लुधियाना.पैसों के अभाव में असहाय औरगरीब मरीजों का इलाज न रुके, इसी भावना के साथ नेकी का अस्पताल आलमगीर में आकार ले रहा है। करीब 70 फीसदी निर्माण हो चुका है और आने वाली बैसाखी पर इसका शुभारंभ करने की तैयारी है। 50 बेड के इस हॉस्पिटल में जरूरतमंद लोगों का इलाज फ्री में किया जाएगा।
अस्पताल में ओपीडी, सर्जरी, डायलिसिस जैसी कई सुविधाएं होंगी। अस्पताल का खर्च गुरु की संगत उठाएगी। दरअसल, पैसों की कमी के चलते अक्सर ही जरूरतमंद या गरीब मरीजों को इलाज के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। एक नूर सेवा केंद्र ने ऐसे मरीजों का दर्द समझा और एक ऐसा अस्पताल बनाने की पहल शुरू की जहां पैसों की खातिर कोई इलाज से वंचित न रहे। आलमगीर में 2018 में इसकी नींव रखी गई।
2020 में बैसाखी के खास मौके पर इसके उद्घाटन की पूरी तैयारी है। संस्था के सीनियर मेंबर 82 साल के सरदार अजीत सिंह अरनेजा व 78 साल के सरदार गुरबचन सिंह अरनेजा की देखरेख में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। एक नूर सेवा केंद्र के वॉलंटियर अमरजीत छाबड़ा ने बताया कि नेकी के अस्पताल में जरूरतमंद का चेकअप से लेकर पूरा इलाज तक बिल्कुल फ्री होगा। वे मरीज जो थोड़ा बहुत अपना खर्च उठा कर सकते हैं, उनके लिए 10 या 20 रुपए फीस रहेगी।
नेकी की दुकान की तरह ही इसका कॉन्सेप्ट है वहां फ्री में भी कपड़े दिए जाते हैं और जो 20 रुपए देने की स्थिति में है वे अपनी इच्छा से दे सकते हैं। असल में संस्था लोगों को डिपेंडेंट नहीं बनाना चाहती है। कोशिश रहती है कि जरूरतमंद को ही पूरी मदद मिल सके। इसके लिए एंक्वायरी ब्रिगेड बनी हुई है। अस्पताल में प्रॉफिट नहीं, बल्कि सिर्फ सेवा का भाव होगा। ये एक जरूरतमंदों के लिए प्लेटफॉर्म बन जाएगा जहां पर गुरु की संगत की सेवा से जरूरतमंदों का इलाज कराया जा सकेगा।
ऑर्थो और आंखों की विशेष ओपीडी, 7 मशीनों के साथ डायलिसिस सेंटर होगा
नेकी के अस्पताल में ऑर्थो, आंखों की विशेष ओपीडी होगी। सर्जरी के विशेष प्रबंध और लेप्रोस्कॉपी की सुविधा के साथ 7 मशीनों के साथ एक डायलिसिस सेंटर खोला जाएगा। अस्पताल में लुधियाना ही नहीं, बल्कि दूर दराज के शहरों के जरूरतमंद भी आकर अपना इलाज करवा सकते हैं। संस्था का कहना है कि अस्पताल गुरु के घर के समान होता है, जहां किसी को आने से मनाही नहीं होती। यह भी नेकी का मंदिर और नेकी का गुरुद्वारा ही है, जहां जरूरतमंदों की मदद होगी और गुरु की संगत को सेवा का सौभाग्य मिल जाएगा।
एक नूर सेवा केंद्र के वालंटियर्स स्मार्ट सलूजा, राधिका, सुखमिंदर सिंह सूरज, रमनदीप, लवली गांधी व गगनदीप का कहना है, 'एक नूर का फाउंडर एक नूर खुद ही है। हम तो सिर्फ सेवादार हैं, जो एक नूर की मर्जी से सेवा कार्यों में लगे हुए हैं। दया ही धर्म भावना के साथ कोई भी व्यक्ति इससे जुड़ सकता है।'
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