चित्र समुद्र में मिला विचित्र जीव, 11 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है इसका VIDEO By hindi.news18.com Published On :: Wednesday, September 04, 2019 04:05 PM सराह वेसर के अनुसार, इस विचित्र जीव को अगस्त में अलास्का के प्रिंस ऑफ वाल्स आइलैंड से पकड़ा गया था. इसका वीडियो शेयर करते ही इसने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है. Full Article
चित्र चित्रांगदा और रंधावा बचपन में कर बैठे प्यार, फिर तोड़ दी 13 साल की शादी By hindi.news18.com Published On :: Monday, April 13, 2020 06:49 PM ज्योति रंधावा (Jyoti Randhawa) भारतीय गोल्फर हैं वहीं चित्रांगदा सिंह बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं Full Article
चित्र 35 दिन से अवनि रोज बना रही एक ड्राइंग, हर चित्र के साथ स्लोगन भी, सरकारी कार्यालय, राशन डिपो और एटीएम केबिन में लगाकर लोगों को कर रहे जागरूक By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT आज मिलिए 6 साल की बेटी अवनि अरोड़ा से। अवनि की खूबी यह है कि पिछले 35 दिनों ने रोजाना एक पेंटिंग बना रही है और हर पेंटिंग में कोरोना से जीतने का एक सकारात्मक संदेश। अवनि द्वारा बनाई यह सारी पेंटिंग सरकारी कार्यालयों में, पुलिस की गश्ती गाड़ी पर, एटीएम, राशन डिपो, दुकानों पर लगाई गई हैं। मकसद-लोग कोराेना के खिलाफ जागरूक हों। अवनि के सोशल मीडिया पर भी काफी वीडियाे आ हैं। जिसमें वह लोगों को जागरूक कर रही है।बच्ची के पापा हरीश अरोड़ा ने बताया कि अवनि का शौक है पेंटिंग करना। जब लॉकडाउन हुआ, तब अवनि ने पूछा कि पापा यह सब क्या है? हम स्कूल क्यों नहीं जा रहे? फिर अवनि को बताया कि कोरोना वायरस के कारण हमें अपने घरों में ही रहना है। हम घरों में रहेंगे, तभी सुरक्षित रहेंगे। तब से अवनि सारा दिन घर में रहती और कोरोना के ऊपर ही पेंटिंग बनाती रहती। पेंटिंग बनाते समय बहुत सवाल करती है। पापा कोराेना को कैसे हराएंगे। कभी टीवी पर देखकर तो कभी अखबारों में देखकर कोरोना के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के संदेश के साथ वह पेंटिंग बनाती है। इस काम में सारा परिवार अवनि की सहायता करता है। इतना ही नहीं, परिचित, मित्र और विभिन्न कार्यालयों से जुड़े लोग अवनि की पेंटिंग को वहां लगा देते हैं। हमारा सब का एक ही मकसद है- काेराेना को हराना, ताकि ग्रीन रहे हमारा जिला। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today A drawing made by Avni daily for 35 days, slogan with every picture, also making people aware by putting in government office, ration depot and ATM cabin Full Article
चित्र शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कवि गुरु के चित्र पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि, बताए मार्ग पर चलने का लिया संकल्प By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:32:00 GMT अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्राें में शुक्रवार काे विभिन्न संस्थाओं व शिक्षकों द्वारा कवि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर की 159वीं जयंती साेशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए मनाई गई। इस माैके पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के शिक्षकों ने ||ऑनलाइन रवींद्रनाथ टैगोर की जंयती मनाई। एक ऑनलाइन वीडियो मीटिंग प्लेटफॉर्म के जरिए कवि गुरु के जन्मदिन व उनके लिखे रवींद्र गीतों एवं कविताओं का पाठ किया गया। साथ ही उनको स्मरण करते हुए समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कुछ न कुछ प्रस्तुत करने का प्रयास किया।इस ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन सास्वती रॉय पटनायक एवं अर्पा भट्टाचार्य एवं डॉ प्रसेनजीत कर्मकार ने किया। संगीत चर्चा में साैमिता सनातनी एवं सोमनाथ दे का विशेष योगदान रहा। प्रधानाचार्य संजय कुमार मल्लिक ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में हमारी संस्कृति बाधित नहीं होनी चाहिए। इसीलिए तालाबंदी का नियम मानते हुए ऑनलाइन समारोह का आयोजन किया गया। वहीं इस माैके पर काशिदा में कांचन कर के घर में कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगाेर की 159वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्णण कर श्रद्धासुमन अर्पित की गई। इस माैके पर कांचन कर, तापस चटर्जी समेत अन्य उपस्थित थे।रवींद्रनाथ ठाकुर की मूर्ति पर किया गया माल्यार्पणशुक्रवार काे कवि गुरु विश्वकवि रवींद्रनाथ ठाकुर की 160वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन मऊभंडार बाबूलाइन स्थित कवि गुरु की मूर्ति के समक्ष किया गया। कवि गुरु की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। साथ ही उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने कहा कि कवि गुरु को देश के राष्ट्रगान के रचयिता के साथ-साथ बांग्लादेश के भी राष्ट्रगान के रचियता का सम्मान प्राप्त है। वह एक दार्शनिक समाज सुधारक चिंतक के साथ-साथ स्वतंत्र सेनानी भी थे। मौके पर झामुमो के जिला संगठन सचिव जगदीश भकत, काजोल डॉन, विकास मजूमदार, मृत्युंजय यादव, नीलकमल महतो, फारुख सिद्दीकी आदि मौजूद थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Teachers and teachers paid tributes to the poet Guru's picture, pledged to walk the said path Full Article
चित्र कोरोना के दौर में हम लेखन, चित्रकारी, नृत्य, गीत से अपने भीतर का कलाकार ला सकते हैं सामने By Published On :: Thu, 02 Apr 2020 03:51:46 GMT कोविड-19 ने हमें कई नए शब्द दिए हैं। वे अपने साथ एक नई जीवनशैली अपनाने का भाव भी साथ लेकर आए हैं। लॉकडाउन। सेल्फ आइसोलेशन। क्वारंटीन। ठहर जाना। सोशल डिस्टेंसिंग। सावधान रहना। यात्रा पर रोक। वर्क फ्रॉम होम। स्कूल ऐट होम। यह सब कुछ ही हफ्तों में हो गया। हम सब एक ही नाव में हैं और खुद को और अपने परिवारों को इस परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार कर रहे हैं। हम बाहरी दुनिया से अपने संपर्क को कम से कम करते जा रहे हैं। हमारा भौतिक संपर्क जीवित रहने के लिए बेहद ज़रूरी जरूरतों तक ही सीमित है। महत्वपूर्ण यह है कि यह सब हम कैसे करते हैं।दैनिक जीवनचर्या में हमारा संतुलित और दूसरों की फिक्र से भरा मनोभाव दूसरों तक पहुंचता है। कोविड-19 जाति, लिंग, संस्कृति या राष्ट्रीयता में भेदभाव नहीं करता। इसलिए हमें सबके प्रति उदार और करुणावान बने रहना चाहिए। सामाजिक दूरी को समझने के लिए आइए इन दो शब्दों, ‘सामाजिक’ और ‘दूरी’ को समझें। सामाजिक का अर्थ है सहचर्य और मित्रता। दूरी का अर्थ है अलग रहना। सरल शब्दों में सामाजिक दूरी स्वयं और दूसरों के बीच एक फासला बनाए रखना है, चाहे वे बीमारी से प्रभावित हों या नहीं। लेकिन क्या हमें वास्तव में सामाजिक रूप से दूरी रखने को कहा जा रहा है? बिलकुल नहीं। भौतिक रूप से दूर रहते हुए हमें स्वयं से पूछना है कि कहीं हम खुद को भावनात्मक रूप से भी तो दूर नहीं कर रहे हैं? हमें किसी भी तरह इन दोनों बातों को आपस में गड्ड-मड्ड होने से बचाना है। हम हमेशा भौतिक दूरियों के साथ रहते आए हैं। पति-पत्नी अलग-अलग महाद्वीपों में कार्य करते हैं और परिवार पूरे संसार में फैले हुए हैं। आज हम तकनीक से सामाजिक और भावनात्मक संपर्क रखते हैं और हमारी जीवनशैली लंबे समय से ऐसी ही है। क्या यह विपदा हमें जगाने के लिए है कि हम और अधिक काम करें और अधिक सचेत रहें या यह केवल एक चेतावनी है?छोटी-छोटी बातों से बचना, जैसे अपने प्रियजनों को गले नहीं लगाना, हाथ नहीं मिलाना या अपने चेहरे को नहीं छूना, हमारी कुदरती सहज प्रवृत्तियों के खिलाफ है। और ऐसे परिवारों के लिए जो समुंदर पार की दूरी महसूस करते हैं, भयभीत और चिंतित होना स्वाभाविक है। लेकिन, हमें एक और अधिक शक्तिशाली संपर्क के माध्यम को भी याद रखना चाहिए जो हमें मिला हुआ है। वह है हृदय से हृदय के संपर्क में बने रहना। प्रेम प्रेषित करना। मैं एक छोटा सा अभ्यास बता रहा हूं जो हम अपने प्रियजनों के साथ रोज कर सकते हैं-आराम से बैठकर अपनी आंखें कोमलता से बंद कर लें। जिस व्यक्ति को आप प्रेम भेजना चाहते हैं उन्हें अपने सामने बैठा हुआ महसूस करें। अपने हृदय को उनके हृदय से जुड़ता हुआ महसूस करें। इस जुड़ाव को महसूस करते हुए अपने हृदय से उनके हृदय तक प्रेम और परवाह को बड़ी कोमलता के साथ प्रेषित करें। कुछ मिनट बाद आपको और जिसे आप प्रेम भेज रहे हैं उस व्यक्ति को शांति का अनुभव होगा। कछुए भी अपने परिवारजनों के साथ मानसिक संपर्क बनाए रखना अच्छी तरह जानते हैं। जब मादा कछुए के अंडे देने का समय आता है तो वह समुद्र में अपने स्थान से तैरकर रेतीले तट पर पहुंचती है, गड्ढे खोदती है और रेत में अंडे देकर उन्हें सुरक्षित रखने के लिए ढंक देती है। फिर वह तैरकर समुद्र में वापस चली जाती है। जब दो महीने बाद कछुए के बच्चे पैदा होते हैं तो वे तेजी से लहरों की ओर चल पड़ते हैं और आश्चर्यजनक रूप से अपनी मां तक तैरकर पहुंच जाते हैं। अगर कछुए इस तरह का संपर्क रख सकते हैं तो हम क्यों नहीं? हर परिस्थिति में अवसर छिपे हुए होते हैं। कोविड-19 मानवता के लिए एक अवसर है कि हम अपने आंतरिक तल की गहराइयों से एक-दूसरे के संपर्क में रहें और इसे समझें। अगर हम बाहर नहीं जा सकते तो भीतर चलें। ।सरल तरीकों से एक-दूसरे तक पहुंचने की संभावनाएं खोजें। यह साथ में गीत गाने, ध्यान करने, फिल्म देखने, साथ बैठकर भोजन करने या चुटकुले सुनाने के द्वारा हो सकता है, क्योंकि यह सबको पता है कि जीवंतता, खुशी और हास्य से पीड़ा कम होती है। सरल आदतें, जैसे भोजन सामग्री को बचाकर रखना हमें लंबे समय तक बचा सकेगा। हम उपवास को भी आजमा सकते हैं। बुद्धिमानी इसी में है कि वित्तीय साधनों का भी ध्यान रखें और घबराहट में अधिक सामान खरीदने की कोशिश न करें। हम अपने वृद्धजनों एवं उनकी, जो कम भाग्यशाली हैं उनकी सहायता कर सकते हैं। कितने ही छोटे-छोटे कार्य हैं जिनके लिए हमें समय नहीं मिलता, जिन्हें हम अभी कर सकते हैं। हम लिखने, चित्र बनाने, नृत्य करने, गीत गाने, नए व्यंजन बनाने, प्रियजनों के लिए कपड़े सिलने जैसे कार्यों से अपने भीतर के कलाकार को सामने ला सकते हैं। घर में रहते हुए आलस्य करके समय बर्बाद करना आसान है पर क्यों न इस अवसर का स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, पांच मिनट श्वास आधारित व्यायाम, ध्यान और योगासन करने जैसे उपायों से लाभ उठाया जाए? स्वयं के लिए अभ्यास करें। अपने प्रियजनों के लिए अभ्यास करें।(ये लेखक के अपने विचार हैं।) Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today In the era of Corona, we can bring our inner artist through writing, painting, dancing, song Full Article
चित्र सैफ को देखकर एकबार फिर चित्रकार बन गए तैमूर, रंग डाली घर की दीवार; करीना ने शेयर की तस्वीरें By Published On :: Sun, 19 Apr 2020 08:40:09 GMT लॉकडाउन के बीच एक्ट्रेस करीना कपूर खान ने शनिवार को अपने इंस्टा अकाउंट पर तीन अलग-अलग तस्वीरें शेयर कीं। जिनमें से दो में उनके पति सैफ अली खान और बेटे तैमूर चित्रकारी करते नजर आ रहे हैं, वहीं तीसरे में करीना अजीबोगरीब एक्सप्रेशन्स देती दिखीं। इन फोटोज के साथ करीना ने मजेदार कैप्शन्स भी लिखे। करीना के मुताबिक वे ये देख रही थीं कि आखिर वे बना क्या रहे हैं।करीना ने पहला फोटो सैफ का शेयर किया, जिसमें वे घर की दीवार पर फूलों की तस्वीर बनाते दिख रहे हैं। इसके साथ एक्ट्रेस ने लिखा, 'जब सैफ ने मुझसे कहा कि वो मुझे फूल लाकर देंगे, तो मेरे मन में अलग विचार आया था। क्वारैंटाइन उपहार ऐसे होते हैं...'बेटे को बताया घर का पिकासोएक्ट्रेस ने दूसरी तस्वीर अपने बेटे तैमूर की शेयर की, जो कि पिता के देखादेखी बाजू वाली दीवार पर पेंटिंग करने लगे। इसके साथ उन्होंने लिखा, 'अगर कोई दीवार है जो आपकी रचनात्मकता को रोक रही है, तो उस पर पेंटिंग करें। #क्वारैं-टिम डायरीज#इनहाउसपिकासो'##अपनेपिंपल को लेकर दी सफाईवहीं अपनी सेल्फी शेयर करते हुए करीना ने लिखा, 'इस बीच... मैं वहां बैठकर आश्चर्य से ये देखती रही कि आखिर वहां बनाया क्या गया है। पोस्टस्क्रिप्ट- मेरे चेहरे के पिंपल किसी व्यक्तिगत मुलाकात और सोशल डिस्टेंसिंग का परिणाम नहीं हैं।#भारीगड़बड़'##पहले भी दिखा चुके पेंटिंग में कलाकारी##गार्डनिंग में भी की थी पापा की मदद## Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today करीना कपूर खान अपने बेटे तैमूर को घर का पिकासो कहती हैं। (फोटो-वीडियो साभारः करीना कपूर खान के सोशल मीडिया अकाउंट से) Full Article
चित्र लॉकडाउन में अफसरों ने चित्रकूट में मंदिर का ताला खुलवाकर बजरंगबली के दर्शन किए, बंदरों को बांटे केले By Published On :: Fri, 01 May 2020 11:45:17 GMT लॉकडाउन के बावजूद देश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। देश में यातायात के सभी साधन बंद हैं। मठ-मंदिर, मस्जिद व अन्य धार्मिक स्थलों में आम आदमी के प्रवेश पर रोक है। लेकिन शुक्रवार को चित्रकूट में जिम्मेदार अधिकारी की लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का उलंघन करते नजर आए। यहां बराहा के हनुमान मंदिर का ताला खुलवाकर पूजा अर्चना की गई। जबकि बंदरों को केले खिलाए गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया।मंदिर के इर्द-गिर्द थे सैकड़ो लोगदरअसल, चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर गौरव दयाल व डीआईजी दीपक रावत व सतना के डीएम अजय कटे शेरिया अपने काफिले के साथ शुक्रवार को चित्रकूट पहुंचे। यहां मंदाकिनी नदी की सफाई का काम चल रहा है। अफसरों ने यहां बराहा के हनुमानजी के मंदिर में पूजा अर्चना की और इसके बाद वहां परिक्रमा में रहने वाले साधुओं को खाद्य सामग्री वितरण किया। लेकिन कमिश्नर और डीआईजी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भूल गए। इस मौके पर कमिश्नर डीआईजी सहित चित्रकूट के डीएम व सतना के डीएम चित्रकूट के एसपी सहित सैकड़ों लोग आस-पास मौजूद रहे।सोशल डिस्टेंसिंग के नियम टूटे।इस तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि, किस तरह कमिश्नर गौरव दयाल और डीआइजी दीपक रावत एक साथ पास पास खड़े होकर बंदरों को केला खिला रहे हैं। लेकिन अपने साथ इस भीड़ को देखना वह भूल गए।अफसरों साधी चुप्पी, सतना डीएम ने जनता को दी नसीहतवहीं, जब इस मामले में सतना के जिलाधिकारी अजय कटे शेरिया से बात की गई तो उन्होंने जनता को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की नसीहत दी। लेकिन जब खुद पर इसे किस तरह लागू किया जा रहा है, तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वहीं, चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर और डीआईजी ने भी कैमरे के सामने से कुछ भी बोलने से मना कर दिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today हनुमान मंदिर से बाहर आते सतना जिले के डीएम व चित्रकूट के डीआईजी दीपक। Full Article
चित्र डीएवी में अंतरवर्गीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन हुआ By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT अंतराष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस के उपलक्ष्य पर डीएवी पब्लिक स्कूल में ऑनलाइन अंतरवर्गीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के लिए बच्चों को बाल, किशोर और प्रबुद्ध वर्ग में बांटा गया था। छात्र-छात्राओं ने डोनेट ब्लड से लाईफ विषय पर ऑनलाइन चित्रकारी किया। शिक्षक नवीन गोस्वामी के निर्देशन में आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता में 250 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। बाल वर्ग में आर्यन विश्वकर्मा ने प्रथम, संस्कृति सिंह व वैभव कुमार गुप्ता ने द्वितीय, आयुष केशरी, कुमार तेजस्वी आरव ने तृतीय, किशोर वर्ग में अदिति कुमारी ने प्रथम, अनुभव कुमार व सृष्टि आर्या ने द्वितीय, सृष्टि गोस्वामी व समर सुलेमानी ने तृतीय,प्रबुद्ध वर्ग में वागीशा दयाल ने प्रथम, प्रियांशु कुमार वर्मा व वंशिका राज ने द्वितीय, श्वेता कुमारी व अरिजित सिन्हा ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्राचार्य सैयद एजाज अहमद ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी समाज के प्रत्येक वर्गों के लिए ब्लड के लिए बैंक मुहैया कराती है। आपदा के समय में समाज के वंचित वर्गों के लिए कार्य करती है । उन्होंने छात्रों के कलात्मक अभिरुचि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कला मानवीय मूल्यों के सम्प्रेषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। प्राचार्य ने बच्चों को लॉक डाउन के विषम परिस्थितियों में धैर्य रखने तथा समय का सदुपयोग करने की अपील किया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Inter-class painting competition held in DAV Full Article
चित्र चित्रकला व स्लोगन प्रतियोगिता में अनिता परमार औंर अर्पिता चोपड़ा का प्रथम स्थान By Published On :: Thu, 07 May 2020 01:46:00 GMT नगर पालिका ने नगर के सभी वार्डों में कोरोना महामारी की रोकथाम एवं उपाय विषय पर खुली प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसमें चित्रकला व प्रभावी स्लोगन के तहत 2 प्रकार के आयोजन किए गए। यह प्रतियोगिता कोरोना महामारी अंतर्गत शासन आदेश व वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशानुसार एसडीएम विवेक कुमार, सीएमओ प्रदीप शास्त्री के मार्गदर्शन व आदेश से नोडल अधिकारी राहुल जाखड़ के निर्देशानुसार आयोजित की गई थी।प्रतियोगिता में कोरोना महामारी के संक्रमण को नियंत्रण करने व शहर के बच्चे, युवा व वृद्धजनों में उत्साह बढ़ाने को व जनजागरूकता का संचार करने के लिए वार्डों में कोरोना फाइटर टीम के सहयोग से आयोजित कराई गई। जिसमें कोरोना महामारी को लेकर विभिन्न प्रकार के स्लोगन व चित्रकला प्राप्त हुई। जिनका वार्ड स्तर पर कोरोना फाइटर टीम व अनुभवी व्यक्ति के माध्यम से निर्णय वार्ड स्तर ही कराए गए थे। इसके बाद विजेताओं का निर्णय होने पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय नगर स्तर पर निर्णय के लिए निर्णायक दल बनाया गया। दल में विधायक इंदर सिंह परमार, पूर्व नपा अध्यक्ष रचना जैन, पूर्व प्राचार्य मधु मंडलोई, श्रीराम परमार, ग्रीष्मा शाह, गोपाल राय शामिल थे।निर्णायक दल ने मंगलवार को वार्ड विजेताओं में से नगर स्तर पर निष्पक्ष निर्णय कर अंतिम रूप से दिया। जिसमें चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम अनिता परमार, द्वितीय नैनिस राय व तृतीय श्रेया विजयवर्गीय रहे व स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम अर्पिता चौपड़ा, द्वितीय आकाश विजयवर्गीय, तृतीय सुदर्शन शर्मा का चयन हुआ। ही निर्णायक दल ने चित्रकला में 25 सांत्वना पुरस्कार व स्लोगन में 7 सांत्वना पुरस्कार देने का निर्णय लिया। इस दौरान चित्रकला व स्लोगन की प्रदर्शनी का एसडीएम, तहसीलदार व पूर्व नपा अध्यक्ष संदीप सणस ने निरीक्षण किया। विजेताओं को पुरस्कार के रूप में अलग अलग प्रशासन द्वारा निर्णय लेकर 5, 3 व 2 हजार रुपए प्रथक-प्रथक प्रदान करने की अलग से सूचना जल्द ही दी जाएगी। इस अवसर पर नगर पालिका से प्रतियोगिता प्रभारी मोहन परमार, राहुल जाखड़, महेश बिजानिया, कमल सिंह परमार, प्रहलाद मालवीय, सोहन खत्री, लोकेन्द्र, अक्षय, ओम सेन आदि थेे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Anita Parmar and Arpita Chopra ranked first in painting and slogan competition Full Article
चित्र आसमान में छाए काले बादलों पर सूर्य की किरणें पढ़ीं तो उभरी चित्रकारी By Published On :: Thu, 07 May 2020 23:30:00 GMT वैसे तो सूर्योदय का समय सुहावना होता है। चारों तरफ पक्षियों की कलरव के बीच हर तरफ शांति का वातावरण। लेकिन गुरुवार की सुबह अन्य दिनों की सुबह से कुछ अलग रही। सूर्योदय से 15 मिनट तक सूर्यदेव कई रूप बदलते हुए दिखाई दिए। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आसमान पर गहरे ढंके काले बादलों में सूर्यदेव की लालिमा ने कई तरह के दृश्य दिखाए जो बहुत की सुहावने रहे। सुबह सैर पर गए सैलानियों में से शिक्षक विनोद शर्मा ने आसमान पर सूर्यदेव के बदले इस दृश्य को अपने मोबाइल में कैद कर लिया। ये तस्वीर इसलिए भी प्रकाशित की जा रही है ताकि आप इन तस्वीरों को देखकर खुद उस नजारे को अनुभव कर सकें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Painting emerged after reading the rays of the sun on the dark clouds in the sky Full Article