महाराष्ट्र महाराष्ट्र में आज 7 की मौत, संक्रमितों का आंकड़ा तीन हजार के पार पहुंचा; बांद्रा भीड़ मामले में 9 लोग गिरफ्तार By Published On :: Thu, 16 Apr 2020 16:36:35 GMT महाराष्ट्र में गुरुवार को संक्रमण से सातलोगों की जान गई। इसमें तीन मुंबई और चारपुणे में हैं। मृतकों में पांच पुरुष और दोमहिला है। मृतकों की उम्र 40से 60 साल के बीच थी। इसमें छहको अन्य बीमारियां थीं, जबकि एक मृतक की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता नहीं चल पाया है। इसे मिलाकर राज्य में म़ृतकों की संख्या 194 हो गई है। वहीं मुंबई में मौत का आंकड़ा 117 और पुणे में 47 पहुंच गया है।वहीं, राज्य में गुरुवार कोकुल 286 नए मामले सामने आए हैं। इसमें 177 मुंबई के हैं।इसी के साथ कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 3202 पहुंच गई है। इस बीच, लॉकडाउन तोड़कर मंगलवार को बांद्रा स्टेशन के बाहर हुए जमा हुए मजदूरों के मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक टीवी पत्रकार भी शामिल है। मुंबई पुलिस ने अलग-अलग तीन मामले दर्ज किए हैं।महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट कर बताया कि पुलिस ने मराठी न्यूज चैनल के पत्रकार को अफवाह फैलाने के आरोप में अरेस्ट किया है।मुंंबई:कोरोना मरीजों का आंकड़ा दो हजार के पार पहुंचाकोरोना संक्रमण के रेड जोन में आ चुकी मुंबई में गुरुवार को पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा दो हजार पार कर गया। गुरुवार को 177 नए कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद शहर में संक्रमितों की संख्या 2073 पहुंच गई है। देश में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या मुंबई में है। सिर्फ यही नहीं, दूसरे राज्यों के कुल संक्रमितों की तुलना में भी मुंबई में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। मुंबई के बाद दिल्ली है जहां संक्रमितों का आंकड़ा 1500 का आंकड़ा पार चुका है।मुंबई: कोरोना संक्रमित मरीजों में संख्या में दो दिन से थोड़ी गिरावटमुंबई के लिए बुधवार के बाद गुरुवार का दिन भीथोड़ा राहत भरारहा। गुरुवार को संक्रमण के 177 मामले सामने आए। इससे पहलेबुधवार 140 मामले आए थे, जो कि मंगलवार को आए मामलों की तुलना में35 फीसदी कम थे। मौतों की संख्या भी गुरुवार को तीन जबकि बुधवार को दो थी।जो पिछले 11 दिनों में सबसे कम रही है। इससे पहले 3 अप्रैल को भी यहां सिर्फ दो लोगों की मौत हुई थी।पिछले एक सप्ताह से यह वायरस रोज 9 से 16 लोगोंकी जान जा रही थी।एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक मुंबई में हुई मौतें तारीख मुंबई 1 अप्रैल 2 2 अप्रैल 4 3 अप्रैल 2 4 अप्रैल 4 5 अप्रैल 8 6 अप्रैल 4 7 अप्रैल 6 8 अप्रैल 5 9 अप्रैल 9 10 अप्रैल 10 11 अप्रैल 12 12 अप्रैल 16 13 अप्रैल 9 14 अप्रैल 11 15 अप्रैल 2 16 अप्रैल 3 मुंबई में अबकॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की मुहिम तेज मुंबई में संक्रमण के खिलाफ अब लड़ाई तेज कर दी है। यहांमरीजों केसंपर्क में आने वाले लोगों को तलाश करके उनकी जांच के लिएविशेष टीम बनाई गई है।इसके तहत केवल एक दिन में बुधवार को76 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इससे पहले कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के जरिए अब तक 857 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। मुंबई मेंबुधवार को17 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। इसके बाद यहां कोरोना संक्रमण को मात देने वालों मरीजों की संख्या 164 से बढ़कर 181 हो गई है।मुंबई में ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे 3 मई तक बंद है। यहां सिर्फ आवश्यक वस्तुएं से जुड़ी हुई गाड़ियों को ही जाने दिया जा रहा है। बाकी वाहनों का चालान काटा जाता है।पालघर:डॉक्टर पर हमला, पुलिसवालों पर पत्थरबाजीपालघर मेंकासा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के सारनी गांव में मंगलवार रात ग्रामीणों ने एक डॉक्टर औरउसके साथियों पर हमला कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी ग्रामीणों ने पत्थरबाजी की। इसमें दो अफसर और दो पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।ग्रामीणों ने डॉक्टर औरपुलिस वैन के कांच भी फोड़ दिए हैं। फिलहाल पुलिस ने दर्जनभर लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।पालघर जिले में बैंक ऑफ बडौदा के सामने पैसे निकालने वालों की लंबी कतार देखी गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर मुंबई के भायखला सब्जीमंडी की है। लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सरकार ने मंडी को खोलने की अनुमति दी है। गेट पर पुलिस का पहरा है, जो बिना मास्क के नजर आता है। उसे गेट से लौटा दिया जाता है। Full Article
महाराष्ट्र केदारनाथ के रावल महाराष्ट्र में फंसे हैं, बाबा केदारनाथ का स्वर्ण मुकुट उन्हीं के पास, कपाट खुलते वक्त उनका रहना जरूरी By Published On :: Fri, 17 Apr 2020 11:37:37 GMT केदारनाथ मंदिर के मुख्य रावल महाराष्ट्र के नांदेड में फंसे हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कपाट खुलने से पहले केदारनाथ पहुंचने की अनुमति मांगी है। रावल भीमाशंकर ने इसके लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने सड़क मार्ग से उत्तराखंड जाने की इजाजत मांगी है। हालांकि, उन्हें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।इस बीच,उत्तराखंड सरकार उन्हें एयरलिफ्ट करने पर विचार कर रही है। उनके साथ मंदिर ट्रस्ट के चार और लोग भी हैं। केदारनाथ को पहनाया जाने वाला सोने का मुकुट भी उन्हीं के पास है। लॉकडाउन के चलते टिहरी राजघराने के सदस्यों का पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है, परंपरा के मुताबिक कपाट खुलते वक्त उनका होना भी जरूरी है।मंदिर के नजदीक 7 फीट गहराई तक बर्फ जमी है। किसी भी तरह की मशीनें यहां आ नहीं सकतीं, इसलिए गेंती-फावड़े से ही धीरे-धीरे बर्फ हटाई जा रही है।केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल से खुलेंगे29 अप्रैल को सुबह 6 बजे से केदारनाथ के कपाट खुलने हैं, जबकि इससे पहले 26 अप्रैल को यमनोत्री गंगोत्री के कपाट खुलेंगे। हालांकि, सरकार ने इस बार चारधाम मंदिरों के दर्शन ऑनलाइन करवाने का फैसला लिया है। इस पर स्थानीय लोगों और पुजारियों ने आपत्ति जताई है।परंपरा के मुताबिक रावल ही मूर्ति छू सकते हैंकेदारनाथ के रावल (गुरु) महाराष्ट्र या कर्नाटक और बद्रीनाथ के केरल से होते हैं। ये लोग यहीं से हर साल यात्रा के लिए आते हैं। परंपरा के मुताबिक, केदारनाथ के रावल खुद पूजा नहीं करते, लेकिन इन्हीं केनिर्देश पर पुजारी मंदिर में पूजा करते हैं। वहीं, बद्रीनाथ के रावल के अलावा कोई और बद्रीनाथ की मूर्ति नहीं छू सकता।आदि शंकराचार्य के वक्त से चली आ रही परंपरा के मुताबिक, कपाट खुलते वक्त रावल का वहां मौजूद रहना जरूरी है। केदारनाथ का स्वर्ण मुकुट इनके पास ही रहता है और पारंपरिक कार्यक्रमों में ये उसे पहनते भी हैं, जिसे कपाट खुलने पर केदारनाथ को पहनाया जाता है।टिहरी महाराज की जन्म कुंडली देखकर कपाट खुलने की तारीख तय होती हैटिहरी दरबार नरेंद्र नगर में ही टिहरी महाराज की जन्म कुंडली देखकर मंदिर के कपाट खुलने की तारीख तय होती है। टिहरी राजघराने के लोग, जिन्हें बोलंदा बद्री भी कहते हैं, उनका बद्रीनाथ के कपाट खुलने के वक्त मंदिर में रहना जरूरी है और उनके राज पुरोहित ही पूजा करते हैं। बद्रीनाथ की गारू घड़ा की परंपरा भी राज परिवार की महारानी और महिलाएं पूरी करती हैं।केदारनाथ मंदिर के रास्ते से बर्फ हटाए जाने में बस 1 किमी की दूरी बाकीकेदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के रास्ते में बर्फ जमी हुई थी। अब केवल एक किलोमीटर का हिस्सा बाकी रह गया है। अगले 5 दिन में इस एक किमी में जमी बर्फ की सफाई का काम भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद मंदिर तक का रास्ता आने-जाने के लिए खुल जाएगा।1 मार्च से केदारनाथ मंदिर के रास्ते की सफाई का काम शुरू हुआ था। केदारनाथ में इन दिनों रात का टेम्प्रेचर माइनस 3 डिग्री और दिन में 12 से 15 डिग्री है। बीच-बीच में बर्फबारी भी हो रही है।इस बीच, यात्रा मार्ग पर खच्चरों का संचालन भी लिनचोली तक शुरू हो गया है। रास्ते मे बड़े-बड़े हिम शिखर होने के कारण खच्चरों का संचालन अभी मंदिर तक नहीं हो पा रहा है। केदारनाथ में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण सफाई के काम में रुकावट आ रही है। वुडस्टोन कंपनी के 130 कर्मचारी इस काम को कर रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 29 अप्रैल को सुबह 6 बजे केदारनाथ के कपाट खुलने हैं। केदारनाथ के रावल खुद पूजा नहीं करते, लेकिन इन्हीं के निर्देश पर पुजारी मंदिर में पूजा करते हैं। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र में चाइल्ड पोर्न सर्च करने वाले 133 लोगों पर केस दर्ज, अब तक 46 गिरफ्तार By Published On :: Tue, 21 Apr 2020 09:24:51 GMT लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के ऑनलाइन सर्च और कंटेट के सर्कुलेशन से जुड़े 133 केस दर्ज किए हैं। इनमें 46 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। महाराष्ट्र में चाइल्ड पोर्नोग्राफर की धरपकड़ के लिए जनवरी से ही ऑपरेशन 'ब्लैकफेस' चलाया गया, जिसकी निगरानी गृह मंत्री अनिल देशमुख कर रहे हैं। अनिल देशमुख ने चाइल्ड पोर्न सर्च की हाई डिमांड को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने महाराष्ट्र साइबर सेल से इन्हें पकड़ने के लिए प्रयास को तेज करने के लिए कहा है।समाज में पीडेफाइल और चाइल्ड रेपिस्ट ज्यादाएक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध को बढ़ने से रोकने के लिए टीम ने प्रयास में बढ़ोत्तरी की है। उन्होंने बताया, 'लॉकडाउन में चाइल्ड पोर्न कंटेंट देखने में इजाफा होना दिखाता है कि समाज में बड़ी संख्या में पीडेफाइल (बच्चों की तरफ यौन रूप से आकर्षित होने वाले), चाइल्ड रेपिस्ट और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लती कितने ज्यादा हैं।' पुलिस ने पैरंट्स से भी अपने बच्चों के इंटरनेट इस्तेमाल की निगरानी रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ इंटरनेट चलाएं ताकि वह आपसे से सही व्यवहार सीख सके। इसके अलावा कंप्यूटर घर में ऐसी जगह रखा जाए जहां से आप बच्चों पर नजर रख सकें।नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के बेटे भुवन रिभू द्वारा शुरू की गई संस्था इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड ने अपनी शोध रिपोर्ट में पाया है कि पिछले एक महीने में 'चाइल्ड पोर्न', 'सेक्सी चाइल्ड', और 'टीन सेक्स वीडियो' जैसे शब्दों के ऑनलाइन सर्च में इजाफा हुआ है। देश के कई बड़ों शहरों में ऐसे मामले सामने आए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today गृहमंत्री आनिल देशमुख ने ऑनलाइन चाइल्ड पोर्न सर्च करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्दश दिया है। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र में जल्द शुरू होगो एंटी बॉडी रैपिड टेस्टिंग, केंद्र से मांगी गई 75 हजार टेस्टिंग किट By Published On :: Tue, 21 Apr 2020 09:28:00 GMT महाराष्ट्र में जल्द रैपिड टेस्टिंग शुरू हो सकती है। इसके संकेत सोमवार को फेसबुक के जरिए लाइव जुड़े स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दिए। उन्होंने बताया की 75 हजार रैपिड टेस्टिंग किट मंगाई गई है। केंद्र सरकार ने राज्य को कुछ मानदंडों के साथ तेजी से परीक्षण करने की मंजूरी दी है। राजस्थान और दिल्ली में इसकी शुरुआत हो गई है, लेकिन महाराष्ट्र में इस पर अब भी विचार ही चल रहा है।बीएमसी खुद करने वाली थीरेपिड टेस्टिंगबीएमसी अपने व्यक्तिगत स्तर पर ऐटि बॉडी टेस्ट की शुरुआत करने वाली थी, हालांकि अभी तक इसे शुरू नहीं किया जा सका है। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर सुरेश काकानी ने बताया, 'बीएमसी प्राइवेट प्लयेर के साथ मिलकर ऐटि बॉडी टेस्ट करेगी।'क्या है रैपिड ऍटि बॉडी टेस्टबता दे कि जब कोई इंसान किसी वायरस से संक्रमित होता है, तो उसके शरीर में ऐंटि बॉडी बनते हैं। रैपिड टेस्ट से उसी ऍंटि बॉडी के बारे में पता चलता है। इससे इसकी शुरूआती जानकारी मिल सकती है कि वह इंसान कोरोना संक्रमित है या नहीं | हालांकि पुष्ट जांच के लिए मरीज की स्वैब टेस्टिंग करनी होती है रैपिड ऐंटि बॉडी टेस्ट 10-15 मिनट में रिजल्ट दे देता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today बीएमसी पहले एक प्राइवेट प्लेयर के साथ मिलकर एंटी बॉडी टेस्टिंग करने वाला था। Full Article
महाराष्ट्र पिछले 31 दिनों में महाराष्ट्र में 60 हजार लोगों पर दर्ज हुए केस, अब तक 13 हजार से ज्यादा हुए गिरफ्तार By Published On :: Tue, 21 Apr 2020 14:04:22 GMT राज्य मेंलॉकडाउन के नियम तोड़ने वाले 60 हजार लोगों पर पिछले 31 दिनों के दौरान केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 13,381 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। वहीं पुलिसवालों पर हमले के 121 केस दर्ज किए गए हैं, जिसमें अब तक 411 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों में बिना अनुमति के गाड़ी चलाने वाले और लॉकडाउन नियम को तोड़ने वाले शामिल हैं। इन सभी पर आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है।राज्य में कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या 49 तक पहुंचीमंगलवार तक राज्य में कुल 49 पुलिसकर्मियों में कोरोना की पुष्टि हुई है, जिनमें 11 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा राज्य में 589 लोगों पर क्वारैंटाइन नियम तोड़ने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा 1062 लोगों के खिलाफ अवैध वाहन चलाने का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने 41,769 गाड़ियों को पिछले 31 दिनों के दौरान जब्त किया है। इसके अलावा 74,115 मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं।महाराष्ट्र में 23 मार्च की सुबह से पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश मेंपहले 21 दिन का और फिर अब 3 मई तक के लिए लॉकडाउन घोषित किया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today राज्य ने अब तक 49 पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 11 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। Full Article
महाराष्ट्र 5 हजार संक्रमित मरीजों वाला पहला राज्य बना महाराष्ट्र, यहां हुई देश में सबसे ज्यादा 251 मौतें By Published On :: Tue, 21 Apr 2020 20:07:29 GMT महाराष्ट्र में मंगलवार को 552 कोरोना संक्रमितों के मिलने के साथ ही राज्य में मरीजों की संख्या बढ़कर 5218 हो गई। वहीं, आज 19 मरीजों की मौत हुई है, जिसमें से 12 सिर्फ मुंबई से हैं। इसके अलावा तीनपुणे से, दो ठाणे और एक-एक सांगली और पिंपरी चिंचवाड़ से है। राज्य में अब तक कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या 251 हो गई है। मुंबई में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 3451 तक पहुंच गई है। आज यहां 419 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। मुंबई में देश के किसी भी राज्य की कुल मौतों के मुकाबले सबसे ज्यादा 151 मौतें हो चुकी हैं।महाराष्ट्र में देश के सबसे ज्यादा मरीज भी ठीक हुएआज हुई मौतों में नौमरीज 60 साल से अधिक उम्र के हैं। वहीं, 40 से 59 के बीच के नौऔर 40 उम्र के एक मरीज का समावेश है। मंगलवार को 151 मरीज उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिए गए और अब तक 722 मरीज अस्पतालों से घर भेजे जा चुके हैं।43 दिन में 5 हजार से ज्यादा मामलेमहाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 9 मार्च को पुणे में आया था। दुबई से लौटे पति-पत्नी संक्रमित पाए गए थे। 43 दिन में संक्रमितों की संख्या 5 हजार को पार कर गई। 17 मार्च को राज्य में संक्रमण से पहली मौत हुई। 35 दिन में मौतों का आंकड़ा 250 को पार कर गया। देश में सबसे ज्यादा मौतें और सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही हैं।मुंबई-पुणे को लॉकडाउन में दी गई छूट वापस लीउधर मुंबई और पुणे में महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन मेंजो राहत दी थी उसे अब रद्द करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई और पुणे में लॉकडाउन के दौरान दी गई राहत और छूट को वापस लेने का फैसला लिया है क्योंकि लोग मनमानी कर रहे हैं। राज्य के बाकी हिस्सों में आंशिक ढील मिलती रहेगी।' सोमवार को महाराष्ट्र सरकार ने जब कुछ सहूलियत दी तो भारी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आएथे।महाराष्ट्र में अधिक मामले मिलने का कारणनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी में चेन्नई के वैज्ञानिक तरुण भटनागर ने कहा, 'तार्किक व्याख्या यह है कि जितना ज्यादा परीक्षण होगा, उतने अधिक मामले मिलेंगे।’ उन्होंने कहा कि जो राज्य वर्तमान दिशा-निर्देशों के साथ अधिक संख्या में संदिग्ध मामलों का परीक्षण कर रहे हैं, वे अधिक मामले पाएंगे। महाराष्ट्र मेंमंगलवार तक 83,111 परीक्षण किए गए।ज्यादा मौतों के लिए यह कारक हैं जिम्मेदारहेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो ज्यादा मौतों के लिए एक से ज्यादा बीमारी, उम्र, बीमारी की गंभीरता, देर से अस्पताल ले जाना और खराब स्वास्थ्य सुविधाएं जिम्मेदार होती हैं। मुंबई में कई मामले अस्पताल से संबंधित संक्रमण के हैं।जिन रोगियों को अन्य बीमारियों के लिए भर्ती कराया गया, बाद में उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद संक्रमण स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीच फैल रहा है। बुधवार की प्रेस वार्ता में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि यदि मामलों का देर से पता चलता है तो यह अधिक संख्या में मौतों में एक भूमिका निभा सकते हैं। यही कारण है कि मामलों की प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र में मंगलवार को भी 500 से ज्यादा मरीज पॉजीटिव पाए गए, जिसके बाद महाराष्ट्र में कुल मरीजों की संख्या 5,218 हो गई है Full Article
महाराष्ट्र घटना में गिरफ्तार कोई भी आरोपी मुस्लिम नहीं, विपक्ष 'मुंगेरी लाल के हसीन सपने' देख रहा: महाराष्ट्र के गृहमंत्री By Published On :: Wed, 22 Apr 2020 07:26:53 GMT महाराष्ट्र के पालघर में पीट-पीटकर दो साधू समेत तीनलोगों की हत्या को सांपद्रायिक रंग देने वाले को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देखमुख ने आड़े हाथों लिया है। बुधवार को उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए लोगों से बात की। इस दौरान देशमुख ने कहा किपालघर मामले मेंगिरफ्तार किए गए 110 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस घटना को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहा था।मुंगेरीलाल के हसीन सपनेदेख रहा विपक्ष: देशमुखदेशमुख ने कहा, "इस घटना के संबंध में गिरफ्तार किया गया कोई भी आरोपी मुस्लिम नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना के बाद साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है।"किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, "कुछ लोग 'मुंगेरीलाल के हसीन सपने' देख रहे हैं। यह राजनीति करने का नहीं बल्कि एक साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का समय है।"महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देखमुख नेफेसबुक लाइव के जरिए लोगों से बात की।बच्चा चोरी के संदेह में ग्रामीणों ने किया था हमलापालघर की घटना16 अप्रैल की रात की है। यहां दो साधू और उनके ड्राइवर मुंबई सेगुजरात अपने गुरु केअंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से जा रहे थे। लॉकडाउन के चलते हाइवे पर पुलिस ने वाहन को रोक दिया। इसके बाद वह लोग गांव के रास्ते जाने लगे। इसी दौरान पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया। वहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतकों में महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशीलगिरी महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई। महाराष्ट्र सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय सीआईडीजांच के आदेश दिए और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सोमवार को पालघर के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इस मामले में 9 नाबालिगों समेत 110 लोगों को पकड़ा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 16 अप्रैल को यह घटना हुई थी। इसमें भीड़ ने साधू और उनके ड्राइवर को गाड़ी से खींच कर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र 12 अफसरों समेत 64 पुलिसकर्मियों में कोरोना की पुष्टि हुई, सबसे ज्यादा 34 पुलिसवाले मुंबई से By Published On :: Wed, 22 Apr 2020 13:21:00 GMT महाराष्ट्र पुलिस के 64 पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनमें से 12 पुलिस अधिकारी और 52 कॉन्स्टेबल हैं। इनमें सबसे ज्यादा 34 पुलिस कर्मचारी मुंबई से हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित आधिकारिक आवास 'वर्षा' पर तैनात महिला पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं।महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 5 हजार पार कर गई है। कोरना से महाराष्ट्र में कुल 5,218 लोग संक्रमित हैं। 722 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं, वहीं 251 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today कोरोना संक्रमित सबसे ज्यादा पुलिसवाले मुंबई पुलिस से हैं। फिलहाल सभी की स्थिति स्थिर है। Full Article
महाराष्ट्र राज ठाकरे ने की महाराष्ट्र में शराब की दुकानें खोलने की मांग, बोले-35 दिन से बहुत हुआ राजस्व को नुकसान By Published On :: Thu, 23 Apr 2020 12:59:00 GMT महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने लॉकडाउन के कारण खाली होती प्रदेश सरकार की तिजोरी पर चिंता जताते हुए शराब की दुकानों को फिर से शुरू करने की मांग की है। उन्होंने होटल और भोजनालय के किचन को भी चालू करने की मांग की है। गुरुवार को राज ठाकरे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा है।पत्र में मनसे प्रमुख ने कहा है कि कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए लगभग 35 दिनों से जारी लॉकडाउन अभी और कितने समय तक रहेगा, यह पता नहीं है। इसलिए सरकार को राज्य में शराब की दुकानों को फिर से शुरू करने का फैसला लेना चाहिए। इससे सरकार को कम से कम राजस्व मिलना शुरू हो सकेगा। राज ने कहा कि सरकार शराब की दुकानों को शुरू करने को लेकर नैतिकता के मुद्दे पर न फंसते हुए इस पर फैसला करे। तालाबंदी से पहले शराब की दुकानें तो शुरू ही थीं।सरकार को प्रतिदिन हो रहा 41.66 करोड़ का नुकसानमनसे चीफ ने कहा कि शराब की दुकानें शुरू करने की मांग का मतलब यह नहीं है कि सरकार शराब पीने वालों पर मेहरबान है। सरकार को घटते राजस्व का विचार करना चाहिए। राज ने कहा कि आबकारी शुल्क से राज्य को प्रति दिन 41.66 करोड़, महीने में 1250 करोड़ और साल भर में 15000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है।सीएम ऑफिस को भेजा राज ठाकरे का पत्र।राज्य की अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक हो गई हैराज ने कहा कि कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक हो गई है। सरकार को राज्य की तिजोरी में अब राजस्व की आवक शुरू करनी होगी। शराब की दुकानें शुरू होने से सरकार को राजस्व मिलने लगेगा। राज ने कहा कि राज्य में पिछले 35 दिनों से होटल और रेस्टोरेंट बंद है। इससे होटल मालिकों के साथ कर्मचारियों के रोजगार पर भी असर पड़ा है।बड़ी जनसंख्या दोपहर के भोजन केलिए होटलों पर निर्भरसरकार को छोटे-छोटे होटल और भोजनालय के किचन शुरू करने की अनुमति देना आवश्यक है। राज्य की बड़ी जनसंख्या दोपहर के भोजन के लिए होटलों पर निर्भर है। राज ने कहा कि शराब की दुकानों को शुरू करने के लिए केवल महाराष्ट्र नहीं तो देश के दूसरे राज्यों को भी इस पर विचार करना चाहिए। केंद्र सरकार से मदद जब मिलनी होगी तब मिलेगी। केंद्र सरकार से कितनी सहायता मिलेगी यह भी पता नहीं। इसलिए राज्य सरकार को आर्थिक रूप से संबल होने के रास्ते खोजने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मनसे प्रमुख ने सीएम ऑफिस को एक पत्र लिखकर राज्य में शराब की दुकानों को फिर से शुरू करने को कहा है-फाइल फोटो Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र में पहली बार कोल्हापुर के एक संक्रमित शख्स की होगी प्लाज्मा थैरेपी, 28 अप्रैल को पुणे में होगा यह प्रयोग By Published On :: Fri, 24 Apr 2020 15:24:16 GMT कोरोनावायरस के प्रभाव को कम करने के लिए कोल्हापुर के एक मरीज की प्लाज्मा थैरेपी की जाएगी। महाराष्ट्र सरकार इसको लेकर लगातार प्रयासरत थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार के पास एक प्रपोजल भी भेजा था। जिसे आज अनुमति मिल गई है। अब यह थैरेपी 28 अप्रैल को पुणे में कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति के 550 मिलीलीटर प्लाज्मा की मदद से की जाएगी।उम्रदराज लोगों को ठीक करने में मिलेगी मददमुंबई के संरक्षक मंत्री असलम शेख बताते है कि इससे सरकार उन मरीजों को ठीक कर सकता है जो काफी बीमार है, खासरकर धारावी और दूसरे मुंबई के इलाके में इसके जरिए काफी मदद मिलेगी।महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार को कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के नमूनों की ‘समूह में जांच’ करने की इजाजत दे दी है। साथ ही, कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए ‘‘प्लाज्मा थैरेपी’’ के उपयोग को भी मंजूरी दी है। मंत्री ने कहा कि यह मंजूरी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई एक बैठक के दौरान दी।दिल्ली में भी हुई चार लोगों की प्लाज्मा थैरेपीइससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हमने चार मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी आजमाई है। इसके नतीजे उत्साहवर्धक रहे हैं। ये सभी मरीज यहां के लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में भर्ती हैं। केजरीवाल ने कहा कि एलएनजेपी के 2-3 मरीजों को यह थैरेपी और दी जानी है। अभी केंद्र से कुछ गंभीर मरीजों पर ही यह इलाज आजमाने की अनुमति मिली थी। इसे कुछ और मरीजों पर आजमाया जाना है। इसके बाद अगले हफ्ते सभी गंभीर रोगियों को यह इलाज देने की अनुमति ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने पहले ठीक हो चुके मरीजों से ब्लड प्लाज्मा दान करने की अपील की है।क्या है प्लाज्मा थैरेपी?प्लाज्मा थेरेपी में संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के रक्त से प्लाज्मा निकालना पड़ता है। ऐसे लोगों में एंटीबॉडीज की अच्छी मात्रा होने की संभावना रहती है। प्लाज्मा लेकर संक्रमित मरीज में इसे चढ़ाना होता है। प्लाज्मा की खुराक के साथ ही जारी दवाओं के कारण मरीज में प्रतिरोधकता बनने लगती है और वह संक्रमण से तेजी से ठीक हो जाता है। यही वजह है कि सरकार ने पहली प्लाज्मा थेरेपी कोल्हापुर के एक संक्रमित व्यक्ति के ऊपर करने का फैसला किया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली में चार लोगों पर इस थैरेपी का ट्रायल उत्साहवर्धक रहा है। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र में रजिस्ट्री ऑफिस में शादी के लिए आने वालों को खुद लाना पड़ेगा पेन, मास्क उतारकर फोटो खिंचवा सकते हैं दूल्हा-दुल्हन By Published On :: Sat, 25 Apr 2020 12:26:51 GMT कोरोना काल ने जिंदगी के तरीके बदल दिए हैं। संक्रमण से बचने के लिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मास्क पहनना अनिवार्य करने तक के नियम बना रही है। इसकड़ी में अबमुंबई के रजिस्ट्रार ऑफिस ने शादी के लिए आने वाले जोड़े को अपनी पेन खुद लेकर आने को कहा गया है। साथ ही,यह भी कहा गया है कि शादी के दौरान सिर्फ पांच लोग ही मौजूद रहेंगे। इनमें जोड़ा और उनके साथ आने वाले गवाह ही रहेंगे।फोटो क्लिक करने के दौरान मास्क उतारने की मंजूरीमैरिज रजिस्ट्रेशन के नए नियम महाराष्ट्र सरकार की तरफ सेजारी किए गए हैं। इसमें यह भीस्पष्ट किया गया है किलॉकडाउन खत्म होने के बाद ही मैरिज रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। नए नियम में नवविवाहित जोड़ों को फोटो क्लिक कराने के लिए चेहरे से कुछ देर के लिए अपना मास्क उतारने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा एक होमगार्ड वहां मौजूद होगा जो कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराएगा।हेल्थ स्टाफ के लिए भी नए नियमइसी तरह दूसरी एजेंसियां भी लॉकडाउन के बाद नए नियमों पर विचार कर रही हैं। केंद्र सरकार की एडवाइजरी नेहेल्थ स्टाफ को पोस्ट लॉकडाउन नियमों की एक लिस्ट जारी की है। इसके अनुसार, घर में घुसने से पहले अपने परिजनों को कॉल कर दें ताकि वे गेट खुला रखें। दरवाजे को न छुएं, अपने हाथों वॉलेट और चाबी को भीसैनिटाइज करें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मैरिज रजिस्ट्रेशन के नए नियम महाराष्ट्र में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन एंड कंट्रोलर ऑफ स्टांप कार्यालय द्वारा जारी किए गए हैं। हालांकि, इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को उनके घर भेजने के तैयारी शुरू, कार्यालय बना और गाइडलाइन हुई जारी By Published On :: Thu, 30 Apr 2020 12:52:51 GMT उद्धव सरकार के दिशानिर्देशों में कहा गया है,'जिन लोगों को भेजा जाना है, उनकी पहले स्क्रीनिंग की जाएगी। केवल उन व्यक्तियों को जिनमें कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं, उन्हें सरकारी पत्र के साथ वापस भेजा जाएगा। वहीं जिसमें लक्षण मिलेंगे उन्हें अलग से रखा जाएगा। इससे पहलेबुधवार को गृह मंत्रालय ने कहा कि फंसे हुए प्रवासी कामगारों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों को लॉकडाउन के दौरान शर्तों के साथ जाने की अनुमति दी जाएगी। जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से यह गाइडलाइन जारी की गई है।नियमों में कहा गया है... तय प्रारूप' में दूसरे राज्य से मंजूरी भी जरूरी है। इन लोगों को ले जाने वाली बसों को ट्रांजिट पास जारी किया जाएगा। महाराष्ट्र में आने वाले सभी लोगों की वहां स्क्रीनिंग होगी जहां से उन्हें भेजा जाएगा। जो लोग राज्य में वापस लौटेंगे यहां भी उनकी स्क्रीनिंग होगी और उन्हें 14 दिन के होम क्वारैंटाइन रखा जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें संस्थागत तरीके से क्वारैंटाइन किया जाएगा।10 हजार बसों का बेड़ा तैयार हुआमहाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि राज्य सड़क परिवहन की 10 हजार बसें प्रवासी मजदूरों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए तैयार हैं। सरकार की तरफ से निर्देश मिलते ही एसटी की बसों से प्रवासी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था की जाएगी।लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए सरकार ने बनाया कार्यालयसरकार ने लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों मे फंसे राज्य के प्रवासी कामगारों, श्रद्धालुओं, छात्रों और पर्यटकों की सहायता के लिए यहां एक कार्यालय स्थापित किया है। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र आपदा मोचन प्राधिकरण के निदेशक अभय यवलकर की देखरेख में कार्यालय का गठन किया गया है। उन्होंने फेसबुक के जरिए अपने संबोधन में कहा कि लोग मदद के लिए कार्यालय के सहायता नंबर 022-22027990, 022-22023039, 9821107565 और 8007902145 पर संपर्क कर सकते हैं।सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की बात कही थीमुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा था कि वह प्रवासियों को उनके गांव भेजने के लिए रास्ता निकाल रहे हैं। जैसे ही कोई रास्ता निकलेगा प्रवासी मजदूरों को उनके गांव रवाना कर दिया जाएगा। इसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने राज्यपाल से मिलकर यह मांग की थी जबकि मुंबई भाजपा के महामंत्री अमरजीत मिश्र एवं यूपी डेवलपमेंट फोरम ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की थी कि महाराष्ट्र के प्रवासियों को उके घर भेजने की व्यवस्था की जाए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today नागपुर के एक शेल्टर होम में फंसे मजदूर। इन्हें जिला प्रशासन की ओर से खाना और अन्य सुविधाओं को दिया जा रहा है। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र विधानसभा परिषद की 9 सीटों पर चुनाव 21 मई को, मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने का खतरा टला By Published On :: Fri, 01 May 2020 08:28:10 GMT महाराष्ट्र विधानसभा परिषद की 9 सीटों के लिए चुनाव 21 मई को होंगे। चुनाव आयोग ने शुक्रवार कोयहघोषणा की। इसकेपहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की गुरुवार को चुनाव करवाने की सिफारिश आयोग से की थी। सभी 9 सभी सीटें 24 अप्रैल को खाली हुई थीं।मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए यह चुनाव बेहद अहम है।वे न विधानासभा के और न विधान परिषद के सदस्य हैं। उनका छह महीने का कार्यकाल 28मई को खत्म हो रहा है। इस लिहाज से उनकी कुर्सी को खतरा था। दरअसल, ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, वे अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। संविधान के मुताबिक- उन्हें छह महीने में विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी, अगर ऐसा नहीं होगा तो पद छोड़ना पड़ता।उद्धव ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी।कैबिनेट ने दो बार उद्धव को मनोनीत करने का प्रस्ताव भेजा थाराज्यपाल ने चुनाव आयोग से विधान परिषद के चुनाव कराने की सिफारिश गुरुवार को की। इसके पहले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने दो बार प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से सिफारिश की थी कि वह उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत कर दें। लेकिन, राज्यपाल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। उद्धव ठाकरे को गवर्नर के मनोनीत कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाने के लिए कैबिनेट ने राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजा था। राज्य में इससे पहले दत्ता मेघे और दयानंद महास्के को भी मंत्री बनने के बाद राज्यपाल विधान परिषद के लिए मनोनीत कर चुके हैं।विधान परिषद में ये निर्वाचित सदस्य महाराष्ट्र विधान परिषद मेंकुल 78 सीटें हैं। इनमें से 66 सीटों पर निर्वाचन होता है, जबकि 12 सीटराज्यपाल कोटे सेमनोनीत की जाती हैं। 30 सदस्यों को विधानसभा के सदस्य यानी एमएलए चुनते हैं। 7-7 सदस्य स्नातक निर्वाचन और शिक्षक कोटे के तहत चुने जाते हैं। इनमें राज्य के सात डिविजन मुंबई, अमरावती, नासिक, औरंगाबाद, कोंकण, नागपुर और पुणे डिविजन से एक-एक सीट होती है। 22 सदस्य स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के तहत चुने जाते हैं।उद्धव से पहले 7 नेता बिना चुनाव जीते मुख्यमंत्री बने आर अंतुले पहले ऐसे नेता थे। जून 1980 में मुख्यमंत्री बने। बाद में विधान परिषद के सदस्य बने। वसंतदादा पाटिल एक सांसद के तौर पर इस्तीफा देने के बाद फरवरी 1983 में मुख्यमंत्री बने थे। बाद में विधान परिषद सदस्य बने। शिवाजीराव निलंगेकर-पाटिल जून 1985 में मुख्यमंत्री बने थे। उस वक्त पाटिल किसी सदन के सदस्य नहीं थे। बाद में विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। शंकरराव चव्हाण मार्च 1986 में मुख्यमंत्री बने। उस वक्त वे केंद्रीय मंत्री थे। बाद में विधान परिषद सदस्य बने। 1993 में मुंबई दंगे की वजह से सुधाकरराव नाइक मुख्यमंत्री पद से हट गए। तब शरद पवार को मुख्यमंत्री बनाया। वे नरसिंह राव सरकार में रक्षा मंत्री थे। बाद में विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। सुशील कुमार शिंदे 2003 में मुख्यमंत्री बने। तब वे किसी सदन के सदस्य नहीं थे। बाद में वो विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। 2010 में पृथ्वीराज चव्हाण ने मनमोहन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर सीएम पद की शपथ ली थी। बाद में विधान परिषद सदस्य बने। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। इसके बाद राज्यपाल ने विधान परिषद के चुनाव कराने की सिफारिश चुनाव आयोग से की थी। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र में लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा, रेड जोन में आए 14 जिलों में कड़ाई से होगा नियम पालन, ग्रीन जोन में मिलेगी कई छूट By Published On :: Fri, 01 May 2020 13:24:44 GMT महाराष्ट्र समेत पूरे देश में लॉकडाउन 4 मई से 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। यह 3 मई को खत्म हो रहा था। केंद्रसरकार ने बताया कि 14 दिन तक रेड जोन में कोई राहत नहीं दी जाएगी। लेकिन, ऑरेंज और ग्रीन जोन में थोड़ी रियायत दी जाएगी।इससे पहले कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुएसरकार ने अपनी रणनीति में बदलाव किया था। हर जिले में मौजूद कोरोना संक्रमितों की लिस्ट के आधार पर उसे रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में रखा गया है। महाराष्ट्र के 36 जिलों में से पिछली बार की तुलना में रेड जोन की संख्या 11 से बढ़कर 14 तक पहुंच गई है। वहीं ग्रीन जोन की संख्या 9 से कम होकर 6 तक पहुंची है। इसके अलावा कुछ ऐसे भी जिले हैं, जो पहले रेड जोन में थे और वहां मरीजों की संख्या में हुई कमी के बाद इन्हें ऑरेंज जोन में डाल दिया गया है।इस आधार पर हुआ जिलों का बंटवारास्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मामलों की संख्या, डबलिंग रेट और परीक्षणों के हिसाब से जिलों की नई सूची तैयार की है। जिसमें बताया गया है कि कौन सा जिला किस जोन में आता है और वहां किस तरह की सख्ती बरती जाएगी। केंद्रीय गृह सचिव प्रीति सूडान ने कहा, 'सभी राज्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे चिन्हित किए गए रेड और ऑरेंज जोन जिलों में कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का परिसीमन करें और उन्हें सूचित करें। किसी जिले को तब ग्रीन जोन माना जाएगा जब वहां पिछले 21 दिनों में कोरोना का कोई भी नया मामला सामने नहीं आएगा।'सूडान ने कहा, 'एक या अधिक नगर निगमों वाले, निगमों और जिले के अन्य क्षेत्रों को अलग-अलग इकाइयों के रूप में माना जा सकता है। यदि वे रेड या ऑरेंज जोन में आते हैं, यहां इनमें से एक या अधिक में पिछले 21 दिनों में कोई नया मामला दर्ज नहीं होता तो उन्हें आंचलिक वर्गीकरण में एक स्तर कम माना जा सकता है।'उन्होंने आगे कहा, 'बफर जोन में स्वास्थ्य सुविधाओं में आईएलआई/ एसएआरआई मामलों की निगरानी के माध्यम से मामलों की व्यापक निगरानी की जानी चाहिए। राज्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे चिन्हित रेड और ऑरेंज जोन जिलों में कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का परिसीमन करके उन्हें सूचित करें।'महाराष्ट्र में जोन की स्थितिरेड जोनमुंबई, मुंबई उपनगर, ठाणे, पालघर, नासिक, पुणे, सोलापुर, जलगांव, यवतमाल, सातारा, धुले, अकोला, औरंगाबाद और नागपुर शामिल हैं।ऑरेंज जोनरत्नागिरी, रायगढ़, परभणी, सांगली, बीड, अहमदनगर, नंदुरबार, कोल्हापुर, नांदेड़, जालना, हिंगोली, लातूर, अमरावती, यवतमाल, बुलढाणा, चंद्रपुर और भंडारा।ग्रीन जोनउस्मानाबाद, वासिम, सिंधुदुर्ग, गोंदिया, गढ़चिरौली और वर्धा शामिल हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Mumbai Pune Thane In Maharashtra Red Zone | Check Coronavirus Maharashtra Full List Of Red, Orange and Green Zones Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र के निषिद्ध क्षेत्रों से आवागमन अभी शुरू नहीं होगा, सरकार ने जारी किया आदेश By Published On :: Fri, 01 May 2020 17:14:00 GMT महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर कहा कि लॉकडाउन के दौरान मुंबई महानगर क्षेत्र, पुणे और पिंपरी चिंचवड़ के लोगों को तब तक शहर से बाहर कहीं आने जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक इन क्षेत्रों के निकाय आयुक्त निषिद्ध क्षेत्रों (कन्टेनमेंट जोन) की सीमाओं पर कोई निर्णय नहीं लेते।आदेश में कहा गया कि मुंबई महानगर क्षेत्र, पुणे और पिंपरी चिंचवड़ से दूसरे जिलों में जाने के लिए बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह तब तक शुरू नहीं किया जाएगा जब तक निकाय आयुक्त निषिद्ध क्षेत्रों की सीमा निर्धारित नहीं कर लेते।आदेश के अनुसार संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्रों जैसे मालेगांव, सोलापुर, अकोला, अमरावती, यवतमाल, औरंगाबाद और नागपुर से आवागमन की अनुमति देने से पहले बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तब तक शुरू नहीं किया जाएगा जब तक निकाय आयुक्त निषिद्ध क्षेत्रों की सीमा निर्धारित नहीं कर लेते Full Article
महाराष्ट्र पांच हजार लोगों ने महाराष्ट्र से घर वापसी की मांगी मदद, सीएम ने उद्धव काे लिखा पत्र By Published On :: Mon, 04 May 2020 16:26:13 GMT महाराष्ट्र में काेराेना संक्रमण के बढ़ते मामलाें काे देखते हुए वहां फंसे पांच हजार से अधिक हिमाचल वासियों ने घर वापसी के लिए सरकार से मदद मांगी है। लाेगाें के आग्रह पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे काे पत्र लिख कर वहां फंसे हिमाचल के लोगों की मदद करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि महाराष्ट्र में फंसे हिमाचलियों द्वारा सरकार काे आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाने के लिए कई काॅल्स आ रहे हैं।इनमें बहुत से लोग अपने घर वापिस आना चाहते हैं। लाॅकडाउन के कारण उत्पन्न हालाताें काे देखते हुए मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से वहां फंसे हिमाचलियों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं, आश्रय और खाद्य वस्तुएं सुनिश्चित करवाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में फंसे अन्य राज्यों के लोगों को हर संभव सहायता कर रही है।एक हजार से अधिक लाेग वॉट्सएप पर मांग चुके हैं मददफाेन काॅल्स के अलावा एक हजार से अधिक लाेग नाेडल अधिकारी के वाॅट्सएप पर मैसेज करके भी सरकार से मदद मांग चुके है। लाॅकडाउन के कारण वहां उत्पन्न हालाताें का हवाला दे कर लाेग घर वापिस आना चाह रहे हैं। कई लाेग सरकार से खाने की डिमांड कर रहे हैं, कई लाेग पैसे खत्म हाेने के कारण घर वापिस आना चाहते हैं तो कई लाेगाें का कहना है कि लाॅकडाउन के कारण उनकी नाैकरी पर संकट खड़ा हाे गया है, इसलिए वह घर आना चाहते हैं। इस स्थिति से निपटना अब सरकार के लिए बड़ी चुनाैती बन चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर भी राज्य सरकार बाहरी राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों की हर संभव सहायता कर रही है।ट्राईसिटी से सोमवार को 1239 लोगों को हिमाचल लायाट्राईसिटी में फंसे हिमाचल के चार जिलों के 1239 लोगों को 49 बसों के माध्यम से आज वापिस लाया गया। प्रदेश में वापिस लाए गए इन लोगों में 622 मंडी जिला, 365 बिलासपुर जिला, 191 कुल्लू जिला और 61 लाहौल-स्पिति जिला से संबंधित हैं। वापिस बुलाए गए सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी, ताकि उनमें जुकाम जैसी बीमारी के लक्षणों का पता लगाया जा सके और उसके उपरांत उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहरी राज्यों विशेष कर रेड या ऑरेंज जोन से वापिस हिमाचल आने वाले लोगों को होम क्वारेंटाइन में रहना होगा। इसके अलावा, वे अपने परिजनों के साथ भी उचित दूरी बनाएं रखें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today फाेन काॅल्स के अलावा एक हजार से अधिक लाेग नाेडल अधिकारी के वाॅट्सएप पर मैसेज करके भी सरकार से मदद मांग चुके है,लाॅकडाउन के कारण वहां उत्पन्न हालाताें का हवाला दे कर लाेग घर वापिस आना चाह रहे हैं Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र में फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए क्लिनिक और रजिस्ट्रेशन के लिए पुलिस स्टेशन के बाहर लाइन में लगे हजारों मजदूर By Published On :: Wed, 06 May 2020 09:27:59 GMT लॉकडाउन के बीच सरकार ने प्रवासी मजदूरों को वापस उनके राज्यों तक पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सोमवार और मंगलवार से राज्य के अलग-अलग शहरों में मजदूरों की भारी भीड़ प्राइवेट क्लिनिक के सामने फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए उमड़ी है। इसके अलावा भीड़ पुलिस स्टेशनों पर भी नजर आ रही है। क्योंकि, फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के बादमजदूरों को पुलिस स्टेशन या जिला मुख्यालय पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके बाद ही वे ट्रेन या बस से अपने राज्यों तक जा सकते हैं। मुंबई में करीब 7 लाख से अधिक लोग हैं, जिन्हें दूसरे राज्यों में जाना है। एक बार सर्टिफिकेट जारी करने के बाद कितने दिन तक उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर भी क्लियरिटी नहीं है।ठाणे बस स्टैंड पास और फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर पहुंचे हजारों मजदूर।फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए500 रुपए वसूलने का आरोपघर वापसी के लिए लगने वाले दस्तावेजों में हेल्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य है। इसके लिए सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी क्लिनिक के सामने प्रवासी मजदूरों की कतार लगी हुई है। कुछ लोग मौके का फायदा उठा 500 रुपए तक सर्टिफिकेट के लिए शुल्क ले रहे हैं। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने महाराष्ट्र के डॉक्टरों से अपील की है कि 100 से अधिक शुल्क हेल्थ सर्टिफिकेट के लिए न लिया जाए।10 मिनट में एक सर्टिफिकेटडॉक्टरों के अनुसार, सही तरीके से सर्टिफिकेट जारी करने में एक व्यक्तिपर 10 मिनट लग रहा। पहले उनका बॉडी टेम्प्रेचर लिया जाता है। फिर सर्दी-जुकाम या बुखार की हिस्ट्री ली जाती है, उसके बाद ही सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।जानकारी का अभाव बनी मजदूरों की सबसे बड़ी चुनौतीधारावी में रहने वाले राधेश्याम मिश्रा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले हैं। वे एक पाइप बनाने वाली कंपनी में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। लॉकडाउन के बाद से उनके ठेकेदार ने भी उनकी मदद नहीं की और अब वे पूरे परिवार के साथ वापस उत्तर प्रदेश जाना चाह रहे हैं। शुरू के दो दिनों में उन्हें पता ही नहीं चला कि लॉकडाउन में घर लौटने की क्या प्रक्रिया है। कुछ स्थानीय लोगों ने पूरी प्रक्रिया समझाई तो पूरे दिन खड़े रहने के बाद मंगलवार शाम को उन्हें डॉक्टर से फिटनेस सर्टिफिकेट मिला है। अब उनके सामने एक और चुनौती है धारावी पुलिसस्टेशन से घर जाने का पास लेने की। राधेश्याम की तरह ही कई हजार मजदूर अभी भी मुंबई में फंसे हुए हैं।मंगलवार शाम को पुणे के वारजे मालवाड़ी इलाके में प्रदर्शन करने पहुंचे हजारों मजदूरों को पुलिस नेहटाया।राज्य के अलग-अलग शहरों का हाल मुंबई: कई हजार मजदूर पिछले दो दिनों से धारावी जैसे इलाकों में प्राइवेट क्लिनिक के सामने फिटनेस सर्टिफिकेट की लाइन में लगे हुए हैं। बीएमसी क्षेत्र से आने वाले इलाकों से अभी तककिसी भी मजदूर को नहीं भेजा गया है। फिलहाल सरकार मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कर उन्हें पास देरही है। पालघर:दो ट्रेनें मंगलवार को पालघर और भिवंडीसे राजस्थान के प्रवासी श्रमिकों को लेकर जयपुर पहुंचीं। रेलवे के शेड्यूल के अनुसार एक ट्रेन पालघर (महाराष्ट्र) से सुबह करीब 8:30 बजे और दूसरीट्रेन भिवंडी (महाराष्ट्र) से सुबह 11.30 बजे जयपुर स्टेशन पहुंची। ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे में कई जगहों पर प्रवासी मजदूर टेस्ट की जांच के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लग गए हैं। ठाणे के डोंबिवली शहर में निजी मेडिकल क्लीनिकों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में आज प्रवासी श्रमिकों को देखा गया। यहां का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मजदूर धक्कामुक्की कर कतार में लगे हैं। इनमें से कइयों ने मास्क भी नहीं पहना है पुणे:वारजे मालवाड़ी इलाके में मंगलवार शाम को मजदूरों की भारी भीड़ सड़कों पर उतर आई और वापस अपने घर भेजने की मांग करने लगी। इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई। भीड़ बढ़ती देख पुलिस को यहां लाठी चार्ज भी करना पड़ा।धारावी पुलिस स्टेशन के बाहर कतार में लगे प्रवासी मजदूर। ये सभी फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर यहां पहुंचे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today धारावी के कई प्राइवेट क्लीनिकों पर हर दिन ऐसी ही लंबी-लंबी लाइन फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए लग रही है। Full Article
महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय एजेंसीज से मांगी आईसीयू बेड बढ़ाने की मदद By Published On :: Wed, 06 May 2020 13:10:46 GMT कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे, सेना और अन्य केंद्रीय उपक्रमों के अस्पतालों से आग्रह किया है कि वे राज्य में मौजूद अपनी सुविधाएं सरकार के लिए उपलब्ध करवाएं। राज्य सरकार मामले बढ़ने के साथ ही गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) के बेड की संख्या में इजाफा करना चाहती है।मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोविड-19 मरीजों के इलाज और आईसीयू बेड की चिंता को लेकर निजी तौर पर उच्च अधिकारियों से चर्चा की है। बयान के मुताबिक, 'योजना के तहत, राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में रेलवे, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, भारतीय सेना, नौसेना और केंद्र सरकार के अन्य उपक्रमों के अस्पतालों, संस्थानों और इमारतों की सुविधाएं उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।'परिक्षण की संख्या में वृद्धि से बढ़ी मरीजों की संख्याराज्य सरकार ने कहा कि वह पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस से निपटने में जुटे हैं और इसकी रोकथाम के लिए कई उपाय किए गए हैं। बयान के मुताबिक, 'परीक्षणों की संख्या में व्यापक वृद्धि की गई है, ऐसे में मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। स्वस्थ होने वाले और अस्पताल से छुट्टी पाने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।'अब तक तकरीबन 3 हजार मरीज ठीक होकर घर पहुंचेराज्य सरकार के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि कुल 2,819 मरीज विभिन्न अस्पतालों से ठीक होकर जा चुके हैं। बयान में कहा गया, 'केंद्र ने मई में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया है, राज्य सरकार ने मुंबई और पुणे में आइसोलेशन और आईसीयू सुविधाएं तैयार की हैं।' Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र में पिछले एक सप्ताह से हर दिन तकरीबन 700 से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आए हैं। Full Article
महाराष्ट्र कोरोना से जान गंवाने वालों का शव मरीजों के साथ रखा, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री बोले- रिश्तेदार बॉडी ले जाने से हिचकिचाते हैं By Published On :: Thu, 07 May 2020 15:33:51 GMT यहां के सायन अस्पताल में कोरोना केमरीजों के मामले मेंएक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां के इमरजेंसी वॉर्ड में मरीजों के पास संक्रमण मारे गए लोगों के शव भी रखे जा रहे थे। मरीज और उनके परिजन ने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत भी की, लेकिन इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब वीडियो वायरल हो गया। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने राजेश टोपे नेकहा- मृतकों के परिजन 30 मिनट के भीतर बॉडी ले जाते हैं। लेकिन, कई बार वे हिचकिचाते हैं। इसके बाद शव मॉर्चुरी में भेज दिया जाता है। सभी प्रोसीजर पूरे करने में वक्त मिलता है।राजेश टोपे ने कहा कि अब हमने आदेश दिया है कि बॉडी को 30 मिनट के भीतर हटा दिया जाए। इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। प्रोटोकॉल के तहत बॉडी को काली पॉलिथिन में लपेटा जाता है ताकि संक्रमण ना फैले।वॉर्ड में 10 शव रखे थेवायरल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के वॉर्ड में कई मरीज बेड पर लेटे हैं। मरीजों के बीच में काले प्लास्टिक के बैगोंमें कोरोना से जान गंवाने वाले लोगोंकेशव भी बेडपर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ कोकंबल से ढका गया है। बताया जा रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीचऐसे 19 शव रखे गए थे।हॉस्पिटल ने दी सफाईअस्पताल के डीन डॉ. प्रमोद इंगले ने वायरल वीडियो की पुष्टि की है। डॉक्टर इंगले के मुताबिक, अस्पताल में स्टाफ की कमी है। उधर, रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसलिए इन्हें वार्ड में रखा गया। मॉर्चुरी में जो 15 शेल्फ हैं, उनमें से 11 भरे हुए हैं।मुंबई का सायन हॉस्पिटल। धारावी के मरीजों की कोरोना जांच यहीं होती है।रिपोर्ट आने तक पड़े रहते हैं शव एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच सायन अस्पताल में ही होती है। धारावी के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ताजाआंकड़ों के मुताबिक, धारावी मेंकोरोना के मरीजों की संख्या 700 के पार जा चुकी है। धारावी के लिए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्सऔर साईं अस्पताल को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। सायन अस्पताल मेंटेस्ट होने के लगभग 15-20 घंटे में रिपोर्ट आती है। यहां के इमरजेंसी वॉर्ड में 20 बेड हैं। जहां कोविड और नॉन कोविड दोनों तरह के मरीज रखे गए हैं। ऐसे में अगर इमरजेंसी वार्डमें किसी मरीज की मौत हो जाए तो उसकी लाश कोविड टेस्ट की रिपोर्ट आने तक वहीं पड़ी रहती है। उसके आसपास के पलंग पर मरीजों को लेटने को कहा जाता है।नीतेश राणे का ट्वीटभाजपानेता नीतेशराणे ने भी वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘सायन अस्पताल में शवों के बीच मरीज भी सो रहे हैं। यहशर्मनाक है।'##कम्युनिटी वर्कर मतिउर्रहमान बताते हैं कि जिस रोजवे अपने अंकल तालिब शेख को सायन अस्पताल लेकर गए थे तो एक शव रात से वॉर्ड में रखा हुआ था। दूसरी मौत सुबह 10 बजे हुई थी। वह शव भी शाम 5 बजे तक वहीं रखा हुआ था। आसपास दूसरे मरीज थे। लेकिन जिसकी मौत होती है, उसकी कोविड की रिपोर्ट आए बिना कोई शव को हाथ भी नहीं लगाता है। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तोऐसे ही उसकी बॉडी परिवार वालों को दे दी जाती है। लेकिन रिपोर्ट आने तक शव वहीं रखा रहता है।पूर्व सीएम ने की कड़ी कार्रवाई की मांगइस घटना पर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा,'सायन हॉस्पिटल में हुई यह घटना बेहद गंभीर है। शव के बगल में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज जारी रखना एक गंभीर बात है।सवाल यह है कि क्या मुंबईकरों का कोई रखवाला नहीं बचा?सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो।'सायन अस्पताल में केवल कोरोना की जांच होती है। जांच में अगर कोई पॉजिटिवपाया जाता है तो उसे इलाज के लिए कस्तूरबा अस्पताल भेज दिया जाता है। लेकिन जिस तरह से धारावी में मामले बढ़ रहे हैं अस्पताल के लिए उन्हें संभालना बेहद मुश्किल हो रहा है। धारावी में सोशल वर्क से जुड़े फहाद अहमद बताते हैं कि जो आंकड़ा धारावी का बताया जा रहा है वह सिर्फ दस फीसदी है। वहां ऐसे कई लोग हैं जो कोरोना केमरीज हैं लेकिन अस्पताल नहीं जा रहे हैं। टेस्ट नहीं करवा रहे हैं।वहीं, धारावी के नगर पार्षदबाबू खान का कहना है कि कोरोना के मरीजों की लाशें जिंदा लोगों के साथ रखी गई हैं। शुरू में तो ऐसे ही बिना कपड़े के बॉडी पड़ी रहती थी, लोग डर के मारे दुबके अपने-अपने बेड पर पड़े रहते थे, अब बस इतना हुआ है कि उसे लपेट दिया जाता है। खबर चाहे अब आ रही हो लेकिन यहां ऐसा शुरू से ही हो रहा है।इनपुट-अशीष राय Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर मुंबई के सायन अस्पताल की है। यहां वॉर्ड में शवों को काले रंग के प्लास्टिक से रैप कर चादरों से ढंक दिया गया है। इसी का वीडियो वायरल हुआ है। Full Article
महाराष्ट्र शराब तस्करी रोकने के लिए अन्य राज्यों से लगी महाराष्ट्र की सभी सीमाएं सील, अब तक पकड़ी गई 12.63 करोड़ की शराब By Published On :: Fri, 08 May 2020 07:38:36 GMT लॉकडाउन के दौरान पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी रोकने की कवायद में महाराष्ट्र ने उनके साथ अपनी सीमाओं को सील कर दिया है और 12 जांच चौकियों परकर्मियों को तैनात किया है। आबकारी विभाग ने यह कदम कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाई पाबंदियों में ढील के बाद उठाया है, जिसमें शराब की दुकानों को फिर से खोलना शामिल है।एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि महाराष्ट्र में शराब की मांग बढ़ने पर राज्यों में संगठित गिरोहों द्वारा शराब की तस्करी की आशंका है। उन्होंने कहा,इस देखते हुए आबकारी विभाग ने पड़ोसी राज्यों के साथ लगती सीमाओं पर स्थित जिलों में उड़न दस्तों और सतर्कता टीमों को तैनात किया है।12 चौकियों पर बढ़ाई गई चौकसीउन्होंने कहा, "इस अवधि के दौरान तस्करी से बचने के लिए हमने 12 जांच चौकियों पर चौकसी बढ़ा दी है और आसपास के राज्यों के साथ सीमाओं को सील कर दिया है।" अधिकारी ने बताया कि इससे शराब की तस्करी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक शराब की अवैध आपूर्ति के कम से कम 4,829 मामले दर्ज किए गए और 438 वाहनों को जब्त किया गया। इसके अलावा ऐसे मामलों में कम से कम 2,104 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।बंद के बाद से अब तक 12.63 करोड़ की शराब जब्तबंद के बाद से 12.63 करोड़ रुपएकी शराब तथा अन्य सामग्री जब्त की गई है। अधिकारी ने बताया कि आबकारी विभाग ने एक नियंत्रण कक्ष बनाया है, जहां लोग शराब के अवैध निर्माण या बिक्री के संबंध में सूचना मुहैया करा सकते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र से दूसरे राज्यों तक जाने के लिए 12 जांच चौकियां बनाई गई हैं। इन सभी को सील कर दिया गया है। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र में रहने वाले प्रवासियों को 3 मई तक राजसमंद आने की स्वीकृति नहीं, कलेक्टर ने जारी की अपील, अभी वहीं सुरक्षित रहें By Published On :: Mon, 27 Apr 2020 23:30:00 GMT जिले के मूल निवासी जो वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य में प्रवासियों या श्रमिकों के रूप में रह रहे हैं, उन्हें आगामी 3 मई तक राजसमंद आने की स्वीकृति महाराष्ट्र सरकार ने नहीं दी है। कलेक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने ऎसे लोगों से अपील की है कि वे आगामी आदेशों तक जहां पर हैं वहीं पर सुरक्षित रहें।कलेक्टर ने बताया कि अन्य राज्यों के हॉट स्पॉट जिलों से भी प्रवासियों को आगामी आदेशों तक राजसमंद आने की स्वीकृति नहीं दी गई है, इसलिए अहमदाबाद एवं सूरत आदि हॉट स्पॉट स्थानों के प्रवासियों को भी राजसमंद आने की स्वीकृति आगामी आदेशों तक स्थगित रखी गई है, परन्तु वे जिले जो हॉट स्पॉट नहीं हैं, वहां से राजसमंद आने वाले प्रवासी, श्रमिक अपना पंजीकरण एकीकृत कॉल सेंटर जिसका नम्बर 1800 1080 6127 पर अथवा emitra.rajasthan.gov.in तथा rajcovid.info मोबाइल एप पर करवा सकेंगे।पंजीकरण प्रक्रिया के बाद संबंधित राज्य की सहमति होने पर ही राजसमंद आ सकेंगे। कलेक्टर ने बताया कि राजसमंद के प्रवासियों, श्रमिकों की घर वापसी के लिए महाराष्ट्र सरकार से वार्ता की जा रही है, इसलिए उन्होंने ऐसे लोगों से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और प्रदत्त निर्देशों की पालना करें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
महाराष्ट्र गुजरात, महाराष्ट्र और एमपी से 1000 से ज्यादा प्रवासी पहुंचे राजसमंद, बाॅर्डर और आरके अस्पताल में में जांच के लगी लंबी कतार By Published On :: Sat, 02 May 2020 23:30:00 GMT गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित बाहरी राज्याें में फंसे 1000 से ज्यादा प्रवासी शुक्रवार रात से शनिवार दाेपहर तक जिले में पहुंचे। बॉर्डर पर फंसे इन प्रवासियाें काे बसाें से राजसमंद लाया गया। जिले के नेगड़िया बॉर्डर पर बसाें से उतारकर एक-एक प्रवासी की स्वास्थ्य जांच कर सभी काे आरके अस्पताल, नाथद्वारा राजकीय अस्पताल में भेजा जाता रहा। यहां दाेबारा इनकी स्वास्थ्य जांच कर सभी प्रवासियाें काे अपने-अपने क्षेत्र में क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती किया जा रहा है। यह क्रम दिनभर चला। इसमें चिकित्सा विभाग, प्रशासन सहित पुलिस का भी सहयाेग रहा। प्राथमिक जांच में अब तक इन प्रवासियाें में काेइर् भी काेराेना संक्रमित नहीं पाया है।नेगड़िया टाेल नाके सहित आरके अस्पताल, नाथद्वारा अस्पताल में इनकी स्वास्थ्य जांच के लिए कतार रही। इनमें राजसमंद पंचायत समिति और शहरी क्षेत्र में 300 प्रवासी गुजरात, महाराष्ट्र और एमपी से आए हैं। आमेट क्षेत्र में 310 प्रवासियाें काे क्वारेंटाइन सेंटर पर लाया गया।शहर और राजसमंद पंचायत समिति की 33 पंचायताें में 300 से ज्यादा प्रवासी आचुके हैं। इनमें शहरी क्षेत्र के जवाहर नवाेदय केंद्र और पंचायत स्तर के क्वारेंटाइन सेंटर पर भर्ती कराया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today More than 1000 migrants arrived from Gujarat, Maharashtra and MP, long queues of check in border and RK hospital Full Article
महाराष्ट्र गुजरात, महाराष्ट्र जैसे काेराेना हाई रिस्क राज्यों से आ रहे फल, सब्जियां, कृषि उपज मंडी में बाहर से आने वालों से संक्रमण का खतरा By Published On :: Sat, 02 May 2020 23:30:00 GMT भीलवाड़ा रेड स्थित राजसमंद कृषि उपज मंडी में काेराेना संक्रमित हाई रिस्क जाने गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश के अलावा पड़ाेसी जिले भीलवाड़ा से फल, सब्जियां खूब आ रही है। बाहरी राज्यों से ट्रकों में यह माल लाया जा रहा है। चालक लॉकडाउन के नियमों की पालना नहीं कर रहे है। ये न ताे मास्क लगा रहे है और न साेशल डिस्टेंसिंग की पालना। ऐसे में अगर एक भी बाहर के राज्य का चालक या खलासी काेराेना संक्रमित हाेने पर कृषि मंडी के व्यापारी और खरीदार के संपर्क में आ जाए ताे जिले के लिए खतरा हाे सकता है।गौरतलब है कि कृषि उपज मंडी के मुख्य गेट पर ताे पुलिसकर्मी तैनात रहते है लेकिन अंदर हालात व्यवस्थित करने के लिए समुचित प्रबंध नहीं किए जा रहे है। होलसेल सब्जी विक्रेताओं से रिटेल खरीदारों की भीड़ आ जाती है। जैसे सुबह-सुबह कृषि मंडी में भीड़ का आलम लगा रहता है। शनिवार काे भी गुजरात, भीलवाड़ा से आए खरबूजों से भरे ट्रक आए थे। इनके चालक और खलासी लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए मास्क लगाए बिना घूम रहे थे। ये साेशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखा कर रहे थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Fruits, vegetables, agricultural produce coming from the high risk states of Gujarat, Maharashtra, etc. Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र से जालोर जा रहे थे, गिड़गिड़ाते रहे गए, साहब- छोटे बच्चे भूखे हैं इंट्री दे दो, अफसरों ने कोटड़ा चेक पोस्ट से लौटाया By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT (शाहिद खान पठान).महाराष्ट्र से जालोर जा रहे करीब चालीस लोगों को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने सीमा के अंदर आने से रोक दिया। लोगों के काफी गुहार लगाने के बाद भी अधिकारियों ने एक नहीं सुनी।शाम करीब चार बजे गुजरात के गढ़ी मार्ग से कोटड़ा की तरफ एक ट्रक, दो पिकअप और जीपों में सवार होकर करीब चालीस लोग यहां पहुंचे। इनमें महिलाएं बच्चे भी शामिल थे।इन्हें महादेव मंदिर के सामने लगी चेक पोस्ट पर रोक दिया गया। पूछताछ में लोगों ने महाराष्ट्र से जालोर जाना बताया। जांच करने पर तीनों वाहन चालकों के पास परिवहन के ऑर्डर नहीं थे। चेक पोस्ट पर कार्यरत टीम ने अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्हें लौटने के लिए कहा गया। इस पर चेक पोस्ट पर तैनात कर्मचारियों ने वापस लौटा दिया। महिलाओं ने लगाई गुहार, नहीं माने अधिकारी: महाराष्ट्र से आए परेशान लोगों ने अधिकारियों से काफी देर तक गुहार लगाई। साथ ही कहा कि उन्हें यहां निकलने दिया जाए अथवा कहीं सैफ होम में रखा जाए। महिलाएं बोली साहब छोटे-छोटे बच्चें भी है खाना तक नहीं खाया है। एसडीएम मंगलाराम, बीडीओ धनपतसिंह, थानाधिकारी धनपत सिंह से बात की गई। लेकिन इंट्री देने के लिए मना कर दिया। फिर भी लोग काफी देर तक गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ने सभी को लौटा दिया। ऐसे में सभी लोग काफी देर तक चेक पोस्ट के पास खड़े रहकर इंट्री देने की आस में खड़े रहे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Were going to Jalore from Maharashtra, kept pleading, Sir - small children are hungry, give entry, officers returned from Kotda check post Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र से 11 लाख रुपए का चना बुलाने वाले किसान पर केस दर्ज By Published On :: Sat, 09 May 2020 01:52:00 GMT ग्राम बैड़ी में बुधवार रात करीब 10 बजे महाराष्ट्र से करीब 11 लाख रुपए का 250 क्विंटल चना बुलाने के मामले में मंडी सचिव की शिकायत पर किसान फागुन सारन के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं इस मामले में किसान ने कलेक्टर काे आवेदन देकर कहा कि 16 किसानों ने बाेवनी के लिए चना बुलाया था। इसमें काेई गड़बड़ी नहीं की है।ट्रक, ट्रैक्टर ट्रॉली मालिक के खिलाफ भी एफआईआर दर्जग्राम बैड़ी में ट्रक से ट्रैक्टर ट्रॉली में चना खाली करने के मामले में ट्रक एवं ट्रैक्टर ट्रॉली मालिक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है। महाराष्ट्र से चना बुलाने के मामले में कलेक्टर ने जांच टीम भेजी थी। मंडी सचिव किशोर माहेश्वरी ने बताया कि 6 मई की रात 10 बजे बैड़ी गांव के किसान फागुन सारन के खेत पर ट्रक क्रमांक एमपी 09 एचएफ 9852 मिला जिसमें 417 बोरा, 250.52 क्वि. चना रखा था। जिसकी अनुमानित कीमत 10.89 लाख 675 रुपए है। माहेश्वरी ने बताया कि माैके पर न्यू हालैंड 5500 नीला ट्रैक्टर मय ट्राली (जिस पर मुहाल कृषि फर्म बैडी अंकित है) मिला। इसमें 2.17 लाख रुपए का करीब 50 क्वि. चना मिला। यह चना ट्रक से ट्रैक्टर में खाली करते हुए पकड़ा गया।किसान ने कहा : इधर किसानों ने कलेक्टर काे आवेदन देकर कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र से उन्नत किस्म का चना बाेवनी के लिए 16 किसानों के लिए 250 क्विंटल फागुन सारंग के नाम से बुलाया था।वाहन के साथ बिल व मंडी की रसीद सभी जरूरी दस्तावेज थे। ट्रैक्टर से किसान अपना-अपना बीज ले जाने की तैयारी में थे। तभी मंडी सचिव नायब तहसीलदार पहुंचे। जिन्होंने वाहन व चना जब्त किया। किसानों ने कहा कि मंडी सचिव काे सारा मामला बताया लेकिन उन्होंने केवल फागुन के ही बयान लेकर जब्ती कर ली। इससे हमें परेशानी हाे रही है। उन्होंने जांच के बाद बीज देने व धूप से बचाने की मांग की जिससे उसकी अंकुरण क्षमता प्रभावित न हाे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र, तेलंगाना व हैदराबाद से आएप्रवासियों समेत 124 लोगों की स्क्रीनिंग By Published On :: Sat, 09 May 2020 02:49:00 GMT महाराष्ट्र, तेलंगाना व हैदराबाद के अलावे अन्य कई प्रान्तों से आए प्रवासियों व स्थानीय समेत कुल 124 लोगों की स्क्रीनिंग शुक्रवार को सदर अस्पताल भभुआ में की गई। दरअसल प्रवासी बीते दिनों दूसरे प्रांत से आए हैं।इनमें शामिल महाराष्ट्र से आए भभुआ थाना क्षेत्र के अखलासपुर गांव निवासी परवेज़ खान, गुडगांव से अपने गांव तिवई आए महाबली, सिकंदराबाद से अखलासपुर गांव आए बबलू, हैदराबाद से ओदार गांव आए रंजन कुमार, तेलंगाना से गांव कोहारी आए रामभरोसे, हैदराबाद से दारौली गांव आए छठु प्रजापति, पंजाब से दारौली गांव आए पारसनाथ समेत स्थानीय लोगों की थर्मल जांच की गई। थर्मल जांच कर रहे थर्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को जिन 124 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई उनमें महाराष्ट्र और हैदराबाद समेत विभिन्न प्रान्तों से कैमूर के विभिन्न गांव लौटे लोगों के अलावे स्थानीय लोग शामिल हैं।शहर में संक्रमित क्षेत्र में चल रहा सैनिटाइज्ड अभियानवैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का फैलाव शहर में न हो इसलिए सैनिटाइज्ड अभियान चलाया जा रहा है। दरअसल कोरोना का कहर भभुआ शहर से लेकर चैनपुर और जिले के दुर्गावती और नुआंव इलाके में भी पहुँच चुका है। इससे लोगों को नगर और जिला प्रशासन लागातार सचेत रहने के लिए चेता रही है। इधर, नगर को कोरोना से बचाव के लिए सेनेटाइज्ड किया जा रहा है। नगर के संक्रमित वार्ड के अलावे विभिन्न वार्डों में निवास करने वाले लोगों को वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घरों में ही रहने की अपील जिला और नगर प्रशासन कर रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
महाराष्ट्र 9 दिनों में 911 लोगों ने दम तोड़ा, महाराष्ट्र में अब तक 731 और गुजरात में 449 लोगों की मौत By Published On :: Sat, 09 May 2020 13:19:54 GMT कोरोना संक्रमण की वजह से देश में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में अब तक 1991 लोगों की जान जा चुकी है। पिछले 9 दिनों में 911 लोगों की मौत हुई। शनिवार की शाम तक 7 मौतों की पुष्टि हुई है। इनमें 3 आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और चंडीगढ़ में 1-1 मौतें हुईं।इसके पहले, शुक्रवार को 94 संक्रमितों ने दम तोड़ा। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 37 मरीजों की मौत हुई। इसमें 25 लोग मुंबई से थे। इसी के साथ पूरे राज्य में मरने वालों की संख्या 700 पार हो गई। अब तक यहां 731 लोग जान गंवा चुके हैं। अकेले मुंबई में 462 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। गुजरात में 24 संक्रमितों ने दम तोड़ा। यहां मरने वालों की संख्या 449 हो गई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Coronavirus India Death Toll | Novel Coronavirus Cases Deaths in Mumbai Pune Delhi Haryana gujarat Odisha Madhya Pradesh Uttar Pradesh Indore Today Latest Update: Corona Virus (COVID 19) India Death Toll Day Wise Details and Information Full Article
महाराष्ट्र 10 लोग महाराष्ट्र से लौटे, 104 में से 84 केस एक्टिव By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:48:00 GMT जिले में शुक्रवार को एक बार फिर कोरोना विस्फोट हुआ तथा कुल 18 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इन मामलों में से 10 लोग महाराष्ट्र से लौटे हैं। इसके अलावा पांच मामलों में कोरोना पॉजिटिव लोग दूसरे प्रदेशों या जिलों से पंजाब में आए हैं, जबकि तीन मामलों के बारे में अभी तफ्तीश की जा रही है कि वे कहां से संक्रमित हुए हैं। इस तरह जिले में अब तक कुल कोरोना मामलों का आंकड़ा अब 104 पर पहुंच गया है। एक्टिव मामलों की संख्या 84 हैं, जिनका नवांशहर के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है।जबकि 18 कोरोना मरीज ठीक होकर घरों को जा चुके हैं, जबकि एक की मौत हो चुकी है। सिविल सर्जन डॉ. रजिंदर भाटिया ने बताया कि सभी लोगों को अस्पताल या घरों में क्वारेंटाइन किया हुआ था। हालांकि जिन लोगों के संपर्कों के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है, उनके गांवों व इलाकों को सील करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।डॉ. सुक्खी का पेशेंट निकला कोरोना पॉजिटिव, सेल्फ क्वारेंटाइनजिले के 18 पॉजिटिव मरीजों में से एक माछीवाड़ा का है जो बंगा के विधायक डॉ. एसके सुक्खी से अपने नाक में रसोली का इलाज करवाने के लिए था। कुछ दिनों पहले वे उनके अस्पताल में आया था तथा इस दौरान वे अस्पताल के स्टाफ के चार लोगों के संपर्क में आया। डॉ. सुक्खी ने बताया कि वह उस दिन अभी अस्पताल नहीं पहुंचे थे तो उन्होंने उसे सलाह दी की रसोली की सर्जरी से पहले वे कोरोना टेस्ट करवाएं। कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्होंने अपने स्टाफ के चार कर्मचारियों को क्वारेंटाइन में भेज दिया है तथा उनका सैंपल लेने व टेस्ट आने के बाद ही आगे अस्पताल चलाने पर विचार करेंगे।उन्होंने बताया कि मंगलवार तक उन्होंने खुद भी घर में अकेले ही रहने का फैसला किया है तथा स्टाफ की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे के संबंध में फैसला लिया जाएगा। फिलहाल सेहत विभाग की टीम इस मरीज को माछीवाड़ा ले गई है जो कि लुधियाना में है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पताल इस समय कोरोना के खिलाफ जंग में पूरी तनदेही के साथ लगे हुए हैं। मगर इस समय सबसे अधिक जरूरत प्राइवेट अस्पताल के कर्मचारियों को सरकार की ओर से प्रोत्साहित करने की है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में काम करने वाले सेहत कर्मचारियों का सरकार को बीमा करवाना चाहिए तथा उनके लिए भी कोई योजना बनानी चाहिए।गांव गुणाचौर, कमाम और गरचा से सामने आए तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज, ढाहां में किया क्वारेंटाइनसिविल अस्पताल मुकंदपुर के एसएमओ डॉ. रविंदर सिंह ने बताया कि जिनकी शुक्रवार को रिपोर्टें सामने आई हैं और इनमें गांव गुणाचौर से राज कुमार (22), गांव कमाम से रछपाल कौर (20) तथा गरचा से बलकार सिंह (40) कोरोना संक्रमित पाए गए। इसके बाद उन्हें ढाहां के क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया। उधर, बंगा के तहसीलदार अजीतपाल सिंह तथा थाना मुकंदपुर के एसएचओ पवन कुमार ने तीनों गांवों को सील करवाया।थाना पोजेवाल के एसएचओ रघुवीर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को जैसे ही 40 लोगों के सैंपलों की रिपोर्ट आई तो पता चला कि गांव मंगूपुर व माहीपुर के दो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हैं, जोकि महाराष्ट्र से आए हैं। दोनों को उक्त गांवों के स्कूलों में बनाए क्वारेंटाइन सेंटरों में भेदा और आशा वर्कर राकेश कुमारी मंगूपुर व सुनील कुमारी माहीपुर ने कोविड आरआर टीम को सूचित किया। टीम के इंचार्ज डॉ. भूपिंदर कुमार अपनी टीम सदस्यों साथ पहुंचे और दोनों संक्रमित व्यक्तियों के सैंपल लिए। टीम में क्रांतिपाल सिंह, सुनील कुमार, वरुण कुमार थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 10 people returned from Maharashtra, 84 cases out of 104 active Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र से पलायन को मजबूर प्रवासी मजदूर, 4 दिन के सफर के बाद यूपी-एमपी सीमा से ही वापस किए गए By Published On :: Sun, 26 Apr 2020 06:41:11 GMT कोरोनावायरस से फैल रहे संक्रमण के बाद उपजे संकट के मद्देनजर देशव्यापी लॉक डाउन के बीच महाराष्ट्र में फंसे यूपी के लाखों प्रवासी मजदूर वाहनों में छिपकर अपने घर लौट रहे हैं। रास्ते में कई बार पुलिस चेकिंग का सामना करते हुए यूपी-एमपी बॉर्डर तक पहुंच गए। इतना लंबा सफर तय करने के बाद जब वे यूपी बॉर्डर पर पहुंचे तो जनपद पुलिस ने उन्हें वापस लौटा दिया गया। मजदूरों का कहना है कि महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश तक पुलिस ने हमें देखा और आगे जाने दिया।वहीं सिद्धार्थनगर के ही रहने वाले इमरान और उसके तमाम साथी अपनी बाइक से 5 दिन का सफर करके यूपी बॉर्डर पर पहुंचे। कई मजदूर अपने परिवार के साथ सफर पूरा कर रहे हैं। उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी इस परेशानी का सामना कर रहे हैं।सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो पा रहा पालनप्रवासी मजदूर कंटेनर, ट्रक, मैजिक, लोडर गाड़ी और बाइक से अपने घरों के लिए वापस आ रहे हैं. गाड़ियों में वे अधिक संख्या में बैठ रहे हैं और उन्हें छिपाने के लिए ऊपर से त्रिपाल या किसी अन्य वास्तु से ढक दिया जाता है. जिसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है और इतनी गर्मी में इस तरह से सफर करना उनके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।मजदूर बोले नहीं मिल रहा था खानारामकृपाल सिद्धार्थनगर के रहने वाले वे मुंबई में दैनिक मजदूरी करने के लिए गए थे। आपबीती सुनाते हुए कहते हैं कि वहां हमें भूखा रहना पड़ रहा था। हमने लॉक डाउन से पहले जो थोड़ा बहुत रुपया कमाया था। उसी से सामान लेकर अपना पेट भरते थे। हम वहां बहुत परेशान थे इसके बाद हमें अपने गांव की एक गाड़ी मिल गई। हम सब ने मिलकर इसमें डीजल डलवाया और अपने गांव के लिए निकल आए।दरअसल, यूपी का झांसी ऐसा जनपद है जिसकी 3 सीमाएं मध्य प्रदेश से मिलती हैं। यहां हर रोज दूसरे राज्यों से पलायन करके हजारों मजदूर वाहनों में छिपकर पहुंच रहे हैं। इन प्रवासी मजदूरों का पलायन पुलिस प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। पुलिस लगातार इनके वाहनों को बॉर्डर से वापस कर रही हैं। वापस होने के बाद मजदूर खेतों में छिपकर बैठ जाते हैं और रात होने का इंतजार करते हैं। जैसे ही रात होती है ये आसपास के खेतों से होते हुए यूपी की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद जिला प्रशासन को इन्हें क्वॉरेंटाइन करना पड़ता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र से झांसी के लिए ये मजदूर चार दिनों पहले ही निकले थे लेकिन उन्हें रास्ते में कहीं रोका नहीं गया। ऐसा उनका कहना है। लेकिन झांसी के बार्डर पर पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें वापस लौटा दिया। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र से सरकारी बसों में बस्ती पहुंचे 7 मजदूर कोरोना पॉजिटिव; अन्य राज्यों से आ रहे श्रमिकों को रोजगार देना चुनौती By Published On :: Sat, 02 May 2020 11:48:54 GMT उत्तरप्रदेश के बस्ती में शनिवार को सात मजदूर पॉजिटिव मिले। ये उन लोगों में शामिल थे, जिन्हें सरकारी बसों में महाराष्ट्र से लाया गया है।इसके पहले,गुरुवार देर शाम तक मेरठ, आगरा और झांसी में नए पॉजिटिव मिले। यूपी में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2455तक पहुंच गई।अभी तक 655 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। प्रदेश में 43 लोगों की मौत हो चुकी है।गैर राज्यों में रह रहे श्रमिक बड़ी संख्या में यूपी आ रहे हैं। ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना भी एक बड़ी चुनौती है। इसको देखते हुए सरकार कार्ययोजना बनाने में जुट गई है। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शनिवार को कहा कि यूपी में 15 से 20 लाख रोजगार के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा- प्रदेश में कुल हॉटस्पॉट की संख्या 433 पहुंच गई है। पहली ट्रेन नासिक से शनिवार सुबह 845 श्रमिकों को लेकर ट्रेन चली है, जो झांसी-कानपुर के रास्ते रविवार को लखनऊ आ जाएगी। गुजरात समेत अन्य राज्यों से चर्चा कर ट्रेनों से श्रमिकों को लाया जाएगा।कोरोना अपडेट्स आगरा में शुक्रवार सुबह 17 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि शहर में अब तक 126 स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। 15 संक्रमित मरीजों की मौत भी हो चुकी है। शुक्रवार को मिले नए कोरोना मरीजों में सब्जी विक्रेता, केबल ठीक करने वाले मैकेनिक और रिक्शा चालक शामिल हैं। पूल टेस्टिंग में ऑटो चालक की बेटी भी संक्रमित मिली। संक्रमित सब्जी विक्रेताओं में बसई मंडी के चार और एक सिकंदरा सब्जी मंडी का है। वाराणसी:वाराणसी के रेड जोन में आने से चिंताएं बढ़ गई हैं। बीएचयू की एक महिला वैज्ञानिक भी पॉजिटिव मिली है। इसके साथ शहर में संक्रमितों की संख्या 61 हो गई है। उधर, शहर में अब तक 8 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं, एक मरीज जान गंवा चुका है।इधर, वाराणसी में टोटल लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।कई इलाकों में फ्लैग मार्च निकालकर लोगों को चेतावनी दी गई। इस बीच आगरा में एक साथ 22 मामले सामने आने के बाद यहां मरीजों की की संख्या बढ़कर 507 हो गई। यह तस्वीर वाराणसी के मैदागिन चौराहे की है। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए पुलिस ने शनिवार सुबह शहर के कई इलाकों में मार्च किया। यह तस्वीर वाराणसी के पंचकोशी सब्जी मंडी की है। शनिवार सुबह यहां सन्नाटा देखा गया। सुबह से ही पुलिस भीड़ रोकने के लिए मुस्तैद दिखी। झांसी: शहरमें लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां 21 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। शुक्रवार शाम को इनमें से पांच लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सभी संक्रमित पहली कोरोना पॉजिटिव 59 साल की महिला के पड़ोसी हैं। अब यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। बहराइच: शहर में शुक्रवार को एक साथ पांच पॉजिटिव मिले। यह पांचों मरीज मुंबई से आए थे। इन्हें रिसिया में क्वारैंटाइन किया गया। बहराइच में अब कुल कोरोना पाॅजीटिव मरीज की संख्या बढ़कर 14 हो गई। वहीं, श्रावस्ती में एक पाॅजीटिव मिलने से संख्या 6 हो गई। श्रावस्ती में एक कोरोना पाॅजीटिव मरीज की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी।अब तक 2455 पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण:आगरा में 507, कानपुर नगर में 222, लखनऊ में 217, सहारनपुर में 192, फिरोजाबाद में 124, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 154, मेरठ में 105, मुरादाबाद में 110, गाजियाबाद में 65, वाराणसी में 61, बुलन्दशहर में 51, रायबरेली में 44, अलीगढ़ में 35, हापुड़ में 33, बिजनौर में 32, शामली में 27, अमरोहा, संतकबीरनगर 26-26, बस्ती में 25, मुजफ्फरनगर में 23, रामपुर में 24, सीतापुर में 20, संभल में 19, बागपत और बदायूं में 16-16, मथुरा में 13, औरैया में 10, प्रतापगढ़, बहराइच, झांसी, एटा में 9-9, बरेली, जौनपुर, आजमगढ़ में 8-8, बांदा, कन्नौज, महराजगंज में 7-7, ग़ाज़ीपुर में 6, प्रयागराज, श्रावस्ती, मैनपुरी, हाथरस में पांच-पांच, लखीमपुर खीरी में 4, पीलीभीत मिर्जापुर, कासगंज, जालौन, सुल्तानपुर, में 3-3, हरदोई, कौशाम्बी, गोंडा, सिद्धार्थनगर, भदोही, उन्नाव, इटावा, गोरखपुर में दो-दो, शाहजहांपुर,बाराबंकी, मऊ, बलरामपुर, अयोध्या, कानपुर देहात,देवरिया में एक-एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर मथुरा की है। मजदूर और कामगार को बसों से उनके घर भेजने से पहले स्क्रीनिंग की जाती है। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र से 2127 श्रमिकों को लेकर पहुंची दो विशेष ट्रेन; थर्मल स्क्रीनिंग के बाद 60 बसों से घरों को हुए रवाना By Published On :: Mon, 04 May 2020 08:32:07 GMT कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे 2127 मजदूरों को लेकर दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर पहुंची हैं। प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन के पहुंचने के बाद यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की गई। जांच के बाद एक-एक यात्री का नाम दर्ज करके उन्हें बस में बैठाकर उनके खाने पीने का सामान देकर रवाना किया गया। प्रशासन ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए 60 बसों का इंतजाम किया है।पहली ट्रेन रात ढेड़ बजे पहुंचीएडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव ने बताया कि 23 मार्च के बाद रविवार को पहली श्रमिक स्पेशल देर रात 1:30 बजे के करीब गोरखपुर पहुंची। ये ट्रेन महाराष्ट्र के वसई और भिवंडी से रवाना हुई थी। दूसरी ट्रेन सोमवार सुबह 5.15 बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। पहली ट्रेन में 1145 श्रमिक और दूसरी ट्रेन से 982 यात्री सवार थे। इनका थर्मल चेकअप करने के बाद नाम, पता, मोबाइल नंबर और अन्य विस्तृत जानकारी नोट की गई। इसके बाद उन्हें बसों से घर भेजा जा रहा है। ट्रेन में किया गया सोशल डिस्टेंसिंग का पालनएनडीआरएफ के इंस्पेक्टर गोपी गुप्ता ने कहा- ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसके लिए एक बोगी में महज 54 लोगों को ही प्रवेश दिया गया था। रास्ते में किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए आरपीएफ स्टाफ के साथ ही टीटीइ भी तैनात किए गए थे। बीच के स्टेशनों पर श्रमिकों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी। लॉक डाउन में पहली बार गोरखपुर पहुंची यात्री ट्रेन को देखते हुए रेलवे के साथ ही जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखी। महाराष्ट्र से गोरखपुर पहुंचे मजदूर।श्रमिकों ने जताई खुशी, बोले- खाने का था इंतजामइन यात्रियों में ज्यादातर गोरखपुर केखजनी, बांसगांव और गोला तहसील के रहने वाले हैं। भिवंडी के हथकरघा कारखाने में काम करने वाले मजदूर राम शबद ने कहा- मुझे खुशी है कि मैं आखिरकार अपने घर पहुंच गया। रास्ते में हमें खाना पीना दिया गया। ट्रेन में सवार होने से पहले हमारा आधार कार्ड और पता आदि से जुड़े दस्तावेजों की जांच की गई। गोरखपुर स्टेशन पर भी चेकिंग की गई। दस्तावेजों की जांच हुई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today ये तस्वीर गोरखपुर की है। यहां दो स्पेशल ट्रेन महाराष्ट्र से चलकर पहुंचीं। जिनमें सवार यात्रियों को जांच के बाद उन्हें रोडवेज बसों से घर भेजा गया। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र एवं दिल्ली से आए मजूदरों में मिल रहा है संक्रमण , 5 दिन में संक्रमितों की संख्या पांच से 17 तक पहुंची By Published On :: Fri, 08 May 2020 08:12:18 GMT उत्तर प्रदेश की संगमनगरी प्रयागराज एक समय में कोरोना से मुक्त हो गया था लेकिन उसके बाद एक बार फिर यहां संक्रमितों के मिलने से अधिकारी परेशान हो गए हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली से आए लोग कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने का कारण बन रहे हैं। एक मई से सात मई तक सिर्फ पांच दिन में संक्रमितों की संख्या पांच से 17 हो गई। यानी सात दिन में कोरोना के 12 मरीज बढ़े। अब प्रवासियों की आमद से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल करीब 50 हजार लोगों के सर्वे और 28 हजार लोगों की जांच के साथ 531 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वादरैंटाइन सेंटरों में रखा गया है।जिले में एक मई को चार संदिग्ध मरीजों में कोरोना संक्रमण होने के बाद इनकी संख्या पांच से नौ हो गई। दो मई को 278 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें सभी निगेटिव रहे। तीन मई को 295 मरीजों की जांच रिपोर्ट में एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके साथ ही तीन दिन में यह संख्या चार से बढ़कर दस पहुंच गई।पॉजिटिव मामलों की संख्या लगातार बढ़ीचार मई को 84 लोगों की जांच में सभी निगेटिव रहे लेकिन पांच मई को मिली 39 लोगों की रिपोर्ट में पांच लोगों के पॉजिटिव मामले सामने आए। इसी दिन रात में कोरोना संक्रमित इंजीनियर की उपचार के दौरान जान चली गई। इससे जिले में कोरोना से हुई मौत का पहला मामला आंकड़ों में दर्ज किया गया।मई की छह तारीख को 139 नमूनों की जांच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं सात मई को आई रिपोर्ट ने लोगों को चौंका दिया। बृहस्पतिवार को 147 नमूनों की जांच में दोकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दिन भर में 182 नमूने जांच के लिए भेज गए।सीएमओ मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन सेंटरों में कुल 531 लोगों को रखा गया है। ब्लॉक स्तर पर क्वारैंटाइन सेंटरों के साथ शहर के अन्य स्थानों पर क्वारंटीन किए गए लोगों की संख्या इसमें शामिल नहीं हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today प्रयागराज में संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 17 तक पहुंच गई है। लॉकडाउन के दौरान सैनिटाइजेशन का काम भी चल रहा है। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र से लौटा श्रमिक दो दिन गांव में घूमता रहा, पता लगने पर लोगों ने जताया विरोध, जांच हुई तो कोरोना संक्रमित निकला By Published On :: Fri, 08 May 2020 10:29:00 GMT ग्रीन जोन में शामिल रहे फतेहपुर जिले में शुक्रवार को कोरोनावायरस का पहला केस सामने आया है। वह बिंदकी तहसील के नयापुरवा गांव का रहने वाला है। डीएम संजीव कुमार ने गांव को कंटेनमेंट एरिया घोषित करते हुए सील कर दिया है।गांव को सैनिटाइज कराया जा रहा है। किसी को बाहर जाने या बाहरी के प्रवेश पर प्रतिबंध है।महाराष्ट्र से गांव आकर दो दिनों टहलता रहा पीड़ितडीएम संजीव कुमार व एसपी प्रशांत वर्मा ने गांव का जायजा लिया है।डीएम ने बताया कि, संक्रमित मरीज दो मई को महाराष्ट्र से आया था, जो सीधे गांव में गया। यहां दो दिन रहने के दौरान उसनेगांववालों से मुलाकात भीकी।4 मई को ग्रामीणों को जब उसकी मुंबई से वापसी की बात पता चली तो विरोध शुरू हुआ। इसके बाद उसने जिला अस्पताल में पहुंचकर अपनी जांच कराई। जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया। उसे नेलवापुर क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया था। डीएम-एसपी ने सभी से घरों में रहने की अपील की है।सांसद ने सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की अपील कीजिले में पहला केस सामने आने के बादसांसद व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कोरोना से बचाव के लिए एक वीडियो जारी कर जनता से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की है। सांसद नेकहा- जिले मेंकोरोनानेदस्तक दे दिया है।लोगघरों में रहें, कहींभीड़ न लगाएं।इसमहामारी से बचाव के लिए लोग उचित दूरी बनाएं।उन्होंनेसरकार व जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने की बात कही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today ये तस्वीर फतेहपुर के नयापुरवा गांव की है। यहां कोरोना का केस मिलने के बाद गांव को सैनिटाइज किया जा रहा है। Full Article
महाराष्ट्र दिल्ली और महाराष्ट्र से श्रमिकों को लेकर 3 ट्रेनें आज भोपाल, जबलपुर और छतरपुर के लिए रवाना होंगी By Published On :: Thu, 07 May 2020 07:02:13 GMT अन्य प्रदेशों में फंसे प्रदेश के मजदूरों को विभिन्न साधनों से लाने का कार्य जारी है। अब तक करीब 70 हजार से अधिक मजदूर प्रदेश में लाए गए हैं। बुधवार रात को भी हैदराबाद से हबीबगंज 1030 मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लाए गए। इन्हें जांच के बाद गृह जिलों के लिए रवाना कर दिया गया है। करीब साढ़े तीन हजार से अधिक श्रमिकों को लेकर ट्रेनें नई दिल्ली, अकोला, अहमदनगर से मध्य प्रदेश के लिए आज रवाना होंगी। इन तीनों ट्रेनों के विभिन्न स्टेशनों पर आज देर रात या शुक्रवार सुबह पहुंचने की संभावना है।जानकारी के अनुसार एक ट्रेन अहमदनगर से भोपाल दूसरी ट्रेन अकोला से जबलपुर और तीसरी ट्रेन नई दिल्ली से छतरपुर के लिए आज रवाना होगी। महाराष्ट औक दिल्ली सरकार द्वारा मजदूरों की स्क्रीनिंग के बाद सफर की इजाजत दी जाएगी। मजदूरों के भोजन की व्यवस्था राज्य सरकारों द्वारा की जा रही है।हैदराबाद से हबीबगंज स्टेशन पहुंचे 1030 मजदूरबुधवार देर रात भोपाल, बालाघाट, विदिशा, होशंगाबाद सहित विभिन्न जिलों के 1030 मजदूर अपने परिवारों के साथ हैदराबाद से भोपाल पहुंचे। हबीबगंज स्टेशन पर उनकी स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद सभी को भोजन कराकर उनके गृह जिलों के लिए रवाना कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सुबह चाय-बिस्किट और दोपहर में बिरयानी, दाल-चावल का पैकेट दिया गया। हमें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। हम लोग हैदराबाद से यहां आए हैं। खुशी है कि हम अब अपने घर पहुंच गए हैं। वापस जाएंगे या नहीं यह बाद में तय करेंगे। हमसे टिकट का कोई पैसा नहीं लिया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today बुधवार रात हैदराबाद से मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पहुंची। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र के पनवेल से मध्य प्रदेश के 1200 मजदूर स्पेशल ट्रेन से हबीबगंज पहुंचे, बसों से अपने जिले भेजे जाएंगे By Published On :: Thu, 07 May 2020 10:38:38 GMT महाराष्ट्र के पनवेल से मध्य प्रदेश के 1200 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पहुंची। यहां पर सुबह से ही जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली थीं। मजदूरों को दूसरे जिलों में ले जाने के लिए बसें भी आ गई थीं। मजदूरों के लिए भोजन, पानी और स्क्रीनिंग दल भी पहुंच गया था। मजदूरों को बसों से उनके घरों के लिए भेजा जा रहा है। इसके पहले मजदूरों को भोजन कराया गया और उनकी हेल्थ स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद एक बस में 30 मजदूरों को बिठाया जाएगा। यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा। इसके लिए करीब 50 बसों का इंतजाम किया गया है।मजदूर डेढ़ महीने से लॉकडाउन के कारण पनवेल में फंसे हुए थे, इस दौरान वहां पर फंसे मजदूरों का पैसा, राशन सब खत्म हो गया था। हबीबगंज स्टेशन पर मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग में खड़ा किया गया, यहां पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद इनके गृह जिलों के लिए बसों से रवाना किया जा रहा है। मजदूरों को 14 दिन क्वारैंटाइन रहना होगा। मजदूरों के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे और परिवार भी हैं। अब तक मध्य प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों में फंसे करीब 90 हजार प्रवासी मजदूरों को मध्य प्रदेश लाया जा चुका है।मजदूरों की स्क्रीनिंग के लिए स्टेशन पर स्वास्थ्य अमला मौजूद रहा।सीएम शिवराज ने किराया वहन करने की घोषणा की थीमजदूरों को यहां पर लाए जाने के बदले 15 फीसदी किराया केंद्र सरकार और 85 फीसदी राज्य सरकारें वहन कर रही हैं। हालांकि कुछ दिन पहले नासिक से भोपाल आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मजदूरों से किराया वसूला गया था और इसे लेकर काफी हंगामा भी मचा था। बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि मजदूरों से कोई किराया नहीं वसूला जाएगा। इसे राज्य सरकार वहन करेगी।हालांकि मजदूरों का कोरोना टेस्ट कराया गया या नहीं, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।कटनी 997 मजदूरों को लेकर हैदराबाद से कटनी आई श्रमिक ट्रेनमध्य प्रदेश के 997 मजदूरों को गुरुवार को करीब 1 बजे स्पेशल ट्रेन हैदराबाद से कटनी स्टेशन पहुंची। वहां पर सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की जा रही है। उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। इसके बाद उनके जिलों के लिए रवाना करने के लिए करीब 40 बसों का इंतजाम किया गया है।दिल्ली से मजदूरों को लेकर छतरपुर रात 8 बजे आएगी ट्रेनएक ट्रेन दिल्ली से छतरपुर लाया जाएगा। यहां भी करीब 12 सौ की संख्या होगी। दिल्ली के अलग-अलग मजदूरों को ठहराया गया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन होंगे। प्रवासी मजदूरों को लेकर आएंगे।श्रमिकों को लेकर तीन ट्रेन मध्यप्रदेश आएंगी। ट्रेन इस बीच में कहीं नहीं रुकेगी। सीधे छतरपुर में रुकेगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के 1200 मजदूरों को स्पेशल ट्रेन भोपाल पहुंची है। यहां से इन मजदूरों को उनके जिलों के लिए रवाना किया जा रहा है। Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र से आए कोरोना संदिग्ध मजदूर की मौत, रात में शव पचाेर से राजगढ़ भेजा By Published On :: Sat, 09 May 2020 03:03:00 GMT कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन-3 के बीच देश के अलग अलग हिस्सों से मजदूरों के आने का सिलसला जारी है। इसी के तहत महाराष्ट्र के रेड जोन एरिया से आए एक मजदूर की गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात उदनखेड़ी के पास तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। रात में ही उसके शव को पचोर भेजा गया, जहां से बीएमओ ने उसे कोरोना संदिग्ध मानते हुए उसके शव काे रात में ही जिला चिकित्सालय जांच के लिए भेज दिया। बड़ी लापरवाही यह रही कि लोग मजदूर शव लेकर जिला अस्पताल पहुुंचते थे, वे रात में परेशान होते रहे। उन्हाेंने न ताे पीपीई गाउन पहने थे न ही सभी मास्क लगाए थे। इससे संदिग्ध काे लाने की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हुअा। इधर अस्पताल में भी काफी देर बाद आगे की प्रक्रिया की गई।फिलहाल, मजदूर के शव को मर्चुरी में रखा गया है। उसकी जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे गये हैं, जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रोटोकॉल के तहत आगे की प्रक्रिया की जाएगी। जानकाराें के मुताबिक यदि मजदूर को कोरोना संदिग्ध माना गया था, तो उसके शव काे भेजते वक्त प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखना जरूरी था, नहीं ताे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। मृतक मजदूर के साथ दो अन्य साथी और भी थे, जिन्हें क्वारेंटाइन किया गया है।हेल्थ बुलेटिन... अब जिले में स्थिति विदेश से आए व्यक्तिय जिन्हें होम क्वारेंटाइन में रखा गया :20 विदेशी यात्री जिनका क्वारेंटाइन पूरा हो गया : 19 अब तक स्क्रीनिंग की: 50446 जिला चिकित्सालय में आइसोलशन वार्ड में भर्ती मरीज:03 कुल इतने मरीजाें के सैंपल लिए : 395 शुक्रवार को लिये सैंपल : 26 प्राप्त रिपोर्ट: 362 (सभी निगेटिव) पाजीटिव: काेई नहीं लैबोरेटरी में पैंडिंग सैंपलों की संख्या: 33उदनखेड़ी के टोल बूथ के पास रात 9 बजे हुई थी मजदूर की मौतगुरुवार की रात करीब 9 बजे उदनखेड़ी टोल बूथ से गुजरते समय उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। मौके पर मौजूद जनपद सदस्य रोशन खत्री, समाजसेवी गुफरान मंसूरी, कमल तोमर उदनखेड़ी, चौकी प्रभारी अंकित बघेल, प्रधान आरक्षक अशोक कटारिया पहुंचे। वहां से मजदूर के शव को पचोर अस्पताल पहुंचाया गया।तीन दिन पहले भोपाल से नहीं लाने दिया था शवमजदूर के संदिग्ध हाेने के मामले में जहां पूरी लापरवाही बरती गई वहीं तीन दिन पहले जब सारंगपुर के एक यूनानी डॉक्टर का भोपाल में निधन हुआ था, उसके शव को सारंगपुर नहीं लाने दिया गया था। तब गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का हवाला देते हुए भोपाल स्थानीय प्रशासन द्वारा भोपाल में ही दाह संस्क्ार किया गया था, इधर मजदूर की मौत के बाद उसके शव को एंबुलेंस के द्वारा पचोर से जिला अस्पताल भेजा गया।अब तक 50 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गईइधर इस मजदूर के साथ जो दो लोग थे, उन्हें क्वारेंटाइन कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार तक कुल 50446 की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, कुल 395 मरीजों के सैँपल अब तक भोपाल भेजे गये हैँ, जिनमें से 362 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, शेष की रिपोर्ट आना शेष है।खिचलीपुर, माचलपुर में फिर बदला दुकानों के खुलने का समयकोरोना वायरस पड़ाेसी जिलों दस्तक दे चुका है। इसके मद्देेनजर खिलचीपुर एसडीएम ने शुक्रवार को नया आदेश जारी किया है जो शनिवार 9 मई से लागू होगा। इस आदेश में सुबह 7 से दोपहर 4 तक खुल रही दुकानों को अब सुबह 7 से 12 बजे तक खोली जा सकेंगी। दोपहर 12 से 4 तक सम्पूर्ण लाकडाउन रहेगा। वही सीमेंट सरिया आदि की दुकानें पूर्व समय अनुसार दोपहर 4 से 7 बजे तक खोली जा सकेंगी। वहीं सब्जी बाजार फील्ड में लगाए जाने का आदेश जारी किया है। ये आदेश पृर्व में भी जारी हुआ था और फील्ड में दो दिन तक सब्जी बाजार भी लगा था, लेकिन तीसरे दिन फिर पहने जैसी स्थिति हो गई।नरसिंहगढ़ : शहर से निकल रहीं दूसरे राज्याें की गाड़ियां, लोगों में नाराजगीपिछले 4 दिनाें से श्रमिकाें अाैर अन्य लाेगाें काे लेकर दूसरे राज्याें के वाहन शहर के अंदर से हाेकर निकल रहे हैं। इससे स्थानीय लाेगाें में नाराजगी है। लाेकेश साहू का कहना है कि प्रशासन काे इन सभी वाहनाें काे बाहर बायपास से निकालना चाहिए। क्याेंकि इनमें से कई वाहन काेराेना संक्रमित क्षेत्राें से भी अा रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर भी संक्रमण फैलने का खतरा है। इनमें राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा,अांध्रप्रदेश के लिए अाने-जाने वाले वाहन तक शामिल हैं।सारंगपुर : प्रशासन ने 23 दिहाड़ी मजदूरों को छिंदवाड़ा के लिए रवाना करायासारंगपुर अनुविभाग के संडावता टप्पे के समीपस्थ ग्राम झिरी में रह रहे 23 दिहाड़ी मजदूरों को प्रशासन ने बस की व्यवस्था कर उन्हें अपने जिले छिंदवाड़ा के लिए रवाना किया। तकरीबन 75 दिन से रह रहे दिहाड़ी मजदूर लॉकडाउन होने के कारण ग्राम झिरी में फंसे थे। जिसे एसडीएम महोदय के निर्देशानुसार स्थानीय नायब तहसीलदार शंभू सिंह मीणा ने सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया एवं भोजन दवाई पानी मास्क एवं सैनिटाइजर की व्यवस्था करा कर सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए बसों में बैठाया और रवानगी दी। इस दौरान ग्राम पंचायत सचिव संजय तोमर पटवारी आशीष पांडे अतुल सक्सेना स्टेनो महेंद्र जोनवार रीडर प्रदीप शर्मा एवं अमन गौड़ उपस्थित थे।आम लाेगाें काे ताे मालूम नहीं रहता-केके श्रीवास्तव, सीएमएचओ के मुताबिक, मजदूर महाराष्ट्र से रेड जोन से आया था, अब आम लोगों को तो मालूम नहीं रहता है, शेष अन्य दो को कोरेंटाइन किया गया है।मृतक काेराेना संदिग्ध लगा थाडॉ. देवांग शर्मा, चिकित्सा अधिकारी, पचोर के मुताबिक, मृतक मजदूर कोरोना का संदिग्ध लगा, पचोर में जांच की व्यवस्था नहीं होने के कारण उसकी डेथ बॉडी को राजगढ़ भेजा गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Corona suspected laborer killed from Maharashtra, dead body sent to Rajgarh by night Full Article
महाराष्ट्र महाराष्ट्र से आए संदिग्ध मजदूर की मौत; जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजा, कमलनाथ ने कहा- शिवराज के दावे हवा-हवाई By Published On :: Sat, 09 May 2020 11:37:22 GMT कोरोनावायरस संकट के बीच प्रवासीमजदूरों के आने का सिलसला जारी है। महाराष्ट्र के रेड जोन एरिया से पैदल चलकर आए आए एक मजदूर की गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात उदनखेड़ी के पास तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। उसके साथ दो मजदूर और थे,उन्हें क्वारैंटाइन किया गया है। मजदूर के शव को रात में हीपचोर भेजा गया, जहां से बीएमओ ने उसे कोरोना संदिग्ध मानते हुए शव काे रात में ही जिला अस्पताल जांच के लिए भेज दिया।इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों और समाजसेवी संस्थाओं, कार्यकर्ताओंसे अपील की है कि प्रदेश की सीमाओं, मार्गों पर गरीब- बेबस मजदूर भाइयों की भीड़ लगी है, जो लॉकडाउन में रोजगार के अभाव में भूखे-प्यासे अपने घरों को वापस लौट रहे है। उनके खाने-पीने और राशन का इंतजाम करें।बड़ी लापरवाही यह रही कि लोग मजदूर शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचते थे, वे रात में परेशान होते रहे। उन्होंने न पीपीई गाउन पहने थे न ही सभी मास्क लगाए थे। इससे संदिग्ध को लाने की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हुआ।फिलहाल, मजदूर के शव को मर्चुरी में रखा गया है। उसकी जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे गये हैं, जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रोटोकॉल के तहत आगे की प्रक्रिया की जाएगी। जानकारों के मुताबिक यदि मजदूर को कोरोना संदिग्ध माना गया था, तो उसके शव को भेजते वक्त प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखना जरूरी था, नहीं तो संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। मृतक मजदूर के साथ दो अन्य साथी और भी थे, जिन्हें क्वारैंटाइन किया गया है।कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- मुख्यमंत्री केवल बैठकों में बयानबाजी कर रहेउदनखेड़ी के टोल बूथ के पास रात 9 बजे हुई थी मजदूर की मौतगुरुवार की रात करीब 9 बजे उदनखेड़ी टोल बूथ से गुजरते समय उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। मौके पर मौजूद जनपद सदस्य रोशन खत्री, समाजसेवी गुफरान मंसूरी, कमल तोमर उदनखेड़ी, चौकी प्रभारी अंकित बघेल, प्रधान आरक्षक अशोक कटारिया पहुंचे। वहां से मजदूर के शव को पचोर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन एम्बुलेंस के आने के पहले ही संतराज ने दमतोड़ दिया था।घटना के बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई थी।तीन दिन पहले भोपाल से नहीं लाने दिया था शवमजदूर के संदिग्ध होने के मामले में जहां पूरी लापरवाही बरती गई वहीं तीन दिन पहले जब सारंगपुर के एक यूनानी डॉक्टर का भोपाल में निधन हुआ था, उसके शव को सारंगपुर नहीं लाने दिया गया था। तब गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का हवाला देते हुए भोपाल स्थानीय प्रशासन द्वारा भोपाल में ही दाह संस्कार किया गया था, इधर मजदूर की मौत के बाद उसके शव को एंबुलेंस के द्वारा पचोर से जिला अस्पताल भेजा गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today राजगढ़ में महाराष्ट्र से आए एक मजदूर की मौत हो गई, जिसकी कोरोना जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजा गया है। Full Article