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तीन गांवों में केवल एक चिकित्सक, उसकी भी ड्यूटी कोविड-19 में

ग्राम पंचायत नांगल कोजू में चिकित्सा सुविधा के नाम पर मरीज आयुर्वेदिक औषधालय के भरोसे थे, लेकिन उसके डॉ.राजेश शर्मा को भी कोविड-19 में ड्यूटी लगा दी गई। इससे तीन गांवों के मरीजों को अब सामान्य उपचार के लिए करीब 6 किमी दूर निवाणा जाना पड़ेगा। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत नांगल कोजू, कंवरपुरा, कुंभपुरिया में चिकित्सा सुविधा के नाम पर एकमात्र औषधालय है। इसमें चतुर्थश्रेणी कर्मचारी व चिकित्सक नियुक्त है। डॉ.राजेश शर्मा की ड्यूटी कोविड-19 में खेजरोली चेकपोस्ट पर लगाए जाने पर औषधालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे रह गया है। ग्रामीणों ने चिकित्सक की व्यवस्था करने की मांग करते हुए रोष जताया है| कोविड-19 में बीएलओ श्रीहरि शर्मा ने बताया कि हमारे पास चिकित्सकों की कमी थी। ऐसे में नांगल कोजू चिकित्सक को खेजरोली चेकपोस्ट पर लगाया गया है।



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मोहनपुरा- जोधपुरा में पॉजिटिव मिलने के बाद 790 घरों में डोर टु जोर जांच

मोहनपुरा- जोधपुरा गांव में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया। गांव में चिकित्सा विभाग की 17 टीमों ने शुक्रवार को 790 घरों की डोर टु डोर स्क्रीनिंग करते हुए 2690 लोगों की जांच की। पॉजीटिव व्यक्ति के संपर्क में आए बेटे, चालक सहित 5 लाेगाें की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। शुक्रवार को एडीएम डॉ. सत्यवीर यादव, एसडीएम नानूराम सैनी, डीएसपी दिनेश यादव, तहसीलदार अनूप सिंह, एसएचओ नरेन्द्र कुमार, सरूंड एसएचओ सुभाष यादव, ब्लाॅक सीएमएचओ डॉ. रामनिवास यादव ने गांव में फ्लैग मार्च करते हुए लोगाें से घरों में ही रहने की अपील की। एसडीएम सैनी ने बताया कि गांव की सभी सीमाओं को सील करते हुए मोहनपुरा धर्मशाला, मोहनपुरा के सरकारी स्कूल, दादूपंथी रोड व मोहनपुरा ग्राम से कल्याणपुरा तिराहे पर 4 नाकों पर बैरिकेड्स लगाते हुए रास्तों को रोक दिया गया। सभी नाकों पर पुलिसकर्मियों के अलावा राजस्व कर्मियों को लगाया गया। गांव में पॉजिटिव केस के कारण दहशत के बीच शुक्रवार सुबह से ही लोग घरों में कैद रहे। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने माइक से अनाउंस कर लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने के लिए पाबंद किया। घरों में कैद लोग गांव में अधिकारियों की गाडी आने पर खिड़की रोशनदान व छतों से छिपकर हालात देखते रहे। उधर, कूजोता की प्रभू की ढाणी में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए है। 11 चेकिंग प्वाइंट बनाते हुए उन पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया।
जुकाम खांसी के मरीजों को घरों में ही रहने के निर्देश
नारेहड़ा सीएचसी प्रभारी डाॅ. राहुल शर्मा ने बताया कि 17 टीमों ने शुक्रवार को 790 घरों का डोर टु डोर सर्वे करते हुए 2609 लोगों की जांच की। इनमें से जुकाम खांसी के 27 मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी।
कई की रिपाेर्ट आना अभी बाकी
मोहनपुरा -जोधपुरा में मिले पॉजिटिव के संपर्क में आए उसके बेटे, चालक व अन्य तीन की रिपोर्ट शुक्रवार को नहीं आई। अस्पताल प्रशासन ने 141 मरीजों की स्क्रीनिंग की। इसके बाद आजादपुर मंडी नई दिल्ली से आए खेडा निहालपुरा निवासी युवक को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कर सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजे गए। अब तक 193 मरीजों के सैंपल लिए गए थे जिनमें से 182 की रिपोर्ट निगेटिव, 2 पॉजिटिव व 8 की रिपोर्ट आना बाकी है।



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Door to loud check in 790 houses after getting positive in Mohanpura - Jodhpur




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जयपुर में अप्रैल में सिर्फ एक कार चोरी हुई; बड़े अपराधों में भी 80% तक गिरावट, सड़क दुर्घटनाओं में 39% तक की कमी

लॉकडाउन एवं कफ्रयू के चलते जयपुर कमिश्नरेट में अपराधों के मामलों में भारी कमी दर्ज की गई है। जयपुर की ओर से जारी अप्रैल के आंकड़ों के मुताबिक मार्च की तुलना में अपराध 79 प्रतिशत और पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 88 फीसदी तक अपराध घटे हैं। हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण एवं चोरी के मामले 80 फीसदी से भी कम सामने आए हैं। यहां तक कि अप्रैल महीने में सिर्फ एक चौपहिया वाहन चोरी गया जबकि मार्च महीने में 37 ऐसे वाहन चोरी हो गए थे।

पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार इस साल अप्रैल महीने में सिर्फ 307 एफआईआर पुलिस थानों में दर्ज की गई। जो मार्च की तुलना में 1185 यानी 79 फीसदी और पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 2316 यानी 88 प्रतिशत कम है। अप्रैल महीने में हत्या, हत्या के प्रयास एवं चौपहिया वाहन चोरी के तो सिर्फ एक-एक मामले ही दर्ज हुए है। लूट के तीन, अपहरण के सात, दुष्कर्म के 10 एवं नकबजनी के दस मामले पुलिस थानों में आए हैं। चोरी के 86 मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें 45 दुपहिया चोरी, 40 अन्य चोरी एवं एक मामला चौपहिया वाहन चोरी से संबंधित है। आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत 171 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं।

महिला अपराध कम तो शराब तस्करी बढ़ी
महिला अत्याचाराें में 70 प्रतिशत कमी हुई है। पिछले अप्रेल में 2926 मामले दर्ज थे वहीं इस साल अप्रैल 879 मामले आए। अप्रैल में अपहरण के 123 मामले सामने आए। प्रदेश में लाॅक डाउन के कारण अवैध शराब के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। अप्रेल में 2210 मामले दर्ज किए गए। मादक पदार्थ तस्करी में भी 166 मामले दर्ज किए ।

दुर्घटनाओं में 39% तक की कमी आई
सड़क दुर्घटनाओं में पिछले अप्रैल की तुलना में इस साल 39% की कमी आई। हादसों में मरने वालों की संख्या में 22 प्रतिशत एवं घायलों की संख्या में 37% कमी आई है। अप्रैल तक 1118 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं। 249 लोगों की मौत और 926 लोग घायल हुए थे। अप्रैल तक 685 दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें 194 मौत और 582 लोग घायल हुए। वेस्ट में 73, ईस्ट में 58, साउथ में 47 और सबसे कम नॉर्थ में 16 मौत हुई है।
एडिशनल कमिश्नर अशोक गुप्ता ने बताया लॉक डाउन के कारण अपराधों एवं दुर्घटनाओं में कमी आई है। पुलिस चौकसी की वजह से वाहन चोरी जैसी घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई है।



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एडिशनल कमिश्नर अशोक गुप्ता ने बताया लॉक डाउन के कारण अपराधों एवं दुर्घटनाओं में कमी आई है। पुलिस चौकसी की वजह से वाहन चोरी जैसी घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई है।




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जयपुर में एक ही दिन में 9 सब्जीवाले, 3 दुकानदार पॉजिटिव, अब तक 33 संक्रमित मिल चुके; 580 सैंपल की रिपोर्ट आज आएगी

जैसे-जैसे सुपर स्प्रेडर्स की सैंपलिंग बढ़ती जा रही है, उनके कोरोना पॉजिटिव मिलने की संख्या भी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार काे भी 12 सुपर स्प्रेडर पाॅजिटिव पाए गए हैं। इनमें 9 सब्जी विक्रेता व 3 दुकानदार शाामिल हैं। इनके संपर्क में आने वाले 80 लाेगाें काे क्वारैंटाइन किया गया है। गुरुवार काे विद्याधर नगर, भट्टा बस्ती, रेलवे कॉलोनी, शास्त्री नगर, मुरलीपुरा, फिल्म कॉलोनी, चांदपोल गेट के पास, रामगंज और आदर्श नगर में 1007 रैंडम सैंपल लिए गए थे।

इन्हीं की रिपोर्ट शुक्रवार को आई। यही नहीं कोरोना जांच किए बिना ही नगर निगम ने शहरभर में ठेला संलाचकों को 900 पास आंवटित कर दिए। पासधारकों को अनुमति पत्र के साथ पीली टोपी भी दी गई है। बड़ा सवाल यह है कि क्या सभी पास आंवटियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया?सुपर स्प्रेडर्स के 8 दिन में 3937 रैंडम सैम्पल लिए गए। अब तक 33 पाॅजिटिव पाए गए हैं। इनमें इनमें 23 सब्जी वाले व 10 दुकानदार हैं। करीब 350 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया।

शहर में 10 जगह से 580 सैंपल लिए
शुक्रवार काे 10 स्थानाें- विद्याधर नगर में 36, भट्टा बस्ती में 52, शास्त्री नगर में125, ढहर का बालाजी व मुरलीपुरा में 60, आदर्श नगर, राजापार्क, तिलक नगर, गलता गेट व रामगंज में 202, जवाहर नगर में 8, सिविल लाइंस व सोढ़ाला में 24, स्वेज फार्म व नंदपुरी में 17, आमेर क्षेत्र में 56 रेंडम सैंपल लिए गए।



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(प्रतीकात्मक तस्वीर) शुक्रवार को जयपुर में 10 जगह से 580 सैंपल लिए गए।




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पीलिया से शहर में दूसरी मौत, अंबेडकर अस्पताल में चल रहा था इलाज, अब 695 हुई मरीजों की संख्या

छत्तीसगढ़ की राजधानी में पीलिया से बीते तीन दिनों में दो लोगों की मौत हो गई। एक महिला की मौत शुक्रवार को हुई थी। जिसकी सरकारी पुष्टि शनिवार देर शाम को की गई। राजधानी में मरीजों की संख्या बढ़कर 695 पहुंच गई है। शनिवार को पीलिया के 15 नए मरीज मिले हैं। निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में कैंप लगाए हैं। लोग यहां पहुंचकर अपने ब्लड सैंपल टेस्ट करा रहे हैं।


पिछले कुछ दिनों से लगातार 30-35 मरीज हर रोज मिल रहे थे। 100 से ज्यादा जगहों पर पीने के पानी की टेस्टिंग की गई है। निगम के एक ड्राइवर ने शनिवार को पीलिया पीड़ित एक गर्भवति को अपना खून देकर उनकी मदद की। मठपुरैना की रहने वाली महिला 29 अप्रैल से अस्पताल में इलाज करवा रही है। उसे बी पाजीटिव ब्लड ग्रुप की जरूरत पड़ने पर जोन-6 के ड्राइवर राजेश वर्मा ने आगे आगकर अपना खून देने की सहमति दी। निगम कमिश्नर सौरभ कुमार ने राजेश की तारीफ भी की। नगर निगम के जोन-6 के इलाके में अब तक लोगों को 1.10 लाख से अधिक क्लोरीन गोलियां बांटी जा चुकी है, ताकि घर में लोग पानी साफ कर सकें।



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रायपुर के इसी असप्ताल में मृत महिला का इलाज हो रहा था, अभी भी यहां कई पीलिया के मरीज हैं।




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मनरेगा ने 91 हजार 888 लाेगाें काे दिया राेजगार, यह 10 साल में सबसे अधिक

पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के काम स्वीकृत किए हैं। इसमें भूमि सुधार, मिट्टी सड़क, नया तालाब, डबरी, तालाब गहरीकरण के काम कराए जा रहे हैं। इस दौरान रिकाॅर्ड 91 हजार 888 लाेगाें को रोजगार उपलब्ध कराया गया। यह पिछले 10 साल में सबसे अधिक है। कामाें काे जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है। अाने वाले मानसून में इन कामाें से जल स्तर बढ़ने की उम्मीद है। महिला मजदूर भी काम के लिए अा रहीं हैं।
विकासखंड नगरी में प्रदान संस्था एवं मगरलोड विकासखंड में एग्रोकेट सोसायटी के द्वारा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना बनाने में सहयोग किया जा रहा है। ग्राम पंचायत के साथ क्रियान्वयन एजेंसी वन विभाग, उद्यानिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग, जल संसाधन विभाग द्वारा भी काम शुरू कराए जा रहे हैं। कलेक्टर रजत बंसल ने जिले में राेज 1 लाख लाेगाें काे काम देने का लक्ष्य रखा है।
जिला पंचायत सीईओ नम्रता गांधी ने बताया कि जिले में एक दशक बाद 91 हजार 888 श्रमिक मनरेगा कार्य में लगे हैं। कार्यस्थल पर मनरेगा मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाकर कार्य करने, स्वच्छता के लिए साबुन से हाथ धोने, छाया की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, मेडिकल किट सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। धमतरी ब्लॉक में 19 हजार 201, कुरूद में 27 हजार 311, मगरलोड में 21 हजार 627, नगरी ब्लॉक में 23 हजार 749 मजदूर काम कर रहे हैं।



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MNREGA has given 91 thousand 888 jobs, this is the highest in 10 years




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अर्धसैनिक बल का जवान बताकर कार दिलाने युवक से 92 हजार रुपए की ठगी

नांदघाट थाना के अंतर्गत ग्राम नारायणपुर में एक युवक से कार दिलाने के नाम पर 92 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित युवक ने मारो चौकी में शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस जांच में जुट गई है। नारायणपुर निवासी गिरीशचंद्र पिता राजकुमार पांडे (28) ने बताया कि वह एक फार्मेसी कंपनी में एमआर के पद पर है। उन्होंने 13 अप्रैल को फेसबुक में स्विफ्ट डिजायर वाहन क्रमांक सीजी 27 बी 6870 के बिक्री के लिए विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में गाड़ी सहित क्रेता का मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ था। गाड़ी खरीदने की इच्छा पर विज्ञापन में लिखे मोबाइल नंबर 6370686538 पर संपर्क किया। कॉल रिसीव करने वाला व्यक्ति अपना नाम विनोद कुमार डेविड बताया।
साथ ही अपने स्वयं को अर्द्ध सैनिक बल का जवान बताते हुए नागपुर एयरपोर्ट में तैनात रहने की बात कही। कार खरीदने के बारे में उनसे पूछने पर गाड़ी की कीमत 2.80 लाख रुपए बताया। इस तरह दोनों के बीच 2.50 लाख रुपए में सौदे की बात हुई। पीड़ित ने युवक की बात मानकर ऑनलाइन पेमेंट बैंक के माध्यम से 92500 रुपए का भुगतान कर दिया। खाते में राशि जाने के बाद ठग ने कार को कंटेनर वाहन में भेज देने की बात कही। लेकिन कार नहीं मिली। पीड़ित युवक ने ठगी का अहसास होने पर शुक्रवार को मारो चौकी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मोबाइल नंबर 6370686538 धारक ठग के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।



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दो रेत घाट पर आधी रात छापा, 9 ट्रैक्टर जब्त

शनिवार की रात 12 बजे एसडीएम और राजस्व टीम ने अवैध रेत उत्खनन पर कार्रवाई करते हुए बम्हनी और चरौदा घाट पर छापामार कर 9 ट्रैक्टर जब्त किया। कार्रवाई की सूचना लीक होने और एसडीएम की गाड़ी आते देखकर महानदी से खाली ट्रैक्टरों को लेकर माफिया भाग खड़े हुए।
ब्लॉक के महानदी रेत घाट बम्हनी और चरौदा में लगातार अवैध रेत उत्खनन की शिकायत पर एसडीएम लवीना पांडेय, नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने रात 12 बजे छापा मारने पहुंचे। अधिकारियों की कार्रवाई की खबर पहले ही लीक होने और एसडीएम की गाड़ी को आते देखकर नदी के अंदर रेत भर रहे ट्रैक्टरों को लेकर ड्राइवर भाग निकले। वहीं अवैध रेत खनन कर रहे लोग भी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए, मगर अधिकारियों की घेराबंदी के चलते रेत भरकर 9 ट्रैक्टर भागने की तैयारी में थे, जिसे जब्त कर गिधपुरी पुलिस थाने के सुपुर्द सौंप दिया गया है।
बैगर एनओसी व रॉयल्टी के रोज 200 ट्रैक्टर रेत बेच रहे
रेत घाटों का ठेका हो चुका है, मगर घाटों का पर्यावरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से किसी भी घाट को रॉयल्टी जारी नहीं हुआ है। इसका फायदा उठाकर गांव के लोग संगठित रूप से अवैध उत्खनन कर रोज 200 से अधिक ट्रैक्टर रेत बेच रहे हैं। इसके कारण रॉयल्टी की चोरी कर शासन को सीधे नुकसान पहुंचाया जा रहा है। लॉकडाउन का फायदा उठाकर 1000 रुपए की रेत को 2500 से 3000 रुपए ट्रिप में बेचकर माफिया वाले कालाबाजारी कर रहे हैं। वहीं गांव के लोग भी बिना पिट पास, रॉयल्टी या एनओसी होने पर 500 रुपए प्रति ट्रैक्टर रेत की वसूली कर रहे हैं।
नदी के अंदर रास्ते से भाग निकले माफिया: एसडीएम

एसडीएम लवीना पांडेय का कहना है कि अवैध रेत उत्खनन की लगातार शिकायत मिल रही थी। लोग लॉकडाउन का फायदा उठाकर रेत की कालाबाजारी कर रहे थे। इस पर कार्रवाई करने के लिए रात में रेत घाटों पर छापा मारा गया। मगर हमारी गाड़ी को आते देखकर माफिया महानदी के किनारे-किनारे भाग निकले। शायद कार्रवाई की पहले से भनक लगने से वे लोग सतर्क होगए थे। 9 ट्रैक्टर के खिलाफ खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।



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पलारी. अवैध रेत उत्खनन करने पर 9 ट्रैक्टर जब्त किए गए।




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पैदल घर जा रहे 9 मजदूरों को ट्रक में बैठाकर भेजा

महाराष्ट्र चंद्रपुर से 9 मजदूर पैदल ही फरसगांव के लिए निकले थे। सभी मजदूर रविवार को 4.30 बजे पंडरीपानी चौक में दिखे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोककर पूछताछ की। पुलिस ने पूछताछ के बाद कांकेर एसडीओपी आकाश मरकाम को जानकारी दी। इसके बाद सभी मजदूरों को जगदलपुर जा रहे ट्रक में बैठाकर रवाना किया। इससे पहले पूछताछ के दौरान मजदूरों ने अपना चेकअप होने के दस्तावेज पुलिस को दिखाए।इसमें राजनांदगांव और अंबागढ़ चौकी में भी सभी मजदूरों का कोरोना को लेकर चेकअप हुआ है और सभी स्वस्थ है। राजनांदगांव व अंबागढ़ चौकी में भी प्रशासन ने मजदूरों के आवागमन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। यहां पुलिस ने सभी को पानी भी पिलाया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें ट्रक में बैठाकर रवाना किया। यह सभी युवा मजदूर चंद्रपुर में ईट भट्टा में काम करने के लिए गए हुए थे, जो वापस फरसगांव अपने घर जा रहे थे। कांकेर एसडीओपी आकाश मरकाम ने कहा सभी मजदूरों का पहले कोरोना को लेकर स्वास्थ्य परीक्षण हो चुका है। कागजात जांच करने के बाद फरसगांव जाने के लिए भेजा गया है।
मजदूरों ने बताया कि कोरोना वायरस के लॉकडाउन के चलते वे चंद्रपुर में फंस गए थे। घर वापस जाने के लिए महाराष्ट्र की सरकार व प्रशासन के पास काफी गुहार लगाया। इसके बाद भी सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते सभी मजदूर पैदल ही फरसगांव जाने का फैसला लिया और गांव के लिए निकल पड़े। कई दिनों के पैदल यात्रा के बाद रविवार को वे कांकेर पहुंचे। युवक अजय कुमार ने कहा वे ईंट भट्टा में काम करने के लिए लॉकडाउन लगने से पहले गए थे, लेकिन वहां जाकर फंस गए और काम भी बंद हो गया।



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पैदल घर जा रहे 9 मजदूरों को ट्रक में बैठाकर भेजा

महाराष्ट्र चंद्रपुर से 9 मजदूर पैदल ही फरसगांव के लिए निकले थे। सभी मजदूर रविवार को 4.30 बजे पंडरीपानी चौक में दिखे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोककर पूछताछ की। पुलिस ने पूछताछ के बाद कांकेर एसडीओपी आकाश मरकाम को जानकारी दी। इसके बाद सभी मजदूरों को जगदलपुर जा रहे ट्रक में बैठाकर रवाना किया। इससे पहले पूछताछ के दौरान मजदूरों ने अपना चेकअप होने के दस्तावेज पुलिस को दिखाए। इसमें राजनांदगांव और अंबागढ़ चौकी में भी सभी मजदूरों का कोरोना को लेकर चेकअप हुआ है और सभी स्वस्थ है।

राजनांदगांव व अंबागढ़ चौकी में भी प्रशासन ने मजदूरों के आवागमन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। यहां पुलिस ने सभी को पानी भी पिलाया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें ट्रक में बैठाकर रवाना किया। यह सभी युवा मजदूर चंद्रपुर में ईट भट्टा में काम करने के लिए गए हुए थे, जो वापस फरसगांव अपने घर जा रहे थे। कांकेर एसडीओपी आकाश मरकाम ने कहा सभी मजदूरों का पहले कोरोना को लेकर स्वास्थ्य परीक्षण हो चुका है। कागजात जांच करने के बाद फरसगांव जाने के लिए भेजा गया है।



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आज से शहर की सभी दुकानें खुलेंगी अभी समय सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ही रहेगा

तीसरा लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही जिला प्रशासन ने 40 दिन से तालाबंदी झेल रहे व्यवसायियों के साथ ही शहर वासियों को बड़ी राहत दी है। शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान अब रोज सुबह 9 से 5 बजे शाम तक खोलने की अनुमति दी गई है लेकिन धारा 144 प्रभाव शील रहेगी 5 लोगों का इकट्ठा होना प्रतिबंधित किया गया है सबसे बड़ी बात रात 7:00 बजे से लेकर सुबह 7:00 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा इस दौरान घर के बाहर किसी भी तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित की गई है।
कलेक्टर डॉ अय्याज तंबोली ने बताया बस्तर जिले में सभी तरह की व्यावसायिक गतिविधियों को जारी करने की अनुमति दे दी गई है।पूर्व में भीड़ को देखते हुए इसे एक दिन के अंतराल में खोलने के संबंध में विचार किया गया था लेकिन व्यापारी संगठनों से बैठक के बाद तमाम सुरक्षात्मक उपाय करते हुए इसे रोज खोलने का निर्णय लिया गया है। दुकानें 50% कर्मचारियों के साथ संचालित किए जाएंगे।

रेस्टोरेंट खोले जाएंगे लेकिन वहां बैठकर खाने की सुविधा नहीं होगी रेस्टोरेंट अपने ग्राहकों को पार्सल से डिलीवरी करेंगे शहर की छोटी दुकानें और चौपाटी भी खोल दिए जाएंगे इसमें ठेले भी शामिल हैं लेकिन वहां बैठकर खाने की अनुमति नहीं दी जाएगी यह सभी गतिविधियां सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ही चल सकती हैं। चाय के ठेलों को उसी शर्त पर खोलने की अनुमति होगी कि वह ग्राहकों को वहां से चाय बना कर ले जाने की व्यवस्था करें ठेले पर खड़े होकर चाय पीना प्रतिबंधित किया गया है। पान की दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी गई है लेकिन वहां पान गुटखा और तंबाकू का विक्रय नहीं होगा।

सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखने की जरूरत

रात 7 से सुबह 7 बजे तक रोज जैसी तालाबंदी

कलेक्टर डॉ अय्याज तंबोली ने बताया कि रात 7:00 बजे से लेकर सुबह 7:00 बजे तक पूरी तरह तालाबंदी रहेगी किसी को भी बाहर घूमने की अनुमति नहीं होगी हालांकि दवा की दुकानें पेट्रोल पंप पानी बिजली की सेवा और मीडिया को इससे मुक्त रखा गया है।
सैलून-ब्यूटी पार्लर भी खुलेंगे पर सुरक्षा जरूरी
लॉकडाउन का दूसरे चरण पूरा होने के बाद अब ग्रीन जोन में शामिल बस्तर में भी सैलून, ब्यूटी पार्लर को खोलने की अनुमति दे दी गई है। लेकिन इसके लिए अलग से एडवाइजरी जारी की गई है। जिसके तहत सभी तरह के सुरक्षात्मक उपाय का पालन हर हाल में करना होगा।

बैठक में कलेक्टर ने ये निर्देश भी दिए

  • सभी तरह के सार्वजनिक परिवहन को बंद कर दिया गया है हालांकि केंद्र सरकार के गाइडलाइन में ऑटो रिक्शा चलाने की छूट दी गई है लेकिन राज्य सरकार के निर्देश पर फिलहाल ऑटोरिक्शा को चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • कहीं भी आने-जाने के लिए निजी वाहन का उपयोग किया जा सकता है ग्रीन जोन से दूसरे ग्रीन जोन तक जाने के लिए कलेक्टर की अनुमति जरूरी होगी।
  • सीए और कर सलाहकार के ऑफिस भी खोले जाएंगे लेकिन इसमें कर्मचारियों की उपस्थिति 33% तय की गई है।


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6 गांवों को कोरोना मुक्त रखने युवाओं ने बनाई चैंपियन-19 टीम

एक तरफ बीजापुर, नारायणपुर जिले के बॉर्डर तो दूसरी तरफ इंद्रावती नदी, इसी बीच बसे दंतेवाड़ा के 6 गांवों को कोविड-19 से सुरक्षित रखना है, इसलिए यहां चैंपियन-19 युवाओं की टीम बनी है। ये टीम कोरोना को मात देने क काम कर रही है। टीम में पाहुरनार, छोटे करका, तुमरीगुंडा, चेरपाल, कौरगांव व पदमेटा के पढ़े लिखे युवा हैं। भास्कर टीम दंतेवाड़ा के आखरी छोर में कौरगांव, चेरपाल पहुंची तो चैंपियन-19 टीम की मीटिंग चल रही थी। भास्कर टीम को आते देख युवाओं ने पूछताछ शुरू कर दी। भास्कर ने खुद के पास रखा सैनिटाइजर दिखाया, हैंडवाश किया, तब यह टीम बातचीत के लिए तैयार हुई।

नहीं थी जागरूकता, देश में बढ़ने लगे केस तो हुए सतर्क
लॉकडाउन 1.0 में यहां कोरोना को लेकर जागरुकता नहीं थी और न ही स्थानीय स्तर पर कोई खास काम हो रहे थे। लेकिन जब देश में केस बढ़ने लगे और लॉकडाउन बढ़ा तो ये गांव और यहां के ग्रामीण सुरक्षित रहें इसलिए छोटेकरका के शिक्षक जितेंद्र शर्मा ने गांव पहुंच टीम तैयार कर दी। बाकायदा टीम के युवाओं को काम कैसे करना है, इसकी विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। टीम की मॉनिटरिंग ये खुद कर रहे हैं। टीम जो काम करती है हर दिन रिपोर्ट देती है।

टीम ने युवाओं ने कहा- कोरोना हारेगा, जीतेंगे हम
टीम के युवा पीलाराम यादव, संजय, पत्तूराम सहित अन्य ने बताया कि कोरोना के बारे में किसी को कोई खास जानकारी नहीं थी। शिक्षक ने जब टीम बनाने का सुझाव दिया तो 1-2 नहीं बल्कि 30 से ज्यादा युवा तैयार हो गए। कोविड 19 से लड़ना है इसलिए हमने टीम में 19 युवाओं को ही रखा। ये चैंपियन-19 टीम है। हम खुद जीतने व कोरोना को हराकर अपने गांवों को जिताने का काम कर रहे हैं।
ये काम कर रही टीम

  • जिलों के बॉर्डर पर बसे हैं गांव, दूसरे जिले के ग्रामीणों को गांव में आने की इजाजत नहीं। सिर्फ विशेष परिस्थिति में ही आने दिए जा रहे।
  • 6 गांव के ग्रामीण एक दूजे गांव जा सकते हैं, लेकिन मास्क या गमछा बांधकर।
  • ग्रामीणों के पास मास्क नहीं है। गमछा का इस्तेमाल करने पर ज़ोर।
  • गांव के घरों में स्वच्छता बनाए रखने पर ज़ोर।
  • बच्चों व बुजुर्गों पर विशेष निगरानी। घर पर रहने की सलाह।
  • शहर जाकर आने वालों के नाम रजिस्टर में एंट्री कराने की ग्रामीणों से अपील।


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दंतेवाड़ा. चैंपियन-19 टीम में शामिल युवक-युवतियां, जो जिले के 6 गांवों में गश्त करने के साथ लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।




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पौने दो लाख में से 90 हजार ने नहीं कराई गैस रीफिलिंग

उज्जवला गैस कनेक्शनधारियों को अप्रैल, मई व जून महीने तक गैस रिफिलिंग का नि:शुल्क लाभ लेना है तो उन्हें उसके खाते में केंद्र सरकार द्वारा जमा किए गए रुपए से गैस भराना ही होगा। जिन कनेक्शनधारियों ने अभी तक अप्रैल में रिफिलिंग नहीं कराया है, उनके लिए एक सप्ताह का और समय है। वह 10 मई तक अप्रैल में आए रुपए को निकालकर रिफिलिंग करा सकते हैं। इसके बाद उन्हें मई और जून की रिफिलिंग राशि मिलेगी। अभी भी जिले में 90 हजार उज्जवला के कनेक्शनधारी रिफिलिंग नहीं कराए हैं, जबकि उनके खाते में राशि है। 50 प्रतिशत लोगों ने ही इस योजना का लाभ उठाया है।
इंडियन ऑयल के एरिया मैनेज सुनील कुमार का कहना है कि बुकिंग जारी है। लोग धीरे-धीरे करा रहे हैं। 50 प्रतिशत रिफिलिंग हो चुकी है। अभी उनके लिए समय है। वे एक सप्ताह के भीतर रिफिलिंग करा लेते है, तो उन्हें आगे योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने अप्रैल में रिफिलिंग कराई है, उनके खातों में कुछ दिन बाद फिर मई महीने की राशि जमा होगी। जिले में उज्जवला गैस कनेक्शन के एक लाख 76386 कनेक्शनधारी हैं। योजना की शुरुआत के पूर्व केवल 5 से 10 प्रतिशत रिफिलिंग होती है। सिलेंडर के दाम बढ़ते ही उज्जवला कनेक्शनधारियों का मोह गैस सिलेंडर से भंग हो गया है। मंहगाई के बाद से उन्होंने रिफिलिंग कराना छोड़ दिया था।

महिलाओं के खातों में जमा हुए 21 करोड़ रुपए
जनधन योजना के तहत केंद्र सरकार ने फेज-2 में जिले के महिला हितग्राहियों के खाते में 21 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिया है। मंगलवार से इसका वितरण शुरू होगा। इसके लिए सभी बैंकरों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। लॉकडाउन के मद्देनजर केंद्रीय वित्त मंत्री के निर्देश के बाद मई में दूसरे फेज के तहत हितग्राहियों के खाते में जमा हो गई है। लीड बैंक अधिकारी ने बताया कि गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार से 500 रुपए सीधे खाते में जमा कर रही है।



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आज से सुबह 9 से 2 तक दो दिन खुलेंगी सभी दुकानें, अगले सप्ताह से तीन दिन

लॉकडाउन 3.0 में आज से जिलेभर में सभी दुकानें फिर से शुरू हो जाएंगी। मेडिकल को छोड़कर अन्य दुकानों के लिए कैटेगरी वाइज अलग-अलग दिन तय किया गया है। यह दुकानें इस सप्ताह दो दिन सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी। अगले सप्ताह से इन दुकानों को तीन दिन का समय दिया जाएगा।
मेडिकल स्टोर्स पहले की तरह सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खोली जा सकेंगी। व्यापारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि दुकान के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना होगा, सैनिटाइजर और हाथ धोने की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही मास्क पहनकर आने वालों को ही सामग्री देनी होगी।
महासमुंद जिले में अब तक कोरोना के एक भी केस नहीं है। ऐसे में हमारा जिला ग्रीन जोन में है। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशानुसार यहां व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दी गई है। इस संबंध में सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ ही व्यापारियों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में कलेक्टर सुनील कुमार जैन, एसपी प्रफुल्ल ठाकुर, विधायक विनोद चंद्राकर, अपर कलेक्टर शरीफ मो. खान, एएसपी मेघा टेंभुरकर, एसडीएम सुनील कुमार चंद्रवंशी, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शंभू साहू सहित व्यापारी संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उमड़ी व्यापारियों की भीड़, वापस भेजना पड़ा
दोपहर 12 बजे मीटिंग की सूचना पर शहर के सभी व्यापारी बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंच गए थे। भीड़ देखकर वापस अपने चेंबर में लौट गए। एसडीएम सुनील कुमार जैन से व्यापारियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने कहा। कुछ व्यापारियों को बाहर भेज दिया गया। आखिरकार दोपहर 1 बजे मीटिंग शुरू हुई।
शराब के लिए नियम नहीं, हमारे लिए कई क्लॉज
चेंबर अध्यक्ष शंभू साहू ने बताया कि सभाकक्ष में मीटिंग शुरू होते ही व्यापारियों ने शराब दुकान खोले जाने पर नाराजगी जताई। व्यापारियों ने कहा कि शराब दुकान में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और न ही हाथ धुलाया जा रहा है। उनके लिए कोई नियम नहीं है। व्यापारियों के दुकान खोलने पर कई तरह के क्लॉज लगा दिए जाते हैं।

कौन सी दुकानें कब खुलेंगी टाइमिंग : सुबह 9 से दोपहर 2 तक

छड़, सीमेंट की दुकानें रविवार, गुरुवार, होम डिलीवरी (शेष दिन), इलेक्ट्रॉनिक्स, फ्लैक्स मंगलवार, शनिवार, होम डिलीवरी (शेष दिन), स्टेशनरी, किताबें रविवार, गुरुवार, सराफा, कपड़ा, बर्तन सोमवार, बुधवार, वेल्डिंग, वर्कशाॅप, लेथ, फोटोकाॅपियर, फोटो स्टूडियो, पैकिंग सामग्री की दुकानें सोमवार, बुधवार, ऑटोमोबाइल, आॅटोपार्ट्स, साइकिल रिपेयरिंग रविवार, गुरुवार, हार्डवेयर, मोबाइल, फर्नीचर, पूजा सामाग्री मंगलवार, शनिवार, फैंसी स्टोर्स, चश्मा दुकान, जनरल स्टोर्स रविवार, गुरुवार, होटल-रेस्टोरेंट रविवार, गुरुवार( केवल पैक्ड फूड की डिलीवरी), दवा दुकानें रोजाना ( सुबह 9 से शाम 5 बजे तक)।
17 मई तक बढ़ाई गई धारा-144
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सुनील कुमार जैन ने धारा-144 की सीमा 17 मई तक बढ़ा दी है। इस संबंध में रविवार की देर रात आदेश जारी किया गया। जारी आदेश के अनुसार शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक अनावश्यक भ्रमण और मूवमेंट पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।



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All shops will open two days from 9 am to 2 am today, three days from next week




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अब 9 से 5 बजे खुलेंगी दुकानें, यात्री परिवहन सेवाओं को छूट नहीं

ग्रीन जोन में रहने के कारण दंतेवाड़ा में अब लगभग सभी दुकानों को सशर्त खोलने की छूट मिल गई है, लेकिन कई चीजों पर अब भी प्रतिबंध लगा है। दंतेवाड़ा में क्या खुलेगा या क्या बंद रहेगा, इस बारे में कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने रविवार की देर शाम आदेश जारी किया। दुकानें खोलने का समय अब एक घंटा बढ़ा दिया गया है। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति है। वहीं यात्री परिवहन सेवाओं को अभी छूट नहीं दी गई है।
सोमवार सुबह तक लोगों को स्पष्ट जानकारी नहीं थी। ऐसे में लोग असमंजस में रहे। मंगलवार से अब शहर का पूरा मार्केट खुल जाएगा, लेकिन कोरोना की चुनौती अभी कम नहीं हुई है। प्रशासन किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता, ऐसे मेंं दंतेवाड़ा में अभी भी कई सुविधाओं को अनुमति नहीं मिली है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।
ये अब भी बंद रहेंगे

  • सार्वजनिक यातायात के सभी संसाधन बस, जीप, साइकिल रिक्शा, ऑटो पर प्रतिबंध।
  • सभा, रैली, जुलूस, धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक, खेल वैवाहिक कार्यक्रम।
  • सभी शैक्षणिक, कोचिंग संस्था, ऑनलाइन, डिस्टेंस लर्निंग की शैक्षणिक गतिविधियों को अनुमति।
  • सभी पर्यटन स्थल।
  • निवासीय सुविधा देने वाले होटल, वैवाहिक भवन, लॉन, ऑडिटोरियम, सामुदायिक भवन बंद रहेंगे।
  • खाद्य पदार्थ विक्रय के लिए छोटे दुकान, ढाबों, होटलों का संचालन बंद।
  • 5 लोगों से ज्यादा व्यक्ति सार्वजनिक व निजी स्थलों पर जमा होने पर पाबंदी।
  • शाम 7 से सुबह 7 बजे तक सभी गैर आवश्यक गतिविधियों के लिए व्यक्तियों की आवाजाही पर सख्ती।
  • विदेश, दूसरे राज्य व दूसरे जिला में यात्रा कर आए लोगों को क्वारेंटाइन ही रहना होगा।


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धार में पहली बार एक साथ 20 नए कोरोना संक्रमित, 9 की सेकंड रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव, 39 निगेटिव अाने से कुछ राहत

साेमवार देर शाम काे आई रिपाेर्ट में जिले में 20 नए लाेगोंमें काेराेना संक्रमण की पुष्टि हुई है। धार में पहली बार इतनी संख्या में लोग एक साथ संक्रमित पाए गए हैं। 20 लोगों के पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अब धार में पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या अब 75 हाे गई है। इधर नाै लाेगाें की दूसरी रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव पाई गई हैं। इसमें काेराेना काे हराकर ठीक हाे चुकी निजी अस्पताल की स्टाफ नर्स के भाई सहित पीथमपुर की महिला भी शामिल है। 39 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाने से थाेड़ी राहत है।


नए संक्रमित मरीजाें में धार की पट्ठा चाैपाटी के पांच, कुक्षी का एक, जिले के डेहरी भगरू चाैपाटी के 14 मरीज शामिल हैं। इधर साेमवार काे दाेपहर में जिला अस्पताल पहुंची एक वृद्धा की माैत हाे गई। उसका सैंपल लिया गया था। पुलिस अभिरक्षा में उसकाे नगर पालिका के माध्यम से कब्रिस्तान में दफनाया गया।


साेमवार काे 12 से 28 अप्रैल के बीच लिए गए सैंपल की रिपाेर्ट आई। ये सभी लाेग लंबे समय से रिपाेर्ट आने का इंतजार कर रहे थे। इनमें एक पाॅजिटिव मरीज की दूसरी रिपाेर्ट निगेटिव आई है। यदि उसकी तीसरी रिपाेर्ट भी निगेटिव आती है ताे उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। पांच लाेगाें काे इनवेलिड माना गया है यानी उनके सैंपल काे मशीन ने स्वीकार नहीं किया। सिविल सर्जन डाॅ. अनिल वर्मा का कहना है कि यदि ऐसे लाेग 14 दिन से क्वारेंटाइन में हैं और उन्हें किसी प्रकार के लक्षण नहीं हैं ताे वे सामान्य माने जाएंगे, उनका रिसैंपल लेने की जरूरत नहीं रहेगी। गाैरतलब है कि साेमवार की रात में आई रिपाेर्ट में 20 लाेग संक्रमित पाए गए, जबकि पीथमपुर की रामरतन पटेल कॉलोनी की महिला की सेकंड रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई है।

महाजन अस्पताल के आइसाेलेशन सेंटर से काेराेना की जंग जीत कर ठीक हुए नाै साल के बालक राज काे साेमवार काे डिस्चार्ज कर दिया गया। उसे गुलदस्ता और गिफ्ट देकर तालियां बजाकर उसका स्वागत किया। राज इस बीच अपनी मां काे देखता रहा। एक क्षण के लिए मां भी अपने बेटे काे कई दिनाें बाद देखकर कुछ नहीं बाेल पाई। हालांकि उसकी मां अाैर दाेनाें बहनाें की रिपाेर्ट भी रविवार काे निगेटिव एई है। इसलिए उसे मां के साथ एंबुलेंस से मनावर भेजा गया। अस्पताल के बाहर राज की मां रेखाबाई ने बताया कि हम काफी समय से इंदाैर चले गए हैं। बच्चे वहीं पर पढ़ते हैं। सास-ससुर ने कहा था कि गांव आ जाओ यहां परेशानी हैं इसलिए आगए थे। बाद में गांव वालाें ने हमें घुसने नहीं दिया। मनावर से धार और धार से मनावर ही करते रहे। इसी दाैरान मेरे बेटे काे काेराेना हुआ। राज ने वी का चिन्ह दिखाया।


जिन मजदूराें काे गुजरात छाेड़ा, उनमें दाे पाॅजिटिव आए, बस चालक काे क्वारेंटाइन किया
जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी ने बताया कुछ दिन पहले धार से प्रशासन ने गुजरात के मजदूराें काे बस से दाहाेद पहुंचाया था। लेकिन वहां से जानकारी आई है कि इनमें से दाे मजदूर पाॅजिटिव पाए गए हैं, हालांकि वे गुजरात में ही गिने जाएंगे। इसके बाद हमने धार की गुलमाेहर काॅलाेनी के बस चालक और क्लीनर की जानकारी निकाली, चालक देवास में था, उसे धार बुलाकर जांच के बाद क्वारेंटाइन कर दिया है। दाेनाें हाईरिस्क में थे।


रिपोर्ट आई नहीं और स्टाफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियोंकाे डिस्चार्ज कर हाेम क्वारेंटाइन किया

जिला अस्पताल की स्टाॅफ नर्साें और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें काे रिपाेर्ट दिए बगैर ही क्वारेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज कर हाेम क्वारेंटाइन कर दिया है। इन स्टाॅफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें में कुछ काे गले में खराश व खांसी की शिकायत है। रिपाेर्ट नहीं आने से इन कर्मचारियाें में काेराेना काे लेकर संशय बना हुआ है। रिपाेर्ट नहीं आने की बात से समस्त स्टाॅफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें ने पत्र के माध्यम से उच्चाधिकारियाें काे अवगत भी कराया है। फिलहाल काेई जवाब नहीं मिला है। जिला अस्पताल से सफाई दराेगा के काेराेना पाॅजिटिव निकलने के बाद एसएनसीयू वार्ड की स्टाॅफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों(50 से अधिक) के सैंपल लेकर भेजे गए थे। उनमें करीब 25 कर्मचारियाें की रिपाेर्ट आना बाकी है।


तीन दिन में आना था रिपोर्ट, 17 दिन बाद भी नहीं आई

18 अप्रैल काे सैंपल भेजे गए थे। नियमानुसार तीन दिन में रिपाेर्ट आ जाना चाहिए थी, लेकिन अब तक रिपाेर्ट नहीं आई। 17 दिन हो गए पर रिपाेर्ट नहीं आने से चिंता और बढ़ गई है। नाम न छापने की शर्त पर नर्साें ने बताया कि हम शहर की एक पाॅश एरिया में किराए के मकान में रहती हैं। हाेम क्वारेंटाइन हाेने से वे घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। सामान भी नहीं ला पा रहे हैं। एक अन्य नर्स का कहना है कि वे जब क्वारेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज हाेकर पहुंची ताे मकान मालिक ने पहले रिपाेर्ट मांगी। मकान मालिक बार-बार रिपाेर्ट काे लेकर पूछते रहते हैं।


ऑक्सीजन का लेवल कम था, रैफर न करने पर अड़े रहे परिजन
सिविल सर्जन डाॅ. अनिल वर्मा ने बताया कि साेमवार दाेपहर में गुलमाेहन काॅलाेनी की 65 साल की महिला काे परिजन लेकर आए थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। पहले से अस्थमा था। ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था। इसलिए इंदाैर रैफर किया था। एंबुलेंस के साथ अन्य सभी सुविधा भी थी, लेकिन परिजन न ले जाने पर अड़े रहे। बाद में दम ताेड़ दिया, हालांकि उसका सैंपल लिया गया था। उसकाे पुलिस अभिरक्षा में धार के कब्रिस्तान में दफनाया गया।


पति के बाद बावड़ीपुरा की महिला की दाे दिन पहले इंदाैर में माैत
नालछा ब्लाॅक के बावड़ीपुरा 50 साल की महिला अाैर उसके पति काे जिला अस्पताल मंे भर्ती कराया गया था। लेकिन पति मगन की जिला अस्पताल में माैत हाे गई थी। उसकाे कोरोना संदिग्ध माना गया था। जिला अस्पताल में उसका सैंपल भी लिया गया था इसलिए प्रशासन द्वारा पुलिस अभिरक्षा में उसका अंतिम संस्कार कराया गया था। उसकी पत्नी काे इंदाैर भेजा गया था, जहां दाे दिन पहले इलाज के दौरान उसकी माैत हाे गई। इंदाैर प्रशासन ने वहीं पर अंतिम संस्कार कराया। डाॅ. वर्मा का कहना है कि अभी तक दाेनाें की रिपाेर्ट नहीं अाई है। बावड़ीपुरा में परिजन हाेम क्वारेंटाइन में हैं।


डाॅ. अनिल वर्मा, सिविल सर्जन, धारने कहा -लापरवाही नहीं
जिनकाे हाेम क्वारेंटाइन किया गया है, उन्हें जल्द काम पर बुलाया जाएगा। गले में खराब एलर्जीक है, काेराेना वाले लक्षण नहीं है। रिपाेर्ट के बारे में कुछ नहीं कह सकते। यह शासन स्तर का काम है लापरवाही जैसी बात नहीं है।

शैलेंद्र साेलंकी, अपर कलेक्टर, जिला धार ने कहा

आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार हाेम क्वारेंटाइन हुए कर्मचारियाें काे काम करने की छूट है। इनमें कुछ शर्ते हैं जिनका पालन उन्हें करना हाेगा। इसकी कार्रवाई सीएमएचओ ही कर सकते हैं।

डाॅ. आरसी पनिका, सीएमएचओ ने कहा

नर्साें की रिपाेर्ट के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता, आप सिविल सर्जन से इस संबंध में जानकारी लें।



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For the first time in Dhar, 20 new corona infected simultaneously, 9 second report is also positive, some relief from 39 negative eyes




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92 हजार कॉपियों की जांच हुई पूरी, बोर्ड को भेजने की तैयारी

पहले चरण के मूल्यांकन के लिए आई उत्तरपुस्तिकाओं का जांच पूरा हो गया है। मंगलवार से इन उत्तरपुस्तिाकाओं का कलेक्शन करना भी प्रारंभ हो गया है। शिक्षकों के घर-घर जाकर समन्वय केंद्र की टीम कलेक्ट करेगी है। इसके लिए सात रूट भी निर्धारित की गई है।
जिसके अनुसार टीम शिक्षकों के घर वाहनों से पहुंच रहे कर कॉपियां संग्रहित करेगी हैं। कलेक्ट करने के लिए भी सात रूट के साथ सात प्रभारी भी बनाए गए हे, जो बुधवार से कलेक्टर करेगी। इसके लिए समन्वय केन्द्र की ओर से गाडिय़ों की व्यवस्था भी की गई है। जिला समन्वयक केंद्र प्रभारी एस चंद्रसेन बताया कि बताया कि पहले चरण का मूल्यांकन पूरा हो गया है। अब उन्हें कलेक्ट कर बोर्ड को भेजी जाएगी। कलेक्शन का कार्य बुधवार से शुरु किया जाएगा। कलेक्शन होते ही आगामी तीन दिनों के भीतर इन्हें बोर्ड को भेज दिया जाएगा। इधर, दूसरे चरण में आई उत्तरपुस्तिकाओं की भी जांच शुरू हो गई है। सप्ताहभर बाद यह उत्तर पुस्तिकाएं भी जच जाएंगे। जनकारी के अनुसार पहले चरण में कुल 92 हजार 755 कॉपियां बोर्ड ने मूल्यांकन के लिए भेजी थी। इसमें से हाईस्कूल की 25 हजार 608 और हायर सेकेंडरी की 67 हजार 261 उत्तरपुस्तिका थी। इनमें सभी कॉपियों मूल्यांकन कर लिया गया हैं।
काॅपियों जांचने के लिए 600 शिक्षकों की नियुक्ति
दूसरे चरण में जिले से मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के पास कुल 19 हजार 132 कॉपियां भेजी गई है। इनका मूल्यांकन आगामी एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसमें हाई स्कूल के 7954 व हायर सेकेंडरी के 11178 उत्तरपुस्तिका है। इनके मूल्यांकन के लिए जिलेभर में बोर्ड द्वारा करीब साढ़े 6 सौ शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। हालांकि इनमें 214 शिक्षकों को ही मूल्यांकन के लिए कॉपियां दी गई है।
7 रूटों में दौड़ेंगे काॅपियों को एकत्र करने के लिए वाहन
जिला समन्वयक केंद्र प्रभारी ने बताया कि मूल्यांकन के लिए सात रूट बनाकर शिक्षकों को उत्तरपुस्तिकाएं पहुंचाई गई थी। अब इन उत्तरपुस्तिकाओं का कलेक्ट बुधवार से किया जाएगा। महासमुंद, बागबाहरा, बसना सरायपाली व पिथौरा इन पांचों ब्लॉक में सात रूट बने है। बोर्ड की गाड़ी आएगी और सात प्रभारियों के साथ जाकर निर्धारित रूट के हिसाब से उत्तरपुस्तिकाओं को कलेक्ट करेगी।



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Investigation of 92 thousand copies completed, preparations to send to board




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प्रदेश में लौटेंगे सवा लाख मजदूर, क्वारेंटाइन क्षमता सिर्फ 2720 की, 4 लैब में ही जांच होने से वेटिंग लाइन में 956 सैंपल

राजधानी और आसपास कोरोना के नए मरीज फिर आने लगे हैं। रायपुर एम्स में मंगलवार को आधी रात तक 23 मरीज भर्ती हैं। कटघोरा संकट में एक साथ इतने मरीज भर्ती नहीं हुए। माना जा रहा है कि कोरोना जांच, मरीजों और संपर्क में आए लोगों की निगरानी (क्वारेंटाइन) और इलाज की अग्निपरीक्षा अब होगी। इन मुद्दों की पड़ताल करती भास्कर टीम की यह रिपोर्ट

कोरोना जांच छह में से केवल चार लैब में इसलिए वेटिंग की लाइन में 965 सैंपल

प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग के लिए छह लैब है, लेकिन केवल चार में जांच होने से वेटिंग बढ़ रही है। सोमवार को 935 सैंपल की रिपोर्ट आई थी, पिछले एक हफ्ते से यह आंकड़ा रोजाना औसतन 900 रिपोर्ट के आसपास है, लेकिन मंगलवार को केवल 517 सैंपलों की रिपोर्ट आई। यही वजह है कि बुधवार के लिए लंबित सैंपलों की संख्या 965 हो गई। इनमें से एम्स में 366, नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में 42 व जगदलपुर में 518 व रायगढ़ में 39 सैंपलों की रिपोर्ट पेंडिंग है।
प्रदेश में पहले से एम्स, नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर व सरकारी मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में कोरोना की जांच हो रही है। हाल ही में मेडिकल कॉलेज रायगढ़, टीबी रिसर्च सेंटर लालपुर को जांच के लिए अनुमति मिली है। एक निजी लैब एसआरएल को माहभर पहले ही अनुमति मिल गई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण वहां जांच ही शुरू नहीं हो पाई है। मेडिकल बुलेटिन के अनुसार टीबी रिसर्च सेंटर लालपुर में एक भी जांच नहीं हुई है। रायगढ़ में ट्रायल के बाद सोमवार को जांच शुरू हुई। मंगलवार को जांच की संख्या में अचानक कमी क्यों आ गई, इस पर प्रबंधन कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार जांच की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। ताकि रिपोर्ट जल्दी आ सके और मरीजों की पहचान हो सके। एम्स में अब तक 13594, नेहरू मेडिकल कॉलेज में 4287 व जगदलपुर में 3312 व रायगढ़ में 130 सैंपलों की जांच हो चुकी है। प्रदेश में अब तक 21323 सैंपलों में 20300 की रिपोर्ट नेगेटिव रही है।

अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है। सबसे ज्यादा मरीज कोरबा जिले में 28, दुर्ग में नौ, रायपुर में सात, कवर्धा में छह, सूरजपुर में छह, काेरिया में दो, बिलासपुर व राजनांदगांव में एक-एक मरीज मिला है। इनमें 36 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 17896 लोग होम क्वारेंटाइन में है। जबकि सरकारी क्वारेंटाइन में 566 लोगों को रखा गया है। ये दूसरे राज्यों से आए मजदूर हैं या जो कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं, वो लोग हैं।

सवा लाख श्रमिक लौटेंगे, प्रदेश मेंसिर्फ 2720 क्वारेंटाइन क्षमता

प्रदेश के करीब सवा लाख मजदूरों की वापसी इसी हफ्ते शुरू होने लगेगी और 15 मई तक पूरी हो जाएगी। इनमें रायपुर जिले के ही 1557 श्रमिक हैं। रायपुर में आधा दर्जन क्वारेंटाइन सेंटर में पूरी क्षमता के साथ बमुश्किल 500 लोगों को ही रखा जा सकता है। जबकि राजधानी और प्रदेश में मिलाकर अब तक क्वारेंटाइन की जो क्षमता विकसित की गई है, वह केवल 2720 लोगों की ही है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक हफ्ते में करीब सवा लाख लोगों के क्वारेंटाइन के पुख्ता इंतजाम मुश्किल हैं। यही नहीं, उतनी ही संख्या में टेस्ट किट की जरूरत भी पड़ने वाली है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अभी प्रदेशभर में लैब वाली केवल 15 हजार किट ही हैं, जिनसे कोरोना की पुष्टि हो रही है। रैपिड टेस्ट किट 70 हजार हैं, लेकिन कोरोना पाजिटिव निकला तो लैब वाली किट (आरटीपीसीआर) से जांच करनी ही होगी।
भास्कर को विशेषज्ञों ने बताया कि राजधानी समेत प्रदेश में श्रमिकों के जत्थों को जहां भी ले जाया जाएगा, क्वारेंटाइन करने से पहले सभीके स्वाब की जांच कराई जाएगी। सभी मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखना इसलिए जरूरी है, क्योंकि वे संक्रमित राज्यों से लौटेंगे। रायपुर के मरीजों काे कहां रखा जाएगा, यह तय नहीं है। क्वारेंटाइन सेंटर में पुलिस जवानों के साथ दूसरे स्टाफ की भी निगरानी के लिए जरूरत पड़ेगी। यह व्यवस्था भी आसान नहीं है। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक ने मजदूरों के लिए गांवाें के बाहर क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाने की बात कही है।
उन्होंने जरूरी व्यवस्था के लिए पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों की जांच, आवास, भोजन, स्नान, शौचालय, साफ-सफाई, बेरिकेडिंग की व्यवस्था की जानी है। सूत्रों के मुताबिक यह बड़ा अभियान है, जिसके लिए बड़े सिस्टम को अभी से ऑन करने की जरूरत है, वर्ना ऐन वक्त पर समस्याएं आसकती हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में जम्मू-कश्मीर से 24090 श्रमिक, महाराष्ट्र 18704, उत्तरप्रदेश 13172, तेलंगाना 12730, गुजरात 8071, कर्नाटक 3279, तमिलनाडु 2963, मध्यप्रदेश 2840, आंध्रप्रदेश 2392, हरियाणा 2008, दिल्ली 1967 और हिमाचल से 1665 श्रमिक 15 मई से पहले यहां पहुंचने की संभावना है।
जांच की क्षमता बढ़ानी होगी : नागरकर
"हम अभी रोज 500 सैंपल जांच रहे हैं, लेकिन श्रमिकों के आने के बाद 1000 सैंपल जांचने होंगे। मशीनें बढ़ानी होंगी।"
-डॉ. नितिन एम नागकर, डायरेक्टर एम्स

कई विभाग तैयारी में लगे हैं : त्रिपाठी
"मजदूरों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर व खाने की व्यवस्था पंचायत व राजस्व विभाग करेगा। हेल्थ विभाग इलाज की तैयारी में है।"
-डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी कोरोना सेल



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राजधानी की हर सड़क-गली में नियमों की ऐसी धज्जियां




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गिर्रा में डेढ़ साल से महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं प्रसव कराने 9 किलोमीटर दूर पलारी जाना पड़ रहा

पलारी ब्लॉक के ग्राम गिर्रा उप-स्वास्थ केंद्र में पिछले डेह साल से प्रसव बंद हो गया है जिससे आसपास के ग्रामों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर 9 किमी दूर पलारी अस्पताल जाना पड़ रहा है क्योंकि यहां पर पदस्थ महिला स्वास्थ कार्यकर्ता हेमलता ठाकुर को 5 सितंबर 2018 से कसडोल ब्लाक के अस्पताल में संलग्न कर दिया गया है। तब से गिर्रा में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का पद खाली पड़ा है जिसके कारण उप-स्वास्थ केंद्र में प्रसव बंद हो गए हैं।
ग्रामीणों ने कई बार महिला कार्यकर्ता को वापस लाने की गुहार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से लगाई लेकिन किसी ने सुना नहीं। इसकी जानकारी जब जनपद पंचायत पलारी के सभापति हेमा रोहित साहू सहकारिता विभाग, पूर्णिमा वीरेंद्र महेश्वरी सभापति महिला बाल विकास को हुई तो उन्होंने बीएमओ डॉ. एफआर निराला से मिलकर तत्काल गिर्रा उप-स्वास्थ केंद्र में महिला स्वस्थ कार्यकर्ता को वापस लाने का आवेदन किया। बीएमओ को सौंपे ज्ञापन में दोनों सभापतियों ने कहा कि गिर्रा की महिला स्वास्थ कार्यकर्ता को वापस किया जाए, उनके नही होने से महिलाओं को काफी दिक्कत हो रही है। खासकर गर्भवती महिलाओं को समय बे समय प्रसव पीड़ा होने पर 9 से 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है जो जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जोखिम भरा होता है। इस संबंध में बीएमओ ने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उनका पत्र वे उच्च कार्यालय को अग्रिम कार्रवाई के लिए तत्काल भेज देंगे।
डा. निराला ने बताया कि गिर्रा में महिला स्वास्थ कार्यकर्ता का पद रिक्त नहीं है वहां पर पदस्थ कार्यकर्ता को कसडोल संलग्न कर देने से वहां महिला कार्यकर्तानहीं है जिसे वापस करने विभाग को पहले ही कई बार पत्र लिखा जा चुका है।



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In Girra, women health workers have not to go to Palari 9 km to deliver for one and a half years




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पंजीयन एक लाख से अधिक का, ऑनलाइन 932 छात्र ही पढ़ रहे

लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई में छात्र रूचि नहीं ले रहे हैं। सरकार द्वारा पहली से 12वीं के छात्रों के लिए शुरू की गई इस योजना में बलौदाबाजार जिला पीछे हो रहा है। इस योजना के तहत जिले के 2 लाख 58 हजार छात्रों में सिर्फ आधे छात्रों ने यानी सिर्फ 1 लाख 28 हजार छात्रों ने ही पंजीयन कराया है। मगर सिर्फ 932 विद्यार्थी की ऑऩलाइन पढ़ाई में रूचि ले रहे है।
बीआरसी के शिक्षक एमएल साहू से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 9019 शिक्षकों में से 95 प्रतिशत शिक्षकों का पंजीयन हो चुका है। जिले में 1 लाख 28 हजार छात्रों ने पंजीयन जरूर कराया है लेकिन महज 932 छात्र ही इस एप के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र यहां के अधिकांश बच्चे पढ़ाई छोड़ क्रिकेट, गुल्ली, डंडा सहित अन्य खेलों में मस्त हैं। उल्लेखनीय है कि लाॅकडाउन की वजह से जिले के 1192 प्राइमरी, 643 मिडिल, 102 हाईस्कूल व 133 हायर सेंकंडरी, पांच अनुदान प्राप्त स्कूल, चार डीएव्ही, कस्तूरबा गांधी स्कूलों को मिलाकर कुल दो हजार 83 स्कूल बंद हैं। ऐसे में जिले में पहली से 12वीं तक के 2 लाख 58 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा ‘पढ़ाई तुहर द्वार‘ योजना के तहत् पढ़ाई कराई जा रही है। विद्यार्थियों द्वारा पंजीयन कराने के मामले में बलौदाबाजार जिले की स्थिति भले ही थोड़ी बेहतर है मगर इस योजना के तहत पढ़ाई में नेटवर्क तथा एंड्राइड मोबाइल की उपलब्धता तथा छात्रों के रूचि नहीं होने के कारण यह योजना वास्तविक उद्देश्यों से कोषों दूर दिखाई दे रही है।
बच्चे योजना समझ ही नहीं पाए, शिक्षकों में भी रुचि कम
यहां तो स्थिति ऐसी है कि बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल ही नहीं है, ऐसे में बच्चे पढ़ाई कैसे करेंगें। सूत्रों की मानें तो आज भी हजारों बच्चे इस योजना को समझ नहीं पाए हैं, योेजना के प्रति शिक्षकों का उत्साह भी कम दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों मेें बच्चे घूमते, खेलते नजर आ रहे हैं। लाॅकडाउन की वजह से लोग घरों में हैं, ऐसे में मोबाइल डाटा का उपयोग भी ज्यादा हो रहा है। वही वनांचल क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या ज्यादा है यही कारण है कि यहां एंड्राइड मोबाइल फोन व नेटवर्क की समस्या ज्यादा होने लगी है।



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Registration of more than one lakh, online only 932 students are studying




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9.20 लाख से ठाकुर तालाब का होगा गहरीकरण, 2.13 लाख से घाट निर्माण

ग्राम पंचायत सेमरा के आश्रित ग्राम भाटखार में 9.20 लाख की लागत से ठाकुर देव तालाब गहरीकरण और निर्मला घाट निर्माण शुरू हो गया है। तालाब के गहरीकरण पर 7.7 लाख और निर्मला घाट बनाने पर 2.13 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। तालाब गहरीकरण रोजगार गारंटी कार्य जारी हैं। ग्राम पंचायत सेमरा में नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य मीना बंजारे सोमवार को सेमरा भाटखार ठाकुर देव तालाब गहरीकरण कार्य देखने गए। मजदूरों से मिले। उन्होंने सभी मजदूरों का हाल चाल जाना एवं सोशल डिस्टेंस बनाकर कार्य करने को कहा।
मजदूरों ने बताया कि ठाकुर देव तालाब में कार्य करने के लिए रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य करने के लिए मांग पत्र में अपना नाम एवं जाब कार्ड नंबर दर्ज कराया जा रहा हैं।इससे प्रति जाब कार्ड के प्रत्येक सदस्य को काम दिया जा रहा है। लॉकडाउन होने से लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई हैं। मजदूरों को रोजी रोटी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम पंचायत सेमरा में लगभग 1600 मजदूरों का 700 जाब कार्ड बना है। सेमरा ग्राम पंचायत बड़ा ग्राम पंचायत होने के कारण मजदूरों की संख्या अधिक है, जिससे मजदूरों को बारी-बारी से काम कराया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए हर दिन लगभग 150 से 200 मजदूर काम कर रहे हैं। सेमरा सरपंच श्रवण कुमार ध्रुव, कुशल राम साहू वार्ड पंच, उपसरपंच घनश्याम साहू ने सभी लोगों ने मजदूरों से सोशल डिस्टेंस बनाकर काम करने कहा।



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Thakur pond will be deepened from 9.20 lakhs, ghat construction from 2.13 lakhs




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संक्रमितों के संपर्क में आए 59 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव, 21 दिन रहेंगे क्वारेंटाइन

रेंगाखार और समनापुर जंगल में मिले 6 कोरोना संक्रमितों के सीधे संपर्क में आए 59 लोगों के सैंपल लिए गए थे । राहत की बात है कि सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। फिर भी संबंधितों को 21 दिन तक क्वारेंटाइन में ही रखेंगे। इस दौरान उनकी दोबारा सैंपल लेकर जांच कराई जा सकती है, लेकिन अभी कोरोना का लक्षण बाद में भी दिख सकता है।
संक्रमितों के मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने उनके सीधे संपर्क में आए परिजन, पड़ोसियों और क्वारेंटाइन में रह रहे 59 लोगों के सैंपल लिए थे। साथ ही सरपंच-सचिव, कोटवार, चौकीदार, तहसीलदार और एसडीएम समेत 26 अन्य लोगों के सैंपल लिए गए थे। सभी के सैंपल 4 मई को ही एम्स रायपुर भेजी गई थी, जिनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है । रिपोर्ट से स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन ने राहत की सांस ली है। अब भी शेष 26 लोगों की रिपोर्ट आना है। ट्रैवल हिस्ट्री जुटाने पर पता चला है कि संक्रमित मिले 6 में से 3 लोग नागपुर (महाराष्ट्र) से पैदल राजनांदगांव होते हुए रेंगाखार पहुंचे थे। वहीं 3 अन्य लोग हैदराबाद (तेलंगाना) से अपने गांव लौटे थे।
संक्रमण के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे

कोरोना संक्रमितों के मिलने पर ग्राम रेंगाखार कला, समनापुर जंगल, चमारी, सुतिया और तितरी (वन गांव) को पूरी तरह से सील कर दिया गया है । कंटेनमेंट जोन में शामिल इन गांवों में पिछले 3 दिन से सन्नाटा पसरा हुआ है । संक्रमण के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे । गांवों में पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है। गांव से बाहर जाने और बाहर से अंदर आने वालों पर नजर रखी जा रही है। साप्ताहिक बाजार लगना बंद है। सिर्फ राशन व जरुरी वस्तुओं की दुकानें निर्धारित समय में खोली जा रही है।
हैदराबाद से पहुंचे मजदूर, बॉर्डर से लगे मोहगांव में उतरे

छग- मध्यप्रदेश बॉर्डर पर स्थित रेंगाखार व समनापुर जंगल में उस वक्त और हड़कंप मच गया, जब बॉर्डर से लगे ग्राम मोहगांव, मलाजखंड (मध्यप्रदेश) में मंगलवार को दो ट्रकों में भरकर 150 से ज्यादा मजदूर हैदराबाद (तेलंगाना) से पहुंचे। ट्रकों से उतरने के बाद मजदूर अपने-अपने गांवों की तरफ जाने लगे। इनमें छग के भी मजदूर शामिल थे। स्थानीय प्रशासन को जब इसका पता चला, तो हड़बड़ी में मजदूरों को रोकवाया। इसके बावजूद बहुत से मजदूर वहां से जा चुके थे। गंभीर बात तो यह है कि मलाजखंड के मोहगांव में जहां ट्रकों से मजदूर उतरे, वह समनापुर जंगल बॉर्डर से महज 15 से 16 किमी दूरी पर है। इससे इलाके के गांवों में लोगों की फिक्र और बढ़ गई।

क्वारेंटाइन सेंटर में घुसा शराबी, बिस्तर पर सोया अब हवालात में
ग्राम पंचायत टाटीकसा के क्वारेंटाइन सेंटर में मंगलवार रात एक शराबी घुस आया। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों के बिस्तर पर लेटा और शराब भी गिरा दिया। मजदूरों के शोर मचाने पर शराबी वहां से चला तो गया, लेकिन गांव में इधर-उधर घूमने लगा, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। घटना की जानकारी तहसीलदार रेखा चंद्रा से हुई, तो उन्होंने बाजार चारभाठा चौकी में शिकायत की। हरकत में आई पुलिस ने बुधवार को शराबी व्यक्ति को गांव से गिरफ्तार कर लिया है। चौकी प्रभारी गीतांजलि सिन्हा ने बताया कि आरोपी गोमती प्रसाद त्रिपाठी ग्राम टाटीकसा का रहने वाला है।

500 से ज्यादा सैंपल लिए, 235 की रिपोर्ट आई निगेटिव
संक्रमण की रोकथाम के लिए विदेश यात्रा और दूसरे राज्यों व जिलों से आए 500 से ज्यादा लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। इनमें से 235 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अब भी 55 फीसदी लोगों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। कोरोना पॉजिटिव मिलने पर सैंपलिंग में तेजी आई है। पिछले दो दिन में ही कंटेनमेंट जोन में शामिल गांवों से 211 लोगों के सैंपल लिए गए हैं ।
घटना के बाद पूरे गांव को सैनिटाइज कराया

घटना के बाद से ग्रामीण डरे हुए हैं । आरोपी गोमती प्रसाद को गांव से बाहर दूसरे जगह क्वारेंटाइन करने मांग की जा रही है । ताकि वह गांव में दहशत न फैलाए । इधर, घटना के बाद सरपंच ने पूरे गांव को सैनिटाइज कराया।



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Report of 59 people exposed to infected is negative, quarantine will remain for 21 days




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अंकुरण आने वाले मक्के को खरीदेगी कंपनी, 89 किसानों को मिलेगी राहत

आलोर में खड़ी मक्के की फसल के दाने में अंकुरण हो जाने के मामले में किसानों को बुधवार बड़ी राहत मिली। जिन किसानों ने इस हाईटेक कंपनी का 5106 बीज लगाया था। उन किसानों की मक्के की फसल कंपनी वापस खरीदेगी। इससे किसानों को नुकसान न उठाना पड़े। कंपनी के इस फैसले से आलोर क्षेत्र के करीब 89 किसानों की सीधी राहत मिली है।
कापसी क्षेत्र के ग्राम आलोर क्षेत्र में जिन किसानों ने हाईटेक कंपनी का 5106 मक्का बीज लगाया था उन किसानों की फसल आने के बाद खड़ी फसल के दाने में ही अंकुरण आ गया। ऐसे में किसानों को अपने फसल को बेचने को ले चिंता बढ़ गई। कोरोना संकट के चलते पहले की क्षेत्र में मक्का का रेट गिरा हुआ है। ऐसे में खराब हो चुका मक्का कौन लेगा, इससे लेकिन किसान परेशान थे। जब इसकी खबर भास्कर को लगी तो भास्कर ने यह मुद्दा बड़ी प्रमुखता से उठाया गया। इसके बाद विभाग और कंपनी दोनों हरकत में आई। खबर लगने के बाद स्वयं उप संचालक कृषि ने आलोर पहुंच किसानों की समस्या देखी और इस खराबी को देखने कांकेर से कृषि वैज्ञानिक भी आए और फसल का सेम्पल ले गए, ताकि इसका कारण पता लगाया जा सके। बुधवार को हाईटेक कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक छत्तीसगढ़ सूरज यादव पहुंचे और किसानों के खेत में फसल देखी। उन्होंने पीड़ित किसानों से बात की।
किसानों ने कहा पहली बार कोई कंपनी नुकसान की भरपाई कर रही : क्षेत्र के किसानों ने बताया कई वर्षो से वे खराब बीज के कारण फसल खराब होने की बात सुनते रहे है, लेकिन पहली बार है कि किसी कंपनी ने किसानों के नुकसान की भरपाई कर रही हो। किसानों ने भास्कर के साथ बीज कंपनी का भी आभार माना है। इस निर्णय से आलोर क्षेत्र के 89 किसानों को राहत मिलेगी।



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Company to buy maize germination, 89 farmers will get relief




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18 कैडेट्स को दी गई कोविड-19 की बेसिक ट्रेनिंग, देंगे आपातकालीन सेवा

कोविड-19 की रोकथाम व बचाव के लिए एनसीसी कैडेट्स के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण 5 मई 2020 को सीएमएचओ आफिस कवर्धा में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण में कवर्धा के एनसीसी अधिकारियों व सीनियर कैडेट्स ने प्रशिक्षण लिया। इसमें शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कवर्धा के 13 कैडेट्स व शासकीय कृषि महाविद्यालय कवर्धा के 5 कैडेट्स सम्मिलित हुए।
एनएचएम श्वेता आडिल व जिला चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा डॉ. सुरेश तिवारी के संयोजन में आईपीएस राजेश अग्रवाल, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव व डॉ. अलका गुप्ता ने कोविड-19 से सुरक्षा, बचाव व रोकथाम पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया। कैडेट्स को इन विषम परिस्थितियों में राष्ट्र सेवा का एक अद्भुत अवसर मिलने की बात कही। कैडेट्स की शंकाओं का समाधान भी किया गया। प्रशिक्षण में एनसीसी अधिकारी, पीजी कॉलेज से डॉ. अनिल शर्मा, शा. कृषि महाविद्यालय से शंकर नाग, स्वामी करपात्रीजी विद्यालय से फर्स्ट ऑफिसर जेके सिंह, कन्या शाला से हर्षिता तम्बोली व स्काउट जिला संगठन आयुक्त अजय चन्द्रवंशी ने हिस्सा लिया। जिला कलेक्टर व कमांडिंग आफिसर के निर्देशानुसार अब इनकी सेवाएं ली जा सकेंगी।



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Kovid-19 basic training given to 18 cadets, will provide emergency service




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10वीं व 12वीं की 92 हजार कॉपियां जांच कर बोर्ड भेजे

पहले चरण के मूल्यांकन के लिए आई 92 हजार उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पूरी होते ही माध्यमिक शिक्षा मंडल की टीम ने बुधवार को जमा कर बोर्ड ले गई। इधर, दूसरे चरण में मूल्यांकन के लिए आई उत्तरपुस्तिकाओं की जांच जारी है। शिक्षक अपने घरों में गोपनीयता बनाते हुए मूल्यांकन कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते हुए भी मूल्यांकन का काम बड़ी सावधानियां से पूरा हो रहा है।
जिला समन्वयक केंद्र प्रभारी एस चंद्रसेन का कहना है कि पहले चरण में मूल्यांकन के लिए आए उत्तरपुस्तिकाओं का जांच पूरा हो गया है और से बोर्ड को सौंप कर दिया गया है। दूसरे चरण का मूल्यांकन कार्य भी सप्ताहभर के भीतर पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण मे 19 हजार 132 कॉपियां भेजी गई है। इनका मूल्यांकन आगामी एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसमें हाई स्कूल के 7954 व हायर सेकेंडरी के 11178 उत्तरपुस्तिका है। बता दें कि जिले में बोर्ड परीक्षा के उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए एक ही केंद्र जिला मुख्यालय स्थित आदर्श उच्चतर माध्यमिक शाला को बनाया गया है।

बोर्ड की दोनों कक्षाओं की परीक्षा अभी बाकी
जानकारी के अनुसार अभी भी बोर्ड कक्षाओं की परीक्षा बाकी है। पहले व दूसरे चरण की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद तीसरे चरण की भी उत्तरपुस्तिकाएं जांच के लिए केंद्र आएगी। अभी दसवीं व बारहवीं की परीक्षा बाकी है। लॉकडाउन के चलते परीक्षा संपन्न नहीं हो पा रही है। 4 मई से बोर्ड के शेष विषयों की परीक्षा होनी थी, लेकिन तीसरे चरण का लॉकडाउन बढ़ते ही परीक्षा को स्थगित करना पड़ा। अभी नया आदेश नहीं आया है। जिला शिक्षा अधिकारी राबट मिंज ने बताया कि अब लॉकडाउन के बाद ही परीक्षा संपन्न कराई जाएगी।



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रेड जोन में शादी पर पाबंदी लेकिन हम ग्रीन जोन में इसलिए 10 शर्तों के साथ 291 शादियों की अनुमति

कोरोना संक्रमण के कारण रेड जोन में विवाह करने की भी अनुमति नहीं है। लेकिन हमारा जिला ग्रीन जोन में है इसलिए यहां शादी के लिए सशर्त अनुमति मिल रही है। मई में शादी के लिए अब तक जिले में 291 परिवारों को अनुमति मिली है। यह सभी विवाह संबंध ग्रीन जोन में हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन 1 और 2 की अवधि में इस साल रामनवमीं, अक्षय तृतीया और विवाह मुहूर्त में करीब 500 शादियां टल गईं। अब लॉकडाउन 3.0 में जिला प्रशासन ने शादी करने वालों को सशर्त अनुमति दी है। जिले के धमतरी, कुरूद और नगरी ब्लॉक के एसडीएम ने करीब 291 लोगों को शादी की सशर्त अनुमति अब तक दी हैं। 10 शर्तो में सामूहिक भोज, सड़क पर बारात निकालने, आतिशबाजी पर रोक लगाई है। शादी में मौजूद हर व्यक्ति सैनिटाइजर और मास्क का हर हाल में उपयोग करेगा। ऐसे में अब लोग बगैर तामझाम के शादी कर रहे हैं। रेड जोन से बारात आने वाले किसी भी को अनुमति नहीं दी है।

बाइक से आया दूल्हा, सिर्फ 13 लोग शामिल हुए

रावां में 13 लोगों की मौजूदगी मे बुधवार को 1 घंटे में शादी हो गई। भैसबोड़ निवासी युवराज पिता खेलन ढीमर अपने पिता और 3 और रिश्तेदार के साथ बाइक से रांवा बारात लेकर आया। पं. संतोष पाठक ने पुनारद ढीमर की बेटी पूर्णिमा की शादी युवराज के साथ कराई। विवाह की रस्म के दौरान सभी लोग मास्क पहने थे। सैनिटाइज का उपयोग किया। लॉकडाउन में बगैर तामझाम के करीब 15 हजार में शादी हो गई। दूल्हा-दुल्हन के पिता खेलन ढीमर, पुनारद ढीमर ने बताया कि उन्होंने शादी कार्ड भी नहीं छपवाए थे। लॉकडाउन में खर्च कम हुआ। शादी भी सादगी के साथ हुई।

कार्ड भी नहीं छपवा रहे, फिजूलखर्च भी रुका
शादी के लगभग सभी मुहूर्त खत्म हो गए। ऐसे में अधिकतर लोगों ने शादियां टाल दी हैं। जो लोग शादी कर भी रहे हैं, उन्हें पहले प्रशासन से अनुमति लेकर मुश्किल से 15 लोग को बुलाना होगा। कई लोग शादी कार्ड भी नहीं छपवा रहे है। कार्ड का खर्च बच रहा है। डीजे, पॉर्टी, बैंड बाजा-धुमाल, सामूहिक भोज, बारात, माइक टेंट, कैमरे का भी खर्च बच रहा है।
नियम के विरुद्ध शादी करने पर होगी एफआईआर
कुरूद एसडीएम योगिता देवांगन, नगरी एसडीएम सुनील शर्मा ने बताया कि जिन लोगों ने आवेदन कर अपने विवाह की अनुमति मांगी है। उनमें ज्यादातर वे शादियां हैं, जो कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन 1 और लॉकडाउन 2 की अवधि में टाल दी गई थीं। विवाह के लिए महीनेभर में 291 आवेदन आए हैं। इनमें कुरूद में सबसे ज्यादा 225, नगरी में 16 और धमतरी में 50 आवेदन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध शादी की सूचना पर तुरंत एफआईआर की जाएगी।
ये शर्तें... सामूहिक भोज भी नहीं होगा

  • शादी समारोह में वर-वधु, पंडित सहित दोनों पक्षों के अधिकतम 15 व्यक्ति शामिल होंगे।
  • शादी समारोह के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य हैं।
  • सड़क पर बारात निकालने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति नहीं होगी।
  • विवाह में सामूहिक भोज पर प्रतिबंध होने के साथ ही आतिशबाजी पर रोक है।
  • चार पहिया वाहन में ड्राइवर सहित 3 या 4 लोगों से ज्यादा को बैठाने की अनुमति नहीं है।
  • सैनिटाइजर और मास्क लगाना अनिवार्य है।
  • विवाह में शामिल होने वाले व्यक्तियों की जानकारी थाना, ग्राम व नगरीय निकाय में देना जरूरी हैं।
  • अस्वस्थ व्यक्ति को विवाह में शामिल नहीं किया जा सकता है।
  • दूसरे जिलों से आने वाले लोगों को संबंधित जिला प्रशासन से अनुमति लेकर आना होगा।
  • डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन का पालन कराने की बात भी लिखी गई है।

नवंबर- दिसंबर के बाद करना होगा 3 महीने इंतजार
ज्योतिषी पं. होमन शास्त्री के अनुसार 29 मई तक 5 और 30 जून तक 8 दिन मुहूर्त हैं। नवंबर में देवउठनी पर 26 व 27 को व दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 8, 9 व 11 को मुहूर्त हैं। जिनके विवाह इन तिथियों में नहीं हो पाएंगे, उन्हें 3 माह बाद 22 अप्रैल 2021 तक रुकना पड़ेगा। 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त के कारण विवाह हो सकते हैं।
अगले साल तक शादी की तारीख टली
शहर में ज्यादातर लोगों ने अब नए साल में शादी करने इस साल शादी को रद्द कर दिया है। होटल संचालकों एवं मैरिज लॉन के मालिकों के अनुसार सारी बुकिंग कैंसिल होने के बाद लॉकडाउन के बीच सरकार की गाइडलाइन के बाद भी मई, जून में लोग शादी नहीं करना चाह रहे है। ज्यादातर लोगों धूमधाम से अगले साल शादी करेंगे।



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Ban on marriage in red zone but we allow 291 marriages in green zone with 10 conditions




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रेड जोन उज्जैन से 28 नाके पार कर 2 बाइक से 9 लोग आए, किसी ने नहीं रोका, 4 तो वापस भी भागे

सरकारों और अफसरों का दावा है कि लॉकडाउन में राज्य व जिले की सीमाएं सील हैं। कोई नहीं आ जा सकता है लेकिन सच्चाई अलग है। यहां लोग रेड जोन से भी आ-जा रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे ही 9 लोग मध्यप्रदेश के रेड जोन उज्जैन से करीब 800 किमी से दो बाइक पर शुक्रवार को धमतरी आए। 4 दिन में 28 से 30 नाके पार किए।
मध्यप्रदेश से छतीसगढ़ में प्रवेश किया लेकिन किसी ने नहीं रोका। इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझी और जिला अस्पताल जांच कराने आए। यहां से सभी को क्वारेंटाइन किया जा रहा था इसी बीच उज्जैन से 5 लोगों को छोड़ने आए 4 लोग वापस भाग गए। 5 लोगों को पथर्रीडीह में क्वारेंटाइन किया गया है। इनका सैंपल लेने करीब 3 घंटे तक अफसर इधर-उधर होते रहे। स्वास्थ्य विभाग ने किसी का सैंपल जांच के लिए नहीं लिया। ये सभी लोग उज्जैन से आए हैं वहां 220 कोरोना संक्रमित मरीज हैं।
3 घंटे अस्पताल में बैठे, मौका मिलते ही 4 भागे

जानकारी के अनुसार शहर के नवागांव वार्ड के करीब 5 लोग 16 मार्च को अपने रिश्तेदार के यहां उज्जैन गए थे। लॉकडाउन के कारण सभी 2 महीने से वहीं फंसे थे।ये गुरुवार को अपने 4 रिश्तेदारों के साथ धमतरी पहुंचे, जिला अस्पताल में 11 बजे आए। यहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके साहू ने सभी 9 लोगों की जांच की। चूंकि सभी रेड जोन उज्जैन से आए थे इसलिए डॉक्टर ने बगैर जोखिम उठाए तय नियम के मुताबिक सभी को पथर्रीडीह में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन करने के निर्देश दिए। एंबुलेंस और जांच टीम के इंतजार में करीब 3 घंटे जिला अस्पताल में बैठे रहे। इस दौरान इन लोगों ने बार-बार डॉक्टर से घर में क्वारेंटाइन करने और उज्जैन से आए 4 लोगों को वापस घर जाने देने का अनुरोध किया। इस बीच 4 लोग भाग गए। 5 लोगों को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया।

इस तरह 4 दिन में किया 800 किमी सफर
बीते 4 मई को उज्जैन के पिपली से 9 लोग 2 बाइक से निकले। गुरुवार को 11 बजे धमतरी आए। इस दौरान उज्जैन, देवास, हरदा, होशंगाबाद, बैतुल, सिवनी, कवर्धा, राजनांदगांव, बालोद होते धमतरी आए। करीब 800 किमी का सफर बाइक से तय किया। रास्ते में 28 से 30 नाके पड़े। राज्य की सीमा भी पार की।
सभी स्वस्थ हैं, 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किए

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. विजय फूलमाली ने बताया कि उज्जैन से 9 लोग बाइक से धमतरी आए हैं। जिला अस्पताल से 4 लोग भाग गए। इनकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई है। 5 लोगों को पथर्रीडीह में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया है। फिलहाल सभी स्वस्थ हैं इसलिए किसी का सैंपल नहीं लिया है।

कुरूद, पथर्रीडीह में कुल 73 लोग क्वारेंटाइन

हॉट स्पॉट और अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन करने कुरूद के पंचायत भवन व कुकरेल के पथर्रीडीह में सेंटर है। अभी कुल 73 लोग क्वारेंटाइन में है। कुरूद में 43 व पथर्रीडीह में 30 लोग हैं। ये सभी आंध, इंदौर, पंजाब, हरियाणा, पुणे, उज्जैन से आए हैं। कोटा से आए 9 छात्रों को भी कुरूद में क्वारेंटाइन किया है।
4 साल का बच्चा बगैर मां के 14 दिन रहेगा क्वारेंटाइन
उज्जैन से धमतरी आए 9 लोगों में 3 बच्चे भी हैं। यह सभी दो बाइक पर बेहद मुश्किल से बैठकर आए। इनमें से उज्जैन निवासी एक युवक, उसकी पत्नी, एक 8 साल का बच्चा और इनका एक साथी वापस लौट गए हैं। पथरीडीह में 5 लोगों को क्वारेंटाइन किया है। इनमें एक युवक, उसकी पत्नी, मां व बहन है। इनके साथ में चार महीने का बच्चा है। इनके अलावा 4 साल का भी है। यह बगैर मां के बुआ व दादी के साथ उज्जैन चला गया था। लौटने पर मां के मिलने की उम्मीद थी, अब 14 दिन और मां से दूर रहकर क्वारेंटाइन पूरा करना होगा। इन लोगों का कहना था कि वार्ड पार्षद से पूछा था तो उन्होंने आने के लिए कह दिया था। बताया था कि घर में ही रहना होगा। इसलिए आ गए।



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9 people came from 2 bikes, crossed 28 blocks from Red Zone Ujjain, no one stopped, 4 even ran back




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नदी किनारे डंप रेत की जब्ती, 9 हजार का लगा जुर्माना

क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए खनिज विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। एनजीटी के रोक के बावजूद इंद्रावती नदी के किनारे रेत डंप की जा रही थी। इस पर कार्रवाई शुरू की गई है। नदी किनारे निगम के प्लांट के पास अवैध रूप से डंप की गई करीब 1500 क्यूबिक मीटर (लगभग 10-12 ट्रैक्टर) रेत को खनिज विभाग के अधिकारियों ने जब्ती कर करते हुए रेत माफिया से 9 हजार रुपए वसूले।
जिला खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा ने बताया कि इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। जिसके बाद इस मामले को लेकर की। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर रेत की जब्ती करते वहां पर रेत का अवैध भंडारण करने वाले बुदरू के खिलाफ मामला बनाते हुए उससे जुर्माना वसूला गया। प्रभारी जिला खनिज अधिकारी ने कहा कि रेत के अवैध भंडारण और परिवहन को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है जल्द ही एक अभियान चलाकार श्हार के साथ ही अन्य जगहों पर कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने रोक दी थी कई गाड़ियां
रेत के अवैध परिवहन से नाराज होकर धोबीगुड़ा के ग्रामीणों ने कुछ दिनों पहले आधा दर्जन गाड़ियों को रोककर इसकी जानकारी बकावंड तहसीलदार को दी थी। जिसके बाद राजस्व विभाग ने इनके खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके अलावा पिछले साल अप्रैल और मई में खनिज विभाग के अधिकारियों ने करीब 36 वाहनों को रेत और गिट्टी का अवैध परिवहन करते हुए पकड़ा था। जिसको लेकर काफी बवाल हुआ था।
बार-बार समझाइश के बाद रेत निकालती हैं महिलाएं
इंद्रावती नदी के पुराने पुल के पास पिछले कई सालों से लगातार महिलाओं के द्वारा रेत की खुदाई की जा रही है। हर बार खनिज विभाग के अधिकारी इस मामले को लेकर महिलाओं को ऐसा काम नहीं करने की समझाइश देने के साथ ही कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। लेकिन इसका कोई असर इन महिलाओं पर नहीं पड़ रहा है। बारिश से पहले महिलाएं एक बार फिर से नदी से रेत निकालने की योजना बना रही हैं।



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Seizure of dump sand along the river, fined 9 thousand




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अब मौके पर कोरोना जांच, रोज 90 सैंपल जरूरी

राजधानी में अब हेल्थ विभाग का अमला फोन पर मिलनेवाली सूचनाओं और शिकायतों पर मौके पर जाकर कोरोना जांच के लिए स्वाब के सैंपल लेगा। अभी एम्स और मेडिकल कालेज में कोरोना जांच की जा रही है, लेकिन यह जांच उनसे अलग होगी। इसके लिए अलग-अलग टीमें बनाकर रोजाना 90 सैंपल कलेक्ट करना और जांच करवाना हेल्थ अमले के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
यह प्रयोग इसलिए किया जा रहा है, ताकि राजधानी के ज्यादा से ज्यादा लोगों को जांच के दायरे में लाया जा सके और यहां कोरोना का पैनिक कम हो। जिले के सीएमएचओ दफ्तर ने इसके लिए अलग टीमें बनाई हैं, जो अन्य राज्यों से अाए मजदूर, ट्रैवलर्स, मेडिकल स्टाफ और सर्वे करनेवाले स्वास्थ्य कर्मी और पुलिसकर्मियों के साथ-साथ जो भी कोरोना के लक्षण की शिकायत करेंगे, उनका सैंपल लेंगी। टीमों को साफ कर दिया गया है कि उन्हीं के सैंपल लिए जाएं, जिनमें कोई न कोई लक्षण दिखाई दे रहे हों। अफसरों का कहना है कि शहर में तीन कोरोना सैंपलिंग सेंटर हैं, जिनमें से दो जगह लोग खुद जाकर वहां के डाक्टरों को संतुष्ट करने के बाद सैंपल दे सकते हैं। लालपुर टीबी सेंटर में वही सैंपल जांचे जाएंगे, जिन्हें हेल्थ विभाग पहुंचाएगा।
कोरोना की जांच के लिए अलग पैमाने तय
सीएमएचओडॉ. मीरा बघेल ने बताया कि मौके पर जाकर इन टीमों ने प्रयोग के तौर पर आरडी किट से शुक्रवार से जांच शुरू कर दी है। इस जांच में अगर किसी की रिपोर्ट पाजिटिव आए तो उसे फाइनल नहीं माना जाएगा, बल्कि फिर संबंधित का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाएगा। मापदंड यह रखा गया है कि टीमें रोज 40 ऐसे मजदूर या प्रवासियों का आरडी टेस्ट करेंगी, जिनमें कोरोना के लक्षण हों। ऐसेलोगों का टेस्ट करना है जो पिछले कई दिन से सर्दी-खांसी, सांस में तकलीफ और बुखार की शिकायत कर रहे हों। बचे हुए 10 लोगों में 3 लक्षण वाले हेल्थ वर्कर या सर्विस प्रोवाइडर होंगे और बाकी 7 कोई भी हो सकते हैं।ज्यादा टेस्ट होने से फायदा
अभी एम्स और मेडिकल कालेज की लैब में राजधानी के रोजाना औसतन 70 से 80 लोगों के सैंपल जांचे जा रहे हैं। मौके पर होने वाले टेस्ट को मिलाकर रोजाना डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों को जांच के दायरे में लाया जाएगा। ज्यादा टेस्ट होने का फायदा यह होगा कि राजधानी में संक्रमण का फैलाव रोका जा सकेगा। अस्पतालों के अलावा टारगेट के 90 टेस्ट होने से संदिग्ध लोगों की जांच हो पाएगी अौर रिपोर्ट भी जल्दी आएगी।यही नहीं, कई मामलों में अब तक संक्रमण का स्रोत नहीं मिल पाया है, जो इस तरह की जांच से संभव हो सकेगा।



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कोरोना मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 29.6%, छत्तीसगढ़ में यह 62.2 फीसदी

कोरोना के मामले में अब तक छत्तीसगढ़ कई राज्यों के मुकाबले काफी राहत में है। जहां देश में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर 29.36 फीसदी है, छत्तीसगढ़ में यह दोगुनी से ज्यादा यानी 62.29 फीसदी है। महत्वपूर्ण यह भी है कि देश में कोरोना से मृत्यु दर 3.6 फीसदी है, जबकि छत्तीसगढ़ में अभी कोरोना से मृत्यु तो दूर, कोई मरीज गंभीर हालत में भी नहीं पहुंचा है। यही नहीं पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, झारखंड व ओडिशा से कम मरीज हैं। प्रदेश में कोरोना के 61 मरीज मिले हैं। इनमें 85 फीसदी से ज्यादा मरीजों में बीमारी का कोई लक्षण नहीं था। फेफड़े में इंफेक्शन नहीं होने के कारण ज्यादातर मरीज छह से 16 दिनों में डिस्चार्ज हो गए।
एम्स में 21 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं 38 मरीज स्वस्थ हो गए हैं। इनमें 10 को छोड़कर बाकी का क्वारेंटाइन भी पूरा हो गया है। प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 18 मार्च को आया था। इसके बाद 31 मार्च तक नौ मरीज हो गए थे। 30 अप्रैल तक 42 मरीज हुए। वहीं 8 मई तक मरीजों की कुल संख्या 61 पहुंच गई है। इनमें दो मरीज झारखंड के पलामू के हैं, जो रिपोर्ट आने के पहले चले गए थे। आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि मार्च के 13 दिनों में नौ, अप्रैल में 33 मरीज व मई में पिछले आठ दिनों में 19 मरीज मिले हैं। गौर करने वाली बात यह है कि कटघोरा में पहला केस 4 अप्रैल को आया। वहां केवल 10 दिनों में 27 मरीज हो गए थे। मरीजों में ऐसी वृद्धि किसी जिले में नहीं हुई थी। दरअसल एक 16 वर्षीय बालक के कारण बाकी कोरोना से संक्रमित हुए। रायपुर की बात करें तो 18 मार्च को पहला मरीज व अब तक का आखिरी मरीज 4 मई को आया है। 14 अप्रैल के बाद कटघोरा में कोई नया मरीज नहीं आया है। यह बड़ी राहत की बात है। 3 मई को दुर्ग में आठ व कवर्धा में छह मरीज एक साथ मिले। ये प्रवासी मजदूर हैं। इसके बाद 6 मई को भिलाई की एक महिला कोरोना से संक्रमित मिली। सूरजपुर में छह व कोरिया में दो मरीज 30 अप्रैल को मिले थे।

28 में 21 जिले कोरोना फ्री
प्रदेश के 28 में 21 जिले कोरोना फ्री हैं। जिन जिलों में मरीज मिले हैं, वे रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा, बिलासपुर, कोरबा, सूरजपुर व कोरिया जिला है। रायपुर में सात, कोरबा में 28, दुर्ग में 10, कवर्धा में छह, सूरजपुर में छह, कोरिया में दो, राजनांदगांव, बिलासपुर में एक-एक मरीज मिला है। इनमें केवल दुर्ग के नौ, सुरजपुर के पांच, कवर्धा के छह व रायपुर के एक मरीज का इलाज एम्स में चल रहा है। बाकी जिलों में संदिग्ध तो मिले हैं, लेकिन कोई मरीज नहीं मिला। शुक्रवार को 645 सैंपलों की रिपोर्ट आई, जो नेगेटिव रहे। 1061 सैंपलों की जांच चल रही है। इसमें एम्स में 387, नेहरू मेडिकल कॉलेज में 97, जगदलपुर में 515 व टीबी रिसर्च सेंटर रायपुर में 62 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है।

ठीक होने की दर 100 फीसदी- नागरकर
"छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीजों के स्वस्थ होने की दर फिलहाल 62 फीसदी से ज्यादा है। कुछ दिनों पहले यह 100 फीसदी थी। जिन मरीजों का इलाज चल रहा है, वे सभी खतरे से बाहर है। ऐसे में उम्मीद है कि वे जल्द स्वस्थ होकर घर चले जाएंगे। किसी मरीज के फेफड़े में इंफेक्शन न होना बताता है कि उनके शरीर में वायरल लोड कम था। इसलिए वे गंभीर भी नहीं हुए।"
- डॉ. नितिन एम नागरकर, डायरेक्टर एम्स



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National rate of recovery of corona patients 29.6%, 62.2% in Chhattisgarh




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राज्य के 1233 श्रमिक परिवार सूरत से पहुंचे धनबाद, कहा - 29:30 घंटे के सफर में पानी तक नहीं मिला

सूरत से स्पेशल ट्रेन से 1233 प्रवासी श्रमिक परिवार बुधवार काे धनबाद पहुंचे। 29:30 घंटे का सफर तय करने के बाद जब वे अपने राज्य पहुंचे ताे उनके चेहरे पर खुशी के साथ थकान और परेशानियाें का सबब भी था। सूरत से धनबाद की 1775 किमी यात्रा के लिए उन्हें 750-720 रुपए चुकना पड़ा। पैसे दिए तो ट्रेन की टिकट मिली। साेचा था सरकार की ओर से खाने-पीने का उत्तम व्यवस्था हाेगी, लेकिन खिचड़ी और बिरयानी खाकर भूख मिटानी पड़ी। चाय और नाश्ता तक नहीं मिला। इस तपती गर्मी में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गए।

तमाम मुश्किलों के के बीच सुबह 4:35 बजे प्रवासी परिवार धनबाद रेलवे स्टेशन पहुंचे। सेनेटाइजर से हैंड वॉश कराया गया। मेडिकल जांच हुई, जिसमें सभी स्वस्थ्य पाए गए। इसके बाद फूल देकर स्वागत किया गया। सभी काे अल्पाहार दिया गया। स्टेशन परिसर में ही बसाें में बैठाकर गृह जिला के लिए भेज दिया गया। माैके पर उपायुक्त अमित कुमार एसएसपी अखिलेश बी वारियार और सीनियर डीसीएम अखिलेश कुमार पांडेय सहित प्रशासन, पुलिस विभाग व धनबाद रेल मंडल के अधिकारी और कर्मचारी माैजूद थे।

सबसे अधिक 1157 यात्री गिरिडीह के थे | सूरत से आने वाली ट्रेन से प्रवासी श्रमिकों को सबसे आगे और सबसे पीछे की बोगी से प्लेटफॉर्म पर उतारा गया। सूरत से अाने वाले कामगाराें में सबसे अधिक 1157 प्रवासी गिरिडीह जिला के थे। जबकि देवघर के 40, धनबाद के 2, दुमका एवं हजारीबाग के 1- 1, कोडरमा के 5 तथा रांची के 27 श्रमिक थे।

सूरत से 1198 लोगों काे लेकर आज भी आएगी ट्रेन

गुजरात से धनबाद के लिए दूसरी ट्रेन भी खुल गई है। सूरत से खुली यह दूसरी स्पेशल ट्रेन गुरुवार को 1198 प्रवासी मजदूरों को लेकर सुबह 3:15 बजे धनबाद स्टेशन पहुंचेगी। डीसी अमित कुमार ने बताया कि सूरत से 22 बोगियों के साथ आने वाली ट्रेन में झारखंड के गिरिडीह, देवघर, कोडरमा, हजारीबाग, जामताड़ा, सिमडेगा, सरायकेला, पलामू, लातेहार, गढ़वा तथा चतरा जिले के प्रवासी मजदूर हैं। ट्रेन में सबसे अधिक गिरिडीह के 1094 मजदूर हैं। जबकि देवघर के 7, कोडरमा के 30, हजारीबाग के 11, जामताड़ा, सिमडेगा और सरायकेला के 1-1, पलामू के 29, लातेहार के 3, गढ़वा के 2 तथा चतरा के 5 श्रमिक ट्रेन में सवार हैं। सभी काे उनके गृह जिला पहुंचाने के लिए स्टेशन पर 56 बसाें की व्यवस्था की गई है।

वेल्लाेर से ट्रेन चलाने की विधायक ने की मांग

लाॅकडाउन के कारण वेल्लाेर में फंसे झारखंड के लाेगाें काे वापस लाने के लिए विधायक राज सिन्हा ने पीएम अाैर सीए को पत्र लिखा है। विधायक ने वेल्लाेर से धनबाद के लिए ट्रेन चलाने की मांग की है। विधायक ने कहा कि हजाराें की संख्या में लाेग वेल्लाेर में फंसे हुए हैं। वहां फंसे लाेगाें का जीवन-यापन मुश्किल हाे गया है।

तेलंगाना से 1400 लोगों को लेकर आएगी ट्रेन

तेलंगाना राज्य के लिंगमपाली से एक विशेष ट्रेन चलेगी। यह ट्रेन लगभग 14 साै मजदूराें काे लेकर शुक्रवार काे दाेपहर 12:30 बजे धनबाद पहुंचेगी। कुल 24 काेच हाेंगे। ट्रेन लिंगमपाली से खुलकर बल्हारशा, नागपुर, इटावा, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, गया हाेते हुए धनबाद पहुंचेगी।



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1233 laborers of the state reached Dhanbad from Surat, said - no water was found in 29:30 hours journey




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तेलंगाना के घटकेसर से 905 श्रमिकों को लेकर टाटानगर पहुंचे स्पेशल ट्रेन, स्क्रीनिंग के बाद सभी को भेजा घर

तेलंगाना के घटकेसर स्टेशन से झारखंड के 905 मजदूरों के लेकर गुरुवार को स्पेशल ट्रेन टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंची। प्लेटफॉर्म पर बैरिकेडिंग की गई थी। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए जमीन पर गोला बनाया गया था। इसके बाद सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच कर संबंधित जिलों में बस से भेज दिया गया। ट्रेन में रांची के दो, हजारीबाग के आठ, चतरा के 122, गुमला के चार, देवघर के दो, पलामू के 398, गढ़वा के 231, खूंटी के पांच, लातेहार के 92, बोकारो के दो, जामताड़ा के एक और अन्य स्थानों के 38 मजदूर सवार थे।

स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को स्टेशन से जिलावार बाहर निकाला गया। सबसे पहले चतरा के मजदूरों को सुबह 6.30 बजे बस में बैठाया गया और सबसे अंत में सुबह 8 बजे पलामू के मजदूर भेजे गए। पलामू की बस देर से स्टेशन पहुंची इस कारण उन्हें भेजने में देरी हुई। मौके पर डीसी रविशंकर शुक्ला, एसएसपी एम तमिल वाणन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। आरपीएफ के जवान तड़के तीन बजे से ही मुस्तैद थे।

रेलवे ने टिकट दिया पर नहीं लिया पैसा, 1449 किमी का सफर 28 घंटे में तय हुआ
तेलगांना के घटकेसर रेलवे स्टेशन से ट्रेन के रवाना होने के पहले आरपीएफ के जवानों ने मजदूरों को टाटानगर रेलवे स्टेशन तक का टिकट दिया और उनके पहचान पत्र के साथ उनकी डिटेल रजिस्टर में दर्ज की। लेकिन टिकट के बदले मजदूरों से पैसा नहीं लिया गया। टिकट पर स्लीपर क्लास व सुपर फास्ट ट्रेन लिखा था। घटकेसर से टाटानगर की 1449 किलोमीटर दूरी 28 घंटे में तय कर ट्रेन टाटानगर पहुंची। यात्रियों ने बताया कि रास्ते में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। रेलवे की ओर से नाश्ता, भोजन व पानी की व्यवस्था की गई थी।

घर लौटने की खुशी, लेकिन वेतन नहीं मिलने से थी नाराजगी
मजदूरों में अपने घर लौट की खुशी जरूर थी, लेकिन उन्हें इस बात का मलाल था कि लॉकडाउन के कारण उन्हें वेतन नहीं मिला है। मजदूरों ने बताया कि वे लोग तेलगांना में कंपनी, एयरपोर्ट सहित अन्य स्थानों पर मजदूरी का करते थे। लॉकडाउन के कारण उन्हें वेतन नहीं मिला था।

गुरुवार को टाटानगर स्टेशन पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत स्टेशन के बाहर और फिर बसों तक पहुंचाया गया। बस के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रमिकों को उनके घरों तक भेजा गया।

प्रशासन ने धारा 144 की मियाद बढ़ाई, 5 से अधिक लोगों के जुटने पर मनाही
लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने के लिए प्रशासन ने निषेधाज्ञा (144) की मियाद एक बार फिर दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। इस संबंध में धालभूम के एसडीएम चंदन कुमार की ओर से आदेश जारी किया गया। प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान शाम सात से सुबह सात बजे तक सड़क पर निकलने वालों के साथ सख्ती से निपटने का आदेश पुलिस व दंडाधिकारियों को दिया है। एक स्थान पर पांच से ज्यादा व्यक्तियों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है। बिना मास्क घर से बाहर निकलने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, गर्भवती महिला व 10 साल के कम उम्र के बच्चे के घर से बाहर निकलने पर रोक रहेगी। उन्हें सिर्फ चिकित्सा कार्य के लिए बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।

एमजीएम सहित सभी सरकारी डॉक्टर्स, स्टाफ की छुट्टियां 30 तक रद्द
स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने एमजीएम सहित पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, टेक्निशियन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां 30 मई तक रद्द कर दी है। स्वास्थ्य सचिव ने इस संबंध में एमजीएम अधीक्षक व सिविल सर्जन को पत्र जारी भेजा है। विभिन्न जिलों से शिकायत मिलने के बाद विभाग ने निर्णय लिया है।

गुरुवार को शहर के कई चौक चौराहों पर बैरिकेडिंग लगायी गई। इस दौरान आने-जाने वालों से सख्ती से पूछताछ की गई। साथ ही ज्यादा जरुरी काम न होने पर घरों से बाहर न निकलने की अपील की गई।

215 सैंपल की हुई जांच सभी की रिपोर्ट निगेटिव
एमजीएम में बुधवार को 215 सैंपल की जांच हुई। इसमें सभी रिपोर्ट निगेटिव आई है। सर्विलांस टीम ने बुधवार को 173 सैंपल डुमरिया, घाटशिला, मुसाबनी, मानगो, कदमा समेत विभिन्न क्षेत्रों से लिया है। इस तरह जिले में अब तक 2069 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिसमें 1833 की रिपोर्ट आ चुकी है। 236 सैंपल ऑन प्रोसेस है, जिसकी रिपोर्ट गुरुवार को आने की संभावना है।

उधर, कोरोना को लेकर एक ओर सरकार किसी भी कर्मचारी को काम से नहीं हटाने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर एमजीएम अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्स एजेंसी शिवा प्रोटेक्शन फोर्स ने कर्मचारियों को हटा दिया है। इसकी शिकायत आउटसोर्स कर्मचारी अजय कुमार ने डीसी से की है। इसकी कॉपी प्रधानमंत्री कार्यालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री झारखंड, अधीक्षक एमजीएम को भी भेजा है।

जमशेदपुर में गुरुवार को भी शहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग कर पुलिस ने आने-जाने वालों से पूछताछ की। जरुरी कागजात व कारण बताने के बाद ही उन्हें आगे के लिए छोड़ा गया। कारण व कागजात नहीं दिखाने पर वाहन सवारों को घर वापस भेज दिया गया।

शुक्रवार से कोर्ट में ऑनलाइन काम, वकील नहीं आएंगे कोर्ट
जमशेदपुर कोर्ट में 8 मई से काम शुरू होगा। अब सभी काम ऑनलाइन, एप या ई-मेल पर किए जाएंगे। कोर्ट कर्मचारी सुबह 6.30 बजे से 12.00 बजे तक काम करेंगे। जज सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक उपस्थित रहेंगे। कोई भी वकील कोर्ट नहीं जाएंगे। कोर्ट के बाहर दो ड्रॉप बॉक्स लगेंगे। एक बॉक्स में जिला जज और दूसरे में मजिस्ट्रेट जज का आवेदन जमा होगा। सूची तैयार कर मेल के माध्यम से वकील को खबर भेजी जाएगी। नए मामले में फैमिली कोर्ट संबंधी फाइल हो सकते हैं। गवाही की प्रक्रिया चलेगी। वकील ऑनलाइन या ई-मेल पर जमानत, अग्रिम जमानत या फिर किसी भी तरह की अर्जी दाखिल करेंगे। फाइल की गई अर्जी की हार्ड कॉपी ड्रॉप बॉक्स में जमा करेंगे। 24 घंटे में सुरक्षा के साथ बॉक्स खुलेगा। कोर्ट कैंपस के बाहर एफीडिवेट का काम होगा।

दूसरे राज्यों व जिलों के पास के लिए अब ऑनलाइन आवेदन
लॉकडाउन में दूसरे जिला व राज्यों में जाना है, तो वाहन पास के लिए अब ऑनलाइन आवेदन देना होगा। ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया बंद कर दी गई है। लोगों को पास के प्रशासन की ओर से जारी ई-पास का लिंक http://epassjharkhand.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन देना होगा। यह लिंक 24 घंटे चालू रहेगा। इसके जरिए दो पहिया व चार पहिया वाहनों का ई-पास जारी किया जाएगा। लेकिन व्यावसायिक वाहनों के लिए पास नहीं जारी किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन अपने कंप्यूटर व लैपटॉप या प्रज्ञा केंद्र से दे सकते हैं। दूसरे राज्यों में फंसे पूर्वी सिंहभूम जिले के 713 लोगों ने अब तक पास के लिए आवेदन दिया है। इनमें से 72 लोगों का पास जारी किया गया है। साथ ही 20 में से पांच लोगों को एनओसी भी जारी किया गया है। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।



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गुरुवार सुबह तेलंगाना के घटकेसर से एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन में राज्य के विभिन्न जिलों के श्रमिकों की स्क्रीनिंग की गई और फिर उन्हें उनके घर बसों के जरिए भेज दिया गया।




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सूरत से 1198 मजदूरों को लेकर धनबाद पहुंची स्पेशल ट्रेन, भेजे गए होम क्वारैंटाइन में

धनबाद. गुजरात के सूरत से एक स्पेशल ट्रेन के जरिए 1198 श्रमिक गुरुवार को धनबाद स्टेशन पहुंचे। इनमें सवार सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य विभाग की ओर से थर्मल स्क्रीनिंग की गई फिर बसों से उनके घर भेज दिया गया। जहां उन्हें होम क्वारैंटाइन किया गया है। वहीं, धनबाद के साथ ही बोकारो भी अब कोरोना मुक्त शहर बन गया है। बीजीएच में भर्ती तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई। स्वस्थ होने के बादगुरुवार को इन्हें अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई।

वहीं, सूरत से 22 बोगियों के साथ आने वाली स्पेशल श्रमिक ट्रेन में झारखंड के गिरिडीह, देवघर, कोडरमा, हजारीबाग, जामताड़ा, सिमडेगा, सरायकेला, पलामू, लातेहार, गढ़वा तथा चतरा जिले के प्रवासी मजदूर सवार थे। बुधवार सुबह भी सूरत से एक श्रमिक ट्रेन धनबाद पहुंची थी।


वाहनों के लिए मिलेगा अब ई-पास, घर बैठे करें आवेदन
इधर, लाॅकडाउन में बाहर धनबाद के फंसे या दूसरे जिले-राज्य के धनबाद में फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें वापस जाने या दूसरे राज्य-जिले से अपने परिवार को लाने के लिए फिर ई-पास जारी किया जाएगा। इसके लिए https://epassjharkhand.nic.in. पर आवेदन करना होगा। बुधवार शाम ही इसे शुरू कर दिया गया है।

शहर में सुबह से ही वाहनाें की चेकिंग

वहीं, लाॅकडाउन के दाैरान शहर में कई जगहाें पर पुलिस की सख्ती दिखी। रणधीर वर्मा चाैक पर वाहनाें की जांच की गई। वहां कई वाहनाें काे राेका गया। चालकाें से पूछताछ की गई। सड़क पर हाेने का स्पष्ट कारण नहीं बताने वाले कई लाेगाें काे पुलिस ने पकड़ा। उनपर जुर्माना भी लगाया गया। इधर, बोकारो चास में भी पुलिस सख्त नजर आई। चास में पुलिस बेवजह बाइक से घूमने वाले लोगों को सड़क पर दौड़ लगवाई।

बोकारो में सैकड़ों महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कतार में लग गईं।

वहीं, बैंक के सुविधा केंद्रमें जनधन योजना काखाता खुलवाने के लिए लोगों में होड़ मच गई है। बोकारो मेंसेक्टर नौ स्थित हरला थाना क्षेत्र के रामडीहमोड़ के स्टेट बैंक के सुविधा केंद्रमेंसैकड़ों महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कतार में लग गईं। इसके बाद सुविधा केंद्र के बाहर नोटिस चिपकाना पड़ा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बैंक बंद है। जबकि महिलाओं की भीड़ लगने से पहले यहां यह नोटिस चिपकाया गया था कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बैंक बंद है। पर जनधन खाता खोला जाएगा।



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बोकारो के चास में पुलिस बेवजह बाइक से घूमने वाले लोगों को सड़क पर दौड़ लगवाई।




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1198 प्रवासी श्रमिक धनबाद पहुंचे, जांच के बाद घर भेजे गए

गुजरात में फंसे झारखंड के लोगों को झारखंड लाने का क्रम जारी है। गुरुवार को सूरत से 1198 कामगाराें काे लेकर दूसरी स्पेशल ट्रेन धनबाद पहुंची। ट्रेन सुबह 3.50 बजे धनबाद स्टेशन पहुंची। स्टेशन पर सभी काे कतारबद्ध कर ट्रेन से उतारा गया। सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद उनका स्वागत किया गया। 27 घंटे का सफर कर पहुंचे कामगाराें काे लंच पॉकेट अाैर पानी देकर बस से गृह जिला रवाना कर दिया गया। उपायुक्त अमित कुमार के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों का सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती प्लेटफार्म पर की गई थी। श्रमिकों को उनके संबंधित जिले तक पहुंचाने के लिए 46 बड़ी बस, एक छोटी बस तथा 9 छोटे वाहनों की व्यवस्था की गई थी।



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1198 migrant workers reach Dhanbad, sent home after investigation




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सूरत व बेंगलुरु से 1094 प्रवासी घर लौटे, होम क्वारेंटाइन में भेजा गया

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार से बचाव और रोकथाम के लिए सूरत, गुजरात में फंसे गिरिडीह जिला के 1094 श्रमिकों की घर वापसी हुई। सभी श्रमिकों को लेकर सूरत, गुजरात से विशेष ट्रेन से 3.15 बजे धनबाद स्टेशन पहुंची। बैंगलोर, कर्नाटक से विशेष ट्रेन से गिरिडीह जिला के फंसे 62 व्यक्ति बड़काकाना, स्टेशन रामगढ़ पहुंचे। जसीडीह, देवघर से श्रमिकों को लाने के लिए 2 बसों तथा डालटेनगंज, पलामू से श्रमिकों को लाने के लिए 2 बसों को भेजा गया था।
जिला प्रशासन द्वारा धनबाद स्टेशन से सभी श्रमिकों को लाने केलिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी के साथ 9 दंडाधिकारियों के नेतृत्व में 45 सैनेटाइज बड़ी बस सम्मान रथ तथा बड़काकाना, रामगढ़ से श्रमिकों को लाने के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी लोकेश सिंह के नेतृत्व में 2 बड़ी बसों के साथ तथा डालटेनगंज पलामू से श्रमिकों का लाने के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी धर्मदेव मंडल सहायक अभियंता, पथ प्रमंडल, गिरिडीह के साथ 2 बसों के साथ तथा जसीडीहए देवघर से श्रमिकों को लाने के लिए प्रतिनियुक्त पदाधिकारी अनिल कुमार, जिला भू-अर्जन कार्यालय के साथ 2 बसों की व्यवस्था की गई थी।

सूरत से धनबाद स्टेशन से गिरिडीह जिला के गिरिडीह प्रखंड के 70, बिरनी के 106, बेंगाबाद के 116, बगोदर के 03, देवरी के 280, गांडेय के 23, गांवा 17, जमुआ 156, राजधनवार 208, सरिया 6, तिसरी 70 और डुमरी के 24 लोग शामिल थे। डीसी ने कहा कि जिले में वापस लौटे सभी श्रमिकों का रिसीविंग सेंटर ताराटांड़ में स्वास्थ्य जांच व स्वास्थ्य विभाग का क्वारेंटाइन मुहर लगाकर सभी का निबंधन करते हुए होम क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश के साथ जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया गया। देवरी प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय देवरी में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को गुरुवार को जांच कर होम क्वारेंटाइन में भेज दिया गया।



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1094 expatriates returned home from Surat and Bengaluru, sent to home quarantine




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प.बंगाल-केरल से 79 मजदूर लाए गए सरायकेला, पांच दिन में 500 की वापसी

जिला मुख्यालय सरायकेला के सामुदायिक भवन में बने लेबर रिसिविंग सेंटर में पिछले 24 घंटे के अंदर 79 मजदूरों को रेस्क्यू कर सरायकेला लाया गया। सभी मजदूरों का स्वास्थ्य जांच करते हुए उन्हें होम क्वारिन्टाइन के लिए अपने-अपने घर भेज दिया गया है। बेंगलुरु से बीती रात 51 मजदूर सरायकेला लाए गए। इसके अलावा बंगाल के दुर्गापुर से 16 व केरल से 12 मजदूरों को रेस्क्यू कर लेबर रिसीविंग सेंटर लाया गया। सामुदायिक भवन में प्रवासी मजदूरों को खाद्य सामग्री, फेस मास्क व सैनीटाइजर भी उपलब्ध कराया गया। जानकारी हो कि पिछले 5 दिनों में जिला प्रशासन द्वारा लगभग 500 मजदूर और विद्यार्थियों को विभिन्न राज्यों से रेस्क्यू कर सरायकेला लाने का काम किया गया है।
सामुदायिक भवन में 3 चिकित्सा टीम ने मजदूरों की जांच की
डॉ. विशाल कुमार के नेतृत्व में, एएनएम लीली कुजूर एवं एमपीडब्ल्यू राजेश वर्मा ,डॉक्टर संगीता करकेट्टा के नेतृत्व में एएनएम आशा कश्यप एवं एमपीडब्ल्यू मदन मिंज तथा डॉक्टर अमित कुमार दास के नेतृत्व में एएनएम कुंती सोय तथा एमपीडब्ल्यू श्यामसुंदर महतो द्वारा सभी आने वाले मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की गई। स्वास्थ्य जांच के बाद मजदूरों के कलाई पर स्टांप लगाते हुए उन्हें अपने-अपने घर भेज दिया गया।

72 कोरोना संदिग्धों का लिया गया सैंपल

कोरोना संक्रमण से निपटने व संदिग्धों के पहचान के लिए शुक्रवार को जिला 72 संदिग्ध लोगों के स्वाब का सैंपल लिया गया और जांच हेतु एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर भेजा गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए डीसी ए दाेड्डे ने बताया कि सरायकेला खरसावां जिला में 139 लोग विदेश से आये हैं। जिसमें सभी क्वारिन्टाइन अवधी को पुरा कर चुके हैं जबकि दूसरे प्रदेशों से 3959 लोग आये हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इतने घरों के बहार क्वारेंटाइन से संबंधित पोस्टर लगा दिया है। डीसी ने बताया कि जिला में कुल 12 क्वारेंटाइन केंद्र बनाये गये हैं जिसमें 14 लोगों को रखा गया है।जिला में अब तक 340 लोगों का सैंपल कलेक्शन किया गया है जिसमें से 223 का रिपोर्ट नेगेटिव है व 117 का वेटिंग में है।

बिलासपुर से कुचाई लाए गए दो मजदूर

नागपुर से छत्तीसगढ के बिलासपुर होते हुए कुचाई पहुंचें दो मजदूरों को काेविड केयर सेंटर में 14 दिनों के क्वारेंटाइन में रखा गया है। दाेनाें मजदूरो की कोरोना जांच किया गया। दोनों में कोरोना के कोई लक्ष्ण नही पाया गया। चाईबासा जिला प्रशासन के सहयोग से दोनों कुचाई पहुचे। बताया गया कि नागपुर से कुचाई लौटने के क्रम में दो मजदूरों के साथ में कुचाई के जनालाॅग बाडेडीह गांव का एक युवक शामिल था। विगत चार मई को बिलासपुर पहुंचने पर युवक रवि मुंडा की तबीयत बिगड़ी और छत्तीसगढ के इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेस अस्पताल में उसकी मौत हो गयी। मृतक का बिलासपुर में अंतिम संस्कार किया गया। मृतक के मौत के कारणों का पता नही चल सका है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नही मिला है।

ऐप के जरिए मजदूराें की हाेगी निगरानी

घर जाने वाले सभी मजदूरों के मोबाइल पर कोविड-19 पीपल ट्रैकिंग ऐप डाउनलोड किया गया है। इस ऐप की मदद से जिला प्रशासन क्वॉरेंटाइन किए गए सभी लोगों पर नजर रखेगी । एप के मदद से जिला प्रशासन को क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्ति के संबंध में जानकारी मिलती रहेगी। क्वॉरेंटाइन के नियम का अनुपालन नहीं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
ए दोड्डे, डीसी, सरायकेला-खरसावां।



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Seraikela brought 79 laborers from West Bengal, Kerala, 500 returns in five days




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वेल्लाेर से आए 119 लोगों का शहर पहुंचते ही लिया स्वाब, 28 दिन रहेंगे होम क्वारेंटाइन

वेल्लोर में फंसे जिले के 119 लोगाें काे शुक्रवार काे रांची से छह बसाें में जमशेदपुर लाया गया। इनमेंे इलाज कराने वालाें के साथ मजदूर भी शामिल हैं। सभी बसें पहले बिष्टुपुर के लोयोला स्कूल मैदान पहुंची। वहां मेडिकल टीम ने एक-एक व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच की और स्वाब का सैंपल लेकर 28 दिन के लिए हाेम कवारेंटाइन में भेज दिया।
स्वाब का सैंपल लेकर जांच के लिए एमजीएम भेजा गया। जिले में पहली बार एक साथ कोरोना जांच के लिए इतनी संख्या में स्वाब का सैंपल कलेक्ट किया गया। इससे पहले सुबह में इन लाेगाें काे लेकर स्पेशल ट्रेन रांची पहुंची। इनमें ज्यादातर वेल्लोर इलाज कराने गए थे। लेकिन लॉकडाउन में फंस गए। जबकि जिले के कुछ मजदूर भी फंसे थे। रांची से इन्हें लाने के लिए जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेट के साथ छह बसें भेजी थी। हटिया रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्कैनर से जांच के बाद इन्हें जमशेदपुर के लिए रवाना किया गया। इधर, लाेयला स्कूल पहुंचने पर सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी व्यवस्था थी। सभी काे घर भेजने से पहले इनका नाम, पता, फोन नंबर भी नाेट किया गया। एडीएम एनके लाल ने बताया कि सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद संक्रमण का पता चलेगा। तब तक सभी होम क्वेंरटाइन में ही रहेंगे।

तीन दिव्यांगाें को दी ट्राईसाइकिल
वेल्लोर से जमशेदपुर पहुंचने वाले तीन दिव्यांग भी थे। जो इलाज के लिए वेल्लोर गए हुए थे। वे वहां से आए तो उनकी राहत मिली। तीन विकलांगों को जिला प्रशासन ने ट्राइसाइकिल प्रदान किया गया। इलाज करने गई महिला ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि में काफी परेशानी हुई। अपना शहर आने से राहत मिली।

16 लोग रांची में थे क्वेंरटाइन

रांची से आई बस में 16 ऐसे लोग भी थे, जिन्हें रांची जिला प्रशासन ने 28 दिन क्वेंरटाइन सेंटर में रखा था। सभी लाेग बहरागोड़ा और गालूडीह के प्रवासी मजदूर हैं। जिनको रांची में रखा गया था। इनकी भी सैंपल लिया गया है।



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Swab taken by 119 people from Vellar as soon as they reach the city, will be home quarantine for 28 days




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'I felt humiliated' Brazilian nurses face attacks

Health workers face a growing tide of hostility in Brazil for potentially spreading COVID-19.




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Trump 'very happy for' Flynn on news DOJ dropping charges

U.S. President Donald Trump described his former national security adviser Michael Flynn as an 'innocent man' after learning that the U.S. Justice Department on Thursday abruptly sought to drop the criminal charges against Flynn.




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Biden's accuser says he should drop out of White House race

Tara Reade, the woman who alleges Joe Biden sexually assaulted her in 1993, said in a video interview on Thursday that he should withdraw from the White House race. Gloria Tso reports.




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Australia to end most COVID-19 restrictions by July

Australia will ease social distancing restrictions implemented to slow the spread of the coronavirus in a three-step process, Prime Minister Scott Morrison said on Friday, with the aim of removing all curbs by July. Lauren Anthony reports.




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Syria's mosques open for prayer as coronavirus lockdown eases

Syria's government allowed mosques to open on Friday for worshipers willing to perform prayers. The mosque had remained closed as part of the measures taken to contain the spread of coronavirus.




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Africans scale back funerals to curb COVID-19

Across Africa, centuries-old cultural traditions are being foregone in the wake of the COVID-19 pandemic, which has seen governments impose restrictions on gatherings and other practices around death and burial. Francesca Lynagh reports.




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'Never give up': Queen praises Britons on Victory in Europe Day

Britain's Queen Elizabeth honored those who died in World War Two on Friday, the 75th anniversary of Victory in Europe Day, and used the occasion to say she was proud of how people had responded to the coronavirus pandemic.




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Youth recreate Iraq's ancient Nineveh in VR technology

Stone by stone, digital artists and game developers from Mosul are rebuilding Nineveh's heritage sites in the digital world. Francis Maguire reports.




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38 साल पहले हरियाणा से शुरू हुई थी रिसॉर्ट पॉलिटिक्स, तब से अब तक 9 राज्यों में 14 बार सरकार बचाने-बनाने के लिए विधायकों को होटल भेजा गया

भास्कर रिसर्च. मध्य प्रदेश के सियासी घटनाक्रम में भाजपा-कांग्रेस, कमलनाथ-सिंधिया के अलावा एक और शब्द है, जिसकी चर्चा जोरों पर है। वो शब्द है- रिसॉर्ट पॉलिटिक्स। इस शब्द की चर्चा इसलिए भी क्योंकि भाजपा ने पहले अपने 107 में से 105 विधायक दिल्ली, मनेसर और गुरुग्राम के होटल भेजे। उसके बाद कांग्रेस ने भी अपने 80 विधायक जयपुर के होटल में भेज दिए। कांग्रेस के ही 20 बागी विधायक पहले से बेंगलुरु के एक होटल में हैं। देश में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का इतिहास 38 साल पुराना है। मई 1982 में हरियाणा में आईएनएलडी के चीफ देवी लाल ने इसकी शुरुआत की थी। तब से अब तक ये 9 राज्यों में ये 14वीं बार है, जब सरकार बचाने-बनाने के लिए विधायकों को होटल भेजा गया है। इसमें से भी 9 बार सीधी लड़ाई भाजपा-कांग्रेस के बीच रही। 4 बार एक ही पार्टी के बीच रही और एक बार क्षेत्रीय पार्टियों के बीच हुई। एक बार फिर इतिहास पर नजर डालते हैं और देखते हैं कि देश में कब-कब रिसॉर्ट पॉलिटिक्स देखने को मिली...

पहली बार : मई 1982 । हरियाणा
किस-किसके बीच : भाजपा v/s कांग्रेस

विधानसभा चुनाव से पहले इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) और भाजपा के बीच गठबंधन हुआ। यहां की 90 सीटों में से किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। भाजपा-आईएनएलडी ने 37 और कांग्रेस ने 36 सीटें जीतीं। उस समय आईएनएलडी के चीफ देवी लाल ने भाजपा-आईएनएलडी के 48 विधायकों को दिल्ली के एक होटल में भेज दिया था। एक विधायक तो होटल के वाटर पाइप के जरिए वहां से भागकर भी आ गया था। उसके बाद तत्कालीन गवर्नर जीडी तपासे ने देवी लाल को बहुमत साबित करने को कहा, लेकिन वे बहुमत साबित ही नहीं कर पाए। उसके बाद कांग्रेस ने गठबंधन बनाकर सरकार बनाई, जिसमें भजन लाल मुख्यमंत्री बने।

देवी लाल और भजन लाल।- फाइल फोटो

दूसरी बार : अक्टूबर 1983 । कर्नाटक
किस-किसके बीच : भाजपा v/s कांग्रेस

उस समय कर्नाटक में जनता पार्टी की सरकार थी और रामकृष्ण हेगड़े मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हेगड़े सरकार गिराना चाहती थीं। इससे बचने के लिए हेगड़े ने अपने 80 विधायकों को बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में भेज दिया। हालांकि, हेगड़े बाद में विधानसभा में बहुमत साबित करने में कामयाब रहे थे।

रामकृष्ण हेगड़े। - फाइल फोटो


तीसरी बार : अगस्त 1984 । आंध्र प्रदेश
किस-किसके बीच : टीडीपी v/s टीडीपी

उस समय राज्य में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की सरकार थी और मुख्यमंत्री एनटी रामा राव थे। उस समय एनटीआर अमेरिका गए थे। उनकी गैरमौजूदगी में गवर्नर ठाकुर रामलाल ने टीडीपी के ही एन. भास्कर राव को मुख्यमंत्री बना दिया। लेकिन,भास्कर राव के मुख्यमंत्री बनते ही पार्टी में अंदरुनी कलह पैदा हो गई। अमेरिका से लौटने से पहले ही एनटीआर ने अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु भेज दिया। एक महीने में ही भास्कर राव को इस्तीफा देना पड़ा और एनटीआर मुख्यमंत्री बन गए।

एनटीआर और भास्कर राव।- फाइल फोटो


चौथी बार : सितंबर 1995 । आंध्र प्रदेश
किस-किसके बीच : टीडीपी v/s टीडीपी

आंध्र प्रदेश में ही 10 साल बाद फिर एनटीआर को अंदरुनी कलह का सामना करना पड़ा। इस बार उनके सामने उनके ही दामाद चंद्रबाबू नायडू थे। नायडू ने अपने समर्थक विधायकों को हैदराबाद के वायसराय होटल भेज दिया। 1 सितंबर 1995 को चंद्रबाबू नायडू पहली बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। एनटीआर उसके बाद कभी दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाए।

एनटीआर के बगल में बैठे चंद्रबाबू नायडू।- फाइल फोटो


पांचवीं बार : अक्टूबर 1996 । गुजरात
किस-किसके बीच : भाजपा v/s भाजपा

शंकर सिंह वाघेला पहले भाजपा के नेता थे, लेकिन 1996 में उन्होंने भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय जनता पार्टी नाम से अपनी पार्टी बनाई। गुजरात में उस समय भाजपा की ही सरकार थी, जिसमें केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री थे। वाघेला बागी हो गए। उन्होंने अपने 47 समर्थक विधायकों को मध्य प्रदेश के खजुराहो के एक होटल में भेज दिया। उस समय जिन विधायकों ने वाघेला का साथ दिया, उन्हें "खजुरिया' कहा जाने लगा और जिन विधायकों ने साथ नहीं दिया, उन्हें ‘‘हजुरिया’’कहा जाने लगा। हजुरिया का मतलब वफादार। उसके बाद वाघेला ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने।

केशुभाई पटेल और शंकर सिंह वाघेला।- फाइल फोटो


छठी बार : मार्च 2000 । बिहार
किस-किसके बीच : जदयू v/s राजद-कांग्रेस

2000 के विधानसभा चुनाव के बाद जब राजद-कांग्रेस विश्वास मत हार गए, तो उसके बाद नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया। 3 मार्च को नीतीश कुमार ने पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। विश्वास मत से पहले जदयू ने अपने विधायकों को पटना के एक होटल भेज दिया, लेकिन उसके बाद भी नीतीश बहुमत साबित नहीं कर पाए और 10 मार्च को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राबड़ी देवी दूसरी बार बिहार की मुख्यमंत्री बनीं।

नीतीश कुमार।- फाइल फोटो

सातवीं बार : जून 2002 । महाराष्ट्र
किस-किसके बीच : भाजपा-शिवसेना v/s कांग्रेस-राकांपा

1999 के विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन की सरकार बनी। लेकिन तीन साल के अंदर ही महाराष्ट्र में सियासी उठापठक शुरू हो गई। कांग्रेस-राकांपा ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को रोकने के लिए अपने 71 विधायकों को मैसूर के एक होटल में ठहराया। तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता स्वर्गीय विलासराव देशमुख भी विधायकों से मिलने बार-बार होटल जाते थे। हालांकि, भाजपा-शिवसेना सरकार नहीं बना सकी थी।

स्व. विलासराव देशमुख।- फाइल फोटो

आठवीं बार : मई 2016 । उत्तराखंड
किस-किसके बीच : भाजपा v/s कांग्रेस

9 कांग्रेस विधायक और 27 भाजपा विधायकों ने तत्कालीन गवर्नर केके पॉल से मिलकर तत्कालीन हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। इसके बाद भाजपा ने अपने 27 विधायकों को दो ग्रुप में जयपुर के अलग-अलग होटल भेजा। एक ग्रुप को होटल जयपुर ग्रीन्स में ठहराया गया, जबकि दूसरे ग्रुप को जयपुर के एक फार्म हाउस में ठहराया गया। भाजपा-कांग्रेस ने एक-दूसरे पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया। कई दिनों तक चली उठापठक के बाद उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव हार गई और भाजपा की सरकार बनी।


नौवीं बार : फरवरी 2017 । तमिलनाडु
किस-किसके बीच : अन्नाद्रमुक v/s अन्नाद्रमुक

दिसंबर 2016 में जयललिता की मौत के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया। कारण था- अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) में ही गुटबाजी होना। इससे नाराज तत्कालीन मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जयललिता की भतीजी शशिकला मुख्यमंत्री बनीं। लेकिन,सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बेनामी संपत्ति के मामले में सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया। इसके बाद शशिकला ने पलानीसामी को मुख्यमंत्री नियुक्त किया। पन्नीरसेल्वम और पलानीसामी गुट की वजह से शशिकला ने अपने 130 समर्थक विधायकों को चेन्नई के एक होटल भेज दिया। हालांकि, कुछ समय बाद जब फ्लोर टेस्ट हुआ तो पलानीसामी की जीत हुई।

ओ पन्नीरसेल्वम और ई पलानीसामी।- फाइल फोटो

दसवीं बार : अगस्त 2017 । गुजरात
किस-किसके बीच : भाजपा v/s कांग्रेस

इस साल गुजरात की तीन राज्यसभा सीट पर चुनाव होने थे। दो पर भाजपा की जीत पक्की थी। इन दो सीटों में से एक पर अमित शाह और दूसरी पर स्मृति ईरानी खड़ी हुईं। तीसरी पर कांग्रेस के अहमद पटेल थे, जिनकी जीत भी लगभग तय थी। लेकिन भाजपा ने कांग्रेस से बागी बलवंत राजपूत को अहमद पटेल के खिलाफ खड़ा कर दिया। राज्यसभा चुनाव से पहले शंकर सिंह वाघेला के कांग्रेस छोड़ने से कई कांग्रेस विधायक भी बागी हो गए। कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए बेंगलुरु के ईगलटन रिजॉर्ट में बंद कर दिया। इन्हें 8 अगस्त को वोटिंग वाले दिन ही विधानसभा लाया गया। हालांकि, काफी देर चली खींचतान के बाद अहमद पटेल ही जीते।

बेंगलुरु के रिसॉर्ट मेंकांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल के साथ कांग्रेस के 44 विधायक। फोटो-जुलाई 2017

11वीं बार : मई 2018 । कर्नाटक
किस-किसके बीच : भाजपा v/s कांग्रेस-जेडीएस

मई 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। भाजपा 104 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। राज्यपाल ने भाजपा के बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ली। लेकिन तभी सुप्रीम कोर्ट ने 48 घंटे के अंदर येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने का आदेश दिया। हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस ने अपने विधायकों को हैदराबाद के एक होटल में भेज दिया। हालांकि, फ्लोर टेस्ट से पहले ही येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनी।

कांग्रेस-जेडीएस के विधायक कर्नाटक के होटल से हैदराबाद के होटल जाते हुए। फोटो- मई 2018

12वीं बार : जुलाई 2019 । कर्नाटक
किस-किसके बीच : भाजपा v/s कांग्रेस-जेडीएस
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार से 17 विधायकों ने अचानक इस्तीफा दे दिया। इन विधायकों को मुंबई के रेनेसां होटल में ठहराया गया। कुछ दिन बाद इन्हें गोवा के एक रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया गया। 23 जुलाई 2019 को कुमारस्वामी सरकार को बहुमत साबित करना था, लेकिन ये विधायक वहां भी नहीं पहुंचे और कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिर गई। इसके बाद येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। भाजपा ने भी फ्लोर टेस्ट से पहले अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु के चांसरी पैवेलियन होटल में ठहराया था। इन 17 में से 15 विधायकों ने दोबारा चुनाव लड़ा, जिसमें से 11 जीतकर आए।

कर्नाटक के बागी कांग्रेस विधायक मुंबई के होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान। फोटो- जुलाई 2019

13वीं बार : नवंबर 2019 । महाराष्ट्र
किस-किसके बीच : भाजपा v/s शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा

विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना में गठबंधन था, लेकिन नतीजे आने के बाद शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग पूरी नहीं होने पर गठबंधन तोड़ दिया। बाद में राकांपा के अजित पवार भाजपा से मिले और आनन-फानन में देवेंद्र फडनवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली। इसके बाद टूट के डर से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने अपने विधायकों को मुंबई के हयात होटल में ठहरवाया। हालांकि, इससे पहले भी इसी डर से शिवसेना के विधायक होटल द ललित, राकांपा के विधायक द रेनेसां और कांग्रेस के विधायक जेडब्ल्यू मैरियट होटल में ठहरे थे। निर्दलीय विधायकों को भी गोवा के एक रिसॉर्ट में ठहराया गया था। हालांकि, फ्लोर टेस्ट से पहले ही अजित पवार भी अलग हो गए और देवेंद्र फडनवीस ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज्य में शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा गठबंधन की सरकार बनी।

नवंबर में महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक उठापठक के बीच मुंबई के रेनेसां होटल जाते राकांपा के विधायक।

14वीं बार : मार्च 2020 । मध्य प्रदेश
किस-किसके बीच : भाजपा v/s कांग्रेस
10 मार्च को कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया। इससे एक दिन पहले से ही उनके समर्थक विधायकों के फोन बंद हो रहे थे। बाद में पता चला कि इन विधायकों को बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में रखा गया है। इसके बाद 10 मार्च की रात ही भाजपा ने भी अपने 107 में से 105 विधायकों को गुरुग्राम के आईटीसी ग्रैंड होटल में भेज दिया। 11 मार्च को कांग्रेस के 80 विधायक जयपुर के एक होटल भेजे गए।



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जयपुर एयरपोर्ट से बस से रिसॉर्ट जाते कांग्रेस विधायक




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26 साल पहले तक सरकार बर्खास्त करने से पहले फ्लोर टेस्ट जरूरी नहीं था, 1989 में कर्नाटक की बोम्मई सरकार गिरने के 5 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे जरूरी किया

नई दिल्ली. पिछले एक-दोसाल में कई बार फ्लोर टेस्ट के बारे में हम सुनते आ रहे हैं। कभी कर्नाटक में। कभी महाराष्ट्र मेंऔर अब मध्य प्रदेश में। जब भी किसी सरकार पर संकट आता है, जैसे- अभी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर आया है। तो उसे भी फ्लोर टेस्ट से गुजरना ही पड़ता है। पहली बार ऐसा 26साल पहले हुआ।

कर्नाटक में 1985 में 8वीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए। इस चुनाव में जनता पार्टी ने राज्य की 224 में से 139 सीटें जीतीं। कांग्रेस 65 ही जीत सकी। जनता पार्टी की सरकार बनी। मुख्यमंत्री बने रामकृष्ण हेगड़े,लेकिन हेगड़े पर फोन टैपिंग के आरोप लगे, जिस वजह से उन्होंने 10 अगस्त 1988 को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री बने एसआर बोम्मई,लेकिन कुछ ही महीनों में यानी अप्रैल 1989 में उनकी सरकार को भी कर्नाटक के उस समय के राज्यपाल पी वेंकटसुब्बैया ने बर्खास्त कर दिया। कारण दिया कि बोम्मई के पास बहुमत नहीं था। हालांकि, बोम्मई ने दावा किया था कि उनके पास बहुमत है।


मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कई सालों तक सुनवाई चली। सरकार बर्खास्त होने के 5 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और कहा कि फ्लोर टेस्ट ही एकमात्र ऐसा तरीका है, जिससे बहुमत साबित हो सकता है। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था,‘जहां भी ये संदेह पैदा हो कि सरकार या मंत्रिपरिषद ने सदन का विश्वास खो दिया है, तो वहां परीक्षण ही एकमात्र तरीका है- सदन के पटल पर बहुमत हासिल करना।’ सरल शब्दों में कहें तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी सरकार के पास बहुमत है या नहीं, उसका फैसला सिर्फ विधानसभा में ही हो सकता है।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई।- फाइल फोटो

संविधान एक्सपर्ट मानते हैं कि आजादी के बाद कई सालों तक राज्यपाल बिना किसी फ्लोर टेस्ट के ही सरकारें बर्खास्त कर देते थे। अगर किसी सरकार पर संकट आता भी था, तो ऐसे हालात में विधायकस्पीकर या राज्यपाल के सामने परेड करते थे या फिर अपने समर्थन की चिट्ठी भेजते थे। इससे गड़बड़ियां भी होती थीं। 1989 में भी कर्नाटक की एसआर बोम्मई की सरकार ऐसे ही बर्खास्त कर दी गई थी। 1967 में बंगाल की अजॉय मुखर्जी के नेतृत्व वाली यूनाइटेड फ्रंट सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। कहा गया कि उनके पास बहुमत नहीं है।उनकी जगह कांग्रेस के समर्थन से पीसी घोष को मुख्यमंत्री बना दिया गया। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में राज्यपाल सरकार बर्खास्त करने की सिफारिश कर सकते हैं।


1994 के फैसले के 23 साल बाद यानी 2017 में गोवा से जुड़े एक मामले में फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक और टिप्पणी की,‘फ्लोर टेस्ट से सारी शंकाएं दूर हो जाएंगी और इसका जो नतीजा आएगा, उससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी विश्वसनीयता मिल जाएगी।’

दो तरह के फ्लोर टेस्टहोते हैं

  • सामान्यफ्लोर टेस्टजब भी कोई पार्टी या गठबंधन का नेता मुख्यमंत्री बनता है, तो उसे सदन में बहुमत साबित करना होता है। इसके अलावा अगर सरकार पर कोई संकट आ जाए या राज्यपाल को लगे कि सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है, तो भी फ्लोर टेस्ट होता है। इसमें मुख्यमंत्री सदन में विश्वास प्रस्ताव लाता है और उस पर वोटिंग होती है।इसको ऐसे समझिए किजुलाई 2019 में कर्नाटक मेंकांग्रेस-जेडीएस गठबंधनकी सरकार पर संकट आ गया। सदन में फ्लोर टेस्ट हुआ। इसमें कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट पड़े। इस तरह सरकार गिर गई थी।
  • कंपोजिट फ्लोर:जब एक से ज्यादा नेता सरकार बनाने का दावा कर दें। ऐसे हालात बनने पर राज्यपाल विशेष सत्र बुला सकते हैं और देख सकते हैं कि किसके पास बहुमत है। इसमें विधायक सदन में खड़े होकर, हाथ उठाकर, ध्वनिमत से या डिविजन के जरिए वोट देते हैं। इसको ऐसे समझ सकते हैं कि फरवरी 1998 में उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की सरकार को बर्खास्त कर दिया गयाऔर कांग्रेस के जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 48 घंटे के अंदर कंपोजिट फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दे दिया। इसमें कल्याण सिंह की जीत हुई। उन्हें 225 वोट मिले और जगदंबिका पाल को 195 वोट।


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Kamal Nath MP Floor Test | Dainik Bhaskar Research On Floor Test; Facts History of Floor Test in Madhya Pradesh Karnataka




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दुष्यंत ने 13 मार्च को सिंगर कनिका के साथ पार्टी की, उसके बाद 3 दिन लोकसभा गए, 18 तारीख को यूपी-राजस्थान के 96 सांसदों के साथ राष्ट्रपति से भी मिले

नई दिल्ली. बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। कनिका 9 मार्च को ही लंदन से लौटी थीं। इसके बाद वे कम से कम 4 पार्टी और एक फैमिली फंक्शन में शामिल हुईं, जिनके सबूत हर कहीं मौजूद हैं। ऐसी ही एक पार्टी 13 मार्च को लखनऊ के ताज होटल में भी हुई थी। इसमें राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बेटे दुष्यंत सिंह और बहू निहारिका के साथ मौजूद थीं। कनिका के कोरोना पॉजिटव होने की खबर के बाद वसुंधरा और दुष्यंत ने खुद को क्वारैंटाइन कर लिया। हालांकि बात यहीं खत्म नहीं होतीभाजपा सांसद दुष्यंत के ट्विटर अकाउंट से पता चलता है कि वे दो दिन पहले राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे।

दुष्यंत सिंह ने दो दिन पहले राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई सांसदों के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से नाश्ते पर मुलाकात की थी। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 96 सांसद आए थे। इस कार्यक्रम की जारी तस्वीर में दुष्यंत राष्ट्रपति के ठीक पीछे खड़े दिख रहे हैं। दुष्यंत के साथ मौजूद प्रमुख नेताओं मेंपूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस की कुमारी सैलजा और बॉक्सर मैरी कॉम शामिल हैं।इधर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने सभी अपाइनमेंट निरस्त कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति अपनी जांच भी कराएंगे।

15 मार्च के बाद से दुष्यंत कम से कम तीन दिन लोकसभा भी पहुंचे थे और वहां की कार्यवाही में शामिल हुए थे। उनके संपर्क में आने वाले कई भाजपा और विपक्षी दल के नेता अब खुद को क्वारैंटाइन कर रहे हैं।तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन, दुष्यंत के साथ ढाई घंटे बैठे थे। अब उन्होंने खुद को अलगथलग कर लिया है। इसी तरह अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल, भाजपा सांसद वरुण गांधी और कांग्रेस सांसद दीपेंदर हुड्डा ने भी खुद को आइसोलेट कर लिया है। इनके अलावा यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व सांसद जितिन प्रसाद नेभी खुद को अलग-थलग रहने का फैसला लिया है।

तारीख : 13मार्च । जगह : लखनऊ

इस फोटो में जो बीच में नजर आ रहे हैं, उनका नाम आदिल अहमद है। आदिल सेलेब्रिटी इंटीरियर डिजाइनर हैं। 13 मार्च को आदिल ने लखनऊ में बर्थडे पार्टी रखी थी। इसी पार्टी में कनिका कपूर, वसुंधरा राजे, दुष्यंत सिंह पहुंचे थे। वसुंधरा राजे के नई दिल्ली स्थित घर कोआदिल ने ही डिजाइन किया है।

तारीख : अभी कन्फर्म नहीं । जगह : अभी कन्फर्म नहीं

कनिका कपूर और वसुंधरा राजे आदिल अहमद की बर्थडे पार्टी के अलावा एक और पार्टी में भी साथ में मौजूद थीं। हालांकि, अभी तक ये कन्फर्म नहीं हो पाया है कि ये किस पार्टी की तस्वीर है।

तारीख : 13-14 मार्च । जगह : कानपुर

कनिका 13 और 14 मार्च को कानपुर में अपने मामा विपुल टंडन के घर रुकी थीं।

तारीख : 15 मार्च । जगह : लखनऊ

यूपी लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा के घर हुई इस पार्टी में बसपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे अशु मिश्रा भी शामिल हुए थे। बिजनेसमैन नीरज यादव उनकी पत्नी नैना यादव भी इस पार्टी में मौजूद थे।

तारीख : 16 मार्च । जगह : लोकसभा

दुष्यंत सिंह सोमवार को लोकसभा पहुंचे थे। वे यहां 9 मिनट 12 सेकंड तक बोले भी थे।

तारीख : 17 मार्च । जगह : लोकसभा

दुष्यंत मंगलवार कोभी लोकसभा पहुंचे थे। इस बार उन्होंने किसानों को मुद्दा उठाया था।

तारीख : 18 मार्च । जगह : राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और दुष्यंत सिंह(दाएं से पहले)।

18 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद में राष्ट्रपति भवन में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के सांसदों को ब्रेकफास्ट पर इनवाइट किया था। इसमें उत्तर प्रदेश-राजस्थान के 96 सांसद मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी यहां आए थे।

तारीख : 19 मार्च । जगह : लोकसभा

गुरुवार कोदुष्यंत फिर लोकसभा पहुंचे थे। इस बार उन्होंने टूरिज्म का मुद्दा उठाया था।

डेरेक ने कहा- संसद सत्र स्थगित कर दें
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- ‘‘यह सरकार सभी को खतरे में डाल रही है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि सेल्फ आइसोलेट करो। लेकिन संसद चल रही है। मैं दुष्यंत के साथ एक दिन ढाई घंटे तक बैठा था। बताया जा रहा है कि दो और सांसद सेल्फ आइसोलेशन में हैं। मौजूदा संसद सत्र को स्थगित कर देना चाहिए।’’ इसके बाद डेरेक ने भी खुद को सेल्फ आइसोलेट कर लिया।

वसुंधरा ने कहा- मैं और दुष्यंत आइसोलेशन में हैं

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सांसद अनुप्रिया पटेल ने भी कहा- मैं सेल्फ आइसोलेशन में जा रही हूं
अपना दल की अध्यक्ष और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल भी सेल्फ आइसोलेशन में चली गई हैं।

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फोटो 18 मार्च की है। जिसमें दुष्यंत सिंह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ठीक पीछे खड़े हैं।




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कोविड-19 ने बदले हमारे कल के सिद्धांत, भविष्य को लेेकर जरा भी आश्वस्त नहीं हैं

(पत्रकार दैनिक भास्कर के लिए इटली से विशेष)कोविड-19 ने हमारी जिंदगी को बदल दिया है। अब हमारी जिंदगी दो अध्यायों में बंट रही है, एक कोरोना से ‘पहले’ और एक कोरोना के ‘बाद’। हमारे कल के सिद्धांत बदल गए हैं। इस हेल्थ इमरजेंसी से पहले हम सभी अपने भविष्य के बारे में इस तरह से सोचने के अादी थे कि यह तो होगा ही। एक यात्रा, कोई अन्य अनुभव या फिर कोई भी फैसला हो। लेकिन अब यह मानना कि भविष्य में सब कुछ योजना के मुताबिक नहीं होगा, इसकी वजह यह धक्का है। कम से कम हमारे दिमाग में तो कोविड-19 ने यह सब कुछ बदल दिया है। यह हमें याद दिलाता है कि कुछ योजना नहीं बनाई जा सकती। यह वायरस अब धक्का नहीं है, यह अब हमारी रोज की जिंदगी का हिस्सा बन गया है और हमें अब इसके साथ जीना सीखना है। लॉकडाउन का अगला दिन, जिसने हमें सोशल डिस्टेंस सिखाया, गुजारना मुश्किल था। हालांकि, अब री-ओपनिंग धीरे-धीरे होगी। हम सब सोचेंगे कि पहले क्या करना चाहिए। सच तो यह है कि हममें से कोई नहीं जानता कि इसके बाद का दिन या कहें कि कई दिन कैसे होंगे।

कोविड-19 ने हमारी आदतों और हमारे एक-दूसरे से संबंध रखने के तरीकों को बदल दिया है। इस महामारी से हम पर जो असर हुआ है, वह महत्वपूर्ण है और वह वैक्सीन के बनने के बाद भी बना रहेगा। यह डर हमेशा बना रहेगा कि कोई ऐसी चीज है जो बहुत तेजी से फैल सकती है और हमारे जीवन को खतरे में डाल सकती है। मास्क पहनना फैशन बन जाएगा। शायद हमारे पास ऐसे एप होंगे जो कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति या ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां पर दस से अधिक व्यक्ति जमा होंगे। कामकाजी लोगों की दुनिया बदल जाएगी। खुले और बड़े ऑफिस छोटे-छोटे ऑफिसों में बदल जाएंगे, जहां पर सिर्फ दो या तीन लोग काम कर रहे होंगे। यातायात भी बदल जाएगा। अभी तक चाहे ट्रेन हों, विमान हों या बसें, कंपनियां अधिक से अधिक स्थानों तक उन्हें ले जाती थीं, ताकि उनकी क्षमता बढ़ सके। लेकिन, शायद अब क्षमता का आकलन सुरक्षा, इस मामले में स्वास्थ्य सुरक्षा से होगा और निश्चित ही इससे कीमत तो बढ़ेगी ही। कैटरिंग उद्योग यानी बार, रेस्टोरेंट को भी इसी तरीके से काम करना होगा यानी अब भीड़भाड़ वाली जगहें नहीं होंगी, बल्कि अब टेबल दूर-दूर होंगी। आने वाले कल में ऐसा होगा और यह लंबे समय तक चलेगा। कोविड-19 एक ऐतिहासिक क्षण लेकर आया है, यह आधुनिक जीवन का एक टर्निंग पॉइंट है। बड़ी घटनाएं केवल नकारात्मक प्रभाव ही नहीं डालतीं, बल्कि उसका सकारात्मक असर भी होता है। लेकिन मिलान में रहने वाली एक इटैलियन के लिए आज कुछ भी सकारात्मक देखना मुश्किल है। कभी यह चर्चा होती थी कि लोग आज की भीड़-भाड़ वाली जिंदगी में कितने फंसे हुए हैं, वे अपने लिए कितना कम समय निकाल पाते हैं। नई पीढ़ियों को अक्सर यह उलाहना सुनना पड़ता था कि वे जिंदगी की छोटी-छोटी चीजों की सराहना नहीं करते हैं। कई बार हमने अपने दादा-दादी या नाना-नानी से सुना है कि ‘यह पहले ज्यादा अच्छा था’।

कोविड-19 ने हम पर क्वारेंटाइन का लंबा समय लाद दिया है। हममें से किसी ने शायद ही पहले कभी इस तरह की बंदिशों का अनुभव किया हो। हम सब अपने घरों में हैं। हममें से अनेक लोग अपने परिवारांे, माता-पिता, भाई-बहनों के साथ नहीं हैं। ‘उसके बाद’ हमें पहला काम यह करना चाहिए कि हमें अपने करीबियों या प्रियजनों से मिलने जाना चाहिए। इस क्वारेंटाइन में हमें उन चीजों की सराहना करना सिखाया है, जिन्हें हम पहले एेसे ही समझ लेते थे। जब आदमी तालांे में बंद है तो प्रकृति खुलकर बाहर आ गई है। हमने हल्के पीले दिख रहे बीच, बंदरगाहों पर तैरती डॉल्फिनों, तालाबों में नहाते भालू के छोटे-छोटे बच्चों, खाली पड़े हुए पार्कों में घूमते खरगोशों की फोटो देखी हैं और हमने इन्हें पसंद किया है। इसने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है।

जब यह क्वारेंटाइन खत्म होगा तो हमें इस बात के प्रति सतर्क रहना होगा कि प्रकृति का यह जादू या आकर्षण बरबाद न हो जाए। निश्चित ही दुनिया के देशों को खुद को फिर से शुरू करना होगा, लेकिन यह प्रकृति और वातावरण को सम्मान देकर हो सकता है। ग्रेटा थनबर्ग की बात को अनसुना किया गया। कोविड-19 को हर किसी ने सुना और यह हम सबके लिए एक चेतावनी भी है। कोविड-19 ने हम सभी को एक-दूसरे की एकजुटता और एक-दूसरे के महत्व को दोबारा से समझाया है। यही नहीं इसने तमाम दुनिया को हेल्थ केयर के महत्व के पुनर्मूल्यांकन को कहा है। पिछले सालों में तमाम अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर धन का निवेश किया गया। हेल्थकेयर भी अब रणनीतिक क्षेत्र है। यह कोविड-19 से मिला एक और सबक है। इसके ‘बाद का दिन’ अनिश्चितताओं से भरा है। लोगों को अनेक बड़ी समस्याओं को सुलझाना होगा, नाटकीय दुष्परिणामों के साथ सामाजिक वर्गों के बीच दूरी बढ़ेगी। लेेकिन कोविड-19 हमें सिखाएगा वह है गठबंधन, एकजुटता व मानवता की ताकत। हमें इसे भूलना
नहीं चाहिए। (यह लेखिका के अपने विचार हैं।)




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Kovid-19 changed our principles of tomorrow, we are not at all confident about the future




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कोविड-19 ने किया दुनिया की चीन पर निर्भरता का खुलासा

कोरोना वायरस ने न केवल आज का परिदृश्य बदल दिया है, बल्कि यह हमारे भविष्य की दिशा भी बदल देगा। हम जिस तरह से रहने के आदी थे, उसमें बहुत बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है और शायद यह हमेशा के लिए हो। सोमवार तक इस वायरस से दुनियाभर में 73,604 लोगों मौत हो चुकी है और 13,23,000 लोग संक्रमित हैं। सामाजिक और आर्थिक रूप से कोविड-19 बड़ा ही समानतावादी है। यद्यपि, अमीर लोग खुद को विलासितापूर्ण आराम के साथ आइसोलेट कर सकते हैं, जबकि कम धन वालों को रोजाना ही आइसोलेशन व गरीबी से जूझना पड़ता है। भावनात्मक और मानसिक तौर पर इस वायरस ने दिखा दिया है कि कोई भी सुरक्षित नहीं है और इसमें हम सब साथ हैं। समाज में भी भारी बदलाव आया है और वह धन से अधिक जिंदगी को महत्व देने लगा है, वास्तव में वह देखभाल और संवेदनाओं को महत्व देने लगा है। फायनेंस, मार्केटिंग और विज्ञापन जैसे कम अनिवार्य व्यवसायों के प्रोफेशनल की जगह अब लोगों को डाॅक्टर, नर्स, डिलीवरी ड्राइवर व सुपर मार्केट के कर्मचारी असली हीरो नजर आने लगे हैं। दुनियाभर में लोगों की जान बचाने वाले हेल्थकेयर कर्मचारियों के सम्मान में तालियां बजाना व उनका उत्साह बढ़ाना दिखाता है कि धन के आधिपत्य को चुनौती और जीवन के मूल्य को हर चीज से अधिक महत्व मिल रहा है।

इस महामारी के चारों आेर एक फैक्टर और उभरा है और वह है दुनिया की चीन पर निर्भरता। कभी खत्म न होने वाले लाभ की चाहत ने दुनिया की अर्थव्यव्स्था को सस्ती कीमत पर सामान लेने के लिए चीन पर अाश्रित कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि हम अपने संसाधनोंको किनारे करके पूरी तरह से उनकी फैक्टरियों, श्रमिकों और अर्थव्यवस्था पर निर्भर हो गए। वुहान में कोविड-19 के प्रकोप के बाद बाकी चीन में प्रोडक्शन लाइन रुक गई और दुनिया के बाजार संकट में आ गए। इसके 29 दिन से भी कम समय में डाउ जोंस की औसत 30 प्रमुख कंपनियों के शेयर पहले के स्तर से 20 फीसदी गिर गए, यह वॉल स्ट्रीट में 1929 के क्रैश से भी तेज गिरावट दिखाने लगा। पाउंड 35 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। यह रोचक तो था, लेकिन चौंकाने वाला नहीं था कि फार्मास्यूटिकल, तेल, डिलीवरी कंपनियां और सुपर मार्केट में धीमी किंतु निरंतर बढ़ोतरी हो रही थी।

स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज में लॉरेंस सायज ने 2011 में यह बात कही थी कि 20 साल के भीतर चीन एक सैन्य ताकत के रूप में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। हम 2020 में हैं और अब यह होना हकीकत लगता है। कोविड-19 ने ताकत के दुर्ग की दरारों को उभार दिया है। विशेषकर, अमेरिका एक विभाजित देश बन गया है और इसलिए कमजोर भी। अमेरिका में बेची जाने वाली 97 फीसदी एंटीबायोटिक चीन उपलब्ध कराता है। हेल्थ केयर ही ताकत है, यह चीन जानता है। चीन ने दुष्प्रचार मशीन के बेहतर इस्तेमाल का भी प्रदर्शन किया है। जब दुनिया ने उसे कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया तो चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद और सहयोग से जवाब दिया। जब सैन्य शक्ति, हथियार और धन आपको नहीं बचा सकता तो एकता ही काम आती है। चीन ने बेल्जियम को तीन लाख मास्क मुफ्त भेजे और उस पर अंग्रेजी, फ्लेमिश और चीनी भाषा में लिखा कि ‘एकता से ताकत बनती है’। यह चीन ही था, जिसने पूरे यूरोप के नजर फेरने के बाद इटली को मदद भेजी थी। चीन अब खुद को दुनिया से जोड़ने की कोशिश कर रहा है और उसे फायदा भी हो रहा है।

मानव की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रकृति हमेशा जीतती ही है। कोरोना वायरस ने यह दिखा दिया है। चीन में कोविड-19 के प्रकोप के दौरान फैक्टरियां बंद होने से कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में 25 फीसदी की कमी आई थी। उत्तरी इटली में ट्रैफिक कम होने से कार्बन डाईआक्साइड का स्तर 5-10 फीसदी गिर गया। दुनियाभर में हवाई, सड़क, रेल व जल परिवहन के बंद होने से इसमें कमी आ रही है। वन्य जीवों ने शहरों, पानी व जंगलों पर अपना दावा करना शुरू कर दिया है। उड़ीसा में करीब साढ़े चार लाख समुद्री कछुओं(ओलिव रिड्ले) ने तट पर अंडे दे दिए हैं। वेनिस की नहरें साफ हो गई हैं और मछलियां दिखने लगी हैं। दुनियाभर में लोग शहरों व फार्मों में फल व सब्जियां लगा रहे हैं, यह कोविड-19 से बनी चेतना का ही परिणाम है। एक अमेरिकी कहावत है कि ‘जब आखिरी पेड़ कटा, आखिरी मछली पकड़ी और आखिरी नदी जहरीली हुई, केवल तब हमें अहसास हुआ कि हम धन को खा नहीं सकते’ और यह जितना सामयिक आज है, उतना पहले कभी नहीं था। इस वायरस का प्रकोप खत्म होने के बाद जब हम दोबारा दौड़ने लगेंगे, तो शायद हम सभी के पास कुछ मूल्यवान सबक जरूर होंगे। यह सबक होंगे कि हमें वास्तव में मूल्यवान होने और यह सीखने की जरूरत है कि अलग तरह से कैसे जीया जा सकता है।(यह लेखिक के अपने विचार हैं।)



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Kovid-19 revealed the world's dependence on China