पुणे

अपने 18 दिन के बेटे को गोद में लेने के लिए बेचैन हैं कश्मीर के डोडा जिले के डीएम, सात अप्रैल को पुणे में हुआ है जन्म

(मंगेश फल्ले).एक महीने से ज्यादा वक्त से चल रहालॉकडाउन खत्म होने को लेकर सब बेसब्र है। लेकिन, जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के कलेक्टरसागर डोईफोड़े की बेसब्री कुछ ज्यादा ही है। आखिरहोभी क्यों न। दरअसल, सात अप्रैल को सागर की पत्नी सोनाली ने पुणे में बेटे को जन्म दिया। लेकिन उससे मिलने, उससे करीब से देखने की चाहत को लॉकडाउन का ग्रहण लगा हुआ है।

उधर, संक्रमण को रोकने औरलॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी कलेक्टरों पर है।2014 बैच के आईएएस अधिकारी सागर डोईफोड़े मूल रूप से महाराष्ट्र केबारामती के निंबोडी गांव के रहने वाले हैं। कुछ साल पहले उनका परिवार पुणे में शिफ्ट हो गयाथा। बीडीएस, एमए, एमफिल की पढ़ाई के बाद कुछ समय तक सागर ने डॉक्टरी भी की। लेकिन यूपीएससी क्लीयर होने के बाद जिंदगी बदल गई। हसीन वादियों औरमुश्किल चुनौतियों के बीचकश्मीर में पोस्टिंग हुई। इस बीच सोनाली गर्भवती हुई और पिछले साल ही वह परिवार के पास पुणे आ गई थी। सागर का यह दूसरा बेटा है। वह 18 दिन का है। सागर काबड़ा बेटा साढ़े तीन साल का है।

आईएएस अधिकारी सागर डोईफोड़े का बेटा सिर्फ 18 दिन का है। उनकी पत्नी वर्तमान समय में पुणे में रह रही हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालयभी कर चुका हैसागर केकाम की तारीफ

कश्मीर केडोडा में कोरोना संक्रमण के दौरान बेहदकम समय में इलाज के लिए व्यवस्थाएं और राशनजुटाना आसान नहीं था। देश-विदेश से आए पर्यटकों को उनके घर भेजना, वहीं हज के लिए जिले से गए नागरिकों की सकुशल और सुरक्षित वापसी का जिम्मा भी उनके ऊपर था। 700-800 लोग हज के लिए गए थे,उनसे संपर्क किया। करीब 50 लोग तब्लीगी मरकज में दिल्ली गए थे। सभी को तलाशा और उन्हें क्वारैंटाइन किया गया। किस्मत अच्छी थी कि किसी की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई। इसी तरह बाहरी राज्यों व जिलों सेलौटे 250 विद्यार्थियों की जांच भी की गई। जिले की सीमा सील की गई। एक रात में 300 बेड के अस्पताल को तैयार किया गया। स्थानीय टेलर की मदद से मास्क बनाने, 10 हजार पीपीई किट का उत्पादन भी स्थानीय लोगों को प्रोत्साहन देकर किया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी उनके काम की तारीफकी है।

दो महीने से पत्नी से नहीं हुई मुलाकात

सागर की पत्नी सोनाली उनके साथ डोडा में ही रहती थी। लेकिन, डिलीवरी के लिए वह परिवार के पास पुणे लौट आई थी। दोनों की मुलाकात को करीब दो महीने हो गए हैं। सागर कहते हैं कि अब तक डोडा में तीन हजार लोगों को क्वारैंटाइन किया गया। ढाई हजार क्वारैंटाइन बेड की सुविधा जिले में विकसित की गई है। काम में इतना व्यस्त हूं कि समय कब चला जाता है, पता नहीं चलता। फिर भी मौका निकालकर बेटे को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर देख लेता हूं। अक्सर सोते हुए मेरी उससेमुलाकात होती है। अब तो लॉकडाउन खत्म होने और हालात सुधरने का इंतजार है, ताकि मैं अपने बेटे से मिल सकूं।



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सागर की पत्नी सोनाली उनके साथ डोडा में ही रहती हैं। डिलीवरी के लिए परिवार के पास गृहनगर पुणे लौट गई थीं।




पुणे

वैक्सीन का ट्रायल-उत्पादन एक साथ शुरू करेगी पुणे की कंपनी, ट्रायल सफल हुआ तो अक्टूबर तक बाजार में आ सकती है दवा

कोरोना संकट के बीच उम्मीद की एक किरण नजर आई है। पुणे की दवा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूटऑफ इंडिया मई-जूनमें कोरोना के इलाज में कारगर एक वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल और उत्पादन एक साथ शुरू कर सकती है। कंपनी इस वैक्सीनका निर्माण पुणे स्थित प्लांट से शुरू करेगी। अगर ट्रायल सफल रहा तो दवाई सितंबर-अक्टूबर के बीच में उपलब्ध हो जाएगी।

'देश की मौजूदा स्थिति देखते हुएकंपनी ले रही रिस्क'

हालांकि, बिनाट्रायल सफल हुए कंपनी दवा का उत्पादनक्यों शुरू कर रही है? इस सवाल के जवाब में कंपनी की ओर से कहा गया कि कंपनीदेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुएएक बड़ा रिस्क ले रहीहै। इसलिए, ट्रायल और इसे बनाने की प्रक्रिया लगभगएक साथ शुरू करने जा रहीहै। अगर ट्रायल सफल रहा तो दवाई सितंबर-अक्टूबर के बीच में उपलब्ध हो जाएगी। इस वैक्सीन को कंपनी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथमिलकर बनाएगी। दवा कंपनी सीरम दुनियाभर में सबसे अधिक टीके और उसके डोज बनाने के लिए जाने जाती है।

एक हजार रुपए हो सकती है वैक्सीन की कीमत
कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बताया, 'हमें मई से भारत में ट्रायल शुरू कर देने की उम्मीद है। ट्रायल के सफल रहने पर सितंबर-अक्टूबर तक काफी संख्या में वैक्सीन तैयार हो जाएगी। हम भारत में एक हजार रुपएकी अफॉर्डेबल कीमत पर इस वैक्सीन को तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं।'

सितंबर तक 2 से 4 करोड़ वैक्सीन का लक्ष्य
पूनावाला ने बताया, 'कोविड-19 के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध हो जाए, इसलिए उत्पादन शुरू करने का निर्णय लिया गया है। क्लीनिकल ट्रायल सफल होने की स्थितिमें हम पहले छह महीनों तक 40 से 50 लाख डोज हर महीने तैयार करने के लक्ष्य के साथ काम करेंगे। उसके बाद उत्पादन एक करोड़ कर दिया जाएगा। इस हिसाब से सितंबर-अक्टूबर तक 2 से 4 करोड़ वैक्सीन की डोज तैयार हो जाएगी।'

अन्य वैक्सीन का उत्पादन होगा बंद
उन्होंने बताया, 'यह वैक्सीन पुणे स्थित सीरम कंपनी में ही तैयार की जाएगी। नया प्लांट तैयार करने में 3 हजार करोड़ और 2 साल का समय लगेगा। इसके लिए हम यहां बाकी सभी वैक्सीन का उत्पादन बंद कर देंगे। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर इस प्रॉजेक्ट में 15 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा। हमें उम्मीद है कि सरकार भी पार्टनर बनेगी, जिससे कि हम खर्चे को रिकवर कर सकेंगे।'

दुनिया में सबसे ज्यादा 1.5 अरब डोज सीरम इंस्टीट्यूटमें बनते हैं
वैक्सीन के डोज के उत्पादन और दुनियाभर में बिक्री के लिहाज से सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन कंपनी है। 53 साल पुरानी यह कंपनी हर साल 1.5 अरब डोज बनाती है। कंपनी के दो बड़े प्लांट पुणे में हैं। हालांकि, कंपनी के नीदरलैंड्स और चेक रिपब्लिक में भी छोटे प्लांट्स हैं। इस कंपनी में करीब 7,000 लोग काम करते हैं।

165 देशों को दवा सप्लाई करती है
सीरम कंपनीडेंगू और निमोनियाजैसी बीमारियों से लड़ने के लिए वैक्सीन बना चुकी है। इसके अलावा कंपनी 165 देशों को करीब20 तरह की वैक्सीन की सप्लाई करती है। यहां निर्मितकुल वैक्सीन का करीब 80% हिस्सा निर्यात किया जाता है।



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पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कंपनी 165 देशों को 20 अलग-अलग तरह की वैक्सीन सप्लाई करती है।




पुणे

पुणे में तेज हवा के साथ शहर में हुई भारी बारिश ; बिलबोर्ड और मोबाइल टावर धराशायी

शहर के कई इलाकों मेंशुक्रवार शाम से रुक-रुक शुरू हुई बारिशशनिवार को भी जारी है। शनिवार को कई इलाकों मेंतेज हवाओं के साथ भारी बरसात भी हुई। बारिश सेसेइसके चलते गणेशखिंद रोड पर संचेती अस्पताल के पास एक विशाल ट्रैफिक साइन गैंट्री बिलबोर्ड और मंगलवर पेठ की एक इमारत के ऊपर लगा सेल फोन सर्विस टॉवर शुक्रवार को गिर पड़ा। आज इसका वीडियो सामने आया है, जिसको देखकरतूफान की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

पुणे नगर निगम की ओर से मिली जानकारी के अनुसार फायर ब्रिगेड को अलग-अलग हिस्सों से 60 से ज्यादा पेड़ों के गिरने के जानकारी मिली है। अभी भी शहर के कई हिस्सों में तेज हवा के साथ बारिश हो रहीहै। हालांकि, सड़कों पर ट्रैफिक नहीं होने के कारण लोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही है। दमकल विभाग के एक अधिकारियों ने कहा कि मोबाइल टावर के गिरने की घटना में कोई घायल नहीं हुआ है।

30 मिनट में 19.7 मिलीमीटर बारिश हुई
शिवाजीनगर में स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की वेधशाला में शुक्रवार शाम 7 बजे, 30 मिनट के भीतर 19.7 मिमी बारिश दर्ज की गई। हालांकि, पूर्वी तट को कवर करने वाले लोहगांव वेधशाला में केवल 0.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि तीसरी वेधशाला पाषाण में औसत दर्जे की बारिश हुई है।

गणेशखिंद रोड पर संचेती अस्पताल के पास एक विशाल ट्रैफिक साइन गैंट्री बिलबोर्ड गिर पड़ा। सड़क पर ट्रैफिक नहीं होने की वजह से एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

आईएमडी के मौसम पूर्वानुमान प्रभाग के प्रमुख अनुपम कश्यप ने बताया, ‘गर्मी के बाद उत्पन्न नमी की वजह से राज्य के कई हिस्सों और आसपास के क्षेत्र में बारिश हो रही है।’उन्होंने कहा, गरज के साथ 36 किमी प्रति घंटे की गति से गरज के साथ तेज़ हवाएं चल रही हैं।



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मंगलवर पेठ की एक इमारत के ऊपर लगा सेल फोन सर्विस टॉवर तेज हवा के चलते गिर पड़ा। इसमें किसी को चोट नहीं आई है।




पुणे

डीसीपी देंगे जिले से बाहर जाने की अनुमति, मुंबई और पुणे में जारी रहेगा प्रवेश निषेध

महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को कहा कि पुलिस कमिश्नरी वाले शहरों में संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अंतर-राज्यीय या अंतर-जिला यात्रा की अनुमति दे सकते हैं। सरकार ने को कहा कि राज्य के अन्य हिस्सों के लोगों को मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के तहत आने वाले क्षेत्रों में आने-जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

राज्य सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "बहरहाल, इन दोनों प्राधिकरण क्षेत्रों से महाराष्ट्र से बाहर जाने की (विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों को) अनुमति दी गई है।"

यात्रा की अनुमति के लिए कोई भी नजदीकी पुलिस थाने में आवश्यक जानकारी और एक मेडिकल प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आवेदन कर सकता है। बयान के अनुसार, आवेदन संबंधित डीसीपी को भेज दिया जाएगा और आवेदन की जांच और कोविड-19 महामारी की स्थिति पर विचार करने के बाद निर्णय किया जाएगा।



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मीरा भायंदर में अकोला के लिए पैदल निकले मजदूर।




पुणे

अलग-अलग शहरों में फंसे थे दूल्हा-दुल्हन के पिता; पुणे पुलिस ने शादी का इंतजाम किया और अफसर ने कन्यादान

शहर में लॉकडाउन के बीच 2 मई को अमोनोरा क्लब में एक अनोखी शादी हुई। इसमें स्थानीय पुलिसवाले न सिर्फ बाराती बने, बल्किएक पुलिसवाले ने लड़की का कन्यादान भी किया। खास यह है कि लड़के और लड़की के पिता दोनों सेना में कार्यरत हैं और दोनों लॉकडाउन की वजह से इस शादी में शामिल नहीं हो सके।

दूल्हा इंजीनियर और दूल्हन डॉक्टर, दोनों पुणे में नौकरी करते
पुणे में रहने वाले आईटी इंजीनियर आदित्य सिंह बिष्ट और पुणे की डॉक्टर नेहा कुशवाहा ने रविवार को शादी कर ली। लड़के के पिता देवेंद्र सिंह सेना में कर्नल हैं और उनकी पोस्टिंग देहरादून मेंहै।जबकि लड़की के पिता अरविंद सिंह कुशवाहा भी सेना में डॉक्टर हैं और नागपुर में सेना के मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य के तौर पर कार्यरत हैं।

लड़का और लड़की ने शादी में लॉकडाउन का ख्याल रखा। यहां दोनों के हाथों मेंसैनिटाइजर देखा गया।

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा गया पूरा ध्यान

लॉकडाउन के कारण दोनों तरफ के माता-पिता शादी में शामिल नहीं हो पाए। नेहा और आदित्य की सगाई फरवरी में हो चुकी है।2 मई को उनकी शादी तय की गई थी। दोनों के माता-पिता लॉकडाउन में फंसे होने से उन्होंने स्थानीय पुलिस से लड़की का कन्यादान करने का अनुरोध किया। सेना के अधिकारियों के अनुरोध का सम्मान करते हुए हड़पसर के पुलिस निरीक्षक प्रसाद लोणारी ने इस अनूठी शादी का आयोजन किया और लड़की का कन्यादान भी किया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंगका उल्लंघन न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया।

इस शादी के सभी बाराती भी पुलिसवाले ही थे। सभी ने सोशलडिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पालन किया।

पुणे पुलिस पहले भी करवा चुकी है ऐसी शादी

इससे पहले भी पुणे पुलिस एक ऐसी अनोखी शादी की गवाह बनी है। कोरोना महामारी में शहर रेड जोन और ग्रीन जोन में बंटा है। इस दौरान पुलिस ने शादी के लिए दूल्हे औरउसके परिवार को ग्रीन जोन से रेड जोन में जाने की परमिशन दी।दरअसल, वेलनेस कोच रेशमा नानवारे (33) कोंढवा में रहती हैं, जो कि बढ़ते मामलों के कारण शुरुआत से ही रेड जोन में है। वहीं, धनकवड़ी के उद्यमी हर्षल पवार (34) का इलाका ग्रीन जोन में आता है। इस कारण से दोनों का मिलना नामुमकिन हो गया था। इसके बाद दूल्हे के परिवार ने दोनों की शादी के लिए पुलिस से रेड जोन में जाने की इजाजत मांगी थी। पुलिस ने दोनों परिवारों को शादी के लिए इजाजत दे दी। हालांकि, सबसे पहले उनका तापमान चेक किया गया और उनके सैनिटाइजर दिया।



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पुणे के अमोनोरा क्लब में पुलिस की तरफ से शादी की सभी तैयारियां की गई थीं। इस दौरान बाराती भी पुलिसवाले थे।




पुणे

पाबंदी के बावजूद मुंबई और पुणे में शराब की दुकानों के बाहर लगीं लंबी कतारें, पुलिस को भांजनी पड़ीं लाठियां

रेड और कंटेनमेंट जोन को छोड़कर पूरे राज्य में शराब की दुकानें सोमवार से फिर से खुल गईं हैं। इसके बाद महाराष्ट्र के कई शहरों में सुबह से ही शराब लेने के लिए सड़कों पर लंबी-लंबी कतार नजर आई। मुंबई और पुणे का हाल कुछ अलग था। यहां शराब की दुकानें तो बंद थी, लेकिन लोगों कंफ्यूजन में दुकानों के बाहर खड़े दिखे। इसके बाद पुणे और मुंबई में लोगों को भगाने के लिए पुलिस को लाठियां भी चटकानी पड़ी हैं।

पुणे में भी दुकान बंद होने के बावजूद लोग यहां लंबी लाइन लगाकर खड़े हुए नजर आए।

भीड़ को भगाने के लिए पुणे में चलीं लाठियां
पुणे के सिंहगड रोड, पुणे-अहमदनगर नगर महामार्ग, बावधन, पिंपरी चिंचवाड़ में लोग सड़कों पर दुकान खुलने की आस में सुबह 6 बजे से ही लाइन में लगे दिखे। हालांकि, भीड़ बढ़ने के बाद स्थानीय पुलिस की टीम पुणे के कई इलाकों में पहुंची और लोगों पर लाठियां भांजकरउन्हें भगाया।

मुंबई में भी शराब की दुकान के खुलने का इंतजार कर रहे लोग।

राज्य में नहीं मिली है शराब की दुकानें खोलने की मंजूरी

राज्य के आबकारी आयुक्त कांतिलाल उमाप और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शराब की दुकानें खोलने की अनुमति अभी तक नहीं दी गई है। उन्होंने लोगों से खुदरा शराब विक्रेताओं की दुकान के बाहर एकत्र नहीं होने की अपील की है।मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर, नाशिक, रत्नागिरी और अन्य शहरों में कई शराब की दुकानों के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी गयीं।दक्षिण मुंबई के कमाठीपुरा (रेडलाइट इलाके) में बड़ी संख्या में लोगों को शराब की दुकान के बाहर कतारबद्ध देखा गया। कुछ घंटों के बाद पुलिस वहां पहुंची और लोगों को बताया की दुकान खोलने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है और सबसे वापस जाने की अपील की।

शराब की दुकानों को लेकर यह है नियम
सरकार ने एकल दुकानों पर शराब बेचने की अनुमति दी है। मतलब जो शराब की दुकानें बाजार से हटकर हैं उन्हें खोलने की छूट दी गई है। सरकार ने कहा है कि जिन दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है, उन्हें सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। शराब की दुकानें सुबह 10से शाम 6 बजे तक खुली रहेंगी। शराब की दुकानों में सिर्फ 50 फीसदी स्टाफ ही काम करेंगे।

शराब खरीदने वालों की भीड़ नहीं लगनी चाहिए। एक बार में कतार में 5 लोग से ज्यादा खड़े नहीं हो सकते हैं। लाइन में लगने वाले हर कस्टमर का बॉडी टेम्प्रेचरनापा जाएगा। दुकान के स्टाफ को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही अंदर जाने की इजाजत होगी। हैंड सैनिटाइजर का लगातार इस्तेमाल किया जाएगा। दुकान के आसपास के इलाकों को लगातार सैनिटाइज करना होगा।

आज से ग्रीन और ऑरेंज जोन में है छूट
महाराष्ट्र सरकार ने भी आज से कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर बाकी इलाकों में जरूरी चीजों के साथ-साथ गैर जरूरी चीजों की दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार देर शाम इसकी घोषणा की और कहा कि गैर-निषिद्ध क्षेत्र में आने वाले इलाकों में आज से शराब समेत गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है।



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मुंबई में एक दुकान के बाहर खड़े लोगों को भगाता पुलिसकर्मी। रेड जोन में आने वाली मुंबई में कंटेनमेंट जोन में शराब की दुकानें बंद हैं।




पुणे

90 साल पुरानी बीसीजी की दवा के कोविड मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी, पुणे में किया जाएगा परीक्षण

देश में कोरोना संकट के बीच एक राहत की उम्मीद नजर आई है। कोरोना के इलाज के लिए 90 साल पुरानी बीसीजी की दवा के क्लीनिकल ट्रायल को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह ट्रायल महाराष्ट्र में पुणे के ससून हॉस्पिटल में किया जाएगा। मुंबई के परेल स्थित हाफकिन इंस्टीट्यूट में इस दवाई पर रिसर्च की जा रही है।

फ्रैंच बैक्टीरियालॉजिस्ट अल्बर्ट काल्मेट और कैमिल गुरीन को इस वैक्सीन को बनाने में 1908 से 1921 के बीच 13 साल का वक्त लगा था। अब तक इसका इस्तेमाल टीबी के मरीजों के लिए किया जाता है। नतीजे बेहतर रहे तो कोविड-19 के खिलाफ भी ये वैक्सीन बड़ा हथियार बन सकती है।


पुणे के ससून हॉस्पिटल के अलावा बीजे मेडिकल कॉलेज में भी इस दवा का ट्रायल किया जाएगा। हालांकि, डब्लूएचओ ने कहा है कि अभी तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि बीसीजी का टीका कोविड-19 के लिए कारगार है या नहीं। बीजे मेडिकल कॉलेज और ससून जनरल हॉस्पिटल्स के डीन डॉ. मुरलीधर ताम्बे ने कहा, 'वैक्सीन का अगले सप्ताह से कोविड -19 रोगियों परक्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जाएगा।'

मध्यम संक्रमित मरीजों पर किया जाएगा ट्रॉयल

डॉ. ताम्बे ने आगे बताया कि इसका परीक्षण केवल मध्यम असर वाले रोगियों पर किया जाएगा। गंभीर या हल्के संक्रमण वाले रोगियों को इससे बाहर रखा गया है।ऐसे रोगियों में खांसी, बुखार और जुकाम जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। मध्यम रोगियों पर इसकेक्लिनिकल ट्रायल के पीछे का मकसद यह है कि हम बीमारी की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती होने की अवधि और इलाज के परिणामों की बारीकी से निगरानी कर सकें।

हाफकीन के विशेषज्ञों के साथ एक मीटिंग और होगी

डॉ. मुरलीधर ताम्बे ने आगे बताया, 'ट्रायल की अनुमति ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने हाफकीन इंस्टिट्यूट को दी थी। इसके बाद हाफकीन के अधिकारियों ने रविवार को बीजे मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और दो मीटिंग के बाद यहां पर इसके ट्रायल को मंजूरी दी गई है। गुरुवार यानी आज हम हाफकीन विशेषज्ञों के साथ एक और चर्चा करेंगे ताकि रोगियों की वास्तविक संख्या तय की जा सके जो परीक्षण में शामिल होंगे।'

1899 में स्थापित हुए था हाफकीन इंस्टीट्यूट
हाफकीन इंस्टीट्यूट देश के सबसे पुराने बायोमेडिकल रिसर्च संस्थानों में से एक है। यह 1899 में स्थापित किया गया था और इसका नाम वैज्ञानिक (डॉ. वाल्डेमर मोर्दकै हफकाइन) के नाम पर रखा गया था जिन्होंने प्लेग के टीके का आविष्कार किया था। तब से, हाफकीन संस्थान संक्रामक रोगों के विभिन्न पहलुओं के प्रशिक्षण, अनुसंधान और परीक्षण में लगे एक बहु-आयामी संस्थान के रूप में उभरा है।



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पुणे के दो हॉस्पिटल्स में शुरुआती दौर में इस दवाई का ट्रायल किया जाएगा। अगर असर सकारात्मक रहे तो इसका इस्तेमाल अन्य हॉस्पिटल्स में भी किया जाएगा-फाइल फोटो।




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लॉकडाउन में पुणे से लौटा 6 साल से फरार गांजे का आराेपी गिरफ्तार

लाॅकडाउन में अपराधी भी घर लाैटने लगे हैं। मकराेनिया पुलिस काे गांजे की तस्करी के मामले में करीब 6 साल से फरार जिस आराेपी की तलाश थी वह घर पर मिला। वह कुछ दिन पहले पुणे से लाैटा है। वहां ट्रक चलाता था। इस मामले में उसके पिता काे पहले ही जेल भेजा जा चुका है।

मकराेनिया थाना प्रभारी उपमा सिंह ने बताया कि आराेपीराजकुमार पिता हम्मीर राय निवासी रजाखेड़ी के खिलाफ 6 साल पहले एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। उस समय निरीक्षक आलाेक परिहार ने बड़ी मात्रा में पिता-पुत्र से गांजा जब्त किया था। इस आराेपी की जानकारी लेने के लिए उसकी बहन से मिलने घर गई ताे वहां आराेपी खुद मिल गया। उसने बताया कि लाॅक डाउन में धंधा पानी छिन गया। इसलिए लाैट आया। वह लाॅक डाउन के कुछ दिन बाद ही लाैट आया था। उसकी स्क्रीनिंग कराई गई है।



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पुणे

पुणे की ईवर्व ने पेश किया अपना लग्जरी स्कूटर, 100 किमी की होगी रेंज; बूस्ट बटन ओवरटेक करने में आएगा काम

ग्रेटर नोएडा. ऑटो एक्सपो 2020 के हॉल नंबर 12 में पुणे की कंपनी ईवर्व (Everve) भी आई है। ये व्हीकल मॉडिफिकेशन कंपनी है, लेकिन अब कंपनी अपने खुद के प्रोडक्ट के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटर के सेगमेंट में एंट्री कर रही है। इसने अपने पहले प्रोटोटाइप मॉडल EF1 को पेश किया है। लग्जरी लुक वाले इस स्कूटर को साल के आखिर तक लॉन्च किया जाएगा। उसी वक्त इसकी कीमत भी सामने आएगी। ईवर्व के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीनिवास ने इस स्कूटर के बारे में कई जानकारियां शेयर की।

100 किलोमीटर की रेंज

इस स्कूटर में दो रिमूवेबल बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। दोनों बैटरी निकालकर अलग से चार्ज की जा सकती हैं। फास्ट चार्जर से बैटरी करीब एक घंटे में और रेगुलर चार्जर से ये 5 घंटे में चार्ज हो जाती है। फुल चार्ज होने के बाद इसकी रेंज 100 किलोमीटर है। वहीं, इसकी टॉप स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा है।

4 ड्राइविंग मोड मिलेंगे

स्कूटर में 4 ड्राइविंग मोड दिए हैं। इनमें M1, M2, टर्बो बूस्ट और S शामिल है। सिटी में ड्राइविंग के दौरान M1 और M2 मोड का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, हाईवे पर चलने के लिए एस यानी स्पोर्ट्स मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि गाड़ी को ओवरटेक करना है तब उसके लिए टर्बो बूस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके गाड़ी की स्पीड बढ़ जाती है।

कलर स्क्रीन वाला कंसोल

इसमें कलर स्क्रीन वाला कंसोल दिया है। जिसे ऐप के साथ कनेक्ट किया जा सकता है। इसमें बैटरी चार्जिंग, स्पीड, ट्रिप मीटर, बूस्ट लेवल के साथ कई दूसरी डिटेल भी नजर आती है। कंपनी स्कूटर के नए वैरिएंट में डिजिटल कंसोल लगाएगी। जिसमें NFC और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ जीपीएस नेविगेशन भी मिलेगा।

स्कूटर पर लोगो का कई जगह इस्तेमाल किया

ईवर्व ने इस इलेक्ट्रिक स्कूटर पर कंपनी के लोगो का कई जगह इस्तेमाल किया है। जैसे फ्रंट में LED लाइट को लोगो के जैसा डिजाइन किया गया है। इसकी चाबी में भी लोगो का डिजाइन मिलेगा। इसके फ्रंट में गोल आकार की हैवी LED लाइट मिलेगी। वहीं, बैक साइड में आयरन मैन के जैसे डिजाइन वाली लाइट मिलेगी।

EF1 के दूसरे फीचर्स

इसमें आगे और पीछे 12-इंच के व्हील्स दिए हैं। सेफ्टी के लिए दोनों टायर्स में डिस्क ब्रेक मिलेगा। सामने की तरफ स्पीकर और एक बोतल होल्डर दिया है। सीट के नीचे बैटरी के साथ लगेज स्पेस मिलेगा, लेकिन फ्रंट में कोई स्पेस नहीं दिया है। इसे 6 कलर्स में लॉन्च किया जाएगा।



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Everve EF1 electric scooter prototype breaks cover showcase at Auto Expo 2020; 0 to 60 km/h in 8.73 seconds




पुणे

ढाबे के पास मृत मिला पुणे से ट्रक पर बैठकर इटावा लौट रहा मजदूर

महाराष्ट्र से ट्रक के ऊपर बैठकर अपने उत्तर प्रदेश के इटावा में अपने घर लौट रहे मजदूरों में से एक मजदूर का शव संदिग्ध हालत में ढाबे के पास नाले में फंसा हुआ मिला है। मजदूर ट्रक पर बैठकर इंदौर से आ रहे थे। बाद में ट्रक लेकर चालक वाहन भाग निकला। पुलिस ने सूचना देकर उसे रुठियाई चौकी में पकड़वाकर खड़ा करवाया है। शहर थाना प्रभारी रविंद्र चावरिया ने बताया कि इटावा निवासी 22 वर्षीय प्रशांत पुत्र अरविंद सिंह चौहान मुरैना के शिशुपाल जाटव के साथ महाराष्ट्र के बीड़ शहर के एक आईटीआई में काम करता था। दाे माह वहा फंसे रहने के बाद वे अपने घर के लिए निकले थे। जैसे- तैसे वे इंदौर आए और वहां से ट्रक के ऊपर बैठकर ग्वालियर तक जा रहे थे। रास्ते में ट्रक चालक बुधवार दोपहर को ब्यावरा के कांचरी गांव के पास शिवा ढाबे पर खाना खाने रुका था। यहां ट्रक स्टाफ व उसके ऊपर बैठे दोनों मजदूरों ने खाना और कुछ देर के लिए आराम करने रुके थे। शाम करीब 4 बजे प्रशांत की लाश नाले में मिली। साथी मजदूर शिशुपाल ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो ट्रक चालक वाहन लेकर वहां से भाग निकला। गुरुवार सुबह शव का पीएम कराकर परिजनों को सौंपा जाएगा।
महाराष्ट्र से उप्र जा रहे थे दंपती, वाहन की टक्कर से गंभीर घायल, रैफर : डेढ़ महीने से महाराष्ट्र में फंसे यूपी के दंपती को बाइक से घर लौटते वक्त अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें गंभीर हालत में भोपाल रैफर किया गया है। सिविल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार झांसी के रहने वाला राममूर्ति व उनकी पत्नी शारदाबाई पुणे में मजदूरी करने थे। विधिवत अनुमति लेकर बाइक से वापस अपने घर लौट रहे थे, तभी बुधवार को नाईपुरिया गांव के पास किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।



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