2020

BMW launches 2020 M8 sportscar in India at Rs 2.15 crore

The M8 is now BMW’s flagship sportscar and gets two doors in addition to all the luxury that BMW offers inside two doors.




2020

In Pics | Electric vehicles launched and expected in 2020

Here#39;s a look at all the electric vehicles that launched and will be launched in 2020




2020

2020 BMW 8 Series Launched In India: Prices Start At Rs 1.29 Crore

BMW has launched its most luxurious models in the Indian market, the 8 Series Gran Coupe and the M8 Coupe. The new BMW 8 Series Gran Coupe is offered in two variants: 840i Gran Coupe and 840i Gran Coupe ‘M Sport' Edition.




2020

Honda Offers Discounts, Exchange Bonuses & Other Benefits On BS6 Car In May 2020

Honda is offering huge discounts and special offers on select models in the brand's lineup. The company is also offering a three-year maintenance package at 50 per cent cost, worth Rs 8,000, on select models and trims.




2020

സ്വർണം പൊളിയാണ്, 2020 ലെ ഇന്ത്യയിലെ ഏറ്റവും മികച്ച നിക്ഷേപം സ്വർണം, എന്തുകൊണ്ട്?

കഴിഞ്ഞ കുറച്ച് വർഷങ്ങളായി, ഇന്ത്യയിൽ മികച്ച വരുമാനം നൽകുന്ന ഒരു നിക്ഷേപ മാർഗമാണ് സ്വർണം. കൊറോണ വൈറസ് മൂലമുണ്ടായ സാമ്പത്തിക പ്രതിസന്ധികളിലും 2020ൽ ഡെറ്റ്, ഓഹരി, റിയൽ എസ്റ്റേറ്റ് തുടങ്ങിയ മറ്റ് നിക്ഷേപ മാർഗങ്ങളേക്കാൾ നേട്ടമുണ്ടാക്കാൻ സ്വർണത്തിന് കഴിയുമെന്നാണ് വിശകലന വിദ്ഗരുടെ അഭിപ്രായം.




2020

ഫോബ്‌സ് ഇന്ത്യ കോടീശ്വര പട്ടിക 2020: ഒന്നാമൻ മുകേഷ് അംബാനി തന്നെ, രണ്ടാം സ്ഥാനം ദമാനിയ്ക്ക്

ഫോബ്‌സ് അടുത്തിടെ ഇന്ത്യയിലെ ശതകോടീശ്വരന്മാരുടെ 2020ലെ പട്ടിക പുറത്തിറക്കി. 36.8 ബില്യൺ ഡോളർ ആസ്തിയുള്ള റിലയൻസ് ഇൻഡസ്ട്രീസ് ചെയർമാൻ മുകേഷ് അംബാനി ഏറ്റവും സമ്പന്നനായ ഇന്ത്യക്കാരനെന്ന പദവി ഇത്തവണയും നിലനിർത്തി. ഒരു വർഷം മുമ്പ് 13.2 ബില്യൺ ഡോളർ ആസ്തിയിൽ ഇടിവുണ്ടായിട്ടും അംബാനി പട്ടികയിൽ ഒന്നാം സ്ഥാനം നേടിയിരുന്നു. കൊവിഡ് -19 മഹാമാരി പശ്ചാത്തലത്തിൽ ഈ വർഷം




2020

Reliance Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 136,240.00 crore, down 2.4% Y-o-Y

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NIIT Tech Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 1,109.30 crore, up 14.1% Y-o-Y

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Cigniti Tech Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 233.04 crore, up 12.89% Y-o-Y

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Rallis India Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 346.29 crore, up 1.94% Y-o-Y

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JM Financial Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 835.89 crore, up 6.63% Y-o-Y

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Adani Ports Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 2,921.19 crore, down 5.23% Y-o-Y

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Yes Bank Consolidated March 2020 Net Interest Income (NII) at Rs 1,270.54 crore, down 49.31% Y-o-Y

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Tata Coffee Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 516.74 crore, up 12.21% Y-o-Y

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Marico Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 1,496.00 crore, down 7.02% Y-o-Y

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HCL Tech Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 18,587.00 crore, up 16.24% Y-o-Y

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R Systems Intl Consolidated March 2020 Net Sales at Rs 209.26 crore, up 6.6% Y-o-Y

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2020

5 things NRIs must do in 2020

It is important to revisit old plans for completeness and accuracy




2020

टोक्यो गेम्स 2020 के लिए क्वालिफाई खिलाड़ियों की जगह 2021 में भी पक्की

खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण टोक्यो ओलिंपिक-2020 को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है। ओलिंपिक में कुल 11000 खिलाड़ी उतरेंगे। अब तक 57 फीसदी खिलाड़ियों ने ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। इस बीच इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) ने कहा है कि जिन खिलाड़ियों ने 2020 ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है, उनकी जगह 2021 ओलिंपिक में भी पक्की है। आईओसी और 32 वर्ल्ड फेडरेशन के बीच गुरुवार को टेली कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में शामिल एक अधिकारी ने कहा, ‘आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक ने सबसे पहले ओलिंपिक टलने के कारणों के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी क्वालिफाई कर चुके हैं, वे 2021 ओलिंपिक में भी उतर सकेंगे।’

अधिकारी ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता बचे हुए क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट को लेकर है। बैठक में यह फैसला हुआ कि बचे हुए कोटे पहले की तरह बरकरार रहेंगे। अब तक नई तारीख के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है। थॉमस बाक ने कहा कि 2021 ओलिंपिक की नई तारीख अगले 4 हफ्ते में घोषित की जाएगी। कुछ स्टेकहोल्डर इसे मई में तो कुछ इसे जून में आयोजित करने के पक्ष में हैं। कुछ फेडरेशन ने परेशानी की वजह से एडवांस में पैसों की मांग की है।

कार्पोरेट स्पॉन्सर्स ने 2.25 लाख करोड़ रु. खर्च किए
कोरोनावायरस के कारण कई बार आयोजकों पर सवाल उठे। हर बार जापान ने खेल को समय से कराने की बात कही। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इसे टालने को कहा था। स्पॉन्सर्स के करोड़ों रुपए इन्वेस्ट करने के कारण आयोजक दबाव में थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जापान अब तक आयोजन पर 74 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। आयोजन टलने से उसे अतिरिक्त 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। जापान के कॉर्पोरेट स्पॉन्सर्स की बात की जाए तो वे अब तक 2.25 लाख करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। आयोजन समिति जल्द सभी पक्षों से इस संबंध में चर्चा करेगी। स्पॉन्सर्स ने कहा कि गेम्स को स्थगित करने से पहले उनसे किसी तरह की चर्चा नहीं की गई। गेम्स के स्थगित होने के बाद भी वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।



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टोक्यो ओलिंपिक इस साल जुलाई-अगस्त में होना था, जो कोरोना के कारण 1 साल के लिए टला। -फाइल फोटोो




2020

अमेरिका की पॉइंट पार्क यूनिवर्सिटी की टीम से खेलेंगे भारत के जगशानबीर, 2020-21 सीजन के लिए हुआ करार

अमेरिका के पीटसबर्ग शहर मेंस्थित पॉइंट पार्क यूनिवर्सिटी ने भारतीय बॉस्केटबॉल खिलाड़ी जगशानबीर सिंह के साथ 2020-21 सीजन के लिए करार किया है। पंजाब के रहने वाले जगशानबीर भारत के लिए भी खेल चुके हैं। उन्होंने 2018 में थाईलैंड में खेली गई फीबा अंडर-18 एशियाई चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया था।

पॉइंट पार्क यूनिवर्सिटी के मुख्य कोच जोए लेवानदोवस्की ने कहा कि जगशानबीरके यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ने से वह खुश हैं। जगशान की लंबाई का उन्हें फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ी में खेल की बेहतर समझ है और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बास्केटबॉल खेल चुके हैं। ऐसे में टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी उनके अनुभव का फायदा मिलेगा।
एनबीए एकेडमी इंडिया के हिस्सा रह चुके हैं जगशानबीर

जगशानबीर सिंह देश में 2017 में शुरू की गई एनबीए एकेडमी में शामिल शुरुआती खिलाड़ियों में से एक हैं। देश में चलाए गए टैलेंट हंट प्रोग्राम के तहतउन्हें एकेडमी में चुना गया था। एनबीए एकेडमी में ट्रेनिंग के बाद उन्होंने कैलिफोर्निया में गोल्डन स्टेट प्रेप में हिस्सा लिया था। वे 2017 में हुए एनबीए एकेडमी गेम्स में भी हिस्सा ले चुके हैं।



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सात फीट लंबे जगशानबीर सिंह 2017 में भारत में शुरू की गई एनबीए एकेडमी के शुरुआती खिलाड़ियों में से एक हैं।




2020

2025 में आप 2020 की कहानी कैसे सुनाएंगे?

हाल ही में यूएन पॉपुलेशन फंड द्वारा जारी आंकड़ों में दावा किया गया है कि लॉकडाउन की वजह से करीब 70 लाख ऐसी ‘अनइंटेंडेड’ प्रेग्नेंसी हो सकती हैं, जिनकी प्लानिंग नहीं की गई। अगर यह सच है तो चार-पांच साल बाद हमें इन बच्चों को आज की कहानी सुनानी पड़ेगी, जो कुछ इस तरह होगी:
बच्चा बोलता है, ‘प्लीज मेरी पसंदीदा वो वाली कहानी सुनाओ न, जब मैं पैदा हुआ था और दुनिया पर वायरस का हमला हुआ था।’ पिता कहानी शुरू करता है, ‘वह कचरे और अचंभे की दुनिया थी। हमने बहुत कम समय में लंबी बिल्डिंग्स बना लीं, कुछ हफ्तों में ही पुल बना दिए और वह सबकुछ हासिल किया जो हम पाना चाहते थे। हम 24 घंटे में ही दुनिया के किसी भी कोने से जो चाहें, मंगवा सकते थे क्योंकि तब आसमान में पंछी कम हवाईजहाज ज्यादा थे।

लेकिन इस प्रक्रिया में हम कचरा कम करना भूल गए और हमें हैसियत से भी बाहर, बेहिसाब खरीदारी की बीमारी हो गई। हमने सारा प्लास्टिक समंदर में फेंक दिया, जिससे व्हेल जैसे जानवर तक मर गए। उत्पादकों ने ज्यादा से ज्यादा सामान बनाने के लिए हमने पेड़ काटे, जितना हो सके उतना तेल निकाला, चौबीसों घंटे, सातों दिन फैक्टरी चलाईं, लेकिन यह नहीं समझ पाए कि हम नीले आसमान को काला कर रहे थे।
फिर हमने मोबाइल फोन की खोज की, जो सबसे पास था, यहां तक कि तुम्हारे जैसे बच्चों के पास भी। उसके बाद लोगों ने एक ही कमरे में रहते हुए भी एक-दूसरे से बात करना बंद कर दिया। हम प्रार्थना और एक्सरसाइज तक ऑनलाइन करने लगे। धीरे-धीरे अकेलापन पैर पसारने लगा, खासतौर पर बच्चों को यह बहुत महसूस होने लगा। फिर 2020 में वायरस आया। लाखों लोग मारे गए। हम सभी मौत के डर से महीनों घरों में कैद रहे। हमने एक-दूसरे से बात की, साथ में नाचे, कहानियां पढ़ीं, दूसरों के लिए खाना पकाया, जरूरतमंदों की मदद की। अ

चानक इंसान खुद के लिए नहीं, दूसरों के लिए जीने लगा, जैसा हम आज करते हैं। न सिर्फ हमारे माता-पिता, बल्कि हमारे दादा-दादियों ने भी जीवन में जो कुछ किया, उसे हमने अपना बनाया और तुम सभी के लिए इस धरती को फिर से खूबसूरत बनाया। प्रकृति के साथ रहने की नई आदत ने प्रकृति को नुकसान पहुंचाने की पुरानी आदत खत्म कर दी। यही कारण है कि तुम समंदर किनारे कछुए, फुटपाथ पर नाचते मोर, सड़क के डिवाइडर्स पर सोते हिरण और बेडरूम की खिड़की पर चहचहाती चिड़िया देख पाते हो।’
जिज्ञासु बच्चे ने पूछा, ‘मानवता केलिए यह अच्छा है, आपको यह बताने के लिए वायरस की जरूरत क्यों पड़ी?’ यह सुनकर बच्चे के जन्मदिन के लिए केक बना रही मां बोल पड़ीं, ‘मैं समझाती हूं।’
उसने बच्चे को गले लगाया और पूछा, ‘तुम्हें केक पसंद है?’ बच्चे ने कहा, ‘हां, बहुत।’ मां ने उसके माथे को चूमा और पूछा, ‘तो तुम कच्चा अंडा क्यों नहीं खाते?’ बच्चा बोला, ‘छी, मैं नहीं खा सकता।’ फिर मां ने बेकिंग सोडा, थोड़ा आटा और कड़वे कोको समेत सारी चीजें उसकी ओर बढ़ा दीं। बच्चे ने इन्हें छूने से इनकार कर दिया। तब मां बोलीं, ‘जब तुम इन सभी चीजों को सही मात्रा में मिलाते हो, तभी मेरे राजा बेटे के लिए शानदार चॉकलेट केक बनता है, है न?’
बच्चे ने हामी भरी और मां को चूम लिया। मां ने आंखें बंदकर बच्चे के इस प्रेम का आनंद लिया और बोली, ‘भगवान भी ऐसे ही काम करते हैं। जब तुम उनकी रचनाओं का सम्मान नहीं करते और उन्हें नष्ट करते हो तो वे थोड़े मुश्किल दौर में डाल देते हैं। लेकिन भगवान जानते हैं कि वे जब उन सभी चीजों को सही ढंग से रखेंगे, तो वे सभी मानवता के हित में काम करेंगी। भगवान तुम्हें बहुत चाहते हैं। वे रोज सुबह ताजा फूलों के साथ धूप भेजते हैं। क्योंकि वे सोचते हैं कि तुम खास हो क्योंकि तुम 2020 के दौर में तब पैदा हुए, जब इंसान ने उनकी रचनाओं का सम्मान करना शुरू किया।’ जब तक कहानी खत्म हुई, केक बन चुका था।
फंडा यह है कि इस लॉकडाउन में हो रहे छोटे-से-छोटे बदलाव को भी अपनी यादों में दर्ज करें। हो सकता है कि ये सीखें हमारे बच्चों, नाती-पोतों के लिए 2025 में शानदार कहानियां बन जाएं।



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2020

2020 आपके लिए ‘गैप ईयर’ हो सकता है!

‘अरे वाह, तू तो बड़ा हो गया, अभी तो तेरे लिए नया घर ढूंढना पड़ेगा।’ मुझे याद है कि मां ये शब्द एक छोटे पौधे से कह रही थीं, जो दूसरे पौधे की छांव में थोड़ा बड़ा हो गया था। यही कारण था कि वह उस छोटे पौधे से वादा कर रही थीं कि वे उसे अलग घर (यानी गमला) देंगी। मैं उनके बगल में खड़ा होकर सोच रहा था कि आखिर यह पौधा जवाब कैसे देगा। मुझे मेरी मां का पौधों से बात करना हमेशा मजेदार लगता था। और नागपुर के घर में पीछे के आंगन में बने छोटे से बगीचे में पिता अचानक घुस आते थे और मां को मजाकिया लहजे में डांटते थे- ‘अगर तुम हमारे बेटे को ये पेड़-पौधों से बात करने का पागलपन सिखाओगी तो वह कभी प्राइमरी स्कूल भी पास नहीं कर पाएगा।’ हालांकि, मैं उनके इन शब्दों से बेकल हो जाता था, लेकिन मेरी मां को कोई फर्क नहीं पड़ता था। वे कहती थीं- ‘अगर हमारा बेटा कुछ देर खड़ा रहेगा और कुछ नहीं करेगा तो धरती फट नहीं जाएगी।’
बचपन का यह अनुभव मुझे तब याद आया जब दिल्ली में रहने वाले मेरे प्रकाशक दोस्त पीयूष कुमार ने मुझे आज सुबह फोन किया और अपनी तीन वर्षीय बेटी पीयू से जुड़ी चिंता साझा की। उनकी बेटी को गैजेट्स की लत हो रही है। जो लॉकडाउन से पहले 30 मिनट गैजेट इस्तेमाल करती थी, अब लॉकडाउन के दौरान तीन घंटे कर रही है।
इस बात के बाद मैंने पुणे के आनंदवन व्यसनमुक्ति केंद्र में कार्यरत मेरे एक परिचित को फोन किया, जिन्होंने मेरे डर की पुष्टि की। स्क्रीन की लत एक बड़ी समस्या बन चुकी है, खासतौर पर बच्चों के लिए। लॉकडाउन में बीते हफ्तों के दौरान यह एक गंभीर सामाजिक बीमारी बनती जा रही है। इसका असर इतना है कि इस केंद्र पर रोजाना ढेरों फोन आ रहे हैं, यहां तक कि कोल्हापुर, बीड, नांदेड़ और औरंगाबाद जैसे छोटे शहरों से भी, जबकि उनके पास बच्चों के साथ वक्त बिताने के कई अन्य तरीके भी हैं।
व्यसनमुक्ति केंद्र द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार 12 से 14 साल के उम्रवर्ग के बच्चों को गेम्स की लत है, जिनकी उम्र 14 से 24 साल के बीच है वे सोशल मीडिया पर ज्यादा व्यस्त हैं, वहीं 25 से 35 वर्ष की उम्रवर्ग वाले लोग ज्यादातर बिंज-वॉचिंग (लगातार फिल्म-टीवी देखना) के साथ सोशल मीडिया में लगे हुए हैं। वहीं 35 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग वीडियो, न्यूज और सोशल मीडिया से समय काट रहे हैं।
हिसार के विजडम स्कूल के अधिकारियों और कई माता-पिता भी इस बात पर सहमत हैं कि ‘अगर एक साल थोड़ी औपचारिक पढ़ाई नहीं भी होगी, तो कौन-सा पहाड़ टूट जाएगा।’ वे इस बात पर एकमत हैं कि सामान्य तरीकों से पढ़ाने की बजाय, गैजेट्स से पढ़ाने से कोई ऐसी बीमारी हो जाएगी, जिसे बाद में संभालना मुश्किल होगा। बच्चों को तो ऐसे ही अगली क्लास में प्रमोट किया जा सकता है। लेकिन जो 14 से 24 साल या इससे ज्यादा के उम्र वर्ग के हैं या बाजार की स्थितियों की वजह से जिनकी नौकरियां चली गई हैं, उन्हें मैं सलाह दूंगा कि अगर आर्थिक रूप से संभव हो तो अमेरिकी लाइफस्टाइल अपनाएं, जहां ‘गैप ईयर’ काफी प्रचलित है।
तो ‘गैप ईयर’ है क्या? यह आमतौर पर पढ़ाई या काम से लिया गया 12 महीने का रचनात्मक ब्रेक है, ताकि कोई व्यक्ति अपनी अन्य रुचियों पर ध्यान दे सके, जो आमतौर पर नियमित जीवन से या काम के क्षेत्र से ही जुड़ी हुई हों, लेकिन कुछ अलग हों या उससे पूरी तरह हटकर हों। इससे छात्रों को उनकी रुचि के मुताबिक ग्रेजुएशन के लिए सही कॉलेज चुनने में मदद मिलेगी। वे लोग, जिनकी कंपनियां बंद हो गईं या नौकरी चली गई है, वे इसे ‘सबैटिकल ईयर’ (विश्राम का साल) मान लें और अपनी औपचारिक नौकरी से ब्रेक लेकर अन्य नौकरियां तलाशें या अन्य रुचियां अपनाएं। हो सकता है ये आपको जीवन में किसी नई राह पर ले जाए।
फंडा यह है कि 2020 ‘गैप ईयर’ बन सकता है और अलग-अलग उम्र वर्गों के लिए इसका मतलब अलग हो सकता है। लेकिन कुल मिलाकर यह तनाव न लेकर हमारे अस्तित्व के कारण पर विचार करने का साल है।

मैनेजमेंट फंडा एन. रघुरामन की आवाज में मोबाइल पर सुनने के लिए9190000071 पर मिस्ड कॉल करें



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2020

2020 नए सिरे से कार्ल मार्क्स की वापसी का साल है, इसलिए इस वर्ष का शब्द सिर्फ कोरोना नहीं होगा

यह साल मार्क्स की वापसी का वर्ष है। इसलिए कि इस वर्ष का शब्द सिर्फ कोरोना नहीं होगा बल्कि जो शब्द इस साल पूरी दुनिया में केंद्रीय शब्द बनकर उभरा, वह हैश्रमिक या मज़दूर। और श्रमिक शब्द सुनते ही जो पहली तस्वीर उभरती है, वह है कार्ल मार्क्स की। वह श्रमिक अचानक सामने निकल आया। वह फिलीपींस में पैदल चल रहा था, वह भारत में पैदल चलते हुए दम तोड़ रहा था, वह दुनिया के सबसे गर्वीलेपूंजीवादी देश अमेरिका में खाने के लिए कतारों में खड़ा था।

यह श्रमिक था, इस दुनिया की नींव जो अब तक वस्तुओं में छिपा था और अब वह साक्षात सामने था। और सरकारों ने उसे एक बड़ी समस्या या सिरदर्द की तरह देखा,लेकिन वे उस श्रमिक को मरने नहीं देना चाहतीं, इतनी मानवीयता उनमें है। वे उन्हें दो शाम खाना खिला रही हैं, उनके खाते में एक महीने का 500रुपया डाल रही हैं।क़िस्सा कोताह यह कि वे उन्हें मरने नहीं देंगी। मार्क्स व्यंग्यपूर्वक मुस्कुराते हुए पूछते हैं, “क्या सचमुच मानवीयता है जो इन्हें ज़िंदा रखना चाहती है या है वह पूंजी की मजबूरी ? क्या यह साफ़ नहीं हो गया है कि इस शरीर के बिना जिसे बस ज़िंदा रखने की इंसानियत इन समाजों में है, सारा कारोबार ठप हो गया है और अगर उसे वापस पटरी पर लाना है तो इस शरीर की ज़रूरत होगी ही। यह शरीर जो इस श्रमिक का है, श्रम जिसका गुण है।”

क्या मार्क्स ने यह नहीं कहा था कि पूंजी ही पूंजी को पैदा नहीं करती? श्रम के बिना वह एक निष्क्रिय, अनुत्पादक वस्तु है। उसमें जीवन श्रम ही भरता है। सच तो यह है, जो मार्क्स ने डेढ़ सौ साल पहले ही कहा था, पूंजी और कुछ नहीं, संचित श्रमहै। फर्क़ सिर्फ़ यह है कि यह श्रम अब मज़दूर की देह से अलग हो गया है और उस पर उसकी मिल्कियत भी नहीं रह गई है। जितना ही वह पूंजी मुटियाती जाती है, मज़दूर उतना ही कंकाल होता जाता है।

ये सारी बातें पुराने जमाने की मान ली गई थीं। मार्क्स ने चेतावनी दी थी कि यह जो पूंजी का विराट रूप दिख रहा है, वह स्वास्थ्य का नहीं, व्याधि का लक्षण है। यह स्वस्थ नहीं, सूजा हुआ शरीर है । लेकिन इसके सामने है वह मात्र जीवनशेष , जीवन की कगार पर किसी तरह पांव टिकाए मज़दूर। यह नहीं कि मज़दूर ही खुद अपनी रक्षा नहीं कर सकता, पूंजी भी अपनी हिफ़ाज़त खुद नहीं कर सकती। क्या अब भी यह स्पष्ट नहीं है जब वह सरकारों के सामने गुहार लगा रही है कि हमें उबार लो! और उबारने के लिए किसका निवेश होगा फिर? हमारा और आपका और उसका जो अब कृपापूर्वक ट्रेनों और बसों में अपने अपने घरों को भेजा जा रहा है।

सबसे पहला भरोसा क्या दिलाया सरकार ने इन पूंजीपतियों को? घबराइए नहीं, हम काम केघंटेबढ़ाकर 12 कर देंगे। कार्ल मार्क्स फिर मुस्कुराते हैं, “इन्हीं घंटों में तो सारा राज छिपा है। काम के घंटे जितने बढ़ेंगे, काम पर मज़दूर उतने ही कम होंगे। श्रम और समय के योग का कोई रिश्ता तो है मूल्य से जो उस वस्तु का होता है जो पैदा की जा रही है?”

डेविड हार्वे इस समस्या पर विचार करते हैं। अभी सशरीर श्रम के अलावा दूसरी जो चीज़ सबसे अधिक महसूस हुई, वह थी समय। समय ही समय था। वह भी शरीर से विलग समय। कुछ के लिए वह समय उनके आंतरिक जगत में प्रवेश का एक अयाचित अवकाश था तो बहुलांश के लिए जबरन उनपर लाद दिया गया बोझ था। उस समय के सहारे अपने आंतरिक जगत को उपलब्ध करने की सुविधा उन्हें नहीं थी। वह समय उन्हें आत्मा को धारण करने वाली बाहरी काया में बचाए रखने की जुगत में ही लगाने की बाध्यता थी। संक्षेप में, आध्यात्मिकता की सुविधा उन्हें क़तई नहीं।

इस बात को फूहड़ क्रूरता के साथ शासक दल के एक सांसद ने कह ही दिया जब झुंड के झुंड मज़दूर सड़कों पर निकल आए अपने घरों के लिए। इन “ग़ैरज़िम्मेदार” मज़दूरों को बिना मांगे अवकाश मिल गया है और वे सोचते हैं कि यह उन्हें यार दोस्तों के साथ मेलजोल के लिए मिला है।यही आशय था उस भर्त्सना का। इस वाक्य में यह भाव छिपा है कि अवकाश अधिकार नहीं है इन मज़दूरों का, वह अतिरिक्त विलासिता है। इनके समय या अवकाश की मिल्कियत पूंजी कीहै या उसकी चौकीदार सरकारों की जो इसका इस्तेमाल “राष्ट्रीय संपदा” के उत्पादन और संचयन के लिए करते हैं। सांसद महोदय जो कह रहे थे, वह सिर्फ़ उन्हीं की बात न थी। यह तो समझ ही है कि मज़दूरों को बस खुद को जीवित रखना है राष्ट्र के लिए, वे खुद को बीमार नहीं पड़ने दे सकते, यह आगे राष्ट्रीय संपदा के निर्माण में बाधा है, उनके स्वास्थ्य पर अलग से खर्च देश पर अतिरिक्त बोझ है।

इस तरह हम देख पा रहे हैं कि एक ही देशकाल में समय का अर्थ मज़दूरों के लिए जो है वह अन्य वर्गों के लिए नहीं है। इसका मतलब सिर्फ़ यही है कि हम कितना ही साझेदारी और सामूहिकता की बात करें, वास्तव में इस समाज में कोई साझा समय नहीं है।

जब साझा समय नहीं है तो सामने पड़ी विपदा का सामना करने के लिए जिस साझा सक्रियता की मांग की जा रही है, वह कैसे और क्यों कर हो? हार्वे इस समस्या पर विचार करते हुए मार्क्स को याद करते हैं।अगर हमें वापस अपने देश या राष्ट्र को स्वास्थ्य और संपन्नता को ओर ले जाना है तो एक सामूहिकता विकसित करनी होगी जो समय से जुड़े अंतर्विरोध को हाल की बिना नहीं हासिल की जा सकती।

तो एक संपन्न देश कौन या कैसा होगा? मार्क्स का उत्तर स्पष्ट है, “एक सच्चा संपन्न देश वह है जहांकाम के घंटे 6हों, न कि 12। संपदा अतिरिक्त श्रम समय पर नियंत्रण नहीं है, बल्कि सीधे उत्पादन के में लगे समय के अलावा बचा हुआ समय है जो पूरे समाज में प्रत्येक व्यक्ति के पास होगा जिसे वह अपनी मर्ज़ी से इस्तेमाल कर सकेगा।

मार्क्स श्रमिक को और हर किसी को विलक्षण व्यक्ति के रूप में ग्रहण करने और स्वीकार करने के लिए सामूहिक सक्रियता पर ज़ोर देते हैं। बहुतों के पास कोई अतिरिक्त समय न हो और बहुत कम के पास समय ही समय हो, यह अन्याय है। वह सामूहिकता का उल्लंघन भी है।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामूहिक एकजुटता का बारंबार आह्वान किया गया है। वह एकजुटता नामुमकिन है अगर श्रमिकों के अतिरिक्त समय को उनसे छीन लिया जाए। श्रमिकों के ख़ाली बदन से इस समय को निचोड़ने के लिए राज्य के सारे बल का इस्तेमाल।फिर विद्रोह क्यों नहीं? उनके जन्म के 202 साल बाद मार्क्स का वही पुराना सवाल नया बन कर सामने आ खड़ा हुआ है।

अपूर्वानंद दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं।



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The year 2020 is the year of renewed Karl Marx's return, so the term of this year will not be just Corona




2020

Class of 2020 graduates with 'robot ceremony'

Arizona State University's Thunderbird School of Global Management utilizes robots to give its students a virtual graduation ceremony. Freddie Joyner has more.




2020

Class of 2020 graduates with 'robot ceremony'

Arizona State University's Thunderbird School of Global Management utilizes robots to give its students a virtual graduation ceremony. Freddie Joyner has more.




2020

कोविड-19 के असर से उबरने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रॉस मार्केट बोरोइंग को बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपए किया गया

कोविड-19 महामारी के झटकों से उबरने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित सकल बाजार उधार (gross market borrowing) बढ़ा दिया है। इसे 7.8 लाख करोड़ रुपए के बजट से बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने दो अलग-अलग बयान में कहा, कि उधारी में संशोधन कोविड-19 महामारी के कारण आवश्यक हो गया है।


गिल्ट्स के जरिए सरकार उधार लेगी 6 लाख करोड़
वर्ष के लिए कुल उधारी अर्थात बोरोइंग में हुई वृद्धि के साथ-साथ वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के शेष के लिए उधार कैलेंडर भी जारी किया गया है। संशोधित कैलेंडर के अनुसार सरकार साल की पहली छमाही के बचे हुए हिस्से से गिल्ट्स के जरिए बाजार से 6 लाख करोड़ रुपए उधार लेगी। प्रत्येक साप्ताहिक नीलामी के लिए नीलामी का आकार 11 मई के सप्ताह से बढ़कर 30,000 करोड़ रुपए हो जाएगा।


अप्रैल-सितंबर में सरकार लेगी आक्रामकरूप से उधार
भारत पिछले आठ हफ्तों से लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ है। मूडीज ने इस साल देश के लिए 0 प्रतिशत की वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है। मार्च में आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने कहा था कि सरकार कोविड-19 के प्रकोप को कम करने के लिए अप्रैल-सितंबर की अवधि में अनुमान से अधिक आक्रामक रूप से उधार लेने की योजना बना रही है। चक्रवर्ती ने कहा कि सरकार उद्योगों के पुनरुत्थान और वसूली के लिए जो कुछ भी आवश्यक होगा, वह करेगी। हमारे फंड जुटाने वाले संसाधन न केवल बाजारों से बल्कि बहुपक्षीय एजेंसियों से भी सक्षम हैं।


राजकोषीय घाटे को संशोधित करना होगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के अपने बजट में नए वित्त वर्ष में 7.8 लाख करोड़ रुपए की सकल उधारी का अनुमान लगाया था, जो 2019-20 के लिए अनुमानित 7.1 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। उधारी अनुमान में वृद्धि के साथ, सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए 3.5 प्रतिशत आंके गए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को और ज्यादा संशोधित करना होगा।


जीडीपी बुरी तरह प्रभावित, राहत पैकेज का इंतजार
बता दें कि सरकार को इस बार बजट गैप, राजकोषीय घाटा के साथ जीडीपी वृद्धि के मोर्चे पर काफी कुछ करना होगा। यह सभी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हैं। यही नहीं, तमाम रेटिंग एजेंसियों ने इस साल की जीडीपी की वृद्धि दर को जीरो तक घटा दिया है। सरकार अभी तक कोविड-19 के लिए केवल एक बार 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जाहिर की है। अगर उसे ज्यादा पैकेज जारी करना पड़ा तो सरकार को आगे और भी उधार लेने की जरूरत पड़ेगी। हालांकि सरकार से दूसरे बड़े पैकेज की उम्मीद है, लेकिन यह अभी तक जाहिर नहीं हुआ है।



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मूडीज ने इस साल देश की जीडीपी के लिए 0 प्रतिशत की वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है।




2020

एमएसएमई सेक्टर में जनवरी 2020 तक एनपीए बढ़कर 12.5 फीसदी पर पहुंचा, सरकारी बैंकों की ज्यादा हिस्सेदारी

माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) सेक्टर में बेड लोन जनवरी 2020 तक बढ़कर 12.5 फीसदी पर पहुंच गया है। ट्रांसयूनियन सिबिल और सिडबी की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) का अनुपात माइक्रो सेगमेंट 9 फीसदी और स्मॉल एंड मीडियम सेगमेंट में 11 फीसदी पर पहुंच गया है।


सरकारी बैंकों का 19 फीसदी लोन एनपीए
यदि लैंडर्स की बात की जाए तो एमएसएमई में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का 3 से 5 फीसदी लोन ही एनपीए की श्रेणी में है। वहीं सरकारी बैंकों का एनपीए दिसंबर 2018 के 18 फीसदी से बढ़कर दिसंबर 2019 में 19 फीसदी पर पहुंच गया है। इसके अलावा नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (एनबीएफसी) का एनपीए भी बढ़ा है। बैलेंस शीट के मुताबिक जनवरी 2020 तक एनबीएफसी कुल कमर्शियल लैंडिंग एक्सपोजर 64.45 लाख करोड़ रुपए था। इसमें से 17.75 लाख करोड़ रुपए का क्रेडिट एक्सपोजर एमएसएमई पर है।


सरकारी बैंकों ने वापस ली अपनी हिस्सेदारी
दिलचस्प बात यह है कि सरकारी बैंकों ने एमएसएमई सेगमेंट में अपनी उस हिस्सेदारी को वापस ले लिया है जिसको शेडो लैंडर्स ने छीन लिया था। दिसंबर 2019 तक एमएसएमई लोन सेगमेंट में सरकारी बैंकों की कुल हिस्सेदारी 49.8 फीसदी थी। इसमें 59 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ माइक्रो सेगमेंट टॉप पर है।

कमर्शियल क्रेडिट एक्सपोजर की स्थिति (राशि लाख करोड़ रुपए में)

बहुत छोटा माइक्रो-1 माइक्रो-2 स्मॉल मीडियम लार्ज ओवरऑल
दिसंबर 2017 0.75 1.85 1.26 7.67 4.32 37.16 53.01
दिसंबर 2018 0.89 2.2 1.5 8.91 4.79 43.35 61.63
दिसंबर 2019 0.93 2.15 1.44 8.74 4.68 46.1 64.04
जनवरी 2020 0.88 2.17 1.46 8.72 4.51 46.72 64.45

लोन की राशि रुपए में:बहुत छोटा= 10 लाख से कम, माइक्रो-1= 10 से 50 लाख तक, माइक्रो-2= 50 लाख से 1 करोड़ तक, स्मॉल = 1 से 15 करोड़ तक, मीडियम = 15 से 50 करोड़ तक, लार्ज = 50 करोड़ से ज्यादा।

स्रोत:ट्रांसयूनियन सिबिल



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bad loan ; MSME ; Banking ; NPAs rose to 12.5 per cent in MSME sector by January 2020, higher share of state-run banks




2020

Nasdaq erases 2020 declines

Wall Street's indexes climbed Thursday, with the Nasdaq erasing losses for 2020, following a clutch of upbeat earnings reports led by PayPal. Fred Katayama reports.




2020

Class of 2020 graduates with 'robot ceremony'

Arizona State University's Thunderbird School of Global Management utilizes robots to give its students a virtual graduation ceremony. Freddie Joyner has more.




2020

सरकार ने आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ को 2020-21 के लिए दी मंजूरी

पंजाब सरकार ने 2020-21 के लिए एलएलबी तीन वर्षीय और बीएएलएलबी पांच वर्षीय कोर्स में दाखिलों के लिए आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ, राजपुरा को स्वीकृति प्रदान की है। पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने एलएलबी और बीएएलएलबी कोर्स में 120-120 सीटें आवंटित की हैं। इस अधिसूचना में, पंजाब सरकार ने लॉ के छात्रों की ऑनलाइन काउंसलिंग कराने के लिए जीएनडीयू, अमृतसर को सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किया है।
पंजाब में कुल 27 लॉ इंस्टीच्यूट हैैं जो अलग-अलग यूनिवर्सिटियों से मान्यता प्राप्त है जिनमें पंजाब पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, जीएनडीयू अमृतसर शामिल है और एक ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया शुरू की है। पंजाब में लॉ 5 वर्ष के कोर्स में कुल 2840 सीटें हैं जबकि लॉ 3 साल के कोर्स में 1952 सीटें हैं। ग्रुप चेयरमैन, डॉ अंशु कटारिया ने कहा कि आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई), नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से मान्यता प्राप्त है।

आर्यन्स क्षेत्र में एकमात्र लॉ कॉलेज है जो कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लेट) से जुड़ा है। 2019 में पियर्सन व्यू ने लॉ स्कूल एडमिशन काउंसिल (एलसैक) की ओर से आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ को लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट (एलसैट) का परीक्षा केन्द्र बनाया था। कोरोनोवायरस और लॉकडाउन के बीच, आर्यन्स ने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-123-3633 पर और आर्यन्स वेबसाइट www.aryans.edu.in.की ऑनलाइन काउंसलिंग शुरू कर दी है।



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2020

2020 से यूजर के फोन नंबर का इस्तेमाल नहीं करेगी फेसबुक, प्लेटफार्म को सुरक्षित बनाने कंपनी ने लिया फैसला

गैजेट डेस्क. सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक रोजाना नए नए तरीके अपनाती नजर आ रही है। हाल ही में कंपनी ने कहा है कि 2020 से दोस्तों को सिफारिशें (रिकमेंडिंग) भेजने के लिए यूजर के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करना बंद करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, लॉगइन प्रक्रिया को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए अब यूजर के मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजा जाएगा ताकि इसे हैकिंग से बचाया जा सके।

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फोटो क्रेडिट- द वर्ज




2020

14,990 रु. में लॉन्च हुआ ओप्पो A5 2020 का 6GB रैम वैरिएंट, पावर बैंक का भी काम करता है ये स्मार्टफोन

गैजेट डेस्क. चीनी स्मार्टफोन कंपनी ओप्पो ने A5 2020 स्मार्टफोन का नया 6 जीबी रैम वैरिएंट लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 14,990 रुपए है। इसे ऑफलाइन स्टोर्स से खरीदा जा सकेगा। नए वर्जन में 6 जीबी रैम के साथ 128 जीबी स्टोरेज मिलेगा। इससे पहले भारतीय बाजार में ओप्पो A5 2020 के सिर्फ 3 जीबी रैम और 4 जीबी रैम वैरिएंट ही उपलब्ध थे। ओप्पो ए-सीरीज कंपनी की पहली ऑफलाइन सीरीज है।

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फोटो क्रेडिट - ट्विटर




2020

इग्निस का फेसलिफ्ट 2020 के मध्य में लॉन्च होगा, एस-प्रेसो जैसी नई ग्रिल मिलेगी

ऑटो डेस्क. मारुति इग्निस का फेसलिफ्ट मॉडल लाने वाली है, जिसे 2020 के मध्य में लॉन्च किया जाएगा। अब इग्निस के फेसलिफ्ट मॉडल की कुछ तस्वीरें ऑनलाइन लीक हुई हैं, जिनसे इसकी स्टाइलिंग के बारे में काफी डीटेल सामने आए हैं। इग्निस के फेसलिफ्ट मॉडल में मारुति एस-प्रेसो जैसी नई ग्रिल मिलेगी। कार में नए फ्रंट और रियर बंपर होंगे। दोनों बंपर के साथ फॉक्स स्कफ प्लेट्स दिए गए हैं। नई इग्निस की बाकी स्टाइलिंग मौजूदा मॉडल की तरह ही है। मारुति इग्निस की टक्कर फोर्ड फ्रीस्टाइल और महिंद्रा केयूवी100 एनएक्सटी जैसी कारों से मानी जाती है।


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फोटो क्रेडिट - ट्विटर
फोटो क्रेडिट - ट्विटर




2020

दुनियाभर में मशहूर ये कारें 2020 में दिखेंगी भारतीय सड़कों पर

क्षितिज राज, नोएडा. नए साल में भारतीय सड़कों पर कई नए मॉडल्स दिखने वाले हैं। इनमें से कुछ की बात इसलिए अलग होगी कि ये वो नाम हैं जिन्हें दुनिया ने आज़माया है और 2020 में ये भारत पहुंच रहे हैं...

लैंड रोवर डिफेंडर :291एमएम का ग्राउंड क्लियरेंस है और 38 डिग्री का अप्रोच एंगल। पेट्रोल और डीज़ल दोनों इंजन विकल्प मिल सकते हैं। 10 इंच का टचस्क्रीन और डेश माउंटेड गिअर लीवर मिलेगा। भारत में कीमत 75 लाख रुपए के करीब होगी।

वॉल्वो एस60 :फिलहाल अमेरिका में बन रही है। फ्रेश स्टाइलिंग के साथ तमाम फीचर्स होंगे। पायलट असिस्ट सिस्टम और 2.0 लीटर पेट्रोल इंजन रहेगा। मर्सिडीज सी क्लास, ऑडी ए4, जगुआर एक्सई से मुकाबला होगा। भारत में कीमत लगभग 45 लाख रुपए रहेगी।

फरारी एफ8 ट्रिब्यूटो :फरारी की इस स्पोर्ट्सकार में 3.9 लीटर ट्विन टर्बो वी8 इंजन है जो 770एनएम टॉर्क और 720एचपी की ताकत रखता है। 2.9 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ती है। 340 किमी प्रति घंटे की रफ्तार छूती है। कीमत- 4 करोड़ रु के करीब।

ऑडी क्यू2 :ऑडी की सबसे छोटी एसयूवी टीएफएसआई के 1.0 और 2.0 लीटर डिस्प्लेसमेंट के साथ भारत आ सकती है। 2020 के अंत तक होगी एंट्री और कीमत 30 लाख रुपए से कम ही रहेगी।

बीएमडब्लू एक्स2 :भारत में बीएमडब्लू एक्स2 के 2.0 लीटर के इंजन के साथ आ सकती है। यूकेएल1 प्लेटफॉर्म पर होगी। स्लांट रूफ स्टाइलिश है। भारत में युवाओं को टारगेट करेगी। मर्सिडीज जीएलए एसयूवी से मुकाबला करेगी। कीमत लगभग 40 लाख रुपए होगी।



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These famous cars will be seen on Indian roads in 2020




2020

ऑटो एक्सपो 2020 में 12 कारें पेश करेगी रेनो, 7 सीटर एमपीवी ट्राइबर का ऑटोमैटिक वर्जन भी होगा लॉन्च

ऑटो डेस्क. एशिया का सबसे बड़ा मोटर शो 'ऑटो एक्सपो 2020', 7 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। कई कंपनियों ने एक्सपो में शोकेस की जाने वाली व्हीकल्स की डिटेल्स जारी करना शुरू कर दिया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा शो में चार इलेक्ट्रिक व्हीकल पेश करेगी और मारुति सुजुकी 17 व्हीकल्स शो में डिस्प्ले करेगी। फ्रंच कंपनी रेनो ने कंफर्म किया है कि वे शो में 12 कार्स समेत दो नए इंजन पेश करेगी।

रेनो के पब्लिक अफेयर्स एंड कम्यूनिकेशन हेड जतिन अग्रवाल ने बताया

हम 1 अप्रैल 2020 से लागू होने वाले नए एमिशन नॉर्म्स को पूरी तरह से तैयार हैं। शो में हम भारतीय बाजार में मौजूद ट्राइबर, क्विड, कैप्चर, डस्टर और लॉजी के बीएस 6 वर्जन पेश करेंगे साथ ही ट्राइबर का ऑटोमैटिक वर्जन भी शो में डेब्यू करेगा। इसके अलावा शो में कुछ कॉन्सेप्ट और इंटरनेशनल मॉडल्स भी लाए जा रहे हैं, जो आगे भारतीय बाजार में एंट्री कर सकतें हैं। शो में तीन से चार कॉन्सैप्ट के तौर पर शोकेस किए जाएंगे। कैप्चर और लॉजी की गिरती हुई सेल्स पर उन्होंने बताया कि हम लोगों के जरूरतों के हिसाब से इसमें लगातार बदलाव कर रहे हैं। पहले बाजार में लॉजी का ऑटोमैटिक वर्जन नहींथा, जिसे शो में लॉन्च किया जाएगा, वहीं हाल ही में कंपनी ने कैप्चर का बीएस6 वर्जन भी लॉन्च किया है। हम नए एमिशन नॉर्म्स के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उम्मीद है कि हमें इसका फायदा मिलेगा।



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Renault Auto Expo | Renault Auto Expo 2020 News Today; Mahindra and Mahindra, Maruti Suzuki Cars Details Latest News and Updates on Renault Electric Models




2020

किआ ने जारी किए सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी के टीजर इमेज, ऑटो एक्सपो 2020 में होगा वर्ल्ड प्रीमियर

ऑटो डेस्क. किओ मोटर्स इंडिया ने हाल ही में अपनी अपकमिंग सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी के टीजर इमेज जारी किए हैं। कंपनी इसका वर्ल्ड प्रीमियर दिल्ली में होने जा रहे ऑटो एक्सपो 2020 में करेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी इस एसयूवी को इस साल फेस्टिव सीजन के दौरान लॉन्च कर सकती है। भारतीय बाजार में यह कंपनी का सबसे छोटा मॉडल होगा। सब-फोर मीटर इस एसयूवी को QYi कोडनेम के साथ तैयार किया जा रहा है। भारतीय बाजार में इसका मुकाबला हुंडई वेन्यू, महिंद्रा एक्सयूवी 300, फोर्ड इकोस्पोर्ट, सुजुकी विटारा ब्रेजा समेत टाटा नेक्सन से देखने को मिलेगा।

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Kia Motors India has released the first set of teasers for its upcoming compact SUV concept that will have its world premiere at Auto Expo 2020
Kia Motors India has released the first set of teasers for its upcoming compact SUV concept that will have its world premiere at Auto Expo 2020




2020

एपल आईफोन SE(2020) लॉन्च, भारत में शुरुआती कीमत 42500 रुपए, अमेरिका की तुलना में 39 फीसदी तक महंगा

टेक कंपनी एपल ने लंबे इंतजार के बाद आईफोन के सस्ते मॉडल आईफोन SE (2020) को ऑफिशियली लॉन्च किया। इसे वर्तमान आईफोन लाइनअप का सबसे अफॉर्डेबल मॉडल और आईफोन SE का सेकंड जनरेशन मॉडल भी कहा जा रहा है। इसमें 4.7 इंच की स्क्रीन दी गई है जो आईफोन 8 समेत कई एपल के कई रेगुलर मॉडल में भी मिलती है। नया आईफोन SE (2020) एपल की A13 बायनिक चिपसेट से लैस है, यही चिपसेट आईफोन 11 सीरीज में भी मिलता है। यह आईओएस 13 पर रन करता है साथ ही यह टचआई फिंगरप्रिंट सेंसर से लैस है। भारत में इसके 256GB स्टोरेज वाले टॉप मॉडल की कीमत 58300 रुपए है जबकि यही मॉडल अमेरिका में 45 हजार रुपए का है यानी देखा जाए तो भारत में यह 30 फीसदी तक महंगा मिलेगा।

आईफोन SE(2020) में मिलने वाला कुछ खास फीचर्स

आईफोन SE (2020): वैरिएंट वाइस कीमत
कंपनी ने आईफोन SE (2020) के तीन वैरिएंट लॉन्च किए हैं। यह 64 जीबी से 256 जीबी तक के स्टोरेज में अवेलेबल है। हालांकि कंपनी ने भारत में इनकी उपलब्धता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

स्टोरेज वैरिएंट भारत कीमत यूएस कीमत % मंहगा
64GB 42500 रु. 30600 रु. 39%
128GB 47800 रु. 38200 रु. 25%
256GB 58300 रु. 45000 रु. 30%

यूएस में नए आईफोन SE (2020) के 64GB स्टोरेज वैरिएंट की कीमत $399 यानी लगभग 30600 रुपए, 128GB मॉडल की कीमत $499 यानी 38200 रुपए और 256GB मॉडल की कीमत $549 यानी लगभग 45000 रुपए है। यह ब्लैक, व्हाइट और रेड कलर ऑप्शन में अवेलेबल है। यूएस में इसकी प्री-बुकिंग 17 अप्रैल से शुरू होगी और बिक्री 24 अप्रैल से शुरू होगी।

आईफोन SE (2020): बेसिक स्पेसिफिकेशन

  • फोन में 4.7 इंच रेटिना एचडी आईपीएस एलसीडी डिस्प्ले दिया गया है, जिसमें 750x1334 पिक्सल रेजोल्यूशन मिलता है। इसमें ट्रू टोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया, जो व्हाइट बैलेंस को एडजस्ट करता है।
  • यह डोल्बी विजन साउंड और एचडीआर10 सपोर्ट करता है।आईफोन SE (2020) में ए13 बायोनिक चिपसेट दिया गया है, जो आईफोन 11 सीरीज में भी मिलता है।
  • फोटोग्राफी के लिए फोन में 12 मेगापिक्सल का सिंगल रियर कैमरा जिसके साथ एलईडी ट्रू टोन फ्लैश है। यह 60fps तक 4K वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट मिलता है और फोटो के लिए स्मार्ट एचडीआर सपोर्ट मिलता है। सेल्फी के लिए इसमें 7 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है।
  • कनेक्टिविटी के लिए इसमें 4G VoLTE, वाई-फाई 802.11, वाई-फाई कॉलिंग, एनएपसी, ब्लूटूथ, जीपीएस और लाइटनिंग पोर्ट है। इसमें 3.5 एमएम का हेडफोन जैक नहीं मिलेगा। नए आईफोन में टच आईडीबटन दिया गया है।
  • इसमें एक्सीलेरोमीटर, एंबिएंट लाइट सेंसर, बारोमीटर, थ्री-एक्सिस जायरोस्कोप और प्रॉक्सिमिटी सेंसर मिलते हैं। इसे डस्ट और वॉटर रेजिस्टेंट के लिए IP67 रेटिंग दी गई है। यह 1 मीटर गहरे पानी में 30 मिनट तक काम कर सकता है।
  • हमेशा की तरह इस बार भीं कंपनी ने बैटरी साइज और रैम के बारे में कोई बात नहीं की। लेकिन इतना जरूर बताया कि नए आईफोन SE 2020 में आईफोन 8 की तरह ही 13 घंटे का वीडिया प्लेबैक टाइम और 40 घंटे का ऑडियो प्लेबैक टाइम मिलेगा। फोन में 18 वॉट फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिलता है, जो 30 मिनट में 50 फीसदी तकबैटरी चार्ज करेगा।हालांकि बॉक्स में चार्जर नहीं मिलेगा। इसमें वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट भी मिलता है।


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iPhone SE (2020) price| Apple iPhone SE (2020) Launched, Starting Price in India Rs 42500, Up to 38% Costlier than US




2020

2020 की पहली तिमाही में नेटफ्लिक्स का मुनाफा दोगुना बढ़कर 5434 करोड़ रुपए हुआ, तीन महीने में जुड़े 1.6 करोड़ नए सब्सक्राइबर्स

कोरोनावायरस का प्रकोप दिसंबर से जारी है और देशव्यापी लॉकडाउन के चलते लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। बोरियत मिटाने के लिए लोग जमकर ओटीटी प्लेटफॉर्म का इ्स्तेमाल कर रहे हैं। इसके चलते नेटफ्लिक्स की कमाई बढ़ने के साथ ही उसके सब्सक्राइबर बेस में काफी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 की पहली तिमाही में नेटफ्लिक्स के सब्सक्राइबर्स की संख्या में करीब 1.6 करोड़ का इजाफा दर्ज किया गया है। यह वो वक्त था, जब वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस महामारी फैल चुकी थी और दुनिया के ज्यादातर देशों में लोग घर में रहने को मजबूर थे।

सब्सक्राइबर्स बढ़ने के साथ कमाई बढ़कर दोगुनी हुई
इन तीन महीने में नेटफ्लिक्स प्लेटफॉर्म पर "टाइगर किंग" और "लव इज ब्लाइंड" जैसे रियल्टी शो सबसे ज्यादा देखे गए। नेटफ्लिक्स के कुल 182.8 मिलियन (18.2 करोड़) सब्सक्राइबर हैं, जो कि दुनिया के किसी भी एंटरटेनमेंट सर्विस के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। इसमें से करीब 2.3 मिलियन सब्सक्राइबर अमेरिका और कनाडा में है। नेटफ्लिक्स को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में करीबन7.5 मिलियन नए सब्सक्राइबर्स नेटफ्लिक्स से जुड़ेंगे। साल 2020 की पहली तिमाही में नेटफ्लिक्स का मुनाफा दोगुना बढ़कर 709 मिलियन डॉलर (5434 करोड़ रुपए) हो गया है, जो कि साल 2019 के आखिरी तिमाही में 344 मिलियन डॉलर था। वहीं, कंपनी का रेवेन्यू 28 फीसदी बढ़कर 5.7 बिलियन हो गया है।

नेटफ्लिक्स में जुड़े नएफीचर्स
वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने एक नया फीचर्स स्क्रीन लॉक जोड़ दिया है, जो कि एंड्राइड फोन यूजर्स को एक्सीडेंट्ल टच से बचाएगा। स्क्रीन के एक बार लॉक होने पर अनलॉक होने पर स्क्रीन को अनलॉक किया जा सकेगा। इससे पहले नेटफ्लिक्स ने पैरेंट्स हेल्प, गार्जियन और एल्डर फीचर्स को जोड़ा गया है। साथ ही बच्चों के लिए टीवी शोज और मूवी प्लेटफॉर्म के लिए शुरू किया गया है।

कंज्यूमर ओटीटी प्लेफार्म को देंगे तरजीह
नीलसन की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस के बाद भी करीब 64 फीसदी लोग थिएटर में फिल्में देखने की बजाय ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम पर मूवी देखना पसंद करेंगे। दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्राछवि कहती हैं, 'मैं इन दिनों ओटीटी प्लेफार्म पर मूवी देख रही हूं और मुझे यह सिनेमा हॉल जाकर मूवी देखने से ज्यादा कंफर्टेबल लग रहा है। मैं आगे भी इसी माध्यम से मूवी देखूंगी।'



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Netflix's profits doubled to Rs 5434 crore in first quarter of 2020, 16 million new subscribers added in three months




2020

6299 रु. कीमत का गैलेक्सी J2 कोर 2020 लॉन्च, इसमें 2600mAh बैटरी है, कंपनी का दावा- फुल चार्ज में 91 घंटे गाने सुन सकेंगे

सैमसंग ने अपना नए एंट्री लेवल स्मार्टफोन गैलेक्सी J2 कोर 2020 को भारत में लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 6299 रुपए है। कंपनी ने इसे 2018 में लॉन्च हुए गैलेक्सी J2 कोर के अपग्रेड वर्जन के तौर पर लॉन्च किया। दो साल बाद लॉन्च हुए इस अपग्रेड वर्जन के डिजाइन और स्पेसिफिकेशन में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। फोन को 1GB+16GB स्टोरेज वाले सिंगल वैरिएंट में लॉन्च किया गया है। पुराने मॉडल में सिर्फ 8GB स्टोरेज था।

सैमसंग गैलेक्सी J2 कोर 2020: कीमत और कलर

  • कंपनी ने फोन को सिंगल वैरिएंट में लॉन्च किया है, जिसमें 1 जीबी रैम और 16 जीबी स्टोरेज मिलेगा। फोन की कीमत 6299 रुपए है।
  • इस कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से खरीदा जा सकता है लेकिन इस डिलीवरी कब से शुरू होगी इसे लेकर कंपनी ने कोई सफाई नहीं दी है।
  • यह ब्लू, ब्लैक और गोल्ड कलर ऑप्शन में अवेलेबल है। इस पर 296.51 रुपए प्रति माह का ईएमाई ऑप्शन भी अवेलेबल है।


सैमसंग गैलेक्सी J2 कोर 2020: बेसिक स्पेसिफिकेशन्स

  • गैलेक्सी J2 कोर 2020 में डुअल माइक्रो सिम सपोर्ट मिलता है। यह एंड्ऱॉयड 8.1 ओरियो (गो एडिशन) पर काम करता है।
  • इसमें 5 इंच का qHD (540x960 पिक्स्ल रेजोल्यूशन) वाला TFT LCD डिस्प्ले मिलता है।
  • फोन में 1.4GHz का क्वाड-कोर प्रोसेसर मिलेगा लेकिन फिलहाल इसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
  • इसमें 1 जीबी रैम और 16 जीबी की स्टोरेज मिलेगा। माइक्रोएसडी कार्ड से स्टोरेज को 256GB तक बढ़ा सकेंगे।
  • फोटोग्राफी के लिए इसमें 8 मेगापिक्सल का सिंगल रियर कैमरा और एलईजी फ्लैश है, सेल्फी के लिए 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है।
  • फोन में 2600mAh की रिमूवेबल बैटरी दी गई है। दावा किया जा रहा है कि इसमें 12 घंटे वीडियो, 22 घंटे कॉलिंग और 91 घंटे तक गाने सुन सकते हैं।
  • कनेक्टिविटी के लिए इसमें 4G VoLTE, वाई-फाई 802.11, ब्लूटूथ वर्जन 4.2, जीपीएस, माइक्रो-यूएसबी पोर्ट और 3.5एमएम ऑडियो जैक मिलेगा।


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फोन में सोशल मीडिया समेत अन्य सभी ऐप्स सीधे मेमोरी कार्ड में इंस्टॉल होंगी।




2020

मैजिक की-बोर्ड हुआ एपल मैकबुक प्रो (2020); 32 जीबी तक रैम मिलेगी, भारत में कीमत 1.23 लाख रुपए

अमेरिकी टेक कंपनी एपल ने मैकबुक प्रो का मॉडल लॉन्च कर दिया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें 13 इंच की स्क्रीन मिलेगा और मैजिक की-बोर्ड मिलेगा, जिसे पुराने बटरफ्लाई कीबोर्डसे रिप्लेस किया गया है। इसमें 10th जनरेशन इंटेल कोर प्रोसेसर मिलेगा जो पुराने मॉडल से 80 फीसदी ज्यादा बेहतर परफॉर्म करेगा। इसमें 16 जीबी रैम मिलेगी, जिसे 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकेगा। बेस वैरिएंट में 256 जीबी का स्टोरेज मिलेगा, जिसे 4 टीबी तक बढ़ाया जा सकेगा।

भारत में कीमत और उपलब्धता

  • नए मैकबुक प्रो 2020 मैजिक की-बोर्ड फीचर को लेटेस्ट मैकओएस कैटालिना के साथ लॉन्च किया गया है। ये टच बार, टच आईडी, स्टीरियो स्पीकर्स और ऑल डे बैटरी लाइफ से लैस है।
  • भारत में इसकी शुरुआती कीमत 1.23 लाख रुपए है। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण फिलहाल कंपनी ने इसकी उपलब्धता के बारे में कोई सफाई नहीं दी है। हालांकि आने वाले दिनों में इसे ऑथोराइज्ड एपल सेंटर्स से खरीदा जा सकेगा।
  • यूएस में इसकी शुरुआती कीमत $1,299 लगभग 98300 रुपए है। हालांकि स्टूडेंट्स को यह $100 कम यानी लगभग 7600 रुपए कम में मिलेगा।

फीचर्स और स्पेसिफिकेशन

  • नए मैकबुक प्रो 2020 के फीचर्स की बात करें तो इसमें 13 इंच का रेटिना डिस्प्ले दिया गया है। ये 16GB/32GB रैम और 256GB/512GB/1TB/4TB स्टोरेज ऑप्शन में अवेलेबल है। इसमें दमदार क्वाड कोर प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया है। इसकी मेमोरी स्टैंडर्ड 3733MHz दी गई है।
  • डिजाइन की बात करें तो इसके डिजाइन में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। इसमें मैजिक की-बोर्ड का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 6K डिस्प्ले का इस्तेमाल किया गया है जो प्रो डिस्प्ले XDR फीचर को सपोर्ट करता है।

क्या है मैजिक की-बोर्ड

  • नए मैकबुक प्रो 2020 में इस्तेमाल होने वाले मैजिक की-बोर्ड को पहले मैकबुक प्रो 16 इंच मॉडल के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है। इसके अलावा इसे पिछले महीने लॉन्च हुए मैकबुक एयर में इस्तेमाल किया गया है। मैजिक की-बोर्ड की खास बात ये है कि इसमें रीडिजाइन किया हुआ सीजन मैकेनिज्म का इस्तेमाल किया गया है। गेमिंग के दौरान इस की-बोर्ड का इस्तेमाल करके आसानी से नेविगेट किया जा सकता है। इसमें टच बार और टच-आईडी भी दिया गया है।


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