19 हैरी केन कर सकते हैं 1900 करोड़ रुपए की सबसे बड़ी डील, टॉटेनहम से यूनाइटेड जा सकते हैं By Published On :: Mon, 13 Apr 2020 02:12:00 GMT हैरी केन मौजूदा सीजन में टॉटेनहम छोड़कर मैनचेस्टर यूनाइटेड से जुड़ सकते हैं। टॉटेनहम के चेयरमैन डेनियल लेवी ने इसकी मंजूरी दे दी है। हैरी केन लगभग 1900 करोड़ रुपए में यूनाइटेड से जुड़ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह रिकॉर्ड डील होगी। इसके पहले 2017 में पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) ने बार्सिलोना से नेमार को 1880 करोड़ रुपए में खरीदा था। कोरोनावायरस के कारण इंग्लिश प्रीमियर लीग के मुकाबले अभी स्थगित हैं।लॉकडाउन के कारण टॉटेनहम आर्थिक रूप से परेशानी में हैं। नए स्टेडियम के लिए टॉटेनहम ने लगभग 6 हजार करोड़ रुपए का लोन भी लिया है। लेवी हैरी केन के उस बयान से भी नाराज हैं, जिसमें उन्होंने जून तक लीग के पूरा नहीं होने पर इसे खत्म करने की बात कही थी। केन ने कुछ दिन पहले कहा था कि यदि वे क्लब की ओर से ट्रॉफी नहीं जीत पाते हैं तो उसे छोड़ देंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today टॉटेनहम के हैरी केन ने कुछ दिन पहले कहा था कि यदि वे क्लब की ओर से ट्रॉफी नहीं जीत पाते हैं तो उसे छोड़ देंगे। -फाइल फोटो Full Article
19 पूर्व इंग्लिश फुटबॉलर नॉर्मन का निधन, वे 1966 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रह चुके; खेल जगत में 8वीं मौत By Published On :: Fri, 17 Apr 2020 11:57:00 GMT इंग्लैंड के पूर्व फुटबॉलर नॉर्मन हंटर की कोरोनावायरस के कारण मौत हो गई। वे 76 साल के थे। डिफेंडर हंटर 1966 की वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10 अप्रैल को हंटर का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। खेल जगत में तीन हफ्ते के अंदर यह 8वें दिग्गज की मौत है। सबसे पहले 28 मार्च को इंग्लैंड में ही पाकिस्तान के स्क्वैश लेजेंड आजम खान की कोरोना से मौत हो गई थी। 1959 से 1962 के बीच लगातार 4 बार ब्रिटिश ओपन खिताब जीतने वाले आजम 95 साल के थे।नॉर्मन हंटर अपने करियर में पहली बार लीड्स फुटबॉल क्लब से जुड़े थे। इस क्लब के लिए हंटर ने 14 साल में 726 मैच खेले हैं। उन्होंने लीड्स को दो बार प्रीमियर लीग चैम्पियन भी बनाया। वहीं, इंग्लिश क्लब लीवरपूल के ही लेजेंड केनी डगलिश कोरोना को हराकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं। फिलहाल, वे सेल्फ आइसोलेशन में हैं।खेल जगत के यह 6 दिग्गज दुनिया को अलविदा कह चुकेइससे पहले इटली के पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जफर सरफराज (50), धावक दोनातो साबिया (56), स्विट्जरलैंड के आइस हॉकी लेजेंड रोजर शैपो (79), फ्रांस के फुटबॉल क्लब रीम्स के डॉक्टर बर्नार्ड गोंजालेज (60), इंग्लैंड के लंकाशायर क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष डेविड हॉजकिस (71) और फ्रांस के ओलिंपिक डी मार्शल फुटबॉल क्लब के पूर्व अध्यक्ष पेप दिऑफ (68) दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।बर्नार्ड ने डिप्रेशन के कारण सुसाइड कियारीम्स क्लब के डॉक्टर गोंजालेज कोरोना से संक्रमित होने के बाद डिप्रेशन में आ गए थे। इसके बाद उन्होंने 5 अप्रैल को सुसाइड कर लिया था। बर्नार्ड ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने खुद के कोरोना संक्रमित होने की बात लिखी थी। बर्नार्ड 20 साल से क्लब के साथ जुड़े हुए थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today इंग्लैंड ने बॉबी मूर की कप्तानी में 1966 में फीफा वर्ल्ड कप जीता था। तब डिफेंडर नॉर्मन हंटर विजेता टीम के सदस्य थे। -फाइल फोटो Full Article
19 फ्रेंच लीग कैंसिल, यूएफा ने 55 देशों को मदद के लिए 1950 करोड़ रुपए दिए By Published On :: Wed, 29 Apr 2020 02:05:00 GMT दुनिया की टॉप-5 लीग में शामिल फ्रेंच लीग-1 का मौजूदा सीजन कैंसिल कर दिया गया है। कोरोनावायरस के कारण फ्रांस में सितंबर तक सभी खेल गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। पीएम ने इसकी घोषणा की। इसके साथ लीग-1 और लीग-2 के मौजूदा सीजन के मुकाबले अब नहीं हो सकेंगे। नेमार फ्रेंच लीग-1 टीम पीएसजी से खेलते हैं।अब फ्रांस में चैंपियंस लीग के आयोजन पर भी सवाल खड़ा हो गया है। लीग के मुकाबले अभी स्थगित हैं। इस बीच 55 सदस्य देशों की मदद के लिए यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (यूएफा) आगे आया है। उसने उन्हें 1950 करोड़ रुपए मदद के तौर पर दिए हैं। सभी सदस्य देशों को लगभग 35.50 करोड़ रुपए मिलेंगे। यूएफा के अध्यक्ष एलेक्जेंडर सेफरिन ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारा खेल बेहद चैलेंजिंग दौर से गुजर रहा है। यूएफा ने सभी से 25 मई तक लीग को शुरू करने के संबंध में प्रपोजल मांगा है।ईपीएल को 8 जून से शुरू करने पर विचारइस बीच इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) के मुकाबले मार्च से स्थगित हैं। कुल 92 मुकाबले होने हैं। अभी लिवरपूल टॉप पर है। वायरस के कारण लीग के मुकाबले फिर से शुरू हों या इसे रद्द कर दिया जाए इसे लेकर सभी पक्ष 1 मई को बैठक करने जा रहे हैं। 8 जून से लीग को शुरू करने की चर्चा है। यूएफा ने कहा था कि फिर से शुरुआत करने के पहले हमें कोई रास्ता निकालना होगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यूएफा सभी 55 सदस्य देशों को अलग-अलग 35 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद देगा। (फाइल) Full Article
19 रहाणे ने कहा- कोविड-19 के बाद मैदान पर खिलाड़ी विकेट का जश्न मनाने के लिए हाथ मिलाने की जगह नमस्ते कहेंगे By Published On :: Wed, 06 May 2020 11:14:53 GMT अजिंक्य रहाणे ने बुधवार को कहा कि कोरोना के बाद जब भी क्रिकेट की वापसी होगी तो खिलाड़ी विकेट का जश्न मनाने के लिए हाथ मिलाने की जगह एक दूसरे से नमस्ते कहेंगे।उन्होंने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही।रहाणे ने कहा कि अब विकेट गिरने पर हमें पुराने तरीके से जश्न मनाना होगा। शायद हम अपनी जगह खड़े रह कर ताली बजाते हुए ही खुशी का इजहार करेंगे।इस बल्लेबाज ने क्रिकेट की वापसी को लेकर कहा कि कोरोना का असर कम होने के बाद जब क्रिकेट की वापसी होगी तो खिलाड़ियों को खुद को तैयार करने में कम से कम एक महीने का वक्त लगेगा। उन्होंनेकहा किइसके बाद ही कोई खिलाड़ी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकेगा। हालांकि, यह भी तभी संभव होगा जब कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होगी।'फिटनेस के लिए योग का सहारा ले रहा हू्ं'अपनी फिटनेस को लेकर रहाणे ने कहा कि मैं अभी घर पर फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूं। इसके लिए योगऔर कराटे का भी सहारा ले रहा हूं। मुझे ट्रेनर ने एक ट्रेनिंग प्रोग्राम दिया है। मैं इसके मुताबिक ही ट्रेनिंग कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी बल्लेबाजी की कमी महसूस हो रही। लेकिन क्रिकेट तभी शुरू होना चाहिए जब हालात काबू में हों।गेंद पर लार या पसीने के इस्तेमाल पर आईसीसी फैसला लेगीगेंद पर लार और पसीने के इस्तेमाल को रोकने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा- मुझे नहीं पता कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और दूसरे क्रिकेट बोर्ड क्या फैसला लेंगे। व्यक्तिगत तौर पर मैं कोविड-19 महामारीखत्म होनेका इंतजार करूंगा। वैसे भी अगर कुछ बदलाव होता भी है तो क्रिकेट शुरू होने पर सबको पता चल ही जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today अजिंक्य रहाणे ने कहा कि जब तक हालात काबू नहीं होते और कोरोना की वैक्सीन नहीं मिल जाती। तब तक क्रिकेट की वापसी नहीं होनी चाहिए। (फाइल) Full Article
19 सचिन ने 2 फोटो शेयर कर 19 की उम्र को याद किया, बोले- इंग्लिश काउंटी क्रिकेट ने बहुत कुछ सिखाया By Published On :: Fri, 08 May 2020 16:03:57 GMT पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 19 की उम्र को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर 2 फोटो शेयर की हैं। एक तस्वीर में वे अपना पासपोर्ट दिखाते नजर आ रहे हैं। जबकि दूसरे फोटो में वे इंग्लिश काउंटी क्लब यॉर्कशायर की ओर से खेलते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि काउंटी क्रिकेट ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। सचिन ने पोस्ट में हैशटैग के साथ फ्लैश बैक फ्राइडे भी लिखा।सचिन ने लिखा, ‘‘यह तस्वीर मेरे काउंटी क्रिकेट के दिनों की याद दिलाती है। 19 साल का था, तब मैं यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब की ओर से खेल रहा था। मेरे लिए यह बहुत ही खास लम्हा था, जिसने मुझे सही दिशा दी। इसी काउंटी की बदौलत मुझे इंग्लिश परिस्थितियों को समझने का मौका भी मिला। बहुत प्यारी यादें।’’सचिन ने पहला शतक इंग्लैंड के खिलाफ जड़ा थाभारतीय लेजेंड ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक भी इंग्लैंड के खिलाफ लगाया था। सचिन ने यह सेंचुरी 17 साल की उम्र में लगाई थी। इस तरह वे भारत की ओर से टेस्ट में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। 24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन पिछले महीने ही 47 साल के हो गए हैं। कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाया।सचिन के नाम 200 टेस्ट में 15921, 463 वनडे में 18426 रन हैं। उन्होंने एकमात्र टी-20 में 10 रन बनाए थे। आईपीएल के 78 मैच में सचिन ने 2334 रन बनाए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक भी इंग्लैंड के खिलाफ लगाया था। उन्होंने यह सेंचुरी 17 साल की उम्र में लगाई थी। Full Article
19 1921 पर मिस कॉल कर जाने आपको कोरोना का कितना खतरा By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT आमजन को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए एक विशेष नंबर जारी किया गया है। यह नंबर है 1921, इस नंबर पर केवल मिस कॉल करने के बाद ही संबंधित व्यक्ति के पास कंट्रोल रूम से फोन आएगा। फोन पर व्यक्ति से उसके स्वास्थ्य संबंधी कुछ जानकारियां ली जाएंगी। इन जानकारियों के आधार पर उसे बताया जाएगा की उसे कोरोना वायरस का कितना खतरा है। यह भी बताया जाएगा की आपको चिकित्सक से परामर्श लेने की जरूरत है या नहीं। इतना ही नहीं, एक बार इस नंबर पर कॉल करने के बाद यदि वह व्यक्ति किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हुआ होगा तो उसे तुरंत ही अलर्ट मैसेज जारी हो जाएगा। यह नंबर उन लोगों के लिए जारी किया गया है जिनके पास एंड्रॉयड या स्मार्ट फोन नहीं हैं।गौरतलब है कि बीते दिनों ही सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए आरोग्य सेतू एप लांच किया था। यह एप भी लोगों को कोरोना संक्रमण से अलर्ट करता है तथा संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर भी संचेत करता है। यहां बता दें कि जिले में अबतक 84 हजार 138 लोगों ने आरोग्य सेतू एप अपने फोन में इंस्टाल कर ली है।मिस काॅल के बाद पंजीकृत हो जाएगा नंबरसरकार द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए जारी किए गए 1921 नंबर पर मिस कॉल करने के बाद फोन आएगा। इसके बाद व्यक्ति का पंजीकरण हो जाएगा। पंजीकरण होने के बाद समय-समय पर मैसेज के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस के बारे में अलर्ट किया जाएगा तथा उन्हें कोविड-19 से बचने की सावधानियों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा। खास बात यह है कि इस नंबर की सुविधाएं देश की 11 भाषाओं में उपलब्ध रहेंगी।सभी कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों को डाउनलोड करनाजिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने फोन में आरोग्य सेतू एप इंस्टाल करने के को कहा है। वहीं पुलिस प्रशासन ने भी सभी कर्मचारियों को यह एप डाउनलोड करने को कहा है। वीरवार को डीएसपी दलजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस व आईटी की टीम ने जिले के कई पुलिसकर्मियों के फोन में आरोग्य सेतू एप इंस्टाल करवाया।पुलिस कर्मियों को दिए निर्देश : एसपीजिले में सभी पुलिसकर्मियों को उनके फोन में आरोग्य सेतू एप इंस्टॉल करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए डीएसपी व आईटी की टीम को लगाया गया है जो पुलिसकर्मियों को यह एप इंस्टाल करने तथा इसका प्रयोग करने के बारे में बता रहे हैं।'' -राजेश कुमार, एसपी, फतेहाबाद।1921 पर करें मिसकॉल : डीआईओ1921 नंबर पर मिस काॅल कर कोई भी नागरिक बेक कॉल आने पर अपने स्वास्थ्य संबंधी कुछ बातें बताकर यह जान सकता है कि उसे कोरोना का कितना खतरा है। जिले में 84 हजार लोगों ने आरोग्य सेतू इंस्टाल किया है।'' -सिकंदर, डीआईओ, एनआईसी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today फ़तेहाबाद। पुलिसकर्मियों को आरोग्य सेतू एप इंस्टाल करवाते अधिकारी। Full Article
19 अध्यापकों को कोविड-19 से बचाव के लिए सुरक्षा संबंधी उपकरण उपलब्ध नहीं करवाए गए, डीईअाे काे साैंपा ज्ञापन By Published On :: Fri, 08 May 2020 00:03:00 GMT हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी उमा शर्मा काे स्कूल शिक्षा विभाग प्रधान सचिव के नाम ज्ञापन साैंपा। इस दाैरान जिला प्रधान बृजमोहन ने बताया कि कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी एवं लाॅकडाउन के चलते हरियाणा के 70-80 हजार अध्यापक पिछले 45 दिनों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार व विभाग अध्यापकों की सहनशीलता एवं महामारी की आड़ का दुरुपयोग कर रहा है। बार-बार शिक्षा मंत्री व विभाग के उच्च अधिकारियों से आग्रह करने के बावजूद अध्यापकों को सुरक्षा संबंधी उपकरण जैसे कि पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइजर, दस्ताने उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। जिला कोषाध्यक्ष सतनाम सिंह और जिला प्रेस सचिव लाभ सिंह ने कहा कि चाहे अनाज मंडी में अनाज खरीदने की ड्यूटी हो अथवा ऑनलाइन परिवार पहचान पत्र बनाने हों, किसी भी ड्यूटी के लिए सहयोगी व्यक्ति, सामग्री एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध नहीं है।जिला सचिव अशोक कुमार सैनी ने 1987 पीटीआई की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करने, सर्वे में साहा खंड के अध्यापकों की ड्यूटी साहा में ही लगाने, पंजाबी प्राध्यापकों सहित सभी पदोन्नति सूचियां जारी करने, मिड-डे मील वर्कर्स की माह अप्रैल और मई का वेतनमान देने का आदेश तुरंत जारी करने, बीएलओ का मानदेय शीघ्र देने और गेस्ट अध्यापकों के देय एरियर के शीघ्र भुगतान का पत्र जारी करे। अन्यथा संगठन आगामी रणनीति बनाकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। साहा खंड प्रधान ओमप्रकाश और वित्त सचिव साहा जसवंत सिंह शामिल रहे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सिटी में डीईअाे काे ज्ञापन देते हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के सदस्य। Full Article
19 अब 1921 नम्बर पर एक मिस्ड कॉल से मिलेगी साधारण फोन पर भी स्वास्थ्य की जानकारी, मिलेगा कोरोना वायरस से अलर्ट By Published On :: Fri, 08 May 2020 01:19:00 GMT आरोग्य सेतु एप से जहां लोगों को कोरोना संबंधित जानकारी मिल रही है। वहीं अब लोगों को एक मिस्ड कॉल करने पर उनके फोन पर भी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी मिलेगी। केंद्र सरकार ने आमजन की सुविधा को देखते हुए अब साधारण फोन पर भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने की योजना बनाई है। इसके लिए सरकार ने आरोग्य सेतु एप की सुविधा से एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा को शुरू की है। यह सेवा पूरे देश में मिलेगी। बेशक लोगों के पास स्मार्ट फोन की बजाए साधारण फोन हो। डीसी ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्मार्ट फोन के लिए कुछ समय पहले आरोग्य सेतु मोबाइल एप लांच किया था। इस एप के जरिए आम नागरिकों को अपने मोबाईल से ही कोरोना वायरस की स्थिति और आसपास के क्षेत्र में किसी भी आदमी के संक्रमित होने की स्थिति और स्वयं के स्वास्थ्य की जानकारी एप के द्वारा मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आरोग्य सेतु एप लांच करने के बाद एक और कदम आगे बढ़ाया है। अब सरकार ने फीचर फोन (साधारण मोबाईल) और लैंडलाइन का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा शुरू की है। यह सर्विस देशभर में उपलब्ध करवाई गई है।एसएमस से भेजा जाएगा जवाबयह एक टोल फ्री सर्विस है, जहां लोगों को 1921 नम्बर पर मिस कॉल करनी होगी। इस नम्बर पर मिस्ड कॉल करने के बाद व्यक्ति को वापस कॉल आएगा। इस कॉल में आपकी सेहत से जुड़े इनपुट लिए जाएंगे। पूछे जाने वाले सवाल आरोग्य सेतु एप की तर्ज पर ही होंगे। व्यक्ति जिस तरह का जवाब देगा उसके आधार पर सम्बन्धित व्यक्ति को एक एसएमस भेजा जाएगा। यह एसएमएस लोगों को उनकी सेहत की जानकारी देगा। अगर हालत गम्भीर लगे तो यह आपको सुधार का अलर्ट भी जारी करेगा। उपायुक्त ने कहा कि अधिक से अधिक लोग इस टोल फ्री सेवा का फायदा उठाए और अपने आपको स्वस्थ्य रखे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
19 कोविड-19 से बचाव के लिए शिक्षकों को सुरक्षा के उपकरण देने की मांग By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:21:00 GMT हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने वीरवार को डीईओ जोगेंद्र हुड्डा के माध्यम से शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को ज्ञापन भेजा। जिला प्रधान राकेश धनखड़ व सचिव जगपाल सिंह ने बताया कि कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी एवं लंबे लाॅकडाउन के चलते 70-80 हजार अध्यापक 45 दिनों से सेवाएं दे रहे हैं। कई-बार शिक्षा मंत्री व विभाग के उच्च अधिकारियों से आग्रह करने के बावजूद अध्यापकों को सुरक्षा संबंधी उपकरण जैसे कि पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइजर व दस्ताने आदि उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।अध्यापकों का कार्यस्थल व निवास स्थान दूसरे जिलों से भी है। ऐसे अनेक अध्यापक हैं जिनके निवास स्थान फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी व रोहतक में हैं। उनकी नौकरी गुरुग्राम, नूह, पलवल, यमुनानगर व फरीदाबाद में है। संगठन के आवेदन पर ऐसे आदेश भी जारी हो चुके हैं कि जिन अध्यापकों का निवास स्थान दूसरे जिलों में हैं, उनकी ड्यूटी न लगाई जाए। फिर भी प्रशासन न केवल ड्यूटियां लगा रहा है बल्कि अनुचित दबाव भी बना रहा है। इससे पहले यमुनानगर में एक अध्यापक की सेवाएं ही समाप्त कर दी हैं। यदि उपरोक्त मुद्दों पर सरकार ने समय रहते उचित निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन करने को बाध्य होंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
19 विद्यानगर में 449 घरों के 1909 लोगों की स्क्रीनिंग By Published On :: Sat, 09 May 2020 01:09:00 GMT स्वास्थ्य विभाग ने विद्यानगर निवासी बीएसएफ जवान के घर के आस-पास के 449 घरों में रहने वाले 1909 व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच की है। शुक्रवार को विभाग ने 18 लोगों के काेरोना से संबंधित सैंपल लिए है।गुरुवार को विद्यानगर के 350 घरों में रहने वाले करीब 1500 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई तथा 46 लोगों के सैंपल लिए थे। शुक्रवार को 99 मकानों में ओर सर्वे कर स्क्रीनिंग की गई है। अभी तक विभाग काॅलोनी में 449 घरों में रहने वाले 1909 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कर चुका है। काॅलोनी के सभी घरों में रहने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करवाने का उद्देश्य यह हैं कि अगर किसी व्यक्ति में किसी प्रकार के कोरोना के लक्षण मिले तो विभाग उसको तुरंत आइसोलेशन वार्ड में रख कर महामारी को फैलने से रोक सके। अभी तक की जांच में विद्यानगर कालोनी में किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण नहीं मिले है। सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादयान ने बताया कि शुक्रवार को 18 सैंपल लिए गए, इनमें से 12 सैंपल रोहतक पीजीआई जांच के लिए भेजे गए है जबकि 6 सैंपल की जांच रैपिड किट से की गई। रैपिड किट से जांच में सभी छह सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अभी तक 78 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। शुक्रवार तक कुल 1036 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए थे। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 12 व्यक्तियों को रखा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
19 26 केंद्रों पर 3 हजार 842 किसानों से खरीदा 190134.97 क्विं. गेहूं By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT जिले में 26 केंद्रों पर 15 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी है। जिला आपूर्ति अधिकारी बीके कोष्ठा ने बताया अभी तक 3842 किसानों से 190134.97 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
19 लाइन क्लियर नहीं होने से श्रमिक स्पेशल बैतूल में रुकी, 19 मजदूर उतरे, 2 मजदूरों को घर और 17 को छिंदवाड़ा भिजवाया By Published On :: Sat, 09 May 2020 01:41:00 GMT दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को लेकर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन बैतूल में शुक्रवार को 11 मिनट तक रुकी रही। यह ट्रेन हैदराबाद से जबलपुर जा रही थी। इसके पहले एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन होने के कारण लाइन क्लियर नहीं होने से बैतूल स्टेशन पर यह ट्रेन रुकी। ताे बैतूल के 2 तथा छिंदवाड़ा के 17 मजदूर उतर गए। स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर रेलवे ने 19 मजदूरों को जिला प्रशासन को साैंप दिया।हैदराबाद से जबलपुर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन दोपहर को बैतूल पहुंची जाे 11 मिनट तक रुकी। ट्रेन से 19 मजदूर उतरे। आरपीएफ ने सिटी पुलिस तथा प्रशासन को यह जानकारी दी। आरपीएफ द्वारा पूछताछ में 17 मजदूरों ने छिंदवाड़ा तथा 2 मजदूर कलीराम इरपाचे भीमपुर ब्लॉक के बालू गांव तथा शर्मिला उइके आमला के दीपामांडई गांव का रहना बताया। तहसीलदार अंतोनिया इक्का, गंज टीआई संतोष पटेल मौके पर पहुंचे। भोजन कराने के बाद स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसके बाद 2 मजदूरों को बैतूल में ही जबकि 17 मजदूरों को प्रशासन ने बस से छिंदवाड़ा रवाना करवा दिया गया। इधर, तेलंगाना से 29 मजदूरों को बस से लाएतेलंगाना से भोपाल तक ट्रेन में आए बैतूल के 29 मजदूरों को भोपाल से बस के द्वारा बैतूल लाया गया। डिस्ट्रीक रजिस्ट्रार दिनेश कौशले ने बताया इनमें 11 घोड़ाडोंगरी, 11 दामजीपुरा अन्य मुलताई और आमला के मजदूर थे। इन मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बस से गांव तक पहुंचाया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Workers stopped in special Betul due to lack of line clearing, 19 laborers landed, 2 laborers were sent home and 17 sent to Chhindwara Full Article
19 पत्थरबाजी करने वाले 19 लोगों को जेल भेजा By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT शहर के देशवाली मोहल्ले में हुआ विवाद अब पुलिस की जांच पड़ताल पर टिका है। दोनों पक्षों की तरफ दर्ज कराई गई नामजद एफआईआर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दर्ज कर अनुसंधान करते हुए पुलिस ने पहले चरण में दोनों पक्षों के 19 जनों को गिरफ्तार कर गुरूवार को न्यायालय में पेश किया जहां से सभी को जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच डीएसपी चक्रवर्ती सिंह राठौड़ कर रहें है। थानाधिकारी रविंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि एक एफआईआर सीतादेवी पत्नी गोविंद सिंह गंवारिया की ओर से 26 लोगों के विरुद्ध नामजद कराई गई है जबकि दूसरी एफआईआर रमजानी देशवाली की ओर से 19 नामजद लोगों के खिलाफ दर्ज कराई है। मामलों की जांच डीएसपी द्वारा की जा रही है । उन्होंने बताया कि देशवाली मोहल्ले में पूर्ण रूप से शांति कायम है। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जाब्ता तैनात है। मोहल्ले वासी आम दिनों की तरह अपने अपने काम काज में लगे हुए है। उधर, मोहल्ले वाले एक दूसरे से वो ही पुराना वर्षों से चला आ रहा मेल मिलाप रखना चाहते है परंतु हाल ही में हुए फसाद से सभी अपने आप को शर्मिंदा महसूस कर रहें है। शहाबुद्दीन देशवाली ने तो यहां तक कहा है कि हम मोहल्ले में वर्षों से एक ही परिवार की तरह रहते आए है शहर में कुछ भी माहौल रहा हो देशवाली मोहल्ले में कभी कोई विवाद तक नहीं हुआ। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
19 एनसीसी कैडेट्स को दिया गया कोविड-19 का बेसिक प्रशिक्षण By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT कोविड-19 की रोकथाम व बचाव के लिए एनसीसी कैडेट्स को ऑनलाइन प्रशिक्षण मंगलवार को शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय में दिया गया। महाविद्यालय के आर्मी सीनियर डिवीजन के 12 व सीनियर विंग के 16 कैडेट एवं नेवल सीनियर डिवीजन के 6 कैडेट्स ने प्रशिक्षण लिया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में एनएचएम श्वेता आडिल व जिला चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा डॉ.सुरेश तिवारी के संयोजन में आईपीएस राजेश अग्रवाल, डॉ.प्रशांत श्रीवास्तव एवं डॉ.अलका गुप्ता ने कोविड-19 सुरक्षा, बचाव व रोकथाम के बारे में बताया। कैडेट्स की शंकाओं का समाधान भी किया गया। प्रशिक्षण में एनसीसी अधिकारी आर्मी मेजर किरण दामले, प्रो. संजय देवांगन नेवल से प्रो. विकास काण्डे, महाविद्यालय के रजिस्ट्रार संजय पर्गणीया, 38 छत्तीसगढ़ एनसीसी बटालियन राजनांदगांव के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राजेश अग्रवाल, सूबेदार मेजर मुखतार सिंह सहित सभी स्टाफ ने भाग लिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Kovid-19 basic training given to NCC cadets Full Article
19 1921 पर मिस्ड कॉल देकर ले सकेंगे हेल्थ स्टेटस By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT भारत सरकार की ओर से कोरोना आपदा के तहत समस्त नागरिकों को हेल्थ स्टेटस संबंधी जानकारी से अपडेट रखने के लिए आरोग्य सेतु आईवीआरएस प्लेटफार्म लांच किया गया है। सूचना विज्ञान अधिकारी मनीष शर्मा ने बताया कि जिन लोगों के पास लैंड लाईन व साधारण मोबाइल है उनको आरोग्य सेतु आईवीआरएस प्लेटफार्म के नंबर 1921 पर एक मिस्ड कॉल देनी होगी। 1921 से संबंधित व्यक्ति को कॉल आएगा। आरोग्य सेतु एप कि तर्ज पर ही स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न पूछे जाएंगे और दिए गए उत्तर के आधार पर संबंधित नागरिक को एक एसएमएस प्राप्त होगा जिसमें संबंधित नागरिक के हेल्थ स्टेटस के बारे में बताया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
19 परीक्षक ऑनलाइन भिजवाएंगे 12वीं बोर्ड परीक्षार्थियों के अंक, जिले में 19 हजार परीक्षार्थियों ने दी राजस्थान बोर्ड की परीक्षा By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:56:00 GMT माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की 12वीं और वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के अंक अब परीक्षक ऑनलाइन बोर्ड मुख्यालय भिजवाएंगे। अब तक परीक्षक उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के बाद विद्यार्थियों को मिले अंक ओएमआर शीट के माध्यम से बोर्ड मुख्यालय भेजते थे।बोर्ड ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ऑनलाइन अंक भेजने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने कोरोना के कारण उपजे हालातों को देखते हुए इस बार विद्यार्थियों के अंक बोर्ड की वेबसाइट के पोर्टल पर अपलोड करने की व्यवस्था की गई है। सभी परीक्षक इसी पोर्टल पर विद्यार्थियों के अंक अपलोड करेंगे। बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के लिए परीक्षकों को उनके घर पर भिजवाई गई है। अधिकांश परीक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर लिया है, लेकिन अंकों की ओएमआर शीट बोर्ड मुख्यालय में भिजवाने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस समस्या के समाधान के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड की वेबसाइट पर व्यवस्था शुरू की है।21 तक भेजने होंगे विद्यार्थियों के सत्रांक नंबरराजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों के सत्रांक भी बोर्ड मुख्यालय भिजवाने के लिए अंतिम तिथि बढ़ाकर 21 मई कर दी है। विद्यालयों की ओर से विद्यार्थियों को सत्रांक देने की व्यवस्था है। यह सत्रांक मुख्य परीक्षाओं के अंकों में जोड़े जाते हैं। अब तक अनेक विद्यालयों ने सत्रांक बोर्ड मुख्यालय नहीं भिजवाएं है। उनकी सुविधा के लिए अब सत्रांक भिजवाने की अंतिम तिथि 21 मई तय की गई है।फैक्ट फाइल : 12वीं बोर्ड परीक्षार्थी-18993, वरिष्ठ उपाध्याय में 139 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।अब बोर्ड की साइट पर ही नंबर अपलोड किए जाएंगे^ राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड परीक्षा के अंक परीक्षकों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। कोरोना के चलते डाक से नहीं भेज पा रहे हैं। ऐसे में अब बोर्ड की साइट पर ही परीक्षक नंबर अपलोड करेंगे।-घनश्याम बैरवा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, सवाईमाधोपुर Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
19 चाकसू से 62 व कोटखावदा से 19 लोग दो बसों से यूपी के लिए रवाना By Published On :: Sat, 09 May 2020 01:18:00 GMT लॉकडाउन के बाद चाकसू क्षेत्र में फंसे उत्तरप्रदेश के 62 लोगो को शुक्रवार को तहसीलदार अर्शदीप बरार ने रोडवेज की दो बसो से बरेली व शहजानपुर के लिए रवाना किया। तहसीलदार बरार ने बताया कि इनमें 4 व्यक्ति बरेली के तथा 58 व्यक्ति शहजानपुर के है। इन सभी 62 व्यक्ति की मेडिकल जांच करवा प्रमाण पत्र देकर रवाना किया। 62 लोगों में 35 पुरुष व 27 महिलाएं व 19 बच्चे भी शामिल है। इस अवसर पर ऑफिस कानूनगो प्रभुलाल बागडी, डॉ. शंकर सिंह भी उपस्थित थे।कोटखावदा| लॉकडाउन में अटके प्रवासी मजदूरों को घर वापसी भेजने के राज्य सरकार के फैसले को लेकर तहसील प्रशासन ने रोडवेज बस से यूपी पीलीभीत 19 प्रवासी मजदूरों महिला व बच्चों को तहसीलदार कोटखावदा मुकेश कुमार अग्रवाल ने बस में बिठा कर शुक्रवार को रवाना किया यूपी पीलीभीत के प्रवासी मजदूर कोटखावदा स्थित सांवरिया रोड पर ईंट भट्टे पर मजदूरी का काम करते थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 62 people from Chaksu and 19 from Kotkhavada left for UP in two buses Full Article
19 तीन गांवों में केवल एक चिकित्सक, उसकी भी ड्यूटी कोविड-19 में By Published On :: Sat, 09 May 2020 01:42:00 GMT ग्राम पंचायत नांगल कोजू में चिकित्सा सुविधा के नाम पर मरीज आयुर्वेदिक औषधालय के भरोसे थे, लेकिन उसके डॉ.राजेश शर्मा को भी कोविड-19 में ड्यूटी लगा दी गई। इससे तीन गांवों के मरीजों को अब सामान्य उपचार के लिए करीब 6 किमी दूर निवाणा जाना पड़ेगा। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत नांगल कोजू, कंवरपुरा, कुंभपुरिया में चिकित्सा सुविधा के नाम पर एकमात्र औषधालय है। इसमें चतुर्थश्रेणी कर्मचारी व चिकित्सक नियुक्त है। डॉ.राजेश शर्मा की ड्यूटी कोविड-19 में खेजरोली चेकपोस्ट पर लगाए जाने पर औषधालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे रह गया है। ग्रामीणों ने चिकित्सक की व्यवस्था करने की मांग करते हुए रोष जताया है| कोविड-19 में बीएलओ श्रीहरि शर्मा ने बताया कि हमारे पास चिकित्सकों की कमी थी। ऐसे में नांगल कोजू चिकित्सक को खेजरोली चेकपोस्ट पर लगाया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
19 6 गांवों को कोरोना मुक्त रखने युवाओं ने बनाई चैंपियन-19 टीम By Published On :: Sun, 03 May 2020 23:30:00 GMT एक तरफ बीजापुर, नारायणपुर जिले के बॉर्डर तो दूसरी तरफ इंद्रावती नदी, इसी बीच बसे दंतेवाड़ा के 6 गांवों को कोविड-19 से सुरक्षित रखना है, इसलिए यहां चैंपियन-19 युवाओं की टीम बनी है। ये टीम कोरोना को मात देने क काम कर रही है। टीम में पाहुरनार, छोटे करका, तुमरीगुंडा, चेरपाल, कौरगांव व पदमेटा के पढ़े लिखे युवा हैं। भास्कर टीम दंतेवाड़ा के आखरी छोर में कौरगांव, चेरपाल पहुंची तो चैंपियन-19 टीम की मीटिंग चल रही थी। भास्कर टीम को आते देख युवाओं ने पूछताछ शुरू कर दी। भास्कर ने खुद के पास रखा सैनिटाइजर दिखाया, हैंडवाश किया, तब यह टीम बातचीत के लिए तैयार हुई।नहीं थी जागरूकता, देश में बढ़ने लगे केस तो हुए सतर्कलॉकडाउन 1.0 में यहां कोरोना को लेकर जागरुकता नहीं थी और न ही स्थानीय स्तर पर कोई खास काम हो रहे थे। लेकिन जब देश में केस बढ़ने लगे और लॉकडाउन बढ़ा तो ये गांव और यहां के ग्रामीण सुरक्षित रहें इसलिए छोटेकरका के शिक्षक जितेंद्र शर्मा ने गांव पहुंच टीम तैयार कर दी। बाकायदा टीम के युवाओं को काम कैसे करना है, इसकी विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। टीम की मॉनिटरिंग ये खुद कर रहे हैं। टीम जो काम करती है हर दिन रिपोर्ट देती है।टीम ने युवाओं ने कहा- कोरोना हारेगा, जीतेंगे हमटीम के युवा पीलाराम यादव, संजय, पत्तूराम सहित अन्य ने बताया कि कोरोना के बारे में किसी को कोई खास जानकारी नहीं थी। शिक्षक ने जब टीम बनाने का सुझाव दिया तो 1-2 नहीं बल्कि 30 से ज्यादा युवा तैयार हो गए। कोविड 19 से लड़ना है इसलिए हमने टीम में 19 युवाओं को ही रखा। ये चैंपियन-19 टीम है। हम खुद जीतने व कोरोना को हराकर अपने गांवों को जिताने का काम कर रहे हैं।ये काम कर रही टीम जिलों के बॉर्डर पर बसे हैं गांव, दूसरे जिले के ग्रामीणों को गांव में आने की इजाजत नहीं। सिर्फ विशेष परिस्थिति में ही आने दिए जा रहे। 6 गांव के ग्रामीण एक दूजे गांव जा सकते हैं, लेकिन मास्क या गमछा बांधकर। ग्रामीणों के पास मास्क नहीं है। गमछा का इस्तेमाल करने पर ज़ोर। गांव के घरों में स्वच्छता बनाए रखने पर ज़ोर। बच्चों व बुजुर्गों पर विशेष निगरानी। घर पर रहने की सलाह। शहर जाकर आने वालों के नाम रजिस्टर में एंट्री कराने की ग्रामीणों से अपील। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today दंतेवाड़ा. चैंपियन-19 टीम में शामिल युवक-युवतियां, जो जिले के 6 गांवों में गश्त करने के साथ लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। Full Article
19 18 कैडेट्स को दी गई कोविड-19 की बेसिक ट्रेनिंग, देंगे आपातकालीन सेवा By Published On :: Thu, 07 May 2020 00:44:00 GMT कोविड-19 की रोकथाम व बचाव के लिए एनसीसी कैडेट्स के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण 5 मई 2020 को सीएमएचओ आफिस कवर्धा में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण में कवर्धा के एनसीसी अधिकारियों व सीनियर कैडेट्स ने प्रशिक्षण लिया। इसमें शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कवर्धा के 13 कैडेट्स व शासकीय कृषि महाविद्यालय कवर्धा के 5 कैडेट्स सम्मिलित हुए।एनएचएम श्वेता आडिल व जिला चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा डॉ. सुरेश तिवारी के संयोजन में आईपीएस राजेश अग्रवाल, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव व डॉ. अलका गुप्ता ने कोविड-19 से सुरक्षा, बचाव व रोकथाम पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया। कैडेट्स को इन विषम परिस्थितियों में राष्ट्र सेवा का एक अद्भुत अवसर मिलने की बात कही। कैडेट्स की शंकाओं का समाधान भी किया गया। प्रशिक्षण में एनसीसी अधिकारी, पीजी कॉलेज से डॉ. अनिल शर्मा, शा. कृषि महाविद्यालय से शंकर नाग, स्वामी करपात्रीजी विद्यालय से फर्स्ट ऑफिसर जेके सिंह, कन्या शाला से हर्षिता तम्बोली व स्काउट जिला संगठन आयुक्त अजय चन्द्रवंशी ने हिस्सा लिया। जिला कलेक्टर व कमांडिंग आफिसर के निर्देशानुसार अब इनकी सेवाएं ली जा सकेंगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Kovid-19 basic training given to 18 cadets, will provide emergency service Full Article
19 सूरत से 1198 मजदूरों को लेकर धनबाद पहुंची स्पेशल ट्रेन, भेजे गए होम क्वारैंटाइन में By Published On :: Thu, 07 May 2020 15:54:36 GMT धनबाद. गुजरात के सूरत से एक स्पेशल ट्रेन के जरिए 1198 श्रमिक गुरुवार को धनबाद स्टेशन पहुंचे। इनमें सवार सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य विभाग की ओर से थर्मल स्क्रीनिंग की गई फिर बसों से उनके घर भेज दिया गया। जहां उन्हें होम क्वारैंटाइन किया गया है। वहीं, धनबाद के साथ ही बोकारो भी अब कोरोना मुक्त शहर बन गया है। बीजीएच में भर्ती तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई। स्वस्थ होने के बादगुरुवार को इन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।वहीं, सूरत से 22 बोगियों के साथ आने वाली स्पेशल श्रमिक ट्रेन में झारखंड के गिरिडीह, देवघर, कोडरमा, हजारीबाग, जामताड़ा, सिमडेगा, सरायकेला, पलामू, लातेहार, गढ़वा तथा चतरा जिले के प्रवासी मजदूर सवार थे। बुधवार सुबह भी सूरत से एक श्रमिक ट्रेन धनबाद पहुंची थी।वाहनों के लिए मिलेगा अब ई-पास, घर बैठे करें आवेदनइधर, लाॅकडाउन में बाहर धनबाद के फंसे या दूसरे जिले-राज्य के धनबाद में फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें वापस जाने या दूसरे राज्य-जिले से अपने परिवार को लाने के लिए फिर ई-पास जारी किया जाएगा। इसके लिए https://epassjharkhand.nic.in. पर आवेदन करना होगा। बुधवार शाम ही इसे शुरू कर दिया गया है। शहर में सुबह से ही वाहनाें की चेकिंगवहीं, लाॅकडाउन के दाैरान शहर में कई जगहाें पर पुलिस की सख्ती दिखी। रणधीर वर्मा चाैक पर वाहनाें की जांच की गई। वहां कई वाहनाें काे राेका गया। चालकाें से पूछताछ की गई। सड़क पर हाेने का स्पष्ट कारण नहीं बताने वाले कई लाेगाें काे पुलिस ने पकड़ा। उनपर जुर्माना भी लगाया गया। इधर, बोकारो चास में भी पुलिस सख्त नजर आई। चास में पुलिस बेवजह बाइक से घूमने वाले लोगों को सड़क पर दौड़ लगवाई।बोकारो में सैकड़ों महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कतार में लग गईं।वहीं, बैंक के सुविधा केंद्रमें जनधन योजना काखाता खुलवाने के लिए लोगों में होड़ मच गई है। बोकारो मेंसेक्टर नौ स्थित हरला थाना क्षेत्र के रामडीहमोड़ के स्टेट बैंक के सुविधा केंद्रमेंसैकड़ों महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कतार में लग गईं। इसके बाद सुविधा केंद्र के बाहर नोटिस चिपकाना पड़ा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बैंक बंद है। जबकि महिलाओं की भीड़ लगने से पहले यहां यह नोटिस चिपकाया गया था कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बैंक बंद है। पर जनधन खाता खोला जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today बोकारो के चास में पुलिस बेवजह बाइक से घूमने वाले लोगों को सड़क पर दौड़ लगवाई। Full Article
19 1198 प्रवासी श्रमिक धनबाद पहुंचे, जांच के बाद घर भेजे गए By Published On :: Fri, 08 May 2020 01:43:00 GMT गुजरात में फंसे झारखंड के लोगों को झारखंड लाने का क्रम जारी है। गुरुवार को सूरत से 1198 कामगाराें काे लेकर दूसरी स्पेशल ट्रेन धनबाद पहुंची। ट्रेन सुबह 3.50 बजे धनबाद स्टेशन पहुंची। स्टेशन पर सभी काे कतारबद्ध कर ट्रेन से उतारा गया। सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद उनका स्वागत किया गया। 27 घंटे का सफर कर पहुंचे कामगाराें काे लंच पॉकेट अाैर पानी देकर बस से गृह जिला रवाना कर दिया गया। उपायुक्त अमित कुमार के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों का सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती प्लेटफार्म पर की गई थी। श्रमिकों को उनके संबंधित जिले तक पहुंचाने के लिए 46 बड़ी बस, एक छोटी बस तथा 9 छोटे वाहनों की व्यवस्था की गई थी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 1198 migrant workers reach Dhanbad, sent home after investigation Full Article
19 वेल्लाेर से आए 119 लोगों का शहर पहुंचते ही लिया स्वाब, 28 दिन रहेंगे होम क्वारेंटाइन By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:52:00 GMT वेल्लोर में फंसे जिले के 119 लोगाें काे शुक्रवार काे रांची से छह बसाें में जमशेदपुर लाया गया। इनमेंे इलाज कराने वालाें के साथ मजदूर भी शामिल हैं। सभी बसें पहले बिष्टुपुर के लोयोला स्कूल मैदान पहुंची। वहां मेडिकल टीम ने एक-एक व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच की और स्वाब का सैंपल लेकर 28 दिन के लिए हाेम कवारेंटाइन में भेज दिया।स्वाब का सैंपल लेकर जांच के लिए एमजीएम भेजा गया। जिले में पहली बार एक साथ कोरोना जांच के लिए इतनी संख्या में स्वाब का सैंपल कलेक्ट किया गया। इससे पहले सुबह में इन लाेगाें काे लेकर स्पेशल ट्रेन रांची पहुंची। इनमें ज्यादातर वेल्लोर इलाज कराने गए थे। लेकिन लॉकडाउन में फंस गए। जबकि जिले के कुछ मजदूर भी फंसे थे। रांची से इन्हें लाने के लिए जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेट के साथ छह बसें भेजी थी। हटिया रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्कैनर से जांच के बाद इन्हें जमशेदपुर के लिए रवाना किया गया। इधर, लाेयला स्कूल पहुंचने पर सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी व्यवस्था थी। सभी काे घर भेजने से पहले इनका नाम, पता, फोन नंबर भी नाेट किया गया। एडीएम एनके लाल ने बताया कि सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद संक्रमण का पता चलेगा। तब तक सभी होम क्वेंरटाइन में ही रहेंगे।तीन दिव्यांगाें को दी ट्राईसाइकिल वेल्लोर से जमशेदपुर पहुंचने वाले तीन दिव्यांग भी थे। जो इलाज के लिए वेल्लोर गए हुए थे। वे वहां से आए तो उनकी राहत मिली। तीन विकलांगों को जिला प्रशासन ने ट्राइसाइकिल प्रदान किया गया। इलाज करने गई महिला ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि में काफी परेशानी हुई। अपना शहर आने से राहत मिली।16 लोग रांची में थे क्वेंरटाइन रांची से आई बस में 16 ऐसे लोग भी थे, जिन्हें रांची जिला प्रशासन ने 28 दिन क्वेंरटाइन सेंटर में रखा था। सभी लाेग बहरागोड़ा और गालूडीह के प्रवासी मजदूर हैं। जिनको रांची में रखा गया था। इनकी भी सैंपल लिया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Swab taken by 119 people from Vellar as soon as they reach the city, will be home quarantine for 28 days Full Article
19 Australia to end most COVID-19 restrictions by July By feeds.reuters.com Published On :: Fri, 08 May 2020 17:33:19 +0530 Australia will ease social distancing restrictions implemented to slow the spread of the coronavirus in a three-step process, Prime Minister Scott Morrison said on Friday, with the aim of removing all curbs by July. Lauren Anthony reports. Full Article
19 Africans scale back funerals to curb COVID-19 By feeds.reuters.com Published On :: Fri, 08 May 2020 20:52:21 +0530 Across Africa, centuries-old cultural traditions are being foregone in the wake of the COVID-19 pandemic, which has seen governments impose restrictions on gatherings and other practices around death and burial. Francesca Lynagh reports. Full Article
19 26 साल पहले तक सरकार बर्खास्त करने से पहले फ्लोर टेस्ट जरूरी नहीं था, 1989 में कर्नाटक की बोम्मई सरकार गिरने के 5 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे जरूरी किया By Published On :: Thu, 19 Mar 2020 05:37:13 GMT नई दिल्ली. पिछले एक-दोसाल में कई बार फ्लोर टेस्ट के बारे में हम सुनते आ रहे हैं। कभी कर्नाटक में। कभी महाराष्ट्र मेंऔर अब मध्य प्रदेश में। जब भी किसी सरकार पर संकट आता है, जैसे- अभी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर आया है। तो उसे भी फ्लोर टेस्ट से गुजरना ही पड़ता है। पहली बार ऐसा 26साल पहले हुआ।कर्नाटक में 1985 में 8वीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए। इस चुनाव में जनता पार्टी ने राज्य की 224 में से 139 सीटें जीतीं। कांग्रेस 65 ही जीत सकी। जनता पार्टी की सरकार बनी। मुख्यमंत्री बने रामकृष्ण हेगड़े,लेकिन हेगड़े पर फोन टैपिंग के आरोप लगे, जिस वजह से उन्होंने 10 अगस्त 1988 को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री बने एसआर बोम्मई,लेकिन कुछ ही महीनों में यानी अप्रैल 1989 में उनकी सरकार को भी कर्नाटक के उस समय के राज्यपाल पी वेंकटसुब्बैया ने बर्खास्त कर दिया। कारण दिया कि बोम्मई के पास बहुमत नहीं था। हालांकि, बोम्मई ने दावा किया था कि उनके पास बहुमत है।मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कई सालों तक सुनवाई चली। सरकार बर्खास्त होने के 5 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और कहा कि फ्लोर टेस्ट ही एकमात्र ऐसा तरीका है, जिससे बहुमत साबित हो सकता है। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था,‘जहां भी ये संदेह पैदा हो कि सरकार या मंत्रिपरिषद ने सदन का विश्वास खो दिया है, तो वहां परीक्षण ही एकमात्र तरीका है- सदन के पटल पर बहुमत हासिल करना।’ सरल शब्दों में कहें तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी सरकार के पास बहुमत है या नहीं, उसका फैसला सिर्फ विधानसभा में ही हो सकता है।कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई।- फाइल फोटोसंविधान एक्सपर्ट मानते हैं कि आजादी के बाद कई सालों तक राज्यपाल बिना किसी फ्लोर टेस्ट के ही सरकारें बर्खास्त कर देते थे। अगर किसी सरकार पर संकट आता भी था, तो ऐसे हालात में विधायकस्पीकर या राज्यपाल के सामने परेड करते थे या फिर अपने समर्थन की चिट्ठी भेजते थे। इससे गड़बड़ियां भी होती थीं। 1989 में भी कर्नाटक की एसआर बोम्मई की सरकार ऐसे ही बर्खास्त कर दी गई थी। 1967 में बंगाल की अजॉय मुखर्जी के नेतृत्व वाली यूनाइटेड फ्रंट सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। कहा गया कि उनके पास बहुमत नहीं है।उनकी जगह कांग्रेस के समर्थन से पीसी घोष को मुख्यमंत्री बना दिया गया। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में राज्यपाल सरकार बर्खास्त करने की सिफारिश कर सकते हैं।1994 के फैसले के 23 साल बाद यानी 2017 में गोवा से जुड़े एक मामले में फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक और टिप्पणी की,‘फ्लोर टेस्ट से सारी शंकाएं दूर हो जाएंगी और इसका जो नतीजा आएगा, उससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी विश्वसनीयता मिल जाएगी।’दो तरह के फ्लोर टेस्टहोते हैं सामान्यफ्लोर टेस्टजब भी कोई पार्टी या गठबंधन का नेता मुख्यमंत्री बनता है, तो उसे सदन में बहुमत साबित करना होता है। इसके अलावा अगर सरकार पर कोई संकट आ जाए या राज्यपाल को लगे कि सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है, तो भी फ्लोर टेस्ट होता है। इसमें मुख्यमंत्री सदन में विश्वास प्रस्ताव लाता है और उस पर वोटिंग होती है।इसको ऐसे समझिए किजुलाई 2019 में कर्नाटक मेंकांग्रेस-जेडीएस गठबंधनकी सरकार पर संकट आ गया। सदन में फ्लोर टेस्ट हुआ। इसमें कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट पड़े। इस तरह सरकार गिर गई थी। कंपोजिट फ्लोर:जब एक से ज्यादा नेता सरकार बनाने का दावा कर दें। ऐसे हालात बनने पर राज्यपाल विशेष सत्र बुला सकते हैं और देख सकते हैं कि किसके पास बहुमत है। इसमें विधायक सदन में खड़े होकर, हाथ उठाकर, ध्वनिमत से या डिविजन के जरिए वोट देते हैं। इसको ऐसे समझ सकते हैं कि फरवरी 1998 में उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की सरकार को बर्खास्त कर दिया गयाऔर कांग्रेस के जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 48 घंटे के अंदर कंपोजिट फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दे दिया। इसमें कल्याण सिंह की जीत हुई। उन्हें 225 वोट मिले और जगदंबिका पाल को 195 वोट। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Kamal Nath MP Floor Test | Dainik Bhaskar Research On Floor Test; Facts History of Floor Test in Madhya Pradesh Karnataka Full Article
19 कोविड-19 ने बदले हमारे कल के सिद्धांत, भविष्य को लेेकर जरा भी आश्वस्त नहीं हैं By Published On :: Sat, 04 Apr 2020 02:11:00 GMT (पत्रकार दैनिक भास्कर के लिए इटली से विशेष)कोविड-19 ने हमारी जिंदगी को बदल दिया है। अब हमारी जिंदगी दो अध्यायों में बंट रही है, एक कोरोना से ‘पहले’ और एक कोरोना के ‘बाद’। हमारे कल के सिद्धांत बदल गए हैं। इस हेल्थ इमरजेंसी से पहले हम सभी अपने भविष्य के बारे में इस तरह से सोचने के अादी थे कि यह तो होगा ही। एक यात्रा, कोई अन्य अनुभव या फिर कोई भी फैसला हो। लेकिन अब यह मानना कि भविष्य में सब कुछ योजना के मुताबिक नहीं होगा, इसकी वजह यह धक्का है। कम से कम हमारे दिमाग में तो कोविड-19 ने यह सब कुछ बदल दिया है। यह हमें याद दिलाता है कि कुछ योजना नहीं बनाई जा सकती। यह वायरस अब धक्का नहीं है, यह अब हमारी रोज की जिंदगी का हिस्सा बन गया है और हमें अब इसके साथ जीना सीखना है। लॉकडाउन का अगला दिन, जिसने हमें सोशल डिस्टेंस सिखाया, गुजारना मुश्किल था। हालांकि, अब री-ओपनिंग धीरे-धीरे होगी। हम सब सोचेंगे कि पहले क्या करना चाहिए। सच तो यह है कि हममें से कोई नहीं जानता कि इसके बाद का दिन या कहें कि कई दिन कैसे होंगे।कोविड-19 ने हमारी आदतों और हमारे एक-दूसरे से संबंध रखने के तरीकों को बदल दिया है। इस महामारी से हम पर जो असर हुआ है, वह महत्वपूर्ण है और वह वैक्सीन के बनने के बाद भी बना रहेगा। यह डर हमेशा बना रहेगा कि कोई ऐसी चीज है जो बहुत तेजी से फैल सकती है और हमारे जीवन को खतरे में डाल सकती है। मास्क पहनना फैशन बन जाएगा। शायद हमारे पास ऐसे एप होंगे जो कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति या ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां पर दस से अधिक व्यक्ति जमा होंगे। कामकाजी लोगों की दुनिया बदल जाएगी। खुले और बड़े ऑफिस छोटे-छोटे ऑफिसों में बदल जाएंगे, जहां पर सिर्फ दो या तीन लोग काम कर रहे होंगे। यातायात भी बदल जाएगा। अभी तक चाहे ट्रेन हों, विमान हों या बसें, कंपनियां अधिक से अधिक स्थानों तक उन्हें ले जाती थीं, ताकि उनकी क्षमता बढ़ सके। लेकिन, शायद अब क्षमता का आकलन सुरक्षा, इस मामले में स्वास्थ्य सुरक्षा से होगा और निश्चित ही इससे कीमत तो बढ़ेगी ही। कैटरिंग उद्योग यानी बार, रेस्टोरेंट को भी इसी तरीके से काम करना होगा यानी अब भीड़भाड़ वाली जगहें नहीं होंगी, बल्कि अब टेबल दूर-दूर होंगी। आने वाले कल में ऐसा होगा और यह लंबे समय तक चलेगा। कोविड-19 एक ऐतिहासिक क्षण लेकर आया है, यह आधुनिक जीवन का एक टर्निंग पॉइंट है। बड़ी घटनाएं केवल नकारात्मक प्रभाव ही नहीं डालतीं, बल्कि उसका सकारात्मक असर भी होता है। लेकिन मिलान में रहने वाली एक इटैलियन के लिए आज कुछ भी सकारात्मक देखना मुश्किल है। कभी यह चर्चा होती थी कि लोग आज की भीड़-भाड़ वाली जिंदगी में कितने फंसे हुए हैं, वे अपने लिए कितना कम समय निकाल पाते हैं। नई पीढ़ियों को अक्सर यह उलाहना सुनना पड़ता था कि वे जिंदगी की छोटी-छोटी चीजों की सराहना नहीं करते हैं। कई बार हमने अपने दादा-दादी या नाना-नानी से सुना है कि ‘यह पहले ज्यादा अच्छा था’।कोविड-19 ने हम पर क्वारेंटाइन का लंबा समय लाद दिया है। हममें से किसी ने शायद ही पहले कभी इस तरह की बंदिशों का अनुभव किया हो। हम सब अपने घरों में हैं। हममें से अनेक लोग अपने परिवारांे, माता-पिता, भाई-बहनों के साथ नहीं हैं। ‘उसके बाद’ हमें पहला काम यह करना चाहिए कि हमें अपने करीबियों या प्रियजनों से मिलने जाना चाहिए। इस क्वारेंटाइन में हमें उन चीजों की सराहना करना सिखाया है, जिन्हें हम पहले एेसे ही समझ लेते थे। जब आदमी तालांे में बंद है तो प्रकृति खुलकर बाहर आ गई है। हमने हल्के पीले दिख रहे बीच, बंदरगाहों पर तैरती डॉल्फिनों, तालाबों में नहाते भालू के छोटे-छोटे बच्चों, खाली पड़े हुए पार्कों में घूमते खरगोशों की फोटो देखी हैं और हमने इन्हें पसंद किया है। इसने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है।जब यह क्वारेंटाइन खत्म होगा तो हमें इस बात के प्रति सतर्क रहना होगा कि प्रकृति का यह जादू या आकर्षण बरबाद न हो जाए। निश्चित ही दुनिया के देशों को खुद को फिर से शुरू करना होगा, लेकिन यह प्रकृति और वातावरण को सम्मान देकर हो सकता है। ग्रेटा थनबर्ग की बात को अनसुना किया गया। कोविड-19 को हर किसी ने सुना और यह हम सबके लिए एक चेतावनी भी है। कोविड-19 ने हम सभी को एक-दूसरे की एकजुटता और एक-दूसरे के महत्व को दोबारा से समझाया है। यही नहीं इसने तमाम दुनिया को हेल्थ केयर के महत्व के पुनर्मूल्यांकन को कहा है। पिछले सालों में तमाम अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर धन का निवेश किया गया। हेल्थकेयर भी अब रणनीतिक क्षेत्र है। यह कोविड-19 से मिला एक और सबक है। इसके ‘बाद का दिन’ अनिश्चितताओं से भरा है। लोगों को अनेक बड़ी समस्याओं को सुलझाना होगा, नाटकीय दुष्परिणामों के साथ सामाजिक वर्गों के बीच दूरी बढ़ेगी। लेेकिन कोविड-19 हमें सिखाएगा वह है गठबंधन, एकजुटता व मानवता की ताकत। हमें इसे भूलनानहीं चाहिए। (यह लेखिका के अपने विचार हैं।) Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Kovid-19 changed our principles of tomorrow, we are not at all confident about the future Full Article
19 कोविड-19 ने किया दुनिया की चीन पर निर्भरता का खुलासा By Published On :: Tue, 07 Apr 2020 21:08:00 GMT कोरोना वायरस ने न केवल आज का परिदृश्य बदल दिया है, बल्कि यह हमारे भविष्य की दिशा भी बदल देगा। हम जिस तरह से रहने के आदी थे, उसमें बहुत बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है और शायद यह हमेशा के लिए हो। सोमवार तक इस वायरस से दुनियाभर में 73,604 लोगों मौत हो चुकी है और 13,23,000 लोग संक्रमित हैं। सामाजिक और आर्थिक रूप से कोविड-19 बड़ा ही समानतावादी है। यद्यपि, अमीर लोग खुद को विलासितापूर्ण आराम के साथ आइसोलेट कर सकते हैं, जबकि कम धन वालों को रोजाना ही आइसोलेशन व गरीबी से जूझना पड़ता है। भावनात्मक और मानसिक तौर पर इस वायरस ने दिखा दिया है कि कोई भी सुरक्षित नहीं है और इसमें हम सब साथ हैं। समाज में भी भारी बदलाव आया है और वह धन से अधिक जिंदगी को महत्व देने लगा है, वास्तव में वह देखभाल और संवेदनाओं को महत्व देने लगा है। फायनेंस, मार्केटिंग और विज्ञापन जैसे कम अनिवार्य व्यवसायों के प्रोफेशनल की जगह अब लोगों को डाॅक्टर, नर्स, डिलीवरी ड्राइवर व सुपर मार्केट के कर्मचारी असली हीरो नजर आने लगे हैं। दुनियाभर में लोगों की जान बचाने वाले हेल्थकेयर कर्मचारियों के सम्मान में तालियां बजाना व उनका उत्साह बढ़ाना दिखाता है कि धन के आधिपत्य को चुनौती और जीवन के मूल्य को हर चीज से अधिक महत्व मिल रहा है।इस महामारी के चारों आेर एक फैक्टर और उभरा है और वह है दुनिया की चीन पर निर्भरता। कभी खत्म न होने वाले लाभ की चाहत ने दुनिया की अर्थव्यव्स्था को सस्ती कीमत पर सामान लेने के लिए चीन पर अाश्रित कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि हम अपने संसाधनोंको किनारे करके पूरी तरह से उनकी फैक्टरियों, श्रमिकों और अर्थव्यवस्था पर निर्भर हो गए। वुहान में कोविड-19 के प्रकोप के बाद बाकी चीन में प्रोडक्शन लाइन रुक गई और दुनिया के बाजार संकट में आ गए। इसके 29 दिन से भी कम समय में डाउ जोंस की औसत 30 प्रमुख कंपनियों के शेयर पहले के स्तर से 20 फीसदी गिर गए, यह वॉल स्ट्रीट में 1929 के क्रैश से भी तेज गिरावट दिखाने लगा। पाउंड 35 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। यह रोचक तो था, लेकिन चौंकाने वाला नहीं था कि फार्मास्यूटिकल, तेल, डिलीवरी कंपनियां और सुपर मार्केट में धीमी किंतु निरंतर बढ़ोतरी हो रही थी।स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज में लॉरेंस सायज ने 2011 में यह बात कही थी कि 20 साल के भीतर चीन एक सैन्य ताकत के रूप में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। हम 2020 में हैं और अब यह होना हकीकत लगता है। कोविड-19 ने ताकत के दुर्ग की दरारों को उभार दिया है। विशेषकर, अमेरिका एक विभाजित देश बन गया है और इसलिए कमजोर भी। अमेरिका में बेची जाने वाली 97 फीसदी एंटीबायोटिक चीन उपलब्ध कराता है। हेल्थ केयर ही ताकत है, यह चीन जानता है। चीन ने दुष्प्रचार मशीन के बेहतर इस्तेमाल का भी प्रदर्शन किया है। जब दुनिया ने उसे कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया तो चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद और सहयोग से जवाब दिया। जब सैन्य शक्ति, हथियार और धन आपको नहीं बचा सकता तो एकता ही काम आती है। चीन ने बेल्जियम को तीन लाख मास्क मुफ्त भेजे और उस पर अंग्रेजी, फ्लेमिश और चीनी भाषा में लिखा कि ‘एकता से ताकत बनती है’। यह चीन ही था, जिसने पूरे यूरोप के नजर फेरने के बाद इटली को मदद भेजी थी। चीन अब खुद को दुनिया से जोड़ने की कोशिश कर रहा है और उसे फायदा भी हो रहा है।मानव की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रकृति हमेशा जीतती ही है। कोरोना वायरस ने यह दिखा दिया है। चीन में कोविड-19 के प्रकोप के दौरान फैक्टरियां बंद होने से कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में 25 फीसदी की कमी आई थी। उत्तरी इटली में ट्रैफिक कम होने से कार्बन डाईआक्साइड का स्तर 5-10 फीसदी गिर गया। दुनियाभर में हवाई, सड़क, रेल व जल परिवहन के बंद होने से इसमें कमी आ रही है। वन्य जीवों ने शहरों, पानी व जंगलों पर अपना दावा करना शुरू कर दिया है। उड़ीसा में करीब साढ़े चार लाख समुद्री कछुओं(ओलिव रिड्ले) ने तट पर अंडे दे दिए हैं। वेनिस की नहरें साफ हो गई हैं और मछलियां दिखने लगी हैं। दुनियाभर में लोग शहरों व फार्मों में फल व सब्जियां लगा रहे हैं, यह कोविड-19 से बनी चेतना का ही परिणाम है। एक अमेरिकी कहावत है कि ‘जब आखिरी पेड़ कटा, आखिरी मछली पकड़ी और आखिरी नदी जहरीली हुई, केवल तब हमें अहसास हुआ कि हम धन को खा नहीं सकते’ और यह जितना सामयिक आज है, उतना पहले कभी नहीं था। इस वायरस का प्रकोप खत्म होने के बाद जब हम दोबारा दौड़ने लगेंगे, तो शायद हम सभी के पास कुछ मूल्यवान सबक जरूर होंगे। यह सबक होंगे कि हमें वास्तव में मूल्यवान होने और यह सीखने की जरूरत है कि अलग तरह से कैसे जीया जा सकता है।(यह लेखिक के अपने विचार हैं।) Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Kovid-19 revealed the world's dependence on China Full Article
19 वैक्सीन नहीं आया तो सीजनल फ्लू बन सकता है कोविड-19, यानी हर साल लौटेगा; 2022 तक तो सोशल डिस्टेंसिंग रखनी ही होगी By Published On :: Sat, 18 Apr 2020 02:11:07 GMT महज दो महीने के भीतर ही चीन से निकलकर कोरोनावायरस पूरी दुनिया में फैल गया। 1.5 लाख लोगों की जान ले चुके कोरोनावायरस के डर से दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी घर पर रहने को मजबूर है। अमेरिका जैसे ताकतवर देश भी इसके आगे बेबस हैं। लेकिन, बड़ा सवाल अब भी है कि ये महामारी खत्म कैसे होगी?कुछ दिन पहले अमेरिका के कोरोनावायरस टास्क फोर्स के डॉ. एंथनी फाउची ने कहा था कि इस बात की पूरी संभावना है कि कोरोना सीजनल फ्लू या मौसमी बीमारी बन जाए। अब ऐसी ही बात साइंस मैगजीनमें छपी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में भी सामने आई है। इस रिसर्च में कहा गया है, जब तक कोरोनावायरस का कोई असरदार इलाज या वैक्सीन नहीं मिल जाता, तब तक इस महामारी को खत्म करना नामुमकिन है। इसके मुताबिक, बिना वैक्सीन या असरदार इलाज के कोरोना सीजनल फ्लू बन सकता है और 2025 तक हर साल इसका संक्रमण फैलने की संभावना है।17 अप्रैल तक दुनियाभर में कोरोनावायरस के 22 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं। जबकि, 1.50 लाख लोगों की मौत हुई है।कोरोना क्यों सीजनल फ्लू बन सकता है?सबसे पहले तो ये कि इस बीमारी का नाम कोविड-19 है, जो सार्स कोव-2 नाम के कोरोनावायरस से फैलती है। कोरोनावायरस फैमिली में ही सार्स और मर्स जैसे वायरस भी होते हैं। सार्स 2002-03 और मर्स 2015 में फैल चुका है। इसी फैमिली में दो ह्यूमन वायरस भी होते हैं। पहला: HCoV-OC43 और दूसरा : HCoV-HKU1।सार्स और मर्स जैसी महामारियों से जल्द ही छुटकारा मिल गया था। जबकि, HCoV वायरस हर साल सर्दियों के मौसम में इंसानों को संक्रमित करता है। इसी वायरस की वजह से सर्दी के मौसम में सर्दी-जुकाम होता है।दरअसल, किसी भी बीमारी से लड़ने में इम्यून सिस्टम मददगार होता है। किसी इंसान का इम्यून सिस्टम जितना स्ट्रॉन्ग होगा, वह किसी बीमारी से उतनी ही मजबूती से लड़ सकेगा। इसलिए जब हम बीमार होते हैं, तो हमारा शरीर उस बीमारी से लड़ने की इम्युनिटी बना लेता है और हम ठीक हो जाते हैं।अब दोबारा HCoV पर आते हैं। हर साल इंसानों को सर्दी के मौसम सर्दी-जुकाम होता है। इसका मतलब हुआ कि, इस वायरस से लड़ने के लिए इंसानों में इम्युनिटी शॉर्ट-टर्म के लिए ही डेवलप होती है। यही वजह है हर साल हमें सर्दी-जुकाम हो जाता है।इसी तरह से अगर सार्स कोव-2 से लड़ने की इम्युनिटी भी शॉर्ट-टर्म के लिए रही तो ये वायरस हमारे जीवन का हिस्सा बन सकता है और हर साल लौट सकता है। यानी, कोरोनावायरस या कोविड-19 के सीजनल फ्लू बनने की संभावना भी है।डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में बताया है कि दुनियाभर में कोरोना की 70 वैक्सीन पर काम हो रहा है। जिसमें से 3 पर ह्यूमन ट्रायल भी शुरू हो चुका है।2025 तक भी रह सकती ये बीमारीहार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में पाया गया है कि अगर कोविड-19 को लेकर इम्युनिटी बन भी गई, तो भी इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म होने में 2025 तक का समय लगेगा। हालांकि, इस बात की संभावना भी कम है क्योंकि, अकेले दक्षिण कोरिया में 111 लोग जो कोरोना से ठीक हो गए थे, वे दोबारा संक्रमित हुए हैं।कोरोना से निपटने के लिए ज्यादातर देशों में लॉकडाउन है और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे तरीक अपना रहे हैं। लेकिन, वैज्ञानिकों का कहना है कि लॉकडाउन से भी कोरोना के संक्रमण को खत्म नहीं किया जा सकता है। उनके मुताबिक, लॉकडाउन लगाकर कोविड-19 के फैलने की रफ्तार को कुछ दिन के लिए कम कर सकते हैं या रोक सकते हैं, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन खुलेगा, दोबारा इसका संक्रमण फैल सकता है। इसीलिए, जब तक कोविड-19 का कोई असरदार इलाज या वैक्सीन नहीं आ जाता, तब तक इससे बचने का एकमात्र तरीका है- सोशल डिस्टेंसिंग।हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ इम्यूनोलॉजी एंड इन्फेक्शियस के रिसर्चर और इस स्टडी के लीड ऑथर स्टीफन किसलेर का मानना है कि कोविड-19 से बचने के लिए हमें कम से कम 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग बनानी होगी।टोटल लॉकडाउन नहीं, लेकिन डेढ़ साल तक कुछ प्रतिबंध जारी रखने होंगेअमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता एरिन मोर्डेकाई कहती हैं कि, 1918 में जब स्पैनिश फ्लू फैला था, तब अमेरिका के कुछ शहरों ने 3 से 8 सप्ताह तक लगी पाबंदी को अचानक हटा दिया था। इसका नतीजा ये हुआ था कि ये फ्लू कम समय में ही ज्यादा जगहों में फैल गया। स्पैनिश फ्लू से 50 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हुए थे, जबकि 5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी।एरिन आगे कहती हैं किकोरोना के डर से हमें साल-डेढ़ साल के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन रखने की जरूरत नहीं है,लेकिन12 से 18 महीनों तक हमें कुछ प्रतिबंध जारी रखने होंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Coronavirus Vaccine | Harvard University Researchers Novel Coronavirus (COVID-19) Report Updates On How To Stop Global Spread OF Virus Over Coronavirus Vaccine Full Article
19 क्या मोदी सरकार कोविड-19 के दौर में मिली ताकत छोड़ सकेगी? By Published On :: Mon, 27 Apr 2020 19:30:00 GMT जब आपके सामने बहुत अधिक ढोंग और नैतिकता का दिखावा होने लगे तो आपको एक असली पंजाबी की तरह जो सच है, उसे जस का तस कहना पड़ता है। पिछले हफ्ते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐसा ही किया। इससे उन्होंने कोरोना वायरस के कारण हमारी राष्ट्रीय राजनीति और शासन में 35 साल बाद एक शक्तिशाली केंद्र की वापसी को भी रेखांकित किया। एक पंजाबी चैनल से बातचीत में उन्होंने शराब की देशव्यापी बिक्री पर केंद्र द्वारा लगाए प्रतिबंध पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि शराब का कोराना वायरस से क्या लेना-देना। पटियाला के पूर्व महाराजा अमरिंदर सिंह इस मामले को एक अच्छी वजह से उठा रहे हैं, क्याेंकि राज्य का खजाना खाली हो रहा है। शराब और पेट्रोलियम ही दो ऐसे उत्पाद हैं, जिन पर राज्य सरकारें खुद सीधे कर लगा सकती हैं। खासकर जीएसटी के बाद सभी कर केंद्र के पास चले गए और वह इसमें से राज्यों को उनका हिस्सा देता है। इसलिए शराब और पेट्रोलियम ही राज्यों की आय का प्रमुख साधन रह गए हैं। कोविड महामारी की वजह से अभूतपूर्व उपाय करने की जरूरत है। इसलिए केंद्र सरकार ने 1887 के महामारी कानून और 2005 के आपदा प्रबंधन कानून को लागू करके असाधारण शक्तियां हासिल कर ली हैं। इसी के तहत उसने देशव्यापी लॉकडाउन करके यह तय किया कि क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा।असल में अमरिंदर जिस बात की शिकायत कर रहे हैं, वही सभी राज्यों की परेशानी है। लेकिन, शराब की बात कोई नहीं करना चाहता। अमरिंदर इस आडंबर को नहीं मानते। सबसे जरूरी बात यह है कि उन्हें आज केंद्र से अपने उस अधिकार के लिए मांग करनी पड़ रही है, जो हमेशा से राज्यों का अपना रहा है। इसलिए हम कह रहे हैं कि काेरोना वायरस ने उस ताकतवर केंद्र की वापसी कर दी है, जिसके बारे में हमें लगता था कि हम उसे 1989 में ही पीछे छोड़ आए हैं। आज केंद्र की टीमें यह निगरानी और ऑडिट करने के लिए राज्यों में जा रही हैं कि वे कोविड संकट से कैसे निपट रहे हैं। वे सवाल पूछ रही हैं, सूचनाएं मांग रही हैं और राज्यों की आलोचना भी कर रही हैं। राज्य सरकारें बात मान रही हैं। शुरू महाराष्ट्र से करते हैं। शायद वह राज्यों में सबसे अधिक मित्रवत रहा है। राजस्थान का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल भी साथ आ रहा है। केंद्र सरकार उसके चिकित्सकीय रिकॉर्ड मांग रही है, सभी मौतों की जांच कर रही है, ताकि पता लग सके कि आंकड़ों से छेड़छाड़ तो नहीं हो रही। बंगाल सरकार को न केवल कई सवालों के जवाब देना पड़ रहे हैं, बल्कि आंकड़ों में संशोधन भी करना पड़ रहा है। गत गुरुवार और शुक्रवार के बीच राज्य ने मृतकों के आंकड़े को बढ़ाकर 15 से 57 किया।यह संख्या कोई बड़ी नहीं है, लेकिन हमें याद नहीं है कि जाने कब पश्चिम बंगाल के साथ पहले ऐसा हुआ था, क्योंकि वह अपने अधिकारांे वाले गणतंत्र की तरह काम कर रहा था। पहले करीब 34 साल वामशासन में और लगभग एक दशक से ममताराज में। अगर आप सोचते हैं कि यह बदलाव महत्वपूर्ण नहीं है, तो जरा उस मुख्यमंत्री को याद करें, जो प्रधानमंत्री के साथ बैठक करने और वार्ता में आने से इनकार करती रही हैं। यही नहीं, एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी के लिए भी नहीं आती हैं। वह अपने प्रिय आईपीएस को बचाने के लिए सीबीआई से लड़ती हैं और जीतती हैं। इस महामारी से यह बदलाव आया है। लेकिन, इसकी प्रमुख वजह वित्तीय है। पेट्रोल-डीजल की बिक्री गिरने आैर शराब की बिक्री बंद होने से राज्यों को वेतन देने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। यहां तक कि गरीबों के लिए मदद भी सीधे केंद्र से आ रही है।कांग्रेस के तीन दशक के शासन, विशेषकर इंदिरा गांधी के समय हम सिर्फ नाम के ही गणराज्य रहे। अधिकतर राज्यों में कांग्रेस का शासन था और मुख्यमंत्रियों को डीएम व एसपी के तबादले के लिए भी केंद्र से अनुमति लेनी पड़ती थी। सिर्फ अंगुली के इशारे पर मुख्यमंत्रियांे को बदल दिया जाता था। 1989 में कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर पर प्रभुत्व खोने के बाद भारत की राजनीति बदल गई। कांग्रेस हमेशा यह डर दिखाती थी कि क्षेत्रवाद देश को तोड़ देगा, लेकिन यह गलत साबित हुआ। बल्कि भारत का संघवाद और मजबूत ही हुआ। आज भारत पहले से कहीं मजबूत है। लेकिन, मोदी के काम के तरीके से यह बदल रहा है। महामारी इसे उचित ठहराने की वजह बनी है। ऐसा अमेरिका में भी हो रहा है। यह अस्वाभाविक समय है, जो गुजर जाएगा। लेकिन, क्या ये बदलाव पलटे जा सकेंगे? अमेरिका में संस्थागत ढांचे अधिक मजबूत हैं। लेकिन, हमारे यहां केंद्र ने मोदी के नेतृत्व में उस ताकत का स्वाद ले लिया है, क्या वह वापस पुरानी व्यवस्था पर लौटेगा? हमारा राजनीतिक इतिहास बहुत आशा नहीं जगाता।(यह लेखक के अपने विचार हैं।) Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Will the Modi government give up the power it got in the Kovid-19 era? Full Article
19 लोगों को रीइन्वेंट करना सिखा रहा है कोविड-19 का यह दौर By Published On :: Mon, 27 Apr 2020 19:35:00 GMT हाल ही में प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद का एक फोटो वायरल हुआ है, जिसमें वे हाथ से चलने वाली मशीन पर आश्रय घर के लिए मास्क सिल रही हैं। यह एक प्रेरक और हौसला बढ़ाने वाली दृष्टि है, उनका यह योगदान इस बात का भी संकेत है कि कोविड-19 किस तरह से हमारी भूमिकाएं बदल रहा है। कोरोना वायरस का हमला हमारे जीवन की एक अप्रत्याशित घटना है और इसका एक ही प्रबंधन है- आइसोलेशन और एक-दूसरे से दूरी बनाना। यह दुनियाभर के लोगों को पुनर्विचार और खुद को रीइन्वेंट करना सिखा रहा है।ऑटो जायंट महिंद्रा ने अपनी फैक्टरियों को वेंटिलेटर बनाने की दिशा में मोड़ दिया, फ्रांस की परफ्यूम और कॉस्मेटिक बनाने वाली एलवीएमएच ने अपनी कई यूनिटों को अस्पतालों के लिए हैंड सैनिटाइजर्स बनाने के लिए समर्पित कर दिया है। फैशन डिजाइनर मास्क बनाने के व्यापार में आ गए हैं। हमारे देशव्यापी पोस्टमैन अब स्थानीय बैंकर बन गए हैं, क्योंकि वे दूरस्थ क्षेत्रों में ग्राहकों के किसी बैंक में स्थित अकाउंट से उन्हें नगदी लाकर उपलब्ध कराते हैं।24 मार्च से 23 अप्रैल के बीच ऐसे 21 लाख ट्रांजेक्शन के जरिये पोस्ट ऑफिसाें ने ग्रामीण व बिना बैंकों वाले इलाकों में 412 करोड़ रुपए लोगों तक पहुंचाए। अप्रैल तक ही रेलवे अपने 5000 कोचों को आइसोलेटेड वार्डों मंे बदल चुका है, ताकि जरूरत पड़ने पर देश के पिछड़े इलाकों में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इससे स्पष्ट है कि बदलाव आज की जरूरत है।जैसे उद्योग और व्यापार और अन्य सेक्टर इस संकट के समय अपने उत्पादों और सेवाओं में बदलाव करके चुनौतियों से निपट रहे हैं, वैसे ही लोग और ग्रुप भी मदद की अपनी छिपी हुई क्षमताओं का अहसास कर रहे हैं। मीडिया में जनसेवकों द्वारा अपने क्षेत्रों में जरूरतमंदों को भाेजन व राशन वितरित करने की अनगिनत कहानियां हैं।नगर निगम के मालियों द्वारा मदद के लिए स्वच्छता टीम में शामिल होने की भी खबरें हैं। अपनी नियमित ड्यूटी के अलावा पुलिस व हेल्थ वर्कर लोगों की मदद के लिए आजकल अपनी भूमिकाओं से भी आगे बढ़कर काम कर रहे हैं। डॉक्टर भी जिंदगी बचाने के अलावा मृतकों का अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं। आईएफएस, आईएएस, आईपीएस और आईआरएस जैसी सिविल सेवाओं के संगठनों ने वायरस से लड़ने के लिए ‘करुणा (सीएआरयूएनए)’ नाम से पहल की है।सीएआरयूएनए का मतलब ‘सिविल सर्विस एसोसिएशन रीच टु सपोर्ट नेशनल डिजास्टर’ है। इस पहल के जरिये सिविल अधिकारी माइग्रेशन की जानकारी और डाटाबेस तैयार करने, जरूरी सामान की आपूर्ति और औपचारिक प्रयासों को गति देने के लिए मास्क, वेंटिलेटर व पीपीई आदि की व्यवस्था के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं।अनगिनत स्वयंसेवी संगठन, सिविल सोसायटी ग्रुप और अनौपचारिक समूह गरीबों, बुजुर्गों और संकट में फंसे अन्य लोगों तक पहुंच रहे हैं। लोगों को जरूरी चीजें, दवाएं, सूचनाएं और अन्य तरह की मदद उपलब्ध कराने के लिए भी लोग आगे आ रहे हैं। इस दाैर में स्टार्टअप्स ने अपने नवाचारांे को जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में मोड़ दिश है। कोविड-19 के प्रबंधन में आईआईटी अनुसंधान के क्षेत्र में सबसे आगे है।जीवन के हर क्षेत्र में यह बात नजर आ रही है कि हमें अपने आराम के जोन से बाहर निकलकर औरों की मदद करनी चाहिए। यहां तक कि हमारे व्यक्तिगत जीवन में बदलाव आ रहा है। हम अपने पास समय और इंटरनेट होने की वजह से अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ नया कर रहे हैं। कुछ कुकिंग कर रहे हैं, अन्य संगीत या कोई विदेशी भाषा सीख रहे हैं। कुछ लोग लिख रहें या पढ़ने में व्यस्त हैं। कला वीथियों, या शहरों के वर्चुअल टूर, आॅनलाइन संगीत समारोह, ओपेरा या फिर साधारण हैंगआउट भी उपलब्ध हैं। जिज्ञासा और अपनी रुचि की किसी भी चीज को जानने कीे आज जगह मिल रही है। ऑनलाइन दुनिया में वह हर चीज कोर्सों से भरी पड़ी है, जिसके बारे में सोचा जा सकता है। लाॅकडाउन के इस दौर में नियमित तौर पर सीखने की ललक अपने आप उभर रही है।महामारी के फैलने से पहले लोगों ने अलग-अलग काम किए। भाग्यशाली लोगों के पास ही नियमित नौकरी, निर्धारित भूमिका और वह दायरा है, जिसमें वे रहते और काम करते थे। कई बार काम, नौकरी या भूमिका से अधिक हमने जो प्रदर्शन किया वह हमें परिभाषित करता है। कोई एक ऑटो जायंट या एक कॉस्मेटिक बनाने वाला या एक रेलवे कैरियर या पोस्टल विभाग या एक एंटरटेनर रहा होगा। व्यक्तिगत तौर पर कोई सिविल सेवक, पुलिस, मैनेजर, आर्टिस्ट, बैंकर या कॉर्पोरेट प्रमुख या ऐसा ही कुछ हो सकता है।इस वायरस ने इन परिभाषाओं की बाध्यताओं को पिघला दिया है। इसने हमें यह अहसास कराया है कि हम अपनी नौकरी और भूमिकाओं से बहुत अधिक हैं। आज एक व्यक्ति और समूह के तौर पर हम आइडिया, प्रक्रियाएं और पहल को तलाशने की अपनी क्षमता का विस्तार कर रहे हैं। जब हम अपनी जिंदगी के इस दौर से गुजर जाएंगे तो यह ज्ञान और क्षमता निश्चित ही हमारे साथ रहेगी। नौकरी और भूमिकाओं की जो परिभाषाएं हमें सीमा में बांधती हैं, हम उनसे कहीं अधिक हैं। प्रथम महिला की यह फोटो इसका ही प्रमाण है।(यह लेखक के अपने विचार हैं।) Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today This round of Kovid-19 is teaching people to reinvent Full Article
19 ऋषि 1990 में पाकिस्तान में पेशावर वाले पुश्तैनी घर आए थे, लौटते वक्त आंगन की मिट्टी साथ ले गए, ताकि विरासत याद रख सकें By Published On :: Thu, 30 Apr 2020 14:25:10 GMT लगातार दूसरा दिन है जब किसी बॉलीवुड सितारे की मौत हुई है। सिसकियां सरहद के इस ओर से भी सुनाई दी हैं। एक दिन पहले इरफान खान और आज ऋषि कपूर की मौत का गम पाकिस्तान में भी है।जहां एक ओर दिलों पर राज करने वाले ऋषि कपूर की इबारत भारतीय सिनेमा में हमेशा के लिए जिंदा रहेगी, वहीं उनके खानदान की विरासत सरहद के इस पार पाकिस्तान में भी खड़ी है। पाकिस्तान में ऋषि कपूर को उनकी अदाकारी के अलावा खैबर पख्तून की राजधानी पेशावर में मौजूद उनके खानदान की जड़ों के लिए भी पहचाना जाता है।भारतीय सिनेमा के कपूर खानदान की यह मशहूर कपूर हवेली पेशावर के रिहायशी इलाके में हैं।यह कपूर परिवार की कई पुश्तों का घर रहा है। बंटवारे से पहले बनी यह हवेली पृथ्वीराज कपूर के पिता और ऋषि कपूर के परदादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने 1918-1922 के बीच बनवाई थी। पृथ्वीराज कपूर फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री लेनेवाले कपूर खानदान के पहले व्यक्ति थे। इसी हवेली में पृथ्वीराज कपूर के छोटे भाई त्रिलोकी कपूर और बेटे राजकपूर का जन्म हुआ था।हवेली के बाहर लगी लकड़ी की प्लेट के मुताबिक, बिल्डिंग का बनना 1918 में शुरू हुआ और 1921 में यह तैयार हो गई। इस हवेली में 40 कमरे हैं और हवेली के बाहरी हिस्से में खूबसूरत मोतिफ उकेरे हुए हैं। आलीशान झरोखे इस हवेली के ठाठ की गवाही देतेहैं।यह फिल्म हिना का सीन है जो भारत और पाकिस्तान के बीच नायक-नायिकाओं की एक प्रेम कहानी है। इसकी शूटिंग पाकिस्तान में भी हुई थी।1947 में बंटवारे के बाद कपूर खानदान के लोग बाकी हिंदुओं की तरह शहर और हवेली छोड़कर चले गए। 1968 में एक ज्वैलर हाजी कुशल रसूल ने इसे खरीद लिया और फिर पेशावर के ही एक दूसरे व्यक्ति को बेच दिया।फिलहाल हवेली के मालिक हाजी इसरार शाह हैं। वह कहते हैं कि उनके पिता ने 80 के दशक में यह हवेली खरीदी थी। उस इलाके में रहनेवालों के मुताबिक, इस जगह का इस्तेमाल बस शादी ब्याह जैसे जश्न में किया जाता है। पेशावर में ही रहनेवाले वहां पुराने मेयर अब्दुल हाकिम सफी बताते हैं कि ये हवेली पिछले दो दशकों से खाली पड़ी है और इसके मालिक भी कभी कबार हीयहां आते हैं।राजकपूर के छोटे भाई शशि कपूर और बेटे रणधीर-ऋषिको 1990 में पाकिस्तान के पेशावर वाले अपने पुश्तैनी घर जाने का मौका मिला था। लौटते वक्त वह आंगन की मिट्टी साथ ले गए थे, ताकि अपनी विरासत को याद रख सकें।ऋषि कपूर ने अपनी इस यात्रा का जिक्र एक इंटरव्यू में भी किया था। वह 1990 में फिल्म हिना की शूटिंग के लिए लाहौर, कराची और पेशावर गए थे। इसके डायलॉग राजकपूर के कहने पर पाकिस्तानी लेखक हसीना मोइन ने लिखे थे।हवेली के पुराने मालिकों ने इस धरोहर की ऊपरी तीन मंजिलों को कई साल पहले गिरा दिया। भूकंप से उनकी दीवारों में दरारें पड़ गईं थीं। अब यह हवेली आसपास से दुकानों से घिरी हुई है, जो इसकी दीवारों पर बोझ बन इसके लिए खतरा पैदा कर रही हैं।हाल ही में ऋषि कपूर ने पाकिस्तान की सरकार से इसे बचाने के लिएमदद मांगी थी। विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी कहते हैं, ऋषि कपूर ने मुझे फोन किया था। वह चाहते थे कि उनके पारिवारिक घर को म्यूजियम या इंस्टीट्यूट बना दिया जाए। हमने उनका आग्रह मान लिया है।पाकिस्तान सरकार पेशावर किस्सा ख्वानी बाजार के इसघर को अब म्यूजियम बनाने जा रही है। इसमें आईएमजीसी ग्लोबल एंटरटेंमेंट और खैबर पख्तून की सरकार भी मदद कर रही है। यहपाकिस्तान में बॉलीवुड की सबसे मजबूत धरोहर है।कई विदेशी पर्यटक और स्थानीय लोग इसे देखने आतेहैं।एक किस्सा यह भी..रावलपिंडी में रहनेवाले सिनेमा एक्सपर्ट आतिफ खालिद कहते हैं, कपूर पेशावर के जानेमाने पठान थे। वे पृथ्वीराज कपूर का जिक्र करते हुए कहते हैं कि जब सब इंस्पेक्टर बशेश्वरनाथ का बेटा (पृथ्वीराज) पेशावर से बांबे फिल्मों में काम करने गया तो भारत में तब की सबसे बड़ी फिल्म मैगजीन के एडिटर बाबूराव ने लिखा था - जो पठान ये सोचते हैं कि वह एक्टर बन जाएंगे तो उनकी यहां कोई जगह नहीं है। लेकिन कपूर खानदान ने वहां जो नाम कमाया, वैसा और किसी के हिस्से नहीं आया।## Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह पुश्तैनी हवेली पेशावर में है जहां ऋषि कपूर के दादा पृथ्वीराज कपूर और पिता राज कपूर का जन्म हआ था। Full Article
19 कुक्षी के काेराेना पाॅजिटिव का राजगढ़ में हुआ था इलाज, 19 लाेग संपर्क में आए थे By Published On :: Tue, 28 Apr 2020 23:30:00 GMT कुक्षी के जिस युवक काे काेराेना पाॅजिटिव पाया गया है। उसका आठदिन पहले राजगढ़ में इलाज कराया गया था। इस दाैरान तीन परिवार के 19 लाेग संपर्क में आए थे। साथ ही राजगढ़ और सरदारपुर के डाॅक्टराें ने इलाज किया था। इसी के चलते प्रशासन ने कुक्षी सहित राजगढ़ और सरदारपुर में भी साेमवार देर रात से कर्फ्यू लगा दिया है। इधर धार में 18 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव आईहै। जबकि काेई नया केस सामने नहीं अाया है। धार के 54 और राजगढ़ के 6 लाेगाें के सैंपल लिए गए हैं।धार में 3 दिन में 98 निगेटिव रिपाेर्ट : जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी के अनुसार धार में मंगलवार काने 18 लगें की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है। इस प्रकार गत तीन दिन में पहले 30 फिर 50 अकार अब 18 मिलाकर 98 लगें की रिपोर्ट निगेटिव आचुकी है। मंगलवार काने काई नया केस सामने नहीं आया।13 अप्रैल से खराब थी पिता की तबीयत, 17 काे हाे गई थी माैत, इसके बाद बेटे की तबीयत बिगड़ीपॉजिटिव आए युवक के पिता की मौत 17 अप्रैल को हुई थी। मौत के 1 दिन पहले उन्हें बड़वानी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया था, उनके साथ बेटा भी गया था, जाे वर्तमान में पॉजिटिव है। जानकारी में सामने अाया है कि पॉजिटिव युवक के पिता की 13 अप्रैल से ही तबीयत खराब चल रही थी। जब उसके पिता की मौत हुई उसके बाद 19 अप्रैल काे बेटे को धार बुलाकर सैंपल लिया गया। लेकिन उसे वापस भेज दिया, जबकि उसे धार में ही क्वारेंटाइन करना था। अगर स्वास्थ विभाग उसे वहीं रोक लेता है ताे सरदारपुर, राजगढ़ और कुक्षी में यह स्थिति नहीं होती। क्याेंकि 20 अप्रैल से बेटे की तबीयत भी बिगड़ने लगी थी। बताया जा रहा है कि पाॅजिटिव युवक को धार से आने के बाद फिर तबियत बिगड़ी तो इंदौर ले जा रहे थे, राजगढ़ के परिवार द्वारा निवेदन करने पर 21 अप्रैल काे सरदारपुर के डॉक्टर ने उनकी जांच की अाैर राजगढ़ मानव सेवा हॉस्पिटल में बाटल चढ़ाई थी। इस बीच युवक के राजगढ़ के ससुराल पक्ष के लोग भी इससे मिलने पहुंचे थे।कुक्षी के 11 हाईरिस्क और 17 लाे रिस्क पर : मंगलवार को कुक्षी में धार से आई टीम ने पॉजिटिव युवक के परिजन को हाईरिस्क पर 11 अकार 17 लोगों को लो रिस्क पर रखा गया है। परिवार के शेष 9 अन्य लोगों सैंपल लिए हैं। इन्हें कुक्षी के समीप तालनपुर में स्थित क्वारिन्टाइन सेंटर में रखा गया है। राजगढ़ के दाने डाॅक्टर, पाजीटिव युवक के साले अकार अस्पताल की स्टाफ नर्स अकार अटेंडर के सैंपल लिए गए हैं।आज से देंगे कर्फ्यू में ढीलबुधवार को कर्फ्यू में सशर्त ढील रहेगी लेकिन जो संदिग्ध क्षेत्र हैं उस में कर्फ्यू लगा रहेगा। शेष यथावत जो चल रहा था वही चलेगा। दूध वालों को घर पर ही दूध देना है। सब्जी वालों को डोर टू डोर जाना है। किराना वाले को घर-घर सामान भेजना है। कुक्षी के पाजीटिव युवक के परिजन जो राजगढ़ में हैं उनको होम क्वारिन्टाइन में रहना है।विजय राय, एसडीएम सरदारपुरभक्तामर और माेहनखेड़ा तीर्थ ने अपने यहां लोगों को रखने से मना कियामंगलवार काे देवी राेड स्थित भक्तामर तीर्थ पर स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस पहुंची थी। इसमें भाजीबाजार में पाॅजिटिव पाए गए व्यक्ति के वृद्ध माता पिता के अलावा अन्य लाेग थे। यहां टीम के लाेगाें काे कह दिया गया कि वे उनके यहां पर किसी काे भी नहीं रख सकते क्याेंकि ट्रस्ट से अभी काेई आदेश नहीं मिले हैं। यह कहकर टीम काे लाैटा दिया गया। इसी प्रकार राजगढ़ के माेहनखेड़ा तीर्थ से भी प्रशासन काे उनके यहां लाेगाें काे क्वारेंटाइन करने से मना कर दिया गया। भक्तामर तीर्थ से मना हाेने के बाद टीम अलग-अलग एंबुलेंस में करीब 16 लाेगाें काे लेकर इधर घूमती रही। अंतत: उत्कृष्ट बालक छात्रावास, अाईटीअाई काॅलेज के पीछे कन्या छात्रावास अाैर श्रद्धा गार्डन में इन लाेगाें काे क्वारेंटाइन किया गया। एसडीएम एसएन दर्राे, डीएमअाे जैन अाैर जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी ने व्यवस्था कराई। जानकारी के अनुसार लाॅकडाउन के पहले इन तीर्थ ने उनके यहां लाेगाें काे ठहराने की स्वीकृति दी थी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Kukshi's Karenna positive was treated in Rajgarh, 19 people came in contact Full Article
19 कोई बीड़ी लेने निकला, तो किसी को गुटखेे की तड़प थी, 19 लोगों को उठाया, अस्थाई जेल में किया बंद, दोपहर बाद मुचलके पर छोड़ा By Published On :: Thu, 30 Apr 2020 02:03:00 GMT जिले में छूट मिली थी लोगों ने इसका गलत फायदा उठाया। अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। कलेक्टर सुरभि गुप्ता ने मंगलवार दोपहर जिले में कर्फ्यू के आदेश जारी कर दिए। आदेश का पुलिस, राजस्व विभाग के अधिकारी और मैदानी अमले ने सख्ती से पालन कराया।रात में एसडीएम विजय कुमार मंडलोई, एसडीओपी धीरज बब्बर के मार्गदर्शन में वाहनों का काफिला पूरे नगर में निकला। विभिन्न मार्गों और चौराहों पर दुपहिया वाहनों से निकलने वालों पर सख्ती बरतते हुए घरों में ही रहने की चेतावनी दी। सुबह 4 बजे फिर पुलिस प्रशासन जगह-जगह तैनात हो गया। इस दौरान बेवजह घूमते मिले लोगों पर सख्ती की गई। बहानेबाजी करने वालों की पिटाई भी की।हाट, गली, एमजी रोड, रणछोड़ राय मार्ग, बस स्टैंड, रामदेव मंदिर चौराहा, सिनेमा चौराहा आदि स्थानों से करीब 19 लोगों को पुलिस ने अपने वाहन में बैठा लिया। लोगों ने कई बहाने बनाए- कोई बोला हम तो बीड़ी लेने निकले थे, किसी ने कहा कि गुटखे की तड़प लगी थी तो कोई रनिंग कर के लौट रहा था। सभी को अस्थाई जेल में बंद किया गया। नायब तहसीलदार शंशाक दुबे ने कहा कि एडमिशन चालू है प्रवेश लेना है तो बेवजह घरों से निकलें। दोपहर बाद सभी को 20 हजार के मुचलके पर छा़ेड़ दिया गया।सुनसान नजर आई सड़कें, दिनभर रही चर्चा, कभी नहीं देखी ऐसी सख्तीमंगलवार को जो सड़कें लोगों की भीड़ से पटी थीं बुधवार को प्रशासन की सख्ती के बाद सुनसान नजर आईं। दिनभर पुलिस के वाहन साइरन बजाते हुए भ्रमण करते रहे। ओटलों पर बैठे लोग भी पुलिस को देखकर चुपचाप अंदर चले गए। पुलिस की सख्ती की चर्चा दिनभर शहर में रही। लोगों ने कहा कि आलीराजपुर के इतिहास में ऐसी सख्ती पहले कभी नहीं देखी।पुलिस, प्रशासन ने लोगों पर की गई कार्रवाई के वीडियो भी बनाए। जिसमें कुछ लोग गिड़गिड़ाते नजर आए। लेकिन किसी की एक न चली। लोगों ने इन वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया। इस कार्रवाई के बाद लोगों में पुलिस का खौफ भी बना। शहर में दिनभर शांति का माहौल रहा। लोगों ने यह भी चर्चा की पहले लगे कर्फ्यू के दौरान ही पुलिस सख्ती करती तो दूसरी बार कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।और... नानपुर, जोबटमें भी नजर आया खौफआलीराजपुर की ही तरह नानपुर और जोबट में भी लोगों में पुलिस का खौफ नजर आया। दिनभर पुलिस के वाहन घूमते रहे। हांलाकि यहां किसी को अस्थाई जेल में नहीं डाला गया। सख्ती से समझाइश देकर घरों में रहने काे कहा गया। लोगों ने भी समर्थन किया और दिनभर सड़कें सुनसान रहीं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today When someone came out to take bidi, someone had a craving for gutkha, picked up 19 people, kept them in temporary jail, and left them in the afternoon Full Article
19 55% सैंपल पॉजिटिव आ रहे थे, अब 6%; 286 सैंपल में से 19 पॉजिटिव, 3 की मौत By Published On :: Thu, 30 Apr 2020 06:44:06 GMT (नीता सिसौदिया) मध्य प्रदेश मेंकोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर के लिए बुधवार को राहतभरी खबर आई। शहर में 286 सैंपल में 19 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। 267 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यानी पॉजिटिव रेट 6.64% रह गया। इसके साथ ही कुल मरीजों की संख्या 1485 हो गई है। हालांकि, इसी दौरान तीन और लोगों की मौत भी हुई है। तीनों मृतक पुरुष हैं। इनकी उम्र 40 से 69 वर्ष के बीच है। लॉकडाउन के जिस दूसरे चरण ने इंदौर की चिंता बढ़ाई थी, उसी के अंतिम दौर में मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है।44 मरीज डिस्चार्जदूसरे चरण की शुरुआत में कुल सैंपल में पॉजिटिव की संख्या 55.59 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। वो अब घटने लगी है। इसी बीच, बुधवार को तीन अस्पतालों से 44 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। अरबिंदो अस्पताल से 38, चोइथराम से 5 और एमआर टीबी अस्पताल से एक मरीज घर रवाना हुआ। सुदामा नगर निवासी श्रद्धा शर्मा ने बताया कि वो 16 अप्रैल को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती हुई थीं। डॉक्टर्स, नर्स और स्टाॅफ की सेवा से स्वस्थ हुईं। कैलाश लहरी, सुरभि समाधिया, प्रवीण पोद्दार, संजू शर्मा औरजय रांका भी डिस्चार्ज हुए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today इंदौर में पॉजिटिव मामलों की रफ्तार गिरी है। इसी दौरान स्वस्थ होने वालों की तादाद बढ़ी है। Full Article
19 कुक्षी के 19 व डेहरी के 7 मरीजाें की रिपोर्ट आना बाकी, 15 धार रैफर, 42 क्वारेंटाइन By Published On :: Tue, 05 May 2020 23:30:00 GMT कुक्षी सहित डेहरी में कोरोना मरीजाें की संख्या बढ़ी है। कुक्षी में सोमवार रात बढ़पुरा (सुभाष मार्ग) में रहने वाला एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया। वहीं डेहरी में 29 वर्षीय काेराेना पाॅजिटिव युवक के परिवार के 14 व्यक्तियों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। कुक्षी के कोरोना पॉजिटिव मृतक की मां और बहन सहित कुल 16 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अब तक कुक्षी में 8 और डेहरी में 15 लोग पॉजिटिव है।बढ़पुरा में 50 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट आने के बाद रात में ही एसडीएम बीएस कलेश, तहसीलदार सुनील कुमार डावर और थाना प्रभारी कमल सिंह पवार संबंधित क्षेत्र में पहुंच कर कंटेनमेंट एरिया घोषित किया। कुक्षी में हाईरिस्क श्रेणी में 19 और डेहरी में 7 लोग चल रहे हैं, जिनकी रिपोर्ट आना शेष है। ये लोग कुक्षी के क्वारेंटाइन सेंटर में है। वहीं लो रिस्क श्रेणी के 87 लोग हैं। जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कुक्षी बीएमओ राजेंद्र सिंह मंडलोई को हटाते हुए जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. नरेंद्र पवैया को प्रभार सौंपा है।क्राइसिस मैनेजमेंट के मनोज दुबे (बीआरसी डही) ने बताया आइसोलेशन व उपचार के लिए 15 लोगों को धार रैफर किया है। 42 नए लोग कुक्षी में क्वारेंटाइन किए गए हैं। इधर नए केस आने के बाद प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। पुलिस जवानाें के साथ महिला पटवारियों को चौराहे पर तैनात किया है। अधिकारी खुद सड़कों पर निकलकर पूरी तरह से कानून व्यवस्था पर नजर बनाते हुए सख्ती करते दिखे। सोमवार रात पुलिस प्रशासन ने फ्लैग मार्च निकाल कर लोगों से घरों में रहने की अपील की।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिंघाना में कर्मचारियों के लिए सांसद छतरसिंह दरबार ने पीपीई किट, सैनिटाइजर एवं मास्क दिए। मेडिकल ऑफिसर डॉ. भूतल राठौर, कम्पाउंडर कुंवर पालसिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत निर्माण समिति अध्यक्ष देवराम पाटीदार, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ धार जिलाध्यक्ष अशोक राठौर, सुरेश भाई साद डोंगरगांव, सुरेश पाटीदार देवगढ़ सहित अन्य कार्यकर्ता माैजूद थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Reports of 19 patients of Kukshi and 7 of Dehri are yet to come, 15 Dhar Refer, 42 Quarantine Full Article
19 उज्जैन में 11 और संक्रमित मिले, पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 195 हुआ, अब तक 40 की जान गई By Published On :: Wed, 06 May 2020 06:28:07 GMT कोरोना का संक्रमण अब नए शहर के नानाखेड़ा, नागेश्वर धाम कॉलोनी, सांदीपनि नगर ढांचा भवन सहित पांच नए क्षेत्र में पहुंच गया है। बुधवार को आई रिपोर्ट में 11 नए पॉजिटिव मरीज मिले। जिले में अब तक 195 मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें से 40 की मौत हो गई है। वहीं, अब तक 57 लाेग काेराेना काे हराकर अपने घर लाैट चुके हैं। शहर में मरीज और मौतें तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन सैंपलिंग काफी धीमी है। यहां तक कि कंटेनमेंट एरिया में ही जांच नहीं हो पा रही है। इसका एक ताजा उदाहरण नयापुरा की जैन कॉलोनी में नजर आया है।जैन कॉलोनी मेंरहने वाले 60 वर्षीय व्यक्ति की 30 अप्रैल की दोपहर आरडी गार्डी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 4 मई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मृतक के घर बाहर व कॉलोनी में बैरिकेड्स लगाकर उसे कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया। 24 घंटे बाद भी मृतक की मां, पत्नी व बेटी समेत दो नाती के सैंपल लेने स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची। हालांकि भास्कर टीम ने जब जिम्मेदारों से बात की तो रात में परिवार के सैंपल लेने टीम पहुंची।परिवार की विनती- रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो आरडी गार्डी मत भेजनापिता को खोने वाली बेटी ने कहा 29 अप्रैल को पिता को शुगर बढ़ने से तकलीफ हो रही थी। हमने एंबुलेंस को फोन लगाया। तीन घंटे बाद शाम को एंबुलेंस आई। मां पिताजी को सीएचएल लेकर गई। वहां उनकी सोनोग्राफी हुई। वहां से आरडी गार्डी भेजने काे कहा। उन्होंने एंबुलेंस में मां को बैठाया व रात 11 बजे गदापुलिया पर उतार एंबुलेंस पिताजी को लेकर चली गई। मां पैदल घर आई व बताया कि तेरे पापा को आरडी गार्डी ले गए। रात 12.30 बजे फोन किया तो वे बोले- ऑक्सीजन मास्क लगाया हुआ है, बाद में बात करूंगा। सुबह बोले- वे ब्लड सैंपल ले गए हैं। दोपहर में पिता से दोबारा बात हुई, वे बोले- मुझे कोई आराम नहीं हुआ। रातभर भूखा रहा, दोपहर में पौने तीन बजे खाना दिया। यहां कुछ भी ठीक नहीं लग रहा है। शाम पांच बजे पता चला पिताजी की मौत हो गई। मेरे साथ मां-दादी व मेरे दो बच्चे हैं। प्रशासन हमारे सैंपल लेकर जांच रिपोर्ट बताए, हम भी अगर संक्रमित है तो घर आकर गोली मार दें लेकिन अब आरडी गारडी नहीं जाएंगे।रहवासी बोले- चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहेजैन कॉलोनी में रहने वाले राजेश जैन समेत आसपास के लोगों ने बताया यहां 70 परिवार रहते हैं। पुलिस मृतक के घर वालों की जानकारी लेकर चली गई। निगम वाले सिर्फ पानी से सड़क धोकर चले गए। कॉलोनी के लोग दहशत में हैं कि संबंधित परिवार की जांच से स्थिति तो साफ हो ताकि आसपास के लोग राहत महसूस कर परिवार की मदद तो कर सकें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मंगलवार को 33 लोग रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद घर पहुंचे। 22 मरीजों की छुट्टी आरडी गार्डी से हुई, तो 11 लोग पीटीएस से घर पहुंचे। Full Article
19 19 और कोरोना पॉजिटिव मिले, इनमें उज्जैन के 11 और बड़नगर के 8 संक्रमित शामिल By Published On :: Fri, 08 May 2020 11:40:19 GMT उज्जैन में कोराेना मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआहै। शुक्रवार काे जारी मेडिकल रिपोर्ट में 19 मरीजों में संक्रमण पाया गया है। संक्रमितों में उज्जैन के 11 और बड़नगर के 8 मरीज शामिल हैं। इसके साथ ही जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 220 हो गई है। वहीं, इस वायरस से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच एक राहतभरी खबर यह है कि 62 मरीज कोरोना को हराकर अपने घर लौट चुके हैं। उधर, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में जांच सैंपल की क्षमता पूरी हो गई तो बचे सैंपल गुजरात की निजी लैब में भेजने की व्यवस्था भी शुरू हो गई है।सीएम बोले- उज्जैन की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें, विशेषज्ञों को लगाएंमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना रोकथाम की उज्जैन की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा। उज्जैन में विशेषज्ञ चिकित्सक लगाए जाने के निर्देश भी दिए। बोले कि हमें पूरा प्रयास करना होगा कि वहां एक भी संक्रमित की कोरोना से मृत्यु ना हो। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के अलावा उज्जैन में ट्रॉमा सेंटर भी शीघ्र कोविड अस्पताल के रूप में शुरू किया जाएं। इसके अलावा इंदौर के अस्पताल में भी 100 बेड उज्जैन के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी दी कि उज्जैन में जहां एक और गहन सर्वे कार्य किए जाकर कोरोना टेस्ट की संख्या को बढ़ाया है, वहीं अस्पताल में मरीजों के स्वास्थ पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कार्य में समाज के सभी वर्गों का सहयोग लिया जाएं।उज्जैन में 10 मरीज और ठीक हुए, डिस्चार्ज कियाआरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से सात तथा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से तीन मरीज स्वस्थ होकर गुरुवार को घर लौट गए। उन्होंने कहा- हमने बीमारी नहीं छुपाई तो स्वस्थ हो गए हैं। शहर में कोई व्यक्ति बीमार है तो वह अपनी बीमारी नहीं छुपाए और हॉस्पिटल जाकर जांच करवाए। अपर कलेक्टर सुजान सिंह रावत ने बताया 10 मरीजों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आने पर डिस्चार्ज किया है। जिनमें कमाल हुसैन उम्र 36 साल, हसमलउद्दीन दिन उम्र 60 साल, गुलफशा उम्र 21 साल, निजामुद्दीन उम्र 42 साल, इशाद, अनवर हुसैन उम्र 45 साल, शाहीन उम्र 42 साल तथा सुनील परमार उम्र 30 साल शकील हुसैन उम्र 22 साल अतिका उम्र 38 साल स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today कलेक्टर द्वारा सभी तरह के पास निरस्त करने के बाद शहर में रोज की तुलना में कम लोग सड़कों पर निकले। जो निकले, उन्हें पुलिस ने सख्ती से घर भेज दिया। इसीलिए दोपहर में शहर की सड़कें पूरी तरह खाली दिखाई दीं। Full Article
19 एक दिन में 21 लोग संक्रमित मिले, राज्य में मरीजों की संख्या 153 हुई; 19 मरीज डिस्चार्ज भी हुए By Published On :: Fri, 27 Mar 2020 15:01:59 GMT मुंबई. शुक्रवार दोपहर तक राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 153 हो गई है। ताजा मामले मुंबई से सामने आये हैं। यह एक साथ पांच लोग कोरोना से पीड़ित हैं। इससे पहले सांगली में 12, वाशी में एक, नागपुर में 5 और गोंदिया में एक मामला सामने आया था। इस बीच राज्य में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 6 हो गई है। जिसमें से एक की रिपोर्ट अभी आना बाकी है।सीएम उद्धव ने भीड़ कम करने के लिए राज्य में आज से 24 घंटे दुकाने खोलने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के मुताबिक- शुक्रवार सुबह तक राज्य के अलग-अलग शहरों से कुल 19 मरीजों में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया।नागपुर में 9 हुई कोरोना संक्रमितों की संख्याकल लिए गए टेस्ट में 5 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी का नागपुर के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी है। वहां पहले से चार कोरोना संक्रमित लोग पहले से भर्ती हैं। इस हिसाब से शहर में कोरोनासंक्रमितों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है।दिल्ली से लौटे नागपुर के एक शख्स में कोरोना का संक्रमण हुआ था और उसने परिवार के चार अन्य सदस्यों तक इस इन्फेक्शन को फैलाया। प्रशासन ने उसके घर के पड़ोस में रहने वाले लोगों को भी होम क्वारंटाइन रहने के लिए कहा है।कोरोना से महाराष्ट्र में 2 और मौतें, अब तक 5राज्य में कोरोनावायरस के कारण दो और मौते हुई हैं, इनके साथ ही राज्य में कोरोना वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या 5 हो गई है। वहीं, खबर लिखे जाने तक कोरोना के पुष्ट मामलों की संख्या 125 थी। राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 65 वर्षीय गोवंडी की एक महिला को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत के बाद नवी मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उसकी मौत 24 मार्च को हो गई थी, गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट के अनुसार महिला कोरोना पॉजिटिव थी।वहीं 65 वर्षीय एक अन्य महिला को 23 मार्च को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया था। महिला को सांस लेने में तकलीफ के साथ ही बुखार और खांसी की समस्या थी। इलाज के दौरान गुरुवार को इस महिला की भी मौत हो गई। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, महिला को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत थी।कई मरीजों को छुट्टी दी गईइस बीच, दो मरीजों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई। कस्तूरबा से अब तक 10 मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी मिल चुकी है।नाराज हैं फार्मासिस्ट, लगातार बरामद हो रहे मास्कसरकार के मास्क को 10 से 20 रुपए में बेचने के फैसले पर नागपुर के फार्मासिस्ट बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि जब वे होल सेलर से 13/14 रुपए में मास्क खरीद रहे हैं तो वे कैसे इसे 10 रुपए में बेच सकते हैं। इस बीच राज्य के कई इलाकों से मास्क पकड़ने के जानकारी सामने आई है। जिसमें सबसे ताजा मामला पुणे का है, यहां शुक्रवार सुबह 4 लाख मास्क सोमवार पेठ के एक गोदाम से बरामद हुए हैं।महाराष्ट्र में कहां-कितने मामले सामने आए शहर संक्रमित मरीज मुंबई 56 पुणे 20 पिंपरी चिंचवाड़ 12 नागपुर 09 सांगली 23 औरंगाबाद 01 अहमदनगर 03 नवी मुंबई 05 कोल्हापुर 02 यवतमाल 04 सातारा 02 रत्नागिरी 01 सिंधुदुर्ग 01 गोंदिया 01 ठाणे 05 कल्याण-डोम्बिवली 05 पनवेल 01 वसई विरार 02 कुल संख्या 153 Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today प्रतीकात्मक फोटो Full Article
19 विदेश से लौटे लोगों ने पैरासिटामॉल से बुखार दबाया, राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 193, अब ऐप से नजर By Published On :: Mon, 30 Mar 2020 05:44:46 GMT (पुणे से मंगेश फल्ले/मुंबई से चंद्रकांत शिंदे).देश में महाराष्ट्र में सबसे बुरे हालात हैं। यहां मरीजों की संख्या 193 हो गई है। सात की मौत हुई है। 323 अस्पतालों में हैं। राज्य में 17 हजार 295 लोग होम क्वारैंटाइन और 5 हजार 928 संस्थाओं में क्वारैंटाइन में हैं। इस बीच विदेश यात्रा से लौटने वालों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। अमेरिका, दुबई, लंदन, फ्रांस, जर्मनी से आए कई लोगों ने बुखार के लक्षणों को दबाने के लिए पैरासिटामॉल का इस्तेमाल किया और मुंबई एयरपोर्ट पर बुखार कीजांच से बच निकले।इधर कुछ लोगों को होम क्वारैंटाइन के बावजूद बाहर घूमते देखा गया है। इससे निपटने के लिए पुणे प्रशासन ने ‘फेशियल रिकग्निशन सिस्टम’ आधारित ऐप बनवाया है। 1 हजार 276 लोगों पर 152 पुलिस टीमें नजर रख रही हैं। संदिग्ध लोगों को घड़ी के सामने खड़े होकर सेल्फी लेकर ऐप पर अपलोड करने कोकहा गया है। उस समय की उसकी लोकेशन भी ऐप पर दर्ज हो जाती है। ऐसा दिन में दो बार करवाया जा रहा है। ऐसा न करने पर पुलिस को तत्काल उसकी अनुपस्थिति पता चलती है। इस ऐप के इस्तेमाल के अच्छे नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र के अन्य जिलों में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।दिल्ली: चीन की स्थिति के आधार पर तैयारी की, रोज एक हजार मरीजों की भर्ती तक का प्लानतैयारी के लिए दिल्ली सरकार की बनाई कमेटी के प्रमुख डॉ एसके सरीन ने बताया कि चीन के पहले 1000 मरीजों की स्थिति के आधार पर तैयारी की है। वहां 1000 मरीजों में 140 को भर्ती होना पड़ा। 50 को आईसीयू और 23 को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी। अस्पताल में एक मरीज 4 से 20 दिन भर्ती रहा। दिल्ली ने हर दिन 500 मरीज और हर दिन 1000 को भर्ती करने के हिसाब से प्लान बनाया है। निजी अस्पतालों की भी मदद लेने की तैयारी है। एक दिन में 100 मरीज आते हैं तो 14 को भर्ती करना पड़ेगा और इसके लिए पांच आईसीयू बेड और करीब करीब तीन वेंटिलेटर की जरूरत होगी। इसके लिए लोक नायक और राजीव गांधी सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में आईसीयू के 50-50 बेड और आइसोलेशन के 200-200 बेड तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर लोक नायक अस्पताल में एक हजार और राजीव गांधी में 400 बेड हो सकते हैं। जीटीबी, डीडीयू और अंबेडकर अस्पताल में भी व्यवस्था है। 26 एंबुलेंस अलग रखी गई हैं। जरूरत पढ़ने पर 90 और एंबुलेंस हैं। रोज 3000 जांच की तैयारी है। 10 अप्रैल तक लॉकडाउन रहा तो संख्या बढ़ने के क्रम में कमी आने लगेगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मुंबई में लॉकडाउन के दौरान बाजारों को सेनिटाइज किया जा रहा है। Full Article
19 मुंबई में 75 वर्षीय और पालघर में 50 साल के कोरोना संक्रमित की मौत, बीएमसी ने शहर के 191 इलाके सील किए By Published On :: Wed, 01 Apr 2020 13:07:56 GMT राज्य में कोरोना संक्रमित मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार देर रात मुंबई और पालघर जिले में एक-एक संक्रमित की मौत की जानकारी सामने आई है। इसी के साथ मरने वालों का आंकड़ा महाराष्ट्र में 12 तक पहुंच गया है। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 320 तक पहुंच गई है।बीएमसी की ओर से मुंबई के विभिन्न स्थानों में 191 क्षेत्रों को 'कंटेंटमेंट एरिया' के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां कोरोना पॉजिटिव रोगियों की पुष्टि हुई है। ऐसे सभी क्षेत्रों के लिए प्रवेश / निकास प्रतिबंधित है और क्षेत्र के निवासियों को घर से बाहर नहीं रहने के निर्देश दिए गए हैं।पालघर में पहली मौतमुंबई से बाहर पालघर जिले में कोरोना के चलते पहली मौत हुई है। यहां के ग्रामीण हॉस्पिटल में 28 मार्च को सांस लेने में दिक्कत के बाद एक 50 वर्षीय व्यक्ति को ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार दिन में उसमें कोरोना की पुष्टि हुई और देर शाम तक उसने दम तोड़ दिया। पीड़िता ठाणे की एक फैक्ट्री में काम करता था और उसका कोई अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू यात्रा का इतिहास नहीं था। उसकी मौत के बाद फैक्ट्री के उन कर्मचारियों को ट्रेस कर उनकी जांच का काम किया जा रहा है, जो इसके संपर्क में आए थे।सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ली इलाके में हुई पहली मौतमुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 9 तक पहुंच गया है। शहर के वर्ली इलाके में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती 75 वर्षीय बुजुर्ग की सोमवार को मौत हुई थी। उसे डायबिटीज और सांस लेने में दिक्कत थी। मृत होने के बाद उसकी कोरोना की जांच की गई और मंगलवार रात को उसमें कोरोना की पुष्टि हुई। फिलहाल उसके पूरे परिवार को घर में रखा गया है। बता दें कि वर्ली मुंबई का वह इलाका है जहां अब तक सबसे ज्यादा 14 मामले सामने आए हैं। जिसके बाद यहां के कोलीवाड़ा इलाके को सील कर दिया गया है।मुंबई की झुग्गी औरचॉल में फैला वायरसमुंबई की झुग्गी-झोपड़ियां और चॉल में यह वायरस तेजी से फैल रहा है और यहां पर इसे काबू पाना प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती है। इस वायरस को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे अहम है और इन घनी बस्तियों में यह संभव नहीं हो पा रहा है। अब तक बस्तियों में आठ लोगों को कोरोना पॉजिटिव हो चुका है। परेल की एक चॉल में रहने वाले एक 65 वर्षीय, कलिना के जम्बलिपाडा स्लम के 37 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव मिला। घाटकोपर में झुग्गी झोपड़ी के एक 25 वर्षीय व्यक्ति और उसी झुग्गी की 68 वर्षीय महिला के साथ चार अन्य लोगों को कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।सबको ट्रैक करने में लगेंगे महीनोंघाटकोपर झुग्गी एक स्कॉयर किमी पर बसी है लेकिन इसमें 23,000 से अधिक लोग रहते हैं। स्वास्थ्य कर्मियों को हर उस व्यक्ति का पता लगाना होगा जो आदमी सामुदायिक शौचालय के पास संपर्क में आया होगा। अधिकारी ने कहा कि सभी को ट्रैक किया जाए, उनकी जांच की जाए और उन्हें 14 दिनों तक क्वॉरंटाइन किया जाएया, इसमें महीनों का समय लग सकता है।जीआरपी एक कांस्टेबल में भी कोरोना वायरस मिलेसरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक 51 वर्षीय पुलिस कांस्टेबल में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। जिसके बाद उसेकस्तूरबा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मुंबई के कमिश्नर रवींद्र सेंगांवकर ने कहा कि कांस्टेबल की पत्नी और दो बच्चों को अस्पताल में अलग-थलग रखा गया है।महाराष्ट्र में और कहां-कहां हुई मौतपहली मौत(17 मार्च):मुंबई में 64 साल के बुजुर्ग ने दम तोड़ा। वह उसी टैक्सी में बैठे थे, जिसमें सवारी 5 लोग पहले ही संक्रमित हो चुके थे। 64 साल के बुजुर्ग दुबई से लौटे थे और मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें हिंदुजा से कस्तूरबा अस्पताल में शिफ्ट कराया गया था। मृतक की पत्नी और बेटे की भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव थी। बुजुर्ग को हाइपरटेंशन और डायबिटीज था।दूसरी मौत( 21 मार्च):मुंबई में शनिवार रात 63 साल के एक मरीज ने दम तोड़ा। उन्हें डायबीटीज, हाई ब्लडप्रेशर और दिल की बीमारी थी। उन्हें 19 मार्च को मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था। 21 मार्च की रात करीब 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। हालांकि, इसकी कोई भी विदेश यात्रा की हिस्ट्री नहीं थी।तीसरी मौत(24 मार्च):65 वर्षीय एक मरीज को खांसी और सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्थिति खराब होने के कारण उसकी सोमवार को ही देर रात मौत हो गई। कोरोना के अलावा उसे डायबीटीज और उच्च रक्तचाप की भी शिकायत थी। हाल ही में यह मरीज यूएई से मुंबई लौटा था और कुछ दिन के लिए अहमदाबाद भी गया था।चौथी मौत(26 मार्च):65 वर्षीय गोवंडी की एक महिला को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत के बाद नवी मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उसकी मौत हो गई, गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट के अनुसार महिला कोरोना पॉजिटिव थी।पांचवी मौत(27 मार्च):65 वर्षीय एक अन्य महिला को 23 मार्च को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया था। महिला को सांस लेने में तकलीफ के साथ ही बुखार और खांसी की समस्या थी। इलाज के दौरान गुरुवार को इस महिला की भी मौत हो गई। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, महिला को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत थी।छठवीं मौत(28 मार्च):85 वर्षीय सर्जन की 26 मार्च को मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। प्राइवेट लैब से आई रिपोर्ट में उसमें कोरोना के लक्षण थे, हालांकि बीएमसी ने सरकारी लैब से उसकी फिर से जांच करवाई और 28 मार्च को घोषित किया कि डॉक्टर की मौत कोरोना के कारण हुई है। उन्हें भी डायबिटीज की शिकायत थी और सांस लेने में दिक्कत के बाद हॉस्पिटल मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था।सातवीं मौत(29 मार्च):40 वर्षीय महिला ने दम तोड़ा। इसे सीने में दर्द की शिकायत के बाद महानगरपालिका हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। महिला को हाइपरटेंशन की समस्या थी। उसे पिछले तीन दिनों से सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द हो रहा था।आठवीं मौत(29 मार्च):राज्य केबुलढाणामें भी 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत संक्रमण के चलते हुई थी। उन्हें पहले निमोनिया की शिकायत बताई गई थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रविवार को आई रिपोर्ट में पता चला कि वे कोरोना से संक्रमित थे।नौवीं मौत(30 मार्च): सोमवार को पुणे में एक 52 साल के व्यक्ति की मौत हुई। यह पुणे में कोरोना संक्रमण से पहली मौत थी। वह पुणे और मुंबई के बीच अक्सर अपडटाउन करता था। मरीज को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की शिकायत थी। 25 मार्च को सांस लेने में दिक्कत के बाद उसे पुणे के दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।दसवीं मौत(30 मार्च): सोमवार शाम को मुंबई में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की मौत की जानकारी सामने आई। उसे ह्रदय सम्बंधित बिमारी, डायबिटीज और हाइपरटेंशन था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Mumbai Pune Coronavirus Outbreak Live | Corona Virus Cases in Maharashtra Nashik Nagpur (COVID-19) Cases Death Toll Latest News and Updates Full Article
19 दो और मौतें, अब तक 12 की जान गई; पांच हजार लोग क्वारैंटाइन किए गए, मुंबई के 191 इलाके सील By Published On :: Wed, 01 Apr 2020 17:57:00 GMT महाराष्ट्र में तमाम कोशिशों के बाद भी कोरोना संक्रमण से हालत बिगड़ते जा रहे हैं। मुंबई और पालघर में संक्रमण से एक-एक और मौत हुई है। इसे मिलाकर बुधवार तक राज्य में संक्रमण से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 12तक पहुंच गया। वहीं, बुधवार को संक्रमण के 15नए मामले आए हैं। इनमें 14मुंबई केऔर एक बुलढाणा का है। इसे मिलाकर राज्य में संक्रमितों की संख्या 335 तक पहुंच गई है। इनमें सबसे ज्यादा संक्रमित 194 मुंबई में हैं।राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश तोपे ने बताया कि प्रदेश में पांच हजार लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है। ये सभी 162 संक्रमित मिले लोगों के संपर्क में आए थे। उधर, मुंबई में संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने शहर के होटल, जिम, क्लब, स्कूल और कॉलेज में क्वारैंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। बीएमसी ने संक्रमण रोकने के लिए मुंबई के 191 इलाकों को भी पूरी तरह से सील कर दिया है। यह वह इलाके हैं जहां पॉजिटिव मरीज मिले हैं।पालघर में 50 साल और मुंबई में 75 साल के बुजुर्ग की मौतपालघर के हॉस्पिटल में 28 मार्च को सांस लेने में दिक्कत के बाद 50 साल के व्यक्ति को भर्ती कराया गया था। मंगलवार दिन में उसमें कोरोना की पुष्टि हुई और देर शाम तक उसने दम तोड़ दिया। पीड़ितठाणे की एक फैक्ट्री में काम करता था। उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी। मेडिकल हिस्ट्री के बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है। वहीं, दूसरी मौत मुंबई के वर्ली इलाके के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में हुई। यहां भर्ती 75 साल के बुजुर्ग ने दम तोड़ा। उसे डायबिटीज और सांस लेने में दिक्कत थी। मंगलवार रात आई कोरोना रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टिहुई।मुंबई में केईएम हॉस्पिटल के बाहरी इलाके को भी सैनिटाइज किया गया।मुंबई यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को टाला गयामुंबई विश्वविद्यालय ने ग्रेजुएशन और पीजी की परीक्षाओं को टाल दिया है। यह रोक 14 अप्रैल तक के लिए है। हालांकि, अभी तक एग्जाम की अगली तारीख के बारे में नहीं बताया गया है। इससे पहले भी यूनिवर्सिटी ने 31 मार्च तक के लिए पीजी और यूजी की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था।मुंबई के मरोल इलाके में स्वास्थ्यकर्मी हर घर और सोसाइटी को सैनिटाइज कर रहे हैं।बिना मतलब घूमने वालों पर कड़ी कार्रवाई: सरकारडिप्टी सीएम अजित पवार ने बुधवार को कहा, 'लोगों को अमेरिका, इटली और स्पेन में कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण से सबक लेना चाहिए और घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर लोग सड़कों पर घूमते रहे तो सरकार कड़े कदम उठाने पर विवश होगी। लोग सब्जियां और किराना खरीदने के बहाने बाहर निकल रहे हैं और अपनी और परिवार के लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।अब तेजी से सामने आ सकते हैं कोरोना के केसराज्य में अब 13 प्राइवेट लैब में भी कोरोना की टेस्टिंग शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से सामने आ सकती है। इसके लिए मुंबई में बीएमसी ने तैयारी शुरू कर दी है। बीएमसी अब खाली इमारत, मैरिज हॉल, होटल, लॉज, हॉस्टल, कॉलेज, धर्मशाला, जिम, क्लब को कब्जे में लेकर क्वारैंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है।मुंबई में 191 इलाकेसील किए गएमुंबई में बुधवार शाम तक194 संक्रमित मिले हैं। इसके बाद बीएमसी में शहर की191 इलाकों को सील कर दिया है। इनमेंगोरेगांव की बिंबसार नगर सोसायटी में एक कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर बीएमसी ने सोसायटी को मंगलवार को सील कर दिया है। यहां करीबदोहजार लोग रहते हैं। यहां के लोगों का बिना अनुमति आने-जाने पर बैन लगा दिया गया है। इसी तरह, सायन इलाके की जैन सोसायटी स्थित मनोहर निवास को भी सील कर दिया गया है। यहां भी कोरोना का पॉजिटिव मरीज पाया गया है। इससे पहले वर्ली के कोलीवाड़ा इलाके को भी सोमवार रात से सील कर दिया गया था।मुंबई में कर्फ्यू लगा हुआ है। लोग घरों में बंद हैं। यहां मालाबार हिल इलाके में सड़कों पर मोर नजर आए।महाराष्ट्र: मरकज में शामिल लोगों की तलाश, पुणे से 182 और नागपुर से 94 हुए थे शामिलमहाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लोग निजामुद्दीन की तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल हुए थे। पुणे से 182 लोगों के शामिल होने का पता चला है। इनमें से 94 लोगों को क्वारैंटाइन किया है। बाकी की तलाश के लिए छह टीमों का गठन किया गया है। वहीं, मुंबई में पुलिस ने बांद्रा में 12 और सांताक्रूज में 20 लोगों को ट्रेस किया है। इनमें आठ मलेशियाई नागरिक हैं। इन्हें भी होम क्वारैंटाइन किया है। इसके साथ ही, नागपुर से 94 लोग मरकज में शामिल हुए थे। सभी को आकर जांच करवाने के लिए कहा गया है।किश्तों में मिलेगी तनख्वाह,डिप्टी सीएम ने केंद्र पर लगाया आरोपराज्य के वित्त विभाग के शासनादेश के मुताबिक, राज्य के ए क्लास और बी क्लास के अफसरों को इस महीने सिर्फ 50 फीसदी वेतन मिलेगा। बाकी का 50 फीसदी अगली किश्त में दिया जाएगा। वहीं,सी क्लास के कर्मचारियों को इस महीने 75 फीसद वेतन मिलेगा और 25 फीसदी वेतन अगली किश्त में दिया जाएगा। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पूरा वेतन मिलेगा। इसके अलावा, जनप्रतिनिधियों कोभी दो किश्तों सैलरीदी जाएगी। पेंशनरों को पूरी पेंशन मिलेगी। राज्य के उपमुख्यमंत्रीऔर वित्त मंत्री अजित पवार ने केंद्र सरकार को राज्य की कमजोर हुई वित्तीय स्थिति के लिएजिम्मेदार ठहराया है। पवार ने कहा कि केंद्र सरकार से राज्य सरकार को इस महीने के आखिर तक 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिलनी थी, जो अभी तक नहीं मिली है। इसीलिए राज्य सरकार को यह फैसला करना पड़ा।लॉकडाउन के बीच ओडिशा के 40 कामगार पुणे में फंसे हैं।ठाणे में शुरू होगा कोरोना के लिए अलग हॉस्पिटलठाणे शहर में कोरोना मरीजों की जांच और उनके उपचार के लिए सभी अलग अस्पताल बनाया जाएगा। ठाणे केआयुक्त ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगरजरूरत पड़ी, तो इसके लिए किसी निजी अस्पताल को भी अधिग्रहित किया जा सकता है।अब तक महाराष्ट्र में 6,331 लोगों का टेस्टहुआ राज्य में अब तक 6,331 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 335 पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें से 39 मरीजों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इनमें से ज्यादातर मरीजों की स्थिति स्थिर बताई गई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today हिंगोली जिले के एक मुहल्ले के लोगों ने बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया है। Full Article
19 राज्य में अब तक 19 मरीजों की हुई मौत, शहर के पांच हॉस्पिटल को पूरी या आंशिक तौर पर सील किया गया By Published On :: Thu, 02 Apr 2020 15:41:32 GMT महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से गुरुवार तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 15 मौत मुंबई में हुई है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान छह लोगों की संक्रमण के चलते मौत हुई। इनमें पांच मुंबई के जबकि एक पालघर का है। प्रदेश में मुंबई कोरोना का एपिसेंटर बन गया है। शहर मेंअब तक 190 से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं। स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर के पांच बड़े अस्पताल आंशिक या पूरी तरह से संक्रमण के चलते सील कर दिए गए हैं। मुंबई में चेंबूर स्थितसाईं हाॅस्पिटल को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। वही, सैफी हॉस्पिटल, जसलोक हॉस्पिटल, भाभा हॉस्पिटल और हिंदुजा हॉस्पिटल को आंशिक तौर पर सील किया जा चुका है। मुंबई क अलावा राज्य में पुणे, परभणी और पालघर में भीएक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।धारावी में 56 साल के व्यक्ति की मौत, यहां एक बीएमसी कर्मचारी भी संक्रमित मिलाबुधवार रात को मुंबई में संक्रमण के चलतेएक 56 साल के व्यक्ति की मौत हो गई। वहएशिया की सबसे घनी स्लम बस्ती यानीधारावी में रहता था। उसकी मौत मुंबई के सायन इलाके में हुई है। इस मौत ने प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए हैं। इसके अलावा एक 62 वर्षीय बुजुर्ग कीअंधेरी(ईस्ट) इलाके में मौत हुई है। उसकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं थी। इनके अलावा वोकहार्ड्ट हॉस्पिटल में एक 73 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई है। राज्य में बुधवार को जो मौत हुई, उसमें सिर्फ तीन कीस्वास्थ्य विभाग की ओर पुष्टि की गई है। अन्य तीन की पुष्टि सम्बंधित हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों की ओर से की गई है।वहीं, धारावीइलाके में रहने वाला एक52 साल का बीएमसी कर्मचारी में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं। उसके परिवार के सदस्यों समेत 23 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है।राज्य में अब तक 338 मामले सामने आएइस बीच गुरुवार सुबह तक पूरे राज्य में 338 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसमें से 3 नए मामले गुरुवार सुबह सामने आए हैं। इनमें एक बुलढाणा और दो केस पुणे से सामने आए हैं। वहीं मुंबई में बुधवार रात तक 30 नए लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे। बीएमसी ने 191 इलाकों को पूरी तरह से सील कर दिया है। अब इन इलाकों से कोई अंदर या बाहर नहीं आ सकता है। इसमें सबसे ज्यादा इलाके आदित्य ठाकरे की विधानसभा यानि वर्ली से हैं। यहां अब तक 15 केस सामने आ चुके हैं। इसके अलावा डोमबीवली, वसई-विरार और पालघर के कुछ इलाके इसमें शामिल हैं।महाराष्ट्र में और कहां-कहां हुई मौत:पहली मौत(17 मार्च): मुंबई में 64 साल के बुजुर्ग ने दम तोड़ा। वह उसी टैक्सी में बैठे थे, जिसमें सवारी 5 लोग पहले ही संक्रमित हो चुके थे। 64 साल के बुजुर्ग दुबई से लौटे थे और मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें हिंदुजा से कस्तूरबा अस्पताल में शिफ्ट कराया गया था। मृतक की पत्नी और बेटे की भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव थी। बुजुर्ग को हाइपरटेंशन और डायबिटीज था।दूसरी मौत( 21 मार्च): मुंबई में शनिवार रात 63 साल के एक मरीज ने दम तोड़ा। उन्हें डायबीटीज, हाई ब्लडप्रेशर और दिल की बीमारी थी। उन्हें 19 मार्च को मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था। 21 मार्च की रात करीब 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। हालांकि, इसकी कोई भी विदेश यात्रा की हिस्ट्री नहीं थी।तीसरी मौत(24 मार्च): 65 वर्षीय एक मरीज को खांसी और सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्थिति खराब होने के कारण उसकी सोमवार को ही देर रात मौत हो गई। कोरोना के अलावा उसे डायबीटीज और उच्च रक्तचाप की भी शिकायत थी। हाल ही में यह मरीज यूएई से मुंबई लौटा था और कुछ दिन के लिए अहमदाबाद भी गया था।चौथी मौत(26 मार्च): 65 वर्षीय गोवंडी की एक महिला को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत के बाद नवी मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उसकी मौत हो गई, गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट के अनुसार महिला कोरोना पॉजिटिव थी।पांचवी मौत(27 मार्च): 65 वर्षीय एक अन्य महिला को 23 मार्च को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया था। महिला को सांस लेने में तकलीफ के साथ ही बुखार और खांसी की समस्या थी। इलाज के दौरान गुरुवार को इस महिला की भी मौत हो गई। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, महिला को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत थी।छठवीं मौत(28 मार्च): 85 वर्षीय सर्जन की 26 मार्च को मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। प्राइवेट लैब से आई रिपोर्ट में उसमें कोरोना के लक्षण थे, हालांकि बीएमसी ने सरकारी लैब से उसकी फिर से जांच करवाई और 28 मार्च को घोषित किया कि डॉक्टर की मौत कोरोना के कारण हुई है। उन्हें भी डायबिटीज की शिकायत थी और सांस लेने में दिक्कत के बाद हॉस्पिटल मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था।सातवीं मौत(29 मार्च): 40 वर्षीय महिला ने दम तोड़ा। इसे सीने में दर्द की शिकायत के बाद महानगरपालिका हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। महिला को हाइपरटेंशन की समस्या थी। उसे पिछले तीन दिनों से सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द हो रहा था।आठवीं मौत(29 मार्च): राज्य के बुलढाणा में भी 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत संक्रमण के चलते हुई थी। उन्हें पहले निमोनिया की शिकायत बताई गई थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रविवार को आई रिपोर्ट में पता चला कि वे कोरोना से संक्रमित थे।नौवीं मौत(30 मार्च): सोमवार को पुणे में एक 52 साल के व्यक्ति की मौत हुई। यह पुणे में कोरोना संक्रमण से पहली मौत थी। वह पुणे और मुंबई के बीच अक्सर अपडटाउन करता था। मरीज को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की शिकायत थी। 25 मार्च को सांस लेने में दिक्कत के बाद उसे पुणे के दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।दसवीं मौत(30 मार्च): सोमवार शाम को मुंबई में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की मौत की जानकारी सामने आई। उसे ह्रदय सम्बंधित बिमारी, डायबिटीज और हाइपरटेंशन था।ग्यारहवीं मौत(1 अप्रैल): पालघर जिले में कोरोना के चलते पहली मौत हुई है। यहां के ग्रामीण हॉस्पिटल में 28 मार्च को सांस लेने में दिक्कत के बाद एक 50 वर्षीय व्यक्ति को ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार दिन में उसमें कोरोना की पुष्टि हुई और देर शाम तक उसने दम तोड़ दिया। पीड़िता ठाणे की एक फैक्ट्री में काम करता था और उसका कोई अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू यात्रा का इतिहास नहीं था। उसकी मौत के बाद फैक्ट्री के उन कर्मचारियों को ट्रेस कर उनकी जांच का काम किया जा रहा है, जो इसके संपर्क में आए थे।बारहवीं मौत(1 अप्रैल): शहर के वर्ली इलाके में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती 75 वर्षीय बुजुर्ग की सोमवार को मौत हुई थी। उसे डायबिटीज और सांस लेने में दिक्कत थी। मृत होने के बाद उसकी कोरोना की जांच की गई और मंगलवार रात को उसमें कोरोना की पुष्टि हुई। फिलहाल उसके पूरे परिवार को घर में रखा गया है। बता दें कि वर्ली मुंबई का वह इलाका है जहां अब तक सबसे ज्यादा 14 मामले सामने आए हैं। जिसके बाद यहां के कोलीवाड़ा इलाके को सील कर दिया गया है।4 अन्य मौतें(1 अप्रैल): राज्य स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अन्य 5 लोगों की मौत मुंबई के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई। मरने वालों की उम्र 51, 84, 63 और 50 साल है। मृतकों की मौत के कारण की विस्तृत रिपोर्ट अभी आनी बाकी है, लेकिन इसकी पुष्टि की जा चुकी है कि ये सभी कोरोना पॉजिटिव थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today राज्य में गुुुरुवार सुबह तक कोरोना संक्रमण के 338 मामले सामने आ चुके हैं। Full Article
19 दो दिन में 10 की मौत, अब तक 19 की जान गई; राज्य में कोरोना संक्रमितों के लिए 30 नए हॉस्पिटल बनेंगे By Published On :: Thu, 02 Apr 2020 17:01:20 GMT महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता नजर आ रहा है। पिछले 48 घंटों में राज्य में संक्रमण से 10 लोगों की मौत हो गई। गुरुवार को 4 संक्रमितों की मौत हुई है। वहीं,बुधवार को राज्य में छह लोगों की जान संक्रमण से गई थी।इसे मिलाकर राज्य में संक्रमण से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 19 तक पहुंच गया। वहीं, गुरुवार को 88 नए पॉजिटिव केस मिले हैं, इनमें सबसे ज्यादा 54 मुंबई के हैं। राज्य में अब संक्रमितों की संख्या 423पर पहुंच गई है।राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि राज्य में कोरोना के लिए 30 डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाए जाएंगे। इनमें कुल 2350 बेड होंगे। वहीं, कांदिवली के शताब्दी अस्पताल के 40 स्टाफ को क्ववारैंटाइन किया गया है। यहां भर्ती एक मरीज की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई है। वहीं, बुधवार को धारावी के एक बुजुर्ग की मौत और यहां से एक संक्रमित मिलने के बाद इस इलाके के 300 घरों को सील कर दिया गया है। वहीं,लातूर में मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले 120 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।आज इन चार लोगों की हुई मौतआज जिन चार लोगों की मौत हुई हैं उनमें मुंबई के नायर हॉस्पिटल में भर्ती एक 61 वर्षीय पुरुष शामिल है। उसे हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर था। इनकी मौत कल दोपहर हुई है। इनके अलावा 29 मार्च को सायन के एक सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती 58 वर्षीय पुरुष, मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती 58 वर्षीय बुजुर्ग और कस्तूरबा हॉस्पिटल में भर्ती एक अन्य शख्स की मौत भी हुई है। इन सभी को हाई बल्ड प्रेशर और डायबिटीज था। इसके अलवा पुणे में भी एक महिला की मौत कोरोना के चलते हुई है। हालांकि, प्रशासन की ओर से उसकी मौत की पुष्टि होना बाकी है।मुंबई में एक महिला और उसका दिन का बच्चा कोरोना पॉजिटिव मिला है।जानकारी के मुताबिक, महिला को प्रसव पीड़ा होने पर26 मार्च कोचेम्बूर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में महिला को एक बच्चा हुआ। बाद में दोनों की मां और बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। महिला के पति ने हॉस्पिटल पर आरोप लगाया कि उसकी पत्नी को कोरोना संक्रमित पाए गए व्यक्ति के बगल में बेड दिया था, जिससे वह संक्रमित हुई है।कई स्वयंसेवी संस्थाएं हर दिन धारावी में हजारों लोगों के खाने का इंतजाम कर रही हैं।एयरपोर्ट पर तैनात 5सीआईएसएफ जवानों को भी संक्रमणकोरोनाकी चपेट में अब सीआईएसएफ के पांचजवान भी आ गए हैं। ये सभी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तैनात थे। इससे पहले मुंबई के सीएसटी रेलवे पुलिस स्टेशन का एक कॉन्स्टेबल भी कोरोना से संक्रमित मिला था। रेलवे पुलिस के इस कॉन्स्टेबल को 30 मार्च को कल्याण के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसका कोरोना टेस्ट की रिपोर्टपॉजिटिव आई है।5,000 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया: स्वास्थ्य मंत्रीराज्य में 5 हजार से ज्यादा लोगों की पहचान अधिक जोखिम वाले संदिग्ध कोरोना मरीजों के तौर पर की गई है। इन मरीजों को अलग-अलग क्वारैंटाइन सेंटर्स में रखा गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे यह जानकारी देते हुए कहा, 'इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि आने वाले दिनों में कोरोना वायरस से और लोग संक्रमित होंगे। क्योंकि जिन पांच हजार लोगों कोक्वारैंटाइन किया गया। वह सभी अब संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आए हुए लोग हैं।पुणे के मांजरी इलाके में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर खाना बांटा।मुंबई में 191 इलाके सीलमुंबई में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। राज्य में सबसे अधिक कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या मुंबई में ही है। बढ़ते मामलों को देखते हुए 191 से अधिक इलाके को सील कर दिया गया है। इनमें से 46 इलाके पश्चिम उपनगर और 48 इलाके पूर्वी उपनगर में हैं। दक्षिण मुंबई के 48 इलाकों में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज पाए गए हैं। इन क्षेत्रों में लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। मुंबई पुलिस लगातार इन क्षेत्रों की निगरानी कर रही है और लोगों से घरों में ही रहने की अपील कर रही है। बीएमसी यहां लगातार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रही है।।पुणे में कई सेंटर पर ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़ नजर आ रही है।महाराष्ट्र में जमातियों की पहचान, 230 को किया क्वारैंटाइनतबलीगी जमात के दिल्ली में हुए मरकज में महाराष्ट्र से शामिल होने वाले लोगों की पहचान का काम बुधवार कोतेजी से पूरे राज्य में की गई। राज्य के विभिन्न हिस्सों से बुधवार देर रात तक मिली जानकारी के मुताबिक, ठाणे पुलिस ने 25 लोगों को पकड़ा है, इनमें 13 बांग्लादेशी और 8 मलयेशियन नागरिक भी शामिल हैं। सभी को क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया गया है। अलावा इसके अहमदनगर से 29, औरंगाबाद से 47, पिंपरी-चिंचवड से 32, सोलापुर से 13, नांदेड से 16, अकोला से 10, परभणी से 3, चंद्रपुर से एक और नागपुर से 54 लोगों के तबलीगी जमात में शामिल होने की पुष्टि हुई है।अहमदनगर की एक सब्जी मंडी के बाहर जमा भीड़। यहां लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग नजर नहीं आई।कोरोना संक्रमितों की तलाश के लिए बनाया ऐपसरकार के अलग-अलग विभागों ने मिलकर एक ऐसा मोबाइल ऐप तैयार किया है, जिससे कोरोना मरीजों की पहचान आसानी से की जा सकेगी। यही नहीं, यह ऐप क्वारैंटाइन में रखे गए मरीजों पर भी नजर रखेगा। नासिक जिले में इसका ट्रायल सफल रहा है। अब इसे राज्य के अन्य हिस्सों में किया जाएगा।पुणे के दादानगर में कर्फ्यू के बावजूद जमा भारी भीड़।उद्धव से पीएम मोदी ने की बातप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत की है। बताया जा रहा है कि पीएम नेउद्धव को पिछले महीने नई दिल्ली में तब्लीगी जमात के आयोजन से मुंबई और राज्य के अन्य हिस्से में पहुंचे लोगों का पता लगाने, जांच करने कोकहा है। गुरुवार को पीएम मोदी सभी राज्यों को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरनावायरस को लकेर चर्चा करेंगे।धुले जिले में लॉकडाउन के नियम को समझाने के लिए पुलिस ने कुछ ऐसा तरीका खोजा है।हैदराबाद से राजस्थान जा रहे चार ट्रकों को वाशिम जिले में पकड़ा गया। इसमें सवार 235 मजदूरों को हिरासत में लिया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं। राज्य में करीब पांच हजार लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। Full Article
19 190 साल पुराने अमृतांजन ब्रिज को जमींदोज किया गया, तीन साल से चल रही थी गिराने की तैयारी By Published On :: Mon, 06 Apr 2020 08:00:32 GMT पुणे. रविवार शाम को रायगढ़ जिले में स्थित ऐतिहासिक अमृतांजन ब्रिज को विस्फोटक से उड़ा दिया गया। मुंबई और पुणे को जोड़ने वाले लोनावाला के पास खंडाला में स्थित इस ब्रिज को करीब 190 साल पहले 1830 में अंग्रेजी शासन काल में बनाया गया था। रायगढ़ जिला कलेक्टर ने महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) को 2 से 14 अप्रैल के बीच इस ब्रिज को हटाने की अनुमति दी थी।10 किलोमीटर का ट्रैफिक डायवर्जन किया गयालॉकडाउन के चलते मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर ट्रैफिक बेहद कम हो गया है। इस बीच सही मौका देखकर प्रशासन ने पुल को गिराने के लिए हरी झंडी दी थी। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर दोनों लेन के लिए 10 किमी का एक ट्रैफिक डायवर्जन बनाया गया। पुल को गिराने का प्रोजेक्ट 3 साल से लंबित था। पिछले साल जून में एमएसआरडीसी ने पुल को गिराने के लिए दूसरा टेंडर जारी किया था। 2017 में जब पहली बार पुल के गिराने का प्लान बनाया गया तो इसका भारी विरोध भी हुआ था।कई साल से बंद है अवागमनअमृतांजन पुल की खराब हालत को देखते हुए पिछले कई सल से आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था। एमएसआरडीसी ने इससे पहले इस पुल के संरक्षक रेलवे को भी लिखा था और पुल गिराने की अनुमति मांगी थी। जिला कलेक्टर और स्टेट हाईवे पुलिस से भी सुरक्षा और ट्रैफिक डायवर्जन करने की मांग की थी।गिराने की जरूरत क्यो?पुल के खंभे सड़क को कई हिस्सों में बांटते हैं। यह जर्जर हो चुके हैं। इन मोटे-मोटे खंभों की वजह से यहां सड़क की चौड़ाई कम है और अकसर जाम लगता है। कई बार हादसे भी हो चुके हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today विस्फोटक लगाकार इस ब्रिज को जमींदोज किया गया। Full Article
19 सांगली में 19 वर्षीय लड़की को शराब पिला कर गैंगरेप किया गया, दो गिरफ्तार By Published On :: Thu, 23 Apr 2020 12:09:00 GMT महाराष्ट्र में सांगली जिले के मिराज तहसील में 19 वर्षीय लड़की को शराब पिला कर बुधवार देर रात सामूहिक बलात्कार करने के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।पुलिस सूत्रों के अनुसार कोल्हापुर शहर में रहने वाली पीड़ित लड़की पिछले कुछ दिनों से मिराज शहर में अपनी महिला मित्र के यहां रह रही थी। बीती रात दो संदिग्ध लोगों ने उसे जबरन शराब पिलाई और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।घटना के बाद पीड़ित लड़की ने महात्मा गांधी चौक पुलिस स्टेशन में दो संदिग्ध लोगों के खिलाफ एफआरआर दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने आज दोपहर बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today आरोपी महिला को पहले से जानते थे और एक आरोपी महिला का पुराना मित्र भी बताया जा रहा है। Full Article
19 आज संक्रमण से 19 की मौत; उद्धव ठाकरे ने कहा- ट्रेनें नहीं चलेंगी, लेकिन मजदूरों को घर भेजने का रास्ता निकाल रहे हैं By Published On :: Sun, 26 Apr 2020 17:14:04 GMT महाराष्ट्र में संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है। रविवार को संक्रमण के चलते 19 लोगों की मौत हुई। इनमें मुंबई में 12, पुणे में तीन, जलगांव से दो, सोलापुर और लातूर में एक-एक की जान गई। मृतकों में 17 की उम्र 40 साल से ज्यादाथी जबकि दो की उम्र 40 साल से कम थी। 11 मृतकों को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग जैसी बीमारियां थीं, जबकि आठ मृतकों की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कुछ नहीं बताया गया। राज्य में अब तक संक्रमण से 342 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, रविवार को राज्य में संक्रमण के 440 नए केस सामने आए।उद्धव ठाकरे ने कहा- मजदूरों को घर भेजने का रास्ता निकाल रहे हैंमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को बताया कि हम प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने का हरसंभव रास्ता निकाल रहे हैं। इसके लिए हम केंद्र से बात कर रहे हैं। एक बात साफ है कि ट्रेनें नहीं चलेंगी। हम नहीं चाहते कि भीड़ जमा हो। नहीं तो लॉकडाउन को आगे बढ़ाना पड़ेगा। ठाकरे ने बताया कि हमें इस बातका दुख है कि इस लड़ाई में हमारे दो पुलिसकर्मियों की जान चली गई। हम उनके परिवार की सरकार की नीतियों के तहत मदद करेंगे।दरअसल, पिछले दिनों मुंबई के बांद्रा में हजारों की तादाद में मजदूर जमा हो गए थे। इनकी मांग की थी उन्हें अपने-अपने गृह राज्य जाने दिया जाए।हालांकि, पुलिस का कहना था कि यह एक अफवाह की वजह से हुआ था।मुंबई समेत राज्य के दूसरे इलाकों से भी मजदूर घर जाने की मांग कर रहे हैं। इस बीच, कई मजदूर और कामगारों की महाराष्ट्र से अपने राज्य जाने की खबरेंभी आ रही हैं।80% मरीज ऐसे हैं, जिनके लक्षण सामने ही नहीं आए:ठाकरेठाकरे ने बताया, 'राज्य में 80% मरीज ऐसे हैं, जिनके लक्षण सामने ही नहीं आए। उन्हें संक्रमण का पता नहीं चला। 20% को कोरोना के हल्के, गंभीर और अतिगंभीर लक्षण हैं। हमारी कोशिश है कि ये सभी जल्द स्वस्थ हो जाएं। जो लोग अपनी बीमारी को छिपा रहे और टेस्ट नहीं करा रहे हैं, उनसे भी अपील है कि लक्षण दिखने पर जांच कराएं।'मुंबई मेंसंक्रमितोंकी संख्या 100 गुना से ज्यादा बढ़ीमहाराष्ट्र में कोरोनालगातार बढ़ता जा रहा है।लॉकडाउन के एक महीने मेंमुंबई मेंसंक्रमितोंकी संख्या 100 गुना से ज्यादा बढ़ी है। 25 मार्च को सिर्फ 43 मरीजथे और2 लोगों की मौत हुई थी। एक महीने बाद यह तादाद4,589 हो गई, जबकि मौतों की संख्या 179 तक जा पहुंची। देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की यह सबसे तेज रफ्तार है।लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन और पुणे संभाग में लॉकडाउन 18 मई तक बढ़ाया जा सकता है। इसके संकेत राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने शनिवार शाम कोकहा, 'कोरोना का संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है। यदि यह कम नहीं होता है तो लॉकडाउन बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं है। जरूरत पड़ीतो 3 मई के बाद मुंबई-पुणे के कंटेनमेंट जोन में 15 दिनका और लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा।'बंद प्राइवेट नर्सिंग होम और हॉस्पिटल पर होगी कार्रवाईबृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने कहा है कि यदि बार-बार निर्देश के बावजूद मुंबई में नर्सिंग होम आम मरीजों के लिए नहीं खोले जाते हैं, तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। अगर प्राइवेट हॉस्पिटलके डॉक्टर्स काम पर न आएंतो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।मुंबई के एक कंटेनमेंट जोन को सैनिटाइज करते दमकल विभाग के कर्मचारी। शहर में अब तक 4 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।कोरोनाअपडेट्स मुंबई में53 पत्रकार भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। अब अच्छी खबर यह है कि इनमें से 31 पत्रकारों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है, जिसके बाद सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है। हालांकि, इन सभी को 14 दिन तक क्वारैंटाइन में रहने की सलाह दी गई है। मुंबई में पुलिस के 52 वर्षीय हेड कांस्टेबल की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। मुंबई पुलिस ने ट्वीट में बताया कि पीड़ित कई दिन से इस संक्रमण से जूझ रहा था। महाराष्ट्र में संक्रमण के कारण किसी पुलिसकर्मी की मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पहले, शनिवार को 57 वर्षीय कांस्टेबल की संक्रमण के कारण मौत हुई थी। पुणे में शनिवार को कोरोना के 90 और मामले सामने आए।5लोगों की मौत हो गई। शहर में कुल 1184 संक्रमित हो गए, जबकि73 लोगों की मौत हो चुकी। मुंबई:सबसे बड़े स्लम धारावी में कोरोनावायरस का कहर जारी है। पिछले 24 घंटेमें यहां 21 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। यहां संक्रमितों का आंकड़ा 241 हो गया है। धारावी में कोरोनावायरस के संक्रमण से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है।महाराष्ट्रभाजपा ने शुरू कीकोविड-19 हेल्पलाइनपूर्व मुख्यमंत्रीदेवेंद्र फडणवीस ने भारतीय जनता पार्टी की कोविड-19 हेल्पलाइन की शुरुआत की। इस हेल्पलाइन से लोगों को महानगरपालिका द्वारा नामित कोविड डॉक्टर, क्वारैंटाइन सेंटर, कोविड के लिए आरक्षित हॉस्पिटल, नॉन कोविड हॉस्पिटल, नॉन कोविड जनरल क्लिनिक, पुलिस स्टेशन, राशन शॉप, मंत्रालय कंट्रोल रूम, वार्ड कंट्रेल रूम, हेल्थ ऑफिसर औरएंबुलेंस से संबंधित सहायता, सुविधा औरसेवाओं के बारे में आवश्यक जानकारी मिलेगी।महाराष्ट्र के रत्नागिरी में बच्चा कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर वापस घर गया। उसे विदाई देने के लिए हॉस्पिटल का पूरा स्टाफ फूल लेकर पहुंचा था।अमरावती में पुलिस मुख्यालय पर काम शुरू करने से पहले सभी कर्मचारी हर दिन योग करते हैं। शनिवार को इस कार्यक्रम में बाल कल्याण मंत्री यशोमती ठाकुर भी शामिल हुईं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर मुंबई की है। हेल्थ वर्कर्स घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रहे हैं। शहर में संक्रमितों की संख्या चार हजार से ज्यादा हो गई है। Full Article
19 19 मोर मृत मिले, शिकार की आशंका नहीं, गर्मी या मौसमी बिमारी से हुई मौत By Published On :: Wed, 22 Apr 2020 09:22:00 GMT (नरपत सिंह चौहान)। राजसमंद जिले में पर्वत खेड़ी की पहाड़ी पर बुधवार को 19 मोरों की मौत हो गई। तीन मोरों की हालत नाजुक है। मोरों की मौत कैसे हुई यह अभी पता नहीं चला है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। हालांकि माना जा रहा है कि या तो मौसमी बिमारी या फिर गर्मी के कारण राष्ट्रीय पक्षी की मौत हुई है।जानकारी के अनुसारतासोल के पास पर्वत खेड़ी की पहाड़ी पर ग्रामीणों ने एक साथ कई मोरों को मृत अवस्थामें पाया। तीन मोर हिल-डुल रहे थे। ग्रामीणों ने उनको पानी पिलाया। सूचना पर पर पुलिस व वन विभाग की टीम वहां पहुंची। वन विभाग की टीम ने पाया कि 19 मोरों की मौत हो चुकी है। आस-पास कोई दाना भी नहीं मिला जिससे यह लगे कि शिकारियों ने जहरीला दाना खिलाकर मोरों का शिकार कियाहो। अब पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा।उल्लेखनीय है कि गत आठ अप्रैल को बीकानेरजिले में कोलायत के लोहिया गांव में जहरीला दाना खाने से 21 मोर व आठ तीतर सहित 32 पक्षियों की मौत हो गई थी। इससे पहले नागौर के जानना गांव में जहरीला दाना खाने से पांच मोरों के शव मिले थे। राष्ट्रीय पक्षी का शिकार लगातार जारी है।माना जा रहा है कि मोरों की मौत मौसमी बीमारी या गर्मी से हुई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today पर्वत खेड़ी की पहाड़ी पर मिले मोरों के शव। मौके पर जांच करती वन विभाग व पुलिस की टीम। Full Article
19 19 मोरों की मौत, 3 घायलों का उपचार जारी, प्रथम दृष्टया गर्मी के चलते मान रहे माैत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार By Published On :: Wed, 22 Apr 2020 23:30:00 GMT तासोल के पर्वत खेडी में बुधवार सुबह बीड़ में 19 संदिग्ध माेराें की माैत हाे गई और 3 मोर घायल अवस्था में मिले। राष्टीय पक्षी मोर की मृत्यु पर पुलिस और वन विभाग सहित पशु चिकित्सकों की टीम माैके पर पहुंची और घायल माेराें का उपचार किया। मृत माेराें का पोस्टमार्टम कर वीश्रा सैंपल लेकर जयपुर प्रयोगशाला भेजा ताकि माेराें की माैत हाेने के कारणाें की जानकारी मिल सके। पोस्टमार्टम के दाैरान माेराें के शरीर से काेई दाना, बंदूक की गाेली और अन्य प्रकार की चाेट के निशान नहीं मिले। थानाधिकारी लालसिंह शक्तावत ने बताया कि वन विभाग की टीम को भी सूचना दी। पशु विभाग से डाक्टर सुनिल जाखड़, टीम मौके पर पहुंची।मृत, घायल मोरों को राजसमंद जिला मुख्यालय ले गए। ग्रामीण प्रकाश पालीवाल ने बताया कि सुबह करीब 9 बजे बड़ी संख्या में मोर उड़ते समय नीचे गिरने लगे। 15 मौत मृत थे और 7 घायल थे। चिकित्सा टीम पहुंची तब तक 4 मोर की और मौत हो चुकी थी। डाॅ. सुनील जाखड़ ने कहा कि अभी यह नहीं बता सकते है कि मौत कैसे हुई।अचानक बढ़ी गर्मी से हाे सकती है माैत : डीएफओवन्यजीव फतह सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया माेराें के माैत काेई जानकारी ताे नहीं लग पाई है लेकिन माेराें का शिकार नहीं किया है अाैर ना हीं जहरीले दाने खाने से माैत हुई हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे जानकारी हाे सकेगी। हाे सकता है कि अचानक गर्मी बढ़ने से भी पानी नहीं मिला हाे और माैत हाे गई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Death of 19 peacocks, treatment of 3 injured continues, prima facie believing Maith, waiting for post mortem report Full Article
19 आयुर्वेद चिकित्सा संघ ने काेविड-19 में आयुर्वेद पद्धति से सेवा के अधिकार दिलाने एसडीएम काे ज्ञापन दिया By Published On :: Thu, 30 Apr 2020 00:45:00 GMT राजस्थान आयुर्वेद चिकित्सा संघ ने एसडीएम रमेशचंद्र सीरवी काे मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर उन्हें काेविड-19 से निपटने में सहयाेग करने के लिए आयुर्वेद विभाग काे अपनी पैथी आधारित चिकित्सा के लिए जरूरी संसाधन, अधिकार दिलाने, बजट मुहैया करवाने, प्रासंगिक राज्यादेश काे निरस्त करने की मांग की है। मावली अ श्रेणी आयुर्वेद औषधालय के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डाॅ. रमेंद्रकुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान में काेविड-19 महामारी में देशभर में आयुर्वेद चिकित्सक, नर्सिंग कर्मचारी, कंपाउंडर पहली पंक्ति में एलाेपैथी डाॅक्टराें के साथ हैं। इसके बावजूद आयुर्वेद कर्मचारियाें काे काेइर् प्राेत्साहन राशि या पूरा वेतन नहीं मिल रहा है। ज्ञापन में आयुर्वेद कर्मचारियाें काे वेतन स्थगन से मुक्त रखने, प्राेत्साहन राशि तथा जरूरी सुरक्षा उपकरण दिलाने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में डाॅ. सांवरलाल कुमावत, डाॅ. उदयराम जाट, डाॅ. नरेशकुमार रेगर, डाॅ. राजकिरण अार्य, डाॅ. विनाेद, डाॅ. सरिता अहारी, डाॅ. कैलाश शामिल थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Ayurveda Medical Association gave memorandum to SDM for rights of service through Ayurveda system in KAVID-19 Full Article