आकलन आकलन : कॉपीबहाद्दर By www.loksatta.com Published On :: 2012-12-18T04:25:58+05:30 माहिती तंत्रज्ञानामुळे माणूस बुद्धिमान झाला की मठ्ठ? माणसातील सर्जनशीलता वाढत आहे की कमी होत आहे? काही तरी वेगळे करून पाहण्याचे मानवाचे वैशिष्टय़ माहितीच्या महापुरात वाहून जात आहे का? मार्क पेगल यांनी उपस्थित केलेले हे प्रश्न अस्वस्थ करणारे आहेत. Full Article आकलन संपादकीय editorial
आकलन अरूपाचे रूप सत्यमार्गदर्शक : २७६. आकलन आणि आचरण By www.loksatta.com Published On :: 2012-12-15T02:07:09+05:30 कबीरांची जी रमैनी आपण पाहिली तिचा शेवट नामतत्त्वाचं गहन गंभीर रूप सांगून होतो. रमैनीच्या सुरुवातीला मुक्तीचं स्वरूप पढत पंडितांना विचारलं. वेदाचं शाब्दिक ज्ञान सांगू नका, असंही बजावलं. त्याच्या पुष्टीसाठी, वेद स्थापित करणाऱ्या ब्रह्माजींनाही मुक्तीचं मर्म माहीत नाही, हे ठासून सांगितलं. Full Article अरूपाचे रूप सत्यमार्गदर्शक संपादकीय god religion
आकलन कोरोना महामारी के बाद से दिसंबर तक देश में रिकॉर्ड 2.41 करोड़ बच्चों का जन्म: यूनिसेफ का आकलन By www.amarujala.com Published On :: Thu, 07 May 2020 05:03:20 +0530 यूनिसेफ का अनुमान है कि मार्च में कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किए जाने के बाद से नौ महीने के भीतर यानी दिसंबर तक भारत में रिकॉर्ड स्तर पर दो करोड़ से ज्यादा बच्चों का जन्म होने की संभावना है। Full Article
आकलन गोगोई का आकलन राज्यसभा में उनके काम से हो By Published On :: Tue, 17 Mar 2020 22:14:00 GMT सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा में नामित करने के बाद विवादों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। कुछ लोगों के अनुसार इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता बाधित होगी तो कई लोग इसे इनाम के तौर पर बता रहे हैं। लता मंगेशकर, सचिन तेंदुलकर और राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जैसे महान लोग राज्यसभा में नामित किए जा चुके हैं। एेसे में गोगोई जैसे विद्वान विधिवेत्ता के राज्यसभा में आने से विधायी कार्यों का सशक्तिकरण ही होगा। सुप्रीम कोर्ट परिसर की दो इमारतें बड़े कानूनविद एम.सी. सेतलवाड और सी.के. दफ्तरी के नाम पर हैं। सेतलवाड की अध्यक्षता वाले विधि आयोग ने अपनी 14वीं रिपोर्ट में रिटायरमेंट के बाद जजों के पद लेने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की अनुसंशा की थी। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के अनेक पूर्व मुख्य न्यायाधीशों के साथ सभी दलों के बड़े राजनेताओं और बार कौंसिल ने भी सहमति व्यक्त की है। कई साल पहले वोहरा समिति ने नेता, अफसर और उद्योगपतियों के गठजोड़ का बड़ा खुलासा किया था।आपातकाल के पहले तीन जजों की वरिष्ठता को दरकिनार करके इंदिरा गांधी ने ए.एन. रे को मुख्य न्यायाधीश बनाया था, जिसे न्यायपालिका का काला इतिहास कहा जाता है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फली एस. नरीमन ने अपनी किताब में आपातकाल के समय न्यायपालिका की दुर्दशा का जिक्र किया है। पुस्तक ‘गॉड सेव द आॅनरेबल सुप्रीम कोर्ट’ के एक प्रसंग में पूर्व अटॉर्नी जनरल सी.के. दफ्तरी कहते हैं कि सबसे अच्छा निबंध लिखने वाला टॉप कर गया। विधि संस्था की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के अधिकांश जज रिटायरमेंट के बाद किसी न्यायाधिकरण या फिर अप्रत्यक्ष वकालत से जुड़ जाते हैं। ऐसे जजों पर अब कोई विवाद नहीं होता, लेकिन राजनीति में जाने वाले जजों पर हमेशा से विवाद रहा है। जस्टिस छागला को रिटायरमेंट के बाद नेहरू ने अमेरिका का राजदूत बनाया था। उसके बाद रिटायर्ड जज सांसद, राज्यपाल, लोकसभा स्पीकर और उपराष्ट्रपति समेत अनेक भूमिकाओं में आ चुके हैं। उसी तर्ज पर अब गोगोई के राज्यसभा में मनोनयन पर अनेक सियासी कयास लगाए जाना स्वाभाविक है।सवाल यह है कि जब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों के दौर में जजों को पार्टी टिकट पर चुनाव भी लड़ाया गया तो अब गोगोई के नामांकन पर हाय-तौबा करने का हक विपक्षी नेताओं को कैसे हो सकता है? हालांकि, पूर्ववर्ती नियुक्तियों के हवाले से गोगोई के नामांकन को सही ठहराने की कोशिश सरकार के लिए उलटी भी पड़ सकती है। कहा जाता है कि सिख दंगों में क्लीन चिट देने के लिए पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा को और बिहार कॉपरेटिव घोटाले में जगन्नाथ मिश्रा को क्लीन चिट देने के लिए बहरूल इस्लाम को सांसद बनाया गया था। इसी को देखते हुए ऐसे ही कयास गोगोई की नियुक्ति पर क्यों नहीं लगाए जाएंगे? राज्यसभा की सदस्यता कितनी महत्वपूर्ण है, यह इस बात से जाहिर है कि मध्य प्रदेश और गुजरात में भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए अनेक कांग्रेसी विधायकों ने त्यागपत्र ही दे दिए। गोगोई को विधि क्षेत्र में विशेषज्ञता हेतु स्वतंत्र सदस्य के तौर पर नामित किया जा रहा है, लेकिन आगे चलकर अगर वे डाॅ. सुब्रमण्यम स्वामी की तर्ज पर यदि वे सत्तारूढ़ पार्टी का हिस्सा बन जाएंगे तो विवाद और बढ़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने एनजेसी का कानून रद्द करते हुए कहा था कि कानून मंत्री की उपस्थिति से न्यायिक आयोग की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी। उस कानून को रद्द करने वाली बेंच में शामिल जस्टिस कुरियन जोसेफ ने न्यायपालिका में सुधार के लिए पेरोस्त्रोइका और ग्लास्त्नोव जैसे क्रांतिकारी उपायों की बात कही थी। लेकिन, पिछले पांच वर्षों में सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार ने जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को दुरुस्त करने के लिए कोई भी कानून नहीं बनाया, जिससे जजों की नियुक्ति में बंदरबांट जारी है। चीफ जस्टिस बनने से पहले गोगोई ने तीन अन्य जजों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके न्यायिक सुधारों और देश के प्रति अपनी जवाबदेही की बात कही थी। उन्होंने छुट्टी के दिन एक आपातकालीन सुनवाई करके सुप्रीम कोर्ट में माफिया के हस्तक्षेप की बात करते हुए जस्टिस पटनायक को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। उनके साथ प्रेस काॅन्फ्रेंस में शामिल दो अन्य जजों ने गोगोई को राज्यसभा में नामित किए जाने की आलोचना की है। गोगोई ने कहा है कि शपथ ग्रहण करने के बाद वे राज्यसभा में जाने के अपने फैसले पर प्रकाश डालेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए मुद्दे और जस्टिस पटनायक आयोग की जांच रिपोर्ट पर गोगोई द्वारा सदन में अब चर्चा हो तो राज्यसभा में उनका मनोनयन सार्थक हो जाएगा। इसलिए सदन में उनकी भूमिका से ही अगर उनका आकलन किया जाए तो बेहतर होगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा में नामित किया गया है। Full Article
आकलन आईडीएसपी का आकलन-अगले दो हफ्ते अहम...चूक हुई तो 350 तक पहुंच सकते हैं राज्य में कोरोना के केस By Published On :: Tue, 05 May 2020 00:31:00 GMT (पवन कुमार )झारखंड में सोमवार को लगातार दूसरे दिन कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला। सुनने में तो ये खबर सुकून देने वाली लगती है, मगर राज्य में महामारी के सर्विलांस में लगे इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) की रिपोर्ट ये सुकून हवा कर देती है। आईडीएसपी का आकलन है कि अभी कोरोना मरीजों की संख्या काबू में है। सरकार ने लॉकडाउन को आगे बढ़ा इसे काबू में ही रखने की कोशिश भी शुरू कर दी है। मगर आने वाले 14-15 दिन काफी अहम होंगे। राज्य में कोरोना केसों की डबलिंग रेट और संक्रमण दर के अाधार पर आईडीएसपी की ओरसे तैयार प्रोजेक्शन रिपोर्ट के अनुसार अगले 14-15 दिनों में कोरोना केस की संख्या तीन गुनी हो सकती है। जो कि करीब 350 के आसपास होगी।महाराष्ट्र में हर 100 टेस्ट पर 8 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, झारखंड में 0.91...मगरवह हमसे 1056% ज्यादा टेस्ट कर चुका है, तभी मरीज मिलने की दर ज्यादाझारखंड में अभी प्रति 100 टेस्ट पर 0.91 मरीज मिल रहे हैं। यह दर बहुत कम है। जबकि महाराष्ट्र में प्रति 100 टेस्ट अभी 8.12 मरीज मिल रहे हैं। हालांकि सच्चाई ये भी है कि महाराष्ट्र में अब तक 1.5 लाख से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। यानी हमारे 13815 टेस्ट से 1056% ज्यादा टेस्ट हुए हैं।प्रति 10 लाख की आबादी पर टेस्टिंग में हम पीछे : प्रति 10 लाख की आबादी पर टेस्टिंग के मामले में हम देश में बहुत पीछे हैं। हमसे बदतर स्थिति में सिर्फ चार राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और नगालैंड ही हैं।प्रति 10 लाख आबादी पर टेस्टिंगराज्य टेस्ट कुल केसदिल्ली 2574 3738अांध्र प्रदेश 2050 1525तमिलनाडु 1824 2526राजस्थान 1456 2666झारखंड 339 116असम 336 43नागालैंड 308 01बिहार 220 471प. बंगाल 215 795डबलिंग रेट ज्यादा, फिर भी झारखंड में टेस्ट कमवर्तमान में झारखंड में कोरोना केस के डबलिंग की रफ्तार 9 दिन की आसापास है। वहीं देश का डबलिंग रेट 12 है। इसके बाद भी झारखंड में जांच की संख्या में तेजी नहीं अा रही है। सबसे बड़े टेस्ट सेंटर रिम्स की लैब बंद होने से भी टेस्टिंग की रफ्तार काफी कम हो गई है। सोमवार को भी पीएमसीएच धनबाद, एमजीएम जमशेदपुर व आरोग्यशाला इटकी को मिलाकर कुल 479 ही सैंपल जांचे गए। जबकि सिर्फ रिम्स में ही रोज 350 के करीब टेस्ट होते हैं। टेस्टिंग के मामले में देश में झारखंड 24वें स्थान पर है।3 दिन से बंद रिम्स की लैब आज खुलेगी...मगर टेस्टिंग शुरू होने पर संदेहरिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में चल रही कोरोना टेस्टिंग लैब 3 दिन बाद मंगलवार को दोबारा खुलेगी। यहां सैंपल कलेक्शन तो होगा, मगर टेस्टिंग शुरू होने पान पर अभी संदेह है। कारण ये कि रिम्स में आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे टेक्नीशियन हड़ताल पर हैं। 30 अप्रैल को कोरोना टेस्टिंग लैब के टेक्नीशियन के पॉजिटिव पाए जाने पर सभी टेक्नीशियन बेहतर किट और क्वारेंटाइन की मांग पर हड़ताल पर चले गए थे। अब 14 टेक्नीशियन ही काम पर लौट रहे हैं, जबकि 22 अब भी हड़ताल पर हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today IDSP assessment - next two weeks important ... if missed, corona cases can reach 350 in the state Full Article