्रुप भी बनाया है।



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विंबलडन के चीफ एक्जीक्यूटिव रिचर्ड लेविस ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि टूर्नामेंट का बीमा है। इससे काफी मदद मिलेगी। -फाइल फोटो




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बीमार पत्नी का इलाज नहीं करवा पा रहे धनबाद में फंसे क्रिकेटर नदीम, 350 से ज्यादा गरीब परिवारों को खाना खिला रहे

कोरोनावायरस के कारण विश्व की एक तिहाई से भी ज्यादा की आबादी अपने घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हो गई है। भारत में भी 21 दिन के लॉकडाउन को 19 दिन और बढ़ा दिया है। अब यह 3 मई तक चलेगा। इसके चलते भारतीय गेंदबाज शाहबाज नदीम अपनी बीमार पत्नी समन अख्तर का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। लॉकडाउन के कारण वे अपनी ससुराल झारखड के धनबाद में ही फंस गए हैं। नदीम यहां 350 से ज्यादा गरीब परिवारों को मुफ्त खाना खिला रहे हैं।

समन अख्तर 4-5 महीने से फैटी लीवर का इलाज करा रही हैं। उनके कुछ टेस्ट के लिए कोलकाता जाना था। मुजफ्फरपुर के रहने वाले नदीम की ससुराल धनबाद के पास स्थित झरिया में है। यहां उनकी पत्नी को बेहतर मेडिकल सुविधा नहीं मिल पा रही है।

झारखंड-बंगाल बार्डर से नदीम को लौटाया
नदीम ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘‘पत्नी के एमआरआई समेत कुछ जरूरी टेस्ट होने हैं। यहां धनबाद में भी पता किया, लेकिन ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी। बंगाल सरकार से भी मदद के लिए बात की, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। हाल ही में धनबाद जिला प्रशासन से अनुमति के बाद कोलकाता रवाना हो गए थे, लेकिन झारखंड-पश्चिम बंगाल बार्डर पर उन्हें रोक लिया गया।’’ धनबाद क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव और नदीम के बचपन के कोच एसए रहमान ने बताया, ''उन्हें बंगाल में घुसने नहीं दिया गया। उन्होंने पुलिसवालों से कहा कि उनकी पत्नी की तबीयत ठीक नहीं है, लेकिन किसी ने भी उनकी बात पर भरोसा नहीं किया।''

नदीम ने एकमात्र टेस्ट में 4 विकेट लिए
झारखंड की ओर से खेलने वाले मुजफ्फरपुर के नदीम ने भारतीय टीम के लिए एकमात्र टेस्ट खेला है। वे टेस्ट में डेब्यू करने वाले सबसे उम्रदराज और 296वें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। कप्तान विराट कोहली ने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के तीसरे टेस्ट में नदीम को मौका दिया था। इस एक टेस्ट की दोनों पारियों में नदीम ने 104 रन देकर 4 विकेट लिए थे। नदीम ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 117 मैचों में 443 विकेट लिए हैं।



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शाहबाज नदीम (दाएं) को कप्तान विराट कोहली ने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में मौका दिया था। इस एक टेस्ट की दोनों पारियों में नदीम ने 104 रन देकर 4 विकेट लिए थे।




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मैराडोना-पेले समेत 50 फुटबॉलर ने ताली बजाकर डॉक्टर और अन्य योद्धाओं का सम्मान किया, फीफा ने वीडियो जारी किया

कोरोनावायरस ने आज पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। कई डॉक्टर समेत अन्य लोग जो फ्रंटलाइन में आकर इस महामारी से लड़ रहे हैं। इन सभी के सम्मान में फुटबॉल जगत के मैराडोना, पेले और रोनाल्डो समेत 50 दिग्गजों ने ताली बजाई और सभी को धन्यवाद भी दिया। फेडरेशन इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) ने शनिवार को इसका एक वीडियो भी जारी किया है। इसी के साथ जान गंवाने वाले वॉरियर्स को श्रद्धांजलि भी दी।

फीफा ने लिखा, ‘‘दुनियाभर में चिकित्सा कर्मचारी और स्वयंसेवक हर दिन अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर मानव जाति की रक्षा कर रह हैं। ऐसे रियल लाइफ हीरोज के लिए अनंत तालियां।’’ 1 मिनट 25 सेंकड के वीडियो में पूर्व और मौजूदा खिलाड़ी नजर आए हैं। सबसे पहले इंग्लैंड के पूर्व फुटबॉलर डेविड बेकहम और उसके बाद स्पेन के सर्जियो रामोस, स्पेन को रोनाल्डो, ब्राजील के काका, अमेरिका की मार्टा, ब्राजील के काफू ताली बजाते हुए नजर आए। वीडियो में भारत के बाइचुंग भूटिया ने भी कोरोना वॉरियर्स के लिए तालियां बजाई।

‘दुख की बात है कि कई वॉरियर्स जान गंवा चुके’
डॉक्टरों का सम्मान करते हुए खिलाड़ियों ने कहा कि कई वॉरियर्स ने सेवा करने के लिए अपना जिंदगी तक गंवा दी। यह बड़े दुख की बात है। इनके अलावा कानून के रक्षक, मेडिकल समेत अन्य दुकानदार, डिस्ट्रीब्यूशन सर्विसेज के लोग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़े कर्मचारी और सुरक्षा के लिए काम में लगे लोग भी असली हीरो हैं। इन सभी वीरों के लिए फुटबॉल से जुड़ी इस संस्था ने धन्यवाद करते हुए उनका सपोर्ट करने के लिए कहा।



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भारत के फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया (बाएं ऊपर) समेत विश्व के 50 दिग्गज खिलाड़ियों ने ताली बजाकर कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया।




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फेडरर-नडाल के बीच 5 मिनट की चैटिंग में 50 हजार फैन्स जुड़े; रोजर ने पूछा- बाएं हाथ से क्यों खेलते हो, परेशानी होती है

कोरोनावायरस के कारण जहां एक ओर पूरी दुनिया में खेल गतिविधियां बंद हैं। दूसरी ओर, खिलाड़ी फैंस से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। टेनिस के सुपर स्टार रोजर फेडरर और राफेल नडाल ने इंस्टाग्राम लाइव किया। नडाल तो पहली बार इंस्टाग्राम लाइव कर रहे थे। उन्हें कई बार तकनीकी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। कॉल कनेक्ट होने पर फेडरर बोले- हमने कर दिखाया। नडाल का जवाब था- फाइनली... फिर दोनों देर तक हंसते रहे।

फेडरर ने कहा कि पता नहीं कितनी बार कोशिश की, तब ऐसा हो पाया है। रोजर फेडरर और नडाल ने एक-दूसरे की फिटनेस और प्रैक्टिस पर भी सवाल किए। इस बीच फेडरर ने नडाल से पूछा कि आप बाएं हाथ से टेनिस क्यों खेलते हैं। इससे मुझे बहुत परेशानी होती है। इस पर नडाल ने कहा, ‘क्योंकि मैं दाएं हाथ से टेनिस नहीं खेल सकता। मैं दाएं हाथ से लिख सकता हूं, बास्केटबॉल खेलते हुए दाएं हाथ का ज्यादा इस्तेमाल करता हूं। लेकिन टेनिस दाएं हाथ से नहीं खेल सकता। मैं टेनिस और फुटबॉल में लेफ्टी हूं।’

फेडरर-नडाल के बीच 5 मिनट तक चैटिंग हुई
चैट के दौरान नडाल ने कहा कि उन्होंने मार्च से टेनिस रैकेट नहीं छुआ है। आखिरी टूर्नामेंट इंडियन वेल्स था। फेडरर ने मजाक में कहा- परफेक्ट, वापस आने पर आप टेनिस खेलना भूल जाएंगे। नडाल ने हंसते हुए जवाब दिया- मुझे कुछ-कुछ याद रहेगा। नडाल ने फेडरर की घुटने की सर्जरी के बारे में पूछा तो फेडरर ने कहा- ये ठीक है और खुशी है कि वापसी करने के लिए उन्हें फिलहाल जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। फेडरर और नडाल की शुरुआती 5 मिनट की चर्चा में ही 50 हजार से ज्यादा व्यूअर्स जुड़ गए थे।



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टेनिस के सुपर स्टार रोजर फेडरर (बाएं) और राफेल नडाल ने इंस्टाग्राम लाइव किया। नडाल तो पहली बार इंस्टाग्राम लाइव कर रहे थे। -फाइल फोटो




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फ्रेंच लीग कैंसिल, यूएफा ने 55 देशों को मदद के लिए 1950 करोड़ रुपए दिए

दुनिया की टॉप-5 लीग में शामिल फ्रेंच लीग-1 का मौजूदा सीजन कैंसिल कर दिया गया है। कोरोनावायरस के कारण फ्रांस में सितंबर तक सभी खेल गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। पीएम ने इसकी घोषणा की। इसके साथ लीग-1 और लीग-2 के मौजूदा सीजन के मुकाबले अब नहीं हो सकेंगे। नेमार फ्रेंच लीग-1 टीम पीएसजी से खेलते हैं।

अब फ्रांस में चैंपियंस लीग के आयोजन पर भी सवाल खड़ा हो गया है। लीग के मुकाबले अभी स्थगित हैं। इस बीच 55 सदस्य देशों की मदद के लिए यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (यूएफा) आगे आया है। उसने उन्हें 1950 करोड़ रुपए मदद के तौर पर दिए हैं। सभी सदस्य देशों को लगभग 35.50 करोड़ रुपए मिलेंगे। यूएफा के अध्यक्ष एलेक्जेंडर सेफरिन ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारा खेल बेहद चैलेंजिंग दौर से गुजर रहा है। यूएफा ने सभी से 25 मई तक लीग को शुरू करने के संबंध में प्रपोजल मांगा है।

ईपीएल को 8 जून से शुरू करने पर विचार
इस बीच इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) के मुकाबले मार्च से स्थगित हैं। कुल 92 मुकाबले होने हैं। अभी लिवरपूल टॉप पर है। वायरस के कारण लीग के मुकाबले फिर से शुरू हों या इसे रद्द कर दिया जाए इसे लेकर सभी पक्ष 1 मई को बैठक करने जा रहे हैं। 8 जून से लीग को शुरू करने की चर्चा है। यूएफा ने कहा था कि फिर से शुरुआत करने के पहले हमें कोई रास्ता निकालना होगा।



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यूएफा सभी 55 सदस्य देशों को अलग-अलग 35 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद देगा। (फाइल)




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आइसलैंड के जॉर्नसन ने 501 किलो वजन उठाकर डेडलिफ्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, 2 साल पहले स्ट्रॉन्गेस्ट मैन का अवॉर्ड जीते थे

आइसलैंड के पावरलिफ्टर हेफथॉर जॉर्नसन ने डेडलिफ्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने गृहनगर में अपने थॉर पावर जिम में 501 किग्रा वजन उठाकर पिछला रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले, ब्रिटेन के एडी हाल ने 2016 में 500 किग्रा वजन उठाया था।

31 साल के जॉर्नसन एचबीओ पर टेलीकास्ट होने वाली वेब सीरीज गेम ऑफ थ्रोन्स में ग्रेगर ‘द माउंटेन’ क्लेगन की भूमिका निभा चुके हैं। 6 फीट 9 इंच लंबे जॉर्नसन ने 501 किग्रा वजनी बारबेल को कमर तक उठाया और फिर उसे दो सेकंड तक पकड़े रहे। फिर जमीन पर रखा। जॉर्नसन 2018 में वर्ल्ड स्ट्रॉन्गेस्ट मैन का अवॉर्ड जीत चुके हैं। जॉर्नसन ने कहा कि कई लोगों को लगता था कि मैं ऐसा नहीं कर सकूंगा, लेकिन मैंने करके दिखा दिया। यह मेरी जिंदगी के अहम दिनाें में से एक है



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हेफथॉर जॉर्नसन ने कहा कि कई लोगों को लगता था कि मैं ऐसा नहीं कर सकूंगा, लेकिन मैंने करके दिखा दिया। यह मेरी जिंदगी के सबसे अहम दिनों में से एक।




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बैंड वालों के 250 परिवारों पर गहराया आर्थिक संकट

कोविड-19 से बचाव में लॉकडाउन के दौरान विवाह- शादियों का स्वरूप भी बदलने लगा है। जिला में 150 से ज्यादा शादियों के शुभ मुहूर्त हाेने पर भी अधिकतर परिवाराें काे शादी टालनी पड़ी तो कहीं दूल्हा- दुलहन ने मास्क पहन शादी रचाई। बिना बारात, ढोल-बैंड बाजे के शांदियां हुईं। विवाह कार्यक्रमों में बैंड- बाजों की एडवांस बुकिंग तक कैंसिल हो गईं। इससे बैंड बाजे वालों के 250 परिवारों पर आर्थिक संकट गहरा गया है। शहर के मशहूर जनता बैंड के संचालक राजकुमार लाडवाल ने बताया कि 25 मार्च से 30 अप्रैल तक शादी विवाह का साल में सैकेंड सीजन होता है। जिसकी उनके पास 45 शादियों की एडवांस बुकिंग थी। इसके अलावा भी शहर में 6 बैंड हैं। जिसमें 110 के आसपास शादियांे में बैंड- बाजे की बुकिंग थी। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में हुए लॉकडाउन के दौरान जिला में विवाह सम्मेलन मांगलिक कार्य सब स्थगित हो गए हैं।
आगामी समय में भी मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लगा रह सकता है। इसके अलावा टेंट, कैटर्स व हलवाई को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। लाडवाल ने बताया कि जिला में 150 के आसपास शादियों के शुभ मुहूर्त निकल गए, जबकि कई दुल्हा- दुलहन ने मास्क पहन शादी रचाई है।

सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ रचाई शादी
कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने की मुहिम में 24 मार्च को अचानक लॉकडाउन की घोषणा हो गई। यह लॉकडाउन 17 मई तक चलने वाला है। ज्यादातर शादियांे के शुभ मुहूर्त निकल गए हैं। जबकि कुछ परिवारों ने सहमति से बिना बारात, मैरिज पैलेस, ढोल-बैंड बजे और बिना दावत के शादियां निपटा ली। ऐसे कार्यक्रमों में लॉकडाउन की पालना करते हुए दोनों पक्षों के पांच-पांच घराती-बाराती शामिल हुए। जिससे उनके हलवाई, बैंड बाजे, ढोल, घोड़ी, डैकोरेशन के खर्च की बचत हुई।



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यहां नहीं हुआ महानगरों जैसा हाल, शहर के 5 ठेकों से 25 लाख की शराब ही बिकी, 50 ठेकेदारों का पास तो स्टॉक ही नहीं था

लॉकडाउन में लंबे अंतराल तक बंद रहे शराब के ठेके खोलने की परमिशन बुधवार से दी गई थी, मगर ठेकों पर शराब का स्टॉक नहीं होने के कारण अधिकतर बंद ही रहे। शहर में केवल 5 ठेके खुले जिनपर करीब 25 लाख की शराब बिकी। वहीं शराब को लेकर शाम तक लोगों में कोई रुचि नहीं दिखी। इक्का दुक्का ग्राहक ही आए। शाम को 5 बजे के बाद शराब लेने वालों में थोड़ा उत्साह दिखा। शहर के प्रमुख ठेकों पर कतारें नजर आईं। मगर इतनी भी नहीं थी कि सोशल डिस्टेंस टूटे। फिर भी सुरक्षा के लिहाज से पुलिस तैनात की गई थी। प्रत्येक ठेके पर दो से तीन मुलाजिम तैनात रहे। इसलिए किसी प्रकार की कोई गड़बड़ नजर नहीं आई। इधर शराब ठेकेदारों ने अपनी मनमर्जी से महंगे दाम पर शराब बेची। करीब डेढ गुणा अधिक रेट में शराब बेची गई थी। फिर भी लोग खुशी खुशी ले रहे थे।
ठेकेदार बोले स्टॉक नहीं

जिले में कुल 144 शराब ठेके हैं। जिनमें से 120 ठेके मार्च में छूट पाए थे। उनके सब बैंड भी है। बुधवार को इन 120 ठेकों में से भी करीब 50 ऐसे ठेके थे जिनमें स्टॉक ही नहीं था। इसलिए वे बंद रहे। ठेकेदारों का कहना था कि नया माल आया नहीं। बीच में लाॅकडाउन हो गया। जो माल था वो पुराने ठेकेदारों का था। वे अपना माल बेच गए या ले गए। इसके अलावा सेल्ज मैनेजर भी प्रवासी थे। वे भी जिला से जा चुके हैं। इन सब कारणों के चलते अधिकतर शराब ठेके बंद रहे।

स्टॉक न होने पर ठेकेदारों ने डेढ़ गुना रेट में बेची शराब

शराब ठेकेदारों ने शराब बिक्री और स्टॉक कम होने का जमकर फायदा उठाया। अपनी मनमर्जी के रेट तय करके शराब बेची । उन्होंने डेढ़ गुणा अधिक दाम वसूले। जिस प्रकार पहले देसी शराब 120 रुपये की बोतल थी। अब 200 रुपये की बोतल दी गई। वहीं अंग्रेजी में ओसियन ब्लू पहले 400 रुपये की थी। अब 500 रुपये की बेची गई। इंपिरियल ब्लू पहले 300 की अब 500 , ब्लंडर प्राइड पहले 600 रुपये की। अब 800 रुपये में बेची जा रही है। रॅायल स्टेग पहले 450 रुपये की अब 600 रुपसे की बेची जा रही है।

जिला में रोजाना 22 हजार प्रूफ लीटर पीते हैं शराब

जिला में शराब का कुल कोटा 81 लाख प्रूफ लीटर है। जिसमें देसी 72 लाख प्रूफ लीटर, जबकि 9 लाख प्रूफ लीटर अंग्रेजी शराब का कोटा है। इस हिसाब से रोजाना 22 हजार प्रूफ लीटर शराब की औसत पड़ती है। 45 से 50 लाख रुपये रोजाना की शराब बिकती है। मगर बुधवार को शराब की कमी के चलते यह आंकड़ा काफी कम रहा है। जिला में सबसे ज्यादा देसी शराब पी जाती है।



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150 डाक कर्मियों ने 1370 लोगों को घर बैठे 50 लाख की राशि पहुंचाई

(प्रवीन शर्मा) कोरोना व लॉकडाउन के चलते लोगों को रुपये निकलवाने के लिए बैंक व डाकघरों में न आना पड़े, इसे लेकर लोगों को ऑनलाइन अप्लाई करने पर घर पर ही राशि पहुंचाई जा रही है।
फतेहाबाद जिले में अब तक 1370 लोगों को करीब 50 लाख रुपये की राशि पहुंचाई जा चुकी है। इसमें 150 शहरी व ग्रामीण डाक सेवक सहयोग कर रहे हैं।
लोग इस सुविधा का लाभ लेने के लिए तीन-चार तरह की एप व वेबसाइट की मदद ली जा सकती है। इसमें मुख्य तौर पर डाक मित्र एप व पोस्ट इंफो एप है। प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद उसका प्रयोग किया जा सकता है। इसमें लोगों को जरूरत के हिसाब से राशि व अन्य जानकारी भरनी होगी। खाता किसी भी बैंक का हो। प्रत्येक बैंक की अपनी लिमिट है। एक से 10 हजार तक की राशि मंगवा सकते हैं।

लोग बोले-जरूरत के समय मिले रुपये

  • गांव बैजलपुर में कंबाइन चालक निर्मल सिंह ने बताया कि उसकी कंबाइन में डीजल खत्म हो गया था मौके पर उसके पास रुपये नहीं थे। उसने डाक घर की वेबसाइट पर आवेदन किया तो डाक घर का कर्मचारी मौके पर पहुंचा। बायोमेट्रिक पर अंगूठा लगाने के बाद उसे 4 हजार रुपये की नकदी दे दी गई। उसे घर से बाहर नहीं जाना पड़ा।
  • हिजरावा खुर्द की छंदों भाई ने बताया कि बैंक में रुपये निकलवाने के लिए लाइनों में लगना पड़ता है। जब उसे पता चला कि घर बैठे ही रुपये निकलवा सकते हैं। तो ऑनलाइन आवेदन किया। डाक घर के कर्मचारी पहुंचे । उसने 3 हजार रुपये मंगवाए थे।
  • गांव खैराती खेडा की करीब 80 साल की महिला को रुपयों की जरूरत थी। बैंक जाने में दिक्कत थी, इसलिए उसने किसी की मदद से डाकघर की वेबसाइट पर जानकारी डाली। जिसके बाद उसे घर पर ही दो हजार रुपये मिल गए।

नागरिक इन पर भी ले सकते हैं मदद

रुपये निकलवाने के लिए http://bankslot.haryana.gov.in पर भी जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा डाक विभाग की ओर से इंडिया पोस्ट पेमेंटस बैंक के तहत आधार एनेबेलड पेमेंट सुविधा शुरू कर दी। पोस्ट ऑफिस में जाकर राशि ले सके है।

हर सम्भव मदद कर रहे हैं : इंचार्ज

जाे लोग डाक घर की वेबसाइट पर रुपयों के लिए आवेदन करते है तो कर्मचारी मशीन लेकर मौके पर जाता है और अंगूठे को मशीन के पट पर लगाने के बाद रुपये दिए जाते हैं।'' -राममेहर, इंचार्ज, डाकघर, फतेहाबाद।

हिसार मंडल में2 करोड़ की राशि पहुंचाई

हिसार मंडल में अब तक दो करोड़ से ज्यादा की राशि इस तरह से लोगों को पहुंचाई जा चुकी है। फतेहाबाद में 1370 लोगों को करीब 50 लाख की राशि उनके घरों तक पहुंचाई गई है ताकि लोगों को बैंकों में न आना पड़े।'' -अनिल रोज, अधीक्षक डाकघर, मंडल हिसार।



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हांसी सब्जी मंडी में 50, बरवाला में 43, हिसार में 8 की सैंपलिंग

प्रदेश के कई जिलों की सब्जी मंडी से कोरोना मरीज मिले हैं। ये हालात हिसार में पैदा न हो, इसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। विभाग का मुख्य फोकस भी सब्जी-मंडियों के साथ जनता से सीधे जुड़े दुकानदार, हॉकर्स और वेंडर्स पर है। कोरोना पर नियंत्रण के लिए रेंडम सैंपलिंग जारी है।
हिसार के बाद हांसी और बरवाला सहित अन्य इलाकों की मंडियों में अलसुबह 5.30 बजे मोबाइल हेल्थ टीमें आढ़तियाें, ट्रक चालकों, क्लीनर्स, सब्जी विक्रेताओं के सैंपल लेने जा रही हैं। दंत सर्जन बंसीलाल और एलटी वेदव्रत जाखड़ की टीम ने हांसी की सब्जीमंडी में जाकर 50 सैंपल लिए। वहीं, डॉ. रवि चौहान की टीम ने बरवाला सब्जी मंडी में जाकर आढ़तियों, पल्लेदारों, सब्जी विक्रेताओं व खरीदारों के 43 सैंपल लेकर उन्हें कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के प्रति जागरूक भी किया। इधर, हिसार शहर में डॉ. पुलकित की टीम ने फव्वारा चौक से कैंप चौक के बीच जनता से जुड़ी सुपर मार्केट में 2, एक वीटा बूथ संचालक, 4 केमिस्ट के अलावा 2 सब्जी विक्रेता, 2 किरयाना स्टोर, जिंदल चौक स्थित स्वीट्स शॉप से 1, कैमरी रोड स्थित फूड शोरूम से 2, दिल्ली रोड स्थित सैनी स्वीट्स से 1, कैंप के पास किरयाणा स्टोर से 1, कैंप चौक के पास फूड स्टोर से 2 सहित कुल 18 सैंपल लिए हैं। वहीं सिविल अस्पताल के फ्लू क्लीनिक में शाम 6 बजे तक स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंचे 101 लोगों में इनफ्लूएंजा इलनेस के लक्षण देखते हुए सैंपल लिए हैं। इधर, एनआरसीई लैब से राहत की खबर है कि 152 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।



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हेल्थ टीम ने सब्जी मंडी में काम करने वाले 50 मजदूरों और पल्लेदारों के लिए सैंपल लिए

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अलसुबह सब्जी मंडी में 50 लोगों को सैंपल लिए। जिन लोगों के सैंपल लिए गए, वह मंडी में काम करने वाले मजदूर और पल्लेदार हैं। सैंपल जांच के लिए विभाग की प्रयोगशाला में भेजे गए। शुक्रवार तक रिपोर्ट आने के आसार हैं। लॉकडाउन में सब्जी मंडी प्रशासन के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब बनी है। मंडी में उमड़ने वाली भीड़ प्रशासन और शहर के लोगों को डरा रही है। प्रशासन ने भीड़ पर नियंत्रण के लिए सख्ती की। सब्जी मंडी को दिल्ली रोड पर शिफ्ट करने की चेतावनी भी दी। मंडी के एक प्रभावशाली दुकानदार पर एफआईआर भी दर्ज की, लेकिन भीड़ लगातार जारी है। दो दिन पहले एसडीएम डॉ. जितेंद्र सिंह वेश बदलकर सवेरे साढ़े चार बजे मंडी में गए थे और हालात का निरीक्षण किया। आलम यह है कि सब्जी मंडी को हांसी शहर के हॉटस्पॉट के रूप में देखा जाने लगा है। गुरुवार अलसुबह स्वास्थ्य विभाग की हिसार की टीम डॉ. बंसीलाल बैनीवाल और तकनीकी अधिकारी वेदव्रत जाखड़ की अगुवाई मंडी में आई। मंडी में काम कर रहे लोगों के सैंपल लिए गए। सैंपल लक्षण के आधार पर नहीं, बल्कि रैंडमली लिए गए। कुल 50 लोगों के सैंपल लिए गए। जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिए गए। टीम ने मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर जागरूक किया।



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हांसी की सब्जी मंडी में मजदूरों और पल्लेदारों के सैंपल लेती स्वास्थ्य विभाग की टीम।




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विद्यानगर के 350 मकानों में रहने वाले 1500 लोगों की स्क्रीनिंग कर 46 के लिए सैंपल

विद्यानगर निवासी बीएसएफ जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में उपचार के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुई मौत पर एहतियात के तौर स्वास्थ्य विभाग का सर्वे अभियान अभी भी जारी है। अभी तक विभाग की टीमें विद्यानगर में मृत जवान के मकान के आसपास के 350 घरों में सर्वे कर 1500 लोगों की स्क्रीनिंग कर चुकी है और परिवार के सदस्यों समेत 46 लोगों के कोरोना से संबंधित सैंपल लिए गए है। जवान के परिवार के सभी सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव मिली है।

सिविल सर्जन डॉ. जितेन्द्र कादयान ने बताया कि गुरुवार को विभाग ने 80 व्यक्तियों के कोरोना से संबंधित सैंपल लिए है जिनमें से 52 लोगों के सैंपल जांच के लिए रोहतक पीजीआई भेजे हैं जबकि 28 सैंपल की जांच रैपिड किट से की गई है। इनमें से सभी 28 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। अभी रोहतक पीजीआई से 45 व्यक्तियों की सैंपल रिपोर्ट आनी बाकी है। अभी सामान्य अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 9 व्यक्तियों को रखा गया है। विभाग जिले में अभी तक 1016 व्यक्तियों के सैंपल ले चुका है। 468 ऐसे व्यक्ति हैं जिनका 28 दिन का निगरानी समय पूरा हो चुका है।



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भिवानी। विद्या नगर में नागरिकों की स्वास्थ्य जांच करते स्वास्थ्य विभाग टीम सदस्य।




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नप की अस्पष्ट अनाउंसमेंट से शहर में मिठाई की 350 दुकानें बंद, रोज डेढ़ करोड़ का नुकसान, ढाई हजार परिवार प्रभावित

सुनो-सुनो-सुनो, जो मिष्ठान भंडार संचालक अपनी दुकान खोलेगा उससे जुर्माना वसूला जाएगा और दुकान को सील कर दिया जाएगा। कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए शहर के सभी मिष्ठान भंडार बंद रखने के आदेश हैं, जिसने मिष्ठान भंडार खोल रखे हैं वे तुरंत प्रभाव से अपनी दुकानें बंद कर दें, नहीं तो दुकान को सील कर दिया जाएगा। नगर परिषद की आेर से इस अस्पष्ट अनाउंसमेंट के कारण शहर में 350 से अधिक मिठाई की दुकानें बंद हैं। इससे मिष्ठान भंडार संचालकों को रोजाना जहां करीब डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, वहीं इस व्यवसाय से जुड़े करीब ढाई हजार परिवारों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो रहा है।
इसके अलावा हलवाइयों व व्यापारी नेताओं में प्रशासनिक आदेशों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। नगर परिषद दो दिनों से शहर में अनाउंसमेंट करवा रही है कि मिष्ठान भंडार संचालक अपनी दुकानें न खोलें। इस असमंजस को दूर करने के लिए डीसी डॉ. अजय कुमार ने बताया कि मिठाई की दुकानें खुली रहेंगी। उपभोक्ता मिठाई ले जा सकते हैं, लेकिन अंदर बैठकर खाने की मनाही होगी।
प्रशासन ने तीन दिन पहले सभी बाजार सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक खोलने की स्वीकृति दी थी। आदेशों के बाद बाजार खुल गए और मिष्ठान भंडार संचालकों ने भी अपनी दुकानें खोल ली लेकिन दो दिन से नगरपरिषद की तरफ से शहर में मुनादी करवाई जा रही हैं कि मिष्ठान भंडार संचालक अपनी दुकानों को बंद रखे। इस संबंध में व्यापार मंडल के सदस्य जब डीसी अजय कुमार से मिले तो उन्होंने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि ऐसे कोई आदेश नहीं है। मिष्ठान भंडार संचालक अपनी दुकानें खोल सकते हैं, लेकिन नप की तरफ से दुकानें बंद रखने की मुनादी करवाई जा रही हैं।



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350 sweets shops closed in the city due to unexplained announcements of NAP, loss of 1.5 crore daily, 2.5 thousand families affected




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6 साल बाद शुरू हुई मार्केट कमेटी फीस, नहीं चुकाने वालों पर लगेगा 25% तक जुर्माना, न्यूनतम 500 रुपए

फरवरी 2014 में हरियाणा स्टेट कृषि मार्केटिंग बोर्ड (एचएसएएमबी) की बंद मार्केट फीस और हरियाणा रूरल डेवलपमेंट फंड (एचअारडीएफ) अब आढ़तियों से दोबारा वसूलनी शुरू हो गई है। वीरवार को फीस और एचआरडीएफ अदा करने का अंतिम दिन था। सबसे ज्यादा फीस कैंट मार्केट कमेटी ने 1.42 लाख, इसके बाद सिटी मार्केट कमेटी ने 21 हजार, बराड़ा मार्केट कमेटी ने 11 हजार की फीस वसूली है। फीस और एचआरडीएफ लगने से अब आढ़तियों पर मार्केट कमेटी की घुरकी भी चलेगी और समय पर फीस और एचआरडीएफ न चुकाने वाले आढ़तियों पर फीस का 25 प्रतिशत से अधिक और एचआरडीएफ पर न्यूनतम 500 रुपए का जुर्माना लगेगा। बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो प्रदेश में साढ़े 500 करोड़ का राजस्व आया आएगा। जानकारों का कहना है कि साल 2012 में आढ़तियों से दो प्रतिशत मार्केट फीस और दो प्रतिशत एचआरडीएफ (कुल चार प्रतिशत) शुल्क लिया जाता था। जिसे साल 2013 में दो प्रतिशत और साल 2014 में पूरी तरह से बंद कर दिया गया था।
कमेटियों की सुधरेगी आर्थिक स्थिति: मार्केट कमेटी अपनी सब्जी मंडी की मरम्मत, साफ-सफाई समेत अन्य व्यवस्थाओं का खर्च उठाती है।
डेवलपमेंट इसका पूरा खर्च सरकार से मिलने वाले फंड से करता है। आढ़ती बीते छह साल से मंडी में अपना कारोबार करते हैं जिनसे किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसलिए कमेटी को अपना खर्चे पूरे करने के लिए बोर्ड पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि एक आढ़ती गोदाम के अंदर अालू-प्यास की स्टोरेज करता है तो उस पर भी मार्केट फीस एक बार में देनी होगी।



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Market committee fees started after 6 years, penalties will be imposed on those who do not pay 25%, minimum Rs 500




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छात्रों की पढ़ाई खराब न हो, इसलिए लेक्चरर सुशील ने गणित के 350 से ज्यादा वीडियो बनाकर यू-ट्यूब पर डाले

लॉकडाउन के कारण ज्यादातर शिक्षक व विद्यार्थी परेशान हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इस संकट के समय में भी अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित कर उनको पाने में लगे हैं। ऐसे ही हैं एक शिक्षक हैं गणित के लेक्चरर सुशील कुमार। 2019 में इन्होंने सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ यू-ट्यूब पर सुशील सर की पाठशाला के नाम से अकाउंट बनाकर ऑनलाइन वीडियो डालने शुरू किए। लॉकडाउन लागू हुअा तो व्यूवर बढ़ने लगे। अब 1.3 लाख व्यूवर हो चुके हैं। 2600 सब्सक्राइबर हो चुके हैं और 1200 से तो पिछले 28 दिन में बढ़े हैं। अब तक सभी वीडियो को पूरे प्रदेश व देश के छात्र तीन लाख मिनट से ज्यादा बार देख चुके हैं। सुशील कुमार बताते हैं कि छात्र सिर्फ वीडियो देखते ही नहीं कमेंट भी करते हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ यू-ट्यूब ही नहीं उनके वाट्सएप ग्रुप पर भी तीन हजार से ज्यादा विद्यार्थी और शिक्षक जुड़े हुए हैं। वे पिछले कुछ समय में ही 12वीं का पूरा सिलेबस, 11वीं का 50 प्रतिशत, दसवीं के चार चैप्टर और नौवीं के दो चेप्टर पूरे करवा चुके हैं।
एक वीडियो बनाने के लिए कई घंटे लगते हैं : एक 10 से 15 मिनट के वीडियो जो देखने में हमें ऐसे लगता है कि इसको चलते फिरते बना दिया गया होगा, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। सुशील कुमार ने बताया कि 15 मिनट के वीडियो को बनाने में उनके घंटे लग जाते हैं। जो टॉपिक है उसके बारे में गहन अध्ययन जिसमें कई घंटों का समय लग जाता है। रिकॉर्ड करने का टाइम और फिर एक घंटे के केरीब एडिटिंग में लग जाता है।

मोबाइल पाठशाला ने बदला पढ़ाने का चलन
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के जिला प्रधान ईश्वर ढांडा व सचिव सतबीर कौशिक ने कहा कि लॉकडाउन के कारण घर से पढ़ाओ अभियान प्रदेश सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। डीईओ और डीईईओ के मार्गदर्शन में हसला ने भी मोबाइल पाठशाला का शुभारंभ कर सभी लेक्चरर को विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया और इसकी कमान हसला के पूंडरी ब्लॉक प्रधान सुशील कुमार को दी। उनके अलावा हिंदी के लेक्चरर डाॅ. विजय चावला, सुरेश राणा, अश्वनी कुमार भी ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं।



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ठेकों पर मनमर्जी के भाव में बिक रही शराब, देसी शराब 250 से 300 रुपये बोतल तो अन्य शराब के रेटों में काफी उछाल आया

प्रदेश सरकार द्वारा शराब के ठेके खोलने के बाद ठेकेदारों द्वारा मनमर्जी के भावों में शराब बेची जा रही है। लेकिन सरकार व प्रशासन की मनमर्जी के भावों पर कोई रोक-टोक नहीं है। देशी शराब की बोतल 250 से 300 रुपये तक ठेकों पर बिक रही है। अन्य ब्रांड की शराब के रेटों में भी काफी उछाल है। लेकिन आबकारी विभाग ने शराब की अधिकतम मूल्य तय ही नहीं किया है। इससे ठेकेदारों की पौबारह हो रही है।
लाॅकडाउन के बावजूद सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए 6 मई से शराब के ठेके खोल दिए हैं। प्रदेश में ठेके खुलते ही शराब की बिक्री शुरू हो गई है। लेकिन सरकार व प्रशासन ने शराब बिक्री के रेट निर्धारित नहीं किए हैं। इससे शराब ठेकेदार ठेकों पर मनमर्जी के भावों में शराब की बिक्री कर रहे हैं। शराब पीने वाले लोगों की जेब पर खासी चपत लग रही है। ठेकों पर देशी शराब की बोतल 250 से 300 रुपये में बिक रही है। जबकि आबकारी विभाग द्वारा देशी शराब काउंटरी लिक्र का रेट 145 रुपये तथा मैट्रो लिक्र का 170 रुपये मिनीमम रेट तय किया हुआ है। इंपेरियल ब्लू की बोतल 600 रुपये में बिक रही है जब कि आबकारी विभाग द्वारा इंपेरियल ब्लू का मिनिमम रेट 350 रुपये बोतल निर्धारित किया हुआ है। एसी ब्लैक की बोतल 600 रुपये में बिक रही है जबकि आबकारी विभाग द्वारा 350 रुपये मिनिमम रेट निर्धारित किया हुआ है।
राॅयल स्टैग की बोतल 700 रुपये में बिक रही है जबकि आबकारी विभाग द्वारा 450 रुपये मिनिमम रेट निर्धारित किया हुआ है। ब्लैंडर प्राइड की बोतल 1000 रुपये में बिक रही है जबकि आबकारी विभाग द्वारा 600 रुपये बोतल मिनिमम रेट निर्धारित किया हुआ है। बीयर की बोतल 200 रुपये में बिक रही है जबकि विभाग द्वारा 85 रुपये मिनिमम रेट निर्धारित किया हुआ है। इसके अलावा शराब के अन्य ब्रांड की बिक्री काफी उच्च दामों में की जा रही है। इससे शराबियों को करारा झटका लग रहा है।

आबकारी विभाग ने शराब बिक्री का अधिकतम मूल्य तय नहीं किया : यादव

आबकारी विभाग के डीटीसी अनिल कुमार यादव ने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा शराब बिक्री के मिनिमम रेट तय किए हुए हैं। बिक्री के अधिकतम रेट तय नहीं किए हैं। इसलिए ठेकेदार मिनिमम तय रेट से कम में नही बेच सकते। इससे उपर बेच सकते हैं। अभी स्टाॅक कम हैं स्टाक ज्यादा आने के बाद कंपीटिशन में रेट घट जाएंगे।



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पहली बार रिकॉर्ड तोड़ 324 सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे, फ्लू क्लीनिक में लिए 150 सैंपल

जिला स्वास्थ्य विभाग की हेल्थ टीमों ने गुरुवार को रिकॉर्ड तोड़ 324 सैंपल लिए थे। यह अभी तक की सैंपलिंग रिपोर्ट का सर्वाधिक आंकड़ा है। इनमें से अधिकांश सैंपल जांच के लिए एनआरसीई लैब और बाकी सैंपल्स की टेस्टिंग पीजीआई रोहतक में होगी। बता दें कि इससे पहले 4 मई को 255, 5 मई को 158, 6 मई को 186 सैंपल लिए थे। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए रेंडम सैंपलिंग पर ज्यादा ध्यान दिया हुआ है। शुक्रवार को डॉ. पुलकित की टीम ने 24 सैंपल लिए। इनमें सेंट्रल जेल टू के 11 बंदी, 13 एचएयू में क्वारेंटाइन्स शामिल हैं। पैथोलॉजिस्ट डॉ. मनीष पचार की टीम ने दड़ौली पॉजिटिव रोगी की पत्नी व मां सहित हिसार शहर में रहने वाले रिश्तेदारों के सैंपल लिए हैं।



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जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड पाइप इंडस्ट्री भी हुई शुरू, प्राेडक्शन अभी केवल 25 प्रतिशत ही इन पर निर्भर जिले की 50 छाेटी-बड़ी इंडस्ट्री काे भी राहत

देश विदेश में विख्यात स्टील इंडस्ट्री जिंदल स्टेलनेस सहित जिंदल ग्रुप की हिसार में तीन इंडस्ट्री में डेढ़ माह बाद एक बार फिर से प्राेडक्शन शुरू हाे गया है। यानी इस पर निर्भर लाेगाें की जिंदगी पटरी पर लाैटने लगी है। सीआरडी अाैर एसअारडी प्लांट तथा पाइप इंडस्ट्री में से लगे 6900 कर्मचारियों में से करीब 3400 कर्मचारियों काे शिफ्टाें में काम मिल गया है। इन तीन बड़ी इंडस्ट्री के शुरू हाे जाने से इन पर निर्भर जिला व इसके आसपास की 50 से अधिक इंडस्ट्री में भी प्राेडक्शन की उम्मीद जग गई है। जिंदल इंडस्ट्री से जुड़े मैनेजमेंट के अधिकारियाें का कहना है कि फिलहाल प्राेडक्शन 25 प्रतिशत ही किया जा रहा है क्याेंकि मार्केट में अभी डिमांड नहीं है।



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15 साल पुराने पेड़ को 750 मीटर दूर री-प्लांट किया

कोविड-19 व लॉकडाउन के तनाव के बीच नगर में शुक्रवार को एक अच्छी खबर सामने आई। हरसूद प्रशासन व नगर परिषद द्वारा मुख्य बाजार स्थित 15 साल पुराने पेड़ को 750 मीटर दूर पुन: रोपित कर कटने से बचा लिया गया। पर्यावरण संरक्षण के इस कार्य में एसडीएम डॉ. परीक्षित झाड़े की अहम भूमिका रही। उनके सुझाव पर ही नप ने नगर में पहली बार रि-प्लांटेशन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।
अब इंतजार इस पेड़ के पुन: हरे-भरे होने का है। हरसूद विस्थापन के 10 माह बाद 24 अप्रैल 2005 को सराफा व्यापारी रामचंद्र सोनी ने पिता दगड़ूलाल सोनी की स्मृति में घर के सामने बकान (छोटा नीम) का पौधा रोपा था। मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत पुलिया चौड़ीकरण में यह पेड़ बाधा बन रहा था। निर्माण कार्य के साथ इसे काटने की अनुमति मार्च अंत में नप द्वारा ले ली गई थी। लॉकडाउन में निर्माण कार्य रुक गया। लॉकडाउन पार्ट-3 में निर्माण कार्य शुरू करने पर पेड़ को काटने का तैयारी कर ली गई। पेड़ को काटने की अनुमति प्रदान करने वाले एसडीएम झाड़े ने ही नप सीएमओ मिलन पटेल व उपयंत्री आरएस मौर्य को इसे पुन: रोपण का सुझाव दिया।
8 घंटे 12 मजदूर व जेसीबी की मदद : यह कार्य उपयंत्री आरएस मौर्य की देखरेख में 8 घंटे में 12 मजदूरों व जेसीबी की मदद से पूरा किया गया। पेड़ को सुरक्षित जड़ सहित निकालकर पुराने राज्य मार्ग स्थित पेट्रोल पंप के पास रि-प्लांट किया गया।

इस तरह सुरक्षित उखाड़ा
पेड़ की टहनियों को काटकर पहले उसका वजन हल्का किया गया। मिग फर्टिलाइजर केमिकल व पावडर के घोल से जड़ों को सींचा गया। मोटी-मोटी जड़ों के मुख्य भाग पर गीली मिट्‌टी व कपड़ा बांधा गया। अंत में पूरी सावधानी के साथ जेसीबी से बांधकर सुरक्षित उखाड़ा गया। हरसूद-छनेरा में यह पहला प्रयोग देख लोगों ने प्रशासन की सराहना की।
पेड़ हरा हो जाए तो संतुष्टि मिलेगी
पुराने पेड़ को री-प्लांट किया गया है। पर्यावरण की दृष्टि से यह निर्णय लिया। अब इसकी देखभाल नगर के लोगों की जिम्मेदारी है। पेड़ पुन: हरा-भरा हो जाए तो संतुष्टि होगी।
-डॉ. परीक्षित झाड़े, एसडीएम, हरसूद



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Re-planted 15 year old tree 750 meters away




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झांझर के युवाओं ने रात 11 बजे भी 150 मजदूरों को कराया भोजन

बुरहानपुर सहित इंदौर-इच्छापुर हाईवे होकर गुजर रहे प्रवासी मजदूरों की हर जगह मदद की जा रही है।
ग्राम झिरी में झांझर के युवाओं द्वारा मजदूरों को भोजन कराया जा रहा है। गुरुवार रात 11 बजे भी यहां 150 मजदूरों को गर्म खाना खिलाया गया। झिरी पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि राजू चारण ने पत्तल और चावल की व्यवस्था करवाई। गांव के दिनेश सोनराज, रमेश लक्ष्मण, आपा जेठा, अजय सोनराज और भोलू सोनराज सहित अन्य युवाओं ने अपने हाथ से उनके लिए भोजन तैयार किया। एक घंटे तक सभी को भोजन कराया गया। गांव के युवा पांच दिन से लगातार हाईवे से गुजरने वाले मजदूरों को भोजन करा रहे हैं।



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250 से अधिक किसानों ने कृषि मंडी में कराया पंजीयन, 5 वाहनों की हुई खरीदी

सनावद में भोगांवा रोड स्थित निजी जिनिंग में सीसीआई की खरीदी शुक्रवार से की गई। मंडी में पंजीकृत किसान कपास लेकर पहुंचे। जिसका सीसीआई के कर्मचारियों ने गुणवत्ता की जांच कर माल खरीदा। शुक्रवार को पहले दिन करीब 5 किसान वाहनों से कपास लेकर पहुंचे। सभी कपास मानक के पाए जाने पर उनसे कपास खरीदा गया।
सीसीआई के वाणिज्यिक अधिकारी तुषार सोनवाने ने बताया भोगांवा रोड स्थित जिनिंग को सीसीआई का खरीदी केंद्र बनाया है। जहां पर शुक्रवार को 5 वाहन पहुंचे थे। पांचाें वाहनों को सीसीआई ने खरीदा है। उन्होंने बताया वर्तमान में लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए है। जिससे भीड़ न होने के लिए सिर्फ 5 ही किसानों को एसएमएस भेजा जा रहा है। कुछ समय के बाद किसानों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। 17 मई के बाद मंडी खुलने पर मंडी में ही किसानों का कपास खरीदा जाएगा। जिससे अधिक किसानों को लाभ मिल सके।

अधिक घने रेशे का होना चाहिए कपास, काले कपास की नहीं होगी खरीदी
उन्होंने बताया जिन किसानों का कपास काला या कम रेशे का होगा। वह कपास सीसीआई की खरीदी के लायक नहीं होता है। जो कपास सफेद व अधिक घने रेशे का होगा। उसे उतने अधिक दाम मिलेंेगे। सीसीआई के अनुसार 3.4 से 4.9 माइक्रोन तक का कपास खरीदा जाता है। वहीं किसान केंद्र पर कपास लेकर आए ताकि किसानों को परेशानी न हो।

250 से अधिक किसानों ने मंडी में कराया पंजीयन
मंडी के बीएस शेखावत ने बताया सीसीआई की खरीदी के लिए किसानों को मंडी में पंजीयन किया जा रहा है। इसके लिए किसानों का नाम, स्थान, मात्रा व मोबाइल नंबर लिया जा रहा है। जिसके बाद रोजाना 5 किसानों को फोन व एसएमएस कर कपास लाने की जानकारी दी जा रही है। वर्तमान में 250 से अधिक किसानों ने सीसीआई की कपास खरीदी के लिए पंजीयन कराया है।

3 नगरीय क्षेत्रों के 40 व्यापारी कर सकेंगे होम डिलीवरी
महेश्वर में कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन के निर्णय के बाद कुछ स्थानों पर प्रशासन ने राहत दी है। गुरुवार देर शाम जारी हुए आदेश के अनुसार कृषि संबंधी दुकानें सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक खुली रहेगी। यहां से एक बार में अधिकतम 5 किसानों को सामान दिया जा सकेगा। शुक्रवार को सुबह 3 घंटे व्यापारियों ने दुकानें खोली। किसानों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खरीदी की। शुक्रवार को जारी एक अन्य आदेश में महेश्वर, मंडलेश्वर व करही नगर के 40 से अधिक स्टेशनरी व इलेक्ट्रॉनिक व्यापारियों को सामान की होम डिलीवरी की छूट दी गई है। एसडीएम आनंदसिंह राजावत ने बताया व्यापारी संघ से मिली सूची के अनुसार करीब 40 व्यापारी मोबाइल नंबर पर ग्राहकों से जरूरत के सामान की जानकारी लेंगे और सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक होम डिलेवरी कर सकेंगे। दुकान खोलकर सीधे तौर पर ग्राहकों को सामान देना प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।



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More than 250 farmers registered in Krishi Mandi, bought 5 vehicles




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500 बीघा में लहलहा रहे नवरंग और गुलाब… प्रकृति के सौंदर्य में छिपा किसानों का दर्द

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन का असर फूलों की खेती पर भी हो रहा है। शहर में 20 से 25 क्विंटल फूलों की आवक रोज हाेती है। शहर के मंदिर बंद होने के कारण फूल खेतों से तोड़े ही नहीं जा रहे हैं। किसानों अनुसार अभी शादियों का सीजन होने के कारण फूलों के अच्छे दाम मिलते हैं लेकिन कोरोना वायरस की वजह से बहुत नुकसान हो रहा है। आसपास के क्षेत्रों में 500 बीघा से अधिक में फूलों की खेती होती है। इस बार केवल फूलों की खेती आंखों को सुकून देने का काम कर रही है। जग्गाखेडी निवासी किसान लक्ष्मीनारायण माली ने बताया इस बार मैंने 60 बीघा में फूलों की खेती की थी। पिछले साल इस समय नवरंग के 40 रुपए प्रतिकिलाे व गुलाब के 150 रुपए प्रतिकिलाे का भाव मिला था।



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Navarang and roses roaring in 500 bighas… The pain of farmers hidden in the beauty of nature




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बैरिकेड्स के पास थूकने पर 1 हजार तथा लॉकडाउन में बाइक का उपयोग करने पर 500 का जुर्माना लगाया

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी जुर्माना करने का ऐलान किया है। शुक्रवार शाम को गंज पुलिस ने कंट्रोल रूम चौराहे पर बैरिकेड्स के पास थूकने पर कैफ पिता सलीम पटेल पर एक हजार का जुर्माना लगाया। वहीं लॉकडाउन में बाइक का उपयोग करने पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया।



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हिंडौन से झारखंड-उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के लिए 50 श्रमिकों को जांच के बाद बसों से किया रवाना

लॉकडाउन में श्रमिकों की आवाजाही में छूट मिलने के बाद से शहर मेंश्रमिकों का आवागमन शुरु हो गया है। मंगलवार को सूरत व अजमेर में फंसे हिंडौन क्षेत्र के 50 श्रमिकों की वापसी हुई, जबकि हिंडौन में फंसे झारखंड, उत्तराखंड व मध्यप्रदेश के करीब 50 श्रमिकों को बसों के माध्यम से रवानगी दी गई। इस दौरान चिकित्सा टीम ने सभी मरीजों की जांच कर उन्हें 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहने के लिए पाबंद किया है।
एसडीएम सुरेश कुमार यादव ने बताया कि क्षेत्र के श्रमिकों का भी बाहर से आना शुरु हो गया है। मंगलवार को सूरत व अजमेर से 50 श्रमिक हिंडौन आए। जिनकी चिकित्साकर्मी मनोज गुप्ता व पवन बंसल ने राजकीय सीनियर विद्यालय हिंडौन में जांच की। इसी तरह 50 श्रमिकों को झारखंड, उत्तराखंड व मध्यप्रदेश भेजा गया है।बताया कि उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, झारखंड आदि स्थानों के श्रमिक उपखंड क्षेत्र में मजदूरी व अपना धंधा कर रोजी रोटी कमाते थे।



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युवक के खाते से ठग ने निकाले 50 हजार

सिघान निवासी एक युवक ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ है। उसके खाते से किसी ठग ने 50 हजार रुपए निकाल लिए। मोबाइल पर 50 हजार कटौती का मैसेज आने पर ऑनलाइन ठगी की जानकारी मिली। जिसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है।पीड़ित सिघान निवासी राजवीर मीना ने बताया कि उसका खाता हिंडौन की ओबीसी बैंक में हैं। वह एक वर्ष से अपने खाते से रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करता आया हूं, लेकिन आज तक ऐसी घटना नहीं हुई। मंगलवार को सुबह उसके खाते से 50 हजार रुपए कट गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।



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बिना मास्क शराब बेच रहे थे, ~ 500 का जुर्माना

राज्य सरकार द्वारा भले ही लॉकडाउन के बीच शराब की दुकान खोलने के आदेश दे दिए है। लेकिन शराब की दुकानों पर सरकार के लॉकडाउन की पालना नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा शराब की दुकानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखने एवं ग्राहकों को मास्क लगे होने पर ही शराब बेचे जाने की अनुमति दी गई है। लेकिन आबकारी विभाग की अनदेखी के चलते कस्बे में बाईपास रोड़ पर स्थित शराब की दुकान पर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। दुकान पर शराब लेने आने वाले ग्राहकों ने मास्क नहीं लगा रखे है। साथ ही सैल्समैन द्वारा भी मास्क नहीं लगाया जा रहा है। यहीं नहीं सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए गोले तो बनाए गए है। लेकिन उनकी पालना नहीं की जा रही है। दुकान पर सेनेटाइजर भी नहीं रखा गया है। जिसके चलते कोरोना संक्रमण फैलने का अंदेशा बना हुआ है। ऐसे में आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है। मामले को लेकर आबकारी सीआई महेंद्र गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन की पालना नहीं करने पर संबंधित अनुज्ञाधारी के खिलाफ कार्रवाही की जाएगी। इधर दुकान पर बिना मास्क ग्राहकों को बिक्री किए जाने के मामले को लेकर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए भनोखर खेड़ली निवासी सेल्समैन पिंटूराम मीना पुत्र रामरतन से पांच सौ रुपए जुर्माना वसूलकर कार्यवाही की है।



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Selling alcohol without masks, fined ~ 500