3

3 मई को कोरोना पॉजिटिव मिले सात मरीजों के संपर्क में आए 25 संदिग्धों की रिपोर्ट निगेटिव

कोविड-19 के 102 मरीजों के साथ बिहार में कोरोना का हॉट स्पॉट बन चुके मुंगेर में अब इस महामारी की रफ्तार थमने लगी है। पिछले 4 दिनों से जिले में कोरोना का कोई नया मरीज नहीं मिला है। दूसरी ओर तीन मई को पॉजिटिव मिले सात लोगों के संपर्क में आए 25 संदिग्धों की जांच रिपोर्ट गुरुवार को निगेटिव आई। सिविल सर्जन डॉ. पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमित 102 लोगों में से 38 लोग अब तक ठीक होकर घर जा चुके हैं। जबकि 63 लोग इलाजरत हैं। इनमें से 03 एनएमसीएच पटना में 35 क्वींस हॉस्टल जमालपुर व 25 जीएनएम आइसोलेशन में इलाजरत हैं। क्वींस जीएनएम आइसोलेशन में भर्ती 36 मरीजों का जांच पटना भेजा गया है, जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इनमें से पांच मरीज ऐसे भी है जिनकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। यदि इन पांचों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आती है, तो सभी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार ने एनआईसी कक्ष में सिविल सर्जन, जिलाधिकारी व डीपीएम के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की। इस दौरान सचिव ने निर्देश दिया कि बाहरी राज्य से आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों का स्क्रीनिंग के पश्चात ही क्वारेंटाइन में भर्ती करें। यह भी निर्देश दिया कि रेड जोन वाले जिला से आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों का स्वाब जांच कराएं, ताकि वैसे प्रवासी मजदूरों से संक्रमण का भय नहीं रहे। ऐसे मजदूरों के रहने के लिए भी अलग व्यवस्था करें ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।

सैंपल जांच के लिए मिलेगा टीआरयू मशीन
जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति पटना की ओर से कोरोना संक्रमितों के स्वाब का सैंपल जांच करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति को टीआरयू मशीन उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी स्वाब का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा जा रहा था। सिविल सर्जन ने बताया कि 3-4 दिन में मशीन मुंगेर पहुंच जाएगा। जबकि स्वाब सैंपल का किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके लिए यक्ष्मा विभाग के एक कमरा में लैब तैयार किया जा रहा है।
टीआरयू में पॉजिटिव मिलने के बाद पटना जाएगा सैंपल
टीआरयू मशीन की सहायता से एक दिन में 40 सैंपल की जांच की जा सकेगी। टीआरयू मशीन द्वारा सैंपल जांच में निगेटिव मरीजों का पता लगाया जा सकेगा। जांच के दौरान अगर किसी मरीज का रिपोर्ट पॉजिटिव पाया जाता है, तो कंर्फमेशन के लिए सैंपल को पुन: पटना भेजा जाएगा। अब स्वास्थ्य विभाग को अधिक संख्या में सैंपल जांच के लिए पटना भेजने की जरूरत नहीं होगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से करें पालन
जिले में अब कोरोना संक्रमण का कोई चेन नहीं है। मरीज इलाज के बाद ठीक होकर घर लौट रहे हैं यह राहत की बात है। प्रवासी मजदूरों के आने से संक्रमण की संभावना बढ़ी है। लोग सोशल डिस्टेंसिग का सख्ती से अनुपालन करें।
राजेश मीणा, डीएम, मुंगेर।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बैठक में मौजूद सीविल सर्जन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी।




3

उदयपुर से 1174 प्रवासी श्रमिकों को लेकर हाजीपुर पहुंची स्पेशल ट्रेन, 53 बसों से गृह जिलों में भेजे गए

राजस्थान के उदयपुर से 1174 प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुई ट्रेन संख्या 09773 श्रमिक स्पेशल ट्रेन निर्धारित समय से करीब पांच घंटे लेट हाजीपुर स्टेशन पर पहुंची। इस ट्रेन को दोपहर 14 बजे पहुंचना था। प्रवासी मजदूरों को जांच व अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर बसों के जरिये उनके गृह जिले में भेजने के लिए प्रशासनिक स्तर पर वृहत व्यवस्था की गई थी। प्रशासनिक अफसरों के साथ पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी को लंबा इंतजार करना पड़ा। गाड़ी नम्बर 09773 प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहार के 34 जिलों के 1174 प्रवासी मजदूरों को लेकर आ रही थी।

ट्रेन के हाजीपुर पहुंचने का समय गुरुवार को दोपहर 02 बजे बताया गया था। श्रमिकों की जांच व अन्य प्रक्रियाओं के बाद स्पेशल बसों से उनके गृह जिलों तक ले जाने के लिए स्टेशन कैंपस में बसें खड़ी थी। डीएम उदिता सिंह, एसपी गौरव मंगला, डीडीसी विजय प्रकाश मीणा, डीआरडीओ निदेशक, डीटीओ, एसडीओ संदीप शेखर प्रियदर्शी, एसडीपीओ राघव दयाल के अलावा आरपीएफ, जीआरपी के सीनियर अफसर विशेष रूप से मुस्तैद थे। ट्रेन के लेट होने पर सभी सीनियर अफसर लौट गए। हालांकि पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी स्टेशन कैंपस व प्लेटफॉर्म पर डेरा डाले रहे।

शाम करीब सात बजे बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। इससे पहले अफसर मौके पर पहुंच चुके थे। प्लेटफार्म एक पर बाहरी जिला के लोगों के लिए काउंटर लगाया गया था। जबकि दो पर रजिस्ट्रेशन के साथ स्वास्थ्य जांच के 12 काउंटर लगाए गए थे। बताया गया सीएम के निर्देशानुसार अपने किराए से टिकट लेकर पहुंचे श्रमिकों को तत्काल किराए के साथ अतिरिक्त रूप से 500 नकद दिया गया।

प्लेटफॉर्म पर कदम रखते ही भावुक हुए प्रवासी
श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रुकते ही श्रमिकों में बेताबी नजर आई। लॉकडाउन अवधि में सहे गए कष्ट, पीड़ा उनके चेहरे पर झलक रहा था पर प्लेटफॉर्म पर कदम रखते ही मानो वे अपने सारे दु:ख भूल गए। उनके चेहरे खिले नजर आए। हालांकि उन सभी श्रमिकों को अपने गृह प्रखंड में पहुंचना बाकी था। किसी ने ट्रेन से उतरते ही प्लेटफार्म की जमीन को स्पर्श कर सिर से लगाया तो किसी ने जमीन को चूमा। अब भी वे घर से दूर होते हुए भी राहत व खुशी महसूस कर रहे थे। उनके हाव-भाव से ऐसा लग रहा था मानो मौत के मुंह से निकल कर आ रहे हों।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Special train arrived in Hajipur carrying 1174 migrant workers from Udaipur, 53 buses were sent to home districts




3

13 छात्रों ने 15 दिनों में 1260 लोगों को किया फोन, खगड़िया डीएम के अलावा किसी ने नहीं दिया रिस्पांस

मध्य प्रदेश के कटनी में फंसे बिहार के 13 छात्र घर वापसी के लिए 15 दिनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान वे बिहार और मध्य प्रदेश के 1260 कमिश्नर, डीएम, एसएसपी के साथ ही कोविड-19 से जुड़े अधिकारियों को फोन कर चुके हैं। इसके साथ ही फोन के माध्यम से लगभग 350 रिश्तेदारों से बिहार वापस बुलाने की गुहार लगाई है। पीएम और सीएम को ट्वीट किया। खगड़िया के डीएम को छोड़कर किसी भी ने छात्रों के बिहार वापसी की बात तो दूर फोन पर सही तरीके से रिस्पांस भी नहीं दिया। कई लोगो ने फोन ही कट कर दिया, तो कई ने वापसी के लिए इंतजार करने की बात कहकर फोन काट दिया।

खगड़िया के डीएम ने छात्रों से उनकी समस्या पूछते हुए वापसी के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया। इसी तरह से अहमदाबाद में फंसे एक दर्जन ऐसे लोग हैं, जिनके पास पैसे खत्म हो चुके है। वे सड़क पर खड़े होकर विभिन्न संस्थाओं की ओर से दिए जाने वाले भोजन के पैकेट के सहारे अपना पेट भर रहे हैं।

लॉकडाउन बढ़ा तो भोजन बांटने वाले संस्थान ने खिंचे अपने हाथ
अहमदाबाद में फंसे चंदन कुमार कहने को तो आईटी कंपनी में कार्यरत है। लेकिन, पिछले 20 दिनों से वे अपने दूसरे दोस्तों के साथ सड़क पर भोजन का पैकेट बांटने वालों के सहारे अपना गुजारा कर रहे हैं। उनके पास पैसे खत्म हो चुके हैं। कंपनी ने दो महीने से सैलरी नहीं दी। अब नौकरी से निकालने की धमकी दे रही है। ऐसे में चंदन कुमार सहित उनके सभी दोस्तों को काफी परेशानी हो रही है। लॉकडाउन बढ़ने की वजह से विभिन्न संस्थाओं ने भी अपने हाथ पीछे खिंच लिए हैं। ऐसे में कई संस्थाओं ने भोजन का पैकेट और राहत सामग्री बांटना बंद कर दिया।

पटना के डीएम कुमार रवि का कहना है कि देश के अन्य हिस्सों में फंसे लोगों की वापसी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हर दिन विभिन्न स्थानों से ट्रेन के माध्यम अप्रवासी बिहार पहुंच रहे हैं। लोगों को धैर्य रखने की जरुरत है। उनकी समस्या भी खत्म की जाएगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
छात्रों ने अधिकारियों और परिवार वालों को फोन कर उन्हें वापस बुलाने की गुहार लगाई है।




3

दूसरे राज्यों से आने वाले लोग 21 दिनों तक क्वारान्टीन सेंटर्स में रहेंगे, रोजाना 30-40 टेस्ट ही किये जा सकेंगे

कोरोनावायरस डिजीज (कोविड-19) के संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव के संबंध में विचार-विमर्श के लिए जिले के जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक पार्टी के जिलाध्यक्षों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता डीएम अमन समीर ने की। डीएम ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण को जिले में फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन पूरी दक्षता के साथ कार्य कर रहा है। इसमें आमजनों का भी पर्याप्त सहयोग प्रशासन को मिल रहा है। वर्तमान में अन्य राज्यों अथवा अन्य जिलों से आने वाले अप्रवासी कामगारों एवं मजदूरों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है।

आंगतुकों को स्क्रीनिंग के पश्चात प्रखंडस्तरीय क्वारान्टीन सेंटर्स में 21 दिनों के लिए रखा जाना है। बाहर से आने वाले कोई भी कामगार या मजदूर स्क्रीनिंग से छूट न जाए इसके लिए डीएम ने सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की। एक भी संक्रमित के छूट जाने से पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है। साथ ही कोरोनावायरस के तेजी से फैलने की भी इसकी आशंका बनी रहेगी।
मौजूद रहे तीन विधायक और अन्य प्रतिनिधि
बैठक में सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, डुमरांव विधायक ददन यादव, ब्रह्मपुर विधायक शंभूनाथ यादव के अलावा जिला परिषद अध्यक्ष, नगर परिषद की मुख्य पार्षद, विभिन्न राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षगण, प्रमुख एवं जिलास्तरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
रेडजोन से आने वाले मजदूरों का प्राथमिकता के आधार पर होगा टेस्ट
डीएम ने बताया कि वर्तमान में रेड जोन से आने वाले कामगारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रतिदिन 30 से 40 टेस्ट करवाया जाएगा। इसमें वृद्ध एवं संदेह वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रेन के द्वारा आने वाले बक्सर जिला के आप्रवासी मजदूरों, कामगारों एवं विद्यार्थियों को लाने हेतु विभिन्न जिला में बसों को जिला से भेजा जा रहा है। बसों से लाने के पश्चात उन्हें प्रखंड स्तरीय क्वारान्टीन सेंटर्स पर स्क्रीनिंग एवं रजिस्ट्रेशन के पश्चात भेज दिया जाता है।
जनप्रतिनिधियों ने किया प्रशासन की मदद का वादा

बैठक को संबोधित करते हुए एशपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने बताया कि इस समय हम सभी को दलगत भावना से ऊपर उठकर प्रशासन को पूर्ण सहयोग करना चाहिए। ताकि कोरोना संक्रमण के प्रभाव को जिला में समाप्त किया जा सके। किसी भी तरह के अवांछित तरीके से कामगारों के आगमन की सूचना प्रशासन को अविलम्ब दें। ताकि उनकी चिकित्सकीय जांंच एवं क्वारान्टीन सेंटर्स में रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। बैठक में माननीय विधायकगणों ने मुक्त कंठ से जिला प्रशासन के द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। सभी ने क्वारान्टीन सेंटर्स पर बेहतर सुविधा देने में अपना-अपना सहयोग देने का भी वायदा किया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
People coming from other states will stay in quarantine centers for 21 days, only 30-40 tests can be done daily.




3

पटरी पर लौट रही जिंदगी : एनएमसीएच में भर्ती 12 मरीज हुए कोरोना मुक्त, अबतक 34 हुए ठीक

जिले में एकमात्र नारायण मेडिकल कॉलेज में हीं काेरोना पाॅजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। इलाज के क्रम में कोरोना मरीजों का ठीक होने का दौर भी जारी है। इस क्रम मे शु्क्रवार को यहां इलाजरम 12 और मरीज अब कोरोना मुक्त हो गए है। इस प्रकार यहां इलाजरत 46 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 34 ठीक हो गए हैं, एक की मौत हो चुकी है, जबकि 11 का इलाज अभी चल रहा है। इलाजरत 11 मरीजों की भी हालात बेहतर बताई जाती है, कोई मरीज क्रिटीकल नही हैं। एनएमसीएच के पीआरओ भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि इलाजरत 12 मरीजों की रिपोर्ट निगेटीव आई है। लगभग एक पखवाड़े से इलाजरत थे।

हाल के दिनों में इनके सैंपल की दो बार जांच की गई, दोनों बार रिपोर्ट निगेटीव आने पर इन्हें कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित किया गया। इसके बाद आज इन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों के तालियों के गूंज के बीच ये मरीज खुशी-खुशी विदा हुए। इस अवसर पर संस्थान के सचिव गोविंद नारायण सिंह, अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रभात कुमार, उपेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी परिचारिका अधीक्षक शशांक शेखर सिंह, कोरोना वार्ड के नोडल डाॅ. अभिषेक कामेन्दु, डॉ. अभिनव कुमार, डॉ. राजीव रंजन समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद थे। मुक्त किए गए सभी मरीज अगले 21 दिन तक होम कारंटाइन रहेंगे।

5 दिन में ठीक हुए 34 मरीज
एक पखवाड़े से जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच गत सोमवार को पहली सकारात्मक खबर आई थी। जब 6 मरीज कोरोना मुक्त हुए थे। इसके बाद मंगलवार को 17 और मरीज ठीक हो गए। बुधवार को 5 और मरीज कोरोना मुकत् हुए। अब शुक्रवार को सबसे अधिक एक साथ 12 मरीज ठीक हुए। इस तरह कुल 54 पॉजिटिव मरीजों के द्वितीय सैंपल की जांच के बाद अब तक 34 को कोरोना मुक्त बताया गया है। ज्ञात हो कि पहला मामला गत 21 अप्रैल को सामने आया था। 1 मई तक पॉजिटिव केसों की संख्या 52 हो गई। 7 मई को दो और रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

मृत कोरोना पॉजिटिव का सैंपल बीएचयू में भी लिया गया था

सासाराम| जिले के 54 कोरोना पाॅजिटिव में से मात्र एक की मृत्यु हुई है। वर्षीय वृद्ध की मौत गुरूवार को हुई थी। गुरुवार को ही उसके कोरेना पाॅजिटिव की रिपोर्ट भी आई थी। अब स्वास्थ्य महकमा पहले मृतक के कांटेक्ट को तलाशने में जुट गया है। वो खुद कहां संक्रमित हुआ इसकी भी जानकारी लेने का प्रयास किया जा रहा है। उससे जुड़े 23 लोगों को कारंटाइन कर दिया गया है। जबकि डाररेक्ट कंटेक्ट वालों का सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है। बताते हैं कि वृद्ध अपने इलाज के लिए बीएचयू भी गया था।

5 परिजनों का लियाा गया सैंपल
सिविल सर्जन ने बताया कि मृत कोरोना पाॅजिटिव के कंटेक्ट को युद्ध स्तर पर खंगाला जा रहा है। जिसमें अबतक 23 लोगों को चिंहित किया गया है, जिसमें 5 निकट के परिजन थे, जिनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। जबकि 18 अन्य को भी काेरंटाइन कर दिया गया है। उनमें भी किसी प्रकार का लक्षण पाए जाने पर तुरंत सैंपल लिया जाएगा। 5 लोगों में से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इनके कंटेक्ट को भी खंगाला जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Life returning to track: 12 patients admitted to NMCH, corona free




3

43 दिन के बाद खुलीं शहर की दुकानें, दुकानदारों के चेहरे पर लाैटी रौनक

43 दिन क बाद शहर की कई दुकानें खुल गईं। इससे कई दुकानदारों के चेहरे पर जहां खुशी देखी गई, वहीं कई ऐसे दुकानदार हैं जो दुकान नहीं खुलने से मायूस थे। अधिकांश दुकानों में सोशल डिस्टेंस, दुकानदारों और कर्मियों के लिए मास्क और ग्राहकों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था देखी गई। पहले दिन अधिकांश दुकानों में भीड़भाड़ नहीं दिखी। मनाही के बावजूद कंटेनमेंट जोन की भी दुकानें खुलीं।
डीएम ने दो शिफ्टों में सशर्त दुकान खोलने के लिए जारी आदेश में कहा है कि कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामाग्री के अलावे दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। इसके बावजूद मिरचाईबाड़ी में इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रोनिक्स, हार्डवेयर की दुकानें खुली थी। जबकि मिरचाईबाड़ी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सहायक थाना तक कंटेनमेंट जोन में है। जबकि पास ही दूसरा पॉजिटिव केस है। एसडीएम नीरज कुमार के अनुसार शहर में दो कंटेनमेंट जोन हैं। मिरचाईबाड़ी में पाए गए मरीज का कंटेनमेंट जोन सीमा निर्धारित हो चुकी है, जबकि दूसरे क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन का सीमा निर्धारण नहीं हुआ है।
दो शिफ्टों में खुलेंगी दुकानें, इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान दोपहर तक
शुक्रवार को दुकानें दो शिफ्ट को खुली। इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों को 1 बजे के बाद खोलने की अनुमति है। जबकि अन्य दुकानों को सुबह 8 बजे से 1 बजे तक खाेलने की अनुमति है। मिरचाईबाड़ी कंटेनमेंट जोन में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। निर्देश के आलोक में जो दुकानें खुली हैं उसमें सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखने के लिए कई घेरा बनाया गया है। कई दुकानदार भीड़ से बचने के लिए पूरा गेट नहीं खोल रहे। दुकानों में सैनिटाइजर रखा गया है और कर्मी मास्क पहनकर कार्यरत हैं।

लंबी अवधि के बाद दुकान खुलने से जिले के व्यवसायियों को मिली राहत
विजय इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोपराइटर सोम कुमार ने कहा कि 43 दिन के बाद हमारी दुकान खुली है। लेकिन जानकारी के अभाव में आज ग्राहक नहीं के बराबर पहुंचे। वहीं कसबा हार्डवेयर के मालिक अनिल आर्या का कहना है कि लंबे समय के बाद दुकान खुलने से हमलोगों को राहत मिली है। हालांकि आज पहले दिन की बिक्री सामान्य रही। बोले साधन के अभाव में अभी लोगों का अाना मुश्किल है। कागज, कलम एवं स्टेशनरी के थोक विक्रेता अरविंद पटेल का कहना है कि हमारी दुकान तो खुल गई, लेकिन जब तक शिक्षण संस्थान नहीं खुलेंगे, तब तक सेल में वृद्धि नहीं होगी।

27 तरह की सामग्रियों कीदुकानें खुलीं, बढ़ेगी बिक्री
चेंबर के अध्यक्ष बिमल सिंह बेगानी का कहना है कि 27 तरह की सामग्रियों की दुकानें खुलीं हैं। दो तीन दिनों में दुकान खुलने की सूचना के बाद बिक्री बढ़ेगी। चेंबर दुकान खोलने की सूचना के लिए माइकिंग कराएगा।

आदेश के आलोक में ही खुलेंगी जिले की दुकानें
निर्देश के आलोक में जिले की दुकानें खुलेंगी। कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामाग्री के अलावे कोई अन्य दुकान नहीं खुलेगी। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा आदेश जारी किया गया है।
नीरज कुमार, एसडीएम, कटिहार



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कंटनमेंट जोन में खुली हार्डवेयर की दुकानें।




3

कोहरे के कारण सुबह पारा पहुंचा 230, मौसम रहा ठंडा

खगड़िया में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। बीते गुरुवार को पूर्वानुमान के बगैर ही तेज आंधी के साथ बारिश हुई। शुक्रवार की सुबह भी शहर में घना कोहरा छाया रहा। लगातार बदलते मौसम ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। शुक्रवार की सुबह न्यूनतम तापमान 23 डिग्री थी। इस वजह से लोगों को मई में हल्की ठंड का अहसास हो रहा था। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जारी किये गए मौसम पूर्वानुमान में शुक्रवार को सभी प्रखंडों में बारिश की संभावना व्यक्त की गई थी। लेकिन शुक्रवार को एक भी बूंद बारिश नहीं हुई। लेकिन सुबह में कोहरे के कारण लोगों को ठंड का अहसास हो रहा था। कृषि विज्ञान केंद्र ने 8 मई को अलौली प्रखंड को छोड़कर जिले के शेष छह प्रखंडों में न्यूनतम 1.4 एमएम और अधिकतम 4.6 एमएम वर्षा होने के साथ न्यूनतम 13 किलोमीटर व अधिकतम 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान व्यक्त किया था। जानकारों की मानें तो बीते 10 वर्षों में लोगों ने मई माह में मौसम में इस तरह का बदलाव नहीं देखा था।

अगले चार दिनों का मौसम पूर्वानुमान
दिनांक न्यूनतम अधिकतम बारिश की संभावना
8 मई 23 28 हां
9 मई 24 34 नहीं
10 मई 24 36 हां
11 मई 24 24 नहीं



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सुबह खगड़िया में छाया हुआ था घना कोहरा।




3

अस्थावां में मिला पॉजिटिव, मरीजों की संख्या हो गई 37, कंटेनमेंट जोन में भी खुल रहीं दुकानें

अस्थावां प्रखंड के एक गांव में शुक्रवार को एक अधेड़ कोरोना पॉजिटिव मिले। इसके साथ ही मरीजों की संख्या जिले में 37 हो गई। हालंाकि इनमें 35 लोग ठीक हो चुके हैं। अब कुल दो लोग जिले में कोरोना से संक्रमित हैं। डीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि अस्थावां में एक संक्रमित मिला है। कुल 88 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। इधर, वैश्विक महामारी को मात देने के लिए नागरिक लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। पुलिस की सख्ती भी लॉकडाउन पर जारी है।

मटरगश्ती करने वालों को चौक-चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मी सब सीखा रहे हैं। शहर के कुछ इलाकों में नियमों की अवहेलना हो रही है। कंटेंटमेंट जोन सकुनत के समीप की दुकानें शुक्रवार को खुली रही। जहां ग्राहकों की भीड़ देखी गई। ऐसे दुकानदारों की रोकटोक नहीं हो रही है। डीएम और एसपी भ्रमण कर क्वारान्टीन सेंटरों का जायजा ले रहे हैं। रहुई के क्वारान्टीन सेंटर पर इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए संदिग्धों को योगाभ्यास की शिक्षा दी जा रही है।
शहर में लापरवाही, बाजार में उमड़ी लोगों की भारी भीड़
शहर के तीन मोहल्लों सकुनत, शेखाना और खासगंज को प्रशासन ने कंटेंटमेंट जोन घोषित किया है। इन इलाकों के तीन किलोमीटर के रेडियस में दुकानों के खुलने और यातायात की पाबंदी है। बावजूद इसके इसके सकुनत के समीप दुकानें खुली रही और ग्राहकों की भीड़ भी देखी गई। नागरिकों की लापरवाही से शहरवासी चिंतित हैं। ऐसे दुकानदारों पर प्रशासन की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। ये कोताही भारी पड़ सकती है।
क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण: डीएम योगेंद्र सिंह और एसपी निलेश कुमार ने चंडी के क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने तैनात कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कराया जा रहा योग
संक्रमण से बचने के लिए सभी तरह का एहतियात बरता जा रहा है। रहुई के क्वारान्टीन सेंटर में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए संदिग्धों को योग की शिक्षा दी जा रही है।
वाहन चालकों से वसूला जा रहा जुर्माना: ट्रैफिक पुलिस की सख्ती वाहन चालकों पर जारी है। अस्पताल चौक पर यातायात थानाध्यक्ष जयगोविंद सिंह यादव वाहन चालकों से जुर्माना वसूलने में जुटे हैं। कंटेंटमेंट जोन के 3 किलोमीटर की रेडियस में घूमने वाले लोगों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Positive number found in Asthawan, number of patients reached 37, shops opened in Containment Zone too




3

आंध्र प्रदेश से बिहार के 34 जिलों के 1087 रेलयात्रियों को लेकर बरौनी जंक्शन पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, प्रवासियों में दिखी खुशी

आंध्र प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे बिहार के 34 जिलों के 1087 प्रवासी बिहारियों को लेकर नेल्लोर रेलवे स्टेशन से बुधवार को चली 07205 श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार की दोपहर 12:50 बजे बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 4 पर पहुंची। ट्रेन की बरौनी जंक्शन पहुंचने के पूर्व से ही आरपीएफ, आरपीएसएफ, जीआरपी व बिहार पुलिस के जवान तैनात थे। जबकि ट्रेन से आए प्रत्येक रेल यात्रियों के थर्मल स्क्रीनिंग स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक पूछताछ एवं रजिस्ट्रेशन के लिए प्रत्येक बोगी के सामने पांच-पांच कर्मियों की टीम को तैनात किया गया था। ट्रेन के प्लेटफार्म पर रुकने के बाद सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए बारी-बारी से यात्रियों को बोगी से उतारकर थर्मल स्कैनिंग रजिस्ट्रेशन व अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रत्येक यात्री को नाश्ते का पैकेट एवं सील बोतलबंद पेयजल जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाया गया।
बसों से अलग-अलग जिला के लोगों को भेजा गया उनके जिला मुख्यालय
ट्रेन से आए बेगूसराय जिला के कुल 45 लोगों को बसों से उनके प्रखंड मुख्यालय स्थित क्वारन्टीन सेंटर पहुंचाया गया। जहां 21 दिनों तक उन्हें क्वारन्टीन किया जाना है। इस दौरान सेंटर पर ही उन्हें रहने खाने-पीने एवं समय-समय पर स्वास्थ्य जांच किए जाने की समुचित व्यवस्था का दावा जिला प्रशासन ने किया है। इसके अलावा अन्य जिलों के रेल यात्रियों को अलग-अलग बसों से उनके जिला मुख्यालय भेजा गया है। इनमें अररिया के 17, अरवल के 9, औरंगाबाद के 38, बांका के 11, बेतिया के 19, भभुआ के 6, भागलपुर के 22, भोजपुर के 19, बक्सर के 21, दरभंगा के 17, गया के 17, गोपालगंज के 48, जमुई के 22, कटिहार के 30, खगड़िया के 91, किशनगंज के 1, मधेपुरा के 15, मधुबनी के 150, मोतिहारी के 43, मुंगेर के 27, मुजफ्फरपुर के 74,नालंदा के 4, नवादा के 9, पटना के 5, पूर्णिया के 70, रोहतास के 107, सहरसा के 46, समस्तीपुर के 6,सारण के 41, सीतामढ़ी के 6, सिवान के 40, सुपौल के 7 एवं वैशाली के 4 प्रवासी बिहारी सवार थे।

2277 किमी की यात्रा के लिए 840 रुपए देना पड़ा ट्रेन का भाड़ा
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर रेलवे स्टेशन से श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बरौनी जंक्शन तक की कुल 2277 किलोमीटर की यात्रा के लिए प्रत्येक रेल यात्रियों को ₹840 रेल भाड़ा के रूप में भुगतान करना पड़ा। इस संबंध में रेल यात्री राहुल कुमार ,विनोद कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि ट्रेन के नेल्लौर से प्रस्थान करने के पूर्व वहां के पुलिस द्वारा उन लोगों को स्टेशन तक लाया गया। जहां प्रत्येक रेल यात्री से ₹840 लेकर सुपरफास्ट एक्सप्रेस के स्लीपर बोगी का टिकट उपलब्ध करवाया गया। जिसके बाद ही उन लोगों को ट्रेन में बैठाया गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Workers' special train arrived in Barauni Junction with 1087 railway passengers from Andhra Pradesh to 34 districts of Bihar




3

वीरपुर की चार पंचायत के 33 वार्डों में की जा रही है डोर टू डोर री-विजिट

वीरपुर प्रखंड के नौला पंचायत की महिला सिपाही व भगवानपुर प्रखंड के जोकिया पंचायत के एक युवक के पूर्व में कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से वीरपुर प्रखंड के 33 वार्ड की सतत निगरानी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। नौला पंचायत के 21, डीह पर पंचायत के 6, गेन्हरपुर के 2 एवं वीरपुर पश्चिम पंचायत के 4 वार्डों में कुल 33 टीम द्वारा प्रतिदिन डोर टू डोर री विजिट किया जा रहा है। हेल्थ मैनेजर आनंद ईश्वर ने बताया कि इस कंटोनमेंट जोन में लगातार 28 दिन तक सर्वे किया जाना है।

इस कार्य में कुल 12 सुपरवाइजर को लगाया गया है। टीम में आंगनवाड़ी सेविका, आशा, एएनएम आदि को लगे हैं। कार्य की मॉनिटरिंग डब्ल्यूएचओ मॉनिटर प्रेम कुमार, बलजीत कुमार, राजीव कुमार, यूनिसेफ के बीएमसी सुधीर कुमार, बीएमसी वकील मोची, केअर इंडिया के रूपेश कुमार व हेल्थ मैनेजर आनंद ईश्वर द्वारा किया जा रहा है। आईसीडीएस की महिला पर्यवेक्षिका अर्चना कुमारी, प्रमिला कुमारी व कुमारी इंदु भी पर्यवेक्षण कर रही हैं। हेल्थ मैनेजर ने बताया कि टीम 3450 घर का री विजिट कर चुकी है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Door to door re-visit is being done in 33 wards of four panchayats of Veerpur.




3

बंगाल के रानीनगर से पैदल चलकर 3 दिन बाद 20 मजदूर पहुंचे किशनगंज

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी स्थित रानीनगर से पैदल चलकर तीन दिन बाद शुक्रवार को 20 मजदूरों का जत्था किशनगंज पहुंचा। जत्थे में शामिल आबिद, रहमान, मोहम्मद आलम, मो. शब्बीर, तुफैल आदि ने बताया कि वे सभी पश्चिम बंगाल के रानीनगर में बीएसएफ कैंप के मकान निर्माण का काम करते थे। कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण मजदूरी का काम बंद हो गया और सभी लोग वहां फंस गए।
एक माह तक सभी लोग अपने जमा पूंजी को खर्च कर खाते-पीते रहे। पैसा खत्म हो जाने के बाद वे सभी पैदल पश्चिम बंगाल के रानीनगर से भाया सिलीगुड़ी होते हुए करीब 185 किलोमीटर का सफर तय कर आज तीसरे दिन किशनगंज पहुंचे हैं। इन मजदूरों के जत्थे में चार महिलाएं तीन छोटे बच्चे और दो बूढ़े भी शामिल हैं। जत्थे में शामिल लोगों ने बताया कि इन सभी को पूर्णिया जिला स्थित धमदाहा के समीप रामपुर गांव जाना है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बैठे मजदुर




3

बीते डेढ़ महीने से कोटा में फंसे 1243 विद्यार्थियों को लेकर आरा पहुंची कोटा-आरा स्पेशल ट्रेन

पिछले डेढ़ माह से लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे करीब 1243 छात्रों को लेकर 09835 डाउन कोटा-आरा स्पेशल ट्रेन शु़क्रवार की दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर आरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त रखने के लिए डीएम रोशन कुशवाहा एसपी सुशील कुमार, स्टेशन प्रबंधक बीके पाण्डेय, एसडीओ अरूण प्रकाश, जीआरपी, आरपीएफ सहित रेलवे के कई अधिकारी मौजूद थे।

स्पेशल ट्रेन से शाहाबाद के सात जिलों में भोजपुर के 241, बक्सर के 134, रोहतास के 376, कैमूर के 107, गोपालगंज 08, सीवान के 13 व सारण के 354 यानि कुल 1243 विद्यार्थी को कोटा से आरा लाया गया। दोपहर से लेकर शाम तक सभी विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। सभी का थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद स्टेशन परिसर में लगी बसों की सहायता से रमना मैदान लाया गया। जहां से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए उनके अभिभावक घर ले गए। इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सख्त हिदायत दी है कि सभी को 14 दिनों तक होम क्वारान्टीन मेें रखना है। ट्रेन आने के पहले स्टेशन परिसर को नगर निगम के सैनिटाइजर वाहन से जो भी बसें आई थी उन्हें सैनिटाइज कराया गया था।

ट्रेनों से उतरते ही अपनों को ढूंढ रही थीं निगाहें
जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक पर आई तो उसमें बैठे सभी विद्यार्थियों की नजर अपनों को ढूंढ़ रही थी। उनके अभिभावक भी जल्द उनको घर ले जाने के लिए बेचैन दिखे। सभी विद्यार्थियों को जिला प्रशासन के तरफ से प्लेटफार्म नंबर एक पर एनाउंस कराया जा रहा था कि कोई भी ट्रेन से नहीं उतरेगा। पहले रजिस्ट्रेशन होगा तभी उतरना है।

प्रशासन का दावा फेल: जिला प्रशासन ने यह दावा किया था कि स्टेशन पर आनेवाले विद्यार्थियों के सामानों को ढोने की व्यवस्था मजदूर व कूली से करायी जाएगी। लेकिन स्टेशन परिसर से विद्यार्थी खुद अपने से सामानों को ढोकर बसों में चढ़ाते नजर आए। पूछने पर विद्यार्थियों ने बताया कि कहने पर भी कोई बस में सामान नही चढ़ा रहा है। वही रमना मैदान में भी बस जब पहुंच रही थी तो वहां से भी विद्यार्थियों को अपने घर जाने में काफी फजीहत झेलनी पड़ी।

सोशल डिस्टेंसिंग का नही हो रहा था पालन:छात्र-छात्राओं की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी व अधिकारी खुद की सुरक्षा भूल गए। पटना कोटा एक्सप्रेस के आरा पहुंचने के समय पुलिसकर्मियों, अधिकारियों व कर्मियों की इतनी भीड़ हो गई कि रेलवे परिसर भर गया। सभी को सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए था लेकिन किसी को इस बात का ध्यान ही नजर नहीं आ रहा था।

एक राहत यह भी : दो एएनएम समेत 38 लोगों की जांच रिपोर्ट आई निगेटिव
भोजपुर वासियों के लिए इस वक्त की सबसे बड़ी खबर यह है कि जिले से गुरुवार तक सैंपल जांच को गई सभी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी हैं। इन रिपोर्ट में दो एएनम समेत 38 लोगों का रिपोर्ट शामिल है। इस प्रकार अब केवल शुक्रवार को जो रिपोर्ट जांच करने के लिए पटना भेजा गया है, उसी का रिपोर्ट आना शेष रह गया है। इसकी जानकारी देते हुए डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि पहले की गई सभी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। शुक्रवार को कुल 43 लोगों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया है। इन में सहार प्रखंड का 17, आगिआव से 17 और आरा प्रखंड से 9 लोगों का सैंपल ले कर भेजा गया है। इनमें आरा के धरहरा रिसोर्ट से 6 और रीगल होटल से 3 लोगों का गया सैंपल भी शामिल है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Kota-Ara special train reached Ara with 1243 students stranded in Kota since last one and half month




3

11 दिनों के इलाज के बाद जिले के चार मरीजों ने कोरोना को दी मात, 31 की सेकेंड रिपोर्ट निगेटिव

कोरोना के खौफ के बीच जी रहे शहरवासियों के लिए राहत की खबर है, शुक्रवार को कोरोना संक्रमित चार मरीजों ने जिंदगी की जंग जीत ली। क्वींस हॉस्टल में इलाज करा रहे चार कोरोना संक्रमितों की फाइनल रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी को स्वास्थ्य जांच के बाद घर भेज दिया गया। ये सभी लोग अगले 21 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। इन चार मरीजों के फिट होने के साथ ही जिले में कोरोना को मात देने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 42 हो गई। अब मात्र 59 मरीज एक्टिव हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इस समय जिले के 56 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज मुंगेर में जबकि तीन का इलाज पटना में चल रहा है।
क्वींस हॉस्टल व जीएनएम स्कूल में इलाज करा रहे 36 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वाब का सैंपल स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को पटना भेजा था। जिसमें से 05 लोग वैसे थे जिनका तृतीय व फाइनल जांच भेजा गया था। जिसमें 04 लोगों का रिपोर्ट निगेटिव निकला। जिनमें 03 महिलाएं व एक पुरुष शामिल हैं। महिलाओं की उम्र क्रमश: 46, 32 व 30 वर्ष तथा 14 वर्षीय बालक शामिल है। सिविल सर्जन डॉ. पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि बुधवार को आइसोलेशन में इलाजरत कुल 36 लोगों के स्वाब का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था, जिनमें 31 लोगों का द्वितीय रिपोर्ट तथा 05 लोगों का फाइनल जांच शामिल था। द्वितीय जांच वाले सभी 31 लोगों का रिपोर्ट निगेटिव आया है, जबकि फाइनल 05 में से 01 रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया है। शेष 04 लोगों का फाइनल रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी को स्वास्थ्य जांच के बाद घर भेज दिया गया।
जिले में घट रही कोरोना के मरीजों की संख्या
जिले में अब कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों की संख्या लगातार घटती जा रही है। जिले के लिए सबसे बड़ा राहत यह रहा कि 3 मई को 7 कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद उनके संपर्क में आने वाले 25 लोगों का भेजा गया सैंपल निगेटिव पाया गया। शुक्रवार को किसी संक्रमित का स्वाब जांच के लिए नहीं लिया गया।

प्रवासियों की निगरानी को बनी समिति

दूसरे राज्य व जिलों से चोरी छिपे आने वाले प्रवासी लोगों को ट्रैक करने के लिए अधिकारियों द्वारा पंचायत स्तर पर निगरानी समिति बनाई गई है। जो ऐसे लोगों से पूछताछ कर प्रशासन को सूचित करेंगे। जिसके बाद ऐसे लोगों को 21 दिनों तक के लिए पंचायतों में ही बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखा जाएगा। जानकारी देते हुए बीडीओ राजीव कुमार ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के आगमन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सजग है। ऐसे लोगों की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए सभी पंचायतों में निगरानी समिति बनाई गई है। जिसमें पंचायत के मुखिया से लेकर वार्ड सदस्य एवं पंच तक को शामिल किया गया है।

जमाती चेन से संक्रमित हुए थे चारों मरीज
स्वस्थ मरीजों के सम्मान में शुक्रवार को बीडीओ, सीओ सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में मरीजों को सम्मान पूर्वक विदाई दी गई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने स्वस्थ्य मरीजों को घर में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए साबुन से हाथ धोते रहने का सुझाव दिया। बता दें कि ये चारों जमाती चेन से संक्रमित हुए थे।

21 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहें
नौ दिन इलाज करा चुके 31 पॉजिटिव मरीजों का दूसरा और 12 दिन इलाज करा चुके 5 मरीजों का तीसरा सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। जिसमें 31 मरीजों का दूसरा जांच रिर्पोट निगेटिव पाया गया है। जबकि जिन 5 मरीजों का अंतिम सैंपल जांच के लिए भेजा गया था, उसमें 4 मरीजों का रिर्पोट निगेटिव आया, जबकि एक मरीज का रिर्पोट पॉजिटिव पाया गया है। जिन 4 लोगों का रिर्पोट निगेटिव मिली, सभी को स्वास्थ्य जांच के बाद घर भेज दिया गया। सभी होम क्वारेंटाइन में रहेंगे।
- डॉ. पुरुषोत्तम कुमार, सिविल सर्जन, मुंगेर।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
स्वस्थ मरीजों को सम्मानित करते स्वास्थ्य कर्मी।




3

अमौर प्रखंड में 275 प्रवासी मजदूरों को किया आइसोलेट, 293 विद्यार्थियों को होम क्वारेंटाइन

प्रखंड में विभिन्न प्रांतों से आए 275 प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन और 293 विद्यार्थियों को होम क्वारेंटाइन किया गया है। बीडीओ रघुनंदन आनंद एवं सीओ अनुज कुमार ने बताया कि प्रखंड में बिहार प्रदेश से 12 एवं अन्य प्रांतों में से बंगाल से 04, यूपी से 06, सिक्किम से 05, मध्य प्रदेश से 02, राजस्थान से 40, झारखंड से 06, केरल से 121, कर्नाटक से 17, गुजरात से 18, हरियाणा से 01, जयपुर 08, बंगलोर 12, महाराष्ट्र से 01 एवं आंध्रप्रदेॆश से 01 प्रवासी मजदूर आए हैं, जिसे चिकित्सकों द्वारा स्क्रीनिंग के बाद प्रखंडस्तरीय क्वारेंटाइन कैंप में रखा गया है।
इसमें प्रखंड के क्वारेंटाइन कैंपों में आदर्श मध्य विद्यालय अमौर में 73, उत्क्रमित उच्च विद्यालय बेलका में 161, मध्य विद्यालय सिरोटोल में 30 एवं कस्तूरबा विद्यालय में महिला सहित 11 प्रवासियों को रखा गया है। इसके अलावे दूसरे प्रदेशों से 14 छात्र एवं 01 छात्रा आए हैं, जिसे होम क्वारेंटाइन में रखा गया है। प्रखंड में विभिन्न प्रांतों से आए 293 विद्यार्थियों को होम क्वारेंटाइन किया गया है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एतेमामूल हक ने बताया कि प्रखंड क्वारेंटाइन कैंप में रेड जोन से आए सात लोगों को प्रथम चरण में विशेष स्वास्थ्य जांच के लिए पूर्णिया सदर अस्पताल भेजा गया है। इसमें रंगरैया लालटोली, तालबाड़ी, विष्णुपुर, मझुवा हाट, दलमालपुर, आमगाछी एवं पोठिया गंगेली पंचायत के प्रवासी मजदूर शामिल हैं।

राजस्थान से आए 10 प्रवासी मजदूरों को सुमरित स्कूल में किया क्वारेंटाइन

प्रखंड क्षेत्र के बहोरा में गुरुवार सुबह गांव पहुंचे 10 प्रवासी मजदूरों वार्ड पांच के प्राथमिक विद्यालय बहोरा घाट स्कूल से बिना भोजन पानी के रात बिताने को मजबूर थे। ग्रामीणों ने बताया कि 10 प्रवासी मजदूर राजस्थान से प्राइवेट गाड़ी से गुरुवार सुबह गांव पहुंचे थे। ग्रामीणों ने इससे गांव में घुसने न देकर स्थानीय स्कूल में रहने को भेजा। तत्काल इसकी सूचना पंचायत मुखिया व अन्य ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारी को भी दिया, लेकिन सूचना के बावजूद भी संबंधित अधिकारी ने मजदूरों का हाल-चाल लेने स्कूल नहीं पहुंचे।
समाजसेवी एवं वार्ड अध्यक्ष बजरंगी मंडल द्वारा इसकी सूचना स्थानीय पत्रकारों को दी, जिन्होंने एसडीएम एवं सीओ से संपर्क स्थापित कर यहां रह रहे प्रवासी मजदूर की समस्याओं से संबंधित सूचना दी। सूचना पर शुक्रवार संध्या स्थानीय पुलिस के साथ बीडीओ स्कूल पहुंचकर वहां रह रहे 10 प्रवासी मजदूरों को बनमनखी स्थित सुमरित उच्च विद्यालय भवन में बने क्वारंेटाइन केंद्र में 21 दिनों तक रखने भेजा। इस संबंध में पूछे जाने पर अंचलाधिकारी अर्जुन कुमार विश्वास ने बताया कि बोहरा गांव में आए सभी प्रवासी मजदूरों को सुमरित उच्च विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर लाया गया है।

सेंट्रल जेल के नवनिर्मित भवन में खुला स्पेशल कोविड-19 प्रमंडलीय कारा

शनिवार से प्रमंडल के चारों जिले के नवागंतुक बंदियों को रखा जाएगा इसमें
पूर्णिया |
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा पूर्णिया सेंट्रल कारा में नव निर्मित चार खंडों को प्रमंडलीय स्पेशल कोविड 19 जेल बनाया गया है। यहां प्रमंडल के अररिया, कटिहार, किशनगंज जिले के नये बंदियों को रखा जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए पूर्णिया सेंट्रल जेल के अधीक्षक जितेन्द्र कुमार ने बताया कि शनिवार से स्पेशल कोविड 19 जेल में बंदियों को रखना शुरु कर दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि महिला बंदियों को अब दरभंगा के उपकारा बेनीपुर भेजा जायेगा। सहरसा के बंदियों के लिए वीरपुर के उप कारा को खाली कराया गया है। सहरसा के बंदियों को उपकारा वीरपुर में रखा जायेगा। सेंट्रल जेल पूर्णिया के उपकारधीक्षक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि स्पेशल कोविड 19 जेल के चार नवनिर्मित खंडों में अलग-अलग जिले के बंदियों के रहने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों के जेलों में बंदियों में कोरोना वायरस महामारी फैलने की वजह से सरकार द्वारा स्पेशल कोविड 19 जेल अगले 30 जून 2020 तक के लिए बनाया गया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमौर के मवि सिरोटोल में बने क्वारेंटाइन कैंप में प्रवासी को शिफ्ट कराते अधिकारी।
अमौर के मवि सिरोटोल में बने क्वारेंटाइन कैंप में प्रवासी को शिफ्ट कराते अधिकारी।




3

जलालगढ़ के पीड़ित युवक को गांव तक लाने वाले चचेरे भाई के संपर्क में आने वाले 3 संदिग्ध की पहचान

एक तरफ जहां प्रशासन जलालगढ़ के कोरोना पॉजिटिव युवक के संपर्क में आए सात लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद राहत की सांस ले रहे था, वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को पीड़ित युवक के चचेरे भाई के संपर्क में आए तीन लोगों में संदिग्ध लक्षण पाए जाने के बाद जांच के लिए एम्बुलेंस से पूर्णिया भेजा गया है।
पीएचसी जलालगढ़ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भीमलाल ने बताया कि शुक्रवार को भी कंटेनमेंट जोन में डोर टू डोर सर्वे का काम जारी रहा। डोर तो डोर सर्वे के दौरान गांव से तीन संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की पहचान हुई है। तीनों लोग पीड़ित युवक के चचेरे भाई जिसकी बाइक पर बैठ कर युवक एक मई को अपने गांव पहुंचा था, उसके संपर्क में आए थे। उन सभी को एहतिहातन जांच के लिए पूर्णिया भेजा गया है, जहां से उसका सैंपल जांच के लिए भेजा जा सकता है।
उधर, युवक के संपर्क में आए पीड़ित की मां, दादी, पत्नी, दो बहनें और दो वर्षीय भांजा तथा और एक युवक की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में ही रखा जाएगा। बीडीओ मोनालिसा प्रियदर्शी ने बताया कि कंटेनमेंट जोन का पूरा एरिया सील है। लोगों को लगातार घरों में रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लगातार पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है। इस दौरान लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जलालगढ़ में हाउस होल्ड सर्वे के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम।




3

आलमनगर प्रखंड में 13500 हेक्टेयर में मक्के की फसल हुई है नष्ट : डीएओ

प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित कृषि भवन में रबी मौसम अप्रैल माह में असमय वर्षा आंधी ओलावृष्टि के कारण प्रभावित रवि फसलों को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषि सलाहकारों के साथ बैठक कर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने कृषि सलाहकारों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि ऑनलाइन फॉर्म भरने के 20 दिन के अंदर आपको फॉर्म का सत्यापन एवं भौतिक सत्यापन कर फॉर्म को एक्सेप्ट या रद्द करना है। 20 दिन के भीतर अगर आपने किसानों के द्वारा भरे गए फॉर्म को लेकर रिपोर्ट नहीं किए तो आपकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लग जाएगा। उन्होंने बताया कि यह योजना मधेपुरा सहित 19 जिलों के चिन्हित प्रखंडों के लिए मान्य है। बताया कि आलमनगर प्रखंड से कुल 13500 प्रति हेक्टेयर मक्के की फसल के क्षति की रिपोर्ट गई है। मक्के की फसल के क्षतिग्रस्त के सत्यापन में फोटो की आवश्यकता नहीं है। जिनके पास मोबाइल की सुविधा है वह घर पर ही रहकर आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान रबी मौसम के फरवरी एवं मार्च माह में फसल क्षति के लिए आवेदन कर चुके हैं तो कृपया अप्रैल माह में हुए फसल क्षति के लिए आवेदन नहीं करें। इस अवसर पर प्रमुख धर्मेंद्र कुमार मंडल, प्रखंड कृषि पदाधिकारी रवि लाल मुखिया व राजेश्वर राय ने भी कई बिंदुओं पर अपने सुझाव दिए। मौके पर प्रखंड को-ऑर्डिनेटर ओमप्रकाश आदित्य, अवधेश कुमार, किसान सलाहकार सुनील कुमार, सत्यदेव पंडित व नवीन कुमार सहित अन्य भी थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
शुक्रवार को क्षतिग्रस्त फसल का मुआयना करते डीएओ व अन्य।




3

बच्चे के विवाद को लेकर चला चाकू, 3 लोग जख्मी

थाना क्षेत्र के खड़हारा गांव में शुक्रवार देर शाम बच्चों के विवाद में परिजन भी उलझ पड़े। दोनों पक्षों में मारपीट के दौरान चाकू से हमला कर दिया, जिसमें 3 लोग जख्मी हो गए। शुक्रवार की देर शाम मुस्लिम टोला में बच्चे आपस में खेल रहे थे। इसी बीच बच्चे-बच्चे में विवाद हो गया और आपस में मारपीट करने लगा। जब इनकी सूचना बच्चे के परिजन को मिली।
आक्रोशित परिजन के एक पक्ष दूसरे पक्ष पर चाकू से हमला कर दिया। जिसमें एक ही पक्ष के नाज परवीन 16 उम्र पिता मो. सगीर , मो. नादरा उम्र 17 पिता मो. सगीर जिसमें मामला गंभीर हो गया। आक्रोशित परिजन चाकू से हमला करते हुए 3 लोग जख्मी हो गये। मो. सगीर के सिर पर चाकू लगने से बुरी तरह जख्मी कर दिया।
जबकि दोनों युवती को हल्की चोट आई है। परिजनों के द्वारा आनन-फानन में सभी जख्मी को बाराहाट उप स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. आकाश कुमार के द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद फिलहाल तीनों खतरे से बाहर है। खबर लिखे जाने तक थाना को लिखित आवेदन नहीं दिया गया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today




3

अनुमान : 13 तक कभी भी हो सकती है बारिश

लॉकडाउन को लेकर वातावरण से प्रदूषण समाप्त होने के बाद से जिले में लगातार वर्षा का माहौल बना हुआ है। इस बीच पूसा के मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार अगले 48 घंटे तक मौसम शुष्क बना रहेगा। जबकि 13 मई तक कभी भी वर्षा होने की संभावना है। बताया जाता है कि अगले 2-3 दिनों तक जिले में आसमान प्राय: साफ रह सकता है। इस दौरान तेज हवा के साथ आंधी आने की भी संभावना जताई गई है। वहीं इस अवधि में 15-18 किलोमीटर की रफ्तार से पूरबा हवा चलेगी जबकि इस दौरान अधिकतम तापमान 33-35 व न्यूनतम 22-24 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक सह पूसा मौसम विभाग के नोडल पदाधिकारी अब्दुस सत्तार ने बताया कि मौसम में प्रदूषण की मात्रा कम होने से बारिश का माहौल बना हुआ है। जिससे आगामी 13 मई तक कभी भी बारिश हो सकती है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 4.6 डिग्री कम होकर 32 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री कम रहा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today




3

कटनी में फंसे 13 छात्र 15 दिन से अफसरों को कर रहे फोन, किसी ने नहीं की मदद

मध्यप्रदेश के कटनी में फंसे बिहार के 13 छात्र घर वापसी के लिए 15 दिनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं। वे बिहार और मध्यप्रदेश के 1260 अधिकारियाें के साथ ही कोविड-19 से जुड़े अफसराें को फोन कर चुके हैं। प्रधानमंत्री अाैर मुख्यमंत्री काे भी ट्वीट किया। इसके बावजूद खगड़िया के डीएम को छोड़कर किसी ने भी उनकी वापसी की व्यवस्था करने की बात ताे दूर, सही तरीके से रिस्पांस भी नहीं दिया। कई ने फोन काट दिया, तो कई ने इंतजार करने काे कहा। जबकि, खगड़िया के डीएम ने छात्रों से उनकी समस्या को पूछते हुए वापसी के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।

इसी तरह अहमदाबाद में फंसे चंदन कुमार आईटी कंपनी में कार्यरत हैं। वे 20 दिनों से अपने दोस्तों के साथ सड़क पर भोजन का पैकेट बांटने वालों के सहारे अपना गुजारा कर रहे हैं। पटना के डीएम कुमार रवि ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में फंसे लोगों की वापसी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हर दिन ट्रेन से अप्रवासी बिहार पहुंच रहे हैं। लोगों को धैर्य रखने की जरूरत है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
13 students trapped in Katni, making phone calls to officers for 15 days, no one helped




3

विधि मंडल ने 1733 वकीलों के खाते में भेजे 18.80 लाख

विधि मण्डल के महामंत्री रवि रंजन प्रसाद सिंह ने बताया है कि वैश्विक महामारी के चलते लॉक-डाउन होने के कारण अधिवक्ता पेशा से जुड़े अधिवक्तागण लगभग बेरोजगार हो गए हैं। उनकी परेशानियों को देखते हुए छपरा विधि मण्डल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर नियमित 1733 सभी अधिवक्ताओं को हाजिरी प्रपत्र, वकालतनामा, बेल बॉन्ड एवं दुकान से प्राप्त किराया जोड़कर 18,80,305 रुपया भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा में बराबर- बराबर उनके बैंक अकाउंट मे आज भेज दिया गया|

प्रति अधिवक्ता 1085/- (एक हजार पचासी) रुपया भेजा गया। वैसे अधिवक्ता जिनका वेलफेयर की राशि बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास परिषद, पटना का बकाया है उस मद मे विधि मण्डल द्वारा 100/- (एक सौ) रुपया सीधे बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास परिषद,पटना को भेज दी जाएगी। अतः वैसे अधिवक्ताओं के बैंक अकाउंट में 985/- (नौ सौ पचासी) रुपया भेजी गई है| छपरा विधि मण्डल का मासिक सब्सक्रिप्शन फीस जो प्रति अधिवक्ता 10 रुपया प्रति माह छपरा विधि मण्डल,छपरा द्वारा लिया जाता है वैसे लोगों का 10 महीने का बकाया 100 रुपया छपरा विधि मण्डल,छपरा के खाते मे जमा कराया गया है|

इस तरह से कुछ अधिवक्ताओं को 885 रुपया भी उनके बैंक अकाउंट मे भेजा गया है। जिन अधिवक्ताओं के बैंक अकाउंट की जानकारी विधि मण्डल को नहीं है, उनका रुपया विधि मण्डल मे ही जमा है। वैसे अधिवक्ता जब भी अपना बैंक अकाउंट डीटेल विधि मण्डल को जमा करेंगे उनके बैंक अकाउंट मे रुपया भेज दिया जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today




3

खगड़िया,समस्तीपुर और पटना ट्रांजिट कैंप में 70 बसों से छोड़े गए 3500 प्रवासी मजदूर

दूसरे प्रदेशों से चलकर बिहार बार्डर पर पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों का कारवां लगातार बढ़ रहा है। उन्हें अलग-अलग जिलों में पहुंचाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी। ऐसे में राज्य सरकार के निर्देश पर अलग-अलग ट्रांजिट कैंप बना दिए गए हैं। इससे मजदूरों को उनके गृह जिला जाने सहुलियत हो गई है। बार्डर पर पहुंचे मजदूरों को स्क्रीनिंग के बाद अब उनके नजदीकी ट्रांजिट कैंप पर भेजा जा रहा है। वहीं से वे सरकारी बसों द्वारा अपने गृहजिला भेजे जाएंगे। शुक्रवार को दोपहर 2 बजे तक 70 बसों से 3500 लोग तीन ट्रांजिट कैंप के लिए विभिन्न रास्तों से रवाना किए गए। बिहार बार्डर से फोटो जर्नलिस्ट जफर असद के साथ गप्पु शाही की रिपोर्ट ......
दोपहर 2 बजे तक 3500 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हुआ, संदिग्ध को तत्काल क्वारेंटाइन किया जा रहा

  • चेकपोस्ट पर शुक्रवार सबसे ज्यादा भीड़ है। रजिस्ट्रेशन के लिए चल रहे 21 काउंटरों पर किसी को चाय पीने तक की फुर्सत नहीं है। यहां दोपहर 2 बजे तक 3500 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
  • दृश्य दो- बाॅर्डर पर सभी व्यवस्थाएं आज बदली हुई है। स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को खाना देकर तुरंत बसों से रवाना किया जा रहा है। घर जाने की जल्दी लाेग खाना छोड़ कर लालमी-खीरा से हलक तर करते दिखे।
  • दृश्य तीन - 70 बसें इन्हें ले जाने के लिए बारी-बारी से खुल रही है। एनएच-28 व एनएच-85 से बसों को रवाना किया जा रहा है। संदिग्ध पाए जाने वालों को यहीं पर तत्काल क्वारेंटाइन किया जा रहा है।

यहां से ट्रांजिट कैंप और वहां से गृह जिला
पहले प्रवासियों को उनके गृह जिले के लिए बलथरी चेक पोस्ट से बसें खोली जाती थी। इससे प्रशासन और प्रवासी मजदूरों को भी परेशानी उडानी पड़ती थी। संबंधित जिले की मजदूरों की संख्या कम होने पर उन्हें बस भरने तक रूकना पड़ता था। इससे उनकी बेचैनी ज्यादा बढ़ जाती थी। अब उन्हें ट्रांजिट कैंप तक ही छोड़ना है। वहां से स्थनीय प्रशासन की जिम्मेदारी है उनके गृह जिलों तक पहुंचाना।
स्क्रीनिंग के साथ दर्ज हो रही है सभी की ट्रैवल हिस्ट्री
बिहार बार्डर पर दूसरे प्रदेशों से आए सभी मजदूरों की स्कैनिंग हो रही है। उनकी ट्रेवल हिस्ट्री भी फार्मेट में दर्ज की जा रही है। पूरा व्योरा तैयार कर पीडीएफ बनाने के बाद उसे संबंधित ट्रांजिट कैंप व संबंधित जिला प्रशासन को मेल कर दिया जा रहा है। अब उन्हें वहां स्क्रीनिंग की जरूरत नहीं होगी। सीधे क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिए जाएंगे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
3500 migrant laborers left from 70 buses at Khagadia, Samastipur and Patna transit camps




3

लाॅकडाउन में 30 फीसदी बढ़ गई तारों की चमक,खुली आंखों में उतरने लगे ओझल तारे

(संजय पांडेय)लॉकडाउन ने प्रकृति को संजीवनी दे दी है। प्रदूषण कम होने से न केवल धरती पर जलवायु सुधरी है, बल्कि अंतरिक्ष में भी कई तरह के बदलाव नजर आने लगे हैं। अंतरिक्ष के ये रहस्य वाकई आपको सुखद अनुभव कराने वाले हैं। यह खबर पढ़ने के बाद आपके भी मन में ये विचार आएंगे कि क्यों न आज ही रात इस अद्भूत खगोलीय बदलाव का अध्ययन किया जाए। कुछ दिन पहले जो आकाशी सितारे हमें टेलीस्कोप से भी नजर नहीं आ रहे थे, उन्हें हम नंगी आंखों से देख रहे हैं। प्रदूषण के कारण जो ग्रह- नक्षत्र आंखों से ओझल हो चुके थे, वह भी इन दिनों करीब नजर आ रहे हैं। रात में तारों की चमक 30 फीसदी तक बढ़ गई है। ... और यह सब संभव हो सका है- लाॅकडाउन से।
गंडक के पानी पर इसका प्रभाव:हमारे जिले में गंडक नदी मानसून से ज्यादा प्रभवित होती है। हिमालय के पर्वत श्रेणी से ज्यादा नेपाल के तराई क्षेत्रों में होने वाली बारिश के कारण बाढ़ लाती है। ऐसे में अतिवृष्टि के कारण गंडक की धारा उफनायेगी, लेकिन विनाशकारी बाड़ का संकट कम रहेगा।

रहस्य पर्दा हटा रहे खगोलशास्त्री:कमला रॉय कॉलेज के जियोग्राफी विभाग के प्रो. मनीष कुमार के साथ हमने रात्रि 11 बजे मकान की छत से आकाशीय रहस्य को देखा। टिमटमाते सितारों की रोशनी, चमकता चांद, दक्षिण- पूर्व कोने पर दमकते सप्तऋषि मंडल से हमारी पहचान कराई। छत से नजर उठाते ही सभी साफ नजर आ रहे हैं। अब तो ध्रुव तारे को भी खोजने की जरूरत नहीं पड़ रही है।

10 डिग्री कम हुआ है वैश्विक तापमान
लॉकडाउन ने वैश्विक तापमान को भी कम कर दिया है। आप खुद ही इसका अनुभव कर रहे हैं। मई महीने के पहले पहले सप्ताह में प्रचंड गर्मी रहती थी। पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता था। अभी तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आस पास है। वैश्विक टेंपरेचर में 10 डिग्री तक कमी आई है। कारण है कि प्रदूषण को बढ़ाने वाले कल-कारखाने और वाहनों से धुंआ निकलना बंद हो गया है।

तो इस बार बाढ़ का भी खतरा कम होगा
वैश्विक तापमान में आई गिरावट ग्लेसियर को भी प्रभावित करेगी। हमारे यहां प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल हिमालय है। यह बर्फ से ठका रहता है। तापमान बढ़ने पर बर्फ तेजी से पिघलने लगते हैं और पानी का प्रवाह बाढ़ का रूप ले लेता है। करीब 10 डिग्री तापमान कम होने से इस बार बर्फ का पिघलाव कम होगा। इससे बाढ़ के खतरे कम होंगे।

सांझ ढलने के साथ शुक्र ग्रह को भी देख सकेंगे
खगोलशास्त्री प्रो. मनीष कुमार के अनुसार पहले इनमें तो कुछ टेलीस्कोप से भी नजर नहीं आ रहे थे। लाॅकडाउन से आसमान के स्तर पर भी प्रदूषण नाम मात्र रह गया है। इन दिनों सांझ ढलने के बाद शुक्र यानी वीनस को पश्चिम के आकाश में टिमटिमाते बल्ब की तरह देखा जा सकता है। इनके अलावा ओझल तारों को भी स्पष्ट देखा जा सकता है। नेप्च्यून व बुध को टेलीस्कोप से निहार सकते हैं। हालांकि पहले प्रदूषण के कारण यह संभव नहीं था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Starlight shines by 30% in lockdown, vanishing stars in open eyes




3

दुर्घटना में महिला की मौत के बाद अकेली 3 बच्चियां पिता के आने की बाट जोह रही हैं

गुरुवार की अपराह्न मीरगंज बड़कागांव मुख्य मार्ग पर अनियंत्रित बाइक सवार के द्वारा ठोकर मार दिए जाने से एक महिला की जहां घटना पर ही मौत हो गई ,वहीं उसके साथ जा रही बच्ची घायल हो गई जिसे इलाज के लिए हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक महिला का पहचान कृष्णावती देवी ( उम्र 35 वर्ष) के रूप में किया गया है जो बढ़ेया गांव के अवधेश साह की पत्नी है।
घटना के समय मृतिका कृष्णावती देवी अपनी बच्ची के साथ बड़कागांव बाजार में सब्जी खरीदने जा रही थी। वही बाइक सवार भी दुर्घटना के बाद सड़क पर गिरकर घायल हो गया को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।वहीं घटना के बाद तीनों अबोध बच्चियां अनाथ हो गई हैं क्योंकि घर पर रहने वाली उसकी मां गुजर चुकी तो वही पिता खाड़ी देश में असहाय होकर फंसा हुआ है। ऐसे में तीनों बच्चियां पड़ोसियों के रहमों करम पर रहने को विवश हैं।
बच्चियों के खाने-पीने का जिम्मा संभाल रखा है पड़ोसियों ने
घटना के बाद पड़ोसियों ने तीनों अबोध बच्चियों का खाने-पीने का जिम्मा संभाल रखा है वही वीडियो कॉलिंग से घटना के बारे में जानकर अवधेश साह बिलख बिलख कर रोने लगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि वह करीब साल भर पहले कमाने के लिए खाड़ी देश गया था और वहीं से कमाकर रुपए भेजता था जिससे उसके परिवार का यहां भरण पोषण चलता था। घटना के बाद पूर्व मुखिया शशि मौके पर पहुंचे और परिवार को ढांढस बधाया। उन्होंने कहा कि मृतक महिला बीपीएलधारी श्रेणी में आती है, ऐसे में परिवारिक लाभ योजना समेत अन्य लाभों के लिए अधिकारियों से संपर्क किया गया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today




3

10,000 किलकारियां बचाई गईं, प्रति हजार होने वाली मृत्यु 35 से कम होकर ह़ुई 32, राष्ट्रीय दर के बराबर

राज्य में जच्चा-बच्चा की सेहत पर फोकस का नतीजा है कि एक साल में लगभग 10 हजार बच्चों की जान बचा ली गई। यह खुलासा सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) 2020 के बुलेटिन हुआ है। नए आंकड़ों के अनुसार राज्य की शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। प्रति हजार होने वाली बच्चों की मृत्यु 35 से कम होकर 32 हो गई है।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का नतीजा है कि जन्म के समय प्रति हजार तीन और बच्चों की जान बच गई। अब बिहार का शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत के बराबर हो गया। इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक की राज्य शाखा के पूर्व सचिव डॉ. एनके अग्रवाल और दी जार्ज इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ के सीनियर फेलो डॉ.विकास केसरी ने बताया कि शिशु मृत्यु दर में तीन अंकों की कमी होने से सालाना लगभग 10 हजार बच्चों की जान बचेगी। यह राज्य की बड़ी उपलब्धी है।

मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से भी कम

बिहार ने मृत्यु दर पर भी लगाम लगाई है। यह दर भी राष्ट्रीय आंकड़े 6.2 से नीचे चली गई है। बिहार में यह प्रति हजार 5.8 है जो राष्ट्रीय दर से 0.4 कम है। जन्म दर में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। यह वर्ष 2017 के 26.4 की तुलना में 0.2 कम होकर 26.2 रह गया है।

जांच-इलाज में सुधार से ये संभव हुआ : मंगल पांडेय
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य में शिशु मृत्यु दर में कमी की बड़ी वजह जेंडर आधारित भेदभावपूर्ण में कमी और प्रसव पूर्व होने वाली जांच में हुए सुधार हैं। बेहतर टीकाकरण, सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (पिकू), जिला अस्पतालों में नवजातों की देखभाल के लिए एसएनसीयू और लड़कियों की शादी की उम्र में हुई बढ़ोतरी जैसे सामाजिक कारक भी इसमें सहायक हैं।

सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) 2020

2017 का आंकड़ा देश बिहार
शिशु मृत्यु दर 33 35
अशोधित मृत्यु दर 6.3 5.8
अशोधित जन्म दर 20.2 26.4
2018 का आंकड़ा देश बिहार
शिशु मृत्यु दर 32 32
अशोधित मृत्यु दर 6.2 5.8
अशोधित जन्म दर 20.0 26.2


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का नतीजा है कि जन्म के समय प्रति हजार तीन और बच्चों की जान बच गई।




3

पटना में बीएमपी के 5 जवानों को भी कोरोना; राज्य में 29 नए पॉजिटिव, 19 अन्य राज्यों से 3 दिन पहले ट्रेन से आए

राज्य में पिछले चार दिनों से कम कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला शुक्रवार को टूट गया। 29 संदिग्धों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें पांच बीएमपी के जवान हैं। सभी राजधानी के खाजपुरा में रहते हैं। बीएमपी से रिटायर हवलदार हाल में पॉजिटिव पाए गए। पांचों जवान उनके साथ मेस में खाते थे। अब राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 579 हो गई। 38 में से 36 जिलाें में कोरोना पहुंच चुका है। शुक्रवार को तीन नए जिले सुपौल, सहरसा और खगड़िया भी जुड़ गए। अब केवल दो जिले जमुई और मुजफ्फरपुर ही बचे हैं।
शुक्रवार को जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनमें से 19 तीन दिन पहले ही दूसरे राज्यों से विशेष ट्रेन से बिहार आए हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि ट्रेन के लंबे सफर में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। पॉजिटिव मजदूरों मेंं समस्तीपुर के 6, दरभंगा के 4, खगड़िया के 4, सहरसा के 2, बांका-भागलपुर और पूर्वी चंपारण के 1-1 लोग तीन दिन पहले आए हैं। इनके अलावा कटिहार, बेगूसराय, नालंदा, नवादा व सुपौल के 1-1 मरीज की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।

कोटा से अब तक 13473 छात्र लाए गए

कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को वापस लाने का काम पूरा हो गया। शुक्रवार को छात्रों को लेकर आखिरी ट्रेन आई। परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि छात्रों में सबसे अधिक 1250 पटना के थे। नालंदा में 952, प. चंपारण में 756, मधुबनी और दरभंगा में 6-6 सौ जबकि गया में 553 बच्चे लाए गए। 11 ट्रेनों से इन छात्रों को लाने के लिए राज्य सरकार ने किराए के रूप में रेलवे को 78 लाख रुपए का भुगतान किया।

70 ट्रेनों से अब तक 83 हजार प्रवासी लौटे, आज 18115 आएंगे
आईपीआरडी सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि विभिन्न राज्यों में फंसे हुए 83 हजार प्रवासियों को 70 ट्रेनों के जरिए शुक्रवार तक वापस लाया गया। शनिवार को 15 और ट्रेनों से 18115 लोग बिहार आएंगे। प्रखंड स्तर पर बनाए गए 3314 क्वारेंटाइन सेंटर में 44869 लोग रखे गए हैं। 8 को 17 ट्रेनों से 20629 श्रमिक वापस आए।

579 मरीजों में से 267 ठीक हुए

स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में कोरोनावायरस संक्रमित 579 मरीजों में से 267 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। इस तरह बिहार में 47.3% मरीज ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 49 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। संक्रमितों की पहचान के लिए कराई जा रही डोर टू डोर स्क्रीनिंग अंतिम दौर में है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
शुक्रवार को जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनमें से 19 तीन दिन पहले ही दूसरे राज्यों से विशेष ट्रेन से बिहार आए हैं।




3

सिंधु 3 साल बाद टॉप-6 से बाहर, 7वें नंबर पर पहुंचीं; साइना नेहवाल 20वीं पायदान

खेल डेस्क. भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु रैंकिंग में 7वें नंबर पर पहुंच गई हैं। सिंधु तीन साल बाद टॉप-6 से बाहर हुई हैं। पिछले दिनों ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट में सिंधु क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई थीं। सिंधु को एक पायदान का नुकसान हुआ है।

यिंग अब एक नंबर पर
स्पेन की कैरोलिना मारिन एक पायदान ऊपर छठे पर पहुंच गई हैं। ताइवान की ताई जू यिंग नंबर-1 पर पहुंच गई हैं। वहीं पूर्व नंबर-1 चीन की चेन यू फेई दूसरे पर आ गई हैं। साइना नेहवाल पहले ही तरह 20वें नंबर पर बरकरार हैं। पुरुष कैटेगरी में कोई भारतीय खिलाड़ी टॉप-10 में नहीं हैं। साई प्रणीत तीन पायदान नीचे 13वें नंबर पर आ गए हैं। किदांबी श्रीकांत 20वें पर हैं।

सिंधु का खराब फॉर्म जारी
सिंधु पिछले साल वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने के बाद से ही खराब फॉर्म से जूझ रही हैं। पिछले साल सितंबर में वे फ्रेंच ओपन और इस साल जनवरी में इंडोनेशिया मास्टर्स के क्वार्टरफाइनल तक ही पहुंच पाईं। लिहाजा, भारत की इस स्टार शटलर के लिए ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन सीरीज बेहद अहम थी। अगर वे यहां फाइनल तक पहुंचती तो टोक्यो का टिकट पक्का हो सकता था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सिंधु करीब एक साल से खराब फॉर्म से जूझ रही हैं। (फाइल)




3

ईसीबी ने प्री-सीजन मैच और ट्रेनिंग रद्द की; इंग्लिश प्रीमियर लीग 30 अप्रैल तक टाली गई

खेल डेस्क. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने 12 अप्रैल से शुरू होने वाले काउंटी सीजन को बचाने के लिए प्री-सीजन मैच और ट्रेनिंग रद्द कर दी है। ईसीबी ने एक बयान जारी कर कहा- यह बताते हुए हमें दुख हो रहा है कि मौजूदा हालात में हम सभी तरह के प्री-सीजन मैच और ट्रेनिंग कैम्प रद्द कर रहे हैं। वहीं, इंग्लिश फुटबॉल लीग ने कोविड-19 की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए करीब 428 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है। इसके जरिए ईएफएल में निचले डिवीजन में खेल रहे क्लबों की मदद की जाएगी। इस बीच,इंग्लैंड की प्रीमियर और फुटबॉल लीग को कोरोनावायरस के खतरे के चलते 30 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है। गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के जरिये यह फैसला लिया गया।

इससे पहले, काउंटी सीजन को तय शेड्यूल पर कराने के लिए ईसीबी ने सभी काउंटी टीम के अधिकारियों से बुधवार को वीडियो कॉल पर बात की थी। ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, इसे लेकर गुरुवार को दोबारा बैठक होगी, जिसमें कोरोनावायरस के कारण टूर्नामेंट टलने के मुद्दे पर बात होगी। ईसीबी को आशंका है कि इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट सीजन पर भी कोविड-19 का प्रभाव पड़ सकता है। इसके मद्देनजर ईसीबी ने कई तरह के विकल्पों पर चर्चा की है। इसमें चैम्पिनशिप को छोटा करने और खाली स्टेडियम में मैच कराना शामिल है। ईसीबी काउंटी सीजन को सितंबर तक भी बढ़ा सकता है।

पीएसएल में शामिल 128 खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने गुरुवार को दावा किया पीएसएल में शामिल खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ, मैच ऑफिशियल्स और ब्रॉडकास्टर्स से जुड़े 128 व्यक्तियों की कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। लीग में हिस्सा ले रहे एलेक्स हेल्स में लक्षण नजर आने के बाद पीसीबी ने एहतियातन टेस्ट कराए थे।

कोरोना के कारण टेनिस पर ब्रेक

कोविड-19 के बढ़ते असर के बीच एसोसिएशन ऑफ टेनिस प्रोफेशनल्स( एटीपी) और वीमेन टेनिस एसोसिएशन (डब्ल्यूटीए) ने 7 जून तक टेनिस टूर्नामेंट टालने का फैसला किया है। दोनों एसोसिएशन ने संयुक्त बयान जारी कर कहा- काफी सोचने के बाद सभी एटीपी और डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट को रद्द करना पड़ा है। इसमें मैड्रिड, रोम में होने वाले एटीपी/डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट शामिल हैं। इसके अलावा एटीपी चैलेंजर टूर और आईटीएफ टेनिस टूर को भी अगले आदेश तक के लिए टाल दिया गयाहै।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कोविड-19 के कारण मैनचेस्टर सिटी और आर्सेनल के बीच 11 मार्च को होने वाला मैच टालना पड़ा था।
ईसीबी काउंटी सीजन को छोटा करने पर भी विचार कर रहा है।




3

541 फुटबॉल मैच प्रभावित, पांचों लीग को 33 हजार करोड़ का नुकसान हो सकता है

खेल डेस्क. दुनियाभर में अब क्रिकेट से लेकर फुटबॉल, एनबीए से लेकर एमएलएस, टूर डि इटली से लेकर फॉर्मूला-1 तक सभी गेम टाले गए हैं। टॉप-5 यूरोपियन फुटबॉल लीग के साथ-साथ यूएफा चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग के गेम भी अप्रैल तक के लिए टल चुके हैं। यूरोपियन यूनियन ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन (यूएफा) पहले ही कह चुका है कि सभी लीग को अपना मौजूदा सीजन 30 जून तक खत्म करना होगा।

नीदरलैंड की अकाउंटिंग फर्म केपीएमजी के अनुसार, कोरोनावायरस के कारण यूरोपियन फुटबॉल को आर्थिक रूप से बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर टॉप-5 लीग कैंसिल हो जाती हैं तो इन लीग को रेवेन्यू में 4.33 बिलियन डॉलर (करीब 32 हजार 617 करोड़ रुपए) का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इंग्लिश प्रीमियर लीग, स्पेनिश ला लिगा, जर्मन बुंदेसलिगा, इटैलियन सीरी ए, फ्रेंच लीग-1, चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग के 541 मैच प्रभावित हैं।

स्कॉटिश क्लब ने खिलाड़ियों की सैलरी आधी की
स्कॉटलैंड के फुटबॉल क्लब हर्ट ऑफ मिडलोथियान एफसी ने अपने खिलाड़ियों और स्टाफ की सैलरी आधी करने का फैसला किया है। यह क्लब स्कॉटिश प्रीमियरशिप में 12वें और आखिरी नंबर पर चल रहा है। यह क्लब सैलरी में कटौती करने वाला ब्रिटेन का पहला टॉप-फ्लाइट क्लब बन गया है।

इंग्लिश लीग ने 432 करोड़ का राहत पैकेज दिया
वहीं, इंग्लिश फुटबॉल लीग (ईएफएल) ने करीब 432 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की। यह राशि छोटे क्लबों को दी जाएगी। ईएफएल ने बोर्ड मीटिंग करने के बाद कहा कि हम हर तरह के विकल्प पर काम कर रहे हैं। प्रीमियर लीग से छोटे क्लब का सबसे ज्यादा रेवेन्यू मैच के आयोजन से ही आता है।

यूरोपियन लीग की मौजूदा स्थिति, सीरी ए के सबसे ज्यादा मैच बाकी

लीग प्रभावित मैच बाकी मैच
प्रीमियर लीग 21 92
बुंदेसलिगा 19 74
ला लिगा 20 110
सीरी ए 33 124
लीग-1 10+ 101
चैंपियंस लीग 4 17
यूरोपा लीग 10 23

चैंपियंस लीग के प्री क्वार्टर फाइनल तक बाकी।


बाकी बचे मैचों के रेवेन्यू का एनालिसिस किया

केपीएमजी दुनिया की सबसे बड़ी अकाउंटिंग फर्म में शामिल है। उसने लीग के बाकी बचे मैचों के रेवेन्यू का एनालिसिस किया। उसने एनालाइज किया कि मैच के दिन ब्रॉडकास्टिंग और कमर्शियल रेवेन्यू कितना जनरेट होता है। उसने अनुमान निकाला कि सभी लीग को 3.45 से 4 बिलियन यूरो तक का नुकसान हो सकता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
8 मार्च को सीरी-ए में युवेंटस और इंटर मिलान के मैच में क्रिस्चियानो रोनाल्डो (बीच में)।




3

83 साल की उम्र में पीके बनर्जी का निधन, फीफा ने 20वीं शताब्दी में भारत का सबसे महान फुटबॉल खिलाड़ी घोषित किया था

खेल डेस्क. 1962 के एशियन गेम्स में भारत को फुटबॉल का गोल्ड दिलाने वाले पीके. बनर्जी की शुक्रवार को 83 साल की उम्र में कोलकाता केमेडिका सुपरस्पेशिलिटी अस्पतालमें मौत हो गई। वे 2 मार्च से निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती थे। उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद से ही उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था थे। लेकिन शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे उन्होंने अंतिमसांस ली।अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ ने उन्हें 20वीं शताब्दी में भारत का सबसे महान फुटबॉल खिलाड़ीघोषित किया था। फीफा ने2004 मेंउन्हें ऑर्डर ऑफ मेरिट दिया था।

वेपार्किंसन, दिल की बीमारी और डिम्नेशिया से भी पीड़ित थे।उनके छोटे भाई प्रसून बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं।

1960 के रोम ओलिंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान थे

23 जून 1936 को जलपाईगुड़ी में जन्मे बनर्जी बंटवारे के बाद जमशेदपुर आ गए थे। उन्होंने फुटबॉल यहीं से खेलना शुरू किया।बनर्जी ने भारत के लिए 84 मैच में 65 गोल किए थे। उन्होंने 1960 के रोम ओलिंपिक में भारत की कप्तानी की थी। तब फ्रांस के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ रहे मैच में बनर्जी ने भारत की तरफ से बराबरी का गोल दागा था। वे 1956 के मेलबर्न ओलिंपिक खेलने वाली भारतीय टीम के भी सदस्य थे। तब भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 4-2 से हराया था।इस मैच में बनर्जी ने दो गोल असिस्ट किए थे। हालांकि, सेमीफाइनल में युगोस्लाविया से हारकर भारत बाहर हो गया था। ओलिंपिक में इसे भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन माना जाता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
PK Banerjee died at the age of 83, FIFA declared him India's greatest footballer in 20th century




3

बंगाल बोर्ड ने राज्य के 3200 प्लेयर और स्टाफ को कोविड 19 बीमा कवर दिया, महिला क्रिकेटर भी शामिल

खेल डेस्क. बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी) ने सोमवार को कहा कि उसके 3200 क्रिकेटर्स और स्टाफ मेंबर्स कोविड-19 बीमा कवर में शामिल हैं। कोरोनावायरस का असर खेलों की दुनिया पर भी पड़ा है। दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में फिलहाल खेल आयोजन बंद हैं। सीएबी अपने प्लेयर्स और स्टाफ का पहले से बीमा कराता आया है। बीमारियों में कोविड-19 को भी शामिल किया गया है।

प्रेसिडेंट ने जारी किया बयान
सीएबी प्रेसिडेंट अभिषेक डालमिया ने कोविड-19 बीमा कवर पर बयान जारी किया। कहा, “हम बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से क्रिकेटर्स, अम्पायर्स, स्कोरर्स आदि को भरोसा दिलाने चाहते हैं कि आप सभी कोविड-19 बीमा कवर में शामिल हैं। इसलिए, डरने की कोई बात नहीं है। लेकिन, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जो दिशा निर्देश दिए गए हैं। उनका सख्ती से पालन करें। हम सभी के सकुशल होने की कामना करते हैं।”

महिला और पूर्व क्रिकेटर्स भी शामिल
बीमा कवर की खास बात ये है कि इसमें महिला और राज्य की सीनियर टीम से खेल चुके पूर्व क्रिकेटर्स को भी शामिल किया गया है। सीएबी की अपनी मेडिकल कमेटी है। इसके चेयरमैन प्रदीप डे और मेंबर शांतनु मित्रा ने एसबीआई जनरल इन्श्योरेंस कंपनी के अधिकारियों से हाल ही में मुलाकात की थी। कंपनी ने उन्हें बताया कि बीमा पॉलिसी में कोविड-19 भी कवर होगा। सीएबी ऑफिस को पहले 21 मार्च तक बंद किया गया था। अब यह 27 मार्च तक बंद रहेगा। राज्य सरकार ने भी सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों के लिए अलग से एडवाइजरी जारी की है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

बंगाल टीम 13 साल बाद इस सीजन में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी। यहां उसे सौराष्ट्र ने हराया था। (फाइल)




3

टोक्यो ओलिंपिक 1 साल टला; 124 साल के इतिहास में यह गेम्स 3 बार रद्द हुए और पहली बार टले

खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण टोक्यो ओलिंपिक को 1 साल के लिए टाल दिया गया। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष थॉमस बाक के साथ मंगलवार को हुई बातचीत के बाद यहजानकारी दी। अब यह खेल 2021 की गर्मियों में होंगे। तारीख बाद में तय की जाएंगी।यह पहला मौका नहीं है, जब टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक को टाला गया। 1940 में इस शहर को पहली बार इन खेलों की मेजबानी मिली थी। लेकिन, चीन से युद्ध की वजह से यह गेम्स रद्द हो गए। ओलिंपिक के 124 साल के इतिहास में ओलिंपिक 3 बार रद्द हुए हैं और पहली बार टले हैं। पहले विश्व युद्ध के चलते बर्लिन (1916), टोक्यो (1940) और लंदन (1944) गेम्स को कैंसिल करना पड़ा था। टोक्यो ओलिंपिक24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होने थे।

तीन बार विश्व युद्ध के कारण ओलिंपिक रद्द हुए

  • बर्लिन ओलिंपिक : 1916 के ओलिंपिक बर्लिन में होने थे। 27 और 28 जून 1914 को बर्लिन स्टेडियम में टेस्ट इवेंट भी हो गए थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के आर्कड्यूक फ्रेंक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की साराजेवो में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद प्रथम विश्व युद्ध छिड़ गया और इन खेलों को रद्द कर दिया गया।
  • टोक्यो ओलिंपिक : 2020 से 80 साल पहले भी टोक्यो को इन खेलों की मेजबानी मिली थी। उसने बार्सिलोना, रोम और हेलसिंकी को पीछे छोड़ते हुए पहली बार यह मौका हासिल किया था। लेकिन चीन के साथ युद्ध के कारण उसे मेजबानी से पीछे हटना पड़ा। इसके बाद हेलसिंकी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि 1939 में दूसरा विश्व युद्ध शुरू होने के कारण गेम्स रद्द करने पड़े।
  • लंदन ओलिंपिक :1940 का टोक्यो ओलिंपिक रद्द होने के बाद आईओसी की बैठक में 1944 के ओलिंपिक की मेजबानी लंदन को सौंपी गई। अगर सब ठीक रहता है तो लंदन 36 साल बाद दूसरी बार इन खेलों को आयोजित करता। लेकिन मेजबानी मिलने के 3 महीने बाद ही ब्रिटेन ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। इस वजह सेखेल हुए ही नहीं। इसके बाद इटली में यह गेम्स होने थे। लेकिन इन्हें भी बाद में कैंसिल कर दिया गया।

जापान और आईओसी तय शेड्यूल के मुताबिक गेम्स कराने पर अड़े थे

आबे और आईओसी पिछले कुछ महीने से लगातार कह रहे थे कि गेम्स तय शेड्यूल के मुताबिक 24 जुलाई से शुरू होंगे। लेकिन कोविड-19 के बढ़ते खतरे के साथ आईओसी पर इन खेलों को स्थगित करने का दबाव बढ़ने लगा था।कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पहले ही ओलिंपिक में हिस्सेदारी से इनकार कर चुके थे।

कनाडा ने 1 साल खेल टालने की मांग की थी

कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने इन खेलों से हटते हुए कहा था कि अगर टोक्यो ओलिंपिकशेड्यूल के मुताबिक24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होते हैं तो वे अपने खिलाड़ी जापान नहीं भेजेंगे। कनाडा ने कहा था- हम ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए टालने की मांग करते हैं। अगर ओलंपिक को स्थगित किया जाता है तो हम उनका पूरा समर्थन करेंगे। हमारे लिए एथलीट्स के स्वास्थ्य और सुरक्षा के अलावा कुछ महत्वपूर्ण नहीं है।

अमेरिका के 70 फीसदी खिलाड़ी ओलिंपिक को टालने के पक्ष में थे
अमेरिका के 70 फीसदी से ज्यादा खिलाड़ी ओलिंपिक टालने के पक्ष में थे। अमेरिकी अखबार यूएसए टुडे ने 300 अमेरिकी खिलाड़ियों से ओलिंपिक के आयोजन पर सवाल पूछे थे। 70 फीसदी खिलाड़ियों ने कहा था कि गेम्स स्थगित होने चाहिए। 23 फीसदी ने कहा था कि यह उस समय के हालात पर निर्भर करेगा कि गेम्स होने चाहिए या नहीं। जब उन खिलाड़ियों से पूछा गया कि टोक्यो ओलिंपिक तय समय पर होना चाहिए तो 41 फीसदी ने कहा था कि यह सही आइडिया नहीं है।

आर्थिक नुकसान कितना?

सीएनबीसी के मुताबिक, 2016 से अब तक आईओसी ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 के लिए 5.7 अरब डॉलर (40 हजार 470 करोड़ रुपए) रेवेन्यू जुटाया। इसका 73 फीसदी हिस्सा मीडिया राइट्स से आया। बाकी 27 फीसदी प्रायोजकों यानी स्पॉन्सर्स से मिला। अगर खेल रद्द होते हैं तो आईओसी को यह रकम लौटानी होगी। इतना ही नहीं आईओसी दुनियाभर में एथलीट्स के लिए स्कॉलरशिप, एजुकेशन प्रोग्राम्स के साथ ही फेडरेशन्स से जो फंड जुटाता है, वो भी उसे लौटानी होगी। लिहाजा, खेल टाले गए हैं। इन्हें रद्द नहीं किया गया।


जापान ने 12.6 अरब डॉलर खर्च किए
टोक्यो ओलिंपिक 2020 की मेजबानी जापान के पास है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वह तैयारियों पर अब तक 12.6 अरब डॉलर खर्च कर चुका है। कुल अनुमानित खर्च इसका दो गुना यानी करीब 25 अरब डॉलर है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
टोक्यो रेलवे स्टेशन के बाहर लोग गेम्स के विरोध में तख्तियां लेकर खड़े।
कोरोनावायरस के कारण जापान पर टोक्यो ओलिंपिक टालने या रद्द करने का दबाव था।




3

आईसीसी ने 30 जून तक सभी क्वालिफाइंग टूर्नामेंट टाले, टी-20 वर्ल्ड कप 2021 और वनडे वर्ल्ड कप 2023 पर असर पड़ेगा

खेल डेस्क. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए 30 जून तक होने वाले अपने सभी क्वालिफाइंग टूर्नामेंट को टाल दिया है। इसका असर 2021 में होने वाले मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप और 2023 के वनडे वर्ल्ड कप पड़ेगा। क्योंकि अगले 2 महीने के भीतर इन दोनों टूर्नामेंट के क्वालिफाइंग मैच होने थे। इसके अलावा 6 अन्यू टूर्नामेंट भी स्थगित किए गए हैं। वहीं, अप्रैल में होने वाले मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप टूर को भी टाल दिया गया है। इसकी नई तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी।

आईसीसी के इवेंट प्रमुख क्रिस टेटले ने बयान जारी कर कहा- दुनियाभर में कोरोना के खतरे और सरकारों द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण हम अपने सभी क्वालीफाइंगटूर्नामेंट को जून के आखिरी हफ्ते तक स्थगित करने का फैसला लेते हैं। हमने यह कदम खिलाड़ियों, अधिकारियों, स्टाफ और फैन्स के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुए लिया है। हमें इस घड़ी में अपनी जिम्मेदारी निभानी है और अधिकारियों के दिशानिर्देश का पालन करना है।

महिला वर्ल्ड क्वालिफायर पर जल्द आईसीसी फैसला लेगी

आईसीसी की नजर इस साल जुलाई में श्रीलंका में होने वाले महिला वर्ल्ड कप क्वालिफायर टूर्नामेंट पर भी है। इसके मुकाबले 3 से 19 जुलाई के बीच खेले जाने हैं। फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस साल फरवरी-मार्च में महिला टी-20 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में खेला गया था। भारतीय टीम पहली बार फाइनल में पहुंचीं थी। लेकिन खिताबी मुकाबले में उसे ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया था।

आईसीसी ने इन टूर्नामेंट को टाला

  • कुवैत में 16 से 21 अप्रैल के बीच होने वाला आईसीसी मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप क्वालिफायर ए।
  • दक्षिण अफ्रीका में 27 अप्रैल से 3 मई तक होने वाला आईसीसी मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप सब रीजनल क्वालिफायर।
  • आईसीसी मेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग-2, यह टूर्नामेंट नामीबिया में 20 से 27 अप्रैल के बीच खेला जाना था।
  • आईसीसी मेन्स टी-20 वर्ल़्ड कप क्वालिफायर ए, इसके मुकाबले स्पेन में 16 से 22 मई के बीच होने थे।
  • आईसीसी मेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग-2 के मुकाबले।
  • जून 9-16 के बीच आईसीसी मेन्स टी-20 वर्ल़्ड कप क्वालिफायर-सी। इसके मुकाबले बेल्जियम में होने थे।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
इस साल अक्टूबर-नवंबर में मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में होना है।




3

109 साल के इतिहास में पहली बार टली इंडियानापोलिस मोटर रेस, 3 महीने में 17 खेल के 59 टूर्नामेंट्स टाले या रद्द किए सकते हैं

खेल डेस्क. दुनिया के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस के कारण अप्रैल तक के सभी खेल टूर्नामेंट को टाला या रद्द किया जा चुका है। जुलाई-अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलिंपिक को भी एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब 109 साल के इतिहास में पहली बार अमेरिका की इंडियानापोलिस 500 मोटर रेस को भी टाल दिया गया है। यह रेस 24 मई को होनी थी, जो अब अगस्त में होगी। लगातार बढ़ रहे कोरोना के कारण अब मई, जून और जुलाई में होने वाले 17 खेल के 59 टूर्नामेंट्स पर भी खतरा मंडराने लगा है।

इंडियानापोलिस मोटर रेस पहली बार 1911 में हुई थी। इसके बाद से प्रथम विश्व युध्द के दौरान 1917 और 1918 में टूर्नामेंट नहीं हो सका था। इसके बाद दूसरे वर्ल्ड वॉर के चलते 1941 से 1945 के बीच इसे रद्द कर दिया गया था। यह पहला मौका है, जब इसे टाला गया है।

अमेरिका में सबसे ज्यादा 82,179 संक्रमित, अब तक 150 की मौत
दुनिया के सभी 195 देश कोरोनावायरस की चपेट में हैं। 5 लाख 32 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। 24 हजार 87 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक लाख 23 हजार से ज्यादा मरीज ठीक भी हुए हैं। अमेरिका में कोरोनावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यहां एक दिन में 150 जानें गईं और करीब 14 हजार नए केस सामने आए हैं। गुरुवार देर रात तक यहां 1,177 लोगों की मौत हुई है। यहां संक्रमितों की संख्या 82,179 हो गई है। यह आंकड़ा चीन से भी ज्यादा है। चीन में 81,285 संक्रमित हैं।

अब तक अन्य बड़े टूर्नामेंट टले या रद्द

  • टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया, यह पहले जुलाई-अगस्त में होना था।
  • क्रिकेट टूर्नामेंट आईपीएल 15 अप्रैल तक के लिए टला, इस पर अब भी संकट बना हुआ है।
  • यूईएफए फुटबॉल चैम्पियंस लीग और यूरोपा लीग को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।
  • भारत-दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच 2-2 वनडे मैच रद्द कर दिए गए।
  • पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) क्रिकेट टूर्नामेंट को टाल दिया गया।
  • टेनिस टूर्नामेंट मायामी ओपन और मोंटेकार्लो मास्टर्स को भी रद्द कर दिया गया।

इन टूर्नामेंट्स पर भी खतरा

  • गोल्फ

यूएस महिला ओपन: 4 से 8 जून तक होंगे
यूएस ओपन: 18 से 21 जून
महिला पीजीए चैम्पियनशिप: 25 से 28 जून
एवियन चैम्पियनशिप: 26 से 26 जुलाई
द ओपन चैम्पियनशिप: 16 से 19 जुलाई

  • फॉर्मूला-1

कनाडियन ग्रां प्री: 12 से 14 जून
फ्रेंच ग्रां प्री: 26 से 28 जून
ऑस्ट्रेलियन ग्रां प्री: 3 से 5 जुलाई
ब्रिटिश ग्रां प्री: 17 से 19 जुलाई
हंगरियन ग्रां प्री: 31 जुलाई से 2 अगस्त

  • मोटो जीपी

स्पेनिश ग्रां प्री: 3 मई
फ्रेंच ग्रां प्री: 17 मई
इटेलियन ग्रां प्री: 31 मई
कैटालोनिया ग्रां प्री: 7 जून
जर्मन ग्रां प्री: 21 जून
डच टीटी: 28 जून
फिनिश ग्रां प्री: 12 जुलाई

  • फॉर्मूला ई

बर्लिन ईप्री: 21 जून
न्यूयॉर्क सिटी ईप्री: 11 जुलाई
लंदन ईप्री: 25 जुलाई

  • हॉर्स रेसिंग

इप्सम डर्बी: 6 जून
रॉयल एस्कॉट: 16 से 20 जून

  • टेनिस

हाले ओपन: 13 से 21 जून
क्वीन क्लब: 15 से 21 जून
बर्लिन ओपन: 15 से 21 जून
बर्मिंघम क्लासिक: 15 से 21 जून
विंबलडन: 29 जून से 12 जुलाई

  • क्रिकेट

द हंड्रेड गेम्स: 17 जुलाई से 15 अगस्त
इंग्लैंड और वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज: 4 जून से
इंग्लैड और पाकिस्तान टेस्ट सीरीज: जुलाई-अगस्त में

  • एथलेटिक्स

डायमंड लीग स्टॉकहोम: 24 मई
डायमंड लीग नेपल्स: 28 मई
डायमंड लीग रबात: 31 मई
डायमंड लीग यूजीन: 7 जून
डायमंड लीग ओस्लो: 11 जून
डायमंड लीग पेरिस: 13 जून
डायमंड लीग लंदन: 4 जुलाई
डायमंड लीग मोनाको: 10 जुलाई

  • रग्बी

इंग्लैंड vs बॉर्बरियंस: 21 जून
जापान vs वेल्स: 27 जून
अमेरिका vs इटली: 4 जुलाई
ऑस्ट्रेलिया vs आयरलैंड: 4 और 11 जुलाई
जापान vs इंग्लैंड: 4 और 11 जुलाई
अर्जेंटीना vs फ्रांस: 4 और 11 जुलाई
न्यूजीलैंड vs वेल्स: 4 और 11 जुलाई
दक्षिण अफ्रीका vs स्कॉटलैंड: 4 और 11 जुलाई
कनाडा vs इटली: 11 जुलाई
दक्षिण अफ्रीका vs जॉर्जिया: 18 जुलाई
अर्जेंटीना vs इटली: 18 जुलाई
ऑस्ट्रेलिया vs फिजी: 18 जुलाई
न्यूजीलैंड vs स्कॉटलैंड: 18 जुलाई

  • साइकिलिंग

टूर डी फ्रांस: 27 जून से 19 जुलाई

  • जूडो

यूरोपियन चैम्पियनशिप: 1 से 3 मई

  • सर्फिंग

वर्ल्ड सर्फिंग गेम्स: 6 से 14 जून

  • रॉविंग

यूरोपियन चैम्पियनशिप: 5 से 7 जून

  • टेबल टेनिस

वर्ल्ड टीम चैम्पियनशिप: 21 से 28 जून

  • बास्केटबॉल

एनबीए ड्राफ्ट: 25 जून

  • बॉक्सिंग

एंथोनी जोसुआ vs कुबरत पुलेव: 20 जून



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
इंडियानापोलिस मोटर रेस सिर्फ पहले और दूसरे विश्व युद्ध केे दौरान ही रद्द की गई थी। -फाइल फोटो




3

रोनाल्डो समेत साथी फुटबॉलर्स ने वेतन के 753 करोड़ रु. दिए, क्रिकेटर गंभीर और खेल मंत्री रिजिजू का 1-1 करोड़ रु. डोनेशन

खेल डेस्क. दुनियाभर के सभी 195 देश को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस से बचाव के लिए खेल जगत के दिग्गजों ने मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं। इटली के फुटबॉल क्लब युवेंटस से खेलने वाले क्रिस्टियानो रोनाल्डो, कोच मॉरिजियो सारी और अन्य खिलाड़ियों ने क्लब की मदद के लिए 100 मिलियन यूरो ( करीब 753 करोड़ रुपए) छोड़ दिए हैं। वहीं, भारत में बीसीसीआई, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और सुरेश रैना के बाद पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और खेल मंत्री किरण रिजिजू ने 1-1 करोड़ रुपए दान दिए हैं। जबकि अजिंक्य रहाणे ने 10 लाख रुपए की मदद की है।

दुनिया के सभी 195 देश को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस के कारण रविवार सुबह तक 30,873 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 6 लाख 63 हजार 541 संक्रमितों की पुष्टि हुई। यूरोप में मौतौं का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा हो गया है। वहीं, भारत में संक्रमण के 1029 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 24 लोग जान गंवा चुके हैं।

गंभीर गरीबों को मुफ्त में खाना खिला रहे
भाजपा सांसद गंभीर ने सांसद निधि से 1 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री फंड में जमा कराए हैं। साथ ही अपने एक महीने का वेतन भी दान दिया है। गंभीर की सामाजिक संस्था गरीबों को मुफ्त में खाना खिला रही है। खेल मंत्री रिजिजू ने ट्वीट किया, मैं प्रधानमंत्री फंड में सांसद निधि से एक करोड़ रुपए दान के जमा करा रहा हूं। प्रधानमंत्री ने सभी भाजपा सांसदों से 1-1 करोड़ रुपए देने के लिए अपील की है।

कोरोना में इटली में 10 से ज्यादा की मौत
रोनाल्डो ने अकेले ही अगले तीन महीने का वेतन 10 मिलियन यूरो (करीब 84 करोड़ रु.) क्लब के लिए छोड़ दिया है। हाल ही में डेनीले रुगानी, ब्लेज मतूदी और पाओलो दिबाला कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। फिलहाल, दिबाला ठीक हो गए हैं, जबकि अन्य दो खिलाड़ी क्वारैंटाइन हैं। इटली में करीब 1 लाख लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। जिनमें से 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पुर्तगाल के फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अपने 2 चार स्टार होटल को अस्पताल में बदला। -फाइल
भाजपा सांसद गौतम गंभीर और खेल मंत्री किरण रिजिजू (दाएं)।




3

ओलिंपिक अगले साल में 23 जुलाई से शुरू हो सकता है, मैराथन और रेस वाक फिर टोक्यो में हो सकती है

खेल डेस्क. टोक्यो ओलिंपिक अगले साल 23 जुलाई से शुरू हो सकता है। इस साल 24 जुलाई से शुरू होने वाले गेम्स को कोरोनावायरस के कारण एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है। आयोजन समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने गेम्स को बसंत के मौसम में कराने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अगले हफ्ते के अंत तक कुछ कह सकूंगा। हालांकि उन्होंने गेम्स की तारीख को पहले की तरह बरकरार रखने का इशारा किया। ऐसे में ओलिंपिक गेम्स 24 जुलाई से 9 अगस्त तक हो सकते हैं। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी सभी पक्षों से बातचीत कर रही है। उम्मीद है कि अगले तीन हफ्ते में नई तारीख घोषित कर दी जाएगी।

मैराथन और रेस वाक फिर टोक्यो में हो सकती है
मैराथन और रेस वॉक के इवेंट टोक्यो में हो सकते हैं। यहां के लोग चाहते हैं कि इवेंट यहीं हों। पिछले साल ओलिंपिक कमेटी ने एथलीट को गर्मी से बचाने के लिए इवेंट को सापोरो में कराने का फैसला किया था। गेम्स पर अब तक जापान ने 74 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। आयोजन टलने से 20 हजार करोड़ अतिरिक्त खर्च होंगे। ओलिंपिक में 11000 से अधिक खिलाड़ियों के उतरने की संभावना है।

2020 के लिए क्वालिफाई खिलाड़ियों की जगह 2021 में भी पक्की
अब तक 57 फीसदी खिलाड़ियों ने ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। इस बीच इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) ने कहा है कि जिन खिलाड़ियों ने 2020 ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है, उनकी जगह 2021 ओलिंपिक में भी पक्की है। आईओसी और 32 वर्ल्ड फेडरेशन के बीच गुरुवार को टेली कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में शामिल एक अधिकारी ने कहा, ‘आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक ने सबसे पहले ओलिंपिक टलने के कारणों के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी क्वालिफाई कर चुके हैं, वे 2021 ओलिंपिक में भी उतर सकेंगे।’



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
2020 ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके खिलाड़ियों की जगह 2021 में भी पक्की है।




3

धोनी का लक्ष्य क्रिकेट से 30 लाख रुपए कमाना और रांची में शांति से रहने का था: वसीम जाफर

खेल डेस्क. भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे सफल खिलाड़ी वसीम जाफर ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को लेकर एक खुलासा किया है। उन्होने सोशल मीडिया पर लाइव चैट के दौरान कहा
कि धोनी ने अपने लक्ष्य से हजार गुना ज्यादा कमाई की है। जाफर ने एक फैन के सवाल पर कहा, ‘‘धोनी करियर के शुरुआती एक दो साल मेरे साथ ही रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि वे क्रिकेट खेलकर 30 लाख रुपए कमाना चाहते हैं। इसके बाद वे अपने शहर रांची में आराम से रह सकते हैं।’’

जाफर के इस खुलासे के बाद फैन्स के बीच अब यह बहस शुरू गई है कि भगवान ने जब उन्हें लक्ष्य से हजार गुना ज्यादा दिया, तो वे कोरोनावायरस जैसे संकट के समय में कहां छिपे हैं। दरअसल, महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। भारत में भी यही हाल है। यहां सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, अजिंक्य रहाणे और गौतम गंभीर समेत कई खिलाड़ियों ने दान दिया है। वहीं, धोनी और विराट कोहली अब तक सामने नहीं आए हैं। कोहली सिर्फ संदेश दे रहे हैं, जबकि धोनी ने पुणे की एक संस्था को सिर्फ 1 लाख रुपए दान दिए। हालांकि, धोनी की पत्नी साक्षी ने इसे अफवाह बताया।

धोनी की कप्तानी में भारत ने वनडे और टी-20 वर्ल्ड कप जीता
धोनी भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने पिछला मैच जुलाई में वनडे वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल खेला था। उन्होंने टीम के लिए 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी-20 खेले हैं। धोनी की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने 2007 टी-20 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीता था।

जाफर घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी
वहीं, जाफर रणजी ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने रणजी में 12038, ईरानी ट्रॉफी में 1294 और दलीप ट्रॉफी में 2545 रन बनाए हैं। वे सबसे ज्यादा 156 रणजी मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने मुंबई को दो बार रणजी चैंपियन बनाया। वे दो बार रणजी टाइटल जीतने वाली विदर्भ टीम के सदस्य थे। वे रणजी में 12 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
महेंद्र सिंह धोनी और वसीम जाफर (दाएंं) क्रिकेट करियर की शुरुआत में साथ रहते थे। -फाइल फोटो




3

टोक्यो ओलिंपिक का नया शेड्यूल जारी, अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होंगे गेम्स; 7 दिन पहले टाले गए थे

खेल डेस्क. कोरोनावायरस की वजह से एक साल टाले गए टोक्यो ओलिंपिक का नया शेड्यूल जारी हो गया है। अब यह गेम्स 2021 में 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होंगे। वहीं, पैरालिंपिक खेल 24 अगस्त से 5 सितंबर के बीच होंगें। टोक्यो 2020 के प्रमुख योशिरो मोरी ने अचानक बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा- मैंने आईओसी चीफ थॉमस बाक से बातचीत की है। हम इस बात पर राजी हुए कि जैसे इस साल यह गेम्स गर्मियों में होने थे, ठीक उसी तरह 2021 में भी होंगे। इससे खिलाड़ियों को तैयारियों और क्वालिफिकेशन का मौका मिल जाएगा।ये गेम्स इस साल 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होने थे। लेकिन कोरोनावायरस के कारण कई देशों ने ओलिंपिक में हिस्सेदारी से इनकार कर दिया था। दबाव बढ़ने पर जापान और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ ने इसे 1 साल आगे बढ़ा दिया था।

अब तक 57 फीसदी खिलाड़ियों ने ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। आईओसी ने कहा है कि जिन खिलाड़ियों ने 2020 ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है, उनकी जगह 2021 ओलिंपिक में भी पक्की है। आईओसी और 32 वर्ल्ड फेडरेशन के बीच बीते हफ्ते टेली कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था। बैठक में शामिल एक अधिकारी ने कहा था- आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक ने सबसे पहले ओलिंपिक टलने के कारणों के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी क्वालिफाई कर चुके हैं, वे 2021 ओलिंपिक में भी उतर सकेंगे।

मैराथन और रेस वाक फिर टोक्यो में हो सकती है
मैराथन और रेस वॉक के इवेंट टोक्यो में हो सकते हैं। यहां के लोग चाहते हैं कि इवेंट यहीं हों। पिछले साल ओलिंपिक कमेटी ने एथलीट को गर्मी से बचाने के लिए इवेंट को सापोरो में कराने का फैसला किया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जापान तैयारियों पर अब तक 12.6 अरब डॉलर खर्च कर चुका है। कुल अनुमानित खर्च इसका दो गुना यानी करीब 25 अरब डॉलर है। ओलिंपिक में 11000 से अधिक खिलाड़ियों के उतरने की संभावना है।

124 साल के इतिहास में पहली बार ओलिंपिक टाले गए
24 मार्च को आईओसी ने ओलिंपिक को 1 साल टालने का फैसला किया था। यह पहला मौका नहीं है, जब टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक को टाला गया। 1940 में इस शहर को पहली बार इन खेलों की मेजबानी मिली थी। लेकिन, चीन से युद्ध की वजह से यह गेम्स रद्द हो गए थे। 124 साल के इतिहास में ओलिंपिक 3 बार रद्द हुए हैं और पहली बार टले हैं। पहले विश्व युद्ध के चलते बर्लिन (1916), टोक्यो (1940) और लंदन (1944) गेम्स को कैंसिल करना पड़ा था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
टोक्यो के ओडैबा मरीन पार्क के बाहर लगी ओलिंपिक रिंग्स।




3

कोरोना पीड़ितों के लिए बार्सिलोना के खिलाड़ी अपनी सैलरी में 70 फीसदी की कटौती करेंगे, मेसी भी वेतन से 360 करो़ड़ रु. कम लेंगे

खेल डेस्क. कोरोनावायरस का असर स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा पर भी पड़ा है। 12 मार्च से ही लीग के मुकाबले नहीं हो रहे हैं। ऐसे में आर्थिक संकट से जूझ रहे क्लब की मदद के लिए कप्तान लियोनल मेसी आगे आए हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि खिलाड़ी अपनी सैलरी में 70 फीसदी की कटौती करेंगे। इससे क्लब के कर्मचारियों और बाकी स्टाफ को पूरी तनख्वाह देने में आसानी होगी। मेसी खुद अपनी सैलरी में से 360 करोड़ रुपए कम लेंगे। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर सोमवार को इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा- हमारी तरफ से अब यह घोषणा करने का वक्त आ गया है कि इस आपात स्थिति से निपटने के लिए हम अपनी 70 फीसदी सैलरी कटवाएंगे। इसके अलावा हम जरूरी योगदान भी देंगे, ताकि क्लब के कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिल सके। बार्सिलोना के कप्तान को सालाना सैलरी और बोनस मिलाकर करीब 648 करोड़ रुपए मिलते हैं।

मेसी ने कहा- हम जरूरत वक्त हमेशा क्लब के साथ खड़े रहे

इस फुटबॉलर ने क्लब के कुछ सदस्यों को आड़े हाथों लेते हुए कहा- हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमेशा से ही हमारी यह मंशा रही है कि इस संकट की घड़ी में कम सैलरी लें। जब भी क्लब को जरूरत पड़ी है, हम सबसे पहले आगे आए हैं। कई बार हमने जरूरत समझते हुए खुद ही मदद की पहल की है। इसलिए हम इस बात पर हैरान नहीं हैं कि क्लब के भीतर से ही कुछ लोग इस बात के लिए हम पर दबाव बना रहे थे, जो हम पहले से ही करना चाहते थे। कुछ समय बाद ही साथी खिलाड़ियों ने मेसी का यह मैसेज अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर लिया। इनमें गेरार्ड पीके, स्ट्राइकर एंटोनी ग्रिजमैन, लुईस सुआरेज, जॉर्डी एल्बा शामिल हैं।

क्लब अध्यक्ष ने कहा- हम रजामंदी से कटौती लागू करना चाहते हैं

पिछले कुछ महीनों से खिलाड़ियों और क्लब के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं। मेसी ने फरवरी में ही सार्वजनिक रूप से क्लब के टेक्निकल सेक्रेटरी एरिक एबिडल की आलोचना की थी। हालांकि, क्लब के प्रेसिडेंट जोसेप मारिया ने सैलरी कट के मुद्दे पर कहा कि सीनियर खिलाड़ियों को शुरू से ही इसके बारे में पता था। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से ही यह चाहता था कि इसे खिलाड़ियों पर थोपने की बजाए रजामंदी से लागू किया जाए, जबकि मैं क्लब के नियमों के मुताबिक इसे (सैलरी कट) सीधे लागू कर सकता था। क्योंकि यह क्लब के लिए अच्छा होता और इससे कोरोना के खिलाफ जंग को लेकर उसकी प्रतिबद्धता साबित होती।

युवेंटस ने भी सैलरी कटौती का फैसला किया

बार्सिलोना के अलावा एटलेटिको मैड्रिड और एस्पेनियोल जैसे क्लब भी कर्मचारियों की सैलरी कम करने का फैसला कर चुके हैं। वहीं, इसका असर इटली की फुटबॉल लीग सीरी-ए पर भी पड़ा है। युवेंटस ने एक दिन पहले ही सैलरी कम करने का ऐलान किया था। क्लब ने कहा था कि उसकी इस मुद्दे पर कोच और खिलाड़ियों से बात हो चुकी है। क्लब को उम्मीद है कि मार्च से जून के बीच 4 महीने तक मुआवजे को कम करके वह करीब 720 करोड़ बचा लेगा। लेकिन क्लब ने साफ कर दिया कि अगर सीरी-ए दोबारा शुरू हो जाती है तो खिलाड़ियों को सैलरी का भुगतान होगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सैलरी कट को लेकर खिलाड़ियों और क्लब के बीच विवाद की बात सामने आई।




3

थाईलैंड-मलेशिया पर  3 और 1 साल का प्रतिबंध, इन देशों के वेटलिफ्टर टोक्यो ओलिंपिक में नहीं जा पाएंगे

इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (आईडब्ल्यूएफ) ने थाई एमेच्योर वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन (टीएडब्ल्यूए) पर 3 और मलेशियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (एमडब्ल्यूएफ) पर 1 साल का प्रतिबंध लगाया है। दोनों देशों पर कई सारे डोपिंग आरोप लगने के कारण आईडब्ल्यूएफ शनिवार को यह प्रतिबंध लगाया है। इसके कारण अब थाईलैंड और मलेशिया के वेटलिफ्टर टोक्यो ओलिंपिक में शामिल नहीं पाएंगे। कोरोनावायरस के कारण इस साल होने वाले टोक्यो गेम्स को एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब यह ओलिंपिक अगले साल 24 जुलाई से 8 अगस्त के बीच होंगे।

इंटरनेशनल फेडरेशन ने कहा है कि टोक्यो ओलिंपिक चाहे जब भी हों, इन दोनों देशों के खिलाड़ी इसमें हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इसके अलावा इटनेशनल फेडरेशन ने थाई फेडरेशन पर दो लाख डॉलर (करीब 1.53 करोड़ रुपए) का जुर्माना भी लगाया है। थाई फेडरेशन ने 2018 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में अपने 9 वेटलिफ्टरों के डोपिंग में फंसने के बाद खुद ही ओलिंपिक से नाम वापस ले लिया था।

मलेशिया के 3 खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल
वहीं, मलेशिया की बात करें तो एक कैलेंडर ईयर में उसके तीन खिलाड़ियों को डोप टेस्ट में फेल हो के कारण सजा मिल चुकी है। आईडब्ल्यूएफ ने मलेशिया के सभी खिलाड़ियों पर 5 महीने का अतिरिक्त प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि कोरोनावायरस के कारण इस साल होने वाले लगभग सभी इवेंट टाले या रद्द किए जा चुके हैं। थाईलैंड और मलेशियाई संस्था 1 अप्रैल से 21 दिन के अंदर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में इस प्रतिबंध के खिलाफ अपील कर सकते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मलेशिया के वेटलिफ्टर मोहम्मद अज्निल बिदिन ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में स्वर्ण जीता था।




3

ई-स्पोर्ट्स की व्यूअरशिप पिछली तिमाही से 37% बढ़ी, 80 लाख लोग रोजाना लॉग-इन हो रहे

कोरोनावायरस के कारण दुनिया के लगभग सभी देशों में खेल की गतिविधियां बंद हैं। ऐसे में ई-स्पोर्ट्स यानी ऑनलाइन गेमिंग लगातार बढ़ रही है। खिलाड़ी खेल मैदान से तो दूर हैं लेकिन वर्चुअल मैदान पर अपना जलवा दिखा रहे हैं। ई-स्पोर्ट्स के खिलाड़ी के अलावा अन्य खेलों के खिलाड़ी भी इससे जुड़ रहे हैं। शनिवार को ही इंग्लैंड के क्रिकेटर बेन स्टोक्स ने फॉर्मूला-1 रेसर चार्ल्स लेकलेर्क और एलेक्स एलबोन के साथ फॉर्मूला-1 ई-स्पोर्ट्स रेस में हिस्सा लिया। पिछले महीने भी लेकलेर्क आैर एलबोन वर्चुअल ग्रांप्री में शामिल हुए थे। इसे हजारों लोगों ने देखा था।

स्पेन की वीडियो गेम एनालिटिक्स कंपनी स्ट्रीम हेटचैट के अनुसार, ई-स्पोर्ट्स की व्यूअरशिप पिछली तिमाही (अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर) की तुलना में इस तिमाही (जनवरी, फरवरी, मार्च) में 37% तक बढ़ गई। हर टूर्नामेंट की व्यूअरशिप में इतनी बढ़ोत्तरी हुई है। कई खिलाड़ी आॅनलाइन गेमिंग के जरिए चैरिटी भी जुटा रहे हैं। वहीं, कई ब्रॉडकास्टर ई-स्पोर्ट्स के इवेंट दिखा रहे हैं।

ई-स्पोर्ट्स कैलेंडर के लिए यह सबसे सही समय
अमेरिका की टेलीकम्युनिकेशन कंपनी वेरिजन की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में क्वारेंटाइन के पहले हफ्ते में वीडियो गेम्स की एक्टिविटी में 75% की बढ़ाेत्तरी हुई। वहीं, लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यू-ट्यूब गेमिंग और ट्विच पर व्यूअरशिप में 10% की बढ़त देखी गई। नॉर्थ अमेरिका के सबसे बड़े ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट लीग ऑफ लीजेंड्स चैंपियनशिप सीरीज के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग के लिए दुनियाभर में 80 लाख लॉग-इन रोजाना हो रहे हैं। यह ई-स्पोर्ट्स कैलेंडर के लिए सबसे सही वक्त है।

पिछले हफ्ते आई-रेसिंग को टीवी पर 9 लाख लोगों ने देखा
एनवी गेमिंग कंपनी के सीईओ माइक रुफेल ने कहा, ‘इस समय ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ग्रोथ कर रही है।’ एनवी गेमिंग दुनिया का 8वां सबसे वैल्यूएबल ई-स्पोर्ट्स आर्गनाइजेशन है। अमेरिका में कार रेसिंग के इवेंट नेसकार ने भी आई-रेसिंग ऑनलाइन लीग शुरू की। इसे टीवी पर 9 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा। यह सबसे ज्यादा देखा जाने वाला ई-स्पोर्ट्स इवेंट रहा।

अमेरिका में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की अपनी ई-स्पोर्ट्स टीमें हैं
यूएस नेवी ने हाल ही में ‘गोट्स एंड ग्लोरी’ नाम की ई-स्पोर्ट्स टीम बनाई। यूएस आर्मी और एयरफोर्स की पहले से टीमें हैं। नेवी रिक्रूटिंग कमांड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर कैप्टन मैट स्मोक बोरेन बताते हैं, ‘ई-स्पोर्ट्स की इंडस्ट्री अरबों डॉलर की है, जहां काफी संभावनाएं हैं।’ वहीं, केविन डुरंट और लुका डोनकिच समेत कई एनबीए स्टार ने चैरिटी के लिए ‘एनबीए 2के2020’ लीग में हिस्सा लेना शुरू कियस है। इस लीग का टेलीकास्ट भी हो रहा है। एनएफएल ने भी ऑनलाइन खेलना शुरू किया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
केविन डुरंट और लुका डोनकिच समेत कई एनबीए स्टार ने चैरिटी के लिए ‘एनबीए 2के2020’ लीग में हिस्सा लेना शुरू किया है।
एनबीए 2के2020 लीग का टेलीकास्ट भी हो रहा है।




3

चैम्पियंस और यूरोपा लीग रडार पर; नेहरा बोले- तेज गेंदबाज 3 महीने रनिंग नहीं करेंगे तो फिटनेस की समस्या होगी

कोरोनावायरस के कारण सभी फुटबॉल लीग स्थगित है। यूएफा ने कहा कि यदि 3 अगस्त तक फाइनल नहीं हुए तो चैम्पियंस लीग और यूरोपा लीग को कैंसिल किया जा सकता है। यूएफा के अध्यक्ष एलेक्जेंडर सेफरिन ने कहा कि हम विकल्प के बारे में सोच रहे हैं। सिर्फ क्वार्टर फाइनल या सेमीफाइनल के मैच भी हो सकते हैं। मैच बिना दर्शकों के कराए जा सकते हैं। वहीं, फॉर्मूला-1 समेत अन्य टूर्नामेंट भी कोरोना की रडार पर हैं।

पूर्व भारतीय गेंदबाज आशीष नेहरा ब्रेक को तेज गेंदबाजों के लिए बड़ी चुनौती मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर तेज गेंदबाज लगातार 3 महीने रनिंग नहीं करेंगे तो फिटनेस की समस्या हो सकती है। नहीं दौड़ना तेज गेंदबाजों के लिए बड़ा मुद्दा है। भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड दौरे के बाद कोई मैच नहीं खेला है। उन्होंने सलाह दी है कि जिनके पास भी 15-20 मीटर का बगीचा है, उन्हें रनिंग करनी चाहिए।

22 में से 8 रेस रद्द या पोस्टपोन हुईं

फॉर्मूला-1 के पूर्व मुख्य कार्यकारी बर्नी एक्लेस्टोन का कहना है कि 2020 सीजन को रद्द कर देना चाहिए। अभी तक 22 में से 8 रेस को रद्द या पोस्टपोन किया जा चुका है। एक्लेस्टोन ने कहा, ‘हमें चैंपियनशिप अगले साल फिर से शुरू करना चाहिए क्योंकि मुझे नहीं लगता कि विजेता चुनने के लिए पर्याप्त रेस हो पाएंगी।’ 89 की उम्र के एक्लेस्टोन जल्द ही पिता बनने वाले हैं।

‘जून से पहले फुटबॉल शुरू करना संभव नहीं’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में खेलों के जल्द बहाल होने की बात की है। कोरोनावायरस की वजह से दुनिया के सभी स्पोर्टिंग इवेंट रोक दिए गए हैं। स्पोर्ट्स लीग के उच्च अधिकारियों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘अगर अगस्त तक स्टेडियम भर जाएं तो अच्छा होगा।’ वहीं, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज का कहना है कि देश में फुटबॉल जून से पहले शुरू करना मुश्किल है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पूर्व भारतीय गेंदबाज आशीष नेहरा ने 3 महीने के लंबे ब्रेक को तेज गेंदबाजों के लिए बड़ी चुनौती मान रहे हैं। -फाइल फोटो




3

खेल की 3 आदतें, जो कोरोनावायरस के बाद बदल सकती हैं; हाथ मिलाना भी छोड़ सकते हैं खिलाड़ी

कोरोनावायरस की वजह से खेल बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्पोर्ट्स इवेंट बंद हैं। सिर्फ 3-4 देश ही हैं, जहां फुटबॉल या बास्केटबॉल खेले जा रहे हैं। खेल के दौरान खिलाड़ियों की कुछ आदतें होती हैं, जिसे वो बार-बार दोहराते हैं। कोरोनावायरस के बाद ये शायद देखने को न मिले। इसी वजह से खेल पहले से अलग देखने को मिल सकता है।

  • मैच से पहले और बाद में हाथ मिलाना

खिलाड़ी मैच से पहले और बाद में हाथ मिलाते हैं, गले मिलते हैं। कोरोनावायरस के बाद वे इससे भी बचते दिख सकते हैं। एनबीए स्टार लेब्रन जेम्स ने कुछ समय पहले कहा था कि मैं अब अपने पूरे जीवन में हाई-5 नहीं करूंगा। फुटबॉल में गोल करने के बाद खिलाड़ी साथ मिलकर खुशी मनाते हैं, ये भी कम हो सकता है।

  • टेनिस में बॉल बॉय या गर्ल से तौलिया लेना

टेनिस मैच के दौरान खिलाड़ी तौलिए का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए कोर्ट के पास ही बॉल बॉय या बॉल गर्ल तौलिया लेकर खड़े रहते हैं। एटीपी ने कुछ मैचों के दौरान ट्रायल के लिए रैक रखवाया था। लेकिन यह खिलाड़ियों को पसंद नहीं आया। अब जब मैच होंगे तो खिलाड़ी दूसरों के हाथ में तौलिया लेने से बचेंगे।

  • गेंद पर थूक लगाकर चमक बनाए रखना

क्रिकेट में गेंदबाजी करने वाली टीम गेंद पर थूक लगाकर चमक बरकरार रखने की कोशिश करती है। क्रिकेटरों की आदत होती है कि गेंद पास आने के साथ ही उस पर थूक लगाना शुरू कर देते हैं। टेस्ट में इससे रिवर्स स्विंग में काफी मदद मिलती है। कोरोना के बाद खिलाड़ी डर से शायद ही गेंद पर थूक लगाएं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
टेनिस मैच के दौरान खिलाड़ी बॉल बॉय या बॉल गर्ल से तौलिया लेकर पसीना साफ करना छोड़ सकते हैं। -फाइल फोटो




3

पहली महिला आईपीएस किरण बेदी नेशनल चैम्पियन रहीं, 3 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल जीते

भारत की पहली महिला आईपीएस रहीं किरण बेदी टेनिस में नेशनल चैंपियन बन चुकी हैं। उन्होंने 9 साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू किया। खेलते समय बाल आंखों में आते थे, इसलिए बाल कटवा दिए थे। 1966 और 1972 में जूनियर नेशनल चैम्पियन बनीं। 1968 में छोटी बहन रीटा के साथ ऑल इंडिया इंटरवर्सिटी में डबल्स जीता। 1976 में पहली बार नेशनल लॉन टेनिस चैम्पियन बनीं। उन्होंने श्रीलंका में चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

रिटायरमेंट के बाद किरण बेदी ने भाजपा की ओर से दिल्ली में विधायक का चुना भी लड़ा था। वे भाजपा की ओर से दिल्ली की मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी थीं। हालांकि, वे और पार्टी दोनों ही चुनाव हार गए थे। इसके बाद 70 साल की बेदी को पुडुचेरी की उपराज्यपाल गया।

  • किरण बेदी ने बहन रीटा के साथ लगातार तीन साल ऑल इंडिया इंटरवर्सिटी टाइटल जीते
  • उन्होंने 1974 में ऑल इंडिया हार्ड कोर्ट और 1975 में ऑल इंडिया इंटरस्टेट चैंपियनशिप जीती
  • {1976 में भारत में पहले नेशनल स्पोर्ट्स फेस्टिवल में तीन गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीते थे


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
किरण बेदी 1976 में पहली बार नेशनल लॉन टेनिस चैम्पियन बनी थीं।




3

गावस्कर ने केंद्र को 35 लाख रु. और राज्य को 24 लाख रुपए दिए, उनके बेटे ने कहा- क्योंकि देश के लिए 35 और मुंबई के लिए 24 शतक लगाए

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के खिलाफ दान देने के लिए खेल जगत के कई दिग्गज सामने आ रहे हैं। ऐसे में पूर्व भारतीय कप्तान सनील गावस्कर ने 59 लाख रुपए दान दिए। इस बात का खुलासा पूर्व क्रिकेटर अमोल मजूमदार ने किया। उन्होंने बताया कि गावस्कर ने पीएम राहत कोष में 35 लाख रुपए और महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 24 लाख रुपए दान दिए हैं। इस पर सुनील के बेटे रोहन ने जवाब देते हुए कहा, ‘‘क्योंकि उन्होंने (सुनील) ने देश के लिए खेलते हुए 35 और मुंबई के लिए 24 शतक लगाए हैं।’’

सुनील ने 125 टेस्ट में 10,122 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 34 शतक और 45 अर्द्धशतक लगाए। पूर्व कप्तान ने 108 वनडे में 1 शतक और 27 अर्द्धशतकों की मदद से 3092 रन बनाए थे। इसके अलावा 348 फर्स्ट क्लास मैचों में 81 शतकों की मदद से 25834 रन बनाए। वे 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं।

पुजारा समेत खेल जगत के अन्य दिग्गजों ने भी मदद की
भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने भी दान दिया है। उन्होंने कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहे डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और पुलिस सहित सभी फ्रंट-लाइन वॉरियर्स को धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेरे परिवार और मैंने पीएम CARES फंड और गुजरात CM राहत कोष में अपना योगदान दिया है और आशा करते हैं कि आप भी करेंगे।’’ इनके अलावा सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, सौरव गांगुली, सुरेश रैना, युवराज सिंह, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह समेत खेल जगत की कई हस्तियों ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सुनील गावस्कर ने 348 फर्स्ट क्लास मैचों में 81 शतकों की मदद से 25834 रन बनाए। वे 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। -फाइल फोटो




3

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर सरफराज की जान गई, दुनिया में 3 हफ्ते में 7वें लेजेंड की मौत

पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण पाकिस्तान के दूसरे खेल दिग्गज की मौत हो गई है। सोमवार देर रात पूर्व फर्स्ट-क्लास क्रिकेटर जफर सरफराज का 50 साल की उम्र में निधन हो गया। पिछले मंगलवार को ही उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व लेजेंड स्क्वैश खिलाड़ी आजम खान का इंग्लैंड में निधन हुआ था। कोरोना के कारण 3 हफ्ते में खेल जगत के 7 लेजेंडअपनी जान गंवा चुके हैं।

इससे पहले इटली के धावक दोनातो साबिया (56), स्विट्जरलैंड के आइस हॉकी लेजेंड रोजर शैपो (79), फ्रांस के फुटबॉल क्लब रीम्स के डॉक्टर बर्नार्ड गोंजालेज (60), इंग्लैंड के लंकाशायर क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष डेविड हॉजकिस (71), फ्रांस के ओलिंपिक डी मार्शल फुटबॉल क्लब के पूर्व अध्यक्ष पेप दिऑफ (68) और पाकिस्तान के स्क्वैश लीजेंड आजम खान (95) भी दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।

जफर ने 15 फर्स्ट-क्लास मैचमें 616 रन बनाए
ऑलराउंडर जफर बाएं हाथ से बल्लेबाजी और गेंदबाजी करते थे। उन्होंने 1988 से 1994 तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना योगदान दिया। उन्होंने पेशावर के लिए खेलते हुए 15 मैच में 616 रन बनाए हैं। जफर ने देश के लिए 6 वनडे में 96 रन बनाए हैं। उन्होंने 1994 में संन्यास ले लिया था। इसके बाद जफर पेशावर की सीनियर और अंडर-19 टीम के कोच भी रहे थे। उनके भाई अख्तर सरफराज ने भी 1997-98 में पाकिस्तान के लिए 4 वनडे में 66 रन बनाए थे।

पाकिस्तान में कोरोना से 96 लोगों की मौत
दुनियाभर में कोरोनावायरस से मंगलवार सुबह तक 19 लाख 24 हजार 635 संक्रमित हो चुके हैं। एक लाख 19 हजार 686 लोगों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान में 5 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 96 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 10 हजार 363 लोग संक्रमित हैं। इनमें से 339 की मौत हो चुकी है।

आजम ने 4 बार ब्रिटिश ओपन खिताब जीता था
पाकिस्तानी स्क्वैश लेजेंड आजम खान का 28 मार्च को निधन हो गया था। आजम ने 1959 से 1962 के बीच लगातार 4 बार ब्रिटिश ओपन खिताब जीता था। आजम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्क्वैश खिलाड़ियों में गिना जाता था। उन्होंने 1962 में पहली बार सबसे अहम हार्डबॉल टूर्नामेंट यूएस ओपन भी जीता था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पूर्व पाकिस्तानी फर्स्ट-क्लास क्रिकेटर जफर सरफराज और पाकिस्तानी स्क्वैश लेजेंड आजम खान (दाएं) की कोरोनावायरस के कारण मौत हो गई। -फाइल फोटो




3

भारतीय टीम ने 2021 वनडे वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई किया, 3 सीरीज रद्द होने के बाद पॉइंट्स के आधार पर फैसला

भारतीय महिला टीम ने 2021 में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर लिया है। आईसीसी की टेक्नीकल कमेटी ने महिला चैम्पियनिशप की तीन सीरीज को कैंसिल कर दिया। भारत-पाकिस्तान के बीच पिछले साल 3 मैच की सीरीज भी दोनों देशों के बीच तनाव के कारण नहीं हो सकीथी। चैम्पियनशिप के बाद ऑस्ट्रेलिया 37 पॉइंट के साथ टॉप पर रही। इंग्लैंड (29) दूसरे, दक्षिण अफ्रीका (25) तीसरे और भारत (23) चौथे पर रही।

इसके अलावा मेजबान न्यूजीलैंड को भी जगह मिल गई है। अन्य तीन टीम का फैसला क्वालिफायर से होगा। यह वर्ल्ड कप न्यूजीलैंडमें अगले साल 6 फरवरी से 7 मार्च के बीच खेला जाना है।

कोरोना के कारण क्वालिफायर्स रद्द

आईसीसी वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स श्रीलंका में 3 से 19 जुलाई के बीच खेला जाना था। इसमें श्रीलंका, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, आयरलैंड, थाईलैंड, जिम्बाब्वे, पापुआ न्यू गिनी, अमेरिका और नीदरलैंड को खेलना था, लेकिन कोरोनावायरस के कारण इस चैम्पियनशिप को टालना पड़ा। इसके बाद अब भारत के अलावा चार अन्य टीमों को इस विश्व कप के लिए सीधे एंट्री मिल गई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
भारतीय महिला टीम टी-20 वर्ल्ड कप 2020 में पहली बार फाइनल तक पहुंची थी। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने टीम को हराकर खिताब जीत लिया था।




3

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के लिए 323 करोड़ रु. की नई होटल बन सकती है आइसोलेशन सेंटर, सितंबर में होगा उद्घाटन: रिपोर्ट

भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 42 मिलियन डॉलर ( करीब 323 करोड़ रुपए) से तैयार हुई नई ओवल होटल में ठहराया जा सकता है। कोरोनावायरस के चलते टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए 138 रूम का यह होटल आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। यह ओवल होटल सितंबर में खुल सकती है। भारतीय टीम को अक्टूबर से जनवरी तक का लंबा ऑस्ट्रेलिया दौरा करना है।

इस दौरान भारतीय टीम को सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 टी-20 की सीरीज खेलनी है। इसके बाद टी-20 वर्ल्ड कप होना है। फिर नवंबर से जनवरी तक दोनों टीमों के बीच 4 टेस्ट और 3 वनडे की सीरीज खेली जाएगी। यह सीरीज कोरोनावायरस के कारण रद्द होती है, तो ऑस्ट्रेलिया को टीवी से मिलने वाले 300 मिलियन डॉलर (करीब 2306 करोड़ रुपए) राजस्व का नुकसान होगा।

विदेशियों को 14 दिन क्वारैंटाइन में रुकना जरूरी
‘द ऐज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव दक्षिण ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट संघ (एसएसीए) के प्रमुख कीथ ब्रेथशा ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) प्रमुख केविन रोबर्ट्स के सामने रखा था। साथ ही अन्य टीमों के क्वारैंटाइन के लिए कंगारू आइलैंड और रोटनेस्ट आइलैंड के नाम पर विचार किया जा रहा है। साथ ही भारतीय टीम के लिए सभी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का इंतजाम किया जा रहा है। नियम के मुताबिक विदेशियों को 14 दिन क्वारैंटाइन में रुकना जरूरी है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ऑस्ट्रेलिया टीम जनवरी में भारत दौरे पर आई थी। यहां इंडिया ने मेहमान टीम को 2-1 से हराया था। इसी सीरीज के एक मैच के दौरान भारतीय कप्तान विराट कोहली और ऑस्ट्रेलियाई कैप्टन एरॉन फिंच (बाएं)।




3

श्रीलंका बोर्ड ने मेजबानी का प्रस्ताव रखा, आईपीएल रद्द होने से 3845 करोड़ का नुकसान होगा; दिसंबर के पहले होना मुश्किल

कोरोनावायरस के कारण बीसीसीआई ने आईपीएल के 13वें सीजन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की गुरुवार को आधिकारिक घोषणा कर दी। आईपीएल 29 मार्च से होना था,लेकिन लॉकडाउन के कारण बीसीसीआई ने पहले इसे 15 अप्रैल तक स्थगित किया था। मंगलवार को लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के बाद आईपीएल को बुधवारको अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया गया था।हालांकि, इसके लिए उसने किसी नई विंडो की घोषणा नहीं की है। अब श्रीलंका बोर्ड ने बीसीसीआई के सामने आईपीएल की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा है। इससे पहले 2009 में भी आईपीएल दक्षिण अफ्रीका में हो चुका है। तब लोकसभा चुनाव वजह रही थी।

जून से सितंबर तक भारत को दो सीरीज खेलनी है
आईपीएल के आयोजन की बात की जाए तो मौजूदा हालात और इंटरनेशनल शेड्यूल के चलते इसका दिसंबर के पहले होना मुश्किल लग रहा है। जून से सितंबर तक मानसून सीजन रहता है। इस दौरान भारत को श्रीलंका और जिम्बाब्वे में सीरीज भी खेलनी है। अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। इसके बाद टीमों की आपसी सीरीज का कैलेंडर भी तय रहता है। इस शेड्यूल के बीच ही बीसीसीआई को आईपीएल के लिए खाली तारीखें तलाशनी होंगी। ऐसा होता है तो भी दिसंबर के पहले आईपीएल होना संभव नहीं लग रहा है।

हम सभी स्वास्थ्य सुविधाएं देने को तैयार: श्रीलंका बोर्ड
अगर श्रीलंका में आईपीएल हुआ तो उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। लंकादीप अखबार से बात करते हुए श्रीलंका क्रिकेट के अध्यक्ष शम्मी सिल्वा ने कहा, ‘बोर्ड ने बीसीसीआई को सूचित किया है कि हम लीग की मेजबानी के लिए तैयार हैं। अगर आईपीएल नहीं हुआ तो उन्हें करीब 3845 करोड़ रु. का नुकसान होगा। उनके लिए किसी अन्य देश में लीग का संचालन करना फायदेमंद होगा, जैसा कि उन्होंने 2009 में द. अफ्रीका में किया था। अगर वे हमारे प्रस्ताव को मानते हैं तो हम स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार हैं।’



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
आईपीएल 29 मार्च से होना था, लेकिन लॉकडाउन के कारण बीसीसीआई ने पहले इसे 15 अप्रैल तक स्थगित किया था। अब टूर्नामेंट अगले आदेश तक के लिए टल गया है। -फाइल फोटो




3

ब्रिटेन के 99 साल के पूर्व सैनिक ने 100 कदम चलकर 153 करोड़ रु. जुटाए, दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान भारत और म्यांमार में काम किया था

ब्रिटेन के पूर्व सैनिक टॉम मूर दूसरे विश्व युद्ध के नायक थे। अब मूर 99 साल की उम्र में कोरोनावायरस (कोविड-19) को हराने के लिए आगे आए हैं। उनके जज्बे के आगे युवा भी पस्त हैं। कोरोना को हराने की जिद लिए टॉम ने गॉर्डन में 100 कदम चलकर 16 मिलियन पाउंड (करीब 153 करोड़ रुपए) जुटाए हैं। यह रुपए नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) फंड में जमा होगा। टॉम ने इंग्लैंड के बड़े खिलाड़ियों की चुनौती पर यह दौड़ पूरी की है।

टॉम 30 अप्रैल को ही 100 साल के होने वाले हैं। उन्होंने अपने सभी मेडल से सजेएक ब्लेजर पहनकर व्हीलचेयर की मदद से 100 कदम चले। इस दौरान उन्होंने 25 मीटर (82 फीट) की दूरी तय की। टॉम के साथ उनके परिवार के लोग भी थे।

टॉम को 1 लाख रुपए की ही उम्मीद थी

टॉम का लक्ष्य सिर्फ 1000 पाउंड (करीब 1 लाख रुपए) जुटाने का था, लेकिन उनके प्रशंसकों ने दिल खोलकर दान दिया। चुनौती पूरी करने के बाद टॉम ने कहा, ‘‘मुझे इतनी राशि जमा होने की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी। आज मुझे गर्व हो रहा है। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। उम्मीद है आपको भी बेहतर लग रहा होगा। यह संकट के बाद छट जाएंग और नया सूरज फिर उदय होगा।’’ प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने भी टॉम की तारीफ की।

बर्मा के नाम से भी फेमस हैं टॉम।

टॉम दूसरे विश्व युद्ध में इंग्लैंड की सेना में भर्ती होने से पहले सिविल इंजीनियर थे। इसके बाद उन्हें कैप्टन बनाया गया। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान टॉम ने भारत और म्यांमार में भी काम किया था। उन्हें बर्मा के नाम से भी जाना जाता है।

बेन स्टोक्स समेत कई खिलाड़ियों नेचुनौती स्वीकारी
कोरोना के खिलाफ जंग के लिए शुरू हुई इस चुनौती में फुटबॉल क्लब लीवरपूल के कप्तान जॉर्डन हेंडरसन, मैनचेस्टर यूनाइटेड टीम के मार्कस रशफोर्ड, पूर्व टेनिस वर्ल्ड नंबर-1 एंडी मरे, इंग्लैंड रग्बी टीम के कप्तान ओवेन फारेल के अलावा क्रिकेटर बेन स्टोक्स भी शामिल हुए हैं। स्टोक्स पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप विजेता टीम के हीरो रहे थे। उन्हें 2019 के लिए विजडन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी चुना गया था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
टॉम मूर ने अपने सभी मेडल से सजी एक ब्लेजर पहनकर व्हीलचेयर की मदद से 100 कदम चले। इस दौरान उन्होंने 25 मीटर (82 फीट) की दूरी तय की।




3

जब गुस्से में कुलदीप से धोनी ने कहा- मैं पागल हूं, 300 वनडे खेले हैं और तुम मेरी बात नहीं सुन रहे हो

टीम इंडिया को अपनी कप्तानी में टी-20 और वनडे का वर्ल्ड चैम्पियन बनाने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को मैदान पर गुस्सा करते कम ही देखा गया है। इसलिए उन्हें 'कैप्टन कूल' कहा जाता है। लेकिन स्पिनर कुलदीप यादव ने इंस्टाग्राम पर स्पोर्ट्सएंकरजतिन सप्रू सेवीडियो चैट के दौरान धोनी के गुस्से को लेकर खुलासा किया है। उन्होंने पूर्व कप्तान से जुड़ा एक वाकया बताया, जिसमें वे धोनी को गुस्से में देखकर घबरा गए थे। तब खुद धोनी ने उन्हें बताया था कि 20 साल में पहली बार मैंने अपना आपा खोया है।

कुलदीप ने इस वीडियो में बताया कि2017 में हम श्रीलंका के खिलाफ इंदौर में एक टी-20 मैच खेल रहे थे। कुशल परेरा बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने मेरी गेंद पर कवर्स के ऊपर से उठाकर चौका मारा। इसके बाद धोनी भाई ने विकेट के पीछे से चिल्लाते हुए मुझसे कहा कि मैं फील्डिंग में बदलाव करूं। लेकिन मैंने उनके सुझाव को नहीं सुना और अगली ही गेंद पर परेरा ने रिवर्स स्वीप परचौका मार दिया। इसके बाद जो हुआवह मैंने सोचा नहीं था। गुस्से में धोनी मेरे पास आए और कहा कि मैं पागल हूं? 300 वनडे खेला हूं और समझा रहा हूं कि यहां पर गेंद डाल और तुम मेरी बात ही नहीं सुन रहे। हालांकि, धोनी के हिसाब से फील्डिंग लगाने के कुछ देर बाद मुझे विकेट मिल गया। उस मैच में मैंने 4ओवर में 52 रन देकर 3 विकेट लिए थे।

भारत ने इस मैच में श्रीलंका को 88 रन से हराया था। रोहित शर्मा ने मैच में कप्तानी संभाली थी और विकेटकीपिंग धोनी के जिम्मे थी। रोहित ने 118 रन की शतकीय पारी खेली और मैन ऑफ द मैच रहे थे।

मैं इतना डर गया था कि धोनी से माफी मांगी: कुलदीप

कुलदीप ने बताया कि इस घटना के बाद मैं इतना डर गया था कि होटल लौटते वक्त टीम की बस में धोनी के पास गया और माफी मांगी। मैंने उनसे पूछा कि आपने पहले भी कभी ऐसे आपा खोया है। मेरे इस सवाल पर धोनी ने कहा था-मुझे 20 साल पहले गुस्सा आता था, जब मैं रणजी ट्रॉफी में खेलता था। टीम इंडिया के लिए खेलते हुए मुझे 2 या 3 बार ही गुस्सा आया।

'धोनी की कमी खलती है'
इससे पहले कुलदीप ने कहा था कि धोनीके पास काफी अनुभव है और उन्होंने भारतीय टीम को बहुत कुछ दिया है। ऐसे में जब इस कद का खिलाड़ी टीम में नहीं होता है तो उसकी कमी खलती है। पंत और राहुल युवा खिलाड़ी हैं और अच्छा कर रहे हैं। इसलिए टीम पर बहुत ज्यादा फर्क तो नहीं पड़ा। लेकिन उनका मौजूद न होना कभी-कभी खलता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कुलदीप यादव ने कहा- ऋषभ पंत और केएल राहुल विकेट के पीछे अच्छा कर रहे हैं। लेकिन धोनी की कमी कभी-कभी खलती है। (फाइल)