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कोराेना संक्रमित 13 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव सागरपाड़ा और मदीना कॉलोनी से कर्फ्यू हटाया

जिले के लिए यह खुशी की ही बात है कि एक तरफ बढ़ते कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। रिपोर्ट नेगेटिव आने के साथ ही कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने किराना, जनरल स्टोर्स, फल एवं सब्जी की दुकानों के खुलने के समय को बढ़ाकर आमजन को राहत दी है। ऐसे में अब लोग अब दो घंटे अधिक खरीदारी कर सकेंगे।

कलेक्टर जायसवाल ने कहा कि दुकान के बाहर दुकानदार का नाम, मोबाइल नम्बर चस्पा करेंगे। जिस उपभोक्ता ने मास्क नहीं पहना उसको सामान नहीं मिलेगा। एक समय में छोटी दुकान में 2 से अधिक व बड़ी दुकान में 5 से अधिक उपभोक्ताओं को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। अन्य व्यक्ति सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दुकान के बाहर पंक्ति में अपनी बारी की प्रतिक्षा करेंगे।

इसके साथ ही दुकान मालिक गोला बनाकर अथवा पेशानी बनाकर यह सुनिश्चित करेंगे कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा रही है। इधर, सागर पाड़ा और मदीना कॉॅलोनी में 25 अप्रैल को कर्फ्यू घोषित किया था, जिसे शुक्रवार शाम को जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर हटा दिया है।

दूध का वितरण अब सुबह 7 बजे से 10 बजे तक और शाम 4 से 7 बजे तक
कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि जिले में समस्त किराना एवं जनरल प्रोवीजन स्टोर्स, फल एवं सब्जी की दुकाने व लॉक डाउन में अनुमत अन्य दुकानें आगामी आदेशों तक सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित रहेंगी। सब्जी मण्डी आगामी आदेशो तक सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक संचालित रहेगी। रेस्टोरंेट एवं भोजनालय आदि आगामी आदेशों तक सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित रहेंगे। रेस्टोरंेट एवं भोजनालय में केवल होम डिलीवरी रहेगी। रेस्टोरेंट एवं भोजनालय आदि में अन्दर या बाहर बैठकर अथवा खड़े होकर खाने में प्रतिबन्ध रहेगा। जिले में दूध का वितरण सुबह 7 बजे से सुबह 10 बजे तक व शाम 4 से शाम 7 बजे तक ही किया जा सकेगा। जिला कलक्टर ने बताया कि उक्त आदेश मेडीकल स्टोर्स पर लागू नहीं होगा। सभी होलसेल व रिटेलर होम डिलेवरी करने के लिए अनिवार्य रूप से बाध्य रहेंगे। अनुमत दुकानें यह सुनिश्चित करेगी कि उनके पास होम डिलीवरी व्यवस्थाएं हो।

बसईनवाब के एक ही परिवार के चार सदस्यों की रिपोर्ट भी नेगेटिव, एक की अभी पेंडिंग
कलक्टर ने बताया कि कोरोना संक्रमित पाए गए 21 व्यक्तियों में से 13 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिले में पहला मरीज राठौर कॉलोनी में संक्रमित पाया गया था, जो ठीक होकर अपने घर जा चुका हैं। इसके अलावा जिले में 20 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए थे, इनमें से 12 की रिपोर्ट पाॅजिटिव से नेगेटिव हो गई हैं। उन्होंने बताया कि बसईनबाब क्षेत्र में पाए गए एक ही परिवार के 5 कोरोना संक्रमित सदस्यों में से दोबारा जांच करवाने पर 4 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि एक सदस्य की रिपोर्ट आना शेष हैं। बसईनबाब क्षेत्र में हॉट स्पॉट क्षेत्र का खतरा न बने इसके लिये संक्रमित मरीजों के संपर्क में 74 लोगों की सेम्पलिंग करवाई गई थी, इन सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। इसी प्रकार जिले के विभिन्न स्थानों सागरपाडा, मदीना कॉलोनी, दारासिंह नगर-2, लालपुर, कूकरा माकरा, भूतपुरा, दौपुरा एवं जिरौली से पाए गए संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आए लोगो की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई हैं।



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Report of 13 patients infected with Korena removed curfew from Negative Sagarapada and Madina colony




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निशुल्क जांच पर भी संकट, 3 में से 2 काउंटरों पर ताले

जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना में सालों से काम कर रहे 17 संविदाकर्मियों को आरएमआरएस (राज. मेडिकल रिलीफ सोसाइटी) से हटाकर एनजीओ के अधीन करने के प्रयास हो रहे हैं। इससे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों की निशुल्क जांचें नहीं हो रही, उन्हें बाहर प्राइवेट लेब जाना पड़ रहा है।
तीन रोज से ये संविदाकर्मी सुबह 8 से 2 बजे तक धरने पर रहते हैं। इन संविदाकर्मियों ने हाईकोर्ट में रिट लगाई है। ये कर्मचारी 24 घंटे अस्पताल में सेवा दे रहे थे। रोज 150 से 200 रोगियों की जांच करते थे, समय पर मरीजों को जांच रिपोर्ट दे रहे थे। पीएमओ ने सरकार के आदेश का हवाला देकर उन्हें आरएमआरएस से हटा दिया है। वे रोज अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन उनसे जांचे नहीं करवाई जा रही। उनकी जगह सीएचसी-पीएससी से 5 लेब टेक्नीशियन बुलाए हैं, दो पहले से हैं, पर व्यवस्था संभल नहीं रही। तीन दिनों में 300 से 400 रोगी बाहर से जांच कराने जा चुके हैं। तीन निशुल्क जांच काउंटरों में से दो पर ताले लग चुके हैं। एक काउंटर खुला है, उसमें केवल भर्ती मरीजों के ही सैंपल लिए जा रहे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के खून-पेशाब, शुगर, यूरिया क्रिएटिनिन और हीमोग्लोबिन जैसी जांचें नहीं हो रही। 3 दिन पहले जहां रोज 100 से 125 रोगियों की अलग-अलग तरह की 500 जांचें जिला अस्पताल में ही निशुल्क हो रही थीं, अब प्राइवेट जांच केंद्रों पर महंगी रेट में करवानी पड़ रही हैं। वहीं, राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने भी कलेक्टर को पत्र लिखा है।
जो जांचें अस्पताल में मुफ्त, चुका रहे रकम: मार्केट में प्राइवेट लेब पर हैपेटाइटिस 150 रुपए, हैपेटाइटस सी-200 रुपए, एचआईवी की 200 रुपए, हीमोग्लोबिन की 50 रुपए, शुगर की 25, यूरिया की 60, क्रिएटिनिन की 60 रुपए, बिलीरुबीन की 60, प्रोटीन की 60, एल्बुमिन 60, यूरीन की जांच 50 रुपए में और प्रेग्नेंसी टेस्ट 50 रुपए में होता है। एक मरीज को कई तरह की जांचें करानी पड़ती हैं।



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शहर में 3 लाख आबादी, सिर्फ 38141 ने डाउनलोड किया आरोग्य सेतु एप

हम अपने स्वास्थ्य को लेकर कितने लापरवाह हैं, यह पता चल रहा है आरोग्य सेतु एप से। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी के लिए आरोग्य सेतु एप को फोन में डाउनलोड करना अनिवार्य किया है ताकि संक्रमितों और कोरोना संदिग्धों की आसानी से जानकारी मिल सके। उनका समय पर इलाज हो और कोरोना पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके। लेकिन, भरतपुर में स्थितियां इसके एकदम उलट हैं।

शहर की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 2.52 लाख और मौजूदा करीब 3 लाख है। इनमें से शुक्रवार रात 8 बजे तक शहर के 10 किलोमीटर एरिया में 38141 यानि करीब 1 फीसदी लोगों ने ही आरोग्य सेतु एप डाउन लोड किया था। इनमें से मात्र 741 लोगों ने स्व परीक्षण किया तो उनमें 53 लोग अस्वस्थ पाए गए हैं। ये हालात तो तब हैं जब कि हम रेड जोन में हैं। जबकि देश में 9.40 करोड़ लोग इस एप को डाउनलोड कर चुके हैं।

अब एसएमएस से भी मिलेंगे अलर्ट
जिला प्रशासन ने उन लोगों के लिए आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा शुरू की है जिनके पास फीचर फोन और लैंडलाइन फोन हैं। ऐसे लोगों को अब इस टोल फ्री सेवा 1921 पर एक मिस्ड कॉल करनी है। इसके बाद उनके पास फोन आएगा। फिर उस फोन करने वाले को अपने स्वास्थ्य के बारे में पूछी जाने वाली सही जानकारी देनी है।



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थैलेसीमिया दिवस पर हुआ 30 यूनिट रक्तदान

विश्व थैलेसीमिया दिवस पर ब्लड बैंक बारां में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। विश्व थैलेसीमिया दिवस पर शाह सतनाम जीएस वेलफेयर, फोर्स विंग के सेवादारों और डेरा सच्चा सौदा सिरसा के सदस्याें की ओर से ब्लड बैंक मेंआकर रक्तदान किया गया। शिविर में बारां ब्लॉक की सत्संगत ने रक्तदान किया।
सुबह 10 बजे से लेकर 2 बजे तक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 30 यूनिट रक्तदान किया गया। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. बिहारीलाल मीणा ने बताया कि कल्पना, इंसा, बद्रीलाल, हेमराज, जगदीश राठौड़, गिर्राज, राकेश, संजय, विष्णु सुमन, योगेश, अमृता, विजय कुमार, निर्मल सुमन, हेमंत सुमन, मनमोहन मीणा, लोकेश मीणा, कार्तिक, दीपांशु, सुनील, नितेश, योगेश, सुरेंद्र, युवराज प्रजापति, रामेश्वर, अमित शर्मा, यशवंत, गणेश शर्मा, मनिंदर शर्मा आदि ने रक्तदान किया। बारां ब्लड बैंक से काउंसलर विनोद साहू, विकास बागड़ी, सुरेश मेघवाल, सोनू जांगिड़ ने अपनी सेवाएं दी।
संस्था के रक्त योद्धा ने गर्भवती महिला के लिए किया रक्तदान: किशनगंज. कोरोना संक्रमण महामारी के चलते हो रही रक्त की कमी को देखते हुए उत्थान ए हैल्पिंग हैंड संस्था के रक्त योद्धा तपेश त्यागी ने 38 किलोमीटर दूर रेलावन से बारां ब्लड बैंक पहंचकर गर्भवती महिला के लिए रक्तदान किया। संस्था प्रतिनिधि लालवीर मीणा ने बताया कि ग्राम मोयदा की गर्भवती महिला मूर्तिबाई सहरिया के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा केवल 4.5 ग्राम रह गई थी। ऐसे में रक्त चढ़ाना अतिआवश्यक हो गया था। परिजन परेशान हो रहे थे। सूचना मिलने पर लालवीर मीणा अपने साथ रक्त योद्धा तपेश त्यागी को लेकर बारां ब्लड बैंक पहुंचे, जहां तपेश त्यागी ने मूर्ति बाई के लिए रक्तदान किया।



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30 units of blood donation on Thalassemia Day




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पुष्कर में 163 व्यक्ति होम क्वारैंटाइन

कोरोना संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए राज्य एवं जिले के बाहर से आने वाले हर शख्स की स्क्रीनिंग कर उन्हें होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है।

पुष्कर में वर्तमान में कुल 163 व्यक्तियों काे होम आईसोलेट किया गया है। इनमें से 63 व्यक्ति बीते 8 दिनों के दौरान क्वारेंटाइन किए गए हैं।

चिकित्सा प्रभारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि होम क्वारेंटाइन किए गए लोगों की निगरानी के लिए वार्ड वार शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई है। डॉ. गुप्ता ने नगर वासियों से बाहर से आने वाले व्यक्ति की तत्काल सूचना एसडीओ ऑफिस, चिकित्सालय अथवा पुलिस थाने के कंट्रोल रूम पर देने की अपील की है।



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शहर में पहला केस, कैंसर पीड़िता संक्रमित खेड़ली में 38 दिन बाद फिर लौटा कोरोना

मई के पहले सप्ताह में जिले की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार का लगातार चौथे दिन कोरोना के दो नए मामले सामने आए।

अलवर शहर और खेड़ली की दो बुजुर्ग महिलाएं कोरोना संक्रमित पाई गईं। हालांकि दोनों ही फिलहाल जयपुर में भर्ती हैं। इसके बाद जिला कलेक्टर ने खेड़ली में कुट्टीन साहबदास (खेरली रेल) गांव के एक किलोमीटर क्षेत्र में कर्फ्यू लागू कर दिया।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अलवर शहर के विवेकानंद नगर में सेक्टर 4 निवासी 60 वर्षीय महिला को नवंबर 2019 में पेंक्रियाज का कैंसर हुआ। उसका परिवार कई साल से जयपुर के कालवाड़ रोड स्थित गोविंदपुरा में रहता है।

यह परिवार होली पर अलवर आकर गया था। कैंसर पीड़िता की तबीयत खराब होने पर 6 मई को उसे जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां कोरोना टेस्ट भी हुआ, जिसकी शुक्रवार को पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। महिला अभी दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती है। उसमें कोरोना के लक्षण नहीं थे। जयपुर से महिला के पॉजिटिव होने की सूचना मिलते ही मेडिकल टीमें विवेकानंद नगर पहुंची और संपर्क में आने वालों के सैंपल लिए। जिले में अब तक कुल 20 संक्रमित सामने आ चुके हैं।

खेड़ली सीएचसी में 20 मिनट भर्ती रही थी बुजुर्ग महिला

उधर, खेड़ली में 38 दि‍न बाद कोरोना लौट आया। अब कुट्‌टीन साहबदास गांव की 70 साल की वृद्धा कोरोना पॉजिटिव आई है। वृद्धा को 10-12 दिन से पेट में गड़बड़ी की शिकायत हो रही थी। परिजन 4 मई को उसे खेड़ली के एक निजी क्लिनिक पर ले गए। राहत नहीं मिलने पर 6 मई को उसे खेड़ली सीएचसी में भर्ती कराया। करीब 22 मिनट यहां रखने के बाद उसे जयपुर रैफर कर दिया गया। परिजन 108 एंबुलेंस से लेकर जयपुर रवाना हुए। जहां एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां महिला को कोरोना टेस्ट हुआ था। गाड़ी में महिला के साथ उसका बेटा, देवरानी और ड्राइवर गए थे। इन सभी के सैंपल लिए जाएंगे।

गांव में भी कफ्र्यू लागू कर सर्वे शुरू कर दिया है। कुट्टीन साहबदास व खेड़ली सीएचसी को नगर पालि‍का ने सोडियम हाइपोक्लोराइट से सेनेटाइज कि‍या। इस दौरान उपखंड अधि‍कारी अनि‍ल सिंघल, बीसीएमओ डॉ. हरगोविंद मीणा, नायब तहसीलदार अंकित गुप्‍ता, कठूमर शि‍क्षा अधिकारी योगेंद्र कुशवाह सहि‍त अनेक अधि‍कारी मौके पर पहुंचे। गांव के 1 कि‍मी क्षेत्र में रह रहे सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसमें बंगन का नंगला के अलावा भरतपुर सीमा के गांव नारौली, खोहरा, अलीपुर के लि‍ए भुसावर चिकित्सा अधि‍कारी को अलर्ट किया गया है। खेड़ली रेल, गहलावता, प्रीतमपुरा को बफर जोन में लि‍या है।



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First case in city, Corona returned to cancer victim infected Khedli after 38 days




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4 माह में 3 बार 300 किमी दूर से आया टिड्‌डी दल, सांगरी व कपास के लिए नुकसान दायक

जोधपुर की ओर से इस साल में तीसरी बार नागौर जिले में कुड़छी गांव की ओर से टिड्‌डी ने दस्तक दी है। बड़ी तादात में पहुंचे दो टिड्‌डी दलों के आने की भनक लगते ही क्षेत्र के खेतों में काम कर रहे किसानों ने हो-हल्ला कर दिया। इधर, कृषि विभाग ने भी सूचना मिलते ही दल को ट्रेक करना शुरू कर दिया। सहायक कृषि अधिकारी शंकरलाल सियाक ने बताया कि शुक्रवार को जोधपुर की ओर से खींवसर के कुड़छी से प्रवेश करते हुए टांकला, भाकरोद, खरनाल, फिड़ौद होते हुए मूंडवा क्षेत्र में टिड्‌डी ने पड़ाव डाला। शुकवार को खींवसर से प्रवेश कर दो किमी लंबा टिड्‌डी दल शाम तक मूंडवा पहुंच गया।

खेतों व सड़क मार्गों पर टिड्‌डी की चादर बिछ गई। सबसे ज्यादा नुकसान सांगरी को पहुंचाया है। वहीं किसानों ने टिड्‌डी उड़ाने के लिए बर्तनों से आवाज भी की। इन दिनों में खेतों में फसलें नहीं हैं इसलिए नुकसान की कम संभावना है। लेकिन चारे को लेकर डर है। कपास फसल बुवाई का भी समय है। टिड्‌डी जिले मेंकपास को भी नुुकसान पहुंचा सकती है। इस बार सांगरी महंगी ही है, अब और महंगी होगी। वहीं एक टिड्‌डी का दल मूंडवा क्षेत्र में शाम को देखा गया तो दूसरा दल रूण क्षेत्र में था। देर रात रुपासर के पास ट्रेक कर शनिवार सुबह चार से सात बजे तक स्प्रे किया गया।

रूपासर के पास कृषि अधिकारियों ने किया ट्रेस, आज तड़के चार बजे स्प्रे शुरू

कृषि विभाग खंड सीकर के संयुक्त निदेशक प्रमोद कुमार ने भास्कर से विशेष बातचीत में बताया कि नागौर में टिड्डी दल को प्रवेश करने के लिए हिंदी महासागर पार करते हुए पाकिस्तान होकर आना पड़ता है। ऐसा प्राकृतिक चक्र के चलते होता है। टिड्‌डी को नागौर पहुंचने के लिए 300 किमी से भी अधिक दूरी का सफर तय करना पड़ता है। टिड्‌डी दल भोजन की तलाश में समुद्र पार तक की उड़ाने भरते हैं। प्रजनन काल में टिड्‌डी पलायन करती है। यह जीव हर प्रकार की वनस्पति व हरे पौधों को खा जाता है तथा समस्त हरी वनस्पति को नष्ट कर देता है। एक वर्ग किमी में लगभग आठ करोड़ टिड्‌डी साथ चलती है तथा एक बार में 10 हाथी, 25 ऊंट व 2500 लोगों जितना भोजन नष्ट कर देती है। संयुक्त निदेशक ने बताया कि नागौर में टिड्‌डी दल की सूचना मिलते ही विभाग की टीम को सक्रिय कर दिया है। टीम दल को ट्रेक कर रही है। टिड्‌डी को समाप्त करने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करवाया जाएगा।

टिड्‌डी की सूचना इन नंबरों पर दे

जिला परिषद कार्यालय- 01582 240859, कृषि विभाग मेड़ता सिटी 01590 220380, कृषि विभाग कुचामनसिटी 01586 220800, टिड्‌डी मंडल नागौर 01582 245831 पर फोन करके सूचना दी जा सकती है।
खेजड़ियों का लूंग चट कर रही

कृषि उपनिदेशक हरजीराम चाैधरी ने बताया कि किसानाें काे बड़ा नुकसान नहीं हुआ। टिड्डी बिना छंगाई खेताें में खेजड़ियाें के लूंग खाकर चट कर रही है। इससे निपटने के लिए स्प्रे का छिड़काव करेंगे।

सांसद व विधायक ने सरकार काे करवाया अवगत

सांसद हनुमान बेनीवाल ने टिड्डी दल के आने के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चाैधरी व कलेक्टर काे फाेन पर नियंत्रण के लिए अवगत करवाया। विधायक नारायण बेनीवाल ने सीएम व कृ‌‌षि मंत्री काे काे ट्वीट किया तथा पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा, सवाईसिंह चौधरी ने भी टिड्‌डी नष्ट करने के लिए प्रशासन को अवगत करवाया। वहीं सहायक निदेशक मेड़ता सिटी अणदाराम चौधरी, रामप्रकाश बेड़ा, कृषि पर्यवेक्षक गोविंदराम मुंडेल, रामकिशोर जीतरवाल देर रात तक टिड्‌डी के ट्रेकिंग करने में लगे हुए थे।

नागाैर में इस साल तीसरी बार पहुंची टिड्डी

नागाैर में इस साल जनवरी माह में बीकानेर से सटे गांवाें में टिड्डी के दाे अलग-अलग दल पहुंचे थे। दवाअाें का छिड़काव कर टिड्डी काे मार दिया गया। जिले में इस साल तीसरी बार टिड्डी पहुंची है। जनवरी में एक ही सप्ताह में दो बार टिड्‌डी आई थी। वहीं खींवसर क्षेत्र में सात माह में दूसरी बार टिड्‌डी दल पहुंचा है। वहीं देर शाम तीसरा दल पोकरण में होने की सूचना भी मिली। चारणीसरा व गलनी में टिड्डी दल अक्टूबर-2019 में आया था। उस समय नुकसान का जायजा लेने माैके पर सांसद बेनीवाल पहुंचे थे।



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3 times in 4 months, grasshopper party, came from 300 km distance, damaged for Sangri and cotton




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जयपुर में ओवररेट पर 3 शराब दुकानों पर कार्रवाई, अब बिल देना जरूरी

शराब दुकानाें पर ओवर रेट वसूली राेकने के लिए उपभाेक्ता के मांगने पर बिल देना जरूरी कर दिया है। इसके अलावा लाइसेंसधारी शराब विक्रेता काे दुकान के बाहर नई रेट लिस्ट चप्पा करना भी जरूरी हाेगा ताकि कीमताें काे लेकर काेई कन्फ्यूजन नहीं है। 4 मई से शराब दुकान खुलने के साथ ही डिमांड बढ़ गई औैर दुकानाें के बाहर लम्बी-लम्बी लाइनें लगी नजर आई। राजधानी में फिलहाल 404 देशी-अंग्रेजी शराब की दुकानाें में से 228 ही खुली हुई है औैर राेजाना 3 से 4 कराेड़ रुपए की शराब बिक रही है। जिला आबकारी अधिकारी सुनील भाटी ने बताया ओवर रेट पर तीन दुकानाें पर कार्रवाई भी है। सभी ठेकेदाराें काे नई रेट लिस्ट चस्पा करने के साथ ही बिल देने के निर्देश दिए है। अगले हफ्ते से बिलिंग सिस्टम शुरू हाे जाएगा।
लाइसेंस फीस में राहत मांगा
राजस्थान लिकर वेलफेयर साेसायटी के अध्यक्ष नीलेश मेवाडा ने कहा डिपाे से माल कम मिल रहा है। इसका असर बिक्री पर पड़ रहा है। डेढ़ महीने तक दुकानें बंद रहने से ठेकेदाराें काे नुकसान हुअा है इसके लिए सरकार अंग्रेजी दुकानाें की लाइसेंस फीस में राहत दें।
नई-पुरानी रेट पर कन्फ्यूजन
नई आबकारी नीति के तहत शराब कीमताें में बढ़ाेत्तरी हुई है। लेकिन शराब की बाेतल पर पुरानी रेट की लिखी हुई है। इसके अलावा कई जगह दुकानदार नई रेट लिस्ट चस्पा नहीं कर ग्राहकाें से अधिक कीमत वसूल रहे है। वहीं कई जगह राउंड फिगर रेट काे लेकर भी कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है।



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दोपहर में 430 तक पहुंचा तापमान, रात में 30 डिग्री

शहर में 2 दिन पहले हुई बारिश भी तापमान को थाम नहीं पाई है। तेज धूप की वजह से गुरुवार को जहां पारा 42 डिग्री था वहीं शुक्रवार को 1 डिग्री बढ़कर 43 डिग्री पहुंच गया है। जो इस सीजन का सर्वाधिक तापमान है। दोपहर के समय हालत यह थी कि धूप में 2 मिनट भी खड़े नहीं हो पा रहे थे। तेज गर्मी की वजह से लॉक डाउन में फायदा हुआ, क्योंकि लोगों की आवाजाही थम गई। तेज धूप के बाद दोपहर 3 बजे से बादलों की आवाजाही बढ गई जिससे तापमान एक डिग्री गिरकर 42 पर आया और शाम 6 बजे भी तापमान 41 डिग्री से नीचे नहीं उतरा। रात को भी तापामान न्यूनतम 30 डिग्री से कम नहीं हो रहा है। इससे पूर्व मई माह का पहला और दूसरा दिन सीजन का सबसे गर्म दिन रहा था। अब बारिश नहीं होने पर रात और दिन का तापमान और ज्यादा बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिन तक फिर से अंधड़ और बारिश की संभावना जताई है।



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Temperature reached 430 in the afternoon, 30 degrees at night




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अब तक कुल 4427 सैंपल लिए, 3710 की रिपोर्ट प्राप्त

काेराेना काल में अब तक कुल 4427 सैम्पल लिए जा चुके है। जबकि 3710 सैम्पल की रिपोर्ट प्राप्त हाे चुकी है। अब तक लिए गए कुल सैम्पल में से 3592 की रिपोर्ट नेगिटिव है और जिले में शुक्रवार को एक ही दिन में 379 नए सैम्पल लिए गए। वर्तमान में 717 सैम्पल की रिपोर्ट आना शेष है। जिले में कुल 118 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों में से 102 उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं, जिन्हें अस्पताल आइसोलेशन से संस्थागत क्वारेंटाइन में भेज दिया गया है। जेएलएन अस्पताल से शुक्रवार कोे 135, राजकीय बांगड़ अस्पताल, डीडवाना में 73, राजकीय जी.आर. सरावगी अस्पताल लाडनूं में 32, राजकीय अस्पताल कुचामन में 19, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मकराना में 50 तथा सीएचसी परबतसर में 42 सैम्पल लिए गए। राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मूंडवा में भी पहली बार शुक्रवार को 28 सैम्पल लिए गए। उल्लेखनीय है कि एक दिन के नवजात ने भी कोरोना को हरा दिया। उसकी अब रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।



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अब 30 सितंबर तक जमा हो सकेगा जीएसटी रिटर्न

वित्तीय वर्ष 2018-19 का वार्षिक जीएसटी रिटर्न व ऑडिट दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून से बढ़ा कर अब 30 सितंबर 2020 तक कर दी गई है।

उद्याेग और व्यवसाय के पक्ष में यह निर्णय लिया गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने 24 मार्च को या इससे पहले लिए गए ई-वे बिलाें, जिसकी वैद्यता अवधि 20 मार्च से 15 अप्रैल की बीच थी। उनकी वैद्यता अवधि को भी बढ़ा दिया है।

सीए जिम्मी माेदी ने बताया कि जीएसटी रिटर्न फाइलिंग और कर भुगतान की इलेक्ट्राेनिक वेरिफिकेशन काेड (इवीसी) से सत्यापित करने की अनुमति भी दे दी गई है। यह 30 जून तक के लिए दी गई है।



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चौमू में बाहर से आने वाले 934 व सांभर में 86 लोग होम क्वारैंटाइन

लॉकडाउन में फंसे लोगों को जहां अन्य जिलों व प्रदेशों में सरकार द्वारा भिजवाए जा रहा है। वहीं अन्य जिला व प्रदेशों से आने वाले लोगों को घरों में ही क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है। सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों को छूट देने के बाद अब तक सरकार चौमू उपखंड क्षेत्र में 148 लोगों को अन्य प्रदेशों से लेकर आई है। ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. एसके चौपड़ा ने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी भी सरकार व अन्य वाहनों से आने वाले करीब 934 लोगों को 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा गया है। जिनका अभी तक 14 दिन का क्वारेंटाइन का समय पूरा नहीं हुआ है। अब तक 3171 लोगों को क्वारेंटाइन में रखा जा चुका है।
सांभरलेक| सांभरलेक उपखंड में सरकार के माध्यम से अब 86 लोगों को सांभर उपखंड क्षेत्र में लाया जा चुका है। प्रशासन की ओर से एहतियात के तौर पर 86 लोगों को ही घरों में ही क्वारेंटाइन किया गया है।



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पांच दिन में समर्थन मूल्य पर काश्तकाराें से 31 लाख मूल्य के चना-सरसाें की खरीद

काश्तकारों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाने के उद्देश्य से क्रय विक्रय सहकारी समिति द्वारा शहर के महाराजा उम्मेदसिंह कृषि उपज मंडी में एक मई से शुरू हुए खरीद केन्द्र पर पिछले पांच दिनाें में 31 लाख रुपए कीमत के जिंसाें की खरीद हुई।
मंडी स्थित छाेटी दुकान नंबर 108 पर शुक्रवार काे 6 किसानाें से 134.5 क्विंटल चने व 2 किसानाें से 35 क्विंटल सरसाे की खरीद की गई। समिति व्यवस्थापक करणसिंह ने बताया कि गत 4 मई से शुरू हुए खरीद केंद्र पर शुक्रवार तक 11 किसानाें से कुल 270 क्विंटल चना की खरीद की गई, जिसका समर्थन मूल्य के हिसाब से कीमत 13 लाख 16 हजार 250 रुपए है। उन्हाेंने बताया कि समर्थन मूल्य पर कुल 17 किसानाें से 17 लाख 63 हजार 362 रुपए की 398.50 क्विंटल सरसाें की खरीदी हुई। वहीं सांडेराव जीएसएस उपकेन्द्र पर अब तक 3 किसानाें से 111.5 क्विंटल सरसाें की खरीद हुई।
अब तक 150 किसानाें ने करवाया पंजीयन

कोरोना के चलते खरीद केंद्र 1 अप्रैल की जगह 1 मई से शुरू हुआ है। जिसके तहत एक मई से ही पंजीयन की ऑनलान प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई, जिसमें अब तक करीब 150 काश्तकाराें ने समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। खरीद केंद्र से दूरभाष पर सम्पर्क कर सुविधा अनुसार किसानाें काे सामान बेचने के लिए बुलाया जा रहा है। इसके पीछे का उद्देश्य खरीद केंद्र में काश्तकारों की भीड़ ना पड़े।
समर्थन मूल्य में गत वर्ष की तुलना में हुई बढ़ोतरी
इस बार शुरू हो रहे खरीद केंद्र पर आने वाली उपज में 470 रुपए की समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीद केंद्र पर चना,गेहूं व सरसों की ही खरीद की जाएगी। जहां चना पर 4 हजार 875 रुपए प्रति क्विंटल व सरसों 4 हजार 425 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी। जबकि पूर्व में चना 4 हजार 620 व सरसों 4 हजार 200 रुपए प्रति क्विंटन समर्थन मूल्य पर खरीद की गई थी। ऐसे में इस बार काश्तकारों को चने पर 255 व सरसाे पर 220 रुपए का लाभ प्राप्त होगा।
ई-मित्र पर होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
खरीद केंद्र पर अपनी उपज को बेचने के लिए काश्तकार को ई मित्र द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर खरीद का टोकन प्राप्त करना होगा। काश्तकार सुबह 9 से शाम 6 बजे तक ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। इसके लिए काश्तकार को भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, गिरदावरी रिपोर्ट सहित काश्तकार को बायोमेट्रिक प्रणाली से खुद की उपस्थिति में अंगूठे का निशान देना होगा। इस बार काश्तकारों को खरीद केंद्र पर स्वंय आकर अपनी उपज का बेचान करना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद जारी की गई तारीख के सात दिन के अंदर ही उपज की तुलाई करवानी होगी। काश्तकार को बैंक खाता,आईएफसी कोड, बैंक का नाम व शाखा का सही विवरण पंजीकरण के समय देना होगा। काश्तकार को राजफैड द्वारा ऑनलाइन भुगतान सीधा ही किसान के बैंक खाते में किया जाएगा।



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Purchase of 31 lakhs worth of gram-mustard from tenure at support price in five days




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चौमू में रक्तदान कर मनाई पुण्यतिथि, 103 यूनिट ब्लड जमा

रक्तदान करना महादान है। यह बात सिमरन निवास निठार वालो की ढाणी नांगल पुरोहितान में युवा सामाजिक कार्यकर्ता स्वर्गीय राजीव निठारवाल की प्रथम पुण्यतिथि पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के मुख्य अतिथि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष में विधायक सतीश पूनिया ने कही।
रामपुरा डाबड़ी भाजपा मंडल अध्यक्ष पप्पू लाल सैनी ने कहा कि राजीव निठारवाल हमेशा रक्तदान शिविरों में अपनी भूमिका निभाते थे। चौमू विधायक रामलाल शर्मा, जीवन ज्योति मानवसेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह यादव, कार्यक्रम आयोजक रमेश निठारवाल, कमल निठारवाल, मोहनलाल प्रसाद, मुकेश निठारवाल, गोवर्धन निठारवाल, हुकम सिंह निठारवाल सहित आदि ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम आयोजक रमेश निठारवाल ने अतिथियों को सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पुष्पा देवी मेमोरियल ब्लड बैंक ,वडाला ब्लड बैंक के तत्वाधान में 103 यूनिट रक्तदान एकत्रित किया गया।



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भांग के पौधों की अवैध खेती करने वाले चार गिरफ्तार, 3 फरार, 6658 पौधे जब्त, भाबरु व सीतापुर में कार्रवाई

जयपुर ग्रामीण पुलिस ने भाबरु व सीतापुर में हैम्प (कनोविस सतिवा, भांग) के पौधों की अवैध खेती करने वालाें पर कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया। ग्रामीणों ने एसपी ग्रामीण के नाम सरपंच को सौंपे ज्ञापन में बताया कि किसान इन पौधों को खरपतवार समझ रहे थे व पौधे के नशीला होने से अनजान थे। पुलिस ने बताया कि हैम्प के पौधों की अवैध खेती की िशकायत मिल रही थी। एसपी ग्रामीण शंकरदत्त शर्मा ने अलग-अलग 7 पुलिस टीम गठित कर कार्रवाई कराईताे हैंप (कनोविस सतिवा, भांग) के 6658 पौधों को खेतों से उखाड़कर जब्त किया। पुलिस ने इस मामले में का रमेश मीणा, मुरारी लाल योगी, पुखरज मीणा निवासी भाबरु व मुरारी लाल यादव निवासी सीतापुर को गिरफ्तार कर लिया। फरार 3 किसानों की तलाश जारी है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से चारों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
इन पौधे से अनजान थे किसान
ग्रामीणों ने जयपुर ग्रामीण एसपी को ज्ञापन भेजकर मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की। बताया कि किसान अपनी जमीन की मेड़ में उगे हैम्प के पौधों को खरपतवार समझ रहे थे, जिन्हें कई बार नष्ट भी कर चुके है, लेकिन वह फिर से उग आता है। बताया कि गांव में इन पौधों की कोई भी खरीद फरोख्त नहीं करता है।
भाबरु|भांग के पौधों को उखाड़ती पुलिस।



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ठगाें ने खाताें से उड़ाए 1.83 लाख, पुलिस ने गेटवे का पता कर दिलाए 1.50 लाख रुपए

लाॅकडाउन में सायबर ठग खाताें पैसे उड़ाने के लिए सक्रिय हैं। फाेन पर परिचित बन लिंक भेजकर खाताें साफ कर रहे हैं। पुलिस भी मुस्तैदी से ठगी के प्रकरणाें से निपट रही है। कमिश्नरेट के चार थानाें में दर्ज सायबर ठगी के प्रकरणाें में पुलिस ने राशि रिफंड करवाई है। अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अशाेक गुप्ता ने बताया पेमेंट गेटवे का पता कर दाे दिन में 1.83 लाख मेंसे 1.50 लाख रुपए रिफंड करवाए।

पहला मामला: जगदीश प्रसाद को फाेन पर ठगों ने खुद काे परिचित बताते हुए खाते में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने का लिंक भेजा। क्लिक करते पीड़ित और उसके बेटे के खाते से 99 हजार रुपए निकल गए।
दूसरा मामला : बरकत नगर निवासी त्रिलाेक चन्द्र के दाे खाताें से 40 हजार निकाल लिए। इधर, सेज थाना में संजय शर्मा के माेबाइल पर लिंक भेज 13 हजार रुपए उड़ा लिए।
फेसबुक आईडी हैक 20 हजार रुपए ठगे : इस तरह एक व्यक्ति की फेसबुक आईडी हैक कर रुपए मांगे। इस पर पीड़ित ने 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित के दाेस्त ने सायबर थाने में मामला दर्ज करवाया।



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शाहपुरा से दूसरे दिन भी रोडवेज की 3 बसों से 108 श्रमिक यूपी रवाना

शहर के श्रीकल्याणसिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर से दूसरे दिन शुक्रवार को भी प्रशासन ने डेढ़ माह से घर वापसी का ब्रेसबी से इंतजार कर रहे उत्तरप्रदेश के 108 मजदूरों को रवाना किया। सहायक कलेक्टर सुनील शर्मा ने बताया कि उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों के 108 श्रमिकों ने अपने घर जाने के लिए ईमित्र पर ऑनलाइन पंजीयन करवाया गया था। जिला कलेक्टर से अनुमति मिलने के बाद उपखंड क्षेत्र में अलग- अलग स्थानों पर रह रहे इन श्रमिकों को श्रीकल्याणसिंह राउमावि में एकत्र किया गया। यहां पर सभी की चिकित्सा टीम से स्क्रीनिंग एवं जांच की गई। जांच सही पाए जाने पर श्रमिकों को शाहपुरा यूनिट की तीन रोडवेज बसों में बैठाकर रवाना किया गया। श्रमिकों को खाने के पैकेट तथा भामाशाह पुनीत अग्रवाल व साहिल साैंपा जाएगा। गिरदावर मदनलाल मीणा, पटवारी कालूराम जाट, सहायक प्रोग्रामर सुनील मीणा, रोडवेज यूनिट के भवानी सिंह, रोडवेज चालक कैलाश चौधरी, रामचंद्र स्वामी, दिनेश चौधरी, परिचालक प्रकाश जाट, हरफूल जाट, संजय शर्मा मौजूद रहे। लॉकडाउन से मजदूरी नहीं मिलने से परेशान श्रमिकों में खुशी का माहौल नजर आया।
मजदूरों की घर वापसी के लिए बसाें से भेजा
जमवारामगढ़| एसडीएम विश्वामित्र मीणा व नारायण मीणा ने शुक्रवार को बस को हरी झंडी दिखाकर ईंट भट्ठा मजदूरों को उनके गांव बरेली व पीलीभीत उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया। उन्होंने मजदूरों को गांव भेजने की शुरुआत जीबीसी ईंट भट्टा लांगडियावास से की। रोडवेज बसों से प्रशासन ने दिनभर में 700 मजदूरों को घर भेजने का काम किया।



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108 workers from UP Road in 3 buses from Shahpura left for UP




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जयपुर में अप्रैल में सिर्फ एक कार चोरी हुई; बड़े अपराधों में भी 80% तक गिरावट, सड़क दुर्घटनाओं में 39% तक की कमी

लॉकडाउन एवं कफ्रयू के चलते जयपुर कमिश्नरेट में अपराधों के मामलों में भारी कमी दर्ज की गई है। जयपुर की ओर से जारी अप्रैल के आंकड़ों के मुताबिक मार्च की तुलना में अपराध 79 प्रतिशत और पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 88 फीसदी तक अपराध घटे हैं। हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण एवं चोरी के मामले 80 फीसदी से भी कम सामने आए हैं। यहां तक कि अप्रैल महीने में सिर्फ एक चौपहिया वाहन चोरी गया जबकि मार्च महीने में 37 ऐसे वाहन चोरी हो गए थे।

पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार इस साल अप्रैल महीने में सिर्फ 307 एफआईआर पुलिस थानों में दर्ज की गई। जो मार्च की तुलना में 1185 यानी 79 फीसदी और पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 2316 यानी 88 प्रतिशत कम है। अप्रैल महीने में हत्या, हत्या के प्रयास एवं चौपहिया वाहन चोरी के तो सिर्फ एक-एक मामले ही दर्ज हुए है। लूट के तीन, अपहरण के सात, दुष्कर्म के 10 एवं नकबजनी के दस मामले पुलिस थानों में आए हैं। चोरी के 86 मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें 45 दुपहिया चोरी, 40 अन्य चोरी एवं एक मामला चौपहिया वाहन चोरी से संबंधित है। आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत 171 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं।

महिला अपराध कम तो शराब तस्करी बढ़ी
महिला अत्याचाराें में 70 प्रतिशत कमी हुई है। पिछले अप्रेल में 2926 मामले दर्ज थे वहीं इस साल अप्रैल 879 मामले आए। अप्रैल में अपहरण के 123 मामले सामने आए। प्रदेश में लाॅक डाउन के कारण अवैध शराब के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। अप्रेल में 2210 मामले दर्ज किए गए। मादक पदार्थ तस्करी में भी 166 मामले दर्ज किए ।

दुर्घटनाओं में 39% तक की कमी आई
सड़क दुर्घटनाओं में पिछले अप्रैल की तुलना में इस साल 39% की कमी आई। हादसों में मरने वालों की संख्या में 22 प्रतिशत एवं घायलों की संख्या में 37% कमी आई है। अप्रैल तक 1118 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं। 249 लोगों की मौत और 926 लोग घायल हुए थे। अप्रैल तक 685 दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें 194 मौत और 582 लोग घायल हुए। वेस्ट में 73, ईस्ट में 58, साउथ में 47 और सबसे कम नॉर्थ में 16 मौत हुई है।
एडिशनल कमिश्नर अशोक गुप्ता ने बताया लॉक डाउन के कारण अपराधों एवं दुर्घटनाओं में कमी आई है। पुलिस चौकसी की वजह से वाहन चोरी जैसी घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई है।



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एडिशनल कमिश्नर अशोक गुप्ता ने बताया लॉक डाउन के कारण अपराधों एवं दुर्घटनाओं में कमी आई है। पुलिस चौकसी की वजह से वाहन चोरी जैसी घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई है।




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जयपुर में एक ही दिन में 9 सब्जीवाले, 3 दुकानदार पॉजिटिव, अब तक 33 संक्रमित मिल चुके; 580 सैंपल की रिपोर्ट आज आएगी

जैसे-जैसे सुपर स्प्रेडर्स की सैंपलिंग बढ़ती जा रही है, उनके कोरोना पॉजिटिव मिलने की संख्या भी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार काे भी 12 सुपर स्प्रेडर पाॅजिटिव पाए गए हैं। इनमें 9 सब्जी विक्रेता व 3 दुकानदार शाामिल हैं। इनके संपर्क में आने वाले 80 लाेगाें काे क्वारैंटाइन किया गया है। गुरुवार काे विद्याधर नगर, भट्टा बस्ती, रेलवे कॉलोनी, शास्त्री नगर, मुरलीपुरा, फिल्म कॉलोनी, चांदपोल गेट के पास, रामगंज और आदर्श नगर में 1007 रैंडम सैंपल लिए गए थे।

इन्हीं की रिपोर्ट शुक्रवार को आई। यही नहीं कोरोना जांच किए बिना ही नगर निगम ने शहरभर में ठेला संलाचकों को 900 पास आंवटित कर दिए। पासधारकों को अनुमति पत्र के साथ पीली टोपी भी दी गई है। बड़ा सवाल यह है कि क्या सभी पास आंवटियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया?सुपर स्प्रेडर्स के 8 दिन में 3937 रैंडम सैम्पल लिए गए। अब तक 33 पाॅजिटिव पाए गए हैं। इनमें इनमें 23 सब्जी वाले व 10 दुकानदार हैं। करीब 350 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया।

शहर में 10 जगह से 580 सैंपल लिए
शुक्रवार काे 10 स्थानाें- विद्याधर नगर में 36, भट्टा बस्ती में 52, शास्त्री नगर में125, ढहर का बालाजी व मुरलीपुरा में 60, आदर्श नगर, राजापार्क, तिलक नगर, गलता गेट व रामगंज में 202, जवाहर नगर में 8, सिविल लाइंस व सोढ़ाला में 24, स्वेज फार्म व नंदपुरी में 17, आमेर क्षेत्र में 56 रेंडम सैंपल लिए गए।



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(प्रतीकात्मक तस्वीर) शुक्रवार को जयपुर में 10 जगह से 580 सैंपल लिए गए।




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प्रदेश में 3 हजार करोड़ से ज्यादा के निर्माण कार्य होंगे शुरू, मंत्री ताम्रध्वज साहू ने  काम में तेजी लाने के निर्देश दिए

छत्तीसगढ़ में 3022 करोड़ रूपए की लागत के 857 निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होंगे। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने शनिवार को रायपुर स्थित अपने आवास में एक बैठक ली। राज्य में सड़क, भवन, पुल-पुलिया, अंडरब्रीज-ओव्हर ब्रीज, राष्ट्रीय राजमार्ग और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों के टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करते हुए काम शुरू करवाने के निर्देश दिए। मंत्री ने बताया कि सड़कों और पुलों के मेंटनेंस के लिए निर्धारित अवधि 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दी गई है। उन्होंने विभागीय जांच समिति बनाकर निर्माण कार्यों की जांच कराने के भी निर्देश दिए।

इन कामों को लिए बड़े पैमाने पर अगले दो महीने में निविदा आमंत्रित की जायेगी। रायपुर जिले के चंदेरी से खौली तक, दुर्ग जिले के पुलगाव नाका से अंजोरा तक फोरलेन सड़क निर्माण, जिला दुर्ग के बसनी कन्हारपुरी तुमाकला बोरी पर 15 कि.मी की सड़क, बोरसी हनोदा कोकडी पाउवारा सड़क, तरीघाट कोही रानीतराई , उतई पाउवारा जंजगिरी, अंडा , छुईखदान में सड़कें बनेंगी। सभी कामों की हर अपडेट अधिकारी मंत्री को देंगे। यह तय किया गया है कि आने वाले दिनों में एक और समीक्षा बैठक के जरिए मॉनिटरिंग की जाएगी।



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यह तस्वीर शनिवार को आयोजित बैठक के दौरान ली गई, मंत्री व अधिाकारियों ने कुछ निर्माण कार्यों को मंजूरी भी दी।




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श्रमिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 3 से बढ़ाकर 7 किए गए; झारखंड के लोगों की वापसी 3 मई को

लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए लोगों के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबराें की संख्या बढ़ा दी है। इसे 3 से बढ़ाकर 7 कर दिया गया है। इन नंबरों पर छत्तीसगढ़ में आने और यहां से अपने प्रदेश को जाने वाले दोनों लोग संपर्क कर सकते हैं। यह नंबर सभी राज्यों के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। इन नंबरों पर घर वापसी के साथ ही कोई और जरूरत पड़ने पर संपर्क कर सकेंगे।


श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर के अलावा छत्तीसगढ़ आने वाले व्यक्ति या उनके रिश्तेदार संबंधित जिले के प्रशासन से भी संपर्क कर सकते हैं। कलेक्टर कार्यालय में श्रमिकों या व्यक्तियों का पूरा नाम, पता, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की लिखित जानकारी के साथ आवेदन देना होगा। अनुमति प्राप्त होने पर, वे आ सकेंगे। हालांकि हॉट स्पॉट वाले जिलों से आने की अनुमति नहीं होगी।


इन हेल्पलाइन नंबरों को किया गया है जारी

छत्तीसगढ़ स्टेट हेल्पलाइन नंबर
0771-2443809
91098-49992

75878-21800

75878-22800
96858-50444
91092-83986
88277-73986
राज्य का नाम हेल्पलाइन नंबर
उत्तर प्रदेश 75878-21800,96858-50444
दिल्ली और हरियाणा 74772-13986
बिहार 88199-53807
पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी राज्य 83494-68006


रायपुर में फंसे लोगों की बस से होगी झारखंड वापसी
रायपुर में फंसे झारखंड के श्रमिकों, यात्रियों और नागरिकों की बस से वापसी होगी। इसके लिए 3 मई को झारखंड से बस व अन्य वाहन पहुंचेंगे। यह बसें व वाहन राधस्वामी सत्संग व्यास, ऑफिसर्स कॉलोनी के पास, कृषि महाविद्यालय, धरमपुरा से मिलेंगे। इस संबंध में रायपुर के नोडल अधिकारी चंद्रवंशी (7987774020), झारखंड के नोडल अधिकारी नितांत कुमार सिंह (9472749978) और कुमार कौशमभ (7250818520) से संपर्क कर सकते हैं।



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लाॅकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में फंसे लोगों व श्रमिकों के लिए राज्य सरकार ने टोल फ्री नंबर जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही झारखंड जाने वालों के लिए बस व अन्य वाहन 3 मई को उपलब्ध कराए जाएंगे। (प्रतिकात्मक फोटो)




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3022 करोड़ के 857 काम मंजूर, मेंटेनेंस अब पांच साल

प्रदेश में 3022 करोड़ की लागत के 857 काम को सरकार ने मंजूरी दे दी है। ये काम जल्द शुरू हो जाएंगे। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने शनिवार काे निवास कार्यालय में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में इनकी निविदा का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। पिछले दिनों सीएम भूपेश बघेल ने मंजूर किये गए निर्माण कार्यो-सड़क, भवन, पुल-पुलिया, अंडरब्रीज-ओव्हर ब्रीज, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यो की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता तथा सभी निर्माण कार्यों में थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। मंत्री साहू ने बताया कि सड़कों-पुलों के एनुअल मेंटेनेंस कार्य की अवधि 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है। उन्होंने विभागीय जांच समिति बनाकर निर्माण कार्यों की आकस्मिक जांच कराने के भी निर्देश दिए। बैठक में ऐसे स्वीकृत कार्य जिनका निविदा आमंत्रित किया जाना है, उसकी संभागवार समीक्षा की गई। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, प्रमुख अभियंता विजय कुमार भतपहरी एवं सभी मुख्य अभियंता उपस्थित थे।



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राजिम शहर के पास पहुंचे 23 हाथी

कोरोना वायरस के भय के बीच अब राजिम क्षेत्र के गांवों में हाथियों की दहशत भी पहुंच गई है। सुबह 6 बजे हाथी राजिम से 6 किमी दूर बकली में घुसते देखे गए और राजिम से 10 किमी दूर महानदी की धार में बहुत देर तक ( शाम 5 बजे तक) रहने के बाद शाम करीब 7 बजे नदी किनारे बांस के पेड़ों के पास आराम कर रहे थे। हाथियों की संख्या 23 बताई गई है, जिनमें 6 शावक भी हैं। रेंजर एसएस तिवारी ने बताया कि वन व पुलिस के जवानों सहित 20 रेंजर एसएस तिवारी का अमला लगातार नदी किनारे डेरा डालकर निगरानी कर रहा है ताकि हाथी गांवों में न घुसें।
12 से अधिक ग्रामों पितईबंद, बकली, कोमा, रावंड़, परसदा जोशी, पोखरा, रकशा, बासीन, किरवई, धमनी, अरंड के ग्रामीण इन दिनों हाथियों के एक दल के पहुंच जाने के बाद रतजगा कर रहे हैं । 23 हाथियों का दल इन गांवों के आसपास घूम रहा है। शनिवार को हाथियों ने खेतों में बोई रबी फसल के धान को तहस-नहस कर दिया। शनिवार की शाम 5 बजे तक हाथियों का दल महानदी की पानी की धार में ही बैठा था। संभवतया हाथी गर्मी से परेशान हैं। ज्ञातव्य हो कि गत वर्ष भी अप्रैल में चरभट्टी, बेलर, बहरापाल, बोरसी सहित दर्जनों ग्रामों में हाथियों के दल ने उत्पात मचाया था।
नदी किनारे रेंजर एसएस तिवारी अपनी टीम के साथ पहरा दे रहे हैं। उनके साथ पुलिस थाना राजिम से भी दल मौके पर तैनात है। दोनों टीम हाथियों को आगे भगाने की कोशिश कर रही है। बताया जाता है कि हाथियों का दल सिरपुर जंगल से घूमते हुए आरंग, बह्मनी, टीला होते हुए
रकशा जंगल पहुंचा है और यहां पर धान की खड़ी फसल को रौंदते हुए आगे बढ़ा है। शनिवार की सुबह राजिम क्षेत्र के ग्रामों टीला, रकशा, बासीन और अरंड, बकली से ग्राम दूतकैया, रावण होते हुए सुबह 8 बजे परसदा जोशी पहुंचा।



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23 elephants reached near Rajim city




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8 शिक्षकों ने बांटे 300 मास्क, राशन भी दिया

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए अभियान शुरू किया गया है। जरूरतमंदों के लिए राशन सामग्री एवं मास्क संकुल केंद्र फुसेरा के 8 शिक्षकों की टीम ने दिए। इसी काम को आगे बढ़ाते हुए दर्रा के पास के गांव परसट्ठीके 10 परिवार को एक सप्ताह का राशन दिया। इसके साथ ही साथ गांव के में जाकर 300 पीस मास्क बांटे।
शिक्षकों ने सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन एवं धारा 144 का पालन करते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण एवं उनसे बचाव के लिए सावधानियां बरतने, स्वच्छता व स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया गया। वहीं छोटे बच्चों, गर्भवती माताओं एवं बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने के लिए आग्रह किया गया। संकुल केंद्र फुसेरा के समन्वयक मनोज कुमार साहू, मनोज कुमार देवांगन, लोकनाथ साहू कन्हैयालाल गुरु, डेरहुराम साहू, श्री पोखराज ध्रुव, नागेश्वर प्रसाद, लक्ष्मी गायकवाड़ के इस समूह में नए सदस्य के रूप में कल्याण सिंह खर्रा ने 1501, हेमलाल साहू दर्रा ने 1001, संतोष देवांगन परसट्ठी ने 1001 व हामेश्वर साहू, तोषण साहू धूमा ने 1001 रुपए दिए।



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Harega Corona} The team of 8 teachers of Fusera is helping people, also tell the measures to avoid Corona




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पंजाब से हार्वेस्टर लेकर आए 13 लोग क्वारेंटाइन

जिले में ग्रीष्मकालीन फसल की कटाई शुरू हो गई है। अन्य प्रदेशों से हार्वेस्टर एवं मजदूर फसल कटाई के लिए धमतरी आ रहे है। शनिवार को हॉट-स्पॉट पंजाब और हरियाणा से 13 लोग हार्वेस्टर लेकर फसल काटने कुरूद पहुंचे। इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो सभी को तुरंत कुरूद के क्वारेंटाइन सेंटर पंचायत भवन ले जाकर 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया। अब समय अवधि पूरा होने के बाद ही इन्हें काम करने की छूट होगी।
आरडी किट से 246 लोगों की जांच, सभी निगेटिव : स्वास्थ्य विभाग को 563 नग आरडी किट मिली है। इसी से संदिग्धों की जांच कर तुरंत 20 से 25 मिनट में रिपोर्ट दे रहे है। बीते 3 दिन में 246 लोगों की जांच किया गया। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शनिवार को 8 संदिग्धों के सैंपल लेकर स्वास्थ्य विभाग के जांच के लिए रायपुर एम्स भेजे है। अब तक 268 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। पथर्रीडीह के क्वारेंटाइन सेंटर से 10 लोगों को छूटी देकर होम क्वारेंटाइन किया गया। वर्तमान में अब यहां 16 लोग स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं।
कलेक्टर ने अफसरों को दिए यह निर्देश
कलेक्टर रजत बंसल ने सीएमएमओ, धमतरी, कुरूद, नगरी के एसडीएम व उप संचालक कृषि को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिस गांव में हार्वेस्टर अथवा मजदूर अन्य प्रदेश से आते हैं, तो तत्काल ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं पटवारी संयुक्त रूप से एसडीएम एवं उप संचालक कृषि को सूचना दें। सीएमएचओ उस गांव में जाकर दूसरे प्रदेश से आने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। उन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया जाएगा। इसके बाद जांच होगी। कोरोना वायरस संक्रमण नहीं होने की स्थिति में ही उनसे फसल कटाई का काम कराया जा सकेगा।
हम जरा भी रिस्क नहीं उठाएंगेः सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे ने कहा कि अन्य प्रदेशों से आने वालों की हर हाल में स्वास्थ्य जांच किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग जरा भी रिस्क नहीं उठाएगी। पंजाब से शनिवार को 13 लोग हार्वेस्टर लेकर फसल काटने आए।



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32 हजार मजदूर बाहर फंसे, 18 सौ ने किया संपर्क

महासमुंद जिले के करीब 32 हजार मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए थे। इनमें से करीब 4 हजार मजदूर हाल-फिलहाल में वापस अपने गांव लौटे हैं, लेकिन अब भी 28 हजार मजदूर दीगर राज्यों में मौजूद हैं। इन मजदूरों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मजदूरों से संबंधित जानकारी सभी कलेक्टर से मांगी गई है। वहीं जिला प्रशासन के पास जो डाटा है, उसके अनुसार महासमुंद जिले से केवल 1800 मजदूर दीगर राज्यों में फंसे हुए हैं।
क्योंकि इतने ही लोगों ने अब तक वापसी के लिए उनसे संपर्क किया है। जिला श्रम अधिकारी डीके राजपूत ने बताया कि राज्य स्तरीय टोल फ्री नंबर और जिले के नंबर पर अब तक 1734 मजदूरों ने संपर्क कर फंसे होने की जानकारी दी है। हमारे पास रोजाना फोन आ रहे हैं, उसके अनुसार हम डाटा अपडेट कर रहे हैं। जिले से 32 हजार मजदूराें के बाहर होने संबंधी किसी तरह का डाटा हमारे पास नहीं है। कोई भी मजूदर यदि किसी राज्य में फंसा है तो वह या उनके परिजन राज्य स्तर पर 9109849992 और 0712443809 के साथ ही जिला स्तर पर 8839392840 पर संपर्क कर जानकारी दे सकता है।
महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू ने कुछ दिन पहले ही जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अन्य राज्यों में फंसे जिले के मजदूरों की जानकारी मांगी थी। इस पर सभी जनपद पंचायत अधिकारियों ने विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध कराई थी। उपलब्ध जानकारी के अनुसार जिलेभर से करीब 32788 मजदूर दीगर राज्यों में काम करने गए हुए हैं। उनमें से करीब 4 हजार वापस लौट चुके हैं। इस जानकारी के बाद सांसद ने कलेक्टर को पत्र लिखकर वापस लौटने वाले मजदूरों को रखने और उनके जांच संबंधी तैयारी की जानकारी लेने भी पत्र लिखा था।
जिले की सीमा में ही करेंगे स्वास्थ्य परीक्षण

इधर, मजदूरों के वापस लौटने के पश्चात उनके स्वास्थ्य परीक्षण और उन्हें 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन करने के संबंध में कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बताया कि अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों का राज्य की सीमा में प्रवेश के समय ही स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद उन्हें 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। हमारे पास 135 आश्रम और छात्रावास हैं। इसके अलावा शासकीय स्कूल और अन्य भवनों में उन्हें क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह ओडिशा की सीमा से छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने वाले अन्य जिलों के मजदूरों का सीमा में ही स्वास्थ्य जांच उपरांत बसों से उनके निवास के लिए भेज दिया जाएगा।



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राउतपारा के लोग 35 साल से पी रहे कुएं का गंदा पानी

ग्राम नेवारखेड़ा के राउतपारा के ग्रामीण 35 साल से कुएं के पानी पर ही निर्भर है। ग्रामीणों ने कई बार पारा में हैंडपंप खनन की मांग की गई, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल पाया। इसके चलते आज भी ग्रामीण कुएं का प्रदूषित पानी पीने मजबूर हैं।
नेवारखेड़ा राउतपारा के ग्रामीण अशोक यादव, संतु यादव, नारायण यादव ने बताया हमारे पारावासी लगभग 35 साल से कुएं का पानी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने कहा पारा में एक ही कुआं होने के कारण खाने पीने के लिए ही उपयोग करते हैं। हम सभी पारावासी नहाने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर नदी में जाकर काम चला लेते हैं। मई-जून के महीने में कुआं जब पूरी तरह सूख जाता है, तो दूसरे मोहल्ले जाकर पानी लाना पड़ता है या फिर नदी में झरिया का बनाकर पानी लाते हैं। कभी-कभार कुएं एवं झरिया का पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त की चपेट में भी ग्रामीण आ चुके हैं। इस संबंध में हम पारावासी पंचायत एवं संबंधित विभाग जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन आश्वासन ही मिलता है।



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The people of Rautpara have been drinking dirty water for 35 years




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डेढ़ लाख घरों में पहुंचाना था पानी, साल भर बाद सिर्फ 35 हजार कनेक्शन लगाए

बस्तर जिले में इस साल फिर से जलसंकट गहराने के आसार नजर आ रहे हैं। इधर जिले में नल-जल योजना को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। पिछले साल मंजूर योजना में ग्रामीण इलाकों में डेढ़ लाख से ज्यादा घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाया जाना था, लेकिन इस साल 30 अप्रैल तक की स्थिति में 35 हजार घरों तक ही पानी पहुंचाया जा सका। अब भी तकरीबन 77 प्रतिशत काम बाकी है। इसे लेकर कोई भी पहल नहीं की जा सकी है।
काम पूरा न होने पर विभाग के अफसर लॉकडाउन का हवाला दे रहे हैं। बस्तर जिले में सबसे ज्यादा बस्तर ब्लॉक में योजना पहुंचाई जानी थी, जिसमें करीब 24 फीसदी काम ही हो पाया है। इसके अलावा जगदलपुर ब्लॉक में ही तकरीबन 43 प्रतिशतकाम हो पाया है। बाकी ब्लॉकों में काम शुरू करने के बाद ही बंद कर दिया गया।
1.5 लाख में से 1.15 लाख घरों में कनेक्शन लगाना बाकी, बकावंड में काम सबसे धीमा

बस्तर जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में कुल करीब डेढ़ लाख घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाया जाना था। इसमें से अब तक लगभग 35 हजार कनेक्शन ही पहुंचाए जा सके हैं। वहीं अब भी 1.15 लाख कनेक्शन बाकी हैं। इनमें से बस्तर ब्लॉक के 33024 कनेक्शनों में से 7961 घरों तक ही नल पहुंच पाया है। वहीं बकावंड ब्लॉक के 32321 में से 3615 घरों तक नल कनेक्शन दिया गया है। नल-जल योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाने के काम में बकावंड ब्लॉक सबसे पीछे है।

पहले लोकसभा चुनाव ने रोका काम अब लॉकडाउन ने: ईई

पीएचई ईई एसके पांडे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के कारण पिछले साल काम नहीं हो पाए। वहीं इसके बाद जब काम शुरू करने की बारी आई तो लॉकडाउन के कारण कम नहीं हो पाया। लॉकडाउन के खुलने के बाद काम शुरू करते हुए घरों तक पानी पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही इस साल के अंदर काम शत-प्रतिशत पूरा हो पाए, इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
अप्रैल से अक्टूबर तक पूरी तरह ठप रहा काम

बस्तर जिले में नल-जल योजना के तहत घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाने का काम अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक नहीं हो सका। जबकि नवंबर से काम शुरू हुआ, जिसमें से जगदलपुर और दरभा में काम ही नहीं हो पाए, लेकिन दूसरे ब्लॉकों में काम की रफ्तार काफी धीमी रही। इधर दिसंबर, फरवरी और मार्च में बास्तानार ब्लॉक में काम हुआ ही नहीं। इसके अलावा लोहंडीगुड़ा ब्लॉक में जनवरी, फरवरी, मार्च में और तोकापाल ब्लॉक में फरवरी, मार्च में काम को आगे बढ़ाया ही नहीं जा सका।

किस ब्लॉक में कितने कनेक्शनलगने थे और कितने लगाए गए
ब्लॉक लक्ष्य लगे काम बाकी
जगदलपुर 26890 11472 15418
बस्तर 33024 7961 25063
बकावंड 32321 3615 28706
तोकापाल 17724 2668 15056
दरभा 12806 3488 9318
लोहंडीगुड़ा 17318 4580 12738
बास्तानार 10419 1444 8975
योग 150502 35228 115274



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Water had to be delivered to one and a half lakh homes, after 35 years only 35 thousand connections were made




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50% यात्री ही सफर कर सकेंगे, 35 सीट की बस में बिलासपुर जा सकेंगी 15 सवारी

कोरोना संक्रमण के बीच 3 मई को लॉकडाउन को दूसरा चरण खत्म हो रहा है। सरकार ने लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाने की घोषणा कर दी है, लेकिन ग्रीन जोन वाले जिलों में अधिकांश पाबंदियों को हटा दिया गया है। कबीरधाम जिला भी ग्रीन जोन में है। यहां कोरोना के एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं। लॉकडाउन- 3 में जाे रियायत मिली है, उससे हमारा जिला भी अछूता नहीं रहेगा।
कबीरधाम में 50 फीसदी सवारी के साथ कल यानि 4 मई से बसों के संचालन की छूट दी गई है। लेकिन इस छूट से बस ऑपरेटर्स ज्यादा खुश नहीं हैं। बस ऑपरेटर करन बंजारे बताते हैं कि अगर 35 सीटर बस में 15 सवारी बैठकर बिलासपुर जाते हैं तो घाटा ही होगा। हम 17 मई तक का इंतजार करेंगे। इधर अपर कलेक्टर जेके ध्रुव ने बताया कि लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ गई है। शासन के गाइडलाइन के अनुसार जो सेवाएं संचालित होंगी उसका पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
जानिए, लॉकडाउन- 3 में शहर में क्या खुलेंगे और क्या बंद रहेंगे
ये सेवाएं चालू रहेंगी: गाइडलाइन के मुताबिक 50 फीसदी यात्रियों के साथ बसें चलेंगी। इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर व कारपेंटर सेवाएं, मोबाइल-लैपटॉप, स्टेशनरी और कपड़े दुकानें खुल सकेगी। सेलून, शराब, गुटखा, पानी, दूध, सब्जी, किराना की दुकानें खोल सकेंगे। लेकिन वहां एक बार में 5 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे और लोगों के बीच 6 फीट की दूरी बनाए रखनी हाेगी। शॉपिंग मॉल को छोड़कर सामान बेचने वाली सभी दुकानें खुली रहेंगी।
निगरानी नहीं, क्वारेंटाइन सेंटर भेजे मजदूरों के बीच मारपीट
दूसरे राज्यों से पैदल आ रहे मजदूरों को रोकने बोड़ला ब्लॉक के ग्राम पालक में स्कूल भवन को क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं। सेंटर में बालाघाट के 10-12 मजदूरों को क्वारेंटाइन किया गया है। निगरानी नहीं होने से शनिवार को क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि मारपीट तक हो गई। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। बताया जा रहा है कि मजदूरों का 14 दिन का क्वारेंटाइन अवधि खत्म हो चुका है। पंचायत से उन्हें अपने घर जाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन मजदूर लॉकडाउन तक यही रहने की जिद पर अड़े हैं।
बंद रहेंगे मंदिर-मस्जिद, शराब दुकानें खोलने की तैयारी
सहसपुर लोहारा| लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म हो रहा है। वहीं तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई तक रहेगा। इस दौरान भीड़ के मद्देनजर मंदिर और मस्जिद खोलने पर प्रतिबंध है, लेकिन शराब दुकानों को खोलने की तैयारी शुरु हो गई है। सहसपुर लोहारा में लॉकडाउन के बीच शनिवार को सरकारी शराब दुकान में भीड़ को रोकने के लिए बेरीकेड लगाने का कार्य शनिवार किया जा रहा था। इसे लेकर लोनिवि ने मजदूरों लगाए थे।
यह तर्क दे रहे: डीजल का खर्चा ही नहीं निकाल पाएंगे ऑपरेटर तो होगा नुकसान
कवर्धा.हमेशा भीड़ से भरा रहने वाला बस स्टैंड लॉकडाउन के चलते सूना नजर आ रहा है।
ये पाबंदी 17 मई तक लागू ही रहेंगी: स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग, कोचिंग इंस्टिट्यूट बंद ही रहेंगे। होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल बंद रहेंगे। हर तरह के राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक जारी रहेगी। धार्मिक स्थान भी बंद रहेंगे। धार्मिक मकसद से जमावड़ों पर रोक रहेगी।



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Only 50% passengers will be able to travel, 15 passengers will be able to go to Bilaspur in 35 seat bus




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केवल दो मरीजों ने किया 32 को संक्रमित, 7 जिलों में अब तक 45 पीड़ित

छत्तीसगढ़ में कोरोना के दो मरीजों ने 32 लोगों को संक्रमित कर दिया। प्रदेश के सात जिलों में कोरोना के 45 मरीज मिले हैं। इस हिसाब से प्रदेश के मरीज केवल दो संक्रमितों की देन है। बाकी आठ मरीज विदेश से लौटे थे। इनमें रायपुर से चार, भिलाई, कोरबा, राजनांदगांव व बिलासपुर के एक मरीज शामिल हैं। चार अन्य मरीजों में एक एम्स का नर्सिंग स्टाफ व रामनगर का 68 वर्षीय बुजुर्ग, बैकुंठपुर कोरिया में मिले झारखंड के दो मरीज शामिल हैं।
प्रदेश में कोरोना का पहला मरीज 18 मार्च को समता कॉलोनी में मिला था। लंदन से लौटी 23 वर्षीय युवती को एम्स की जांच में कोरोना की पुष्टि हुई थी। उसके सात दिन बाद 31 मार्च तक कुछ पांच मरीज मिले गए। जबकि 24 अप्रैल को रायपुर में छठवां मरीज एम्स का नर्सिंग स्टाफ मिला। कटघोरा में कोरोना का पहला मरीज 4 अप्रैल को मिला।
महाराष्ट्र कामठी का 16 वर्षीय बालक तब्लीगी जमात के लोगों से संपर्क में आने के बाद कटघोरा आया। उसी नाबालिग से संपर्क में आने वाले 26 लोगों संक्रमित हुए। ये 26 मरीज केवल 10 दिनों में सामने आए। यानी 14 अप्रैल तक कटघोरा में 27 मरीज मिले। सूरजपुर में 28 अप्रैल को गढ़वा झारखंड का एक मजदूर कोरोना से संक्रमित हुआ। ये मजदूर महाराष्ट्र से राजनांदगांव, कवर्धा होते हुए सूरजपुर पहुंचा था। वह क्वारेंटाइन सेंटर में था। उसके संपर्क में आने वाले दो मजदूर को अलावा पुलिस जवान, ग्राम सचिव व रसोईया संक्रमित हुआ। सूरजपुर में 28 अप्रैल को एक, 30 को दो व 1 मई को तीन मरीज मिले। वहीं 30 अप्रैल को ही बैकुंठपुर कोरिया में झारखंड के दो मजदूरों को कोराेना की पुष्टि हुई। उनकी जांच पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में हुई थी। वे माइग्रेशन सेंटर बैकुंठपुर में रह रहे थे। स्वाब का सैंपल देने के बाद झारखंड चले गए थे। मजदूरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क में आने चार संदिग्धों का सैंपल लिया गया। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई, इसलिए स्वास्थ्य विभाग दोनों मजदूरों के आंकड़ों को कुल मरीजों में शामिल नहीं कर रहा है। चंूकि दोनों की जांच आरटीपीसीआर किट से हुई है, इसलिए उनका केस कंफर्म है।
जिलों में मरीज
जिले मरीज
रायपुर 06
कोरबा 28
दुर्ग 01
राजनांदगांव 01
बिलासपुर 01
सूरजपुर 06
कोरिया 02
कुल 45

संपर्क में आने पर कर सकता है बीमार
कोरोना मरीजों के संपर्क में आने के बाद अगर पर्याप्त सावधानी नहीं बरती गई तो यह बीमार कर सकता है। कटघोरा से लेकर सूरजपुर में इसका प्रमाण भी है। एम्स का नर्सिंग स्टाफ भी बीमार हुआ क्योंकि वह आइसोलेटेड वार्ड में ड्यूटी करता था। वह भी कटघोरा के मरीजों के संपर्क में आने के कारण बीमार हुआ। नर्सिंग आॅफिसर की ड्यूटी 4 से 14 अप्रैल तक एम्स में थी। रामनगर के बुजुर्ग क्यों बीमार हुए? इस पर सस्पेंस बना हुआ है। दरअसल उसकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं थी। उनका बेटा जरूर जहां काम करता है, वहां के लोग दुबई से लौटे थे। विदेश से लौटे लोग वहां से वायरस लेकर आए थे।

"कटघोरा व सूरजपुर में दो लोगों ने बाकी लोगों को संक्रमित किया, यह जांच में प्रमाणित हो चुका। एक संक्रमित कई लोगाें को संक्रमित कर सकता है, अगर पर्याप्त सावधानी न बरती जाए। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मॉस्क लगाना, सैनिटाइजर व साबुन का उपयोग करना जरूरी है।"
डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी, कोरोना सेल



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Only two patients infected 32, 45 victims in 7 districts so far




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रायपुर में फंसे झारखंड के 3000 मजदूरों और लोगों की आज होगी वापसी

राजधानी में फंसे झारखंड के श्रमिकों, यात्रियों और लोगों की वापसी 3 मई को होगी। यहां फंसे झारखंड के लोगों की वापसी के लिए वहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार ने 150 से ज्यादा बसें रायपुर के लिए रवाना की है। इन सभी बसों को राधास्वामी सत्संग व्यास, ऑफिसर्स कॉलोनी के पास, कृषि महाविद्यालय के सामने धरमपुरा में एक-एक कर खड़ी की जाएंगी। इसकी जानकारी
झारखंड में यातायात विभाग के सचिव रवि कुमार ने रायपुर कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन को चिट्ठी लिखकर दी है।
जिले के नोडल अधिकारी एवं उपपंजीयक सहकारी समिति एनआरके चंद्रवंशी ने बताया कि झारखंड के श्रमिक, यात्री और नागरिक रविवार को निर्धारित स्थान में झारखंड जाने के लिए उपस्थित हो सकते हैं। प्रशासन के पास अभी झारखंड के करीब 2000 लोगों की सूची है जिन्हें लॉकडाउन के दौरान हर तरह की मदद दी गई थी। लेकिन वापसी की खबर फैलने के बाद माना जा रहा है 1000 से ज्यादा लोग और तय समय पर वहां पहुंचेंगे। इनके फोन आने भी शुरू हो गए हैं। रविवार को सुबह से ही इन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कागजी दस्तावेजों में समय लगने पर माना जा रहा है कि बसें दोपहर 3 बजे के बाद ही रवाना हो पाएंगी। इस संबंध में किसी भी तरह की जानकारी के लिए नोडल अफसर चंद्रवंशी के मोबाइल नंबर (7987774020), झारखंड के नोडल अधिकारी नितांत कुमार सिंह (9472749978) और कुमार कौशमभ (7250818520) से संपर्क किया जा सकता है। प्रशासन की ओर से झारखंड के लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसलिए जिला प्रशासन के अफसर भी वहां मौजूद रहेंगे। एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों को भेजा रहा है इसलिए इस काम की मॉनिटरिंग कलेक्टर खुद कर रहे हैं। उन्होंने अफसरों से कहा है कि वे हर समय की रिपोर्ट उन्हें देते रहे।

लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की वापसी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

श्रम विभाग ने लॉकडाउन में फंसे छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के श्रमिकों की घर वापसी और अन्य जरूरी सहायता के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए हैं। स्टेट हेल्पलाइन नंबरों के लगातार व्यस्तता को देखते हुए वर्तमान 03 हेल्पलाइन नंबर को बढ़ाकर 7 कर दी गई है जो कि 30 लाइनों के साथ संचालित होगी। यह सभी नंबर सभी राज्यों के लिए उपलब्ध रहेगी। ये हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। छत्तीसगढ़ वापसी के लिए ट्रेन की मांग की गई है, ट्रेन की अनुमति मिलने पर चलायी जाएगी। श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर के अलावा राज्य वापसी के लिये इच्छुक व्यक्ति अथवा उनके रिश्तेदार के द्वारा छत्तीसगढ़ के संबंधित जिले के कलेक्टर कार्यालय में श्रमिकों, व्यक्तियों के पूर्ण नाम, पता, मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड इत्यादि के विवरण लिखित आवेदन कर सकते हैं। अनुमति प्राप्त होने पर, वे आ सकेंगे। हॉटस्पाट जिलों को छोड़कर अन्य जिलों से अपने स्वयं के साधन, व्यय से छत्तीसगढ़ आने वाले व्यक्तियों द्वारा अपनी पूर्ण विवरण के साथ वर्तमान में जहां हैं, वहां के जिला कलेक्टर कार्यालय से अनुमति लेकर आ सकेंगे। स्टेट हेल्पलाइन नंबर : 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986, 88277-73986 ये जारी किए गए है।

हेल्पलाइन नंबर के काम नहीं करने की शिकायत
इधर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल रिसीव नहीं करने की शिकायतें भी आ रही हैं। अलग- अलग हिस्सों से लगातार लोग छत्तीसगढ़ वापसी के लिए संपर्क कर रहे हैं। महासमुंद के 40 मजदूर यूपी के अमेठी में फंसे हैं। मजदूर किरण बंजारे की मां की तबीयत खराब है। ठेकेदार ने पैसा नहीं दिया। इनकी शिकायत है कि राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर नहीं लग रहा है। ऐसे में ये अपनी बात कैसे पहुंचाएं?



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तस्वीर दुर्ग संभाग के मजदूरों की है जो इन दिनों लखनऊ के गोमतीनगर के विराजखंड में है।




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राजधानी समेत प्रदेशभर में दोपहर में तेज गर्मी, पारा 43 तक पहुंचा

लगभग चार दिन तक बादल-बौछारों की वजह से रुकी गर्मी फिर बढ़ने लगी है। राजधानी समेत पूरा प्रदेश अब राजस्थान से आने वाली गर्म और सूखी हवा की चपेट में आ रहा है। राजधानी में रविवार को दोपहर का तापमान 42 डिग्री से कुछ कम रिकार्ड किया गया। दुर्ग प्रदेश में सबसे गर्म हुआऔर पारा 43 डिग्री के करीब पहुंच गया। हालांकि थोड़ी नमी है और गर्मी अचानक बढ़ गई है, इसलिए मौसम विज्ञानियों ने सोमवार को प्रदेश में कहीं-कहीं शाम या रात में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी के आसार जताए हैं।
मई का महीना प्रदेश में जोरदार गर्मी वाला माना जाता रहा है और गर्मी अब तेवहर भी दिखा रही है। प्रदेश में दिन में पश्चिम से गर्म हवा आ रही है। इसलिए रविवार को राज्य के ज्यादातर हिस्सों में दिनभर तेज गर्मी पड़ी।
दुर्ग में अधिकतम तापमान 42.8 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है। राजनांदगांव में तापमान 41.8 डिग्री रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। रायपुर में पारा 41.4 डिग्री रिकार्ड किया गया। यह सामान्य के बराबर है। सुबह से दिनभर हवा में नमी 50 से 70 फीसदी के आसपास रही है। यह कम होगी तो तापमान में और वृद्धि होगी।

नए सिस्टम से बौछारें भी लेकिन गर्मी कम नहीं होगी
इधर, मौसम विज्ञानियों के अनुसार उत्तर-पूर्व मध्यप्रदेश और उसके आसपास 1.5 किलोमीटर तक एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिण विदर्भ से दक्षिण तमिलनाडु तक लगभग एक किलोमीटर ऊंचाई तक एक द्रोणिका है। एक द्रोणिका हरियाणा से दक्षिण- पश्चिम बंगाल तक बनी हुई है। इसलिए 4 मई को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश के एक-दो जगह तेज हवा और बिजली गिरने की संभावना है। रायपुर में दिन का तापमान 41 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।



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दुकानें 3 बजे तक खुलेंगी, बस-ऑटो नहीं चलेंगे, टैक्सी के लिए लेनी हाेगी अनुमति

लॉकडाउन 3.0 के तहत अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग छूट दी गई है। धमतरी ग्रीन जोन में है। इसी कारण यहां भी छूट बढ़ाई गई है। अब शहर की राशन दुकानें सुबह 7 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक खुली रहेंगी। लोग आसानी से सामान खरीदी कर सकेंगे। हालांकि केेंद्र सरकार की ओर से इस लॉकडाउन में दी गई यात्री बस, टैक्सी, व अन्य परिवहन की सुविधा फिलहाल जिले के लोगों को नहीं मिलेगी।
लॉकडाउन शुरू होने के बाद से दुकानों को खोलने का समय सुबह 7 बजे से दोपहर एक बजे तक था। कलेक्टर रजत बंसल ने इसमें आंशिक संशोधन किया है। अब यह दुकानें दोपहर 3 बजे तक खुली रहेंगी। इसी तरह मेडिकल दुकानें, उचित मूल्य की दुकान, गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप पूर्व निर्धारित समय अनुसार ही खुले रह सकेंगे।
विशेष परिस्थितियों में ही जाने की इजाजत
आरटीओने राज्य सरकार के निर्णय के मुताबिक स्थानीय स्तर पर आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने देश सहित छत्तीसगढ़ राज्य में 4 मई से दो सप्ताह की अवधि तक लाॅकडाउन घोषित किया है। इसके मद्देनजर लोकहित में अंतरराज्यीय और छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित होने वाली सभी प्रकार की सार्वजनिक परिवहन यान, यात्री बस, सिटी बस, टैक्सी, अॉटो, ई-रिक्शा आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। विशेष एवं आपातकालिक परिस्थितियों में राज्य के भीतर एवं बाहर आवागमन के लिए सार्वजनिक परिवहन यानों के संचालन के लिए राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार अनुमति आवश्यक होगी।
बाहर फंसे लोग वापसी के लिए कराएं पंजीयन
अन्य जिलों अथवा प्रदेशों में फंसे लोगों को वापस लाने प्रयास किए जा रहे हैं। धमतरी जिले के निवासी ऐसे व्यक्ति जो अन्य जिले अथवा राज्यों के ऐसे स्थान जहां हाॅटस्पाॅट नहीं हैं, वहां फंसे हैं तो वहां से आने अथवा धमतरी जिले से अन्य जिलों में वापस जाने के इच्छुक व्यक्ति वेबसाइट http://cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistra
tionService.aspx पर पंजीयन करा सकते हैं। साथ ही जिला कार्यालय कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 07722-232249 अथवा जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष के वाट्सएप नंबर 93012-53594 पर संपर्क किया जा सकता है। नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर जितेन्द्र कुमार कुर्रे के मोबाइल नंबर 94063-52551, सहायक नोडल अधिकारी अर्पिता पाठक मोबाइल नंबर 81037-99568 पर संपर्क कर सकते हैं।

जिले के सभी होटल, बार 17 मई तक रहेंगे बंद

कलेक्टर ने आगामी 17 मई तक जिले के सभी एफ.एल- 3 होटल बार, एफएल. 4-क क्लब को बंद रखने के आदेश दिए हैं। शासन के निर्देश अनुसार कलेक्टर ने जिले की सभी देसी-विदेशी मदिरा दुकान एवं मद्य भंडारगार को सुबह 8 से दोपहर 3 बजे तक खुले रखने के निर्देश दिए हैं। कोरोना को रोकने के लिए शराब दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने के लिए निर्देशित किया है।



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रविवार के बाजार में खूब भीड़ रही। मास्क नहीं लगाए, न ही साेशल डिस्टेंसिंग का पालन किया।




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पेंड्रा में फंसे जिले के 35 बच्चे पहुंचे बस्तर, सभी क्वारेंटाइन

कोटा से बच्चों को लाने के बाद अब पेंड्रा जिले से संभाग के छात्रों की वापसी भी हो गई है। बताया जाता है कि बीते करीब एक महीने से पेंड्रा में फंसे बच्चे अपने घर लौटने की गुहार लेकर पेंड्रा-गौरेला-मरवाही के कलेक्टर से गुहार लगा रहे थे। इसी बीच शनिवार की दोपहर 12 बजे बस्तर संभाग के 4 जिलों के 35 बच्चों को जगदलपुर के लिए रवाना किया गया। वहां से रविवार की दोपहर पौने 3 बजे 700 किमी का सफर तय कर जगदलपुर पहुंचे। यहां उन्हें मेटगुड़ा स्थित अभिनंदन पार्क में 14 दिनों के क्वारेंटाइन पर रखा गया है। शनिवार को रात 12 बजे खाना खाने के बाद बच्चों को रविवार को शाम करीब 4 बजे खाना मिला।

पढ़ाई शुरू होने के इंतजार में वहीं रुके रहे
पेंड्रा में कृषि और नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे बीजापुर के रहने वाले संतोष मज्जी, चंचल पटेल, जगदलपुर के सतीश कुमार शोरी ने बताया कि मार्च के महीने में जहां छात्रावासों में रह रहे बच्चों को वापस भेजने या वहीं रहने के निर्देश दिए गए थे, तब वे पढ़ाई शुरू होने के इंतजार में वहीं मौजूद रहे। इसके बाद लॉकडाउन बढ़ता चला गया और वे वहीं फंसे रह गए। ऐसे में उन्होंने पेंड्रा कलेक्टर से संपर्क किया और उन्हें वापस भेजने की गुहार लगाई। करीब 3 से 4 बार उन्होंने मुलाकात की, जिसके बाद पेंड्रा में फंसे दूसरे राज्याें के बच्चों को भी साथ-साथ रवाना किया गया।



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जगदलपुर. क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए अभिनंदन पार्क में मौजूद पेंड्रा से लौटे बच्चे।




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बाइक डिवाइडर से टकराई, बच्ची समेत 3 की मौके पर मौत

भनपुरी रावांभाठा में सोमवार शाम 5 बजे सड़क हादसे में पति-पत्नी और उनकी 4 साल की बच्ची की मौत हो गई। युवक परिवार के साथ सांकरा से अपने घर माना भटगांव जाने के लिए निकला था। रावांभाठा के खाली सड़क पर बैलेंस बिगड़ा और बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। टक्कर के बाद बाइक में सवार पति-पत्नी और चार साल की बच्ची दूर फेंका गए। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। सड़क से गुजर रहे एक युवक ने पुलिस को घटना की सूचना दी। उसके बाद डायल-122 और खमतराई पुलिस पहुंची। पुलिस ने तीनों के शव अंबेडकर अस्पताल के मरचूरी भेजा। युवक के पास कोई आईडी नहीं थी। पुलिस ने उसके मोबाइल में सेव नंबर में कॉल किया। तब मृतक की पहचान हो पाई। उसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। देर रात मृतक के परिजन गांव से मरचूरी पहुंचे। पुलिस ने बताया कि हादसे के आधा घंटा पहले बारिश हुई थी। इससे सड़क भीगी थी। पुलिस को शक है कि पानी के कारण बाइक अनियंत्रित हुई होगी। इस वजह से बाइक से बैलेंस बिगड़ गया।
पुलिस अफसरों ने बताया कि माना भटगांव का आशीष नारंग (32) साल अपनी पत्नी झामीन नारंग अाैर 4 साल की बेटी मुस्कान के साथ धरसींवा सांकरा से माना भटगांव जाने के लिए बाइक से निकला था। शेष|पेज 5


लॉकडाउन में वह परिवार के साथ वहां गया था। शाम 5 बजे उसकी बाइक रावांभाठा के शेरे पंजाब ढाबा के पास अनियंत्रित हो गई। बाइक सीधे डिवाइडर से जा टकराई। तीनों के सिर पर गहरी चोट अाई। इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। शाम को सड़क पर ट्रैफिक बेहद कम था। इस वजह से तीनों के शव वहां कुछ देर पड़े रहे। पुलिस हादसा के कारण का पता लगाने में जुट गई है। आसपास लगे कैमरे की जांच की जा रही हैं। क्योंकि सड़क पर कहीं गड्ढा या ब्रेकर नहीं, जिससे बाइक अनियंत्रित हो सके। सड़क पर कोई मवेशी भी नहीं था।
मोबाइल नंबर से हुई पहचान
आशीष के जेब में पुलिस को एक मोबाइल मिला। उसमें दिए नंबर पर कॉल किए, तब तीनों की पहचान हो सकी। रात में परिजन अंबेडकर पहुंच गए। हादसे की सूचना मिलने पर गांव में मातम छा गया हैं। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। पुलिस ने मृतक की बाइक जब्त कर ली है।



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237.70 लाख की वसूली अटकी, पालिका की आर्थिक स्थिति कमजोर

नगर में साफ-सफाई, जल प्रदाय, बिजली आदि की व्यवस्था और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नगर पालिका प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन पालिका अपनी राजस्व अाय के लिए करों की वसूली में बहुत पीछे चल रही है। चुनावी वातावरण के कारण साल 2019 के आखिरी और साल 2020 के शुरुआती महीनों में राजस्व वसूली में शिथिलता रही, इसके बाद इस कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन की विषम परिस्थिति के चलते कर वसूली स्थगित है। इसके चलते 237.70 लाख की कर वसूली नहीं हो पाई है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 समाप्त हो चुका है। केवल इसी एक साल का पालिका को 290.35 लाख रुपए करों के रूप में वसूलने थे, जिसका 63.22 प्रतिशत यानी 183.57 लाख रुपए की ही वसूली हो पाई है। वहीं इस वित्तीय वर्ष के पूर्व का 177.55 लाख रुपए बकाया वसूलना था, जिसका मात्र 26.26 प्रतिशत यानी 46.63 लाख की ही वसूली हो पाई है। यदि दोनों को जोड़कर देखा जाए तो पालिका को कुल 467.90 लाख रुपए करों के रूप में वसूल करने थे, जिसमें मात्र 230.20 लाख रुपए यानी 49.20 प्रतिशत ही वसूल किया जा सका है। कर वसूली के लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी हासिल नहीं हो पाया है। साथ पिछले कई महीनों से पालिका की राजस्व आय प्रभावित है। ऐसे में पालिका की आर्थिक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर का कहना है कि पालिका की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सभी जरूरी कार्य के लिए सामान की खरीदी भी क्रेडिट में की जा रही है। चूंकि आम जनता के लिए भी हालात अभी कठिन हैं, शासन ने नगरीय निकायों में संपत्ति कर अदा करने की अंतिम तिथि 15 मई तक बढ़ा दी है। पालिका को वित्तीय वर्ष 2019-20 का 70.89 लाख संपत्ति कर वसूलना है। वहीं 57.11 लाख रुपए संपत्ति कर का पूर्व बकाया है। दोनों को मिलाकर पालिका को संपत्ति कर की मांग 128 लाख रुपए है। जबकि वसूली 40.62 प्रतिशत ही हो पाई है।

सबसे ज्यादा जल शुल्क की राशि बकाया
नगर पालिका को संपत्ति कर, समेकित कर, जल शुल्क, दुकानों के किराए व अन्य मदों से आय होती है। इसमें सबसे ज्यादा आय जल शुल्क से होती है और सबसे ज्यादा बकाया भी जल शुल्क का ही है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 110.50 लाख रुपए जल शुल्क होता है, वहीं पहले का 70.11 लाख रुपए का जल शुल्क बकाया है। यानी 180.61 लाख रुपए जल शुल्क की कुल मांग है। वसूली की स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा जल शुल्क वसूल किया गया है, फिर भी चालू वर्ष की मांग की 50.48 प्रतिशत ही वसूली हुई है।



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सीताफल कछार से कलेक्टोरेट के नजदीक पहुंचे 23 हाथी, टीम ने खदेड़ा, सालभर बाद हुआ ऐसा

सोमवार को शहर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब 23 हाथियाें के दल को कलेक्टोरेट परिसर से महज 500 मीटर दूर घूमते हुए देखा गया। हालांकि इस वक्त तक वन विभाग की टीम को हाथियों की लोकेशन मिल गई थी और पूरी टीम मौके पर पहुंच गई थी। इसके बाद हाथियों को खदेड़ा गया। हाथियों का पूरा दल शहर से निकलकर पतेरापाली बांध पहुंचा और शाम तक यहीं मौजूद रहा। यह दूसरा मौका है जब शहर में हाथियों का दल पहुंचा। सालभर पहले मई महीने में ही दो दंतैल ठीक इसी स्थान पर पहुंचे थे, जहां सोमवार को हाथियों का देखा गया।
रविवार की देर रात हाथियों का दल बम्हनी के सीताफल कछार से निकलकर चिंगरौद के करीब से होते हुए, लाफिन कला और खुर्द के बीच होते हुए सुबह करीब 4.30 बजे महासमुंद शहर के करीब पहुंचे। इसी दौरान एमई-4 चंदा हाथी का लेटेस्ट लाेकेशन वन विभाग को मिला, जो कलेक्टोरेट परिसर के ठीक पास था। यह देख विभागीय अफसरों के होश उड़ गए। टीम को अलर्ट किया गया। जिले के सबसे प्रशिक्षित हाथी मित्र दल के सदस्यों ने हाथियों को आगे खदेड़ा गया।

दल के आगे और पीछे दंतैल, 1 वृद्धा घायल
हाथियों के दल के आगे और पीछे दंतैल चल रहे थे। बीच में शेष हाथी और बच्चे शामिल थे। इसी बीच हाथियाें का दल पिटियाझर के पास पहुंचा था। वहीं पर सुभाष नगर निवासी कुमारी बाई खेत में काम रही थी। हाथियों को देख वो संभल पाती, उसके पहले ही दंतैल ने उसे सूंड से धक्का देकर उसे घायल कर दिया। कोतवाली प्रभारी राकेश खुंटेश्वर और उनकी टीम ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत सामान्य है।

14 मई 2019 को आए थे राम-बलराम
14 मई 2019 की सुबह भी कलेक्टोरेट परिसर से 300 मीटर की दूरी पर खेत में दो दंतैल को देखा गया था। ये दोनों दंतैल (राम-बलराम) ओडिशा से गरियाबंद जिले के लचकेरा होते हुए महासमुंद शहर पहुंच गए थे। सुबह 4 बजे लोगों ने हाथियों के चिंघाड़ने की आवास सुनी और इसकी सूचना वन विभाग को दी। मौके पर पहुंची टीम ने दिनभर हाथियों को खदेड़ने का प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे। देर रात दोनों दंतैल जिस रास्ते से आए थे, उसी रास्ते चले गए थे। ये दोनों दंतैल धमतरी, कांकेर होते हुए राजनांदगांव तक पहुंचे थे।



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23 elephants reached near collectorate from Sitaphal Cachar, team chased, it happened after a year




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सर्दी, सांस लेने में दिक्कत के बाद 3 मरीज भर्ती, कटघोरा से लौटा युवक क्वारेंटाइन में

कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं होने के कारण जिला ग्रीन जोन में है। इसे ग्रीन जोन में रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। सतर्कता बढ़ा दी है। लोगों की लगातार निगरानी की जा रही है। सोमवार को बठेना अस्पताल में सर्दी, खांसी, सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ के बाद 3 मरीजों को भर्ती किया गया।
तीनों के सैंपल जांच के लिए रायपुर एम्स भेजे हैं। ये मरीज नगरी, कांकेर और दुर्ग रानीतराई निवासी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इनकी निगरानी के लिए डॉक्टरों को विशेष सतर्कता बरतने कहा है। नगरी में कोरबा के हॉटस्पॉट कटघोरा से लौटा एक युवक का जिला अस्पताल में सैंपल लिया गया। इसे सर्दी और बुखार था। इसे पथर्रीडीह में क्वारेंटाइन किया है। सर्विलांस अधिकारी डॉ. विजय फूलमाली ने बताया कि चारों के सैंपल एम्स भेजे हैं।
16 सैंपल के रिपोर्ट का इंतजार
जिले से अब तक 275 लोगों के सैंपल रायपुर एम्स और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज भेजे हैं। सोमवार को 4 सैंपल और भेजे गए हैं। अब तक 263 सैंपल निगेटिव है। 16 लोगों की रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं रैपिड किट से 5 दिन में 367 सैंपल की जांच की गई। सभी निगेटिव मिले है।

पेंड्रा से लौटे 75 क्वारेंटाइन

रविवार रात करीब 10 बजे पेंड्रा से 2 ट्रक में 75 युवक आए। इनमें धमतरी के 36, नगरी के 8, कुरूद के 11 और मगरलोड के 10 युवक हैं। इन सभी युवकों की जांच संबलपुर के पास की गई। संदिग्धों के सैंपल लेकर रैपिड किट से जांच की। सभी स्वस्थ मिले। सभी को क्वारेंटाइन किया है।

28 पुलिसकर्मियों की जांच की
सूरजपुर में एक पुलिस जवान पॉजिटिव मिला। इसके बाद जिले में 45 साल से अधिक उम्र के पुलिस अधिकारी, जवानों की जांच कराई जा रही है। सोमवार को जिला अस्पताल के एमडी विशेषज्ञ डॉ. संजय वानखेड़े ने 28 पुलिसकर्मियों का स्वास्थ्य जांच की।



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3 patients admitted after cold, difficulty in breathing, young man returned from quarrel in quarantine




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पॉजिटिव मिले 6 में से 3 संक्रमितों को जांच रिपोर्ट आने से पहले ही दे दी गई थी छुट्टी

लॉकडाउन के तीसरे चरण के पहले ही दिन कबीरधाम जिले के रेंगाखार और समनापुर जंगल में 6 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसमें 3 पुरुष, दो महिलाएं और 5 साल का एक बच्चा शामिल है।
लापरवाही के चलते पॉजिटिव मिले 6 में से 3 संक्रमितों (दो महिला और बच्चे) को जांच रिपोर्ट आने से पहले ही 2 मई को रेंगाखार क्वारेंटाइन सेंटर से छुट्टी दे दी थी। ये महिला ग्राम चमारी की रहने वाली थी। क्वारेंटाइन सेंटर से छुट्टी के बाद ये महिलाएं अपने गांव पहुंची। घर पहुंचने पर बड़े-बुजुर्गों के पैर छुए। पड़ोसियों समेत करीब 80 लोगों के संपर्क में आईं। उन सभी को क्वारेंटाइन किया गया है। रविवार देर शाम को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। रेंगाखार, समनापुर जंगल समेत आसपास के 4 गांवों को कंटेनमेंट एरिया घोषित करते हुए तुरंत सील किया गया। एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस की टीम गांव पहुंची। पॉजिटिव पाए गए दोनों महिला और बच्चे को एंबुलेंस से एम्स रायपुर ले गए।

हालात बिगड़ने पर एक दूसरे को बताया जिम्मेदार
जांच रिपोर्ट आने से पहले क्वारेंटाइन सेंटर से संक्रमित महिलाओं व बच्चे को छुट्टी दे दी। इस लापरवाही के लिए स्थानीय तहसीलदार राधेश्याम वर्मा और सरपंच मोहन अग्रवाल एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं। सरपंच मोहन अग्रवाल बताते हैं कि तहसीलदार के कहने पर महिलाओं को क्वारेंटाइन सेंटर से छुट्टी दी थी, जबकि तहसीलदार कहते हैं मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। संक्रमित मिले लोगों में कोविड- 19 के एक भी लक्षण थे। फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने इनका रेंडम सैंपल लिया था।

28 सैंपल भेजे, इनमें 12 की जांच में 6 पॉजिटिव मिले
रेंगाखार व समनापुर जंगल में मिले इन संक्रमितों के साथ करीब 59 अन्य लोग भी क्वारेंटाइन में थे। 1 मई को कवर्धा से डॉक्टर्स की टीम वहां गई थी और कोरोना टेस्ट के लिए 28 लोगों के सैंपल लिए गए थे। सभी सैंपल रायपुर भेजे गए थे। इनमें से 12 की जांच में 6 पॉजिटिव पाए गए। अब भी 14 सैंपल की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। रिपोर्ट आने से पहले ही लगभग आधे लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर से छुट्टी दे दी गई थी। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस व प्रशासन ने सभी को ढूंढ़कर दोबारा क्वारेंटाइन किया है।

संपर्क में आने वाले 80 लोगों के सैंपल जुटा रहे
सोमवार सुबह से ही स्वास्थ्य विभाग की 4 अलग-अलग टीम रेंगाखार व समनापुर जंगल पहुंची। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आए लगभग 80 लोगों की पहचान की गई है। सभी को क्वारेंटाइन सेंटर लाया गया है। यहां डॉक्टर्स की टीम सभी का सैंपल जुटा रही है। देर शाम तक 66 लोगों के सैंपल लिए गए। यह कार्य जारी रहा। सैंपल को जांच के एम्स रायपुर भेजा जाना है।

दोनों गांव हाई अलर्ट पर लोग घरों में दुबके हुए हैं
एक साथ 6 कोरोना पॉजिटिव मिलने पर रेंगाखार और समनापुर जंगल हाई अलर्ट पर है। सोमवार को दिनभर यहां गलियां और सड़कें सूनसान नजर आई। कोई भी गांव से बाहर नहीं निकला। चौक-चौराहों पर पुलिस जवान तैनात किए गए थे। इधर, संक्रमित महिला व पुरुष के ग्राम चमारी, तितरी, सुतिया और चोरबाहरा के रहने वाले हैं। इस सभी के गांवों में भी पुलिस का पहरा बैठा दिए हैं। बताया जा रहा है कि नागपुर (महाराष्ट्र) से लौटा एक संक्रमित सीधे अपने घर चला गया था।



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3 out of 6 infected positives were given leave before the investigation report came.




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अब 2 नहीं 3 दिन खुलेंगी दुकानें, समय भी बदला

जिला प्रशासन ने लॉकडाऊन के दौरान छूट प्राप्त अति आ‌वश्यक के दायरे से बाहर के सामानों की दुकानों के खुलने कासमय व दिन में बदलाव किया है। जिसमें अब सप्ताह में दो दिन ये दुकानें खोली जा सकेंगी। इसके साथ ही सप्ताह के जिन दिनों में यह दुकानें खुलनी थीउसमें भी फेरबदल कर किया गया है। अन्य जरूरी सेवाओं के प्रतिष्ठान व दुकान पूर्व की तरह निर्धारित समय पर खोले जा सकेंगे।
कलेक्टर केएल चौहान के नए आदेश के अनुसार अब सप्ताह में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को बर्तन, फर्नीचर, फोटो स्टुडियो, प्रिटिंग प्रेस, फ्लेक्स, मोबाइल दुकान खोली जाएगी। अब मोबाइल दुकान में मोबाइल की बिक्री भी की जा सकेगी। इसके अलावा मंगलवार, गुरूवार व शनिवार को कपड़ा, जूता चप्पल दुकान, ज्वेलरी शॉप, कप्यूटर हार्डवेयर, मनीहारी, फैसी स्टोर्स खोले जाएंगे।
सप्ताह में तीन दिन खुलने वाली उपरोक्त सभी दुकान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खोली जाएगी। सभी दुकानों में वैद्य गुमाश्ता लाइसेंस होना अनिवार्य किया गया है। जिसकी कॉपी दुकान सामने चस्पा करनी होगी। इसके अलावा मिस्त्री, बढ़ाई, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, पंप मैकेनिक की सेवाएं जारी रहेगी।
रोजाना खुलने वाली दुकानें
सब्जी, फल, अनाज, डेली नीड्स, किराना, खाद्यान, कृषि मशीनरी, स्पेयर पार्टस, छात्रों की किताब दुकान, पशुआहार, खाद, उर्वरक, कीटनाशक, चिकन, मटन, मछली, अंडा, हार्डवेयर, चश्मा दुकान, सायकल, बाईक व चार पहिया वाहन के पंचर, स्पेयर पार्टस, रिपेयर दुकान, आटा, दाल मिल, फोटो कॉपी सेंटर, स्टेशनरी, बिजल पंखे, कुलर, इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रीकल समाग्री की दुकान व रिपेयर सेंटर, दर्जी दुकान आदि की दुकान रोज खोली जा सकेंगी। खाद्य पदार्थ बेचने के छोटे दुकान व होटल में सामान की सिर्फ पार्सल सुविधा होगी। वहां बैठ कर नाश्ता आदि करने की अनुमति नहीं होगी। ये सभी दुकान सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा।
ब्यूटी पार्लर व सैलून को सशर्त मिलेगी अनुमति
आदेश में हो गया है कि सेलून व ब्यूटी पार्लर के संचालन की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन इसके लिए कार्यालय से जारी एडवायजरी का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा।
नहीं खुलेंगी ये दुकानें
इसके अलावा गुपचुप, चाट, आईसक्रीम एवं फास्ट फूड ठेला का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। इसके साथ ही तंबाकू उत्पाद व गुटखा, सामुदायिक भवन, माल, भी बंद रहेंगे।



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सैकड़ों किसान 3-4 बार टोकन कटने के बाद नहीं बेच पाए धान, लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी

प्रदेश में सरकार ने किसानों का एक एक दाना खरीदने की बात कही थी। लेकिन धान खरीदी में सिस्टम की खराबी के कारण टोकन कटने के बाद भी सैकड़ों किसान धान नहीं बेच पाए। लॉकडाउन के कारण केशकाल और बड़ेराजपुर ब्लॉक कई आदिवासी परिवार एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गए हैं। ऐसा नहीं कि उन्होंने सरकारी खरीदी में धान बेचने का प्रयास नहीं किया था।
ऐसे कई किसानों को 3-4 बार टोकन दिया गया था लेकिन सिस्टम की खराबी के चलते वह धान बेचने से वंचित रह गए। स्थिति यह है कि उसके पास धान तो रखा है लेकिन लॉकडाउन के चलते न तो वह धान बेच पा रहे है न ही बैंक का कर्ज उतार पा रहे हैं। हालात यह हैं कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद बीज आदि के लिए ऋण बैंक से नहीं मिल पाएगा। जिससे उसकी चिंता दोहरी हो गई है। कई बार टोकन मिला लेकिन कभी बारिश तो कभी बारदाने के कारण नहीं खरीद धान
बड़ेराजपुर ब्लॉक के कोसमी गांव के किसान सवन्तीन ने कहा कि धान बेचने के लिए उपार्जन केंद्र विश्रामपुरी में 16 दिसंबर, 7 जनवरी, फिर 4 फरवरी को टोकन दिया गया था और दो बार अगली तारीख के लिए नवीनीकरण किया गया था फिर भी उसका धान नहीं खरीदा गया। उन्होंने कहा कि यह कहानी केवल अकेली सवन्तीन की नहीं बल्कि ऐसे 200 किसानों की है जो पात्र होते हुए भी विभागीय लापरवाही के चलते धान नहीं बेच पाए। घसिया, मानसिंह, लच्छन और रतन मंडावी ने बताया कि कई बार टोकन मिलने के बाद भी उनका धान नहीं लिया गया। कभी बारदाना नहीं है कहकर टोकन निरस्त किया गया तो कभी बारिश के कारण टोकन निरस्त हुआ। अंत में कोंडागांव जिले में वंचित किसानों के धान की अलग से खरीदी की गई। उसमें भी क्षेत्र के किसानों को वंचित कर दिया गया। इस समय लॉकडाउन की स्थिति में व्यापारी के पास भी धान नहीं बेच पा रहे हैं।
सरकारी रेट से आधे रेट पर हो रही है खरीदी
इस समय व्यापारियों के पास सरकारी रेट से आधे दाम पर खरीदी हो रही है। सरकारी दर 2500 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि व्यापारी 1300-1400 रुपए प्रति क्विंटल के रेट में खरीदी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। किसानों ने यह भी बताया कि धान नहीं बेच पाने से उनका पिछला कृषि ऋण भी जमा नहीं हो पाया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद, बीज और नकद ऋण लेना था लेकिन वह भी अब नहीं मिल पाएगा। लैंप्स प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी मधु बघेल ने बताया कि यह बात सही है कि किसानों का पंजीयन हुआ था। इसके अलावा उन्हें टोकन भी मिल गया था। लेकिन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण किसान धान बेचने से वंचित हो गए थे। पहले का कर्ज पटने के बाद ही सहकारी समितियों से कर्ज मिलेगा।



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Hundreds of farmers could not sell paddy after token cut 3-4 times, lockdown increased problem




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सैकड़ों किसान 3-4 बार टोकन कटने के बाद नहीं बेच पाए धान, लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी

प्रदेश में सरकार ने किसानों का एक एक दाना खरीदने की बात कही थी। लेकिन धान खरीदी में सिस्टम की खराबी के कारण टोकन कटने के बाद भी सैकड़ों किसान धान नहीं बेच पाए। लॉकडाउन के कारण केशकाल और बड़ेराजपुर ब्लॉक कई आदिवासी परिवार एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गए हैं। ऐसा नहीं कि उन्होंने सरकारी खरीदी में धान बेचने का प्रयास नहीं किया था।
ऐसे कई किसानों को 3-4 बार टोकन दिया गया था लेकिन सिस्टम की खराबी के चलते वह धान बेचने से वंचित रह गए। स्थिति यह है कि उसके पास धान तो रखा है लेकिन लॉकडाउन के चलते न तो वह धान बेच पा रहे है न ही बैंक का कर्ज उतार पा रहे हैं। हालात यह हैं कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद बीज आदि के लिए ऋण बैंक से नहीं मिल पाएगा। जिससे उसकी चिंता दोहरी हो गई है। कई बार टोकन मिला लेकिन कभी बारिश तो कभी बारदाने के कारण नहीं खरीद धान
बड़ेराजपुर ब्लॉक के कोसमी गांव के किसान सवन्तीन ने कहा कि धान बेचने के लिए उपार्जन केंद्र विश्रामपुरी में 16 दिसंबर, 7 जनवरी, फिर 4 फरवरी को टोकन दिया गया था और दो बार अगली तारीख के लिए नवीनीकरण किया गया था फिर भी उसका धान नहीं खरीदा गया। उन्होंने कहा कि यह कहानी केवल अकेली सवन्तीन की नहीं बल्कि ऐसे 200 किसानों की है जो पात्र होते हुए भी विभागीय लापरवाही के चलते धान नहीं बेच पाए। घसिया, मानसिंह, लच्छन और रतन मंडावी ने बताया कि कई बार टोकन मिलने के बाद भी उनका धान नहीं लिया गया। कभी बारदाना नहीं है कहकर टोकन निरस्त किया गया तो कभी बारिश के कारण टोकन निरस्त हुआ। अंत में कोंडागांव जिले में वंचित किसानों के धान की अलग से खरीदी की गई। उसमें भी क्षेत्र के किसानों को वंचित कर दिया गया। इस समय लॉकडाउन की स्थिति में व्यापारी के पास भी धान नहीं बेच पा रहे हैं।
सरकारी रेट से आधे रेट पर हो रही है खरीदी
इस समय व्यापारियों के पास सरकारी रेट से आधे दाम पर खरीदी हो रही है। सरकारी दर 2500 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि व्यापारी 1300-1400 रुपए प्रति क्विंटल के रेट में खरीदी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। किसानों ने यह भी बताया कि धान नहीं बेच पाने से उनका पिछला कृषि ऋण भी जमा नहीं हो पाया है। इस समय खरीफ की फसल के लिए उन्हें खाद, बीज और नकद ऋण लेना था लेकिन वह भी अब नहीं मिल पाएगा। लैंप्स प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी मधु बघेल ने बताया कि यह बात सही है कि किसानों का पंजीयन हुआ था। इसके अलावा उन्हें टोकन भी मिल गया था। लेकिन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण किसान धान बेचने से वंचित हो गए थे। पहले का कर्ज पटने के बाद ही सहकारी समितियों से कर्ज मिलेगा।



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धार में पहली बार एक साथ 20 नए कोरोना संक्रमित, 9 की सेकंड रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव, 39 निगेटिव अाने से कुछ राहत

साेमवार देर शाम काे आई रिपाेर्ट में जिले में 20 नए लाेगोंमें काेराेना संक्रमण की पुष्टि हुई है। धार में पहली बार इतनी संख्या में लोग एक साथ संक्रमित पाए गए हैं। 20 लोगों के पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अब धार में पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या अब 75 हाे गई है। इधर नाै लाेगाें की दूसरी रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव पाई गई हैं। इसमें काेराेना काे हराकर ठीक हाे चुकी निजी अस्पताल की स्टाफ नर्स के भाई सहित पीथमपुर की महिला भी शामिल है। 39 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाने से थाेड़ी राहत है।


नए संक्रमित मरीजाें में धार की पट्ठा चाैपाटी के पांच, कुक्षी का एक, जिले के डेहरी भगरू चाैपाटी के 14 मरीज शामिल हैं। इधर साेमवार काे दाेपहर में जिला अस्पताल पहुंची एक वृद्धा की माैत हाे गई। उसका सैंपल लिया गया था। पुलिस अभिरक्षा में उसकाे नगर पालिका के माध्यम से कब्रिस्तान में दफनाया गया।


साेमवार काे 12 से 28 अप्रैल के बीच लिए गए सैंपल की रिपाेर्ट आई। ये सभी लाेग लंबे समय से रिपाेर्ट आने का इंतजार कर रहे थे। इनमें एक पाॅजिटिव मरीज की दूसरी रिपाेर्ट निगेटिव आई है। यदि उसकी तीसरी रिपाेर्ट भी निगेटिव आती है ताे उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। पांच लाेगाें काे इनवेलिड माना गया है यानी उनके सैंपल काे मशीन ने स्वीकार नहीं किया। सिविल सर्जन डाॅ. अनिल वर्मा का कहना है कि यदि ऐसे लाेग 14 दिन से क्वारेंटाइन में हैं और उन्हें किसी प्रकार के लक्षण नहीं हैं ताे वे सामान्य माने जाएंगे, उनका रिसैंपल लेने की जरूरत नहीं रहेगी। गाैरतलब है कि साेमवार की रात में आई रिपाेर्ट में 20 लाेग संक्रमित पाए गए, जबकि पीथमपुर की रामरतन पटेल कॉलोनी की महिला की सेकंड रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई है।

महाजन अस्पताल के आइसाेलेशन सेंटर से काेराेना की जंग जीत कर ठीक हुए नाै साल के बालक राज काे साेमवार काे डिस्चार्ज कर दिया गया। उसे गुलदस्ता और गिफ्ट देकर तालियां बजाकर उसका स्वागत किया। राज इस बीच अपनी मां काे देखता रहा। एक क्षण के लिए मां भी अपने बेटे काे कई दिनाें बाद देखकर कुछ नहीं बाेल पाई। हालांकि उसकी मां अाैर दाेनाें बहनाें की रिपाेर्ट भी रविवार काे निगेटिव एई है। इसलिए उसे मां के साथ एंबुलेंस से मनावर भेजा गया। अस्पताल के बाहर राज की मां रेखाबाई ने बताया कि हम काफी समय से इंदाैर चले गए हैं। बच्चे वहीं पर पढ़ते हैं। सास-ससुर ने कहा था कि गांव आ जाओ यहां परेशानी हैं इसलिए आगए थे। बाद में गांव वालाें ने हमें घुसने नहीं दिया। मनावर से धार और धार से मनावर ही करते रहे। इसी दाैरान मेरे बेटे काे काेराेना हुआ। राज ने वी का चिन्ह दिखाया।


जिन मजदूराें काे गुजरात छाेड़ा, उनमें दाे पाॅजिटिव आए, बस चालक काे क्वारेंटाइन किया
जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी ने बताया कुछ दिन पहले धार से प्रशासन ने गुजरात के मजदूराें काे बस से दाहाेद पहुंचाया था। लेकिन वहां से जानकारी आई है कि इनमें से दाे मजदूर पाॅजिटिव पाए गए हैं, हालांकि वे गुजरात में ही गिने जाएंगे। इसके बाद हमने धार की गुलमाेहर काॅलाेनी के बस चालक और क्लीनर की जानकारी निकाली, चालक देवास में था, उसे धार बुलाकर जांच के बाद क्वारेंटाइन कर दिया है। दाेनाें हाईरिस्क में थे।


रिपोर्ट आई नहीं और स्टाफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियोंकाे डिस्चार्ज कर हाेम क्वारेंटाइन किया

जिला अस्पताल की स्टाॅफ नर्साें और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें काे रिपाेर्ट दिए बगैर ही क्वारेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज कर हाेम क्वारेंटाइन कर दिया है। इन स्टाॅफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें में कुछ काे गले में खराश व खांसी की शिकायत है। रिपाेर्ट नहीं आने से इन कर्मचारियाें में काेराेना काे लेकर संशय बना हुआ है। रिपाेर्ट नहीं आने की बात से समस्त स्टाॅफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें ने पत्र के माध्यम से उच्चाधिकारियाें काे अवगत भी कराया है। फिलहाल काेई जवाब नहीं मिला है। जिला अस्पताल से सफाई दराेगा के काेराेना पाॅजिटिव निकलने के बाद एसएनसीयू वार्ड की स्टाॅफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों(50 से अधिक) के सैंपल लेकर भेजे गए थे। उनमें करीब 25 कर्मचारियाें की रिपाेर्ट आना बाकी है।


तीन दिन में आना था रिपोर्ट, 17 दिन बाद भी नहीं आई

18 अप्रैल काे सैंपल भेजे गए थे। नियमानुसार तीन दिन में रिपाेर्ट आ जाना चाहिए थी, लेकिन अब तक रिपाेर्ट नहीं आई। 17 दिन हो गए पर रिपाेर्ट नहीं आने से चिंता और बढ़ गई है। नाम न छापने की शर्त पर नर्साें ने बताया कि हम शहर की एक पाॅश एरिया में किराए के मकान में रहती हैं। हाेम क्वारेंटाइन हाेने से वे घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। सामान भी नहीं ला पा रहे हैं। एक अन्य नर्स का कहना है कि वे जब क्वारेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज हाेकर पहुंची ताे मकान मालिक ने पहले रिपाेर्ट मांगी। मकान मालिक बार-बार रिपाेर्ट काे लेकर पूछते रहते हैं।


ऑक्सीजन का लेवल कम था, रैफर न करने पर अड़े रहे परिजन
सिविल सर्जन डाॅ. अनिल वर्मा ने बताया कि साेमवार दाेपहर में गुलमाेहन काॅलाेनी की 65 साल की महिला काे परिजन लेकर आए थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। पहले से अस्थमा था। ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था। इसलिए इंदाैर रैफर किया था। एंबुलेंस के साथ अन्य सभी सुविधा भी थी, लेकिन परिजन न ले जाने पर अड़े रहे। बाद में दम ताेड़ दिया, हालांकि उसका सैंपल लिया गया था। उसकाे पुलिस अभिरक्षा में धार के कब्रिस्तान में दफनाया गया।


पति के बाद बावड़ीपुरा की महिला की दाे दिन पहले इंदाैर में माैत
नालछा ब्लाॅक के बावड़ीपुरा 50 साल की महिला अाैर उसके पति काे जिला अस्पताल मंे भर्ती कराया गया था। लेकिन पति मगन की जिला अस्पताल में माैत हाे गई थी। उसकाे कोरोना संदिग्ध माना गया था। जिला अस्पताल में उसका सैंपल भी लिया गया था इसलिए प्रशासन द्वारा पुलिस अभिरक्षा में उसका अंतिम संस्कार कराया गया था। उसकी पत्नी काे इंदाैर भेजा गया था, जहां दाे दिन पहले इलाज के दौरान उसकी माैत हाे गई। इंदाैर प्रशासन ने वहीं पर अंतिम संस्कार कराया। डाॅ. वर्मा का कहना है कि अभी तक दाेनाें की रिपाेर्ट नहीं अाई है। बावड़ीपुरा में परिजन हाेम क्वारेंटाइन में हैं।


डाॅ. अनिल वर्मा, सिविल सर्जन, धारने कहा -लापरवाही नहीं
जिनकाे हाेम क्वारेंटाइन किया गया है, उन्हें जल्द काम पर बुलाया जाएगा। गले में खराब एलर्जीक है, काेराेना वाले लक्षण नहीं है। रिपाेर्ट के बारे में कुछ नहीं कह सकते। यह शासन स्तर का काम है लापरवाही जैसी बात नहीं है।

शैलेंद्र साेलंकी, अपर कलेक्टर, जिला धार ने कहा

आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार हाेम क्वारेंटाइन हुए कर्मचारियाें काे काम करने की छूट है। इनमें कुछ शर्ते हैं जिनका पालन उन्हें करना हाेगा। इसकी कार्रवाई सीएमएचओ ही कर सकते हैं।

डाॅ. आरसी पनिका, सीएमएचओ ने कहा

नर्साें की रिपाेर्ट के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता, आप सिविल सर्जन से इस संबंध में जानकारी लें।



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For the first time in Dhar, 20 new corona infected simultaneously, 9 second report is also positive, some relief from 39 negative eyes




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महासमुंद पहुंचा 23 हाथियों का दल, एक दंतैल ने खेत में काम कर रही महिला को सूंड से पटका

सोमवार को शहर 23 हाथियों का दल घुस आया। हाथी कलेक्टोरेट परिसर से मजह 500 मीटर की दूरी पर विचरण करते दिखे। वन विभाग की टीम को हाथियों की लोकेशन मिल गई थी। इसके बाद हाथियों का खदेड़ा गया। हाथियों का पूरा दल शहर से निकलकर पतेरापाली बांध पहुंचा और शाम तक यहीं मौजूद रहा। यह दूसरा मौका है जब शहर में हाथियों का दल पहुंचा। सालभर पहले मई महीने में ही दो दंतैल ठीक इसी स्थान पर पहुंचे थे, जहां सोमवार को हाथियों का देखा गया।पुलिस विभाग को हाथियों के आने की सूचना दी गई। इसके बाद आगे का रास्ता खाली कराते हुए हाथियों को आगे खदेड़ा गया।

दौरान हाथियों का दल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने से होते हुए भलेसर रोड स्थित मुक्तिधाम, सुभाष नगर होते हुए सितली नाला के पास से एनएच 353 को क्रॉस कर लभरा की ओर गया। डीएफओ मयंक पाण्डेय ने बताया कि टीम हाथियों के मूवमेंट की लगातार निगरानी कर रही है। सुभाष नगर निवासी कुमारी बाई खेत में काम रही थी। हाथियों को देख वो संभल पाती, उससे पहले ही एक दंतैल ने उसे सूंड से मार दिया। इससे वृद्ध महिला घायल हो गई। मौके पर मौजूद कोतवाली प्रभारी राकेश खुंटेश्वर और उनकी टीम ने महिला को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत सामन्य है।



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तस्वीर महासमुंद के हाइवे की है जब हाथियों का झुंड यहां से गुजर रहा था।




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लॉकडाउन में फंसे झारखंड के 11 जिलों के 730 मजदूर हुए रवाना

लॉकडाउन की वजह से रायपुर जिले में फंसे झारखंड के सात सौ तीस श्रमिकों, यात्रियों और नागरिकों को आज बसों से रवाना किया गया। इनमें झारखंड के 11 जिलों सराईकेला, बोकारो, खुटी, हजारीबाग, धनबाद, रामगढ़,सराईकेला, लातेहार, देवघर, चकरा, गोड्डा और गिरीडीह के श्रमिक शामिल हैं। इसके अलावा रांची के नागरिकों को भी इन बसों में भेजा गया है। इसके पहले राधास्वामी सत्संग न्यास धरमपुरा में झारखंड के श्रमिकों और नागरिकों का पंजीयन और भेजना जारी रहा।

बस से आने की अनुमति दे सरकार: शर्मा
भाजयुमो के अध्यक्ष विजय शर्मा ने श्रमिकों की वापसी को लेकर सरकार को सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि श्रमिक समूह खुद बस आदि करके आना चाहें तो उन्हें अनुमति दी जाए। सरकार इस खर्च को वहन करे। शर्मा ने कहा कि अनियंत्रित स्वयं श्रमिक आयेंगे तो सारा लॉक्डाउन व्यर्थ मान लें। सरकार की निगरानी में आने से जाँच, क्वॉरंटीन आदि विधि विधान से होगा। लगभग 50 श्रमिक समूह जिनमे कुल संख्या 2000 के क़रीब है, जो अन्य प्रदेशों में हैं उनसे मैं लगातार संपर्क में हूं। समझाने के बावजूद अनेक समूहों से पैदल चलना प्रारम्भ कर दिया है। कोई प्रदेश अन्य प्रदेश के श्रमिकों को अब रखना नहीं चाह रहे - श्रमिक भाग भी रहे हैं और उन्हें भगाया भी जा रहा है।



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हत्या से लेकर मारपीट, चाेरी तक के अपराध 37% रह गए, पर लाॅकडाउन का उल्लंघन करने वालाें की बढ़ी संख्या

काेराेना संकट के बीच सुखद खबर है। लाॅकडाउन के चलते अपराधाें का ग्राफ गिरा है। जिले में हर तरह के अपराध कम हुए हैं। फिर चाहे वह हत्या से लेकर लूट, सामान्य मारपीट या फिर जुआ-सट्टा ही क्याें ना हाे। 2018 से अब तक अपराधाें की बात करें ताे मारपीट, चाेरी, बाइक चाेरी, डकैती, लूट, चेन स्नेचिंग, गृहभेदन, हत्या सहित 16 प्रकार के अपराध अब 37 प्रतिशत ही रह गए हैं।2018-2019 में इनकी संख्या 80 प्रतिशत के पार थी। इसी तरह लघु अधिनियम यानी आर्म्स एक्ट, आबकारी एक्ट, जुआ, सट्टा, मादक पदार्थ बिक्री आदि अपराध 1300 से घटकर 100 के करीब पहुंच गए हैं। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की संख्या भी 2 हजार से घटकर 900 के बीच रह गई है।


लाॅकडाउन का उल्लंघन करने वालाें की संख्या बढ़ी है

बंद के चलते कलेक्टर द्वारा लगाई गई धारा 144 का उल्लंघन करने वालाें की संख्या बढ़ी है। 24 मार्च से धारा 188 के प्रकरणाें में तेजी आई है। 24 मार्च से पहले 17 केस दर्ज हुए थे। 8 अप्रैल काे यहसंख्या बढ़कर 24 तक पहुंच गई थी। इसके बाद से लगातार यह संख्या बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक अब तक जिले मेंलाॅकडाउन का उल्लंघन करने वालों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है। बता दें कि इस धारा में 6 महीने की सजा का प्रावधान है।



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5 साल में 8 से 23 हुआ हाथियों का परिवार इसलिए सिरपुर क्षेत्र के दायरे से बाहर निकला उनका दल

करीब पांच साल से सिरपुर क्षेत्र में विचरण करने वाले जंगली हाथी अपने बच्चों को साथ लेकर नए विचरण क्षेत्र की तलाश में निकल गए हैं। हाथियों का दल पिछले पांच दिनों से महासमुंद, गरियाबंद और बागबाहरा रेंज में घूम रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो हाथियों का यह दल परिवार बढ़ने के कारण शायद ऐसे नए विचरण क्षेत्र की तलाश में हैं, जो उनके आहार-पानी और बच्चों सहित पूरे दल की सुरक्षा के लिहाज से अनुकूल हो। पिछले पांच दिन के उनके मूवमेंट पैटर्न पर नजर डालें तो यह बात सामने आ रही है कि वे नए विचरण क्षेत्र की तलाश में हैं। क्योंकि वे जहां-जहां पहुंचे वहां भरपूर पानी था, आसपास खेत और बाड़ियां थीं और पास ही जंगल था।
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच साल पहले सिरपुर क्षेत्र में जब हाथियों की आमद हुई तो उनकी संख्या 8 थी। आहार-पानी भरपूर होने के कारण हाथियों ने इस क्षेत्र को अपना ठिकाना बना लिया। बच्चों का जन्म होता गया और धीरे-धीरे उनका परिवार बढ़ता गया। इस समय इस दल में हाथियों के 5 बच्चों सहित 23 हाथी हैं। उनका पूरा दल सिरपुर क्षेत्र से बाहर निकलकर उन क्षेत्रों की टोह ले रहा है, जिन इलाकों में दल सहित अब तक नहीं गए थे।

पिछले पांच दिनों में 23 हाथियों का दल कहां-कहां गया और उन्हें क्या मिला
1 मई - दल एनएच-53 और रेलवे लाइन पार कर निसदा बैराज के समीप महानदी किनारे बम्हनी के सीताफल कछार पहुंचा। यहां पूरा दिन रहने के बाद रात में चिंगरौद के पास नदी पार कर गरियाबंद जिले के हथखोज शक्ति लहरी मंदिर के करीब पहुंच गया। यहां उन्हें महानदी में भरपूर पानी, बाग-बगीचे, खेत और बाडि़यां मिलीं।
2 मई - सुबह हाथियों का दल गरियाबंद जिले में हथखोज से आगे बढ़ा और कोमा, धमनी के बीच से होते हुए किरवई के करीब पहुंच गया। परसदा, चांपाझर, पोखरा, चंपारण, रक्शा के करीब से होते हुए रात भर क्षेत्र में विचरण करता रहा। यहां उन्हें खेतों में लहलाती धान की फसलें, सब्जी बाडि़यां, जंगल और महानदी का पानी मिला।
3 मई - महानदी के रास्ते हाथी सुबह बम्हनी के सीताफल कछार लौट आए और रात तक वहीं जमे रहे। देर रात राजिम-पोखरा-महासमुंद मार्ग पर परसट्ठी के करीब पहुंच गए। फिर सूखा नदी को पार का चिंगरौद होते हुए बम्हनी लौट आए और रात भर यहां विचरण करते रहे। यहां नदी का पानी, जंगल और खेत-खलिहान मिले।
4 मई- तड़के पौने पांच बजे भलेसर, लभराखुर्द होते हुए महासमुंद शहर में सितली नाला के पास एनएच 353 को क्राॅस किया और शाम को गौरखेड़ा, उमरदा जंगल होते हुए रात में बकमा पहुंच गए। पानी, जंगल, फसल मिली।
5 मई - पचेड़ा के नजदीक बागबाहरा रोड एनएच 353 पार कर पचेड़ा खार से केशवा की ओर निकल गए। बागबाहरा रेंज के तुसदा बीट मे हिच्छा बांध के ऊपर पठार में विचरण करते रहे। जंगल, पठार, बांध का पानी मिला।



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The family of elephants grew from 8 to 23 in 5 years, so their party moved out of the purview of Sirpur region




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30 हजार किसानों के खातों में आए 23.58 करोड़ रुपए

खरीफ वर्ष 2019-20 आकस्मिक वर्षा से हुए फसल नुकसान की बीमा राशि किसानों के खाते में आ गई है। 5 माह बाद किसानों के खाते रुपए आए हैं। धमतरी जिले में 30 हजार 483 किसानों को फसल बीमा का फायदा मिला है। इनके खातों में 23 करोड़ 58 लाख 16 हजार 202 रुपए बीमा कंपनी ने जमा कराए हैं।
धमतरी ब्लॉक में 5 हजार किसानों के खाते में 5 करोड़ रुपए आए है। मगरलोड और कुरूद ब्लॉक में भी किसानों के खाते में 5-5 करोड़ रुपए आए। सबसे ज्यादा नगरी ब्लॉक के किसानों के खाते में रुपए डाले गए। यहां 7 करोड़ रुपए किसानों के बैंक खातों में आए हैं। खरीफ में सबसे ज्यादा नुकसान नगरी ब्लॉक में हुआ है। यहां अधिक बारिश के कारण सबसे ज्यादा धान की फसल बर्बाद हुई थी। फसल पानी में डूबने से सड़ गई।
यहां ज्यादा नुकसान हुआ
धमतरी ब्लॉक के अर्जुनी, छाती, डोमा, शंकरदाह, तरसींवा, संबलपुर, दोनर, खरतुली, कुरूद ब्लॉक के ग्राम भखारा, दरबा, खोरपा, कोर्रा, मरौद, नारी, सिर्री, मगरलोड ब्लाक के ग्राम मेघा, मोहंदी, करेली बड़ी, भरदा, बनियातोरा, नगरी ब्लॉक के ग्राम सलोनी, दुगली, कुकरेल, सिहावा, बेलरगांव क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है।



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23.58 crore rupees in the accounts of 30 thousand farmers




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अंतागढ़ में मक्का खरीदी के लिए 3 केंद्र बनाए, लेकिन पंजीकृत किसान सिर्फ दो

किसानों की मक्का खरीदी समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए शासन ने जिले के 23 उपार्जन केंद्रों में खरीदी शुरू कर दी है। अंतागढ़ ब्लॉक के अंतागढ़, आमाबेड़ा व ताड़ोकी उपार्जन खरीदी केंद्र को पहली बार मक्का की खरीदी के लिए स्वीकृति मिली है। लेकिन अंतागढ़ व आमाबेड़ा में ही एक-एक किसान मक्का के लिए पंजीकृत है। वहीं ताड़ोकी में कोई भी किसान मक्के की बिक्री के लिए पंजीकृत नहीं है।
शासन के आदेश मिलने के बाद बिना किसानों के ही इन केंद्रों में खरीदी 2 मई से शुरू कर दी गई है। आमाबेड़ा सहमति समिति के खरीदी केंद्र में अंति संवेदनशील क्षेत्र बंडापाल के किसान राजमन का ही पंजीयन होने की जानकारी है। वहीं ऑनलाइन कम्प्यूटर में दर्ज एक संख्या अंतागढ सहकारी समिति का बताया जा रहा है। ताड़ोकी सहकारी समिति में एक भी किसान का नाम दर्ज नहीं है। तीनों ही सहकारी समितियों में मक्का खरीदी के लिए शासन से पहली बार स्वीकृति प्रदान की गई है।
जिला सहकारी बैंक ब्रांच मैनेजर प्रवीण ठाकुर ने कहा किसानों ने सिर्फ धान के लिए ही पंजीयन कराया है। मक्के की बिक्री के लिए पंजीयन नहीं कराया है। किसानों को मक्के के लिए भी पंजीयन अलग से कराना था।
जिले में 1143 किसानों का ही खरीदा जाएगा मक्का
जिले में 23 उपार्जन केंद्रों में मक्का खरीदी करने प्रशासन ने दो मई से आदेश जारी किया है। इसमें 1143 किसानों का उपार्जन केंद्रों में मक्का खरीदा जाएगा। अंतागढ़, ताड़ोकी, आमाबेडा ही नहीं पूरे जिले में और भी किसानों ने मक्का उत्पादन किया है। लेकिन वे पंजीयन नहीं होने से अपनी उपज केंद्रों में नहीं बेच पाएंगे। व्यापारी भी कोरोना वायरस के चलते मक्के का उठाव नहीं होने के कारण मक्का खरीदी में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन ने मक्के का समर्थन मूल्य 1760 रुपए निर्धारित किया है। अब किसान पंजीयन नहीं होने से मक्का खरीदी कैसे होगा इसको लेकर चिंतित हैं।
31 मई तक होगी मक्का खरीदी

दुर्गूकोंदल | राज्य शासन ने मक्का की खरीदी 1 मई से शुरू कर दी है। खरीदी की अंतिम तिथि 31 मई निर्धारित की गई है। आदिम जाति सहकारी समिति प्रबंधक वीवी गोस्वामी ने बताया कि लैम्पस दुर्गूकोंदल अंतर्गत समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीदी 1 मई से शुरू हो गई है। इसमें पंजीकृत किसानों का मक्का समर्थन मूल्य 1760 रुपए में खरीदी की जाएगी। वहीं समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी 31 मई तक की जाएगी। उन्होंने बताया कि मक्का पंजीकृत किसान ही समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं। इसी तरह से विकासखंड के अंतर्गत कोडेकुसे में भी मक्का की खरीदी प्रारंभ की गई है। आदिम जाति सहकारी समिति के प्रबंधक ईश्वर सिंह नेताम ने बताया कि लैम्पस कोडेकुसे मे सरकार के निर्देशानुसार समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मक्का नमी युक्त नहीं होना चाहिए।



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लॉकडाउन 3 खुलने के बाद पटरी पर कैसे लाया जाए शहरी जीवन, स्मार्ट सिटी ने आमलोगों से मांगे सुझाव

लॉकडाउन तीन खत्म होने के बाद शहरी जीवन को पटरी पर कैसे लाया जाए? इसके बारे में राष्ट्रीय स्मार्ट सिटी मिशन ने आम लोगों से सुझाव मांगे हैं। केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि उनके पास शहरी जीवन को पटरी पर लाने के लिए जो भी आइडियाज हैं, वो उसे smartnet@niua.org पर भेज सकते हैं। दरअसल, लॉकडाउन तीन खत्म होने के बाद या कोरोना की आशंका के बीच शहरी जीवन का स्वरूप कैसे होगा, इसको लेकर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लगातार रणनीतियां बनाई जा रही है।
हाल ही में भास्कर से बातचीत में मिशन डायरेक्टर कुणाल कुमार ने भी नए परिवेश में शहरी जीवन के लिए स्मार्ट तरीके और एआई तकनीक अपनाने पर जोर दिया था। आम लोगों की रायशुमारी के जरिए स्मार्ट सिटी न केवल स्मार्ट शहरों बल्कि देश के हर छोटे बड़े शहर के लिए एक प्लान बनाएगा। इसमें शहरी प्रशासन, नागरिक सुविधाओं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, हेल्थ सेवाओं और कोरोना की ट्रेकिंग मॉनिटरिंग जैसे बिंदुओं पर नएइनोवेटिव आइडियाज शामिल किए जाएंगे। कोरोना जैसे खतरों के बीच शहर में सुरक्षित तरीकों से ए टू जेड आर्थिक गतिविधियां कैसे संचालित की जा सकती हैं, इस पर सुझाव भी मांगे हैं।
शहरी जीवन को पहले जैसा बनाने की कवायद
स्मार्ट सिटी ने लोगों से स्ट्रीट वेंडर्स से लेकर पार्क, मॉल जैसी सार्वजनिक जगहों पर शहरी जीवन को पहले जैसा बनाने के राय मांगी है। आम लोगों के साथ अर्बन प्लानिंग से जुड़े एक्सपर्ट, संस्थानों से भी विचार मांगे हैं। शहरी प्रशासन के जरिए लोगों तक नागरिक सुविधाएं बदले हुए माहौल में कैसे पहुंचा सकते हैं। ऐसे बिंदु भी शामिल किए गए हैं।



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How to bring urban life back on track after Lockdown 3 opens, Smart city asks for suggestions from people