औरंगाबाद

औरंगाबाद रेल हादसे की दर्दभरी दास्तां : मैं अभागा दो-दो जवान बेटों की लाश देखने को जिंदा हूं

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मध्यप्रदेश के 16 मजदूरों की ट्रेन से कटकर मौत से गांवों में मातम है। हादसे में अपने दो-दो जवान बेटे गंवाने वाले दो पिता का दर्द फूटा तो हर आंख नम हो गई।




औरंगाबाद

औरंगाबाद रेल हादसे के बाद रेलवे ने बढ़ाई चौकसी, शुरू किया संरक्षा अभियान

औरंगाबाद रेल हादसे के बाद रेलवे ने बढ़ाई चौकसी, शुरू किया संरक्षा अभियान




औरंगाबाद

भागलपुर से औरंगाबाद साइकिल से जा रहे दो मजदूरों को ट्रक ने मारी टक्कर, गंभीर

लॉकडाउन में फंसे मजदूर अब अपने घर जाने के लिए कोई न कोई उपाय करने में जुटे हैं। शुक्रवार की देर शाम साइकिल से अपने घर औरंगाबाद जा रहे दो मजदूरों को सिकंदरा-नवादा मुख्य मार्ग स्थित महना पुल के पास एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी।
इस दुर्घटना में साइकिल सवार दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्रारंभिक उपचार के बाद चिकित्सक देवेंद्र कुमार ने दोनों की हालत गंभीर बताते हुए बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया। घायल मजदूरों ने बताया कि वह दोनों औरंगाबाद जिला के संढ़य गांव का निवासी बिगन शर्मा का पुत्र मुन्ना कुमार और तैतीराम शर्मा का पुत्र राजकुमार है। दोनों भागलपुर में फर्नीचर बनाने का काम करता था। लॉकडाउन की वजह से दोनों भागलपुर में फंसा रह गया था। बचे हुए पैसे से किसी तरह इतने दिनों तक अपना गुजर बसर किया, लेकिन जब पैसे खत्म हो गए तो दोनों को खाने की भी आफत आ गई। इस परेशानी में दोनों साइकिल से ही अपने घर जाने के लिए निकल पड़ा। फिलहाल राजकुमार की हालत गंभीर बनी हुई है। इधर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायल मज़दूर के परिजनों को सूचना दी गई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ट्रक की टक्कर से घायल मजदूर।




औरंगाबाद

औरंगाबाद से लखनऊ जा रहे 24 मजदूर शहर में रुकने के बाद खिमलासा के लिए रवाना हुए

दूसरे राज्यों में फंसे लोगों का पलायन बंद नही हो रहा है। शासन की अनदेखी के शिकार ये मजदूर पैदल एवं अन्य वाहनों की मदद से तेज धूप और भीषण गर्मी में कई किमी की यात्रा करके ये अपने घर पहुंच रहे हैं। पैदल चल कर लोगों के पैरों में छाले पड़ रहे वहीं आराम नहीं हो पाने के कारण मजदूरों की स्थिति बिगड़ती जा रही है।शनिवार को 24 मजदूर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से पैदल व अन्य वाहनों की मदद से दोपहर करीब 3 बजे शहर पहुंचे। इन लोगों को अभी कई किमी की दूरी तय करने केे बाद लखनऊ पहुंचना है। यह सभी मजदूर भोजन करने के बाद शहर के अंबेडकर चौक पर जाकर बैठ गए और झांसी की ओर जाने वाले वाहनों के इंतजार करने लगे। बाद में खिमलासा की ओर जाने वाले 3 ट्रकों में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इन लोगों को बैठा कर रवाना कर दिया गया।
मजदूर संत कुमार एवं प्रकाश ने बताया कि वह औरंगाबाद से लखनऊ जा रहे है जिसकी दूरी करीब 1390 किमी की है । उन्होंने बताया कि वह 5 मई को औरंगाबाद से निकले थे। इस दौरान कई वाहनों एवं पैदल चलकर यहां तक पहुंचे है। उन्होंने बताया कि वह सभी औरंगाबाद में ऑटो मोबाइल पार्टस बनाने वाली कंपनी में काम करते थे। काम बंद होने के बाद वह अपने घर वापस लौट रहे है। सरकार के द्वारा वाहन की व्यवस्था नहीं करवाने के कारण यह सभी दुखी थे।
3 दिन पैदल यात्रा कर भोपाल से बीना पहुंचे
वहीं 6 मई को भोपाल से पैदल चलकर यूपी के ऊरई जा रहे नाबालिग बच्चे सहित 7 लोग दोपहर के समय शहर पहुंचे और बाद में ये सभी खिमलासा की ओर रवाना हो गए । मजदूरों ने बताया कि यह सभी मजदूरी करने के लिए भोपाल गए हुए थे । काम बंद होने के बाद ये सभी वापस अपने घर लौट रहे हैं ।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
24 laborers going from Aurangabad to Lucknow left for Khimalasa after stopping in the city




औरंगाबाद

औरंगाबादमध्ये नवे पाच रुग्ण

करोनाबाधितांची संख्या ४९ वर




औरंगाबाद

Coronavirus : औरंगाबादेतील करोनाबाधितांची संख्या पन्नाशी पार

समतानगर भागात सर्वाधिक रुग्ण




औरंगाबाद

औरंगाबाद : जमावाचा पोलिसांवर हल्ला; अधिकाऱ्यासह तीन जण जखमी

२७ जणांना अटक




औरंगाबाद

औरंगाबादमध्ये करोनाचा कहर, रुग्णांची संख्या २३९

रूग्णांची संख्या वाढण्याची शक्यता




औरंगाबाद

औरंगाबादमध्ये करोनाबाधितांची संख्या २४४

शहरातील करोना बळींची संख्या नऊ झाली आहे.




औरंगाबाद

Lockdown: औरंगाबादेतून बीड, परभणीत ‘नो एन्ट्री’; प्रशासनासमोर नवा पेच

उत्तर प्रदेश, कर्नाटक प्रशासनाचाही विरोध




औरंगाबाद

औरंगाबादमध्ये आणखी २४ रूग्ण; करोनाबाधितांची संख्या तीनशे पार

औरंगाबादमध्ये १५ मार्च रोजी पहिला करोनाचा रुग्ण आढळला होता.




औरंगाबाद

करोनाचा औरंगाबादला करोनाचा विळखा; ६५ वर्षीय महिलेचा मृत्यू, बळींची संख्या झाली ११

२४ जणांचे रिपोर्ट आले पॉझिटिव्ह




औरंगाबाद

औरंगाबादेत करोना लढय़ात यंत्रमानवाची मदत

विलगीकरण कक्षातील व्यक्तींना जेवण पुरवणे तसेच निर्जंतुकीकरणासाठी उपयोग




औरंगाबाद

धक्कादायक! औरंगाबादमध्ये १६ मजूरांचा मालगाडीखाली चिरडून मृत्यू

१४ मजूरांचा अपघाती मृत्यू झाल्याची धक्कादायक घटना




औरंगाबाद

औरंगाबाद दुर्घटना: कामगार रुळावर झोपलेले पाहून मालगाडी थांबवण्याचा केला होता प्रयत्न, रेल्वेची माहिती

औरंगाबाद रेल्वे दुर्घटने प्रकरणी रेल्वेने चौकशीचे आदेश दिले आहेत




औरंगाबाद

“शक्य ती सर्व मदत करु”, औरंगाबाद रेल्वे दुर्घटनेची पंतप्रधान नरेंद्र मोदींकडून दखल

औरंगाबाद रेल्वे दुर्घटनेची पंतप्रधान नरेंद्र मोदींनी दखल घेतली असून शोक व्यक्त केला आहे




औरंगाबाद

औरंगाबादला करोनाचा विळखा; २४ तासांत ९० जणांना संसर्ग, रुग्णसंख्या ४६८

मराठवाड्याची राजधानी असलेल्या औरंगाबादमध्ये करोनामुळे चिंताजनक स्थिती निर्माण झाली आहे




औरंगाबाद

औरंगाबाद रेल्वे दुर्घटना: मृत मजुरांच्या कुटुंबाला प्रत्येकी पाच लाखांची मदत, उद्धव ठाकरेंची घोषणा

औरंगाबाद रेल्वे दुर्घटनेत १६ मजुरांचा दुर्दैवी मृत्यू




औरंगाबाद

औरंगाबादेत हेल्मेटसक्ती?

फेब्रुवारीमध्ये हेल्मेट सक्तीचे करण्याचा विचार पोलीस दल गंभीरपणे करीत असल्याचे पोलीस आयुक्त अमितेशकुमार यांनी सांगितले.




औरंगाबाद

औरंगाबादमधील तिन्ही जागांसाठी एमआयएमचे उमेदवार जाहीर

मध्यमधून नासेर सिद्दीकी यांना उमेवारी




औरंगाबाद

औरंगाबाद हादसा: चश्मदीद ने बताया कैसे ट्रेन हादसे का शिकार हुए मजदूर, की थी उन्हें उठाने की कोशिश

औरंगाबाद में ट्रेन हादसे में 16 मजदूर जान से हाथ धो बैठे। उन्हीं मजदूरों के समूह के एक अन्य सदस्य ने बताया कैसे हुआ था हादसा। उसने अपने साथियों को ट्रैक से उठाने के लिए आवाज दी थी जो उनतक नहीं पहुंची।




औरंगाबाद

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह- औरंगाबाद हादसे में मृत श्रमिकों के शव उनके घर भेजे जाएंगे

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए ट्रेन हादसे में मध्यप्रदेश के मृत 16 श्रमिकों के शव औरंगाबाद से जबलपुर ट्रेन से लाए जाएंगे




औरंगाबाद

औरंगाबाद ट्रेन हादसा: मारे गए भाइयों ने पिता से फोन पर कहा था- जल्द ही पहुंचेंगे गांव

ट्रेन हादसे में मारे गए दो भाइयों ब्रजेश और शिवदयाल ने दुर्घटना से एक दिन पहले ही अपने पिता से फोन पर कहा था कि वे एक विशेष ट्रेन से जल्द ही अपने गांव पहुंचेंगे।




औरंगाबाद

औरंगाबाद ट्रेन हादसा- 16 मजदूरों की मौत, अजय देवगन, रितेश देशमुख समेत बॉलीवुड सितारों ने जताया दुख

शुक्रवार की सुबह महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास रेलवे ट्रैक पर 16 प्रवासी मजदूरों की मालगाड़ी के चपेट में आने से मौत हो गई। इस घटना से सभी शोकग्रस्त हैं। ये सभी मजदूर मध्यप्रदेश जा रहे थे। इस मामले पर जांच




औरंगाबाद

औरंगाबाद में रेल पटरी पर बड़ा हादसा, इधर इंदौर में ऐसा दृश्य

इंदौर। एक तरफ औरंगाबाद में रेल पटरी पर सोए 16 मजदूरों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई तो इधर इंदौर में लोग पटरी पर इस तरह चहलकदमी करते हैं। तस्वीर जूनी इंदौर स्थित देवश्री सिनेमा के पीछे की है। फील्ड में ड्यूटी के दौरान जब यहां नजर पड़ी तो मैं दंग रह गया। यहां शाम होते ही रहवासी पटरी पर आकर ऐसे बैठ जाते हैं, जैसे वे पिकनिक मनाने घरों से बाहर निकले हों। पटरियों के बीच चहलकदमी करते युवक से जब मैंने पूछा लॉकडाउन और कर्फ्यू के बाद भी आप लोग ऐसे कैसे बाहर आ सकते हो तो कहने लगा काहे का कोरोना-वोरोना। एक तो खाने के लाले पड़े हैं, ऊपर से कामकाज भी बंद हो गया है। दिन-रात घर में कैद रहें भी तो कब तक। जो होगा वो देखेंगे भाई। यहां अब तक तो किसी को कोरोना हुआ नहीं। बिना मतलब क्यों टेंशन देते हो? फोटो | संदीप जैन



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
A big accident on the rail track in Aurangabad, here such a scene in Indore




औरंगाबाद

औरंगाबाद एयरपोर्ट का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी महाराज एयरपोर्ट हुआ, शहर का नाम संभाजीनगर' करने की तैयारी

औरंगाबाद. महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने औरंगाबाद एयरपोर्ट का नाम बदल दिया है। अब यह छत्रपति संभाजी महाराज एयरपोर्ट के नाम से जाना जाएगा। गुरुवार को इसकी घोषणा की गई। बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग उठाई थी, जिसको लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में काफी विवाद हुआ था।


सरकार जल्द ही औरंगाबाद का नाम बदलकर 'संभाजीनगर' करने वाली है। शिवसेना बाला साहब ठाकरे के समय से ही इसे संभाजीनगर कहती रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शहर का नाम बदलने की अपनी पार्टी की मांग को पिछले हफ्ते दोहराया था।

नाम बदलने की कागजी कार्रवाई शुरू
कार्यवाहक कलेक्टर भानूदास पालवे ने कहा कि राज्य सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलने के लिए जिला प्रशासन से रेलवे और डाक विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने को कहा था। पालवे ने कहा- "मंडलीय आयुक्त के कार्यालय नेएनओसी लेने को कहा है। जैसे ही हमें दस्तावेज मिलते हैं, हम उन्हें उच्च अधिकारियों को भेज देंगे।"



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
औरंगाबाद एयरपोर्ट-फाइल फोटो




औरंगाबाद

औरंगाबाद में सामूहिक नमाज पढ़ने जा रहे 100 लोगों को रोकने गई पुलिस टीम पर पथराव, तीन पुलिसकर्मी घायल

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में सामूहिक नमाज में शामिल होनेजा रहे लोगों को रोकने गई पुलिस टीम पर पथराव किया गयाहै। इसमें तीनपुलिसवाले घायल हुए हैं। इनमें एक अधिकारी और दो कांस्टेबल हैं। घायलों को जिले के घाटी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। तनाव को देखते हुए इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है। मामले में 15 से ज्यादा लोगों कोहिरासत में लियागयाहै।

100 से ज्यादा लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे

सोमवार रात 8 बजे 100 से ज्यादा की संख्या में लोग शहर की संभाजी मार्ग पर स्थित एक मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जा रहे थे। उन्होंने रोकने के लिए औरंगाबाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। टीम ने लॉकडाउन का हवाला देकरसभी को अपने घर जाने की अपील की। इसी दौरानभीड़ में कुछ लोग भड़क गए और पुलिस से विवाद करने लगे।कुछ लोगों नेपुलिसवालों पर पथराव कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई।

शहर में अब तक 95 संक्रमित

औरंगाबाद मेंसंक्रमित मरीजों को संख्या बढ़कर 95 तक पहुंच गई। इसके बाद इसे रेड जोन में रखागया है। सामूहिक नमाज पढ़ने पर रोक लगी है। पिछले 24 घंटे के दौरान 42 नए पॉजिटिव केस सामने आए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
औरंगाबाद में भीड़ के हमले में एक पुलिस अधिकारी और दो कांस्टेबल घायल हो गए। सभी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।




औरंगाबाद

मध्य प्रदेश लौटने के लिए निकले 16 मजदूरों की औरंगाबाद के पास मालगाड़ी से कटकर मौत, 40 किमी पैदल चलने के बाद थककर पटरी पर सो गए थे

महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पासरेलवे ट्रैक पर 16प्रवासी मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई।सभी मजदूरमध्य प्रदेश जा रहे थे। हादसा औरंगाबाद में करमाड स्टेशन के पास हुआ। घटना उस वक्त हुई, जब मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। 4 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। मध्य प्रदेशऔर महाराष्ट्र सरकार नेमृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. की सहायता देने का ऐलान किया है।

मजदूरों को पता भी नहीं चला और उनकी जिंदगी खत्म हो गई।
हादसे के बाद स्थानीय लोग मदद के लिए आ गए।

रेल मंत्रालय ने बताया कि घटना बदनापुर और करनाड स्टेशन के बीच की है। यह इलाका रेलवे के परभणी-मनमाड़ सेक्शन में आता है।शुक्रवार तड़के मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। मालगाड़ी के ड्राइवर ने उन्हें देख लिया था, बचाने की कोशिश भी की, पर हादसा हो गया। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

ट्रेन पकड़ने की आस में निकले थे मजदूर
मजदूर जालना की एसआरजे स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। औरंगाबाद से गुरुवार को मध्य प्रदेश के कुछ जिलों के लिए ट्रेन रवाना हुई थी। इसी वजह से जालना से ये मजदूर औरंगाबाद के लिए रवाना हुए। रेलवे ट्रैक के बगल में 40 किमी चलने के बाद वे करमाड के करीब थककर पटरी पर ही सो गए। औरंगाबाद ग्रामीण एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया,‘‘हादसे में 14 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में 2 और ने दम तोड़ दिया। एक की हालत गंभीर है। बचे 4 अन्य लोगों से बातचीत की जा रही है।’’ मृतक मध्य प्रदेश के शहडोल और उमरिया के हैं।

रेलवे ट्रैक पर तफ्तीश करती पुलिस।

मजदूरों का सब बिखर गया

सफर लंबा था, मजदूरों ने भूख मिटाने के लिए रोटियां रख लीं, लेकिन शायद खाना नसीब में नहीं लिखा था।
रेलवे ट्रैक के पास बिखरा पड़ा मजदूरों का सामान।
ट्रैक बिखरी मजदूरों की रोटियां, कपड़े, चप्पलों को इकट्ठा किया गया।
मजदूरों का सामान इकट्ठा करता एक पुलिसकर्मी।

मोदी ने दुख जताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। लिखा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। हरसंभव सहायतामुहैया कराई जाएगी।

####

शिवराज सिंह का ट्वीट

##

मृतकों में 10 शहडाेल के
1) धन सिंह गोंड (शहडोल)
2) निर्वेश सिंह गोंड (शहडोल)
3) बुद्धराज सिंह गोंड (शहडोल)
4) अच्छेलाल सिंह (उमरिया)
5) रबेंन्द्र सिंह गोंड (शहडोल)
6) सुरेश सिंह कौल (शहडोल)
7) राजबोहरम पारस सिंह (शहडोल)
8) धर्मेंद्र सिंह गोंड (शहडोल)
9) बिगेंद्र सिंह चैनसिंग (उमरिया)
10) प्रदीप सिंह गोंड (उमरिया)
11) संतोष नापित
12) बृजेश भैयादीन (शहडोल)
13) मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, (उमरिया)
14) श्रीदयाल सिंह (शहडोल)
15) नेमशाह सिंह (उमरिया)
16) दीपक सिंह गौड़ (शहडोल)
जख्मी: सज्जन सिंह माखन सिंह धुर्वे (खजेरी)



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
हादसा बदनापुर और करमाड के बीच हुआ। मजदूर ट्रेन पकड़ने के लिए औरंगाबाद जा रहे थे।




औरंगाबाद

औरंगाबाद से राजपुरिया बॉर्डर पहुंचे मजदूर, चिकित्सा विभाग ने किया क्वारैंटाइन, डोर टू डोर सर्वे और स्क्रीनिंग में जुटी टीमें

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सा विभाग मुस्तैद नजर आ रहा है। गुरुवार को औरंगाबाद से कुछ मजदूर एमपी से होते हुए राजपुरिया बॉर्डर पर पहुंचे तो यहां तैनात पुलिस टीम ने उन्हें रोका और तुरंत ही चिकित्सा विभाग को सूचित किया। सूचना पर एंबुलेंस की सहायता से सभी मजदूरों को राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया और स्क्रीनिंग के बाद इनके जांच सैंपल लिए गए। सभी को क्वारेंटाइन किया गया है। कोरोना से बचने के लिए प्रतिदिन स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। साथ ही प्रत्येक घर का सर्वे कर विदेश से आने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। जिन लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है उनकी एक बार फिर से स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक 18 लाख के करीब लोगों को की रि स्क्रीनिंग हो चुकी है। कोरोना के लक्षण नजर आते ही चिकित्सा टीम उनके उपचार में जुट रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वीके जैन ने बताया कि मंगलवार तक होम क्वारेंटाइन लोगों की संख्या 4401 से घटकर 1673 हो गई। इसी प्रकार इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन की संख्या 15 से बढ़कर वापस 36 गई है।

मौके पर की स्क्रीनिंग : अवलेश्वर क्षेत्र के मध्यप्रदेश - राजस्थान की बॉर्डर राजपुरिया पर गुरुवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद से आ रहे 3 मजदूरों को राजपुरिया बॉर्डर पर रोका गया। स्वास्थ्य विभाग के मेल नर्स सुनील पासवान के द्वारा उनकी कोरोना को लेकर स्क्रीनिंग की गई। 108 एंबुलेंस प्रतापगढ़ से बुलाकर जिला चिकित्सालय भेजा गया। कोरोना की जांच के लिए इन तीनों मजदूरों के सैंपल भी लिए गए हैं। ये सभी धरियावद तहसील के पारसोला के अड गांव के निवासी हैं। यह औरंगाबाद मजदूरी करने के लिए गए हुए थे। इन तीनों ने बताया कि 14 अप्रैल से पैदल ही चल रहे हैं। कई जगह पर पुलिस स्टाफ के द्वारा उन्हें खाना खिलाया गया। कई जगह उनकी जांच भी की गई।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Workers reached Rajpuria border from Aurangabad, medical department did quarantine, door to door survey and teams engaged in screening




औरंगाबाद

औरंगाबाद से 16 श्रमिकों के शव लेकर जबलपुर पहुंची ट्रेन, 1300 श्रमिकों को उतारने के बाद ट्रेन शव लेकर उमरिया और शहडोल रवाना

शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे में मरने वाले श्रमिकों के शव विशेष ट्रेन से जबलपुर लाए गए। यहां पर महाराष्ट्र से आए करीब 1300 मजदूरों को उतारने के बाद श्रमिकों केशवों को दो बोगियों की ट्रेन सीधे उमरिया औरशहडोल के लिए रवाना कर दी गई है। मजदूरों का उनकेगांव मेंअंतिम संस्कार किया जाएगा।औरंगाबाद रेल हादसे में मध्य प्रदेश के16 प्रवासी मजदूर मारे गए थे।ये सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। इनमें से 11शहडोल और 5 उमरिया के निवासी हैं।

औरंगाबाद में ट्रेन हादसे का शिकार हुए मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों के शव ट्रेन से जबलपुर लाए गए।

हादसे का शिकार हुए मजदूरों के शव लेकरट्रेन शनिवार कोसुबह करीब 11.30 बजे जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंचीं। पहले उनके शव जबलपुर में उतारकर बसों से शहडोल और उमरिया भेजा जाना था, लेकिन बाद में प्लान बदल दिया गया। चूंकि शहडोल और उमरियादोनों रेलवे के एक ही रूट पर हैं, ऐसे में शवों को ट्रेन से ही रवाना कर दिया गया है।शहडोल के अंतौली गांव में एक साथ 11 लोगों की चिताएं एक साथजलेंगी। मृतक आपस में चार चचेरे भाई, चाचा-भतीजा समेत 9 लोग सगे-संबंधी हैं। यह लोग एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे।

महाराष्ट्र से करीब 1300 श्रमिकों को जबलपुर लाया गया है। उन्हें बसों से उनके घर भेजा जा रहा है।

पूरे गांव में मातम पसरा है। अंतौली गांव में रहने वाले रामनिरंजन के तीन बेटे थे। इनमें दो रावेंद्रऔर निर्वेश स्टील कंपनी में काम करने गए थे। दोनों हादसे का शिकार हो गए। इसी तरह गजराज सिंह के दो बेटे और दो बेटियां थीं। गजराज के दोनों बेटे बुद्घराज सिंह और शिवदयाल सिंह भी हादसे का शिकार हुए हैं। वहीं, चाचा धन सिंह के साथ काम करने गया दीपक सिंह भी हादसे का शिकार हो गया। रामनिरंजन और गजराज सिंह भी रिश्ते में दूर के भाई लगते हैं।

मजदूरों के साथ उनके परिजन और छोटे बच्चे भी पहुंचे हैं।

परिजनों को दी गई 5-5 लाख रुपए मदद

मजदूरों को लेने के लिए मध्य प्रदेश से शुक्रवार को विशेष दल भेजा गया था। इसमें मंत्री मीना सिंह और अपर मुख्य सचिव आईपीसी केसरी भी पहुंचे थे। मध्य प्रदेश सरकार नेघायल व्यक्तियों की सहायता के लिए एक-एक लाख रुपए और मृतक श्रमिकों के परिजनों को 5-5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस दु:खद घड़ी में शोकाकुल परिवार स्वयं को अकेला नहीं समझे, मैं और मेरी पूरी सरकार आपके साथ खड़ी है।

1145 मजदूर भी ट्रेन से लाए गए

जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि औरंगाबाद रेल हादसे में दुर्घटना का शिकार हुए सभी 16 मजदूरों के शव आ गए हैं। इन्हें शहडोल और उमरिया जिलों में उनके गृह ग्रामों को भेजा जा रहा है। साथ ही इस ट्रेन से महाराष्ट्र में फंसे1145 श्रमिकों को भी लाया गया है। उनकी जांच और चेकअप के बादबसों से भेजा उनके जिलों के लिए भेजा जा रहा है।

इनके शव लाए गए जबलपुर

1) धन सिंह गोंड (शहडोल)
2) निर्वेश सिंह गोंड (शहडोल)
3) बुद्धराज सिंह गोंड (शहडोल)
4) अच्छेलाल सिंह (उमरिया)
5) रबेंन्द्र सिंह गोंड (शहडोल)
6) सुरेश सिंह कौल (शहडोल)
7) राजबोहरम पारस सिंह (शहडोल)
8) धर्मेंद्र सिंह गोंड (शहडोल)
9) बिगेंद्र सिंह चैनसिंग (उमरिया)
10) प्रदीप सिंह गोंड (उमरिया)
11) संतोष नापित
12) बृजेश भैयादीन (शहडोल)
13) मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, (उमरिया)
14) श्रीदयाल सिंह (शहडोल)
15) नेमशाह सिंह (उमरिया)
16) दीपक सिंह गौड़ (शहडोल)



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जबलपुर में 16 मजदूरों के शव लाए गए हैं। इसी ट्रेन में महाराष्ट्र में फंसे करीब 1300 श्रमिकाें को लाया गया है।




औरंगाबाद

औरंगाबाद की घटना को लेकर मायावती ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- संकट की घड़ी में भी सरकार सिर्फ अमीरों के साथ खड़ी है

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोनावायरस की वजह से सामने आए बड़े संकट की इस घड़ी में भी सरकार अमीरों के साथ खड़ी दिख रही है। उन्होंने कहा कि इस संकट काल में भी राज्य सरकारें गलत व्यवहार कर रही है। क्वारैंटाइन सेंटर में रहने के साथ ही खाने की व्यवस्था नहीं की गई है। केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी हर जगह पर पूंजीवादी समर्थक रवैया अपना रही हैं।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर यह बातें कही। उन्होंनेकहा कि कोरोना वायरस से दुनिया के साथ हम भी त्रस्त हैं। हमारा देश भी कोरोना के कहर से काफी पीडि़त है। अभी इसका कोई निदान न होते देख जनता काफी दुखी है। इनमें भी गरीब तथा मजदूर सबसे ज्यादा दुखी हैं। इनको तो आगे का कोई रास्ता भी नहीं दिख रहा है। अब गरीबों को रोजी-रोटी नहीं मिल रही है। इसके साथ ही प्रवासी लोग बहुत परेशान हैं।

19 प्रवासी मजूदरों की मौत बेहद दुखद
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 19 प्रवासी मजदूरों की मौत की घटना बेहद दुखद है। यह काफी विचलित करने वाली घटना है। इन सभी को जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो रेल की पटरी पकड़कर अपने घर जा रहे थे। रास्ते में इनको कहीं पर भी रोका नहीं गया। यह तो बड़ी लापरवाही है। इस घटना से मैं और पार्टी बहुत दुखी है। औरंगाबाद की यह घटना सरकारों की लापरवाही का बड़ा नतीजा है। राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले। सरकार किस दिन काम आएगी।

मायावती ने कहा कि सरकार का काम है कि प्रवासी मजदूरों को मुफ्त घर पहुंचाएं। मजदूरों से अमानवीय व्यवहार न करें। मजदूरों से क्रूरता से किराया ले रहे। केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी अमीरों के लिए दयावान सरकार बनी हैं। सरकारें अमीरों के बच्चों के लिए मेहरबान हैं। अमीरों को लाने के लिए सरकार विदेश में हवाई जहाज भेज रही हैं।


कई राज्यों में फैक्ट्रीवालों ने मजदूरों को निकाल दिया है
मायावती ने कहा कि हमको पता चला है कि कई प्रदेशों में फैक्ट्री वालों ने मजदूरों को निकाल दिया। इसके बाद वह बेकार होने के कारण पैदल ही घरों की ओर चल पड़े हैं। सिर्फ उनसे अनुरोध करने से काम नहीं चलेगा, जहां की कोई गरीब या मजदूर हाई-वे पर पैदल चलता दिखे, उसको वहीं पर रोका जाए और खाने-पीने के साथ ही घर तक पहुंचाने का इंतजाम किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार को गरीब-मजदूर नजर नहीं आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले सभी को कुछ समय देना चाहिए था। जिससे कि लोग अपने साधनों से अपने घरों तक पहुंच सकते थे। यहां तो कुछ घंटों में लॉकडाउन शुरू हो गया। जिससे किसी को भी व्यवस्थित होने के लिए समय नहीं मिला।

मालगाड़ी से कटकर औरंगाबाद में 16 मजदूरों की हुई मौत

दरअसल, महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास रेलवे ट्रैक पर 16 प्रवासी मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई है। सभी मजदूर मध्य प्रदेश जा रहे थे। हादसा औरंगाबाद में करमाड स्टेशन के पास हुआ। घटना उस वक्त हुई, जब मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। 5 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. की सहायता देने का ऐलान किया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
औरंगाबाद की घटना को लेकर बसपा सुप्रीमो ने केद्र सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के एंजेंडे में केवल पूंजीवादी लोग ही शामिल हैं।




औरंगाबाद

औरंगाबाद, केरल और कर्नाटक से मध्य प्रदेश के 58 जिलों के 3500 से अधिक मजदूर तीन ट्रेनों से लाए गए

महाराष्ट्र के औरंगाबाद से 1223 मजदूर लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार सुबह रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। स्वास्थ्य की जांच करने के बाद इन्हें बसों से इनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया। ट्रेन में खंडवा, खरगोन, सीधी समेत 24जिलों के मजदूर लाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक खंडवा के295मजदूर शामिल हैं। वहीं,शुक्रवार को केरल और कर्नाटक सेदोस्पेशल ट्रेनों में34 जिलों के 2400 मजदूरविदिशा पहुंचे। इन्हें भी इनके गृह जिलों के लिए रवाना कर दिया गया है।गुरुवारऔर आज यानि शुक्रवार सुबह तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 7000 हजार मजदूरों को मध्य प्रदेशबुलाया जा चुका है।

वहीं 24 जिलों के 1223 मजदूरों की ओबेदुल्लागंजस्टेशन परडॉक्टरों के दल ने स्क्रीनिंग की। इसके बाद सभी श्रमिकों को नाश्ता कराया गया। इन मजदूरों को संबंधित जिलों से आई बसों में बैठाकर रवाना कर दिया गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंगका पालन भी कराया गया। एएसपी एपी सिंह, एसडीएम विनीत तिवारी सहित बड़ी संख्या में अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। इनमें खंडवा के सबसे ज्यादा 295, दमोह के 244 मजदूर शामिल हैं। जबकि रायसेन का एक, विदिशा का एक और सीहोर के 10 मजदूर शामिल हैं। वहीं भोपाल के 4, राजगढ़ 2, अशोकनगर 4, दतिया 71, गुना 16, ग्वालियर 15, शिवपुरी 34, बैतूल 145, खरगोन 157, मुरैना 58, छतरपुर 80, हरदा 2, होशंगाबाद एक, भिंड 16, निवाड़ी 10, सागर 34, टीकमगढ़ 3, आगर 2, उज्जैन 17 मजदूर औबेदुल्लागंज स्टेशन पर ट्रेन से लाए गए।

ओबेदुल्लागंज स्टेशन पर पहुंचे मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई और इसके बाद उन्हें बसों से रवाना किया गया है।

दो ट्रेनों में करीब 2400 मजदूर कर्नाटक और केरल से विदिशापहुंचे

इधर,शुक्रवार को केरल और कर्नाटक सेदोस्पेशल ट्रेनों में34 जिलों के 2400 मजदूरविदिशा पहुंचे। स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई गई थीं, इसके साथ ही सुरक्षा के भी प्रबंध किए गए थे। पहली ट्रेन कर्नाटक से मजदूरों को लेकरसुबह 7 बजे केरल से आई और इसके बाद दूसरी ट्रेन दो घंटे के बादसुबह 9 बजे कर्नाटक से आई। इन दोनों ट्रेनों में करीब 2400 मजदूर विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। इन मजदूरों को उनके गृह जिलों में रवाना करने के लिए करीब 100 बसों का इंतजाम किया गया था। मजदूरों को उनके गृह जिलों में रवाना करने से पहले स्क्रीनिंग की गई।

गुरुवार और शुक्रवार को सुबह तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 7000 हजार मजदूरों को मध्य प्रदेश बुलाया जा चुका है।

गुरुवार और आज सुबह तक ट्रेनों से लाए गए करीब 7000 मजदूर
मध्य प्रदेश सरकार ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-नोएडा के साथ ही शुक्रवार को सुबहकेरल, कर्नाटकसे दो ट्रेनें विदिशा पहुंचीं। वहीं औरंगाबाद से मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची। इसके पहले गुरुवार को हैदराबाद से कटनी 997 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन आई, भोपाल में मुंबई के पनवेल से करीब 1200 श्रमिक और दिल्ली से करीब 1200 मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन छतरपुर रात को 8 बजे आई थी। गुरुवार और शुक्रवार को सुबह तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 7000 हजार मजदूरों को बुलाया जा चुका है।

1200 मजदूर शनिवार को गोवा से ग्वालियर पहुंचेंगे
मध्यप्रदेश के उत्तरी अंचल के करीब 1200 श्रमिकों को एक विशेष ट्रेन से शनिवार को ग्वालियर लाया जाएगा। इन श्रमिकों को गोवा से एक विशेष ट्रेन से ग्वालियर लाया जा रहा है। यह ट्रेन कल यानी शनिवार को ग्वालियर पहुंचेगी। इस ट्रेन में राज्य के ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले के मजदूर हैं। इन श्रमिकों को आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी प्रोटोकाल के बाद उनके गांवों में भेजा जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
रायसेन के ओबेदुल्लागंज स्टेशन पर शुक्रवार को औरंगाबाद से 1200 से अधिक मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से लाया गया।




औरंगाबाद

औरंगाबाद से शवाें काे लेकर ट्रेन रवाना, सीधे जबलपुर पहुंचेगी

औरंगाबाद में हुए ट्रेन हादसे में मप्र सरकार मृतकों को 5-5 लाख रुपए और घायलों को एक-एक लाख रुपए देगी। सुबह घटना की जानकारी लगने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने विशेष विमान से मंत्री मीना सिंह, अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी और एडीजी राजेश चावला को औरंगाबाद भेजा, जहां उन्होंने 16 श्रमिकों के शव लाने के संबंध में तमाम औपचारिकताएं कीं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और रेल मंत्री से बात कर ट्रेन की व्यवस्था करवाई। शुक्रवार देर शाम यह ट्रेन शवाें काे लेकर औरंगाबाद से रवाना हुई, जाे शनिवार सुबह सीधे जबलपुर पहुंचेगी। यहां से शवाें काे उनके गृह स्थान भेजा जाएगा। शेष | पेज 7 पर

औरंगाबाद दुर्घटना में मृत श्रमिकों के नाम
शहडोल के धन सिंह गोंड, रबेंद्र सिंह गोंड, सुरेश सिंह कोल, राजबोहरम पारस सिंह, बृजे‌श भइयादीन, दयाल सिंह, अशोक सिंह गोंड, धर्मेंद्र सिंह गोंड, निरवेश सिंह गोंड व बुद्धराज सिंह गोंड, उमरिया के अच्छे लाल सिंह, बिगेंद्र सिंह चैन सिंह, मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, नेमशाह सिंह व प्रदीप सिंह गोंड और संतोष नापित।
- घायल
हादसे में सज्जन सिंह माखन सिंह धुर्वे जिला, मंडला घायल हुए हैं। इंद्रलाल कमल सिंह धुर्वे, मंडला, वीरेंद्र सिंह चेन सिंह गौर, उमरिया और शिवमानसिंह हिरालाल गौर, शहडोल सुरक्षित रहे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बचे मजदूर ने कहा- लगा ट्रेनें बंद हैं, इसलिए ट्रैक पर सोए, तड़के हादसे से आंख खुली




औरंगाबाद

औरंगाबाद से विशेष ट्रेन से आए 1223 मजदूर, 43 बस और 9 जीप से 24 जिलों के लिए रवाना

45 दिन से लॉकडाउन में फंसे मजदूर अपने घर जाते समय काफी खुश थे, उन्हें लग रहा था कि अब घर पहुंचकर उनकी सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। दूसरे प्रदेशों में काम बंद होने से उनके सामने भोजन के भी लाले पड़ गए थे। ऐसे 24 जिलों के 1223 मजदूरों को औरंगाबाद से लेकर एक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार की सुबह 7 बजे रायसेन जिले के ओबेदुल्लागंज रेलवे स्टेशन पर पहुंची।
यहां प्रशासन, पुलिस, डॉक्टरों की 8 टीमें पहले से ही मौजूद थीं। ट्रेन से उतरे मजदूर मयंक चतुर्वेदी के चेहरे पर एक गजब की चमक और मुस्कुराहट थी और आंखों में बड़ा सुकून और खुशी के आंसू। मयंक छतरपुर जिले के हरपालपुर का रहने वाला है जो औरंगाबाद की आयरन फैक्ट्री में मजदूर के रूप में काम कर रहा था। उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी क्योंकि अब उसे अपने घर वालों से मिलने के लिए बस कुछ घंटे का इंतजार करना था। रेलवे स्टेशन पर 7 बजे पहली घोषणा हुई कि औरंगाबाद से आने वाली पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म पर कुछ ही मिनटों में आ रही है। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य अमला सतर्क हो गया। एडीएम अनिल डोमर, एएसपी एपी सिंह, गौहरगंज एसडीएम विनीत तिवारी ने वहां की व्यवस्थाएं संभाली। तहसीलदार संतोष बिटोलिया ने बताया कि विशेष ट्रेन से आने वाले श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उन्हें उनके गृह जिलों के लिए भेज दिया।
आपबीती : पुलिस वाले भैया बने देवदूत
छतरपुर के मयंक चतुर्वेदी बताते है कि वे जिस आयरन कंपनी में काम करते थे। उसने लॉकडाउन के बाद पैसा नहीं दिया। भूखे मरने की नौबत आ गई थी। तब एक पुलिस वाले भैया देवदूत बनकर आए 40 दिन तक उन्होंने मुझे भोजन कराया। कंपनी से किसी तरह की सहायता ना मिलने के कारण मैंने वापस घर आने का निर्णय लिया और इस विशेष ट्रेन से वापस लौट आया।
40 किमी पैदल चले तब बन पाया ई-पास
बालाघाट के कन्जेई निवासी बृजेश निवारे 22 वर्ष बताते है कि वे औरंगाबाद के पास स्थित अंबाला शहर में एलएनटी फैक्ट्री में ऑपरेटर का काम करते थे। वे बताते हैं कि औरंगाबाद रेड जोन में है और हमारे साथ काम करने वाले इंजीनियर औरंगाबाद से ही अप-डाउन करते थे। इसके अलावा हम एक रूम में 10-12 लड़के एक साथ रहते थे। 40 किमी चलकर थाने में ई-पास बनवाया और इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यहां तक पहुंचे। अब काम करने वह वापस औरंगाबाद नहीं जाएगे।

ये भी जरूरी : जांच के बाद गृह जिलों के लिए भेजा
बीएमओ डॉ. अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि सभी 1223 मजदूरों की मेडिकल स्क्रीनिंग कराई गई। इस दौरान ग्वालियर जिले के बेहट निवासी बृजकिशोर धाकड़ (26 वर्ष) को सांस लेने में दर्द और चक्कर आने की शिकायत मिली। जिसे प्राथमिक उपचार देने के बाद हमीदिया रेफर कर दिया गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
1223 laborers arrived by special train from Aurangabad, 43 buses and 9 jeeps left for 24 districts