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अपनी गाड़ी है, फिर भी दूसरे प्रदेशों में फंसे मप्र के 50 हजार लोग

मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में 20 हजार लोग ऐसे फंसे हैं, जिनके पास खुद की गाड़ी है, लेकिन पास नहीं बन पाने के कारण वे अटके हुए हैं। इसी तरह मप्र के भी 50 हजार पर्यटक, व्यापारी स्टूडेंट्स और नौकरीपेशा ई-पास के चक्कर में दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। अब सरकार ने इन सभी लोगाें को लाने-भेजने के लिए गाइडलाइन बना ली है। इन्हें जल्द ही नए ई-पास जारी किए जाएंगे।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि रेड जोन को छोड़कर ग्रीन और ऑरेंज जोन में फंसे लोगों को दूसरे प्रदेशों में उनके घर तक भेजने का प्रबंध किया जाएगा। कलेक्टर जिलों से अनुमति के लिए पास जारी कर सकेंगे। मिश्रा ने बताया कि दूसरे प्रदेशों में 50 हजार से ज्यादा लोग हैं, जो किसी वजह से लॉकडाउन में फंस गए हैं। इनके पास अपने वाहन हैं। इसलिए स्वयं के वाहन से फंसे लोगों को प्रदेश में आने की मंजूरी दी जाएगी। इसमें भी रेड जोन वाले जिलों में अनुमति नहीं दी जाएगी।

रेड जोन में अभी प्रतिबंध

ग्रीन जोन के 24 जिलाें में रजिस्ट्रियां होना शुरू

प्रदेश के ग्रीन जाेन के 24 जिलाें में व तहसीलों में प्राॅपर्टी की रजिस्ट्रियां शुरू हाे गई हैं। सोमवार से यहां पंजीयन कार्यालय खुल गए। राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि जिलों में क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप कलेक्टर के आदेश द्वारा प्रत्येक दिन ग्रीन व आॅरेंज जोन की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेंगे। जबकि रेड जोन के भोपाल, इंदौर समेत नौ जिलों में अभी रजिस्ट्रियां बंद रहेंगी।



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शहरों में 20 हजार लोग ऐसे फंसे हैं, जिनके पास खुद की गाड़ी है, लेकिन पास नहीं बन पाने के कारण वे अटके हुए हैं।




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होटल्स-रेस्तरां को लगी 200 करोड़ की चपत, शादियों की बुकिंग कैंसिल होने से मई-जून में गंवाएंगे 250 करोड़

राजधानी में 20 हजार से ज्यादा लोगों की रोजी रोटी का जरिया रहे 1000 से ज्यादा होटल्स और रेस्तरां 40 दिन से बंद हैं। इनके 1500 कमरे खाली पड़े हैं। इस सेक्टर को अब तक 200 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा लग चुका है। केवल शादियों का सीजन ही खराब होने से इस सेक्टर को मई और जून में 250 करोड़ से अधिक का नुकसान हो सकता है। इस सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि अक्टूबर-नवंबर तक लोग होटल्स की ओर शायद ही लौटें। इसके चलते करीब 15-20% बड़े होटल्स, 50% रेस्तरां और करीब 70% रोड साइड रेस्तरां और ईटरीज बंद हो सकती है। सेक्टर से जुड़े लोगों ने सरकार से इस सेक्टर को खासतौर पर अलग से राहत देने की गुहार लगाई है।

कर्ज का बोझ भी... 15 से 20 फीसदी बड़े होटल्स पर बैंकों का बड़ा कर्ज

भोपाल होटल्स एंड रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने बताया कि राजधानी के करीब 15-20% बड़े होटल्स ऐसे हैं जिन पर बैंक का बड़ा कर्ज है। ये होटल्स लंबे समय तक बंद रहने के बाद संभव है कि दोबारा कारोबार शुरू करने की स्थिति में ही न आ पाएं। इसके लिए सरकार वर्किंग कैपिटल के लिए आसान दरों पर कर्ज उपलब्ध कराए, जिसकी अदायगी कम से कम एक साल बाद शुरू हो।

ईएसआई, पीएफ और बिजली के बिल की मार

बड़े 80 होटल्स में ही करीब 8000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। इनका हर माह ईएसआई और पीएफ जमा कराना होता है। होटल संचालकों का कहना है कि जब होटल पूरी तरह बंद हैं तो वे ईएसआई और पीएफ की राशि कहां से जमा कराएंगे। हर होटल्स को औसतन 20-25 हजार रुपए की राशि ईएसआई में जमा करानी पड़ रही है। इसके साथ हर होटल्स का बिजली बिल मिनिमम चार्ज के कारण मार्च-अप्रैल के माह में 1 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक आया है। होटल्स संचालक भी अन्य एमएसएएमई की तरह वास्तविक खपत के आधार पर बिल लेने की मांग कर रहे हैं।



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राजधानी में 20 हजार से ज्यादा लोगों की रोजी रोटी का जरिया रहे 1000 से ज्यादा होटल्स और रेस्तरां 40 दिन से बंद हैं।




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500 रुपए निकालने गेहूं से भरी ट्रॉली के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हितग्राही

केंद्र व राज्य सरकार ने गरीब व निर्धन परिवारों के खाते में सहायता राशि व वृद्धावस्था पेंशन डाली है जिसको निकालने के लिए हितग्राही अपनी जान हथेली पर रखकर लाईनों में लग रहे हैं या फिर अनाज से भरी ट्रॉलियों के नीचे बैठकर इंतजार कर रहे हैं। जिससे हादसा होने की आंशका बनी हुई है।
हितग्राही अपनी जान की परवाह न करते हुए धूप से बचने के लिए अनाज की भरी ट्रॉली के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं यदि ट्राली अनियंत्रित होकर गिरती है तो नीचे बेठे लोगों के साथ बड़ी घटना हो सकती है। बावजूद इसके लोग जानकर भी अनजान बने हुए हैं। उपज की नीलामी न होने के कारण किसान ने गेहूं के बोरों से भरी ट्राली घर के सामने लाकर खड़ी कर दी। किसान को नहीं पता था कि सुबह उसकी ट्रॉली नीचे लोग बैठ जाएंगे। अल सुबह से ही बैंक के सामने हितग्राही लाईन लगा लेते हैं। लाईन लंबी होने व धूप होने के कारण कुछ लोग यहां वहां बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते है। सोमवार को भी दर्जनों लोग गेहूं से भरी ट्राली के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए देखे गए। लेकिन प्रशासन या बैंक प्रबंधक ने इन्हें यहां से हटाने की कोशिश नहीं की। यदि हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कोन होता। इस मार्ग से रोजाना प्रशासनिक अफसरों को निकलना होता है लेकिन किसी का इस तरफ ध्यान नहीं है। पैसे निकालने वालों के नाम बाबूलाल अहिरवार समनापुर, बुद्धू जमनिया, हल्के वीर नोरिया रोड़ा, बृजलाल खमरिया, बुद्धू नोरिया ने बताया कि शासन द्वारा राशि आई है एवं वृद्धावस्था पेंशन निकालने के लिए हम लोग लाइन में लगे हुए हैं।



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Beneficiaries waiting for their turn to sit under a trolley full of wheat extracting Rs 500




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शहर की तुलना में गांव के शिविर में 50 यूनिट ज्यादा रक्तदान

भास्कर संवाददाता | बमोरी
3 साल बाद बमोरी में फिर से रक्तदान शिविर लगा, इस बार लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की कमी से स्थिति बिगड़ी हुई है। इसी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र से भी रक्त जुटाने के लिए कलेक्टर एस विश्वनाथन ने योजना बनाई। इसके बाद बमोरी के उत्कृष्ट विद्यालय में शिविर का आयोजन सोमवार सुबह से ही किया गया। पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी सबसे पहले पहुंचे। उन्होंने यहां सूचना लगा दी कि बिना मास्क के कोई भी शिविर स्थल पर न आए। बमोरी थाना, तहसील और स्वास्थ्य विभाग का अमला जुटा। सबसे पहले रक्तदान कौन करें? इसे लेकर चर्चा चलती रही। इसी बीच हाल में पदस्थ हुई नायब तहसीलदार सेलजा मिश्रा ने रक्तदान की इच्छा जताई। फिर तो एक के बाद एक अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीण भी आगे आ गए। गांव की ही एक महिला पति को लेकर पहुंची, बोली कि हम दोनों भी रक्तदान करेंगे क्योंकि मेरी जिंदगी भी इसी से 4 साल पहले जिला अस्पताल में बची है। इसमें खास बात ये हैं कि गुना में 10 दिन पहले लगे शिविर में 57 यूनिट ब्लड आया था पर गांव में यह आंकड़ा 107 पर पहुंच गया।
सीजर हुआ था, तब 5 यूनिट ब्लड गुना से मिला था : बमोरी निवासी रचना वर्मा अपने पति मुरली वर्मा को लेकर रक्तदान शिविर में पहुंची। उसने बताया कि हम दोनों पहली बार रक्तदान करने आए हैं। महिला ने कहा कि 4 साल पहले जिला अस्पताल में सीजर से डिलेवरी हुई थी। उस समय मुझे 5 यूनिट रक्त ब्लड बैंक से चढ़ा था, तब मेरी जिंदगी बची थी। तभी से सोच रही थी कि मुझे भी इस महादान में शामिल होना है। लेकिन बमोरी में शिविर लगने से मौका मिला। महिला ने अपने पति के साथ रक्तदान किया।
कलेक्टर की अपील करें रक्तदान: कलेक्टर एस विश्वनाथन ने लोगों से अपील की, वह ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करें। क्योंकि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में इसे स्टोरेज करके रखा जाता है। ज़रूरत पड़ने पर इससे कई लोगों की जिंदगी बताई जाती हैं।

3 साल पहले ग्रामीण अंचल में हुई थी शुरुआत
जिले में पहले सिर्फ शहर से ही रक्तदान शिविर लगाए जाने की परंपरा थी। लेकिन पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी वर्ष 2017 में शिविर लगवाने शुरु किए। इसके बाद वह रिटायर्ड हो गए तो यह कार्य रुक गया। हालांकि कलेक्टर के दिशा-निर्देश मिलने के बाद फिर से इसकी शुरुआत उनके ही द्वारा की गई।



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50 units more blood donation in village camp than in city




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लॉकडाउन के बाद पहली नीलामी; 500 ट्राॅली धनिया बिकी, गेहूं के अच्छे दाम नहीं मिले तो सौदा पत्रक से बेचा

लॉकडाउन में मिली छूट के बाद पहली बार मंडी में धनिया, गेहूं, चना और सरसों की खुली नीलामी हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। 1200 से ज्यादा ट्राॅली पहुंच गई। धनिया के अधिकतम दाम 8200 रुपए रहे, वहीं सबसे कम 3800 रुपए रहे। गेहूं ज्यादातर सौदा पत्रक से ही बेचा गया। 500 ट्राॅली धनिया की नीलामी हुई तो 200 किसानों को अच्छे दाम नहीं मिले तो सौदा पत्रक से इसे विक्रय कर दिया। किसानों की इतनी ज्यादा भीड़ थी कि संभालना मुश्किल हो रहा था। मंडी समिति किसानों से आग्रह करती रही कि सामाजिक दूरी बनाए रखें, इसी का ख्याल रखते हुए नीलामी कराई। एसडीएम शिवानी गर्ग भी पूरी नीलामी प्रक्रिया पर नजर रखी रहीं ।

200 ग्राम बारदाने का ज्यादा वजन काटा
मंडी में एसडीएम शिवानी गर्ग ने तौल कांटों की जांच की। इस दौरान उन्होंने पाया कि आरोन के एक किसान ने 38 क्विंटल माल तुलाया था, लेकिन बारदाने का वजन 200 ग्राम ज्यादा काटा जा रहा था। यानी किसान को 200 ग्राम उपज का नुकसान था। इस वजह से एसडीएम ने व्यापारी से कहा कि किसान को पूरे उपज के दाम दिए जाएं। वहीं निर्देश दिए कि जितना वजन वारदाने का है, उतना ही काटा जाए।



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First auction after lockdown; 500 trolley coriander sold, if not good prices of wheat sold




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समय के बाद दुकान खोलने पर तहसीलदार ने दो दुकानों पर लगाया 2500 रुपए का जुर्माना

लॉकडाउन 3 में हमारा जिला ग्रीन जोन में आने के कारण प्रशासन ने दुकानदारों को कई तरह की छूट दी। इस दौरान तय समय के बाद दुकान खोलने पर तहसीलदार ने दो दुकानों पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया। उन्होंने सभी दुकानदारों को हिदायत देते हुए कहा कि वह लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंस का पालन करें और मुंह पर मॉस्क लगाकर बाहर निकलें।
सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग सामान खरीदने के लिए उमड़ पड़े। शहर में 40 दिन बाद जूते, कपड़े, इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रिकल की दुकानें खुली थीं। दुकानों में खरीदारी के लिए ग्रामीण अंचल सहित शहर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचगए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा गया। कुछ दुकानदारों ने निर्धारित समय के बाद भी दुकानें खोलीं। इसको लेकर प्रशासन ने कार्यवाही की। तहसीलदार कमल सिंह मंडेलिया एवं थाना प्रभारी सुरेशचंद नागर ने शहर का निरीक्षण किया तथा अवैध रूप से दुकानें संचालित करते पाए जाने पर एक कूलर पंखे की दुकान पर 2 हजार रुपए और एक किराना दुकान पर चालान बना कर 500 रुपए की राशि वसूली। इससे पहले पुलिस ने सुबह से पूरी बस्ती में इस बात के लिए हिदायत भी दी थी कि लोग भीड़ ने लगाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। दुकानदार निर्धारित समय में ही अपनी दुकानें निर्देशों के पालन करते हुए खोलें।



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Tehsildar imposed fine of Rs 2500 on two shops for opening shop after time




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शहर की तुलना में गांव के शिविर में 50 यूनिट ज्यादा रक्तदान

3 साल बाद बमोरी में फिर से रक्तदान शिविर लगा, इस बार लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की कमी से स्थिति बिगड़ी हुई है। इसी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र से भी रक्त जुटाने के लिए कलेक्टर एस विश्वनाथन ने योजना बनाई। इसके बाद बमोरी के उत्कृष्ट विद्यालय में शिविर का आयोजन सोमवार सुबह से ही किया गया। पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी सबसे पहले पहुंचे। उन्होंने यहां सूचना लगा दी कि बिना मास्क के कोई भी शिविर स्थल पर न आए। बमोरी थाना, तहसील और स्वास्थ्य विभाग का अमला जुटा। सबसे पहले रक्तदान कौन करें? इसे लेकर चर्चा चलती रही। इसी बीच हाल में पदस्थ हुई नायब तहसीलदार सेलजा मिश्रा ने रक्तदान की इच्छा जताई। फिर तो एक के बाद एक अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीण भी आगे आ गए। गांव की ही एक महिला पति को लेकर पहुंची, बोली कि हम दोनों भी रक्तदान करेंगे क्योंकि मेरी जिंदगी भी इसी से 4 साल पहले जिला अस्पताल में बची है। इसमें खास बात ये हैं कि गुना में 10 दिन पहले लगे शिविर में 57 यूनिट ब्लड आया था पर गांव में यह आंकड़ा 107 पर पहुंच गया।
सीजर हुआ था, तब 5 यूनिट ब्लड गुना से मिला था : बमोरी निवासी रचना वर्मा अपने पति मुरली वर्मा को लेकर रक्तदान शिविर में पहुंची। उसने बताया कि हम दोनों पहली बार रक्तदान करने आए हैं। महिला ने कहा कि 4 साल पहले जिला अस्पताल में सीजर से डिलेवरी हुई थी। उस समय मुझे 5 यूनिट रक्त ब्लड बैंक से चढ़ा था, तब मेरी जिंदगी बची थी। तभी से सोच रही थी कि मुझे भी इस महादान में शामिल होना है। लेकिन बमोरी में शिविर लगने से मौका मिला। महिला ने अपने पति के साथ रक्तदान किया। इसका असर यह हुआ कि गांव के अन्य लोग भी आगे आ गए।
कलेक्टर की अपील करें रक्तदान: कलेक्टर एस विश्वनाथन ने लोगों से अपील की, वह ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करें। क्योंकि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में इसे स्टोरेज करके रखा जाता है। ज़रूरत पड़ने पर इससे कई लोगों की जिंदगी बताई जाती हैं।

3 साल पहले ग्रामीण अंचल में हुई थी शुरुआत
जिले में पहले सिर्फ शहर से ही रक्तदान शिविर लगाए जाने की परंपरा थी। लेकिन पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी वर्ष 2017 में शिविर लगवाने शुरु किए। इसके बाद वह रिटायर्ड हो गए तो यह कार्य रुक गया। हालांकि कलेक्टर के दिशा-निर्देश मिलने के बाद फिर से इसकी शुरुआत उनके ही द्वारा की गई।



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50 units more blood donation in village camp than in city




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500 ट्राॅली धनिया बिकी, गेहूं के अच्छे दाम नहीं मिले तो सौदा पत्रक से बेचा

लॉकडाउन में मिली छूट के बाद पहली बार मंडी में धनिया, गेहूं, चना और सरसों की खुली नीलामी हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। 1200 से ज्यादा ट्राॅली पहुंच गई। धनिया के अधिकतम दाम 8200 रुपए रहे, वहीं सबसे कम 3800 रुपए रहे। गेहूं ज्यादातर सौदा पत्रक से ही बेचा गया। 500 ट्राॅली धनिया की नीलामी हुई तो 200 किसानों को अच्छे दाम नहीं मिले तो सौदा पत्रक से इसे विक्रय कर दिया। किसानों की इतनी ज्यादा भीड़ थी कि संभालना मुश्किल हो रहा था। मंडी समिति किसानों से आग्रह करती रही कि सामाजिक दूरी बनाए रखें, इसी का ख्याल रखते हुए नीलामी कराई। एसडीएम शिवानी गर्ग भी पूरी नीलामी प्रक्रिया पर नजर रखी रहीं ।

200 ग्राम बारदाने का ज्यादा वजन काटा
मंडी में एसडीएम शिवानी गर्ग ने तौल कांटों की जांच की। इस दौरान उन्होंने पाया कि आरोन के एक किसान ने 38 क्विंटल माल तुलाया था, लेकिन बारदाने का वजन 200 ग्राम ज्यादा काटा जा रहा था। यानी किसान को 200 ग्राम उपज का नुकसान था। इस वजह से एसडीएम ने व्यापारी से कहा कि किसान को पूरे उपज के दाम दिए जाएं। वहीं निर्देश दिए कि जितना वजन वारदाने का है, उतना ही काटा जाए।



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500 trolley coriander sold, if not good prices of wheat sold




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रात 50 किमी की रफ्तार से चली हवा; 11 केवी लाइन का तार टूटा, आधा घंटे गुल रही बिजली

शहर में साेमवार रात 10 बजे 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चली। इस वजह से पुराने शहर में रायल मार्केट इलाके में ताज मार्केट के पास 11 केवी यानी बड़ी लाइन का तार टूट गया। इससे पूरे इलाके में आधा घंटे बिजली गुल रही। इसके अलावा भदभदा, सूरज नगर, एअरपाेर्ट राेड, भानपुर समेत कई इलाकाें में हवा के कारण बिजली गुल रही। रविवार रात 12 बजे कराेंद इलाके में ट्रुबा काॅलेज के पास के इलाके में दाे घंटे एवं छाेला इलाके में 15 मिनट बिजली गुल रही। इसके पहले रविवार की रात को भी शहर के कई इलाकों में दो घंटे तक बिजली गुल रहने की शिकायतें मिली हैं। वहीं, बिजली विभाग शहर के अलग-अलग इलाकों में प्री-मानसून मेंटेनेंस के लिए शटडाउन का शेड्यूल जारी कर रहा है।

बिजली कंपनी के डीजीएम डीके तिवारी का कहना है कि तेज हवा के दाैरान एहतियात के ताैर पर सप्लाई बंद करनी पड़ती है। चालू लाइन में यदि तार टकराते हैं ताे फाॅल्ट करंट ज्यादा हाेने के कारण तार टूटकर नीचे गिर सकते हैं। एेसे हालात में अप्रिय स्थिति से बचने के लिए एहतियात के ताैर पर सप्लाई बंद कर दी जाती है।

मौसम विभाग ने जारी किया 13 जिलों में यलो अलर्ट

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने प्रति चक्रवात के कारणगरज-चमकके साथ बारिश और ओलावृष्टिकी संभावना है। इससे आज भी राजधानी समेत अन्य जिलों में तेज आंधी और तूफान आ सकता है।भोपाल-मौसम विभाग ने जारी किया 4 संभाग और 13 जिलों में यलो अलर्ट। भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग और रीवा, सतना, सीधी, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, दमोह, सागर, छतरपुर, होशंगाबाद, बैतूल और इंदौर में संभावना जताई गई है।



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भोपाल में सोमवार की रात को तेज आंधी से 11 केवी लाइन टूट गई, जिससे कई इलाकों में बिजली गुल रही। - फाइल फोटो




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चितौड़गढ़ से 450 किमी पैदल चलकर सिरोंज आए मजदूर, अब झारखंड तक 800 किमी और चलेंगे

राजस्थान के चितौड़गढ़ से 450 पैदल चल कर आ रहे 31 मजदूर मंगलवार को सिरोंज पहुंचे। लटेरी नाका तिराहे पर एक घंटे विश्राम करने के बाद ये लोग फिर पैदल ही रवाना हो गए।राजस्थान के चितौड़गढ़ में सीमेंट प्लांट पर काम करने वाले 31 मजदूर पैदल चलते हुए मंगलवार दोपहर में सिरोंज के लटेरी नाका तिराहे पर पहुंचे। अधिकांश लोगों के पास भारी-भरकम बैग थे तो कईयों के पास बड़े-बडे़ झोला।

ठेकेदार ने मजदूरी भी नहीं दी: मजदूरों के समूह मंे शामिल विनोद सिंह ने और विजय सिंह ने बताया कि सभी चितौड़गढ़ के सीमंेट प्लांट पर काम करने के लिए कुछ महीने पहले ही गए थे। जो ठेकेदार हमें लेकर गया था। उसने लॉकडाउन लगने के बाद मजदूरी देने से मना कर दिया। वाहन नहीं मिला तो पैदल ही निकल गए। रास्ते में लोगों ने ही मदद की और खाना खिलाया। 450 किमी का सफर तय कर हम यहां आए हैं और अभी भी 800 किमी हमें और चलना है।



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Workers who came to Sironj after walking 450 km from Chittorgarh, will now walk another 800 km to Jharkhand




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27 गांवों में जाकर 1500 से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच की और इलाज किया

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेहटी के डॉक्टर गांव-गांव घूमकर बाहर से आने वाले लोगों की जांच व इलाज कर रहे हैं। ताकि सीहोर जिला कोरोना से अछूता रहे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. मेहरबान सिंह अपनी टीम के साथ प्रतिदिन गांव-गांव जाकर बाहर से आने वाले लोगों का इलाज कर रहे हैं। जिन लोगों को सर्दी जुखाम है उन लोगों का भी इलाज गांव पर ही कर रहे हैं। वहीं बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिन के लिए परिवार से अलग रहने की हिदायत दे रहे हैं। डॉक्टर सिंह के साथ डॉ. इमरान खान, नितेश वर्मा, स्टाफ नर्स, सुपरवाइजर, एएनएम भी गांव-गांव जाकर बाहर से आने वाले लोगों को उनकी जांच करने वाली टीम में शामिल हैं।
डॉक्टर सिंह ने बताया कि अभी तक रेहटी क्षेत्र के 27 गांव का भ्रमण कर चुके हैं। जिसमें डॉक्टरों की टीम ने 1500 से अधिक मरीजों की जांच की है। डॉक्टर व स्वास्थ्य विभाग की टीम अपनी जान की परवाह किए बिना प्रतिदिन गांवों का भ्रमण कर रहे हैं ताकि रेहटी क्षेत्र में कोरोना महामारी न पहुंच पाए। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

दो माह से नहीं गए घर
डॉ. सिंह और उनकी टीम की सराहना पूरे नगर में की जा रही है। डॉक्टर सिंह 2 माह से अपने घर भी नहीं गए और रात दिन कोरोना महामारी से बचाने के लिए लोगों की जांच कर रहे हैं। गांव गांव के भ्रमण के दौरान में जिन मरीजों को जो भी समस्या होती है उस बीमारी का इलाज भी मौके पर कर रहे हैं ताकि ग्रामीण अंचलों के लोगों को रेहटी अस्पताल आने की नौबत नहीं आए। अस्पताल में रात में इमरजेंसी आने के बाद उन मरीजों को भी संभाल रहे हैं। यही वजह है कि जगह जगह उनका स्वागत कर उनका उत्साह बढ़ाया जा रहा है।

आस पास के गांव में सर्दी खांसी के मरीज के कारण था भय
नगर व आसपास के गांव में इस समय कहीं कहीं सर्दी खांसी के मरीज देखने को मिल रहे हैं। इस कारण लोगों भय रहता है, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने इनका इलाज समय पर पहुंचकर करने के कारण यह ठीक हो चुकी हे। जिले में अभी तक कोई भी मरीज नहीं मिला है। अस्पताल के डॉक्टरों की सतर्कता से क्षेत्र के लोग राहत महसूस कर रहे हैं।
अभी तक सर्दी जुकाम के 1500 से अधिक मरीज हो चुके हैं ठीक
डॉ. सिंह का कहना है कि जब तक कोरोना महामारी चलेगी प्रतिदिन गांव में भ्रमण कर बाहर से आने वाले लोगों की जांच कर उन्हें उचित सलाह दी जाएगी। अभी तक हमारी टीम ने 1500 से अधिक मरीजों को सर्दी जुकाम के थे वह पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।



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Visited and treated the health of more than 1500 people in 27 villages




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सीवन के पानी का टीडीएस 400 से 250 पर आया, 150 में होगा पीने योग्य

पिछले 42 दिनों से लोग घरों में ही रह रहे हैं। इसका फायदा पर्यावरण भी शुद्ध हुआ है। शासकीय उत्कृष्ट उमावि सीहोर की ग्लोबल लैब में सीवन नदी के अलग-अलग क्षेत्रों में पानी की जांच की गई। इसमें सीवन का पानी पहले 400 टीडीएस ( टोटल डिसोल्व सॉलिड) रहता था जो कि लॉकडाउन में घटकर औसतन 250 से 300 तक रह गया है।

उत्कृष्ट स्कूल ग्लोबल लैब के प्रभारी डॉ. देवेंद्र साहू ने बताया कि टोटल डिसोल्व सॉलिड यानि पानी में घुलित ठोस पदार्थ हैं। इसमें खनिज, धातु, अनाज या अन्य पदार्थ शामिल होते हैं। पूर्व में सीवन नदी के पानी का अध्ययन किया गया था। इसमें स्कूल के किनारे सीवन नदी के पानी में सामान्यत: टीडीएस 300 से 400 मिलीग्राम प्रति लीटर मिलती थी। तीसरे चरण के लॉक डाउन में 5 मई को टीडीएस मीटर से परीक्षण करने पर यह मात्रा 250 से 300 मिलीग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि ये जितना कम होता है, पानी उतना ही शुद्ध माना जाता है। पीने योग्य पानी का टीडीएस 100 से 150 के बीच होना चाहिए। इसी तरह स्कूल के बोर का टीडीएस जांच किया गया तो इसकी मात्रा 275 मिलीग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुई है।
पीएच मान 7 से 9 तो पानी अच्छा : स्कूल प्राचार्य आरके बांगरे ने बताया कि स्कूल में पानी की टंकी का निर्माण कर उसमें 16 नल सहित आरओ वॉटर कूलर लगाया गया है। जिसका टीडीएस 150 अंकित किया गया है जोकि शीतल व शुद्ध पेय जल है। इसी तरह पीएच मीटर द्वारा सीवन नदी का पीएच 8-9 मिलीग्राम प्रति लीटर और स्कूल के बोर का पीएच 7-9 प्राप्त हुआ है। जो कि अच्छा माना जाता है। पीएच 7 से कम होने पर पानी का अम्लीय और 7 से अधिक होने पर पानी का क्षारीय होनादर्शाता है।

इन कारणों से सीवन में प्रदूषण
डॉ. साहू ने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार लॉक डाउन में बीओडी भी आधी हो गई है। वहीं कुल घुलित पदार्थ भी कम हो गए हैं। इन नतीजों से साफ है कि नदी में कचरा फेंकने, कामर्शियल सीवेज, घाट पर कपड़े धोने, नदी में नहाने से पानी प्रदूषित हो रहा था। बीओडी ( बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड) नदियों में ऑर्गेनिक वेस्ट, सीवेज मिलने से बीओडी का स्तर बढ़ता है। विद्यालय के रेड क्रॉस प्रभारी संतोष सोनी ने सेच्ची डिक्स द्वारा नदी के जलस्तर की गुणवत्ता का अध्ययन किया।



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TDS of suture water comes from 400 to 250, 150 will be potable




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लॉकडाउन के उल्लंघन पर 500 लोगों के चालान बनकार पुलिस ने वसूला 21500 रुपए का जुर्माना

कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर जिला पुलिस राजगढ़ द्वारा लॉकडाउन का पालन कराने हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। एसपी प्रदीप शर्मा द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
निर्देशों के परिपालन में लॉक डाउन के दौरान दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों में अनावश्यक घूमने वालों के विरुद्ध पुलिस की कार्रवाई जारी है। इसी के तहत दोपहिया वाहन में बैठकर अनावश्यक रूप से घूमने वालों को समझाइश देते हुए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं में चलानी कार्रवाई भी की जा रही है।
चालानी कार्रवाई करते हुए जिले में लगभग 500 चालान बनाकर कुल 21500 समन शुल्क वसूला गया है। साथ ही बिना मास्क लगा, दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों में घूमने वालों के विरुद्ध सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है तथा गाड़ियों के नंबर प्लेट व वाहन चालक की पहचान की जाकर संबंधित को नोटिस भी भेजे जा रहे है साथ ही चालानी कार्रवाई की जा रही है।



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नियमों का पालन नहीं करने वाले 41 लोगों पर लगाया 9450 रुपए का जुर्माना

प्रशासन ने शहर में सुबह 9 से 4 बजे तक बाजार खोलने की अनुमति दी है। साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही अन्य नियमों का पालन करने की सख्त हिदायत दी है। इसके बाद भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस पर प्रशासन ने मंगलवार को शहर का भ्रमण कर चालानी कार्रवाई की।
मंगलवार को एसडीएम बृजबिहारी श्रीवास्तव, तहसीलदार गजेंद्र लोधी, थाना प्रभारी दीपक जाधव, सीएमओ डीपी शर्मा, नायब तहसीलदार अनिल शर्मा, आरआई प्रदीप दुबे ने शाम चार बजे के बाद शहर का भ्रमण किया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर 1, दुकानों के बाहर सामान रखने पर 26, समय सीमा के बाद दुकान खुलने पर 1 व्यक्ति का चालान काटा गया। सिंधिया चौराहे पर पहुंचकर वाहन चैकिंग की। इसमें कुछ वाहनों में परमिशन के अतिरिक्त सवारी बैठाए जाने पर वाहन चालकों को समझाइश देकर छोड़ दिया गया।
पुलिस ने 7 वाहनों पर की कार्रवाई 1750 रुपए शुल्क वसूला: पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन, मास्क नहीं पहनने एवं मोटरसाइकिल पर 3 सवारियां बैठाने पर चालानी कार्रवाई की। इस दौरान 7 वाहनों पर कार्रवाई करते हुए 1750 रुपए शुल्क वसूला।



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Rs 9450 fine imposed on 41 people for not complying with the rules




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छत पर सोते रहे दंपती, चोरों ने ताले तोड़ कर 50 हजार नकद व गहने किए चोरी

जोगियाना मोहल्ला में रात को अज्ञात चोरों ने एक मकान में चोरी की घटना को अंजाम दिया। चोर 50 हजार रुपए नकद सहित 25 हजार रुपए के दो मंगलसूत्र चोरी कर ले गए। चोरी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई।
कलेक्टर सिंह यादव अपनी पत्नी प्रियंका के साथ खाना खाने के बाद नीचे कमरे में ताला लगाकर छत पर सोने चले गए। सुबह 6 बजे उठकर जब वे नीचे आए तो उनको कमरे के ताले टूटे मिले और कमरे में रखा सामान बिखरा पड़ा था। दूसरे कमरे में रखे 50 हजार रुपए नकद गायब मिले और मंगल सूत्र भी नहीं मिला। इसकी शिकायत करने सुबह कलेक्टर सिंह थाने पहुंचा। जहां उसने बताया कि करीब 9 बजे सोने के लिए छत पर गए थे। जब नीचे आकर देखा तो कमरे में बड़े बक्से के कपड़े फैले मिले। दूसरे कमरे में एक छोटी पेटी जिसमें 50 हजार रुपए, दो मंगल सूत्र सोने के रखे थे। इस तरह चोर 75 हजार रुपए का सामान चुरा कर ले गए। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है और पुलिस की जांच का एक बिंदु ये भी रहेगा कि रात 11 बजे बारिश हुई थी। इसे आधार बनाकर पुलिस संदेह के आधार पर संदेहियों से पूछताछ भी कर सकती है। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात चोर के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज किया है।



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The couple kept sleeping on the roof, thieves broke locks and stole 50 thousand cash and jewelry




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कुम्हारपुरा की चार फीट चौड़ी गली के 50 मकानों में 31 कोरोना पॉजिटिव... हर दूसरे घर में संक्रमण

मंगलवारा इलाके में कुम्हारपुरा की इस गली में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। चार फीट चौड़ी गली में एक महीने में 31 पॉजिटिव केस आ चुके हैं। गली के 50 मकान(250 लोग) हैं। यानी हर दूसरे घर में संक्रमण। ज्यादातर प्रजापति समाज के हैं। पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य अमला खाद्य सामाग्री पहुंचाने में लगा है। यहां संक्रमण का मुख्य कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना है। इधर कोरोना संक्रमण के सबसे बड़े केंद्र जहांगीराबाद में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 127 हो गई है। यहां की एक किमी लंबी चर्च रोड के दोनों तरफ करीब 50 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जबकि अहीरपुरा में 40 से ज्यादा। दोनों ही इलाकों में पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने से ज्यादातर लोग संक्रमित हुए। यहां पर संक्रमण का एक कारण लॉकडाउन के दौरान भी किराना दुकानों का खुलना भी रहा।

सबसे हॉट स्पॉट जहांगीराबाद इलाके में 127 तक पहुंच गई पॉजिटिव केसों की संख्या

  • 127 हो गए हैं जहांगीराबाद इलाके में मरीज
  • 40 से ज्यादा केस अहीरपुरा इलाके में मिले
  • 50 पॉजिटिव मिल चुके हैं चर्च रोड के दोनों ओर

कुम्हारपुरा की गली में एक ही परिवार के तीन सदस्य संक्रमित
बुधवार को आई रिपोर्ट में कुम्हारपुरा की गली में एक ही परिवार के तीन लोग पॉजिटिव आए हैं। पॉजिटिव मरीजों के परिजनों ने बताया कि लॉकडाउन में घर में ही रहते थे, फिर भी संक्रमित हो गए है। ये समझ में नहीं आ रहा है कि संक्रमण कैसे हुआ।

एक महीने से घर से बाहर झांका भी नहीं फिर हो गया संक्रमण
चर्च रोड निवासी 21 वर्षीय युवती ने बताया कि उसके पिता सीधी में नौकरी करते हैं। वह मां और भाई के साथ यहां पर रहती हैं। पिछले एक महीने में वो घर से नहीं निकली और न ही उसके घर में कोई आया गया। लेकिन फिर भी घर के लोग संक्रमित हो रहे हैं।

गली में सब्जी खरीदने के लिए बाहर निकलते थे तभी हुआ संक्रमण
जहांगीराबाद इलाके में बुधवार को एक ही परिवार के चार लोग संक्रमित मिले हैं। परिवार के सदस्य ने बताया कि लॉकडाउन में सब्जियां लेने के लिए ही वो बाहर आते थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि संक्रमण हो जाएगा।



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31 houses corona positive in 50 houses of four feet wide street of Kumharpura ... infection in every other house




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पाइप लाइन डलने के बाद नहीं मिल रहा नलों से पानी, एक हैंडपंप से पानी भर रहे 150 परिवार

गर्मी बढ़ने के साथ ही क्षेत्र का जलस्तर भी गिरने लगा है। इससे कस्बारेंज पंचायत क्षेत्र के अधिकतर जलस्रोतों में पानी कम हो गया है। इस कारण स्थानीय रहवासियों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। एक तरफ कोरोना महामारी के कारण लोगों को घरों में रहना पड़ रहा है। वहीं ऐसे में लोगों को मजबूरी में पानी भरने के लिए घरों से बाहर जाना पड़ रहा है।
कस्बारेंज और चंदेरी रोड के रहवासी पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। कस्बारेंज के रहवासी एक ही हैंडपंप से पानी भर रहे हैं। वहीं चंदरी रोड के लोग एक कुएं से और कस्बारेंज क्षेत्र में एक ही हैंडपंप से लोग पानी भर रहे हैं।
एक हैडपंप के भरोसे 150 परिवार
कस्बारेंज क्षेत्र में पानी की समस्या कितनी गंभीर है। इसका अंजादा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में एक हैंडपंप से कॉलोनी के 150 से अधिक लोग पानी भर रहे हैं। 150 परिवारों की बस्ती में एकमात्र हैंडपंप लगा है। इसी से स्थानीय रहवासी दिनभर पानी भरते हैं।

पाइप लाइन डलने के बाद भी नहीं मिल रहा पानी
कस्बारेंज पंचायत क्षेत्र में नगर परिषद ने पाइप लाइन डाल दी है। लेकिन इसके बाद भी आज तक लोगों को पानी नहीं मिल पाया है। इससे लोग परेशान हो रहे हैं। साहू कालोनी निवासी राकेश साहू, मुन्ना रजक, बाबूलाल ने बताया कि इस भीषण गर्मी में हम मोहल्ले के लोग एक ही कुएं से पानी भरने को मजबूर हैं। हमारे यहां नप ने पाइप लाइन डाल दिए हैं। मगर आजतक वह चालू नहीं हो सकी है। इससे पूरे मोहल्ले वासी परेशान हो रहे हैं।

पानी भरने में कर रहे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश में लोग परेशान हैं। इसको लेकर लोगों में धीरे-धीरे जागरुकता बढ़ रही है। कस्बारेंज के रहवासी हैंडपंप पर पानी भरते समय सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं। लोगों द्वारा एक निश्चित दूरी बनाकर पानी भरा जा रहा है। इसी प्रकार चंदेरी रोड पर भी कुएं से पानी भरते समय लोग एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बना रहे हैं। क्षेत्र में लॉकडाउन के चलते एक तरफ लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। वहीं नगर परिषद ने शहर में पाइप लाइन डालने के बाद भी सप्लाई चालू नहीं कर लोगों को परेशान किया जा रहा है। आगामी समय में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी। वैसे-वैसे पानी की समस्या और बढ़ती जाएगी। इसलिए नगर परिषद को जल्द ही पानी सप्लाई को चालू करना चाहिए।

जल्द कराया जाएगा चालू
कस्बा रेंज क्षेत्र में बिछाई गई नवीन पाइप लाइन की जल्द टेस्टिंग कराई जाएगी। इसके बाद इसे जल्द चालू कराया जाएगा। इससे लोगों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
विनोद उन्नीतान, सीएमओ नगर परिषद मुंगावली
हर साल होती है समस्या
नल जल योजना के तहत जब कस्बारेंज में पाइप लाइन डालने का काम शुरू हुआ था तो यहां के रहवासियों में खुशी थी। क्षेत्र के रहवासी वर्षों पुरानी पानी की समस्या को खत्म होते देख रहे थे। लेकिन काम के धीमी गति से चलने के कारण अभी तक लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। इससे ऐसा लगता है कि इस साल गर्मी के मौसम में भी लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा।



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Water from drains is not available after the pipeline is poured, 150 families are flooded with a hand pump




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जरूरतमंदों को बांटा 250 क्विंटल आटा, तेल और साबुन

कोरोना संकट के कारण काम धंधे बंद होने से लोगों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए कई समाजसेवियों और संस्थाओं ने लोगों को भोजन के पैकेट और खाद्यान्न सामग्री बांटकर उनकी मदद की।
इसके तहत पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुशीला साहू और उनके पति पहलवान साहू जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने जरूरतमंद लोगों को 240 क्विंटल आटा, नमक, मिर्ची, तेल, साबुन के पैकेट वितरित किए। पूर्व नपाध्यक्ष सुशीला साहू ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि हमारी संस्कृति में मानवता ही धर्म है। हमारी वस्तु का उपयोग करना प्रकृति है। दूसरों से छीनकर उपयोग करना विकृति है, जबकि अपनी वस्तु राशन या अन्य चीज देना संसकृति है। मोदी जी की इसी भावना का पालन करते हुए हमने लोगों को खाद्यान्न सामग्री वितरित की। उल्लेखनीय है कि नपाध्यक्ष सुशीला साहू एवं उनके पति 4 अप्रैल से जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न सामग्री वितरित करने का कार्य कर रहे हैं।



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Distribute 250 quintals of flour, oil and soap to the needy




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आज से उपज मंडी में रोज 150 ट्राॅलियों की होगी नीलामी, गेट पर ही किसानों को दिए जाएंगे टोकन

कई दिनों से बंद पड़ी कृषि उपज मंडी की नीलामी शुक्रवार से शुरु होगी। यह निर्णय मंडी में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि एक दिन में केवल 150 ट्राॅलियों के अनाज की नीलामी की जाएगी। जिसके लिए गेट पर ही किसानों को टोकन जारी किए जाएंगे। बैठक गुरुवार को दोपहर 12 बजे से मंडी सभागार में हुई। बैठक विधायक महेश राय एवं अनुविभागीय अधिकारी एवं भार साधक अधिकारी अमृता गर्ग की मौजूदगी में हुई।


बैठक में नीलामी को लेकर निर्णय लिया गया कि कृषि उपज में केवल ट्रैक्टर-ट्राॅली से लाई गई जिंस की ही नीलामी होगी। ऑटो, बैलगाड़ी, हाथ ठेला एवं फुटकर (ढेरी) उपज की नीलामी नहीं होगी। नीलामी के लिए कृषि उपज मंडी में गेहूं की ट्राॅली अलग लाइन में लगेगी एवं अन्य कृषि उपज चना, मसूर, बटरी, तेवड़ा एवं सोयाबीन की भी लाइन अलग से लगेगी। नीलामी के लिए किसानों को मंडी गेट पर टोकन नंबर दिए जाएंगे तथा एक ट्रैक्टर-ट्राॅली पर केवल एक ही जिंस की डाक नीलाम की जाएगी एवं ट्राॅली पर ड्राइवर सहित 2 से अधिक व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा।


प्रांगण में 1 से लेकर 150 नंबर तक ट्रैक्टर-ट्राॅली की डाक नीलामी टोकन नंबर के आधार पर की जाएगी। जिन्हें टोकन प्रवेश द्वार से प्राप्त होगा।नीलामी दिनांक 8 अप्रैल से समय सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक इसके बाद दोपहर 3 बजे तक अंत तक डाक की जाएगी।


बैठक में तहसीलदार संजय दुबे, मंडी सचिव वीएस तोमर, पूर्व मंडी अध्यक्ष अमर प्रताप सिंह, व्यापारी संघ अध्यक्ष संदीप जैन, सचिव प्रवीण जैन, किसान शिवकुमार ठाकुर, मदन राजपूत, बाटू टडैया, धर्मकांटा संचालक प्रशांत राय, नवीन साहू, संतोष खरे, बनवारी लाल राय, मनोहर तिवारी, अभिषेक अग्रवाल एवं अन्य कृषक एवं व्यापारी उपस्थित रहे।



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From today, 150 trolleys will be auctioned daily in the produce market, tokens will be given to the farmers at the gate itself.




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नाईंकला के गांवों में भामाशाह ने किया 2500 किलो प्याज का वितरण

निकटवर्ती ग्राम पंचायत नाईंकला के विभिन्न गावों के जरूरतमंद ग्रामीणों को भामाशाह ने लगभग 2500 किलो प्याज का वितरण किया गया। ग्राम पंचायत नाईंकला के ग्राम कुंडाल निवासी जसवंत सिंह ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करने वाले जरूरतमंद ग्रामीणों को गुरुवार को प्याज का वितरण किया।

भामाशाह की ओर से इससे पूर्व भी ग्रामीणों को लॉकडाउन के दौरान राशन सामग्री व फल-सब्जियों का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने ग्राम कुंडाल, नीमड़ीखेड़ा, शिवजी का बाड़िया, पुवाड़िया, बरल, मालातों का बाड़िया, कमालियों का बाड़िया, दर्रा, कला खेड़ी ग्राम में ग्रामीणों को सहायता के तौर पर प्याज वितरण किया गया।



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Bhamashah distributes 2500 kg of onion in Naikla villages




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50 दिन की हो चुकी फसल पर बढ़ रहा इल्ली का प्रकोप, मौसम में बार-बार बदलाव से बढ़ी समस्या

इस समय किसानों की फसल 40 से 50 दिनों की हो चुकी है। बार-बार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण किसानों की मूंग फसल पर इल्लियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे किसान परेशान हैं और दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं। इससे किसानों पर दवाइयों का अलग से खर्च बढ़ रहा है।किसानों ने खेतों में अधिकतर 60 से 65 दिन की फसल की बोवनी की है। खेतों खड़ी जायद फसलों में इस समय फूल और फल आ रहे हैं। फसलों के फूल और फल में इल्ली का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए अतिरिक्त दवाई का छिड़काव कर रहे हैं। पिछले 40 से 50 दिनों में किसानों ने आठ से 10 बार दवाई का छिड़काव कर दिया है इससे किसानों का खर्च जो पहले प्रति एकड़ 5000 रुपए पढ़ता था। अभी है खर्च बढ़कर 10000 रुपए से 15000 रुपए तक बढ़ गया है। इसके बाद भी फसलों में इल्ली का प्रकोप कम नहीं हो पा रहा है। यदि फसलों में इल्ली का प्रकोप कम नहीं हुआ तो इसका असर फसल के उत्पादन पर भी पड़ सकता है।
कुएं में नीचे जाने लगा पानी
इस साल अच्छी बारिश के कारण नसरुल्लागंज तहसील सहित जिले की आष्टा इछावर और सीहोर में किसानों ने बड़ी संख्या में अपने खेतों में मूंग फसल की बोवनी की थी। जल स्रोतों में पर्याप्त पानी होने के कारण कृषि विभाग ने भी जायद फसल का रकबा बढ़ाया था जिले में पिछले साल 24000 हेक्टेयर में बोवनी की थी। यह रखवा बढ़कर 38000 हेक्टेयर हो गया है इसमें सबसे ज्यादा नसरुल्लागंज तहसील में किसानों ने मूंग फसल की बोवनी की है। इसके अलावा आष्टा सीहोर इछावर में भी उन किसानों ने बोवनी की है, जिनके पास जायद फसलों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है। लेकिन इछावर तहसील आष्टा तहसील के कुछ हिस्सों में पानी के जल स्रोत सूखने लगे हैं इनमें पानी लगातार नीचे जाने लगा है इससे भी किसानों की समस्या सिंचाई को लेकर होने लगी है। जल स्रोतों से मोटर पंप करीब 4 से 6 घंटे ही चल पा रहे हैं इससे किसान 24 घंटे में दो बार ही फसल में पानी दे पा रहे हैं। इससे समय पर सिंचाई नहीं हो पा रही है इसका असर दाने की चमक और उसके उत्पादन पर भी पड़ सकता है।
1 सप्ताह बाद नसरुल्लागंज में शुरू हो जाएगी कटाई
इस समय किसानों के खेतों में जो फैसले पककर तैयार हो गई है। ऐसी मूंग फसलों की कटाई का काम 1 सप्ताह बाद शुरू हो जाएगा। इसके अलावा आष्टा सीहोर और इछावर में भी कटाई का काम शुरू हो जाएगा। फसलों की कटाई के लिए अब किसानों ने बार-बार हो रहे हैं मौसम में बदलाव के कारण सिंचाई करना कुछ समय बंद कर दिया है इससे फसल सूखने लगी है। ताकि बारिश आने से पहले किसान इसकी कटाई कर निकाल सके और बारिश से बचा सके।

पकने लगी फसल, कटाई की तैयारी में किसान
इस समय जिन किसानों ने अपने खेतों में 60 से 65 दिन वाली मूंग फसल की बोवनी की थी वह पकना शुरू गई है। वहीं जिन किसानों ने लेट बोवनी की थी । ऐसी मूंग फसलों में इस समय फूल आ रहे हैं फूलों पर दिल्ली के प्रकोप से फसल के बांझ रहने का खतरा बना हुआ है इससे किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है किसान कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर अपने खेतों में दवाई का छिड़काव कर रहे हैं इसके बाद भी दिल्ली का असर बार-बार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण कम नहीं हो रहा है।

किसानों को दी जा रही सलाह
कृषि विभाग के उपसंचालक एस एस राजपूत का कहना है कि इस समय जिन किसानों ने 60 से 65 दिनों की मूंग फसल बोई थी उसकी कटाई शुरू होने वाली है जिन किसानों ने लेट बोनी की थी उन फसलों में फूल और फल आ रहे हैं। फसलों में इल्ली के प्रकोप को कम करने के लिए किसान अलग-अलग तरह की दवाइयां कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर दे सकते हैं इसके लिए ब्लॉक स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को समय-समय पर सलाह देते हैं ताकि फिर किसानों की फसलों का अच्छा उत्पादन हो सके। इसी तरह जिला स्तर से भी कृषि विभाग के अधिकारी व मैदानी अमला किसानों को सलाह दे रहा है।



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Worm growing on 50 days old crop, problem increased due to frequent change in weather




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सड़क पर थूका तो वसूला 2500 रु. जुर्माना, सफाई भी करवाई

जहांगीराबाद...संक्रमण के लिहाज से हॉट स्पॉट। यहां गुरुवार को एक दूध वाले को सड़क पर थूकना महंगा पड़ गया। दूध वाले का कसूर यह था कि संक्रमण के इस दौर में उसने यह करतूत की और फिर निगम के अमले से बहस की। निगम अधिकारी ने भी उस पर थूकने के मामले में अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई की। इसके तहत 2500 रुपए वसूले और फिर उसी से गंदगी को साफ भी कराया। दरअसल, कुछ लोगोंे की ऐसी मनमानी पूरे इलाके के लिए संक्रमण का खतरा बन सकती है। इसी करण सख्ती की जा रही है।

करतूत..बहस..नसीहत

दोपहर 1 बजे... जहांगीराबाद में दूध बेचने आए शफीक ने सड़क पर गाड़ी चलाते हुए गुटखा थूक दिया। ड्यूटी पर तैनात निगम के एएचओ अजय श्रवण ने उसे रोका और कहा कि सार्वजनिक स्थान पर थूकना मना है। इस पर शफीक ने बहस शुरू कर दी। श्रवण ने उसे नसीहत दी कि तुम्हारी यह हरकत अन्य लोगों की परेशानी का कारण बन सकती है।

फाइन भरा...झाड़ू थामी

...लेकिन शफीक माना । श्रवण ने उसे कहा कि थूकने पर एक हजार और कंटेनमेंट एरिया में गंदगी फैलाने और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए अब उसे पांच हजार रुपए स्पॉट फाइन भरना होगा। बहस बढ़ी तो मौके पर मौजूद पुलिस बल भी निगम के साथ आ गया। आखिर शफीक 2500 रुपए देने पर सहमत हुआ तो अमले ने गंदगी भी उसी से साफ कराई।

संक्रमण रोकने अभी ऐसी सख्ती जरूरी है

उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने करीब एक सप्ताह पहले थूकने पर एक हजार रुपए का जुर्माना करने के आदेश जारी किए थे। सबसे पहले कोलार में एक व्यक्ति पर एक हजार रुपए का जुर्माना हुआ था। इसके बाद रवींद्र भवन मैन रोड पर से गुजरते एक व्यक्ति से भी निगम अमले ने एक हजार रुपए वसूल लिए थे। अपर आयुक्त राजेश राठौड़ ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों के खिलाफ पूरे शहर में सख्ती की जा रही है।



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Spit on the road, charged ~ 2500 fine, also cleaned




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औरंगाबाद, केरल और कर्नाटक से मध्य प्रदेश के 58 जिलों के 3500 से अधिक मजदूर तीन ट्रेनों से लाए गए

महाराष्ट्र के औरंगाबाद से 1223 मजदूर लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार सुबह रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। स्वास्थ्य की जांच करने के बाद इन्हें बसों से इनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया। ट्रेन में खंडवा, खरगोन, सीधी समेत 24जिलों के मजदूर लाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक खंडवा के295मजदूर शामिल हैं। वहीं,शुक्रवार को केरल और कर्नाटक सेदोस्पेशल ट्रेनों में34 जिलों के 2400 मजदूरविदिशा पहुंचे। इन्हें भी इनके गृह जिलों के लिए रवाना कर दिया गया है।गुरुवारऔर आज यानि शुक्रवार सुबह तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 7000 हजार मजदूरों को मध्य प्रदेशबुलाया जा चुका है।

वहीं 24 जिलों के 1223 मजदूरों की ओबेदुल्लागंजस्टेशन परडॉक्टरों के दल ने स्क्रीनिंग की। इसके बाद सभी श्रमिकों को नाश्ता कराया गया। इन मजदूरों को संबंधित जिलों से आई बसों में बैठाकर रवाना कर दिया गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंगका पालन भी कराया गया। एएसपी एपी सिंह, एसडीएम विनीत तिवारी सहित बड़ी संख्या में अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। इनमें खंडवा के सबसे ज्यादा 295, दमोह के 244 मजदूर शामिल हैं। जबकि रायसेन का एक, विदिशा का एक और सीहोर के 10 मजदूर शामिल हैं। वहीं भोपाल के 4, राजगढ़ 2, अशोकनगर 4, दतिया 71, गुना 16, ग्वालियर 15, शिवपुरी 34, बैतूल 145, खरगोन 157, मुरैना 58, छतरपुर 80, हरदा 2, होशंगाबाद एक, भिंड 16, निवाड़ी 10, सागर 34, टीकमगढ़ 3, आगर 2, उज्जैन 17 मजदूर औबेदुल्लागंज स्टेशन पर ट्रेन से लाए गए।

ओबेदुल्लागंज स्टेशन पर पहुंचे मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई और इसके बाद उन्हें बसों से रवाना किया गया है।

दो ट्रेनों में करीब 2400 मजदूर कर्नाटक और केरल से विदिशापहुंचे

इधर,शुक्रवार को केरल और कर्नाटक सेदोस्पेशल ट्रेनों में34 जिलों के 2400 मजदूरविदिशा पहुंचे। स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई गई थीं, इसके साथ ही सुरक्षा के भी प्रबंध किए गए थे। पहली ट्रेन कर्नाटक से मजदूरों को लेकरसुबह 7 बजे केरल से आई और इसके बाद दूसरी ट्रेन दो घंटे के बादसुबह 9 बजे कर्नाटक से आई। इन दोनों ट्रेनों में करीब 2400 मजदूर विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। इन मजदूरों को उनके गृह जिलों में रवाना करने के लिए करीब 100 बसों का इंतजाम किया गया था। मजदूरों को उनके गृह जिलों में रवाना करने से पहले स्क्रीनिंग की गई।

गुरुवार और शुक्रवार को सुबह तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 7000 हजार मजदूरों को मध्य प्रदेश बुलाया जा चुका है।

गुरुवार और आज सुबह तक ट्रेनों से लाए गए करीब 7000 मजदूर
मध्य प्रदेश सरकार ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-नोएडा के साथ ही शुक्रवार को सुबहकेरल, कर्नाटकसे दो ट्रेनें विदिशा पहुंचीं। वहीं औरंगाबाद से मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। इसके पहले गुरुवार को हैदराबाद से कटनी 997 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन आई, भोपाल में मुंबई के पनवेल से करीब 1200 श्रमिक और दिल्ली से करीब 1200 मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन छतरपुर रात को 8 बजे आई थी। गुरुवार और शुक्रवार को सुबह तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 7000 हजार मजदूरों को बुलाया जा चुका है।

1200 मजदूर शनिवार को गोवा से ग्वालियर पहुंचेंगे
मध्यप्रदेश के उत्तरी अंचल के करीब 1200 श्रमिकों को एक विशेष ट्रेन से शनिवार को ग्वालियर लाया जाएगा। इन श्रमिकों को गोवा से एक विशेष ट्रेन से ग्वालियर लाया जा रहा है। यह ट्रेन कल यानी शनिवार को ग्वालियर पहुंचेगी। इस ट्रेन में राज्य के ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले के मजदूर हैं। इन श्रमिकों को आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी प्रोटोकाल के बाद उनके गांवों में भेजा जाएगा।



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रायसेन के ओबेदुल्लागंज स्टेशन पर शुक्रवार को औरंगाबाद से 1200 से अधिक मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से लाया गया।




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फर्जी पाॅवर ऑफ अटॉर्नी से 1500 करोड़ की जमीन हथियाने वालों काे मिली जमानत

फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी से 1500 करोड़ की 94 एकड़ जमीन हथियाने के मामले में जेल में बंद आरोपियों शफीक मोहम्मद, रफीक और रंजीत को जांच एजेंसी की लापरवाही के चलते शुक्रवार को जमानत मिल गई। इस मामले में जांच एजेंसी 90 दिनों में भी चालान पेश नहीं कर सकी और इसका फायदा आरोपियों को मिला। शुक्रवार को मजिस्ट्रेट लालता प्रसाद ने आरोपियों की ओर से पेश जमानत आवेदन स्वीकार करते हुए उन्हें जेल से रिहा किए जाने के आदेश दिए।

तिलक हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारी हैं आरोपी

इसी साल 8 फरवरी को कोहेफिजा पुलिस ने तिलक हाउसिंग सोसायटी के नाम पर 1500 करोड़ की जमीन के खेल का खुलासा कर अध्यक्ष रिटायर्ड कर्नल भूपेंद्र सिंह, होटल सूरज के संचालक शफीक मोहम्मद सहित पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 14 पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। सभी पर एयरपोर्ट रोड की 93.5 एकड़ जमीन फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने और इस पर इंद्रविहार कॉलोनी बनाकर 1700 से ज्यादा लोगों को प्लॉट बेचने का आरोप है। जमीन की कीमत करीब 1500 करोड़ रुपए आंकी गई थी।

15.96 की जगह लिखवा ली थी 93.5 एकड़ जमीन
शफीक मोहम्मद ने मुख्तारनामा के सीरियल नंबर पर एक और मुख्तारनामा बनवाया और कूटरचना करते हुए 15.96 एकड़ जमीन की जगह 93.5 एकड़ लिखवा लिया।
विजय कोटिया, एडीपीओ के मुताबिक, सरकार के आदेश के बाद 11 मार्च को यह मामला ईओडब्ल्यू के पास चला गया था। मामले में जांच चल रही है। कोविड 19 के चलते कार्यालय बंद है, दस्तावेज जब्त नहीं किये जा सके और गवाहों के बयान भी दर्ज नहीं हो पाए थे।



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राजधानी भोपाल स्थित इओडब्ल्यू कार्यालय




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रेल हादसे के मृतकों के परिवारों को दी जाए 50-50 लाख की आर्थिक सहायता : कमलनाथ

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने औरंगाबाद में मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 मजदूरों की मौत की घटना पर दुख प्रकट करते हुए उनके परिवारों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए की सहायता दिए जाने की घोषणा की है जिसे बढ़ाकर 50 लाख रुपए किए जाने की मांग की गई है। नाथ ने कहा कोरोना महामारी के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन से प्रदेश के हजारों मजदूर विभिन्न राज्यों में फंसे हैं, उनकी सुरक्षित वापसी के इंतजाम किए जाएं।
संबल योजना महज रस्म अदायगी
वहीं, दूसरी ओर कमलनाथ ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौर में जब श्रमिकों को काम की जरूरत है, तब संबल योजना महज रस्म अदायगी बनकर रह गई है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डेढ़ महीने में इस योजना से महज 1903 लोगों को ही लाभांवित किया गया है। साथ ही तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा संबल योजना के बंद किए जाने के बाद नया सवेरा योजना शुरू करने पर भी सियासत तेज हो गई है।



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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने औरंगाबाद में मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 मजदूरों की मौत की घटना पर दुख प्रकट करते हुए उनके परिवारों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है।




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सड़क पर मिले 500 के नोट

कोरोना काल के दौरान लोगों में डर व दहशत पैदा करने के लिए शरारती तत्व कई तरह की हरकत कर रहे हैं। इसमें बेबुनियाद खबरों से लेकर अफवाह फैलने की कोशिश की जा रही है। एक और तरीका भी खासा लोकप्रिय हो रहा है। इसमें सड़क पर नोट गिरा दिए जाते हैं। इसके बाद ऐसी अफवाहें फैला दी जाती हैं कि सड़क पर गिरे हुए नोटों से संक्रमण फैल सकता है।
इंदौर, भोपाल जैसे शहरों में इस तरह की घटनाएं खूब हुईं और एक भी मामले में यह साबित नहीं हुआ कि नोटों में ऐसा कुछ था कि जिससे संक्रमण फैल सके। अब असामाजिक तत्वों का यह हथकंडा छोटे शहरों में भी फैलने लगा है। राघौगढ़ में शुक्रवार को जनपद पंचायत कार्यालय के रास्ते पर 500-500 रुपए के नोट मिले। इसे लेकर लोगों में घबराहट फैल गई। डर ऐसा था कि किसी की हिम्मत नहीं पड़ी की वह यह नोट उठा ले। आखिर पुलिस तक सूचना पहुंची तो उसने इन नोटों को कब्जे में ले लिया। पता चला कि पूरे 6000 हजार रुपए सड़क पर गिरे हुए थे। अब इनकी जांच की जाएगी।



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500 notes found on the road




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खुले ट्राला में बैठकर राजस्थान से आए 50 मजदूरों को झागर स्कूल में रोका

जिले में बाहरी मजदूरों के आने का क्रम जारी है। यह मजदूर अपने गंतव्य की ओर निकलने के लिए जिले की सीमा में प्रवेश कर निकल रहे हैं। जिले की राजस्थान सीमा से लगी राजपुरा चेक पोस्ट से खुले ट्राले में बैठकर 50 मजदूरों के जत्थे ने जिले की सीमा में प्रवेश किया। जिले की सीमा में प्रवेश करने पर इन्हें झागर में रोका गया। भौंरा गांव पर बनाई गई चेक पोस्ट से जैसे ही मजदूरों से भरा ट्राला निकला तो चेक पोस्ट कर्मियों द्वारा नायब तहसीलदार शैलजा मिश्रा को सूचना दी गई। नायाब तहसीलदार ने झागर गांव में ट्राले में बैठकर जा रहे मजदूरों को रोका। मजदूरों को शासकीय विद्यालय झागर में ठहराया गया। जहां पर मजदूरों को केवल चाय-नाश्ता कराया गया। 50 लोग शहडोल, उमरिया, भिंड, ललितपुर, होशंगाबाद, जाने के लिए पैदल आ रहे थे। बीच रास्ते में राजस्थान पुलिस द्वारा इन्हें ट्राले में बैठा दिया गया। तहसीलदार मोहित जैन ने बताया कि लोगों को खाने पीने की राशन सामग्री उपलब्ध कराकर मजदूरों को बसों द्वारा उनके गंतव्य तक पहुंचाने का प्रबंध किया गया।



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50 workers from Rajasthan stopped in Jhagar School by sitting in open trola




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Over 1500 migrants gather in Mumbai's Bandra to protest against lockdown extension

To control the situation, police resorted to lathi-charge, following which the crowd was dispersed.




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RBI announces special liquidity support of Rs 50,000 crore for mutual funds to cope with COVID-19 crisis

The RBI also announced that under this facility, it will give funds to banks at lower rates and that the banks will be allowed to avail funds for meeting the liquidity requirements of mutual funds.




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Govt signs $500 million project with AIIB to deal with COVID-19 pandemic

COVID-19 Emergency Response and Health Systems Preparedness Project is being financed by the World Bank and AIIB in the amount of $1.5 billion, of which $1.0 billion will be provided by World Bank and $500 million will be provided by AIIB.




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50-19

Annual Leave Donations to the Voluntary Leave Transfer Program




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The media, European integration and the rise of Euro-journalism, 1950s-1970s [Electronic book] / Martin Herzer.

Cham : Palgrave Macmillan, c2019.




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MEDIA, EUROPEAN INTEGRATION AND THE RISE OF EURO -JOURNALISM, 1950S-1970S [Electronic book].

[S.l.] : SPRINGER NATURE, 2019.




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The first outstanding 50 years of "Università Politecnica Delle Marche" [Electronic book] : research achievements in social sciences and humanities / Sauro Longhi [and more], editors.

Cham : Springer, 2020.




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The first outstanding 50 years of "Università Politecnica Delle Marche" [Electronic book] : research achievements in physical sciences and engineering / Sauro Longhi, Andrea Monteriù, Alessandro Freddi, Emanuele Frontoni, Michele Germa

Cham : Springer, c2019.




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Evaluating teaching practices in graduate programs [Electronic book] / Jesús Gabalán-Coello, Fredy Eduardo Vásquez-Rizo, Michel Laurier.

Cham : Springer, c2019.




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Complex analytic cycles. I [Electronic book] : basic results on complex geometry and foundations for the study of cycles / Daniel Barlet, Jón Magnússon.

Cham : Springer, c2019.




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FSIS Directive 6500.1

New Poultry Inspection System: Post-Mortem Inspection and Verification of Ready-To-Cook Requirement




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FSIS Directive 5000.1 Revision 5

Verifying an Establishment’s Food Safety System




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FSIS Directive 14950.1

Inspection Program Personnel Responsibilities at Official Import Inspection Establishments That Receive Shipments of Siluriformes Fish and Fish Products




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FSIS Directive 2450.2 Revision 3




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FSIS Directive 5020.2

The New Technology Review Process.




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FSIS Directive 1050.1 Rev. 4

Requesting Participation at Non-FSIS Sponsored Meetings and Events




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FSIS Directive 5000.4 Revision 2

This directive provides instructions to inspection program personnel (IPP) regarding how to perform the Public Health Information System (PHIS) Pre-Operational (Pre-Op) Sanitation Standard Operating Procedures (Sanitation SOP) verification task in meat and poultry slaughter and processing operations, and official import establishments.




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FSIS Directive 7150.1 Descriptive Designation for Needle or Blade Tenderized Raw Beef Products as Required by 9 CFR 317.2(e)(3)




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FSIS Directive 5030.1 Revision 1

Inspection Methodology Utilizing PHIS for the Verification of Regulatory Compliance in Egg Products Plants




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FSIS Directive 5000.5 Revision 2

Performance of the HAV Task.




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FSIS Directive 5000.10

Verifying that Records are Kept by Official Establishments that Grind Beef




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FSIS Directive 5500.2 Revision 7

Significant Incidence Response




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FSIS Directive 5000.7

Verification of Adequate Controls at Establishments in Areas Affected by Natural Disasters