भविष्य

कांग्रेस खटाखट करती रही, हमने पटापट पैसे डाल दिए: एकनाथ शिंदे ने की महाराष्ट्र में महायुति की जीत की भविष्यवाणी

एकनाथ शिंदे कहते हैं, "माहौल तो महायुति के पक्ष में है. सब लोग बस वोटिंग का इंतजार कर रहे हैं. महायुति को लेकर मतदाताओं में जोश है. इस बार के चुनाव में एक अलग भावना है, क्योंकि जनता फिर से महायुति की सरकार चाहती है."




भविष्य

Vivek Ramaswamy: विदेश या राज्य सचिव नहीं किस पद की चर्चा, US में भारतीय मूल के विवेक का क्या है भविष्य?

अमेरिका में ट्रंप सरकार 2.0 (Trump Government 2.0) के आने के बाद रिपब्लिकन पार्टी के लिए चुनावी प्रचार अभियान में अग्रणी भूमिका निभाने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी इंटरप्रिन्योर विवेक रामास्वामी की धमकी बढ़ने की पूरी उम्मीद है। अब तक रिपब्लिकन




भविष्य

Waynad Bypolls: प्रियंका गांधी की किस्मत का फैसला आज, 14 लाख वोटर तय करेंगे भविष्य

केरल में वायनाड सीट पर आज उपचुनाव है। यहां से पहली बार चुनावी मैदान में प्रियंका गांधी वाड्रा अपनी किस्मत आजमा रही हैं। ऐसे में हर किसी की नजर इस सीट पर है। यहां से पहले राहुल गांधी चुनाव जीते थे।




भविष्य

Haldwani Land Dispute: 50000 से अधिक परिवारों का भविष्य संकट में, SC आज करेगा सुनवाई

Haldwani Land Dispute: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर रह रहे 4365 परिवारों को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने जमीन खाली करने का आदेश दिया है। उत्तराखंड हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद से पिछले कुछ दिनों




भविष्य

1985 की जीत ने भारतीय क्रिकेट का भविष्य तय किया, टीम इंडिया ने खुद को साबित किया था

टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने पिछले दिनों कहा कि 1985 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप ऑफ क्रिकेट जीतने वाली टीम विराट कोहली की वर्तमान वनडे टीम को हरा सकती है। यह बयान कुछ लोगों को विवादास्पद लग सकता है। 1980 के लोगों के लिए यह जीत विशेष थी। शास्त्री ने ऑलराउंड प्रदर्शन किया। श्रीकांत और जावेद मियांदाद को पीछे छोड़ते हुए शास्त्री प्लेयर ऑफ द सीरीज भी बने थे। शास्त्री को ऑडी कार मिली जो उस समय काफी चर्चित रही।

1983 वर्ल्ड से पहले टीम इंडिया का वनडे में प्रदर्शन अच्छा नहीं था। 1983 वर्ल्ड कप के फाइनल में विंडीज पर अप्रत्याशित जीत ने दुनिया काे अचंभित कर दिया। इसने कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा दी। 1984 में टीम ने शारजाह में एशिया कप जीता। इसी जगह एक साल बाद रोथमैंस कप जीता। इन दोनों के बीच 1985 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप की जीत शानदार थी।

भारतीय टीम कागजों पर मजबूत नहीं थी
इसने भारतीय क्रिकेट के भविष्य को तय किया। रंगीन कपड़ों में खेल रहे खिलाड़ी और टीवी पर कवरेज ने इसे और शानदार बनाया। टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया। टीम टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला हारी ही नहीं। इसने साबित किया कि 1983 वर्ल्ड कप में मिली जीत अप्रत्याशित नहीं थी। शास्त्री की बात आंकड़ों से बेमेल खाती है। लेकिन 1983-1985 की टीम कागजों पर मजबूत नहीं थी लेकिन खिताब जीतने के मामले में आगे थी। जब तक विराट कोहली और उनकी टीम ऐसा नहीं कर सकती और भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपनी छाप छोड़ सकती है। तब तक 1985 और 2020 की टीमों के बीच बात चलती रहेगी।



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भारतीय टीम ने 1985 वर्ल्ड चैम्पियनशिप के फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। टीम टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला हारी ही नहीं।




भविष्य

लोगों के यहां चौका-चूल्हा कर बच्चों के भविष्य को चमकाया, बच्चों ने भी मेहनत की, नतीजा खुद का पक्का मकान बनवाया, नौकरी भी मिली

कहते हैं यदि मां किसी बात को ठान ले तो वह हर हाल में पूरा करती है। और यदि सवाल बच्चों के सुनहरे भविष्य का हो तो अपनी खुशियों को भी दांव पर लगाने से पीछे नहीं हटती। आइए इस मदर्स-डे पर हम आपको को शहर में ऐसी ही दो मां की कहानी बताते हैं, जिसमें किसी ने 20 साल तक दूसरों के घर में झाडू पोंछा किया तो किसी ने 10 साल में एक बार भी नया कपड़ा नहीं खरीदा। उन्होंने न सिर्फ बच्चों के सपने पूरे किए बल्कि उन्हें सफलता के मकाम पर भी पहुंचा दिया।

20 साल लोगों के घर खाना बनाकर बेटे को बनाया आईटी इंजीनियर
शहर के विजय नगर में रहने वाली 50 वर्षीय रेखा बाई परमार का बेटा अंकित आज सरकारी कार्यालय में सहायक ग्रेड-3 पर नियुक्त है। सरकारी नौकरी के अंकित के इस सपने को पूरा करने के लिए पिता जगदीश और मां रेखा की आर्थिक स्थिति सबसे बड़ी बाधा बनी हुई थी। क्योंकि पिता की 2200 रुपए की तनख्वाह में बेटे को निजी स्कूलों में पढ़ाना तो दूर घर का खर्च भी नहीं निकल पाता। ऐसे में रेखा बाई ने भी हिम्मत कर घर के बाहर कदम निकाला। करीब 20 वर्ष लगातार दूसरों के घरों में खाना बनाकर बच्चों का लालन पालन किया साथ ही अंकित को इंजीनियरिंग के लिए इंदौर जैसे शहर में पढ़ने के लिए भेज दिया।
मां बेटे की कहानी सुन मदद के हाथ उठे : बेटे अंकित को इंजीनियर बनाने का रेखा बाई का सपना पूरा होने में समस्याओं के पहाड़ भी सामने आए। लेकिन मां के आशीर्वाद से समस्या भी दूर होती गई। इंदौर में पढ़ाई का खर्चा के लिए रेखा बाई की मदद उन लोगों ने की, जिनके घर में वे खाना बनाती थी। लेकिन यह मां का स्वाभिमान ही था कि उन्होंने लोगों से मिली मदद को कर्ज समझकर अपनी मेहनत से चुकता भी किया।

10 साल तक नए कपड़े तक नहीं खरीदे, मां का सहारा बनी शिक्षिका बेटी
श्यामा बाई अपनी कहानी की शुरुआत 24 वर्षीय बेटी को अपने पैरों पर खड़ा होते देख करती है। श्यामा बाई के अनुसार दो बच्चों को बड़ा करने के लिए पति शिवनारायण के साथ वे शुरू से ही मेहनत करती आई। पति मजदूरी के साथ त्योहारों के समय पुताई का काम करते हैं, लेकिन इससे बच्चों को पढ़ा पाना संभव नहीं था। ऐसे में उन्होंने लोगों के घर चौका चूल्हा कर बच्चों को लायक बनाने के लिए शिक्षित करना शुरू कर दिया। पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कराई, लेकिन बड़ी कक्षाओं में आते ही बच्चों की पढ़ाई का बोझ भी बढ़ने लगा। श्यामा बाई बताती हैं कि एक ही दिन में 8 से अधिक घरों में काम किया। उन्होंने दस साल तक नए कपड़े नहीं खरीदे।
किराए के मकान में ताने सुने, अब खुद का घर : बेटी ज्योति बताती हैं कि घर खर्च के साथ छोटे भाई पवन और मेरी पढ़ाई के लिए मां ने मेहनत की। कई बार बुरा भी लगा। मां के आशीर्वाद से बीए करने के बाद नौकरी मिल गई। सभी ने कर्ज लेकर पक्का मकान भी बना लिया। क्योंकि किराए के मकान में रोकटोक और तानों का सामना करना पड़ता था।



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People got a stove in the place and brightened the future of the children, the children also worked hard, the result was to build their own pucca house, also got a job.




भविष्य

सिंधिया के साथ जाकर भविष्य बर्बाद न करें कांग्रेसी: यादव

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निजी स्वार्थों की पूर्ति और सत्ता की लोलुपता में जनादेश का अपमान किया। लोकतंत्र का मजाक बनाकर चुनी हुई सरकार को अवैध तरीके से गिराकर पाप किया। इसलिए कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता को सिंधिया के साथ नहीं जाना चाहिए। सिंधिया का राजनैतिक अस्तित्व तब तक बढ़ा था जब तक वह आम जनता और गरीबों की पार्टी कांग्रेस के नेता हुआ करते थे। अब उनकी हैसियत भाजपा में जाते ही बहुत छोटी हो गई है। इसका परिणाम सिंधिया को केन्द्र सरकार में मंत्री बनाने की मांग पर भाजपा नेताओं द्वारा जवाब में दिए जा रहे अपमान जनक बयानों से समझा जा सकता है। यह बात मप्र कांग्रेस कमेटी प्रदेश उपाध्यक्ष दामोदर सिंह यादव ने शनिवार को अपने निवास पत्रकार वार्ता में कहीं।
उन्होंने कहा कि दतिया में भी कुछ पुराने कांग्रेस नेता हैं जिनकी आस्था पार्टी में है। लेकिन अपना नेता सिंधिया को मानते हैं। उनसे मैं कहना चाहता हूं कि सिंधिया के साथ जाकर अपना राजनैतिक भविष्य बर्बाद न करें। क्योंकि जनता के वोट को बेचने का घृणित कार्य जो सिंधिया मंडली द्वारा किया गया उससे भी उनकी छवि खराब हो जाएगी। मैं पार्टी का जिम्मेदार पदाधिकारी होने के नाते ऐसे नेताओं से कहूंगा कि कांग्रेस के दरवाजे उनके लिए खुले हैं। जो गलती से या सिंधिया के दबाव में पार्टी से अलग होने की बात कर चुके हैं ऐसे सभी नेताओं की उनके स्थाई घर कांग्रेस में वापसी के रास्ते खुले हैं। जिन 22 विधायकों ने पार्टी से गद्दारी करके और अपने क्षेत्र के मतदाताओं के जनादेश का अपमान किया है उन सबकी चुनाव में जमानत जब्त कराके जनता बदला लेगी। जल्द ही फिर से प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ नेतृत्व में सरकार बनेगी। इस दौरान यादव महासभा के जिलाध्यक्ष रामकिशोर यादव, नगर उपाध्यक्ष नाजिम खान, जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि केशव सिंह यादव, अमोल रावत, अमित राजपूत, राजकुमार सरपंच, नासिर वक्स मंसूरी, लला धमना, कल्ला रावत, गुड्डन परासरी आदि मौजूद रहे।



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Congress should not waste future by going with Scindia: Yadav




भविष्य

पैशाचं भविष्य

पैसा मिळवायचा कसा याचे मार्ग वेगवेगळे, तसे तो सांभाळावा कसा, अंगावर वागवावा कसा याचे प्रकारही निरनिराळे आणि बदलत गेलेले! पैसा म्हणजे नाण्यांचा खुर्दा आणि नोटांची बंडलं, ही कल्पनाच गेल्या काही वर्षांत बदलत गेली.. आधी धनादेश, मग क्रेडिट कार्ड, आता डिजिटल वॉलेट.. या बदलांना आपण सहजपणे सामोरे जाणारच, पण पैशाचं काय होणार?




भविष्य

‘न भूतो न भविष्यति’ महागाईविरोधी आंदोलन

सत्तरच्या दशकाने पाहिलेलं अभूतपूर्व आंदोलन म्हणजे महाराष्ट्रातलं महागाई विरुद्ध लढलं गेलेलं आंदोलन




भविष्य

भविष्यवेधी!

आयझॅक असिमॉव्ह. त्यांनीच रोबोटिक्स या विषयसंकल्पनेला १९४१ साली जन्म दिला.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. २२ ते २८ नोव्हेंबर २०१९

मंगळ-हर्षलच्या प्रतियोगामुळे धडाडी व उत्साह वाढेल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. ६ ते १२ डिसेंबर

चंद्र-गुरूच्या नवपंचम योगामुळे मित्र-परिवाराच्या समस्या सोडवाल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. १३ ते १९ डिसेंबर २०१९

चंद्र-मंगळाच्या केंद्र योगामुळे मनाची एकाग्रता कमी होईल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. २० ते २६ डिसेंबर

रवी व चंद्र या महत्त्वाच्या ग्रहांच्या लाभ योगामुळे अधिकार व मानसन्मान चालून येतील.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. २७ डिसेंबर २०१९ ते २ जानेवारी २०२०

मेष : रवी-गुरूच्या युतीयोगामुळे महत्त्वाकांक्षा पूर्ण करण्याचे प्रयत्न कराल. आत्मविश्वास वाढेल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. ३ ते ९ जानेवारी २०२०

चंद्र-हर्षलच्या युतीयोगामुळे आपल्या स्वतंत्र विचारांना पुष्टी मिळेल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. १० ते १६ जानेवारी २०२०

चंद्र-गुरूच्या नवपंचम योगामुळे सल्लागाराची भूमिका चांगली पेलाल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. १७ ते २३ जानेवारी २०२०

रवी-चंद्राच्या केंद्रयोगामुळे संघर्ष करून गोष्टी साध्य कराव्या लागतील.




भविष्य

भविष्य : दि. २४ ते ३० जानेवारी २०२०

चंद्र-गुरूच्या लाभयोगामुळे शिक्षक, प्राध्यापक, सल्लागार यांना विशेष लाभ होतील.




भविष्य

भविष्य : दि. ३१ जानेवारी ते ६ फेब्रुवारी २०२०

चंद्र-शुक्राच्या नवपंचम योगामुळे सौंदर्य, साहित्य, कला या क्षेत्रात प्रगती कराल




भविष्य

राशिभविष्य : दि. १४ ते २० फेब्रुवारी २०२०

चंद्र-हर्षलच्या नवपंचमयोगामुळे मन अस्थिर होईल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. २१ ते २७ फेब्रुवारी २०२०

रवी-हर्षलच्या लाभयोगामुळे वडीलधाऱ्यांकडून अचानक लाभ होतील




भविष्य

राशिभविष्य : दि. २८ फेब्रुवारी ते ५ मार्च २०२०

चंद्र-हर्षलच्या युती योगामुळे मनातील विचार सत्यात आणाल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. ६ ते १२ मार्च २०२०

गुरू-चंद्राच्या नवपंचम योगामुळे सल्लागाराची भूमिका उत्तम बजावाल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. १३ ते १९ मार्च २०२०

चंद्र-मंगळाच्या लाभयोगामुळे घाईगडबडीत चुकीचा निर्णय घेण्याची शक्यता.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. २० ते २६ मार्च २०२०

कौटुंबिक वातावरण चांगले राहील. कामाचा मानसिक ताण घेऊ नका. रक्तदाब आटोक्यात ठेवा.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. २७ मार्च ते ३ एप्रिल २०२०

चंद्र व शुक्र या स्त्री ग्रहांच्या युतीयोगामुळे आवडीच्या कामात अधिक वेळ रमाल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. ४ ते ९ एप्रिल २०२०

लाभ स्थानातील बुध-नेपच्यूनच्या युती योगामुळे बुद्धिमत्ता, व्यवहारज्ञान आणि मनातील भावना यांचा समतोल राखाल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. १० ते १६ एप्रिल २०२०

चंद्र-बुधाच्या केंद्र योगामुळे बुद्धिमत्तेचा योग्य उपयोग कराल. कायद्यातील खाचाखोचांचा सखोल अभ्यास कराल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. १७ ते २३ एप्रिल २०२०

चंद्र-बुधाच्या युती योगामुळे भावना आणि विचार यापकी कशाला प्राधान्य द्यायचे, असा प्रश्न पडेल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. २४ ते ३० एप्रिल २०२०

चंद्र-मंगळाच्या केंद्र योगामुळे दोन्ही ग्रहांच्या सकारात्मक गुणांची सांगड जुळेल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. १ ते ७ मे २०२०

चंद्र आणि शुक्र या दोन स्त्री ग्रहांच्या केंद्र योगामुळे भावनांवर ताबा ठेवणे आवश्यक असेल.




भविष्य

राशिभविष्य : दि. ८ ते १४ मे २०२०

चंद्र-नेपच्यूनच्या लाभ योगामुळे मनाची चंचलता वाढेल. भावनांना आवर घालाल.




भविष्य

वार्षिक राशीभविष्य : ८ नोव्हेंबर २०१८ ते २८ ऑक्टोबर २०१९

उदार आणि खर्चीक वृत्ती राहील.



  • दिवाळी अंक २०१८

भविष्य

वार्षिक भविष्य : दिवाळी २०१५ ते दिवाळी २०१६

मेष : तुमच्या उत्साही स्वभावाला अनुसरून अनेक गोष्टी नवीन वर्षांत तुम्हाला कराव्याशा वाटतील.




भविष्य

आजचे राशीभविष्य, रविवार, ०६ ऑक्टोबर २०१९

सर्व बारा राशींचे भविष्य




भविष्य

‘सुगम्य भविष्या’चे आव्हान..

२०११ च्या जनगणनेनुसार भारतात अपंग व्यक्तींची संख्या साधारण दीड कोटी आहे.




भविष्य

भविष्यासाठी ऊर्जा!

भारतीय अर्थव्यवस्था सशक्त करायची असेल, तर त्याला साहाय्यभूत असणाऱ्या मूलभूत सुविधांमध्ये ऊर्जेचे उत्पादन महत्त्वाचे ठरेल. या विषयाकडे गंभीरपणे बघणे हे सरकार व भारतीय उद्योगांचे कर्तव्यच आहे..




भविष्य

लव राशिफल 10 मई: आपके प्रेम और दांपत्य जीवन से जुड़ी भविष्यवाणी

Love Horoscope 10 May 2020 प्रेम, रोमांस और दांपत्य जीवन को लेकर कैसा रहेगा दिन, पढ़ें लव राशिफल...




भविष्य

लव राशिफल 7 मई: आपके प्रेम और दांपत्य जीवन से जुड़ी भविष्यवाणी

Love Horoscope 7 May 2020 प्रेम, रोमांस और दांपत्य जीवन को लेकर कैसा रहेगा दिन, पढ़ें लव राशिफल...




भविष्य

लव राशिफल 8 मई: आपके प्रेम और दांपत्य जीवन से जुड़ी भविष्यवाणी

Love Horoscope 8 May 2020 प्रेम, रोमांस और दांपत्य जीवन को लेकर कैसा रहेगा दिन, पढ़ें लव राशिफल...




भविष्य

लव राशिफल 9 मई: आपके प्रेम और दांपत्य जीवन से जुड़ी भविष्यवाणी

Love Horoscope 9 May 2020 प्रेम, रोमांस और दांपत्य जीवन को लेकर कैसा रहेगा दिन, पढ़ें लव राशिफल...




भविष्य

ऋषि कपूर ने अपनी मौत को लेकर सालों पहले की थी ये भविष्यवाणी, हो गई सच

28 अप्रैल 2017 को ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, 'जब मैं मरूंगा तो कोई मुझे कंधा देने वाला नहीं होगा.'




भविष्य

टेनिस खेलने उतरा सानिया मिर्जा का बेटा, फैंस ने बताया पाकिस्तान का भविष्य!

सानिया मिर्जा (Sania Mirza) के बेटे का नाम इजहान मिर्जा मलिक (Izhaan Mirza Malik) है और उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है




भविष्य

विंबलडन रद्द होने के बावजूद 950 करोड़ रुपए मिलेंगे; बीसीसीआई ने कहा- बीमा का प्रावधान नहीं, भविष्य में ऐसा कर सकते हैं

कोरोनावायरस के कारण विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट का मौजूदा सीजन रद्द किया जा चुका है। इसके बाद भी आयोजकों को बीमा के तौर लगभग 950 करोड़ रुपए मिलेंगे। ऑल इंग्लैंड क्लब ने 2003 में सार्स महामारी के बाद अपनी बीमा पॉलिसी को अपडेट किया था। इसमें आतंकी हमले के अलावा महामारी को भी शामिल किया गया था। ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के रद्द होने से आयोजकों को लगभग 2400 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान होने का अनुमान है। विंबलडन के चीफ एक्जीक्यूटिव रिचर्ड लेविस ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि टूर्नामेंट का बीमा है। इससे काफी मदद मिलेगी। आयोजन में शामिल सभी लोग अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। टूर्नामेंट का आयोजन अब जून-जुलाई 2021 में किया जाएगा।

नियम जगह-जगह के हिसाब से बदलते रहते हैं
विंबलडन के बीमा के तौर पर पैसे मिलने के सवाल बीसीसीआई का कहना है कि नियम जगह-जगह के हिसाब से बदलते रहते हैं। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि विंबलडन की आईपीएल से तुलना करने से कई बातें ध्यान में रखनी चाहिए। यह देखने की जरूरत है कि भारतीय बाजार में महामारी के कारण कैंसिल होने जैसी कोई धारा है या नहीं। बीमा एक रीजन से दूसरे रीजन में बहुत अलग है। उन्होंने इंग्लिश फुटबॉलर के उदाहरण का हवाला दिया।

जैसे डेविड बेकहम ने अपने पैर का बीमा करवाया था, जबकि बीसीसीआई को भारत के कॉन्ट्रैक्ट पाने वाले खिलाड़ियों की सैलरी वेतन के नुकसान के लिए पॉलिसी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। मेरी जानकारी के अनुसार हमारे बाजार में ऐसा कुछ नहीं है। लेकिन कोरोनावायरस के कारण स्थिति में बदलाव आ सकता है। भविष्य में हम भी ऐसा कर सकते हैं। टी20 टूर्नामेंट अभी 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित है।

दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल फेडरेशन ने फीफा से कहा- जल्द बैठक करो
साउथ अमेरिकन फुटबॉल फेडरेशन के चीफ प्रमुख एलेजांद्रो डोमिंगुएज ने फीफा से जल्द बैठक करने को कहा है। इसमें कोरोनोवायरस के दौरान फुटबॉल क्लबों की मदद के लिए ग्लोबल फंड बनाने पर चर्चा होनी है। टूर्नामेंट रद्द होने से क्लबों को नुकसान हुआ है। इसके लिए हमने लगभग 570 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। फीफा ने कोरोनावायरस से सामने आई समस्या से निपटने के लिए वर्किंग ग्रुप भी बनाया है।



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विंबलडन के चीफ एक्जीक्यूटिव रिचर्ड लेविस ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि टूर्नामेंट का बीमा है। इससे काफी मदद मिलेगी। -फाइल फोटो




भविष्य

रोहित ने कहा- यदि आज हमने सतर्कता नहीं बरती, तो भविष्य में यह बड़ी समस्या बन जाएगी

पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस (कोविड-19) को लेकर भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा ने सभी को सचेत किया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि मौजूदा हालात में लोगों को घर में ही सुरक्षित रहना चाहिए। यदि आज हमने सतर्कता नहीं बरती, तो भविष्य में यह बड़ी समस्या बन जाएगी। कोरोना के कारण विश्व की एक तिहाई से ज्यादा आबादी घरों में कैद है। भारत में भी 3 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है। महामारी के कारण जून तक के लगभग सभी खेल टूर्नामेंट्स टाले या रद्द किए जा चुके हैं।

रोहित ने कहा, ‘‘यह (घर में रहना) काफी परेशान करने वाला हो सकता है, लेकिन मैं सोशल मीडिया के माध्यम से आपसे अपील करता हूं आप घर में ही रहें। छोटी-छोटी चीजों का आनंद लें। आप घर पर कुछ न कुछ कर ही सकते हो। आप परिवार के साथ समय बिताने की या फिर घर के काम करने की बात हो। आप खुद को फिट रखने के लिए किसी भी प्रकार से व्यस्त रह सकते हैं।’’रोहित ने 32 टेस्ट में 2141, 224 वनडे में 9115 और 108 टी-20 में 2773 रन बनाए हैं। उन्होंंनेआईपीएल के 188 मैच में 4898 रन बनाए हैं।

‘यह सतर्कता हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए है’
आईपीएल में मुंबई इंडियंस के कप्तान ने कहा, ‘‘आप घर पर बैठकर टीवी देख सकते हैं। आजकल काफी सारे मनपसंद शो आ रहे हैं। काफी सारी चीजें हैं, जो हम कर सकते हैं। मैं जानता हूं कि यह काफी कष्टदायक है, लेकिन यह सब हमारे भले के लिए है। हमें अपना भविष्य अच्छा बनाना है। आज हम अपना ध्यान खुद नहीं रखेंगे, यदि हम आज सतर्कता नहीं बरतेंगे तो भविष्य में यह एक बड़ी समस्या बन जाएगी। यह सिर्फ हमारे लिए नहीं, बल्कि हमारे बच्चे और उनके बाद आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है।’’

‘स्मिथ-वॉर्नर वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ खेलने के लिए बेताब हूं’
रोहित ने डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की वापसी को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज खेलने के लिए बेताब हूं। वॉर्नर और स्मिथ के साथ ऑस्ट्रेलिया इस बार अपने घर में एक अलग ही टीम होगी। दो साल पहले मुझसे टेस्ट में ओपनिंग के लिए कहा गया था। मैं तब से ही खुद को तैयार कर रहा हूं। हर कोई वहां (ऑस्ट्रेलिया) में खेलने के लिए मौका चाहता है। मैं भी खेलना चाहता हूं, देखना नहीं। मैं पिछली बार न्यूजीलैंड दौरे के लिए भी तैयार था, लेकिन चोट के कारण टेस्ट सीरीज नहीं खेल सका।’’

भारत में 21393 संक्रमित, 681 लोगों की मौत
दुनिया में कोरोना से गुरुवार सुबह तक एक लाख 84 हजार 217 लोगों की मौत हो चुकी है। 26 लाख 37 हजार 673 संक्रमित हैं, जबकि 7 लाख 17 हजार 625 ठीक हो चुके हैं। वहीं, भारत में कोरोना संक्रमण के कुल 21393 मामले आए हैं। इनमें 16454 का इलाज चल रहा है। 4257 ठीक हुए हैं, वहीं 681 लोगों की मौत हुई है।



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रोहित शर्मा ने 32 टेस्ट में 2141, 224 वनडे में 9115 और 108 टी-20 में 2773 रन बनाए हैं। मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित ने आईपीएल के 188 मैच में 4898 रन बनाए हैं। -फाइल फोटो




भविष्य

धोनी के भविष्य को लेकर हरभजन ने कहा- मुझे नहीं लगता कि वे दोबारा देश के लिए खेलेंगे

भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के लिए दोबारा नहीं खेलेंगे। उन्होंने वनडे टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरानयह बात कही। एक फैन ने धोनी के भविष्य को लेकरसवाल पूछा था। इस पर हरभजन ने कहा- मैं जब चेन्नई सुपर किंग्स के कैम्प में था। तो लोगों ने मुझसे धोनी के बारे में पूछा। तो मेरा यही जवाब था कि यह धोनी पर ही निर्भर करता है कि वे खेलना चाहते हैं या नहीं। लेकिन जितना मैं जानता हूं कि धोनी दोबारा टीम इंडिया की जर्सी नहीं पहनना चाहते। वे आईपीएल जरूर खेलेंगे, मुझे लगता कि 2019 वर्ल्ड कप उनका भारतीय टीम के साथ आखिरी टूर्नामेंट था।

38 साल के धोनी फिलहाल क्रिकेट से दूर परिवार के साथ वक्त बिता रहे हैं। उनका आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल था, जिसमें भारत को हार मिली थी। बीसीसीआई ने उन्हें इस साल की शुरुआत में जारी की गई अपनी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में भी शामिल नहीं किया। इसके बाद से ही उनके संन्यास की अटकलें लगने लगी थीं। हालांकि, उन्होंने इस पर अब तक कुछ नहीं कहा है। वे लॉकडाउन से पहले आईपीएल की तैय़ारियों के लिए चेन्नई में थे। हालांकि, कोरोनावायरस की वजह से आईपीएल अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। ऐसे में उनके जल्दी मैदान पर वापसी की उम्मीद नहीं दिख रही।

भारतीय टीम में मैच विनर खिलाड़ियों की कमी

हरभजन नेटीम इंडिया के हालिया प्रदर्शन से जुड़े सवाल पर कहा किमैच विनर खिलाड़ियों के न होने की वजह से भारत को लगातार हार झेलनी पड़ रही है। विराट कोहली और रोहित शर्मा पर टीम ज्यादा निर्भर है। इन दोनों के आउट होने के बाद टीम 70 फीसदी से ज्यादा मैच गंवा देती है। ऐसे में अगर निचले क्रम में कुछ बल्लेबाज अच्छा खेले तो हम ज्यादा मैच जीत सकते हैं।



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हरभजन सिंह ने इंस्टाग्राम के लाइव चैट एक सवाल के जवाब में कहा कि महेंद्र सिंह धोनी अभी आईपीएल खेलते रहेंगे। (फाइल)




भविष्य

कोविड-19 ने बदले हमारे कल के सिद्धांत, भविष्य को लेेकर जरा भी आश्वस्त नहीं हैं

(पत्रकार दैनिक भास्कर के लिए इटली से विशेष)कोविड-19 ने हमारी जिंदगी को बदल दिया है। अब हमारी जिंदगी दो अध्यायों में बंट रही है, एक कोरोना से ‘पहले’ और एक कोरोना के ‘बाद’। हमारे कल के सिद्धांत बदल गए हैं। इस हेल्थ इमरजेंसी से पहले हम सभी अपने भविष्य के बारे में इस तरह से सोचने के अादी थे कि यह तो होगा ही। एक यात्रा, कोई अन्य अनुभव या फिर कोई भी फैसला हो। लेकिन अब यह मानना कि भविष्य में सब कुछ योजना के मुताबिक नहीं होगा, इसकी वजह यह धक्का है। कम से कम हमारे दिमाग में तो कोविड-19 ने यह सब कुछ बदल दिया है। यह हमें याद दिलाता है कि कुछ योजना नहीं बनाई जा सकती। यह वायरस अब धक्का नहीं है, यह अब हमारी रोज की जिंदगी का हिस्सा बन गया है और हमें अब इसके साथ जीना सीखना है। लॉकडाउन का अगला दिन, जिसने हमें सोशल डिस्टेंस सिखाया, गुजारना मुश्किल था। हालांकि, अब री-ओपनिंग धीरे-धीरे होगी। हम सब सोचेंगे कि पहले क्या करना चाहिए। सच तो यह है कि हममें से कोई नहीं जानता कि इसके बाद का दिन या कहें कि कई दिन कैसे होंगे।

कोविड-19 ने हमारी आदतों और हमारे एक-दूसरे से संबंध रखने के तरीकों को बदल दिया है। इस महामारी से हम पर जो असर हुआ है, वह महत्वपूर्ण है और वह वैक्सीन के बनने के बाद भी बना रहेगा। यह डर हमेशा बना रहेगा कि कोई ऐसी चीज है जो बहुत तेजी से फैल सकती है और हमारे जीवन को खतरे में डाल सकती है। मास्क पहनना फैशन बन जाएगा। शायद हमारे पास ऐसे एप होंगे जो कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति या ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां पर दस से अधिक व्यक्ति जमा होंगे। कामकाजी लोगों की दुनिया बदल जाएगी। खुले और बड़े ऑफिस छोटे-छोटे ऑफिसों में बदल जाएंगे, जहां पर सिर्फ दो या तीन लोग काम कर रहे होंगे। यातायात भी बदल जाएगा। अभी तक चाहे ट्रेन हों, विमान हों या बसें, कंपनियां अधिक से अधिक स्थानों तक उन्हें ले जाती थीं, ताकि उनकी क्षमता बढ़ सके। लेकिन, शायद अब क्षमता का आकलन सुरक्षा, इस मामले में स्वास्थ्य सुरक्षा से होगा और निश्चित ही इससे कीमत तो बढ़ेगी ही। कैटरिंग उद्योग यानी बार, रेस्टोरेंट को भी इसी तरीके से काम करना होगा यानी अब भीड़भाड़ वाली जगहें नहीं होंगी, बल्कि अब टेबल दूर-दूर होंगी। आने वाले कल में ऐसा होगा और यह लंबे समय तक चलेगा। कोविड-19 एक ऐतिहासिक क्षण लेकर आया है, यह आधुनिक जीवन का एक टर्निंग पॉइंट है। बड़ी घटनाएं केवल नकारात्मक प्रभाव ही नहीं डालतीं, बल्कि उसका सकारात्मक असर भी होता है। लेकिन मिलान में रहने वाली एक इटैलियन के लिए आज कुछ भी सकारात्मक देखना मुश्किल है। कभी यह चर्चा होती थी कि लोग आज की भीड़-भाड़ वाली जिंदगी में कितने फंसे हुए हैं, वे अपने लिए कितना कम समय निकाल पाते हैं। नई पीढ़ियों को अक्सर यह उलाहना सुनना पड़ता था कि वे जिंदगी की छोटी-छोटी चीजों की सराहना नहीं करते हैं। कई बार हमने अपने दादा-दादी या नाना-नानी से सुना है कि ‘यह पहले ज्यादा अच्छा था’।

कोविड-19 ने हम पर क्वारेंटाइन का लंबा समय लाद दिया है। हममें से किसी ने शायद ही पहले कभी इस तरह की बंदिशों का अनुभव किया हो। हम सब अपने घरों में हैं। हममें से अनेक लोग अपने परिवारांे, माता-पिता, भाई-बहनों के साथ नहीं हैं। ‘उसके बाद’ हमें पहला काम यह करना चाहिए कि हमें अपने करीबियों या प्रियजनों से मिलने जाना चाहिए। इस क्वारेंटाइन में हमें उन चीजों की सराहना करना सिखाया है, जिन्हें हम पहले एेसे ही समझ लेते थे। जब आदमी तालांे में बंद है तो प्रकृति खुलकर बाहर आ गई है। हमने हल्के पीले दिख रहे बीच, बंदरगाहों पर तैरती डॉल्फिनों, तालाबों में नहाते भालू के छोटे-छोटे बच्चों, खाली पड़े हुए पार्कों में घूमते खरगोशों की फोटो देखी हैं और हमने इन्हें पसंद किया है। इसने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है।

जब यह क्वारेंटाइन खत्म होगा तो हमें इस बात के प्रति सतर्क रहना होगा कि प्रकृति का यह जादू या आकर्षण बरबाद न हो जाए। निश्चित ही दुनिया के देशों को खुद को फिर से शुरू करना होगा, लेकिन यह प्रकृति और वातावरण को सम्मान देकर हो सकता है। ग्रेटा थनबर्ग की बात को अनसुना किया गया। कोविड-19 को हर किसी ने सुना और यह हम सबके लिए एक चेतावनी भी है। कोविड-19 ने हम सभी को एक-दूसरे की एकजुटता और एक-दूसरे के महत्व को दोबारा से समझाया है। यही नहीं इसने तमाम दुनिया को हेल्थ केयर के महत्व के पुनर्मूल्यांकन को कहा है। पिछले सालों में तमाम अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर धन का निवेश किया गया। हेल्थकेयर भी अब रणनीतिक क्षेत्र है। यह कोविड-19 से मिला एक और सबक है। इसके ‘बाद का दिन’ अनिश्चितताओं से भरा है। लोगों को अनेक बड़ी समस्याओं को सुलझाना होगा, नाटकीय दुष्परिणामों के साथ सामाजिक वर्गों के बीच दूरी बढ़ेगी। लेेकिन कोविड-19 हमें सिखाएगा वह है गठबंधन, एकजुटता व मानवता की ताकत। हमें इसे भूलना
नहीं चाहिए। (यह लेखिका के अपने विचार हैं।)




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Kovid-19 changed our principles of tomorrow, we are not at all confident about the future




भविष्य

देश का खाद्यान्न भंडार भविष्य में देगा बड़ी राहत

ऐसा मानव इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ कि पूरी दुनिया अप्रत्याशित और अपूर्व अवसाद में हो। समर्थ और बलहीन दोनों मानो एक ही नाव में हों जो डूब-उतरा रही हो। हर सुबह लगता है कि सब कुछ खत्म हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और उसके सॉलिडेरिटी (कई प्रमुख देशों के वैज्ञानिकों का इस मुद्दे पर शोध का समेकित प्रयास) से उम्मीद तो थी कि अचानक इलाज या वैक्सीन खोजने की घोषणा करेगा, लेकिन दो दिन पहले संगठन ने कहा कि संकट अभी और विकराल रूप लेगा।

उधर, हांगकांग या चीन जैसे जिन देशों ने यह मानकर कि उनके यहां रोग का ग्राफ समतल हो गया है या नीचे आने लगा, उद्योग-व्यापार शुरू किया, वहां कोरोना का दूसरा हमला हो गया। विश्व मुद्राकोष यह कहकर डरा रहा है कि अर्थव्यवस्था पर कोरोना का जहर अगले कई सालों तक दुनिया में बेरोजगारी असाधारण रूप से बढ़ाएगा। कोरोना के डर और इन रिपोर्टों से पैदा हुए इस विश्वव्यापी व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामूहिक अवसाद को लेकर समाजशास्त्री मानते हैं कि इससे मानव व्यवहार, सोच और जीवन के प्रति नजरिया बदलेगा। भारत में उद्योगों के खोले जाने की शर्त को देखकर औद्योगिक संगठनों ने कारखाने चलाने में असमर्थता दिखाई है।

उनका कहना है कि केंद्र की गाइडलाइंस में किसी मजदूर में कोरोना पाए जाने पर मालिक पर आपराधिक मुकदमा करना और मजदूरों को फैक्ट्री के पास ही आवास और खाने की व्यवस्था का जिम्मा मालिकों पर डालना भी उद्यमियों का उत्साह कम करेगा। उधर, लोग केवल जीवन के लिए जरूरी सामान ही खरीद रहे हैं, जबकि सामान्य अवस्था में बाहर खाना, घूमने जाना, मनोरंजन पर खर्च, ब्रांडेड माल का उपभोग आदि अर्थव्यवस्था को गति देता है। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य संस्था ने कहा कि आने वाले समय में खाद्यान्न का भयंकर संकट होगा और दुनिया की करीब 100 करोड़ आबादी भुखमरी का शिकार हो सकती है।

भारत के पास अवसाद से बाहर आने और हौसला बढ़ाने के तीन कारण हैं। पहला, भारत में अमेरिका के मुकाबले रोग के टेस्ट/पुष्टि का अनुपात 183 गुना कम है, यानी कोरोना की घातक क्षमता भारत में कम है। दूसरा, लॉकडाउन का सकारात्मक असर अब मरीजों की संख्या में दिखने लगा है और तीसरा, देश मंे सालभर का अनाज है और नई बुवाई का रकबा भी बढ़ा है, जो आने वाले समय में बड़ी राहत देगा। अंधेरी सुरंग के उस पार एक दिया टिमटिमा रहा है।



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The country's food stock will give big relief in future




भविष्य

आपका व्यवहार तय करेगा बिजनेस का भविष्य

सोमवार की सुबह मैं काफी देर से उठा। लगभग 6.45 बजे यानी रोज से दो घंटे लेट। अजीब बात यह थी कि मेरे पालतू डॉगीज ने भी मुझे नहीं उठाया। रोजाना अलार्म बजने के बाद मेरी एक डॉगी की आदत है कि वह बिस्तर पर चढ़ जाती है और मुझे पंजों से नोचना शुरू कर देती है। मैं उसे दूर करता हूं तो वह मेरा चेहरा चाटना शुरू कर देती है, जिससे मुझे आखिरकार बिस्तर से बाहर आना ही पड़ता है। आज मेरा सुबह का रुटीन बिगड़ गया, जिसमें दूध के पैकेट लाने की जिम्मेदारी भी शामिल है।
मैं अपने साथ एक पड़ोसी के लिए भी दूध लाता हूं। बहुत से लोगों ने ऐसी अतिरिक्त जिम्मेदारी ली है, क्योंकि अभी हमारी बिल्डिंग में दूध वाले का आना प्रतिबंधित है और हम नहीं चाहते कि दूध के काउंटर्स पर एक ही कॉलोनी के बहुत से लोगों की भीड़ जमा हो। मैंने जल्दी से मास्क पहना, जो अब यूनिफॉर्म की तरह हो गया है, भले ही कॉलोनी से कुछ मीटर दूर ही क्यों न जाना हो। मैं मेन गेट पर पहुंचा तो देखा कि हमें रोजाना साइकिल पर ब्रेड बेचने वाला अपने पास दूध के पैकेट भी रखने लगा है। यह अवसरवादी आधा लीटर का पैकेट 5 रुपए और एक लीटर का पैकेट 10 रुपए महंगा बेच रहा था। जब मैंने उससे इसका कारण पूछा तो वह बोला कि वह उन लोगों की ‘मदद’ कर रहा है, जो जल्दी नहीं उठ सकते और घर से 200 मीटर दूर भी नहीं जा सकते।
हालांकि, वह हमारी गेट वाली कम्युनिटी में नियमित आता है, लेकिन मैंने पिछले 20 साल में उससे कभी कुछ नहीं खरीदा। इसके पीछे सीधा सा कारण यह था कि मुझे कभी उसके व्यापार में नैतिकता नहीं दिखी। और यह फैसला 20 साल पुराना है। मैंने उसे हमेशा लोगों को ठगते देखा और वह हमेशा बच निकलता। , क्योंकि मुंबईकरों के पास ऐसी धोखाधड़ी का सामना करने के लिए समय नहीं रहता है। चूंकि मैं ‘ऑब्जर्वेशनिस्ट’ (अवलोकनवादी) हूं, ऐसी गति‌विधियां मेरी नजरों से बच नहीं पातीं। लॉकडाउन के बाद से सभी के पास बहुत समय है, इसलिए लोगों को अब अहसास हो रहा है कि वह ब्रेड वाला उन्हें ठगता है। और आज, दूध के दाम इस तरह बढ़ाने के बाद, वे लोग भी उसके ग्राहकों की सूची से बाहर हो गए, जो उससे ब्रेड खरीदते थे। क्योंकि ये जरूरी सामान कॉलोनी से 200 मीटर दूर ही कम कीमत पर मिल रहा है। स्वार्थी सोच वाले इस ब्रेड वाले की वजह से मुझे 83 वर्षीय ‘इडली पाटी’ (इडली दादी) एम कमलथाल याद आईं। तमिलनाडु के कोयंबटूर में अलदुरै के पास वादीवेलमपलयम में अपने घर में ही बनी दुकान से सभी ग्राहकों को एक रुपए में इडली बेचने का उनका वीडियो लॉकडाउन के पहले वायरल हुआ था। दूध के पैकेट के साथ घर लौटकर मैंने कोयंबटूर के अपने रिश्तेदार को फोन किया, जो कमलथाल को जानते हैं।
उन्होंने मुझे तीन घंटे बाद वापस फोन किया और बताया कि कोरोना की वजह से किराने के दाम बढ़ गए हैं, लेकिन कमलथाल ने कीमत नहीं बढ़ाई है। वे बताती हैं कि उड़द दाल और सिकी दाल की कीमत 100 से बढ़कर 150 रुपए प्रति किलो हो गई है और एक किलो मिर्च 150 की जगह 200 रुपए में मिल रही है। हालांकि यह उनके लिए मुश्किल समय है, लेकिन उन्होंने दाम बढ़ाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि ‘वे लोग क्या करेंगे जो अपने लिए मुश्किल से अच्छा खाना खरीद पाते हैं?’ कमलथाल ने अपनी इडली के दाम 30 साल से नहीं बढ़ाए हैं। आज उनकी उम्र 80 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है, फिर भी वे रोजाना 300 लोगों को इडली खिला रही हैं। इसी
तरह दादी के शुभचिंतक भी किराना खरीदने में कभी-कभी उनकी मदद करते हैं। यहां तक कि डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भी इस शनिवार की शाम उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की।
फंडा यह है कि मुश्किल समय में आपके व्यवहार में थोड़ा सा भी अच्छा या बुरा बदलाव आपके बिजनेस का भविष्य तय करेगा।

मैनेजमेंट फंडा एन. रघुरामन की आवाज में मोबाइल पर सुनने के लिए 9190000071 पर मिस्ड कॉल करें।



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Your behavior will decide the future of business